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सुख दुख जीवन के दो हिस्से, सहर्ष करें स्वीकार, संतों के प्रवचनों का आशीर्वाद हमेशा साथ रहता है
शिकारपुर, सिंध पाकिस्तान से भोपाल आए सिंधी समाज के प्रमुख संत नारायण भजन स्वामी ने कहा कि सुख और दुख जीवन के दो अभिन्न पहलु हैं इन्हें सहर्ष स्वीकार करना चाहिए और विचलित नहीं होना चाहिए वहीं सिंधी समाज की ओर से संत जी का स्वागत करते हुए डा. दुर्गेश केसवानी ने कहा कि संत हमेशा सद्भाव का मार्ग दिखाते हैं संतों के प्रवचनों से जो आशीर्वाद मिलता है, वो सदैव हमारे साथ रहता है।
शिकारपुर, सिंध पाकिस्तान से भोपाल आए सिंधी समाज के प्रमुख संत नारायण भजन स्वामी का भोपाल में स्वागत सत्कार किया गया समाधा आश्रम में प्रवचन देते हुए संत नारायण भजन स्वामी ने कहा कि सुख और दुख दोनों को ही हमें स्वीकार करना चाहिए यदि दुख है, तो सुख निश्चित आएगा सुख है, तो उसे ही सत्य न मान हमेशा तैयार रहें यदि दुख आया तो हम इसे अपने कर्मों का फल मान कर उसे स्वीकार करेंगे इस अवसर पर उन्होंने भगवान लक्ष्मीनारायण के कई भजन भी गाए संत जी भोपाल में 1 दिसंबर तक प्रवचन देंगे।
भोपाल पधारने पर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी ने उनका स्वागत किया सिंधी समाज की ओर से संत जी का स्वागत करते हुए डा. दुर्गेश केसवानी ने कहा कि "आग लगी आकाश में जर जर गिरे अंगार संत न होते जग में तो जल मरता संसार।" उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि संत हमेशा सद्भाव का मार्ग दिखाते हैं संतों के प्रवचनों से जो आशीर्वाद मिलता है, वो सदैव हमारे साथ रहता है संतों की कृपा से संसार में सुख मिलता है और शरीर छोड़ने के बाद परलोक भी सुधर जाता है।
रिपोर्ट-:सपना भाटी
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