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मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों के जीवन को सरल और अधिक लाभदायक बनाने के लिए एमपी फार्म गेट ऐप लॉन्च किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में शुरू की गई इस पहल के तहत किसान अब अपनी फसल घर बैठे ही बेच सकेंगे और अपनी पसंदीदा कीमत पर व्यापारी से सीधा संपर्क कर सकेंगे।
क्या है एमपी फार्म गेट ऐप?
यह ऐप किसानों और व्यापारियों के बीच सीधा संपर्क स्थापित करता है, जिससे किसान अपनी फसल को खेत, खलिहान या घर से ही बेच सकते हैं। इसके जरिए किसान न केवल फसल की कीमत तय कर सकते हैं, बल्कि किसी बिचौलिए के बिना सीधे व्यापारियों को फसल बेचकर अधिक लाभ भी कमा सकते हैं।
किसानों के लिए जागरूकता अभियान
ऐप की सफलता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा जागरूकता कार्यक्रम और प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं।
कार्यशाला का आयोजन:
खातेगांव मंडी सभागृह में एमपी फार्म गेट ऐप के उपयोग पर एक कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) प्रिया चंद्रावत राठौड़ की अध्यक्षता में किसानों को ऐप के उपयोग और इसके लाभों की जानकारी दी गई।
क्या सिखाया गया?
मंडी सचिव रघुनाथ सिंह लोहिया ने बताया कि इस कार्यशाला में किसानों को उनकी उपज को खेत या घर से सीधे ऐप के माध्यम से बेचने की प्रक्रिया सिखाई गई।
ई-मंडी प्रभारी हर्षवर्धन सिंह तोमर ने ऐप के तकनीकी पहलुओं पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया।
एमपी फार्म गेट ऐप के फायदे:
सीधा संपर्क: किसान सीधे व्यापारी से जुड़ सकते हैं।
मनमाफिक कीमत: फसल का दाम तय करने की आजादी।
समय और पैसा बचाएं: बिचौलियों की भूमिका खत्म होने से किसान को पूरा लाभ मिलता है।
डिजिटल सुविधा: खेत से ही फसल बेचने का विकल्प।
सरकार का उद्देश्य
इस ऐप का मुख्य उद्देश्य किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मुनाफा दिलाना और व्यापार प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है। मध्यप्रदेश सरकार इस दिशा में लगातार कदम उठा रही है और किसानों को डिजिटल युग में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
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