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मध्य प्रदेश में जल संकट के समाधान और कृषि विकास को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने 20 साल पुराना जल विवाद सुलझाते हुए पार्वती, कालीसिंध और चंबल नदी जोड़ो परियोजना का शुभारंभ किया। यह परियोजना मालवा-चंबल क्षेत्र के लिए मील का पत्थर साबित होगी और इसके माध्यम से क्षेत्र के जल संसाधनों का समुचित उपयोग किया जाएगा।
72 हजार करोड़ की लागत से होगा ऐतिहासिक परिवर्तन
मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार के बीच 'पार्वती- कालीसिंध- चंबल नदी जोड़ो परियोजना' के त्रिपक्षीय अनुबंध की प्रक्रिया पूरी हो गई है। इस परियोजना की लागत 72 हजार करोड़ रुपये है और यह मालवा-चंबल क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक सौगात मानी जा रही है। इस योजना के तहत मध्य प्रदेश के 11 जिलों की 6 लाख हेक्टेयर से ज्यादा कृषि भूमि सिंचित होगी, जिससे किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिलेगी और कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी।
पेयजल आपूर्ति और जल संकट का समाधान
इस परियोजना से 40 लाख से अधिक आबादी को पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा, जो जल संकट से प्रभावित क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ी राहत का कारण बनेगा। इसके साथ ही, जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए जल परिवहन के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों को जोड़ने की योजना है, जिससे औद्योगिक गतिविधियों और कृषि कार्यों को भी बढ़ावा मिलेगा।
बाढ़ और सूखे की समस्याओं का समाधान
पार्वती- कालीसिंध- चंबल नदी जोड़ो परियोजना से बाढ़ और सूखे की समस्याओं का भी समाधान होगा, जो क्षेत्रीय विकास में अहम भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, पर्यावरण संरक्षण में भी इस परियोजना का महत्वपूर्ण योगदान होगा, क्योंकि जल के समुचित प्रबंधन से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण होगा।
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