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इतिहास में जब भी तीव्र बुद्धिमान, अर्थशास्त्री, कूटनीतिज्ञ और कुशल राजनीतिज्ञ की बात होगी, तब सबसे पहले चाणक्य का नाम आएगा. चाणक्य की नीतियां जीवन में बहुत काम आती है. इन नीतियों का पालन कर आप न सिर्फ सफल हो सकते हैं बल्कि समाज में आपका पद और कद भी बढ़ता है.
जीवन में धन (Money) कमाने के साथ ही मान-सम्मान कमाना भी जरूरी होता है. धन कमाने के बाद वह खर्च हो जाता है, लेकिन मान-सम्मान ऐसी पूंजी है जो कभी खत्म नहीं होता. लेकिन मान-सम्मान की कमाई करना कोई आसान काम नहीं है, बल्कि यह पूरी तरह आपके कार्य और व्यवहार पर निर्भर करता है.
कभी-कभी लोग जाने-अनजाने में ऐसे कार्य कर देते हैं जिससे बना बनाया मान-सम्मान भी चला जाता है. अगर आप अपनी इज्जत बनाए रखना चाहते हैं तो चाणक्य की इन नीतियों का पालन करें.
विन्रम रहें: व्यक्ति को विन्रम स्वभाव रखना चाहिए. विन्रम रहना ऐसी कला है, जिससे आपके स्वभाव और आचरण का सकारात्मक प्रभाव अन्य लोगों पर भी पड़ता है. विन्रम रहने वाले व्यक्ति वाद-विवाद से दूर रहते हैं, ऐसे लोगों के शत्रु कम होते हैं, दूसरों से सम्मान मिलता है और चहुंओर इनकी तारीख होती है.
बिन बुलाए किसी के घर न जाएं: चाणक्य की नीति कहती है कि जब तक आपको आदरपूर्वक निमंत्रण न मिले, किसी के घर न जाएं. बिना बुलाए किसी के घर जाने या बिना काम के किसी के घर जाने पर इज्जत कम हो जाती है. वहीं जबतक कोई आपको रुकने के लिए न बोले तो किसी के घर पर रुकना भी नहीं चाहिए.
दूसरों को सम्मान दें: अगर आप चाहते हैं कि आपको मान-सम्मान मिले तो सबसे पहले आपको दूसरों को सम्मान देना होगा. अगर आप यह आदत को अपनाते हैं तो आपके मान-सम्मान में जरूर बढ़ोतरी होगी.
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