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21 January 2025भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में वंदे मातरम के गान के साथ आरंभ हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसानों के लिए खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है। किसानों को खरीफ फसल के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया था। लेकिन लोन चुकाने की अवधि आज 31 मार्च को समाप्त हो रही है। कई किसान भाई-बहन इस राशि को जमा नहीं करा पाए हैं। अवधि समाप्त होने के बाद वे डिफाल्टर हो जाएंगे और डिफाल्टर होने के बाद उन्हें अधिक ब्याज देना होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि खरीफ फसल का ऋण चुकाने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल की जा रही है, इससे किसानों को ऋण चुकाने में सुविधा होगी और वे डिफाल्टर नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अवधि के लोन के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 15 अप्रैल तक कि यह राशि लगभग 60 करोड़ होगी। यह राशि किसानों की ओर से राज्य सरकार द्वारा भरी जाएगी। इससे किसान अपने ऋण की राशि सुविधाजनक तरीके से भर सकेंगे और वे डिफाल्टर भी नहीं हो पाएंगे।
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31 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। भोपाल से पकड़े गए जमात-ए-मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के चारों आतंकियों को एटीएस ने रिमांड अवधि पूरी होने के बाद सोमवार को कड़ी सुरक्षा में विशेष अदालत में पेश किया। अदालत ने सुनवाई के बाद चारों आतंकियों को 8 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। दरअसल, भोपाल के ऐशबाग इलाके से 14 मार्च को एटीएस ने जेएमबी के चार आतंकियों को पकड़ा था। इन पर आरोप है कि वे यहां रहकर आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे, ताकि भविष्य में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा सके। विशेष अदालत ने चारों आतंकियों को पूछताछ के लिए एटीएस को रिमांड पर दिया था। रिमांड की अवधि सोमवार को पूरा होने के बाद एटीएस ने चारों को विशेष कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने सभी को 8 अप्रैल तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। अदालत में पेश करने के दौरान आतंकियों के चेहरों को नकाब से ढककर रखा गया था। एटीएस को पूछताछ में पता चला था कि इन आतंकियों ने पश्चिम बंगाल के रास्ते देश में अवैध रूप से घुसपैठ की थी। उनका एक मददगार बंगाल में भी रफीक नाम का पकड़ा गया था। एटीएस उससे भी पूछताछ लिए बंगाल से लेकर आई थी। आतंकी और मददगार के सामने बैठकर पूछताछ की गई है। एटीएस के अनुसार जेएमबी के चारों आतंकियों ने मंत्रालय, भारत भवन और विधानसभा की रेकी की थी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि आखिरकार उन्होंने यह रेकी क्यों की थी।
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28 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना काल में पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार द्वारा बंद की गई तीर्थ दर्शन योजना पुनः प्रारंभ की जाएगी। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना भी आगामी 21 अप्रैल से पुनः शुरू की जाएगी। इस योजना की राशि 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 55 हजार रुपये की गई है। मुख्यमंत्री चौहान पचमढ़ी में चिंतन बैठक के दूसरे दिन रविवार को मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पचमढ़ी में आयोजित चिंतन बैठक का उद्देश्य प्रदेश का विकास तथा जनता का कल्याण ही प्रमुख था। सभी मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये, जिससे योजनाओं को बेहतर बनाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि चिंतन बैठक में तीर्थ दर्शन योजना को पुन: प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की राशि को अब 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 55 हजार रुपये करने का निर्णय लिया है। आगामी 21 अप्रैल से कन्या विवाह योजना पुन: प्रारंभ की जा रही है। सीएम राइज स्कूल के माध्यम से हम अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।अभी जो सीएम राइज स्कूल के अनुरूप भवन उपलब्ध हैं, उनमें 13 जून से शिक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मई माह से हर जिले में हर महीने 2 दिन विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे। जल जीवन मिशन के लिए हमने बजट में 6000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। जब जल स्रोत का पता चल जाएगा, तभी पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, प्रसन्नता का विषय है कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी कराई जाएगी। इससे उन प्रतिभावान विद्यार्थियों को विशेष लाभ होगा, जो अंग्रेजी भाषा में थोड़े पीछे हैं। सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक सभी नगरीय निकायों में स्थापित किये जायेंगे। 22 अप्रैल से ये क्लिनिक कुछ स्थानों पर प्रारंभ हो जाएंगे, बाकी बचे निकायों में भी धीरे-धीरे स्थापित करेंगे। पुलिस की भर्ती में शारीरिक क्षमता के लिए 50% अंक निर्धारित किया गया है, जिसका लाभ पढ़ने लिखने वाले विद्यार्थियों के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को भी मिलेगा, जो भाग दौड़ में माहिर होते हैं और शारीरिक क्षमताएं बेहतर होती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पशु पालकों की सुविधा के लिए टेलीमेडिसिन की व्यवस्था की जाएगी। इससे उन्हें घर बैठे ही अपने मवेशियों के इलाज और उत्तम स्वास्थ्य से संबंधित सलाह मिल सकेगी। साइबर तहसील की शुरुआत की जाएगी। किसी भी संपत्ति की रजिस्ट्री आदि होने पर इसकी जानकारी ऑनलाइन पता चल जाएगा। इससे संपत्तियों के दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। जो मामले विवादित हैं उनके लिए बाद में व्यवस्था करेंगे। 'मां तुझे प्रणाम योजना' फिर से शुरू की जाएगी, जिसमें मध्यप्रदेश के युवा अपने गांव की मिट्टी लेकर देश की सीमाओं पर जाएंगे। जिससे उनके अंदर राष्ट्र की सेवा और देशभक्ति की भावना सुदृढ़ होगी।
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27 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना काल में पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार द्वारा बंद की गई तीर्थ दर्शन योजना पुनः प्रारंभ की जाएगी। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना भी आगामी 21 अप्रैल से पुनः शुरू की जाएगी। इस योजना की राशि 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 55 हजार रुपये की गई है। मुख्यमंत्री चौहान पचमढ़ी में चिंतन बैठक के दूसरे दिन रविवार को मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पचमढ़ी में आयोजित चिंतन बैठक का उद्देश्य प्रदेश का विकास तथा जनता का कल्याण ही प्रमुख था। सभी मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये, जिससे योजनाओं को बेहतर बनाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि चिंतन बैठक में तीर्थ दर्शन योजना को पुन: प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की राशि को अब 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 55 हजार रुपये करने का निर्णय लिया है। आगामी 21 अप्रैल से कन्या विवाह योजना पुन: प्रारंभ की जा रही है। सीएम राइज स्कूल के माध्यम से हम अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।अभी जो सीएम राइज स्कूल के अनुरूप भवन उपलब्ध हैं, उनमें 13 जून से शिक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मई माह से हर जिले में हर महीने 2 दिन विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे। जल जीवन मिशन के लिए हमने बजट में 6000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। जब जल स्रोत का पता चल जाएगा, तभी पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, प्रसन्नता का विषय है कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी कराई जाएगी। इससे उन प्रतिभावान विद्यार्थियों को विशेष लाभ होगा, जो अंग्रेजी भाषा में थोड़े पीछे हैं। सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक सभी नगरीय निकायों में स्थापित किये जायेंगे। 22 अप्रैल से ये क्लिनिक कुछ स्थानों पर प्रारंभ हो जाएंगे, बाकी बचे निकायों में भी धीरे-धीरे स्थापित करेंगे। पुलिस की भर्ती में शारीरिक क्षमता के लिए 50% अंक निर्धारित किया गया है, जिसका लाभ पढ़ने लिखने वाले विद्यार्थियों के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को भी मिलेगा, जो भाग दौड़ में माहिर होते हैं और शारीरिक क्षमताएं बेहतर होती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पशु पालकों की सुविधा के लिए टेलीमेडिसिन की व्यवस्था की जाएगी। इससे उन्हें घर बैठे ही अपने मवेशियों के इलाज और उत्तम स्वास्थ्य से संबंधित सलाह मिल सकेगी। साइबर तहसील की शुरुआत की जाएगी। किसी भी संपत्ति की रजिस्ट्री आदि होने पर इसकी जानकारी ऑनलाइन पता चल जाएगा। इससे संपत्तियों के दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। जो मामले विवादित हैं उनके लिए बाद में व्यवस्था करेंगे। 'मां तुझे प्रणाम योजना' फिर से शुरू की जाएगी, जिसमें मध्यप्रदेश के युवा अपने गांव की मिट्टी लेकर देश की सीमाओं पर जाएंगे। जिससे उनके अंदर राष्ट्र की सेवा और देशभक्ति की भावना सुदृढ़ होगी।
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27 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना काल में पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार द्वारा बंद की गई तीर्थ दर्शन योजना पुनः प्रारंभ की जाएगी। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना भी आगामी 21 अप्रैल से पुनः शुरू की जाएगी। इस योजना की राशि 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 55 हजार रुपये की गई है। मुख्यमंत्री चौहान पचमढ़ी में चिंतन बैठक के दूसरे दिन रविवार को मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पचमढ़ी में आयोजित चिंतन बैठक का उद्देश्य प्रदेश का विकास तथा जनता का कल्याण ही प्रमुख था। सभी मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये, जिससे योजनाओं को बेहतर बनाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि चिंतन बैठक में तीर्थ दर्शन योजना को पुन: प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की राशि को अब 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 55 हजार रुपये करने का निर्णय लिया है। आगामी 21 अप्रैल से कन्या विवाह योजना पुन: प्रारंभ की जा रही है। सीएम राइज स्कूल के माध्यम से हम अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।अभी जो सीएम राइज स्कूल के अनुरूप भवन उपलब्ध हैं, उनमें 13 जून से शिक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मई माह से हर जिले में हर महीने 2 दिन विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे। जल जीवन मिशन के लिए हमने बजट में 6000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। जब जल स्रोत का पता चल जाएगा, तभी पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, प्रसन्नता का विषय है कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी कराई जाएगी। इससे उन प्रतिभावान विद्यार्थियों को विशेष लाभ होगा, जो अंग्रेजी भाषा में थोड़े पीछे हैं। सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक सभी नगरीय निकायों में स्थापित किये जायेंगे। 22 अप्रैल से ये क्लिनिक कुछ स्थानों पर प्रारंभ हो जाएंगे, बाकी बचे निकायों में भी धीरे-धीरे स्थापित करेंगे। पुलिस की भर्ती में शारीरिक क्षमता के लिए 50% अंक निर्धारित किया गया है, जिसका लाभ पढ़ने लिखने वाले विद्यार्थियों के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को भी मिलेगा, जो भाग दौड़ में माहिर होते हैं और शारीरिक क्षमताएं बेहतर होती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पशु पालकों की सुविधा के लिए टेलीमेडिसिन की व्यवस्था की जाएगी। इससे उन्हें घर बैठे ही अपने मवेशियों के इलाज और उत्तम स्वास्थ्य से संबंधित सलाह मिल सकेगी। साइबर तहसील की शुरुआत की जाएगी। किसी भी संपत्ति की रजिस्ट्री आदि होने पर इसकी जानकारी ऑनलाइन पता चल जाएगा। इससे संपत्तियों के दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। जो मामले विवादित हैं उनके लिए बाद में व्यवस्था करेंगे। 'मां तुझे प्रणाम योजना' फिर से शुरू की जाएगी, जिसमें मध्यप्रदेश के युवा अपने गांव की मिट्टी लेकर देश की सीमाओं पर जाएंगे। जिससे उनके अंदर राष्ट्र की सेवा और देशभक्ति की भावना सुदृढ़ होगी।
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27 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना काल में पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार द्वारा बंद की गई तीर्थ दर्शन योजना पुनः प्रारंभ की जाएगी। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना भी आगामी 21 अप्रैल से पुनः शुरू की जाएगी। इस योजना की राशि 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 55 हजार रुपये की गई है। मुख्यमंत्री चौहान पचमढ़ी में चिंतन बैठक के दूसरे दिन रविवार को मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पचमढ़ी में आयोजित चिंतन बैठक का उद्देश्य प्रदेश का विकास तथा जनता का कल्याण ही प्रमुख था। सभी मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये, जिससे योजनाओं को बेहतर बनाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि चिंतन बैठक में तीर्थ दर्शन योजना को पुन: प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की राशि को अब 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 55 हजार रुपये करने का निर्णय लिया है। आगामी 21 अप्रैल से कन्या विवाह योजना पुन: प्रारंभ की जा रही है। सीएम राइज स्कूल के माध्यम से हम अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।अभी जो सीएम राइज स्कूल के अनुरूप भवन उपलब्ध हैं, उनमें 13 जून से शिक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मई माह से हर जिले में हर महीने 2 दिन विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे। जल जीवन मिशन के लिए हमने बजट में 6000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। जब जल स्रोत का पता चल जाएगा, तभी पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, प्रसन्नता का विषय है कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी कराई जाएगी। इससे उन प्रतिभावान विद्यार्थियों को विशेष लाभ होगा, जो अंग्रेजी भाषा में थोड़े पीछे हैं। सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक सभी नगरीय निकायों में स्थापित किये जायेंगे। 22 अप्रैल से ये क्लिनिक कुछ स्थानों पर प्रारंभ हो जाएंगे, बाकी बचे निकायों में भी धीरे-धीरे स्थापित करेंगे। पुलिस की भर्ती में शारीरिक क्षमता के लिए 50% अंक निर्धारित किया गया है, जिसका लाभ पढ़ने लिखने वाले विद्यार्थियों के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को भी मिलेगा, जो भाग दौड़ में माहिर होते हैं और शारीरिक क्षमताएं बेहतर होती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पशु पालकों की सुविधा के लिए टेलीमेडिसिन की व्यवस्था की जाएगी। इससे उन्हें घर बैठे ही अपने मवेशियों के इलाज और उत्तम स्वास्थ्य से संबंधित सलाह मिल सकेगी। साइबर तहसील की शुरुआत की जाएगी। किसी भी संपत्ति की रजिस्ट्री आदि होने पर इसकी जानकारी ऑनलाइन पता चल जाएगा। इससे संपत्तियों के दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। जो मामले विवादित हैं उनके लिए बाद में व्यवस्था करेंगे। 'मां तुझे प्रणाम योजना' फिर से शुरू की जाएगी, जिसमें मध्यप्रदेश के युवा अपने गांव की मिट्टी लेकर देश की सीमाओं पर जाएंगे। जिससे उनके अंदर राष्ट्र की सेवा और देशभक्ति की भावना सुदृढ़ होगी।
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27 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना काल में पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार द्वारा बंद की गई तीर्थ दर्शन योजना पुनः प्रारंभ की जाएगी। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना भी आगामी 21 अप्रैल से पुनः शुरू की जाएगी। इस योजना की राशि 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 55 हजार रुपये की गई है। मुख्यमंत्री चौहान पचमढ़ी में चिंतन बैठक के दूसरे दिन रविवार को मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पचमढ़ी में आयोजित चिंतन बैठक का उद्देश्य प्रदेश का विकास तथा जनता का कल्याण ही प्रमुख था। सभी मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये, जिससे योजनाओं को बेहतर बनाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि चिंतन बैठक में तीर्थ दर्शन योजना को पुन: प्रारंभ करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की राशि को अब 51 हजार रुपये से बढ़ाकर 55 हजार रुपये करने का निर्णय लिया है। आगामी 21 अप्रैल से कन्या विवाह योजना पुन: प्रारंभ की जा रही है। सीएम राइज स्कूल के माध्यम से हम अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।अभी जो सीएम राइज स्कूल के अनुरूप भवन उपलब्ध हैं, उनमें 13 जून से शिक्षण कार्य प्रारंभ कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मई माह से हर जिले में हर महीने 2 दिन विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे। जल जीवन मिशन के लिए हमने बजट में 6000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। जब जल स्रोत का पता चल जाएगा, तभी पाइप लाइन बिछाने का कार्य शुरू करेंगे। उन्होंने कहा, प्रसन्नता का विषय है कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में भी कराई जाएगी। इससे उन प्रतिभावान विद्यार्थियों को विशेष लाभ होगा, जो अंग्रेजी भाषा में थोड़े पीछे हैं। सामान्य बीमारियों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री संजीवनी क्लिनिक सभी नगरीय निकायों में स्थापित किये जायेंगे। 22 अप्रैल से ये क्लिनिक कुछ स्थानों पर प्रारंभ हो जाएंगे, बाकी बचे निकायों में भी धीरे-धीरे स्थापित करेंगे। पुलिस की भर्ती में शारीरिक क्षमता के लिए 50% अंक निर्धारित किया गया है, जिसका लाभ पढ़ने लिखने वाले विद्यार्थियों के अलावा ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को भी मिलेगा, जो भाग दौड़ में माहिर होते हैं और शारीरिक क्षमताएं बेहतर होती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पशु पालकों की सुविधा के लिए टेलीमेडिसिन की व्यवस्था की जाएगी। इससे उन्हें घर बैठे ही अपने मवेशियों के इलाज और उत्तम स्वास्थ्य से संबंधित सलाह मिल सकेगी। साइबर तहसील की शुरुआत की जाएगी। किसी भी संपत्ति की रजिस्ट्री आदि होने पर इसकी जानकारी ऑनलाइन पता चल जाएगा। इससे संपत्तियों के दस्तावेज ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे। जो मामले विवादित हैं उनके लिए बाद में व्यवस्था करेंगे। 'मां तुझे प्रणाम योजना' फिर से शुरू की जाएगी, जिसमें मध्यप्रदेश के युवा अपने गांव की मिट्टी लेकर देश की सीमाओं पर जाएंगे। जिससे उनके अंदर राष्ट्र की सेवा और देशभक्ति की भावना सुदृढ़ होगी।
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27 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में करीब 43 लाख लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही बेटियाँ हैं। मध्यप्रदेश के लिए इतनी बड़ी संख्या में लाड़ली लक्ष्मी बेटियों का होना गर्व की बात है। इन बेटियों को आर्थिक रूप से आत्म-निर्भर बनाने के लिए योजना को नई ऊँचाइयाँ दी जाएंगी। हमारी बेटियां अनेक क्षेत्रों में लीड कर रही हैं। आगामी 2 से 11 मई तक लाड़ली लक्ष्मी के प्रोत्साहन के लिए जिलों में विभिन्न कार्यक्रम होंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को नर्मदापुरम जिले के हिल स्टेशन पचमढ़ी में मंत्रि-परिषद के साथियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी लाड़ली लक्ष्मी पायलट बनेगी, डॉक्टर बनेगी, इंजीनियर बनेगी। इनके लिए उच्च शिक्षा की फीस का प्रबंध राज्य सरकार करेगी। इसके पूर्व दो दिवसीय चिंतन बैठक में मंत्रियों द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के परिवारों को कल्याणकारी कार्यक्रम से जोड़ने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इस संबंध में गठित मंत्री समूह ने प्राप्त सुझावों से अवगत करवाया। राज्य शासन द्वारा लाड़ली लक्ष्मी योजना के हितग्राहियों के लिए योजना का अगला चरण बनाने के उद्देश्य से गठित समिति में मंत्री विश्वास सारंग, मीना सिंह मांडवे, कमल पटेल, उषा ठाकुर शामिल हैं। चिंतन बैठक में समिति ने प्राप्त सुझावों का प्रस्तुतिकरण दिया। समिति को प्राप्त प्रमुख सुझाव - लाड़ली लक्ष्मियों को कौशल प्रशिक्षण दिया जाए। - नर्सिंग ट्रेनिंग भी दी जाए ताकि ए.एन.एम. जैसे पदों पर उनका चयन हो। - योजना लागू होने के बाद प्रदेश में संस्थागत प्रसव 54 प्रतिशत से बढ़कर 92 हो गया है। कन्या भ्रूण हत्या के मामले तेजी से कम हुए हैं। अतः योजना के अमल पर पूरा फोकस रहे। - योजना जन-जन में लोकप्रिय है। इससे हितग्राही परिवार के सदस्यों को जोड़ा जाए। अन्य मंत्रीगण ने भी दिए अभिनव सुझाव मंत्री समूह के अलावा बैठक में उपस्थित अन्य मंत्रीगण ने भी योजना के प्रभाव को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए। मंत्रियों में डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कुंवर विजय शाह, विश्वास सारंग, ओमप्रकाश सखलेचा और डॉ. प्रभुराम चौधरी शामिल हैं। बैठक में मंत्रीगण से प्राप्त प्रमुख सुझावों में जनरल नर्सिंग क्षेत्र में योजना की बालिकाओं को प्रशिक्षण देने, रोजगार दिलवाने, लाड़ली लक्ष्मी उत्सव के भव्य आयोजन, कार्यक्रम में योजना के प्रमाण-पत्र प्रदान करना शामिल हैं। साथ ही मंत्रीगण ने योजना की लाभान्वित बालिकाओं से सतत संपर्क में रहकर उन्हें कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देने और लाड़ली लक्ष्मी योजना के नए स्वरूप के नए नाम पर विचार करने, गाँव स्तर पर लाड़ली लक्ष्मी योजना क्लब बनाने, लाड़ली बालिकाओं सहित उनकी माताओं को स्व-सहायता समूहों से जोड़ने के सुझाव भी दिए।
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26 March 2022नर्मदापुरम/भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की दो दिवसीय चिंतन बैठक शनिवार को पचमढ़ी में शुरू हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोनाकाल से बंद पड़ी मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा अप्रैल से पुनः शुरू कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ स्थानों पर हवाई मार्ग से भी बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत सभी मंत्रीगण शुक्रवार को देर रात ही पचमढ़ी पहुंच गए थे। निर्धारित समय के अनुसार, शनिवार सुबह यहां मंत्रिमंडल की चिंतन बैठक शुरू हुई, जिसमें सभी मंत्री तैयार योजनाओं पर मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेन्टेशन देंगे। हर विषय के लिए आधे घंटे का समय दिया गया है। बैठक में पहला प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को दोबारा शुरू करने पर हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल की महत्वाकांक्षी इस योजना में प्रदेश के बुजुर्गों को विभिन्न तीर्थ स्थानों का भ्रमण कराया जाता है, लेकिन कोरोना के चलते पिछले दो साल से यह योजना बंद हो गई थी। बैठक में अप्रैल से शुरू करने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गंगा स्नान, काशी कॉरिडोर, संत रविदास और कबीरदास के स्थलों के दर्शन के साथ योजना शुरू होगी। पहली ट्रिप में मुख्यमंत्री भी ट्रेन में यात्रियों के साथ तीर्थ दर्शन पर जाएंगे। बोगी में स्पीकर के जरिए तीर्थ स्थलों की जानकारी दी जाएगी। बैठक में तीर्थ दर्शन यात्रा के कुछ स्थलों को हवाई मार्ग से भी जोड़ने पर फैसला लिया गया। इसके बाद कन्यादान योजना को लेकर प्रेजेन्टेशन दिया गया। मुख्यमंत्री ने संबंधित मंत्री समूह के सुझावों को सुनने के बाद कहा कि योजना को एकीकृत किया जाएगा। एक विभाग ही संचालित करेगा। दंपती को प्रमाणपत्र और दीवार घड़ी व घरेलू उपयोग के सामान दिए जाएंगे। व्यवस्थित आयोजन के लिए समिति कार्य करेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक से पहले ट्वीट के माध्यम से कहा कि हमने तय किया कि पचमढ़ी के प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बैठकर बिना किसी आडंबर के हम गंभीर चिंतन करेंगे, कल शाम तक यह चिंतन चलेगा। निश्चित तौर पर इस चिंतन मंथन से जो अमृत निकलेगा, उसको हम जनता के बीच बाटेंगे, जनता के कल्याण के लिए, प्रदेश के विकास के लिए इसका उपयोग करेंगे। पचमढ़ी में चिंतन शिविर में प्रथम चरण की बैठक के पश्चात मंत्रिपरिषद के साथियों के साथ अल्पाहार व चाय का आनंद लिया। प्रकृति की अपार सुंदरता ने मन को मुग्ध कर दिया। ऐसे में साथियों के साथ सकारात्मक संवाद ने जीवंत ताजगी से भर दिया है। इस नई ऊर्जा के साथ प्रदेश की सेवा में रमना है।
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26 March 2022नर्मदापुरम/भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की दो दिवसीय चिंतन बैठक शनिवार को पचमढ़ी में शुरू हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोनाकाल से बंद पड़ी मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा अप्रैल से पुनः शुरू कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ स्थानों पर हवाई मार्ग से भी बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत सभी मंत्रीगण शुक्रवार को देर रात ही पचमढ़ी पहुंच गए थे। निर्धारित समय के अनुसार, शनिवार सुबह यहां मंत्रिमंडल की चिंतन बैठक शुरू हुई, जिसमें सभी मंत्री तैयार योजनाओं पर मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेन्टेशन देंगे। हर विषय के लिए आधे घंटे का समय दिया गया है। बैठक में पहला प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को दोबारा शुरू करने पर हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल की महत्वाकांक्षी इस योजना में प्रदेश के बुजुर्गों को विभिन्न तीर्थ स्थानों का भ्रमण कराया जाता है, लेकिन कोरोना के चलते पिछले दो साल से यह योजना बंद हो गई थी। बैठक में अप्रैल से शुरू करने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गंगा स्नान, काशी कॉरिडोर, संत रविदास और कबीरदास के स्थलों के दर्शन के साथ योजना शुरू होगी। पहली ट्रिप में मुख्यमंत्री भी ट्रेन में यात्रियों के साथ तीर्थ दर्शन पर जाएंगे। बोगी में स्पीकर के जरिए तीर्थ स्थलों की जानकारी दी जाएगी। बैठक में तीर्थ दर्शन यात्रा के कुछ स्थलों को हवाई मार्ग से भी जोड़ने पर फैसला लिया गया। इसके बाद कन्यादान योजना को लेकर प्रेजेन्टेशन दिया गया। मुख्यमंत्री ने संबंधित मंत्री समूह के सुझावों को सुनने के बाद कहा कि योजना को एकीकृत किया जाएगा। एक विभाग ही संचालित करेगा। दंपती को प्रमाणपत्र और दीवार घड़ी व घरेलू उपयोग के सामान दिए जाएंगे। व्यवस्थित आयोजन के लिए समिति कार्य करेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक से पहले ट्वीट के माध्यम से कहा कि हमने तय किया कि पचमढ़ी के प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बैठकर बिना किसी आडंबर के हम गंभीर चिंतन करेंगे, कल शाम तक यह चिंतन चलेगा। निश्चित तौर पर इस चिंतन मंथन से जो अमृत निकलेगा, उसको हम जनता के बीच बाटेंगे, जनता के कल्याण के लिए, प्रदेश के विकास के लिए इसका उपयोग करेंगे। पचमढ़ी में चिंतन शिविर में प्रथम चरण की बैठक के पश्चात मंत्रिपरिषद के साथियों के साथ अल्पाहार व चाय का आनंद लिया। प्रकृति की अपार सुंदरता ने मन को मुग्ध कर दिया। ऐसे में साथियों के साथ सकारात्मक संवाद ने जीवंत ताजगी से भर दिया है। इस नई ऊर्जा के साथ प्रदेश की सेवा में रमना है।
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26 March 2022नर्मदापुरम/भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की दो दिवसीय चिंतन बैठक शनिवार को पचमढ़ी में शुरू हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोनाकाल से बंद पड़ी मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा अप्रैल से पुनः शुरू कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ स्थानों पर हवाई मार्ग से भी बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत सभी मंत्रीगण शुक्रवार को देर रात ही पचमढ़ी पहुंच गए थे। निर्धारित समय के अनुसार, शनिवार सुबह यहां मंत्रिमंडल की चिंतन बैठक शुरू हुई, जिसमें सभी मंत्री तैयार योजनाओं पर मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेन्टेशन देंगे। हर विषय के लिए आधे घंटे का समय दिया गया है। बैठक में पहला प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को दोबारा शुरू करने पर हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल की महत्वाकांक्षी इस योजना में प्रदेश के बुजुर्गों को विभिन्न तीर्थ स्थानों का भ्रमण कराया जाता है, लेकिन कोरोना के चलते पिछले दो साल से यह योजना बंद हो गई थी। बैठक में अप्रैल से शुरू करने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गंगा स्नान, काशी कॉरिडोर, संत रविदास और कबीरदास के स्थलों के दर्शन के साथ योजना शुरू होगी। पहली ट्रिप में मुख्यमंत्री भी ट्रेन में यात्रियों के साथ तीर्थ दर्शन पर जाएंगे। बोगी में स्पीकर के जरिए तीर्थ स्थलों की जानकारी दी जाएगी। बैठक में तीर्थ दर्शन यात्रा के कुछ स्थलों को हवाई मार्ग से भी जोड़ने पर फैसला लिया गया। इसके बाद कन्यादान योजना को लेकर प्रेजेन्टेशन दिया गया। मुख्यमंत्री ने संबंधित मंत्री समूह के सुझावों को सुनने के बाद कहा कि योजना को एकीकृत किया जाएगा। एक विभाग ही संचालित करेगा। दंपती को प्रमाणपत्र और दीवार घड़ी व घरेलू उपयोग के सामान दिए जाएंगे। व्यवस्थित आयोजन के लिए समिति कार्य करेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक से पहले ट्वीट के माध्यम से कहा कि हमने तय किया कि पचमढ़ी के प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बैठकर बिना किसी आडंबर के हम गंभीर चिंतन करेंगे, कल शाम तक यह चिंतन चलेगा। निश्चित तौर पर इस चिंतन मंथन से जो अमृत निकलेगा, उसको हम जनता के बीच बाटेंगे, जनता के कल्याण के लिए, प्रदेश के विकास के लिए इसका उपयोग करेंगे। पचमढ़ी में चिंतन शिविर में प्रथम चरण की बैठक के पश्चात मंत्रिपरिषद के साथियों के साथ अल्पाहार व चाय का आनंद लिया। प्रकृति की अपार सुंदरता ने मन को मुग्ध कर दिया। ऐसे में साथियों के साथ सकारात्मक संवाद ने जीवंत ताजगी से भर दिया है। इस नई ऊर्जा के साथ प्रदेश की सेवा में रमना है।
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26 March 2022नर्मदापुरम/भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की दो दिवसीय चिंतन बैठक शनिवार को पचमढ़ी में शुरू हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोनाकाल से बंद पड़ी मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा अप्रैल से पुनः शुरू कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ स्थानों पर हवाई मार्ग से भी बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत सभी मंत्रीगण शुक्रवार को देर रात ही पचमढ़ी पहुंच गए थे। निर्धारित समय के अनुसार, शनिवार सुबह यहां मंत्रिमंडल की चिंतन बैठक शुरू हुई, जिसमें सभी मंत्री तैयार योजनाओं पर मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेन्टेशन देंगे। हर विषय के लिए आधे घंटे का समय दिया गया है। बैठक में पहला प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को दोबारा शुरू करने पर हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल की महत्वाकांक्षी इस योजना में प्रदेश के बुजुर्गों को विभिन्न तीर्थ स्थानों का भ्रमण कराया जाता है, लेकिन कोरोना के चलते पिछले दो साल से यह योजना बंद हो गई थी। बैठक में अप्रैल से शुरू करने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गंगा स्नान, काशी कॉरिडोर, संत रविदास और कबीरदास के स्थलों के दर्शन के साथ योजना शुरू होगी। पहली ट्रिप में मुख्यमंत्री भी ट्रेन में यात्रियों के साथ तीर्थ दर्शन पर जाएंगे। बोगी में स्पीकर के जरिए तीर्थ स्थलों की जानकारी दी जाएगी। बैठक में तीर्थ दर्शन यात्रा के कुछ स्थलों को हवाई मार्ग से भी जोड़ने पर फैसला लिया गया। इसके बाद कन्यादान योजना को लेकर प्रेजेन्टेशन दिया गया। मुख्यमंत्री ने संबंधित मंत्री समूह के सुझावों को सुनने के बाद कहा कि योजना को एकीकृत किया जाएगा। एक विभाग ही संचालित करेगा। दंपती को प्रमाणपत्र और दीवार घड़ी व घरेलू उपयोग के सामान दिए जाएंगे। व्यवस्थित आयोजन के लिए समिति कार्य करेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक से पहले ट्वीट के माध्यम से कहा कि हमने तय किया कि पचमढ़ी के प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बैठकर बिना किसी आडंबर के हम गंभीर चिंतन करेंगे, कल शाम तक यह चिंतन चलेगा। निश्चित तौर पर इस चिंतन मंथन से जो अमृत निकलेगा, उसको हम जनता के बीच बाटेंगे, जनता के कल्याण के लिए, प्रदेश के विकास के लिए इसका उपयोग करेंगे। पचमढ़ी में चिंतन शिविर में प्रथम चरण की बैठक के पश्चात मंत्रिपरिषद के साथियों के साथ अल्पाहार व चाय का आनंद लिया। प्रकृति की अपार सुंदरता ने मन को मुग्ध कर दिया। ऐसे में साथियों के साथ सकारात्मक संवाद ने जीवंत ताजगी से भर दिया है। इस नई ऊर्जा के साथ प्रदेश की सेवा में रमना है।
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26 March 2022नर्मदापुरम/भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की दो दिवसीय चिंतन बैठक शनिवार को पचमढ़ी में शुरू हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोनाकाल से बंद पड़ी मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा अप्रैल से पुनः शुरू कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ स्थानों पर हवाई मार्ग से भी बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत सभी मंत्रीगण शुक्रवार को देर रात ही पचमढ़ी पहुंच गए थे। निर्धारित समय के अनुसार, शनिवार सुबह यहां मंत्रिमंडल की चिंतन बैठक शुरू हुई, जिसमें सभी मंत्री तैयार योजनाओं पर मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेन्टेशन देंगे। हर विषय के लिए आधे घंटे का समय दिया गया है। बैठक में पहला प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को दोबारा शुरू करने पर हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल की महत्वाकांक्षी इस योजना में प्रदेश के बुजुर्गों को विभिन्न तीर्थ स्थानों का भ्रमण कराया जाता है, लेकिन कोरोना के चलते पिछले दो साल से यह योजना बंद हो गई थी। बैठक में अप्रैल से शुरू करने पर सहमति बनी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गंगा स्नान, काशी कॉरिडोर, संत रविदास और कबीरदास के स्थलों के दर्शन के साथ योजना शुरू होगी। पहली ट्रिप में मुख्यमंत्री भी ट्रेन में यात्रियों के साथ तीर्थ दर्शन पर जाएंगे। बोगी में स्पीकर के जरिए तीर्थ स्थलों की जानकारी दी जाएगी। बैठक में तीर्थ दर्शन यात्रा के कुछ स्थलों को हवाई मार्ग से भी जोड़ने पर फैसला लिया गया। इसके बाद कन्यादान योजना को लेकर प्रेजेन्टेशन दिया गया। मुख्यमंत्री ने संबंधित मंत्री समूह के सुझावों को सुनने के बाद कहा कि योजना को एकीकृत किया जाएगा। एक विभाग ही संचालित करेगा। दंपती को प्रमाणपत्र और दीवार घड़ी व घरेलू उपयोग के सामान दिए जाएंगे। व्यवस्थित आयोजन के लिए समिति कार्य करेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक से पहले ट्वीट के माध्यम से कहा कि हमने तय किया कि पचमढ़ी के प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बैठकर बिना किसी आडंबर के हम गंभीर चिंतन करेंगे, कल शाम तक यह चिंतन चलेगा। निश्चित तौर पर इस चिंतन मंथन से जो अमृत निकलेगा, उसको हम जनता के बीच बाटेंगे, जनता के कल्याण के लिए, प्रदेश के विकास के लिए इसका उपयोग करेंगे। पचमढ़ी में चिंतन शिविर में प्रथम चरण की बैठक के पश्चात मंत्रिपरिषद के साथियों के साथ अल्पाहार व चाय का आनंद लिया। प्रकृति की अपार सुंदरता ने मन को मुग्ध कर दिया। ऐसे में साथियों के साथ सकारात्मक संवाद ने जीवंत ताजगी से भर दिया है। इस नई ऊर्जा के साथ प्रदेश की सेवा में रमना है।
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26 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश अब गेहूं के उत्पादन का बड़ा केंद्र है। पिछले दो वर्षों से हम लगभग 1.29 करोड़ मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के गेहूं की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। मध्य प्रदेश के शरबती गेहूं को गोल्डन ग्रेन कहा जाता है। हमारे गेहूं के भंडार प्रदेश की ताकत है। इसे पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट करेंगे। प्रदेश का जो गेहूं एक्सपोर्ट किया जाएगा उस पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को दिल्ली प्रवास के दौरान के केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूं के निर्यात और मध्यप्रदेश के किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से निर्यातकों के साथ नई दिल्ली में केंद्रीय उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं निर्यातकों की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के गेहूं की एमपी व्हीट के नाम से हर जगह साख है। हमारे पास गेहूं के भण्डार भरे हैं। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए हमने कुछ निर्णय लिये हैं। प्रदेश से एक्सपोर्ट होने वाले गेहूं पर मंडी टैक्स नहीं लगाया जायेगा। भोपाल में एक्सपोर्ट सेल के जरिए निर्यातकों को हर सुविधा उपलब्ध कराएंगे। प्रदेश में एक लाइसेंस पर कोई भी कंपनी या व्यापारी कहीं से भी गेहूं खरीद सकेगा। मंडी में ऑनलाइन नीलामी की प्रकिया उपलब्ध है, एक्सपोर्टर किसी स्थानीय व्यक्ति से पंजीयन करवा कर गेहूं खरीद सकेंगे। गेहूं की वैल्यू एडिशन और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के लिए प्रदेश की प्रमुख मंडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर,लैब की सुविधाएं निर्यातकों को उपलब्ध करवाई जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख मंडियों में एक्सपोर्ट हाउस के लिए यदि निर्यातकों को स्थान की आवश्यकता होगी तो अस्थाई तौर पर रियायती दरों पर मुहैया करवायेंगे। निर्यातक को गेहूं की ग्रेडिंग करना पड़ी तो इसके खर्च की प्रतिपूर्ति की जायेगी। रेलवे ने भरोसा दिया है कि रैक की भी दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। निर्यातक किसी भी पोर्ट से अपना गेहूं निर्यात कर सकते हैं। निर्यातकों ने जो सुविधा मांगी, वह सब हमने देने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा, मुझे विश्वास है कि इन फैसलों से निर्यात बढ़ेगा और मध्यप्रदेश के हमारे किसानों को फायदा होगा। इस पूरी प्रक्रिया में तुर्की और मिस्र के संबंधित राजदूत महोदय गेहूं का निर्यात बढ़ाने में मदद करेंगे।
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24 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार, 24 मार्च को नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ बैठक में मध्यप्रदेश के गुणवत्तापूर्ण गेहूँ के निर्यात में वृद्धि के संबंध में चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने होली मिलन कार्यक्रम में मीडिया प्रतिनिधियों को बताया कि मध्य प्रदेश के किसान अधिक लाभान्वित हों, इसके लिए रणनीति पर अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनाज की कीमतों में हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश के किसानों का ज्यादा से ज्यादा फायदा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास बढ़ाए जाएंगे। मध्यप्रदेश का गेहूँ गुणवत्ता की दृष्टि से बेहतर है, इसकी काफी मांग भी है। केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के साथ नई दिल्ली में निर्यातकों के साथ हो रही बैठक कृषक हित में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। गोयल के अलावा संबंधित केंद्रीय मंत्रीगण से भी परामर्श किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस समय विश्व बाजार में गेहूँ के रेट बढ़े हुए हैं। मध्यप्रदेश सरसों उत्पादन में भी अग्रणी है। वर्तमान में सरसों का साढ़े सात, आठ हजार रुपये क्विंटल विक्रय हो रहा है। प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिल रहा है। डिफाल्टर किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार द्वारा भरे जाने, इसके पूर्व वर्ष 2019-20 के फसल बीमा योजना का प्रीमियम जमा करने, कोरोना काल के विद्युत देयकों की राशि भरने से मुक्ति देने जैसे निर्णय लिए गए हैं। निश्चित ही इससे कृषक वर्ग को प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हो रहा है। चौहान ने कहा कि इस वर्ष मध्यप्रदेश में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन होने जा रहा है। मध्य प्रदेश को अनाज और अन्य वस्तुओं के निर्यात से अधिक लाभ मिले, इस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस वर्ष "लोकल गोज ग्लोबल" दुनिया के लिए "मेक इन इंडिया” के क्रम में 400 बिलियन डॉलर के वाणिज्यिक निर्यात का लक्ष्य तय किया है। केंद्र सरकार ने निर्यात बढ़ाने के उपायों पर चर्चा के लिए निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसी), कमोडिटी बोर्ड एवं प्राधिकरणों और अन्य हितधारकों के साथ निरंतर बैठकें कर ठोस रणनीति के अमल को भी अंतिम रूप दिया है। मध्यप्रदेश के किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए निर्यात के प्रयासों में वृद्धि की जाएगी।
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22 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राजधानी भोपाल में खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के उपस्थिति में औबेदुल्लाह ख़ॉं हैरिटेज कप हॉकी टूर्नामेंट 2022 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर उन्हें प्रोत्साहन राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भोपाल में औबेदुल्लाह ख़ॉं हॉकी टूर्नामेंट में आई सभी टीमों का हृदय से स्वागत करता हूं। प्रदेश और देश के खिलाड़ियों को सभी सुविधाएं मिल जाएं, तो भारत फिर हॉकी में सिरमौर बन जायेगा। मैं अपने सभी खिलाड़ी भांजे-भांजियों से कहना चाहता हूं कि खेल की सुविधाओं और श्रेष्ठ कोच की व्यवस्था करने में हम कोई कम नहीं रहने देंगे। आप जमकर खेलें, बढ़ें और खेल के माध्यम से प्रदेश एवं देश को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि भोपाल में 5 एस्ट्रो टर्फ लगाये जाएंगे, ताकि हमारे खिलाड़ियों को अधिक से अधिक अभ्यास और खेलने का अवसर प्राप्त हो सके। खिलाड़ी बढ़ेंगे, तो भोपाल और मध्यप्रदेश एवं देश भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित औबेदुल्लाह ख़ॉं हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन बंद हो गया था, इसे मैंने प्रारंभ किया था। फिर कोविड-19 के कारण इसके आयोजन में व्यवधान आया, लेकिन मुझे खुशी है कि यह पुन: प्रारंभ हो रहा है। मैं सभी खिलाड़ियों को इसके लिए शुभकामनाएं देता हूं।
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21 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राजधानी भोपाल में खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के उपस्थिति में औबेदुल्लाह ख़ॉं हैरिटेज कप हॉकी टूर्नामेंट 2022 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर उन्हें प्रोत्साहन राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भोपाल में औबेदुल्लाह ख़ॉं हॉकी टूर्नामेंट में आई सभी टीमों का हृदय से स्वागत करता हूं। प्रदेश और देश के खिलाड़ियों को सभी सुविधाएं मिल जाएं, तो भारत फिर हॉकी में सिरमौर बन जायेगा। मैं अपने सभी खिलाड़ी भांजे-भांजियों से कहना चाहता हूं कि खेल की सुविधाओं और श्रेष्ठ कोच की व्यवस्था करने में हम कोई कम नहीं रहने देंगे। आप जमकर खेलें, बढ़ें और खेल के माध्यम से प्रदेश एवं देश को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि भोपाल में 5 एस्ट्रो टर्फ लगाये जाएंगे, ताकि हमारे खिलाड़ियों को अधिक से अधिक अभ्यास और खेलने का अवसर प्राप्त हो सके। खिलाड़ी बढ़ेंगे, तो भोपाल और मध्यप्रदेश एवं देश भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित औबेदुल्लाह ख़ॉं हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन बंद हो गया था, इसे मैंने प्रारंभ किया था। फिर कोविड-19 के कारण इसके आयोजन में व्यवधान आया, लेकिन मुझे खुशी है कि यह पुन: प्रारंभ हो रहा है। मैं सभी खिलाड़ियों को इसके लिए शुभकामनाएं देता हूं।
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21 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राजधानी भोपाल में खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के उपस्थिति में औबेदुल्लाह ख़ॉं हैरिटेज कप हॉकी टूर्नामेंट 2022 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर उन्हें प्रोत्साहन राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भोपाल में औबेदुल्लाह ख़ॉं हॉकी टूर्नामेंट में आई सभी टीमों का हृदय से स्वागत करता हूं। प्रदेश और देश के खिलाड़ियों को सभी सुविधाएं मिल जाएं, तो भारत फिर हॉकी में सिरमौर बन जायेगा। मैं अपने सभी खिलाड़ी भांजे-भांजियों से कहना चाहता हूं कि खेल की सुविधाओं और श्रेष्ठ कोच की व्यवस्था करने में हम कोई कम नहीं रहने देंगे। आप जमकर खेलें, बढ़ें और खेल के माध्यम से प्रदेश एवं देश को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि भोपाल में 5 एस्ट्रो टर्फ लगाये जाएंगे, ताकि हमारे खिलाड़ियों को अधिक से अधिक अभ्यास और खेलने का अवसर प्राप्त हो सके। खिलाड़ी बढ़ेंगे, तो भोपाल और मध्यप्रदेश एवं देश भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित औबेदुल्लाह ख़ॉं हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन बंद हो गया था, इसे मैंने प्रारंभ किया था। फिर कोविड-19 के कारण इसके आयोजन में व्यवधान आया, लेकिन मुझे खुशी है कि यह पुन: प्रारंभ हो रहा है। मैं सभी खिलाड़ियों को इसके लिए शुभकामनाएं देता हूं।
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21 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राजधानी भोपाल में खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के उपस्थिति में औबेदुल्लाह ख़ॉं हैरिटेज कप हॉकी टूर्नामेंट 2022 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर उन्हें प्रोत्साहन राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भोपाल में औबेदुल्लाह ख़ॉं हॉकी टूर्नामेंट में आई सभी टीमों का हृदय से स्वागत करता हूं। प्रदेश और देश के खिलाड़ियों को सभी सुविधाएं मिल जाएं, तो भारत फिर हॉकी में सिरमौर बन जायेगा। मैं अपने सभी खिलाड़ी भांजे-भांजियों से कहना चाहता हूं कि खेल की सुविधाओं और श्रेष्ठ कोच की व्यवस्था करने में हम कोई कम नहीं रहने देंगे। आप जमकर खेलें, बढ़ें और खेल के माध्यम से प्रदेश एवं देश को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि भोपाल में 5 एस्ट्रो टर्फ लगाये जाएंगे, ताकि हमारे खिलाड़ियों को अधिक से अधिक अभ्यास और खेलने का अवसर प्राप्त हो सके। खिलाड़ी बढ़ेंगे, तो भोपाल और मध्यप्रदेश एवं देश भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित औबेदुल्लाह ख़ॉं हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन बंद हो गया था, इसे मैंने प्रारंभ किया था। फिर कोविड-19 के कारण इसके आयोजन में व्यवधान आया, लेकिन मुझे खुशी है कि यह पुन: प्रारंभ हो रहा है। मैं सभी खिलाड़ियों को इसके लिए शुभकामनाएं देता हूं।
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21 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राजधानी भोपाल में खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया के उपस्थिति में औबेदुल्लाह ख़ॉं हैरिटेज कप हॉकी टूर्नामेंट 2022 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर उन्हें प्रोत्साहन राशि प्रदान की। मुख्यमंत्री ने टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भोपाल में औबेदुल्लाह ख़ॉं हॉकी टूर्नामेंट में आई सभी टीमों का हृदय से स्वागत करता हूं। प्रदेश और देश के खिलाड़ियों को सभी सुविधाएं मिल जाएं, तो भारत फिर हॉकी में सिरमौर बन जायेगा। मैं अपने सभी खिलाड़ी भांजे-भांजियों से कहना चाहता हूं कि खेल की सुविधाओं और श्रेष्ठ कोच की व्यवस्था करने में हम कोई कम नहीं रहने देंगे। आप जमकर खेलें, बढ़ें और खेल के माध्यम से प्रदेश एवं देश को आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि भोपाल में 5 एस्ट्रो टर्फ लगाये जाएंगे, ताकि हमारे खिलाड़ियों को अधिक से अधिक अभ्यास और खेलने का अवसर प्राप्त हो सके। खिलाड़ी बढ़ेंगे, तो भोपाल और मध्यप्रदेश एवं देश भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित औबेदुल्लाह ख़ॉं हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन बंद हो गया था, इसे मैंने प्रारंभ किया था। फिर कोविड-19 के कारण इसके आयोजन में व्यवधान आया, लेकिन मुझे खुशी है कि यह पुन: प्रारंभ हो रहा है। मैं सभी खिलाड़ियों को इसके लिए शुभकामनाएं देता हूं।
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21 March 2022भोपाल। फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर आइएएस अधिकारी नियाज खान चर्चा में हैं। फिल्म के बहाने विवादित ट्वीट कर चर्चाओं में आए आइएएस अधिकारी नियाज खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके ट्वीट का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे सर्विस रुल्स के खिलाफ बताते हुए कहा है कि वे कार्मिक विभाग को पत्र लिख कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। मंत्री सारंग ने कहा कि नियाज खान अपनी सीमाएं लांघ रहे हैं। उन्हें समझना चाहिए कि जिस पद पर वह हैं, उसकी अपनी आचार संहिता है। वह फिरकापरस्ती और अराजकता फैला कर लाइम लाइट में आना चाहते हैं। इससे पहले नियाज खान के ट्वीट पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी कढ़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वैसे तो देश में कही दंगे नहीं हो रहे, न हो पाएंगे, लेकिन पूर्व में हुए भिवंडी, भागलपुर, मुजफ्फरनगर, बंगाल, केरल में हिंदू-मुस्लिम दंगों में भी हिंदुओं की मौत का आंकड़ा मुस्लिमों की मौत से ज्यादा निकलेगा। एक बात और नियाज खान जी, मुस्लिमों के लिए कीड़ा-मकोड़े जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें, क्योंकि भारत में सच्चे देशभक्त एपीजे अब्दुल कलाम साहब, अशफाकुल्लाह खां, जैसे भी हुए हैं। रामेश्वर शर्मा ने ट्वीट में लिखा कि मैं मध्यप्रदेश सरकार से भी आग्रह करता हूं कि इनके कथन पर स्पष्टीकरण लिया जाए और पूछा जो कि देश में ऐसा कौन सा प्रांत है जहां मुसलमानों को मारा जा रहा है। गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग में उप सचिव पद पर पदस्थ नियाज खान ने शनिवार को फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि फिल्म 'पंडितों" का दर्द दिखाती है। उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। वहीं यह भी लिखा कि फिल्म निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्या दिखाने के लिए एक और फिल्म बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े नहीं, इंसान और इस देश के नागरिक हैं। बता दें कि इससे पहले भी आइएएस अधिकारी नियाज खान कई बार चर्चा में आ चुके हैं। नियाज खान सरकार और प्रशासनिक सिस्टम की लगातार आलोचना करते आए हैं। वे लेखक भी हैं, जो मुसलमानों की हिंसक छवि को मिटाने के लिए रिसर्च भी कर रहे हैं। अंडरवल्र्ड डॉन अबू सलेम पर नॉवेल और आश्रम वेबसीरीज के डायरेक्टर प्रकाश झा पर अपनी कहानी चुराने का आरोप लगाकर सुर्खियां बंटोर चुके हैं।
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20 March 2022भोपाल। फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर आइएएस अधिकारी नियाज खान चर्चा में हैं। फिल्म के बहाने विवादित ट्वीट कर चर्चाओं में आए आइएएस अधिकारी नियाज खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके ट्वीट का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे सर्विस रुल्स के खिलाफ बताते हुए कहा है कि वे कार्मिक विभाग को पत्र लिख कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। मंत्री सारंग ने कहा कि नियाज खान अपनी सीमाएं लांघ रहे हैं। उन्हें समझना चाहिए कि जिस पद पर वह हैं, उसकी अपनी आचार संहिता है। वह फिरकापरस्ती और अराजकता फैला कर लाइम लाइट में आना चाहते हैं। इससे पहले नियाज खान के ट्वीट पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी कढ़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वैसे तो देश में कही दंगे नहीं हो रहे, न हो पाएंगे, लेकिन पूर्व में हुए भिवंडी, भागलपुर, मुजफ्फरनगर, बंगाल, केरल में हिंदू-मुस्लिम दंगों में भी हिंदुओं की मौत का आंकड़ा मुस्लिमों की मौत से ज्यादा निकलेगा। एक बात और नियाज खान जी, मुस्लिमों के लिए कीड़ा-मकोड़े जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें, क्योंकि भारत में सच्चे देशभक्त एपीजे अब्दुल कलाम साहब, अशफाकुल्लाह खां, जैसे भी हुए हैं। रामेश्वर शर्मा ने ट्वीट में लिखा कि मैं मध्यप्रदेश सरकार से भी आग्रह करता हूं कि इनके कथन पर स्पष्टीकरण लिया जाए और पूछा जो कि देश में ऐसा कौन सा प्रांत है जहां मुसलमानों को मारा जा रहा है। गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग में उप सचिव पद पर पदस्थ नियाज खान ने शनिवार को फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि फिल्म 'पंडितों" का दर्द दिखाती है। उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। वहीं यह भी लिखा कि फिल्म निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्या दिखाने के लिए एक और फिल्म बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े नहीं, इंसान और इस देश के नागरिक हैं। बता दें कि इससे पहले भी आइएएस अधिकारी नियाज खान कई बार चर्चा में आ चुके हैं। नियाज खान सरकार और प्रशासनिक सिस्टम की लगातार आलोचना करते आए हैं। वे लेखक भी हैं, जो मुसलमानों की हिंसक छवि को मिटाने के लिए रिसर्च भी कर रहे हैं। अंडरवल्र्ड डॉन अबू सलेम पर नॉवेल और आश्रम वेबसीरीज के डायरेक्टर प्रकाश झा पर अपनी कहानी चुराने का आरोप लगाकर सुर्खियां बंटोर चुके हैं।
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20 March 2022भोपाल। फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर आइएएस अधिकारी नियाज खान चर्चा में हैं। फिल्म के बहाने विवादित ट्वीट कर चर्चाओं में आए आइएएस अधिकारी नियाज खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके ट्वीट का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे सर्विस रुल्स के खिलाफ बताते हुए कहा है कि वे कार्मिक विभाग को पत्र लिख कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। मंत्री सारंग ने कहा कि नियाज खान अपनी सीमाएं लांघ रहे हैं। उन्हें समझना चाहिए कि जिस पद पर वह हैं, उसकी अपनी आचार संहिता है। वह फिरकापरस्ती और अराजकता फैला कर लाइम लाइट में आना चाहते हैं। इससे पहले नियाज खान के ट्वीट पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी कढ़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वैसे तो देश में कही दंगे नहीं हो रहे, न हो पाएंगे, लेकिन पूर्व में हुए भिवंडी, भागलपुर, मुजफ्फरनगर, बंगाल, केरल में हिंदू-मुस्लिम दंगों में भी हिंदुओं की मौत का आंकड़ा मुस्लिमों की मौत से ज्यादा निकलेगा। एक बात और नियाज खान जी, मुस्लिमों के लिए कीड़ा-मकोड़े जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें, क्योंकि भारत में सच्चे देशभक्त एपीजे अब्दुल कलाम साहब, अशफाकुल्लाह खां, जैसे भी हुए हैं। रामेश्वर शर्मा ने ट्वीट में लिखा कि मैं मध्यप्रदेश सरकार से भी आग्रह करता हूं कि इनके कथन पर स्पष्टीकरण लिया जाए और पूछा जो कि देश में ऐसा कौन सा प्रांत है जहां मुसलमानों को मारा जा रहा है। गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग में उप सचिव पद पर पदस्थ नियाज खान ने शनिवार को फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि फिल्म 'पंडितों" का दर्द दिखाती है। उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। वहीं यह भी लिखा कि फिल्म निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्या दिखाने के लिए एक और फिल्म बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े नहीं, इंसान और इस देश के नागरिक हैं। बता दें कि इससे पहले भी आइएएस अधिकारी नियाज खान कई बार चर्चा में आ चुके हैं। नियाज खान सरकार और प्रशासनिक सिस्टम की लगातार आलोचना करते आए हैं। वे लेखक भी हैं, जो मुसलमानों की हिंसक छवि को मिटाने के लिए रिसर्च भी कर रहे हैं। अंडरवल्र्ड डॉन अबू सलेम पर नॉवेल और आश्रम वेबसीरीज के डायरेक्टर प्रकाश झा पर अपनी कहानी चुराने का आरोप लगाकर सुर्खियां बंटोर चुके हैं।
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20 March 2022भोपाल। फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर आइएएस अधिकारी नियाज खान चर्चा में हैं। फिल्म के बहाने विवादित ट्वीट कर चर्चाओं में आए आइएएस अधिकारी नियाज खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उनके ट्वीट का संज्ञान लेते हुए प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इसे सर्विस रुल्स के खिलाफ बताते हुए कहा है कि वे कार्मिक विभाग को पत्र लिख कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। मंत्री सारंग ने कहा कि नियाज खान अपनी सीमाएं लांघ रहे हैं। उन्हें समझना चाहिए कि जिस पद पर वह हैं, उसकी अपनी आचार संहिता है। वह फिरकापरस्ती और अराजकता फैला कर लाइम लाइट में आना चाहते हैं। इससे पहले नियाज खान के ट्वीट पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने भी कढ़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वैसे तो देश में कही दंगे नहीं हो रहे, न हो पाएंगे, लेकिन पूर्व में हुए भिवंडी, भागलपुर, मुजफ्फरनगर, बंगाल, केरल में हिंदू-मुस्लिम दंगों में भी हिंदुओं की मौत का आंकड़ा मुस्लिमों की मौत से ज्यादा निकलेगा। एक बात और नियाज खान जी, मुस्लिमों के लिए कीड़ा-मकोड़े जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करें, क्योंकि भारत में सच्चे देशभक्त एपीजे अब्दुल कलाम साहब, अशफाकुल्लाह खां, जैसे भी हुए हैं। रामेश्वर शर्मा ने ट्वीट में लिखा कि मैं मध्यप्रदेश सरकार से भी आग्रह करता हूं कि इनके कथन पर स्पष्टीकरण लिया जाए और पूछा जो कि देश में ऐसा कौन सा प्रांत है जहां मुसलमानों को मारा जा रहा है। गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग में उप सचिव पद पर पदस्थ नियाज खान ने शनिवार को फिल्म द कश्मीर फाइल्स को लेकर ट्वीट किया था। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि फिल्म 'पंडितों" का दर्द दिखाती है। उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। वहीं यह भी लिखा कि फिल्म निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्या दिखाने के लिए एक और फिल्म बनानी चाहिए। मुसलमान कीड़े नहीं, इंसान और इस देश के नागरिक हैं। बता दें कि इससे पहले भी आइएएस अधिकारी नियाज खान कई बार चर्चा में आ चुके हैं। नियाज खान सरकार और प्रशासनिक सिस्टम की लगातार आलोचना करते आए हैं। वे लेखक भी हैं, जो मुसलमानों की हिंसक छवि को मिटाने के लिए रिसर्च भी कर रहे हैं। अंडरवल्र्ड डॉन अबू सलेम पर नॉवेल और आश्रम वेबसीरीज के डायरेक्टर प्रकाश झा पर अपनी कहानी चुराने का आरोप लगाकर सुर्खियां बंटोर चुके हैं।
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20 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022भोपाल। राज्य मंत्रिमंडल ने कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 11 फीसदी वृद्धि को मंजूरी दे दी है। बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता अप्रैल माह से दिया जाएगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में राम वन गमन पथ सहित अन्य विषयों पर भी निर्णय लिए गए। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में विधानसभा परिसर में स्थित समिति कक्ष में मंगलवार सुबह हुई। मंत्रिमंडल की बैठक "वंदे मातरम" के गान के साथ आरंभ हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश में पशु चिकित्सा इकाई योजना लागू की जाएगी। कर्मचारियों को अप्रैल माह से 11 प्रतिशत बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता (यानी अब 31 फीसदी) दिया जाएगा। मंत्रिमंडल ने निर्णय लिया है कि राम वन गमन पथ योजना के क्रियान्वयन का काम अब संस्कृति विभाग देखेगा। इसके साथ ही कैबिनेट की बैठक में निवाड़ी और आगर जिले में शहरी विकास अभिकरण के लिए 5 -5 पदों की स्वीकृति पर भी मुहर लगाई गई।
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15 March 2022इंदौर। शराबबंदी को लेकर दिये जा रहे बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाली मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार की शाम शराबबंदी को लेकर दबंगई पर उतर आई। उमा भारती रविवार को अचानक भोपाल की एक शराब दुकान में घुसी और पत्थर फेंक कर शराब की बोतलें फोड़ दीं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार शाम करीब साढ़े 4 बजे भेल इलाके के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र स्थित आजादनगर पहुंची थी। उमा भारती के यहां पहुंचने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए। इसके बाद उन्होंने पत्थर उठाया और दुकान में घुसकर पत्थर मारकर शराब की बोतलें फोड़ दीं। उमा भारती की दंबगई के कारण ठेकेदार ने पुलिस में सूचना तक नहीं दी। उमा भारती के इस रूप को देखकर हर कोई हैरान रह गया। उमा भारती का कहना है कि पास में ही मजदूरों की बस्ती है। पास में मंदिर हैं, छोटे बच्चों के स्कूल हैं। जब लड़कियां और महिलाएं छतों पर खड़ी होती हैं तो शराबी लोग उनके तरफ मुंह करके लघु शंका करने के लिए खड़े होकर उनको लज्जित करते हैं। इधर, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने उमा भारती के इस साहस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई तो है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है।
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13 March 2022इंदौर। शराबबंदी को लेकर दिये जा रहे बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाली मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार की शाम शराबबंदी को लेकर दबंगई पर उतर आई। उमा भारती रविवार को अचानक भोपाल की एक शराब दुकान में घुसी और पत्थर फेंक कर शराब की बोतलें फोड़ दीं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार शाम करीब साढ़े 4 बजे भेल इलाके के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र स्थित आजादनगर पहुंची थी। उमा भारती के यहां पहुंचने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए। इसके बाद उन्होंने पत्थर उठाया और दुकान में घुसकर पत्थर मारकर शराब की बोतलें फोड़ दीं। उमा भारती की दंबगई के कारण ठेकेदार ने पुलिस में सूचना तक नहीं दी। उमा भारती के इस रूप को देखकर हर कोई हैरान रह गया। उमा भारती का कहना है कि पास में ही मजदूरों की बस्ती है। पास में मंदिर हैं, छोटे बच्चों के स्कूल हैं। जब लड़कियां और महिलाएं छतों पर खड़ी होती हैं तो शराबी लोग उनके तरफ मुंह करके लघु शंका करने के लिए खड़े होकर उनको लज्जित करते हैं। इधर, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने उमा भारती के इस साहस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई तो है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है।
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13 March 2022इंदौर। शराबबंदी को लेकर दिये जा रहे बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाली मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार की शाम शराबबंदी को लेकर दबंगई पर उतर आई। उमा भारती रविवार को अचानक भोपाल की एक शराब दुकान में घुसी और पत्थर फेंक कर शराब की बोतलें फोड़ दीं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार शाम करीब साढ़े 4 बजे भेल इलाके के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र स्थित आजादनगर पहुंची थी। उमा भारती के यहां पहुंचने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए। इसके बाद उन्होंने पत्थर उठाया और दुकान में घुसकर पत्थर मारकर शराब की बोतलें फोड़ दीं। उमा भारती की दंबगई के कारण ठेकेदार ने पुलिस में सूचना तक नहीं दी। उमा भारती के इस रूप को देखकर हर कोई हैरान रह गया। उमा भारती का कहना है कि पास में ही मजदूरों की बस्ती है। पास में मंदिर हैं, छोटे बच्चों के स्कूल हैं। जब लड़कियां और महिलाएं छतों पर खड़ी होती हैं तो शराबी लोग उनके तरफ मुंह करके लघु शंका करने के लिए खड़े होकर उनको लज्जित करते हैं। इधर, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने उमा भारती के इस साहस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई तो है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है।
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13 March 2022इंदौर। शराबबंदी को लेकर दिये जा रहे बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाली मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार की शाम शराबबंदी को लेकर दबंगई पर उतर आई। उमा भारती रविवार को अचानक भोपाल की एक शराब दुकान में घुसी और पत्थर फेंक कर शराब की बोतलें फोड़ दीं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार शाम करीब साढ़े 4 बजे भेल इलाके के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र स्थित आजादनगर पहुंची थी। उमा भारती के यहां पहुंचने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए। इसके बाद उन्होंने पत्थर उठाया और दुकान में घुसकर पत्थर मारकर शराब की बोतलें फोड़ दीं। उमा भारती की दंबगई के कारण ठेकेदार ने पुलिस में सूचना तक नहीं दी। उमा भारती के इस रूप को देखकर हर कोई हैरान रह गया। उमा भारती का कहना है कि पास में ही मजदूरों की बस्ती है। पास में मंदिर हैं, छोटे बच्चों के स्कूल हैं। जब लड़कियां और महिलाएं छतों पर खड़ी होती हैं तो शराबी लोग उनके तरफ मुंह करके लघु शंका करने के लिए खड़े होकर उनको लज्जित करते हैं। इधर, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने उमा भारती के इस साहस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई तो है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है।
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13 March 2022इंदौर। शराबबंदी को लेकर दिये जा रहे बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाली मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार की शाम शराबबंदी को लेकर दबंगई पर उतर आई। उमा भारती रविवार को अचानक भोपाल की एक शराब दुकान में घुसी और पत्थर फेंक कर शराब की बोतलें फोड़ दीं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार शाम करीब साढ़े 4 बजे भेल इलाके के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र स्थित आजादनगर पहुंची थी। उमा भारती के यहां पहुंचने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए। इसके बाद उन्होंने पत्थर उठाया और दुकान में घुसकर पत्थर मारकर शराब की बोतलें फोड़ दीं। उमा भारती की दंबगई के कारण ठेकेदार ने पुलिस में सूचना तक नहीं दी। उमा भारती के इस रूप को देखकर हर कोई हैरान रह गया। उमा भारती का कहना है कि पास में ही मजदूरों की बस्ती है। पास में मंदिर हैं, छोटे बच्चों के स्कूल हैं। जब लड़कियां और महिलाएं छतों पर खड़ी होती हैं तो शराबी लोग उनके तरफ मुंह करके लघु शंका करने के लिए खड़े होकर उनको लज्जित करते हैं। इधर, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने उमा भारती के इस साहस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई तो है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है।
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13 March 2022इंदौर। शराबबंदी को लेकर दिये जा रहे बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाली मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार की शाम शराबबंदी को लेकर दबंगई पर उतर आई। उमा भारती रविवार को अचानक भोपाल की एक शराब दुकान में घुसी और पत्थर फेंक कर शराब की बोतलें फोड़ दीं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार शाम करीब साढ़े 4 बजे भेल इलाके के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र स्थित आजादनगर पहुंची थी। उमा भारती के यहां पहुंचने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए। इसके बाद उन्होंने पत्थर उठाया और दुकान में घुसकर पत्थर मारकर शराब की बोतलें फोड़ दीं। उमा भारती की दंबगई के कारण ठेकेदार ने पुलिस में सूचना तक नहीं दी। उमा भारती के इस रूप को देखकर हर कोई हैरान रह गया। उमा भारती का कहना है कि पास में ही मजदूरों की बस्ती है। पास में मंदिर हैं, छोटे बच्चों के स्कूल हैं। जब लड़कियां और महिलाएं छतों पर खड़ी होती हैं तो शराबी लोग उनके तरफ मुंह करके लघु शंका करने के लिए खड़े होकर उनको लज्जित करते हैं। इधर, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने उमा भारती के इस साहस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई तो है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है।
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13 March 2022इंदौर। शराबबंदी को लेकर दिये जा रहे बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाली मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार की शाम शराबबंदी को लेकर दबंगई पर उतर आई। उमा भारती रविवार को अचानक भोपाल की एक शराब दुकान में घुसी और पत्थर फेंक कर शराब की बोतलें फोड़ दीं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार शाम करीब साढ़े 4 बजे भेल इलाके के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र स्थित आजादनगर पहुंची थी। उमा भारती के यहां पहुंचने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए। इसके बाद उन्होंने पत्थर उठाया और दुकान में घुसकर पत्थर मारकर शराब की बोतलें फोड़ दीं। उमा भारती की दंबगई के कारण ठेकेदार ने पुलिस में सूचना तक नहीं दी। उमा भारती के इस रूप को देखकर हर कोई हैरान रह गया। उमा भारती का कहना है कि पास में ही मजदूरों की बस्ती है। पास में मंदिर हैं, छोटे बच्चों के स्कूल हैं। जब लड़कियां और महिलाएं छतों पर खड़ी होती हैं तो शराबी लोग उनके तरफ मुंह करके लघु शंका करने के लिए खड़े होकर उनको लज्जित करते हैं। इधर, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने उमा भारती के इस साहस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई तो है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है।
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13 March 2022इंदौर। शराबबंदी को लेकर दिये जा रहे बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाली मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार की शाम शराबबंदी को लेकर दबंगई पर उतर आई। उमा भारती रविवार को अचानक भोपाल की एक शराब दुकान में घुसी और पत्थर फेंक कर शराब की बोतलें फोड़ दीं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार शाम करीब साढ़े 4 बजे भेल इलाके के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र स्थित आजादनगर पहुंची थी। उमा भारती के यहां पहुंचने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए। इसके बाद उन्होंने पत्थर उठाया और दुकान में घुसकर पत्थर मारकर शराब की बोतलें फोड़ दीं। उमा भारती की दंबगई के कारण ठेकेदार ने पुलिस में सूचना तक नहीं दी। उमा भारती के इस रूप को देखकर हर कोई हैरान रह गया। उमा भारती का कहना है कि पास में ही मजदूरों की बस्ती है। पास में मंदिर हैं, छोटे बच्चों के स्कूल हैं। जब लड़कियां और महिलाएं छतों पर खड़ी होती हैं तो शराबी लोग उनके तरफ मुंह करके लघु शंका करने के लिए खड़े होकर उनको लज्जित करते हैं। इधर, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने उमा भारती के इस साहस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई तो है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है।
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13 March 2022इंदौर। शराबबंदी को लेकर दिये जा रहे बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाली मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार की शाम शराबबंदी को लेकर दबंगई पर उतर आई। उमा भारती रविवार को अचानक भोपाल की एक शराब दुकान में घुसी और पत्थर फेंक कर शराब की बोतलें फोड़ दीं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार शाम करीब साढ़े 4 बजे भेल इलाके के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र स्थित आजादनगर पहुंची थी। उमा भारती के यहां पहुंचने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए। इसके बाद उन्होंने पत्थर उठाया और दुकान में घुसकर पत्थर मारकर शराब की बोतलें फोड़ दीं। उमा भारती की दंबगई के कारण ठेकेदार ने पुलिस में सूचना तक नहीं दी। उमा भारती के इस रूप को देखकर हर कोई हैरान रह गया। उमा भारती का कहना है कि पास में ही मजदूरों की बस्ती है। पास में मंदिर हैं, छोटे बच्चों के स्कूल हैं। जब लड़कियां और महिलाएं छतों पर खड़ी होती हैं तो शराबी लोग उनके तरफ मुंह करके लघु शंका करने के लिए खड़े होकर उनको लज्जित करते हैं। इधर, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने उमा भारती के इस साहस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई तो है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है।
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13 March 2022इंदौर। शराबबंदी को लेकर दिये जा रहे बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाली मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार की शाम शराबबंदी को लेकर दबंगई पर उतर आई। उमा भारती रविवार को अचानक भोपाल की एक शराब दुकान में घुसी और पत्थर फेंक कर शराब की बोतलें फोड़ दीं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार शाम करीब साढ़े 4 बजे भेल इलाके के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र स्थित आजादनगर पहुंची थी। उमा भारती के यहां पहुंचने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए। इसके बाद उन्होंने पत्थर उठाया और दुकान में घुसकर पत्थर मारकर शराब की बोतलें फोड़ दीं। उमा भारती की दंबगई के कारण ठेकेदार ने पुलिस में सूचना तक नहीं दी। उमा भारती के इस रूप को देखकर हर कोई हैरान रह गया। उमा भारती का कहना है कि पास में ही मजदूरों की बस्ती है। पास में मंदिर हैं, छोटे बच्चों के स्कूल हैं। जब लड़कियां और महिलाएं छतों पर खड़ी होती हैं तो शराबी लोग उनके तरफ मुंह करके लघु शंका करने के लिए खड़े होकर उनको लज्जित करते हैं। इधर, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने उमा भारती के इस साहस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई तो है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है।
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13 March 2022इंदौर। शराबबंदी को लेकर दिये जा रहे बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाली मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार की शाम शराबबंदी को लेकर दबंगई पर उतर आई। उमा भारती रविवार को अचानक भोपाल की एक शराब दुकान में घुसी और पत्थर फेंक कर शराब की बोतलें फोड़ दीं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार शाम करीब साढ़े 4 बजे भेल इलाके के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र स्थित आजादनगर पहुंची थी। उमा भारती के यहां पहुंचने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए। इसके बाद उन्होंने पत्थर उठाया और दुकान में घुसकर पत्थर मारकर शराब की बोतलें फोड़ दीं। उमा भारती की दंबगई के कारण ठेकेदार ने पुलिस में सूचना तक नहीं दी। उमा भारती के इस रूप को देखकर हर कोई हैरान रह गया। उमा भारती का कहना है कि पास में ही मजदूरों की बस्ती है। पास में मंदिर हैं, छोटे बच्चों के स्कूल हैं। जब लड़कियां और महिलाएं छतों पर खड़ी होती हैं तो शराबी लोग उनके तरफ मुंह करके लघु शंका करने के लिए खड़े होकर उनको लज्जित करते हैं। इधर, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने उमा भारती के इस साहस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई तो है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है।
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13 March 2022इंदौर। शराबबंदी को लेकर दिये जा रहे बयानों को लेकर लगातार चर्चा में रहने वाली मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार की शाम शराबबंदी को लेकर दबंगई पर उतर आई। उमा भारती रविवार को अचानक भोपाल की एक शराब दुकान में घुसी और पत्थर फेंक कर शराब की बोतलें फोड़ दीं। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रविवार शाम करीब साढ़े 4 बजे भेल इलाके के बरखेड़ा पठानी क्षेत्र स्थित आजादनगर पहुंची थी। उमा भारती के यहां पहुंचने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोग जुट गए। इसके बाद उन्होंने पत्थर उठाया और दुकान में घुसकर पत्थर मारकर शराब की बोतलें फोड़ दीं। उमा भारती की दंबगई के कारण ठेकेदार ने पुलिस में सूचना तक नहीं दी। उमा भारती के इस रूप को देखकर हर कोई हैरान रह गया। उमा भारती का कहना है कि पास में ही मजदूरों की बस्ती है। पास में मंदिर हैं, छोटे बच्चों के स्कूल हैं। जब लड़कियां और महिलाएं छतों पर खड़ी होती हैं तो शराबी लोग उनके तरफ मुंह करके लघु शंका करने के लिए खड़े होकर उनको लज्जित करते हैं। इधर, कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने उमा भारती के इस साहस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि भाजपा में कोई तो है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है।
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13 March 2022इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा वर्चुअल शुभारंभ के बाद इंदौर-गोंदिया-हैदराबाद फ्लाइट रविवार से शुरू हो गई। इस अवसर पर इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत अन्य नेता, जनप्रतिनिधि व नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने फ्लाइट का शुभारंभ करते हुए कहा कि मी महाराष्ट्राचे गोंदिया चा जावई आहे (मैं महाराष्ट्र के गोंदिया का जवाई हूं)। आज गोंदिया की ओर से भी बधाई देता हूं। मेरे लिए यह उड़ान खास है। उन्होंने कहा कि इंदौर से हेलिकाप्टर सेवा भी शुरू होनी चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों की वतन वापसी को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप रोमानिया जाकर बॉर्डर पर डटे रहे और भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालकर वापस ले आए। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी का भी अभिनंदन करता हूं। मुख्यमंत्री ने इंदौर-गोंदिया-हैदराबाद उड़ान शुरू करने के लिए सिंधिया को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के छोटे शहरों के लिए हेलीकाप्टर सेवा शुरू होगी। पर्यटन और धार्मिक स्थलों को हवाई सेवा से जोड़ा जाएगा। पहले दिन से ही सीटें फुल देवी अहिल्या बाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से रविवार सुबह 9 बजे इंदौर से गोंदिया की उड़ान शुरू हो गई। पहले दिन इस 72 सीटर विमान में 71 यात्री रवाना हुए हैं। यह शुरुआत के हिसाब से काफी अच्छी संख्या बताई जा रही है। विमानतल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार शेड्यूल के मुताबिक रोज यह विमान सुबह 10.20 बजे गोंदिया के लिए रवाना होगा लेकिन रविवार को पहला दिन था, इसलिए पहले दिन यह विमान 9 बजे रवाना हुआ है। सोमवार से विमान 9 बजे गोंदिया से इंदौर आएगा और इसके बाद वापस गोंदिया के लिए रवाना हो जाएगा।
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13 March 2022इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा वर्चुअल शुभारंभ के बाद इंदौर-गोंदिया-हैदराबाद फ्लाइट रविवार से शुरू हो गई। इस अवसर पर इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत अन्य नेता, जनप्रतिनिधि व नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने फ्लाइट का शुभारंभ करते हुए कहा कि मी महाराष्ट्राचे गोंदिया चा जावई आहे (मैं महाराष्ट्र के गोंदिया का जवाई हूं)। आज गोंदिया की ओर से भी बधाई देता हूं। मेरे लिए यह उड़ान खास है। उन्होंने कहा कि इंदौर से हेलिकाप्टर सेवा भी शुरू होनी चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों की वतन वापसी को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप रोमानिया जाकर बॉर्डर पर डटे रहे और भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालकर वापस ले आए। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी का भी अभिनंदन करता हूं। मुख्यमंत्री ने इंदौर-गोंदिया-हैदराबाद उड़ान शुरू करने के लिए सिंधिया को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के छोटे शहरों के लिए हेलीकाप्टर सेवा शुरू होगी। पर्यटन और धार्मिक स्थलों को हवाई सेवा से जोड़ा जाएगा। पहले दिन से ही सीटें फुल देवी अहिल्या बाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से रविवार सुबह 9 बजे इंदौर से गोंदिया की उड़ान शुरू हो गई। पहले दिन इस 72 सीटर विमान में 71 यात्री रवाना हुए हैं। यह शुरुआत के हिसाब से काफी अच्छी संख्या बताई जा रही है। विमानतल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार शेड्यूल के मुताबिक रोज यह विमान सुबह 10.20 बजे गोंदिया के लिए रवाना होगा लेकिन रविवार को पहला दिन था, इसलिए पहले दिन यह विमान 9 बजे रवाना हुआ है। सोमवार से विमान 9 बजे गोंदिया से इंदौर आएगा और इसके बाद वापस गोंदिया के लिए रवाना हो जाएगा।
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13 March 2022इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा वर्चुअल शुभारंभ के बाद इंदौर-गोंदिया-हैदराबाद फ्लाइट रविवार से शुरू हो गई। इस अवसर पर इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत अन्य नेता, जनप्रतिनिधि व नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने फ्लाइट का शुभारंभ करते हुए कहा कि मी महाराष्ट्राचे गोंदिया चा जावई आहे (मैं महाराष्ट्र के गोंदिया का जवाई हूं)। आज गोंदिया की ओर से भी बधाई देता हूं। मेरे लिए यह उड़ान खास है। उन्होंने कहा कि इंदौर से हेलिकाप्टर सेवा भी शुरू होनी चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों की वतन वापसी को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप रोमानिया जाकर बॉर्डर पर डटे रहे और भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालकर वापस ले आए। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी का भी अभिनंदन करता हूं। मुख्यमंत्री ने इंदौर-गोंदिया-हैदराबाद उड़ान शुरू करने के लिए सिंधिया को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के छोटे शहरों के लिए हेलीकाप्टर सेवा शुरू होगी। पर्यटन और धार्मिक स्थलों को हवाई सेवा से जोड़ा जाएगा। पहले दिन से ही सीटें फुल देवी अहिल्या बाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से रविवार सुबह 9 बजे इंदौर से गोंदिया की उड़ान शुरू हो गई। पहले दिन इस 72 सीटर विमान में 71 यात्री रवाना हुए हैं। यह शुरुआत के हिसाब से काफी अच्छी संख्या बताई जा रही है। विमानतल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार शेड्यूल के मुताबिक रोज यह विमान सुबह 10.20 बजे गोंदिया के लिए रवाना होगा लेकिन रविवार को पहला दिन था, इसलिए पहले दिन यह विमान 9 बजे रवाना हुआ है। सोमवार से विमान 9 बजे गोंदिया से इंदौर आएगा और इसके बाद वापस गोंदिया के लिए रवाना हो जाएगा।
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13 March 2022इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा वर्चुअल शुभारंभ के बाद इंदौर-गोंदिया-हैदराबाद फ्लाइट रविवार से शुरू हो गई। इस अवसर पर इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत अन्य नेता, जनप्रतिनिधि व नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने फ्लाइट का शुभारंभ करते हुए कहा कि मी महाराष्ट्राचे गोंदिया चा जावई आहे (मैं महाराष्ट्र के गोंदिया का जवाई हूं)। आज गोंदिया की ओर से भी बधाई देता हूं। मेरे लिए यह उड़ान खास है। उन्होंने कहा कि इंदौर से हेलिकाप्टर सेवा भी शुरू होनी चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों की वतन वापसी को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप रोमानिया जाकर बॉर्डर पर डटे रहे और भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालकर वापस ले आए। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी का भी अभिनंदन करता हूं। मुख्यमंत्री ने इंदौर-गोंदिया-हैदराबाद उड़ान शुरू करने के लिए सिंधिया को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के छोटे शहरों के लिए हेलीकाप्टर सेवा शुरू होगी। पर्यटन और धार्मिक स्थलों को हवाई सेवा से जोड़ा जाएगा। पहले दिन से ही सीटें फुल देवी अहिल्या बाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से रविवार सुबह 9 बजे इंदौर से गोंदिया की उड़ान शुरू हो गई। पहले दिन इस 72 सीटर विमान में 71 यात्री रवाना हुए हैं। यह शुरुआत के हिसाब से काफी अच्छी संख्या बताई जा रही है। विमानतल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार शेड्यूल के मुताबिक रोज यह विमान सुबह 10.20 बजे गोंदिया के लिए रवाना होगा लेकिन रविवार को पहला दिन था, इसलिए पहले दिन यह विमान 9 बजे रवाना हुआ है। सोमवार से विमान 9 बजे गोंदिया से इंदौर आएगा और इसके बाद वापस गोंदिया के लिए रवाना हो जाएगा।
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13 March 2022इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा वर्चुअल शुभारंभ के बाद इंदौर-गोंदिया-हैदराबाद फ्लाइट रविवार से शुरू हो गई। इस अवसर पर इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत अन्य नेता, जनप्रतिनिधि व नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने फ्लाइट का शुभारंभ करते हुए कहा कि मी महाराष्ट्राचे गोंदिया चा जावई आहे (मैं महाराष्ट्र के गोंदिया का जवाई हूं)। आज गोंदिया की ओर से भी बधाई देता हूं। मेरे लिए यह उड़ान खास है। उन्होंने कहा कि इंदौर से हेलिकाप्टर सेवा भी शुरू होनी चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों की वतन वापसी को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप रोमानिया जाकर बॉर्डर पर डटे रहे और भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालकर वापस ले आए। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी का भी अभिनंदन करता हूं। मुख्यमंत्री ने इंदौर-गोंदिया-हैदराबाद उड़ान शुरू करने के लिए सिंधिया को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के छोटे शहरों के लिए हेलीकाप्टर सेवा शुरू होगी। पर्यटन और धार्मिक स्थलों को हवाई सेवा से जोड़ा जाएगा। पहले दिन से ही सीटें फुल देवी अहिल्या बाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से रविवार सुबह 9 बजे इंदौर से गोंदिया की उड़ान शुरू हो गई। पहले दिन इस 72 सीटर विमान में 71 यात्री रवाना हुए हैं। यह शुरुआत के हिसाब से काफी अच्छी संख्या बताई जा रही है। विमानतल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार शेड्यूल के मुताबिक रोज यह विमान सुबह 10.20 बजे गोंदिया के लिए रवाना होगा लेकिन रविवार को पहला दिन था, इसलिए पहले दिन यह विमान 9 बजे रवाना हुआ है। सोमवार से विमान 9 बजे गोंदिया से इंदौर आएगा और इसके बाद वापस गोंदिया के लिए रवाना हो जाएगा।
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13 March 2022इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा वर्चुअल शुभारंभ के बाद इंदौर-गोंदिया-हैदराबाद फ्लाइट रविवार से शुरू हो गई। इस अवसर पर इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत अन्य नेता, जनप्रतिनिधि व नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने फ्लाइट का शुभारंभ करते हुए कहा कि मी महाराष्ट्राचे गोंदिया चा जावई आहे (मैं महाराष्ट्र के गोंदिया का जवाई हूं)। आज गोंदिया की ओर से भी बधाई देता हूं। मेरे लिए यह उड़ान खास है। उन्होंने कहा कि इंदौर से हेलिकाप्टर सेवा भी शुरू होनी चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों की वतन वापसी को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप रोमानिया जाकर बॉर्डर पर डटे रहे और भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालकर वापस ले आए। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी का भी अभिनंदन करता हूं। मुख्यमंत्री ने इंदौर-गोंदिया-हैदराबाद उड़ान शुरू करने के लिए सिंधिया को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के छोटे शहरों के लिए हेलीकाप्टर सेवा शुरू होगी। पर्यटन और धार्मिक स्थलों को हवाई सेवा से जोड़ा जाएगा। पहले दिन से ही सीटें फुल देवी अहिल्या बाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से रविवार सुबह 9 बजे इंदौर से गोंदिया की उड़ान शुरू हो गई। पहले दिन इस 72 सीटर विमान में 71 यात्री रवाना हुए हैं। यह शुरुआत के हिसाब से काफी अच्छी संख्या बताई जा रही है। विमानतल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार शेड्यूल के मुताबिक रोज यह विमान सुबह 10.20 बजे गोंदिया के लिए रवाना होगा लेकिन रविवार को पहला दिन था, इसलिए पहले दिन यह विमान 9 बजे रवाना हुआ है। सोमवार से विमान 9 बजे गोंदिया से इंदौर आएगा और इसके बाद वापस गोंदिया के लिए रवाना हो जाएगा।
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13 March 2022इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा वर्चुअल शुभारंभ के बाद इंदौर-गोंदिया-हैदराबाद फ्लाइट रविवार से शुरू हो गई। इस अवसर पर इंदौर में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन समेत अन्य नेता, जनप्रतिनिधि व नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने फ्लाइट का शुभारंभ करते हुए कहा कि मी महाराष्ट्राचे गोंदिया चा जावई आहे (मैं महाराष्ट्र के गोंदिया का जवाई हूं)। आज गोंदिया की ओर से भी बधाई देता हूं। मेरे लिए यह उड़ान खास है। उन्होंने कहा कि इंदौर से हेलिकाप्टर सेवा भी शुरू होनी चाहिए। मुख्यमंत्री चौहान ने यूक्रेन से भारतीय छात्रों की वतन वापसी को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आप रोमानिया जाकर बॉर्डर पर डटे रहे और भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालकर वापस ले आए। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी का भी अभिनंदन करता हूं। मुख्यमंत्री ने इंदौर-गोंदिया-हैदराबाद उड़ान शुरू करने के लिए सिंधिया को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के छोटे शहरों के लिए हेलीकाप्टर सेवा शुरू होगी। पर्यटन और धार्मिक स्थलों को हवाई सेवा से जोड़ा जाएगा। पहले दिन से ही सीटें फुल देवी अहिल्या बाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से रविवार सुबह 9 बजे इंदौर से गोंदिया की उड़ान शुरू हो गई। पहले दिन इस 72 सीटर विमान में 71 यात्री रवाना हुए हैं। यह शुरुआत के हिसाब से काफी अच्छी संख्या बताई जा रही है। विमानतल प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार शेड्यूल के मुताबिक रोज यह विमान सुबह 10.20 बजे गोंदिया के लिए रवाना होगा लेकिन रविवार को पहला दिन था, इसलिए पहले दिन यह विमान 9 बजे रवाना हुआ है। सोमवार से विमान 9 बजे गोंदिया से इंदौर आएगा और इसके बाद वापस गोंदिया के लिए रवाना हो जाएगा।
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13 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में पांचवें दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घरेते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने तीन बार वाकआउट किया। हालांकि, हंगामे के बीच ही सदन में अशासकीय संकल्प पारित हुआ। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को पांचवें दिन सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। विधानसभा में कई मुद्दों को लेकर हंगामा भी देखने को मिला। सज्जन वर्मा ने पुरानी पेंशन शुरू करने की मांग उठाई, तो राघौगढ़ में प्रदूषण मानकों को लेकर विधायक जयवर्धन ने वॉकआउट किया। जयवर्धन सिंह ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए उचित मानकों का पालन नहीं किया। इधर, संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर चुटकी ली। नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति पर उन्होने चुटकी लेते हुए कहा कि अध्यक्ष जी कई दिनों से नेता प्रतिपक्ष सदन से गायब हैं। आखिर कब तक आएंगे। आदिवासी क्षेत्रों में बिजली न पहुंचने के विरोध में विपक्ष ने सरकार को घेरा। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक हिना कावरे ने सरकार से जानना चाहा कि आदिवासी क्षेत्रों के इलाकों में अभी तक बिजली क्यों नहीं पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केंद्र की योजना का मुंह देख रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि केंद्र सरकार योजना नहीं लाती है, तो राज्य सरकार अपने बजट से राशि खर्च कर आदिवासियों को बिजली पहुंचाए। इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर बजट का अभाव बताते रहे। उन्होंने यह भी कह दिया कि आप लोग विरोध के लिए राजनीति कर रहे हैं। इस पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सदस्यों ने तीखा विरोध दर्ज कराया। आखिरकार मंत्री के जवाब के विरोध में उन्होंने सदन से वाकआउट कर दिया। इसी प्रकार जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग के बेतुके जवाब पर विपक्षी दल के विधायकों ने कहा कि मन की तैयारी से नहीं आए हैं। मंत्री के जवाब न देने पर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। सदन में मंदसौर जिले के तीन गांवों के नाम बदलने का मुद्दा भी उठा। इस दौरान कयामपुर का नाम कैलाशपुर, रहीमगढ़ का नाम बजरंगगढ़ और इशाकपुर का नाम ईशापुर करने की मांग की गई है। इस मांग का कांग्रेस ने विरोध किया है। वहीं भाजपा का कहना है कि जनता की मांग पर इसका नाम बदला जाना चाहिए। इसी बीच पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने आरोप लगाया कि सचिवालय के द्वारा उन लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जब भी विपक्षी दल के विधायक बोलना शुरू करते हैं, तो उनका माइक बंद कर दिया जाता है, जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों के साथ ऐसा नहीं होता। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने उनके आरोपों को गलत बताया। माइक बंद होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक संपन्न इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के सभापतित्व में शुक्रवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें बजट सत्र के काम-काज के संबंध में विचार-विमर्श हुआ। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वित्त-मंत्री जगदीश देवड़ा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ,खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह, आदिम जाति काल्याण मंत्री मीना सिंह मांडवे, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, सज्जन सिंह वर्मा, केपी सिंह ‘कक्काजू’ सहित विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह भी उपस्थित थे।
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11 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में पांचवें दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घरेते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने तीन बार वाकआउट किया। हालांकि, हंगामे के बीच ही सदन में अशासकीय संकल्प पारित हुआ। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को पांचवें दिन सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। विधानसभा में कई मुद्दों को लेकर हंगामा भी देखने को मिला। सज्जन वर्मा ने पुरानी पेंशन शुरू करने की मांग उठाई, तो राघौगढ़ में प्रदूषण मानकों को लेकर विधायक जयवर्धन ने वॉकआउट किया। जयवर्धन सिंह ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए उचित मानकों का पालन नहीं किया। इधर, संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर चुटकी ली। नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति पर उन्होने चुटकी लेते हुए कहा कि अध्यक्ष जी कई दिनों से नेता प्रतिपक्ष सदन से गायब हैं। आखिर कब तक आएंगे। आदिवासी क्षेत्रों में बिजली न पहुंचने के विरोध में विपक्ष ने सरकार को घेरा। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक हिना कावरे ने सरकार से जानना चाहा कि आदिवासी क्षेत्रों के इलाकों में अभी तक बिजली क्यों नहीं पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केंद्र की योजना का मुंह देख रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि केंद्र सरकार योजना नहीं लाती है, तो राज्य सरकार अपने बजट से राशि खर्च कर आदिवासियों को बिजली पहुंचाए। इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर बजट का अभाव बताते रहे। उन्होंने यह भी कह दिया कि आप लोग विरोध के लिए राजनीति कर रहे हैं। इस पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सदस्यों ने तीखा विरोध दर्ज कराया। आखिरकार मंत्री के जवाब के विरोध में उन्होंने सदन से वाकआउट कर दिया। इसी प्रकार जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग के बेतुके जवाब पर विपक्षी दल के विधायकों ने कहा कि मन की तैयारी से नहीं आए हैं। मंत्री के जवाब न देने पर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। सदन में मंदसौर जिले के तीन गांवों के नाम बदलने का मुद्दा भी उठा। इस दौरान कयामपुर का नाम कैलाशपुर, रहीमगढ़ का नाम बजरंगगढ़ और इशाकपुर का नाम ईशापुर करने की मांग की गई है। इस मांग का कांग्रेस ने विरोध किया है। वहीं भाजपा का कहना है कि जनता की मांग पर इसका नाम बदला जाना चाहिए। इसी बीच पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने आरोप लगाया कि सचिवालय के द्वारा उन लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जब भी विपक्षी दल के विधायक बोलना शुरू करते हैं, तो उनका माइक बंद कर दिया जाता है, जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों के साथ ऐसा नहीं होता। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने उनके आरोपों को गलत बताया। माइक बंद होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक संपन्न इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के सभापतित्व में शुक्रवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें बजट सत्र के काम-काज के संबंध में विचार-विमर्श हुआ। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वित्त-मंत्री जगदीश देवड़ा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ,खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह, आदिम जाति काल्याण मंत्री मीना सिंह मांडवे, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, सज्जन सिंह वर्मा, केपी सिंह ‘कक्काजू’ सहित विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह भी उपस्थित थे।
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11 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में पांचवें दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घरेते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने तीन बार वाकआउट किया। हालांकि, हंगामे के बीच ही सदन में अशासकीय संकल्प पारित हुआ। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को पांचवें दिन सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। विधानसभा में कई मुद्दों को लेकर हंगामा भी देखने को मिला। सज्जन वर्मा ने पुरानी पेंशन शुरू करने की मांग उठाई, तो राघौगढ़ में प्रदूषण मानकों को लेकर विधायक जयवर्धन ने वॉकआउट किया। जयवर्धन सिंह ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए उचित मानकों का पालन नहीं किया। इधर, संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर चुटकी ली। नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति पर उन्होने चुटकी लेते हुए कहा कि अध्यक्ष जी कई दिनों से नेता प्रतिपक्ष सदन से गायब हैं। आखिर कब तक आएंगे। आदिवासी क्षेत्रों में बिजली न पहुंचने के विरोध में विपक्ष ने सरकार को घेरा। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक हिना कावरे ने सरकार से जानना चाहा कि आदिवासी क्षेत्रों के इलाकों में अभी तक बिजली क्यों नहीं पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केंद्र की योजना का मुंह देख रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि केंद्र सरकार योजना नहीं लाती है, तो राज्य सरकार अपने बजट से राशि खर्च कर आदिवासियों को बिजली पहुंचाए। इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर बजट का अभाव बताते रहे। उन्होंने यह भी कह दिया कि आप लोग विरोध के लिए राजनीति कर रहे हैं। इस पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सदस्यों ने तीखा विरोध दर्ज कराया। आखिरकार मंत्री के जवाब के विरोध में उन्होंने सदन से वाकआउट कर दिया। इसी प्रकार जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग के बेतुके जवाब पर विपक्षी दल के विधायकों ने कहा कि मन की तैयारी से नहीं आए हैं। मंत्री के जवाब न देने पर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। सदन में मंदसौर जिले के तीन गांवों के नाम बदलने का मुद्दा भी उठा। इस दौरान कयामपुर का नाम कैलाशपुर, रहीमगढ़ का नाम बजरंगगढ़ और इशाकपुर का नाम ईशापुर करने की मांग की गई है। इस मांग का कांग्रेस ने विरोध किया है। वहीं भाजपा का कहना है कि जनता की मांग पर इसका नाम बदला जाना चाहिए। इसी बीच पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने आरोप लगाया कि सचिवालय के द्वारा उन लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जब भी विपक्षी दल के विधायक बोलना शुरू करते हैं, तो उनका माइक बंद कर दिया जाता है, जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों के साथ ऐसा नहीं होता। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने उनके आरोपों को गलत बताया। माइक बंद होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक संपन्न इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के सभापतित्व में शुक्रवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें बजट सत्र के काम-काज के संबंध में विचार-विमर्श हुआ। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वित्त-मंत्री जगदीश देवड़ा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ,खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह, आदिम जाति काल्याण मंत्री मीना सिंह मांडवे, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, सज्जन सिंह वर्मा, केपी सिंह ‘कक्काजू’ सहित विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह भी उपस्थित थे।
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11 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में पांचवें दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घरेते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने तीन बार वाकआउट किया। हालांकि, हंगामे के बीच ही सदन में अशासकीय संकल्प पारित हुआ। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को पांचवें दिन सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। विधानसभा में कई मुद्दों को लेकर हंगामा भी देखने को मिला। सज्जन वर्मा ने पुरानी पेंशन शुरू करने की मांग उठाई, तो राघौगढ़ में प्रदूषण मानकों को लेकर विधायक जयवर्धन ने वॉकआउट किया। जयवर्धन सिंह ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए उचित मानकों का पालन नहीं किया। इधर, संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर चुटकी ली। नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति पर उन्होने चुटकी लेते हुए कहा कि अध्यक्ष जी कई दिनों से नेता प्रतिपक्ष सदन से गायब हैं। आखिर कब तक आएंगे। आदिवासी क्षेत्रों में बिजली न पहुंचने के विरोध में विपक्ष ने सरकार को घेरा। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक हिना कावरे ने सरकार से जानना चाहा कि आदिवासी क्षेत्रों के इलाकों में अभी तक बिजली क्यों नहीं पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केंद्र की योजना का मुंह देख रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि केंद्र सरकार योजना नहीं लाती है, तो राज्य सरकार अपने बजट से राशि खर्च कर आदिवासियों को बिजली पहुंचाए। इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर बजट का अभाव बताते रहे। उन्होंने यह भी कह दिया कि आप लोग विरोध के लिए राजनीति कर रहे हैं। इस पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सदस्यों ने तीखा विरोध दर्ज कराया। आखिरकार मंत्री के जवाब के विरोध में उन्होंने सदन से वाकआउट कर दिया। इसी प्रकार जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग के बेतुके जवाब पर विपक्षी दल के विधायकों ने कहा कि मन की तैयारी से नहीं आए हैं। मंत्री के जवाब न देने पर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। सदन में मंदसौर जिले के तीन गांवों के नाम बदलने का मुद्दा भी उठा। इस दौरान कयामपुर का नाम कैलाशपुर, रहीमगढ़ का नाम बजरंगगढ़ और इशाकपुर का नाम ईशापुर करने की मांग की गई है। इस मांग का कांग्रेस ने विरोध किया है। वहीं भाजपा का कहना है कि जनता की मांग पर इसका नाम बदला जाना चाहिए। इसी बीच पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने आरोप लगाया कि सचिवालय के द्वारा उन लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जब भी विपक्षी दल के विधायक बोलना शुरू करते हैं, तो उनका माइक बंद कर दिया जाता है, जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों के साथ ऐसा नहीं होता। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने उनके आरोपों को गलत बताया। माइक बंद होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक संपन्न इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के सभापतित्व में शुक्रवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें बजट सत्र के काम-काज के संबंध में विचार-विमर्श हुआ। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वित्त-मंत्री जगदीश देवड़ा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ,खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह, आदिम जाति काल्याण मंत्री मीना सिंह मांडवे, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, सज्जन सिंह वर्मा, केपी सिंह ‘कक्काजू’ सहित विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह भी उपस्थित थे।
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11 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में पांचवें दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घरेते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने तीन बार वाकआउट किया। हालांकि, हंगामे के बीच ही सदन में अशासकीय संकल्प पारित हुआ। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को पांचवें दिन सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। विधानसभा में कई मुद्दों को लेकर हंगामा भी देखने को मिला। सज्जन वर्मा ने पुरानी पेंशन शुरू करने की मांग उठाई, तो राघौगढ़ में प्रदूषण मानकों को लेकर विधायक जयवर्धन ने वॉकआउट किया। जयवर्धन सिंह ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए उचित मानकों का पालन नहीं किया। इधर, संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर चुटकी ली। नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति पर उन्होने चुटकी लेते हुए कहा कि अध्यक्ष जी कई दिनों से नेता प्रतिपक्ष सदन से गायब हैं। आखिर कब तक आएंगे। आदिवासी क्षेत्रों में बिजली न पहुंचने के विरोध में विपक्ष ने सरकार को घेरा। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक हिना कावरे ने सरकार से जानना चाहा कि आदिवासी क्षेत्रों के इलाकों में अभी तक बिजली क्यों नहीं पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केंद्र की योजना का मुंह देख रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि केंद्र सरकार योजना नहीं लाती है, तो राज्य सरकार अपने बजट से राशि खर्च कर आदिवासियों को बिजली पहुंचाए। इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर बजट का अभाव बताते रहे। उन्होंने यह भी कह दिया कि आप लोग विरोध के लिए राजनीति कर रहे हैं। इस पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सदस्यों ने तीखा विरोध दर्ज कराया। आखिरकार मंत्री के जवाब के विरोध में उन्होंने सदन से वाकआउट कर दिया। इसी प्रकार जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग के बेतुके जवाब पर विपक्षी दल के विधायकों ने कहा कि मन की तैयारी से नहीं आए हैं। मंत्री के जवाब न देने पर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। सदन में मंदसौर जिले के तीन गांवों के नाम बदलने का मुद्दा भी उठा। इस दौरान कयामपुर का नाम कैलाशपुर, रहीमगढ़ का नाम बजरंगगढ़ और इशाकपुर का नाम ईशापुर करने की मांग की गई है। इस मांग का कांग्रेस ने विरोध किया है। वहीं भाजपा का कहना है कि जनता की मांग पर इसका नाम बदला जाना चाहिए। इसी बीच पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने आरोप लगाया कि सचिवालय के द्वारा उन लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जब भी विपक्षी दल के विधायक बोलना शुरू करते हैं, तो उनका माइक बंद कर दिया जाता है, जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों के साथ ऐसा नहीं होता। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने उनके आरोपों को गलत बताया। माइक बंद होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक संपन्न इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के सभापतित्व में शुक्रवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें बजट सत्र के काम-काज के संबंध में विचार-विमर्श हुआ। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वित्त-मंत्री जगदीश देवड़ा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ,खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह, आदिम जाति काल्याण मंत्री मीना सिंह मांडवे, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, सज्जन सिंह वर्मा, केपी सिंह ‘कक्काजू’ सहित विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह भी उपस्थित थे।
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11 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में पांचवें दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घरेते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने तीन बार वाकआउट किया। हालांकि, हंगामे के बीच ही सदन में अशासकीय संकल्प पारित हुआ। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को पांचवें दिन सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। विधानसभा में कई मुद्दों को लेकर हंगामा भी देखने को मिला। सज्जन वर्मा ने पुरानी पेंशन शुरू करने की मांग उठाई, तो राघौगढ़ में प्रदूषण मानकों को लेकर विधायक जयवर्धन ने वॉकआउट किया। जयवर्धन सिंह ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए उचित मानकों का पालन नहीं किया। इधर, संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर चुटकी ली। नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति पर उन्होने चुटकी लेते हुए कहा कि अध्यक्ष जी कई दिनों से नेता प्रतिपक्ष सदन से गायब हैं। आखिर कब तक आएंगे। आदिवासी क्षेत्रों में बिजली न पहुंचने के विरोध में विपक्ष ने सरकार को घेरा। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक हिना कावरे ने सरकार से जानना चाहा कि आदिवासी क्षेत्रों के इलाकों में अभी तक बिजली क्यों नहीं पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केंद्र की योजना का मुंह देख रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि केंद्र सरकार योजना नहीं लाती है, तो राज्य सरकार अपने बजट से राशि खर्च कर आदिवासियों को बिजली पहुंचाए। इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर बजट का अभाव बताते रहे। उन्होंने यह भी कह दिया कि आप लोग विरोध के लिए राजनीति कर रहे हैं। इस पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सदस्यों ने तीखा विरोध दर्ज कराया। आखिरकार मंत्री के जवाब के विरोध में उन्होंने सदन से वाकआउट कर दिया। इसी प्रकार जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग के बेतुके जवाब पर विपक्षी दल के विधायकों ने कहा कि मन की तैयारी से नहीं आए हैं। मंत्री के जवाब न देने पर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। सदन में मंदसौर जिले के तीन गांवों के नाम बदलने का मुद्दा भी उठा। इस दौरान कयामपुर का नाम कैलाशपुर, रहीमगढ़ का नाम बजरंगगढ़ और इशाकपुर का नाम ईशापुर करने की मांग की गई है। इस मांग का कांग्रेस ने विरोध किया है। वहीं भाजपा का कहना है कि जनता की मांग पर इसका नाम बदला जाना चाहिए। इसी बीच पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने आरोप लगाया कि सचिवालय के द्वारा उन लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जब भी विपक्षी दल के विधायक बोलना शुरू करते हैं, तो उनका माइक बंद कर दिया जाता है, जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों के साथ ऐसा नहीं होता। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने उनके आरोपों को गलत बताया। माइक बंद होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक संपन्न इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के सभापतित्व में शुक्रवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें बजट सत्र के काम-काज के संबंध में विचार-विमर्श हुआ। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वित्त-मंत्री जगदीश देवड़ा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ,खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह, आदिम जाति काल्याण मंत्री मीना सिंह मांडवे, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, सज्जन सिंह वर्मा, केपी सिंह ‘कक्काजू’ सहित विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह भी उपस्थित थे।
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11 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में पांचवें दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घरेते हुए जमकर हंगामा किया। इस दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने तीन बार वाकआउट किया। हालांकि, हंगामे के बीच ही सदन में अशासकीय संकल्प पारित हुआ। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को पांचवें दिन सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। विधानसभा में कई मुद्दों को लेकर हंगामा भी देखने को मिला। सज्जन वर्मा ने पुरानी पेंशन शुरू करने की मांग उठाई, तो राघौगढ़ में प्रदूषण मानकों को लेकर विधायक जयवर्धन ने वॉकआउट किया। जयवर्धन सिंह ने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए उचित मानकों का पालन नहीं किया। इधर, संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर चुटकी ली। नेता प्रतिपक्ष की अनुपस्थिति पर उन्होने चुटकी लेते हुए कहा कि अध्यक्ष जी कई दिनों से नेता प्रतिपक्ष सदन से गायब हैं। आखिर कब तक आएंगे। आदिवासी क्षेत्रों में बिजली न पहुंचने के विरोध में विपक्ष ने सरकार को घेरा। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक हिना कावरे ने सरकार से जानना चाहा कि आदिवासी क्षेत्रों के इलाकों में अभी तक बिजली क्यों नहीं पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार केंद्र की योजना का मुंह देख रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि केंद्र सरकार योजना नहीं लाती है, तो राज्य सरकार अपने बजट से राशि खर्च कर आदिवासियों को बिजली पहुंचाए। इसके जवाब में ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर बजट का अभाव बताते रहे। उन्होंने यह भी कह दिया कि आप लोग विरोध के लिए राजनीति कर रहे हैं। इस पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सदस्यों ने तीखा विरोध दर्ज कराया। आखिरकार मंत्री के जवाब के विरोध में उन्होंने सदन से वाकआउट कर दिया। इसी प्रकार जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग के बेतुके जवाब पर विपक्षी दल के विधायकों ने कहा कि मन की तैयारी से नहीं आए हैं। मंत्री के जवाब न देने पर कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। सदन में मंदसौर जिले के तीन गांवों के नाम बदलने का मुद्दा भी उठा। इस दौरान कयामपुर का नाम कैलाशपुर, रहीमगढ़ का नाम बजरंगगढ़ और इशाकपुर का नाम ईशापुर करने की मांग की गई है। इस मांग का कांग्रेस ने विरोध किया है। वहीं भाजपा का कहना है कि जनता की मांग पर इसका नाम बदला जाना चाहिए। इसी बीच पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं कांग्रेस विधायक एनपी प्रजापति ने आरोप लगाया कि सचिवालय के द्वारा उन लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। जब भी विपक्षी दल के विधायक बोलना शुरू करते हैं, तो उनका माइक बंद कर दिया जाता है, जबकि सत्तापक्ष के सदस्यों के साथ ऐसा नहीं होता। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष गौतम ने उनके आरोपों को गलत बताया। माइक बंद होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। हंगामा बढ़ते देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी। विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक संपन्न इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के सभापतित्व में शुक्रवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें बजट सत्र के काम-काज के संबंध में विचार-विमर्श हुआ। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वित्त-मंत्री जगदीश देवड़ा, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ,खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहूलाल सिंह, आदिम जाति काल्याण मंत्री मीना सिंह मांडवे, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, सज्जन सिंह वर्मा, केपी सिंह ‘कक्काजू’ सहित विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह भी उपस्थित थे।
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11 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों में भाजपा की ऐतिहासिक जीत पर खुशी जाहिर करते हुए कांग्रेस पर तंज कसा है। उन्होंने मध्यप्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा चलाए जा रहे घर-घर चलो अभियान पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कमलनाथ के घर-घर चलो अभियान को कांग्रेस अच्छी तरह स्वीकार कर पांच राज्यों में घर बैठ गई। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी को घर पर बैठाने का काम किया है। अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी घर बैठ जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में रामराज्य है। रामराज्य में सभी को स्थान होता है। शायर मुनव्वर राणा जी से प्रार्थना है कि राष्ट्र की मुख्यधारा में आकर अब उत्तर प्रदेश छोड़ने की मंशा को ही छोड़ दें। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में मध्य प्रदेश के कई नेताओं ने भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। इनमें मध्यप्रदेश की सीमा से लगी उत्तर प्रदेश की सीटों पर उन्हें विशेष जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं, यूपी चुनाव में नरोत्तम मिश्रा बेहद सक्रिय रहे। यूक्रेन से अब तक सकुशल लौटे मप्र के 515 लोग वहीं, उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यूक्रेन में फंसे मध्यप्रदेश के 515 लोग अब तक सकुशल वापस आ गए हैं। वहीं प्रदेश के 11 अन्य लोग यूक्रेन से निकल कर पड़ोसी देशों में सुरक्षित पहुंच गए हैं। अगर मध्यप्रदेश का कोई व्यक्ति अब भी यूक्रेन में फंसा है तो परिजन गृह विभाग को सूचित करें।
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11 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों में भाजपा की ऐतिहासिक जीत पर खुशी जाहिर करते हुए कांग्रेस पर तंज कसा है। उन्होंने मध्यप्रदेश में कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा चलाए जा रहे घर-घर चलो अभियान पर चुटकी लेते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कमलनाथ के घर-घर चलो अभियान को कांग्रेस अच्छी तरह स्वीकार कर पांच राज्यों में घर बैठ गई। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पार्टी को घर पर बैठाने का काम किया है। अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी घर बैठ जाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में रामराज्य है। रामराज्य में सभी को स्थान होता है। शायर मुनव्वर राणा जी से प्रार्थना है कि राष्ट्र की मुख्यधारा में आकर अब उत्तर प्रदेश छोड़ने की मंशा को ही छोड़ दें। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में मध्य प्रदेश के कई नेताओं ने भी सक्रिय भूमिका निभाई थी। इनमें मध्यप्रदेश की सीमा से लगी उत्तर प्रदेश की सीटों पर उन्हें विशेष जिम्मेदारी दी गई थी। वहीं, यूपी चुनाव में नरोत्तम मिश्रा बेहद सक्रिय रहे। यूक्रेन से अब तक सकुशल लौटे मप्र के 515 लोग वहीं, उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यूक्रेन में फंसे मध्यप्रदेश के 515 लोग अब तक सकुशल वापस आ गए हैं। वहीं प्रदेश के 11 अन्य लोग यूक्रेन से निकल कर पड़ोसी देशों में सुरक्षित पहुंच गए हैं। अगर मध्यप्रदेश का कोई व्यक्ति अब भी यूक्रेन में फंसा है तो परिजन गृह विभाग को सूचित करें।
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11 March 2022भोपाल। देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम गुरुवार को सामने आ गए है। पांच में से चार राज्यों में भाजपा की लहर है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है। यूपी समेत चार राज्यों में मिली प्रचण्ड जीत से मध्य प्रदेश में भी भाजपा के नेताओं व समर्थकों में खुशी की लहर है। पार्टी कार्यकर्ता डोल बजाकर और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का जश्न मना रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत पर आज शाम 4 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय पंडित दीनदयाल परिसर में पार्टी कार्यकर्ता उत्सव मनाएंगे। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। चार राज्यों में पार्टी को मिली जीत पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुशी जाहिर करते हुए आज के दिन को ऐतिहासिक बताया है। सीएम शिवराज ने विधानसभा में मीडिया से बातचीत करते हुए विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में मिली जीत पर कहा कि इन चुनाव परिणामों से साफ हुआ कि तुष्टीकरण की राजनीति अब नहीं चलेगी। आतंक और गुंडागर्दी फैलाने वालों का अब राजनीति में स्थान नहीं है। यह चुनाव संप्रदायवाद और जातिवाद से ऊपर उठा है। मोदी जी के प्रति विश्वास और डबल इंजन की सरकार को जनता ने भाजपा को आशीर्वाद दिया। उन्होंने चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उनकी कल्याणकारी योजनाओं को जमीन पर उतारने का परिणाम है। अब स्पष्ट है कि तुष्टिकरण की राजनीति नहीं चलेगी। सीएम शिवराज ने कहा कि विधानसभा चुनाव परिणामों में भाजपा चार राज्यों में महाविजय की ओर बढ़ रही है। यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की नीतियों पर जनता के विश्वास की जीत है।
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10 March 2022भोपाल। देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम गुरुवार को सामने आ गए है। पांच में से चार राज्यों में भाजपा की लहर है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है। यूपी समेत चार राज्यों में मिली प्रचण्ड जीत से मध्य प्रदेश में भी भाजपा के नेताओं व समर्थकों में खुशी की लहर है। पार्टी कार्यकर्ता डोल बजाकर और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का जश्न मना रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत पर आज शाम 4 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय पंडित दीनदयाल परिसर में पार्टी कार्यकर्ता उत्सव मनाएंगे। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। चार राज्यों में पार्टी को मिली जीत पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुशी जाहिर करते हुए आज के दिन को ऐतिहासिक बताया है। सीएम शिवराज ने विधानसभा में मीडिया से बातचीत करते हुए विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में मिली जीत पर कहा कि इन चुनाव परिणामों से साफ हुआ कि तुष्टीकरण की राजनीति अब नहीं चलेगी। आतंक और गुंडागर्दी फैलाने वालों का अब राजनीति में स्थान नहीं है। यह चुनाव संप्रदायवाद और जातिवाद से ऊपर उठा है। मोदी जी के प्रति विश्वास और डबल इंजन की सरकार को जनता ने भाजपा को आशीर्वाद दिया। उन्होंने चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उनकी कल्याणकारी योजनाओं को जमीन पर उतारने का परिणाम है। अब स्पष्ट है कि तुष्टिकरण की राजनीति नहीं चलेगी। सीएम शिवराज ने कहा कि विधानसभा चुनाव परिणामों में भाजपा चार राज्यों में महाविजय की ओर बढ़ रही है। यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की नीतियों पर जनता के विश्वास की जीत है।
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10 March 2022भोपाल। देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम गुरुवार को सामने आ गए है। पांच में से चार राज्यों में भाजपा की लहर है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है। यूपी समेत चार राज्यों में मिली प्रचण्ड जीत से मध्य प्रदेश में भी भाजपा के नेताओं व समर्थकों में खुशी की लहर है। पार्टी कार्यकर्ता डोल बजाकर और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का जश्न मना रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत पर आज शाम 4 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय पंडित दीनदयाल परिसर में पार्टी कार्यकर्ता उत्सव मनाएंगे। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। चार राज्यों में पार्टी को मिली जीत पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुशी जाहिर करते हुए आज के दिन को ऐतिहासिक बताया है। सीएम शिवराज ने विधानसभा में मीडिया से बातचीत करते हुए विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में मिली जीत पर कहा कि इन चुनाव परिणामों से साफ हुआ कि तुष्टीकरण की राजनीति अब नहीं चलेगी। आतंक और गुंडागर्दी फैलाने वालों का अब राजनीति में स्थान नहीं है। यह चुनाव संप्रदायवाद और जातिवाद से ऊपर उठा है। मोदी जी के प्रति विश्वास और डबल इंजन की सरकार को जनता ने भाजपा को आशीर्वाद दिया। उन्होंने चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उनकी कल्याणकारी योजनाओं को जमीन पर उतारने का परिणाम है। अब स्पष्ट है कि तुष्टिकरण की राजनीति नहीं चलेगी। सीएम शिवराज ने कहा कि विधानसभा चुनाव परिणामों में भाजपा चार राज्यों में महाविजय की ओर बढ़ रही है। यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की नीतियों पर जनता के विश्वास की जीत है।
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10 March 2022भोपाल। देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम गुरुवार को सामने आ गए है। पांच में से चार राज्यों में भाजपा की लहर है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है। यूपी समेत चार राज्यों में मिली प्रचण्ड जीत से मध्य प्रदेश में भी भाजपा के नेताओं व समर्थकों में खुशी की लहर है। पार्टी कार्यकर्ता डोल बजाकर और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का जश्न मना रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत पर आज शाम 4 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय पंडित दीनदयाल परिसर में पार्टी कार्यकर्ता उत्सव मनाएंगे। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। चार राज्यों में पार्टी को मिली जीत पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुशी जाहिर करते हुए आज के दिन को ऐतिहासिक बताया है। सीएम शिवराज ने विधानसभा में मीडिया से बातचीत करते हुए विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में मिली जीत पर कहा कि इन चुनाव परिणामों से साफ हुआ कि तुष्टीकरण की राजनीति अब नहीं चलेगी। आतंक और गुंडागर्दी फैलाने वालों का अब राजनीति में स्थान नहीं है। यह चुनाव संप्रदायवाद और जातिवाद से ऊपर उठा है। मोदी जी के प्रति विश्वास और डबल इंजन की सरकार को जनता ने भाजपा को आशीर्वाद दिया। उन्होंने चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उनकी कल्याणकारी योजनाओं को जमीन पर उतारने का परिणाम है। अब स्पष्ट है कि तुष्टिकरण की राजनीति नहीं चलेगी। सीएम शिवराज ने कहा कि विधानसभा चुनाव परिणामों में भाजपा चार राज्यों में महाविजय की ओर बढ़ रही है। यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की नीतियों पर जनता के विश्वास की जीत है।
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10 March 2022भोपाल। देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम गुरुवार को सामने आ गए है। पांच में से चार राज्यों में भाजपा की लहर है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है। यूपी समेत चार राज्यों में मिली प्रचण्ड जीत से मध्य प्रदेश में भी भाजपा के नेताओं व समर्थकों में खुशी की लहर है। पार्टी कार्यकर्ता डोल बजाकर और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का जश्न मना रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत पर आज शाम 4 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय पंडित दीनदयाल परिसर में पार्टी कार्यकर्ता उत्सव मनाएंगे। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। चार राज्यों में पार्टी को मिली जीत पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुशी जाहिर करते हुए आज के दिन को ऐतिहासिक बताया है। सीएम शिवराज ने विधानसभा में मीडिया से बातचीत करते हुए विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में मिली जीत पर कहा कि इन चुनाव परिणामों से साफ हुआ कि तुष्टीकरण की राजनीति अब नहीं चलेगी। आतंक और गुंडागर्दी फैलाने वालों का अब राजनीति में स्थान नहीं है। यह चुनाव संप्रदायवाद और जातिवाद से ऊपर उठा है। मोदी जी के प्रति विश्वास और डबल इंजन की सरकार को जनता ने भाजपा को आशीर्वाद दिया। उन्होंने चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उनकी कल्याणकारी योजनाओं को जमीन पर उतारने का परिणाम है। अब स्पष्ट है कि तुष्टिकरण की राजनीति नहीं चलेगी। सीएम शिवराज ने कहा कि विधानसभा चुनाव परिणामों में भाजपा चार राज्यों में महाविजय की ओर बढ़ रही है। यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की नीतियों पर जनता के विश्वास की जीत है।
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10 March 2022भोपाल। देश के पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम गुरुवार को सामने आ गए है। पांच में से चार राज्यों में भाजपा की लहर है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनने जा रही है। यूपी समेत चार राज्यों में मिली प्रचण्ड जीत से मध्य प्रदेश में भी भाजपा के नेताओं व समर्थकों में खुशी की लहर है। पार्टी कार्यकर्ता डोल बजाकर और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का जश्न मना रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत पर आज शाम 4 बजे भाजपा प्रदेश कार्यालय पंडित दीनदयाल परिसर में पार्टी कार्यकर्ता उत्सव मनाएंगे। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। चार राज्यों में पार्टी को मिली जीत पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुशी जाहिर करते हुए आज के दिन को ऐतिहासिक बताया है। सीएम शिवराज ने विधानसभा में मीडिया से बातचीत करते हुए विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में मिली जीत पर कहा कि इन चुनाव परिणामों से साफ हुआ कि तुष्टीकरण की राजनीति अब नहीं चलेगी। आतंक और गुंडागर्दी फैलाने वालों का अब राजनीति में स्थान नहीं है। यह चुनाव संप्रदायवाद और जातिवाद से ऊपर उठा है। मोदी जी के प्रति विश्वास और डबल इंजन की सरकार को जनता ने भाजपा को आशीर्वाद दिया। उन्होंने चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उनकी कल्याणकारी योजनाओं को जमीन पर उतारने का परिणाम है। अब स्पष्ट है कि तुष्टिकरण की राजनीति नहीं चलेगी। सीएम शिवराज ने कहा कि विधानसभा चुनाव परिणामों में भाजपा चार राज्यों में महाविजय की ओर बढ़ रही है। यह हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की नीतियों पर जनता के विश्वास की जीत है।
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10 March 2022भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दराें पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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9 March 2022भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दराें पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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9 March 2022भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दराें पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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9 March 2022भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दराें पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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9 March 2022भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दराें पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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9 March 2022भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दराें पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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9 March 2022भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दराें पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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9 March 2022भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दराें पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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9 March 2022भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दराें पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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9 March 2022भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दराें पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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9 March 2022भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दराें पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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9 March 2022भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दराें पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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9 March 2022भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दराें पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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9 March 2022भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में बुधवार को राज्य सरकार द्वारा विपक्ष के जोरदार हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश किया गया। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट में सरकारी कर्मचारियों को बड़ी सौगात दी। उन्होंने बजट भाषण में कहा कि महंगाई भत्ता 20 फीसदी से बढ़ाकर 31 फीसदी किया जाएगा। इससे साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य में एमबीबीएस नर्सिंग की सीटें बढ़ाने के साथ राज्य में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति करने की घोषणा की। राज्य का कुल बजट 2 लाख 79 हजार 237 करोड़ का है। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत हंगामे से हुई। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को सदन में अपने कार्यकाल के दूसरे बजट पेश किया। उन्होंने जैसे ही बजट भाषण शुरू किया, विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने विपक्ष को समझाते हुए शांति से बजट भाषण सुनने को कहा लेकिन कांग्रेस विधायक आसंदी के सामने पहुंच गए और जोरदार नारेबाजी करने लगे। कांग्रेस का कहना था कि प्रदेश में एक साल में साढ़े पांच लाख लोग बेरोजगार हो गए। बिजली के बिल के नाम पर सरकार लोगों को जेल में डालने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष से अपील करते हुए कहा कि बजट भाषण हो जाने दीजिए। प्रदेश की जनता सुनना चाहती है। ऐसा नहीं होगा तो कांग्रेस की छवि खराब होगी। बजट के बाद जितना विरोध करना है, कर लेना। इसके बावजूद हंगामा जारी रहा। वित्त मंत्री देवड़ा ने हंगामे के बीच ही बजट भाषण पढ़ा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में 13 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। सागर और उज्जैन में सोलर प्लांट लगाए जाएंगे। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क शुरू हो रहे हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को मंजूरी दी गई है। उद्योगों को रियायती दराें पर जमीन दी जाएगी। राज्य में 11 नए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। इससे 11 हजार से ज्यादा रोजगार के अवसर विकसित होंगे। मध्य प्रदेश में इस बार कोई नया कर नहीं लगाया गया है। सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 20% से बढ़ाकर 31% किया जाएगा। साढ़े सात लाख कर्मचारियों को इसका फायदा होगा। वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का संकल्प है। राज्य सरकार पूरी तरह से अन्नदाताओं के साथ है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता 43 लाख हेक्टेयर में पहुंची है। 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था। 21 हजार करोड़ रुपये की बिजली सब्सिडी दी गई। 2500 करोड़ बिजली सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। 4000 किमी सड़कें बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अटल प्रगति पथ का काम शुरू हो चुका है। सीएम राइज योजना के तहत मध्य प्रदेश 360 स्कूल खोलने का लक्ष्य है। मध्य प्रदेश के सागर, शाजापुर और उज्जैन में सोलर प्लांट बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वर्ष 2011-12 से 2021-22 की अवधि में स्थिर भावों पर 7.09 प्रतिशत औसत वृद्धि दर्ज की गई है। प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई की व्यवस्था की गई। अब 4 हजार किमी सड़क बनाने का लक्ष्य है। जल-जीवन मिशन के तहत घर-घर पानी पहुंचाया गया है। बुरहानपुर जिले में हर घर को नल से जोड़ा गया। जल जीवन मिशन सरकार की प्राथमिकता है। ग्रामीण अंचलों में विकास की रफ्तार बढ़ी है। मध्य प्रदेश की फसलों को जीआई टैग दिलाने का प्रयास जारी है। गो संवर्धन के लिए मध्य प्रदेश में नई योजनाएं शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि 2020-21 में राजकोषीय घाटा 49869.29 करोड़ रुपये रहा जबकि 2021-22 में राजस्व घाटा 5701.14 करोड़ रुपये रहने की संभावना है। 2021-22 में राजस्व प्राप्तियों का पुनरीक्षित अनुमान 171697.24 करोड़ है, जो बजट अनुमान 164677.45 करोड़ से 4.26 प्रतिशत अधिक है। वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर नए रोजगार शुरू किए जाएंगे। मध्य प्रदेश में 31 लाख हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 10 हजार करोड़ का प्रावधान रखा गया है। प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए सरकार लगातार बेहतरी का प्रयास कर रही है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 12 हजार खिलाड़ियों की प्रतिभागिता का अनुमान है। प्रदेश में नवीन हवाई पट्टियों का निर्माण कार्य जारी। युवाओं को रोजगार ऋण प्रदान किया जाएगा। मध्य प्रदेश में मछली उत्पादन बढ़ा है। यह 3776 करोड़ रुपये के घाटे का बजट है। देवड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार 48,800 करोड़ रुपये सरकार अधोसंरचना पर खर्च करेगी। सरकारी प्राथमिक शालाओं की स्थापना हेतु 10345 रुपये का प्रावधान है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में पीपीपी माडल पर 217 इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। तीन हजार किमी की नई सड़कें बनेंगे। एक हजार 250 किमी सड़क का नवीनीकरण होगा। 88 पुल-पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सरकारी भवनों के निर्माण के लिए नई कंपनी बिल्डिंग डेवलपमेंट कार्पोरेशन का गठन किया जाएगा। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के लिए क्वालिटी एश्योरेंस काउंसिल का गठन किया जाएगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 2000 करोड़ों और निवेश प्रोत्साहन योजना के लिए 1450 करोड़ रुपये का प्रावधान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत एक हजार 200 किमी सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। नगरीय सड़कों के लिए बजट में 608 करोड़ तथा आंगनबाड़ी सेवाएं और पोषण मिशन के लिए 1192 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
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9 March 2022भोपाल। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में महिला कांग्रेस द्वारा ‘महिला सम्मान दिवस’ मनाकर समाज में विशिष्ट पहचान बनाने वाली विभिन्न क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं का सम्मान किया गया। इस अवसर पर महिला कांग्रेस नेत्रियों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी उपस्थित महिलाओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि दिवस तो बहुत आते हैं पर आज सबसे महत्वपूर्ण दिवस है ‘महिला दिवस’। इस मौके पर कमलनाथ ने कहा कि हमारी बहने सिर्फ घर ही नहीं संभालती, सिर्फ परिवार का पालन-पोषण ही नहीं करती, बल्कि वह समाज और संस्कृति की रक्षा भी कर सकती हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि ऐसा कोई देश नहीं है, जहां इतने देवी देवता हैं, इतनी जातियां हो, इतने धर्म, इतनी भाषाएं हो जो हमारे देश में हैं। हमारे देश का संविधान, हमारे देश की संस्कृति से जुड़ा हुआ है और हमारे देश की संस्कृति हमारे रिश्तों को जोड़ती है, हमारे दिलों को जोड़ती है, संबंधों को जोड़ती है। समाज सेवा और राजनीति सब अपनी जगह है, सबसे बड़ी है सेवा है संस्कृति की रक्षा। इतनी विभिन्नता होने के बाद भी हमारा देश आज एक झंडे के नीचे खड़ा है। बाबा साहब के सामने बहुत बड़ी चुनौती थी कि देश को कैसा संविधान दिया जाये, कैसे देश को एकता और अखंडता से एक सूत्र में पिरोया जाये, बाबा साहब ने देश को एकता के सूत्र में बांधा। लेकिन बाबा साहब ने हमें जो संविधान दिया उस पर आज आक्रमण किया जा रहा है। हमारा संविधान यदि गलत हाथों में चला गया तो देश का क्या होगा। हमारा संविधान ही हमारे देश की संस्कृति है, महिला शक्ति ही सबसे बड़ी शक्ति है। हमारे देश की पहचान आध्यात्मिक शक्ति से है। हमें अपने आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करना होगी। आप परिवार के रक्षक ही नहीं देश के भविष्य के रक्षक भी हैं। यदि महिलाओं ने देश की रक्षा का संकल्प ले लिया तो कोई ताकत हमें आगे आने से रोक नहीं सकती है। मप्र महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल ने संबोधित करते हुए कहा कि आज महिलाएं सशक्त हो रही हैं, और वे सशक्त होकर राजनीति में ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। चाहे वह शिक्षा हो, चिकित्सा हो, सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक क्षेत्र हो सभी क्षेत्र में महिलाएं अपनी पहचान बना रही है। कांग्रेस ने ही महिलाओं को अधिकारिता दी, उन्हें सम्मान दिया है। रानी अवंती बाई, रानी कमलापति, रानी दुर्गावती, लक्ष्मीबाई सभी ने इस धरा पर संघर्ष किया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला कांग्रेस द्वारा महिला सम्मान दिवस मनाकर विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने वाली महिलाएं, जिसमें चिकित्सा क्षेत्र में डॉ. कपिला, डॉ. स्वेता आनंद, एडवोकेट सुश्री अंजना बानखेड़े, विनीता श्रीवास्तव, अर्चना कोठारी, खेल कूद क्षेत्र में मानसी बाथम, गोल्ड नेशनल चेंपीयन मिनल खान और सानिया बाथम, स्केेंडिंग नेशनल चेंपीयन मीनल खान, सामाजिक कार्यकर्ता अंशु गुप्ता और पूजा राजपूत, नर्सिंग क्षेत्र में पुष्पलता खांडे, स्नेह लता जेम्स, मनारमा, दीपश्री, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सितारा बाजी और रेखा सिंह, आशा कार्यकर्ता आमना, मीना मरके और कट्टू बाई और सफाई क्षेत्र में अनिता बाई और छोटी बाई को सम्मानित किया गया।
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8 March 2022भोपाल। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में महिला कांग्रेस द्वारा ‘महिला सम्मान दिवस’ मनाकर समाज में विशिष्ट पहचान बनाने वाली विभिन्न क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं का सम्मान किया गया। इस अवसर पर महिला कांग्रेस नेत्रियों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी उपस्थित महिलाओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि दिवस तो बहुत आते हैं पर आज सबसे महत्वपूर्ण दिवस है ‘महिला दिवस’। इस मौके पर कमलनाथ ने कहा कि हमारी बहने सिर्फ घर ही नहीं संभालती, सिर्फ परिवार का पालन-पोषण ही नहीं करती, बल्कि वह समाज और संस्कृति की रक्षा भी कर सकती हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि ऐसा कोई देश नहीं है, जहां इतने देवी देवता हैं, इतनी जातियां हो, इतने धर्म, इतनी भाषाएं हो जो हमारे देश में हैं। हमारे देश का संविधान, हमारे देश की संस्कृति से जुड़ा हुआ है और हमारे देश की संस्कृति हमारे रिश्तों को जोड़ती है, हमारे दिलों को जोड़ती है, संबंधों को जोड़ती है। समाज सेवा और राजनीति सब अपनी जगह है, सबसे बड़ी है सेवा है संस्कृति की रक्षा। इतनी विभिन्नता होने के बाद भी हमारा देश आज एक झंडे के नीचे खड़ा है। बाबा साहब के सामने बहुत बड़ी चुनौती थी कि देश को कैसा संविधान दिया जाये, कैसे देश को एकता और अखंडता से एक सूत्र में पिरोया जाये, बाबा साहब ने देश को एकता के सूत्र में बांधा। लेकिन बाबा साहब ने हमें जो संविधान दिया उस पर आज आक्रमण किया जा रहा है। हमारा संविधान यदि गलत हाथों में चला गया तो देश का क्या होगा। हमारा संविधान ही हमारे देश की संस्कृति है, महिला शक्ति ही सबसे बड़ी शक्ति है। हमारे देश की पहचान आध्यात्मिक शक्ति से है। हमें अपने आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करना होगी। आप परिवार के रक्षक ही नहीं देश के भविष्य के रक्षक भी हैं। यदि महिलाओं ने देश की रक्षा का संकल्प ले लिया तो कोई ताकत हमें आगे आने से रोक नहीं सकती है। मप्र महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल ने संबोधित करते हुए कहा कि आज महिलाएं सशक्त हो रही हैं, और वे सशक्त होकर राजनीति में ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। चाहे वह शिक्षा हो, चिकित्सा हो, सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक क्षेत्र हो सभी क्षेत्र में महिलाएं अपनी पहचान बना रही है। कांग्रेस ने ही महिलाओं को अधिकारिता दी, उन्हें सम्मान दिया है। रानी अवंती बाई, रानी कमलापति, रानी दुर्गावती, लक्ष्मीबाई सभी ने इस धरा पर संघर्ष किया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला कांग्रेस द्वारा महिला सम्मान दिवस मनाकर विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने वाली महिलाएं, जिसमें चिकित्सा क्षेत्र में डॉ. कपिला, डॉ. स्वेता आनंद, एडवोकेट सुश्री अंजना बानखेड़े, विनीता श्रीवास्तव, अर्चना कोठारी, खेल कूद क्षेत्र में मानसी बाथम, गोल्ड नेशनल चेंपीयन मिनल खान और सानिया बाथम, स्केेंडिंग नेशनल चेंपीयन मीनल खान, सामाजिक कार्यकर्ता अंशु गुप्ता और पूजा राजपूत, नर्सिंग क्षेत्र में पुष्पलता खांडे, स्नेह लता जेम्स, मनारमा, दीपश्री, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सितारा बाजी और रेखा सिंह, आशा कार्यकर्ता आमना, मीना मरके और कट्टू बाई और सफाई क्षेत्र में अनिता बाई और छोटी बाई को सम्मानित किया गया।
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8 March 2022भोपाल। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में महिला कांग्रेस द्वारा ‘महिला सम्मान दिवस’ मनाकर समाज में विशिष्ट पहचान बनाने वाली विभिन्न क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं का सम्मान किया गया। इस अवसर पर महिला कांग्रेस नेत्रियों को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी उपस्थित महिलाओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि दिवस तो बहुत आते हैं पर आज सबसे महत्वपूर्ण दिवस है ‘महिला दिवस’। इस मौके पर कमलनाथ ने कहा कि हमारी बहने सिर्फ घर ही नहीं संभालती, सिर्फ परिवार का पालन-पोषण ही नहीं करती, बल्कि वह समाज और संस्कृति की रक्षा भी कर सकती हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि ऐसा कोई देश नहीं है, जहां इतने देवी देवता हैं, इतनी जातियां हो, इतने धर्म, इतनी भाषाएं हो जो हमारे देश में हैं। हमारे देश का संविधान, हमारे देश की संस्कृति से जुड़ा हुआ है और हमारे देश की संस्कृति हमारे रिश्तों को जोड़ती है, हमारे दिलों को जोड़ती है, संबंधों को जोड़ती है। समाज सेवा और राजनीति सब अपनी जगह है, सबसे बड़ी है सेवा है संस्कृति की रक्षा। इतनी विभिन्नता होने के बाद भी हमारा देश आज एक झंडे के नीचे खड़ा है। बाबा साहब के सामने बहुत बड़ी चुनौती थी कि देश को कैसा संविधान दिया जाये, कैसे देश को एकता और अखंडता से एक सूत्र में पिरोया जाये, बाबा साहब ने देश को एकता के सूत्र में बांधा। लेकिन बाबा साहब ने हमें जो संविधान दिया उस पर आज आक्रमण किया जा रहा है। हमारा संविधान यदि गलत हाथों में चला गया तो देश का क्या होगा। हमारा संविधान ही हमारे देश की संस्कृति है, महिला शक्ति ही सबसे बड़ी शक्ति है। हमारे देश की पहचान आध्यात्मिक शक्ति से है। हमें अपने आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करना होगी। आप परिवार के रक्षक ही नहीं देश के भविष्य के रक्षक भी हैं। यदि महिलाओं ने देश की रक्षा का संकल्प ले लिया तो कोई ताकत हमें आगे आने से रोक नहीं सकती है। मप्र महिला कांग्रेस की अध्यक्ष विभा पटेल ने संबोधित करते हुए कहा कि आज महिलाएं सशक्त हो रही हैं, और वे सशक्त होकर राजनीति में ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। चाहे वह शिक्षा हो, चिकित्सा हो, सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक क्षेत्र हो सभी क्षेत्र में महिलाएं अपनी पहचान बना रही है। कांग्रेस ने ही महिलाओं को अधिकारिता दी, उन्हें सम्मान दिया है। रानी अवंती बाई, रानी कमलापति, रानी दुर्गावती, लक्ष्मीबाई सभी ने इस धरा पर संघर्ष किया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला कांग्रेस द्वारा महिला सम्मान दिवस मनाकर विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने वाली महिलाएं, जिसमें चिकित्सा क्षेत्र में डॉ. कपिला, डॉ. स्वेता आनंद, एडवोकेट सुश्री अंजना बानखेड़े, विनीता श्रीवास्तव, अर्चना कोठारी, खेल कूद क्षेत्र में मानसी बाथम, गोल्ड नेशनल चेंपीयन मिनल खान और सानिया बाथम, स्केेंडिंग नेशनल चेंपीयन मीनल खान, सामाजिक कार्यकर्ता अंशु गुप्ता और पूजा राजपूत, नर्सिंग क्षेत्र में पुष्पलता खांडे, स्नेह लता जेम्स, मनारमा, दीपश्री, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सितारा बाजी और रेखा सिंह, आशा कार्यकर्ता आमना, मीना मरके और कट्टू बाई और सफाई क्षेत्र में अनिता बाई और छोटी बाई को सम्मानित किया गया।
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8 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिदिन पौधरोपण करने के संकल्प के क्रम में मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भोपाल के स्मार्ट उद्यान में स्वयंसेवी संस्था नारी शक्ति की सदस्यों, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, महिला सुरक्षा प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव तथा महिला सुरक्षा कर्मियों के साथ पौध-रोपण किया। उन्होंने करंज और मौलश्री का पौधा लगाया। नारी शक्ति संस्था की प्रीति वत्स, भागवती शमशेरिया, रूबी गुप्ता तथा सामाजिक कार्यकर्ता नेहा बग्गा भी पौध-रोपण में शामिल हुई। उल्लेखनीय है कि नारी शक्ति संस्था विगत दस वर्षों से पर्यावरण एवं अन्य सामाजिक कार्यों से जुड़ी है। संस्था ने पर्यावरण-संरक्षण के लिए रहवासी एवं झुग्गी बस्ती क्षेत्र में करीब 2200 पौधे लगाए हैं। संस्था झुग्गी बस्तियों में किताबे, राशन, पुराने कपड़े, दवाइयाँ एवं जूते-चप्पले इत्यादि मुहैया कराती है। साथ ही गरीब बच्चों को सरकारी स्कूल, कॉलेज में दाखिला कराने में मदद करती है। कल्पना नगर में रानी पद्मावती पार्क के निर्माण में भी संस्था नगर निगम के साथ विशेष रूप से सक्रिय रही है। महिला सशक्तिकरण के बिना कोई राष्ट्र या समाज सबल नहीं बन सकता मुख्यमंत्री ने पौध-रोपण के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदेश की सभी महिलाओं को शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि बिना महिला सशक्तिकरण के कोई राष्ट्र या समाज सबल नहीं बन सकता है। भारत में अत्यंत प्राचीन काल से ही माँ, बहन और बेटी का स्थान सबसे ऊपर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में बेटी बचाओ अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, प्रधानमंत्री आवास के मकान महिलाओं के नाम, नि:शुल्क रसोई गैस कनेक्शन, नि:शुल्क राशन, हर घर में शौचालय तथा बेटियों की पढ़ाई के लिए अनेक योजनाओं का क्रियान्वयन जारी है। इन योजनाओं से महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित हुई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक योजनाएँ बनाई हैं। प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना, बेटियों को पढ़ाई के लिए नि:शुल्क साइकिल एवं पाठ्य-पुस्तकों का वितरण, गाँव की बेटी योजना, प्रतिभा किरण योजना और मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के माध्यम से महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए कई अभियान संचालित है। उन्होंने कहा, मुझे यह कहते हुए गर्व है कि मध्यप्रदेश पहला राज्य था, जिसने राजनीतिक सशक्तिकरण के लिए बहनों को चुनाव में 50% आरक्षण दिया। परिणामस्वरूप महिलाएँ चुनकर आई और उन्होंने स्थानीय निकायों में सशक्त नेतृत्व प्रदान किया। महिला जन-प्रतिनिधियों ने विकास के नए आयाम स्थापित किए। आर्थिक सशक्तिकरण के लिए शिक्षकों की भर्ती में 50% आरक्षण दिया गया है। राज्य सरकार के क्रांतिकारी फैसले से पुलिस फोर्स में 30% भर्ती महिलाओं की होगी। यह प्रसन्नता का विषय है कि आज मेरी सुरक्षा का दायित्व बेटियाँ ही संभाल रही है। बेटियाँ कानून-व्यवस्था को ठीक करने में पूरी क्षमता के साथ जुटी हैं। उन्होंने कहा कि सामान्य शासकीय भर्तियों में भी 33% आरक्षण महिलाओं को दिया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार ने महिला स्व-सहायता समूह को सशक्त बनाने का फैसला किया है। आजीविका मिशन से 40 लाख बहनें स्व-सहायता समूहों से जुड़कर अलग-अलग व्यापार और विभिन्न कार्य कर रही हैं। संपत्तियों की खरीद में महिला के नाम संपत्ति होने की स्थिति में स्टांप शुल्क पर 1% छूट का विशेष प्रावधान है। इसका परिणाम यह है कि पिछले वर्ष ही लगभग 2 लाख 54 हजार रजिस्ट्री महिलाओं के नाम पर हुई हैं, इससे महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में मदद मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देवास में पोषण आहार बनाने के संयंत्र का प्रबंधन महिलाओं को सौंपा जा रहा है। साथ ही 300 करोड़ रुपये से ज्यादा का बैंक लिंकेज महिला स्व-सहायता समूहों को प्रदान किया जाएगा। महिला सशक्तिकरण का कार्य राज्य सरकार के लिए मिशन है, यह निरंतर जारी रहेगा।
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8 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। यह बजट 25 मार्च तक चलेगा और सत्र में कुल 13 बैठकें होंगी। राज्य सरकार 9 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत करेगी। बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को बधाई दी गई। सोमवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले सुबह साढ़े दस बजे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। इसमें उन विषयों पर विचार विमर्श किया गया, जिन पर सदन में चर्चा कराई जानी है। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित वरिष्ठ विधायक उपस्थित रहे। इसके बाद विधानसभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के उद्बोधन के साथ सत्र की औपचारिक शुरुआत हुई। राज्य में कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद हो रहे इस सत्र में दर्शक दीर्घाएं खुली गई हैं, लेकिन प्रवेश सीमित संख्या में ही दिया गया है। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इस संबंध में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि कोरोना के नियंत्रण में होने और शासन ने सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने और दर्शक दीर्घाएं खोले जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि अभी सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। कोरोना संबंधी जांच की व्यवस्था डिस्प्रेंसरी में रखी गई है। सभी प्रवेश द्वार पर तापमान लेने और सैनिटाइजर की व्यवस्था रखी गई है। शारीरिक दूरी का पालन भी सुनिश्चित कराया जाएगा।
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7 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। यह बजट 25 मार्च तक चलेगा और सत्र में कुल 13 बैठकें होंगी। राज्य सरकार 9 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत करेगी। बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को बधाई दी गई। सोमवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले सुबह साढ़े दस बजे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। इसमें उन विषयों पर विचार विमर्श किया गया, जिन पर सदन में चर्चा कराई जानी है। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित वरिष्ठ विधायक उपस्थित रहे। इसके बाद विधानसभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के उद्बोधन के साथ सत्र की औपचारिक शुरुआत हुई। राज्य में कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद हो रहे इस सत्र में दर्शक दीर्घाएं खुली गई हैं, लेकिन प्रवेश सीमित संख्या में ही दिया गया है। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इस संबंध में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि कोरोना के नियंत्रण में होने और शासन ने सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने और दर्शक दीर्घाएं खोले जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि अभी सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। कोरोना संबंधी जांच की व्यवस्था डिस्प्रेंसरी में रखी गई है। सभी प्रवेश द्वार पर तापमान लेने और सैनिटाइजर की व्यवस्था रखी गई है। शारीरिक दूरी का पालन भी सुनिश्चित कराया जाएगा।
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7 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। यह बजट 25 मार्च तक चलेगा और सत्र में कुल 13 बैठकें होंगी। राज्य सरकार 9 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत करेगी। बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को बधाई दी गई। सोमवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले सुबह साढ़े दस बजे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। इसमें उन विषयों पर विचार विमर्श किया गया, जिन पर सदन में चर्चा कराई जानी है। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित वरिष्ठ विधायक उपस्थित रहे। इसके बाद विधानसभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के उद्बोधन के साथ सत्र की औपचारिक शुरुआत हुई। राज्य में कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद हो रहे इस सत्र में दर्शक दीर्घाएं खुली गई हैं, लेकिन प्रवेश सीमित संख्या में ही दिया गया है। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इस संबंध में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि कोरोना के नियंत्रण में होने और शासन ने सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने और दर्शक दीर्घाएं खोले जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि अभी सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। कोरोना संबंधी जांच की व्यवस्था डिस्प्रेंसरी में रखी गई है। सभी प्रवेश द्वार पर तापमान लेने और सैनिटाइजर की व्यवस्था रखी गई है। शारीरिक दूरी का पालन भी सुनिश्चित कराया जाएगा।
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7 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। यह बजट 25 मार्च तक चलेगा और सत्र में कुल 13 बैठकें होंगी। राज्य सरकार 9 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत करेगी। बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को बधाई दी गई। सोमवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले सुबह साढ़े दस बजे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। इसमें उन विषयों पर विचार विमर्श किया गया, जिन पर सदन में चर्चा कराई जानी है। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित वरिष्ठ विधायक उपस्थित रहे। इसके बाद विधानसभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के उद्बोधन के साथ सत्र की औपचारिक शुरुआत हुई। राज्य में कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद हो रहे इस सत्र में दर्शक दीर्घाएं खुली गई हैं, लेकिन प्रवेश सीमित संख्या में ही दिया गया है। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इस संबंध में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि कोरोना के नियंत्रण में होने और शासन ने सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने और दर्शक दीर्घाएं खोले जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि अभी सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। कोरोना संबंधी जांच की व्यवस्था डिस्प्रेंसरी में रखी गई है। सभी प्रवेश द्वार पर तापमान लेने और सैनिटाइजर की व्यवस्था रखी गई है। शारीरिक दूरी का पालन भी सुनिश्चित कराया जाएगा।
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7 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। यह बजट 25 मार्च तक चलेगा और सत्र में कुल 13 बैठकें होंगी। राज्य सरकार 9 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत करेगी। बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को बधाई दी गई। सोमवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले सुबह साढ़े दस बजे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। इसमें उन विषयों पर विचार विमर्श किया गया, जिन पर सदन में चर्चा कराई जानी है। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित वरिष्ठ विधायक उपस्थित रहे। इसके बाद विधानसभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के उद्बोधन के साथ सत्र की औपचारिक शुरुआत हुई। राज्य में कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद हो रहे इस सत्र में दर्शक दीर्घाएं खुली गई हैं, लेकिन प्रवेश सीमित संख्या में ही दिया गया है। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इस संबंध में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि कोरोना के नियंत्रण में होने और शासन ने सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने और दर्शक दीर्घाएं खोले जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि अभी सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। कोरोना संबंधी जांच की व्यवस्था डिस्प्रेंसरी में रखी गई है। सभी प्रवेश द्वार पर तापमान लेने और सैनिटाइजर की व्यवस्था रखी गई है। शारीरिक दूरी का पालन भी सुनिश्चित कराया जाएगा।
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7 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। यह बजट 25 मार्च तक चलेगा और सत्र में कुल 13 बैठकें होंगी। राज्य सरकार 9 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत करेगी। बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को बधाई दी गई। सोमवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले सुबह साढ़े दस बजे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। इसमें उन विषयों पर विचार विमर्श किया गया, जिन पर सदन में चर्चा कराई जानी है। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित वरिष्ठ विधायक उपस्थित रहे। इसके बाद विधानसभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के उद्बोधन के साथ सत्र की औपचारिक शुरुआत हुई। राज्य में कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद हो रहे इस सत्र में दर्शक दीर्घाएं खुली गई हैं, लेकिन प्रवेश सीमित संख्या में ही दिया गया है। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इस संबंध में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि कोरोना के नियंत्रण में होने और शासन ने सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने और दर्शक दीर्घाएं खोले जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि अभी सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। कोरोना संबंधी जांच की व्यवस्था डिस्प्रेंसरी में रखी गई है। सभी प्रवेश द्वार पर तापमान लेने और सैनिटाइजर की व्यवस्था रखी गई है। शारीरिक दूरी का पालन भी सुनिश्चित कराया जाएगा।
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7 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। यह बजट 25 मार्च तक चलेगा और सत्र में कुल 13 बैठकें होंगी। राज्य सरकार 9 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत करेगी। बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को बधाई दी गई। सोमवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले सुबह साढ़े दस बजे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। इसमें उन विषयों पर विचार विमर्श किया गया, जिन पर सदन में चर्चा कराई जानी है। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित वरिष्ठ विधायक उपस्थित रहे। इसके बाद विधानसभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के उद्बोधन के साथ सत्र की औपचारिक शुरुआत हुई। राज्य में कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद हो रहे इस सत्र में दर्शक दीर्घाएं खुली गई हैं, लेकिन प्रवेश सीमित संख्या में ही दिया गया है। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इस संबंध में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि कोरोना के नियंत्रण में होने और शासन ने सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने और दर्शक दीर्घाएं खोले जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि अभी सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। कोरोना संबंधी जांच की व्यवस्था डिस्प्रेंसरी में रखी गई है। सभी प्रवेश द्वार पर तापमान लेने और सैनिटाइजर की व्यवस्था रखी गई है। शारीरिक दूरी का पालन भी सुनिश्चित कराया जाएगा।
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7 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। यह बजट 25 मार्च तक चलेगा और सत्र में कुल 13 बैठकें होंगी। राज्य सरकार 9 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत करेगी। बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को बधाई दी गई। सोमवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले सुबह साढ़े दस बजे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। इसमें उन विषयों पर विचार विमर्श किया गया, जिन पर सदन में चर्चा कराई जानी है। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित वरिष्ठ विधायक उपस्थित रहे। इसके बाद विधानसभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के उद्बोधन के साथ सत्र की औपचारिक शुरुआत हुई। राज्य में कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद हो रहे इस सत्र में दर्शक दीर्घाएं खुली गई हैं, लेकिन प्रवेश सीमित संख्या में ही दिया गया है। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इस संबंध में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि कोरोना के नियंत्रण में होने और शासन ने सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने और दर्शक दीर्घाएं खोले जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि अभी सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। कोरोना संबंधी जांच की व्यवस्था डिस्प्रेंसरी में रखी गई है। सभी प्रवेश द्वार पर तापमान लेने और सैनिटाइजर की व्यवस्था रखी गई है। शारीरिक दूरी का पालन भी सुनिश्चित कराया जाएगा।
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7 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। यह बजट 25 मार्च तक चलेगा और सत्र में कुल 13 बैठकें होंगी। राज्य सरकार 9 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत करेगी। बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को बधाई दी गई। सोमवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले सुबह साढ़े दस बजे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। इसमें उन विषयों पर विचार विमर्श किया गया, जिन पर सदन में चर्चा कराई जानी है। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित वरिष्ठ विधायक उपस्थित रहे। इसके बाद विधानसभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के उद्बोधन के साथ सत्र की औपचारिक शुरुआत हुई। राज्य में कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद हो रहे इस सत्र में दर्शक दीर्घाएं खुली गई हैं, लेकिन प्रवेश सीमित संख्या में ही दिया गया है। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इस संबंध में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि कोरोना के नियंत्रण में होने और शासन ने सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने और दर्शक दीर्घाएं खोले जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि अभी सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। कोरोना संबंधी जांच की व्यवस्था डिस्प्रेंसरी में रखी गई है। सभी प्रवेश द्वार पर तापमान लेने और सैनिटाइजर की व्यवस्था रखी गई है। शारीरिक दूरी का पालन भी सुनिश्चित कराया जाएगा।
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7 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण के साथ शुरू हो गया। यह बजट 25 मार्च तक चलेगा और सत्र में कुल 13 बैठकें होंगी। राज्य सरकार 9 मार्च को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत करेगी। बजट सत्र से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को बधाई दी गई। सोमवार को सदन की कार्यवाही प्रारंभ होने से पहले सुबह साढ़े दस बजे विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई। इसमें उन विषयों पर विचार विमर्श किया गया, जिन पर सदन में चर्चा कराई जानी है। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ सहित वरिष्ठ विधायक उपस्थित रहे। इसके बाद विधानसभा में राज्यपाल मंगुभाई पटेल के उद्बोधन के साथ सत्र की औपचारिक शुरुआत हुई। राज्य में कोरोना प्रतिबंध हटने के बाद हो रहे इस सत्र में दर्शक दीर्घाएं खुली गई हैं, लेकिन प्रवेश सीमित संख्या में ही दिया गया है। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। इस संबंध में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि कोरोना के नियंत्रण में होने और शासन ने सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने और दर्शक दीर्घाएं खोले जाने का निर्णय लिया गया है। हालांकि अभी सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। कोरोना संबंधी जांच की व्यवस्था डिस्प्रेंसरी में रखी गई है। सभी प्रवेश द्वार पर तापमान लेने और सैनिटाइजर की व्यवस्था रखी गई है। शारीरिक दूरी का पालन भी सुनिश्चित कराया जाएगा।
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7 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार, 7 मार्च से शुरू हो रहा है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी। बजट सत्र को लेकर विधानसभा सचिवालय ने व्यापक तैयारियां की हैं। सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता मे सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सत्र के शांतिपूर्ण सुचारू संचालन को लेकर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कांग्रेस दल के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, विधायक राकेश शुक्ला और विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिह उपस्थित रहे। बैठक में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि राज्य की गौशालाओं में गायों की मौत, फसल बीमा, कानून व्यवस्था सहित कई विषय हैं, जिन पर हम चर्चा करना चाहते हैं। हम सदन में इन मुद्दों को उठाएंगे, जिसका सरकार को जवाब देना चाहिए। सत्र शुरू होने से पहले सोमवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होगी, उसमें इन सभी विषयों पर चर्चा होगी। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सदन को सुचारू रूप से चलाने पर बैठक में सहमति बनी है। कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डा. गोविंद सिंह ने कहा कि सरकार विधानसभा का सत्र नहीं चलाना चाहती है। कई मुद्दे हैं, जिन पर हम चर्चा कराना चाहते हैं, लेकिन सत्र की अवधि इतनी कम रखी गई है कि उसमें सभी विषयों पर चर्चा होना संभव नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सोमवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होगी। इसमें सदन में जिन मुद्दों पर चर्चा कराई जानी है, उन पर विचार किया जाएगा। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि बजट सत्र सोमवार शुरू होकर आगामी 25 मार्च तक चलेगा। इस 19 दिवसीय बजट सत्र के दौरान कुल 13 बैठकें प्रस्तावित हैं। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक बजट पेश किया जाएगा। बजट सत्र के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव भी हो सकता है। इसके अलावा 9 मार्च को मध्यप्रदेश विधानसभा की ओर से संसदीय उत्कृष्टता पुरस्कार, 2021 का वितरण किया जाएगा। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भोपाल आ रहे हैं। बैठक से पहले मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से प्रदेश के नव नियुक्त डीजीपी सुधीर सक्सेना ने मुलाक़ात की। गौतम ने उन्हें नये दायित्वों के लिए शुभकामनाएं दीं।
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6 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार, 7 मार्च से शुरू हो रहा है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी। बजट सत्र को लेकर विधानसभा सचिवालय ने व्यापक तैयारियां की हैं। सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता मे सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सत्र के शांतिपूर्ण सुचारू संचालन को लेकर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कांग्रेस दल के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, विधायक राकेश शुक्ला और विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिह उपस्थित रहे। बैठक में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि राज्य की गौशालाओं में गायों की मौत, फसल बीमा, कानून व्यवस्था सहित कई विषय हैं, जिन पर हम चर्चा करना चाहते हैं। हम सदन में इन मुद्दों को उठाएंगे, जिसका सरकार को जवाब देना चाहिए। सत्र शुरू होने से पहले सोमवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होगी, उसमें इन सभी विषयों पर चर्चा होगी। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सदन को सुचारू रूप से चलाने पर बैठक में सहमति बनी है। कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डा. गोविंद सिंह ने कहा कि सरकार विधानसभा का सत्र नहीं चलाना चाहती है। कई मुद्दे हैं, जिन पर हम चर्चा कराना चाहते हैं, लेकिन सत्र की अवधि इतनी कम रखी गई है कि उसमें सभी विषयों पर चर्चा होना संभव नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सोमवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होगी। इसमें सदन में जिन मुद्दों पर चर्चा कराई जानी है, उन पर विचार किया जाएगा। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि बजट सत्र सोमवार शुरू होकर आगामी 25 मार्च तक चलेगा। इस 19 दिवसीय बजट सत्र के दौरान कुल 13 बैठकें प्रस्तावित हैं। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक बजट पेश किया जाएगा। बजट सत्र के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव भी हो सकता है। इसके अलावा 9 मार्च को मध्यप्रदेश विधानसभा की ओर से संसदीय उत्कृष्टता पुरस्कार, 2021 का वितरण किया जाएगा। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भोपाल आ रहे हैं। बैठक से पहले मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से प्रदेश के नव नियुक्त डीजीपी सुधीर सक्सेना ने मुलाक़ात की। गौतम ने उन्हें नये दायित्वों के लिए शुभकामनाएं दीं।
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6 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार, 7 मार्च से शुरू हो रहा है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी। बजट सत्र को लेकर विधानसभा सचिवालय ने व्यापक तैयारियां की हैं। सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता मे सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सत्र के शांतिपूर्ण सुचारू संचालन को लेकर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कांग्रेस दल के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, विधायक राकेश शुक्ला और विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिह उपस्थित रहे। बैठक में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि राज्य की गौशालाओं में गायों की मौत, फसल बीमा, कानून व्यवस्था सहित कई विषय हैं, जिन पर हम चर्चा करना चाहते हैं। हम सदन में इन मुद्दों को उठाएंगे, जिसका सरकार को जवाब देना चाहिए। सत्र शुरू होने से पहले सोमवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होगी, उसमें इन सभी विषयों पर चर्चा होगी। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सदन को सुचारू रूप से चलाने पर बैठक में सहमति बनी है। कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डा. गोविंद सिंह ने कहा कि सरकार विधानसभा का सत्र नहीं चलाना चाहती है। कई मुद्दे हैं, जिन पर हम चर्चा कराना चाहते हैं, लेकिन सत्र की अवधि इतनी कम रखी गई है कि उसमें सभी विषयों पर चर्चा होना संभव नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सोमवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होगी। इसमें सदन में जिन मुद्दों पर चर्चा कराई जानी है, उन पर विचार किया जाएगा। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि बजट सत्र सोमवार शुरू होकर आगामी 25 मार्च तक चलेगा। इस 19 दिवसीय बजट सत्र के दौरान कुल 13 बैठकें प्रस्तावित हैं। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक बजट पेश किया जाएगा। बजट सत्र के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव भी हो सकता है। इसके अलावा 9 मार्च को मध्यप्रदेश विधानसभा की ओर से संसदीय उत्कृष्टता पुरस्कार, 2021 का वितरण किया जाएगा। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भोपाल आ रहे हैं। बैठक से पहले मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से प्रदेश के नव नियुक्त डीजीपी सुधीर सक्सेना ने मुलाक़ात की। गौतम ने उन्हें नये दायित्वों के लिए शुभकामनाएं दीं।
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6 March 2022भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सोमवार, 7 मार्च से शुरू हो रहा है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत होगी। बजट सत्र को लेकर विधानसभा सचिवालय ने व्यापक तैयारियां की हैं। सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की अध्यक्षता मे सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सत्र के शांतिपूर्ण सुचारू संचालन को लेकर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, संसदीय कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, कांग्रेस दल के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, विधायक राकेश शुक्ला और विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिह उपस्थित रहे। बैठक में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि राज्य की गौशालाओं में गायों की मौत, फसल बीमा, कानून व्यवस्था सहित कई विषय हैं, जिन पर हम चर्चा करना चाहते हैं। हम सदन में इन मुद्दों को उठाएंगे, जिसका सरकार को जवाब देना चाहिए। सत्र शुरू होने से पहले सोमवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होगी, उसमें इन सभी विषयों पर चर्चा होगी। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सदन को सुचारू रूप से चलाने पर बैठक में सहमति बनी है। कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डा. गोविंद सिंह ने कहा कि सरकार विधानसभा का सत्र नहीं चलाना चाहती है। कई मुद्दे हैं, जिन पर हम चर्चा कराना चाहते हैं, लेकिन सत्र की अवधि इतनी कम रखी गई है कि उसमें सभी विषयों पर चर्चा होना संभव नहीं है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सोमवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होगी। इसमें सदन में जिन मुद्दों पर चर्चा कराई जानी है, उन पर विचार किया जाएगा। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि बजट सत्र सोमवार शुरू होकर आगामी 25 मार्च तक चलेगा। इस 19 दिवसीय बजट सत्र के दौरान कुल 13 बैठकें प्रस्तावित हैं। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक बजट पेश किया जाएगा। बजट सत्र के दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष का चुनाव भी हो सकता है। इसके अलावा 9 मार्च को मध्यप्रदेश विधानसभा की ओर से संसदीय उत्कृष्टता पुरस्कार, 2021 का वितरण किया जाएगा। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भोपाल आ रहे हैं। बैठक से पहले मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से प्रदेश के नव नियुक्त डीजीपी सुधीर सक्सेना ने मुलाक़ात की। गौतम ने उन्हें नये दायित्वों के लिए शुभकामनाएं दीं।
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6 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्मय लिये गए। मंत्रि-परिषद ने वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप वन प्रबंधन में समुदायों की भूमिका को सशक्त करने के लिए मध्यप्रदेश शासन के नवीन संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया। इससे अनुरूप वनों के संरक्षण एवं विकास में जन-सहयोग प्राप्त हो सकेगा। इसके साथ ही मंत्रि-परिषद ने सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की। प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-परिषद ने वन संबंधित मध्यप्रदेश शासन के नवीन संकल्प, 2021 में पिछले दो दशकों में नीतिगत, वैधानिक एवं कार्यकारी वातावरण में आये परिवर्तनों को समाहित कर पुनरीक्षित संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया। इस पुनरीक्षित संकल्प के अनुसार तीन प्रकार की समितियों के स्थान पर अब एक समिति ही गठित की जायेगी, जिसे सामुदायिक वन प्रबंधन समिति कहा जायेगा। प्रत्येक वन समिति के सदस्यों में से एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। ग्राम पंचायत का सरपंच कार्यकारणी का पदेन सदस्य होगा। कार्यकारणी के अध्यक्ष के पद पर पुरुष का चयन होने पर उपाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा। समिति के गठन एवं संचालन में सामुदायिक सशक्तिकरण तथा संस्थागत जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कार्यकारिणी को गठित करने एवं समुदाय की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य न करने पर पुनर्गठित करने का अधिकार ग्राम सभा को सौंपा गया है। समितियों के लेखाओं का ऑडिट करने का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार से पूर्व में जिला स्तर पर मुख्य पातन से प्राप्त काष्ठ के बिक्री मूल्य से समस्त व्यय घटाकर प्राप्त शुद्ध लाभ की 20 प्रतिशत राशि समितियों को देने के प्रावधान के स्थान पर समिति के क्षेत्र से प्राप्त राजस्व में से 20 प्रतिशत अंश समिति को देने का प्रावधान किया गया है। राजस्व में हिस्सा देने से प्रदेश की समस्त अच्छा कार्य करने वाली सभी समितियों को लाभांश प्राप्त हो सकेगा। वन आश्रित समुदाय को दैनिक जरूरत की जलाऊ, बांस एवं बल्ली वैधानिक रूप से प्राप्त हो सकेगी, जिससे वन प्रबंधन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के क्षेत्रों में निर्णय लेने का अधिकार निगम के संचालक मंडल को सौंपा गया है। सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार की सौर ऊर्जा पार्क योजना में अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क्स (Ultra Mega Renewable Energy Power Parks -UMREPPS) मोड में स्वीकृत ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर पार्क 600 मेगावाट और छतरपुर सौर ऊर्जा पार्क 950 मेगावाट को विकसित किये जाने की स्वीकृति दी। इन पार्क के विकास के लिये RUMSL सौर पार्क परियोजना विकासक (Solar Park Project Developer- SPPD) होगा। सौर परियोजनाओं से उत्पादित विद्युत का क्रय म.प्र. पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (MPPMCL) द्वारा राज्य की सौर RPO की आपूर्ति और राज्य के उपयोग के लिये किया जाएगा। शेष विद्युत का क्रय अन्य सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा राज्य में या राज्य के बाहर उपयोग के लिये किया जाएगा। ओंकारेश्वर जलाशय पर प्रस्तावित 600 मेगावाट क्षमता की फ्लोटिंग सौर परियोजना वर्तमान परिदृश्य में विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना है। यह परियोजना एक बहुउद्देशीय परियोजना के रूप में विकसित की जायेगी, जिसमें पर्यटन, कृषि और उद्योग हेतु उपयोगी भूमि संरक्षण, जल संरक्षण आदि उद्देश्यों की भी पूर्ति भी संभव होगी। उपरोक्त परियोजनाएँ प्रदेश को सस्ती पर्यावरण मित्र बिजली के साथ नवकरणीय ऊर्जा आबंध की पूर्ति में भी सहायक सिद्ध होगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्दारा ग्लासगो में आयोजित कॉप 26 सम्मेलन में देश के लिए वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (पाँच लाख मेगावाट) की नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में वर्तमान में कुल 2380 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित हैं और लगभग 5000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएँ स्थापनाधीन हैं। दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार मंत्रि-परिषद द्वारा दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना के विस्तार और वहाँ के निवासियों को आसानी से इंटरनेट कलेक्टिविटी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में जारी नीति एवं दिशा-निर्देश में संशोधन करने का निर्णय लिया है। संशोधन के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाता द्वारा अवसंरचना स्थापित करने के लिए निष्प्रभ क्षेत्र (Shadow Area) में वन क्षेत्र के अंतर्गत उपयुक्त स्थान का चयन कर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को अवगत कराया जायेगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की और से जिला कलेक्टर उस स्थल पर दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने के उपयोग के लिए वन विभाग को आवेदन प्रस्तुत कर उपयोग का अधिकार प्राप्त करेगा। कलेक्टर द्वारा उपयोग के अधिकार एवं कब्जा प्राप्त हो जाने के बाद संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता को अनुज्ञप्ति जारी की जायेगी। वर्तमान में मध्यप्रदेश में दूरसंचार सेवा प्रदाता/इंटरनेट सेवा प्रदाता/अवसंरचना प्रदाय कम्पनियों द्वारा वायर लाइन या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुँच सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए अवसंरचना की स्थापना हेतु नीति एवं दिशा-निर्देश 2019 दिनांक 23 फरवरी 2019 में लागू है। प्रदेश के कई दुर्गम क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना स्थापित न होने के कारण मोबाइल डाटा कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रवेश परीक्षाएँ, ऑनलाइन कक्षाएँ, नागरिक सेवाएँ आदि गतिविधियों के लिए इंटरनेट एवं मोबाइल कनेक्टिविटी अनिवार्य है। ऐसे लगभग 1635 गाँव हैं। इनमें से कई ग्राम वनांचलों में स्थित है। इस निर्णय से दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार होगा एवं नागरिकों को शासन की विभिन्न सेवाओं का लाभ सुविधाजनक स्थान पर प्राप्त हो सकेगा। पदों की स्वीकृति मंत्रि-परिषद ने पिछड़ा वर्ग के कन्या और बालक नव निर्मित छात्रावासों के लिए इन्दौर, जबलपुर, आगरमालवा, शाजापुर और दमोह में 50 पद निर्मित करने की स्वीकृति प्रदान की। स्वीकृत पदों में 2 अधीक्षक (व्याख्याता स्तर), 6 सहायक अधीक्षक (यू.डी.टी. स्तर), 4 कम्प्यूटर ऑपरेटर, 8 चौकीदार, 10 रसोईया, 10 पानी वाला और 10 स्वीपर के पद शामिल हैं। पदों की निरंतरता मंत्रि-परिषद द्वारा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की संस्थाओं के 1401 पदों में से चतुर्थ श्रेणी के डाइंग कैडर के रिक्त 38 पदों को समाप्त कर कुल 1363 अस्थाई पर्दो की निरन्तरता 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक करने की स्वीकृति प्रदान की गई। संविलियन मंत्रि-परिषद द्वारा राजधानी परियोजना प्रशासन का विघटन कर लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और अन्य विभागों में संविलियन करने की अनुमति दी गई। अन्य निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा परिवहन विभाग जिला ग्वालियर स्थित ग्वालियर बस डिपो, परिवहन विभाग की तराना जिला उज्जैन स्थित बस डिपो और राजस्व विभाग की मिड टाउन कॉलोनी के पीछ रतलाम स्थित भूमि परिसम्पत्ति के निर्वर्तन हेतु H-1 निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100% जमा करने के उपरांत अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जाने का निर्णय लिया गया।
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3 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्मय लिये गए। मंत्रि-परिषद ने वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप वन प्रबंधन में समुदायों की भूमिका को सशक्त करने के लिए मध्यप्रदेश शासन के नवीन संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया। इससे अनुरूप वनों के संरक्षण एवं विकास में जन-सहयोग प्राप्त हो सकेगा। इसके साथ ही मंत्रि-परिषद ने सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की। प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-परिषद ने वन संबंधित मध्यप्रदेश शासन के नवीन संकल्प, 2021 में पिछले दो दशकों में नीतिगत, वैधानिक एवं कार्यकारी वातावरण में आये परिवर्तनों को समाहित कर पुनरीक्षित संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया। इस पुनरीक्षित संकल्प के अनुसार तीन प्रकार की समितियों के स्थान पर अब एक समिति ही गठित की जायेगी, जिसे सामुदायिक वन प्रबंधन समिति कहा जायेगा। प्रत्येक वन समिति के सदस्यों में से एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। ग्राम पंचायत का सरपंच कार्यकारणी का पदेन सदस्य होगा। कार्यकारणी के अध्यक्ष के पद पर पुरुष का चयन होने पर उपाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा। समिति के गठन एवं संचालन में सामुदायिक सशक्तिकरण तथा संस्थागत जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कार्यकारिणी को गठित करने एवं समुदाय की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य न करने पर पुनर्गठित करने का अधिकार ग्राम सभा को सौंपा गया है। समितियों के लेखाओं का ऑडिट करने का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार से पूर्व में जिला स्तर पर मुख्य पातन से प्राप्त काष्ठ के बिक्री मूल्य से समस्त व्यय घटाकर प्राप्त शुद्ध लाभ की 20 प्रतिशत राशि समितियों को देने के प्रावधान के स्थान पर समिति के क्षेत्र से प्राप्त राजस्व में से 20 प्रतिशत अंश समिति को देने का प्रावधान किया गया है। राजस्व में हिस्सा देने से प्रदेश की समस्त अच्छा कार्य करने वाली सभी समितियों को लाभांश प्राप्त हो सकेगा। वन आश्रित समुदाय को दैनिक जरूरत की जलाऊ, बांस एवं बल्ली वैधानिक रूप से प्राप्त हो सकेगी, जिससे वन प्रबंधन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के क्षेत्रों में निर्णय लेने का अधिकार निगम के संचालक मंडल को सौंपा गया है। सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार की सौर ऊर्जा पार्क योजना में अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क्स (Ultra Mega Renewable Energy Power Parks -UMREPPS) मोड में स्वीकृत ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर पार्क 600 मेगावाट और छतरपुर सौर ऊर्जा पार्क 950 मेगावाट को विकसित किये जाने की स्वीकृति दी। इन पार्क के विकास के लिये RUMSL सौर पार्क परियोजना विकासक (Solar Park Project Developer- SPPD) होगा। सौर परियोजनाओं से उत्पादित विद्युत का क्रय म.प्र. पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (MPPMCL) द्वारा राज्य की सौर RPO की आपूर्ति और राज्य के उपयोग के लिये किया जाएगा। शेष विद्युत का क्रय अन्य सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा राज्य में या राज्य के बाहर उपयोग के लिये किया जाएगा। ओंकारेश्वर जलाशय पर प्रस्तावित 600 मेगावाट क्षमता की फ्लोटिंग सौर परियोजना वर्तमान परिदृश्य में विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना है। यह परियोजना एक बहुउद्देशीय परियोजना के रूप में विकसित की जायेगी, जिसमें पर्यटन, कृषि और उद्योग हेतु उपयोगी भूमि संरक्षण, जल संरक्षण आदि उद्देश्यों की भी पूर्ति भी संभव होगी। उपरोक्त परियोजनाएँ प्रदेश को सस्ती पर्यावरण मित्र बिजली के साथ नवकरणीय ऊर्जा आबंध की पूर्ति में भी सहायक सिद्ध होगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्दारा ग्लासगो में आयोजित कॉप 26 सम्मेलन में देश के लिए वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (पाँच लाख मेगावाट) की नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में वर्तमान में कुल 2380 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित हैं और लगभग 5000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएँ स्थापनाधीन हैं। दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार मंत्रि-परिषद द्वारा दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना के विस्तार और वहाँ के निवासियों को आसानी से इंटरनेट कलेक्टिविटी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में जारी नीति एवं दिशा-निर्देश में संशोधन करने का निर्णय लिया है। संशोधन के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाता द्वारा अवसंरचना स्थापित करने के लिए निष्प्रभ क्षेत्र (Shadow Area) में वन क्षेत्र के अंतर्गत उपयुक्त स्थान का चयन कर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को अवगत कराया जायेगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की और से जिला कलेक्टर उस स्थल पर दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने के उपयोग के लिए वन विभाग को आवेदन प्रस्तुत कर उपयोग का अधिकार प्राप्त करेगा। कलेक्टर द्वारा उपयोग के अधिकार एवं कब्जा प्राप्त हो जाने के बाद संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता को अनुज्ञप्ति जारी की जायेगी। वर्तमान में मध्यप्रदेश में दूरसंचार सेवा प्रदाता/इंटरनेट सेवा प्रदाता/अवसंरचना प्रदाय कम्पनियों द्वारा वायर लाइन या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुँच सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए अवसंरचना की स्थापना हेतु नीति एवं दिशा-निर्देश 2019 दिनांक 23 फरवरी 2019 में लागू है। प्रदेश के कई दुर्गम क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना स्थापित न होने के कारण मोबाइल डाटा कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रवेश परीक्षाएँ, ऑनलाइन कक्षाएँ, नागरिक सेवाएँ आदि गतिविधियों के लिए इंटरनेट एवं मोबाइल कनेक्टिविटी अनिवार्य है। ऐसे लगभग 1635 गाँव हैं। इनमें से कई ग्राम वनांचलों में स्थित है। इस निर्णय से दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार होगा एवं नागरिकों को शासन की विभिन्न सेवाओं का लाभ सुविधाजनक स्थान पर प्राप्त हो सकेगा। पदों की स्वीकृति मंत्रि-परिषद ने पिछड़ा वर्ग के कन्या और बालक नव निर्मित छात्रावासों के लिए इन्दौर, जबलपुर, आगरमालवा, शाजापुर और दमोह में 50 पद निर्मित करने की स्वीकृति प्रदान की। स्वीकृत पदों में 2 अधीक्षक (व्याख्याता स्तर), 6 सहायक अधीक्षक (यू.डी.टी. स्तर), 4 कम्प्यूटर ऑपरेटर, 8 चौकीदार, 10 रसोईया, 10 पानी वाला और 10 स्वीपर के पद शामिल हैं। पदों की निरंतरता मंत्रि-परिषद द्वारा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की संस्थाओं के 1401 पदों में से चतुर्थ श्रेणी के डाइंग कैडर के रिक्त 38 पदों को समाप्त कर कुल 1363 अस्थाई पर्दो की निरन्तरता 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक करने की स्वीकृति प्रदान की गई। संविलियन मंत्रि-परिषद द्वारा राजधानी परियोजना प्रशासन का विघटन कर लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और अन्य विभागों में संविलियन करने की अनुमति दी गई। अन्य निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा परिवहन विभाग जिला ग्वालियर स्थित ग्वालियर बस डिपो, परिवहन विभाग की तराना जिला उज्जैन स्थित बस डिपो और राजस्व विभाग की मिड टाउन कॉलोनी के पीछ रतलाम स्थित भूमि परिसम्पत्ति के निर्वर्तन हेतु H-1 निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100% जमा करने के उपरांत अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जाने का निर्णय लिया गया।
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3 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्मय लिये गए। मंत्रि-परिषद ने वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप वन प्रबंधन में समुदायों की भूमिका को सशक्त करने के लिए मध्यप्रदेश शासन के नवीन संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया। इससे अनुरूप वनों के संरक्षण एवं विकास में जन-सहयोग प्राप्त हो सकेगा। इसके साथ ही मंत्रि-परिषद ने सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की। प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-परिषद ने वन संबंधित मध्यप्रदेश शासन के नवीन संकल्प, 2021 में पिछले दो दशकों में नीतिगत, वैधानिक एवं कार्यकारी वातावरण में आये परिवर्तनों को समाहित कर पुनरीक्षित संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया। इस पुनरीक्षित संकल्प के अनुसार तीन प्रकार की समितियों के स्थान पर अब एक समिति ही गठित की जायेगी, जिसे सामुदायिक वन प्रबंधन समिति कहा जायेगा। प्रत्येक वन समिति के सदस्यों में से एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। ग्राम पंचायत का सरपंच कार्यकारणी का पदेन सदस्य होगा। कार्यकारणी के अध्यक्ष के पद पर पुरुष का चयन होने पर उपाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा। समिति के गठन एवं संचालन में सामुदायिक सशक्तिकरण तथा संस्थागत जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कार्यकारिणी को गठित करने एवं समुदाय की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य न करने पर पुनर्गठित करने का अधिकार ग्राम सभा को सौंपा गया है। समितियों के लेखाओं का ऑडिट करने का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार से पूर्व में जिला स्तर पर मुख्य पातन से प्राप्त काष्ठ के बिक्री मूल्य से समस्त व्यय घटाकर प्राप्त शुद्ध लाभ की 20 प्रतिशत राशि समितियों को देने के प्रावधान के स्थान पर समिति के क्षेत्र से प्राप्त राजस्व में से 20 प्रतिशत अंश समिति को देने का प्रावधान किया गया है। राजस्व में हिस्सा देने से प्रदेश की समस्त अच्छा कार्य करने वाली सभी समितियों को लाभांश प्राप्त हो सकेगा। वन आश्रित समुदाय को दैनिक जरूरत की जलाऊ, बांस एवं बल्ली वैधानिक रूप से प्राप्त हो सकेगी, जिससे वन प्रबंधन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के क्षेत्रों में निर्णय लेने का अधिकार निगम के संचालक मंडल को सौंपा गया है। सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार की सौर ऊर्जा पार्क योजना में अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क्स (Ultra Mega Renewable Energy Power Parks -UMREPPS) मोड में स्वीकृत ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर पार्क 600 मेगावाट और छतरपुर सौर ऊर्जा पार्क 950 मेगावाट को विकसित किये जाने की स्वीकृति दी। इन पार्क के विकास के लिये RUMSL सौर पार्क परियोजना विकासक (Solar Park Project Developer- SPPD) होगा। सौर परियोजनाओं से उत्पादित विद्युत का क्रय म.प्र. पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (MPPMCL) द्वारा राज्य की सौर RPO की आपूर्ति और राज्य के उपयोग के लिये किया जाएगा। शेष विद्युत का क्रय अन्य सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा राज्य में या राज्य के बाहर उपयोग के लिये किया जाएगा। ओंकारेश्वर जलाशय पर प्रस्तावित 600 मेगावाट क्षमता की फ्लोटिंग सौर परियोजना वर्तमान परिदृश्य में विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना है। यह परियोजना एक बहुउद्देशीय परियोजना के रूप में विकसित की जायेगी, जिसमें पर्यटन, कृषि और उद्योग हेतु उपयोगी भूमि संरक्षण, जल संरक्षण आदि उद्देश्यों की भी पूर्ति भी संभव होगी। उपरोक्त परियोजनाएँ प्रदेश को सस्ती पर्यावरण मित्र बिजली के साथ नवकरणीय ऊर्जा आबंध की पूर्ति में भी सहायक सिद्ध होगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्दारा ग्लासगो में आयोजित कॉप 26 सम्मेलन में देश के लिए वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (पाँच लाख मेगावाट) की नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में वर्तमान में कुल 2380 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित हैं और लगभग 5000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएँ स्थापनाधीन हैं। दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार मंत्रि-परिषद द्वारा दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना के विस्तार और वहाँ के निवासियों को आसानी से इंटरनेट कलेक्टिविटी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में जारी नीति एवं दिशा-निर्देश में संशोधन करने का निर्णय लिया है। संशोधन के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाता द्वारा अवसंरचना स्थापित करने के लिए निष्प्रभ क्षेत्र (Shadow Area) में वन क्षेत्र के अंतर्गत उपयुक्त स्थान का चयन कर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को अवगत कराया जायेगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की और से जिला कलेक्टर उस स्थल पर दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने के उपयोग के लिए वन विभाग को आवेदन प्रस्तुत कर उपयोग का अधिकार प्राप्त करेगा। कलेक्टर द्वारा उपयोग के अधिकार एवं कब्जा प्राप्त हो जाने के बाद संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता को अनुज्ञप्ति जारी की जायेगी। वर्तमान में मध्यप्रदेश में दूरसंचार सेवा प्रदाता/इंटरनेट सेवा प्रदाता/अवसंरचना प्रदाय कम्पनियों द्वारा वायर लाइन या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुँच सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए अवसंरचना की स्थापना हेतु नीति एवं दिशा-निर्देश 2019 दिनांक 23 फरवरी 2019 में लागू है। प्रदेश के कई दुर्गम क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना स्थापित न होने के कारण मोबाइल डाटा कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रवेश परीक्षाएँ, ऑनलाइन कक्षाएँ, नागरिक सेवाएँ आदि गतिविधियों के लिए इंटरनेट एवं मोबाइल कनेक्टिविटी अनिवार्य है। ऐसे लगभग 1635 गाँव हैं। इनमें से कई ग्राम वनांचलों में स्थित है। इस निर्णय से दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार होगा एवं नागरिकों को शासन की विभिन्न सेवाओं का लाभ सुविधाजनक स्थान पर प्राप्त हो सकेगा। पदों की स्वीकृति मंत्रि-परिषद ने पिछड़ा वर्ग के कन्या और बालक नव निर्मित छात्रावासों के लिए इन्दौर, जबलपुर, आगरमालवा, शाजापुर और दमोह में 50 पद निर्मित करने की स्वीकृति प्रदान की। स्वीकृत पदों में 2 अधीक्षक (व्याख्याता स्तर), 6 सहायक अधीक्षक (यू.डी.टी. स्तर), 4 कम्प्यूटर ऑपरेटर, 8 चौकीदार, 10 रसोईया, 10 पानी वाला और 10 स्वीपर के पद शामिल हैं। पदों की निरंतरता मंत्रि-परिषद द्वारा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की संस्थाओं के 1401 पदों में से चतुर्थ श्रेणी के डाइंग कैडर के रिक्त 38 पदों को समाप्त कर कुल 1363 अस्थाई पर्दो की निरन्तरता 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक करने की स्वीकृति प्रदान की गई। संविलियन मंत्रि-परिषद द्वारा राजधानी परियोजना प्रशासन का विघटन कर लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और अन्य विभागों में संविलियन करने की अनुमति दी गई। अन्य निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा परिवहन विभाग जिला ग्वालियर स्थित ग्वालियर बस डिपो, परिवहन विभाग की तराना जिला उज्जैन स्थित बस डिपो और राजस्व विभाग की मिड टाउन कॉलोनी के पीछ रतलाम स्थित भूमि परिसम्पत्ति के निर्वर्तन हेतु H-1 निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100% जमा करने के उपरांत अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जाने का निर्णय लिया गया।
Dakhal News
3 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्मय लिये गए। मंत्रि-परिषद ने वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप वन प्रबंधन में समुदायों की भूमिका को सशक्त करने के लिए मध्यप्रदेश शासन के नवीन संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया। इससे अनुरूप वनों के संरक्षण एवं विकास में जन-सहयोग प्राप्त हो सकेगा। इसके साथ ही मंत्रि-परिषद ने सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की। प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-परिषद ने वन संबंधित मध्यप्रदेश शासन के नवीन संकल्प, 2021 में पिछले दो दशकों में नीतिगत, वैधानिक एवं कार्यकारी वातावरण में आये परिवर्तनों को समाहित कर पुनरीक्षित संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया। इस पुनरीक्षित संकल्प के अनुसार तीन प्रकार की समितियों के स्थान पर अब एक समिति ही गठित की जायेगी, जिसे सामुदायिक वन प्रबंधन समिति कहा जायेगा। प्रत्येक वन समिति के सदस्यों में से एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। ग्राम पंचायत का सरपंच कार्यकारणी का पदेन सदस्य होगा। कार्यकारणी के अध्यक्ष के पद पर पुरुष का चयन होने पर उपाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा। समिति के गठन एवं संचालन में सामुदायिक सशक्तिकरण तथा संस्थागत जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कार्यकारिणी को गठित करने एवं समुदाय की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य न करने पर पुनर्गठित करने का अधिकार ग्राम सभा को सौंपा गया है। समितियों के लेखाओं का ऑडिट करने का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार से पूर्व में जिला स्तर पर मुख्य पातन से प्राप्त काष्ठ के बिक्री मूल्य से समस्त व्यय घटाकर प्राप्त शुद्ध लाभ की 20 प्रतिशत राशि समितियों को देने के प्रावधान के स्थान पर समिति के क्षेत्र से प्राप्त राजस्व में से 20 प्रतिशत अंश समिति को देने का प्रावधान किया गया है। राजस्व में हिस्सा देने से प्रदेश की समस्त अच्छा कार्य करने वाली सभी समितियों को लाभांश प्राप्त हो सकेगा। वन आश्रित समुदाय को दैनिक जरूरत की जलाऊ, बांस एवं बल्ली वैधानिक रूप से प्राप्त हो सकेगी, जिससे वन प्रबंधन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के क्षेत्रों में निर्णय लेने का अधिकार निगम के संचालक मंडल को सौंपा गया है। सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार की सौर ऊर्जा पार्क योजना में अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क्स (Ultra Mega Renewable Energy Power Parks -UMREPPS) मोड में स्वीकृत ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर पार्क 600 मेगावाट और छतरपुर सौर ऊर्जा पार्क 950 मेगावाट को विकसित किये जाने की स्वीकृति दी। इन पार्क के विकास के लिये RUMSL सौर पार्क परियोजना विकासक (Solar Park Project Developer- SPPD) होगा। सौर परियोजनाओं से उत्पादित विद्युत का क्रय म.प्र. पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (MPPMCL) द्वारा राज्य की सौर RPO की आपूर्ति और राज्य के उपयोग के लिये किया जाएगा। शेष विद्युत का क्रय अन्य सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा राज्य में या राज्य के बाहर उपयोग के लिये किया जाएगा। ओंकारेश्वर जलाशय पर प्रस्तावित 600 मेगावाट क्षमता की फ्लोटिंग सौर परियोजना वर्तमान परिदृश्य में विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना है। यह परियोजना एक बहुउद्देशीय परियोजना के रूप में विकसित की जायेगी, जिसमें पर्यटन, कृषि और उद्योग हेतु उपयोगी भूमि संरक्षण, जल संरक्षण आदि उद्देश्यों की भी पूर्ति भी संभव होगी। उपरोक्त परियोजनाएँ प्रदेश को सस्ती पर्यावरण मित्र बिजली के साथ नवकरणीय ऊर्जा आबंध की पूर्ति में भी सहायक सिद्ध होगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्दारा ग्लासगो में आयोजित कॉप 26 सम्मेलन में देश के लिए वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (पाँच लाख मेगावाट) की नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में वर्तमान में कुल 2380 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित हैं और लगभग 5000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएँ स्थापनाधीन हैं। दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार मंत्रि-परिषद द्वारा दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना के विस्तार और वहाँ के निवासियों को आसानी से इंटरनेट कलेक्टिविटी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में जारी नीति एवं दिशा-निर्देश में संशोधन करने का निर्णय लिया है। संशोधन के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाता द्वारा अवसंरचना स्थापित करने के लिए निष्प्रभ क्षेत्र (Shadow Area) में वन क्षेत्र के अंतर्गत उपयुक्त स्थान का चयन कर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को अवगत कराया जायेगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की और से जिला कलेक्टर उस स्थल पर दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने के उपयोग के लिए वन विभाग को आवेदन प्रस्तुत कर उपयोग का अधिकार प्राप्त करेगा। कलेक्टर द्वारा उपयोग के अधिकार एवं कब्जा प्राप्त हो जाने के बाद संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता को अनुज्ञप्ति जारी की जायेगी। वर्तमान में मध्यप्रदेश में दूरसंचार सेवा प्रदाता/इंटरनेट सेवा प्रदाता/अवसंरचना प्रदाय कम्पनियों द्वारा वायर लाइन या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुँच सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए अवसंरचना की स्थापना हेतु नीति एवं दिशा-निर्देश 2019 दिनांक 23 फरवरी 2019 में लागू है। प्रदेश के कई दुर्गम क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना स्थापित न होने के कारण मोबाइल डाटा कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रवेश परीक्षाएँ, ऑनलाइन कक्षाएँ, नागरिक सेवाएँ आदि गतिविधियों के लिए इंटरनेट एवं मोबाइल कनेक्टिविटी अनिवार्य है। ऐसे लगभग 1635 गाँव हैं। इनमें से कई ग्राम वनांचलों में स्थित है। इस निर्णय से दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार होगा एवं नागरिकों को शासन की विभिन्न सेवाओं का लाभ सुविधाजनक स्थान पर प्राप्त हो सकेगा। पदों की स्वीकृति मंत्रि-परिषद ने पिछड़ा वर्ग के कन्या और बालक नव निर्मित छात्रावासों के लिए इन्दौर, जबलपुर, आगरमालवा, शाजापुर और दमोह में 50 पद निर्मित करने की स्वीकृति प्रदान की। स्वीकृत पदों में 2 अधीक्षक (व्याख्याता स्तर), 6 सहायक अधीक्षक (यू.डी.टी. स्तर), 4 कम्प्यूटर ऑपरेटर, 8 चौकीदार, 10 रसोईया, 10 पानी वाला और 10 स्वीपर के पद शामिल हैं। पदों की निरंतरता मंत्रि-परिषद द्वारा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की संस्थाओं के 1401 पदों में से चतुर्थ श्रेणी के डाइंग कैडर के रिक्त 38 पदों को समाप्त कर कुल 1363 अस्थाई पर्दो की निरन्तरता 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक करने की स्वीकृति प्रदान की गई। संविलियन मंत्रि-परिषद द्वारा राजधानी परियोजना प्रशासन का विघटन कर लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और अन्य विभागों में संविलियन करने की अनुमति दी गई। अन्य निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा परिवहन विभाग जिला ग्वालियर स्थित ग्वालियर बस डिपो, परिवहन विभाग की तराना जिला उज्जैन स्थित बस डिपो और राजस्व विभाग की मिड टाउन कॉलोनी के पीछ रतलाम स्थित भूमि परिसम्पत्ति के निर्वर्तन हेतु H-1 निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100% जमा करने के उपरांत अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जाने का निर्णय लिया गया।
Dakhal News
3 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्मय लिये गए। मंत्रि-परिषद ने वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप वन प्रबंधन में समुदायों की भूमिका को सशक्त करने के लिए मध्यप्रदेश शासन के नवीन संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया। इससे अनुरूप वनों के संरक्षण एवं विकास में जन-सहयोग प्राप्त हो सकेगा। इसके साथ ही मंत्रि-परिषद ने सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की। प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-परिषद ने वन संबंधित मध्यप्रदेश शासन के नवीन संकल्प, 2021 में पिछले दो दशकों में नीतिगत, वैधानिक एवं कार्यकारी वातावरण में आये परिवर्तनों को समाहित कर पुनरीक्षित संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया। इस पुनरीक्षित संकल्प के अनुसार तीन प्रकार की समितियों के स्थान पर अब एक समिति ही गठित की जायेगी, जिसे सामुदायिक वन प्रबंधन समिति कहा जायेगा। प्रत्येक वन समिति के सदस्यों में से एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। ग्राम पंचायत का सरपंच कार्यकारणी का पदेन सदस्य होगा। कार्यकारणी के अध्यक्ष के पद पर पुरुष का चयन होने पर उपाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा। समिति के गठन एवं संचालन में सामुदायिक सशक्तिकरण तथा संस्थागत जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कार्यकारिणी को गठित करने एवं समुदाय की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य न करने पर पुनर्गठित करने का अधिकार ग्राम सभा को सौंपा गया है। समितियों के लेखाओं का ऑडिट करने का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार से पूर्व में जिला स्तर पर मुख्य पातन से प्राप्त काष्ठ के बिक्री मूल्य से समस्त व्यय घटाकर प्राप्त शुद्ध लाभ की 20 प्रतिशत राशि समितियों को देने के प्रावधान के स्थान पर समिति के क्षेत्र से प्राप्त राजस्व में से 20 प्रतिशत अंश समिति को देने का प्रावधान किया गया है। राजस्व में हिस्सा देने से प्रदेश की समस्त अच्छा कार्य करने वाली सभी समितियों को लाभांश प्राप्त हो सकेगा। वन आश्रित समुदाय को दैनिक जरूरत की जलाऊ, बांस एवं बल्ली वैधानिक रूप से प्राप्त हो सकेगी, जिससे वन प्रबंधन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के क्षेत्रों में निर्णय लेने का अधिकार निगम के संचालक मंडल को सौंपा गया है। सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार की सौर ऊर्जा पार्क योजना में अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क्स (Ultra Mega Renewable Energy Power Parks -UMREPPS) मोड में स्वीकृत ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर पार्क 600 मेगावाट और छतरपुर सौर ऊर्जा पार्क 950 मेगावाट को विकसित किये जाने की स्वीकृति दी। इन पार्क के विकास के लिये RUMSL सौर पार्क परियोजना विकासक (Solar Park Project Developer- SPPD) होगा। सौर परियोजनाओं से उत्पादित विद्युत का क्रय म.प्र. पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (MPPMCL) द्वारा राज्य की सौर RPO की आपूर्ति और राज्य के उपयोग के लिये किया जाएगा। शेष विद्युत का क्रय अन्य सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा राज्य में या राज्य के बाहर उपयोग के लिये किया जाएगा। ओंकारेश्वर जलाशय पर प्रस्तावित 600 मेगावाट क्षमता की फ्लोटिंग सौर परियोजना वर्तमान परिदृश्य में विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना है। यह परियोजना एक बहुउद्देशीय परियोजना के रूप में विकसित की जायेगी, जिसमें पर्यटन, कृषि और उद्योग हेतु उपयोगी भूमि संरक्षण, जल संरक्षण आदि उद्देश्यों की भी पूर्ति भी संभव होगी। उपरोक्त परियोजनाएँ प्रदेश को सस्ती पर्यावरण मित्र बिजली के साथ नवकरणीय ऊर्जा आबंध की पूर्ति में भी सहायक सिद्ध होगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्दारा ग्लासगो में आयोजित कॉप 26 सम्मेलन में देश के लिए वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (पाँच लाख मेगावाट) की नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में वर्तमान में कुल 2380 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित हैं और लगभग 5000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएँ स्थापनाधीन हैं। दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार मंत्रि-परिषद द्वारा दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना के विस्तार और वहाँ के निवासियों को आसानी से इंटरनेट कलेक्टिविटी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में जारी नीति एवं दिशा-निर्देश में संशोधन करने का निर्णय लिया है। संशोधन के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाता द्वारा अवसंरचना स्थापित करने के लिए निष्प्रभ क्षेत्र (Shadow Area) में वन क्षेत्र के अंतर्गत उपयुक्त स्थान का चयन कर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को अवगत कराया जायेगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की और से जिला कलेक्टर उस स्थल पर दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने के उपयोग के लिए वन विभाग को आवेदन प्रस्तुत कर उपयोग का अधिकार प्राप्त करेगा। कलेक्टर द्वारा उपयोग के अधिकार एवं कब्जा प्राप्त हो जाने के बाद संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता को अनुज्ञप्ति जारी की जायेगी। वर्तमान में मध्यप्रदेश में दूरसंचार सेवा प्रदाता/इंटरनेट सेवा प्रदाता/अवसंरचना प्रदाय कम्पनियों द्वारा वायर लाइन या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुँच सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए अवसंरचना की स्थापना हेतु नीति एवं दिशा-निर्देश 2019 दिनांक 23 फरवरी 2019 में लागू है। प्रदेश के कई दुर्गम क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना स्थापित न होने के कारण मोबाइल डाटा कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रवेश परीक्षाएँ, ऑनलाइन कक्षाएँ, नागरिक सेवाएँ आदि गतिविधियों के लिए इंटरनेट एवं मोबाइल कनेक्टिविटी अनिवार्य है। ऐसे लगभग 1635 गाँव हैं। इनमें से कई ग्राम वनांचलों में स्थित है। इस निर्णय से दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार होगा एवं नागरिकों को शासन की विभिन्न सेवाओं का लाभ सुविधाजनक स्थान पर प्राप्त हो सकेगा। पदों की स्वीकृति मंत्रि-परिषद ने पिछड़ा वर्ग के कन्या और बालक नव निर्मित छात्रावासों के लिए इन्दौर, जबलपुर, आगरमालवा, शाजापुर और दमोह में 50 पद निर्मित करने की स्वीकृति प्रदान की। स्वीकृत पदों में 2 अधीक्षक (व्याख्याता स्तर), 6 सहायक अधीक्षक (यू.डी.टी. स्तर), 4 कम्प्यूटर ऑपरेटर, 8 चौकीदार, 10 रसोईया, 10 पानी वाला और 10 स्वीपर के पद शामिल हैं। पदों की निरंतरता मंत्रि-परिषद द्वारा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की संस्थाओं के 1401 पदों में से चतुर्थ श्रेणी के डाइंग कैडर के रिक्त 38 पदों को समाप्त कर कुल 1363 अस्थाई पर्दो की निरन्तरता 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक करने की स्वीकृति प्रदान की गई। संविलियन मंत्रि-परिषद द्वारा राजधानी परियोजना प्रशासन का विघटन कर लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और अन्य विभागों में संविलियन करने की अनुमति दी गई। अन्य निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा परिवहन विभाग जिला ग्वालियर स्थित ग्वालियर बस डिपो, परिवहन विभाग की तराना जिला उज्जैन स्थित बस डिपो और राजस्व विभाग की मिड टाउन कॉलोनी के पीछ रतलाम स्थित भूमि परिसम्पत्ति के निर्वर्तन हेतु H-1 निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100% जमा करने के उपरांत अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जाने का निर्णय लिया गया।
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3 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार को मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्मय लिये गए। मंत्रि-परिषद ने वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप वन प्रबंधन में समुदायों की भूमिका को सशक्त करने के लिए मध्यप्रदेश शासन के नवीन संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया। इससे अनुरूप वनों के संरक्षण एवं विकास में जन-सहयोग प्राप्त हो सकेगा। इसके साथ ही मंत्रि-परिषद ने सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की। प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-परिषद ने वन संबंधित मध्यप्रदेश शासन के नवीन संकल्प, 2021 में पिछले दो दशकों में नीतिगत, वैधानिक एवं कार्यकारी वातावरण में आये परिवर्तनों को समाहित कर पुनरीक्षित संकल्प, 2021 का अनुमोदन किया। इस पुनरीक्षित संकल्प के अनुसार तीन प्रकार की समितियों के स्थान पर अब एक समिति ही गठित की जायेगी, जिसे सामुदायिक वन प्रबंधन समिति कहा जायेगा। प्रत्येक वन समिति के सदस्यों में से एक तिहाई पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। ग्राम पंचायत का सरपंच कार्यकारणी का पदेन सदस्य होगा। कार्यकारणी के अध्यक्ष के पद पर पुरुष का चयन होने पर उपाध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित रहेगा। समिति के गठन एवं संचालन में सामुदायिक सशक्तिकरण तथा संस्थागत जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कार्यकारिणी को गठित करने एवं समुदाय की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य न करने पर पुनर्गठित करने का अधिकार ग्राम सभा को सौंपा गया है। समितियों के लेखाओं का ऑडिट करने का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार से पूर्व में जिला स्तर पर मुख्य पातन से प्राप्त काष्ठ के बिक्री मूल्य से समस्त व्यय घटाकर प्राप्त शुद्ध लाभ की 20 प्रतिशत राशि समितियों को देने के प्रावधान के स्थान पर समिति के क्षेत्र से प्राप्त राजस्व में से 20 प्रतिशत अंश समिति को देने का प्रावधान किया गया है। राजस्व में हिस्सा देने से प्रदेश की समस्त अच्छा कार्य करने वाली सभी समितियों को लाभांश प्राप्त हो सकेगा। वन आश्रित समुदाय को दैनिक जरूरत की जलाऊ, बांस एवं बल्ली वैधानिक रूप से प्राप्त हो सकेगी, जिससे वन प्रबंधन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के क्षेत्रों में निर्णय लेने का अधिकार निगम के संचालक मंडल को सौंपा गया है। सौर ऊर्जा पार्क की स्थापना उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE), भारत सरकार की सौर ऊर्जा पार्क योजना में अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क्स (Ultra Mega Renewable Energy Power Parks -UMREPPS) मोड में स्वीकृत ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सौर पार्क 600 मेगावाट और छतरपुर सौर ऊर्जा पार्क 950 मेगावाट को विकसित किये जाने की स्वीकृति दी। इन पार्क के विकास के लिये RUMSL सौर पार्क परियोजना विकासक (Solar Park Project Developer- SPPD) होगा। सौर परियोजनाओं से उत्पादित विद्युत का क्रय म.प्र. पावर मेनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (MPPMCL) द्वारा राज्य की सौर RPO की आपूर्ति और राज्य के उपयोग के लिये किया जाएगा। शेष विद्युत का क्रय अन्य सार्वजनिक संस्थाओं द्वारा राज्य में या राज्य के बाहर उपयोग के लिये किया जाएगा। ओंकारेश्वर जलाशय पर प्रस्तावित 600 मेगावाट क्षमता की फ्लोटिंग सौर परियोजना वर्तमान परिदृश्य में विश्व की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना है। यह परियोजना एक बहुउद्देशीय परियोजना के रूप में विकसित की जायेगी, जिसमें पर्यटन, कृषि और उद्योग हेतु उपयोगी भूमि संरक्षण, जल संरक्षण आदि उद्देश्यों की भी पूर्ति भी संभव होगी। उपरोक्त परियोजनाएँ प्रदेश को सस्ती पर्यावरण मित्र बिजली के साथ नवकरणीय ऊर्जा आबंध की पूर्ति में भी सहायक सिद्ध होगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व्दारा ग्लासगो में आयोजित कॉप 26 सम्मेलन में देश के लिए वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट (पाँच लाख मेगावाट) की नवकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में वर्तमान में कुल 2380 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजनाएँ स्थापित हैं और लगभग 5000 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएँ स्थापनाधीन हैं। दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार मंत्रि-परिषद द्वारा दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना के विस्तार और वहाँ के निवासियों को आसानी से इंटरनेट कलेक्टिविटी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2019 में जारी नीति एवं दिशा-निर्देश में संशोधन करने का निर्णय लिया है। संशोधन के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाता द्वारा अवसंरचना स्थापित करने के लिए निष्प्रभ क्षेत्र (Shadow Area) में वन क्षेत्र के अंतर्गत उपयुक्त स्थान का चयन कर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को अवगत कराया जायेगा। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की और से जिला कलेक्टर उस स्थल पर दूरसंचार अवसंरचना स्थापित करने के उपयोग के लिए वन विभाग को आवेदन प्रस्तुत कर उपयोग का अधिकार प्राप्त करेगा। कलेक्टर द्वारा उपयोग के अधिकार एवं कब्जा प्राप्त हो जाने के बाद संबंधित दूरसंचार सेवा प्रदाता को अनुज्ञप्ति जारी की जायेगी। वर्तमान में मध्यप्रदेश में दूरसंचार सेवा प्रदाता/इंटरनेट सेवा प्रदाता/अवसंरचना प्रदाय कम्पनियों द्वारा वायर लाइन या वायरलेस आधारित वाइस या डाटा पहुँच सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिए अवसंरचना की स्थापना हेतु नीति एवं दिशा-निर्देश 2019 दिनांक 23 फरवरी 2019 में लागू है। प्रदेश के कई दुर्गम क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना स्थापित न होने के कारण मोबाइल डाटा कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है। शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रवेश परीक्षाएँ, ऑनलाइन कक्षाएँ, नागरिक सेवाएँ आदि गतिविधियों के लिए इंटरनेट एवं मोबाइल कनेक्टिविटी अनिवार्य है। ऐसे लगभग 1635 गाँव हैं। इनमें से कई ग्राम वनांचलों में स्थित है। इस निर्णय से दुर्गम वन क्षेत्रों में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार होगा एवं नागरिकों को शासन की विभिन्न सेवाओं का लाभ सुविधाजनक स्थान पर प्राप्त हो सकेगा। पदों की स्वीकृति मंत्रि-परिषद ने पिछड़ा वर्ग के कन्या और बालक नव निर्मित छात्रावासों के लिए इन्दौर, जबलपुर, आगरमालवा, शाजापुर और दमोह में 50 पद निर्मित करने की स्वीकृति प्रदान की। स्वीकृत पदों में 2 अधीक्षक (व्याख्याता स्तर), 6 सहायक अधीक्षक (यू.डी.टी. स्तर), 4 कम्प्यूटर ऑपरेटर, 8 चौकीदार, 10 रसोईया, 10 पानी वाला और 10 स्वीपर के पद शामिल हैं। पदों की निरंतरता मंत्रि-परिषद द्वारा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग की संस्थाओं के 1401 पदों में से चतुर्थ श्रेणी के डाइंग कैडर के रिक्त 38 पदों को समाप्त कर कुल 1363 अस्थाई पर्दो की निरन्तरता 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक करने की स्वीकृति प्रदान की गई। संविलियन मंत्रि-परिषद द्वारा राजधानी परियोजना प्रशासन का विघटन कर लोक निर्माण विभाग, वन विभाग और अन्य विभागों में संविलियन करने की अनुमति दी गई। अन्य निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा परिवहन विभाग जिला ग्वालियर स्थित ग्वालियर बस डिपो, परिवहन विभाग की तराना जिला उज्जैन स्थित बस डिपो और राजस्व विभाग की मिड टाउन कॉलोनी के पीछ रतलाम स्थित भूमि परिसम्पत्ति के निर्वर्तन हेतु H-1 निविदाकार द्वारा निविदा राशि का 100% जमा करने के उपरांत अनुबंध/रजिस्ट्री की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जाने का निर्णय लिया गया।
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3 March 2022भोपाल। राजधानी भोपाल के पास सीहोर जिले में रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस मुद्दे को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपना रही है और लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है। वहीं अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के 5 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सीहोर में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के दर्शन करने व उनसे भेंट करने कथास्थल पहुंचेगा। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि जिस प्रकार से प्रशासन ने दबाव डालकर सीहोर में "रुद्राक्ष महोत्सव " के आयोजन को निरस्त कराया है, इससे लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई है और जिस प्रकार से कथावाचक जी ने आंखों में आंसू लिए व्यासपीठ से, दबाव के कारण उक्त निर्णय को लिए जाने की बात कही है, उसके बाद से ही श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश भी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब कई दिनों पूर्व से ही इस आयोजन की जानकारी व सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जा चुकी थी तो क्या कारण है कि प्रशासन ने इस आयोजन के लिये कोई व्यवस्था तक नहीं की? धर्म प्रेमी प्रदेश में ऐसी घटना आज तक के इतिहास में नहीं हुई है। कांग्रेस की इस पांच सदस्यीय टीम में पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा, जिला अध्यक्ष बलबीर सिंह तोमर, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल और वरिष्ठ नेता अवनीश भार्गव शामिल रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस का यह प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर 3 बजे सिहोर में कथास्थल पहुँचेगा।
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2 March 2022भोपाल। राजधानी भोपाल के पास सीहोर जिले में रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस मुद्दे को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपना रही है और लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है। वहीं अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के 5 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सीहोर में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के दर्शन करने व उनसे भेंट करने कथास्थल पहुंचेगा। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि जिस प्रकार से प्रशासन ने दबाव डालकर सीहोर में "रुद्राक्ष महोत्सव " के आयोजन को निरस्त कराया है, इससे लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई है और जिस प्रकार से कथावाचक जी ने आंखों में आंसू लिए व्यासपीठ से, दबाव के कारण उक्त निर्णय को लिए जाने की बात कही है, उसके बाद से ही श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश भी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब कई दिनों पूर्व से ही इस आयोजन की जानकारी व सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जा चुकी थी तो क्या कारण है कि प्रशासन ने इस आयोजन के लिये कोई व्यवस्था तक नहीं की? धर्म प्रेमी प्रदेश में ऐसी घटना आज तक के इतिहास में नहीं हुई है। कांग्रेस की इस पांच सदस्यीय टीम में पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा, जिला अध्यक्ष बलबीर सिंह तोमर, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल और वरिष्ठ नेता अवनीश भार्गव शामिल रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस का यह प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर 3 बजे सिहोर में कथास्थल पहुँचेगा।
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2 March 2022भोपाल। राजधानी भोपाल के पास सीहोर जिले में रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस मुद्दे को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपना रही है और लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है। वहीं अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के 5 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सीहोर में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के दर्शन करने व उनसे भेंट करने कथास्थल पहुंचेगा। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि जिस प्रकार से प्रशासन ने दबाव डालकर सीहोर में "रुद्राक्ष महोत्सव " के आयोजन को निरस्त कराया है, इससे लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई है और जिस प्रकार से कथावाचक जी ने आंखों में आंसू लिए व्यासपीठ से, दबाव के कारण उक्त निर्णय को लिए जाने की बात कही है, उसके बाद से ही श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश भी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब कई दिनों पूर्व से ही इस आयोजन की जानकारी व सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जा चुकी थी तो क्या कारण है कि प्रशासन ने इस आयोजन के लिये कोई व्यवस्था तक नहीं की? धर्म प्रेमी प्रदेश में ऐसी घटना आज तक के इतिहास में नहीं हुई है। कांग्रेस की इस पांच सदस्यीय टीम में पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा, जिला अध्यक्ष बलबीर सिंह तोमर, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल और वरिष्ठ नेता अवनीश भार्गव शामिल रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस का यह प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर 3 बजे सिहोर में कथास्थल पहुँचेगा।
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2 March 2022भोपाल। राजधानी भोपाल के पास सीहोर जिले में रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस मुद्दे को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपना रही है और लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है। वहीं अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के 5 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सीहोर में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के दर्शन करने व उनसे भेंट करने कथास्थल पहुंचेगा। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि जिस प्रकार से प्रशासन ने दबाव डालकर सीहोर में "रुद्राक्ष महोत्सव " के आयोजन को निरस्त कराया है, इससे लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई है और जिस प्रकार से कथावाचक जी ने आंखों में आंसू लिए व्यासपीठ से, दबाव के कारण उक्त निर्णय को लिए जाने की बात कही है, उसके बाद से ही श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश भी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब कई दिनों पूर्व से ही इस आयोजन की जानकारी व सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जा चुकी थी तो क्या कारण है कि प्रशासन ने इस आयोजन के लिये कोई व्यवस्था तक नहीं की? धर्म प्रेमी प्रदेश में ऐसी घटना आज तक के इतिहास में नहीं हुई है। कांग्रेस की इस पांच सदस्यीय टीम में पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा, जिला अध्यक्ष बलबीर सिंह तोमर, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल और वरिष्ठ नेता अवनीश भार्गव शामिल रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस का यह प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर 3 बजे सिहोर में कथास्थल पहुँचेगा।
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2 March 2022भोपाल। राजधानी भोपाल के पास सीहोर जिले में रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस मुद्दे को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपना रही है और लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है। वहीं अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के 5 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सीहोर में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के दर्शन करने व उनसे भेंट करने कथास्थल पहुंचेगा। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि जिस प्रकार से प्रशासन ने दबाव डालकर सीहोर में "रुद्राक्ष महोत्सव " के आयोजन को निरस्त कराया है, इससे लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई है और जिस प्रकार से कथावाचक जी ने आंखों में आंसू लिए व्यासपीठ से, दबाव के कारण उक्त निर्णय को लिए जाने की बात कही है, उसके बाद से ही श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश भी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब कई दिनों पूर्व से ही इस आयोजन की जानकारी व सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जा चुकी थी तो क्या कारण है कि प्रशासन ने इस आयोजन के लिये कोई व्यवस्था तक नहीं की? धर्म प्रेमी प्रदेश में ऐसी घटना आज तक के इतिहास में नहीं हुई है। कांग्रेस की इस पांच सदस्यीय टीम में पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा, जिला अध्यक्ष बलबीर सिंह तोमर, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल और वरिष्ठ नेता अवनीश भार्गव शामिल रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस का यह प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर 3 बजे सिहोर में कथास्थल पहुँचेगा।
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2 March 2022भोपाल। राजधानी भोपाल के पास सीहोर जिले में रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस मुद्दे को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपना रही है और लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है। वहीं अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के 5 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सीहोर में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के दर्शन करने व उनसे भेंट करने कथास्थल पहुंचेगा। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि जिस प्रकार से प्रशासन ने दबाव डालकर सीहोर में "रुद्राक्ष महोत्सव " के आयोजन को निरस्त कराया है, इससे लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई है और जिस प्रकार से कथावाचक जी ने आंखों में आंसू लिए व्यासपीठ से, दबाव के कारण उक्त निर्णय को लिए जाने की बात कही है, उसके बाद से ही श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश भी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब कई दिनों पूर्व से ही इस आयोजन की जानकारी व सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जा चुकी थी तो क्या कारण है कि प्रशासन ने इस आयोजन के लिये कोई व्यवस्था तक नहीं की? धर्म प्रेमी प्रदेश में ऐसी घटना आज तक के इतिहास में नहीं हुई है। कांग्रेस की इस पांच सदस्यीय टीम में पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा, जिला अध्यक्ष बलबीर सिंह तोमर, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल और वरिष्ठ नेता अवनीश भार्गव शामिल रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस का यह प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर 3 बजे सिहोर में कथास्थल पहुँचेगा।
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2 March 2022भोपाल। राजधानी भोपाल के पास सीहोर जिले में रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस मुद्दे को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपना रही है और लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है। वहीं अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के 5 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सीहोर में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के दर्शन करने व उनसे भेंट करने कथास्थल पहुंचेगा। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि जिस प्रकार से प्रशासन ने दबाव डालकर सीहोर में "रुद्राक्ष महोत्सव " के आयोजन को निरस्त कराया है, इससे लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई है और जिस प्रकार से कथावाचक जी ने आंखों में आंसू लिए व्यासपीठ से, दबाव के कारण उक्त निर्णय को लिए जाने की बात कही है, उसके बाद से ही श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश भी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब कई दिनों पूर्व से ही इस आयोजन की जानकारी व सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जा चुकी थी तो क्या कारण है कि प्रशासन ने इस आयोजन के लिये कोई व्यवस्था तक नहीं की? धर्म प्रेमी प्रदेश में ऐसी घटना आज तक के इतिहास में नहीं हुई है। कांग्रेस की इस पांच सदस्यीय टीम में पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा, जिला अध्यक्ष बलबीर सिंह तोमर, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल और वरिष्ठ नेता अवनीश भार्गव शामिल रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस का यह प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर 3 बजे सिहोर में कथास्थल पहुँचेगा।
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2 March 2022भोपाल। राजधानी भोपाल के पास सीहोर जिले में रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस मुद्दे को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपना रही है और लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है। वहीं अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के 5 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सीहोर में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के दर्शन करने व उनसे भेंट करने कथास्थल पहुंचेगा। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि जिस प्रकार से प्रशासन ने दबाव डालकर सीहोर में "रुद्राक्ष महोत्सव " के आयोजन को निरस्त कराया है, इससे लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई है और जिस प्रकार से कथावाचक जी ने आंखों में आंसू लिए व्यासपीठ से, दबाव के कारण उक्त निर्णय को लिए जाने की बात कही है, उसके बाद से ही श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश भी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब कई दिनों पूर्व से ही इस आयोजन की जानकारी व सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जा चुकी थी तो क्या कारण है कि प्रशासन ने इस आयोजन के लिये कोई व्यवस्था तक नहीं की? धर्म प्रेमी प्रदेश में ऐसी घटना आज तक के इतिहास में नहीं हुई है। कांग्रेस की इस पांच सदस्यीय टीम में पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा, जिला अध्यक्ष बलबीर सिंह तोमर, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल और वरिष्ठ नेता अवनीश भार्गव शामिल रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस का यह प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर 3 बजे सिहोर में कथास्थल पहुँचेगा।
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2 March 2022भोपाल। राजधानी भोपाल के पास सीहोर जिले में रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस मुद्दे को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपना रही है और लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है। वहीं अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के 5 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सीहोर में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के दर्शन करने व उनसे भेंट करने कथास्थल पहुंचेगा। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि जिस प्रकार से प्रशासन ने दबाव डालकर सीहोर में "रुद्राक्ष महोत्सव " के आयोजन को निरस्त कराया है, इससे लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई है और जिस प्रकार से कथावाचक जी ने आंखों में आंसू लिए व्यासपीठ से, दबाव के कारण उक्त निर्णय को लिए जाने की बात कही है, उसके बाद से ही श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश भी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब कई दिनों पूर्व से ही इस आयोजन की जानकारी व सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जा चुकी थी तो क्या कारण है कि प्रशासन ने इस आयोजन के लिये कोई व्यवस्था तक नहीं की? धर्म प्रेमी प्रदेश में ऐसी घटना आज तक के इतिहास में नहीं हुई है। कांग्रेस की इस पांच सदस्यीय टीम में पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा, जिला अध्यक्ष बलबीर सिंह तोमर, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल और वरिष्ठ नेता अवनीश भार्गव शामिल रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस का यह प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर 3 बजे सिहोर में कथास्थल पहुँचेगा।
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2 March 2022भोपाल। राजधानी भोपाल के पास सीहोर जिले में रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस मुद्दे को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपना रही है और लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है। वहीं अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के 5 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सीहोर में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के दर्शन करने व उनसे भेंट करने कथास्थल पहुंचेगा। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि जिस प्रकार से प्रशासन ने दबाव डालकर सीहोर में "रुद्राक्ष महोत्सव " के आयोजन को निरस्त कराया है, इससे लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई है और जिस प्रकार से कथावाचक जी ने आंखों में आंसू लिए व्यासपीठ से, दबाव के कारण उक्त निर्णय को लिए जाने की बात कही है, उसके बाद से ही श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश भी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब कई दिनों पूर्व से ही इस आयोजन की जानकारी व सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जा चुकी थी तो क्या कारण है कि प्रशासन ने इस आयोजन के लिये कोई व्यवस्था तक नहीं की? धर्म प्रेमी प्रदेश में ऐसी घटना आज तक के इतिहास में नहीं हुई है। कांग्रेस की इस पांच सदस्यीय टीम में पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा, जिला अध्यक्ष बलबीर सिंह तोमर, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल और वरिष्ठ नेता अवनीश भार्गव शामिल रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस का यह प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर 3 बजे सिहोर में कथास्थल पहुँचेगा।
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2 March 2022भोपाल। राजधानी भोपाल के पास सीहोर जिले में रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर शुरू हुआ राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस मुद्दे को लेकर लगातार आक्रामक रुख अपना रही है और लगातार भाजपा पर निशाना साध रही है। वहीं अब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस के 5 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सीहोर में प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी के दर्शन करने व उनसे भेंट करने कथास्थल पहुंचेगा। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने बताया कि जिस प्रकार से प्रशासन ने दबाव डालकर सीहोर में "रुद्राक्ष महोत्सव " के आयोजन को निरस्त कराया है, इससे लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई है और जिस प्रकार से कथावाचक जी ने आंखों में आंसू लिए व्यासपीठ से, दबाव के कारण उक्त निर्णय को लिए जाने की बात कही है, उसके बाद से ही श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश भी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब कई दिनों पूर्व से ही इस आयोजन की जानकारी व सूचना स्थानीय प्रशासन को दी जा चुकी थी तो क्या कारण है कि प्रशासन ने इस आयोजन के लिये कोई व्यवस्था तक नहीं की? धर्म प्रेमी प्रदेश में ऐसी घटना आज तक के इतिहास में नहीं हुई है। कांग्रेस की इस पांच सदस्यीय टीम में पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा, जिला अध्यक्ष बलबीर सिंह तोमर, पूर्व विधायक रमेश सक्सेना, पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल और वरिष्ठ नेता अवनीश भार्गव शामिल रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर कांग्रेस का यह प्रतिनिधिमंडल आज दोपहर 3 बजे सिहोर में कथास्थल पहुँचेगा।
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2 March 2022भोपाल। भोपाल के करीब सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस पूरे मामले में अब राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। मंगलवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से वीडियो कॉल पर बात की। जिसके बाद मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी इवेंट को लेकर सरकार को घेरा है। कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या, शिवराज जी की सरकार, शिवराज जी का क्षेत्र और शिव ज्ञान की गंगा बहाने वाला 'शिव महापुराण व रुद्राक्ष महोत्सव' का 7 दिवसीय महाआयोजन दबाव डालकर पहले दिन ही स्थगित करा दिया गया, क्योंकि प्रशासन लाखों श्रद्धालुओं की व्यवस्था संभालने में असफल साबितज्? एक कथावाचक को आंखों में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिए कुछ और हो नहीं हो सकता है। कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि जो खुद को धर्मप्रेमी बताते हैं यह है, उनकी सरकार की हकीकत, बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाराज, प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ।
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1 March 2022भोपाल। भोपाल के करीब सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस पूरे मामले में अब राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। मंगलवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से वीडियो कॉल पर बात की। जिसके बाद मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी इवेंट को लेकर सरकार को घेरा है। कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या, शिवराज जी की सरकार, शिवराज जी का क्षेत्र और शिव ज्ञान की गंगा बहाने वाला 'शिव महापुराण व रुद्राक्ष महोत्सव' का 7 दिवसीय महाआयोजन दबाव डालकर पहले दिन ही स्थगित करा दिया गया, क्योंकि प्रशासन लाखों श्रद्धालुओं की व्यवस्था संभालने में असफल साबितज्? एक कथावाचक को आंखों में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिए कुछ और हो नहीं हो सकता है। कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि जो खुद को धर्मप्रेमी बताते हैं यह है, उनकी सरकार की हकीकत, बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाराज, प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ।
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1 March 2022भोपाल। भोपाल के करीब सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस पूरे मामले में अब राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। मंगलवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से वीडियो कॉल पर बात की। जिसके बाद मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी इवेंट को लेकर सरकार को घेरा है। कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या, शिवराज जी की सरकार, शिवराज जी का क्षेत्र और शिव ज्ञान की गंगा बहाने वाला 'शिव महापुराण व रुद्राक्ष महोत्सव' का 7 दिवसीय महाआयोजन दबाव डालकर पहले दिन ही स्थगित करा दिया गया, क्योंकि प्रशासन लाखों श्रद्धालुओं की व्यवस्था संभालने में असफल साबितज्? एक कथावाचक को आंखों में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिए कुछ और हो नहीं हो सकता है। कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि जो खुद को धर्मप्रेमी बताते हैं यह है, उनकी सरकार की हकीकत, बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाराज, प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ।
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1 March 2022भोपाल। भोपाल के करीब सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस पूरे मामले में अब राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। मंगलवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से वीडियो कॉल पर बात की। जिसके बाद मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी इवेंट को लेकर सरकार को घेरा है। कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या, शिवराज जी की सरकार, शिवराज जी का क्षेत्र और शिव ज्ञान की गंगा बहाने वाला 'शिव महापुराण व रुद्राक्ष महोत्सव' का 7 दिवसीय महाआयोजन दबाव डालकर पहले दिन ही स्थगित करा दिया गया, क्योंकि प्रशासन लाखों श्रद्धालुओं की व्यवस्था संभालने में असफल साबितज्? एक कथावाचक को आंखों में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिए कुछ और हो नहीं हो सकता है। कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि जो खुद को धर्मप्रेमी बताते हैं यह है, उनकी सरकार की हकीकत, बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाराज, प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ।
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1 March 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर एक मार्च को भगवान महाकालेश्वर की नगरी उज्जैन में शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव में शामिल होंगे। महोत्सव में पुण्य सलिला माँ क्षिप्रा के विभिन्न घाटों, देवस्थानों, मंदिरों सहित उज्जैन नगर में घर-घर दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे। शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव में 21 लाख दीप प्रज्ज्वलित करने का लक्ष्य रखा गया है। महोत्सव के लिए राणौजी की छतरी पर बने स्टेज से मुख्यमंत्री चौहान महोत्सव में शामिल होंगे तथा रामघाट पर दीप प्रज्जवलित करेंगे। जनसम्पर्क अधिकारी संदीप कपूर ने सोमवार को बताया कि महाशिवरात्रि पर्व पर त्रिवेणी कला संग्रहालय उज्जैन में शिव सत्य की कला अभिव्यक्तियों पर केन्द्रित महादेव कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। एक मार्च महाशिवरात्रि से शुरू यह कार्यक्रम तीन मार्च तक चलेगा। इसमें व्याख्यान के साथ शास्त्रीय एवं लोकनृत्य शैलियों में नृत्य नाटिका और समूह नृत्य की प्रस्तुति होगी। साथ ही भक्ति गायन, लोक गायन, चित्रांकन शिविर और प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। खिलाड़ी, व्यापारी, विद्यार्थियों सहित अखाड़ों के संत भी होंगे शामिल महोत्सव के लिए उज्जैनवासियों में अपार उत्साह है। क्षिप्रा नदी पर स्थित घाटों पर 13 लाख दीप प्रज्ज्वलित करने की व्यवस्था की गई है। महोत्सव में क्षिप्रा नदी स्थित रामघाट, दत्त अखाड़ा, नरसिंह घाट, रविदास घाट, गुरूनानक घाट, सुनहरी घाट आदि पर दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त महाकाल मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, मंगलनाथ मंदिर, गोपाल मंदिर, काल भैरव, गढ़कालिका और सिद्ध वट पर भी दीप शोभायमान होंगे। टॉवर चौराहा, शहीद पार्क, क्षीरसागर और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर जन-सहभागिता से बड़ी संख्या में दीप प्रज्जवलित करने की योजना है। शहर के लोग अपने-अपने घरों में भी दीप जलाएंगे। इस पूरी व्यवस्था के लिए सेक्टर प्रभारियों को दायित्व सौंपा गया है। शिव ज्योति अर्पणम महोत्सव को गिनीज वर्ल्ड ऑफ रिकार्ड में दर्ज कराने के लिए बड़ी संख्या में स्वयंसेवी जुटे हैं। स्वयंसेवी संस्थाएँ, सामाजिक संगठन, धार्मिक संस्थान, खिलाड़ी, व्यापारी, विद्यार्थी और अखाड़ों के संतगण भी अभियान में शामिल हैं। क्षिप्रा नदी के घाटों पर 13 लाख दीपों सहित मंदिरों, सार्वजनिक स्थलों, घरों में समग्र रूप से 21 लाख दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे। एक स्वयंसेवक पर 100 दीयों के प्रज्जवलन का दायित्व महोत्सव में घर-घर दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। समस्त व्यावसायिक स्थलों और प्रतिष्ठानों पर आकर्षक विद्युत साज-सज्जा की जाएगी। उज्जैन शहर को भी सजाया जाएगा। क्षिप्रा नदी के तटों पर दीप प्रज्जवलन के लिए सात सेक्टर बनाए गए हैं। रामघाट पर 3 लाख 64 हजार 132, दत्त अखाड़ा पर 2 लाख 12 हजार 204, भूखी माता मंदिर में 2 लाख 21 हजार 482, नरसिंहघाट कर्क राजमंदिर पर एक लाख 74 हजार 734, नरसिंहघाट पुल भूखी माता घाट पर एक लाख 69 हजार 328, धोबीघाट पर एक लाख 14 हजार 748 और सुनहरी घाट पर 50 हजार 280 दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे। तेरह लाख मिट्टी के दीयों के प्रज्जवलन में 13 हजार स्वयंसेवकों की भागीदारी रहेगी, जिसका पर्यवेक्षण 200 पर्यवेक्षक करेंगे। इस आयोजन के लिए 6 समितियों का गठन किया गया है। प्रत्येक 100 दीयों के प्रज्जवलन का दायित्व एक स्वयंसेवक पर होगा। प्रत्येक ब्लॉक में 200 दीपक होंगे, प्रत्येक उप क्षेत्र में 10 हजार ब्लॉक होंगे। कार्यक्रम के लिए बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने पंजीयन कराया है। जीरो वेस्ट स्वरूप में आयोजित होगा कार्यक्रम एक साथ 21 लाख दीप प्रज्जवलित करने के इस महोत्सव को रिकार्ड के रूप में दर्ज करने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड की टीम उज्जैन पहुँच गई है। इतनी विशाल संख्या में दीप प्रज्जवलित करने इस कार्यक्रम को स्वच्छता और पर्यावरण की दृष्टि से पूरी संवेदनशीलता के साथ क्रियान्वित किया जाएगा। प्रयास यह है कि कार्यक्रम जीरो वेस्ट स्वरूप में हो। महोत्सव में ऐसी सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, जिसकी रिसाइक्लिंग संभव होगी। उज्जैन, उड़ीसा, केरल के कलाकार देंगे सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ महाशिवरात्रि पर्व पर त्रिवेणी कला संग्रहालय उज्जैन में महादेव-शिव सत्य की कला अभिव्यक्तियाँ में व्याख्यान, नृत्य, संगीत और चित्रांकन पर केन्द्रित तीन दिवसीय कार्यक्रम होगा। एक मार्च को अर्द्धनारीश्वर स्वरूप तथा महिमा विषय पर उज्जैन के डॉ. बालकृष्ण शर्मा का व्याख्यान होगा। साथ ही भुवनेश्वर के गुरू अतसी मिश्रा एवं समूह द्वारा शास्त्रीय एवं लोकनृत्य शैलियों पर केन्द्रित कल्याण सुन्दरम् नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी। उज्जैन के नितिन अखंड एवं साथी भक्ति गायन में शिव महिमा प्रस्तुत करेंगे। दो मार्च को उज्जैन के आनंद शंकर व्यास, उज्जयिनी महाकाल और काल गणना की नगरी विषय पर व्याख्यान देंगे। कन्नूर केरल की डॉ. लता इडावलत के निर्देशन में शास्त्रीय नृत्य शैलियों में अर्द्धनारीश्वर समूह नृत्य की प्रस्तुति होगी। उज्जैन के डॉ. राजुल सिंधी तथा साथी लोक गायन स्वरूप में शिव महिमा प्रस्तुत करेंगे। अंतिम दिन तीन मार्च को मनोज श्रीवास्तव का "शिव विवाह संदर्भ : दर्शन तथा प्रदर्शन'' विषय पर व्याख्यान होगा। उज्जैन की कृष्णा वर्मा एवं साथी माच शैली में शिव बारात की प्रस्तुति देंगे और उज्जैन की ही डॉ. खुशबू पांचाल एवं साथियों द्वारा शिव आनंद तांडव नृत्य नाटिका प्रस्तुत की जाएगी। शासकीय ललित कला संस्थान इंदौर के कलाकारों द्वारा चित्रांकन शिविर और प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
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28 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में सांख्यिकीय प्रणाली के काम-काज के सही मूल्यांकन और नीति निर्माण में डेटा की गुणवत्ता और प्रणाली में सुधार के लिए गठित टॉस्क फोर्स की अनुशंसाओं पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे। सांख्यिकीय प्रणाली को बेहतर बनाकर जनहित में उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. अमिताभ कुंडू की अध्यक्षता में गठित कुंडू टॉस्क फोर्स (समिति) द्वारा प्रतिवेदन सौंपे जाने पर अपने विचार रखे। उन्होंने प्रो. अमिताभ कुंडू द्वारा सौंपे गए प्रतिवेदन का लोकार्पण किया। टास्क फोर्स द्वारा दी गई रिपोर्ट में राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा भी शामिल है। यह आयोग इस क्षेत्र में तकनीकी मार्गदर्शन का कार्य करेगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी, टॉस्क फोर्स के सदस्य प्रो. गणेश कवाड़िया, अमिताभ पंडा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव जनसंपर्क राघवेन्द्र कुमार सिंह और आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी और टॉस्क फोर्स के संयोजक अभिषेक सिंह उपस्थित थे। महत्वपूर्ण और उपयोगी हैं टॉस्क फोर्स की अनुशंसाएं मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के निर्माण और केन्द्र सरकार से धन राशि के आवंटन के लिए प्रामाणिक आंकड़े आवश्यक होते हैं। जीडीपी के आकलन और परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भी ये आंकड़े उपयोगी होते हैं। कुंडू टॉस्क फोर्स का गठन कर इसके आवश्यक अध्ययन और शोध की व्यवस्था की गई। इससे राज्य और जिला स्तर पर वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार, नागरिकों और विशेषज्ञों के लिए प्रकाशनों को व्यापक, सुलभ एवं सुपाठ्य बनाने के लिए नए और अभिनव उपाय सुझाना भी आसान होगा। उन्होंने कहा कि गत दो माह में प्रदेश के 10 लाख लोगों को विभिन्न रोजगार से जोड़ने में सफलता मिली है। महिला स्व-सहायता समूह भी अच्छा कार्य कर रहे हैं। कुंडू समिति के प्रतिवेदन में प्रदेश में हुई इस ग्रोथ का भी उल्लेख है। इसके अलावा अन्य अनुशंसाओं में सांख्यिकीय विभाग के कर्मचारियों को सर्वेक्षण, आय अनुमान, सांख्यिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण देने पर जोर दिया गया है। राज्य में नमूना सर्वेक्षणों की क्षमता और गुणवत्ता में सुधार के लिए नमूना सर्वेक्षणों को डिजाइन और संचालित करने की योजना, राज्य स्तर पर नमूना सर्वेक्षण विंग बनाने की जरूरत का भी उल्लेख है। डेटा प्रबंधन प्रणालियों का आधुनिकीकरण टॉस्क फोर्स के उद्देश्यों में से एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सही डेटा राज्य के जीडीपी के आकार और आकलन के साथ ही संपूर्ण व्यवस्था को सशक्त बनाने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने टॉस्क फोर्स को सिर्फ पांच माह की अवधि में प्रतिवेदन तैयार कर सौंपने के लिए धन्यवाद दिया। मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में दिख रही अच्छी प्रगति- प्रो. कुंडू टॉस्क फोर्स के अध्यक्ष प्रो. अमिताभ कुंडू ने कहा कि जिलों में भ्रमण और विभिन्न बैठकों के बाद प्रतिवेदन तैयार किया गया है। नीति निर्धारण में यह प्रतिवेदन सहयोगी होगा। प्रो. कुंडू ने कहा कि मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में अच्छी प्रगति है। मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम जरूरतमंदों के लिए सहारा बन रहे हैं। प्रदेश में सांख्यिकी संकलन और प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा की गई है। साथ ही राज्य स्तरीय डाटा रेसेर्वियार की स्थापना की बात भी कही गई है, जिसमें समस्त विभागों के डाटा संकलन का कार्य योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मुख्यालय में हो सके। अन्य प्रमुख अनुशंसाएं -सर्वेक्षण संवर्ग का गठन एवं पेशेवर सांख्यिकीय सेवा का निर्माण। -राज्य स्तरीय सांख्यिकीय एवं अधिनस्थ सेवा का पुनर्गठन, डाटा प्रबंधन प्रणाली का आधुनिकीकऱण, अत्याधुनिक एवं पेशेवर सांख्यिकीय सेवा का निर्माण। -जीएसडीपी की गणना के लिए एवं आय, कीमतों और व्यय का अनुमान लगाने, डीएसडीपी और कीमतों का अनुमान, व्यय-पक्ष अनुमान के लिए अनपाए गए वर्तमान दृष्टिकोण को उन्नत करने के उपाय और सुझाव। -टॉस्क फोर्स ने जिला स्तर पर जीडीपी कैलकुलेशन का सुझाव दिया है। -उपरोक्त सुधारों के उपरांत राज्य में विश्वनीय सांख्यिकीय आंकड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, जिसके आधार पर राज्य, वैज्ञानिक और सटीक नीतियों का निर्माण तथा योजनाओं का निश्चित आउटकम प्राप्त करने के लिए सक्षम निर्णय ले सकेगा।
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26 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में सांख्यिकीय प्रणाली के काम-काज के सही मूल्यांकन और नीति निर्माण में डेटा की गुणवत्ता और प्रणाली में सुधार के लिए गठित टॉस्क फोर्स की अनुशंसाओं पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे। सांख्यिकीय प्रणाली को बेहतर बनाकर जनहित में उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. अमिताभ कुंडू की अध्यक्षता में गठित कुंडू टॉस्क फोर्स (समिति) द्वारा प्रतिवेदन सौंपे जाने पर अपने विचार रखे। उन्होंने प्रो. अमिताभ कुंडू द्वारा सौंपे गए प्रतिवेदन का लोकार्पण किया। टास्क फोर्स द्वारा दी गई रिपोर्ट में राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा भी शामिल है। यह आयोग इस क्षेत्र में तकनीकी मार्गदर्शन का कार्य करेगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी, टॉस्क फोर्स के सदस्य प्रो. गणेश कवाड़िया, अमिताभ पंडा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव जनसंपर्क राघवेन्द्र कुमार सिंह और आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी और टॉस्क फोर्स के संयोजक अभिषेक सिंह उपस्थित थे। महत्वपूर्ण और उपयोगी हैं टॉस्क फोर्स की अनुशंसाएं मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के निर्माण और केन्द्र सरकार से धन राशि के आवंटन के लिए प्रामाणिक आंकड़े आवश्यक होते हैं। जीडीपी के आकलन और परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भी ये आंकड़े उपयोगी होते हैं। कुंडू टॉस्क फोर्स का गठन कर इसके आवश्यक अध्ययन और शोध की व्यवस्था की गई। इससे राज्य और जिला स्तर पर वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार, नागरिकों और विशेषज्ञों के लिए प्रकाशनों को व्यापक, सुलभ एवं सुपाठ्य बनाने के लिए नए और अभिनव उपाय सुझाना भी आसान होगा। उन्होंने कहा कि गत दो माह में प्रदेश के 10 लाख लोगों को विभिन्न रोजगार से जोड़ने में सफलता मिली है। महिला स्व-सहायता समूह भी अच्छा कार्य कर रहे हैं। कुंडू समिति के प्रतिवेदन में प्रदेश में हुई इस ग्रोथ का भी उल्लेख है। इसके अलावा अन्य अनुशंसाओं में सांख्यिकीय विभाग के कर्मचारियों को सर्वेक्षण, आय अनुमान, सांख्यिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण देने पर जोर दिया गया है। राज्य में नमूना सर्वेक्षणों की क्षमता और गुणवत्ता में सुधार के लिए नमूना सर्वेक्षणों को डिजाइन और संचालित करने की योजना, राज्य स्तर पर नमूना सर्वेक्षण विंग बनाने की जरूरत का भी उल्लेख है। डेटा प्रबंधन प्रणालियों का आधुनिकीकरण टॉस्क फोर्स के उद्देश्यों में से एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सही डेटा राज्य के जीडीपी के आकार और आकलन के साथ ही संपूर्ण व्यवस्था को सशक्त बनाने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने टॉस्क फोर्स को सिर्फ पांच माह की अवधि में प्रतिवेदन तैयार कर सौंपने के लिए धन्यवाद दिया। मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में दिख रही अच्छी प्रगति- प्रो. कुंडू टॉस्क फोर्स के अध्यक्ष प्रो. अमिताभ कुंडू ने कहा कि जिलों में भ्रमण और विभिन्न बैठकों के बाद प्रतिवेदन तैयार किया गया है। नीति निर्धारण में यह प्रतिवेदन सहयोगी होगा। प्रो. कुंडू ने कहा कि मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में अच्छी प्रगति है। मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम जरूरतमंदों के लिए सहारा बन रहे हैं। प्रदेश में सांख्यिकी संकलन और प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा की गई है। साथ ही राज्य स्तरीय डाटा रेसेर्वियार की स्थापना की बात भी कही गई है, जिसमें समस्त विभागों के डाटा संकलन का कार्य योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मुख्यालय में हो सके। अन्य प्रमुख अनुशंसाएं -सर्वेक्षण संवर्ग का गठन एवं पेशेवर सांख्यिकीय सेवा का निर्माण। -राज्य स्तरीय सांख्यिकीय एवं अधिनस्थ सेवा का पुनर्गठन, डाटा प्रबंधन प्रणाली का आधुनिकीकऱण, अत्याधुनिक एवं पेशेवर सांख्यिकीय सेवा का निर्माण। -जीएसडीपी की गणना के लिए एवं आय, कीमतों और व्यय का अनुमान लगाने, डीएसडीपी और कीमतों का अनुमान, व्यय-पक्ष अनुमान के लिए अनपाए गए वर्तमान दृष्टिकोण को उन्नत करने के उपाय और सुझाव। -टॉस्क फोर्स ने जिला स्तर पर जीडीपी कैलकुलेशन का सुझाव दिया है। -उपरोक्त सुधारों के उपरांत राज्य में विश्वनीय सांख्यिकीय आंकड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, जिसके आधार पर राज्य, वैज्ञानिक और सटीक नीतियों का निर्माण तथा योजनाओं का निश्चित आउटकम प्राप्त करने के लिए सक्षम निर्णय ले सकेगा।
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26 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में सांख्यिकीय प्रणाली के काम-काज के सही मूल्यांकन और नीति निर्माण में डेटा की गुणवत्ता और प्रणाली में सुधार के लिए गठित टॉस्क फोर्स की अनुशंसाओं पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे। सांख्यिकीय प्रणाली को बेहतर बनाकर जनहित में उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. अमिताभ कुंडू की अध्यक्षता में गठित कुंडू टॉस्क फोर्स (समिति) द्वारा प्रतिवेदन सौंपे जाने पर अपने विचार रखे। उन्होंने प्रो. अमिताभ कुंडू द्वारा सौंपे गए प्रतिवेदन का लोकार्पण किया। टास्क फोर्स द्वारा दी गई रिपोर्ट में राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा भी शामिल है। यह आयोग इस क्षेत्र में तकनीकी मार्गदर्शन का कार्य करेगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी, टॉस्क फोर्स के सदस्य प्रो. गणेश कवाड़िया, अमिताभ पंडा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव जनसंपर्क राघवेन्द्र कुमार सिंह और आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी और टॉस्क फोर्स के संयोजक अभिषेक सिंह उपस्थित थे। महत्वपूर्ण और उपयोगी हैं टॉस्क फोर्स की अनुशंसाएं मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के निर्माण और केन्द्र सरकार से धन राशि के आवंटन के लिए प्रामाणिक आंकड़े आवश्यक होते हैं। जीडीपी के आकलन और परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भी ये आंकड़े उपयोगी होते हैं। कुंडू टॉस्क फोर्स का गठन कर इसके आवश्यक अध्ययन और शोध की व्यवस्था की गई। इससे राज्य और जिला स्तर पर वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार, नागरिकों और विशेषज्ञों के लिए प्रकाशनों को व्यापक, सुलभ एवं सुपाठ्य बनाने के लिए नए और अभिनव उपाय सुझाना भी आसान होगा। उन्होंने कहा कि गत दो माह में प्रदेश के 10 लाख लोगों को विभिन्न रोजगार से जोड़ने में सफलता मिली है। महिला स्व-सहायता समूह भी अच्छा कार्य कर रहे हैं। कुंडू समिति के प्रतिवेदन में प्रदेश में हुई इस ग्रोथ का भी उल्लेख है। इसके अलावा अन्य अनुशंसाओं में सांख्यिकीय विभाग के कर्मचारियों को सर्वेक्षण, आय अनुमान, सांख्यिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण देने पर जोर दिया गया है। राज्य में नमूना सर्वेक्षणों की क्षमता और गुणवत्ता में सुधार के लिए नमूना सर्वेक्षणों को डिजाइन और संचालित करने की योजना, राज्य स्तर पर नमूना सर्वेक्षण विंग बनाने की जरूरत का भी उल्लेख है। डेटा प्रबंधन प्रणालियों का आधुनिकीकरण टॉस्क फोर्स के उद्देश्यों में से एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सही डेटा राज्य के जीडीपी के आकार और आकलन के साथ ही संपूर्ण व्यवस्था को सशक्त बनाने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने टॉस्क फोर्स को सिर्फ पांच माह की अवधि में प्रतिवेदन तैयार कर सौंपने के लिए धन्यवाद दिया। मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में दिख रही अच्छी प्रगति- प्रो. कुंडू टॉस्क फोर्स के अध्यक्ष प्रो. अमिताभ कुंडू ने कहा कि जिलों में भ्रमण और विभिन्न बैठकों के बाद प्रतिवेदन तैयार किया गया है। नीति निर्धारण में यह प्रतिवेदन सहयोगी होगा। प्रो. कुंडू ने कहा कि मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में अच्छी प्रगति है। मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम जरूरतमंदों के लिए सहारा बन रहे हैं। प्रदेश में सांख्यिकी संकलन और प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा की गई है। साथ ही राज्य स्तरीय डाटा रेसेर्वियार की स्थापना की बात भी कही गई है, जिसमें समस्त विभागों के डाटा संकलन का कार्य योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मुख्यालय में हो सके। अन्य प्रमुख अनुशंसाएं -सर्वेक्षण संवर्ग का गठन एवं पेशेवर सांख्यिकीय सेवा का निर्माण। -राज्य स्तरीय सांख्यिकीय एवं अधिनस्थ सेवा का पुनर्गठन, डाटा प्रबंधन प्रणाली का आधुनिकीकऱण, अत्याधुनिक एवं पेशेवर सांख्यिकीय सेवा का निर्माण। -जीएसडीपी की गणना के लिए एवं आय, कीमतों और व्यय का अनुमान लगाने, डीएसडीपी और कीमतों का अनुमान, व्यय-पक्ष अनुमान के लिए अनपाए गए वर्तमान दृष्टिकोण को उन्नत करने के उपाय और सुझाव। -टॉस्क फोर्स ने जिला स्तर पर जीडीपी कैलकुलेशन का सुझाव दिया है। -उपरोक्त सुधारों के उपरांत राज्य में विश्वनीय सांख्यिकीय आंकड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, जिसके आधार पर राज्य, वैज्ञानिक और सटीक नीतियों का निर्माण तथा योजनाओं का निश्चित आउटकम प्राप्त करने के लिए सक्षम निर्णय ले सकेगा।
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26 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में सांख्यिकीय प्रणाली के काम-काज के सही मूल्यांकन और नीति निर्माण में डेटा की गुणवत्ता और प्रणाली में सुधार के लिए गठित टॉस्क फोर्स की अनुशंसाओं पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे। सांख्यिकीय प्रणाली को बेहतर बनाकर जनहित में उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. अमिताभ कुंडू की अध्यक्षता में गठित कुंडू टॉस्क फोर्स (समिति) द्वारा प्रतिवेदन सौंपे जाने पर अपने विचार रखे। उन्होंने प्रो. अमिताभ कुंडू द्वारा सौंपे गए प्रतिवेदन का लोकार्पण किया। टास्क फोर्स द्वारा दी गई रिपोर्ट में राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा भी शामिल है। यह आयोग इस क्षेत्र में तकनीकी मार्गदर्शन का कार्य करेगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी, टॉस्क फोर्स के सदस्य प्रो. गणेश कवाड़िया, अमिताभ पंडा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव जनसंपर्क राघवेन्द्र कुमार सिंह और आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी और टॉस्क फोर्स के संयोजक अभिषेक सिंह उपस्थित थे। महत्वपूर्ण और उपयोगी हैं टॉस्क फोर्स की अनुशंसाएं मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के निर्माण और केन्द्र सरकार से धन राशि के आवंटन के लिए प्रामाणिक आंकड़े आवश्यक होते हैं। जीडीपी के आकलन और परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भी ये आंकड़े उपयोगी होते हैं। कुंडू टॉस्क फोर्स का गठन कर इसके आवश्यक अध्ययन और शोध की व्यवस्था की गई। इससे राज्य और जिला स्तर पर वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार, नागरिकों और विशेषज्ञों के लिए प्रकाशनों को व्यापक, सुलभ एवं सुपाठ्य बनाने के लिए नए और अभिनव उपाय सुझाना भी आसान होगा। उन्होंने कहा कि गत दो माह में प्रदेश के 10 लाख लोगों को विभिन्न रोजगार से जोड़ने में सफलता मिली है। महिला स्व-सहायता समूह भी अच्छा कार्य कर रहे हैं। कुंडू समिति के प्रतिवेदन में प्रदेश में हुई इस ग्रोथ का भी उल्लेख है। इसके अलावा अन्य अनुशंसाओं में सांख्यिकीय विभाग के कर्मचारियों को सर्वेक्षण, आय अनुमान, सांख्यिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण देने पर जोर दिया गया है। राज्य में नमूना सर्वेक्षणों की क्षमता और गुणवत्ता में सुधार के लिए नमूना सर्वेक्षणों को डिजाइन और संचालित करने की योजना, राज्य स्तर पर नमूना सर्वेक्षण विंग बनाने की जरूरत का भी उल्लेख है। डेटा प्रबंधन प्रणालियों का आधुनिकीकरण टॉस्क फोर्स के उद्देश्यों में से एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सही डेटा राज्य के जीडीपी के आकार और आकलन के साथ ही संपूर्ण व्यवस्था को सशक्त बनाने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने टॉस्क फोर्स को सिर्फ पांच माह की अवधि में प्रतिवेदन तैयार कर सौंपने के लिए धन्यवाद दिया। मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में दिख रही अच्छी प्रगति- प्रो. कुंडू टॉस्क फोर्स के अध्यक्ष प्रो. अमिताभ कुंडू ने कहा कि जिलों में भ्रमण और विभिन्न बैठकों के बाद प्रतिवेदन तैयार किया गया है। नीति निर्धारण में यह प्रतिवेदन सहयोगी होगा। प्रो. कुंडू ने कहा कि मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में अच्छी प्रगति है। मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम जरूरतमंदों के लिए सहारा बन रहे हैं। प्रदेश में सांख्यिकी संकलन और प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा की गई है। साथ ही राज्य स्तरीय डाटा रेसेर्वियार की स्थापना की बात भी कही गई है, जिसमें समस्त विभागों के डाटा संकलन का कार्य योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मुख्यालय में हो सके। अन्य प्रमुख अनुशंसाएं -सर्वेक्षण संवर्ग का गठन एवं पेशेवर सांख्यिकीय सेवा का निर्माण। -राज्य स्तरीय सांख्यिकीय एवं अधिनस्थ सेवा का पुनर्गठन, डाटा प्रबंधन प्रणाली का आधुनिकीकऱण, अत्याधुनिक एवं पेशेवर सांख्यिकीय सेवा का निर्माण। -जीएसडीपी की गणना के लिए एवं आय, कीमतों और व्यय का अनुमान लगाने, डीएसडीपी और कीमतों का अनुमान, व्यय-पक्ष अनुमान के लिए अनपाए गए वर्तमान दृष्टिकोण को उन्नत करने के उपाय और सुझाव। -टॉस्क फोर्स ने जिला स्तर पर जीडीपी कैलकुलेशन का सुझाव दिया है। -उपरोक्त सुधारों के उपरांत राज्य में विश्वनीय सांख्यिकीय आंकड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, जिसके आधार पर राज्य, वैज्ञानिक और सटीक नीतियों का निर्माण तथा योजनाओं का निश्चित आउटकम प्राप्त करने के लिए सक्षम निर्णय ले सकेगा।
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26 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में सांख्यिकीय प्रणाली के काम-काज के सही मूल्यांकन और नीति निर्माण में डेटा की गुणवत्ता और प्रणाली में सुधार के लिए गठित टॉस्क फोर्स की अनुशंसाओं पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे। सांख्यिकीय प्रणाली को बेहतर बनाकर जनहित में उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. अमिताभ कुंडू की अध्यक्षता में गठित कुंडू टॉस्क फोर्स (समिति) द्वारा प्रतिवेदन सौंपे जाने पर अपने विचार रखे। उन्होंने प्रो. अमिताभ कुंडू द्वारा सौंपे गए प्रतिवेदन का लोकार्पण किया। टास्क फोर्स द्वारा दी गई रिपोर्ट में राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा भी शामिल है। यह आयोग इस क्षेत्र में तकनीकी मार्गदर्शन का कार्य करेगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी, टॉस्क फोर्स के सदस्य प्रो. गणेश कवाड़िया, अमिताभ पंडा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव जनसंपर्क राघवेन्द्र कुमार सिंह और आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी और टॉस्क फोर्स के संयोजक अभिषेक सिंह उपस्थित थे। महत्वपूर्ण और उपयोगी हैं टॉस्क फोर्स की अनुशंसाएं मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के निर्माण और केन्द्र सरकार से धन राशि के आवंटन के लिए प्रामाणिक आंकड़े आवश्यक होते हैं। जीडीपी के आकलन और परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भी ये आंकड़े उपयोगी होते हैं। कुंडू टॉस्क फोर्स का गठन कर इसके आवश्यक अध्ययन और शोध की व्यवस्था की गई। इससे राज्य और जिला स्तर पर वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार, नागरिकों और विशेषज्ञों के लिए प्रकाशनों को व्यापक, सुलभ एवं सुपाठ्य बनाने के लिए नए और अभिनव उपाय सुझाना भी आसान होगा। उन्होंने कहा कि गत दो माह में प्रदेश के 10 लाख लोगों को विभिन्न रोजगार से जोड़ने में सफलता मिली है। महिला स्व-सहायता समूह भी अच्छा कार्य कर रहे हैं। कुंडू समिति के प्रतिवेदन में प्रदेश में हुई इस ग्रोथ का भी उल्लेख है। इसके अलावा अन्य अनुशंसाओं में सांख्यिकीय विभाग के कर्मचारियों को सर्वेक्षण, आय अनुमान, सांख्यिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण देने पर जोर दिया गया है। राज्य में नमूना सर्वेक्षणों की क्षमता और गुणवत्ता में सुधार के लिए नमूना सर्वेक्षणों को डिजाइन और संचालित करने की योजना, राज्य स्तर पर नमूना सर्वेक्षण विंग बनाने की जरूरत का भी उल्लेख है। डेटा प्रबंधन प्रणालियों का आधुनिकीकरण टॉस्क फोर्स के उद्देश्यों में से एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सही डेटा राज्य के जीडीपी के आकार और आकलन के साथ ही संपूर्ण व्यवस्था को सशक्त बनाने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने टॉस्क फोर्स को सिर्फ पांच माह की अवधि में प्रतिवेदन तैयार कर सौंपने के लिए धन्यवाद दिया। मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में दिख रही अच्छी प्रगति- प्रो. कुंडू टॉस्क फोर्स के अध्यक्ष प्रो. अमिताभ कुंडू ने कहा कि जिलों में भ्रमण और विभिन्न बैठकों के बाद प्रतिवेदन तैयार किया गया है। नीति निर्धारण में यह प्रतिवेदन सहयोगी होगा। प्रो. कुंडू ने कहा कि मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में अच्छी प्रगति है। मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम जरूरतमंदों के लिए सहारा बन रहे हैं। प्रदेश में सांख्यिकी संकलन और प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा की गई है। साथ ही राज्य स्तरीय डाटा रेसेर्वियार की स्थापना की बात भी कही गई है, जिसमें समस्त विभागों के डाटा संकलन का कार्य योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मुख्यालय में हो सके। अन्य प्रमुख अनुशंसाएं -सर्वेक्षण संवर्ग का गठन एवं पेशेवर सांख्यिकीय सेवा का निर्माण। -राज्य स्तरीय सांख्यिकीय एवं अधिनस्थ सेवा का पुनर्गठन, डाटा प्रबंधन प्रणाली का आधुनिकीकऱण, अत्याधुनिक एवं पेशेवर सांख्यिकीय सेवा का निर्माण। -जीएसडीपी की गणना के लिए एवं आय, कीमतों और व्यय का अनुमान लगाने, डीएसडीपी और कीमतों का अनुमान, व्यय-पक्ष अनुमान के लिए अनपाए गए वर्तमान दृष्टिकोण को उन्नत करने के उपाय और सुझाव। -टॉस्क फोर्स ने जिला स्तर पर जीडीपी कैलकुलेशन का सुझाव दिया है। -उपरोक्त सुधारों के उपरांत राज्य में विश्वनीय सांख्यिकीय आंकड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, जिसके आधार पर राज्य, वैज्ञानिक और सटीक नीतियों का निर्माण तथा योजनाओं का निश्चित आउटकम प्राप्त करने के लिए सक्षम निर्णय ले सकेगा।
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26 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में सांख्यिकीय प्रणाली के काम-काज के सही मूल्यांकन और नीति निर्माण में डेटा की गुणवत्ता और प्रणाली में सुधार के लिए गठित टॉस्क फोर्स की अनुशंसाओं पर गंभीरता से विचार कर आवश्यक निर्णय लिए जाएंगे। सांख्यिकीय प्रणाली को बेहतर बनाकर जनहित में उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. अमिताभ कुंडू की अध्यक्षता में गठित कुंडू टॉस्क फोर्स (समिति) द्वारा प्रतिवेदन सौंपे जाने पर अपने विचार रखे। उन्होंने प्रो. अमिताभ कुंडू द्वारा सौंपे गए प्रतिवेदन का लोकार्पण किया। टास्क फोर्स द्वारा दी गई रिपोर्ट में राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा भी शामिल है। यह आयोग इस क्षेत्र में तकनीकी मार्गदर्शन का कार्य करेगा। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, मध्यप्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. सचिन चतुर्वेदी, टॉस्क फोर्स के सदस्य प्रो. गणेश कवाड़िया, अमिताभ पंडा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव जनसंपर्क राघवेन्द्र कुमार सिंह और आयुक्त आर्थिक एवं सांख्यिकी और टॉस्क फोर्स के संयोजक अभिषेक सिंह उपस्थित थे। महत्वपूर्ण और उपयोगी हैं टॉस्क फोर्स की अनुशंसाएं मुख्यमंत्री ने कहा कि योजनाओं के निर्माण और केन्द्र सरकार से धन राशि के आवंटन के लिए प्रामाणिक आंकड़े आवश्यक होते हैं। जीडीपी के आकलन और परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भी ये आंकड़े उपयोगी होते हैं। कुंडू टॉस्क फोर्स का गठन कर इसके आवश्यक अध्ययन और शोध की व्यवस्था की गई। इससे राज्य और जिला स्तर पर वर्तमान प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार, नागरिकों और विशेषज्ञों के लिए प्रकाशनों को व्यापक, सुलभ एवं सुपाठ्य बनाने के लिए नए और अभिनव उपाय सुझाना भी आसान होगा। उन्होंने कहा कि गत दो माह में प्रदेश के 10 लाख लोगों को विभिन्न रोजगार से जोड़ने में सफलता मिली है। महिला स्व-सहायता समूह भी अच्छा कार्य कर रहे हैं। कुंडू समिति के प्रतिवेदन में प्रदेश में हुई इस ग्रोथ का भी उल्लेख है। इसके अलावा अन्य अनुशंसाओं में सांख्यिकीय विभाग के कर्मचारियों को सर्वेक्षण, आय अनुमान, सांख्यिकी और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग में आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण देने पर जोर दिया गया है। राज्य में नमूना सर्वेक्षणों की क्षमता और गुणवत्ता में सुधार के लिए नमूना सर्वेक्षणों को डिजाइन और संचालित करने की योजना, राज्य स्तर पर नमूना सर्वेक्षण विंग बनाने की जरूरत का भी उल्लेख है। डेटा प्रबंधन प्रणालियों का आधुनिकीकरण टॉस्क फोर्स के उद्देश्यों में से एक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सही डेटा राज्य के जीडीपी के आकार और आकलन के साथ ही संपूर्ण व्यवस्था को सशक्त बनाने में मदद करेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने टॉस्क फोर्स को सिर्फ पांच माह की अवधि में प्रतिवेदन तैयार कर सौंपने के लिए धन्यवाद दिया। मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में दिख रही अच्छी प्रगति- प्रो. कुंडू टॉस्क फोर्स के अध्यक्ष प्रो. अमिताभ कुंडू ने कहा कि जिलों में भ्रमण और विभिन्न बैठकों के बाद प्रतिवेदन तैयार किया गया है। नीति निर्धारण में यह प्रतिवेदन सहयोगी होगा। प्रो. कुंडू ने कहा कि मध्यप्रदेश में एमएसएमई सेक्टर में अच्छी प्रगति है। मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम जरूरतमंदों के लिए सहारा बन रहे हैं। प्रदेश में सांख्यिकी संकलन और प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए राज्य सांख्यिकी आयोग के गठन की अनुशंसा की गई है। साथ ही राज्य स्तरीय डाटा रेसेर्वियार की स्थापना की बात भी कही गई है, जिसमें समस्त विभागों के डाटा संकलन का कार्य योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मुख्यालय में हो सके। अन्य प्रमुख अनुशंसाएं -सर्वेक्षण संवर्ग का गठन एवं पेशेवर सांख्यिकीय सेवा का निर्माण। -राज्य स्तरीय सांख्यिकीय एवं अधिनस्थ सेवा का पुनर्गठन, डाटा प्रबंधन प्रणाली का आधुनिकीकऱण, अत्याधुनिक एवं पेशेवर सांख्यिकीय सेवा का निर्माण। -जीएसडीपी की गणना के लिए एवं आय, कीमतों और व्यय का अनुमान लगाने, डीएसडीपी और कीमतों का अनुमान, व्यय-पक्ष अनुमान के लिए अनपाए गए वर्तमान दृष्टिकोण को उन्नत करने के उपाय और सुझाव। -टॉस्क फोर्स ने जिला स्तर पर जीडीपी कैलकुलेशन का सुझाव दिया है। -उपरोक्त सुधारों के उपरांत राज्य में विश्वनीय सांख्यिकीय आंकड़ों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, जिसके आधार पर राज्य, वैज्ञानिक और सटीक नीतियों का निर्माण तथा योजनाओं का निश्चित आउटकम प्राप्त करने के लिए सक्षम निर्णय ले सकेगा।
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26 February 2022भोपाल। राजस्थान सरकार के पुरानी पेंशन बहाली के फैसले ने दूसरे राज्यों में भी सरगर्मी पैदा कर दी है। राजस्थान की घोषणा की बयार मध्य प्रदेश तक भी आ पहुंची है। मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी प्रदेश की शिवराज सरकार से पुरानी पेंशन प्रणाली को तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग की है। कमलनाथ ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मैं मांग करता हूं कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भी प्रदेश के कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन प्रणाली को प्रदेश में तत्काल लागू करे। कर्मचारियों के हित में 1 जून 2005 के पहले की पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू किया जाये। नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को काफी कम पेंशन की राशि मिल रही है, जिससे उनको जीवन यापन में काफ़ी मुश्किल आ रही है। कांग्रेस कर्मचारियों के साथ है और वो उनके हित के लिये हर लड़ाई लड़ेगी।
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25 February 2022भोपाल। राजस्थान सरकार के पुरानी पेंशन बहाली के फैसले ने दूसरे राज्यों में भी सरगर्मी पैदा कर दी है। राजस्थान की घोषणा की बयार मध्य प्रदेश तक भी आ पहुंची है। मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी प्रदेश की शिवराज सरकार से पुरानी पेंशन प्रणाली को तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग की है। कमलनाथ ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मैं मांग करता हूं कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार भी प्रदेश के कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन प्रणाली को प्रदेश में तत्काल लागू करे। कर्मचारियों के हित में 1 जून 2005 के पहले की पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू किया जाये। नई पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को काफी कम पेंशन की राशि मिल रही है, जिससे उनको जीवन यापन में काफ़ी मुश्किल आ रही है। कांग्रेस कर्मचारियों के साथ है और वो उनके हित के लिये हर लड़ाई लड़ेगी।
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25 February 2022भोपाल। जैसे-जैसे मप्र विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। कांग्रेस की अंदरूनी कलह दिखने लगी है। कांग्रेस पार्टी ने महिला कांग्रेस कार्यकारिणी भंग कर दी है और अध्यक्ष अर्चना जायसवाल को पद से हटा दिया है। जिसके बाद राजनीति गर्मा गई है। महिला कांग्रेस कार्यकारिणी भंग किए जाने पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निशाना साधा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि खराबी इंजन में है और यह डिब्बा बदलने में लगे हुए है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग होने के मामले में तंज कसते हुए कहा कि खराबी इंजन में है और यह डब्बे बदलने लगते हैं। उन्होंने कहा कि कमलनाथ के अध्यक्ष रहते हुए उनके कार्यकाल में आधी कांग्रेस घर बैठ गई। 30 सिटिंग विधयाक पार्टी छोड़ कर चले गए। वैसे यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है, पर अर्चना जायसवाल का कसूर क्या था ये तो बताना चाहिए। वहीं भाजपा की आयोजित होने वाली बैठक को लेकर मंत्री मिश्रा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एकमात्र पार्टी है, बाकी तो सब परिवार है। भारतीय जनता पार्टी में बैठकों का सिलसिला सतत चलता रहता है और शाम को एक बैठक है जिसमें संगठनात्मक चर्चा होनी है। वहीं महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक की गिरफ्तारी के मामले में विपक्ष के विरोध पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जिन्हें दाऊद से है, प्यार वह नवाब पर करेंगे ऐतबार। स्वाभाविक बात है पर यह तो बताना चाहिए कि एक कबाड़ का व्यवसाय करने वाला नवाब कैसे बन गया। यह बात देश की जनता जानना चाहती है और टाइमिंग पर सवाल खड़े करने वालो से मैं कहना चाहता हूं कि यह नरेंद्र मोदी की सरकार है देश की सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं किया। हॉटस्टार के जितने भी लोग हैं जो दाऊद के समर्थक हैं उन पर कार्यवाही होनी चाहिए।
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24 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में एक लाख से अधिक हितग्राहियों को हितलाभ वितरित करेंगे। कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र (मिन्टो हॉल) भोपाल में बुधवार, 23 फरवरी को दोपहर 3 बजे होगा। मुख्यमंत्री चौहान सिंगल क्लिक के माध्यम से 26 हजार 500 आवास हितग्राहियों को 250 करोड़ रुपये की किश्त अंतरित करेंगे। साथ ही 50 हजार नवीन आवासों में हितग्राहियों को गृह प्रवेश एवं 30 हजार नवीन स्वीकृत आवासों का वर्चुअल भूमि-पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री इस दौरान हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद भी करेंगे। जनसम्पर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने सोमवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह और नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओपीएस. भदौरिया भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन मध्यप्रदेश तथा जनसम्पर्क के यूट्यूब चैनल पर भी किया जायेगा। इसके साथ ही वेबकास्ट gov.in/mp/cmevents पर भी प्रसारण होगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में कुल 8 लाख 68 हजार आवास प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में स्वीकृत हैं। अभी तक 4 लाख 72 हजार आवासों का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष प्रगतिरत हैं। कार्यक्रम में एक लाख 6 हजार 500 आवासों के हितग्राही लाभन्वित होंगे, जिनके आवासों की कुल लागत 4100 करोड़ रूपये है। आवास की अनुमानित लागत प्रति आवास 3 लाख 85 हजार रुपये है। इसमें डेढ़ लाख रुपये केन्द्र सरकार और एक लाख रूपये राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जायेगा। इसमें क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधियों तथा हितग्राहियों के साथ गणमान्य नागरिक भी मौजूद रहेंगे।
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21 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में एक लाख से अधिक हितग्राहियों को हितलाभ वितरित करेंगे। कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र (मिन्टो हॉल) भोपाल में बुधवार, 23 फरवरी को दोपहर 3 बजे होगा। मुख्यमंत्री चौहान सिंगल क्लिक के माध्यम से 26 हजार 500 आवास हितग्राहियों को 250 करोड़ रुपये की किश्त अंतरित करेंगे। साथ ही 50 हजार नवीन आवासों में हितग्राहियों को गृह प्रवेश एवं 30 हजार नवीन स्वीकृत आवासों का वर्चुअल भूमि-पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री इस दौरान हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद भी करेंगे। जनसम्पर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने सोमवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह और नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओपीएस. भदौरिया भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन मध्यप्रदेश तथा जनसम्पर्क के यूट्यूब चैनल पर भी किया जायेगा। इसके साथ ही वेबकास्ट gov.in/mp/cmevents पर भी प्रसारण होगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में कुल 8 लाख 68 हजार आवास प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में स्वीकृत हैं। अभी तक 4 लाख 72 हजार आवासों का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष प्रगतिरत हैं। कार्यक्रम में एक लाख 6 हजार 500 आवासों के हितग्राही लाभन्वित होंगे, जिनके आवासों की कुल लागत 4100 करोड़ रूपये है। आवास की अनुमानित लागत प्रति आवास 3 लाख 85 हजार रुपये है। इसमें डेढ़ लाख रुपये केन्द्र सरकार और एक लाख रूपये राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जायेगा। इसमें क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधियों तथा हितग्राहियों के साथ गणमान्य नागरिक भी मौजूद रहेंगे।
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21 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में एक लाख से अधिक हितग्राहियों को हितलाभ वितरित करेंगे। कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र (मिन्टो हॉल) भोपाल में बुधवार, 23 फरवरी को दोपहर 3 बजे होगा। मुख्यमंत्री चौहान सिंगल क्लिक के माध्यम से 26 हजार 500 आवास हितग्राहियों को 250 करोड़ रुपये की किश्त अंतरित करेंगे। साथ ही 50 हजार नवीन आवासों में हितग्राहियों को गृह प्रवेश एवं 30 हजार नवीन स्वीकृत आवासों का वर्चुअल भूमि-पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री इस दौरान हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद भी करेंगे। जनसम्पर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने सोमवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह और नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओपीएस. भदौरिया भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन मध्यप्रदेश तथा जनसम्पर्क के यूट्यूब चैनल पर भी किया जायेगा। इसके साथ ही वेबकास्ट gov.in/mp/cmevents पर भी प्रसारण होगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में कुल 8 लाख 68 हजार आवास प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में स्वीकृत हैं। अभी तक 4 लाख 72 हजार आवासों का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष प्रगतिरत हैं। कार्यक्रम में एक लाख 6 हजार 500 आवासों के हितग्राही लाभन्वित होंगे, जिनके आवासों की कुल लागत 4100 करोड़ रूपये है। आवास की अनुमानित लागत प्रति आवास 3 लाख 85 हजार रुपये है। इसमें डेढ़ लाख रुपये केन्द्र सरकार और एक लाख रूपये राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जायेगा। इसमें क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधियों तथा हितग्राहियों के साथ गणमान्य नागरिक भी मौजूद रहेंगे।
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21 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में एक लाख से अधिक हितग्राहियों को हितलाभ वितरित करेंगे। कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र (मिन्टो हॉल) भोपाल में बुधवार, 23 फरवरी को दोपहर 3 बजे होगा। मुख्यमंत्री चौहान सिंगल क्लिक के माध्यम से 26 हजार 500 आवास हितग्राहियों को 250 करोड़ रुपये की किश्त अंतरित करेंगे। साथ ही 50 हजार नवीन आवासों में हितग्राहियों को गृह प्रवेश एवं 30 हजार नवीन स्वीकृत आवासों का वर्चुअल भूमि-पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री इस दौरान हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद भी करेंगे। जनसम्पर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने सोमवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह और नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओपीएस. भदौरिया भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन मध्यप्रदेश तथा जनसम्पर्क के यूट्यूब चैनल पर भी किया जायेगा। इसके साथ ही वेबकास्ट gov.in/mp/cmevents पर भी प्रसारण होगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में कुल 8 लाख 68 हजार आवास प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में स्वीकृत हैं। अभी तक 4 लाख 72 हजार आवासों का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष प्रगतिरत हैं। कार्यक्रम में एक लाख 6 हजार 500 आवासों के हितग्राही लाभन्वित होंगे, जिनके आवासों की कुल लागत 4100 करोड़ रूपये है। आवास की अनुमानित लागत प्रति आवास 3 लाख 85 हजार रुपये है। इसमें डेढ़ लाख रुपये केन्द्र सरकार और एक लाख रूपये राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जायेगा। इसमें क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधियों तथा हितग्राहियों के साथ गणमान्य नागरिक भी मौजूद रहेंगे।
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21 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) में एक लाख से अधिक हितग्राहियों को हितलाभ वितरित करेंगे। कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन केन्द्र (मिन्टो हॉल) भोपाल में बुधवार, 23 फरवरी को दोपहर 3 बजे होगा। मुख्यमंत्री चौहान सिंगल क्लिक के माध्यम से 26 हजार 500 आवास हितग्राहियों को 250 करोड़ रुपये की किश्त अंतरित करेंगे। साथ ही 50 हजार नवीन आवासों में हितग्राहियों को गृह प्रवेश एवं 30 हजार नवीन स्वीकृत आवासों का वर्चुअल भूमि-पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री इस दौरान हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद भी करेंगे। जनसम्पर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने सोमवार को उक्त जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह और नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओपीएस. भदौरिया भी उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन मध्यप्रदेश तथा जनसम्पर्क के यूट्यूब चैनल पर भी किया जायेगा। इसके साथ ही वेबकास्ट gov.in/mp/cmevents पर भी प्रसारण होगा। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रदेश में कुल 8 लाख 68 हजार आवास प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में स्वीकृत हैं। अभी तक 4 लाख 72 हजार आवासों का कार्य पूर्ण हो चुका है तथा शेष प्रगतिरत हैं। कार्यक्रम में एक लाख 6 हजार 500 आवासों के हितग्राही लाभन्वित होंगे, जिनके आवासों की कुल लागत 4100 करोड़ रूपये है। आवास की अनुमानित लागत प्रति आवास 3 लाख 85 हजार रुपये है। इसमें डेढ़ लाख रुपये केन्द्र सरकार और एक लाख रूपये राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जायेगा। इसमें क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधियों तथा हितग्राहियों के साथ गणमान्य नागरिक भी मौजूद रहेंगे।
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21 February 2022छतरपुर। वरिष्ठ भाजपा नेत्री और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती का दर्द नागरिक अभिनंदन कार्यक्रम में एक बार फिर छलक पड़ा। कार्यक्रम के दौरान उमा भारती ने कहा कि मैं सरकार बनाती हूं, फिर सरकार चलाता कोई और है। उनका यह बयान एक बार फिर मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा कि ललितपुर-सिंगरौली रेल परियोजना का शिलान्यास हुआ था, उस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। इसलिए ना कांग्रेस ने उनका नाम लिया और ना बीजेपी ने उल्लेख किया। अब केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास होगा तो उन्हें प्रोटोकाल के तहत मंच पर जगह तक नहीं मिलेगी, क्योंकि वह न तो सांसद हैं और न ही विधायक हैं। उमा भारती ने केन बेतवा लिंक परियोजना की तारीफ करते हुए कहा कि इस परियोजना से बुंदेलखंड इलाके से होने वाला लोगों का पलायन रुकेगा। उन्होंने कहा कि केन बेतवा लिंक परियोजना से इलाके में सिंचाई और पीने के पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा तो रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, जिससे युवाओं का रोजगार के लिए होने वाला पलायन भी रुक जाएगा। उमा भारती ने इस दौरान 2024 में चुनाव लड़ने के भी संकेत दिए। उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से कभी भी चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान नहीं किया गया। उन्होंने केवल 2019 का चुनाव नहीं लड़ने को कहा था। उनसे जब 2024 में कहां से चुनाव लड़ेंगी पूछा गया तो उन्होंने सवाल को टाल दिया।
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21 February 2022भोपाल। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव और युद्ध की आशंका को देखते हुए वहां पढ़ रहे भारतीय छात्रों को वापस लाने की तैयारी की जा रही है। मध्य प्रदेश के भी कई छात्र वहां फंसे हुए है। प्रदेश के छात्रों की वापसी को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंनें कहा कि यूक्रेन में पढ़ रहे एमपी के छात्र-छात्राओं को जल्द ही देश वापस ले आएंगे। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इंदौर के 60 बच्चे जो कि यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इसके लिए केंद्र सरकार ने एडवाइजरी जारी कर दी है और राज्य सरकार भी चिंतित है। केंद्र सरकार से इस विषय में निवेदन किया गया है और हवाई जहाजों की व्यवस्था कर 22 से 23 फरवरी तक सभी को भारत लाया जाए। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री स्वयं इस मामले में चिंतित है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के छात्रों को यूक्रेन से वापस लाने के लिए सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री सीएम शिवराज सिंह खुद इस मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। बता दें कि यूक्रेन और रूस में युद्ध की आशंका को देखते हुए राजधानी कीव स्थित भारतीय दूतावास ने वहां रह रहे भारतीयों को एडवाइजरी जारी है, जिसमें भारतीय छात्रों और नागरिकों को फिलहाल यूक्रेन छोडऩे की सलाह दी गई है। बता दें कि यूक्रेन में करीब 18 हजार भारतीय छात्र हैं। इनमें से ज्यादातर वहां मेडिकल की पढ़ाई करने गए हुए हैं।
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21 February 2022भोपाल। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आज रविवार को प्रदेश कांग्रेस के आईटी एवं सोशल मीडिया विभाग के पदाधिकारियों और जिला प्रभारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उपस्थित पदाधिकारियों को सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया तथा कांग्रेस की सदस्यता अभियान पर विशेष फोकस करते हुए गांव गांव तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मजबूती प्रदान करने हेतु निर्देशित किया। इस अवसर पर कमलनाथ ने कहा कि मंडलम, सेक्टर और बूथ में अधिक से अधिक कांग्रेस सदस्यता अभियान चलाएं। घर चलो, घर घर चलो कार्यक्रम में तेजी लाएं, डिजिटल सदस्यता को ज्यादा महत्व दे। बैठक में आईटी एवं सोशल मीडिया सेल के अध्यक्ष अभय तिवारी मंडलम सेक्टर के प्रभारी एनपी प्रजापति, डिजिटल सदस्यता प्रभारी दीपक जॉन, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, विजय लक्ष्मी साधो, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर, उपाध्यक्ष प्रकाश जैन, महामंत्री राजीव सिंह, विधायक रवि जोशी सहित आईटी एवं सोशल मीडिया के पदाधिकारी और जिला प्रभारी उपस्थित थे।
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20 February 2022भोपाल। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आज रविवार को प्रदेश कांग्रेस के आईटी एवं सोशल मीडिया विभाग के पदाधिकारियों और जिला प्रभारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उपस्थित पदाधिकारियों को सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया तथा कांग्रेस की सदस्यता अभियान पर विशेष फोकस करते हुए गांव गांव तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मजबूती प्रदान करने हेतु निर्देशित किया। इस अवसर पर कमलनाथ ने कहा कि मंडलम, सेक्टर और बूथ में अधिक से अधिक कांग्रेस सदस्यता अभियान चलाएं। घर चलो, घर घर चलो कार्यक्रम में तेजी लाएं, डिजिटल सदस्यता को ज्यादा महत्व दे। बैठक में आईटी एवं सोशल मीडिया सेल के अध्यक्ष अभय तिवारी मंडलम सेक्टर के प्रभारी एनपी प्रजापति, डिजिटल सदस्यता प्रभारी दीपक जॉन, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, विजय लक्ष्मी साधो, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर, उपाध्यक्ष प्रकाश जैन, महामंत्री राजीव सिंह, विधायक रवि जोशी सहित आईटी एवं सोशल मीडिया के पदाधिकारी और जिला प्रभारी उपस्थित थे।
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20 February 2022भोपाल। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आज रविवार को प्रदेश कांग्रेस के आईटी एवं सोशल मीडिया विभाग के पदाधिकारियों और जिला प्रभारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उपस्थित पदाधिकारियों को सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया तथा कांग्रेस की सदस्यता अभियान पर विशेष फोकस करते हुए गांव गांव तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मजबूती प्रदान करने हेतु निर्देशित किया। इस अवसर पर कमलनाथ ने कहा कि मंडलम, सेक्टर और बूथ में अधिक से अधिक कांग्रेस सदस्यता अभियान चलाएं। घर चलो, घर घर चलो कार्यक्रम में तेजी लाएं, डिजिटल सदस्यता को ज्यादा महत्व दे। बैठक में आईटी एवं सोशल मीडिया सेल के अध्यक्ष अभय तिवारी मंडलम सेक्टर के प्रभारी एनपी प्रजापति, डिजिटल सदस्यता प्रभारी दीपक जॉन, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, विजय लक्ष्मी साधो, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर, उपाध्यक्ष प्रकाश जैन, महामंत्री राजीव सिंह, विधायक रवि जोशी सहित आईटी एवं सोशल मीडिया के पदाधिकारी और जिला प्रभारी उपस्थित थे।
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20 February 2022भोपाल। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आज रविवार को प्रदेश कांग्रेस के आईटी एवं सोशल मीडिया विभाग के पदाधिकारियों और जिला प्रभारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उपस्थित पदाधिकारियों को सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया तथा कांग्रेस की सदस्यता अभियान पर विशेष फोकस करते हुए गांव गांव तक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को मजबूती प्रदान करने हेतु निर्देशित किया। इस अवसर पर कमलनाथ ने कहा कि मंडलम, सेक्टर और बूथ में अधिक से अधिक कांग्रेस सदस्यता अभियान चलाएं। घर चलो, घर घर चलो कार्यक्रम में तेजी लाएं, डिजिटल सदस्यता को ज्यादा महत्व दे। बैठक में आईटी एवं सोशल मीडिया सेल के अध्यक्ष अभय तिवारी मंडलम सेक्टर के प्रभारी एनपी प्रजापति, डिजिटल सदस्यता प्रभारी दीपक जॉन, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, विजय लक्ष्मी साधो, प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर, उपाध्यक्ष प्रकाश जैन, महामंत्री राजीव सिंह, विधायक रवि जोशी सहित आईटी एवं सोशल मीडिया के पदाधिकारी और जिला प्रभारी उपस्थित थे।
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20 February 2022भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले सप्ताह 12 फरवरी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थियों को सहायता राशि का वितरण किया। पीएम फसल बीमा योजना में प्रदेश के 49 लाख दावों के लिए किसानों को 7600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने फसल बीमा राशि वितरण पर सवाल उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने एक सप्ताह पहले प्रदेश भर में कार्यक्रम कर प्रदेश के 49 लाख किसानों के खातों में फसल बीमा की राशि डालने की बढ़-चढक़र घोषणा की थी, उस समय यह भी दावा किया गया था कि किसी भी किसान के खाते में 1000 रु.से कम की राशि नहीं आएगी। पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो डेढ़ वर्ष बाद किसानों को फसल बीमा की दावा राशि मिली, उसके बावजूद भी कई किसानों को इस बार भी 200-500 रू.के मैसेज आए हैं। लाखों किसानों को तो अभी तक राशि ही नहीं मिली है, वो इस राशि का इंतजार ही कर रहे हैं। वहीं कई किसानों को नुकसान के अनुपात में बेहद कम राशि मिली है । कई किसानों को राशि मिली भी है तो उनके खातों से निकासी पर रोक लगा दी गई है। उस राशि में से ही कर्ज की वसूली की जा रही है। यह है शिवराज सरकार के दावों की हकीकत? कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज किसान परेशान हो रहा है, हमेशा की तरह शिवराज सरकार की घोषणा और दावे एक बार फिर हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। सरकार का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है।
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19 February 2022भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले सप्ताह 12 फरवरी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थियों को सहायता राशि का वितरण किया। पीएम फसल बीमा योजना में प्रदेश के 49 लाख दावों के लिए किसानों को 7600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने फसल बीमा राशि वितरण पर सवाल उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने एक सप्ताह पहले प्रदेश भर में कार्यक्रम कर प्रदेश के 49 लाख किसानों के खातों में फसल बीमा की राशि डालने की बढ़-चढक़र घोषणा की थी, उस समय यह भी दावा किया गया था कि किसी भी किसान के खाते में 1000 रु.से कम की राशि नहीं आएगी। पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो डेढ़ वर्ष बाद किसानों को फसल बीमा की दावा राशि मिली, उसके बावजूद भी कई किसानों को इस बार भी 200-500 रू.के मैसेज आए हैं। लाखों किसानों को तो अभी तक राशि ही नहीं मिली है, वो इस राशि का इंतजार ही कर रहे हैं। वहीं कई किसानों को नुकसान के अनुपात में बेहद कम राशि मिली है । कई किसानों को राशि मिली भी है तो उनके खातों से निकासी पर रोक लगा दी गई है। उस राशि में से ही कर्ज की वसूली की जा रही है। यह है शिवराज सरकार के दावों की हकीकत? कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज किसान परेशान हो रहा है, हमेशा की तरह शिवराज सरकार की घोषणा और दावे एक बार फिर हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। सरकार का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है।
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19 February 2022भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले सप्ताह 12 फरवरी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थियों को सहायता राशि का वितरण किया। पीएम फसल बीमा योजना में प्रदेश के 49 लाख दावों के लिए किसानों को 7600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने फसल बीमा राशि वितरण पर सवाल उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने एक सप्ताह पहले प्रदेश भर में कार्यक्रम कर प्रदेश के 49 लाख किसानों के खातों में फसल बीमा की राशि डालने की बढ़-चढक़र घोषणा की थी, उस समय यह भी दावा किया गया था कि किसी भी किसान के खाते में 1000 रु.से कम की राशि नहीं आएगी। पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो डेढ़ वर्ष बाद किसानों को फसल बीमा की दावा राशि मिली, उसके बावजूद भी कई किसानों को इस बार भी 200-500 रू.के मैसेज आए हैं। लाखों किसानों को तो अभी तक राशि ही नहीं मिली है, वो इस राशि का इंतजार ही कर रहे हैं। वहीं कई किसानों को नुकसान के अनुपात में बेहद कम राशि मिली है । कई किसानों को राशि मिली भी है तो उनके खातों से निकासी पर रोक लगा दी गई है। उस राशि में से ही कर्ज की वसूली की जा रही है। यह है शिवराज सरकार के दावों की हकीकत? कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज किसान परेशान हो रहा है, हमेशा की तरह शिवराज सरकार की घोषणा और दावे एक बार फिर हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। सरकार का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है।
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19 February 2022भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले सप्ताह 12 फरवरी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थियों को सहायता राशि का वितरण किया। पीएम फसल बीमा योजना में प्रदेश के 49 लाख दावों के लिए किसानों को 7600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने फसल बीमा राशि वितरण पर सवाल उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने एक सप्ताह पहले प्रदेश भर में कार्यक्रम कर प्रदेश के 49 लाख किसानों के खातों में फसल बीमा की राशि डालने की बढ़-चढक़र घोषणा की थी, उस समय यह भी दावा किया गया था कि किसी भी किसान के खाते में 1000 रु.से कम की राशि नहीं आएगी। पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो डेढ़ वर्ष बाद किसानों को फसल बीमा की दावा राशि मिली, उसके बावजूद भी कई किसानों को इस बार भी 200-500 रू.के मैसेज आए हैं। लाखों किसानों को तो अभी तक राशि ही नहीं मिली है, वो इस राशि का इंतजार ही कर रहे हैं। वहीं कई किसानों को नुकसान के अनुपात में बेहद कम राशि मिली है । कई किसानों को राशि मिली भी है तो उनके खातों से निकासी पर रोक लगा दी गई है। उस राशि में से ही कर्ज की वसूली की जा रही है। यह है शिवराज सरकार के दावों की हकीकत? कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज किसान परेशान हो रहा है, हमेशा की तरह शिवराज सरकार की घोषणा और दावे एक बार फिर हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। सरकार का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है।
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19 February 2022भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले सप्ताह 12 फरवरी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थियों को सहायता राशि का वितरण किया। पीएम फसल बीमा योजना में प्रदेश के 49 लाख दावों के लिए किसानों को 7600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने फसल बीमा राशि वितरण पर सवाल उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने एक सप्ताह पहले प्रदेश भर में कार्यक्रम कर प्रदेश के 49 लाख किसानों के खातों में फसल बीमा की राशि डालने की बढ़-चढक़र घोषणा की थी, उस समय यह भी दावा किया गया था कि किसी भी किसान के खाते में 1000 रु.से कम की राशि नहीं आएगी। पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो डेढ़ वर्ष बाद किसानों को फसल बीमा की दावा राशि मिली, उसके बावजूद भी कई किसानों को इस बार भी 200-500 रू.के मैसेज आए हैं। लाखों किसानों को तो अभी तक राशि ही नहीं मिली है, वो इस राशि का इंतजार ही कर रहे हैं। वहीं कई किसानों को नुकसान के अनुपात में बेहद कम राशि मिली है । कई किसानों को राशि मिली भी है तो उनके खातों से निकासी पर रोक लगा दी गई है। उस राशि में से ही कर्ज की वसूली की जा रही है। यह है शिवराज सरकार के दावों की हकीकत? कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज किसान परेशान हो रहा है, हमेशा की तरह शिवराज सरकार की घोषणा और दावे एक बार फिर हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। सरकार का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है।
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19 February 2022भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले सप्ताह 12 फरवरी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थियों को सहायता राशि का वितरण किया। पीएम फसल बीमा योजना में प्रदेश के 49 लाख दावों के लिए किसानों को 7600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने फसल बीमा राशि वितरण पर सवाल उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने एक सप्ताह पहले प्रदेश भर में कार्यक्रम कर प्रदेश के 49 लाख किसानों के खातों में फसल बीमा की राशि डालने की बढ़-चढक़र घोषणा की थी, उस समय यह भी दावा किया गया था कि किसी भी किसान के खाते में 1000 रु.से कम की राशि नहीं आएगी। पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो डेढ़ वर्ष बाद किसानों को फसल बीमा की दावा राशि मिली, उसके बावजूद भी कई किसानों को इस बार भी 200-500 रू.के मैसेज आए हैं। लाखों किसानों को तो अभी तक राशि ही नहीं मिली है, वो इस राशि का इंतजार ही कर रहे हैं। वहीं कई किसानों को नुकसान के अनुपात में बेहद कम राशि मिली है । कई किसानों को राशि मिली भी है तो उनके खातों से निकासी पर रोक लगा दी गई है। उस राशि में से ही कर्ज की वसूली की जा रही है। यह है शिवराज सरकार के दावों की हकीकत? कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज किसान परेशान हो रहा है, हमेशा की तरह शिवराज सरकार की घोषणा और दावे एक बार फिर हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। सरकार का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है।
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19 February 2022भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले सप्ताह 12 फरवरी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थियों को सहायता राशि का वितरण किया। पीएम फसल बीमा योजना में प्रदेश के 49 लाख दावों के लिए किसानों को 7600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने फसल बीमा राशि वितरण पर सवाल उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने एक सप्ताह पहले प्रदेश भर में कार्यक्रम कर प्रदेश के 49 लाख किसानों के खातों में फसल बीमा की राशि डालने की बढ़-चढक़र घोषणा की थी, उस समय यह भी दावा किया गया था कि किसी भी किसान के खाते में 1000 रु.से कम की राशि नहीं आएगी। पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो डेढ़ वर्ष बाद किसानों को फसल बीमा की दावा राशि मिली, उसके बावजूद भी कई किसानों को इस बार भी 200-500 रू.के मैसेज आए हैं। लाखों किसानों को तो अभी तक राशि ही नहीं मिली है, वो इस राशि का इंतजार ही कर रहे हैं। वहीं कई किसानों को नुकसान के अनुपात में बेहद कम राशि मिली है । कई किसानों को राशि मिली भी है तो उनके खातों से निकासी पर रोक लगा दी गई है। उस राशि में से ही कर्ज की वसूली की जा रही है। यह है शिवराज सरकार के दावों की हकीकत? कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज किसान परेशान हो रहा है, हमेशा की तरह शिवराज सरकार की घोषणा और दावे एक बार फिर हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। सरकार का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है।
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19 February 2022भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले सप्ताह 12 फरवरी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थियों को सहायता राशि का वितरण किया। पीएम फसल बीमा योजना में प्रदेश के 49 लाख दावों के लिए किसानों को 7600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने फसल बीमा राशि वितरण पर सवाल उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने एक सप्ताह पहले प्रदेश भर में कार्यक्रम कर प्रदेश के 49 लाख किसानों के खातों में फसल बीमा की राशि डालने की बढ़-चढक़र घोषणा की थी, उस समय यह भी दावा किया गया था कि किसी भी किसान के खाते में 1000 रु.से कम की राशि नहीं आएगी। पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो डेढ़ वर्ष बाद किसानों को फसल बीमा की दावा राशि मिली, उसके बावजूद भी कई किसानों को इस बार भी 200-500 रू.के मैसेज आए हैं। लाखों किसानों को तो अभी तक राशि ही नहीं मिली है, वो इस राशि का इंतजार ही कर रहे हैं। वहीं कई किसानों को नुकसान के अनुपात में बेहद कम राशि मिली है । कई किसानों को राशि मिली भी है तो उनके खातों से निकासी पर रोक लगा दी गई है। उस राशि में से ही कर्ज की वसूली की जा रही है। यह है शिवराज सरकार के दावों की हकीकत? कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज किसान परेशान हो रहा है, हमेशा की तरह शिवराज सरकार की घोषणा और दावे एक बार फिर हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। सरकार का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है।
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19 February 2022भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले सप्ताह 12 फरवरी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थियों को सहायता राशि का वितरण किया। पीएम फसल बीमा योजना में प्रदेश के 49 लाख दावों के लिए किसानों को 7600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने फसल बीमा राशि वितरण पर सवाल उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने एक सप्ताह पहले प्रदेश भर में कार्यक्रम कर प्रदेश के 49 लाख किसानों के खातों में फसल बीमा की राशि डालने की बढ़-चढक़र घोषणा की थी, उस समय यह भी दावा किया गया था कि किसी भी किसान के खाते में 1000 रु.से कम की राशि नहीं आएगी। पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो डेढ़ वर्ष बाद किसानों को फसल बीमा की दावा राशि मिली, उसके बावजूद भी कई किसानों को इस बार भी 200-500 रू.के मैसेज आए हैं। लाखों किसानों को तो अभी तक राशि ही नहीं मिली है, वो इस राशि का इंतजार ही कर रहे हैं। वहीं कई किसानों को नुकसान के अनुपात में बेहद कम राशि मिली है । कई किसानों को राशि मिली भी है तो उनके खातों से निकासी पर रोक लगा दी गई है। उस राशि में से ही कर्ज की वसूली की जा रही है। यह है शिवराज सरकार के दावों की हकीकत? कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज किसान परेशान हो रहा है, हमेशा की तरह शिवराज सरकार की घोषणा और दावे एक बार फिर हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। सरकार का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है।
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19 February 2022भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले सप्ताह 12 फरवरी को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लाभार्थियों को सहायता राशि का वितरण किया। पीएम फसल बीमा योजना में प्रदेश के 49 लाख दावों के लिए किसानों को 7600 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने फसल बीमा राशि वितरण पर सवाल उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने एक सप्ताह पहले प्रदेश भर में कार्यक्रम कर प्रदेश के 49 लाख किसानों के खातों में फसल बीमा की राशि डालने की बढ़-चढक़र घोषणा की थी, उस समय यह भी दावा किया गया था कि किसी भी किसान के खाते में 1000 रु.से कम की राशि नहीं आएगी। पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि पहले तो डेढ़ वर्ष बाद किसानों को फसल बीमा की दावा राशि मिली, उसके बावजूद भी कई किसानों को इस बार भी 200-500 रू.के मैसेज आए हैं। लाखों किसानों को तो अभी तक राशि ही नहीं मिली है, वो इस राशि का इंतजार ही कर रहे हैं। वहीं कई किसानों को नुकसान के अनुपात में बेहद कम राशि मिली है । कई किसानों को राशि मिली भी है तो उनके खातों से निकासी पर रोक लगा दी गई है। उस राशि में से ही कर्ज की वसूली की जा रही है। यह है शिवराज सरकार के दावों की हकीकत? कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज किसान परेशान हो रहा है, हमेशा की तरह शिवराज सरकार की घोषणा और दावे एक बार फिर हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। सरकार का किसान विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया है।
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19 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश जाटव, विधायक कृष्णा गौर, संत किशन दास महाराज, मंगल दास महाराज, रूपराम महाराज, सदाजप महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया। संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रुपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई। अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरुण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
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16 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश जाटव, विधायक कृष्णा गौर, संत किशन दास महाराज, मंगल दास महाराज, रूपराम महाराज, सदाजप महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया। संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रुपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई। अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरुण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
Dakhal News
16 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश जाटव, विधायक कृष्णा गौर, संत किशन दास महाराज, मंगल दास महाराज, रूपराम महाराज, सदाजप महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया। संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रुपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई। अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरुण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
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16 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश जाटव, विधायक कृष्णा गौर, संत किशन दास महाराज, मंगल दास महाराज, रूपराम महाराज, सदाजप महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया। संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रुपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई। अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरुण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
Dakhal News
16 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश जाटव, विधायक कृष्णा गौर, संत किशन दास महाराज, मंगल दास महाराज, रूपराम महाराज, सदाजप महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया। संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रुपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई। अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरुण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
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16 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश जाटव, विधायक कृष्णा गौर, संत किशन दास महाराज, मंगल दास महाराज, रूपराम महाराज, सदाजप महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया। संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रुपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई। अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरुण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
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16 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश जाटव, विधायक कृष्णा गौर, संत किशन दास महाराज, मंगल दास महाराज, रूपराम महाराज, सदाजप महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया। संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रुपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई। अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरुण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
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16 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश जाटव, विधायक कृष्णा गौर, संत किशन दास महाराज, मंगल दास महाराज, रूपराम महाराज, सदाजप महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया। संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रुपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई। अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरुण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
Dakhal News
16 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश जाटव, विधायक कृष्णा गौर, संत किशन दास महाराज, मंगल दास महाराज, रूपराम महाराज, सदाजप महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया। संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रुपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई। अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरुण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
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16 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश जाटव, विधायक कृष्णा गौर, संत किशन दास महाराज, मंगल दास महाराज, रूपराम महाराज, सदाजप महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया। संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रुपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई। अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरुण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
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16 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश जाटव, विधायक कृष्णा गौर, संत किशन दास महाराज, मंगल दास महाराज, रूपराम महाराज, सदाजप महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया। संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रुपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई। अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरुण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
Dakhal News
16 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश जाटव, विधायक कृष्णा गौर, संत किशन दास महाराज, मंगल दास महाराज, रूपराम महाराज, सदाजप महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया। संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रुपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई। अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरुण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
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16 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश जाटव, विधायक कृष्णा गौर, संत किशन दास महाराज, मंगल दास महाराज, रूपराम महाराज, सदाजप महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया। संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रुपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई। अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरुण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
Dakhal News
16 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भोपाल में बनने वाले ग्लोबल स्किल पार्क का नाम संत शिरोमणि रविदास जी महाराज के नाम पर रखा जाएगा। संत रविदास जी ने श्रम की महत्ता और समानता के भाव को स्थापित किया। ग्लोबल स्किल पार्क में भी युवा विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त कर आत्म-निर्भर होंगे। वहाँ श्रम की पूजा होगी, काम सीखने हजारों नौजवान आएंगे। इस संस्थान में युवा उन विधाओं में प्रशिक्षित होंगे, जिससे उन्हें तत्काल रोजगार मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी के नाम पर इस पार्क का नामकरण करना उन्हें वास्तविक श्रद्धांजलि होगी। साथ ही युवाओं को रोजगार देने के लिए संत रविदास स्व-रोजगार योजना, डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना और मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना आरंभ की जाएगी। प्रदेश के प्रत्येक जिले के अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्रों में संत रविदास सामुदायिक भवनों का निर्माण किया जाएगा। इससे सार्वजनिक कार्यक्रम व्यवस्थित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान बुधवार को संत रविदास जयंती पर भोपाल के बरखेड़ा पठानी स्थित संत रविदास मंदिर प्रांगण में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम को अपने निवास से वुर्चअली संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित संतों का वुर्चअली स्वागत किया। कार्यक्रम में संत रविदास के भक्ति पद की प्रस्तुति हुई। जनजातीय कार्य और अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य, प्रदेश के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष कैलाश जाटव, विधायक कृष्णा गौर, संत किशन दास महाराज, मंगल दास महाराज, रूपराम महाराज, सदाजप महाराज तथा अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना से प्रभावित होने के कारण वे कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हो पाने में असमर्थ हैं। प्रदेश की प्रत्येक ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला मुख्यालय पर संत रविदास जयंती का कार्यक्रम आयोजित किया गया है। कार्यक्रमों में मंत्री, सांसद, विधायक भाग ले रहे हैं। यह कार्यक्रम हमारी श्रद्धा का विषय है। रविदास जी की वाणी सारगर्भित, अनूठी और प्रभावशाली थी। उन्होंने श्रम के महत्व, समानता, असहायों की सेवा के लिए जन-जन को प्रेरित किया। संत रविदास जी की प्रेरणा से प्रधानमंत्री सभी वर्गों के कल्याण के लिए समर्पित उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी “सबका साथ-सबका विकास” के ध्येय को लेकर सशक्त, समृद्ध और सम्पन्न भारत के निर्माण में लगे हैं। इस दिशा में राज्य सरकार भी निरंतर सक्रिय है। संत रविदासजी ने कहा था "ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँ मिले सबहूँ को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न"। संत जी की प्रेरणा से हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री मोदी सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्यरत हैं। इसी क्रम में प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष पहल की गई है। उन्होंने कहा कि संत रविदास स्व-रोजगार योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को मैन्युफेक्चरिंग इकाई की स्थापना के लिए एक लाख से 50 लाख रुपये तक की ऋण सहायता प्रदान की जाएगी। परियोजना के लिए 5 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान दिया जाएगा। इसी प्रकार सर्विस सेक्टर और रिटेल ट्रेड के लिए भी योजना में एक लाख से 25 लाख तक ऋण की व्यवस्था होगी। योजना का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति विशेष परियोजना वित्त पोषण योजना में अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार, कौशल उन्नयन, संवर्धन और नवाचार के लिए दो करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा। अनुसूचित जाति वर्ग के हितग्राहियों के पूर्व से स्थापित सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योगों को कम लागत के उपकरण या कार्यशील पूँजी के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अंबेडकर आर्थिक कल्याण योजना आरंभ की जा रही है। योजनाओं का संचालन मध्यप्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के माध्यम से किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी अद्भुत संत थे। उनके संदेश गरीब कल्याण की प्रेरणा देते हैं। महान संत, तपस्वी, श्रम साधक, परोपकारी और दयालु संत रविदास जी भारत में जन्में और यह देश धन्य हो गया। संत रविदास जी ने कभी भी अपने द्वार से किसी को भूखा नहीं जाने दिया। राज्य सरकार भी दीनदयाल रसोई के माध्यम से गरीबों को भोजन उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। "कोई भूखा न रहे" यह हमारा ध्येय वाक्य है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल रसोई की गतिविधियों का प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। प्रत्येक जरूरतमंद को अन्न से लेकर आवास तक मिलना सुनिश्चित हो, इसके लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। शिक्षा के साथ रोजगार की भी आवश्यकता है। प्रदेश के जिन गरीब परिवारों के बच्चों का आई.आई.एम, इंजीनियरिंग, मेडिकल और उच्च शिक्षण संस्थानों तथा विदेशी यूनिवर्सिटी में एडमिशन होगा, उनकी फीस राज्य सरकार भरवाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन की कुमारी सोनम टैगोर ब्रिटेन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कर रही है। इस बिटिया की 45 लाख 71 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। इसी प्रकार भोपाल के निदित्त पवार ब्रिटेन से मास्टर ऑफ इंटनेशनल बिजनेस मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 40 लाख रुपये से अधिक की फीस राज्य सरकार द्वारा दी जा रही है। महू, इंदौर के पुष्कल मसानी आस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कर रहे हैं, जिनकी 55 लाख 48 हजार रुपये की फीस राज्य सरकार ने भरी है। विद्यार्थी पढ़ाई करें, राज्य सरकार हर कदम पर उनके साथ है। उन्होंने कहा कि शासकीय सेवाओं में बैकलॉग के पद भरने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। अनुसूचित जाति के युवाओं को सेना और पुलिस में भर्ती के लिए आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जाएगी। चौहान ने कहा कि विद्यार्थियों के लिए कन्या साक्षरता प्रोत्साहन योजना और सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग क्लासेस में कोचिंग की व्यवस्था है। महर्षि वाल्मिकी प्रोत्साहन योजना में आई.आई.टी., एन.आई.टी, नीट, क्लेट, एनडीए, एम्स की प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं में सफल होने पर राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं में प्रवेश लेने पर प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालय में कक्षा 10वीं का परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.80 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में भी परिणाम 100 प्रतिशत रहा और 98.20 प्रतिशत विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जात-पात, ऊँच-नीच, अगड़ा-पिछड़ा का भेद दूर करने के लिए संत रविदासजी, गुरूनानक जी, नामदेवजी जैसे संतों की परम्परा आयी, जिसने सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति की रक्षा की और इसे आगे बढ़ाया। संत रविदासजी श्रम, सत्य और ईश्वर भक्ति में भरोसा रखते थे। उनके जीवन के तप, त्याग और तपस्या तथा जन-कल्याण की अनेक कहानियाँ हैं, जो आज भी मनुष्य को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दे रही हैं। संत रविदास ने समाज को नाम, काम और सेवा का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हरि का नाम जपा करो, श्रम से अपनी जीविका का उपार्जन करो और श्रम से जो प्राप्त हो, उसे ईश्वर और जरूरतमंद की सेवा में अर्पित कर दो। मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदासजी के आदर्शों के अनुरूप सरकार का संचालन करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संत रविदास जयंती का कार्यक्रम वृहद स्वरूप में आयोजित करने की पहल की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव अनुसूचित वर्गों के हितों के संरक्षण के प्रति सजग रहते हैं और अनुसूचित वर्गों की बेहतरी के लिये पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि पहले भी संत रविदास जी की जयंती मनाई जाती थी, किन्तु मुख्यमंत्री चौहान ने इसे व्यापक स्वरूप दिया। इस बार जिला मुख्यालयों तथा पंचायत स्तर पर भी संत रविदास जी की जयंती मनाई गई। यहाँ तक कि ग्राम्यांचल में भी संत रविदास जी की जयंती पूरे उत्साह से मनाई गई। अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में ग्राम से लेकर राज्य-स्तर तक इतने भव्य रूप में संत रविदास जी की जयंती को मनाया जा रहा है। संत रविदास जी की जयंती का इतना भव्य आयोजन एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि संत कबीर और संत वाल्मिकी की तरह अब संत रविदास जी का कुंभ आयोजित हो रहा है। उन्होंने कहा कि मैहर में 3.5 करोड़ रूपये की लागत से संत रविदास जी का भव्य मंदिर बनाया गया है। सागर में भी 3 करोड़ रूपये राशि का स्मारक बनाया जा रहा है। केन्द्र सरकार भी देशभर में संत रविदासजी के सम्मान में मंदिर एवं स्मारक बनवा रही है। विधायक कृष्णा गौर ने कहा कि संत रविदास जी ने सामाजिक समता और समरसता का इतिहास रचा। उन्होंने गरीब, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति सबको समानता के साथ आगे बढ़ाया। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से माँग की कि बरखेड़ा स्थित संत रविदास जी के मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए और संत रविदास जी के आदर्श और सीख को स्कूलों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। कार्यक्रम में संत रविदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं पूजन किया गया। पूरे प्रदेश से आए संतों को माला पहनाकर एवं शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया। अरुण गोयल एवं मंडली ने संत रविदास जी के सुमधुर भजन गाकर श्रोताओं को आत्म-विभोर किया। अनुसूचित जाति वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों के कौशल उन्नयन के लिये स्वीकृति-पत्र वितरित किये गये। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे।
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16 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कुंडलपुर पंच-कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन हम सबके लिए गर्व का विषय है। इसे पूर्ण गरिमा, भव्यता और दिव्यता के साथ आयोजित किया जाए। आयोजन स्थल पर अनुशासन और व्यवस्था बनाए रखने की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। आयोजन स्थल पर स्वच्छता, सुरक्षा, पेयजल, आवास, स्वास्थ्य आदि सुविधा के लिए सजगता और संवेदनशीलता आवश्यक है। परम पूज्य आचार्य विद्या सागर महाराज हम सबके श्रद्धा के केंद्र हैं। समिति के साथ सामंजस्य बनाकर कार्यक्रम को भव्य बनाएँ। मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में दमोह जिले में आगामी 16 से 23 फरवरी तक आयोजित कुंडलपुर पंच-कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने वर्चुअल सहभागिता की। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान महोत्सव की आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। बताया गया कि कार्यक्रम स्थल पर प्रतिदिन दो बार 20 लाख लीटर पानी की व्यवस्था की जा रही है। आयोजन स्थल पर 30 वाटर टैंकर और 6 स्थान पर फायर ब्रिगेड की व्यवस्था की गई है। साफ-सफाई के लिए 500 कर्मचारी, 25 चलित शौचालय और 10 बड़े कंटेनर उपलब्ध हैं। कुंडलपुर क्षेत्र से लगे 8 नगरों में 9298 आवास की अस्थाई व्यवस्था के साथ ही दमोह में 200 छोटे घरों की व्यवस्था है। कुंडलपुर में 10 बिस्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पटेरा, हटा और हिंडोरिया में अस्पताल के साथ जिला चिकित्सालय में भी आवश्यक स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ की गई हैं। निजी, शासकीय और आयुष डॉक्टरों की टीम 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। आपातकालीन सुविधा के लिए 5 एंबुलेंस और 4 अतिरिक्त 108 एम्बुलेंस की व्यवस्था है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए कार्यक्रम स्थल पर पुलिस कंट्रोल रूम और अस्थाई पुलिस चौकी बनाई गई है। व्यवस्था में 600 पुलिस जवान तैनात रहेंगे। साथ ही यातायात और पार्किंग की भी बेहतर व्यवस्था की गई है। आयोजन स्थल पर 200 सीसीटीवी कैमरे और 200 फायर फाइटिंग उपकरण उपलब्ध रहेंगे। चौबीस घंटे बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 1225 केव्ही (980 किलोवाट) का अस्थाई विद्युत स्टेशन, 200 केव्ही के 13 ट्रांसफार्मर और 100 केव्ही के एक ट्रांसफार्मर की व्यवस्था की गई है। बैठक में अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मण्डलोई, प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनीष रस्तोगी और प्रमुख सचिव नगरीय विकास मनीष सिंह उपस्थित थे। सागर के संभागीय तथा दमोह के जिला स्तरीय अधिकारी भी वर्चुअली सम्मिलित हुए। उल्लेखनीय है कि दमोह जिले के कुंडलपुर में भगवान आदिनाथ की प्रतिमा का महामस्ताभिषेक एवं पंच-कल्याणक महोत्सव 16 से 23 फरवरी तक किया जा रहा है।
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14 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कुंडलपुर पंच-कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन हम सबके लिए गर्व का विषय है। इसे पूर्ण गरिमा, भव्यता और दिव्यता के साथ आयोजित किया जाए। आयोजन स्थल पर अनुशासन और व्यवस्था बनाए रखने की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। आयोजन स्थल पर स्वच्छता, सुरक्षा, पेयजल, आवास, स्वास्थ्य आदि सुविधा के लिए सजगता और संवेदनशीलता आवश्यक है। परम पूज्य आचार्य विद्या सागर महाराज हम सबके श्रद्धा के केंद्र हैं। समिति के साथ सामंजस्य बनाकर कार्यक्रम को भव्य बनाएँ। मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में दमोह जिले में आगामी 16 से 23 फरवरी तक आयोजित कुंडलपुर पंच-कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने वर्चुअल सहभागिता की। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान महोत्सव की आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी प्राप्त की। बताया गया कि कार्यक्रम स्थल पर प्रतिदिन दो बार 20 लाख लीटर पानी की व्यवस्था की जा रही है। आयोजन स्थल पर 30 वाटर टैंकर और 6 स्थान पर फायर ब्रिगेड की व्यवस्था की गई है। साफ-सफाई के लिए 500 कर्मचारी, 25 चलित शौचालय और 10 बड़े कंटेनर उपलब्ध हैं। कुंडलपुर क्षेत्र से लगे 8 नगरों में 9298 आवास की अस्थाई व्यवस्था के साथ ही दमोह में 200 छोटे घरों की व्यवस्था है। कुंडलपुर में 10 बिस्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पटेरा, हटा और हिंडोरिया में अस्पताल के साथ जिला चिकित्सालय में भी आवश्यक स्वास्थ्य व्यवस्थाएँ की गई हैं। निजी, शासकीय और आयुष डॉक्टरों की टीम 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। आपातकालीन सुविधा के लिए 5 एंबुलेंस और 4 अतिरिक्त 108 एम्बुलेंस की व्यवस्था है। सुरक्षा व्यवस्था के लिए कार्यक्रम स्थल पर पुलिस कंट्रोल रूम और अस्थाई पुलिस चौकी बनाई गई है। व्यवस्था में 600 पुलिस जवान तैनात रहेंगे। साथ ही यातायात और पार्किंग की भी बेहतर व्यवस्था की गई है। आयोजन स्थल पर 200 सीसीटीवी कैमरे और 200 फायर फाइटिंग उपकरण उपलब्ध रहेंगे। चौबीस घंटे बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 1225 केव्ही (980 किलोवाट) का अस्थाई विद्युत स्टेशन, 200 केव्ही के 13 ट्रांसफार्मर और 100 केव्ही के एक ट्रांसफार्मर की व्यवस्था की गई है। बैठक में अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मण्डलोई, प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनीष रस्तोगी और प्रमुख सचिव नगरीय विकास मनीष सिंह उपस्थित थे। सागर के संभागीय तथा दमोह के जिला स्तरीय अधिकारी भी वर्चुअली सम्मिलित हुए। उल्लेखनीय है कि दमोह जिले के कुंडलपुर में भगवान आदिनाथ की प्रतिमा का महामस्ताभिषेक एवं पंच-कल्याणक महोत्सव 16 से 23 फरवरी तक किया जा रहा है।
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14 February 2022भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार शाम को अल्प प्रवास पर मध्य प्रदेश के दतिया पहुंचे। यहां उन्होंने प्रसिद्ध मां पीताम्बरा पीठ पहुंचकर दर्शन किए और मां बगलामुखी की पूजा-अर्चना कर देश के लिए सुख समृद्धि की कामना की। केन्द्रीय गृह मंत्री मंत्री सोमवार को उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए झांसी आए थे। इसी दौरान भाजपा प्रत्याशी रवि शर्मा के समर्थन में झांसी में जनसभा के लौटने के बाद शाम को करीब साढ़े चार बजे वे हेलीकाप्टर से अल्प प्रवास पर दतिया पहुंचे, जहां हवाई पट्टी पर प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्र, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने उनका स्वागत कर अगवानी की। यहां से केन्द्रीय गृह मंत्री शाह सीधे पीताम्बरा पीठ पहुंचे। उन्होंने मां बगलामुखी की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। पीतांबरा पीठ में दर्शन करने के बाद अमित शाह रवाना हो गए। इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, प्रभारी मंत्री सुरेश राठखेड़ा, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद संध्या राय, जिला अध्यक्ष सुरेंद्र बुधौलिया, विधायक रक्षा संतराम सिरोनिया, प्रदीप अग्रवाल, आलोक डंगस आदि मौजूद रहे।
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14 February 2022भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार शाम को अल्प प्रवास पर मध्य प्रदेश के दतिया पहुंचे। यहां उन्होंने प्रसिद्ध मां पीताम्बरा पीठ पहुंचकर दर्शन किए और मां बगलामुखी की पूजा-अर्चना कर देश के लिए सुख समृद्धि की कामना की। केन्द्रीय गृह मंत्री मंत्री सोमवार को उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए झांसी आए थे। इसी दौरान भाजपा प्रत्याशी रवि शर्मा के समर्थन में झांसी में जनसभा के लौटने के बाद शाम को करीब साढ़े चार बजे वे हेलीकाप्टर से अल्प प्रवास पर दतिया पहुंचे, जहां हवाई पट्टी पर प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्र, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने उनका स्वागत कर अगवानी की। यहां से केन्द्रीय गृह मंत्री शाह सीधे पीताम्बरा पीठ पहुंचे। उन्होंने मां बगलामुखी की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लिया। पीतांबरा पीठ में दर्शन करने के बाद अमित शाह रवाना हो गए। इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, प्रभारी मंत्री सुरेश राठखेड़ा, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद संध्या राय, जिला अध्यक्ष सुरेंद्र बुधौलिया, विधायक रक्षा संतराम सिरोनिया, प्रदीप अग्रवाल, आलोक डंगस आदि मौजूद रहे।
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14 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश से सांसद रही स्व. सुषमा स्वराज की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने निवास कार्यालय स्थित सभागार में स्व. स्वराज के चित्र पर माल्यार्पण किया। सीएम शिवराज ने श्रीमती स्वराज का स्मरण करते हुए ट्वीट किया है कि "जब आदरणीय सुषमा दीदी बोलती थी, तो ऐसा प्रतीत होता था मानो माँ सरस्वती उनकी जिह्वा पर विराजमान हैं। उनके व्यवहार में हम सभी के लिए न केवल बहन का प्यार अपितु ममत्व का पवित्र भाव आकण्ठ भरा था। आप सदैव हमारे दिलों में जीवित रहेंगी। अपने कार्यों और विचारों से देश एवं दुनिया के लोगों का दिल जीत लेने वाली, पूर्व विदेश मंत्री, माँ सरस्वती की वरद पुत्री, आदरणीय दीदी सुषमा स्वराज की आज जयंती है। आज उनका आत्म-विश्वास से मुस्कुराता चेहरा बरबस ही आँखों के सामने बार-बार आ रहा है। जयंती पर दीदी के चरणों में प्रणाम।" श्रीमती सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा की अम्बाला छावनी में हुआ था। वे सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व अधिवक्ता थी। संसद सदस्य के रूप में 7 बार और विधानसभा सदस्य के रूप में 3 बार चुनी गईं। श्रीमती स्वराज मध्यप्रदेश के विदिशा-रायसेन संसदीय क्षेत्र से भी निर्वाचित हुई। उन्होंने 13 अक्टूबर 1998 से दिल्ली के पाँचवें मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया। साथ ही वे अटल जी की सरकार में सूचना एवं प्रसारण और संसदीय मामलों की मंत्री रही। वर्ष 2009 से 2014 के लोकसभा कार्यकाल में वे विपक्ष की नेता भी रही। श्रीमती सुषमा स्वराज वर्ष 2014 से 2019 के कार्यकाल में भारत की पहली महिला विदेश मंत्री बनी। वे विभिन्न क्षमताओं में कई सामाजिक और सांस्कृतिक निकायों से जुड़ी रहीं। श्रीमती स्वराज को भारत सरकार ने मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया । उनका निधन 6 अगस्त 2019 को हुआ।
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14 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश से सांसद रही स्व. सुषमा स्वराज की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने निवास कार्यालय स्थित सभागार में स्व. स्वराज के चित्र पर माल्यार्पण किया। सीएम शिवराज ने श्रीमती स्वराज का स्मरण करते हुए ट्वीट किया है कि "जब आदरणीय सुषमा दीदी बोलती थी, तो ऐसा प्रतीत होता था मानो माँ सरस्वती उनकी जिह्वा पर विराजमान हैं। उनके व्यवहार में हम सभी के लिए न केवल बहन का प्यार अपितु ममत्व का पवित्र भाव आकण्ठ भरा था। आप सदैव हमारे दिलों में जीवित रहेंगी। अपने कार्यों और विचारों से देश एवं दुनिया के लोगों का दिल जीत लेने वाली, पूर्व विदेश मंत्री, माँ सरस्वती की वरद पुत्री, आदरणीय दीदी सुषमा स्वराज की आज जयंती है। आज उनका आत्म-विश्वास से मुस्कुराता चेहरा बरबस ही आँखों के सामने बार-बार आ रहा है। जयंती पर दीदी के चरणों में प्रणाम।" श्रीमती सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हरियाणा की अम्बाला छावनी में हुआ था। वे सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व अधिवक्ता थी। संसद सदस्य के रूप में 7 बार और विधानसभा सदस्य के रूप में 3 बार चुनी गईं। श्रीमती स्वराज मध्यप्रदेश के विदिशा-रायसेन संसदीय क्षेत्र से भी निर्वाचित हुई। उन्होंने 13 अक्टूबर 1998 से दिल्ली के पाँचवें मुख्यमंत्री के रूप में भी कार्य किया। साथ ही वे अटल जी की सरकार में सूचना एवं प्रसारण और संसदीय मामलों की मंत्री रही। वर्ष 2009 से 2014 के लोकसभा कार्यकाल में वे विपक्ष की नेता भी रही। श्रीमती सुषमा स्वराज वर्ष 2014 से 2019 के कार्यकाल में भारत की पहली महिला विदेश मंत्री बनी। वे विभिन्न क्षमताओं में कई सामाजिक और सांस्कृतिक निकायों से जुड़ी रहीं। श्रीमती स्वराज को भारत सरकार ने मरणोपरांत पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया । उनका निधन 6 अगस्त 2019 को हुआ।
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14 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शनिवार को बैतूल जिले से एक क्लिक से प्रदेश के 49 लाख 85 हज़ार 24 किसानों के खाते में 7 हजार 618 करोड़ 8 लाख 52 हज़ार 22रुपये फसल बीमा की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया, इसके साथ ही मध्य प्रदेश सर्वाधिक बीमा क्लेम देने वाला राज्य बन गया। फसल बीमा भुगतान कार्यक्रम को लेकर पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसा है। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों को खरीफ-2020 और रबी 2020-21 की फसल बीमा की दावा राशि डेढ़ वर्ष से अधिक समय बाद आज दी जा रही है ,जिसका प्रीमियम ख़ुद किसान भी भरते है और शिवराज सरकार आज इसे भी उत्सव के रूप में मना रही है? जबकि इसे तो शिवराज सरकार को देरी से भुगतान के लिये किसानो से माफी दिवस के रूप में मनाना चाहिये। पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि जब डेढ़ से 2 वर्ष पुरानी खऱाब फ़सलों की फसल बीमा की राशि आज मिल रही है तो हाल ही में ओलावृष्टि और अतिवर्षा से खराब फसलों की राशि कब मिलेगी, समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दावे तो बड़े-बड़े किये गये थे, 7 दिन में सर्वे व मुआवज़े की बात की गयी थी। दो माह के कऱीब हो चुके है, ना कोई राहत, ना कोई मुआवज़ा, अभी तक तो सर्वे का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। कमलनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को ना कोई राहत, ना मुआवजा, ना फसल बीमा की राशि, ना पूर्व की गेहूं की बोनस की राशि और उसके बावजूद भी सरकार उत्सव मनाने में लगी है..?
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12 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शनिवार को बैतूल जिले से एक क्लिक से प्रदेश के 49 लाख 85 हज़ार 24 किसानों के खाते में 7 हजार 618 करोड़ 8 लाख 52 हज़ार 22रुपये फसल बीमा की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया, इसके साथ ही मध्य प्रदेश सर्वाधिक बीमा क्लेम देने वाला राज्य बन गया। फसल बीमा भुगतान कार्यक्रम को लेकर पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसा है। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों को खरीफ-2020 और रबी 2020-21 की फसल बीमा की दावा राशि डेढ़ वर्ष से अधिक समय बाद आज दी जा रही है ,जिसका प्रीमियम ख़ुद किसान भी भरते है और शिवराज सरकार आज इसे भी उत्सव के रूप में मना रही है? जबकि इसे तो शिवराज सरकार को देरी से भुगतान के लिये किसानो से माफी दिवस के रूप में मनाना चाहिये। पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि जब डेढ़ से 2 वर्ष पुरानी खऱाब फ़सलों की फसल बीमा की राशि आज मिल रही है तो हाल ही में ओलावृष्टि और अतिवर्षा से खराब फसलों की राशि कब मिलेगी, समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दावे तो बड़े-बड़े किये गये थे, 7 दिन में सर्वे व मुआवज़े की बात की गयी थी। दो माह के कऱीब हो चुके है, ना कोई राहत, ना कोई मुआवज़ा, अभी तक तो सर्वे का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। कमलनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को ना कोई राहत, ना मुआवजा, ना फसल बीमा की राशि, ना पूर्व की गेहूं की बोनस की राशि और उसके बावजूद भी सरकार उत्सव मनाने में लगी है..?
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12 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शनिवार को बैतूल जिले से एक क्लिक से प्रदेश के 49 लाख 85 हज़ार 24 किसानों के खाते में 7 हजार 618 करोड़ 8 लाख 52 हज़ार 22रुपये फसल बीमा की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया, इसके साथ ही मध्य प्रदेश सर्वाधिक बीमा क्लेम देने वाला राज्य बन गया। फसल बीमा भुगतान कार्यक्रम को लेकर पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसा है। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों को खरीफ-2020 और रबी 2020-21 की फसल बीमा की दावा राशि डेढ़ वर्ष से अधिक समय बाद आज दी जा रही है ,जिसका प्रीमियम ख़ुद किसान भी भरते है और शिवराज सरकार आज इसे भी उत्सव के रूप में मना रही है? जबकि इसे तो शिवराज सरकार को देरी से भुगतान के लिये किसानो से माफी दिवस के रूप में मनाना चाहिये। पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि जब डेढ़ से 2 वर्ष पुरानी खऱाब फ़सलों की फसल बीमा की राशि आज मिल रही है तो हाल ही में ओलावृष्टि और अतिवर्षा से खराब फसलों की राशि कब मिलेगी, समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दावे तो बड़े-बड़े किये गये थे, 7 दिन में सर्वे व मुआवज़े की बात की गयी थी। दो माह के कऱीब हो चुके है, ना कोई राहत, ना कोई मुआवज़ा, अभी तक तो सर्वे का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। कमलनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को ना कोई राहत, ना मुआवजा, ना फसल बीमा की राशि, ना पूर्व की गेहूं की बोनस की राशि और उसके बावजूद भी सरकार उत्सव मनाने में लगी है..?
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12 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शनिवार को बैतूल जिले से एक क्लिक से प्रदेश के 49 लाख 85 हज़ार 24 किसानों के खाते में 7 हजार 618 करोड़ 8 लाख 52 हज़ार 22रुपये फसल बीमा की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया, इसके साथ ही मध्य प्रदेश सर्वाधिक बीमा क्लेम देने वाला राज्य बन गया। फसल बीमा भुगतान कार्यक्रम को लेकर पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसा है। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों को खरीफ-2020 और रबी 2020-21 की फसल बीमा की दावा राशि डेढ़ वर्ष से अधिक समय बाद आज दी जा रही है ,जिसका प्रीमियम ख़ुद किसान भी भरते है और शिवराज सरकार आज इसे भी उत्सव के रूप में मना रही है? जबकि इसे तो शिवराज सरकार को देरी से भुगतान के लिये किसानो से माफी दिवस के रूप में मनाना चाहिये। पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि जब डेढ़ से 2 वर्ष पुरानी खऱाब फ़सलों की फसल बीमा की राशि आज मिल रही है तो हाल ही में ओलावृष्टि और अतिवर्षा से खराब फसलों की राशि कब मिलेगी, समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दावे तो बड़े-बड़े किये गये थे, 7 दिन में सर्वे व मुआवज़े की बात की गयी थी। दो माह के कऱीब हो चुके है, ना कोई राहत, ना कोई मुआवज़ा, अभी तक तो सर्वे का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। कमलनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को ना कोई राहत, ना मुआवजा, ना फसल बीमा की राशि, ना पूर्व की गेहूं की बोनस की राशि और उसके बावजूद भी सरकार उत्सव मनाने में लगी है..?
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12 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शनिवार को बैतूल जिले से एक क्लिक से प्रदेश के 49 लाख 85 हज़ार 24 किसानों के खाते में 7 हजार 618 करोड़ 8 लाख 52 हज़ार 22रुपये फसल बीमा की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया, इसके साथ ही मध्य प्रदेश सर्वाधिक बीमा क्लेम देने वाला राज्य बन गया। फसल बीमा भुगतान कार्यक्रम को लेकर पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसा है। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों को खरीफ-2020 और रबी 2020-21 की फसल बीमा की दावा राशि डेढ़ वर्ष से अधिक समय बाद आज दी जा रही है ,जिसका प्रीमियम ख़ुद किसान भी भरते है और शिवराज सरकार आज इसे भी उत्सव के रूप में मना रही है? जबकि इसे तो शिवराज सरकार को देरी से भुगतान के लिये किसानो से माफी दिवस के रूप में मनाना चाहिये। पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि जब डेढ़ से 2 वर्ष पुरानी खऱाब फ़सलों की फसल बीमा की राशि आज मिल रही है तो हाल ही में ओलावृष्टि और अतिवर्षा से खराब फसलों की राशि कब मिलेगी, समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दावे तो बड़े-बड़े किये गये थे, 7 दिन में सर्वे व मुआवज़े की बात की गयी थी। दो माह के कऱीब हो चुके है, ना कोई राहत, ना कोई मुआवज़ा, अभी तक तो सर्वे का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। कमलनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को ना कोई राहत, ना मुआवजा, ना फसल बीमा की राशि, ना पूर्व की गेहूं की बोनस की राशि और उसके बावजूद भी सरकार उत्सव मनाने में लगी है..?
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12 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शनिवार को बैतूल जिले से एक क्लिक से प्रदेश के 49 लाख 85 हज़ार 24 किसानों के खाते में 7 हजार 618 करोड़ 8 लाख 52 हज़ार 22रुपये फसल बीमा की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया, इसके साथ ही मध्य प्रदेश सर्वाधिक बीमा क्लेम देने वाला राज्य बन गया। फसल बीमा भुगतान कार्यक्रम को लेकर पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसा है। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों को खरीफ-2020 और रबी 2020-21 की फसल बीमा की दावा राशि डेढ़ वर्ष से अधिक समय बाद आज दी जा रही है ,जिसका प्रीमियम ख़ुद किसान भी भरते है और शिवराज सरकार आज इसे भी उत्सव के रूप में मना रही है? जबकि इसे तो शिवराज सरकार को देरी से भुगतान के लिये किसानो से माफी दिवस के रूप में मनाना चाहिये। पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि जब डेढ़ से 2 वर्ष पुरानी खऱाब फ़सलों की फसल बीमा की राशि आज मिल रही है तो हाल ही में ओलावृष्टि और अतिवर्षा से खराब फसलों की राशि कब मिलेगी, समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दावे तो बड़े-बड़े किये गये थे, 7 दिन में सर्वे व मुआवज़े की बात की गयी थी। दो माह के कऱीब हो चुके है, ना कोई राहत, ना कोई मुआवज़ा, अभी तक तो सर्वे का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। कमलनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को ना कोई राहत, ना मुआवजा, ना फसल बीमा की राशि, ना पूर्व की गेहूं की बोनस की राशि और उसके बावजूद भी सरकार उत्सव मनाने में लगी है..?
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12 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शनिवार को बैतूल जिले से एक क्लिक से प्रदेश के 49 लाख 85 हज़ार 24 किसानों के खाते में 7 हजार 618 करोड़ 8 लाख 52 हज़ार 22रुपये फसल बीमा की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया, इसके साथ ही मध्य प्रदेश सर्वाधिक बीमा क्लेम देने वाला राज्य बन गया। फसल बीमा भुगतान कार्यक्रम को लेकर पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसा है। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों को खरीफ-2020 और रबी 2020-21 की फसल बीमा की दावा राशि डेढ़ वर्ष से अधिक समय बाद आज दी जा रही है ,जिसका प्रीमियम ख़ुद किसान भी भरते है और शिवराज सरकार आज इसे भी उत्सव के रूप में मना रही है? जबकि इसे तो शिवराज सरकार को देरी से भुगतान के लिये किसानो से माफी दिवस के रूप में मनाना चाहिये। पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि जब डेढ़ से 2 वर्ष पुरानी खऱाब फ़सलों की फसल बीमा की राशि आज मिल रही है तो हाल ही में ओलावृष्टि और अतिवर्षा से खराब फसलों की राशि कब मिलेगी, समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दावे तो बड़े-बड़े किये गये थे, 7 दिन में सर्वे व मुआवज़े की बात की गयी थी। दो माह के कऱीब हो चुके है, ना कोई राहत, ना कोई मुआवज़ा, अभी तक तो सर्वे का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। कमलनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को ना कोई राहत, ना मुआवजा, ना फसल बीमा की राशि, ना पूर्व की गेहूं की बोनस की राशि और उसके बावजूद भी सरकार उत्सव मनाने में लगी है..?
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12 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शनिवार को बैतूल जिले से एक क्लिक से प्रदेश के 49 लाख 85 हज़ार 24 किसानों के खाते में 7 हजार 618 करोड़ 8 लाख 52 हज़ार 22रुपये फसल बीमा की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया, इसके साथ ही मध्य प्रदेश सर्वाधिक बीमा क्लेम देने वाला राज्य बन गया। फसल बीमा भुगतान कार्यक्रम को लेकर पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसा है। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों को खरीफ-2020 और रबी 2020-21 की फसल बीमा की दावा राशि डेढ़ वर्ष से अधिक समय बाद आज दी जा रही है ,जिसका प्रीमियम ख़ुद किसान भी भरते है और शिवराज सरकार आज इसे भी उत्सव के रूप में मना रही है? जबकि इसे तो शिवराज सरकार को देरी से भुगतान के लिये किसानो से माफी दिवस के रूप में मनाना चाहिये। पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि जब डेढ़ से 2 वर्ष पुरानी खऱाब फ़सलों की फसल बीमा की राशि आज मिल रही है तो हाल ही में ओलावृष्टि और अतिवर्षा से खराब फसलों की राशि कब मिलेगी, समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दावे तो बड़े-बड़े किये गये थे, 7 दिन में सर्वे व मुआवज़े की बात की गयी थी। दो माह के कऱीब हो चुके है, ना कोई राहत, ना कोई मुआवज़ा, अभी तक तो सर्वे का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। कमलनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को ना कोई राहत, ना मुआवजा, ना फसल बीमा की राशि, ना पूर्व की गेहूं की बोनस की राशि और उसके बावजूद भी सरकार उत्सव मनाने में लगी है..?
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12 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शनिवार को बैतूल जिले से एक क्लिक से प्रदेश के 49 लाख 85 हज़ार 24 किसानों के खाते में 7 हजार 618 करोड़ 8 लाख 52 हज़ार 22रुपये फसल बीमा की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया, इसके साथ ही मध्य प्रदेश सर्वाधिक बीमा क्लेम देने वाला राज्य बन गया। फसल बीमा भुगतान कार्यक्रम को लेकर पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसा है। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों को खरीफ-2020 और रबी 2020-21 की फसल बीमा की दावा राशि डेढ़ वर्ष से अधिक समय बाद आज दी जा रही है ,जिसका प्रीमियम ख़ुद किसान भी भरते है और शिवराज सरकार आज इसे भी उत्सव के रूप में मना रही है? जबकि इसे तो शिवराज सरकार को देरी से भुगतान के लिये किसानो से माफी दिवस के रूप में मनाना चाहिये। पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि जब डेढ़ से 2 वर्ष पुरानी खऱाब फ़सलों की फसल बीमा की राशि आज मिल रही है तो हाल ही में ओलावृष्टि और अतिवर्षा से खराब फसलों की राशि कब मिलेगी, समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दावे तो बड़े-बड़े किये गये थे, 7 दिन में सर्वे व मुआवज़े की बात की गयी थी। दो माह के कऱीब हो चुके है, ना कोई राहत, ना कोई मुआवज़ा, अभी तक तो सर्वे का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। कमलनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को ना कोई राहत, ना मुआवजा, ना फसल बीमा की राशि, ना पूर्व की गेहूं की बोनस की राशि और उसके बावजूद भी सरकार उत्सव मनाने में लगी है..?
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12 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शनिवार को बैतूल जिले से एक क्लिक से प्रदेश के 49 लाख 85 हज़ार 24 किसानों के खाते में 7 हजार 618 करोड़ 8 लाख 52 हज़ार 22रुपये फसल बीमा की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया, इसके साथ ही मध्य प्रदेश सर्वाधिक बीमा क्लेम देने वाला राज्य बन गया। फसल बीमा भुगतान कार्यक्रम को लेकर पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर तंज कसा है। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों को खरीफ-2020 और रबी 2020-21 की फसल बीमा की दावा राशि डेढ़ वर्ष से अधिक समय बाद आज दी जा रही है ,जिसका प्रीमियम ख़ुद किसान भी भरते है और शिवराज सरकार आज इसे भी उत्सव के रूप में मना रही है? जबकि इसे तो शिवराज सरकार को देरी से भुगतान के लिये किसानो से माफी दिवस के रूप में मनाना चाहिये। पूर्व सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि जब डेढ़ से 2 वर्ष पुरानी खऱाब फ़सलों की फसल बीमा की राशि आज मिल रही है तो हाल ही में ओलावृष्टि और अतिवर्षा से खराब फसलों की राशि कब मिलेगी, समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि दावे तो बड़े-बड़े किये गये थे, 7 दिन में सर्वे व मुआवज़े की बात की गयी थी। दो माह के कऱीब हो चुके है, ना कोई राहत, ना कोई मुआवज़ा, अभी तक तो सर्वे का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। कमलनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि किसानों को ना कोई राहत, ना मुआवजा, ना फसल बीमा की राशि, ना पूर्व की गेहूं की बोनस की राशि और उसके बावजूद भी सरकार उत्सव मनाने में लगी है..?
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12 February 2022इंदौर। प्रदेश में हिजाब को लेकर चल रहा विवाद कुछ हद तक ठंडा पड़ने लगा है, लेकिन भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के ट्वीट ने इसे एक बार फिर गरमा दिया है। कैलाश विजयवर्गीय ने इस मुद्दे पर ट्वीट कर इसे प्रायोजित बताया है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्वीट किया है कि भारत में जब भी कोई चुनाव होता है कोई न कोई गैंग प्रकट हो जाता है। कभी टुकड़े-टुकड़े गैंग, कभी मोमबत्ती गैंग, कभी गोल बिंदी गैंग, कभी अवार्ड वापसी गैंग…। हिजाब विवाद भी उसी टूलकिट का हिस्सा है। सभी के तार आपस में जुड़े हुए हैं और सभी प्रायोजित हैं। विजयवर्गीय के इस ट्वीट ने फिर इस मुद्दे को हवा दी है, क्योंकि मामले में विवादास्पद बयान देने वाले स्कूली शिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार मुख्यमंत्री शिवराजसिंह की नाराजगी के बाद पहले ही बैकफुट पर आ गए हैं और अन्य मंत्री भी अब कुछ ही कहने से बच रहे हैं। शुक्रवार को उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी इंदौर में बयान देने से बचते रहे और केवल इतना कहा कि हिजाब मुद्दे का शिक्षा नीति से इसका कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने इस मुद्दे पर कहा कि हर शिक्षण संस्थान का अनुशासन होता है और वहां जो यूनिफॉर्म तय की गई हो उसी यूनिफॉर्म का उपयोग किया जाना चाहिए।
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12 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद लड़कियां इसके विरोध के नाम पर हिजाब पहनकर तरह-तरह के करतब करती नजर आ रही हैं। बुधवार को राजधानी में ऐसा ही वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुछ युवतियां हिजाब बांधकर बाइक से फर्राटा भरती नजर आ रही हैं। यह वीडियो वीआइपी रोड का बताया जा रहा है। युवतियों का यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हुआ। इसमें दो बाइक पर चार युवतियां बिंदास अंदाज में न सिर्फ अंगुलियों से विक्ट्री साइन दिखा रही हैं, बल्कि बाइक में पीछे बैठी एक युवती फ्लाइंग किस भी उछालती नजर आ रही है। इधर, गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले की जांच कराने की बात कही है। बता दें कि बुधवार को राजधानी भोपाल में कुछ इस तरह ही हिजाब बांधकर युवतियों ने क्रिकेट मैच खेला जिसकी तस्वररें भी जमकर वायरल हुई थीं कि दूसरी तरफ शाम को हिजाब बांधकर बाइक चलाने के दो वीडियो वायरल हुए थे। इनमें से एक में तो चार युवतियां एक बाइक पर सवार हैं। सभी ने हिजाब बांध रखा है। इसके साथ ही इंटनेट मीडिया पर मोटर व्हीकल एक्ट को लेकर चर्चा छिड़ गई। लोगों ने बिना हेलमेट पहने बाइक चलाने पर नियमों का उल्लंघन बताते हुए वीआइपी रोड पर पुलिस चेकिंग पर सवाल भी खड़े करना शुरू कर दिए। हिजाब में बाइक चलाती युवतियों का वीडियो सामने आने के बाद प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इसका संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भोपाल में हिजाब पहनकर बाइक पर स्टंट का वीडियो कब का है, इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ऐसे विषयों को जिंदा रखना चाहती है। संवेदनशील विषयों पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करना चाहिए। वहीं, इस मामले में डीसीपी रियाज इकबाल का कहना है कि वीडियो संज्ञान में आया है। कैमरों के फुटेज चेक कराए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
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10 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने को लेकर मचे बवाल के बाद इस मुद्दे को लेकर कई राज्यों में सियासत गरमाने लगी है। कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद के बाद अब मध्यप्रदेश में बड़ा फैसला लिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा एलान करते हुए कहा है कि राज्य के स्कूलों में हिजाब बैन होगा। वहीं कर्नाटक में उपजे विवाद पर उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म को लेकर जानबूझकर देश का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। मंगलवार को स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि स्कूलों में केवल ड्रेस कोड लागू किए जाने पर जोर दिया है। उनके मुताबिक हिज़ाब स्कूल ड्रेस का हिस्सा नहीं है। इसके लिए विभाग अब सभी स्कूलों का परीक्षण कराएगा। हिजाब यूनिफॉर्म कोड का हिस्सा नहीं है। अगर कहीं कोई हिजाब पहनकर स्कूल में आता है, तो प्रतिबंध लगाया जाएगा। मध्यप्रदेश में स्कूल यूनिफॉर्म कोड के अनुसार ही बच्चों को आना होगा। हम स्कूल यूनिफॉर्म कोड को लेकर काम कर रहे हैं। अगले सेशन से पहले यूनिफॉर्म कोड पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। आगे मंत्री परमार ने कहा कि भारत की मान्यता है, जो लोग जिस परंपरा में निवास करते हैं, वह उसका अपने घरों तक पालन करें। स्कूलों में यूनिफॉर्म कोड लागू किया गया है, उसका पालन करना चाहिए। सभी स्टूडेंट्स में समानता का भाव रहे, अनुशासन रहे और स्कूल की एक अलग पहचान बने। इसके लिए हम यूनिफॉर्म कोड पर हम काम कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में अगले सत्र से ही यूनिफॉर्म की सारी सूचनाएं पहले से दी जाएंगी। समय पर इसे लागू करेंगे। हम ड्रेस कोड पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि जो यूनिफॉर्म तय किया गया है, वही पहनकर आएं, तो ही अच्छा होगा। अनुशासन का तभी पालन होगा।
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8 February 2022भोपाल। मप्र में नर्मदा जयंती मंगलवार को उत्साह व श्रद्धा से मनाई जा रही है। एक दिन पहले ही मंदिरों व घाटों पर नर्मदा जयंती हेतु पूजन की तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। आज इस पावन मौके पर कई जगह धार्मिक अनुष्ठानों के आयोजन किए जा रहेे हैं। नर्मदा किनारे सेठानी घाट पर आज विशेष कार्यक्रम आयोजित होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा जयंती पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए मां नर्मदा को नमन किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे।" अपने पावन जल से कंकर-कंकर को शंकर बना देने वाली मध्यप्रदेश की प्राणदायिनी,मां नर्मदा की जयंती पर कोटिश: नमन! मां रेवा, अपने अमृत तुल्य जल से हम सबके कंठों व खेतों की प्यास बुझाती रहो। सुख, समृद्धि, खुशहाली का आशीर्वाद दो! हर हर नर्मदे! उन्होंने कहा कि मैंने आप सभी से आग्रह किया था कि साल में एक दिन अपने गांव, शहर का जन्मदिन अवश्य मनायें। हम समस्त जैतवासियों के लिए मध्यप्रदेश की जीवनरेखा मां नर्मदा हमारी मां हैं। अत: हम सब ग्रामवासियों ने नर्मदा जयंती पर अपने गांव का जन्मदिन मनाने का निर्णय लिया है। सीएम शिवराज ने कहा कि आज हम सभी जैतवासी अपने गांव के विकास के मास्टर प्लान पर मंथन कर उसकी फाइनल रूपरेखा तैयार करेंगे। सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास से जैत के साथ-साथ प्रदेश के समस्त गांव स्मार्ट बनेंगे। आपसे आग्रह है कि आप भी अपने गांव, शहर का जन्मदिन मनाइये और उसके विकास में जुट जाइये। सीएम शिवराज ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि मां नर्मदा हमारे मध्य प्रदेश की जीवन रेखा हैं। नर्मदा जी के तट पर रहने वाले नागरिकों से मेरी अपील है कि जीवनदायिनी मां नर्मदा की अविरल धारा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए तट पर वर्ष में कम से कम एक पौधा जरूर लगाएं। साथ ही नर्मदा जी के तट पर हम प्राकृतिक खेती ही करें। रासायनिक खाद से नर्मदा जी का जल प्रदूषित होता है। आज नर्मदा जयंती के पावन अवसर पर अपने गांव का जन्मदिन मनाने की भी शुरुआत करेंगे।
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8 February 2022भोपाल। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया है। 92 साल की उम्र में उन्होंने रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। लता मंगेशकर लगभग एक महीने से बीमार चल रही थीं। उनके निधन से देश भर में शोक की लहर है। आम से लेकर खास तक हर कोई उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहा है। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा स्वर साम्राज्ञी, परम श्रद्धेय लता मंगेशकर जी के निधन से अन्तर्मन दुख, पीड़ा, शोक से व्यथित है। देश ही नहीं, समूचे विश्व ने एक ऐसी स्वर साधिका को खो दिया, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज से जीवन में आनंद घोलने वाले असंख्य गीत दिए। लता दीदी का तपस्वी जीवन स्वर साधना का अप्रतिम अध्याय है। उन्होंने लता मंगेशकर की सुर यात्रा को याद करते हुए कहा कि आपका जीवन हिंदी फिल्म जगत के साथ ही भारतीय संगीत की ऐसी अद्भुत यात्रा रही, जिसने कई पीढिय़ों को मानवीय संवेदनाओं को जीवंत करते गीत-संगीत से जोड़ा। फिल्म जगत के उद्भव से अत्याधुनिक युग में प्रवेश करने तक दीदी सहयोगी से संरक्षक तक की भूमिका में रहीं। आपका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। सीएम शिवराज ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा ‘गीत-संगीत के प्रति समर्पण से परिष्कृत आपका व्यक्तित्व शालीनता, सौम्यता व आत्मीयता की त्रिवेणी रहा, जो कला साधकों को अनंतकाल तक प्रेरित करता रहेगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें। अपनी सुमधुर अमर आवाज से लता दीदी सदैव हम सभी के बीच रहेंगी।
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6 February 2022भोपाल। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया है। 92 साल की उम्र में उन्होंने रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। लता मंगेशकर लगभग एक महीने से बीमार चल रही थीं। उनके निधन से देश भर में शोक की लहर है। आम से लेकर खास तक हर कोई उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहा है। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा स्वर साम्राज्ञी, परम श्रद्धेय लता मंगेशकर जी के निधन से अन्तर्मन दुख, पीड़ा, शोक से व्यथित है। देश ही नहीं, समूचे विश्व ने एक ऐसी स्वर साधिका को खो दिया, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज से जीवन में आनंद घोलने वाले असंख्य गीत दिए। लता दीदी का तपस्वी जीवन स्वर साधना का अप्रतिम अध्याय है। उन्होंने लता मंगेशकर की सुर यात्रा को याद करते हुए कहा कि आपका जीवन हिंदी फिल्म जगत के साथ ही भारतीय संगीत की ऐसी अद्भुत यात्रा रही, जिसने कई पीढिय़ों को मानवीय संवेदनाओं को जीवंत करते गीत-संगीत से जोड़ा। फिल्म जगत के उद्भव से अत्याधुनिक युग में प्रवेश करने तक दीदी सहयोगी से संरक्षक तक की भूमिका में रहीं। आपका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। सीएम शिवराज ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा ‘गीत-संगीत के प्रति समर्पण से परिष्कृत आपका व्यक्तित्व शालीनता, सौम्यता व आत्मीयता की त्रिवेणी रहा, जो कला साधकों को अनंतकाल तक प्रेरित करता रहेगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें। अपनी सुमधुर अमर आवाज से लता दीदी सदैव हम सभी के बीच रहेंगी।
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6 February 2022भोपाल। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया है। 92 साल की उम्र में उन्होंने रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। लता मंगेशकर लगभग एक महीने से बीमार चल रही थीं। उनके निधन से देश भर में शोक की लहर है। आम से लेकर खास तक हर कोई उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहा है। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा स्वर साम्राज्ञी, परम श्रद्धेय लता मंगेशकर जी के निधन से अन्तर्मन दुख, पीड़ा, शोक से व्यथित है। देश ही नहीं, समूचे विश्व ने एक ऐसी स्वर साधिका को खो दिया, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज से जीवन में आनंद घोलने वाले असंख्य गीत दिए। लता दीदी का तपस्वी जीवन स्वर साधना का अप्रतिम अध्याय है। उन्होंने लता मंगेशकर की सुर यात्रा को याद करते हुए कहा कि आपका जीवन हिंदी फिल्म जगत के साथ ही भारतीय संगीत की ऐसी अद्भुत यात्रा रही, जिसने कई पीढिय़ों को मानवीय संवेदनाओं को जीवंत करते गीत-संगीत से जोड़ा। फिल्म जगत के उद्भव से अत्याधुनिक युग में प्रवेश करने तक दीदी सहयोगी से संरक्षक तक की भूमिका में रहीं। आपका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। सीएम शिवराज ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा ‘गीत-संगीत के प्रति समर्पण से परिष्कृत आपका व्यक्तित्व शालीनता, सौम्यता व आत्मीयता की त्रिवेणी रहा, जो कला साधकों को अनंतकाल तक प्रेरित करता रहेगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें। अपनी सुमधुर अमर आवाज से लता दीदी सदैव हम सभी के बीच रहेंगी।
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6 February 2022भोपाल। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया है। 92 साल की उम्र में उन्होंने रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। लता मंगेशकर लगभग एक महीने से बीमार चल रही थीं। उनके निधन से देश भर में शोक की लहर है। आम से लेकर खास तक हर कोई उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहा है। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा स्वर साम्राज्ञी, परम श्रद्धेय लता मंगेशकर जी के निधन से अन्तर्मन दुख, पीड़ा, शोक से व्यथित है। देश ही नहीं, समूचे विश्व ने एक ऐसी स्वर साधिका को खो दिया, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज से जीवन में आनंद घोलने वाले असंख्य गीत दिए। लता दीदी का तपस्वी जीवन स्वर साधना का अप्रतिम अध्याय है। उन्होंने लता मंगेशकर की सुर यात्रा को याद करते हुए कहा कि आपका जीवन हिंदी फिल्म जगत के साथ ही भारतीय संगीत की ऐसी अद्भुत यात्रा रही, जिसने कई पीढिय़ों को मानवीय संवेदनाओं को जीवंत करते गीत-संगीत से जोड़ा। फिल्म जगत के उद्भव से अत्याधुनिक युग में प्रवेश करने तक दीदी सहयोगी से संरक्षक तक की भूमिका में रहीं। आपका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। सीएम शिवराज ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा ‘गीत-संगीत के प्रति समर्पण से परिष्कृत आपका व्यक्तित्व शालीनता, सौम्यता व आत्मीयता की त्रिवेणी रहा, जो कला साधकों को अनंतकाल तक प्रेरित करता रहेगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें। अपनी सुमधुर अमर आवाज से लता दीदी सदैव हम सभी के बीच रहेंगी।
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6 February 2022भोपाल। स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया है। 92 साल की उम्र में उन्होंने रविवार सुबह मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। लता मंगेशकर लगभग एक महीने से बीमार चल रही थीं। उनके निधन से देश भर में शोक की लहर है। आम से लेकर खास तक हर कोई उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दे रहा है। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी लता मंगेशकर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी है। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा स्वर साम्राज्ञी, परम श्रद्धेय लता मंगेशकर जी के निधन से अन्तर्मन दुख, पीड़ा, शोक से व्यथित है। देश ही नहीं, समूचे विश्व ने एक ऐसी स्वर साधिका को खो दिया, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज से जीवन में आनंद घोलने वाले असंख्य गीत दिए। लता दीदी का तपस्वी जीवन स्वर साधना का अप्रतिम अध्याय है। उन्होंने लता मंगेशकर की सुर यात्रा को याद करते हुए कहा कि आपका जीवन हिंदी फिल्म जगत के साथ ही भारतीय संगीत की ऐसी अद्भुत यात्रा रही, जिसने कई पीढिय़ों को मानवीय संवेदनाओं को जीवंत करते गीत-संगीत से जोड़ा। फिल्म जगत के उद्भव से अत्याधुनिक युग में प्रवेश करने तक दीदी सहयोगी से संरक्षक तक की भूमिका में रहीं। आपका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। सीएम शिवराज ने उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा ‘गीत-संगीत के प्रति समर्पण से परिष्कृत आपका व्यक्तित्व शालीनता, सौम्यता व आत्मीयता की त्रिवेणी रहा, जो कला साधकों को अनंतकाल तक प्रेरित करता रहेगा। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें। अपनी सुमधुर अमर आवाज से लता दीदी सदैव हम सभी के बीच रहेंगी।
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6 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि युवाओं द्वारा उद्यमी भावना के साथ प्रारंभ किए गए स्टार्टअप देश में एक क्रांति ला रहे हैं। मध्यप्रदेश शीघ्र ही नई स्टार्टअप पॉलिसी तैयार कर उसे लागू करेगा। इसके अलावा ग्लोबल स्टार्टअप इन्वेस्टर्स समिट के विचार को भी जमीन पर उतारा जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को दो दिवसीय स्टार्टअप एक्सपो-2022 के शुभारंभ-सत्र को मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी उपस्थित थे। यह एक्सपो भोपाल के मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) के इण्टरप्रेन्योरशिप सेल द्वारा आयोजित किया गया। मैनिट के विद्यार्थियों, देश-विदेश के उद्यमियों, निवेशकों और प्रमोटर्स को जोड़ने के लिए यह सेल बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत सात वर्ष में देश में स्टार्टअप को दिए गए प्रोत्साहन के फलस्वरूप युवा शक्ति का उदय हुआ है। मध्यप्रदेश में स्टार्टअप गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। इस एक्सपो के माध्यम से 17 से 25 वर्ष की आयु के युवाओं में उद्यमशीलता बढ़ाने और स्टार्टअप स्थापित करने के लिए दिशा-दर्शन देने का कार्य सराहनीय है। मनुष्य के लिए कोई कार्य असंभव नहीं उन्होंने युवाओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि मैंने बचपन में एक कविता पढ़ी थी–“तू जो चाहे पर्वत, पहाड़ों को तोड़ दे, तू जो चाहे नदियों के मुँह को भी मोड़ दे, तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड़ दे, अमर तेरे प्राण, मिला तुझको वरदान, तेरी आत्मा में स्वयं भगवान है, मनुष्य तो बड़ा महान है।“ उन्होंने कहा कि इन काव्य पंक्तियों में यह भाव समाहित है कि यदि हम कोई बात ठान लें और एक लक्ष्य लेकर आगे बढ़ें, साथ ही परिश्रम की पराकाष्ठा और प्रयत्नों की परिसीमा करें तो ब्रह्माण्ड पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने एक बार कहा था कि "भारत माता एक बार फिर से आँखें खोल रही हैं, महानिशा का अंत निकट है। मैं ये देख रहा हूँ कि भारत फिर से एक बार अंगड़ाई लेकर खड़ा हो रहा है और विश्व गुरु के पद पर अधिष्ठित हो रहा है।'' उन्होंने कहा कि हमारे यहाँ प्रतिभाओं की कमी कभी नहीं रही। साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में आज नहीं हजारों साल पहले भी भारत ने बहुत कुछ दिया है। जीरो के बारे में सभी लोग जानते हैं। हमारा बहुत गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। भारत के विकास के फिर से स्वर्णिम युग आया है। जब दुनिया के विकसित देशों में सभ्यता के सूर्य का उदय नहीं हुआ था, तब हमारे यहाँ वेदों की ऋचाएँ रच दी गई थी। तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्विद्यालय हजारों साल पहले भारत में विद्यमान थे, जिसमें पढ़ने दुनियाभर के छात्र आते थे। भारत बना रहा यूनिकार्न की सेंचुरी, मध्यप्रदेश में बनेगी स्टार्टअप राजधानी चौहान ने कहा कि हम मध्यप्रदेश को स्टार्टअप हब के रूप में विकसित करना चाहते हैं। प्रदेश में स्टार्टअप के लिए नीति तैयार की जा रही है। इसके लिए कोई सुझाव हो, तो युवा साझा करें। इंदौर के युवा चाहते हैं कि इंदौर को स्टार्टअप की राजधानी बनाया जाए। भोपाल भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं है। इस साल मध्यप्रदेश में स्थापित स्टार्टअप में से कम से कम दो स्टार्टअप को यूनिकार्न स्टार्टअप का दर्जा दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। एक बिलियन डॉलर से अधिक मार्केट वैल्यू से यूनिकार्न बनते हैं। देश में इस समय 80 से अधिक यूनिकार्न बन गए हैं और हमारा देश शीघ्र इसकी सेंचुरी की तरफ बढ़ रहा है। एक कदम आगे बढ़ते हुए डेकाकार्न कंपनियाँ भी स्थापित होने लगी हैं। डेकाकार्न 10 बिलियन डॉलर से अधिक की मार्केट वैल्यू से संभव होता है। राज्य सरकार युवाओं की हर संभव सहायता करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इंदौर के बच्चों के स्टार्टअप को देख कर आश्चर्य होता है। उनके स्टार्टअप कमाल कर रहे हैं। कोई 700-800 करोड़, तो कोई 2 हजार करोड़ रुपये की कंपनी बना चुके हैं। जब इंदौर में यह संभव हो सकता है तो प्रदेश के अन्य नगरों के युवा भी ऐसा कर सकते हैं। गत 26 जनवरी को उन्होंने इंदौर में स्टार्टअप समिट में यह अनुभव किया कि युवाओं में असीम संभावनाएँ हैं। प्रदेश में छोटे-छोटे शहरों और कस्बों के साधारण परिवारों के बच्चे नये आयडियाज पर कार्य कर रहे हैं। स्टार्टअप इको सिस्टम बनाने के लिए ऐसे ही आयडियाज के साथ इनोवेट, इनवेस्ट और इन्क्यूबेट को जरूरी माना गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को बड़ा सपना देखना चाहिए। बड़े सपने ही उसे सच करने के संकल्प को बल देते हैं। मध्यप्रदेश में लगभग 1800 स्टार्टअप स्थापित हो चुके हैं। इसमें उल्लेखनीय यह है कि इनमें 40 प्रतिशत हमारी बेटियों और बहनों ने स्थापित किए हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी बचपन से इनोवेट करने पर जोर देती है। देश में अटल टिंकरिंग लैब्स इसी उद्देश्य से स्थापित किए गए हैं। यह युवाओं में जिज्ञासा, रचनात्मकता और वैज्ञानिक पहलुओं को बढ़ावा देने में मदद कर रही है। मध्यप्रदेश में सीएम राईज स्कूल भी इनोवेशन को बढ़ावा देने में उपयोगी होंगे। सभी सुविधाओं से सज्जित इन स्कूलों का लाभ युवाओं को मिलेगा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इन्क्यूबेशन सेंटर्स स्थापित किए जा रहे हैं। अभी मध्यप्रदेश में इनकी संख्या 35 है। भारत सरकार के सहयोग से ग्वालियर में 300 विद्यार्थियों की क्षमता का केन्द्र स्थापित किया गया है। साथ ही प्रदेश के बड़े नगरों में आय.टी. पार्क स्थापित हो गए हैं। 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था का लक्ष्य मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इनोवेट फॉर इंडिया-इनोवेट फ्रॉम इंडिया का मंत्र दिया है। इसी का परिणाम है कि वर्ष 2014-15 ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत 81वें स्थान पर था और अब हम 46वें नंबर पर आ गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री ने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का निर्णय लिया है। इसमें हर राज्य को अपना योगदान देना होगा और स्टार्टअप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक वैभवशाली, गौरवशाली भारत का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में एक जिला एक उत्पाद के माध्यम से लोकल को वोकल बनाने का अभियान संचालित है। इसमें स्टार्टअप केलिए भी व्यापक संभावनाएँ हैं। कृषि विविधीकरण और प्राकृतिक कृषि के साथ कृषि निर्यात के लिए नए आयडियाज के साथ स्टार्टअप के लिए मध्यप्रदेश सरकार युवाओं को पूरी मदद करेगी।
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5 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि युवाओं द्वारा उद्यमी भावना के साथ प्रारंभ किए गए स्टार्टअप देश में एक क्रांति ला रहे हैं। मध्यप्रदेश शीघ्र ही नई स्टार्टअप पॉलिसी तैयार कर उसे लागू करेगा। इसके अलावा ग्लोबल स्टार्टअप इन्वेस्टर्स समिट के विचार को भी जमीन पर उतारा जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को दो दिवसीय स्टार्टअप एक्सपो-2022 के शुभारंभ-सत्र को मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी उपस्थित थे। यह एक्सपो भोपाल के मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) के इण्टरप्रेन्योरशिप सेल द्वारा आयोजित किया गया। मैनिट के विद्यार्थियों, देश-विदेश के उद्यमियों, निवेशकों और प्रमोटर्स को जोड़ने के लिए यह सेल बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत सात वर्ष में देश में स्टार्टअप को दिए गए प्रोत्साहन के फलस्वरूप युवा शक्ति का उदय हुआ है। मध्यप्रदेश में स्टार्टअप गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। इस एक्सपो के माध्यम से 17 से 25 वर्ष की आयु के युवाओं में उद्यमशीलता बढ़ाने और स्टार्टअप स्थापित करने के लिए दिशा-दर्शन देने का कार्य सराहनीय है। मनुष्य के लिए कोई कार्य असंभव नहीं उन्होंने युवाओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि मैंने बचपन में एक कविता पढ़ी थी–“तू जो चाहे पर्वत, पहाड़ों को तोड़ दे, तू जो चाहे नदियों के मुँह को भी मोड़ दे, तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड़ दे, अमर तेरे प्राण, मिला तुझको वरदान, तेरी आत्मा में स्वयं भगवान है, मनुष्य तो बड़ा महान है।“ उन्होंने कहा कि इन काव्य पंक्तियों में यह भाव समाहित है कि यदि हम कोई बात ठान लें और एक लक्ष्य लेकर आगे बढ़ें, साथ ही परिश्रम की पराकाष्ठा और प्रयत्नों की परिसीमा करें तो ब्रह्माण्ड पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने एक बार कहा था कि "भारत माता एक बार फिर से आँखें खोल रही हैं, महानिशा का अंत निकट है। मैं ये देख रहा हूँ कि भारत फिर से एक बार अंगड़ाई लेकर खड़ा हो रहा है और विश्व गुरु के पद पर अधिष्ठित हो रहा है।'' उन्होंने कहा कि हमारे यहाँ प्रतिभाओं की कमी कभी नहीं रही। साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में आज नहीं हजारों साल पहले भी भारत ने बहुत कुछ दिया है। जीरो के बारे में सभी लोग जानते हैं। हमारा बहुत गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। भारत के विकास के फिर से स्वर्णिम युग आया है। जब दुनिया के विकसित देशों में सभ्यता के सूर्य का उदय नहीं हुआ था, तब हमारे यहाँ वेदों की ऋचाएँ रच दी गई थी। तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्विद्यालय हजारों साल पहले भारत में विद्यमान थे, जिसमें पढ़ने दुनियाभर के छात्र आते थे। भारत बना रहा यूनिकार्न की सेंचुरी, मध्यप्रदेश में बनेगी स्टार्टअप राजधानी चौहान ने कहा कि हम मध्यप्रदेश को स्टार्टअप हब के रूप में विकसित करना चाहते हैं। प्रदेश में स्टार्टअप के लिए नीति तैयार की जा रही है। इसके लिए कोई सुझाव हो, तो युवा साझा करें। इंदौर के युवा चाहते हैं कि इंदौर को स्टार्टअप की राजधानी बनाया जाए। भोपाल भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं है। इस साल मध्यप्रदेश में स्थापित स्टार्टअप में से कम से कम दो स्टार्टअप को यूनिकार्न स्टार्टअप का दर्जा दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। एक बिलियन डॉलर से अधिक मार्केट वैल्यू से यूनिकार्न बनते हैं। देश में इस समय 80 से अधिक यूनिकार्न बन गए हैं और हमारा देश शीघ्र इसकी सेंचुरी की तरफ बढ़ रहा है। एक कदम आगे बढ़ते हुए डेकाकार्न कंपनियाँ भी स्थापित होने लगी हैं। डेकाकार्न 10 बिलियन डॉलर से अधिक की मार्केट वैल्यू से संभव होता है। राज्य सरकार युवाओं की हर संभव सहायता करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इंदौर के बच्चों के स्टार्टअप को देख कर आश्चर्य होता है। उनके स्टार्टअप कमाल कर रहे हैं। कोई 700-800 करोड़, तो कोई 2 हजार करोड़ रुपये की कंपनी बना चुके हैं। जब इंदौर में यह संभव हो सकता है तो प्रदेश के अन्य नगरों के युवा भी ऐसा कर सकते हैं। गत 26 जनवरी को उन्होंने इंदौर में स्टार्टअप समिट में यह अनुभव किया कि युवाओं में असीम संभावनाएँ हैं। प्रदेश में छोटे-छोटे शहरों और कस्बों के साधारण परिवारों के बच्चे नये आयडियाज पर कार्य कर रहे हैं। स्टार्टअप इको सिस्टम बनाने के लिए ऐसे ही आयडियाज के साथ इनोवेट, इनवेस्ट और इन्क्यूबेट को जरूरी माना गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को बड़ा सपना देखना चाहिए। बड़े सपने ही उसे सच करने के संकल्प को बल देते हैं। मध्यप्रदेश में लगभग 1800 स्टार्टअप स्थापित हो चुके हैं। इसमें उल्लेखनीय यह है कि इनमें 40 प्रतिशत हमारी बेटियों और बहनों ने स्थापित किए हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी बचपन से इनोवेट करने पर जोर देती है। देश में अटल टिंकरिंग लैब्स इसी उद्देश्य से स्थापित किए गए हैं। यह युवाओं में जिज्ञासा, रचनात्मकता और वैज्ञानिक पहलुओं को बढ़ावा देने में मदद कर रही है। मध्यप्रदेश में सीएम राईज स्कूल भी इनोवेशन को बढ़ावा देने में उपयोगी होंगे। सभी सुविधाओं से सज्जित इन स्कूलों का लाभ युवाओं को मिलेगा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इन्क्यूबेशन सेंटर्स स्थापित किए जा रहे हैं। अभी मध्यप्रदेश में इनकी संख्या 35 है। भारत सरकार के सहयोग से ग्वालियर में 300 विद्यार्थियों की क्षमता का केन्द्र स्थापित किया गया है। साथ ही प्रदेश के बड़े नगरों में आय.टी. पार्क स्थापित हो गए हैं। 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था का लक्ष्य मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इनोवेट फॉर इंडिया-इनोवेट फ्रॉम इंडिया का मंत्र दिया है। इसी का परिणाम है कि वर्ष 2014-15 ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत 81वें स्थान पर था और अब हम 46वें नंबर पर आ गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री ने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का निर्णय लिया है। इसमें हर राज्य को अपना योगदान देना होगा और स्टार्टअप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक वैभवशाली, गौरवशाली भारत का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में एक जिला एक उत्पाद के माध्यम से लोकल को वोकल बनाने का अभियान संचालित है। इसमें स्टार्टअप केलिए भी व्यापक संभावनाएँ हैं। कृषि विविधीकरण और प्राकृतिक कृषि के साथ कृषि निर्यात के लिए नए आयडियाज के साथ स्टार्टअप के लिए मध्यप्रदेश सरकार युवाओं को पूरी मदद करेगी।
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5 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि युवाओं द्वारा उद्यमी भावना के साथ प्रारंभ किए गए स्टार्टअप देश में एक क्रांति ला रहे हैं। मध्यप्रदेश शीघ्र ही नई स्टार्टअप पॉलिसी तैयार कर उसे लागू करेगा। इसके अलावा ग्लोबल स्टार्टअप इन्वेस्टर्स समिट के विचार को भी जमीन पर उतारा जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को दो दिवसीय स्टार्टअप एक्सपो-2022 के शुभारंभ-सत्र को मुख्यमंत्री निवास से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी उपस्थित थे। यह एक्सपो भोपाल के मौलाना आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) के इण्टरप्रेन्योरशिप सेल द्वारा आयोजित किया गया। मैनिट के विद्यार्थियों, देश-विदेश के उद्यमियों, निवेशकों और प्रमोटर्स को जोड़ने के लिए यह सेल बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गत सात वर्ष में देश में स्टार्टअप को दिए गए प्रोत्साहन के फलस्वरूप युवा शक्ति का उदय हुआ है। मध्यप्रदेश में स्टार्टअप गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। इस एक्सपो के माध्यम से 17 से 25 वर्ष की आयु के युवाओं में उद्यमशीलता बढ़ाने और स्टार्टअप स्थापित करने के लिए दिशा-दर्शन देने का कार्य सराहनीय है। मनुष्य के लिए कोई कार्य असंभव नहीं उन्होंने युवाओं का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि मैंने बचपन में एक कविता पढ़ी थी–“तू जो चाहे पर्वत, पहाड़ों को तोड़ दे, तू जो चाहे नदियों के मुँह को भी मोड़ दे, तू जो चाहे माटी से अमृत निचोड़ दे, अमर तेरे प्राण, मिला तुझको वरदान, तेरी आत्मा में स्वयं भगवान है, मनुष्य तो बड़ा महान है।“ उन्होंने कहा कि इन काव्य पंक्तियों में यह भाव समाहित है कि यदि हम कोई बात ठान लें और एक लक्ष्य लेकर आगे बढ़ें, साथ ही परिश्रम की पराकाष्ठा और प्रयत्नों की परिसीमा करें तो ब्रह्माण्ड पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने एक बार कहा था कि "भारत माता एक बार फिर से आँखें खोल रही हैं, महानिशा का अंत निकट है। मैं ये देख रहा हूँ कि भारत फिर से एक बार अंगड़ाई लेकर खड़ा हो रहा है और विश्व गुरु के पद पर अधिष्ठित हो रहा है।'' उन्होंने कहा कि हमारे यहाँ प्रतिभाओं की कमी कभी नहीं रही। साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्रों में आज नहीं हजारों साल पहले भी भारत ने बहुत कुछ दिया है। जीरो के बारे में सभी लोग जानते हैं। हमारा बहुत गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। भारत के विकास के फिर से स्वर्णिम युग आया है। जब दुनिया के विकसित देशों में सभ्यता के सूर्य का उदय नहीं हुआ था, तब हमारे यहाँ वेदों की ऋचाएँ रच दी गई थी। तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्विद्यालय हजारों साल पहले भारत में विद्यमान थे, जिसमें पढ़ने दुनियाभर के छात्र आते थे। भारत बना रहा यूनिकार्न की सेंचुरी, मध्यप्रदेश में बनेगी स्टार्टअप राजधानी चौहान ने कहा कि हम मध्यप्रदेश को स्टार्टअप हब के रूप में विकसित करना चाहते हैं। प्रदेश में स्टार्टअप के लिए नीति तैयार की जा रही है। इसके लिए कोई सुझाव हो, तो युवा साझा करें। इंदौर के युवा चाहते हैं कि इंदौर को स्टार्टअप की राजधानी बनाया जाए। भोपाल भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं है। इस साल मध्यप्रदेश में स्थापित स्टार्टअप में से कम से कम दो स्टार्टअप को यूनिकार्न स्टार्टअप का दर्जा दिलाने के प्रयास किए जाएंगे। एक बिलियन डॉलर से अधिक मार्केट वैल्यू से यूनिकार्न बनते हैं। देश में इस समय 80 से अधिक यूनिकार्न बन गए हैं और हमारा देश शीघ्र इसकी सेंचुरी की तरफ बढ़ रहा है। एक कदम आगे बढ़ते हुए डेकाकार्न कंपनियाँ भी स्थापित होने लगी हैं। डेकाकार्न 10 बिलियन डॉलर से अधिक की मार्केट वैल्यू से संभव होता है। राज्य सरकार युवाओं की हर संभव सहायता करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इंदौर के बच्चों के स्टार्टअप को देख कर आश्चर्य होता है। उनके स्टार्टअप कमाल कर रहे हैं। कोई 700-800 करोड़, तो कोई 2 हजार करोड़ रुपये की कंपनी बना चुके हैं। जब इंदौर में यह संभव हो सकता है तो प्रदेश के अन्य नगरों के युवा भी ऐसा कर सकते हैं। गत 26 जनवरी को उन्होंने इंदौर में स्टार्टअप समिट में यह अनुभव किया कि युवाओं में असीम संभावनाएँ हैं। प्रदेश में छोटे-छोटे शहरों और कस्बों के साधारण परिवारों के बच्चे नये आयडियाज पर कार्य कर रहे हैं। स्टार्टअप इको सिस्टम बनाने के लिए ऐसे ही आयडियाज के साथ इनोवेट, इनवेस्ट और इन्क्यूबेट को जरूरी माना गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को बड़ा सपना देखना चाहिए। बड़े सपने ही उसे सच करने के संकल्प को बल देते हैं। मध्यप्रदेश में लगभग 1800 स्टार्टअप स्थापित हो चुके हैं। इसमें उल्लेखनीय यह है कि इनमें 40 प्रतिशत हमारी बेटियों और बहनों ने स्थापित किए हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी बचपन से इनोवेट करने पर जोर देती है। देश में अटल टिंकरिंग लैब्स इसी उद्देश्य से स्थापित किए गए हैं। यह युवाओं में जिज्ञासा, रचनात्मकता और वैज्ञानिक पहलुओं को बढ़ावा देने में मदद कर रही है। मध्यप्रदेश में सीएम राईज स्कूल भी इनोवेशन को बढ़ावा देने में उपयोगी होंगे। सभी सुविधाओं से सज्जित इन स्कूलों का लाभ युवाओं को मिलेगा। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इन्क्यूबेशन सेंटर्स स्थापित किए जा रहे हैं। अभी मध्यप्रदेश में इनकी संख्या 35 है। भारत सरकार के सहयोग से ग्वालियर में 300 विद्यार्थियों की क्षमता का केन्द्र स्थापित किया गया है। साथ ही प्रदेश के बड़े नगरों में आय.टी. पार्क स्थापित हो गए हैं। 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था का लक्ष्य मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने इनोवेट फॉर इंडिया-इनोवेट फ्रॉम इंडिया का मंत्र दिया है। इसी का परिणाम है कि वर्ष 2014-15 ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में भारत 81वें स्थान पर था और अब हम 46वें नंबर पर आ गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। प्रधानमंत्री ने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का निर्णय लिया है। इसमें हर राज्य को अपना योगदान देना होगा और स्टार्टअप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एक वैभवशाली, गौरवशाली भारत का निर्माण हो रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में एक जिला एक उत्पाद के माध्यम से लोकल को वोकल बनाने का अभियान संचालित है। इसमें स्टार्टअप केलिए भी व्यापक संभावनाएँ हैं। कृषि विविधीकरण और प्राकृतिक कृषि के साथ कृषि निर्यात के लिए नए आयडियाज के साथ स्टार्टअप के लिए मध्यप्रदेश सरकार युवाओं को पूरी मदद करेगी।
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5 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार, 04 फरवरी को मध्यप्रदेश की उन विभूतियों को सम्मानित करेंगे, जिन्हें इस वर्ष पद्मश्री सम्मान दिये जाने की घोषणा हुई है। सम्मान समारोह मुख्यमंत्री निवास पर शाम को आयोजित किया जायेगा। यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी पंकज मित्तल ने गुरुवार शाम को दी। इस वर्ष मध्यप्रदेश की विभूतियों में चिकित्सा के क्षेत्र में स्व. डॉ. एनपी मिश्रा, कला के क्षेत्र में दुर्गाबाई व्याम, अर्जुन सिंह धुर्वे एवं रामसहाय पाण्डे तथा शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में अवध किशोर जड़िया को पद्मश्री सम्मान दिये जाने की घोषणा की गई है। इन पांचों विभूतियों को मुख्यमंत्री चौहान सम्मानित करेंगे। स्व. डॉ. एनपी मिश्रा की ओर से सम्मान उनके पुत्र सुनील मिश्रा प्राप्त करेंगे। स्व. डॉ. एन.पी. मिश्रा चिकित्सा शास्त्र के ज्ञानकोष कहे जाने वाले विश्वविख्यात चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. नरेन्द्र प्रसाद मिश्रा मध्यप्रदेश के गौरव थे। उन्होंने लेक्चरर, रीडर, डीन तथा हैड ऑफ द डिपार्टमेंट जैसे पदों पर रहकर हजारों छात्र-छात्राओं को चिकित्सा शास्त्र का गहन ज्ञान एवं प्रशिक्षण प्रदान किया। भोपाल गैस त्रासदी के उपरांत उन्होंने हजारों पीड़ितों के लिये असाधारण चिकित्सा व्यवस्था की। उन्होंने अत्यंत अल्प समय में मात्र 800 शायिकाओं वाले हमीदिया अस्पताल में 10 हजार 700 रोगियों को भर्ती कर समुचित उपचार व्यवस्था की तथा एक लाख 73 हजार बाह्य रोगियों की चिकित्सा की। इस संबंध में जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिसिन ने उन पर सम्पादकीय प्रकाशित किया। दुर्गाबाई व्याम डिण्डोरी जिले के करंजिया विकासखण्ड अंतर्गत पाटनगढ़ निवासी दुर्गाबाई व्याम ने गोंडी पेंटिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है। वर्तमान में दुर्गाबाई भोपाल में जनजातीय कला की गोंड शैली में कार्य करती हैं। उनकी चित्रकला के विषय आदिवासी लोक-कथाओं और पौराणिक कथाओं में निहित हैं। दुर्गाबाई ने भारत एवं विदेशों में गोंडी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने गोंड शैली में हवाई जहाज के चित्रों की श्रृंखला बनाई है। अर्जुन सिंह धुर्वे अर्जुन सिंह धुर्वे ने मध्यप्रदेश जनजातीय संस्कृति को विशेष पहचान दिलाने में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने बैगा नृत्य एवं संस्कृति को प्रवहमान रखते हुए लोक कला को शिखर पर पहुँचाया है। वे डिण्डोरी जिले के बैगाचक क्षेत्र धुरकुटा के निवासी हैं। वे बैगा जनजाति के प्रथम पोस्टग्रेजुएट शिक्षक बने। वर्ष 1993-94 में धुर्वे को जनजातीय सम्पदा के कलात्मक संवर्धन विकास के लिये राज्य सरकार ने तुलसी सम्मान से विभूषित किया। बैगा प्रधानी नृत्य, जो बैगा जनजाति का मुख्य नृत्य है, की उन्होंने राज्य एवं राज्य के बाहर प्रस्तुतियाँ देकर स्वयं की और प्रदेश की जनजातीय कला-संस्कृति की पहचान बनाई है। पं. रामसहाय पाण्डे पं. रामसहाय पाण्डे ने बुंदेलखण्ड के गीत, संगीत एवं संस्कृति की पहचान राई नृत्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलवाई। उन्होंने बेड़िया समाज के लोगों को समाज की मुख्य-धारा से जोड़ने के लिये राई नृत्य के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य किया है। कनेरादेव, सागर के रामसहाय पाण्डे 12 वर्ष की उम्र से राई नृत्य कर रहे हैं। उन्होंने जापान, हंगरी, फ्रांस, मॉरीशस, दुबई, जर्मनी सहित अनेक देशों में राई नृत्य का प्रदर्शन किया है। उन्हें शिखर सम्मान, राष्ट्रीय टैगोर सम्मान, राष्ट्रीय तुलसी सम्मान आदि मिल चुके हैं। डॉ. अवध किशोर जड़िया छतरपुर जिले के हरपालपुर के अवध किशोर जड़िया बुंदेली के ख्याति-प्राप्त कवि हैं। उन्होंने बुंदेली भाषा के साथ ब्रज एवं हिन्दी भाषा में भी कई काव्य रचनाएँ लिखी हैं। जड़िया को साहित्य के क्षेत्र में कई पुरस्कार एवं सम्मान मिले हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं राजमाता विजयाराजे सिंधिया उनकी कविताओं के प्रशंसक थे। उनकी कुछ कविताएँ मध्यप्रदेश के शिक्षा पाठ्यक्रम में भी शामिल हैं।
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3 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार, 04 फरवरी को मध्यप्रदेश की उन विभूतियों को सम्मानित करेंगे, जिन्हें इस वर्ष पद्मश्री सम्मान दिये जाने की घोषणा हुई है। सम्मान समारोह मुख्यमंत्री निवास पर शाम को आयोजित किया जायेगा। यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी पंकज मित्तल ने गुरुवार शाम को दी। इस वर्ष मध्यप्रदेश की विभूतियों में चिकित्सा के क्षेत्र में स्व. डॉ. एनपी मिश्रा, कला के क्षेत्र में दुर्गाबाई व्याम, अर्जुन सिंह धुर्वे एवं रामसहाय पाण्डे तथा शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में अवध किशोर जड़िया को पद्मश्री सम्मान दिये जाने की घोषणा की गई है। इन पांचों विभूतियों को मुख्यमंत्री चौहान सम्मानित करेंगे। स्व. डॉ. एनपी मिश्रा की ओर से सम्मान उनके पुत्र सुनील मिश्रा प्राप्त करेंगे। स्व. डॉ. एन.पी. मिश्रा चिकित्सा शास्त्र के ज्ञानकोष कहे जाने वाले विश्वविख्यात चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. नरेन्द्र प्रसाद मिश्रा मध्यप्रदेश के गौरव थे। उन्होंने लेक्चरर, रीडर, डीन तथा हैड ऑफ द डिपार्टमेंट जैसे पदों पर रहकर हजारों छात्र-छात्राओं को चिकित्सा शास्त्र का गहन ज्ञान एवं प्रशिक्षण प्रदान किया। भोपाल गैस त्रासदी के उपरांत उन्होंने हजारों पीड़ितों के लिये असाधारण चिकित्सा व्यवस्था की। उन्होंने अत्यंत अल्प समय में मात्र 800 शायिकाओं वाले हमीदिया अस्पताल में 10 हजार 700 रोगियों को भर्ती कर समुचित उपचार व्यवस्था की तथा एक लाख 73 हजार बाह्य रोगियों की चिकित्सा की। इस संबंध में जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिसिन ने उन पर सम्पादकीय प्रकाशित किया। दुर्गाबाई व्याम डिण्डोरी जिले के करंजिया विकासखण्ड अंतर्गत पाटनगढ़ निवासी दुर्गाबाई व्याम ने गोंडी पेंटिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है। वर्तमान में दुर्गाबाई भोपाल में जनजातीय कला की गोंड शैली में कार्य करती हैं। उनकी चित्रकला के विषय आदिवासी लोक-कथाओं और पौराणिक कथाओं में निहित हैं। दुर्गाबाई ने भारत एवं विदेशों में गोंडी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने गोंड शैली में हवाई जहाज के चित्रों की श्रृंखला बनाई है। अर्जुन सिंह धुर्वे अर्जुन सिंह धुर्वे ने मध्यप्रदेश जनजातीय संस्कृति को विशेष पहचान दिलाने में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने बैगा नृत्य एवं संस्कृति को प्रवहमान रखते हुए लोक कला को शिखर पर पहुँचाया है। वे डिण्डोरी जिले के बैगाचक क्षेत्र धुरकुटा के निवासी हैं। वे बैगा जनजाति के प्रथम पोस्टग्रेजुएट शिक्षक बने। वर्ष 1993-94 में धुर्वे को जनजातीय सम्पदा के कलात्मक संवर्धन विकास के लिये राज्य सरकार ने तुलसी सम्मान से विभूषित किया। बैगा प्रधानी नृत्य, जो बैगा जनजाति का मुख्य नृत्य है, की उन्होंने राज्य एवं राज्य के बाहर प्रस्तुतियाँ देकर स्वयं की और प्रदेश की जनजातीय कला-संस्कृति की पहचान बनाई है। पं. रामसहाय पाण्डे पं. रामसहाय पाण्डे ने बुंदेलखण्ड के गीत, संगीत एवं संस्कृति की पहचान राई नृत्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलवाई। उन्होंने बेड़िया समाज के लोगों को समाज की मुख्य-धारा से जोड़ने के लिये राई नृत्य के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य किया है। कनेरादेव, सागर के रामसहाय पाण्डे 12 वर्ष की उम्र से राई नृत्य कर रहे हैं। उन्होंने जापान, हंगरी, फ्रांस, मॉरीशस, दुबई, जर्मनी सहित अनेक देशों में राई नृत्य का प्रदर्शन किया है। उन्हें शिखर सम्मान, राष्ट्रीय टैगोर सम्मान, राष्ट्रीय तुलसी सम्मान आदि मिल चुके हैं। डॉ. अवध किशोर जड़िया छतरपुर जिले के हरपालपुर के अवध किशोर जड़िया बुंदेली के ख्याति-प्राप्त कवि हैं। उन्होंने बुंदेली भाषा के साथ ब्रज एवं हिन्दी भाषा में भी कई काव्य रचनाएँ लिखी हैं। जड़िया को साहित्य के क्षेत्र में कई पुरस्कार एवं सम्मान मिले हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं राजमाता विजयाराजे सिंधिया उनकी कविताओं के प्रशंसक थे। उनकी कुछ कविताएँ मध्यप्रदेश के शिक्षा पाठ्यक्रम में भी शामिल हैं।
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3 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार, 04 फरवरी को मध्यप्रदेश की उन विभूतियों को सम्मानित करेंगे, जिन्हें इस वर्ष पद्मश्री सम्मान दिये जाने की घोषणा हुई है। सम्मान समारोह मुख्यमंत्री निवास पर शाम को आयोजित किया जायेगा। यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी पंकज मित्तल ने गुरुवार शाम को दी। इस वर्ष मध्यप्रदेश की विभूतियों में चिकित्सा के क्षेत्र में स्व. डॉ. एनपी मिश्रा, कला के क्षेत्र में दुर्गाबाई व्याम, अर्जुन सिंह धुर्वे एवं रामसहाय पाण्डे तथा शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में अवध किशोर जड़िया को पद्मश्री सम्मान दिये जाने की घोषणा की गई है। इन पांचों विभूतियों को मुख्यमंत्री चौहान सम्मानित करेंगे। स्व. डॉ. एनपी मिश्रा की ओर से सम्मान उनके पुत्र सुनील मिश्रा प्राप्त करेंगे। स्व. डॉ. एन.पी. मिश्रा चिकित्सा शास्त्र के ज्ञानकोष कहे जाने वाले विश्वविख्यात चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. नरेन्द्र प्रसाद मिश्रा मध्यप्रदेश के गौरव थे। उन्होंने लेक्चरर, रीडर, डीन तथा हैड ऑफ द डिपार्टमेंट जैसे पदों पर रहकर हजारों छात्र-छात्राओं को चिकित्सा शास्त्र का गहन ज्ञान एवं प्रशिक्षण प्रदान किया। भोपाल गैस त्रासदी के उपरांत उन्होंने हजारों पीड़ितों के लिये असाधारण चिकित्सा व्यवस्था की। उन्होंने अत्यंत अल्प समय में मात्र 800 शायिकाओं वाले हमीदिया अस्पताल में 10 हजार 700 रोगियों को भर्ती कर समुचित उपचार व्यवस्था की तथा एक लाख 73 हजार बाह्य रोगियों की चिकित्सा की। इस संबंध में जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिसिन ने उन पर सम्पादकीय प्रकाशित किया। दुर्गाबाई व्याम डिण्डोरी जिले के करंजिया विकासखण्ड अंतर्गत पाटनगढ़ निवासी दुर्गाबाई व्याम ने गोंडी पेंटिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है। वर्तमान में दुर्गाबाई भोपाल में जनजातीय कला की गोंड शैली में कार्य करती हैं। उनकी चित्रकला के विषय आदिवासी लोक-कथाओं और पौराणिक कथाओं में निहित हैं। दुर्गाबाई ने भारत एवं विदेशों में गोंडी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने गोंड शैली में हवाई जहाज के चित्रों की श्रृंखला बनाई है। अर्जुन सिंह धुर्वे अर्जुन सिंह धुर्वे ने मध्यप्रदेश जनजातीय संस्कृति को विशेष पहचान दिलाने में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने बैगा नृत्य एवं संस्कृति को प्रवहमान रखते हुए लोक कला को शिखर पर पहुँचाया है। वे डिण्डोरी जिले के बैगाचक क्षेत्र धुरकुटा के निवासी हैं। वे बैगा जनजाति के प्रथम पोस्टग्रेजुएट शिक्षक बने। वर्ष 1993-94 में धुर्वे को जनजातीय सम्पदा के कलात्मक संवर्धन विकास के लिये राज्य सरकार ने तुलसी सम्मान से विभूषित किया। बैगा प्रधानी नृत्य, जो बैगा जनजाति का मुख्य नृत्य है, की उन्होंने राज्य एवं राज्य के बाहर प्रस्तुतियाँ देकर स्वयं की और प्रदेश की जनजातीय कला-संस्कृति की पहचान बनाई है। पं. रामसहाय पाण्डे पं. रामसहाय पाण्डे ने बुंदेलखण्ड के गीत, संगीत एवं संस्कृति की पहचान राई नृत्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलवाई। उन्होंने बेड़िया समाज के लोगों को समाज की मुख्य-धारा से जोड़ने के लिये राई नृत्य के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य किया है। कनेरादेव, सागर के रामसहाय पाण्डे 12 वर्ष की उम्र से राई नृत्य कर रहे हैं। उन्होंने जापान, हंगरी, फ्रांस, मॉरीशस, दुबई, जर्मनी सहित अनेक देशों में राई नृत्य का प्रदर्शन किया है। उन्हें शिखर सम्मान, राष्ट्रीय टैगोर सम्मान, राष्ट्रीय तुलसी सम्मान आदि मिल चुके हैं। डॉ. अवध किशोर जड़िया छतरपुर जिले के हरपालपुर के अवध किशोर जड़िया बुंदेली के ख्याति-प्राप्त कवि हैं। उन्होंने बुंदेली भाषा के साथ ब्रज एवं हिन्दी भाषा में भी कई काव्य रचनाएँ लिखी हैं। जड़िया को साहित्य के क्षेत्र में कई पुरस्कार एवं सम्मान मिले हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं राजमाता विजयाराजे सिंधिया उनकी कविताओं के प्रशंसक थे। उनकी कुछ कविताएँ मध्यप्रदेश के शिक्षा पाठ्यक्रम में भी शामिल हैं।
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3 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार, 04 फरवरी को मध्यप्रदेश की उन विभूतियों को सम्मानित करेंगे, जिन्हें इस वर्ष पद्मश्री सम्मान दिये जाने की घोषणा हुई है। सम्मान समारोह मुख्यमंत्री निवास पर शाम को आयोजित किया जायेगा। यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी पंकज मित्तल ने गुरुवार शाम को दी। इस वर्ष मध्यप्रदेश की विभूतियों में चिकित्सा के क्षेत्र में स्व. डॉ. एनपी मिश्रा, कला के क्षेत्र में दुर्गाबाई व्याम, अर्जुन सिंह धुर्वे एवं रामसहाय पाण्डे तथा शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में अवध किशोर जड़िया को पद्मश्री सम्मान दिये जाने की घोषणा की गई है। इन पांचों विभूतियों को मुख्यमंत्री चौहान सम्मानित करेंगे। स्व. डॉ. एनपी मिश्रा की ओर से सम्मान उनके पुत्र सुनील मिश्रा प्राप्त करेंगे। स्व. डॉ. एन.पी. मिश्रा चिकित्सा शास्त्र के ज्ञानकोष कहे जाने वाले विश्वविख्यात चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. नरेन्द्र प्रसाद मिश्रा मध्यप्रदेश के गौरव थे। उन्होंने लेक्चरर, रीडर, डीन तथा हैड ऑफ द डिपार्टमेंट जैसे पदों पर रहकर हजारों छात्र-छात्राओं को चिकित्सा शास्त्र का गहन ज्ञान एवं प्रशिक्षण प्रदान किया। भोपाल गैस त्रासदी के उपरांत उन्होंने हजारों पीड़ितों के लिये असाधारण चिकित्सा व्यवस्था की। उन्होंने अत्यंत अल्प समय में मात्र 800 शायिकाओं वाले हमीदिया अस्पताल में 10 हजार 700 रोगियों को भर्ती कर समुचित उपचार व्यवस्था की तथा एक लाख 73 हजार बाह्य रोगियों की चिकित्सा की। इस संबंध में जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिसिन ने उन पर सम्पादकीय प्रकाशित किया। दुर्गाबाई व्याम डिण्डोरी जिले के करंजिया विकासखण्ड अंतर्गत पाटनगढ़ निवासी दुर्गाबाई व्याम ने गोंडी पेंटिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है। वर्तमान में दुर्गाबाई भोपाल में जनजातीय कला की गोंड शैली में कार्य करती हैं। उनकी चित्रकला के विषय आदिवासी लोक-कथाओं और पौराणिक कथाओं में निहित हैं। दुर्गाबाई ने भारत एवं विदेशों में गोंडी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने गोंड शैली में हवाई जहाज के चित्रों की श्रृंखला बनाई है। अर्जुन सिंह धुर्वे अर्जुन सिंह धुर्वे ने मध्यप्रदेश जनजातीय संस्कृति को विशेष पहचान दिलाने में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने बैगा नृत्य एवं संस्कृति को प्रवहमान रखते हुए लोक कला को शिखर पर पहुँचाया है। वे डिण्डोरी जिले के बैगाचक क्षेत्र धुरकुटा के निवासी हैं। वे बैगा जनजाति के प्रथम पोस्टग्रेजुएट शिक्षक बने। वर्ष 1993-94 में धुर्वे को जनजातीय सम्पदा के कलात्मक संवर्धन विकास के लिये राज्य सरकार ने तुलसी सम्मान से विभूषित किया। बैगा प्रधानी नृत्य, जो बैगा जनजाति का मुख्य नृत्य है, की उन्होंने राज्य एवं राज्य के बाहर प्रस्तुतियाँ देकर स्वयं की और प्रदेश की जनजातीय कला-संस्कृति की पहचान बनाई है। पं. रामसहाय पाण्डे पं. रामसहाय पाण्डे ने बुंदेलखण्ड के गीत, संगीत एवं संस्कृति की पहचान राई नृत्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलवाई। उन्होंने बेड़िया समाज के लोगों को समाज की मुख्य-धारा से जोड़ने के लिये राई नृत्य के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य किया है। कनेरादेव, सागर के रामसहाय पाण्डे 12 वर्ष की उम्र से राई नृत्य कर रहे हैं। उन्होंने जापान, हंगरी, फ्रांस, मॉरीशस, दुबई, जर्मनी सहित अनेक देशों में राई नृत्य का प्रदर्शन किया है। उन्हें शिखर सम्मान, राष्ट्रीय टैगोर सम्मान, राष्ट्रीय तुलसी सम्मान आदि मिल चुके हैं। डॉ. अवध किशोर जड़िया छतरपुर जिले के हरपालपुर के अवध किशोर जड़िया बुंदेली के ख्याति-प्राप्त कवि हैं। उन्होंने बुंदेली भाषा के साथ ब्रज एवं हिन्दी भाषा में भी कई काव्य रचनाएँ लिखी हैं। जड़िया को साहित्य के क्षेत्र में कई पुरस्कार एवं सम्मान मिले हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं राजमाता विजयाराजे सिंधिया उनकी कविताओं के प्रशंसक थे। उनकी कुछ कविताएँ मध्यप्रदेश के शिक्षा पाठ्यक्रम में भी शामिल हैं।
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3 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार, 04 फरवरी को मध्यप्रदेश की उन विभूतियों को सम्मानित करेंगे, जिन्हें इस वर्ष पद्मश्री सम्मान दिये जाने की घोषणा हुई है। सम्मान समारोह मुख्यमंत्री निवास पर शाम को आयोजित किया जायेगा। यह जानकारी जनसम्पर्क अधिकारी पंकज मित्तल ने गुरुवार शाम को दी। इस वर्ष मध्यप्रदेश की विभूतियों में चिकित्सा के क्षेत्र में स्व. डॉ. एनपी मिश्रा, कला के क्षेत्र में दुर्गाबाई व्याम, अर्जुन सिंह धुर्वे एवं रामसहाय पाण्डे तथा शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में अवध किशोर जड़िया को पद्मश्री सम्मान दिये जाने की घोषणा की गई है। इन पांचों विभूतियों को मुख्यमंत्री चौहान सम्मानित करेंगे। स्व. डॉ. एनपी मिश्रा की ओर से सम्मान उनके पुत्र सुनील मिश्रा प्राप्त करेंगे। स्व. डॉ. एन.पी. मिश्रा चिकित्सा शास्त्र के ज्ञानकोष कहे जाने वाले विश्वविख्यात चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. नरेन्द्र प्रसाद मिश्रा मध्यप्रदेश के गौरव थे। उन्होंने लेक्चरर, रीडर, डीन तथा हैड ऑफ द डिपार्टमेंट जैसे पदों पर रहकर हजारों छात्र-छात्राओं को चिकित्सा शास्त्र का गहन ज्ञान एवं प्रशिक्षण प्रदान किया। भोपाल गैस त्रासदी के उपरांत उन्होंने हजारों पीड़ितों के लिये असाधारण चिकित्सा व्यवस्था की। उन्होंने अत्यंत अल्प समय में मात्र 800 शायिकाओं वाले हमीदिया अस्पताल में 10 हजार 700 रोगियों को भर्ती कर समुचित उपचार व्यवस्था की तथा एक लाख 73 हजार बाह्य रोगियों की चिकित्सा की। इस संबंध में जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिसिन ने उन पर सम्पादकीय प्रकाशित किया। दुर्गाबाई व्याम डिण्डोरी जिले के करंजिया विकासखण्ड अंतर्गत पाटनगढ़ निवासी दुर्गाबाई व्याम ने गोंडी पेंटिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है। वर्तमान में दुर्गाबाई भोपाल में जनजातीय कला की गोंड शैली में कार्य करती हैं। उनकी चित्रकला के विषय आदिवासी लोक-कथाओं और पौराणिक कथाओं में निहित हैं। दुर्गाबाई ने भारत एवं विदेशों में गोंडी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होंने गोंड शैली में हवाई जहाज के चित्रों की श्रृंखला बनाई है। अर्जुन सिंह धुर्वे अर्जुन सिंह धुर्वे ने मध्यप्रदेश जनजातीय संस्कृति को विशेष पहचान दिलाने में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने बैगा नृत्य एवं संस्कृति को प्रवहमान रखते हुए लोक कला को शिखर पर पहुँचाया है। वे डिण्डोरी जिले के बैगाचक क्षेत्र धुरकुटा के निवासी हैं। वे बैगा जनजाति के प्रथम पोस्टग्रेजुएट शिक्षक बने। वर्ष 1993-94 में धुर्वे को जनजातीय सम्पदा के कलात्मक संवर्धन विकास के लिये राज्य सरकार ने तुलसी सम्मान से विभूषित किया। बैगा प्रधानी नृत्य, जो बैगा जनजाति का मुख्य नृत्य है, की उन्होंने राज्य एवं राज्य के बाहर प्रस्तुतियाँ देकर स्वयं की और प्रदेश की जनजातीय कला-संस्कृति की पहचान बनाई है। पं. रामसहाय पाण्डे पं. रामसहाय पाण्डे ने बुंदेलखण्ड के गीत, संगीत एवं संस्कृति की पहचान राई नृत्य को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलवाई। उन्होंने बेड़िया समाज के लोगों को समाज की मुख्य-धारा से जोड़ने के लिये राई नृत्य के माध्यम से उल्लेखनीय कार्य किया है। कनेरादेव, सागर के रामसहाय पाण्डे 12 वर्ष की उम्र से राई नृत्य कर रहे हैं। उन्होंने जापान, हंगरी, फ्रांस, मॉरीशस, दुबई, जर्मनी सहित अनेक देशों में राई नृत्य का प्रदर्शन किया है। उन्हें शिखर सम्मान, राष्ट्रीय टैगोर सम्मान, राष्ट्रीय तुलसी सम्मान आदि मिल चुके हैं। डॉ. अवध किशोर जड़िया छतरपुर जिले के हरपालपुर के अवध किशोर जड़िया बुंदेली के ख्याति-प्राप्त कवि हैं। उन्होंने बुंदेली भाषा के साथ ब्रज एवं हिन्दी भाषा में भी कई काव्य रचनाएँ लिखी हैं। जड़िया को साहित्य के क्षेत्र में कई पुरस्कार एवं सम्मान मिले हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एवं राजमाता विजयाराजे सिंधिया उनकी कविताओं के प्रशंसक थे। उनकी कुछ कविताएँ मध्यप्रदेश के शिक्षा पाठ्यक्रम में भी शामिल हैं।
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3 February 2022भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म- दिवस 17 सितम्बर को है। मध्यप्रदेश में उनके जन्म दिन के उपलक्ष्य में 17 सितम्बर से 7 अक्टूबर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। मुंख्यमंत्री चौहान कार्यक्रमों की तैयारी के संबंध में गुरुवार को मंत्रालय में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार 7 अक्टूबर 2001 को शपथ ली थी। उनके 71वें जन्म-दिवस और गुजरात के मुख्यमंत्री तथा देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य करते हुए सुशासन देने के लगातर सफल 20 वर्ष पूर्ण करने पर राज्य सरकार विकास कार्यों और कल्याणकारी कार्यक्रमों की शुरूआत करेगी। प्रदेश में 17 सितम्बर से 7 अक्टूबर की अवधि में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री मोदी को विनम्र आदरांजलि होंगे।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी के जन्म-दिवस 17 सितंबर को वृक्षारोपण और वैक्सीनेशन महाअभियान का संचालन होगा। स्वास्थ्य, महिला-बाल विकास, पर्यावरण, किसान-कल्याण, ऊर्जा, शिक्षा, नगरीय प्रशासन, औद्योगिक विकास, ग्रामीण विकास, जल जीवन मिशन और प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना से जुड़ी विभिन्न गतिविधियाँ इस अवधि में संचालित की जाएंगी। प्रदेश के गरीबों, महिलाओं, बच्चों, पिछड़ों, मजदूरों, अनुसूचित जाति और जनजाति के कल्याण और विकास के लिए कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे। 71 हजार विद्यालयों में 71 हजार छात्रों द्वारा 71 हजार पौधों का होगा रोपण बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश के 71 हजार विद्यालयों में 71 हजार छात्रों द्वारा 71 हजार पौधों का रोपण होगा। अंकुर अभियान में इन सभी पौधों की फोटो एक माह बाद अपलोड की जाएगी। वन विभाग द्वारा 63 क्षेत्रीय वन मंडलों और 8 वन विद्यालयों इस प्रकार 71 स्थानों पर वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम किए जाएंगे। किसान-कल्याण के अंतर्गत 71 बीज ग्रामों का शुभारंभ, 71 कृषक उत्पादक संगठनों का गठन और कृषि अधोसंरचना निधि के 71 प्रकरणों में राशि का वितरण किया जाएगा। 71 हजार लाड़ली लक्ष्मी को होगा छात्रवृत्ति का भुगतान प्रदेश की 71 हजार लाड़ली लक्ष्मी को छात्रवृत्ति का भुगतान और मातृ वंदना योजना के 7100 हितग्राहियों को राशि का भुगतान किया जाएगा। कुपोषित से सामान्य श्रेणी में आये 7100 बच्चों की माताओं को पोषण अधिकार सूचना-पत्र प्रदान किए जाएंगे। प्रदेश में 71 आँगनवाड़ी, 7100 वाटिकाओं और 71 विद्यालय भवनों का लोकार्पण एवं 71 बालिका छात्रावासों का भूमि-पूजन भी इस अवधि में होगा। महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत 7100 महिला स्व-सहायता समूहों को क्रेडिट लिंकेज सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। 71 हजार आवासों में होगा गृह प्रवेश विकास गतिविधियों के अंतर्गत 71 विद्युत उप केंद्रों का भूमि-पूजन, नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा विभिन्न नगरीय निकायों में 71विकास कार्यों का लोकार्पण/भूमि-पूजन सम्पन्न किया जाएगा। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित 71हजार आवासों में गृह प्रवेश कराया जाएगा। साथ ही 710 पंचायत भवनों की शुरूआत होगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 71 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और 71 उप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का भूमि-पूजन होगा। जल जीवन मिशन के अंतर्गत 71 योजनाओं का भूमि-पूजन होगा। 71 उद्योगों और 71 लघु उद्योगों के लिए भूमि आवंटन प्रदेश में 71 उद्योगों और 71 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को भूमि आवंटन का एलओआई प्रदान किया जाएगा। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के अंतर्गत 71 हजार लोगों को स्वामित्व पट्टा वितरित किया जाएगा। बैठक में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री कमल पटेल, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्द्धन सिंह, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार ) इंदर सिंह परमार, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा तथा पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग वर्चुअली सम्मिलित हुए।
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9 September 2021भोपाल। मध्य प्रदेश में एक राज्यसभा सीट के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि थावरचंद गहलोत के इस्तीफे के बाद खाली हुई इस सीट पर चार अक्टूबर को मतदान होगा। इसी दिन मतगणना भी की जाएगी।
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9 September 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्र सरकार द्वारा मौजूदा फसल वर्ष के लिए गेहूं और सरसों समेत छह रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में किए गए इजाफे को किसानों की आय में बढ़ोतरी करनेवाला एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। मुख्यमंत्री ने जारी एक वीडियो में कहा है कि इससे लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ह्दय से धन्यवाद देता हूं। वे किसान हितैषी प्रधानमंत्री हैं और किसानों के हित में लगातार फैसले ले रहे हैं। कल ही उन्होंने इस संदर्भ में बड़ा कदम उठाया है। उनके द्वारा लिया गया यह निर्णय निश्चित ही किसानों की आय में वृद्धि करेगा। वहीं, चौहान ने ट्विटर पर गुरुवार लिखा, ''किसान हितैषी प्रधानमंत्री श्री @narendramodiजी को किसानों के हित में लगातार निर्णय लेने के लिए हृदय से धन्यवाद देता हूँ। एमएसपी में वृद्धि कर किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उनके नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया है।'' उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने गेहूं की एमएसपी 40 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाई है। इस इजाफे के बाद 2,015 रुपये प्रति क्विंटल की न्यूनतम कीमत पर गेहूं की खरीद होगी। सरसों की एमएसपी 400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 5,050 रुपये कर दी गई है। जौ की एमएसपी 35 रुपये बढ़ाकर 1635 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है। चने की कीमत 130 रुपये बढ़ाकर 5,230 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है। मसूर की एमएसपी 400 रुपये बढ़ाने के बाद 5,500 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। कुसुम की एमएसपी 114 रुपये बढ़ाकर 5,441 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला लिया गया है।एमएसपी वह कीमत है जिस पर सरकार किसानों से फसल की खरीद करती है। इस समय सरकार खरीफ और रबी सीजन के 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है। रबी फसलों की बुआई अक्टूबर में खरीफ फसल की कटाई के तुरंत बाद होती है। गेहूं और सरसों रबी सीजन के दो मुख्य फसल हैं।
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9 September 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के खरगौन जिले में आदिवासी युवक की मौत मामले में कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में आदिवासी वर्ग पर दमन व उत्पीडऩ का काम जारी है। उन्होंने खरगौन घटनाक्रम की जांच की लिए कांग्रेस की पांच सदस्यीय टीम बनाई है जो मौक़े पर जाकर पीडि़त परिवार व स्थानीय नागरिकों से मिलकर पूरी घटना की जाँच रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगी। कमलनाथ ने मंगलवार को ट्वीट कर घटना की निंदा करते हुए कहा कि नेमावर, नीमच के बाद अब खरगोन जिले के बिस्टान थाने में एक आदिवासी व्यक्ति की प्रताडऩा से मौत की जानकारी व बालाघाट जिले में स्कूल जाते समय एक आदिवासी छात्रा की हत्या की ख़बर। मैं सरकार से माँग करता हूँ कि इन दोनों घटनाओं की उच्च स्तरीय जाँच हो, दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो, पीडि़त परिवारों की हरसंभव मदद हो, उन्हें न्याय मिले। पूर्व सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में आदिवासी वर्ग पर निरंतर दमन व उत्पीडऩ की घटनाएँ घट रही है। नेमावर, नीमच की घटना के बाद अब खरगोन जिले के बिस्टान थाने में खैरकुंडी के एक आदिवासी व्यक्ति की पुलिस प्रताडऩा से मौत की दुखद घटना सामने आयी है। ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में चुन-चुनकर आदिवासी, दलित, शोषित वर्ग को निशाना बनाया जा रहा है।खरगोन जिले की इस घटना को बेहद गंभीर बताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इसको लेकर पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधो की अध्यक्षता में प्रदेश कांग्रेस कमेटी की एक जाँच कमेटी बनाने की घोषणा की है। जो मौक़े पर जाकर पीडि़त परिवार व स्थानीय नागरिकों से मिलकर पूरी घटना की जाँच रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगी। इस जाँच दल में ग्यारसी लाल रावत, मुकेश पटेल, प्राचीलाल मेड़ा, वालसिंह मेड़ा को शामिल किया गया है।
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7 September 2021भोपाल। प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए बुरहानपुर में टीम भावना से किए जा रहे कार्यों की सराहना की। गृह मंत्री डॉ. मिश्रा शुक्रवार को बुरहानपुर जिले के प्रवास के दौरान कोतवाली थाना स्थित पुलिस कन्ट्रोल रूम में बैठक कर समीक्षा कर रहे थे। गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपराधियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाए। विवेचना का कार्य तेजी से सुनिश्चित किया जा कर शीघ्रता से अपराधियों को सजा दिलाए जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति घटित होने वाले अपराधों में कमी लाया जाना निहायत ही जरूरी है, इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए। डॉ. मिश्रा ने एफ आई आर- आपके द्वार और ई-एफआईआर पर चर्चा करते हुए जिले में क्रियान्वयन बेहतर करने के निर्देश दिए।समीक्षा बैठक में पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढा ने जिले में कानून व्यवस्था के संबंध में की गई कार्यवाहियाँ एवं विभिन्न व्यवस्थाओं के संबंध में अवगत कराया। उन्होंने जिले में महिलाओं के विरूद्ध घटित आपराधिक प्रकरणों, रासुका प्रकरणों, एसटी/एससी पर घटित आपराधिक प्रकरणों एवं चिन्हित अन्य अपराधों पर की गई कार्यवाहियों के साथ ही अवैध शराब माफियाओं के विरूद्ध की गई कार्यवाहियों की विस्तृत रूप से जानकारी दी।इस अवसर पर पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस, विधायक बुरहानपुर ठा. सुरेंद्र सिंह, विधायक नेपानगर सुमित्रा देवी कास्डैकर, पुलिस महानिरीक्षक हरिनारायणचारी मिश्र, पुलिस उप महानिरीक्षक तिलक सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि व पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।डॉ. मिश्रा ने अटल स्मृति स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बुरहानपुर में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की स्मृति में बनाए गए अटल स्मृति स्थल पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस व अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।डॉ. मिश्रा ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष स्व.पटेल के परिजनों से की मुलाकात गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा बुरहानपुर प्रवास के दौरान सांसद व भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष स्व. नंदकिशोर सिंह चौहान के निवास पर पहुंचे। उन्होंने परिजनों से मुलाकात की। डॉ. मिश्रा ने कहा कि नंदू भैया हमारी स्मृतियों में चिर-स्थाई रूप से रहेंगे। अपने क्षेत्र और प्रदेश के लिए किए गए उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकेगा।
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3 September 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस की अधिकार यात्रा पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि यह आदिवासियों के अधिकार दिलाने की यात्रा नहीं है, बल्कि 10 जनपद के माध्यम से कमलनाथ के अधिकार सुरक्षित रहें, कांग्रेस में उनकी हैसियत बनी रहे, दोनों पदों पर वो बने रहे इसलिए यात्रा निकाल रहे हैं। शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस अधिकार यात्रा पर विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासियों को सिर्फ वोट बैंक में उपयोग किया है। शिव भानु को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री क्यों नहीं बनने दिया, फूल सिंह बरैया की जगह दिग्विजय सिंह को राज्यसभा सांसद चुना। मंत्री सारंग ने कहा कि हमने आदिवासी योजनाओं की कल्याण की बात की थी तो 15 महीने की कांग्रेस सरकार ने रोक लगा दी थी। पिछड़ा वर्ग आयोग पर दिया बड़ा बयान पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन करने पर मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि इसकी तारीफ कांग्रेस को करना चाहिए राजनीति नहीं, हमने अपने वादे को निभाया है। कमलनाथ ने झुनझुना पकड़ाया था, एक तरफ घोषणा की थी और पीछे के दरवाजे से जाकर रोक लगा दी थी। पहले आरक्षण का झुनझुना पकड़ाया, घोषणा की और खुद ने फिर कोर्ट से स्टे लगवा दिया, सरकार की तरफ से किसी वकील ने पैरवी तक नहीं की। दिग्विजय पर साधा निशाना आंदोलनो की रूप रेखा तैयार करने पर दिग्विजय सिंह को मिली कमान पर उच्च शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने निशाना साधते हुए कहा कि नकारात्मकता की बात होगी तो दिग्विजय सिंह का नाम आएगा। जन कल्याण योजना के लिए अगर दिग्विजय सिंह को कमान दी जाती तो हमें अच्छा लगता, लेकिन व्यक्ति की योग्यता के अनुसार ही कमान दी जाती है। दिग्विजय सिंह नकारात्मकता के माध्यम से राजनीति करते हैं। नकारात्मक राजनीति करने के लिए दिग्विजय सिंह को कमान सौंपी गई है। दिग्विजय सिंह को जो कमान दी जाएगी बंटाधार होगा। वहीं नीमच की घटना को लेकर कांग्रेस की जांच दल पर उन्होंने कहा कि नीमच की घटना में सरकार और पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की है। घटना से जुड़े अपराधियों को पकड़ा है। अचल संपत्ति को भी जमींदोज किया गया है, दोषियों पर कार्रवाई हो गई तो यह कौन सी जांच की रिपोर्ट अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने और दुकान चलाने के लिए कांग्रेस राजनीति कर रही है।
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3 September 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार, 28 अगस्त को दोपहर एक बजे खंडवा में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के 79 हजार 39 हितग्राहियों को 627 करोड़ रुपये की सहायता राशि का वितरण कर कुछ हितग्राहियों से संवाद भी करेंगे। मुख्यमंत्री द्वारा 50 हजार 253 हितग्राहियों के आवास निर्माण के लिये भूमि-पूजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम के माध्यम से 363 निकायों के एक लाख 29 हजार 292 हितग्राही लाभन्वित होंगे। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़ेंगे।जनसम्पर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री चौहान के उद्बोधन एवं संवाद का प्रसारण वेबकॉस्ट लिंक के माध्यम से विभिन्न सोशल मीडिया जैसे - फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सएप और मोबाइल पर आम नागरिक देख और सुन सकेंगे। दूरदर्शन और अन्य प्रादेशिक चैनलों के माध्यम से भी इस कार्यक्रम का प्रसारण किया जायेगा। कार्यक्रम में सभी मंत्री, सांसद, विधायक एवं अन्य जन-प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया गया है। सभी नगरीय निकाय कार्यक्रम में वर्चुअली जुड़ेंगे।नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री द्वारा देश के हर नागरिक को पक्का आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) शुरू की गई थी। प्रदेश में योजना के विभिन्न घटकों के अन्तर्गत 8 लाख 37 हजार आवास स्वीकृत किये गये हैं। इनमें से 3 लाख 33 हजार हितग्राहियो के आवास पूरे हो चुके हैं। शेष आवासों का निर्माण भी तेजी से किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में योजना के प्रभारी क्रियान्वयन के लिये कई नवाचार किये गये हैं। भूमिहीन परिवारों को आवासीय भूमि का पट्टा भी उपलब्ध कराया गया है।
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27 August 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बार फिर ओबीसी आरक्षण को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा है कि हमारी सरकार ने ओबीसी वर्ग के उत्थान के लिये प्रदेश में आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया था। इसको लेकर न्यायालय में कुछ याचिकाएँ लगी थी, उन पर ही अंतरिम आदेश दिया गया था, बाक़ी जगह इस पर कोई रोक नही थी लेकिन इस आदेश पर दिये एक ग़लत अभिमत के आधार पर अन्य सारे विभागों में नियुक्तियो में रोक लगाकर शिवराज सरकार में पिछड़े वर्ग को उनके हक से निरंतर वंचित किया जा रहा था, निरंतर झूठ परोसा जा रहा था,हम उसी का विरोध कर रहे थे? पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा है कि अब सरकार ने लिये एक अभिमत के आधार पर यह मान लिया है कि प्रदेश में, हमारी सरकार के आरक्षण को बढ़ाकर 27 प्रतिशत किये जाने के निर्णय पर कोई रोक नही है। अंतरिम आदेश से संबंधित विभागों को छोडक़र सरकारी नौकरियों व शैक्षणिक संस्थानों में बढ़े हुए आरक्षण का लाभ दिया जा सकता है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मैं शिवराज सरकार से माँग करता हूँ कि इस अभिमत के बाद गुमराह करने व झूठ बोलने की राजनीति छोड़, तत्काल संशोधित आदेश जारी कर सरकारी नियुक्तियों व शैक्षणिक संस्थानों में बढ़े हुए आरक्षण का लाभ पिछड़े वर्ग को अविलंब दिया जाये और हमारी सरकार के पिछड़े वर्ग के हित में लिये गये इस निर्णय को तत्काल लागू किया जाये एवं न्यायालय में भी मज़बूत पैरवी से लंबित याचिकाओं के मामले में भी पिछड़ा वर्ग का मज़बूती से पक्ष रखा जाये।
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27 August 2021भोपाल। मप्र सरकार जल्द ही प्रायमरी स्कूल संचालित करने का फैसला कर सकती है। प्रदेश में लम्बे वक्त से बंद छोटे बच्चों की प्राइमरी स्कूल यानी पहली से पांचवीं तक के स्कूल खुल सकते हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने 5वीं से 8वीं तक की स्कूलों को खोलने को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अगले 4 दिनों में 5वीं से 8वीं तक की स्कूलों को खोलने पर फैसला लिया जाएगा। 30 अगस्त तक स्कूल में बच्चे कैसे आएं और क्लास कैसे शुरू हों, इस पर निर्णय लेकर पूरा प्रोग्राम स्कूली शिक्षा विभाग जारी करेगा। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। उन्होंने कहा कि कई दिनों से स्कूल बंद होने की वजह से बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। इसलिए अब स्कूलों को और नहीं बंद किया जा सकता है। ऐसे में बच्चे स्कूल कैसे आएं और क्लास कैसे शुरू हो इस पर निर्णय ले लिया जाएगा। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि 30 अगस्त तक स्कूल खोलने का प्रोग्राम जारी करेंगे। अगर कोरोना की रिपोर्ट ठीक रहती है, तो सितंबर के दूसरे सप्ताह तक छोटे बच्चों के लिए भी स्कूल खोलने पर विचार कर रहे हैं। कोरोना वायरस की दर में कमी आने के बाद मध्य प्रदेश में 9वीं से 12वीं तक की स्कूलों को खोल दिया गया है। वर्तमान में चल रही 9वीं से लेकर 12वीं तक की क्लास लगने के दिन बढ़ाए जाएंगे, यह सप्ताह में एक क्लास के लिए तीन दिन तक हो सकते हैं। वहीं 6वीं से लेकर 8वीं तक की क्लास को शुरू करने पर विचार किया जा रहा है, यह सप्ताह में दो दिन लग सकती हैं।
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27 August 2021भोपाल। भारत शासन के राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय ने गुरुवार को मध्यप्रदेश की महत्वाकांक्षी अटल प्रोग्रेस-वे परियोजना को भारत माला फेस-1 में शामिल करने की स्वीकृति जारी की है। चंबल संभाग के भिण्ड मुरैना एवं श्योपुर जिलों से होते हुए यह पूर्णतः नया एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश में 404 किलो मीटर लंबाई का होगा, जो पूर्व में झाँसी (उत्तर प्रदेश) से तथा पश्चिम में कोटा (राजस्थान) से जोड़ते हुए निर्मित किया जायेगा। यह जानकारी जनसंपर्क अधिकारी अनिल वशिष्ठ ने दी। उन्होंने बताया कि मख्युमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अटल प्रोग्रेस-वे के भारतमाला फेस -1 में शामिल किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी का आभार माना है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अटल प्रोग्रेस-वे ग्वालियर-चबंल संभाग के विकास की जीवन रेखा साबित होगी। इस 404 किलोमीटर लंबाई के एक्सप्रसे-वे के आस-पास इंडस्टियल कोरिडोर का निर्माण कराया जायेगा। जो क्षेत्र के आर्थिक विकास की महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी। उल्लेखनीय है कि इस मार्ग के निर्माण से झाँसी (उत्तर प्रदेश) से कोटा (राजस्थान) का एक प्रमुख नया मार्ग जुड़ेगा, जो मध्यप्रदेश के 3 जिलों को लाभान्वित करेगा। इन दोनों बिन्दुओं की दूरी में भी लगभग 50 किलोमीटर की बचत होगी। इस एक्सप्रेस-वे के बनने में अवागमन में लगने वाला 11 घंटे का समय घटकर 6 घंटे तक हो जायेगा। एक्सप्रेस-वे के साथ औद्योगिक क्षेत्रों का होगा विकास चंबल नदी के किनारे-किनारे बनाये जाने वाले इस नये एक्सप्रेस-वे में मध्यप्रदेश शासन ने औद्योगिक, व्यावसायिक एवं विभिन्न प्रकार की गतिविधियों में निवेश आमंत्रित करने के लिये अग्रिम तैयारी की है। एक्सप्रेस-वे में लगने वाली समस्त भूमि राज्य शासन द्वारा अपने व्यय पर उपलब्ध कराई जा रही है। इस परियोजना पर लगभग 7000 करोड़ रूपये का व्यय संभावित है। इस एक्सप्रेस-वे को 7 विभिन्न पैकजों के माध्यम से बनाये जाने की तैयारी है। सात हजार करोड़ की निविदायें शीघ्र: मंत्री गोपाल भार्गव लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने केन्द्र सरकार द्वारा दी गई स्वीकृति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना की निविदाएँ अब अतिशीघ्र जारी की जा सकेंगी। मंत्री भार्गव ने मुख्यमंत्री चौहान द्वारा इस परियोजना में ली गई सतत रूचि एवं समीक्षा बैठकों को श्रेय देते हुए बताया कि पहली बार इतनी महत्वाकांक्षी एवं पूर्णतः नये सिर से बनाये जाने वाली परियोजना की परिकल्पना, डीपीआर निर्माण और भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्ति तक की जाने वाली कार्यवाही इतने कम समय में संभव हो पाई है। इस परियोजना का निर्माण एन.एच.ए. आई. द्वारा किया जायेगा। अटल प्रोग्रेस-वे के लिये राज्य शासन द्वारा रिकार्ड 4 महीने में डीपीआर बनाकर भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत की गई। लगभग 1500 हेक्टेयर शासकीय भूमि का हस्तातरण भी रिकॉर्ड समय में पूर्ण कर राष्ट्रीय राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय (एन.एच.ए.आई) को आधिपत्य दिया जा चुका है।
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19 August 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है की बाढ़ से प्रभावित हमारे भाई-बहनों की तकलीफें दूर करना है। राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण के कार्य में जुटना है। जो भाई-बहन बाढ़ से प्रभावित हुए उनकी परेशानियों को दूर करना हमारी प्राथमिकता है। यह बात मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को स्मार्ट उद्यान में मीडिया के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को श्योपुर और शिवपुरी जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे पर रवाना हुए हैं। मुख्यमंत्री चौहान भोपाल से विमान से ग्वालियर पहुंचेंगे वहां से हेलीकॉप्टर से श्योपुर जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान श्योपुर में सिंगल क्लिक से बाढ़ राहत राशि का वितरण करेंगे तथा ग्वालियर-चम्बल सम्भाग के जिलों और विदिशा के बाढ़ प्रभावितों से चर्चा भी करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान श्योपुर जिले के ग्राम सरोदा और शिवपुरी जिले के ग्राम मगरोनी और ग्राम पनघटा के बाढ़ पीड़ित व्यक्तियों से भेंट कर चर्चा करेंगे।
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19 August 2021इंदौर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को अपनी जन आशीर्वाद यात्रा से पहले पत्रकारों से चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि अगले महीने में मध्यप्रदेश से 67 नई उड़ानें शुरू होंगी। इंदौर में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जनआशीर्वाद यात्रा से पहले भाजपा कार्यालय में राजामाता स्व. विजयाराजे सिंधिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और वरिष्ठ नागरिकों से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि उन्हें उड्डयन मंत्रालय मिलने के बाद मध्यप्रदेश में एविएशन के क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है। एक सितंबर तक मध्यप्रदेश से 67 नई फ्लाइट्स शुरू हो रही हैं। एक हफ्ते में इंदौर को ग्वालियर और जबलपुर से हवाई रूट से जोड़ दिया जाएगा। जनप्रतिनिधियों ने किया यात्रा के रूट का निरीक्षण सिंधिया की जन आशीर्वाद यात्रा से पहले इंदौर के जनप्रतिनिधियों व भाजपा नेताओं ने बुधवार को यात्रा के 18 किलोमीटर लंबे रूट का निरीक्षण किया।भाजपा नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने बताया कि जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर इंदौर में भाजपा के पदाधिकारी कसर नहीं छोड़ना चाहते। बुधवार को जनप्रतिनिधियों का दल सिटी बस में सवार होकर यात्रा मार्ग का निरीक्षण करने निकला। इसमें भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती, विधायक मालिनी गौड़, विधायक महेंद्र हार्डिया सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। सभी ने यात्रा मार्ग का निरीक्षण किया। यात्रा के रूट में पांच सौ से अधिक स्वागत मंच बनाए गए हैं।
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19 August 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह बीते दिनों मध्यप्रदेश के गवालियर-चम्बल संभाग में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर दौरे पर गए थे और उन्होंने बाढ़ की वजह से होने वाली हानि को बड़े नज़दीक से देखा। श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड व दतिया जिलों में 4 दिवसीय दौरे के बाद दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान स्थानीय लोगों ने बताया कि विगत सौ वर्षों में उन्होंने बाढ़ की ऐसी विभिषिका नहीं देखी। जहाँ तक नजर जाती है उजड़े गांव और बदहाल लोग नजर आते हैं। अनेक गांव, कस्बे, टोले-मंजरे सहित हजारों परिवार पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि तबाह हुए इन गांवों में राहत राशि तो दूर अभी तक प्रभावितों का सर्वे लगभग दस दिनों तक नहीं हो पाया था। उन्होंने कहा कि पीडि़तजनों से मुलाकात के बाद शासन और प्रशासन द्वारा की गई लापरवाही और अकर्मण्यता साफ नजर आ रही है, जबकि प्रशासन को युद्ध स्तर पर राहत और पुनर्वास के काम प्रारंभ करना चाहिए था जो विपदा के 10 दिन बाद तक शुरू नहीं हो सके थे। दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री से बाढ़ और अतिवृष्टि से ग्रामीण जनों को हो रही समस्याओं का उल्लेख करते हुए कहा कि ग्रामवासियों द्वारा रबी की फसल में मेहनत मजदूरी कर सालभर के लिये एकत्र किया गया अनाज बह गया, वहीं दूसरी तरफ लगभग हर परिवार से पालतू मवेशी गाय, भैंस, बैल, बकरी, मुर्गा-मुर्गी बह गये। पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री को बताया कि ग्वालियर, चंबल संभाग में हजारों परिवारों के मकान पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुके हैं। ऐसे समस्त गांवों को नये सिरे से कॉलोनी बनाकर बसाया जाये और उन्हे मकान बनाने के लिये एक लाख बीस हजार रुपये के स्थान पर ढाई लाख रुपये प्रति परिवार मकान बनाने के लिये दिए जाएं। साथ ही जिन परिवारों में बालिग सदस्य हैं उन्हे पृथक परिवार मानते हुए प्लाट और मकान के लिये ढाई लाख रुपये दिये जाएं। उन्होंने कहा कि दोनों संभागों के पांचों जिलों के भ्रमण के दौरान प्रशासन की असंवेदनशीलता स्पष्ट तौर से नजर आई। उन्होंने कहा कि आश्चर्य है कि आदिवासी वर्ग की सहरिया जाति बाहुल्य वाले श्योपुर और शिवपुरी जिले का प्रशासन बिना तहसीलदारों के कैसे चल रहा था? इतनी बड़ी विभिषिका के बाद ताबड़तोड़ तबादले कर तहसीलदार, नायब तहसीलदार तैनात किये गये। इस घटना से पता चलता है कि विशेष पिछड़ी सहरिया जनजाति के प्रति सरकार कितनी संवेदनशील है। कई गांवों में बाढ़ पीडि़तों ने पटवारियों और ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा किये जा रहे पक्षपातपूर्ण कार्यवाही की भी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि वे अपने पत्र के साथ इन जिलों से प्राप्त उल्लेखनीय जानकारी संलग्न कर मुख्यमंत्री को प्रेषित कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा है कि बाढ़ की तबाही का प्रभाव सामान्य जनजीवन पर सब ओर पड़ा है। ऐसी स्थिति में घर-परिवार की क्षति के आंकलन के लिये राजस्व विभाग, फसलों के बर्बाद होने के लिये कृषि विभाग, पशुओं के खत्म होने या बह जाने के लिये पशु चिकित्सा विभाग सहित अन्य संबंधित विभागों के संयुक्त दल गठित कर युद्धस्तर पर राहत राशि वितरण की कार्यवाही की जानी चाहिये। सर्वे में विलंब करने और राहत केम्प समय पर प्रारंभ नहीं करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्यवाही की जानी चाहिये। उन्होंने बाढ़ की वजह से जनता को आ रही एक और समस्या को बताते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि तेज़ और लगातार बारिश और बाढ़ से लोगों के घरों में पानी भर गया जिससे लोगों के आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड, मनरेगा का जॉब कार्ड, जमीन की बही, रजिस्ट्री की कापी आदि महत्वपूर्ण दस्तावेज पानी में बह गए या खराब हो गये। इसीलिए सभी प्रभावित ग्रामों में विशेष शिविर लगाकर अति आवश्यक दस्तावेज पुन: तैयार करवाकर पीडि़त परिवारों को सौंपे जाये। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके दोनों संभागों के दौरे के दौरान उन्होंने हजारों बाढ़ पीडि़तों से मुलाकात की उनके दुखदर्द को जाना। बाढ़ से ऊपजे हृदयविदारक हालातों को देखते हुए इस विभिषिका को केन्द्र सरकार से राष्ट्रीय आपदा घोषित किये जाने के प्रयास करने चाहिये और केन्द्र सरकार को भी इस राष्ट्रीय आपदा में भरपूर मदद देनी चाहिये। उन्होंने कहा कि लोगों को राहत दिये जाने और पुनर्वास किये जाने के लिये यदि राजस्व पुस्तक परिपत्र की नीति 6-4 में भी बदलाव करना पड़े तो नियमों को संशोधित कर हर पीडि़त परिवार के आंसू पौछें जाने चाहिये। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा कि सैकड़ों गांवों में सब कुछ तबाह होने से प्रभावितों के जख्म बहुत गहरे हैं। राहत व पुनर्वास का काम पूरी ईमानदारी व ’समयसीमा’ में तय करते हुए राज्यशासन संवेदनशीलता का परिचय दे।
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17 August 2021भोपाल। केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना महामारी के कारण जिन बच्चों के माता-पिता, कानूनी अभिभावक या दत्तक माता-पिता की मृत्यु हो गई है, उन्हें "पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन'' योजना में सहारा दिया जायेगा। इस योजना के लिये प्रदेश की मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना के बाल हितग्राही भी पात्र होंगे। यह जानकारी शुक्रवार को जनसंपर्क अधिकारी बिन्दु सुनील ने दी। योजना में बाल हितग्राही को सहायता पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना में बाल हितग्राही के 18 वर्ष के होने पर बच्चे के नाम से 10 लाख रुपये के कार्पस का प्रावधान किया गया है। इसी कार्पस से बच्चे को मासिक आर्थिक सहायता दी जायेगी। बाल हितग्राही की आयु 23 वर्ष होने पर उन्हें 10 लाख रुपये दिये जायेंगे। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत बाल हितग्राही को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जायेगा। योजना में बाल हितग्राही को 10 वर्ष की आयु तक नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय अथवा निजी विद्यालय में गैर-आवासीय विद्यार्थी के रूप में प्रवेशित कर शिक्षा के अधिकार प्रावधानों के अनुरूप फीस केन्द्र सरकार द्वारा वहन की जायेगी। इसके अतिरिक्त उन्हें किताबों, नोट-बुक, यूनिफार्म पर व्यय राशि भी प्रदान की जायेगी। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत बाल हितग्राही के 11 से 18 वर्ष आयु समूह में होने पर केन्द्रीय आवासीय विद्यालय जैसे नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल आदि में प्रवेशित किया जायेगा। यदि हितग्राही संयुक्त परिवार में निवासरत है, तो नजदीकी केन्द्रीय विद्यालय या निजी विद्यालय में गैर-आवासीय विद्यार्थी के रूप में प्रवेशित किया जायेगा। आवेदन की प्रक्रिया योजना के अंतर्गत पात्र बच्चों के चिन्हांकन की कार्यवाही जिला कलेक्टर द्वारा की जायेगी। पात्र सभी बच्चों की प्रविष्टि pmcaresforchildren.in पोर्टल पर अपलोड की जायेगी। इसके अतिरिक्त "सिटीजन लॉग इन'' से सीधे आवेदन को भरा जा सकता है अथवा बाल कल्याण समिति के लॉग इन से भी आवेदन किया जा सकता है। योजना में माता-पिता की कोविड से मृत्यु संबंधी प्रमाण-पत्र का होना अनिवार्य नहीं है। किन्तु कलेक्टर द्वारा बच्चे के माता-पिता की मृत्यु कोविड से होने के संबंध में संतुष्टि होने और सत्यापन किये जाने पर ही बच्चे को लाभान्वित किया जायेगा। सिटीजन लॉग इन अंतर्गत एक मोबाइल नम्बर से अधिकतम 10 आवेदन फीड किये जा सकते हैं। योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी व सहायता भारत सरकार द्वारा जारी सम्पर्क नं. 011-23385289 अथवा ई-मेल cw2section-mwcd@gov.in पर सम्पर्क किया जा सकता है।
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13 August 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्म-निर्भर भारत की परिकल्पना को पूरा करने की दिशा में मध्यप्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में केन्द्र सरकार, निजी उद्यमों एवं जन-सहयोग से बड़ी संख्या में ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। हम ऑक्सीजन के मामले में शीघ्र आत्म-निर्भरता हासिल कर लेंगे तथा हमें अन्य प्रदेशों से ऑक्सीजन लेने की आवश्यकता नहीं होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने यह बातें शुक्रवार को अपने निवास से रीवा क्षेत्र के 4 ऑक्सीजन संयंत्रों का वर्चुअल लोकार्पण करते हुए कही। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, सांसद जर्नादन मिश्र, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी (बैठक में), चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, विधायक राजेन्द्र शुक्ला, विधायक श्यामलाल द्विवेदी, केपी त्रिपाठी, स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी (बैठक में) शामिल हुए।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज एक साथ 4 ऑक्सीजन संयंत्र प्रारंभ होना विन्ध्य एवं रीवा क्षेत्र के लिए बड़ी उपलब्धि है। इनमें से तीन संयंत्रों की क्षमता 500-500 लीटर प्रति मिनिट तथा एक संयंत्र की क्षमता 100 लीटर प्रति मिनट है।सरकार द्वारा 50 प्रतिशत पूँजी अनुदानउन्होंने कहा कि निजी उद्यमों द्वारा ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने पर प्रदेश सरकार 50% पूंजी अनुदान दे रही है। आज दो संयंत्र निजी कंपनियों द्वारा लगाए गए हैं। वर्षम कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा औद्योगिक पार्क रीवा में 310.91 लाख की लागत से लगाया गया प्लांट 500 एल.पी.एम. क्षमता का है। जे.पी. लिमिटेड द्वारा जे.पी. अस्पताल रीवा में लगाया गया प्लांट 500 एल.पी.एम. क्षमता का है।सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में जन-भागीदारी से संयंत्रमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल रीवा में 98.71 लाख रूपये की लागत से 500 एल.पी. एम क्षमता का प्लांट जन-भागीदारी से लगाया गया है। इसके लिए सभी संबंधित बधाई के पात्र हैं। साथ ही जिला अस्पताला रीवा में मुख्यमंत्री राहत कोष से 44.72 लाख रुपये की लागत से 200 एल.पी.एम. क्षमता का ऑक्सीजन संयंत्र लगाया गया है।विन्ध्य क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर कार्यविधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने कहा कि क्षेत्र में एक साथ 4-4 ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित किए जाने पर मैं यहाँ की जनता की ओर से मुख्यमंत्री चौहान का धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ। प्रदेश सरकार विन्ध्य क्षेत्र के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। बाणसागर परियोजना ने क्षेत्र के किसानों की तकदीर बदल दी है।कोरोना नियंत्रण के लिए सराहनीय कार्यसांसद जनार्दन मिश्र ने कहा कि रीवा क्षेत्र में कोरोना नियंत्रण, विकास, उद्योग, हवाई सेवाओं आदि कार्यों के लिए मुख्यमंत्री चौहान द्वारा सराहनीय कार्य किया गया है।म.प्र. का जन-भागीदारी मॉडल सराहनीयस्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश के जन-भागीदारी मॉडल की पूरे देश में सराहना हो रही है। पहले कोरोना नियंत्रण और अब आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की स्थापना में यह मॉडल अत्यंत कारगर सिद्ध हो रहा है।रीवा को 100 वैक्सीनेशन के लिए बधाईचिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि इन ऑक्सीजन संयंत्रों के प्रारंभ हो जाने से रीवा ऑक्सीजन क्षेत्र में आत्म-निर्भरता को प्राप्त कर लेगा। प्रदेश में देवास नगर निगम के बाद रीवा ने कोरोना वैक्सीनेशन का शत-प्रतिशत प्रथम डोज लगवाने का लक्ष्य पूरा कर लिया है। इसके लिए रीवा बधाई का पात्र है।रीवा को मिली हैं बड़ी सौगातें विधायक राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज रीवा जिले को बड़ी सौगातें दी हैं। आज यहाँ ऑक्सीजन प्लांट की श्रंखला का लोकार्पण हुआ है। इससे यहाँ पर्याप्त मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री चौहान के प्रयासों से रीवा में हवाई अड्डा बनाया जाएगा और शीघ्र इंदौर एवं भोपाल के लिए वायु सेवा प्रारंभ होगी।
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13 August 2021उज्जैन। बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय, उनके बेटे विधायक आकाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला शुक्रवार सुबह भस्मारती के दौरान भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए पहुंचे। इसके चलते मंदिर के पुजारियों को भी रोक दिया गया। गुस्साए पुजारियों ने इसे लेकर जमकर हंगामा किया और हंगामे के चलते भस्मारती करीब आधा घंटा लेट हो गई। शुक्रवार सुबह 4 बजे भस्म आरती करने जब मुख्य पुजारी अजय और दूसरे पुजारी जब महाकाल मंदिर के गेट नंबर चार पर पहुंचे तो उन्हें वहीं रोक दिया गया। कुछ देर बाद आगे जाने दिया गया, लेकिन सूर्यमुखी द्वार पर फिर से रोक दिया गया। पुजारी अजय ने यहां तैनात वाणिज्यिक कर अधिकारी दिनेश जायसवाल से इसकी वजह पूछी तो वे बहस करने लगे। इसी बीच पुजारियों ने सभा मंडप में कैलाश विजयवर्गीय के साथ आकाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला को देखा तो वे भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे। पुजारियों का कहना है कि फिलहाल उनके अलावा किसी और को गर्भगृह में जाने की इजाजत नहीं है। ऐसे में नेताओं को किसके आदेश से गर्भगृह तक जाने दिया गया, इसकी जांच कराई जाए। बता दें कोरोना प्रोटोकॉल के चलते भस्म आरती में श्रद्धालुओं की एंट्री एक साल से बंद है। वहीं, कैलाश विजयवर्गीय और दूसरे नेता दर्शन करने के बाद जब मंदिर के धर्मशाला गेट से निकल रहे थे, तभी पत्रकारों ने भस्म आरती में देरी को लेकर उनसे सवाल किया, जिसका उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
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13 August 2021सीहोर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नसरुल्लागंज के सीहोर जिले के 50 बिस्तर क्षमता के अस्पताल को 100 बिस्तर क्षमता के अस्पताल में अपग्रेड किया जाएगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदेश के छोटे नगरों और कस्बों में बड़े नगरों की तरह आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यह बात मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को नसरुल्लागंज सिविल अस्पताल में 1 करोड़ 40 लाख की लागत से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट और 80 लाख की लागत से बनाई गई पेथॉलॉजी का ई-लोकार्पण करते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर सिविल अस्पताल में 10 बेड के आईसीयू और मेटरनिटी विंग के लिए भूमि-पूजन भी किया। लोकार्पित कार्यों की लागत 2 करोड़ 20 लाख और भूमि-पूजन के कार्यों की लागत 12.13 करोड़ रूपये है। इस तरह कुल 14.33 करोड़ के कार्यों की सौगात नसरुल्लागंज वासियों को प्राप्त हुई है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और सांसद रमाकांत भार्गव भी वर्चुअली सम्मलित हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम सुख निरोगी काया ही होता है। प्रत्येक व्यक्ति का प्रयास होना चाहिए कि वह अस्वस्थ न हो। यदि अस्वस्थ हो भी जाए तो समय पर उपचार की सुविधा मिल जाना चाहिए। मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना काल में दूसरी लहर के समय ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए भरसक प्रयास किए। जहाँ उपचार की व्यवस्था अपर्याप्त थी, वहाँ अस्थायी अस्पताल भी प्रारंभ किए गए। रोगियों को इलाज सहित अन्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाई गईं। नसरुल्लागंज में 300 लीटर क्षमता के ऑक्सीजन संयंत्र की व्यवस्था हो जाने से स्थानीय रोगियों को होशंगाबाद और भोपाल जाने की विवश्ता से मुक्ति मिलेगी। छोटी-मोटी जाँचों के लिए भी बाहर जाना होता था। अब लेब शुरु हो जाने से यह कार्य भी नसरुल्लागंज में हो सकेगा। चौहान ने कहा कि सिविल अस्पताल में विकसित सुविधाओं का लाभ आसपास के क्षेत्र के लोगों को भी प्राप्त होगा। प्रसव सुविधा के साथ ही ऑपरेशन की स्थिति में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता भी होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि बुधनी शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन की स्थिति में आ गया है। ऐसा ही कार्य नसरुल्लागंज में होना चाहिए। कोरोना की नई लहर की आशंका को समाप्त करने में इससे सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने आमजन से कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने का अनुरोध भी किया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश का कोरोना कंट्रोल मॉडल पूरे देश में प्रशंसित हुआ है। दूसरी लहर के समय मुख्यमंत्री चौहान ने देश के अन्य हिस्सों से लिक्विड ऑक्सीजन बुलवाकर नेतृत्व क्षमता प्रमाणित की। आज मध्यप्रदेश 2020 के प्रारंभ में शून्य प्लांट की स्थिति से 179 ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति में आ गया है। विभिन्न मदों से व्यवस्था कर संयंत्रों को प्रारंभ करने का अभियान चल रहा है। विदिशा–रायसेन संसदीय क्षेत्र के सांसद रमाकांत भार्गव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर नसरुल्लागंज में गुरुप्रसाद शर्मा सहित अनेक जन-प्रतिनिधि और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मो. सुलेमान और स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ई-लोकार्पण कार्यक्रम में उपस्थित थे।
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12 August 2021सीहोर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नसरुल्लागंज के सीहोर जिले के 50 बिस्तर क्षमता के अस्पताल को 100 बिस्तर क्षमता के अस्पताल में अपग्रेड किया जाएगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदेश के छोटे नगरों और कस्बों में बड़े नगरों की तरह आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यह बात मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को नसरुल्लागंज सिविल अस्पताल में 1 करोड़ 40 लाख की लागत से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट और 80 लाख की लागत से बनाई गई पेथॉलॉजी का ई-लोकार्पण करते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर सिविल अस्पताल में 10 बेड के आईसीयू और मेटरनिटी विंग के लिए भूमि-पूजन भी किया। लोकार्पित कार्यों की लागत 2 करोड़ 20 लाख और भूमि-पूजन के कार्यों की लागत 12.13 करोड़ रूपये है। इस तरह कुल 14.33 करोड़ के कार्यों की सौगात नसरुल्लागंज वासियों को प्राप्त हुई है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और सांसद रमाकांत भार्गव भी वर्चुअली सम्मलित हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम सुख निरोगी काया ही होता है। प्रत्येक व्यक्ति का प्रयास होना चाहिए कि वह अस्वस्थ न हो। यदि अस्वस्थ हो भी जाए तो समय पर उपचार की सुविधा मिल जाना चाहिए। मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना काल में दूसरी लहर के समय ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए भरसक प्रयास किए। जहाँ उपचार की व्यवस्था अपर्याप्त थी, वहाँ अस्थायी अस्पताल भी प्रारंभ किए गए। रोगियों को इलाज सहित अन्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाई गईं। नसरुल्लागंज में 300 लीटर क्षमता के ऑक्सीजन संयंत्र की व्यवस्था हो जाने से स्थानीय रोगियों को होशंगाबाद और भोपाल जाने की विवश्ता से मुक्ति मिलेगी। छोटी-मोटी जाँचों के लिए भी बाहर जाना होता था। अब लेब शुरु हो जाने से यह कार्य भी नसरुल्लागंज में हो सकेगा। चौहान ने कहा कि सिविल अस्पताल में विकसित सुविधाओं का लाभ आसपास के क्षेत्र के लोगों को भी प्राप्त होगा। प्रसव सुविधा के साथ ही ऑपरेशन की स्थिति में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता भी होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि बुधनी शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन की स्थिति में आ गया है। ऐसा ही कार्य नसरुल्लागंज में होना चाहिए। कोरोना की नई लहर की आशंका को समाप्त करने में इससे सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने आमजन से कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने का अनुरोध भी किया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश का कोरोना कंट्रोल मॉडल पूरे देश में प्रशंसित हुआ है। दूसरी लहर के समय मुख्यमंत्री चौहान ने देश के अन्य हिस्सों से लिक्विड ऑक्सीजन बुलवाकर नेतृत्व क्षमता प्रमाणित की। आज मध्यप्रदेश 2020 के प्रारंभ में शून्य प्लांट की स्थिति से 179 ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति में आ गया है। विभिन्न मदों से व्यवस्था कर संयंत्रों को प्रारंभ करने का अभियान चल रहा है। विदिशा–रायसेन संसदीय क्षेत्र के सांसद रमाकांत भार्गव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर नसरुल्लागंज में गुरुप्रसाद शर्मा सहित अनेक जन-प्रतिनिधि और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मो. सुलेमान और स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ई-लोकार्पण कार्यक्रम में उपस्थित थे।
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12 August 2021सीहोर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नसरुल्लागंज के सीहोर जिले के 50 बिस्तर क्षमता के अस्पताल को 100 बिस्तर क्षमता के अस्पताल में अपग्रेड किया जाएगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदेश के छोटे नगरों और कस्बों में बड़े नगरों की तरह आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यह बात मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को नसरुल्लागंज सिविल अस्पताल में 1 करोड़ 40 लाख की लागत से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट और 80 लाख की लागत से बनाई गई पेथॉलॉजी का ई-लोकार्पण करते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर सिविल अस्पताल में 10 बेड के आईसीयू और मेटरनिटी विंग के लिए भूमि-पूजन भी किया। लोकार्पित कार्यों की लागत 2 करोड़ 20 लाख और भूमि-पूजन के कार्यों की लागत 12.13 करोड़ रूपये है। इस तरह कुल 14.33 करोड़ के कार्यों की सौगात नसरुल्लागंज वासियों को प्राप्त हुई है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और सांसद रमाकांत भार्गव भी वर्चुअली सम्मलित हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम सुख निरोगी काया ही होता है। प्रत्येक व्यक्ति का प्रयास होना चाहिए कि वह अस्वस्थ न हो। यदि अस्वस्थ हो भी जाए तो समय पर उपचार की सुविधा मिल जाना चाहिए। मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना काल में दूसरी लहर के समय ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए भरसक प्रयास किए। जहाँ उपचार की व्यवस्था अपर्याप्त थी, वहाँ अस्थायी अस्पताल भी प्रारंभ किए गए। रोगियों को इलाज सहित अन्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाई गईं। नसरुल्लागंज में 300 लीटर क्षमता के ऑक्सीजन संयंत्र की व्यवस्था हो जाने से स्थानीय रोगियों को होशंगाबाद और भोपाल जाने की विवश्ता से मुक्ति मिलेगी। छोटी-मोटी जाँचों के लिए भी बाहर जाना होता था। अब लेब शुरु हो जाने से यह कार्य भी नसरुल्लागंज में हो सकेगा। चौहान ने कहा कि सिविल अस्पताल में विकसित सुविधाओं का लाभ आसपास के क्षेत्र के लोगों को भी प्राप्त होगा। प्रसव सुविधा के साथ ही ऑपरेशन की स्थिति में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता भी होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि बुधनी शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन की स्थिति में आ गया है। ऐसा ही कार्य नसरुल्लागंज में होना चाहिए। कोरोना की नई लहर की आशंका को समाप्त करने में इससे सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने आमजन से कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने का अनुरोध भी किया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश का कोरोना कंट्रोल मॉडल पूरे देश में प्रशंसित हुआ है। दूसरी लहर के समय मुख्यमंत्री चौहान ने देश के अन्य हिस्सों से लिक्विड ऑक्सीजन बुलवाकर नेतृत्व क्षमता प्रमाणित की। आज मध्यप्रदेश 2020 के प्रारंभ में शून्य प्लांट की स्थिति से 179 ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति में आ गया है। विभिन्न मदों से व्यवस्था कर संयंत्रों को प्रारंभ करने का अभियान चल रहा है। विदिशा–रायसेन संसदीय क्षेत्र के सांसद रमाकांत भार्गव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर नसरुल्लागंज में गुरुप्रसाद शर्मा सहित अनेक जन-प्रतिनिधि और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मो. सुलेमान और स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ई-लोकार्पण कार्यक्रम में उपस्थित थे।
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12 August 2021सीहोर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नसरुल्लागंज के सीहोर जिले के 50 बिस्तर क्षमता के अस्पताल को 100 बिस्तर क्षमता के अस्पताल में अपग्रेड किया जाएगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदेश के छोटे नगरों और कस्बों में बड़े नगरों की तरह आवश्यक सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यह बात मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को नसरुल्लागंज सिविल अस्पताल में 1 करोड़ 40 लाख की लागत से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट और 80 लाख की लागत से बनाई गई पेथॉलॉजी का ई-लोकार्पण करते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर सिविल अस्पताल में 10 बेड के आईसीयू और मेटरनिटी विंग के लिए भूमि-पूजन भी किया। लोकार्पित कार्यों की लागत 2 करोड़ 20 लाख और भूमि-पूजन के कार्यों की लागत 12.13 करोड़ रूपये है। इस तरह कुल 14.33 करोड़ के कार्यों की सौगात नसरुल्लागंज वासियों को प्राप्त हुई है। कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और सांसद रमाकांत भार्गव भी वर्चुअली सम्मलित हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम सुख निरोगी काया ही होता है। प्रत्येक व्यक्ति का प्रयास होना चाहिए कि वह अस्वस्थ न हो। यदि अस्वस्थ हो भी जाए तो समय पर उपचार की सुविधा मिल जाना चाहिए। मध्यप्रदेश सरकार ने कोरोना काल में दूसरी लहर के समय ऑक्सीजन की व्यवस्था के लिए भरसक प्रयास किए। जहाँ उपचार की व्यवस्था अपर्याप्त थी, वहाँ अस्थायी अस्पताल भी प्रारंभ किए गए। रोगियों को इलाज सहित अन्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाई गईं। नसरुल्लागंज में 300 लीटर क्षमता के ऑक्सीजन संयंत्र की व्यवस्था हो जाने से स्थानीय रोगियों को होशंगाबाद और भोपाल जाने की विवश्ता से मुक्ति मिलेगी। छोटी-मोटी जाँचों के लिए भी बाहर जाना होता था। अब लेब शुरु हो जाने से यह कार्य भी नसरुल्लागंज में हो सकेगा। चौहान ने कहा कि सिविल अस्पताल में विकसित सुविधाओं का लाभ आसपास के क्षेत्र के लोगों को भी प्राप्त होगा। प्रसव सुविधा के साथ ही ऑपरेशन की स्थिति में आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता भी होगी। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि बुधनी शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन की स्थिति में आ गया है। ऐसा ही कार्य नसरुल्लागंज में होना चाहिए। कोरोना की नई लहर की आशंका को समाप्त करने में इससे सहयोग मिलेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने आमजन से कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने का अनुरोध भी किया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि मध्यप्रदेश का कोरोना कंट्रोल मॉडल पूरे देश में प्रशंसित हुआ है। दूसरी लहर के समय मुख्यमंत्री चौहान ने देश के अन्य हिस्सों से लिक्विड ऑक्सीजन बुलवाकर नेतृत्व क्षमता प्रमाणित की। आज मध्यप्रदेश 2020 के प्रारंभ में शून्य प्लांट की स्थिति से 179 ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति में आ गया है। विभिन्न मदों से व्यवस्था कर संयंत्रों को प्रारंभ करने का अभियान चल रहा है। विदिशा–रायसेन संसदीय क्षेत्र के सांसद रमाकांत भार्गव ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर नसरुल्लागंज में गुरुप्रसाद शर्मा सहित अनेक जन-प्रतिनिधि और अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मो. सुलेमान और स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ई-लोकार्पण कार्यक्रम में उपस्थित थे।
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12 August 2021ग्वालियर। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि अति वर्षा के कारण ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में भारी नुकसान हुआ है। इस विपदा में पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिये केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार पूरी शिद्दत के साथ कार्य कर रही है। पीड़ितों को भोजन, पानी एवं अन्य सामग्री की आपूर्ति भी शासकीय प्रयासों के साथ-साथ जनभागीदारी से की जा रही है। सिंधिया ने रविवार सुबह मोतीमहल से खाद्य सामग्री के तीन ट्रक जिले के डबरा एवं भितरवार के ग्रामीण क्षेत्र में प्रभावित लोगों के वितरण हेतु रवाना किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि अति वर्षा के कारण जो नुकसान हुआ है, उसका आंकलन शासन स्तर से किया जा रहा है। हर पीड़ित को मदद उपलब्ध कराने के लिये सरकार कटिबद्ध है। सिंधिया ने इस मौके पर ग्वालियर जिले में अति वर्षा के कारण तीन लोगों की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को संबल योजना के तहत 4-4 लाख रुपये की राहत राशि के चैक भी वितरित किए।इस मौके पर प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, भाजपा के जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी, ग्रामीण अध्यक्ष कौशल शर्मा, पूर्व अध्यक्ष वेदप्रकाश शर्मा, पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, पूर्व विधायक मदन कुशवाह, मोहन सिंह राठौर, संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना, आईजी ग्वालियर अविनाश शर्मा, कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक अमित सांघी सहित विभागीय अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्मार्ट सिटी के कंट्रोल कमाण्ड सेंटर में स्मार्ट सिटी के द्वारा ग्वालियर संभाग की विभिन्न नदियों और बांधों की वर्तमान स्थिति तथा प्रभावित क्षेत्र के संबंध में तैयार किए गए प्रजेण्टेशन को भी देखा और स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक नदी एवं बांध की निरंतर मॉनीटरिंग की जाए। इसके साथ ही मौसम विभाग की सूचनाओं के आधार पर भी आगामी रणनीति बनाई जाए।सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर जिले के डबरा एवं भितरवार में जो ग्राम अति वर्षा से प्रभावित हुए हैं, वहां पर राहत सामग्री के साथ-साथ लोगों को बांस-बल्ली, तिरपाल, रस्सी आदि भी उपलब्ध कराई जाए ताकि वे अस्थायी रूप से अपने रहने की व्यवस्था कर सकें। जिन आवासों को नुकसान हुआ है उन्हें सरकार की ओर से आवास की उपलब्धता की दिशा में कार्य किया जा रहा है। प्रभावित व्यक्तियों को हुई क्षति के आंकलन का कार्य भी प्रशासन तत्परता से करें।संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना ने ग्वालियर संभाग के विभिन्न जिलों में अति वर्षा से हुए नुकसान और शासन-प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिला स्तर से और संभाग स्तर से भी निरंतर मॉनीटरिंग की जा रही है। ग्वालियर और मुरैना जिले से श्योपुर जिले के लिये राहत सामग्री के ट्रक निरंतर भेजे जा रहे हैं। आगे भी जो आवश्यकतायें होंगी उसकी पूर्ति की जायेगी।कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि भितरवार और डबरा में बाढ़ प्रभावित लोगों को सहायता उपलब्ध कराने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य केन्द्र भी प्रारंभ कर दिए गए हैं। खाद्यान्न की उपलब्धता भी सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा दिए गए निर्देश के परिपालन में प्रत्येक प्रभावित को 50-50 किलो खाद्यान्न नि:शुल्क उपलब्ध कराया गया है। नुकसान के आंकलन की दिशा में भी तेजी से कार्य किया जा रहा है।संबल योजना के तीन परिवारों को 4 – 4 लाख की सहायता ग्वालियर जिले में मोहना एवं भितरवार क्षेत्र में अति वर्षा के कारण तीन लोगों की मृत्यु हो जाने पर संबल योजना के तहत 4-4 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मृतकों के परिजनों को सहायता राशि के चैक वितरित किए। जिन प्रकरणों में सहायता राशि वितरित की गई है उनमें मोहना के मोनू राठौर और हेमंत शिवहरे तथा भितरवार क्षेत्र के लच्छी आदिवासी शामिल हैं। इन तीनों की अति वर्षा के कारण मृत्यु हो गई थी।
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8 August 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मध्यप्रदेश के किसान भाईयों की समस्याओं पर सवाल उठाते हुये कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार किसान भाईयों को परेशान करने का कोई मौका नही चूकती है ? कमलनाथ ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि आज किसान भाई को खेती के लिए यूरिया की आवश्यकता है और यूरिया नही मिल रहा है। किसान यूरिया के लिए दर-दर भटक रहा है, सोसायटियों से किसान बेरंग लौट रहा है। कही यूरिया मिल जाये तो किसानों को 268 रूपये के यूरिया की बोरी 600 से लेकर 800 रूपये तक में मिल रही है।यूरिया की जमकर कालाबाजारी हो रही है।यूरिया खरीदने के लिए किसानों को अन्य सामग्रीयां भी उसी दुकान से खरीदने को मजबूर किया जा रहा है ?पूर्व सीएम ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में मूंग का बम्पर उत्पादन हुआ है परन्तु आज किसान मूंग बेचने को परेशान हो रहा है। शिवराज सरकार रोज घोषणा करती है कि किसानों का एक-एक दाना खरीदा जायेगा ,पर केन्द्र सरकार द्वारा जो खरीदी के लिए कोटा दिया गया वो अपर्याप्त है? प्रदेश में 03 लाख से अधिक किसान भाईयों के पास लगभग 12 लाख मीट्रिक टन मूँग का उत्पादन हुआ है,जबकि सरकार पहले 1.34 लाख मीट्रिक टन और अब 2.47 लाख मीट्रिक टन खरीदने की बात कर रही है। आज तक के कोटे से किसानों का एक-एक दाना कैसे खरीदा जायेगा ?कमलनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसान भाईयों के फसलों के बीमें किये गये, प्रीमियम काटकर जमा किये गये, पर जब फसलें खराब हो गई तो बीमें की राशि का अता-पता नही? सरकार गत 02 वर्षो के बीमें की पूर्ण राशि उपलब्ध कराने में असफल रही है ? किसान भाई अपना क्लेम कर चुके है परन्तु क्लेम की राशि नही मिल रही है? सरकार प्रीमियम की राशि जमा करने का प्रचार तो करती रहती है परन्तु किसान भाईयों को क्लेम नही मिलने पर मौन बैठी रहती है ?प्रदेश में किसान भाईयों की मृत्यु होने पर उन्हे मंडी बोर्ड से 4 लाख सहायता राशि देने का प्रावधान है परन्तु यह राशि भी किसान भाईयों को नही मिल पा रही है ?कमलनाथ ने मांग करते हुए कहा कि मैं सरकार से आग्रह करता हॅू कि अपने वादे के मुताबिक किसानों से एक-एक दाना मूंग खरीदा जाये, इसके लिए कोटे को और बढ़ाया जाये ताकि किसान भाई फसल बेचने को परेशान न हो। किसान भाईयों को यूरिया और डीएपी नियत मूल्य पर सरलता से उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित किया जाये। काला बाजारी करने वाले पर कड़ी कार्यवाही की जाये, नकली खाद एवं नकली दवाईयों के संबंध में उत्पादक कम्पनियों पर कार्यवाही की जाये ताकि नकली एवं मिलावटी खाद एवं दवाईयों पर रोक लग सके। सरकार कुछ ऐसे कार्यवाही करे कि किसानों को वास्तविक राहत मिले। उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसान भाईयों के साथ खड़ी है और किसानों की मांगे पूरी न होने पर आन्दोलन भी करेगी।
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8 August 2021भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र कल यानी सोमवार शुरू हो रहा है। 12 अगस्त तक चलने वाले सत्र के सुचारू संचालन के लिए विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। सर्वदलीय बैठक में सदन के नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ सहित अन्य वरिष्ठ सदस्य मौजूद रहे। इस दौरान विधानसभा सचिवालय ने सदस्यों के उपयोग के लिए तैयार की गई। असंसदीय शब्द और वाक्यांश संग्रह पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। इस मौके पर सीएम शिवराज ने कहा कि विधानसभा में सत्र की कार्यवाही देखने कॉलेजों के बच्चे भी आते हैं, लेकिन विधानसभा की कार्यवाही देखकर निराश होते हैं। वहीं विधानसभा कार्यवाही को मच्छी बाजार समझा जाता है। विधानसभा कोई ईट गारों का भवन नहीं यह लोकतंत्र का मंदिर है। कई बार विस बहस के दौरान अपशब्द बोल जाते हैं। हमारी संस्कृति परंपराएं शिष्टाचार को महत्व देती है। कई शब्द तो हमें भी नहीं पता था कि यह असंसदीय हैं। आज इस पुस्तक को पढक़र पता चला। इस पहल पर सीएम शिवराज ने विधानसभा अध्यक्ष को धन्यवाद दिया। बता दें कि नए नियम के अनुसार अब विधानसभा सदस्य सदन में पप्पू, फेंकू, तड़ीपार, चोर, बंटाढार सहित ऐसे कई शब्दों का उपयोग नहीं कर सकेंगे। सूची में असंसदीय शब्दों और वाक्यांशों की संख्या 1560 है। 40 पेज की पुस्तिका में इन्हें शामिल किया गया है। ये ऐसे शब्द व वाक्यांश हैं जिन्हें पहली विधानसभा से लेकर पिछले विधानसभा सत्र तक कार्यवाही के दौरान विलोपित कराए गए हैं। संसदीय प्रथा के रक्षक हम सब: कमलनाथ कार्यक्रम में पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि अम्बेडकर जी ने संविधान समर्पित किया था। उसके मायने थे कि भारत का प्रजातंत्र विश्व में उदाहरण बने। प्रजातंत्र की नींव हमारी संसद और विधानसभा हैं। संसदीय प्रथा के रक्षक हम सब हैं। फिर ये असंसदीय प्रथा कैसे बढ़ती है। चार दिन की होगी कार्यवाही विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह के अनुसार, सत्र की अधिसूचना जारी होने से अब तक विधानसभा सचिवालय में कुल 1184 प्रश्नों की सूचना प्राप्त हुई है, जबकि ध्यानाकर्षण की 236, स्थगन प्रस्ताव की 17, शून्यकाल की 40, अशासकीय संकल्प की 14 एवं 139 अविलंवनीय लोक महत्व की चर्चा की आठ, याचिकाओं की 15 तथा शासकीय विधेयकों की तीन तथा लंबित विधेयकों की दो सूचनाएं प्राप्त हुई हैं।
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8 August 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अति वृष्टि और बाढ़ की स्थिति से प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करके ही हम चैन की साँस लेंगे। संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार हर बाढ़ प्रभावित के साथ है। गाँवों में जब तक घरों में भोजन बनाने की स्थिति नहीं बन जाती, तब तक भोजन प्रदाय की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्रत्येक प्रभावित परिवार को 50 किलो गेहूँ तत्काल प्रदान किया जाये। बिजली व्यवस्था को पुनर्स्थापित करने और मोबाइल नेटवर्क की पुनर्स्थापना को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। जिन परिवारों के घर ढह गए हैं उनके लिए छत की व्यवस्था करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री चौहान गुरुवार को ग्वालियर-चंबल संभाग के प्रभारी मंत्री, स्थानीय मंत्री, कमिश्नर एवं कलेक्टर्स के साथ राहत के संबंध में निवास से वीसी द्वारा चर्चा कर रहे थे। केन्द्र सरकार निरंतर जानकारी ले रही है उन्होंने कहा कि उप राष्ट्रपति एम. वैंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर स्थिति की सतत जानकारी ले रहे हैं। केंद्र से हरसंभव सहयोग प्राप्त हो रहा है। मोबाइल नेटवर्क तथा रेल मार्ग पुन: स्थापित करने में त्वरित रूप से सहायता प्राप्त हो रही है। राहत शिविरों में भोजन,पेयजल और उपचार की व्यवस्था हो मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राहत शिविरों में भोजन, पीने के पानी, पर्याप्त दवाओं, बीमार व्यक्तियों के परीक्षण और उपचार की व्यवस्था की जाए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि राहत शिविरों में बीमारी नहीं फैले। वर्चुअली सम्मिलित हुए मंत्री उन्होंने कहा कि सभी कलेक्टर तथा प्रशासनिक अमला पूर्ण दक्षता व युक्ति से राहत और बचाव कार्यों का क्रियान्वयन करें। यह परीक्षा की घड़ी है। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने दतिया, गुना, ग्वालियर, मुरैना, भिंड, शिवपुरी और शयोपुर की स्थिति की वर्चुअली जानकारी ली। ग्वालियर से ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, भिंड से सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदोरिया, मुरैना से उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह और शिवपुरी से खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया वीडियो कांफ्रेंस में वर्चुअली सम्मिलित हुए। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओ.पी.एस. भदौरिया ने भी कांफ्रेंस में भाग लिया। राहत और बचाव कार्य जारी वीडियो कांफ्रेंस में अवगत कराया गया कि एनडीईआरएफ की 3-3 टीमें क्रमश: शिवपुरी, मुरैना और भिंड में बचाव और राहत कार्य में जुटी हैं। वायु सेना के 5 हेलीकॉप्टर भी कार्यरत हैं। नावों से बचाव कार्य जारी है। आज प्रात: 5.30 बजे से आरंभ हुए बचाव कार्य में 221 लोगों को सुरक्षित स्थल पर पहुँचाया गया। एनडीईआरएफ, एसडीईआरएफ, बीएसएफ भी जिलों में लगातार बचाव के कार्य में लगी हैं। श्योपुर में तबाही अधिक मुख्यमंत्री ने कहा कि श्योपुर में बहुत अधिक तबाही हुई है। लोगों को सहायता की जरूरत है। ग्वालियर और मुरैना कलेक्टर, श्योपुर में व्यवस्थाएँ पुन: स्थापित करने और जन-सामान्य को भोजन, पेयजल, दवाएँ तथा अन्य आवश्यक राहत उपलब्ध कराने में हरसंभव मदद करें। हर दो घंटे में सूखी खाद्य सामग्री भेजना सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने सामाजिक संगठनों से भी सहयोग की अपील की। मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अवगत कराया कि ग्वालियर से भोजन के 5 हजार पेकेट श्योपुर भेजे जा रहे हैं। प्रभारी मंत्री आवश्यक समन्वय करें मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिन जिलों में बिजली की व्यवस्था प्रभावित हुई है, वहाँ आस-पड़ोस के जिलों से सहयोग लेकर व्यवस्था स्थापित की जाए। डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी आवश्यकता वाले राहत शिविरों में पहुँचाया जाए। प्रभारी मंत्री इन कार्यों के लिए आवश्यक समन्वय करें। अफवाह फैलाने वालों पर एफ.आई.आर. दर्ज की जाए गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि क्षेत्र में बांध टूटने की अफवाहों से लोगों में भय और भगदड़ का माहौल बनता है। अफवाहों पर नियंत्रण करने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएं। अफवाह फैलाने वालों पर एफ.आई.आर. दर्ज की जाए। मुख्यमंत्री ने कोटा बैराज की स्थिति, बांध से छोड़े जा रहे पानी और उसके भिंड एवं मुरैना में होने वाले संभावित प्रभाव की जानकारी भी ली। जिला कलेक्टरों ने दी जानकारी वीडियो कांफ्रेंस में श्योपुर कलेक्टर ने बताया कि प्रारंभिक आकलन के अनुसार 89 ग्राम के लगभग 19 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। अब तक 5 जनहानि की सूचना है। शिवपुरी में 200 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाने का कार्य जारी है। दतिया कलेक्टर ने अवगत कराया कि 36 गाँवों के 12 हजार परिवार प्रभावित हुए हैं। जिले में 8 राहत शिविर संचालित हैं। कुल 1165 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। बचाव कार्य पूरा हो गया है। ग्वालियर में 46 गांव प्रभावित हुए हैं और 7 केम्प में 1500 लोग मौजूद हैं। गुना में 27 और मुरैना में 15 केम्प संचालित हैं। जल-स्तर नीचे उतर रहा है।
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5 August 2021भोपाल। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से फोन पर बात कर मध्यप्रदेश में बाढ़ की स्थिति और राहत कार्यों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री चौहान ने बाढ़ पीड़ितों की चिंता करने पर उपराष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि -आज उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू जी से फोन पर बात कर मध्यप्रदेश में बाढ़ की स्थिति और राहत कार्यों की जानकारी दी। मैंने उन्हें अवगत कराया है कि श्योपुर, शिवपुरी, दतिया, भिंड और मुरैना ज़िले बाढ़ प्रभावित हैं। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में बीएसएफ, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और वायुसेना के हेलीकॉप्टरों की मदद से नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य जारी है। मध्यप्रदेश पुलिस और अन्य बचाव दल नागरिकों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का काम निरंतर कर रहे हैं। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे राहतकार्यों, राहत शिविरों की व्यवस्थाएं और अन्य बुनियादी व्यवस्थाओं से अवगत कराया है।मुख्यमंत्री चौहान ने अगले ट्वीट में कहा है कि उपराष्ट्रपति जी ने मध्यप्रदेश में बाढ़ पीड़ितों के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की है, जिसके लिए मैं उनका हृदय से आभारी हूँ।
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5 August 2021भोपाल। ओलंपिक खेलों में अपनी-अपनी टीमों की ओर से शानदार प्रदर्शन करने वाले हॉकी खिलाड़ियों विवेक सागर और नीलकांता शर्मा ने मध्यप्रदेश हॉकी अकादमी में प्रशिक्षण लिया है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इन दोनों ही खिलाड़ियों को एक-एक करोड़ रुपये की सम्मान निधि दिये जाने की घोषणा की है। भारत की पुरुष और महिला हॉकी टीमों में शामिल प्रदेश में प्रशिक्षित खिलाड़ियों के प्रदर्शन से खुश होकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने उन्हें एक-एक करोड़ रुपये दिये जाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ट्वीट करके कहा है कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो 2020 में सर्वश्रेष्ठ टीमों को हराया है। इटारसी के लाल विवेक सागर टीम का हिस्सा हैं, नीलकांता शर्मा ने मध्यप्रदेश हॉकी एकेडमी से ट्रेनिंग ली है। इन दोनों खिलाड़ियों को एक-एक करोड़ रुपये की सम्मान निधि मध्यप्रदेश सरकार प्रदान करेगी।
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5 August 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मध्यप्रदेश के निवासी भारतीय हॉकी टीम के सदस्य विवेक सागर को फोन कर श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री चौहान ने विवेक सागर से बातचीत करते हुए कहा, "टोक्यो ओलंपिक में आपके और भारतीय हाकी टीम के शानदार प्रदर्शन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं, मुझे आप पर गर्व है और पूरा विश्वास है कि भारतीय हाकी टीम निरंतर सफलताएँ अर्जित करेगी। आप खेलो और जीतो, मध्यप्रदेश की जनता की तरफ से बहुत बधाई।"मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की है कि होशंगाबाद जिले के निवासी विवेक सागर और अन्य खिलाड़ियों ने भारतीय हॉकी टीम के सदस्य के रूप में शानदार प्रदर्शन किया है। इसी सप्ताह विवेक सागर ने अर्जेंटीना के विरुद्ध हॉकी ओलंपिक मैच में गोल भी किया था, जिसके फलस्वरूप भारत की टीम विजयी रही। भारतीय टीम की विजय-यात्रा जारी है। विवेक सागर के अच्छे प्रदर्शन से भारतीय टीम 3 - 1 से विजयी होकर क्वार्टर फाइनल में पहुँची थी। अब भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुँच गई है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विवेक सागर ने मध्यप्रदेश का यश बढ़ाया है। प्रदेश में खिलाड़ियों के प्रोत्साहन की नीति से अनेक प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।
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2 August 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मध्यप्रदेश के निवासी भारतीय हॉकी टीम के सदस्य विवेक सागर को फोन कर श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए बधाई दी। मुख्यमंत्री चौहान ने विवेक सागर से बातचीत करते हुए कहा, "टोक्यो ओलंपिक में आपके और भारतीय हाकी टीम के शानदार प्रदर्शन के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं, मुझे आप पर गर्व है और पूरा विश्वास है कि भारतीय हाकी टीम निरंतर सफलताएँ अर्जित करेगी। आप खेलो और जीतो, मध्यप्रदेश की जनता की तरफ से बहुत बधाई।"मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की है कि होशंगाबाद जिले के निवासी विवेक सागर और अन्य खिलाड़ियों ने भारतीय हॉकी टीम के सदस्य के रूप में शानदार प्रदर्शन किया है। इसी सप्ताह विवेक सागर ने अर्जेंटीना के विरुद्ध हॉकी ओलंपिक मैच में गोल भी किया था, जिसके फलस्वरूप भारत की टीम विजयी रही। भारतीय टीम की विजय-यात्रा जारी है। विवेक सागर के अच्छे प्रदर्शन से भारतीय टीम 3 - 1 से विजयी होकर क्वार्टर फाइनल में पहुँची थी। अब भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुँच गई है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विवेक सागर ने मध्यप्रदेश का यश बढ़ाया है। प्रदेश में खिलाड़ियों के प्रोत्साहन की नीति से अनेक प्रतिभाएँ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं।
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2 August 2021भोपाल। वैराग्यानंद गिरी महाराज उर्फ मिर्ची बाबा पर रविवार देर रात 11 बजे नकाबपोश बदमाशों ने हमला कर दिया। बदमाशों ने जड़ेरूआ आश्रम से निकलते ही उन्हें घेर लिया। पहले कार पर डंडे और पथराव किया। इस दौरान कांच लगने से मिर्ची बाबा घायल हो गए। हमलावर बाबा को निशाना बनाते, उससे पहले उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई। मिर्ची बाबा पर हुए हमले को लेकर मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्षक कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकार पर सवाल उठाए है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि ‘शिवराज सरकार में अब साधु- संत भी सुरक्षित नही? धर्म गुरु महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्य नंद गिरी महाराज (मिर्ची बाबा) के ग्वालियर प्रवास के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा उनके वाहन पर हमला कर उन्हें नुक़सान पहुँचाने का प्रयास किया गया, जो अत्यंत निंदनीय है। मिर्ची बाबा लगातार गौ सेवा को लेकर कार्य कर रहे है। मैं सरकार से माँग करता हूँ कि घटना के दोषियों पर कड़ी कार्यवाही हो व मिर्ची बाबा को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए। बता दें कि स्वामी वैराग्यानंद गिरी महाराज उर्फ मिर्ची बाबा को कमलनाथ सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त था। मिर्ची बाबा काफी समय से ग्वालियर-चंबल अंचल में सक्रिय हैं और लगातार गायों को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं।
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2 August 2021भोपाल। मध्य प्रदेश में आनलाइन गेम कंपनियों को कानून के दायरे में लाया जाएगा। यह बात प्रदेश के गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा ने छतरपुर में आनलाइन गेम 'फ्री फायर' के कारण बच्चे की जान जाने के मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही। उन्होंने गेम कंपनियों के खिलाफ सख्ती बरतने की बात भी कही। मंत्री मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि छतरपुर में ऑनलाइन गेम "फ्री फायर" के कारण बच्चे की जान जाने की घटना दुखद है, पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। ऐसे गेम बनाने वाली कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए विधि विभाग के अफसरों से राय मशविरा कर रहा हूं। जल्द इन्हें कानून के दायरे में लाकर कार्रवाई करेंगे। गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि साइबर क्राइम को लेकर मध्य प्रदेश पुलिस पूरी तरह चौकस है। उसने इस तरह के अपराध में लिप्त कई गिरोहों का खुलासा कर उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता साइबर क्राइम को ध्वस्त करने की है। इसे अंजाम देने वाले तत्वों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। कांग्रेस पर साधा निशाना पीसीसी पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव के मैं सिंधिया नही हूँ वाले ट्वीट पर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि अरुण यादव जिस वर्ग से है उसका इतिहास संघर्ष का रहा है। कांग्रेस की मानसिकता ओबीसी समाज के विरोध की रही है। कांग्रेस में अरुण यादव और उनके पिताजी के साथ जिस तरीके का व्यवहार हुआ उससे ओबीसी के प्रति कांग्रेस की सोच उजागर होती है। वर्षों तक पीसीसी चीफ रहे अरुण यादव को अब लोकसभा उपचुनाव के टिकट के लिए लाइन में लगने को मजबूर किया जा रहा है।
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2 August 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर से उनके निवास पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ’’खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022’’ का आयोजन मध्यप्रदेश में कराने के लिए सैद्धांतिक सहमति देने पर आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय खेल मंत्री से मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में "खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022’’ के आयोजन की औपचारिक घोषणा करने के साथ ही भोपाल के टी.टी. नगर स्टेडियम में केन्द्रीय सहायता से नवनिर्मित मल्टी परपज हॉल को लोकार्पित करने का भी अनुरोध किया।चौहान ने बताया कि "खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022’’ के आयोजन के लिए चालू वित्त वर्ष में 45 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। आयोजन की तैयारी भोपाल में शुरू की जा चुकी है। टीटी नगर स्टेडियम भोपाल में मल्टीपरपज हॉल का निर्माण कार्य लगभग समापन की ओर है। इसमें केन्द्रीय खेल और युवा कार्यक्रम मंत्रालय से सहायता एवं सहयोग की अपेक्षा है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को खेल से जुड़े केन्द्र सरकार में लम्बित मध्यप्रदेश के 56.93 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को शीघ्र पारित करने का अनुरोध किया। इन प्रस्तावों में मुख्यत: इंदौर जिले में बीजल शूटिंग रेंज का निर्माण, शिवपुरी, रतलाम और इंदौर में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक का निर्माण, दमोह और आगर मालवा में स्पोर्ट्स काम्पलेक्स के निर्माण के प्रस्ताव है। केन्द्रीय मंत्री ठाकुर ने मुख्यमंत्री को ध्यानपूर्वक सुना और मंत्रालय द्वारा हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
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29 July 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर से उनके निवास पर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने ’’खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022’’ का आयोजन मध्यप्रदेश में कराने के लिए सैद्धांतिक सहमति देने पर आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय खेल मंत्री से मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में "खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022’’ के आयोजन की औपचारिक घोषणा करने के साथ ही भोपाल के टी.टी. नगर स्टेडियम में केन्द्रीय सहायता से नवनिर्मित मल्टी परपज हॉल को लोकार्पित करने का भी अनुरोध किया।चौहान ने बताया कि "खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022’’ के आयोजन के लिए चालू वित्त वर्ष में 45 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। आयोजन की तैयारी भोपाल में शुरू की जा चुकी है। टीटी नगर स्टेडियम भोपाल में मल्टीपरपज हॉल का निर्माण कार्य लगभग समापन की ओर है। इसमें केन्द्रीय खेल और युवा कार्यक्रम मंत्रालय से सहायता एवं सहयोग की अपेक्षा है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को खेल से जुड़े केन्द्र सरकार में लम्बित मध्यप्रदेश के 56.93 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को शीघ्र पारित करने का अनुरोध किया। इन प्रस्तावों में मुख्यत: इंदौर जिले में बीजल शूटिंग रेंज का निर्माण, शिवपुरी, रतलाम और इंदौर में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक का निर्माण, दमोह और आगर मालवा में स्पोर्ट्स काम्पलेक्स के निर्माण के प्रस्ताव है। केन्द्रीय मंत्री ठाकुर ने मुख्यमंत्री को ध्यानपूर्वक सुना और मंत्रालय द्वारा हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
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29 July 2021भोपाल। आज विश्व टाइगर दिवस है। इस अवसर पर टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रदेश की वाइल्डलाइफ टीम को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि टाइगर बचाने के लिए प्रदेश में हमारी वाइल्डलाइफ की टीम द्वारा किए गए कार्य अभिनंदनीय हैं। विशेष प्रयत्नों से बाघों की संख्या मध्यप्रदेश में लगातार बढ़ रही है। हम टाइगर स्टेट के रूप में कटिबद्ध हैं बाघों को बचाने के लिए भी और बढ़ाने के लिए भी। मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि -"टाइगर प्रकृति की अनमोल धरोहर के साथ ही हमारा राष्ट्रीय पशु और मध्य प्रदेश की शान भी हैं। सम्पूर्ण विश्व में टाइगर संरक्षण के क्षेत्र में हमारे प्रदेश ने एक विशेष पहचान स्थापित की है। इस विश्व टाइगर दिवस पर हम इनके संरक्षण के लिए प्रयास का संकल्प लें।" उन्होंने कहा कि -"टाइगर स्टेट आफ इंडिया के रूप में मध्यप्रदेश स्थापित है। मैं टाइगर पार्क और वाइल्डलाइफ से सम्बंधित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों सहित इस काम में लगी पूरी टीम को बधाई देता हूं। हमें भौतिक प्रगति और पर्यावरण में संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता है। टाइगर भी बचें और बाकी वन्यप्राणी भी स्वतंत्र विचरण करें, इससे प्रकृति का चक्र पूरा होता है। मध्यप्रदेश टाइगर्स को बचाने के साथ ही बढ़ाने के लिए भी कटिबद्ध है।"मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट किया है -"भवानी प्रसाद मिश्र जी ने कहा था, 'सतपुड़ा के घने जंगल, ऊंघते अनमने जंगल।' इन जंगलों में विशेष प्रयत्नों के द्वारा टाइगर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वाइल्डलाइफ के बिना हमारा जीवन अधूरा है, प्रकृति का चक्र ऐसा है कि टाइगर के बिना सृष्टि नहीं चल सकती है।"उन्होंने कहा कि-"टाइगर के संरक्षण के लिए प्रदेश में टाइगर पार्क और वाइल्डलाइफ की टीम द्वारा जो प्रयत्न किए गए हैं, वो अभिनंदनीय हैं। चाहे पन्ना में फिर से टाइगर बसाने का मामला हो, या सतपुड़ा टाइगर रिज़र्व, जिसकी अपनी एक अलग पहचान है। यह प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना है।"मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विश्व टाइगर दिवस के अवसर पर 'सतपुड़ा फील्ड गाइड' पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक से सफारी गाइड्स और नैचुरलिस्ट्स को वाइल्डलाइफ को समझने में मदद मिलेगी।
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29 July 2021भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ उपचुनाव की तैयारी को लेकर भोपाल में गुरुवार को एक बड़ी बैठक ली। बैठक को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि हमारे देश में संविधान में कई प्रकार के चुनाव होते हैं, लोकसभा के, विधानसभा के, नगरीय निकाय के, पंचायत के, वही उपचुनावों का भी अपना एक अलग ही मायना होता है। इससे ना सरकार बनती है, ना बिगड़ती है लेकिन उपचुनावों के परिणाम देश में, प्रदेश में एक संदेश के रूप में होते हैं। कमलनाथ ने इस अवसर पर कहा कि दो साल बाद प्रदेश में विधानसभा के चुनाव हैं, यह चारों उपचुनाव, उन चुनावों के लिए एक संदेश के रूप में होंगे। आज हमने यह महत्वपूर्ण बैठक चारों उपचुनावों की तैयारियों व रणनीति को लेकर बुलाई है। हम इन क्षेत्रों के सभी प्रमुख कांग्रेसजनों, कार्यकर्ताओं से राय मशवरा कर इन चुनावों की रणनीति को और यहां के प्रत्याशियो के नाम को अंतिम रूप देंगे। जो भी जीतने वाला योग्य उम्मीदवार होगा, उसे हम अपना प्रत्याशी बनाएंगे। जो भी प्रत्याशी पार्टी की तरफ़ से तय होगा, सभी कांग्रेस जन पूरी ताकत व एकजुटता से उसे जिताने के लिए मैदान में जुड़ जाये। जिस प्रकार दमोह में हमने उपचुनाव भारी मतों से जीता, वैसे ही हमें यह सभी उपचुनाव भी भारी मतों से जीतना है। दमोह का उपचुनाव हमारे संगठन ने, मंडल-बूथ-सेक्टर के कार्यकर्ताओं ने लड़ा। उस चुनाव की जीत मंडल-सेक्टर के कार्यकर्ताओं की जीत रही संगठन की जीत रही। पूर्व सीएम ने कहा कि मैं शुरू से ही कहता हूं कि हमारा मुकाबला भाजपा से नहीं बल्कि उसके संगठन से है। आज की राजनीति परिवर्तनशील व स्थानीय हो चली है। अब बड़ी-बड़ी आम सभाओं और रैलियों का समय गया, अब तो बूथ पर व जनता से सीधे जुड़ाव का समय है। जिसका जनता से सीधा जुड़ाव होगा, उसकी जीत सुनिश्चित है। हमें क्षमतावान लोगों की पहचान करना होगी, इन क्षेत्रों में मंडल-सेक्टर की इकाइयों में सभी योग्य, निष्ठावान लोगों का चयन हो, इस बात का आप सब लोग विशेष रुप से ध्यान रखें। हमें तेरा-मेरा नहीं देखते हुए सभी को साथ लेकर चलना है। केन्द्र- प्रदेश सरकार पर साधा निशाना बैठक को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने केन्द्र और प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज देश में मोदी सरकार, प्रदेश में शिवराज सरकार किस प्रकार से लोगों का दमन कर रही है। उनकी विफलताओं को हमें जनता के बीच में लेकर जाना होगा। किस प्रकार तीन काले कानूनों से किसानों को बर्बाद करने का काम किया जा रहा है, पेगासस जासूसी के माध्यम से लोगों की निजता हनन करने का काम किया जा रहा है। हम सरकार से इस पर चर्चा व जांच की मांग कर रहे लेकिन सरकार इससे पीछे भाग रही है। आज महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था, किसानों का शोषण जैसे प्रमुख मुद्दे हैं, हमें इन मुद्दों को लेकर जनता के बीच में जाना होगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हमने एकजुटता से लडक़र दमोह सीट जीती है, वैसे ही हमें यह चारों सीटें भी हर हाल में जितना है। इस महत्वपूर्ण बैठक में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव सुधांशु त्रिपाठी, सी पी मित्तल, कुलदीप इंदौरा, संजय कपूर, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया सहित कांग्रेस संगठन के प्रमुख पदाधिकारी गण, इन क्षेत्रों के प्रमुख नेता व कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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29 July 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिदिन पौधरोपण करने के संकल्प के क्रम में बुधवार को अपने होशंगाबाद संभाग के प्रवास के दौरान ग्राम धपाड़ा अंतर्गत बोरी रिसोर्ट परिसर में हर्र का पौधा रोपा। दरअसल, मुख्यमंत्री चौहान प्रतिदिन पौधा रोपण करने की घोषणा के बाद से नियमित रूप से प्रतिदिन पौधा रोपित कर रहे है। इसी अनुक्रम में उन्होंने यह पौधा रोपित किया।हर्र का पेड़ औषधिय रूप से बहुत उपयोगी है। इसके फल, छाल और गोंद को अस्थमा, पथरी, आंखों एवं दिल की बीमारियों में दवाई के रूप में इसका उपयोग किया जाता है। पके हुए फल को वायुनाशी और टॉनिक के रूप में उपयोग के साथ ही मुँह के छाले और पुराने अल्सर खाँसी, अस्थमा और मूत्र संबंधी विकारों में उपयोग किया जाता है।हर्र के उपयोग से त्रिफला बनाया जाता है, जो पेट की बीमारी के लिये उपयोग में लाया जाता है। इसकी जड़ का पेस्ट बनाकर आँखों में लेपन किया जाता है। आदिवासी क्षेत्र में लोग इसे खाँसी में इसके बिना भुने हुए फलों को चबाते है और इसके तने की छाल का रस पेट दर्द ठीक करने के लिए दिया जाता है।
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28 July 2021भोपाल। मंदसौर जिले के खकराई गांव में जहरीली शराब पीने से मौत हुई मौतों पर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस इस मामले में लगातार आक्रामक बनी हुई है। अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने इस मामले को लेकर आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा से इस्तीफा मांगा है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा से इस्तीफे की मांग की है। बुधवार को दिग्विजयसिंह ने ट्वीट कर कहा कि अवैध शराब का धंधा पुलिस और आबकारी विभाग के संरक्षण में चलता है और करोड़ों की रिश्वत प्रति माह वसूली जाती है। क्या आबकारी मंत्री जी को अपने ही निर्वाचन क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहे अवैध शराब के धंधे की जानकारी नहीं थी? क्या यह संभव है? क्या मंत्री जी को इस्तीफा नहीं देना चाहिए? इससे पहले एक और ट्वीट में दिग्विजयसिंह ने कहा कि प्रदेश में अवैध शराब का धंधा बहुत जोरों से चल रहा है। जनवरी 2021 में नूराबाद थाना मुरैना में 26 लोगों की जान गई। अब स्वयं आबकारी मंत्री के विधानसभा क्षेत्र मल्हारगढ़ में 11 लोगों की मौत का समाचार है। दिग्विजय से पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले में सरकार को घरते हुए जहरीली शराब पीने से मौतों के आंकड़े बढ़ने और आंकड़ों को छिपाने के आरोप लगाए थे।
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28 July 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में जहरीली शराब मामले में मौत पर राजनीति तेज हो गई है। मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मामले पर सरकार पर घेराव करते हुए एसआईटी का गठन करने और इन मौतों की निष्पक्ष जाँच करने की मांग की है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा शिवराज सरकार में प्रदेश में अवैध शराब बिक्री का जाल पूरे प्रदेश में फैलता जा रहा है। शराब माफिय़ाओ के हौसले बुलंद है। पूर्व में प्रदेश के उज्जैन, मुरैना, ग्वालियर, भिंड में हम ज़हरीली शराब से मौतों की घटनाएँ देख चुके है, अब मंदसौर में आबकारी मंत्री के क्षेत्र की घटना सामने है? प्रदेश के इंदौर, सनावद, खंडवा में भी कुछ लोगों की संदिग्ध मौतों की जानकारी सामने आयी है, सरकार इसको लेकर भी तत्काल एसआईटी का गठन करें, इन मौतों की भी निष्पक्ष जाँच हो। कमलनाथ ने कहा कि अब समय आ गया है कि शिवराज सरकार माफियाओं के खिलाफ़ अपने जुमले गाढ़ दूँगा, टांग दूँगा, लटका दूँगा पर कठोर तरीक़े से अमल करे। जिस तरह माफिय़ाओं को हमारी 15 माह की सरकार ने प्रदेश भर में नेस्तनाबूद किया था, वैसी ही कठोर कार्यवाही वर्तमान में भी हो।
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28 July 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में जहरीली शराब मामले में मौत पर राजनीति तेज हो गई है। मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मामले पर सरकार पर घेराव करते हुए एसआईटी का गठन करने और इन मौतों की निष्पक्ष जाँच करने की मांग की है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा शिवराज सरकार में प्रदेश में अवैध शराब बिक्री का जाल पूरे प्रदेश में फैलता जा रहा है। शराब माफिय़ाओ के हौसले बुलंद है। पूर्व में प्रदेश के उज्जैन, मुरैना, ग्वालियर, भिंड में हम ज़हरीली शराब से मौतों की घटनाएँ देख चुके है, अब मंदसौर में आबकारी मंत्री के क्षेत्र की घटना सामने है? प्रदेश के इंदौर, सनावद, खंडवा में भी कुछ लोगों की संदिग्ध मौतों की जानकारी सामने आयी है, सरकार इसको लेकर भी तत्काल एसआईटी का गठन करें, इन मौतों की भी निष्पक्ष जाँच हो। कमलनाथ ने कहा कि अब समय आ गया है कि शिवराज सरकार माफियाओं के खिलाफ़ अपने जुमले गाढ़ दूँगा, टांग दूँगा, लटका दूँगा पर कठोर तरीक़े से अमल करे। जिस तरह माफिय़ाओं को हमारी 15 माह की सरकार ने प्रदेश भर में नेस्तनाबूद किया था, वैसी ही कठोर कार्यवाही वर्तमान में भी हो।
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28 July 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर थमने के बाद सोमवार से स्कूल खोल दिये गए हैं। कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर अनेक विद्यालयों में ग्यारहवीं और बारहवीं की कक्षाएं आज से प्रारंभ हुईं। हालांकि अभिभावकों की लिखित अनुमति के बाद ही बच्चों को स्कूल में बुलाया जा रहा है। करीब डेढ़ साल बाद स्कूलों को खोला गया है। सोमवार को राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर के अधिकांश स्कूलों में कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र स्कूल पहुंचे। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रही लेकिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति से रौनक देखने को मिली। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के दौर में करीब डेढ़ साल से स्कूल बंद हैं। कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर छात्रों के शैक्षणिक सत्र पर पड़ा है। लंबे समय से छात्रों के स्कूल बंद हैं और पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से की जा रही है। इस साल की परीक्षाओं को भी कोरोना संकट को देखते हुए टालना पड़ा था। लंबे इंतजार के बाद भी जब कोरोना की स्थिति में सुधार होने पर राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने तीन दिन पहले राज्य के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में 26 जुलाई से कोरोना संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 11वीं और 12वीं की कक्षाएं प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे। आदेश के अनुसार सप्ताह में दो दिन 11वीं और 12वीं की कक्षाएं लगाने के लिए कहा गया है। बारहवीं के लिए सोमवार और गुरुवार के दिन और ग्यारहवीं के लिए मंगलवार एवं शुक्रवार के दिन निर्धारित किए गए हैं। विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए दूर दूर बैठाने के अलावा अन्य उपाय अपनाने के लिए भी कहा गया है। इसके अलावा अभिभावकों से बच्चों के संबंध में लिखित में अनुमति लेना भी आवश्यक किया गया है। इसके अलावा आगामी 05 अगस्त से नवीं और दसवीं की कक्षाएं प्रारंभ करने की योजना है।भोपाल और इंदौर समेत कई शहरों में स्कूलों के खोलने की अनुमति मिलने के बाद सोमवार से 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल खोले गए हैं। इस दौरान बच्चे स्कूल भी पहुंचे। कई जगह उपस्थित ठीक-ठाक रही तो कई जगह नहीं के बराबर छात्र स्कूल पहुंचे, जबकि कई स्कूल बंद ही रहे। बंद स्कूलों में छात्रों की ऑनलाइन क्लासेस जारी रही। पहले दिन स्कूलों में गेट पर ही छात्रों का तापमान जांचा गया और उसके बाद ही उन्हें अंदर प्रवेश दिया गया।पहले दिन स्कूल में शिक्षकों ने छात्रों का कोरोना काल को देखते हुए अनोखे तरीके से स्वागत किया। पारंपरिक मंत्रोच्चार के साथ ही शिक्षकों ने पहले दिन आने वाले छात्रों को मास्क और सैनिटाइजर बतौर उपहार दिया गया और उन पर फूल भी बरसाए गए। मॉडल स्कूल, भोपाल की प्राचार्य रेखा शर्मा ने बताया कि कोरोना गाइडलाइंस के मुताबिक फिलहाल स्कूलों में प्रार्थना सभा नहीं की जा रही है। इसलिए छात्रों को सीधे कक्षा में भेजा गया। कक्षाओं में छात्रों को दो गज की दूरी के साथ बैठाया गया। शिक्षकों ने उन्हें पढ़ाना भी शुरू कर दिया है।
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26 July 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर थमने के बाद सोमवार से स्कूल खोल दिये गए हैं। कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर अनेक विद्यालयों में ग्यारहवीं और बारहवीं की कक्षाएं आज से प्रारंभ हुईं। हालांकि अभिभावकों की लिखित अनुमति के बाद ही बच्चों को स्कूल में बुलाया जा रहा है। करीब डेढ़ साल बाद स्कूलों को खोला गया है। सोमवार को राजधानी भोपाल समेत प्रदेशभर के अधिकांश स्कूलों में कक्षा 11वीं और 12वीं के छात्र स्कूल पहुंचे। स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम रही लेकिन स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति से रौनक देखने को मिली। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी के दौर में करीब डेढ़ साल से स्कूल बंद हैं। कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर छात्रों के शैक्षणिक सत्र पर पड़ा है। लंबे समय से छात्रों के स्कूल बंद हैं और पढ़ाई ऑनलाइन माध्यम से की जा रही है। इस साल की परीक्षाओं को भी कोरोना संकट को देखते हुए टालना पड़ा था। लंबे इंतजार के बाद भी जब कोरोना की स्थिति में सुधार होने पर राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने तीन दिन पहले राज्य के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों में 26 जुलाई से कोरोना संबंधी सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 11वीं और 12वीं की कक्षाएं प्रारंभ करने के निर्देश दिए थे। आदेश के अनुसार सप्ताह में दो दिन 11वीं और 12वीं की कक्षाएं लगाने के लिए कहा गया है। बारहवीं के लिए सोमवार और गुरुवार के दिन और ग्यारहवीं के लिए मंगलवार एवं शुक्रवार के दिन निर्धारित किए गए हैं। विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए दूर दूर बैठाने के अलावा अन्य उपाय अपनाने के लिए भी कहा गया है। इसके अलावा अभिभावकों से बच्चों के संबंध में लिखित में अनुमति लेना भी आवश्यक किया गया है। इसके अलावा आगामी 05 अगस्त से नवीं और दसवीं की कक्षाएं प्रारंभ करने की योजना है।भोपाल और इंदौर समेत कई शहरों में स्कूलों के खोलने की अनुमति मिलने के बाद सोमवार से 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल खोले गए हैं। इस दौरान बच्चे स्कूल भी पहुंचे। कई जगह उपस्थित ठीक-ठाक रही तो कई जगह नहीं के बराबर छात्र स्कूल पहुंचे, जबकि कई स्कूल बंद ही रहे। बंद स्कूलों में छात्रों की ऑनलाइन क्लासेस जारी रही। पहले दिन स्कूलों में गेट पर ही छात्रों का तापमान जांचा गया और उसके बाद ही उन्हें अंदर प्रवेश दिया गया।पहले दिन स्कूल में शिक्षकों ने छात्रों का कोरोना काल को देखते हुए अनोखे तरीके से स्वागत किया। पारंपरिक मंत्रोच्चार के साथ ही शिक्षकों ने पहले दिन आने वाले छात्रों को मास्क और सैनिटाइजर बतौर उपहार दिया गया और उन पर फूल भी बरसाए गए। मॉडल स्कूल, भोपाल की प्राचार्य रेखा शर्मा ने बताया कि कोरोना गाइडलाइंस के मुताबिक फिलहाल स्कूलों में प्रार्थना सभा नहीं की जा रही है। इसलिए छात्रों को सीधे कक्षा में भेजा गया। कक्षाओं में छात्रों को दो गज की दूरी के साथ बैठाया गया। शिक्षकों ने उन्हें पढ़ाना भी शुरू कर दिया है।
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26 July 2021उज्जैन। मध्य प्रदेश की पूर्व सीएम और पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने पहले सावन सोमवार पर उज्जैन में बाबा महाकाल मंदिर में दर्शन किये। प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी नियम अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती बाबा का जलाभिषेक करने पहुंचीं। उमा भारती सुबह 9 बजे बाबा महाकाल के मंदिर पहुंचीं। उन्होंने करीब 30 मिनट गर्भगृह में बिताए। दर्शन करने के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए उमा भारती ने कहा कि मैं बाबा महाकाल की कृपा से ही उनके दर्शन करने आती हूं। मैं हमेशा बाबा से यही मांगती हूं कि मेरा जीवन व्यर्थ ना जाने देना। दूसरा कोरोना व अन्य सभी विप्पतियों से आतंकवाद से देश वासियों को छुटकारा मिले। इस अवसर पर उमा भारती ने मंदिर में आने वाले श्राद्धलुओं से खास अपील करते हुए कहा कि खुद नियमों को समझें। इतने सारे लोगों में एक-एक व्यक्ति को नहीं रोका जा सकता, इसलिए नियमों का उल्लंघन ना करें जितना हो उतना एहतियात बरतें। उमा ने कहा मेरे भाई सीएम शिवराज की अपील को मानें। जो लोग मंदिर नहीं पहुंच पा रहे हैं वो भी चिंता ना करे बाबा की कृपा सब पर बनी हुई है।
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26 July 2021भोपाल। प्रदेश में गरीबों के लिए खराब चावल की सप्लाई का मामला 10 महीने बाद फिर सामने आया है। जबलपुर से 2600 टन चावल पीडीएस के जरिए रतलाम भेजा गया है, जिसमें इल्ली, फंगस, घुन लगा हुआ है। जानकारों का कहना है कि ऐसा चावल तो मुर्गे के दाने के ही उपयोग का बचा होगा या फिर इसे जानवर खाएंगे। खराब चावल सप्लाई का मामला सामने आने के बाद राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने इस पूरे मामले पर सरकार पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि प्रदेश में पूर्व में भी सितंबर-2020 में गऱीबों को जानवरो के खाने योग्य चावल के वितरण का मामला केंद्रीय दल ने पकड़ा था और उस समय जिम्मेदारों ने तमाम जाँच व बड़ी-बड़ी घोषणाएँ व दावे किये थे? अब फिर प्रदेश में गरीबों को इल्ली- फंगस -घुन लगा चावल वितरण का मामला सामने आया है? आखिर शिवराज सरकार गरीबों को क्यों बार-बार मजाक उड़ा रही है? क्यों जानवरो के खाने लायक़ चावल को गऱीबों को वितरण के लिये भेजा जा रहा है? कमलनाथ ने मामले को गंभीर बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है, इसकी उच्च स्तरीय जाँच हो, यदि पूर्व में ही सरकार ने ठोस कदम उठा लिये होते तो इस पर रोक लग सकती थी लेकिन ऐसा लग रहा है कि ख़ुद शिवराज सरकार व जिम्मेदार इन कामों को खुला संरक्षण दे रहे है ?
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26 July 2021भोपाल। हटा के कांग्रेसी नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के मुख्य आरोपित पथरिया विधानसभा सीट से बसपा विधायक रामबाई के पति गोविन्द सिंह को तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी गई है। दरअसल, मृतक देवेंद्र चौरसिया के पुत्र सोमेश चौरसिया ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। जिसमें मांग की थी कि विधायक पति गोविंद सिंह पुराने जितने भी मामलों में जमानत पर चल रहा है, उसकी जमानत याचिका खारिज की जाए। पीड़ित के अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने द्वारा दायर इस याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। शीर्ष अदालत ने गोविन्द सिंह की जमानत याचिका रद्द कर दी। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए तल्ख टिप्पणी भी करते हुए कहा कि देश में ताकतवर लोगों के लिए अलग कानून नहीं होगा। साथ ही हाईकोर्ट से जमानत देने की भी निंदा करते हुए कहा कि निचली अदालतों के जजों को सुरक्षा देने की आवश्यकता है। गौरतलब है कि हटा के कांग्रेस नेता देवेन्द्र चौरसिया की हत्या के आरोप में बसपा विधायक रामबाई के पति गोविन्द सिंह लम्बे समय तक फरार रहे। कई दिनों ढूंढ़ने के बाद भी पुलिस गोविन्द सिंह को गिरफ्तार नहीं कर पाई। इसके बाद पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए 50 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया। इसके बाद गोविन्द सिंह ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था। इसके बाद से ही गोविन्द सिंह जेल में बंद हैं। गोविन्द सिंह ने अपनी जमानत की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थी। इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने जमानत देने से साफ इंकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने यह माना कि आरोपित को न्याय प्रशासन के लोग ही बचाने की कोशिश कर रहे हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और एमआर शाह की युगलपीठ ने आरोपित गोविन्द सिंह की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने कानूनी सिद्धांतों को गलत तरीके से लागू किया है।
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22 July 2021भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में देश के एक बड़े अखबार दैनिक भास्कर समूह के आधा दर्जन ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी को पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने चौथे स्तंभ को दबाने का प्रयास बताया है। आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग गुरुवार को तड़के से दैनिक भास्कर समूह के भोपाल, जयपुर, नोएडा, अहमदाबाद और मुंबई आदि शहरों में स्थित ठिकानों पर छापामार कार्रवाई कर रही है। दैनिक भास्कर के मालिकों के घरों और संस्थानों पर एक साथ आयकर विभाग की कार्रवाई फिलहाल जारी है। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि ‘मोदी सरकार में प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने और सच रोकने का काम शुरू से ही किया जा रहा है। अभी पेगासस जासूसी मामले में भी कई मीडिया संस्थान व उससे जुड़े लोग बड़ी संख्या में निशाने पर रहे हैं। अब सरकार की निरंतर पोल खोल रहे दैनिक भास्कर मीडिया समूह को दबाने का काम शुरू हो गया है। अपने विरोधियों को दबाने के लिये, सच को सामने आने से रोकने के लिये ईडी, आईटी व अन्य एजेंसियों का दुरुपयोग यह सरकार शुरू से ही करती रही है जो आज भी जारी है लेकिन सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर इस कार्रवाई को पत्रकारिता पर प्रहार बताया है। उन्होंने विश्वास जताया है कि दैनिक भास्कर के मालिक इस कार्रवाई से नहीं डरेंगे। राज्य सभा सांसद एवं सु्प्रीम कोर्ट के एडवोकेट विवेक तन्खा ने कहा कि इनकम टैक्स की कार्यवाही प्रेस की आज़ादी पर सीधा हमला है। प्रजातंत्र की मूल भावना के विपरीत इस कार्यवाही का संसद में और पब्लिक में पूरी ताकत से विरोध किया जायेगा।
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22 July 2021भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में देश के एक बड़े अखबार दैनिक भास्कर समूह के आधा दर्जन ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी को पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने चौथे स्तंभ को दबाने का प्रयास बताया है। आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग गुरुवार को तड़के से दैनिक भास्कर समूह के भोपाल, जयपुर, नोएडा, अहमदाबाद और मुंबई आदि शहरों में स्थित ठिकानों पर छापामार कार्रवाई कर रही है। दैनिक भास्कर के मालिकों के घरों और संस्थानों पर एक साथ आयकर विभाग की कार्रवाई फिलहाल जारी है। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि ‘मोदी सरकार में प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने और सच रोकने का काम शुरू से ही किया जा रहा है। अभी पेगासस जासूसी मामले में भी कई मीडिया संस्थान व उससे जुड़े लोग बड़ी संख्या में निशाने पर रहे हैं। अब सरकार की निरंतर पोल खोल रहे दैनिक भास्कर मीडिया समूह को दबाने का काम शुरू हो गया है। अपने विरोधियों को दबाने के लिये, सच को सामने आने से रोकने के लिये ईडी, आईटी व अन्य एजेंसियों का दुरुपयोग यह सरकार शुरू से ही करती रही है जो आज भी जारी है लेकिन सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर इस कार्रवाई को पत्रकारिता पर प्रहार बताया है। उन्होंने विश्वास जताया है कि दैनिक भास्कर के मालिक इस कार्रवाई से नहीं डरेंगे। राज्य सभा सांसद एवं सु्प्रीम कोर्ट के एडवोकेट विवेक तन्खा ने कहा कि इनकम टैक्स की कार्यवाही प्रेस की आज़ादी पर सीधा हमला है। प्रजातंत्र की मूल भावना के विपरीत इस कार्यवाही का संसद में और पब्लिक में पूरी ताकत से विरोध किया जायेगा।
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22 July 2021भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में देश के एक बड़े अखबार दैनिक भास्कर समूह के आधा दर्जन ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी को पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने चौथे स्तंभ को दबाने का प्रयास बताया है। आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग गुरुवार को तड़के से दैनिक भास्कर समूह के भोपाल, जयपुर, नोएडा, अहमदाबाद और मुंबई आदि शहरों में स्थित ठिकानों पर छापामार कार्रवाई कर रही है। दैनिक भास्कर के मालिकों के घरों और संस्थानों पर एक साथ आयकर विभाग की कार्रवाई फिलहाल जारी है। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि ‘मोदी सरकार में प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ को दबाने और सच रोकने का काम शुरू से ही किया जा रहा है। अभी पेगासस जासूसी मामले में भी कई मीडिया संस्थान व उससे जुड़े लोग बड़ी संख्या में निशाने पर रहे हैं। अब सरकार की निरंतर पोल खोल रहे दैनिक भास्कर मीडिया समूह को दबाने का काम शुरू हो गया है। अपने विरोधियों को दबाने के लिये, सच को सामने आने से रोकने के लिये ईडी, आईटी व अन्य एजेंसियों का दुरुपयोग यह सरकार शुरू से ही करती रही है जो आज भी जारी है लेकिन सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर इस कार्रवाई को पत्रकारिता पर प्रहार बताया है। उन्होंने विश्वास जताया है कि दैनिक भास्कर के मालिक इस कार्रवाई से नहीं डरेंगे। राज्य सभा सांसद एवं सु्प्रीम कोर्ट के एडवोकेट विवेक तन्खा ने कहा कि इनकम टैक्स की कार्यवाही प्रेस की आज़ादी पर सीधा हमला है। प्रजातंत्र की मूल भावना के विपरीत इस कार्यवाही का संसद में और पब्लिक में पूरी ताकत से विरोध किया जायेगा।
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22 July 2021भोपाल। पेगासस जासूसी मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी आक्रामक हो गई है और केन्द्र सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। इसी क्रम में मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए पेगासस मामले में सीधा जवाब मांगा है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि उसने इजराइली कंपनी से जासूसी के कार्य में उपयोग होने वाला 'पेगासस' का लायसेंस खरीदा है या नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई पत्रकारवार्ता में केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पेगासस मामले में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार सीधा जवाब दे। साथ ही उसको यह स्पष्ट करना चाहिए कि उसने पेगासस लायसेंस राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर खरीदा है या फिर अपनी सरकार के लिए। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पेगासस का लायसेंस खरीदा है और इसका उपयोग प्रमुख लोगों की जासूसी कराने के लिए हुआ है।कमलनाथ ने कहा कि पेगासस मामले में केंद्र सरकार और उससे जुड़े जिम्मेदार लोग गोलमोल जवाब दे रहे हैं, जबकि मामले में उन्हें जांच की पहल करना चाहिए। उन्होंने संकेत दिए कि आने वाले समय में इस मामले में और बड़े-बड़े खुलासे होंगे।पूर्व सीएम ने बढ़ती महंगाई को लेकर भी केन्द्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने महंगाई के लिए केन्द्र की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि उन्होंने कहा कि महंगायी के कारण मध्यम वर्गीय गरीब हो रहा है और गरीब की स्थिति और दयनीय होती जा रही है। आर्थिक गतिविधियां ठप होने से नौजवानों के समक्ष रोजगार के संकट आ गए हैं। वास्तव में रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने की आवश्यकता है।
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21 July 2021भोपाल। पेगासस जासूसी मामले को लेकर कांग्रेस पार्टी आक्रामक हो गई है और केन्द्र सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। इसी क्रम में मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए पेगासस मामले में सीधा जवाब मांगा है। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि उसने इजराइली कंपनी से जासूसी के कार्य में उपयोग होने वाला 'पेगासस' का लायसेंस खरीदा है या नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार को भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई पत्रकारवार्ता में केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पेगासस मामले में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार सीधा जवाब दे। साथ ही उसको यह स्पष्ट करना चाहिए कि उसने पेगासस लायसेंस राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर खरीदा है या फिर अपनी सरकार के लिए। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने पेगासस का लायसेंस खरीदा है और इसका उपयोग प्रमुख लोगों की जासूसी कराने के लिए हुआ है।कमलनाथ ने कहा कि पेगासस मामले में केंद्र सरकार और उससे जुड़े जिम्मेदार लोग गोलमोल जवाब दे रहे हैं, जबकि मामले में उन्हें जांच की पहल करना चाहिए। उन्होंने संकेत दिए कि आने वाले समय में इस मामले में और बड़े-बड़े खुलासे होंगे।पूर्व सीएम ने बढ़ती महंगाई को लेकर भी केन्द्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने महंगाई के लिए केन्द्र की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि उन्होंने कहा कि महंगायी के कारण मध्यम वर्गीय गरीब हो रहा है और गरीब की स्थिति और दयनीय होती जा रही है। आर्थिक गतिविधियां ठप होने से नौजवानों के समक्ष रोजगार के संकट आ गए हैं। वास्तव में रोजगार के अवसर मुहैया कराने के लिए आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने की आवश्यकता है।
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21 July 2021भोपाल। प्रदेश के नए राज्यपाल मंगुभाई पटेल से सोमवार को मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन तथा सदस्य मनोहर ममतानी एवं सरबजीत सिंह ने सौजन्य भेंट की। आयोग अध्यक्ष एवं सदस्य सोमवार सुबह राजभवन पहुंचे थे। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष, सदस्य एवं अन्य पदाधिकारी सोमवार को राज्यपाल से मिले। पदभार ग्रहण करने के बाद राज्यपाल मंगुभाई पटेल से आयोग के सभी पदाधिकारियों की यह पहली भेंट थी। इस अवसर पर आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जैन ने राज्यपाल पटेल को आयोग के समस्त कार्यकलापों एवं अन्य गतिविधियों से अवगत कराया।
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19 July 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सोमवार को चाचौड़ा से कांग्रेस विधायक और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह की पर्यावरण पर लिखी किताब का विमोचन किया। कमलनाथ के निवास पर हुए सादे कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सासंद दिग्विजय सिंह भी मौजूद रहे। किताब केे विमोचन अवसर पर कमलनाथ ने चुटकी लेते हुए कहा कि यदि यह किताब दिग्विजय सिंह पर लिखी होती तो सबसे ज्यादा बिकती। उन्होंने कहा कि पर्यावरण मेरा पसंदीदा विषय है। मैं खुद पर्यावरण मंत्री रह चुका हूं। इसलिए इसकी अहमियत जानता हूं। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री रहते अल्प समय में ही पर्यावरण संरक्षण को लेकर योजनाएं बनाई थी। अगली बार सरकार आने पर इन योजनाओं को क्रियान्वित किया जाएगा। बक्सवाहा में जंगल की कटाई पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि पर्यावरण के नजरिए से यह चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री था, तब मैंने यह जानकारी निकाली थी कि प्रदेश में कितनी नदियां और तालाब सूख गए हैं। इन्हें फिर से जीवित करने की जरुरत है। दिग्विजय ने कहा कि अगली बार सरकार आने पर इस पर गंभीरता से काम किया जाएगा।
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19 July 2021भोपाल। नवजोतसिंह सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर भाजपा नेताओं ने हमला बोलना शुरू कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश सह संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा एवं कृषि मंत्री कमल पटेल ने भी इसे लेकर सोशल मीडिया के जरिए निशाना साधा है। सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर तंज कसा है। विजयवर्गीय ने अपने ट्वीट में राहुल गांधी को कोट करते हुए लिखा है- उनका 'पप्पू' नाम देने वाले को पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने पर बधाई। यह वही सिद्धू हैं, जिन्होंने कहा था- 'कांग्रेस मुन्नी से भी ज्यादा बदनाम है।' हम क्या कहें ये किस्सा, उनका है ये वे ही जानें। वहीं, नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने पर मध्यप्रदेश भाजपा के सह सगंठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने भी तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि पप्पू और गप्पू की अब डबल इंजन की जोड़ी कांग्रेस मुक्त पंजाब का सपना साकार करेगी। ठोको ताली...। हितानंद शर्मा के इस ट्वीट को कृषि मंत्री कमल पटेल ने री-ट्वीट किया है। उन्होंने रिट्वीट करते हुए लिखा है- क्या बात है.... पप्पू और गप्पू के लिए ठोको ताली..।
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19 July 2021भोपाल। मप्र के विदिशा जिले में गंजबासौदा थाना क्षेत्र अंतर्गत लाल पठार गांव में हुए हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे पर राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने ट्वीट करते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश के विदिशा में हुए हादसे में अनेक लोगों की मृत्यु के हृदय विदारक समाचार से अत्यंत दुःख हुआ। मैं, दुर्घटना में फंसे लोगों के बचाव के प्रयासों की सफलता की कामना करता हूं और शोक संतप्त परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया है कि मध्य प्रदेश के विदिशा में हुए हादसे से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नेशनल रिलीफ फंड से जान गंवाने वालों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी। इधर, मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने री-ट्वीट करते हुए कहा है कि -राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी, आपकी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों को संबल और इस असीम दु:ख को सहने का सामर्थ्य प्रदान करेंगी। सम्पूर्ण मध्यप्रदेश शोकाकुल परिवारों के साथ है और इस पीड़ा से उनके शीघ्र उबरने की प्रार्थना करता है। सीएम शिवराज ने प्रधानमंत्री के ट्वीट को री-ट्वीट करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, आपकी इस संवेदनशीलता से नि:संदेह पीड़ित परिवारों को संबल मिलेगा। इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हम सब अथक और अविराम प्रयासों के बावजूद कई अमूल्य जिंदगियों को नहीं बचा सके। पीड़ित परिवारों के साथ पूरे प्रदेश के हर नागरिक की संवेदनाएं है।
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17 July 2021विदिशा/भोपाल। विदिशा जिले के गंजबासौदा थाना क्षेत्र के लाल पठार गांव में 10 साल के बच्चे की जान बचाने के चक्कर में 11 लोगों की जान चली गई। गंजबासौदा कुआं हादसे में 24 घंटे से अधिक चले राहत एवं बचाव कार्य में बचाव दल ने सभी 11 शव बरामद कर लिए हैं। एडीजीपी साईं मनोहर ने कुएं से 11 शव निकाले जाने की पुष्टि की है। इसके साथ ही घटनास्थल पर रेस्क्यू आपरेशन समाप्त कर दिया गया है। एडीजीपी के मुताबिक, गुरुवार देर शाम रवि अहिरवार नामक 10 वर्षीय बालक पानी भरने के दौरान कुएं में गिर गया था। जानकारी मिलने के बाद उसे बचाने के लिए कुएं पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। वजन बढ़ने से कुएं का किनारा धंस गया। जिससे 30 ग्रामीण मलबे समेत कुएं में गिर गए। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस एवं बचाव दल मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू शुरू किया। यह रेस्क्यू शुक्रवार देर रात तक जारी रहा। इस दौरान कुएं से 11 लोगों के शव बरामद हुए। विदिशा कलेक्टर डॉ. पंकज जैन ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य के दौरान शुरुआत में ही 20 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था, जबकि शुक्रवार रात करीब 10.30 बजे तक चले रेस्क्यू में 11 लोगों के शव बरामद हुए हैं। इनमें दो शव गुरुवार रात 2 बजे, तीसरा शव रात 3:30 बजे, चौथा शव शुक्रवार सुबह 6 बजे, पांचवां शव दोपहर 3:30 बजे, छठवां शव शाम 7 बजे, आठवां व नौवां शव शाम 7:30 बजे और 10वां शव रात 10 बजे और आखिरी 11वां शव रात करीब सवा 10 बजे कुएं से निकाला गया। इसके बाद रेस्क्यू समाप्त कर दिया गया।मृतकों में संदीप (18) पुत्र अखिलेश खंगार, शुभम (18) पुत्र सुनील बाल्मीकि, सुनील (40) पुत्र सुभान बाल्मीकि, विक्की नाथ (25) पुत्र शिवनाथ, दीनू (26) पुत्र धन सिंह परिहार, नरेश (35) पुत्र रतिराम नाथ, गोविन्द (32) पुत्र करण सिंह कुशवाह, 40 वर्षीय नारायण कुशवाह, पवन (18) पुत्र बालकिशन लोधी और 15 वर्षीय कृष्ण गोपाल (बिट्टू) के अलावा आखिरी शव उस 10 वर्षीय बालक रवि पुत्र उमकार अहिरवार का है, जो पानी भरते समय कुएं में जा गिरा था और उसके कुएं में गिरने की खबर के बाद ग्रामीण घटनास्थल पर एकत्रित हुए थे।इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार देर रात ट्वीट करते हुए कहा है कि गंजबासौदा का 24 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त हो गया है। कुएं से 11 पार्थिव शरीर निकाले गये हैं। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। दु:ख की इस घड़ी में हम शोकाकुल परिवार के साथ हैं। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामवासी, विश्वास सारंग जी, गोविंद सिंह राजपूत जी, आईजी, कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी व पूरी NDRF, SDRF, प्रशासकीय टीम ने अथक परिश्रम किया। हम सब पीड़ित परिवारों के साथ हैं और उनकी हरसंभव सहायता की जायेगी। मैंने मौके पर टीम से वीडियो कॉल से बात की और ऑपरेशन का जायजा लिया। अब 24 घंटे के बाद ऑपरेशन समाप्त किया है लेकिन बैरिकेड लगाकर कोई क्लेम हो, तो और दो दिन हम देखेंगे।
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17 July 2021विदिशा/भोपाल। विदिशा जिले के गंजबासौदा थाना क्षेत्र के लाल पठार गांव में 10 साल के बच्चे की जान बचाने के चक्कर में 11 लोगों की जान चली गई। गंजबासौदा कुआं हादसे में 24 घंटे से अधिक चले राहत एवं बचाव कार्य में बचाव दल ने सभी 11 शव बरामद कर लिए हैं। एडीजीपी साईं मनोहर ने कुएं से 11 शव निकाले जाने की पुष्टि की है। इसके साथ ही घटनास्थल पर रेस्क्यू आपरेशन समाप्त कर दिया गया है। एडीजीपी के मुताबिक, गुरुवार देर शाम रवि अहिरवार नामक 10 वर्षीय बालक पानी भरने के दौरान कुएं में गिर गया था। जानकारी मिलने के बाद उसे बचाने के लिए कुएं पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। वजन बढ़ने से कुएं का किनारा धंस गया। जिससे 30 ग्रामीण मलबे समेत कुएं में गिर गए। सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस एवं बचाव दल मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू शुरू किया। यह रेस्क्यू शुक्रवार देर रात तक जारी रहा। इस दौरान कुएं से 11 लोगों के शव बरामद हुए। विदिशा कलेक्टर डॉ. पंकज जैन ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य के दौरान शुरुआत में ही 20 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था, जबकि शुक्रवार रात करीब 10.30 बजे तक चले रेस्क्यू में 11 लोगों के शव बरामद हुए हैं। इनमें दो शव गुरुवार रात 2 बजे, तीसरा शव रात 3:30 बजे, चौथा शव शुक्रवार सुबह 6 बजे, पांचवां शव दोपहर 3:30 बजे, छठवां शव शाम 7 बजे, आठवां व नौवां शव शाम 7:30 बजे और 10वां शव रात 10 बजे और आखिरी 11वां शव रात करीब सवा 10 बजे कुएं से निकाला गया। इसके बाद रेस्क्यू समाप्त कर दिया गया।मृतकों में संदीप (18) पुत्र अखिलेश खंगार, शुभम (18) पुत्र सुनील बाल्मीकि, सुनील (40) पुत्र सुभान बाल्मीकि, विक्की नाथ (25) पुत्र शिवनाथ, दीनू (26) पुत्र धन सिंह परिहार, नरेश (35) पुत्र रतिराम नाथ, गोविन्द (32) पुत्र करण सिंह कुशवाह, 40 वर्षीय नारायण कुशवाह, पवन (18) पुत्र बालकिशन लोधी और 15 वर्षीय कृष्ण गोपाल (बिट्टू) के अलावा आखिरी शव उस 10 वर्षीय बालक रवि पुत्र उमकार अहिरवार का है, जो पानी भरते समय कुएं में जा गिरा था और उसके कुएं में गिरने की खबर के बाद ग्रामीण घटनास्थल पर एकत्रित हुए थे।इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार देर रात ट्वीट करते हुए कहा है कि गंजबासौदा का 24 घंटे का रेस्क्यू ऑपरेशन समाप्त हो गया है। कुएं से 11 पार्थिव शरीर निकाले गये हैं। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। दु:ख की इस घड़ी में हम शोकाकुल परिवार के साथ हैं। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं।मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामवासी, विश्वास सारंग जी, गोविंद सिंह राजपूत जी, आईजी, कमिश्नर, कलेक्टर, एसपी व पूरी NDRF, SDRF, प्रशासकीय टीम ने अथक परिश्रम किया। हम सब पीड़ित परिवारों के साथ हैं और उनकी हरसंभव सहायता की जायेगी। मैंने मौके पर टीम से वीडियो कॉल से बात की और ऑपरेशन का जायजा लिया। अब 24 घंटे के बाद ऑपरेशन समाप्त किया है लेकिन बैरिकेड लगाकर कोई क्लेम हो, तो और दो दिन हम देखेंगे।
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17 July 2021इंदौर। पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता सज्जनसिंह वर्मा ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है। उन्होंने गडकरी को सबसे सफल मंत्री बताते हुए लिखा है कि हमारे क्षेत्र में आपके अधिकारी भ्रष्टाचार कर रहे हैं। वर्मा ने अपने पत्र में देवास जिले में फोरलेन के चौड़करण में की जा रही अनियमितताओं की जानकारी भी दी है। पूर्व मंत्री वर्मा ने गडकरी की तारीफ करते हुए पत्र में लिखा है कि आप भारत सरकार के सफलतम मंत्रियों में से एक हैं, आप पारदर्शिता के साथ काम करने में विश्वास रखते हैं। मुझे उम्मीद है कि सबसे सफल मंत्री के नाते आपके विभाग की छवि को धूमिल करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई कर ग्रामीणों को न्याय दिलाएंगे। उन्होंने लिखा है कि मध्यप्रदेश के देवास में नेशनल हाइवे 7 के फोरलेन चौड़ीकरण में अधिग्रहण किए गए मकान और जमीन के अवार्ड में अधिकारियों द्वारा भारी अनियमितता और भ्रष्टाचार किया जा रहा है। आप (नितिन गडकरी) पारदर्शिता के साथ काम करने में विश्वास रखते हैं। आपने पहले भी मेरे पीडब्लूडी मंत्री रहते हुए निवेदन पर देवास जिले के लिए करोड़ों रुपए की सौगात जिसमें सिक्स लेन, फोरलेन सड़क एवं ओवर ब्रिज दी है। वर्मा ने पत्र में कहा है कि वर्तमान में आपके रहते आपके मंत्रालय के द्वारा जारी की गई अवार्ड राशि को लेकर स्थानीय अधिकारियों द्वारा भारी भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की शिकायत देवास जिले के ग्राम गुराड़िया, दुलवा, रामनगर तहसील खातेगांव एवं ग्राम मनासा तह कन्नौद के लोगों द्वारा आपके नाम पत्र (ज्ञापन) मुझे सौंपा है। इस संबंध में ग्रामीण पिछले कई दिनों से आंदोलन भी चला रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि भारत सरकार के सबसे सफल मंत्री के नाते आपके विभाग की छवि को धूमिल करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों को न्याय दिलाएंगे।
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16 July 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने विदिशा जिले के गंजबासौदा में भरभरा का कुंए में कई लोगों के गिरने की घटना पर दुख जताया है। उन्होंने मृतकों की आत्म शांति की प्रार्थना करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। साथ ही कमलनाथ ने इस घटना को लेकर शिवराज सरकार पर सवाल उठाए है? कमलनाथ ने कहा कि इस घटना की शुरुआत शाम 6:10 पर एक 13 वर्ष के रवि अहिरवार नाम के एक बालक के इस गहरे कुएं में गिरने से हो चुकी थी। क्षेत्रीय ग्रामीणजनों ने व जिम्मेदार लोगों ने पुलिस कंट्रोल से लेकर क्षेत्र के प्रशासन के व पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों को इस घटना की सूचना देने के लिये कई फोन लगाए लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी से बात तक नही हो पायी? यदि उसी समय कुंए के आसपास मौजूद भीड़ को हटा दिया जाता तो इस घटना को रोका जा सकता था? थोड़ी देर बाद भीड़ के दबाव से इस कुएं की मुंडेर धसने से कई लोग गहरे पानी में गिर गए? पूर्व सीएम ने कहा कि प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी उस समय कहीं और व्यस्त रहे? घटनास्थल पर जिम्मेदार प्रशासन के आला अधिकारी काफ़ी देरी से पहुंचे, एसडीआरएफ़ का दल भी रात 10:00 बजे के आसपास मौके पर पहुंचा, जिसके कारण राहत कार्य काफ़ी देरी से शुरू हुआ, तब तक क्षेत्रीय ग्रामीण जन खुद अपने स्तर पर बचाव कार्य करते रहे ? कमलनाथ ने कहा कि क्षेत्र में पानी के संकट के कारण लोग इसी जर्जर कुए से पानी लेने को मजबूर थे, इसकी जगत काफी क्षति ग्रस्त व जर्जर हो चुकी थी, इसकी मरम्मत की मांग भी कई बार उठी लेकिन जिम्मेदार लोगों ने इस पर ध्यान नहीं दिया ? राहत कार्य देरी से प्रारंभ होने के कारण कई लोगों को बचाया नही जा सका, अभी भी कुछ शव मिल चुके हैं और कई अभी भी लापता है ? उन्होंने आश्चर्य जताते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद घटनास्थल से काफ़ी करीब होने के बावजूद, विदिशा जिले में ही होने के बावजूद ना रात में घटनास्थल पर पहुंचे और ना अभी तक पहुँचे ? यह बेहद गंभीर मामला है कि प्रशासन के आला अधिकारी कही और व्यस्त होने के कारण व बचाव दल की टीम भी काफी देरी से घटनास्थल पर पहुंची ? कमलनाथ ने मांग करते हुए कहा कि मैं शिवराज सरकार से मांग करता हूं कि प्रत्येक मृतक के परिवार को 15 लाख रुपए की सहायता राशि, प्रत्येक घायल को 2 लाख रुपये की सहायता राशि और मृतक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए, सभी घायलों का सरकारी खर्च पर समुचित इलाज करवाया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस घटना की जांच को लेकर कांग्रेस की एक जांच टीम बनाई है ,जो मौके पर जाकर पूरी जांच कर अपनी रिपोर्ट मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगी।
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16 July 2021विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के गंजबासौदा में गुरुवार रात बड़ा हादसा हो गया। यहां लाल पठार गांव में एक कुएं में बच्चे के गिरने के बाद उसे निकालने पहुंचे लोगों की भीड़ की वजह से कुआं धंस गया, जिसके चलते कई लोग अंदर जा गिरे। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम ने रात में ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया और शुक्रवार सुबह तक 20 लोगों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। कुएं से अभीतक 4 लोगों के शव निकाले गए हैं। अभी भी कई लोग लापता हैं। हादसा गुरुवार रात उस वक्त हुआ जब गांव के संदीप परिहार नामक बच्चे की कुएं में गिरने की सूचना पर बड़ी संख्या में ग्रामीण उसे निकालने के लिए कुएं की छत पर खड़े हो गए। जिससे कुएं की छत भरभरा कर गिर गई और कई लोग कुएं में गिर गए। तकरीबन 30 फीट गहरे कुएं में 10-15 फीट तक पानी था। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन के तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचे जेसीबी समेत अन्य मशीनों के जरिए राहत और बचाव कार्य शुरू किया। कमिश्नर कवींद्र कियावत के साथ ही पुलिस महानिरीक्षक साई मनोहर भी मौके पर पहुंच गए थे। उधर, रात तकरीबन 11 बजे राहत कार्य में लगा एक ट्रैक्टर भी जमीन के धंसने से गिर गया। देर रात तक कुएं का पानी निकालने की कवायद की गई। कुएं के पास से जेसीबी की मदद से नाली खोदी गई है। रात डेढ़ बजे कुएं का दस फीट पानी बाहर निकालने के बाद एनडीआरएफ की टीम कुएं में उतरी। कुएं में अब भी करीब 10 फीट पानी बचा है। कुएं में गिरा ट्रैक्टर निकाल लिया गया। आधिकारिक तौर पर कोई भी यह बताने को तैयार नहीं है कि कुएं के पास कितने लोग जमा थे और कितने लोग कुएं में गिर गए। अबतक चार शव मौके से निकाले गए हैं। सूत्रों के अनुसार करीब एक दर्जन लोग मलबे में दबे हो सकते हैं। बताया जाता है कि कुएं को खाली करते समय कुएं की दीवार भी धंस जाने से बचाव कार्य काफी प्रभावित हुआ। बचाव कार्य में लगे होमगार्ड के दो जवान, ट्रैक्टर और डीजल पंप भी कुएं में गिर गए। हालांकि दोनों होमगार्ड जवानों को निकाल लिया गया है। सीएम ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा में अपनी गोद ली हुई बेटियों की शादी के मौके पर मौजूद थे इसलिए उन्होंने विवाह स्थल को ही कंट्रोल रूम बना दिया। हादसे के तुरंत बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तमाम बड़े अधिकारियों से बात कर राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने के लिए कहा। शुक्रवार सुबह सीएम ने मृतकों के परिवार वालों को 5 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार की सहायता का ऐलान किया है। सीएम ने कहा कि घटना की सतत निगरानी की जा रही है। सीएम शिवराज ने मामले की जांच के आदेश देते हुए प्रभावितों को हरसंभव मदद की बात कही है। वहीं, विदिशा जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग भी मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भोपाल से मौके पर पहुंचे और लगातार राहत और बचाव कार्य निगरानी करते रहे। सरपंच ने बताई आंखो देखी ग्राम पंचायत स्वरूपनगर के सरपंच अमरसिंह कुशवाह ने बताया कि गुरुवार शाम को पानी भरने के लिए गया एक बालक संदीप परिहार कुएं में गिर गया था। उसे निकालने के लिए करीब 50 से अधिक लोग कुएं पर पहुंच गए। कुशवाह के मुताबिक इस कुएं पर लोहे की गाटर डालकर सीमेंट की छत डाल दी गयी थी। कुएं में सिर्फ बीच का हिस्सा खुला रहता था। बच्चे को निकालने पहुंचे लोग गाटर की इस छत पर चढ़ गए। भीड़ के दबाव के कारण दोनों तरफ की छत कुएं में गिर गई। इसके चलते छत पर खड़े लोग भी कुएं के पानी में जा गिरे। सरपंच के मुताबिक यह कुआं करीब 30 फीट गहरा है। जिसमें करीब 20 फीट तक पानी भरा हुआ था।
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16 July 2021रायसेन। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने गुरुवार को रायसेन में महात्मा गॉधी वृद्धाश्रम पहुंचकर वृद्धजनों के साथ अपना जन्मदिन मनाया। उन्होंने वृद्धजनों को शाल, श्रीफल तथा फल वितरित किए एवं उनसे चर्चा करते हुए व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। स्वास्थ्य मंत्री डॉ चौधरी ने वृद्धाश्रम में पार्क सहित अन्य निर्माण कार्यों का जायजा लिया। इस अवसर पर सॉंची जनपद अध्यक्ष एस मुनियन, कलेक्टर उमाशंकर भार्गव तथा जिला पंचायत सीईओ पीसी शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। स्वास्थ्य मंत्री ने गौशाला में किया पौधरोपण स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने अपने जन्मदिन पर रायसेन में वार्ड क्रमांक-01 नरापुरा स्थित गौशाला पहुंचकर पूजा-अर्चना की तथा गायों को चारा खिलाया। उन्होंने गौशाला में भ्रमण कर व्यवस्थाओं तथा निर्माण कार्यो का जायजा लिया। साथ ही गौशाला में गायों की संख्या, उनके चारा-पानी सहित अन्य व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने गौशाला परिसर में पौधरोपण किया तथा लोगों से भी अधिक से अधिक संख्या में पौधरोपण करने की अपील की। स्वास्थ्य मंत्री ने जिला चिकित्सालय का किया निरीक्षण, बेहतर इंतजाम करने के निर्देश स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने गुरुवार को जिला चिकित्सालय का भ्रमण कर स्वास्थ्य सेवाओं, उपचार सहित अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने जिला चिकित्सालय में निर्माणाधीन ऑक्सीजन प्लॉंट सहित अन्य निर्माण कार्यों का भी जायजा लेते हुए जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूर्ण कराने के निर्देश सीएमएचओ डॉ दिनेश खत्री तथा सिविल सर्जन डॉ ए.के. शर्मा को दिए।स्वास्थ्य मंत्री ने जिला चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान पुरुष वार्ड, महिला वार्ड, शिशु वार्ड, प्रसूति वार्ड सहित अन्य वार्डों में जाकर मरीजों से चर्चा की तथा उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। उन्होंने मरीजों से चिकित्सकों के वार्डो में भ्रमण, स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार सहित अन्य इंतजामों की जानकारी ली। शिशु वार्ड के निरीक्षण के दौरान उन्होंने भर्ती शिशुओं की माताओं से शिशुओं के स्वास्थ्य, उन्हें नियमित गुणवत्तापूर्ण आहार मिलने के संबंध में जानकारी ली। स्वास्थ्य मंत्री द्वारा मरीजों को फल भी वितरित किए गए। स्वास्थ्य मंत्री डॉ चौधरी ने सीएमएचओ डॉ खत्री तथा सिविल सर्जन डॉ शर्मा को और बेहतर इंतजाम करने, साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यहां आने वाले मरीजों की नियमित जॉच करने के साथ ही उनका समुचित उपचार किया जाए।
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15 July 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई छगनभाई पटेल ने गुरुवार को अपने नई दिल्ली प्रवास के दौरान राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से सौजन्य भेंट की। जनसम्पर्क अधिकारी अजय वर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश के राज्यपाल का पदभार ग्रहण करने के बाद मंगूभाई छ. पटेल की राष्ट्रपति कोविन्द से यह पहली मुलाकात है। इस अवसर पर राष्ट्रपति कोविंद ने राज्यपाल पटेल को भारतीय संविधान की प्रति भेंट की।
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15 July 2021भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विश्व युवा कौशल दिवस पर राष्ट्र को संबोधित किया गया। इस पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमारे युवा साथी देश के भविष्य के निर्माता हैं। प्रधानमंत्री मोदी के सपनों के भारत का निर्माण करने में युवा शक्ति का सबसे बड़ा योगदान होगा। दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर राष्ट्र के संबोधित किया। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के युवाओं का स्किल डवलपमेंट, एक राष्ट्रीय जरूरत है, आत्मनिर्भर भारत का बहुत बड़ा आधार है। बीते 6 वर्षों में जो आधार बना, जो नए संस्थान बने, उसकी पूरी ताकत जोड़कर हमें नए सिरे से स्किल इंडिया मिशन को गति देनी है।मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री के संबोधन को री-ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रया देते हुए कहा, "हमारा देश दुनिया को स्मार्ट और स्किल्ड मैनपावर सॉल्यूशन्स दे सके, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार आवश्यक कदम उठा रही है। पिछले 6 वर्षों में कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के माध्यम से असंख्य युवाओं के कौशल को विकसित किया गया है।"शिवराज ने सिलसिलेवार ट्वीट के माध्यम से कहा है, हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के सपनों के भारत का निर्माण करना है, जिसमें युवा शक्ति का सबसे बड़ा योगदान होगा। इसी दृष्टि से हमने मध्यप्रदेश में 'ग्लोबल स्किल्स पार्क' की स्थापना की है जिसका लाभ युवाओं को मिलेगा और वे आत्मनिर्भर बनेंगे। मैं चाहता हूँ कि मध्यप्रदेश के युवा रोज़गार लेने वाले नहीं, बल्कि रोज़गार देने वाले बनें। उन्होंने कहा कि हमने स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत उद्यमिता के विकास के लिए स्टार्टअप इन्क्यूबेशन सेंटर्स स्थापित किये हैं। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत 27,000 से अधिक युवाओं को कौशल प्रशिक्षण मिला है। हमारे युवा साथी देश के भविष्य के निर्माता हैं। उनके हाथों में कौशल दे दिया जाए तो वे असंभव को भी संभव कर सकते हैं। आज विश्व युवा कौशल दिवस पर मैं मध्यप्रदेश के सभी युवा साथियों को शुभकामनाएँ देता हूँ और आश्वस्त करता हूँ कि आपके कौशल विकास के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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15 July 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित हाईस्कूल सर्टिफिकेट (10वीं) परीक्षा और हाईस्कूल (अंध, मूक बधिर श्रेणी) के परीक्षा परिणाम बुधवार, 14 जुलाई को शाम 4 बजे घोषित किए जाएंगे। मंडल ने विद्यार्थी और अभिभावकों के लिए विभिन्न पोर्टल के माध्यम से परीक्षा परिणाम जानने की सुविधा उपलब्ध करायी है। जनसम्पर्क अधिकारी अनुराग उइके ने सोमवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि विद्यार्थी और अभिभावक एमपी बोर्ड के पोर्टल https://mpbse.mponline.gov.in, www.mpbse.nic.in और www.mpresults.nic.in समेत अन्य मीडिया प्लेटफार्म पर परीक्षा परिणाम देश सकते हैं।मोबाइल एप पर देखे परीक्षा परिणामसभी विद्यार्थी MPBSE MOBILE ऐप या MP Mobile ऐप पर 'Know Your Result' का चयन करने के बाद अपना अनुक्रमांक और आवेदन क्रमांक दर्ज कर परीक्षा परिणाम जान सकेंगे।
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12 July 2021भोपाल। जम्मू कश्मीर में चल रही आतंकी गतिविधियों और उत्तर प्रदेश में पकड़े गए आतंकवादियों के मद्देनजर पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया गया है कि पूरे प्रदेश में रेड अलर्ट जारी कर करने संबंधी आदेश जारी करें। इस संबंध में सोमवार को गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने डीजीपी को निर्देश दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आतंकी घटना की साजिश के खुलासे के चलते मध्य प्रदेश में अलर्ट जारी करने के निर्देश डीजीपी विवेक जौहरी को दिए हैं। इसके अलावा सिमी और अन्य आतंकी संगठनों से जुड़े संदेही लोगों की पहचान और निगरानी करने को भी कहा है। गृहमंत्री ने कहा कि मैंने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि तत्काल प्रदेश के अंदर अलर्ट कर आदेश जारी कर दें। वहीं नक्सलवाद को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश में नक्सलियों का नेटवर्क खत्म करना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। प्रदेश में हम किसी भी सूरत में नक्सलवाद को फैलने नहीं देंगे। प्रदेश की पुलिस पूरी तरह सतर्क है। जहां भी इस प्रकार की संदिग्ध गतिविधियां पाई जाएगी सख्ती से निपटा जाएगा। नक्सल प्रभावित इलाकों में टॉस्क फोर्स और केंद्रीय सुरक्षा बल मुस्तैदी से काम कर रहे हैं।
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12 July 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने नई दिल्ली प्रवास के दौरान बीती रात केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से उनके निवास पर मुलाकात की । इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने उनके बीच किसानों से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा की। केन्द्रीय मंत्री तोमर ने चर्चा के विषयों पर आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया। बता दें कि मुख्यमंत्री चौहान रविवार देर शाम दिल्ली पहुंचे थे। यहां उन्होंने पहले केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र कुमार के निवास पर पहुंचकर उन्हें पदभार ग्रहण करने पर बधाई दी। इसके बाद वे केन्द्रीय मंत्री तोमर के निवास पहुंचे।मुख्यमंत्री ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा है कि उन्होंने नई दिल्ली में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर जी से भेंट की और उनसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के वर्ष 2021-22 के लिए सरप्लस शेयरिंग माडल को प्रदेश में क्रियान्वित करने के लिए अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया। शिवराज ने आगे लिखा है कि-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2020 एवं रबी 2020-21 में क्रियान्वित करने के लिए बीमा कम्पनियों के चयन के लिए 3 बार निविदा जारी की गई, किन्तु प्रीमियम दरें अधिक आने के कारण शासन द्वारा 80-110 प्रतिशत सरप्लस शेयरिंग माडल को मध्यप्रदेश में लागू किया गया है।उन्होंने कहा है कि सरप्लस शेयरिंग माडल के अनुसार बीमा कम्पनी की क्लेम देनदारियां कुल प्रीमियम के 80 से 110% रहेंगी। कुल प्रीमियम के 110% से अधिक स्तर का क्लेम राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा तथा 80% से कम दावा बनने पर बीमा कम्पनी द्वारा 80% सीमा के अतिरिक्त की राशि राज्य शासन को वापस की जायेगी। सरप्लस शेयरिंग माडल में क्लेम की गणना में राज्य शासन की सहभागिता होती है, जिससे किसानों को पारदर्शी व्यवस्था से बीमा का लाभ मिलता है तथा प्रीमियम की राशि कम होने से राज्यांश तथा केन्द्रांश की राशि कम रहती है।मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय मंत्री तोमर से प्राइस सपोर्ट स्कीम के अंतर्गत ग्रीष्मकालीन फसल मूंग का 5.00 लाख मीट्रिक टन उपार्जन लक्ष्य बढ़ाने का भी अनुरोध किया। केन्द्रीय मंत्री ने इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है, जिसके लिए मुख्यमंत्री चौहान ने उनके प्रति आभार प्रकट किया है।
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12 July 2021भोपाल/ग्वालियर। केन्द्र सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री बनाए गए मध्यप्रदेश के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने मंत्रालय का कार्यभार संभालने के साथ ही अपना काम भी शुरू कर दिया है। उन्होंने अपना प्रभार संभालने के बाद सबसे पहली सौगात मध्य प्रदेश को दी है। उड्डयन मंत्रालय द्वारा मध्य प्रदेश के लिए आठ नई उड़ानों को मंजूरी दी गई है। स्पाइस जेट की यह नए फ्लाइट्स आगामी 16 जुलाई से शुरू होने जा रही हैं।केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा है कि -"प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में नागरिक उड्डन मंत्रालय उड़ानों को नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर करने के लिए पूरी तरह से संकल्पित है। हमारे लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि स्पाइस जेट 16 जुलाई से मध्यप्रदेश से 8 नई उड़ाने शुरू करने जा रहा है। इनमें ग्वालियर-मुम्बई-ग्वालियर, ग्वालियर-पुणे-ग्वालियर, जबलपुर-सूरत-जबलपुर, अहमदाबाद-ग्वालियर-अहमदाबाद शामिल हैं।"खास बात यह है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने जिन आठ नई उड़ानों को स्वीकृति दी है, उनमें से छह उड़ानें ग्वालियर को अहमदाबाद, पुणे और मुम्बई जैसे बड़े नगरों को हवाई सेवा से सीधे जोड़ देंगी।गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में इंदौर-भोपाल को छोड़कर अन्य शहर एयर कनेक्टिविटी के मामले में बहुत पीछे हैं। इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया का गढ़ माना जाने वाला ग्वालियर-चंबल अंचल भी शामिल है। यहां वर्तमान में बैंगलुरू, जम्मू, हैदराबाद, नई दिल्ली और कोलकाता के लिए हवाई सेवा उपलब्ध है। ग्वालियर के लोग लम्बे समय से मुंबई, पुणे के लिए हवाई सुविधा उपलब्ध कराने की मांग कर रहे थे। सिंधिया भी इसके लिए लंबे समय से प्रयासरत थे। अब नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद उन्होंने ग्वालियर के नागरिकों की इस मांग को पूरा किया है। मध्यप्रदेश से स्पाइस जेट की आठ उड़ानें आगामी 16 जुलाई से शुरू हो रही हैं। इसके अंचल के विकास को गति मिलने की संभावना है।
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11 July 2021भोपाल। दुनियाभर में बढ़ती आबादी के प्रति नागरिकों को जागरूक करने के लिए हर साल 11 जुलाई को पूरे विश्व में जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनसंख्या विस्फोट से उत्पन्न होने वाले खतरे के प्रति देश को जागरूक कर राष्ट्रोत्थान में सहयोग करने की अपील की है। सीएम शिवराज ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा कि -"जीवन के हर क्षेत्र में चेतना परम आवश्यक है। सचेत एवं जागरुक नागरिक राष्ट्र की प्रगति तथा उन्नति का सशक्त आधार होता है। जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए सामूहिक प्रयासों से सभी के लिए आवश्यक संसाधनों को सुनिश्चित करने में सहयोग करें। जनसंख्या विस्फोट से उत्पन्न होने वाले खतरे के प्रति देश को जागरुक कर आप भी राष्ट्रोत्थान में अपना योगदान दीजिये।
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11 July 2021भोपाल। दुनियाभर में बढ़ती आबादी के प्रति नागरिकों को जागरूक करने के लिए हर साल 11 जुलाई को पूरे विश्व में जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनसंख्या विस्फोट से उत्पन्न होने वाले खतरे के प्रति देश को जागरूक कर राष्ट्रोत्थान में सहयोग करने की अपील की है। सीएम शिवराज ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा कि -"जीवन के हर क्षेत्र में चेतना परम आवश्यक है। सचेत एवं जागरुक नागरिक राष्ट्र की प्रगति तथा उन्नति का सशक्त आधार होता है। जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए सामूहिक प्रयासों से सभी के लिए आवश्यक संसाधनों को सुनिश्चित करने में सहयोग करें। जनसंख्या विस्फोट से उत्पन्न होने वाले खतरे के प्रति देश को जागरुक कर आप भी राष्ट्रोत्थान में अपना योगदान दीजिये।
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11 July 2021भोपाल। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना अद्भुत योजना है। हमारे रहते हुए कोई बच्चा अनाथ नहीं होगा। वह हमारे बच्चे हैं। हम उनकी शिक्षा, आश्रय, भोजन आदि की व्यवस्था करेंगे। वह पढ़ लिखकर ठीक दिशा में जाएं इस पर कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर में नवनिर्मित आरटी-पीसीआर लैब का लोकार्पण करते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंदसौर में आरटी-पीसीआर लैब का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मंदसौर के समाजसेवियों ने कमाल का काम किया है। अस्पताल का कायाकल्प कर डाला। आरटी-पीसीआर लैब के साथ, सीटी स्कैन से लेकर प्लाज्मा तक एक नई व्यवस्था खड़ी की और 250 ऑक्सीजन बेड तैयार हैं। कोविड की तीसरी लहर से मुकाबले की मंदसौर ने पूरी तैयारी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदसौर के सभी धर्मगुरूओं को, सभी प्रबुद्धजन, वरिष्ठगण, हमारे सभी प्रोफेसर, चिकित्सक, समाजसेवी, स्वयंसेवी संस्थाओं, जिला प्रशासन की टीम, जिन्होंने कोरोना से निपटने और नियंत्रित करने के जो प्रयास किये उसके लिये मैं आपको धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि हमारे कई भाई-बहन कर्मचारी कोविड के दौरान संक्रमित होकर दुनिया से चले गए। मैं उनके परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करता हूं। हमने तय किया है कि हमारे दिवंगत कर्मचारियों के पात्र आश्रितों को उसी पोस्ट पर अनुकंपा नियुक्ति देंगे। आज 24 को अनुकंपा नियुक्ति दी जा रही है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना अद्भुत योजना है। हमारे रहते हुए कोई बच्चा अनाथ नहीं होगा। वह हमारे बच्चे हैं। हम उनकी शिक्षा, आश्रय, भोजन आदि की व्यवस्था करेंगे। वह बढ़ लिखकर ठीक दिशा में जाए इस पर कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ये बात सच है कि आज कोविड का संक्रमण नियंत्रण में है। देश में मध्यप्रदेश संक्रमण की दृष्टि से सबसे निचले स्तर पर है। लेकिन अभी सावधान रहने की जरूरत है। मेरी अपील है कि जिले के हर कोने में खूब टेस्ट करें, कोई संक्रमित हो तो तुरंत पकड़ में आ जाए। किल कोरोना अभियान जारी रहेगा। लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट करें। मंदसौर अद्भुत शहर है। यहां सेवा, सहयोग की भावना जबरदस्त है। मंदसौर उदाहरण बन सकता है कोरोना संकट को रोकने के अनुकूल व्यवहार का। सब काम चलें, लेकिन मास्क लगा रहे और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करें।
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8 July 2021भोपाल। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना अद्भुत योजना है। हमारे रहते हुए कोई बच्चा अनाथ नहीं होगा। वह हमारे बच्चे हैं। हम उनकी शिक्षा, आश्रय, भोजन आदि की व्यवस्था करेंगे। वह पढ़ लिखकर ठीक दिशा में जाएं इस पर कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। यह बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदसौर में नवनिर्मित आरटी-पीसीआर लैब का लोकार्पण करते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंदसौर में आरटी-पीसीआर लैब का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मंदसौर के समाजसेवियों ने कमाल का काम किया है। अस्पताल का कायाकल्प कर डाला। आरटी-पीसीआर लैब के साथ, सीटी स्कैन से लेकर प्लाज्मा तक एक नई व्यवस्था खड़ी की और 250 ऑक्सीजन बेड तैयार हैं। कोविड की तीसरी लहर से मुकाबले की मंदसौर ने पूरी तैयारी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंदसौर के सभी धर्मगुरूओं को, सभी प्रबुद्धजन, वरिष्ठगण, हमारे सभी प्रोफेसर, चिकित्सक, समाजसेवी, स्वयंसेवी संस्थाओं, जिला प्रशासन की टीम, जिन्होंने कोरोना से निपटने और नियंत्रित करने के जो प्रयास किये उसके लिये मैं आपको धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि हमारे कई भाई-बहन कर्मचारी कोविड के दौरान संक्रमित होकर दुनिया से चले गए। मैं उनके परिवारों के प्रति संवेदनाएं प्रकट करता हूं। हमने तय किया है कि हमारे दिवंगत कर्मचारियों के पात्र आश्रितों को उसी पोस्ट पर अनुकंपा नियुक्ति देंगे। आज 24 को अनुकंपा नियुक्ति दी जा रही है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना अद्भुत योजना है। हमारे रहते हुए कोई बच्चा अनाथ नहीं होगा। वह हमारे बच्चे हैं। हम उनकी शिक्षा, आश्रय, भोजन आदि की व्यवस्था करेंगे। वह बढ़ लिखकर ठीक दिशा में जाए इस पर कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ये बात सच है कि आज कोविड का संक्रमण नियंत्रण में है। देश में मध्यप्रदेश संक्रमण की दृष्टि से सबसे निचले स्तर पर है। लेकिन अभी सावधान रहने की जरूरत है। मेरी अपील है कि जिले के हर कोने में खूब टेस्ट करें, कोई संक्रमित हो तो तुरंत पकड़ में आ जाए। किल कोरोना अभियान जारी रहेगा। लक्षण दिखने पर तुरंत टेस्ट करें। मंदसौर अद्भुत शहर है। यहां सेवा, सहयोग की भावना जबरदस्त है। मंदसौर उदाहरण बन सकता है कोरोना संकट को रोकने के अनुकूल व्यवहार का। सब काम चलें, लेकिन मास्क लगा रहे और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन करें।
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8 July 2021ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का फेसबुक अकाउंट हैक होने की खबर गुरुवार सुबह तेजी से वायरल हुई। जिसमें कुछ पुराने पोस्ट के साथ वीडियो भी अपलोड किए गए हैं। ये पोस्ट और वीडियो उस समय के बताए जा रहे हैं, जब सिंधिया कांग्रेस में हुआ करते थे, हालांकि यह दावा किया जा रहा है कि गुरुवार सुबह तक हैकिंग को रोक दिया गया है और डेटा रिकवर कर लिया गया है। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को केंद्रीय मंत्री के रूप में शपथ ली थी। इसके बाद रात दो बजे करीब अचानक उनके फेसबुक अकाउंट से कई सारे पोस्ट हुए। जिसमें उनके कांग्रेस में रहते हुए दिए गए बयान और वीडियो शामिल थे। इन फोटो एवं वीडियो के पोस्ट होते ही हड़कंप मच गया। पता चला कि सिंधिया के फेसबुक एकाउंड को किसी ने हैक कर लिया है। सिंधिया समर्थक कृष्णा घाटगे ने बताया कि सुबह तक फेसबुक हैकिंग को रोक दिया गया व पूरा डेटा भी रिकवर कर लिया गया है। घाटगे के अनुसार केंद्रीय मंत्री का फेसबुक अकाउंट हैक होने की सूचना मिलते ही सायबर टीम अलर्ट मोड पर आ गई थी। इसके बाद हैकिंग को रोकने के साथ ही सभी पुरानी पोस्ट भी हटा दी गई हैं।
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8 July 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के नवनियुक्त राज्यपाल मंगूभाई छगनभाई पटेल ने गुरुवार को राजधानी भोपाल स्थित राजभवन में आयोजित गरिमामय समारोह में राज्यपाल का कार्यभार ग्रहण किया। मप्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक ने उन्हें राज्यपाल पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में मध्यप्रदेश की निवृत्तमान राज्यपाल एवं वर्तमान में उत्तरप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेताप्रतिपक्ष कमलनाथ, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, वित्त और वाणिज्यिक कर मंत्री जगदीश देवड़ा, वन मंत्री विजय शाह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओम प्रकाश सकलेचा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महनिदेशक विवेक जौहरी, राज्यपाल के प्रमुख सचिव डीपी आहूजा आदि उपस्थित थे। शपथ ग्रहण समारोह का प्रारंभ एवं समापन राष्ट्र गान के साथ हुआ। इसके बाद राज्यपाल मंगूभाई छगनभाई पटेल को सम्मान गारद द्वारा सलामी दी गई। राज्यपाल मंगूभाई छगनभाई पटेल का जन्म एक जून 1944 को गुजरात के नवसारी में हुआ। वे गुजरात के नवसारी से पाँच बार और गणदेवी से एक बार विधायक रहे। उन्होंने 27 वर्ष तक विधायक के रूप में कार्य किया है। वे वर्ष 1997 से 2002 तक आदिम जाति कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) मंत्री तथा वर्ष 2002 से 2012 तक आदिवासी कल्याण, वन और पर्यावरण मंत्री रहे हैं।
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8 July 2021भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत के ताजा बयान "हिंदू मुस्लिम अलग नहीं हैं और सभी भारतीयों का डीएनए एक है" को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया के माध्यम से डॉ. भागवत के बयान पर तंज कसते हुए उन्हें कुछ सलाह दी है, तो वहीं मप्र के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने डॉ. भागवत के बयान को सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाला बताते हुए दिग्विजय सिंह पर पलटवार किया है। सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने रविवार को गाजियाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि हिंदू-मुस्लिम एक हैं और इसका आधार है हमारी मातृभूमि। पूजन विधि के आधार पर हमें अलग नहीं किया जा सकता। सभी भारतीयों का डीएनए एक है। उन्होंने सभी से आह्वान किया था कि भाषा, प्रांत और अन्य विषमताओं को छोड़कर हम एक हो जाएं और भारत को विश्वगुरू बनाएं, तभी दुनिया सुरक्षित रहेगी। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा है कि-'मोहन भागवत जी, यह विचार क्या आप अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा आप मोदी शाह जी व भाजपा मुख्यमंत्री को भी देंगे?' उन्होंने आगे लिखा है कि 'यदि आप अपने व्यक्त किए गए विचारों के प्रति ईमानदार हैं, तो भाजपा में वे सब नेता जिन्होंने निर्दोष मुसलमानों को प्रताड़ित किया है उन्हें उनके पदों से तत्काल हटाने का निर्देश दें। शुरुआत नरेंद्र मोदी व योगी आदित्यनाथ से करें।' दिग्विजय सिंह ने साथ में यह भी लिखा है कि उन्हें मालूम है कि श्री भागवत ऐसा नहीं करेंगे, क्योंकि उनकी कथनी और करनी में अंतर है। श्री भागवत ने सही कहा है कि पहले हम सब भारतीय हैं, लेकिन पहले यह उन्हें अपने शिष्यों को समझाना होगा।दिग्विजय सिंह के इस बयान पर मप्र के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि ‘ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत जी का बयान सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाला है, यह बात दिग्विजय सिंह जी को हजम नहीं हुई है। वे हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करते रहे हैं। उन्होंने अल्पसंख्यकों में भय का वातावरण पैदा करने के बजाय उनके विकास के बारे में कभी कुछ कहा या किया तो बताएं।’
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5 July 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आज सोमवार को नेमावर पहुंच कर, नेमावर में आदिवासी परिवार के साथ घटित नृशंस व जघन्य हत्याकांड के पीडि़त परिवार से मुलाकात कर अपनी शोक संवेदनाए व्यक्त की। उन्होंने पीडि़त परिवार से चर्चा कर इस हत्याकांड व घटना की पूरी विस्तृत जानकारी ली। पीडि़त परिवार ने उन्हें बताया कि किस प्रकार पुलिस ने इस हत्याकांड पर शुरुआत में लापरवाही की, आरोपी खुलेआम घूमते रहे, उन्हें पकड़ा तक नहीं, उनसे पूछताछ तक नहीं की, किस प्रकार उनकी रिपोर्ट लिखने में आनाकानी की गई, किस प्रकार अपराधी को राजनीतिक संरक्षण मिलता रहा। पूर्व सीएम कमलनाथ ने पीडि़त परिवार को आश्वस्त किया कि वे चिंता ना करें, दुख की इस घड़ी में मैं और पूरी कांग्रेस आपके साथ खड़ी है, आपको न्याय दिलाने में हम हरसंभव मदद करेंगे, मैं खुद इस घटना से दुखी व आहत हूँ। जब तक पीडि़त परिवार को न्याय नहीं मिलेगा, हम चैन से नहीं बैठेंगे। कमलनाथ ने कहा कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच होना चाहिए ताकि आरोपियों को मिले राजनीतिक संरक्षण का खुलासा हो सके। किस प्रकार की लापरवाही इस जघन्य हत्याकांड को लेकर बरती गई, यह सब सच सामने आ सके और पीडि़त परिवार को न्याय मिल सके। इस अवसर पर उनके साथ नकुल नाथ, अरुण यादव, सज्जन वर्मा, कांतिलाल भुरिया, जीतू पटवारी, विक्रांत भुरिया व अन्य नेतागण उपस्थित थे।
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5 July 2021मंदसौर। राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार को एक दिवस पर प्रवास पर मंदसौर पहुंचे। यहां उन्होंने प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन कर आशीर्वाद लिया और पूजा-अचर्ना कर देश-प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। वहीं, सिंधिया के विरोध की तैयारी कर रहे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने पकड़ा और वाहन में भरकर दूसरी जगह छोड़ा।राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने मंदसौर प्रवास के दौरान सुबह 10 बजे पशुपतिनाथ महादेव मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने लगभग आधे घंटे तक भगवान पशुपतिनाथ की पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। सिंधिया ने भगवान पशुपतिनाथ जी के मंदिर परिसर में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ पौधरोपण भी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना हम सभी का प्रथम दायित्व है। सभी को पौधरोपण करना चाहिए।इधर, शहर के गांधी चौराहे पर कांग्रेसजनों द्वारा सिंधिया के शहर आगमन के विरोध में मुर्दाबाद के नारे लगाए जा रहे थे। पुलिस उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन कांग्रेसियों ने काले गुब्बारे छोड़े और सिंधिया को काले झंडे दिखाने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस से उनकी बहस हुई। पुलिस ने मौजूद सभी कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर वाहन से पिपलियामंडी छोड़ दिया।ज्योतिरादित्य सिंधिया मंदसौर में भाजपा सांसद सुधीर गुप्ता के निवास पर पहुंचे और उनसे तथा उनके परिजनों से सौजन्य भेंट की। इसके बाद वे आरएसएस के जिला कार्यालय समर्पण पर जाएंगे। इसके अलावा, विधायक यशपालसिंह सिसोदिया से उनके निवास पर पहुंचकर मुलाकात करेंगे और फिर भाजपा मंडल महामंत्री रॉकी यादव, संघ पदाधिकारी गोपालकृष्ण पाटिल व भाजपा कार्यकर्ता विक्रम भटनागर के यहां पहुंचकर शोक प्रकट करेंगे।
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5 July 2021इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को इंदौर प्रवास के दौरान पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से उनके निवास पहुंचकर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने उनकी कुशलक्षेम जानी। मुख्यमंत्री चौहान ने श्रीमती महाजन के स्वस्थ जीवन और दीर्घायु होने की कामना की। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, विधायक मालिनी गौड़, आकाश विजयवर्गीय तथा रमेश मेंदोला, गौरव रणदिवे, राजेश सोनकर सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे। मुख्यमंत्री चौहान गोलू शुक्ला के निवास भी पहुंचे।
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3 July 2021इंदौर। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की किल्लत का सामना करने वाला इंदौर जल्द ही मेडिकल ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होगा। शनिवार को शहर के दौरे पर आ रहे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान 11 ऑक्सीजन प्लांट्स का लोकार्पण करेंगे जो तैयार हो चुके हैं। वहीं, विभिन्न अस्पतालों में बनने वाले 25 ऑक्सीजन प्लांट्स के लिए भूमिपूजन भी करेंगे। इंदौर ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को इंदौर को कोरोना से निपटने के लिए एक बड़ी ताकत देने वाले हैं। मुख्यमंत्री चौहान सवा ग्यारह करोड़ रुपए से अधिक लागत से निर्मित 11 अस्पतालों में बने ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण करेंगे। इन प्लांट्स की क्षमता 23.34 टन है। साथ ही वे 25 और अस्पतालों में बनने वाले ऑक्सीजन प्लांट का भूमिपूजन भी करेंगे। गौरतलब है कि इंदौर में 5 अस्पतालों में पिछले एक माह में ऑक्सीजन प्लांट लग चुके हैं। यह सभी काम करने लगे हैं। इनमें बॉम्बे अस्पताल, सी-3 अस्पताल, सेंट फ्रांसिस अस्पताल, चोइथराम अस्पताल तथा आनंद अस्पताल में बने ऑक्सीजन प्लांट शामिल हैं।इन अस्पतालों के ऑक्सीजन प्लांट्स का लोकार्पण करेंगे सीएम मुख्यमंत्री शनिवार को अरविंदो अस्पताल, इंडेक्स अस्पताल, सीएचएल अपोलो अस्पताल, चेस्ट वार्ड अस्पताल, एमआरटीबी अस्पताल, एमटीएच अस्पताल, मध्यभारत अस्पताल महू, सेवाकुंज अस्पताल, एसएमएस इनर्जी अस्पताल, मेदांता अस्पताल तथा पीसी सेठी अस्पताल में बने ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण करेंगे।
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3 July 2021इंदौर। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की किल्लत का सामना करने वाला इंदौर जल्द ही मेडिकल ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होगा। शनिवार को शहर के दौरे पर आ रहे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान 11 ऑक्सीजन प्लांट्स का लोकार्पण करेंगे जो तैयार हो चुके हैं। वहीं, विभिन्न अस्पतालों में बनने वाले 25 ऑक्सीजन प्लांट्स के लिए भूमिपूजन भी करेंगे। इंदौर ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के लिए तेजी से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को इंदौर को कोरोना से निपटने के लिए एक बड़ी ताकत देने वाले हैं। मुख्यमंत्री चौहान सवा ग्यारह करोड़ रुपए से अधिक लागत से निर्मित 11 अस्पतालों में बने ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण करेंगे। इन प्लांट्स की क्षमता 23.34 टन है। साथ ही वे 25 और अस्पतालों में बनने वाले ऑक्सीजन प्लांट का भूमिपूजन भी करेंगे। गौरतलब है कि इंदौर में 5 अस्पतालों में पिछले एक माह में ऑक्सीजन प्लांट लग चुके हैं। यह सभी काम करने लगे हैं। इनमें बॉम्बे अस्पताल, सी-3 अस्पताल, सेंट फ्रांसिस अस्पताल, चोइथराम अस्पताल तथा आनंद अस्पताल में बने ऑक्सीजन प्लांट शामिल हैं।इन अस्पतालों के ऑक्सीजन प्लांट्स का लोकार्पण करेंगे सीएम मुख्यमंत्री शनिवार को अरविंदो अस्पताल, इंडेक्स अस्पताल, सीएचएल अपोलो अस्पताल, चेस्ट वार्ड अस्पताल, एमआरटीबी अस्पताल, एमटीएच अस्पताल, मध्यभारत अस्पताल महू, सेवाकुंज अस्पताल, एसएमएस इनर्जी अस्पताल, मेदांता अस्पताल तथा पीसी सेठी अस्पताल में बने ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण करेंगे।
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3 July 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस के अवसर पर आयोजित "सहकारिता के माध्यम से बेहतर पुनर्निर्माण" कार्यक्रम में आवास सहकारी संघ एवं विपणन सहकारी संघ द्वारा नवीन स्वीकृत 114 गोदामों का शिलान्यास एवं विपणन सहकारी संघ एवं आवास द्वारा निर्मित 55 गोदामों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने सहकारिता विभाग के विभागीय कार्य मेन्युअल का विमोचन भी किया। इस अवसर पर प्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविन्द भदौरिया मौजूद रहे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन कर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर हम संकल्प ले सकते हैं कि इस क्षेत्र को सच्चे अर्थों में सहकारी बनाकर हम अपना, अपने क्षेत्र, अपने प्रदेश और देश को तथा यहां के लोगों को खुशहाल बनाएं।उन्होंने कहा कि हमें गर्व होना चाहिए कि सहकारिता क्षेत्र में मध्यप्रदेश की पहचान है। यह बात बहुत कम लोगों को मालूम होगी, लेकिन मैंने कहीं पढ़ा था कि देश का पहला सहकारी बैंक आज के जबलपुर जिले की सीहोरा तहसील में वर्ष 1907 में पं. विष्णुदत्त शुक्ल ने स्थापित किया था।उन्होंने कहा कि सहकारिता को अपनाकर हमारे किसान भाई, शिल्पी, कारीगर, छोटे उद्यमी, बहुराष्ट्रीय कंपनियों एवं बड़े उद्योग घरानों की प्रतिस्पर्धी दौड़ में अपनी पहचान बनाये रख सकते हैं। इसलिए मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने में भी सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। मध्यप्रदेश के विकास और प्रदेशवासियों की तरक्की के प्रयासों, खासतौर से किसानों की आर्थिक प्रगति में सहकारिता का विशेष योगदान है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता का मूल है सहकार अर्थात सहयोग से किया जाने वाला कार्य। अब यह जाहिर सी बात है कि सहयोग से किये जाने वाला कार्य सफल होता है। यही कारण है कि सहकारिता ने आजादी के बाद लोगों के जीवन को खुशहाल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने सहकारिता दिवस की सभी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार सहकारी संस्थाओं को सशक्त बनाने और उसके जरिये अन्नदाताओं के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने प्रतिबद्ध है। आइये, हम सभी सहकार की भावना को और अधिक सशक्त बनाकर समावेशी और समग्र विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ें।
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3 July 2021भोपाल। मप्र के लोक निर्माण कुटीर एवं ग्रामोद्योग मंत्री गोपाल भार्गव ने बुधवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की। इस अवसर पर मंत्री भार्गव ने मध्यप्रदेश शासन की ओर से वर्ष 2021-22 की कार्य-योजना में प्रदेश के 3856 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को सम्मिलित करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने भारत सरकार द्वारा प्रदेश में बुधनी से नसरुल्लागंज मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग 146 बी घोषित किए जाने के पश्चात इस मार्ग की नसरुल्लागंज से संदलपुर तक लंबाई 38 किलोमीटर बढ़ाने तथा बुदनी से बाड़ी तक 55 किलोमीटर लंबाई बढ़ाने की माँग की। इससे दोनों राष्ट्रीय राजमार्गों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी हो सकेगी। इन दोनों हिस्सों की कुल लंबाई 93 किलोमीटर है, जिसे राजमार्ग घोषित करने का प्रस्ताव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में विचाराधीन है। मंत्री भार्गव ने मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग द्वारा सी.आर.आई.एफ. मद के अंतर्गत भेजे गये 4256 करोड़ रुपए के 52 कार्यों के प्रशासकीय स्वीकृति प्रस्तावों को स्वीकृत करने का अनुरोध केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से किया। उन्होंने मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग के मजबूतीकरण के 7 कार्य तथा वन टाइम इन्वेस्टमेंट के 11 कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति के लिए भी मंत्री गडकरी से अनुरोध किया। इन कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति के प्रस्ताव सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भिजवाए गए हैं। मंत्री भार्गव ने सीधी सिंगरौली मार्ग खंड एनएच-75 (ई) का ईपीसी मोड पर पुनर्वास एवं उन्नयन कार्य कराए जाने के संबंध में एलओए जारी करने का अनुरोध केंद्रीय मंत्री गडकरी से किया। मंत्रालय की पॉलिसी अनुसार 90 प्रतिशत भूमि की उपलब्धता पर एलओए जारी किया जा सकता है, इस परियोजना में 99% भूमि उपलब्ध है।
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30 June 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संस्कृति विभाग द्वारा प्रकाशित कला पंचांग का बुधवार को अपने निवास पर लोकार्पण किया। इस अवसर पर पर्यटन, संस्कृति एवं अध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर और प्रमुख सचिव संस्कृति तथा जनसंपर्क शिव शेखर शुक्ला भी उपस्थित थे। मंत्री उषा ठाकुर ने मुख्यमंत्री चौहान को 'बुंदेलखंड के भित्ति चित्र' नामक पुस्तक भेंट की। प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने जानकारी दी कि कला पंचांग में संस्कृति तथा पर्यटन विभाग द्वारा वर्ष के आगामी माहों में संचालित की जाने वाली सभी गतिविधियों को जोड़ा गया है। पंचाग में अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक की गतिविधियों का उल्लेख है। प्रदेश में प्रतिवर्ष आयोजित होती हैं लगभग दो हजार सांस्कृतिक गतिविधियाँ उल्लेखनीय है कि संस्कृति विभाग सम्पूर्ण प्रदेश में कला और उसके स्वरूपों पर केन्द्रित समारोह, प्रदर्शनी, प्रशिक्षण शिविर, पुरस्कार, परिसंवाद, संगोष्ठी, व्याख्यान, कविता, कहानी, फिल्म, नाटक, साहित्य पठन-पाठन आदि गतिविधियाँ आयोजित करता है। विभाग द्वारा वर्ष में आयोजित ऐसी समस्त गतिविधियों की जानकारी समय पूर्व देने के उद्देश्य से कला पंचांग प्रकाशित किया जाता है। यह प्रयास कला रसिकों, अध्येताओं, विशेषज्ञों, प्रशिक्षुओं, कलाकारों, पत्रकारों, आलोचकों, गणमान्य नागरिकों और इन गतिविधियों में रूचि रखने वालों की सुविधा के लिए है। यह दो से ढाई दशक पुरानी परम्परा है। पूरे वर्ष में अलग-अलग अकादमियाँ और संचालनालय जो गतिविधियाँ करती हैं उनका योग लगभग 1500 से 2000 के मध्य होता है। विभाग द्वारा लगभग 30 नई गतिविधियाँ शामिल की गई हैं। आजादी का अमृत महोत्सव अंतर्गत की जाने वाले गतिविधियों को भी इसमें सम्मिलित किया गया है। कोरोना की स्थिति में ऑनलाइन होंगे आयोजन कला पंचांग का प्रकाशन इस आशा के साथ किया गया है कि देश कोरोना महामारी के संकट से मुक्त होगा और सांस्कृतिक गतिविधियाँ पूर्ववत आयोजित हो सकेंगी। यदि गतिविधियों को भौतिक रूप से आयोजित नहीं किया जा सकेगा तो कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित करने के प्रयास होंगे। जनजातीय कलाकारों की पेंटिंग्स से सुसज्जित है कला पंचांग वर्ष 2021-22 के कला पंचांग में मध्यप्रदेश की जनजातियों के प्रकृति से लगाव के चित्रण को प्रकाशित किया गया है। पंचांग के कवर पेज पर कलाबाई श्याम द्वारा करमा नृत्य पर बनाई गई पेंटिंग है। इसके साथ ही भूरी बाई, ननकू सिया श्याम, लाडो बाई, दुर्गाबाई, नर्मदा प्रसाद टेकाम और रामसिंह के चित्रण से पंचांग सुशोभित है। पंचांग के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि हम अपने आस-पास प्रकृति को पुर्नस्थापित करने का प्रयास करें। मुख्यमंत्री ने डॉ. गौरी शंकर शर्मा की पुस्तक का विमोचन किया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डॉ. गौरी शंकर शर्मा ''गौरीश'' द्वारा लिखित पुस्तक "जनकसुता सुत शौर्य" का बुधवार को अपने निवास पर विमोचन किया। पुस्तक में उत्तर रामायण से संबंधित विषय को काव्य स्वरूप में सहज और सरल रूप से प्रस्तुत किया गया है। विमोचन अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार महेश सक्सेना, डॉ. पी.डी. मिश्रा, अनिल अजमेरा और गोकुल सोनी उपस्थित थे।
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30 June 2021भोपाल। जीएसटी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के 'एक देश-एक टैक्स' के सपने को पूरा कर रहा है। जीएसटी ने जटिल, अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को एक सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-संचालित कर व्यवस्था में परिष्कृत किया है। प्रक्रियाओं के निरंतर सरलीकरण और दर संरचनाओं के युक्तिकरण के साथ भारत के बाजार अब एकीकृत हो रहे हैं। इसका फायदा आमजन के साथ व्यापार करने वाले वर्ग को भी मिल रहा है। यह बातें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बुधवार को सोशल मीडिया के माध्यम से जीएसटी प्रणाली को लागू हुए चार वर्ष पूर्ण होने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश के करदाताओं को कई तरह की राहतें दी गई हैं। जीएसटी के तहत ज्यादातर वस्तुओं पर 5, 12 या 18 प्रतिशत टैक्स लगता है। केवल कुछ विलासिता की वस्तुओं पर 28 फीसदी टैक्स लगता है। जीएसटी से पहले सभी वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स 31 फीसदी तक जाते थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जीएसटी जीएसटी ग्राहक के अनुकूल होने के साथ-साथ करदाताओं के अनुकूल भी है। जीएसटी से कई वस्तुओं पर टैक्स कम हुआ है और इससे नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार आया है। 20 लाख रुपये तक के वार्षिक कारोबार वाले व्यवसायों को जीएसटी से छूट दी गई थी। अब उस सीमा को बढ़ाकर 40 लाख रुपये (माल के लिए) कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में चार साल पहले जीएसटी प्रणाली लागू की गई थी। यह सबसे महत्वाकांक्षी कराधान सुधारों में से एक था। जीएसटी ने न केवल दर ढांचे को युक्तिसंगत बनाया, बल्कि करदाताओं के लिए अनुपालन में आसानी सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं को भी सरल बनाया।
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30 June 2021भोपाल। जीएसटी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के 'एक देश-एक टैक्स' के सपने को पूरा कर रहा है। जीएसटी ने जटिल, अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था को एक सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी-संचालित कर व्यवस्था में परिष्कृत किया है। प्रक्रियाओं के निरंतर सरलीकरण और दर संरचनाओं के युक्तिकरण के साथ भारत के बाजार अब एकीकृत हो रहे हैं। इसका फायदा आमजन के साथ व्यापार करने वाले वर्ग को भी मिल रहा है। यह बातें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बुधवार को सोशल मीडिया के माध्यम से जीएसटी प्रणाली को लागू हुए चार वर्ष पूर्ण होने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश के करदाताओं को कई तरह की राहतें दी गई हैं। जीएसटी के तहत ज्यादातर वस्तुओं पर 5, 12 या 18 प्रतिशत टैक्स लगता है। केवल कुछ विलासिता की वस्तुओं पर 28 फीसदी टैक्स लगता है। जीएसटी से पहले सभी वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स 31 फीसदी तक जाते थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जीएसटी जीएसटी ग्राहक के अनुकूल होने के साथ-साथ करदाताओं के अनुकूल भी है। जीएसटी से कई वस्तुओं पर टैक्स कम हुआ है और इससे नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार आया है। 20 लाख रुपये तक के वार्षिक कारोबार वाले व्यवसायों को जीएसटी से छूट दी गई थी। अब उस सीमा को बढ़ाकर 40 लाख रुपये (माल के लिए) कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में चार साल पहले जीएसटी प्रणाली लागू की गई थी। यह सबसे महत्वाकांक्षी कराधान सुधारों में से एक था। जीएसटी ने न केवल दर ढांचे को युक्तिसंगत बनाया, बल्कि करदाताओं के लिए अनुपालन में आसानी सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं को भी सरल बनाया।
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30 June 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उच्च जोखिम वाले समूहों को प्राथमिकता के आधार पर टीके की दोनों डोज़ लगाई जाएँ। जिन शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों ने टीके की प्रथम डोज लगवा ली है और पात्र अवधि के बाद भी यदि उनके द्वारा दूसरी डोज़ नहीं लगवाई गई है, ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्यवाही की जाएगी। टीकाकरण का अभियान व्यक्ति और समाज की भलाई के लिए है। टीके की दूसरी डोज़ नहीं लगवाना समाज के लिए अपराध के समान हैं। मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को कोविड संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण और टीकाकरण के लिये गठित मंत्री समूह के प्रस्तुतिकरण सत्र को संबोधित कर रहे थे। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल सहित मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान उपस्थित थे। सार्वजनिक स्थलों पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट बन सकता है प्रवेश का आधार मुख्यमंत्री ने कहा कि टीके की दूसरी डोज़ के लिए विशेष अभियान संचालित किया जाए। जिन्होंने पहली डोज़ लगवा ली है परंतु दूसरी डोज़ लगवाने में लापरवाही कर रहे हैं, उन्हें चिन्हित कर दूसरी डोज़ लगाई जाए। कोचिंग क्लासेस संचालकों द्वारा शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने पर कोचिंग क्लास के संचालन पर भी विचार किया जा सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में टीकाकरण अभियान पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के व्यक्तियों को प्राथमिकता के आधार पर टीके की पहली डोज़ लगाने के लिए विशेष कैम्प आयोजित किए जाएँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट देखने के उपरांत ही प्रवेश देने की व्यवस्था पर भी विचार किया जा सकता है। नगर पंचायत बुढार और नगर परिषद खेतिया में हुआ शत-प्रतिशत टीकाकरण मंत्री समूह के सम्मुख प्रस्तुतिकरण में जानकारी दी गई कि नगर पंचायत बुढार और नगर परिषद खेतिया में शत-प्रतिशत नागरिकों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। प्रदेश के 13 जिलों की 66 ग्राम पंचायतों में भी शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन हो चुका है। मुख्यमंत्री चौहान ने सिवनी, आगर-मालवा, मुरैना, अनूपपुर, छतरपुर, मंदसौर, खरगोन, टीकमगढ़, भिंड, छिंदवाड़ा, मंडला, बड़वानी, सतना, सीधी, झाबुआ, दमोह और पन्ना में टीकाकरण को गति देने के निर्देश दिए। प्रभावित न हो बच्चों का सामान्य टीकाकरण मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोविड टीकाकरण के साथ बच्चों को लगने वाले 14 प्रकार के टीकाकरण का अभियान भी निरंतर जारी है। बच्चों का यह टीकाकरण प्रभावित नहीं हो, इसे देखते हुए मंगलवार और शुक्रवार को कोविड टीकाकरण नहीं किया जा रहा है।
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28 June 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राजधानी भोपाल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की माध्यम से जबलपुर में ब्लैक फंगस की दवा 'एम्फोरेवा-B' के उत्पादन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह गर्व का पल है कि जीवन की रक्षा के जो इंजेक्शन हम बाहर से मंगवाते थे, अब मध्यप्रदेश में ही बनेंगे। ज़रूरत पड़ी तो देश व विदेश में भी इसकी आपूर्ति होगी। मुख्यमंत्री के साथ वीसी में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा जबलपुर में ब्लैक फंगस की दवा 'एम्फोरेवा-B' के उत्पादन का शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया, उसके लिए हमने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का संकल्प लिया। इस ध्येय की प्राप्ति के लिए हम लगातार रोडमैप बनाकर कार्य कर रहे हैं। बहुत सी ऐसी दवाएं थी, जिनका किसी ने नाम भी नहीं सुना था। लेकिन हमने न सिर्फ इन दवाओं की समुचित व्यवस्था की, बल्कि हम कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने में भी सफल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में आप सबके सहयोग से हम कोरोना की दूसरी लहर को रोकने में सफल हो गये और अब तीसरी लहर की रोकथाम के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं। इसके लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने से लेकर टेस्टिंग और वैक्सीनेशन पर हमारा फोकस है। जब ब्लैक फंगस फैला, तो हमें एम्फोटेरेसिन B के महत्व का पता चला। प्रधानमंत्री जी की मंशा है कि हम सभी सामान बाहर से क्यों मंगवाएँ। अब यह इंजेक्शन मध्यप्रदेश में ही बनेगा। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी इस बात की है कि आपने इंजेक्शन का नाम एम्फोरेवा रखा है, जो माँ रेवा पर है। मैं मैया से प्रार्थना करता हूँ कि वे सभी पर कृपा करें और सभी को स्वस्थ करें। हम विश्वस्तरीय दवाएँ बनाएँ। हमने एक निर्णय लिया है कि हम एक नई फार्मा नीति मध्यप्रदेश में बनाएंगे। इससे दवाएँ मध्यप्रदेश में ही बनेंगी। दवाएँ गुणवत्तायुक्त तो रहेंगी ही, साथ ही कम कीमत पर भी मिलें। मध्यप्रदेश की कोई फैक्ट्री ऐसे संकल्प लेती है तो न सिर्फ आत्म निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का संकल्प पूरा होता है, बल्कि लोगों को रोज़गार भी मिलता है। मैं इसके लिए आप सभी को बधाई देता हूँ।
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28 June 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को राजधानी भोपाल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की माध्यम से जबलपुर में ब्लैक फंगस की दवा 'एम्फोरेवा-B' के उत्पादन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह गर्व का पल है कि जीवन की रक्षा के जो इंजेक्शन हम बाहर से मंगवाते थे, अब मध्यप्रदेश में ही बनेंगे। ज़रूरत पड़ी तो देश व विदेश में भी इसकी आपूर्ति होगी। मुख्यमंत्री के साथ वीसी में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा जबलपुर में ब्लैक फंगस की दवा 'एम्फोरेवा-B' के उत्पादन का शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया, उसके लिए हमने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का संकल्प लिया। इस ध्येय की प्राप्ति के लिए हम लगातार रोडमैप बनाकर कार्य कर रहे हैं। बहुत सी ऐसी दवाएं थी, जिनका किसी ने नाम भी नहीं सुना था। लेकिन हमने न सिर्फ इन दवाओं की समुचित व्यवस्था की, बल्कि हम कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने में भी सफल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में आप सबके सहयोग से हम कोरोना की दूसरी लहर को रोकने में सफल हो गये और अब तीसरी लहर की रोकथाम के लिए निरंतर प्रयत्नशील हैं। इसके लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने से लेकर टेस्टिंग और वैक्सीनेशन पर हमारा फोकस है। जब ब्लैक फंगस फैला, तो हमें एम्फोटेरेसिन B के महत्व का पता चला। प्रधानमंत्री जी की मंशा है कि हम सभी सामान बाहर से क्यों मंगवाएँ। अब यह इंजेक्शन मध्यप्रदेश में ही बनेगा। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी इस बात की है कि आपने इंजेक्शन का नाम एम्फोरेवा रखा है, जो माँ रेवा पर है। मैं मैया से प्रार्थना करता हूँ कि वे सभी पर कृपा करें और सभी को स्वस्थ करें। हम विश्वस्तरीय दवाएँ बनाएँ। हमने एक निर्णय लिया है कि हम एक नई फार्मा नीति मध्यप्रदेश में बनाएंगे। इससे दवाएँ मध्यप्रदेश में ही बनेंगी। दवाएँ गुणवत्तायुक्त तो रहेंगी ही, साथ ही कम कीमत पर भी मिलें। मध्यप्रदेश की कोई फैक्ट्री ऐसे संकल्प लेती है तो न सिर्फ आत्म निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण का संकल्प पूरा होता है, बल्कि लोगों को रोज़गार भी मिलता है। मैं इसके लिए आप सभी को बधाई देता हूँ।
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28 June 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में स्थित ग्राम दुलारिया में लोग अफवाहों के चलते कोरोना का टीका नहीं लगवा रहे थे। प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में गांव के राजेश हिरावे और किशोरीलाल धुर्वे से बात की और ग्रामीणों को सरल शब्दों में समझाते हुए उनसे आग्रह किया कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। वैक्सीन सुरक्षित है, इसे जरूर लगवाएं। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से दुलारिया गांव में वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया है। मुख्यमंत्री चौहान ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा "बैतूल जिले के दुलारिया गांव के लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे थे, अनेक भ्रम और डर उनके मन में था। पीएम नरेन्द्र मोदी जी ने बहुत सरल शब्दों में गांव के राजेश हिराने और किशोरी लाल से बात की और दोनों के माध्यम से अत्यंत सरल शब्दों में, तथ्यों के साथ ग्रामवासियों को समझाया। उनके भ्रम दूर किये और वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित किया।" मुख्यमंत्री ने कहा कि -"प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से दुलारिया गांव में वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। अब तक 126 लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं और बाकी भी लगवाने को तैयार हैं। उन्हें भी वैक्सीन लगाई जायेगी। लक्ष्य के प्रति समर्पित और संकल्पित ऐसे प्रधानमंत्री को पाकर देश धन्य हो गया है। इतनी आत्मीयता से, सरल शब्दों में प्रधानमंत्री जी ने प्रेरणा दी और ग्रामीणों को वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार किया। यही है सही अर्थों में जन नेता, जो जनता को जन कल्याण के लिए सही रास्ते पर ले जाये। धन्यवाद! मोदी जी।"
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27 June 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में स्थित ग्राम दुलारिया में लोग अफवाहों के चलते कोरोना का टीका नहीं लगवा रहे थे। प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में गांव के राजेश हिरावे और किशोरीलाल धुर्वे से बात की और ग्रामीणों को सरल शब्दों में समझाते हुए उनसे आग्रह किया कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। वैक्सीन सुरक्षित है, इसे जरूर लगवाएं। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से दुलारिया गांव में वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया है। मुख्यमंत्री चौहान ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा "बैतूल जिले के दुलारिया गांव के लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे थे, अनेक भ्रम और डर उनके मन में था। पीएम नरेन्द्र मोदी जी ने बहुत सरल शब्दों में गांव के राजेश हिराने और किशोरी लाल से बात की और दोनों के माध्यम से अत्यंत सरल शब्दों में, तथ्यों के साथ ग्रामवासियों को समझाया। उनके भ्रम दूर किये और वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित किया।" मुख्यमंत्री ने कहा कि -"प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से दुलारिया गांव में वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। अब तक 126 लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं और बाकी भी लगवाने को तैयार हैं। उन्हें भी वैक्सीन लगाई जायेगी। लक्ष्य के प्रति समर्पित और संकल्पित ऐसे प्रधानमंत्री को पाकर देश धन्य हो गया है। इतनी आत्मीयता से, सरल शब्दों में प्रधानमंत्री जी ने प्रेरणा दी और ग्रामीणों को वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार किया। यही है सही अर्थों में जन नेता, जो जनता को जन कल्याण के लिए सही रास्ते पर ले जाये। धन्यवाद! मोदी जी।"
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27 June 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में स्थित ग्राम दुलारिया में लोग अफवाहों के चलते कोरोना का टीका नहीं लगवा रहे थे। प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में गांव के राजेश हिरावे और किशोरीलाल धुर्वे से बात की और ग्रामीणों को सरल शब्दों में समझाते हुए उनसे आग्रह किया कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। वैक्सीन सुरक्षित है, इसे जरूर लगवाएं। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से दुलारिया गांव में वैक्सीनेशन शुरू हो चुका है। इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया है। मुख्यमंत्री चौहान ने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा "बैतूल जिले के दुलारिया गांव के लोग वैक्सीन नहीं लगवा रहे थे, अनेक भ्रम और डर उनके मन में था। पीएम नरेन्द्र मोदी जी ने बहुत सरल शब्दों में गांव के राजेश हिराने और किशोरी लाल से बात की और दोनों के माध्यम से अत्यंत सरल शब्दों में, तथ्यों के साथ ग्रामवासियों को समझाया। उनके भ्रम दूर किये और वैक्सीन लगाने के लिए प्रेरित किया।" मुख्यमंत्री ने कहा कि -"प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से दुलारिया गांव में वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। अब तक 126 लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं और बाकी भी लगवाने को तैयार हैं। उन्हें भी वैक्सीन लगाई जायेगी। लक्ष्य के प्रति समर्पित और संकल्पित ऐसे प्रधानमंत्री को पाकर देश धन्य हो गया है। इतनी आत्मीयता से, सरल शब्दों में प्रधानमंत्री जी ने प्रेरणा दी और ग्रामीणों को वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार किया। यही है सही अर्थों में जन नेता, जो जनता को जन कल्याण के लिए सही रास्ते पर ले जाये। धन्यवाद! मोदी जी।"
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27 June 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन को लेकर राजनीति जारी है। प्रदेश में शनिवार को 9 लाख 86 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई गई। इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर तंज किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि कोरोना टीकाकरण में धांधली देखने वाले कमलनाथ जी, अपनी आंखों के जाले साफ कर लीजिए, हर दिन 10 लाख टीके लग रहे हैं। मध्यप्रदेश देश में अव्वल। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में 22 जून को टीके न लगने को लेकर प्रदेश सरकार को घेरा था। 21 जून को प्रदेश में वैक्सीनेशन महाअभियान के दौरान लगभग 17 लाख टीके लगाए गए थे, लेकिन उसके अगले दिन टीकों की संख्या कुछ सैकड़ा ही रही थी। इसे लेकर कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा था कि मध्यप्रदेश के टीकाकरण अभियान को लेकर बड़ी धांधली सामने आ रही है। एक दिन 17 लाख टीके लगते हैं, जबकि उसके अगले और पिछले दिन कुछ सौ टीके लगते हैं। सरकार को इस बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, क्योंकि यह करोड़ों लोगों के जीवन का सवाल है। इस पर सरकार की ओर से सफाई देते हुए कहा गया था कि मध्यप्रदेश में मंगलवार और शुक्रवार को बच्चों का टीकाकरण होता है। रविवार को छुट्टी रहती है। कोरोना का टीका सिर्फ सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शनिवार को ही लगता है। कांग्रेस ने जिस दिन प्रदेश में कुछ सौ टीके लगाने की बात कही है, उस दिन प्रदेश सरकार की तरफ से टीकाकरण का सेशन आयोजित ही नहीं था। कुछ टीके प्राइवेट अस्पतालों द्वारा लगाए गए थे। शनिवार को मध्यप्रदेश में 9.86 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई। इसके साथ ही प्रदेश में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 1.97 करोड़ के पार पहुंच गया है। इससे पहले 21 जून को रिकॉर्ड 17.42 लाख एवं 23 जून को 11.59 लाख लोगों ने वैक्सीन लगवाई थी। शनिवार को हुए वैक्सीनेशन में मध्यप्रदेश में इंदौर फिर अव्वल रहा। यहां कुल 1 लाख 50 हजार 280 लोगों ने वैक्सीन लगवाई। दूसरे नंबर पर राजधानी भोपाल रही। यहां 45 हजार 694 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। जबलपुर, ग्वालियर व उज्जैन में वैक्सीनेशन का आंकड़ा ठीक रहा।
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27 June 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में वैक्सीनेशन को लेकर राजनीति जारी है। प्रदेश में शनिवार को 9 लाख 86 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई गई। इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर तंज किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि कोरोना टीकाकरण में धांधली देखने वाले कमलनाथ जी, अपनी आंखों के जाले साफ कर लीजिए, हर दिन 10 लाख टीके लग रहे हैं। मध्यप्रदेश देश में अव्वल। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में 22 जून को टीके न लगने को लेकर प्रदेश सरकार को घेरा था। 21 जून को प्रदेश में वैक्सीनेशन महाअभियान के दौरान लगभग 17 लाख टीके लगाए गए थे, लेकिन उसके अगले दिन टीकों की संख्या कुछ सैकड़ा ही रही थी। इसे लेकर कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा था कि मध्यप्रदेश के टीकाकरण अभियान को लेकर बड़ी धांधली सामने आ रही है। एक दिन 17 लाख टीके लगते हैं, जबकि उसके अगले और पिछले दिन कुछ सौ टीके लगते हैं। सरकार को इस बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, क्योंकि यह करोड़ों लोगों के जीवन का सवाल है। इस पर सरकार की ओर से सफाई देते हुए कहा गया था कि मध्यप्रदेश में मंगलवार और शुक्रवार को बच्चों का टीकाकरण होता है। रविवार को छुट्टी रहती है। कोरोना का टीका सिर्फ सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शनिवार को ही लगता है। कांग्रेस ने जिस दिन प्रदेश में कुछ सौ टीके लगाने की बात कही है, उस दिन प्रदेश सरकार की तरफ से टीकाकरण का सेशन आयोजित ही नहीं था। कुछ टीके प्राइवेट अस्पतालों द्वारा लगाए गए थे। शनिवार को मध्यप्रदेश में 9.86 लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई गई। इसके साथ ही प्रदेश में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 1.97 करोड़ के पार पहुंच गया है। इससे पहले 21 जून को रिकॉर्ड 17.42 लाख एवं 23 जून को 11.59 लाख लोगों ने वैक्सीन लगवाई थी। शनिवार को हुए वैक्सीनेशन में मध्यप्रदेश में इंदौर फिर अव्वल रहा। यहां कुल 1 लाख 50 हजार 280 लोगों ने वैक्सीन लगवाई। दूसरे नंबर पर राजधानी भोपाल रही। यहां 45 हजार 694 लोगों को वैक्सीन लगाई गई। जबलपुर, ग्वालियर व उज्जैन में वैक्सीनेशन का आंकड़ा ठीक रहा।
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27 June 2021भोपाल। इंदिरा गांधी जी ने केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए लोकतंत्र का गला घोंटकर पूरे देश को जेलखाना बना दिया था। आज राहुल गांधी और सोनिया जी लोकतांत्रिक मूल्यों की बात करते हैं, तो हंसी आती हैं। यह बातें शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आपातकाल की 46वीं बरसी पर भोपाल स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, शिव प्रकाश जी, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, हितानंद शर्मा, लाल सिंह आर्य एवं अन्य गणमान्य शामिल थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित कर अपने विचार साझा किये। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी जी ने केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए लोकतंत्र का गला घोंटकर पूरे देश को जेलखाना बना दिया था। जो लोग राजनीतिक रूप से असहमत थे, उन्हें जेलों में डाल दिया गया था। न अपील, न वकील, न दलील, सभी मौलिक अधिकार छीन लिये गये थे। आज राहुल गांधी और सोनिया जी लोकतांत्रिक मूल्यों की बात करते हैं, तो हंसी आती हैं। उन्होंने कहा कि उस दौरान हम यहीं भोपाल में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। देर रात पुलिस घर पहुंची और तलाशी ली तो आपातकाल के विरोध में मेरे पास पर्चे और साहित्य मिल गये। पुलिस पकड़कर ले गई। यहीं हबीबगंज थाने में जमकर पिटाई हुई। आज भी जब बादल गरजते और बिजली कड़कती है, तो आपातकाल की याद दिला देते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अनेक परिवार तबाह और बर्बाद हो गये। बच्चों के भूखे मरने की नौबत आ गई। ऐसे में संघ के कार्यकर्ताओं ने लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाने का काम किया। हरसंभव पीड़ितों की सहायता करने का प्रयास किया। लोकतंत्र सेनानियों ने भारत की आत्मा को बचाने के लिए असीम कष्ट और यातनाएं सही थी। लोकतंत्र को कुचलने वालों तुम्हें और तुम्हारे खानदान को देश कभी माफ नहीं करेगा।
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25 June 2021भोपाल। इंदिरा गांधी जी ने केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए लोकतंत्र का गला घोंटकर पूरे देश को जेलखाना बना दिया था। आज राहुल गांधी और सोनिया जी लोकतांत्रिक मूल्यों की बात करते हैं, तो हंसी आती हैं। यह बातें शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आपातकाल की 46वीं बरसी पर भोपाल स्थित भाजपा कार्यालय में आयोजित लोकतंत्र सेनानियों के सम्मान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, शिव प्रकाश जी, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, हितानंद शर्मा, लाल सिंह आर्य एवं अन्य गणमान्य शामिल थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित कर अपने विचार साझा किये। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी जी ने केवल अपनी कुर्सी बचाने के लिए लोकतंत्र का गला घोंटकर पूरे देश को जेलखाना बना दिया था। जो लोग राजनीतिक रूप से असहमत थे, उन्हें जेलों में डाल दिया गया था। न अपील, न वकील, न दलील, सभी मौलिक अधिकार छीन लिये गये थे। आज राहुल गांधी और सोनिया जी लोकतांत्रिक मूल्यों की बात करते हैं, तो हंसी आती हैं। उन्होंने कहा कि उस दौरान हम यहीं भोपाल में रहकर पढ़ाई कर रहे थे। देर रात पुलिस घर पहुंची और तलाशी ली तो आपातकाल के विरोध में मेरे पास पर्चे और साहित्य मिल गये। पुलिस पकड़कर ले गई। यहीं हबीबगंज थाने में जमकर पिटाई हुई। आज भी जब बादल गरजते और बिजली कड़कती है, तो आपातकाल की याद दिला देते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अनेक परिवार तबाह और बर्बाद हो गये। बच्चों के भूखे मरने की नौबत आ गई। ऐसे में संघ के कार्यकर्ताओं ने लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाने का काम किया। हरसंभव पीड़ितों की सहायता करने का प्रयास किया। लोकतंत्र सेनानियों ने भारत की आत्मा को बचाने के लिए असीम कष्ट और यातनाएं सही थी। लोकतंत्र को कुचलने वालों तुम्हें और तुम्हारे खानदान को देश कभी माफ नहीं करेगा।
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25 June 2021भोपाल। राजधानी भोपाल में आज शुक्रवार को भी भाजपा पदाधिकारियों की अहम बैठक जारी है। शिवप्रकाश और मुरलीधर की अध्यक्षता में सत्ता और संगठन के बीच बैठक जारी है। इस बैठक में संगठन में समन्वय और कामकाज को लेकर चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बैठक में शामिल होने भाजपा कार्यालय पहुंचे। यहां सीएम शिवराज ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो जनकल्याण के लिए काम कर रहे है। हमारी सरकार की कोशिश है कि उसे हम नीचे तक क्रियान्वित करें। सभी योजनाओं को जमीन पर उतारना है। मन गौरवान्वित होता है जब राष्ट्रीय अध्यक्ष तारीफ करते है। सीएम शिवराज ने कहा कि मुझे बताते हुए संतोष है कि कोविड 19 नियंत्रण, आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर मप्र का निर्माण, गरीब कल्याण की योजनाएँ, माताओं-बहनों का उत्थान या मप्र वैक्सीनेशन महाअभियान हो, हमारी सरकार ने इनका लाभ जनता को देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि मन गर्व से भी भरता है और हमें संतोष भी मिलता है, जब हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी मध्यप्रदेश के इन कदमों की सराहना करते हैं। हमारा लक्ष्य है गौरवशाली, वैभवशाली और शक्तिशाली भारत के निर्माण के लिए समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश का निर्माण करें और जनता का कल्याण करें।
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25 June 2021भोपाल। राजधानी भोपाल में आज शुक्रवार को भी भाजपा पदाधिकारियों की अहम बैठक जारी है। शिवप्रकाश और मुरलीधर की अध्यक्षता में सत्ता और संगठन के बीच बैठक जारी है। इस बैठक में संगठन में समन्वय और कामकाज को लेकर चर्चा हो रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बैठक में शामिल होने भाजपा कार्यालय पहुंचे। यहां सीएम शिवराज ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जो जनकल्याण के लिए काम कर रहे है। हमारी सरकार की कोशिश है कि उसे हम नीचे तक क्रियान्वित करें। सभी योजनाओं को जमीन पर उतारना है। मन गौरवान्वित होता है जब राष्ट्रीय अध्यक्ष तारीफ करते है। सीएम शिवराज ने कहा कि मुझे बताते हुए संतोष है कि कोविड 19 नियंत्रण, आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर मप्र का निर्माण, गरीब कल्याण की योजनाएँ, माताओं-बहनों का उत्थान या मप्र वैक्सीनेशन महाअभियान हो, हमारी सरकार ने इनका लाभ जनता को देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि मन गर्व से भी भरता है और हमें संतोष भी मिलता है, जब हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी मध्यप्रदेश के इन कदमों की सराहना करते हैं। हमारा लक्ष्य है गौरवशाली, वैभवशाली और शक्तिशाली भारत के निर्माण के लिए समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश का निर्माण करें और जनता का कल्याण करें।
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25 June 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में 21 जून से चलाए जा रहे टीकाकरण महाअभियान के अंतर्गत अब तक लगभग 35 लाख व्यक्तियों को कोरोना वैक्सीन लगायी जा चुकी है। हमें मध्यप्रदेश में शीघ्र ही पूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को पूरा कर हर व्यक्ति को कोरोना संक्रमण से सुरक्षित करना है। केन्द्र सरकार से जैसे-जैसे डोजेज मिलते जायेंगे, टीकाकरण कार्य चलता रहेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं वैक्सीनेशन कार्य की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में सभी संबंधित उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन कोरोना का सुरक्षा कवच है। 18 से अधिक उम्र वाले सभी व्यक्ति वैक्सीनेशन अवश्य करवायें। प्रदेश में वैक्सीन के पर्याप्त डोजेज उपलब्ध हैं। कोरोना संक्रमण में प्रदेश देश में 31वें स्थान पर मुख्यमंत्री चौहान ने समीक्षा बैठक में कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण लगभग समाप्त हो गया है। अब कोरोना के केवल 62 नए मामले आये हैं और 1280 एक्टिव मरीज हैं। कोरोना संक्रमण की दृष्टि से देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में मध्यप्रदेश 31वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि असावधानी बिलकुल नहीं करनी है। कोविड अनुरूप व्यवहार करना है और कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना है। थोड़ी सी असावधानी से कोरोना का संक्रमण फिर फैल सकता है। आज 6 लाख से अधिक डोजेज लगाए गए प्रदेश में वैक्सीनेशन महाअभियान के अंतर्गत गुरुवार सायं 6 बजे तक 6 लाख 6 हजार व्यक्तियों को कोरोना का वैक्सीन लगाया गया। कोरोना वैक्सीनेशन महाअभियान में पहले दिन 21 जून को 17 लाख 42 हजार तथा दूसरे दिन 23 जून को 11 लाख 43 हजार व्यक्तियों को वैक्सीन के डोजेज लगाये गये थे। गुरुवार को तीसरा दिन है। साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 0.1% बैठक में बताया गया कि प्रदेश में साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 0.1% है और आज की पॉजिटिविटी रेट भी 0.1% है। कोरोना का रिकवरी रेट 98.7% है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 255 मरीज स्वस्थ हुए है। 31 जिलों में कोई भी नया प्रकरण नहीं प्रदेश के 31 जिलों में कोरोना का कोई भी नया प्रकरण सामने नहीं आया है। प्रदेश के 2 जिलों इंदौर एवं भोपाल में क्रमश: 10 एवं 15 नए प्रकरण आये हैं। 19 जिलों रायसेन, सागर, दमोह, ग्वालियर, धार, हरदा, होशंगबाद, खरगोन, मंदसौर, नरसिंहपुर, राजगढ़, शाजापुर, आगर-मालवा, बड़वानी, बैतूल, छतरपुर, मुरैना, सिवनी और उज्जैन जिलों में कोरोना के एक से चार तक नए प्रकरण आये हैं। तीन जिले पूर्ण रूप से कोरोना मुक्त प्रदेश के तीन जिले अलीराजपुर, बुरहानपुर और खंडवा पूर्ण रूप से कोरोना मुक्त हो गये हैं। यहाँ न तो कोई नया प्रकरण आया है और न ही कोई एक्टिव प्रकरण है। 584 मरीज अस्पतालों में उपचाररत वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के 584 मरीज अस्पतालों में उपचार प्राप्त कर रहे हैं। इनमें से 322 मरीज आईसीयू में, 204 आइसोलेशन बेड्स पर और 122 मरीज सामान्य बिस्तरों पर हैं। होम आइसोलेशन में 632 मरीज हैं।
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24 June 2021भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा कार्यसमिति की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर राजनीतिक हमले के जवाब में तीखा पलटवार किया है। वर्मा ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर जारी बयान के माध्यम से कहा कि नड्डा जी जिस सरकार के भरोसे आप विकास पुरुष कमलनाथ पर हमला कर रहे हैं उसकी जमीन ही भ्रष्टाचार से उगाए गए काले धन से खरीदे हुए विधायकों पर टिकी है, धनादेश के खंजर से जनादेश की हत्या करने वालों को अपना चेहरा आईने में देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले तो सिर्फ शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया को कमलनाथ जी के सपने आते थे लेकिन अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भी कमलनाथ जी के सपने आने लगे। पूर्व मंत्री ने कहा कि नड्डा जी को शिवराज के पिछले 15 वर्षों का हिसाब किताब देखना चाहिए। किस तरह मध्यप्रदेश में देश का सबसे बड़ा व्यापम घोटाला हुआ और उससे भी बड़ा एक और घोटाला कोरोना के नाम पर मध्यप्रदेश में हुआ है, शिवराज ने कोरोना के इस संक्रमण काल में हर तरफ भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की और देश की जनता को साफ दिखा है कि किस तरह भाजपा की सरकारें पूरी तरह नाकाम रही और झूठ बोलकर जनता को गुमराह करती रही। अब आने वाले चुनावों में भाजपा को अपनी जमीन खसकती हुई दिख रही है इसलिए विपक्ष के नेताओं पर बेबुनियाद बयान बाजी और आरोप-प्रत्यारोप कर रही है। कोरोना के समय जो जिम्मेदारियां सरकार को निभाना थी उसमें वह पूरी तरह फेल हुई और इस बात से जनता का ध्यान हटाने के लिए बेबुनियाद बयान बाजी कर रहे हैं भाजपा के नेता गण। निश्चित तौर पर प्रदेश की जनता आने वाले समय में यह बता देगी कि उन्हें दोगली सरकार नहीं चाहिए।
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24 June 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते 15 सालों में तीन बार हमारी सरकारें रही हैं। इस समय फिर हमारी सरकार है। इस दौरान प्रदेश ने काफी तरक्की की। बीच में डेढ़ साल का समय ऐसा आया, जब यहां कांग्रेस की सरकार रही। इस 15 महीने की कांग्रेस सरकार ने लोगों को भाजपा और कांग्रेस की सरकारों का अंतर समझा दिया। वसूली, भ्रष्टाचार, ट्रांसफर के रिकॉर्ड बना दिये, मिशन को कमीशन में बदल दिया गया। जब तक कोई दक्षिणा न चढ़ाए, प्रदेश में काम नहीं कर सकता था। उस सरकार ने हर किसी को धोखा दिया, लेकिन हमारे जैसे विचारों वाले लोग साथ आए और आज फिर मध्यप्रदेश में हमारी सरकार है, जिसने प्रदेश को कई मामलों में देश का नंबर वन राज्य बना दिया, सेवा और विकास के कीर्तिमान बना रही है। पार्टी के कार्यकर्ताओं को यह बात जनता तक पहुंचानी चाहिए। यह बातें गुरुवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का वर्चुअल शुभारंभ करते हुए कही। बैठक में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, नरेंद्रसिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एवं वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय कार्यालय में उपस्थित थे। केन्द्रीय मंत्री तोमर ने चंदेरी का दुपट्टा भेंटकर नड्डा का स्वागत किया एवं कैलाश विजयवर्गीय ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश जी, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन महामंत्री हितानंद प्रदेश कार्यालय में उपस्थित थे। भाजपा ने बनाया मध्यप्रदेश को नंबर-1 राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश में कई लोग किसान नेता होने का दम भरते हैं, लेकिन इन्होंने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। देश में अगर कोई किसानों का सबसे बड़ा हितैषी है तो वह प्रधानमंत्री मोदी जी हैं और किसान हित के निर्णयों को लागू करने वाला कोई मुख्यमंत्री है तो वह शिवराजसिंह जी हैं। मध्यप्रदेश आज समर्थन मूल्य पर खरीदी के मामले में देश में नंबर-1 राज्य है। प्रदेश सरकार ने गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी की है और मध्यप्रदेश पंजाब को पीछे छोड़कर ऑलटाइम नंबर-1 बन गया है। सरकार ने किसान कल्याण पर 90 हजार करोड़ की राशि खर्च की है। इसके अलावा डीबीटी यानी सीधे खातों में राशि पहुंचाने के मामले में मध्यप्रदेश नंबर-1 राज्य है। इनके अलावा सड़क निर्माण की गुणवत्ता और जन आरोग्य योजना के कॉर्ड जनरेशन में भी प्रदेश नंबर-1 है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री कहते थे कि दिल्ली से एक रुपया चलता है, तो हितग्राही तक 16 पैसे पहुंचते हैं। लेकिन मोदी जी ने आधार को आधार दिया और जो आधार का विरोध करते थे, उन्हें बेआधार कर दिया। अब पूरा पैसा खातों में पहुंचता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार ने 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को आर्थिक सहारा दिया है। एमएसएमई से 45 हजार लोगों को जोड़ा गया है। प्रदेश की भाजपा सरकार जिन परिवारों का कोविड संकट में नुकसान हुआ है, उन्हें आर्थिक मदद दे रही है। बेसहारा बच्चों को पेंशन और फ्री एजुकेशन, उपचार दे रही है। हमारी सरकार मुसीबत के समय भी काम करती है, इस बात को कार्यकर्ता जनता तक पहुंचाएं। इतना पतन हुआ कि देश की आलोचना करने लगी कांग्रेस नड्डा ने कहा कि कांग्रेस का इतना पतन हो चुका है कि वह भाजपा और मोदी जी की आलोचना करते-करते देश की आलोचना करने लगी है। कमलनाथ कहते हैं कि देश महान नहीं बदनाम है। दिग्विजयसिंह क्लब हाउस चैट में अनुच्छेद 370 और 35 ए को लेकर सवाल उठाते हैं। मैं इनसे कहना चाहता हूं कि जिस काम को आप लोग 70 सालों में नहीं कर सके, उसे मोदी जी ने कर दिखाया है। आज कश्मीर 370 और 35 ए से मुक्त है। उन्होंने कहा कि हम 25 जून को आपातकाल विरोधी दिवस मना रहे हैं। आपातकाल में कांग्रेस की सरकार ने 1.25 लाख लोगों को 22 महीनों के लिए जेलों में ठूंस दिया था, जिनमें से 75 हजार लोग जनसंघ से संबंधित थे। सिर्फ आपातकाल ही नहीं, लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाओं का विरोध कांग्रेस हमेशा करती रही है। उन्होंने कहा कि यह कैसी विडंबना है कि प्रजातंत्र का गला घोंटने वाले लोग आज प्रजातंत्र की दुहाई दे रहे हैं। झूठ बोलना, सवाल उठाना, भ्रम फैलाना कांग्रेस की आदत भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बाधा डालना, भ्रम फैलाना कांग्रेस की आदत बन गई है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने जब कोरोना से सुरक्षा के लिए देश में लॉकडाउन लगाया, तो पूछने लगे कि क्यों लगाया, हटा दिया तो पूछने लगे क्यों हटाया? कोरोना वैक्सीन को लेकर इन्होंने भ्रम फैलाया। वैक्सीन पर सवाल उठाने वालों ने हमारे वैज्ञानिकों के मनोबल को तोड़ने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि हमारा वैक्सीनेशन प्रोग्राम दुनिया का लार्जेस्ट एंड फास्टेस्ट प्रोग्राम है। सारी दुनिया ने देखा है कि मोदी जी ने कोरोना संकट से मुकाबले में कोई कसर नहीं छोड़ी। मोदी सरकार पर सवाल उठाने वालों को यह जान लेना चाहिए कि स्मॉल पॉक्स और चिकन पॉक्स की वैक्सीन हमारे देश में आने में 15 साल लग गए थे। पोलियो की वैक्सीन आने में सालों लग गए थे। मोदी सरकार ने अप्रैल 2020 में टॉस्क फोर्स का गठन किया और सिर्फ 9 महीनों में देश में दो कंपिनयां वैक्सीन बनाने लगी थीं। उन्होंने कहा कि सरकार ने वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ का बजट अलग से रखा है और दिसम्बर तक देश में 19 कंपनियां 57 करोड़ डोज बनाने लगेंगी। पहले देश में रोजाना सिर्फ 1500 टेस्ट होते थे, जिन्हें मोदी सरकार ने बढ़ाकर 25 लाख तक पहुंचाया। देश में सिर्फ एक लैब थी, अब 2500 हैं। 81000 आईसीयू बैड उपलब्ध हैं। मोदी सरकार ने ऑक्सीजन के उत्पादन को 300 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 9446 टन तक पहुंचाया और वायुसेना के विमानों ने 1400 उड़ानें भरकर ऑक्सीजन की आपूर्ति की है ।
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24 June 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते 15 सालों में तीन बार हमारी सरकारें रही हैं। इस समय फिर हमारी सरकार है। इस दौरान प्रदेश ने काफी तरक्की की। बीच में डेढ़ साल का समय ऐसा आया, जब यहां कांग्रेस की सरकार रही। इस 15 महीने की कांग्रेस सरकार ने लोगों को भाजपा और कांग्रेस की सरकारों का अंतर समझा दिया। वसूली, भ्रष्टाचार, ट्रांसफर के रिकॉर्ड बना दिये, मिशन को कमीशन में बदल दिया गया। जब तक कोई दक्षिणा न चढ़ाए, प्रदेश में काम नहीं कर सकता था। उस सरकार ने हर किसी को धोखा दिया, लेकिन हमारे जैसे विचारों वाले लोग साथ आए और आज फिर मध्यप्रदेश में हमारी सरकार है, जिसने प्रदेश को कई मामलों में देश का नंबर वन राज्य बना दिया, सेवा और विकास के कीर्तिमान बना रही है। पार्टी के कार्यकर्ताओं को यह बात जनता तक पहुंचानी चाहिए। यह बातें गुरुवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश कार्यसमिति की बैठक का वर्चुअल शुभारंभ करते हुए कही। बैठक में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, नरेंद्रसिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय एवं वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय कार्यालय में उपस्थित थे। केन्द्रीय मंत्री तोमर ने चंदेरी का दुपट्टा भेंटकर नड्डा का स्वागत किया एवं कैलाश विजयवर्गीय ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किया। राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश जी, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत, सह संगठन महामंत्री हितानंद प्रदेश कार्यालय में उपस्थित थे। भाजपा ने बनाया मध्यप्रदेश को नंबर-1 राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि देश में कई लोग किसान नेता होने का दम भरते हैं, लेकिन इन्होंने किसानों के लिए कुछ नहीं किया। देश में अगर कोई किसानों का सबसे बड़ा हितैषी है तो वह प्रधानमंत्री मोदी जी हैं और किसान हित के निर्णयों को लागू करने वाला कोई मुख्यमंत्री है तो वह शिवराजसिंह जी हैं। मध्यप्रदेश आज समर्थन मूल्य पर खरीदी के मामले में देश में नंबर-1 राज्य है। प्रदेश सरकार ने गेहूं की रिकॉर्ड खरीदी की है और मध्यप्रदेश पंजाब को पीछे छोड़कर ऑलटाइम नंबर-1 बन गया है। सरकार ने किसान कल्याण पर 90 हजार करोड़ की राशि खर्च की है। इसके अलावा डीबीटी यानी सीधे खातों में राशि पहुंचाने के मामले में मध्यप्रदेश नंबर-1 राज्य है। इनके अलावा सड़क निर्माण की गुणवत्ता और जन आरोग्य योजना के कॉर्ड जनरेशन में भी प्रदेश नंबर-1 है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री कहते थे कि दिल्ली से एक रुपया चलता है, तो हितग्राही तक 16 पैसे पहुंचते हैं। लेकिन मोदी जी ने आधार को आधार दिया और जो आधार का विरोध करते थे, उन्हें बेआधार कर दिया। अब पूरा पैसा खातों में पहुंचता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार ने 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को आर्थिक सहारा दिया है। एमएसएमई से 45 हजार लोगों को जोड़ा गया है। प्रदेश की भाजपा सरकार जिन परिवारों का कोविड संकट में नुकसान हुआ है, उन्हें आर्थिक मदद दे रही है। बेसहारा बच्चों को पेंशन और फ्री एजुकेशन, उपचार दे रही है। हमारी सरकार मुसीबत के समय भी काम करती है, इस बात को कार्यकर्ता जनता तक पहुंचाएं। इतना पतन हुआ कि देश की आलोचना करने लगी कांग्रेस नड्डा ने कहा कि कांग्रेस का इतना पतन हो चुका है कि वह भाजपा और मोदी जी की आलोचना करते-करते देश की आलोचना करने लगी है। कमलनाथ कहते हैं कि देश महान नहीं बदनाम है। दिग्विजयसिंह क्लब हाउस चैट में अनुच्छेद 370 और 35 ए को लेकर सवाल उठाते हैं। मैं इनसे कहना चाहता हूं कि जिस काम को आप लोग 70 सालों में नहीं कर सके, उसे मोदी जी ने कर दिखाया है। आज कश्मीर 370 और 35 ए से मुक्त है। उन्होंने कहा कि हम 25 जून को आपातकाल विरोधी दिवस मना रहे हैं। आपातकाल में कांग्रेस की सरकार ने 1.25 लाख लोगों को 22 महीनों के लिए जेलों में ठूंस दिया था, जिनमें से 75 हजार लोग जनसंघ से संबंधित थे। सिर्फ आपातकाल ही नहीं, लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थाओं का विरोध कांग्रेस हमेशा करती रही है। उन्होंने कहा कि यह कैसी विडंबना है कि प्रजातंत्र का गला घोंटने वाले लोग आज प्रजातंत्र की दुहाई दे रहे हैं। झूठ बोलना, सवाल उठाना, भ्रम फैलाना कांग्रेस की आदत भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि बाधा डालना, भ्रम फैलाना कांग्रेस की आदत बन गई है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने जब कोरोना से सुरक्षा के लिए देश में लॉकडाउन लगाया, तो पूछने लगे कि क्यों लगाया, हटा दिया तो पूछने लगे क्यों हटाया? कोरोना वैक्सीन को लेकर इन्होंने भ्रम फैलाया। वैक्सीन पर सवाल उठाने वालों ने हमारे वैज्ञानिकों के मनोबल को तोड़ने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि हमारा वैक्सीनेशन प्रोग्राम दुनिया का लार्जेस्ट एंड फास्टेस्ट प्रोग्राम है। सारी दुनिया ने देखा है कि मोदी जी ने कोरोना संकट से मुकाबले में कोई कसर नहीं छोड़ी। मोदी सरकार पर सवाल उठाने वालों को यह जान लेना चाहिए कि स्मॉल पॉक्स और चिकन पॉक्स की वैक्सीन हमारे देश में आने में 15 साल लग गए थे। पोलियो की वैक्सीन आने में सालों लग गए थे। मोदी सरकार ने अप्रैल 2020 में टॉस्क फोर्स का गठन किया और सिर्फ 9 महीनों में देश में दो कंपिनयां वैक्सीन बनाने लगी थीं। उन्होंने कहा कि सरकार ने वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ का बजट अलग से रखा है और दिसम्बर तक देश में 19 कंपनियां 57 करोड़ डोज बनाने लगेंगी। पहले देश में रोजाना सिर्फ 1500 टेस्ट होते थे, जिन्हें मोदी सरकार ने बढ़ाकर 25 लाख तक पहुंचाया। देश में सिर्फ एक लैब थी, अब 2500 हैं। 81000 आईसीयू बैड उपलब्ध हैं। मोदी सरकार ने ऑक्सीजन के उत्पादन को 300 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 9446 टन तक पहुंचाया और वायुसेना के विमानों ने 1400 उड़ानें भरकर ऑक्सीजन की आपूर्ति की है ।
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24 June 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। मप्र में वैक्सीनेशन अभियान पर कांग्रेस नेताओं के बयानों पर पलटवार करते हुए मंत्री मिश्रा ने कहा है कि मप्र का नाम देश में हो जाएगा तो कांग्रेस को दुख तो होगा आलोचना करने की आदत जिसे हो जाती है वो जाती नहीं है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वैक्सीनेशन महाअभियान में मध्यप्रदेश ने कीर्तिमान रच कर देश में नाम कर लिया है, जाहिर है इससे कांग्रेस को दिक्कत हो रही है। आलोचना करना तो कांग्रेस की आदत में शुमार है, जो वह कर भी रही है। कोरोनाकाल में राहुल जी समेत पूरी कांग्रेस जनसेवा या मानवता के कार्य में कहीं नहीं दिखी। इस दौरान उन्होंने दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर कहा कि इस देश मे हमेशा वो विषय ढूंढते हैं, जिससे साम्प्रदायिक माहौल बिगड़े। जम्मू कश्मीर में चल रही सियासत पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि महबूबा मुफ्ती और फारूख अब्दुल्ला दोनों ही वही भाषा बोल रहे हैं, जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान बोल रहे हैं। अब तक जम्मू कश्मीर में देश विरोधी भाषा बोलकर आतंक के दम पर सत्ता में काबिज होने वाले एक बार जनता के बीच जाकर दिखाएं,सच्चाई समझ में आ जाएगी। डेल्टा+ वैरिएंट को लेकर प्रदेश सरकार अलर्ट मोड परगृह मंत्री मिश्रा ने प्रदेश की कोरोना स्थिति पर कहा कि प्रदेश में कोविड 19 की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है। पिछले 24 घंटे में 275 मरीज स्वस्थ हुए हैं,जबकि नए केस सिर्फ 84 आए हैं। संक्रमण दर 0.12 फीसदी और रिकवरी रेट 98.7 फीसदी है। प्रदेश में कल 65,869 टेस्ट हुए हैं। तीसरी लहर और डेल्टा+ वैरिएंट को लेकर प्रदेश सरकार अलर्ट मोड पर है।
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23 June 2021भोपाल। हमारे श्रद्धेय डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी ने जो संकल्प लिया था और जिस संकल्प को लेकर भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई थी, आज वो संकल्प भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश में पूरा कर रही है। आज भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में पूरी दुनिया के सामने सीना तानकर खड़ा है। कई मामलों में दुनिया के मार्गदर्शक के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में लगातार देश आगे बढ़ रहा है। यह बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इससे पहले उन्होंने डॉ. मुखर्जी के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं संगठन के साथियों का अभिनंदन करता हूं कि वे श्रद्धेय डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी, ठाकरे जी, खंडेलवाल जी, नानाजी, पटवा जी, जोशी जी, सुषमा जी, जिन्होंने भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी को अपने पसीने से सींचा था, उनकी स्मृति में पौधे लगा रहे हैं। साथ ही हमारे वो भाई-बहन जो कोविड-19 के कारण हमें छोड़कर चले गये, उनकी स्मृति में भी पौधरोपण किया जा रहा है। मुझे लगता है कि आज के दौर में यही सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि चुनौती के समय में 'सेवा ही संगठन है' एक चमत्कारी कार्यक्रम था। मध्यप्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी के साथी कार्यकर्ताओं ने अद्भुत काम किया। एमपी वैक्सीनेशन महाअभियान में भी जो काम हुआ है, उसके लिए मैं आपका और प्रदेशवासियों का हृदय से अभिनंदन करता हूं। वैक्सीनेशन महाअभियान में हमने लक्ष्य रखा 10 लाख का और 16 लाख से अधिक लोगों का रिकॉर्ड वैक्सीनेशन हो गया। वैक्सीन ही कोरोना का सुरक्षा चक्र है। इसलिए आग्रह करता हूं कि सभी वैक्सीनेशन अवश्य करवायें।
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23 June 2021भोपाल। हमारे श्रद्धेय डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी जी ने जो संकल्प लिया था और जिस संकल्प को लेकर भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई थी, आज वो संकल्प भारतीय जनता पार्टी की सरकार देश में पूरा कर रही है। आज भारत एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में पूरी दुनिया के सामने सीना तानकर खड़ा है। कई मामलों में दुनिया के मार्गदर्शक के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में लगातार देश आगे बढ़ रहा है। यह बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी के बलिदान दिवस पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। इससे पहले उन्होंने डॉ. मुखर्जी के चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं संगठन के साथियों का अभिनंदन करता हूं कि वे श्रद्धेय डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी, ठाकरे जी, खंडेलवाल जी, नानाजी, पटवा जी, जोशी जी, सुषमा जी, जिन्होंने भारतीय जनसंघ और भारतीय जनता पार्टी को अपने पसीने से सींचा था, उनकी स्मृति में पौधे लगा रहे हैं। साथ ही हमारे वो भाई-बहन जो कोविड-19 के कारण हमें छोड़कर चले गये, उनकी स्मृति में भी पौधरोपण किया जा रहा है। मुझे लगता है कि आज के दौर में यही सबसे बड़ी श्रद्धांजलि है। उन्होंने कहा कि चुनौती के समय में 'सेवा ही संगठन है' एक चमत्कारी कार्यक्रम था। मध्यप्रदेश में भी भारतीय जनता पार्टी के साथी कार्यकर्ताओं ने अद्भुत काम किया। एमपी वैक्सीनेशन महाअभियान में भी जो काम हुआ है, उसके लिए मैं आपका और प्रदेशवासियों का हृदय से अभिनंदन करता हूं। वैक्सीनेशन महाअभियान में हमने लक्ष्य रखा 10 लाख का और 16 लाख से अधिक लोगों का रिकॉर्ड वैक्सीनेशन हो गया। वैक्सीन ही कोरोना का सुरक्षा चक्र है। इसलिए आग्रह करता हूं कि सभी वैक्सीनेशन अवश्य करवायें।
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23 June 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अब हमें न अपनो को अपनो से बिछड़ने देना है, न काम-धंधा बिगड़ने देना है। कोरोना से बचने का सबसे प्रभावी तरीका वैक्सीन लगवाना है। यदि वैक्सीन लग गई तो बाजार भी खुले रहेंगे और मेहनत-मजदूरी भी चलती रहेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को टीकाकरण अभियान के प्रेरक के रूप में भोपाल के अन्ना नगर क्षेत्र के लोगों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के लोग और वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं और इस लहर को रोकने के लिए ही टीकाकरण का अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आव्हान पर शुरू किया गया है। दुनिया के सबसे बड़े मुफ्त टीकाकरण अभियान के अंतर्गत प्रदेश में एक साथ 7 हजार केन्द्रों पर एक दिन में 10 लाख से अधिक टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री ने इस अभियान में अन्ना नगर क्षेत्र की जनता से सम्पर्क किया। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग और सांसद विष्णु दत्त शर्मा भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने टीकाकरण अभियान को सफल बनाने का संकल्प भी दिलाया। "प्रधानमंत्री मोदी का आभार" मुख्यमंत्री ने कोरोना की दूसरी लहर की दिल दहला देने वाली पीड़ा को साझा करते हुए कहा कि हमें वैक्सीन ही तीसरी लहर से बचा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार की चिंता अपने नागरिकों का जीवन सुधारने और लॉकडाउन जैसे बुरे वक्त को रोकने की है। इसलिए 18 वर्ष के ऊपर के सभी नागरिक प्रधानमंत्री द्वारा उपलब्ध करवाई गई वैक्सीन हर हालत में लगवाएं। उन्होंने सबको मुफ्त वैक्सीन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार माना। "रंगोली और हाथ से लिखे बैनरों से बना टीकाकरण का वातावरण" मुख्यमंत्री चौहान के अन्ना नगर पहुंचने पर स्थानीय निवासी आयशा ने पुष्प भेंट कर उनका स्वागत किया। अन्ना नगर निवासियों द्वारा मुख्यमंत्री के स्वागत में सड़क पर जगह-जगह रंगोली बनाई हुई थी। रंगोली में स्वागत के भाव के साथ-साथ कोरोना से बचाव और टीकाकरण के संदेश भी अभिव्यक्त हो रहे थे। "ओ कोरोना कभी मत आना", "जो परिवार से करे प्यार, वो वैक्सीन से कैसे इंकार" की रंगोली और हाथ से लिखे छोटे बैनरों से बस्ती में अभियान का वातावरण बना हुआ था। "वैक्सीन कोरोना का हेलमेट है- जरूर लगवा लेना" मुख्यमंत्री ने अन्ना नगर बस्ती की अश्विनी यादव, प्रियंका सिंह, राहुल सहित कई युवाओं और वृद्धजन से व्यक्तिगत रूप से भेंट की और दुकानों व घरों में जाकर जनसामान्य से बात कर टीकाकरण के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने इस बातचीत में कहा कि "वैक्सीन कोरोना का हेलमेट है- जरूर लगवा लेना"। बस्ती के जिन लोगों ने कहा कि हमने टीका लगवा लिया है, उन्हें मुख्यमंत्री ने धन्यवाद दिया। "वैक्सीन से न घबरायें और न अफवाहों पर ध्यान दें" मुख्यमंत्री चौहान ने जनसंवाद के इस कार्यक्रम में मंच पर खड़े रहकर ही लोगों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि हम कोरोना के भयावह दिन लौटने नहीं देंगे। प्रदेश में फिर से दुकानें, काम-धंधा, मेहनत-मजदूरी बंद नहीं होगी। कोरोना की तीसरी लहर की पूरी दुनिया में आशंका है। इसका कहीं-कहीं प्रभावी भी दिख रहा है। टीकाकरण जीवन का सुरक्षा चक्र है। यह जिन्दगी का डोज़ है। हमारी कोशिश होगी कि अगले कुछ दिनों में ही प्रदेश की अधिकतम जनसंख्या को वैक्सीन लग जाए। उन्होंने यह समझाइश भी दी कि टीकाकरण के बाद कुछ लोगों को हाथ-पैर दर्द जैसे हल्के लक्षण रहते हैं। इससे घबराने, भ्रमित होने, अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। यह टीका पूर्णता सुरक्षित, असरकारी और हानिरहित है। "टेस्टिंग के लिए लोग स्वयं आगे आएं" मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना से बचाव के सभी उपायों जैसे मास्क लगाना, दूरी बनाए रखना, हाथ बार-बार धोने का पूरी गंभीरता से पालन किया जाएगा। प्रदेश में टेस्टिंग को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने अपील की कि टेस्टिंग के लिए लोग स्वयं आगे आएं इससे बचे नहीं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में व्यापक स्तर पर किल कोरोना अभियान जारी रहेगा। "तीसरी लहर के लिए अस्पतालों में तैयारियां जारी" मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना की तीसरी लहर का सामना करने के लिए अस्पतालों में भी व्यापक स्तर पर तैयारियां कर रही है। आई.सी.यू. बैड, ऑक्सीजन बैड, बच्चों के आई.सी.यू. वार्ड, ऑक्सीजन की उपलब्धता, दवाइयों और उपकरणों की आपूर्ति के साथ-साथ पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण के लिए आवश्यक गतिविधियां पूरे प्रदेश में जारी हैं।
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21 June 2021भोपाल। आज यानि 21 जून को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। योग दिवस को मनाए जाने का प्रस्ताव सबसे पहले भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने 27 सितंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने संबोधन में किया था। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र ने इस बारे में एक प्रस्ताव लाकर 21 जून को इंटरनेशनल योग डे मनाने की घोषणा की। योग दिवस के अवसर पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश वासियों को शुभकामनाएं दी है। इसके अलावा सीएम शिवराज ने भाजपा कार्यालय में योग दिवस पर आयोजित योग कार्यक्रम में भी शिरकत की और योगा किया। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर लिखा ‘आपको #InternationalDayOfYoga की शुभकामनाएं!प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के प्रयासों से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में नई पहचान मिली और योग का लाभ विश्व के अधिक लोगों को मिलना प्रारंभ हुआ।प्रधानमंत्री जी के इस विश्व के कल्याणकारी कदम के लिए हृदय से अभिनंदन! भारत की संस्कृति की अमूल्य विद्या 'योग' विश्व का कल्याण करती है। योग गुरु महर्षि पतंजलि, परमहंस योगानंद, बाबा रामदेव जैसे अनेक योग गुरुओं ने अपने प्रयासों से योग विद्या को जन-जन तक पहुंचाकर सदैव स्वस्थ रहने का आशीर्वाद दिया है। सीएम शिवराज ने योग के लाभ बताते हुए कहा कि ‘योग से शारीरिक एवं मानसिक शांति मिलती है और यह निरोग तथा स्वस्थ रहने का सबसे प्रभावी माध्यम है। अत: आपसे आग्रह है कि केवल #InternationalDayOfYoga पर नहीं, अपितु नित्य योग कीजिये और सदैव स्वस्थ रहिये। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी विश्व योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा ‘योग वह जीवन दर्शन है जो शरीर, मन और आत्मा को एकसाथ जोड़ता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने एवं रोगमुक्त रहने के लिए योग अभ्यास को अपने जीवन का अंग बनाएं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की सभी देशवासियों को अनंत बधाई एवं शुभकामनाएं।
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21 June 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में सोमवार सुबह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर वैक्सीनेशन महाअभियान की शुरुआत हुई। इस अभियान के तहत राज्य में लगभग सात हजार टीकाकरण केंद्रों पर दिनभर में कम से कम दस लाख डोज लगाने का लक्ष्य रखा गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना को हराने का एकमात्र उपाय वैक्सीनेशन है। मुझे हर्ष है कि मप्र में कोरोना के खिलाफ एकजुटता का अद्भुत, अनुपम उदाहरण जनता ने प्रस्तुत किया है। मैं प्रदेश की जनता, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संस्थाओं का आभार व्यक्त करता हूँ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार सुबह करीब 11.15 बजे दतिया जिले के ग्राम पाराशरी पहुंचे, जहां आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने वैक्सीनेशन महाअभियान का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन ही सुरक्षा है! यह टीका नहीं, संजीवनी है! प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने फैसला किया कि देश के 18 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को नि:शुल्क कोविड-19 का टीका लगाया जायेगा। उनके इस फैसले के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि मध्यप्रदेश ने आज टीकाकरण महाअभियान के अंर्तगत 10 लाख डोज लगाने का लक्ष्य लिया है, जो सराहनीय है। इसके पूर्व भी जनता कर्फ्यू के पालन का आदर्श उदाहरण मध्यप्रदेश ने देश के समक्ष रखा है। वैक्सीन लगवाकर कोरोना महामारी को हरायें। यही जीवन का सुरक्षा चक्र है। आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर शुरु हुये वैक्सीन महाअभियान में अपना सहयोग दें। खुद वैक्सीन लगवायें व औरों को भी प्रेरित करें। वैक्सीन निश्चित तो जीवन सुरक्षित। मप्र में सात हजार केन्द्रों पर सोमवार सुबह कोरोना वैक्सीनेशन महाअभियान की शुरुआत हुई। इस अभियान के तहत लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है और उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि कोरोना से निपटने का सबसे प्रभावी उपाय वैक्सीनेशन ही है। वैक्सीनेशन केन्द्रों पर सात हजार गणमान्य प्रेरक की भूमिका निभा रहे हैं। सभी केंद्रों पर लगभग 19 लाख वैक्सीन उपलब्ध कराए गए हैं। 35 हजार से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को तैनात किया गया है। प्रत्येक केन्द्र पर पांच सदस्यीय दल मौजूद है। निगरानी के लिए 1500 जोनल और सेक्टर अधिकारी तैनात हैं।
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21 June 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बचाव के लिए प्रदेश की अधिक से अधिक जनसंख्या को जल्द से जल्द वैक्सीनेशन का सुरक्षा चक्र प्रदान कर दिया जाएगा। तीसरी लहर का सामना करने के लिए अस्पतालों के संसाधनों में लगातार वृद्धि की जा रही है। मुख्यमंत्री चौहान शनिवार को कोविड-19 वैक्सीनेशन महाअभियान के संबंध में धर्मगुरुओं सहित जिलों के गणमान्य नागरिकों को निवास से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। इस दौरान अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने वैक्सीनेशन तथा प्रदेश में तीसरी लहर का सामना करने के लिए जारी तैयारियों पर प्रस्तुतिकरण दिया।21 जून को 14 लाख वैक्सीन होंगी उपलब्धवर्चुअल बैठक में बताया गया कि 21 जून को वैक्सीनेशन महाअभियान के लिए प्रदेश में 7 हजार वैक्सीनेशन केन्द्र बनाए जाएँगे। इन केन्द्रों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाएगा ताकि लोग 21 जून को आसानी से वैक्सीनेशन के लिए इन केन्द्रों पर पहुँच सके। प्रदेश के दूरस्थ अंचलों तक वैक्सीन पहुँचाने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। सीधी, सिंगरौली जैसे दूरस्थ जिलों में समय रहते वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। लक्ष्य यह है कि 21 जून को 14 लाख वैक्सीन प्रदेश के केन्द्रों पर उपलब्ध हो। वैक्सीन महाअभियान में 10 लाख टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। महाअभियान के लिए वातावरण निर्माण इस प्रकार से हो कि वैक्सीनेशन की संख्या 10 लाख से अधिक हो।प्रधानमंत्री से आग्रह के परिणाम स्वरूप मिली अतिरिक्त वैक्सीनअपर मुख्य सचिव सुलेमान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुख्यमंत्री चौहान द्वारा आग्रह के परिणाम स्वरूप प्रदेश में वैक्सीन की आपूर्ति बढ़ी है। आगामी 10 दिन के लिए प्रदेश को 50 लाख वैक्सीन मिल रही हैं। यह प्रदेश के लिए बड़ा अवसर है। हमें सुनिश्चित करना है कि इतनी बड़ी संख्या में प्राप्त हो रही वैक्सीन का समय रहते उपयोग हो। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि वैक्सीन की वेस्टेज न हो। एक वॉइल में 11 डोज रहती हैं, एक वॉइल से 10 व्यक्तियों के टीकाकरण की व्यवस्था है। हमारा प्रयास हो कि एक वॉइल से 11 लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए।वैक्सीनेशन सेंटरों का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाएप्रस्तुतिकरण में बताया गया कि वैक्सीनेशन अभियान 21 जून के बाद निरंतर जारी रहेगा। जिन गाँवों, वार्डों में वैक्सीनेशन पूर्ण होगा वहाँ से वैक्सीनेशन सेंटरों का स्थान परिवर्तन किया जाएगा। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि जहाँ अगला वैक्सीनेशन सेंटर स्थापित किया जा रहा है, उसका प्रचार-प्रसार क्षेत्र में व्यापक रूप से किया जाए। इससे जन-सामान्य को वैक्सीनेशन सेंटर पहुँचने में आसानी होगी और वैक्सीनेशन डोज वेस्ट भी नहीं होंगे।वैक्सीनेशन के तय प्रोटोकॉल का ध्यान रखा जाएवैक्सीनेशन के तय प्रोटोकॉल का ध्यान आवश्यक रूप से रखा जाए। वैक्सीनेशन के बाद आधा घंटा आराम कराना आवश्यक है, इस व्यवस्था का पालन किया जाए। सामान्य बुखार आने या अन्य लक्षणों पर भी नजर रखी जाए और आवश्यक सलाह दी जाए। इससे अनावश्यक भ्रम फैलने की स्थिति को रोका जा सकेगा। आवश्यकता होने पर रेफरल स्वास्थ्य संस्थाओं की सहायता ली जाए।राज्य सरकार वायरस के नए वैरिएंट के संबंध में सतर्ककोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की संभावनाओं के संबंध में प्रस्तुति बताया गया कि अगले एक माह में हमें तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है। कोविड अनुकूल व्यवहार यदि नहीं रखा गया तो निश्चित है कि कोरोना के प्रकरण बढ़ेंगे। कोरोना का वायरस अभी गया नहीं है। अब डेल्टा प्लस वेरिएंट की बात हो रही है। वायरस के प्रतिदिन नए वेरिएंट सामने आ रहे हैं। राज्य सरकार वायरस के नए वेरिएशन्स पर लगातार नजर रखे हुए है।अस्पतालों के लिए 61 करोड़ रुपये की स्वीकृतियाँ जारीराज्य शासन द्वारा आगामी परिस्थितियों के लिए लगातार तैयारी की जा रही है। जिला स्तर पर आई.सी.यू, एच.डी.यू, पीडियाट्रिक आई.सी.यू. और ओ.टी. बेड बढ़ाने के लिए लगभग 61 करोड़ रुपये की स्वीकृतियाँ जारी की जा चुकी हैं। उपकरणों आदि की आपूर्ति के लिए भी आदेश दिए जा चुके हैं। प्रयास यह है कि प्रदेश में जुलाई अंत तक आवश्यक अधोसंरचना स्थापित हो जाए।112 ऑक्सीजन प्लांट और 7 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्थाप्रदेश में 112 ऑक्सीजन पी.एस.ए. प्लांट स्वीकृत हो गए हैं। आगामी 15 अगस्त तक लगभग सभी प्लांट क्रियाशील हो जाएंगे। बैठक में जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिए गए कि वे इन ऑक्सीजन प्लांटस के लिए बिजली कनेक्शन की व्यवस्था पूर्व से ही सुनिश्चित कर लें ताकि प्लांटस के क्रियान्वयन में विलंब न हो। प्रदेश के विभिन्न जिलों को 4,500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अतिरिक्त भारत सरकार तथा अन्य स्त्रोतों से लगभग 2,500 कंसंट्रेटर और प्राप्त हो रहे हैं। जिलों को उनकी आवश्यकता के अनुसार कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जाएंगे। अत: जिला अस्पतालों के साथ-साथ सामुदायिक तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जायें।वॉक इन इंटरव्यू से करें रिक्त पदों की पूर्तिमेडिकल कॉलेजों में रिक्त डॉक्टरों तथा चिकित्सा विशेषज्ञों के पदों की पूर्ति के लिए भी संभागायुक्तों को निर्देश दिए गए। इसके लिए वॉक इन इंटरव्यू की व्यवस्था आरंभ करने का सुझाव दिया गया। मेडिकल कॉलेजों में जुलाई तक नर्सेस की सभी रिक्तियाँ भर ली जाएँगी। इन्हें तत्काल कोविड संबंधी प्रशिक्षण देकर बच्चों के वार्ड तथा अन्य आवश्यक स्थानों पर इनकी सेवाएँ ली जाएँ।
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19 June 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कोरोना वैक्सीनेशन के महाअभियान को लेकर सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदेश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 21 जून से प्रदेश में टीकाकरण का महाअभियान है। यह पवित्र अभियान है, लोगों के जीवन को बचाने का अभियान है। इसमे पूरी सरकार जुटेगी, लेकिन समाज को भी जुटना पड़ेगा। राज्य में 7000 केंद्रों पर 21 जून को सुबह 10 बजे से कार्यक्रम शुरू होगा। यह जिंदगी बचाने का अभियान है, आप इसमें उत्साह पूर्वक शामिल होकर वैक्सीन प्रेरक बनें। वैक्सीन के लिए आम जन को प्रेरणा दें। यही मेरा आपसे अनुरोध है।मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि अक्टूबर तक अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगा सकें ताकि तीसरी लहर आए भी तो कम से कम से असर हो। धर्मगुरु, समाजसेवी, समाज प्रमुख, चिंतक, कलाकार, लेखक समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति सभी वैक्सीन लगाने को लेकर समाज में प्रेरणा देने का काम करें, इससे जनता में विश्वास बढ़ेगा।उन्होंने कहा कि अब मध्यप्रदेश में संक्रमण नियंत्रण में है। लेकिन वायरस अभी है। जैसे ही अनलॉक होता है, मिलना जुलना शुरू होता है ये फिर से बढ़ना शुरू होता है। लेकिन हम कब तक बंद करेंगे, इससे नुकसान होता है। हमें ऐसे तरीका निकालना है कि आर्थिक गतिविधियां चलती रहें और कोरोना संक्रमण भी नियंत्रण में रहे। आपका सहयोग मिलेगा तो हम संक्रमण को बढ़ने से रोक देंगे। आपकी बात का प्रभाव है, आपके सहयोग से ही ये संभव हो पाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लगातार बड़ी संख्या में टेस्ट करेंगे, कान्टैक्ट ट्रेसिंग करेंगे और जो पाज़िटिव आए उन्हे अलग करेंगे, माइक्रो कंटेन्मेंट ज़ोन बनायेंगे और किल कोरोना अभियान चलता रहेगा। इसमें आपका सहयोग चाहिये, टेस्टिंग होती रहे। कोविड अनुरूप व्यवहार का जनता पालन करे, इसमे आपका सहयोग चाहिये। हर जगह कोविड प्रोटोकॉल का पालन हो, मास्क लगाना, दूरी रखना और हाथ धोते रहना। जनता को सचेत करना पड़ेगा।उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य अधोसंरचना बढ़ाने का काम हम लगातार कर रहे हैं। टीका लगवाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। दुनिया भर के वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद पाया है कि वैक्सीन सुरक्षा चक्र है। 'मैं स्वयं भी वैक्सीन लगवाऊँगा और दूसरों को भी प्रेरित करूंगा' इस बात का संकल्प लेना होगा उस दिन। बुजुर्गों को घर पहुँच सेवा प्रदान की जाए।मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीन का एक भी डोज बेकार ना जाए, क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी अलग-अलग तरीकों से प्रचार प्रसार करें। मैं स्वयं भी निकलूँगा इस उद्देश्य के लिए। हमें वैक्सीन लगवाने के लिए वातावरण बनाना है। जिस गाँव में पूरी तरह से वैक्सीन लग जाएगी, उनकी रैंकिंग भी करेंगे। इस अभियान में आपका सहयोग चाहिये, आप अपने अपने ढंग से प्रचार-प्रसार का अभियान चलाएं। सोशल मीडिया अपील करें। इस काम के लिए मप्र वैक्सीनेशन महाअभियान तय किया गया है, अधिक से अधिक संख्या में इसका उपयोग करें। अधिक से अधिक संख्या में लोगों को वैक्सीन लगे ये हमारा लक्ष्य है। आइए मिलकर हम इस अभियान को सफल बनाएं।
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19 June 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में जन-भागीदारी के साथ कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिये अपनाई गई रणनीति के काफी सकारात्मक परिणाम मिले हैं। प्रदेश में आज की स्थिति में कोरोना पूरी तरह से काबू में है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भागीरथी प्रयासों और प्रदेश की जनता द्वारा संक्रमण नियंत्रण में की गई भागीदारी से कोरोना संक्रमण लगभग शून्य पर आ गया है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से प्रदेशवासियों को बचाने के लिये मुख्यमंत्री चौहान ने सभी पुख्ता इंतजामों के साथ वैक्सीनेशन के लिये महाभियान चलाने का निर्णय लिया है। प्रदेश में 21 जून से वैक्सीनेशन के लिये जन-जागरण अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने 21 जून से प्रांरभ होने वाले वैक्सीनेशन जन-जागरण अभियान में सभी वर्गों की भागीदारी के लिये अपील की है। चौहान ने कहा कि वैक्सीनेशन जन-जागरण अभियान में सभी मंत्री, सांसद, विधायक सहित नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिनिधि, जिला, ब्लाक, ग्राम एवं वार्ड स्तर की क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियाँ, म.प्र. जन-अभियान परिषद, कोरोना वॉलेंटियर्स सहित विभिन्न समाजिक संगठन एवं सामाजिक कार्यकर्ता सक्रिय भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश के लक्षित समूह का शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन करवा कर लोगों को कोरोना से सुरक्षा प्रदान की जाए। तीन स्तर के क्राइसिस मैनेजमेंट समूहों से संवाद प्रदेश में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिये जिस प्रकार से जन-भागीदारी का उदाहरण मध्यप्रदेश ने पूरे देश में प्रस्तुत किया है, उसी तर्ज पर अब वैक्सीनेशन के लिये भी जन-भागीदारी जुटाई जा रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने जन-जागरण अभियान के पूर्व 17 जून को वैक्सीनेशन के संबंध में जिला, विकासखण्ड और ग्राम स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स के सदस्यों को वर्चुअली संबोधित किया। चौहान ने अपने संबोधन में सभी सदस्यों को वैक्सीनेशन अभियान में सक्रिय भूमिका के लिये प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कोरोना संक्रमण को रोकने में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स ने सहभागिता की, उसके सुखद परिणाम आज पूरा राष्ट्र देख रहा है। अब समय है कि प्रदेशवासियों को भविष्य के लिये सुरक्षा कवच प्रदान करने का। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेशवासियों के हित में शुरू किये जा रहे वैक्सीनेशन अभियान में सभी वर्ग जुड़ कर पुन: उदाहरण प्रस्तुत करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में वैक्सीनेशन का कार्य जारी है। कई जिलों में वैक्सीनेशन के लिये नवाचार भी किये गये हैं। भोपाल जिले सहित अनेक जिलों में ड्राइव-इन के माध्यम से भी लोगों को वैक्सीन लगाई गई है। नि:शक्त जनों को वैक्सीन लगाने के लिये भी पृथक से व्यवस्था की गई। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वॉलेंटियर्स द्वारा ग्रामीणों को न केवल वैक्सीन लगवाई गई बल्कि वैक्सीन के संबंध में फैली अफवाहों को भी दूर कर ग्रामवासियों को वैक्सीन लगावाने के लिये सहमतन किया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। केन्द्र सरकार का भी इसमें पूर्ण सहयोग मिल रहा है। सात हजार वैक्सीन केन्द्र वैक्सीनेशन महा अभियान के लिये प्रदेश में 7 हजार केन्द्र बनाये गये है। केन्द्रों का चयन एप्रोचेबल और नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रख कर किया गया है। सभी केन्रों क पर समाज के प्रबुद्ध व्यक्तियों द्वारा किया जाएगा। महा अभियान के प्रांरभ दिवस पर मुख्यमंत्री चौहान कुछ जिले से अभियान का शुभारंभ करेंगे। इसके साथ ही अन्य जिलों में साहित्यकार, धर्मगुरू, धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रमुख व्यक्ति, शिक्षाविद और मीडिया जगत के प्रबुद्ध जन सहित जिले के प्रबुद्ध नागरिक अपने-अपने क्षेत्र में अभियान की शुरूआत कर लोगों को प्रेरित करेंगे। वैक्सीनेशन सेंटर पर आये लोगों का टीकाकरण के साथ तिलक लगाकर स्वागत और कोविड अनुकूल व्यवहार एवं सावधानियों के प्रति सजग भी किया जाएगा। अभियान में जन-भागीदारी की हो चुकी शुरूआत कोविड-19 के संक्रमण से सुरक्षा कवच प्रदान करने वाली वैक्सीन के लिये प्रदेश के जिलों में जन-भागीदारी को बढ़ाने का काम शुरू हो चुका है। मुरैना जिले की ग्राम पंचायत धनेला, खड़गपुर, गुलेंद्रा और चुरहेला में जन-जागरूकता शिविर आयोजित किये गये। शिविर में अधिकारियों ने घर-घर जाकर ग्रामीणों को पीले चावल देकर वैक्सीनेशन कराने का आमंत्रण दिया और अपील की कि महा अभियान वाले दिन वैक्सीनेशन सेन्टर पर आकर वैक्सीनेशन जरूर करायें। पीले चावल पाकर ग्रामीण जन प्रफुल्लित हो उठे, उनका कहना था कि अभी तक शादी-ब्याह में ही पीले चावल देकर आमंत्रण दिया जाता था, जो शुभ संदेश भी माना जाता है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के इस अनूठे आमंत्रण को सहज स्वीकारते हुए वैक्सीन लगाने की सहमति भी दी। महा अभियान के लिये जन-जागृति वैक्सीनेशन महा अभियान के लिये आमजन में जागृति लाने विभिन्न प्रचार माध्यमों का उपयोग किया जा रहा है। इन प्रचार माध्यमों में पारम्परिक दीवार लेखन के साथ आधुनिक सोशल एवं डिजिटल मीडिया को भी शामिल किया गया है। साथ ही शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संवाद के माध्यम से भी वैक्सीन के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। महा अभियान के दिन जिन लोगों का वैक्सीनेशन होगा, प्रेरणा स्वरूप उनके फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड भी किये जाएंगे। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि वैक्सीनेशन महा अभियान के दिन 10 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। पर्यवेक्षण वैक्सीनेशन महा अभियान के प्रारंभ दिवस की समस्त गतिविधियों के पर्यवेक्षण के लिये राज्य एवं जिला स्तर पर कन्ट्रोल रूम की स्थापना की जायेगी, जिसमें पर्याप्त संख्या में मानव संसाधन एवं संचार माध्यमों की व्यवस्था होगी। प्रत्येक चार से पाँच वैक्सीनेशन केन्द्रों के ऊपर एक वाहनयुक्त जोनल अधिकारी नियुक्त किया जायेगा जो वैक्सीनेशन महा अभियान की समस्त गतिविधियों का पर्यवेक्षण अपने प्रभार के केन्द्रों पर निरंतर भ्रमण कर करेगा। पर्यवेक्षण के लिये नियुक्त जोनल अधिकारी निरंतर जिला स्तरीय कन्ट्रोल रूम के संपर्क में रहेंगे और प्रत्येक घंटे की रिपोर्ट देंगे।
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18 June 2021भोपाल। प्रदेश की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 400 दुष्कर्मियों को कोरोना महामारी में पैरोल पर रिहा करने की तैयारी की जा रही है। जेल मुख्यालय ने सभी जेलों को इस संबंध में पत्र लिखा है। मामला सामने आते ही कांग्रेस ने सरकार के इस निर्णय का विरोध जताया है। मामले में पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि यह जानकारी सामने आयी है कि प्रदेश में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 400 के कऱीब दुष्कर्मियों को शिवराज सरकार कोरोना के नाम पर पैरोल पर छोडऩे की तैयारी कर रही है, इसमें से 100 के कऱीब तो मासूम बच्चियों से दुष्कर्म के दोषी है? यह फ़ैसला बेहद निंदनीय है। जब प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर तकऱीबन समाप्ति की कगार पर है तो ऐसे में इस निर्णय पर कई सवाल भी खड़े हो रहे है? प्रदेश पहले से ही दुष्कर्म के मामलों में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है और इस निर्णय से पीडि़त परिवारों में भी असंतोष है। सरकार तत्काल इस निर्णय पर रोक लगाये।उधर, कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आया है कि मप्र में उन कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जा रहा है। जिनके खिलाफ दुष्कर्म के मामले दर्ज है, जबकि मप्र महिला अपराध व दुष्कर्मों के मामलों में देश में अव्वल है। यह रिकॉर्ड पर है। ऐसे में सरकार दुष्कर्मियों को छोडऩे की तैयारी कर रही है। यह सरासर गलत है। समाज के साथ ज्यादती है। मैं सरकार से कहना चाहता हूं सरकार ऐसे बलात्कारियों को कभी न छोड़े। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि शिवराज जी आपका चरित्र ही समझ से परे है। कांग्रेस नेता अरुण यादव ने ट्वीट पर लिखा कि शिवराज जी आपका चरित्र ही समझ से परे है, आखिरकार आप चाहते क्या हैं-एक तरफ आप कांग्रेसके सहयोग के बाद वर्ष-2011 में बलात्कारियों के खिलाफ फांसी का अध्यादेश लाए (फांसी हुई कितनों को) दूसरी तरफ अब आपकी सरकार उम्रकैद काट रहे दुष्कर्मियों को पैरोल पर छोडऩे की पैरोकार हो गई? किस हद तक, कितना गिरेंगे आप? यही तो अंतर है मामा और कंस में?
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18 June 2021भोपाल। प्रदेश की जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 400 दुष्कर्मियों को कोरोना महामारी में पैरोल पर रिहा करने की तैयारी की जा रही है। जेल मुख्यालय ने सभी जेलों को इस संबंध में पत्र लिखा है। मामला सामने आते ही कांग्रेस ने सरकार के इस निर्णय का विरोध जताया है। मामले में पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि यह जानकारी सामने आयी है कि प्रदेश में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 400 के कऱीब दुष्कर्मियों को शिवराज सरकार कोरोना के नाम पर पैरोल पर छोडऩे की तैयारी कर रही है, इसमें से 100 के कऱीब तो मासूम बच्चियों से दुष्कर्म के दोषी है? यह फ़ैसला बेहद निंदनीय है। जब प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर तकऱीबन समाप्ति की कगार पर है तो ऐसे में इस निर्णय पर कई सवाल भी खड़े हो रहे है? प्रदेश पहले से ही दुष्कर्म के मामलों में देश के शीर्ष राज्यों में शामिल है और इस निर्णय से पीडि़त परिवारों में भी असंतोष है। सरकार तत्काल इस निर्णय पर रोक लगाये।उधर, कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आया है कि मप्र में उन कैदियों को पैरोल पर रिहा किया जा रहा है। जिनके खिलाफ दुष्कर्म के मामले दर्ज है, जबकि मप्र महिला अपराध व दुष्कर्मों के मामलों में देश में अव्वल है। यह रिकॉर्ड पर है। ऐसे में सरकार दुष्कर्मियों को छोडऩे की तैयारी कर रही है। यह सरासर गलत है। समाज के साथ ज्यादती है। मैं सरकार से कहना चाहता हूं सरकार ऐसे बलात्कारियों को कभी न छोड़े। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। उन्होंने कहा कि शिवराज जी आपका चरित्र ही समझ से परे है। कांग्रेस नेता अरुण यादव ने ट्वीट पर लिखा कि शिवराज जी आपका चरित्र ही समझ से परे है, आखिरकार आप चाहते क्या हैं-एक तरफ आप कांग्रेसके सहयोग के बाद वर्ष-2011 में बलात्कारियों के खिलाफ फांसी का अध्यादेश लाए (फांसी हुई कितनों को) दूसरी तरफ अब आपकी सरकार उम्रकैद काट रहे दुष्कर्मियों को पैरोल पर छोडऩे की पैरोकार हो गई? किस हद तक, कितना गिरेंगे आप? यही तो अंतर है मामा और कंस में?
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18 June 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में मंगलवार से ग्रीष्मकालीन मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो गई है। निर्धारित उपार्जन केन्द्रों पर पंजीयन के माध्यम से किसान अपनी उपज सरकारी दाम पर बेच रहे हैं। इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों के मेहनत की पूरी कीमत मिले, इसके लिए हम हरसंभव उपाय कर रहे हैं। किसानों का हित हमारी प्राथमिकता है।मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को ट्वीट के माध्यम से कहा है कि -मेरे किसान भाइयों-बहनों, आपने घनघोर परिश्रम करके मूंग का रिकॉर्ड उत्पादन किया है। अधिक उत्पादन होने से कीमतें घट गईं, तो हमने तत्काल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदी का निर्णय लिया। आज से ही खरीदी प्रारंभ हो गई है। किसानों का हित हमारी प्राथमिकता है।उन्होंने अगले ट्वीट में कहा है कि - प्रदेश सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी की घोषणा की और बाजार में इसका मूल्य बढ़ने लगा। मेरे किसान भाइयों, आपके हितों की रक्षा एवं पसीने की पूरी कीमत मिले; इसके लिए हम हरसंभव उपाय कर रहे हैं और आगे भी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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15 June 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि हिंदुओं की आस्था के केंद्रों पर राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह ही नहीं, पूरी कांग्रेस विवाद खड़े करती रही है। दिग्विजय सिंह आज राममंदिर पर सवाल कर रहे हैं। पहले उन्होंने कश्मीर पर आपत्तिजनक बयान दिया था। कांग्रेस का मूल मकसद सिर्फ हिंदुओं की धार्मिक आस्था के साथ छेड़छाड़ करना है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राम सत्य हैं, ये सत्य है। ये वही राहुल है जिनकी सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में राम के अस्तित्व पर सवाल खड़ा किया था, मैं राहुल जी को बहस के लिए चुनौती देता हूं, मैं कमलनाथ को भी चुनौती देता हूं कि वो आएं और मुझसे राम के विषय में बहस करें। वहीं दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर गृह मंत्री ने निशाना साधते हुए कहा कि हिंदुओं की आस्था के केंद्रों पर राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह ही नहीं, पूरी कांग्रेस विवाद खड़े करती रही है। दिग्विजय सिंह आज राममंदिर पर सवाल कर रहे हैं। पहले उन्होंने कश्मीर पर आपत्तिजनक बयान दिया था। कांग्रेस का मूल मकसद सिर्फ हिंदुओं की धार्मिक आस्था के साथ छेड़छाड़ करना है। कोरोना का ग्राफ तेजी से नीचे आ रहामंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी से नीचे आ रहा है। पिछले 24 घंटे में 528 मरीज स्वस्थ हुए हैं। नए केस 224 हैं, संक्रमण दर अब 0.31 प्रतिशत जबकि रिकवरी दर 98.4 प्रतिशत है। 15 जिलों में कोरोना का एक भी नया मरीज नहीं मिला है। मध्य प्रदेश सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है, जो कोरोना से पीडि़त लोगों के पक्ष में कई महत्वपूर्ण योजनाओं का ऐलान कर उनको लागू कर रही है। वहीं कांग्रेस कोरोना महामारी में भी जनहितैषी फैसलों पर सवाल उठा रही है और हर मुद्दे पर सिर्फ राजनीति कर रही है।
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15 June 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि हिंदुओं की आस्था के केंद्रों पर राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह ही नहीं, पूरी कांग्रेस विवाद खड़े करती रही है। दिग्विजय सिंह आज राममंदिर पर सवाल कर रहे हैं। पहले उन्होंने कश्मीर पर आपत्तिजनक बयान दिया था। कांग्रेस का मूल मकसद सिर्फ हिंदुओं की धार्मिक आस्था के साथ छेड़छाड़ करना है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राम सत्य हैं, ये सत्य है। ये वही राहुल है जिनकी सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में राम के अस्तित्व पर सवाल खड़ा किया था, मैं राहुल जी को बहस के लिए चुनौती देता हूं, मैं कमलनाथ को भी चुनौती देता हूं कि वो आएं और मुझसे राम के विषय में बहस करें। वहीं दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर गृह मंत्री ने निशाना साधते हुए कहा कि हिंदुओं की आस्था के केंद्रों पर राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह ही नहीं, पूरी कांग्रेस विवाद खड़े करती रही है। दिग्विजय सिंह आज राममंदिर पर सवाल कर रहे हैं। पहले उन्होंने कश्मीर पर आपत्तिजनक बयान दिया था। कांग्रेस का मूल मकसद सिर्फ हिंदुओं की धार्मिक आस्था के साथ छेड़छाड़ करना है। कोरोना का ग्राफ तेजी से नीचे आ रहामंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण का ग्राफ तेजी से नीचे आ रहा है। पिछले 24 घंटे में 528 मरीज स्वस्थ हुए हैं। नए केस 224 हैं, संक्रमण दर अब 0.31 प्रतिशत जबकि रिकवरी दर 98.4 प्रतिशत है। 15 जिलों में कोरोना का एक भी नया मरीज नहीं मिला है। मध्य प्रदेश सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है, जो कोरोना से पीडि़त लोगों के पक्ष में कई महत्वपूर्ण योजनाओं का ऐलान कर उनको लागू कर रही है। वहीं कांग्रेस कोरोना महामारी में भी जनहितैषी फैसलों पर सवाल उठा रही है और हर मुद्दे पर सिर्फ राजनीति कर रही है।
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15 June 2021भोपाल। धारा 370 मामले में भाजपा नेताओं का पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह खिलाफ बयानबाजी का दौरा जारी है। मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह के विवादित बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि धारा 370 को लेकर दिग्विजय सिंह के परिवार में ही विरोध हो रहा है। कथित वायरल चैट से साबित हो गया कि दिग्विजय भारत विरोधी सोच रखते हैं। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि 370 हटाने के बाद कही हिन्दू कश्मीर में फिर बस न जाएं इसलिए दिग्विजय भ्रम पैदा किया। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद कश्मीरी पंडित फिर वापस कश्मीर लौट रहे हैं जो दिग्विजय सिंह जैसे नेता बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। दिग्विजय सिंह धारा 370 का समर्थन कर कश्मीरी पंडितों और हिंदूओं को डरा रहे हैं। कांग्रेस और दिग्विजय सिंह कश्मीर को फिर अस्थिर करना चाहते हैं। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर वैक्सीन को लेकर भ्रम फैलाने का भी आरोप लगाया है। कहा कि दिग्विजय वैक्सीन को लेकर भ्रम फैला रहे। आज तक राहुल गांधी ने वैक्सीन नहीं लगवाई है। कांग्रेस कह रही वैक्सीनेशन के बाद चम्मच चिपक रही है। जबकि ये सब अफवाह है। वो तो सिमी आतंकी भी मना कर रहे हैं। आतंकी कहते हैं कि हमारा धर्म ऐसी इजाजत नहीं देता। ये भारत विरोधी सोच है, चाहे सिमी की हो या दिग्विजय सिंह की। दोनों एक समान है। दिग्विजय ने कश्मीर को देश से काटने का प्रयास किया है। वो सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं में भय पैदा करना चाहते हैं। भाजपा मुस्लिम नहीं आतंकवाद की सोच के खिलाफइसके अलावा दिग्विजय सिंह द्वारा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से बयान की तुलना पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आरएसएस के मुखिया आदरणीय मोहन भागवत जी के बयानों की तुलना दिग्विजय सिंह जी से करना निरर्थक है। भागवत जी या भाजपा मुसलमानों की विरोधी नहीं हैं। हमारा विरोध उस मानसिकता और विचारों से है, जो देश में रहकर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं और आतंकवाद को पनाह देते हैं।
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14 June 2021भोपाल। धारा 370 मामले में भाजपा नेताओं का पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह खिलाफ बयानबाजी का दौरा जारी है। मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह के विवादित बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि धारा 370 को लेकर दिग्विजय सिंह के परिवार में ही विरोध हो रहा है। कथित वायरल चैट से साबित हो गया कि दिग्विजय भारत विरोधी सोच रखते हैं। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि 370 हटाने के बाद कही हिन्दू कश्मीर में फिर बस न जाएं इसलिए दिग्विजय भ्रम पैदा किया। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद कश्मीरी पंडित फिर वापस कश्मीर लौट रहे हैं जो दिग्विजय सिंह जैसे नेता बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं। दिग्विजय सिंह धारा 370 का समर्थन कर कश्मीरी पंडितों और हिंदूओं को डरा रहे हैं। कांग्रेस और दिग्विजय सिंह कश्मीर को फिर अस्थिर करना चाहते हैं। गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर वैक्सीन को लेकर भ्रम फैलाने का भी आरोप लगाया है। कहा कि दिग्विजय वैक्सीन को लेकर भ्रम फैला रहे। आज तक राहुल गांधी ने वैक्सीन नहीं लगवाई है। कांग्रेस कह रही वैक्सीनेशन के बाद चम्मच चिपक रही है। जबकि ये सब अफवाह है। वो तो सिमी आतंकी भी मना कर रहे हैं। आतंकी कहते हैं कि हमारा धर्म ऐसी इजाजत नहीं देता। ये भारत विरोधी सोच है, चाहे सिमी की हो या दिग्विजय सिंह की। दोनों एक समान है। दिग्विजय ने कश्मीर को देश से काटने का प्रयास किया है। वो सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं में भय पैदा करना चाहते हैं। भाजपा मुस्लिम नहीं आतंकवाद की सोच के खिलाफइसके अलावा दिग्विजय सिंह द्वारा आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से बयान की तुलना पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि आरएसएस के मुखिया आदरणीय मोहन भागवत जी के बयानों की तुलना दिग्विजय सिंह जी से करना निरर्थक है। भागवत जी या भाजपा मुसलमानों की विरोधी नहीं हैं। हमारा विरोध उस मानसिकता और विचारों से है, जो देश में रहकर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं और आतंकवाद को पनाह देते हैं।
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14 June 2021भोपाल। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के जम्मू-कश्मीर में दोबारा आर्टिकल 370 लागू करने के बयान को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। भाजपा दिग्विजय सिंह के बयान पर लगातार हमला बोल रही है। वहीं अब उनके परिवार में ही बयान को लेकर फूट देखने को मिल रही है। दिग्विजय सिंह के छोटे भाई और विधायक लक्ष्मण सिंह और उनकी पत्नी रुबीना सिंह ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। लक्ष्मण सिंह ने ट्वीट कर दिग्विजय सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कश्मीर में दोबारा धारा 370 लागू करना संभव नहीं है। हां लेकिन सच यह भी है कि धारा 370 का समर्थन करने वाले फारूख अब्दुल्ला एनडीए की सरकार में मंत्री रह चुके हैं, जबकि महबूबा मुफ्ती का समर्थन भाजपा कर चुकी है। बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब लक्ष्मण सिंह ने पार्टी लाइन से हटकर कुछ कहा हो, इसस पहले भी वह अपनी ही पार्टी कांग्रेस के खिलाफ बयान जारी कर चुके हैं। वहीं इस पूरे मामले पर दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह उनके बयान से न तो सहमत दिखे और न असहमत। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि अगल चुनाव आर्टिकल 370 पर नहीं बल्कि बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और कोरोना के कारण देश में जो तबाही हुई है, इन मुद्दों पर लड़ा जाएगा। लक्ष्मण सिंह की पत्नी रूबीना सिंह ने भी साधा निशाना लक्ष्मण सिंह की पत्नी रूबीना सिंह ने भी दिग्विजय सिंह के बयान को अनावश्यक बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि कश्मीरी पंडितों और तथाकथित आरक्षण के बारे में बोले गए शब्द दुर्भाग्यपूर्ण हैं। यह सब सीमा पार के एक पत्रकार से कहा गया। एक ऐसा राष्ट्र जिसने हमें शांति से रहने नहीं दिया। मानो हमने पर्याप्त कष्ट नहीं उठाया हो। हानिकारक और अनावश्यक। बता दें कि रूबीना सिंह कश्मीरी पंडित हैं। वे कैंसर पीडि़तों की काउंसलिंग भी करती हैं।
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13 June 2021भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जल्द ही विस्तार किया जा सकता है। माना जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र से पहले ही कैबिनेट विस्तार संभव है। केन्द्रीय कैबिनेट के विस्तार के साथ ही मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार का तख्तापलट कराने में अहम भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का इंतजार भी खत्म हो सकता है। सिंधिया को मोदी सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। दरअसल सिंधिया के करीबी एक वरिष्ठ नेता के हवाले से बताया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को रेल मंत्री बनाया जा सकता है। इसके साथ ही सिंधिया को शहरी विकास या मानव संसाधन जैसे अहम मंत्रालय भी दिए जा सकते हैं। सिंधिया भी इन दिनों खासे एक्टिव दिखाई दे रहे हैं और भाजपा के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। उन्हें भाजपा में शामिल हुए 15 महीने हो चुके हैं। अब भाजपा उनसे किया वादा पूरा करने जा रही है। इसके संकेत दिल्ली से लेकर मध्यप्रदेश तक हैं। जानकारों का मानना है कि मोदी ज्योतिरादित्य को कैबिनेट मंत्री बनाएंगे। इसकी वजह यह है कि मनमोहन सरकार में भी उन्होंने अपने कामों के चलते एक एक्टिव मंत्री की छवि बनाई थी। इस बार वे टीम मोदी में शामिल होते हैं, तो फिर वे अपना काम दिखा पाएंगे। उनकी क्षमताओं का लाभ उन्हें प्रस्तावित फेरबदल में मिलने की पूरी संभावना है। ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रहने के दौरान मनमोहन सरकार में भी अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। सिंधिया ने मनमोहन सरकार में टेलीकॉम, आईटी इंडस्ट्रीज जैसे अहम मंत्रालय संभाले थे। यही वजह है कि मोदी सरकार भी उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। मोदी कैबिनेट का विस्तार जून के अंत में या फिर अगले महीने की शुरुआत में संभव है।
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13 June 2021भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-7 समिट-2021 की बैठक में वैश्विक समुदाय को "वन अर्थ-वन हेल्थ" अर्थात एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य का मंत्र दिया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मंत्र को मानवता को एकजुट करने के लिए प्रेरित करने वाला बताया है। साथ ही विश्व समुदाय के आत्मीय मार्गदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को सिलसिलेवार ट्वीट के माध्यम से कहा है कि -'वसुधैव कुटुम्बकम्' भारत देश की संस्कृति का परिचायक रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने जी-7 समिट-2021 की बैठक में वैश्विक समुदाय को "वन अर्थ-वन हेल्थ" का मंत्र दिया है। समग्र समाज के सहयोग से ही विश्व पटल से #COVID19 महामारी को समाप्त किया जा सकता है।उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि कोविड-19 महामारी और इस प्रकार के अन्य संकटों से लड़ने के लिये 'एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य' का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का मंत्र मानवता को एकजुट करने के लिये प्रेरित करेगा। सीएम शिवराज ने लिखा है कि प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, यह भारत की अक्षुण्ण परंपरा रही है। यह तभी संभव होगा जब सम्पूर्ण विश्व एकजुट होकर 'एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य' भावना से आगे बढ़े। आत्मीय मार्गदर्शन करने हेतु प्रधानमंत्री मोदी जी का हार्दिक आभार।मुख्यमंत्री ने टोसिलिजुमैब इंजेक्शन को टैक्स फ्री करने पर जताया प्रधानमंत्री का आभारवहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टोसिलिजुमैब इंजेक्शन को टैक्स फ्री करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा है कि कोरोना महामारी के संकट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आगे रहकर देश का नेतृत्व किया है। देश के नागरिकों के लिये निशुल्क वैक्सीन के निर्णय के साथ प्रधानमंत्री जी की अगुवाई में अब ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाला एम्फोटेरेसिन बी को टैक्स फ्री कर दिया है।मुख्यमंत्री ने अगले ट्वीट में कहा है कि जीएसटी काउंसिल ने कोरोना के इलाज में काम आने वाले इंजेक्शन टोसिलिजुमैब को भी टैक्स फ्री करने का फैसला लिया है। साथ ही रेमेडिसिविर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे उपकरणों पर टैक्स दर घटा दी गयी है। जनकल्याणकारी इन निर्णयों के लिये प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार।
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13 June 2021भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-7 समिट-2021 की बैठक में वैश्विक समुदाय को "वन अर्थ-वन हेल्थ" अर्थात एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य का मंत्र दिया है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मंत्र को मानवता को एकजुट करने के लिए प्रेरित करने वाला बताया है। साथ ही विश्व समुदाय के आत्मीय मार्गदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को सिलसिलेवार ट्वीट के माध्यम से कहा है कि -'वसुधैव कुटुम्बकम्' भारत देश की संस्कृति का परिचायक रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने जी-7 समिट-2021 की बैठक में वैश्विक समुदाय को "वन अर्थ-वन हेल्थ" का मंत्र दिया है। समग्र समाज के सहयोग से ही विश्व पटल से #COVID19 महामारी को समाप्त किया जा सकता है।उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि कोविड-19 महामारी और इस प्रकार के अन्य संकटों से लड़ने के लिये 'एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य' का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का मंत्र मानवता को एकजुट करने के लिये प्रेरित करेगा। सीएम शिवराज ने लिखा है कि प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, यह भारत की अक्षुण्ण परंपरा रही है। यह तभी संभव होगा जब सम्पूर्ण विश्व एकजुट होकर 'एक पृथ्वी-एक स्वास्थ्य' भावना से आगे बढ़े। आत्मीय मार्गदर्शन करने हेतु प्रधानमंत्री मोदी जी का हार्दिक आभार।मुख्यमंत्री ने टोसिलिजुमैब इंजेक्शन को टैक्स फ्री करने पर जताया प्रधानमंत्री का आभारवहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टोसिलिजुमैब इंजेक्शन को टैक्स फ्री करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने रविवार को ट्वीट करते हुए कहा है कि कोरोना महामारी के संकट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आगे रहकर देश का नेतृत्व किया है। देश के नागरिकों के लिये निशुल्क वैक्सीन के निर्णय के साथ प्रधानमंत्री जी की अगुवाई में अब ब्लैक फंगस के इलाज में काम आने वाला एम्फोटेरेसिन बी को टैक्स फ्री कर दिया है।मुख्यमंत्री ने अगले ट्वीट में कहा है कि जीएसटी काउंसिल ने कोरोना के इलाज में काम आने वाले इंजेक्शन टोसिलिजुमैब को भी टैक्स फ्री करने का फैसला लिया है। साथ ही रेमेडिसिविर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जैसे उपकरणों पर टैक्स दर घटा दी गयी है। जनकल्याणकारी इन निर्णयों के लिये प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार।
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13 June 2021भोपाल। मध्यप्रदेश से कोरोना को लेकर बड़ी राहत भरी खबर है। यहां रोजाना कोरोना संक्रमण के नये मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले सैकड़ा में आ गये है। यहां बीते 24 घंटों में कोरोना के 718 नये मामले सामने आए हैं, जबकि 38 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 07 लाख, 84 हजार, 461 और मृतकों की संख्या 8295 हो गई है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा शनिवार देर शाम जारी कोरोना से संबंधित हेल्थ बुलेटिन में दी गई। नये मामलों में इंदौर- 223, भोपाल- 171, ग्वालियर- 13, जबलपुर- 61, उज्जैन- 13, सागर- 16, खरगौन- 09, रतलाम- 12, रीवा- 09, बैतूल- 15, विदिशा- 08, धार- 08, सतना- 06, नरसिंहपुर- 02, होशंगाबाद- 08, बड़वानी- 07, शिवपुरी- 05, कटनी- 05, शहडोल- 01, बालाघाट- 08, झाबुआ- 01, सीहोर- 07, छिंदवाड़ा- 04, राजगढ़- 09, रायसेन- 09, मुरैना- 06, नीमच- 03, मंदसौर- 01, देवास- 04, दमोह- 09, शाजापुर- 05, छतरपुर- 01, अनूपपुर- 06, सिंगरौली- 02, सिवनी- 03, सीधी- 02, टीकमगढ़- 03, दतिया-04, गुना- 08, खंडवा- 01, पन्ना- 04, उमरिया-04, हरदा- 07, मंडला- 00, अलिराजपुर- 00, डिंडौरी-05, अशोकनगर-00, श्योपुर- 05, भिंड- 00, बुरहानपुर- 00, आगरमालवा- 00, निवाड़ी- 05 मरीज मिले हैं। आज प्रदेश के 46 जिलों में कोरोना के प्रकरण पाये गए। मंडला, अशोकनगर, अलिराजपुर, आगरमालवा, भिंड और बुरहानपुर जिले में शनिवार को कोरोना संक्रमण के एक भी पॉजिटिव मामले सामने नहीं आए है। बुलेटिन के अनुसार, आज प्रदेशभर में 81,812 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। इनमें 718 पॉजिटिव और 81,094 रिपोर्ट निगेटिव आईं, जबकि 204 सेम्पल रिजेक्ट हुए। पाजिटिव प्रकरणों का प्रतिशत 0.8 रहा। इसके बाद राज्य में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढकऱ 07,84, 461 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 151272, भोपाल- 121814, ग्वालियर- 52967, जबलपुर- 50150, उज्जैन- 18783, सागर- 16469, खरगौन- 13845, रतलाम- 17716, रीवा- 16359, बैतूल- 12743, विदिशा- 11857, धार- 12464, सतना- 11929, नरसिंहपुर- 11165, बड़वानी- 8320, होशंगाबाद- 10593, शिवपुरी- 12364, कटनी- 9355, बालाघाट- 9052, शहडोल- 10058, छिंदवाड़ा- 6676, झाबुआ- 7667, सिहोर- 10102, राजगढ़- 8562, रायसेन- 9157, नीमच- 7880, मुरैना- 8213, मंदसौर- 8587, देवास- 7707, शाजापुर- 6299, दमोह- 8057, छतरपुर- 7576, अनूपपुर- 9183, सिवनी- 6728, सिंगरौली- 8775, सीधी- 9200, टीकमगढ़- 6851, दतिया- 6919, खंडवा- 4033, गुना- 5115, पन्ना- 7257, उमरिया- 6268, हरदा- 5000, मंडला- 5176, अलिराजपुर- 3495, डिंडौरी- 4603, अशोकनगर- 3635, श्योपुर- 3981, भिंड- 2989, बुरहानपुर- 2558, आगरमालवा- 3273, निवाड़ी- 3664 मरीज शामिल हैं। राज्य में आज कोरोना से 38 मरीजों की मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों में इंदौर, बैतूल, शिवपुरी, सतना और राजगढ़ में दो, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में तीन, सागर में सात, दामोह में चार, खरगौन, बड़वानी, टीकमगढ़, शाजापुर और उमरिया जिले के एक-एक मरीज शामिल है। इसके बाद राज्य में मृतकों की संख्या बढकऱ 8295 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर- 1353, भोपाल- 948, ग्वालियर- 596, जबलपुर- 623, उज्जैन- 171, सागर- 304, खरगौन- 224, रतलाम- 308, रीवा- 128, बैतूल- 211, विदिशा- 217, धार- 126, सतना- 119, नरसिंहपुर- 80, बड़वानी- 86, होशंगाबाद- 97, शिवपुरी- 117, कटनी- 109, बालाघाट- 64, शहडोल- 117, छिंदवाड़ा- 120, झाबुआ- 53, सिहोर- 52, राजगढ़- 122, रायसेन- 187, नीमच- 84, मुरैना- 84, मंदसौर- 84, देवास- 49, शाजापुर- 55, दमोह- 175, छतरपुर- 91, अनूपपुर- 81, सिवनी- 28, सिंगरौली- 77, सीधी- 87, टीकमगढ़- 108, दतिया- 77, खंडवा- 94, गुना- 44, पन्ना- 57, उमरिया- 59, हरदा- 92, मंडला- 17, अलिराजपुर- 47, डिंडौरी- 28, अशोकनगर- 31, श्योपुर- 63, भिंड- 29, बुरहानपुर- 38, आगरमालवा- 38, निवाड़ी- 46 व्यक्ति शामिल है। बुलेटिन के अनुसार, राज्य में अब तक 7,64,822 मरीज कोरोना को मात देकर अपने घर पहुंच चुके हैं। इनमें 2225 मरीज शनिवार को स्वस्थ हुए। अब यहां कोरोना के सक्रिय प्रकरण 11344 हो गए हैं। बता दें कि मप्र में फरवरी के दूसरे सप्ताह में सक्रिय प्रकरण एक हजार के नीचे पहुंच गए थे, लेकिन स्वस्थ होने वाले मरीजों की तुलना में नये मामले अधिक संख्या में आने के कारण यहां सक्रिय प्रकरण लगातार बढ़ते जा रहे थे। हांलाकि अब सक्रिय मामलों में भी धीरे धीरे कमी देखने को मिल रही है।
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5 June 2021सतना। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शुक्रवार को मैहर पहुंचे। यहां उन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल के कारण मैहर मंदिर के गेट पर ही पुरोहितों की मौजूदगी में पूजा अर्चना की। इसके बाद सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने बाबा अलाउद्दीन खां मैहर कला अकादमी के सदस्य व नलतरंग वादक प्रभूदयाल द्विवेदी के निधन पर घर पहुंचकर शोक व्यक्त किया। इसके बाद कांग्रेस पदाधिकारी रहे मनीष चतुर्वेदी के घर पहुंचकर शोक जताया। वे करीब 1 बजे जबलपुर रवाना हो गए। सतना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। कमलनाथ ने कोविड से हुई मौतों पर एक बार फिर शिवराज सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डेढ़ लाख शव श्मशान पहुंचे हैं। इनमें से 80 प्रतिशत शवों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल से किया गया है। जनता को दिखाई देने वाले सरकारी आंकड़े झूठे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार श्मशान घाटों और कब्रिस्तान के रजिस्टर जनता के सामने रखे, जनता सच्चाई का साथ दे, मैं सच्चाई दिखाता हूं तो एफआईआर करते हैं, मैं सवाल पूछता हूं तो देशद्रोही बोलते हैं, केंद्र सरकार ने खुद सुप्रीम कोर्ट में वायरस को इंडियन म्यूटेंट कोविड बताया था। कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें मुंबई जाना चाहिए। वे एक्टिंग अच्छी कर लेते हैं। इससे मध्य प्रदेश का नाम रोशन होगा। इसके बाद उन्होंने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी जी ने भारत को बदनाम कर दिया है, इसलिए भारतीयों पर विश्व ने आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। विदेशों में भारतीयों की ऐसी छवि बन गई है कि टैक्सी में कोई बैठने को तैयार नहीं है।इसके साथ ही पूर्व सीएम कमलनाथ ने एफिडेविट अभियान भी शुरू किया। उन्होंने कहा कि जिनके घरों में कोविड से मौतें हुई वो एफिडेविट भरकर दें, मैं एफिडेविट का ड्राफ्ट दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि एफिडेविट मिलने पर मृतकों को 5 लाख मुआवजा दे सरकार, एफिडेविट गलत होने पर सरकार कार्रवाई को स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि कोई भी नागरिक मेरे अभियान से जुड़ सकता है, मैं केवल सच्चाई सामने लाना चाहता हूं। इसके अलावा कमलनाथ ने कहा कि नकली रेमडेसिविर कांड की उच्चस्तरीय जांच हो। सरकार बताए प्रदेश के कितने अस्पतालों में कैसे नकली इंजेक्शन पहुंचे? नकली इंजेक्शन से कितने मरीजों की जान गई? सतना के रामचन्द अग्रवाल को भी नकली रेमडेसिविर लगने की शिकायत मिली। कमलनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी से भी हिसाब मांगा। उन्होंने कहा कि 30 मई को सरकार के 7 साल होने पर देश को पीएम मोदी जवाब दें, पीएम केयर फंड भी नारा बनकर रह गया। पीएम केयर फंड से आये खराब वेन्टीलेटर्स ने कितनी जान लीं? वेन्टीलेटर्स खरीदी में कितना कमीशन लिया गया।
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28 May 2021भोपाल। कोरोना के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में गरीब परिवारों की सहायता के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दो माह का और राज्य सरकार द्वारा तीन माह का राशन उपलब्ध कराया गया है। सभी पात्र हितग्राहियों को नि:शुल्क राशन का वितरण हो जाए, यह सुनिश्चित किया जाए कि शहर में कोई भूखा न सोए। तेंदूपत्ता तुड़ाई के दौरान भी कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन किया जाए। यह कहना है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का। उन्होंने शुक्रवार कहा कि निर्माण श्रमिकों और स्व-सहायता समूहों के खातों में राशि जारी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परिवारों में कोविड से मृत्यु हुई है उन्हें एक लाख रुपये की सहायता देने का निर्णय भी लिया गया है। वे एक बैठक में यह सभी बातें कह रहे थे। गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों का नि:शुल्क कोविड इलाज सुनिश्चित करें मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय सबसे पहली प्राथमिकता है लोगों की जान बचाना। उन्होंने कहा कि कोरोना शरीर के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी तोड़ देता है। मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के तहत सभी गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों का नि:शुल्क कोविड इलाज कराना सुनिश्चित करें। कोविड में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी चौहान ने कहा कि कोविड से जिन बच्चों के माता-पिता तथा अभिभावकों की मृत्यु हो गयी है उनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। इसके लिए योजना बनाई गई है। पात्र बच्चों को प्रतिमाह पांच हजार रुपये तथा शिक्षा में सरकार मदद करेगी। उन्होंने कहा कि कोविड में जिन शासकीय सेवकों की मृत्यु हुई है उनके बच्चों को अनुकम्पा नियुक्त दी जाएगी। कलेक्टर ने प्रेजेंटेशन द्वारा दी जानकारी समीक्षा बैठक में सीहोर कलेक्टर चन्द्र मोहन ठाकुर ने जिले में कोविड नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों पर प्रेजेंटेशन दिया। कलेक्टर ने बताया कि जिले में किल-कोरोना अभियान का सफलता से संचालन किया जा रहा है। अभियान के डोर-टू-डोर सर्वे के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। पॉजिटिविटी रेट में तेजी से गिरावट आई है। जिला चिकित्सालय सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया गया है। चिकित्सालयों एवं स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन बेड्स और आवश्यक दवाओं की भी लगातार मॉनिटरिंग कर पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
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28 May 2021भोपाल। मध्यप्रदेश से कोरोना को लेकर बड़ी राहत भरी खबर है। यहां रोजाना कोरोना संक्रमण के नये मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है। यहां बीते 24 घंटों में कोरोना के 1977 नये मामले सामने आए हैं, जबकि 70 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 07 लाख, 73 हजार, 855 और मृतकों की संख्या 7828 हो गई है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा गुरुवार देर शाम जारी कोरोना से संबंधित हेल्थ बुलेटिन में दी गई। नये मामलों में इंदौर- 577, भोपाल- 409, ग्वालियर- 51, जबलपुर- 99, उज्जैन- 41, सागर- 96, खरगौन- 25, रतलाम- 48, रीवा- 31, बैतूल- 34, विदिशा- 19, धार- 27, सतना- 12, नरसिंहपुर- 08, होशंगाबाद- 18, बड़वानी- 08, शिवपुरी- 29, कटनी- 10, शहडोल- 19, बालाघाट- 18, झाबुआ- 09, सीहोर- 26, छिंदवाड़ा- 05, राजगढ़- 25, रायसेन- 19, मुरैना- 27, नीमच- 19, मंदसौर- 19, देवास- 09, दमोह- 38, शाजापुर- 06, छतरपुर- 11, अनूपपुर- 25, सिंगरौली- 07, सिवनी- 16, सीधी- 20, टीकमगढ़- 12, दतिया-10, गुना- 09, खंडवा- 02, पन्ना- 18, उमरिया-08, हरदा- 06, मंडला- 06, अलिराजपुर- 04, डिंडौरी-05, अशोकनगर-11, श्योपुर- 08, भिंड- 05, बुरहानपुर- 02, आगरमालवा- 05, निवाड़ी- 06 मरीज मिले हैं। आज प्रदेश के सभी 52 जिलों में कोरोना के प्रकरण पाये गए। बुलेटिन के अनुसार, आज प्रदेशभर में 69,606 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। इनमें 1977 पॉजिटिव और 67,629 रिपोर्ट निगेटिव आईं, जबकि 1520 सेम्पल रिजेक्ट हुए। पाजिटिव प्रकरणों का प्रतिशत 02.8 रहा। इसके बाद राज्य में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढक़र 07,73, 855 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 147922, भोपाल- 119650, ग्वालियर- 52612, जबलपुर- 49407, उज्जैन- 18639, सागर- 16210, खरगौन- 13696, रतलाम- 17501, रीवा- 16213, बैतूल- 12583, विदिशा- 11756, धार- 12329, सतना- 11867, नरसिंहपुर- 11096, बड़वानी- 8261, होशंगाबाद- 10524, शिवपुरी- 12278, कटनी- 9333, बालाघाट- 8935, शहडोल- 9998, छिंदवाड़ा- 6615, झाबुआ- 7642, सिहोर- 9962, राजगढ़- 8458, रायसेन- 9048, नीमच- 7784, मुरैना- 8029, मंदसौर- 8501, देवास- 7657, शाजापुर- 6257, दमोह- 7889, छतरपुर- 7530, अनूपपुर- 9046, सिवनी- 6638, सिंगरौली- 8740, सीधी- 9089, टीकमगढ़- 6813, दतिया- 6879, खंडवा- 4020, गुना- 5031, पन्ना- 7202, उमरिया- 6209, हरदा- 4969, मंडला- 5158, अलिराजपुर- 3482, डिंडौरी- 4570, अशोकनगर- 3577, श्योपुर- 3888, भिंड- 2966, बुरहानपुर- 2545, आगरमालवा- 3258, निवाड़ी- 3593 मरीज शामिल हैं। राज्य में आज कोरोना से 70 मरीजों की मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों में इंदौर, सागर, बैतूल और विदिशा में चार, भोपाल, रीवा, दमोह, छतरपुर और कटनी में तीन, रायसेन में छह, ग्वालियर और जबलपुर में आठ, रतलाम, सतना, पन्ना, भिंड और नरसिंहपुर में दो, खरगौन, बड़वानी, उमरिया, हरदा, श्योपुर, टीकमगढ़ और शहडोल जिले के एक-एक मरीज शामिल है। इसके बाद राज्य में मृतकों की संख्या बढक़र 7828 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर- 1327, भोपाल- 924, ग्वालियर- 556, जबलपुर- 579, उज्जैन- 169, सागर- 253, खरगौन- 217, रतलाम- 300, रीवा- 105, बैतूल- 176, विदिशा- 178, धार- 123, सतना- 107, नरसिंहपुर- 76, बड़वानी- 83, होशंगाबाद- 97, शिवपुरी- 102, कटनी- 105, बालाघाट- 60, शहडोल- 117, छिंदवाड़ा- 120, झाबुआ- 52, सिहोर- 49, राजगढ़- 112, रायसेन- 182, नीमच- 84, मुरैना- 78, मंदसौर- 81, देवास- 46, शाजापुर- 52, दमोह- 150, छतरपुर- 87, अनूपपुर- 74, सिवनी- 28, सिंगरौली- 73, सीधी- 85, टीकमगढ़- 103, दतिया- 74, खंडवा- 94, गुना- 44, पन्ना- 55, उमरिया- 57, हरदा- 84, मंडला- 17, अलिराजपुर- 45, डिंडौरी- 28, अशोकनगर- 26, श्योपुर- 57, भिंड- 25, बुरहानपुर- 37, आगरमालवा- 32, निवाड़ी- 43 व्यक्ति शामिल है। बुलेटिन के अनुसार, राज्य में अब तक 7,27,700 मरीज कोरोना को मात देकर अपने घर पहुंच चुके हैं। इनमें 6845 मरीज गुरुवार को स्वस्थ हुए। अब यहां कोरोना के सक्रिय प्रकरण 38327 हो गए हैं। बता दें कि मप्र में फरवरी के दूसरे सप्ताह में सक्रिय प्रकरण एक हजार के नीचे पहुंच गए थे, लेकिन स्वस्थ होने वाले मरीजों की तुलना में नये मामले अधिक संख्या में आने के कारण यहां सक्रिय प्रकरण लगातार बढ़ते जा रहे थे। हांलाकि अब सक्रिय मामलों में भी धीरे धीरे कमी देखने को मिल रही है।
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27 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्र्रेस राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है। दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी, जिनमें आयुष चिकित्सक, फार्मासिस्ट, लैब टेक्निशयन, स्टॉफ नर्स, ए.एन.एम., डाटा मेनेजर तथा अन्य समस्त पैरामेडिकल स्टॉफ शामिल है, ये सभी लोग लंबे समय से संविदा पर पदस्थ रहते हुये स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे है। इन सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मार्च 2020 के बाद प्रदेश में कोरोना महामारी से निपटने के लिये अपना अमूल्य योगदान दिया है। अनेक कर्मचारियों के ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के कारण उन्होने अपना तथा अपने परिवार के अनेक लोगों का जीवन खो दिया है। ये संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना योद्धा है जो जोखिम उठाकर न्यूनतम वेतन पर कार्य करके महामारी में लोगों का जीवन बचाने में योगदान दे रहे हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के वेतन का 90 प्रतिशत वेतन देने के संबन्ध आपकी सरकार ने नीति बनाई थी जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत कर्मचारियों के लिये अभी तक लागू नही किया गया है। विषमतम परिस्थितियों में न्यूनतम वेतन पर कार्य करने वाले इन स्वास्थ्य कर्मचारियों की उपेक्षा की जा रही है तथा इनकी मांगों पर ध्यान नही दिया जा रहा है। प्रदेश के 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी सरकार के रवैये से अत्यंत क्षुब्ध और दु:खी होकर विगत 24 मई 2021 से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर है, जिसके कारण पहले से ही कुप्रबंधन से गुजर रही मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प हो गई है। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से शहरों के साथ-साथ कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की टेस्टिंग नही हो पा रही है और न ही उन्हें समुचित चिकित्सकीय परामर्श मिल पा रहा है। ऐसे हालात में इन कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशीलता और दुराग्रह छोडक़र उनकी मांगों का निराकरण किया जाना चाहिए। दिग्विजय सिंह ने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि मेरा आपसे अनुरोध है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की समस्याओं और मॉंगों पर गंभीरता से विचार कर उनके निराकरण हेतु आवश्यक निर्देश प्रदान करने का कष्ट करें।
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27 May 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आगामी एक जून से प्रदेश में धीरे-धीरे कोरोना कर्फ्यू समाप्त किया जाएगा। ऐसे में आपको पूरी सावधानी रखनी हैं। मास्क लगाना है, एक दूसरे से दूरी रखनी है, कहीं भीड़ नहीं करनी है, बार-बार हाथ धोने हैं। सबको वैक्सीन लगवाना है। इन सब सावधानियों का पालन करते हुए हम कोरोना से लड़ते भी रहेंगे और काम-धंधा भी करते रहेंगे। मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को मंत्रालय से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के निर्माण श्रमिकों से बातचीत कर रहे थे। चौहान ने इसके पूर्व प्रदेश के 11 लाख 28 हजार निर्माण श्रमिकों के खाते में कोविड-19 सहायता योजना के अंतर्गत 112 करोड़ 81 लाख रूपये की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित की। इस अवसर पर श्रम एवं खनिज संसाधन मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। पाँच माह का नि:शुल्क राशन चौहान ने कहा कि शासन द्वारा सभी गरीबों, जिनमें निर्माण श्रमिक भी शामिल हैं, को पाँच माह का प्रति सदस्य पाँच-पाँच किलो प्रतिमाह नि:शुल्क राशन दिया जा रहा है, जिसमें तीन माह का राशन राज्य सरकार और दो माह का राशन केन्द्र सरकार दे रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह राशन प्रत्येक गरीब को मिल जाए, यह सुनिश्चित करें। आपका भाई आपके साथ खड़ा है मुख्यमंत्री का कहना था कि सरकार कोविड उपचार योजना में कोरोना का नि:शुल्क इलाज कर रही है। आयुष्मान कार्डधारी व्यक्ति एवं उसके परिवार को वर्ष में पाँच लाख रूपये तक सम्बद्ध निज़ी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी गई है। इसके अलावा सभी शासकीय अस्पतालों एवं अनुबंधित अस्पतालों में भी कोरोना का नि:शुल्क इलाज हो रहा है। प्रदेश में कोरोना से माँ-बाप की मृत्यु पर बच्चों को पाँच हजार रूपये मासिक पेंशन देने की योजना भी चालू की गयी है। सरकार संकट के समय पूरी तरह आपके साथ है। आपका भाई आपके साथ खड़ा है। गुस्सा तो नहीं हो अपने भाई से मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से टीकमगढ़ जिले के निर्माण श्रमिक परीक्षित अहिरवार, इंदौर की शशि वर्मा, मंडला की गिरिजा वनवासी, भिंड के प्रसाद राठौर तथा सीहोर की लता मालवीय से बातचीत भी की। उन्होंने पूछा कि कोरोना के दौरान पाबंदियाँ लगाने पर वे अपने भाई से गुस्सा तो नहीं हैं। यदि कोरोना कर्फ्यू नहीं लगाया जाता तो प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रित नहीं होता। यह जरूरी था। अब कोरोना नियंत्रित हो गया है, अत: हम धीरे-धीरे पाबंदियाँ खत्म करेंगे। स्थानीय क्राइसिस मैनेजमेंट समूह निर्णय करेंगे कि क्या खुले और कब-कब खुले। सभी ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू तो ज़रूरी था। यह नहीं होता तो कोरोना नहीं जाता। आप अपनी सुरक्षा स्वयं करें मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना से आपको अपने गाँव-शहर की खुद सुरक्षा करनी पड़ेगी। सारी सावधानियों का पालन करें। साथ ही वैक्सीन जरूर लगवाएँ। यह कोरोना से बचने का सुरक्षा चक्र है।
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25 May 2021भोपाल। जन-जन के सहयोग से प्रदेश के हरित क्षेत्र में वृद्धि कर पर्यावरण को स्वच्छ और प्रकृति को प्राणवायु से समृद्ध करने के उद्देश्य से अंकुर कार्यक्रम आरंभ किया गया है। कार्यक्रम के अंतर्गत वृक्षारोपण के लिए जनसामान्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पौधा लगाने वाले चयनित विजेताओं को प्राणवायु अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। उक्त बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार कही है। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गूगल प्ले स्टोर्स से वायु दूत एप डाउनलोड कर पंजीयन करना होगा। कार्यक्रम में भाग लेने वाले व्यक्ति को स्वयं के संसाधन से कम से कम एक पौधा लगाकर, पौधे की फोटो एप के माध्यम से लेकर अपलोड करना होगी। पौधा लगाने के तीस दिन बाद फिर से पौधे की नई फोटो एप पर अपलोड कर सहभागिता प्रमाण पत्र डाउन लोड किया जा सकेगा। जिलेवार चयनित विजेताओं को प्राणवायु अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। जिसके अंतर्गत मुख्यमंत्री द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा। सभी जिलों में होंगे नोडल अधिकारी और वेरिफायर अंकुर कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन द्वारा पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एपको) नोडल एजेंसी बनाया गया है। जिला कलेक्टर इस कार्य के लिए जिले के वरिष्ठ अधिकारी को जिला नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे। जिला नोडल अधिकारी द्वारा आवश्यकतानुसार स्थानीय वेरिफायर का नामांकन कर वायुदूत एप में उनकी प्रवृष्टि की जायेगी। कम्प्यूटराइज लाटरी द्वारा होगा विजेताओं का चयन जिले में जन अभियान परिषद के स्वयंसेवक,महाविद्यालयों के ईको क्लब प्रभारी तथा राष्ट्रीय हरित कोर योजना के मास्टर ट्रेनर में से वेरिफायर नामांकित किये जायेंगे। जिला स्तर पर कुल प्राप्त प्रविृष्टियों का 10 प्रतिशत अथवा 200 जो भी कम हो का रेंडम आधार पर जिला स्तर पर वेरिफायर्स से सत्यापन कराया जायेगा। जिला स्तर पर कुल प्राप्त हुई प्रविृष्टियों में से कम्प्यूटराइज लाटरी द्वारा विजेताओं का चयन किया जायेगा। विजेताओं की सूची वायुदूत एप में अपलोड की जायेगी।
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22 May 2021भोपाल। देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के बाद इसे महामारी घोषित किया गया। वहीं इस साल आई संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान ब्लैक फंगस के मरीज भी तेजी से बढऩे लगे। जिसे देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने इस बीमारी को भी राजकीय महामारी घोषित कर दिया। दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने राज्यों से इस बीमारी को महामारी घोषित करने के लिए कहा था। इससे पहले तमिलनाडु, ओडिशा, असम, पंजाब ने म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस को महामारी रोग अधिनियम के तहत अधिसूचित किया है। प्रदेश के 8 मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए आरक्षित 420 बेड पर 361 मरीज भर्ती हैं। खास बात है, राजधानी के हमीदिया अस्पताल में ब्लैक फंगस के लिए 80 बेड आरक्षित हैं, लेकिन यहां 90 मरीज भर्ती हैं। क्राइसिस मैनेजमेंट व जिला कलेक्टरों के साथ हुई बैठक के बाद सीएम शिवराज ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ब्लैक फंगल इन्फेक्शन को महामारी घोषित किया जाता है। इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों के इलाज के लिए अच्छी से अच्छी से व्यवस्था की जाए। जिन मरीजों का ऑपरेशन हुआ है, सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें एम्फोटेरिसिन बी समय पर मिल जाए।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्यप्रदेश से कोरोना को लेकर बड़ी राहत भरी खबर है। यहां रोजाना कोरोना संक्रमण के नये मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले सैकड़ा में आ गये है। यहां बीते 24 घंटों में कोरोना के 718 नये मामले सामने आए हैं, जबकि 38 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 07 लाख, 84 हजार, 461 और मृतकों की संख्या 8295 हो गई है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा शनिवार देर शाम जारी कोरोना से संबंधित हेल्थ बुलेटिन में दी गई। नये मामलों में इंदौर- 223, भोपाल- 171, ग्वालियर- 13, जबलपुर- 61, उज्जैन- 13, सागर- 16, खरगौन- 09, रतलाम- 12, रीवा- 09, बैतूल- 15, विदिशा- 08, धार- 08, सतना- 06, नरसिंहपुर- 02, होशंगाबाद- 08, बड़वानी- 07, शिवपुरी- 05, कटनी- 05, शहडोल- 01, बालाघाट- 08, झाबुआ- 01, सीहोर- 07, छिंदवाड़ा- 04, राजगढ़- 09, रायसेन- 09, मुरैना- 06, नीमच- 03, मंदसौर- 01, देवास- 04, दमोह- 09, शाजापुर- 05, छतरपुर- 01, अनूपपुर- 06, सिंगरौली- 02, सिवनी- 03, सीधी- 02, टीकमगढ़- 03, दतिया-04, गुना- 08, खंडवा- 01, पन्ना- 04, उमरिया-04, हरदा- 07, मंडला- 00, अलिराजपुर- 00, डिंडौरी-05, अशोकनगर-00, श्योपुर- 05, भिंड- 00, बुरहानपुर- 00, आगरमालवा- 00, निवाड़ी- 05 मरीज मिले हैं। आज प्रदेश के 46 जिलों में कोरोना के प्रकरण पाये गए। मंडला, अशोकनगर, अलिराजपुर, आगरमालवा, भिंड और बुरहानपुर जिले में शनिवार को कोरोना संक्रमण के एक भी पॉजिटिव मामले सामने नहीं आए है। बुलेटिन के अनुसार, आज प्रदेशभर में 81,812 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। इनमें 718 पॉजिटिव और 81,094 रिपोर्ट निगेटिव आईं, जबकि 204 सेम्पल रिजेक्ट हुए। पाजिटिव प्रकरणों का प्रतिशत 0.8 रहा। इसके बाद राज्य में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढकऱ 07,84, 461 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 151272, भोपाल- 121814, ग्वालियर- 52967, जबलपुर- 50150, उज्जैन- 18783, सागर- 16469, खरगौन- 13845, रतलाम- 17716, रीवा- 16359, बैतूल- 12743, विदिशा- 11857, धार- 12464, सतना- 11929, नरसिंहपुर- 11165, बड़वानी- 8320, होशंगाबाद- 10593, शिवपुरी- 12364, कटनी- 9355, बालाघाट- 9052, शहडोल- 10058, छिंदवाड़ा- 6676, झाबुआ- 7667, सिहोर- 10102, राजगढ़- 8562, रायसेन- 9157, नीमच- 7880, मुरैना- 8213, मंदसौर- 8587, देवास- 7707, शाजापुर- 6299, दमोह- 8057, छतरपुर- 7576, अनूपपुर- 9183, सिवनी- 6728, सिंगरौली- 8775, सीधी- 9200, टीकमगढ़- 6851, दतिया- 6919, खंडवा- 4033, गुना- 5115, पन्ना- 7257, उमरिया- 6268, हरदा- 5000, मंडला- 5176, अलिराजपुर- 3495, डिंडौरी- 4603, अशोकनगर- 3635, श्योपुर- 3981, भिंड- 2989, बुरहानपुर- 2558, आगरमालवा- 3273, निवाड़ी- 3664 मरीज शामिल हैं। राज्य में आज कोरोना से 38 मरीजों की मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों में इंदौर, बैतूल, शिवपुरी, सतना और राजगढ़ में दो, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में तीन, सागर में सात, दामोह में चार, खरगौन, बड़वानी, टीकमगढ़, शाजापुर और उमरिया जिले के एक-एक मरीज शामिल है। इसके बाद राज्य में मृतकों की संख्या बढकऱ 8295 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर- 1353, भोपाल- 948, ग्वालियर- 596, जबलपुर- 623, उज्जैन- 171, सागर- 304, खरगौन- 224, रतलाम- 308, रीवा- 128, बैतूल- 211, विदिशा- 217, धार- 126, सतना- 119, नरसिंहपुर- 80, बड़वानी- 86, होशंगाबाद- 97, शिवपुरी- 117, कटनी- 109, बालाघाट- 64, शहडोल- 117, छिंदवाड़ा- 120, झाबुआ- 53, सिहोर- 52, राजगढ़- 122, रायसेन- 187, नीमच- 84, मुरैना- 84, मंदसौर- 84, देवास- 49, शाजापुर- 55, दमोह- 175, छतरपुर- 91, अनूपपुर- 81, सिवनी- 28, सिंगरौली- 77, सीधी- 87, टीकमगढ़- 108, दतिया- 77, खंडवा- 94, गुना- 44, पन्ना- 57, उमरिया- 59, हरदा- 92, मंडला- 17, अलिराजपुर- 47, डिंडौरी- 28, अशोकनगर- 31, श्योपुर- 63, भिंड- 29, बुरहानपुर- 38, आगरमालवा- 38, निवाड़ी- 46 व्यक्ति शामिल है। बुलेटिन के अनुसार, राज्य में अब तक 7,64,822 मरीज कोरोना को मात देकर अपने घर पहुंच चुके हैं। इनमें 2225 मरीज शनिवार को स्वस्थ हुए। अब यहां कोरोना के सक्रिय प्रकरण 11344 हो गए हैं। बता दें कि मप्र में फरवरी के दूसरे सप्ताह में सक्रिय प्रकरण एक हजार के नीचे पहुंच गए थे, लेकिन स्वस्थ होने वाले मरीजों की तुलना में नये मामले अधिक संख्या में आने के कारण यहां सक्रिय प्रकरण लगातार बढ़ते जा रहे थे। हांलाकि अब सक्रिय मामलों में भी धीरे धीरे कमी देखने को मिल रही है।
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5 June 2021सतना। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शुक्रवार को मैहर पहुंचे। यहां उन्होंने कोरोना प्रोटोकॉल के कारण मैहर मंदिर के गेट पर ही पुरोहितों की मौजूदगी में पूजा अर्चना की। इसके बाद सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। उन्होंने बाबा अलाउद्दीन खां मैहर कला अकादमी के सदस्य व नलतरंग वादक प्रभूदयाल द्विवेदी के निधन पर घर पहुंचकर शोक व्यक्त किया। इसके बाद कांग्रेस पदाधिकारी रहे मनीष चतुर्वेदी के घर पहुंचकर शोक जताया। वे करीब 1 बजे जबलपुर रवाना हो गए। सतना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। कमलनाथ ने कोविड से हुई मौतों पर एक बार फिर शिवराज सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डेढ़ लाख शव श्मशान पहुंचे हैं। इनमें से 80 प्रतिशत शवों का अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल से किया गया है। जनता को दिखाई देने वाले सरकारी आंकड़े झूठे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार श्मशान घाटों और कब्रिस्तान के रजिस्टर जनता के सामने रखे, जनता सच्चाई का साथ दे, मैं सच्चाई दिखाता हूं तो एफआईआर करते हैं, मैं सवाल पूछता हूं तो देशद्रोही बोलते हैं, केंद्र सरकार ने खुद सुप्रीम कोर्ट में वायरस को इंडियन म्यूटेंट कोविड बताया था। कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें मुंबई जाना चाहिए। वे एक्टिंग अच्छी कर लेते हैं। इससे मध्य प्रदेश का नाम रोशन होगा। इसके बाद उन्होंने केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी जी ने भारत को बदनाम कर दिया है, इसलिए भारतीयों पर विश्व ने आने-जाने पर रोक लगा दी गई है। विदेशों में भारतीयों की ऐसी छवि बन गई है कि टैक्सी में कोई बैठने को तैयार नहीं है।इसके साथ ही पूर्व सीएम कमलनाथ ने एफिडेविट अभियान भी शुरू किया। उन्होंने कहा कि जिनके घरों में कोविड से मौतें हुई वो एफिडेविट भरकर दें, मैं एफिडेविट का ड्राफ्ट दे रहा हूं। उन्होंने कहा कि एफिडेविट मिलने पर मृतकों को 5 लाख मुआवजा दे सरकार, एफिडेविट गलत होने पर सरकार कार्रवाई को स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि कोई भी नागरिक मेरे अभियान से जुड़ सकता है, मैं केवल सच्चाई सामने लाना चाहता हूं। इसके अलावा कमलनाथ ने कहा कि नकली रेमडेसिविर कांड की उच्चस्तरीय जांच हो। सरकार बताए प्रदेश के कितने अस्पतालों में कैसे नकली इंजेक्शन पहुंचे? नकली इंजेक्शन से कितने मरीजों की जान गई? सतना के रामचन्द अग्रवाल को भी नकली रेमडेसिविर लगने की शिकायत मिली। कमलनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी से भी हिसाब मांगा। उन्होंने कहा कि 30 मई को सरकार के 7 साल होने पर देश को पीएम मोदी जवाब दें, पीएम केयर फंड भी नारा बनकर रह गया। पीएम केयर फंड से आये खराब वेन्टीलेटर्स ने कितनी जान लीं? वेन्टीलेटर्स खरीदी में कितना कमीशन लिया गया।
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28 May 2021भोपाल। कोरोना के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में गरीब परिवारों की सहायता के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दो माह का और राज्य सरकार द्वारा तीन माह का राशन उपलब्ध कराया गया है। सभी पात्र हितग्राहियों को नि:शुल्क राशन का वितरण हो जाए, यह सुनिश्चित किया जाए कि शहर में कोई भूखा न सोए। तेंदूपत्ता तुड़ाई के दौरान भी कोरोना से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियों का पालन किया जाए। यह कहना है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का। उन्होंने शुक्रवार कहा कि निर्माण श्रमिकों और स्व-सहायता समूहों के खातों में राशि जारी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परिवारों में कोविड से मृत्यु हुई है उन्हें एक लाख रुपये की सहायता देने का निर्णय भी लिया गया है। वे एक बैठक में यह सभी बातें कह रहे थे। गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों का नि:शुल्क कोविड इलाज सुनिश्चित करें मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समय सबसे पहली प्राथमिकता है लोगों की जान बचाना। उन्होंने कहा कि कोरोना शरीर के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी तोड़ देता है। मुख्यमंत्री कोविड उपचार योजना के तहत सभी गरीब एवं मध्यमवर्गीय परिवारों का नि:शुल्क कोविड इलाज कराना सुनिश्चित करें। कोविड में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी चौहान ने कहा कि कोविड से जिन बच्चों के माता-पिता तथा अभिभावकों की मृत्यु हो गयी है उनके पालन-पोषण की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। इसके लिए योजना बनाई गई है। पात्र बच्चों को प्रतिमाह पांच हजार रुपये तथा शिक्षा में सरकार मदद करेगी। उन्होंने कहा कि कोविड में जिन शासकीय सेवकों की मृत्यु हुई है उनके बच्चों को अनुकम्पा नियुक्त दी जाएगी। कलेक्टर ने प्रेजेंटेशन द्वारा दी जानकारी समीक्षा बैठक में सीहोर कलेक्टर चन्द्र मोहन ठाकुर ने जिले में कोविड नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों पर प्रेजेंटेशन दिया। कलेक्टर ने बताया कि जिले में किल-कोरोना अभियान का सफलता से संचालन किया जा रहा है। अभियान के डोर-टू-डोर सर्वे के सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुए हैं। पॉजिटिविटी रेट में तेजी से गिरावट आई है। जिला चिकित्सालय सहित सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत किया गया है। चिकित्सालयों एवं स्वास्थ्य केंद्रों पर ऑक्सीजन बेड्स और आवश्यक दवाओं की भी लगातार मॉनिटरिंग कर पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है।
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28 May 2021भोपाल। मध्यप्रदेश से कोरोना को लेकर बड़ी राहत भरी खबर है। यहां रोजाना कोरोना संक्रमण के नये मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है। यहां बीते 24 घंटों में कोरोना के 1977 नये मामले सामने आए हैं, जबकि 70 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 07 लाख, 73 हजार, 855 और मृतकों की संख्या 7828 हो गई है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा गुरुवार देर शाम जारी कोरोना से संबंधित हेल्थ बुलेटिन में दी गई। नये मामलों में इंदौर- 577, भोपाल- 409, ग्वालियर- 51, जबलपुर- 99, उज्जैन- 41, सागर- 96, खरगौन- 25, रतलाम- 48, रीवा- 31, बैतूल- 34, विदिशा- 19, धार- 27, सतना- 12, नरसिंहपुर- 08, होशंगाबाद- 18, बड़वानी- 08, शिवपुरी- 29, कटनी- 10, शहडोल- 19, बालाघाट- 18, झाबुआ- 09, सीहोर- 26, छिंदवाड़ा- 05, राजगढ़- 25, रायसेन- 19, मुरैना- 27, नीमच- 19, मंदसौर- 19, देवास- 09, दमोह- 38, शाजापुर- 06, छतरपुर- 11, अनूपपुर- 25, सिंगरौली- 07, सिवनी- 16, सीधी- 20, टीकमगढ़- 12, दतिया-10, गुना- 09, खंडवा- 02, पन्ना- 18, उमरिया-08, हरदा- 06, मंडला- 06, अलिराजपुर- 04, डिंडौरी-05, अशोकनगर-11, श्योपुर- 08, भिंड- 05, बुरहानपुर- 02, आगरमालवा- 05, निवाड़ी- 06 मरीज मिले हैं। आज प्रदेश के सभी 52 जिलों में कोरोना के प्रकरण पाये गए। बुलेटिन के अनुसार, आज प्रदेशभर में 69,606 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। इनमें 1977 पॉजिटिव और 67,629 रिपोर्ट निगेटिव आईं, जबकि 1520 सेम्पल रिजेक्ट हुए। पाजिटिव प्रकरणों का प्रतिशत 02.8 रहा। इसके बाद राज्य में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढक़र 07,73, 855 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 147922, भोपाल- 119650, ग्वालियर- 52612, जबलपुर- 49407, उज्जैन- 18639, सागर- 16210, खरगौन- 13696, रतलाम- 17501, रीवा- 16213, बैतूल- 12583, विदिशा- 11756, धार- 12329, सतना- 11867, नरसिंहपुर- 11096, बड़वानी- 8261, होशंगाबाद- 10524, शिवपुरी- 12278, कटनी- 9333, बालाघाट- 8935, शहडोल- 9998, छिंदवाड़ा- 6615, झाबुआ- 7642, सिहोर- 9962, राजगढ़- 8458, रायसेन- 9048, नीमच- 7784, मुरैना- 8029, मंदसौर- 8501, देवास- 7657, शाजापुर- 6257, दमोह- 7889, छतरपुर- 7530, अनूपपुर- 9046, सिवनी- 6638, सिंगरौली- 8740, सीधी- 9089, टीकमगढ़- 6813, दतिया- 6879, खंडवा- 4020, गुना- 5031, पन्ना- 7202, उमरिया- 6209, हरदा- 4969, मंडला- 5158, अलिराजपुर- 3482, डिंडौरी- 4570, अशोकनगर- 3577, श्योपुर- 3888, भिंड- 2966, बुरहानपुर- 2545, आगरमालवा- 3258, निवाड़ी- 3593 मरीज शामिल हैं। राज्य में आज कोरोना से 70 मरीजों की मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों में इंदौर, सागर, बैतूल और विदिशा में चार, भोपाल, रीवा, दमोह, छतरपुर और कटनी में तीन, रायसेन में छह, ग्वालियर और जबलपुर में आठ, रतलाम, सतना, पन्ना, भिंड और नरसिंहपुर में दो, खरगौन, बड़वानी, उमरिया, हरदा, श्योपुर, टीकमगढ़ और शहडोल जिले के एक-एक मरीज शामिल है। इसके बाद राज्य में मृतकों की संख्या बढक़र 7828 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर- 1327, भोपाल- 924, ग्वालियर- 556, जबलपुर- 579, उज्जैन- 169, सागर- 253, खरगौन- 217, रतलाम- 300, रीवा- 105, बैतूल- 176, विदिशा- 178, धार- 123, सतना- 107, नरसिंहपुर- 76, बड़वानी- 83, होशंगाबाद- 97, शिवपुरी- 102, कटनी- 105, बालाघाट- 60, शहडोल- 117, छिंदवाड़ा- 120, झाबुआ- 52, सिहोर- 49, राजगढ़- 112, रायसेन- 182, नीमच- 84, मुरैना- 78, मंदसौर- 81, देवास- 46, शाजापुर- 52, दमोह- 150, छतरपुर- 87, अनूपपुर- 74, सिवनी- 28, सिंगरौली- 73, सीधी- 85, टीकमगढ़- 103, दतिया- 74, खंडवा- 94, गुना- 44, पन्ना- 55, उमरिया- 57, हरदा- 84, मंडला- 17, अलिराजपुर- 45, डिंडौरी- 28, अशोकनगर- 26, श्योपुर- 57, भिंड- 25, बुरहानपुर- 37, आगरमालवा- 32, निवाड़ी- 43 व्यक्ति शामिल है। बुलेटिन के अनुसार, राज्य में अब तक 7,27,700 मरीज कोरोना को मात देकर अपने घर पहुंच चुके हैं। इनमें 6845 मरीज गुरुवार को स्वस्थ हुए। अब यहां कोरोना के सक्रिय प्रकरण 38327 हो गए हैं। बता दें कि मप्र में फरवरी के दूसरे सप्ताह में सक्रिय प्रकरण एक हजार के नीचे पहुंच गए थे, लेकिन स्वस्थ होने वाले मरीजों की तुलना में नये मामले अधिक संख्या में आने के कारण यहां सक्रिय प्रकरण लगातार बढ़ते जा रहे थे। हांलाकि अब सक्रिय मामलों में भी धीरे धीरे कमी देखने को मिल रही है।
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27 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्र्रेस राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र के माध्यम से संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की मांगों को पूरा करने का आग्रह किया है। दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी, जिनमें आयुष चिकित्सक, फार्मासिस्ट, लैब टेक्निशयन, स्टॉफ नर्स, ए.एन.एम., डाटा मेनेजर तथा अन्य समस्त पैरामेडिकल स्टॉफ शामिल है, ये सभी लोग लंबे समय से संविदा पर पदस्थ रहते हुये स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे है। इन सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मार्च 2020 के बाद प्रदेश में कोरोना महामारी से निपटने के लिये अपना अमूल्य योगदान दिया है। अनेक कर्मचारियों के ड्यूटी के दौरान संक्रमित होने के कारण उन्होने अपना तथा अपने परिवार के अनेक लोगों का जीवन खो दिया है। ये संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना योद्धा है जो जोखिम उठाकर न्यूनतम वेतन पर कार्य करके महामारी में लोगों का जीवन बचाने में योगदान दे रहे हैं। पूर्व सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के वेतन का 90 प्रतिशत वेतन देने के संबन्ध आपकी सरकार ने नीति बनाई थी जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत कर्मचारियों के लिये अभी तक लागू नही किया गया है। विषमतम परिस्थितियों में न्यूनतम वेतन पर कार्य करने वाले इन स्वास्थ्य कर्मचारियों की उपेक्षा की जा रही है तथा इनकी मांगों पर ध्यान नही दिया जा रहा है। प्रदेश के 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी सरकार के रवैये से अत्यंत क्षुब्ध और दु:खी होकर विगत 24 मई 2021 से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर है, जिसके कारण पहले से ही कुप्रबंधन से गुजर रही मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य सेवाएं ठप्प हो गई है। उन्होंने कहा कि इन कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से शहरों के साथ-साथ कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की टेस्टिंग नही हो पा रही है और न ही उन्हें समुचित चिकित्सकीय परामर्श मिल पा रहा है। ऐसे हालात में इन कर्मचारियों के प्रति असंवेदनशीलता और दुराग्रह छोडक़र उनकी मांगों का निराकरण किया जाना चाहिए। दिग्विजय सिंह ने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि मेरा आपसे अनुरोध है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की समस्याओं और मॉंगों पर गंभीरता से विचार कर उनके निराकरण हेतु आवश्यक निर्देश प्रदान करने का कष्ट करें।
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27 May 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आगामी एक जून से प्रदेश में धीरे-धीरे कोरोना कर्फ्यू समाप्त किया जाएगा। ऐसे में आपको पूरी सावधानी रखनी हैं। मास्क लगाना है, एक दूसरे से दूरी रखनी है, कहीं भीड़ नहीं करनी है, बार-बार हाथ धोने हैं। सबको वैक्सीन लगवाना है। इन सब सावधानियों का पालन करते हुए हम कोरोना से लड़ते भी रहेंगे और काम-धंधा भी करते रहेंगे। मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को मंत्रालय से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के निर्माण श्रमिकों से बातचीत कर रहे थे। चौहान ने इसके पूर्व प्रदेश के 11 लाख 28 हजार निर्माण श्रमिकों के खाते में कोविड-19 सहायता योजना के अंतर्गत 112 करोड़ 81 लाख रूपये की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित की। इस अवसर पर श्रम एवं खनिज संसाधन मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। पाँच माह का नि:शुल्क राशन चौहान ने कहा कि शासन द्वारा सभी गरीबों, जिनमें निर्माण श्रमिक भी शामिल हैं, को पाँच माह का प्रति सदस्य पाँच-पाँच किलो प्रतिमाह नि:शुल्क राशन दिया जा रहा है, जिसमें तीन माह का राशन राज्य सरकार और दो माह का राशन केन्द्र सरकार दे रही है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह राशन प्रत्येक गरीब को मिल जाए, यह सुनिश्चित करें। आपका भाई आपके साथ खड़ा है मुख्यमंत्री का कहना था कि सरकार कोविड उपचार योजना में कोरोना का नि:शुल्क इलाज कर रही है। आयुष्मान कार्डधारी व्यक्ति एवं उसके परिवार को वर्ष में पाँच लाख रूपये तक सम्बद्ध निज़ी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की सुविधा दी गई है। इसके अलावा सभी शासकीय अस्पतालों एवं अनुबंधित अस्पतालों में भी कोरोना का नि:शुल्क इलाज हो रहा है। प्रदेश में कोरोना से माँ-बाप की मृत्यु पर बच्चों को पाँच हजार रूपये मासिक पेंशन देने की योजना भी चालू की गयी है। सरकार संकट के समय पूरी तरह आपके साथ है। आपका भाई आपके साथ खड़ा है। गुस्सा तो नहीं हो अपने भाई से मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से टीकमगढ़ जिले के निर्माण श्रमिक परीक्षित अहिरवार, इंदौर की शशि वर्मा, मंडला की गिरिजा वनवासी, भिंड के प्रसाद राठौर तथा सीहोर की लता मालवीय से बातचीत भी की। उन्होंने पूछा कि कोरोना के दौरान पाबंदियाँ लगाने पर वे अपने भाई से गुस्सा तो नहीं हैं। यदि कोरोना कर्फ्यू नहीं लगाया जाता तो प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रित नहीं होता। यह जरूरी था। अब कोरोना नियंत्रित हो गया है, अत: हम धीरे-धीरे पाबंदियाँ खत्म करेंगे। स्थानीय क्राइसिस मैनेजमेंट समूह निर्णय करेंगे कि क्या खुले और कब-कब खुले। सभी ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू तो ज़रूरी था। यह नहीं होता तो कोरोना नहीं जाता। आप अपनी सुरक्षा स्वयं करें मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना से आपको अपने गाँव-शहर की खुद सुरक्षा करनी पड़ेगी। सारी सावधानियों का पालन करें। साथ ही वैक्सीन जरूर लगवाएँ। यह कोरोना से बचने का सुरक्षा चक्र है।
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25 May 2021भोपाल। जन-जन के सहयोग से प्रदेश के हरित क्षेत्र में वृद्धि कर पर्यावरण को स्वच्छ और प्रकृति को प्राणवायु से समृद्ध करने के उद्देश्य से अंकुर कार्यक्रम आरंभ किया गया है। कार्यक्रम के अंतर्गत वृक्षारोपण के लिए जनसामान्य को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पौधा लगाने वाले चयनित विजेताओं को प्राणवायु अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। उक्त बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार कही है। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए गूगल प्ले स्टोर्स से वायु दूत एप डाउनलोड कर पंजीयन करना होगा। कार्यक्रम में भाग लेने वाले व्यक्ति को स्वयं के संसाधन से कम से कम एक पौधा लगाकर, पौधे की फोटो एप के माध्यम से लेकर अपलोड करना होगी। पौधा लगाने के तीस दिन बाद फिर से पौधे की नई फोटो एप पर अपलोड कर सहभागिता प्रमाण पत्र डाउन लोड किया जा सकेगा। जिलेवार चयनित विजेताओं को प्राणवायु अवार्ड से सम्मानित किया जायेगा। जिसके अंतर्गत मुख्यमंत्री द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा। सभी जिलों में होंगे नोडल अधिकारी और वेरिफायर अंकुर कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन द्वारा पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन (एपको) नोडल एजेंसी बनाया गया है। जिला कलेक्टर इस कार्य के लिए जिले के वरिष्ठ अधिकारी को जिला नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे। जिला नोडल अधिकारी द्वारा आवश्यकतानुसार स्थानीय वेरिफायर का नामांकन कर वायुदूत एप में उनकी प्रवृष्टि की जायेगी। कम्प्यूटराइज लाटरी द्वारा होगा विजेताओं का चयन जिले में जन अभियान परिषद के स्वयंसेवक,महाविद्यालयों के ईको क्लब प्रभारी तथा राष्ट्रीय हरित कोर योजना के मास्टर ट्रेनर में से वेरिफायर नामांकित किये जायेंगे। जिला स्तर पर कुल प्राप्त प्रविृष्टियों का 10 प्रतिशत अथवा 200 जो भी कम हो का रेंडम आधार पर जिला स्तर पर वेरिफायर्स से सत्यापन कराया जायेगा। जिला स्तर पर कुल प्राप्त हुई प्रविृष्टियों में से कम्प्यूटराइज लाटरी द्वारा विजेताओं का चयन किया जायेगा। विजेताओं की सूची वायुदूत एप में अपलोड की जायेगी।
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22 May 2021भोपाल। देशभर में कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के बाद इसे महामारी घोषित किया गया। वहीं इस साल आई संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान ब्लैक फंगस के मरीज भी तेजी से बढऩे लगे। जिसे देखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने इस बीमारी को भी राजकीय महामारी घोषित कर दिया। दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने राज्यों से इस बीमारी को महामारी घोषित करने के लिए कहा था। इससे पहले तमिलनाडु, ओडिशा, असम, पंजाब ने म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस को महामारी रोग अधिनियम के तहत अधिसूचित किया है। प्रदेश के 8 मेडिकल कॉलेज में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए आरक्षित 420 बेड पर 361 मरीज भर्ती हैं। खास बात है, राजधानी के हमीदिया अस्पताल में ब्लैक फंगस के लिए 80 बेड आरक्षित हैं, लेकिन यहां 90 मरीज भर्ती हैं। क्राइसिस मैनेजमेंट व जिला कलेक्टरों के साथ हुई बैठक के बाद सीएम शिवराज ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ब्लैक फंगल इन्फेक्शन को महामारी घोषित किया जाता है। इस बीमारी से जूझ रहे मरीजों के इलाज के लिए अच्छी से अच्छी से व्यवस्था की जाए। जिन मरीजों का ऑपरेशन हुआ है, सुनिश्चित किया जाए कि उन्हें एम्फोटेरिसिन बी समय पर मिल जाए।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने हडक़ंप मचा दिया है। इस वीडियो में वे कांग्रेस नेता को किसानों और सरकार के बीच चल रहे विवाद को लेकर आग लगाने की बात कह रहे हैं। कमलनाथ के इस बयान को लेकर कांग्रेस सफाई दे रही है और इसे एडिट वीडियो बता रही है। वहीं मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी की उत्पत्ति ही आग से हुई है, इमरजेंसी में वह भागीदार रहे हैं, 84 के दंगों में लोगों के घर जलाएं। अब मध्यप्रदेश को जलाने की बात कर रहे है। आपदा में कभी तो सेवा की बात कर लीजिए कमलनाथ जी। पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वैश्विक आपदा कोरोना के बीच आज पूरे प्रदेश की जनता कमलनाथ जी का वह चेहरा देख रही है कि वे किस तरह प्रदेश को जलाने की कोशिश कर रहे हैं। आपदा काल में जब हर व्यक्ति जन सेवा में लगा है,तब कमलनाथ जी प्रदेश में आग लगाने की बात कर रहे हैं,यह निंदनीय है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि हनी ट्रैप की पेनड्राइव का उनके पास होना सोच के साथ ही शोध का भी विषय है। मुख्यमंत्री रहते हुए पता नहीं कौन-कौन से उन्होंने दस्तावेज गायब किए होंगे। बता दे कि वायरल वीडियो के अनुसार पूर्व सीएम कमलनाथ कह रहे हैं कि यही आग लगाने का मौका है। किसानों के साथ अन्याय हुआ है। सरकार के खिलाफ जमकर चलाओ सरकार ऐसा कर रही है वैसा कर रही है। खरीदी जो करी है वह हरियाणा पंजाब से करी है। जितना सरकार के खिलाफ चला सकते हो चलाओं यही मौका है आग लगाने का। प्रदेश में कोरोना की स्थिति नियंत्रण मेंवहीं मप्र के कोरोना की स्थिति को लेकर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना निरंतर नियंत्रण में आता जा रहा है। अब प्रदेश का पॉजिटिविटी रेट 6प्रतिशत से नीचे 5.8 पर आ चुका है। उपचार के लिए पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध है, कहीं कोई कमी नहीं है न ऑक्सीजन की, न रेमडेसीविर इंजेक्शन की, न आईसीयू की, ना बेड की। मध्य प्रदेश सरकार ने माकूल प्रबंध किए गए हैं अब हमारे पास ऑक्सीजन इंजेक्शन सब सर प्लस में है। उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल हो या ग्वालियर अंचल सभी जगह स्थिति नियंत्रण में आती जा रही है। सिंगल डिजिट में आने के बाद पॉजिटिविटी रेट निरंतर कम हो रहा है।
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22 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व सीएम कमलनाथ के उस ट्वीट पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने शमशान में शवों के आपस में बातें करने का जिक्र किया था। गृहमंत्री मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा है कि आज पूरा देश और प्रदेश संकट के जिस दौर से गुजर रहा है, उसमें कमलनाथ जी को लोगों की मदद और मानवता की बात करने के बजाए, मुर्दों की बातें सुनाई दे रही हैं। हैरत होती है उनकी सोच पर। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ पर पलटवार करते हुए कहा कि इन्हें जनता के दर्द की आवाज सुनाई नहीं पड़ती, लगता है कमलनाथ अघोरी हो गए हैं। जब जनता को ढाढस बंधाने की जरुरत है तब कमलनाथ जनता में डर पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने तय कर लिया है कि जहां भी देश के स्वाभिमान की बात होगी वहां पर सवाल जरुर खड़े करेंगे। कांग्रेस का स्तर इतना गिर गया है कि इसी लिए आज कांग्रेस वेंटिलेटर पर आ गई है। कांग्रेस और उसके नेता राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़े मुद्दों पर हमेशा सवाल खड़े करते रहे हैं। सेना हो, कोरोना वैक्सीन हो या इवीएम उन्होंने हर संवेदनशील मामलों पर सवाल उठाए हैं। इस वैश्विक संकट के समय में जब देश एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं, कांग्रेस को इसमें भी बुराई नजर आ रही है। प्रदेश में कोरोना की स्थिति बेहतरगृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि यह प्रसन्नता का विषय है कि कोरोना को लेकर काफी सकारात्मक खबरें आ रही हैं। मई मे अज्ञात आशंकाओं से लोग घिरे थे। आज कुल 5538 प्रकरण प्रदेश भर में आए। पहले इतने प्रकरण प्रदेश के कुछ शहरों से ही आ जाते थे। आज ठीक होकर 10885 लोग अपने घर गए। जितने नए केस प्रदेश भर में आए हैं उस से दोगुने लोग ठीक होकर अपने घरों की ओर वापस जा रहे हैं। अभी हमारे पास पर्याप्त आक्सीजन है। प्रदेश में रिकवरी दर 88 फीसदी है। संक्रमण दर 8.5 फीसदी रह गई है। उन्होंने कहा कि अभी भी भोपाल और इंदौर मे केस ज्यादा हैं लेकिन इनकी आबादी भी काफी है। ग्वालियर,शिवपुरी और दतिया में नए संक्रमित डबल डिजिट से नीचे हुए हैं। इंदौर में किराना दुकान में ढील देने के विषय पर पूछे जाने पर वे बोले कि इंदौर की परिस्थितियों का आंकलन करने के बाद प्रदेश के अलग-अलग शहरों का आंकलन किया जाएगा।उसके बाद कोरोना कफ्र्यू पर विचार किया जाएगा। गृह मंत्री ने यह संकेत भी दिया कि अगले हफ्ते खुल सकती हैं भोपाल में किराना दुकानें।
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18 May 2021भोपाल। कोरोना महामारी के बीच मप्र में ब्लैक फंगस बीमारी का कहर भी देखने को मिल रहा है। अभी तक बड़ी संख्या में प्रदेश में ब्लेक फंगस के मरीज सामने आ चुके हैं वहीं इस बीमारी से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। प्रदेश में बढ़ रहे ब्लेक फंगस के मामलों को देखते हुए पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने चिंता जताते हुए अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल उठाया है। कमलनाथ ने कहा कि अब प्रदेश में ऑक्सीजन, रेमड़ेसिविर की कमी की तरह ही ब्लेक फंगस बीमारी में उपयोग में आने वाले आवश्यक इंजेक्शनों की कमी से जनता रोज जूझ रही है। इसकी कमी के कारण मरीजों की जान जा रही है, मरीज के परिजन इसके लिये दर-दर भटक रहे है। प्रदेश में अभी तक करीब 500 मरीज इस बीमारी के सामने आ चुके है लेकिन जरूरी इंजेक्शनों की कमी से उनकी यह बीमारी भयावह होती जा रही है। कमलनाथ ने कहा कि सरकार ने इन इंजेक्शनों की आपूर्ति को लेकर अभी तक कोई ठोस कार्ययोजना ना बनायी है और ना इसके आवश्यक इंतजाम किये है? मरीज के परिजन मारे- मारे फिर रहे हैं, निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों में इसका टोटा बना हुआ है। इस बीमारी की भयावहता अधिक है। सरकार जल्द ही इन जीवन रक्षक इंजेक्शनो की कमी दूर करे, इनकी आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास युद्ध स्तर पर करे ताकि लोगों का जीवन बच सके।
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18 May 2021भोपाल। कोरोना महामारी के बीच मप्र में ब्लैक फंगस बीमारी का कहर भी देखने को मिल रहा है। अभी तक बड़ी संख्या में प्रदेश में ब्लेक फंगस के मरीज सामने आ चुके हैं वहीं इस बीमारी से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है। प्रदेश में बढ़ रहे ब्लेक फंगस के मामलों को देखते हुए पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने चिंता जताते हुए अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल उठाया है। कमलनाथ ने कहा कि अब प्रदेश में ऑक्सीजन, रेमड़ेसिविर की कमी की तरह ही ब्लेक फंगस बीमारी में उपयोग में आने वाले आवश्यक इंजेक्शनों की कमी से जनता रोज जूझ रही है। इसकी कमी के कारण मरीजों की जान जा रही है, मरीज के परिजन इसके लिये दर-दर भटक रहे है। प्रदेश में अभी तक करीब 500 मरीज इस बीमारी के सामने आ चुके है लेकिन जरूरी इंजेक्शनों की कमी से उनकी यह बीमारी भयावह होती जा रही है। कमलनाथ ने कहा कि सरकार ने इन इंजेक्शनों की आपूर्ति को लेकर अभी तक कोई ठोस कार्ययोजना ना बनायी है और ना इसके आवश्यक इंतजाम किये है? मरीज के परिजन मारे- मारे फिर रहे हैं, निजी से लेकर सरकारी अस्पतालों में इसका टोटा बना हुआ है। इस बीमारी की भयावहता अधिक है। सरकार जल्द ही इन जीवन रक्षक इंजेक्शनो की कमी दूर करे, इनकी आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास युद्ध स्तर पर करे ताकि लोगों का जीवन बच सके।
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18 May 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व वन मंत्री और गंधवानी से कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बंगले पर महिला मित्र सोनिया भरद्वाज की खुदकुशी के मामले में उमंग सिंघार के खिलाफ शाहपुरा थाने में आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का केस दर्ज किया गया है। एएसपी राजेश सिंह भदौरिया के मुताबिक सिंघार के खिलाफ धारा 306 के तहत केस दर्ज किया गया है। वहीं अब मामले में मृतिका के बेटे का बयान आने के बाद मामले ने नया मोड़ ले लिया है। दरअसल मृतिका सोनिया भारद्वाज के बेटे आर्यन ने प्रदेश सरकार से पूर्व मंत्री उमंग सिंगार पर दर्ज एफआईआर वापस लेने की मांग की है। उसका कहना है कि 'हमने अपने बयान में पूर्व मंत्री पर एफआईआर दर्ज करने की बात नहीं की थी। उन्हें परेशान न किया जाए। हम नहीं चाहते कि पूर्व मंत्री पर कोई भी केस दर्ज हो'। इधर पुलिस को दिए बयान में सोनिया के बेटे आर्यन और नौकरों ने माना है कि दोनों के बीच नोंकझोंक होती थी। पुलिस के मुताबिक महिला के पर्स से मिले सुसाइड नोट, नौकरों और सोनिया के बेटे आर्यन के बयानों के आधार पर कार्रवाई की गई है। लेकिन अब बेटे आर्यन के इस बयान ने पूरे मामले को उलझा दिया है। सोनिया का अंतिम संस्कार करने के बाद आर्यन ने कहा कि उनकी मां ने ऐसा कदम क्यों उठाया पता नहीं, लेकिन उमंग सिंघार और सोनिया एक दूसरे से शादी करने वाले थे। गौरतलब है कि रविवार को अंबाला निवास सोनिया भारद्वाज ने उमंग सिंघार के शाहपुरा स्थित बंगले के बेडरूम में फांसी लगा ली थी। पूर्व मंत्री के बंगले पर एक खुदकुशी की घटना ने सारे प्रदेश में चर्चाओं और अटकलों को जन्म दिया है। यहां से सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें शुरुआती जांच में सामने आया है कि सोनिया भारद्वाज पूर्व मंत्री उमंग सिंघार के साथ लिव इन रिलेशन में थी। पुलिस के मुताबिक दोनों की पहचान एक मेट्रिमोनियल वेबसाइट के माध्यम से हुई थी। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि उनकी शादी कब होने वाली थी। पुलिस अब इसकी जांच कर रही है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि सिंघार की अनुपस्थिति में सोनिया ने सुसाइड कर ली। सुसाइड नोट में उसने इशारों में बात की है, लेकिन किसी को सीधे जिम्मेदार क्यों नहीं लिखा। मामला हाई प्रोफाइल और पॉलिटिकल पर्सन से जुड़ा है तो फिलहाल पुलिस भी हर एंगल की तस्दीक करने में जुटी है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या विधायक सिंघार की मुश्किलें बढऩे वाली हैं?
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18 May 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को मुख्यमंत्री निवास परिसर में पीपल का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री प्रतिदिन अपने संकल्प के तहत एक पौधा लगाते हैं। पीपल एक छायादार वृक्ष है। पर्यावरण शुद्ध करता है। इसका धार्मिक और आयुर्वेदिक महत्व भी है। इसके अलावा पीपल के पेड़ को अक्षय वृक्ष भी कहा जाता है, क्योंकि ये पेड़ कभी भी पत्ते विहीन नहीं होता। मतलब इसमें एकसाथ पतझड़ नहीं होती। पत्ते झड़ते रहते हैं और नए आते रहते हैं। पीपल के वृक्ष की इस खूबी के कारण इसे जीवन-मृत्यु चक्र का घोतक बताया गया है।
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15 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राज्य का पहला स्टेप डाउन यूनिट शुरू कर दिया गया है। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने शनिवार को अशोका गार्डन शहरी स्वास्थ्य केंद्र में इस प्रथम स्टेप डाउन यूनिट का शुभारंभ किया। दस बिस्तरीय स्टेप डाउन यूनिट की स्थापना स्वास्थ्य विभाग एवं व्हिश फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में की गई है। मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि शासकीय एवं निजी डेडीकेटेड स्वास्थ्य केंद्र एवं डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में उपचार के बाद सामान्य अवस्था में आए ऐसे मरीज जिन्हें कामार्बिडिटी या अन्य स्वास्थ्य समस्या के कारण लंबे समय तक अस्पताल में चिकित्सकीय निगरानी में रखने की आवश्यकता होती है या उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है तो उन्हें स्टेप डाउन यूनिट में रेफर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूनिट के संचालन से गंभीर मरीजों के लिए डेडीकेटेड कोविड स्वास्थ्य केंद्र एवं डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में स्थान उपलब्ध हो पाएगा। सारंग ने बताया कि इस यूनिट में भर्ती मरीजों की निगरानी एवं उपचार प्रदान करने के लिए विशेषज्ञ के साथ तीन चिकित्सक एवं तीन स्टाफ नर्स 24 घंटे सेवाएँ देंगे। भर्ती मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन योगा अभ्यास के सत्रों का आयोजन किया जाएगा। शनिवार एवं रविवार को ऑनलाइन मनोरंजन कार्यक्रम का भी आयोजन होगा। उन्होंने बताया कि इस यूनिट की स्थापना के लिए आवश्यक मानव संसाधन, ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पीपीई किट, सेनेटाइजर, पल्स ऑक्सीमीटर, नॉन टच थर्मामीटर एवं अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए गए हैं। मरीजों को सेंटर तक लाने की व्यवस्था भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि भोपाल के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी स्टेप डाउन यूनिट स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ. पंकज शुक्ला, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी, सिविल सर्जन डॉ. आर.के. श्रीवास्तव, यूनिट के विशेषज्ञ डॉ. उपेंद्र दुबे, राज्य प्रतिनिधि डॉ. शालिनी कपूर, शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम विशेषज्ञ डॉ. सविता शर्मा उपस्थित थीं।
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15 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में राज्य का पहला स्टेप डाउन यूनिट शुरू कर दिया गया है। प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने शनिवार को अशोका गार्डन शहरी स्वास्थ्य केंद्र में इस प्रथम स्टेप डाउन यूनिट का शुभारंभ किया। दस बिस्तरीय स्टेप डाउन यूनिट की स्थापना स्वास्थ्य विभाग एवं व्हिश फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में की गई है। मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने बताया कि शासकीय एवं निजी डेडीकेटेड स्वास्थ्य केंद्र एवं डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में उपचार के बाद सामान्य अवस्था में आए ऐसे मरीज जिन्हें कामार्बिडिटी या अन्य स्वास्थ्य समस्या के कारण लंबे समय तक अस्पताल में चिकित्सकीय निगरानी में रखने की आवश्यकता होती है या उन्हें ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है तो उन्हें स्टेप डाउन यूनिट में रेफर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूनिट के संचालन से गंभीर मरीजों के लिए डेडीकेटेड कोविड स्वास्थ्य केंद्र एवं डेडीकेटेड कोविड अस्पताल में स्थान उपलब्ध हो पाएगा। सारंग ने बताया कि इस यूनिट में भर्ती मरीजों की निगरानी एवं उपचार प्रदान करने के लिए विशेषज्ञ के साथ तीन चिकित्सक एवं तीन स्टाफ नर्स 24 घंटे सेवाएँ देंगे। भर्ती मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रतिदिन योगा अभ्यास के सत्रों का आयोजन किया जाएगा। शनिवार एवं रविवार को ऑनलाइन मनोरंजन कार्यक्रम का भी आयोजन होगा। उन्होंने बताया कि इस यूनिट की स्थापना के लिए आवश्यक मानव संसाधन, ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पीपीई किट, सेनेटाइजर, पल्स ऑक्सीमीटर, नॉन टच थर्मामीटर एवं अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए गए हैं। मरीजों को सेंटर तक लाने की व्यवस्था भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि भोपाल के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में भी स्टेप डाउन यूनिट स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ. पंकज शुक्ला, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी, सिविल सर्जन डॉ. आर.के. श्रीवास्तव, यूनिट के विशेषज्ञ डॉ. उपेंद्र दुबे, राज्य प्रतिनिधि डॉ. शालिनी कपूर, शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम विशेषज्ञ डॉ. सविता शर्मा उपस्थित थीं।
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15 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ से फोन पर चर्चा कर उन्हें प्रदेश में कोरोना की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के कई जिलों में बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए अभी प्रदेश में जनता कफ्र्यू व प्रतिबंधों को आगे बढ़ाये जाने की आवश्यकता है ताकि कोरना के बढ़ते संक्रमण को रोका जा सके, इस पर उन्होंने कांग्रेस से समर्थन माँगा। इस चर्चा में कमलनाथ ने उन्हें कहा कि कांग्रेस इस संकट की घड़ी में पूरी तरह सरकार के साथ खड़ी है, उसके हर निर्णय के साथ हम खड़े हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी को खत्म करने के लिए, लोगों की जान बचाने के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठाये, उसके हर कदम, हर निर्णय के साथ हम खड़े हैं। साथ ही कमलनाथ ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की स्थिति भयावह हो चली है। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएँ बढ़ाने के, लोगों को इलाज उपलब्ध कराने के, आवश्यक साधन व संसाधन उपलब्ध कराने के व टेस्टिंग बढ़ाने के सभी आवश्यक कदम उठाये। कमलनाथ ने ब्लैक फंगस बीमारी पर चिंता जताते हुए कहा कि प्रदेश में अब ब्लैक फंगस बीमारी तेजी से अपने पैर पसार रही है, इसकी रोकथाम में उपयोग में आने वाली दवाइयों की भारी कमी हो चली है, इसकी कालाबाज़ारी चालू हो चुकी है, उसको लेकर भी सरकार तत्काल कड़े कदम उठाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नागरिकों को आसानी से बेहतर इलाज, स्वास्थ्य सुविधाएं मिले इसको लेकर भी सरकार सभी आवश्यक कदम उठाये, साथ ही प्रदेश के नागरिकों को समय पर वैक्सीन मिले, इस दिशा में भी सरकार प्राथमिकता से कार्य करे।
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15 May 2021भोपाल। राजधानी भोपाल के भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) में कोरोना संक्रमित महिला के साथ दुष्कर्म की घटना को पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शर्मनाक और प्रदेश को कलंकित करने वाला बताया है। उन्होंने सरकार से घटनाक्रम के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के भोपाल में अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित महिला के साथ दुष्कर्म व छेड़छाड़ की घटना बेहद शर्मनाक? बड़ा ही शर्मनाक कि पीडि़त महिला की मौत हो गयी और कार्यवाही की बजाय ,अस्पताल प्रबंधन व पुलिस ने इस पूरे मामले को दबाये रखा? इससे पहले भी इस तरह की घटनाएँ सामने आ चुकी है। क्या बहन- बेटियाँ अब अस्पताल में भी सुरक्षित नहीं है? ऐसी घटनाएँ मानवता व इंसानियत पर कलंक व प्रदेश को देश भर में शर्मशार करने वाली। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि ऐसे तत्वों व दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये सरकार तत्काल आवश्यक कदम उठाये।
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13 May 2021भोपाल। कोरोना संक्रमण के कारण बेसहारा हुए परिवारों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कोरोना महामारी ने कई परिवारों को तोड़ कर रख दिया है, कुछ ने अपने बुढ़ापे की सहारे की लाठी खोई है, कुछ ने पालकों की छाया खोई है। इसलिए हमने तय किया है कि ऐसे परिवारों को जिनके घर में आजीविकोपार्जन करने वाला कोई नहीं बचा उन्हे 5,000 रुपये प्रति माह पेंशन शासन द्वारा दी जाएगी। ऐसे बच्चों की शिक्षा का निशुल्क प्रबंध किया जाएगा। इन परिवारों को पात्रता न होने पर भी राशन उपलब्ध करवाया जाएगा। ऐसे परिवारों के सदस्यों को सरकार की गारंटी पर बिना ब्याज के काम-धंधे के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। ऐसे बच्चों और परिवारों का सहारा हम हैं, प्रदेश सरकार की है। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बेसहारा हुए एपरिवारों की चिंता हमारी है। राज्य सरकार बच्चों परिवारों की चिंता करेगी। बेसहारा परिवारों को पेंशन,निशुल्क राशन, नि:शुल्क शिक्षा जैसी सुविधाएं देगी। कोरोना महामारी के दौर में मध्यप्रदेश पहला राज्य बना है। सरकार ऐसे बच्चे जिनके परिवार से पिता, अभिभावक का साया उठ गया। घर में कोई कमाने वाला नहीं है। ऐसे परिवारों को 5000 प्रति माह पेंशन देगी। सीएम शिवराज ने कहा कि दुखी परिवारों को हम बेसहारा नहीं छोड़ सकते। उनका सहारा हम हैं प्रदेश की सरकार है। ऐसे बच्चों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है, वो प्रदेश के बच्चे हैं, प्रदेश उनकी देखभाल करेगा, प्रदेश उनकी चिंता करेगा। सीएम ने कहा कि यदि ऐसे परिवार में कोई सदस्य ऐसा है या हमारी जिस बहन के पति नहीं रहे और वो कोई काम-धंधा करना चाहें तो सरकार की गारंटी पर बिना ब्याज के उन्हें ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा, ताकि फिर से वे जीवन यापन के लिए अपना काम-धंधा प्रारंभ कर सकें।
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13 May 2021भोपाल। कोरोना संक्रमण के कारण बेसहारा हुए परिवारों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कोरोना महामारी ने कई परिवारों को तोड़ कर रख दिया है, कुछ ने अपने बुढ़ापे की सहारे की लाठी खोई है, कुछ ने पालकों की छाया खोई है। इसलिए हमने तय किया है कि ऐसे परिवारों को जिनके घर में आजीविकोपार्जन करने वाला कोई नहीं बचा उन्हे 5,000 रुपये प्रति माह पेंशन शासन द्वारा दी जाएगी। ऐसे बच्चों की शिक्षा का निशुल्क प्रबंध किया जाएगा। इन परिवारों को पात्रता न होने पर भी राशन उपलब्ध करवाया जाएगा। ऐसे परिवारों के सदस्यों को सरकार की गारंटी पर बिना ब्याज के काम-धंधे के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। ऐसे बच्चों और परिवारों का सहारा हम हैं, प्रदेश सरकार की है। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि कोरोना संक्रमण से बेसहारा हुए एपरिवारों की चिंता हमारी है। राज्य सरकार बच्चों परिवारों की चिंता करेगी। बेसहारा परिवारों को पेंशन,निशुल्क राशन, नि:शुल्क शिक्षा जैसी सुविधाएं देगी। कोरोना महामारी के दौर में मध्यप्रदेश पहला राज्य बना है। सरकार ऐसे बच्चे जिनके परिवार से पिता, अभिभावक का साया उठ गया। घर में कोई कमाने वाला नहीं है। ऐसे परिवारों को 5000 प्रति माह पेंशन देगी। सीएम शिवराज ने कहा कि दुखी परिवारों को हम बेसहारा नहीं छोड़ सकते। उनका सहारा हम हैं प्रदेश की सरकार है। ऐसे बच्चों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है, वो प्रदेश के बच्चे हैं, प्रदेश उनकी देखभाल करेगा, प्रदेश उनकी चिंता करेगा। सीएम ने कहा कि यदि ऐसे परिवार में कोई सदस्य ऐसा है या हमारी जिस बहन के पति नहीं रहे और वो कोई काम-धंधा करना चाहें तो सरकार की गारंटी पर बिना ब्याज के उन्हें ऋण उपलब्ध करवाया जायेगा, ताकि फिर से वे जीवन यापन के लिए अपना काम-धंधा प्रारंभ कर सकें।
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13 May 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटेरिया के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने और शोक संतप्त परिवार को यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। सीएम शिवराज ने वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय श्री पटेरिया के पुत्र प्रखर पटेरिया से फोन पर बात कर सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गहन दु:ख के क्षणों में व्यक्तिगत रूप से शोक संतप्त परिवार के साथ हैं। उन्होंने प्रखर पटेरिया को धैर्य रखने और इस गहन दु:ख को हिम्मत के साथ सहन करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे और उनकी सरकार, परिवार के साथ हैं। सीएम चौहान ने कहा कि हमने एक जुझारू, विलक्षण और शानदार पत्रकार को खो दिया है। श्री पटेरिया पत्रकारिता के साथ-साथ पत्रकारिता और जनसंचार के अध्यापन में भी लंबे समय तक सक्रिय भूमिका में रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से देश और समाज की जो सेवा की है वह अमूल्य है। उनका निधन पत्रकार जगत के लिए बड़ी क्षति है। समाज और मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले पत्रकार के रूप में वे याद किए जाएंगे। स्वर्गीय पटेरिया शानदार पत्रकार के साथ जाने-माने लेखक भी थे। वे 30 से भी अधिक लोकप्रिय पुस्तकें लिख चुके हैं।
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12 May 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटेरिया के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने और शोक संतप्त परिवार को यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। सीएम शिवराज ने वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय श्री पटेरिया के पुत्र प्रखर पटेरिया से फोन पर बात कर सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गहन दु:ख के क्षणों में व्यक्तिगत रूप से शोक संतप्त परिवार के साथ हैं। उन्होंने प्रखर पटेरिया को धैर्य रखने और इस गहन दु:ख को हिम्मत के साथ सहन करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे और उनकी सरकार, परिवार के साथ हैं। सीएम चौहान ने कहा कि हमने एक जुझारू, विलक्षण और शानदार पत्रकार को खो दिया है। श्री पटेरिया पत्रकारिता के साथ-साथ पत्रकारिता और जनसंचार के अध्यापन में भी लंबे समय तक सक्रिय भूमिका में रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से देश और समाज की जो सेवा की है वह अमूल्य है। उनका निधन पत्रकार जगत के लिए बड़ी क्षति है। समाज और मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले पत्रकार के रूप में वे याद किए जाएंगे। स्वर्गीय पटेरिया शानदार पत्रकार के साथ जाने-माने लेखक भी थे। वे 30 से भी अधिक लोकप्रिय पुस्तकें लिख चुके हैं।
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12 May 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटेरिया के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने और शोक संतप्त परिवार को यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। सीएम शिवराज ने वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय श्री पटेरिया के पुत्र प्रखर पटेरिया से फोन पर बात कर सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गहन दु:ख के क्षणों में व्यक्तिगत रूप से शोक संतप्त परिवार के साथ हैं। उन्होंने प्रखर पटेरिया को धैर्य रखने और इस गहन दु:ख को हिम्मत के साथ सहन करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे और उनकी सरकार, परिवार के साथ हैं। सीएम चौहान ने कहा कि हमने एक जुझारू, विलक्षण और शानदार पत्रकार को खो दिया है। श्री पटेरिया पत्रकारिता के साथ-साथ पत्रकारिता और जनसंचार के अध्यापन में भी लंबे समय तक सक्रिय भूमिका में रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से देश और समाज की जो सेवा की है वह अमूल्य है। उनका निधन पत्रकार जगत के लिए बड़ी क्षति है। समाज और मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले पत्रकार के रूप में वे याद किए जाएंगे। स्वर्गीय पटेरिया शानदार पत्रकार के साथ जाने-माने लेखक भी थे। वे 30 से भी अधिक लोकप्रिय पुस्तकें लिख चुके हैं।
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12 May 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ पत्रकार शिव अनुराग पटेरिया के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान देने और शोक संतप्त परिवार को यह आघात सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। सीएम शिवराज ने वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय श्री पटेरिया के पुत्र प्रखर पटेरिया से फोन पर बात कर सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस गहन दु:ख के क्षणों में व्यक्तिगत रूप से शोक संतप्त परिवार के साथ हैं। उन्होंने प्रखर पटेरिया को धैर्य रखने और इस गहन दु:ख को हिम्मत के साथ सहन करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे और उनकी सरकार, परिवार के साथ हैं। सीएम चौहान ने कहा कि हमने एक जुझारू, विलक्षण और शानदार पत्रकार को खो दिया है। श्री पटेरिया पत्रकारिता के साथ-साथ पत्रकारिता और जनसंचार के अध्यापन में भी लंबे समय तक सक्रिय भूमिका में रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से देश और समाज की जो सेवा की है वह अमूल्य है। उनका निधन पत्रकार जगत के लिए बड़ी क्षति है। समाज और मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले पत्रकार के रूप में वे याद किए जाएंगे। स्वर्गीय पटेरिया शानदार पत्रकार के साथ जाने-माने लेखक भी थे। वे 30 से भी अधिक लोकप्रिय पुस्तकें लिख चुके हैं।
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12 May 2021भोपाल। मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। अपने पत्र में कमलनाथ ने प्रदेश में वैक्सीन की कमी को लेकर हो रही परेशानी का मुद्दा उठाते हुए सरकार से शीघ्र ही इसे दूर करने की मांग की है। कमलनाथ ने अपने पत्र में कहा कि भारत सरकार और मप्र सरकार द्वारा आम जनता को कोरोना का वैक्सीन लगवाने का अभियान चलाया जा रहा है। मप्र में 18 से 45 वर्ष की आयु सीमा वर्ग के आम नागरिकों के लिए वैक्सीन लगाने का अभियान हाल में प्रारंभ किया गया है और सरकार ने प्रति केन्द्र 100 वैक्सीन लगाने का लक्ष्य लिया है, परन्तु इस गति से प्रदेश के प्रत्येक नागरिक का वैक्सीनेशन होने में वर्षों का समय लगेगा। अदूरदर्शिता एवं कोरोना वैक्सीन के निर्यात के कारण आज प्रदेश में वैक्सीन की निरंतर कमी बनी हुई है और आमजन वैक्सीन के इंतजार में असुरक्षित जीवन जीने को मजबूर हैं। सरकार द्वारा वैक्सीनेशन कराने पर जोर दिया जा रहा है परन्तु वास्तविक स्थिति यह है कि वैक्सीनेशन केन्द्रों पर वैक्सीन उपलब्ध नहीं है और नागरिक वैक्सीनेशन केन्द्रों से बिना वैक्सीनेशन के वापस लौट रहे हैं। आज प्रदेश सरकार को वैक्सीन लाओ/ उपलब्ध कराओं अभियान चलाने की आवश्यकता है। मेरा आपसे अनुरोध है कि सरकार तत्काल अधिकाधिक संख्या में वैक्सीन प्राप्त करने हेतु प्रभावी प्रयास करे एवं संपूर्ण वैक्सीन होने की अंतिम तिथि को भी नियत कर घोषित करें, ताकि प्रदेश के प्रत्येक नागरिक का जीवन सुरक्षित हो सके।
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10 May 2021भोपाल। भाजपा नेता और पूर्वोत्तर प्रजातांत्रिक गठबंधन के संयोजक डा. हिमंत बिस्वा सरमा ने असम के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में सोमवार को शपथ ली। राज्यपाल जगदीश मुखी ने उन्हें यहां श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने डा.हिमंत को सीएम बनने पर फोन कर बधाई दी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज फ़ोन कर असम के मुख्यमंत्री बनने पर डा. हिमंता बिस्वा सरमा को बधाई दी है। साथ उन्होंने उम्मीद जतायी है कि वो सभी का सहयोग लेकर असम के विकास व प्रगति के लिये कार्य करेंगे। असम को विकास की दृष्टि से नई ऊँचाइयों पर ले जाएँगे। ज्ञात हो कि कमलनाथ लंबे समय तक असम के प्रभारी महासचिव रहे है और हिमंता बिस्व सरमा से उनके काफ़ी निकट के मधुर संबंध रहे हैं।
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10 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लूनावत का हार्ट अटैक से बुधवार को निधन हो गया। वे कोरोना संक्रमित भी थे और भोपाल के एक निजी अस्पताल में उनका ईलाज चल रहा था। जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने सोशल मीडिया पर दी। उनके निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर दौड़ पड़ी। उनके निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने दुख व्यक्त किया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेश लुनावत चुनाव प्रबंधन में माहिर माने जाते थे। शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान लुणावत ने सत्ता और संगठन में तालमेल बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। लेकिन वे पिछले समय से बीमार चल रहे थे। सीएम शिवराज ने उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष और हम सभी के प्रिय साथी श्री विजेश लूनावत जी के निधन की सूचना से स्तब्ध और दु:खी हूँ। यह मध्यप्रदेश भाजपा परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। मेरी संवेदनाएँ शोकाकुल परिजनों के साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और इस कठिन घड़ी में उनके परिजनों को संबल प्रदान करें। सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर कहा ‘हमारे साथी श्री विजेश लूनावत जी एक समर्पित जनसेवक थे। असमर्थों के जीवन में मुस्कान लाने और प्रदेश की प्रगति के लिए जीवन की अंतिम सांस तक कार्य करते रहे। अपने कार्य के प्रति उनमें असीम समर्पण और निष्ठा थी। आज हमने अपने एक सच्चे साथी को खो दिया। विनम्र श्रद्धांजलि! साथी विजेश लूनावत जी एक कुशल संगठक, प्रभावी संप्रेषक और चुनावी प्रबंधन के महारथी थे। वे अत्यंत निपुण रणनीतिकार थे। मप्र भाजपा को मज़बूती प्रदान करने में उनका अहम योगदान था। उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। विजेश जी, हो सके तो लौट कर ज़रूर आना।
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5 May 2021भोपाल। पश्चिम बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट और दुष्कर्म की घटना पर मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम की निंदा की है साथ ही ममता बनर्जी को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि राजनीति में कुछ स्थायी नहीं होता, अंत में दंड भोगना पड़ता है। सीएम शिवराज ने सोशल मीडिया पर संदेश देते हुए पश्चिम बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा किए जा रहे आत्याचार की निंदा करते हुए कहा पश्चिम बंगाल में जिस प्रकार से टीएमसी के कार्यकर्ताओं द्वारा लोकतंत्र की हत्या की जा रही है, जनता पर अत्याचार किया जा रहा है, वह अत्यंत दु:खदायी और निंदनीय है। जनता ने अगर टीएमसी को जनादेश दिया है, तो उन्हें इसका सम्मान करना चाहिए। सीएम ने कहा कि टीएमसी को जनता ने अपना रक्षक चुना लेकिन इस पार्टी के कार्यकर्ता जनता के भक्षक बने हुए हैं और सिर्फ दो दिन में लोकतंत्र को खंडित कर दिया! दीदी को यह याद रखना चाहिये कि राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता है। परिस्थितियों को बदलते देर नहीं लगती है, अंतत: दण्ड भोगना ही पड़ता है।
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4 May 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सोमवार को पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जीतने पर ममता बेनर्जी को फोन पर बधाई दी। इस मौके पर कमलनाथ ने ममता को मप्र आने का न्यौता भी दिया। कांग्रेस मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ममता बैनर्जी को फ़ोन पर शानदार व ऐतिहासिक जीत की बधाई दी है। कमलनाथ ने उन्हें मध्यप्रदेश आने का निमंत्रण दिया, जिसे ममता जी ने स्वीकारते हुए कहा कि वो मध्यप्रदेश ज़रूर आयेंगी। ज्ञात हो कि कमलनाथ व ममता बेनर्जी ने वर्षों एक साथ काम किया है। दोनों के संबंध काफ़ी मधुर होकर, दोनों की देश के विभिन्न राजनैतिक विषयों व मुद्दों पर निरंतर चर्चा भी होती रहती है।
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3 May 2021भोपाल। पश्चिम बंगाल के साथ मप्र के दमोह में हुए उपचुनाव में भी भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। हार के बाद अब राजनेताओं की तीखी प्रक्रियाएं सामने आ रही है। दमोह में मिली हार को लेकर प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने उपचुनाव में हार के पीछे भितरघात होने का आरोप लगाया है। दमोह में मिली हार पर गृह मंत्र नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को बयान देते हुए कहा कि दमोह नहीं हारे हम, छले गए छलचन्दों से। इस बार लड़ाई हारे है अपने घर के जयचन्दों से। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि दमोह की जीत पर कांग्रेस ज्यादा खुशी नहीं मनाए। कमलनाथ जी को पूरे देश में कांग्रेस का जो सफाया हुआ है, उस पर भी चिंतन करना चाहिए। इसके अलावा पश्चिम बंगाल में चुनाव सह प्रभारी की जिम्मेदारी संभाले मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में नौटंकी जीत गई। उन्होंने बताया कि नौटंकी की अभिप्राय चेयर से है। वहां की जनता ये नहीं समझ पाई और ममता पर मेहरबान हो गई। कोरोना की स्थिति संभल रहीइस दौरान प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि कोरोना के मामले में प्रदेश में पिछले दो-तीन दिन से अच्छे संकेत मिल रहे हैं। प्रदेश में अब कोरोना की स्थिति 2-3 दिन से संभल रही है। कांग्रेस ने टीकाकरण को लेकर शुरू से लोगों में भ्रम फैलाया है। इसका विपरीत असर ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा पड़ा है। अत: अब हम सबको मिलकर ग्रामीणों को वैक्सीनेशन के लिए जागरूक और प्रेरित करना होगा। मंत्री मिश्रा ने कहा कि ड्यूटी के दौरान कई पुलिस कर्मी संक्रमित हुए और कई हमारे बीच नहीं रहे। इस बात का हमें बेहद दुख है। टीकाकरण को लेकर कहा कि 18+ के वैक्सीनेशन के लिए हम सेंटर्स में बदलाव कर रहे हैं। हमारी कोशिश है कि अब वैक्सीनेशन अस्पतालों में न हो।
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3 May 2021भोपाल। प्रदेश में अब कोरोना का शिकार होने वाले अधिमान्य पत्रकारों या उनके परिजनों को भी वैसी ही सुविधाएं मिलेंगी, जैसी फ्रंट लाइन वर्कर्स को मिलती हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इस संबंध में घोषणा कर दी है। कोरोना संकट के दौरान बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी, पत्रकार वायरस की चपेट में आ रहे हैं और इनमें से कई को अपनी जान गवांनी पड़ी है। इस स्थिति को देखते हुए अनेक पत्रकार संगठनों की तरफ से पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित किए जाने की मांग की जा रही थी। विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी इसके लिए मांग करती रही है। पत्रकारों और मीडिया संघों की इस मांग को मानते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित किया है। सरकार के इस निर्णय की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने सोशल मीडिया पर लिखा है- हमारे पत्रकार मित्र कोविड के खतरनाक काल में अपनी जान जोखिम में डाल कर अपने धर्म का निर्वाह कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में सभी अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को हमने फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने का फैसला किया है।
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3 May 2021भोपाल। प्रदेश में अब कोरोना का शिकार होने वाले अधिमान्य पत्रकारों या उनके परिजनों को भी वैसी ही सुविधाएं मिलेंगी, जैसी फ्रंट लाइन वर्कर्स को मिलती हैं। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने इस संबंध में घोषणा कर दी है। कोरोना संकट के दौरान बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी, पत्रकार वायरस की चपेट में आ रहे हैं और इनमें से कई को अपनी जान गवांनी पड़ी है। इस स्थिति को देखते हुए अनेक पत्रकार संगठनों की तरफ से पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित किए जाने की मांग की जा रही थी। विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी इसके लिए मांग करती रही है। पत्रकारों और मीडिया संघों की इस मांग को मानते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने अधिमान्य पत्रकारों को फ्रंट लाइन वर्कर घोषित किया है। सरकार के इस निर्णय की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने सोशल मीडिया पर लिखा है- हमारे पत्रकार मित्र कोविड के खतरनाक काल में अपनी जान जोखिम में डाल कर अपने धर्म का निर्वाह कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में सभी अधिमान्यता प्राप्त पत्रकारों को हमने फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने का फैसला किया है।
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3 May 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से प्रदेश के 6 लाख 10 हजार से अधिक शहरी असंगठित कामगारों के खातो में 61 करोड़ रुपए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर द्वारा अंतरित किये। इस दौरान सीएम शिवराज ने कहा है कि कोरोना से लड़ाई घर के अंदर रह कर ही लड़ी जा सकती है। उन्होंने शहरी पथ विक्रेताओं से अपील की है कि कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे में सहयोग करें। शहरी पथ विक्रेताओं के लिए एक-एक हजार रुपए की राशि उनके बैंक खाते में जमा होने की जानकारी देते हुए, उनसे अनुरोध किया है कि राशि निकालने के लिए बैंकों में भीड़ नहीं लगे, इस बात का विशेष ध्यान रखें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की संक्रमण चेन तोडऩा ही उसके नियंत्रण का सफल तरीका है। जनता कफ्र्यू के द्वारा जनता के सहयोग से प्रदेश में संक्रमण की स्थिति पर नियंत्रण के परिणाम मिलने लगे हैं। एक्टिव केसेस की संख्या में प्रदेश का स्थान देश में 7वें से घटकर 13वें स्थान पर आ गया है, पॉजिटिव केस वृद्धि दर जो 25 प्रतिशत से ऊपर चली गई थी वह घट कर 21 प्रतिशत हो गई है। पॉजिटिव केसेस की संख्या घट रही और स्वस्थ होने वालो की संख्या बढ़ रही हैं। कुल 12 हजार 400 नये पॉजिटिव प्रकरणों की तुलना 13 हजार 584 व्यक्ति स्वस्थ हुए है। उन्होंने बताया कि सरकार अस्पतालों में बिस्तरों, दवाइयों, उपकरणों इंजेक्शन आदि की उपलब्धता के लिए निरंतर कार्य कर रही है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए हवाई जहाज और ट्रेनों से व्यवस्था करने के साथ ही स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन के प्रयास युद्ध स्तर पर कर रहे हैं। उपचार व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए संक्रमण की चेन तोडऩा जरुरी है। यह सबके सहयोग से ही हो सकता है। इसलिए जनता कफ्र्यू का पालन सख्ती से करें। घर पर रह कर कोरोना संक्रमण चेन को तोडऩे में सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि कोरोना मानवता का दुश्मन है। उसे रोकने के लिए मिलना-जुलना, समारोह आयोजन करना, शादी विवाह के कार्यक्रम करना और भीड़ लगाना बंद करना होगा। सीएम ने कहा कि संक्रमण का प्रसार यदि तेजी से होता रहा तो सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो सकती हैं। इसलिए संक्रमण नियंत्रण की गाइड लाइन का कड़ाई से पालन जरुरी है। कफ्र्यू से गरीबों को होने वाली दिक्कतों को दूर करने में सरकार पूरा सहयोग कर रही है। उन्होंने पथ विक्रेताओं को बताया कि उनके खातों में एक-एक हजार की राशि जमा कराने के साथ ही नि:शुल्क अनाज भी दिया जा रहा है। मई और जून दो माहों में राज्य सरकार की ओर से 5-5 किलो ग्राम और केन्द्र सरकार की ओर से 5-5 किलोग्राम नि:शुल्क अनाज प्रत्येक व्यक्ति को मिलेगा। उन्होंने पथ विक्रेताओं को आवश्वस्त किया कि जनता कर्फ्यू से होने वाली दिक्कतों में मदद के समान ही सरकार संक्रमण नियंत्रण उपरांत उनके व्यवसाय को बढ़ाने में सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि सब स्वस्थ रहे, सबका परिवार स्वस्थ रहें। इसके लिए सबको संकल्पित हो कर, मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि संक्रमण तेजी से फेफड़ो में घुस जाता है। इसलिए इसका तत्काल उपचार जरुरी है। जितनी जल्दी संक्रमण की जानकारी मिलती है। उसका उपचार उतनी ही जल्दी सरलता से हो जाता है। इसलिए यह जरुरी है कि सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार के लक्षणों पर तत्काल टेस्ट कराए और तुरंत दवा लेना शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि संक्रमण को छुपाना जानलेवा है। इसलिए गांव, वार्ड मोहल्ले बस्ती में जिस किसी में भी संक्रमण के लक्षण दिखे उसकी तुरंत जाँच कराए। प्रारंभिक अवस्था में जानकारी से घर पर अथवा कोविड केयर सेंटर में डाक्टर की देखरेख में आसानी से स्वस्थ हो सकते हैं।
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30 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से प्रदेश के 6 लाख 10 हजार से अधिक शहरी असंगठित कामगारों के खातो में 61 करोड़ रुपए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर द्वारा अंतरित किये। इस दौरान सीएम शिवराज ने कहा है कि कोरोना से लड़ाई घर के अंदर रह कर ही लड़ी जा सकती है। उन्होंने शहरी पथ विक्रेताओं से अपील की है कि कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे में सहयोग करें। शहरी पथ विक्रेताओं के लिए एक-एक हजार रुपए की राशि उनके बैंक खाते में जमा होने की जानकारी देते हुए, उनसे अनुरोध किया है कि राशि निकालने के लिए बैंकों में भीड़ नहीं लगे, इस बात का विशेष ध्यान रखें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की संक्रमण चेन तोडऩा ही उसके नियंत्रण का सफल तरीका है। जनता कफ्र्यू के द्वारा जनता के सहयोग से प्रदेश में संक्रमण की स्थिति पर नियंत्रण के परिणाम मिलने लगे हैं। एक्टिव केसेस की संख्या में प्रदेश का स्थान देश में 7वें से घटकर 13वें स्थान पर आ गया है, पॉजिटिव केस वृद्धि दर जो 25 प्रतिशत से ऊपर चली गई थी वह घट कर 21 प्रतिशत हो गई है। पॉजिटिव केसेस की संख्या घट रही और स्वस्थ होने वालो की संख्या बढ़ रही हैं। कुल 12 हजार 400 नये पॉजिटिव प्रकरणों की तुलना 13 हजार 584 व्यक्ति स्वस्थ हुए है। उन्होंने बताया कि सरकार अस्पतालों में बिस्तरों, दवाइयों, उपकरणों इंजेक्शन आदि की उपलब्धता के लिए निरंतर कार्य कर रही है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए हवाई जहाज और ट्रेनों से व्यवस्था करने के साथ ही स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन के प्रयास युद्ध स्तर पर कर रहे हैं। उपचार व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए संक्रमण की चेन तोडऩा जरुरी है। यह सबके सहयोग से ही हो सकता है। इसलिए जनता कफ्र्यू का पालन सख्ती से करें। घर पर रह कर कोरोना संक्रमण चेन को तोडऩे में सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि कोरोना मानवता का दुश्मन है। उसे रोकने के लिए मिलना-जुलना, समारोह आयोजन करना, शादी विवाह के कार्यक्रम करना और भीड़ लगाना बंद करना होगा। सीएम ने कहा कि संक्रमण का प्रसार यदि तेजी से होता रहा तो सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो सकती हैं। इसलिए संक्रमण नियंत्रण की गाइड लाइन का कड़ाई से पालन जरुरी है। कफ्र्यू से गरीबों को होने वाली दिक्कतों को दूर करने में सरकार पूरा सहयोग कर रही है। उन्होंने पथ विक्रेताओं को बताया कि उनके खातों में एक-एक हजार की राशि जमा कराने के साथ ही नि:शुल्क अनाज भी दिया जा रहा है। मई और जून दो माहों में राज्य सरकार की ओर से 5-5 किलो ग्राम और केन्द्र सरकार की ओर से 5-5 किलोग्राम नि:शुल्क अनाज प्रत्येक व्यक्ति को मिलेगा। उन्होंने पथ विक्रेताओं को आवश्वस्त किया कि जनता कर्फ्यू से होने वाली दिक्कतों में मदद के समान ही सरकार संक्रमण नियंत्रण उपरांत उनके व्यवसाय को बढ़ाने में सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि सब स्वस्थ रहे, सबका परिवार स्वस्थ रहें। इसके लिए सबको संकल्पित हो कर, मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि संक्रमण तेजी से फेफड़ो में घुस जाता है। इसलिए इसका तत्काल उपचार जरुरी है। जितनी जल्दी संक्रमण की जानकारी मिलती है। उसका उपचार उतनी ही जल्दी सरलता से हो जाता है। इसलिए यह जरुरी है कि सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार के लक्षणों पर तत्काल टेस्ट कराए और तुरंत दवा लेना शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि संक्रमण को छुपाना जानलेवा है। इसलिए गांव, वार्ड मोहल्ले बस्ती में जिस किसी में भी संक्रमण के लक्षण दिखे उसकी तुरंत जाँच कराए। प्रारंभिक अवस्था में जानकारी से घर पर अथवा कोविड केयर सेंटर में डाक्टर की देखरेख में आसानी से स्वस्थ हो सकते हैं।
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30 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से प्रदेश के 6 लाख 10 हजार से अधिक शहरी असंगठित कामगारों के खातो में 61 करोड़ रुपए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर द्वारा अंतरित किये। इस दौरान सीएम शिवराज ने कहा है कि कोरोना से लड़ाई घर के अंदर रह कर ही लड़ी जा सकती है। उन्होंने शहरी पथ विक्रेताओं से अपील की है कि कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे में सहयोग करें। शहरी पथ विक्रेताओं के लिए एक-एक हजार रुपए की राशि उनके बैंक खाते में जमा होने की जानकारी देते हुए, उनसे अनुरोध किया है कि राशि निकालने के लिए बैंकों में भीड़ नहीं लगे, इस बात का विशेष ध्यान रखें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की संक्रमण चेन तोडऩा ही उसके नियंत्रण का सफल तरीका है। जनता कफ्र्यू के द्वारा जनता के सहयोग से प्रदेश में संक्रमण की स्थिति पर नियंत्रण के परिणाम मिलने लगे हैं। एक्टिव केसेस की संख्या में प्रदेश का स्थान देश में 7वें से घटकर 13वें स्थान पर आ गया है, पॉजिटिव केस वृद्धि दर जो 25 प्रतिशत से ऊपर चली गई थी वह घट कर 21 प्रतिशत हो गई है। पॉजिटिव केसेस की संख्या घट रही और स्वस्थ होने वालो की संख्या बढ़ रही हैं। कुल 12 हजार 400 नये पॉजिटिव प्रकरणों की तुलना 13 हजार 584 व्यक्ति स्वस्थ हुए है। उन्होंने बताया कि सरकार अस्पतालों में बिस्तरों, दवाइयों, उपकरणों इंजेक्शन आदि की उपलब्धता के लिए निरंतर कार्य कर रही है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए हवाई जहाज और ट्रेनों से व्यवस्था करने के साथ ही स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन के प्रयास युद्ध स्तर पर कर रहे हैं। उपचार व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए संक्रमण की चेन तोडऩा जरुरी है। यह सबके सहयोग से ही हो सकता है। इसलिए जनता कफ्र्यू का पालन सख्ती से करें। घर पर रह कर कोरोना संक्रमण चेन को तोडऩे में सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि कोरोना मानवता का दुश्मन है। उसे रोकने के लिए मिलना-जुलना, समारोह आयोजन करना, शादी विवाह के कार्यक्रम करना और भीड़ लगाना बंद करना होगा। सीएम ने कहा कि संक्रमण का प्रसार यदि तेजी से होता रहा तो सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो सकती हैं। इसलिए संक्रमण नियंत्रण की गाइड लाइन का कड़ाई से पालन जरुरी है। कफ्र्यू से गरीबों को होने वाली दिक्कतों को दूर करने में सरकार पूरा सहयोग कर रही है। उन्होंने पथ विक्रेताओं को बताया कि उनके खातों में एक-एक हजार की राशि जमा कराने के साथ ही नि:शुल्क अनाज भी दिया जा रहा है। मई और जून दो माहों में राज्य सरकार की ओर से 5-5 किलो ग्राम और केन्द्र सरकार की ओर से 5-5 किलोग्राम नि:शुल्क अनाज प्रत्येक व्यक्ति को मिलेगा। उन्होंने पथ विक्रेताओं को आवश्वस्त किया कि जनता कर्फ्यू से होने वाली दिक्कतों में मदद के समान ही सरकार संक्रमण नियंत्रण उपरांत उनके व्यवसाय को बढ़ाने में सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि सब स्वस्थ रहे, सबका परिवार स्वस्थ रहें। इसके लिए सबको संकल्पित हो कर, मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि संक्रमण तेजी से फेफड़ो में घुस जाता है। इसलिए इसका तत्काल उपचार जरुरी है। जितनी जल्दी संक्रमण की जानकारी मिलती है। उसका उपचार उतनी ही जल्दी सरलता से हो जाता है। इसलिए यह जरुरी है कि सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार के लक्षणों पर तत्काल टेस्ट कराए और तुरंत दवा लेना शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि संक्रमण को छुपाना जानलेवा है। इसलिए गांव, वार्ड मोहल्ले बस्ती में जिस किसी में भी संक्रमण के लक्षण दिखे उसकी तुरंत जाँच कराए। प्रारंभिक अवस्था में जानकारी से घर पर अथवा कोविड केयर सेंटर में डाक्टर की देखरेख में आसानी से स्वस्थ हो सकते हैं।
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30 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से प्रदेश के 6 लाख 10 हजार से अधिक शहरी असंगठित कामगारों के खातो में 61 करोड़ रुपए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर द्वारा अंतरित किये। इस दौरान सीएम शिवराज ने कहा है कि कोरोना से लड़ाई घर के अंदर रह कर ही लड़ी जा सकती है। उन्होंने शहरी पथ विक्रेताओं से अपील की है कि कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे में सहयोग करें। शहरी पथ विक्रेताओं के लिए एक-एक हजार रुपए की राशि उनके बैंक खाते में जमा होने की जानकारी देते हुए, उनसे अनुरोध किया है कि राशि निकालने के लिए बैंकों में भीड़ नहीं लगे, इस बात का विशेष ध्यान रखें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की संक्रमण चेन तोडऩा ही उसके नियंत्रण का सफल तरीका है। जनता कफ्र्यू के द्वारा जनता के सहयोग से प्रदेश में संक्रमण की स्थिति पर नियंत्रण के परिणाम मिलने लगे हैं। एक्टिव केसेस की संख्या में प्रदेश का स्थान देश में 7वें से घटकर 13वें स्थान पर आ गया है, पॉजिटिव केस वृद्धि दर जो 25 प्रतिशत से ऊपर चली गई थी वह घट कर 21 प्रतिशत हो गई है। पॉजिटिव केसेस की संख्या घट रही और स्वस्थ होने वालो की संख्या बढ़ रही हैं। कुल 12 हजार 400 नये पॉजिटिव प्रकरणों की तुलना 13 हजार 584 व्यक्ति स्वस्थ हुए है। उन्होंने बताया कि सरकार अस्पतालों में बिस्तरों, दवाइयों, उपकरणों इंजेक्शन आदि की उपलब्धता के लिए निरंतर कार्य कर रही है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए हवाई जहाज और ट्रेनों से व्यवस्था करने के साथ ही स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन के प्रयास युद्ध स्तर पर कर रहे हैं। उपचार व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए संक्रमण की चेन तोडऩा जरुरी है। यह सबके सहयोग से ही हो सकता है। इसलिए जनता कफ्र्यू का पालन सख्ती से करें। घर पर रह कर कोरोना संक्रमण चेन को तोडऩे में सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि कोरोना मानवता का दुश्मन है। उसे रोकने के लिए मिलना-जुलना, समारोह आयोजन करना, शादी विवाह के कार्यक्रम करना और भीड़ लगाना बंद करना होगा। सीएम ने कहा कि संक्रमण का प्रसार यदि तेजी से होता रहा तो सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो सकती हैं। इसलिए संक्रमण नियंत्रण की गाइड लाइन का कड़ाई से पालन जरुरी है। कफ्र्यू से गरीबों को होने वाली दिक्कतों को दूर करने में सरकार पूरा सहयोग कर रही है। उन्होंने पथ विक्रेताओं को बताया कि उनके खातों में एक-एक हजार की राशि जमा कराने के साथ ही नि:शुल्क अनाज भी दिया जा रहा है। मई और जून दो माहों में राज्य सरकार की ओर से 5-5 किलो ग्राम और केन्द्र सरकार की ओर से 5-5 किलोग्राम नि:शुल्क अनाज प्रत्येक व्यक्ति को मिलेगा। उन्होंने पथ विक्रेताओं को आवश्वस्त किया कि जनता कर्फ्यू से होने वाली दिक्कतों में मदद के समान ही सरकार संक्रमण नियंत्रण उपरांत उनके व्यवसाय को बढ़ाने में सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि सब स्वस्थ रहे, सबका परिवार स्वस्थ रहें। इसके लिए सबको संकल्पित हो कर, मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि संक्रमण तेजी से फेफड़ो में घुस जाता है। इसलिए इसका तत्काल उपचार जरुरी है। जितनी जल्दी संक्रमण की जानकारी मिलती है। उसका उपचार उतनी ही जल्दी सरलता से हो जाता है। इसलिए यह जरुरी है कि सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार के लक्षणों पर तत्काल टेस्ट कराए और तुरंत दवा लेना शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि संक्रमण को छुपाना जानलेवा है। इसलिए गांव, वार्ड मोहल्ले बस्ती में जिस किसी में भी संक्रमण के लक्षण दिखे उसकी तुरंत जाँच कराए। प्रारंभिक अवस्था में जानकारी से घर पर अथवा कोविड केयर सेंटर में डाक्टर की देखरेख में आसानी से स्वस्थ हो सकते हैं।
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30 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से प्रदेश के 6 लाख 10 हजार से अधिक शहरी असंगठित कामगारों के खातो में 61 करोड़ रुपए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर द्वारा अंतरित किये। इस दौरान सीएम शिवराज ने कहा है कि कोरोना से लड़ाई घर के अंदर रह कर ही लड़ी जा सकती है। उन्होंने शहरी पथ विक्रेताओं से अपील की है कि कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे में सहयोग करें। शहरी पथ विक्रेताओं के लिए एक-एक हजार रुपए की राशि उनके बैंक खाते में जमा होने की जानकारी देते हुए, उनसे अनुरोध किया है कि राशि निकालने के लिए बैंकों में भीड़ नहीं लगे, इस बात का विशेष ध्यान रखें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की संक्रमण चेन तोडऩा ही उसके नियंत्रण का सफल तरीका है। जनता कफ्र्यू के द्वारा जनता के सहयोग से प्रदेश में संक्रमण की स्थिति पर नियंत्रण के परिणाम मिलने लगे हैं। एक्टिव केसेस की संख्या में प्रदेश का स्थान देश में 7वें से घटकर 13वें स्थान पर आ गया है, पॉजिटिव केस वृद्धि दर जो 25 प्रतिशत से ऊपर चली गई थी वह घट कर 21 प्रतिशत हो गई है। पॉजिटिव केसेस की संख्या घट रही और स्वस्थ होने वालो की संख्या बढ़ रही हैं। कुल 12 हजार 400 नये पॉजिटिव प्रकरणों की तुलना 13 हजार 584 व्यक्ति स्वस्थ हुए है। उन्होंने बताया कि सरकार अस्पतालों में बिस्तरों, दवाइयों, उपकरणों इंजेक्शन आदि की उपलब्धता के लिए निरंतर कार्य कर रही है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए हवाई जहाज और ट्रेनों से व्यवस्था करने के साथ ही स्थानीय स्तर पर ऑक्सीजन उत्पादन के प्रयास युद्ध स्तर पर कर रहे हैं। उपचार व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए संक्रमण की चेन तोडऩा जरुरी है। यह सबके सहयोग से ही हो सकता है। इसलिए जनता कफ्र्यू का पालन सख्ती से करें। घर पर रह कर कोरोना संक्रमण चेन को तोडऩे में सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि कोरोना मानवता का दुश्मन है। उसे रोकने के लिए मिलना-जुलना, समारोह आयोजन करना, शादी विवाह के कार्यक्रम करना और भीड़ लगाना बंद करना होगा। सीएम ने कहा कि संक्रमण का प्रसार यदि तेजी से होता रहा तो सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो सकती हैं। इसलिए संक्रमण नियंत्रण की गाइड लाइन का कड़ाई से पालन जरुरी है। कफ्र्यू से गरीबों को होने वाली दिक्कतों को दूर करने में सरकार पूरा सहयोग कर रही है। उन्होंने पथ विक्रेताओं को बताया कि उनके खातों में एक-एक हजार की राशि जमा कराने के साथ ही नि:शुल्क अनाज भी दिया जा रहा है। मई और जून दो माहों में राज्य सरकार की ओर से 5-5 किलो ग्राम और केन्द्र सरकार की ओर से 5-5 किलोग्राम नि:शुल्क अनाज प्रत्येक व्यक्ति को मिलेगा। उन्होंने पथ विक्रेताओं को आवश्वस्त किया कि जनता कर्फ्यू से होने वाली दिक्कतों में मदद के समान ही सरकार संक्रमण नियंत्रण उपरांत उनके व्यवसाय को बढ़ाने में सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि सब स्वस्थ रहे, सबका परिवार स्वस्थ रहें। इसके लिए सबको संकल्पित हो कर, मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि संक्रमण तेजी से फेफड़ो में घुस जाता है। इसलिए इसका तत्काल उपचार जरुरी है। जितनी जल्दी संक्रमण की जानकारी मिलती है। उसका उपचार उतनी ही जल्दी सरलता से हो जाता है। इसलिए यह जरुरी है कि सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार के लक्षणों पर तत्काल टेस्ट कराए और तुरंत दवा लेना शुरू कर दें। उन्होंने कहा कि संक्रमण को छुपाना जानलेवा है। इसलिए गांव, वार्ड मोहल्ले बस्ती में जिस किसी में भी संक्रमण के लक्षण दिखे उसकी तुरंत जाँच कराए। प्रारंभिक अवस्था में जानकारी से घर पर अथवा कोविड केयर सेंटर में डाक्टर की देखरेख में आसानी से स्वस्थ हो सकते हैं।
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30 April 2021भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर विपक्ष लगातार आक्रामक हो गई है। इसी क्रम में मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी शिवराज सरकार हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार बढ़ रहे कोरोना के केस और अव्यवस्थाओं को लेकर राज्य और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा ‘शिवराज सरकार में प्रदेश के अस्पतालों में ना बेड, ना इलाज, ना ऑक्सीजन, ना जीवन रक्षक दवाइयाँ व इंजेक्शन और अब कोरोना संक्रमण रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली वैक्सीन भी नहीं? उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि 1 मई से 18 वर्ष से अधिक के युवाओं को वैक्सीन लगाने की बढ़ चढक़र घोषणा की गयी थी, लोगों ने बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन भी करवा लिये और अभी वैक्सीन के ही पते नहीं, कब आयेगी, कब लगेगी, कुछ तय नहीं?ये कैसी सरकार? एक अन्य ट्वीट कर कमलनाथ ने केन्द्र सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि खुद को विश्वगुरु बताते थे, विश्व भर में वैक्सीन भेजने के बड़े- बड़े दावे करते थे और अपने देश में, अपने ही नागरिकों के लिये वैक्सीन के ही पते नहीं? ना कोरोना संक्रमण होने पर इलाज और ना रोकने के लिये वैक्सीन? जनता सिर्फ भगवान भरोसे, ये कैसे अच्छे दिन आ गये?
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30 April 2021भोपाल। मध्य प्रदेश को मेडिकल ऑक्सीजन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से काम शुरू कर दिया गया है। कोविड महामारी से सबक लेते हुए सरकार प्रदेश के हर जिला अस्पताल को अब ऑक्सीजन के स्तर पर आत्मनिर्भर बनाने जा रही है। निजी अस्पतालों से भी कहा जा रहा है कि वे अपने यहां ऑक्सीजन प्लांट लगाएं, उनकी जितनी अधिक इस कार्य में यथासंभव सहायता होगी वह राज्य सरकार करेगी। इसके संकेत फिर एक बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद जल संसाधन एवं इंदौर के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने दिए हैं। इस दिशा में शुक्रवार इंदौर के सभी निजी अस्पतालों से कहा गया है कि वे ऑक्सीजन की उपलब्धता में आत्मनिर्भर बनें। अपने हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का प्लांट लगाएं, मध्य प्रदेश सरकार इस कार्य में हर संभव सहयोग प्रदान करेगी। श्री सिलावट ने कहा है कि वर्तमान परिस्थितियों में अस्पतालों का ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना बेहद ज़रूरी हो गया है। ऑक्सीजन के लिए अस्पतालों का लगातार सरकार पर निर्भर रहना उचित नहीं है। मरीज़ों के परिजनों को भी ऑक्सीजन की व्यवस्था बनाने में अपार कष्ट हो रहा है। अतः ऐसी परिस्थितियों में प्रत्येक हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट बने यह ज़रूरी हो गया है। ऐसा किया जाना दीर्घ अवधि के लिए भी बेहद लाज़मी हो गया है। इस दौरान मंत्री सिलावट ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री श्रीचौहान से इस संबंध में चर्चा की है। जो अस्पताल अपने परिसर में ऑक्सीजन प्लांट लगाएंगे उन्हें जीएसटी अथवा अन्य करों में छूट भी प्रदान की जाएगी, इसके अलावा भी अन्य प्रयास होंगे। अभी अप्रैल माह में पहले की अपेक्षा ऑक्सीजन की उपलब्धता पाँच गुना बढ़ी है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज द्वारा अब तक बताया गया है कि केंद्र सरकार से643 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन आपूर्ति की स्वीकृति मिली है। रेल और वायु मार्ग से नियमित ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। इसके साथ ही ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुचारू बनाने के लिये राज्य सरकार द्वारा 2000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गये हैं। प्रदेश के 34 जिलों में स्थानीय व्यवस्था से एक हजार से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स लगाए जा चुके हैं। काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च, भारत सरकार द्वारा अधिकृत संस्था के माध्यम से प्रदेश के पांच जिला चिकित्सालयों भोपाल, रीवा, इंदौर ग्वालियर और शहडोल में नवीनतम वीपीएसए तकनीक आधारित ऑक्सीजन प्लांट्स एक करोड़ 60 लाख रुपये की लागत से लगाये जा रहे हैं। इनमें 300 से 400 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन बनेगी जो लगभग 50 बेड्स के लिए पर्याप्त होगी। इस नवीनतम तकनीक से ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। ऑक्सीजन बढ़ाने के ये भी हो रहे प्रयास- इसी प्रकार रक्षा मंत्रालय की एजेंसी डीआरडीओ द्वारा अस्पताल में ही नयी डेबेल तकनीक के आधार पर चलने वाले ऑनसाईट ऑक्सीजन गैस जनरेटर प्लांट विकसित किये गए हैं। मध्यप्रदेश के आठ जिलों बालाघाट, धार, दमोह, जबलपुर, बड़वानी, शहडोल, सतना और मंदसौर में पांच करोड़ 87 लाख रुपये से अधिक की लागत के इसी तकनीक आधारित 570 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले ऑनसाईट ऑक्सीजन गैस जनरेटर प्लांट लगाए जा रहे हैं। प्रदेश के आठ जिलों में भारत सरकार के सहयोग से पीएसए तकनीक आधारित आठ ऑक्सीजन प्लांट्स स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से छह प्लांट्स ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। प्रदेश के 37 जिलों के लिए राज्य सरकार स्वयं के बजट से जिला अस्पतालों में पीएसए तकनीक से तैयार होने वाले नए ऑक्सीजन प्लांट्स लगा रही है। इनमें से प्रथम चरण में 16 मई तक 13 जिलों में प्लांट प्रारंभ हो जायेंगे। द्वितीय चरण में नौ जिलों में प्लांट 23 मई तक चालू हो जायेंगे। तृतीय चरण में शेष 15 जिलों में ऑक्सीजन प्लांट्स 20 जुलाई तक प्रारंभ करने का लक्ष्य है। इसके अलावा प्रदेश मे स्थित थर्मल पॉवर स्टेशंस के माध्यम से खंडवा और सारणी में 7000 लीटर क्षमता वाले नए ऑक्सीजन प्लांट अगले तीन सप्ताह में तैयार हो जाएंगे। इन प्लांट से लगभग 200 सिलेंडर ऑक्सीजन प्रतिदिन प्राप्त हो सकेगी। इसी प्रकार से प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के बेड्स को ऑक्सीजन बेड्स में परिवर्तित करने के लिए पाइप लाइन डालने का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। जिला अस्पतालों के 2,302 बिस्तरों में से अब तक 1058 बिस्तरों के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन डालने का कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रदेश के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के 4643 बिस्तरों में से अब तक 304 बिस्तरों के लिए ऑक्सीजन पाइप लाइन डाली जा चुकी है।
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30 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को बीना रिफायनरी के पास निर्मित होने जा रहे एक हजार बिस्तरीय अस्थाई अस्पताल के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अस्पताल को समय-सीमा में प्रारंभ करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये। वर्चुअल समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई, आयुक्त स्वास्थ्य आकाश त्रिपाठी भी उपस्थित थे। सीएम शिवराज ने अस्पताल निर्माण के संबंध में टाइम लाइन के अनुसार व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बताया गया कि अस्पताल का अंतिम डिजाइन तैयार कर लिया गया है। अस्पताल में ऑक्सीजन गैस को कम्प्रेस करने के लिए 2 कम्प्रेसर की व्यवस्था कर ली गई है। इन्हें इन्स्टाल करने की कार्रवाई शीघ्र पूरी कर ली जायेगी। सीएम ने कहा कि अस्पताल परियोजना के प्रतिवेदन तैयार कर सक्षम स्वीकृति के लिए समानांतर पेपर वर्क भी पूरा करें। परियोजना की समीक्षा के लिए संभाग एवं राज्य स्तरीय समितियों का गठन भी कर लिया जाए। अपर मुख्य सचिव श्री सुलेमान ने बताया कि यह अस्पताल रिफरल होगा। इसमें केवल अन्य अस्पतालों द्वारा रिफर किए गये मरीजों को देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी सीधे ओपीडी के पेशेन्ट अटेंड नहीं किए जाएंगे। सीधे ओपीडी के संबंध में परिस्थिति अनुसार भविष्य में निर्णय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्लांट से अस्पताल तक 800 मीटर लंबी पाईप लाइन डाली जा रही है। इसके लिए एक दो दिन में पाईप आ जायेंगे। लाईन बिछाने का काम शीघ्र प्रारंभ हो जाएगा। प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि अस्पताल के अंदर बेड-टू-बेड पाइप लाईन का काम चलन में है, जिसे 8 से 10 दिन में पूरा कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बीना रिफायनरी के पास चक्क गाँव में 1000 बिस्तरीय अस्थाई अस्पताल बनाया जा रहा है। बीना में ऑक्सीजन गैस की उपलब्धता है परंतु सिलेण्डरों के माध्यम से इसका परिवहन नहीं किये जा सकने के कारण बीना में ही अस्पताल निर्माण का कार्य किया जा रहा है। इससे उपलब्ध ऑक्सीजन का उपयोग भी हो सकेगा एवं स्थानीय मरीजों को भी यथा स्थान उपचार मिल सकेगा।
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29 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को बीना रिफायनरी के पास निर्मित होने जा रहे एक हजार बिस्तरीय अस्थाई अस्पताल के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अस्पताल को समय-सीमा में प्रारंभ करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये। वर्चुअल समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई, आयुक्त स्वास्थ्य आकाश त्रिपाठी भी उपस्थित थे। सीएम शिवराज ने अस्पताल निर्माण के संबंध में टाइम लाइन के अनुसार व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बताया गया कि अस्पताल का अंतिम डिजाइन तैयार कर लिया गया है। अस्पताल में ऑक्सीजन गैस को कम्प्रेस करने के लिए 2 कम्प्रेसर की व्यवस्था कर ली गई है। इन्हें इन्स्टाल करने की कार्रवाई शीघ्र पूरी कर ली जायेगी। सीएम ने कहा कि अस्पताल परियोजना के प्रतिवेदन तैयार कर सक्षम स्वीकृति के लिए समानांतर पेपर वर्क भी पूरा करें। परियोजना की समीक्षा के लिए संभाग एवं राज्य स्तरीय समितियों का गठन भी कर लिया जाए। अपर मुख्य सचिव श्री सुलेमान ने बताया कि यह अस्पताल रिफरल होगा। इसमें केवल अन्य अस्पतालों द्वारा रिफर किए गये मरीजों को देखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी सीधे ओपीडी के पेशेन्ट अटेंड नहीं किए जाएंगे। सीधे ओपीडी के संबंध में परिस्थिति अनुसार भविष्य में निर्णय किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्लांट से अस्पताल तक 800 मीटर लंबी पाईप लाइन डाली जा रही है। इसके लिए एक दो दिन में पाईप आ जायेंगे। लाईन बिछाने का काम शीघ्र प्रारंभ हो जाएगा। प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि अस्पताल के अंदर बेड-टू-बेड पाइप लाईन का काम चलन में है, जिसे 8 से 10 दिन में पूरा कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बीना रिफायनरी के पास चक्क गाँव में 1000 बिस्तरीय अस्थाई अस्पताल बनाया जा रहा है। बीना में ऑक्सीजन गैस की उपलब्धता है परंतु सिलेण्डरों के माध्यम से इसका परिवहन नहीं किये जा सकने के कारण बीना में ही अस्पताल निर्माण का कार्य किया जा रहा है। इससे उपलब्ध ऑक्सीजन का उपयोग भी हो सकेगा एवं स्थानीय मरीजों को भी यथा स्थान उपचार मिल सकेगा।
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29 April 2021भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज गुरुवार को भोपाल स्थित अपने निवास पर कोरोना महामारी के इस भीषण संकट काल में प्रदेश की वर्तमान परिस्थितियों व इस संकट काल में कांग्रेसजनों द्वारा प्रदेश भर में जरूरतमंद व पीडि़तों की, की जा रही निरंतर आवश्यक मदद व सेवा कार्यों पर प्रमुख कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी, अरुण यादव सहित कई प्रमुख कांग्रेस नेतागण उपस्थित थे। बैठक के प्रारंभ में स्व.मनोज पाठक, स्व. कलावती भूरिया, स्व. मांडवी चौहान के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष मांडवी चौहान के आज दुखद निधन का समाचार बेहद दुखदायक व व्यथित करने वाला है। वे एक बेहद कर्मठ, पार्टी के प्रति समर्पित, सक्रिय, मिलनसार, ऊर्जावान व्यक्तित्व की धनी थी। उनका निधन पूरे कांग्रेस परिवार के लिये और मेरे लिये भी व्यक्तिगत क्षति है। परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान व पीछे परिजनो को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करे। पूर्व सीएम कमलनाथ ने देवास के पूर्व विधायक व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र सिंह बघेल के दुखद निधन पर शोक संवेदनाएँ व्यक्त करते हुए कहा कि बघेल का निधन कांग्रेस परिवार के लिये एक बड़ी क्षति है ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणो में स्थान व पीछे परिजनो को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करे।
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29 April 2021भोपाल। मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मांडवी चौहान का कोरोना से निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पार्टी और प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। मांडवी चौहान के निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ व दिग्विजय सिंह ने दुख व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिवंगत कांग्रेस नेत्री को श्रद्धांजलि देते हुए अपने शोक संदेश में कहा ‘मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष मांडवी चौहान जी के निधन का दुखद समाचार मिला। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और शोक संतप्त परिजनों को यह गहन पीड़ा सहन करने की शक्ति दें। विनम्र श्रद्धांजलि! मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति-पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मांडवी चौहान के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने कांग्रेस नेत्री को श्रद्धांजलि देते हुए कहा ‘मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती मांडवी चौहान के दुखद निधन का समाचार बेहद दुखदायक व व्यथित करने वाला है। वे एक बेहद कर्मठ, पार्टी के प्रति समर्पित, सक्रिय, मिलनसार, ऊर्जावान व्यक्तित्व की धनी थी। उनका निधन पूरे कांग्रेस परिवार के लिये और मेरे लिये भी व्यक्तिगत क्षति है। परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणो में स्थान व पीछे परिजनो को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करे। दिग्विजय सिंह ने दी श्रद्धांजलि-पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर मांडवी चौहान के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि मांडवी चौहान के दुखद निधन के समाचार सुन कर बेहद दुख हुआ। वे एक कर्मठ जुझारू सामाजिक कार्यकर्ता थीं, परिवार जनों को हमारी संवेदनाएं ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
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29 April 2021भोपाल। मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मांडवी चौहान का कोरोना से निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पार्टी और प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई। मांडवी चौहान के निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व सीएम कमलनाथ व दिग्विजय सिंह ने दुख व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिवंगत कांग्रेस नेत्री को श्रद्धांजलि देते हुए अपने शोक संदेश में कहा ‘मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष मांडवी चौहान जी के निधन का दुखद समाचार मिला। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान और शोक संतप्त परिजनों को यह गहन पीड़ा सहन करने की शक्ति दें। विनम्र श्रद्धांजलि! मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति-पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मांडवी चौहान के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताते हुए गहरा दुख प्रकट किया है। उन्होंने कांग्रेस नेत्री को श्रद्धांजलि देते हुए कहा ‘मध्यप्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती मांडवी चौहान के दुखद निधन का समाचार बेहद दुखदायक व व्यथित करने वाला है। वे एक बेहद कर्मठ, पार्टी के प्रति समर्पित, सक्रिय, मिलनसार, ऊर्जावान व्यक्तित्व की धनी थी। उनका निधन पूरे कांग्रेस परिवार के लिये और मेरे लिये भी व्यक्तिगत क्षति है। परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणो में स्थान व पीछे परिजनो को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करे। दिग्विजय सिंह ने दी श्रद्धांजलि-पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी ट्वीट कर मांडवी चौहान के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा कि मांडवी चौहान के दुखद निधन के समाचार सुन कर बेहद दुख हुआ। वे एक कर्मठ जुझारू सामाजिक कार्यकर्ता थीं, परिवार जनों को हमारी संवेदनाएं ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।
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29 April 2021भोपाल। मरीजों के उपचार में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी। प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिये जो प्रयास किये गये, उसमें बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। प्रदेश में अप्रैल माह में ही ऑक्सीजन की उपलब्धता पाँच गुना हो गई है। प्रदेश में 8 अप्रैल को 130 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता थी, जो आज बढ़कर 540 मीट्रिक टन हो गई है। उपलब्ध ऑक्सीजन को विभिन्न मार्गों से होते हुए 18 जिलों में पहुँचाया गया है। हमारा प्रयास है कि सभी जिलों में मांग अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति हो। उक्त बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार कहीं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिये सरकार ने हर मोर्चे पर प्रयास किये हैं। समेकित प्रयासों से अल्प समय में मध्यप्रदेश को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन मिलना शुरू हो गई है। प्रदेश के भोपाल और इंदौर एयरपोर्ट से इंडियन एयरफोर्स के विशेष विमानों से ऑक्सीजन टैंकर प्रतिदिन बोकारो और जामनगर भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश से जिन टैंकरों को ऑक्सीजन के लिये भेजा गया, अब वे ऑक्सीजन संजीवनी लेकर वापस आना शुरू हो गये हैं। यह क्रम लगातार जारी रखा जाएगा। कोरोना काल में ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिये मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संबंधित केन्द्रीय मंत्रालयों के द्वारा दिये गये सहयोग के प्रति आभार माना है। चौहान ने बताया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुचारू बनाने के लिये राज्य सरकार द्वारा 2000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गये हैं। इसके साथ ही जिलों में स्थानीय व्यवस्था से भी लगभग 2 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स लगाए जा चुके हैं। प्रदेश के भोपाल, रीवा, इंदौर, ग्वालियर और शहडोल जिला चिकित्सालयों में एक करोड़ 60 लाख रुपये से नवीनतम वीपीएसए तकनीक आधारित ऑक्सीजन प्लांट्स लगाये जा रहे हैं। इस नवीनतम तकनीक से ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। इन प्लांट से बनने वाली ऑक्सीजन 50 बेड्स के लिए उपलब्ध हो सकेगी। ये कार्य भी हो रहा प्रदेश के बालाघाट, धार, दमोह, जबलपुर, बड़वानी, शहडोल, सतना और मंदसौर जिलों में पांच करोड़ 87 लाख रुपये से अधिक की लागत के डेबेल तकनीक आधारित 570 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले ऑनसाईट ऑक्सीजन गैस जनरेटर प्लांट लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही आठ जिलों में भारत सरकार के सहयोग से पीएसए तकनीक आधारित 8 ऑक्सीजन प्लांट्स स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से छह प्लांट्स ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। इसके अलावा प्रदेश के 37 जिलों के लिए राज्य सरकार स्वयं के बजट से जिला अस्पतालों में पीएसए तकनीक से तैयार होने वाले नए ऑक्सीजन प्लांट्स लगा रही है। खंडवा और सारणी थर्मल पॉवर स्टेशंस के माध्यम से सात हजार लीटर क्षमता वाले नए ऑक्सीजन प्लांट अगले तीन सप्ताह में तैयार हो जाएंगे। इन प्लांट से लगभग 200 सिलेंडर ऑक्सीजन प्रतिदिन प्राप्त हो सकेगी। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के बेड्स को ऑक्सीजन बेड्स में परिवर्तित करने के लिए पाइप लाइन डालने का कार्य भी युद्ध स्तर पर जारी है।
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28 April 2021भोपाल। मरीजों के उपचार में ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी। प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिये जो प्रयास किये गये, उसमें बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। प्रदेश में अप्रैल माह में ही ऑक्सीजन की उपलब्धता पाँच गुना हो गई है। प्रदेश में 8 अप्रैल को 130 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता थी, जो आज बढ़कर 540 मीट्रिक टन हो गई है। उपलब्ध ऑक्सीजन को विभिन्न मार्गों से होते हुए 18 जिलों में पहुँचाया गया है। हमारा प्रयास है कि सभी जिलों में मांग अनुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति हो। उक्त बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार कहीं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिये सरकार ने हर मोर्चे पर प्रयास किये हैं। समेकित प्रयासों से अल्प समय में मध्यप्रदेश को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन मिलना शुरू हो गई है। प्रदेश के भोपाल और इंदौर एयरपोर्ट से इंडियन एयरफोर्स के विशेष विमानों से ऑक्सीजन टैंकर प्रतिदिन बोकारो और जामनगर भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश से जिन टैंकरों को ऑक्सीजन के लिये भेजा गया, अब वे ऑक्सीजन संजीवनी लेकर वापस आना शुरू हो गये हैं। यह क्रम लगातार जारी रखा जाएगा। कोरोना काल में ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिये मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और संबंधित केन्द्रीय मंत्रालयों के द्वारा दिये गये सहयोग के प्रति आभार माना है। चौहान ने बताया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुचारू बनाने के लिये राज्य सरकार द्वारा 2000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे गये हैं। इसके साथ ही जिलों में स्थानीय व्यवस्था से भी लगभग 2 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स लगाए जा चुके हैं। प्रदेश के भोपाल, रीवा, इंदौर, ग्वालियर और शहडोल जिला चिकित्सालयों में एक करोड़ 60 लाख रुपये से नवीनतम वीपीएसए तकनीक आधारित ऑक्सीजन प्लांट्स लगाये जा रहे हैं। इस नवीनतम तकनीक से ऑक्सीजन प्लांट्स लगाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। इन प्लांट से बनने वाली ऑक्सीजन 50 बेड्स के लिए उपलब्ध हो सकेगी। ये कार्य भी हो रहा प्रदेश के बालाघाट, धार, दमोह, जबलपुर, बड़वानी, शहडोल, सतना और मंदसौर जिलों में पांच करोड़ 87 लाख रुपये से अधिक की लागत के डेबेल तकनीक आधारित 570 लीटर प्रति मिनट की क्षमता वाले ऑनसाईट ऑक्सीजन गैस जनरेटर प्लांट लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही आठ जिलों में भारत सरकार के सहयोग से पीएसए तकनीक आधारित 8 ऑक्सीजन प्लांट्स स्वीकृत हुए हैं, जिनमें से छह प्लांट्स ने कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। इसके अलावा प्रदेश के 37 जिलों के लिए राज्य सरकार स्वयं के बजट से जिला अस्पतालों में पीएसए तकनीक से तैयार होने वाले नए ऑक्सीजन प्लांट्स लगा रही है। खंडवा और सारणी थर्मल पॉवर स्टेशंस के माध्यम से सात हजार लीटर क्षमता वाले नए ऑक्सीजन प्लांट अगले तीन सप्ताह में तैयार हो जाएंगे। इन प्लांट से लगभग 200 सिलेंडर ऑक्सीजन प्रतिदिन प्राप्त हो सकेगी। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के बेड्स को ऑक्सीजन बेड्स में परिवर्तित करने के लिए पाइप लाइन डालने का कार्य भी युद्ध स्तर पर जारी है।
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28 April 2021भोपाल। देश भर में एक मई से वैक्सीनेशन का तीसरा दौर शुरू होने जा रहा है। तीसरे दौर में 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। मप्र में भी वैक्सीनेशन की तैयारी पूरी हो गई है और आज से रजिस्ट्रेशन शुरू हो रहा है। इस बीच प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश की जनता बड़ा संख्या में वैक्सीनेशन अभियान में शामिल होने की अपील की है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को अपने बयान में कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण बेहद जरूरी है। कोरोना के खिलाफ यह रक्षाकवच है। दुनिया के कई देशों ने वैक्सीनेशन के माध्यम से ही कोरोना पर विजय पाई है। अत: देश में 01 मई से शुरू हो रहे 18+ के टीकाकरण अभियान के लिए बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन करवाकर राष्ट्रीय कत्र्तव्य निभाएं। इस समय वैक्सीनेशन कराना राष्ट्रभक्ति से कम नही है। इसके अलावा गृहमंत्री ने जनता से आग्रह करते हुए कहा कि कोरोना महामारी से निपटने में स्वास्थ्य,पुलिस और आकस्मिक सेवाओं के फ्रंटलाइन वर्कर्स अपनी जान पर खेलकर जनहित में ड्यूटी निभा रहे हैं। अत: जनता से मेरा अनुरोध है कि वह डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और पुलिस जवानों की हौसला अफजाई करे। लोग उनसे अनावश्यक विवाद और दुव्र्यवहार नहीं करें। दिग्विजय सिंह के ट्वीट और जीतू पटवारी के पत्र पर किया पलटवारइस दौरान मंत्री मिश्रा ने दिग्विजय सिंह के ट्वीट और जीतू पटवारी के पत्र पर पलटवार करते हुए कहा कि ये लोग केवल ट्वीट और पत्र की राजनीति करते हैं। ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की उपलब्धता हो रही है, अब लगातार ऑक्सीजन मिलने से मरीजों को राहत मिलेगी। कोरोना की महामारी के समय भी राजनीति कर रहे हैं, घरों से बाहर नही निकल रहे हैं, जनता इन्हें माफ नही करेगी।
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28 April 2021भोपाल। देश भर में एक मई से वैक्सीनेशन का तीसरा दौर शुरू होने जा रहा है। तीसरे दौर में 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। मप्र में भी वैक्सीनेशन की तैयारी पूरी हो गई है और आज से रजिस्ट्रेशन शुरू हो रहा है। इस बीच प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश की जनता बड़ा संख्या में वैक्सीनेशन अभियान में शामिल होने की अपील की है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को अपने बयान में कहा कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए टीकाकरण बेहद जरूरी है। कोरोना के खिलाफ यह रक्षाकवच है। दुनिया के कई देशों ने वैक्सीनेशन के माध्यम से ही कोरोना पर विजय पाई है। अत: देश में 01 मई से शुरू हो रहे 18+ के टीकाकरण अभियान के लिए बड़ी संख्या में रजिस्ट्रेशन करवाकर राष्ट्रीय कत्र्तव्य निभाएं। इस समय वैक्सीनेशन कराना राष्ट्रभक्ति से कम नही है। इसके अलावा गृहमंत्री ने जनता से आग्रह करते हुए कहा कि कोरोना महामारी से निपटने में स्वास्थ्य,पुलिस और आकस्मिक सेवाओं के फ्रंटलाइन वर्कर्स अपनी जान पर खेलकर जनहित में ड्यूटी निभा रहे हैं। अत: जनता से मेरा अनुरोध है कि वह डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और पुलिस जवानों की हौसला अफजाई करे। लोग उनसे अनावश्यक विवाद और दुव्र्यवहार नहीं करें। दिग्विजय सिंह के ट्वीट और जीतू पटवारी के पत्र पर किया पलटवारइस दौरान मंत्री मिश्रा ने दिग्विजय सिंह के ट्वीट और जीतू पटवारी के पत्र पर पलटवार करते हुए कहा कि ये लोग केवल ट्वीट और पत्र की राजनीति करते हैं। ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन की उपलब्धता हो रही है, अब लगातार ऑक्सीजन मिलने से मरीजों को राहत मिलेगी। कोरोना की महामारी के समय भी राजनीति कर रहे हैं, घरों से बाहर नही निकल रहे हैं, जनता इन्हें माफ नही करेगी।
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28 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास के प्रांगण में नारियल का पौधा रोपा। श्री चौहान ने पौधा रोपण की संकल्प यात्रा के 68 वें दिन नारियल के पौधे के रूप में 71 वाँ पौधा रोपा है। इसके पश्चात मुख्यमंत्री बीना रिफायनरी में बनने वाले 1000 बिस्तरीय मेकशिफ्ट अस्पताल के निर्माण स्थल के निरीक्षण के लिए रवाना हो गए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदूषण मुक्त-ऑक्सीजन युक्त मध्यप्रदेश की एक वर्षीय पौधा रोपण संकल्प यात्रा 19 फरवरी को अमरकंटक में गुल-बकावली का पौधा रोपकर शुरू की थी। इस यात्रा में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज तक अमरकंटक, होशंगाबाद, भोपाल, पश्चिम बंगाल के जगतवल्लभपुर में बांस का पौधा, जबलपुर, पन्ना, गुजरात में भरूच स्थित मनन आश्रम में पौधा रोपण कर अपनी यात्रा को प्रदेश के बाहर प्रवास पर रहने के बावजूद निर्बाध जारी रखा। 68 दिन में रोपे 38 किस्म के पौधे उनके इस तरह से नियमित एक पौधा लगाने को लेकर सूचना अधिकारी मुकेश दुबे ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपनी इस संकल्प यात्रा में 38 किस्म के पौधे रोपे जिनमें गुलबकावली, साल, आम, पारिजात, सप्तपर्णी, चीकू, नीम, सीता-अशोक, शीशम, करंज, पुत्रजीवक, वटवृक्ष, पीपल, कदम, बांस, हरश्रंगार, गूलर, बेलपात्र, बरगद, खिरनी, बादाम, रूद्राक्ष, चंदन, नारियल, महानीम, चाँदनी, अगर, रबर, गुलमोहर, चंपा, मोलश्री, सिकंदरा, फाइकस पांडा, मुनगा, अमरूद, आंवला और पारस-पीपल के पौधे अब तक रोपे हैं ।
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27 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास के प्रांगण में नारियल का पौधा रोपा। श्री चौहान ने पौधा रोपण की संकल्प यात्रा के 68 वें दिन नारियल के पौधे के रूप में 71 वाँ पौधा रोपा है। इसके पश्चात मुख्यमंत्री बीना रिफायनरी में बनने वाले 1000 बिस्तरीय मेकशिफ्ट अस्पताल के निर्माण स्थल के निरीक्षण के लिए रवाना हो गए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदूषण मुक्त-ऑक्सीजन युक्त मध्यप्रदेश की एक वर्षीय पौधा रोपण संकल्प यात्रा 19 फरवरी को अमरकंटक में गुल-बकावली का पौधा रोपकर शुरू की थी। इस यात्रा में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज तक अमरकंटक, होशंगाबाद, भोपाल, पश्चिम बंगाल के जगतवल्लभपुर में बांस का पौधा, जबलपुर, पन्ना, गुजरात में भरूच स्थित मनन आश्रम में पौधा रोपण कर अपनी यात्रा को प्रदेश के बाहर प्रवास पर रहने के बावजूद निर्बाध जारी रखा। 68 दिन में रोपे 38 किस्म के पौधे उनके इस तरह से नियमित एक पौधा लगाने को लेकर सूचना अधिकारी मुकेश दुबे ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपनी इस संकल्प यात्रा में 38 किस्म के पौधे रोपे जिनमें गुलबकावली, साल, आम, पारिजात, सप्तपर्णी, चीकू, नीम, सीता-अशोक, शीशम, करंज, पुत्रजीवक, वटवृक्ष, पीपल, कदम, बांस, हरश्रंगार, गूलर, बेलपात्र, बरगद, खिरनी, बादाम, रूद्राक्ष, चंदन, नारियल, महानीम, चाँदनी, अगर, रबर, गुलमोहर, चंपा, मोलश्री, सिकंदरा, फाइकस पांडा, मुनगा, अमरूद, आंवला और पारस-पीपल के पौधे अब तक रोपे हैं ।
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27 April 2021उज्जैन। मप्र कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता नूरी खान को मंगलवार सुबह उज्जैन के नानाखेड़ा पुलिस ने उनके घर से गिरफ्तार कर लिया। नूरी खान का आरोप है कि वह कोरोना संकट के समय अस्पतालों में बरती जा रही लापरवाही को लेकर बड़ा खुलासा करने वाली थी, लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी लग गई और उन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान नूरी ने अपनी गिरफ्तारी के पूरे घटनाक्रम को फेसबुक पर लाइव साझा भी किया। दरअसल नानाखेड़ा थाना पुलिस ने कांग्रेस प्रवक्ता नूरी के खिलाफ धारा 188 के तहत केस दर्ज किया है और इसी के तहत मंगलवार सुबह उनके घर उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची। पुलिस को अपने घर पर आया देख नूरी ने फेसबुक पर लाइव करना शुरू कर दिया। पुलिस द्वारा फोन मांगे जाने पर उन्होंने देने से साफ मना कर दिया और कहा कि वह कोई अपराधी नहीं है इसलिए पुलिस उनके साथ कोई दुव्यर्वहार नहीं कर सकती। नूरी ने कहा कि वह खुद साथ में थाने चलेंगी लेकिन फोन नहीं दूंगी। इस दौरान घर से लेकर थाने जाने तक नूरी लाइव रही। नूरी का कहना है कि वह सुबह 11 बजे अस्पतालों में बरती जा रही लापरवाही को लेकर बड़ा खुलासा करने वाली थीं। उन्होंने कहा कि मैं आम लोगों की आवाज उठाना चाह रही थी। सुबह सेहरी की और मुश्किल से एक घंटा ही सो पाई थी। पुलिस मुझ पर धारा 188 के तहत कार्रवाई करते हुए घर लेने आ गई। मैं पुलिस की कार्रवाई से बिल्कुल भी नहीं डरूंगी और आम लोगों की आवाज उठाती रहूंगी। बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस प्रवक्ता नूरी खान ने रविवार रात को इंदौर रोड स्थित गंगेडी आक्सीजन प्लांट पर पहुंचकर हंगामा किया था। इसके अलावा कुछ दिन पूर्व माधव नगर अस्पताल में भी पहुंचकर वहां हंगामा किया था। हालांकि इसके बाद से वह लगातार मरीजों की सेवा में जुट गई थी तथा उन्हें आक्सीजन सिलेंडर व रेमडेसिविर इंजेक्शन पहुंचा कर मदद कर रही थीं।
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27 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीना ओमान रिफानरी में एक हजार बिस्तर के निर्माणाधीन चिकित्सालय की प्रगति की सोमवार को समीक्षा की। उन्होंने निर्माण एवं संचालन कार्य से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर सीधे संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी और अधिकारी से संवाद कर कार्य की प्रगति का विवरण प्राप्त किया। श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस से निर्माण कार्य की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अस्पताल निर्माण की व्यवस्थाएँ ऑल वैदर प्रूफ होनी चाहिए, जो आंधी, तूफान और बरसात से भी प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर अस्पताल के बिस्तरों की संख्या एक हजार से बढ़ाकर पाँच हजार तक करने के लिए विद्युत आपूर्ति, पेयजल आदि की मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अस्पताल संचालन से संबंधित सभी बिन्दुओं पर पृथक-पृथक जानकारी प्राप्त की। श्री चौहान को बताया गया कि अस्पताल की विद्युत आपूर्ति के लिए विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य तीव्र गति से प्रगतिरत है। विद्युत आपूर्ति के बैकअप के रूप में रिफानरी की विद्युत व्यवस्था को सपोर्ट सिस्टम बनाया गया है। रिफानरी के बेतवा जलस्रोत से ही पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है। जल स्रोत में पर्याप्त जल का संचयन है। कनेक्टिविटी के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर की सड़क का निर्माण कार्य भी शुरु हो गया है। चिकित्सालय की भोजन, जलपान आदि व्यवस्थाओं के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ टाईअप किया गया है। साफ-सफाई के लिए निजी एजेंसियों के साथ अनुबंध की कार्यवाही प्रचलित है। श्री चौहान ने प्लांट से रोगी तक ऑक्सीजन वितरण के बिन्दु की भी समीक्षा की। बताया गया कि प्लांट से ऑक्सीजन पाईप लाइन द्वारा चिकित्सालय तक जाएगी। पाईप लाइन निर्माण की कार्यवाही भी जारी हो गई है। बीना ओमान रिफानरी के प्रबंध संचालक श्री भंडारी ने बताया कि प्लांट में 90 टन क्षमता के दो ऑक्सीजन प्लांट उपलब्ध हैं। एक प्लांट का ट्रायल रन विगत 20 अप्रैल से किया जा रहा है। दूसरे का ट्रायल रन आज से शुरु हो गया है उल्लेखनीय है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई, बीना ओमान ऱिफानरी लिमिटेड के संचालक भंडारी एवं अन्य निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
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26 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीना ओमान रिफानरी में एक हजार बिस्तर के निर्माणाधीन चिकित्सालय की प्रगति की सोमवार को समीक्षा की। उन्होंने निर्माण एवं संचालन कार्य से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर सीधे संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी और अधिकारी से संवाद कर कार्य की प्रगति का विवरण प्राप्त किया। श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस से निर्माण कार्य की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अस्पताल निर्माण की व्यवस्थाएँ ऑल वैदर प्रूफ होनी चाहिए, जो आंधी, तूफान और बरसात से भी प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर अस्पताल के बिस्तरों की संख्या एक हजार से बढ़ाकर पाँच हजार तक करने के लिए विद्युत आपूर्ति, पेयजल आदि की मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अस्पताल संचालन से संबंधित सभी बिन्दुओं पर पृथक-पृथक जानकारी प्राप्त की। श्री चौहान को बताया गया कि अस्पताल की विद्युत आपूर्ति के लिए विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य तीव्र गति से प्रगतिरत है। विद्युत आपूर्ति के बैकअप के रूप में रिफानरी की विद्युत व्यवस्था को सपोर्ट सिस्टम बनाया गया है। रिफानरी के बेतवा जलस्रोत से ही पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है। जल स्रोत में पर्याप्त जल का संचयन है। कनेक्टिविटी के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर की सड़क का निर्माण कार्य भी शुरु हो गया है। चिकित्सालय की भोजन, जलपान आदि व्यवस्थाओं के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ टाईअप किया गया है। साफ-सफाई के लिए निजी एजेंसियों के साथ अनुबंध की कार्यवाही प्रचलित है। श्री चौहान ने प्लांट से रोगी तक ऑक्सीजन वितरण के बिन्दु की भी समीक्षा की। बताया गया कि प्लांट से ऑक्सीजन पाईप लाइन द्वारा चिकित्सालय तक जाएगी। पाईप लाइन निर्माण की कार्यवाही भी जारी हो गई है। बीना ओमान रिफानरी के प्रबंध संचालक श्री भंडारी ने बताया कि प्लांट में 90 टन क्षमता के दो ऑक्सीजन प्लांट उपलब्ध हैं। एक प्लांट का ट्रायल रन विगत 20 अप्रैल से किया जा रहा है। दूसरे का ट्रायल रन आज से शुरु हो गया है उल्लेखनीय है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई, बीना ओमान ऱिफानरी लिमिटेड के संचालक भंडारी एवं अन्य निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
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26 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीना ओमान रिफानरी में एक हजार बिस्तर के निर्माणाधीन चिकित्सालय की प्रगति की सोमवार को समीक्षा की। उन्होंने निर्माण एवं संचालन कार्य से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर सीधे संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी और अधिकारी से संवाद कर कार्य की प्रगति का विवरण प्राप्त किया। श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस से निर्माण कार्य की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अस्पताल निर्माण की व्यवस्थाएँ ऑल वैदर प्रूफ होनी चाहिए, जो आंधी, तूफान और बरसात से भी प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर अस्पताल के बिस्तरों की संख्या एक हजार से बढ़ाकर पाँच हजार तक करने के लिए विद्युत आपूर्ति, पेयजल आदि की मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अस्पताल संचालन से संबंधित सभी बिन्दुओं पर पृथक-पृथक जानकारी प्राप्त की। श्री चौहान को बताया गया कि अस्पताल की विद्युत आपूर्ति के लिए विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य तीव्र गति से प्रगतिरत है। विद्युत आपूर्ति के बैकअप के रूप में रिफानरी की विद्युत व्यवस्था को सपोर्ट सिस्टम बनाया गया है। रिफानरी के बेतवा जलस्रोत से ही पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है। जल स्रोत में पर्याप्त जल का संचयन है। कनेक्टिविटी के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर की सड़क का निर्माण कार्य भी शुरु हो गया है। चिकित्सालय की भोजन, जलपान आदि व्यवस्थाओं के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ टाईअप किया गया है। साफ-सफाई के लिए निजी एजेंसियों के साथ अनुबंध की कार्यवाही प्रचलित है। श्री चौहान ने प्लांट से रोगी तक ऑक्सीजन वितरण के बिन्दु की भी समीक्षा की। बताया गया कि प्लांट से ऑक्सीजन पाईप लाइन द्वारा चिकित्सालय तक जाएगी। पाईप लाइन निर्माण की कार्यवाही भी जारी हो गई है। बीना ओमान रिफानरी के प्रबंध संचालक श्री भंडारी ने बताया कि प्लांट में 90 टन क्षमता के दो ऑक्सीजन प्लांट उपलब्ध हैं। एक प्लांट का ट्रायल रन विगत 20 अप्रैल से किया जा रहा है। दूसरे का ट्रायल रन आज से शुरु हो गया है उल्लेखनीय है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई, बीना ओमान ऱिफानरी लिमिटेड के संचालक भंडारी एवं अन्य निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
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26 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीना ओमान रिफानरी में एक हजार बिस्तर के निर्माणाधीन चिकित्सालय की प्रगति की सोमवार को समीक्षा की। उन्होंने निर्माण एवं संचालन कार्य से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर सीधे संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी और अधिकारी से संवाद कर कार्य की प्रगति का विवरण प्राप्त किया। श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस से निर्माण कार्य की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अस्पताल निर्माण की व्यवस्थाएँ ऑल वैदर प्रूफ होनी चाहिए, जो आंधी, तूफान और बरसात से भी प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर अस्पताल के बिस्तरों की संख्या एक हजार से बढ़ाकर पाँच हजार तक करने के लिए विद्युत आपूर्ति, पेयजल आदि की मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अस्पताल संचालन से संबंधित सभी बिन्दुओं पर पृथक-पृथक जानकारी प्राप्त की। श्री चौहान को बताया गया कि अस्पताल की विद्युत आपूर्ति के लिए विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य तीव्र गति से प्रगतिरत है। विद्युत आपूर्ति के बैकअप के रूप में रिफानरी की विद्युत व्यवस्था को सपोर्ट सिस्टम बनाया गया है। रिफानरी के बेतवा जलस्रोत से ही पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है। जल स्रोत में पर्याप्त जल का संचयन है। कनेक्टिविटी के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर की सड़क का निर्माण कार्य भी शुरु हो गया है। चिकित्सालय की भोजन, जलपान आदि व्यवस्थाओं के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ टाईअप किया गया है। साफ-सफाई के लिए निजी एजेंसियों के साथ अनुबंध की कार्यवाही प्रचलित है। श्री चौहान ने प्लांट से रोगी तक ऑक्सीजन वितरण के बिन्दु की भी समीक्षा की। बताया गया कि प्लांट से ऑक्सीजन पाईप लाइन द्वारा चिकित्सालय तक जाएगी। पाईप लाइन निर्माण की कार्यवाही भी जारी हो गई है। बीना ओमान रिफानरी के प्रबंध संचालक श्री भंडारी ने बताया कि प्लांट में 90 टन क्षमता के दो ऑक्सीजन प्लांट उपलब्ध हैं। एक प्लांट का ट्रायल रन विगत 20 अप्रैल से किया जा रहा है। दूसरे का ट्रायल रन आज से शुरु हो गया है उल्लेखनीय है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई, बीना ओमान ऱिफानरी लिमिटेड के संचालक भंडारी एवं अन्य निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
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26 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीना ओमान रिफानरी में एक हजार बिस्तर के निर्माणाधीन चिकित्सालय की प्रगति की सोमवार को समीक्षा की। उन्होंने निर्माण एवं संचालन कार्य से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर सीधे संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी और अधिकारी से संवाद कर कार्य की प्रगति का विवरण प्राप्त किया। श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस से निर्माण कार्य की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अस्पताल निर्माण की व्यवस्थाएँ ऑल वैदर प्रूफ होनी चाहिए, जो आंधी, तूफान और बरसात से भी प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर अस्पताल के बिस्तरों की संख्या एक हजार से बढ़ाकर पाँच हजार तक करने के लिए विद्युत आपूर्ति, पेयजल आदि की मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अस्पताल संचालन से संबंधित सभी बिन्दुओं पर पृथक-पृथक जानकारी प्राप्त की। श्री चौहान को बताया गया कि अस्पताल की विद्युत आपूर्ति के लिए विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य तीव्र गति से प्रगतिरत है। विद्युत आपूर्ति के बैकअप के रूप में रिफानरी की विद्युत व्यवस्था को सपोर्ट सिस्टम बनाया गया है। रिफानरी के बेतवा जलस्रोत से ही पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है। जल स्रोत में पर्याप्त जल का संचयन है। कनेक्टिविटी के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर की सड़क का निर्माण कार्य भी शुरु हो गया है। चिकित्सालय की भोजन, जलपान आदि व्यवस्थाओं के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ टाईअप किया गया है। साफ-सफाई के लिए निजी एजेंसियों के साथ अनुबंध की कार्यवाही प्रचलित है। श्री चौहान ने प्लांट से रोगी तक ऑक्सीजन वितरण के बिन्दु की भी समीक्षा की। बताया गया कि प्लांट से ऑक्सीजन पाईप लाइन द्वारा चिकित्सालय तक जाएगी। पाईप लाइन निर्माण की कार्यवाही भी जारी हो गई है। बीना ओमान रिफानरी के प्रबंध संचालक श्री भंडारी ने बताया कि प्लांट में 90 टन क्षमता के दो ऑक्सीजन प्लांट उपलब्ध हैं। एक प्लांट का ट्रायल रन विगत 20 अप्रैल से किया जा रहा है। दूसरे का ट्रायल रन आज से शुरु हो गया है उल्लेखनीय है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई, बीना ओमान ऱिफानरी लिमिटेड के संचालक भंडारी एवं अन्य निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
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26 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीना ओमान रिफानरी में एक हजार बिस्तर के निर्माणाधीन चिकित्सालय की प्रगति की सोमवार को समीक्षा की। उन्होंने निर्माण एवं संचालन कार्य से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर सीधे संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी और अधिकारी से संवाद कर कार्य की प्रगति का विवरण प्राप्त किया। श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस से निर्माण कार्य की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अस्पताल निर्माण की व्यवस्थाएँ ऑल वैदर प्रूफ होनी चाहिए, जो आंधी, तूफान और बरसात से भी प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर अस्पताल के बिस्तरों की संख्या एक हजार से बढ़ाकर पाँच हजार तक करने के लिए विद्युत आपूर्ति, पेयजल आदि की मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अस्पताल संचालन से संबंधित सभी बिन्दुओं पर पृथक-पृथक जानकारी प्राप्त की। श्री चौहान को बताया गया कि अस्पताल की विद्युत आपूर्ति के लिए विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य तीव्र गति से प्रगतिरत है। विद्युत आपूर्ति के बैकअप के रूप में रिफानरी की विद्युत व्यवस्था को सपोर्ट सिस्टम बनाया गया है। रिफानरी के बेतवा जलस्रोत से ही पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है। जल स्रोत में पर्याप्त जल का संचयन है। कनेक्टिविटी के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर की सड़क का निर्माण कार्य भी शुरु हो गया है। चिकित्सालय की भोजन, जलपान आदि व्यवस्थाओं के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ टाईअप किया गया है। साफ-सफाई के लिए निजी एजेंसियों के साथ अनुबंध की कार्यवाही प्रचलित है। श्री चौहान ने प्लांट से रोगी तक ऑक्सीजन वितरण के बिन्दु की भी समीक्षा की। बताया गया कि प्लांट से ऑक्सीजन पाईप लाइन द्वारा चिकित्सालय तक जाएगी। पाईप लाइन निर्माण की कार्यवाही भी जारी हो गई है। बीना ओमान रिफानरी के प्रबंध संचालक श्री भंडारी ने बताया कि प्लांट में 90 टन क्षमता के दो ऑक्सीजन प्लांट उपलब्ध हैं। एक प्लांट का ट्रायल रन विगत 20 अप्रैल से किया जा रहा है। दूसरे का ट्रायल रन आज से शुरु हो गया है उल्लेखनीय है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई, बीना ओमान ऱिफानरी लिमिटेड के संचालक भंडारी एवं अन्य निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
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26 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीना ओमान रिफानरी में एक हजार बिस्तर के निर्माणाधीन चिकित्सालय की प्रगति की सोमवार को समीक्षा की। उन्होंने निर्माण एवं संचालन कार्य से जुड़े विभिन्न बिन्दुओं पर सीधे संबंधित क्रियान्वयन एजेंसी और अधिकारी से संवाद कर कार्य की प्रगति का विवरण प्राप्त किया। श्री चौहान आज निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस से निर्माण कार्य की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अस्पताल निर्माण की व्यवस्थाएँ ऑल वैदर प्रूफ होनी चाहिए, जो आंधी, तूफान और बरसात से भी प्रभावित न हों। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर अस्पताल के बिस्तरों की संख्या एक हजार से बढ़ाकर पाँच हजार तक करने के लिए विद्युत आपूर्ति, पेयजल आदि की मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अस्पताल संचालन से संबंधित सभी बिन्दुओं पर पृथक-पृथक जानकारी प्राप्त की। श्री चौहान को बताया गया कि अस्पताल की विद्युत आपूर्ति के लिए विद्युत सब स्टेशन का निर्माण कार्य तीव्र गति से प्रगतिरत है। विद्युत आपूर्ति के बैकअप के रूप में रिफानरी की विद्युत व्यवस्था को सपोर्ट सिस्टम बनाया गया है। रिफानरी के बेतवा जलस्रोत से ही पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है। जल स्रोत में पर्याप्त जल का संचयन है। कनेक्टिविटी के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर की सड़क का निर्माण कार्य भी शुरु हो गया है। चिकित्सालय की भोजन, जलपान आदि व्यवस्थाओं के लिए अक्षय पात्र फाउंडेशन के साथ टाईअप किया गया है। साफ-सफाई के लिए निजी एजेंसियों के साथ अनुबंध की कार्यवाही प्रचलित है। श्री चौहान ने प्लांट से रोगी तक ऑक्सीजन वितरण के बिन्दु की भी समीक्षा की। बताया गया कि प्लांट से ऑक्सीजन पाईप लाइन द्वारा चिकित्सालय तक जाएगी। पाईप लाइन निर्माण की कार्यवाही भी जारी हो गई है। बीना ओमान रिफानरी के प्रबंध संचालक श्री भंडारी ने बताया कि प्लांट में 90 टन क्षमता के दो ऑक्सीजन प्लांट उपलब्ध हैं। एक प्लांट का ट्रायल रन विगत 20 अप्रैल से किया जा रहा है। दूसरे का ट्रायल रन आज से शुरु हो गया है उल्लेखनीय है कि वीडियो कॉन्फ्रेंस में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन संजय शुक्ला, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई, बीना ओमान ऱिफानरी लिमिटेड के संचालक भंडारी एवं अन्य निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
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26 April 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर चर्चा के दौरान प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए की जा रही व्यवस्थाओं एवं प्रयासों से अवगत कराया। इस दौरान मोदी ने राज्य में लगाए गए स्वत:स्फूर्त कोरोना कर्फ्यू और जनभागीदारी से कोरोना नियंत्रण के प्रयासों की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने प्रदेश में माइक्रो कॉन्टेनमेंट जोन के प्रभावी क्रियान्वयन और जनमानस की कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सक्रिय भागीदारी पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट कर पीएम मोदी के साथ फोन पर हुई चर्चा की जानकारी साझा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर चर्चा की और उन्हें मध्यप्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम हेतु किये जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। उनके सुझाव पर अमल करते हुए हमने माइक्रो कंटेनमेंट ज़ोन बनाकर इसका सफलतापूर्वक प्रयोग किया है, इसके अच्छे परिणाम भी मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा से मध्यप्रदेश की जनता ने गांव-गांव में स्वत:स्फूर्त भावना से जो जनता कर्फ्यू लगाया है, इस अभिनव जनभावना एवं प्रयास के साथ माइक्रो कंटेनमेंट जोन के सफल प्रयोग की उन्होंने प्रशंसा की। शिवराज ने उम्मीद जताते हुए कहा कि पीएम मोदी के कुशल नेतृत्व में देश और हम लोग कोविड-19 के विरुद्ध जंग लड़ रहे हैं। हम सब यह जंग जल्द ही जीतेंगे और भारत में एक नई सुबह के साथ हर चेहरे पर सबल एवं चिरस्थायी मुस्कान विराजमान होगी, इसका मुझे पूर्ण विश्वास है।
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26 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रोजाना एक पौधा रोपने के अपने संकल्प के क्रम में आज शनिवार को निवास में पारस पीपल का पौधा रोपा। पारस पीपल सामान्य पीपल से पूरी तरह अलग होता है। यह आमतौर पर जंगलों में पाया जाता है, पारस पीपल के पत्ते दूर से देखने पर कुछ-कुछ पीपल की तरह ही होते हैं, लेकिन इसके पत्तों की गोलाई अधिक होती है। इनमें भिंडी के फूलों की तरह पीले रंग के फूल आते हैं। इसके पेड़ की ऊंचाई भी अधिक नहीं होती। पारस पीपल के पत्तों और फूलों का उपयोग कई तरह की दवाइयों में भी किया जाता है। पारस पीपल से नशे जैसी लत भी छुड़ाई जा सकती है।
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24 April 2021भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना की बिगड़े हालातों के बीच रोज ऑक्सीजन की कमी से भी कई लोग मौत के मुंह में समा रहे हैं। शुक्रवार रात को ग्वालियर में भी ऑक्सीजन की कमी होने से दो मरीजों की मौत हो गई। प्रदेशभर में रोजाना ऑक्सीजन की कमी से हो रही मौतों पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार का घेराव किया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सीएम शिवराज से प्रश्र किया है कि अब ग्वालियर में ऑक्सीजन की कमी से मौतों की ख़बर? शिवराज जी आप कई दिन से कह रहे है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं, बेड की कमी नहीं, इंजेक्शन की कमी नहीं तो फिर रोज़ ये मौतें? उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि आज भी प्रदेशभर में लोग ऑक्सीजन, बेड, इलाज, जीवन रक्षक दवाइयों के लिये दर-दर क्यों भटक रहे है ? अस्पताल ऑक्सीजन की कमी से मरीज़ों को भर्ती नहीं करने का बोर्ड क्यों लगा रहे है? प्रदेशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन का रोज़ संकट बना रहता है, मरीज़ों के परिजनों की ऑक्सीजन के इंतज़ार में साँसे फूलती रहती हैं। आप और आपके जिम्मेदार रोज़ पल्ला झाड़ लेते हैं कि कोई कमी नहीं है? पूर्व सीएम ने कहा कि आप तो सिर्फ़ इतना बता दें कि प्रदेश के कौन से जिले में, कौन से अस्पताल में मरीज़ों के लिये ऑक्सीजन से लेकर बेड, इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है? आप अभी भी जमीनी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर आदत के मुताबिक़ झूठ परोसने में लगे हुए है। सीएम शिवराज पर तंज कसते हुए कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की जनता खुली आँखो से आपकी सरकार में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर रोज़ देख रही है, अपनों को खोते हुए भी रोज़ देख रही है और यह समझ चुकी है कि पिछले एक वर्ष में आपने प्रदेश को कहां लाकर खड़ा कर दिया है? आपकी सरकार की लापरवाही की सजा आज पूरा प्रदेश भुगत रहा है। एक वर्ष में आपने प्रदेश को दिया है तो सिर्फ़ जुमले, भाषण, आयोजन, अभियान और झूठी घोषणाएँ ?
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24 April 2021इंदौर। मध्य प्रदेश की जोबट विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया का निधन हो गया है। कलावती भूरिया कोरोना संक्रमित थीं और पिछले कई दिनों से उनका इलाज इंदौर के एक निजी अस्पताल में चल रहा था जहां शनिवार सुबह उनका निधन हुआ। इसकी सूचना पर कांग्रेस पार्टी और उनके क्षेत्र में शोक की लहर छा गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। चौहान ने ट्वीटर पर लिखा ''प्रदश के जोबट क्षेत्र की लोकप्रिय विधायक कलावती भूरिया जी के निधन का अत्यंत दुखद समाचार मिला। वे आमजन के हितों की रक्षा के लिए तत्पर रहने वाली मिलनसार व मृदुभाषी विधायक थीं। ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान और परिजनों को संबल दें। विनम्र श्रद्धांजलि!'' कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया के निधन पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट करके श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा ''प्रदेश के जोबट क्षेत्र की विधायक कलावती भूरिया के दुखद निधन का समाचार बेहद व्यथित व स्तब्ध करने वाला है। वे एक सक्रिय, दबंग, जुझारू, मिलनसार विधायक थीं। अपने क्षेत्र की जनता के प्रति उनका विशेष लगाव था और उनके हितों के लिये सदैव संघर्षरत रहती थीं। उनका दुखद निधन पूरे कांग्रेस परिवार और मेरे लिये भी एक बड़ी क्षति है। परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान व पीछे परिजनों को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करे।'' उधर, छिंदवाड़ा से सांसद नकुल नाथ ने ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट में लिखा मध्य प्रदेश की जोबट विधानसभा से विधायक कलावती भूरिया जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें एवं शोक संतप्त परिवार को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। इसी तरह से पूर्व मंत्री एवं विधायक जीतू पटवारी ने ट्वीट कर लिखा, ''जांबाज जनसेवक और जोबट विधायक बहन कलावती भूरिया हमारे बीच नहीं रहीं। झाबुआ-आलीराजपुर जिले से कांग्रेस का यह प्रतिनिधि चेहरा, अपनी निष्ठा-प्रतिष्ठा के लिए हमेशा याद किया जाएगा। ईश्वर से प्रार्थना है, उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। नमन।'' कलावती भूरिया को 15 अप्रैल को कोरोना संक्रमित होने के बाद अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पिछले दो दिनों से उनकी तबीयत ज्यादा खराब थी। शनिवार सुबह उन्होंने अस्पताल में आखिरी सांसें लीं। उनके राजनीति सफर में जनप्रतिनिधि काल की बात करें तो वे पहली बार जोबट विधानसभा से वर्ष 2018 में चुनाव जीतकर विधायक बनी थीं। इसके पहले झाबुआ जिला पंचायत की लगातार चानर बार अध्यक्ष रह चुकी थीं। वे पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया की भतीजी थीं। उल्लेखनीय है कि कोरोना से जूझ रहे इंदौर में रिकॉर्ड 1813 नए संक्रमित मिले हैं। यहां कुल मरीजों की संख्या अब 99 हजार 925 पर पहुंच चुकी है। यहां जिस प्रकार से यहां संक्रमित मिल रहे हैं, उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि शनिवार रात को यह आंकड़ा एक लाख के पार हो जाएगा। पिछले 24 घण्टे में सात मरीजों की जान भी गई, जिसके बाद मृतक संख्या अब 1092 पर जा पहुंची है जबकि कुल संक्रमितों में से 86 हजार 212 ठीक अब तक ठीक भी हुए हैं।
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24 April 2021सागर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से स्थिति भयावह बनी हुई है। कोरोना के चलते चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच अस्पतालों में स्टाफ की कमी होने लगी है। इस बीच प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र गढ़ाकोटा में कोविड सेंटर के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर के लिए वैकेंसी निकाली है। उन्होंने दो लाख रुपये सैलरी खुद देने की बात कही है। शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र सागर में अस्थाई अस्पताल बनाने के बाद कोविड-केयर की भर्ती निकाली है। इसके लिए वे डॉक्टर को लाखों का पैकेज देने के साथ कई अन्य सुविधाएं भी दे रहे हैं। इसके लिए मंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्टर भी जारी किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि एक डॉक्टर, एम.डी (मेडिसीन) की कोविड केयर सेंटर गढ़ाकोटा, जिला सागर में तुरंत आवश्यकता है। इसके लिए डॉक्टर को हर महीने 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही डॉक्टर के लिए मेरी ओर से रहने के लिए आवास, भोजन एवं लग्जरी गाड़ी की भी व्यवस्था की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र में कोविड मरीजों की बेहतर उपचार व्यवस्था के लिए 70 बिस्तर वाला अस्पताल भी बनाया है। इस समय यहां पर 40 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस अस्पताल में प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां पर सीटी स्कैन से लेकर तमाम तरह की जांचों पर मरीजों से पैसा नहीं लिया जा रहा है।
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23 April 2021सागर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से स्थिति भयावह बनी हुई है। कोरोना के चलते चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच अस्पतालों में स्टाफ की कमी होने लगी है। इस बीच प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र गढ़ाकोटा में कोविड सेंटर के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर के लिए वैकेंसी निकाली है। उन्होंने दो लाख रुपये सैलरी खुद देने की बात कही है। शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र सागर में अस्थाई अस्पताल बनाने के बाद कोविड-केयर की भर्ती निकाली है। इसके लिए वे डॉक्टर को लाखों का पैकेज देने के साथ कई अन्य सुविधाएं भी दे रहे हैं। इसके लिए मंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्टर भी जारी किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि एक डॉक्टर, एम.डी (मेडिसीन) की कोविड केयर सेंटर गढ़ाकोटा, जिला सागर में तुरंत आवश्यकता है। इसके लिए डॉक्टर को हर महीने 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही डॉक्टर के लिए मेरी ओर से रहने के लिए आवास, भोजन एवं लग्जरी गाड़ी की भी व्यवस्था की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र में कोविड मरीजों की बेहतर उपचार व्यवस्था के लिए 70 बिस्तर वाला अस्पताल भी बनाया है। इस समय यहां पर 40 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस अस्पताल में प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां पर सीटी स्कैन से लेकर तमाम तरह की जांचों पर मरीजों से पैसा नहीं लिया जा रहा है।
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23 April 2021सागर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से स्थिति भयावह बनी हुई है। कोरोना के चलते चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच अस्पतालों में स्टाफ की कमी होने लगी है। इस बीच प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र गढ़ाकोटा में कोविड सेंटर के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर के लिए वैकेंसी निकाली है। उन्होंने दो लाख रुपये सैलरी खुद देने की बात कही है। शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र सागर में अस्थाई अस्पताल बनाने के बाद कोविड-केयर की भर्ती निकाली है। इसके लिए वे डॉक्टर को लाखों का पैकेज देने के साथ कई अन्य सुविधाएं भी दे रहे हैं। इसके लिए मंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्टर भी जारी किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि एक डॉक्टर, एम.डी (मेडिसीन) की कोविड केयर सेंटर गढ़ाकोटा, जिला सागर में तुरंत आवश्यकता है। इसके लिए डॉक्टर को हर महीने 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही डॉक्टर के लिए मेरी ओर से रहने के लिए आवास, भोजन एवं लग्जरी गाड़ी की भी व्यवस्था की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र में कोविड मरीजों की बेहतर उपचार व्यवस्था के लिए 70 बिस्तर वाला अस्पताल भी बनाया है। इस समय यहां पर 40 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस अस्पताल में प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां पर सीटी स्कैन से लेकर तमाम तरह की जांचों पर मरीजों से पैसा नहीं लिया जा रहा है।
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23 April 2021सागर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से स्थिति भयावह बनी हुई है। कोरोना के चलते चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच अस्पतालों में स्टाफ की कमी होने लगी है। इस बीच प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र गढ़ाकोटा में कोविड सेंटर के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर के लिए वैकेंसी निकाली है। उन्होंने दो लाख रुपये सैलरी खुद देने की बात कही है। शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र सागर में अस्थाई अस्पताल बनाने के बाद कोविड-केयर की भर्ती निकाली है। इसके लिए वे डॉक्टर को लाखों का पैकेज देने के साथ कई अन्य सुविधाएं भी दे रहे हैं। इसके लिए मंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्टर भी जारी किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि एक डॉक्टर, एम.डी (मेडिसीन) की कोविड केयर सेंटर गढ़ाकोटा, जिला सागर में तुरंत आवश्यकता है। इसके लिए डॉक्टर को हर महीने 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही डॉक्टर के लिए मेरी ओर से रहने के लिए आवास, भोजन एवं लग्जरी गाड़ी की भी व्यवस्था की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र में कोविड मरीजों की बेहतर उपचार व्यवस्था के लिए 70 बिस्तर वाला अस्पताल भी बनाया है। इस समय यहां पर 40 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस अस्पताल में प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां पर सीटी स्कैन से लेकर तमाम तरह की जांचों पर मरीजों से पैसा नहीं लिया जा रहा है।
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23 April 2021सागर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से स्थिति भयावह बनी हुई है। कोरोना के चलते चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच अस्पतालों में स्टाफ की कमी होने लगी है। इस बीच प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र गढ़ाकोटा में कोविड सेंटर के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर के लिए वैकेंसी निकाली है। उन्होंने दो लाख रुपये सैलरी खुद देने की बात कही है। शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र सागर में अस्थाई अस्पताल बनाने के बाद कोविड-केयर की भर्ती निकाली है। इसके लिए वे डॉक्टर को लाखों का पैकेज देने के साथ कई अन्य सुविधाएं भी दे रहे हैं। इसके लिए मंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्टर भी जारी किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि एक डॉक्टर, एम.डी (मेडिसीन) की कोविड केयर सेंटर गढ़ाकोटा, जिला सागर में तुरंत आवश्यकता है। इसके लिए डॉक्टर को हर महीने 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही डॉक्टर के लिए मेरी ओर से रहने के लिए आवास, भोजन एवं लग्जरी गाड़ी की भी व्यवस्था की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र में कोविड मरीजों की बेहतर उपचार व्यवस्था के लिए 70 बिस्तर वाला अस्पताल भी बनाया है। इस समय यहां पर 40 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस अस्पताल में प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां पर सीटी स्कैन से लेकर तमाम तरह की जांचों पर मरीजों से पैसा नहीं लिया जा रहा है।
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23 April 2021सागर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से स्थिति भयावह बनी हुई है। कोरोना के चलते चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच अस्पतालों में स्टाफ की कमी होने लगी है। इस बीच प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र गढ़ाकोटा में कोविड सेंटर के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर के लिए वैकेंसी निकाली है। उन्होंने दो लाख रुपये सैलरी खुद देने की बात कही है। शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र सागर में अस्थाई अस्पताल बनाने के बाद कोविड-केयर की भर्ती निकाली है। इसके लिए वे डॉक्टर को लाखों का पैकेज देने के साथ कई अन्य सुविधाएं भी दे रहे हैं। इसके लिए मंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्टर भी जारी किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि एक डॉक्टर, एम.डी (मेडिसीन) की कोविड केयर सेंटर गढ़ाकोटा, जिला सागर में तुरंत आवश्यकता है। इसके लिए डॉक्टर को हर महीने 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही डॉक्टर के लिए मेरी ओर से रहने के लिए आवास, भोजन एवं लग्जरी गाड़ी की भी व्यवस्था की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र में कोविड मरीजों की बेहतर उपचार व्यवस्था के लिए 70 बिस्तर वाला अस्पताल भी बनाया है। इस समय यहां पर 40 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस अस्पताल में प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां पर सीटी स्कैन से लेकर तमाम तरह की जांचों पर मरीजों से पैसा नहीं लिया जा रहा है।
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23 April 2021सागर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से स्थिति भयावह बनी हुई है। कोरोना के चलते चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच अस्पतालों में स्टाफ की कमी होने लगी है। इस बीच प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र गढ़ाकोटा में कोविड सेंटर के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर के लिए वैकेंसी निकाली है। उन्होंने दो लाख रुपये सैलरी खुद देने की बात कही है। शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र सागर में अस्थाई अस्पताल बनाने के बाद कोविड-केयर की भर्ती निकाली है। इसके लिए वे डॉक्टर को लाखों का पैकेज देने के साथ कई अन्य सुविधाएं भी दे रहे हैं। इसके लिए मंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्टर भी जारी किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि एक डॉक्टर, एम.डी (मेडिसीन) की कोविड केयर सेंटर गढ़ाकोटा, जिला सागर में तुरंत आवश्यकता है। इसके लिए डॉक्टर को हर महीने 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही डॉक्टर के लिए मेरी ओर से रहने के लिए आवास, भोजन एवं लग्जरी गाड़ी की भी व्यवस्था की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र में कोविड मरीजों की बेहतर उपचार व्यवस्था के लिए 70 बिस्तर वाला अस्पताल भी बनाया है। इस समय यहां पर 40 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस अस्पताल में प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां पर सीटी स्कैन से लेकर तमाम तरह की जांचों पर मरीजों से पैसा नहीं लिया जा रहा है।
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23 April 2021सागर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से स्थिति भयावह बनी हुई है। कोरोना के चलते चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच अस्पतालों में स्टाफ की कमी होने लगी है। इस बीच प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र गढ़ाकोटा में कोविड सेंटर के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर के लिए वैकेंसी निकाली है। उन्होंने दो लाख रुपये सैलरी खुद देने की बात कही है। शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र सागर में अस्थाई अस्पताल बनाने के बाद कोविड-केयर की भर्ती निकाली है। इसके लिए वे डॉक्टर को लाखों का पैकेज देने के साथ कई अन्य सुविधाएं भी दे रहे हैं। इसके लिए मंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्टर भी जारी किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि एक डॉक्टर, एम.डी (मेडिसीन) की कोविड केयर सेंटर गढ़ाकोटा, जिला सागर में तुरंत आवश्यकता है। इसके लिए डॉक्टर को हर महीने 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही डॉक्टर के लिए मेरी ओर से रहने के लिए आवास, भोजन एवं लग्जरी गाड़ी की भी व्यवस्था की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र में कोविड मरीजों की बेहतर उपचार व्यवस्था के लिए 70 बिस्तर वाला अस्पताल भी बनाया है। इस समय यहां पर 40 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस अस्पताल में प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां पर सीटी स्कैन से लेकर तमाम तरह की जांचों पर मरीजों से पैसा नहीं लिया जा रहा है।
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23 April 2021सागर। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से स्थिति भयावह बनी हुई है। कोरोना के चलते चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच अस्पतालों में स्टाफ की कमी होने लगी है। इस बीच प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र गढ़ाकोटा में कोविड सेंटर के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर के लिए वैकेंसी निकाली है। उन्होंने दो लाख रुपये सैलरी खुद देने की बात कही है। शिवराज सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र सागर में अस्थाई अस्पताल बनाने के बाद कोविड-केयर की भर्ती निकाली है। इसके लिए वे डॉक्टर को लाखों का पैकेज देने के साथ कई अन्य सुविधाएं भी दे रहे हैं। इसके लिए मंत्री ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्टर भी जारी किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि एक डॉक्टर, एम.डी (मेडिसीन) की कोविड केयर सेंटर गढ़ाकोटा, जिला सागर में तुरंत आवश्यकता है। इसके लिए डॉक्टर को हर महीने 2 लाख रुपये दिए जाएंगे। साथ ही डॉक्टर के लिए मेरी ओर से रहने के लिए आवास, भोजन एवं लग्जरी गाड़ी की भी व्यवस्था की जाएगी। उल्लेखनीय है कि मंत्री गोपाल भार्गव ने अपने क्षेत्र में कोविड मरीजों की बेहतर उपचार व्यवस्था के लिए 70 बिस्तर वाला अस्पताल भी बनाया है। इस समय यहां पर 40 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस अस्पताल में प्राइवेट हॉस्पिटल जैसी सभी सुविधाएं मौजूद हैं। यहां पर सीटी स्कैन से लेकर तमाम तरह की जांचों पर मरीजों से पैसा नहीं लिया जा रहा है।
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23 April 2021भोपाल। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी को झूठ बोलने के कारण कोरोना होने के बयान पर मप्र कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की है और इसे देश की दो करोड़ संक्रमितों का अपमान बताया है। प्रदेश कांग्रेस मीडिया उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने विजयवर्गीय के बयान पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कैलाश विजयवर्गीय अपने अहंकारी होने का परिचय दिया है। ऐसा बोलकर उन्होने अपने घमंड को तुष्ट किया है। दंभ से आदमी फूल तो सकता है, फल नहीं सकता। जिसने गर्व किया उसका पतन निश्चित है। भूपेंद्र गुप्ता ने गुरुवार को बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा सरकार के सर्वशक्तिमान अमित शाह, नितिन गडकरी, प्रहलाद पटेल, धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, श्रीपद नायक, कैलाश चौधरी, बनवारीलाल पुरोहित, शिवराज सिंह चौहान, कमल रानी बनोद, स्वतंत्र देव सिंह, बीसी पाटील, सीटी रवि, येदुरप्पा, आनंद सिंह, तुलसी सिलावट, जय प्रताप सिंह आदि क्या कोरोना संक्रमित इसलिये हुये कि वे लगातार झूठ बोल रहे थे। कैलाश विजयवर्गीय क्या यही कहना चाहते हैं?उनके अनुसार क्या ये सभी लोग झूठ का पुलिंदा हैं। कांग्रेस नेता ने यह भी सवाल पूछा कि अगर झूठ से भी बड़ा कोई पाप होता हो तो बतायें कि इस बीमारी से शिवलोक गामी हुए उनकी सरकार के मंत्रियों ने ऐसा क्या अपराध किया था कि उन्हें कोरोना हुआ। विजयवर्गीय ने ऐसा कहकर उन तमाम लोगों का अपमान किया है जिनकी सरकार की गफलत के चलते कोरोना से मृत्यू हुई है। उनमें अगर थोड़ी सी भी शरम बाकी हो तो उन्हें अपने इस अहंकारी बोल के लिये देश की जनता के सामने घुटने टेककर क्षमा याचना करना चाहिये। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सत्ता का मद जब सर चढक़र बोलने लगता है और जब व्यक्ति बीमारों का उपहास उड़ाने लगता है तब दिव्य शक्तियां रोती हैं और आसुरी प्रवृत्तियों को नष्ट करती हैं। गुप्ता ने कहा प्रकृति सब देख रही है और दंभ का सर कुचलने की तैयारी कर रही है। जब लोगों को ईश्वर के श्री चरणों में प्रार्थना निवेदन करना चाहिए तब हुंकारें भरना सात्विक व्यक्तियों का कार्य नहीं है।
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22 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध रासुका के तहत कार्यवाही की जाए। ऑक्सीजन आपूर्ति के संबंध में गलत अफवाह उड़ाने वालों और भ्रामक जानकारियाँ देने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही हो। सीएम शिवराज ने गुरुवार को निवास से कोरोना संक्रमण की स्थिति पर वर्चुअली उच्च स्तरीय बैठक ली। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी सम्मिलित हुए। जनता के सहयोग से लगा कोरोना कफ्र्यू प्रभावीमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना कफ्र्यू के लिए जिस तरह से जनता आगे आई है और सभी ने सहयोग किया है, उससे संक्रमण फैलने की गति कम हुई है। जनता के साथ जनता के सहयोग से कोरोना कफ्र्यू को बनाए रखना जरूरी है। हमारा लक्ष्य प्रदेश की जनता को संक्रमण से बचाना है। अत: घर पर ही रहें अनावश्यक बाहर न निकले और संक्रमण की चैन को तोड़े। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश के पॉजिटिव हुए लोगों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ मिले।ऑक्सीजन आपूर्तिसीएम शिवराज ने जानकारी दी कि ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए डीआरडीओ सहित केंद्र सरकार स्तर पर लगातार बातचीत जारी है। ऑक्सीजन की आपूर्ति में हर संभव सहयोग मिल रहा है। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और इलाज की व्यवस्था के संबंध में मंत्रियों को सौंपे गए दायित्व का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करना आवश्यक हैमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग से निरोग कार्यक्रम और काढ़ा वितरण जैसी गतिविधियाँ आरंभ की जा रही हैं। प्रदेश में टीकाकरण को गति दी जा रही है। वैक्सीनेशन के लिए लोगों को प्रेरित करना आवश्यक है। एक मई से 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का नि:शुल्क टीकाकरण होगा।
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22 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वालों के विरुद्ध रासुका के तहत कार्यवाही की जाए। ऑक्सीजन आपूर्ति के संबंध में गलत अफवाह उड़ाने वालों और भ्रामक जानकारियाँ देने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही हो। सीएम शिवराज ने गुरुवार को निवास से कोरोना संक्रमण की स्थिति पर वर्चुअली उच्च स्तरीय बैठक ली। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी सम्मिलित हुए। जनता के सहयोग से लगा कोरोना कफ्र्यू प्रभावीमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना कफ्र्यू के लिए जिस तरह से जनता आगे आई है और सभी ने सहयोग किया है, उससे संक्रमण फैलने की गति कम हुई है। जनता के साथ जनता के सहयोग से कोरोना कफ्र्यू को बनाए रखना जरूरी है। हमारा लक्ष्य प्रदेश की जनता को संक्रमण से बचाना है। अत: घर पर ही रहें अनावश्यक बाहर न निकले और संक्रमण की चैन को तोड़े। हमारा लक्ष्य है कि प्रदेश के पॉजिटिव हुए लोगों को जल्द से जल्द स्वास्थ्य लाभ मिले।ऑक्सीजन आपूर्तिसीएम शिवराज ने जानकारी दी कि ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए डीआरडीओ सहित केंद्र सरकार स्तर पर लगातार बातचीत जारी है। ऑक्सीजन की आपूर्ति में हर संभव सहयोग मिल रहा है। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और इलाज की व्यवस्था के संबंध में मंत्रियों को सौंपे गए दायित्व का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करना आवश्यक हैमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए योग से निरोग कार्यक्रम और काढ़ा वितरण जैसी गतिविधियाँ आरंभ की जा रही हैं। प्रदेश में टीकाकरण को गति दी जा रही है। वैक्सीनेशन के लिए लोगों को प्रेरित करना आवश्यक है। एक मई से 18 साल से अधिक आयु के सभी लोगों का नि:शुल्क टीकाकरण होगा।
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22 April 2021भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार अब टीकाकरण के विरुद्ध भ्रामक प्रचार करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने जा रही है। इसके संकेत बड़वानी जिले के कोरोना प्रभारी मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने गुरुवार को दिए हैं। पशुपालन एवं डेयरी विकास मंत्री पटेल ने लोगों से अपील की है कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए टीकाकरण अवश्य कराएं। उन्होंने कहा है कि कुछ लोगों द्वारा वैक्सीनेशन के विरुद्ध भ्रामक अफवाह फैलाई जा रही है। ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बड़वानी जिले के सभी 45 से 59 वर्ष की आयु के लोगों को तत्काल टीकाकरण करवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक महामारी से बचने के लिए 1 मई से 18 वर्ष से अधिक के नागरिक भी वैक्सीनेशन करवाएं। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण मंत्री श्री पटेल इन दिनों बड़वानी जिले में विभिन्न स्थलों का दौरा कर कोरोना के विरुद्ध लोगों को जागरूक करने के साथ स्थानीय स्तर पर की जा रही तैयारियों, व्यवस्थाओं, स्वास्थ्य केंद्रों आदि का निरीक्षण कर रहे हैं। जिला प्रशासन के साथ बैठक करने के अलावा श्री पटेल गाँव के पंच, सरपंच सचिव प्रतिष्ठित व्यक्तियों, मुखिया, पुजारा आदि के साथ भी बैठक कर स्थानीय स्तर पर कोरोना संक्रमण रोकने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पशुपालन मंत्री श्री प्रेम सिंह पटेल की पहल पर बड़वानी जिले में इस वर्ष होली के अवसर पर मनाया जाने वाला भगोरिया उत्सव अनेक स्थानों पर सामूहिक रूप से नहीं हुआ। श्री पटेल ने सदियों से मनाए जा रहे इस पर्व के लिए इस बार स्थानीय लोगों से वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण की भयावहता के चलते इसे सामूहिक रूप से न मनाने की अपील की थी। इसका परिणाम है कि बड़वानी जिले में कोरोना संक्रमण अपेक्षाकृत कम हैं। वही भगोरिया उत्सव में सैकड़ों लोगों की भागीदारी इसकी भयावहता को काफी बढ़ा सकती थी।
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22 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को निवास से स्वयंसेवी संगठनों और वरिष्ठ चिकित्सकों से वर्चुअली संवाद किया। इस अवसर पर सीएम शिवराज ने कहा है कि कोविड संकटकाल का सामना सरकार और समाज के परस्पर सहयोग से संभव है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्वयंसेवी संगठनों द्वारा कोविड केयर सेंटर स्थापित करने के लिए की जा रही व्यवस्था तथा अन्य नवाचारों के लिए आभार माना। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अभिनव पहल से कोविड की विकट परिस्थितियों का सामना करने में मदद मिलेगी और समाज में सकारात्मकता के भाव का विस्तार होगा। राज्य शासन इन संस्थाओं को हर संभव सहयोग देने के लिए सदैव तत्पर है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चिकित्सकों और उनकी टीम ने कोविड संक्रमण का सामना हिम्मत, सेवाभाव और सहयोग से किया है। इससे लोगों का विश्वास बढ़ा है। चिकित्सकों से किया संवादमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राधास्वामी सत्संग व्यास और अन्य संगठनों की पहल से इन्दौर से विकसित हुए माँ अहिल्याबाई कोविड केयर सेंटर, उज्जैन में सिटीजन फोरम फॉर कोविड रिस्पांस द्वारा संचालित कोविड केयर सेंटर, जबलपुर में दादा वीरेन्द्र पुरी जी नेत्र संस्थान द्वारा संचालित कोविड चिकित्सालय और भोपाल में सागर समूह द्वारा विकसित किए जा रहे कोविड केयर सेंटर के लिए इन संस्थाओं का आभार माना। मुख्यमंत्री ने इन संस्थाओं के पदाधिकारियों तथा अरविन्दों इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस इन्दौर के डॉ. रवि दोषी, नेशनल हास्पिटल भोपाल के डॉ. पी.के. पाण्डे और मेट्रो हास्पिटल जबलपुर के डॉ. शैलेन्द्र व्यास से बातचीत की।जनसहयोग से मिले 125 ऑक्सीजन कांसेंट्रेटरइन्दौर में राधास्वामी सत्संग व्यास एवं अन्य सगठनों की पहल पर स्थापित किए जा रहे माँ आहिल्या बाई कोविड केयर सेंटर के संबंध में डॉ. एच.एस. पटेल और डॉ. निशांत खरे ने बताया कि कम समय में इस सेंटर को स्थापित करना सरकार और समाज की एकजुटता के परिणाम स्वरूप ही संभव हो पाया है। दस फेस के इस केन्द्र में 6 हजार 200 बिस्तर होंगे, प्रथम चरण में 600 बिस्तर की सुविधा कल से आरंभ हो रही है। बाम्बे हास्पिटल, मेदांता, अपोलो और चौइथराम हास्पिटल इस केन्द्र को चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। जनसहयोग से 125 ऑक्सीजन कांन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन प्लांट, एक्स-रे मशीन और लैब स्थापित की जा रही है।मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने होंगे विशेष प्रयासभोपाल के सागर समूह के सुधीर अग्रवाल ने बताया कि उनके समूह द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज में 12 एकड़ क्षेत्र में 500 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर आरंभ किया जा रहा है। इस सेंटर में इलाज की व्यवस्था के साथ-साथ मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।पुलिस प्रशिक्षण शाला में बनेगा कोविड केयर सेंटरउज्जैन सिटीजन फोरम फॉर कोविड रिस्पांस से जुड़े उज्जैन सेवा भारती के अध्यक्ष रवि सोलंकी और भारतीय चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. कात्यायन मिश्रा ने बताया कि उज्जैन के पुलिस प्रशिक्षण शाला में 200 बिस्तर के कोविड केयर सेंटर की तत्काल व्यवस्था की जा रही है। जिसे 700 बिस्तर तक बढ़ाया जाएगा। यहां उज्जैन के भारतीय चिकित्सा संघ के सहयोग से चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। शासकीय विभागों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से अन्य व्यवस्थाएं संचालित होंगी।200 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्थाजबलपुर में दादा वीरेन्द्र पुरी नेत्र संस्थान द्वारा संचालित कोविड चिकित्सालय के डॉ. पवन स्थापक ने बताया कि देवश्री नेत्रालय में 250 बिस्तर में से 200 ऑक्सीजन बेड कोविड प्रभावितों के लिए रखे गए हैं। इनमें से 10 आईसीयू बैड हैं। रेडक्रास तथा अन्य संगठन आवश्यक सहयोग कर रहे हैं।परिजनों के अस्पताल आने पर प्रतिबंध आवश्यकमुख्यमंत्री से चिकित्सकों ने संवाद के दौरान कोविड संक्रमण प्रबंधन और उपचार के संबंद्ध में सुझाव दिए। अरविन्दों इंस्ट्टीयूट इन्दौर के डॉ. रवि दोषी ने कहा कि कोरोना मरीजों के साथ उनके परिजनों के अस्पताल में आने से संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ती है। इन परिजनों के बाजार तथा अपने रहवासी क्षेत्रों में जाने से संक्रमण और अधिक फैलता है। अत: कोरोना मरीजों के अस्पतालों में आने पर रोक लगाना आवश्यक है।मोहल्लों व कालोनियों में कराया जाए टीकाकरणनेशनल हास्पिटल भोपाल के डॉ. पी.के. पाण्डे ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की संक्रमण से सुरक्षा के लिए व्यवस्था करना आवश्यक है। डॉ. पाण्डे ने टीकाकरण कार्यक्रम को मोबाइल वेन के माध्यम से मोहल्लों और कालोनियों में कराने में आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इससे टीकाकरण के लिए अस्पताल आने वाले व्यक्तियों में संक्रमण की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। डॉ. पाण्डे ने कहा कि अगले तीन-चार हफ्ते विशेष सतर्कता बनाये रखना आवश्यक है।एमबीबीएस व नर्सिंग विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर उनकी सेवाएँ ली जाएंमेट्रो हास्पिटल जबलपुर के डॉ. शैलेंद्र राजपूत ने कहा कि महामारी युद्ध की तरह है। राज्य शासन द्वारा इस युद्ध के लिए की गई तैयारियों की सराहना करते हुए डॉ. राजपूत ने कहा कि एमबीबीएस और नर्सिंग के छात्रों को 10-15 दिन का व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उनकी सेवाएँ कोरोना संक्रमण के प्रबंधन में लेनी चाहिए। उन्होंने विकिन्द्रीकृत प्रशिक्षण व्यवस्था करने की आवश्यकता भी बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना मरीजों के परिजनों को घर बैठे ही अपने मरीज की स्थिति और इलाज के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक तकनीकी व्यवस्थाएँ की जा रही हैं।
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20 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को निवास से स्वयंसेवी संगठनों और वरिष्ठ चिकित्सकों से वर्चुअली संवाद किया। इस अवसर पर सीएम शिवराज ने कहा है कि कोविड संकटकाल का सामना सरकार और समाज के परस्पर सहयोग से संभव है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्वयंसेवी संगठनों द्वारा कोविड केयर सेंटर स्थापित करने के लिए की जा रही व्यवस्था तथा अन्य नवाचारों के लिए आभार माना। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अभिनव पहल से कोविड की विकट परिस्थितियों का सामना करने में मदद मिलेगी और समाज में सकारात्मकता के भाव का विस्तार होगा। राज्य शासन इन संस्थाओं को हर संभव सहयोग देने के लिए सदैव तत्पर है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चिकित्सकों और उनकी टीम ने कोविड संक्रमण का सामना हिम्मत, सेवाभाव और सहयोग से किया है। इससे लोगों का विश्वास बढ़ा है। चिकित्सकों से किया संवादमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राधास्वामी सत्संग व्यास और अन्य संगठनों की पहल से इन्दौर से विकसित हुए माँ अहिल्याबाई कोविड केयर सेंटर, उज्जैन में सिटीजन फोरम फॉर कोविड रिस्पांस द्वारा संचालित कोविड केयर सेंटर, जबलपुर में दादा वीरेन्द्र पुरी जी नेत्र संस्थान द्वारा संचालित कोविड चिकित्सालय और भोपाल में सागर समूह द्वारा विकसित किए जा रहे कोविड केयर सेंटर के लिए इन संस्थाओं का आभार माना। मुख्यमंत्री ने इन संस्थाओं के पदाधिकारियों तथा अरविन्दों इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस इन्दौर के डॉ. रवि दोषी, नेशनल हास्पिटल भोपाल के डॉ. पी.के. पाण्डे और मेट्रो हास्पिटल जबलपुर के डॉ. शैलेन्द्र व्यास से बातचीत की।जनसहयोग से मिले 125 ऑक्सीजन कांसेंट्रेटरइन्दौर में राधास्वामी सत्संग व्यास एवं अन्य सगठनों की पहल पर स्थापित किए जा रहे माँ आहिल्या बाई कोविड केयर सेंटर के संबंध में डॉ. एच.एस. पटेल और डॉ. निशांत खरे ने बताया कि कम समय में इस सेंटर को स्थापित करना सरकार और समाज की एकजुटता के परिणाम स्वरूप ही संभव हो पाया है। दस फेस के इस केन्द्र में 6 हजार 200 बिस्तर होंगे, प्रथम चरण में 600 बिस्तर की सुविधा कल से आरंभ हो रही है। बाम्बे हास्पिटल, मेदांता, अपोलो और चौइथराम हास्पिटल इस केन्द्र को चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। जनसहयोग से 125 ऑक्सीजन कांन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन प्लांट, एक्स-रे मशीन और लैब स्थापित की जा रही है।मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने होंगे विशेष प्रयासभोपाल के सागर समूह के सुधीर अग्रवाल ने बताया कि उनके समूह द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज में 12 एकड़ क्षेत्र में 500 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर आरंभ किया जा रहा है। इस सेंटर में इलाज की व्यवस्था के साथ-साथ मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।पुलिस प्रशिक्षण शाला में बनेगा कोविड केयर सेंटरउज्जैन सिटीजन फोरम फॉर कोविड रिस्पांस से जुड़े उज्जैन सेवा भारती के अध्यक्ष रवि सोलंकी और भारतीय चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. कात्यायन मिश्रा ने बताया कि उज्जैन के पुलिस प्रशिक्षण शाला में 200 बिस्तर के कोविड केयर सेंटर की तत्काल व्यवस्था की जा रही है। जिसे 700 बिस्तर तक बढ़ाया जाएगा। यहां उज्जैन के भारतीय चिकित्सा संघ के सहयोग से चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। शासकीय विभागों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से अन्य व्यवस्थाएं संचालित होंगी।200 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्थाजबलपुर में दादा वीरेन्द्र पुरी नेत्र संस्थान द्वारा संचालित कोविड चिकित्सालय के डॉ. पवन स्थापक ने बताया कि देवश्री नेत्रालय में 250 बिस्तर में से 200 ऑक्सीजन बेड कोविड प्रभावितों के लिए रखे गए हैं। इनमें से 10 आईसीयू बैड हैं। रेडक्रास तथा अन्य संगठन आवश्यक सहयोग कर रहे हैं।परिजनों के अस्पताल आने पर प्रतिबंध आवश्यकमुख्यमंत्री से चिकित्सकों ने संवाद के दौरान कोविड संक्रमण प्रबंधन और उपचार के संबंद्ध में सुझाव दिए। अरविन्दों इंस्ट्टीयूट इन्दौर के डॉ. रवि दोषी ने कहा कि कोरोना मरीजों के साथ उनके परिजनों के अस्पताल में आने से संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ती है। इन परिजनों के बाजार तथा अपने रहवासी क्षेत्रों में जाने से संक्रमण और अधिक फैलता है। अत: कोरोना मरीजों के अस्पतालों में आने पर रोक लगाना आवश्यक है।मोहल्लों व कालोनियों में कराया जाए टीकाकरणनेशनल हास्पिटल भोपाल के डॉ. पी.के. पाण्डे ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की संक्रमण से सुरक्षा के लिए व्यवस्था करना आवश्यक है। डॉ. पाण्डे ने टीकाकरण कार्यक्रम को मोबाइल वेन के माध्यम से मोहल्लों और कालोनियों में कराने में आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इससे टीकाकरण के लिए अस्पताल आने वाले व्यक्तियों में संक्रमण की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। डॉ. पाण्डे ने कहा कि अगले तीन-चार हफ्ते विशेष सतर्कता बनाये रखना आवश्यक है।एमबीबीएस व नर्सिंग विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर उनकी सेवाएँ ली जाएंमेट्रो हास्पिटल जबलपुर के डॉ. शैलेंद्र राजपूत ने कहा कि महामारी युद्ध की तरह है। राज्य शासन द्वारा इस युद्ध के लिए की गई तैयारियों की सराहना करते हुए डॉ. राजपूत ने कहा कि एमबीबीएस और नर्सिंग के छात्रों को 10-15 दिन का व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उनकी सेवाएँ कोरोना संक्रमण के प्रबंधन में लेनी चाहिए। उन्होंने विकिन्द्रीकृत प्रशिक्षण व्यवस्था करने की आवश्यकता भी बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना मरीजों के परिजनों को घर बैठे ही अपने मरीज की स्थिति और इलाज के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक तकनीकी व्यवस्थाएँ की जा रही हैं।
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20 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को निवास से स्वयंसेवी संगठनों और वरिष्ठ चिकित्सकों से वर्चुअली संवाद किया। इस अवसर पर सीएम शिवराज ने कहा है कि कोविड संकटकाल का सामना सरकार और समाज के परस्पर सहयोग से संभव है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्वयंसेवी संगठनों द्वारा कोविड केयर सेंटर स्थापित करने के लिए की जा रही व्यवस्था तथा अन्य नवाचारों के लिए आभार माना। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अभिनव पहल से कोविड की विकट परिस्थितियों का सामना करने में मदद मिलेगी और समाज में सकारात्मकता के भाव का विस्तार होगा। राज्य शासन इन संस्थाओं को हर संभव सहयोग देने के लिए सदैव तत्पर है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चिकित्सकों और उनकी टीम ने कोविड संक्रमण का सामना हिम्मत, सेवाभाव और सहयोग से किया है। इससे लोगों का विश्वास बढ़ा है। चिकित्सकों से किया संवादमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राधास्वामी सत्संग व्यास और अन्य संगठनों की पहल से इन्दौर से विकसित हुए माँ अहिल्याबाई कोविड केयर सेंटर, उज्जैन में सिटीजन फोरम फॉर कोविड रिस्पांस द्वारा संचालित कोविड केयर सेंटर, जबलपुर में दादा वीरेन्द्र पुरी जी नेत्र संस्थान द्वारा संचालित कोविड चिकित्सालय और भोपाल में सागर समूह द्वारा विकसित किए जा रहे कोविड केयर सेंटर के लिए इन संस्थाओं का आभार माना। मुख्यमंत्री ने इन संस्थाओं के पदाधिकारियों तथा अरविन्दों इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस इन्दौर के डॉ. रवि दोषी, नेशनल हास्पिटल भोपाल के डॉ. पी.के. पाण्डे और मेट्रो हास्पिटल जबलपुर के डॉ. शैलेन्द्र व्यास से बातचीत की।जनसहयोग से मिले 125 ऑक्सीजन कांसेंट्रेटरइन्दौर में राधास्वामी सत्संग व्यास एवं अन्य सगठनों की पहल पर स्थापित किए जा रहे माँ आहिल्या बाई कोविड केयर सेंटर के संबंध में डॉ. एच.एस. पटेल और डॉ. निशांत खरे ने बताया कि कम समय में इस सेंटर को स्थापित करना सरकार और समाज की एकजुटता के परिणाम स्वरूप ही संभव हो पाया है। दस फेस के इस केन्द्र में 6 हजार 200 बिस्तर होंगे, प्रथम चरण में 600 बिस्तर की सुविधा कल से आरंभ हो रही है। बाम्बे हास्पिटल, मेदांता, अपोलो और चौइथराम हास्पिटल इस केन्द्र को चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। जनसहयोग से 125 ऑक्सीजन कांन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन प्लांट, एक्स-रे मशीन और लैब स्थापित की जा रही है।मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने होंगे विशेष प्रयासभोपाल के सागर समूह के सुधीर अग्रवाल ने बताया कि उनके समूह द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज में 12 एकड़ क्षेत्र में 500 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर आरंभ किया जा रहा है। इस सेंटर में इलाज की व्यवस्था के साथ-साथ मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।पुलिस प्रशिक्षण शाला में बनेगा कोविड केयर सेंटरउज्जैन सिटीजन फोरम फॉर कोविड रिस्पांस से जुड़े उज्जैन सेवा भारती के अध्यक्ष रवि सोलंकी और भारतीय चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. कात्यायन मिश्रा ने बताया कि उज्जैन के पुलिस प्रशिक्षण शाला में 200 बिस्तर के कोविड केयर सेंटर की तत्काल व्यवस्था की जा रही है। जिसे 700 बिस्तर तक बढ़ाया जाएगा। यहां उज्जैन के भारतीय चिकित्सा संघ के सहयोग से चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। शासकीय विभागों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से अन्य व्यवस्थाएं संचालित होंगी।200 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्थाजबलपुर में दादा वीरेन्द्र पुरी नेत्र संस्थान द्वारा संचालित कोविड चिकित्सालय के डॉ. पवन स्थापक ने बताया कि देवश्री नेत्रालय में 250 बिस्तर में से 200 ऑक्सीजन बेड कोविड प्रभावितों के लिए रखे गए हैं। इनमें से 10 आईसीयू बैड हैं। रेडक्रास तथा अन्य संगठन आवश्यक सहयोग कर रहे हैं।परिजनों के अस्पताल आने पर प्रतिबंध आवश्यकमुख्यमंत्री से चिकित्सकों ने संवाद के दौरान कोविड संक्रमण प्रबंधन और उपचार के संबंद्ध में सुझाव दिए। अरविन्दों इंस्ट्टीयूट इन्दौर के डॉ. रवि दोषी ने कहा कि कोरोना मरीजों के साथ उनके परिजनों के अस्पताल में आने से संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ती है। इन परिजनों के बाजार तथा अपने रहवासी क्षेत्रों में जाने से संक्रमण और अधिक फैलता है। अत: कोरोना मरीजों के अस्पतालों में आने पर रोक लगाना आवश्यक है।मोहल्लों व कालोनियों में कराया जाए टीकाकरणनेशनल हास्पिटल भोपाल के डॉ. पी.के. पाण्डे ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की संक्रमण से सुरक्षा के लिए व्यवस्था करना आवश्यक है। डॉ. पाण्डे ने टीकाकरण कार्यक्रम को मोबाइल वेन के माध्यम से मोहल्लों और कालोनियों में कराने में आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इससे टीकाकरण के लिए अस्पताल आने वाले व्यक्तियों में संक्रमण की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। डॉ. पाण्डे ने कहा कि अगले तीन-चार हफ्ते विशेष सतर्कता बनाये रखना आवश्यक है।एमबीबीएस व नर्सिंग विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर उनकी सेवाएँ ली जाएंमेट्रो हास्पिटल जबलपुर के डॉ. शैलेंद्र राजपूत ने कहा कि महामारी युद्ध की तरह है। राज्य शासन द्वारा इस युद्ध के लिए की गई तैयारियों की सराहना करते हुए डॉ. राजपूत ने कहा कि एमबीबीएस और नर्सिंग के छात्रों को 10-15 दिन का व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उनकी सेवाएँ कोरोना संक्रमण के प्रबंधन में लेनी चाहिए। उन्होंने विकिन्द्रीकृत प्रशिक्षण व्यवस्था करने की आवश्यकता भी बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना मरीजों के परिजनों को घर बैठे ही अपने मरीज की स्थिति और इलाज के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक तकनीकी व्यवस्थाएँ की जा रही हैं।
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20 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को निवास से स्वयंसेवी संगठनों और वरिष्ठ चिकित्सकों से वर्चुअली संवाद किया। इस अवसर पर सीएम शिवराज ने कहा है कि कोविड संकटकाल का सामना सरकार और समाज के परस्पर सहयोग से संभव है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्वयंसेवी संगठनों द्वारा कोविड केयर सेंटर स्थापित करने के लिए की जा रही व्यवस्था तथा अन्य नवाचारों के लिए आभार माना। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अभिनव पहल से कोविड की विकट परिस्थितियों का सामना करने में मदद मिलेगी और समाज में सकारात्मकता के भाव का विस्तार होगा। राज्य शासन इन संस्थाओं को हर संभव सहयोग देने के लिए सदैव तत्पर है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चिकित्सकों और उनकी टीम ने कोविड संक्रमण का सामना हिम्मत, सेवाभाव और सहयोग से किया है। इससे लोगों का विश्वास बढ़ा है। चिकित्सकों से किया संवादमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राधास्वामी सत्संग व्यास और अन्य संगठनों की पहल से इन्दौर से विकसित हुए माँ अहिल्याबाई कोविड केयर सेंटर, उज्जैन में सिटीजन फोरम फॉर कोविड रिस्पांस द्वारा संचालित कोविड केयर सेंटर, जबलपुर में दादा वीरेन्द्र पुरी जी नेत्र संस्थान द्वारा संचालित कोविड चिकित्सालय और भोपाल में सागर समूह द्वारा विकसित किए जा रहे कोविड केयर सेंटर के लिए इन संस्थाओं का आभार माना। मुख्यमंत्री ने इन संस्थाओं के पदाधिकारियों तथा अरविन्दों इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस इन्दौर के डॉ. रवि दोषी, नेशनल हास्पिटल भोपाल के डॉ. पी.के. पाण्डे और मेट्रो हास्पिटल जबलपुर के डॉ. शैलेन्द्र व्यास से बातचीत की।जनसहयोग से मिले 125 ऑक्सीजन कांसेंट्रेटरइन्दौर में राधास्वामी सत्संग व्यास एवं अन्य सगठनों की पहल पर स्थापित किए जा रहे माँ आहिल्या बाई कोविड केयर सेंटर के संबंध में डॉ. एच.एस. पटेल और डॉ. निशांत खरे ने बताया कि कम समय में इस सेंटर को स्थापित करना सरकार और समाज की एकजुटता के परिणाम स्वरूप ही संभव हो पाया है। दस फेस के इस केन्द्र में 6 हजार 200 बिस्तर होंगे, प्रथम चरण में 600 बिस्तर की सुविधा कल से आरंभ हो रही है। बाम्बे हास्पिटल, मेदांता, अपोलो और चौइथराम हास्पिटल इस केन्द्र को चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। जनसहयोग से 125 ऑक्सीजन कांन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन प्लांट, एक्स-रे मशीन और लैब स्थापित की जा रही है।मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने होंगे विशेष प्रयासभोपाल के सागर समूह के सुधीर अग्रवाल ने बताया कि उनके समूह द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज में 12 एकड़ क्षेत्र में 500 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर आरंभ किया जा रहा है। इस सेंटर में इलाज की व्यवस्था के साथ-साथ मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।पुलिस प्रशिक्षण शाला में बनेगा कोविड केयर सेंटरउज्जैन सिटीजन फोरम फॉर कोविड रिस्पांस से जुड़े उज्जैन सेवा भारती के अध्यक्ष रवि सोलंकी और भारतीय चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. कात्यायन मिश्रा ने बताया कि उज्जैन के पुलिस प्रशिक्षण शाला में 200 बिस्तर के कोविड केयर सेंटर की तत्काल व्यवस्था की जा रही है। जिसे 700 बिस्तर तक बढ़ाया जाएगा। यहां उज्जैन के भारतीय चिकित्सा संघ के सहयोग से चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। शासकीय विभागों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से अन्य व्यवस्थाएं संचालित होंगी।200 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्थाजबलपुर में दादा वीरेन्द्र पुरी नेत्र संस्थान द्वारा संचालित कोविड चिकित्सालय के डॉ. पवन स्थापक ने बताया कि देवश्री नेत्रालय में 250 बिस्तर में से 200 ऑक्सीजन बेड कोविड प्रभावितों के लिए रखे गए हैं। इनमें से 10 आईसीयू बैड हैं। रेडक्रास तथा अन्य संगठन आवश्यक सहयोग कर रहे हैं।परिजनों के अस्पताल आने पर प्रतिबंध आवश्यकमुख्यमंत्री से चिकित्सकों ने संवाद के दौरान कोविड संक्रमण प्रबंधन और उपचार के संबंद्ध में सुझाव दिए। अरविन्दों इंस्ट्टीयूट इन्दौर के डॉ. रवि दोषी ने कहा कि कोरोना मरीजों के साथ उनके परिजनों के अस्पताल में आने से संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ती है। इन परिजनों के बाजार तथा अपने रहवासी क्षेत्रों में जाने से संक्रमण और अधिक फैलता है। अत: कोरोना मरीजों के अस्पतालों में आने पर रोक लगाना आवश्यक है।मोहल्लों व कालोनियों में कराया जाए टीकाकरणनेशनल हास्पिटल भोपाल के डॉ. पी.के. पाण्डे ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की संक्रमण से सुरक्षा के लिए व्यवस्था करना आवश्यक है। डॉ. पाण्डे ने टीकाकरण कार्यक्रम को मोबाइल वेन के माध्यम से मोहल्लों और कालोनियों में कराने में आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इससे टीकाकरण के लिए अस्पताल आने वाले व्यक्तियों में संक्रमण की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। डॉ. पाण्डे ने कहा कि अगले तीन-चार हफ्ते विशेष सतर्कता बनाये रखना आवश्यक है।एमबीबीएस व नर्सिंग विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर उनकी सेवाएँ ली जाएंमेट्रो हास्पिटल जबलपुर के डॉ. शैलेंद्र राजपूत ने कहा कि महामारी युद्ध की तरह है। राज्य शासन द्वारा इस युद्ध के लिए की गई तैयारियों की सराहना करते हुए डॉ. राजपूत ने कहा कि एमबीबीएस और नर्सिंग के छात्रों को 10-15 दिन का व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उनकी सेवाएँ कोरोना संक्रमण के प्रबंधन में लेनी चाहिए। उन्होंने विकिन्द्रीकृत प्रशिक्षण व्यवस्था करने की आवश्यकता भी बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना मरीजों के परिजनों को घर बैठे ही अपने मरीज की स्थिति और इलाज के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक तकनीकी व्यवस्थाएँ की जा रही हैं।
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20 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को निवास से स्वयंसेवी संगठनों और वरिष्ठ चिकित्सकों से वर्चुअली संवाद किया। इस अवसर पर सीएम शिवराज ने कहा है कि कोविड संकटकाल का सामना सरकार और समाज के परस्पर सहयोग से संभव है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्वयंसेवी संगठनों द्वारा कोविड केयर सेंटर स्थापित करने के लिए की जा रही व्यवस्था तथा अन्य नवाचारों के लिए आभार माना। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अभिनव पहल से कोविड की विकट परिस्थितियों का सामना करने में मदद मिलेगी और समाज में सकारात्मकता के भाव का विस्तार होगा। राज्य शासन इन संस्थाओं को हर संभव सहयोग देने के लिए सदैव तत्पर है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चिकित्सकों और उनकी टीम ने कोविड संक्रमण का सामना हिम्मत, सेवाभाव और सहयोग से किया है। इससे लोगों का विश्वास बढ़ा है। चिकित्सकों से किया संवादमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राधास्वामी सत्संग व्यास और अन्य संगठनों की पहल से इन्दौर से विकसित हुए माँ अहिल्याबाई कोविड केयर सेंटर, उज्जैन में सिटीजन फोरम फॉर कोविड रिस्पांस द्वारा संचालित कोविड केयर सेंटर, जबलपुर में दादा वीरेन्द्र पुरी जी नेत्र संस्थान द्वारा संचालित कोविड चिकित्सालय और भोपाल में सागर समूह द्वारा विकसित किए जा रहे कोविड केयर सेंटर के लिए इन संस्थाओं का आभार माना। मुख्यमंत्री ने इन संस्थाओं के पदाधिकारियों तथा अरविन्दों इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस इन्दौर के डॉ. रवि दोषी, नेशनल हास्पिटल भोपाल के डॉ. पी.के. पाण्डे और मेट्रो हास्पिटल जबलपुर के डॉ. शैलेन्द्र व्यास से बातचीत की।जनसहयोग से मिले 125 ऑक्सीजन कांसेंट्रेटरइन्दौर में राधास्वामी सत्संग व्यास एवं अन्य सगठनों की पहल पर स्थापित किए जा रहे माँ आहिल्या बाई कोविड केयर सेंटर के संबंध में डॉ. एच.एस. पटेल और डॉ. निशांत खरे ने बताया कि कम समय में इस सेंटर को स्थापित करना सरकार और समाज की एकजुटता के परिणाम स्वरूप ही संभव हो पाया है। दस फेस के इस केन्द्र में 6 हजार 200 बिस्तर होंगे, प्रथम चरण में 600 बिस्तर की सुविधा कल से आरंभ हो रही है। बाम्बे हास्पिटल, मेदांता, अपोलो और चौइथराम हास्पिटल इस केन्द्र को चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। जनसहयोग से 125 ऑक्सीजन कांन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन प्लांट, एक्स-रे मशीन और लैब स्थापित की जा रही है।मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने होंगे विशेष प्रयासभोपाल के सागर समूह के सुधीर अग्रवाल ने बताया कि उनके समूह द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज में 12 एकड़ क्षेत्र में 500 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर आरंभ किया जा रहा है। इस सेंटर में इलाज की व्यवस्था के साथ-साथ मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।पुलिस प्रशिक्षण शाला में बनेगा कोविड केयर सेंटरउज्जैन सिटीजन फोरम फॉर कोविड रिस्पांस से जुड़े उज्जैन सेवा भारती के अध्यक्ष रवि सोलंकी और भारतीय चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. कात्यायन मिश्रा ने बताया कि उज्जैन के पुलिस प्रशिक्षण शाला में 200 बिस्तर के कोविड केयर सेंटर की तत्काल व्यवस्था की जा रही है। जिसे 700 बिस्तर तक बढ़ाया जाएगा। यहां उज्जैन के भारतीय चिकित्सा संघ के सहयोग से चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। शासकीय विभागों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से अन्य व्यवस्थाएं संचालित होंगी।200 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्थाजबलपुर में दादा वीरेन्द्र पुरी नेत्र संस्थान द्वारा संचालित कोविड चिकित्सालय के डॉ. पवन स्थापक ने बताया कि देवश्री नेत्रालय में 250 बिस्तर में से 200 ऑक्सीजन बेड कोविड प्रभावितों के लिए रखे गए हैं। इनमें से 10 आईसीयू बैड हैं। रेडक्रास तथा अन्य संगठन आवश्यक सहयोग कर रहे हैं।परिजनों के अस्पताल आने पर प्रतिबंध आवश्यकमुख्यमंत्री से चिकित्सकों ने संवाद के दौरान कोविड संक्रमण प्रबंधन और उपचार के संबंद्ध में सुझाव दिए। अरविन्दों इंस्ट्टीयूट इन्दौर के डॉ. रवि दोषी ने कहा कि कोरोना मरीजों के साथ उनके परिजनों के अस्पताल में आने से संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ती है। इन परिजनों के बाजार तथा अपने रहवासी क्षेत्रों में जाने से संक्रमण और अधिक फैलता है। अत: कोरोना मरीजों के अस्पतालों में आने पर रोक लगाना आवश्यक है।मोहल्लों व कालोनियों में कराया जाए टीकाकरणनेशनल हास्पिटल भोपाल के डॉ. पी.के. पाण्डे ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की संक्रमण से सुरक्षा के लिए व्यवस्था करना आवश्यक है। डॉ. पाण्डे ने टीकाकरण कार्यक्रम को मोबाइल वेन के माध्यम से मोहल्लों और कालोनियों में कराने में आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इससे टीकाकरण के लिए अस्पताल आने वाले व्यक्तियों में संक्रमण की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। डॉ. पाण्डे ने कहा कि अगले तीन-चार हफ्ते विशेष सतर्कता बनाये रखना आवश्यक है।एमबीबीएस व नर्सिंग विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर उनकी सेवाएँ ली जाएंमेट्रो हास्पिटल जबलपुर के डॉ. शैलेंद्र राजपूत ने कहा कि महामारी युद्ध की तरह है। राज्य शासन द्वारा इस युद्ध के लिए की गई तैयारियों की सराहना करते हुए डॉ. राजपूत ने कहा कि एमबीबीएस और नर्सिंग के छात्रों को 10-15 दिन का व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उनकी सेवाएँ कोरोना संक्रमण के प्रबंधन में लेनी चाहिए। उन्होंने विकिन्द्रीकृत प्रशिक्षण व्यवस्था करने की आवश्यकता भी बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना मरीजों के परिजनों को घर बैठे ही अपने मरीज की स्थिति और इलाज के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक तकनीकी व्यवस्थाएँ की जा रही हैं।
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20 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को निवास से स्वयंसेवी संगठनों और वरिष्ठ चिकित्सकों से वर्चुअली संवाद किया। इस अवसर पर सीएम शिवराज ने कहा है कि कोविड संकटकाल का सामना सरकार और समाज के परस्पर सहयोग से संभव है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्वयंसेवी संगठनों द्वारा कोविड केयर सेंटर स्थापित करने के लिए की जा रही व्यवस्था तथा अन्य नवाचारों के लिए आभार माना। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अभिनव पहल से कोविड की विकट परिस्थितियों का सामना करने में मदद मिलेगी और समाज में सकारात्मकता के भाव का विस्तार होगा। राज्य शासन इन संस्थाओं को हर संभव सहयोग देने के लिए सदैव तत्पर है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चिकित्सकों और उनकी टीम ने कोविड संक्रमण का सामना हिम्मत, सेवाभाव और सहयोग से किया है। इससे लोगों का विश्वास बढ़ा है। चिकित्सकों से किया संवादमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राधास्वामी सत्संग व्यास और अन्य संगठनों की पहल से इन्दौर से विकसित हुए माँ अहिल्याबाई कोविड केयर सेंटर, उज्जैन में सिटीजन फोरम फॉर कोविड रिस्पांस द्वारा संचालित कोविड केयर सेंटर, जबलपुर में दादा वीरेन्द्र पुरी जी नेत्र संस्थान द्वारा संचालित कोविड चिकित्सालय और भोपाल में सागर समूह द्वारा विकसित किए जा रहे कोविड केयर सेंटर के लिए इन संस्थाओं का आभार माना। मुख्यमंत्री ने इन संस्थाओं के पदाधिकारियों तथा अरविन्दों इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस इन्दौर के डॉ. रवि दोषी, नेशनल हास्पिटल भोपाल के डॉ. पी.के. पाण्डे और मेट्रो हास्पिटल जबलपुर के डॉ. शैलेन्द्र व्यास से बातचीत की।जनसहयोग से मिले 125 ऑक्सीजन कांसेंट्रेटरइन्दौर में राधास्वामी सत्संग व्यास एवं अन्य सगठनों की पहल पर स्थापित किए जा रहे माँ आहिल्या बाई कोविड केयर सेंटर के संबंध में डॉ. एच.एस. पटेल और डॉ. निशांत खरे ने बताया कि कम समय में इस सेंटर को स्थापित करना सरकार और समाज की एकजुटता के परिणाम स्वरूप ही संभव हो पाया है। दस फेस के इस केन्द्र में 6 हजार 200 बिस्तर होंगे, प्रथम चरण में 600 बिस्तर की सुविधा कल से आरंभ हो रही है। बाम्बे हास्पिटल, मेदांता, अपोलो और चौइथराम हास्पिटल इस केन्द्र को चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराएंगे। जनसहयोग से 125 ऑक्सीजन कांन्सेंट्रेटर, ऑक्सीजन प्लांट, एक्स-रे मशीन और लैब स्थापित की जा रही है।मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने होंगे विशेष प्रयासभोपाल के सागर समूह के सुधीर अग्रवाल ने बताया कि उनके समूह द्वारा इंजीनियरिंग कॉलेज में 12 एकड़ क्षेत्र में 500 बिस्तर का कोविड केयर सेंटर आरंभ किया जा रहा है। इस सेंटर में इलाज की व्यवस्था के साथ-साथ मरीजों को सकारात्मक और आशावादी बनाएं रखने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।पुलिस प्रशिक्षण शाला में बनेगा कोविड केयर सेंटरउज्जैन सिटीजन फोरम फॉर कोविड रिस्पांस से जुड़े उज्जैन सेवा भारती के अध्यक्ष रवि सोलंकी और भारतीय चिकित्सा संघ के अध्यक्ष डॉ. कात्यायन मिश्रा ने बताया कि उज्जैन के पुलिस प्रशिक्षण शाला में 200 बिस्तर के कोविड केयर सेंटर की तत्काल व्यवस्था की जा रही है। जिसे 700 बिस्तर तक बढ़ाया जाएगा। यहां उज्जैन के भारतीय चिकित्सा संघ के सहयोग से चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। शासकीय विभागों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से अन्य व्यवस्थाएं संचालित होंगी।200 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्थाजबलपुर में दादा वीरेन्द्र पुरी नेत्र संस्थान द्वारा संचालित कोविड चिकित्सालय के डॉ. पवन स्थापक ने बताया कि देवश्री नेत्रालय में 250 बिस्तर में से 200 ऑक्सीजन बेड कोविड प्रभावितों के लिए रखे गए हैं। इनमें से 10 आईसीयू बैड हैं। रेडक्रास तथा अन्य संगठन आवश्यक सहयोग कर रहे हैं।परिजनों के अस्पताल आने पर प्रतिबंध आवश्यकमुख्यमंत्री से चिकित्सकों ने संवाद के दौरान कोविड संक्रमण प्रबंधन और उपचार के संबंद्ध में सुझाव दिए। अरविन्दों इंस्ट्टीयूट इन्दौर के डॉ. रवि दोषी ने कहा कि कोरोना मरीजों के साथ उनके परिजनों के अस्पताल में आने से संक्रमण फैलने की संभावना बढ़ती है। इन परिजनों के बाजार तथा अपने रहवासी क्षेत्रों में जाने से संक्रमण और अधिक फैलता है। अत: कोरोना मरीजों के अस्पतालों में आने पर रोक लगाना आवश्यक है।मोहल्लों व कालोनियों में कराया जाए टीकाकरणनेशनल हास्पिटल भोपाल के डॉ. पी.के. पाण्डे ने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की संक्रमण से सुरक्षा के लिए व्यवस्था करना आवश्यक है। डॉ. पाण्डे ने टीकाकरण कार्यक्रम को मोबाइल वेन के माध्यम से मोहल्लों और कालोनियों में कराने में आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि इससे टीकाकरण के लिए अस्पताल आने वाले व्यक्तियों में संक्रमण की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। डॉ. पाण्डे ने कहा कि अगले तीन-चार हफ्ते विशेष सतर्कता बनाये रखना आवश्यक है।एमबीबीएस व नर्सिंग विद्यार्थियों को प्रशिक्षित कर उनकी सेवाएँ ली जाएंमेट्रो हास्पिटल जबलपुर के डॉ. शैलेंद्र राजपूत ने कहा कि महामारी युद्ध की तरह है। राज्य शासन द्वारा इस युद्ध के लिए की गई तैयारियों की सराहना करते हुए डॉ. राजपूत ने कहा कि एमबीबीएस और नर्सिंग के छात्रों को 10-15 दिन का व्यावहारिक प्रशिक्षण देकर उनकी सेवाएँ कोरोना संक्रमण के प्रबंधन में लेनी चाहिए। उन्होंने विकिन्द्रीकृत प्रशिक्षण व्यवस्था करने की आवश्यकता भी बताई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना मरीजों के परिजनों को घर बैठे ही अपने मरीज की स्थिति और इलाज के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक तकनीकी व्यवस्थाएँ की जा रही हैं।
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20 April 2021भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। संक्रमितों के साथ मृतकों की संख्या में भी भयावह बढ़ोत्तरी हुई है। इस बीच मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के संबंध में फोन पर चर्चा की। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री से प्रदेश में ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जानकारी दी और आपूर्ति की मांग की। जिस पर प्रधानमंत्री ने मध्य प्रदेश को ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन एवं अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर आश्वासन दिया। पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार मध्यप्रदेश का पूरा सहयोग करेगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज ने रक्षा मंत्री से आर्मी अस्पतालों के सामान्य प्रयोग को लेकर चर्चा की। इस पर रक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया कि मध्यप्रदेश स्थित आर्मी अस्पतालों की सेवाएं संक्रमण काल के दौरान मध्यप्रदेश की जनता के लिए खोली जाएगी। आज आर्मी के बड़े अधिकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिल कर चर्चा करेंगे। इसके अलावा दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को संबोधित करेंगे और आवश्यक दिशा निर्देश देंगे। इसके तहत प्रदेश के सभी बड़े महानगरों में सरकार, स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद से 2000 बिस्तर के अस्पताल खोलेगी। इंदौर के राधा स्वामी सत्संग न्यास के 2000 बिस्तरों जैसा प्रयोग भोपाल, गवालियर, जबलपुर सहित अन्य महानगरों में होगा। इंदौर में राधा स्वामी सत्संग न्यास के 2000 बिस्तरों को बढ़ाकर 6000 करने की दिशा में निर्देश देंगे।
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19 April 2021भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना कहर बरपा रहा है। संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। इंदौर शहर कोरोना का हॉट स्पॉट बनकर उभर रहा है। यहां राऊ से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। जीतू पटवारी ने खुद के संपर्क में आए सभी लोगों से टेस्ट कराने और सावधानी बरतने की अपील की है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने खुद ट्वीट कर अपने कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा ‘मैंने 15 अप्रैल को कोरोना टेस्ट करवाया था जो पॉजिटिव आया है, मेरे साथ सपंर्क में आएं सभी परिवार के साथियों से आग्रह है कि अपना टेस्ट करवाएं व स्वास्थ का ख्याल रखें..। हम सभी को एकजुटता के साथ कोरोना से लड़ना है, निश्चित ही यह जंग हम अवश्य जीतेंगे..। बता दें कि जीतू पटवारी भोपाल में ऑक्सीजन की कमी को लेकर सरकार को घेरा था। वह भोपाल के मिंटो हॉल के बाहर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर धरने पर बैठे थे। उनके साथ कालापीपल से विधायक कुणाल चौधरी और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा भी थे। इसके अलावा जीतू पटवारी ने कोविड चिकित्सा व्यवस्था के लिए 20 लाख रुपये विधायक निधि से भी दिए थे। कमलनाथ ने की शीघ्र स्वस्थ होने की कामनामप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने जीतू पटवारी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘इंदौर की राऊ सीट से विधायक श्री जीतू पटवारी जी के अस्वस्थ होने की जानकारी मिली है। मैं ईश्वर से उनके शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना करता हूँ।
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18 April 2021भोपाल। प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों और कोरोना से हो रही मौतों पर विपक्ष सरकार पर आक्रामक हो गई है। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश की शिवराज सरकार पर संकट की घड़ी में भी जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए सरकार से नाकामी स्वीकार करने की मांग की है। कमलनाथ ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि पूरा एक वर्ष मिला था शिवराज सरकार को कोरोना से लडऩे की तैयारियों के लिये। 8 माह पूर्व की गयी घोषणा के बाद भी होशंगाबाद के बाबई के ऑक्सिजन प्लांट की अभी तक बाउंड्री वॉल तक नहीं बन पायी और आज 37 जिलो में ऑक्सिजन प्लांट की घोषणा? हमेशा की तरह अभी भी घोषणा की ही राजनीति जनता को गुमराह करने के लिये? उन्होंने कहा कि जरूरत आज है ऑक्सीजन की, एक तरफ ऑक्सीजन की कमी से प्रदेश में रोज लोगों की जाने जा रही है, यदि यह सब पहले कर लिया जाता तो आज बड़ी संख्या में लोगों की जान बचायी जा सकती थी, प्रदेश की आज यह स्थिति नहीं होती? कमलनाथ ने कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार को अपनी नाकामी स्वीकार करना चाहिये। मैं पहले दिन से ही कह रहा हूँ कि आग लगने के बाद ये अभी कुआँ खोदने की तैयारी नहीं सिर्फ़ बात कर रहे हैं ?
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18 April 2021भोपाल । कोरोना का संकट अत्यंत विकट है, यह एक युद्ध है, जिसमें सबको सारे मतभेद भुलाकर एकजुट होकर लड़ना पड़ेगा। सरकार अपने स्तर पर पूरे प्रयास कर रही है, परन्तु जब तक समाज का पूरा सहयोग नहीं मिलेगा, हम कोरोना को शीघ्र नियंत्रित नहीं कर पाएंगे। बीमारी के थोड़े भी लक्षण दिखने पर तुंरत जाँच करवायें तथा होम आइसोलेशन अथवा कोविड केयर सेंटर में रहकर इलाज लें। यहाँ सरकार द्वारा दवाओं, डॉक्टर का परामर्श आदि की पूरी व्यवस्था की गई हैं। उक्त बातें रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कही हैं। चौहान ने कहा कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए संक्रमण की चेन को तोड़ना बहुत आवश्यक है। उन्होंने जनता से अपील की कि आगामी 30 अप्रैल तक कोई भी अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकले। गाँव, मोहल्लों, कॉलोनियों, बिल्डिंग्स आदि में लोग जनता कर्फ्यू लगाएँ। इस दौरान आवश्यक वस्तुएँ दो-चार व्यक्ति जाकर ले आएँ। बाहर जाते समय मास्क अनिवार्य रूप से लगाएँ। सामाजिक दूरी रखें तथा अन्य कोरोना संबंधी सावधानियों का पालन करें। चौहान ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि सभी के सहयोग से हम इस लड़ाई को जल्दी जीतेंगे। कोरोना शीघ्र हारेगा। उन्होंने कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में सभी धार्मिक, सामाजिक, राजनैतिक तथा अन्य संगठनों एवं जन-सामान्य से पूरा सहयोग करने की अपील की।होम आइसोलेशन में सभी सुविधाएँचौहान ने कहा कि होम आइसोलेशन में सरकार द्वारा कोरोना के इलाज की सभी सुविधाएँ प्रदान की जा रही है। आवश्यकता होने पर अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था भी की जा रही है। जिन मरीजों के घर में जगह कम है, वे कोविड केयर सेंटर में रहें। वहाँ पर दवाई के अलावा भोजन, चाय-नाश्ता आदि की व्यवस्था भी की गई है। सभी जिलों में कोविड केयर सेंटर चालू हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच मध्यप्रदेश में तमाम प्रयासों के बावजूद संक्रमितों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार रात तक प्रदेश भर में कुल 53,628 सैंपल की जांच में 12,248 मरीज मिले हैं। इस तरह प्रदेश में कोरोना की संक्रमण दर लगभग 23 फीसद पहुंच गई है। यानी अब जांच कराने वाला लगभग हर चौथा व्यक्ति कोरोना से संक्रमित मिल रहा है। इसके साथ ही प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमितों की संख्या चार लाख से ऊपर पहुंच गई है। कल तक के आंकड़े में प्रदेश के अलग-अलग जिलों में मिलाकर 66 मरीजों की मौत हुई हैं। एक दिन में मिलने वाले सर्वाधिक मरीजों की संख्या के मामले में मध्यप्रदेश देश ने पांचवे नंबर पर था, जबकि आज रविवार को छठवें नंबर पर आ गया है।
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18 April 2021भोपाल। मध्य प्रदेश में भयावह होते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सरकार से आवश्यक कदम उठाये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के आँकड़े निरंतर बढ़ते जा रहे है, संक्रमण दर बढ़ती जा रही है, निरंतर एक्टिव मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, आज की वर्तमान स्थिति में ही अस्पतालों में बेड नहीं है, ऑक्सिजन नहीं है, इंजेक्शन नहीं है? कमलनाथ ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि तेजी से बढ़ रहे एक्टिव मरीजों की संख्या को देखते हुए शिवराज सरकार बेड़ों की संख्या बढ़ाने के, ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के, इंजेक्शन की कमी दूर करने के व आवश्यक दवाई व उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के युद्ध स्तर पर गंभीर प्रयास करे, त्वरित निर्णय लेकर हर आवश्यक कदम उठाये, अन्यथा आगामी दिनो में स्थितियाँ और भयावह हो सकती है?
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17 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शुक्रवार को हमें 350 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली, जबकि खपत 335 मीट्रिक टन हुई है। ऑक्सीजन की सप्लाई अब प्रदेश में तेजी से सामान्य हो रही है। स्थानीय तौर पर व्यवस्था कर जिलों में 1,293 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर्स लगाए जा चुके हैं। केन्द्र सरकार से 20 अप्रैल तक 445 मीट्रिक टन, 25 अप्रैल तक 565 मीट्रिक टन और 30 अप्रैल को 700 मीट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति पर सहमति प्राप्त हो गई है। ऑक्सीजन की इतनी मात्रा अप्रैल अंत तक अनुमानित मरीजों के लिए पर्याप्त होगी। मुख्यमंत्री शनिवार को निवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। कोरोना-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्रीचौहान ने सुबह से फोन पर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। केन्द्रीय मंत्रियों से निरंतर संपर्क और जिलों पर निगरानीसीएम शिवराज ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन, इंजेक्शन और अन्य सुविधाओं के पूर्ति के लिए केन्द्रीय मंत्रियों सहित व्यवस्था की दृष्टि से महत्वपूर्ण सभी व्यक्तियों से वे निरंतर फोन पर संपर्क में हैं। जिला स्तर पर आवश्यक सुविधाओं और व्यवस्थाओं के लिए जिला अधिकारियों से संवाद जारी है। अब तक 42 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन प्राप्त, आज और मिलेंगे 9,788मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक 42 हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन की शासकीय सप्लाई आ चुकी है। आज शनिवार को 9,788 इंजेक्शन और प्राप्त हो रहे हैं। 50 हजार इंजेक्शन की सप्लाई का आर्डर दिया गया है, जिसकी शीघ्र ही डिलीवरी प्राप्त होगी। 40 हजार 276 बिस्तर उपलब्ध, निरतंर बढ़ रही है संख्यामुख्यमंत्रीचौहान ने कहा कि प्रदेश में बिस्तरों की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है। शासकीय और निजी अस्पतालों में 14 अप्रैल को कुल 37 हजार 719 बिस्तर उपलब्ध थे, जो अब बढक़र 40 हजार 276 हो गए हैं। प्रदेश के 50 जिलों में 109 कोविड केयर सेंटर स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें 6 हजार 153 बिस्तर उपलब्ध हैं। भोपाल में प्रशासन अकादमी में 150, हमीदिया अस्पताल में 300, चिरायु अस्पताल में 300 और एम्स में 500 बिस्तरों की व्यवस्था की जा रही है। इस क्रम में कल छतरपुर में 58 बिस्तर के नर्मदा - अपना हास्पिटल का शुभारंभ हुआ है।
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17 April 2021इंदौर। मध्य प्रदेश में कोरोना की स्थिति भयावह हो गई है। संक्रमितों के साथ मृतकों की संख्या में भी भारी बढ़ोत्तरी हुई है। कोरोना के चलते शहर के बिगड़ते हालातों को बयां करते हुए शुक्रवार को कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला भावुक हो गए और मीडिया के सामने ही उनके आंसू निकल गए। संजय शुक्ला ने कहा कि मेरा बेटा भर्ती है, उसे अभी तक इंजेक्शन तक नहीं मिला है। साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार और प्रशासन दो दिनों में ऑक्सीजन और इंजेक्शन की व्यवस्था नहीं की तो वह आत्मदाह करेंगे। कोरोना को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा सरकार पर हमला बोला है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, विधायक संजय शुक्ला ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और सरकार का साथ नहीं मिलने का भी आरोप लगाया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा के नेता घर बैठ कर सलाह देते हैं। जबकि राजीनीति से ऊपर उठकर कांग्रेस नेता जनता के बीच जा रहे हैं। लेकिन हमारी कोई मदद नहीं कर रहे हैं। पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने सीएम शिवराज से अपील की है। विश्नोई ने कहा इस महामारी में सेना की मदद लें, सेना के पास बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं हैं। केंद्र सरकार से चर्चा कर सेना की मदद ली जाए। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि शहर में इन दिनों हालात बहुत ही ज्यादा खराब होते जा रहे हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों को न तो अस्पताल में बिस्तर मिल रहे हैं और न ही ऑक्सीजन है और न ही इंजेक्शन। उन्होंने कहा कि शहर में लाशों के ढेर लग रहे हैं लेकिन शहर के मंत्री और भाजपा विधायक नदारद हैं। उनका आरोप था कि कलेक्टर एडीएम मेरे फोन नहीं उठाते। मैं उनसे विनती करता हूं कि कांग्रेस भाजपा से ऊपर उठकर शहर में बीमारों की मदद के लिए आगे आएं।
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16 April 2021भोपाल। कांग्रेस के दिग्गज नेता, राज्यसभा सदस्य और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर अपने कोरोना संक्रमित होने की जानकारी देते हुए लिखा, मेरी कोविड जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है। फि़लहाल अपने दिल्ली निवास पर क्वारंटीन में हूँ। कृपया इस दौरान मेरे संपर्क में आए सभी लोग खुद को आइसोलेशन में रखकर अपनी सेहत से संबंधित सभी सतर्कता बरतें। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों दमोह उपचुनाव के दौरान प्रचार में भी हिस्सा लिया था। इसके पहले दमोह में चुनाव प्रचार में जुटे कई नेता कोरोना पॉजिटिव हो चुके है। कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह, कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन और कांग्रेस के दमोह जिला अध्यक्ष मनु मिश्रा भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
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16 April 2021भोपाल। कांग्रेस के दिग्गज नेता, राज्यसभा सदस्य और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर अपने कोरोना संक्रमित होने की जानकारी देते हुए लिखा, मेरी कोविड जाँच रिपोर्ट पॉज़िटिव आयी है। फि़लहाल अपने दिल्ली निवास पर क्वारंटीन में हूँ। कृपया इस दौरान मेरे संपर्क में आए सभी लोग खुद को आइसोलेशन में रखकर अपनी सेहत से संबंधित सभी सतर्कता बरतें। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने पिछले दिनों दमोह उपचुनाव के दौरान प्रचार में भी हिस्सा लिया था। इसके पहले दमोह में चुनाव प्रचार में जुटे कई नेता कोरोना पॉजिटिव हो चुके है। कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह, कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन और कांग्रेस के दमोह जिला अध्यक्ष मनु मिश्रा भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
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16 April 2021भोपाल। दमोह उपचुनाव से एक दिन पूर्व कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी पर नोट से वोट खरीदने तथा प्रशासन के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा है कि दमोह पुलिस अधीक्षक भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा है दमोह उप चुनाव में मतदान के एक दिन पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा संदिग्ध गाड़ी और होटल के एक कमरे में करोड़ो रूपए होने की सूचना दी गई है। पूर्व मंत्री ने कहा कि दमोह उप चुनाव में प्रदेश की भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या करने में लगी है। जिसमें स्थानीय प्रशासन पूरी तरह बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरह व्यवहार कर रहा है। पूर्व मंत्री ने कहा कि बीजेपी ने पहले विधायक खरीदे और अब नोट से वोट खरीद कर दमोह उप चुनाव जीतना चाहते हैं। पूर्व मंत्री पटवारी ने कहा कि एक तरफ जहाँ लोग कोरोना महामारी से बिना ऑक्सीजन, बिना जीवन रक्षक दवाओं के मर रहे है। लेकिन दूसरी तरफ हमारे मुख्यमंत्री को दमोह उप चुनाव जीतना है, जिसके लिए सरकारी गाड़ी में करोड़ों रूपए ले जाकर नोट से वोट खरीदने की कोशिश की जा रही है, जिसके लिए मंत्री भूपेन्द्र सिंह को काम पर लगाया गया है कि पैसे बांटकर वोट लो। जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि पुलिस को संदिग्ध गाड़ी जब्त कर व कमरे को सील करना चाहिए था, लेकिन दमोह एसपी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहा था। पटवारी ने कहा कि जब चुनाव आयोग के निर्देश के बाद तीन दिन पहले ही बाहरी लोगों को दमोह से बाहर हो जाना चाहिए था तो फिर मंत्री भूपेन्द्र सिंह वहाँ क्या कर रहे थे उनकी गाड़ी वहाँ क्या कर रही थी यह बड़ा प्रश्न है। जीतू पटवारी ने कहा कि पूरी घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग में शिकायत के बाद कोर्ट जाएगी।
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16 April 2021भोपाल। दमोह उपचुनाव से एक दिन पूर्व कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी पर नोट से वोट खरीदने तथा प्रशासन के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा है कि दमोह पुलिस अधीक्षक भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा है दमोह उप चुनाव में मतदान के एक दिन पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा संदिग्ध गाड़ी और होटल के एक कमरे में करोड़ो रूपए होने की सूचना दी गई है। पूर्व मंत्री ने कहा कि दमोह उप चुनाव में प्रदेश की भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या करने में लगी है। जिसमें स्थानीय प्रशासन पूरी तरह बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरह व्यवहार कर रहा है। पूर्व मंत्री ने कहा कि बीजेपी ने पहले विधायक खरीदे और अब नोट से वोट खरीद कर दमोह उप चुनाव जीतना चाहते हैं। पूर्व मंत्री पटवारी ने कहा कि एक तरफ जहाँ लोग कोरोना महामारी से बिना ऑक्सीजन, बिना जीवन रक्षक दवाओं के मर रहे है। लेकिन दूसरी तरफ हमारे मुख्यमंत्री को दमोह उप चुनाव जीतना है, जिसके लिए सरकारी गाड़ी में करोड़ों रूपए ले जाकर नोट से वोट खरीदने की कोशिश की जा रही है, जिसके लिए मंत्री भूपेन्द्र सिंह को काम पर लगाया गया है कि पैसे बांटकर वोट लो। जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि पुलिस को संदिग्ध गाड़ी जब्त कर व कमरे को सील करना चाहिए था, लेकिन दमोह एसपी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहा था। पटवारी ने कहा कि जब चुनाव आयोग के निर्देश के बाद तीन दिन पहले ही बाहरी लोगों को दमोह से बाहर हो जाना चाहिए था तो फिर मंत्री भूपेन्द्र सिंह वहाँ क्या कर रहे थे उनकी गाड़ी वहाँ क्या कर रही थी यह बड़ा प्रश्न है। जीतू पटवारी ने कहा कि पूरी घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग में शिकायत के बाद कोर्ट जाएगी।
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16 April 2021भोपाल। दमोह उपचुनाव से एक दिन पूर्व कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी पर नोट से वोट खरीदने तथा प्रशासन के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा है कि दमोह पुलिस अधीक्षक भाजपा कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा है दमोह उप चुनाव में मतदान के एक दिन पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा संदिग्ध गाड़ी और होटल के एक कमरे में करोड़ो रूपए होने की सूचना दी गई है। पूर्व मंत्री ने कहा कि दमोह उप चुनाव में प्रदेश की भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या करने में लगी है। जिसमें स्थानीय प्रशासन पूरी तरह बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरह व्यवहार कर रहा है। पूर्व मंत्री ने कहा कि बीजेपी ने पहले विधायक खरीदे और अब नोट से वोट खरीद कर दमोह उप चुनाव जीतना चाहते हैं। पूर्व मंत्री पटवारी ने कहा कि एक तरफ जहाँ लोग कोरोना महामारी से बिना ऑक्सीजन, बिना जीवन रक्षक दवाओं के मर रहे है। लेकिन दूसरी तरफ हमारे मुख्यमंत्री को दमोह उप चुनाव जीतना है, जिसके लिए सरकारी गाड़ी में करोड़ों रूपए ले जाकर नोट से वोट खरीदने की कोशिश की जा रही है, जिसके लिए मंत्री भूपेन्द्र सिंह को काम पर लगाया गया है कि पैसे बांटकर वोट लो। जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि पुलिस को संदिग्ध गाड़ी जब्त कर व कमरे को सील करना चाहिए था, लेकिन दमोह एसपी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहा था। पटवारी ने कहा कि जब चुनाव आयोग के निर्देश के बाद तीन दिन पहले ही बाहरी लोगों को दमोह से बाहर हो जाना चाहिए था तो फिर मंत्री भूपेन्द्र सिंह वहाँ क्या कर रहे थे उनकी गाड़ी वहाँ क्या कर रही थी यह बड़ा प्रश्न है। जीतू पटवारी ने कहा कि पूरी घटना को लेकर कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग में शिकायत के बाद कोर्ट जाएगी।
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16 April 2021जबलपुर। कांग्रेस राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। विवेक तन्खा ने कोरोना मौतों पर ट्वीट कर सरकार के आंकड़ेबाजी का सच जनता के सामने रखा है। दरअसल कांग्रेस राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भोपाल के भदभदा श्मशान घाट के फोटो ट्वीट किए हैं। अपने ट्वीट में तन्खा ने लिखा है कि यह सच तो मैं कई दिनो से बोल रहा। मप्र सरकार नहीं समझ पा रही की सच दिखता है। छुपाने से जनता जनार्दन का ही नुक़सान। अफ़सरों का यह पुराना तरीक़ा अपनी नाकामयाबी छुपाने का। ज्वाला मुखी फटेगा एक दिन। एक अन्य अखबार का शोक संदेश वाला पेज शेयर करते हुए उन्होंने ट्वीट कर लिखा ‘इंदौर अख़बार का obituary page। क्या प्रशासन इन मौतों से भी इनकार करेगा। बहुत दुखद। शमशान और क़ब्रिस्तान तो कम पड़ ही गए, अब अख़बार का पन्ना भी कम पड़ रहा है !! स्वयं बचिए और अपनों को बचाइये।
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14 April 2021भोपाल। देश आज 'भारत रत्न' भीमराव अंबेडकर की 130वीं जयंती मना रहा है। भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू में हुआ था। भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है, आज़ादी के बाद वे देश के पहले कानून एवं न्याय मंत्री बने। 31 मार्च 1990 को उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इस खास मौके पर मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाबासाहेब अंबेडकर को नमन किया और समाज के वंचित वर्ग के लिए उनके संघर्ष को सलाम किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट में लिखा, भाग्य में नहीं, अपनी शक्ति में विश्वास रखो- डॉ.भीमराव अम्बेडकर। संविधान शिल्पी, श्रद्धेय बाबा साहेब जी की जयंती पर कोटिश: नमन! कमजोर वर्ग के उत्थान व कल्याण के लिए आजीवन संकल्पित प्रयास करने वाले भारत रत्न के सपनों के सशक्त,समर्थ भारत के निर्माण के स्वप्न को हम सब साकार करेंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने ट्वीट में कहा ‘भारतीय संविधान के निर्माता, सामाजिक समरसता के प्रणेता, भारत रत्न डा.भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि - कोटि प्रणाम। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बाबा साहेब को जयंती पर नमन करते हुए कहा ‘मानसिकता का विकास मानव अस्तित्व का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए-डॉ.अम्बेडकर। संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रणेता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ.भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन। दलित समाज के उत्थान में उनका अतुलनीय योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
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14 April 2021भोपाल। देश आज 'भारत रत्न' भीमराव अंबेडकर की 130वीं जयंती मना रहा है। भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू में हुआ था। भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है, आज़ादी के बाद वे देश के पहले कानून एवं न्याय मंत्री बने। 31 मार्च 1990 को उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इस खास मौके पर मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाबासाहेब अंबेडकर को नमन किया और समाज के वंचित वर्ग के लिए उनके संघर्ष को सलाम किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट में लिखा, भाग्य में नहीं, अपनी शक्ति में विश्वास रखो- डॉ.भीमराव अम्बेडकर। संविधान शिल्पी, श्रद्धेय बाबा साहेब जी की जयंती पर कोटिश: नमन! कमजोर वर्ग के उत्थान व कल्याण के लिए आजीवन संकल्पित प्रयास करने वाले भारत रत्न के सपनों के सशक्त,समर्थ भारत के निर्माण के स्वप्न को हम सब साकार करेंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने ट्वीट में कहा ‘भारतीय संविधान के निर्माता, सामाजिक समरसता के प्रणेता, भारत रत्न डा.भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि - कोटि प्रणाम। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बाबा साहेब को जयंती पर नमन करते हुए कहा ‘मानसिकता का विकास मानव अस्तित्व का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए-डॉ.अम्बेडकर। संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रणेता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ.भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन। दलित समाज के उत्थान में उनका अतुलनीय योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
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14 April 2021भोपाल। देश आज 'भारत रत्न' भीमराव अंबेडकर की 130वीं जयंती मना रहा है। भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महू में हुआ था। भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है, आज़ादी के बाद वे देश के पहले कानून एवं न्याय मंत्री बने। 31 मार्च 1990 को उन्हें मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। इस खास मौके पर मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाबासाहेब अंबेडकर को नमन किया और समाज के वंचित वर्ग के लिए उनके संघर्ष को सलाम किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्वीट में लिखा, भाग्य में नहीं, अपनी शक्ति में विश्वास रखो- डॉ.भीमराव अम्बेडकर। संविधान शिल्पी, श्रद्धेय बाबा साहेब जी की जयंती पर कोटिश: नमन! कमजोर वर्ग के उत्थान व कल्याण के लिए आजीवन संकल्पित प्रयास करने वाले भारत रत्न के सपनों के सशक्त,समर्थ भारत के निर्माण के स्वप्न को हम सब साकार करेंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने ट्वीट में कहा ‘भारतीय संविधान के निर्माता, सामाजिक समरसता के प्रणेता, भारत रत्न डा.भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती पर उन्हें कोटि - कोटि प्रणाम। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बाबा साहेब को जयंती पर नमन करते हुए कहा ‘मानसिकता का विकास मानव अस्तित्व का अंतिम उद्देश्य होना चाहिए-डॉ.अम्बेडकर। संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रणेता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ.भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती पर उन्हें सादर नमन। दलित समाज के उत्थान में उनका अतुलनीय योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
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14 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना कर्फ्यू होने के दौरान भी प्रदेश में किसानों से समर्थन मूल्य पर उपार्जन कार्य सतत चालू रहेगा। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में यह निर्णय लिया गया है कि उपार्जन कार्य को कोरोना कर्फ्यू के कारण बाधित नहीं होने दिया जाएगा। किसान भाई प्राप्त मैसेज के अनुसार निर्धारित तिथि को अपनी फसल विक्रय के लिये उपार्जन केंद्रों पर पहुंचें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से अपील की है कि पूरी सावधानियां बरतते हुए अपनी बारी आने पर फसल विक्रय के लिए उपार्जन केंद्रों पर पहुंचे। उपार्जन केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क का उपयोग करें और अन्य सावधानियां रखे। मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि खरीदी केन्द्रों पर आवश्यक व्यवस्थाएं और कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपाय करते हुए कोरोना गाइड-लाइन का पालन सुनिश्चित किया जाए। किसानों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी : मंत्री पटेल किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि किसानों के हित में मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया है कि उपार्जन केंद्रों पर कार्य निरंतर चल रहा है। कोरोना संकट काल में भी किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उनकी हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की है कि कोरोना गाइड-लाइन का पालन करते हुए उपार्जन केंद्रों पर अपनी फसलों का विक्रय करें। कृषि मंत्री ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान ग्रीष्मकालीन खेती के लिए खाद, बीज और कृषि उपकरणों की दुकानों को खुले रखने का निर्णय लिया गया है।
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13 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना कर्फ्यू होने के दौरान भी प्रदेश में किसानों से समर्थन मूल्य पर उपार्जन कार्य सतत चालू रहेगा। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में यह निर्णय लिया गया है कि उपार्जन कार्य को कोरोना कर्फ्यू के कारण बाधित नहीं होने दिया जाएगा। किसान भाई प्राप्त मैसेज के अनुसार निर्धारित तिथि को अपनी फसल विक्रय के लिये उपार्जन केंद्रों पर पहुंचें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों से अपील की है कि पूरी सावधानियां बरतते हुए अपनी बारी आने पर फसल विक्रय के लिए उपार्जन केंद्रों पर पहुंचे। उपार्जन केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क का उपयोग करें और अन्य सावधानियां रखे। मुख्यमंत्री चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दिये है कि खरीदी केन्द्रों पर आवश्यक व्यवस्थाएं और कोरोना संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपाय करते हुए कोरोना गाइड-लाइन का पालन सुनिश्चित किया जाए। किसानों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी : मंत्री पटेल किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि किसानों के हित में मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया है कि उपार्जन केंद्रों पर कार्य निरंतर चल रहा है। कोरोना संकट काल में भी किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। उनकी हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की है कि कोरोना गाइड-लाइन का पालन करते हुए उपार्जन केंद्रों पर अपनी फसलों का विक्रय करें। कृषि मंत्री ने बताया कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान ग्रीष्मकालीन खेती के लिए खाद, बीज और कृषि उपकरणों की दुकानों को खुले रखने का निर्णय लिया गया है।
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13 April 2021भोपाल। सोमवार को भोपाल में 5 लोगों की ऑक्सीजन न मिलने से मौत हो गई। इतना ही नहीं भोपाल के 20 से ज्यादा अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर अफरा-तफरी मची रही। आर्थिक राजधानी इंदौर में भी कुछ ऐसा ही दृश्य सामने आया। एक दिन पहले ही सरकार ने दावा किया था कि प्रदेश में ऑक्सीजन पर्याप्त है। ऐसे में सरकार के दावों पर तंज कसते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निशाना साधा है। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश के जिम्मेदारों पर तंज कसते हुए कहा कि सागर- उज्जैन- खरगोन के बाद अब इंदौर- भोपाल में ऑक्सिजन की कमी से 5-5 लोगों की दुखद मौत की खबरें? शिवराज जी से लेकर तमाम जिम्मेदार सुबह से शाम तक बस एक ही बात कह रहे है कि प्रदेश में ऑक्सिजन की कोई कमी नहीं, पर्याप्त स्टॉक है, रेमड़ेसिविर इंजेक्शन की कोई कमी नहीं, बेड की कमी नहीं और दूसरी तरफ प्रदेश भर में अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से अफरा-तफरी का माहौल। लोगों की जान रोज़ संकट में, आज भी प्रदेश भर में रेमड़ेसिविर इंजेक्शन के लिये लोग दर- दर भटक रहे है, बेड व इलाज के लिये भटक रहे है, ऑक्सीजन की कमी के कारण कई अस्पतालों ने नये मरीजों को भर्ती करने से मना कर दिया है, लोग इलाज के लिये दर-दर भटक रहे है? उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि शिवराज सरकार को जमीनी हकीकत अभी तक नहीं पता, आज भी रोज झूठे दावे में लगे हुए है? प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज़ नहीं, पूरे प्रदेश में अराजकता का माहौल ? आज भी आँकड़ो में हेरा फेरी का खेल हो रहा है। आग से सब कुछ तबाह होता जा रहा है और सरकार अब नींद से जाग कुआँ खोदने की तैयारी कर रही है। कमलनाथ ने कहा कि ऑक्सीजन कंसनट्रैटर मशीन अब खरीदने जा रहे है, रेमड़ेसिविर इंजेक्शन की अब व्यवस्था कर रहे है, अब बेड बढ़ाने की बात कर रहे है, अब निजी भवनों को अस्पताल बनाने के ऑफऱ दे रहे हैं, अब जाकर मंत्रियो को जिले के प्रभार सौंपे है? ये कैसी व्यवस्था - ये कैसी निष्ठुर सरकार?
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13 April 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के कोरोना संक्रमण के बीच ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर राजनीति तेज हो गई है। एक तरफ सरकार ऑक्सीजन की भरपूर आपूर्ति और रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता का दावा कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार के दावों को हवा हवाई बताते हुए जल्द से जल्द ऑक्सिजन की आपूर्ति बढ़ाने और रेमड़ेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता करवाने के तत्काल ठोस प्रयास करने की मांग कर रही है। मप्र के पूर्व सीएम कमलनाथ ने कोरोना संक्रमण में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में ऑक्सिजन की आपूर्ति व डिमांड में काफ़ी अंतर है, इसकी सच्चाई अस्पतालों से पता की जा सकती है। प्रदेश में कई लोगों ने ऑक्सिजन की कमी से अपनों को खोया है। वही रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर अभी भी लोग घंटो भटक रहे है? तस्वीरें रोज़ सामने आ रही है? कमलनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के कई अस्पतालों ने ऑक्सिजन की कमी को देखते हुए नये मरीज़ों को भर्ती करने से मना कर दिया है, कई अस्पतालों में जो मरीज़ भर्ती है उनसे भी लिखवाया जा रहा है कि ऑक्सिजन की कमी से होने वाले दुष्परिणामों के लिये वो ही जिम्मेदार होंगे। सीएम शिवराज पर तंज कसते हुए कमलनाथ ने कहा कि और हमारे मुख्यमंत्री से लेकर तमाम जिम्मेदार रोज झूठी बयानबाजियाँ कर रहे है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, रेमड़ेसिविर इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है, झूठे प्रजेंटेशन दिये जा रहे है, हवा- हवाई दावे किये जा रहे है? उन्होंने मांग करते हुए कहा कि बेहतर हो झूठ परोसने की बजाय, सच्चाई स्वीकार कर प्रदेश में ऑक्सिजन की आपूर्ति बढ़ाने के व रेमड़ेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता करवाने के तत्काल ठोस प्रयास हो।
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11 April 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के कोरोना संक्रमण के बीच ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर राजनीति तेज हो गई है। एक तरफ सरकार ऑक्सीजन की भरपूर आपूर्ति और रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता का दावा कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार के दावों को हवा हवाई बताते हुए जल्द से जल्द ऑक्सिजन की आपूर्ति बढ़ाने और रेमड़ेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता करवाने के तत्काल ठोस प्रयास करने की मांग कर रही है। मप्र के पूर्व सीएम कमलनाथ ने कोरोना संक्रमण में स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में ऑक्सिजन की आपूर्ति व डिमांड में काफ़ी अंतर है, इसकी सच्चाई अस्पतालों से पता की जा सकती है। प्रदेश में कई लोगों ने ऑक्सिजन की कमी से अपनों को खोया है। वही रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर अभी भी लोग घंटो भटक रहे है? तस्वीरें रोज़ सामने आ रही है? कमलनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के कई अस्पतालों ने ऑक्सिजन की कमी को देखते हुए नये मरीज़ों को भर्ती करने से मना कर दिया है, कई अस्पतालों में जो मरीज़ भर्ती है उनसे भी लिखवाया जा रहा है कि ऑक्सिजन की कमी से होने वाले दुष्परिणामों के लिये वो ही जिम्मेदार होंगे। सीएम शिवराज पर तंज कसते हुए कमलनाथ ने कहा कि और हमारे मुख्यमंत्री से लेकर तमाम जिम्मेदार रोज झूठी बयानबाजियाँ कर रहे है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है, रेमड़ेसिविर इंजेक्शन की कोई कमी नहीं है, झूठे प्रजेंटेशन दिये जा रहे है, हवा- हवाई दावे किये जा रहे है? उन्होंने मांग करते हुए कहा कि बेहतर हो झूठ परोसने की बजाय, सच्चाई स्वीकार कर प्रदेश में ऑक्सिजन की आपूर्ति बढ़ाने के व रेमड़ेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता करवाने के तत्काल ठोस प्रयास हो।
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11 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेशवासी अपना दायित्व निभाएं। राज्य शासन अपने स्तर पर सभी व्यवस्थाएं करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कोरोना संक्रमण के कारण बन रही पैनिक स्थिति को नियंत्रित करने में मीडिया से सहयोग की अपील की। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शुक्रवार को स्मार्ट उद्यान में पौध-रोपण के बाद मीडिया प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए कही। बड़े शासकीय भवनों में अस्पताल जैसी व्यवस्थाएं विकसित होंगी मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश के सभी बड़े शहरों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। कुल एक लाख बिस्तरों की व्यवस्था का लक्ष्य है। निजी अस्पतालों का सहयोग भी लिया जा रहा है। इन अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज की व्यवस्था भी की जा रही है। इसके साथ ही बड़े शासकीय भवनों में अस्पताल जैसी व्यवस्था विकसित करने की भी योजना है। इसके लिए निजी क्षेत्र को भी हम प्रस्ताव दे रहे हैं। ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। भारत सरकार ने भिलाई स्टील प्लांट से ऑक्सीजन की आपूर्ति पर सहमति दी है। इसके साथ ही केन्द्रीय रेल, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से चर्चा हुई है। उनकी ओर से भी आश्वासन प्राप्त हुआ है कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी। टीकाकरण के लिए विशेष अभियान मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी व्यक्तियों के टीकाकरण के लिए महात्मा ज्योतिबा फुले के जन्मदिवस 11 अप्रैल से डॉ. भीमराव अंबेडकर के जन्मदिवस 14 अप्रैल तक टीकाकरण के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। अभियान में ग्रामीण क्षेत्र में टीकाकरण के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में ''किल कोरोना-दो'' अभियान मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्र में ''किल कोरोना-दो'' अभियान संचालित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत गाँवों में सर्वे कर कोरोना प्रभावित व्यक्तियों को चिन्हित करते हुए उनकी उपयुक्त जाँच व इलाज की व्यवस्था की जाएगी। मास्क लगाना और सुरक्षित दूरी बनाए रखना जरूरी मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि कोरोना से बचाव के लिए अपना दायित्व निभाएँ। वैज्ञानिक निष्कर्ष यही है कि मास्क के उपयोग और सुरक्षित दूरी बनाए रखने से कोरोना से बचा जा सकता है। वर्तमान समय में स्वस्थ रहना सबसे बड़ी मानव सेवा है। मास्क लगाने, दूरी बनाए रखने, अनावश्यक भीड़ न लगाने जैसे आत्मानुशासन का पालन करें। कोरोना वॉलेंटियर्स को सौंपी जाएगी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य शासन के साथ सहयोग के लिए जुड़े कोरोना वॉलेंटियर्स को कोरोना संक्रमण के विरूद्ध अभियान में आवश्यकता के अनुसार जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
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9 April 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के सभी शहरों में शुक्रवार शाम 6.00 बजे से लॉकडाउन शुरू हो जाएगा। यह लॉकडाउन सोमवार सुबह 6.00 बजे तक प्रभावशील रहेगी। यानी कुल 60 घंटे सभी शहर पूरी तरह बंद रहेंगे। इनमें रतलाम जिले में नौ दिन का लॉकडाउन लगाया गया है, जबकि खरगोन, बड़वानी, कटनी और बैतूल में सभी बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान सात दिन बंद रहेंगे। दमोह में उपचुनाव के कारण लॉकडाउन नहीं लगाया गया है। वहीं, शाजपुर में बुधवार और छिंदवाड़ा में गुरुवार रात 8.00 बजे से एक सप्ताह का लॉकडाउन शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि पूरे मध्य प्रदेश में सभी शहर शुक्रवार शाम 6 बजे से शनिवार, रविवार, सोमवार को सुबह 6 बजे तक शहरी क्षेत्र बंद रहेंगे। यानी लॉकडाउन रहेगा। हम बड़े शहरों में कंटेनमेंट एरिया बना रहे हैं। ये परीक्षा की घड़ी है, हम कसर नहीं छोड़ेंगे। गृह विभाग द्वारा जारी नवीन निर्देशानुसार कुछ विशेष सेवाओं और व्यक्तियों को लॉकडाउन में प्रतिबंधों से छूट दी गई है। इनमें केमिस्ट, राशन दुकानें, अस्पताल, पेट्रोल पम्प, बैंक, एटीएम, दूध एवं सब्जी की दुकानों, एम्बुलेंस एवं फायर ब्रिगेड सेवाओं को छूट दी गई है। औद्योगिक मजदूरों, उद्योगों के लिये कच्चा/तैयार माल, उद्योगों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों के आवागमन, अन्य राज्यों से माल, सेवाओं का आवागमन, केन्द्र सरकार, राज्य सरकार एवं स्थानीय निकाय के अधिकारी-कर्मचारियों के आवागमन, टीकाकरण के लिये नागरिक/कर्मियों के आवागमन, परीक्षा केन्द्र आने-जाने वाले परीक्षार्थियों तथा परीक्षा केन्द्र एवं परीक्षा आयोजन से जुड़े कर्मचारियों एवं अधिकारियों के साथ ही बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट से आने-जाने वाले नागरिकों के आवागमन को भी प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है। इसके अतिरिक्त अन्य गतिविधियाँ, जिन्हें जिला कलेक्टर उचित समझें, लॉकडाउन से मुक्त रहेंगी। दमोह में लॉकडाउन नहीं रहेगा केवल दमोह में लॉकडाउन नहीं लगाया गया है। यहां 17 अप्रैल को विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान होना है। आचार संहिता लगी होने की वजह से लॉकडाउन लगाने का फैसला चुनाव अधिकारी को लेना होगा। उपचुनाव के चलते यहां नेताओं की रैलियां हो रही हैं।
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9 April 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के सभी शहरों में शुक्रवार शाम 6.00 बजे से लॉकडाउन शुरू हो जाएगा। यह लॉकडाउन सोमवार सुबह 6.00 बजे तक प्रभावशील रहेगी। यानी कुल 60 घंटे सभी शहर पूरी तरह बंद रहेंगे। इनमें रतलाम जिले में नौ दिन का लॉकडाउन लगाया गया है, जबकि खरगोन, बड़वानी, कटनी और बैतूल में सभी बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान सात दिन बंद रहेंगे। दमोह में उपचुनाव के कारण लॉकडाउन नहीं लगाया गया है। वहीं, शाजपुर में बुधवार और छिंदवाड़ा में गुरुवार रात 8.00 बजे से एक सप्ताह का लॉकडाउन शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि पूरे मध्य प्रदेश में सभी शहर शुक्रवार शाम 6 बजे से शनिवार, रविवार, सोमवार को सुबह 6 बजे तक शहरी क्षेत्र बंद रहेंगे। यानी लॉकडाउन रहेगा। हम बड़े शहरों में कंटेनमेंट एरिया बना रहे हैं। ये परीक्षा की घड़ी है, हम कसर नहीं छोड़ेंगे। गृह विभाग द्वारा जारी नवीन निर्देशानुसार कुछ विशेष सेवाओं और व्यक्तियों को लॉकडाउन में प्रतिबंधों से छूट दी गई है। इनमें केमिस्ट, राशन दुकानें, अस्पताल, पेट्रोल पम्प, बैंक, एटीएम, दूध एवं सब्जी की दुकानों, एम्बुलेंस एवं फायर ब्रिगेड सेवाओं को छूट दी गई है। औद्योगिक मजदूरों, उद्योगों के लिये कच्चा/तैयार माल, उद्योगों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों के आवागमन, अन्य राज्यों से माल, सेवाओं का आवागमन, केन्द्र सरकार, राज्य सरकार एवं स्थानीय निकाय के अधिकारी-कर्मचारियों के आवागमन, टीकाकरण के लिये नागरिक/कर्मियों के आवागमन, परीक्षा केन्द्र आने-जाने वाले परीक्षार्थियों तथा परीक्षा केन्द्र एवं परीक्षा आयोजन से जुड़े कर्मचारियों एवं अधिकारियों के साथ ही बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट से आने-जाने वाले नागरिकों के आवागमन को भी प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है। इसके अतिरिक्त अन्य गतिविधियाँ, जिन्हें जिला कलेक्टर उचित समझें, लॉकडाउन से मुक्त रहेंगी। दमोह में लॉकडाउन नहीं रहेगा केवल दमोह में लॉकडाउन नहीं लगाया गया है। यहां 17 अप्रैल को विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान होना है। आचार संहिता लगी होने की वजह से लॉकडाउन लगाने का फैसला चुनाव अधिकारी को लेना होगा। उपचुनाव के चलते यहां नेताओं की रैलियां हो रही हैं।
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9 April 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के सभी शहरों में शुक्रवार शाम 6.00 बजे से लॉकडाउन शुरू हो जाएगा। यह लॉकडाउन सोमवार सुबह 6.00 बजे तक प्रभावशील रहेगी। यानी कुल 60 घंटे सभी शहर पूरी तरह बंद रहेंगे। इनमें रतलाम जिले में नौ दिन का लॉकडाउन लगाया गया है, जबकि खरगोन, बड़वानी, कटनी और बैतूल में सभी बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान सात दिन बंद रहेंगे। दमोह में उपचुनाव के कारण लॉकडाउन नहीं लगाया गया है। वहीं, शाजपुर में बुधवार और छिंदवाड़ा में गुरुवार रात 8.00 बजे से एक सप्ताह का लॉकडाउन शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि पूरे मध्य प्रदेश में सभी शहर शुक्रवार शाम 6 बजे से शनिवार, रविवार, सोमवार को सुबह 6 बजे तक शहरी क्षेत्र बंद रहेंगे। यानी लॉकडाउन रहेगा। हम बड़े शहरों में कंटेनमेंट एरिया बना रहे हैं। ये परीक्षा की घड़ी है, हम कसर नहीं छोड़ेंगे। गृह विभाग द्वारा जारी नवीन निर्देशानुसार कुछ विशेष सेवाओं और व्यक्तियों को लॉकडाउन में प्रतिबंधों से छूट दी गई है। इनमें केमिस्ट, राशन दुकानें, अस्पताल, पेट्रोल पम्प, बैंक, एटीएम, दूध एवं सब्जी की दुकानों, एम्बुलेंस एवं फायर ब्रिगेड सेवाओं को छूट दी गई है। औद्योगिक मजदूरों, उद्योगों के लिये कच्चा/तैयार माल, उद्योगों में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारियों के आवागमन, अन्य राज्यों से माल, सेवाओं का आवागमन, केन्द्र सरकार, राज्य सरकार एवं स्थानीय निकाय के अधिकारी-कर्मचारियों के आवागमन, टीकाकरण के लिये नागरिक/कर्मियों के आवागमन, परीक्षा केन्द्र आने-जाने वाले परीक्षार्थियों तथा परीक्षा केन्द्र एवं परीक्षा आयोजन से जुड़े कर्मचारियों एवं अधिकारियों के साथ ही बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट से आने-जाने वाले नागरिकों के आवागमन को भी प्रतिबंध से मुक्त रखा गया है। इसके अतिरिक्त अन्य गतिविधियाँ, जिन्हें जिला कलेक्टर उचित समझें, लॉकडाउन से मुक्त रहेंगी। दमोह में लॉकडाउन नहीं रहेगा केवल दमोह में लॉकडाउन नहीं लगाया गया है। यहां 17 अप्रैल को विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान होना है। आचार संहिता लगी होने की वजह से लॉकडाउन लगाने का फैसला चुनाव अधिकारी को लेना होगा। उपचुनाव के चलते यहां नेताओं की रैलियां हो रही हैं।
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9 April 2021भोपाल। दमोह उपचुनाव के लिए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बुधवार को कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन के समर्थन में बांदकपुर व इमरिया में विशाल जनसभाओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि आज यहां मैंने भोलेनाथ के दरबार में दर्शन व पूजा-अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली, प्रदेशवासियों के अच्छे स्वास्थ्य, उन्नति व प्रगति की कामना की। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में कई तरह के चुनाव आते हैं, लोकसभा का चुनाव, विधानसभा का चुनाव, नगरीय निकाय का चुनाव, पंचायत का चुनाव, हर चुनाव के अपने मायने होते हैं। लोकसभा के माध्यम से हम अपना प्रतिनिधि दिल्ली भेजते हैं, विधानसभा के माध्यम से हम अपना प्रतिनिधि भोपाल भेजते हैं लेकिन आज हम सभी के सामने यह बुनियादी सवाल है कि दमोह में उपचुनाव क्यों हो रहा है? संविधान में प्रावधान है कि किसी सांसद या विधायक के निधन पर क्षेत्र में उपचुनाव होता है पर आज दमोह में उपचुनाव क्यों हो रहा है? यहां चुनाव किसी के निधन से नहीं बल्कि प्रजातंत्र के निधन से हो रहा है, आज क्षेत्र की जनता को इस बात को समझना होगा और इसका जवाब भाजपा से लेना होगा। कमलनाथ ने कहा कि आज बड़ी संख्या में युवा यहां मौजूद है, यही युवा प्रदेश का निर्माण करेंगे, उन्हें इस सच्चाई को समझना है क्योंकि सच्चाई ही आपका भविष्य सुरक्षित रखेगी। आप कमलनाथ का साथ मत देना, कांग्रेस का साथ मत देना, अजय टंडन का साथ मत देना पर सच्चाई का साथ जरूर देना। मैं आपसे माफी भी मांगता हूं कि हमने पिछले चुनावों में एक ऐसे प्रतिनिधि को उतारा था जिसने बीच में ही सौदा कर लिया। आज कोरोना की महामारी में चुनाव हो रहा है, आज कोरोना की क्या स्थिति है, सभी भली-भांति जानते हैं। हमारे मुख्यमंत्री शिवराज जी कल 24 घंटे के स्वास्थ्य आग्रह पर भोपाल के मिंटो हाल में बैठ गए? वह कहते हैं कि मैं सबको मास्क पहनाऊँगा लेकिन अस्पतालों में डॉक्टर नहीं पहचाऊँगा, दवाई नहीं पहचाऊँगा, मैं तो मिंटो हाल में बैठ जाऊंगा? शिवराज जी के इस नाटक व नौटंकी को आप सभी को पहचानना है। भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि अपनी 15 वर्ष की सरकार में उन्होंने कितनी झूठी घोषणाए की, कितने झूठे आश्वासन दिए? यह कहते हैं कि दिल्ली में हमारी सरकार, प्रदेश में हमारी सरकार लेकिन याद रखिए अब इनकी सरकार ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है। दमोह के भविष्य को कांग्रेस ही सुरक्षित रख सकती है। कमलनाथ ने कहा कि हम दमोह का विकास छिंदवाड़ा विकास मॉडल की तरह ही करेंगे। शिवराज जी तो कलाकारी की राजनीति करते हैं, मैं तो कहता हूं कि वो चुनाव में जेब में नारियल लेकर चलते हैं, जब मौका मिलता है फोड़ देते हैं, कितने झूठे हजारों नारियल उन्होंने आजतक फोड़े और फोडऩे के बाद पलट भी जाते हैं ,कहते हैं कि यह तो पुरानी बात थी। मैं आज आप सभी से यही निवेदन करता हूं कि अभी आप सभी ने ठान लिया तो दमोह में कांग्रेस का परचम व झंडा लहराने से कोई नहीं रोक सकता है।
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7 April 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बढ़ते कोरोना संक्रमण पर चिंता, जन-जागरूकता अभियान और कोरोना नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य आग्रह के माध्यम से व्यक्त हो रही पीड़ा और धर्मगुरुओं से संवाद की पहल अन्य सभी के लिए प्रेरणा बनेगी। यह बात ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कही। दरअसल, मुख्यमंत्री चौहान ने स्वास्थ्य आग्रह के दौरान राजधानी भोपाल के मिंटो हाल में बुधवार को विभिन्न धर्म गुरुओं के साथ कोरोना नियंत्रण पर विचार विमर्श किया। इस दौरान धर्म गुरुओं से संवाद कार्यक्रम में स्वामी चिदानंद भी ऑनलाइन जुड़े और कहा कि शरीर स्वस्थ है तो सभी स्वस्थ और सार्थक होता है। स्वामी जी ने कहा मुख्यमंत्री चौहान का स्वास्थ्य जागरूकता के लिए प्रयास सराहनीय है, प्रेरक है। मध्यप्रदेश स्वस्थ रहे, ये संकल्प लिया जा रहा है। स्वामी चिदानंद ने कहा कि सभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें पर दिल से परस्पर जुड़े रहें, दूर न हों। स्वामी जी ने कहा प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री चौहान के प्रयास प्रशंसनीय है। स्वामी जी ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान को कुंभ में दिन रात कार्य करते देखा है। वे तपस्या कर रहे हैं, साधना कर रहे हैं। धर्म गुरुओं से संवाद किया है। ये प्रयास देश को प्रेरणा देगा। चौहान साहब की पीड़ा हमारी प्रेरणा बने, हम सब मुकाबला कर जीतेंगे। सावधानियां रखें सभी। लोग सुरक्षा के लिए सिंगल ही नहीं बल्कि डबल मास्क लगाएं। धर्म गुरुओं की अपील का होगा प्रभाव: मुख्यमंत्री चौहान मुख्यमंत्री चौहान ने धर्म गुरुओं से आम जन को मार्गदर्शन देने का अनुरोध किया। चौहान ने कहा कि पूरे देश में जब कोरोना संक्रमण बढ़ रहा, ऐसे में समाज के सहयोग से ही वायरस पर नियंत्रण के उपायों को लागू किया जा सकता है। सावधानियों के पालन की धर्म गुरुओं की अपील कारगर होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्य में स्वैच्छिक वॉलेंटियर बनें और कोरोना नियंत्रण में सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना संक्रमण से जुड़ी दिक्कतों को दूर करने के लिए हेल्प डेस्क भी बनाई जा रही। चौहान ने कहा कि कुछ समर्पित कार्यकर्ता हों, जो कार्य करें जन-जागरूकता अभियान के लिए। ये कार्य निरंतर चलना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रार्थना का भी असर होता है। सभी की प्रार्थना अपने तरह की होती हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने संतों के आगमन के लिए और इस संकट में एकत्र होकर मार्गदर्शन देने के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ये रैन अंधेरी बीतेगी और सुहानी सुबह फिर आएगी। प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने भोपाल और सभी जिलों के धर्मगुरुओं का स्वागत किया और उनसे कोरोना नियंत्रण पर चर्चा की। इस दौरान अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने कोरोना की स्थिति पर प्रेजेंटेशन दिया। इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष गिरीश गौतम भी उपस्थित थे। कोरोना नियंत्रण पर संतों, धर्म प्रमुखों ने विचार रखे करुणाधाम आश्रम के स्वामी शांडिल्य महाराज ने कहा कि भय न हो, सभी सावधानी रखी जाएँ, मुख्यमंत्री चौहान के प्रयास सराहनीय है। आर्क बिशप लियो कार्नलियो ने कहा कि सरकार की सक्रियता से भारत और मध्यप्रदेश में कोरोना नियंत्रण हुआ, ये युद्ध है, जो कुशलता और सफलता से लड़ा जा रहा है। शहर काजी भोपाल ने बताया कि वैक्सीन के लिए हम प्रेरित कर रहे हैं, सोशल डिस्टेंसिग का पालन करेंगे। सरकार के निर्देश मानेंगे। सेहत की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक है। मुख्यमंत्री चौहान को बधाई देते हुए कहा कि वे निःसंदेह अच्छा कार्य कर रहे हैं। बोहरा धर्म गुरु शेख ताहिर अली ने कहा कि अल्लाह ने पैदा किया, सेहत की नैमत दी। यह महामारी किसी पे असर न कर जाए, ये फिक्र करते हैं मुख्यमंत्री चौहान। सिख धर्म गुरु ज्ञानी दिलीप सिंह ने कहा कि मास्क लगाओ, ये जरूरी है। ज्ञानी दिलीप सिंह ने मुख्यमंत्री चौहान की कोशिशों की सराहना की। बौद्ध धर्म गुरु शाक्य भंते ने कहा कि प्रदेश में संदेश जा रहा है, मुख्यमंत्री चौहान के जन-जागरूकता अभियान से, आप सुरक्षित तो परिवार सुरक्षित, मास्क लगायें, सभी, हमसे किसी को हानि न पहुंचे।
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7 April 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राजधानी भोपाल के मिंटो हॉल परिसर में 24 घंटे के लिए स्वास्थ्य आग्रह पर बैठे थे। बुधवार को उनका यह स्वास्थ्य आग्रह संपन्न हुआ। इस दौरान उन्होंने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए अनेक घोषणाएं कीं। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन का उपयोग अंतिम विकल्प के रूप में किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान का 24 घंटे का स्वास्थ्य आग्रह मंगलवार को दोपहर 12.30 बजे से शुरू हुआ था, जो बुधवार दोपहर तक चला। इस दौरान उन्होंने अपने नियमित सरकारी कार्य निपटाने के अलावा विभिन्न जिलों के अलग-अलग वर्ग के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य आग्रह समापन पर मीडिया से बातचीत में कहा कि सभी लोग मास्क पहनें, इसके लिए मास्क की पर्याप्त उपलब्धता भी जरूरी है। राज्य सरकार महिला स्व-सहायता समूहों एवं जीवन शक्ति योजना की महिला उद्यमियों के माध्यम से 10 लाख मास्क बनाकर उसका जनता में वितरण करवाएगी। उन्होंने कहा कि कोविड संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम के लिए लोकहित में छत्तीसगढ़ से आने-जाने वाली यात्री बसों का परिवहन 15 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्क न पहनना पाप करने के समान है। मास्क न पहनना अपराध की श्रेणी में आएगा और ऐसा करने वालों के विरुद्ध सख्ती की जाएगी। प्रदेश के सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता की लगातार निगरानी की जाएगी। प्रदेशभर में ''मेरी सुरक्षा-मेरा मास्क'' अभियान निरंतर संचालित किया जाएगा। इसके माध्यम से प्रदेश की सुरक्षा के लिए सभी को मास्क पहनने का आह्वान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि आयुष्मान भारत योजना के हितग्राहियों का सभी पात्र अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज हो। प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में दवाएं, चिकित्सा जांच और स्वास्थ्य अमले की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। कोरोना वालेंटियर्स को परिचय-पत्र प्रदान किए जाएंगे। सरकारी और निजी अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता की रियल टाइम जानकारी आम जनता को आसानी से उपलब्ध हो सके, हम इसकी भी व्यवस्था बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मास्क, ऑक्सीजन, दवाएं आदि की कालाबाजारी और अनावश्यक मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। होम आइसोलेटेड मरीज घर के बाहर न निकलें और प्रोटोकॉल का पालन करें, इसकी सख्त व्यवस्था बनाई जाएगी। जहां तक रेमिडीसिवर इंजेक्शन की कमी का प्रश्न है, सरकार इसको लेकर बहुत गंभीर है और हम जल्द ही इसके उपयोग के संबंध में मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी), प्रोटोकॉल निर्धारित कर जारी करने जा रहे हैं। इससे रेमिडीसिवर के अनावश्यक उपयोग पर लगाम लगेगी और अभाव दूर होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक हॉस्पिटल एडमिशन प्रोटोकॉल तैयार कर लागू किया जाएगा। इसका लाभ यह होगा कि हर पात्र मरीज को अस्पताल में दाखिल होने की सुविधा मिलेगी तथा जिन्हें भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है वे घर पर ही आइसोलेट रहकर उपचार करा सकेंगे। प्रदेश के जिन जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा है वहां ''किल कोरोना-2'' अभियान प्रारंभ किया जाएगा। इसके अंतर्गत घर-घर जाकर सर्वे करते हुए संभावित मरीजों को चिह्नित किया जाएगा।
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7 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को थामने के हर संभव प्रयास होंगे। मध्यप्रदेश सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। प्रदेश में मंत्रियों को विभिन्न जिलों में कोरोना संक्रमण के प्रयासों की समीक्षा का दायित्व सौंपा जा रहा है। मंत्रियों से प्राप्त सुझावों पर अमल भी किया जायेगा। निजी अस्पतालों में रोगियों के लिए व्यवस्थाएं बढ़ाई जायेंगी। विभिन्न तरह की जाँचों के लिए दरों का निर्धारण किया जा रहा है। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को राजधानी भोपाल के मिंटो हाल परिसर के अस्थायी सभा कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा मंत्रि-परिषद के सदस्यों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने मंत्रि-परिषद सदस्यों से सुझाव भी प्राप्त किए। प्रारंभ में राष्ट्र-गीत वंदे-मातरम का गायन हुआ। यह केबिनेट विशेष रूप से कोरोना संक्रमण के नियंत्रण संबंधी चर्चा के लिए की गई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गत सप्ताह कोरोना की विभिन्न तरह की टेस्टिंग की दरों को निर्धारित किया गया है। अन्य मशीनों जैसे वेंटिलेटर के उपयोग और पैथोलॉजिकल जाँचों की दरें निर्धारित करने का कदम उठाया जा रहा है। आमजन को नई दरों से अवगत करवाया जाएगा। चौहान ने कहा कि शाजापुर में संक्रमण रोकने के प्रयास बढ़ाए जाएंगे और राजधानी से दल भी भेजा जाएगा। भोपाल में निजी क्षेत्र में नवीन कोविड केयर सेंटर बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। आवश्यकता हुई तो अन्य निजी अस्पतालों में भी व्यवस्थाएं बढ़ाई जायेंगी। निर्धन तबके के रोगियों को आयुष्मान योजना में उपचार की सुविधा देकर लाभान्वित किया जाएगा। वेंटिलेटर्स मिलेंगे बताया गया कि भारत सरकार से इस सप्ताह प्रदेश को 350 वेंटिलेटर प्राप्त हो रहे हैं। वर्तमान बेड क्षमता 24 हजार है जिसे बढ़ाकर इसी सप्ताह 36 हजार कर दिया जाएगा। 12 स्थानों पर संडे लॉकडाउन बैठक में जानकारी दी गई कि संडे लॉकडाउन भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, विदिशा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, बड़वानी, बैतूल, खरगोन और रतलाम में यथावत रहेगा। अलग-अलग कार्यों के लिए बनेंगे वॉलेंटियर्स मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रियों को जानकारी दी कि कोरोना संक्रमण को समाप्त करने में हर व्यक्ति की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आज से प्रदेश में 'मैं कोरोना वॉलेंटियर हूँ' अभियान प्रारंभ किया गया है। कोई भी व्यक्ति 181नंबर पर संपर्क कर अथवा https://mp.mygov.in/ वेबसाइट पर कोरोना वॉलेंटियर के रूप में अपना पंजीयन करवा सकता है। सभी विभिन्न तरह के कार्य करेंगे। कोरोना स्वयं-सेवक लोगों को मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने, वैक्सीनेशन करवाने आदि के लिए प्रेरित करेंगे तथा इस कार्य में उनकी मदद भी करेंगे। प्रदेश के नगरों का पॉजिटिविटी रेट बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में सर्वाधिक पॉजिटिविटी रेट 20% भोपाल में है। इसके अलावा इंदौर, बड़वानी, नरसिंहपुर और खरगोन में 15%-15%, रतलाम में 14%, बैतूल में 13%, जबलपुर में 12% और ग्वालियर और उज्जैन में 9% पॉजिटिविटी रेट है। प्रदेश के कुल कोरोना संक्रमित रोगियों में से 61% रोगी होम आईसोलेशन में हैं, और 39% रोगी अस्पतालों में भर्ती हैं। वैक्सीनेशन कार्य प्रदेश में वर्तमान में वैक्सीनेशन कार्य में तेजी लाई गई है। गत 1 अप्रैल को सर्वाधिक 3 लाख 79 हजार 320 लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है। अब तक लगभग 45 लाख नागरिक वैक्सीनेशन करवा चुके हैं। प्रदेश में 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक लगभग 71 लाख है, जिनमें से 21 लाख व्यक्ति वैक्सीन लगवा चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग का प्रेजेंटेशन अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने मंत्रियों के समक्ष दिए गए प्रेजेंटेशन में बताया कि संक्रमण को रोकने के लिए जन-जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान स्वयं इसका नेतृत्व कर रहे हैं। रेस्टोरेंट्स आदि से सिर्फ टेक अवे सुविधा उपलब्ध है। बड़े आयोजन और मेले आदि प्रतिबंधित हैं। शिक्षण संस्थाओं को भी 15 अप्रैल तक खोले जाने पर प्रतिबंध है। महाराष्ट्र से परिवहन पर भी प्रतिबंध है। प्रदेश में 720 फीवर क्लीनिक कार्य कर रही हैं। किल कोरोना अभियान के द्वितीय चरण को प्रारंभ करने की तैयारी भी की गई है। कोरोना की जाँच के लिए आरटी-पीसीआर और आर. ए. टी. पद्धतियों से जाँच शुल्क क्रमशः 700 और 300 रुपए करने के आदेश जारी हो गए हैं। घर से सैंपल लिए जाने पर 200 रुपए की राशि अतिरिक्त रूप से लगेगी। अस्पतालों में बिस्तर क्षमता में निरंतर वृद्धि की जा रही है। मंत्रियों ने की जागरूकता अभियान की सराहना केबिनेट की वर्चुअल बैठक में विभिन्न जिलों में उपस्थित मंत्रियों ने मुख्यमंत्री चौहान द्वारा कोरोना संक्रमण के प्रति आम लोगों को जागरूक बनाने के अभियान की सराहना की। मंत्री तुलसीराम सिलावट, कमल पटेल, प्रद्युमन सिंह तोमर, इंदर सिंह परमार और डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि जन-जागरण अभियान से कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोकने में मदद मिलेगी। मंत्रियों ने मुख्यमंत्री चौहान के अभियान का समर्थन करते हुए अपनी ओर से पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। मंत्री ओ.पी.एस. भदौरिया ने कहा कि भिंड में बहुत कम मामले कोरोना के सामने आए हैं। वर्तमान में सिर्फ 21 पॉजिटिव प्रकरण हैं। सार्थक प्रयासों से जन-जागृति बढ़ रही है। जिले में 120 रोगियों के लिए उपचार सुविधा उपलब्ध हैं। आम नागरिक मास्क का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कर रहे हैं। मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कोई व्यक्ति नहीं कर सकता, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को मास्क अनिवार्य रूप से लगाना है। मुख्यमंत्री चौहान द्वारा जन-जागरूकता अभियान का संचालन और नेतृत्व प्रशंसनीय है। जन-सहयोग से ही इस संक्रमण को रोका जा सकेगा। बैठक में मंत्रियों द्वारा सुझाव भी दिए गए।
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6 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को थामने के हर संभव प्रयास होंगे। मध्यप्रदेश सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। प्रदेश में मंत्रियों को विभिन्न जिलों में कोरोना संक्रमण के प्रयासों की समीक्षा का दायित्व सौंपा जा रहा है। मंत्रियों से प्राप्त सुझावों पर अमल भी किया जायेगा। निजी अस्पतालों में रोगियों के लिए व्यवस्थाएं बढ़ाई जायेंगी। विभिन्न तरह की जाँचों के लिए दरों का निर्धारण किया जा रहा है। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को राजधानी भोपाल के मिंटो हाल परिसर के अस्थायी सभा कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा मंत्रि-परिषद के सदस्यों से चर्चा करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने मंत्रि-परिषद सदस्यों से सुझाव भी प्राप्त किए। प्रारंभ में राष्ट्र-गीत वंदे-मातरम का गायन हुआ। यह केबिनेट विशेष रूप से कोरोना संक्रमण के नियंत्रण संबंधी चर्चा के लिए की गई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गत सप्ताह कोरोना की विभिन्न तरह की टेस्टिंग की दरों को निर्धारित किया गया है। अन्य मशीनों जैसे वेंटिलेटर के उपयोग और पैथोलॉजिकल जाँचों की दरें निर्धारित करने का कदम उठाया जा रहा है। आमजन को नई दरों से अवगत करवाया जाएगा। चौहान ने कहा कि शाजापुर में संक्रमण रोकने के प्रयास बढ़ाए जाएंगे और राजधानी से दल भी भेजा जाएगा। भोपाल में निजी क्षेत्र में नवीन कोविड केयर सेंटर बनाने पर भी विचार किया जा रहा है। आवश्यकता हुई तो अन्य निजी अस्पतालों में भी व्यवस्थाएं बढ़ाई जायेंगी। निर्धन तबके के रोगियों को आयुष्मान योजना में उपचार की सुविधा देकर लाभान्वित किया जाएगा। वेंटिलेटर्स मिलेंगे बताया गया कि भारत सरकार से इस सप्ताह प्रदेश को 350 वेंटिलेटर प्राप्त हो रहे हैं। वर्तमान बेड क्षमता 24 हजार है जिसे बढ़ाकर इसी सप्ताह 36 हजार कर दिया जाएगा। 12 स्थानों पर संडे लॉकडाउन बैठक में जानकारी दी गई कि संडे लॉकडाउन भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, विदिशा, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, बड़वानी, बैतूल, खरगोन और रतलाम में यथावत रहेगा। अलग-अलग कार्यों के लिए बनेंगे वॉलेंटियर्स मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रियों को जानकारी दी कि कोरोना संक्रमण को समाप्त करने में हर व्यक्ति की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आज से प्रदेश में 'मैं कोरोना वॉलेंटियर हूँ' अभियान प्रारंभ किया गया है। कोई भी व्यक्ति 181नंबर पर संपर्क कर अथवा https://mp.mygov.in/ वेबसाइट पर कोरोना वॉलेंटियर के रूप में अपना पंजीयन करवा सकता है। सभी विभिन्न तरह के कार्य करेंगे। कोरोना स्वयं-सेवक लोगों को मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग रखने, वैक्सीनेशन करवाने आदि के लिए प्रेरित करेंगे तथा इस कार्य में उनकी मदद भी करेंगे। प्रदेश के नगरों का पॉजिटिविटी रेट बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में सर्वाधिक पॉजिटिविटी रेट 20% भोपाल में है। इसके अलावा इंदौर, बड़वानी, नरसिंहपुर और खरगोन में 15%-15%, रतलाम में 14%, बैतूल में 13%, जबलपुर में 12% और ग्वालियर और उज्जैन में 9% पॉजिटिविटी रेट है। प्रदेश के कुल कोरोना संक्रमित रोगियों में से 61% रोगी होम आईसोलेशन में हैं, और 39% रोगी अस्पतालों में भर्ती हैं। वैक्सीनेशन कार्य प्रदेश में वर्तमान में वैक्सीनेशन कार्य में तेजी लाई गई है। गत 1 अप्रैल को सर्वाधिक 3 लाख 79 हजार 320 लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है। अब तक लगभग 45 लाख नागरिक वैक्सीनेशन करवा चुके हैं। प्रदेश में 60 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक लगभग 71 लाख है, जिनमें से 21 लाख व्यक्ति वैक्सीन लगवा चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग का प्रेजेंटेशन अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने मंत्रियों के समक्ष दिए गए प्रेजेंटेशन में बताया कि संक्रमण को रोकने के लिए जन-जागरूकता अभियान संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान स्वयं इसका नेतृत्व कर रहे हैं। रेस्टोरेंट्स आदि से सिर्फ टेक अवे सुविधा उपलब्ध है। बड़े आयोजन और मेले आदि प्रतिबंधित हैं। शिक्षण संस्थाओं को भी 15 अप्रैल तक खोले जाने पर प्रतिबंध है। महाराष्ट्र से परिवहन पर भी प्रतिबंध है। प्रदेश में 720 फीवर क्लीनिक कार्य कर रही हैं। किल कोरोना अभियान के द्वितीय चरण को प्रारंभ करने की तैयारी भी की गई है। कोरोना की जाँच के लिए आरटी-पीसीआर और आर. ए. टी. पद्धतियों से जाँच शुल्क क्रमशः 700 और 300 रुपए करने के आदेश जारी हो गए हैं। घर से सैंपल लिए जाने पर 200 रुपए की राशि अतिरिक्त रूप से लगेगी। अस्पतालों में बिस्तर क्षमता में निरंतर वृद्धि की जा रही है। मंत्रियों ने की जागरूकता अभियान की सराहना केबिनेट की वर्चुअल बैठक में विभिन्न जिलों में उपस्थित मंत्रियों ने मुख्यमंत्री चौहान द्वारा कोरोना संक्रमण के प्रति आम लोगों को जागरूक बनाने के अभियान की सराहना की। मंत्री तुलसीराम सिलावट, कमल पटेल, प्रद्युमन सिंह तोमर, इंदर सिंह परमार और डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि जन-जागरण अभियान से कोरोना संक्रमण की रफ्तार को रोकने में मदद मिलेगी। मंत्रियों ने मुख्यमंत्री चौहान के अभियान का समर्थन करते हुए अपनी ओर से पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। मंत्री ओ.पी.एस. भदौरिया ने कहा कि भिंड में बहुत कम मामले कोरोना के सामने आए हैं। वर्तमान में सिर्फ 21 पॉजिटिव प्रकरण हैं। सार्थक प्रयासों से जन-जागृति बढ़ रही है। जिले में 120 रोगियों के लिए उपचार सुविधा उपलब्ध हैं। आम नागरिक मास्क का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी कर रहे हैं। मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कोई व्यक्ति नहीं कर सकता, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को मास्क अनिवार्य रूप से लगाना है। मुख्यमंत्री चौहान द्वारा जन-जागरूकता अभियान का संचालन और नेतृत्व प्रशंसनीय है। जन-सहयोग से ही इस संक्रमण को रोका जा सकेगा। बैठक में मंत्रियों द्वारा सुझाव भी दिए गए।
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6 April 2021भोपाल। कोरोना जागरूकता के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 24 घंटे के लिए 'स्वास्थ्य आग्रह' का ऐलान किया है। इसके मद्देनजर सीएम शिवराज आज मंगलवार दोपहर 12.30 बजे से मिंटो हाल में गांधी की प्रतिमा के सामने बैठेंगे और प्रदेश के लोगों को जागरुक करेंगे। इस दौरान सीएम कार्यालय की सभी कार्रवाई खुले आसमान के नीचे होगी। दोपहर 12:15 बजे कैबिनेट की बैठक में सीएम मंत्रियों के साथ चर्चा करेंगे। इसके अलावा गांधी की प्रतिमा के सामने ही सीएम शिवराज कोरोना की समीक्षा बैठक करेंगे। मुख्यमंत्री रात्रि विश्राम भी मिंटो हाल परिसर में ही करेंगे। सीएम के इस आयोजन को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने नौटंकी बताया है। कमलनाथ ने कहा है कि जब भी प्रदेशवासियो को सरकार की ज़रूरत होती है, न्याय की आवश्यकता होती है, प्रदेश में विपरीत परिस्थितियाँ आती है तो चुनौतियों का सामना करने की बजाय हमारे शिवराज जी मुद्दों से ध्यान मोडऩे के लिये उपवास - सत्याग्रह जैसे आयोजन करने लग जाते है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मंदसौर में पीपलिया मंडी में जब किसानो के सीने पर गोलियाँ दागी गयी, किसानों की मौत हुई, तब किसान मुख्यमंत्री को अपने पास पुकारता रहा लेकिन हमारे शिवराज जी उनके पास जाने की बजाय भोपाल उपवास पर बैठ गये? पूर्व सीएम ने कहा कि आज जब प्रदेश के नागरिकों को संकट के इस दौर में सरकार व मुखिया की ज़रूरत है। आज लोगों को अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पा रहा है, गऱीबों को मुफ़्त इलाज की दरकार है, अस्पतालों में डॉक्टर्स की कमी है, अस्पतालों में बेड नहीं है, कई जिलो में वैक्सीन ख़त्म है, टेस्टिंग नहीं हो पा रही है, आवश्यक दवाइयों व इंजेक्शनो की कमी है, इलाज के नाम पर कालाबाज़ारी व लूट- खसोट का खेल जारी है। कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि कोरोना के आँकड़े भयावह होते जा रहे है, तब आवश्यक निर्णय लेने, जनता को न्याय दिलवाने व चुनौतियों का सामना करने की बजाय, मुद्दों से ध्यान मोडऩे के लिये शिवराज जी 24 घंटे के लिये मिंटो हाल में स्वास्थ्य आग्रह पर बैठ रहे है ? पता नहीं इस 24 घंटे के आग्रह की नौटंकी से प्रदेश से कोरोना कैसा भागेगा , लोगों को न्याय कैसे मिलेगा , इलाज कैसे मिलेगा , बदहाल स्वास्थ्य सेवाएँ कैसे सुधरेगी , संक्रमण कैसे कम होगा , यह तो शिवराज जी ही बता सकते है ?
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6 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जनता से अपील करते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सभी मास्क लगाएं, अपने परिवार के सभी सदस्यों को मास्क लगवाएं, दूसरों को ऐसा करने के लिए प्रेरित करें तथा इसके माध्यम से प्रदेश व देश की कोरोना से रक्षा करें। उन्होंने स्लोगन दिया कि 'मैंने किया है आप भी करें।' दरअसल, मुख्यमंत्री ने सोमवार सायं अपने निवास पर अपनी धर्मपत्नी साधना सिंह तथा बच्चों कार्तिकेय एवं कुणाल को स्वयं मास्क लगाकर कोरोना के विरुद्ध जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत की। उन्होंने जनता से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए अपील करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति बिना मास्क लगाए अपने घर से न निकले। यदि कोई दूसरा व्यक्ति उनसे बात करता है तथा उसने मास्क नहीं लगा रखा है तो उस व्यक्ति से बात न करें। 'मास्क नहीं तो बात नहीं।' मास्क नहीं तो सामान नहीं मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी दुकान पर बिना मास्क लगाए सामान लेने जाता है और सामान मांगता है तो दुकानदार उसे सामान न दे। 'मास्क नहीं तो सामान नहीं।' सभी सावधानियों का पालन करें मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना के विरुद्ध हमें सभी सावधानियों का पालन करना चाहिए। मास्क लगाने के साथ ही एक दूसरे से सुरक्षित दूरी, बार-बार हाथों को साफ करना, सैनिटाइज करना आदि का पालन करें तथा दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।
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5 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जनता से अपील करते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सभी मास्क लगाएं, अपने परिवार के सभी सदस्यों को मास्क लगवाएं, दूसरों को ऐसा करने के लिए प्रेरित करें तथा इसके माध्यम से प्रदेश व देश की कोरोना से रक्षा करें। उन्होंने स्लोगन दिया कि 'मैंने किया है आप भी करें।' दरअसल, मुख्यमंत्री ने सोमवार सायं अपने निवास पर अपनी धर्मपत्नी साधना सिंह तथा बच्चों कार्तिकेय एवं कुणाल को स्वयं मास्क लगाकर कोरोना के विरुद्ध जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत की। उन्होंने जनता से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए अपील करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति बिना मास्क लगाए अपने घर से न निकले। यदि कोई दूसरा व्यक्ति उनसे बात करता है तथा उसने मास्क नहीं लगा रखा है तो उस व्यक्ति से बात न करें। 'मास्क नहीं तो बात नहीं।' मास्क नहीं तो सामान नहीं मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी दुकान पर बिना मास्क लगाए सामान लेने जाता है और सामान मांगता है तो दुकानदार उसे सामान न दे। 'मास्क नहीं तो सामान नहीं।' सभी सावधानियों का पालन करें मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना के विरुद्ध हमें सभी सावधानियों का पालन करना चाहिए। मास्क लगाने के साथ ही एक दूसरे से सुरक्षित दूरी, बार-बार हाथों को साफ करना, सैनिटाइज करना आदि का पालन करें तथा दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।
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5 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की जनता से अपील करते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सभी मास्क लगाएं, अपने परिवार के सभी सदस्यों को मास्क लगवाएं, दूसरों को ऐसा करने के लिए प्रेरित करें तथा इसके माध्यम से प्रदेश व देश की कोरोना से रक्षा करें। उन्होंने स्लोगन दिया कि 'मैंने किया है आप भी करें।' दरअसल, मुख्यमंत्री ने सोमवार सायं अपने निवास पर अपनी धर्मपत्नी साधना सिंह तथा बच्चों कार्तिकेय एवं कुणाल को स्वयं मास्क लगाकर कोरोना के विरुद्ध जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत की। उन्होंने जनता से कोरोना संक्रमण रोकने के लिए अपील करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति बिना मास्क लगाए अपने घर से न निकले। यदि कोई दूसरा व्यक्ति उनसे बात करता है तथा उसने मास्क नहीं लगा रखा है तो उस व्यक्ति से बात न करें। 'मास्क नहीं तो बात नहीं।' मास्क नहीं तो सामान नहीं मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी दुकान पर बिना मास्क लगाए सामान लेने जाता है और सामान मांगता है तो दुकानदार उसे सामान न दे। 'मास्क नहीं तो सामान नहीं।' सभी सावधानियों का पालन करें मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना के विरुद्ध हमें सभी सावधानियों का पालन करना चाहिए। मास्क लगाने के साथ ही एक दूसरे से सुरक्षित दूरी, बार-बार हाथों को साफ करना, सैनिटाइज करना आदि का पालन करें तथा दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करें।
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5 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिदिन पौधा रोपण के अपने संकल्प की कड़ी में सोमवार को स्मार्ट उद्यान में एक पौधे का रोपण किया। उन्होंने नीम का पौधा रोपा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पौधा लगाने से ज्यादा जरूरी है कि उसका पूरा संरक्षण किया जाए। क्यों ज्यादा जरूरी है नीम का पौधा एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है। नीम स्वाद में भले ही कड़वा हो, लेकिन इससे होने वाले लाभ अमृत के समान होते हैं। चिकित्सा शास्त्रियों के अनुसार विषैले कीटों के काट लेने पर, नीम के पत्तों को महीन पीस कर काटे गए स्थान पर उसका लेप करने से राहत मिलती है और जहर भी नहीं फैलता। किसी प्रकार का घाव हो जाने पर भी नीम के पत्तों का लेप लगाने से काफी लाभ मिलता है। इसके अलावा जैतून के तेल के साथ नीम की पत्तिहयों का पेस्ट बनाकर लगाने से नासूर भी ठीक हो जाता है। दाद या खुजली की समस्याएं होने पर, नीम की पत्तिनयों को दही के साथ पीसकर लगाने पर काफी जल्दी लाभ होता है। गुर्दे में पथरी होने की स्थिति में नीम के पत्तों की राख को 2 ग्राम लेकर, प्रतिदिन पानी के साथ लेने पर पथरी गलने लगती है और मूत्र के साथ बाहर निकल जाती है। मलेरिया बुखार होने की स्थिति में नीम की छाल को पानी में उबालकर, उसका काढ़ा बना लें। अब इस काढ़े को दिन में तीन बार, दो बड़े चम्मच भरकर पीने से बुखार ठीक होता है और कमजोरी भी ठीक होती है। नीम के तेल का प्रयोग करना त्वचा रोग के लिए लाभकारी होता है। नीम के तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर शरीर पर मालिश करने से त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं। नीम के पत्ते के डंठल में, खाँसी, बवासीर, प्रमेह और पेट में होने वाले कीड़ों को खत्म करने के गुण होते हैं। इसे प्रतिदिन चबाने या फिर उबालकर पीने से लाभ होता है। सिरदर्द, दाँत दर्द, हाथ-पैर दर्द और सीने में दर्द की समस्या होने पर नीम के तेल की मालिश से काफी लाभ मिलता है। इसके फल निमौरी का उपयोग कफ और कृमिनाशक के रूप में किया जाता है। नीम के दातून से दांत मजबूत होते हैं और पायरिया की बीमारी भी समाप्त होती है। नीम की पत्तियों का काढ़ा बनाकर उससे कुल्ला करने पर दांत व मसूढ़े स्वस्थ रहते हैं। मुंह से दुर्गंध भी नहीं आती। चेहरे पर कील-मुहाँसे होने पर नीम की छाल को पानी में घिसकर लगाने से फायदा होता है।
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5 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिदिन पौधा रोपण के अपने संकल्प की कड़ी में सोमवार को स्मार्ट उद्यान में एक पौधे का रोपण किया। उन्होंने नीम का पौधा रोपा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पौधा लगाने से ज्यादा जरूरी है कि उसका पूरा संरक्षण किया जाए। क्यों ज्यादा जरूरी है नीम का पौधा एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है। नीम स्वाद में भले ही कड़वा हो, लेकिन इससे होने वाले लाभ अमृत के समान होते हैं। चिकित्सा शास्त्रियों के अनुसार विषैले कीटों के काट लेने पर, नीम के पत्तों को महीन पीस कर काटे गए स्थान पर उसका लेप करने से राहत मिलती है और जहर भी नहीं फैलता। किसी प्रकार का घाव हो जाने पर भी नीम के पत्तों का लेप लगाने से काफी लाभ मिलता है। इसके अलावा जैतून के तेल के साथ नीम की पत्तिहयों का पेस्ट बनाकर लगाने से नासूर भी ठीक हो जाता है। दाद या खुजली की समस्याएं होने पर, नीम की पत्तिनयों को दही के साथ पीसकर लगाने पर काफी जल्दी लाभ होता है। गुर्दे में पथरी होने की स्थिति में नीम के पत्तों की राख को 2 ग्राम लेकर, प्रतिदिन पानी के साथ लेने पर पथरी गलने लगती है और मूत्र के साथ बाहर निकल जाती है। मलेरिया बुखार होने की स्थिति में नीम की छाल को पानी में उबालकर, उसका काढ़ा बना लें। अब इस काढ़े को दिन में तीन बार, दो बड़े चम्मच भरकर पीने से बुखार ठीक होता है और कमजोरी भी ठीक होती है। नीम के तेल का प्रयोग करना त्वचा रोग के लिए लाभकारी होता है। नीम के तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर शरीर पर मालिश करने से त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं। नीम के पत्ते के डंठल में, खाँसी, बवासीर, प्रमेह और पेट में होने वाले कीड़ों को खत्म करने के गुण होते हैं। इसे प्रतिदिन चबाने या फिर उबालकर पीने से लाभ होता है। सिरदर्द, दाँत दर्द, हाथ-पैर दर्द और सीने में दर्द की समस्या होने पर नीम के तेल की मालिश से काफी लाभ मिलता है। इसके फल निमौरी का उपयोग कफ और कृमिनाशक के रूप में किया जाता है। नीम के दातून से दांत मजबूत होते हैं और पायरिया की बीमारी भी समाप्त होती है। नीम की पत्तियों का काढ़ा बनाकर उससे कुल्ला करने पर दांत व मसूढ़े स्वस्थ रहते हैं। मुंह से दुर्गंध भी नहीं आती। चेहरे पर कील-मुहाँसे होने पर नीम की छाल को पानी में घिसकर लगाने से फायदा होता है।
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5 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिदिन पौधा रोपण के अपने संकल्प की कड़ी में सोमवार को स्मार्ट उद्यान में एक पौधे का रोपण किया। उन्होंने नीम का पौधा रोपा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पौधा लगाने से ज्यादा जरूरी है कि उसका पूरा संरक्षण किया जाए। क्यों ज्यादा जरूरी है नीम का पौधा एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है। नीम स्वाद में भले ही कड़वा हो, लेकिन इससे होने वाले लाभ अमृत के समान होते हैं। चिकित्सा शास्त्रियों के अनुसार विषैले कीटों के काट लेने पर, नीम के पत्तों को महीन पीस कर काटे गए स्थान पर उसका लेप करने से राहत मिलती है और जहर भी नहीं फैलता। किसी प्रकार का घाव हो जाने पर भी नीम के पत्तों का लेप लगाने से काफी लाभ मिलता है। इसके अलावा जैतून के तेल के साथ नीम की पत्तिहयों का पेस्ट बनाकर लगाने से नासूर भी ठीक हो जाता है। दाद या खुजली की समस्याएं होने पर, नीम की पत्तिनयों को दही के साथ पीसकर लगाने पर काफी जल्दी लाभ होता है। गुर्दे में पथरी होने की स्थिति में नीम के पत्तों की राख को 2 ग्राम लेकर, प्रतिदिन पानी के साथ लेने पर पथरी गलने लगती है और मूत्र के साथ बाहर निकल जाती है। मलेरिया बुखार होने की स्थिति में नीम की छाल को पानी में उबालकर, उसका काढ़ा बना लें। अब इस काढ़े को दिन में तीन बार, दो बड़े चम्मच भरकर पीने से बुखार ठीक होता है और कमजोरी भी ठीक होती है। नीम के तेल का प्रयोग करना त्वचा रोग के लिए लाभकारी होता है। नीम के तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर शरीर पर मालिश करने से त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं। नीम के पत्ते के डंठल में, खाँसी, बवासीर, प्रमेह और पेट में होने वाले कीड़ों को खत्म करने के गुण होते हैं। इसे प्रतिदिन चबाने या फिर उबालकर पीने से लाभ होता है। सिरदर्द, दाँत दर्द, हाथ-पैर दर्द और सीने में दर्द की समस्या होने पर नीम के तेल की मालिश से काफी लाभ मिलता है। इसके फल निमौरी का उपयोग कफ और कृमिनाशक के रूप में किया जाता है। नीम के दातून से दांत मजबूत होते हैं और पायरिया की बीमारी भी समाप्त होती है। नीम की पत्तियों का काढ़ा बनाकर उससे कुल्ला करने पर दांत व मसूढ़े स्वस्थ रहते हैं। मुंह से दुर्गंध भी नहीं आती। चेहरे पर कील-मुहाँसे होने पर नीम की छाल को पानी में घिसकर लगाने से फायदा होता है।
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5 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना की कठिन परिस्थितियों में किसान की कर्मठता ही अर्थ-व्यवस्था का आधार बनी है। प्रदेश में पिछले साल हुए अनाज के भरपूर उत्पादन ने प्रदेश ही नहीं देश को मजबूती प्रदान की। राज्य सरकार किसान की आय को दोगुनी करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। खेती-पशुपालन- उद्यानिकी- मछली पालन- सहकारिता को समग्रता में लेकर फसलों के विविधीकरण, फूड प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और सही मार्केटिंग से हमारे प्रदेश के उत्पाद देश ही नहीं दुनिया में धूम मचायेंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर शनिवार को राजधानी भोपाल के मिंटों हाल में आयोजित राज्य स्तरीय मिशन अर्थ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान ने मिशन अर्थ के अंतर्गत भदभदा भोपाल में 47 करोड़ 50 लाख रूपये की लागत से स्थापित देश की दूसरी अत्याधुनिक सीमन उत्पादन प्रयोगशाला का डिजीटली लोकार्पण किया। कार्यक्रम में विभिन्न ग्राम पंचायतों में 260 करोड़ रूपये की लागत से बनी 985 सामुदायिक गौ-शालाओं का लोकार्पण और 50 करोड़ रूपये से बनने जा रही 145 सामुदायिक गौ शालाओं का शिलान्यास भी किया गया। चौहान ने मिशन अर्थ कार्यक्रम में 33 विद्युत उपकेंद्रों का लोकार्पण और चार उप केन्द्रों का भूमि पूजन भी किया। इनकी कुल लागत 1530 करोड़ रूपये है। उन्होंने प्रदेश में स्व-सहायता समूहों द्वारा उद्यानिकी रोपणियों में उत्पादित 80 लाख पौधे प्रदेशवासियों को समर्पित किये। इसके साथ ही किसान उत्पादक संगठन और कृषि अधोसंरचना निधि के हितग्राहियों को चेक भी वितरित किये। कन्या पूजन और मध्यप्रदेश गान से आरंभ हुए इस कार्यक्रम में पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेम सिंह पटेल, किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, उर्जा मंत्री प्रद्युम सिंह तोमर, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंसकरण मंत्री भारत सिंह कुशवाह तथा विधायक रामेश्वर शर्मा उपस्थित थे। राज्य स्तरीय कार्यक्रम से सभी जिले डिजिटली जुड़े थे। भोपाल में स्थापित अत्याधुनिक सीमन उत्पादन प्रयोगशाला पर लघु फिल्म का प्रस्तुतिकरण भी किया गया। गोबर शिल्प से बनी मूर्ति व पुस्तक भेंट मुख्यमंत्री चौहान को पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल द्वारा गोबर से शिल्प से बनी मूर्ति तथा गोबर शिल्प से ही बनी पुस्तक 'काऊ अवर अल्टीमेट सेवियर' भेंट की गई। इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गोबर से ऐसे नवाचार सोच से परे हैं। इन गतिविधियों से लगता है कि हमारी गौ शालायें आत्म-निर्भर होंगी। कोरोना से सरकार और समाज को मिलकर लड़ना है मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण के विरूद्ध लड़ाई राज्य सरकार और समाज को मिलकर लड़ना है। मास्क लगाने के नियम का गंभीरता से पालन करें, इसे किसी भी स्थिति में हल्के में न लें। उन्होंने प्रदेशवासियों से स्वप्रेरणा से टीकाकरण के लिए आगे आने की अपील की। चौहान ने कहा कि अर्थ-व्यवस्था प्रभावित नहीं हो इसके लिए लॉकडाउन नहीं लगाया जा रहा है। कोरोना को नियंत्रित करने के लिए आप सब का सहयोग आवश्यक है। समर्थन मूल्य से अधिक मिलने पर ही किसान बाजार में बेचें अपना उत्पाद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना काल में आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया। इस कड़ी में आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोड मैप विकसित किया गया। अर्थ व्यवस्था और रोजगार इस रोड मैप के आधार हैं। प्रदेश के युवा और किसानों में क्षमता,प्रतिभा और योग्यता है। किसान उत्पादक संगठन कृषकों की एकता, पहल और प्रगति का प्रतीक बनेगें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यदि किसानों को समर्थन मूल्य से अधिक कीमत मिले तो ही वे अपना उत्पाद बाजार में बेचें। राज्य सरकार किसानों का एक- एक दाना खरीदेगी। सीमन उत्पादन प्रयोगशाला भदभदा भोपाल में स्थापित सेक्स सॉर्टेड सीमन प्रोडक्शन फेसलिटी से उच्च अनुवांशिकता के देशी साण्डों जैसे गिर, साहीवाल, थारपारकर और भैंस की मुर्रा नस्लों का सेक्स सॉरटेड उत्पादन किया जा सकेगा। इसके उपयोग से 90 प्रतिशत बछिया ही पैदा होगी जिससे उच्च अनुवांशिक गुणवत्ता की मादाओं की बढ़ोतरी होने से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि होगी। बछड़ों के लालन-पालन में अनावश्यक व्यय की बचत होगी। निराश्रित पशुओं की संख्या को भी सीमित किया जा सकेगा। किसान उत्पादक संगठन (FPO) एफपीओ के गठन के लिए न्यूनतम 300 से 500 किसान सदस्यों को शामिल किया जाता है। प्रदेश के 418 एफपीओ विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों जैसे बीज उत्पादन, उपार्जन, प्रोसेसिंग,दूध उत्पादन,मुर्गी पालन, शहद उत्पादन और विपणन आदि कार्य कर रहे हैं। एग्रीक्लचर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड की स्कीम से एफपीओ को लाभान्वित कराने का कार्य किया जा रहा है। एग्रीक्लचर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड स्कीम में मध्यप्रदेश प्रथम इस योजना में कृषि से जुड़े उद्यमी, एफपीओ, स्टार्टअप, स्व-सहायता समूह इत्यादि जो भी लोग कृषि अद्योसंरचना निर्माण के लिए बैंक से ऋण लेना चाहते हैं, उन्हें दो करोड़ की सीमा तक ऋण उपलब्ध कराया जाता है। यह वित्तीय सहायता कोल्ड स्टोरेज,कोल्ड चैन, वेअरहाउस,साइलो,पैक हाउस, ग्रेडिंग एवं पेकेजिंग यूनिट, लाजिस्टिक सुविधा, ई-राइपनिंग चेम्बर,आदि के लिए प्रदान की जा रही है। इस योजना में मध्यप्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। दो करोड़ 45 लाख गौ-भैंस वंशीय पशुओं को यूनिक आईडी देकर मध्यप्रदेश देश में प्रथम राज्य के मवेशियों का भी अब यूनिक आईडी होगा। योजना के तहत गौ-भैंस वंशीय पशुओं के कान में टैग लगाया जा रहा है। टैग पर बारह अंकों का आधार नम्बर अंकित है। जिसे इनॉफ साफ्टवेयर में अपडेट किया जा रहा है। साफ्टवेयर में मवेशियों का लेखा जोखा होगा। जो ऑनलाईन भी उपलब्ध होगा। प्रदेश में अब तक 2 करोड़ 45 लाख गौ-भैंस वंशीय पशुओं की टैगिंग की जा चुकी है। इस योजना में मध्यप्रदेश पूरे देश में प्रथम स्थान पर है।
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3 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए मास्क लगाना आवश्यक है। हर व्यक्ति मास्क लगाए इसके लिए लोगों को सीख दिए जाने के साथ सख्ती भी जरूरी है। प्रदेश में सभी वर्गों के सहयोग से सघन जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। सभी माध्यमों से इसका प्रचार-प्रसार किया जाए। ऐसा माहौल बने कि हर व्यक्ति मास्क लगाने के लिए स्वत: प्रेरित हो। साथ ही मास्क न लगाने पर जुर्माना लगाया जाए एवं कुछ समय के लिए ओपन जेल में भी रखा जाए।मुख्यमंत्री शनिवार शाम को मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में कोरोना के उपचार के लिए पर्याप्त संख्या में बेड्स की उपलब्धता के साथ ही प्रतिदिन इसकी जानकारी मीडिया, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से जनता को दी जाए। साथ ही वैक्सीनेशन संबंधी जानकारी भी दी जाए।प्रदेश में 20369 एक्टिव प्रकरणमध्यप्रदेश में 20 हजार 369 एक्टिव प्रकरण है। प्रदेश की गत 7 दिनों की औसत पॉजिटिविटी रेट 10.1 प्रतिशत है। तुलनात्मक रूप से संक्रमण में देश में मध्यप्रदेश आठवें स्थान पर है।इन जिलों में 20 से अधिक नए प्रकरणजिला वार समीक्षा में पाया गया कि इंदौर में 708, भोपाल में 502, जबलपुर में 205, ग्वालियर में 120, उज्जैन में 89, रतलाम में 79, खरगोन में 74, बड़वानी में 72, छिंदवाड़ा में 71, बैतूल में 65, कटनी में 50, झाबुआ में 47, शाजापुर में 47, विदिशा में 44, अनूपपुर में 40, सागर में 38, नीमच में 37, धार में 36, बालाघाट में 34, देवास में 34, रायसेन में 29, खंडवा में 28, नरसिंहपुर में 27, शिवपुरी में 27, गुना में 25, शहडोल में 25 तथा होशंगाबाद में 23 कोरोना के नए प्रकरण आए हैं।गरीबों का निशुल्क इलाज सुनिश्चित हो मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक गरीब मरीज का नि:शुल्क इलाज सुनिश्चित किया जाए। उन्हें आयुष्मान कार्ड के आधार पर नि:शुल्क चिकित्सा दें। साथ ही आवश्यकतानुसार जिन निजी अस्पतालों में बेड्स खाली हैं, उनके साथ अनुबंध कर बेड्स की संख्या बढ़ाएँ।गलत तथ्य प्रकाशित-प्रसारित नहीं होना चाहिएउन्होंने कहा कि कोरोना आदि के संबंध में गलत तथ्य प्रकाशित/प्रसारित नहीं होने चाहिए। परंतु सही तथ्य प्रकाशित/ प्रसारित होने पर तत्परता के साथ कार्रवाई की जाए।रविवार को भी होगा वैक्सीनेशनजिन स्थानों पर रविवार को लॉकडाउन है, वहाँ रविवार को भी वैक्सीनेशन का कार्य किया जाएगा। बताया गया कि 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में वैक्सीन लगवा सकेंगे।गणगौर का त्यौहार घर पर ही मनाएँमुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी गणगौर आदि त्यौहार घर पर ही मनाएँ। सार्वजनिक रूप से त्यौहार मनाने तथा मेलों आदि की अनुमति नहीं होगी।होम आइसोलेशन की गाइडलाइन जारी करेउन्होंने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग होम आइसोलेशन संबंधी गाडलाइन जारी करे। कमांड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से इनकी निरंतर मॉनीटरिंग की जाए।10 हजार बेड्स सुनिश्चित करेंइंदौर जिले की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोरोना उपचार के लिए 10 हजार बैड्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। निजी अस्पताल कोरोना उपचार के लिए शासन द्वारा निर्धारित फीस ही लें, यह भी सुनिश्चित किया जाए।छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज में हो इलाज की श्रेष्ठ व्यवस्थाउन्होंने निर्देश दिए कि छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज में कोरोना के उपचार की श्रेष्ठ व्यवस्था हो। महाराष्ट्र बॉर्डर सील किया जाए तथा गुड्स के वाहन, आवश्यक सेवाओं के वाहन और आपातकालीन आवागमन छोड़कर आवाजाही न हो।वैक्सीनशन की गति बढ़ाएँमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में कोरोना वैक्सीनशन की गति बढ़ाई जाए।उपार्जन केंद्रों का भी निरीक्षण करें प्रभारी अधिकारीउन्होंने निर्देश दिए कि कोरोना नियंत्रण के लिए जिलों के लिए नियुक्त प्रभारी अधिकारी अपने प्रभार के जिले में भ्रमण के दौरान उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाएँ देखें। उपार्जन केन्द्रों पर कोरोना संबंधी सभी सावधानियों का पालन सुनिश्चित किया जाए।यह भी निर्देश दिए- होम आइसोलेशन की सख्त मॉनिटरिंग की जाए। गाइडलाइन का पालन न करने पर कार्रवाई की जाए।- जिन जिलों में अधिक संक्रमण है, वहाँ माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाए जाएँ।- कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट समय पर आ जाए।- जिन जिलों में आवश्यकता हो कोविड केयर सेंटर्स बनाए जाएँ।- जो जिले संडे लॉक डाउन की अनुमति चाहते हैं, उन्हें अनुमति दी जाए।- फीवर क्लीनिक पर अच्छी व्यवस्था हो।- ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण न फैले इस पर भी पूरा ध्यान दिया जाए।
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3 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए मास्क लगाना आवश्यक है। हर व्यक्ति मास्क लगाए इसके लिए लोगों को सीख दिए जाने के साथ सख्ती भी जरूरी है। प्रदेश में सभी वर्गों के सहयोग से सघन जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। सभी माध्यमों से इसका प्रचार-प्रसार किया जाए। ऐसा माहौल बने कि हर व्यक्ति मास्क लगाने के लिए स्वत: प्रेरित हो। साथ ही मास्क न लगाने पर जुर्माना लगाया जाए एवं कुछ समय के लिए ओपन जेल में भी रखा जाए।मुख्यमंत्री शनिवार शाम को मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलों में कोरोना के उपचार के लिए पर्याप्त संख्या में बेड्स की उपलब्धता के साथ ही प्रतिदिन इसकी जानकारी मीडिया, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से जनता को दी जाए। साथ ही वैक्सीनेशन संबंधी जानकारी भी दी जाए।प्रदेश में 20369 एक्टिव प्रकरणमध्यप्रदेश में 20 हजार 369 एक्टिव प्रकरण है। प्रदेश की गत 7 दिनों की औसत पॉजिटिविटी रेट 10.1 प्रतिशत है। तुलनात्मक रूप से संक्रमण में देश में मध्यप्रदेश आठवें स्थान पर है।इन जिलों में 20 से अधिक नए प्रकरणजिला वार समीक्षा में पाया गया कि इंदौर में 708, भोपाल में 502, जबलपुर में 205, ग्वालियर में 120, उज्जैन में 89, रतलाम में 79, खरगोन में 74, बड़वानी में 72, छिंदवाड़ा में 71, बैतूल में 65, कटनी में 50, झाबुआ में 47, शाजापुर में 47, विदिशा में 44, अनूपपुर में 40, सागर में 38, नीमच में 37, धार में 36, बालाघाट में 34, देवास में 34, रायसेन में 29, खंडवा में 28, नरसिंहपुर में 27, शिवपुरी में 27, गुना में 25, शहडोल में 25 तथा होशंगाबाद में 23 कोरोना के नए प्रकरण आए हैं।गरीबों का निशुल्क इलाज सुनिश्चित हो मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक गरीब मरीज का नि:शुल्क इलाज सुनिश्चित किया जाए। उन्हें आयुष्मान कार्ड के आधार पर नि:शुल्क चिकित्सा दें। साथ ही आवश्यकतानुसार जिन निजी अस्पतालों में बेड्स खाली हैं, उनके साथ अनुबंध कर बेड्स की संख्या बढ़ाएँ।गलत तथ्य प्रकाशित-प्रसारित नहीं होना चाहिएउन्होंने कहा कि कोरोना आदि के संबंध में गलत तथ्य प्रकाशित/प्रसारित नहीं होने चाहिए। परंतु सही तथ्य प्रकाशित/ प्रसारित होने पर तत्परता के साथ कार्रवाई की जाए।रविवार को भी होगा वैक्सीनेशनजिन स्थानों पर रविवार को लॉकडाउन है, वहाँ रविवार को भी वैक्सीनेशन का कार्य किया जाएगा। बताया गया कि 45 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में वैक्सीन लगवा सकेंगे।गणगौर का त्यौहार घर पर ही मनाएँमुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी गणगौर आदि त्यौहार घर पर ही मनाएँ। सार्वजनिक रूप से त्यौहार मनाने तथा मेलों आदि की अनुमति नहीं होगी।होम आइसोलेशन की गाइडलाइन जारी करेउन्होंने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग होम आइसोलेशन संबंधी गाडलाइन जारी करे। कमांड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से इनकी निरंतर मॉनीटरिंग की जाए।10 हजार बेड्स सुनिश्चित करेंइंदौर जिले की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कोरोना उपचार के लिए 10 हजार बैड्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। निजी अस्पताल कोरोना उपचार के लिए शासन द्वारा निर्धारित फीस ही लें, यह भी सुनिश्चित किया जाए।छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज में हो इलाज की श्रेष्ठ व्यवस्थाउन्होंने निर्देश दिए कि छिंदवाड़ा मेडिकल कॉलेज में कोरोना के उपचार की श्रेष्ठ व्यवस्था हो। महाराष्ट्र बॉर्डर सील किया जाए तथा गुड्स के वाहन, आवश्यक सेवाओं के वाहन और आपातकालीन आवागमन छोड़कर आवाजाही न हो।वैक्सीनशन की गति बढ़ाएँमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रदेश में कोरोना वैक्सीनशन की गति बढ़ाई जाए।उपार्जन केंद्रों का भी निरीक्षण करें प्रभारी अधिकारीउन्होंने निर्देश दिए कि कोरोना नियंत्रण के लिए जिलों के लिए नियुक्त प्रभारी अधिकारी अपने प्रभार के जिले में भ्रमण के दौरान उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण कर व्यवस्थाएँ देखें। उपार्जन केन्द्रों पर कोरोना संबंधी सभी सावधानियों का पालन सुनिश्चित किया जाए।यह भी निर्देश दिए- होम आइसोलेशन की सख्त मॉनिटरिंग की जाए। गाइडलाइन का पालन न करने पर कार्रवाई की जाए।- जिन जिलों में अधिक संक्रमण है, वहाँ माइक्रो कंटेंटमेंट जोन बनाए जाएँ।- कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट समय पर आ जाए।- जिन जिलों में आवश्यकता हो कोविड केयर सेंटर्स बनाए जाएँ।- जो जिले संडे लॉक डाउन की अनुमति चाहते हैं, उन्हें अनुमति दी जाए।- फीवर क्लीनिक पर अच्छी व्यवस्था हो।- ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण न फैले इस पर भी पूरा ध्यान दिया जाए।
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3 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को केरल के चुनावी दौरे पर रहे। यहां उन्होंने बेपूर विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार के.पी. प्रकाश बाबू, कोंगद विधानसभा में एम.सुरेश बाबू, और चेलाक्कारा विधानसभा में शजुमोन वट्टटक्कड़ के समर्थन में जनसभाओं को सम्बोधित किया और अंत में नट्टीका विधानसभा में ए.के. लोचनन के समर्थन में रोड शो कर भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं जिन्हें न तो केरल के विकास से मतलब है और न ही केरल की जनता की खुशहाली से। एलडीएफ और यूडीएफ ने ईश्वर की भूमि को रक्तरंजित कर, हिंसा और घोटालों की भूमि बना दिया है। चौहान ने कहा कि जो कांग्रेस सत्ता के लिए पश्चिम बंगाल में कम्युनिस्टों के साथ खड़ी है, वहीं कांग्रेस केरल में उनके खिलाफ लड़ रही है। राहुल बाबा यह रिश्ता क्या कहलाता है? केरल का क्या भला करेंगे कांग्रेस और यूडीएफमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राहुल बाबा भी अजीब हैं। केरल में आकर कहते है उत्तर भारत से अच्छा दक्षिण भारत है। और कहीं जायेंगे तो वहां बोलेंगे वायनॉड वाले खराब है। वे यहां समुद्र में गोता लगाते हैं और कहते हैं मोदी जी फिश मिनिस्ट्री बनाओ, जबकि मोदी जी फिश मिनिस्ट्री 3 साल पहले ही बना चुके हैं। सोचिए, ऐसे राहुल बाबा किस काम आएंगे? चौहान ने कहा कि राहुल का मतलब रिजेक्टेड, एब्सेंट माइंड, होपलेस, यूजलेस और लायर है। उन्होंने कहा की राहुल गाँधी "देश छोड़ दास" हैं और विदेशों में भी कहां जाते हैं, पता ही नहीं चलता। चौहान ने कहा कि बहनों और भाइयों अब ऐसे राहुल बाबा की कांग्रेस और यूडीएफ केरल का क्या भला करेंगे?एलडीएफ-यूडीएफ ने केरल को जिहादियों के हवाले कियामुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ने केरल को जिहादियों के हवाले कर दिया है। यहां लव जिहाद चल रहा है। लोभ, लालच, डर, नाम बदलकर, भ्रमित करके कई जिंदगियां बर्बाद करने का अपराध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं मध्यप्रदेश की धरती से आया हूं और मध्यप्रदेश की धरती पर लव ज़िहाद के खिलाफ हमने कानून बनाया है। हम लव के खिलाफ नहीं हैं जिहाद के खिलाफ हैं। जहां भारतीय जनता पार्टी होगी वहां लव जिहाद चलने नहीं देगी। मध्यप्रदेश में हमने फैसला कर दिया है अगर लव ज़िहाद जैसी हरकत किसी ने की तो 10 साल जेल में चक्की पिसवाएंगे। उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में कानून बन गया है। केरल में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही लव जेहाद के खिलाफ कानून बना दिया जाएगा।केरल में राजनीतिक हिंसा क्यों करवा रहे हैं, जवाब दें मुख्यमंत्री विजयनमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री विजयन राज्य की जनता को जवाब दें, एयरपोर्ट पर सोना पकड़े जाने के बाद सीएम ऑफिस ने कस्टम ऑफिसर पर दवाब डाला या नहीं..? आपने ईडी और कस्टम ऑफिसर पर जो हमला हुआ, उसकी ठीक से जांच कराई या नहीं ? विजयन जी जवाब दें कि प्रदेश की शांति क्यूँ भंग कर रहे हैं, केरल में राजनैतिक हिंसा क्यूँ करवा रहे है? भाजपा औऱ आरएसएस कार्यकर्ताओं की मौत का जिम्मेदार कौन है? आपने 2016 में वादा किया था रोजगार देने का, लेकिन यहाँ का शिक्षित युवा रोजगार पाने के लिए भटक रहा है? आपने कहा था घरेलू और परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देंगे, आपके वादे का क्या हुआ? कहाँ हैंडलूम और मसालों के उद्योग लगे? मुख्यमंत्री जी जवाब दीजिये कि सोलर, डॉलर, गोल्ड जैसे स्कैम कब तक होते रहेंगे....?
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2 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को केरल के चुनावी दौरे पर रहे। यहां उन्होंने बेपूर विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार के.पी. प्रकाश बाबू, कोंगद विधानसभा में एम.सुरेश बाबू, और चेलाक्कारा विधानसभा में शजुमोन वट्टटक्कड़ के समर्थन में जनसभाओं को सम्बोधित किया और अंत में नट्टीका विधानसभा में ए.के. लोचनन के समर्थन में रोड शो कर भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं जिन्हें न तो केरल के विकास से मतलब है और न ही केरल की जनता की खुशहाली से। एलडीएफ और यूडीएफ ने ईश्वर की भूमि को रक्तरंजित कर, हिंसा और घोटालों की भूमि बना दिया है। चौहान ने कहा कि जो कांग्रेस सत्ता के लिए पश्चिम बंगाल में कम्युनिस्टों के साथ खड़ी है, वहीं कांग्रेस केरल में उनके खिलाफ लड़ रही है। राहुल बाबा यह रिश्ता क्या कहलाता है? केरल का क्या भला करेंगे कांग्रेस और यूडीएफमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राहुल बाबा भी अजीब हैं। केरल में आकर कहते है उत्तर भारत से अच्छा दक्षिण भारत है। और कहीं जायेंगे तो वहां बोलेंगे वायनॉड वाले खराब है। वे यहां समुद्र में गोता लगाते हैं और कहते हैं मोदी जी फिश मिनिस्ट्री बनाओ, जबकि मोदी जी फिश मिनिस्ट्री 3 साल पहले ही बना चुके हैं। सोचिए, ऐसे राहुल बाबा किस काम आएंगे? चौहान ने कहा कि राहुल का मतलब रिजेक्टेड, एब्सेंट माइंड, होपलेस, यूजलेस और लायर है। उन्होंने कहा की राहुल गाँधी "देश छोड़ दास" हैं और विदेशों में भी कहां जाते हैं, पता ही नहीं चलता। चौहान ने कहा कि बहनों और भाइयों अब ऐसे राहुल बाबा की कांग्रेस और यूडीएफ केरल का क्या भला करेंगे?एलडीएफ-यूडीएफ ने केरल को जिहादियों के हवाले कियामुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ने केरल को जिहादियों के हवाले कर दिया है। यहां लव जिहाद चल रहा है। लोभ, लालच, डर, नाम बदलकर, भ्रमित करके कई जिंदगियां बर्बाद करने का अपराध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं मध्यप्रदेश की धरती से आया हूं और मध्यप्रदेश की धरती पर लव ज़िहाद के खिलाफ हमने कानून बनाया है। हम लव के खिलाफ नहीं हैं जिहाद के खिलाफ हैं। जहां भारतीय जनता पार्टी होगी वहां लव जिहाद चलने नहीं देगी। मध्यप्रदेश में हमने फैसला कर दिया है अगर लव ज़िहाद जैसी हरकत किसी ने की तो 10 साल जेल में चक्की पिसवाएंगे। उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में कानून बन गया है। केरल में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही लव जेहाद के खिलाफ कानून बना दिया जाएगा।केरल में राजनीतिक हिंसा क्यों करवा रहे हैं, जवाब दें मुख्यमंत्री विजयनमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री विजयन राज्य की जनता को जवाब दें, एयरपोर्ट पर सोना पकड़े जाने के बाद सीएम ऑफिस ने कस्टम ऑफिसर पर दवाब डाला या नहीं..? आपने ईडी और कस्टम ऑफिसर पर जो हमला हुआ, उसकी ठीक से जांच कराई या नहीं ? विजयन जी जवाब दें कि प्रदेश की शांति क्यूँ भंग कर रहे हैं, केरल में राजनैतिक हिंसा क्यूँ करवा रहे है? भाजपा औऱ आरएसएस कार्यकर्ताओं की मौत का जिम्मेदार कौन है? आपने 2016 में वादा किया था रोजगार देने का, लेकिन यहाँ का शिक्षित युवा रोजगार पाने के लिए भटक रहा है? आपने कहा था घरेलू और परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देंगे, आपके वादे का क्या हुआ? कहाँ हैंडलूम और मसालों के उद्योग लगे? मुख्यमंत्री जी जवाब दीजिये कि सोलर, डॉलर, गोल्ड जैसे स्कैम कब तक होते रहेंगे....?
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2 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को केरल के चुनावी दौरे पर रहे। यहां उन्होंने बेपूर विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार के.पी. प्रकाश बाबू, कोंगद विधानसभा में एम.सुरेश बाबू, और चेलाक्कारा विधानसभा में शजुमोन वट्टटक्कड़ के समर्थन में जनसभाओं को सम्बोधित किया और अंत में नट्टीका विधानसभा में ए.के. लोचनन के समर्थन में रोड शो कर भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं जिन्हें न तो केरल के विकास से मतलब है और न ही केरल की जनता की खुशहाली से। एलडीएफ और यूडीएफ ने ईश्वर की भूमि को रक्तरंजित कर, हिंसा और घोटालों की भूमि बना दिया है। चौहान ने कहा कि जो कांग्रेस सत्ता के लिए पश्चिम बंगाल में कम्युनिस्टों के साथ खड़ी है, वहीं कांग्रेस केरल में उनके खिलाफ लड़ रही है। राहुल बाबा यह रिश्ता क्या कहलाता है? केरल का क्या भला करेंगे कांग्रेस और यूडीएफमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राहुल बाबा भी अजीब हैं। केरल में आकर कहते है उत्तर भारत से अच्छा दक्षिण भारत है। और कहीं जायेंगे तो वहां बोलेंगे वायनॉड वाले खराब है। वे यहां समुद्र में गोता लगाते हैं और कहते हैं मोदी जी फिश मिनिस्ट्री बनाओ, जबकि मोदी जी फिश मिनिस्ट्री 3 साल पहले ही बना चुके हैं। सोचिए, ऐसे राहुल बाबा किस काम आएंगे? चौहान ने कहा कि राहुल का मतलब रिजेक्टेड, एब्सेंट माइंड, होपलेस, यूजलेस और लायर है। उन्होंने कहा की राहुल गाँधी "देश छोड़ दास" हैं और विदेशों में भी कहां जाते हैं, पता ही नहीं चलता। चौहान ने कहा कि बहनों और भाइयों अब ऐसे राहुल बाबा की कांग्रेस और यूडीएफ केरल का क्या भला करेंगे?एलडीएफ-यूडीएफ ने केरल को जिहादियों के हवाले कियामुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ने केरल को जिहादियों के हवाले कर दिया है। यहां लव जिहाद चल रहा है। लोभ, लालच, डर, नाम बदलकर, भ्रमित करके कई जिंदगियां बर्बाद करने का अपराध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं मध्यप्रदेश की धरती से आया हूं और मध्यप्रदेश की धरती पर लव ज़िहाद के खिलाफ हमने कानून बनाया है। हम लव के खिलाफ नहीं हैं जिहाद के खिलाफ हैं। जहां भारतीय जनता पार्टी होगी वहां लव जिहाद चलने नहीं देगी। मध्यप्रदेश में हमने फैसला कर दिया है अगर लव ज़िहाद जैसी हरकत किसी ने की तो 10 साल जेल में चक्की पिसवाएंगे। उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में कानून बन गया है। केरल में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही लव जेहाद के खिलाफ कानून बना दिया जाएगा।केरल में राजनीतिक हिंसा क्यों करवा रहे हैं, जवाब दें मुख्यमंत्री विजयनमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री विजयन राज्य की जनता को जवाब दें, एयरपोर्ट पर सोना पकड़े जाने के बाद सीएम ऑफिस ने कस्टम ऑफिसर पर दवाब डाला या नहीं..? आपने ईडी और कस्टम ऑफिसर पर जो हमला हुआ, उसकी ठीक से जांच कराई या नहीं ? विजयन जी जवाब दें कि प्रदेश की शांति क्यूँ भंग कर रहे हैं, केरल में राजनैतिक हिंसा क्यूँ करवा रहे है? भाजपा औऱ आरएसएस कार्यकर्ताओं की मौत का जिम्मेदार कौन है? आपने 2016 में वादा किया था रोजगार देने का, लेकिन यहाँ का शिक्षित युवा रोजगार पाने के लिए भटक रहा है? आपने कहा था घरेलू और परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देंगे, आपके वादे का क्या हुआ? कहाँ हैंडलूम और मसालों के उद्योग लगे? मुख्यमंत्री जी जवाब दीजिये कि सोलर, डॉलर, गोल्ड जैसे स्कैम कब तक होते रहेंगे....?
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2 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को केरल के चुनावी दौरे पर रहे। यहां उन्होंने बेपूर विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार के.पी. प्रकाश बाबू, कोंगद विधानसभा में एम.सुरेश बाबू, और चेलाक्कारा विधानसभा में शजुमोन वट्टटक्कड़ के समर्थन में जनसभाओं को सम्बोधित किया और अंत में नट्टीका विधानसभा में ए.के. लोचनन के समर्थन में रोड शो कर भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं जिन्हें न तो केरल के विकास से मतलब है और न ही केरल की जनता की खुशहाली से। एलडीएफ और यूडीएफ ने ईश्वर की भूमि को रक्तरंजित कर, हिंसा और घोटालों की भूमि बना दिया है। चौहान ने कहा कि जो कांग्रेस सत्ता के लिए पश्चिम बंगाल में कम्युनिस्टों के साथ खड़ी है, वहीं कांग्रेस केरल में उनके खिलाफ लड़ रही है। राहुल बाबा यह रिश्ता क्या कहलाता है? केरल का क्या भला करेंगे कांग्रेस और यूडीएफमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राहुल बाबा भी अजीब हैं। केरल में आकर कहते है उत्तर भारत से अच्छा दक्षिण भारत है। और कहीं जायेंगे तो वहां बोलेंगे वायनॉड वाले खराब है। वे यहां समुद्र में गोता लगाते हैं और कहते हैं मोदी जी फिश मिनिस्ट्री बनाओ, जबकि मोदी जी फिश मिनिस्ट्री 3 साल पहले ही बना चुके हैं। सोचिए, ऐसे राहुल बाबा किस काम आएंगे? चौहान ने कहा कि राहुल का मतलब रिजेक्टेड, एब्सेंट माइंड, होपलेस, यूजलेस और लायर है। उन्होंने कहा की राहुल गाँधी "देश छोड़ दास" हैं और विदेशों में भी कहां जाते हैं, पता ही नहीं चलता। चौहान ने कहा कि बहनों और भाइयों अब ऐसे राहुल बाबा की कांग्रेस और यूडीएफ केरल का क्या भला करेंगे?एलडीएफ-यूडीएफ ने केरल को जिहादियों के हवाले कियामुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ने केरल को जिहादियों के हवाले कर दिया है। यहां लव जिहाद चल रहा है। लोभ, लालच, डर, नाम बदलकर, भ्रमित करके कई जिंदगियां बर्बाद करने का अपराध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं मध्यप्रदेश की धरती से आया हूं और मध्यप्रदेश की धरती पर लव ज़िहाद के खिलाफ हमने कानून बनाया है। हम लव के खिलाफ नहीं हैं जिहाद के खिलाफ हैं। जहां भारतीय जनता पार्टी होगी वहां लव जिहाद चलने नहीं देगी। मध्यप्रदेश में हमने फैसला कर दिया है अगर लव ज़िहाद जैसी हरकत किसी ने की तो 10 साल जेल में चक्की पिसवाएंगे। उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में कानून बन गया है। केरल में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही लव जेहाद के खिलाफ कानून बना दिया जाएगा।केरल में राजनीतिक हिंसा क्यों करवा रहे हैं, जवाब दें मुख्यमंत्री विजयनमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री विजयन राज्य की जनता को जवाब दें, एयरपोर्ट पर सोना पकड़े जाने के बाद सीएम ऑफिस ने कस्टम ऑफिसर पर दवाब डाला या नहीं..? आपने ईडी और कस्टम ऑफिसर पर जो हमला हुआ, उसकी ठीक से जांच कराई या नहीं ? विजयन जी जवाब दें कि प्रदेश की शांति क्यूँ भंग कर रहे हैं, केरल में राजनैतिक हिंसा क्यूँ करवा रहे है? भाजपा औऱ आरएसएस कार्यकर्ताओं की मौत का जिम्मेदार कौन है? आपने 2016 में वादा किया था रोजगार देने का, लेकिन यहाँ का शिक्षित युवा रोजगार पाने के लिए भटक रहा है? आपने कहा था घरेलू और परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देंगे, आपके वादे का क्या हुआ? कहाँ हैंडलूम और मसालों के उद्योग लगे? मुख्यमंत्री जी जवाब दीजिये कि सोलर, डॉलर, गोल्ड जैसे स्कैम कब तक होते रहेंगे....?
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2 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को केरल के चुनावी दौरे पर रहे। यहां उन्होंने बेपूर विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार के.पी. प्रकाश बाबू, कोंगद विधानसभा में एम.सुरेश बाबू, और चेलाक्कारा विधानसभा में शजुमोन वट्टटक्कड़ के समर्थन में जनसभाओं को सम्बोधित किया और अंत में नट्टीका विधानसभा में ए.के. लोचनन के समर्थन में रोड शो कर भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं जिन्हें न तो केरल के विकास से मतलब है और न ही केरल की जनता की खुशहाली से। एलडीएफ और यूडीएफ ने ईश्वर की भूमि को रक्तरंजित कर, हिंसा और घोटालों की भूमि बना दिया है। चौहान ने कहा कि जो कांग्रेस सत्ता के लिए पश्चिम बंगाल में कम्युनिस्टों के साथ खड़ी है, वहीं कांग्रेस केरल में उनके खिलाफ लड़ रही है। राहुल बाबा यह रिश्ता क्या कहलाता है? केरल का क्या भला करेंगे कांग्रेस और यूडीएफमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राहुल बाबा भी अजीब हैं। केरल में आकर कहते है उत्तर भारत से अच्छा दक्षिण भारत है। और कहीं जायेंगे तो वहां बोलेंगे वायनॉड वाले खराब है। वे यहां समुद्र में गोता लगाते हैं और कहते हैं मोदी जी फिश मिनिस्ट्री बनाओ, जबकि मोदी जी फिश मिनिस्ट्री 3 साल पहले ही बना चुके हैं। सोचिए, ऐसे राहुल बाबा किस काम आएंगे? चौहान ने कहा कि राहुल का मतलब रिजेक्टेड, एब्सेंट माइंड, होपलेस, यूजलेस और लायर है। उन्होंने कहा की राहुल गाँधी "देश छोड़ दास" हैं और विदेशों में भी कहां जाते हैं, पता ही नहीं चलता। चौहान ने कहा कि बहनों और भाइयों अब ऐसे राहुल बाबा की कांग्रेस और यूडीएफ केरल का क्या भला करेंगे?एलडीएफ-यूडीएफ ने केरल को जिहादियों के हवाले कियामुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ने केरल को जिहादियों के हवाले कर दिया है। यहां लव जिहाद चल रहा है। लोभ, लालच, डर, नाम बदलकर, भ्रमित करके कई जिंदगियां बर्बाद करने का अपराध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं मध्यप्रदेश की धरती से आया हूं और मध्यप्रदेश की धरती पर लव ज़िहाद के खिलाफ हमने कानून बनाया है। हम लव के खिलाफ नहीं हैं जिहाद के खिलाफ हैं। जहां भारतीय जनता पार्टी होगी वहां लव जिहाद चलने नहीं देगी। मध्यप्रदेश में हमने फैसला कर दिया है अगर लव ज़िहाद जैसी हरकत किसी ने की तो 10 साल जेल में चक्की पिसवाएंगे। उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में कानून बन गया है। केरल में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही लव जेहाद के खिलाफ कानून बना दिया जाएगा।केरल में राजनीतिक हिंसा क्यों करवा रहे हैं, जवाब दें मुख्यमंत्री विजयनमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री विजयन राज्य की जनता को जवाब दें, एयरपोर्ट पर सोना पकड़े जाने के बाद सीएम ऑफिस ने कस्टम ऑफिसर पर दवाब डाला या नहीं..? आपने ईडी और कस्टम ऑफिसर पर जो हमला हुआ, उसकी ठीक से जांच कराई या नहीं ? विजयन जी जवाब दें कि प्रदेश की शांति क्यूँ भंग कर रहे हैं, केरल में राजनैतिक हिंसा क्यूँ करवा रहे है? भाजपा औऱ आरएसएस कार्यकर्ताओं की मौत का जिम्मेदार कौन है? आपने 2016 में वादा किया था रोजगार देने का, लेकिन यहाँ का शिक्षित युवा रोजगार पाने के लिए भटक रहा है? आपने कहा था घरेलू और परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देंगे, आपके वादे का क्या हुआ? कहाँ हैंडलूम और मसालों के उद्योग लगे? मुख्यमंत्री जी जवाब दीजिये कि सोलर, डॉलर, गोल्ड जैसे स्कैम कब तक होते रहेंगे....?
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2 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को केरल के चुनावी दौरे पर रहे। यहां उन्होंने बेपूर विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार के.पी. प्रकाश बाबू, कोंगद विधानसभा में एम.सुरेश बाबू, और चेलाक्कारा विधानसभा में शजुमोन वट्टटक्कड़ के समर्थन में जनसभाओं को सम्बोधित किया और अंत में नट्टीका विधानसभा में ए.के. लोचनन के समर्थन में रोड शो कर भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ही एक सिक्के के दो पहलू हैं जिन्हें न तो केरल के विकास से मतलब है और न ही केरल की जनता की खुशहाली से। एलडीएफ और यूडीएफ ने ईश्वर की भूमि को रक्तरंजित कर, हिंसा और घोटालों की भूमि बना दिया है। चौहान ने कहा कि जो कांग्रेस सत्ता के लिए पश्चिम बंगाल में कम्युनिस्टों के साथ खड़ी है, वहीं कांग्रेस केरल में उनके खिलाफ लड़ रही है। राहुल बाबा यह रिश्ता क्या कहलाता है? केरल का क्या भला करेंगे कांग्रेस और यूडीएफमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राहुल बाबा भी अजीब हैं। केरल में आकर कहते है उत्तर भारत से अच्छा दक्षिण भारत है। और कहीं जायेंगे तो वहां बोलेंगे वायनॉड वाले खराब है। वे यहां समुद्र में गोता लगाते हैं और कहते हैं मोदी जी फिश मिनिस्ट्री बनाओ, जबकि मोदी जी फिश मिनिस्ट्री 3 साल पहले ही बना चुके हैं। सोचिए, ऐसे राहुल बाबा किस काम आएंगे? चौहान ने कहा कि राहुल का मतलब रिजेक्टेड, एब्सेंट माइंड, होपलेस, यूजलेस और लायर है। उन्होंने कहा की राहुल गाँधी "देश छोड़ दास" हैं और विदेशों में भी कहां जाते हैं, पता ही नहीं चलता। चौहान ने कहा कि बहनों और भाइयों अब ऐसे राहुल बाबा की कांग्रेस और यूडीएफ केरल का क्या भला करेंगे?एलडीएफ-यूडीएफ ने केरल को जिहादियों के हवाले कियामुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ने केरल को जिहादियों के हवाले कर दिया है। यहां लव जिहाद चल रहा है। लोभ, लालच, डर, नाम बदलकर, भ्रमित करके कई जिंदगियां बर्बाद करने का अपराध किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं मध्यप्रदेश की धरती से आया हूं और मध्यप्रदेश की धरती पर लव ज़िहाद के खिलाफ हमने कानून बनाया है। हम लव के खिलाफ नहीं हैं जिहाद के खिलाफ हैं। जहां भारतीय जनता पार्टी होगी वहां लव जिहाद चलने नहीं देगी। मध्यप्रदेश में हमने फैसला कर दिया है अगर लव ज़िहाद जैसी हरकत किसी ने की तो 10 साल जेल में चक्की पिसवाएंगे। उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में कानून बन गया है। केरल में भी भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही लव जेहाद के खिलाफ कानून बना दिया जाएगा।केरल में राजनीतिक हिंसा क्यों करवा रहे हैं, जवाब दें मुख्यमंत्री विजयनमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री विजयन राज्य की जनता को जवाब दें, एयरपोर्ट पर सोना पकड़े जाने के बाद सीएम ऑफिस ने कस्टम ऑफिसर पर दवाब डाला या नहीं..? आपने ईडी और कस्टम ऑफिसर पर जो हमला हुआ, उसकी ठीक से जांच कराई या नहीं ? विजयन जी जवाब दें कि प्रदेश की शांति क्यूँ भंग कर रहे हैं, केरल में राजनैतिक हिंसा क्यूँ करवा रहे है? भाजपा औऱ आरएसएस कार्यकर्ताओं की मौत का जिम्मेदार कौन है? आपने 2016 में वादा किया था रोजगार देने का, लेकिन यहाँ का शिक्षित युवा रोजगार पाने के लिए भटक रहा है? आपने कहा था घरेलू और परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देंगे, आपके वादे का क्या हुआ? कहाँ हैंडलूम और मसालों के उद्योग लगे? मुख्यमंत्री जी जवाब दीजिये कि सोलर, डॉलर, गोल्ड जैसे स्कैम कब तक होते रहेंगे....?
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2 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिदिन एक पौधा लगाने के संकल्प के क्रम में शुक्रवार को राजधानी भोपाल के स्मार्ट उद्यान में सप्तपर्णी का पौधारोपण किया। इस अवसर पर लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने भी पौधा रोपा। बता दें कि मुख्यमंत्री चौहान प्रतिदिन एक पौधा लगाते हैं। मध्यप्रदेश से बाहर प्रवास पर रहने पर भी वे पौधा लगा रहे हैं। उन्होंने ने इस वर्ष नर्मदा जयंती से अब तक निरंतर प्रतिदिन एक पौधा लगाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने आम नागरिकों से भी पौधे लगाने की अपील की है। सप्तपर्णी का महत्व सप्तपर्णी को आयुर्वेद में उन औषधियों में से एक माना जाता है जो कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ को समाहित किए हुए है। यह एक सदाबहार वृक्ष है। दिसंबर से मार्च माह के दौरान छोटे-छोटे हरे और सफेद रंग के फूल लगते हैं जिनसे विशिष्ट सुगंध रहती है। हिमालय के क्षेत्रों और उसके आसपास के हिस्सों में यह पौधा ज्यादातर उगता है। पौधे की छाल ग्रे-कलर की होती है। यह ऐसा पौधा है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा, तीनों में कई तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है। दुर्बलता को दूर करने से लेकर खुले घावों को ठीक करने और पीलिया तक कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में सप्तपर्णी प्रभावी औषधि के है। वैसे तो पौधे के ज्यादातर हिस्से औषधीय गुणों से युक्त होते हैं लेकिन इसकी छाल मलेरिया के लक्षण ठीक करने के लिए बहुत सालों से प्रयोग में लाया जाता रहा है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि इसका किसी भी रूप में इस्तेमाल करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए।
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2 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिदिन एक पौधा लगाने के संकल्प के क्रम में शुक्रवार को राजधानी भोपाल के स्मार्ट उद्यान में सप्तपर्णी का पौधारोपण किया। इस अवसर पर लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने भी पौधा रोपा। बता दें कि मुख्यमंत्री चौहान प्रतिदिन एक पौधा लगाते हैं। मध्यप्रदेश से बाहर प्रवास पर रहने पर भी वे पौधा लगा रहे हैं। उन्होंने ने इस वर्ष नर्मदा जयंती से अब तक निरंतर प्रतिदिन एक पौधा लगाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने आम नागरिकों से भी पौधे लगाने की अपील की है। सप्तपर्णी का महत्व सप्तपर्णी को आयुर्वेद में उन औषधियों में से एक माना जाता है जो कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ को समाहित किए हुए है। यह एक सदाबहार वृक्ष है। दिसंबर से मार्च माह के दौरान छोटे-छोटे हरे और सफेद रंग के फूल लगते हैं जिनसे विशिष्ट सुगंध रहती है। हिमालय के क्षेत्रों और उसके आसपास के हिस्सों में यह पौधा ज्यादातर उगता है। पौधे की छाल ग्रे-कलर की होती है। यह ऐसा पौधा है जिसका उपयोग आयुर्वेदिक, सिद्ध और यूनानी चिकित्सा, तीनों में कई तरह की बीमारियों के इलाज में किया जाता है। दुर्बलता को दूर करने से लेकर खुले घावों को ठीक करने और पीलिया तक कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में सप्तपर्णी प्रभावी औषधि के है। वैसे तो पौधे के ज्यादातर हिस्से औषधीय गुणों से युक्त होते हैं लेकिन इसकी छाल मलेरिया के लक्षण ठीक करने के लिए बहुत सालों से प्रयोग में लाया जाता रहा है। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि इसका किसी भी रूप में इस्तेमाल करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले लेना चाहिए।
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2 April 2021भोपाल। रंग पंचमी के त्योहार के दौरान आज गुरुवार को राजधानी भोपाल में धारा 144 लागू रहेगी। लोगों को सांकेतिक त्योहार मनाए जाने की हिदायत दी गई है। वहीं कोरोना के नियमों का पालन करना होगा। लापरवाही बरतने पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मध्य प्रदेश के मुख्मयंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रदेश वासियों को रंगपंचमी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए बढ़ते कोरोना संक्रमण में संयम बरतने और घर पर रहकर त्यौहान मनाने की अपील की है। सीएम शिवराज ने कहा कि रंगों के महापर्व प्तरंगपंचमी की आपको हार्दिक बधाई। यह पावन पर्व आपके जीवन में खुशहाली, समृद्धि, सफलता और आनंद के नव रंग भरे। प्रेम, स्नेह और अपनत्व की वर्षा हो। शुभकामनाएं! साथ ही आप सबसे आग्रह कि इस पर्व को भी अपनों के बीच घर में ही मनायें, ताकि कोविड19 का संक्रमण न फैले। उन्होंने कहा कि आज हम संकल्प लें कि हम सामूहिक रूप से होली नहीं खेलेंगे। अपनी होली, अपने घर। जिस गति से कोविड19 बढ़ रहा है, ऐसे में हमें संयम बरतने की आवश्यकता है। सीएम शिवराज ने बताया कि आज हमने रतलाम, खरगोन, बैतूल और छिंदवाड़ा में अधिकारियों की टीम भेजी हैं। जहां संक्रमण ज़्यादा है, वहां कैसे कोविड19 को नियंत्रित किया जाए, उसके प्रयास हम कर रहे हैं। कल प्रदेश में टीकाकरण का अभियान पूरी ताकत से प्रारम्भ हुआ है। कुछ अपवाद छोडक़र हमने सभी जगह लक्ष्य हासिल किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जनता से कोरोना वैक्सीन लगवाने का आग्रह करते हुए कहा कि जिन नागरिकों की उम्र 45 साल से ज़्यादा है, उन सभी से मेरी अपील है कि वे टीका ज़रूर लगवाएँ। यह टीका कोविड19 से लडऩे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अस्पतालों में बेड की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। मेरी सब से यह भी अपील है कि मास्क ज़रूर लगाएँ और सभी गाइडलाइंस का पालन करें।
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2 April 2021भोपाल। रंग पंचमी के त्योहार के दौरान आज गुरुवार को राजधानी भोपाल में धारा 144 लागू रहेगी। लोगों को सांकेतिक त्योहार मनाए जाने की हिदायत दी गई है। वहीं कोरोना के नियमों का पालन करना होगा। लापरवाही बरतने पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मध्य प्रदेश के मुख्मयंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रदेश वासियों को रंगपंचमी पर्व की शुभकामनाएं देते हुए बढ़ते कोरोना संक्रमण में संयम बरतने और घर पर रहकर त्यौहान मनाने की अपील की है। सीएम शिवराज ने कहा कि रंगों के महापर्व प्तरंगपंचमी की आपको हार्दिक बधाई। यह पावन पर्व आपके जीवन में खुशहाली, समृद्धि, सफलता और आनंद के नव रंग भरे। प्रेम, स्नेह और अपनत्व की वर्षा हो। शुभकामनाएं! साथ ही आप सबसे आग्रह कि इस पर्व को भी अपनों के बीच घर में ही मनायें, ताकि कोविड19 का संक्रमण न फैले। उन्होंने कहा कि आज हम संकल्प लें कि हम सामूहिक रूप से होली नहीं खेलेंगे। अपनी होली, अपने घर। जिस गति से कोविड19 बढ़ रहा है, ऐसे में हमें संयम बरतने की आवश्यकता है। सीएम शिवराज ने बताया कि आज हमने रतलाम, खरगोन, बैतूल और छिंदवाड़ा में अधिकारियों की टीम भेजी हैं। जहां संक्रमण ज़्यादा है, वहां कैसे कोविड19 को नियंत्रित किया जाए, उसके प्रयास हम कर रहे हैं। कल प्रदेश में टीकाकरण का अभियान पूरी ताकत से प्रारम्भ हुआ है। कुछ अपवाद छोडक़र हमने सभी जगह लक्ष्य हासिल किया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने जनता से कोरोना वैक्सीन लगवाने का आग्रह करते हुए कहा कि जिन नागरिकों की उम्र 45 साल से ज़्यादा है, उन सभी से मेरी अपील है कि वे टीका ज़रूर लगवाएँ। यह टीका कोविड19 से लडऩे की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अस्पतालों में बेड की संख्या भी बढ़ाई जा रही है। मेरी सब से यह भी अपील है कि मास्क ज़रूर लगाएँ और सभी गाइडलाइंस का पालन करें।
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2 April 2021भोपाल। मप्र के भिंड के लहार क्षेत्र के असनेट गांव में होली के मौके पर जहरीली शराब पीने के कारण पांच लोगों की मौत हो गई। इसी गांव के दो लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। हालांकि, स्थानीय पुलिस जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो जाने की बात से इनकार कर रही है। वहीं जहरीली शराब से प्रदेश में हो रही मौत के मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधा है। लहार क्षेत्र में जहरीली शराब से पिछले दो दिन में हुई 5 लोगों की दुखद मौत की घटना को गंभीरता से लेते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने एक जांच दल घटनास्थल पर भेजने का निर्णय लिया है। यह जांच दल मौके पर जाकर ,पीडि़त परिवारों से मिलकर अपनी रिपोर्ट मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी को सौंपेगा। जांच दल में पूर्व मंत्री गोविंद सिंह, लाखन सिंह, रामनिवास रावत, अशोक सिंह, विधायक प्रवीण पाठक को शामिल किया गया है। इसके अलावा कमलनाथ ने ट्वीट कर प्रदेश में जहरीली शराब से हो रही मौतों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि प्रदेश में जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला अनवरत जारी है। शराब माफियाओं के हौसले बुलंद बने हुए है। उज्जैन,मुरैना के बाद अब भिंड में ज़हरीली शराब पीने से 5 लोगों की मौत की जानकारी सामने आयी है। उज्जैन-मुरैना शराबकांड के बाद प्रदेश में शराब माफियाओं व जिम्मेदारों पर कड़ी कार्यवाही के बड़े-बड़े दावे किए गए थे, सारे दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं? सरकार पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि पिछले एक वर्ष में प्रदेश में यह पांचवा शराब कांड है। प्रदेश में अब तक 50 से अधिक लोगों की जहरीली शराब से मौत हो चुकी है। हर कांड के बाद शिवराज सरकार सिर्फ दिखावटी विरोध, दिखावटी कार्यवाही के आदेश जारी करती है। माफिय़ाओ को गाढ़ देने, लटका देने के जुमले गढ़ती है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। प्रदेश में शराब माफियाओं का कहर निरंतर जारी है।
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1 April 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह गुरुवार को सुबह गुजरात में नर्मदा और सागर संगम स्थल पहुंचे। उन्होंने भरूच के पास खंभात की खाड़ी में जहाँ नर्मदा जी मिलती हैं, वहां पूजा-अर्चना कर देश-प्रदेश की जनता की सुख समृद्धि और कोरोना मामारी समाप्त होने की प्रार्थना की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा जी के संगम स्थल पर आकर उन्हें आनंद और संतोष की अनुभूति हुई है। उन्होंने कहा कि नर्मदा मैया के दर्शन कर हम संकल्प लें कि नदियों और पर्यावरण का संरक्षण करेंगे। मैंने मां नर्मदा से मध्यप्रदेश के समृद्ध होने और कोरोना महामारी पूरी तरह समाप्त करने की प्रार्थना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा जी मध्यप्रदेश और गुजरात की जीवन रेखा है। इसके तट पर अनेक साधुओं, महात्माओं और ऋषियों ने तपस्या और साधना कर मानवता को राह दिखाई। नर्मदा जी से न सिर्फ पीने का पानी, बल्कि सिंचाई और बिजली के उत्पादन का लाभ भी मिलता है। यह पवित्र रेवा हमारी आस्था की प्रतीक है। हमने इस पावन स्थल पर आकर देश और प्रदेश के कल्याण की कामना की है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज का दिन हमारे जीवन का अत्यंत सौभाग्य का दिन है। नर्मदा मैया हमारे लिए साक्षात माँ है। यहाँ आकर धन्य हो गए और माँ नर्मदा से प्रार्थना है कि सबके जीवन में सुख-समृद्धि और रिद्धि-सिद्धि आए। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में भी यह कहा गया है कि प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, सबका कल्याण हो। धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो। आज यही प्रार्थना कर रहा हूँ।
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1 April 2021भोपाल। सुरखी विधानसभा के ग्राम ढगरानियां एवं हिन्नौद में किसानों की खेतों में खड़ी फसल में आग लगने से जलकर स्वाहा हो गई है। राजस्व व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने संज्ञान लेकर राजस्व अधिकारियों को तुरंत जांच कर मुआवजा राशि दिलाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा राहतगढ़ में होली के मौके पर 17 वर्षीय किशोर की डूबने से हुई मौत पर उन्होंने शोक व्यक्त किया है। मंत्री राजपूत मंगलवार को मीडिया को जारी अपने बयान में कहा कि फसल के आखरी वक्त पर जब किसान बहुत सी उम्मीदें व सपने संजोए होते हैं, ऐसे में खड़ी फसल में आग लगना निश्चित रूप से किसानों की मेहनत व सपनों पर कुठाराघाट है। घटना के बारे में सुनकर मन को बहुत पीड़ा हुई है। उन्होंने कहा कि पीडि़त किसानों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं। म.प्र. की भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान किसानों की विपत्ति में हमेशा की तरह उनके साथ है। किसानों के नुकसान की भरपाई हम करेंगें, सरकार करेगी, अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। एक-एक दाने की भरपाई होगी। उन्होंने कहा कि राहतगढ़ में होली खेलते हुए नवयुवा गोविंद अहिरवार की मौत भी वेदना देने वाली है। जल्दी ही गोविंद के परिजनों से मिलकर यथासंभव मदद करेंगें।
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30 March 2021भोपाल। सुरखी विधानसभा के ग्राम ढगरानियां एवं हिन्नौद में किसानों की खेतों में खड़ी फसल में आग लगने से जलकर स्वाहा हो गई है। राजस्व व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने संज्ञान लेकर राजस्व अधिकारियों को तुरंत जांच कर मुआवजा राशि दिलाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा राहतगढ़ में होली के मौके पर 17 वर्षीय किशोर की डूबने से हुई मौत पर उन्होंने शोक व्यक्त किया है। मंत्री राजपूत मंगलवार को मीडिया को जारी अपने बयान में कहा कि फसल के आखरी वक्त पर जब किसान बहुत सी उम्मीदें व सपने संजोए होते हैं, ऐसे में खड़ी फसल में आग लगना निश्चित रूप से किसानों की मेहनत व सपनों पर कुठाराघाट है। घटना के बारे में सुनकर मन को बहुत पीड़ा हुई है। उन्होंने कहा कि पीडि़त किसानों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं। म.प्र. की भाजपा सरकार व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान किसानों की विपत्ति में हमेशा की तरह उनके साथ है। किसानों के नुकसान की भरपाई हम करेंगें, सरकार करेगी, अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। एक-एक दाने की भरपाई होगी। उन्होंने कहा कि राहतगढ़ में होली खेलते हुए नवयुवा गोविंद अहिरवार की मौत भी वेदना देने वाली है। जल्दी ही गोविंद के परिजनों से मिलकर यथासंभव मदद करेंगें।
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30 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को स्मार्ट पार्क में चांदनी का पौधा रोपा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारी प्रार्थना और प्रयास यही है कि प्रदेश में विकास और समृद्धि का फूल खिले। मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए प्रदेश की जनता का आभार माना। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए त्यौहारों को संयम और अनुशासन से बिना भीड़-भाड़ किए मनाने की आवश्यकता थी। मैंने नागरिकों से यह आव्हान भी किया था कि रस्म निभाएं, परंपरा पूरी करें पर कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जुलूस और भीड़-भाड़ नहीं होने दें। प्रदेश की जनता ने जिस आत्मानुशासन का परिचय दिया, उसके लिए मैं प्रदेश की जनता का आभारी हूँ। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनता के सहयोग से ही कोरोना के संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सकता है। मैंने प्रदेश की जनता से धैर्य और संयम के साथ त्यौहार मनाने की अपील की थी, जनता ने पूरा सहयोग दिया इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के प्रकरणों को देखते हुए हमें तीन स्तरों पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है। पहला तो संक्रमण की चेन को हम कैसे तोड़े। इसे फैलने से रोकना है। छोटे शहरों में बड़ी संख्या में प्रकरण सामने आ रहे हैं। रतलाम और बैतूल जैसे शहरों में प्रकरणों की संख्या सौ से अधिक हो रही है। यह चिंता का विषय है। हमारी कोशिश है सभी शहरों के अस्पतालों में पर्याप्त सुविधा, ऑक्सीजन और आवश्यक सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। नहीं होगा लम्बी अवधि का लॉकडाउन मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्य में कोरोना के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए वहां से आ रहे संक्रमण पर नियंत्रण के उपायों के लिए भी ब्रेन स्टॉर्मिंग जारी है। कोरोना के चक्र को समाप्त कैसे किया जाए, समुचित इलाज की व्यवस्था हो। इस पर भी विशेषज्ञ विचार-विमर्श कर रहे हैं। शाम को पुनः कोरोना की समीक्षा होगी और यदि आवश्यक हुआ तो कुछ निर्णय लिए जाएंगे। हमारा हरसंभव प्रयास है कि लम्बी अवधि का लॉकडाउन नहीं हो। गरीब की रोजी-रोटी चलनी चाहिए, रोजगार और व्यापार आवश्यक है। वर्तमान में शनिवार रात से सोमवार सुबह तक के लॉकडाउन की व्यवस्था रहेगी। साथ ही संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए अन्य उपायों पर विचार किया जाएगा। खुशबूदार चांदनी का पौधा चांदनी (रातरानी) - चांदनी के फूल खुशबू बिखेरते हैं। इसकी खुशबू बहुत दूर तक जाती है। इसके छोटे-छोटे फूल गुच्छे में आते हैं तथा रात में खिलते हैं और सवेरे सिकुड़ जाते हैं। रातरानी के फूल साल में 5 या 6 बार आते हैं। हर बार 7 से 10 दिन तक अपनी खुशबू बिखेरकर बहुत ही शांतिमय और खुशबूदार वातावरण निर्मित कर देते हैं। रातरानी और चमेली के फूलों का इत्र भी बनता है। यह श्रृंगार के भी काम आता है। चांदनी एक सदाबहार झाड़ी वाला पौधा है, जो 13 फुट तक ऊँचा हो सकता है। इसकी पत्तियाँ सरल, संकीर्ण चाकू जैसी लंबी, चिकनी और चमकदार होती हैं। फूल दुबला ट्यूबलर जैसा हरा और सफेद होता है।
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30 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को स्मार्ट पार्क में चांदनी का पौधा रोपा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारी प्रार्थना और प्रयास यही है कि प्रदेश में विकास और समृद्धि का फूल खिले। मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए प्रदेश की जनता का आभार माना। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए त्यौहारों को संयम और अनुशासन से बिना भीड़-भाड़ किए मनाने की आवश्यकता थी। मैंने नागरिकों से यह आव्हान भी किया था कि रस्म निभाएं, परंपरा पूरी करें पर कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जुलूस और भीड़-भाड़ नहीं होने दें। प्रदेश की जनता ने जिस आत्मानुशासन का परिचय दिया, उसके लिए मैं प्रदेश की जनता का आभारी हूँ। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जनता के सहयोग से ही कोरोना के संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सकता है। मैंने प्रदेश की जनता से धैर्य और संयम के साथ त्यौहार मनाने की अपील की थी, जनता ने पूरा सहयोग दिया इसके लिए मैं उनका धन्यवाद करता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के प्रकरणों को देखते हुए हमें तीन स्तरों पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है। पहला तो संक्रमण की चेन को हम कैसे तोड़े। इसे फैलने से रोकना है। छोटे शहरों में बड़ी संख्या में प्रकरण सामने आ रहे हैं। रतलाम और बैतूल जैसे शहरों में प्रकरणों की संख्या सौ से अधिक हो रही है। यह चिंता का विषय है। हमारी कोशिश है सभी शहरों के अस्पतालों में पर्याप्त सुविधा, ऑक्सीजन और आवश्यक सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। नहीं होगा लम्बी अवधि का लॉकडाउन मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्य में कोरोना के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए वहां से आ रहे संक्रमण पर नियंत्रण के उपायों के लिए भी ब्रेन स्टॉर्मिंग जारी है। कोरोना के चक्र को समाप्त कैसे किया जाए, समुचित इलाज की व्यवस्था हो। इस पर भी विशेषज्ञ विचार-विमर्श कर रहे हैं। शाम को पुनः कोरोना की समीक्षा होगी और यदि आवश्यक हुआ तो कुछ निर्णय लिए जाएंगे। हमारा हरसंभव प्रयास है कि लम्बी अवधि का लॉकडाउन नहीं हो। गरीब की रोजी-रोटी चलनी चाहिए, रोजगार और व्यापार आवश्यक है। वर्तमान में शनिवार रात से सोमवार सुबह तक के लॉकडाउन की व्यवस्था रहेगी। साथ ही संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए अन्य उपायों पर विचार किया जाएगा। खुशबूदार चांदनी का पौधा चांदनी (रातरानी) - चांदनी के फूल खुशबू बिखेरते हैं। इसकी खुशबू बहुत दूर तक जाती है। इसके छोटे-छोटे फूल गुच्छे में आते हैं तथा रात में खिलते हैं और सवेरे सिकुड़ जाते हैं। रातरानी के फूल साल में 5 या 6 बार आते हैं। हर बार 7 से 10 दिन तक अपनी खुशबू बिखेरकर बहुत ही शांतिमय और खुशबूदार वातावरण निर्मित कर देते हैं। रातरानी और चमेली के फूलों का इत्र भी बनता है। यह श्रृंगार के भी काम आता है। चांदनी एक सदाबहार झाड़ी वाला पौधा है, जो 13 फुट तक ऊँचा हो सकता है। इसकी पत्तियाँ सरल, संकीर्ण चाकू जैसी लंबी, चिकनी और चमकदार होती हैं। फूल दुबला ट्यूबलर जैसा हरा और सफेद होता है।
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30 March 2021भिंड। दमोह जिले के पथरिया से बसपा की विधायक रामबाई के फरार पति गोविंद सिंह परिहार को भिंड से गिरफ्तार कर लिया गया है। वह पिछले 3 दिन से ग्वालियर-भिंड में घूम रहा था। हालांकि अभी विधायक पति की गिरफ्तारी पर एसटीएफ ने कोई बयान जारी नहीं किया है। गौरतलब है कि शनिवार को ही विधायक पति का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें वह खुद को भिंड में सरेंडर की बात कह रहा था। पथरिया विधायक रामबाई सिंह परिहार के पति गोविंद सिंह का नाम हटा निवासी देवेंद्र चौरसिया की हत्या में आने के बाद से वह फरार था। दो महीने पहले हटा कोर्ट ने विधायक पति का नाम एफआईआर में शामिल कराया था। उसकी गिरफ्तारी न होने के बाद पुलिस ने उस पर 50 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट भी प्रदेश के डीजीपी और सरकार को फटकार लगा चुकी है। ऐसे में शासन और पुलिस दोनों पर आरोपी को गिरफ्तार करने का दबाव था। इसी बीच शनिवार को विधायक पति व 50 हजार रुपए के इनामी गोविंद सिंह को भिंड में गिरफ्तार कर लिया गया। ग्वालियर एसटीएफ ने उसे भिंड के बस स्टैंड से अपनी गिरफ्तारी में लिया है। इससे पहले आरोपी गोविंद सिंह ने 27 मार्च को एक वीडियो जारी किया था। इसमें वह कहा रहा है कि पत्नी विधायक रामबाई के कहने पर सरेंडर कर रहा है। लेकिन वह आरोपी नहीं है। सोशल मीडिया के माध्यम से पत्नी ने उसे सरेंडर करने की अपील की थी, इसलिए वह भिंड जिले के किसी भी थाना क्षेत्र में सरेंडर करने जा रहा है। वीडियो में उसने यह भी कहा है कि यह वीडियो 27 मार्च सुबह 5 बजे बनाया है। यदि दोषी साबित होता है तो उसे चौराहे पर फांसी पर लटका दिया जाए। वहीं, रविवार सुबह तक दमोह पुलिस गोविंदसिंह के सरेंडर या गिरफ्तारी की सूचना से इंकार करती रही है।
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28 March 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश के 12 शहरों में संपूर्ण लॉडाउन किया गया है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, बैतूल, छिंदवाड़ा, खरगौन, रतलाम, विदिशा, उज्जैन, नरसिंहपुर और सौंसर में शनिवार रात 9 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक पूरी तरह लॉकडाउन है। यहां रविवार सुबह से गलियों से लेकर बाजारों की सभी दुकानें बंद हैं और जगह-जगह भारी संख्या में पुलिसबल तैनात है। बेवजह घूमने वालों पर चालानी कार्रवाई की जा रही है। लॉकडाउन के चलते सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। अधिकांश नागरिक स्वेच्छा से लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं। कोरोना की चेन तोड़ने के लिए राजधानी भोपाल, इंदौर समेत 12 शहरों में शनिवार रात 9 बजे से 33 घंटे के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण रविवार सुबह से ही सड़कों पर सन्नाटा पसरा नजर आया। कॉलोनियों के लोग सुबह से घरों में कैद रहे और सड़कों पर आम दिनों की तुलना में आवाजाही बहुत कम नजर आ रही है। सभी प्रमुख सड़कों और बाजारों की दुकानें बंद हैं। मुख्य चौराहों पर पूरी तरह बैरिकेडिंग कर दी है, जहां तैनात पुलिसकर्मी बेवजह घूमने वालों को धरपकड़ कर रहे हैं। लॉकडाउन का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। पुलिस गली, मोहल्ले में गस्त कर लोगों को घर में रहने के लिए कह रही है। वहीं चेक पोस्ट पर लगातार जांच की जा रही है। दरअसल, आज रात होलिका दहन और कल रंगोत्सव का पर्व है, इसको लेकर शासन-प्रशासन ने लॉकडाउन को शिथिल करते हुए विशेष दिशा-निर्देश जारी किये हैं। इंदौर और भोपाल जैसे बड़े शहरों में होलिका दहन में केवल 20 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही परिवार के साथ ही होली खेलने का आग्रह किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार रात जनता के नाम संदेश में नागरिकों से अपील की कि होली सहित अन्य त्योहारों पर भीड़ किए बगैर परंपराएं निभाएं। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचने के लिए गाइडलाइन जारी की जा चुकी है। जुलूस, बड़े आयोजनों पर प्रतिबंध है। अपने घर, घर के सामने, किसी निर्धारित स्थान पर (जहां संक्रमण ज्यादा है, वहां अनुमति लेकर) परंपरा का निर्वाह किया जा सकता है। इसमें कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन बचाव के लिए सावधानी जरूरी है।
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28 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों को होली की शुभकामनाएं दी हैं। रविवार को स्मार्ट उद्यान में पौध रोपण के उपरांत मीडिया के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए चौहान ने कहा कि त्यौहार आरंभ हो रहे हैं। उत्सव और आनंद हमारी परंपरा है लेकिन जब आपात स्थिति हो, तो इनको मनाने के तरीके बदलने होंगे। उन्होंने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश की जनता से होली तथा अन्य त्यौहारों पर संयम और अनुशासन बनाए रखने की अपील की। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेशवासियों से 'मेरी होली-मेरे घर' का पालन करते हुए घर पर ही होली मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं भी प्रतिवर्ष उत्साह से सभी लोगों के साथ होली मनाता था। इस वर्ष कोरोना के संक्रमण को देखते हुए मैंने 'मेरी होली-मेरे घर' का पालन करते हुए परिवार के साथ ही होली मनाने का निर्णय लिया है। कोरोना को रोकने के लिए राज्य शासन पूरी तरह से तैयार मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना तेजी से फैल रहा है। भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, बैतूल, छिंदवाड़ा, बालाघाट, खरगोन, रतलाम, खंडवा और विदिशा में प्रकरण बढ़ रहे हैं। इसे रोकने के लिए सावधानी, सतर्कता और अनुशासन की जरूरत है। राज्य शासन कोरोना संक्रमण को रोकने और प्रभावितों के इलाज के लिए पूरी तरह से तैयार है। पीपीई किट जैसी सभी जरूरी सामग्री, ऑक्सीजन, पर्याप्त आवश्यक बैड उपलब्ध हैं। शासकीय के साथ-साथ निजी अस्पतालों का भी इस लड़ाई में सहयोग लिया जा रहा है। निजी अस्पतालों की दरें तय कर दी गईं हैं। कोई भी लूट-खसोट नहीं कर सकेगा। गरीबों का नि:शुल्क इलाज कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। कोरोना के विरुद्ध हम सब एक हैं का संदेश देना जरूरी मुख्यमंत्री चौहान ने धर्मगुरुओं, राजनैतिक दलों, सामाजिक संगठनों से अपील की कि सभी कोरोना के विरुद्ध इस युद्ध में एकजुट होकर परिस्थितियों का सामना करें और यह संदेश दें कि कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में हम सब एक हैं।
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28 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेशवासियों को होली की शुभकामनाएं दी हैं। रविवार को स्मार्ट उद्यान में पौध रोपण के उपरांत मीडिया के प्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए चौहान ने कहा कि त्यौहार आरंभ हो रहे हैं। उत्सव और आनंद हमारी परंपरा है लेकिन जब आपात स्थिति हो, तो इनको मनाने के तरीके बदलने होंगे। उन्होंने कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रदेश की जनता से होली तथा अन्य त्यौहारों पर संयम और अनुशासन बनाए रखने की अपील की। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रदेशवासियों से 'मेरी होली-मेरे घर' का पालन करते हुए घर पर ही होली मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मैं स्वयं भी प्रतिवर्ष उत्साह से सभी लोगों के साथ होली मनाता था। इस वर्ष कोरोना के संक्रमण को देखते हुए मैंने 'मेरी होली-मेरे घर' का पालन करते हुए परिवार के साथ ही होली मनाने का निर्णय लिया है। कोरोना को रोकने के लिए राज्य शासन पूरी तरह से तैयार मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में कोरोना तेजी से फैल रहा है। भोपाल, इन्दौर, जबलपुर, उज्जैन, ग्वालियर, बैतूल, छिंदवाड़ा, बालाघाट, खरगोन, रतलाम, खंडवा और विदिशा में प्रकरण बढ़ रहे हैं। इसे रोकने के लिए सावधानी, सतर्कता और अनुशासन की जरूरत है। राज्य शासन कोरोना संक्रमण को रोकने और प्रभावितों के इलाज के लिए पूरी तरह से तैयार है। पीपीई किट जैसी सभी जरूरी सामग्री, ऑक्सीजन, पर्याप्त आवश्यक बैड उपलब्ध हैं। शासकीय के साथ-साथ निजी अस्पतालों का भी इस लड़ाई में सहयोग लिया जा रहा है। निजी अस्पतालों की दरें तय कर दी गईं हैं। कोई भी लूट-खसोट नहीं कर सकेगा। गरीबों का नि:शुल्क इलाज कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। कोरोना के विरुद्ध हम सब एक हैं का संदेश देना जरूरी मुख्यमंत्री चौहान ने धर्मगुरुओं, राजनैतिक दलों, सामाजिक संगठनों से अपील की कि सभी कोरोना के विरुद्ध इस युद्ध में एकजुट होकर परिस्थितियों का सामना करें और यह संदेश दें कि कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में हम सब एक हैं।
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28 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पत्रकार कल्याण के संबंध में प्रभावी तथा व्यवहारिक नीति निर्धारण के लिए पत्रकारों की समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति पत्रकारों के लिए आचार संहिता भी विकसित करेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने राजधानी भोपाल के मालवीय नगर स्थित पत्रकार भवन की भूमि पर राज्य मीडिया सेंटर विकसित करने पर भी सहमति दी। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को अपने निवास पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कही। इस अवसर पर जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, मुख्यमंत्री के ओएसडी सत्येन्द्र खरे उपस्थित रहे। राज्य शासन द्वारा सुनील तिवारी तथा नरेन्द्र कुलश्रेष्ठ को सम्मान निधि स्वीकृत करने पर पत्रकारों द्वारा मुख्यमंत्री चौहान का आभार माना तथा उन्हें धन्यवाद दिया। इस अवसर पर पत्रकारों द्वारा मुख्यमंत्री चौहान को बरगद का पौधा भी भेंट किया गया। उल्लेखनीय है कि पत्रकार सुनील तिवारी तथा नरेन्द्र कुलश्रेष्ठ गंभीर बीमार हैं। मुख्यमंत्री चौहान की पहल पर दोनों पत्रकारों को सम्मान निधि स्वीकृत की गई है।
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25 March 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के किसानों से अपील की है कि वे ओने-पौने दामों पर अपनी फसल नहीं बेचें और न ही किसी की बातों में आएं। जिन फसलों के उचित और पर्याप्त मूल्य मिल रहे हैं, उन्हें किसान अवश्य बाजार में बेचें। राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी करेगी। प्रदेश में 27 मार्च से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी आरंभ होगी। दरअसल, मुख्यमंत्री ने उक्त बातें राजधानी भोपाल के स्मार्ट पार्क में गुरुवार को रूद्राक्ष का पौधा लगाते हुए कही। उन्होंने मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत करते हुए कहा कि आज सबके लिए कल्याणकारी भगवान शिव को समर्पित रूद्राक्ष का पौधा लगाया है। यह इसी कामना से लगाया है कि भगवान शिव सबका कल्याण करें। इस दौरान उन्होंने कहा कि 27 मार्च से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी आरंभ की जा रही है। वर्षा के कारण फसलों की खरीदी बाधित हुई थी। किसान ओने-पौने दामों पर अपनी फसल नहीं बेचें। जिन फसलों के उचित और पर्याप्त मूल्य मिल रहे हैं, उन्हें किसान अवश्य बाजार में बेचें। राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीदी करेगी। गौरतलब है कि राज्य शासन के निर्देशानुसार मप्र में गेहूं, चना, मसूर, सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीदी 22 मार्च 2021 से शुरू होनी थी, लेकिन बारिश, ओलावृष्टि और आंधी तूफान जैसी अपरिहार्य स्थितियों के कारण शासन द्वारा गेहूं, चना, मसूर, सरसों की खरीदी तिथि को आगे बढ़ा दिया गया था। किसानों से कहा गया था कि जिन किसान भाइयों को फसल बेचने के लिए एसएमएस प्राप्त हो चुके हैं उनको पुन: नवीन तारीख का एसएमएस प्राप्त होगा। इसलिए लगाया सीएम ने रुद्राक्ष का पौधा जनसंपर्क अधिकारी संदीप कपूर ने बताया कि मुख्यमंत्री चौहान द्वारा लगाया गया रुद्राक्ष का पौधा आस्था का प्रतीक माना जाता है। यह पवित्र वृक्ष माना जाता है। इसके फल की मालाएँ भी धारण की जाती हैं। ऐसा जन विश्वास है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर के नेत्रों के जलबिंदु से हुई। रुद्राक्ष शिव का वरदान है, जो संसार के भौतिक दु:खों को दूर करने के लिए प्रभु शंकर ने प्रकट किया। रुद्राक्ष धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। रुद्राक्ष आमतौर पर भक्तों द्वारा सुरक्षा कवच के तौर पर या ओम नमः शिवाय मंत्र के जाप के लिए भी पहने जाते हैं। इसके बीज मुख्य रूप से भारत और नेपाल में आभूषणों और माला के रूप में उपयोग किए जाते हैं। यह भी माना जाता है कि रुद्राक्ष अर्द्ध कीमती पत्थरों के समान मूल्यवान होते हैं। उल्लेखनीय है कि रुद्राक्ष हिमालय के प्रदेशों में पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त असम, मध्यप्रदेश, उत्तरांचल, अरूणांचल प्रदेश, बंगाल, हरिद्वार, गढ़वाल और देहरादून के जंगलों में पर्याप्त मात्र में पाए जाते हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री के क्षेत्र में भी रुद्राक्ष मिलते हैं। इसके अलावा दक्षिण भारत में नीलगिरि, मैसूर-कर्नाटक एवं रामेश्वरम् में भी रुद्राक्ष के वृक्ष देखे जा सकते हैं।
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25 March 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने भोपाल, इंदौर, जबलपुर के साथ चार और शहरों-बैतूल छिंदवाड़ा, रतलाम और खरगौन में रविवार को लॉकडाउन रखने का निर्णय लिया है। दरअसल, बुधवार देर शाम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक के बाद प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रि-परिषद के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए सतर्कता आवश्यक है। अत: होली के त्यौहार को अपने घरों तक सीमित करते हुए 'मेरी होली-मेरे घर' के सिद्धांत का अनुसरण करना आवश्यक है। संपूर्ण प्रदेश में गेर, मेले, चल समारोह सहित अन्य सार्वजनिक आयोजन और सार्वजनिक रूप में लोगों का एकत्रित होना प्रतिबंधित रहेगा। लॉकडाउन के लिए निर्देश जारीमुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर के साथ बैतूल, छिंदवाड़ा, रतलाम और खरगोन में कोरोना के प्रकरण निरंतर बढ़ रहे हैं। अतः इन स्थानों पर भी रविवार का लॉक लॉकडाउन रहेगा। ग्वालियर, उज्जैन, सागर, विदिशा, बड़वानी और बुरहानपुर में भी प्रतिदिन 20 से अधिक प्रकरण दर्ज हो रहे हैं। ऐसे सभी जिले जहाँ कोविड के साप्ताहिक पॉजिटिव केसेस का प्रतिशत औसत 20 से अधिक है, वहाँ विवाह समारोह, शव यात्रा, उठावना और मृत्यु-भोज आदि में सम्मिलित होने वाले व्यक्तियों की संख्या को भी सीमित किया जा रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा होली, शब-ए-बारात, ईस्टर और ईद-उल-फितर आदि त्यौहारों को देखते हुए अतिरिक्त स्थानीय प्रतिबंध लागू करने संबंधी सलाह के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं।उन्होंने बताया कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर, बैतूल, छिन्दवाड़ा, रतलाम और खरगोन में शनिवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन प्रभावी रहेगा। लॉकडाउन की अवधि में आवश्यक वस्तुओं, उद्योग इकाइयों के श्रमिकों, कर्मचारियों और औद्योगिक कच्चे माल तथा उत्पाद व बीमार व्यक्तियों के परिवहन, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन आने और जाने तथा परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए छूट रहेगी।इन शहरों में 28 मार्च को कोषालय और रजिस्ट्री कार्यालय खुले रहेंगे। इनमें कार्य करने वाले कर्मचारियों और कार्यालयों की सेवा प्राप्त करने वाले नागरिकों के आवागमन पर प्रतिबंध लागू नहीं होंगे। इन सात शहरों में 31 मार्च तक सभी स्कूल और कॉलेज में शिक्षण बंद रहेगा। सभी परीक्षाएँ पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होंगी। इनमें प्रतियोगी परीक्षाएँ भी सम्मिलित हैं। परीक्षार्थी तथा परीक्षा के कार्य में लगे अधिकारी-कर्मचारियों को आने-जाने में कोई अवरोध नहीं रहेगा।रेस्टोरेंट में बैठकर खाने पर प्रतिबंधऐसे जिलों, जहाँ कोविड के साप्ताहिक पॉजिटिव केसेस का प्रतिदिन औसत 20 से ज्यादा है, में शादी समारोह में 50 तथा शव यात्रा में 20 से अधिक व्यक्ति के सम्मिलित होने पर प्रतिबंध रहेगा। उठावना, मृत्यु-भोज आदि कार्यक्रमों में भी 50 से अधिक लोग सम्मिलित नहीं हो सकेंगे। इन जिलों में स्विमिंग पूल, सिनेमाघर, जिम आदि बंद रहेंगे। रेस्टोरेंट में बैठकर खाने पर प्रतिबंध रहेगा। टेक अवे भोजन की व्यवस्था जारी रहेगी। बंद हाल के कार्यक्रम में 50 प्रतिशत हाल की क्षमता (अधिकतम 100 व्यक्ति) सम्मिलित हो सकेंगे।जनता के हित में लिए गए हैं फैसलेमुख्यमंत्री ने कहा कि जनता के हित में यह फैसले लिए गए हैं। सात शहरों में 28 मार्च को लॉकडाउन होने के कारण होली दहन तथा शब-ए-बारात को सांकेतिक रूप से मनायें जाने की सहमति दी जा सकेगी। उन्होंने सभी जिलों में होली से पूर्व क्राईसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक आवश्यक रूप से आयोजित करने के निर्देश दिए। इन जिलों की क्राईसिस मैनेजमेंट कमेटी धार्मिक स्थलों में लोगों को एकत्रित होने से प्रतिबंधित करने और लॉकडाउन की अवधि रात 10 बजे से प्रात: 6 बजे के स्थान पर रात्रि 8 से सुबह 6 बजे तक करने के संबंध में निर्णय ले सकेगी। केमिस्ट, राशन और खान-पान की दुकानों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होंगे।जिन जिलों में कोविड के साप्ताहिक पॉजिटिव केसेस का औसत प्रतिशत प्रतिदिन 20 से कम है। वहाँ क्राईसिस मैनेजमेंट कमेटी जन-सुनवाई के कार्यक्रम स्थगित रखने और विवाह, अंतिम संस्कार जैसे सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने वालों की संख्या निर्धारित करने संबंधी निर्णय ले सकेगी।मंत्रालय में हुए प्रस्तुतिकरण में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान और अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा उपस्थित थे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और कृषि मंत्री कमल पटेल ने भी अपने सुझाव रखे।भोपाल में 15. 95 प्रतिशत हुआ पॉजिटिविटी रेटप्रस्तुतिकरण में जानकारी दी गई कि पिछले 7 दिन में प्रदेश के 10 शहरों में प्रकरण लगातार बढ़ रहे हैं। इंदौर में पिछले सात दिन में 317, भोपाल में 299, जबलपुर में 98, बैतूल में 38, रतलाम में 37, ग्वालियर में 36, उज्जैन में 30, सागर में 28, खरगोन में 27 और छिंदवाड़ा में 25 प्रकरण औसत रूप से प्रतिदिन दर्ज किए गए। गत सात दिवस का इंदौर का पॉजिटिविटी रेट 8.47 प्रतिशत, भोपाल का 15. 95 प्रतिशत हो गया है। इसी प्रकार बैतूल का पॉजिटिविटी रेट 14.32 प्रतिशत, जबलपुर का 7.46 प्रतिशत और खरगोन का 8.19 प्रतिशत दर्ज किया गया।तीन माह में होगा सभी का टीकाकरणमुख्यमंत्री ने टीकाकरण की प्रक्रिया को गति देने और सभी जिलों में आइसोलेशन वार्ड स्थापित करने और बिस्तरों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि प्रदेश में अब तक 26 लाख 90 हजार 646 व्यक्तियों का टीकाकरण हो चुका है। गत 20 मार्च को एक दिन में 3 लाख 57 हजार 500 व्यक्तियों का टीकाकरण हुआ। प्रदेश में प्रतिदिन 3 लाख व्यक्तियों के टीकाकरण के लिए व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं। प्रति सप्ताह चार दिन सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे। आगामी 3 माह में सभी लक्षित समूहों का टीकाकरण किए जाने की योजना है।
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25 March 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने भोपाल, इंदौर, जबलपुर के साथ चार और शहरों-बैतूल छिंदवाड़ा, रतलाम और खरगौन में रविवार को लॉकडाउन रखने का निर्णय लिया है। दरअसल, बुधवार देर शाम को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक के बाद प्रदेश में कोरोना की स्थिति पर प्रस्तुतिकरण दिया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रि-परिषद के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में कोरोना के बढ़ते प्रकरणों को देखते हुए सतर्कता आवश्यक है। अत: होली के त्यौहार को अपने घरों तक सीमित करते हुए 'मेरी होली-मेरे घर' के सिद्धांत का अनुसरण करना आवश्यक है। संपूर्ण प्रदेश में गेर, मेले, चल समारोह सहित अन्य सार्वजनिक आयोजन और सार्वजनिक रूप में लोगों का एकत्रित होना प्रतिबंधित रहेगा। लॉकडाउन के लिए निर्देश जारीमुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर के साथ बैतूल, छिंदवाड़ा, रतलाम और खरगोन में कोरोना के प्रकरण निरंतर बढ़ रहे हैं। अतः इन स्थानों पर भी रविवार का लॉक लॉकडाउन रहेगा। ग्वालियर, उज्जैन, सागर, विदिशा, बड़वानी और बुरहानपुर में भी प्रतिदिन 20 से अधिक प्रकरण दर्ज हो रहे हैं। ऐसे सभी जिले जहाँ कोविड के साप्ताहिक पॉजिटिव केसेस का प्रतिशत औसत 20 से अधिक है, वहाँ विवाह समारोह, शव यात्रा, उठावना और मृत्यु-भोज आदि में सम्मिलित होने वाले व्यक्तियों की संख्या को भी सीमित किया जा रहा है। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा होली, शब-ए-बारात, ईस्टर और ईद-उल-फितर आदि त्यौहारों को देखते हुए अतिरिक्त स्थानीय प्रतिबंध लागू करने संबंधी सलाह के परिप्रेक्ष्य में राज्य शासन द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं।उन्होंने बताया कि भोपाल, इंदौर, जबलपुर, बैतूल, छिन्दवाड़ा, रतलाम और खरगोन में शनिवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक लॉकडाउन प्रभावी रहेगा। लॉकडाउन की अवधि में आवश्यक वस्तुओं, उद्योग इकाइयों के श्रमिकों, कर्मचारियों और औद्योगिक कच्चे माल तथा उत्पाद व बीमार व्यक्तियों के परिवहन, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन आने और जाने तथा परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के लिए छूट रहेगी।इन शहरों में 28 मार्च को कोषालय और रजिस्ट्री कार्यालय खुले रहेंगे। इनमें कार्य करने वाले कर्मचारियों और कार्यालयों की सेवा प्राप्त करने वाले नागरिकों के आवागमन पर प्रतिबंध लागू नहीं होंगे। इन सात शहरों में 31 मार्च तक सभी स्कूल और कॉलेज में शिक्षण बंद रहेगा। सभी परीक्षाएँ पूर्व से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होंगी। इनमें प्रतियोगी परीक्षाएँ भी सम्मिलित हैं। परीक्षार्थी तथा परीक्षा के कार्य में लगे अधिकारी-कर्मचारियों को आने-जाने में कोई अवरोध नहीं रहेगा।रेस्टोरेंट में बैठकर खाने पर प्रतिबंधऐसे जिलों, जहाँ कोविड के साप्ताहिक पॉजिटिव केसेस का प्रतिदिन औसत 20 से ज्यादा है, में शादी समारोह में 50 तथा शव यात्रा में 20 से अधिक व्यक्ति के सम्मिलित होने पर प्रतिबंध रहेगा। उठावना, मृत्यु-भोज आदि कार्यक्रमों में भी 50 से अधिक लोग सम्मिलित नहीं हो सकेंगे। इन जिलों में स्विमिंग पूल, सिनेमाघर, जिम आदि बंद रहेंगे। रेस्टोरेंट में बैठकर खाने पर प्रतिबंध रहेगा। टेक अवे भोजन की व्यवस्था जारी रहेगी। बंद हाल के कार्यक्रम में 50 प्रतिशत हाल की क्षमता (अधिकतम 100 व्यक्ति) सम्मिलित हो सकेंगे।जनता के हित में लिए गए हैं फैसलेमुख्यमंत्री ने कहा कि जनता के हित में यह फैसले लिए गए हैं। सात शहरों में 28 मार्च को लॉकडाउन होने के कारण होली दहन तथा शब-ए-बारात को सांकेतिक रूप से मनायें जाने की सहमति दी जा सकेगी। उन्होंने सभी जिलों में होली से पूर्व क्राईसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक आवश्यक रूप से आयोजित करने के निर्देश दिए। इन जिलों की क्राईसिस मैनेजमेंट कमेटी धार्मिक स्थलों में लोगों को एकत्रित होने से प्रतिबंधित करने और लॉकडाउन की अवधि रात 10 बजे से प्रात: 6 बजे के स्थान पर रात्रि 8 से सुबह 6 बजे तक करने के संबंध में निर्णय ले सकेगी। केमिस्ट, राशन और खान-पान की दुकानों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होंगे।जिन जिलों में कोविड के साप्ताहिक पॉजिटिव केसेस का औसत प्रतिशत प्रतिदिन 20 से कम है। वहाँ क्राईसिस मैनेजमेंट कमेटी जन-सुनवाई के कार्यक्रम स्थगित रखने और विवाह, अंतिम संस्कार जैसे सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने वालों की संख्या निर्धारित करने संबंधी निर्णय ले सकेगी।मंत्रालय में हुए प्रस्तुतिकरण में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान और अपर मुख्य सचिव गृह राजेश राजौरा उपस्थित थे। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और कृषि मंत्री कमल पटेल ने भी अपने सुझाव रखे।भोपाल में 15. 95 प्रतिशत हुआ पॉजिटिविटी रेटप्रस्तुतिकरण में जानकारी दी गई कि पिछले 7 दिन में प्रदेश के 10 शहरों में प्रकरण लगातार बढ़ रहे हैं। इंदौर में पिछले सात दिन में 317, भोपाल में 299, जबलपुर में 98, बैतूल में 38, रतलाम में 37, ग्वालियर में 36, उज्जैन में 30, सागर में 28, खरगोन में 27 और छिंदवाड़ा में 25 प्रकरण औसत रूप से प्रतिदिन दर्ज किए गए। गत सात दिवस का इंदौर का पॉजिटिविटी रेट 8.47 प्रतिशत, भोपाल का 15. 95 प्रतिशत हो गया है। इसी प्रकार बैतूल का पॉजिटिविटी रेट 14.32 प्रतिशत, जबलपुर का 7.46 प्रतिशत और खरगोन का 8.19 प्रतिशत दर्ज किया गया।तीन माह में होगा सभी का टीकाकरणमुख्यमंत्री ने टीकाकरण की प्रक्रिया को गति देने और सभी जिलों में आइसोलेशन वार्ड स्थापित करने और बिस्तरों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि प्रदेश में अब तक 26 लाख 90 हजार 646 व्यक्तियों का टीकाकरण हो चुका है। गत 20 मार्च को एक दिन में 3 लाख 57 हजार 500 व्यक्तियों का टीकाकरण हुआ। प्रदेश में प्रतिदिन 3 लाख व्यक्तियों के टीकाकरण के लिए व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जा रही हैं। प्रति सप्ताह चार दिन सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को टीकाकरण सत्र आयोजित किए जाएंगे। आगामी 3 माह में सभी लक्षित समूहों का टीकाकरण किए जाने की योजना है।
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25 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिदिन एक पौधा लगाने के संकल्प के क्रम में बुधवार को राजधानी भोपाल के स्मार्ट उद्यान में बादाम का पौधा लगाया। इस दौरान उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदेशवासियों से साल में कम से कम एक पौधा लगाने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी साझा सकते हुए कहा है कि -‘भोपाल के स्मार्ट पार्क में आज बादाम का पौधा लगाया। बादाम विटामिन-ई का सबसे अच्छा सोर्स है। यह दिमाग और हृदय को स्वस्थ रखता है। आप अपने जन्मदिन और अपनों की स्मृति में पौधरोपण अवश्य कीजिये। हम सबके प्रयास से ही यह धरती हरी-भरी और हमारे लिए अधिक उपयोगी होगी।
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24 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में कोरोना के बढ़ रहे मामलों के दृष्टिगत धर्मगुरुओं, राजनीतिक दलों, विभिन्न संगठनों और मीडिया के मित्रों से जन-जागरूकता बढ़ाने में सहयोग देने की अपील की है। मुख्यमंत्री इन वर्गों को पत्र लिखकर भी यह आग्रह कर रहे हैं कि मेरा मास्क-मेरी सुरक्षा और मेरी होली मेरे घर के अभियान में सहयोग प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए यदि अन्य आवश्यक कदम उठाने होंगे, तो अवश्य उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा जागरूकता अभियान में सभी का सहयोग आवश्यक है। आर्थिक गतिविधियां संचालित होती रहेंगी, लेकिन संक्रमण को रोकना राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जहां एक और उपचार और अन्य व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है वहीं नागरिकों के बीच यह संदेश पहुंचाया जा रहा है कि स्वयं के हित में, समाज के हित में, राज्य के हित में और देश के हित में फेस मास्क का अवश्य उपयोग करें। अन्य सावधानियों का भी पालन करें। मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को कोरोना संक्रमण के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। इसके अनुसार करीब 1700 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इंदौर में इनकी संख्या 450 और भोपाल में 385 है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के सभी स्थानों विशेष रूप से इंदौर और भोपाल इन दोनों नगरों में आवश्यक सावधानियां अपनाना होंगी।
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24 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में कोरोना के बढ़ रहे मामलों के दृष्टिगत धर्मगुरुओं, राजनीतिक दलों, विभिन्न संगठनों और मीडिया के मित्रों से जन-जागरूकता बढ़ाने में सहयोग देने की अपील की है। मुख्यमंत्री इन वर्गों को पत्र लिखकर भी यह आग्रह कर रहे हैं कि मेरा मास्क-मेरी सुरक्षा और मेरी होली मेरे घर के अभियान में सहयोग प्रदान करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमण की चैन तोड़ने के लिए यदि अन्य आवश्यक कदम उठाने होंगे, तो अवश्य उठाए जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा जागरूकता अभियान में सभी का सहयोग आवश्यक है। आर्थिक गतिविधियां संचालित होती रहेंगी, लेकिन संक्रमण को रोकना राज्य शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जहां एक और उपचार और अन्य व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जा रहा है वहीं नागरिकों के बीच यह संदेश पहुंचाया जा रहा है कि स्वयं के हित में, समाज के हित में, राज्य के हित में और देश के हित में फेस मास्क का अवश्य उपयोग करें। अन्य सावधानियों का भी पालन करें। मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को कोरोना संक्रमण के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों से अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की। इसके अनुसार करीब 1700 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। इंदौर में इनकी संख्या 450 और भोपाल में 385 है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के सभी स्थानों विशेष रूप से इंदौर और भोपाल इन दोनों नगरों में आवश्यक सावधानियां अपनाना होंगी।
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24 March 2021भोपाल। परिवहन एवं राजस्व मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने बुधवार को आई.एस.बी.टी. बस स्टेण्ड पर बसों का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने यात्रियों, कंडक्टर और ड्रायवर को मास्क भी वितरित किए। साथ ही राज्य शासन द्वारा चलाये गये ''मेरा मास्क-मेरी सुरक्षा'' का संदेश दिया गया। परिवहन मंत्री ने बताया कि अधिकांश यात्री मास्क लगाए हुए थे। उन्होंने कहा कि कोरोना के फैलते संक्रमण को रोकने के लिए पिछले माह बसों में यात्रियों के लिए मास्क अनिवार्य किया गया था। मुझे आज इस बात का संतोष रहा कि अधिकांश यात्री, बस ड्रायवर एवं कंडक्टर मास्क पहनें हुए थे। छ: यात्री बसों का किया निरीक्षण परिवहन मंत्री राजपूत ने आई.एस.बी.टी. बस स्टॉप पर भोपाल से सिलवानी जाने वाली बस क्रमांक एम.पी.-09-9259, वर्मा ट्रेवल्स की भोपाल से इंदौर जाने वाली बस क्रमांक एम.पी-04-ए-1169, मालवा एक्सप्रेस की बस क्रमांक एम.पी-04-पीए-2847 एवं भोपाल से पचमढ़ी जाने वाली बस क्रमांक एम.पी-04-पीए-611 बसों के अलावा मंडीदीप से गांधी नगर के मध्य भोपाल लिंक एक्सप्रेस की रेड बस टी.आर.4 क्रमांक एम.पी.04-पीए-3866 का निरीक्षण किया। मंत्री राजपूत ने सिटी बस के वाहन चालक को मास्क पहनाया। मंत्री राजपूत ने कहा कि यात्री बसों में एक साथ कई लोग यात्रा करते है, जिससे कोरोना फैलने का ज्यादा खतरा रहता है। इसलिये बसों में यात्री, कंडक्टर एवं ड्रायवर के लिये मास्क अनिवार्य किया गया है। चेतावनी समझे या समझाईश परिवहन मंत्री ने कहा कि यात्रियों की जान के साथ कोई खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। आज मै सिर्फ मास्क वितरित कर रहा हूं। अगली बार बस चेंकिग के दौरान बस का परमिट, बीमा, एवं फिटनेस की चेकिंग भी की जाएगी, साथ ही कोई भी यात्री, ड्रायवर अथवा कंडक्टर बिना मास्क के मिला तो बस मालिक के विरूद्ध कार्रवाई करेंगे। मंत्री राजपूत ने कहा कि जब-तक कोरोना संक्रमण खतम नहीं हो जाता बस मालिक मास्क को भी आवश्यक प्रपत्र समझे। ओला प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा राजस्व मंत्री राजपूत ने कहा कि पिछले दिनों हुई ओला वृष्टि से फसलों को हुई क्षति के आंकलन के निर्देश प्रमुख सचिव राजस्व को दिये है। आंकलन की कार्रवाई की जा रही है। क्षति का सम्पूर्ण आंकलन होने के बाद किसानों को मुआवजा राशि दी जाएगी।
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24 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिदिन पौधरोपण करने के संकल्प के क्रम में सोमवार को भोपाल के स्मार्ट उद्यान में रबड़ के पौधे का रोपण किया। इसके अलावा मुख्यमंत्री निवास पर भी उन्होंने पीपल का पौधा लगाया। इस दौरान उन्होंने नागरिकों से पौधरोपण करने की अपील भी की। बता दें कि सीएम शिवराज नर्मदा जयंती के दिन से प्रतिदिन पौधरोपण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा है कि आज मैंने भोपाल के स्मार्ट पार्क में रबर का पौधा लगाया है। रबर का पौधा वायु को शुद्ध करने में बहुत उपयोगी होता है। पौधे लगाने का सुख सचमुच में अद्भुत और अपूर्व है। जीवन रोपने जैसा सुख इससे मिलता है। आप से भी पौधे लगाइये और धरती को हरा-भरा बनाने में योगदान दीजिये।
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22 March 2021भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में विश्व जल दिवस के अवसर पर सोमवार को केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच समझौता हो गया है। इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व जल दिवस के मौके पर रिमोट का बटन दबाकर जल शक्ति अभियान के तहत ‘कैच द रैन’ आंदोलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल स्थित मंत्रालय से वीसी के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े। प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वर्षा जल से संरक्षण के साथ ही हमारे देश में नदी जल के प्रबंधन पर भी दशकों से चर्चा होती रही है। देश को पानी संकट से बचाने के लिए इस दिशा में अब तेजी से कार्य करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट भी इसी विजन का हिस्सा है। आज जब हम जब तेज विकास के लिए प्रयास कर रहे हैं, तो ये वाटर सिक्योरिटी और वाटर मैनेजमेंट के बिना संभव ही नहीं है। भारत के विकास का विजन, भारत की आत्मनिर्भरता का विजन, हमारे जल स्रोतों पर निर्भर है, हमारी वाटर कनेक्टीविटी निर्भर है। कैच द रैन की शुरुआत के साथ ही केन-बेतबा लिंक नहर के लिए भी बहुत बड़ा कदम उठाया गया है। अटल जी ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लाखों परिवारों के हित में जो सपना देखा था, उसे साकार करने के लिए ये समझौता अहम है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री, भाजपा के पितृपुरुष और हमारे मार्गदर्शक श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने राज्यों के विकास और कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए नदियों को आपस में जोडऩे का जो सपना देखा था, उसे पूर्ण करने की शुरुआत आज होने जा रही है। इस ऐतिहासिक परियोजना में दाऊधन बाँध बनाकर केन और बेतवा नदी को नहर के द्वारा जोड़ा जाएगा तथा लोअर ओर्र परियोजना, कोठा बैराज और बीना संकुल बहुउद्देश्यीय परियोजना के माध्यम से केन नदी के पानी को बेतवा नदी में पहुँचाया जाएगा। केन-बेतवा परियोजना से प्रतिवर्ष 10.62 लाख हे. कृषि क्षेत्र में सिंचाई, लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति और 103 मेगावाट जलविद्युत का उत्पादन होगा। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को इस अवसर पर सादर धन्यवाद देता हूँ।
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22 March 2021भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में विश्व जल दिवस के अवसर पर सोमवार को केन-बेतवा लिंक परियोजना को लेकर मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच समझौता हो गया है। इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उत्तप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व जल दिवस के मौके पर रिमोट का बटन दबाकर जल शक्ति अभियान के तहत ‘कैच द रैन’ आंदोलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल स्थित मंत्रालय से वीसी के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े। प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वर्षा जल से संरक्षण के साथ ही हमारे देश में नदी जल के प्रबंधन पर भी दशकों से चर्चा होती रही है। देश को पानी संकट से बचाने के लिए इस दिशा में अब तेजी से कार्य करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि केन-बेतवा लिंक प्रोजेक्ट भी इसी विजन का हिस्सा है। आज जब हम जब तेज विकास के लिए प्रयास कर रहे हैं, तो ये वाटर सिक्योरिटी और वाटर मैनेजमेंट के बिना संभव ही नहीं है। भारत के विकास का विजन, भारत की आत्मनिर्भरता का विजन, हमारे जल स्रोतों पर निर्भर है, हमारी वाटर कनेक्टीविटी निर्भर है। कैच द रैन की शुरुआत के साथ ही केन-बेतबा लिंक नहर के लिए भी बहुत बड़ा कदम उठाया गया है। अटल जी ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के लाखों परिवारों के हित में जो सपना देखा था, उसे साकार करने के लिए ये समझौता अहम है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री, भाजपा के पितृपुरुष और हमारे मार्गदर्शक श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने राज्यों के विकास और कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के लिए नदियों को आपस में जोडऩे का जो सपना देखा था, उसे पूर्ण करने की शुरुआत आज होने जा रही है। इस ऐतिहासिक परियोजना में दाऊधन बाँध बनाकर केन और बेतवा नदी को नहर के द्वारा जोड़ा जाएगा तथा लोअर ओर्र परियोजना, कोठा बैराज और बीना संकुल बहुउद्देश्यीय परियोजना के माध्यम से केन नदी के पानी को बेतवा नदी में पहुँचाया जाएगा। केन-बेतवा परियोजना से प्रतिवर्ष 10.62 लाख हे. कृषि क्षेत्र में सिंचाई, लगभग 62 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति और 103 मेगावाट जलविद्युत का उत्पादन होगा। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को इस अवसर पर सादर धन्यवाद देता हूँ।
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22 March 2021भोपाल। मप्र में लगातार कोरोना के बढ़ते संक्रमण से सरकार चिंतित है। रविवार को भोपाल में रिकार्ड तोड़ 382 मरीज मिले हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मध्यप्रदेश में 1 अप्रैल से स्कूल नहीं खुलेंगे, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके संकेत दिए हैं। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए ऐसी परिस्थिति में स्कूल नहीं खोले जा सकते हैं। रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज इंदौर, भोपाल और जबलपुर में लॉकडाउन है। कोविड19 की लहर बहुत तेज़ी से बढ़ रही है। कल 1,332 मामले आये हैं, अनेक जिलों में संक्रमण तेज़ी से फैल रहा जिसे रोकना ज़रूरी है। मैं नहीं चाहता कि हम आर्थिक गतिविधियों को बाधित करें, लेकिन कोरोना की बढ़ती रफ्तार मन में चिंता पैदा कर रही है। कोविड19 से जनता को सुरक्षित रखने में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमें जनता का सहयोग चाहिए। उन्होंने कहा कि सहयोग केवल इतना कि सभी मास्क लगाएँ और गाइडलाइंस का पालन करें क्योंकि कोरोना से लडऩे का सबसे प्रभावी उपाय यही है। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में जैसे कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। लगातार कोरोना केस में बढ़ोतरी हो रही है। ऐसी परिस्थिति में स्कूल को खोला जाना सही नहीं है। 23 मार्च को संकल्प अभियान प्रारंभ होगा वही बढ़ते पॉजिटिव केस पर बड़ा बयान देते हुए सीएम शिवराज ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के लिए 23 मार्च को संकल्प अभियान प्रारंभ होगा। जहां सभी शहरों में सायरन बजाया जाएगा। सीएम शिवराज ने कहा कि प्रात: 11:00 और शाम 7:00 बजे सायरन बजेगा। इस दौरान 2 मिनट के लिए जो जहां खड़ा है, वही रुकेगा। आमजन 2 मिनट का संकल्प लेंगे। जिसमें मास्क का उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना शामिल है। उन्होंने कहा कि दुकानों के सामने ग्राहक के खड़े होने के लिए गोले बनाए जाएंगे, मुख्यमंत्री खुद इस कार्य को देखेंगे। लोग निर्धारित समय पर अपने स्थान पर रुक जाएंगे और मास्क लगाने का, सामाजिक दूरी बनाए रखने का संकल्प लेंगे ताकि संक्रमण को रोका जा सके। इसके अलावा सीएम शिवराज ने कहा कि मेरी होली मेरे घर के नारे को त्यौहार पर दिनचर्या में उतारेंगे। सोमवार को मुख्यमंत्री चौहान प्रदेश के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से चर्चा भी करेंगे।
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21 March 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में दो चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। इससे पहले उन्होंने ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि बंगाल में बदलाव की बयार बह निकली है। वहां की जनता ममता दीदी के कुशासन से मुक्ति चाहती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार सुबह ट्वीट के माध्यम से कहा है कि ‘बंगाल में बदलाव की बयार बह निकली है! जनता ममता दीदी के कुशासन और टीएमसी की गुंडागर्दी से अब मुक्ति चाहती है। आज मोयना विधानसभा क्षेत्र के गजेंद्र प्राथमिक विद्यालय मैदान और खेजुरी विधानसभा क्षेत्र के बंसगौरा बस स्टैंड में भाजपा द्वारा आयोजित सभाओं में भाग लूंगा।’ बता दें कि मुख्यमंत्री शुक्रवार सुबह बंगाल पहुंच चुके हैं और वे मोयना विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार अशोक डिंडा के समर्थन में गजेंद्र प्राथमिक विद्यालय मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वे दोपहर 2.30 बजे खेजुरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार शांतनु प्रमाणिक के समर्थन में बंसगौरा बस स्टैंड पर आमसभा में शामिल होंगे।
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19 March 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में दो चुनावी सभाओं को संबोधित करेंगे। इससे पहले उन्होंने ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि बंगाल में बदलाव की बयार बह निकली है। वहां की जनता ममता दीदी के कुशासन से मुक्ति चाहती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार सुबह ट्वीट के माध्यम से कहा है कि ‘बंगाल में बदलाव की बयार बह निकली है! जनता ममता दीदी के कुशासन और टीएमसी की गुंडागर्दी से अब मुक्ति चाहती है। आज मोयना विधानसभा क्षेत्र के गजेंद्र प्राथमिक विद्यालय मैदान और खेजुरी विधानसभा क्षेत्र के बंसगौरा बस स्टैंड में भाजपा द्वारा आयोजित सभाओं में भाग लूंगा।’ बता दें कि मुख्यमंत्री शुक्रवार सुबह बंगाल पहुंच चुके हैं और वे मोयना विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार अशोक डिंडा के समर्थन में गजेंद्र प्राथमिक विद्यालय मैदान में आयोजित जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद वे दोपहर 2.30 बजे खेजुरी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार शांतनु प्रमाणिक के समर्थन में बंसगौरा बस स्टैंड पर आमसभा में शामिल होंगे।
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19 March 2021भोपाल। छतरपुर ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष के बाद विदिशा जिले की लटेरी तहसील की ग्राम पंचायत मुरवास की महिला सरपंच आशा बाल्मीकि के पति संत बाल्मीकि की हत्या मामले में पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर एक बार फिर सरकार का घेराव किया है। उन्होंने सीएम शिवराज पर तंज कसते हुए कहा है कि सरकार चलाने और मुंह चलाने के बड़ा फर्क है। प्रदेश में माफियाओं का कहर जारी है। कमलनाथ ने शुक्रवार सुबह एक के बाद लगातार कई ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि शिवराज जी, आपके गृह जिले विदिशा के लटेरी ब्लॉक की मुरवास पंचायत के दलित सरपंच पति की वन माफिय़ाओं ने निर्मम हत्या कर दी। प्रदेश में माफियाओं का क़हर, आतंक बदस्तूर जारी है। छतरपुर में हमारे ब्लॉक अध्यक्ष की हत्या, रायसेन में करनी सेना के अध्यक्ष की हत्या, विदिशा की यह घटना बता रही है कि माफिया, अपराधी तत्व ना ज़मीन में गढ़ रहे हैं, ना टंग रहे हैं, ना लटक रहे हैं बल्कि निर्दोष लोगों पर, सुरक्षा कर्मियों पर हमले कर उन्हें रोज लटका रहे हैं, टांग रहे हैं? कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर हमला बोलते हुए कहा कि ये आपके जुमले कब हकीकत में बदलेंगे, कब माफिया प्रदेश छोड़ कर भागेंगे? मुँह चलाना बड़ा आसान है, सरकार चलाने में और मुँह चलाने में बड़ा अंतर है। हमने अपनी सरकार में माफियाओं, अपराधी तत्वों का प्रदेश में आतंक समाप्त किया था, उन्हें नेस्तनाबूद किया था। इस घटना के दोषी लोगों पर कड़ी कार्यवाही हो, पीडि़त परिवार को इंसाफ मिले। गौरतलब है कि गुरूवार दोपहर को सरपंच पति की ट्रैक्टर से कुचलकर हत्या कर दी। घटना के बाद आरोपित रिजवान ट्रैक्टर लेकर भागने का प्रयास कर रहा था। इस दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। हत्या का कारण मृतक द्वारा आरोपित और उसके पिता की वन भूमि पर कब्जे की शिकायत को बताया जा रहा है।
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19 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रतिदिन एक पौधा लगाने के संकल्प के क्रम में शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास परिसर में नीम का पौधा लगाया। इस अवसर पर उन्होंने नागरिकों से पौधरोपण करने का आह्वान भी किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी साझा करते हुए कहा है कि पेड़-पौधे हमें जीवन देते हैं और हमारे संसार को सुंदर व समृद्ध बनाते हैं। धरा की समृद्धि के लिए प्रतिदिन पौधे लगाने के संकल्प के क्रम में आज मैंने निवास पर नीम का पौधा लगाया। आपसे भी आग्रह है कि विशिष्ट अवसरों पर पौधे अवश्य लगायें और धरती को अधिक हरा-भरा बनायें। उन्होंने कहा कि नीम के पौधे के अनेक औषधीय गुण हैं। यह संक्रमण दूर करता है। दंत रोगों के उपचार में इसका उपयोग है।
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19 March 2021भोपाल। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आज गुरुवार सुबह भोपाल के शासकीय हमीदिया अस्पताल पहुंचकर कोरोना वैक्सीन का पहला डोज लगवाया। इस अवसर पर उन्होंने आम जनता से भी अपील करते हुए कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सभी वैक्सीन लगवाएं। इस अवसर पर उनके साथ पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, विधायक आरिफ मसूद, मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा साथ में थे। इस अवसर पर उनके सलाहकार आरके मिगलानी ने भी कोरोना वैक्सीन लगवायी। वैक्सीन लगवाने के बाद मीडिया से बातचीत में कमलनाथ ने कहा कि सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन का ड़ोज लग रहा था। हमारा नंबर नहीं आया था इसलिए हमने नहीं लगवाई और जैसे ही हमारा नंबर आया, मैंने आज ख़ुद अस्पताल लाकर कोरोना वैक्सीन का ड़ोज लगवाया है। बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों पर उन्होंने कहा कि जिस तरह से मध्यप्रदेश में कोरोना के आंकड़े सामने आए हैं, देश में कोरोना के बढ़ते आंकड़े के मामलों को लेकर महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश का नंबर आया है। निश्चित तौर पर यह भयावह है, हमें कोरोना की गंभीरता को समझना होगा। लेकिन आज मध्यप्रदेश में मेलों का आयोजन हो रहा है, मुख्यमंत्री ख़ुद भीड़ भरे कार्यक्रमों में जा रहे हैं। लगातार नियमों का उल्लंघन हो रहा है। एक तरफ़ जहाँ आमजन के लिए 10 बजे के बाद तमाम प्रतिबंध है, वही प्रदेश में शराब की दुकानें देर रात तक चालू है, यह सब हमें सोचना होगा। कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार में कानून व्यवस्था को भी कोरोना हो गया है। लगातार हत्याएं, अपराध, अपहरण व दरिंदगी की घटनाएं हो रही है। छतरपुर के हमारे ब्लॉक अध्यक्ष की सरेआम हत्या कर दी गयी, लगातार अपराधिक घटनाएं घट रही है, यह सब चिंता का विषय है। आज बहन -बेटियों के साथ प्रतिदिन दरिंदगी की घटनाएं घट रही है। किसानों को लेकर कमलनाथ ने कहा कि आज हमारे देश का किसान परेशान है, वह लगातार अपनी मांगों को लेकर सडक़ों पर आंदोलन कर रहा है। 1 वर्ष पूर्व 20 मार्च 2020 को मेरी सरकार गिरी थी, मैंने तब भी कहा था कि आज के बाद कल आता है। निश्चित तौर पर मुझे प्रदेश की जनता पर पूर्ण विश्वास है, वह इस सच्चाई को समझेगी कि मैंने अपनी सरकार को बचाने के लिए मध्य प्रदेश की राजनीति को कलंकित होने नहीं दिया, मैंने सौदे की राजनीति नहीं की। मध्य प्रदेश सरकार के लगातार लिए जा रहे कर्ज के सवाल पर उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार हर क्षेत्र में कर्जदार बनती जा रही है, चाहे राजनीतिक क्षेत्र की बात करें या आर्थिक क्षेत्र की बात करें।
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18 March 2021धार। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मिशन ग्रामोदय के तहत धार जिले में आयोजित भव्य समारोह में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत नवनिर्मित एक लाख 25 हजार आवासों में हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया। कार्यक्रम में 477.40 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपको फिर विश्वास दिलाता हूं कि मध्यप्रदेश की धरती पर कोई गरीब बिना पक्की छत के नहीं रहेगा, सबके मकान बनाए जाएंगे। यही मिशन ग्रामोदय है। गांव में रहने वाले भाई-बहनों की बुनियादी जरूरतें पूरी करने का यह अभियान जारी रहेगा। कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ग्रामीणों को विकास की सौगात देने धार पहुंचे, जहां जिले की बहनों ने बाघ प्रिंट के वस्त्र, तुलसी का पौधा और काश्तकार भाइयों ने जैविक उत्पादों की टोकरी भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। धार में आयोजित कार्यक्रम में सवा लाख ग्रामीण परिवारों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह प्रवेश कराया। इन आवासों के निर्माण में 1,562 करोड़ रूपये की लागत आई है। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के पांच लाख हितग्राहियों को दो हजार करोड़ रुपये की राशि देने की प्रक्रिया की शुरुआत की गई। इसी के साथ उन्होंने 6,000 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों, 2,000 शांतिधामों का लोकार्पण किया। धार में आयोजित मिशन ग्रामोदय कार्यक्रम का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कन्यापूजन और दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज का दिन आनंद का दिन है। मेरे सवा लाख गरीब भाई-बहनों का आज नए घर में प्रवेश हो रहा है। मैं आप सभी को बधाई देता हूं। कोविड-19 काल में हमने एक साल में 3 लाख गरीबों के मकान बनाकर तैयार किए हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि धार में सर्व सुविधायुक्त बस स्टैण्ड बनाया जाएगा, पीथमपुर में कॉलेज बिल्डिंग बनेगी। धार की और भी मांगों पर विचार करके फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 26 लाख घरों में इसी साल 31 मार्च तक नल कनेक्शन दिया जाएगा और आने वाले तीन साल में एक करोड़ दो लाख घरों में नल कनेक्शन से शुद्ध पीने के पानी की व्यवस्था कर देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में मध्यप्रदेश देश में नंबर-1 है। आज मैं मध्यप्रदेश की अपनी बहनों को कहना चाहता हूं तीन साल के अंदर हर गांव में पीने का पानी पाइपलाइन बिछाकर घर में नल लगाकर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान भाइयों को फसल बीमा का पूरा पैसा दिलवाया जायेगा। जितना नुकसान हुआ है, पूरी भरपाई होगी। यदि खरीफ की फसल का कर्जा किसान भाई 28 मार्च तक जमा नहीं कर पा रहे हैं तो इसकी तारीख भी बढ़ाई जाएगी। स्व-सहायता समूहों की हर बहन को कम से कम 10 हजार रुपये की आमदनी हो, यह हमारा संकल्प है। उनके लिए हर माह पैसा देने की व्यवस्था कर रहे हैं। अब स्व-सहायता समूहों को बैंक लिंकेज से दिया जाने वाला पैसा केवल 2 प्रतिशत ब्याज पर दिया जाएगा। ब्याज का बाकी पैसा मध्यप्रदेश सरकार भरेगी। किसान भाइयों, 23 मार्च को फसल नुकसान की राहत राशि और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के 2,000 करोड़ रुपये किसानों के खातों में डाले जाएंगे। उन्होंने कहा कि 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपया विभिन्न योजनाओं को मिलाकर गरीब के खाते में आया है। यही तो ग्रामोदय है, गरीब का उदय है। कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण) के तहत सवा लाख आवासों का गृह प्रवेश आज मध्यप्रदेश में संपन्न हो रहा है। गरीब भाई-बहनों को ये घर दिए जा रहे हैं। ये उनके जीवन का सुखद क्षण हैं, मैं उन्हें बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
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18 March 2021धार। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मिशन ग्रामोदय के तहत धार जिले में आयोजित भव्य समारोह में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत नवनिर्मित एक लाख 25 हजार आवासों में हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराया। कार्यक्रम में 477.40 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आपको फिर विश्वास दिलाता हूं कि मध्यप्रदेश की धरती पर कोई गरीब बिना पक्की छत के नहीं रहेगा, सबके मकान बनाए जाएंगे। यही मिशन ग्रामोदय है। गांव में रहने वाले भाई-बहनों की बुनियादी जरूरतें पूरी करने का यह अभियान जारी रहेगा। कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ग्रामीणों को विकास की सौगात देने धार पहुंचे, जहां जिले की बहनों ने बाघ प्रिंट के वस्त्र, तुलसी का पौधा और काश्तकार भाइयों ने जैविक उत्पादों की टोकरी भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। धार में आयोजित कार्यक्रम में सवा लाख ग्रामीण परिवारों को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह प्रवेश कराया। इन आवासों के निर्माण में 1,562 करोड़ रूपये की लागत आई है। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के पांच लाख हितग्राहियों को दो हजार करोड़ रुपये की राशि देने की प्रक्रिया की शुरुआत की गई। इसी के साथ उन्होंने 6,000 सामुदायिक स्वच्छता परिसरों, 2,000 शांतिधामों का लोकार्पण किया। धार में आयोजित मिशन ग्रामोदय कार्यक्रम का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कन्यापूजन और दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज का दिन आनंद का दिन है। मेरे सवा लाख गरीब भाई-बहनों का आज नए घर में प्रवेश हो रहा है। मैं आप सभी को बधाई देता हूं। कोविड-19 काल में हमने एक साल में 3 लाख गरीबों के मकान बनाकर तैयार किए हैं। मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि धार में सर्व सुविधायुक्त बस स्टैण्ड बनाया जाएगा, पीथमपुर में कॉलेज बिल्डिंग बनेगी। धार की और भी मांगों पर विचार करके फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 26 लाख घरों में इसी साल 31 मार्च तक नल कनेक्शन दिया जाएगा और आने वाले तीन साल में एक करोड़ दो लाख घरों में नल कनेक्शन से शुद्ध पीने के पानी की व्यवस्था कर देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में मध्यप्रदेश देश में नंबर-1 है। आज मैं मध्यप्रदेश की अपनी बहनों को कहना चाहता हूं तीन साल के अंदर हर गांव में पीने का पानी पाइपलाइन बिछाकर घर में नल लगाकर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसान भाइयों को फसल बीमा का पूरा पैसा दिलवाया जायेगा। जितना नुकसान हुआ है, पूरी भरपाई होगी। यदि खरीफ की फसल का कर्जा किसान भाई 28 मार्च तक जमा नहीं कर पा रहे हैं तो इसकी तारीख भी बढ़ाई जाएगी। स्व-सहायता समूहों की हर बहन को कम से कम 10 हजार रुपये की आमदनी हो, यह हमारा संकल्प है। उनके लिए हर माह पैसा देने की व्यवस्था कर रहे हैं। अब स्व-सहायता समूहों को बैंक लिंकेज से दिया जाने वाला पैसा केवल 2 प्रतिशत ब्याज पर दिया जाएगा। ब्याज का बाकी पैसा मध्यप्रदेश सरकार भरेगी। किसान भाइयों, 23 मार्च को फसल नुकसान की राहत राशि और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के 2,000 करोड़ रुपये किसानों के खातों में डाले जाएंगे। उन्होंने कहा कि 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपया विभिन्न योजनाओं को मिलाकर गरीब के खाते में आया है। यही तो ग्रामोदय है, गरीब का उदय है। कार्यक्रम में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण) के तहत सवा लाख आवासों का गृह प्रवेश आज मध्यप्रदेश में संपन्न हो रहा है। गरीब भाई-बहनों को ये घर दिए जा रहे हैं। ये उनके जीवन का सुखद क्षण हैं, मैं उन्हें बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
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18 March 2021भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति की बैठक सोमवार को समिति के अध्यक्ष भारत सिंह (पूर्व गृह मंत्री) की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में मप्र कांग्रेस कमेटी ने वरिष्ठ नेता माणक अग्रवाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए उनकी प्राथमिक सदस्यता छह साल के लिए निलंबित कर दी है। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होगा। बैठक में मप्र कांग्रेस कमेटी को बीते 17 फरवरी को जिला कांग्रेस कमेटी होशंगाबाद की ओर से मानक अग्रवाल के संबंध में तथ्यात्मक विवरण सहित पत्र प्राप्त हुआ। पत्र में उनके विगत आचरणों के संबंध में विस्तृत उल्लेख किया गया है। मानक अग्रवाल ने विगत दिनों दिये बयान जो पार्टी की रीति-नीति के खिलाफ और उनके वक्तव्य तथा कार्यशैली पूरी तरह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आते हैं। कांग्रेस की अनुशासन समिति की बैठक में संपूर्ण विवरण पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। मानक अग्रवाल के इन अनुशासनहीन कार्यों का कदाचरण के संबंध में चर्चा उपरांत कांग्रेस अनुशासन समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उन्हें 6 वर्ष के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जाता है।
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15 March 2021भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति की बैठक सोमवार को समिति के अध्यक्ष भारत सिंह (पूर्व गृह मंत्री) की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में मप्र कांग्रेस कमेटी ने वरिष्ठ नेता माणक अग्रवाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए उनकी प्राथमिक सदस्यता छह साल के लिए निलंबित कर दी है। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होगा। बैठक में मप्र कांग्रेस कमेटी को बीते 17 फरवरी को जिला कांग्रेस कमेटी होशंगाबाद की ओर से मानक अग्रवाल के संबंध में तथ्यात्मक विवरण सहित पत्र प्राप्त हुआ। पत्र में उनके विगत आचरणों के संबंध में विस्तृत उल्लेख किया गया है। मानक अग्रवाल ने विगत दिनों दिये बयान जो पार्टी की रीति-नीति के खिलाफ और उनके वक्तव्य तथा कार्यशैली पूरी तरह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आते हैं। कांग्रेस की अनुशासन समिति की बैठक में संपूर्ण विवरण पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। मानक अग्रवाल के इन अनुशासनहीन कार्यों का कदाचरण के संबंध में चर्चा उपरांत कांग्रेस अनुशासन समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उन्हें 6 वर्ष के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जाता है।
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15 March 2021भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति की बैठक सोमवार को समिति के अध्यक्ष भारत सिंह (पूर्व गृह मंत्री) की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में मप्र कांग्रेस कमेटी ने वरिष्ठ नेता माणक अग्रवाल के खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठाते हुए उनकी प्राथमिक सदस्यता छह साल के लिए निलंबित कर दी है। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होगा। बैठक में मप्र कांग्रेस कमेटी को बीते 17 फरवरी को जिला कांग्रेस कमेटी होशंगाबाद की ओर से मानक अग्रवाल के संबंध में तथ्यात्मक विवरण सहित पत्र प्राप्त हुआ। पत्र में उनके विगत आचरणों के संबंध में विस्तृत उल्लेख किया गया है। मानक अग्रवाल ने विगत दिनों दिये बयान जो पार्टी की रीति-नीति के खिलाफ और उनके वक्तव्य तथा कार्यशैली पूरी तरह अनुशासनहीनता की श्रेणी में आते हैं। कांग्रेस की अनुशासन समिति की बैठक में संपूर्ण विवरण पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई। मानक अग्रवाल के इन अनुशासनहीन कार्यों का कदाचरण के संबंध में चर्चा उपरांत कांग्रेस अनुशासन समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि उन्हें 6 वर्ष के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित किया जाता है।
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15 March 2021भोपाल। सरकारी बैंकों के प्रस्ताविक निजीकरण को लेकर देश भर में 15 और 16 मार्च को सभी बैंकों के कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर हैं। बैंकों की इस हड़ताल को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी समर्थन में आगे आ गए हैं। उन्होंने कहा है कि मोदी-शाह देश के सार्वजनिक क्षेत्र को बर्बाद कर देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने बैंक कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल का समर्थन किया है। उन्होंने अंग्रेजी में ट्वीट करते हुए कहा कि मैं दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल का समर्थन करता हूं। उन्होंने लिखा है कि मोदी-शाह और भाजपा मूलत: और विचारधारा के स्तर पर सार्वजनिक क्षेत्र के खिलाफ हैं और वे सार्वजनिक क्षेत्र की संभी संस्थाओं को खत्म कर देना चाहते हैं। वहीं, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस मध्यप्रदेश के कोऑर्डिनेटर वीके शर्मा ने बताया कि बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में देशभर के दस लाख बैंक कर्मचारी एवं अधिकारी 15 एवं 16 मार्च को राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल में शामिल हैं। हड़ताल के कारण सभी सरकारी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों एवं पुरानी निजी क्षेत्र के बैंकों में काम काज ठप्प है। राजधानी भोपाल में जिला प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी के चलते सार्वजनिक स्थानों पर रैली, धरना, सभा आदि के लिए अनुमति नही दी। इस कारण सभी बैंकों के हड़ताली बैंक कर्मी एक जगह एकत्रित ना होकर अपनी अपनी बैंकों के प्रशासनिक कार्यालयों के सामने प्रातः 10:30 बजे मास्क पहन कर एकत्रित हुए एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैंकों के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
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15 March 2021भोपाल। सरकारी बैंकों के प्रस्ताविक निजीकरण को लेकर देश भर में 15 और 16 मार्च को सभी बैंकों के कर्मचारी और अधिकारी हड़ताल पर हैं। बैंकों की इस हड़ताल को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी समर्थन में आगे आ गए हैं। उन्होंने कहा है कि मोदी-शाह देश के सार्वजनिक क्षेत्र को बर्बाद कर देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने बैंक कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल का समर्थन किया है। उन्होंने अंग्रेजी में ट्वीट करते हुए कहा कि मैं दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारियों की दो दिवसीय हड़ताल का समर्थन करता हूं। उन्होंने लिखा है कि मोदी-शाह और भाजपा मूलत: और विचारधारा के स्तर पर सार्वजनिक क्षेत्र के खिलाफ हैं और वे सार्वजनिक क्षेत्र की संभी संस्थाओं को खत्म कर देना चाहते हैं। वहीं, यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस मध्यप्रदेश के कोऑर्डिनेटर वीके शर्मा ने बताया कि बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में देशभर के दस लाख बैंक कर्मचारी एवं अधिकारी 15 एवं 16 मार्च को राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल में शामिल हैं। हड़ताल के कारण सभी सरकारी क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों एवं पुरानी निजी क्षेत्र के बैंकों में काम काज ठप्प है। राजधानी भोपाल में जिला प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी के चलते सार्वजनिक स्थानों पर रैली, धरना, सभा आदि के लिए अनुमति नही दी। इस कारण सभी बैंकों के हड़ताली बैंक कर्मी एक जगह एकत्रित ना होकर अपनी अपनी बैंकों के प्रशासनिक कार्यालयों के सामने प्रातः 10:30 बजे मास्क पहन कर एकत्रित हुए एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैंकों के निजीकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
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15 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कुछ स्थानों पर हुई बेमौसम बारिश को देखते हुए राज्य सरकार ने अधिकारियों को फसलों की क्षति के आकलन के निर्देश दिए हैं। किसानों को आवश्यकतानुसार फसलों की क्षति के आधार पर जरूरी राहत प्रदान की जाएगी। यह जानकारी रविवार को जनसंपर्क अधिकारी अशोक मनवानी ने दी। अधिकारियों से प्राप्त की जानकारी मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि उन्होंने प्रदेश के कुछ स्थानों पर बेमौसम बारिश और कहीं-कहीं हुई ओलवृष्टि से फसलों को पहुंची क्षति की जानकारी प्राप्त की है और संबंधित जिलों के कलेक्टर्स के साथ ही राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों से भी चर्चा हुई है। क्षति के आकलन का कार्य जारी मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिलों में कहीं-कहीं फसलें आड़ी हो गई हैं। क्षति का आकलन किया जा रहा है। संबंधित अधिकारी फील्ड में हैं और सर्वे कार्य कर रहे हैं। किसानों को जैसा नुकसान हुआ है, उन्हें आवश्यक राहत प्रदान की जाएगी। प्रतिदिन समीक्षा होगी मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि किसानों को हुए नुकसान की जानकारी लेकर प्रतिदिन समीक्षा की जाएगी। संकट के समय राज्य सरकार किसान भाईयों के साथ है। किसानों को राहत देने में विलंब भी नहीं होगा।
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14 March 2021भोपाल। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने रविवार को सीएम हाउस पहुंचकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की है। इस दौरान लघु- मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा भी मौजूद रहे। मुलाकात के दौरान सीएम शिवराज ने भोपाल गैस पीडि़तों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का आग्रह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से किया है। गैस पीडि़तों को अतिरिक्त सुविधाएं देने का भी आग्रह किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से मुलाकात पर जानकारी ट्वीट कर दी है। उन्होंने ट्वीट कर बताया केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री हर्षवर्धन जी का आज निवास पर आत्मीय स्वागत किया। @AIIMSBhopal में कल उन्होंने कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर, कौशल प्रयोगशाला और इम्प्लांट ब्रेकी थैरेपी जैसी सुविधओं का शुभारंभ किया। मैं प्रदेश की जनता की ओर से इसके लिए हृदय से आभार प्रकट करता हूं। सीएम शिवराज ने बताया कि हमने केन्द्रीय मंत्री हर्षवर्धन जी से एम्स के साथ-साथ भोपाल में गैस पीडि़तों के लिए बने अस्पताल के सुव्यवस्थित संचालन के संबंध में भी चर्चा हुई। उस पर भी फैसला हम लोग मिलकर करेंगे, ताकि उसके इन्फ्रा और उपकरणों का और बेहतर उपयोग कर गैस पीडि़तों की और उत्तम सेवा की जा सके। इसके अलावा हमने वैक्सीन के और डोज की मांग की है। कोविड19 से बचाने के लिए अभी प्रदेश में वैक्सीनेशन का काम चल रहा है। इसके लिए अभी हमें 81 लाख प्रथम डोज की आवश्यकता है और उसके अगेंस्ट हमको 18 लाख 84 हजार डोज प्राप्त हुई है, बाकी डोज की हमने मांग की है। हमें आश्वासन मिला है कि वैक्सीन के जितने डोज की जरूरत है प्रदेश की इसकी आपूर्ति की जाएगी। सीएम शिवराज ने कहा कि प्रदेश में बढ़ता कोरोना संक्रमण को लेकर हमारी चिंता है, लोग लापरवाही न करें संक्रमण अभी गया नहीं है। सीएम शिवराज ने कहा कि मुझे खुशी है कि माननीय श्री @drharshvardhan जी का सारे मुद्दों पर दृष्टिकोण बहुत सकारात्मक था और उन्होंने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। मैं अपनी और प्रदेश की जनता की जनता की ओर से पुन: आभार प्रकट करता हूं।
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14 March 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में शुक्रवार को देर रात तक कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ जोरदार बारिश हुई। इसके साथ ही कई जिलों में ओलावृष्टि भी हुई है। इससे खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को तत्काल राहत देने की मांग की है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने शनिवार को ट्वीट के माध्यम से कहा है कि प्रदेश के कई हिस्सों में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से किसानों की फसलों को भारी नुकसान की खबरें सामने आ रही हैं। किसान पहले से ही परेशानी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में इस प्राकृतिक आपदा से उसे और संकटों का सामना करना पड़ेगा। सरकार तत्काल किसान भाइयों को राहत देना प्रारंभ करे।
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13 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल हुनरमंदों की कद्र जानता है। हुनर हाट में आए देश के 31 राज्यों के कारीगरों को भोपाल की जनता से भरपूर सराहना मिलेगी। मुख्यमंत्री ने भोपाल वासियों से अपील की कि वे शहर में आए कलाकारों के हुनर को जरूर देखें। मुख्यमंत्री चौहान और केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित हुनर हाट का शुभारंभ किया। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा भी उपस्थित रहे। केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने किया हुनर हाट का आयोजन केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित क्राफ्ट, कुज़ीन और कल्चर के संगम हुनर हाट में 31 राज्यों के कलाकार और हस्तशिल्पी अपने उत्पाद लेकर आएं हैं। हाट में कुल 250 स्टॉल लगाए गए, जिनमें 210 विभिन्न उत्पादों के और 40 स्टॉल खान-पान के हैं। मध्यप्रदेश के 15 शिल्पी भी हुनर हाट में भाग ले रहे हैं। हुनर हाट से बनेंगे आत्म-निर्भर कारीगर और दस्तकार मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मैन ऑफ आइडियाज़ हैं। कोरोना के कठिन काल में उन्होंने आत्म-निर्भर भारत का संकल्प दिया। इससे प्रेरित होते हुए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप विकसित कर प्रदेश में कार्य जारी है। आत्म-निर्भर भारत वोकल फॉर लोकल के बिना संभव नहीं हो सकता। लोकल उत्पाद की पहचान कारीगारों पर ही निर्भर है। कारीगारों की कला के प्रकटीकरण का मौका और उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने का हुनर हाट एक सशक्त माध्यम है। ऐसे मंचों से ही आत्म-निर्भर कारीगर और आत्म-निर्भर दस्तकार बन सकेंगे। यह देश की एकता, आपसी मेलजोल और कारीगरों को राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने का मौका भी देता है। ऐसे ही प्रयासों से कारीगारों के उत्पादों के पहचान वैश्विक स्तर पर बन सकेगी। मध्यप्रदेश में प्रतिवर्ष लगे हुनर हाट मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी से प्रतिवर्ष मध्यप्रदेश के किसी एक शहर में हुनर हाट आयोजित करने का निवेदन भी किया। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प की भारत में समृद्ध परंपरा रही है। जब पश्चिम के देश कपड़ा निर्माण में आरंभिक अवस्था में थे, तब हमारे कारीगरों ने ढाका की मलमल बना कर अपने हुनर को स्थापित कर दिया था। कारीगरों ने कोरोना काल में भी समाज की बहुत मदद की है। मास्क और पीपीई किट की आपूर्ति में इनका योगदान महत्वपूर्ण रहा। अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की छात्रवृत्तियों के लिए माना आभार मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश को 358 करोड़ रुपये जारी करने और 1 लाख 61 हजार 710 अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को विभिन्न छात्रवृत्तियां प्रदान करने के लिए केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी का आभार व्यक्त किया। स्वदेशी विरासत को मौका और मार्केट उपलब्ध कराने का प्रभावी प्लेटफार्म है हुनर हाट केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हुनर हाट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से दस्तकारों, शिल्पकारों की स्वदेशी विरासत को मौका और मार्केट उपलब्ध कराने का प्रभावी प्लेटफार्म है। यह आत्म-निर्भर भारत और समावेशी विकास के संकल्प को पूरा करता है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि हुनर हाट में भाग ले रहे शिल्पकारों के उत्पाद ई-पोर्टल भी उपलब्ध हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भोपाल में आयोजित हुनर हाट कौशल के कद्रदानों का कुंभ साबित होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने पी तंदूरी चाय केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने संबोधन में हुनर हाट की जानकारी देते हुए बताया कि कारीगरों के उत्पाद के साथ-साथ खान-पान के भी विविध स्टॉल यहाँ मौजूद हैं। इसमें तंदूरी चाय की उन्होंने विशेष रूप से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि तंदूरी रोटी का तो सुना है पर तंदूरी चाय के बारे में पहली बार सुन रहा हूं। मुख्यमंत्री चौहान ने समापन-सत्र के उपरांत तंदूरी चाय के स्टाल पर जाकर चाय पी। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग तथा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने भी तंदूरी चाय का जायका लिया। हुनर हाट आगमन पर नृत्य संगीत के साथ मुख्यमंत्री चौहान का स्वागत किया गया। उन्होंने विभिन्न स्टालों पर जाकर कारीगरों से बातचीत भी की।
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13 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल हुनरमंदों की कद्र जानता है। हुनर हाट में आए देश के 31 राज्यों के कारीगरों को भोपाल की जनता से भरपूर सराहना मिलेगी। मुख्यमंत्री ने भोपाल वासियों से अपील की कि वे शहर में आए कलाकारों के हुनर को जरूर देखें। मुख्यमंत्री चौहान और केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में आयोजित हुनर हाट का शुभारंभ किया। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा भी उपस्थित रहे। केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने किया हुनर हाट का आयोजन केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित क्राफ्ट, कुज़ीन और कल्चर के संगम हुनर हाट में 31 राज्यों के कलाकार और हस्तशिल्पी अपने उत्पाद लेकर आएं हैं। हाट में कुल 250 स्टॉल लगाए गए, जिनमें 210 विभिन्न उत्पादों के और 40 स्टॉल खान-पान के हैं। मध्यप्रदेश के 15 शिल्पी भी हुनर हाट में भाग ले रहे हैं। हुनर हाट से बनेंगे आत्म-निर्भर कारीगर और दस्तकार मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मैन ऑफ आइडियाज़ हैं। कोरोना के कठिन काल में उन्होंने आत्म-निर्भर भारत का संकल्प दिया। इससे प्रेरित होते हुए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप विकसित कर प्रदेश में कार्य जारी है। आत्म-निर्भर भारत वोकल फॉर लोकल के बिना संभव नहीं हो सकता। लोकल उत्पाद की पहचान कारीगारों पर ही निर्भर है। कारीगारों की कला के प्रकटीकरण का मौका और उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने का हुनर हाट एक सशक्त माध्यम है। ऐसे मंचों से ही आत्म-निर्भर कारीगर और आत्म-निर्भर दस्तकार बन सकेंगे। यह देश की एकता, आपसी मेलजोल और कारीगरों को राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने का मौका भी देता है। ऐसे ही प्रयासों से कारीगारों के उत्पादों के पहचान वैश्विक स्तर पर बन सकेगी। मध्यप्रदेश में प्रतिवर्ष लगे हुनर हाट मुख्यमंत्री चौहान ने केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी से प्रतिवर्ष मध्यप्रदेश के किसी एक शहर में हुनर हाट आयोजित करने का निवेदन भी किया। उन्होंने कहा कि हस्तशिल्प की भारत में समृद्ध परंपरा रही है। जब पश्चिम के देश कपड़ा निर्माण में आरंभिक अवस्था में थे, तब हमारे कारीगरों ने ढाका की मलमल बना कर अपने हुनर को स्थापित कर दिया था। कारीगरों ने कोरोना काल में भी समाज की बहुत मदद की है। मास्क और पीपीई किट की आपूर्ति में इनका योगदान महत्वपूर्ण रहा। अल्पसंख्यक विद्यार्थियों की छात्रवृत्तियों के लिए माना आभार मुख्यमंत्री चौहान ने मध्यप्रदेश को 358 करोड़ रुपये जारी करने और 1 लाख 61 हजार 710 अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को विभिन्न छात्रवृत्तियां प्रदान करने के लिए केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी का आभार व्यक्त किया। स्वदेशी विरासत को मौका और मार्केट उपलब्ध कराने का प्रभावी प्लेटफार्म है हुनर हाट केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि हुनर हाट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से दस्तकारों, शिल्पकारों की स्वदेशी विरासत को मौका और मार्केट उपलब्ध कराने का प्रभावी प्लेटफार्म है। यह आत्म-निर्भर भारत और समावेशी विकास के संकल्प को पूरा करता है। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि हुनर हाट में भाग ले रहे शिल्पकारों के उत्पाद ई-पोर्टल भी उपलब्ध हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भोपाल में आयोजित हुनर हाट कौशल के कद्रदानों का कुंभ साबित होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने पी तंदूरी चाय केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने अपने संबोधन में हुनर हाट की जानकारी देते हुए बताया कि कारीगरों के उत्पाद के साथ-साथ खान-पान के भी विविध स्टॉल यहाँ मौजूद हैं। इसमें तंदूरी चाय की उन्होंने विशेष रूप से प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि तंदूरी रोटी का तो सुना है पर तंदूरी चाय के बारे में पहली बार सुन रहा हूं। मुख्यमंत्री चौहान ने समापन-सत्र के उपरांत तंदूरी चाय के स्टाल पर जाकर चाय पी। अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग तथा सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने भी तंदूरी चाय का जायका लिया। हुनर हाट आगमन पर नृत्य संगीत के साथ मुख्यमंत्री चौहान का स्वागत किया गया। उन्होंने विभिन्न स्टालों पर जाकर कारीगरों से बातचीत भी की।
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13 March 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज नगरोदय अभियान आज का शुभारंभ करने जा रहे हैं। जिसके तहत गभग 3100 करोड़ रुपये के शिलान्यास व भूमिपूजन के कार्य होंगे। अभियान में शहरों की स्वच्छता, सडक़ें, पेयजल, सीवेज सिस्टम, परिवहन की व्यवस्था जैसे अनेक क्षेत्रों में काम किए जाऐंगे। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार के मिशन नगरोदय पर सवाल उठाते हुए इसे चुनावी स्टंट बताया है। कमलनाथ ने एक के बाद लगातार कई ट्वीट कर सरकार का घेराव किया है। उन्होंने कहा कि ‘प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा की आहट को देखते शिवराज जी "मिशन नगरोदय" के नाम पर एक बार फिर झूठे नारियल फोडऩे निकल पड़े हैं, वे हर चुनाव के पूर्व झूठे नारियल फोड़ने में माहिर हैं। सरकार चुनावी मोड़ में आ चुकी है। गुमराह करने वाली झूठी घोषणाएँ, शिलान्यास, भूमिपूजन, करोड़ों की राशि के झूठे आँकड़े परोस कर जनता को भ्रमित करने का खेल फिर शुरू? पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘कितना आश्चर्यजनक है कि जिनकी प्रदेश में पिछले 15 वर्षों से सरकार रही है, वर्तमान में एक वर्ष से जो सत्ता पर क़ाबिज है वो आज भी निकायों के विकास के रोडमैप ही बना रहे हैं। विकास के सपने ही दिखा रहे हैं? इतनी अवधि में तो प्रदेश के निकाय विकास की दृष्टि से देश में सर्वश्रेष्ठ निकाय हो जाना चाहिये थे। जनता इनकी सच्चाई जानती है वो गुमराह व भ्रमित होने वाली नहीं है।
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12 March 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज नगरोदय अभियान आज का शुभारंभ करने जा रहे हैं। जिसके तहत गभग 3100 करोड़ रुपये के शिलान्यास व भूमिपूजन के कार्य होंगे। अभियान में शहरों की स्वच्छता, सडक़ें, पेयजल, सीवेज सिस्टम, परिवहन की व्यवस्था जैसे अनेक क्षेत्रों में काम किए जाऐंगे। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार के मिशन नगरोदय पर सवाल उठाते हुए इसे चुनावी स्टंट बताया है। कमलनाथ ने एक के बाद लगातार कई ट्वीट कर सरकार का घेराव किया है। उन्होंने कहा कि ‘प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा की आहट को देखते शिवराज जी "मिशन नगरोदय" के नाम पर एक बार फिर झूठे नारियल फोडऩे निकल पड़े हैं, वे हर चुनाव के पूर्व झूठे नारियल फोड़ने में माहिर हैं। सरकार चुनावी मोड़ में आ चुकी है। गुमराह करने वाली झूठी घोषणाएँ, शिलान्यास, भूमिपूजन, करोड़ों की राशि के झूठे आँकड़े परोस कर जनता को भ्रमित करने का खेल फिर शुरू? पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘कितना आश्चर्यजनक है कि जिनकी प्रदेश में पिछले 15 वर्षों से सरकार रही है, वर्तमान में एक वर्ष से जो सत्ता पर क़ाबिज है वो आज भी निकायों के विकास के रोडमैप ही बना रहे हैं। विकास के सपने ही दिखा रहे हैं? इतनी अवधि में तो प्रदेश के निकाय विकास की दृष्टि से देश में सर्वश्रेष्ठ निकाय हो जाना चाहिये थे। जनता इनकी सच्चाई जानती है वो गुमराह व भ्रमित होने वाली नहीं है।
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12 March 2021भोपाल। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान के बाद से ही भाजपा नेता हमलावर स्थिति में है। वहीं अब राहुल गांधी के भारत में लोकतंत्र खत्म होने वाले बयान पर मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया है। सीएम शिवराज ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए राहुल गांधी पर तंज कसते हुए में कहा कि ‘जिन्होंने लोकतंत्र का गला घोंटा, लोकतंत्र समाप्त कर आपातकाल लगाया, हज़ारों लोगों को जेल में डालकर अनेक परिवार तबाह किए, वही लोग आज भारत में लोकतंत्र न होने की बात करते हैं तो हंसी भी आती है और उनकी सोच पर दया भी आती है। उन्होंने कहा कि अगर भारत में लोकतंत्र नहीं होता तो महाराष्ट्र में सरकार कैसे बना ली। छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में पिछली बार के चुनाव परिणाम ऐसे क्यों रहे। सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को कहते हुए उन्होंने कहा कि राहुलजी में क्षमता नहीं है इसलिए वे दूसरों को दोष देते हैं। आज से प्रारंभ होगा नगरीय अभियानइस दौरान सीएम शिवराज ने बताया कि नगरोदय अभियान आज से प्रारंभ हो रहा है। गांवों के साथ शहरों का विकास प्रदेश को आत्मनिर्भरता की ओर ले जायेगा। शहरों की स्वच्छता, सडक़ें, पेयजल, सीवेज सिस्टम, परिवहन की व्यवस्था जैसे अनेक क्षेत्रों में काम करना है। आज लगभग 3100 करोड़ रुपये के शिलान्यास व भूमिपूजन के कार्य होंगे।
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12 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राजधानी भोपाल के शौर्य स्मारक में शौर्य स्तंभ पर शहीदों और महापुरुषों को पुष्पांजलि अर्पित कर राज्य में आजादी के अमृत महोत्सव का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की शुरुआत कन्या पूजन से की गई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि क्रांतिवीरों ने अपनी खून की बूंदों से आजादी को सींचा था, तब हमारा देश आजाद हुआ था। आज हम सब संकल्प लें कि जब तक हम जीवित हैं, तब तक देश को न झुकने देंगे और न ही बंटने देंगे। भोपाल के शौर्य स्मारक में केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय और संस्कृति विभाग की प्रदर्शनी आजादी का अमृत महोत्सव का शुभारंभ कर अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत माता के भक्ति भाव से भरे हुए ऐसे बेटे-बेटी जहां हो, दुनिया की कोई ताकत भारत मां को आंख उठाकर देख नहीं सकती! भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अद्भुत नेता हैं। वे पाकिस्तान को भी कोरोना की वैक्सीन दे रहे हैं। उनके नेतृत्व में एक वैभवशाली, गौरवशाली, सशक्त और समृद्ध भारत का निर्माण हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब पश्चिम के तथाकथित विकसित देशों में सभ्यता का सूर्योदय नहीं हुआ था, तब हमारे देश में वेदों की ऋचाएँ रच दी गई थी। भारत माँ को स्वतंत्रता दिलाने के लिए हजारों क्रांतिकारियों ने फाँसी के फंदों को हँसते-हँसते चूमा था। हमारे वीर क्रांतिकारी जब फाँसी के फंदे पर लटकते थे तो भगवान से यही प्रार्थना करते थे कि हमें बार-बार भारत की धरती पर जन्म देना और तब तक जन्म देना जब तक भारत माँ आज़ाद न हो जाएँ। कई क्रांतिकारियों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। उन्होंने कहा कि आज मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को प्रणाम करता हूँ जिन्होंने पूरे देश में भारत की आज़ादी की 75वीं वर्षगाँठ को वृहद स्तर पर मनाने के लिए अमृत महोत्सव का शुभारंभ किया। हमें बचपन में पढ़ाया गया कि भारत की आज़ादी में केवल कुछ लोगों का ही योगदान रहा। हम महारानी लक्ष्मीबाई, नानासाहेब पेशवा, वासुदेव बलवंत फडक़े, लोकमान्य तिलक, भीमा नायक, बिरसा मुंडा, नेताजी सुभाषचंद्र बोस जैसे वीरों को भूल गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज़ादी का अमृत महोत्सव हमें भारत मां के बेटों की शहादत का स्मरण कराता है। उनके इस स्वप्न को और आगे ले जाकर "अप्रतिम सशक्त भारत" के निर्माण का इस दिशा में हम सभी को एकजुट होकर प्रयास करना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के "आत्मनिर्भर भारत" के निर्माण के आह्वान में समूचा मध्यप्रदेश पूरी ऊर्जा के साथ लगा हुआ है। अमृत महोत्सव के शुभारम्भ अवसर पर मैं सभी प्रदेशवासियों से वोकल फॉर लोकल की सोच में सक्रिय सहभागिता निभा "आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश" के निर्माण में पूर्ण मनोयोग से प्रयास की अपील करता हूँ। शासन प्रशासन आपके हर सम्भव सहयोग के लिए कृत संकल्पित है। यह प्रयास राष्ट्र को और सशक्त करेगा और यही हमारे देशभक्तों के बलिदानों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। भारत माता की जय।
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12 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर स्मार्ट उद्यान में पौधारोपण किया। उन्होंने बेल का पौधा लगाया। इस अवसर पर उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह चौहान उपस्थित थीं। मुख्यमंत्री ने आमजन से भी पौधे लगाने का आव्हान किया ताकि पृथ्वी पर हरियाली बढ़े। हमारा भोपाल शहर काफी हरा-भरा है, लेकिन बाग-बगीचों को अच्छी प्रजातियों के वृक्षों से सज्जित करने का कार्य निरंतर चलना चाहिए। बेल का महत्वबेल को बिल्व का वृक्ष भी कहा जाता है। अनुसंधान में इसके विभिन्न गुणों के बारे में जानकारी मिली है, जिसके अनुसार बेल पत्र पानी में डालकर स्नान करने से सात्विकता बढ़ती है। बेल पत्र का रस लगाकार आधे घंटे बाद नहाने से शरीर की दुर्गंध दूर होती है। संधिवात में पत्ते गर्म करके बांधने से सूजन और दर्द में राहत मिलती है। पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर पीने से अम्लपित्त में में आराम मिलता है। बरसात के मौसम में होने वाली सर्दी-खासी और बुखार के लिए बेल पत्र के रस में शहद मिलाकर सेवन करना लाभकारी माना गया है। मधुमेह में तोज बिल्व पत्र अथवा सूखे पत्तों का चूर्ण खाने से रोग नियंत्रित होता है। बेल पत्र का सेवन मन को एकाग्रता प्रदान करता है और ध्यान केन्द्रित करने में सहायता मिलती है। इसके पत्तों का काढ़ा पीने से हृदय भी मजबूत होता है। भगवान शिव को भी श्रद्धापूर्वक बेल पत्र चढ़ाया जाता है।
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11 March 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर राजधानी स्थित बड़वाले महादेश शिव मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी पत्नी साधना सिंह चौहान के साथ भगवान भोले नाथ की विधि विधान पूर्वक पूजा अर्चना की। इसके बाद सीएम शिवराज ने शिव रथ को खींचा और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर जानकारी साझा करते हुए कहा ‘चलत्कुण्डलं भ्रू सुनेत्रं विशालं। प्रसन्नाननं नीलकंठं दयालं॥ मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं । प्रियं शंकरं सर्वनाथं भजामि॥ महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भोपाल में बड़वाले महादेव मंदिर पहुंचकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर जगत कल्याण के लिए प्रार्थना की। ऊं नम: शिवाय! आदि देव भगवान शिव के पावन पर्व प्तमहाशिवरात्रि पर शिव रथ को खींचने का सुख और सौभाग्य मिला। हे महादेव आशीर्वाद दीजिये कि जनता की सेवा और प्रदेश की प्रगति के लिए पूरी सामथ्र्य, शक्ति के साथ कार्य कर सकूं। हर चेहरे पर सुख, शांति और आनंद की चिरस्थायी मुस्कान बिखेर सकूं! हर हर महादेव!
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11 March 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ ने राज्य सरकार से मध्यान्ह भोजन योजना में कार्यरत महिला रसोईयों को विगत 07 माह से मानदेय न मिलने की ओर ध्यान आकर्षित करते हुये तत्काल इन्हें भुगतान करने की मांग की है। कमलनाथ ने इस संबंध में गुरुवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि मानदेय न मिलने की स्थिति में महिलाओं और उनके परिवार का जीवन-यापन दूभर होता जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि योजना में मानदेय भुगतान के लिये केंद्र से राशि भी प्राप्त हो गई है लेकिन राज्य सरकार द्वारा राज्यांश की पूर्ति नहीं की गई है ,जिसके कारण अल्प आय वाली महिलाओं का मानदेय जुलाई 2020 से लंबित है। उन्होंने कहा कि 7 माह से निरंतर मानदेय न मिलने के कारण इस भीषण मंहगाई के दौर में उनके सामने गहरा संकट उत्पन्न हो गया है। कमलनाथ ने पत्र में कहा है कि इस विषय की गंभीरता को देखते हुये तत्काल शासन स्तर पर निर्णय लिया जाये और महिला रसोईयों को मानदेय वितरित किया जाये ताकि वे अपने परिवार को पालने के साथ ही अपना कार्य भी समर्पित भाव से कर सकें।
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11 March 2021भोपाल/शिवपुरी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि शिवपुरी नगर की जल प्रदाय व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिये मड़ीखेड़ा जल प्रदाय योजना अंतर्गत तात्कालिक और दीर्घकालिक कार्य योजना तैयार कर उसे अमल में लाया जाए। यह बात मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को शिवपुरी नगर की पेयजल प्रदाय समस्या के निराकरण के लिये उच्च स्तरीय बैठक में कही। इस मौके पर खेल एवं युवा कल्याण, तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओ.पी.एस.भदोरिया, अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव नगरीय कल्याण नीतेश व्यास, प्रमुख सचिव मनीष सिंह और आयुक्त नगरीय विकास निकुंज श्रीवास्तव उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि योजना का निर्माण पूर्ण होने के बाद भी शिवपुरी नगर की जल प्रदाय योजना सुव्यवस्थित संचालित क्यों नहीं हो पा रही है, निर्माण में क्या कमियां हैं, इसके लिये कौन उत्तरदायी है आदि बिन्दुओं पर जांच की जाये। नगरवासियों को प्रतिदिन पर्याप्त पेयजल मिले सके इसके लिये तत्काल कार्य योजना तैयार कर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। समस्या का समय-सीमा में स्थायी समाधान आवश्यक है। मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने शिवपुरी नगर की जल प्रदाय योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मड़ीखेड़ा जल प्रदाय योजना के रॉ-वाटर राईजिंग, क्लीयर वाटर राईजिंग और फीडर मेन पाइप लाइन के बार-बार फूटने से जल प्रदाय बाधित होता है। उन्होंने नगरवासियों को इससे होने वाली परेशानी से अवगत कराया और शीघ्र ही जल प्रदाय व्यवस्था में सुधार लाने की आवश्यकता बताई। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में शिवपुरी नगर में माधव लेक से पाँच एम.एल.डी., भू-जल स्त्रोतों से पांच एम.एल.डी. और मड़ीखेड़ा जल प्रदाय योजना से 20 से 22 एम.एल.डी. जल उपलब्ध होता है। इस प्रकार कुल 30 से 32 एम.एल.डी. जल प्रदाय हो रहा है। नगर की आबादी की मांग के अनुसार 32.55 एम.एल.डी. जल की आवश्यकता रहती है।
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9 March 2021भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में शिवराज सरकार की लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पारित हो गया। विधेयक पारित होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुशी जाहिर की है। साथ ही उन्होंने धर्म परिवर्तन करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा है कि बेटियों के जीवन को तबाह करने वालों को चैन से नहीं जीने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार रात ट्वीट कर कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर धर्म स्वातंत्र्य विधेयक पारित होने पर सभी को बधाई! बेटियों को बहला-फुसलाकर उनकी जिंदगी नरक बना दी जाती थी, उसे रोकने के लिए हमें प्रभावी कानूनी हथियार मिला है। ऐसे लोग, जो शादी कर धर्मांतरण का कुकर्म करते हैं, उनके लिए कड़ी सजा का प्रावधान इस एक्ट में किया गया है। उन्होंने कहा कि बेटियों को लोभ देकर, उन पर दबाव बनाकर, उन्हें भयाक्रांत कर शादी करके धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को चेतावनी देता हूँ, अब मध्यप्रदेश की धरती पर उन्हें चैन से नहीं जीने दिया जाएगा। बेटियों के जीवन को तबाह करने की नीयत रखने वालों को ही तबाह कर दिया जायेगा!
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9 March 2021भोपाल। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने एक बयान में कहा है कि 'सिंधिया कांग्रेस में मुख्यमंत्री बन सकते थे, लेकिन भाजपा में जाकर वे बैक बैंचर हो गए हैं। राहुल गांधी द्वारा ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर दिए बयान पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि बहुत जल्दी राहुल गांधी को याद आया कि बिना सिंधिया के मप्र में कांग्रेस शून्य है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी को अब समझ आ गया है कि मप्र में सिंधिया जी के बगैर कांग्रेस शून्य है। यदि वे अपनी गलती सुधारना चाहते हैं तो राजस्थान में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना दें। मप्र में 2018 के विस चुनाव में जनता को सिंधिया जी का चेहरा दिखाकर वोट मांगे और मुख्यमंत्री किसी और को बना दिया? जो लोग दो साल में कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बना पाए वो मुख्यमंत्री बनाने की बातें कर रहे हैं। कांग्रेस पर तंज सकते हुए मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि 15 दिन में कर्जा माफ कर देंगे नहीं तो मुख्यमंत्री बदल देंगे, नहीं बदला तो हमने बदल दिया। अनुपूरक बजट पर कांग्रेस के आरोपों पर गृहमंत्री ने कहा कि कांग्रेस तो यही कहेगी, लेकिन हमें उसकी चिंता नहीं। हमें तो चिंता है बाजार क्या कह रहा है। कमलनाथ पर कसा तंजइस दौरान मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ द्वारा खुद को जवान कहने वाले बयान मंत्री मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि पता नहीं बुजुर्ग कांग्रेसी हमेशा खुद को युवा कहलाने को आतुर क्यों नजर आते हैं?स्वयं को जवान साबित करने की इनकी जिद ने कांग्रेस को बूढ़ा कर दिया। महिला दिवस के कार्यक्रम में महिलाओं के बीच कमलनाथ जी का 'अभी तो मैं जवान हूं' कहना शोभा नहीं देता।
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9 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल के स्मार्ट रोड स्थित स्मार्ट पार्क में मंगलवार को सप्तपर्णी का पौधा लगाया। बता दें कि मुख्यमंत्री चौहान ने नर्मदा जयंती पर प्रतिदिन पूरे वर्ष पौध-रोपण का संकल्प लिया था। मुख्यमंत्री चौहान जन-जन को भी निरंतर पौध-रोपण के लिए प्रेरित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान का विश्वास है कि वृक्ष ही जीवन है और ऑक्सीजन का मुख्य स्त्रोत होने से जीवन का आधार भी है। मुख्यमंत्री चौहान जलवायु परिवर्तन की गति को धीमा करने के लिए भी वृक्षारोपण को आवश्यक मानते हैं। मुख्यमंत्री चौहान द्वारा रोपा गया सप्तपर्णी का पौधा एक सदाबहार औषधी है, जिसका आयुर्वेंद में बहुत महत्व है। यह खुले घावों को ठीक करने, पीलिया, मलेरिया और दुर्बलता दूर करने में उपयोगी होता है।
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9 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सामान्यतः जनहितैषी और संवेदनशील मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाते हैं। अब वे पर्यावरण प्रेमी के रूप में भी जाने जा रहे हैं। विगत दिनों उन्होंने अमरकंटक में पर्यावरण के हित मे प्रतिदिन एक पौधा लगाने का संकल्प लिया था। इसी क्रम में रविवार को जबलपुर प्रवास के दूसरे दिन उन्होंने अपने संकल्प को पूरा करने के क्रम में सर्किट हाउस परिसर में रुद्राक्ष का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री चौहान ने पौधा लगाकर अपने दैनिक कार्यक्रमों की शुरुआत करते हुए उपस्थित लोगों से धरती को बचाये रखने प्रतिदिन और जीवन के शुभ अवसरों पर एक पौधा लगाने की अपील भी की। पौध-रोपण कार्यक्रम में आयुष एवं जल संसाधन राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे ने भी बेल का पौधा लगाया। इस अवसर पर केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते, कमिश्नर बी चंद्रशेखर, आई.जी भगवत सिंह चौहान, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ,जन-प्रतिनिधि एवं नागरिक उपस्थित रहे। रुद्राक्ष को प्राप्त है विशेष महत्व रुद्राक्ष का पौधा आस्था का प्रतीक माना जाता है। यह पवित्र वृक्ष माना जाता है। इसके फल की मालाएं भी धारण की जाती हैं। ऐसा जन विश्वास है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर के नेत्रों के जलबिंदु से हुई। रुद्राक्ष शिव का वरदान है, जो संसार के भौतिक दु:खों को दूर करने के लिए प्रभु शंकर ने प्रकट किया। रुद्राक्ष धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। रुद्राक्ष आमतौर पर भक्तों द्वारा सुरक्षा कवच के तौर पर या ओम नमः शिव मंत्र के जाप के लिए भी पहने जाते हैं। इसके बीज मुख्य रूप से भारत और नेपाल में कार्बनिक आभूषणों और माला के रूप में उपयोग किए जाते हैं। यह भी माना जाता है कि रुद्राक्ष अर्द्ध कीमती पत्थरों के समान मूल्यवान होते हैं।
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7 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सामान्यतः जनहितैषी और संवेदनशील मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाते हैं। अब वे पर्यावरण प्रेमी के रूप में भी जाने जा रहे हैं। विगत दिनों उन्होंने अमरकंटक में पर्यावरण के हित मे प्रतिदिन एक पौधा लगाने का संकल्प लिया था। इसी क्रम में रविवार को जबलपुर प्रवास के दूसरे दिन उन्होंने अपने संकल्प को पूरा करने के क्रम में सर्किट हाउस परिसर में रुद्राक्ष का पौधा लगाया। मुख्यमंत्री चौहान ने पौधा लगाकर अपने दैनिक कार्यक्रमों की शुरुआत करते हुए उपस्थित लोगों से धरती को बचाये रखने प्रतिदिन और जीवन के शुभ अवसरों पर एक पौधा लगाने की अपील भी की। पौध-रोपण कार्यक्रम में आयुष एवं जल संसाधन राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे ने भी बेल का पौधा लगाया। इस अवसर पर केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते, कमिश्नर बी चंद्रशेखर, आई.जी भगवत सिंह चौहान, कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ,जन-प्रतिनिधि एवं नागरिक उपस्थित रहे। रुद्राक्ष को प्राप्त है विशेष महत्व रुद्राक्ष का पौधा आस्था का प्रतीक माना जाता है। यह पवित्र वृक्ष माना जाता है। इसके फल की मालाएं भी धारण की जाती हैं। ऐसा जन विश्वास है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर के नेत्रों के जलबिंदु से हुई। रुद्राक्ष शिव का वरदान है, जो संसार के भौतिक दु:खों को दूर करने के लिए प्रभु शंकर ने प्रकट किया। रुद्राक्ष धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। रुद्राक्ष आमतौर पर भक्तों द्वारा सुरक्षा कवच के तौर पर या ओम नमः शिव मंत्र के जाप के लिए भी पहने जाते हैं। इसके बीज मुख्य रूप से भारत और नेपाल में कार्बनिक आभूषणों और माला के रूप में उपयोग किए जाते हैं। यह भी माना जाता है कि रुद्राक्ष अर्द्ध कीमती पत्थरों के समान मूल्यवान होते हैं।
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7 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को लगभग 200 करोड़ रुपये के बैंक ऋण वितरित करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कुछ जिलों के समूह सदस्यों से वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से सीधा संवाद भी करेंगे।जनसम्पर्क अधिकारी आरएस मीणा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में मुख्य समारोह आयोजित होगा, जिसमें मुख्यमत्री स्व सहायता समूहों को ऋण वितरित करेंगे। समारोह में लगभग 6 हजार से अधिक स्व–सहायता समूह सदस्य महिलाएं भाग लेंगी। प्रदेश के समस्त जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर समूह सदस्य कार्यक्रम में वर्चुअल शामिल होंगे। समारोह में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया एवं राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल भी उपस्थित रहेंगे।उन्होंने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कोरोना काल में ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिये लॉकडाउन के समय से लगातार वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा इससे पहले भी वर्चुअल कार्यक्रमों में तीन बार सामूहिक ऋण वितरण स्व-सहायता समूहों को किया जा चुका है।
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7 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को लगभग 200 करोड़ रुपये के बैंक ऋण वितरित करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कुछ जिलों के समूह सदस्यों से वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से सीधा संवाद भी करेंगे।जनसम्पर्क अधिकारी आरएस मीणा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में मुख्य समारोह आयोजित होगा, जिसमें मुख्यमत्री स्व सहायता समूहों को ऋण वितरित करेंगे। समारोह में लगभग 6 हजार से अधिक स्व–सहायता समूह सदस्य महिलाएं भाग लेंगी। प्रदेश के समस्त जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर समूह सदस्य कार्यक्रम में वर्चुअल शामिल होंगे। समारोह में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया एवं राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल भी उपस्थित रहेंगे।उन्होंने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कोरोना काल में ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिये लॉकडाउन के समय से लगातार वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा इससे पहले भी वर्चुअल कार्यक्रमों में तीन बार सामूहिक ऋण वितरण स्व-सहायता समूहों को किया जा चुका है।
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7 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित महिला स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को लगभग 200 करोड़ रुपये के बैंक ऋण वितरित करेंगे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कुछ जिलों के समूह सदस्यों से वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से सीधा संवाद भी करेंगे।जनसम्पर्क अधिकारी आरएस मीणा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर भोपाल के मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में मुख्य समारोह आयोजित होगा, जिसमें मुख्यमत्री स्व सहायता समूहों को ऋण वितरित करेंगे। समारोह में लगभग 6 हजार से अधिक स्व–सहायता समूह सदस्य महिलाएं भाग लेंगी। प्रदेश के समस्त जिलों में ग्राम पंचायत स्तर पर समूह सदस्य कार्यक्रम में वर्चुअल शामिल होंगे। समारोह में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया एवं राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल भी उपस्थित रहेंगे।उन्होंने बताया कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा कोरोना काल में ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिये लॉकडाउन के समय से लगातार वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित कर हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा इससे पहले भी वर्चुअल कार्यक्रमों में तीन बार सामूहिक ऋण वितरण स्व-सहायता समूहों को किया जा चुका है।
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7 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना होना चाहिए। नई शिक्षा नीति में इन तीनों बातों का पर्याप्त ध्यान रखा गया है। इन्हें मध्यप्रदेश में लागू किया जाएगा। कक्षा छठवीं से व्यावसायिक शिक्षा दी जाएगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शुक्रवार को आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन अकादमी में विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित 'शिक्षक-शिक्षा का कायाकल्प' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अर्थ तोते की तरह रटना, बस्ते के बोझ से दबे रहना तथा परीक्षा देना नहीं है। शिक्षा से बच्चों का स्वाभाविक विकास तथा उनकी प्रतिभाओं का प्रकटीकरण होना चाहिए। इसके लिए शिक्षकों के शिक्षण-प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने 'शिक्षा पथ प्रदीपिका' पुस्तक का विमोचन भी किया। समाज के सहयोग से शिक्षा मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा देना केवल सरकार का कार्य नहीं है। समाज के सहयोग से शिक्षा दी जानी चाहिए। इस क्षेत्र में विद्या भारती जैसी संस्थाएं काफी अच्छा कार्य कर रही हैं। शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे कार्य कर रहे संस्थानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। जो चाहे पढ़ाएँ, यह नहीं चलेगा चौहान ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षण संस्थाएँ अमर्यादित शिक्षा देकर विद्यार्थियों को दिग्भ्रमित करें, यह नहीं चलेगा। यदि कोई संस्थान गलत शिक्षा देता है, तो उसे रोका जाएगा। हम आतंकवादी नहीं बनने दे सकते। स्कूलों के नाम पर कुछ भी खोला जाए, यह नहीं चलेगा। शिक्षाविदों को जोड़ा जाए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहाँ नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसमें प्रदेश के विभिन्न शिक्षाविदों को जोड़ा जाए, जो नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को मध्यप्रदेश में किस तरह व्यवहारिक रूप से लागू किया जाए, इस संबंध में सुझाव दें। अपने शिक्षक रतन चंद जैन को याद किया मुख्यमंत्री चौहान ने अपने गाँव जैत के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक रतन चंद जैन को याद करते हुए कहा कि उनके द्वारा दी गई शिक्षा मेरे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे प्रत्येक शनिवार को विद्यार्थियों को रामचरित मानस पढ़ाया करते थे। 'इससे न केवल मैं वक्ता बना, अपितु मुझे भगवान राम की मर्यादाओं के अनुरूप जीवन जीने की प्रेरणा मिली'। बिना नैतिकता के शिक्षा व्यर्थ है। शिक्षा मनुष्य को मनुष्य बनाती है और अज्ञान से मुक्त करती है। आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के रोड मैप में शिक्षा अहम चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए बनाए गए रोड मैप में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त सी.एम. राइज स्कूल खोले जाने के लिए डेढ़ हज़ार करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। अच्छी तकनीकी शिक्षा के लिए ग्लोबल स्किल पार्क तथा आदर्श आईटीआई बनाए जा रहे हैं। मंथन से उपजा विचार रूपी अमृत राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सार्थक होगा : मंत्री परमार स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग सतत प्रयास कर रहा है। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है। शिक्षा व्यवस्था भारत केंद्रित, गुणवत्तापूर्ण और ज्ञान आधारित होना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान और एनसीटीई के संयुक्त तत्वधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई है। देशभर के विद्वान, विश्वविद्यालय के कुलपति अलग अलग सत्रों में अपना मार्गदर्शन देंगे। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में शिक्षक-शिक्षा के ऊपर व्यापक मंथन और चिंतन किया जाएगा। इस मंथन से उपजा विचार रूपी अमृत राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मील का पत्थर साबित होगा। संगोष्ठी के दौरान प्राप्त सिफारिशों को मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में लागू करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने संगोष्ठी में आए सभी विद्वतजनों का अभिनंदन और आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कैलाश चंद्र शर्मा, दत्तात्रेय होसबले और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार आदि उपस्थित रहे।
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5 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना होना चाहिए। नई शिक्षा नीति में इन तीनों बातों का पर्याप्त ध्यान रखा गया है। इन्हें मध्यप्रदेश में लागू किया जाएगा। कक्षा छठवीं से व्यावसायिक शिक्षा दी जाएगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शुक्रवार को आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन अकादमी में विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित 'शिक्षक-शिक्षा का कायाकल्प' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अर्थ तोते की तरह रटना, बस्ते के बोझ से दबे रहना तथा परीक्षा देना नहीं है। शिक्षा से बच्चों का स्वाभाविक विकास तथा उनकी प्रतिभाओं का प्रकटीकरण होना चाहिए। इसके लिए शिक्षकों के शिक्षण-प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने 'शिक्षा पथ प्रदीपिका' पुस्तक का विमोचन भी किया। समाज के सहयोग से शिक्षा मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा देना केवल सरकार का कार्य नहीं है। समाज के सहयोग से शिक्षा दी जानी चाहिए। इस क्षेत्र में विद्या भारती जैसी संस्थाएं काफी अच्छा कार्य कर रही हैं। शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे कार्य कर रहे संस्थानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। जो चाहे पढ़ाएँ, यह नहीं चलेगा चौहान ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षण संस्थाएँ अमर्यादित शिक्षा देकर विद्यार्थियों को दिग्भ्रमित करें, यह नहीं चलेगा। यदि कोई संस्थान गलत शिक्षा देता है, तो उसे रोका जाएगा। हम आतंकवादी नहीं बनने दे सकते। स्कूलों के नाम पर कुछ भी खोला जाए, यह नहीं चलेगा। शिक्षाविदों को जोड़ा जाए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहाँ नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसमें प्रदेश के विभिन्न शिक्षाविदों को जोड़ा जाए, जो नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को मध्यप्रदेश में किस तरह व्यवहारिक रूप से लागू किया जाए, इस संबंध में सुझाव दें। अपने शिक्षक रतन चंद जैन को याद किया मुख्यमंत्री चौहान ने अपने गाँव जैत के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक रतन चंद जैन को याद करते हुए कहा कि उनके द्वारा दी गई शिक्षा मेरे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे प्रत्येक शनिवार को विद्यार्थियों को रामचरित मानस पढ़ाया करते थे। 'इससे न केवल मैं वक्ता बना, अपितु मुझे भगवान राम की मर्यादाओं के अनुरूप जीवन जीने की प्रेरणा मिली'। बिना नैतिकता के शिक्षा व्यर्थ है। शिक्षा मनुष्य को मनुष्य बनाती है और अज्ञान से मुक्त करती है। आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के रोड मैप में शिक्षा अहम चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए बनाए गए रोड मैप में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त सी.एम. राइज स्कूल खोले जाने के लिए डेढ़ हज़ार करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। अच्छी तकनीकी शिक्षा के लिए ग्लोबल स्किल पार्क तथा आदर्श आईटीआई बनाए जा रहे हैं। मंथन से उपजा विचार रूपी अमृत राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सार्थक होगा : मंत्री परमार स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग सतत प्रयास कर रहा है। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है। शिक्षा व्यवस्था भारत केंद्रित, गुणवत्तापूर्ण और ज्ञान आधारित होना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान और एनसीटीई के संयुक्त तत्वधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई है। देशभर के विद्वान, विश्वविद्यालय के कुलपति अलग अलग सत्रों में अपना मार्गदर्शन देंगे। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में शिक्षक-शिक्षा के ऊपर व्यापक मंथन और चिंतन किया जाएगा। इस मंथन से उपजा विचार रूपी अमृत राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मील का पत्थर साबित होगा। संगोष्ठी के दौरान प्राप्त सिफारिशों को मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में लागू करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने संगोष्ठी में आए सभी विद्वतजनों का अभिनंदन और आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कैलाश चंद्र शर्मा, दत्तात्रेय होसबले और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार आदि उपस्थित रहे।
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5 March 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना होना चाहिए। नई शिक्षा नीति में इन तीनों बातों का पर्याप्त ध्यान रखा गया है। इन्हें मध्यप्रदेश में लागू किया जाएगा। कक्षा छठवीं से व्यावसायिक शिक्षा दी जाएगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शुक्रवार को आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन अकादमी में विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा आयोजित 'शिक्षक-शिक्षा का कायाकल्प' पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा का अर्थ तोते की तरह रटना, बस्ते के बोझ से दबे रहना तथा परीक्षा देना नहीं है। शिक्षा से बच्चों का स्वाभाविक विकास तथा उनकी प्रतिभाओं का प्रकटीकरण होना चाहिए। इसके लिए शिक्षकों के शिक्षण-प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने 'शिक्षा पथ प्रदीपिका' पुस्तक का विमोचन भी किया। समाज के सहयोग से शिक्षा मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा देना केवल सरकार का कार्य नहीं है। समाज के सहयोग से शिक्षा दी जानी चाहिए। इस क्षेत्र में विद्या भारती जैसी संस्थाएं काफी अच्छा कार्य कर रही हैं। शिक्षा के क्षेत्र में अच्छे कार्य कर रहे संस्थानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। जो चाहे पढ़ाएँ, यह नहीं चलेगा चौहान ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिक्षण संस्थाएँ अमर्यादित शिक्षा देकर विद्यार्थियों को दिग्भ्रमित करें, यह नहीं चलेगा। यदि कोई संस्थान गलत शिक्षा देता है, तो उसे रोका जाएगा। हम आतंकवादी नहीं बनने दे सकते। स्कूलों के नाम पर कुछ भी खोला जाए, यह नहीं चलेगा। शिक्षाविदों को जोड़ा जाए उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहाँ नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इसमें प्रदेश के विभिन्न शिक्षाविदों को जोड़ा जाए, जो नई शिक्षा नीति के प्रावधानों को मध्यप्रदेश में किस तरह व्यवहारिक रूप से लागू किया जाए, इस संबंध में सुझाव दें। अपने शिक्षक रतन चंद जैन को याद किया मुख्यमंत्री चौहान ने अपने गाँव जैत के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक रतन चंद जैन को याद करते हुए कहा कि उनके द्वारा दी गई शिक्षा मेरे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे प्रत्येक शनिवार को विद्यार्थियों को रामचरित मानस पढ़ाया करते थे। 'इससे न केवल मैं वक्ता बना, अपितु मुझे भगवान राम की मर्यादाओं के अनुरूप जीवन जीने की प्रेरणा मिली'। बिना नैतिकता के शिक्षा व्यर्थ है। शिक्षा मनुष्य को मनुष्य बनाती है और अज्ञान से मुक्त करती है। आत्म-निर्भर मध्य प्रदेश के रोड मैप में शिक्षा अहम चौहान ने कहा कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए बनाए गए रोड मैप में शिक्षा का महत्वपूर्ण स्थान है। प्रदेश में उच्च गुणवत्तायुक्त सी.एम. राइज स्कूल खोले जाने के लिए डेढ़ हज़ार करोड़ रुपए का बजट रखा गया है। अच्छी तकनीकी शिक्षा के लिए ग्लोबल स्किल पार्क तथा आदर्श आईटीआई बनाए जा रहे हैं। मंथन से उपजा विचार रूपी अमृत राष्ट्रीय शिक्षा नीति में सार्थक होगा : मंत्री परमार स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इंदर सिंह परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग सतत प्रयास कर रहा है। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है। शिक्षा व्यवस्था भारत केंद्रित, गुणवत्तापूर्ण और ज्ञान आधारित होना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग, विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान और एनसीटीई के संयुक्त तत्वधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई है। देशभर के विद्वान, विश्वविद्यालय के कुलपति अलग अलग सत्रों में अपना मार्गदर्शन देंगे। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में शिक्षक-शिक्षा के ऊपर व्यापक मंथन और चिंतन किया जाएगा। इस मंथन से उपजा विचार रूपी अमृत राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मील का पत्थर साबित होगा। संगोष्ठी के दौरान प्राप्त सिफारिशों को मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में लागू करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने संगोष्ठी में आए सभी विद्वतजनों का अभिनंदन और आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर कैलाश चंद्र शर्मा, दत्तात्रेय होसबले और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार आदि उपस्थित रहे।
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5 March 2021विदिशा। भाजपा के एक और वरिष्ठ नेता का निधन हो गया है। विदिशा से लगातार चार बार विधायक रहे ठाकुर मोहर सिंह का गुरुवार तड़के निधन हो गया है। पूर्व विधायक के निधन की खबर मिलते ही पार्टी और जिले में शोक की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की है। जानकारी के अनुसार सहज सरल और हंसी-ठहाकों के लिए मशहूर रहे पूर्व विधायक पिछले दिनों से बीमार थे और भोपाल में उनका इलाज चल रहा था। जहां गुरुवार तड़के इलाज के दौरान उनका निधन हो गया है। उनका आज दोपहर 3.30 बजे अंतिम संस्कार होगा। ठाकुर मोहर सिंह के विषय में एक बात हमेशा चलती रहती थी कि वह पीड़ितों की सहायता करने के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। दूसरी पार्टियों के लोगों को भी अपना बना लेना उनके अंदर एक खास गुण था। सीएम शिवराज ने जताया दुखपूर्व विधायक के निधन का समाचार मिलने पर मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘मन व्यथित है। दु:ख और पीड़ा से भरा हुआ है! हमारे साथी, चार बार के विधायक रहे, विदिशा के लोकप्रिय जननेता श्री ठाकुर मोहर सिंह दांगी जी हमें छोड़कर चले गये। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान और परिजनों व चाहने वालों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति दें। एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा ‘आदरणीय ठाकुर मोहर सिंह दांगी जी ने विदिशा के विकास और जनता के कल्याण के लिए अनेक उत्कृष्ट कार्य और प्रयास किये। उनका सम्पूर्ण जीवन जनसेवा में व्यतीत हुआ। वे समाज, प्रदेश और राष्ट्र की उन्नति के लिए किये अपने कार्यों के लिए सदैव याद किये जायेंगे। चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि!
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4 March 2021भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कोरोना का टीका लगवाया। सीएम शिवराज गुरुवार को गांधी मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां उन्हें कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी गई। टीका लगवाान के दौरान सीएम शिवराज की पत्नी साधना सिंह मौजूद रहीं। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर जानकारी साझा करते हुए कहा आज कोविड19 वैक्सीन की पहली डोज़ ली। हमारा देश तेजी से इस वायरस से मुक्ति के पथ पर बढ़ चला है। यह हमारे वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के सघन परिश्रम और यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व के कारण संभव हुआ है, आप सबका हृदय से अभिनंदन करता हूं! सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर लोगों से आग्रह करते हुए कहा जो वैक्सीन लगवाने की श्रेणी में हैं, मैं उन सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि वैक्सीन लगवायें और प्रदेश एवं देश को कोविड19 से मुक्ति के प्रयास को गति दें। हम सबके प्रयास से ही इस महाप्रयास को सफल बनाया जा सकेगा। आइये, कदम बढ़ायें, स्वस्थ प्रदेश एवं देश बनायें।
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4 March 2021भोपाल। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कोरोना का टीका लगवाया। सीएम शिवराज गुरुवार को गांधी मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां उन्हें कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी गई। टीका लगवाान के दौरान सीएम शिवराज की पत्नी साधना सिंह मौजूद रहीं। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर जानकारी साझा करते हुए कहा आज कोविड19 वैक्सीन की पहली डोज़ ली। हमारा देश तेजी से इस वायरस से मुक्ति के पथ पर बढ़ चला है। यह हमारे वैज्ञानिकों और डॉक्टरों के सघन परिश्रम और यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व के कारण संभव हुआ है, आप सबका हृदय से अभिनंदन करता हूं! सीएम शिवराज ने एक अन्य ट्वीट कर लोगों से आग्रह करते हुए कहा जो वैक्सीन लगवाने की श्रेणी में हैं, मैं उन सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि वैक्सीन लगवायें और प्रदेश एवं देश को कोविड19 से मुक्ति के प्रयास को गति दें। हम सबके प्रयास से ही इस महाप्रयास को सफल बनाया जा सकेगा। आइये, कदम बढ़ायें, स्वस्थ प्रदेश एवं देश बनायें।
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4 March 2021भोपाल। मप्र के खंडवा संसदीय क्षेत्र से सांसद दिवंगत नंदकुमारसिंह चौहान का आज दोपहर में अंतिम संस्कार होगा। देर रात उनका पार्थिव शरीर बुरहानपुर स्थित उनके पैतृक गांव शाहपुर लाया गया, जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा। बुधवार को सुबह से ही उनके निवास पर श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है। बता दें कि कोरोना पीडि़त होने के बाद सांसद नंदकुमार सिंह चौहान को गत दिनों एयर एम्बुलेंस से दिल्ली ले जाया गया था। जहां मंगलवार को सुबह गुरुग्राम स्थित मेंदाता अस्पताल में उपचार के दौरान उनका निधन हो गया था। मंगलवार देर शाम उनका पार्थिव शरीर भोपाल पहुंचा और अंतिम दर्शन के लिए भाजपा कार्यालय लाया गया, जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ समेत प्रदेश के मंत्रियों और भाजपा-कांग्रेस नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर अंतिम दर्शन किये। देर रात हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद रात में ही उनके पार्थिव शरीर को भोपाल से आष्टा, सतवास, नर्मदानगर से खंडवा ले जाया गया। रात 2.30 बजे खंडवा के मुख्य बाजार से उनका शव इंदिरा चौक स्थित भाजपा कार्यालय ले जाया गया, जहां खंडवा विधायक देवेंद्र वर्मा, पूर्व महापौर सुभाष कोठारी समेत बड़ी संख्या में लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किये। उनके शव के पास बेटा हर्षवर्धन मौजूद रहा। इसके बाद बुधवार तडक़े उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव शाहपुर ले जाया गया, जहां सुबह से ही उनके अंतिम दर्शन करने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ रहा है। कुछ ही देर में उनकी अंतिम यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत प्रदेश के मंत्री और हजारों की संख्या में कार्यकर्ता पहुंच चुके हैं।
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3 March 2021भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में मंगलवार, 02 मार्च को राज्य सरकार का वित्त वर्ष 2021-22 का वार्षिक बजट पेश होगा। प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा सदन में ऑनलाइन टैबलेट के माध्यम से पेपरलैस बजट पेश करेंगे। इस साल कोरोना के कारण उपजी आर्थिक चुनौतियों के बीच यह बजट दो लाख 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक का होगा। नागरिकों को बजट से काफी उम्मीदे हैं और वित्तीय चुनौतियों के बीच सभी की निगाहें बजट के प्रावधानों पर टिकी हुयी हैं। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में पिछले 2018 के चुनाव में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की गठबंधन की सरकार बनी थी, लेकिन पिछले साल 2020 में मार्च के महीने में यहां बड़ा राजनीतिक फेरबदल हुआ और कमलनाथ सरकार गिर गई थी। इसके बाद मार्च के अंतिम दिनों में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च 2020 को चौथी बार राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में कमान संभाली, लेकिन इसी दौर में कोरोना और इसके कारण उपजी चुनौतियां सामने आ गईं। इन चुनौतियों से निपटने के लिए राज्य सरकार पिछले 11 माह में कम से कम 23 हजार करोड़ रुपयों का ऋण ले चुकी है। ऐसे में सरकार बजट में आम लोगों को क्या सौगात देती है, यह देखने वाली बात होगी। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा बजट को अंतिम रूप देने में जुटे हैं और विधानसभा में बजट भाषण की तैयारियां कर रहे हैं। मध्य प्रदेश सरकार के बजट में आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद कम है। वैसे सरकार भले ही नया टैक्स नहीं लगाने पर विचार कर रही हो, लेकिन पेट्रोल और डीजल पर वैट भी घटने के संकेत मिल रहे हैं। इन सबके बीच चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग दावा कर रहे हैं कि यह आम लोगों का बजट है और कल्याणकारी होगा। इस बार मध्य प्रदेश का बजट 2 लाख 40 हजार करोड़ रुपये तक का हो सकता है। यह पिछले साल की तुलना में सात से दस फीसदी तक बढ़ने वाला है। बजट में गैस पीड़ित विधवा महिला की पेंशन फिर शुरू करने का प्रावधान होगा। इसके अलावा बजट में नर्मदा एक्सप्रेस-वे, अटल प्रोग्रेस वे के रास्ते में इकोनॉमिक कॉरिडोर और इंडस्ट्रियल निवेश को बढ़ाने के लिए नए प्रावधानों किए जा रहे हैं। बजट में सरकार का फोकस प्रदेश के साढ़े सात लाख कर्मचारियों और चार लाख पेंशनर्स पर रहेगा। वहीं, 7.50 लाख कर्मचारियों को दो वेतन वृद्धि एक साथ मिलेने की उम्मीद है। इलके अलावा 2020 और 2021 की वेतन वृद्धि देने की घोषणा सरकार कर सकती है। बजट में मप्र में 9 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा हो सकती है। इनमें छह केंद्र सरकार की मदद से और तीन मप्र खोलेगा। मेडिकल कॉलेज शिवपुरी, राजगढ़, मंडला, सिंगरौली, नीमच, मंदसौर, छतरपुर, दमोह और सिवनी में खुल सकते है। माना जा रहा है कि बजट में स्वास्थ्य के अलावा ढांचागत सुविधाओं के विस्तार और विकास के अलावा कृषि, ग्रामीण क्षेत्र, शिक्षा और शहरी विकास से जुड़ी योजनाओं पर जोर दिया जाएगा। आम लोगों को उम्मीद है कि सरकार इस बार बजट में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले करों में थोड़ी राहत दे सकती है, लेकिन इसको लेकर स्थिति मंगलवार को ही साफ हो पाएगी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बजट को कल्याणकारी बताया है। उन्होंने कहा कि यह बजट विकास करने वाला और जन कल्याणकारी होगा।
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1 March 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना से सुरक्षा के लिए वैक्सीनेशन का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हो गया। भोपाल में स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने जेपी अस्पताल में टीका लगवाया। राजधानी में कुल 15 अस्पतालों में टीकाकरण शुरू हुआ है। दूसरे चरण में 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 45 से 59 साल के उम्र के ऐसे लोगों को टीका लगाया जा रहा है, जिन्हें शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां हैं। निजी टीकाकरण केंद्रों पर टीकाकरण का 250 रुपये देने पड़े रहे हैं, जबकि सरकारी सेंटर पर यह फ्री है। कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन का दूसरा दौर प्रदेश में सोमवार सुबह से शुरू हुंआ। स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी सोमवार राजधानी के जे.पी.अस्पताल पहुंचे और उन्होंने कोरोना का टीका लगावाया। दूसरे दौर की शुरुआत पर जेपी अस्पताल को गुब्बारे और फूलों से सजाया गया था। भोपाल में जे.पी.अस्पताल के अलावा एम्स, हमीदिया, प्रोतिमा मलिक पुलिस अस्पताल, बीएमएचआरसी, कस्तूरबा अस्पताल, ईएसआई अस्पताल, बैरागढ़ सिविल अस्पताल, बैरसिया सिविल अस्पताल, चिरायु, एलएन मेडिकल कॉलेज, एमआईएमएस, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज, आरकेडीएफ मेडिकल कॉलेज, नेशनल अस्पताल, नोबल अस्पताल और भोपाल केयर हॉस्पिटल में भी टीकाकरण शुरू हो चुका है। प्रदेश के ग्वालियर में सोमवार सुबह 10.40 बजे तक वैक्सीनेशन शुरू नहीं हो सका। यहां रजिस्ट्रेशन शुरू नहीं होने की वजह से यह समस्या आई। ग्वालियर-चंबल अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जेएएच में टीका लगने के इंतजार में सीनियर सिटीजन बैठे रहे। ग्वालियर में सांसद विवेक शेजवलकर को पहला टीका लगाया जाना है। इस वजह से बुजुर्गों को बाहर बैठाया गया है। इंदौर में सोमवार सुबह 10 बजे आम नागरिकों के लिए टीकाकरण शुरू हो गया। सुबह 9 बजे ही अस्पतालों में पहुंचकर लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इंदौर में पीसी सेठी अस्पताल, सिविल हॉस्पिटल महू, महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज, अरबिंदो मेडिकल कॉलेज, इन्डेसक मेडिकल कॉलेज, चोइथराम हॉस्पिटल, मेडिकेयर हॉस्पिटल में टीकाकरण किया जा रहा है। जबलपुर के 9 अस्पतालों में टीकाकरण सोमवार से शुरू हो गया है। जिला अस्पताल विक्टोरिया में स्वामी अखिलेश्वरा, श्यामा देवाचार्य और अन्य संतों ने वैक्सीन लगवाकर आमजन को जागरूक किया। टीकाकरण केंद्रों पर उत्साह के साथ लोगों की भीड़ दिख रही है। उज्जैन में आम लोगों को कोविड-19 का टीकाकरण सोमवार सुबह 10 बजे शुरू हुआ। जिले के 10 सेशन साइट पर टीके लगाए जा रहे हैं। सुबह के करीब 1 घंटे में करीब 50 लोगों को टीके लगाए जा चुके हैं।
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1 March 2021भोपाल। देशभर में कोरोना संक्रमण के खिलाफ वैक्सीनेशन का दूसरा फेज सोमवार को शुरू हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना का पहला टीका लगवा लिया है। उन्हें भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का डोज दिया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने नागरिकों से आगे आकर वैक्सीन लगवाने की अपील की। पीएम मोदी द्वारा कोविड वैैक्सीन लगवाए जाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनकी प्रशंसा की है। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर कहा ‘लीडर सदैव आगे रहकर नागरिकों को राह दिखाते हैं और आप एक सच्चे लीडर हैं। हर चुनौती में आपने देश की अगुवाई की है। आज कोविड 19 के विरुद्ध लड़ाई में देश एक नये आत्मविश्वास से भर गया है। देशवासियों को आपने आज पुन: नई प्रेरणा से भरकर स्वस्थ भारत के निर्माण को और गति दी है।
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1 March 2021भोपाल। कोविड-टीकाकरण के प्रथम चरण में मध्यप्रदेश में 6.51 लाख हेल्थ केयर एवं फ्रंट लाइन वर्कर्स को संयुक्त रूप से प्रथम डोज का दिया गया है। यह कुल चिन्हित हितग्राहियों का 85 फीसदी है। इनमें से 1.60 लाख यानी 46 फीसदी हेल्थ केयर वर्कर्स को कोरोना का दूसरा डोज दिया जा चुका है। प्रथम चरण में मध्यप्रदेश टीकाकरण के मामले में दूसरे स्थान पर है। यह जानकारी प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने रविवार को आयोजित प्रेसवार्ता में दी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कोविड-वैक्सिनेशन का दूसरा चरण सोमवार, 01 मार्च से शुरू हो रहा है। इसमें प्रदेश के 186 चिन्हित अस्पतालों में 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। इसके साथ ही इस चरण में 45 से 59 वर्ष के ऐसे नागरिकों का का टीकाकरण भी किया जाएगा, जो स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अधिसूचित 20 प्रकार की कोमार्विड डिसीज से पीड़ित हैं और निर्धारित प्रारूप में मेडिकल काउसिंल ऑफ इंडिया द्वारा पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर्स द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके अलावा पहले चरण के ऐसे हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स भी टीका लगवा सकेंगे, जो किसी कारणवश पहले चरण में पंजीयन नहीं करा सके और टीकाकरण से छूट गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि दूसरे चरण में मध्यप्रदेश के 186 अस्पतालों में टीकाकरण की सुविधा रहेगी, जिनमें प्रदेश के सभी 51 जिला अस्पताल, 84 सिविल अस्पताल, 13 सरकारी महाविद्यालय के अलावा तीन निजी महाविद्यालय और 35 निजी अस्पताल शामिल हैं। सरकारी अस्पताल में टीका निशुल्क लगाया जाएगा, जबकि निजी अस्पताल में 250 रुपये शुल्क लिया जाएगा। इसमें 100 रुपये सर्विस चार्ज और 150 रुपये डोज की कीमत शामिल है। इस चरण में प्रदेश के 71.62 लाख नागरिकों को टाकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के लिए मध्यप्रदेश को 16.63 लाख वैक्सीन डोज का आवंटन किया गया है, जिसमें से 7 लाख डोज प्रदेश को प्राप्त हो चुके हैं।
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28 February 2021भोपाल। कोविड-टीकाकरण के प्रथम चरण में मध्यप्रदेश में 6.51 लाख हेल्थ केयर एवं फ्रंट लाइन वर्कर्स को संयुक्त रूप से प्रथम डोज का दिया गया है। यह कुल चिन्हित हितग्राहियों का 85 फीसदी है। इनमें से 1.60 लाख यानी 46 फीसदी हेल्थ केयर वर्कर्स को कोरोना का दूसरा डोज दिया जा चुका है। प्रथम चरण में मध्यप्रदेश टीकाकरण के मामले में दूसरे स्थान पर है। यह जानकारी प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने रविवार को आयोजित प्रेसवार्ता में दी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि कोविड-वैक्सिनेशन का दूसरा चरण सोमवार, 01 मार्च से शुरू हो रहा है। इसमें प्रदेश के 186 चिन्हित अस्पतालों में 60 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके लोगों का टीकाकरण किया जाएगा। इसके साथ ही इस चरण में 45 से 59 वर्ष के ऐसे नागरिकों का का टीकाकरण भी किया जाएगा, जो स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अधिसूचित 20 प्रकार की कोमार्विड डिसीज से पीड़ित हैं और निर्धारित प्रारूप में मेडिकल काउसिंल ऑफ इंडिया द्वारा पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर्स द्वारा जारी प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं। इसके अलावा पहले चरण के ऐसे हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स भी टीका लगवा सकेंगे, जो किसी कारणवश पहले चरण में पंजीयन नहीं करा सके और टीकाकरण से छूट गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि दूसरे चरण में मध्यप्रदेश के 186 अस्पतालों में टीकाकरण की सुविधा रहेगी, जिनमें प्रदेश के सभी 51 जिला अस्पताल, 84 सिविल अस्पताल, 13 सरकारी महाविद्यालय के अलावा तीन निजी महाविद्यालय और 35 निजी अस्पताल शामिल हैं। सरकारी अस्पताल में टीका निशुल्क लगाया जाएगा, जबकि निजी अस्पताल में 250 रुपये शुल्क लिया जाएगा। इसमें 100 रुपये सर्विस चार्ज और 150 रुपये डोज की कीमत शामिल है। इस चरण में प्रदेश के 71.62 लाख नागरिकों को टाकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण के लिए मध्यप्रदेश को 16.63 लाख वैक्सीन डोज का आवंटन किया गया है, जिसमें से 7 लाख डोज प्रदेश को प्राप्त हो चुके हैं।
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28 February 2021भोपाल। प्रतिदिन एक पौधा लगाने के अपने संकल्प के क्रम में आज कोलकाता के जगतवल्लभपुर में बांस का पौधा लगाया। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी साझा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘बांस पर्यावरण की रक्षा के अलावा कई बीमारियों के उपचार के लिए भी बहुत उपयोगी माना जाता है। आपसे भी आग्रह है कि पौधरोपण का संकल्प लीजिए और धरा को समृद्ध बनाइये। इसके अलावा मुख्समंत्री शिवराज ने कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर में स्थित श्रद्धेय रामकृष्ण परमहंस जी की कुटी में पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किया। यह उनकी कर्मभूमि और साधनास्थली रही है। उन्होंने कहा कि आज भी उस पवित्र स्थल पर उनके कठिन तप और विचारों के आनंदमयी प्रकाश की सुखद अनुभूति होती है। उनके चरणों में प्रणाम! बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पश्चिम बंगाल के प्रवास पर है। वहां वे चुनावी आमसभा को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज कोलकाता के निकट धुलागोरी मोड़ से हावड़ा साउथ तक परिवर्तन रैली करेंगे। मुख्यमंत्री धुलागोरी मोड़, आलमपुर और हावड़ा साउथ में आम सभा को संबोधित भी करेंगे।
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28 February 2021भोपाल। प्रतिदिन एक पौधा लगाने के अपने संकल्प के क्रम में आज कोलकाता के जगतवल्लभपुर में बांस का पौधा लगाया। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी साझा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘बांस पर्यावरण की रक्षा के अलावा कई बीमारियों के उपचार के लिए भी बहुत उपयोगी माना जाता है। आपसे भी आग्रह है कि पौधरोपण का संकल्प लीजिए और धरा को समृद्ध बनाइये। इसके अलावा मुख्समंत्री शिवराज ने कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर में स्थित श्रद्धेय रामकृष्ण परमहंस जी की कुटी में पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किया। यह उनकी कर्मभूमि और साधनास्थली रही है। उन्होंने कहा कि आज भी उस पवित्र स्थल पर उनके कठिन तप और विचारों के आनंदमयी प्रकाश की सुखद अनुभूति होती है। उनके चरणों में प्रणाम! बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पश्चिम बंगाल के प्रवास पर है। वहां वे चुनावी आमसभा को संबोधित करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज कोलकाता के निकट धुलागोरी मोड़ से हावड़ा साउथ तक परिवर्तन रैली करेंगे। मुख्यमंत्री धुलागोरी मोड़, आलमपुर और हावड़ा साउथ में आम सभा को संबोधित भी करेंगे।
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28 February 2021भोपाल/कोलकाता। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा के चुनाव प्रचार के लिए पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं। उन्होंने रविवार को हावड़ा में परिवर्तन रैली को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला और कहा कि ममता दीदी ने तुष्टिकरण की नीति अपनाकर मुस्लिम बंगाल बना कर पाप और अपराध किया है। इसे बंगाल की जनता स्वीकार नहीं करेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह रवींद्रनाथ टेगौर की धरती है। यहीं से वंदेमातरम का उदघोष हुआ, जिसने देश को आजाद कराया। ममता बनर्जी ने बंगाल को बांटने का काम किया है। यहां जय श्रीराम का नारा नहीं लगाने दिया जाता। जब जयश्री राम का नारा लगता है, तो दीदी बौखला जाती हैं। आपने बंगाल को समुदाय के आधार पर बांट दिया गया है। उन्होंने कहा कि बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि मैं चौकीदार मुख्यमंत्री हूं। केंद्र से पैसा आता है, तो सीधे जनता के खाते में जाता है। आप तो गरीबों का राशन भी खा गए। यदि गरीबी किसानों को 6 हजार मिल जाते, तो दीदी आपका क्या बिगड़ जाता? हमने सुना है कि जब राम थे, तब रावण और कुंभकरण भी हुआ करते थे। कुंभकरण के बारे में कहते हैं कि छह महीने सोता था और छह महीने जागता था। जब छह महीने जागता था, तो सिर्फ खाता ही रहता था, लेकिन टीएमसी वाले तो 12 महीने खाते रहते हैं। चौहान ने कहा कि इन्होंने जनता का हक मारा हे, इसीलिए यह परिवर्तन यात्रा निकल रही है, जो तृणमूल कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी। रैली से पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह दक्षिणेश्वर मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने मां काली की पूजा-अर्चना की। मीडिया से चर्चा में उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में परिवर्तन की लहर चल रही है। तृणमूल कांग्रेस की हिंसा, भ्रष्टाचार, कटमनी, अत्याचार, अन्याय से लोग परेशान हैं। जनता को केंद्र की योजनाओं का लाभ नहीं दिया। चारों तरफ भ्रष्टाचार का बोल बाला है।
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28 February 2021भोपाल/दमोह। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को दमोह जिले के प्रवास के दौरान प्रबुद्धजनों से मिले और दमोह जिले के विकास को लेकर चर्चा की। चर्चा में प्रबुद्धजनों ने दमोह के विकास के बारे में अपने सुझाव रखे। मुख्यमंत्री चौहान आश्वस्त किया कि दमोह जिला विकास के किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहेगा और पैसे की कमी नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने बताया कि यहां मीथेन गैस भण्डार मिलने से क्षेत्र की तस्वीर बदल जायेगी। बुंदेलखंड में पर्यटन की अच्छी संभावना है। इसका विकास एवं पर्यटन के लिये पूरा उपयोग किया जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोनाकाल की आपदा को अवसर में बदला है। उन्होंने आत्म-निर्भर भारत बनाने की बात कही है। आत्म-निर्भर भारत के लिए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाया जायेगा। इसका रोडमेप तैयार कर लिया गया है और संकल्प के साथ इस दिशा कार्य प्रारंभ हो गया है। भौतिक अधोसंचरनाएँ अच्छी सड़क, सिंचाई व्यवस्था, पेयजल, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और रोजगार के लिए प्रतिद्धधता से कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दमोह में मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी जा रही है। दमोह की भूमि से प्रदेश के 20 लाख किसानों के खातों में 400 करोड़ रूपये अंतरित किये जा रहे है। प्रदेश में कोरोना काल में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत एक लाख 18 हजार करोड़ रुपये की राशि जनता के खातों में डाली गई। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता की सुधार के लिए 20-25 किलोमीटर के दायरे में सी.एम. राईज स्कूल खोले जायेंगे। तीन साल में दमोह जिले के प्रत्येक गाँव और घर में नल से शुद्ध जल मिलने लगेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन और बेतवा नदी बुन्देलखण्ड की जीवन रेखा है। केन और बेतवा नदी पर बांध बनाने में आ रहे अवरोधों को दूर कर लिया गया है। नदियों को जोड़कर बाँध बनाया जायेगा और बुन्देलखण्ड की भूमि को सिंचित किया जायेगा। इसमें दमोह जिले की अधिकांश कृषि भूमि सिंचित होगी। उन्होंने कहा कि चर्चा में रेल्वे के संबंध में सुझाव प्राप्त हुआ है, प्रदेश सरकार इसे प्रभावी ठंग से रखेगी। उन्होंने कुर्मी समाज के भवन के लिये जमीन देने और सिन्धी समाज के लोगों को स्थाई पट्टे देने की बात भी कही। कार्यक्रम को केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद पटेल ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में तीन जिले दमोह, सागर और छतरपुर आते हैं। तीनों जिलों में मेडीकल कॉलेज की सुविधा होगी। दमोह ऐसा संसदीय क्षेत्र है जिसके प्रत्येक जिले में मेडीकल कॉलेज होगा। इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, खजुराहो सांसद वी.डी. शर्मा, पूर्वमंत्री जयंत मलैया, रामकृष्ण कुसमरिया, मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन अध्यक्ष राहुल सिंह सहित स्थानीय विधायक, समाजसेवी, चिकित्सक, साहित्यकार, इंजीनियर, एडवोकेट, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न समाजों के अध्यक्ष और वरिष्ठ नागरिक मौजूद रहे।
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27 February 2021भोपाल/दमोह। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शनिवार को दमोह जिले के प्रवास के दौरान प्रबुद्धजनों से मिले और दमोह जिले के विकास को लेकर चर्चा की। चर्चा में प्रबुद्धजनों ने दमोह के विकास के बारे में अपने सुझाव रखे। मुख्यमंत्री चौहान आश्वस्त किया कि दमोह जिला विकास के किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रहेगा और पैसे की कमी नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने बताया कि यहां मीथेन गैस भण्डार मिलने से क्षेत्र की तस्वीर बदल जायेगी। बुंदेलखंड में पर्यटन की अच्छी संभावना है। इसका विकास एवं पर्यटन के लिये पूरा उपयोग किया जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोनाकाल की आपदा को अवसर में बदला है। उन्होंने आत्म-निर्भर भारत बनाने की बात कही है। आत्म-निर्भर भारत के लिए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश बनाया जायेगा। इसका रोडमेप तैयार कर लिया गया है और संकल्प के साथ इस दिशा कार्य प्रारंभ हो गया है। भौतिक अधोसंचरनाएँ अच्छी सड़क, सिंचाई व्यवस्था, पेयजल, शिक्षा, अर्थव्यवस्था और रोजगार के लिए प्रतिद्धधता से कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दमोह में मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखी जा रही है। दमोह की भूमि से प्रदेश के 20 लाख किसानों के खातों में 400 करोड़ रूपये अंतरित किये जा रहे है। प्रदेश में कोरोना काल में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत एक लाख 18 हजार करोड़ रुपये की राशि जनता के खातों में डाली गई। ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता की सुधार के लिए 20-25 किलोमीटर के दायरे में सी.एम. राईज स्कूल खोले जायेंगे। तीन साल में दमोह जिले के प्रत्येक गाँव और घर में नल से शुद्ध जल मिलने लगेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन और बेतवा नदी बुन्देलखण्ड की जीवन रेखा है। केन और बेतवा नदी पर बांध बनाने में आ रहे अवरोधों को दूर कर लिया गया है। नदियों को जोड़कर बाँध बनाया जायेगा और बुन्देलखण्ड की भूमि को सिंचित किया जायेगा। इसमें दमोह जिले की अधिकांश कृषि भूमि सिंचित होगी। उन्होंने कहा कि चर्चा में रेल्वे के संबंध में सुझाव प्राप्त हुआ है, प्रदेश सरकार इसे प्रभावी ठंग से रखेगी। उन्होंने कुर्मी समाज के भवन के लिये जमीन देने और सिन्धी समाज के लोगों को स्थाई पट्टे देने की बात भी कही। कार्यक्रम को केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद पटेल ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उनके संसदीय क्षेत्र में तीन जिले दमोह, सागर और छतरपुर आते हैं। तीनों जिलों में मेडीकल कॉलेज की सुविधा होगी। दमोह ऐसा संसदीय क्षेत्र है जिसके प्रत्येक जिले में मेडीकल कॉलेज होगा। इस अवसर पर नगरीय विकास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, खजुराहो सांसद वी.डी. शर्मा, पूर्वमंत्री जयंत मलैया, रामकृष्ण कुसमरिया, मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन अध्यक्ष राहुल सिंह सहित स्थानीय विधायक, समाजसेवी, चिकित्सक, साहित्यकार, इंजीनियर, एडवोकेट, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न समाजों के अध्यक्ष और वरिष्ठ नागरिक मौजूद रहे।
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27 February 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पर्यावरण को बचाना और उसका संवर्धन करना हम सबका दायित्व है। पर्यावरण बचाने के लिए मैंने संकल्प लिया है, जिसके अनुसार मैं प्रतिदिन एक पौधा रोप रहा हूं। पेड़ बढ़ेंगे तो धरती बचेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने सभी वर्गों से आव्हान किया कि वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसका संरक्षण करें। मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को श्यामला हिल्स स्थित स्मार्ट सिटी पार्क में सप्तपर्णी का पौधा रोपा। सप्तपर्णी (अल्स्टोनिया स्कोलैरिस) एक औषधि सदाबहार वृक्ष है, जिसका आयुर्वेद में औषधि के रूप में आत्यधिक महत्व है। यह दुर्बलता दूर करने, खुले घावों को ठीक करने और पीलिया एवं मलेरिया के उपचार में काम आता है।
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27 February 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पर्यावरण को बचाना और उसका संवर्धन करना हम सबका दायित्व है। पर्यावरण बचाने के लिए मैंने संकल्प लिया है, जिसके अनुसार मैं प्रतिदिन एक पौधा रोप रहा हूं। पेड़ बढ़ेंगे तो धरती बचेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने सभी वर्गों से आव्हान किया कि वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसका संरक्षण करें। मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को श्यामला हिल्स स्थित स्मार्ट सिटी पार्क में सप्तपर्णी का पौधा रोपा। सप्तपर्णी (अल्स्टोनिया स्कोलैरिस) एक औषधि सदाबहार वृक्ष है, जिसका आयुर्वेद में औषधि के रूप में आत्यधिक महत्व है। यह दुर्बलता दूर करने, खुले घावों को ठीक करने और पीलिया एवं मलेरिया के उपचार में काम आता है।
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27 February 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पर्यावरण को बचाना और उसका संवर्धन करना हम सबका दायित्व है। पर्यावरण बचाने के लिए मैंने संकल्प लिया है, जिसके अनुसार मैं प्रतिदिन एक पौधा रोप रहा हूं। पेड़ बढ़ेंगे तो धरती बचेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने सभी वर्गों से आव्हान किया कि वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसका संरक्षण करें। मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को श्यामला हिल्स स्थित स्मार्ट सिटी पार्क में सप्तपर्णी का पौधा रोपा। सप्तपर्णी (अल्स्टोनिया स्कोलैरिस) एक औषधि सदाबहार वृक्ष है, जिसका आयुर्वेद में औषधि के रूप में आत्यधिक महत्व है। यह दुर्बलता दूर करने, खुले घावों को ठीक करने और पीलिया एवं मलेरिया के उपचार में काम आता है।
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27 February 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पर्यावरण को बचाना और उसका संवर्धन करना हम सबका दायित्व है। पर्यावरण बचाने के लिए मैंने संकल्प लिया है, जिसके अनुसार मैं प्रतिदिन एक पौधा रोप रहा हूं। पेड़ बढ़ेंगे तो धरती बचेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने सभी वर्गों से आव्हान किया कि वर्ष में कम से कम एक पौधा अवश्य लगाएं और उसका संरक्षण करें। मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को श्यामला हिल्स स्थित स्मार्ट सिटी पार्क में सप्तपर्णी का पौधा रोपा। सप्तपर्णी (अल्स्टोनिया स्कोलैरिस) एक औषधि सदाबहार वृक्ष है, जिसका आयुर्वेद में औषधि के रूप में आत्यधिक महत्व है। यह दुर्बलता दूर करने, खुले घावों को ठीक करने और पीलिया एवं मलेरिया के उपचार में काम आता है।
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27 February 2021भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के बीच नोंक-झोंक हुई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा देर रात सदन की इस कार्यवाही का वीडियो ट्वीट पर अपलोड कर दिया गया। इसे लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है और वीडियो वायरल करने को नियमों का उल्लंघन बताया है। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने शनिवार को ट्वीट के माध्यम से कहा है कि विधानसभा की कार्यवाही का इस तरह वीडियो सार्वजनिक करना नियमों के विरुद्ध है। विधानसभा किसी एक दल की नहीं होती। यह सभी दलों से मिलकर बनती है। यह सीधे-सीधे नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह विशेषाधिकार का मामला है। शिवराज जी, आपको विधानसभा की कार्यवाही का वीडियो ही वायरल करना था, तो नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के सिलसिलेवार सारे आरोपों और आपको दिए गए जवाब का भी वीडियो जारी करने का साहस दिखाना था। सिर्फ एक पक्ष का वीडियो जारी कर आप क्या बताना चाह रहे हैं? दरअसल, मुख्यमंत्री द्वारा ट्वीट पर विधानसभा की कार्यवाही का जो वीडियो वायरल किया गया है, उसमें मुख्यमंत्री शिवराज की तरफ इशारा करते हुए कमलनाथ कहते हैं, कम से कम आपकी साइकिल हमें तो दिलवा दीजिए। इस पर शिवराज कहते हैं कि आपकी उम्र का लिहाज करता हूं। किसी भी कीमत पर आपको साइकिल नहीं दूंगा। बता दें कि इससे पहले कमलनाथ ने महंगे होते पेट्रोल-डीजल पर सवाल उठाते हुए शिवराज द्वारा पुरानी सरकारों के वक्त चलाई गई साइकिल को लेकर चुटकी ली थी। इसी का जवाब मुख्यमंत्री विधानसभा में दे रहे थे। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानससभा में सदन की कार्यवाही के प्रसारण पर सरकार द्वारा रोक लगा रखी है। केवल विधायकों के चाहने पर उन्हें सदन की कार्यवाही का वीडियो उपलब्ध कराया जा सकता है। इस मामले में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह का कहना है कि विधानसभा के दौरान भाषण देने वाले का वीडियो उनके ही आवेदन करने पर उन्हें दिया जा सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए आवेदन किया था। इसलिए उन्हें वीडियो दिया गया है। जन संपर्क विभाग ने भी यह वीडियो मांगा था, लेकिन नहीं दिया गया।
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27 February 2021भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के बीच नोंक-झोंक हुई थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा देर रात सदन की इस कार्यवाही का वीडियो ट्वीट पर अपलोड कर दिया गया। इसे लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है और वीडियो वायरल करने को नियमों का उल्लंघन बताया है। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने शनिवार को ट्वीट के माध्यम से कहा है कि विधानसभा की कार्यवाही का इस तरह वीडियो सार्वजनिक करना नियमों के विरुद्ध है। विधानसभा किसी एक दल की नहीं होती। यह सभी दलों से मिलकर बनती है। यह सीधे-सीधे नियमों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह विशेषाधिकार का मामला है। शिवराज जी, आपको विधानसभा की कार्यवाही का वीडियो ही वायरल करना था, तो नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के सिलसिलेवार सारे आरोपों और आपको दिए गए जवाब का भी वीडियो जारी करने का साहस दिखाना था। सिर्फ एक पक्ष का वीडियो जारी कर आप क्या बताना चाह रहे हैं? दरअसल, मुख्यमंत्री द्वारा ट्वीट पर विधानसभा की कार्यवाही का जो वीडियो वायरल किया गया है, उसमें मुख्यमंत्री शिवराज की तरफ इशारा करते हुए कमलनाथ कहते हैं, कम से कम आपकी साइकिल हमें तो दिलवा दीजिए। इस पर शिवराज कहते हैं कि आपकी उम्र का लिहाज करता हूं। किसी भी कीमत पर आपको साइकिल नहीं दूंगा। बता दें कि इससे पहले कमलनाथ ने महंगे होते पेट्रोल-डीजल पर सवाल उठाते हुए शिवराज द्वारा पुरानी सरकारों के वक्त चलाई गई साइकिल को लेकर चुटकी ली थी। इसी का जवाब मुख्यमंत्री विधानसभा में दे रहे थे। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानससभा में सदन की कार्यवाही के प्रसारण पर सरकार द्वारा रोक लगा रखी है। केवल विधायकों के चाहने पर उन्हें सदन की कार्यवाही का वीडियो उपलब्ध कराया जा सकता है। इस मामले में विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह का कहना है कि विधानसभा के दौरान भाषण देने वाले का वीडियो उनके ही आवेदन करने पर उन्हें दिया जा सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए आवेदन किया था। इसलिए उन्हें वीडियो दिया गया है। जन संपर्क विभाग ने भी यह वीडियो मांगा था, लेकिन नहीं दिया गया।
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27 February 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को मंत्रालय से समेकित छात्रवृत्ति योजना के तहत प्रदेश के कक्षा 9वीं से 12वीं के 14.53 लाख विद्यार्थियों के बैंक खातों में 344 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति ऑनलाइन ट्रांसफर की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि छठवीं कक्षा से व्यावसायिक शिक्षा देने का काम क्रमश: शुरू किया जाएगा। बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिले, इसमें हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में समेकित छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 344 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति विद्यार्थियों के खाते में सिंगल क्लिक से ट्रांसफर कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उनसे संवाद किया। उन्होंने कहा कि मेरे बच्चों, यह साल बहुत कठिन था। कोविड-19 के कारण लॉकडाउन लग गया और तुम्हें घर पर ही पढऩे के लिए मजबूर होना पड़ा। मैं शिक्षा विभाग को इस बात के लिए बधाई देता हूं कि उन्होंने लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन माध्यम से बेहतर शिक्षा देने का हरसंभव प्रयास किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के तीन प्रमुख ध्येय होते हैं- ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार देना है। हमारे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, हम इसमें कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि मनुष्य केवल साढ़े तीन हाथ का हाड़-मांस का पुतला नहीं है, बल्कि ईश्वर का अंश और अनंत शक्ति का भंडार है। मेरे बच्चों पूरे मन से तुम पढ़ाई करोगे, तो निश्चित रूप से सफलता तुम्हारे कदम चूमेगी। उन्होंने कहा कि मनुष्य जिस काम के लिए संकल्प कर लेता है, उसके लिए स्वत: उसमें आत्मबल और विश्वास आ जाता है। जिन खोजा तिन पाइयां, जो खोजते हैं, वो पाते हैं। मेरे बच्चों, पूरी दृढ़ता से जुट जाओ, लक्ष्य प्राप्ति से तुम्हें कोई रोक नहीं सकेगा। उन्होंने कहा कि पहले उद्देश्य में पीढिय़ों से संचित ज्ञान पढऩे वाले विद्यार्थियों को प्रदान कर दिया जाता है। कौशल देने से तात्पर्य, पढक़र हम इतने योग्य बन जाएं कि आजीविका का प्रबंध कर सकें। नागरिकता के संस्कार से मतलब है हमारे बच्चे ईमानदार, परिश्रमी, कर्मठ, चरित्रवान, देशभक्त बनें।
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26 February 2021भोपाल। ग्वालियर नगर निगम के वार्ड 44 से हिंदू महासभा के पार्षद बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब पार्टी में विरोध के सुर उठने लगे हैं। पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने गोडसे भक्त बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने पर आपत्ति जताई है। साथ ही उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि बापू हम शर्मिंदा है‘। अरुण यादव ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा है कि मैं आरआरएस विचारधारा को लेकर लाभ हानि की चिंता किये बगैर जुबानी जंग नहीं, सडक़ों पर लड़ता हूँ। मेरी आवाज कांग्रेस और गांधी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे कांग्रेस कार्यकर्ता की आवाज है। जिस संघ कार्यालय में कभी तिरंगा नहीं लगता है, वहां इंदौर के संघ कार्यालय (अर्चना) पर कार्यकर्ताओं के साथ जाकर मैंने तिरंगा फहराया। देश के सारे बड़े नेता कहते हैं कि देश का पहला आतंकवादी नाथूराम गोडसे था। आज गोडसे की पूजा करने वाले की कांग्रेस में प्रवेश को लेकर वे सब खामोश क्यों है? उन्होंने कहा कि यदि यही स्थिति रही तो आतंकवाद से जुडी भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर, जिसने गोडसे को देशभक्त बताया है, जिसे लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि मैं प्रज्ञा ठाकुर को जिंदगीभर माफ नही कर सकता हूँ। यदि वो भविष्य में काग्रेस में प्रवेश करेगी तो क्या कांग्रेस उसे स्वीकार करेगी? अरुण यादव ने कहा कि अपनी ही सरकार में कमलनाथ ने इन्ही बाबूलाल चौरसिया और उनके सहयोगियों का ग्वालियर में गोडसे का मंदिर बनाने और पूजा करने के विरोध में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था। इन स्थितियों में जब संघ और पूरी भाजपा एकजुट होकर महात्मा गाधीजी, नेहरू जी और सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के चेहरे को षणयंत्रपूर्वक नई पीढी के सामने भद्दा करने की कोशिश कर रही है, तब काग्रेस की गांधीवादी विचारधारा को समर्पित एक सच्चे सिपाही के नाते में नही बैठ सकता हूँ। यह मेरा वैचारिक संघर्ष किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं होकर काग्रेस पाटी की विचारधारा को समर्पित है। इसके लिए मैं हर राजनीतिक क्षति सहने को तैयार हूँ। बता दें कि महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की पूजा करने वाले बाबूलाल ने बीते बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की थी। वह पहले कांग्रेस में ही थे, लेकिन बीते नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी के टिकट नहीं देने से बागी हो गए। बाबूलाल चौरसिया के कांग्रेस में शामिल होने पर मध्य पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने ट्वीट के जरिए नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने इस ट्वीट में कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के साथ ही राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, दिग्विजय सिंह को टैग किया है। हालांकि अरुण यादव ने वर्तमान पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ को अपने ट्वीट में टैग नहीं किया है, जिसके अलग सियासी मायने निकाले जाने लगे हैं।
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26 February 2021भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। प्रश्नकाल के दौरान बिजली बिल के मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया, जबकि राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना उद्बोधन दिया। इस दौरान पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के साथ उनकी तीखी नोंक-झोंक हुई। मप्र विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। भाजपा विधायक विजयपाल सिंह ने नागरिकों को दिये जा रहे भारी-भरकम बिजली बिलों का मुद्दा सदन में उठाया। इस पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली बिलों से हर वर्ग परेशान है। इस दौरान किसानों को मिल रहे बिजली बिल पर भी बात हुई। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी कहा कि मेरे क्षेत्र में भी अधिक बिल आ रहे हैं। मेरे क्षेत्र के किसान भी बिजली बिलों से परेशान हैं। इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने जांच करने की बात कही। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर को पूरे मामले की जांच करवाने को कहा। किसानों को अधिकृत कंपनियों के कृषि पंप दिए जाने के निर्देश दिए गए। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। इसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संबोधन हुआ। उन्होंने कहा कि विपक्ष बार-बार कह रहा है कि 2018 में कचरा साफ हो गया, लेकिन मैं बता दूं, मेरे मन में एक बार भी यह नहीं आया कि मुझे मुख्यमंत्री बनना है। जब कमलनाथ सरकार बनी तब मैंने सोच लिया था कि मुझे सीएम हाउस खाली करना है। हम चाहते तो उस समय भी जोड़-तोड़ कर सकते थे। उस समय भी कई मित्र हमारे साथ आना चाहते थे, लेकिन सुबह होते ही मैंने कमलनाथ को बधाई दी। कांग्रेस को इतने वोट मिले, उसका कारण कर्जमाफी का ऐलान था, इस बात को मैं मानता हूं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ बीच में जवाब देने लगे और दोनों के बीच नोंक-झोंक शुरू हो गई। कमलनाथ ने कहा कि अभिभाषण में मोदी का नाम बार-बार लिया गया। इस पर शिवराज ने कहा कि मोदी जी का नाम ही ऐसा है जो बार-बार लिया जाता है। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि आपने फसल बीमा का प्रीमियम जमा नहीं किया। शिवराज ने कहा कि हमने फसल बीमा की राशि किसानों को दी। मैं ओलावृष्टि के समय किसानों के पास जाता था लेकिन आप नहीं जाते थे। आप विधायकों से भी मिलते नहीं थे। कमलनाथ बोले कि मैं विधायकों को मिलने के लिए समय देता था ना कि टीवी पर सीरियल देखता था। शिवराज ने कहा कि आप खजाना खाली छोड़ गए. लेकिन हमने इसकी कमी महसूस होने नहीं दी। कमलनाथ ने कहा कि आपसे आंकड़ों के खेल में जीतना मुश्किल है। इस पर शिवराज ने कहा कि आज हिसाब किताब पूरा हो जाए। कर्जा लेकर किसानों के खाते में पैसे डाले हैं तो आपको तकलीफ क्यों हो रही है। कोरोना काल में किसानों के खाते में पैसे डाले। उनकी फसल खरीदी। इस बीच गोपाल भार्गव ने विधानसभा में डिवीजन करने को लेकर कहा कि खेल आपने शुरू किया है और हमने कहा था खत्म हम करेंगे। इस पर कमलनाथ ने कहा कि खेल तो अकेले आपने शुरू किया था। जब आपने अध्यक्ष के चुनाव में कैंडिडेट खड़ा किया। आपने परंपरा तोड़ी। इस पर शिवराज ने कहा कि आपने सरकार में आते ही बीजेपी नेताओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया था। बदले की कार्रवाई आपने की। कुचलने वाली मानसिकता आप लोगों की थी। उच्च अधिकारियों की बोली लगाई गई। कमलनाथ ने कहा कि आपके इस तरह के आरोप गलत हैं। आप मुझे सदन में नहीं बल्कि अकेले बता गए कि किस उच्च अधिकारियों की बोली लगी। यहां पर सदन को बताना चाहता हूं कि मैंने माननीय के कहने पर कई कार्रवाई को रुकवाया। शिवराज ने कहा कि कमलनाथ जी कहते हैं कि 2018 में कचरा साफ हो गया, लेकिन मैं कांग्रेस से आए नेताओं के साथ में काम कर रहा हूं। यह सब बहुत अच्छा काम करते हैं। यह सब हीरा हैं। कमलनाथ ने कहा कि आप सभी हीरों को बचाकर रखिए। हम इन्हें पहले से जानते हैं। इसी बीच कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने शिवराज के बार-बार बंटाढार की बात को लेकर कहा कि आप सिर्फ बंटाढार की योजनाओं को अभी तक क्यों चला रहे हैं। इस पर शिवराज ने कहा कि इस पर फिर कभी चर्चा करेंगे। कमलनाथ ने कहा कि मेरा मुख्यमंत्री से निवेदन है कि बीती बातों को छोड़ें और आगे की बातें सदन को बताएं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं उसी का जवाब दे रहा हूं। हमने लाडली लक्ष्मी योजना से लेकर महिलाओं के लिए कई योजनाएं बनाईं। उनको सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी, लेकिन आपकी सरकार ने हमारी संबल योजना को बंद कर दिया। उसका नाम बदल दिया। लोगों को उसका फायदा नहीं मिला। दीनदयाल रसोई योजना, मेधावी छात्र योजना को बंद कर दी। कमलनाथ ने कहा कि जब हमने मेधावी छात्रों को लैपटॉप योजना की जांच की तो पता चला कि उन्हें लैपटॉप मिल नहीं रहे थे। शिवराज ने कहा कि अपराध बढ़े लेकिन सरकार ने तेज गति के साथ ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। पहले शिकायत ही नहीं होती थी, लेकिन हमने शिकायत नहीं बल्कि एफआईआर कराने पर जोर दिया है। यही कारण है कि मामले तुरंत सामने आ रहे हैं।
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26 February 2021भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन शुक्रवार को सदन की कार्यवाही हंगामेदार रही। प्रश्नकाल के दौरान बिजली बिल के मुद्दे पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया, जबकि राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना उद्बोधन दिया। इस दौरान पूर्व सीएम एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के साथ उनकी तीखी नोंक-झोंक हुई। मप्र विधानसभा के बजट सत्र के पांचवें दिन सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई। भाजपा विधायक विजयपाल सिंह ने नागरिकों को दिये जा रहे भारी-भरकम बिजली बिलों का मुद्दा सदन में उठाया। इस पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली बिलों से हर वर्ग परेशान है। इस दौरान किसानों को मिल रहे बिजली बिल पर भी बात हुई। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने भी कहा कि मेरे क्षेत्र में भी अधिक बिल आ रहे हैं। मेरे क्षेत्र के किसान भी बिजली बिलों से परेशान हैं। इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने जांच करने की बात कही। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न तोमर को पूरे मामले की जांच करवाने को कहा। किसानों को अधिकृत कंपनियों के कृषि पंप दिए जाने के निर्देश दिए गए। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। इसके बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संबोधन हुआ। उन्होंने कहा कि विपक्ष बार-बार कह रहा है कि 2018 में कचरा साफ हो गया, लेकिन मैं बता दूं, मेरे मन में एक बार भी यह नहीं आया कि मुझे मुख्यमंत्री बनना है। जब कमलनाथ सरकार बनी तब मैंने सोच लिया था कि मुझे सीएम हाउस खाली करना है। हम चाहते तो उस समय भी जोड़-तोड़ कर सकते थे। उस समय भी कई मित्र हमारे साथ आना चाहते थे, लेकिन सुबह होते ही मैंने कमलनाथ को बधाई दी। कांग्रेस को इतने वोट मिले, उसका कारण कर्जमाफी का ऐलान था, इस बात को मैं मानता हूं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ बीच में जवाब देने लगे और दोनों के बीच नोंक-झोंक शुरू हो गई। कमलनाथ ने कहा कि अभिभाषण में मोदी का नाम बार-बार लिया गया। इस पर शिवराज ने कहा कि मोदी जी का नाम ही ऐसा है जो बार-बार लिया जाता है। कमलनाथ ने आरोप लगाया कि आपने फसल बीमा का प्रीमियम जमा नहीं किया। शिवराज ने कहा कि हमने फसल बीमा की राशि किसानों को दी। मैं ओलावृष्टि के समय किसानों के पास जाता था लेकिन आप नहीं जाते थे। आप विधायकों से भी मिलते नहीं थे। कमलनाथ बोले कि मैं विधायकों को मिलने के लिए समय देता था ना कि टीवी पर सीरियल देखता था। शिवराज ने कहा कि आप खजाना खाली छोड़ गए. लेकिन हमने इसकी कमी महसूस होने नहीं दी। कमलनाथ ने कहा कि आपसे आंकड़ों के खेल में जीतना मुश्किल है। इस पर शिवराज ने कहा कि आज हिसाब किताब पूरा हो जाए। कर्जा लेकर किसानों के खाते में पैसे डाले हैं तो आपको तकलीफ क्यों हो रही है। कोरोना काल में किसानों के खाते में पैसे डाले। उनकी फसल खरीदी। इस बीच गोपाल भार्गव ने विधानसभा में डिवीजन करने को लेकर कहा कि खेल आपने शुरू किया है और हमने कहा था खत्म हम करेंगे। इस पर कमलनाथ ने कहा कि खेल तो अकेले आपने शुरू किया था। जब आपने अध्यक्ष के चुनाव में कैंडिडेट खड़ा किया। आपने परंपरा तोड़ी। इस पर शिवराज ने कहा कि आपने सरकार में आते ही बीजेपी नेताओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया था। बदले की कार्रवाई आपने की। कुचलने वाली मानसिकता आप लोगों की थी। उच्च अधिकारियों की बोली लगाई गई। कमलनाथ ने कहा कि आपके इस तरह के आरोप गलत हैं। आप मुझे सदन में नहीं बल्कि अकेले बता गए कि किस उच्च अधिकारियों की बोली लगी। यहां पर सदन को बताना चाहता हूं कि मैंने माननीय के कहने पर कई कार्रवाई को रुकवाया। शिवराज ने कहा कि कमलनाथ जी कहते हैं कि 2018 में कचरा साफ हो गया, लेकिन मैं कांग्रेस से आए नेताओं के साथ में काम कर रहा हूं। यह सब बहुत अच्छा काम करते हैं। यह सब हीरा हैं। कमलनाथ ने कहा कि आप सभी हीरों को बचाकर रखिए। हम इन्हें पहले से जानते हैं। इसी बीच कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने शिवराज के बार-बार बंटाढार की बात को लेकर कहा कि आप सिर्फ बंटाढार की योजनाओं को अभी तक क्यों चला रहे हैं। इस पर शिवराज ने कहा कि इस पर फिर कभी चर्चा करेंगे। कमलनाथ ने कहा कि मेरा मुख्यमंत्री से निवेदन है कि बीती बातों को छोड़ें और आगे की बातें सदन को बताएं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं उसी का जवाब दे रहा हूं। हमने लाडली लक्ष्मी योजना से लेकर महिलाओं के लिए कई योजनाएं बनाईं। उनको सरकारी नौकरी में प्राथमिकता दी, लेकिन आपकी सरकार ने हमारी संबल योजना को बंद कर दिया। उसका नाम बदल दिया। लोगों को उसका फायदा नहीं मिला। दीनदयाल रसोई योजना, मेधावी छात्र योजना को बंद कर दी। कमलनाथ ने कहा कि जब हमने मेधावी छात्रों को लैपटॉप योजना की जांच की तो पता चला कि उन्हें लैपटॉप मिल नहीं रहे थे। शिवराज ने कहा कि अपराध बढ़े लेकिन सरकार ने तेज गति के साथ ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की है। पहले शिकायत ही नहीं होती थी, लेकिन हमने शिकायत नहीं बल्कि एफआईआर कराने पर जोर दिया है। यही कारण है कि मामले तुरंत सामने आ रहे हैं।
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26 February 2021भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार को सदन में प्रश्रकाल के दौरान कांग्रेस विधायक संजय यादव ने सदन में जमुनिया के बड़ादेव पुरानापानी को स्वीकृत राशि में कटौती का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि बड़ादेव पुरानापानी को 199.41 लाख स्वीकृत किये गए थे, इसमें कटौती की गई और सिर्फ 100 लाख रुपये ही स्वीकृत किए गए। विधायक संजय यादव ने इस बात पर आपत्ति जताई। प्रश्र का जवाब देते हुए पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने कहा कि निर्माण कार्य फिनिंशिंग की और कोरोना के चलते कटौती की गई। लेकिन बाद में बजट प्रावधान कर इसका विकास किया जाएगा। मंत्री के जवाब से अंतुष्ट कांग्रेस विधायक संजय यादव ने सरकार पर अनुसूचित जनजाति विरोधी होने का आरोप लगाया। विधायक के आरोपों को सुनकर सीएम शिवराज खड़े हुए और उन्होंने सदन में कहा कि विधायक की रुची सिर्फ आरोप लगाने में ना हो बल्कि सवाल पूछने में हो। हमारी सरकार अनुसूचित जनजाति विरोधी नहीं है। कोरोना के चलते बजट में कमी जरुर आई है, लेकिन हम बजट की व्यवस्था कर सभी को पूरा करेंगे।
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24 February 2021भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में बुधवार को महिला कांग्रेस की बड़ी और महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि आज किसी भी चुनाव में जीतने और हारने के पीछे महिलाएँ ही निर्णायक हैं, क्योंकि आज महिलाएं बहुत सक्रिय हैं। 10 साल पहले की राजनीति और आज की राजनीति बहुत बदल गयी है।आज समय ने राजनीति को भी परिवर्तित कर दिया है। इस मौके पर कमलनाथ ने एलान करते हुए कहा कि कांग्रेस की मजबूती के लिये महिला कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी है। 8 मार्च महिला दिवस को हम एक बड़ा महिला अधिवेशन करेंगे। कमलनाथ ने कहा कि पहले महिलाएँ सोशल मीडिया पर उतना ज़्यादा सक्रिय नहीं रहती थी, जितनी की आज वो सक्रिय है। हमें एक नई दृष्टि, नये नज़रिये से महिला कांग्रेस को नए सिरे से मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज महंगाई से, बेरोजगारी से हर वर्ग वर्ग परेशान हैं। आज कृषि क्षेत्र की बात करें, महिलाओं पर अत्याचार की बात करे सभी दुखी है। हम बूथ स्तर पर महिलाओं को सक्रिय करें और मजबूत संगठन बनाये। हर विधानसभा के बूथों पर महिला कांग्रेस का मजबूत संगठन होना चहिए। कमलनाथ ने कहा कि हमारी लड़ाई आज भाजपा के धनबल, प्रशासनिक दबाव व संगठन से है। प्रशासन विधायकों से नहीं, महिलाओं से डरता है। हमें सच्चाई के लिये, न्याय के लिये आक्रामक होने की आज आवश्यकता है। भाजपा ध्यान मोडऩे की राजनीति करती है। आज पेट्रोल- डीजल के भाव बढ़े, जनता त्रस्त है तो यह चंदे की तरफ जनता का ध्यान मोडऩे में लग गये हैं। उन्होंने केन्द्र की भाजपा सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 में मोदी जी कितने बड़े-बड़े सपने दिखाते थे, किसानों को, युवाओं को, दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने के लेकिन 2019 में उन्होंने यह सब बाते नहीं की, आज ना ये किसान की बात करते हैं, न युवा की बात करते हैं, आज ये ध्यान मोडऩे के लिये पाकिस्तान की, राष्ट्रवाद की बात करते है। आपको महिलाओं को इस सच्चाई को समझाना है। आप उन्हें समझाइए कि आप हमारा साथ मत दें, कांग्रेस का साथ मत दे लेकिन सच्चाई का साथ जरूर दें। हमें सच्चाई के इस संदेश को लोगों तक पहुंचाना है, भाजपा की हकीकत महिलाओं को बताएं, सच्चाई का साथ देने की अपील करें।
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24 February 2021भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में बुधवार को महिला कांग्रेस की बड़ी और महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई। बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि आज किसी भी चुनाव में जीतने और हारने के पीछे महिलाएँ ही निर्णायक हैं, क्योंकि आज महिलाएं बहुत सक्रिय हैं। 10 साल पहले की राजनीति और आज की राजनीति बहुत बदल गयी है।आज समय ने राजनीति को भी परिवर्तित कर दिया है। इस मौके पर कमलनाथ ने एलान करते हुए कहा कि कांग्रेस की मजबूती के लिये महिला कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी है। 8 मार्च महिला दिवस को हम एक बड़ा महिला अधिवेशन करेंगे। कमलनाथ ने कहा कि पहले महिलाएँ सोशल मीडिया पर उतना ज़्यादा सक्रिय नहीं रहती थी, जितनी की आज वो सक्रिय है। हमें एक नई दृष्टि, नये नज़रिये से महिला कांग्रेस को नए सिरे से मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आज महंगाई से, बेरोजगारी से हर वर्ग वर्ग परेशान हैं। आज कृषि क्षेत्र की बात करें, महिलाओं पर अत्याचार की बात करे सभी दुखी है। हम बूथ स्तर पर महिलाओं को सक्रिय करें और मजबूत संगठन बनाये। हर विधानसभा के बूथों पर महिला कांग्रेस का मजबूत संगठन होना चहिए। कमलनाथ ने कहा कि हमारी लड़ाई आज भाजपा के धनबल, प्रशासनिक दबाव व संगठन से है। प्रशासन विधायकों से नहीं, महिलाओं से डरता है। हमें सच्चाई के लिये, न्याय के लिये आक्रामक होने की आज आवश्यकता है। भाजपा ध्यान मोडऩे की राजनीति करती है। आज पेट्रोल- डीजल के भाव बढ़े, जनता त्रस्त है तो यह चंदे की तरफ जनता का ध्यान मोडऩे में लग गये हैं। उन्होंने केन्द्र की भाजपा सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 2014 में मोदी जी कितने बड़े-बड़े सपने दिखाते थे, किसानों को, युवाओं को, दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने के लेकिन 2019 में उन्होंने यह सब बाते नहीं की, आज ना ये किसान की बात करते हैं, न युवा की बात करते हैं, आज ये ध्यान मोडऩे के लिये पाकिस्तान की, राष्ट्रवाद की बात करते है। आपको महिलाओं को इस सच्चाई को समझाना है। आप उन्हें समझाइए कि आप हमारा साथ मत दें, कांग्रेस का साथ मत दे लेकिन सच्चाई का साथ जरूर दें। हमें सच्चाई के इस संदेश को लोगों तक पहुंचाना है, भाजपा की हकीकत महिलाओं को बताएं, सच्चाई का साथ देने की अपील करें।
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24 February 2021अनुपपुर। मध्यप्रदेश में जीवनदायिनी मां नर्मदा की जयंती शुक्रवार को धूमधाम से मनायी जा रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने चौहान ने अपनी पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ आज धार्मिक एवं पवित्र नगरी अमरकंटक में मां नर्मदा के उद्गम स्थल में माँ नर्मदा की पूजा अर्चना की तथा प्रदेश की उत्तरोत्तर तरक्की एवं खुशहाली तथा नागरिकों की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री चौहान ने आज मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में तीन दिवसीय मां नर्मदा जन्मोत्सव के दूसरे दिन मां का पूजन किया। पंडित उमेश द्विवेदी उर्फ बंटी, पंडित उत्तम प्रसाद द्विवेदी एवं पंडित कामता प्रसाद द्विवेदी उर्फ नीलू महाराज ने उद्गम स्थल पर विधि-विधान से पूजा सम्पन्न कराई। इस अवसर पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, क्षेत्रीय सांसद हिमाद्री सिंह, कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष रूपमती सिंह उपस्थित थे।
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19 February 2021अनुपपुर। मध्यप्रदेश में जीवनदायिनी मां नर्मदा की जयंती शुक्रवार को धूमधाम से मनायी जा रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने चौहान ने अपनी पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ आज धार्मिक एवं पवित्र नगरी अमरकंटक में मां नर्मदा के उद्गम स्थल में माँ नर्मदा की पूजा अर्चना की तथा प्रदेश की उत्तरोत्तर तरक्की एवं खुशहाली तथा नागरिकों की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री चौहान ने आज मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में तीन दिवसीय मां नर्मदा जन्मोत्सव के दूसरे दिन मां का पूजन किया। पंडित उमेश द्विवेदी उर्फ बंटी, पंडित उत्तम प्रसाद द्विवेदी एवं पंडित कामता प्रसाद द्विवेदी उर्फ नीलू महाराज ने उद्गम स्थल पर विधि-विधान से पूजा सम्पन्न कराई। इस अवसर पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, क्षेत्रीय सांसद हिमाद्री सिंह, कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर, जिला पंचायत अध्यक्ष रूपमती सिंह उपस्थित थे।
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19 February 2021सीधी। जिले के रामपुर नैकिन में हुए बस हादसे के 96 घंटे बाद नहर में दो और लाशें मिली हैं। लाशों का चेहरा मछलियों ने कुतर दिया था, इसलिए इनकी पहचान में काफी परेशानी आई फिर भी परिजनों ने इनकी पहचान रमेश विश्वकर्मा (25) और योगेंद्र शर्मा (28) के रूप में की है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम अब सिलपरा और टीकर के पास लापता युवक की तलाश कर रही हैं। बाणसागर नहर की 4 कि.मी.लंबी टनल में कुछ शवों के फंसे होने की आशंका के चलते सीधी जिला प्रशासन ने शुक्रवार सुबह बाणसागर डैम से नहर में पानी छोड़ने का निर्णय लिया। इसके बाद फुलप्रेशर से डेम से पानी छोड़ा गया। तीन स्थानों टीकर, सिलपरा और टनल के पास रेस्क्यू टीमें तैनात थी। चार किमी लंबी टनल में फुल प्रेशर से पानी पहुंचा तो दो लाशें टीकर नहर में टनल से डेढ़ किलोमीटर दूर बहकर आ गईं। बुरी तरह फूल चुकी लाशों में से एक की शिनाख्त परिजनों ने रमेश विश्वकर्मा के रूप में की है। मूलत: बिहार निवासी रमेश के पिता राजेंद्र सीधी में पीडब्लूडी में नौकरी करते हैं। रमेश अपनी बहन के घर बलिया (उत्तरप्रदेश) जाने के लिए बस में मंगलवार को सवार हुआ था। उसे सतना में ट्रेन पकड़नी थी। चार दिन से परिवार उसकी तलाश में आंसू बहा रहा था। वहीं, दूसरे मृतक योगेंद्र शर्मा पिपरोहर निवासी थे और एचडीएफसी बैंक में काम करते थे। मंगलवार को बैंक के ही काम से ही बस से सतना जा रहे थे। पिता सुरेश कुमार ने बताया था कि मंगलवार सुबह नौ बजे हादसे की सूचना मिली थी। तभी से परिवार योगेंद्र के मिलने की उम्मीद में सीधी से रीवा जिले की सीमा में नहर किनारे भटक रहा था। हादसे की शिकार हुई बस में सवार कुकरीझर निवासी अरविंद विश्वकर्मा (20) का अब पता नहीं चल सका है। उनके पिता विश्वनाथ ने बताया था कि बेटा अपनी बुआ की बेटी बोदरहवा सिहावल निवासी यशोदा विश्वकर्मा (24) को एएनएम की परीक्षा दिलाने जा रहा था। हादसे में यशोदा की मौत हो गई और उसका शव मंगलवार को ही मिल गया था। लेकिन अरविंद अभी भी लापता है।
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19 February 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हमारे गांव के भाई-बहनों के काम-धंधे के लिए रास्ता निकले और जीवन भी सुगम हो, इसलिए हमने ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना बनाई। हमारा एक ही लक्ष्य है कि आप बेरोजगार न रहें। अपना काम करने के लिए पैसा सबसे पहली जरूरत है, इसलिए हमने मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना बनाई। योजना में स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार रुपये प्रदान किये जाते हैं और इसका ब्याज भी सरकार भरती है। स्ट्रीट वेंडर जैसी और योजनाएं हम बनायेंगे ताकि मेरे अधिक से अधिक गरीब भाई-बहन आत्मनिर्भर बन सकें। मुख्यमंत्री ने यह बातें गुरुवार को भोपाल में आयोजित मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ-विक्रेता योजना अंतर्गत 40 हजार हितग्राहियों को सिंगल क्लिक से ऋण वितरित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि गरीब भी सम्मान के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सकें, इसके लिए हम सतत प्रयत्नशील हैं। स्वरोजगार की और योजना बनायेंगे। जितने ग्रामीण पथ विक्रेता हैं उनका रजिस्ट्रेशन कर के उन्हें पहचान पत्र देना है। रजिस्ट्रेशन के बाद पैसा दिलाने की प्रक्रिया जारी रहेगी। मैं सोच रहा हूं कि काम धंधे के लिये कोई ट्रेनिंग मिल जाये तो उनका काम और निखर जायेगा। मुख्यमंत्री ने भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना के अंतर्गत ऋण वितरण कार्यक्रम में 40 हजार हितग्राहियों के बैंक खातों में सिंगल क्लिक से 10-10 हजार रुपये की ऋण राशि ट्रांसफर कर संवाद किया। उन्होंने कहा कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शहर में रहने वाले हमारे स्ट्रीट वेंडर्स को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम स्वनिधि योजना प्रारंभ की, इसके लिए मैं उनका अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि हमारे गांव के भाई-बहनों के काम-धंधे के लिए भी रास्ता निकले और इनका जीवन भी सुगम हो, इसलिए हमने मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना बनाई। हमारा एक ही लक्ष्य है कि आप बेरोजगार न रहें। अपना काम करने के लिए पैसा सबसे पहली जरूरत है, इसलिए हमने मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना बनाई। योजना में स्ट्रीट वेंडर्स को 10 हजार रुपये प्रदान किये जाते हैं और इसका ब्याज भी सरकार भरती है, ताकि आप समर्थ बन सकें। स्ट्रीट वेंडर जैसी और योजनाएं हम बनायेंगे ताकि मेरे अधिक से अधिक गरीब भाई-बहन आत्मनिर्भर बन सकें। सम्मान के साथ आप अपना जीवन व्यतीत कर सकें, इसके लिए हम कटिबद्ध हैं। जीने के लिए रोटी, कपड़ा, मकान और पढ़ाई-लिखाई व दवाई का इंतजाम जरूरी है। रोजगार होगा, तो यह सब संभव होगा। रोटी के इंतजाम के साथ हम अगले तीन सालों में हर गरीब का अपना पक्का मकान हो, हम इसके लिए सतत प्रयत्नशील हैं।
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18 February 2021बैतूल। बैतूल विधायक निलय डागा के परिवार से जुड़े संस्थानों पर गुरुवार की सुबह आयकर विभाग की टीम ने एक साथ कार्रवाई की। समाचार लिखे जाने तक आयकर टीम की कार्रवाई जारी थी। आयकर विभाग की टीम ने गुरुवार सुबह बैतूल शहर के कोसमी इलाके में स्थित बैतूल आयल मिल, निजी स्कूल, कोठी बाजार स्थित डागा परिवार के निवास, परसोड़ा में स्थित गोदाम और बीज उत्पादक समिति के कार्यालय में छापे मारे। आयकर विभाग की टीम जिन दर्जन भर वाहनों में सवार होकर पहुंची, उन सभी पर नेटलिंक समिट फरवरी 2021 के पोस्टर चस्पा हैं। आयकर विभाग के अधिकारी दस्तावेजों की जांच- पड़ताल कर रहे हैं। बैतूल में सभी स्थानों पर पुलिस के जवान तैनात हैं। किसी को भी भीतर और बाहर आने-जाने नहीं दिया जा रहा है। जिला आयकर अधिकारी आरके चौहान ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि टीमें पहुंची हैं। जांच की जा रही है। ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते हैं। वहीं, सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग की टीम ने डागा परिवार के मुंबई, सतना और सोलापुर में स्थित कार्यालय और फैक्ट्री पर भी कार्रवाई की है।
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18 February 2021बैतूल। बैतूल विधायक निलय डागा के परिवार से जुड़े संस्थानों पर गुरुवार की सुबह आयकर विभाग की टीम ने एक साथ कार्रवाई की। समाचार लिखे जाने तक आयकर टीम की कार्रवाई जारी थी। आयकर विभाग की टीम ने गुरुवार सुबह बैतूल शहर के कोसमी इलाके में स्थित बैतूल आयल मिल, निजी स्कूल, कोठी बाजार स्थित डागा परिवार के निवास, परसोड़ा में स्थित गोदाम और बीज उत्पादक समिति के कार्यालय में छापे मारे। आयकर विभाग की टीम जिन दर्जन भर वाहनों में सवार होकर पहुंची, उन सभी पर नेटलिंक समिट फरवरी 2021 के पोस्टर चस्पा हैं। आयकर विभाग के अधिकारी दस्तावेजों की जांच- पड़ताल कर रहे हैं। बैतूल में सभी स्थानों पर पुलिस के जवान तैनात हैं। किसी को भी भीतर और बाहर आने-जाने नहीं दिया जा रहा है। जिला आयकर अधिकारी आरके चौहान ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि टीमें पहुंची हैं। जांच की जा रही है। ज्यादा जानकारी नहीं दे सकते हैं। वहीं, सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग की टीम ने डागा परिवार के मुंबई, सतना और सोलापुर में स्थित कार्यालय और फैक्ट्री पर भी कार्रवाई की है।
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18 February 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को सीधी जिले में हुई बस दुर्घटना के संबंध में अपने निवास पर उच्च-स्तरीय बैठक ली। उन्होंने निर्देश दिए कि दोषियों को किसी भी स्थिति में छोड़ा नहीं जाए, जो गलती करेगा वह दंड पाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सड़क की मरम्मत तथा क्रेन की व्यवस्था तत्काल प्रभाव से की जाए। वैकल्पिक मार्ग विकसित करने के लिए जल्द से जल्द कार्य योजना बनाकर क्रियान्वयन आरंभ किया जाए। संपूर्ण प्रदेश में बसों की फिटनेस और ओवरलोडिंग के संबंध में अभियान आरंभ हो। उन्होंने निर्देश दिये कि पूरे प्रदेश में घाटों, दुर्गम मार्गों, खराब सड़कों का सर्वे कर आवश्यक कार्रवाई की जाए और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में आवश्यक उपाय हो। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी अपर मुख्य सचिव जल संसाधन तथा परिवहन एस.एन. मिश्रा, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नीरज मंडलोई उपस्थित रहे।
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18 February 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के गुना जिले में एक महिला के साथ अत्याचार और अमानवीयता का मामला सामने आया है। जहां महिला के कंधे पर युवक को बैठाकर उसका जुलूस निकाला गया, इतना ही नहीं इस दौरान महिला के साथ मारपीट भी की गई। इसी दौरान वहां मौजूद लोगों ने इस घटना का वीडियो बनाया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पूरे घटनाक्रम को मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शर्मनाम बताते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा ‘प्रदेश के गुना जिले के बांसखेड़ी गाँव में एक गर्भवती महिला के साथ घटित घटना बेहद शर्मशार करने वाली, इंसानियत व मानवता को तार- तार कर देने वाली। एक गर्भवती महिला के कंधे पर एक युवक को बैठाकर उसका नंगे पैर जुलूस निकाला गया, रास्ते भर उसकी लाठी- डंडो से बेरहमी से पिटाई की गयी। उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवराज जी, ये हम कैसे प्रदेश में जी रहे है, क्या यही आपका सुशासन है? एक महिला के साथ ये कैसा अमानवीय व्यवहार? एक महिला का जुलूस निकलता रहा और कोई रोकने वाला नहीं? कहाँ सोता रहा आपका पुलिस प्रशासन? कमलनाथ ने सरकार से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग करते हुए कहा कि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही हो और इस गंभीर मामले में लापरवाही बरतने वाले दोषी अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो। महिला को पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए, उसका समुचित इलाज सरकार करवाये और उसकी हरसंभव मदद की जाए।
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16 February 2021सीधी। जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह नहर में गिरी यात्री बस को निकाल लिया गया है। अब तक 38 यात्रियों के शव बरामद किए जा चुके हैं। इस दुर्घटना में 45 बस यात्रियों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। मध्यप्रदेश के सीधी में मंगलवार सुबह 7.30 बजे बाणसागर नहर में यात्री बस गिर गई जिसे घंटों की मशक्कत के बाद सुबह 11.45 बजे क्रेन की मदद से बाहर निकाल लिया गया है। राहत एवं बचाव कार्य में लगी टीमों ने अब तक 38 यात्रियों के शव नहर से निकाले हैं। कुछ शव नहर के बहाव में बह गए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। 7 यात्रियों को बचाया गया है, जबकि ड्राइवर तैरकर बच निकला। उसे हिरासत में ले लिया गया है। बस में कुल 54 यात्री सवार थे। अधिकारियों ने आशंका जाहिर की है कि दुर्घटना में मृतकों की संख्या 45 से ज्यादा हो सकती है। सीधी की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुलता पटले ने बताया कि अब तक 34 शव निकाले जा चुके हैं। मुख्य मार्ग छोड़कर ड्राइवर संकरे रास्ते पर ले आया था बसपुलिस के मुताबिक बस की क्षमता 32 सवारियों की थी लेकिन इसमें 54 यात्री सवार थे। सीधी से निकली इस बस को छुहिया घाटी से होकर सतना जाना था लेकिन यहां जाम लगा होने की वजह से ड्राइवर ने रूट बदल दिया। नहर के किनारे बने रास्ते से ड्राइवर बस ले जा रहा था, जबकि यह रास्ता काफी संकरा है। इसी दौरान ड्राइवर ने संतुलन खो दिया। झांसी से रांची के लिए जाने वाला हाईवे सतना, रीवा, सीधी और सिंगरौली होते हुए जाता है। इस पर जगह-जगह सड़क खराब और अधूरी है। इस वजह से यहां आए दिन जाम लगता रहता है। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में मंगलवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां रामपुर नैकिन थाना इलाके में मंगलवार सुबह करीब 7.30 बजे एक बस नहर में जा गिरी। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस प्रशानसन के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। पता चला है कि घटना के समय बस में करीब 60 यात्री सवार थे। जानकारी के मुताबिक यात्रियों से भरी बस सतना की ओर जा रही थी। सीधी स्थित रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र के पटना पुल पर बस अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई। बस में बघवार, चोरगढ़ी समेत आसपास के करीब 60 यात्री सवार थे। नहर इतनी गहरी है कि बस पूरी तरह उसमें डूब गई है। प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंच गई। क्रेन के जरिए बस को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह मिल नहीं रही। एसडीआरएफ की टीम लोगों को बाहर निकालने में लगी हुई है। बचाव कार्य में गोताखोरों की मदद ली जा रही है। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर 7 लोगों को बाहर निकाला गया, इसमें 4 की मौत हो चुकी थी।घटना की जानकारी मिलते ही सीएम शिवराज ने सीधी के कलेक्टर से बातचीत कर जानकारी ली। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज करने के निर्देश देते हुए बाणसागर डैम से नहर की ओर आ रहे पानी को रोकने की बात कही। बाणसागर डैम से निकलने वाले पानी को बंद करा दिया गया है। जिससे बस को तेज बहाव से रोका जा सके। बाणसागर के पानी को सिहावल नहर में भेजा जा रहा है, जिससे नहर का जलस्तर कम हो और लोगों को बचाया जा सके। घटना की जानकारी लगते ही बस में सवार लोगों के स्वजन भी मौके पर पहुंच रहे हैं मौके पर कोहराम मचा हुआ है।
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16 February 2021सीधी। जिले के रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह नहर में गिरी यात्री बस को निकाल लिया गया है। अब तक 38 यात्रियों के शव बरामद किए जा चुके हैं। इस दुर्घटना में 45 बस यात्रियों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है। मध्यप्रदेश के सीधी में मंगलवार सुबह 7.30 बजे बाणसागर नहर में यात्री बस गिर गई जिसे घंटों की मशक्कत के बाद सुबह 11.45 बजे क्रेन की मदद से बाहर निकाल लिया गया है। राहत एवं बचाव कार्य में लगी टीमों ने अब तक 38 यात्रियों के शव नहर से निकाले हैं। कुछ शव नहर के बहाव में बह गए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। 7 यात्रियों को बचाया गया है, जबकि ड्राइवर तैरकर बच निकला। उसे हिरासत में ले लिया गया है। बस में कुल 54 यात्री सवार थे। अधिकारियों ने आशंका जाहिर की है कि दुर्घटना में मृतकों की संख्या 45 से ज्यादा हो सकती है। सीधी की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अंजुलता पटले ने बताया कि अब तक 34 शव निकाले जा चुके हैं। मुख्य मार्ग छोड़कर ड्राइवर संकरे रास्ते पर ले आया था बसपुलिस के मुताबिक बस की क्षमता 32 सवारियों की थी लेकिन इसमें 54 यात्री सवार थे। सीधी से निकली इस बस को छुहिया घाटी से होकर सतना जाना था लेकिन यहां जाम लगा होने की वजह से ड्राइवर ने रूट बदल दिया। नहर के किनारे बने रास्ते से ड्राइवर बस ले जा रहा था, जबकि यह रास्ता काफी संकरा है। इसी दौरान ड्राइवर ने संतुलन खो दिया। झांसी से रांची के लिए जाने वाला हाईवे सतना, रीवा, सीधी और सिंगरौली होते हुए जाता है। इस पर जगह-जगह सड़क खराब और अधूरी है। इस वजह से यहां आए दिन जाम लगता रहता है। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में मंगलवार सुबह बड़ा हादसा हो गया। यहां रामपुर नैकिन थाना इलाके में मंगलवार सुबह करीब 7.30 बजे एक बस नहर में जा गिरी। घटना की जानकारी लगते ही पुलिस प्रशानसन के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य शुरू किया। पता चला है कि घटना के समय बस में करीब 60 यात्री सवार थे। जानकारी के मुताबिक यात्रियों से भरी बस सतना की ओर जा रही थी। सीधी स्थित रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र के पटना पुल पर बस अचानक अनियंत्रित होकर पलट गई। बस में बघवार, चोरगढ़ी समेत आसपास के करीब 60 यात्री सवार थे। नहर इतनी गहरी है कि बस पूरी तरह उसमें डूब गई है। प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंच गई। क्रेन के जरिए बस को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है, लेकिन वह मिल नहीं रही। एसडीआरएफ की टीम लोगों को बाहर निकालने में लगी हुई है। बचाव कार्य में गोताखोरों की मदद ली जा रही है। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर 7 लोगों को बाहर निकाला गया, इसमें 4 की मौत हो चुकी थी।घटना की जानकारी मिलते ही सीएम शिवराज ने सीधी के कलेक्टर से बातचीत कर जानकारी ली। उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज करने के निर्देश देते हुए बाणसागर डैम से नहर की ओर आ रहे पानी को रोकने की बात कही। बाणसागर डैम से निकलने वाले पानी को बंद करा दिया गया है। जिससे बस को तेज बहाव से रोका जा सके। बाणसागर के पानी को सिहावल नहर में भेजा जा रहा है, जिससे नहर का जलस्तर कम हो और लोगों को बचाया जा सके। घटना की जानकारी लगते ही बस में सवार लोगों के स्वजन भी मौके पर पहुंच रहे हैं मौके पर कोहराम मचा हुआ है।
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16 February 2021भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पेट्रोल-डीजल तथा गैस सिलेण्डर के दामों में लगातार बेतहाशा वृद्धि के कारण आम नागरिकों को होने वाली घोर आर्थिक परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए मूल्य वृद्धि के विरोध स्वरूप एवं आम नागरिकों के आक्रोश को केंद्र एवं राज्य शासन तक पहुंचाने हेतु 20 फरवरी को प्रदेशव्यापी आधे दिन का बंद करने का आव्हान किया है। कमलनाथ ने प्रदेश की जनता से आव्हान किया है कि वे अपनी स्वेच्छानुसार आधे दिन के बंद को सफल बनाने में अपना योगदान दें। प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा इस आधे दिन के बंद में दूध का वितरण एवं एम्बुलेंस तथा दवाइयों की दुकानें इस बंद से मुक्त रहेंगी। कमलनाथ ने ट्वीट कर महंगाई पर सरकार को घेरते हुए कहा कि पेट्रोल- डीज़ल एवं रसोई गैस के दामों में निरंतर वृद्धि हो रही है, जनता पर महंगाई की मार निरंतर बढ़ती जा रही है। जो लोग महंगाई से राहत के नाम पर सत्ता में आये थे वो आज जनता को रोज़ महंगाई की आग में झोंक रहे है। जनता निरंतर करो में कमी कर राहत प्रदान करने की माँग कर रही है लेकिन भाजपा सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए किसी भी प्रकार की राहत प्रदान नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता के साथ सदैव खड़ी है, जनता के हित के लिये हम सदैव संघर्षरत है और रहेंगे। पेट्रोल- डीज़ल के व रसोई गैस के दामों में हो रही बेतहाशा वृद्धि के विरोधस्वरुप,जनता को राहत प्रदान करने की माँग व भाजपा सरकार को कुंभकर्णीय नींद से जगाने को लेकर मध्यप्रदेश में कांग्रेस 20 फऱवरी को जनता से स्वेच्छा से आधे दिन के प्रदेश बंद का आव्हान करती है।
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15 February 2021भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पेट्रोल-डीजल तथा गैस सिलेण्डर के दामों में लगातार बेतहाशा वृद्धि के कारण आम नागरिकों को होने वाली घोर आर्थिक परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए मूल्य वृद्धि के विरोध स्वरूप एवं आम नागरिकों के आक्रोश को केंद्र एवं राज्य शासन तक पहुंचाने हेतु 20 फरवरी को प्रदेशव्यापी आधे दिन का बंद करने का आव्हान किया है। कमलनाथ ने प्रदेश की जनता से आव्हान किया है कि वे अपनी स्वेच्छानुसार आधे दिन के बंद को सफल बनाने में अपना योगदान दें। प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा इस आधे दिन के बंद में दूध का वितरण एवं एम्बुलेंस तथा दवाइयों की दुकानें इस बंद से मुक्त रहेंगी। कमलनाथ ने ट्वीट कर महंगाई पर सरकार को घेरते हुए कहा कि पेट्रोल- डीज़ल एवं रसोई गैस के दामों में निरंतर वृद्धि हो रही है, जनता पर महंगाई की मार निरंतर बढ़ती जा रही है। जो लोग महंगाई से राहत के नाम पर सत्ता में आये थे वो आज जनता को रोज़ महंगाई की आग में झोंक रहे है। जनता निरंतर करो में कमी कर राहत प्रदान करने की माँग कर रही है लेकिन भाजपा सरकार तानाशाही रवैया अपनाते हुए किसी भी प्रकार की राहत प्रदान नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता के साथ सदैव खड़ी है, जनता के हित के लिये हम सदैव संघर्षरत है और रहेंगे। पेट्रोल- डीज़ल के व रसोई गैस के दामों में हो रही बेतहाशा वृद्धि के विरोधस्वरुप,जनता को राहत प्रदान करने की माँग व भाजपा सरकार को कुंभकर्णीय नींद से जगाने को लेकर मध्यप्रदेश में कांग्रेस 20 फऱवरी को जनता से स्वेच्छा से आधे दिन के प्रदेश बंद का आव्हान करती है।
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15 February 2021भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) रामेश्वर शर्मा को शनिवार को सोशल मीडिया पर मिली जान से मारने की धमकी जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि मैं किसी से डरने वाला नहीं हूं, क्योंकि पीठ पर वार कायर करते हैं। प्रोटेम स्पीकर शर्मा ने रविवार को राजधानी भोपाल में मालवीय नगर स्थित अपने कार्यालय में मीडिया से बाचतीत करते हुए कहा कि हिंदूवादी नेताओं का कत्लेआम करके जो लोग यह सोचते हैं कि इस्लामिक गुंडागर्दी को गांधीजी के देश मे बर्दाश्त किया जाएगा तो यह उनकी गलत सोच है। लोकतांत्रिक परंपराओं वाले देश भारत में चाकू-पत्थर का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि एक देश है तो सभी को संविधान व न्यायपालिका के हिसाब से चलना पड़ेगा। जुलूस पर पत्थर फेंकोगे तो छत तोड़ दी जाएगी। जिस बेटी अपहरण कराकर उसका धर्म परिवर्तन कराते हो, तो लव जिहाद कानून के तहत जेल जाना पड़ेगा। पीठ पर वार कायर करते हैं। इस तरह की धमकियों से मैं किसी से डरने वाला नहीं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि उग्रवाद फैलाने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। यह नया मध्यप्रदेश और नया भारत है। यहां दहशत, गुंडागर्दी लिए कोई जगह नहीं। देश विरोधी ताकतों के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी।
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14 February 2021भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) रामेश्वर शर्मा को शनिवार को सोशल मीडिया पर मिली जान से मारने की धमकी जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि मैं किसी से डरने वाला नहीं हूं, क्योंकि पीठ पर वार कायर करते हैं। प्रोटेम स्पीकर शर्मा ने रविवार को राजधानी भोपाल में मालवीय नगर स्थित अपने कार्यालय में मीडिया से बाचतीत करते हुए कहा कि हिंदूवादी नेताओं का कत्लेआम करके जो लोग यह सोचते हैं कि इस्लामिक गुंडागर्दी को गांधीजी के देश मे बर्दाश्त किया जाएगा तो यह उनकी गलत सोच है। लोकतांत्रिक परंपराओं वाले देश भारत में चाकू-पत्थर का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि एक देश है तो सभी को संविधान व न्यायपालिका के हिसाब से चलना पड़ेगा। जुलूस पर पत्थर फेंकोगे तो छत तोड़ दी जाएगी। जिस बेटी अपहरण कराकर उसका धर्म परिवर्तन कराते हो, तो लव जिहाद कानून के तहत जेल जाना पड़ेगा। पीठ पर वार कायर करते हैं। इस तरह की धमकियों से मैं किसी से डरने वाला नहीं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि उग्रवाद फैलाने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। यह नया मध्यप्रदेश और नया भारत है। यहां दहशत, गुंडागर्दी लिए कोई जगह नहीं। देश विरोधी ताकतों के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी।
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14 February 2021भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) रामेश्वर शर्मा को शनिवार को सोशल मीडिया पर मिली जान से मारने की धमकी जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि मैं किसी से डरने वाला नहीं हूं, क्योंकि पीठ पर वार कायर करते हैं। प्रोटेम स्पीकर शर्मा ने रविवार को राजधानी भोपाल में मालवीय नगर स्थित अपने कार्यालय में मीडिया से बाचतीत करते हुए कहा कि हिंदूवादी नेताओं का कत्लेआम करके जो लोग यह सोचते हैं कि इस्लामिक गुंडागर्दी को गांधीजी के देश मे बर्दाश्त किया जाएगा तो यह उनकी गलत सोच है। लोकतांत्रिक परंपराओं वाले देश भारत में चाकू-पत्थर का कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि एक देश है तो सभी को संविधान व न्यायपालिका के हिसाब से चलना पड़ेगा। जुलूस पर पत्थर फेंकोगे तो छत तोड़ दी जाएगी। जिस बेटी अपहरण कराकर उसका धर्म परिवर्तन कराते हो, तो लव जिहाद कानून के तहत जेल जाना पड़ेगा। पीठ पर वार कायर करते हैं। इस तरह की धमकियों से मैं किसी से डरने वाला नहीं। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि उग्रवाद फैलाने वालों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। यह नया मध्यप्रदेश और नया भारत है। यहां दहशत, गुंडागर्दी लिए कोई जगह नहीं। देश विरोधी ताकतों के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी।
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14 February 2021भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ दिवंगत नेत्री सुषमा स्वराज की आज रविवार को जयंती है। पार्टी लाइन से अलग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सुषमा स्वराज में आत्मीय संबंध थे। ऐसे में उनकी जयंती पर उन्हें याद करते हुए मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर उनको श्रद्धांजलि देते हुए भावुक संदेश लिखा है। दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की जयंती पर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें याद किया है। उन्होंने ट्वीट कर संदेश में लिखा कि मां सरस्वती की वरद पुत्री, पूर्व विदेश मंत्री, हमारी श्रद्धेय बहन श्रीमती सुषमा स्वराज की जयंती है। आज वे बहुत याद आ रही हैं। उनके व्यवहार में हम सबके लिए न केवल बहन का प्यार था, बल्कि ममत्व के पवित्र भाव से भी वह भरी हुई थीं। एक अन्य ट्वीट कर सीएम शिवराज ने उनकी सादगी और कुशलता को याद करते हुए कहा ‘दीदी सुषमा स्वराज जी अपनी अद्भुत वक्तृत्व कला और असाधारण जनकल्याणकारी कार्यों से सहज ही सबको अपना बना लेती थीं। कुशल प्रशासकीय गुणों से संपन्न दीदी के मार्गदर्शन और स्नेहिल छाया को काल ने हमसे असमय छीन लिया। वे सदैव हम सबकी स्मृतियों और दिलों में जिंदा रहेंगी। जयंती पर नमन! भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी दिवंगत नेत्री सुषमा स्वराज को जयंती पर नमन करते हुए कहा ‘भारतीय राजनीति में आदर्शों की प्रतिबिम्ब, सौम्यता व सादगी की प्रतिमूर्ति, ओजस्वी वक्ता, पूर्व विदेश मंत्री, भाजपा की वरिष्ठ नेत्री, पद्म विभूषण श्रीमती सुषमा स्वराज जी की जयंती पर उन्हें कोटि - कोटि प्रणाम। विदेश मंत्री रहते हुए आदरणीय सुषमा स्वराज जी ने संकट में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी कराने में उन्होंने अहम् भूमिका निभाई। राष्ट्र उत्थान और संगठन के लिए किये गए उनके अभूतपूर्व कार्य करोड़ों कार्यकर्ताओं को सदैव प्रेरित करते रहेंगे। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने ट्वीट में कहा ‘भारतीय नारी शक्ति की प्रतीक, ओजस्वी वक्ता पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज जी की जयंती पर शत-शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि। सरलता, सौम्यता और कर्मठता के प्रतीक सुषमा जी का राष्ट्र,समाज और संगठन के प्रति योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
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14 February 2021भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ दिवंगत नेत्री सुषमा स्वराज की आज रविवार को जयंती है। पार्टी लाइन से अलग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सुषमा स्वराज में आत्मीय संबंध थे। ऐसे में उनकी जयंती पर उन्हें याद करते हुए मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर उनको श्रद्धांजलि देते हुए भावुक संदेश लिखा है। दिवंगत नेता सुषमा स्वराज की जयंती पर पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें याद किया है। उन्होंने ट्वीट कर संदेश में लिखा कि मां सरस्वती की वरद पुत्री, पूर्व विदेश मंत्री, हमारी श्रद्धेय बहन श्रीमती सुषमा स्वराज की जयंती है। आज वे बहुत याद आ रही हैं। उनके व्यवहार में हम सबके लिए न केवल बहन का प्यार था, बल्कि ममत्व के पवित्र भाव से भी वह भरी हुई थीं। एक अन्य ट्वीट कर सीएम शिवराज ने उनकी सादगी और कुशलता को याद करते हुए कहा ‘दीदी सुषमा स्वराज जी अपनी अद्भुत वक्तृत्व कला और असाधारण जनकल्याणकारी कार्यों से सहज ही सबको अपना बना लेती थीं। कुशल प्रशासकीय गुणों से संपन्न दीदी के मार्गदर्शन और स्नेहिल छाया को काल ने हमसे असमय छीन लिया। वे सदैव हम सबकी स्मृतियों और दिलों में जिंदा रहेंगी। जयंती पर नमन! भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भी दिवंगत नेत्री सुषमा स्वराज को जयंती पर नमन करते हुए कहा ‘भारतीय राजनीति में आदर्शों की प्रतिबिम्ब, सौम्यता व सादगी की प्रतिमूर्ति, ओजस्वी वक्ता, पूर्व विदेश मंत्री, भाजपा की वरिष्ठ नेत्री, पद्म विभूषण श्रीमती सुषमा स्वराज जी की जयंती पर उन्हें कोटि - कोटि प्रणाम। विदेश मंत्री रहते हुए आदरणीय सुषमा स्वराज जी ने संकट में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी कराने में उन्होंने अहम् भूमिका निभाई। राष्ट्र उत्थान और संगठन के लिए किये गए उनके अभूतपूर्व कार्य करोड़ों कार्यकर्ताओं को सदैव प्रेरित करते रहेंगे। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपने ट्वीट में कहा ‘भारतीय नारी शक्ति की प्रतीक, ओजस्वी वक्ता पूर्व विदेश मंत्री स्व. सुषमा स्वराज जी की जयंती पर शत-शत नमन और विनम्र श्रद्धांजलि। सरलता, सौम्यता और कर्मठता के प्रतीक सुषमा जी का राष्ट्र,समाज और संगठन के प्रति योगदान हमेशा याद किया जाएगा।
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14 February 2021भोपाल। राज्यसभा सांसद व बीजेपी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भोपाल में बंगला अलॉट होने के 24 दिन बाद रविवार सुबह अपने सरकारी निवास पर पहुंचे। उन्हें श्यामला हिल्स पर बंगला B-5 आवंटित किया गया है। यह बंगला उन्हें करीब 18 साल के इंतजार के बाद मिला है। सांसद सिंधिया नई दिल्ली से फ्लाइट से रविवार सुबह भोपाल पहुंचे। उनके बंगले पर पार्टी कार्यकर्ताओं और सर्मथकों ने भव्य स्वागत किया। कार्यकर्ताओं के साथ परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और मंत्री तुलसी सिलावट भी रहे। करीब डेढ़ एकड़ क्षेत्र में फैला यह बंगला पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और दिग्विजयसिंह के बंगलों से भी बड़ा है। सिंधिया अब बी-6 बंगले में रहने वाली पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के पड़ोसी हो गए हैं। वहीं, दिग्विजय सिंह 3 बंगले छोड़कर B-1 में रहते हैं। गौरतलब है कि 2019 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद केंद्र सरकार ने सिंधिया से दिल्ली का सरकारी आवास 27 जुलाई 2019 को खाली करा लिया था। गुना से सांसद रहते सिंधिया ने तीन साल पहले मध्यप्रदेश सरकार से भोपाल में सरकारी बंगला मांगा था, लेकिन उनका आवेदन करीब छह माह तक लंबित रहा। उस दौरान सिंधिया विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष थे। वे अपना बेस कैंप भोपाल को बनाना चाहते थे। सिंधिया ने कमलनाथ सरकार में भी प्रयास किया था लेकिन फिर 2019 में वह लोकसभा चुनाव हार गए और बंगला नहीं मिल पाया।
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14 February 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी के केंद्र की मोदी सरकार को लेकर दिए हम दो हमारे दो के बयान पर पलटवार किया है। उज्जैन में भाजपा के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने आए गृह मंत्री ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राहुल गांधी को यह देश गंभीरता से नहीं लेता है। जिसे यह पता नहीं हो कि कहां सोना है और कहा बोलना है, उसके बयान को क्या गंभीरता से लेना। वह तो संसद जहाँ बोलना चाहिये, वहां वह सोते दिखते हैं और जहां खाट पर सोना चाहिए, वहां वह सभा लगाते हैं। जो आदमी नयन मट्टका के लिए संसद का उपयोग करता हो, उसकी बात को क्या गंभीरता से लेना। गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भी पिछले दिनों एक रीट्वीट कर अपनी पार्टी के युवाओं को मैदान में आने की बात कही थी लेकिन पार्टी का युवा तो आंदोलन बीच में छोडक़र इटली छुट्टियां बिताने चला जाता है। जिस राहुल गांधी को यह ही नहीं पता कि कब कहा क्या करना है, उसको कौन गंभीरता से लेगा। कांग्रेस के इस आरोप कि जब किसान और बेरोजगार दुखी है तो इस तरह के प्रशिक्षण के क्या मायने पर गृह मंत्री ने कहा कि जिनके घर शीशे को हो वह दूसरों के घरों में पत्थर नही फेका करते। उन्होंने कहा कि किसान दुखी है तो कांग्रेस के कारण उनकी कमलनाथ सरकार ने किसानों से झूठ बोला उन्हें धोखा दिया। किसानों का दो लाख तक का कर्जा माफ करने की घोषणा ओर घोषणा पूरी नही होने पर मुख्यमंत्री बदले की घोषणा कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंच से की थी, लेकिन किसानों का कर्जा माफ नहीं कर उन्हें धोखा दिया। बेरोजगार इसलिए दुखी है कि उन्हें भी कमलनाथ सरकार ने 4 हज़ार रुपये बेरोजग़ारी भत्ता देने का वायदा किया था लेकिन प्रदेश के बेरोजग़ारों को भी धोखा दिया।
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12 February 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य कानून को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। गृहमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया है कि जनवरी से लेकर अब तक प्रदेश में अब तक प्रदेश में 23 मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमे ज्यादा ज्यादा मामले भोपाल संभाग में दर्ज हुए हैं। मंत्री मिश्रा ने कहा कि हम पहले ही कह रहे थे कि कुछ ऐसी ताकतें हैं, जो इस तरह के काम कर रही हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए धर्म स्वातंत्र्य कानून को लेकर कहा कि प्रदेश में धर्मांतरण के लिए लोभ-लालच, डरा-धमकाकर शादियां कराने वाली ताकतों पर अंकुश के लिए मप्र सरकार की कानूनी पहल के सार्थक नतीजे सामने आने लगे हैं। धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत जनवरी में कुल 23 मामले दर्ज किए गए हैं। प्रदेश में नए कानून के तहत भोपाल संभाग में सबसे ज्यादा 7, इंदौर में 5, जबलपुर एवं रीवा में 4-4 और ग्वालियर संभाग में 3 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। पत्थरबाजों की संपत्ति जब्त करने पर बनाये जा रहे कानून पर गृहमंत्री ने कहा कि जिस घर से पत्थर आएंगे उस घर से ही तो पत्थर निकाले जाएंगे। सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान किसी को नहीं करने दिया जाएगा। दिग्विजय पर कसा तंजदिग्विजयसिंह की कविता पर गृहमंत्री ने कहा कि अब वो कविता किसकी है.. ये तो पता नहीं है,लेकिन दिग्विजयसिंह अब सिर्फ ट्वीटर पर ही दिखाई देते हैं। जो आतंकियों की मौत पर रोता है, जो हर बात पर देश में जहर घोल देता है, वह क्या जाने कि भाईचारा क्या होता है। दिग्विजय सिंह जी ने पवित्र संसद में राज्यसभा सांसदों की विदाई के भावनात्मक पलों को भी कलुषित करने का प्रयास कविता के माध्यम से किया है। इससे उनकी सोच जाहिर होती है।
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11 February 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य कानून को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। गृहमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया है कि जनवरी से लेकर अब तक प्रदेश में अब तक प्रदेश में 23 मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमे ज्यादा ज्यादा मामले भोपाल संभाग में दर्ज हुए हैं। मंत्री मिश्रा ने कहा कि हम पहले ही कह रहे थे कि कुछ ऐसी ताकतें हैं, जो इस तरह के काम कर रही हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए धर्म स्वातंत्र्य कानून को लेकर कहा कि प्रदेश में धर्मांतरण के लिए लोभ-लालच, डरा-धमकाकर शादियां कराने वाली ताकतों पर अंकुश के लिए मप्र सरकार की कानूनी पहल के सार्थक नतीजे सामने आने लगे हैं। धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत जनवरी में कुल 23 मामले दर्ज किए गए हैं। प्रदेश में नए कानून के तहत भोपाल संभाग में सबसे ज्यादा 7, इंदौर में 5, जबलपुर एवं रीवा में 4-4 और ग्वालियर संभाग में 3 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। पत्थरबाजों की संपत्ति जब्त करने पर बनाये जा रहे कानून पर गृहमंत्री ने कहा कि जिस घर से पत्थर आएंगे उस घर से ही तो पत्थर निकाले जाएंगे। सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान किसी को नहीं करने दिया जाएगा। दिग्विजय पर कसा तंजदिग्विजयसिंह की कविता पर गृहमंत्री ने कहा कि अब वो कविता किसकी है.. ये तो पता नहीं है,लेकिन दिग्विजयसिंह अब सिर्फ ट्वीटर पर ही दिखाई देते हैं। जो आतंकियों की मौत पर रोता है, जो हर बात पर देश में जहर घोल देता है, वह क्या जाने कि भाईचारा क्या होता है। दिग्विजय सिंह जी ने पवित्र संसद में राज्यसभा सांसदों की विदाई के भावनात्मक पलों को भी कलुषित करने का प्रयास कविता के माध्यम से किया है। इससे उनकी सोच जाहिर होती है।
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11 February 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य कानून को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। गृहमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया है कि जनवरी से लेकर अब तक प्रदेश में अब तक प्रदेश में 23 मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमे ज्यादा ज्यादा मामले भोपाल संभाग में दर्ज हुए हैं। मंत्री मिश्रा ने कहा कि हम पहले ही कह रहे थे कि कुछ ऐसी ताकतें हैं, जो इस तरह के काम कर रही हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए धर्म स्वातंत्र्य कानून को लेकर कहा कि प्रदेश में धर्मांतरण के लिए लोभ-लालच, डरा-धमकाकर शादियां कराने वाली ताकतों पर अंकुश के लिए मप्र सरकार की कानूनी पहल के सार्थक नतीजे सामने आने लगे हैं। धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत जनवरी में कुल 23 मामले दर्ज किए गए हैं। प्रदेश में नए कानून के तहत भोपाल संभाग में सबसे ज्यादा 7, इंदौर में 5, जबलपुर एवं रीवा में 4-4 और ग्वालियर संभाग में 3 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। पत्थरबाजों की संपत्ति जब्त करने पर बनाये जा रहे कानून पर गृहमंत्री ने कहा कि जिस घर से पत्थर आएंगे उस घर से ही तो पत्थर निकाले जाएंगे। सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान किसी को नहीं करने दिया जाएगा। दिग्विजय पर कसा तंजदिग्विजयसिंह की कविता पर गृहमंत्री ने कहा कि अब वो कविता किसकी है.. ये तो पता नहीं है,लेकिन दिग्विजयसिंह अब सिर्फ ट्वीटर पर ही दिखाई देते हैं। जो आतंकियों की मौत पर रोता है, जो हर बात पर देश में जहर घोल देता है, वह क्या जाने कि भाईचारा क्या होता है। दिग्विजय सिंह जी ने पवित्र संसद में राज्यसभा सांसदों की विदाई के भावनात्मक पलों को भी कलुषित करने का प्रयास कविता के माध्यम से किया है। इससे उनकी सोच जाहिर होती है।
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11 February 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य कानून को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। गृहमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया है कि जनवरी से लेकर अब तक प्रदेश में अब तक प्रदेश में 23 मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमे ज्यादा ज्यादा मामले भोपाल संभाग में दर्ज हुए हैं। मंत्री मिश्रा ने कहा कि हम पहले ही कह रहे थे कि कुछ ऐसी ताकतें हैं, जो इस तरह के काम कर रही हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए धर्म स्वातंत्र्य कानून को लेकर कहा कि प्रदेश में धर्मांतरण के लिए लोभ-लालच, डरा-धमकाकर शादियां कराने वाली ताकतों पर अंकुश के लिए मप्र सरकार की कानूनी पहल के सार्थक नतीजे सामने आने लगे हैं। धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत जनवरी में कुल 23 मामले दर्ज किए गए हैं। प्रदेश में नए कानून के तहत भोपाल संभाग में सबसे ज्यादा 7, इंदौर में 5, जबलपुर एवं रीवा में 4-4 और ग्वालियर संभाग में 3 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। पत्थरबाजों की संपत्ति जब्त करने पर बनाये जा रहे कानून पर गृहमंत्री ने कहा कि जिस घर से पत्थर आएंगे उस घर से ही तो पत्थर निकाले जाएंगे। सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान किसी को नहीं करने दिया जाएगा। दिग्विजय पर कसा तंजदिग्विजयसिंह की कविता पर गृहमंत्री ने कहा कि अब वो कविता किसकी है.. ये तो पता नहीं है,लेकिन दिग्विजयसिंह अब सिर्फ ट्वीटर पर ही दिखाई देते हैं। जो आतंकियों की मौत पर रोता है, जो हर बात पर देश में जहर घोल देता है, वह क्या जाने कि भाईचारा क्या होता है। दिग्विजय सिंह जी ने पवित्र संसद में राज्यसभा सांसदों की विदाई के भावनात्मक पलों को भी कलुषित करने का प्रयास कविता के माध्यम से किया है। इससे उनकी सोच जाहिर होती है।
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11 February 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य कानून को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। गृहमंत्री ने जानकारी देते हुए बताया है कि जनवरी से लेकर अब तक प्रदेश में अब तक प्रदेश में 23 मामले दर्ज किए गए हैं। जिसमे ज्यादा ज्यादा मामले भोपाल संभाग में दर्ज हुए हैं। मंत्री मिश्रा ने कहा कि हम पहले ही कह रहे थे कि कुछ ऐसी ताकतें हैं, जो इस तरह के काम कर रही हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए धर्म स्वातंत्र्य कानून को लेकर कहा कि प्रदेश में धर्मांतरण के लिए लोभ-लालच, डरा-धमकाकर शादियां कराने वाली ताकतों पर अंकुश के लिए मप्र सरकार की कानूनी पहल के सार्थक नतीजे सामने आने लगे हैं। धर्म स्वातंत्र्य कानून के तहत जनवरी में कुल 23 मामले दर्ज किए गए हैं। प्रदेश में नए कानून के तहत भोपाल संभाग में सबसे ज्यादा 7, इंदौर में 5, जबलपुर एवं रीवा में 4-4 और ग्वालियर संभाग में 3 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है। पत्थरबाजों की संपत्ति जब्त करने पर बनाये जा रहे कानून पर गृहमंत्री ने कहा कि जिस घर से पत्थर आएंगे उस घर से ही तो पत्थर निकाले जाएंगे। सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान किसी को नहीं करने दिया जाएगा। दिग्विजय पर कसा तंजदिग्विजयसिंह की कविता पर गृहमंत्री ने कहा कि अब वो कविता किसकी है.. ये तो पता नहीं है,लेकिन दिग्विजयसिंह अब सिर्फ ट्वीटर पर ही दिखाई देते हैं। जो आतंकियों की मौत पर रोता है, जो हर बात पर देश में जहर घोल देता है, वह क्या जाने कि भाईचारा क्या होता है। दिग्विजय सिंह जी ने पवित्र संसद में राज्यसभा सांसदों की विदाई के भावनात्मक पलों को भी कलुषित करने का प्रयास कविता के माध्यम से किया है। इससे उनकी सोच जाहिर होती है।
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11 February 2021भोपाल। भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बुधवार को दिल्ली में रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर भोपाल के समीप बैरागढ़ के संत हिरदाराम रेल्वे स्टेशन और सीहोर रेल्वेे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा को देखते हुए कुछ ट्रेनों को स्टॉपेज देने और अन्य विकास कार्यों को लेकर चर्चा की।चर्चा के उपरांत रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सांसद प्रज्ञा ठाकुर को निश्चित रुप से उनकी मांगों को जल्द पूरा किए जाने के लिए आश्वस्त किया है। सांसद साध्वी प्रज्ञा ने नई दिल्ली में रेलमंत्री माननीय पीयूष गोयल से भेंट कर संत हिरदाराम नगर स्टेशन पर बिलासपुर-इंदौर एक्सप्रेस 08233, भोपाल -दमोह 09340 एवं जयपुर- चेन्नई 02970 ट्रेनों का स्टॉपेज बहाल करवाने एवं सीहोर स्टेशन पर भुज शालीमार एक्सप्रेस, इंदौर- गुवाहाटी एक्सप्रेस, इंदौर- यशवंतपुर एक्सप्रेस, शिप्रा एक्सप्रेस, अहिल्या नगरी एक्सप्रेस, जयपुर- हैदराबाद एक्सप्रेस, भगत की कोठी एक्सप्रेस, जबलपुर बांद्रा एक्सप्रेस ट्रेनों के सीहोर रेलवे स्टेशन पर स्टॉपेज दिए जाएं एवं रेलवे स्टेशन के अन्य विकास कार्यों पर चर्चा की। चर्चा के उपरांत मंत्री पीयूष गोयल ने सांसद ठाकुर को आश्वस्त करते हुए कहा है कि निश्चित ही उनकी सारी मांगे एवं विकास कार्य पूरे होंगे। बता दें कि बैरागढ़ के संत हिरदाराम रेल्वे स्टेशन पर पूर्व में बिलासपुर- इंदौर एक्सप्रेस (80233), भोपाल- दाहोद (09340), जयपुर- चैन्नई (02970) तीनों ट्रेनों का स्टापेज था लेकिन अब इनका स्टापेज खत्म कर देने से यहां सीहोर, शुजालपुर और दमोह तक जाने वाले यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा था। ऐसे में तीनों ट्रेनों के स्टापेज दोबारा बहाल करने के लिए संत हिरदाराम नगर के सिंधी सेन्ट्रल पंचायत ने सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से स्टापेज को दोबारा बहाल करने की मांग की थी। जिसके तहत आज आज साध्वी प्रज्ञा ने रेल मंत्री तक नागरिकों की मांग को पहुंचाया है।
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10 February 2021भोपाल। भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बुधवार को दिल्ली में रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर भोपाल के समीप बैरागढ़ के संत हिरदाराम रेल्वे स्टेशन और सीहोर रेल्वेे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा को देखते हुए कुछ ट्रेनों को स्टॉपेज देने और अन्य विकास कार्यों को लेकर चर्चा की।चर्चा के उपरांत रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सांसद प्रज्ञा ठाकुर को निश्चित रुप से उनकी मांगों को जल्द पूरा किए जाने के लिए आश्वस्त किया है। सांसद साध्वी प्रज्ञा ने नई दिल्ली में रेलमंत्री माननीय पीयूष गोयल से भेंट कर संत हिरदाराम नगर स्टेशन पर बिलासपुर-इंदौर एक्सप्रेस 08233, भोपाल -दमोह 09340 एवं जयपुर- चेन्नई 02970 ट्रेनों का स्टॉपेज बहाल करवाने एवं सीहोर स्टेशन पर भुज शालीमार एक्सप्रेस, इंदौर- गुवाहाटी एक्सप्रेस, इंदौर- यशवंतपुर एक्सप्रेस, शिप्रा एक्सप्रेस, अहिल्या नगरी एक्सप्रेस, जयपुर- हैदराबाद एक्सप्रेस, भगत की कोठी एक्सप्रेस, जबलपुर बांद्रा एक्सप्रेस ट्रेनों के सीहोर रेलवे स्टेशन पर स्टॉपेज दिए जाएं एवं रेलवे स्टेशन के अन्य विकास कार्यों पर चर्चा की। चर्चा के उपरांत मंत्री पीयूष गोयल ने सांसद ठाकुर को आश्वस्त करते हुए कहा है कि निश्चित ही उनकी सारी मांगे एवं विकास कार्य पूरे होंगे। बता दें कि बैरागढ़ के संत हिरदाराम रेल्वे स्टेशन पर पूर्व में बिलासपुर- इंदौर एक्सप्रेस (80233), भोपाल- दाहोद (09340), जयपुर- चैन्नई (02970) तीनों ट्रेनों का स्टापेज था लेकिन अब इनका स्टापेज खत्म कर देने से यहां सीहोर, शुजालपुर और दमोह तक जाने वाले यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा था। ऐसे में तीनों ट्रेनों के स्टापेज दोबारा बहाल करने के लिए संत हिरदाराम नगर के सिंधी सेन्ट्रल पंचायत ने सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से स्टापेज को दोबारा बहाल करने की मांग की थी। जिसके तहत आज आज साध्वी प्रज्ञा ने रेल मंत्री तक नागरिकों की मांग को पहुंचाया है।
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10 February 2021भोपाल। हाल ही में पश्चिम बंगाल के दौरे से लौटे गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा के दौरान बंगाल की राजनीतिक स्थिति को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वहां बदलाव की बयार चल रही है। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक बदलाव की बयार चल रही है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, यह बयार आंधी में बदल जाएगी। गृहमंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि बदलाव की बयार मतदान के दौरान तूफान में बदल जाएगी और जब वहां चुनाव परिणाम आएंगे, तो सुनामी आ जाएगी। डॉ. मिश्रा ने कहा कि उन्होंने उत्तरप्रदेश के बारे में भी ऐसी ही बात कही थी और उस समय लोग उस पर हंसे थे। लेकिन जब परिणाम आए, तो वही बात सच साबित हुई। मुर्शिदाबाद की रैली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर टिप्पणी करते हुए डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि टाइगर अब आदमखोर हो गया है। मिश्रा ने कहा कि बंगाल में 134 भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद की रैली में खुद को रायल बंगाल टाइगर बताया था।
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10 February 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से बुधवार को भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक (मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़) उमेश पांडे ने भेंट की। मुख्यमंत्री चौहान ने स्ट्रीट वेंडर्स के लिए लागू ऋण योजनाओं की तत्परता से मंजूरी का आग्रह किया। विशेष रूप से स्व-निधि योजना, जिसे प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्म-निर्भर निधि भी कहा जाता है, पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना के प्रकरणों की स्वीकृति और योजना के क्रियान्वयन के बारे में भी बातचीत हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राज्य-स्तरीय बैंकर्स समिति की अगली बैठक में योजना के अंतर्गत राशि के वितरण की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर योजना गरीबों के कल्याण की योजना है। छोटे व्यवसायी जो शहरों और गांवों में रेहड़ी और सड़क किनारे गुमटी या ठेला लगाकर छोटा-मोटा व्यवसाय करते हैं, उन्हें आसानी से ऋण सहायता मिले, इसके लिए प्रयास बढ़ाये जायें। वर्तमान में ऐसे प्रकरणों में स्वीकृति में देरी होने की शिकायतें कुछ जिलों से प्राप्त हुई हैं। लघु व्यवसाय से जुड़े जरूरतमंद लोगों को सरलता से ऋण राशि मिले, यह प्रयास बैंक शाखा स्तर पर किया जाये। साथ ही इन हितग्राहियों से प्राप्त ऋण की अदायगी भी हो, इसके लिए सरकार और बैंक स्तर पर संयुक्त प्रयास किये जायें। इससे ऐसे हितग्राहियों को फिर से ऋण दिए जाने का कार्य आसान होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा छोटे स्तर पर व्यवसाय करने वाले विक्रेता, ऋण से संबंधित मापदंड के तकनीकी पहलू नहीं जानते हैं। अत: बैंक स्तर पर उनकी शिकायतों को दूर किया जाना चाहिए। मुख्य महाप्रबंधक पांडे ने मुख्यमंत्री चौहान को आश्वस्त किया कि इस कार्य में विलंब नहीं हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा। भारतीय स्टेट बैंक मुख्यालय द्वारा छोटे व्यवसाइयों की ऋण योजनाओं की अविलंब स्वीकृति के लिए सभी बैंक शाखाओं को निर्देशित किया गया है। भारतीय स्टेट बैंक गरीबों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री चौहान से भेंट के दौरान भारतीय स्टेट बैंक के जनरल मैनेजर राजेश सक्सेना भी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय है कि पीएम स्व-निधि ऋण योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में सभी राज्यों से आगे है। इसी तरह मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता योजना में भी अच्छे परिणाम प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। योजना में ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे-छोटे स्ट्रीट वेण्डर्स जैसे फल, सब्जी, आइसक्रीम, ब्रेड, बिस्किट विक्रेता, जूते-चप्पल, झाड़ू बेचने वाले, साइकिल रिपेयरिंग करने वाले, बढ़ई, कुम्हार, बुनकर, धोबी और टेलर्स आदि को 10-10 हजार रूपए का ब्याज रहित ऋण उनके कार्य के उन्नयन के लिए दिलवाया जाता है। क्रेडिट गारंटी राज्य शासन देता है। साथ ही स्टाम्प ड्यूटी भी नहीं लगती। योजना में 18 से 55 वर्ष की आयु का ग्रामीण पथ व्यवसायी लाभ ले सकता है।
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10 February 2021भोपाल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आव्हान पर मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय के सभाकक्ष में ‘ज्वाइन कांग्रेस सोशल मीडिया’ कार्यक्रम की लॉचिंग हुई। प्रदेश कांग्रेस के आईटी एवं सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष अभय तिवारी द्वारा पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा को बेच लगाकर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए पत्रकारवार्ता के माध्यम से कार्यक्रम के उद्देश्यों और वर्तमान समय में उसकी आवश्यकता को बताया। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि देश की वास्तविक तस्वीर ‘ज्वाइन कांग्रेस सोशल मीडिया’ के माध्यम से लोगों के सामने आयेगी। जो घटनाक्रम आज वर्तमान में देश में चल रहा है चाहे वह सामाजिक हो आर्थिक हो या राजनीतिक हो, सभी बिंदुओं को सोशल मीडिया के माध्यम से देश के सामने लाया जाएगा। मोर्चा संगठनों चाहे महिला कांग्रेस हो, एनएसयूआई, सेवादल हो या युवा कांग्रेस सभी मोर्चा संगठन एक साथ देश में होने वाली घटनाओं से देश और प्रदेश की जनता तक इन घटनाओं को उजागर करेंगे। राहुल गांधी जी द्वारा प्रारंभ किये गये इस अभियान में प्रदेश में 5 लाख से अधिक वालेंटियर जोड़े जाएंगे। वर्तमान समय यह अभियान बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग इस कार्यक्रम की अभी से निंदा करने में लग गये हैं। पूरा देश देख रहा है आज हजारों लाखों लोग तख्तापलट के लिए सडक़ों पर हैं। लाखों किसान अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए, अपने हितों की रक्षा के लिए सडक़ों पर बैठा है, तमाम सारे राजनीतिक दल किसानों के साथ मिलकर उनके समर्थन में खड़े हैं, लेकिन मोदी जी किसानों की तरफ देखना तक उचित नहीं समझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दीप सिंधु जैसे लोगों द्वारा षडयंत्र पूर्वक बीजेपी के लोग शांतिपूर्वक चल रहे किसान आंदोलन को बदनाम कर रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस आईटी एवं सोशल मीडिया के अध्यक्ष अभय तिवारी ने कार्यक्रम के उद्देश्य एवं उसकी आवश्यता बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम आगामी तीन माह तक तीन चरणों में चलेगा, जिसमें मिस्ड कॉल, मेल, वाट्सएप के माध्यम से इस अभियान से जुड़ सकेंगे। तीन चरण पूरे होने के बाद वालंटियर का साक्षात्कार किया जाएगा तथा पार्टी में उसका आवश्यकतानुसार ब्लाक, जिला, प्रदेश एवं नेशनल स्तर पर चयन किया जाएगा। विधानसभा स्तर पर दो सौ एवं लोकसभा स्तर पर दो हजार वॉलंटियर जोडऩे का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में हमारे पास 58000 सोशल मीडिया से जुड़े हुए लोग हैं। कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी के युवाओं, किसानों और देश के प्रति अपने विचारों पर आधारित वीडियों को प्रसारित किया गया।
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9 February 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को वर्ष 2023 तक घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। यह प्रदेश में जल क्रांति होगी। इससे सबसे बड़ी राहत हमारी बहनों को मिलेगी। उन्हें हैंडपंप से मुक्ति मिल सकेगी। इसके साथ ही स्वच्छ पेयजल से स्वास्थ्य की स्थिति में भी सुधार होगा। कुल एक करोड़ 21 लाख से अधिक ग्रामीण परिवार लाभांवित होंगे। इस पर 44 हजार 260 करोड़ रूपए का व्यय होगा। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को मंत्रालय में जल-जीवन मिशन के प्रस्तुतिकरण के बाद मंत्रीगण को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन मिशन के संचालन में जन-जन की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी और जिस भी ग्राम की परियोजना पूर्ण होगी, वहां उसका प्रारंभ उत्सव के रूप में किया जायेगा। गांव के प्रत्येक घर को नल से जल उपलब्ध कराना ऐतिहासिक उपलब्धि है। थर्ड पाटी निरीक्षण से होगा गुणवत्ता पर नियंत्रण मंत्रि-परिषद के सम्मुख हुए जल-जीवन मिशन के 'हर घर जल' पर प्रस्तुतिकरण में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 15 अगस्त 2019 को मिशन की घोषणा की गई थी। मध्यप्रदेश में जून, 2020 से मिशन का क्रियान्वयन आरंभ हुआ। मिशन के क्रियान्वयन के लिए राज्य-स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य जल और स्वच्छता मिशन तथा राज्य-स्तरीय योजना स्वीकृति समिति विद्यमान है। जिला-स्तरीय समिति में जिला कलेक्टर अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उपाध्यक्ष हैं। ग्राम स्तर पर स्व-सहायता समूह के सहयोग से ग्रामवासियों की जन-भागीदारी और योजना के सतत संचालन और संधारण के लिए क्रियान्वयन सहायता संस्था की व्यवस्था है। नल-जल योजनाओं के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए थर्ड पार्टी निरीक्षण एजेंसी की व्यवस्था भी विद्यमान है। जल एवं स्वच्छता समिति लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सहयोग से योजना का निर्माण करेगी तथा स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला-बाल विकास और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभागों के बीच सतत समन्वय से अन्य गतिविधियों का संचालन किया जाएगा। योजना क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश देश में तीसरे नंबर पर वर्ष 2020-21 तक निवाड़ी तथा बुरहानपुर जिलों में शत-प्रतिशत कवरेज का लक्ष्य है। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में भोपाल, दतिया, इंदौर, मुरैना, नरसिंहपुर, राजगढ़ तथा उमरिया सहित कुल 7 जिले पूरी तरह कवर कर लिए जायेंगे। शेष जिले वर्ष 2023 तक पूर्ण कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश के 34 हजार 305 गाँवों में सतही स्त्रोत आधारित समूह योजनाओं से नल से जल की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। शेष 16 हजार 382 गाँवों में रेट्रो फिटिंग द्वारा सुविधा का विस्तार किया जाना है। प्रदेश में 32 लाख 41 हजार परिवारों तक योजना का विस्तार किया जा चुका है। वर्ष 2020-21 में 25 लाख से अधिक एफएचटीसी के लक्ष्यों वाले राज्यों में मध्यप्रदेश देश में तीसरे स्थान पर है। प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री मलय श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुतिकरण किया गया।
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9 February 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में माफिया के विरुद्ध अभियान निरंतर जारी है। चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर प्रभावितों को पैसे वापस कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही गुम बच्चों को खोजने के लिए प्रदेश के बाहर भी टीमें भेजकर बच्चों की रिकवरी कराई गई है। मुख्यमंत्री ने यह बातें मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1271 भू-माफियाओं से 2000 हेक्टर भूमि मुक्त कराई गई, जिसकी लागत 10 हजार करोड़ रूपये से अधिक है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि चिटफंड कंपनियों से 50 हजार लोगों की 800 करोड़ की राशि वापस कराई गई है। उन्होंने कहा कि मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत मिलावटी सामान बनाने वाले 6 कारखानों को ध्वस्त किया जा चुका है। इसी प्रकार राशन की कालाबाजारी में लिप्त अधिकारी की संपत्ति जप्त कर जनता में राशन वितरित किया गया। इंदौर में हुई इस कार्यवाही का प्रभावी असर हुआ है। राशन की कालाबाजारी में लिप्त 331 लोगों पर कार्यवाही हुई है । मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को जानकारी दी कि गुम बच्चों को खोजने के लिए प्रदेश में ऑपरेशन मुस्कान संचालित है, इसके तहत अभी तक 9500 बच्चों को रिकवर किया गया है, जिसमें 80% बालिकाएँ हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में विद्यमान व्यवस्था के अनुरूप राज्य हित में और विकास पर केंद्रित योजनाएँ विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर बनायें और केंद्रीय शासन से अधिकतम आवंटन प्राप्त करने की दिशा में प्रयास करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्री गण से अपने विभागों में निरंतर सक्रिय रहते हुए नवाचार करने संबंधी बात भी कही।
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9 February 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में माफिया के विरुद्ध अभियान निरंतर जारी है। चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर प्रभावितों को पैसे वापस कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही गुम बच्चों को खोजने के लिए प्रदेश के बाहर भी टीमें भेजकर बच्चों की रिकवरी कराई गई है। मुख्यमंत्री ने यह बातें मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1271 भू-माफियाओं से 2000 हेक्टर भूमि मुक्त कराई गई, जिसकी लागत 10 हजार करोड़ रूपये से अधिक है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि चिटफंड कंपनियों से 50 हजार लोगों की 800 करोड़ की राशि वापस कराई गई है। उन्होंने कहा कि मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत मिलावटी सामान बनाने वाले 6 कारखानों को ध्वस्त किया जा चुका है। इसी प्रकार राशन की कालाबाजारी में लिप्त अधिकारी की संपत्ति जप्त कर जनता में राशन वितरित किया गया। इंदौर में हुई इस कार्यवाही का प्रभावी असर हुआ है। राशन की कालाबाजारी में लिप्त 331 लोगों पर कार्यवाही हुई है । मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को जानकारी दी कि गुम बच्चों को खोजने के लिए प्रदेश में ऑपरेशन मुस्कान संचालित है, इसके तहत अभी तक 9500 बच्चों को रिकवर किया गया है, जिसमें 80% बालिकाएँ हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में विद्यमान व्यवस्था के अनुरूप राज्य हित में और विकास पर केंद्रित योजनाएँ विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर बनायें और केंद्रीय शासन से अधिकतम आवंटन प्राप्त करने की दिशा में प्रयास करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्री गण से अपने विभागों में निरंतर सक्रिय रहते हुए नवाचार करने संबंधी बात भी कही।
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9 February 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में माफिया के विरुद्ध अभियान निरंतर जारी है। चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर प्रभावितों को पैसे वापस कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही गुम बच्चों को खोजने के लिए प्रदेश के बाहर भी टीमें भेजकर बच्चों की रिकवरी कराई गई है। मुख्यमंत्री ने यह बातें मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1271 भू-माफियाओं से 2000 हेक्टर भूमि मुक्त कराई गई, जिसकी लागत 10 हजार करोड़ रूपये से अधिक है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि चिटफंड कंपनियों से 50 हजार लोगों की 800 करोड़ की राशि वापस कराई गई है। उन्होंने कहा कि मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत मिलावटी सामान बनाने वाले 6 कारखानों को ध्वस्त किया जा चुका है। इसी प्रकार राशन की कालाबाजारी में लिप्त अधिकारी की संपत्ति जप्त कर जनता में राशन वितरित किया गया। इंदौर में हुई इस कार्यवाही का प्रभावी असर हुआ है। राशन की कालाबाजारी में लिप्त 331 लोगों पर कार्यवाही हुई है । मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को जानकारी दी कि गुम बच्चों को खोजने के लिए प्रदेश में ऑपरेशन मुस्कान संचालित है, इसके तहत अभी तक 9500 बच्चों को रिकवर किया गया है, जिसमें 80% बालिकाएँ हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में विद्यमान व्यवस्था के अनुरूप राज्य हित में और विकास पर केंद्रित योजनाएँ विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर बनायें और केंद्रीय शासन से अधिकतम आवंटन प्राप्त करने की दिशा में प्रयास करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्री गण से अपने विभागों में निरंतर सक्रिय रहते हुए नवाचार करने संबंधी बात भी कही।
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9 February 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में माफिया के विरुद्ध अभियान निरंतर जारी है। चिटफंड कंपनियों की संपत्ति कुर्क कर प्रभावितों को पैसे वापस कराए जा रहे हैं। इसके साथ ही गुम बच्चों को खोजने के लिए प्रदेश के बाहर भी टीमें भेजकर बच्चों की रिकवरी कराई गई है। मुख्यमंत्री ने यह बातें मंगलवार को मंत्रि-परिषद की बैठक से पहले मंत्रियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1271 भू-माफियाओं से 2000 हेक्टर भूमि मुक्त कराई गई, जिसकी लागत 10 हजार करोड़ रूपये से अधिक है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि चिटफंड कंपनियों से 50 हजार लोगों की 800 करोड़ की राशि वापस कराई गई है। उन्होंने कहा कि मिलावट से मुक्ति अभियान के तहत मिलावटी सामान बनाने वाले 6 कारखानों को ध्वस्त किया जा चुका है। इसी प्रकार राशन की कालाबाजारी में लिप्त अधिकारी की संपत्ति जप्त कर जनता में राशन वितरित किया गया। इंदौर में हुई इस कार्यवाही का प्रभावी असर हुआ है। राशन की कालाबाजारी में लिप्त 331 लोगों पर कार्यवाही हुई है । मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को जानकारी दी कि गुम बच्चों को खोजने के लिए प्रदेश में ऑपरेशन मुस्कान संचालित है, इसके तहत अभी तक 9500 बच्चों को रिकवर किया गया है, जिसमें 80% बालिकाएँ हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में विद्यमान व्यवस्था के अनुरूप राज्य हित में और विकास पर केंद्रित योजनाएँ विभाग के अधिकारियों के साथ मिलकर बनायें और केंद्रीय शासन से अधिकतम आवंटन प्राप्त करने की दिशा में प्रयास करें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मंत्री गण से अपने विभागों में निरंतर सक्रिय रहते हुए नवाचार करने संबंधी बात भी कही।
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9 February 2021भोपाल। किसान नेता एवं कृषि मंत्री कमल पटेल ने नर्मदा परिक्रमा के दौरान किसानों को प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना के फायदों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि योजना से लाभान्वित होकर किसान आर्थिक रूप से सशक्त होंगे। किसान अब न सिर्फ खेतों में आलू उगायेंगे, बल्कि योजना का लाभ लेकर फैक्ट्रियाँ भी लगायेंगे और फैक्ट्रियों में आलू की चिप्स भी बनायेंगे। अलीराजपुर से सोमवार को प्रारंभ हुई यात्रा का पड़ाव बड़वाह है। कृषि मंत्री ने सोमवार शाम को परिक्रमा के मध्य महेश्वर में घाट पर माँ नर्मदा की पूजा-अर्चना के साथ आरती और वंदना भी की। मंत्री पटेल अलीराजपुर से कोटेश्वर, धरमपुरी, खलघाट और धामनौद होते हुए महेश्वर पहुँचे। परिक्रमा के दौरान मार्ग में आने वाले गाँवों में किसानों से मुलाकात और चर्चा की। उन्होंने नये कृषि कानून, प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के साथ ही 15 मार्च से गेहूँ के साथ चना, मसूर, सरसों के उपार्जन के फायदों के बारे में बताया। मंत्री पटेल ने कहा कि केन्द्र और प्रदेश सरकारें निरंतर किसानों के कल्याण के लिये कार्य कर रही हैं। प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना का लाभ लेकर किसान उद्योग-धँधे लगाने में सक्षम बनेंगे। वे कृषि आधारित उद्योग-धँधे लगाकर बेरोजगारों को रोजगार भी उपलब्ध करायेंगे। नर्मदा मैया के आशीर्वाद से प्रदेश के किसान समृद्धशाली होंगे। कृषि मंत्री मंगलवार सुबह बड़वाह से अगले पड़ाव के लिये नर्मदा मैया की परिक्रमा प्रारंभ करेंगे।
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8 February 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षण शिविर पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह पर तंज कसा है। इसके अलावा मंत्री सारंग ने कांग्रेस को दलित और आदिवासी विरोधी भी बताया है। चकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षण शिविर पर कहा कि सबसे पहले प्रशिक्षण कांग्रेस में पप्पू गांधी को मिलना चाहिए। कांग्रेस में किस चीज का प्रशिक्षण होगा वह सिखाएंगे कि भ्रष्टाचार कैसे करते हैं क्योंकि जो प्रशिक्षण देंगे उन्होंने भी राजनीति के माध्यम से भ्रष्टाचार ही किया है। कांग्रेस भ्रष्टाचार अनाचार का प्रशिक्षण ही दे सकती है क्योंकि वही उनकी मूल रीति और नीति है। कांग्रेस में केवल भ्रष्टाचार का ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा माफिया संरक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह व कांग्रेस ही ऐसे माफियाओं को संरक्षण देते हैं। हमारी सरकार में पूरी तरह से हमने गुंडे बदमाश और माफिया को खत्म किया है पहले मुख्यमंत्री ने डाकुओं को खत्म किया अब माफिया और गुंडों को खत्म कर दिया है। आदिवासी विरोधी है कांग्रेसमंत्री सारंग ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने दलितों और आदिवासियों का अपमान किया है। षड्यंत्र पूर्ण रूप से फूल सिंह बरैया को हराया था, उसी दिन स्पष्ट हो गया था कि कांग्रेस दलित विरोधी है। केवल नारा लगा देने से कुछ नहीं होगा कांग्रेस शुरू से दलित और आदिवासी की विरोधी रही है।
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8 February 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षण शिविर पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह पर तंज कसा है। इसके अलावा मंत्री सारंग ने कांग्रेस को दलित और आदिवासी विरोधी भी बताया है। चकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षण शिविर पर कहा कि सबसे पहले प्रशिक्षण कांग्रेस में पप्पू गांधी को मिलना चाहिए। कांग्रेस में किस चीज का प्रशिक्षण होगा वह सिखाएंगे कि भ्रष्टाचार कैसे करते हैं क्योंकि जो प्रशिक्षण देंगे उन्होंने भी राजनीति के माध्यम से भ्रष्टाचार ही किया है। कांग्रेस भ्रष्टाचार अनाचार का प्रशिक्षण ही दे सकती है क्योंकि वही उनकी मूल रीति और नीति है। कांग्रेस में केवल भ्रष्टाचार का ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा माफिया संरक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह व कांग्रेस ही ऐसे माफियाओं को संरक्षण देते हैं। हमारी सरकार में पूरी तरह से हमने गुंडे बदमाश और माफिया को खत्म किया है पहले मुख्यमंत्री ने डाकुओं को खत्म किया अब माफिया और गुंडों को खत्म कर दिया है। आदिवासी विरोधी है कांग्रेसमंत्री सारंग ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने दलितों और आदिवासियों का अपमान किया है। षड्यंत्र पूर्ण रूप से फूल सिंह बरैया को हराया था, उसी दिन स्पष्ट हो गया था कि कांग्रेस दलित विरोधी है। केवल नारा लगा देने से कुछ नहीं होगा कांग्रेस शुरू से दलित और आदिवासी की विरोधी रही है।
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8 February 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षण शिविर पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह पर तंज कसा है। इसके अलावा मंत्री सारंग ने कांग्रेस को दलित और आदिवासी विरोधी भी बताया है। चकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षण शिविर पर कहा कि सबसे पहले प्रशिक्षण कांग्रेस में पप्पू गांधी को मिलना चाहिए। कांग्रेस में किस चीज का प्रशिक्षण होगा वह सिखाएंगे कि भ्रष्टाचार कैसे करते हैं क्योंकि जो प्रशिक्षण देंगे उन्होंने भी राजनीति के माध्यम से भ्रष्टाचार ही किया है। कांग्रेस भ्रष्टाचार अनाचार का प्रशिक्षण ही दे सकती है क्योंकि वही उनकी मूल रीति और नीति है। कांग्रेस में केवल भ्रष्टाचार का ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा माफिया संरक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह व कांग्रेस ही ऐसे माफियाओं को संरक्षण देते हैं। हमारी सरकार में पूरी तरह से हमने गुंडे बदमाश और माफिया को खत्म किया है पहले मुख्यमंत्री ने डाकुओं को खत्म किया अब माफिया और गुंडों को खत्म कर दिया है। आदिवासी विरोधी है कांग्रेसमंत्री सारंग ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने दलितों और आदिवासियों का अपमान किया है। षड्यंत्र पूर्ण रूप से फूल सिंह बरैया को हराया था, उसी दिन स्पष्ट हो गया था कि कांग्रेस दलित विरोधी है। केवल नारा लगा देने से कुछ नहीं होगा कांग्रेस शुरू से दलित और आदिवासी की विरोधी रही है।
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8 February 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कांग्रेस द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षण शिविर पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह पर तंज कसा है। इसके अलावा मंत्री सारंग ने कांग्रेस को दलित और आदिवासी विरोधी भी बताया है। चकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस द्वारा आयोजित किए जाने वाले प्रशिक्षण शिविर पर कहा कि सबसे पहले प्रशिक्षण कांग्रेस में पप्पू गांधी को मिलना चाहिए। कांग्रेस में किस चीज का प्रशिक्षण होगा वह सिखाएंगे कि भ्रष्टाचार कैसे करते हैं क्योंकि जो प्रशिक्षण देंगे उन्होंने भी राजनीति के माध्यम से भ्रष्टाचार ही किया है। कांग्रेस भ्रष्टाचार अनाचार का प्रशिक्षण ही दे सकती है क्योंकि वही उनकी मूल रीति और नीति है। कांग्रेस में केवल भ्रष्टाचार का ही प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा माफिया संरक्षण को लेकर उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह व कांग्रेस ही ऐसे माफियाओं को संरक्षण देते हैं। हमारी सरकार में पूरी तरह से हमने गुंडे बदमाश और माफिया को खत्म किया है पहले मुख्यमंत्री ने डाकुओं को खत्म किया अब माफिया और गुंडों को खत्म कर दिया है। आदिवासी विरोधी है कांग्रेसमंत्री सारंग ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने दलितों और आदिवासियों का अपमान किया है। षड्यंत्र पूर्ण रूप से फूल सिंह बरैया को हराया था, उसी दिन स्पष्ट हो गया था कि कांग्रेस दलित विरोधी है। केवल नारा लगा देने से कुछ नहीं होगा कांग्रेस शुरू से दलित और आदिवासी की विरोधी रही है।
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8 February 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न नगरीय निकायों की 19 जल प्रदाय योजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर शहर को सुंदर, स्वच्छ और बुनियादी सुविधाओं से युक्त बनाने के लिए तेज गति से कार्य किया जा रहा है। हर नगर का पांच वर्षीय रोडमैप बनाया जा रहा है, जिसके अनुसार सुनियोजित विकास होगा। नगरों में सभी भाई-बहनों के पक्के मकान हो जाएं, इसका प्रयास सरकार कर रही है। पथकर व्यवसाइयों को रोजगार के लिए 10 हजार रुपये बिना ब्याज और बिना गारंटी के ऋण दिलाया जा रहा है। कायर्क्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह मौजूद रहे, जबकि नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया भी वीसी के माध्यम से कायर्क्रम से जुड़े। हर पात्र परिवार का बने आयुष्मान कार्ड मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हर पात्र परिवार आयुष्मान कार्ड बनवाये। आयुष्मान कार्ड से साल में 5 लाख रुपये तक का नि:शुल्क इलाज चिन्हित निजी अस्पतालों में भी मिलता है। हर नगर स्वच्छता में आगे रहे उन्होंने कहा कि हर नगर स्वच्छता में आगे रहे, ऐसे प्रयास किए जायें। स्वच्छता से स्वास्थ्य का सीधा संबंध है। सभी नगरों में सीवरेज सिस्टम बनाया जा रहा है। स्वच्छता अभियान के साथ नशा मुक्ति अभियान भी चलाया जाये। पहले हेंडपंप से पानी लेते थे, अब नल से आ रहा है पानी मुख्यमंत्री ने नगरीय निकायों के नागरिकों से वी.सी. के माध्यम से संवाद भी किया। गुना की नागरिक मंजू कुशवाह ने बताया कि पहले उन्हें हेंड पंप से पानी लेना पड़ता था, अब घर पर ही नल से पानी मिल रहा है। नर्मदा पेयजल योजना से अब प्रतिदिन पानी मिलता है मुख्यमंत्री को संवाद के दौरान पीथमपुर की संध्या शर्मा ने बताया कि पहले नगर में 2-3 दिन छोड़कर पानी मिलता था। अब नर्मदा पेयजल योजना से हर दिन पर्याप्त पेयजल मिल रहा है। इससे नगर की सभी महिलाएँ खुश हैं। गर्मियों में आती थी पानी की समस्या मुख्यमंत्री को बड़ा मलहरा नगरीय निकाय के देवशंकर शुक्ला ने बताया कि क्षेत्र में पहले गर्मियों में पानी की बहुत समस्या आती थी। नई पेयजल योजना आ जाने के बाद यह समस्या दूर हो जाएगी। क्षेत्र में काठन सिंचाई परियोजना भी आ रही है, जो क्षेत्र के लिए वरदान सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री ने पेयजल योजना को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बड़ा मलहरा महाविद्यालय में विज्ञान संकाय शुरू किया जाएगा। शहरों में हर घर तक नल के माध्यम से स्वच्छ पानी मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि शहरी पेयजल योजनाओं के माध्यम से अब हर घर तक नल से स्वच्छ पानी पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है। जिन पेयजल योजनाओं का आज शिलान्यास हुआ है, वे शीघ्र पूर्ण होंगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के नेतृत्व में नगरीय विकास विभाग की योजनाओं सहित सभी विभागों की योजनाओं में अग्रणी है। इस दौरान प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीतेश व्यास और मनीष सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। 142 करोड़ की 7 योजनाओं का भूमि-पूजन मुख्यमंत्री ने एडीबी योजना में नगर परिषद धामनोद की 19 करोड़ 55 लाख, नगर परिषद जेरोनखालसा की 21 करोड़ 50 लाख, नगर परिषद कारी की 20 करोड़ 29 लाख, नगर परिषद लिधोराखास की 20 करोड़ 52 लाख और विश्व बैंक योजना में नगर परिषद बड़ा मलहरा की 25 करोड़ 90 लाख, नगर परिषद सेवढ़ा की 26 करोड़ 52 लाख और नगर परिषद नईगढ़ी की 7 करोड़ 51 लाख की जल-प्रदाय परियोजनाओं का भूमि-पूजन किया। इन परियोजनाओं के पूरा होने का लाभ लगभग 93 हजार नागरिक को मिलेगा। 225 करोड़ की 12 योजनाओं का लोकार्पण मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पित 12 जल-प्रदाय योजनाओं से 12 नगर के लगभग 4 लाख 80 हजार नागरिक लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना में नगर परिषद हनुमना की 13 करोड़ 35 लाख, नगर परिषद अमानगंज की 12 करोड़ 89 लाख, नगर परिषद नागोद की 18 करोड़ 18 लाख, नगर परिषद कुरवई की 11 करोड़ 94 लाख, नगर परिषद बुधनी की 7 करोड़ 34 लाख, नगर परिषद गोविंदगढ़ की 8 करोड़ 37 लाख, नगर परिषद भानपुरा की 7 करोड़ 92 लाख, नगर परिषद बड़ौद की 7 करोड़ 29 लाख, नगर पालिका उमरिया की 14 करोड़ 70 लाख और नगर परिषद छापीहेड़ा की 4 करोड़ 95 लाख की जल-प्रदाय परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया। मुख्यमंत्री ने अमृत मिशन में नगर पालिका परिषद गुना की 29 करोड़ 88 लाख और नगर पालिका पीथमपुर की 87 करोड़ 69 लाख की जल-प्रदाय परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया।
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5 February 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ शुक्रवार सुबह सीएम शिवराज से मिलने के लिए मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। यहां दोनों राजनेताओं के बीच कृषि कानून सहित प्रदेश के अन्य मुद्दों को लेकर करीब 20 मिनट तक चर्चा हुई। बजट सत्र से पहले कमलनाथ और शिवराज की मुलाकात को अहम माना जा रहा है। कमलनाथ शुक्रवार सुबह 10:30 बजे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने सीएम हाउस पहुंचे। करीब 20 मिनट तक चली मुलाकात के दौरान तीनों कृषि कानून को लेकर कमलनाथ ने सीएम शिवराज से कहा कि राजनीति से परे हटकर कृषि कानून का विरोध करना चाहिए। इस कानून से खेती किसानी दोनों को भारी नुकसान होगा। इसके आलावा दोनों के बीच प्रदेश से जुड़े अन्य विषयों को लेकर भी चर्चा हुई। मुलाकात के संबंध में जानकारी देते हुए कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि कमलनाथ ने सीएम शिवराज से किसानों की समस्याओं को लेकर बात की है। इसके अलावा लीज नवीनीकरण के दो तरह के नियमों के चलते लोगों को आ रही परेशानी के बारे में मुख्यमंत्री को अवगत कराया है। इसको लेकर कमलनाथ ने एक दिन पहले गुरुवार को एक पत्र भी शिवराज को लिखा था। कमलनाथ ने विकास के मुद्दों पर भी शिवराज से चर्चा की। हालांकि सीएम हाउस के सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ केवल सौजन्य भेंट करने आए थे।
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5 February 2021भोपाल। प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बुधवार को मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चाय पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने बताया कि प्रदेश में नगरों के विकास और सौन्दर्यीकरण के कार्य सतत रूप से चल रहे हैं। ये कार्य भविष्य में भी निरंतर चलेंगे। नागरिकों को बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता की निरंतर समीक्षा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के नगरों के लिए सौन्दर्यीकरण और विकास, विशेष रूप से उद्यानों के विकास, शहरी परिवहन साधनों के विस्तार, पेयजल और सुचारू सीवेज प्रणाली की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए अधिकारियों को सक्रिय रखा जाये और निरंतर समीक्षा भी हो। मुख्यमंत्री ने मंत्री भूपेन्द्र सिंह को नगरों में निर्माण और विकास कार्य कर रही एजेंसी से चर्चा कर उनकी समस्याओं का निराकरण करने को भी कहा। इस अवसर पर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने विभिन्न नगरों में संचालित कार्यों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे राज्य के विभिन्न नगरों में भ्रमण कर विकास के 5 वर्षीय प्रोजेक्ट के संबंध में भी जानकारी प्राप्त कर रहे हैं। कुछ नगरों में पंचवर्षीय विकास योजनाओं के बेहतर प्लान बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में घोषित केन्द्रीय बजट में जल जीवन मिशन के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान किया गया है। मिशन के कार्यों से मध्यप्रदेश को अधिक से अधिक लाभ दिलवाने के संबंध में चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के नगरों में विकास के और क्या कार्य हो सकते हैं, इसका अध्ययन कर क्रियान्वयन प्रारंभ किया जाये। नगरीय विकास मंत्री ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे स्वयं विभिन्न निकायों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा प्रतिदिन कर रहे हैं।
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3 February 2021भोपाल। प्रदेश सरकार मिलावटखोरों के बाद अब दवा माफियाओं पर नकेल कसने की तैयारी में है। प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि अमानक और नकली दवाओं का कारोबार कर रहे माफियाओं के खिलाफ सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कह चुके हैं कि सरकार का फोकस मिलावटखोरों पर ज्यादा है। ऐसे में व्यापारियों के लिए नहीं, बल्कि मिलावट खोरों पर शिकंजा कसने कानून में सख्त प्रावधान किए हैं। उन्होंने ऐसे माफियाओं को सख्त चेतावनी देते हुए कहा था कि लोगों की जान से खिलवाड़ करने वालों को जीवन भर जेल में चक्की चलाना पड़ेगी। इसके बाद अब प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को मीडिया से चर्चा के दौरान आमजन से अपील की है कि नकली दवा बिकने की शिकायत संबंधित थाने में दर्ज कराएं। मिश्रा ने कहा है कि प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है कि शिवराज सरकार ने खाद्य सुरक्षा अधिनियम में संशोधन कर मिलावटखोरों व एक्सपायरी डेट की दवाएं बेचने वालों के लिए सजा के प्रावधान को सख्त किया है।
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3 February 2021भोपाल। देश में इन दिनों पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिसके चलते पेट्रोल के दाम 100 रुपये के पार पहुंचने की अटकलें तेज हो गई हैं। कई राज्यों में यह 94 रुपये के पार पहुंच चुका है। मप्र में भी पेट्रोल 94 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। पेट्रोल की कीमतों को लेकर भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार की नीतियों पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट कर एक इमेज शेयर की है। जिस पर रिट्वीट कर करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है। दरअसल, भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही सरकार की नीतियों पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट कर लिखा है कि राम के भारत में पेट्रोल 93 रुपये, सीता के नेपाल में 53 रुपये और रावण की लंका में पैट्रोल 51 रुपये। भाजपा सांसद के इस ट्वीट पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी ने रिट्वीट करते हुए कटाक्ष किया है। उन्होंने लिखा है "आप ने ठीक कहा स्वामी जी, घोर कलियुग है।" गौरतलब है कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सोशल मीडिया पर सतर्क रहते है और आए दिन अपने ट्वीट और बयानों से भाजपा पर हमला बोलते है।
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3 February 2021भोपाल। सरकार भोपाल को दुनिया का सबसे सुंदर शहर बनाने की योजना पर काम कर रही है। केन्द्रीय बजट को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आत्मनिर्भर भारत का बजट बताया। सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहा कि भोपाल के विकास का रोडमैप तैयार करने का अभियान आज से प्रारंभ हो गया है। भोपाल देश का सबसे सुंदर शहर है। स्वच्छतम राजधानी में भोपाल का नाम सबसे पहले आता है। भोपाल को हम दुनिया का सबसे सुंदर शहर बनाने की योजना पर काम कर रहे है। भोपाल में कई कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन हो चुका है। शहर में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बडे़ तालाब में वॉटर वाल, करोद मंडी के पास रेलवे ऑवर ब्रिज, बोर्ड ऑफिस से अशोका गार्डन तक फ्लाई ओवर इन्हें करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भानपुर खंती पर 32 करोड़ रुपये की लागत से कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही 192 करोड़ की लागत से विभिन्न सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। यहां 200 करोड़ की सड़के सीपीए के अंतर्गत बनायी जा रही है। वर्तमान में एक दीनदयाल रसोई है इसे बढ़ाकर 4 की जा रही है, जबकि 15 नए रैनबसेरों को विकसित किया जाएगा। 150 नए पार्कों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को ध्यान में रखकर सभी विकास के कार्य किए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज ने केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत का बजट बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपदा को अवसर में बदला है। इसकी तस्वीर इस आम बजट में दिखाई दे रही है। यह देश के विकास और समाज के कल्याण को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह अर्थव्यवस्था को गति देने वाला मानवीय बजट है। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना प्रारंभ की गई है, जो भारत के नवनिर्माण के स्वप्न को साकार करेगी। अधोसंरचना के विकास के लिए 5 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पूंजीगत व्यय से तेजी से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, रोजगार के नये अवसरों का सृजन होगा। शिवराज ने कहा कि नये वित्तीय विकास संस्थान का गठन किया गया है। इससे पूंजीगत योजनाओं के लिए दीर्घकालीन ऋणों की व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत तक उधारी की सीमा बढ़ाई गई है। राज्य भी जब इन्फ्रा में ज्यादा पैसा डालेंगे, तो आर्थिक गतिविधियों के तेज होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी की 75वीं सालगिरह पर 75 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को आयकर भरने से छूट दी गई है। यह बुजुर्गों के लिए वरदान सिद्ध होगा।
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1 February 2021भोपाल। सरकार भोपाल को दुनिया का सबसे सुंदर शहर बनाने की योजना पर काम कर रही है। केन्द्रीय बजट को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आत्मनिर्भर भारत का बजट बताया। सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहा कि भोपाल के विकास का रोडमैप तैयार करने का अभियान आज से प्रारंभ हो गया है। भोपाल देश का सबसे सुंदर शहर है। स्वच्छतम राजधानी में भोपाल का नाम सबसे पहले आता है। भोपाल को हम दुनिया का सबसे सुंदर शहर बनाने की योजना पर काम कर रहे है। भोपाल में कई कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन हो चुका है। शहर में विकास कार्य तेजी से हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बडे़ तालाब में वॉटर वाल, करोद मंडी के पास रेलवे ऑवर ब्रिज, बोर्ड ऑफिस से अशोका गार्डन तक फ्लाई ओवर इन्हें करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भानपुर खंती पर 32 करोड़ रुपये की लागत से कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही 192 करोड़ की लागत से विभिन्न सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। यहां 200 करोड़ की सड़के सीपीए के अंतर्गत बनायी जा रही है। वर्तमान में एक दीनदयाल रसोई है इसे बढ़ाकर 4 की जा रही है, जबकि 15 नए रैनबसेरों को विकसित किया जाएगा। 150 नए पार्कों का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को ध्यान में रखकर सभी विकास के कार्य किए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज ने केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत का बजट बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपदा को अवसर में बदला है। इसकी तस्वीर इस आम बजट में दिखाई दे रही है। यह देश के विकास और समाज के कल्याण को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यह अर्थव्यवस्था को गति देने वाला मानवीय बजट है। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना प्रारंभ की गई है, जो भारत के नवनिर्माण के स्वप्न को साकार करेगी। अधोसंरचना के विकास के लिए 5 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। पूंजीगत व्यय से तेजी से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी, रोजगार के नये अवसरों का सृजन होगा। शिवराज ने कहा कि नये वित्तीय विकास संस्थान का गठन किया गया है। इससे पूंजीगत योजनाओं के लिए दीर्घकालीन ऋणों की व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत तक उधारी की सीमा बढ़ाई गई है। राज्य भी जब इन्फ्रा में ज्यादा पैसा डालेंगे, तो आर्थिक गतिविधियों के तेज होने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी की 75वीं सालगिरह पर 75 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों को आयकर भरने से छूट दी गई है। यह बुजुर्गों के लिए वरदान सिद्ध होगा।
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1 February 2021भोपाल। किसान नेता एवं कृषि मंत्री कमल पटेल ने आम बजट को आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार करने वाला ऐतिहासिक बजट बताया है। लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन का बजट भाषण पूरा होते ही मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्त मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस बजट से शहरों और गांवों का फर्क मिट जाएगा। गांवों में सडक़, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य की सेवाओं का विस्तार होगा, इसके लिए बजट में पर्याप्त प्रावधान किया गया है। गांव में किसानों को भंडारण सुविधा और उद्योग लगाने के लिए सब्सिडी के साथ लोन दिया जाएगा इससे गांव के युवाओं को नौकरी के लिए शहरों में नहीं भटकना पड़ेगा वह गांव में ही प्रधानमंत्री आवास योजना के पक्के मकानों में रहकर अपने गांव के उद्योगों में ही काम कर सकेगा। गांव में अधोसंरचना विकास के लिए बजट में एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि का प्रावधान किया गया है। कमल पटेल ने कहा कि इससे गांव के लोगों की तकदीर बदलेगी, अब किसान खेती के साथ उद्योग लगा सकेगा और व्यापार कर सकेगा और अपनी उपज को प्रोसेस कर एसआरपी पर बेच सकेगा, उन्होंने कहा कि इसके साथ एमएसपी भी जारी रहेगी और नयी मंडी खोली जाएंगी। बजट में 3 हजार नयी ई मंडी की स्थापना का प्रावधान किया गया है। पेट्रोलियम पदार्थों पर लग रहे सेस के राजस्व को अब ग्रामीण अधोसंरचना विकास पर खर्च किया जाएगा। मंत्री कमल पटेल ने कहा कि देश में किसानों और ग्रामीणों को पहली बार आजादी मिली है, उन्होंने गांवों की फिक्र के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
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1 February 2021भोपाल। मध्य प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने खेलों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले मप्र के खिलाडिय़ों को पुलिस में सीधे भर्ती का एलान किया है। इसके साथ ही आज सदन में पेश हुए बजट को उन्होंने इकोनॉमी के लिए वैक्सीन का बूस्टर डोज़ बतलाया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को अपने निवास पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मप्र गृह विभाग ने मप्र पुलिस में हर साल 60 पदों पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाडिय़ों की सीधी भर्ती करने का निर्णय लिया है। लिखित परीक्षा के बगैर होने वाली यह भर्ती कांस्टेबल से सब इंस्पेक्टर पद के लिए होगी। चयन समिति में खेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल होंगे। इसके अलावा आज पेश हुए केन्द्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि 'इकोनॉमी के लिए वैक्सीन का बूस्टर डोज़ साबित होगा बजट।' पूर्ण भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सरकार का बजट अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी बजट में समाज के सभी वर्गों की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं का ध्यान रखेंगी। ममता सरकार में मची है भगदड़पश्चिम बंगाल के प्रभारी नरोत्तम मिश्रा ने ममता बेनर्जी सरकार से नेताओं के इस्तीफे पर कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आभामंडल के चलते टीएमसी के नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं। ममता बेनर्जी की नीतियां भी पार्टी में भगदड़ मचने का बड़ा कारण है। आज पश्चिम बंगाल में माफियाराज हावी है और लोग अपने को असुरक्षित महसूस कर परिवर्तन चाह रहे हैं।
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1 February 2021भोपाल/बालाघाट। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मप्र के बालाघाट जिले के चिचगांव की आदिवासी महिलाओं की तारीफ की। बता दें कि ग्राम चिचगांव की आदिवासी महिलाओं ने अपनी मेहनत से उस राइस मिल को खरीद लिया, जिसमें कभी वे काम करती थीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि चिचगांव में कुछ आदिवासी महिलाएं एक राइस मील में दिहाड़ी पर काम करती थीं। कोरोना वैश्विक महामारी ने जिस तरह दुनिया के हर व्यक्ति को प्रभावित किया, उसी तरह ये महिलाएं भी प्रभावित हुईं। उनकी राइस मिल में काम रुक गया। स्वाभाविक है कि इससे आमदनी की भी दिक्कत आने लगी, लेकिन ये निराश नहीं हुई, इन्होंने हार नहीं मानी। इन्होंने तय किया कि ये साथ मिलकर अपनी खुद की राइस मिल शुरू करेंगी। उन्होंने कहा कि राइस मिल में काम करने वाली मीना राहंगडाले जी ने सब महिलाओं को जोडक़र स्वयं सहायता समूह बनाया और सबने अपनी बचाई हुई पूंजी से पैसा जुटाया, जो पैसा कम पड़ा, उसके लिए 'आजीविका मिशन' के तहत बैंक से कर्ज ले लिया और अब देखिए, इन आदिवासी बहनों ने वही राइस मिल खरीद ली, जिसमें वे कभी काम किया करती थीं। आज वे अपनी खुद की राइस मिल चला रही हैं। इतने ही दिनों में इस मिल ने करीब तीन लाख रुपये का मुनाफा भी कमा लिया है। इस मुनाफे से मीना जी और उनकी साथी, सबसे पहले बैंक का लोन चुकाने और फिर अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए तैयारी कर रही हैं।
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31 January 2021भोपाल। नगरीय निकाय चुनाव की सुगबुगाहट के बीच राजनीतिक दलों ने तैयारियां तेज कर दी है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दल निकाय चुनाव में जीत के लिए रणनीति बनाने में जुट गए है। सीएम शिवराज आज रविवार को इंदौर में भाजपा की नवगठित प्रदेश कार्यकारणी की पहली बैठक लेने जा रहे हैं। बैठक में शामिल होने के लिए भाजपा के बड़े नेता इंदौर पहुंचने लगे हैं। प्रदेश भाजपा प्रभारी मुरलीधर राव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा इंदौर पहुंच चुके हैं। अलग-अलग सत्र में होने वाली बैठक में भाजपा की आगामी रणनीति तय की जाएगी, वहीं ज्यादा से ज्यादा युवाओं को भाजपा से जोडऩे के लिए भी अभियान चलाया जाएगा। इस बीच नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशीयों के चयन को लेकर भी पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सज्जन सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी नगर निगमों में विधायक और उनके परिवार को महापौर का टिकट दे सकती है, इसमें ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है कि विधायक हैं तो महापौर का चुनाव नहीं लड़ सकता हैं, कुछ विधायक हैं, जिनमें माद्दा है उस जगह पर विधायकों को भी चुनाव लड़ाएंगे। सज्जन सिंह वर्मा ने कांग्रेस की रणनीति स्पष्ट करते हुए कहा है कि नगरीय निकाय चुनाव में 75 से 80प्रतिशत युवाओं को मौका दिया जाएगा।
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31 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को सागर में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत प्रदेश के 20 लाख किसानों को सिंगल क्लिक से 400 करोड़ रुपये का अंतरण किया। इस अवसर उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में विकास का यज्ञ फिर शुरू हो गया है। प्रदेश के विकास के लिए अनेक योजनाएँ बनाई गई हैं, जरूरत पड़ने पर और भी योजनाएँ बनाई जाएंगी। हम समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश बनाएंगे। आज सागर के विकास के लिए बैठक की है। केवल सागर ही नहीं, पूरे प्रदेश का विकास सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने राज्य-स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि फरवरी और मार्च में भी 400-400 करोड़ रुपये किसानों के खातों में डाले जाएंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 430 करोड़ रुपये के कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन भी किया। कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत, कृषि मंत्री कमल पटेल, पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल, सांसद राजबहादुर सिंह, पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव, विधायक शैलेन्द्र जैन, विधायक प्रदीप लारिया, विधायक महेश राय सहित अन्य जन-प्रतिनिधि मंचासीन थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू कर किसानों के खाते में 6-6 हजार रुपये डालने की शुरूआत की थी। तत्कालीन सरकार ने किसानों की सूची केन्द्र को नहीं भेजी थी। हमने सरकार में आते ही 78 लाख किसानों की सूची भेजी और यह निर्णय लिया कि किसानों के खातों में दो किस्तों में 4 हजार रुपये अतिरिक्त डाले जाएं। सरकार ने किसानों के खातों में राशि डालने में कोई भेदभाव नहीं किया है। चाहे आधा एकड़ का किसान हों या एक एकड़ का, सभी को दोनों योजनाओं में साल में 10 हजार रुपये खाते में डाले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में तंगी होने के बावजूद भी अलग-अलग योजनाओं में 85 हजार करोड़ रुपये किसानों और अन्य हितग्राहियों के खाते में डाले गए। उन्होंने कहा कि किसान भाई चिंता न करें। कर्ज माफी के दौरान उनके सिर पर ब्याज का जो बोझ आ गया है, वह सरकार चुकाएगी। संबल योजना गरीबों की ताकतमुख्यमंत्री ने कहा कि संबल योजना गरीबों की ताकत है। पिछली सरकार ने इसे बंद कर दिया था। इसे हमने पुन: शुरू कर दिया है। संबल योजना में छात्रों की मेडिकल-इंजीनियरिंग की फीस सरकार भरेगी। उन्होंने कहा कि बच्चे के जन्म के पूर्व 4 हजार और जन्म के बाद 12 हजार रुपये की राशि बहनों के खाते में डाली जाएगी। संबल योजना में सामान्य मृत्यु पर 2 लाख और दुर्घटना मृत्यु पर 4 लाख रूपये की सहायता शुरू कर दी गई है।कन्या विवाह योजना फिर होगी शुरूमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान सामूहिक विवाह योजना फिर शुरू होगी। बेटियाँ देवी स्वरूप होती हैं। हम कार्यक्रम की शुरूआत उनके पूजन से ही करते हैं।आयुष्मान योजना में कोई न छूटेमुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के पात्र हितग्राहियों को 5 लाख रुपये तक का इलाज मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 करोड़ आयुष्मान कार्ड बने हैं। यदि कोई व्यक्ति छूटा है तो उसके कार्ड भी बनवाएं जाएँ। तीन साल के अंदर हर गाँव में पाईप लाईन से होगी पेयजल आपूर्तिमुख्यमंत्री ने कहा कि 3 साल के अंदर हर गाँव में पाईप लाईन बिछा कर नल से पानी घर-घर पहुँचाया जायेगा। अब हमारी बेटियों को गाँव में हैण्डपंप और कुओं से पानी लाने से निजात मिलेगी। प्रधानमंत्री ने किसानों के हित में बनाए कानूनमुख्यमंत्री ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने किसानों के हित में कानून बनाए हैं। मण्डी बंद नहीं की जा रही हैं वरन मण्डी शुल्क घटाया गया है। किसान कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग करता है तो क्या दिक्कत है। हमारे किसानों को भ्रमित करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी ने गरीबों की जिंदगी बदलने का काम किया है। एनओसी के लिए बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगेमुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन के तहत ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि एनओसी के लिए बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। ऑनलाईन आवेदन करो, ऑनलाईन एनओसी मिल जाएगी। सीमांकन होगा मोबाईल डिवाईस सेमुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन के तहत ऐसी व्यवस्था की गई है कि अब किसान को सीमांकन की सुविधा मोबाईल डिवाईस से मिलेगी। राजस्व सिस्टम आधुनिक बनाया गया है, जिसे आरसीएमएस कहा जाता है। अब पेशी की जानकारी एसएमएस से भेजी जाती है। जमीन का नामांतरण, बँटवारा की प्रक्रिया सरल और कम्प्यूटरीकृत कर दी गई है। सरकार सज्जनों के लिए फूल और दुर्जनों के लिए वज्र से ज्यादा कठोरमुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार सज्जनों के लिए फूल और दुर्जनों के लिए वज्र से ज्यादा कठोर है। मासूम से दुराचार पर कठोर कानून बनाए गए हैं। बेटियों को गलत नजर से देखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। धर्मांतरण पर जेल की सजा का प्रवाधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने जबलपुर, गुना सहित अन्य जिलों के किसानों से वर्चुअली संवाद किया। उन्होंने कहा कि 15 मार्च से गेहूँ, चना, मसूर की समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रारंभ की जाएगी। किसानों से कहा कि वे पंजीयन कराएं और खरीदी का एसएमएस आने पर अपना उत्पाद लाकर बेचें।
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30 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को सागर में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत प्रदेश के 20 लाख किसानों को सिंगल क्लिक से 400 करोड़ रुपये का अंतरण किया। इस अवसर उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में विकास का यज्ञ फिर शुरू हो गया है। प्रदेश के विकास के लिए अनेक योजनाएँ बनाई गई हैं, जरूरत पड़ने पर और भी योजनाएँ बनाई जाएंगी। हम समृद्ध और विकसित मध्यप्रदेश बनाएंगे। आज सागर के विकास के लिए बैठक की है। केवल सागर ही नहीं, पूरे प्रदेश का विकास सुनिश्चित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने राज्य-स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि फरवरी और मार्च में भी 400-400 करोड़ रुपये किसानों के खातों में डाले जाएंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 430 करोड़ रुपये के कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन भी किया। कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत, कृषि मंत्री कमल पटेल, पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल, सांसद राजबहादुर सिंह, पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव, विधायक शैलेन्द्र जैन, विधायक प्रदीप लारिया, विधायक महेश राय सहित अन्य जन-प्रतिनिधि मंचासीन थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू कर किसानों के खाते में 6-6 हजार रुपये डालने की शुरूआत की थी। तत्कालीन सरकार ने किसानों की सूची केन्द्र को नहीं भेजी थी। हमने सरकार में आते ही 78 लाख किसानों की सूची भेजी और यह निर्णय लिया कि किसानों के खातों में दो किस्तों में 4 हजार रुपये अतिरिक्त डाले जाएं। सरकार ने किसानों के खातों में राशि डालने में कोई भेदभाव नहीं किया है। चाहे आधा एकड़ का किसान हों या एक एकड़ का, सभी को दोनों योजनाओं में साल में 10 हजार रुपये खाते में डाले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में तंगी होने के बावजूद भी अलग-अलग योजनाओं में 85 हजार करोड़ रुपये किसानों और अन्य हितग्राहियों के खाते में डाले गए। उन्होंने कहा कि किसान भाई चिंता न करें। कर्ज माफी के दौरान उनके सिर पर ब्याज का जो बोझ आ गया है, वह सरकार चुकाएगी। संबल योजना गरीबों की ताकतमुख्यमंत्री ने कहा कि संबल योजना गरीबों की ताकत है। पिछली सरकार ने इसे बंद कर दिया था। इसे हमने पुन: शुरू कर दिया है। संबल योजना में छात्रों की मेडिकल-इंजीनियरिंग की फीस सरकार भरेगी। उन्होंने कहा कि बच्चे के जन्म के पूर्व 4 हजार और जन्म के बाद 12 हजार रुपये की राशि बहनों के खाते में डाली जाएगी। संबल योजना में सामान्य मृत्यु पर 2 लाख और दुर्घटना मृत्यु पर 4 लाख रूपये की सहायता शुरू कर दी गई है।कन्या विवाह योजना फिर होगी शुरूमुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्यादान सामूहिक विवाह योजना फिर शुरू होगी। बेटियाँ देवी स्वरूप होती हैं। हम कार्यक्रम की शुरूआत उनके पूजन से ही करते हैं।आयुष्मान योजना में कोई न छूटेमुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के पात्र हितग्राहियों को 5 लाख रुपये तक का इलाज मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2 करोड़ आयुष्मान कार्ड बने हैं। यदि कोई व्यक्ति छूटा है तो उसके कार्ड भी बनवाएं जाएँ। तीन साल के अंदर हर गाँव में पाईप लाईन से होगी पेयजल आपूर्तिमुख्यमंत्री ने कहा कि 3 साल के अंदर हर गाँव में पाईप लाईन बिछा कर नल से पानी घर-घर पहुँचाया जायेगा। अब हमारी बेटियों को गाँव में हैण्डपंप और कुओं से पानी लाने से निजात मिलेगी। प्रधानमंत्री ने किसानों के हित में बनाए कानूनमुख्यमंत्री ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री ने किसानों के हित में कानून बनाए हैं। मण्डी बंद नहीं की जा रही हैं वरन मण्डी शुल्क घटाया गया है। किसान कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग करता है तो क्या दिक्कत है। हमारे किसानों को भ्रमित करने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री जी ने गरीबों की जिंदगी बदलने का काम किया है। एनओसी के लिए बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगेमुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन के तहत ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि एनओसी के लिए बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। ऑनलाईन आवेदन करो, ऑनलाईन एनओसी मिल जाएगी। सीमांकन होगा मोबाईल डिवाईस सेमुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन के तहत ऐसी व्यवस्था की गई है कि अब किसान को सीमांकन की सुविधा मोबाईल डिवाईस से मिलेगी। राजस्व सिस्टम आधुनिक बनाया गया है, जिसे आरसीएमएस कहा जाता है। अब पेशी की जानकारी एसएमएस से भेजी जाती है। जमीन का नामांतरण, बँटवारा की प्रक्रिया सरल और कम्प्यूटरीकृत कर दी गई है। सरकार सज्जनों के लिए फूल और दुर्जनों के लिए वज्र से ज्यादा कठोरमुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार सज्जनों के लिए फूल और दुर्जनों के लिए वज्र से ज्यादा कठोर है। मासूम से दुराचार पर कठोर कानून बनाए गए हैं। बेटियों को गलत नजर से देखने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। धर्मांतरण पर जेल की सजा का प्रवाधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने जबलपुर, गुना सहित अन्य जिलों के किसानों से वर्चुअली संवाद किया। उन्होंने कहा कि 15 मार्च से गेहूँ, चना, मसूर की समर्थन मूल्य पर खरीदी प्रारंभ की जाएगी। किसानों से कहा कि वे पंजीयन कराएं और खरीदी का एसएमएस आने पर अपना उत्पाद लाकर बेचें।
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30 January 2021भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को देश की सबसे सुंदर राजधानी बनाने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुरूप अनेक विकास और निर्माण कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जा रहा है। शनिवार को संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने विकास कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक फरवरी को रोडमैप की समीक्षा करेंगे, इसके साथ ही कई विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया जाएगा। कमिश्नर कियावत ने बताया कि अनुमानित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एक फरवरी को स्मार्ट सिटी ऑफिस में भोपाल की विकास योजना की समीक्षा करेंगे। वर्ष 2026 से 2031 तक भोपाल में बेहतर तरीके से पर्यटन, शैक्षणिक, औधोगिक राजधानी बनाने के लिए आगामी समय में क्या-क्या किया जाएगा, इसके लिए बनाई गई कार्ययोजना को भी देखेंगे। भविष्य की संभावना को देखते हुए आम जनता के लिए किस प्रकार की आधारभूत संरचना का निर्माण किया जा सकता है और वर्ष 2026 की आवश्यकता के अनुसार इसको और कैसे व्यवस्थित किया जाए, इस पर भी मंथन किया जाएगा। मुख्यमंत्री सोमवार को सुबह 10.30 बजे भोपाल शहर के भ्रमण पर भी निकलेंगे। इस दौरान वे बुलवर्ड स्ट्रीट का लोकार्पण एमपी नगर चौराहा, मेट्रो, वीआईपी रोड, करोंद चौराहा सौंदर्यीकरण, ब्रिज का लोकार्पण, भानपुर खंती पर चल रहे कार्यों का निरीक्षण एवं अन्य विकास कार्यों का भूमिपूजन व लोकार्पण करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री भोपाल शहर और जिले के विकास के लिए बनाई गई अल्पकालीन, मध्यकालीन और दीर्घकलिक योजना की समीक्षा करेंगे। समीक्षा बैठक में मंत्री, स्थानीय सांसद, विधायक और अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। कमिश्नर कवीन्द्र कियावत ने बताया कि भोपाल शहर को देश का सबसे सुंदर शहर और राजधानी बनाने के लिए तीन स्तरीय कार्य योजनाएं बनाई गई हैं। आगामी समय में जनता की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मल्टी लेवल पार्किंग, ड्रेनेज सिस्टम, पीने की पानी की व्यवस्था, रोड चौड़ीकरण भोपाल का सौंदर्यीकरण, पर्यटन की संभावना, स्थानीय स्तर पर छात्र-छात्राओं के लिए रोजगार की व्यवस्था, भोपाल में आईटी पार्क का निर्माण, नए रैन बसेरा आदि के संबंध में भी कार्य योजना बनाई गई है। वर्ष 2026 में जनसंख्या के आधार पर आधारभूत संरचना और 2031 की संभावनाओं के आधार पर नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यवस्थाओं को योजना में शामिल किया गया है। दीर्घकालीन परियोजना और जरूरत के लिए अलग परियोजनाओं का भी खाका बनाया गया है। समीक्षा बैठक में 2021 की वर्तमान परिस्थितियों के साथ-साथ 2026 की आवश्यकता और 2031 के लिए तैयारियों का विवरण रखा जाएगा, इसमें मेट्रो रेल परियोजना के संबंध में भी चर्चा की जाएगी। शनिवार को स्मार्ट सिटी ऑफिस में संपन्न तैयारी बैठक में संभाग आयुक्त ने कलेक्टर, नगर निगम कमिश्नर, सीईओ स्मार्ट सिटी के साथ संयुक्त रूप से समीक्षा की। बाद में प्रस्तावित लोकार्पण और निरीक्षण स्थलों का भ्रमण और निरीक्षण भी किया गया।
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30 January 2021भोपाल। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आज (शनिवार) 73वीं पुण्यतिथि है। इस मौके पर पूरा देश बापू को याद कर रहा है। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने बापू की गोली मारकर हत्या कर दी थी। महात्मा गांधी आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार आज भी हमें आगे बढ़ने और कुछ अच्छा करने की प्रेरणा देते हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर देश हित में बापू के योगदान को स्मरण कर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, ''कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है। क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है-महात्मा गांधी। सत्य व अहिंसा की अद्वितीय शक्ति से विश्व को परिचित कराने और भारत की स्वतंत्रता एवं जनसेवा के लिए अपना प्राणोत्सर्ग करने वाले राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि पर चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि!'' एक अन्य ट्वीट कर सीएम शिवराज ने कहा, ''बापू कहते थे कि धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है और उन्होंने इस मंत्र को अपने जीवन में अक्षरश: उतारा भी। उनके क्षमा भाव, दृढ़ इच्छाशक्ति का ही परिणाम था कि देश उनके पीछे चला और अंग्रेजों को भारत छोड़कर जाना पड़ा। बापू के योगदान को यह देश कभी भुला न सकेगा।'' भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने संदेश में राष्ट्रपिता को नमन करते हुए कहा, ''अपने असाधारण व्यक्तित्व से समूचे विश्व को सत्य और अहिंसा के लिए प्रेरित करने वाले महानायक एवं स्वतंत्रता आंदोलन के सूत्रधार भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि "शहीद दिवस" पर उन्हें कोटि - कोटि नमन्।'' भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ''सत्य और अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि शहीद दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि।'' गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बापू को श्रद्धांजलि देते हुए अपने ट्वीट में लिखा, ''सम्पूर्ण विश्व को सत्य और अहिंसा के प्रति प्रेरित करने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें कोटि-कोटि नमन।''
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30 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए कि जिन नगरों तथा ग्रामों में खेल मैदान या स्टेडियम बनाए गए हैं, उनके रख-रखाव के लिए नीति विकसित की जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि खेल मैदानों के रख-रखाव के लिए बजट आवंटन कहा से आएगा और इसके लिए कौन उत्तरदायी होगा। बच्चों तथा युवाओं को खेल सुविधा निरंतर उपलब्ध हो सके, इसके लिए खेल मैदानों का सतत रख-रखाव आवश्यक है। यह निर्देश मुख्यमंत्री चौहान ने शुक्रवार को अपने निवास पर जन-प्रतिनिधियों तथा अधिकारियों से जन-कल्याण तथा अधोसंरचना निर्माण से संबंधित योजनाओं पर चर्चा करते हुए दिये। जन-कल्याणकारी योजनाओं में पात्र व्यक्ति वंचित न रहे मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन-यापन कर रहे परिवारों के राशन कार्ड, दिव्यांग सहायता, आयुष्मान कार्ड, पेंशन योजनाओं और संबल योजना सहित सभी जन-कल्याणकारी योजनाओं से कोई भी पात्र व्यक्ति वंचित न रहे। इस संबंध में यदि कोई प्रकरण भोपाल आता है, तो यह माना जाएगा कि जिला स्तर पर कार्य ठीक नहीं चल रहा है। यह देखना भी आवश्यक है कि कोई भी अपात्र व्यक्ति योजना से लाभान्वित न हो। विकासखण्ड तथा विधानसभा क्षेत्र की अपनी अलग पहचान बनाए मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गाँवों के विकास का पंचवर्षीय रोडमैप विकसित किया जाए तथा बजट उपलब्धता के आधार पर निर्धारित प्राथमिकताओं का चरणबद्ध रूप से सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि जहाँ स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आँगनवाड़ी और सार्वजनिक सुविधा संबंधी निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं, वहाँ यदि अतिक्रमण हो तो उन्हें तत्काल हटाया जाए। सभी गाँवों में हर घर में नल-जल सुविधा उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पुरातत्व तथा पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों का विकास भी आवश्यक है। जिले के साथ विकासखण्ड तथा विधानसभा क्षेत्र की भी अपनी अलग पहचान विकसित की जाए। विकासखण्ड स्तर पर भी लगे स्व-रोजगार मेले मुख्यमंत्री चौहान ने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के संदर्भ में युवाओं को रोज़गार और स्व-रोज़गार संबंधी प्रशिक्षण के लिए जिला सहित विकासखण्ड स्तर पर मेले आयोजित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि ऐसे समागमों में स्व-सहायता समूहों की सहभागिता और उनके उत्पादों का प्रदर्शन किया जाना चाहिए। इन गतिविधियों से युवाओं की रूचि और प्रतिभा को पहचानने तथा उनमें नेतृत्व क्षमता उभारने में सहायता मिलती है और उन्हें निश्चित दिशा प्राप्त होती है। मुख्यमंत्री चौहान ने सीहोर जिले के जन-प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा जारी निर्माण कार्यों, नर्मदा नदी के घाटों के विकास, बुधनी के सौन्दर्यीकरण, वन ग्राम से राजस्व ग्राम परिवर्तन, छूटे वनाधिकार पट्टों, नल-जल सुविधा के विस्तार, सिंचाई सुविधा के विस्तार, बाढ़ से क्षतिग्रस्त आवासों के निर्माण और रिक्त पदों की स्थिति संबंधी जानकारी ली तथा आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में वन विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष गुरूप्रसाद शर्मा, वेयरहाऊसिंग कार्पोरेशन के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह राजपूत, आयुक्त भोपाल संभाग कवीन्द्र कियावत सहित अन्य जन-प्रतिनिधि तथा अधिकारी उपस्थित रहे।
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29 January 2021ग्वालियर। उप नगर ग्वालियर के विभिन्न वार्डों में स्वच्छता, जल संरक्षण अभियान, गंदे पानी से निजात के लिए टोंटी लगाओ अभियान, बिजली बचाओ अभियान और पर्यावरण संरक्षण के लिये जन जागृति के लिए प्रदेश सरकार के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर द्वारा दो दिवसीय पदयात्रा निकाली जा रही है। उन्होंने शुक्रवार को पदयात्रा का शुभांरभ कांचमील से किया। पदयात्रा में बड़ी संख्या में क्षेत्र के नागरिकों ने भाग लिया। साथ ही पदयात्रा के उददेश्यों की सफलता के लिए संकल्प लिया। ऊर्जा मंत्री ने पदयात्रा के शुभारंभ अवसर पर कहा कि यह पदयात्रा, मात्र यात्रा नही आमजन को जागृत करने के और स्वच्छता को आदत बनाने के लिए यह यात्रा निकाली जा रही है। पदयात्रा के दौरान उनके साथ ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, पुलिस अधीक्षक अमित सांघी, नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा, विद्युत विभाग के अधिकारी एवं खाद्य विभाग व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। ऊर्जा मंत्री तोमर ने पदयात्रा के दौरान कांचमिल में बने पार्क का निरीक्षण के दौरान कहा कि पार्क के बगल से पुलिस चौकी बनाई जाये, जिसमें सीसीटीवी कैमरे लगे हो, जिससे पार्क में आने वाले आवारा तत्व के व्यक्तियों पर नजर रखी जा सके। साथ ही अमृत योजना के तहत पार्क के मेंटीनेंस किया जाये। पार्क के सामने बने नाले को पाटने के साथ ही उसकी साफ सफाई की जाये। तोमर ने स्वच्छता का संदेश देते हुए ठेले वालों और दुकान दारों से निवेदन किया कि यह शहर हम सभी का है, इसको स्वच्छ व साफ रखने की जिम्मेदारी भी हम सभी की है। साथ ही शहर को स्वच्छता में नम्बर एक स्थान पर भी लाना है इसके लिए हमें अपने में स्वच्छता की आदत डालनी होगी। हमें प्रण करना होगा कि कचरा रोड पर न फैले, कचरा डस्टबिन में डालें एवं कचरा गाडी में ही डालें। तभी हम शहर को सुंदर व स्वच्छ बना सकते हैं। उन्होंने पदयात्रा के दौरान नगर निगम के कमैठी हॉल में बने जोन क्रमांक 5 का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जोन पर आवक जावक रजिस्टर चैक किया। उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र हितग्राही किसी भी कार्य में परेशानी नही होना चाहिए। सभी को समय पर शासन की योजनाओ का लाभ मिले। इसके साथ ही निगमायुक्त श्री शिवम वर्मा ने कर्मचारियों को निर्देशित किया कि सभी अपनी नेमप्लेट लगायें एवं 15 दिन में साफ सफाई कर जोन को स्वच्छ व सुंदर जोन बनायें। कमैठी हॉल में बने रामप्रसाद बिस्मिल भवन के मेंटिनेंस के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया कि जहां भी यह भवन बने हैं, उनका मैंटिनेंस समय पर किया जाये। पदायात्रा के दौरान गदाईपुरा निवासी भूरी देवी की कल्याणी पेंशन, गोसपुरा नम्बर एक निवासी विकलांग फूलसिंह को राशन, पेंशन गरीबी रेखा का कार्ड, आरामिल निवासी मुरमुरा का ठेला लगाये नर्मदा बाई को पेंशन व स्वनिधि से 10 हजार रुपये, आनंद नगर निवासी सावित्री बाई को पेंशन, कांचमील निवासी नीमा बाई को पेंशन, न्यू रेशममील निवासी वृद्ध राजकुमारी बाई को 2 हजार रुपये की नगद आर्थिक सहायता, दिव्यांग बच्ची रानी को पेंशन और एक अन्य बच्चे को पेंशन दिलाये जाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। स्वच्छता के प्रति जनजागरण पदयात्रा न्यू रेशम मिल, कांचमिल, पुरानी रेशम मिल, चंदनपुरा, दुर्गादास विहार, बिरला नगर, जती की लाईन, राठौर चौक, चौड़े के हनुमान मंदिर, न्यू ग्रेसिम बिहार कॉलोनी, ब्रहमोहन शिवहरे का तेलमिल, चुरैल का पेड, इन्द्रा नगर, लूटपुरा, चार शहर का नाका, राजा की मंडी किलागेट सराफा बाजार, बाबा कपूर घासमंडी चैराहा पर पहुँची और यहीं पर पदयात्रा का समापन किया गया। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर 30 जनवरी को प्रात: 9 बजे सार्वजनिक धर्मशाला हथियापौर में सीसी रोड़ का भूमिपूजन करेंगे। इसके पश्चात जगनापुरा, रायकॉलोनी, चन्दननगर में पदयात्रा करेंगे और चंदन राय की वाटिका में जन चौपाल में शामिल होंगे। मंत्री तोमर इसके पश्चात नौमेहला, आऊखाना, नाई मोहल्ला, गोल ताज मोहल्ला, बाबा कपूर, खारा कुआ में पदयात्रा करते हुए हलवाट खाना पहुँचेंगे। मंत्री की पदयात्रा यहीं पर समाप्त होगी।
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29 January 2021इंदौर। नगर निगम के कर्मचारियों के कारण शहर को शर्मसार होना पड़ा। दरअसल दो दिन से पड़ रही ठंड में फुटपाथ पर सोने वाले वृद्धों के साथ खजराना रैनबसेरा के दो कर्मचारियों ने अमानवीय व्यवहार किया। उन्हें रैनबसेरा न ले जाते हुए गांव में छोड़कर भाग रहे थे, लेकिन ग्रामीणों ने उन्हें देख लिया और विरोध किया। इसके बाद कर्मचारी बुजुर्गों को लेकर वापस शहर की ओर आए। इस दौरान दोनों कर्मचारियों ने बुजुर्गों के साथ अमानवीय व्यवहार किया, जिसका वीडियो वायरल होने के बाद निगमायुक्त ने दोनों की सेवा समाप्त कर दी। हाड़ कंपकंपा देने वाली ठंड से सुखद नींद के लिए निगम कर्मचारी फुटपाथ, मंदिरों के बाहर, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर रात बिताने वालों को रैनबसेरा ले जाते हैं। शहर के सभी 11 रैनबसेरों में अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था की गई है, ताकि कोई भी फुटपाथ पर सोने वाले को परेशान नहीं होना पड़े। रैनबसेरा की टीम रात को ऐसे लोगों को ढूंढकर गाडिय़ों में बैठाकर रैनबसेरा तक लाती है। यह क्रम कई सालों से चल रहा है। शिप्रा लेकर पहुंचे खजराना स्थित रैनबसेरा में पदस्थ कर्मचारी ब्रजेश लश्करी और विश्वास वाजपेयी अतिक्रमण निरोधक वाहन लेकर शहर में निकले। इस वाहन में फुटपाथ पर बैठे महिला-पुरुषों को मवेशियों की भांति खींचतान कर वाहन में बैठाया और देवास के नजदीक शिप्रा गांव लेकर पहुंचे। वहां इन्हें वाहन से उतारा जा रहा था, तभी ग्रामीणों ने विरोध किया तो वापस गाड़ी में बैठाकर जहां से बुजुर्गों को बैठाया था, वहां वापस छोड़ दिया गया। वीडियो वायरल होते ही मचा हड़कंप कर्मचारियों की इस कारगुजारी का वीडियो वायरल होते ही निगम में हड़कंप मच गया। तत्काल कर्मचारियों की लोकेशन पता की। मामला जैसे ही निगमायुक्त के पास पहुंचा, उन्होंने दोनों की सेवा समाप्त कर दी। साथ ही अन्य कर्मचारियों को कड़ी हिदायत दी कि इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं को रैनबसेरा लाते समय उनसे ठीक से व्यवहार करें। प्रभारी से साठंगाठ सूत्रों की मानें तो दोनों कर्मचारी पहले खजराना में कर्मचारी के रुप में कार्यरत थे। रैनबसेरा प्रभारी की साठगांठ से दोनों को सुपरवाइजर बना दिया है। सुपरवाइजर होने से वे रैनबसेरों के अन्य कर्मचारियों से दादागिरी करते हैं। उनकी शिकायत भी प्रभारी को की, मगर प्रभारी ने एक्शन नहीं लिया। निगम के सामने बड़ा सवाल -रैनबसेरा की टीम बुजुर्गों को लेकर गांव तक कैसे पहुंची। -क्या ग्रामीण झूठ बोल रहे हैं -क्या गांव वाले शहर में आकर वीडियो शूट कर चले गए। -क्या इस तरह स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी चल रही है। -क्या गरीब है तो उसे अतिक्रमण निरोधक वाहन में ठूंस-ठूंसकर बैठाया जाएगा। -क्या गरीब और पशु एक समान हैं। जीपीएस से क्यों नहीं मिली लोकेशन निगम ने अपने वाहनों की लोकेशन का पता करने उन्हें जीपीएस से जोड़ा गया है। इसके पीछे दूसरा कारण यह भी है कि वाहन में किसी प्रकार की छेड़छाड़ की आशंका नहीं रहे। आश्चर्य की बात है कि इस अतिक्रमण निरोधक वाहन में जीपीएस लगा था। वाहन शहरी क्षेत्र से बाहर कैसे निकला, उसकी लोकेशन क्यों चेक नहीं की गई। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। कांग्रेस ने पूछा क्या यही आपका सुशासन है? शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने इस घटना को दिल दहलाने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि ठंड में बुजुर्गों के साथ इस तरह का व्यवहार। क्या भाजपा सरकार की मानवता के प्रति संवेदनाएं खत्म हो गई हैं? क्या, यही आपका सुशासन है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अनुरोध जैन का कहना है कि निगम का अमानवीय चेहरा सामने आ गया है। जिस तरह जानवरों की तरह निगम की गाड़ी में भरकर बुजुर्गों को ले जाया गया वह शर्मनाक है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्यवक नरेंद्र सलूजा ने सोशल मीडिया पर कहा कि इंदौर नगर निगम के अधिकारी स्वच्छता के नाम पर भारी ठंड में बुजुर्गों को शिप्रा छोडऩे पहुंचे। अब अधिकारी बेचारे क्या करें, वो तो भाजपा की विचारधारा के अनुरूप ही तो काम कर रहे हैं? भाजपा ने भी तो आडवाणी जी, जोशी जी, यशवंत सिन्हा जैसे कई बुजुर्ग नेताओं को कब से छोड़ दिया है? इनका कहना है -ठंड से फुटपाथ पर विश्राम करने वालों को सुविधा देने के लिए रैनबसेरा लाया जाता है। कर्मचारी वहां कैसे और किसके आदेश से पहुंचे, यह पता किया जा रहा है। अभय राजनगांवकर, अपर आयुक्त। -कर्मचारियों का व्यवहार अमानवीय है। वीडियो की सत्यता देखने के बाद दोनों कर्मचरियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई है। प्रतिभा पाल, निगमायुक्त।
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29 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री अरविंद भदौरिया ने विभागीय योजनाओं के बारे में चाय पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन को लोक सेवाओं का बेहतर लाभ दिलवाने के लिए लगातार प्रयास किए जाएं। इसके लिए प्रमुख सचिवों के साथ चर्चा कर विभागों की सेवाओं को निश्चित समयावधि में देने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। वर्तमान में नागरिकों को लगभग 500 सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। मध्यप्रदेश इस दिशा में निरंतर प्रगति करेगा। मंत्री भदौरिया ने सहकारी समितियों में कम्प्यूटराईजेशन, सेल्समेन की नियुक्ति, सहकारी समिति के सदस्यों को बिना बाधा के भूखण्ड उपलब्ध करवाने जैसे विषयों पर बातचीत की।
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25 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री अरविंद भदौरिया ने विभागीय योजनाओं के बारे में चाय पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन को लोक सेवाओं का बेहतर लाभ दिलवाने के लिए लगातार प्रयास किए जाएं। इसके लिए प्रमुख सचिवों के साथ चर्चा कर विभागों की सेवाओं को निश्चित समयावधि में देने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा। वर्तमान में नागरिकों को लगभग 500 सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं। मध्यप्रदेश इस दिशा में निरंतर प्रगति करेगा। मंत्री भदौरिया ने सहकारी समितियों में कम्प्यूटराईजेशन, सेल्समेन की नियुक्ति, सहकारी समिति के सदस्यों को बिना बाधा के भूखण्ड उपलब्ध करवाने जैसे विषयों पर बातचीत की।
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25 January 2021भोपाल। गणतंत्र दिवस के अवसर पर मंगलवार, 26 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रीवा मुख्यालय पर आयोजित समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे और प्रदेशवासियों को संबोधित करेंगे। भोपाल मुख्यालय पर विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा और 31 जिला मुख्यालयों पर मंत्रि-परिषद के सदस्य जिला स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन करेंगे। जनसम्पर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने सोमवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-मंडल के सदस्य डॉ. नरोत्तम मिश्रा दतिया, गोपाल भार्गव सागर, तुलसीराम सिलावट इंदौर, कुंवर विजय शाह खंडवा, जगदीश देवड़ा मंदसौर, बिसाहूलाल सिंह अनूपपुर, यशोधरा राजे सिंधिया शिवपुरी, भूपेन्द्र सिंह जबलपुर, मीना सिंह मांडवे उमरिया, कमल पटेल हरदा, गोविन्द सिंह राजपूत छिंदवाड़ा, बृजेन्द्र प्रताप सिंह पन्ना, विश्वास कैलाश सारंग सीहोर, डॉ. प्रभुराम चौधरी रायसेन, डॉ. महेन्द्र सिंह सिसौदिया गुना, प्रद्युम्न सिंह तोमर ग्वालियर, प्रेमसिंह पटेल बड़वानी, ओमप्रकाश सकलेचा नीमच, उषा ठाकुर होशंगाबाद, अरविंद भदौरिया भिंड, डॉ. मोहन यादव उज्जैन, हरदीप सिंह डंग राजगढ़ और राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव धार जिले में राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे। इसी प्रकार राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह मुरैना, इंदर सिंह परमार शाजापुर, राम खेलावन पटेल सतना, रामकिशोर (नानो) कावरे बालाघाट, बृजेन्द्र सिंह यादव अशोकनगर, सुरेश धाकड़ बैतूल और ओपीएस भदौरिया छतरपुर में राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे और मुख्यमंत्री के प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन करेंगे। कलेक्टर्स इन जिलों में फहरायेंगे राष्ट्रीय ध्वज शेष जिले विदिशा, श्योपुर, अलीराजपुर, झाबुआ, बुरहानपुर, खरगोन, कटनी, मण्डला, डिण्डोरी, नरसिंहपुर, सिवनी, शहडोल, सिंगरौली, सीधी, दमोह, टीकमगढ़, देवास, रतलाम, आगर-मालवा और निवाड़ी में जिला कलेक्टर राष्ट्रीय ध्वज फहरायेंगे और मुख्यमंत्री के प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन करेंगे।
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25 January 2021भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 22 फरवरी से शुरु होगा और 26 मार्च तक चलेगा। इस सत्र में राज्य का बजट पेश होने के साथ विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का चुनाव भी होगा। सूत्रों की माने तो इस बार विधानसभा अध्यक्ष का पद विंध्य के खाते में जा सकता है। विधानसभा अध्यक्ष के लिए भाजपा आलाकमान ने नाम तय किए हैं। ऐसा होने पर 17 साल बाद विधानसभा अध्यक्ष का पद विंध्य के खाते में जाएगा। सूत्रों की मानं तो विंध्य से आने वाले भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ल और गिरीश गौतम में कोई एक अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। गिरीश गौतम रीवा के देवतालाब सीट से और केदारनाथ शुक्ल सीधी सीट से भाजपा विधायक हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री की सहमति की खबर है। दरअसल भाजपा पर विंध्य क्षेत्र के नेताओं को एडजस्ट करने का दबाव है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद 17 साल बाद विंध्य के खाते में जा सकता है। इससे पहले विंध्य से श्रीनिवास तिवारी 24 दिसम्बर 1993 से 11 दिसम्बर 2003 तक मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं। उनके बाद से विंध्य का कोई नेता इस पद पर नहीं रहा। इसके अलावा भाजपा अपने असंतुष्ट विधायकों को संतुष्ट करने के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भी अपने पास रख सकती है।
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25 January 2021भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 22 फरवरी से शुरु होगा और 26 मार्च तक चलेगा। इस सत्र में राज्य का बजट पेश होने के साथ विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का चुनाव भी होगा। सूत्रों की माने तो इस बार विधानसभा अध्यक्ष का पद विंध्य के खाते में जा सकता है। विधानसभा अध्यक्ष के लिए भाजपा आलाकमान ने नाम तय किए हैं। ऐसा होने पर 17 साल बाद विधानसभा अध्यक्ष का पद विंध्य के खाते में जाएगा। सूत्रों की मानं तो विंध्य से आने वाले भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ल और गिरीश गौतम में कोई एक अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। गिरीश गौतम रीवा के देवतालाब सीट से और केदारनाथ शुक्ल सीधी सीट से भाजपा विधायक हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री की सहमति की खबर है। दरअसल भाजपा पर विंध्य क्षेत्र के नेताओं को एडजस्ट करने का दबाव है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि विधानसभा अध्यक्ष का पद 17 साल बाद विंध्य के खाते में जा सकता है। इससे पहले विंध्य से श्रीनिवास तिवारी 24 दिसम्बर 1993 से 11 दिसम्बर 2003 तक मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष रहे हैं। उनके बाद से विंध्य का कोई नेता इस पद पर नहीं रहा। इसके अलावा भाजपा अपने असंतुष्ट विधायकों को संतुष्ट करने के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भी अपने पास रख सकती है।
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25 January 2021भोपाल। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संपूर्ण प्रदेश में आर्गेनिक मिशन के संचालन की आवश्यकता बताई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्राकृतिक स्वरूप को देखते हुए इसका हरसंभव विस्तार किया जाना चाहिए। यह बात राज्यपाल पटेल ने शनिवार को राजभवन में आर्गेनिक मिशन पर केन्द्रित प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि में आर्गेनिक उर्वरकों के उपयोग से कृषि लागत कम कर कृषकों की आय में वृद्धि पर केन्द्रित आर्गेनिक मिशन अभिनंदनीय है। मध्यप्रदेश में पशुधन, देश में सर्वाधिक है, दुग्ध उत्पादन में हम तीसरे नंबर पर हैं। अत: यह मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप राज्य शासन द्वारा विकसित आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के लक्ष्यों को पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रारंभिक चरण में आगर-मालवा स्थित सालरिया गौशाला में प्रोजेक्ट क्रियान्वित करने पर सहमति दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अन्य गौ-शालाओं में चरणबद्ध रूप से मिशन क्रियान्वित किया जाएगा। प्रदेश के कुछ गांवों को आदर्श आर्गेनिक ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे ग्रामीणों को आर्गेनिक प्रक्रियाएं अपनाने में मदद मिलेगी और वे इसके लाभ से भी परिचित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने आदिवासी तथा वन क्षेत्रों में रासायनिक खाद तथा कीटनाशक के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिये जन-जागरण अभियान चलाने की आवश्यकता बताई। प्रारंभ में राजभवन में अहमदाबाद के डॉ. भरत जे. पटेल द्वारा आर्गेनिक उर्वरकों के उपयोग से कृषि की लागत कम करने तथा कृषकों की आय बढ़ाने पर केन्द्रित प्रोजेक्ट संबंधी प्रस्तुतीकरण दिया गया। डॉ. पटेल द्वारा रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों का उपयोग कम कर आर्गेनिक उर्वरक के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए गुजरात और उत्तरप्रदेश में परियोजना संचालित की जा रही है। मृदा तथा वन संरक्षण, हरित एवं नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन तथा स्वच्छ दुग्ध कार्यक्रम भी इस परियोजना के अंग हैं। यह परियोजना ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था के उन्नयन के साथ जीवन-शैली से संबंधित रोगों जैसे रक्तचाप, मधुमेह आदि के नियंत्रण में भी सहायक है। इस अवसर पर किसान-कल्याण एवं कृषि मंत्री कमल पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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23 January 2021भोपाल। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संपूर्ण प्रदेश में आर्गेनिक मिशन के संचालन की आवश्यकता बताई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्राकृतिक स्वरूप को देखते हुए इसका हरसंभव विस्तार किया जाना चाहिए। यह बात राज्यपाल पटेल ने शनिवार को राजभवन में आर्गेनिक मिशन पर केन्द्रित प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि में आर्गेनिक उर्वरकों के उपयोग से कृषि लागत कम कर कृषकों की आय में वृद्धि पर केन्द्रित आर्गेनिक मिशन अभिनंदनीय है। मध्यप्रदेश में पशुधन, देश में सर्वाधिक है, दुग्ध उत्पादन में हम तीसरे नंबर पर हैं। अत: यह मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप राज्य शासन द्वारा विकसित आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के लक्ष्यों को पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रारंभिक चरण में आगर-मालवा स्थित सालरिया गौशाला में प्रोजेक्ट क्रियान्वित करने पर सहमति दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अन्य गौ-शालाओं में चरणबद्ध रूप से मिशन क्रियान्वित किया जाएगा। प्रदेश के कुछ गांवों को आदर्श आर्गेनिक ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे ग्रामीणों को आर्गेनिक प्रक्रियाएं अपनाने में मदद मिलेगी और वे इसके लाभ से भी परिचित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने आदिवासी तथा वन क्षेत्रों में रासायनिक खाद तथा कीटनाशक के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिये जन-जागरण अभियान चलाने की आवश्यकता बताई। प्रारंभ में राजभवन में अहमदाबाद के डॉ. भरत जे. पटेल द्वारा आर्गेनिक उर्वरकों के उपयोग से कृषि की लागत कम करने तथा कृषकों की आय बढ़ाने पर केन्द्रित प्रोजेक्ट संबंधी प्रस्तुतीकरण दिया गया। डॉ. पटेल द्वारा रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों का उपयोग कम कर आर्गेनिक उर्वरक के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए गुजरात और उत्तरप्रदेश में परियोजना संचालित की जा रही है। मृदा तथा वन संरक्षण, हरित एवं नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन तथा स्वच्छ दुग्ध कार्यक्रम भी इस परियोजना के अंग हैं। यह परियोजना ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था के उन्नयन के साथ जीवन-शैली से संबंधित रोगों जैसे रक्तचाप, मधुमेह आदि के नियंत्रण में भी सहायक है। इस अवसर पर किसान-कल्याण एवं कृषि मंत्री कमल पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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23 January 2021भोपाल। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संपूर्ण प्रदेश में आर्गेनिक मिशन के संचालन की आवश्यकता बताई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के प्राकृतिक स्वरूप को देखते हुए इसका हरसंभव विस्तार किया जाना चाहिए। यह बात राज्यपाल पटेल ने शनिवार को राजभवन में आर्गेनिक मिशन पर केन्द्रित प्रस्तुतीकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि में आर्गेनिक उर्वरकों के उपयोग से कृषि लागत कम कर कृषकों की आय में वृद्धि पर केन्द्रित आर्गेनिक मिशन अभिनंदनीय है। मध्यप्रदेश में पशुधन, देश में सर्वाधिक है, दुग्ध उत्पादन में हम तीसरे नंबर पर हैं। अत: यह मिशन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप राज्य शासन द्वारा विकसित आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के लक्ष्यों को पूर्ण करने में सहायक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रारंभिक चरण में आगर-मालवा स्थित सालरिया गौशाला में प्रोजेक्ट क्रियान्वित करने पर सहमति दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अन्य गौ-शालाओं में चरणबद्ध रूप से मिशन क्रियान्वित किया जाएगा। प्रदेश के कुछ गांवों को आदर्श आर्गेनिक ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। इससे ग्रामीणों को आर्गेनिक प्रक्रियाएं अपनाने में मदद मिलेगी और वे इसके लाभ से भी परिचित हो सकेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने आदिवासी तथा वन क्षेत्रों में रासायनिक खाद तथा कीटनाशक के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिये जन-जागरण अभियान चलाने की आवश्यकता बताई। प्रारंभ में राजभवन में अहमदाबाद के डॉ. भरत जे. पटेल द्वारा आर्गेनिक उर्वरकों के उपयोग से कृषि की लागत कम करने तथा कृषकों की आय बढ़ाने पर केन्द्रित प्रोजेक्ट संबंधी प्रस्तुतीकरण दिया गया। डॉ. पटेल द्वारा रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों का उपयोग कम कर आर्गेनिक उर्वरक के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए गुजरात और उत्तरप्रदेश में परियोजना संचालित की जा रही है। मृदा तथा वन संरक्षण, हरित एवं नवकरणीय ऊर्जा उत्पादन तथा स्वच्छ दुग्ध कार्यक्रम भी इस परियोजना के अंग हैं। यह परियोजना ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था के उन्नयन के साथ जीवन-शैली से संबंधित रोगों जैसे रक्तचाप, मधुमेह आदि के नियंत्रण में भी सहायक है। इस अवसर पर किसान-कल्याण एवं कृषि मंत्री कमल पटेल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया, पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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23 January 2021भोपाल। राजधानी भोपाल में शनिवार को कांग्रेस ने किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की अगुआई में राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा सहित सैकड़ों संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता जवाहर चौक पर जुटे। यहां से सभी ने राजभवन का घेराव करने के लिए कूच किया। कांग्रेस को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा और रोशनपुरा के पास ही कांग्रेसियों को रोक लिया गया। हालांकि कांग्रेसी नहीं माने और बैरिकेट के ऊपर चढ़ गए। इसके बाद पुलिस ने लाठियां बरसाईं और वॉटर कैनन भी चलाई। पुलिस ने कांग्रेसियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह, उनके बेटे जयवर्धन, विधायक कुणाल चौधरी समेत 20 नेताओं को गिरफ्तार किया गया। राजभवन का घेराव करने जा रहे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस की कार्यवाही पर पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने इसकी निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘किसानों के समर्थन में आज मध्यप्रदेश के भोपाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हज़ारों किसान भाइयों व कांग्रेसजनों पर शिवराज सरकार के ईशारे पर किये गये बर्बर लाठीचार्ज, आंसू गैस व वाटर केनन छोड़े जाने की व गिरफ़्तारी की कड़ी निंदा करता हूँ। उन्होंने कहा कि इस लाठीचार्ज में कई किसान भाइयों, कांग्रेसजनों, महिलाओं व मीडिया के साथियों को चोटे आयी है। उनके स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। किसानो के समर्थन में हमारा संघर्ष जारी रहेगा, हम ऐसे दमन से डरने-दबने वाले नहीं है।
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23 January 2021भोपाल। राजधानी भोपाल में शनिवार को कांग्रेस ने किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ की अगुआई में राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह, पूर्व पीसीसी अध्यक्ष अरुण यादव, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा सहित सैकड़ों संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता जवाहर चौक पर जुटे। यहां से सभी ने राजभवन का घेराव करने के लिए कूच किया। कांग्रेस को रोकने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा और रोशनपुरा के पास ही कांग्रेसियों को रोक लिया गया। हालांकि कांग्रेसी नहीं माने और बैरिकेट के ऊपर चढ़ गए। इसके बाद पुलिस ने लाठियां बरसाईं और वॉटर कैनन भी चलाई। पुलिस ने कांग्रेसियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोड़े। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह, उनके बेटे जयवर्धन, विधायक कुणाल चौधरी समेत 20 नेताओं को गिरफ्तार किया गया। राजभवन का घेराव करने जा रहे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं पर पुलिस की कार्यवाही पर पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने इसकी निंदा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘किसानों के समर्थन में आज मध्यप्रदेश के भोपाल में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हज़ारों किसान भाइयों व कांग्रेसजनों पर शिवराज सरकार के ईशारे पर किये गये बर्बर लाठीचार्ज, आंसू गैस व वाटर केनन छोड़े जाने की व गिरफ़्तारी की कड़ी निंदा करता हूँ। उन्होंने कहा कि इस लाठीचार्ज में कई किसान भाइयों, कांग्रेसजनों, महिलाओं व मीडिया के साथियों को चोटे आयी है। उनके स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। किसानो के समर्थन में हमारा संघर्ष जारी रहेगा, हम ऐसे दमन से डरने-दबने वाले नहीं है।
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23 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विप्रो के प्रमुख अजीम प्रेमजी उद्योग क्षेत्र के साथ ही समाजसेवा के क्षेत्र में अद्वितीय कार्य कर रहे हैं। उनके सामाजिक सेवाओं को एक उदाहरण और आदर्श माना जा सकता है। मध्यप्रदेश में अजीम प्रेम जी फाउंडेशन द्वारा विश्वविद्यालय स्थापना के लिए की गई पहल प्रशंसनीय है। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार फाउंडेशन को हर संभव सहयोग करेगी। इसके साथ ही भोपाल में विप्रो समूह द्वारा सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना के लिए दी गई सहमति मध्यप्रदेश के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा विप्रो के अजीम प्रेमजी से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रेमजी से शिक्षा योजनाओं, नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में सहयोगी बनने, बाल भवन में आदर्श आंगनवाड़ी की स्थापना और प्रदेश में कुपोषण उन्मूलन में सहयोगी बनने पर चर्चा की। वीडियो कानफ्रेंस में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, जनसंपर्क संचालक आशुतोष प्रताप सिंह भी उपस्थित थे। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर वीडियो कान्फ्रेंस में भोपाल में विप्रो के सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना के संबंध में चर्चा हुई। प्रेमजी ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे इस सेंटर की स्थापना के लिए सहमत हैं। इस संबंध में सभी जरूरी कार्य शुरु किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में कौशल विकास और उसके माध्यम से युवाओं को अधिकाधिक रोजगार देने का कार्य हो रहा है। आईटी क्षेत्र में भी युवाओं को अधिक अवसर मिलें, इस दृष्टि से ऐसे डेवलपमेंट सेंटर की उपयोगिता रहेगी। चर्चा में प्रेमजी ने कहा कि मध्यप्रदेश को विप्रो समूह की ओर से पूरा सहयोग मिलेगा। विश्वविद्यालय के लिए भोपाल में भूमि आवंटित, डेढ़ वर्ष में आकार लेगी योजना भोपाल में एपीएफ (अजीम प्रेमजी फाउंडेशन) को विश्वविद्यालय के लिए 50 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इसका प्रथम चरण शीघ्र प्रारंभ होगा। लक्ष्य यह है कि आगामी 18 माह में विश्वविद्यालय प्रारंभ हो जाए। मुख्यमंत्री ने प्रेमजी को आश्वस्त किया कि विश्वविद्यालय की स्थापना से जुड़े सभी कार्य समय पर संपन्न होंगे। भोपाल में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में यह विश्वविद्यालय एक महत्वपूर्ण संस्था के रूप में उभरेगा। विप्रो को बनायेंगे नॉलेज पार्टनर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अजीम प्रेमजी से आग्रह किया कि नई शिक्षा नीति के संदर्भ में विप्रो समूह क्रियान्वयन के स्तर पर नॉलेज पार्टनर बने, तो अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे। प्रशिक्षण से लेकर अन्य गतिविधियों में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन विशेषज्ञ सेवाएं उपलब्ध करवा सकता है। प्रेमजी ने मुख्यमंत्री के आग्रह को स्वीकार करते हुए नॉलेज पार्टनर बनने पर सहमति व्यक्त की। प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में कार्य का विस्तार करेगा फाउंडेशन मुख्यमंत्री को प्रेमजी ने जानकारी दी कि वर्तमान में मध्यप्रदेश के 1151 प्राथमिक और मिडिल स्कूलों में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन कार्य कर रहा है। अभी फाउंडेशन की गतिविधियां पांच जिलों में है। इसका अन्य जिलों में भी विस्तार किया जाएगा। भोपाल स्थित जवाहर बाल भवन में आदर्श आंगनवाड़ी की स्थापना और प्री-प्रायमरी शिक्षा के लिए राज्यस्तरीय रिसर्च सेंटर के विकास के लिए भी प्रयास होंगे। अभी फाउंडेशन द्वारा अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन के क्षेत्र में भी गतिविधियां संचालित हैं। कुपोषण उन्मूलन में सहयोग मुख्यमंत्री ने प्रेमजी को जानकारी दी की प्रदेश में स्वास्थ्य और शिक्षा पर फोकस किया गया है। फाउंडेशन द्वारा कुपोषण उन्मूलन और पोषण के प्रति जागरूकता के क्षेत्र में सहयोग की अपेक्षा है। प्रेमजी ने इस क्षेत्र में भी सहयोग प्रदान करने की बात कही। स्व-सहायता समूहों की रचनात्मकता के बारे में बताया मुख्यमंत्री ने प्रेमजी को बताया कि मध्यप्रदेश में साढ़े तीन लाख महिला स्व-सहायता समूह श्रेष्ठ कार्य कर रहे हैं। इन्हें आंदोलन का स्वरूप दिया गया है, जिससे समूहों की उपयोगिता और आर्थिक समृद्धि बढ़ी है। समूहों से जुड़ी लगभग 35 लाख महिलाएं कोरोना काल में भी फेस मास्क निर्माण के पुनीत कार्य से जुड़ी रहीं। उन्होंने रेडी टू ईट तैयार करने के लिए चल रही सात में से पांच फैक्टरी का संचालन संभाला है। राज्य सरकार ने समूहों को प्रशिक्षण, ब्याज सब्सिडी और मार्केटिंग की सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं।
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22 January 2021भोपाल। प्यारे मियां यौन शोषण मामले में एक नाबालिग की नींद की गोलियां खाने की वजह से हुई मौत के बाद पुलिस की निगरानी में गुरुवार दोपहर करीब 1.30 बजे उसका भदभदा विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। अब प्रशासन एवं महिला बाल विकास विभाग अपने पर दबाव महसूस कर रहा है, जिसके चलते वह अन्य पीड़िताओं को छोड़ने की योजना बना रहा है। बताया जा रहा है कि ऐसा करने के लिए कलेक्टर पर भारी दबाव है। हालांकि कलेक्टर ने इस पूरे मामले की जांच भी शुरू कर दी है। तलाशे जा रहे अन्य बच्चियों को बाहर निकालने के रास्ते अधिकारिक सूत्रों की मानें तो शेष बच्चियों को छोड़ने के लिए शासन रास्ते तलाश रहा है और बाल कल्याण समिति के सुरक्षा कारणों को देखते हुए नहीं छोड़ने की स्थिति में कौन उन्हें छोड़ सकता है, इसके लिए कानूनी रास्ते खोज रहा है। दरअसल, प्यारे मियां यौन शोषण से जुड़े इस केस में नाबालिग पीड़िताएं फरियादी हैं, न कि आरोपी या अपराधी। लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न है कि इनके न्यायालय के समक्ष बिना बयान दिए मौत होने की स्थिति में सबसे अधिक फायदा किसे होगा, स्वभाविक है कि वह नाम प्यारे मियां का ही है। यदि इनके न्यायालय के समक्ष बयान होने के पूर्व ही बच्चियों को उनके घर भेज दिया जाता है तो इसकी भी संभावना है कि परिवार या अन्य दबावों के चलते ये मजबूरन अपने बयान बदलने के लिए विवश कर दी जाएं। जिसको देखते हुए बताया जा रहा है कि बाल कल्याण समिति इन्हें सिर्फ न्यायालयीन बयान होने तक बालिका गृह या अन्य शासन की देखरेख में सुरक्षित स्थान पर रखना चाहती है । राष्ट्रीय बाल आयोग करेगा पूरे मामले की अपने स्तर पर जांच इधर, राष्ट्रीय बाल आयोग ने अपने स्तर पर जांच शुरू कर दी है। इसके लिए आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने जांच कमेटी गठित की है। यह कमेटी दिल्ली से भोपाल आकर जांच करेगी । श्री कानूनगो ने कहा है कि दिल्ली से भेजी जानेवाली जांच समिति 26 जनवरी के बाद इस माह के अंत के दिनों में भोपाल पहुंचकर अपनी जांच में जुट जाएगी, जोकि जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय स्तर पर आगे क्या करना है निर्णय होगा। इस दौरान राष्ट्रीय बाल आयोग के अघ्यक्ष श्री कानूनगो ने यह भी बताया कि उन्होंने 9 जनवरी को बालिका गृह का निरीक्षण किया था। जहां कई तरह की खामियां पाई गई थीं। उन कमियों को दूर करने के लिए आयोग ने कलेक्टर को 9 बिंदुओं पर सिफारिश की थी, लेकिन दुख की बात है कि अब तक उस पर क्या अमल हुआ इसकी कोई जानकारी हमें उपलब्ध नहीं कराई गई, जिससे साफ है कि उन सिफारिशों पर अभी तक अमल नहीं हुआ है। इसी वजह से आयोग अब अपने स्तर पर मामले की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ खुद से प्रकरण दर्ज कराएगा। सीडब्लूसी सदस्य कृपा शंकर चौबे ने रखा अपना पक्ष, एक समाचार पत्र के कारनामें से हुए दुखी वहीं, इस मामले में एक समाचार पत्र द्वारा बालकल्याण समिति (सीडब्लूसी) के सदस्य कृपा शंकर चौबे का नाम प्रमुखता से लिखने एवं उन पर तमाम आरोप लगाने को लेकर श्री चौबे ने अब मीडिया के बीच अपना पक्ष रखा है। कृपा शंकर का कहना है कि मैं पिछले कई दिनों से कोरोना वायरस से पीड़ित हूं। यहां तक कि मेरा पूरा परिवार ही कोरोना संक्रमित हो गया, जिसके कारण से मैं अभी कुछ दिनों तक अस्पताल में भी भर्ती रहा, अब घर आकर डॉक्टरों की सलाह से आराम कर रहा हूं। मुझे चिकित्सकों के स्पष्ट निर्देश हैं कि जब तक पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो जाते, आपको घर से नहीं निकलना है। ऐसे में जब पीड़िता की मौत का मामला हुआ तब पूरे प्रकरण में मैं ना तो बालकल्याण समिति के दफ्तर में गया और ना ही बालिका गृह, ऐसे में मुझे घोर आपत्ति है कि मेरा नाम मीडिया में मुझसे बात किए बगैर घसीटा गया है। उनका कहना है कि पूर्व में भी इस समाचार पत्र द्वारा ऐसे ही मेरे अनुपस्थित होने के बाद भी एक अन्य मामले में मेरा नाम जोड़ दिया गया था। उनका कहना है कि वे अब इस समाचार पत्र व उसकी उक्त पत्रकार के द्वारा उनका नाम घसीटने के कारण बहुत क्षुब्ध हैं । बच्चियों को बालिका गृह से छोड़ने के प्रश्न पर उनका कहना था कि हम बेवजह किसी की बच्ची को परिवार से दूर रखना नहीं चाहते। उनका दावा है कि समिति ने अब तक तमाम केस सफलता से हल किए और बच्चियों को पूरी सुरक्षा गारंटी एवं उनके आगे बढ़ने के रास्तों को देखते हुए उनके घर पहुंचाया है। जिसका रिकार्ड भी मौजूद है। इसलिए यह कहना कि हम जबरन किसी बच्ची को रोकते हैं गलत होगा। उन्होंने कहा कि बालकल्याण समिति का काम बच्चों को सुरक्षा मुहैया करना है एवं उनके साथ कुछ गलत हुआ है तो ऐसे में बुरा करनेवालों के लिए बच्चों के हित में उनके साथ खड़े रहना है। प्यारे मियां मामले में बालिकाओं के हित में जो निर्णय लेना चाहिए, वहीअब तक हमने लिए हैं और आगे भी लेंगे।
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22 January 2021भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में युवक कांग्रेस शनिवार को राजभवन का घेराव करेगी। कांग्रेस के इस घेराव कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। इस संबंध में जानकारी देते हुए मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी ने बताया कि कल होने वाले कांग्रेस पार्टी के राजभवन घेराव में युवक कांग्रेस अपने अध्यक्ष डॉ विक्रांत भूरिया के नेतृत्व में बढ़ चढक़र हिस्सा लेगी।विवेक त्रिपाठी ने शुक्रवार को मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि 23 जनवरी को कांग्रेस पार्टी किसानों के सम्मान में अपना समर्थन देते हुए राजभवन का घेराव करेगी, जिसमें प्रदेशभर से आए युवक कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भारी संख्या में शामिल होंगे। त्रिपाठी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने युवक कांग्रेस को किसानों की लड़ाई में मजबूती के साथ खड़ा रहने का निर्देश दिया है जिसका पालन करते हुए कल युवक कांग्रेस अध्यक्ष विक्रांत भूरिया के नेतृत्व में अपना समर्थन कांग्रेस पार्टी और किसानों को देगी। विवेक त्रिपाठी के अनुसार शुक्रवार को इसी विषय पर चर्चा करने के लिए मैंने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर उनसे मिलकर चर्चा की है। जिसमें कमलनाथ ने आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए हैं। उन्होंने बताया कि कल होने वाले राजभवन घेराव के लिए युवक कांग्रेस ने आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली है पूरे प्रदेश भर से हमारे कार्यकर्ता, पदाधिकारी और नेता भोपाल पहुंच चुके हैं। उनसे आगामी रणनीतियों पर चर्चा भी हो चुकी है, हम कल इस गूंगी बहरी सरकार के खिलाफ किसानों की आवाज को बुलंद करने अपना मोर्चा खोलेंगे।
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22 January 2021अनूपपु। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रह्लाद सिंह पटेल ने शुक्रवार को केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजनान्तर्गत धार्मिक पर्यटन क्षेत्र अमरकंटक में 49.98 करोड़ लागत के विकास कार्यों का शिलान्यास एवं मिनी स्मार्ट सिटी अमरकंटक योजना के तहत 8.01 करोड़ लागत के कार्यों का लोकार्पण तथा 24.92 करोड़ लागत के विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। इस दौरान इस दौरान केंद्रीय, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), भारत सरकार प्रह्लाद सिंह पटेल बिसाहूलाल सिंह खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री, उषा बाबू सिंह ठाकुर, पर्यटन, संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री,मीना सिंह, आदिम जाति कल्याण एवं जनजातीय कार्य विभाग मंत्री, एवं हिमाद्रि सिंह, सांसद, सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। पर्यटन मंत्रालय द्वारा माँ नर्मदा एवं सोन नदी के उद्गम क्षेत्र तीर्थराज अमरकंटक में दर्शनार्थियों की सुविधा एवं पर्यटन के विकास हेतु प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन ड्राइव) योजना अंतर्गत 49.98 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। योजनांतर्गत आकल्पित विकास कार्यों में क्षेत्र के सौंदर्यीकरण, संरक्षण, संवर्धन एवं पर्यटन विकास के कार्यों को समाहित किया गया है। उक्त विकास कार्यों को 2 वर्ष की अवधि में अमलीजामा पहनाया जाएगा। प्रसाद योजनांतर्गत माँ नर्मदा उद्गम मंदिर में 4.12 करोड़ रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण संरक्षण एवं दर्शनार्थियों की सुविधा हेतु कार्य किए जाएँगे। कुंड के जल शुद्धिकरण हेतु 38.23 लाख लागत का फिल्टर प्लांट एवं ग्रैविटी फिल्टर बेड,12.11 लाख रुपये की सोलर पैनल इन्स्टालेशन का कार्य किया जाएगा। माँ नर्मदा उद्गम मंदिर एवं पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित कल्चुरी मंदिर परिसर में 1 करोड़ 62 लाख की लागत से मंदिर को मोनोक्रोमैटिक लाइटिंग से सुसज्जित करने का कार्य किया जाएगा। परिक्रमा वासियों हेतु 55.33 लाख की लागत से किचन एवं भोजन परिसर व्यवस्था की जाएगी। इसके अतिरिक्त लैंडस्केपिंग, प्रवेश द्वार एवं परिसर के सौंदर्यीकरण के कार्य किए जाएँगे। इंद्रदमन ताल में 1 करोड़ 11 लाख की लागत से सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाएगा। माँ नर्मदा के उद्गम दक्षिणी तट में 16 करोड़ 11 लाख की लागत से लैंडस्केपिंग, उद्यान विकास, डेकोरेटिव पोस्ट लाइटिंग, चेन लिंक फेंसिंग, पाथवे, कार्व्ड स्टोरी पैनल, सीसीटीवी, जनसुविधाएँ टॉयलेट ब्लॉक, कपड़े बदलने हेतु कीयोस्क, वाहन पार्किंग क्षेत्र, स्टोन बेंच आदि का कार्य किया जाएगा। उक्त कार्यों में माँ नर्मदा पर 7 करोड़ 81 लाख की लागत से पदयात्री पुल का निर्माण कार्य शामिल है। विशाल कथा आयोजनो हेतु 1 करोड़ 32 लाख की लागत से 1290 वर्ग मीटर क्षेत्र में विशाल कथा मंडप विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही आंतरिक पैदल पथ, हाई मास्ट एवं डेकोरेटिव लाइटिंग, फेंसिंग, उद्यान, प्रशासनिक भवन, सीसीटीवी, प्रवेश द्वार, जन सुविधाओं सहित कुल 7 करोड़ 99 लाख 81 हजार की लागत से विकास कार्य किए जाएँगे। माई की बगिया, सोनमुड़ा एवं कपिलधारा में 5 करोड़ 40 लाख रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाकर उन्हें और आकर्षक बनाया जाएगा। इनमें सम्बंधित स्थलों से सम्बंधित किवंदितियों को आकर्षक पैनल के माध्यम से प्रदर्शित करना, लैंडस्केपिंग, डेकोरेटिव लाइटिंग, स्टोन बेंच, सोलर पैनल, पाथवे, विश्राम गृह, पार्किंग क्षेत्र, पेय जल सुविधा एवं अन्य जन सुविधाएँ शामिल हैं।
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21 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने के बारे में सरकार ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। मुख्यमंत्री के इस बयान पर भाजपा की वरिष्ठ नेत्री और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी का यह वक्तव्य अभिनंदनीय है। भाजपा की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने गुरुवार को सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा है कि कोरोनाकाल के लॉकडाउन के समय पर लगभग शराबबंदी की स्थिति रही। इससे यह तथ्य स्पष्ट हो गया है कि अन्य कारणों एवं कोरोना से लोगों की मृत्यु हुई किंतु शराब नहीं पीने से कोई नहीं मरा। उन्होंने कहा कि अभी हाल में उप्र एवं मप्र में शराब पीने से बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु हुई सडक़ दुर्घटनाओं के अधिकतर कारण तो ड्राइवर का शराब पीना ही होता है। यह बड़े आश्चर्य की बात है कि शराब मृत्यु का दूत है, फिर भी थोड़े से राजस्व का लालच एवं शराब माफिया का दबाव शराबबंदी नहीं होने देता है। उन्होंने अगले ट्वीट में कहा कि अगर देखा जाए तो सरकारी व्यवस्था ही लोगों को शराब पिलाने का प्रबंध करती है, जैसे मां जिसकी जिम्मेदारी अपने बालक को पोषण करते हुए रक्षा करने की होती है, वही मां अगर बच्चे को जहर पिला दे तो, सरकारी तंत्र के द्वारा शराब की दुकाने खोलना ऐसे ही है। उन्होंने आगे लिखा लिखा कि- मैं तो अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी से इस ट्वीट के माध्यम से सार्वजनिक अपील करती हूं कि जहां भी भाजपा की सरकारें हैं उन राज्यों में पूर्ण शराबबंदी की तैयारी करिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को चुनाव जीतने का दबाव रहता है बिहार की भाजपा की जीत यह साबित करती है कि शराबबंदी के कारण ही महिलाओं ने एकतरफा वोट नीतीश कुमार जी को दिये। शराबबंदी कहीं से भी घाटे का सौदा नहीं है शराब बंदी से राजस्व को हुई क्षति को कहीं से भी पूरा किया जा सकता है किंतु शराब के नशे में बलात्कार, हत्याएं, दुर्घटनाएं छोटी बालिकाओं के साथ दुष्कर्म जैसी घटनाएं भयावह हैं तथा देश एवं समाज के लिए कलंक है। कानून व्यवस्था को मेंटेन करने के लिए हजारों करोड़ रूपये खर्च होते हैं समाज में संतुलन बनाए रखने के लिए शराबबंदी एक महत्वपूर्ण कदम है इस पर एक डिबेट शुरू की जा सकती है।
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21 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर हाथ को काम मिले, इसके लिए लगातार प्रयास होंगे। युवा बुलंद हौसलों के साथ कार्य करें, सरकार उनके साथ है। चौहान ने कहा कि कोरोना काल से बिगड़ी अर्थ-व्यवस्था को तेजी से ठीक करने के प्रयास किए गए हैं। आर्थिक कठिनाइयों का रोना न रोते हुए हमने रास्ते निकाले हैं, यही सरकार और नेतृत्व का दायित्व भी है। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने बुधवार को राजधानी भोपाल के मिण्टो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश स्तरीय 'रोजगार उत्सव' का शुभारंभ करते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकार के बजट का बड़ा हिस्सा वेतन के वितरण में चला जाता है और इसी बजट से विकास कार्य भी करने होते हैं, लेकिन इससे समझौता नहीं हो सकता। युवाओं को बाजार की मांग और आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षित करना सरकार की प्राथमिकता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में अधोसंरचना, कृषि, खाद्य प्र-संस्करण, उद्यानिकी आदि के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया है। खनिजों के दोहन और स्थानीय उत्पाद को प्रोत्साहित करने का कार्य हो रहा है। गत कुछ माह में 100 से अधिक रोजगार मेले भी लगाए गए हैं। हर महीने 1 लाख और वर्ष में 12 लाख युवा रोजगार या स्व-रोजगार हासिल कर लें, यह लक्ष्य लेकर कार्य शुरू किया है। नौजवानों को जीविका का साधन उपलब्ध करवा कर नई जिन्दगी दें, इसी उद्देश्य के साथ मध्यप्रदेश आत्म-निर्भर बनेगा। मध्यप्रदेश की विशेषताएँ समृद्धि दिलवाएंगी चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्थानीय हुनर को प्रोत्साहन दिया जाएगा। दीपावली पर उपयोग में आने वाला दिया चीन से नहीं आना चाहिए। भारत में निर्मित वस्तुओं का ही उपयोग हो और हम लोकल को वोकल बनाने का कार्य करें। मध्यप्रदेश का बाघ प्रिंट, चंदेरी की साड़ियाँ, अगरिया समुदाय द्वारा निर्मित किए जाने वाले लौह उत्पाद प्रसिद्ध हैं। 'एक जिला एक उत्पाद' के अंतर्गत जिलों के उत्पाद और विशेष वस्तुओं को अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध करवाने का प्रयास सरकार का है। ग्लोबल स्किल पार्क देगा युवाओं को प्रशिक्षण मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल के ग्लोबल स्किल पार्क से प्रथम वर्ष में 6 हजार और फिर आगे प्रतिवर्ष 10 हजार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्किल पार्क होगा। इसे वर्ष 2022 तक निर्मित करने का लक्ष्य है। मॉडल आईटीआई के माध्यम से भी प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों में युवाओं को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था की गई है। पुरानी योजनाओं की री-पैकेजिंग भी की जा रही है। इन सभी कार्यों में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। श्रम सिद्धि अभियान चौहान ने कहा कि प्रदेश में 32 लाख नये श्रमिकों को जॉब कार्ड उपलब्ध करवाए गए हैं। करीब 92 लाख श्रमिकों को रोजगार भी दिलवाया गया है। वर्ष 2020-21 में हुआ यह कार्य प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा रोजगार अभियान भी बन गया। स्व-सहायता समूहों से मिली मदद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रोजगार के माध्यम से विभिन्न वर्गों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। स्व-सहायता समूहों के माध्यम से सामग्री के निर्माण और विक्रय का तंत्र सशक्त किया गया है। करीब पौने तीन लाख नए परिवार लगभग 25 हजार समूह से जुड़े हैं। पर्यटन से रोजगार के अंतर्गत बफर में सफर, नाईट सफारी और धार्मिक स्थानों के विकास के कार्यों से लोगों को आर्थिक संबल मिला है। रोजगार पोर्टल कारगर सिद्ध होगा उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से 46 हजार नियुक्तियाँ संभव हो सकी। पोर्टल के माध्यम से 35 हजार नियोक्ता और 7 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक एक प्लेटफार्म पर आकर परस्पर जुड़ सके हैं। पुलिस में भर्ती के साथ ही अन्य विभागों के करीब 5 हजार रिक्त पद भरने की प्रक्रिया को गति दी गई है। औद्योगिक प्रगति के प्रयास मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज रोजगार सबसे बड़ी प्राथमिकता है। युवाओं को उनकी योग्यता और क्षमता के मुताबिक कार्य मिले, इसके लिए बहुमुखी प्रयास किए जा रहे हैं। जहाँ नर्मदा जल का पूरा उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है वहीं इंडस्ट्रियल कल्स्टर बनाने, चंबल क्षेत्र में अटल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से औद्योगिक प्रगति आसान होगी। एक्सप्रेस-वे के निकट उद्योग विकसित होंगे। मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों के युवाओं एवं शीर्ष नियोक्ताओं से संवाद भी किया। कार्यक्रम की विशेष अतिथि खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला प्रांत है, जिसने आत्म-निर्भर भारत के अंतर्गत आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोड मेप बनाया। सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 138 रोजगार मेलों के माध्यम से बड़ी संख्या में युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार दिलवाने में इस साल सफलता मिली है, निश्चित ही यह बड़ी उपलब्धि है। उल्लेखनीय है कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश अभियान के तहत प्रदेश के युवाओं को रोजगारपरक तकनीकी कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान करने की मुहिम में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने रोजगार मेलों के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। इस वित्त वर्ष में अब तक विभिन्न विभाग द्वारा लगभग 1 लाख 45 हजार युवाओं को रोजगार एवं स्व-रोजगार के अवसर दिलवाए गए हैं। कार्यक्रम में वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा, जल संसाधन, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट, खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, पर्यटन संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री सुउषा ठाकुर, प्रमुख सचिव करलिन खोंगवार, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील गुप्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का दूरदर्शन, क्षेत्रीय न्यूज चैनल्स एवं सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर सीधा प्रसारण हुआ।
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20 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर हाथ को काम मिले, इसके लिए लगातार प्रयास होंगे। युवा बुलंद हौसलों के साथ कार्य करें, सरकार उनके साथ है। चौहान ने कहा कि कोरोना काल से बिगड़ी अर्थ-व्यवस्था को तेजी से ठीक करने के प्रयास किए गए हैं। आर्थिक कठिनाइयों का रोना न रोते हुए हमने रास्ते निकाले हैं, यही सरकार और नेतृत्व का दायित्व भी है। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने बुधवार को राजधानी भोपाल के मिण्टो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश स्तरीय 'रोजगार उत्सव' का शुभारंभ करते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकार के बजट का बड़ा हिस्सा वेतन के वितरण में चला जाता है और इसी बजट से विकास कार्य भी करने होते हैं, लेकिन इससे समझौता नहीं हो सकता। युवाओं को बाजार की मांग और आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षित करना सरकार की प्राथमिकता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में अधोसंरचना, कृषि, खाद्य प्र-संस्करण, उद्यानिकी आदि के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया है। खनिजों के दोहन और स्थानीय उत्पाद को प्रोत्साहित करने का कार्य हो रहा है। गत कुछ माह में 100 से अधिक रोजगार मेले भी लगाए गए हैं। हर महीने 1 लाख और वर्ष में 12 लाख युवा रोजगार या स्व-रोजगार हासिल कर लें, यह लक्ष्य लेकर कार्य शुरू किया है। नौजवानों को जीविका का साधन उपलब्ध करवा कर नई जिन्दगी दें, इसी उद्देश्य के साथ मध्यप्रदेश आत्म-निर्भर बनेगा। मध्यप्रदेश की विशेषताएँ समृद्धि दिलवाएंगी चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्थानीय हुनर को प्रोत्साहन दिया जाएगा। दीपावली पर उपयोग में आने वाला दिया चीन से नहीं आना चाहिए। भारत में निर्मित वस्तुओं का ही उपयोग हो और हम लोकल को वोकल बनाने का कार्य करें। मध्यप्रदेश का बाघ प्रिंट, चंदेरी की साड़ियाँ, अगरिया समुदाय द्वारा निर्मित किए जाने वाले लौह उत्पाद प्रसिद्ध हैं। 'एक जिला एक उत्पाद' के अंतर्गत जिलों के उत्पाद और विशेष वस्तुओं को अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध करवाने का प्रयास सरकार का है। ग्लोबल स्किल पार्क देगा युवाओं को प्रशिक्षण मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल के ग्लोबल स्किल पार्क से प्रथम वर्ष में 6 हजार और फिर आगे प्रतिवर्ष 10 हजार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्किल पार्क होगा। इसे वर्ष 2022 तक निर्मित करने का लक्ष्य है। मॉडल आईटीआई के माध्यम से भी प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों में युवाओं को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था की गई है। पुरानी योजनाओं की री-पैकेजिंग भी की जा रही है। इन सभी कार्यों में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। श्रम सिद्धि अभियान चौहान ने कहा कि प्रदेश में 32 लाख नये श्रमिकों को जॉब कार्ड उपलब्ध करवाए गए हैं। करीब 92 लाख श्रमिकों को रोजगार भी दिलवाया गया है। वर्ष 2020-21 में हुआ यह कार्य प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा रोजगार अभियान भी बन गया। स्व-सहायता समूहों से मिली मदद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रोजगार के माध्यम से विभिन्न वर्गों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। स्व-सहायता समूहों के माध्यम से सामग्री के निर्माण और विक्रय का तंत्र सशक्त किया गया है। करीब पौने तीन लाख नए परिवार लगभग 25 हजार समूह से जुड़े हैं। पर्यटन से रोजगार के अंतर्गत बफर में सफर, नाईट सफारी और धार्मिक स्थानों के विकास के कार्यों से लोगों को आर्थिक संबल मिला है। रोजगार पोर्टल कारगर सिद्ध होगा उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से 46 हजार नियुक्तियाँ संभव हो सकी। पोर्टल के माध्यम से 35 हजार नियोक्ता और 7 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक एक प्लेटफार्म पर आकर परस्पर जुड़ सके हैं। पुलिस में भर्ती के साथ ही अन्य विभागों के करीब 5 हजार रिक्त पद भरने की प्रक्रिया को गति दी गई है। औद्योगिक प्रगति के प्रयास मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज रोजगार सबसे बड़ी प्राथमिकता है। युवाओं को उनकी योग्यता और क्षमता के मुताबिक कार्य मिले, इसके लिए बहुमुखी प्रयास किए जा रहे हैं। जहाँ नर्मदा जल का पूरा उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है वहीं इंडस्ट्रियल कल्स्टर बनाने, चंबल क्षेत्र में अटल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से औद्योगिक प्रगति आसान होगी। एक्सप्रेस-वे के निकट उद्योग विकसित होंगे। मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों के युवाओं एवं शीर्ष नियोक्ताओं से संवाद भी किया। कार्यक्रम की विशेष अतिथि खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला प्रांत है, जिसने आत्म-निर्भर भारत के अंतर्गत आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोड मेप बनाया। सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 138 रोजगार मेलों के माध्यम से बड़ी संख्या में युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार दिलवाने में इस साल सफलता मिली है, निश्चित ही यह बड़ी उपलब्धि है। उल्लेखनीय है कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश अभियान के तहत प्रदेश के युवाओं को रोजगारपरक तकनीकी कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान करने की मुहिम में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने रोजगार मेलों के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। इस वित्त वर्ष में अब तक विभिन्न विभाग द्वारा लगभग 1 लाख 45 हजार युवाओं को रोजगार एवं स्व-रोजगार के अवसर दिलवाए गए हैं। कार्यक्रम में वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा, जल संसाधन, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट, खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, पर्यटन संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री सुउषा ठाकुर, प्रमुख सचिव करलिन खोंगवार, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील गुप्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का दूरदर्शन, क्षेत्रीय न्यूज चैनल्स एवं सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर सीधा प्रसारण हुआ।
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20 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर हाथ को काम मिले, इसके लिए लगातार प्रयास होंगे। युवा बुलंद हौसलों के साथ कार्य करें, सरकार उनके साथ है। चौहान ने कहा कि कोरोना काल से बिगड़ी अर्थ-व्यवस्था को तेजी से ठीक करने के प्रयास किए गए हैं। आर्थिक कठिनाइयों का रोना न रोते हुए हमने रास्ते निकाले हैं, यही सरकार और नेतृत्व का दायित्व भी है। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने बुधवार को राजधानी भोपाल के मिण्टो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश स्तरीय 'रोजगार उत्सव' का शुभारंभ करते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकार के बजट का बड़ा हिस्सा वेतन के वितरण में चला जाता है और इसी बजट से विकास कार्य भी करने होते हैं, लेकिन इससे समझौता नहीं हो सकता। युवाओं को बाजार की मांग और आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षित करना सरकार की प्राथमिकता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में अधोसंरचना, कृषि, खाद्य प्र-संस्करण, उद्यानिकी आदि के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया है। खनिजों के दोहन और स्थानीय उत्पाद को प्रोत्साहित करने का कार्य हो रहा है। गत कुछ माह में 100 से अधिक रोजगार मेले भी लगाए गए हैं। हर महीने 1 लाख और वर्ष में 12 लाख युवा रोजगार या स्व-रोजगार हासिल कर लें, यह लक्ष्य लेकर कार्य शुरू किया है। नौजवानों को जीविका का साधन उपलब्ध करवा कर नई जिन्दगी दें, इसी उद्देश्य के साथ मध्यप्रदेश आत्म-निर्भर बनेगा। मध्यप्रदेश की विशेषताएँ समृद्धि दिलवाएंगी चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्थानीय हुनर को प्रोत्साहन दिया जाएगा। दीपावली पर उपयोग में आने वाला दिया चीन से नहीं आना चाहिए। भारत में निर्मित वस्तुओं का ही उपयोग हो और हम लोकल को वोकल बनाने का कार्य करें। मध्यप्रदेश का बाघ प्रिंट, चंदेरी की साड़ियाँ, अगरिया समुदाय द्वारा निर्मित किए जाने वाले लौह उत्पाद प्रसिद्ध हैं। 'एक जिला एक उत्पाद' के अंतर्गत जिलों के उत्पाद और विशेष वस्तुओं को अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध करवाने का प्रयास सरकार का है। ग्लोबल स्किल पार्क देगा युवाओं को प्रशिक्षण मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल के ग्लोबल स्किल पार्क से प्रथम वर्ष में 6 हजार और फिर आगे प्रतिवर्ष 10 हजार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्किल पार्क होगा। इसे वर्ष 2022 तक निर्मित करने का लक्ष्य है। मॉडल आईटीआई के माध्यम से भी प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों में युवाओं को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था की गई है। पुरानी योजनाओं की री-पैकेजिंग भी की जा रही है। इन सभी कार्यों में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। श्रम सिद्धि अभियान चौहान ने कहा कि प्रदेश में 32 लाख नये श्रमिकों को जॉब कार्ड उपलब्ध करवाए गए हैं। करीब 92 लाख श्रमिकों को रोजगार भी दिलवाया गया है। वर्ष 2020-21 में हुआ यह कार्य प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा रोजगार अभियान भी बन गया। स्व-सहायता समूहों से मिली मदद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रोजगार के माध्यम से विभिन्न वर्गों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। स्व-सहायता समूहों के माध्यम से सामग्री के निर्माण और विक्रय का तंत्र सशक्त किया गया है। करीब पौने तीन लाख नए परिवार लगभग 25 हजार समूह से जुड़े हैं। पर्यटन से रोजगार के अंतर्गत बफर में सफर, नाईट सफारी और धार्मिक स्थानों के विकास के कार्यों से लोगों को आर्थिक संबल मिला है। रोजगार पोर्टल कारगर सिद्ध होगा उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से 46 हजार नियुक्तियाँ संभव हो सकी। पोर्टल के माध्यम से 35 हजार नियोक्ता और 7 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक एक प्लेटफार्म पर आकर परस्पर जुड़ सके हैं। पुलिस में भर्ती के साथ ही अन्य विभागों के करीब 5 हजार रिक्त पद भरने की प्रक्रिया को गति दी गई है। औद्योगिक प्रगति के प्रयास मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज रोजगार सबसे बड़ी प्राथमिकता है। युवाओं को उनकी योग्यता और क्षमता के मुताबिक कार्य मिले, इसके लिए बहुमुखी प्रयास किए जा रहे हैं। जहाँ नर्मदा जल का पूरा उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है वहीं इंडस्ट्रियल कल्स्टर बनाने, चंबल क्षेत्र में अटल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से औद्योगिक प्रगति आसान होगी। एक्सप्रेस-वे के निकट उद्योग विकसित होंगे। मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों के युवाओं एवं शीर्ष नियोक्ताओं से संवाद भी किया। कार्यक्रम की विशेष अतिथि खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला प्रांत है, जिसने आत्म-निर्भर भारत के अंतर्गत आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोड मेप बनाया। सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 138 रोजगार मेलों के माध्यम से बड़ी संख्या में युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार दिलवाने में इस साल सफलता मिली है, निश्चित ही यह बड़ी उपलब्धि है। उल्लेखनीय है कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश अभियान के तहत प्रदेश के युवाओं को रोजगारपरक तकनीकी कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान करने की मुहिम में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने रोजगार मेलों के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। इस वित्त वर्ष में अब तक विभिन्न विभाग द्वारा लगभग 1 लाख 45 हजार युवाओं को रोजगार एवं स्व-रोजगार के अवसर दिलवाए गए हैं। कार्यक्रम में वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा, जल संसाधन, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट, खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, पर्यटन संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री सुउषा ठाकुर, प्रमुख सचिव करलिन खोंगवार, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील गुप्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का दूरदर्शन, क्षेत्रीय न्यूज चैनल्स एवं सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर सीधा प्रसारण हुआ।
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20 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर हाथ को काम मिले, इसके लिए लगातार प्रयास होंगे। युवा बुलंद हौसलों के साथ कार्य करें, सरकार उनके साथ है। चौहान ने कहा कि कोरोना काल से बिगड़ी अर्थ-व्यवस्था को तेजी से ठीक करने के प्रयास किए गए हैं। आर्थिक कठिनाइयों का रोना न रोते हुए हमने रास्ते निकाले हैं, यही सरकार और नेतृत्व का दायित्व भी है। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों के लिए धन की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने बुधवार को राजधानी भोपाल के मिण्टो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश स्तरीय 'रोजगार उत्सव' का शुभारंभ करते हुए कही। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकार के बजट का बड़ा हिस्सा वेतन के वितरण में चला जाता है और इसी बजट से विकास कार्य भी करने होते हैं, लेकिन इससे समझौता नहीं हो सकता। युवाओं को बाजार की मांग और आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षित करना सरकार की प्राथमिकता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रदेश में अधोसंरचना, कृषि, खाद्य प्र-संस्करण, उद्यानिकी आदि के माध्यम से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया है। खनिजों के दोहन और स्थानीय उत्पाद को प्रोत्साहित करने का कार्य हो रहा है। गत कुछ माह में 100 से अधिक रोजगार मेले भी लगाए गए हैं। हर महीने 1 लाख और वर्ष में 12 लाख युवा रोजगार या स्व-रोजगार हासिल कर लें, यह लक्ष्य लेकर कार्य शुरू किया है। नौजवानों को जीविका का साधन उपलब्ध करवा कर नई जिन्दगी दें, इसी उद्देश्य के साथ मध्यप्रदेश आत्म-निर्भर बनेगा। मध्यप्रदेश की विशेषताएँ समृद्धि दिलवाएंगी चौहान ने कहा कि प्रदेश में स्थानीय हुनर को प्रोत्साहन दिया जाएगा। दीपावली पर उपयोग में आने वाला दिया चीन से नहीं आना चाहिए। भारत में निर्मित वस्तुओं का ही उपयोग हो और हम लोकल को वोकल बनाने का कार्य करें। मध्यप्रदेश का बाघ प्रिंट, चंदेरी की साड़ियाँ, अगरिया समुदाय द्वारा निर्मित किए जाने वाले लौह उत्पाद प्रसिद्ध हैं। 'एक जिला एक उत्पाद' के अंतर्गत जिलों के उत्पाद और विशेष वस्तुओं को अंतर्राष्ट्रीय बाजार उपलब्ध करवाने का प्रयास सरकार का है। ग्लोबल स्किल पार्क देगा युवाओं को प्रशिक्षण मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल के ग्लोबल स्किल पार्क से प्रथम वर्ष में 6 हजार और फिर आगे प्रतिवर्ष 10 हजार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का स्किल पार्क होगा। इसे वर्ष 2022 तक निर्मित करने का लक्ष्य है। मॉडल आईटीआई के माध्यम से भी प्रदेश के संभागीय मुख्यालयों में युवाओं को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था की गई है। पुरानी योजनाओं की री-पैकेजिंग भी की जा रही है। इन सभी कार्यों में धन की कमी नहीं आने दी जाएगी। श्रम सिद्धि अभियान चौहान ने कहा कि प्रदेश में 32 लाख नये श्रमिकों को जॉब कार्ड उपलब्ध करवाए गए हैं। करीब 92 लाख श्रमिकों को रोजगार भी दिलवाया गया है। वर्ष 2020-21 में हुआ यह कार्य प्रदेश के इतिहास का सबसे बड़ा रोजगार अभियान भी बन गया। स्व-सहायता समूहों से मिली मदद मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रोजगार के माध्यम से विभिन्न वर्गों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। स्व-सहायता समूहों के माध्यम से सामग्री के निर्माण और विक्रय का तंत्र सशक्त किया गया है। करीब पौने तीन लाख नए परिवार लगभग 25 हजार समूह से जुड़े हैं। पर्यटन से रोजगार के अंतर्गत बफर में सफर, नाईट सफारी और धार्मिक स्थानों के विकास के कार्यों से लोगों को आर्थिक संबल मिला है। रोजगार पोर्टल कारगर सिद्ध होगा उन्होंने कहा कि कोरोना काल में रोजगार सेतु पोर्टल के माध्यम से 46 हजार नियुक्तियाँ संभव हो सकी। पोर्टल के माध्यम से 35 हजार नियोक्ता और 7 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिक एक प्लेटफार्म पर आकर परस्पर जुड़ सके हैं। पुलिस में भर्ती के साथ ही अन्य विभागों के करीब 5 हजार रिक्त पद भरने की प्रक्रिया को गति दी गई है। औद्योगिक प्रगति के प्रयास मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज रोजगार सबसे बड़ी प्राथमिकता है। युवाओं को उनकी योग्यता और क्षमता के मुताबिक कार्य मिले, इसके लिए बहुमुखी प्रयास किए जा रहे हैं। जहाँ नर्मदा जल का पूरा उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है वहीं इंडस्ट्रियल कल्स्टर बनाने, चंबल क्षेत्र में अटल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से औद्योगिक प्रगति आसान होगी। एक्सप्रेस-वे के निकट उद्योग विकसित होंगे। मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों के युवाओं एवं शीर्ष नियोक्ताओं से संवाद भी किया। कार्यक्रम की विशेष अतिथि खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला प्रांत है, जिसने आत्म-निर्भर भारत के अंतर्गत आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोड मेप बनाया। सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 138 रोजगार मेलों के माध्यम से बड़ी संख्या में युवाओं को उनकी योग्यता के अनुरूप रोजगार दिलवाने में इस साल सफलता मिली है, निश्चित ही यह बड़ी उपलब्धि है। उल्लेखनीय है कि आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश अभियान के तहत प्रदेश के युवाओं को रोजगारपरक तकनीकी कौशल प्रशिक्षण प्रदान कर आजीविका के बेहतर अवसर प्रदान करने की मुहिम में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग ने रोजगार मेलों के माध्यम से हजारों युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। इस वित्त वर्ष में अब तक विभिन्न विभाग द्वारा लगभग 1 लाख 45 हजार युवाओं को रोजगार एवं स्व-रोजगार के अवसर दिलवाए गए हैं। कार्यक्रम में वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा, जल संसाधन, मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री तुलसीराम सिलावट, खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, पर्यटन संस्कृति एवं आध्यात्म मंत्री सुउषा ठाकुर, प्रमुख सचिव करलिन खोंगवार, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति सुनील गुप्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम का दूरदर्शन, क्षेत्रीय न्यूज चैनल्स एवं सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर सीधा प्रसारण हुआ।
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20 January 2021भोपाल। मध्य प्रदेश में महिलाओं और बच्चियों के खिलाफ जुर्म थमने का नाम नहीं ले रहा है। उमरिया में नाबालिग से हुए गैंगरेप का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि बैतूल जिले में भी 13 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी की घटना सामने आई है। प्रदेश में लगातार बढ़ रहे महिला अपराधों पर चिंता जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार से महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार में बहन-बेटियों से दरिंदगी की घटनाएं निरंतर जारी है। बहन-बेटियां चाहती है सबसे पहले सुरक्षा लेकिन कभी पूजन व कभी उम्र के नाम पर गुमराह करने का काम जारी है। सीधी, खंडवा, उमरिया की वीभत्स घटनाओं के बाद अब बैतूल जिले की सारनी व इंदौर की घटना ने प्रदेश को किया शर्मशार। कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि जो विपक्ष में बैठकर बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर लंबे-चौड़े भाषण देकर धरने देते थे वो आज इन घटनाओं पर मौन? पता नहीं कब नींद से जागेगी सरकार और बहन-बेटियों को सुरक्षा प्रदान करने को लेकर कड़े कदम उठायेगी? ज़हरीली शराब की तरह ही बहन-बेटियों से दरिंदगी की घटनाओं पर जिम्मेदार अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हो।
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20 January 2021उमरिया। बेटियों और महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए प्रदेश सरकार द्वारा महिला सम्मान अभियान का संचालन समाज के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। इसमें आम जनता सहयोगी बने। प्रदेश सरकार द्वारा बेटियो और महिलाओं की सुरक्षा के लिए धर्म स्वातंत्र विधेयक 2020 पारित किया गया है। प्रदेश की जनता हमारी भगवान है। उनके लिए मैं फूल सा कोमल तथा गुण्डों, बदमाशों के लिए वज्र सा कठोर हूं। प्रदेश में माफिया को नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा। यह बातें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को शहडोल जिले के ब्यौहारी जनपद मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या पूजन के साथ किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों एवं गरीबों को उनका हक तथा शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने का निर्णय लिया है, ताकि प्रदेश तेजी से तरक्की कर सके। कार्यक्रम में जनजातीय कार्य मंत्री मीना सिंह, सांसद रीती पाठक, विधायक जय सिंह मरावी, शरद कुमार कोल, मनीषा सिंह, पूर्व विधायक बली सिंह, जयराम सिंह मार्को, कमल प्रताप सिंह, शहडोल कमिश्नर नरेश पाल, एडीजी जी जनार्दन, कलेक्टर सतेंद्र सिंह, पुलिस अधीक्षक अवधेश कुमार गोस्वामी सहित एव अन्य जनप्रतिनिधि, गणामान्य नागरिक उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उपस्थित जन समूह को मध्यप्रदेश के विकास में सहभागी बनने की शपथ दिलाते हुए नशा मुक्त एवं महिला सम्मान दिलाने के लिए राज्य सरकार के साथ सहभागी बनने का आह्वान कयिा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश सरकार गठित हुई थी, उस दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव की सभी व्यवस्थाएं की गई। अब प्रदेश सरकार प्रदेश के हर गरीब को रोटी, कपड़ा, मकान, पढ़ाई, लिखाई तथा दवाई की व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए संकल्प के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों को वर्ष में 6 हजार रुपये की सम्मान निधि तथा राज्य सरकार द्वारा चार हजार रुपये की सम्मान निधि कुल 10 हजार रुपये की सम्मान निधि दी जा रही है। आयुष्मान योजना के तहत हर व्यक्ति के इलाज की व्यवस्था, वर्ष 2024 तक हर गरीब को पक्का आवास, हर घर में नल जल योजना से पानी उपलब्ध करानें का कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर सांसद रीती पाठक एवं विधायक शरद कुमार कोल ने स्वागत भाषण तथा क्षेत्र के विकास के लिए अपनी बात रखी। मुख्यमंत्री ने विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के हितग्राहियों को किया लाभान्वित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वनाधिकार पट्टा, आयुष्मान कार्ड, पात्रताधारी पर्ची, प्रधानमंत्री आवास योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, भू अधिकार स्वामित्व योजना, प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेण्डर योजना, मुख्यमंत्री स्ट्रीट वेण्डर योजना, स्व सहायता समूह क्रेडिट लिंकेज योजना, किसान उत्पादन समूह, मनरेगा योजना के अंतर्गत कपिलधारा योजना के 9324 हितग्राहियों को 14 करोड़ 66 लाख रुपये के हितलाभ का वितरण किया।
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16 January 2021सिंगरौली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंगरौली एनसीएल मैदान में शनिवार को आयोजित विशाल समारोह में 276करोड़ 35 लाख रुपये की लागत के विभिन्न निर्माण कार्यों का शिलान्यास एवं लोकापर्ण किया। इस अवसर पर उन्होंने आमजन को संबोधित करते हुये कहा कि सिंगरौली में 2024 तक हर गरीब को पक्का आवास उपलब्ध कराया जाएगा। सिंगरौली शहर और जिले के विकास की पूरी कार्य योजना तैयार की गई है। सिंगरौली का सर्वांगीण विकास किया जायेगा। समारोह मे मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के 504 हितग्राहियों को नये आवास की चाबी प्रदान की। उन्होंने समारोह में विभिन्न हितग्राहियों को हितलाभ का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने प्रारंभ में कन्यापूजन करके बेटियों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि सिंगरौली जिले के लिए वरदान बनने वाली गोड़ सिचाई परियोजना का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा कराया जाएगा। उन्होंने लोगों की करतल ध्वानि के बीच सिंगरौली मे माईनिंग कालेज की स्थापना की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंगरौली मे मेडिकल कालेज निर्माण के लिए डीपीआर तैयार कर लिया गया है। शीघ्र ही इसका निर्माण कार्य शुरू होगा। कौशल विकास के लिए आईटीआई कालेज की सीटों में वृद्धि की जायेगी। जिले में लग रहे बड़े उद्योगों में 75 प्रतिशत स्थान स्थानीय युवाओं के लिए होंगे। सिंगरौली के विकास मे किसी तरह की कसर नहीं रहेगी। उन्होंने अधिकारियो को निर्देश देते हुये कहा कि उद्योगों की स्थापना के साथ विस्थापितो का उचित पुनर्वास करें। कमिश्नर इसकी नियमित समीक्षा करें। सिंगरौली जिले मे अगले दो साल मे हर घर मे नल से जल की आपूर्ति की जायेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंगरौली शहर तथा जिले मे युवाओ को स्वारोजगार का अवसर देने के लिए कई प्रयास किये जा रहे हैं। पथ पर विक्रय करने वालों को बिना ब्याज का 10 हजार रुपये का ऋण दिया जा रहा है। आयुष्मान योजना से हर गरीब को हर साल 5 लाख रूपये तक के उपचार की सहायता मिलेगी। प्रदेश मे गुण्डे-बदमाशों तथा माफियाओं की अक्ल ठिकाने लगा दी गई है। भूमाफियाओं से 7 हजार करोड़ रुपये की सरकारी जमीन मुक्त कराई गई है। ड्रग्स माफियाओं को जेल भेजने तथा उनकी फैक्ट्री नष्ट करने की कार्यवाही की गई है। धर्मान्तरण तथा बेटियों का अपमान एवं शोषण करने वालो को जीवन भर जेल मे डालने के लिए नये कानून बनाये गये हैं। उन्होंने कहा कि जनता मेरी भगवान है उसके कल्याण का कार्य मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता है संबल योजना से पुन: पात्र हितग्राहियो को लाभान्वित किया जा रहा है। शीघ्र ही मुख्यमंत्री कन्यादान योजना से गरीब बेटियों के विवाह होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं करोना काल में मुख्यमंत्री बना, कोरोना से लडऩे के लिए दूरदर्शी प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व मे सफल लड़ाई लड़ी गई। आज का दिन सिंगरौली ही नहीं, पूरे देश की जनता के लिए वैक्सीन के रूप मे कोरोना से मुक्त की संजीवनी बूटी लेकर आया है। पूरे प्रदेश में पहला कोरोना वैक्सीन का टीका उन सफाई कर्मियों तथा डाक्टरों को लगाया गया, जिन्होंने अपनी जान की पहवाह किये बिना करोना से हमे बचाने का प्रयास किया। कोरोना वैक्सीन पूरी तरह से सुरंक्षित और कारागार है। इसके बारे में फैलाई जा रही अफवाहों से घबराएं नहीं, अपनी बारी आने परे निर्भय होकर वैक्सीन लगवाये। समारोह में सांसद रीति पाठक तथा विधायक राम लल्लू वैश्य ने भी संबोधित किया।
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16 January 2021भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार सुबह 10.30 बजे दुनिया के सबसे बड़े देशव्यापी कोविड-19 वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल के हमीदिया अस्पताल पहुंचे और प्रदेशव्यापी कोरोना वैक्सीनेशन अभियान का शुभारम्भ किया। सबसे पहला टीका हमीदिया अस्पताल के स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी संजय यादव को लगाया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संजय यादव को बधाई देते हुए कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के प्रथम चरण में लगभग सवा चार लाख स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को टीका लगाया जाएगा। कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत का टीकाकरण अभियान बहुत ही मानवीय और महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर आधारित है, जिसे सबसे ज्यादा जरूरी है, उसे सबसे पहले कोरोना का टीका लगेगा। जिसे कोरोना संक्रमण का रिस्क सबसे ज्यादा है, उसे सबसे पहले टीका लगेगा। उन्होंने कहा कि इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया। दुनिया के 100 से भी ज्यादा देश ऐसे हैं, जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से भी कम है और भारत अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज से कोविड-19 वैक्सीनेशन शुरू हो गया है। इतने कम समय में यह केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता और संगठित प्रयासों के कारण ही संभव हो पाया है। प्रदेश को 5 लाख से ज्यादा वैक्सीन डोज प्राप्त हो चुके हैं। इन प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पहले ही संकट को पहचान लिया था और टास्क फोर्स बना दिया था। प्रधानमंत्री के आह्वान पर सभी एकजुट हुए। हमने भी इसे मध्यप्रदेश में आउट ऑफ कंट्रोल नहीं होने दिया। कोविड-19 से नागरिकों के बचाव के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध किए गए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन संजीवनी बूटी जैसी है। मध्यप्रदेश में प्रथम चरण में लगभग 4 लाख 17 हजार हेल्थ केयर वर्कर्स को चरणबद्ध तरीके से वैक्सीनेट किया जाएगा। मध्यप्रदेश की 150 स्वास्थ्य संस्थाओं पर भी वैक्सीनेशन प्रारंभ किया जाएगा। टीकाकरण के लिए प्रसन्नता के माहौल के बीच एक उत्सव सा माहौल तैयार किया गया है। संबंधित टीकाकरण केंद्रों को काफी सजाया, संवारा गया है। वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए भी आवश्यक उपाय भी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि 'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सीन' दोनों पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने सभी नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, मीडिया के मित्रों से अपील की है कि वे वैक्सीन के बारे में किसी भ्रामक जानकारी या अफवाह को पनपने नहीं दें और इस महाअभियान को सभी मिलकर सफल बनाने में सहयोग दें।
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16 January 2021दमोह। केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने दमोह जिले के जलाशयों और स्टाप डेमों के निर्माण की बात कही है। केन्द्रीय मंत्री पटेल ने गुरुवार को लिखे अपने पत्र बताया है कि दमोह में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की गत 03 जनवरी को आयोजित बैठक में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन द्वारा बताया गया है कि पारना जलाशय योजना के निर्माण कार्य के लिए 20 जुलाई 2017 एवं 06 जुलाई 2019 को निविदायें आमंत्रित की गई थी, जो कि निविदा समिति के निर्णय अनुसार निरस्त की जा चुकी है। पुन: 1651 लाख रुपये की निविदा आमंत्रित किए जाने हेतु प्रस्ताव प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल को प्रेषित किया जा चुका है, जिस पर कार्यवाही अभी अपेक्षित है। इसी प्रकार जबेरा विकासखंड अंतर्गत भजिया जलाशय लघु सिंचाई योजना निर्मित है जिसका निर्माण कार्य वर्ष 2000 में पूर्ण हुआ था, इसकी नहरों व बांध के सुधार हेतु 180.84 लाख रुपये का प्रस्ताव आरआरआर मद अंतर्गत बनाकर प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल की ओर भेजा जा चुका है, जिसकी भी स्वीकृति अभी तक अपेक्षित है। वहीं, सुनार नदी पर चकैरीघाट स्टाप डैम का निर्माण कार्य 67 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। शेष कार्य हेतु निविदा आमंत्रित की गयी है, जो 24 दिसम्बर 2020 को खोली जानी थी, परंतु अभी तक वरिष्ठ कार्यालय द्वारा निविदा नहीं खोली गयी। केन्द्रीय मंत्री पटेल ने जल संसाधन मंत्री सिलावट से अपने स्तर पर आदेश शीघ्र प्रदान किए जाने अनुरोध किया है।
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14 January 2021दमोह। केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल ने प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने दमोह जिले के जलाशयों और स्टाप डेमों के निर्माण की बात कही है। केन्द्रीय मंत्री पटेल ने गुरुवार को लिखे अपने पत्र बताया है कि दमोह में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति की गत 03 जनवरी को आयोजित बैठक में कार्यपालन यंत्री जल संसाधन द्वारा बताया गया है कि पारना जलाशय योजना के निर्माण कार्य के लिए 20 जुलाई 2017 एवं 06 जुलाई 2019 को निविदायें आमंत्रित की गई थी, जो कि निविदा समिति के निर्णय अनुसार निरस्त की जा चुकी है। पुन: 1651 लाख रुपये की निविदा आमंत्रित किए जाने हेतु प्रस्ताव प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल को प्रेषित किया जा चुका है, जिस पर कार्यवाही अभी अपेक्षित है। इसी प्रकार जबेरा विकासखंड अंतर्गत भजिया जलाशय लघु सिंचाई योजना निर्मित है जिसका निर्माण कार्य वर्ष 2000 में पूर्ण हुआ था, इसकी नहरों व बांध के सुधार हेतु 180.84 लाख रुपये का प्रस्ताव आरआरआर मद अंतर्गत बनाकर प्रमुख अभियंता जल संसाधन विभाग भोपाल की ओर भेजा जा चुका है, जिसकी भी स्वीकृति अभी तक अपेक्षित है। वहीं, सुनार नदी पर चकैरीघाट स्टाप डैम का निर्माण कार्य 67 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। शेष कार्य हेतु निविदा आमंत्रित की गयी है, जो 24 दिसम्बर 2020 को खोली जानी थी, परंतु अभी तक वरिष्ठ कार्यालय द्वारा निविदा नहीं खोली गयी। केन्द्रीय मंत्री पटेल ने जल संसाधन मंत्री सिलावट से अपने स्तर पर आदेश शीघ्र प्रदान किए जाने अनुरोध किया है।
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14 January 2021मुरैना। जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार रात 11 बजे तक चार लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 16 पर पहुंच गई थी। लेकिन मंगलवार-बुधवार की दरिम्यानी रात को पांच और लोगों की मौत हो गई। जिससे मरने वालों का आंकड़ा 21 पर पहुंच गया और फिर गुरुवार सुबह तक मरनेवालों का यह आंकड़ा अब 24 हो गया है। पुलिस की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक बीती रात छैरा गांव से 2 लोगों के शव पोस्टमार्टम के लिये मुरैना लाए गए हैं। वहीं, शराब कांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय दल मुरैना पहुंचा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, एडीजीपी ए सांई मनोहर, डीआईजी मिथलेश शुक्ला को इस जांच दल में शामिल किया है। ये सभी सुबह हबीबगंज एक्सप्रेस से यहां पहुंचे हैं। दल के सदस्य आज सबसे पहले मानपुर, पहावली में मृतक के परिजनों से मिलकर जानकारी लेंगे। इसके बाद ये सभी बागचीनी थाना जायेंगे। समग्र बिंदुओं पर जांच कर आज रात को ही वापस दल भोपाल रवाना हो जाएगा। वहीं, मुरैना शराब कांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी उठने लगी है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मामले की सीबीआई जांच की मांग की है । प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत तथा पूर्व मंत्री व निवाड़ी विधायक बृजेंद्र सिंह राठोर ने मानपुर में मृतक परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा है कि प्रदेश शराब माफियाओं के हवाले हो गया है, अवैध शराब का कारोबार राजनैतिक संरक्षण में हो रहा है। फिलहाल, मुरैना के छैरा में शराब भट्टियों पर पुलिस प्रशासन तथा आबकारी विभाग ने दो कार्यवाही की हैं। प्रशासन व पुलिस दल ने बोतल पैंकिंग मशीन सहित 600 लीटर ओपी केमिकल, खाली 4000 बोतल तथा स्टीकर जब्त किये हैं। वहीं आबकारी विभाग ने देशी-विदेशी मदिरा तथा बारदाना व स्टीकर बरामद किये हैं। इससे पहले नवागत जिला आबकारी अधिकारी निधि जैन द्वारा आबकारी टीम के साथ ग्राम छैरा-इमलिया रोड पर छापामार कार्रवाई मेंं 1 लाख 43 हजार 490 रुपये की शराब जब्त की गई थी। आबकारी अधिकारी ने बताया कि छापे में ग्राम छैरा में 997 पाव गोआ बिस्की, 318 पाव नकली देशी प्लेन, 605 पाव कांच के खाली बारदाना, 70 लेवल गोआ बिस्की के जब्त किये गये हैं। साथ ही बागचीनी थाना पुलिस ने एक मामले में दो आरोपितों के विरुद्व मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया है। वहीं मशीन व ओपी केमिकल को लेकर अज्ञात आरोपितों पर मामला दर्ज हुआ है। इसके अलावा सिहोंनिया पुलिस ने भी चार स्थानों से 46 पेटी शराब आरोपितों सहित पकड़ी है।
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14 January 2021मुरैना। जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार रात 11 बजे तक चार लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 16 पर पहुंच गई थी। लेकिन मंगलवार-बुधवार की दरिम्यानी रात को पांच और लोगों की मौत हो गई। जिससे मरने वालों का आंकड़ा 21 पर पहुंच गया और फिर गुरुवार सुबह तक मरनेवालों का यह आंकड़ा अब 24 हो गया है। पुलिस की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक बीती रात छैरा गांव से 2 लोगों के शव पोस्टमार्टम के लिये मुरैना लाए गए हैं। वहीं, शराब कांड की जांच के लिए तीन सदस्यीय दल मुरैना पहुंचा है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा, एडीजीपी ए सांई मनोहर, डीआईजी मिथलेश शुक्ला को इस जांच दल में शामिल किया है। ये सभी सुबह हबीबगंज एक्सप्रेस से यहां पहुंचे हैं। दल के सदस्य आज सबसे पहले मानपुर, पहावली में मृतक के परिजनों से मिलकर जानकारी लेंगे। इसके बाद ये सभी बागचीनी थाना जायेंगे। समग्र बिंदुओं पर जांच कर आज रात को ही वापस दल भोपाल रवाना हो जाएगा। वहीं, मुरैना शराब कांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग भी उठने लगी है। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मामले की सीबीआई जांच की मांग की है । प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत तथा पूर्व मंत्री व निवाड़ी विधायक बृजेंद्र सिंह राठोर ने मानपुर में मृतक परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा है कि प्रदेश शराब माफियाओं के हवाले हो गया है, अवैध शराब का कारोबार राजनैतिक संरक्षण में हो रहा है। फिलहाल, मुरैना के छैरा में शराब भट्टियों पर पुलिस प्रशासन तथा आबकारी विभाग ने दो कार्यवाही की हैं। प्रशासन व पुलिस दल ने बोतल पैंकिंग मशीन सहित 600 लीटर ओपी केमिकल, खाली 4000 बोतल तथा स्टीकर जब्त किये हैं। वहीं आबकारी विभाग ने देशी-विदेशी मदिरा तथा बारदाना व स्टीकर बरामद किये हैं। इससे पहले नवागत जिला आबकारी अधिकारी निधि जैन द्वारा आबकारी टीम के साथ ग्राम छैरा-इमलिया रोड पर छापामार कार्रवाई मेंं 1 लाख 43 हजार 490 रुपये की शराब जब्त की गई थी। आबकारी अधिकारी ने बताया कि छापे में ग्राम छैरा में 997 पाव गोआ बिस्की, 318 पाव नकली देशी प्लेन, 605 पाव कांच के खाली बारदाना, 70 लेवल गोआ बिस्की के जब्त किये गये हैं। साथ ही बागचीनी थाना पुलिस ने एक मामले में दो आरोपितों के विरुद्व मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया है। वहीं मशीन व ओपी केमिकल को लेकर अज्ञात आरोपितों पर मामला दर्ज हुआ है। इसके अलावा सिहोंनिया पुलिस ने भी चार स्थानों से 46 पेटी शराब आरोपितों सहित पकड़ी है।
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14 January 2021भोपाल। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग बुधवार को भोपाल आयी कोरोना वैक्सीन के स्टोरेज और ट्रान्सपोर्ट प्रक्रिया का निरीक्षण करने के लिये किलोल पार्क स्थित स्टेट वैक्सीन स्टोर पहुंचे। वहां उन्होंने प्रक्रिया के सुचारू व्यवस्था का आकलन किया। सारंग ने बताया कि भोपाल में 94 हजार वैक्सीन आयी हैं। जिसे संभाग के 8 जिले भोपाल, बैतूल, हरदा, होशंगाबाद, रायसेन, राजगढ़, सीहोर और विदिशा भेजा जा रहा है। इसी प्रकार आज इन्दौर और जबलपुर को भी वैक्सीन प्राप्त हो जायेंगी। गुरूवार को ग्वालियर को वैक्सीन उपलब्ध होगी। प्रथम चरण में लगभग 5 लाख 6 हजार से अधिक वैक्सीन प्राप्त हो रही हैं। उन्होंने बताया कि वैक्सीन स्टोरेज से लेकर री-डिस्टिब्यूशन तक सारी व्यवस्थाएँ चाक-चौबंद हैं। बताया गया कि ग्वालियर में 13 जिलों के लिये लगभग एक लाख 9 हजार 500, इंदौर में 15 जिलों के लिए एक लाख 52 हजार और जबलपुर में 15 जिलों के लिए एक लाख 51 हजार वैक्सीन उपलब्ध होंगी।
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13 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुरैना जिले में शराब सेवन के फलस्वरूप हुई मौतों के मामले में बुधवार सुबह निवास पर उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुरैना की घटना अमानवीय और तकलीफ पहुँचाने वाली है। प्रदेश में मिलावट के विरुद्ध अभियान संचालित है, फिर भी यह दु:खद घटना हुई। चौहान ने इस मामले में मुरैना के कलेक्टर और एस.पी. को हटाने के निर्देश दिए। साथ ही संबंधित क्षेत्र के एसडीओपी को निलंबित करने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि इस मामले में आबकारी अधिकारी को पूर्व में ही निलम्बित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो। अन्य जिले भी सजग रहें। ऐसे मामलों में कलेक्टर, एस.पी. जिम्मेदार माने जाएंगे। दोषी अधिकारियों के विरुद्ध एक्शन भी लिया जाएगा। बैठक में गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, वाणिज्यिक कर एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनीष रस्तोगी, प्रमुख सचिव वाणिज्यिक कर दीपाली रस्तोगी मौजूद रहे। जारी रहे अभियान मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ऐसी घटना पर मैं मूकदर्शक नहीं रह सकता। ड्रग माफिया के विरुद्ध सख्त अभियान जारी रहे। पूरे प्रदेश में अवैध शराब के खिलाफ अभियान चले। अवैध शराब बिक्री पर पूरा नियंत्रण हो। ऐसा व्यापार करने वालों को ध्वस्त किया जाए। घटना की ली पूरी जानकारी, डिस्टलरी की जाँच के निर्देश मुख्यमंत्री चौहान ने पुलिस महानिदेशक से घटना की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। मुरैना जिले में हुई घटना में उपयोग में लाई गई मिलावटी शराब के निर्माण केन्द्र और दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही के साथ ही संबंधित डिस्टलरी की जाँच के निर्देश भी दिए गए। मुख्यमंत्री ने आबकारी और पुलिस अमले की पद-स्थापना में निश्चित समयावधि के बाद परिवर्तन के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि डिस्टलरी के लिए पदस्थ आबकारी अमले और ओआईसी को ओवर टाइम दिए जाने की व्यवस्था में भी परिवर्तन किया जाए।
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13 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में केन्द्र प्रवर्तित योजना प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना(पीएमएफएमई) को वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक के लिए राशि 500 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ क्रियान्वित करने की स्वीकृति दी। इसमें परियोजना स्वीकृति के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में प्रस्तावों की अनुशंसा के लिए जिला स्तरीय समिति बनाई गई है। 10 लाख रूपये तक की अनुदान सहायता वाले प्रोजेक्ट के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति रहेगी। अर्न्तविभागीय मंत्री सक्षम समूह 10 लाख रुपये से अधिक की स्वीकृति दे सकेगा। यह योजना कलस्टर एप्रोच के साथ 'एक जिला एक उत्पाद' पर आधारित है। निजी इकाइयों को 35 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख क्रेडिट लिंक अनुदान मिलेगा। एफ.पी.ओ./एस.एच.जी./कॉपरेटिव को पूंजी निवेश, प्रशिक्षण एवं विपणन पर 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक अनुदान (न्यूनतम टर्नओवर 1 करोड़ ) रहेगा। एस.एच.जी. को सीड केपिटल 40 हजार प्रति सदस्य दी जायगी। ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग में सहायता दी जायेगी। ग्रामीण (सीमान्त, छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक ) ऋण विमुक्ति विधेयक मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश ग्रामीण (सीमान्त व छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक ) ऋण विमुक्ति विधेयक 2020 के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 304(बी) के परन्तुक के अनुसरण में विधेयक को विधान सभा में पुर: स्थापित करने के पहले राष्ट्रपति की अनुमति प्राप्त एवं विधान सभा से पारित कराने की सभी कार्यवाही के लिए राजस्व विभाग को अधिकृत किया । पूर्व में मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति अधिनियम 2020 के अंतर्गत राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत मध्यप्रदेश की अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों को ऋण ग्रस्तता से राहत के लिए उपबंध किये गये हैं। मध्यप्रदेश ग्रामीण (सीमान्त व छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक ) ऋण विमुक्ति विधेयक 2020 में भी समान प्रकार के उपबंध है जो विधेयक में प्रस्तावित किये गए है। ग्रामीण क्षेत्रों के भूमिहीन कृषि श्रमिकों, सीमान्त किसानों तथा छोटे किसानों (राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत मध्यप्रदेश की अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों को छोड़कर) को, नियमों व प्रक्रिया के विरूद्व तथा अत्यन्त ऊँची ब्याज दरों पर दिये गये ऋण की समस्या का निरंतर सामना करना पड़ रहा है। इसका परिणाम ऐसे व्यक्तियों की वित्तीय हानि, मानसिक प्रताड़ना तथा शोषण के रूप में निकलता है। ऐसे भूमिहीन कृषि श्रमिकों, सीमान्त किसानों तथा छोटे किसानों को 15 अगस्त 2020 तक उन्हें दिए गए कतिपय ऋणों, जिनमें ब्याज की राशि शामिल है, के उन्मोचन द्वारा राहत देने के लिए मध्यप्रदेश ग्रामीण (सीमान्त व छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक) ऋण विमुक्ति विधेयक,2020 प्रस्तावित किया गया है।
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12 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में केन्द्र प्रवर्तित योजना प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना(पीएमएफएमई) को वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक के लिए राशि 500 करोड़ रुपये के प्रावधान के साथ क्रियान्वित करने की स्वीकृति दी। इसमें परियोजना स्वीकृति के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में प्रस्तावों की अनुशंसा के लिए जिला स्तरीय समिति बनाई गई है। 10 लाख रूपये तक की अनुदान सहायता वाले प्रोजेक्ट के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति रहेगी। अर्न्तविभागीय मंत्री सक्षम समूह 10 लाख रुपये से अधिक की स्वीकृति दे सकेगा। यह योजना कलस्टर एप्रोच के साथ 'एक जिला एक उत्पाद' पर आधारित है। निजी इकाइयों को 35 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख क्रेडिट लिंक अनुदान मिलेगा। एफ.पी.ओ./एस.एच.जी./कॉपरेटिव को पूंजी निवेश, प्रशिक्षण एवं विपणन पर 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक अनुदान (न्यूनतम टर्नओवर 1 करोड़ ) रहेगा। एस.एच.जी. को सीड केपिटल 40 हजार प्रति सदस्य दी जायगी। ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग में सहायता दी जायेगी। ग्रामीण (सीमान्त, छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक ) ऋण विमुक्ति विधेयक मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश ग्रामीण (सीमान्त व छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक ) ऋण विमुक्ति विधेयक 2020 के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 304(बी) के परन्तुक के अनुसरण में विधेयक को विधान सभा में पुर: स्थापित करने के पहले राष्ट्रपति की अनुमति प्राप्त एवं विधान सभा से पारित कराने की सभी कार्यवाही के लिए राजस्व विभाग को अधिकृत किया । पूर्व में मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति अधिनियम 2020 के अंतर्गत राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत मध्यप्रदेश की अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों को ऋण ग्रस्तता से राहत के लिए उपबंध किये गये हैं। मध्यप्रदेश ग्रामीण (सीमान्त व छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक ) ऋण विमुक्ति विधेयक 2020 में भी समान प्रकार के उपबंध है जो विधेयक में प्रस्तावित किये गए है। ग्रामीण क्षेत्रों के भूमिहीन कृषि श्रमिकों, सीमान्त किसानों तथा छोटे किसानों (राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत मध्यप्रदेश की अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों को छोड़कर) को, नियमों व प्रक्रिया के विरूद्व तथा अत्यन्त ऊँची ब्याज दरों पर दिये गये ऋण की समस्या का निरंतर सामना करना पड़ रहा है। इसका परिणाम ऐसे व्यक्तियों की वित्तीय हानि, मानसिक प्रताड़ना तथा शोषण के रूप में निकलता है। ऐसे भूमिहीन कृषि श्रमिकों, सीमान्त किसानों तथा छोटे किसानों को 15 अगस्त 2020 तक उन्हें दिए गए कतिपय ऋणों, जिनमें ब्याज की राशि शामिल है, के उन्मोचन द्वारा राहत देने के लिए मध्यप्रदेश ग्रामीण (सीमान्त व छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक) ऋण विमुक्ति विधेयक,2020 प्रस्तावित किया गया है।
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12 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहा है कि प्रदेश में उद्योगों का संवर्धन तथा उनके माध्यम से अधिक से अधिक रोजगार सृजन हमारी नीति है। प्रदेश में उद्योगों को सभी आवश्यक सुविधाएं एवं रियायतें दी जा रही हैं। प्रदेश में उद्योग स्थापना के समय उद्योगों से जो 'कमिटमेंट' किए गए थे उन्हें पूरा किया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को मंत्रालय में उद्योग प्रोत्साहन समिति की बैठक में कही। उद्योगों को विभिन्न प्रोत्साहन मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों को सरकार द्वारा निवेश प्रोत्साहन सहायता, रियायती दर पर भूमि, विद्युत दर में छूट, अधोसंरचना सुविधा आदि उपलब्ध कराये जाते हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्राथमिकता मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण तथा प्रदेश में मिलने वाले कच्चे माल की प्रोसेसिंग करने वाले उद्योगों को प्राथमिकता दी जा रही है। रेडीमेड गारमेंट से अधिक रोजगार मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में रेडीमेड गारमेंट उद्योग से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है। अत: इन उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। बैठक में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, वाणिज्यकर मंत्री जगदीश देवड़ा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रभुराम चौधरी, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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12 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहा है कि प्रदेश में उद्योगों का संवर्धन तथा उनके माध्यम से अधिक से अधिक रोजगार सृजन हमारी नीति है। प्रदेश में उद्योगों को सभी आवश्यक सुविधाएं एवं रियायतें दी जा रही हैं। प्रदेश में उद्योग स्थापना के समय उद्योगों से जो 'कमिटमेंट' किए गए थे उन्हें पूरा किया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को मंत्रालय में उद्योग प्रोत्साहन समिति की बैठक में कही। उद्योगों को विभिन्न प्रोत्साहन मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों को सरकार द्वारा निवेश प्रोत्साहन सहायता, रियायती दर पर भूमि, विद्युत दर में छूट, अधोसंरचना सुविधा आदि उपलब्ध कराये जाते हैं। खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को प्राथमिकता मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण तथा प्रदेश में मिलने वाले कच्चे माल की प्रोसेसिंग करने वाले उद्योगों को प्राथमिकता दी जा रही है। रेडीमेड गारमेंट से अधिक रोजगार मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में रेडीमेड गारमेंट उद्योग से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है। अत: इन उद्योगों को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। बैठक में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, वाणिज्यकर मंत्री जगदीश देवड़ा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रभुराम चौधरी, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
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12 January 2021भोपाल। अपने बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाले शायर मुनव्वर राना एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बाद उन्होंने एक ट्वीट कर देश की संसद को गिराकर वहां खेत बनाने की बात लिखी। इसके अलावा अनाज का भंडारण करने वाले गोदामों को भी जला देने की बात लिखी। हालांकि कुछ ही देर बाद उन्होंने अपने ट्वीट डिलीट कर दिए। वहीं मुनव्वर राणा के ट्वीट पर मप्र के सीएम शिवराज ने तंज कसा है। मंत्री मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए मुनव्वर राणा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि शायर मुनव्वर राणा जी आजकल जिस तरह की गैरजिम्मेदाराना बातें कर रहे हैं, उससे लगता है कि अब उम्र का असर हो चला है। लेकिन सरकार अब इस बात पर भी गंभीरता से विचार करेगी कि समाज में जहर घोलने का निरंतर प्रयास करने वाले तत्वों के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकती है। ममता बेनर्जी पर साधा निशानाइस दौरान पश्चिम बंगाल की राजनीति परिस्थितियों पर प्रतिक्रिया देते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पश्चिम बंगाल में इमामों के मुखिया का बयान ममता बेनर्जी के पक्ष में जारी कराया गया है। हालांकि बंगाल का मतदाता अब ऐसे फरमानों से प्रभावित होने वाला नहीं है। वो अब विकास और सुशासन के लिए भाजपा की सरकार चाहता है। उन्होंने टीएमसी सांसद के विवादित बयान पर कहा कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी की सीता माता पर अभद्र टिप्पणी बहुसंख्यक हिंदू समाज का अपमान है। ममता बेनर्जी की पार्टी तुष्टिकरण की राजनीति के लिए हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करती आई है। अब ताडक़ा के पक्ष का व्यक्ति तो ऐसी ही टिप्पणी करेगा।
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11 January 2021भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सोमवार सुबह उनके निवास पर औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने भेंट की। मुख्यमंत्री चौहान से चाय पर चर्चा के दौरान उद्योग मंत्री ने विभागीय गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री चौहान से उद्योग मंत्री दत्तीगांव की प्रदेश में निवेश वृद्धि के लिए प्रयास बढ़ाने के लिए क्लीयरेंस की प्रक्रिया तेज करने, 30 दिन में आवश्यक अनुमति प्रदान करने की लक्ष्य पूर्ति, नार्थ साउथ ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के अलावा चंबल क्षेत्र में अटल प्रोग्रेस वे और नर्मदा एक्सप्रेस के विकास, नए उद्योगों की स्थापना के लिए अध्ययन कर उस दिशा में कार्रवाई, अन्य राज्यों के मॉडल को अपनाने के लिए अध्ययन यात्रा, ईज आफ डूइंग बिजनेस पर कार्य, निर्यात प्रोत्साहन, एयर कार्गो हब के रूप में मध्यप्रदेश को अग्रणी बनाने के लिए नीति के निर्माण और खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योगों के विकास, ऐसे उत्पादों को वैश्विक बाजार उपलब्ध कराने के लिए प्रयास बढ़ाने के बारे में भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कोरोना काल में कुछ गतिविधियां नहीं हो सकी। अब अन्य राज्यों में जाकर वहां की बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन कर प्रदेश में अपनाने के भी प्रयास हों।
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11 January 2021भोपाल। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि केन बेतवा लिंक परियोजना से जल आवंटन में मध्यप्रदेश का अहित नहीं होने देंगे। साथ ही उत्तरप्रदेश के हितों की भी पूरी रक्षा की जाएगी। इस संबंध शीघ्र ही वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संयुक्त बैठक कर अंतिम हल निकालेंगे। यह बातें उन्होंने शनिवार को भोपाल प्रवास के दौरान मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं सभी संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केन-बेतवा लिंक परियोजना के जल बंटवारे संबंधी बैठक में कही। बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, नेशनल जल जीवन मिशन के डायरेक्टर भरत लाल, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एसएन मिश्रा आदि उपस्थित थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश हमेशा से दूसरे राज्यों के हितों की परवाह करता रहा है, परंतु प्रदेश का अहित न हो इसका भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। केन-बेतवा परियोजना से मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश को 700 एमसीएम पानी देने के लिए सहमत है। शीघ्र ही केंद्रीय मंत्री शेखावत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बातचीत कर योजना के गतिरोध को दूर किया जाएगा। बैठक में मुख्यमंत्री ने जल आवंटन को लेकर मध्यप्रदेश का पक्ष मजबूती से रखा। आपसी बातचीत से 15 दिन में निकालें हल बैठक में ईस्टर्न राजस्थान नहर परियोजना सह पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना में मप्र एवं राजस्थान के बीच जल उपयोग को लेकर भी बातचीत हुई। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने निर्देश दिए कि 15 जनवरी से आगामी 15 दिनों में दोनों पक्ष निरंतर बातचीत कर हल निकालें। इस परियोजना की डीपीआर में प्रस्तावित बांध एवं बैराजों के लिए 50 फीसदी जल निर्भरता पर जल उपयोग की गणना की गई है। मध्यप्रदेश का कहना है कि इसे 75 फीसदी जल निर्भरता पर आकलन के आधार पर पुनरीक्षित किया जाए। केन-बेतवा लिंक परियोजना के संबंध में मध्यप्रदेश का पक्ष मध्यप्रदेश की दौधन बांध पर 6590 एम.सी.एम जल उपलब्धता के आधार पर बांध से उत्तरप्रदेश के लिए 700 एम.सी.एम जल सभी प्रयोजनों के लिए लिंक केनाल सहित नॉन मानसून के दौरान आवंटित करने पर सहमति है। लिंक केनाल द्वारा उत्तरप्रदेश को प्रदत्त जल को शामिल करते हुए उत्तरप्रदेश को आवंटित 1700 एमसीएम जल की एकाउंटिग बरियारपुर पिकअप वीयर पर की जाए। शेष संपूर्ण जल 2733 एमसीएम के उपयोग करने के लिए मध्यप्रदेश स्वतंत्र रहेगा। उत्तरप्रदेश का पक्ष परियोजना अंतर्गत उत्तरप्रदेश गैर मानसून अवधि में दौधन बांध से नवम्बर से मई माह तक 935 एमसीएम पानी चाहता है। राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण का सुझाव राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण ने सुझाव दिया है कि परियोजना से नॉन मानसून मौसम में दौधन बांध पर उत्तरप्रदेश को 750 एम.सी.एम तथा मध्यप्रदेश को 1834 एमसीएम जल दें। अभिकरण द्वारा दौधन बांध पर जल उपलब्धता 6188 एमसीएम मानी गयी है। मध्यप्रदेश का तर्क परियोजना के अंतर्गत समस्त तकनीकी एवं जल योजना डिजाईन केन्द्रीय जल आयोग द्वारा दौधन बांध पर 6590 एमसीएम जल उपलब्धता के आधार पर की गई है, एवं समस्त अनुमोदन इसी आधार पर किए गए है। यदि दौधन बांध पर जल उपलब्धता 6590 एम.सी.एम के स्थान पर 6188 एमसीएम मानी जाती है, उस स्थिति में भविष्य में मध्यप्रदेश को लगभग 400 एमसीएम जल की हानि होगी, साथ ही यदि 750 एमसीएम जल दौधन बांध से नॉन मानसून सीजन में उत्तरप्रदेश को उपलब्ध कराया जाता है, उस स्थिति में रंगवान बांध, अंतरिम जलग्रहण क्षेत्र और बरियारपुर स्टोरेज में लगभग 200 एमसीएम जल उत्तरप्रदेश को अतिरिक्त रूप से प्राप्त होगा। इसलिए उत्तरप्रदेश को कुल आवंटित 1700 एमसीएम जल मौजूदा केन सिस्टम से बरियारपुर पर दिया जाना मप्र के हित में होगा। केन-बेतवा परियोजना के प्रमुख बिन्दु वर्ष 2009 में भारत सरकार द्वारा केन-बेतवा लिंक बहुउद्देशीय परियोजना को राष्ष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया एवं इसके वित्त पोषण हेतु 90:10 अनुपात में केन्द्र एवं संबंधित राज्यों के मध्य आधार सुनिश्चित किया गया। परियोजना मप्र के छतरपुर-पन्ना जिले में स्थित है। परियोजना के क्रियान्वयन से होने वाली संपूर्ण क्षति जैसे- भूमि अधिग्रहण, जंगल क्षति, राजस्व भूमि की क्षति, प्रतिपूरक वनीकरण हेतु गैर वनभूमि की व्यवस्था, जनजातीय परिवारों का विस्थापन एवं पुनर्वास इत्यादि मध्यप्रदेश द्वारा वहन की जा रही है। राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण द्वारा परियोजना की ड्राफ्ट अक्टूबर 2018 में तैयार की गई। ड्राफ्ट एकजाई डीपीआर की कुल लागत लगभग 35111.24 करोड़ आंकलित की गई। जल संसाधन विभाग मध्यप्रदेश द्वारा ड्राफ्ट एकजाई में उत्तरप्रदेश को रबी सीजन में 700 एमसीएम के स्थान पर 930 एमसीएम जल का उपयोग दर्शाया गया है, जबकि मध्यप्रदेश का रबी सीजन में जल एवं कमांड क्षेत्र कम किया गया है, जो मध्यप्रदेश को मान्य नहीं है। इस संबंध में भारत सरकार के समक्ष मध्यप्रदेश का पक्ष मजबूती से रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने बैठक में ही केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से परियोजना संबंधी गतिरोध शीघ्र दूर करने सबंधी आग्रह किया।
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9 January 2021भोपाल। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि केन बेतवा लिंक परियोजना से जल आवंटन में मध्यप्रदेश का अहित नहीं होने देंगे। साथ ही उत्तरप्रदेश के हितों की भी पूरी रक्षा की जाएगी। इस संबंध शीघ्र ही वे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ संयुक्त बैठक कर अंतिम हल निकालेंगे। यह बातें उन्होंने शनिवार को भोपाल प्रवास के दौरान मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं सभी संबंधित वरिष्ठ अधिकारियों के साथ केन-बेतवा लिंक परियोजना के जल बंटवारे संबंधी बैठक में कही। बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, नेशनल जल जीवन मिशन के डायरेक्टर भरत लाल, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एसएन मिश्रा आदि उपस्थित थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश हमेशा से दूसरे राज्यों के हितों की परवाह करता रहा है, परंतु प्रदेश का अहित न हो इसका भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। केन-बेतवा परियोजना से मध्यप्रदेश-उत्तरप्रदेश को 700 एमसीएम पानी देने के लिए सहमत है। शीघ्र ही केंद्रीय मंत्री शेखावत के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बातचीत कर योजना के गतिरोध को दूर किया जाएगा। बैठक में मुख्यमंत्री ने जल आवंटन को लेकर मध्यप्रदेश का पक्ष मजबूती से रखा। आपसी बातचीत से 15 दिन में निकालें हल बैठक में ईस्टर्न राजस्थान नहर परियोजना सह पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना में मप्र एवं राजस्थान के बीच जल उपयोग को लेकर भी बातचीत हुई। इस संबंध में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने निर्देश दिए कि 15 जनवरी से आगामी 15 दिनों में दोनों पक्ष निरंतर बातचीत कर हल निकालें। इस परियोजना की डीपीआर में प्रस्तावित बांध एवं बैराजों के लिए 50 फीसदी जल निर्भरता पर जल उपयोग की गणना की गई है। मध्यप्रदेश का कहना है कि इसे 75 फीसदी जल निर्भरता पर आकलन के आधार पर पुनरीक्षित किया जाए। केन-बेतवा लिंक परियोजना के संबंध में मध्यप्रदेश का पक्ष मध्यप्रदेश की दौधन बांध पर 6590 एम.सी.एम जल उपलब्धता के आधार पर बांध से उत्तरप्रदेश के लिए 700 एम.सी.एम जल सभी प्रयोजनों के लिए लिंक केनाल सहित नॉन मानसून के दौरान आवंटित करने पर सहमति है। लिंक केनाल द्वारा उत्तरप्रदेश को प्रदत्त जल को शामिल करते हुए उत्तरप्रदेश को आवंटित 1700 एमसीएम जल की एकाउंटिग बरियारपुर पिकअप वीयर पर की जाए। शेष संपूर्ण जल 2733 एमसीएम के उपयोग करने के लिए मध्यप्रदेश स्वतंत्र रहेगा। उत्तरप्रदेश का पक्ष परियोजना अंतर्गत उत्तरप्रदेश गैर मानसून अवधि में दौधन बांध से नवम्बर से मई माह तक 935 एमसीएम पानी चाहता है। राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण का सुझाव राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण ने सुझाव दिया है कि परियोजना से नॉन मानसून मौसम में दौधन बांध पर उत्तरप्रदेश को 750 एम.सी.एम तथा मध्यप्रदेश को 1834 एमसीएम जल दें। अभिकरण द्वारा दौधन बांध पर जल उपलब्धता 6188 एमसीएम मानी गयी है। मध्यप्रदेश का तर्क परियोजना के अंतर्गत समस्त तकनीकी एवं जल योजना डिजाईन केन्द्रीय जल आयोग द्वारा दौधन बांध पर 6590 एमसीएम जल उपलब्धता के आधार पर की गई है, एवं समस्त अनुमोदन इसी आधार पर किए गए है। यदि दौधन बांध पर जल उपलब्धता 6590 एम.सी.एम के स्थान पर 6188 एमसीएम मानी जाती है, उस स्थिति में भविष्य में मध्यप्रदेश को लगभग 400 एमसीएम जल की हानि होगी, साथ ही यदि 750 एमसीएम जल दौधन बांध से नॉन मानसून सीजन में उत्तरप्रदेश को उपलब्ध कराया जाता है, उस स्थिति में रंगवान बांध, अंतरिम जलग्रहण क्षेत्र और बरियारपुर स्टोरेज में लगभग 200 एमसीएम जल उत्तरप्रदेश को अतिरिक्त रूप से प्राप्त होगा। इसलिए उत्तरप्रदेश को कुल आवंटित 1700 एमसीएम जल मौजूदा केन सिस्टम से बरियारपुर पर दिया जाना मप्र के हित में होगा। केन-बेतवा परियोजना के प्रमुख बिन्दु वर्ष 2009 में भारत सरकार द्वारा केन-बेतवा लिंक बहुउद्देशीय परियोजना को राष्ष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया एवं इसके वित्त पोषण हेतु 90:10 अनुपात में केन्द्र एवं संबंधित राज्यों के मध्य आधार सुनिश्चित किया गया। परियोजना मप्र के छतरपुर-पन्ना जिले में स्थित है। परियोजना के क्रियान्वयन से होने वाली संपूर्ण क्षति जैसे- भूमि अधिग्रहण, जंगल क्षति, राजस्व भूमि की क्षति, प्रतिपूरक वनीकरण हेतु गैर वनभूमि की व्यवस्था, जनजातीय परिवारों का विस्थापन एवं पुनर्वास इत्यादि मध्यप्रदेश द्वारा वहन की जा रही है। राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण द्वारा परियोजना की ड्राफ्ट अक्टूबर 2018 में तैयार की गई। ड्राफ्ट एकजाई डीपीआर की कुल लागत लगभग 35111.24 करोड़ आंकलित की गई। जल संसाधन विभाग मध्यप्रदेश द्वारा ड्राफ्ट एकजाई में उत्तरप्रदेश को रबी सीजन में 700 एमसीएम के स्थान पर 930 एमसीएम जल का उपयोग दर्शाया गया है, जबकि मध्यप्रदेश का रबी सीजन में जल एवं कमांड क्षेत्र कम किया गया है, जो मध्यप्रदेश को मान्य नहीं है। इस संबंध में भारत सरकार के समक्ष मध्यप्रदेश का पक्ष मजबूती से रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने बैठक में ही केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से परियोजना संबंधी गतिरोध शीघ्र दूर करने सबंधी आग्रह किया।
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9 January 2021कटनी। जिला प्रशासन की सक्रियता और महाराष्ट्र की सोलापुर पुलिस के सहयोग से सोलापुर में बंधक बनाये गये 52 श्रमिकों को छुड़ाने में सफलता मिली है। शुक्रवार देर रात 2 बजे श्रमिकों को सकुशल स्लीमनाबाद लाया गया। जानकारी के अनुसार मंगलवार की जनसुनवाई में बहोरीबंद तहसील के ग्राम धनवाही के ग्रामीणों ने आकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में इस विषय में शिकायत दर्ज कराई थी। इसकी जानकारी जैसे ही कलेक्टर प्रियंक मिश्रा को मिली, उन्होंने मामले की संवेदनशीलता को समझते हुये तुरंत ही बहोरीबंद एसडीएम रोहित सिसोनिया (आईएएस) को प्रकरण की जांच करने और त्वरित रुप से जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। एसडीएम सिसोनिया ने तत्परता के साथ बंधक बनाये गये श्रमिकों की जानकारी एकत्र की। साथ ही उन्होंने श्रमिकों से व्यक्तिगत रुप से बात की और पूरी जानकारी ली। जिसमें इस बात की पुष्टि हुई कि श्रमिकों को झांसा देकर सोलापुर जिले के कंदल गांव नामक स्थान ले जाया गया है। जहां पर इनसे अत्याधिक काम कम पैसे देकर जोर-जबरजस्ती से कराया जा रहा है। शिकायत की पुष्टि होने पर कलेक्टर मिश्रा एवं एसडीएम सिसोनिया ने महाराष्ट्र के अधिकारियों से संपर्क किया। जिसमें महत्वपूर्ण सहयोग टीकमगढ़ जिले में पदस्थ एसडीएम सौरभ सोनवाने (आईएएस) ने भी किया। सोनवाने ने महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में पदस्थ पुलिस अधीक्षक तेजस्वी सतपोटे से बात की और उन्हें पूरा घटनाक्रम तथा श्रमिकों की समस्या बताई। श्रमिकों की समस्या संज्ञान में आते ही पुलिस अधीक्षक तेजस्वी सतपोटे ने मामले को अत्याधिक गंभीरता से लेते हुये 5 जनवरी को ही विषेश टीम का गठन करते हुये कार्य में लगाया। जिसके बाद चौबीस घंटे के भीतर ही 6 जनवरी टीम छापामार कार्यवाही करते हुये सभी बंधक बनाये गये 52 श्रमिकों को अपनी अभिरक्षा में लिया। साथ ही उन्हें वाहनों के माध्यम से मंदरुप थाने ले गये। 7 जनवरी की सुबह तेजस्वी सतपोटे द्वारा विशेष वाहन से बंधनमुक्त कराये गये श्रमिकों को गृह जिला कटनी के लिये जाने के लिये सोलापुर से नागपुर के लिये रवाना किया गया। जहां पर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के द्वारा की गई वाहन व्यवस्था से उन्हें नागपुर से उनके ग्राम धनवाही, कारीपाथर, बंधी स्टेशन सकुशल लाया गया है। कलेक्टर मिश्रा ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन में पुलिस अधीक्षक सोलापुर तेजस्वी सतपोटे, इन्सपेक्टर महाराष्ट्र पुलिस नितिन थेटे और एसडीएम टीकमगढ़ सौरभ सोनवाने का विशेष योगदान रहा है। इनके द्वारा सम्पूर्ण विषय की गंभीरता से लेते हुये अपने पदीय दायित्वों से उपर उठकर मानवीय दृष्टिकोण से कार्य किया गया, जिससे सभी श्रमिकों की सकुशल घर वापसी हो पाई है। मिश्रा ने इस कार्य में लगे सभी सदस्यों का जिला प्रशासन की तरफ से आभार भी माना है।
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9 January 2021कटनी। जिला प्रशासन की सक्रियता और महाराष्ट्र की सोलापुर पुलिस के सहयोग से सोलापुर में बंधक बनाये गये 52 श्रमिकों को छुड़ाने में सफलता मिली है। शुक्रवार देर रात 2 बजे श्रमिकों को सकुशल स्लीमनाबाद लाया गया। जानकारी के अनुसार मंगलवार की जनसुनवाई में बहोरीबंद तहसील के ग्राम धनवाही के ग्रामीणों ने आकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में इस विषय में शिकायत दर्ज कराई थी। इसकी जानकारी जैसे ही कलेक्टर प्रियंक मिश्रा को मिली, उन्होंने मामले की संवेदनशीलता को समझते हुये तुरंत ही बहोरीबंद एसडीएम रोहित सिसोनिया (आईएएस) को प्रकरण की जांच करने और त्वरित रुप से जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। एसडीएम सिसोनिया ने तत्परता के साथ बंधक बनाये गये श्रमिकों की जानकारी एकत्र की। साथ ही उन्होंने श्रमिकों से व्यक्तिगत रुप से बात की और पूरी जानकारी ली। जिसमें इस बात की पुष्टि हुई कि श्रमिकों को झांसा देकर सोलापुर जिले के कंदल गांव नामक स्थान ले जाया गया है। जहां पर इनसे अत्याधिक काम कम पैसे देकर जोर-जबरजस्ती से कराया जा रहा है। शिकायत की पुष्टि होने पर कलेक्टर मिश्रा एवं एसडीएम सिसोनिया ने महाराष्ट्र के अधिकारियों से संपर्क किया। जिसमें महत्वपूर्ण सहयोग टीकमगढ़ जिले में पदस्थ एसडीएम सौरभ सोनवाने (आईएएस) ने भी किया। सोनवाने ने महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में पदस्थ पुलिस अधीक्षक तेजस्वी सतपोटे से बात की और उन्हें पूरा घटनाक्रम तथा श्रमिकों की समस्या बताई। श्रमिकों की समस्या संज्ञान में आते ही पुलिस अधीक्षक तेजस्वी सतपोटे ने मामले को अत्याधिक गंभीरता से लेते हुये 5 जनवरी को ही विषेश टीम का गठन करते हुये कार्य में लगाया। जिसके बाद चौबीस घंटे के भीतर ही 6 जनवरी टीम छापामार कार्यवाही करते हुये सभी बंधक बनाये गये 52 श्रमिकों को अपनी अभिरक्षा में लिया। साथ ही उन्हें वाहनों के माध्यम से मंदरुप थाने ले गये। 7 जनवरी की सुबह तेजस्वी सतपोटे द्वारा विशेष वाहन से बंधनमुक्त कराये गये श्रमिकों को गृह जिला कटनी के लिये जाने के लिये सोलापुर से नागपुर के लिये रवाना किया गया। जहां पर कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के द्वारा की गई वाहन व्यवस्था से उन्हें नागपुर से उनके ग्राम धनवाही, कारीपाथर, बंधी स्टेशन सकुशल लाया गया है। कलेक्टर मिश्रा ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन में पुलिस अधीक्षक सोलापुर तेजस्वी सतपोटे, इन्सपेक्टर महाराष्ट्र पुलिस नितिन थेटे और एसडीएम टीकमगढ़ सौरभ सोनवाने का विशेष योगदान रहा है। इनके द्वारा सम्पूर्ण विषय की गंभीरता से लेते हुये अपने पदीय दायित्वों से उपर उठकर मानवीय दृष्टिकोण से कार्य किया गया, जिससे सभी श्रमिकों की सकुशल घर वापसी हो पाई है। मिश्रा ने इस कार्य में लगे सभी सदस्यों का जिला प्रशासन की तरफ से आभार भी माना है।
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9 January 2021भोपाल। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा है कि प्रधानमंत्री की हर योजना में मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में लीडर है। अटल भू-जल योजना एवं जल जीवन मिशन का भी प्रदेश में तेजी से क्रियान्वयन हो रहा है। यह प्रसन्नता की बात है कि मध्यप्रदेश निर्धारित अवधि से पूर्व ही अपने लक्ष्य पूरे कर लेगा। केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत शनिवार को सीएम हाउस में अटल भू-जल योजना एवं जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट मौजूद रहे। पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का वर्ष 2024 तक हर घर में शुद्ध जल पहुंचाने का संकल्प है। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री जी के इस संकल्प को वर्ष 2023 तक ही पूरा कर लिया जाएगा। अटल भू-जल योजना का भी रोडमैप तैयार है, इस पर तेजी अमल किया जाएगा। अटल भू-जल योजना में मध्यप्रदेश में 6 जिले एवं 9 ब्लॉक शामिलकेन्द्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत ने कहा है कि अटल भू-जल योजना के प्रथम चरण में मध्यप्रदेश में तेज गति से काम हुआ है। मध्यप्रदेश की भूजल गुणवत्ता काफी अच्छी है। योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश के 6 जिले छतरपुर, सागर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना एवं निवाड़ी तथा 9 ब्लाक पथरिया, छतरपुर, नौगांव, राजनगर, अजयगढ़, पलैरा, बलदेवगढ़़ एवं निवाड़ी शामिल हैं। योजना को वर्ष 2025 तक पूरा किया जाना है। मध्यप्रदेश में योजना की लागत 315.62 करोड़ रुपये है। शत-प्रतिशत राशि विश्व बैंक व भारत सरकार से प्राप्त होगी। जलस्रोतों के उपयोग के लिए जागरूकता आवश्यकमंत्री शेखावत ने कहा कि हर घर गांव में जलस्रोतों व भूजल की स्थिति तथा जल के उपयोग के संबंध में ग्रामवासियों में जागरूकता आवश्यक है। गांव के जल प्रबंधन में समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जानी है हर घर में नल से स्वच्छ व गुणवत्तापूर्ण पानीजल जीवन मिशन का उद्देश्य है हर घर में नल कनेक्शन हो तथा उससे स्वच्छ गुणवत्तापूर्ण पानी मिलता रहे। इसके लिए जो संरचना बने वह 30 साल तक चलती रहे। पूरे देश में अगले पांच वर्ष में 16 करोड़ नल कनेक्शन होने हैं। गांव ही करेगा जल का प्रबंधनजल जीवन मिशन के अंतर्गत हर गांव में जल प्रबंधन समितियां तथा ग्राम पंचायत के माध्यम से वहां के जल का प्रबंधन किया जाना है। इसके लिए हर गांव की जल कार्य योजना तैयार की जानी है। इस मिशन का उद्देश्य है पानी की क्वालिटी, क्वांटिंटी तथा रेगुलरिटी (मात्रा, गुणवत्ता व नियमितता) सुनिश्चित करना। ग्राम स्तर पर डैशबोर्डमिशन के अंतर्गत हर ग्राम स्तर पर पानी प्रबंधन की मॉनीटेरिंग के लिए डैशबोर्ड बनाया जाएगा। पानी की टंकियों पर सेंसर लगाये जाएंगे, जो पानी की स्थिति बतायेंगे। घर-घर पानी की गुणवत्ता जांचने के लिए डिवाइज (उपकरण) प्रदान किए जाएंगे। 6 माह में डेढ़ लाख नल कनेक्शनमुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत मध्यप्रदेश में तेज गति से काम हो रहा है। पिछले 6 माह में लगभग डेढ़ लाख कनेक्शन हो गए हैं। प्रदेश के 1 करोड़ 21 लाख घरों में से 29 लाख 68 हजार घरों में कनेक्शन हो गए हैं तथा 91 लाख 56 हजार घरों में कनेक्शन होने हैं। योजना के अंतर्गत बुरहानपुर एवं निवाड़ी जिलों में आगामी मार्च महीने तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा। जल जीवन पुस्तिकाओं का विमोचन कियाबैठक में जल शक्ति मंत्री शेखावत द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की जल जीवन मिशन पर प्रकाशित पुस्तिकाओं का विमोचन किया गया। इसी के साथ बुरहानपुर जिले की जल जीवन मिशन की जिला कार्य योजना का विमोचन भी किया गया। बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, नेशनल जल जीवन मिशन के डायरेक्टर भरत लाल, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मलय श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एस.एन. मिश्रा आदि उपस्थित थे।
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9 January 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में राजधानी भोपाल को छोडक़र शेष सभी 51 जिलों में शुक्रवार को सुबह 9:00 बजे से शुरू हुए कोविड-19 वैक्सीन का ड्राई रन के सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इस पर लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने विभागीय अधिकारियों - कर्मचारियों को बधाई दी। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने एनएचएम मुख्यालय में कोविड 19 के वेक्सिनेशन के लिए बनाए गए स्टेट कंट्रोल रूम से सभी जिलों के अधिकारियों से सीधी बातचीत की। उन्होंने ड्राई रन के लिए जिलों के वैक्सीनेशन केंद्र पर पहुंचे लाभार्थी को प्रोटोकाल के साथ की गई व्यवस्थाओं की जानकारी ली। जिलों के टीकाकरण अधिकारियों ने बताया कि आज वह सभी जिनको ड्राई रन के लिए रजिस्टर्ड किया गया था वो समय पर पहुंचे। लाभार्थियों को केंद्र पर पहले प्रतीक्षा कक्ष में बिठाकर उनकी पहचान स्थापित की गई। इसके बाद उन्हें प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वेक्सिनेशन कक्ष में भेजा गया जहां पर उनका रिहर्सल वैक्सीनेशन के बाद उन्हें आब्जर्वेशन कक्ष में पूरे प्रोटोकॉल के साथ बिठाया गया। ऑब्जरवेशन कक्ष में 30 मिनट रुकने के बाद उन्हें पूरी तरह से सामान्य स्थिति में अपने घर जाने के लिए कहा गया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने अधिकारियों से कहा कि कुछ स्थानों पर यदि कोई कमी नजर आई हो तो जरूर बताएं। ड्राई रन का उद्देश्य यही है कि हम वास्तविक रूप से टीकाकरण शुरू करने के पहले यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि टीकाकरण के समय कोई कमी नहीं रह जाए।
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8 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक करोड़ क्रियाशील घरेलू नल कनेक्शन (एफएचटीसी) का लक्ष्य तेजी से कार्य कर प्राप्त किया जाये। बैठक में बताया गया 100 दिवसीय अभियान के अंतर्गत शाला एवं आंगनबाड़ी में नल से जल पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। जनवरी से मार्च 2021 की अवधि में प्रदेश के डेढ़ लाख आंगनवाड़ी केन्द्रों और विद्यालयों में नल कनेक्शन लग जायेंगे। इसके अंतर्गत आँगनवाड़ी केन्द्रों में करीब 75 हजार नल कनेक्शन दिये जायेंगे। इसी तरह करीब 75 हजार शालाओं में भी कनेक्शन तीन माह में प्रदान किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की आबादी को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से वर्ष 2023 तक 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन के मापदंड से गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य प्राप्त किया जाए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में वर्ष 2020-21 में 26 लाख घरेलू कनेक्शन देने का लक्ष्य है। इसी तरह वर्ष 2021-22 में 33 लाख, वर्ष 2022-23 में 28 लाख और वर्ष 2023-24 में 14 लाख कनेक्शन देने का लक्ष्य हैं। भारत सरकार से प्राप्त राशि और किए गए व्यय के आधार पर मध्य प्रदेश बड़े राज्यों में दूसरे क्रम पर है जहां 378 करोड़ रुपए की राशि व्यय की गई है। मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि ग्रामीण आबादी को स्वच्छ और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध करवाने के लिये स्वीकृत योजनाओं का कार्य तेजी से पूर्ण किया जाये। जल जीवन मिशन के अंतर्गत 10 योजनाओं से 4347 ग्राम लाभान्वित होंगे। ये योजनाएं गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, सिंगरौली, आगर, देवास, सागर और धार में क्रियान्वित होंगी। मुख्यमंत्री ने जल जीवन मिशन के कार्यों के अंतर्गत स्त्रोत आधारित समूह जल प्रदाय योनाओं के क्रियान्वयन की भी समीक्षा की। बैठक में गुणवत्ता प्रभावित बसाहटों और सांसद आदर्श ग्राम की योजनाओं में संचालित कार्यों की भी समीक्षा की गई। बैठक में अपर मुख्य सचिव मलय श्रीवास्तव ने मिशन के कार्यों के संबंध में जानकारी दी।
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8 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को मंत्रालय में खेल एवं युवा कल्याण विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह मध्यप्रदेश के लिए गौरव की बात है कि वर्ष 2022 के खेलो इंडिया गेम्स भोपाल में कराने की केंद्र सरकार द्वारा सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी गई है, शीघ्र ही विधिवत स्वीकृति प्राप्त हो जाएगी। मध्यप्रदेश के 2 खिलाडिय़ों चिंकी यादव एवं ऐश्वर्य प्रताप सिंह द्वारा शूटिंग में ओलंपिक कोटा जीतना भी गर्व का विषय है। इसी प्रकार प्रदेश के 25 खिलाड़ी ओलंपिक क्वालिफायर के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। बैठक में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डायरेक्टर जनरल पवन जैन, प्रमुख सचिव मनोज गोयल आदि उपस्थित थे। मुख्यमंत्री कप एवं विधायक कप का आयोजन होगा बताया गया कि प्रदेश में नए एवं प्रतिभावान खिलाडिय़ों को अवसर प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री कप का आयोजन किया जाएगा। गत सरकार ने विधायक कप का आयोजन बंद कर दिया था, जिसे दोबारा शुरू किया जाएगा योग 'खेलो इंडिया गेम्स 2021' में शामिल भारत सरकार द्वारा योग को खेलो इंडिया गेम्स 2021 में खेल के रूप में शामिल किया गया है। प्रदेश में योग के विस्तार के लिए जिला स्तर पर विवेकानंद योग सेंटर्स की स्थापना की जाएगी। इसके बाद विकासखंड स्तर तक इनका विस्तार किया जाएगा। भोपाल में पुरुषों की हॉकी तथा मार्शल आर्ट अकादमी प्रदेश में हॉकी को आगे बढ़ाने के लिए पुरुष हॉकी अकादमी भोपाल में तथा महिला हॉकी अकादमी ग्वालियर में पुन: स्थापित की जाएंगी। टीटी नगर स्टेडियम में मार्शल आर्ट अकादमी बनाई जा रही है। भोपाल में शूटिंग रेंज का भी विस्तार किया जाएगा। ग्वालियर में अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर तथा भोपाल में अंतरराष्ट्रीय स्पोट्र्स साइंस सेंटर मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्वालियर में 50 एकड़ भूमि पर अंतरराष्ट्रीय खेल परिसर के निर्माण तथा भोपाल में विश्व स्तरीय स्पोट्र्स साइंस सेंटर के निर्माण की योजना है। स्पोर्टर्स साइंस सेंटर में खिलाडिय़ों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए विभिन्न प्रकार के वैज्ञानिक तरीके अपनाए जाएंगे। रांझी जबलपुर में तीरंदाजी की विश्व स्तरीय अधोसंरचना बनाए जाने की भी योजना है। बीजलपुर इंदौर में मल्टीपर्पज स्पोट्र्स कांप्लेक्स का निर्माण कराया जाएगा। 10 अंतरराष्ट्रीय व 40 राष्ट्रीय पदक अर्जित किए खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बताया कि कोरोना काल में अगस्त माह से प्रदेश की खेल अकादमियों को प्रारंभ कर दिया गया था। यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है कि गत 5 महीनों में मध्य प्रदेश के खिलाडिय़ों ने 10 अंतरराष्ट्रीय एवं 40 राष्ट्रीय पदक अर्जित किए हैं। खिलाडिय़ों की पुलिस में भर्ती मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाडिय़ों को मध्य प्रदेश पुलिस में भर्ती के संबंध में वर्ष 2019 में मंत्रिपरिषद द्वारा निर्णय लिया गया था। अधिसूचना के राजपत्र में प्रकाशन उपरांत भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी। 9684 युवाओं को रोजगार प्रदेश में खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा संचालित विभिन्न रोजगार कार्यक्रमों के अंतर्गत 9684 युवाओं को रोजगार प्रदान किया गया है।
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8 January 2021इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को इंदौर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नवनिर्मित आधुनिक अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गो टर्मिनल का मंत्रियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने घोषणा की कि इंदौर एयरपोर्ट को 22 एकड़ ज़मीन दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि मप्र के भविष्य का लॉजिस्टिक हब है। केंद्रीय रूप से स्थित होने के कारण हमारा प्रदेश संभावनाओं से परिपूर्ण है। इन्दौर एयरपोर्ट से 20 किलोमीटर की परिधि में लॉजिस्टिक हब विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मां अहिल्याबाई हमारे लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनसे हमें सुशासन के सूत्र मिलते हैं। उनकी प्रेरणा से हम मध्यप्रदेश को माफियामुक्त करने के अभियान में लगे हैं। मध्यप्रदेश में कानून के विरुद्ध काम करने वालों को सख्त सजा दिलायी जाएगी। ड्रग्स माफिया हों या भू माफिया, मध्यप्रदेश में उन्हें पनाह नहीं मिलेगी। हम इन्हें मध्यप्रदेश के धरती पर दिखने नहीं देंगे, यह हमारा संकल्प है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर हम वोकल फार लोकल हुए हैं। हमारा लक्ष्य है लोकल उत्पादों को देश के बाहर भी ख्याति दिलाना। इंदौर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां नवनिर्मित कार्गो टर्मिनल से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इंदौर देश का भविष्य का लॉजिस्टिक्स हब बनेगा। हमने इसके विकास के लिए जमीन भी चिन्हित की है। इंदौर में असीम संभावनाएं हैं। अंतरराष्ट्रीय कार्गो टर्मिनल से हमारे निर्माण की गतिविधियों को बल मिलेगा, हमारे किसान अपने फल-सब्जियों को एक्सपोर्ट कर पाएंगे। इससे इंदौर के विकास को भी पंख लगेंगे। उन्होंने कहा कि इंदौर अपने सपनों का शहर है। सेवाभावी और संस्कारयुक्त शहर है। आज इंदौर को एक बड़ी सौगात मिल रही है। यह तय है कि आने वाले कुछ वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के लोकल को वोकल बनाने के सपने को पूरा करने में इंदौर सबसे आगे रहेगा। उन्होंने कहा कि हम देश ही नहीं दुनिया की जरूरतें पूरी करेंगे, लेकिन उसके लिये जरूरी था अंतरराष्ट्रीय एयर कार्गो टर्मिनल, वो अब हमारे पास है। इंदौर अभी भी एक्सपोर्ट करता है। हम दवाइयां, लेदर, मशीनरी, डायमंड, स्पेयर पाट्र्स भी एक्स्पोर्ट करते हैं।
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6 January 2021भोपाल। बीते दिन इंदौर पुलिस ने 70 किलो एमडी ड्रग्स जब्त किया है। जब्त किए गए ड्रग्स की अनुमानित कीमत 70 करोड़ रुपए बताई जा रही है। पुलिस ने 5 पैडलरों को भी हिरासत में लिया है। ड्रग माफिया पर हुई कार्रवाई को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर पुलिस की तारीख करते हुए उन्हें बधाई दी है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि इंदौर पुलिस की कार्रवाई ड्रग माफिया पर करारी चोट है। इस सफलता के लिए इंदौर पुलिस के जांबाज अफसर और जवानों को बहुत-बहुत बधाई। गृहमंत्री ने कहा कि हमने कहा था कि हम भूमाफिया को छोड़ेंगे नहीं उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो रही है। प्रदेश में अब किसी भी तरह के माफिया को नहीं रहने दिया जाएगा। गुटखा माफिया के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस और ममता बेनर्जी पर कसा तंजइस दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मंत्री मिश्रा ने कहा कि अखंड भारत की परिकल्पना को खंड-खंड करने का काम नेहरू-गांधी परिवार ने ही किया है। पूर्व राष्ट्रपति डॉ.प्रणब मुखर्जी जी की किताब से अब यह और स्पष्ट हो गया है। नेहरू खानदान की तुष्टिकरण की नीति के कारण ही नेपाल का विलय भारत में नहीं हो पाया। इस दौरान पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बेनर्जी सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री कैबिनेट बैठक से नदारद हैं। इससे केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी की बात की पुष्टि होती है कि चुनाव पास आते-आते ममता जी अपनी पार्टी में अकेली रह जाएंगी। वहां जनता बंगाल भाजपा की सरकार बनाने का मन बना चुकी है। पत्थरबाजों से सख्ती से निपटा जाएगाप्रदेश में पत्थरबाजों को लेकर मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि "जिस घर से पत्थर आएंगे, उसी के पत्थर निकाले जाएंगे।"यह सबक समाज में विध्वंस और खौफ फैलाने की सोच रखने वाले तत्वों को याद रखना होगा। प्रदेश में कानून का राज है। अराजकता फैलाने का प्रयास करने वाली ताकतों से अब सख्ती से ही निबटा जाएगा।
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6 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि मध्यप्रदेश में मुर्गियों में पाए जाने वाले संक्रामक रोग बर्ड फ्लू से बचाव, रोकथाम और नियंत्रण के पूरे प्रयास किये जायें। भले ही मध्यप्रदेश में ऐसे मामले नहीं आये हैं, फिर भी एहतियातन सभी सावधानियां बरती जाएं। यह निर्देश मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को अपने निवास पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में दिए। उन्होंने इस दौरान राज्य में बर्ड फ्लू से बचाव, रोकथाम और नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में ऐसी समस्या नहीं है, एहतियातन आवश्यक कदम उठाए गए हैं। इनमें भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस से जिलों को अवगत करवाया गया है। दक्षिण भारत के केरल सहित सीमावर्ती राज्यों से सीमित अवधि के लिए पोल्ट्री प्रतिबंधित रहेगा। यह अस्थाई रोक एहतियातन लगाई गई है। प्रदेश के कुछ स्थानों कुछ कौवों की मृत्यु की सूचना के बाद सावधानी के तौर पर ये कदम उठाया गया है। जिन जिलों से ऐसे समाचार मिले हैं, वहां रोग होने की पुष्टि भारतीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोग शाला (NISHAD) से प्रतीक्षित है। इसके पहले सावधानी के तौर पर सम्पूर्ण प्रदेश में रोग के नियंत्रण और शमन के लिये अलर्ट जारी किया गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने जिलों में गाइडलाइन का पालन करवाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही पशुपालन विभाग और सहयोगी विभागों एवं एजेंसियों को इस मामले में सजग रहने, रेंडम चेक करने और आमजन को आवश्यक जानकारी देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जहां से पक्षियों की मृत्यु की जानकारी मिली है, सावधानी के तौर पर पोल्ट्री फार्म पर भी नजर रखी जाए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में बर्ड फ्लू की प्रतिदिन की स्थिति से भारत सरकार को अवगत करवाया जा रहा है। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव पशुपालन जे.एन. कंसोटिया, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। प्रमुख बिन्दु -कुछ जिलों में कौवों की मृत्यु का समाचार मिलने पर सैम्पल एकत्रीकरण और रोग की रोकथाम और नियंत्रण के लिये कार्रवाई की गई। -बर्ड फ्लू रोग उदभेद करने वाले जिलों में कलेक्टर मार्गदर्शन में पशुपालन, वन, स्वास्थ्य और स्थानीय निकाय के सम्नवित प्रयासों से जरूरी कार्यवाही तत्काल की गई है। भारत सरकार की एडवाइजरी के अनुसार सतर्कता रखी जा रही है। -वर्तमान में सिर्फ कौवों में बर्ड फ्लू के H5N8 वायरस के संक्रमण की जानकारी मिली है। यह वायरस मुर्गियों में नहीं पाया गया है। -जिलों में विभागीय दल जलाशयों, कुक्कुट प्रक्षेत्रों, कुक्कुट बाजारों में सघन निगरानी रख रहा है। -बर्ड फ्लू संदर्भ में जन जागरूकता के लिये कुक्कुट पालकों और व्यवसायियों को इस रोग से बचाव के लिये आवश्यक जानकारियां दी की जा रही है। -मध्यप्रदेश के जिलों में पोल्ट्री फार्म और बैकयार्ड कुक्कुट में किसी भी प्रकार से मुर्गियों में अप्राकृतिक मृत्यु की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। जिलों में पशुपालन विभाग का अमला संपूर्ण सतर्कता बरत रहा है। -कौवों या मुर्गियों में बीमारी या अप्राकृतिक मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल सैंपल एकत्र कर प्रयोगशाला भेजने की कार्यवाही की जाती है। संक्रमित स्थान का डिस इन्फेक्शन और सैनिटाइजेशन जिले के स्थानीय निकाय के सहयोग से किया जाता है। इस प्रोटोकाल से सर्व संबंधितों को अवगत करवाया गया है। -जो लोग मांसाहार करते हैं, उनके लिए यह सावधानी जरूरी है कि मुर्गियों को अच्छे से पका कर उपयोग करें, इससे मानव स्वास्थ्य को किसी प्रकार का खतरा नहीं है, अभी तक ऐसा कोई प्रकरण भी नहीं आया है, परंतु सावधानी और सतर्कता की आवश्यकता है।
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6 January 2021भोपाल। राजनीति दलों द्वारा कोरोना वैक्सीन को लेकर खूब राजनीति की जा रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि वे टीका (कोरोना वैक्सीन) नहीं लगवा रहे हैं। वे बीजेपी की वैक्सीन पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? अखिलेश यादव के बयान के बाद कोरोना वायरस के टीके को लेकर राजनीति शुरू हो गई। अखिलेश के इस बयान पर हैरानी जताते हुए मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने करारा जवाब दिया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर अखिलेश यादव के बयान पर हैरानी जताते हुए कहा कि "टीके में भी राजनीति?? हे ईश्वर! कमाल है भाई, भाजपा पर टीका-टिप्पणी करते-करते इतने भ्रमित हो गए कि उनके लिए अब कोविड का टीका भी भाजपा का हो गया! अब कोई इसपर क्या टिप्पणी करे! ऐसी बातें कर लाखों लोगों को भ्रमित कर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना अच्छी बात नहीं।" बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद सपा के एक एमएलसी ने भी कोरोना वैक्सीन को लेकर सवाल उठाए। इनके अलावा कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता शशि थरूर और जयराम रमेश ने भी भारत में बनायी जा रही कोवैक्सीन को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
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4 January 2021भोपाल। राजनीति दलों द्वारा कोरोना वैक्सीन को लेकर खूब राजनीति की जा रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि वे टीका (कोरोना वैक्सीन) नहीं लगवा रहे हैं। वे बीजेपी की वैक्सीन पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? अखिलेश यादव के बयान के बाद कोरोना वायरस के टीके को लेकर राजनीति शुरू हो गई। अखिलेश के इस बयान पर हैरानी जताते हुए मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने करारा जवाब दिया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर अखिलेश यादव के बयान पर हैरानी जताते हुए कहा कि "टीके में भी राजनीति?? हे ईश्वर! कमाल है भाई, भाजपा पर टीका-टिप्पणी करते-करते इतने भ्रमित हो गए कि उनके लिए अब कोविड का टीका भी भाजपा का हो गया! अब कोई इसपर क्या टिप्पणी करे! ऐसी बातें कर लाखों लोगों को भ्रमित कर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना अच्छी बात नहीं।" बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद सपा के एक एमएलसी ने भी कोरोना वैक्सीन को लेकर सवाल उठाए। इनके अलावा कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता शशि थरूर और जयराम रमेश ने भी भारत में बनायी जा रही कोवैक्सीन को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
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4 January 2021भोपाल। राजनीति दलों द्वारा कोरोना वैक्सीन को लेकर खूब राजनीति की जा रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि वे टीका (कोरोना वैक्सीन) नहीं लगवा रहे हैं। वे बीजेपी की वैक्सीन पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? अखिलेश यादव के बयान के बाद कोरोना वायरस के टीके को लेकर राजनीति शुरू हो गई। अखिलेश के इस बयान पर हैरानी जताते हुए मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने करारा जवाब दिया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर अखिलेश यादव के बयान पर हैरानी जताते हुए कहा कि "टीके में भी राजनीति?? हे ईश्वर! कमाल है भाई, भाजपा पर टीका-टिप्पणी करते-करते इतने भ्रमित हो गए कि उनके लिए अब कोविड का टीका भी भाजपा का हो गया! अब कोई इसपर क्या टिप्पणी करे! ऐसी बातें कर लाखों लोगों को भ्रमित कर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना अच्छी बात नहीं।" बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद सपा के एक एमएलसी ने भी कोरोना वैक्सीन को लेकर सवाल उठाए। इनके अलावा कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता शशि थरूर और जयराम रमेश ने भी भारत में बनायी जा रही कोवैक्सीन को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
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4 January 2021भोपाल। राजनीति दलों द्वारा कोरोना वैक्सीन को लेकर खूब राजनीति की जा रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि वे टीका (कोरोना वैक्सीन) नहीं लगवा रहे हैं। वे बीजेपी की वैक्सीन पर कैसे भरोसा कर सकते हैं? अखिलेश यादव के बयान के बाद कोरोना वायरस के टीके को लेकर राजनीति शुरू हो गई। अखिलेश के इस बयान पर हैरानी जताते हुए मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने करारा जवाब दिया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर अखिलेश यादव के बयान पर हैरानी जताते हुए कहा कि "टीके में भी राजनीति?? हे ईश्वर! कमाल है भाई, भाजपा पर टीका-टिप्पणी करते-करते इतने भ्रमित हो गए कि उनके लिए अब कोविड का टीका भी भाजपा का हो गया! अब कोई इसपर क्या टिप्पणी करे! ऐसी बातें कर लाखों लोगों को भ्रमित कर उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करना अच्छी बात नहीं।" बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बाद सपा के एक एमएलसी ने भी कोरोना वैक्सीन को लेकर सवाल उठाए। इनके अलावा कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता शशि थरूर और जयराम रमेश ने भी भारत में बनायी जा रही कोवैक्सीन को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
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4 January 2021भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के सभी संभाग आयुक्तों, कलेक्टर, पुलिस महानिरीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने दो टूक लहजे में प्रदेश को माफिया मुफ्त बनाने का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि राज्य को माफिया मुक्त बनाना है। प्रशासन इस दिशा में और बेहतर ढंग से कार्य करें।असंभव कुछ नहीं है। संभव की सीमा जानने का एक ही तरीका है-असंभव से आगे निकल जाना। प्रदेश को हमें बहुत आगे ले जाना है। परफॉर्म करने वाला अधिकारी ही टिकेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर्स और पुलिस अधीक्षकों को नये साल की बधाई देते हुए कहा कि मेरा किसी से राग द्वेष नहीं है, बस मध्य प्रदेश के विकास और प्रगति का जुनून है। एक साल में बहुत आगे निकलना है और मैंने कहा है कि निकलना है मतलब निकलना ही है। उन्होंने कहा कि मैं आगे चलूंगा। आपका परफार्मेंस देखना चाहता हूं, परफार्मेंस देने वाला ही आगे चलेगा। हम जिलों के विकास की योजना बनाएंगे और अप्रैल से उसी पर काम होगा। अभी कुछ योजनाओं में हमारी स्थिति बेहतर है। मैं जिलों के बीच भी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा चाहता हूं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि गुड गवर्नेंस सरकार की प्राथमिकता है। कानून व्यवस्था बेहतर हो। जिलों की समस्याओं के आधार पर शॉर्ट और लॉग टर्म प्लान बनाएं। मसलन, भू माफिया, अफीम माफिया सहित अन्य माफिया से कैसे निपटा जाए। केंद्र की हर योजना में हमें आगे रहना है और यह जिलों के सहयोग से ही संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि हर महीने कार्यों की समीक्षा होगी। इसी के आधार पर जिलों की रेटिंग करेंगे और विभागों की भी रेटिंग होगी। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारी पूरी रखें। मैंने तय किया है कि मैं अभी वैक्सीन नहीं लगवाऊंगा। पहले बाकी को लगे। इसके बाद अपना नंबर आये। पहले प्राथमिकता ग्रुप्स को लग जाए, उस व्यवस्था को बनाने में हम सब को जुटना पड़ेगा। एक और महत्वपूर्ण कार्य जो अनदेखा रहता है वो है कि हमें रेवेन्यू बढ़ाना है। चाहे जीएसटी और या वाणिज्य कर का मामला हो, उस पर चर्चा करेंगे। पैसे की कमी का रोना हम नहीं रो सकते। इसमें भी जिलों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी।
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4 January 2021भोपाल। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रविवार को भोपाल स्थित राजभवन में आयोजित गरिमामय एवं संक्षिप्त समारोह में नवनियुक्त मुख्य न्यायाधिपति मोहम्मद रफीक को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति की शपथ दिलाई। इसके साथ ही न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक मध्यप्रदेश के 25वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन राजभवन सांदीपनि सभागार राजभवन में किया गया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौजूद थे। कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, गृह एवं विधि विधाई मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मंत्री किसान कल्याण एवं कृषि विकास कमल पटेल, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा, औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्ती गांव, मप्र विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति, अधिवक्ता, विधि-विधायी कार्य एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुये। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने शपथ विधि कार्यवाही का संचालन किया। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक इसके पहले ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे। वे अप्रैल 2020 में ओडिशा हाईकोर्ट के 31वें चीफ जस्टिस बने थे। रविवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा मप्र के 26वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। दरअसल, मध्यप्रदेश के मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल का कार्यकाल 29 सितम्बर 2020 को समाप्त हो गया था। तब से यह पद खाली पड़ा हुआ था। हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संजय यादव मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभाल रहे थे। सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की अनुशंसा पर गत दिनों उन्हें मप्र हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था, जबकि मप्र के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया गया था।
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3 January 2021भोपाल। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रविवार को भोपाल स्थित राजभवन में आयोजित गरिमामय एवं संक्षिप्त समारोह में नवनियुक्त मुख्य न्यायाधिपति मोहम्मद रफीक को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति की शपथ दिलाई। इसके साथ ही न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक मध्यप्रदेश के 25वें मुख्य न्यायाधीश बन गए हैं। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन राजभवन सांदीपनि सभागार राजभवन में किया गया था। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौजूद थे। कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, गृह एवं विधि विधाई मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मंत्री किसान कल्याण एवं कृषि विकास कमल पटेल, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ओम प्रकाश सखलेचा, औद्योगिक नीति और निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्ती गांव, मप्र विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा, विभिन्न आयोगों के अध्यक्ष, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति, अधिवक्ता, विधि-विधायी कार्य एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुये। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने शपथ विधि कार्यवाही का संचालन किया। गौरतलब है कि न्यायमूर्ति मोहम्मद रफीक इसके पहले ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे। वे अप्रैल 2020 में ओडिशा हाईकोर्ट के 31वें चीफ जस्टिस बने थे। रविवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा मप्र के 26वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। दरअसल, मध्यप्रदेश के मुख्य न्यायाधीश अजय कुमार मित्तल का कार्यकाल 29 सितम्बर 2020 को समाप्त हो गया था। तब से यह पद खाली पड़ा हुआ था। हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश संजय यादव मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभाल रहे थे। सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की अनुशंसा पर गत दिनों उन्हें मप्र हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था, जबकि मप्र के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया गया था।
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3 January 2021भोपाल। मध्य प्रदेश में पत्थरबाजों के खिलाफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सख्त हो गए हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया है कि पत्थरबाजों को किसी हाल में नहीं छोड़ा जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कानून बनाने की तैयारी सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि उसकी संपत्ति को राजसात करना पड़े तो राजसात करके वसूली करेंगे और नुकसान की भरपाई करेंगे। ऐसे किसी व्यक्तिगत की संपत्ति को भी जला दिया, तोड़ फोड़ कर दी तो उसके नुकसान की भरपाई भी उपद्रवी से की जाएगी। यह कड़े कानून बनाने का निर्देश मैंने दिया है जल्द ही कानून सामने आएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में पत्थरबाजी करने वाले पत्थरबाज यह समाज के दुश्मन हैं। यह कोई भी हो पत्थरबाजी कोई साधारण अपराध नहीं है कहीं से भी उठाया और पत्थर दे दिया, उससे लोगों की जान भी जा सकती है। उससे भय और आतंक का माहौल पैदा होता है, भगदड़ मचती है, अव्यवस्थाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में रूल ऑफ़ लॉ रहेगा। कानून का राज इस तरह के अपराधी साधारण अपराधी नहीं है इन्हीं छोड़ा नहीं जाएगा। सीएम शिवराज ने कहा कि अभी तो मामूली सी कार्यवाही होती थी। अब हम कड़ी सजा का प्रावधान करने के लिए कानून बना रहे हैं। लेकिन केवल पत्थरबाजी नहीं, कई बार उत्पाती सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, आग लगा देते हैं, सार्वजनिक संपत्ति के साथ-साथ व्यक्तिगत संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया जाता है। किसी की दुकान में आग लगा दी, किसी के यहां तोडफ़ोड़ कर दी, यह अक्षम्य अपराध है। शांतिपूर्ण ढंग से कोई अपनी बात कहें लोकतंत्र इसकी इजाजत देता है लेकिन आग लगा दो, तोडफ़ोड़ कर दो, पत्थर चला दो, इसकी इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती और इसलिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने तय किया है की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ ना केवल कड़ी कार्रवाई करेंगे बल्कि अगर सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचाता है तो सजा के साथ-साथ संपत्ति का जो नुकसान होगा, वह भी वसूल किया जाएगा।
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3 January 2021भोपाल। मध्य प्रदेश में पत्थरबाजों के खिलाफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सख्त हो गए हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया है कि पत्थरबाजों को किसी हाल में नहीं छोड़ा जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कानून बनाने की तैयारी सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि उसकी संपत्ति को राजसात करना पड़े तो राजसात करके वसूली करेंगे और नुकसान की भरपाई करेंगे। ऐसे किसी व्यक्तिगत की संपत्ति को भी जला दिया, तोड़ फोड़ कर दी तो उसके नुकसान की भरपाई भी उपद्रवी से की जाएगी। यह कड़े कानून बनाने का निर्देश मैंने दिया है जल्द ही कानून सामने आएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में पत्थरबाजी करने वाले पत्थरबाज यह समाज के दुश्मन हैं। यह कोई भी हो पत्थरबाजी कोई साधारण अपराध नहीं है कहीं से भी उठाया और पत्थर दे दिया, उससे लोगों की जान भी जा सकती है। उससे भय और आतंक का माहौल पैदा होता है, भगदड़ मचती है, अव्यवस्थाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में रूल ऑफ़ लॉ रहेगा। कानून का राज इस तरह के अपराधी साधारण अपराधी नहीं है इन्हीं छोड़ा नहीं जाएगा। सीएम शिवराज ने कहा कि अभी तो मामूली सी कार्यवाही होती थी। अब हम कड़ी सजा का प्रावधान करने के लिए कानून बना रहे हैं। लेकिन केवल पत्थरबाजी नहीं, कई बार उत्पाती सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, आग लगा देते हैं, सार्वजनिक संपत्ति के साथ-साथ व्यक्तिगत संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया जाता है। किसी की दुकान में आग लगा दी, किसी के यहां तोडफ़ोड़ कर दी, यह अक्षम्य अपराध है। शांतिपूर्ण ढंग से कोई अपनी बात कहें लोकतंत्र इसकी इजाजत देता है लेकिन आग लगा दो, तोडफ़ोड़ कर दो, पत्थर चला दो, इसकी इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती और इसलिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने तय किया है की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ ना केवल कड़ी कार्रवाई करेंगे बल्कि अगर सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचाता है तो सजा के साथ-साथ संपत्ति का जो नुकसान होगा, वह भी वसूल किया जाएगा।
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3 January 2021भोपाल। मध्य प्रदेश में पत्थरबाजों के खिलाफ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सख्त हो गए हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया है कि पत्थरबाजों को किसी हाल में नहीं छोड़ा जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कानून बनाने की तैयारी सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि उसकी संपत्ति को राजसात करना पड़े तो राजसात करके वसूली करेंगे और नुकसान की भरपाई करेंगे। ऐसे किसी व्यक्तिगत की संपत्ति को भी जला दिया, तोड़ फोड़ कर दी तो उसके नुकसान की भरपाई भी उपद्रवी से की जाएगी। यह कड़े कानून बनाने का निर्देश मैंने दिया है जल्द ही कानून सामने आएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में पत्थरबाजी करने वाले पत्थरबाज यह समाज के दुश्मन हैं। यह कोई भी हो पत्थरबाजी कोई साधारण अपराध नहीं है कहीं से भी उठाया और पत्थर दे दिया, उससे लोगों की जान भी जा सकती है। उससे भय और आतंक का माहौल पैदा होता है, भगदड़ मचती है, अव्यवस्थाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में रूल ऑफ़ लॉ रहेगा। कानून का राज इस तरह के अपराधी साधारण अपराधी नहीं है इन्हीं छोड़ा नहीं जाएगा। सीएम शिवराज ने कहा कि अभी तो मामूली सी कार्यवाही होती थी। अब हम कड़ी सजा का प्रावधान करने के लिए कानून बना रहे हैं। लेकिन केवल पत्थरबाजी नहीं, कई बार उत्पाती सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं, आग लगा देते हैं, सार्वजनिक संपत्ति के साथ-साथ व्यक्तिगत संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया जाता है। किसी की दुकान में आग लगा दी, किसी के यहां तोडफ़ोड़ कर दी, यह अक्षम्य अपराध है। शांतिपूर्ण ढंग से कोई अपनी बात कहें लोकतंत्र इसकी इजाजत देता है लेकिन आग लगा दो, तोडफ़ोड़ कर दो, पत्थर चला दो, इसकी इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती और इसलिए भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने तय किया है की सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ ना केवल कड़ी कार्रवाई करेंगे बल्कि अगर सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचाता है तो सजा के साथ-साथ संपत्ति का जो नुकसान होगा, वह भी वसूल किया जाएगा।
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3 January 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले दोनों पूर्व मंत्री तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत पुन: शिवराज कैबिनेट में शामिल हो गए हैं। रविवार को राजभवन में आयोजित गरिमामय एवं संक्षिप्त समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दोनों विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, अन्य मंत्री, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी और गणमान्य नागरिक मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि वर्ष-2020 में मार्च के माह में पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायक अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे। इनमें तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत भी शामिल थे। इसके बाद मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने दोनों को अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया था। संवैधानिक प्रावधानों के तहत उन्हें मंत्री बने रहने के लिए छह महीने में पुन: विधायक बनना था, लेकिन कोरोना के चलते उपचुनाव छह महीने बाद हुए, जिसके चलते दोनों को गत 21 अक्टूबर को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, लेकिन हाल ही में हुए उपचुनाव में दोनों ही नेताओं ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की। गोविन्द सिंह राजपूत सुरखी विधानसभा सीट और तुलसीराम सिलावट सांवेर से भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए। इसके बाद उन्हें पुन: मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया। विधानसभा की सदस्य संख्या के हिसाब से प्रदेश में अधिकतम 35 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत के मंत्री बन जाने के बावजूद शिवराज मंत्रिमंडल में अभी 23 कैबिनेट मंत्री और सात राज्यमंत्री हैं। उपचुनाव में महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी और कृषि राज्यमंत्री गिर्राज डंडोतिया को हार का सामना करना पड़ा था। इसीलिए उन्होंने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इसीलिए अभी मंत्रियों के पद रिक्त हैं, ऐसे में संभावना है कि मुख्यमंत्री आगामी दिनों में फिर मंत्रिपरिषद का विस्तार कर सकते हैं।
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3 January 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले दोनों पूर्व मंत्री तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत पुन: शिवराज कैबिनेट में शामिल हो गए हैं। रविवार को राजभवन में आयोजित गरिमामय एवं संक्षिप्त समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दोनों विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, अन्य मंत्री, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी और गणमान्य नागरिक मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि वर्ष-2020 में मार्च के माह में पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायक अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे। इनमें तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत भी शामिल थे। इसके बाद मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने दोनों को अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया था। संवैधानिक प्रावधानों के तहत उन्हें मंत्री बने रहने के लिए छह महीने में पुन: विधायक बनना था, लेकिन कोरोना के चलते उपचुनाव छह महीने बाद हुए, जिसके चलते दोनों को गत 21 अक्टूबर को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, लेकिन हाल ही में हुए उपचुनाव में दोनों ही नेताओं ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की। गोविन्द सिंह राजपूत सुरखी विधानसभा सीट और तुलसीराम सिलावट सांवेर से भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए। इसके बाद उन्हें पुन: मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया। विधानसभा की सदस्य संख्या के हिसाब से प्रदेश में अधिकतम 35 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत के मंत्री बन जाने के बावजूद शिवराज मंत्रिमंडल में अभी 23 कैबिनेट मंत्री और सात राज्यमंत्री हैं। उपचुनाव में महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी और कृषि राज्यमंत्री गिर्राज डंडोतिया को हार का सामना करना पड़ा था। इसीलिए उन्होंने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इसीलिए अभी मंत्रियों के पद रिक्त हैं, ऐसे में संभावना है कि मुख्यमंत्री आगामी दिनों में फिर मंत्रिपरिषद का विस्तार कर सकते हैं।
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3 January 2021भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले दोनों पूर्व मंत्री तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत पुन: शिवराज कैबिनेट में शामिल हो गए हैं। रविवार को राजभवन में आयोजित गरिमामय एवं संक्षिप्त समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दोनों विधायकों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, अन्य मंत्री, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी और गणमान्य नागरिक मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि वर्ष-2020 में मार्च के माह में पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायक अपने पद से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे। इनमें तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत भी शामिल थे। इसके बाद मुख्यमंत्री बनने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने दोनों को अपने मंत्रिपरिषद में शामिल किया था। संवैधानिक प्रावधानों के तहत उन्हें मंत्री बने रहने के लिए छह महीने में पुन: विधायक बनना था, लेकिन कोरोना के चलते उपचुनाव छह महीने बाद हुए, जिसके चलते दोनों को गत 21 अक्टूबर को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, लेकिन हाल ही में हुए उपचुनाव में दोनों ही नेताओं ने भारी बहुमत से जीत दर्ज की। गोविन्द सिंह राजपूत सुरखी विधानसभा सीट और तुलसीराम सिलावट सांवेर से भाजपा के टिकट पर निर्वाचित हुए। इसके बाद उन्हें पुन: मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया। विधानसभा की सदस्य संख्या के हिसाब से प्रदेश में अधिकतम 35 विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। तुलसीराम सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत के मंत्री बन जाने के बावजूद शिवराज मंत्रिमंडल में अभी 23 कैबिनेट मंत्री और सात राज्यमंत्री हैं। उपचुनाव में महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी और कृषि राज्यमंत्री गिर्राज डंडोतिया को हार का सामना करना पड़ा था। इसीलिए उन्होंने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। इसीलिए अभी मंत्रियों के पद रिक्त हैं, ऐसे में संभावना है कि मुख्यमंत्री आगामी दिनों में फिर मंत्रिपरिषद का विस्तार कर सकते हैं।
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3 January 2021भोपाल। शनिवार को अकोदिया शाजापुर पहुंचे मप्र विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने उज्जैन में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए धर्म संग्रह करने निकले लोगों पर धर्म विशेष द्वारा की गयी पत्थरबाजी के संबंध में मीडिया कर्मियों द्वारा पूछे गए सवाल पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उज्जैन एवं इंदौर में रामभक्तों पर की गयी पत्थर बाजी की घटना निंदनीय एवं असहनीय है। प्रोटेम स्पीकर शर्मा ने शासन एवं प्रशासन द्वारा घटना को अंजाम देने वालो के घरों को जमीन दोज किये जाने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि धार्मिक यात्राओं पर हमला करने वालो के विरुद्ध सख्ती ने निपटा जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कश्मीर के पत्थर बाजों का भी समर्थन करती थी परंतु अब वहाँ भी पत्थर बाजी बंद है और मध्यप्रदेश में भी इस तरह की घटनाओं को सख्ती से निपटा जाएगा। शर्मा ने कहा कि जिन धार्मिक स्थलों से बारातो-धार्मिक यात्राओं-रैलियों पर पत्थर बाजी की जाती है ऐसे स्थलों का शासन द्वारा अधिग्रहण करने के कानून पर विचार किया जाना चाहिए।
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2 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं। आगमी 3 जनवरी को मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। रविवार को दोपहर 12.30 बजे मंत्री पद की शपथ लेंगे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शपथ दिलाएंगी। ऐसी खबर है कि इसी दिन मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के नव नियुक्त चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक को शपथ ग्रहण करेंगे। मुख्य न्यायाधीश का शपथ ग्रहण समारोह दोपहर 3 बजे राजभवन में होगा। सूत्रों की माने तो तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को शिवराज कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ दिलायी जा सकती है। दरअसल मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली का दौरा कर चुके है। साथ ही उनकी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच लगातार बैठकें भी हुई। जिसके बाद सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट के नाम पर मुहर लगी। दोनों ही राजनेता सिंधिया के करीबी हैं। इन दोनों नेताओं ने उपचुनाव से पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। क्योंकि ये विधानसभा के निर्वाचित सदस्य नहीं थे और दोनों को मंत्री पर पर रहते 6 महीने पूरे हो चुके थे। उपचुनाव में सिलावट और राजपूत ने अपनी-अपनी सीटों से जीत दर्ज की है। जिसके बाद एक बार फिर दोनों नेताओं को शिवराज कैबिनेट में जगह मिलने जा रही है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों में हुए उपचुनाव में भाजपा ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ भाजपा ने बहुमत के आंकड़े को भी पार किया है। हालांकि इस चुनाव में शिवराज कैबिनेट के तीन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद कैबिनेट के 6 पद खाली हो गए थे। इन पदों पर नए चेहरों को लेकर लंबी चर्चा चली। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित कुल 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं। अब शिवराज सरकार में कुल 6 मंत्रीपद खाली हैं। ऐसी भी चर्चाएं हैं कि 3-4 पद खाली छोड़े जा सकते हैं। ऐसे में अभी दो या तीन नेताओं को ही मंत्रीपद की शपथ दिलायी जा सकती है।
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1 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं। आगमी 3 जनवरी को मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। रविवार को दोपहर 12.30 बजे मंत्री पद की शपथ लेंगे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शपथ दिलाएंगी। ऐसी खबर है कि इसी दिन मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के नव नियुक्त चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक को शपथ ग्रहण करेंगे। मुख्य न्यायाधीश का शपथ ग्रहण समारोह दोपहर 3 बजे राजभवन में होगा। सूत्रों की माने तो तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को शिवराज कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ दिलायी जा सकती है। दरअसल मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली का दौरा कर चुके है। साथ ही उनकी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच लगातार बैठकें भी हुई। जिसके बाद सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट के नाम पर मुहर लगी। दोनों ही राजनेता सिंधिया के करीबी हैं। इन दोनों नेताओं ने उपचुनाव से पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। क्योंकि ये विधानसभा के निर्वाचित सदस्य नहीं थे और दोनों को मंत्री पर पर रहते 6 महीने पूरे हो चुके थे। उपचुनाव में सिलावट और राजपूत ने अपनी-अपनी सीटों से जीत दर्ज की है। जिसके बाद एक बार फिर दोनों नेताओं को शिवराज कैबिनेट में जगह मिलने जा रही है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों में हुए उपचुनाव में भाजपा ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ भाजपा ने बहुमत के आंकड़े को भी पार किया है। हालांकि इस चुनाव में शिवराज कैबिनेट के तीन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद कैबिनेट के 6 पद खाली हो गए थे। इन पदों पर नए चेहरों को लेकर लंबी चर्चा चली। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित कुल 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं। अब शिवराज सरकार में कुल 6 मंत्रीपद खाली हैं। ऐसी भी चर्चाएं हैं कि 3-4 पद खाली छोड़े जा सकते हैं। ऐसे में अभी दो या तीन नेताओं को ही मंत्रीपद की शपथ दिलायी जा सकती है।
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1 January 2021भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने जा रहे हैं। आगमी 3 जनवरी को मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। रविवार को दोपहर 12.30 बजे मंत्री पद की शपथ लेंगे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शपथ दिलाएंगी। ऐसी खबर है कि इसी दिन मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के नव नियुक्त चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक को शपथ ग्रहण करेंगे। मुख्य न्यायाधीश का शपथ ग्रहण समारोह दोपहर 3 बजे राजभवन में होगा। सूत्रों की माने तो तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को शिवराज कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ दिलायी जा सकती है। दरअसल मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली का दौरा कर चुके है। साथ ही उनकी और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच लगातार बैठकें भी हुई। जिसके बाद सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत और तुलसी सिलावट के नाम पर मुहर लगी। दोनों ही राजनेता सिंधिया के करीबी हैं। इन दोनों नेताओं ने उपचुनाव से पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। क्योंकि ये विधानसभा के निर्वाचित सदस्य नहीं थे और दोनों को मंत्री पर पर रहते 6 महीने पूरे हो चुके थे। उपचुनाव में सिलावट और राजपूत ने अपनी-अपनी सीटों से जीत दर्ज की है। जिसके बाद एक बार फिर दोनों नेताओं को शिवराज कैबिनेट में जगह मिलने जा रही है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों में हुए उपचुनाव में भाजपा ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ भाजपा ने बहुमत के आंकड़े को भी पार किया है। हालांकि इस चुनाव में शिवराज कैबिनेट के तीन मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद कैबिनेट के 6 पद खाली हो गए थे। इन पदों पर नए चेहरों को लेकर लंबी चर्चा चली। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री सहित कुल 35 मंत्री बनाए जा सकते हैं। अब शिवराज सरकार में कुल 6 मंत्रीपद खाली हैं। ऐसी भी चर्चाएं हैं कि 3-4 पद खाली छोड़े जा सकते हैं। ऐसे में अभी दो या तीन नेताओं को ही मंत्रीपद की शपथ दिलायी जा सकती है।
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1 January 2021इंदौर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से इंदौर में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत बनाए गए लाइट हॉउस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर से वर्चुअली शामिल हुए। इस अवसर पर सीएम शिवराज ने कहा कि नववर्ष के पहले दिन ही नया प्रोजेक्ट लाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबों को उपहार दिया है। कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया, इंदौर सांसद शंकर लालवानी, विधायक तुलसीराम सिलावट मौजूद रहे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिल्ली से वर्चुअली कार्यक्रम में शामिल होकर इंदौर के लाइट हाउस प्रोजेक्ट परियोजना का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे यह कहते हुये गर्व है कि इस प्रोजेक्ट के तहत केवल 6 शहरों का चयन किया गया और उसमें इंदौर शहर भी शामिल है। देश का सबसे स्वच्छ शहर। लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत नई टेक्नोलॉजी का उपयोग कर के इंदौर में 128 करोड़ की लागत से 1024 आवास तैयार किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भारत सरकार का आभार व्यक्त करता हूं कि कोविड संकट के इस समय में इस परियोजना के प्रति आवास की राशि 2 लाख से बढ़ाकर अब साढ़े 5 लाख रुपये कर दी गई है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सभी को नये वर्ष की बधाई देते हुए कहा कि गरीब कल्याण हमारी प्राथमिकता है और हमारा संकल्प भी। यह वर्ष सभी नागरिकों के जीवन में नई रोशनी, नई उमंग और नया उत्साह लेकर आये, मेरी यही कामना है। नववर्ष के पहले दिन ही नया प्रोजेक्ट लाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबों को उपहार दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के सभी 378 नगरीय निकायों में अब तक 7 लाख 24 हजार से अधिक आवास स्वीकृत हो चुके हैं। इनमें से लगभग 3 लाख आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और 2 लाख से अधिक आवासों का निर्माण प्रगति पर है। यह हमारा सौभाग्य है कि सितंबर, 2020 में माननीय प्रधानमंत्री जी की गरिमामयी उपस्थिति में ही 1 लाख लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित आवासों में सपरिवार गृह प्रवेश किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मैन ऑफ आइडियाज कहा जाता है, क्योंकि वे हर क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं। प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2019-20 को निर्माण तकनीकी वर्ष घोषित किया था और नई निर्माण टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने की दिशा दिखाई थी। प्रधानमंत्री जी का संकल्प है कि आजादी के 75वें वर्ष 2022 तक हर एक गरीब के पास अपना पक्का मकान होगा। लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत नई टेक्नोलॉजी का उपयोग कर के इंदौर में 128 करोड़ की लागत से 1024 आवास तैयार किये जा रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भारत सरकार का आभार व्यक्त करता हूं।
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1 January 2021इंदौर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से इंदौर में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत बनाए गए लाइट हॉउस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इंदौर से वर्चुअली शामिल हुए। इस अवसर पर सीएम शिवराज ने कहा कि नववर्ष के पहले दिन ही नया प्रोजेक्ट लाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबों को उपहार दिया है। कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर, नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया, इंदौर सांसद शंकर लालवानी, विधायक तुलसीराम सिलावट मौजूद रहे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिल्ली से वर्चुअली कार्यक्रम में शामिल होकर इंदौर के लाइट हाउस प्रोजेक्ट परियोजना का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे यह कहते हुये गर्व है कि इस प्रोजेक्ट के तहत केवल 6 शहरों का चयन किया गया और उसमें इंदौर शहर भी शामिल है। देश का सबसे स्वच्छ शहर। लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत नई टेक्नोलॉजी का उपयोग कर के इंदौर में 128 करोड़ की लागत से 1024 आवास तैयार किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भारत सरकार का आभार व्यक्त करता हूं कि कोविड संकट के इस समय में इस परियोजना के प्रति आवास की राशि 2 लाख से बढ़ाकर अब साढ़े 5 लाख रुपये कर दी गई है। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सभी को नये वर्ष की बधाई देते हुए कहा कि गरीब कल्याण हमारी प्राथमिकता है और हमारा संकल्प भी। यह वर्ष सभी नागरिकों के जीवन में नई रोशनी, नई उमंग और नया उत्साह लेकर आये, मेरी यही कामना है। नववर्ष के पहले दिन ही नया प्रोजेक्ट लाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गरीबों को उपहार दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के सभी 378 नगरीय निकायों में अब तक 7 लाख 24 हजार से अधिक आवास स्वीकृत हो चुके हैं। इनमें से लगभग 3 लाख आवासों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और 2 लाख से अधिक आवासों का निर्माण प्रगति पर है। यह हमारा सौभाग्य है कि सितंबर, 2020 में माननीय प्रधानमंत्री जी की गरिमामयी उपस्थिति में ही 1 लाख लोगों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित आवासों में सपरिवार गृह प्रवेश किया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मैन ऑफ आइडियाज कहा जाता है, क्योंकि वे हर क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करते हैं। प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2019-20 को निर्माण तकनीकी वर्ष घोषित किया था और नई निर्माण टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने की दिशा दिखाई थी। प्रधानमंत्री जी का संकल्प है कि आजादी के 75वें वर्ष 2022 तक हर एक गरीब के पास अपना पक्का मकान होगा। लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत नई टेक्नोलॉजी का उपयोग कर के इंदौर में 128 करोड़ की लागत से 1024 आवास तैयार किये जा रहे हैं। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व भारत सरकार का आभार व्यक्त करता हूं।
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1 January 2021भोपाल। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने की मांग की है। उन्होंने इसके लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा है कि हबीबगंज स्टेशन का नाम ‘अटल जंक्शन’ किया जाना चाहिए। उन्होंने अपने पत्र में तर्क दिया है कि हबीबगंज नाम का कोई इतिहास नहीं है। इसलिए स्टेशन का नाम हबीबगंज होने का कोई औचित्य नहीं है। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का हबीबगंज स्टेशन बनकर लगभग तैयार है और इसे 31 मार्च को लोकार्पित किया जाएगा। झा ने अपने पत्र में तर्क दिया है कि अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर में हुआ तथा शिक्षा-दीक्षा वहीं पर हुई। ग्वालियर और विदिशा से सांसद चुने गए तथा बाद में देश के प्रधानमंत्री बने। विश्व में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम की विशिष्ट पहचान है। हबीबगंज स्टेशन नाम का कोई औचित्य नहीं है। अत: हबीबगंज स्टेशन का नाम अटल बिहारी वाजपेयी पर करने से भारत ही नहीं, विश्व में इस स्टेशन की पहचान बनेगी। उन्होंने कहा है कि झांसी रेलवे स्टेशन का नामकरण वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई के नाम पर होना चाहिए। प्रभात झा ने हबीबगंज के साथ झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग रखी है। झा के मुताबिक बैठक में हबीबगंज व झांसी रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने को लेकर केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रतिनिधि शिव मंगल सिंह तोमर, समाजवादी पार्टी के सांसद चंद्रपाल सिंह, जालौन के सांसद भानुप्रताप सिंह वर्मा, ग्वालियर के सांसद विवेक शेजवलकर, टीकमगढ़ के सांसद वीरेन्द्र सिंह, खजुराहो के सांसद वीडी शर्मा एवं भिंड की सांसद संध्या राय सहित उपस्थित सभी जन प्रतिनिधियों इस प्रस्ताव का समर्थन किया था।
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31 December 2020भोपाल। भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सदस्य प्रभात झा ने हबीबगंज स्टेशन का नाम बदलने की मांग की है। उन्होंने इसके लिए रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर कहा है कि हबीबगंज स्टेशन का नाम ‘अटल जंक्शन’ किया जाना चाहिए। उन्होंने अपने पत्र में तर्क दिया है कि हबीबगंज नाम का कोई इतिहास नहीं है। इसलिए स्टेशन का नाम हबीबगंज होने का कोई औचित्य नहीं है। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का हबीबगंज स्टेशन बनकर लगभग तैयार है और इसे 31 मार्च को लोकार्पित किया जाएगा। झा ने अपने पत्र में तर्क दिया है कि अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर में हुआ तथा शिक्षा-दीक्षा वहीं पर हुई। ग्वालियर और विदिशा से सांसद चुने गए तथा बाद में देश के प्रधानमंत्री बने। विश्व में अटल बिहारी वाजपेयी के नाम की विशिष्ट पहचान है। हबीबगंज स्टेशन नाम का कोई औचित्य नहीं है। अत: हबीबगंज स्टेशन का नाम अटल बिहारी वाजपेयी पर करने से भारत ही नहीं, विश्व में इस स्टेशन की पहचान बनेगी। उन्होंने कहा है कि झांसी रेलवे स्टेशन का नामकरण वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई के नाम पर होना चाहिए। प्रभात झा ने हबीबगंज के साथ झांसी रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की मांग रखी है। झा के मुताबिक बैठक में हबीबगंज व झांसी रेलवे स्टेशनों का नाम बदलने को लेकर केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के प्रतिनिधि शिव मंगल सिंह तोमर, समाजवादी पार्टी के सांसद चंद्रपाल सिंह, जालौन के सांसद भानुप्रताप सिंह वर्मा, ग्वालियर के सांसद विवेक शेजवलकर, टीकमगढ़ के सांसद वीरेन्द्र सिंह, खजुराहो के सांसद वीडी शर्मा एवं भिंड की सांसद संध्या राय सहित उपस्थित सभी जन प्रतिनिधियों इस प्रस्ताव का समर्थन किया था।
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31 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के लिए वर्ष 2020 बहुत ही अच्छे और बुरे अनुभव देकर गया है। एक ओर जहां कोरोना जैसी महामारी ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था के साथ सामाजिक तोनेबाने को ही छिन्न-भिन्न कर दिया तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिर से सत्ता सम्हालते ही गरीबों के हित में निर्णय लेना शुरू कर दिए थे, जिससे कि कोरोना के भयंकर असर से उन्हें जितना अधिक सहयोग प्रदान किया जा सकता हो, वह उन्हें सहजता से मिल सके। दरअसल, इस दिशा में उनके कई महत्वपूर्ण लिए गए निर्णयों में से एक खास निर्णय पुन: ''संबल योजना'' का शुरू करना रहा है। फिर से इसलिए शुरू किया गया क्योंकि पिछले सरकार ने इस योजना को ठंडे बस्ते मे डाल दिया था। मध्यप्रदेश देश का एकमात्र ऐसा बिरला प्रदेश होगा, जहां गरीब वर्ग की जन्म से लेकर मृत्यु तक होने वाले व्यय की जिम्मेदारी शासन उठाता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की संवेदनशील सोच से उपजी संबल योजना में यह सब कवर होता है। गरीबों के प्रति हमेशा मन में चिंता लिए श्री चौहान यह चाहते हैं कि प्रदेश का कोई भी गरीब परिवार असहाय स्थिति में किसी के आगे न गिड़गिड़ाये। इसलिए गरीब परिवार के घर में होने वाली प्रसूति, बच्चे का जन्म, बच्चों की पढ़ाई के साथ परिवार के किसी सदस्य की दुर्घटना में मृत्यु, सामान्य मृत्यु, दुर्घटना में हुई स्थाई और अस्थाई अपंगता के साथ अंत्येष्टि सहायता भी संबल योजना में उपलब्ध करवाई जाती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान संबल योजना को न्याय का माध्यम मानते हैं उनका कहना है कि जो धन कमाते हैं, सरकार उनसे टैक्स लेती है और उससे गरीब जरूरतमंदों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाती है यही सामाजिक न्याय है, जो हमारे देश में वर्षों से चला आ रहा है। गरीब भगवान का स्वरुप है और उनकी सेवा भगवान की पूजा के समान है। इसी उद्देश्य से प्रदेश में संबल योजना का प्रावधान किया गया। इस बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोन संकट के बीच महामारी से जूझ रहे लोगों की जिन्दगी में संबल देने वाली, सहारा देने वाली योजना संबल, गरीब जनता की जिंदगी में नये प्रकाश के रूप में आयी है। संबल केवल योजना नहीं है बल्कि गरीबों का सहारा है संबल, बच्चों का भविष्य है संबल, माँ, बहन, बेटियों का सशक्तिकरण है संबल। उन्होंने कहा है कि जीवन की कठिन लड़ाई में ऐसे गरीब भाई बहनों जो आर्थिक रूप से संपन्न नहीं है उन्हें सहारा चाहिए, साथ और सहयोग चाहिए। संबल योजना इसीलिए लागू की गई है। इस योजना के माध्यम से गरीबों को न्याय मिल रहा है, यही सामाजिक न्याय है। दरअसल, संबल योजना में पहले कार्ड बने थे। योजना शुरू होते ही सभी पंजीकृत हितग्राहियों को लाभ मिलने लगा है। संबल योजना ऐसी है जो जन्म से जीवन पर्यन्त तक हितग्राहियों को लाभ पहुँचाती है। संबल योजना के पात्र बहन को बेटा, बेटी जन्म देने के पहले 4 हजार रूपये और जन्म देने के बाद 12 हजार रूपये उनके खाते में दिये जाते है। यह सहायता बहनों को आराम करने का अवसर देती है और पोषण आहार भी मिलता है। इस योजना में बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था भी की गई है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज प्रदेश में बच्चों के मामा कहे जाते हैं। संबल में पढ़ाई की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। किताबें, आठवीं तक यूनिफार्म् और मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था रहती है। मुख्यमंत्री ने एक नई योजना इसमें जोड़ी है, संबल परिवार के ऐसे बच्चे जो 12वीं में मेरिट में आते है ऐसे 5 हजार बच्चों को 30 हजार रूपये प्रति विद्यार्थी अलग से दिये जा रहे हैं । मुख्यमंत्री श्री चौहान का कहना है कि मेडिकल, इंजीनियरिंग, आईआईटी, आईआईएम में गरीब बच्चों का चयन हो जाता है तो फीस भरना उसके बूते की बात नही हैं, इसलिए सरकार फीस की व्यवस्था करती है। पढ़ाई के साथ ही खेल में बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजना शुरू की गई है, इसके अंतर्गत संबल परिवार के बच्चों जो ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी कॉम्पिटिशन या राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे उन्हें 50 हजार प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की गई है। वहीं, संबल योजना में गरीबों को सस्ते दर पर बिजली तथा बीमारी के लिए सहायता भी दी जाती है। पंजीकृत व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रूपये की राशि परिवार के सहारे के लिए दी जाती है। सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रूपये, अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रूपये की व्यवस्था संबल में की जाती है। आंशिक स्थाई अपंगता पर भी आर्थक सहायता संबल के तहत मिलती है। संबल गरीब के लिए एक पूरा पैकेज है, ऐसी योजना देश में किसी भी राज्य में नही हैं। समाज में नीचे खड़े व्यक्ति को बराबर पर खड़े करने के लिए यह योजना एक संबल है।
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31 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के लिए वर्ष 2020 बहुत ही अच्छे और बुरे अनुभव देकर गया है। एक ओर जहां कोरोना जैसी महामारी ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था के साथ सामाजिक तोनेबाने को ही छिन्न-भिन्न कर दिया तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिर से सत्ता सम्हालते ही गरीबों के हित में निर्णय लेना शुरू कर दिए थे, जिससे कि कोरोना के भयंकर असर से उन्हें जितना अधिक सहयोग प्रदान किया जा सकता हो, वह उन्हें सहजता से मिल सके। दरअसल, इस दिशा में उनके कई महत्वपूर्ण लिए गए निर्णयों में से एक खास निर्णय पुन: ''संबल योजना'' का शुरू करना रहा है। फिर से इसलिए शुरू किया गया क्योंकि पिछले सरकार ने इस योजना को ठंडे बस्ते मे डाल दिया था। मध्यप्रदेश देश का एकमात्र ऐसा बिरला प्रदेश होगा, जहां गरीब वर्ग की जन्म से लेकर मृत्यु तक होने वाले व्यय की जिम्मेदारी शासन उठाता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की संवेदनशील सोच से उपजी संबल योजना में यह सब कवर होता है। गरीबों के प्रति हमेशा मन में चिंता लिए श्री चौहान यह चाहते हैं कि प्रदेश का कोई भी गरीब परिवार असहाय स्थिति में किसी के आगे न गिड़गिड़ाये। इसलिए गरीब परिवार के घर में होने वाली प्रसूति, बच्चे का जन्म, बच्चों की पढ़ाई के साथ परिवार के किसी सदस्य की दुर्घटना में मृत्यु, सामान्य मृत्यु, दुर्घटना में हुई स्थाई और अस्थाई अपंगता के साथ अंत्येष्टि सहायता भी संबल योजना में उपलब्ध करवाई जाती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान संबल योजना को न्याय का माध्यम मानते हैं उनका कहना है कि जो धन कमाते हैं, सरकार उनसे टैक्स लेती है और उससे गरीब जरूरतमंदों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाती है यही सामाजिक न्याय है, जो हमारे देश में वर्षों से चला आ रहा है। गरीब भगवान का स्वरुप है और उनकी सेवा भगवान की पूजा के समान है। इसी उद्देश्य से प्रदेश में संबल योजना का प्रावधान किया गया। इस बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोन संकट के बीच महामारी से जूझ रहे लोगों की जिन्दगी में संबल देने वाली, सहारा देने वाली योजना संबल, गरीब जनता की जिंदगी में नये प्रकाश के रूप में आयी है। संबल केवल योजना नहीं है बल्कि गरीबों का सहारा है संबल, बच्चों का भविष्य है संबल, माँ, बहन, बेटियों का सशक्तिकरण है संबल। उन्होंने कहा है कि जीवन की कठिन लड़ाई में ऐसे गरीब भाई बहनों जो आर्थिक रूप से संपन्न नहीं है उन्हें सहारा चाहिए, साथ और सहयोग चाहिए। संबल योजना इसीलिए लागू की गई है। इस योजना के माध्यम से गरीबों को न्याय मिल रहा है, यही सामाजिक न्याय है। दरअसल, संबल योजना में पहले कार्ड बने थे। योजना शुरू होते ही सभी पंजीकृत हितग्राहियों को लाभ मिलने लगा है। संबल योजना ऐसी है जो जन्म से जीवन पर्यन्त तक हितग्राहियों को लाभ पहुँचाती है। संबल योजना के पात्र बहन को बेटा, बेटी जन्म देने के पहले 4 हजार रूपये और जन्म देने के बाद 12 हजार रूपये उनके खाते में दिये जाते है। यह सहायता बहनों को आराम करने का अवसर देती है और पोषण आहार भी मिलता है। इस योजना में बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था भी की गई है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज प्रदेश में बच्चों के मामा कहे जाते हैं। संबल में पढ़ाई की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। किताबें, आठवीं तक यूनिफार्म् और मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था रहती है। मुख्यमंत्री ने एक नई योजना इसमें जोड़ी है, संबल परिवार के ऐसे बच्चे जो 12वीं में मेरिट में आते है ऐसे 5 हजार बच्चों को 30 हजार रूपये प्रति विद्यार्थी अलग से दिये जा रहे हैं । मुख्यमंत्री श्री चौहान का कहना है कि मेडिकल, इंजीनियरिंग, आईआईटी, आईआईएम में गरीब बच्चों का चयन हो जाता है तो फीस भरना उसके बूते की बात नही हैं, इसलिए सरकार फीस की व्यवस्था करती है। पढ़ाई के साथ ही खेल में बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजना शुरू की गई है, इसके अंतर्गत संबल परिवार के बच्चों जो ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी कॉम्पिटिशन या राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे उन्हें 50 हजार प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की गई है। वहीं, संबल योजना में गरीबों को सस्ते दर पर बिजली तथा बीमारी के लिए सहायता भी दी जाती है। पंजीकृत व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रूपये की राशि परिवार के सहारे के लिए दी जाती है। सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रूपये, अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रूपये की व्यवस्था संबल में की जाती है। आंशिक स्थाई अपंगता पर भी आर्थक सहायता संबल के तहत मिलती है। संबल गरीब के लिए एक पूरा पैकेज है, ऐसी योजना देश में किसी भी राज्य में नही हैं। समाज में नीचे खड़े व्यक्ति को बराबर पर खड़े करने के लिए यह योजना एक संबल है।
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31 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के लिए वर्ष 2020 बहुत ही अच्छे और बुरे अनुभव देकर गया है। एक ओर जहां कोरोना जैसी महामारी ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था के साथ सामाजिक तोनेबाने को ही छिन्न-भिन्न कर दिया तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फिर से सत्ता सम्हालते ही गरीबों के हित में निर्णय लेना शुरू कर दिए थे, जिससे कि कोरोना के भयंकर असर से उन्हें जितना अधिक सहयोग प्रदान किया जा सकता हो, वह उन्हें सहजता से मिल सके। दरअसल, इस दिशा में उनके कई महत्वपूर्ण लिए गए निर्णयों में से एक खास निर्णय पुन: ''संबल योजना'' का शुरू करना रहा है। फिर से इसलिए शुरू किया गया क्योंकि पिछले सरकार ने इस योजना को ठंडे बस्ते मे डाल दिया था। मध्यप्रदेश देश का एकमात्र ऐसा बिरला प्रदेश होगा, जहां गरीब वर्ग की जन्म से लेकर मृत्यु तक होने वाले व्यय की जिम्मेदारी शासन उठाता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की संवेदनशील सोच से उपजी संबल योजना में यह सब कवर होता है। गरीबों के प्रति हमेशा मन में चिंता लिए श्री चौहान यह चाहते हैं कि प्रदेश का कोई भी गरीब परिवार असहाय स्थिति में किसी के आगे न गिड़गिड़ाये। इसलिए गरीब परिवार के घर में होने वाली प्रसूति, बच्चे का जन्म, बच्चों की पढ़ाई के साथ परिवार के किसी सदस्य की दुर्घटना में मृत्यु, सामान्य मृत्यु, दुर्घटना में हुई स्थाई और अस्थाई अपंगता के साथ अंत्येष्टि सहायता भी संबल योजना में उपलब्ध करवाई जाती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान संबल योजना को न्याय का माध्यम मानते हैं उनका कहना है कि जो धन कमाते हैं, सरकार उनसे टैक्स लेती है और उससे गरीब जरूरतमंदों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाती है यही सामाजिक न्याय है, जो हमारे देश में वर्षों से चला आ रहा है। गरीब भगवान का स्वरुप है और उनकी सेवा भगवान की पूजा के समान है। इसी उद्देश्य से प्रदेश में संबल योजना का प्रावधान किया गया। इस बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोरोन संकट के बीच महामारी से जूझ रहे लोगों की जिन्दगी में संबल देने वाली, सहारा देने वाली योजना संबल, गरीब जनता की जिंदगी में नये प्रकाश के रूप में आयी है। संबल केवल योजना नहीं है बल्कि गरीबों का सहारा है संबल, बच्चों का भविष्य है संबल, माँ, बहन, बेटियों का सशक्तिकरण है संबल। उन्होंने कहा है कि जीवन की कठिन लड़ाई में ऐसे गरीब भाई बहनों जो आर्थिक रूप से संपन्न नहीं है उन्हें सहारा चाहिए, साथ और सहयोग चाहिए। संबल योजना इसीलिए लागू की गई है। इस योजना के माध्यम से गरीबों को न्याय मिल रहा है, यही सामाजिक न्याय है। दरअसल, संबल योजना में पहले कार्ड बने थे। योजना शुरू होते ही सभी पंजीकृत हितग्राहियों को लाभ मिलने लगा है। संबल योजना ऐसी है जो जन्म से जीवन पर्यन्त तक हितग्राहियों को लाभ पहुँचाती है। संबल योजना के पात्र बहन को बेटा, बेटी जन्म देने के पहले 4 हजार रूपये और जन्म देने के बाद 12 हजार रूपये उनके खाते में दिये जाते है। यह सहायता बहनों को आराम करने का अवसर देती है और पोषण आहार भी मिलता है। इस योजना में बच्चों की पढ़ाई की व्यवस्था भी की गई है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज प्रदेश में बच्चों के मामा कहे जाते हैं। संबल में पढ़ाई की नि:शुल्क व्यवस्था की गई है। किताबें, आठवीं तक यूनिफार्म् और मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था रहती है। मुख्यमंत्री ने एक नई योजना इसमें जोड़ी है, संबल परिवार के ऐसे बच्चे जो 12वीं में मेरिट में आते है ऐसे 5 हजार बच्चों को 30 हजार रूपये प्रति विद्यार्थी अलग से दिये जा रहे हैं । मुख्यमंत्री श्री चौहान का कहना है कि मेडिकल, इंजीनियरिंग, आईआईटी, आईआईएम में गरीब बच्चों का चयन हो जाता है तो फीस भरना उसके बूते की बात नही हैं, इसलिए सरकार फीस की व्यवस्था करती है। पढ़ाई के साथ ही खेल में बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए नई योजना शुरू की गई है, इसके अंतर्गत संबल परिवार के बच्चों जो ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी कॉम्पिटिशन या राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेंगे उन्हें 50 हजार प्रोत्साहन राशि देने की व्यवस्था की गई है। वहीं, संबल योजना में गरीबों को सस्ते दर पर बिजली तथा बीमारी के लिए सहायता भी दी जाती है। पंजीकृत व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रूपये की राशि परिवार के सहारे के लिए दी जाती है। सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रूपये, अंतिम संस्कार के लिए 5 हजार रूपये की व्यवस्था संबल में की जाती है। आंशिक स्थाई अपंगता पर भी आर्थक सहायता संबल के तहत मिलती है। संबल गरीब के लिए एक पूरा पैकेज है, ऐसी योजना देश में किसी भी राज्य में नही हैं। समाज में नीचे खड़े व्यक्ति को बराबर पर खड़े करने के लिए यह योजना एक संबल है।
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31 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने केन्द्र और प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने भाजपा पर कोरोना के नाम पर विधानसभा व संसद की बैठकें टालने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि भाजपा कोरोना आपदा को अवसर बनाने में जुटी है। साथ ही एक बार फिर ईवीएम को लेकर उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि जब तक ईवीएम है जनता की नाराजग़ी व चुनाव हारने की चिंता भी नहीं है। दिग्विजय सिंह ने बुधवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर मप्र और केन्द्र सरकार पर हमला बोला है। दिग्विजय ने ट्वीट कर कहा ‘मध्यप्रदेश सरकार व भारत सरकार के लिए कोरोना इतना ख़तरनाक हो चुका है ना तो विधानसभा ना संसद की बैठकें हो सकती हैं। जबकि अनेक प्रांतों में विधानसभा की बैठकें हो रही हैं भारत को छोड़ कर सभी लोकतांत्रिक देशों में संसदीय बैठकें हो रही है। एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा कि लेकिन भगवान राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा उगाने के लिए जुलूस निकाले जा सकते दंगा भडक़ाने वाले नारे लगाए जा सकते हैं भाजपा की बैठकें हो सकती हैं, विधान सभा चुनाव हो सकते हैं अमित शाह जी की चुनावी रैलीयॉं सभाएँ हो सकती हैं। फिर विधानसभा व संसद की बैठकें क्यों नहीं हो सकती? ईवीएम मशीन को लेकर सरकार पर चुटकी लेते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि क्योंकि मोदीशाह जी किसानों के आंदोलन, बिगड़ी अर्थव्यवस्था, बड़ती हुई महंगाई व बेरोजग़ारी पर चर्चा नहीं कराना चाहते। इन्हें लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास नहीं है। और जब तक ईवीएम है जनता की नाराजग़ी व चुनाव हारने की चिंता भी नहीं है। उनके लिए कोरोना आपदा में अवसर है।
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30 December 2020भोपाल। मप्र के उज्जैन स्थित बेगमबाग में शुक्रवार की शाम हिंदू संगठनों की रैली पर जमकर पत्थर बरसाए जाने और प्रशासन द्वारा कार्यवाही करते हुए विशेष समुदाय के लोगों के घरों पर कार्यवाही किए जाने के बाद अब मामले पर राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने इस पूरे घटनाक्रम की जांच के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का गठन किया है। जो कि प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी से मिलकर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करेगा। कांग्रेस की ओर से इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया गया कि विगत दिनों उज्जैन में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा क्षेत्र का सांप्रदायिक सद्भाव बिगाडऩे का कुत्सित प्रयास किया गया। इस घटना से उज्जैन के नागरिकों में निरंतर भय व अशांति का वातावरण बना हुआ है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने उज्जैन की घटना को गंभीरता से लेते हुए वहाँ शांति, भयमुक्त वातावरण व सांप्रदायिक सद्भाव बना रहे, इसको लेकर कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल को प्रदेश के मुख्य सचिव व डीजीपी के पास भेजने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की अगुवाई में कल 29 दिसम्बर, मंगलवार को कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल उज्जैन की घटना को लेकर दोपहर 12 बजे प्रदेश के मुख्य सचिव महोदय से उनके कक्ष में मिलेगा , उसके बाद प्रदेश के पुलिस महानिरीक्षक से भी कांग्रेस का उक्त प्रतिनिधिमंडल मिलकर उज्जैन की घटना की निष्पक्ष जाँच की माँग करेगा। प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह, सुरेंद्र सिंह बघेल, आरिफ अकील, आरिफ मसूद, रवि जोशी, विशाल पटेल, रेखा वर्मा, उज्जैन क्षेत्र के विधायक दिलीप गुर्जर, रामलाल मालवीय, विधायक मुरली मोरवाल, विधायक महेश परमार शामिल रहेंगे।
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28 December 2020भोपाल। केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में और किसान आंदोलन के समर्थन में सोमवार को मध्यप्रदेश कांग्रेस विधायक दल ने नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में विधानसभा परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष सांकेतिक मौन धरना दिया। धरने के दौरान कांग्रेस विधायकों ने हाथ में प्रतीकात्मक रुप से खिलौना ट्रैक्टर लिया हुआ था। खिलौना ट्रैक्टर लेने पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने चुटकी ली है। भाजपा सरकर के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि खिलौने वाले ट्रैक्टर लेकर विधानसभा में प्रदर्शन करना किसानों को समझ आए न आए राहुल गांधी को जरुर पसंद आएगा। पहले "आलू से सोना" और अब राहुल बाबा को मनाने के लिए "ट्रैक्टर का खिलौना"। कांग्रेस के उम्रदराज हो चले युवराज को रिझाने के लिए वयोवृद्ध कमलनाथ जी ने जो खिलौना खोजा है शायद उसे देखकर ही वे इटली से जल्द लौट आएं...!!! कांग्रेस के मौन धरने पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मौन धरना किसानों के लिए नहीं बल्कि उनसे बोले गए झूठ के पश्चाताप के लिए है। प्रदेश में किसानों के साथ किए गए कर्जमाफी के धोखे के लिए कांग्रेसियों ने गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष मौन धरना देकर उनसे माफी ही मांगी होगी। कांग्रेस के स्थापना दिवस को बताया विसर्जन दिवसइस दौरान गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए बड़ा हमला बोला। उन्होंने कांग्रेस के स्थापना दिवस को विजर्सन दिवस बताया है। अपने बयान में मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि राहुल बाबा ने आखिर बराक ओबामा जी की बात साबित कर ही दी कि उनकी "उम्र 55 की और दिल बचपन का" है। किसानों की लड़ाई बीच में छोडक़र अचानक अपनी ननिहाल इटली चले गए। पता नहीं वहां कांग्रेस का स्थापना दिवस मनाने गए हैं या विसर्जन दिवस...?
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28 December 2020भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन नये कृषि कानूनों के विरोध और दिल्ली की सीमा पर आंदोलनरत किसानों के समर्थन में मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने स्थापना दिवस के मौके पर सोमवार को राजधानी भोपाल में विशाल रैली निकाली और विधानसभा पहुंचकर मौन धरना दिया। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में विधानसभा परिसर में पार्टी विधायक मौन धरने पर बैठ गए। दरअसल, मध्यप्रदेश में सोमवार से विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र प्रस्तावित था, जिसे रविवार देर शाम सर्वदलीय बैठक के बाद स्थगित कर दिया गया था। विधानसभा में कोरोना की स्थिति को देखते हुए किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं है। इधर, कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर कमलनाथ समेत सभी विधायक और कार्यकर्ता कांग्रेस कार्यालय में एकत्रित हुए और रैली निकालकर विधानसभा पहुंचे। विधानसभा में केवल विधायकों को ही प्रवेश दिया गया। अन्य लोगों को पुलिस ने गेट पर ही रोक दिया। अंदर पहुंचे विधायकों ने विधानसभा परिसर में मौन धरने दिया। इस दौरान सभी के हाथों में खिलौने वाले ट्रक थे। इस दौरान पूर्व सीएम एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि सरकार में आने पर हम ऐसा कानून लाएंगे कि फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम पर बिक ही नहीं पाएगी। कांग्रेस ने हमेशा किसानों के हित में कदम उठाए हैं और किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन का पूर्ण समर्थन करती है। धरने पर बैठे पूर्व कृषि मंत्री और कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि सरकार इतनी डरी हुई है कि वह किसानों की आवाज को उठाने ही नहीं देना चाहती है। यही वजह है कि कांग्रेस के प्रदर्शन के मद्देनजर भोपाल की सीमाओं को चारों तरफ से सील कर दिया गया है। यहां तक कि विधानसभा में विधायक अपने सहायक को लेकर तक नहीं जा सकते हैं। यदि कृषि कानून इतने ही किसान हितैषी हैं तो फिर किसान दिल्ली की सीमा पर इतनी ठंड में विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं।
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28 December 2020भोपाल। केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन नये कृषि कानूनों के विरोध और दिल्ली की सीमा पर आंदोलनरत किसानों के समर्थन में मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी द्वारा अपने स्थापना दिवस के मौके पर सोमवार को राजधानी भोपाल में विशाल रैली निकाली और विधानसभा पहुंचकर मौन धरना दिया। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में विधानसभा परिसर में पार्टी विधायक मौन धरने पर बैठ गए। दरअसल, मध्यप्रदेश में सोमवार से विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र प्रस्तावित था, जिसे रविवार देर शाम सर्वदलीय बैठक के बाद स्थगित कर दिया गया था। विधानसभा में कोरोना की स्थिति को देखते हुए किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं है। इधर, कांग्रेस के स्थापना दिवस के मौके पर कमलनाथ समेत सभी विधायक और कार्यकर्ता कांग्रेस कार्यालय में एकत्रित हुए और रैली निकालकर विधानसभा पहुंचे। विधानसभा में केवल विधायकों को ही प्रवेश दिया गया। अन्य लोगों को पुलिस ने गेट पर ही रोक दिया। अंदर पहुंचे विधायकों ने विधानसभा परिसर में मौन धरने दिया। इस दौरान सभी के हाथों में खिलौने वाले ट्रक थे। इस दौरान पूर्व सीएम एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि सरकार में आने पर हम ऐसा कानून लाएंगे कि फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम पर बिक ही नहीं पाएगी। कांग्रेस ने हमेशा किसानों के हित में कदम उठाए हैं और किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन का पूर्ण समर्थन करती है। धरने पर बैठे पूर्व कृषि मंत्री और कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि सरकार इतनी डरी हुई है कि वह किसानों की आवाज को उठाने ही नहीं देना चाहती है। यही वजह है कि कांग्रेस के प्रदर्शन के मद्देनजर भोपाल की सीमाओं को चारों तरफ से सील कर दिया गया है। यहां तक कि विधानसभा में विधायक अपने सहायक को लेकर तक नहीं जा सकते हैं। यदि कृषि कानून इतने ही किसान हितैषी हैं तो फिर किसान दिल्ली की सीमा पर इतनी ठंड में विरोध प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं।
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28 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा के तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। कोरोना संकट को देखते हुए ही शनिवार को सर्वदलीय बैठक भी रद्द कर दी गई थी। फैसला हुआ था कि रविवार को भाजपा और कांग्रेस मीटिंग कर शीतकालीन सत्र के भविष्य पर निर्णय लेंगे। अब दोनों पार्टियां आज अपने विधायक दल की बैठक करेंगी। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार कोरोना के बहाने सत्र टालने का षडय़ंत्र कर रही हैं। कांग्रेस के आरोपों पर मप्र के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विधानसभा के सत्र को लेकर वो लोग सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं जिनके राज में विधानसभा की बैठक के बारे में सुप्रीम कोर्ट को निर्देश देना पड़ा था। कांग्रेस नेता आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबां में भी तो झांकें। सर्वदलीय बैठक के स्थगित होने की सूचना पर उन्होंने कहा है कि कोई आमंत्रण तो नहीं निकला था। बैठक आज होगी या फिऱ कल लेकिन बैठक तो होगी। नरोत्तम मिश्रा ने भाजपा की कोर कमेटी की बैठक पर कहा कि हम लगातार बैठक करते रहते हैं, वरिष्ठ नेताओं से बैठक करते हैं जिसमें जनता की सेवा किस तरह से कर सकते हैं इसके आइडिया मिलते हैं। कांग्रेस पर कसा तंजकृषि कानून के विरोध में कांग्रेस के ट्रेक्टर ट्राली से विधानसभा घेराव पर निशाना साधते हुए मंत्री मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के नेता अब किसानों को घडिय़ाली आंसू दिखाने के लिए शहर में ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कर रहे हैं। यदि कांग्रेस ने 15 महीने के राज में किसानों से किए वादे पूरे किए होते तो चार्टर में चलने वाले उसके नेताओं को ट्रैक्टर रैली निकालने का दिखावा नहीं करना पड़ता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में अब उसके सहयोगी दलों का भी भरोसा नहीं रहा। महात्मा गांधी जी ने सही कहा था कांग्रेस अपनी प्रासंगिकता खो चुकी है। इसे भंग कर देना चाहिए। सोनिया जी और राहुल गांधी जी को गांधी जी की नसीहत पर अब गंभीरता से विचार करना चाहिए। वहीं भोपाल के मास्टर प्लान पर दिग्विजयसिंह के सवाल पर कहा कि 'उनके चिरंजीव नगरीय प्रशासन मन्त्री थे, करने वाले होते तो पहले ही कार्रवाई कर लेते।
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27 December 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र सोमवार, 28 दिसम्बर से शुरू होने जा रहा है। इसके मद्देनजर विधानसभा की कार्यवाही में उपस्थित रहने वाले सभी सदस्यों, अधिकारियों-कर्मचारियों व अन्य लोगों को कोविड-19 जांच कराना अनिवार्य है। इसी के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी अपनी कोरोना जांच कराई, जिसमें उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा रविवार को सुबह ट्वीट के माध्यम से इसकी जानकारी देते हुए बताया कि ‘मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले सभी विधायकों की कोरोना जांच अनिवार्य रूप से करवाने की व्यवस्था की गई है। इसी व्यवस्था के अंतर्गत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रात: निवास पर कोरोना टेस्ट कराया, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई है।’ बता दें कि एक दिन पहले ही विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा और विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने भी अपनी कोरोना जांच कराई थी। अभी उनकी रिपोर्ट नहीं आई है। मप्र की 230 सदस्यों वाली विधानसभा में सत्र में उपस्थित होने वाले सभी सदस्यों को कोरोना जांच के लिए कहा गया है। इसके अलावा विधानसभा में कोरोना के चलते ऐहतियातन सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।
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27 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार ने नये कृषि कानूनों का लाभ आसानी से किसानों तक पहुंचाने के लिये फैसले लिये हैं। अब किसान और फसल क्रय करने वाली कम्पनी, व्यापारी या व्यक्ति के मध्य होने वाले अनुबंध प्रपत्र को अनुविभागीय दण्डाधिकारी राजस्व कार्यालय में दस्तावेज के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा। ताकि किसान के साथ किसी भी तरह का धोखा नहीं हो सके। जनसंपर्क अधिकारी अतुल खरे ने शनिवार को बताया कि अनुबंध के लिए राज्य सरकार द्वारा एक प्रोफार्मा तैयार किया जा रहा है। जिसमें किसान और फसल क्रय करने वाली कम्पनी के प्रतिनिधि, व्यापारी या व्यक्ति के हस्ताक्षर होंगे तथा इस प्रपत्र को अनुविभागीय दण्डाधिकारी राजस्व के कार्यालय में सुरक्षित रखा जायेगा। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेश की सभी 313 जनपद पंचायतों में नये कृषि कानूनों की बारीकियों से कृषकों को अवगत कराने और इन कानूनों का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण आयोजित होंगे। ताकि नये कृषि कानूनों के हर पहलू से किसान अवगत होकर फायदा प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में नये कानूनों के लिये की गई पहल के अनुरूप क्रियान्वयन भी प्रारंभ कर दिया गया है। विभिन्न जिलों में किसानों द्वारा मिलों को उत्पादन बेचने के संबंध में लाभकारी मूल्य दिलवाने का कार्य हो रहा है। राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि इनका लाभ अधिकतम किसानों को मिले। किसानों की आय दोगुना करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा को पूरा किया जाएगा। मध्यप्रदेश के किसान प्रधानमंत्री जी के साथ है। मध्यप्रदेश में इन कानूनो के संबंध में किसानों के मध्य कोई भ्रम की स्थिति नहीं है।
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26 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार ने नये कृषि कानूनों का लाभ आसानी से किसानों तक पहुंचाने के लिये फैसले लिये हैं। अब किसान और फसल क्रय करने वाली कम्पनी, व्यापारी या व्यक्ति के मध्य होने वाले अनुबंध प्रपत्र को अनुविभागीय दण्डाधिकारी राजस्व कार्यालय में दस्तावेज के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा। ताकि किसान के साथ किसी भी तरह का धोखा नहीं हो सके। जनसंपर्क अधिकारी अतुल खरे ने शनिवार को बताया कि अनुबंध के लिए राज्य सरकार द्वारा एक प्रोफार्मा तैयार किया जा रहा है। जिसमें किसान और फसल क्रय करने वाली कम्पनी के प्रतिनिधि, व्यापारी या व्यक्ति के हस्ताक्षर होंगे तथा इस प्रपत्र को अनुविभागीय दण्डाधिकारी राजस्व के कार्यालय में सुरक्षित रखा जायेगा। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेश की सभी 313 जनपद पंचायतों में नये कृषि कानूनों की बारीकियों से कृषकों को अवगत कराने और इन कानूनों का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण आयोजित होंगे। ताकि नये कृषि कानूनों के हर पहलू से किसान अवगत होकर फायदा प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में नये कानूनों के लिये की गई पहल के अनुरूप क्रियान्वयन भी प्रारंभ कर दिया गया है। विभिन्न जिलों में किसानों द्वारा मिलों को उत्पादन बेचने के संबंध में लाभकारी मूल्य दिलवाने का कार्य हो रहा है। राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि इनका लाभ अधिकतम किसानों को मिले। किसानों की आय दोगुना करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा को पूरा किया जाएगा। मध्यप्रदेश के किसान प्रधानमंत्री जी के साथ है। मध्यप्रदेश में इन कानूनो के संबंध में किसानों के मध्य कोई भ्रम की स्थिति नहीं है।
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26 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार ने नये कृषि कानूनों का लाभ आसानी से किसानों तक पहुंचाने के लिये फैसले लिये हैं। अब किसान और फसल क्रय करने वाली कम्पनी, व्यापारी या व्यक्ति के मध्य होने वाले अनुबंध प्रपत्र को अनुविभागीय दण्डाधिकारी राजस्व कार्यालय में दस्तावेज के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा। ताकि किसान के साथ किसी भी तरह का धोखा नहीं हो सके। जनसंपर्क अधिकारी अतुल खरे ने शनिवार को बताया कि अनुबंध के लिए राज्य सरकार द्वारा एक प्रोफार्मा तैयार किया जा रहा है। जिसमें किसान और फसल क्रय करने वाली कम्पनी के प्रतिनिधि, व्यापारी या व्यक्ति के हस्ताक्षर होंगे तथा इस प्रपत्र को अनुविभागीय दण्डाधिकारी राजस्व के कार्यालय में सुरक्षित रखा जायेगा। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेश की सभी 313 जनपद पंचायतों में नये कृषि कानूनों की बारीकियों से कृषकों को अवगत कराने और इन कानूनों का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण आयोजित होंगे। ताकि नये कृषि कानूनों के हर पहलू से किसान अवगत होकर फायदा प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में नये कानूनों के लिये की गई पहल के अनुरूप क्रियान्वयन भी प्रारंभ कर दिया गया है। विभिन्न जिलों में किसानों द्वारा मिलों को उत्पादन बेचने के संबंध में लाभकारी मूल्य दिलवाने का कार्य हो रहा है। राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि इनका लाभ अधिकतम किसानों को मिले। किसानों की आय दोगुना करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा को पूरा किया जाएगा। मध्यप्रदेश के किसान प्रधानमंत्री जी के साथ है। मध्यप्रदेश में इन कानूनो के संबंध में किसानों के मध्य कोई भ्रम की स्थिति नहीं है।
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26 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार ने नये कृषि कानूनों का लाभ आसानी से किसानों तक पहुंचाने के लिये फैसले लिये हैं। अब किसान और फसल क्रय करने वाली कम्पनी, व्यापारी या व्यक्ति के मध्य होने वाले अनुबंध प्रपत्र को अनुविभागीय दण्डाधिकारी राजस्व कार्यालय में दस्तावेज के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा। ताकि किसान के साथ किसी भी तरह का धोखा नहीं हो सके। जनसंपर्क अधिकारी अतुल खरे ने शनिवार को बताया कि अनुबंध के लिए राज्य सरकार द्वारा एक प्रोफार्मा तैयार किया जा रहा है। जिसमें किसान और फसल क्रय करने वाली कम्पनी के प्रतिनिधि, व्यापारी या व्यक्ति के हस्ताक्षर होंगे तथा इस प्रपत्र को अनुविभागीय दण्डाधिकारी राजस्व के कार्यालय में सुरक्षित रखा जायेगा। राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेश की सभी 313 जनपद पंचायतों में नये कृषि कानूनों की बारीकियों से कृषकों को अवगत कराने और इन कानूनों का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रशिक्षण आयोजित होंगे। ताकि नये कृषि कानूनों के हर पहलू से किसान अवगत होकर फायदा प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में नये कानूनों के लिये की गई पहल के अनुरूप क्रियान्वयन भी प्रारंभ कर दिया गया है। विभिन्न जिलों में किसानों द्वारा मिलों को उत्पादन बेचने के संबंध में लाभकारी मूल्य दिलवाने का कार्य हो रहा है। राज्य सरकार का पूरा प्रयास है कि इनका लाभ अधिकतम किसानों को मिले। किसानों की आय दोगुना करने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा को पूरा किया जाएगा। मध्यप्रदेश के किसान प्रधानमंत्री जी के साथ है। मध्यप्रदेश में इन कानूनो के संबंध में किसानों के मध्य कोई भ्रम की स्थिति नहीं है।
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26 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त हो गई है और आए दिन उन पर कार्यवाई कर रही है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक बार फिर राज्य के भू-माफियाओं को चेतावनी देते हुए कहा है कि वो राज्य छोडक़र चले जाएं, नहीं तो वो सभी को जमीन में गाड़ देगे। शिवराज के इस अंदाज पर मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने तंज कसा है और सवाल पूछे हैंं। दिग्विजय सिंह ने शनिवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर माफियाओं के खिलाफ प्रदेश में चल रही कार्यवाई पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि शिवराज जी कहते हैं भू-माफिया, अवैध कब्जा करने वाले को 10 फुट जमीन में गाढ़ दूंगा। लालबर्रा बालाघाट में तहसीलदार द्वारा सरकारी भवन को तोडक़र भूमाफियाओं को अवैध कालोनी बनाने शासकीय भूमि से सडक़ दी जा रही है। शिकायत होने पर भी कुछ नहीं वाह शिवराज सिंह जी वाह!! एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने सीएम शिवराज के कार्यकाल में भाजपा नेताओं पर अवैध अतिक्रमण करने का आरोप लगाते हुए का कि 15 साल में कौन से भू माफिया के खिलाफ़ शिवराज उर्फ़ मामू ने कार्यवाही की? जऱा बताएं तो। सारे भू माफिया को पनपाने का काम तो मामू आपने ही किया है। प्रदेश की राजधानी भोपाल के कोलार क्षेत्र में शासकीय ज़मीनों पर कॉलोनी कट गईं और सभी आपके शिष्य हैं। सूची चाहिए? मैं दे दूँगा। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि 1995 के बाद भोपाल का मास्टर प्लॉन आज तक क्यों नहीं बना? सैंकड़ों अवैध कॉलोनियां कट गईं, आपने आज तक किसी भी अवैध कॉलोनायजऱ के खिलाफ़ कोई भी कार्यवाही की हो तो बताएं। यदि साहस है तो न्यायिक जॉच आयोग का गठन करें मैं प्रमाण दूँगा। केवल जुबानी जमा खर्च करने के आप आदी हैं। क्या कहा था शिवराज नेदरअसल शुक्रवार को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर आयोजित किसान सम्मान कार्यक्रम में भाग लेने होशंगाबाद के बाबई में पहुंचे थे। इस दौरान अपने संबोधन में पूरी फिल्मी सिंघम वाली स्टाइल में सीएम शिवराज सिंह ने गुंडों और बदमाशों को प्रदेश छोडऩे की धमकी देते हुए कहा कि, ‘आजकल अपन खतरनाक मूड में हैं, गड़बड़ करने वालों को छोड़ेंगे नहीं, पूरे फॉर्म में है मामा अभी। एक तरफ माफियाओं के खिलाफ अभियान चल रहा है। मसल पावर का, रसूख का इस्तेमाल करके कहीं अवैध कब्जा कर लिया, कहीं भवन बना दिया, कहीं ड्रग माफिया है। सुन लो रे! मध्यप्रदेश छोड़ देना, नहीं तो 10 फीट नीचे जमीन में गाड़ दूंगा। सुशासन का मतलब जनता परेशान न हो, गुंडे, बदमाश, फन्ने खां यह कोई नहीं चलने वाले अब।
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26 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लव जिहाद के खिलाफ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक लाएगी। इसके प्रस्तावित मसौदे को शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कानून के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में लागू कानून दूसरे राज्यों से अलग होगा। कैबिनेट बैठक में धर्म स्वातंत्र्य कानून को मंजूरी मिलने के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि मप्र धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 को आज कैबिनेट ने ध्वनिमत से अपनी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद विधेयक को अब विधानसभा के सत्र में पेश किया जाएगा। विधेयक के पारित होते ही 1968 वाला धर्म स्वातंत्र्य कानून समाप्त हो जाएगा। कोई भी व्यक्ति दूसरे को प्रलोभन, धमकी, बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर अथवा अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा अन्यथा उसका धर्म परिवर्तन अथवा धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का दुष्प्रेरण अथवा षडय़ंत्र नहीं कर सकेगा। उन्होंने कहा कि अपना धर्म छुपाकर धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम का उल्लंघन करने पर तीन साल से दस साल तक के कारावास और 50 हजार रूपए अर्थदण्ड और सामूहिक धर्म परिवर्तन (02 या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 5 से 10 वर्ष के कारावास एवं एक लाख रूपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है। किसी भी व्यक्ति के द्वारा अधिनियम का उल्लंघन करने पर एक साल से पांच साल तक के कारावास और 25 हजार रूपए का जुर्माना लगेगा। नाबालिग,महिला,अ.जा,अ.ज.जा के केस में दो से दस साल तक की कारावास और कम से कम 50 हजार रूपए का अर्थदंड लगाने का प्रावधान है। गृहमंत्री मिश्रा ने बताया कि धर्मांतरण के लिए होने वाली शादियों पर रोक लगाने के लिए प्रस्तावित धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम को कठोर बनाने के साथ कुछ ऐसे प्रावधान किए गए है जो देश के किसी भी राज्य में अब तक नहीं है। नए कानून में धर्म संपरिवर्तन के आशय से किया गया विवाह शून्य घोषित करने के साथ महिला और उसके बच्चों के भरण पोषण का हकदार करने का प्रावधान भी किया गया है। ऐसे विवाह से जन्मे बच्चे माता-पिता की संपत्ति के उत्तराधिकारी होंगे।
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26 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लव जिहाद के खिलाफ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्म स्वातंत्र्य विधेयक लाएगी। इसके प्रस्तावित मसौदे को शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कानून के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में लागू कानून दूसरे राज्यों से अलग होगा। कैबिनेट बैठक में धर्म स्वातंत्र्य कानून को मंजूरी मिलने के बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि मप्र धर्म स्वातंत्र्य विधेयक-2020 को आज कैबिनेट ने ध्वनिमत से अपनी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद विधेयक को अब विधानसभा के सत्र में पेश किया जाएगा। विधेयक के पारित होते ही 1968 वाला धर्म स्वातंत्र्य कानून समाप्त हो जाएगा। कोई भी व्यक्ति दूसरे को प्रलोभन, धमकी, बल, दुष्प्रभाव, विवाह के नाम पर अथवा अन्य कपटपूर्ण तरीके से प्रत्यक्ष अथवा अन्यथा उसका धर्म परिवर्तन अथवा धर्म परिवर्तन का प्रयास नहीं कर सकेगा। कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन किए जाने का दुष्प्रेरण अथवा षडय़ंत्र नहीं कर सकेगा। उन्होंने कहा कि अपना धर्म छुपाकर धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम का उल्लंघन करने पर तीन साल से दस साल तक के कारावास और 50 हजार रूपए अर्थदण्ड और सामूहिक धर्म परिवर्तन (02 या अधिक व्यक्ति का) का प्रयास करने पर 5 से 10 वर्ष के कारावास एवं एक लाख रूपए के अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है। किसी भी व्यक्ति के द्वारा अधिनियम का उल्लंघन करने पर एक साल से पांच साल तक के कारावास और 25 हजार रूपए का जुर्माना लगेगा। नाबालिग,महिला,अ.जा,अ.ज.जा के केस में दो से दस साल तक की कारावास और कम से कम 50 हजार रूपए का अर्थदंड लगाने का प्रावधान है। गृहमंत्री मिश्रा ने बताया कि धर्मांतरण के लिए होने वाली शादियों पर रोक लगाने के लिए प्रस्तावित धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम को कठोर बनाने के साथ कुछ ऐसे प्रावधान किए गए है जो देश के किसी भी राज्य में अब तक नहीं है। नए कानून में धर्म संपरिवर्तन के आशय से किया गया विवाह शून्य घोषित करने के साथ महिला और उसके बच्चों के भरण पोषण का हकदार करने का प्रावधान भी किया गया है। ऐसे विवाह से जन्मे बच्चे माता-पिता की संपत्ति के उत्तराधिकारी होंगे।
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26 December 2020भोपाल। केन्द्र सरकार के कृषि कानून को लेकर इन दिनों देशभर में सियासत हो रही है। आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में विपक्षी दल खुल कर सामने आए है। वहीं अब कांग्रेस भी किसान का समर्थन करते हुए सडक़ों पर उतर आई है। गुरुवार को प्रियंका गांधी वाड्रा और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ मार्च करते हुए राष्ट्रपति भवन तक जा रही थी। इस दौरान पुलिस ने प्रियंका गांधी वाड्रा और अन्य कांग्रेस नेताओं को हिरासत में ले लिया। प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी की मप्र के पूर्व सीएम कमलनाथ ने निंदा की है। कमकलनाथ ने कृषि कानून को लेकर सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार का तानाशाही व दमनकारी रवैया जारी है। इन क़ानूनों को लेकर ना किसानों से, ना किसान संगठनो से, ना विपक्षी दलो से चर्चा की गयी और अब ना उनके समर्थन में सडक़ पर उतरने दिया जा रहा है, ये कैसी तानाशाही ? वहीं प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी की गिरफ़्तारी बेहद निंदनीय, कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी, वो किसानो के साथ है, इन काले क़ानूनों के विरोध में है, उनके हर संघर्ष में उनके साथ है।
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24 December 2020भोपाल। वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 26 दिसंबर को भोपाल आ रहे हैं। यहां उनकी एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मुलाकात होने वाली है। दोनों नेताओं के बीच 26 दिसंबर को शाम 6 बजे सीएम हाउस में कई मसलों पर चर्चा हो सकती है। शनिवार 26 दिसंबर को सिंधिया सुबह 11: 23 दिल्ली से ग्वालियर पहुंचेंगे। यहां विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद सिंधिया शाम पांच बजे ग्वालियर एयरपोर्ट से भोपाल के लिए उड़ान भरेंगे। 5:45 पर भोपाल पहुंचने के बाद सिंधिया एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री निवास जाऐंगे जहां शाम 6 बजे उनकी सीएम शिवराज के साथ मुलाकात तय है। इसके बाद शाम साज बजे सिंधिया भाजपा कार्यालय आएंगे, उनके साथ प्रदेश प्रभारी भी दौरे पर रहेंगे। माना जा रहा है सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान के बीच कई विषयों पर चर्चा और रायशुमारी हो सकती है। इससे पहले भी सिंधिया 30 नवंबर को भोपाल आए थे और सीएम शिवराज के साथ मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की मुलाकात का कार्यक्रम बनने के बाद अब एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। इसके साथ ही माना जा रहा है कि मप्र में लोकसभा चुनाव-2019 से पहले आयकर छापों के बाद मनी लांड्रिंग मामले में कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के नाम आने पर भी दोनों राजनेताओं के बीच चर्चा हो सकती है।
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24 December 2020भोपाल। वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 26 दिसंबर को भोपाल आ रहे हैं। यहां उनकी एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मुलाकात होने वाली है। दोनों नेताओं के बीच 26 दिसंबर को शाम 6 बजे सीएम हाउस में कई मसलों पर चर्चा हो सकती है। शनिवार 26 दिसंबर को सिंधिया सुबह 11: 23 दिल्ली से ग्वालियर पहुंचेंगे। यहां विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद सिंधिया शाम पांच बजे ग्वालियर एयरपोर्ट से भोपाल के लिए उड़ान भरेंगे। 5:45 पर भोपाल पहुंचने के बाद सिंधिया एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री निवास जाऐंगे जहां शाम 6 बजे उनकी सीएम शिवराज के साथ मुलाकात तय है। इसके बाद शाम साज बजे सिंधिया भाजपा कार्यालय आएंगे, उनके साथ प्रदेश प्रभारी भी दौरे पर रहेंगे। माना जा रहा है सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान के बीच कई विषयों पर चर्चा और रायशुमारी हो सकती है। इससे पहले भी सिंधिया 30 नवंबर को भोपाल आए थे और सीएम शिवराज के साथ मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की मुलाकात का कार्यक्रम बनने के बाद अब एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। इसके साथ ही माना जा रहा है कि मप्र में लोकसभा चुनाव-2019 से पहले आयकर छापों के बाद मनी लांड्रिंग मामले में कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के नाम आने पर भी दोनों राजनेताओं के बीच चर्चा हो सकती है।
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24 December 2020भोपाल। वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 26 दिसंबर को भोपाल आ रहे हैं। यहां उनकी एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मुलाकात होने वाली है। दोनों नेताओं के बीच 26 दिसंबर को शाम 6 बजे सीएम हाउस में कई मसलों पर चर्चा हो सकती है। शनिवार 26 दिसंबर को सिंधिया सुबह 11: 23 दिल्ली से ग्वालियर पहुंचेंगे। यहां विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद सिंधिया शाम पांच बजे ग्वालियर एयरपोर्ट से भोपाल के लिए उड़ान भरेंगे। 5:45 पर भोपाल पहुंचने के बाद सिंधिया एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री निवास जाऐंगे जहां शाम 6 बजे उनकी सीएम शिवराज के साथ मुलाकात तय है। इसके बाद शाम साज बजे सिंधिया भाजपा कार्यालय आएंगे, उनके साथ प्रदेश प्रभारी भी दौरे पर रहेंगे। माना जा रहा है सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान के बीच कई विषयों पर चर्चा और रायशुमारी हो सकती है। इससे पहले भी सिंधिया 30 नवंबर को भोपाल आए थे और सीएम शिवराज के साथ मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की मुलाकात का कार्यक्रम बनने के बाद अब एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। इसके साथ ही माना जा रहा है कि मप्र में लोकसभा चुनाव-2019 से पहले आयकर छापों के बाद मनी लांड्रिंग मामले में कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के नाम आने पर भी दोनों राजनेताओं के बीच चर्चा हो सकती है।
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24 December 2020भोपाल। वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 26 दिसंबर को भोपाल आ रहे हैं। यहां उनकी एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मुलाकात होने वाली है। दोनों नेताओं के बीच 26 दिसंबर को शाम 6 बजे सीएम हाउस में कई मसलों पर चर्चा हो सकती है। शनिवार 26 दिसंबर को सिंधिया सुबह 11: 23 दिल्ली से ग्वालियर पहुंचेंगे। यहां विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद सिंधिया शाम पांच बजे ग्वालियर एयरपोर्ट से भोपाल के लिए उड़ान भरेंगे। 5:45 पर भोपाल पहुंचने के बाद सिंधिया एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री निवास जाऐंगे जहां शाम 6 बजे उनकी सीएम शिवराज के साथ मुलाकात तय है। इसके बाद शाम साज बजे सिंधिया भाजपा कार्यालय आएंगे, उनके साथ प्रदेश प्रभारी भी दौरे पर रहेंगे। माना जा रहा है सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान के बीच कई विषयों पर चर्चा और रायशुमारी हो सकती है। इससे पहले भी सिंधिया 30 नवंबर को भोपाल आए थे और सीएम शिवराज के साथ मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की मुलाकात का कार्यक्रम बनने के बाद अब एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। इसके साथ ही माना जा रहा है कि मप्र में लोकसभा चुनाव-2019 से पहले आयकर छापों के बाद मनी लांड्रिंग मामले में कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के नाम आने पर भी दोनों राजनेताओं के बीच चर्चा हो सकती है।
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24 December 2020भोपाल। वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 26 दिसंबर को भोपाल आ रहे हैं। यहां उनकी एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मुलाकात होने वाली है। दोनों नेताओं के बीच 26 दिसंबर को शाम 6 बजे सीएम हाउस में कई मसलों पर चर्चा हो सकती है। शनिवार 26 दिसंबर को सिंधिया सुबह 11: 23 दिल्ली से ग्वालियर पहुंचेंगे। यहां विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद सिंधिया शाम पांच बजे ग्वालियर एयरपोर्ट से भोपाल के लिए उड़ान भरेंगे। 5:45 पर भोपाल पहुंचने के बाद सिंधिया एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री निवास जाऐंगे जहां शाम 6 बजे उनकी सीएम शिवराज के साथ मुलाकात तय है। इसके बाद शाम साज बजे सिंधिया भाजपा कार्यालय आएंगे, उनके साथ प्रदेश प्रभारी भी दौरे पर रहेंगे। माना जा रहा है सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान के बीच कई विषयों पर चर्चा और रायशुमारी हो सकती है। इससे पहले भी सिंधिया 30 नवंबर को भोपाल आए थे और सीएम शिवराज के साथ मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की मुलाकात का कार्यक्रम बनने के बाद अब एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। इसके साथ ही माना जा रहा है कि मप्र में लोकसभा चुनाव-2019 से पहले आयकर छापों के बाद मनी लांड्रिंग मामले में कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के नाम आने पर भी दोनों राजनेताओं के बीच चर्चा हो सकती है।
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24 December 2020भोपाल। वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया 26 दिसंबर को भोपाल आ रहे हैं। यहां उनकी एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मुलाकात होने वाली है। दोनों नेताओं के बीच 26 दिसंबर को शाम 6 बजे सीएम हाउस में कई मसलों पर चर्चा हो सकती है। शनिवार 26 दिसंबर को सिंधिया सुबह 11: 23 दिल्ली से ग्वालियर पहुंचेंगे। यहां विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद सिंधिया शाम पांच बजे ग्वालियर एयरपोर्ट से भोपाल के लिए उड़ान भरेंगे। 5:45 पर भोपाल पहुंचने के बाद सिंधिया एयरपोर्ट से सीधे मुख्यमंत्री निवास जाऐंगे जहां शाम 6 बजे उनकी सीएम शिवराज के साथ मुलाकात तय है। इसके बाद शाम साज बजे सिंधिया भाजपा कार्यालय आएंगे, उनके साथ प्रदेश प्रभारी भी दौरे पर रहेंगे। माना जा रहा है सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह चौहान के बीच कई विषयों पर चर्चा और रायशुमारी हो सकती है। इससे पहले भी सिंधिया 30 नवंबर को भोपाल आए थे और सीएम शिवराज के साथ मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की मुलाकात का कार्यक्रम बनने के बाद अब एक बार फिर से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अटकलों का दौर शुरू हो गया है। इसके साथ ही माना जा रहा है कि मप्र में लोकसभा चुनाव-2019 से पहले आयकर छापों के बाद मनी लांड्रिंग मामले में कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के नाम आने पर भी दोनों राजनेताओं के बीच चर्चा हो सकती है।
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24 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनजातीय वर्ग सहित वो लोग जो विकास में सबसे पीछे और सबसे नीचे हैं उनका कल्याण राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है। सरकारी खजाने पर भी पहला हक इन वर्गों का ही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजाति वर्ग की परंपराओं, जीवन मूल्यों और उनकी संस्कृति को कायम रखते हुए उनकी समग्र प्रगति के प्रयास बढ़ाये जाएंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री एवं परिषद के अध्यक्ष चौहान ने बुधवार को मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि आदिम जाति मंत्रणा परिषद का नाम अब जनजातीय मंत्रणा परिषद रहेगा। इस अवसर पर जानकारी दी गई कि विभाग की ओर से जनजातीय जन-जीवन पर केन्द्रित एक नवीन संग्रहालय शहडोल संभाग में प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए उमरिया या निकट के किसी उपयुक्त स्थल का चयन किया जाएगा। वर्तमान में विभाग का इस तरह का संग्रहालय छिन्दवाड़ा में संचालित है। मुख्यमंत्री ने साहूकारी के लायसेंस की अनिवार्यता के संबंध में वैधानिक प्रावधानों को लागू किए जाने संबंधी जानकारी प्राप्त की। आहार अनुदान योजना में जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को कुल 218 करोड़ का लाभ दिया गया है। उन्होंने कहा कि जनजातीय वर्ग के हित में इस तरह के प्रयास जारी रहेंगे। सभी पात्रों को वनाधिकार पट्टे मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय कल्याण योजनाओं का क्रियान्वयन इस तरह किया जाए कि इस वर्ग के लोगों की जिंदगी बदले। जनजातीय वर्ग के लोगों की संपत्ति पर किसी अन्य के कब्जे नहीं होने दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वनाधिकार पट्टे देने के कार्य में पात्र व्यक्ति को वंचित नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह अवश्य सुनिश्चित किया जाए कि नए कब्जे न हों। दिसम्बर 2006 के पूर्व के कब्जाधारियों को वनाधिकार के पट्टे दिए जाएं। जनजातीय वर्ग की युवतियों से विवाह कर उनकी भूमि पर कब्जा करने की मंशा रखने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जनजातीय आबादी का स्वास्थ्य सर्वेक्षण होगा चौहान ने कहा कि जनजातीय लोगों में अनुवांशिक रोग सिकिल सेल एनीमिया पर नियंत्रण के लिए पूरे प्रदेश में जनजातीय आबादी का स्वास्थ्य सर्वेक्षण करवाया जाएगा। इसके साथ ही इन्हें हेल्थ कार्ड भी उपलब्ध करवाये जाएंगे। सिकिल सेल, एनीमिया जैसी घातक बीमारी के बचाने के लिए जनजातीय समाज में जागरूकता अभियान भी संचालित किया जाएगा। आकांक्षा योजना की प्रगति सराहनीय मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षा योजना में जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग दी जाती है। इस योजना का लाभ लेने के लिये 721 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया जिनमें से 541 विद्यार्थियों का जेईई, नीट और क्लेट के लिये चयन एक विशेष उपलब्धि है। योजना की प्रगति सराहनीय है। बैठक में बताया गया कि जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को प्रतिभा योजना में जेईई, नीट, क्लेट, एनडीए, एनआईआईटी, एफडीडीआई, एनआईएफटी और आईएचएम में चयनित होने पर 50 हजार रूपए की राशि और अन्य परीक्षाओं के लिये 25 हजार रुपये की राशि प्रति विद्यार्थी प्रदान की जाती है। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना में गत वर्ष लगभग साढ़े चार लाख विद्यार्थी लाभान्वित किये गये। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि परिषद के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझाव काफी महत्वपूर्ण हैं। इन सुझावों पर विचार कर अमल किया जाएगा। बैठक में प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण पल्लवी जैन गोविल ने विभागीय गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। प्रदेश में 86 वन धन केन्द्र बनाए गए हैं। बड़वानी और उमरिया में जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन किया गया। प्रदेश में वर्तमान में 2645 आश्रम, क्रीड़ा परिसर और अन्य संस्थाएं संचालित हैं। इनमें करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी दाखिल हैं। प्रदेश में 126 विशिष्ट आवासीय संस्थाएं संचालित हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग 22 हजार 592 प्राथमिक शालाओं, 6800 माध्यमिक शालाओं, 731 हाई स्कूल और 860 हायर सेकेण्डरी स्कूल का संचालन कर रहा है। बैठक में परिषद की 9 जनवरी 2020 को हुई बैठक के पालन प्रतिवेदन पर भी चर्चा हुई। इस दौरान विभागीय मंत्री एवं परिषद की उपाध्यक्ष मीना सिंह उपस्थित थीं। परिषद के सदस्यों में वन मंत्री विजय शाह, विधायकगण आदि वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा उपस्थित रहे।
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23 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जनजातीय वर्ग सहित वो लोग जो विकास में सबसे पीछे और सबसे नीचे हैं उनका कल्याण राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है। सरकारी खजाने पर भी पहला हक इन वर्गों का ही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजाति वर्ग की परंपराओं, जीवन मूल्यों और उनकी संस्कृति को कायम रखते हुए उनकी समग्र प्रगति के प्रयास बढ़ाये जाएंगे। उक्त बातें मुख्यमंत्री एवं परिषद के अध्यक्ष चौहान ने बुधवार को मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा आदिम जाति मंत्रणा परिषद की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि आदिम जाति मंत्रणा परिषद का नाम अब जनजातीय मंत्रणा परिषद रहेगा। इस अवसर पर जानकारी दी गई कि विभाग की ओर से जनजातीय जन-जीवन पर केन्द्रित एक नवीन संग्रहालय शहडोल संभाग में प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए उमरिया या निकट के किसी उपयुक्त स्थल का चयन किया जाएगा। वर्तमान में विभाग का इस तरह का संग्रहालय छिन्दवाड़ा में संचालित है। मुख्यमंत्री ने साहूकारी के लायसेंस की अनिवार्यता के संबंध में वैधानिक प्रावधानों को लागू किए जाने संबंधी जानकारी प्राप्त की। आहार अनुदान योजना में जनजाति वर्ग के हितग्राहियों को कुल 218 करोड़ का लाभ दिया गया है। उन्होंने कहा कि जनजातीय वर्ग के हित में इस तरह के प्रयास जारी रहेंगे। सभी पात्रों को वनाधिकार पट्टे मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय कल्याण योजनाओं का क्रियान्वयन इस तरह किया जाए कि इस वर्ग के लोगों की जिंदगी बदले। जनजातीय वर्ग के लोगों की संपत्ति पर किसी अन्य के कब्जे नहीं होने दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि वनाधिकार पट्टे देने के कार्य में पात्र व्यक्ति को वंचित नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि यह अवश्य सुनिश्चित किया जाए कि नए कब्जे न हों। दिसम्बर 2006 के पूर्व के कब्जाधारियों को वनाधिकार के पट्टे दिए जाएं। जनजातीय वर्ग की युवतियों से विवाह कर उनकी भूमि पर कब्जा करने की मंशा रखने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। जनजातीय आबादी का स्वास्थ्य सर्वेक्षण होगा चौहान ने कहा कि जनजातीय लोगों में अनुवांशिक रोग सिकिल सेल एनीमिया पर नियंत्रण के लिए पूरे प्रदेश में जनजातीय आबादी का स्वास्थ्य सर्वेक्षण करवाया जाएगा। इसके साथ ही इन्हें हेल्थ कार्ड भी उपलब्ध करवाये जाएंगे। सिकिल सेल, एनीमिया जैसी घातक बीमारी के बचाने के लिए जनजातीय समाज में जागरूकता अभियान भी संचालित किया जाएगा। आकांक्षा योजना की प्रगति सराहनीय मुख्यमंत्री ने कहा कि आकांक्षा योजना में जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को नि:शुल्क कोचिंग दी जाती है। इस योजना का लाभ लेने के लिये 721 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया जिनमें से 541 विद्यार्थियों का जेईई, नीट और क्लेट के लिये चयन एक विशेष उपलब्धि है। योजना की प्रगति सराहनीय है। बैठक में बताया गया कि जनजातीय वर्ग के विद्यार्थियों को प्रतिभा योजना में जेईई, नीट, क्लेट, एनडीए, एनआईआईटी, एफडीडीआई, एनआईएफटी और आईएचएम में चयनित होने पर 50 हजार रूपए की राशि और अन्य परीक्षाओं के लिये 25 हजार रुपये की राशि प्रति विद्यार्थी प्रदान की जाती है। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना में गत वर्ष लगभग साढ़े चार लाख विद्यार्थी लाभान्वित किये गये। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि परिषद के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझाव काफी महत्वपूर्ण हैं। इन सुझावों पर विचार कर अमल किया जाएगा। बैठक में प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण पल्लवी जैन गोविल ने विभागीय गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। प्रदेश में 86 वन धन केन्द्र बनाए गए हैं। बड़वानी और उमरिया में जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन किया गया। प्रदेश में वर्तमान में 2645 आश्रम, क्रीड़ा परिसर और अन्य संस्थाएं संचालित हैं। इनमें करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी दाखिल हैं। प्रदेश में 126 विशिष्ट आवासीय संस्थाएं संचालित हैं। आदिम जाति कल्याण विभाग 22 हजार 592 प्राथमिक शालाओं, 6800 माध्यमिक शालाओं, 731 हाई स्कूल और 860 हायर सेकेण्डरी स्कूल का संचालन कर रहा है। बैठक में परिषद की 9 जनवरी 2020 को हुई बैठक के पालन प्रतिवेदन पर भी चर्चा हुई। इस दौरान विभागीय मंत्री एवं परिषद की उपाध्यक्ष मीना सिंह उपस्थित थीं। परिषद के सदस्यों में वन मंत्री विजय शाह, विधायकगण आदि वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा उपस्थित रहे।
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23 December 2020भोपाल। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को उनके द्वारा किसानों को लिखे गए पत्र का बिंदुवार जवाब देकर एक पत्र लिखा है। अपने पत्र में दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार के तीनों कृषि अध्यादेश को किसान विरोधी बतलाया हैं। दिग्विजय सिंह ने कृषि मंत्री से किसानों की मांगे मानने का अनुरोध करते हुए स्पष्ठ कहा है कि सरकार ये तीनों कानून वापस लें और नए कानून को संसद की प्रवर समिति में रखकर किसान संगठनों से चर्चा कर संसद में कानून पारित करें जिससे कॉर्पोरेट घरानों की जगह किसानों के हितों का संरक्षण हो सके। दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि मैंने देश के किसानों को संबोधित आपका आठ पेज का पत्र पढ़ा। कृषि मंत्री होने के नाते आपके द्वारा पत्र में व्यक्त भावनाओं को समझने का प्रयास किया। मैं पिछले 30 वर्षो से आपको जानता हूँ और आपकी निष्पक्षता और स्पष्टवादिता का प्रशंसक रहा हूँ। लेकिन लगता है कि इस पत्र का मज़मून आपके द्वारा तैयार नहीं किया गया है शायद किसी और की मंशा को आपके हस्ताक्षर से भेजने के लिए मजबूर किया गया है। आगे उन्होंने अपने पत्र में कहा आपने पत्र में स्वयं को किसान परिवार का बताया है, जबकि आपने माननीय केन्द्रीय चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव के समय 2014 में दिए गये शपथ पत्र में अपनी संपत्ति के ब्यौरे में यह स्वीकार किया है कि आपके पास कोई कृषि भूमि नहीं है। आपने व्यवसाय के कॉलम में किसान नहीं बल्कि समाजसेवी होने का हवाला दिया है। दिग्विजय सिंह ने केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर पर तंज कसते हुए कहा कि सही पूछिये तो आठ पेज के पत्र के अंत में आपने अन्न-दाताओं को कृषि सुधारों से संबंधित आश्वासन दिये है यदि संसद में चर्चा करके कृषि संबंधी तीनों कानूनों को संसद की प्रवर समिति को सौंप दिया होता तो इस आंदोलन की नौबत ही नहीं आती। कांग्रेस पार्टी सहित सभी विपक्षी दलों द्वारा विधेयकों पर चर्चा कराने की मांग को आपके द्वारा निरस्त कर दिया गया था। जबकि संसदीय परम्पराओं में यदि एक भी सदस्य मत विभाजन की मांग करता है तो लोकसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, राज्यसभा सभापति, उपसभापति को मत विभाजन की मांग स्वीकार करने की ’’बाध्यता’’ है। आपने उन सभी संसदीय परम्पराओं को ठुकराते हुए मनमाने तरीके से बिल पास कराये और भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला अध्याय जोड़ दिया। दिग्विजय सिंह ने बिन्दुवार आपत्ति दर्ज की है। अपने पत्र के अंत में दिग्विजय ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों की जायज़ मांगो को आपकी सरकार द्वारा बहुमत के अंहकार में अन्देखा नहीं करना चाहिये। आपकी सरकार की हठधर्मिता न सिर्फ किसान विरोधी है बल्कि समग्र रूप से राष्ट्रहित में भी नहीं है। बेेहतर यह होगा की आप इन कानूनों को तत्काल वापिस लेवें तथा संसद की प्रवर समिति को सौंप कर सभी किसान संगठनों से चर्चा कर ही संसद से पारित करें। जिससे कॉर्पोरेट घरानों की जगह किसानों के हितो का संरक्षण हो सके।
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23 December 2020भोपाल। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को उनके द्वारा किसानों को लिखे गए पत्र का बिंदुवार जवाब देकर एक पत्र लिखा है। अपने पत्र में दिग्विजय सिंह ने केंद्र सरकार के तीनों कृषि अध्यादेश को किसान विरोधी बतलाया हैं। दिग्विजय सिंह ने कृषि मंत्री से किसानों की मांगे मानने का अनुरोध करते हुए स्पष्ठ कहा है कि सरकार ये तीनों कानून वापस लें और नए कानून को संसद की प्रवर समिति में रखकर किसान संगठनों से चर्चा कर संसद में कानून पारित करें जिससे कॉर्पोरेट घरानों की जगह किसानों के हितों का संरक्षण हो सके। दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि मैंने देश के किसानों को संबोधित आपका आठ पेज का पत्र पढ़ा। कृषि मंत्री होने के नाते आपके द्वारा पत्र में व्यक्त भावनाओं को समझने का प्रयास किया। मैं पिछले 30 वर्षो से आपको जानता हूँ और आपकी निष्पक्षता और स्पष्टवादिता का प्रशंसक रहा हूँ। लेकिन लगता है कि इस पत्र का मज़मून आपके द्वारा तैयार नहीं किया गया है शायद किसी और की मंशा को आपके हस्ताक्षर से भेजने के लिए मजबूर किया गया है। आगे उन्होंने अपने पत्र में कहा आपने पत्र में स्वयं को किसान परिवार का बताया है, जबकि आपने माननीय केन्द्रीय चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव के समय 2014 में दिए गये शपथ पत्र में अपनी संपत्ति के ब्यौरे में यह स्वीकार किया है कि आपके पास कोई कृषि भूमि नहीं है। आपने व्यवसाय के कॉलम में किसान नहीं बल्कि समाजसेवी होने का हवाला दिया है। दिग्विजय सिंह ने केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर पर तंज कसते हुए कहा कि सही पूछिये तो आठ पेज के पत्र के अंत में आपने अन्न-दाताओं को कृषि सुधारों से संबंधित आश्वासन दिये है यदि संसद में चर्चा करके कृषि संबंधी तीनों कानूनों को संसद की प्रवर समिति को सौंप दिया होता तो इस आंदोलन की नौबत ही नहीं आती। कांग्रेस पार्टी सहित सभी विपक्षी दलों द्वारा विधेयकों पर चर्चा कराने की मांग को आपके द्वारा निरस्त कर दिया गया था। जबकि संसदीय परम्पराओं में यदि एक भी सदस्य मत विभाजन की मांग करता है तो लोकसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, राज्यसभा सभापति, उपसभापति को मत विभाजन की मांग स्वीकार करने की ’’बाध्यता’’ है। आपने उन सभी संसदीय परम्पराओं को ठुकराते हुए मनमाने तरीके से बिल पास कराये और भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला अध्याय जोड़ दिया। दिग्विजय सिंह ने बिन्दुवार आपत्ति दर्ज की है। अपने पत्र के अंत में दिग्विजय ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों की जायज़ मांगो को आपकी सरकार द्वारा बहुमत के अंहकार में अन्देखा नहीं करना चाहिये। आपकी सरकार की हठधर्मिता न सिर्फ किसान विरोधी है बल्कि समग्र रूप से राष्ट्रहित में भी नहीं है। बेेहतर यह होगा की आप इन कानूनों को तत्काल वापिस लेवें तथा संसद की प्रवर समिति को सौंप कर सभी किसान संगठनों से चर्चा कर ही संसद से पारित करें। जिससे कॉर्पोरेट घरानों की जगह किसानों के हितो का संरक्षण हो सके।
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23 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र के पहले दिन कांग्रेस ने विधानसभा घेराव का ऐलान किया है। कांग्रेस नेता केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली से विधानसभा पहुंचेंगे और नारेबाजी करते हुए विधानसभा का घेराव करेंगे। कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व सीएम समेत पार्टी के बड़े नेता शामिल हो सकते हैं। कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तीखी प्रक्रिया देते हुए आलोचना की है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस के ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर विधानसभा घेराव करने को लेकर तंज कसा है। उन्होंने इसे कांग्रेस की नौटंकी करार देते हुए कहा कि किसानों के लिए वो कमलनाथ ट्रैक्टर पर बैठने की बात कर रहे हैं जो मुख्यमंत्री रहते कभी किसी किसान के खेत में नहीं गए। राहुल गांधी तो किसान आंदोलन में ट्रैक्टर पर सोफा लगवाकर बैठे नजर आए थे। मंत्री मिश्रा ने कांग्रेसियों को नसीहत देते हुए कहा कि कांग्रेस अपनी नौटंकी बंद कर ये बताए कि उसने किसानों की उन्नति के लिए क्या किया? डीडीसी चुनाव में जीत तो आगाज हैइस दौरान जम्मू कश्मीर में हुए डीडीसी चुनाव में भाजपा को मिली बड़ी जीत पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में डीडीसी चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में इस सफलता के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी को हार्दिक बधाई। ये तो अभी आगाज है। गुपकार नहीं, स्वीकार।ममता बेनर्जी पर साधा निशानापश्चिम बंगाल में चुनावी हलचल पर मंत्री मिश्रा ने ममता बेजर्नी पर निशाना साधते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था नहीं बची है। वहां ममता बेनर्जी सरकार में माफिया का बोलबाला है। उसे ममता के भाई-भतीजों का खुला संरक्षण है। उन्होंने कहा कि टीएमसी में उनकी तानाशाही का घड़ा भर चुका है। चुनाव पास आते-आते वे अकेली ही रह जाएंगी।
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23 December 2020भोपाल। हरियाणा के झज्जर में मध्यप्रदेश की मासूम के साथ रेप की दिल दहला देने वाली वारदात हुई है। मासूम के साथ दुष्कर्म करने के बाद आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने हरियाणा के झज्जर में प्रदेश की पांच वर्षीय मासूम बच्ची के साथ हुई दरिंदगी की घटना को हृदय विदारक बताते हुए इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा कि पीडि़ता से किए गए बर्ताव के दोषी को कड़ी से कड़ी सजा देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से की चर्चा। सीएम खट्टर ने आश्वस्त किया कि अपराधी को सख्त सजा दी जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि प्रभावित परिवार को मप्र सरकार की ओर से 4 लाख रुपए की सहायता राशि दी जा रही है। प्रभावित परिवार को आवश्यक मदद के साथ ही न्याय भी दिलवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से सख्त कार्यवाही का अनुरोध किया गया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश का पुलिस दल भी हरियाणा जा रहा है। दल झज्जर रवाना हो गया है। मुख्यमंत्री ने घटना को दुखद और निंदनीय बताते हुए कहा कि उनकी आज इस संबंध में हरियाणा के मुख्यमंत्री से चर्चा हुई है। हरियाणा में रहने वाले मध्यप्रदेश के परिवार को पूरा न्याय दिलवाया जाएगा। यह है पूरा मामलाहरियाणा के झज्जर के छावनी क्षेत्र में पांच साल की बच्ची का रविवार की रात को अपहरण कर लिया और उसकी दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी। यह घटना मूल रुप से मध्य प्रदेश के रहने वाले राजमिस्त्री के परिवार के साथ हुई है। राजमिस्त्री काफी समय से यही पर रह रहा है। आरोपित पड़ोस का ही रहने वाला बताया जा रहा है और आपराधिक प्रवृति का बताया जा रहा है।पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
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22 December 2020भोपाल। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का सोमवार को निधन हो गया। जानकारी के मुताबिक, खराब सेहत की वजह से मोतीलाल वोरा को रविवार रात एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। 93 साल की उम्र में मोतीलाल वोरा का निधन हुआ। कल ही उनका जन्मदिन था। लंबे समय तक कांग्रेस कोषाध्यक्ष रहे मोतीलाल वोरा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रह चुके रह चुके हैं। मूल रूप से छत्तीसगढ़ के रहने वाले मोतीलाल वोरा ने अपने राजनीतिक जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाली थी। मोतीलाल वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को राजस्थान के नागौर जिले में हुआ था। मोतीलाल वोरा का विवाह शांति देवी वोरा से हुआ था। उनकी चार बेटियां और दो बेटे हैं। उनके बेटे अरुण वोरा दुर्ग से विधायक हैं और वे तीन बार विधायक के रूप में चुनाव जीत चुके हैं। मोतीलाल वोरा का सफर- मोतीलाल वोरा ने कई वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करते हुए पत्रकारिता की और बाद में 1968 में राजनीति में प्रवेश किया।- 1970 में मध्यप्रदेश विधानसभा से चुनाव जीता और मध्य प्रदेश ‘राज्य सडक़ परिवहन निगम’ के उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए।- 1977 और 1980 में दोबारा विधानसभा में चुने गए और उन्हे 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमंडल में उच्च शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी संभाली।- मोतीलाल वोरा 1983 में कैबिनेट मंत्री बने और मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त हुए।- 13 फरवरी 1985 में वोरा को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया।- 13 फरवरी 1988 को मोतीलाल वोरा ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देकर 14 फरवरी 1988 में केंद्र के स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला।- अप्रैल 1988 में मोतीलाल वोरा राज्यसभा के लिए चुने गए।- 26 मई 1993 से 3 मई 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रहे।
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21 December 2020भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 में हुए लॉन्ड्रिंग मामला इन दिनों सुर्खियों में है। पूरे मामले को लेकर इन दिनों प्रदेश में खूब राजनीति हो रही है। वहीं अब इस पर मप्र के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए इस पूरे मामले पर कहा कि मप्र कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में हुए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सभी नाम पूरी जांच के बाद सीबीडीटी और चुनाव आयोग की रिपोर्ट में सामने आए हैं। इस मामले में कानून अपना काम करेगा। जांच प्रचनल में है तथ्य जल्द ही सामने आएंगे। कोई भी कितना बड़ा क्यों न हो बख्शा नहीं जाएगा। इस दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए गृहमंत्री ने कहा कि काग्रेस कभी भी वंशवाद से मुक्त नहीं हो सकती। वहां दिल्ली से भोपाल तक वंशवाद ही हावी है। चाहे राष्ट्रीय कांग्रेस हो या राज्य की युवक कांग्रेस।भ्रष्ट और गुंडाराज ने बंगाल को कंगाल कर दिया इस दौरान पश्चिम बंगाल के हालातों पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि ममता बेनर्जी के भ्रष्ट और गुंडाराज ने बंगाल को कंगाल कर दिया है। बंगाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी की रैली और आमसभा में जिस तरह का जनसैलाब उमड़ा है उससे तय है कि जनता बदलाव का मन बना चुकी है।
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21 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को चार शहीदों को उनके शहादत दिवस पर नमन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने निवास कार्यालय सभाकक्ष में शहीद राजेंद्र नाथ लाहिड़ी, अश्फाकुल्ला खान, रोशन सिंह और पं. राम प्रसाद बिस्मिल के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1925 में हुए काकोरी कांड के बाद इन चारों शहीदों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को 17 दिसम्बर 1927 को और अश्फाकुल्ला खान, रोशन सिंह और पं. राम प्रसाद बिस्मिल को 19 दिसम्बर 1927 को फांसी दी गई थी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि चारों राष्ट्रप्रेमी मित्रों ने स्वतंत्रता और स्वाभिमान की चाह में अपने जीवन का बलिदान किया। भारतीय स्वाधीनता आंदोलन में काकोरी कांड की अहम् भूमिका थी। इस घटना के बाद देश में क्रांतिकारियों के प्रति आमजन का नजरिया परिवर्तित होने लगा था और क्रांतिकारी पहले से ज्यादा लोकप्रिय होने लगे थे। इन चारों बलिदानियों के बलिदान से युवाओं को देशभक्ति की प्रेरणा मिली।
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19 December 2020इंदौर। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में शनिवार को कांग्रेस ने अनूठा प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर बैलगाड़ी युग दिखाने की कोशिश की। पेट्रोल, डीजल और गैस के बढ़े दाम के साथ कृषि कानून के विरोध में सुबह 11 बजे बड़ी संख्या में कांग्रेसी बैलगाड़ी पर सवार होकर रीगल चौराहे स्थित धरना स्थल पर पहुंचे। धरना प्रदर्शन के दौरान उपवास कार्यक्रम में करीब-करीब सभी बड़े नेता शामिल हुए। बैलगाड़ी पर स्कूटर रखकर उस पर सवार शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने मंच के पास पहुंचे। बैलगाड़ी में कुछ स्लोगन लिखी तख्तियां भी लटकी हुई थीं। जिसमें लिखा था पेट्रोल डीजल की बढ़ गई कीमत, अब बैलगाड़ी की पड़ी जरूरत। पेट्रोल, डीजल के दाम कम करो, भाजपा कुछ शर्म करो। खा गए राशन पी गए तेल, देखो-देखो मोदी-शिवराज का खेल। धरना प्रदर्शन में विधायक संजय शुक्ला, राजेश चौकसे, सन्नी राजपाल, सदाशिव यादव, अंतर सिंह दरबार सहित बड़ी संख्या में नेता कार्यकर्ता शामिल हुए। इस दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने कहा कि मोदी सरकार में पेट्रोल डीजल के भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आज डीजल और पेट्रोल के भाव 100 रुपये के आसपास पहुंच चुका है। गैस की बात करें, तो एक सप्ताह में डेढ़ सौ रुपए बढ़ गए हैं। काला कृषि कानून जो मोदी सरकार लेकर आई है। हम उसका भी विरोध करते हैं। आज ही शिवराज सिंह सरकार ने बिजली के बिल 15 पैसे यूनिट बढ़ा दिए हैं। कांग्रेस की मांग है कि मोदी सरकार तत्काल काले कानून को वापस ले। साथ ही पेट्रोल और डीजल के भाव को कम करे।
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19 December 2020इंदौर। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के विरोध में शनिवार को कांग्रेस ने अनूठा प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर बैलगाड़ी युग दिखाने की कोशिश की। पेट्रोल, डीजल और गैस के बढ़े दाम के साथ कृषि कानून के विरोध में सुबह 11 बजे बड़ी संख्या में कांग्रेसी बैलगाड़ी पर सवार होकर रीगल चौराहे स्थित धरना स्थल पर पहुंचे। धरना प्रदर्शन के दौरान उपवास कार्यक्रम में करीब-करीब सभी बड़े नेता शामिल हुए। बैलगाड़ी पर स्कूटर रखकर उस पर सवार शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल मोदी सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने मंच के पास पहुंचे। बैलगाड़ी में कुछ स्लोगन लिखी तख्तियां भी लटकी हुई थीं। जिसमें लिखा था पेट्रोल डीजल की बढ़ गई कीमत, अब बैलगाड़ी की पड़ी जरूरत। पेट्रोल, डीजल के दाम कम करो, भाजपा कुछ शर्म करो। खा गए राशन पी गए तेल, देखो-देखो मोदी-शिवराज का खेल। धरना प्रदर्शन में विधायक संजय शुक्ला, राजेश चौकसे, सन्नी राजपाल, सदाशिव यादव, अंतर सिंह दरबार सहित बड़ी संख्या में नेता कार्यकर्ता शामिल हुए। इस दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल ने कहा कि मोदी सरकार में पेट्रोल डीजल के भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आज डीजल और पेट्रोल के भाव 100 रुपये के आसपास पहुंच चुका है। गैस की बात करें, तो एक सप्ताह में डेढ़ सौ रुपए बढ़ गए हैं। काला कृषि कानून जो मोदी सरकार लेकर आई है। हम उसका भी विरोध करते हैं। आज ही शिवराज सिंह सरकार ने बिजली के बिल 15 पैसे यूनिट बढ़ा दिए हैं। कांग्रेस की मांग है कि मोदी सरकार तत्काल काले कानून को वापस ले। साथ ही पेट्रोल और डीजल के भाव को कम करे।
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19 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रायसेन जिला मुख्यालय पर शुक्रवार सिंगल क्लिक के माध्यम से प्रदेश के 35.50 लाख किसानों के खातों में खरीफ फसल-2020 की क्षति राहत की 1600 करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने केन्द्र द्वारा पारित तीन कृषक कानूनों के बारे में विस्तार से किसानों को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के मेहनती किसान भाइयों-बहनों को मेरा कोटि-कोटि प्रणाम! हम सबके लिए यह सौभाग्य की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आज रायसेन में आयोजित किसान महासम्मेलन और प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े किसानों को वर्चुअल माध्यम संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बीते समय में प्राकृतिक आपदा के कारण मध्यप्रदेश के किसानों को नुकसान हुआ है। आज प्रदेश के 35.50 लाख किसानों के खातों में 1600 करोड़ रुपये की मदद सीधे पहुँच रही है। कोई बिचौलिया नहीं, कोई कमीशन नहीं, कोई कट नहीं, टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर लाभ सीधा किसानों को मिल रहा है। किसान कितनी भी मेहनत कर ले लेकिन उसके उत्पाद का भंडारण सही तरीके से न हो तो उसे नुकसान होता है। यह किसान का नहीं, पूरे देश का नुकसान है। पहले इसे लेकर उदासीनता थी लेकिन अब हमारी सरकार की प्राथमिकता भंडारण के नए केंद्र बनाना है। भारत की कृषि और किसान अब और पिछड़ेपन में नहीं रह सकता। दुनियाभर में किसानों को आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध है, भारत के किसानों को भी वह मिलना चाहिए। अब इसमें और देर नहीं होना चाहिए। हमारी सरकार ने इसकी पहल की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनकी अपनी राजनीतिक जमीन चली गई है, वे ही भ्रमित कर रहे हैं कि किसानों की जमीन चली जायेगी। स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट जो पहले ही लागू हो जानी चाहिए थी, उसे वे 8 साल तक दबाये बैठे रहे, मैंने कदम उठाये, तो इन्हें दर्द हो रहा है। किसानों के दु:ख-दर्द से विपक्ष पीडि़त है तो वे तब कहाँ थे जब किसानों को यूरिया के लिए लाठी खाना पड़ती थी। हमने भ्रष्टाचार की जुगलबंदी को बंद किया, यूरिया की नीम कोटिंग की, बीच के लोगों को हटाया और किसानों को भरपूर यूरिया उपलब्ध कराया। अगर पुरानी सरकारों को किसान की चिंता होती तो देश में 100 से अधिक सिंचाई प्रोजेक्ट दशकों तक लटके नहीं होते। बांध बनने में 25 साल लग जाते, बांध बनते तो नहरें नहीं बनती। इससे करोड़ों रुपये बर्बाद होते थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार एमएसपी को लेकर इतनी गम्भीर है कि बोवनी के समय ही इसकी घोषणा कर दी जाती है। ये कृषि कानून बनने के बाद भी एमएसपी की घोषणा पहले की तरह की गई। कोविड-19 के बावजूद एमएसपी पर सरकारी खरीदी हुई, उन्हीं मंडियों में हुई। कृषि कानून को लागू हुए 6 महीने से अधिक हो गये थे और कानून बनने के बाद एमएसपी की पूर्व की भांति घोषणा हुई, उन्हीं मंडियों में खरीदी भी हुई। मैं देश के प्रत्येक किसान को विश्वास दिलाता हूं कि एमएसपी पहले की भांति ही रहेगी। देश में कृषि कानून को लागू हुए छह महीने से अधिक हो गये हैं, लेकिन देश में अब तक एक भी मंडी बंद नहीं हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती का सीना चीरकर दुनिया का पेट भरने वाले, हरियाली और खुशहाली के लिए काम करने वाले किसान भाइयों को प्रणाम करता हूं। किसानों के सबसे बड़े हितैषी हिन्दुस्तान में कोई नेता हैं, तो वे नरेंद्र मोदी जी हैं। किसान सम्मान निधि और फसल बीमा जैसी अनेक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से उन्होंने किसानों को समर्थ बनाने की दिशा में अभूतपूर्व काम किया है। किसान भाइयों को पहले ऋण नहीं मिलता था, पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री मोदी की पहल से किसानों को केसीसी की सुविधा मिली। अगर कोई व्यापारी किसान से खेत से ही उत्पाद खरीद ले तो किसान को लाभ ही होगा। बोवनी के समय कोई व्यापारी किसान से समझौता कर ले और फसल के अच्छे दाम दे, तो उसे लाभ ही होगा। स्टॉक लिमिट के खत्म होने से किसान तभी फसल बेचे जब मुनाफा अधिक मिले! ये तीन कृषि कानूनों पर वही रो सकता है जिसने इन्हें पढ़ा ही न हो। कांग्रेस के समय तो न सडक़ थी, न बिजली थी, न सिंचाई थी! किसानों को राहत की राशि देने की तो कोई बात ही नहीं करता था। शिवराज ने कहा कि तीनों कृषि कानून से किसान समृद्ध होंगे, लेकिन कांग्रेसी किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। वो राहुल गांधी जी भी घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं, जिन्हें यही पता नहीं है कि आलू जमीन के नीचे होता है कि ऊपर। राहुल गांधी और कमलनाथ बोलते हैं कि हम किसानों के लिए उपवास करेंगे। आप उपवास नहीं पश्चाताप करो! आपने किसानों से झूठे वादे किए, उनको ठगा, उनको छला, उनको धोखा दिया, उसके लिए पश्चाताप करो। कमलनाथ जी ने कजऱ्माफी का झूठ तो बोला ही, उसके साथ ही प्रधानमंत्री किसान कल्याण निधि के लिए पात्र किसानों की सूची ही केंद्र को नहीं भेजी! हमने किसानों की सूची भेजी और 6,000 रुपये के साथ ही अपनी ओर से 4,000 रुपये भी किसानों को दिये। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आशीर्वाद और सहयोग से पिछले आठ महीने में हमने 82,422 करोड़ रुपये विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों के खाते में अंतरित करने का काम किया। किसान बन्धुओं, किसी की बातों में मत आना, मंडी बंद नहीं होगी और न ही एमएसपी पर खरीदी बंद होगी! मंडी की व्यवस्था को हम पहले से अधिक सुदृढ़ कर रहे हैं। किसानों के नाम पर घडिय़ाली आँसू बहाने वाले नेता मोदी जी का विरोध करने के लिए झूठ बोल रहे हैं।
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18 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश युवक कांग्रेस संगठन के हाल ही संपन्न हुए चुनाव के नतीजे घोषित हो गए हैं। विक्रांत भूरिया यूथ कांग्रेस के नए अध्यक्ष बन गए हैं। वे कांग्रेस विधायक और प्रदेश अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया के बेटे हैं। विक्रांत अब युवक कांग्रेस की जिम्मेदारी संभालेंगे। वहीं दूसरे नंबर पर संजय सिंह यादव ने जीत हासिल कर उपाध्यक्ष पद पर कब्जा किया है। यूथ कांग्रेस चुनाव के दौरान गंभीर आरोप लगाने वाले विवेक त्रिपाठी तीसरे नंबर पर रहे हैं। विक्रांत भूरिया को 40 हजार 850 वोट मिले हैं, वहीं संजय यादव 20 हजार वोटों के साथ उपाध्यक्ष बने हैं। इनके अलावा तीसरे नंबर पर रहे विवेक त्रिपाठी सचिव बने है। बताते चले कि प्रदेश में वर्ष 2013 के बाद अब युवा कांग्रेस के चुनाव कराए गए हैं। 1.11 लाख मतदाताओं ने प्रदेश अध्यक्ष, महासचिव, जिला अध्यक्ष, महासचिव और विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए 10, 11 और 12 दिसंबर को मतदान हुआ था। युवक कांग्रेस चुनाव में 12 उम्मीदवार थे लेकिन तीन ने नाम वापस ले लिया था। कयास लगाए जा रहे थे कि विक्रांत भूरिया अध्यक्ष बन सकते है। भाजपा आरोप लगा रही थी कि होगा वही जो दिग्गी-कमलनाथ चाहते हैं और वही हुआ। इससे भाजपा के आरोप सही लगते दिख रहे हैं। कमलनाथ ने दी बधाईयुवक कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित होने पर विक्रांत भूरिया को मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शुभकामनाएं दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘युवक कांग्रेस के संपन्न चुनावों में मध्यप्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित होने पर विक्रांत भूरिया को हार्दिक शुभकामनाएँ। अन्य पदाधिकरियों को भी बहुत- बहुत बधाई। उम्मीद करता हूँ कि आप सभी युवाओं की आवाज़ बनकर पार्टी की रीति- नीतियो के अनुरूप जनहित के लिये संघर्ष करते रहेंगे।
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18 December 2020भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि मध्यप्रदेश सरकार पूरी तरह से किसानों को समर्पित है तथा यहाँ किसानों की भलाई के लिए निरंतर कार्य हो रहे हैं। आज प्रदेश के 35 लाख से अधिक किसानों के खातों में फसल नुकसानी के 1600 करोड़ रुपए की राशि सीधे उनके खातों में अंतरित की जा रही है, कोई बिचौलिए नहीं, कोई कमीशन नहीं। यह भारत में पिछले 5-6 वर्षों में बनाई गई व्यवस्था का परिणाम है, जिसकी पूरे विश्व में आज प्रशंसा हो रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को खेती से जुड़े कार्यों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड दिलाए जा रहे हैं, जिससे उन्हें कम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त हो रहा है। आज यहां कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाऊस आदि कृषि अधोसंरचनाओं का लोकार्पण/शिलान्यास भी हुआ है, जो कि किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी होंगे। देश में भंडारण की कमी के चलते प्रतिवर्ष एक लाख करोड़ के फल, सब्जी, अनाज खराब हो जाते हैं। देश में भंडारण केन्द्रों का नेटवर्क बनाना तथा फूड प्रोसेसिंग के उद्यम स्थापित करना हमारी प्राथमिकता है। देश में जो कृषि सुधार 25-30 वर्ष पहले हो जाने थे वे अब हुए हैं प्रधानमंत्री ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों के लिए अत्यंत लाभदायक एवं कृषि की उन्नति के लिए परम आवश्यक है। ये कानून 25-30 वर्ष पहले ही देश में लागू हो जाने थे। पिछली सरकारों ने अपने घोषणा पत्रों में इन्हें लागू करने का जिक्र तो किया परंतु कार्य नहीं किया। कृषि सुधार के संबंध में स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट को गत सरकार ने दबा दिया, जबकि हमने उसे लागू किया है। आज जब हमारी सरकार ने किसानों के हित में कृषि सुधारों को लागू किया है तो किसानों में भ्रम एवं डर फैलाया जा रहा है। किसान भाई इसे समझें और बिल्कुल भी भ्रमित न हों। हमारी नीयत माँ गंगा एवं माँ नर्मदा के जल जैसी पवित्र है। हमारा हर कदम किसानों के हित में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को प्रदेश के रायसेन में आयोजित किसान महासम्मेलन में प्रदेश के 50 लाख से अधिक किसानों को सीधे (वर्चुअली) संबोधित किया। किसान कार्यक्रम स्थल से तथा प्रदेश के सभी जिला, जनपद तथा ग्राम पंचायतों से वर्चुअली जुड़े थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के साढ़े 35 लाख किसानों के खातों में फसल नुकसानी की प्रथम किश्त के रूप में 1600 करोड़ रुपये की राशि अंतरण की शुरुआत की। मुख्यमंत्री द्वारा कार्यक्रम में 70 करोड़ रुपये से अधिक के कृषि अधोसंरचना विकास के कार्यों का शिलान्यास/लोकार्पण किया। इसके साथ ही 2 हजार मछुआ पालक एवं पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड का वितरण भी किया गया। कार्यक्रम में सांसद वीडी शर्मा कृषि मंत्री कमल पटेल, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी आदि उपस्थित थे। किसानों की कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं किया प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गत सरकार ने किसानों से किया गया कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं किया। किसानों के कर्ज माफ नहीं हुए तथा उन्हें कर्जमाफी के स्थान पर बैंकों के नोटिस व गिरफ्तारी के वारंट मिले। आज किसानों के हित में किए जा रहे सुधारों का विपक्षी विरोध कर रहे हैं तथा भ्रम फैला रहे हैं। आज नहीं है यूरिया की किल्लत उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों को पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध करा रही है। हमने यूरिया की कालाबाजारी रोकी है। पुराने खाद कारखानों को दोबारा चालू किया जा रहा है। आधुनिक फर्टिलाइजर प्लांट लगाए जा रहे हैं। हम किसानों को अब अन्नदाता के साथ ऊर्जादाता भी बना रहे हैं। किसानों के खेतों में कम कीमत पर सोलर पम्प लगाए जाने का अभियान चलाया जा रहा है। हमने अनाज पैदा करने वाले किसानों के साथ ही पशुपालन, मधुमक्खी पालन तथा मछली पालन करने वाले किसानों का भी पूरा ध्यान रखा है। एमएसपी बंद हो जाएगी, इससे बड़ा नहीं है कोई झूठ प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी यह भ्रम फैला रहे हैं कि एमएसपी बंद हो जाएगी। इससे बड़ा कोई झूठ नहीं है। हमने न केवल विभिन्न फसलों की एमएसपी में पर्याप्त वृद्धि की है बल्कि गत वर्षों में एमएसपी खरीदी भी कई गुना बढ़ गई है। पुरानी सरकार में जहाँ गेहूँ की एमएसपी दर 1400 रुपये प्रति क्विंटल थी अब वह 1975 रुपये प्रति क्विंटल है। धान की एमएसपी 1310 के स्थान पर 1870, ज्वार की 1520 के स्थान पर 2640, मसूर की 1950 के स्थान पर 5100, चने की 3100 के स्थान पर 5100, तुअर की 4300 के स्थान पर 6000 तथा मूंग की एमएसपी 4500 के स्थान पर अब 7200 रुपये प्रति क्विंटल है। मंडियों के आधुनिकीकरण पर 5 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च करेंगे प्रधानमंत्री ने कहा कि दूसरा बड़ा झूठ यह है कि मंडियां बंद हो जाएंगी। देश की कोई भी कृषि उपज मंडी बंद नहीं होगी, बल्कि हम उनके आधुनिकीकरण पर 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च करने जा रहे हैं। नए कानून के माध्यम से किसान को यह विकल्प दिया गया है कि वो अपनी फसल अपनी इच्छानुसार, जहां उसे अधिक लाभ प्राप्त हो, मंडी के भीतर या मंडी के बाहर कहीं भी बेचे। पिछले छह महीने से ये नए कानून देश में लागू किए गए हैं, आज तक कोई मंडी बंद नहीं हुई है, और न ही आगे बंद होगी। कृषि अनुबंध कानून देता है किसानों को सुरक्षा उन्होंने कहा कि हमने जो फार्मिंग एग्रीमेंट (कृषि अनुबंध) कानून बनाया है, वह किसानों को सुरक्षा प्रदान करता है। बुवाई के समय ही किसान अपनी उपज का अनुबंध किसी से भी कर सकता है। यह अनुबंध उसकी फसल का ही होगा न कि उसकी भूमि का। किसानों को यह अधिकार दिया गया है कि वे उसे समाप्त कर सकेंगे परंतु व्यापारी अनुबंध को समाप्त नहीं कर पाएगा। नए कानून के अनुसार व्यापारी अनुबंध की गई दर पर किसानों की फसल खरीदने के लिए बाध्य होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य सरकारें सरल भाषा में एक अनुबंध फार्म बनाकर किसानों को उपलब्ध कराएं, जिससे उन्हें अनुबंध करने में सुविधा हो।
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18 December 2020ग्वालियर। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार किसानों के हित संरक्षण के लिए संकल्पित है। अन्नदाता देश-प्रदेश का ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लोगों का पेट भरता है। फसल बोते समय खाद-बीज डालने के साथ-साथ अपना पसीना बहाकर एक वटवृक्ष तैयार करके हम तक फसल पहुंचाता है। आज चंद लोग किसानों के हित संरक्षण के लिए बनाए कानून में रोड़ा अटका रहे हैं। यह बातें उन्होंने बुधवार को ग्वालियर के फूलबाग में आयोजित भव्य किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। सांसद सिंधिया ने जय जवान-जय किसान के नारे से अपने उद्बोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मूलत: लोग भगवान की पूजा-आराधना करते हैं। किंतु वास्तविक भगवान देश का अन्नदाता है जो सारे देश की मौलिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। भारत के किसान को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किसानों के हित संरक्षण के लिए तीन कृषि बिल पारित किए गए हैं। यह तीनों बिल किसानों को अपनी फसल बोने से लेकर उत्पादन बेचने तक की स्वतंत्रता देते हैं। अब नए कृषि कानून के तहत किसानों को खाद बीज के भण्डारण की पूर्व से ही व्यवस्था रहेगी। उन्होंने कहा कि 22 करोड़ किसानों को खेत मिट्टी परीक्षण कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड दिए गए हैं, ताकि किसानों के हाथ और मजबूत हो सकें। कोरोना संकट में भी किसानों ने खेती करके देश की आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि अधोसंरचना में एक लाख करोड़ रुपये कृषि कोष में जमा कराए हैं। किसानों को हर वर्ष किसान सम्मान निधि के रूप में केन्द्र 6 हजार रुपये और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्णय के अनुसार प्रत्येक किसान को 4 हजार रुपये, इस तरह अब किसान को 10 हजार की किसान सम्मान निधि प्रतिवर्ष मिल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार किसानों के हित का 2 हजार 200 करोड़ रुपये तिजोरी में रखे हुए थी, उसे तोड़कर मुख्यमंत्री चौहान ने किसानों के खातों में जमा कराया। अभी तक 7 हजार 700 करोड़ रुपये किसानों को राहत के रूप में उनके खातों में जमा कराए हैं। वहीं, 1600 करोड़ अंतरित राशि भी प्रदेश सरकार अगले दो दिन के अंदर किसानों के खातों में जमा कराएगी। नए कृषि कानून का उल्लेख करते हुए सिंधिया ने कहा कि केन्द्र सरकार ने समर्थन मूल्य डेढ़ गुना बढ़ाया है ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके। किसान अपने उत्पादन को अब कहीं पर भी बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि 70 सालों से जंजीरों में जकड़ा किसान अब पूरी तरह से स्वतंत्र हो रहा है। कृषि उपज मंडियां बंद नहीं होंगी। अब किसान बिचौलियों से मुक्त होंगे। किसान सम्पन्न होगा तभी देश आगे तरक्की कर सकेगा। मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। अभी धान और गेहूं पर समर्थन मूल्य दिया जाता था, अब दलहनी फसलों को भी समर्थन मूल्य पर किसान बेच सकेंगे। कार्यक्रम को केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आतिथ्य में रीवा में आयोजित कार्यक्रम का एलईडी पर सीधा प्रसारण किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में 35 लाख 50 हजार किसानों के खातों में अंतरित राशि 1600 करोड़ रुपये आगामी 18 दिसम्बर से जमा कराई जाएगी। इसमें पूर्व की बकाया राशि के अलावा इस वर्ष सोयाबीन फसलों के नुकसान और अन्य फसल क्षति की राहत राशि भी शामिल रहेगी।
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16 December 2020भोपाल। प्रदेश के किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि मां नर्मदा हमारी आस्था का केन्द्र है। नर्मदांचल में अवैध रेत उत्खनन करने वालों के विरूद्ध सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी। अवैध उत्खननकर्ताओं के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 379 और 411 में मुकदमा दर्ज किया जायेगा। ओवरलोडेड डम्परों को न सिर्फ जब्त किया जायेगा बल्कि उनके मालिकों के विरूद्ध भी कार्यवाही की जायेगी। यह बातें उन्होंने बुधवार को सिवनी-मालवा के प्रतिनिधि मण्डल से हुई मुलाकात के दौरान कही।कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि नर्मदा नदी के किनारे अवैध उत्खनन को सख्ती से रोकने की हिदायत संभागीय एवं जिलाधिकारियों को दी गई है। उन्होंने बताया कि संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट कर दिया गया है कि यदि उन्होंने अवैध रेत उत्खनन कर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की तो उनके विरूद्ध सरकार कार्यवाही करेगी। उन्होंने कहा कि अवैध उत्खनन को हर हाल में रोका जाएगा। माँ नर्मदा का आंचल छलनी करने वालों के विरूद्ध दण्डात्मक कानूनी कार्यवाही करेंगे। उल्लेखनीय है कि विगत दिनों दिल्ली प्रवास के दौरान कृषि मंत्री पटेल को जबलपुर जिले की शाहपुरा तहसील के बैलखेड़ी घाट पर अवैध उत्खनन की सूचना दूरभाष पर मिली थी। उनके निर्देश पर पॉकलेन मशीन और डम्पर की जप्ती की कार्यवाही प्रशासन के द्वारा की गई थी।ओवर लोडिंग से सड़कों को नुकसान पहुँचाने वालों के विरूद्ध भी होगी कार्यवाहीमंत्री पटेल ने ओवर लोडिंग से सड़कों को नुकसान पहुँचाने वाले वाहन चालकों और मालिकों के विरूद्ध भी कार्यवाही करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि ओवर लोडिंग से सड़के खराब होती है जो आगे चलकर सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनती है। इन दुर्घटनाओं से निरपराध लोग जान-माल की क्षति के शिकार होते है। ऐसे वाहन चालकों और मालिकों के विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जायेगी।
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16 December 2020भोपाल। मप्र कांग्रेस ने नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव व मध्यप्रदेश के प्रभारी मुकुल वासनिक तीन दिवसीय दौरे पर राजधानी पहुंचे हैं। बुधवार सुबह वे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे। यहां वे विभिन्न बैठकें लेकर नगरीय निकाय चुनाव में जीत की रणनीति बनाऐंगे। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे मुकुल वासनिक का कांग्र्रेस नेताओं ने स्वागत किया। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों पर कहा कि मैं आज भोपाल आया हूं, यहाँ पर आज वरिष्ठ नेताओं, जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों, मोर्चा संगठनों के पदाधिकारियों व सभी से मिलकर, बैठकर चर्चा करूँगा। उसके बाद मैं सागर, जबलपुर व रीवा संभाग जा रहा हूँ। वहाँ पर भी सभी से मिलकर नगरीय निकाय चुनाव की आगामी रणनीति व तैयारियों को लेकर सभी से चर्चा करूंगा। आज हमारे सामने क्या चुनौतियाँ है, वर्तमान में क्या स्थिति है, उस संदर्भ में फ़ैसलों को हम कैसे अंतिम रूप दे और उसके बाद मैं प्रदेश के अन्य संभागो में जाऊँगा और उसके बाद हम अपनी रणनीति व तैयारियों को अंतिम रूप देंगे। विधायकों को लड़ाने का कोई फैसला नहीं लियाइस दौरान नगरीय निकाय चुनाव में विधायकों को लड़ाने के मामले पर कांग्रेस नेता मुकुल वासनिक ने कहा कि अभी हमने इस पर कोई फ़ैसला नहीं लिया है। इस पर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी और हम सभी वरिष्ठ नेता मिल बैठकर अंतिम फैसला लेंगे।पुनर्गठन एक सतत चलने वाली प्रक्रिया प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पुनर्गठन को लेकर प्रदेश प्रभारी वासनिक ने कहा कि यह प्रक्रिया कभी रुक नहीं सकती। हमारी कोशिश रहती है कि ऊर्जावान लोगों को साथ में जोड़ते रहे, संगठन को मज़बूत करते रहे, अनुभवी लोगों का नाम लेते रहे। यह एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है, कभी रुक नहीं सकती है। युवक कांग्रेस के चुनाव में सामने आ रही शिकायत पर उन्होंने कहा कि यह विषय युवक कांग्रेस से संबंधित है, उसका निराकरण युवक कांग्रेस का नेतृत्व ही करेगा। बताते चले कि मध्यप्रदेश कांग्र्रेस के प्रभारी मुकुल वासनिक तीन दिनों तक मप्र के दौरे पर रहेंगे। इन तीनों के दौरान वे भोपाल, सागर, जबलपुर और रीवा जिले के प्रवास पर रहेंगे और जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे। मुकुल वासनिक के अलावा कांग्रेस के प्रदेश सहप्रभारी सीपी मित्तल भी जबलपुर पहुंचेंगे। कांग्रेस के सभी विंग के पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।
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16 December 2020भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रि-परिषद की वर्चुअल बैठक हुई। मंत्रि-परिषद ने डायल 100 योजना के निरंतर संचालन के लिए पूर्व से अनुबंधित फर्म के साथ निविदा की अनुमोदित दरों पर ही अनुबंध अवधि में छह माह अर्थात 1 अप्रैल से 30 सितम्बर 2020 तक तथा पुन: छह माह अर्थात 1 अक्टूबर 2020 से 31 मार्च 2021 तक की वृद्वि की स्वीकृति दी हैं। मध्यप्रदेश रेत नियम 2019 में संशोधन मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश रेत (खनन, परिवहन, भंडारण तथा व्यापार) नियम 2019 में संशोधन करने की मंजूरी दी। संशोधनों से प्रदेश में रेत खनिज की आपूर्ति आबाधित रूप से संभव हो सकेगी। इससे निर्माण कार्यो को गति मिलेगी तथा श्रमिकों को रोजगार के अवसर सृजित होंगे। राज्य शासन के राजस्व आय प्राप्ति पर भी इसका प्रभाव अपरोक्ष रूप से पड़ेगा। खनिज राजस्व बकाया वसूली योजना मंत्रि-परिषद ने खनिज साधन विभाग के अंतर्गत खनिज राजस्व बकाया की वसूली के लिये योजना मंजूर की हैं। योजना में वर्ष 1960-61 से वर्ष 2009-10 तक की खनिज राजस्व बकाया में ब्याज की छूट प्रदान की है। इसी प्रकार वर्ष 2010-11 से वर्ष 2017-18 तक की 5 लाख रुपये की बकाया राशि में संपूर्ण ब्याज की छूट दी है। इस अवधि की 5 लाख से 1 करोड़ एवं इससे अधिक की बकाया राशि में ब्याज में 18 प्रतिशत की छूट दी गई हैं। लाईट हाऊस प्रोजेक्ट मंत्रि-परिषद ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के अंतर्गत लाईट हाऊस प्रोजेक्ट क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार एवं भारत सरकार से एम.ओ.यू. करने की स्वीकृति दी हैं। साथ ही इंदौर नगर पालिक निगम द्वारा प्रेषित प्रस्ताव अनुसार राज्य सरकार के अंशदान की राशि एक लाख रूपये प्रति आवास के आधार पर राशि 10 करोड़ 24 लाख रूपये प्रदान करने की स्वीकृति दी हैं। अन्य निर्णय -मंत्रि-परिषद ने शासन की नीतियों, कार्यक्रमों और जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए जनसंपर्क विभाग के अंतर्गत 375 अस्थाई पदों को 1 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2021 तक निरंतर रखने का निर्णय लिया है। -मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद को संस्था के मूल उदे्श्यो की पूर्ति के परिप्रेक्ष्य में प्रशासनिक कार्य सुविधा की दृष्टि से महानिदेशक, मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद का नवीन पद, महानिदेशक मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद को शासी निकाय का सदस्य सचिव एवं कार्यकारिणी सभा के सभापति के रूप में नामांकित करने का निर्णय लिया। -मंत्रि-परिषद ने पूरे देश में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश के पालन में न्यायिक अधिकारियों का एक समान पदाभिधान करने के लिए संशोधन करने की मंजूरी दी हैं। -मंत्रि-परिषद ने प्रदेश की विद्युत कंपनियों के लिये कार्यशील पूजीऋण/नगद साख सुविधा के लिए शासकीय प्रत्याभूति प्रदान करने की मंजूरी दी। एम.पी. पावर मैनेजमेंट कंपनी एवं तीनों विद्युत वितरण कंपनी द्वारा उदय योजना में तय की गई सीमा अनुसार आगामी 5 वर्षो तक वित्तीय संस्थाओं/बैंकों से प्राप्त किये जाने वाले साख सुविधा/कार्यशील पूंजी ऋण के लिये शासकीय प्रत्याभूति प्रदान करने के लिये सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई। -पावर जनरेटिंग/ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड के लिये विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय की गई सीमा आगामी 5 वर्षो तक साख सुविधा/कार्यशील पूंजी ऋण के लिए शासकीय प्रत्याभूति प्रदान करने के लिये सैद्धांतिक सहमति दी। -विद्युत कंपनियों के लिये स्वीकृत उपरोक्त नगद साख सीमा/कार्यशील पूंजी ऋण के लिये बैंकों/वित्तीय संस्थाओं को प्रत्याभूति के नवीनीकरण की स्वीकृति आवश्यकतानुसार वित्त विभाग द्वारा आगामी 5 वर्षो तक दी जायेगी। उक्त प्रस्तावित गारंटी पर मात्र 0.5 प्रतिशत की दर से प्रत्याभूति शुल्क लिया जाएगा।
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15 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मंत्रीगण अपने विभाग से जुड़े निगम मंडल की गतिविधियों को भी गति प्रदान करें। आमजन के हित में योजनाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन किया जाए। विभाग के कार्यों पर निरंतर नजर रखें। पूरे परिश्रम से दिन-रात कार्य कर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का लक्ष्य पूर्ण करना है। मुख्यमंत्री मंगलवार सुबह मंत्रालय से वीडियो कांफ्रेंस द्वारा मंत्री परिषद सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। सीएम शिवराज ने कैबिनेट बैठक के पूर्व मंत्रियों से कहा कि वे अपने भ्रमण, जनता से संवाद, बैठकों और कार्यक्रमों में नये कृषि कानूनों के फायदों के बारे में चर्चा करें। किसानों के साथ ही सभी वर्गों को देश की आर्थिक प्रगति की दिशा नये कृषि कानूनों के माध्यम से उठाए गए महत्वपूर्ण कदम की जानकारी दी जाए। मुख्यमंत्री ने होशंगाबाद जिले में किसानों को धान का उच्चतम मूल्य दिलवाने के लिए नए किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) अनुबंध मूल्य आश्वासन और सेवा अधिनियम 2020 में की गई कार्यवाही को आदर्श बताते हुए अन्य जिलों में भी किसान हित में ऐसे कदम उठाने की अपेक्षा की। किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए बने इन कानूनों के प्रावधानों का विवरण भी जनता तक पहुंचाया जाए। इसके लिए मंत्री नेतृत्व करते हुए इस कार्य को पूर्ण करें। किसानों को देंगे राहत राशिमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि आगामी 18 दिसम्बर को पूरे राज्य में किसानों को राहत राशि उनके खातों में अंतरित की जाएगी। इसमें पूर्व की बकाया राशि के अलावा इस वर्ष सोयाबीन फसलों के नुकसान और अन्य फसल क्षति की राहत राशि भी शामिल रहेगी। प्रदेश के 35 लाख 50 हजार किसानों के खातों में 1600 करोड़ रुपये जमा की किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे स्वयं विदिशा में राशि अंतरित करेंगे। शेष जिलों में मंत्रीगण इन कार्यक्रमों में शामिल होंगे। मंत्रियों के जिलों में जाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय और कृषि मंत्री समन्वय कर निर्णय ले रहे हैं। इस कार्यक्रम ने स्थानीय विधायक और सांसद भी शामिल होकर अपनी बात कहेंगे। कलेक्टर कमिश्नर कान्फ्रेंस जनकल्याण का मंत्रसीएम शिवराज ने कहा कि इस माह हुई कलेक्टर कमिश्नर कान्फ्रेंस में जनता के हित में अनेक महत्वपूर्ण निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों को दिए गए हैं। जनकल्याण के लिए प्रशासनिक कसावट करते हुए इस मंत्र को लागू किया गया है। आगामी 4 जनवरी को पुन: ऐसी कान्फ्रेंस होगी। इसमें विभाग विशेष की चर्चा के दौरान संबंधित मंत्री भी उपस्थित रहेंगे। मंत्री विभागीय चर्चा के बिंदुओं के संदर्भ में कार्यवाही भी सुनिश्चित करें। जारी रहे माफिया के विरुद्ध कार्रवाईमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सभी तरह के माफिया के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का अभियान जारी रहेगा। मंत्रीगण भी नेतृत्व करते हुए आम जनता के हित में इस अभियान को मजबूती प्रदान करें। विकास के साथ ही माफिया पर नियंत्रण का कार्य भागीरथी प्रयत्न माना जाए, इस दिशा में मंत्री सक्रिय भूमिका का निर्वह करते रहें। निगम मंडल के कार्यों पर हो मंत्रियों की नजरसीएम शिवराज ने कहा कि मंत्री अपने विभाग के निगम मंडल के कार्यों पर नजर रखें। पूरे परिश्रम से कार्यों का संचालन, संपादन हो। हमें 20-20 खेलते हुए अच्छे परिणाम देने हैं। साफ सुथरे ढंग से कार्य संचालन हो। हमारी सजगता में कमी न हो। जनकल्याण के कार्यों के लक्ष्य पूरे किए जाएं। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा मंत्रीगण उपस्थित थे। प्रारंभ में वंदेमातरम गायन हुआ।
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15 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मंत्रीगण अपने विभाग से जुड़े निगम मंडल की गतिविधियों को भी गति प्रदान करें। आमजन के हित में योजनाओं का समयबद्ध क्रियान्वयन किया जाए। विभाग के कार्यों पर निरंतर नजर रखें। पूरे परिश्रम से दिन-रात कार्य कर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का लक्ष्य पूर्ण करना है। मुख्यमंत्री मंगलवार सुबह मंत्रालय से वीडियो कांफ्रेंस द्वारा मंत्री परिषद सदस्यों को संबोधित कर रहे थे। सीएम शिवराज ने कैबिनेट बैठक के पूर्व मंत्रियों से कहा कि वे अपने भ्रमण, जनता से संवाद, बैठकों और कार्यक्रमों में नये कृषि कानूनों के फायदों के बारे में चर्चा करें। किसानों के साथ ही सभी वर्गों को देश की आर्थिक प्रगति की दिशा नये कृषि कानूनों के माध्यम से उठाए गए महत्वपूर्ण कदम की जानकारी दी जाए। मुख्यमंत्री ने होशंगाबाद जिले में किसानों को धान का उच्चतम मूल्य दिलवाने के लिए नए किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) अनुबंध मूल्य आश्वासन और सेवा अधिनियम 2020 में की गई कार्यवाही को आदर्श बताते हुए अन्य जिलों में भी किसान हित में ऐसे कदम उठाने की अपेक्षा की। किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए बने इन कानूनों के प्रावधानों का विवरण भी जनता तक पहुंचाया जाए। इसके लिए मंत्री नेतृत्व करते हुए इस कार्य को पूर्ण करें। किसानों को देंगे राहत राशिमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि आगामी 18 दिसम्बर को पूरे राज्य में किसानों को राहत राशि उनके खातों में अंतरित की जाएगी। इसमें पूर्व की बकाया राशि के अलावा इस वर्ष सोयाबीन फसलों के नुकसान और अन्य फसल क्षति की राहत राशि भी शामिल रहेगी। प्रदेश के 35 लाख 50 हजार किसानों के खातों में 1600 करोड़ रुपये जमा की किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे स्वयं विदिशा में राशि अंतरित करेंगे। शेष जिलों में मंत्रीगण इन कार्यक्रमों में शामिल होंगे। मंत्रियों के जिलों में जाने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय और कृषि मंत्री समन्वय कर निर्णय ले रहे हैं। इस कार्यक्रम ने स्थानीय विधायक और सांसद भी शामिल होकर अपनी बात कहेंगे। कलेक्टर कमिश्नर कान्फ्रेंस जनकल्याण का मंत्रसीएम शिवराज ने कहा कि इस माह हुई कलेक्टर कमिश्नर कान्फ्रेंस में जनता के हित में अनेक महत्वपूर्ण निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों को दिए गए हैं। जनकल्याण के लिए प्रशासनिक कसावट करते हुए इस मंत्र को लागू किया गया है। आगामी 4 जनवरी को पुन: ऐसी कान्फ्रेंस होगी। इसमें विभाग विशेष की चर्चा के दौरान संबंधित मंत्री भी उपस्थित रहेंगे। मंत्री विभागीय चर्चा के बिंदुओं के संदर्भ में कार्यवाही भी सुनिश्चित करें। जारी रहे माफिया के विरुद्ध कार्रवाईमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सभी तरह के माफिया के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का अभियान जारी रहेगा। मंत्रीगण भी नेतृत्व करते हुए आम जनता के हित में इस अभियान को मजबूती प्रदान करें। विकास के साथ ही माफिया पर नियंत्रण का कार्य भागीरथी प्रयत्न माना जाए, इस दिशा में मंत्री सक्रिय भूमिका का निर्वह करते रहें। निगम मंडल के कार्यों पर हो मंत्रियों की नजरसीएम शिवराज ने कहा कि मंत्री अपने विभाग के निगम मंडल के कार्यों पर नजर रखें। पूरे परिश्रम से कार्यों का संचालन, संपादन हो। हमें 20-20 खेलते हुए अच्छे परिणाम देने हैं। साफ सुथरे ढंग से कार्य संचालन हो। हमारी सजगता में कमी न हो। जनकल्याण के कार्यों के लक्ष्य पूरे किए जाएं। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा मंत्रीगण उपस्थित थे। प्रारंभ में वंदेमातरम गायन हुआ।
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15 December 2020भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन काले किसान विरोधी कृषि कानूनों के समर्थन में मध्य प्रदेश की भाजपा द्वारा सरकार द्वारा चलाए जा रहे जन जागरण अभियान, किसान चौपाल, किसान सम्मेलनों पर पलटवार किया है। कमलनाथ ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि जब एक तरफ़ पूरे देश का किसान सडक़ों पर आकर इन काले कानूनों का खुलकर विरोध कर रहा है। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 19 दिन से सडक़ों पर, कड़ाके की ठंड पर बैठकर आंदोलन कर रहा है। सभी जानते है कि यह काले कानून किसानों से बगैर सहमति, चर्चा, मत विभाजन के, बगैर विपक्षी दलो से चर्चा किये, तानाशाह तरीके से कोरोना काल में थोपे गए हैं। वहीं दूसरी किसानो के समर्थन में खड़े होने की बजाय बेहद शर्मनाक है कि खुद को सच्चा किसान हितेषी बताने वाली मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार इन काले कानूनों के समर्थन में जन जागरण अभियान , किसान चौपाल व किसान सम्मेलन आयोजित कर रही है? कमलनाथ ने आगे अपने बयान में कहा है कि किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करने वाले आज किसान को पूरी तरह से बर्बाद करने पर तुले हुए है और बड़ी शर्म की बात है कि किसान विरोधी इन तीन काले कानूनों का विरोध करने की बजाय भाजपा इसका खुलकर समर्थन कर रही है? हमारी सरकार द्वारा शुरू की गयी किसान कर्ज़़ माफ़ी योजना को इन्होंने पाप बताकर रोक दिया है, ये पूरी तरह से किसान विरोधी है। कृृषि मंत्री के बयान पर कसा तंजकमलनाथ ने निशाना साधते हुए कहा कि तमाम जिम्मेदार भाजपा नेता रोज बयानबाजियाँ कर किसानों व किसान संगठनों को कभी दलाल, देशद्रोही, सांप, बिच्छू, नेवला, कुकुरमुत्ता की खुलेआम संज्ञा दे रहे है और जिम्मेदार मौन है? किसानों के आंदोलनों को कभी वामपंथियों का, कभी नक्सलवादियों का, कभी पाकिस्तानियों का, कभी चीनियों का, कभी ख़ालिस्तानियों का आंदोलन बताने पर तुले हुए है ?
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15 December 2020सिवनी। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान द्वारा सोमवार 14 दिसंबर को वर्चुअल माध्यम से जिले के छपारा विकासखंड अंतर्गत आने वाले दरबई लघु जलाशय का लोकार्पण कर क्षेत्रवासियों को खुशियों की सौगाते दी जिससे 230 हेक्टयेर क्षेत्रफल की सिंचाई की जा सकेगी। अधिकारिक जानकारी के अनुसार 788.71 लाख रूपये लागत से निर्मित हुई दरबई लघु जलाशय परियोजना से दरबई ग्राम सहित आस-पास के ग्रामों के कृषकों तथा आमजनों को सीधा लाभ मिलेगा। इस परियोजना तहत 230 हेक्टेयर क्षेत्रफल की सिंचाई की जा सकेगी। जो निश्चित रूप से कृषकों की आय में वृद्धि करने में सहायक सिद्ध होगी। विधायक दिनेश राय द्वारा अपने संबोधन में स्थानीय नागरिकों को दरबई जलाशय कार्य पूर्ण हो जाने पर बधाई दी है। स्थानीय रहवासी भी उनके क्षेत्र में दरबई जलाशय परियोजना के पूर्ण हो जाने पर हर्षित दिखाई दिए तथा वह इस महत्वकांक्षी परियोजना के लिए शासन-प्रशासन धन्यवाद दिए। आगे बताया गया कि 788.71 लाख रूपये लागत से निर्मित महत्वांकाक्षी दरबई लघु जलाशय के ग्राम पंचायत भवन केवलारी में आयोजित हुए लोकार्पण कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक दिनेश राय भी शामिल हुए साथ ही अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लखनादौन सिद्धार्थ जैन, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग पी.एन.नाग साहित अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा संबंधित अधिकारियों,कर्मचारियों सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति रही। सभी के द्वारा भोपाल से प्रसारित लाईव प्रसारण को देखा व सुना गया।
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14 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि एक तरफ देश भर के हजारों किसान कड़ाके की ठंड में देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर अपने परिवारों के साथ केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले 18 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन में कई किसान अपनी जान भी गवा चुके हैं और वही दूसरी तरफ खुद को किसान पुत्र कहलवाने वाले और ख़ुद को सच्चा किसान हितेषी बताने वाली मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार इन काले कानूनों के समर्थन में प्रायोजित जन जागरण अभियान, पत्रकार वार्ता, चौपाल और सम्मेलन करने जा रही है? यह बड़ा ही शर्मनाक है। कमलनाथ ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि मध्यप्रदेश की भाजपा की सरकार को भी अकाली दल की तरह ही साहस दिखाते हुए किसानों के समर्थन में खड़ा होकर अपनी केंद्र सरकार का खुलकर विरोध करना था। इन क़ानूनों को वापस लेने की माँग करना थी और इन काले क़ानूनों के विरोध में चौपाल, सम्मेलन आयोजित कर विधानसभा में सर्वसम्मति से इसके खिलाफ़ प्रस्ताव पारित करना था लेकिन इसके उलट मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार बेहद शर्मनाक रवैया अपनाते हुए इन कानूनों के समर्थन के नाम पर गुमराह करने के लिये जन जागरण अभियान चलाने का काम करने जा रही है? इससे शिवराज सरकार का किसान विरोधी रवैया उजागर हो गया है। पूर्व सीएम ने कहा कि सभी जानते हैं कि यह तीनों कृषि कानून किसान व किसान संगठनों से, विपक्षी दलों से, बगैर मत विभाजन के, बगैर चर्चा के तानाशाही तरीके से थोपे गए हैं। यह क़ानून भी नोटबंदी व जीएसटी की तरह ही किसानो के साथ धोखा है, इसमें भी झूठे सपने दिखाये जा रहे हैं। देशभर का किसान इन कानूनों का विरोध कर रहा है क्योंकि इन कानूनों के लागू होने से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म हो जाएगी, मंडी व्यवस्था खत्म होगी, जमाखोरी व मुनाफाखोरी बढ़ेगी, कारपोरेट जगत को फायदा होगा, कांटैक्ट फार्मिग से किसान बंधुआ मजदूर बन जाएगा, किसान बर्बाद हो जाएगा। कमलनाथ ने कहा कि हमने तो घोषणा की थी कि यदि प्रदेश में हमारी सरकार बनी तो हम एमएसपी से कम खऱीदी को अपराध वाला क़ानून प्रदेश में लागू करेंगे। शिवराज सरकार इन क़ानूनों को लेकर निरंतर झूठ परोस रही है कि इन क़ानूनों से एमएसपी ख़त्म नहीं होगी और मंडिया ख़त्म नहीं होगी, जबकि इन क़ानूनों में एमएसपी की ग्यारंटी का कोई जिक्र नहीं है, फिर किस आधार पर यह झूठ परोसा जा रहा है? शिवराज सरकार में तो एमएसपी घोषित ज़रूर होती है लेकिन मिलती नहीं। कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश के मुखिया ख़ुद को किसान पुत्र व सच्चा किसान हितेषी बताते हैं लेकिन यह सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी सरकार है। यदि केंद्र सरकार के वर्तमान तीन कृषि काले कानूनों का शिवराज सरकार साहस दिखाते हुए विरोध कर किसानों के समर्थन में खुलकर खड़ी हो जाती तो शायद इनके पापों का प्रायश्चित हो जाता और किसान इन्हें इनकी पूर्व की गलतियों के लिए माफ कर देते लेकिन किसानों के समर्थन में खड़े होना तो दूर, जिस प्रकार से किसान विरोधी इन बिलों के समर्थन में खड़े होने का निर्णय मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने लिया है। वह खुद बयां कर रहा है कि कृषि प्रधान मध्य प्रदेश कि वर्तमान भाजपा सरकार पूरी तरह से किसान विरोधी सरकार है। उसे किसान आंदोलन और किसानों के हित से कोई लेना-देना नहीं, किसानों की मांगों से कोई लेना-देना नहीं वह तो प्रायोजित जन जागरण अभियान, चौपाल व सम्मेलनों के माध्यम से झूठा संदेश देकर प्रदेश की भोली- भाली जनता को गुमराह करने का प्रयास करेगी कि यह तीन कृषि कानून किसानों के हित के हैं।
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14 December 2020शहडोल। मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में कुशाभाऊ ठाकरे जिला अस्पताल में बच्चों के मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां मासूमों की मौत का आंकड़ा दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। सोमवार सुबह एसएनसीयू व पीआईसीयू वार्ड में दो ओर मासूमों की मौत हो गई। आज हुई मौतों को लेकर अब तक अस्पताल प्रबंधन ने चुप्पी साधी हुई है। जानकारी के अनुसार उमरिया जिले के चंदनिया की 4 माह की बच्ची और सेमहरिया देवगई की 3 माह की बच्ची की मौत हो गई। इसके साथ ही यहां 17 दिनों में 23 बच्चों की मौत हो गई है। बता दें कि शहडोल जिला अस्पताल में लगातार बच्चों की मौत ने स्वास्थ्य विभाग और सरकार में हडक़ंप मचा दिया है। सीएमएचओ डॉ. राजेश पांडे ने बच्चों की मौत के पीछे निमोनिया को कारण बताया है। मुख्यमंत्री शिवराज ने मामले में जांच के सख्त निर्देश दिए थे। वहीं बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने भी अस्पताल का निरीक्षण कर अधिकारियों की क्लास लगाई थी। बावजूद मौत का मामला थम नहीं रहा है। इस दौरान मौत के आंडक़ों को छुपाने का भी खुलासा हुआ था।
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14 December 2020रतलाम। राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ जिले में निकुंभ थाना क्षेत्र के ग्राम सांदलखेड़ा के पास शनिवार देर रात एक तेज रफ्तार जीप (क्रूजर वाहन) और ट्रेलर के बीच टक्कर हो गई। इस हादसे में जीप सवार रतलाम जिले के 08 लोगों की मौत हो गई जबकि 10 घायल हुए हैं। घायलों को चित्तौडग़ढ़ के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। जीप सवार लोग मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के ताल थाना क्षेत्र के ग्राम आक्याकलां के रहने वाले थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। जानकारी के मुताबिक, रतलाम जिले के ग्राम आक्याकलां निवासी शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ताल के तृतीय श्रेणी कर्मचारी शंकरलाल के बेटे शिवनारायण परमार और बेटी हवाकुंवर की शादी गत 07 दिसम्बर को और गांव के ही सत्यनारायण मालवीय की शादी 11 दिसम्बर को हुई थी। दोनों परिवार के लोग तीनों नवविवाहित जोड़ों को दर्शन कराने के लिए शनिवार को दोपहर तीन बजे राजस्थान के प्रसिद्ध श्री सांवलिया सेठ मंदिर गए थे। लौटते समय ग्राम सादलखेड़ा के पास ट्रेलर वाहन और क्रूजर वाहन के बीच टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि क्रूजर वाहन के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार सात लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हो गए। राहगीरों की सूचना पर निकुंभ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां एक घायल ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार, मृतकों की पहचान 60 वर्षीय अम्बालाल पुत्र गंगाराम राठौड़ निवासी घोसला थाना राघवी जिला उज्जैन, 25 वर्षीय नर्मदा बाई पत्नी शिवनारायण निवासी घोसला थाना राघवी जिला उज्जैन, 58 वर्षीय राजकुंवर बाई पत्नी अम्बाराम राठौड़ निवासी घोसला थाना राघवी जिला उज्जैन, चालक 30 वर्षीय जितेंद्र पुत्र शम्भुलाल निवासी आक्याकलां, 21 वर्षीय राहुल पुत्र मनोहरलाल बलाई निवासी कालू हेडा थाना पानविहार जिला उज्जैन, 50 वर्षीय शंकरलाल पुत्र कनीराम बलाई निवासी आक्याकलां, 53 वर्षीय रूक्मणिबाई पत्नी मांगीलाल निवासी नारायणखेड़ी और एक अन्य शामिल हैं। हादसे में घायल 10 लोगों का जिला अस्पताल चित्तौडग़ढ़ में उपचार चल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को ट्वीट करते हुए हादसे पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया है कि -‘निकुम्भ, जिला चित्तौडग़ढ़, राजस्थान में मप्र निवासी आठ लोगों की सडक़ दुर्घटना में मृत्य होने का दु:खद समाचार मिला है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्माओं को शांति दें, उनके परिवार के सदस्यों को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें और घायलों को शीघ्र ही पूर्ण स्वस्थ करें।’
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13 December 2020रतलाम। राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ जिले में निकुंभ थाना क्षेत्र के ग्राम सांदलखेड़ा के पास शनिवार देर रात एक तेज रफ्तार जीप (क्रूजर वाहन) और ट्रेलर के बीच टक्कर हो गई। इस हादसे में जीप सवार रतलाम जिले के 08 लोगों की मौत हो गई जबकि 10 घायल हुए हैं। घायलों को चित्तौडग़ढ़ के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। जीप सवार लोग मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के ताल थाना क्षेत्र के ग्राम आक्याकलां के रहने वाले थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। जानकारी के मुताबिक, रतलाम जिले के ग्राम आक्याकलां निवासी शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ताल के तृतीय श्रेणी कर्मचारी शंकरलाल के बेटे शिवनारायण परमार और बेटी हवाकुंवर की शादी गत 07 दिसम्बर को और गांव के ही सत्यनारायण मालवीय की शादी 11 दिसम्बर को हुई थी। दोनों परिवार के लोग तीनों नवविवाहित जोड़ों को दर्शन कराने के लिए शनिवार को दोपहर तीन बजे राजस्थान के प्रसिद्ध श्री सांवलिया सेठ मंदिर गए थे। लौटते समय ग्राम सादलखेड़ा के पास ट्रेलर वाहन और क्रूजर वाहन के बीच टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि क्रूजर वाहन के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार सात लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हो गए। राहगीरों की सूचना पर निकुंभ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां एक घायल ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार, मृतकों की पहचान 60 वर्षीय अम्बालाल पुत्र गंगाराम राठौड़ निवासी घोसला थाना राघवी जिला उज्जैन, 25 वर्षीय नर्मदा बाई पत्नी शिवनारायण निवासी घोसला थाना राघवी जिला उज्जैन, 58 वर्षीय राजकुंवर बाई पत्नी अम्बाराम राठौड़ निवासी घोसला थाना राघवी जिला उज्जैन, चालक 30 वर्षीय जितेंद्र पुत्र शम्भुलाल निवासी आक्याकलां, 21 वर्षीय राहुल पुत्र मनोहरलाल बलाई निवासी कालू हेडा थाना पानविहार जिला उज्जैन, 50 वर्षीय शंकरलाल पुत्र कनीराम बलाई निवासी आक्याकलां, 53 वर्षीय रूक्मणिबाई पत्नी मांगीलाल निवासी नारायणखेड़ी और एक अन्य शामिल हैं। हादसे में घायल 10 लोगों का जिला अस्पताल चित्तौडग़ढ़ में उपचार चल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को ट्वीट करते हुए हादसे पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया है कि -‘निकुम्भ, जिला चित्तौडग़ढ़, राजस्थान में मप्र निवासी आठ लोगों की सडक़ दुर्घटना में मृत्य होने का दु:खद समाचार मिला है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्माओं को शांति दें, उनके परिवार के सदस्यों को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें और घायलों को शीघ्र ही पूर्ण स्वस्थ करें।’
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13 December 2020रतलाम। राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ जिले में निकुंभ थाना क्षेत्र के ग्राम सांदलखेड़ा के पास शनिवार देर रात एक तेज रफ्तार जीप (क्रूजर वाहन) और ट्रेलर के बीच टक्कर हो गई। इस हादसे में जीप सवार रतलाम जिले के 08 लोगों की मौत हो गई जबकि 10 घायल हुए हैं। घायलों को चित्तौडग़ढ़ के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। जीप सवार लोग मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के ताल थाना क्षेत्र के ग्राम आक्याकलां के रहने वाले थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। जानकारी के मुताबिक, रतलाम जिले के ग्राम आक्याकलां निवासी शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ताल के तृतीय श्रेणी कर्मचारी शंकरलाल के बेटे शिवनारायण परमार और बेटी हवाकुंवर की शादी गत 07 दिसम्बर को और गांव के ही सत्यनारायण मालवीय की शादी 11 दिसम्बर को हुई थी। दोनों परिवार के लोग तीनों नवविवाहित जोड़ों को दर्शन कराने के लिए शनिवार को दोपहर तीन बजे राजस्थान के प्रसिद्ध श्री सांवलिया सेठ मंदिर गए थे। लौटते समय ग्राम सादलखेड़ा के पास ट्रेलर वाहन और क्रूजर वाहन के बीच टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि क्रूजर वाहन के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार सात लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हो गए। राहगीरों की सूचना पर निकुंभ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां एक घायल ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार, मृतकों की पहचान 60 वर्षीय अम्बालाल पुत्र गंगाराम राठौड़ निवासी घोसला थाना राघवी जिला उज्जैन, 25 वर्षीय नर्मदा बाई पत्नी शिवनारायण निवासी घोसला थाना राघवी जिला उज्जैन, 58 वर्षीय राजकुंवर बाई पत्नी अम्बाराम राठौड़ निवासी घोसला थाना राघवी जिला उज्जैन, चालक 30 वर्षीय जितेंद्र पुत्र शम्भुलाल निवासी आक्याकलां, 21 वर्षीय राहुल पुत्र मनोहरलाल बलाई निवासी कालू हेडा थाना पानविहार जिला उज्जैन, 50 वर्षीय शंकरलाल पुत्र कनीराम बलाई निवासी आक्याकलां, 53 वर्षीय रूक्मणिबाई पत्नी मांगीलाल निवासी नारायणखेड़ी और एक अन्य शामिल हैं। हादसे में घायल 10 लोगों का जिला अस्पताल चित्तौडग़ढ़ में उपचार चल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को ट्वीट करते हुए हादसे पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया है कि -‘निकुम्भ, जिला चित्तौडग़ढ़, राजस्थान में मप्र निवासी आठ लोगों की सडक़ दुर्घटना में मृत्य होने का दु:खद समाचार मिला है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्माओं को शांति दें, उनके परिवार के सदस्यों को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें और घायलों को शीघ्र ही पूर्ण स्वस्थ करें।’
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13 December 2020रतलाम। राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ जिले में निकुंभ थाना क्षेत्र के ग्राम सांदलखेड़ा के पास शनिवार देर रात एक तेज रफ्तार जीप (क्रूजर वाहन) और ट्रेलर के बीच टक्कर हो गई। इस हादसे में जीप सवार रतलाम जिले के 08 लोगों की मौत हो गई जबकि 10 घायल हुए हैं। घायलों को चित्तौडग़ढ़ के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। जीप सवार लोग मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के ताल थाना क्षेत्र के ग्राम आक्याकलां के रहने वाले थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। जानकारी के मुताबिक, रतलाम जिले के ग्राम आक्याकलां निवासी शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ताल के तृतीय श्रेणी कर्मचारी शंकरलाल के बेटे शिवनारायण परमार और बेटी हवाकुंवर की शादी गत 07 दिसम्बर को और गांव के ही सत्यनारायण मालवीय की शादी 11 दिसम्बर को हुई थी। दोनों परिवार के लोग तीनों नवविवाहित जोड़ों को दर्शन कराने के लिए शनिवार को दोपहर तीन बजे राजस्थान के प्रसिद्ध श्री सांवलिया सेठ मंदिर गए थे। लौटते समय ग्राम सादलखेड़ा के पास ट्रेलर वाहन और क्रूजर वाहन के बीच टक्कर हो गई। हादसा इतना भीषण था कि क्रूजर वाहन के परखच्चे उड़ गए और उसमें सवार सात लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हो गए। राहगीरों की सूचना पर निकुंभ थाना पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां एक घायल ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस के अनुसार, मृतकों की पहचान 60 वर्षीय अम्बालाल पुत्र गंगाराम राठौड़ निवासी घोसला थाना राघवी जिला उज्जैन, 25 वर्षीय नर्मदा बाई पत्नी शिवनारायण निवासी घोसला थाना राघवी जिला उज्जैन, 58 वर्षीय राजकुंवर बाई पत्नी अम्बाराम राठौड़ निवासी घोसला थाना राघवी जिला उज्जैन, चालक 30 वर्षीय जितेंद्र पुत्र शम्भुलाल निवासी आक्याकलां, 21 वर्षीय राहुल पुत्र मनोहरलाल बलाई निवासी कालू हेडा थाना पानविहार जिला उज्जैन, 50 वर्षीय शंकरलाल पुत्र कनीराम बलाई निवासी आक्याकलां, 53 वर्षीय रूक्मणिबाई पत्नी मांगीलाल निवासी नारायणखेड़ी और एक अन्य शामिल हैं। हादसे में घायल 10 लोगों का जिला अस्पताल चित्तौडग़ढ़ में उपचार चल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को ट्वीट करते हुए हादसे पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया है कि -‘निकुम्भ, जिला चित्तौडग़ढ़, राजस्थान में मप्र निवासी आठ लोगों की सडक़ दुर्घटना में मृत्य होने का दु:खद समाचार मिला है। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्माओं को शांति दें, उनके परिवार के सदस्यों को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें और घायलों को शीघ्र ही पूर्ण स्वस्थ करें।’
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13 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया गया है कि सिंचाई के लिए बिजली नहीं मिलने की बजह से फसल सूखने का गम से परेशान किसान ने यह आत्मघाती कदम उठाया। किसान की मौत के बाद अब उस पर राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने किसान की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि ‘दमोह के बेलवाडा गाँव में एक किसान रूपलाल अहिरवार को सिंचाई के लिये बिजली नहीं मिलने से उसके द्वारा फाँसी लगाकर ख़ुदकुशी किये जाने की घटना बेहद दुखद। बिजली विभाग द्वारा केबल ज़ब्त करने की जानकारी व किसान को खऱाब फ़सल का मुआवज़ा नहीं मिलने की जानकारी भी सामने आयी है। शिवराज सरकार में किसानो की आत्महत्याएँ जारी...? दरअसल, दमोह जिले के तेन्दूखेड़ा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत बैलवाड़ा निवासी किसान रुपलाल अहिरवार का शव शुक्रवार सुबह सिकमी पर लिए खेत में एक आम के पेड़ पर फांसी के फंदे से झूलता मिला था। सूचना के बाद मौके पर पहुंची थाना प्रभारी नीतू खटीक ने पंचनामा कार्यवाही करते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए तेन्दूखेड़ा भिजवाया। जहां पीएम के बाद परिजनों ग्रमीणों के द्वारा शव को अंतिम संस्कार के लिए गांव ले जाने से मना करते हुए तेन्दूखेड़ा में जबलपुर दमोह सागर मार्ग तथा बस स्टैंड के बीचों बीच रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। परिजनों का कहना है कि विद्युत विभाग द्वारा उनके लाइट कनेक्शन काट देने से सिक्मी से खेती कर रहे किसान रुपलाल फसल में सिंचाई नहीं होने की बजह से खेत मे लगी गेहूं की फसल सूख रही थी और इससे पहले धान की फसल की उपज नही होने से सदमे में था। खेती पर पूरी तरह से निर्मर किसान को तनाव इतना बड़ गया कि उसने खेत में लगे पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
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12 December 2020भोपाल। नए कृषि कानून को लेकर एक तरफ देशभर में हंगामा मचा हुआ है। पिछले कई दिनों से किसान दिल्ली में डटे हुए है और कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सभी विपक्षी दल भी किसानों का समर्थन कर रहे है। इस बीच मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि कानून को किसान हितैषी बताते हुए प्रदेश के होशंगाबाद जिले का एक उदाहरण दिया है। उन्होंने ट्वीट कर नए कृषि कानून से होशंगाबाद के किसानों को मिले न्याय पर खुशी जाहिर करते हुए कृषि कानून को अन्नदाता के हितों की रक्षा का नया ध्येय बताया है। सीएम शिवराज ने शनिवार सुबह लगातार एक के बाद एक कई ट्वीट कर कृषि कानून को लेकर कहा है कि अन्नदाता के हितों की रक्षा ही नये कृषि कानून का ध्येय है। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि होशंगाबाद के किसानों को इस कानून के कारण 24 घंटे के भीतर न्याय मिला है। दिल्ली की कंपनी फॉर्चून राइस लि. ने होशंगाबाद के किसान बंधुओं से बाजार के उच्च मूल्य पर धान खरीदी का 3 जून को अनुबंध किया था और लगातार खरीदी भी की जा रही थी। परंतु धान की कीमत 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल होने पर कंपनी ने खरीदी बंद कर किसानों से संपर्क पूरी तरह से समाप्त कर दिया। आगे अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने उक्त प्रकरण की जानकारी प्राप्त होने पर तत्परतापूर्वक कार्रवाई की। न्यायालय अनुविभागीय दंडाधिकारी पिपरिया ने समन जारी कर फॉर्चून राइस लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि को 24 घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। सीएम शिवराज ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि एसडीएम कोर्ट द्वारा जारी समन पर कंपनी के डायरेक्टर श्री अजय भलोटिया हाजिर हुए और उन्होंने कॉन्शुलेशन बोर्ड के समक्ष 9 दिसंबर के उच्चतम दर पर धान क्रय करना स्वीकार किया। मुझे प्रसन्नता है कि भौखेड़ी के कृषक पुष्पराज और ब्रजेश पटेल के साथ अनेक किसान बंधुओं को न्याय मिला।
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12 December 2020भोपाल। नए कृषि कानून को लेकर एक तरफ देशभर में हंगामा मचा हुआ है। पिछले कई दिनों से किसान दिल्ली में डटे हुए है और कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सभी विपक्षी दल भी किसानों का समर्थन कर रहे है। इस बीच मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि कानून को किसान हितैषी बताते हुए प्रदेश के होशंगाबाद जिले का एक उदाहरण दिया है। उन्होंने ट्वीट कर नए कृषि कानून से होशंगाबाद के किसानों को मिले न्याय पर खुशी जाहिर करते हुए कृषि कानून को अन्नदाता के हितों की रक्षा का नया ध्येय बताया है। सीएम शिवराज ने शनिवार सुबह लगातार एक के बाद एक कई ट्वीट कर कृषि कानून को लेकर कहा है कि अन्नदाता के हितों की रक्षा ही नये कृषि कानून का ध्येय है। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि होशंगाबाद के किसानों को इस कानून के कारण 24 घंटे के भीतर न्याय मिला है। दिल्ली की कंपनी फॉर्चून राइस लि. ने होशंगाबाद के किसान बंधुओं से बाजार के उच्च मूल्य पर धान खरीदी का 3 जून को अनुबंध किया था और लगातार खरीदी भी की जा रही थी। परंतु धान की कीमत 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल होने पर कंपनी ने खरीदी बंद कर किसानों से संपर्क पूरी तरह से समाप्त कर दिया। आगे अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने उक्त प्रकरण की जानकारी प्राप्त होने पर तत्परतापूर्वक कार्रवाई की। न्यायालय अनुविभागीय दंडाधिकारी पिपरिया ने समन जारी कर फॉर्चून राइस लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि को 24 घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। सीएम शिवराज ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि एसडीएम कोर्ट द्वारा जारी समन पर कंपनी के डायरेक्टर श्री अजय भलोटिया हाजिर हुए और उन्होंने कॉन्शुलेशन बोर्ड के समक्ष 9 दिसंबर के उच्चतम दर पर धान क्रय करना स्वीकार किया। मुझे प्रसन्नता है कि भौखेड़ी के कृषक पुष्पराज और ब्रजेश पटेल के साथ अनेक किसान बंधुओं को न्याय मिला।
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12 December 2020भोपाल। नए कृषि कानून को लेकर एक तरफ देशभर में हंगामा मचा हुआ है। पिछले कई दिनों से किसान दिल्ली में डटे हुए है और कृषि कानून को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सभी विपक्षी दल भी किसानों का समर्थन कर रहे है। इस बीच मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि कानून को किसान हितैषी बताते हुए प्रदेश के होशंगाबाद जिले का एक उदाहरण दिया है। उन्होंने ट्वीट कर नए कृषि कानून से होशंगाबाद के किसानों को मिले न्याय पर खुशी जाहिर करते हुए कृषि कानून को अन्नदाता के हितों की रक्षा का नया ध्येय बताया है। सीएम शिवराज ने शनिवार सुबह लगातार एक के बाद एक कई ट्वीट कर कृषि कानून को लेकर कहा है कि अन्नदाता के हितों की रक्षा ही नये कृषि कानून का ध्येय है। मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि होशंगाबाद के किसानों को इस कानून के कारण 24 घंटे के भीतर न्याय मिला है। दिल्ली की कंपनी फॉर्चून राइस लि. ने होशंगाबाद के किसान बंधुओं से बाजार के उच्च मूल्य पर धान खरीदी का 3 जून को अनुबंध किया था और लगातार खरीदी भी की जा रही थी। परंतु धान की कीमत 3 हजार रुपये प्रति क्विंटल होने पर कंपनी ने खरीदी बंद कर किसानों से संपर्क पूरी तरह से समाप्त कर दिया। आगे अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने उक्त प्रकरण की जानकारी प्राप्त होने पर तत्परतापूर्वक कार्रवाई की। न्यायालय अनुविभागीय दंडाधिकारी पिपरिया ने समन जारी कर फॉर्चून राइस लिमिटेड के अधिकृत प्रतिनिधि को 24 घंटे के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। सीएम शिवराज ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि एसडीएम कोर्ट द्वारा जारी समन पर कंपनी के डायरेक्टर श्री अजय भलोटिया हाजिर हुए और उन्होंने कॉन्शुलेशन बोर्ड के समक्ष 9 दिसंबर के उच्चतम दर पर धान क्रय करना स्वीकार किया। मुझे प्रसन्नता है कि भौखेड़ी के कृषक पुष्पराज और ब्रजेश पटेल के साथ अनेक किसान बंधुओं को न्याय मिला।
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12 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में ड्रग्स और नशे का कारोबार पनपने नहीं दिया जाएगा। इस काले धंधे को नेस्तनाबूद किया जाएगा। उन्होंने यह बातें शुक्रवार को इंदौर में ड्रग्स के शिकार बन चुके लोगों के लिए नशा मुक्ति केंद्र का ई-लोकार्पण करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने चलित नशा मुक्ति केंद्र का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने इंदौर में प्रशासन द्वारा गत दिनों ड्रग्स के कारोबारियों के ख़िलाफ़ की गई कार्यवाही पर संतोष जताया। एयरपोर्ट में मुख्यमंत्री ने इंदौर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से साफ़ लहज़े में कहा कि ड्रग्स का काला धंधा करने वालों को जड़ से समाप्त करें।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार शाम को इंदौर पहुँचे। विमानतल पर सांसद शंकर लालवानी व विधायकों ने उनका स्वागत किया। पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट भी मुख्यमंत्री और सिंधिया के साथ इंदौर पहुँचे थे। मुख्यमंत्री और सिंधिया ने इंदौर में आयोजित विभिन्न वैवाहिक समारोहों में शिरकत की और नवदंपत्तियों को आशीर्वाद दिया। उन्होंने हाटपिपल्या विधायक मनोज चौधरी, गोविंद मालू, संजय शुक्ला के निवास पर जाकर नव दंपत्ति को आशीर्वाद दिया।ड्रग ट्रीटमेंट सेंटर से मिलेगा फ़ायदासंभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने बताया कि आज से इंदौर में प्रारंभ किया जा रहा ड्रग ट्रीटमेंट सेंटर (नशा मुक्ति केंद्र) ड्रग डि-एडिक्शन कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वीकृत है। इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय केन्द्र एम्स एवं क्षेत्रीय केन्द्र केईएम मुंबई के द्वारा क्रियान्वित किया जायगा। उन्होंने बताया कि इस केन्द्र के माध्यम से ओपीडी, आईपीडी, नि:शुल्क आवश्यक दवायें तथा समुदाय की जागरूकता के लिये मनोवैज्ञानिक उपाय जैसे काउंसलिंग एवं आईईसी आदि सेवाएं प्रदान की जायेंगी। इस केन्द्र के नोडल अधिकारी अधीक्षक मानसिक चिकित्सालय इंदौर होंगे। वर्तमान में ड्रग ट्रीटमेंट सेंटर में 10 बेडयुक्त वार्ड का शुभारंभ किया जा रहा है, जिसे एक माह में 50 बेड तक विस्तारित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि शहर में नशा मुक्ति के संबंध में जागरूकता फैलाने तथा नशे से ग्रस्त व्यक्तियों को आवश्यकतानुसार नशा मुक्त सेवा उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल यूनिट प्रारंभ की जा रही है। इस चलित नशा मुक्ति केन्द्र में मेडिकल ऑफिसर एवं स्टाफ भी उपलब्ध रहेगा।संभागायुक्त ने बताया कि जिले में रेडक्रास सोसायटी एवं एनजीओ के माध्यम से संचालित सात नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्रों के व्यवस्थित संचालन के लिए अधीक्षक मानसिक चिकित्सालय इंदौर को प्रभारी नियुक्त किया गया है तथा प्रत्येक केन्द्र पर व्यवस्थित पर्यवेक्षण एवं तकनीकी मार्गदर्शन के लिए मानसिक चिकित्सालय के विशेषज्ञों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। एनजीओ द्वारा संचालित अंकुर नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र राउ में नशा मुक्ति के लिए आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग किया जा रहा है जिसके माध्यम से लगभग 1500 ओपीडी एवं 150 आईपीडी व्यक्तियों का इलाज किया गया है।
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11 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में ड्रग्स और नशे का कारोबार पनपने नहीं दिया जाएगा। इस काले धंधे को नेस्तनाबूद किया जाएगा। उन्होंने यह बातें शुक्रवार को इंदौर में ड्रग्स के शिकार बन चुके लोगों के लिए नशा मुक्ति केंद्र का ई-लोकार्पण करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने चलित नशा मुक्ति केंद्र का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने इंदौर में प्रशासन द्वारा गत दिनों ड्रग्स के कारोबारियों के ख़िलाफ़ की गई कार्यवाही पर संतोष जताया। एयरपोर्ट में मुख्यमंत्री ने इंदौर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से साफ़ लहज़े में कहा कि ड्रग्स का काला धंधा करने वालों को जड़ से समाप्त करें।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार शाम को इंदौर पहुँचे। विमानतल पर सांसद शंकर लालवानी व विधायकों ने उनका स्वागत किया। पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट भी मुख्यमंत्री और सिंधिया के साथ इंदौर पहुँचे थे। मुख्यमंत्री और सिंधिया ने इंदौर में आयोजित विभिन्न वैवाहिक समारोहों में शिरकत की और नवदंपत्तियों को आशीर्वाद दिया। उन्होंने हाटपिपल्या विधायक मनोज चौधरी, गोविंद मालू, संजय शुक्ला के निवास पर जाकर नव दंपत्ति को आशीर्वाद दिया।ड्रग ट्रीटमेंट सेंटर से मिलेगा फ़ायदासंभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने बताया कि आज से इंदौर में प्रारंभ किया जा रहा ड्रग ट्रीटमेंट सेंटर (नशा मुक्ति केंद्र) ड्रग डि-एडिक्शन कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वीकृत है। इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय केन्द्र एम्स एवं क्षेत्रीय केन्द्र केईएम मुंबई के द्वारा क्रियान्वित किया जायगा। उन्होंने बताया कि इस केन्द्र के माध्यम से ओपीडी, आईपीडी, नि:शुल्क आवश्यक दवायें तथा समुदाय की जागरूकता के लिये मनोवैज्ञानिक उपाय जैसे काउंसलिंग एवं आईईसी आदि सेवाएं प्रदान की जायेंगी। इस केन्द्र के नोडल अधिकारी अधीक्षक मानसिक चिकित्सालय इंदौर होंगे। वर्तमान में ड्रग ट्रीटमेंट सेंटर में 10 बेडयुक्त वार्ड का शुभारंभ किया जा रहा है, जिसे एक माह में 50 बेड तक विस्तारित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि शहर में नशा मुक्ति के संबंध में जागरूकता फैलाने तथा नशे से ग्रस्त व्यक्तियों को आवश्यकतानुसार नशा मुक्त सेवा उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल यूनिट प्रारंभ की जा रही है। इस चलित नशा मुक्ति केन्द्र में मेडिकल ऑफिसर एवं स्टाफ भी उपलब्ध रहेगा।संभागायुक्त ने बताया कि जिले में रेडक्रास सोसायटी एवं एनजीओ के माध्यम से संचालित सात नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्रों के व्यवस्थित संचालन के लिए अधीक्षक मानसिक चिकित्सालय इंदौर को प्रभारी नियुक्त किया गया है तथा प्रत्येक केन्द्र पर व्यवस्थित पर्यवेक्षण एवं तकनीकी मार्गदर्शन के लिए मानसिक चिकित्सालय के विशेषज्ञों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। एनजीओ द्वारा संचालित अंकुर नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र राउ में नशा मुक्ति के लिए आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग किया जा रहा है जिसके माध्यम से लगभग 1500 ओपीडी एवं 150 आईपीडी व्यक्तियों का इलाज किया गया है।
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11 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में ड्रग्स और नशे का कारोबार पनपने नहीं दिया जाएगा। इस काले धंधे को नेस्तनाबूद किया जाएगा। उन्होंने यह बातें शुक्रवार को इंदौर में ड्रग्स के शिकार बन चुके लोगों के लिए नशा मुक्ति केंद्र का ई-लोकार्पण करते हुए कही। इस अवसर पर उन्होंने चलित नशा मुक्ति केंद्र का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने इंदौर में प्रशासन द्वारा गत दिनों ड्रग्स के कारोबारियों के ख़िलाफ़ की गई कार्यवाही पर संतोष जताया। एयरपोर्ट में मुख्यमंत्री ने इंदौर प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से साफ़ लहज़े में कहा कि ड्रग्स का काला धंधा करने वालों को जड़ से समाप्त करें।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार शाम को इंदौर पहुँचे। विमानतल पर सांसद शंकर लालवानी व विधायकों ने उनका स्वागत किया। पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट भी मुख्यमंत्री और सिंधिया के साथ इंदौर पहुँचे थे। मुख्यमंत्री और सिंधिया ने इंदौर में आयोजित विभिन्न वैवाहिक समारोहों में शिरकत की और नवदंपत्तियों को आशीर्वाद दिया। उन्होंने हाटपिपल्या विधायक मनोज चौधरी, गोविंद मालू, संजय शुक्ला के निवास पर जाकर नव दंपत्ति को आशीर्वाद दिया।ड्रग ट्रीटमेंट सेंटर से मिलेगा फ़ायदासंभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने बताया कि आज से इंदौर में प्रारंभ किया जा रहा ड्रग ट्रीटमेंट सेंटर (नशा मुक्ति केंद्र) ड्रग डि-एडिक्शन कार्यक्रम के अन्तर्गत स्वीकृत है। इस कार्यक्रम को राष्ट्रीय केन्द्र एम्स एवं क्षेत्रीय केन्द्र केईएम मुंबई के द्वारा क्रियान्वित किया जायगा। उन्होंने बताया कि इस केन्द्र के माध्यम से ओपीडी, आईपीडी, नि:शुल्क आवश्यक दवायें तथा समुदाय की जागरूकता के लिये मनोवैज्ञानिक उपाय जैसे काउंसलिंग एवं आईईसी आदि सेवाएं प्रदान की जायेंगी। इस केन्द्र के नोडल अधिकारी अधीक्षक मानसिक चिकित्सालय इंदौर होंगे। वर्तमान में ड्रग ट्रीटमेंट सेंटर में 10 बेडयुक्त वार्ड का शुभारंभ किया जा रहा है, जिसे एक माह में 50 बेड तक विस्तारित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि शहर में नशा मुक्ति के संबंध में जागरूकता फैलाने तथा नशे से ग्रस्त व्यक्तियों को आवश्यकतानुसार नशा मुक्त सेवा उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल यूनिट प्रारंभ की जा रही है। इस चलित नशा मुक्ति केन्द्र में मेडिकल ऑफिसर एवं स्टाफ भी उपलब्ध रहेगा।संभागायुक्त ने बताया कि जिले में रेडक्रास सोसायटी एवं एनजीओ के माध्यम से संचालित सात नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्रों के व्यवस्थित संचालन के लिए अधीक्षक मानसिक चिकित्सालय इंदौर को प्रभारी नियुक्त किया गया है तथा प्रत्येक केन्द्र पर व्यवस्थित पर्यवेक्षण एवं तकनीकी मार्गदर्शन के लिए मानसिक चिकित्सालय के विशेषज्ञों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। एनजीओ द्वारा संचालित अंकुर नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केन्द्र राउ में नशा मुक्ति के लिए आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग किया जा रहा है जिसके माध्यम से लगभग 1500 ओपीडी एवं 150 आईपीडी व्यक्तियों का इलाज किया गया है।
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11 December 2020भोपाल। बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित वरिष्ठ नेताओं के काफिले पर हुए हमले के बाद से ही सियासी गलियारों में घमासान मचा हुआ है। भाजपा कार्यकर्ताओं में घटना को लेकर खासा आक्रोश है। वहीं अब प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बंगाल में मौजूदा परिस्थितियों पर एक मुहिम चलाने का ऐलान किया है। वे बंगला समुदाय के प्रबुद्धजनों से देश भर में संपर्क साध रहे हैं। इसी मुहिम के तहत मंत्री नरोत्तम मिश्रा शुक्रवार को भोपाल में निवासरत सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की सास इंद्रा भादुड़ी से मुलाकात करने के लिए उनके घर पहुंचे। यहां नरोत्तम मिश्रा ने इंदिरा भादुड़ी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंदिरा भादुड़ी से पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी कि सरकार के खिलाफ समर्थन मांगा है। उन्होंने ममता बनर्जी की सरकार में हो रही हिंसा को लेकर इंदिरा भादुड़ी से की बातचीत की और ममता बनर्जी की सरकार के खिलाफ राष्ट्रवाद के नाम पर भाजपा के लिए समर्थन मांगा है। उन्होंने अगले सप्ताह में होने जा रहे एक कार्यक्रम के लिए इंदिरा भादुड़ी को न्योता भी दिया। नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर मुलाकात की जानकारी साझा की। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा ‘बॉलीवुड के महानायक श्री अमिताभ बच्चन (@SrBachchan) जी की भोपाल में निवासरत सासु मां श्रीमती इंदिरा भादुड़ी से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर उन्हें अगले हफ्ते भोपाल में होने वाले बंगाली बंधुओं के सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया।
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11 December 2020भोपाल। वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया शुक्रवार सुबह राजधानी भोपाल पहुंचे। एयर इंडिया के विमान से दिल्ली से भोपाल के राजाभोज एयरपोर्ट पहुंचने पर सिंधिया समर्थकों ने उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट से निकले के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सिंधिया बंगाल में भाजपा नेताओं के काफिले पर हुए हमले की कढ़ी निंदा करते हुए ममता बेनर्जी को आड़े हाथों लिया। सिंधिया ने कहा कि बंगाल में प्रजातांत्रिक मूल्यों पर तांडव का एक उदाहरण देखने को मिला है। इसका जवाब बंगाल की जनता चुनाव में जरूर देगी। इस दौरान किसान आंदोलन पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री लगातार किसानों से बात कर रहे हैं। किसानों की गलतफहमियां दूर करने की कोशिश की जा रही है। कृषि प्रधान देश में कृषि प्रधान सरकार है, लिहाजा किसानों के हित में ही काम किए जा रहे हैं। सीएम शिवराज द्वारा प्रदेश में नशा माफिया के खिलाफ चलाई जा रही कार्रवाई पर सिंधिया ने कहा कि समाज नशा मुक्त होना ही चाहिए, क्योंकि नशे से व्यक्ति ही नहीं बल्कि परिवार और समाज भी प्रभावित होता है। बता दें कि एयरपोर्ट से निकलने के बाद सिंधिया सीधे मुख्यमंत्री निवास के लिए रवाना हो गए। मुख्यमंत्री निवास में ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह के बीच कई अहम विषयों को लेकर बड़ी बैठक चल रही है। बैठक में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, सह-संगठन मंत्री हितानंद शर्मा के बीच संगठन विस्तार, मंत्रिमंडल विस्तार और निगम मण्डल की नियुक्तियों को लेकर चर्चा चल रही है। बैठक के बाद ज्योतिरादित्तीय सिंधिया, सीएम शिवराज सिंह के साथ शाजापुर दौरे पर जाएंगे।
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11 December 2020भोपाल। पश्चिम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले से भाजपा आक्रामक हो गई है। इस घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं पर फेंके गए पत्थर टीएमसी के ताबूत में अंतिम कील साबित होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कायराना हमला ममता बनर्जी ने कराया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पत्थर जेपी नड्डा के काफिले पर नहीं, लोकतंत्र पर फेंका गया है। यह लोकतंत्र की हत्या का प्रयास है। इसे जनता सहन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि डरी हुईं ममता बनर्जी पराजय के भय से राष्ट्रीय अध्यक्ष की गाड़ी पर पत्थर फिंकवा रही हैं, लेकिन इससे भाजपा डरने वाली नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुंडों ने भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय की गाड़ी पर हमला किया है। उन्हें चोट भी लगी है और पुलिस खड़ी देखती रही। बंगाल की जनता इस चोट का बदला वोट से देगी। गौरतलब है कि गुरुवार सुबह हुए हमले में बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल रॉय समेत कई नेता बाल-बाल बच गए। हमले में विजयवर्गीय की गाड़ी के शीशे भी तोड़ दिए गए और उनके हाथ में भी चोट आई है।
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10 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ बुधवार शाम इंदौर पहुंचे। यहां उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत की। इसके बाद रात में कमलनाथ भोपाल के लिए रवाना हुए। भोपाल रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था कृषि क्षेत्र पर आधारित है और जब तक कृषि क्षेत्र में आर्थिक मजबूती नहीं होगी, देश की अर्थव्यवस्था नहीं सुधर सकती है। आज हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता यह होना चाहिये कि किसानों के साथ न्याय हो, उन्हें उनकी उपज का सही मूल्य मिले, यह हमारी प्राथमिक नीति रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से सरकार यह तीन नए कानून लायी है यह सिर्फ़ किसानों के शोषण के कानून है। अब फैसला सरकार को लेना है। सरकार को यह हकीकत समझना चाहिए। यह सरकार हवा में चल रही है, यह पूरे देश को बर्बाद करेगी।
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10 December 2020भोपाल। ओडिशा के सतकोसिया राष्ट्रीय उद्यान से बाघिन सुंदरी वापस कान्हा लाई जाएगी। इस संबंध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक को पत्र लिखा है। अपने पत्र में सीएम शिवराज ने सतकोसिया राष्ट्रीय उद्यान में बाघ की मौत पर दुख जताया है। साथ ही उन्होंने बाघिन सुंदरी की वापसी तक ओडिशा में ही समुचित ध्यान देकर सुरक्षित रखे जाने का अनुरोध किया है। सीएम शिवराज ने बुधवार को ट्वीट कर इस संबंध में जानकारी साझा की है। उन्होंने कहा कि आज मैंने ओडिशा के मुख्यमंत्री श्री @Naveen_Odisha जी को पत्र लिखकर मध्यप्रदेश की बाघिन सुंदरी का ध्यान रखने का अनुरोध किया है। सुंदरी और उसके नर साथी को प्रदेश सरकार ने 2018 में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एवं ओडिशा सरकार के अनुरोध पर प्रदान किया था। ओडिशा के सतकोसिया टाइगर रिजर्व में दुर्भाग्यवश बाघ की मृत्यु हो गई और अब सुंदरी भी नैसर्गिक व्यवहार नहीं कर रही है। एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा ‘ओडिशा सरकार व राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के अनुरोध पर सुंदरी को वापस लाने का निर्णय लिया है। हम उसके अनुरूप अपने यहां व्यवस्था कर रहे हैं। मैं श्री @Naveen_Odisha जी, से निवेदन करता हूं कि हमारे कान्हा टाइगर रिजर्व के घोरेला केन्द्र में सुंदरी बाघिन के अनुरूप उसे रखने की समुचित व्यवस्था होने तक, आप मानक के अनुसार उसका ध्यान रखवायें। मुझे विश्वास है कि आपका यथोचित सहयोग मिलेगा। सादर धन्यवाद! उल्लेखनीय है कि ओडिशा के अनुरोध पर मध्य प्रदेश ने बाघों का जोड़ा सौंपा था। लेकिन वन्यजीव प्रबंधन में लापरवाही के कारण नर बाघ की मौत हो गई और मादा बाघ सुंदरी की भी वहां ठीक-ठाक से देखभाल नहीं की जा रही है। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने बाघिन सुंदरी को वापस लाने का फैसला किया है।
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9 December 2020भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, मप्र के पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने किसानों द्वारा किये गये भारत बंद का समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीनों कृषि कानून वापस लेना चाहिए। संसद की संयुक्त संसदीय समिति गठित कर किसाना संगठनों से चर्चा करना चाहिए, ताकि किसानों के हित में कानून बनें। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा कि किसान मेहतन कर हमारा पेट भरता है। इसलिए उसे अन्नदाता कहते हैं। उन्होंने अनुरोध करते हुए कहा कि क्या हम उनके लिए इतना भी नहीं कर पाएंगे। दिग्विजय सिंह ने इंदौर में छावनी क्षेत्र में पहुंचकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया। अरुण यादव ने भी की कृषि कानून वापस लेने की मांग वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण यादव ने भी केंद्र सरकार द्वारा पारित किये गये कृषि संबंधी तीनों को किसान विरोधी बताते हुए उन्हें वापस लेने की मांग की है। अरुण यादव मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भारत बंद के समर्थन करने के लिए भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर पहुंचे, जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि ये 'काले कानून' वापस लिए जाने चाहिए। इनसे किसानों का अहित ही होगा। इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों की मौजूदगी में कानून और केंद्र सरकार का विरोध किया।
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8 December 2020भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, मप्र के पूर्व सीएम और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने किसानों द्वारा किये गये भारत बंद का समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीनों कृषि कानून वापस लेना चाहिए। संसद की संयुक्त संसदीय समिति गठित कर किसाना संगठनों से चर्चा करना चाहिए, ताकि किसानों के हित में कानून बनें। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा कि किसान मेहतन कर हमारा पेट भरता है। इसलिए उसे अन्नदाता कहते हैं। उन्होंने अनुरोध करते हुए कहा कि क्या हम उनके लिए इतना भी नहीं कर पाएंगे। दिग्विजय सिंह ने इंदौर में छावनी क्षेत्र में पहुंचकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ किसानों के समर्थन में प्रदर्शन किया। अरुण यादव ने भी की कृषि कानून वापस लेने की मांग वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण यादव ने भी केंद्र सरकार द्वारा पारित किये गये कृषि संबंधी तीनों को किसान विरोधी बताते हुए उन्हें वापस लेने की मांग की है। अरुण यादव मंगलवार को पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भारत बंद के समर्थन करने के लिए भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर पहुंचे, जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि ये 'काले कानून' वापस लिए जाने चाहिए। इनसे किसानों का अहित ही होगा। इस दौरान उन्होंने अपने समर्थकों की मौजूदगी में कानून और केंद्र सरकार का विरोध किया।
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8 December 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में विपक्षी दलों द्वारा आहूत भारत बंद का असर दिखाई नहीं दे रहा है। इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ट्वीट करके कहा है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल किसान आंदोलन के नाम पर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनके इस प्रयास को सफल नहीं होने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला मैदान में नहीं कर सकते हैं, इसलिए ये भ्रम फैलाकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। चौहान ने कहा कि गलतफहमी फैलाने की विपक्ष की कोशिश को हम सफल नहीं होने देंगे। गौरतलब है कि सोमवार को हैदराबाद में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में भी मुख्यमंत्री चौहान ने भारत बंद को लेकर कांग्रेस और विपक्षी दलों पर तीखा हमला किया था और बताया था कि तमाम विपक्षी दल पहले उन प्रावधानों का समर्थन कर चुके हैं, जो कृषि कानूनों में शामिल हैं। कृषि कानूनों के पक्ष में हैं प्रदेश के किसानमुख्यमंत्री चौहान ने सिलसिलेवार ट्वीट करके कहा कि राज्य के किसान तीनों कृषि कानूनों के पक्ष में हैं। किसानों के पक्ष में किए जा रहे सुधार फायदेमंद हैं, यह बात यहां के किसान भी समझते हैं। चौहान ने कहा कि देश के बहुत बड़े हिस्से में आंदोलन नहीं है। मध्यप्रदेश में किसान पूरी तरह संतुष्ट हैं। हम मानते हैं कि एक भी किसान के मन में शंका है तो उस पर चर्चा होना चाहिए और वह हो भी रही है। उन्होंने ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार संजीदा है और किसानों के हित के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। किसानों से बात करके उनकी हर शंका का समाधान करने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे।
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8 December 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में विपक्षी दलों द्वारा आहूत भारत बंद का असर दिखाई नहीं दे रहा है। इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ट्वीट करके कहा है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल किसान आंदोलन के नाम पर भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनके इस प्रयास को सफल नहीं होने दिया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला मैदान में नहीं कर सकते हैं, इसलिए ये भ्रम फैलाकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। चौहान ने कहा कि गलतफहमी फैलाने की विपक्ष की कोशिश को हम सफल नहीं होने देंगे। गौरतलब है कि सोमवार को हैदराबाद में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में भी मुख्यमंत्री चौहान ने भारत बंद को लेकर कांग्रेस और विपक्षी दलों पर तीखा हमला किया था और बताया था कि तमाम विपक्षी दल पहले उन प्रावधानों का समर्थन कर चुके हैं, जो कृषि कानूनों में शामिल हैं। कृषि कानूनों के पक्ष में हैं प्रदेश के किसानमुख्यमंत्री चौहान ने सिलसिलेवार ट्वीट करके कहा कि राज्य के किसान तीनों कृषि कानूनों के पक्ष में हैं। किसानों के पक्ष में किए जा रहे सुधार फायदेमंद हैं, यह बात यहां के किसान भी समझते हैं। चौहान ने कहा कि देश के बहुत बड़े हिस्से में आंदोलन नहीं है। मध्यप्रदेश में किसान पूरी तरह संतुष्ट हैं। हम मानते हैं कि एक भी किसान के मन में शंका है तो उस पर चर्चा होना चाहिए और वह हो भी रही है। उन्होंने ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार संजीदा है और किसानों के हित के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। किसानों से बात करके उनकी हर शंका का समाधान करने के लिए कारगर कदम उठाए जाएंगे।
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8 December 2020भोपाल। कृषि कानूनों के विरोध में आयोजित भारत बंद का असर मध्य प्रदेश में देखने को नहीं मिलेगा। भारत बंद को लेकर मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह चौकस है। राजधानी भोपाल, इंदौर के अलावा प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में जांच के साथ ही किसान नेताओं पर नजर रखी जा रही है। मंगलवार को भारत बंद के आह्वान को देखते हुए पुलिस ने चौकसी की तैयारियां पूरी कर ली है। सीमावर्ती थानों में पुलिस बल की संख्या बढ़ा दी गयी है। भारत बंद को कांग्रेस ने समर्थन दिया है। सभी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस आज प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपेगी। इंदौर, मंदसौर, रतलाम सहित कुछ जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इंदौर में जबरन बंद कराने पर कार्रवाई होगी। जिले में 200 पुलिसकर्मियों का अतिरिक्त बल लगाया गया है। सभी एडीशनल एसपी अपने क्षेत्र के प्रभारी होंगे। ग्वालियर में पुलिस बंद समर्थकों के सड़कों पर निकलने से दो घंटे पहले मोर्चा संभाल लेगी। 24 स्थाई पिकेट लगाए गए हैं। इसके अलावा 20 से अधिक वाहन शहर में पेट्रोलिंग करेंगे। प्रदेश में पेट्रोल पंप खुले रहेंगे। दूध और दवा की आपूर्ति सुचारू रूप से चलेगी।
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8 December 2020भोपाल। कृषि कानूनों के विरोध में आयोजित भारत बंद का असर मध्य प्रदेश में देखने को नहीं मिलेगा। भारत बंद को लेकर मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह चौकस है। राजधानी भोपाल, इंदौर के अलावा प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में जांच के साथ ही किसान नेताओं पर नजर रखी जा रही है। मंगलवार को भारत बंद के आह्वान को देखते हुए पुलिस ने चौकसी की तैयारियां पूरी कर ली है। सीमावर्ती थानों में पुलिस बल की संख्या बढ़ा दी गयी है। भारत बंद को कांग्रेस ने समर्थन दिया है। सभी जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस आज प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपेगी। इंदौर, मंदसौर, रतलाम सहित कुछ जिलों में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। इंदौर में जबरन बंद कराने पर कार्रवाई होगी। जिले में 200 पुलिसकर्मियों का अतिरिक्त बल लगाया गया है। सभी एडीशनल एसपी अपने क्षेत्र के प्रभारी होंगे। ग्वालियर में पुलिस बंद समर्थकों के सड़कों पर निकलने से दो घंटे पहले मोर्चा संभाल लेगी। 24 स्थाई पिकेट लगाए गए हैं। इसके अलावा 20 से अधिक वाहन शहर में पेट्रोलिंग करेंगे। प्रदेश में पेट्रोल पंप खुले रहेंगे। दूध और दवा की आपूर्ति सुचारू रूप से चलेगी।
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8 December 2020भोपाल। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जीवन में सफलता के लिये सदैव विद्यार्थी बने रहना आवश्यक है। सेवा में सदैव वाणी पर संयम रखें। दृढ़ इच्छाशक्ति रखें। अनुभव का कोई सानी नहीं। स्वयं का सदैव आंकलन करते रहें। यह बात गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने सोमवार को उप पुलिस अधीक्षकों के संयुक्त दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कही। भौरी पुलिस अकादमी में आयोजित 39वीं, 40वीं और 41वीं बैच के संयुक्त दीक्षांत समारोह से प्रदेश को 128 नये पुलिस अधिकारी मिले। समारोह में प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 36 अधिकारियों को पुरस्कृत किया गया, इनमें 19 महिला अधिकारी हैं। महिला अधिकारियों ने 39वीं एवं 40वीं बैच में ओवरऑल परफॉरमेंस में प्रथम स्थान प्राप्त किया। पुरस्कृत अधिकारियों के अतिरिक्त शेष अधिकारी अपने-अपने जिलों से यू-ट्यूब लाइव के माध्यम से समारोह में वर्चुअली सम्मिलित हुए। गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि सेवा के दौरान अपने मन को सदैव मजबूत रखें। उन्होंने कहा कि जब मन कमजोर होता है तो समस्याएं आती हैं, जब मन स्थिर होता है तो चुनौती होती है, लेकिन जब मन मजबूत होता है तो मुसीबतों में से अवसर निकलकर आते हैं। आप सभी अकादमी में शिक्षित भी हुए और प्रशिक्षित भी बावजूद इसके अनुभव से बड़ा गुरू कोई नहीं है। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि आप एक महत्वपूर्ण पद पर अपनी सेवाएं देने जा रहे हैं, सदैव स्मरण रहे विश्व में क्रांति, भ्रांति और शांति वाणी से ही हुई है। कार्यक्षेत्र में आपकी वाणी आपकी सफलता का निर्धारण करेगी। चुनौतियों का सामना कर सफल होंगे : डीजीपी जौहरी संयुक्त दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी ने कहा कि प्रशिक्षण आपको चुनौतियों से मुकाबले के लिए तैयार कर चुका है। बदला हुआ समय चुनौतीपूर्ण है। अपराध के तरीके बदल गए हैं, इसलिए स्वयं को सजग, अपडेट रखते हुए देशभक्ति-जनसेवा के नवीन प्रतिमान स्थापित करें। उन्होंने कहा कि नव प्रशिक्षित उप पुलिस अधीक्षक चुनौतियों का सामना कर सफल होंगे। विशेष पुलिस महानिदेशक अरूणा मोहन राव ने बधाई तथा शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी ने प्रशिक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। यह सेवा के दौरान आगे बढ़ने में सहायक होगा। उप निदेशक अकादमी विनीत कपूर ने स्वागत उद्बोधन में प्रशिक्षुओं तथा प्रशिक्षण की जानकारी प्रदान की। अतिथियों का स्वागत तुलसी का पौधा भेंट कर किया गया। महिला उप पुलिस अधीक्षकों ने किया बेहतर प्रदर्शन समारोह में बताया गया कि तीनों बैच के 128 उप पुलिस अधीक्षक में 56 महिला पुलिस अधिकारी है। पुरस्कृत अधिकारियों में 36 में से 19 महिला पुलिस अधिकारी हैं। तीनों बीच में ओवरऑल परफारमेंस के आधार पर 2 बैच में महिला अधिकारियों ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। 39 वीं बैच में ऋचा जैन, 40 वीं बैच में यशस्वी शिंदे और 41वीं बैच में पराग सैनी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। आन्तरिक परीक्षाओं के मूल्यांकन में 39वीं बैच में प्रिया सिंह और 40वीं बैच में यशस्वी शिंदे ने प्रथम स्थान प्राप्त किया जबकि 41वीं बैच में प्रथम स्थान पराग सैनी ने प्राप्त किया। प्रशिक्षक के रूप में एडिशनल एसपी रश्मि पाण्डे, संदीप भूरिया, सेवानिवृत्त अधिकारी वीरेंद्र सिंह गुर्जर और निरीक्षक चौधरी मदनमोहन समर को भी विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया गया। समारोह में पुलिस अकादमी निदेशक एवं एडीजी (प्रशिक्षण) अनुराधा शंकर सिंह, लोकायुक्त एडीजी टी.के. वाइफे, एडीजी अशोक अवस्थी भी मौजूद रहे।
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7 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने तमिलनाडु दौरे सोमवार दोपहर 12 बजे 12 बजे तिरूचेंदुर पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री तूतीकोरिन में भाजपा की वेल यात्रा के समापन समारोह में शामिल होंगे। इसके बाद तूतीकोरिन में ही भगवान मुरुगन का दर्शन करेंगे। तमिलनाडु में भाजपा की वेल यात्रा विगत एक माह से चल रही है। इस यात्रा को भाजपा के लिए राजनीति दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है। यह यात्रा तमिलनाडु में भगवान मुरुगन (कार्तिकेय) के 6 प्रमुख मंदिरों से निकाली गई है। भाजपा का आरोप है कि तमिलनाडु में विपक्षी संगठनों ने भगवान मुरूगन के अपमान किया है। इसलिए तमिल गर्व, तमिल भगवान मुरुगन के सम्मान, तमिल भावनाओं के सम्मान और तमिल संस्कृति को बढ़ाने के उद्देश्य से वेल यात्रा निकाली जा रही है। इस यात्रा में भाजपा के कई दिग्गज नेता शामिल हो चुके हैं। बीते 21 नवंबर को गृहमंत्री अमित शाह भी इस यात्रा में शामिल हुए थे।
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7 December 2020भोपाल। मध्य दौरान प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर सोमवार को आमजन से सेना के वेलफेयर में सहयोग करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र झंडा दिवस की शुभकामनाएं और साथ ही जनता से अपील करता हूँ कि सैनिक वेलफेयर के लिए डोनेट करें। देश की सुरक्षा में समर्पित रहने वाले हमारी तीनों सेनाओं के जांबाज सैनिकों के शौर्य व साहस को नमन और सशस्त्र सेना झंडा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर ब्रिगेडियर ( से.नि.) अरुण सहगल, संचालक सैनिक कल्याण ने गृहमंत्री के जैकेट पर झंडा लगाया। इस अवसर पर मंत्री मिश्रा ने हमारे पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए झंडा कोष में योगदान दिया। उन्होंने कहा कि ये पैसा हमारे शहीदों के परिवार को जाता है। भारतीय सशस्त्र सेना झंडा दिवस वर्षों से भारत के सैनिकों, नौसैनिक और वायु सैनिक के सम्मान के रूप में मनाया जा रहा है। सशस्त्र बलों की तीन शाखाओं, भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, और भारतीय नौसेना राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अपने प्रयासों को प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं। आइए हम-सब मिलकर अपने वीर जवानों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में अवश्य योगदान दें।
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7 December 2020इंदौर। प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक इलाके ईदगाह हिल्स के नाम बदलने की मांग के बाद अब राज्य की आर्थिक राजधानी इंदौर से खजराना इलाके का नाम बदलने की मांग उठी है। इस बार सांसद ने यह मांग उठाई है और तथ्यों के आधार पर कहा है कि श्रीगणेश मंदिर से नाम से देशभर में ख्यात खजराना क्षेत्र का नाम गणेश नगर रखा जाना चाहिए। इस संबंध में सांसद शंकर लालवानी ने रविवार को कहा है कि आज इंदौर के प्रसिद्ध भगवान गणेश की प्रसिद्धि संपूर्ण भारत में है, देशभर से श्रद्धालु यहां अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए आते हैं। यह पहला अवसर नहीं है कि मेरे द्वारा इस तरह की उक्त मांग की जा रही है। लिहाजा लोगों की मांग को देखते हुए खजराना क्षेत्र का नाम भी गणेश नगर या गणेश कॉलोनी रखा जाना चाहिए। सांसद शंकर लालवानी ने तथ्यों के आधार पर इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि इंदौर शहर में कई क्षेत्र ऐसे हैं जो अपने मूल पहचान की जगह किसी और नाम से जाने जाते हैं, इसी तरह का यह क्षेत्र भी है। यहां के लोग भी चाहते हैं कि इसका नाम गणेश नगर किया जाए। उन्होंने कहा कि पुराने इतिहासकारों का मत है कि होलकर वंशजों ने इस क्षेत्र में अपना खजाना छुपा कर रखा था। जिसके कारण आगे चलकर धीरे-धीरे खजाना से खजराना यहां का नाम पड़ गया। लेकिन अब सभी कुछ बदल चुका है, सच्चाई हम सभी को पता है और यही बदलाव यहां की स्थानीय जनता भी चाहती है। इसलिए उन्होंने शासन से इस स्थान के नाम परिवर्तन की मांग की है।
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6 December 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और हरियाणा के मंत्री भाजपा नेता अनिल विज के कोरोना वैक्सनी ट्रायल में शामिल होने पर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा ने भाजपा नेताओं के वैक्सनी ट्रायल में शामिल होने को पोलिटिकल शो बताते हुए ड्रग ट्राइयल को पब्लिक ट्राइयल बनाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के इस बयान पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पटवार किया है। मंत्री मिश्रा ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा ज्योतषिाचार्य और वैज्ञानिक हैं। इसलिए वैक्सीन पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का काम ही सवाल उठाना है। इन्होंने सेना और राम जन्मभूमि पर भी सवाल उठाए थे। विवेक तन्खा की सलाह पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि जब उनकी सरकार थी तब कुछ किया नहीं, अब क्यों सलाह दे रहे हैं। बाबा साहब अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें हम सब नमन करते हैं, हम उनके विचारों का सम्मान करते हैं। उनके स्थानों को पंच तीर्थ भाजपा ने बनाये हैं। कमकनाथ एमपी तो आये लेकिन अब कहा चले गए हैं, खत लिखने से क्या होता है नैन मिले तो बात बनें, अपने किया कामों को तो कभी लिखें। दूसरे प्रदेश से अलग होगा लव जिहाद कानूनइस दौरान लव जिहाद कानून को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि लव जिहाद कानून जल्द कैबिनेट में आएगा और विधानसभा में भी। उन्होंने कहा कि मप्र में लव जिहाद कानून दूसरे प्रदेश से अलग होगा और अच्छा होगा। इसके तहत 10 साल की सजा, गुजरा भत्ता, सम्पति कुर्की जैसे विषयों पर भी चर्चा चल रही है। पादरी, मौलवी जो भी यह कार्य करते हैं उनके लिए भी सजा का प्रवधान होगा।
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6 December 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और हरियाणा के मंत्री भाजपा नेता अनिल विज के कोरोना वैक्सनी ट्रायल में शामिल होने पर कांग्रेस ने तंज कसा है। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा ने भाजपा नेताओं के वैक्सनी ट्रायल में शामिल होने को पोलिटिकल शो बताते हुए ड्रग ट्राइयल को पब्लिक ट्राइयल बनाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के इस बयान पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पटवार किया है। मंत्री मिश्रा ने रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा को आड़े हाथों लिया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा ज्योतषिाचार्य और वैज्ञानिक हैं। इसलिए वैक्सीन पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का काम ही सवाल उठाना है। इन्होंने सेना और राम जन्मभूमि पर भी सवाल उठाए थे। विवेक तन्खा की सलाह पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि जब उनकी सरकार थी तब कुछ किया नहीं, अब क्यों सलाह दे रहे हैं। बाबा साहब अम्बेडकर की पुण्यतिथि पर उन्हें हम सब नमन करते हैं, हम उनके विचारों का सम्मान करते हैं। उनके स्थानों को पंच तीर्थ भाजपा ने बनाये हैं। कमकनाथ एमपी तो आये लेकिन अब कहा चले गए हैं, खत लिखने से क्या होता है नैन मिले तो बात बनें, अपने किया कामों को तो कभी लिखें। दूसरे प्रदेश से अलग होगा लव जिहाद कानूनइस दौरान लव जिहाद कानून को लेकर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि लव जिहाद कानून जल्द कैबिनेट में आएगा और विधानसभा में भी। उन्होंने कहा कि मप्र में लव जिहाद कानून दूसरे प्रदेश से अलग होगा और अच्छा होगा। इसके तहत 10 साल की सजा, गुजरा भत्ता, सम्पति कुर्की जैसे विषयों पर भी चर्चा चल रही है। पादरी, मौलवी जो भी यह कार्य करते हैं उनके लिए भी सजा का प्रवधान होगा।
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6 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा शुक्रवार सुबह कोवैक्सीन का ट्रायल लेने पीपुल्स अस्पताल पहुंचे। यहां आईसीएमआर की गाइडलाइन अनुसार मंत्री मिश्रा को वैक्सीनेशन के पूर्व काउंसलिंग की गई। हालांकि गृहमंत्री के परिवार में पत्नी और बेटे के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण उन्हें कोवैक्सीन के ट्रायल की परमिशन नहीं दी गई है। दरअसल, राजधानी के पीपुल्स हॉस्पिटल में कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कोरोना वैक्सीन का ट्रायल टीका लगवाने का ऐलान किया था। इसके लिए वे शुक्रवार को पीपुल्स हॉस्पिटल पहुंचे थे। काउंसिलिंग के दौरान गृहमंत्री से परिवार में पत्नी और बेटे के कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी मिलने के पश्चात कोवैक्सीन के ट्रायल की परमिशन नहीं दी गई है। इसको लेकर मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि बहुत इच्छा थी कि कोविड वैक्सीन के ट्रायल में वॉलंटियर बनूं और इसके माध्यम से समाज के लिए कुछ करूं। वैक्सीन ट्रायल के लिए आईसीएमआर के एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया में फिट नहीं बैठ सका इसकी मन में बहुत पीड़ा है। उन्होंने बताया कि पीपुल्स मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ.अनिल दीक्षित ने बताया कि कोविड की गाइडलाइन अनुसार मुझे वॉलंटियर के रूप में वैक्सीन नहीं लगाया जा सकता। एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के मुताबिक वॉलंटियर के किसी निकट परिजन को कोविड19 नहीं होना चाहिए। जबकि मेरी धर्मपत्नी, पुत्र पॉजिटिव हो चुके हैं। इस दौरान मंत्री मिश्रा ने वैक्सीन ट्रायल की गाइडलाइन सरल करने की बात कही है। गृहमंत्री मिश्रा ने कहा- वॉलिंटियर गाइडलाइन सुनेगा तो तैयार नहीं होगा, यदि हो सके तो गाइडलाइन सरल हो।
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4 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गरीबों को दिए जाने वाले चावल के बाद अब नमक में भी मिलावट का मामला सामने आया है। सागर जिले के बीना ब्लॉक और जबलपुर की राशन दुकानों से बांटे जा रहे नमक में बारीक रेत मिलाने का खुलासा हुआ है। इस मामले को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष में बैठी कांग्रेस आक्रामक हो गई है और सरकार पर सवाल उठा रही है। वहीं पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पूरे मामले को शर्मनाक बताते हुए दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है। कमलनाथ ने ट्वीट कर पूरे मामले पर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा ‘शिवराज सरकार में प्रदेश के कई जिलो में गऱीबों को जानवरो के खाने लायक़ चावल के वितरण के बाद अब गऱीबों को सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली के तहत दिये जाने वाला नमक भी मिलावटी? नमक में रेत? जबलपुर व सागर में इस तरह के मामले सामने आये हैं, बेहद गंभीर व शर्मनाक? एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा कि ‘शिवराज सरकार में हर जगह भ्रष्टाचार, फर्जीवाडे, घोटाले, मिलावट का काम जारी। प्रदेशभर में गऱीबों को वितरित की जाने वाली राशन सामग्री की जाँच हो, घटिया चावल के वितरण के बाद अब नमक भी मिलावटी, गरीबों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बंद हो, दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो।
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4 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत गरीबों को दिए जाने वाले चावल के बाद अब नमक में भी मिलावट का मामला सामने आया है। सागर जिले के बीना ब्लॉक और जबलपुर की राशन दुकानों से बांटे जा रहे नमक में बारीक रेत मिलाने का खुलासा हुआ है। इस मामले को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष में बैठी कांग्रेस आक्रामक हो गई है और सरकार पर सवाल उठा रही है। वहीं पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने पूरे मामले को शर्मनाक बताते हुए दोषियों पर कार्यवाही की मांग की है। कमलनाथ ने ट्वीट कर पूरे मामले पर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा ‘शिवराज सरकार में प्रदेश के कई जिलो में गऱीबों को जानवरो के खाने लायक़ चावल के वितरण के बाद अब गऱीबों को सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली के तहत दिये जाने वाला नमक भी मिलावटी? नमक में रेत? जबलपुर व सागर में इस तरह के मामले सामने आये हैं, बेहद गंभीर व शर्मनाक? एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा कि ‘शिवराज सरकार में हर जगह भ्रष्टाचार, फर्जीवाडे, घोटाले, मिलावट का काम जारी। प्रदेशभर में गऱीबों को वितरित की जाने वाली राशन सामग्री की जाँच हो, घटिया चावल के वितरण के बाद अब नमक भी मिलावटी, गरीबों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ बंद हो, दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो।
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4 December 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में तिहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी दिलीप देवल को गुरुवार रात पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। पुलिस आरोपित को वारदात के बाद से ही ट्रेस कर रही थी और उस पर तीस हजार का ईनाम भी घोषित किया था। इस मुठभेड़ में दो सब इंस्पेक्टर सहित पांच पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। रतलाम मुठभेड़ पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने प्रतिक्रिया दी है। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर मुठभेड़ पर कहा है कि अभी थोड़ी देर पहले रतलाम ट्रिपल मर्डर केस का मुख्य आरोपी दिलीप देवल पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया। मैंने पुलिस को सख्त निर्देश दिए थे की ऐसे नरपिशाच को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है। उसे जल्द से जल्द पकड़ा जाए। उन्होंने पुलिस की टीम को कार्यवाही के लिए धन्यवाद देते हुए घायल पुलिस कर्मियों के स्वस्थ होने की कामना की है। एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा ‘जब पुलिस टीम उसे पकडऩे गयी तो उसने टीम पर गोलियाँ चलाई और हमारे बहादुर जवानों ने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया। हमारे कुछ पुलिसकर्मी इस मुठभेड़ में घायल भी हुए है। मैं उनके शीघ्रातिशीघ्र ठीक होने की कामना करता हूँ। पूरी पुलिस टीम को मध्यप्रदेश की तरफ़ से धन्यवाद। मध्यप्रदेश आज फिर से शांति से सोएगा क्योंकि आप हमारे रक्षक हो। जय हिंद!
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4 December 2020भोपाल। केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून को लेकर इन दिनों देश भर में के किसानों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। वहीं अब मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार प्रदेश में निजी मंडिया खोलने पर विचार कर रही है। इसके लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। इससे किसान अपनी उपज कहीं भी बेच सकेंगे। यहां तक कि व्यापारियों को मंडियों के बाहर भी खरीद की अनुमति होगी। प्रदेश में निजी मंडिया खोलने के लिए शिवराज सरकार जल्द ही अनुमति देने की तैयारी में है। इसके लिए कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 में संशोधन की तैयारी तेज हो गई है। सरकार द्वारा 28 दिसंबर से प्रस्तावित तीन दिवसीय विधानसभा सत्र के दौरान सदन में संशोधन विधेयक प्रस्तुत करेगी। संशोधित विधेयक में केंद्रीय कानून के सभी बिंदु शामिल रहेंगे। निजी मंडियों में व्यापारी न्यूनतम समर्थन मूल्य में अनाज की खरीदारी किसानों से कर सकेंगे। इसमें व्यापारियों को पंजीयन कराना होगा। इससे किसानों को इसका लाभ मिलेगा।
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3 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। सिंधिया और सीएम शिवराज की मुलाकात के बाद सीएम शिवराज दिल्ली का दिल्ली दौरा मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को हवा दे रहा है। अब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 7 दिसंबर को दो दिवसीय दौरे पर मध्य प्रदेश आ रही हैं। इससे चर्चा तेज है कि 8 दिसंबर को शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस तरह की कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है। वही अब मंत्रिमंडल विस्तार पर सीएम शिवराज का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को सिरे से नकार दिया है। दरअसल गुरुवार को सीएम शिवराज भोपाल गैस कांड की 36 वीं बरसी पर सेंटर लायब्रेरी में सर्वधर्म प्रार्थना सभा में पहुंचे थे। यहां मीडिया ने जब उनसे मंत्रिविस्तार को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि अभी मंत्रिमंडल विस्तार की कोई तिथि तय नही है। जब होगा तो पता चल जाएगा। माफियाओं पर सख्त सरकारइस दौरान प्रदेश भर में गुंडे माफियाओं के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान पर सीएम शिवराज ने कहा कि हमारी सरकार, सज्जनों के लिए फूल से ज्यादा कोमल और दुष्टों के लिए वज्र से ज्यादा कठोर है। इसलिए माफिया बोरिया-बिस्तर बांध लें, नहीं तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। मध्यप्रदेश में कोई माफिया, गुंडा, तस्कर, दादा, कोई बदमाश छोड़ा नहीं जायेगा।किसानों के लिए कोई कसर नही छोड़ेंगेकिसान कल्याण योजना को लेकर सीएम शिवराज ने कहा कि मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये आज प्रदेश के 5 लाख किसानों के खाते में डाले जा रहे हैं। यह जारी रहेगा और इससे लगभग 80 लाख किसान लाभान्वित होंगे। किसानों के कल्याण के लिए जो कदम उठाने चाहिए, वो हमारी सरकार लगातार उठा रही है। हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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3 December 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। सिंधिया और सीएम शिवराज की मुलाकात के बाद सीएम शिवराज दिल्ली का दिल्ली दौरा मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को हवा दे रहा है। अब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल 7 दिसंबर को दो दिवसीय दौरे पर मध्य प्रदेश आ रही हैं। इससे चर्चा तेज है कि 8 दिसंबर को शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस तरह की कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है। वही अब मंत्रिमंडल विस्तार पर सीएम शिवराज का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को सिरे से नकार दिया है। दरअसल गुरुवार को सीएम शिवराज भोपाल गैस कांड की 36 वीं बरसी पर सेंटर लायब्रेरी में सर्वधर्म प्रार्थना सभा में पहुंचे थे। यहां मीडिया ने जब उनसे मंत्रिविस्तार को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि अभी मंत्रिमंडल विस्तार की कोई तिथि तय नही है। जब होगा तो पता चल जाएगा। माफियाओं पर सख्त सरकारइस दौरान प्रदेश भर में गुंडे माफियाओं के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान पर सीएम शिवराज ने कहा कि हमारी सरकार, सज्जनों के लिए फूल से ज्यादा कोमल और दुष्टों के लिए वज्र से ज्यादा कठोर है। इसलिए माफिया बोरिया-बिस्तर बांध लें, नहीं तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें। मध्यप्रदेश में कोई माफिया, गुंडा, तस्कर, दादा, कोई बदमाश छोड़ा नहीं जायेगा।किसानों के लिए कोई कसर नही छोड़ेंगेकिसान कल्याण योजना को लेकर सीएम शिवराज ने कहा कि मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये आज प्रदेश के 5 लाख किसानों के खाते में डाले जा रहे हैं। यह जारी रहेगा और इससे लगभग 80 लाख किसान लाभान्वित होंगे। किसानों के कल्याण के लिए जो कदम उठाने चाहिए, वो हमारी सरकार लगातार उठा रही है। हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
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3 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा ट्विटर पर शेयर की गई एक कविता को लेकर बवाल मच गया है। शिवराज ने जिस कविता को अपनी पत्नी की बताकर शेयर किया था, उस कविता पर भूमिका बिरथरे नामक ट्विटर यूजर ने दावा किया है। भूमिका का कहना है कि यह कविता उसने लिखी थी। वहीं, विपक्षी कांग्रेस ने इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के ससुर घनश्यामदास मसानी का 18 नवम्बर को निधन हो गया था। 88 साल के मसानी भोपाल के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। उस समय सीएम अपनी पत्नी और दोनों बेटों के साथ तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए गए थे। खबर मिलते ही शिवराज अपनी यात्रा बीच में छोड़कर लौट आए थे। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने ससुर को याद करते हुए एक ‘बाऊजी’ शीर्षक वाली एक कविता ट्विटर पर शेयर की थी। उन्होंने कहा था कि यह कविता उनकी पत्नी साधनासिंह ने अपने पिता के लिए लिखी थी। इसी कविता पर मंगलवार को भूमिका बिरथरे नामक लड़की ने दावा किया है। भूमिका ने दावा किया है कि उसने अपने डैडी की याद में इस कविता को लिखा था और 21 नवंबर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया था। साधना सिंह ने इस कविता को कॉपी किया। डैडी शब्द की जगह बाबूजी किया और पोस्ट कर दिया। बाद में शिवराज ने इसे शेयर करते हुए साधना सिंह की लिखी कविता बताया। भूमिका ने कविता के शब्दों में हेरफेर पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने लिखा है कि वे अपने पिता को डैडी कहती थी, लेकिन सोशल मीडिया इसे कुछ लोग बाबूजी, बाऊजी या पापा जैसे शब्दों के साथ शेयर कर रहे हैं। उन्होंने अपील की है कि कविता के शब्द बेहद व्यक्तिगत हैं और इससे उनकी भावनाएं जुड़ी हैं। इसे तोड़-मरोड़कर कविता के साथ अन्याय न करें। भूमिका ने इस कविता को लेकर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर भी तंज कसा है। उसने ट्वीट किया है- सर भांजी हूं आपकी, मेरी कविता चुराकर आपको क्या मिलेगा??? ये कविता मेरे द्वारा लिखी गई है। उम्मीद है आप मेरे अधिकारों का हनन नहीं करेंगे। मामा तो अधिकारों की रक्षा के लिए हैं ना। इधर, इस प्रकरण को लेकर कांग्रेस ने भी मुख्यमंत्री चौहान पर निशाना साधा है। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा है कि भाजपा नाम बदलने में माहिर है। अब तो शिवराज दूसरों की लिखी कविता को अपनी धर्मपत्नी की लिखी हुई बता रहे हैं।
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1 December 2020नईदिल्ली/भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार सुबह नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके निवास 7 लोक कल्याण मार्ग, पहुंचकर मुलाकात की। लगभग एक घंटे चली मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को प्रदेश में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं एवं कार्यों की जानकारी दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप प्रधानमंत्री को सौंपा तथा बालाघाट क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ की गई कार्यवाही की जानकारी दी। इससे पहले मुख्यमंत्री चौहान 29 सितम्बर को प्रधानमंत्री से मिले थे। मुख्यमंत्री चौहान ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि कोरोना के बाद आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में क्या कदम उठाए जा रहे हैं। कोरोना वैक्सीन आने पर टीकाकरण अभियान कैसे चलाया जाएगा, इसकी जानकारी भी मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को दी। उन्होंने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश में कोरोना वैक्सीन की कोल्ड चेन और टीकाकरण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। इसके लिए जिलों में टास्क फोर्स बनाने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री दिल्ली में पार्टी के अन्य बड़े नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से मुख्यमंत्री की आज मुलाकात हो सकती है। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व को भरोसे में लेकर ही मुख्यमंत्री अपनी टीम में नए सदस्यों को शामिल करना चाहते हैं।
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1 December 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के शहडोल जिला अस्पताल में मासूम बच्चों की मौत और प्रदेश में पेट्रोल- डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने दोनों ही मुद्दों पर चिंता जाहिर करते हुए सरकार का घेराव किया है और सवाल पूछे हैं। कमलनाथ ने मंगलवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर शहडोल जिला अस्पताल में मासूम बच्चों की मौत और पेट्रोल डीजल के दामों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। शहडोल मामले पर बच्चों की मौत पर चिंता जाहिर करते हुए कमलनाथ ने सरकार से पीडि़त परिजनों को हर संभव मदद की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘शहडोल में मासूम बच्चों की मौत का आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है, दो और बच्चों की मौत की जानकारी सामने आई है। यह आँकड़े बेहद गंभीर व चिंताजनक है। सरकार इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए सभी आवश्यक निर्णय लें।भर्ती सभी गंभीर हालत के बच्चों को समुचित इलाज मिले ताकि उन्हें मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सके। आवश्यकता पडऩे पर उन्हें प्रदेश के अन्य अस्पतालों में शिफ़्ट कर सरकार अपने खर्च पर उनका इलाज करवाये। पीडि़त परिवारों की भी सरकार हर संभव मदद करें। वहीं एक अन्य ट्वीट कर कमलनाथ ने प्रदेश में पेट्रोल डीजल के रिकार्ड बढ़ोत्तरी पर सरकार पर तंज कसते हुए कहा ‘पेट्रोल-डीजल की निरंतर बढ़ती कीमतें रिकॉर्ड बनाते जा रही है। माध्यप्रदेश में देश में सबसे महंगा पेट्रोल मिलने के बाद अब डीजल की औसत कीमत के मामले में भी प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर पहुँच चुका है। कोरोना महामारी में पहले से ही आमजन बेहद परेशान है, ऐसे में सरकार को तत्काल पेट्रोल-डीजल पर लगे करो में कमी कर जनता को राहत प्रदान करना चाहिए लेकिन सरकार कुंभकर्णीय नींद में सोई हुई है। विपक्ष में विरोध में साईकिल चलाने वाले, बैलगाड़ी यात्रा निकालने वाले आज ग़ायब है, मौन है।
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1 December 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के शहडोल जिला अस्पताल में मासूम बच्चों की मौत और प्रदेश में पेट्रोल- डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने दोनों ही मुद्दों पर चिंता जाहिर करते हुए सरकार का घेराव किया है और सवाल पूछे हैं। कमलनाथ ने मंगलवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर शहडोल जिला अस्पताल में मासूम बच्चों की मौत और पेट्रोल डीजल के दामों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। शहडोल मामले पर बच्चों की मौत पर चिंता जाहिर करते हुए कमलनाथ ने सरकार से पीडि़त परिजनों को हर संभव मदद की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘शहडोल में मासूम बच्चों की मौत का आंकड़ा निरंतर बढ़ता जा रहा है, दो और बच्चों की मौत की जानकारी सामने आई है। यह आँकड़े बेहद गंभीर व चिंताजनक है। सरकार इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए सभी आवश्यक निर्णय लें।भर्ती सभी गंभीर हालत के बच्चों को समुचित इलाज मिले ताकि उन्हें मौत के मुंह में जाने से बचाया जा सके। आवश्यकता पडऩे पर उन्हें प्रदेश के अन्य अस्पतालों में शिफ़्ट कर सरकार अपने खर्च पर उनका इलाज करवाये। पीडि़त परिवारों की भी सरकार हर संभव मदद करें। वहीं एक अन्य ट्वीट कर कमलनाथ ने प्रदेश में पेट्रोल डीजल के रिकार्ड बढ़ोत्तरी पर सरकार पर तंज कसते हुए कहा ‘पेट्रोल-डीजल की निरंतर बढ़ती कीमतें रिकॉर्ड बनाते जा रही है। माध्यप्रदेश में देश में सबसे महंगा पेट्रोल मिलने के बाद अब डीजल की औसत कीमत के मामले में भी प्रदेश देश में तीसरे स्थान पर पहुँच चुका है। कोरोना महामारी में पहले से ही आमजन बेहद परेशान है, ऐसे में सरकार को तत्काल पेट्रोल-डीजल पर लगे करो में कमी कर जनता को राहत प्रदान करना चाहिए लेकिन सरकार कुंभकर्णीय नींद में सोई हुई है। विपक्ष में विरोध में साईकिल चलाने वाले, बैलगाड़ी यात्रा निकालने वाले आज ग़ायब है, मौन है।
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1 December 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज (सोमवार) रात्रि 8.00 बजे प्रदेश की की जनता को संबोधित कर महत्वपूर्ण संदेश देंगे। मुख्यमंत्री का संदेश दूरदर्शन सभी रीजनल चैनल्स और सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जाएगा। सीएमओ कार्यालय द्वारा सोमवार सुबह ट्वीट के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज रात 8.00 बजे प्रदेश के जनता को महत्वपूर्ण संदेश देंगे। उनके संदेश का प्रसारण दूरदर्शन, सभी क्षेत्रीय समाचार चैनलों और सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर किया जाएगा। नागरिक सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री के लाइव कार्यक्रम से जुड़ सकते हैं।
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30 November 2020भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार द्वारा कृषि उपज मंडियों में व्यापारियों से लिए जाने वाले मंडी शुल्क की राशि घटाकर 1.50 रुपये के स्थान पर 50 पैसे प्रति 100 रुपये कर दी गई है। यह छूट 14 नवम्बर से आगामी 3 माह तक रहेगी। सरकार के इस फैसले पर मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने सरकार के इस ऐलान को चुनावी जुमला करार देते हुए, इस छूट को स्थायी रूप से लागू करने की मांग की है। कमलनाथ ने शुक्रवार को एक के बाद एक लगातार कई ट्वीट कर सरकार की मंशा पर सवाल उठाए है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा ‘एक और चुनावी घोषणा बनी जुमला व धोखा। मंडी टेक्स में सिर्फ 3 माह के लिए दी गई परीक्षण अस्थायी छूट कृषि उपज व्यापारियों के साथ बड़ा धोखा, इससे ना व्यापारियों का भला होगा ना किसानों का। उन्होंने कहा कि ‘व्यापारियों ने किसान हित में व व्यापारियों के हित में सरकार के सामने कई जायज़ माँगे रखी थी लेकिन किसी पर भी फ़ैसला नहीं। मंडी टैक्स की यह छूट भी स्थायी रूप से लागू होना चाहिये थी। वर्तमान समय में मंडी में ऐसे ही आवक कम होने की कगार पर, ऐसे में मात्र तीन माह के लिये मिली अस्थायी छूट का कोई बड़ा फायदा व्यापारियों को नहीं मिलेगा? बाद में रेवेन्यू लॉस के नाम पर मंडी टेक्स फिर बढ़ा दिया जाएगा। अभी सिर्फ़ गुमराह करने के लिये लिया गया निर्णय, इससे कृषि उपज व्यापारियों को कोई बड़ा फ़ायदा नहीं । कमलनाथ ने कहा कि यदि सरकार व्यापारियों का व किसानो का हित चाहती है तो इस छूट को परीक्षण के तौर पर अस्थायी रूप से लागू करने की बजाय इसे स्थायी रूप से लागू करे व उनकी सभी जायज़ माँगो पर तत्काल निर्णय लिया जाये।
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27 November 2020भोपाल। राजधानी भोपाल में शुक्रवार से कोरोना की कोवैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और भारत बायोटेक इंटरनेशनल की कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में किया जाएगा। कोरोना की वैक्सीन की पहली खेप बुधवार को भोपाल पहुंची थी जिसके बाद आज से कोवैक्सीन के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल होगा। वैक्सीन के 1000 डोज कॉलेज को मिले। जानकारी के मुताबिक ट्रायल के तहत 2 से 3 हज़ार वॉलेंटियर्स को टीका लगाया जाएगा। टीके का पहला डोज जहां से लगेगा वहीं, दूसरा डोज 28 दिन बाद लगाया जाएगा। ट्रायल कामयाब होने के बाद यह टीका सबसे पहले फ्रंटलाइन कोरोना वॉयरियर उसके बाद बच्चों और बुजुर्गों को लगाया जाएगा। इसके लिए प्रदेश में हजारों सेंटर भी खोले जाएंगे। हालांकि स्वास्थ्य विभाग में इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा। टीके की जानकारी लोगों को पता चलती रहे, इसके लिए उन्हें मोबाइल पर भेजकर टीकाकरण की तारीख और समय को बताया जाएगा।
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27 November 2020भोपाल। प्रदेश की शिवराज सरकार ने गत दिनों व्यापारियों से किए अपने एक वादे को पूरा कर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा है कि मध्य प्रदेश की कृषि उपज मंडियों में व्यापारियों से लिए जाने वाले मंडी शुल्क की राशि अब 1.50 रुपये के स्थान पर 50 पैसे प्रति 100 रुपये होगी। यह छूट 14 नवम्बर 2020 से आगामी 3 माह के लिए रहेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने यह निर्णय गुरुवार को उच्च स्तरीय बैठक में लिया। इस दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव अजीत केसरी, प्रमुख सचिव मनोज गोविल तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। बता दें कि गत दिनों व्यापारियों द्वारा मुख्यमंत्री चौहान को आश्वस्त किया गया था कि मंडी शुल्क में छूट देने से मंडियों की आय में कमी नहीं होगी। तीन महीने बाद इस छूट के परिणामों का अध्ययन कर आगे के लिए निर्णय लिया जाएगा। जिसके बाद व्यापारियों के आश्वासन पर मंडी शुल्क में छूट दी गई है। छूट की अवधि में यदि मंडियों को प्राप्त आय से मंडियों के संचालन, उनके रखरखाव एवं कर्मचारियों के वेतन भत्तों की व्यवस्था सुनिश्चित करने में कठिनाई नहीं होती है, तो राज्य शासन द्वारा इस छूट को आगे भी जारी रखा जा सकता है। गत वर्ष मंडियों को हुई थी 12 सौ करोड़ रुपये की आय वर्ष 2019-20 में प्रदेश की कृषि उपज मंडी समितियों को मंडी फीस एवं अन्य स्रोतों से कुल 12 सौ करोड रुपये की आय हुई थी। मंडी बोर्ड में लगभग 4200 तथा मंडी समिति सेवा में लगभग 29 सौ अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं तथा लगभग 2970 सेवानिवृत्त अधिकारी- कर्मचारी हैं। इनके वेतन भत्तों पर गत वर्ष 677 करोड रुपये का व्यय हुआ था।
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26 November 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा उपचुनाव नतीजों के बाद गुरुवार को शिवराज सरकार की पहली कैबिनेट बैठक होने जा रही है। शाम 6:30 बजे मंत्रालय में आयोजित होने वाली इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर मुहर लग सकती है। सीएम शिवराज की अध्यक्षता में मंत्रालय में आयोजित होनी वाली कैबिनेट बैठक में मुख्य रूप से जिन प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है उनमें मुंबई स्थित मध्यालोक अतिथि गृह भवन निर्माण के लिए पुनरीक्षित- प्रशासकीय स्वीकृति, मप्र मानव अधिकार आयोग के लिए स्वीकृत अस्थाई पदों को 1 अप्रैल 2020 से केंद्रीय वित्त आयोग की अवार्ड तिथि तक निरंतर करने हेतु, नेशनल पार्कों व अभयारण्य और चिडिय़ाघरों में प्रवेश शुल्क सेप्राप्त होने वाली राशि का उपयोग के लिए विकास निधि फंड की स्थापना इसमें अहम हैं। इसके अलावा इस बैठक में अन्य प्रस्तावों में मप्र नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता नियम में आवश्यक संशोधन, जबलपुर मेडिकल कॉलेज में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति तथा यहां स्वीकृत 250 पदों में से 20 पदों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन में अंतरण, जबलपुर में ग्राम गधेरी में राज्य न्यायिक अकादमी की स्थापना के लिए सैद्धांतिक सहमति, सीहोर जिले की सीप-अंबर सिंचाई कॉम्प्लेक्स परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति प्रमुख रुप से शामिल है।
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26 November 2020भोपाल। देशभर में आज यानि गुरुवार को संविधान दिवस मनाया जा रहा है। इसके साथ ही 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में भी जाना जाता है। संविधान दिवस के मौके पर मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बाबा साहब अम्बेडकर को याद कर प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए संविधान को गीता के समान बताया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेसी कभी नहीं चाहते थे कि नेहरू गांधी खानदान के ऊपर किसी का नाम हो, इसलिए तो कभी संविधान दिवस का सोचा ही नहीं। आगे उन्होंने कहा कि हमारे संविधान को तुष्टिकरण का ग्रन्थ बनाने की कोशिश की गई। संविधान का ग्रन्थ हमारे लिए गीता के समान है। संविधान के साथ सभी को अपने कर्तव्य का भी पालन करना चाहिए। गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में संविधान दिवस मनाने की शुरूआत की थी। बाबा साहब अम्बेडकर संविधान समिति के अध्यक्ष थे। मंत्री ने आगे कहा कि 26 जनवरी की आत्मा 26 नवंबर में ही बसती है। जो लोग संविधान की दुहाई देते हैं मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि महान लोकतंत्र की आत्मा संविधान में बसती है। उपचुनाव के बाद जिम्मेदारियां बढ़ीउपचुनाव के बाद आज हो रही कैबिनेट की बैठक को लेकर मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि उपचुनाव के बाद बहुमत में हैं तो जि़म्मेदारियां और बढ़ जाती हैं। कैबिनेट की बैठक में जनहित के फैसले लिए जाएंगे। पंजाब के किसानों के आंदोलन को लेकर मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पंजाब सरकार ध्यान भटकाने के कोशिश कर रही है। किसान का नहीं ये कांग्रेस का आंदोलन है। किसान समझ चुका है कि कांग्रेस किसानों को नौजवानों को धोखा देती है।
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26 November 2020भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कोरोना के बढ़ते मामलों की समीक्षा करते हुए संक्रमण की रोकथाम तथा वैक्सीन के वितरण की रणनीति को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्री से चर्चा की। उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्यप्रदेश में कोरोना की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी बातचीत की। मुख्यमंत्री शिवराज ने पीएम मोदी को प्रदेश में कोरोनी का स्थिति को लेकर जानकारी दी। बता दें कि मध्यप्रदेश में बीते छह दिनों से कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यहां दो दिन से नये संक्रमितों की संख्या 1700 के पार पहुंच रही है। इंदौर, भोपाल में सबसे ज्यादा नये संक्रमित मिल रहे हैं। इसकी चलते यहां रात 8.00 बजे सुबह 6.00 बजे तक रात्रिकालीन कफ्र्यू लगाया गया है। इसके अलावा, ग्वालियर, रतलाम, विदिशा समेत पांच जिलों में रात 10.00 बजे से सुबह 06.00 बजे तक रात्रिकालीन कफ्र्यू लागू है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर सभी तरह के उपाय किये जा रहे हैं और सख्ती दिखाते हुए लोगों को मास्क पहनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वहीं, कोरोना का टीका अभी भले ही नहीं आया है, लेकिन टीके को लेकर भी मध्य प्रदेश सरकार ने तैयारी कर ली है। बताया गया है कि सबसे पहले प्रदेश के पांच लाख स्वास्थ्य कर्मचारियों को यह टीका लगाया जाएगा। इसके बाद प्रदेश के 50 साल के ज्यादा उम्र के करीब 30 लाख लोगों को यह टीका लगाया जाएगा। दरअसल, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को टीका लगाने की तैयारियों की समीक्षा की थी। राज्य टीकाकरण अधिकरी डॉ. संतोष शुक्ला ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने प्रदेश के टीका संग्रहण केंद्र के 1200 कर्मचारी-अधिकारियों को टीके लगाने का ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया है। टीका आने के बाद सभी मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल और पंचायतों में टीका लगाया जाएगा। टीका लगवाने के लिए लोगों को एसएमएस या आमंत्रण पत्र भेजकर बुलाया जाएगा।
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24 November 2020भोपाल। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में 106 करोड़ रुपये का बेहिसाब लेन देन सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। एक तरफ जहां कांग्रेस में हडक़ंप की स्थिति बन गई है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा आक्रामक हो गई है। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा इस पूरे मामले के सामने आने के बाद से ही कांग्रेस और कमलनाथ पर जमकर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने कमलनाथ की तुलना महमूद गजऩवी से कर डाली। उन्होंने कहा कि अब समझ में आया कि खजाना खाली है, कमलनाथ क्या अलग क्यों रखते थे। महिला एवं बाल विकास विभाग के कुपोषण का पैसा कांग्रेस राहुल बाबा के कुपोषण दूर करने में लगाया। सोशल वेलफेयर का पैसा गांधी वेलफेयर में जमा हो रहा था। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए इस पूरे मामले पर कांग्रेस और कमलनाथ पर जमकर हमला बोला। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मप्र कांग्रेस की कमलनाथ सरकार प्रदेश के इतिहास की भ्रष्टतम सरकार थी। अब मीडिया में भी मप्र से कांग्रेस मुख्यालय को भेजी गई बेहिसाब नकदी का खुलासा हुआ है। कमलनाथ जी प्रदेश की जनता के सोशल वेलफेयर का पैसा गांधी फैमिली के वेलफेयर पर लुटा रहे थे ताकि कुर्सी सलामत रहे। उन्होंने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि गरीबों के पैसे को लूट कर कमलनाथ ने महमूद गजऩवी जैसा जघन्य पाप किया है। मप्र सरकार भी कांग्रेस के बेहिसाब लेनदेन के पूरे मामले का संज्ञान लेकर विधि विशेषज्ञों से राय लेगी। इनकम टैक्स विभाग से रिकॉर्ड मांगकर ईओडब्ल्यू से जांच कराने पर विचार करेंगी। दरअसल, एक अंग्रेजी समाचार चैनल की रिपोर्ट के अनुसार उसके पास आयकर विभाग की 408 पन्ने का स्रोत मौजूद है। जिससे पता चला है कि 2016 से 2019 के बीच में नई दिल्ली के अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में करीबन 106 करोड रुपये की बेहिसाब नगदी के लेनदेन किए गए हैं। जब पैसे बारी-बारी से कई किश्तों में पार्टी मुख्यालय पहुंची है। इतना ही नहीं न्यूज़ चैनल यह भी दावा किया कि 408 पन्ने के स्रोत में 13 फरवरी 2019 से 4 अक्टूबर के बीच 74 करोड़ 62 हजार रुपये की राशि की लेनदेन पार्टी मुख्यालय में की गई है। वही इससे पहले अगस्त 2016 से सितंबर 2016 के बीच पार्टी मुख्यालय में 26 करोड़ 50 लाख रुपये पार्टी मुख्यालय पहुंचाए गए थे। इसके बाद से ही गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा लगातार कमलनाथ पर हमला बोल रहे हैं। इससे पहले सोमवार देर शाम को भी उन्होंने ट्वीट कर सवाल साधे थे। जिसमें उन्होंने कहा था कि कमलनाथ के राज में मप्र से कांग्रेस मुख्यालय को भेजे गए 106 करोड़ रुपये। आयकर के दस्तावेजों से अकबर रोड नई दिल्ली को भेजी गई बेहिसाब नकदी का खुलासा। कमलनाथ जी आखिर सच सामने आ ही गया कि मुख्यमंत्री के रूप में आप जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए हमेशा पैसों की कमी का रोना क्यों रोते रहते थे? अब पता चला कि अपनी कुर्सी पक्की करने के लिए आपने प्रदेश की जनता के हक का पैसा गांधी परिवार की मंडली पर जमकर न्योछावर किया है!
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24 November 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मंत्रालय में राज्य आपदा प्रबंधन की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि गत दिनों प्रदेश के सिवनी, बालाघाट, बड़वानी, अलीराजपुर, छिंदवाड़ा, मंडला आदि जिलों तथा उनके समीप भूकंप के झटके महसूस किए गए। इनमें रिक्टर स्केल पर सर्वाधिक तीव्रता 4.3, सिवनी में आए भूकंप की थी। मध्यप्रदेश भूकम्प के जोन 2 व 3 में आता है, जो खतरनाक श्रेणी नहीं है। जोन 4 एवं 5 खतरनाक श्रेणी में आते हैं जहां भूकम्प की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 से अधिक रहती है। सरकार द्वारा भूकम्प उन्मुख सभी क्षेत्रों में राहत एवं बचाव की सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। धैर्य रखें, घबराएं नहीं तथा सभी आवश्यक सावधानियां बरतें।बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा तथा सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।वाटर लैवल में अंतर है संभावित कारणगत दिनों प्रदेश में आए भूकंप के संभावित कारणों की समीक्षा में बताया गया कि वाटर लैवल में परिवर्तन इस बार आए भूकंप का संभावित कारण है। इस बार सर्वाधिक 4.3 तीव्रता का भूकंप सिवनी में आया, जिसका एपीसेंटर सिवनी शहर के ठीक नीचे था।गत दिनों प्रदेश में आए भूकम्पमध्यप्रदेश में 22 नवम्बर को सिवनी शहर में रिक्टर स्केल पर 4.3 तीव्रता का, कटंगी बालाघाट में 2.4 तीव्रता का, कुरई सिवनी में 1.8 तीव्रता का तथा बरघाट केवलारी में 2.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसी प्रकार 07 नवंबर को बड़वानी एवं अलीराजपुर के समीप 4.2 तीव्रता का, सिवनी जिले के पास ही 27 अक्टूबर को 3.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके मंडला और बालाघाट में भी आए, 31 अक्टूबर को छिंदवाड़ा में 3.2 तीव्रता का तथा सिवनी जिले के पास 3.5 तीव्रता का भूकंप आया।भूकम्प के समय ये सावधानियां बरतेंजहां है वहीं रहें, संतुलित रहें। हड़बड़ी घातक हो सकती है। यदि घर के अन्दर हैं, तो गिर सकने वाली भारी वस्तुओं से दूर रहें। खिड़कियों से दूर रहें। मजबूत मेज के नीचे छुपें। चेहरे व सिर को हाथों की सुरक्षा प्रदान करें व कम्पन रूकने तक सिर को हाथों की सुरक्षा में रखें। अगर घर से बाहर हैं तो खुली जगह तलाशें। भवनों, पेड़ों, बिजली के खम्भों व तारों से दूर रहें। अगर वाहन में हो तो रूकें और अन्दर ही रहें। पुल, बिजली के तारों, भवनों, खाई और तीव्र ढाल वाली चट्टानों से दूर रहें। बिजली के उपकरण व खाना पकाने की गैस बन्द कर दें। टूटे सामान से पैर चोटिल हो सकते है, अत: जूते पहन कर रखें। अगर काई ज्वलनशील पदार्थ फैल गया है, तो तुरन्त उसे साफ करें। यदि आग लग गयी है और धुआं है, तो लेट कर बाहर निकलने का प्रयास करें। ऐसे में साफ हवा जमीन के नजदीक ही मिलेगी।
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23 November 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता महिलाओं का सशक्तीकरण है। इसके लिए सरकार उन्हें विभिन्न गतिविधियों के लिए 4 प्रतिशत ब्याज पर बैंकों से ऋण दिला रही है तथा शेष ब्याज की राशि मध्यप्रदेश सरकार भर रही है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष महिलाओं को उनकी आर्थिक गतिविधियों के लिए 1400 करोड़ की राशि दिलाई जा रही है। इसी के साथ यह भी निर्णय लिया गया है कि सरकारी खरीद का एक हिस्सा महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों का होगा। साथ ही उनकी बनाई सामग्रियों को बाजार प्रदान करने तथा प्रोत्साहित करने के लिए शहरों में 'मॉल्स' में भी रखा जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के खातों में 150 करोड़ रुपए की ऋण राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित की। इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में वर्तमान में 35 लाख बहनें स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं तथा विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियां सफलतापूर्वक संचालित कर रही हैं। इस बार बहनों को स्कूल गणवेश का कार्य दिया गया है। इसी के साथ कई स्थानों पर वे 'रेडी टू ईट' पोषण आहार का निर्माण भी कर रही हैं। हमें इस वर्ष 30 लाख और महिलाओं का आवश्यक प्रशिक्षण देकर स्व-सहायता समूहों से जोड़ना है। ये महिलाएं 'लोकल को वोकल बनाएंगी' तथा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण करेंगी। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, स्कूल शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार, अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे। मसूरी गईं आईएएस लोगों को पढ़ाने पंडोला, श्योपुर के बिस्मिल्ला स्व-सहायता समूह की मोबिना बहन ने बताया कि उनके समूह की महिलाएं अलग-अलग आर्थिक गतिविधियां कर रही हैं तथा हर सदस्य प्रतिमाह 15 से 20 हजार रुपए की मासिक आय कर रही है। पहले उन्हें बैंक से 50 हजार मिले, फिर 2 लाख जो कि उन्होंने वापस कर दिए। अब 3 लाख का लोन पास हो गया है। मोबिना स्व-सहायता समूहों के संबंध में आईएएस अधिकारियों को पढ़ाने मसूरी भी जा चुकी हैं। बहनो इसी तरह आगे बढ़ती रहो बैतूल जिले के ग्राम राठीपुर के पलक आजीविका स्व-सहायता समूह की बहन दुर्गा पंवार ने मुख्यमंत्री चौहान को बताया कि पहले उन्हें 50 हजार रुपए का लोन लिया था अब 5 लाख का लोन लिया है। समूह दूध, सब्जी, मास्क निर्माण व सिलाई का कार्य करता है। अब पशु आहार बनाने की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहनो इसी तरह आगे बढ़ती रहो और प्रदेश का नाम रोशन करो। 'पहले चैक देखा ही नहीं था, अब चैक काट रही हूँ' मुख्यमंत्री चौहान को लक्ष्मी स्व-सहायता समूह ग्राम आमेठ जिला सागर की बहन द्रोपदी कुर्मी ने बताया कि उन्होंने 20 हजार रुपए की एक भैंस लेकर अपना काम चालू किया था अब 50-50 हजार की 04 भैंस बैंक लोन लेकर खरीदी है। आज उन्हें 1500 रुपए प्रतिदिन की आय होती है। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि 'पहले मैंने देखा नहीं था चैक कैसा होता है, आज चैक काट रही हूँ।' सीता चलाती है 'मामा ब्यूटी पार्लर' आमेठ जिला सागर की स्व-सहायता समूह की बहन सीता कुर्मी ने मुख्यमंत्री चौहान को बताया कि वे गांव में ब्यूटी पार्लर चलाती हैं जिसका नाम उसने 'मामा ब्यूटी पार्लर' रखा है, क्योंकि उन्हें ब्यूटी पार्लर की ट्रेनिंग मुख्यमंत्री चौहान के पूर्व कार्यकाल वर्ष 2018 में मिली। 'आप ही मेरे प्रेरणा' स्त्रोत हैं। लक्ष्मी स्व-सहायता समूह ग्राम आमेठ जिला सागर की बहनों ने मुख्यमंत्री चौहान को अपना लिखा हुआ गीत सुनाया। 'देश संभालन आए हो, मेरे शिवराज भैया'। बहनें करें ग्राम का विकास मुख्यमंत्री चौहान ने अनूपपुर जिले के अनुराधा स्व-सहायता समूह की बहन ऊषा राठौर से बातचीत के दौरान कहा कि बहनें न केवल आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से गांव को स्वावलंबी एवं मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाएं बल्कि ग्रामीण नेतृत्व में हिस्सा लेकर गांवों का विकास भी करें। बहन ऊषा ने मुख्यमंत्री चौहान को बताया कि पहले उन्होंने बैंक से एक लाख का ऋण लिया था, फिर दो लाख का और अब तीन लाख का ऋण लिया है। उनका समूह होटल, कृषि, अण्डे की दुकान, किराना दुकान, सब्जी उत्पादन, ट्रेक्टर संचालन आदि गतिविधियां करता है तथा प्रतिमाह 20 से 25 हजार रुपए कमाता है। इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने बहनों को बधाई देते हुआ कहा कि 'यह है आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का उदाहरण।' न्यूनतम 10 हजार रुपए की मासिक आय लक्ष्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिए सरकार अधिक से अधिक सहायता कर रही है। हमारा लक्ष्य है कि स्व-सहायता समूहों की प्रत्येक महिला को कम से कम 10 हजार रुपए की मासिक आमदनी हो सके।
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23 November 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता महिलाओं का सशक्तीकरण है। इसके लिए सरकार उन्हें विभिन्न गतिविधियों के लिए 4 प्रतिशत ब्याज पर बैंकों से ऋण दिला रही है तथा शेष ब्याज की राशि मध्यप्रदेश सरकार भर रही है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष महिलाओं को उनकी आर्थिक गतिविधियों के लिए 1400 करोड़ की राशि दिलाई जा रही है। इसी के साथ यह भी निर्णय लिया गया है कि सरकारी खरीद का एक हिस्सा महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों का होगा। साथ ही उनकी बनाई सामग्रियों को बाजार प्रदान करने तथा प्रोत्साहित करने के लिए शहरों में 'मॉल्स' में भी रखा जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के खातों में 150 करोड़ रुपए की ऋण राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित की। इस दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में वर्तमान में 35 लाख बहनें स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं तथा विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियां सफलतापूर्वक संचालित कर रही हैं। इस बार बहनों को स्कूल गणवेश का कार्य दिया गया है। इसी के साथ कई स्थानों पर वे 'रेडी टू ईट' पोषण आहार का निर्माण भी कर रही हैं। हमें इस वर्ष 30 लाख और महिलाओं का आवश्यक प्रशिक्षण देकर स्व-सहायता समूहों से जोड़ना है। ये महिलाएं 'लोकल को वोकल बनाएंगी' तथा आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण करेंगी। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, स्कूल शिक्षा मंत्री इन्दर सिंह परमार, अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे। मसूरी गईं आईएएस लोगों को पढ़ाने पंडोला, श्योपुर के बिस्मिल्ला स्व-सहायता समूह की मोबिना बहन ने बताया कि उनके समूह की महिलाएं अलग-अलग आर्थिक गतिविधियां कर रही हैं तथा हर सदस्य प्रतिमाह 15 से 20 हजार रुपए की मासिक आय कर रही है। पहले उन्हें बैंक से 50 हजार मिले, फिर 2 लाख जो कि उन्होंने वापस कर दिए। अब 3 लाख का लोन पास हो गया है। मोबिना स्व-सहायता समूहों के संबंध में आईएएस अधिकारियों को पढ़ाने मसूरी भी जा चुकी हैं। बहनो इसी तरह आगे बढ़ती रहो बैतूल जिले के ग्राम राठीपुर के पलक आजीविका स्व-सहायता समूह की बहन दुर्गा पंवार ने मुख्यमंत्री चौहान को बताया कि पहले उन्हें 50 हजार रुपए का लोन लिया था अब 5 लाख का लोन लिया है। समूह दूध, सब्जी, मास्क निर्माण व सिलाई का कार्य करता है। अब पशु आहार बनाने की योजना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहनो इसी तरह आगे बढ़ती रहो और प्रदेश का नाम रोशन करो। 'पहले चैक देखा ही नहीं था, अब चैक काट रही हूँ' मुख्यमंत्री चौहान को लक्ष्मी स्व-सहायता समूह ग्राम आमेठ जिला सागर की बहन द्रोपदी कुर्मी ने बताया कि उन्होंने 20 हजार रुपए की एक भैंस लेकर अपना काम चालू किया था अब 50-50 हजार की 04 भैंस बैंक लोन लेकर खरीदी है। आज उन्हें 1500 रुपए प्रतिदिन की आय होती है। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि 'पहले मैंने देखा नहीं था चैक कैसा होता है, आज चैक काट रही हूँ।' सीता चलाती है 'मामा ब्यूटी पार्लर' आमेठ जिला सागर की स्व-सहायता समूह की बहन सीता कुर्मी ने मुख्यमंत्री चौहान को बताया कि वे गांव में ब्यूटी पार्लर चलाती हैं जिसका नाम उसने 'मामा ब्यूटी पार्लर' रखा है, क्योंकि उन्हें ब्यूटी पार्लर की ट्रेनिंग मुख्यमंत्री चौहान के पूर्व कार्यकाल वर्ष 2018 में मिली। 'आप ही मेरे प्रेरणा' स्त्रोत हैं। लक्ष्मी स्व-सहायता समूह ग्राम आमेठ जिला सागर की बहनों ने मुख्यमंत्री चौहान को अपना लिखा हुआ गीत सुनाया। 'देश संभालन आए हो, मेरे शिवराज भैया'। बहनें करें ग्राम का विकास मुख्यमंत्री चौहान ने अनूपपुर जिले के अनुराधा स्व-सहायता समूह की बहन ऊषा राठौर से बातचीत के दौरान कहा कि बहनें न केवल आर्थिक गतिविधियों के माध्यम से गांव को स्वावलंबी एवं मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाएं बल्कि ग्रामीण नेतृत्व में हिस्सा लेकर गांवों का विकास भी करें। बहन ऊषा ने मुख्यमंत्री चौहान को बताया कि पहले उन्होंने बैंक से एक लाख का ऋण लिया था, फिर दो लाख का और अब तीन लाख का ऋण लिया है। उनका समूह होटल, कृषि, अण्डे की दुकान, किराना दुकान, सब्जी उत्पादन, ट्रेक्टर संचालन आदि गतिविधियां करता है तथा प्रतिमाह 20 से 25 हजार रुपए कमाता है। इस पर मुख्यमंत्री चौहान ने बहनों को बधाई देते हुआ कहा कि 'यह है आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का उदाहरण।' न्यूनतम 10 हजार रुपए की मासिक आय लक्ष्य पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिए सरकार अधिक से अधिक सहायता कर रही है। हमारा लक्ष्य है कि स्व-सहायता समूहों की प्रत्येक महिला को कम से कम 10 हजार रुपए की मासिक आमदनी हो सके।
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23 November 2020भोपाल। नेटफ्लिक्स पर चल रही वेब सीरीज ‘ए सुटेबल ब्वॉय’ में मध्यप्रदेश के मंदिरों के अंदर दिखाए गए चुंबन दृश्यों को लेकर प्रदेश की गृह विभाग ने सख्त कार्यवाई की है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस संबंध में आज सोमवार को अधिकारियों की बुलाई बैठक में नेटफ्लिक्स ओटीटी प्रबंधकों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए है। बैठक में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कानूनी रुप से चर्चा करने के बाद कहा कि नेटफ्लिक्स पर प्रसारित हो रहे कार्यक्रम द सूटेबल बॉय में फि़ल्माए जा रहे आपत्तिजनक दृश्यों से धर्म विशेष की भावनायें आहत होने का क़ानूनी परीक्षण करने के निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिए गए थे। उन्होंने कहा कि परीक्षण में उक्त कृत्य से धर्म विशेष की भावनाएं आहत होना प्रथम दृष्टिया सही पाया गया। इस सम्बंध में थाना सिविल लाइन रीवा में धारा 295 का प्रकरण दर्ज किया जा रहा है। फ़रियादी गौरव तिवारी के आवेदन पर उक्त प्रकरण नेटफ्लिक्स के पदाधिकारी मोनिका शेरगिल एवं अम्बिका खुराना के विरूद्ध दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि बैठक से पहले भी गृहमंत्री ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा था कि उसमें मुझे कुछ भी सूटेबल नहीं लगा। हमारे मंदिरों के अंदर कोई भी चुम्बन का दृश्य फिल्माया जाये, उसको मैं अच्छा नहीं मानता। जो चीज़ टाली जा सकती है उसे क्यों नहीं टाल रहे हैं। मैं इसे अच्छा नहीं मानता ये गलत है, ये जहाँ भी होता है वहाँ पर गलत है।
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23 November 2020भोपाल। नेटफ्लिक्स पर चल रही वेब सीरीज ‘ए सुटेबल ब्वॉय’ में मध्यप्रदेश के मंदिरों के अंदर दिखाए गए चुंबन दृश्यों को लेकर प्रदेश की गृह विभाग ने सख्त कार्यवाई की है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस संबंध में आज सोमवार को अधिकारियों की बुलाई बैठक में नेटफ्लिक्स ओटीटी प्रबंधकों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए है। बैठक में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कानूनी रुप से चर्चा करने के बाद कहा कि नेटफ्लिक्स पर प्रसारित हो रहे कार्यक्रम द सूटेबल बॉय में फि़ल्माए जा रहे आपत्तिजनक दृश्यों से धर्म विशेष की भावनायें आहत होने का क़ानूनी परीक्षण करने के निर्देश पुलिस अधिकारियों को दिए गए थे। उन्होंने कहा कि परीक्षण में उक्त कृत्य से धर्म विशेष की भावनाएं आहत होना प्रथम दृष्टिया सही पाया गया। इस सम्बंध में थाना सिविल लाइन रीवा में धारा 295 का प्रकरण दर्ज किया जा रहा है। फ़रियादी गौरव तिवारी के आवेदन पर उक्त प्रकरण नेटफ्लिक्स के पदाधिकारी मोनिका शेरगिल एवं अम्बिका खुराना के विरूद्ध दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि बैठक से पहले भी गृहमंत्री ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा था कि उसमें मुझे कुछ भी सूटेबल नहीं लगा। हमारे मंदिरों के अंदर कोई भी चुम्बन का दृश्य फिल्माया जाये, उसको मैं अच्छा नहीं मानता। जो चीज़ टाली जा सकती है उसे क्यों नहीं टाल रहे हैं। मैं इसे अच्छा नहीं मानता ये गलत है, ये जहाँ भी होता है वहाँ पर गलत है।
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23 November 2020भोपाल/इंदौर। 11 दिन जेल में बिताने के बाद कम्प्यूटर बाबा गुरुवार शाम जमानत पर रिहा हुए। जेल से निकलते ही बाबा हरिद्वार रवाना हो गए। उनके इस तरह हरिद्वार जाने पर दिग्विजय सिंह के भाई और कांग्रेस नेता लक्ष्मणसिंह ने तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि अगर बाबा पहले ही हरिद्वार चले जाते तो राजनीति का बेड़ा पार नहीं होता। कम्प्यूटर बाबा को सभी मामलों में कोर्ट से जमानत मिलने के बाद गुरुवार देर शाम उन्हें रिहा कर दिया गया था। 11 दिन बाद बाबा जेल से बाहर आए। गेट के पास ही मीडिया ने उनसे कई सवाल पूछे, लेकिन उन्होंने कहा, मुझे कुछ नहीं कहना। उन्होंने इतना ही कहा कि वकीलों और सबका धन्यवाद। भगवान ने सत्य की जीत की है। इसके बाद कुछ दूर खड़ी कार में सवार हाेकर बाबा निकल गए। बाबा के वकील विभोर खंडेलवाल के बताया कि रिहाई के बाद बाबा सीधे हरिद्वार चले गए। बाबा ने कहा था कि जेल में वे ठीक से पूजा-पाठ नहीं कर पाए, इसलिए 15 दिन हरिद्वार में रहकर पूजन करेंगे। फिर वे कुछ यात्राएं करेंगे। खंडेलवाल की मानें, तो बाबा अन्य देवस्थान पर भी जाएंगे। करीब 1 महीने तो वो भक्ति में ही लीन रहेंगे। बाबा के हरिद्वार जाने पर कांग्रेस नेता लक्ष्मणसिंह ने ट्विटर के जरिए तंज कसा है। उन्होंने कहा है- 'जेल से छूटते ही बाबा चले हरिद्वार, पहले चले जाते तो राजनीति का नहीं होता बेड़ा पार, अभी भी कुछ बचे हैं, जो आगे दे सकते हैं नुकसान, कार्यकर्ताओं की भावना है, इस बात का लिया जाए संज्ञान...।' बाबा के वकील के अनुसार बाबा के खिलाफ चार मामले दर्ज किए गए थे। 8 नवंबर को धारा 151 के तहत बाबा को जेल भेजा गया था। इसके बाद 12 नवंबर को गांधी नगर में एक मामला दर्ज हुआ। इसके बाद एरोड्रम थाने में एक और केस दर्ज हुआ। इसके बाद 17 नवंबर को बाबा को एरोड्रम मामले में भी जमानत मिल गई। वहीं, उसी दिन उनके खिलाफ एक और केस गांधी नगर थाने में दर्ज हुआ था।
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20 November 2020भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार लव-जिहाद के खिलाफ कानून बनाने जा रही है। लव-जिहाद पर कानून बनाने जा रही शिवराज सरकार के फैसले पर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कांग्रेस के कई नेताओं ने इस कानून का विरोध किया है। कांग्रेस नेताओं द्वारा कानून का विरोध किए जाने पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस नेताओं को जमकर लताड़ा और तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कोई भी पढ़ा-लिखा और समझदार व्यक्ति किसी भी प्रकार के जिहाद का समर्थन नहीं करेगा। कांग्रेस तो तुष्टिकरण की राजनीति करती है इसलिए उसकी बात अलग है। लेकिन देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के राज में कोई जिहाद या आतंकवाद नहीं चलने दिया जाएगा। गौरतलब है कि पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने लव जिहाद कानून का विरोध करते हुए कहा था कि सरकार विधानसभा अध्यक्ष तो चुन नहीं पा रही। लेकिन इस तरह के कानून बनाने में जुटी है। जो एक दूसरे को बांटने का काम करने वाला है। कमलनाथ पर साधा निशानाइस दौरान पूर्व सीएम कमलनाथ पर निशाना साधते हुए मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि ‘कमलनाथ जी प्रदेश कांग्रेस के ऐसे एक मात्र अध्यक्ष हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए भी पूरे राज्य का दौरा नहीं किया। कई विधानसभा क्षेत्रों में तो वे आज तक नहीं गए हैं। कोरोना के बढ़ते मामले चिंता का विषयमध्य प्रदेश में इन दिनों बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामले और नई गाइडलाइन पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में कोविड 19 के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं। इस समय हर नागरिक को सावधान रहने की जरूरत है। सरकार ने सावधानी और सुरक्षा के लिहाज से सारे विकल्प खुले रखे हैं। इस संबंध में गृह विभाग सभी जरूरी निर्णय आज शाम तक लेगा।
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20 November 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में बीते दो दिनों से कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक की। इसे लेकर मीडिया में अटकलें लगनी शुरू हो गईं कि प्रदेश में लॉकडाउन लग सकता है। सोशल मीडिया के साथ ही कई वेबसाइट्स में इस तरह की खबरें प्रसारित भी कर दीं लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन खबरों का खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में लॉकडाउन नहीं किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भोपाल, इंदौर, रतलाम समेत प्रदेश के कई शहरों में दीपावली के बाद अचानक कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को आला अधिकारियों की बैठक बुलाकर हालात का जायजा लिया। इस बीच मीडिया में खबरें चलाई जाने लगीं कि कोरोना के बढ़त मामलों को देखते हुए मध्य प्रदेश में लॉकडाउन लग सकता है। मुख्यमंत्री उच्च स्तरीय बैठक में इसका निर्णय ले सकते हैं। लेकिन शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट के माध्यम से लॉकडाउन की खबरों का खंडन किया है। बताया गया है कि कतिपय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कर्फ्यू लगाने संबंधी बयान वायरल हो रहा है, जो वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पूर्ण रूप से अप्रासंगिक है। इससे पहले प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट किया था कि राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामले चिंता का विषय है। इस समय हर नागरिक को सावधान रहने की जरूरत है। सरकार ने सावधानी और सुरक्षा के लिहाज से सारे विकल्प खुले रखे हैं। इस संबंध में गृह विभाग सभी जरूरी निर्णय आज शाम तक लेगा। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से खबर है कि कोरोना रोकथाम के मद्देनजर शुक्रवार से नगर निगम मास्क नहीं पहनने वालों पर फिर कार्रवाई शुरू हो गई है। मास्क नहीं पहनने वालों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की जा रही है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह को आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।
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20 November 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में बीते दो दिनों से कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक की। इसे लेकर मीडिया में अटकलें लगनी शुरू हो गईं कि प्रदेश में लॉकडाउन लग सकता है। सोशल मीडिया के साथ ही कई वेबसाइट्स में इस तरह की खबरें प्रसारित भी कर दीं लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन खबरों का खंडन किया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में लॉकडाउन नहीं किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भोपाल, इंदौर, रतलाम समेत प्रदेश के कई शहरों में दीपावली के बाद अचानक कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को आला अधिकारियों की बैठक बुलाकर हालात का जायजा लिया। इस बीच मीडिया में खबरें चलाई जाने लगीं कि कोरोना के बढ़त मामलों को देखते हुए मध्य प्रदेश में लॉकडाउन लग सकता है। मुख्यमंत्री उच्च स्तरीय बैठक में इसका निर्णय ले सकते हैं। लेकिन शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट के माध्यम से लॉकडाउन की खबरों का खंडन किया है। बताया गया है कि कतिपय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कर्फ्यू लगाने संबंधी बयान वायरल हो रहा है, जो वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पूर्ण रूप से अप्रासंगिक है। इससे पहले प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट किया था कि राज्य में कोविड-19 के बढ़ते मामले चिंता का विषय है। इस समय हर नागरिक को सावधान रहने की जरूरत है। सरकार ने सावधानी और सुरक्षा के लिहाज से सारे विकल्प खुले रखे हैं। इस संबंध में गृह विभाग सभी जरूरी निर्णय आज शाम तक लेगा। मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से खबर है कि कोरोना रोकथाम के मद्देनजर शुक्रवार से नगर निगम मास्क नहीं पहनने वालों पर फिर कार्रवाई शुरू हो गई है। मास्क नहीं पहनने वालों के खिलाफ चालानी कार्रवाई की जा रही है। निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह को आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है।
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20 November 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को गोंदिया में अपने ससुर और समाजसेवी घनश्याम दास मसानी के अंतिम संस्कार में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गत 28-29 वर्ष में उन्होंने कभी भी घनश्याम दास जी के व्यवहार में अहंकार को नहीं देखा। वे निष्काम और पावन हृदय से जीवन जीते हुए सभी के प्रति सदाशायी बने रहे। जीवन के आखिरी क्षण तक उनके चेहरे पर सौम्य और सरल, सहज होने के भाव परिलक्षित होते थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब वे चौथी बार मुख्यमंत्री बने उसके पूर्व श्री मसानी भोपाल आए थे और शारीरिक अस्वस्थता के बावजूद सामान्य रूप से चर्चा करते थे। उन्होंने कहा कि वे जब खुद कोविड-19 से ग्रस्त होने पर अस्पताल में दाखिल थे तब उन्हें श्री मसानी के अस्वस्थ होने की सूचना देर से मिली थी और उसके पश्चात श्री मसानी अस्पताल में उपचार लाभ प्राप्त कर घर भी आ गए थे। उन्होंने बीमारियों से लड़ते हुए अपनी जिजीविषा बनाए रखी। राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रबल समर्थक मसानी जी 88 वर्ष की आयु में भी वैचारिक रूप से सक्रिय थे। वे व्हीलचेयर पर थे लेकिन हाल ही में दीपावली पूजा में भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका स्नेह उन्हें जीवन भर मिला। ऐसे सहृदय सरल व्यक्तित्व के धनी स्व मसानी अपनी विशेष पहचान छोड़ गए हैं। मुख्यमंत्री ने स्व मसानी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की । अंतिम संस्कार में शामिल हुए समाजसेवी, अधिकारी और नागरिकसीएम शिवराज, उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह और अन्य परिजन प्रात: गोंदिया पहुंचे। इसके साथ ही स्व श्री मसानी की पार्थिव देह को लेकर आज प्रात: एयर एम्बुलेंस गोंदिया पहुंची। अपरान्ह 4 बजे स्व श्री मसानी जी का गोंदिया पिंडकेपार स्थित मोक्षधाम में अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, समाजसेवी और अधिकारी शामिल हुए। बालाघाट रेंज के पुलिस महानिरीक्षक के पी व्यंकटेश्वर राव सहित कलेक्टर और एस पी बालाघाट भी शामिल हुए।
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19 November 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को गोंदिया में अपने ससुर और समाजसेवी घनश्याम दास मसानी के अंतिम संस्कार में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गत 28-29 वर्ष में उन्होंने कभी भी घनश्याम दास जी के व्यवहार में अहंकार को नहीं देखा। वे निष्काम और पावन हृदय से जीवन जीते हुए सभी के प्रति सदाशायी बने रहे। जीवन के आखिरी क्षण तक उनके चेहरे पर सौम्य और सरल, सहज होने के भाव परिलक्षित होते थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब वे चौथी बार मुख्यमंत्री बने उसके पूर्व श्री मसानी भोपाल आए थे और शारीरिक अस्वस्थता के बावजूद सामान्य रूप से चर्चा करते थे। उन्होंने कहा कि वे जब खुद कोविड-19 से ग्रस्त होने पर अस्पताल में दाखिल थे तब उन्हें श्री मसानी के अस्वस्थ होने की सूचना देर से मिली थी और उसके पश्चात श्री मसानी अस्पताल में उपचार लाभ प्राप्त कर घर भी आ गए थे। उन्होंने बीमारियों से लड़ते हुए अपनी जिजीविषा बनाए रखी। राष्ट्रवादी विचारधारा के प्रबल समर्थक मसानी जी 88 वर्ष की आयु में भी वैचारिक रूप से सक्रिय थे। वे व्हीलचेयर पर थे लेकिन हाल ही में दीपावली पूजा में भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका स्नेह उन्हें जीवन भर मिला। ऐसे सहृदय सरल व्यक्तित्व के धनी स्व मसानी अपनी विशेष पहचान छोड़ गए हैं। मुख्यमंत्री ने स्व मसानी की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की । अंतिम संस्कार में शामिल हुए समाजसेवी, अधिकारी और नागरिकसीएम शिवराज, उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह और अन्य परिजन प्रात: गोंदिया पहुंचे। इसके साथ ही स्व श्री मसानी की पार्थिव देह को लेकर आज प्रात: एयर एम्बुलेंस गोंदिया पहुंची। अपरान्ह 4 बजे स्व श्री मसानी जी का गोंदिया पिंडकेपार स्थित मोक्षधाम में अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, समाजसेवी और अधिकारी शामिल हुए। बालाघाट रेंज के पुलिस महानिरीक्षक के पी व्यंकटेश्वर राव सहित कलेक्टर और एस पी बालाघाट भी शामिल हुए।
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19 November 2020भोपाल। अतिथि शिक्षकों को लेकर मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बड़ा बयान दिया है। गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा अतिथि शिक्षकों को पुन: काम देने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके अलावा प्रदेश में शिक्षा प्रभावित न हो इसके लिए पीएससी के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर नियुक्तियां की जाएगी। अतिथि शिक्षकों को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि अतिथि विद्वानों से महाविद्यालयों और विवि में अध्ययन अध्यापन में को लेकर हमने बडे निर्णय लिए है। उसमें एक बड़ा निर्णय पीएससी की भर्ती का निर्णय लिया है। हम अधिकतर अतिथि शिक्षकों को काम पर ले चुके हैं और जो बाकी बचे लोग हैं उनके लिए भी हमने अभी 2 दिन पहले एक लिंक ओपन की है। जिन को परमानेंट पद पर रखना है उनके लिए भी निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्राध्यापकों की कमी के चलते विद्यार्थियों को जो परेशानी हो रही है उसका भी जल्द ही हम निराकरण कर रहे हैं। मंत्री मोहन यादव ने कहा कि साथ ही पीएससी के माध्यम से जो उम्मीदवार सभी योग्यता रखते है उन्हें असिस्टेंट प्रोफेर की भर्ती कर निर्णय ले चुके है। पांच प्रतिशत पोस्ट पीएससी के माध्यम से भरने वाले है।
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19 November 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरूवार, 19 नवम्बर को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों विशेषकर महिलाओं के लिए साहसिक एवं सुरक्षित पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रथम महिला बाइकिंग ट्रेल (Tigress on the trail) कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। ट्रेल में देश भर से नामी 15 महिला बाइकर्स द्वारा 1500 कि.मी. का सफर भोपाल से प्रारम्भ कर मढ़ई, पेंच, कान्हा, बान्धवगढ, पन्ना एवं खजुराहो से होते हुए वापस भोपाल तक का सफर तय किया जायेगा। पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बुधवार को बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य सभी पर्यटकों को यह विश्वास दिलाना है कि मध्यप्रदेश “एकल महिला यात्री” (solo woman traveller) के लिए पूर्णत: सुरक्षित गंतव्य है, जहां साहसिक पर्यटन की अपार सम्भावनाएं उपलब्ध हैं। मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नवाचारों को क्रियान्वित करने में सदैव अग्रणी रहा है। पर्यटकों में पर्यटन के प्रति विश्वास जागृत करने तथा राज्य के प्रमुख वन्य जीव पर्यटन स्थलों जैसे मढ़ई, पेंच, कान्हा, बान्धवगढ, पन्ना के साथ साथ राज्य के समस्त राष्ट्रीय उद्यान की विशेषताओं से पर्यटकों को अवगत कराने तथा प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों विशेषकर महिलाओं के लिए साहसिक एवं सुरक्षित पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रथम महिला बाइकिंग ट्रेल “टाइग्रेस ऑन द ट्रेल” का आयोजन 19 नवम्बर से 25 नवम्बर 2020 तक किया जाएगा। प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि यात्रा मार्ग इस तरह से तैयार किया गया है जिससे प्रतिभागी रास्ते में आने वाले पर्यटन स्थलों की खूबसूरत वादियों का पूर्ण रूप से आनंद ले सकें, ये राइडर्स राज्य के मनोरम दृश्यों का आनंद लेते हुए यात्रा के रोमांच का अनुभव कर सकें तथा पर्यटकों को मध्यप्रदेश के आकर्षक गंतव्यों का परिचय कराते हुए इन पर्यटन स्थलों के सुगम व सुरक्षित होने की जानकारी पर्यटकों को प्रदान कर सकें। महिला बाइकर्स प्रतिभागी 'टाइग्रेस ऑन द ट्रेल' में राष्ट्रीय स्तर की 15 प्रतिष्ठित महिला बाइकर्स द्वारा भागीदारी की जा रही है। इनमें मुंबई, इटली, भुवनेश्वर, तमिलनाडू, इंदौर, पश्चिम बंगाल, पंजाब, पुणे, पटना-बिहार और बैंगलुरू की महिला बाइकर्स शामिल हैं। ये सभी महिला बाइकर्स लंबा अनुभव लिये हुए हैं। इन महिला बाइकर्स द्वारा वन्य जीव संरक्षण, साहसिक पर्यटन का विकास तथा पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का संदेश यात्रा के दौरान दिये जायेंगे।
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18 November 2020भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए 'गौकैबिनेट' गठित करने का निर्णय लिया है। पशुपालन, वन, पंचायत व ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान कल्याण विभाग गौ कैबिनेट में शामिल होंगे। पहली बैठक 22 नवंबर को गोपाष्टमी पर दोपहर 12 बजे गौ अभ्यारण, आगर मालवा में आयोजित की जाएगी। गौ कैबिनेट को लेकर प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए गौ कैबिनेट पर कहा कि ‘"तीन हमारे सुखदाता,गीता-गंगा-गौमाता"। @BJPyIndia हमेशा भारतीय संस्कृति की पोषक रही है। इसी भावना से प्रेरित होकर सरकार ने अलग से गौ कैबिनेट का गठन करने का निर्णय लिया है। प्रदेश की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार गौ शालाओं के गठन की सिर्फ बातें करती रही इस दिशा में अनुकरणीय निर्णय मप्र भाजपा सरकार ने लिया है। कमलनाथ पर कसा तंजइस दौरान पूर्व सीएम कमलनाथ पर तंज कसते हुए मंत्री मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के नतीजे सामने आने के बाद से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी नजर नहीं आ रहे हैं। मैंने पहले ही कहा था वे चुनाव के बाद प्रदेश से रुखसत हो जाएंगे। अब ट्विटर पर ही नजर आएंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम जी ने वही हकीकत बयां की है जो मैं पहले कई बार दोहरा चुका हूं। कांग्रेस में अब सिर्फ नेता ही बचे हैं। मैदानी कार्यकर्ता नदारद हो चुके हैं। यही हाल रहा तो कांग्रेस मप्र में अगली बार मुख्य विपक्षी दल भी नहीं बन पाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा का मुलाबला अब कांग्रेस से नहीं होगा गठबंधन से ही होगी। कांग्रेस के हार पर मंथन को लेकर कहा कि कुछ भी कर ले विष ही निकलेगा, अमृत नहीं निकलेगा सुंदरकांड कांग्रेस का स्टंटकमलनाथ के जन्मदिन पर कांग्रेस द्वारा करवाए जा रहे सुंदरकांड पर प्रतिक्रिया देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि सुंदरकांड का आयोजन कांग्रेस का सॉफ्ट हिन्दुत्व नहीं सिर्फ स्टंट है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कभी भी दिवाली, भाईदूज मनाते नहीं दिखते। कमलनाथ गोधन के बारे में नहीं जानते। दोबारा लॉकडाउन का कोई प्रस्ताव नहींवहीं प्रदेश में फिर से लॉकडाउन की सुगबुगाहट पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में कोविड 19 को लेकर स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। सरकार इस संबंध में हर स्तर पर सजग और तैयार है। अभी प्रदेश में कहीं भी किसी भी स्तर पर दोबारा लॉकडाउन लागू करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। धर्म विशेष से जुड़ा नहीं है लव जिहाद कानूनइस दौरान लव जिहाद कानून पर मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह कानूर किसी भी धर्म विशेष से जुड़ा नहीं है। कोई भी अगर लालच देकर विवाह करता है तो 5 साल का कठोर कारावास होगा। धर्म स्वतंत्र विधयेक है। उन्होंने कांग्रेस से सवाल पूछते हुए कहा कि कांग्रेस बताए विधेयक के साथ हैं या खिलाफ हैं।
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18 November 2020भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए 'गौकैबिनेट' गठित करने का निर्णय लिया गया है। इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बुधवार सुबह ट्वीट कर दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा ‘प्रदेश में गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए 'गौकैबिनेट' गठित करने का निर्णय लिया गया है। पशुपालन, वन, पंचायत व ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान कल्याण विभाग गौ कैबिनेट में शामिल होंगे। पहली बैठक 22 नवंबर को गोपाष्टमी पर दोपहर 12 बजे गौ अभ्यारण, आगर मालवा में आयोजित की जाएगी।
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18 November 2020भोपाल। कमलनाथ सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त रहे नामदेव त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा की मुसीबत कम नही हुई है। गांधीनगर पुलिस थाने में दर्ज प्रकरण में हाईकोर्ट के आदेश के बाद एट्रोसिटी एक्ट सहित दो मामलों में पुलिस ने निचली अदालत में सोमवार शाम को पेश किया। जहां उन्हें जमानत मिल गई लेकिन एरोड्रम पुलिस थाने में दर्ज प्रकरण में उन्हें 24 घंटे की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया गया। मंगलवार शाम 4 बजे दोबारा उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। एट्रोसिटी एक्ट मामले में तो बाबा को कोर्ट ने 25 हजार के मुचलके पर जमानत मिल गई, लेकिन धारा 151 में दर्ज प्रकरण में बाबा के समर्थक जेल अधीक्षक के समक्ष 50 हजार रुपये का निजी मुचलका लेकर पहुंचे, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकारा नहीं। एरोड्रम थाने में दर्ज मारपीट के मामले में पुलिस ने कोर्ट से दो दिन का रिमांड मांगी, जिसमें से पुलिस को एक दिन की रिमांड मिल गई। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किए जाने के मामले के बाद पुलिस ने दो और केस उन पर दर्ज किए थे। अब एरोड्रम थाना पुलिस अब मंगलवार शाम चार बजे बाबा की एक बार फिर जिला अदालत में पेशी होगी। उन पर शासकीय काम में बाधा डालने, जान से मारने की धमकी देने, मारपीट की भी धाराएं लगी हैं। गौरतलब है कि आठ नवंबर को जिला प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बाबा द्वारा अवैध तरीके से बनाए गए आश्रम को ध्वस्त किया था। कार्रवाई के दौरान शांति भंग होने की आशंका में बाबा और उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था। 9 नवंबर को एसडीएम अदालत से समर्थकों को तो जमानत मिल गई लेकिन कंप्यूटर बाबा जेल में ही है। जेल में रहने के दौरान ही बाबा के खिलाफ एरोड्रम पुलिस थाने में घर में घुसकर हमला करने और गांधीनगर पुलिस थाने में जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में दो अलग-अलग प्रकरण दर्ज हो गए।
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17 November 2020भोपाल। कमलनाथ सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त रहे नामदेव त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा की मुसीबत कम नही हुई है। गांधीनगर पुलिस थाने में दर्ज प्रकरण में हाईकोर्ट के आदेश के बाद एट्रोसिटी एक्ट सहित दो मामलों में पुलिस ने निचली अदालत में सोमवार शाम को पेश किया। जहां उन्हें जमानत मिल गई लेकिन एरोड्रम पुलिस थाने में दर्ज प्रकरण में उन्हें 24 घंटे की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया गया। मंगलवार शाम 4 बजे दोबारा उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। एट्रोसिटी एक्ट मामले में तो बाबा को कोर्ट ने 25 हजार के मुचलके पर जमानत मिल गई, लेकिन धारा 151 में दर्ज प्रकरण में बाबा के समर्थक जेल अधीक्षक के समक्ष 50 हजार रुपये का निजी मुचलका लेकर पहुंचे, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकारा नहीं। एरोड्रम थाने में दर्ज मारपीट के मामले में पुलिस ने कोर्ट से दो दिन का रिमांड मांगी, जिसमें से पुलिस को एक दिन की रिमांड मिल गई। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण किए जाने के मामले के बाद पुलिस ने दो और केस उन पर दर्ज किए थे। अब एरोड्रम थाना पुलिस अब मंगलवार शाम चार बजे बाबा की एक बार फिर जिला अदालत में पेशी होगी। उन पर शासकीय काम में बाधा डालने, जान से मारने की धमकी देने, मारपीट की भी धाराएं लगी हैं। गौरतलब है कि आठ नवंबर को जिला प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बाबा द्वारा अवैध तरीके से बनाए गए आश्रम को ध्वस्त किया था। कार्रवाई के दौरान शांति भंग होने की आशंका में बाबा और उनके समर्थकों को गिरफ्तार किया गया था। 9 नवंबर को एसडीएम अदालत से समर्थकों को तो जमानत मिल गई लेकिन कंप्यूटर बाबा जेल में ही है। जेल में रहने के दौरान ही बाबा के खिलाफ एरोड्रम पुलिस थाने में घर में घुसकर हमला करने और गांधीनगर पुलिस थाने में जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में दो अलग-अलग प्रकरण दर्ज हो गए।
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17 November 2020भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार के नए विमान ने सोमवार को पहली बार उड़ान भरी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नए शासकीय विमान से सोमवार देर शाम परिवार सहित तिरुपति के लिए रवाना हुए। उनके साथा पत्नी साधना सिंह और बेटे कार्तिकेय और कुणाल भी मौजूद रहे। उपचुनाव में मिली शानदार जीत के बाद सीएम शिवराज परिवार के साथ तिरुपति बालाजी में भगवान व्यंकटेश की पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद मंगलवार रात 10 बजे भोपाल वापस आ जाऐंगे। बता दें कि राज्य सरकार ने क्राफ्ट कंपनी से किंग एयर बी-250 विमान कस्टम ड्यूटी मिलाकर करीब 60 करोड़ रुपए में खरीदा है। अत्याधुनिक और हाईसेफ्टी टेक्निक से लैस इस विमान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने परिवार के साथ तिरुपति रवाना हुए। नए विमान से मुख्यमंत्री की यह पहली यात्रा पर हैं। वे हर साल तिरुपति दर्शन करने जाते हैं। सोमवार देर रात हैदराबाद एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद वो शमशाबाद में ग्राम मुचीनतल स्थित श्री चिन्ना जीयर स्वामी आश्रम में रुके। यहां सीएम शिवराज स्थानीय कार्यक्रम में शामिल हुए और रात्रि विश्राम वहीं किया था। इसके बाद वे मंगलवार 17 नवंबर को धार्मिक अनुष्ठान करेंगे। इसके बाद वे तिरुपति बालाजी मंदिर में भगवान व्यंकटेश की आराधना करने जाएंगे। चौहान परिवार के साथ ही 17 नवंबर को रात 10 बजे भोपाल भी पहुंच जाएंगे।
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17 November 2020इंदौर। जेल में बंद कम्प्यूटर बाबा और उनके समर्थक जमानत के लिए जीतोड़ कोशिशें कर रहे हैं। इसके लिए हर अदालत का दरवाजा खटखटाया जा रहा है। जेल में ही दीपावली मनाने के बाद अब कम्प्यूटर बाबा ने जमानत के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। इसी तारतम्य में बाबा की ओर से आज जिला न्यायालय में आवेदन दिया जाएगा। बाबा के खिलाफ एरोड्रम और गांधी नगर पुलिस थाने में दर्ज केस में सोमवार को जिला न्यायालय में जमानत आवेदन पर सुनवाई होगी। न्यायालय सोमवार को ही इस पर बहस सुनकर आदेश भी जारी कर देगा। नामदेव त्यागी उर्फ कम्प्यूटर बाबा को आठ नवम्बर को शांति भंग होने की आशंका में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से वह जेल में हैं। आठ नवम्बर को ही जिला प्रशासन ने सरकारी जमीन पर बाबा द्वारा अवैध तरीके से बनाए गए आश्रम को जमींदोज किया था। बाबा के साथ छह समर्थक भी गिरफ्तार किए गए थे लेकिन उन्हें एसडीएम कोर्ट से नौ नवम्बर को ही जमानत मिल गई थी। बाबा के जेल में रहने के दौरान ही एरोड्रम और गांधी नगर पुलिस थाने में उनके खिलाफ दो अलग-अलग केस दर्ज कर लिए गए। बाबा की तरफ से हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर होने के बाद बाबा को शांति भंग के मामले में तो जमानत मिल गई, लेकिन एरोड्रम और गांधी नगर पुलिस थाने में दर्ज केस में उन्हें जमानत मिलना बाकी है। बाबा के वकील की ओर से प्रस्तुत बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर रविवार को हाई कोर्ट की डबल बैंच ने सुनवाई की थी। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि उक्त दोनों थानों में दर्ज केस में सोमवार को जिला कोर्ट में जमानत याचिका प्रस्तुत की जाए और जिला कोर्ट उसी दिन इन याचिकाओं का निराकरण करें। बाबा की तरफ से पैरवी कर रहे एडवोकेट विभोर खंडेलवाल ने बताया कि सोमवार सुबह जमानत याचिका प्रस्तुत कर दी जाएगी। याचिका पर शाम तक फैसला भी आ जाएगा। इसके बाद ही तय हो पाएगा कि बाबा फिलहाल जेल में ही रहेंगे या उनकी रिहाई होगी।
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16 November 2020भोपाल। मप्र में उपचुनाव खत्म होने के बाद मंत्री पद के साथ ही महत्वपूर्ण पद दिए जाने की मांग उठने लगी है। कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने विध्य क्षेत्र के व्यक्ति को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है। उनका तर्क है कि जो जहां रहता है उसका उस ईलाके से प्रेम होता है। विंध्य के लोग भी चाहते है कि वहां का विकास होना चाहिए। मंत्री बिसाहुलाल सिंह ने कहा है कि वो विंध्य के लोगों की मांग का समर्थन करते हैं कि विंध्य से अच्छे और योग्य व्यक्ति को विस अध्यक्षबनाया जाए और उन्होंने बड़े पोस्टफोलियों के सवाल पर कहा कि कोई विभाग छोटा या बड़ा नहीं होता छोटे विभाग में भी बेहतर काम हो सकते हैं। कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने विंध्य से विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की दावेदारी पेश की है। सोमवार को मीडिया को दिए अपने बयान में बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने क्षेत्र से प्यार होता है। विंध्य की जनता की मांग के अनुरूप ही मुझे विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलनी चाहिए। आगे कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पूर्णकालिक विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन होगा। गौरतलब है कि उपचुनाव संपन्न होने के बाद अब प्रदेश मेें भाजपा की निश्चित सरकार है। ऐसे में अब कैबिनेट विस्तार और खाली पड़े पदों को भरने की चर्चा तेज हो गई है। कुछ विधायक कैबिनेट मंत्री के पद पाने के लिए दावेदारी ठोक रहे हैं तो कोई कुछ और बड़े पद के लिए खुद की पैरवी कर रहे हैं। वहीं सीएम शिवराज ने अभी किसी भी तरह के कैबिनेट विस्तार या फिर खाली पदों को भरने से पहले ही इंकार कर चुके हैं।
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16 November 2020भोपाल। मप्र में उपचुनाव खत्म होने के बाद मंत्री पद के साथ ही महत्वपूर्ण पद दिए जाने की मांग उठने लगी है। कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने विध्य क्षेत्र के व्यक्ति को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की है। उनका तर्क है कि जो जहां रहता है उसका उस ईलाके से प्रेम होता है। विंध्य के लोग भी चाहते है कि वहां का विकास होना चाहिए। मंत्री बिसाहुलाल सिंह ने कहा है कि वो विंध्य के लोगों की मांग का समर्थन करते हैं कि विंध्य से अच्छे और योग्य व्यक्ति को विस अध्यक्षबनाया जाए और उन्होंने बड़े पोस्टफोलियों के सवाल पर कहा कि कोई विभाग छोटा या बड़ा नहीं होता छोटे विभाग में भी बेहतर काम हो सकते हैं। कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने विंध्य से विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की दावेदारी पेश की है। सोमवार को मीडिया को दिए अपने बयान में बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि हर व्यक्ति को अपने क्षेत्र से प्यार होता है। विंध्य की जनता की मांग के अनुरूप ही मुझे विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिलनी चाहिए। आगे कहा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पूर्णकालिक विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन होगा। गौरतलब है कि उपचुनाव संपन्न होने के बाद अब प्रदेश मेें भाजपा की निश्चित सरकार है। ऐसे में अब कैबिनेट विस्तार और खाली पड़े पदों को भरने की चर्चा तेज हो गई है। कुछ विधायक कैबिनेट मंत्री के पद पाने के लिए दावेदारी ठोक रहे हैं तो कोई कुछ और बड़े पद के लिए खुद की पैरवी कर रहे हैं। वहीं सीएम शिवराज ने अभी किसी भी तरह के कैबिनेट विस्तार या फिर खाली पदों को भरने से पहले ही इंकार कर चुके हैं।
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16 November 2020भोपाल। पांच दिवसीय दिपोत्सव की शुरुआत हो गई है। धनतेरस से लेकर भाईदूज तक पांच दिनों तक देशभर में त्यौहार की धूम रहेगी। प्रदेश में भी पर्व की धूमधाम देखने को मिल रही है। गुरुवार को धनतेरस के बाद आज शुक्रवार को नरक चतुर्दशी पर्व मनाया जा रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय भगवान धनतेरस की पूजा की। भाजपा प्रदेश कार्यालय में सीएम शिवराज और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भगवान धनतेरस और लक्ष्मी पूजा की। इस अवसर पर अन्य भाजपा नेता भी मौजूद रहे। सीएम शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रदेशवासियों को दीपावली की बधाई देते हुए खुशहाली की कामना की। साथ ही उन्होंने लोगों से दीपावली पर्व के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की भी अपील की। पूजा अर्चना के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि भाजपा सरकार मिलावट के खिलाफ जबरदस्त अभियान छेड़ा है। हम गुंडागर्दी करने वाले को नहीं छोड़ेंगे। उनके खिलाफ अभियान प्रारंभ हो रहा है। प्रदेश में किसी तरह का गुंडाराज नहीं होगा। गौरतलब है कि इससे पूर्व गुरुवार देर शाम को सीएम शिवराज पत्नी साधना सिंह के साथ न्यू मार्केट खरीदारी करने पहुंचे थे। यहां उन्होंने चांदी का सिक्का और बर्तन खरीदे थे।
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13 November 2020भोपाल। पांच दिवसीय दीपावली पर्व की शुरुआत गुरुवार को धनतेरस से हो गई है। मध्यप्रदेश में शुक्रवार को भी धनतरेस का पर्व मनाया जा रहा है और सुबह से ही बाजार में भारी भीड़ उमड़ रही है। दीपावली के बाजार सजकर तैयार हैं और लोग पसंद की वस्तुएं खरीदने के लिए मुख्य बाजार की दुकानों व प्रतिष्ठानों पर बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। कोरोना के चलते पिछले आठ महीनों से ग्राहकी ठप रहने के बाद अब दुकानदारों को उम्मीदवार है कि दीपावली पर बाजार में जमकर धन बरसेगा। मध्यप्रदेश में पांच दिवसीय दीपावली को लेकर राजधानी भोपाल समेत सभी शहरों के मुख्य बाजार और दुकानों में आकर्षक फूलों व विद्युत सजावट की गई है। कुछ दुकानों व प्रतिष्ठानों में धनतेरस विशेष पर ग्राहकों को बुलाने और उनको अच्छी व जल्दी सर्विस देने के लिए अतिरिक्त कर्मचारी भी रखे गए हैं। प्रदेश में अधिकांश लोगों ने गुरुवार को देर रात धनतेरस की खरीदारी की। वहीं, शुक्रवार को भी धनतेरस के अवसर पर सुबह से ही सराफा, कपड़ा, इलेट्रानिक, बर्तन दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ दिखाई दे रही है। वाहन शो-रूम में लोग पसंदीदा वाहन खरीदने में जुटे हैं। इसके अलावा आतिशबाजी की दुकानें भी सज गई हैं और लोग सुबह से ही बच्चों के साथ खरीदारी करते हुए दिखाई दे रहे हैं। बता दें कि जो लोग सोने-चांदी के आभूषण या मूर्ति नहीं खरीद सकते, वह नए बर्तन खरीदकर धनतेरस की पूजा कर भगवान धनवंतरी और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करेंगे। इसीलिए लोग बाजारों में खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। सराफा व्यापारी कहते हैं कि कोरोना संक्रमण के कारण बाजार बैठ गया था, लेकिन धनतेरस पर बड़ी संख्या में लोग सराफा बाजार पहुंच रहे हैं। दीपावली से बाजार में सोने- चांदी की मांग तेजी से उठने की उम्मीद है। वहीं, सभी बाजारों में दीया, लाई- बताशा और लक्ष्मी-गणेश प्रतिमाओं की दुकानें लाइन से लग गई हैं। अब इन दुकानों में लोगों की भीड़ हो रही है। दुकानदारों ने दीया व प्रतिमाओं की बिक्री होने से उमीद जताई है कि कोरोना संकट के बावजूद हमारे लिए भी यह दीपावली रोशनीमय होगी। इस बार धनतेरस का पर्व दो दिन मना जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक धनतेरस का शुभ मुहूर्त शुक्रवार को शाम तक होने के कारण खरीदारी करने के लिए यह अच्छा समय है। विद्वानों ने धनतेरस पर आभूषण, वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स और बर्तन खरीदने का विशेष महत्व बताया है। ज्योतिषाचार्य जनार्दन पुजारी के अनुसार, हिंदू धर्म में समृद्धि के प्रतीक पांच दिवसीय दिवाली पर्व का विशेष महत्व है। इसके पहले दिन कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को देव वैद्य भगवान धनवंतरि का अवतरण हुआ था। उनके चार हाथ हैं। इनमें अमृत कलश, औषधि, शंख-चक्र आदि हैं। इस दिन आरोग्यता की कामना से भगवान धनवंतरि का पूजन किया जाता है। इन्हें भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है। पुलिस की नजर बाजारों पर इधर, दीपावली के त्यौहार को ध्यान में पुलिस प्रशासन भी सतर्क है और प्रमुख बाजारों में पुलिस ने चौकसी कड़ी कर दी है। खरीदारों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े इसके लिए पुलिस के आला अधिकारी बाजारों पर कड़ी निगरानी रखे हुए हैं और जहां भी वाहन आड़े-तिरछे या फिर गलत जगह लगे हुए नजर आ रहे हैं। उन वाहन चालकों के विरुद्ध चालानी कार्रवाई की जा रही है।
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13 November 2020इंदौर। पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त रहे कम्प्यूटर बाबा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जा कर आलीशान आश्रम बनाकर रहने के आरोप में इन दिनों सेट्रल जेल में बंद कम्प्यूटर बाबा को इस साल की दिवाली जेल के अंदर ही मनानी पड़ेगी। एसडीएम ने गुरुवार को फिर से बाबा की जमानत याचिका निरस्त कर दी है। नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा की जमानत याचिका एसडीएम राजेश राठौर की कोर्ट ने फिर निरस्त कर दी है। जमानत निरस्त होने का एक कारण ये भी है कि कोर्ट के सक्षम जमानत राशि 5 लाख रुपये जमा नहीं करने के कारण बाबा की याचिका रद्द कर दी गई है। जमानत निरस्त होने से बाबा को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। ऐसे में अब कंप्यूटर बाबा की दीवाली भी जेल में ही मनेगी। उल्लेखनीय है कि 80 करोड़ रुपये की 46 एकड़ सरकारी जमीन पर कम्प्यूटर बाबा ने कब्जा कर रखा था। इसमें से 2 एकड़ जमीन पर आश्रम बना था। प्रशासन और पुलिस की टीम ने 8 नवम्बर को बुलडोजर और जेसीबी मशीनों से बाबा का आश्रम ढहा दिया था। विरोध करने पर प्रशासन ने बाबा सहित उनके सात समर्थकों को गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेज दिया था। कंप्यूटर बाबा को छोड़ उनके सभी साथियों को जमानत मिल गई है।
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12 November 2020इंदौर। पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त रहे कम्प्यूटर बाबा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जा कर आलीशान आश्रम बनाकर रहने के आरोप में इन दिनों सेट्रल जेल में बंद कम्प्यूटर बाबा को इस साल की दिवाली जेल के अंदर ही मनानी पड़ेगी। एसडीएम ने गुरुवार को फिर से बाबा की जमानत याचिका निरस्त कर दी है। नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा की जमानत याचिका एसडीएम राजेश राठौर की कोर्ट ने फिर निरस्त कर दी है। जमानत निरस्त होने का एक कारण ये भी है कि कोर्ट के सक्षम जमानत राशि 5 लाख रुपये जमा नहीं करने के कारण बाबा की याचिका रद्द कर दी गई है। जमानत निरस्त होने से बाबा को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। ऐसे में अब कंप्यूटर बाबा की दीवाली भी जेल में ही मनेगी। उल्लेखनीय है कि 80 करोड़ रुपये की 46 एकड़ सरकारी जमीन पर कम्प्यूटर बाबा ने कब्जा कर रखा था। इसमें से 2 एकड़ जमीन पर आश्रम बना था। प्रशासन और पुलिस की टीम ने 8 नवम्बर को बुलडोजर और जेसीबी मशीनों से बाबा का आश्रम ढहा दिया था। विरोध करने पर प्रशासन ने बाबा सहित उनके सात समर्थकों को गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेज दिया था। कंप्यूटर बाबा को छोड़ उनके सभी साथियों को जमानत मिल गई है।
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12 November 2020इंदौर। पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त रहे कम्प्यूटर बाबा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जा कर आलीशान आश्रम बनाकर रहने के आरोप में इन दिनों सेट्रल जेल में बंद कम्प्यूटर बाबा को इस साल की दिवाली जेल के अंदर ही मनानी पड़ेगी। एसडीएम ने गुरुवार को फिर से बाबा की जमानत याचिका निरस्त कर दी है। नामदेव दास त्यागी उर्फ कंप्यूटर बाबा की जमानत याचिका एसडीएम राजेश राठौर की कोर्ट ने फिर निरस्त कर दी है। जमानत निरस्त होने का एक कारण ये भी है कि कोर्ट के सक्षम जमानत राशि 5 लाख रुपये जमा नहीं करने के कारण बाबा की याचिका रद्द कर दी गई है। जमानत निरस्त होने से बाबा को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। ऐसे में अब कंप्यूटर बाबा की दीवाली भी जेल में ही मनेगी। उल्लेखनीय है कि 80 करोड़ रुपये की 46 एकड़ सरकारी जमीन पर कम्प्यूटर बाबा ने कब्जा कर रखा था। इसमें से 2 एकड़ जमीन पर आश्रम बना था। प्रशासन और पुलिस की टीम ने 8 नवम्बर को बुलडोजर और जेसीबी मशीनों से बाबा का आश्रम ढहा दिया था। विरोध करने पर प्रशासन ने बाबा सहित उनके सात समर्थकों को गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेज दिया था। कंप्यूटर बाबा को छोड़ उनके सभी साथियों को जमानत मिल गई है।
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12 November 2020भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आने के बाद एक तरफ भाजपा जीत का जश्र मना रही हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस हार का मंथन करने में जुट गई है। इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ बुधवार को सीएम शिवराज से मुलाकात करने मुख्यमंत्री निवास पहुंचे। इस दौरान कमल नाथ के पुत्र सांसद नकुल नाथ भी साथ में थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कमलनाथ के साथ अपनी मुलाकात की तस्वीरें साझा की है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा ‘आज मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने निवास पर भेंट कर शुभकामनाएं दी। मैं उनको हृदय से धन्यवाद देता हूं। प्रदेश की प्रगति और जनता के कल्याण के लिए पूरे समर्पण एवं सामथ्र्य के साथ हम सब कार्य करेंगे। मध्यप्रदेश देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बने, यही हमारा संकल्प है। कमलनाथ बोले, हम परिणामों की समीक्षा करेंगे वहीं सीएम शिवराज से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करत हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मैंने आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जीत की शुभकामनाएँ दी है। मैंने उन्हें कहा है कि आज प्रदेश के सामने कई चुनौतियां है बेरोजगारी की, कृषि क्षेत्र की। मैंने उन्हें विश्वास दिलाया हैं कि विपक्ष की तरफ से प्रदेश के विकास में कोई अड़चन आने नहीं दी जाएगी। उपचुनाव परिणामों को लेकर कमलनाथ ने कहा कि आज हमने बैठक बुलायी है, उसमें हम परिणामों की समीक्षा करेंगे।
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11 November 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में इसी साल हुए सत्ता परिवर्तन के कारण यहां विधानसभा की 28 सीटों पर हुए उपचुनाव के लिए मंगलवार को 19 जिला मुख्यालयों पर मतगणना हुई। दोपहर बाद रुझानों के साथ नतीजे आने शुरू हो गए थे, लेकिन सभी सीटों के परिणाम देर रात तक घोषित हो पाए। इन 28 सीटों में से 19 पर भाजपा ने जीत का परचम फहराया, जबकि सभी सीटों पर जीत का दावा करने वाली कांग्रेस 09 सीटों पर सिमट गई।मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए गत 03 नवम्बर को मतदान हुआ था। मंगलवार को सुबह 08.00 बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना शुरू हुई। शुरुआती रुझानों में ही भाजपा ने बढ़त बना ली और यह बढ़त अंत तक जारी रही। दोपहर बाद नतीजे आने शुरू हो गए थे और रात करीब दो बजे तक सभी सीटों के परिणाम घोषित किये गये। घोषित परिणामों के अनुसार, 28 में से 19 सीटों पर भाजपा उम्मीदवार विजयी हुए हैं, जबकि नौ सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों ने बाजी मारी है। इन उपचुनावों में भाजपा को 49.46 फीसदी और कांग्रेस को 40.50 फीसदी वोट मिले। इसके अलावा बसपा ने भी 5.75 फीसदी वोट हासिल किये, लेकिन वह 28 में से एक भी सीट हासिल नहीं कर सकी। दरअसल, उपचुनावों में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई थी। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान ताबड़तोड़ सभाएं कीं और उसी के अनुरूप नतीजे भी आए। इन उपचुनावों में शिवराज सरकार के दो पूर्व मंत्रियों समेत 14 मंत्री चुनाव मैदान में उतरे थे। इनमें से 11 मंत्रियों ने जीत हासिल की है, जबकि तीन मंत्रियों की हार हुई है। ग्वालियर जिले की डबरा सीट से महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी उपचुनाव हार गईं। इसके अलावा सुमावली सीट से मंत्री एंदल सिंह कंसाना और दिमनी सीट से मंत्री गिर्राज दंडोतिया भी पराजित हो गए। सीटवार विवरण : - सीट - विजयी/उम्मीदवार - पार्टी, निकटतम प्रतिद्वंद्वी - पार्टी जीत का अंतरसुमावली - अजबसिंह कुशवाह - कांग्रेस - एदल सिंह कंसाना - भाजपा - 10947 मुरैना - राकेश मावई - कांग्रेस - रघुराज सिंह कंसाना - भाजपा - 5751 दिमनी - रविन्द्र सिंह तोमर ‘भिड़ौसा‘- कांग्रेस, गिर्राज डण्डौतिया - भाजपा - 26467 अम्बाह - कमलेश जाटव - भाजपा- सत्य प्रकाश सखवार - कांग्रेस - 13892 मेहगांव - ओ.पी.एस. भदौरिया - भाजपा - हेमन्त सत्यदेव कटारे - कांग्रेस - 12036 गोहद - मेवाराम जाटव - कांग्रेस, रणवीर जाटव- भाजपा - 11899 ग्वालियर - प्रद्युम्न सिंह तोमर - भाजपा, सुनील शर्मा - कांग्रेस - 33123ग्वालियर पूर्व - डॉ. सतीश सिकरवार - कांग्रेस, मुन्नालाल गोयल (मुन्ना भैया) - भाजपा - 8555 डबरा - सुरेश राजे - कांग्रेस, इमरती देवी- भाजपा - 7633 भाण्डेर - रक्षा संतराम सरौंनियां - भाजपा, फूलसिंह बरैया-कांग्रेस - 161 करेरा - प्रागीलाल जाटव - कांग्रेस, जसमंत जाटव छितरी- भाजपा - 30641 पोहरी - सुरेश धाकड़ राँठखेडा - भाजपा, हरी वल्लभ शुक्ला- कांग्रेस - 22496बामोरी - महेन्द्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया) - भाजपा, कन्हैयालाल रामेश्वर अग्रवाल- कांग्रेस - 53153अशोकनगर - जजपाल सिंह "जज्जी" - भाजपा, आशा दोहरे- कांग्रेस 14630 मुंगावली - ब्रजेन्द्र सिंह यादव - भाजपा, कन्हईराम लोधी-कांग्रेस - 21469 सुरखी - गोविन्द सिंह राजपूत - भाजपा, पारूल साहू केशरी-कांग्रेस - 40991 मलहरा - कुंवर प्रद्युम्न सिंह लोधी - भाजपा, राम सिया भारती- कांग्रेस - 17567 अनूपपुर - बिसाहू लाल सिंह - भाजपा, विश्वनाथ सिंह-कांग्रेस - 34864 सांची - डॉ. प्रभुराम चौधरी - भाजपा, मदनलाल चौधरी - कांग्रेस - 63809ब्यावरा - आमल्याहाट-रामचंद्र दांगी - कांग्रेस, नारायणसिंह पंवार - भाजपा- 12102आगर - विपिन वानखेडे - कांग्रेस, मनोज मनोहर ऊँटवाल (बंटी)- भाजपा- 1998 हाटपिपल्या - मनोज नारायणसिंह चौधरी - भाजपा, कुँ. राजवीर सिंह राजेन्द्रसिंह बघेल - कांग्रेस - 13904मांधाता - नारायण सिंह पटेल - भाजपा, उत्तमपाल सिंह - कांग्रेस - 22129नेपानगर - सुमित्रादेवी कास्डेकर - भाजपा, रामकिशन पटेल - कांग्रेस 26340बदनावार - राजवर्धनसिंह दत्तीगांव - भाजपा, कमलसिंह पटेल- कांग्रेस - 32133सांवेर - तुलसीराम सिलावट - भाजपा - प्रेमचंद गुड्डू- कांग्रेस - 53728 सुवासरा - डंग हरदीपसिंह - भाजपा, भाई राकेश पाटीदार- कांग्रेस - 39440जौरा - सूबेदार सिंह रजौधा - भाजपा, पंकज उपाध्याय- कांग्रेस - 13478
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11 November 2020भोपाल। कोरोना संकट के दौरान हमारी सरकार द्वारा किए गए काम और कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत की बदौलत हम प्रदेश की जनता का विश्वास जीतने में सफल रहे। एक बार फिर जनता ने अपना प्यार और विश्वास भारतीय जनता पार्टी पर जताया है। हम वचन देते हैं कि जनता ने हम पर जो विश्वास जताया है, जान भले ही चली जाए, लेकिन उस विश्वास को टूटने नहीं देंगे। मैं इस प्रदेश की 8.5 करोड़ जनता का आभार जताता हूं और प्रणाम करता हूं। यह बात मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में पार्टी को मिली जीत के उपलक्ष्य में प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित विजय उत्सव में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारी केंद्र सरकार अभूतपूर्व काम कर रही है। वहीं, अमित शाह के नेतृत्व और नड्डा जी के मार्गदर्शन में पार्टी लगातार प्रगति कर रही है। उनके आशीर्वाद से ही मध्यप्रदेश में पार्टी को प्रचंड जीत मिली है। बिहार, गुजरात, उत्तरप्रदेश हर जगह पार्टी की जीत का परचम फहराया है। इसके लिए मैं केंद्रीय नेतृत्व का आभार जताता हूं। उन्होंने कहा कि पार्टी को मिली इस जीत के लिए मैं उन लाखों लाख कार्यकर्ताओं का अभिनंदन करता हूं जिन्होंने प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के नेतृत्व और संगठन मंत्री सुहास भगत के मार्गदर्शन में कड़ी मेहनत की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने प्रदेश को भ्रष्टाचार और दलाली का अड्डा बना दिया था। उन्होंने प्रदेश का विकास ठप्प कर दिया था और हमारी सारी योजनाएं बंद कर दी थीं। चुनाव के दौरान उन्होंने खूब गालियां दीं, कई तरह की तोहमद लगाई। गद्दार, बिकाऊ और पता नहीं क्या-क्या कहा। लेकिन भाजपा की इस जीत ने ये साबित कर दिया कि सिंधिया जी और उनके साथियों ने कमलनाथ सरकार को गिराने का जो काम किया था, जनता उसका स्वागत करती है। जनता से साबित कर दिया कि उस सरकार को गिराना जरूरी था। श्री चौहान ने कहा कि ये जीत विकास की जीत है, जनता के कल्याण की जीत है, हमारे विचार, संस्कार और विनम्रता की जीत है। दंभ और अहंकार को पराजित होना पड़ा। श्री चौहान ने कहा कि अब संगठन के सहयोग से प्रदेश का विकास ही हमारा लक्ष्य है। हम अंत्योदय समितियां बनाएंगे, जो ये देखेंगी कि सरकार की योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। हम मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का काम कल से ही शुरू कर देंगे। श्री चौहान ने कहा कि पं. दीनदयाल जी कहा करते थे कि जो गरीब है, वही हमारा नारायण है। हम प्रदेश के गरीबों, किसानों, महिलाओं, भांजे-भांजियों की सेवा का संकल्प लेते हैं और अब हमें इन्हीं की सेवा में जुटना है। श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस के 15 महीनों के शासन के बाद जनता ने ये पहचान लिया कि भाजपा ही खरी है। इसलिए जहां हम हारे हैं, बहुत कम मार्जिन से हारे हैं, लेकिन जहां हम जीते, बड़े अंतर से जीते हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की ऐतिहासिक जीत पर प्रदेश की जनता का आभार जताया। उन्होंने कहा कि इस विराट जीत का श्रेय पार्टी नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम को जाता है। जनता ने भारतीय जनता पार्टी पर जो विश्वास व्यक्त किया यह उस विश्वास की जीत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार ने 15 वर्षों तक लगातार और पिछले 6 माह में दिन रात गरीबों के लिए जो काम किए है, उसके कारण यह जीत मिली है। उन्होंने कहा कि यह जीत हमें आने वाले चुनाव में ऊर्जा देगी। अब हमें मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान के संवेदनशील नेतृत्व में, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर मध्यप्रदेश के विकास का संकल्प लेना है। विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि बिहार चुनाव में एनडीए को मिली ऐतिहासिक सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार को जाता है और उन्हें मैं बधाई देता हूं। इस चुनाव में कार्यकर्ताओं ने अथक मेहनत की और उसी का परिणाम है कि भाजपा को यह विजय मिली है। इसके लिए सभी 28 विधानसभाओं में बूथ स्तर तक काम करने वाले पार्टी कार्यकर्ता बधाई के पात्र है।
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10 November 2020भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव परिणाम में जीत भाजपा के नजदीक है। कांग्रेस अब भी जीत की उम्मीद लगाए हुए है और मतगणना समाप्त होने तक इंतजार करने की बात कह रही है। वहीं इस बीच पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर पर निशाना साधते हुए कहा है कि सिंधिया जी का बोरिया बिस्तर कहां जाएगा, वो देख लें। पूर्व मंत्री उमंग सिंगार ने मंगलवार को मीडिया को बयान देते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि सिंधिया और उनकी टीम के लोगों का अगला ठिकाना बहुजन समाज पार्टी ही होगी। वहीं उपचुनाव परिणाम और रुझान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सीटें बढ़ती हुई दिख रही हैं, हम सरकार बनाएंगे। भाजपा विधायक नाखुश हैं, कांग्रेस के संपर्क में कई भाजपा विधायक हैं। बताते चले कि उपचुनाव में शिवराज और कमलनाथ के साथ सिंधिया की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है। उपचुनाव में भाजपा ने सिंधिया खेमे के मंत्रियों को अपना प्रत्याशी बनाया है। हालांकि अधिकांश सीटों पर सभी मंत्री जीत की ओर बढ़ रहे हैं। जनता का फैसला सब को स्वीकार वहीं कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने उपचुनाव परिणाम को लेकर कहा कि अभी मतगणना पूरी नहीं हुई है। ये लोकतंत्र है और जनता का फैसला सब को स्वीकार करना चाहिए। कांतिलाल भूरिया ने ईवीएम पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी की गई है। बिहार चुनाव में भी ईवीएम में गड़बड़ी हुई है। कांग्रेस निर्वाचन आयोग से शिकायत करेगी।
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10 November 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनावों के लिए गत तीन नवम्बर को मतदान संपन्न हो चुका है। इन सीटों पर 355 उम्मीदवार मैदान में है और उनकी किस्मत ईवीएम में कैद है। मतगणना के साथ ही इनके भाग्य का फैसला भी होगा। मंगलवार, 10 नवम्बर को सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और कोरोना संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए संबंधित जिला मुख्यालयों पर मतों की गणना होगी और देर शाम तक परिणाम आने की संभावना है। इन 28 विधानसभा क्षेत्रों में 70.27 प्रतिशत मतदान हुआ है, जिनमें पुरुष मतदाताओं ने 73.18 और महिला मतदाताओं ने 66.98 प्रतिशत मतदान किया है। निर्वाचन आयोग द्वारा 19 जिला मुख्यालयों पर होने वाली मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सबसे ज्यादा राउंड की गिनती ग्वालियर पूर्व में होगी। यहां पर 32 राउंड तक मतों की गिनती चलेगी। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से अधिकांश मतदाता सेना में हैं। ऐसे में पोस्टल बैलेट से डाले गए वोट की संख्या अधिक हैं। इसलिए यहां पर पोस्टल बैलेट की गणना में सबसे ज्यादा समय लगेगा, जबकि डबरा में सबसे कम 24 राउंड में मतों की गिनती पूरी हो जाएगी। इस बार काउंटिंग के लिए बड़ी स्क्रीन लगाई जा रही है, ताकि प्रत्याशी उनके एजेंट बाहर से ही उसे देख सकें। पहली बार ईवीएम की काउंटिंग के साथ ही पोस्टल बैलेट की गिनती की जाएगी। अब तक सबसे पहले पोस्टल बैलेट गिने जाते थे, उसके बाद ईवीएम में पड़े मतों को गिना जाता था। इस बार 285 अतिरिक्त काउंटिंग सेंटर बनाए गए हैं। सुरक्षा के लिए ग्वालियर-भिंड और मुरैना में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों के अनुसार मतगणना स्थल पर बिना मास्क के किसी व्यक्ति को प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही शरीर का तापमान लेने के बाद ही अभ्यर्थी और उनके अभिकर्ताओं को मतगणना स्थल पर प्रवेश दिया जाएगा। केंद्रीय और राज्य का सशस्त्र बल कानून व्यवस्था संभालने के लिए मुस्तैद रहेगा। अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अरुण कुमार तोमर ने बताया कि मतगणना स्थल पर बड़ी स्क्रीन लगाई जा रही है। इसके जरिए प्रत्येक चक्र की गणना के नतीजे पता चल सकेंगे। मुख्य मुकाबला भाजपा-कांग्रेस के बीच मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर हुए उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। इन उपचुनावों के नतीजों से यह तय होगा कि प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी। दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनी थी, लेकिन इसी साल मार्च में कांग्रेस के 22 विधायकों द्वारा इस्तीफा देने से कांग्रेस की सरकार बन गई और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार आ गई। मप्र की 230 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 201 विधायक हैं। इनमें से भाजपा के 107, कांग्रेस के 87, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं। कुल 29 सीट रिक्त हैं, जिनमें से 28 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। दमोह सीट से हाल ही में कांग्रेस विधायक राहुल सिंह के हाल ही में विधायक पद से त्यागपत्र देने के कारण रिक्त हुई है। संख्याबल के आधार पर प्रदेश में फिलहाल भाजपा की सरकार है, लेकिन रिक्त सीटों में 25 पर कांग्रेस के विधायक रहे हैं, जो अपनी विधायकी से इस्तीफा देकर भाजपा में आए हैं। उपचुनाव के बाद किसी भी दल को सत्ता में बने रहने के लिए 115 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। भाजपा को सत्ता में बने रहने के लिए आठ और कांग्रेस को 28 विधायकों की जरूरत है। कांग्रेस सभी 28 सीटें जीतकर सरकार बनाने का दावा कर रही है।
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9 November 2020भोपाल। गुना जिले के बमौरी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम उकावदखुर्द में तीन दिन पहले एक युवक को पांच हजार रुपये के लेन-देन में जिंदा जलाकर मौत के घाट उतार दिया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को ग्राम उकावदखुर्द में हुई घटना के प्रभावित परिवार से मिलने उनके निवास पहुँचे। मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय स्व. विजय सहरिया की पत्नी को सरकारी नौकरी देने, आगामी 6 माह तक 5 हजार रूपये प्रतिमाह गुजारा राशि देने, संबल योजना में 4 लाख रुपये और पक्का मकान दिये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं, ढांढस बंधाया और हरसंभव मदद का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वर्गीय विजय की पत्नी रामसुखी बाई से कहा कि सरकार उनके साथ है। उनके साथ हुए अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही होगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्वर्गीय विजय सहरिया के 5 वर्षीय पुत्र पियूष एवं 4 वर्षीय पुत्री नेन्सी को अपनी गोद में बैठाकर स्नेह दिया और कहा कि इनकी शिक्षा की व्यवस्था सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियम विरूद्ध और बिना लायसेंस के मनचाहे दर पर गरीबों को कर्जा देने, उनकी संपत्ति हड़पने और प्रताडि़त करने वाले साहूकारों के विरूद्ध सरकार ने कानून बनाया है। साहूकारों के विरूद्ध कानून में अर्थदण्ड के साथ 3 वर्ष तक की सजा का भी प्रावधान है। ऐसे साहूकारों के कर्ज में दबे अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति सीधे शिकायत करें। संबंधित के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन ने जो कानून बनाया है उसमें नियम विरूद्ध और बिना लायसेंस के कर्ज बांटने और मनचाही दर पर ब्याज वसूलने वालों के विरूद्ध कार्यवाही तो होगी ही साथ ही उनके द्वारा दिये गये कर्ज भी माफ होंगे। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ऐसे साहूकारों के विरूद्ध कार्रवाई करने और पारित आदेश का कड़ाई से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये। इस मौके पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया भी मौजूद रहे।
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9 November 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा है कि सूदखोरों पर कार्यवाही करने के लिये अनुसूचित-जनजाति ऋण विमुक्ति अधिनियम-2020 बनाया गया है। अधिनियम के अंतर्गत 15 अगस्त, 2020 तक के नियम विरुद्ध तरीके से दिये गये कर्जों को माफ करने की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रांतिकारी बिरसा मुण्डा का जन्म-दिन आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाया जायेगा। सीएम शिवराज ने सोमवार को श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के गाँव बरगवां में सहरिया जन-चौपाल में संवाद किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि सहरिया समुदाय के व्यक्तियों ने जो सूदखोरों के यहाँ गिरवी रखा है, उसे वापस करना होगा। वापस नहीं करने पर 3 साल की सजा होगी। उन्होंने कहा कि कलेक्टरों की जवाबदारी है कि सभी पात्र लोगों को इस कानून का लाभ दिलायें। उन्होंने कहा कि गलत काम करने वाले बख्शे नहीं जायेंगे।आदिवासी गौरव दिवससीएम शिवराज ने कहा कि क्रांतिकारी बिरसा मुण्डा का जन्म-दिन दीपावली पर आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि बिरसा मुण्डा ने अंग्रेजों को भारत से बाहर करने और अन्याय एवं अत्याचार के खिलाफ जबरदस्त लड़ाई लड़ी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान सम्मान-निधि योजना में मुख्यमंत्री कल्याण-निधि योजना जोड़ी गई है। इससे किसानों को 10 हजार रुपये मिलेंगे। उन्होंने कहा कि पौन एकड़ जमीन पर भी योजना का लाभ दिया जायेगा, छूटे हुए नाम जोड़े जायेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि श्योपुर जिले में 7 हजार खाद्यान्न पात्रता पर्ची जारी की गई हैं। इन पर्चियों में से जो वंचित रह गये हैं, उनके नाम सर्वे करा कर जोड़े जायेंगे। उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा की सूची में अमीर लोगों के नाम हों, तो उन्हें हटाएं। श्री चौहान ने कहा कि अगर राशन दुकान दूर हो, तो इनका युक्ति-युक्तकरण किया जाये।सरपंच रामवती के घर किया भोजनमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्राम बरगवां में सहरिया जन-चौपाल के बाद सरपंच रामवती आदिवासी के घर पत्तल पर भोजन किया। सरपंच रामवती ने मुख्यमंत्री की इस सहजता के प्रति उनका धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह पूरे समाज के लिये प्रसन्नता का विषय है कि मुख्यमंत्री ने उनके घर में भोजन किया। इस दौरान क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधि एवं ग्रामीण उपस्थित थे।छात्र-छात्राओं को स्व-सहायता समूहों के माध्यम से गणवेशसीएम शिवराज ने जन-चौपाल में सीधा संवाद करते हुए कहा कि स्कूली विद्यार्थियों को किताबें उपलब्ध करा दी गई हैं। आगामी सत्र से इन्हें स्व-सहायता समूहों के माध्यम से गणवेश बनवा कर दिये जायेंगे। मातृ वंदना योजना में 6096 रुपये की राशि दी जा रही है। योजना में 3556 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है। सहरिया परिवार की मुखिया को पोषण-आहार के रूप में एक हजार रुपये की राशि दी जा रही है। सर्वे करा कर सभी पात्र महिलाओं को इसका लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाये। मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल प्रोग्रेस-वे के माध्यम से श्योपुर जिले में विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।सीएम ने कहा कि भील जनजाति के लोगों के प्रमाण-पत्र बनाने की दिशा में कार्यवाही की जा रही है। संबल योजना के परिवारों के बच्चों की फीस सरकार भरेगी। सहरिया परिवारों के लिये 100 रुपये बिजली बिल देने की सुविधा दी गई है। उन्होंने विधायक श्री सीताराम आदिवासी की माँग पर डैम, तालाब और सडक़ निर्माण का आश्वासन दिया।सीधा संवादमुख्यमंत्री ने सहरिया जन-चौपाल पर ग्राम बरगवां की सरपंच रामवती आदिवासी, कराहल के सरपंच नंदू आदिवासी, गौरस जय दुर्गे समूह की सुनीता आदिवासी, राधास्वामी समूह मालीपुरा की विमला बाई, कराहल समूह की कलीयाबाई, गढ़ला समूह की निकुड़ी आदिवासी, डूडीखेड़ा की सुनीता भिलवाड़ और जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष गुड्डीबाई से सीधे बातचीत की। क्षेत्रीय विधायक सीताराम आदिवासी ने भी विचार व्यक्त किये।चाक घुमाकर बनाये मिट्टी के बर्तनमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्राम बरगवां में कल्याण प्रजापति के घर पहुँचकर पहले मिट्टी के बर्तन बनाने की विधि जानी फिर चाक घुमाकर मिट्टी की बोतल बनाई। उन्होंने मिट्टी से बनने वाले बर्तनों से होने वाली आमदनी की भी जानकारी ली।
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9 November 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव संपन्न हो गए हैं। अब सभी को 10 नवम्बर को आने वाले परिणाम का इंतजार है। इससे पहले मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ा बयान देते हुए भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि उप चुनावों में जनता द्वारा सच्चाई का साथ देने के कारण अपनी हार को सुनिश्चित देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने येन-केन प्रकारेण सरकार में बने रहने के लिए सौदेबाजी और बोलियां लगाने की राजनीति फिर शुरू कर दी है। कमलनाथ ने शुक्रवार को जारी अपने एक बयान में कहा कि उनके पास कांग्रेस के विधायकों और निर्दलीय विधायकों की तरफ से निरंतर यह सूचना प्राप्त हो रही है कि भाजपा के लोग उनसे संपर्क करके तरह-तरह के प्रलोभन दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा यह समझ ले कि इस प्रदेश की जनता ने सौदेबाजी और बोलियों से बनी सरकार को अस्वीकार कर दिया है। आगामी 10 नवम्बर को उपचुनाव के परिणाम इस बात को सिद्ध करेंगे कि प्रदेश की जनता ने सौदेबाजी की सरकार को नकार दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शुचिता की राजनीति की बात करने वाली भाजपा को चुनाव परिणाम के बाद नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना पड़ेगा, लेकिन जो आचरण आज की भाजपा और उनके नेताओं का है, उनसे नैतिकता की उम्मीद मध्यप्रदेश की जनता को नहीं है। आज की भाजपा तो नैतिकता से कोसों दूर जा चुकी है। गत मार्च 2020 से भाजपा ने अपने आचरण से यह स्वयं सिद्ध किया है। अब फिर से सरकार में बने रहने के लिए मतदान के बाद अनैतिक और प्रदेश को कलंकित करने की राजनीति भारतीय जनता पार्टी ने शुरू कर दी है। कमलनाथ ने कहा कि मतदान के पहले भाजपा ने पुलिस, प्रशासन, रुपया, शराब और विभिन्न प्रलोभन सामग्री का दुरुपयोग कर मतदान को प्रभावित करने का कुत्सित प्रयास किया और जब इससे भी सफल होते नहीं दिख रहे हैं तो फिर से सौदेबाजी की राजनीति पर उतर आए हैं। आगामी 10 नवम्बर को आने वाला जनादेश यह सिद्ध करेगा कि सौदेबाजी के माध्यम से बनने वाली सरकारे जनता खारिज करती है। यह जनमत उन अधिकारियों के लिए भी चेतावनी होगा जो संवैधानिक दायित्वों का अतिक्रमण कर राजनैतिक एजेण्डे के लिए काम करने हेतु किसी भी सीमा तक जाने के लिए उतावले रहे हैं। कमलनाथ ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर भाजपा ने सरकार में टिके रहने के लिए मध्यप्रदेश की पहचान और जनता के सम्मान को कलंकित करने की सौदेबाजी की तो जनता के साथ मिलकर लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस आक्रमक आंदोलन और प्रतिरोध करेगी। किसी भी स्थिति में सौदेबाजी की सरकार को मध्यप्रदेश में स्वीकार नहीं किया जायेगा। प्रदेश में जनता की सरकार को स्थापित करने के लिए सौदेबाजों और बोली लगाने वालों को मुहंतोड़ जवाब दिया जायेगा।
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6 November 2020अनूपपुर। उपचुनाव अनूपपुर के लिए तीन दिन पहले हुए मतदान के बाद भी इस सुलगते सवाल का जवाब नहीं मिल सका है। जवाब 10 नवम्बर को मतगणना के साथ ही मिलेगा। जिस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं। राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के साथ ही प्रत्याशी और उनके समर्थक तो नतीजों को लेकर बेचैन हैं, साथ ही राजनीति में रुचि रखने वालों के साथ ही सामान्यजन भी उत्सुक है। अटकलों का बाजार भी इसके चलते गर्म हो गया है। सबका अपना-अपना आंकलन है तो दावे भी। अनूपपुर के चुनावी समर में भाग्य आजमाने वाले 12 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो गया है और उसे स्ट्रांग रूम में कड़ी सुरक्षा इंतजाम के साथ रखा गया है। मतदान समाप्ति के साथ ही प्रत्याशी और उनके समर्थक जीत-हार का आंकलन कर रहे हैं। लोग यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि अनूपपुर में कौन जीतेगा और किसके पल्ले हार पड़ेगी, मतदान का बारिकी से आंकलन भी किया जा रहा है। गांव से लेकर शहर के चौराहों तक है। हर कोई अपना आंकलन और दावा बता रहा है। इसको लेकर वह तर्क भी प्रस्तुत कर रहा है तो शर्त भी लगाने को तैयार है। मतदान के तीन दिन बाद भी प्रत्याशियों द्वारा जानकारी लेने का क्रम जारी है। किस मतदान केन्द्र और क्षेत्र से उन्हें कितने मत मिलने चाहिए और कितने नहीं इसको लेकर जानकारी प्रत्याशियों द्वारा ली जा रही है। अलग-अलग ढंग से जीत-हार का आकलन किया जा रहा है। इस दौरान प्रत्याशियों की धडकनें बढऩे के साथ ही बैचेन है।
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6 November 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के 19 जिलों की 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए मंगलवार सुबह 07 बजे से शुरू हुए मतदान के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मतदाताओं से कोरोना संक्रमण को देखते हुए दी गईं सभी गाइडलाइंस का पालन करते हुए अधिक से अधिक संख्या में मतदान करने का आग्रह जनता जनार्दन से किया है। चौहान ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने ट्वीट में कहा, "मित्रों, निर्णय की घड़ी आ गई है। मैं 28 सीटों के सभी मतदाताओं से अपील करताहूँ कि सभी गाइडलाइंस का पालन करते हुए अधिक से अधिक संख्या में वोट दें"। इससे पहले उन्होंने दो ट्वीट और किए थे, जिसमें एक में लिखा कि ''ये लो, आज एक और आ गया, आनंद ही आनंद।'' और दूसरे में लिखा-मेरे प्रिय भाइयों-बहनों और भांजे-भांजियों, नमस्कार! प्रदेश की सरकार को मजबूत करने और प्रदेश तथा क्षेत्र के विकास के लिए कमल के फूल का बटन दबाकर अपने क्षेत्र के @BJP4MP के प्रत्याशी को विजयी बनायें। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद! उधर, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी जनता से भावुक अपील की है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि आज वो अवसर आ गया है, जब हमें अपने बहुमूल्य मत का उपयोग कर सच्चाई का साथ देना है। यह उपचुनाव कोई साधारण चुनाव नहीं है, यह चुनाव प्रदेश के भविष्य की दशा-दिशा तय करेंगे, देश भर में स्वच्छ, नैतिक व ईमानदार राजनीति का संदेश देंगे। आपका एक-एक मत लोकतंत्र व संविधान की रक्षा में सहभागी बनेगा, जनमत का सम्मान बढ़ायेगा, प्रदेश के नवनिर्माण में सहभागी होगा, अवसरवादी ताक़तों को सबक़ सिखायेगा। कमलनाथ ने मतदाताओं से निर्भीक होकर, बगैर किसी प्रलोभन में आये, प्रदेश की एक नई तस्वीर व पहचान बनाने के लिये मतदान अवश्य करने की बात कही है।
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3 November 2020ग्वालियर। उपचुनाव के लिए हो रहे मतदान के बीच ग्वालियर चंबल अंचल की कुछ सीटों पर हिंसा की खबरें हैं। सुमावली विधानसभा के पचौरी का पुरा पोलिंग बूथ पर सुबह फायरिंग हुई थी, वहीं अब टिकटोली का पुरा और जौरी गांव में भी फायरिंग होने की खबर है। इधर, पुलिस ने भिंड जिले में प्रत्याशियों और समर्थकों को नजरबंद कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सुमावली विधानसभा के टिकटोली का पुरा पोलिंग बूथ पर भी गोली चलने के समाचार हैं। यहां फायरिंग की घटना में एक बच्ची के गंभीर रूप से घायल होने की सूचना मिली है। वहीं, जौरी गांव के पोलिंग बूथ पर दोबारा गोली चलने के समाचार हैं। पुलिस बल के पहुंचने के पहले ही उत्पाती भाग निकले। भिंड में प्रत्याशी और समर्थक नजरबंदहंगामे की आशंका को देखते हुए पुलिस ने भिंड में भाजपा, कांग्रेस और बसपा प्रत्याशियों को नजरबंद कर दिया है। मेहगांव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी हेमंत कटारे के भाई योगेश कटारे को गोरमी थाने में बैठाकर रखा गया है। योगेश ने आरोप लगाया है कि पुलिस बाकी नेताओं से कुछ नहीं बोल रही है। वहीं डीएसपी मोतीलाल कुशवाह का कहना है कि मेहगांव विधानसभा क्षेत्र से बाहर का व्यक्ति होने के कारण थाने में बैठाया गया है। योगेश ने पांच पोलिंग की शिकायत की है। वहीं भाजपा प्रत्याशी रणवीर जाटव, कांग्रेस प्रत्याशी मेवाराम जाटव व बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी यशवंत पटवारी को पुलिस ने पीडब्ल्यूडी सर्किट हाउस में नजरबंद करके रखा है। इसके साथ ही पुलिस ने मेहगांव विधानसभा के गोरमी में भाजपा प्रत्याशी राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया के भतीजे डॉक्टर भारत सिंह उर्फ रिंकू को भी हिरासत में लिया है।
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3 November 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि उपचुनाव के परिणाम स्वरुप प्रदेश की जनता भाजपा को करारा जवाब देगी और ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों की हार का दोष भाजपा के ऊपर लगाएंगे। कमलनाथ ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि शिवराज जी आज मतदान के आधा दिन बीत जाने के बाद भी मुझे कोस रहे हैं, मेरी आलोचना कर रहे हैं। वह आज भी झूठ बोलने से बाज नहीं आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकाल के हिसाब पर बात नहीं कर रहे हैं लेकिन झूठ परोसना, गुमराह करना उनकी आदत बन चुका है। इस दौरान कमलनाथ ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि मैं आज से ही यह बात कह रहा हूं कि 10 तारीख को ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा पर आरोप लगाएंगे कि भाजपा ने उनके लोगों को हरा दिया और भाजपा ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आरोप लगाएगी कि उनके कारण भाजपा की बुरी हार हुई। कमलनाथ ने कहा कि यह चुनाव जनता का चुनाव है, जनता ख़ुद प्रदेश के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिये यह चुनाव लड़ रही है। मुझे मतदाताओं पर पूरा विश्वास है, आज का मतदाता बेहद जागरूक, किसी भी प्रकार के झूठ, झूठी घोषणाओं व गुमराह करने की राजनीति में आने वाला नहीं है, वह राजनीतिक नहीं है लेकिन राजनीति को बेहतर समझता है। उन्होंने कहा कि भाजपा इन उपचुनावों में बुरी तरह से पीट रही है इसलिए हिंसा, गुंडागर्दी, शराब, प्रशासन, पुलिस, पैसे का पिछले 3 दिन से जमकर उपयोग हो रहा है। मुझे इसकी निरंतर शिकायतें मिल रही हैं लेकिन मतदाता 10 तारीख को परिणाम के रूप में भाजपा को करारा जवाब देगा।
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3 November 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में 19 जिलों के 28 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उप निर्वाचन के लिए रविवार शाम को छह बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो गया है। इन क्षेत्रों में आगामी 03 नवम्बर को प्रात: 7 बजे से सायं 6 बजे तक मतदान सम्पन्न होगा। इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। वहीं, मतगणना 10 नवम्बर को होगी और इसी दिन नतीजे घोषित किये जाएंगे। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अरुण कुमार तोमर ने रविवार देर शाम इसकी जानकारी देते हुए बताया कि 3 नवंबर को पूरी सुरक्षा व्यवस्था एवं कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए मतदान सम्पन्न कराया जायेगा। मतदान केन्द्रों पर केन्द्रीय पुलिस बल की 84 कंपनियां तैनात की गई हैं। दो हजार 500 एसएएफ के जवान, 10 हजार जिला पुलिस बल, 7 हजार होमगार्ड एवं 10 हजार विशेष पुलिस अधिकारी तैनात किए गए हैं। उन्होंने बताया कि उपचुनावों के लिए प्रचार अभियान की निर्धारित समयावधि मतदान समाप्ति के 48 घंटे पूर्व यानी रविवार शाम छह बजे से समाप्त हो गया है। चुनावी शोरगुल थमने के बाद प्रत्याशी घर घर जाकर जनसंपर्क कर सकते हैं। इन सभी 28 विधानसभा क्षेत्रों में 12 मंत्रियों समेत 355 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है। तोमर ने बताया कि दिव्यांग मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट जारी किए गए हैं। उनके लिए मतदान केन्द्रों पर सहायक एवं व्हील चेयर की भी व्यवस्था की गई है। उप निर्वाचन में कुल 3 हजार 38 क्रिटिकल मतदान केन्द्र एवं 358 वल्नरेबल हेमलेट्स चिन्हित किए गए हैं। मतदान केन्द्रों पर नजर रखने, शांतिपूर्ण, निष्पक्ष, पारदर्शी एवं सुरक्षित मतदान के लिए 250 उडऩदस्ते, 173 एसएसटी एवं 293 पुलिस के नाकों की व्यवस्था की गई हैं। पुलिस द्वारा अब तक एक हजार 493 अवैध हथियार जप्त किए गए हैं। एक लाख 52 हजार से अधिक लाइसेंसी हथियार जमा कराये गये हैं। आठ हजार 730 गैर जमानती वारंट तामील कराये गये हैं। साथ ही 21 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सामग्रियों एवं नकदी की जप्ती की गई हैं। आने-जाने वाले वाहनों की विशेष निगरानी रखी जा रही हैं।
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1 November 2020भोपाल,। मध्यप्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए आगामी तीन नवम्बर को मतदान होना है। इसके लिए रविवार को शाम छह बजे चुनाव प्रचार थम जाएगा, लेकिन चुनाव प्रचार के अंतिम दिन दोनों ही दलों के नेता जोर-शोर से प्रचार-प्रसार में जुटे हुएं हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं कमलनाथ ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और उपचुनाव क्षेत्रों में पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में ताबड़तोड़ जनसभाएं और रोड शो कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर जिले के डबरा में शनिवार की रात रोड शो किया और उसके बाद रात्रि विश्राम भी वहीं किया। इसके बाद वे रविवार सुबह देवास जिले के हाटपिपल्या विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे और लोगों को संबोधित करने के साथ भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में लोगों से मुलाकात की। इसके बाद वे मंदसौर जिले के सुवासरा विधानसभा क्षेत्र में पहुंचे ओर शामगढ़ में मां महिषासुर मर्दिनी देवी मंदिर के दर्शनों के बाद क्षेत्र में रोड शो किया। इसके अलावा वे धार जिले के बदनावर पहुंचेंगे, जहां चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। इधर, पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी चुनाव प्रचार के अंतिम दिन चम्बल संभाग में प्रचार में जुटे हैं। उन्होंने रविवार को मुरैना विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी राकेश मावई के पक्ष में रोड शो किया। रोड शो के दौरान कमलनाथ का काफिला शहर के विभिन्न मार्गों से निकलता हुआ जीवाजी गंज स्थित अग्रसेन पार्क पहुंचा और वहां अग्रसेन की प्रतिमा पर उन्होंने माल्यार्पण किया। उनके साथ रोड शो में कांग्रेस के स्टार प्रचारक आचार्य प्रमोद कृष्णन, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत और कांग्रेस प्रत्याशी राकेश मावई तथा बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे। इसके अलावा वे भिण्ड जिले में भी जनसभा को संबोधित करेंगे।
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1 November 2020भोपाल। विधानसभा उपचुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल जीत के लिए एड़ी- चोटी का जोर लगा रहे हैं। इस दौरान नेता घोषणा, बयानबाजी के अलावा आरोप प्रत्यारोप भी खूब लगा रहे हैं। हड़बड़ाहट में कई बार नेता गलतियां भी कर रहे हैं। ऐसे में रविवार को पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक ट्वीट किया, जिसका मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खंडन करते हुए उन्हें करारा जवाब दिया है। दरअसल, कमलनाथ ने रविवार सुबह एक ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने शिवराज सरकार पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र 62 वर्ष से घटाकर पुन: 60 वर्ष करने का फ़ैसले का विरोध किया था। कमलनाथ के इस ट्वीट पर जवाब देते हुए सीएम शिवराज ने एक के बाद एक कई ट्वीट कर खंडन किया और कहा- ‘कमलनाथ जी, रोज सुबह आप आईने में अपने आप को कैसे देख पाते होंगे? अपनी घटिया राजनीति एवं कांग्रेस की हार को सामने देख बौखलाये हुए, आप इस तरह की झूठी अफ़वाहें फैला रहे हैं? ये घिनौना कार्य सिर्फ़ आप और आपकी पार्टी ही कर सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार ने ऐसा कोई भी आदेश पारित नहीं किया है। यह पूर्णत: असत्य है कि हमने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु घटाई है। वो आज भी 62 वर्ष ही है। अब वक्त आ गया है कि जनता आप जैसी झूठ की राजनीति करने वालों को पहचाने और हमेशा के लिए आप से और कांग्रेस से मुक्ति पा ले। आप तो बस अब छिन्दवाड़ा या फिर दिल्ली वापसी की तैयारी कर लीजिये। वहाँ आप की कोठियों के बड़े-बड़े आईने आपकी राह तक रहे हैं। आगे अपने ट्वीट में सीएम शिवराज ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री होते हुए भी ट्वीट करने से पहले आपने ये जानना भी उचित नहीं समझा कि जो अधिसूचना सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी की गई है, वह मंत्रीगण की निजी स्थापना में मंत्रीगण द्वारा अपने कार्यकाल तक के लिए रखे जाने वाले अस्थाई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से संबंधित है। उन्होंने बताया कि दरअसल सरकार ने उनकी भी कार्य करने की आयु सीमा 40 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष की है। इस अधिसूचना का चतुर्थ श्रेणी के स्थायी कर्मचारियों से कोई संबंध नहीं है। उनकी सेवानिवृत्ति की आयु यथावत 62 वर्ष ही है। मेरी सरकार हमेशा से ही कर्मचारी हितैषी सरकार रही है, आज भी है और आगे भी रहेगी। आप की तरह तबादला उद्योग चला कर्मचारियों को परेशान करने वाली सरकार नहीं है। हम सब एक टीम की तरह कंधे से कंधा मिलाकर काम करते है एवं मध्यप्रदेश के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
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1 November 2020भोपाल। चुनाव आयोग द्वारा कमलनाथ से स्टार प्रचारक का दर्जा छीन लेने के बाद प्रदेश की राजनीति में गरमा गई है। कांग्रेस चुनाव आयोग की कार्रवाई अलोकतांत्रिक बता रही है और सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रही है। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि अब जनता फैसला करेगी। यह मेरी आवाज को रोकने का, दबाने का प्रयास है। कांग्रेस की आवाज को कुचलने का प्रयास है। सत्य को परेशान किया जा सकता है, पराजित नहीं। जनता सच्चाई का साथ देगी। कमलनाथ के इस बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार किया है। सीएम शिवराज ने शनिवार को मीडिया को बयान देते हुए कमलनाथ पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह कमलनाथ की हताशा और निराशा का प्रतीक है, लेकिन उनका अहंकार नहीं जाता। कमलनाथ जी की नजरों में बाकी सब गलत है, उनकी नजरों में उनके नेता राहुल गांधी भी गलत है, उन्हें कोई समझा देता है। उनकी नजरों में चुनाव आयोग गलत है, उनकी नजरों में कर्मचारी अधिकारी गलत है, सही कौन है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ धमकाने वाली भाषा में बात करते है, अधिकारियों को देख लूंगा, कर्मचारियों से निपट लूंगा, क्या निपटोगे। सीएम शिवराज ने कहा कि सबसे बड़ी जनता होती है और अधिकारी- कर्मचारियों का भी आत्मसम्मान होता है। उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि यह धमकाना चमकाना बंद करों, मप्र प्रेम की भाषा जानता है। अब चुनाव आयोग ने भी किया तो बदले की भावना से किया, संवैधानिक संस्था पर आरोप लगाते हुए आपकों लज्जा नहीं आती है। कमलनाथ द्वारा भाजपा पर हार से हताश होकर इस तरह की कार्रवाई के आरोपों पर सीएम शिवराज ने कहा कि भाजपा शानदार सफलता हासिल कर रही है। कमलनाथ जी का दर्द है कि सत्ता चली गई और सत्ता भी कोई जनकल्याण और विकास के लिए नहीं थी, मप्र को लूटने सत्ता अपने पास रखी थी। मप्र को दलालों की मंडी बना दिया था और इसलिए उन्हें यह दुर्दिन देखने पड़े, कम से कम अब तो समझे।
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31 October 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार चरम पर है और नेता एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा हैं। ऐसे में वे अपनी मर्यादा भूलकर विवादित बयान भी दे रहे हैं। वहीं, चुनाव आयोग भी अमर्यादित बयान देने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है। निर्वाचन आयोग ने कमलनाथ पर विवादित बयान को लेकर बड़ी कार्रवाई करने के बाद अब शिवराज सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव पर भी कार्रवाई की है। आयोग ने उनके चुनाव प्रचार पर 24 घंटे का प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल, गत 11 अक्टूबर को डॉ. मोहन यादव ने कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा था कि अच्छे के साथ अच्छा कदम मिलाकर चलना जानते हैं। यदि कोई बुरा करने जाएगा तो घर से निकालकर लाएंगे। हम जमीन में गाडऩे वाले लोग हैं। निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस की शिकायत पर डॉ. यादव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। चुनाव आयोग डॉ. यादव के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और शुक्रवार देर रात आदेश जारी कर उनके चुनाव प्रचार पर 24 घंटे के लिए प्रतिबंधित कर दिया। इसके साथ ही आयोग ने कहा कि उम्मीद की जाती है कि एक जिम्मेदार राजनेता के नाते पालन करेंगे। यानी मंत्री डॉ. शनिवार को न तो किसी सभा, जुलूस, रोड शो में हिस्सा ले पाएंगे और न ही किसी टीवी शो, साक्षात्कार या फिर मीडिया से बातचीत कर सकेंगे। गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने शनिवार को ही एक आदेश जारी कर कमलनाथ के स्टार प्रचारक दर्जा समाप्त किया था। उन पर यह कार्रवाई भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी को आइटम कहकर संबोधित करने के मामले में की गई थी। इसके अलावा आयोग ने भाजपा प्रत्याशी गिर्राज दंडोतिया और उषा ठाकुर को भी आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस जारी कर 48 घंटे में जवाब मांगा है। दंडोतिया ने गत 22 अक्टूबर को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को लेकर कहा था कि जो अपशब्द उन्होंने डबरा में कहे यदि वे चंबल में कहे होते तो जिंदा नहीं जा पाते। इसी तरह मंत्री उषा ठाकुर ने 27 अक्टूबर को पत्रकारवार्ता में मदरसे को लेकर टिप्पणी की। इन दोनों के बयानों को भी आयोग ने आचार संहिता का उल्लंघन माना है।
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31 October 2020गुना। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में जनता ने भाजपा को जोर का झटका धीरे से दिया था, लेकिन पंद्रह माह में भाजपा ने समझ लिया कि गलती कहां पर हुई थी और आप ने भी देख लिया कि कांग्रेस का जिता कर भूल की थी। अब आपको वह भूल नहीं करनी है,इस बार भाजपा उम्मीदवार को महेंद्र सिंह सिसोदिया को जिताना है। उमा भारती गुरुवार को बमौरी विधानसभा की रामपुर कालोनी में भाजपा उम्मीदवार महेंद्र सिंह सिसोदिया को पक्ष में आम सभा को संबोधित कर रहीं थी।उन्होंने सभा के दौरान सिसोदिया को मंच से विजय माला पहनाकर आर्शीवाद दिया। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि आपके आश्वासन पर मैने संजू भैया को विजय माला पहनाई है,आप मेेरे वचन की लाज रखना है।सभा को युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष अभिलाष पांडे ने भी सांबोधित किया। इस मौके पर उमा भारती ने कहा कि पिछले चुनाव में कांग्रेस को सरकार बनने की उम्मीद ही नहीं थी,इसलिए लगातार वह घोषणाएं करती रही लेकिन वह जनता के वादे पूरे नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से कांग्रेस में केवल भ्रष्टाचार ही चल रहा था इसके अलावा कोई काम नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि 2003 में मेरी सरकार आने के बाद ही प्रदेश विकास की दिशा में बढ़ा है। ज्योतिरादित्य मेेरा प्रिय भतीजा इस दौराना उमा भारती ने ज्योतिरादित्या सिंधिया की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि वह मेरा सबसे प्रिय भतीजा है,राजमाता की इच्छा थी कि माधवराव सिंधिया भाजपा में आए लेकिन वह नहीं आए। जो काम पिता ने नहीं किया वह बेटा ने कर दिया इसलिए मेरे लिए दिल से खुशी हुई है। उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साहस से प्रदेश की सरकार गिरी है और महेंद्र सिंह सिसोदिया उनके खास समर्थक हैं उनके कहने पर इन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया इसलिए आप भाजपा को जिताए। रामराज्य लाना है इसलिए सरकार जरुरी है उमा भारती ने कहा कि हमारा राम मंदिर का सपना पूरा हो गया है अब राममंदिर निर्माण का काम शुरु हो गया है लेकिन गरीब अमीर सम्मान के साथ साथ बैठें, इसके लिए जरुरी है कि रामराज्य को स्थापित करना है। मोदीजी के नेतृत्व में यह काम भी होगा। उन्होंने कहा कि मैं फायर ब्रांड नेत्री हूं लेकिन अभी गंगा परिक्रमा कर रहीं हूं इसलिए वाटर ब्रांड हो गईं हूं, आगामी दो साल बाद फिर से फायर ब्रांड बन जाऊंगी। इस मौके पर महेंद्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश में कमलनाथ सरकार से परेशान होकर हमने सरकार गिराई थी,इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में पांच माह में कई विकास कार्य हुए हैं अभी साड़े तीनसाल बांकी है एक बार फिर मुझे जिताकर शिवराज सरकार को मजबूत करें इसक बाद बमौरी विधानसभा क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी मेरी है। इस मौके पर भाजयुमो नेता अभिलाष पांडे ने कहा कि पंद्रह माह पहले आपने कांग्रेस की सरकार बनाई थी वह गरीबों की नही सेठियों की सरकार थी,उनके मुख्यमंत्री पर विधायक और मंत्रियों से मिलने समय नहीं था। विकास के बारे में कोई चर्चा नहीं होती थी इसलिए वह सरकार उनके ही पार्टी नेताओं ने गिरा दी है। अब प्रदेश में शिवराज सरकार बनी है जो विकास की प्रतीक है। कमननाथ सरकार ने जो योजनाएं बंद कर दीं थी वह शिवराज सरकार ने फि र से शुरु कर दी हैं। इस मौके पर बमौरी विधानसभा चुनाव के संचालक अवधेश नायक,जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह सिकरवार,पूर्व जिलाध्यक्ष राधेश्याम पारीक,पूर्व विधायक ममता मीना,पूर्व जिलाध्यक्ष हरिसिंह यादव, ओएन शर्मा, रमेश मालवीय,हेमराज किरार,महेंद्र सिंह किरार,सुशील दहीफले,गौरव अग्रवाल धमेंद्र सिकरवार आदि मौजूद थे।
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29 October 2020भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को रायसेन जिले की सांची विधानसभा के गैरतगंज में व सागर जिले की सुरखी विधानसभा के बिलहरा में आयोजित विशाल जनसभाओं को संबोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ भाजपा पर जमकर गरजे। उन्होंने सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस क्षेत्र से प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह खुद 17 वर्ष तक सांसद रहे, उस क्षेत्र की पिछड़ी हालत देखकर मुझे आज बेहद दुख हो रहा है। शिवराज जी में भी 40 वर्ष छिंदवाड़ा से सांसद रहा हूँ, जरा एक बार क्षेत्र में विकास की तस्वीर देख कर आइये। कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि जो व्यक्ति अपने क्षेत्र में विकास नहीं कर पाया वो प्रदेश की तस्वीर क्या बदलेगा? भाजपा सरकार किसानों को बर्बाद करने के लिए तीन काले कानून ले आयी लेकिन हमने स्पष्ट कर दिया है कि हमारी सरकार आने पर हम इन्हें मध्य प्रदेश में लागू नहीं करेंगे और समर्थन मूल्य से कम खरीदी को अपराध बनाने वाला कानून लाएँगे। भाजपा की सरकार में आज युवाओं का भविष्य अंधेरे में है, वह ठेका कमीशन नहीं चाहता। वह तो अपने हाथों को काम चाहता है, व्यवसाय का मौका चाहता है। प्रदेश में कोई निवेश नहीं आता था क्योंकि प्रदेश की पहचान माफिया-मिलावटखोरों व भ्रष्टाचार से थी। कमलनाथ ने सब्जियों के बढ़ रहे दामों पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारी सरकार में धान का क्या भाव था और आज क्या भाव है, किसान ख़ुद अंतर देख ले ? आलू - प्याज़ का आज क्या भाव है , इसका फ़ायदा किसे मिल रहा है ? शिवराज सरकार में जितने उद्योग लगाते नहीं थे, उससे ज्यादा बंद हो जाते थे। आज मालनपुर की क्या हालत है, वहाँ की पहचान शराब उद्योगों से हो रही है।
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29 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव का प्रचार प्रसार जोर शोर से चल रहा है। दिन रात नेता प्रचार प्रसार में लगे हुए है। इस दौरान नेताओं के कई रंग देखने को मिल रहे हैं। कही राजनेता आरोप प्रत्यारोप तो कही अभद्र भाषा और विवादित टिप्पणी करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। ऐसे ही गुरुवार को दो विपक्षी दल के चेहरों का जो दिलचस्प नजारा देखने को मिला, उसके बाद दोनों की मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा तेज हो गई। दरअसल, पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय का गुरुवार को राजगढ़ जिले के ब्यावरा में आमना सामना हो गया। दोनों ही अपनी पार्टी के प्रत्याशीयों का प्रचार करने यहां आए थे। इस दौरान अचानक दोनों का आमना सामना हो गया। दिग्विजय सिंह को देखकर मुख्यमंत्री के पुत्र कार्तिकेय उनके पास पहुंचे और आशीर्वाद लिया। इस दौरान कार्तिकेय ने दिग्विजय सिंह से उनके पुत्र जयवर्धन सिंह के स्वास्थ्य की जानकारी ली। बता दें कि जयवर्धन सिंह कुछ दिनों पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, जिसके बाद से उनका ईलाज चल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय और दिग्विजय की मुलाकात की तस्वीरें राजनीतिक गलियारों में खूब सुर्खियां बटोर रही है। बता दे कि दिग्विजय सिंह और सीएम शिवराज सिंह चौहान मप्र की राजनीति में एक दूसरे के घोर विरोधी माने जाते हैं। राजनीतिक जीवन में दिग्विजय सिंह कई मौकों पर सीएम शिवराज और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं। हालांकि राजनीति से अलग व्यक्तिगत जीवन में जब भी इन दिग्गज नेताओं की मुलाकात हुई दोनों अपनी दुश्मनी को भूलाकर मिले हैं।
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29 October 2020भोपाल/अनूपपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम फुनगा में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी आप सेठ हैं, लेकिन इससे आपको मध्यप्रदेश के किसी बेटे को गाली देने और अपमान करने का हक नहीं मिल जाता है। मध्यप्रदेश की जनता आपकी गालियों और अहंकार को बर्दाश्त नहीं करेगी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में आगामी तीन साल के अंदर ऐसा कोई गरीब नागरिक नहीं होगा, जो पक्के मकान में न रहता हो। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के राज में प्रदेश में न सडक़, न पानी और न बिजली थी। कांग्रेस के राज में अगर किसी उद्योग को फायदा हुआ है तो वह है ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग। इसलिए मैं कहता हूं कि प्रदेश का विकास केवल भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में ही संभव है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी का अपमान करना हमारे संस्कार नहीं हैं, हम तो सबका सम्मान करते हैं। सबका सम्मान ही हमारी संस्कृति है। भारतीय जनता पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता भारतीय संस्कृति को अच्छी तरह समझता है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी, आप उद्योगपति और सेठ हैं, लेकिन इससे आपको मध्यप्रदेश के किसी बेटे को गाली देने और अपमान करने का हक नहीं मिल जाता है। मध्यप्रदेश की जनता आपके अहंकार और गालियों को बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले तीन साल के अंदर मध्यप्रदेश में ऐसा कोई गरीब नागरिक नहीं होगा, जो पक्के मकान में न रहता हो। हर घर में पीने का पानी भी हम पहुंचाएंगे। शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किसानों को सम्मान निधि के माध्यम से प्रतिवर्ष 6 हजार रुपये देने की योजना बनाई, लेकिन कमलनाथ जी ने प्रदेश के किसानों की सूची नहीं भेजी। मैंने लाखों किसानों के नाम सम्मान निधि में जुड़वाये और प्रदेश सरकार की ओर से 4 हजार रुपये जोडक़र देने का फैसला किया। मैं विकास और जनकल्याण के काम को रुकने नहीं दूंगा। आपको वचन देता हूं कि आपका विश्वास टूटने नहीं दूंगा। भारतीय जनता पार्टी को दिया हुआ आपका वोट न सिर्फ हमारी सरकार को स्थायित्व देगा, बल्कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री के हाथ भी मजबूत करेगा।
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28 October 2020भोपाल/अनूपपुर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम फुनगा में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी आप सेठ हैं, लेकिन इससे आपको मध्यप्रदेश के किसी बेटे को गाली देने और अपमान करने का हक नहीं मिल जाता है। मध्यप्रदेश की जनता आपकी गालियों और अहंकार को बर्दाश्त नहीं करेगी। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में आगामी तीन साल के अंदर ऐसा कोई गरीब नागरिक नहीं होगा, जो पक्के मकान में न रहता हो। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस के राज में प्रदेश में न सडक़, न पानी और न बिजली थी। कांग्रेस के राज में अगर किसी उद्योग को फायदा हुआ है तो वह है ट्रांसफर-पोस्टिंग उद्योग। इसलिए मैं कहता हूं कि प्रदेश का विकास केवल भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में ही संभव है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी का अपमान करना हमारे संस्कार नहीं हैं, हम तो सबका सम्मान करते हैं। सबका सम्मान ही हमारी संस्कृति है। भारतीय जनता पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता भारतीय संस्कृति को अच्छी तरह समझता है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी, आप उद्योगपति और सेठ हैं, लेकिन इससे आपको मध्यप्रदेश के किसी बेटे को गाली देने और अपमान करने का हक नहीं मिल जाता है। मध्यप्रदेश की जनता आपके अहंकार और गालियों को बर्दाश्त नहीं करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले तीन साल के अंदर मध्यप्रदेश में ऐसा कोई गरीब नागरिक नहीं होगा, जो पक्के मकान में न रहता हो। हर घर में पीने का पानी भी हम पहुंचाएंगे। शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने किसानों को सम्मान निधि के माध्यम से प्रतिवर्ष 6 हजार रुपये देने की योजना बनाई, लेकिन कमलनाथ जी ने प्रदेश के किसानों की सूची नहीं भेजी। मैंने लाखों किसानों के नाम सम्मान निधि में जुड़वाये और प्रदेश सरकार की ओर से 4 हजार रुपये जोडक़र देने का फैसला किया। मैं विकास और जनकल्याण के काम को रुकने नहीं दूंगा। आपको वचन देता हूं कि आपका विश्वास टूटने नहीं दूंगा। भारतीय जनता पार्टी को दिया हुआ आपका वोट न सिर्फ हमारी सरकार को स्थायित्व देगा, बल्कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री के हाथ भी मजबूत करेगा।
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28 October 2020अनूपपुर। भारतीय जनता पार्टी की सरकार जो कहती है, वह जरूर करती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू- कश्मीर से 370 को हटाकर तथा सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद अयोध्या मे श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर का निर्माण प्रारंभ करके इसे शब्दश: साबित किया है। अनूपपुर उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी बिसाहूलाल सिंह के चुनाव प्रचार के लिये पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार की सुबह कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए यह बातें कही। उन्होंने व्यापारियों की समस्याओं को दूर करने की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए इसे व्यापार बोर्ड के माध्यम से दूर करने की बात कही। उन्होंने बिसाहूलाल सिंह को जाने वाला वोट अन्तत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ मजबूत करेगा। कमलनाथ हमेशा पैसों की कमी का रोना रोते रहे। यदि पैसों का रोना रोते रहे तो काहे के मुख्यमंत्री। चौहान ने कांग्रेस पर करारा वार करते हुए कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनाने में बिसाहूलाल सिंह का महत्वपूर्ण योगदान है। सरकार की उपलब्धियाँ गिनाते हुए उन्होंने कहा कि मेडिकल- इंजीनियरिंग जैसी उच्च शिक्षा की फीस सरकार भरेगी। वल्लभ भवन को कमलनाथ ने दलालों का अड्डा बना दिया। उन्होने व्यापारी बोर्ड का गठन करके व्यापारियों की समस्या दूर करने की बात कही। मुख्यमंत्री होने के बावजूद चैन से नहीं बैठा हूँ। चौथी बार मुख्यमंत्री बना हूँ,यह प्रयास है कि प्रदेश की जनता के लिये सर्वश्रेष्ठ कार्य कर सकूं। इस दौरान बिसाहूलाल सिंह, मीना सिंह, राजेन्द्र शुक्ला, सांसद गणेश सिंह, हिमाद्री सिंह, मनीषा सिंह, रामलाल रौतेल, रुपमति सिंह, ब्रजेश गौतम, राजेश पाण्डेय, बुद्धसेन पटेल, नरेन्द्र मरावी, सुदामा सिंह, दिलीप जायसवाल, अनिल गुप्ता, विक्रम सिंह, रामदास पुरी, आधाराम वैश्य,उप चुनाव मीडिया प्रभारी मनोज द्विवेदी,जितेन्द्र सोनी, राम अवध सिंह, मिथिलेश पयासी, आशुतोष अग्रवाल सहित कार्यकर्ताओं उपस्थित रहे।
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28 October 2020शिवपुरी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कृषि संशोधन बिल में जो संशोधन किया गया हैस वह किसानों के ऊपर घातक प्रहार है। मंडी बंद, हाट बंद, मजदूरी बंद, समर्थन मूल्य बंद हो जाएगा तो यह किसानों के लिए यह घातक रहेगा। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने यह बात मंगलवार को शिवपुरी जिले की नरवर और सतनवाड़ा में अलग-अलग आमसभाओं में कही। उन्होंने जिले के पोहरी और करैरा विधानसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव के लिए यहां पर कांग्रेस प्रत्याशियों के पक्ष में वोट मांगे। इस दौरान सतनवाड़ा में एक आमसभा में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा कि मप्र में शिवराज सरकार पिछले दरवाजे से सरकार में आ गई है लेकिन लोकतंत्र में आखिर में जनता के पास ही वोट मांगने के लिए नेता को आना पड़ता है। लोकतंत्र में जनता जनार्धन होती है। इसलिए इस विधानसभा उपचुनाव में जनता सोच समझकर निर्णय करे और देश को विभाजित करने वाली ताकतों को परस्त करें। उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में वोट देने की अपील करते हुए कहा कि यही पार्टी है जो देश की आजादी के पहले से जनहित व देशहित में काम कर रही है। भाजपा को निशाने पर लेते हुए सचिन पायलट ने कहा कि दो साल पहले 2 अप्रैल को जो घटना घटित हुई थी वह एक सोच का प्रतीक था कि संविधान व सांसद के बाहर जो ऐसी ताकतें हैं वह गरीब से उससे उसके अधिकार छीनने की ताकत रखते हैं। यह ताकत नागपुर से आती है जो लोगों से सरकार को कठपुतली बनाकर रखना चाहती है। ऐसी सोच वाली सरकारों को उखाड़ना है। इस मौके पर आमसभा में कांग्रेस के जिला पदाधिकारी व अन्य लोग यहां पर मौजूद रहे।
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27 October 2020भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मनुआभान की टेकरी पर चित्तौड़ की महारानी पद्मावती का भव्य स्मारक बनाया जाएगा और उनके शैर्य की गाथाएं अगले शिक्षा सत्र से प्रदेश की पाठ्यपुस्तकों में शामिल होंगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी घोषणा की। साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि राज्य सरकार की ओर से प्रतिवर्ष 'महाराणा शौर्य पुरुस्कार' और 'पद्मिनी पुरुस्कार' दिये जाएंगे। पुरस्कार स्वरूप दो लाख रुपये की नगद राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा है कि - ‘भोपाल के मनुआभान की टेकरी पर महारानी पद्मावती के स्मारक के लिए मैंने भूमि आरक्षित की है, वहां भव्य स्मारक बनाया जायेगा। समाज के पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधि मंडल बने, जो स्मारक के स्वरूप की रूपरेखा बनाएं, ताकि हम सबकी अपेक्षा के अनुरूप उनका स्मारक बन सके।’ मुख्यमंत्री ने अपने अगले ट्वीट में लिखा है कि - ‘महारानी पद्मावती के जीवन की शौर्य गाथा को अगले सत्र की पाठ्य पुस्तक में सम्मिलित किया जायेगा। इसके अलावा 'महाराणा शौर्य पुरुस्कार' और 'पद्मिनी पुरुस्कार' प्रतिवर्ष मध्यप्रदेश सरकार की ओर से प्रदान किया जायेगा। पुरस्कार स्वरूप दो लाख रुपये नगद राशि प्रदान की जायेगी।’ उल्लेखनीय है कि महारानी पद्मावती चित्तौड़ की रानी थीं। उन्हें पद्मिनी के नाम से भी जाना जाता था। पद्मावती सिंहल द्वीप के राजा गंधर्वसेन की पुत्री थी और चित्तौड़ के राजा रतन सिंह योगी से उनका विवाह हुआ था। पद्मावती 13 वीं -14 वीं सदी की महान भारतीय रानी थी। उनके साहस और बलिदान की गौरवगाथाएं इतिहास में अमर हैं। कहा जाता है कि खिलजी वंश का शासक अलाउद्दीन खिलजी पद्मावती को पाना चाहता था। माना जाता है कि चित्तौड़ में खिलजी के हमले के वक्त अपने सम्मान को बचाने के लिए उन्होंने 1303 में जौहर किया था।
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27 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में इन दिनों विधानसभा उपचुनाव को लेकर घमासान मचा हुआ है। राजनेताओं के बीच बयानबाजी और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप खूब जोरों से जारी है। इस बीच कांग्रेस लगातार प्रशासन और पुलिस पर भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगा रही है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने तो अधिकारियों को देख लेने की धमकी तक दे डाली। कमलनाथ के इस बयान पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुप्पी तोड़ते हुए पलटवार किया है और चुनाव आयोग से कमलनाथ के बयान पर कार्यवाई की मांग की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि अपनी संभावित पराजय से बौखला कर कांगेस के नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह आजकल अधिकारियों- कर्मचारियों को धमका रहे हैं। रोज धमकी दी जा रही है, हम देख लेंगे, हम निपटा देंगे, हम निपट लेंगे। आखिर उनका भी आत्म सम्मान होता है। उनके मनोबल को तोडऩे की कोशिश की जा रही है, उनका अपमान किया जा रहा है। उन्होंने आयोग से आग्रह करते हुए कहा कि धमकाना भी चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है, इसलिए मैं चुनाव आयोग से निवेदन करता हूं कि स्वत: संज्ञान ले और धमकाने वालों के खिलाफ कार्यवाई करें। गौरतलब है कि सोमवार को चुनाव आयोग को शिकायती पत्र भेजने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ ने अपने बयान में कहा था कि इस चुनाव में हमारा मुकाबला भाजपा से ही नहीं बल्कि प्रशासनिक तंत्र से भी है। पुलिस- प्रशासन और अफसर वर्ग उनकी मदद कर रहे हैं। मैंने चुनाव आयोग को इस संबंध में पत्र लिखा है कि यह निष्पक्ष चुनाव होना चाहिए। छोटे-छोटे शासकीय कर्मचारियों पर भाजपा के पक्ष में काम करने के लिए दबाव डाला जा रहा है। कमलनाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों के लिए चेतावनी भरे लहजे में कहा कि भाजपा के पक्ष में काम करने वाले अधिकारी यह जान ले कि 10 तारीख के बाद 11 भी आएगी।
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27 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले राजनेताओं द्वारा नियमों की खूब धज्जियां उड़ाई जा रही है। आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिस पर चुनाव आयोग सख्ती से नजर भी रख रहा है। ऐसे ही एक मामले में अब पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी की उपचुनाव से पहले मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन के लिए चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग के रिटर्निंग अधिकारी ने पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को बिना अनुमति चुनाव प्रचार में वाहनों के उपयोग पाए जाने पर नोटिस दिया है। यह वाहन सांवेर से कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू के लिए प्रचार में उपयोग किये गए थे। अब पटवारी को 24 घंटे के अंदर नोटिस का जवाब देना है। दरअसल पिछले दिनों यहां कांग्रेस की जनसभा आयोजित हुई थी, सीट को जीतने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। जनसभा के दौरान जीतू ने आयोग की अनुमति के बिना खूब वाहनों का उपयोग किया। जनसभा में जीतू पटवारी ने सीएम शिवराज और और सिंधिया पर जमकर बरसे थे।
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24 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले राजनेताओं द्वारा नियमों की खूब धज्जियां उड़ाई जा रही है। आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिस पर चुनाव आयोग सख्ती से नजर भी रख रहा है। ऐसे ही एक मामले में अब पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी की उपचुनाव से पहले मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के उल्लंघन के लिए चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है। चुनाव आयोग के रिटर्निंग अधिकारी ने पूर्व मंत्री जीतू पटवारी को बिना अनुमति चुनाव प्रचार में वाहनों के उपयोग पाए जाने पर नोटिस दिया है। यह वाहन सांवेर से कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमचंद गुड्डू के लिए प्रचार में उपयोग किये गए थे। अब पटवारी को 24 घंटे के अंदर नोटिस का जवाब देना है। दरअसल पिछले दिनों यहां कांग्रेस की जनसभा आयोजित हुई थी, सीट को जीतने के लिए कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। जनसभा के दौरान जीतू ने आयोग की अनुमति के बिना खूब वाहनों का उपयोग किया। जनसभा में जीतू पटवारी ने सीएम शिवराज और और सिंधिया पर जमकर बरसे थे।
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24 October 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है। प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बयान को लेकर उन पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि कमलनाथ जी झूठ बोलकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को ट्वीट के माध्यम से कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि ‘कमलनाथ जी झूठ बोल रहे हैं। अब उनकी सरकार नहीं है तो किसानों के कल्याण की बात कर रहे हैं। पहले के वचन उन्होंने निभाये नहीं और अब नये वचन देने लगे। सरकार तो आनी नहीं है। कुछ भी कह दो। कृषि कानूनों को लेकर किसानों को भ्रमित किया जा रहा है कि मंडियां बंद हो जाएंगी। एमएसपी बंद हो जाएगी, जबकि माननीय प्रधानमंत्री जी, केन्द्रीय कृषि मंत्री स्वयं कह चुके हैं कि मंडियां बंद नहीं होंगी और एमएसपी भी जारी रहेगी। इसके बाद भी कृषि कानूनों का अंधा विरोध किया जा रहा है। मैं पूछना चाहता हूं कि जब उनकी 15 महीने तक सरकार थी, तब उन्होंने किसानों के लिए कोई योजना क्यों नहीं बनाई? कमलनाथ जी झूठ बोल रहे हैं और नये वादे कर किसानों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक अन्य ट्वीट में कमलनाथ द्वारा उन्हें उद्योगपति बताये जाने को लेकर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि ‘कमलनाथ जी याद कीजिए, आपकी पार्टी के ही एक नेता ने कुछ दिन पहले कहा था कि शिवराज भूखा-नंगा है और आप देश के दो नंबर के उद्योगपति हैं। यदि आपको उंगली उठाना ही है तो पहले अपनी पार्टी के नेताओं पर उठाइये।’
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24 October 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा की 28 सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर राजनीतिक घमासान जारी है। प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बयान को लेकर उन पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि कमलनाथ जी झूठ बोलकर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को ट्वीट के माध्यम से कमलनाथ पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि ‘कमलनाथ जी झूठ बोल रहे हैं। अब उनकी सरकार नहीं है तो किसानों के कल्याण की बात कर रहे हैं। पहले के वचन उन्होंने निभाये नहीं और अब नये वचन देने लगे। सरकार तो आनी नहीं है। कुछ भी कह दो। कृषि कानूनों को लेकर किसानों को भ्रमित किया जा रहा है कि मंडियां बंद हो जाएंगी। एमएसपी बंद हो जाएगी, जबकि माननीय प्रधानमंत्री जी, केन्द्रीय कृषि मंत्री स्वयं कह चुके हैं कि मंडियां बंद नहीं होंगी और एमएसपी भी जारी रहेगी। इसके बाद भी कृषि कानूनों का अंधा विरोध किया जा रहा है। मैं पूछना चाहता हूं कि जब उनकी 15 महीने तक सरकार थी, तब उन्होंने किसानों के लिए कोई योजना क्यों नहीं बनाई? कमलनाथ जी झूठ बोल रहे हैं और नये वादे कर किसानों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक अन्य ट्वीट में कमलनाथ द्वारा उन्हें उद्योगपति बताये जाने को लेकर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि ‘कमलनाथ जी याद कीजिए, आपकी पार्टी के ही एक नेता ने कुछ दिन पहले कहा था कि शिवराज भूखा-नंगा है और आप देश के दो नंबर के उद्योगपति हैं। यदि आपको उंगली उठाना ही है तो पहले अपनी पार्टी के नेताओं पर उठाइये।’
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24 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले आयटम को लेकर मचा बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है। डबरा में आयोजित एक जनसभा में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंत्री इमरती देवी को आयटम संबोधित कर दिया। कमलनाथ के बयान से आहत हुई इमरती देवी भी अपनी जुबान पर कंट्रोल नहीं कर पाई और कमलनाथ की स्वर्गीय मां- बहन के लिए अभद्र भाषा का उपयोग करते हुए उन्हें आयटम बता डाला। इमरती का यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर एक वीडियो साझा किया है। वीडियो में इमरती देवी कह रही है कि 'वह (कमलनाथ) बंगाली आदमी है, मध्य प्रदेश आया, सिर्फ मुख्यमंत्री बनने के लिए। उस व्यक्ति को बोलने की सभ्यता नहीं है, वह मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद से पागल हो गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कमलनाथ की मां और बहन के लिए कहा कि ‘क्या कह सकते हैं उनकी मां और बहन होंगी बंगाल की आइटम, हमें यह पता थोड़ी है। इमरती के इस वीडियो पर कांग्रेस ने उन्हें आड़े हाथों लेना शुरु कर दिया है और उनके बयान पर आपत्ति जताई है। ' इस वीडियो को साझा करते हुए आचार्य प्रमोद ने लिखा है कि ‘छिन्दवाड़ा से 10 बार लोकसभा पहुँचने वाले, संसद के "वरिष्ठ" सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनकी स्वर्गीय माँ के लिये इमरती देवी के "मधुर" वचन। इमरती देवी का ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसके बाद अब संभावना है कि कांग्रेस भी इस पर खामोश नहीं बैठेगी और इमरती के खिलाफ मोर्चा खोलेगी।
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22 October 2020भोपाल। शिवराज सरकार में मंत्री इमरती देवी को आइटम बताने वाले बयान के बाद कमलनाथ भाजपा नेताओं के निशाने पर हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपनी समर्थक नेता के साथ हुए दुर्व्यवहार से आहत हैं और कमलनाथ को सीधे चुनौती दे रहे हैं। वहीं अब सिंधिया ने चुनाव आयोग से कमलनाथ के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर कहा है कि ‘ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ने जिस तरह से एक सभा में मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री इमरती देवी जी का सार्वजनिक रूप से अपमान किया था, उसे कांग्रेस की दलित विरोधी सोच स्पष्ट हो गई थी। आज चुनाव आयोग ने इस संबंध में कमलनाथ जी को नोटिस जारी कर जो जवाब तलब किया है। एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने चुनाव आयोग से कार्यवाई की मांग करते हुए कहा ‘ उसके बाद मेरी मांग है कि चुनाव आयोग ऐसे महिला विरोधी बयानों को गंभीरता से लें, और सख्त कार्यवाही करें जिससे आगे किसी की हमारी मातृ शक्ति का अपमान करने की हिम्मत ना हो। गौरतलब है कि कमलनाथ के इस बयान कांग्रेस नेता भी नराजगी जाहिर कर चुके हैं। लेकिन कमलनाथ ने साफ कहा है कि वह माफी नहीं मांगेंगे।
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22 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कांग्रेस विधायकों की तोड़-फोड़ को लेकर कहा कि हमारे संपर्क में बहुत लोग हैं, लेकिन हमें ओवरलोड नहीं होना। उन्होंने कहा है कि हमारे पास पर्योत्त संख्या बल है और हम उपचुनाव में सभी 28 सीटें जीत रहे हैं। इस दौरान बिसहुलाल का एक और वीडियो वायरल होने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि फेंक वीडियो, झूठे वीडियो जारी करना कांग्रेस की स्टाइल है। यह आठ साल पुराना वीडियो है, उनका पूरा जीवन सार्वजनिक है, उन पर एक भी पुलिस केस दर्ज नहीं है। इमरती देवी को लेकर कमलनाथ के बयान पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि यह तो तय की कमलनाथ ने गलत बोला है। चुनाव आयोग, राहुल गांधी, महिला आयोग सभी कह चुके हैं कि यह आपत्तिजनक है। यहां तक कांग्रेस के सीनियर नेता मानक अग्रवाल ने कहा दिया कि यह ठीक नहीं। कमलनाथ का यह बयान उनका वाटरलू साबित होगा। कमलनाथ का महिलाओं से राखी बंधवाने पर बोले कि कमलनाथ पुन: वैसी ही गलती है जैसी गलती वो पहले कर गए है, सडक़ पर आ जाओ वाली, यह बयान उनके लिए वाटरलू साबित होगा। कोरोना की स्थिति बेहतरइस दौरान मंत्र मिश्रा ने प्रदेश में कोरोना की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मप्र में कोरोना का रिकवरी रेट 90 फीसदी हो गई है। मप्र की सरकार कोविड को लेकर अच्छा काम कर रही है, कई जगह ये रेट 100 फीसदी तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि रिकवरी रेट बढऩे के बाद भी हमें सावधानी रखना चाहिए, प्रधानमंत्री द्वारा बताई गई हर बात का पालन करना चाहिए।1 नवम्बर से जेल बंद कैदियों से मिल सकेंगे परिजनोंइस दौरान मंत्र मिश्रा ने बताया कि जेल में बंद बंदियों के लिए त्योहार से पहले सरकार ने बड़ा फैसला किया है। जेल में बंद 45 हजार बंदियों के परिजन 1 नवंबर से जेल में मिलाई कर सकेंगे। इसके अलावा टेलीफोन ओर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भी कैदियों से मुलाकात जारी रहेगी। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते शासन ने कैदियों के परिजनों से मुलाकात पर रोक लगा दी थी। कुछ समय बाद कैदियों की सुविधा के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की सुविधा शुरू की गई थी। लेकिन अब परिजन फिर से जेल में जाकर कैदियों से मिल सकेंगे।
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22 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कांग्रेस विधायकों की तोड़-फोड़ को लेकर कहा कि हमारे संपर्क में बहुत लोग हैं, लेकिन हमें ओवरलोड नहीं होना। उन्होंने कहा है कि हमारे पास पर्योत्त संख्या बल है और हम उपचुनाव में सभी 28 सीटें जीत रहे हैं। इस दौरान बिसहुलाल का एक और वीडियो वायरल होने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि फेंक वीडियो, झूठे वीडियो जारी करना कांग्रेस की स्टाइल है। यह आठ साल पुराना वीडियो है, उनका पूरा जीवन सार्वजनिक है, उन पर एक भी पुलिस केस दर्ज नहीं है। इमरती देवी को लेकर कमलनाथ के बयान पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि यह तो तय की कमलनाथ ने गलत बोला है। चुनाव आयोग, राहुल गांधी, महिला आयोग सभी कह चुके हैं कि यह आपत्तिजनक है। यहां तक कांग्रेस के सीनियर नेता मानक अग्रवाल ने कहा दिया कि यह ठीक नहीं। कमलनाथ का यह बयान उनका वाटरलू साबित होगा। कमलनाथ का महिलाओं से राखी बंधवाने पर बोले कि कमलनाथ पुन: वैसी ही गलती है जैसी गलती वो पहले कर गए है, सडक़ पर आ जाओ वाली, यह बयान उनके लिए वाटरलू साबित होगा। कोरोना की स्थिति बेहतरइस दौरान मंत्र मिश्रा ने प्रदेश में कोरोना की स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मप्र में कोरोना का रिकवरी रेट 90 फीसदी हो गई है। मप्र की सरकार कोविड को लेकर अच्छा काम कर रही है, कई जगह ये रेट 100 फीसदी तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि रिकवरी रेट बढऩे के बाद भी हमें सावधानी रखना चाहिए, प्रधानमंत्री द्वारा बताई गई हर बात का पालन करना चाहिए।1 नवम्बर से जेल बंद कैदियों से मिल सकेंगे परिजनोंइस दौरान मंत्र मिश्रा ने बताया कि जेल में बंद बंदियों के लिए त्योहार से पहले सरकार ने बड़ा फैसला किया है। जेल में बंद 45 हजार बंदियों के परिजन 1 नवंबर से जेल में मिलाई कर सकेंगे। इसके अलावा टेलीफोन ओर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये भी कैदियों से मुलाकात जारी रहेगी। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के चलते शासन ने कैदियों के परिजनों से मुलाकात पर रोक लगा दी थी। कुछ समय बाद कैदियों की सुविधा के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की सुविधा शुरू की गई थी। लेकिन अब परिजन फिर से जेल में जाकर कैदियों से मिल सकेंगे।
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22 October 2020ग्वालियर। राज्य के महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने ग्वालियर हाईकोर्ट में यह आश्वासन दिया है कि कोविड-19 की गाइडलाइन के उल्लंघन के मामले में केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। इससे पूर्व ग्वालियर हाईकोर्ट ने गाइडलाइन के उल्लंघन से संबंधित मामले में अपना फैसला सुनाया। ग्वालियर हाईकोर्ट की युगल पीठ ने बुधवार को कोविड-19 की गाइडलाइन के उल्लंघन के मामले में अपना फैसला सुना दिया है। इसके बाद प्रदेश के महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने हाईकोर्ट में आश्वासन दिया है कि दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा और केस दर्ज कर 23 अक्टूबर तक पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट पेश की जाएगी। हाईकोर्ट ने प्रिसिंपल रजिस्ट्रार को आदेश दिया है कि आदेश की कॉपी ग्वालियर-चंबल संभाग के 8 जिला कलेक्टर व विदिशा कलेक्टर को भेजी जाए। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि सभा में जितने लोगों के आने की इजाजत दी है, उतने ही आ सकेंगे। सभा में आने वाले लोगों को सबसे पहले मास्क व सेनेटाइजर देना होगा। कोविड-19 की गाइडलाइन में किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। हाईकोर्ट ने कहा है कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
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21 October 2020भोपाल। पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा प्रदेश की मंत्री इमरती देवी के खिलाफ विवादित बयान पर राहुल गांधी की नाराजगी के बाद भी कमलनाथ अपनी बात पर अडिग है। कमलनाथ के इस रवैये पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निशाना साधा है। मंत्री मिश्रा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ और राहुल गांधी के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस दो तरह की है। एक बुजुर्ग, दूसरे प्रौढ़ लोग है, जिसमे राहुल गांधी शामिल है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ लंबे समय से राहुल गांधी को अनदेखा कर रहे है, शायद उम्र हावी हो रही हो गई इसलिए ये हो रहा है। पहले कर्ज माफी का कहा लेकिन कर्ज माफी नहीं किया, लोकसभा में कमलनाथ सिर्फ नकुल को जीताने में लगे रहे, तीसरा की कमलनाथ ने राहुल की तस्वीर ही हटा दी और अब चौथी बार यह हुआ। मंत्री मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि अब चार तारीख का चार्टर बुक होगा जिससे कमलनाथ का जाना तय है। परिणाम जो भी हो, कुछ दिनों में कांग्रेस की खेमे बाजी दिखने वाली है। इमरती देवी के अपमान पर कमलनाथ के माफ़ी नही मांगने पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि नवदुर्गा के पावन पर्व पर नारी शक्ति का अपमान जनता सहन नही करेगी। कांग्रेस चाहती है की कमलनाथ की असफलता छुपी रहे। वहीं बिसहुलाल की गलती पर नरोत्तम मिश्रा के द्वारा माफ़ी मांगने पर कहा कि में कोई कमलनाथ थोड़ी हूं जो माफ़ी नही मांगूगा। आज से शुरू हो रहे भाजपा के बूथ सम्मलेन पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हम तो और नीचे तक उतर गए हैं, हमने पेज प्रभारी तक रणनीति बनाई है। हम एक- एक खोपड़ी और झोपड़ी तक जाएंगे।
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21 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश की मंत्री और डबरा से भाजपा उम्मीदवार इमरती देवी को आयटम बोलकर विवादों में घिरे पूर्व सीएम कमलनाथ को राष्ट्रीय महिला आयोग ने नोटिस भेजा था, साथ ही आयोग ने जवाब तलब भी किया है। कमलनाथ द्वारा नोटिस के जवाब पर आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने नाराजगी जताई है और कमलनाथ की तुलना फिल्मी विलेन से की है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ द्वारा इमरती देवी पर उनके बयान के स्पष्टीकरण से नाराजगी जताई है। उन्होंने कमलनाथ की तुलना फिल्मी विलेन से की है और कहा कि पूरे देश ने देखा कि किस तरह से कमलनाथ मंच से इमरती देवी पर बयान देने के बाद हंस रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी हंसी किसी फिल्मी विलेन की तरह थी। जिस तरह से फिल्मी विलेन महिलाओं को पीडि़त करने के बाद हंसते हैं, उसी तरह कमलनाथ और उनके साथ मंच पर मौजूद लोग ऐसे ही हंस रहे थे। रेखा शर्मा ने कहा कि हमने चुनाव आयोग को भी पत्र लिखकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि मैंने कमलनाथ का जवाब पढ़ा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि मैं उनके विपक्ष में हूं, उनका नाम कैसा ले सकता हूं। उनके पास एक लिस्ट थी, जिसमें आइटम के अनुसार लिखा था, इसी तरह वे आइटम वन और आइटम टू पढ़ रहे थे। लेकिन सारी दुनिया ने देखा है कि वहां क्या हो रहा था, इससे साफ पता चलता है कि वे बिल्कुल झूठ बोल रहे हैं। रेखा शर्मा ने दुख जाहिर करते हुए कहा कि एक महिला जो कमलनाथ के मुख्यमंत्री कार्यकाल में उनके साथ काम कर चुकी है, उसके बारे में एक भरी सभा में मंच से ऐसी भाषा के उपयोग से यह पता चलता है कि वो कैसी सोच रखते हैं।
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21 October 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा मंत्री इमरती देवी को लेकर दिये बयान पर राजनीतिक घमासान जारी है। राहुल गांधी ने कमलनाथ के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है, लेकिन कमलनाथ ने अपने विवादित बयान पर माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया है। इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कमलनाथ जी ने निर्लज्जता की सारी सीमाएं तोड़ दी हैं। दरअसल, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने कहा है कि कमलनाथ मेरी ही पार्टी से हैं, लेकिन इस तरह की भाषा मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है। उनका बयान बहुत ही दुर्भाग्यजनक है, जबकि कमलनाथ ने अपने विवादित बयान को लेकर माफी मांगने से साफ इनकार कर दिया है। मंगलवार को मीडिया ने जब उनके बयान को लेकर राहुल गांधी की प्रतिक्रिया के बारे में कमलनाथ से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो राहुल गांधी की राय है और उनको जो समझाया गया। उन्होंने इस मामले को लेकर स्थिति साफ कर दी है। अब और कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बता दिया है कि उनका लक्ष्य किसी का अपमान नहीं था। यदि कोई अपमानित महसूस करता है, तो वे खेद कल ही व्यक्त कर चुके हैं। 'अब मैं माफी क्यों मांगूंगा।' वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुरैना जिले में मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ को माफी नहीं मांगने को लेकर आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने यह माना है कि कमलनाथ जी ने गलती की है। कमलनाथ जी तो इतने दंभी और अहंकारी हैं कि निर्लज्जता की सारी सीमाएँ तोड़ते हुए यह कहते हुए घूम रहे हैं कि माफी नहीं मांगेंगे! मेरा सवाल कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से है कि उन पर इस गलती के लिए क्या कार्रवाई होगी? कमलनाथ जी की निर्लज्जता और बहन इमरती देवी के आंसू पूरे देश ने देखे हैं। इसलिए वे किंतु-परंतु करने पर विवश हुए हैं। लेकिन यह माफी नहीं, उससे भी बड़ा पाप है। यह कमलनाथ जी का अहंकार है। वे अपने से श्रेष्ठ किसी को नहीं मानते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कमल नाथ ने माफी नहीं मांगी है, उन्होंने कहा है कि किसी को बुरा लगा हो तो.., क्या वह अपनी सरकार में मंत्री रहीं इमरती देवी का नाम तक नहीं जानते। उन्हें कहना चाहिए था, इमरती देवी मुझसे गलती हुई मुझे माफ कर दो। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व संसद राहुल गांधी को लेकर भी कहा कि पता चला है कि राहुल गांधी ने इस पर खेद व्यक्त किया है परंतु हमें खेद नहीं चाहिए, हमें कार्रवाई चाहिए। जनता की ओर इशारा करते हुए उन्होंने पूछा कि क्या मां बेटियों के अपमान करने वाले व्यक्ति को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष रहना चाहिए। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या कमलनाथ के परिवार पर किसी को कोई आइटम कहेगा तो क्या वह बर्दाश्त कर लेंगे। इमरती देवी तीन बार कांग्रेस से विधायक रहीं, सरकार की मंत्री थी उनकी जब भ्रष्टाचार की लंका को छोडक़र भाजपा में आ गई तो कमलनाथ उनसे अपशब्द कह रहे हैं इसका बदला जनता उनसे लेगी।
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20 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले राजनेताओं बदजुबानी खूब चर्चा में है। आरोप प्रत्यारोप की राजनीति से ऊपर उठकर राजनेता अभद्र भाषा का खूब प्रयोग कर रहे हैं। अभी पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा डबरा से भाजपा प्रत्याशी और प्रदेश सरकार में मंत्री इमरती देवी को आयटम कहने का मामला थमा नहीं था कि मंत्री बिसाहुलाल ने भी विवादित बयान देते हुए कांग्रेस प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह की पत्नी को रखैल कह दिया है। इससे प्रदेश की राजनीति का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। बिसाहूलाल के बिगड़े बोल पर खेद जताते हुए प्रदेश के गृृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने माफी मांगी है। मंत्री मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मैंने भाजपा सरकार के मंत्री बिसाहुलाल सिंह जी का बयान सुना नहीं है। लेकिन यदि उन्होंने कोई आपत्तिजनक बात कही है तो संसदीय कार्य मंत्री के नाते मैं माफी मांगता हूँ। इसके साथ ही उन्होंने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि लेकिन क्या कमलनाथ अपने बयान के लिए माफी मांगेंगे, या दिग्विजय सिंह कमलनाथ के बयान के लिए माफी मांगेंगे? चुनाव में कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं, ताकि कोई 15 महीनों के हिसाब ना मांग लें। मंत्री मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के नेता उपचुनाव में हल्के शब्दों का प्रयोग कर जनता के असल सवालों से बच रहे हैं। दरअसल उनके पास बताने लायक कोई उपलब्धि है ही नहीं, इसलिए वे भाजपा को कोसकर वोट बटोरना चाह रहे हैं। ग्वालियर-चंबल की जनता को असम्मान बर्दाश्त नहींइस दौरान गृह मंत्री ने कहा कि मंत्री इमरती देवी के खिलाफ अपशब्द बोलने पर कमलनाथ ने खेद जताया है लेकिन माफी नहीं मांगी है। इससे साफ है कि अनुसूचित जाति की महिला के अपमान पर उन्हें दिल से अफसोस नहीं है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की जनता सब-कुछ बर्दाश्त कर सकती है लेकिन असम्मान नहीं। मंत्री इमरती देवी के अपमान के लिए जनता कांग्रेस को माफ नहीं करने वाली। 03 नवंबर को वह जरूर सबक सिखाएगी।
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20 October 2020नई दिल्ली/भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा मंत्री व भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी पर की गई अपमानजनक टिप्पणी के मामले में राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आज चुनाव आयोग को विस्तृत रिपोर्ट भेजेंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने सोमवार शाम को निर्देश दिये थे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की ‘आयटम’ वाली टिप्पणी को लेकर भोपाल से लेकर दिल्ली तक माहौल गर्माने लगा है। महिला आयोग द्वारा इस मामले में संज्ञान लिए जाने के बाद चुनाव आयोग भी हरकत में आया है। इस मामले को लेकर चुनाव आयोग ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सोमवार को चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर, हमने एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। यह मंगलवार को आयोग को मिल जाएगी, इसके आधार पर आयोग आगे निर्णय लेगा। वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी यह मामला चुनाव आयोग को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा है। इस मामले में चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि महिला आयोग का संदेश मिलने से पहले ही हम मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांग चुके हैं, उसी के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
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20 October 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने मंत्री इमरती देवी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी को लेकर राजनीतिक घमासान मच गया है। भाजपा ने कमलनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और प्रदेशभर में वरिष्ठ नेताओं पर कार्यकर्ताओं द्वार दो घंटे का मौन उपवास किया जा रहा है। इस मामले को लेकर पूर्व सीएम एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह कमलनाथ का समर्थन में उतर आए हैं और उन्होंने भाजपा नेताओं के मौन उपवास को नौटंकी बताते हुए कहा कि उनका मौन रखने का निर्णय उनकी समझ से परे है। दिग्विजय सिंह ने सोमवार को ट्वीट के माध्यम से कहा है कि - ‘कमलनाथ जी ने किस संदर्भ में इमरती देवी जी को "आइटम" कहा, मैं नहीं जानता। लेकिन विरोध में भाजपा ने मौन रखने का निर्णय समझ से परे है। जब हाथरस में दलित युवती का बलात्कार हुआ तब भाजपा के नेताओं द्वारा एक शब्द इस घटना के खिलाफ में क्यों नहीं निकला। मामा मदारी का रोल ना करो, नाटक नौटंकी बंद करो।’
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19 October 2020भोपाल। मंत्री इमरती देवी के संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की टिप्पणी का मामला गर्माता जा रहा है। इसके विरोध में जहां एक तरफ मुख्यमंत्री सहित भाजपा नेताओं ने सोमवार सुबह दो घंटे का मौन व्रत किया, वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इसकी आलोचना की है। वहीं, महिला आयोग ने भी इस पर संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है।कमलनाथ की विवादित टिप्पणी के विरोध में सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने राजधानी के मिंटो हॉल में भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं के साथ मौन व्रत किया। प्रदेश अध्यक्ष वी.डी.शर्मा ने ग्वालियर में एवं वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर में मौन व्रत किया। इधर, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि कांग्रेस को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि उपचुनाव लड़ रही दलित महिला के बारे में कांग्रेस के पूर्व सीएम द्वारा की गई घोर महिला-विरोधी अभद्र टिप्पणी अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय है। कांग्रेस आलाकमान को इस पर संज्ञान लेकर इस संबंध में सार्वजनिक तौर पर माफी मांगना चाहिए।महिला आयोग ने नोटिस भेजापूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा की गई टिप्पणी पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस संबंध में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को नोटिस भेजा है। आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने एक ट्वीट का रिप्लाई करते हुए लिखा है कि इस बारे में कमलनाथ को नोटिस भेजा गया है।
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19 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा गैर विधायक मंत्री इमरती देवी के लिए की गई अभद्र टिप्पणी मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। सीएम शिवराज ने पत्र में सोनिया गांधी से कमलनाथ के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करते हुए तत्काल उन्हें सभी पदों से मुक्त करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने है कि इमरती देवी ने मीडिया के समक्ष रोते हुए अपनी व्यथा का इजहार किया है, जिसे देखकर किसी का भी दिल पसीज जाएगा। चुनाव आते जाते रहते है लेकिन किसी दलित महिला का इस तरह अपमान आपकी पूरी राजनीति को कलंकित करता है। सीएम शिवराज ने अपने पत्र में कहा है कि अत्यंत व्यथित मन से आपको यह पत्र लिख रहा हूं मप्र में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के दौरान आपकी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रदेश की कैबिनेट मंत्री व अनुसूचित जाति की महिला नेत्री इमरती देवी पर अभद्र व अशोभनीय टिप्पणी ठहाके लगाते हुए की। वह टिप्पणी इतनी अभद्र है कि मैं उसका उल्लेख अपने पत्र में करना किसी महिला का पुन: अपमान करना जैसा मानता हूं। देश के सभी राष्ट्रीय न्यूज चैनलों में कमलनाथ द्वारा इमरती देवी पर अभद्र टिप्पणी बताकर प्रमुखता से इस खबर को दिखाया। सीएम शिवराज ने आगे अपने पत्र में कहा कि मुझे लगा था कि स्वयं एक महिला होने के नाते आप इस खबर का संज्ञान लेगी तथा संवैधानिक पद पर आसीन एक दलित महिला के अपमान का प्रतिकार करते हुए अपनी पार्टी के नेता की टिप्पण की निंदा करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाई करेंगी लेकिन आपने अब तक ऐसा नहीं किया। कल आपके नेता कमलनाथ द्वारा दलित महिला नेत्री पर की गई अभद्र टिप्पणी के बाद आपने अपने महासचिवों के साथ बैठक की जिसमें महिलाओं के सम्मान पर चर्चा की गई लेकिन आपने पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा की गई टिप्पणी पर संज्ञान लेने की भी जरुरत नहीं की। उन्होंने कहा कि कमलनाथ की धृष्टता देखिए की अपनी अशोभनीय व निंदनीय टिप्पणी को यह सही ठहरा रहे है जबकि उनकी टिप्पणी को देश की सारी मीडिया ने समवेत रुप से कमलनाथ द्वारा इमरती देवी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी माना है। इतना ही नहीं कई वरिष्ठ पत्रकारों ने व्यक्तिगत रुप से कमलनाथ की टिप्पणी को अभद्र मानते हुए ट्वीट कर उसकी निंदा की है। आपके सुलभ संदर्भ के लिए न्यूज क्लिप्स, कतरनें व ट्वीट की प्रतियां पत्र के साथ संलग्र है। सीएम शिवराज ने मांग करते हुए कहा कि आपसे आग्रह है कि एक दलित महिला मंत्री के प्रति अभद्र व अशोभनीय टिप्पणी करने तथा उसे जायज ठहराने का बेशर्मी भरा कृत्य करने वाले आपकी पार्टी के पूर्व सीएम कमलनाथ के खिलाफ तत्काल कार्यवाई करते हुए उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटाते हुए उनकी कड़ी निंदा की कार्यवाई करें ताकि महिलाओं का अपमान करने वाले आपकी पार्टी के नेताओं को सबक मिले। साथ ही उन्होंने कहा कि यहां मैं यह और कहना चाहूंगा कि इस प्रकरण में यदि आपने मौन धारण किया तो यह मानने के लिए बाध्य होना पडेगा की कमलनाथ द्वारा दलित मंत्री इमरती देवी के प्रति की गई टिप्पणी पर आपकी पूर्ण सहमति है।
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19 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा गैर विधायक मंत्री इमरती देवी के लिए की गई अभद्र टिप्पणी मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। सीएम शिवराज ने पत्र में सोनिया गांधी से कमलनाथ के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करते हुए तत्काल उन्हें सभी पदों से मुक्त करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने है कि इमरती देवी ने मीडिया के समक्ष रोते हुए अपनी व्यथा का इजहार किया है, जिसे देखकर किसी का भी दिल पसीज जाएगा। चुनाव आते जाते रहते है लेकिन किसी दलित महिला का इस तरह अपमान आपकी पूरी राजनीति को कलंकित करता है। सीएम शिवराज ने अपने पत्र में कहा है कि अत्यंत व्यथित मन से आपको यह पत्र लिख रहा हूं मप्र में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में प्रचार के दौरान आपकी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रदेश की कैबिनेट मंत्री व अनुसूचित जाति की महिला नेत्री इमरती देवी पर अभद्र व अशोभनीय टिप्पणी ठहाके लगाते हुए की। वह टिप्पणी इतनी अभद्र है कि मैं उसका उल्लेख अपने पत्र में करना किसी महिला का पुन: अपमान करना जैसा मानता हूं। देश के सभी राष्ट्रीय न्यूज चैनलों में कमलनाथ द्वारा इमरती देवी पर अभद्र टिप्पणी बताकर प्रमुखता से इस खबर को दिखाया। सीएम शिवराज ने आगे अपने पत्र में कहा कि मुझे लगा था कि स्वयं एक महिला होने के नाते आप इस खबर का संज्ञान लेगी तथा संवैधानिक पद पर आसीन एक दलित महिला के अपमान का प्रतिकार करते हुए अपनी पार्टी के नेता की टिप्पण की निंदा करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाई करेंगी लेकिन आपने अब तक ऐसा नहीं किया। कल आपके नेता कमलनाथ द्वारा दलित महिला नेत्री पर की गई अभद्र टिप्पणी के बाद आपने अपने महासचिवों के साथ बैठक की जिसमें महिलाओं के सम्मान पर चर्चा की गई लेकिन आपने पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा की गई टिप्पणी पर संज्ञान लेने की भी जरुरत नहीं की। उन्होंने कहा कि कमलनाथ की धृष्टता देखिए की अपनी अशोभनीय व निंदनीय टिप्पणी को यह सही ठहरा रहे है जबकि उनकी टिप्पणी को देश की सारी मीडिया ने समवेत रुप से कमलनाथ द्वारा इमरती देवी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी माना है। इतना ही नहीं कई वरिष्ठ पत्रकारों ने व्यक्तिगत रुप से कमलनाथ की टिप्पणी को अभद्र मानते हुए ट्वीट कर उसकी निंदा की है। आपके सुलभ संदर्भ के लिए न्यूज क्लिप्स, कतरनें व ट्वीट की प्रतियां पत्र के साथ संलग्र है। सीएम शिवराज ने मांग करते हुए कहा कि आपसे आग्रह है कि एक दलित महिला मंत्री के प्रति अभद्र व अशोभनीय टिप्पणी करने तथा उसे जायज ठहराने का बेशर्मी भरा कृत्य करने वाले आपकी पार्टी के पूर्व सीएम कमलनाथ के खिलाफ तत्काल कार्यवाई करते हुए उन्हें पार्टी के सभी पदों से हटाते हुए उनकी कड़ी निंदा की कार्यवाई करें ताकि महिलाओं का अपमान करने वाले आपकी पार्टी के नेताओं को सबक मिले। साथ ही उन्होंने कहा कि यहां मैं यह और कहना चाहूंगा कि इस प्रकरण में यदि आपने मौन धारण किया तो यह मानने के लिए बाध्य होना पडेगा की कमलनाथ द्वारा दलित मंत्री इमरती देवी के प्रति की गई टिप्पणी पर आपकी पूर्ण सहमति है।
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19 October 2020खंडवा। जिले के मांधाता विधानसभा उपचुनाव के लिए क्षेत्र में रविवार को आयोजित भाजपा के स्टार प्रचारक और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुनावी सभा में शामिल हुए एक 70 वर्षीय बुजुर्ग की मौत हो गई। यह हादसा सिंधिया के मंच पर पहुंचने से पहले हुआ। कार्यक्रम में सिंधिया ने मंच से एक मिनट का मौन रखकर मृतक को श्रद्धांजलि दी। दरअसल, मांधाता सीट से भाजपा उम्मीदवार नारायण पटेल के समर्थन में रविवार को मूंदी में सिंधिया की आमसभा थी। समीपस्थ ग्राम ग्राम चांदपुर निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग जीवन सिंह इस आमसभा में शामिल होने के लिए पहुंचा था। पंडाल में ही अचानक जीवन सिंह की तबियत खराब हो गई। मौके पर मौजूद लोग उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। अस्पताल की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा और मामले की जांच शुरू की। इधर, सिंधिया ने मंच से मृतक बुजुर्ग को श्रद्धांजलि अर्पित की और सभा का संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में अन्नदाता और गरीबों के हितों की चिंता करने के लिए आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य सिंधिया की शिव-ज्योति जोड़ी खड़ी है। उन्होंने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने 15 माह में मध्य प्रदेश को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया। मध्यप्रदेश देश का दिल है और इसकी धडक़न यहां का मतदाता है। इसलिए प्रदेश के किसान, गरीब, महिला, युवा के साथ वादाखिलाफी करने वाली कमलनाथ की सरकार को धूल चटाने का काम मैंने किया है। मैं यह वचन देता हूं कि अन्नदाता और गरीब के साथ अन्याय व वादाखिलाफी कभी सहन नहीं की जाएगी।
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18 October 2020शिवपुरी। शिवपुरी जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत झिरी गांव में रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा का प्रचार करने के लिए आए। इस दौरान आमसभा को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस चुनाव से फैसला होगा कि प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान रहेगा कि नहीं। इस चुनाव का परिणाम यह बताएगा कि कौन प्रदेश चलाएगा। शिवराज तभी मुख्यमंत्री रहेगा जब भाजपा प्रत्याशी जीतेगा। यह नहीं चलेगा कि मामा अच्छा यह ठीक नहीं। अगर यह सोचा तो सब गड़बड हो जाएगी। कोई चूक नहीं होना चाहिए सबको भाजपा को जिताना है। इस चुनाव से बच्चों के भविष्य का फैसला होना है यह माता बहनों के सम्मान का चुनाव है। इसलिए आपको भाजपा को जिताना है। सीएम ने कहा कि कांग्रेस की सरकार के दौरान कमलनाथ ने गरीब जनता से जुड़ी कई योजनाएं बंद कर दीं। जब भाजपा प्रत्याशी जीतेगा तब हम रहेंगे- सीएम शिवराज ने अपनी आमसभा में संबोधन के दौरान इस बात पर फोकस रखा कि जब भाजपा प्रत्याशी सुरेश राठखेड़ा जीतेगा तो हम रहेंगे। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से एकजुटता की अपील की। इसके अलावा लोगों से कहा कि वह कमल पर बटन दबाएं साथ ही दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। इसके अलावा सीएम ने सभा में कहा कि कमलनाथ अच्छा या मामा अच्छा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने बेटा-बेटी व महिलाओं के लिए तमाम योजनाएं चालू कीं। कमलनाथ ने अपनी सरकार के दौरान कर्जा माफी के नाम पर किसानों को ढगा। प्रदेश के कई किसान दो लाख के चक्कर में डिफाल्टर हो गए।
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18 October 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में 3 दिन पूर्व जहरीली शराब के सेवन से हुई मौतों के मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक उज्जैन को हटाने और संबंधित क्षेत्र के नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने रविवार को अ अपने निवास पर हुई उच्च अधिकारियों की बैठक में इस संबंध में निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि उज्जैन के खारा कुआं थाना के टीआई और अन्य अमले को पूर्व में ही घटना में लापरवाही का दोषी मानते हुए निलंबित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने इस तरह की अवैध गतिविधियों में लिप्त माफिया के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अभियान के स्तर कर यह कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री शिवराज ने उज्जैन में हुई घटना की जांच के लिए गए अपर मुख्य सचिव गृह डॉ राजेश राजौरा से की गई कार्रवाई का विवरण प्राप्त किया। इस प्रकरण में अब तक हुई गिरफ्तारियां और पुलिस एवं आबकारी अमले के दोषियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की जानकारी मुख्यमंत्री को दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा इस तरह अवैध रूप से नशीली वस्तुओं का विक्रय और व्यापार हर स्थिति में रोका जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलवाई जाए। सडक़ों पर बैठने वाले भिखारी या अत्यंत गरीब तबके के लोग इस तरह की वस्तुओं के सेवन के लिए प्रेरित ना हों, उन्हें इन वस्तुओं की आपूर्ति करने वालों के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाए. यह कार्यवाही निरंतर अभियान के रूप में चले, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं ना हो। उज्जैन की घटना से संबंधित गृह विभाग द्वारा संपूर्ण जांच प्रतिवेदन तैयार किया जा रहा है। नाबालिग की हत्या के संबंध में सख्त एक्शन लें, किसी को न बक्शा जाए मुख्यमंत्री ने जबलपुर में एक नाबालिग की हत्या के मामले में भी कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे अपराधियों को समाप्त करने के लिए प्रभावी कार्रवाई हो। किसी भी दोषी को न बख्शा जाए। आईजी इंटेलिजेंस आदर्श कटियार ने बताया कि इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण में विस्तृत जांच की जा रही है। इस अवसर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, ओएसडी मुख्यमंत्री कार्यालय मकरंद देउसकर, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनीष रस्तोगी, आयुक्त जनसंपर्क डॉ सुदाम खाडे और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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18 October 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा की रिक्त 28 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव के बीच उज्जैन में जहरीली शराब से 14 लोगों की मौत ने मुख्य विपक्षी कांग्रेस को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है। इस घटना को लेकर कांग्रेस लगातार हमलावर है। इसी क्रम में अब पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में शिवराज आये, माफिया राज वापस लाए। पूर्व सीएम कमलनाथ ने शुक्रवार को सिलसिलेवार ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया है कि - ‘प्रदेश में शिवराज सरकार आते ही शराब माफिया, अपहरण माफिया, अपराध माफिया, भूमाफिया, ड्रग माफिया, सारे तरह के माफिया फिर सक्रिय हो गए हैं।’ उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि - ‘उज्जैन में शराब माफिया द्वारा 14 लोगों की जान लेने के बाद अब जबलपुर में एक 12 वर्ष के बालक का अपहरण हो गया। पूरी सरकार चुनावों में लगी, अभियानों, कैम्पेन में लगी हुई है। प्रदेश में सरकार नाम की चीज नहीं है। कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर, बहन- बेटियां भी असुरक्षित, जनता भगवान भरोसे।’ उन्होंने कहा कि -‘जनता को भगवान व ख़ुद को पुजारी बताने वालों के असली भगवान माफिया- मिलावटखोर बन चुके हैं। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में जहरीली शराब से 14 लोगों की मौत शिवराज सरकार में माफियाराज की गहरी जड़ों का संकेत है। शिवराज के लौटते ही मध्यप्रदेश में फिर पनपने लगे शराब माफिया ने जहरीली शराब से उज्जैन के 14 गरीबों की जान ले ली। शिवराज जी, आपकी सत्ता हवस ने मध्यप्रदेश को मृत्यु प्रदेश बना दिया।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की लड़ाई मध्यप्रदेश को इसी भयावहता से मुक्त कराने की है।
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16 October 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले राजनेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। कांग्रेस चुनावी मैदान में टिकाऊ और बिकाऊ का मुद्दा लेकर डटी हुई है। कांग्रेस नेता जहां भी जनसभाओं में जा रहे हैं वहां टिकाऊ और बिकाऊ के मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहे हैं। इसके साथ ही कांग्रेस चुनावी क्षेत्रों में प्रशासन को भी निशाने पर लिए हुए है और भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगा रही है। अब मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। दिग्विजय सिंह ने भाजपा और उसके उम्मीदवारों पर निशाना साधते हुए कहा कि 28 में से 27 ऐसे उम्मीदवार बन गए हैं जो कांग्रेस से जाकर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। उन्होंने कहा कि लगभग पौने दो साल पहले इन्ही उम्मीदवारों ने भाजपा के खिलाफ बैनर, पोस्टर लगाकर विरोध किया था। बेईमान तथा भ्रष्ट भी कहा था लेकिन अब वही भाजपा के उम्मीदवार बन गए। ऐसी परिस्थिति में इन उम्मीदवारों और शिवराज सिंह को यह डर लगा हुआ है कि शायद भाजपा के कार्यकर्ता इन दलबदलू उम्मीदवारों के पक्ष में विचार न कर ले। इसलिए भाजपा ने चुनाव का जिम्मा सरकारी अधिकारी कर्मचारी और पुलिस पर सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के 26 विधायकों ने तो लोकतंत्र बेच दिया लेकिन हमें यह विश्वास है कि मध्यप्रदेश का प्रशासकीय तंत्र माननीय मुख्य सचिव से लेकर चपरासी तक तथा डीजीपी से लेकर सिपाही तक अपने आपको नहीं बेचेगा। अन्यथा हम लोग ऐसे सारे अधिकारियों और कर्मचारियों की सूची बना रहे हैं। वहीं उपचुनाव में अपनी भूमिका को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि उपचुनाव में दिग्विजय सिंह की भूमिका है कि भाजपा को हराओ ओर कांग्रेस को जिताओ। इतिहास में पहली बार हो रहे ऐसे उप चुनाव इस दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि लोकतंत्र के इतिहास में पहली बार ऐसे उप चुनाव हो रहे हैं। इन उपचुनाव से मौजूदा सरकार रहेगी की नहीं रहेगी यह तय होगा। उन्होंने कहा कि यह बात स्वयं शिवराज सिंह चौहान कह चुके हैं कि मैं अभी टेंपरेरी मुख्यमंत्री हूं, परमानेंट करने के लिए मुझे चुनाव जिताईए। ऐसे महत्वपूर्ण चुनाव में सरकार रहेगी या जाएगी यह चुनाव के नतीजों पर निर्भर करेगा। भाजपा की शिकायत चुनाव आयोग से कीभाजपा पर आचार संहिता का उल्लंघन करने के आरोप लगाते हुए दिग्गी ने कहा कि सुमावली क्षेत्र में कांग्रेस के कार्यकर्ता के घर में घुसकर तोडफ़ोड़ की गई, जिसका ऑडियो क्लिप भी सामने आया है। जिसमें उम्मीदवार मां बहन की गालियां दे रहा है। इसी तरह से कुछ और लोग भाजपा के पक्ष में वोट डालने को कह रहे है। यह सारी शिकायतें हमने चुनाव आयोग से की है, हमें उम्मीद है चुनाव आयोग इस पर कार्यवाही करेगा। हम ने चुनाव आयोग से अनुरोध भी किया है कि कार्यवाही से हमें भी सूचित किया जाए। इसके अलावा उन्होंने बताया कि सांवेर में आकाश विजयवर्गीय पैसे बांट रहे हैं, करेरा में जसवंत जाटव कह रहे हैं वोट नहीं दिया तो गर्दन मरोड़ दूंगा। इस तरह की शिकायतें हमारे पास आई है। इसलिए हमने चुनाव आयोग में शिकायत की है।
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16 October 2020भोपाल। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिये नवीन दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं। सामाजिक, शैक्षणिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, राजनैतिक, रामलीला एवं रावन-दहन आदि कार्यक्रमों में जन-समूह तथा धार्मिक स्थलों में पूजा-अर्चना के संबंध में जारी निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश समस्त कलेक्टरों को दिये गये हैं। अपर मुख्य सचिव, गृह डॉ. राजेश राजौरा ने गुरुवार को बताया कि खुले मैदान में सामाजिक, शैक्षणिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, राजनैतिक, रामलीला एवं रावन-दहन इत्यादि कार्यक्रम मैदान के आकार को दृष्टिगत रखते हुए फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनिटाइजिंग एवं थर्मल स्केनिंग की व्यवस्था के पालन करने की शर्त पर 100 से अधिक संख्या के जन-समूह के कार्यक्रमों के लिये जिला प्रशासन से अनुमति प्राप्त करना होगी। उक्त कार्यक्रम कंटेनमेंट जोन में आयोजित नहीं हो सकेंगे। डॉ. राजौरा ने बताया कि आयोजन के लिये प्रशासन को कार्यक्रम की तिथि, समय, स्थान एवं संभावित संख्या का उल्लेख करते हुए लिखित में आवेदन करना होगा। जिला प्रशासन आवेदन पर विचार कर अनुमति प्रदान करेगा, जिसमें संख्या एवं शर्तों के पालन की जिम्मेदारी आयोजकों की रहेगी। आयोजकों को कार्यक्रम की वीडियोग्राफी 48 घंटे में जिला प्रशासन को उपलब्ध कराना होगा। डॉ. राजौरा ने बताया कि प्रदेश में आगामी आदेश तक धार्मिक स्थलों पर मेलों के आयोजन प्रतिबंधित रहेंगे। डॉ. राजौरा ने बताया है कि ऐसे धार्मिक स्थल, जहाँ श्रद्धालु बंद कक्ष अथवा हॉल में एकत्रित होते हैं, वहाँ जिला कलेक्टर द्वारा कुल उपलब्ध स्थान के आधार पर अधिकतम सीमा नियत की जा सकेगी। उपलब्ध स्थान पर श्रद्धालुओं के मध्य पूजा-अर्चना के दौरान भी दो गज की दूरी बनाये रखना जरूरी होगा। धार्मिक स्थल प्रबंधन को सुनिश्चित करना होगा कि कोविड-19 रोकथाम के लिये फेस मास्क की बाध्यता एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन धर्मावलंबियों द्वारा अनिवार्य रूप से किया जाये। उन्होंने स्पष्ट किया है कि प्रशासन द्वारा प्रदत्त अनुमति में उल्लेखित शर्तों के उल्लंघन पर भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। डॉ. राजौरा ने बताया है कि 18 सितम्बर, 2020 को समस्त दुकानों को रात्रि 8 बजे तक ही खोलने संबंधी आदेश को निरस्त कर दिया गया है। अब प्रदेश में दुकानें, बाजार, मॉल अपने निर्धारित समय तक खुले रह सकेंगे। उन्होंने बताया है कि उक्त आदेश 16 अक्टूबर, 2020 से सम्पूर्ण प्रदेश में आगामी आदेश तक लागू होंगे।
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15 October 2020भोपाल/उज्जैन। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में बुधवार सुबह से गुरुवार सुबह तक नौ लोगों की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ये सभी लोग झिंझर नामक कच्ची शराब पीने के आदि थे और उनकी मौत का कारण जहरीली शराब को ही माना जा रहा है। यहां बुधवार को सात लोगों के शव मिलने से हडकम्प मच गया था। इसके बाद गुरुवार सुबह दो लोगों के शव बरामद हुए हैं। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले को संज्ञान में लेकर गुरुवार सुबह उच्च स्तरीय बैठक लेकर अधिकारियों को घटना की जांच के विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने के निर्देश दिये हैं। साथ ही गृह विभाग को निर्देशित किया गया है कि दोषी अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए। बता दें कि उज्जैन में बुधवार सुबह 7 बजे छत्री चौक सराय के फुटपाथ पर दो मजदूरों के शव मिले थे। मृतकों की पहचान नागदा निवासी विजय उर्फ कृष्णा (41) और पिपलौदा बागला निवासी शंकरलाल (40) के रूप में हुई। इसके बाद दो अन्य मजदूर मजदूर दानी गेट निवासी बबलू (40) और छत्री चौक सराय निवासी बद्रीलाल (65) ने इलाज के दौरान पुलिस को बताया कि उन्होंने झिंझर (कच्ची शराब) पी थी। इसके बाद से उनके पेट में काफी दर्द होने लगा। शाम को बबलू और बद्रीलाल की भी मौत हो गई। शाम को सात बजे एक अन्य व्यक्ति दिनेश जोशी (45) का शव माधव गोशाला के पास मिला। महाकाल थाना क्षेत्र के बेगमबाग निवासी पीर शाह (45) को सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उसने भी शाम को दम तोड़ दिया। इसी तरह छत्री चौक की पार्किंग से 85 साल के बुजुर्ग की लाश मिली थी। बताया गया है कि सभी ने झिंझर शराब पी थी। इसके बाद गुरुवार सुबह नरसिंह घाट और ढाबा रोड क्षेत्र से भी दो मजदूरों के शव मिले हैं। ये मजदूर भी शराब के आदी थे। उनकी शिनाख्त रतन मालवीय निवासी झारड़ा और हरदा निवासी राकेश के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि मजदूर कहारवाड़ी क्षेत्र से सस्ती झिंझर शराब खरीदकर पीते थे। आशंका है कि ज्यादा शराब पीने से इनकी मौत हुई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। उज्जैन में जहरीली शराब पीने से बुधवार सुबह से गुरुवार सुबह तक 24 घंटों के दौरान कुल नौ लोगों की मौत हो चुकी है और पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इस घटना से प्रदेशभर में हडकम्प मच गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार सुबह जानकारी लगने के बात तत्काल उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और मामले की एसआईटी से जांच कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा है कि दोषियों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा, साथ ही उन्होंने गृह विभाग के सचिव को मामले की जांच कराकर दोषी अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अन्य कई स्थानों पर ऐसी वस्तुएं बेची जा रही हैं, इसका पता लगाएं और ऐसे लोगों का नेटवर्क तोड़ें। नशीले पदार्थ बेचने वालों को कड़ी सजा मिले। उन्होंने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को मामले की जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
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15 October 2020भोपाल/उज्जैन। भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में बुधवार सुबह से गुरुवार सुबह तक नौ लोगों की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि ये सभी लोग झिंझर नामक कच्ची शराब पीने के आदि थे और उनकी मौत का कारण जहरीली शराब को ही माना जा रहा है। यहां बुधवार को सात लोगों के शव मिलने से हडकम्प मच गया था। इसके बाद गुरुवार सुबह दो लोगों के शव बरामद हुए हैं। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मामले को संज्ञान में लेकर गुरुवार सुबह उच्च स्तरीय बैठक लेकर अधिकारियों को घटना की जांच के विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने के निर्देश दिये हैं। साथ ही गृह विभाग को निर्देशित किया गया है कि दोषी अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए। बता दें कि उज्जैन में बुधवार सुबह 7 बजे छत्री चौक सराय के फुटपाथ पर दो मजदूरों के शव मिले थे। मृतकों की पहचान नागदा निवासी विजय उर्फ कृष्णा (41) और पिपलौदा बागला निवासी शंकरलाल (40) के रूप में हुई। इसके बाद दो अन्य मजदूर मजदूर दानी गेट निवासी बबलू (40) और छत्री चौक सराय निवासी बद्रीलाल (65) ने इलाज के दौरान पुलिस को बताया कि उन्होंने झिंझर (कच्ची शराब) पी थी। इसके बाद से उनके पेट में काफी दर्द होने लगा। शाम को बबलू और बद्रीलाल की भी मौत हो गई। शाम को सात बजे एक अन्य व्यक्ति दिनेश जोशी (45) का शव माधव गोशाला के पास मिला। महाकाल थाना क्षेत्र के बेगमबाग निवासी पीर शाह (45) को सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उसने भी शाम को दम तोड़ दिया। इसी तरह छत्री चौक की पार्किंग से 85 साल के बुजुर्ग की लाश मिली थी। बताया गया है कि सभी ने झिंझर शराब पी थी। इसके बाद गुरुवार सुबह नरसिंह घाट और ढाबा रोड क्षेत्र से भी दो मजदूरों के शव मिले हैं। ये मजदूर भी शराब के आदी थे। उनकी शिनाख्त रतन मालवीय निवासी झारड़ा और हरदा निवासी राकेश के रूप में हुई है। पुलिस का कहना है कि मजदूर कहारवाड़ी क्षेत्र से सस्ती झिंझर शराब खरीदकर पीते थे। आशंका है कि ज्यादा शराब पीने से इनकी मौत हुई है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। उज्जैन में जहरीली शराब पीने से बुधवार सुबह से गुरुवार सुबह तक 24 घंटों के दौरान कुल नौ लोगों की मौत हो चुकी है और पुलिस मामले की जांच में जुटी है। इस घटना से प्रदेशभर में हडकम्प मच गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार सुबह जानकारी लगने के बात तत्काल उच्च स्तरीय बैठक बुलाई और मामले की एसआईटी से जांच कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा है कि दोषियों को किसी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा, साथ ही उन्होंने गृह विभाग के सचिव को मामले की जांच कराकर दोषी अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि अन्य कई स्थानों पर ऐसी वस्तुएं बेची जा रही हैं, इसका पता लगाएं और ऐसे लोगों का नेटवर्क तोड़ें। नशीले पदार्थ बेचने वालों को कड़ी सजा मिले। उन्होंने गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को मामले की जांच रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं।
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15 October 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को निवेश संवर्धन के लिये आयोजित मंत्रिपरिषद समिति की बैठक में प्रदेश के होशंगाबाद जिले में मोहासा बावई इंडस्ट्रीयल एवं मेडिकल गैस निर्माण के लिए संयंत्र स्थापना पर निवेश प्रोत्साहन सहायता देने का निर्णय लिया गया है। समिति ने आइनॉक्स लिमिटेड को निवेश प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 40 प्रतिशत की दर से 7 वर्ष की अवधि में सहायता देने का निर्णय लिया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में हाल ही में कोविड-19 के दौरान नागरिकों के उपचार के लिए राज्य सरकार ने पर्याप्त ऑक्सीजन व्यवस्था करने के साथ ही भविष्य में ऑक्सीजन के लिए अन्य राज्यों पर निर्भरता समाप्त करने के उद्देश्य से राज्य में ही संयंत्र स्थापना के लिए गंभीरता से विचार किया। मुख्यमंत्री चौहान ने इस संबंध में संबंधित विभागों को तेजी से कार्यवाही संपादित करने के निर्देश दिए थे। औद्योगिक क्षेत्र मोहासा बावई में आइनॉक्स एयर प्रोडक्ट प्रा.लि. जो देश में औद्योगिक गैसों के निर्माण की अग्रणी कंपनी है, को राज्य शासन ने एम.पी.आईडीसी के माध्यम से विद्युत वितरण की अनुज्ञप्ति भी स्वीकृत की है। परियोजना को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होने से इकाई स्थापना में सहयोग मिलेगा। कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग के लिए 125 करोड़ के पूंजी निवेश से रोजाना 210 टन क्षमता के एयर सेप्रेशन प्लांट की स्थापना की प्रक्रिया चल रही है। परियोजना की स्थापना राज्य के आर्थिक विकास और ऑक्सीजन पूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस बैठक में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा और चिकित्सा शिक्षा, भोपाल गैस त्रासदी, राहत एवं पुनर्वास मंत्री विश्वास सारंग वीडियो कान्फ्रेसिंग द्वारा शामिल हुए।
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14 October 2020भोपाल। मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने कश्मीर की पूर्व सीएम मेहबूबा मुफ्ती की रिहाई पर खुशी जाहिर करने के साथ ही 370 हटाने के बाद से अब तक के हालातों और आतंकवार पर भी सवाल उठाया है। दिग्विजय के सवालों के बाद अब वे भाजपा के निशाने पर आ गए है। प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह पर तंज कसते हुए हमला बोला है। गृहमंत्री ने कहा कि आज वो मेहबूबा की रिहाई पर खुशी जताई है। इन्होंने 370 हटने, 35 ए पर या फिर लद्दाख पर खुशी नहीं जताई, लेकिन मेहबूबा की रिहाई पर खुशी जता रहे हैं। इससे इनकी सोच समझ में आती है कि दिग्विजय सिंह की कैसी मानसिकता है। मंत्री मिश्रा ने कहा है कि संघ और संविधान की जो सोच है वह सिर्फ दिग्विजय सिंह जैसे लोगों की सोच है। जब भी चुनाव आते है हमारे एससी के वोटों को प्रभावित करने के लिए पहले चुनाव में कहा भाजपा वाले संविधान बदल देंगे, दूसरा चुनाव आया तो कहा भाजपा वाले आरक्षण खत्म कर देंगे, दो साल पहले चुनाव था तो कहा था कि हरिजन एक्ट खत्म कर देंगे लेकिन चुनाव खत्म होते ही यह सारी बाते भी खत्म हो जाती है। अब सिर्फ चुनाव है तो फिर उन्होंने ट्वीट कर दिया यह दिग्विजय सिंह जैसे लोगों की मानसिकता हो सकती है। अब गोली का जवाब गोले से देते हैदिग्विजय सिंह द्वारा 370 हटाने के बाद आतंकवाद समाप्त होने और कश्मीर के हालातों में सुधार पर सवाल उठाए जाने पर गृह मंत्री ने दिग्गी को जमकर लताड़ा। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि वो खुद जाकर देख ले आतंकवाद खत्म हुआ या नही। आज पूरी देश की मीडिया वहां पर है, कोई खबर आ रही है क्या। उन्होंने कहा कि जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तब के आतंकवाद और आज की तुलना कर ले। पूरे देश के आतंकवाद की तुलना कर ले दिग्विजय। जब मनमोहन सिंह पीएम थे तो रेलवे स्टेशन के अंदर घुसते ही अनाउंस होता था कि स्टेशन पर कोई भी लावारिस चीज मिले तो हाथ न लगाए, उसमें बम हो सकता है। मंत्री मिश्रा ने कहा कि पहले आतंकवादी घुसते थे तो कभी अक्षरधाम, कभी मुंबई ताज में देश भर में बम ब्लास्ट हो जाते थे, चलती रेल में बम ब्लास्ट हो जाते थे। अब कश्मीर से ही नहीं निकल पाते है। पहले पाकिस्तान की गोली आती थी वार्ता होती थी, कबूतर उड़ाए जाते है। अब गोली आती है तो यहां से गोला जाता है, यह अंतर है। दिग्विजय सिंह को नही संवैधानिक संस्था पर भरोसा इसके अलावा दिग्विजय सिंह और विवेक तन्खा द्वारा चुनाव आयुुक्त की शिकायत किए जाने पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह के पास कोई काम नहीं है तो फिर शिकायतें ही करेंगे। दिग्विजय सिंह को कोई चुनावी सभा में नहीं बुलाता। इन्हें इतना खाली नहीं छोडऩा चाहिए। उनका किसी संवैधानिक संस्था पर विश्वास रहा नही, कभी वे सेना पर उंगली उठाते हैं तो कभी न्यायपालिका के खिलाफ।चुनाव में हार जाए तो कहते हैं ईवीएम खराब है अब यह फिर उसी की रिहर्सल की ओर जा रहे हैं। उपचुनाव के नतीजों से पहले ही चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं। उपचुनाव के परिणाम आने के बाद यही कहते फिरेंगे प्रशासन का दुरुपयोग कर रहे हैं और ईवीएम भी खराब है। उन्हें मालूम है कि कांग्रेस की हार तय है। राहुल गांधी के नाम पर नहीं मिलते वोटभाजपा के डिजिटल प्रचार रथों से ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो नदारद होने पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया तो हमारे दिलों में बसते हैं। मप्र भाजपा के प्रचार रथों पर मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का फोटो है, लेकिन कांग्रेस के वचन पत्र में राहुल गांधी सिरे से नदारद हैं। मतलब साफ है कि कांग्रेस को समझ में आ गया है कि अब उनके नाम पर वोट नहीं मिलते। हमारा घोषणा पत्र विकास से जुड़ाइस दौरान गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जल्द ही भाजपा के घोषणा पत्र जारी होने की बात कही। उन्होंने कहा कि हमारा घोषणा पत्र सिर्फ विकास से जुड़ा हुआ है। हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोज जो कहते हैं, सिंधिया बोलते है, हम सब कार्यकर्ता बोलते है, वहीं बातें लिखकर बोलना है। भाजपा का घोषणा पत्र जल्दी आपके सामने होगा। प्रदेश की रिकवरी रेट अच्छीकोरोना पर चर्चा करते हुए मंत्री मिश्रा ने कहा कि कोरोना पर प्रदेश में बहुत ही अच्छी रिकवरी रेट हो गई है। अब आप देखेंगे ए सिमपेटिक मरीज भी प्रदेश और देश में आना एक बार फिर कम हुए हैं। यह प्रॉफिट अब डाउन की ओर है। अब इसका बैग आता है या नहीं यह विशेषज्ञों की राय के ऊपर है। बहराइच सुधार काफी है।
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14 October 2020भोपाल। मप्र भाजपा ने विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा के सभी दिग्गज नेताओं के नाम इस सूची में शामिल है। 30 नामों की इस सूची में भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा का नाम शामिल नहीं है। भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में कांग्रेस को छोडक़र भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम 10वें नंबर पर रखा गया है। जबकि उन्हीं के साथ कांग्रेस की सरकार गिराकर भाजपा में शामिल हुए उनके किसी भी समर्थक का नाम इस लिस्ट में नहीं है। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है। कांग्रेस ने साधा निशानाभाजपा के डिजिटल रथ से सिंधिया का पोस्टर गायब होने के बाद अब स्टार प्रचारकों की सूची में 10वें नंबर नाम होने पर कांग्रेस ने चुटकी ली है। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने ट्वीट कर निशाना साधा है और कहा है कि भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में सिंधिया का एक भी समर्थक शामिल नहीं, खुद सिंधिया का नाम 10 वे नंबर पर। कल डिजिटल रथ से भी गायब थे। कांग्रेस में चुनाव अभियान समिति के प्रमुख थे, क्या हालत हो गयी भाजपा में? भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी गायब ? गौरतलब है कि मंगलवार को भाजपा के प्रचार प्रसार वाले डिजिटल रथों से भी सिंधिया की फोटो गायब थी। इन नेताओं को मिली जिम्मेदारीस्टार प्रचारकों की सूची में जिन नेताओं के नाम है उनमें: वीडी शर्मा, शिवराज सिंह चौहान, दुष्यंत कुमार गौतम, विनय सहस्त्रबुद्धे, नरेन्द्र सिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, कैलाश विजयवर्गीय, धमेन्द्र प्रधान, उमा भारती, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रभात झा, नंदकुमार सिंह चौहान, राकेश सिंह, सत्यनाराण जाटिया, लालसिंह आर्य, ओमप्रकाश धुर्वे, सुधीर गुप्ता, कृष्णमुरारी मोघे, हितानंद शर्मा, नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह, जगदीश देवड़ा, कमल पटेल, यशोधरा राजे सिंधिया, जयभान सिंह पवैया, उमाशंकर गुप्ता के नाम शामिल है।
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14 October 2020भोपाल। मप्र भाजपा ने विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है। मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा के सभी दिग्गज नेताओं के नाम इस सूची में शामिल है। 30 नामों की इस सूची में भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा का नाम शामिल नहीं है। भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में कांग्रेस को छोडक़र भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम 10वें नंबर पर रखा गया है। जबकि उन्हीं के साथ कांग्रेस की सरकार गिराकर भाजपा में शामिल हुए उनके किसी भी समर्थक का नाम इस लिस्ट में नहीं है। जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही है। कांग्रेस ने साधा निशानाभाजपा के डिजिटल रथ से सिंधिया का पोस्टर गायब होने के बाद अब स्टार प्रचारकों की सूची में 10वें नंबर नाम होने पर कांग्रेस ने चुटकी ली है। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने ट्वीट कर निशाना साधा है और कहा है कि भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में सिंधिया का एक भी समर्थक शामिल नहीं, खुद सिंधिया का नाम 10 वे नंबर पर। कल डिजिटल रथ से भी गायब थे। कांग्रेस में चुनाव अभियान समिति के प्रमुख थे, क्या हालत हो गयी भाजपा में? भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर भी गायब ? गौरतलब है कि मंगलवार को भाजपा के प्रचार प्रसार वाले डिजिटल रथों से भी सिंधिया की फोटो गायब थी। इन नेताओं को मिली जिम्मेदारीस्टार प्रचारकों की सूची में जिन नेताओं के नाम है उनमें: वीडी शर्मा, शिवराज सिंह चौहान, दुष्यंत कुमार गौतम, विनय सहस्त्रबुद्धे, नरेन्द्र सिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, कैलाश विजयवर्गीय, धमेन्द्र प्रधान, उमा भारती, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रभात झा, नंदकुमार सिंह चौहान, राकेश सिंह, सत्यनाराण जाटिया, लालसिंह आर्य, ओमप्रकाश धुर्वे, सुधीर गुप्ता, कृष्णमुरारी मोघे, हितानंद शर्मा, नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह, जगदीश देवड़ा, कमल पटेल, यशोधरा राजे सिंधिया, जयभान सिंह पवैया, उमाशंकर गुप्ता के नाम शामिल है।
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14 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने प्रचार प्रसार के लिए डिजिटल रथों को मैदान में उतारा है। उपचुनाव के प्रचार प्रसार में तेजी लाने के लिए भाजपा ने डिजिटल रथ अभियान की शुरूआत की है। मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भाजपा कार्यालय से रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 28 सीटों पर अब एलईडी वीडियो की सुविधा से सुसज्जित रथ से प्रचार करेंगे। लेकिन रथों की रवानगी कार्यक्रम के दौरान हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई। सीएम शिवराज और वीडी शर्मा की फोटो से सजे इन रथों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया गायब है, जिसके बाद सवाल उठ रहे है कि ‘क्या सिंधिया एक बार फिर भाजपा के पोस्टर बॉय नहीं बन पाए’। दरअसल अपने ही गढ़ में चुनावी रथ से ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो नदारद थी। प्रचार के लिए डिजिटल रथ में लगे भाजपा के बैनर पोस्टर में सीएम शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की फोटो तो है, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो गायब रही। पोस्टर में एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अध्यक्ष वीडी शर्मा की फोटो लगी है, जबकि दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की तस्वीर है। उपचुनाव में सबसे ज्यादा सीटें सिंधिया के रुतबे वाले ग्वालियर चंबल संभाग की है। ऐसे में चुनावी रथ से सिंधिया का फोटो नदारद होने पर राजनीतिक कानाफूसी तेज हो गई है। वहीं कांग्रेस इस मामले को भूनाने की कोशिश में भी जुट गई है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब भाजपा के पोस्टर में सिधिंया गैरमौजूद हो। इससे पहले भी कई मौकों पर पोस्टर राजनीति सामने आ चुकी है जब सिंधिया की फोटो भाजपा के बैनर और पोस्टरों से गायब रही है। बता दें कि भाजपा के डिजिटल अभियान में शिवराज है तो विश्वास है का नारा दिया गया है। डिजिटल रथ 28 विधानसभा में भ्रमण करेगी। वहीं मतदाताओं से बीजेपी के पक्ष में वोट करने की अपील कार्यकर्ता वोटरों से करेंगे। ऐसे में एक बार फिर चुनावी रथ से सिंधिया की फोटो का नदारद होना कई सवाल पैदा कर रहा है।
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13 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा ने प्रचार प्रसार के लिए डिजिटल रथों को मैदान में उतारा है। उपचुनाव के प्रचार प्रसार में तेजी लाने के लिए भाजपा ने डिजिटल रथ अभियान की शुरूआत की है। मंगलवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने भाजपा कार्यालय से रथों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। 28 सीटों पर अब एलईडी वीडियो की सुविधा से सुसज्जित रथ से प्रचार करेंगे। लेकिन रथों की रवानगी कार्यक्रम के दौरान हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई। सीएम शिवराज और वीडी शर्मा की फोटो से सजे इन रथों पर ज्योतिरादित्य सिंधिया गायब है, जिसके बाद सवाल उठ रहे है कि ‘क्या सिंधिया एक बार फिर भाजपा के पोस्टर बॉय नहीं बन पाए’। दरअसल अपने ही गढ़ में चुनावी रथ से ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो नदारद थी। प्रचार के लिए डिजिटल रथ में लगे भाजपा के बैनर पोस्टर में सीएम शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की फोटो तो है, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की फोटो गायब रही। पोस्टर में एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और अध्यक्ष वीडी शर्मा की फोटो लगी है, जबकि दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की तस्वीर है। उपचुनाव में सबसे ज्यादा सीटें सिंधिया के रुतबे वाले ग्वालियर चंबल संभाग की है। ऐसे में चुनावी रथ से सिंधिया का फोटो नदारद होने पर राजनीतिक कानाफूसी तेज हो गई है। वहीं कांग्रेस इस मामले को भूनाने की कोशिश में भी जुट गई है। हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब भाजपा के पोस्टर में सिधिंया गैरमौजूद हो। इससे पहले भी कई मौकों पर पोस्टर राजनीति सामने आ चुकी है जब सिंधिया की फोटो भाजपा के बैनर और पोस्टरों से गायब रही है। बता दें कि भाजपा के डिजिटल अभियान में शिवराज है तो विश्वास है का नारा दिया गया है। डिजिटल रथ 28 विधानसभा में भ्रमण करेगी। वहीं मतदाताओं से बीजेपी के पक्ष में वोट करने की अपील कार्यकर्ता वोटरों से करेंगे। ऐसे में एक बार फिर चुनावी रथ से सिंधिया की फोटो का नदारद होना कई सवाल पैदा कर रहा है।
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13 October 2020गुना। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज बमौरी क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैयालाल अग्रवाल के समर्थन में आमसभा को संबोधित किया। सभा के दौरान कमलनाथ के निशाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान रहे। उन्होंने कांग्रेस सरकार गिराए जाने को लेकर सिंधिया और शिवराज की जमकर पोल खोली और जनता से आव्हान किया कि भाजपा शासित गद्दारों की सरकार को सबक सिखाकर बमौरी की जनता नया उदाहरण पेश करे।कमलनाथ ने अपने भाषण के दौरान कहाकि बमौरी क्षेत्र की भोली-भाली जनता को जिस तरह ठगा गया, उससे वह भी हतप्रभ हैं। वह पूरे प्रदेश में घूम रहे हैं, जहां जनता भाजपा और सिंधिया की करतूत से नाराज है। यह उपचुनाव इस नाराजगी को बयां करने का जरिया है। इसमें लोग पूरी सिद्दत के साथ गद्दारों को सबक सिखाएं। कमलनाथ ने कहाकि केवल 15 महीनों में उन्होंने प्रदेश के किसानों का कर्जा माफ कर दिया। इसकी वजह से हजारों-लाखों किसान आत्महत्या करने से बच गए। कांग्रेस ने मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाया तो भाजपा डर गई। उनकी सरकार ने लोगों के बिजली के बिल केवल 100 रुपए कर दिए, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की राशि दोगुनी कर दी। लेकिन भाजपा को गरीबों का भला करने गलती लगा और उन्होंने गद्दारी दिखाते हुए जनता का भला करने वाली सरकारी गिरा दी। उन्होंने बमौरी के मतदाताओं की प्रशंसा करते हुए कहाकि वह पूरे मध्यप्रदेश में घूमते हैं, ऐसे सीधे-साधे लोग कही नहीं हैं। कमलनाथ यहीं नहीं रुके। एक दिन पहले सागर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अभिनेता बताने वाले बयान को आगे बढ़ाते हुए कमलनाथ ने कहाकि शिवराज पहले मामा थे, लेकिन जिस तरह का वह अभिनय करते हैं उससे तो देश के एक्टर सलमान और शाहरुख भी शर्मा जाएं। यदि शिवराज मुम्बई चले जाएं तो यह दोनों अभिनेता भी पीछे रह जाएंगे। बमौरी उपचुनाव की आमसभा के दौरान अतिथि शिक्षकों का मुद्दा भी छाया रहा। दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस सरकार के दौरान अतिथि शिक्षकों के सामने ही सडक़ों पर उतरने की बात कही थी। इस बयान पर चुटकी लेते हुए कमलनाथ ने कहाकि अब कहां हैं सिंधिया? न तो वह अतिथि शिक्षकों की ढाल बने और न ही तलवार। उन्होंने अतिथि शिक्षकों को विश्वास दिलाया कि वह प्रदेश में रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, अतिथि शिक्षकों की भी चिंता की जाएगी। सभा में मौजूद कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैयालाल ने जोशीले अंदाज में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा। कन्हैयालाल ने कहाकि दो दिन पहले ही ज्योतिरादित्य ने म्याना में आयोजित सभा में कहा था कि जो झूठ बोलता है उसे कौआ काटता है। अब वह ही तय कर लें कि वह टाइगर हैं या कौआ। बमौरी में स्वीकृत 4 सौ करोड़ की योजना को झूठ का पिटारा बताते हुए कन्हैयालाल ने कहाकि जिस गोपीसागर बांध से यह पानी लाने की बात कर रहे हैं वह एनएफएल के लिए बना है, तो बमौरी को पानी कैसे मिलेगा? बमौरी की उपचुनावी सभा में गद्दारी और विधायकों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा जमकर छाया रहा। सभा के दौरान पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह, हुकुम सिंह कराड़ा आदि भी मौजूद रहे।
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13 October 2020गुना। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने आज बमौरी क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैयालाल अग्रवाल के समर्थन में आमसभा को संबोधित किया। सभा के दौरान कमलनाथ के निशाने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान रहे। उन्होंने कांग्रेस सरकार गिराए जाने को लेकर सिंधिया और शिवराज की जमकर पोल खोली और जनता से आव्हान किया कि भाजपा शासित गद्दारों की सरकार को सबक सिखाकर बमौरी की जनता नया उदाहरण पेश करे।कमलनाथ ने अपने भाषण के दौरान कहाकि बमौरी क्षेत्र की भोली-भाली जनता को जिस तरह ठगा गया, उससे वह भी हतप्रभ हैं। वह पूरे प्रदेश में घूम रहे हैं, जहां जनता भाजपा और सिंधिया की करतूत से नाराज है। यह उपचुनाव इस नाराजगी को बयां करने का जरिया है। इसमें लोग पूरी सिद्दत के साथ गद्दारों को सबक सिखाएं। कमलनाथ ने कहाकि केवल 15 महीनों में उन्होंने प्रदेश के किसानों का कर्जा माफ कर दिया। इसकी वजह से हजारों-लाखों किसान आत्महत्या करने से बच गए। कांग्रेस ने मिलावटखोरों के खिलाफ अभियान चलाया तो भाजपा डर गई। उनकी सरकार ने लोगों के बिजली के बिल केवल 100 रुपए कर दिए, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की राशि दोगुनी कर दी। लेकिन भाजपा को गरीबों का भला करने गलती लगा और उन्होंने गद्दारी दिखाते हुए जनता का भला करने वाली सरकारी गिरा दी। उन्होंने बमौरी के मतदाताओं की प्रशंसा करते हुए कहाकि वह पूरे मध्यप्रदेश में घूमते हैं, ऐसे सीधे-साधे लोग कही नहीं हैं। कमलनाथ यहीं नहीं रुके। एक दिन पहले सागर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अभिनेता बताने वाले बयान को आगे बढ़ाते हुए कमलनाथ ने कहाकि शिवराज पहले मामा थे, लेकिन जिस तरह का वह अभिनय करते हैं उससे तो देश के एक्टर सलमान और शाहरुख भी शर्मा जाएं। यदि शिवराज मुम्बई चले जाएं तो यह दोनों अभिनेता भी पीछे रह जाएंगे। बमौरी उपचुनाव की आमसभा के दौरान अतिथि शिक्षकों का मुद्दा भी छाया रहा। दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस सरकार के दौरान अतिथि शिक्षकों के सामने ही सडक़ों पर उतरने की बात कही थी। इस बयान पर चुटकी लेते हुए कमलनाथ ने कहाकि अब कहां हैं सिंधिया? न तो वह अतिथि शिक्षकों की ढाल बने और न ही तलवार। उन्होंने अतिथि शिक्षकों को विश्वास दिलाया कि वह प्रदेश में रोजगार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं, अतिथि शिक्षकों की भी चिंता की जाएगी। सभा में मौजूद कांग्रेस प्रत्याशी कन्हैयालाल ने जोशीले अंदाज में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा। कन्हैयालाल ने कहाकि दो दिन पहले ही ज्योतिरादित्य ने म्याना में आयोजित सभा में कहा था कि जो झूठ बोलता है उसे कौआ काटता है। अब वह ही तय कर लें कि वह टाइगर हैं या कौआ। बमौरी में स्वीकृत 4 सौ करोड़ की योजना को झूठ का पिटारा बताते हुए कन्हैयालाल ने कहाकि जिस गोपीसागर बांध से यह पानी लाने की बात कर रहे हैं वह एनएफएल के लिए बना है, तो बमौरी को पानी कैसे मिलेगा? बमौरी की उपचुनावी सभा में गद्दारी और विधायकों की खरीद-फरोख्त का मुद्दा जमकर छाया रहा। सभा के दौरान पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह, हुकुम सिंह कराड़ा आदि भी मौजूद रहे।
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13 October 2020भोपाल। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर उपचुनाव से पहले कांग्रेस पर जमकर बरसे हैं। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा है कि मप्र में कांग्रेस पूरी तरह खत्म हो चुकी है और साथ ही उपचुनाव में बीजेपी की जीत का दावा किया है। मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि नारों से चुनाव नहीं जीते जाते, ऐसा होता तो कांग्रेस खत्म नहीं होती। राहुल, प्रियंका, पायलट ने यूपी में भी प्रचार किया था, वही हश्र एमपी में भी होगा। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री तोमर ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस में दम बचा नहीं है, उपचुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हारेगी। वहीं, ग्वालियर-चम्बल उपचुनाव पर उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने 2018 के चुनाव में किसान कर्जमाफी का वादा किया था। कमलनाथ ने किसान कर्जमाफी को लेकर वादाखिलाफी की, कर्जमाफी न होने के चलते कांग्रेस में आंतरिक विरोध हुआ है। कमलनाथ की 15 माह की सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर था। उन्होंने प्रदेश में भाजपा सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज ने पिछले 15 साल और अभी छ: माह के कार्यकाल में किसानों के हित मे फैसले लिए। इस दौरान उपचुनाव के दौरान स्तरहीन बयानबाजी को लेकर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि दिमाग में जब कुछ मटेरियल नहीं होता तो ऐसी बयानबाजी होती है। कांग्रेस नेता शिवराज सिंह चौहान को भूखे नंगे घर के बता रहे हैं, इस देश मे गरीब होना क्या अभिशाप है। कमलनाथ अगर बड़े घर के है तो उन्होंने क्या कर दिया। शिवराज ने अपने परिश्रम से ये मुकाम हासिल किया, इसलिए 13 साल सीएम रहें। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि उपचुनाव में भाजपा की स्थिति मजबूत है। कृषि बिल पर कांग्रेस का रवैया दोहराकेंद्रीय कृषि बिल पर नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये बिल अभूतपूर्व बदलाव लाने वाले हैं। इससे पहले यूपीए ने भी कृषि बिल लाने की कोशिश की थी, यूपीए कुछ लोगों के दबाव में कृषि बिल नहीं ला सका। लेकिनन पीएम मोदी की संकल्प से कृषि बिल ला पाए। बिल को लेकर कांग्रेस के विरोध को अप्रासंगिक बताते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कृषि बिल पर दोहरा रवैया है। नरेंद्र सिंह तोमर ने सलाह देते हुए कहा कि कांग्रेस दो मुंही राजीनीति से बाज आना चाहिए।
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13 October 2020भोपाल। कांग्रेस तो बौरा गई है, बौखला गई है। हर दिन अपनी बौखलाहट हमारे ऊपर निकाल रही है। आज कांग्रेस का नया बयान आया है। कांग्रेस के एक नेता कह रहे हैं कि कमलनाथ तो देश के नंबर दो उद्योगपति हैं और शिवराज सिंह तो नंगे-भूखे हैं। तुम्हारी अमीरी तुम्हें मुबारक हो कमलनाथ, लेकिन हम नंगे-भूखों पर ऊंगली मत उठाओ। हम ऐसे ही ठीक हैं, हमें नंगे-भूखे ही रहने दो ताकि हम गरीबों का दर्द महसूस कर सकें, उनकी जिंदगी भर सेवा करते रहें। यह बात मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सोमवार को गुना जिले की बमोरी विधानसभा के परवाह और शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा के करही में मंडल सम्मेलनों को संबोधित करते हुए कही। कभी भूख और गरीबी देखी है कमलनाथ! मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सवाल किया कि उद्योगपति कमलनाथ, तुमने कभी भूख और गरीबी देखी है? कभी बीमारी और मौत देखी है? कभी गांव देखे हैं, खेत देखे हैं, खेतों की पगडंडियां देखी हैं, कीचड़ देखी है, धूल देखी है? तुम क्या गरीबों का दर्द जानोगे? हम नंगे-भूखे हैं और गरीबों के दर्द को जानते हैं। इसीलिए उनकी सेवा में लगे रहते हैं। हम नंगे-भूखे हैं, इसीलिए हमने गरीबों के लिए संबल योजना बनाई। हम नंगे भूखे हैं, इसलिए ये चाहते हैं कि गरीबों के बच्चे भी पलें, उनके घरों में भी जन्म की खुशियां मनाई जाएं, इसीलिए हम बेटे-बेटी के जन्म पर 16000 रुपये देते हैं। हमने गरीबी के कारण परिवारों को बिखरते देखा है, इसलिए हम गरीब परिवार के मुखिया की दुर्घटना में मौत पर 4 लाख और सामान्य मौत पर 2 लाख की सहायता देते हैं। हम नंगे-भूखे हैं, इसीलिए ये चाहते हैं कि हर गरीब की दुनिया से विदाई सम्मान के साथ हो। इसके लिए हम गरीबों के अंतिम संस्कार के लिए पांच हजार रुपये देते हैं। स्कूल-कॉलेज में बच्चों की फीस भरवाते हैं, उन्हें लेपटॉप देते हैं, स्मार्टफोन देते हैं, बेटियों की शादी कन्यादान योजना में करवाते हैं, बुजुर्गों को तीर्थदर्शन कराने ले जाते हैं, किसानों को शून्य प्रतिशत दर पर ऋण देते हैं। लेकिन उद्योगपति कमलनाथ ने प्रदेश के गरीबों का हक छीन लिया। उनका सहारा, संबल योजना छीन ली, गरीब परिवारों की खुशियां छीन लीं और गरीबों से उनका कफन भी छीन लिया। नारियल नहीं, तो क्या शराब की बोतल साथ रखूं? मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले कमलनाथ कह रहे थे कि मुख्यमंत्री तो हाथ में नारियल लेकर चलते हैं। हम तो नारियल भगवान को चढ़ाते हैं और मेरे लिए तो मेरी जनता ही भगवान है। उसकी सेवा ही भगवान की पूजा है। जनता कहती कि हमारा ये काम कर दो तो हम कर देते हैं। पंडितजी बोलते हैं कि नारियल चढ़ा दो तो चढ़ा देते हैं। इससे कमलनाथ के पेट में दर्द होता है। अब नारियल लेकर न चलूं तो क्या शराब की बोतल लेकर चलूं? उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने बमोरी क्षेत्र की जनता के लिए ग्वालटोरियल डेम स्वीकृत कर दिया है। 491 करोड़ रूपए की गोपीकृष्ण समूह पेयजल योजना शुरू की है। इससे 300 गांवों को पानी मिलेगा। कांग्रेस ने तो विकास के कार्य किए नहीं। अब हम कर रहे हैं तो इसमें भी उन्हें तकलीफ हो रही है। मंडल सम्मेलनों में गुना सांसद केपी यादव, जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिकरवार, संयोजक ओएन शर्मा, हरीश यादव, पूर्व विधायक ममता मीना, राजेंद्र सलूजा, राधेश्याम धाकड़, हेमराज, मनु सिंह, हरिचरण नागर, हेमराज किरार, अतुल रघुवंशी, संतोष धाकड़, प्रदेश महामंत्री रणवीर सिंह रावत, केके श्रीवास्तव, जसवंत जाटव, रमेश खटिक, प्रीतम लोधी, प्रियंका भारती, रामगोपाल चैधरी, जगराम रावत सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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12 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले थमने का नाम नहीं रहे हैं। प्रदेश के राजनेता भी खुद को इसकी चपेट में आने से नहीं बचा पा रहे हैं। इस बीच अब वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वनमंत्री उमंग सिंगार भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्हें उपचार के लिए इंदौर के बाम्बे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पूर्व मंत्री सिंगार ने इस बात की जानकारी अपने सोशल मीडिया अकाउंट ट्वीट पर एक वीडियो साझा कर दी है। उन्होंने ट्वीट कर अपने कोरोना संक्रमित होने की जानकारी साझा की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उनकी रिपोर्ट जांच में कोरोना पॉजिटिव आई है। इस मुश्किल समय में आपका साथ और स्नेह मेरी सबसे बड़ी ताक़त है! जल्द स्वस्थ होकर आपके बीच आऊंगा। साथ ही उन्होंने लोगों से खुद का और प्रियजनों का ध्यान रखने की अपील की। इसके अलावा उन्होंने बदनावर उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कमल सिंह पटेल को जितवाने की बात कही। उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत उनके कैबिनेट के 7 मंत्री और कई भाजपा विधायक कोरोना संक्रमित की चपेट में आ चुके है और स्वस्थ हो गए है। इनके अलावा कांग्रेस पार्टी के भी कई नेता कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं।
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12 October 2020भोपाल। केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल को लेकर राजनीति जोरों से चल रही है। कांग्रेस लगातार कृषि बिल को किसान विरोधी बता रही है और सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रही है। कांग्रेस के आरोपों के बीच मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम शिवराज ने कांग्रेस पार्टी पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि यह तीनों कृषि बिल किसान के हित में है किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस के विरोध पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कृषि बिल के विषय पर कांग्रेस के पास न "नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी" पता नहीं क्यों कांग्रेस कृषि बिल पर भ्रम फैला रही है। एक तरफ खेती से अंजान राहुल गांधी ट्रैक्टर पर सोफा लगाकर घूम रहे हैं। जिन्हें यह भी नहीं पता कि प्याज ज़मीन के नीचे होता है या ऊपर होता है। यह तीनों कृषि बिल किसान के हित में है किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हैं। सीएम शिवराज ने आगे कहा कि मोदी सरकार की तीन कृषि बिल किसानों के हित में है। इस बिल से किसानों की आय दोगुनी होगी। सरकार ने सभी के हितों को ध्यान में रखकर कृषि बिल को लाया है। गौरतलब है कि कृषि बिल को लेकर कांग्रेस विरोध कर रही है। देश के पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में कांग्रेस और किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से बिल को वापस लेने की मांग की है।
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9 October 2020भोपाल। केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल को लेकर राजनीति जोरों से चल रही है। कांग्रेस लगातार कृषि बिल को किसान विरोधी बता रही है और सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रही है। कांग्रेस के आरोपों के बीच मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान सामने आया है। सीएम शिवराज ने कांग्रेस पार्टी पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि यह तीनों कृषि बिल किसान के हित में है किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस के विरोध पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि कृषि बिल के विषय पर कांग्रेस के पास न "नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी" पता नहीं क्यों कांग्रेस कृषि बिल पर भ्रम फैला रही है। एक तरफ खेती से अंजान राहुल गांधी ट्रैक्टर पर सोफा लगाकर घूम रहे हैं। जिन्हें यह भी नहीं पता कि प्याज ज़मीन के नीचे होता है या ऊपर होता है। यह तीनों कृषि बिल किसान के हित में है किसानों की आय दोगुनी करने के लिए हैं। सीएम शिवराज ने आगे कहा कि मोदी सरकार की तीन कृषि बिल किसानों के हित में है। इस बिल से किसानों की आय दोगुनी होगी। सरकार ने सभी के हितों को ध्यान में रखकर कृषि बिल को लाया है। गौरतलब है कि कृषि बिल को लेकर कांग्रेस विरोध कर रही है। देश के पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में कांग्रेस और किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से बिल को वापस लेने की मांग की है।
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9 October 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा की 28 रिक्त सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए शुक्रवार को निर्वाचन आयोग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। इसके साथ ही नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, जो कि आगामी 16 अक्टूबर तक चलेगी। निर्वाचन कार्यक्रम के अनुसार, प्रदेश की सभी 28 सीटों पर आगामी तीन नवम्बर को मतदान होगा और 10 नवम्बर को मतगणना के साथ परिणाम घोषित किये जाएंगे। मप्र की 28 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए विधिवत अधिसूचना शुक्रवार सुबह संबंधित क्षेत्र के जिला निर्वाचन अधिकारियों द्वारा जारी की गई और इसके साथ ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई। उम्मीदवार आगामी 16 अक्टूबर तक अपना नाम निर्देशन पत्र दाखिल कर सकेंगे। इसके बाद अगले दिन 17 अक्टूबर को नामांकन पत्रों की संवीक्षा (स्क्रूटनी) होगी, जबकि उम्मीदवार 19 अक्टूबर तक नाम वापस ले सकेंगे। सभी 28 विधानसभा क्षेत्रों में तीन नवम्बर को मतदान होगा, जबकि 10 नवम्बर को मतगणना होगी और इसी दिन उपचुनाव के नतीजे घोषित किये जाएंगे। इस बार उम्मीदवार ऑनलाइन नामांकन भी दाखिल कर सकते हैं। डोर टू डोर कैंपेन में प्रत्याशी के साथ 5 से ज्यादा लोग नहीं होंगे। उपचुनाव में कोरोना मरीज भी वोट डालेंगे। चुनाव आयोग इसकी भी व्यवस्था करेगी। चुनाव प्रचार सिर्फ वर्चुअल होगा। प्रदेश की जिन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें से सुमावली, मुरैना, दिमनी अंबाह, मेहगांव, गोहद, ग्वालियर, ग्वालियर पूर्व, डबरा, भांडेर, करेरा, पोहरी, बामोरी, अशोकनगर, मुंगावली, सुरखी, सांची, अनूपपुर, सांवेर, हाटपिपल्या, सुवासरा, बदनावर, आगर-मालवा, जौरा, नेपानगर, मलहारा, मंधाता और ब्यावरा शामिल है। इन्हें मिले टिकट भाजपा ने जौरा से सूबेदार सिंह रजौधा, सुमावरी से एदल सिंह कंसाना, मुरैना से रघुराज सिंह कंसाना, दिमनी से गिर्राज डण्डौतिया, अम्बाह से कमलेश जाटव, मेहगांव से ओपीएस भदौरिया, गोहद से रणवीर सिंह जाटव, ग्वालियर मध्य से प्रद्युम्न सिंह तोमर, ग्वालियर पूर्व से मुन्नालाल गोयल, डबरा से इमरती देवी सुमन, भांडेर से रक्षा संतराम सरोनिया, करेरा से जसमंत जाटव छितरी, पोहरी से सुरेश धाकड़, बामोरी से महेन्द्र सिंह सिसोदिया, अशोकनगर से जजपाल सिंह जज्जी, मुंगावली से बृजेन्द्र सिंह यादव, सुरखी से गोविन्द सिंह राजपूत, मलेहरा से कुंवर प्रद्युम्न सिंह लोधी, अनूपपुर से बिसाहूलाल सिंह, सांची से डॉ. प्रभुराम चौधरी, ब्यावरा से नारायण सिंह पवार, आगरमालवा से मनोज ऊंटवाल, हाटपिपल्या से मनोज चौधरी, मंधाता से नारायण पटेल, नेपानगर से सुमित्रा देवी कास्डेकर, बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सांवेर से तुलसीराम सिलावट और सुवासरा से हरदीप सिंह डंग को टिकट दिया गया है। वहीं, कांग्रेस ने दिमनी से रविन्द्र सिंह तोमर, भांडेर से फूलसिंह बरैया, अम्बाह से सत्यप्रकाश सिकरवार, गोहद से मेवाराम जाटव, अशोकनर से आशा दोहरे, आगरमालवा से विपिन वानखेड़े, सांवेर से प्रेमचंद्र गुड्डू, नेपानगर से रामसिंह पटेल, हाटपिपल्या से राजवीर सिंह बघेल, अनूपुर से विश्वनाथ सिंह, सांची से मदनलाल चौधरी, बमोरी से कन्हैयालाल अग्रवाल, करेरा से प्रागीलाल जाटव, डबरा से सुरेश राजा, ग्वालियर मध्य से सुनील शर्मा, जौरा से पंकज उपाध्याय, सुमावली से अजब कुशवाहा, ग्वालियर पूर्व से सतीश सिकरवार, पोहरी से हरिबल्लभ शुक्ला, मुंगावली से कन्हैयालाल लोधी, सुरखी से पारुल साहू, मांधाता से उत्तम राज सिंह, बदनावर से कमल पटेल, सुवासरा से राकेश पाटीदार, मुरैना से राकेश मवई, मेहगांव से हेमंत कटारे, ब्यावरा से रामचंद्र दांगी और मलेहरा से रामसिया त्रिपाठी को उम्मीदवार घोषित किया है। उपचुनाव में बसपा भी मैदान में है।
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9 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनावी सरगर्मी के बीच बयानबाजी भी तेज हो गई है। प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हाथरस मामले को लेकर चल रही राजनीति पर कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को दलित नहीं "दलहित" की चिंता रहती है। इसीलिए वो अपने राजनीतिक लाभ के लिए दलितों का इस्तेमाल करती है। हाथरस की घटना में भी उसकी साजिश सामने आ रही है। उसने हमेशा समाज को बांटने वाले तत्वों का पक्ष लिया है। डॉ नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हाथ दंगाइयों के साथ है। कांग्रेस को दलित की नही, दलहित की चिंता है। कांग्रेस देश तोडऩे वाली ताकतों के साथ है और राहुल गांधी का हाथरस कनेक्शन सामने है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दलितों के हितों पर कुठारा घात किया, कांग्रेसी धोखे की राजनीति करते है। कांग्रेस देश में कुछ भी कर सकती है, देश को जातियों में बाटना चाहती है, हाथ रास संयोग नही एक प्रयोग था। राहुल गांधी के बयान पर कसा तंज इस दौरान मंत्री मिश्रा ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि 10 दिन में कर्ज माफ कर देंगे, 15 मिनिट में चीन साफ कर देंगे। उस गुरु को नमन जिन्होंने इन्हें पढ़ाया, इतनी अच्छी नस्ल के ये आते कहा से है। कांग्रेस के आरोपों पर पलटवारकमलनाथ पर पथराव पर कांग्रेस के आरोपों पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि जिला प्रशासन चुनाव आयोग के अधीन होता है, जहाँ चुनाव होता है। अभी तक वो इस प्रकार के हमले करा रहे थे, ये कांग्रेस के स्पॉन्सर से प्रेरित हुआ होगा कोई। उन्होंने कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए खुद ने ऐसा किया होगा, भाजपा पर आरोप न लगाए। खुद के बने जाल में उलझे कमलनाथबिकाऊ ओर टिकाऊ वाले मुद्दे पर डॉ मिश्रा ने कहा कि जो शुरुआत कांग्रेस ने की थी में वो उसी में उलझ रहे हैं। कमलनाथ अपने बने जाल में फंसे, खुद के बने जाल में उलझ कर अपनी सरकार गवां दी। कमलनाथ को स्वीकार करना चाहिए कि वो अपने ही बुने जाल में फंसे हैं। तोडफ़ोड़ की राजनीति का आगाज उन्होंने ही किया था अब अंजाम भुगत रहे हैं। कांग्रेस सरकार उन्हीं की वजह से ही गिरी है, उन्हें इसका दोष किसी दूसरे के सिर नहीं मढऩा चाहिए। कोरोना अभियान और प्रदेश के लोगों से अपील मंत्री मिश्रा ने कहा कि कोरोना का अभियान इसलिए जरूरी है कि पीएम ने शुरू से जो कदम उठाए वो विश्व में सराहे गए। मास्क बचाव का बड़ा रास्ता है मास्क ही वैक्सीन है। पीएम की अपील का अनुसरण सभी करें। देश में कोरोना वायरस से बचाव के लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाने के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की राय बेहद अहम है। अब अनलॉक के दौर में जब जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है तब हम सभी को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
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8 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनावी सरगर्मी के बीच बयानबाजी भी तेज हो गई है। प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हाथरस मामले को लेकर चल रही राजनीति पर कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को दलित नहीं "दलहित" की चिंता रहती है। इसीलिए वो अपने राजनीतिक लाभ के लिए दलितों का इस्तेमाल करती है। हाथरस की घटना में भी उसकी साजिश सामने आ रही है। उसने हमेशा समाज को बांटने वाले तत्वों का पक्ष लिया है। डॉ नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का हाथ दंगाइयों के साथ है। कांग्रेस को दलित की नही, दलहित की चिंता है। कांग्रेस देश तोडऩे वाली ताकतों के साथ है और राहुल गांधी का हाथरस कनेक्शन सामने है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि दलितों के हितों पर कुठारा घात किया, कांग्रेसी धोखे की राजनीति करते है। कांग्रेस देश में कुछ भी कर सकती है, देश को जातियों में बाटना चाहती है, हाथ रास संयोग नही एक प्रयोग था। राहुल गांधी के बयान पर कसा तंज इस दौरान मंत्री मिश्रा ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि 10 दिन में कर्ज माफ कर देंगे, 15 मिनिट में चीन साफ कर देंगे। उस गुरु को नमन जिन्होंने इन्हें पढ़ाया, इतनी अच्छी नस्ल के ये आते कहा से है। कांग्रेस के आरोपों पर पलटवारकमलनाथ पर पथराव पर कांग्रेस के आरोपों पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि जिला प्रशासन चुनाव आयोग के अधीन होता है, जहाँ चुनाव होता है। अभी तक वो इस प्रकार के हमले करा रहे थे, ये कांग्रेस के स्पॉन्सर से प्रेरित हुआ होगा कोई। उन्होंने कहा कि सस्ती लोकप्रियता के लिए खुद ने ऐसा किया होगा, भाजपा पर आरोप न लगाए। खुद के बने जाल में उलझे कमलनाथबिकाऊ ओर टिकाऊ वाले मुद्दे पर डॉ मिश्रा ने कहा कि जो शुरुआत कांग्रेस ने की थी में वो उसी में उलझ रहे हैं। कमलनाथ अपने बने जाल में फंसे, खुद के बने जाल में उलझ कर अपनी सरकार गवां दी। कमलनाथ को स्वीकार करना चाहिए कि वो अपने ही बुने जाल में फंसे हैं। तोडफ़ोड़ की राजनीति का आगाज उन्होंने ही किया था अब अंजाम भुगत रहे हैं। कांग्रेस सरकार उन्हीं की वजह से ही गिरी है, उन्हें इसका दोष किसी दूसरे के सिर नहीं मढऩा चाहिए। कोरोना अभियान और प्रदेश के लोगों से अपील मंत्री मिश्रा ने कहा कि कोरोना का अभियान इसलिए जरूरी है कि पीएम ने शुरू से जो कदम उठाए वो विश्व में सराहे गए। मास्क बचाव का बड़ा रास्ता है मास्क ही वैक्सीन है। पीएम की अपील का अनुसरण सभी करें। देश में कोरोना वायरस से बचाव के लिए व्यापक जनजागरूकता अभियान चलाने के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की राय बेहद अहम है। अब अनलॉक के दौर में जब जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है तब हम सभी को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
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8 October 2020ग्वालियर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को सुबह ग्वालियर पहुंचे। वे यहां ग्वालियर-चंबल अंचल के चार दिवसीय दौरे पर यहां आए हैं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के साथ कांग्रेस की सरकार ने गद्दारी की है। कमल नाथ को कुर्सी और तिजोरी की ही चिंता रही। जब उनसे ग्वालियर के कामों के लिए कहते थे तो वह साफ कह देते थे कि पैसा नहीं है, लेकिन आज पांच महीने की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने हर ग्वालियर सहित प्रदेश के हर क्षेत्र के लिए योजनाएं दीं। पूरे क्षेत्र में विकास के कार्य फिर से चल पड़े हैं। बता दें कि मप्र की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं। इनमें अधिकांश सीटें ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र की हैं। यहां भाजपा के स्टार प्रचार के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया चार दिनों तक जनसभाओं को संबोधित करेंगे। वे गुरुवार सुबह दिल्ली दिल्ली के ग्वालियर पहुंचे। यहां उनका कार्यकर्ताओं और समर्थकों द्वारा भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और शिवराज सरकार की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि कई लोग ऐसे होते हैं कि जिनके यहां कार्य ले जाओ तो संभव कार्य असंभव हो जाता है और कुछ लोग ऐसे होते हैं, जिनके पास असंभव काम ले जाओ तो वो भी संभव हो जाता है। इसके बाद सिंधिया मुरैना के लिए रवाना हो गए। वे यहां कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और मुरैना पोलिंग बूथ सम्मेलन में शामिल होकर चुनावी जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे। वे चार दिन तक लगातार ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र में पार्टी प्रत्याशियों के समर्थन में चुनाव प्रचार करेंगे।
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8 October 2020इंदौर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बनायी गयीं 4 हजार 120 किलो मीटर लंबी 12 हजार 960 ग्रामीण सडक़ों का वर्चुअल कार्यक्रम में लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कांग्रेस में जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विकास विरोधी है। वे स्वयं काम करते नहीं हैं और मैं करता हूं, तो उनके पेट में दर्द होता है। वे कहते हैं कि हर कहीं शिवराज नारियल फोड़ देता है। मैं केवल नारियल नहीं फोड़ता बल्कि सडक़, पुल-पुलिया, बांध का निर्माण करवाता हूं। जहां चाह होती है, वहां राह को निकलना ही पड़ता है। गांव के विकास और जनकल्याण के कामों को रुकने नहीं दूंगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के चुनाव अप्रभावित 33 जिलों में 1,359 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित 4,120 किमी लंबी 12,960 ग्रामीण सडक़ों का ई-लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे प्रिय ग्रामवासियों, आपको वचन देता हूँ, अगले तीन सालों में कोई भी गरीब नागरिक कच्चे मकान में नहीं रहेगा, सभी को पक्का मकान मिलेगा। कोविड-19 काल में भी हमने निर्माण कार्य जारी रखा और इतनी सडक़ें निर्मित की। इन सभी सडक़ों को मैं आप सभी ग्रामवासियों को समर्पित करता हूँ। जो गांव अभी छूट गए हैं, उन्हें भी सडक़ की सौगात दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री बना तो कोरोना का प्रकोप था। हमारी कर्मठता के चलते आज इसका संक्रमण पूरी तरह से नियंत्रण में है। हमें सावधानी बरतनी है। जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती, तब तक मास्क ही वैक्सीन है। सावधानी में ही सुरक्षा है। कोरोना काल में गेहूँ का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ। हमने भी तैयारी की और 129 लाख मीट्रिक टन गेहूँ उपार्जित कर पंजाब को पीछे छोड़ा और किसानों के खातों में 25 हजार करोड़ रुपये डाले। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेत सडक़ योजना के माध्यम से हम खेतों तक सडक़ों को पहुंचायेंगे, ताकि किसान अपने खेतों से उपज बेचने के लिए आसानी से बाजार तक पहुंचा सके। ऐसे प्रयासों से किसानों की आय दोगुनी होगी। प्रवासी मज़दूर जो वापस आ रहे थे, उन्हें मनरेगा के अंतर्गत रोजगार दिया। स्किल्ड लेबर्स के लिए रोजगार_सेतु बनाया। करीब 37 लाख गरीबों को पात्रता पर्ची बाँट कर उन्हें राशन उपलब्ध कराया। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अभिनंदन करता हूं कि उन्होंने कोरोना काल में गरीबों को नि:शुल्क अनाज प्रदाय की व्यवस्था करायी। उन्होंने कहा कि चुनौती के इस समय हमारी सरकार ने भी गरीबों को एक रुपये किलो गेहूं, चावल और नमक देना प्रारम्भ कर दिया। जहां चाह होती है, वहां राह को निकलना ही पड़ता है। गांव के विकास और जनकल्याण के काम नहीं रुकेंगे। चुनौती कितनी भी बड़ी हो, हम उसके पार निकालकर प्रदेश को ले जायेंगे। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया तथा राज्यमंत्री रामखिलावन पटेल भी मौजूद रहे। मुख्यामंत्री ने लोकार्पण के दौरान कुछ जिलों के सरपंचों से संवाद भी किया।
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8 October 2020सतना। जम्मू-कश्मीर में दो दिन पहले हुए आतंकी हमले में शहीद हुए विंध्य के जवान धीरेंद्र त्रिपाठी का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव पडिय़ा पहुंचा, जहां उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। सभी भारत माता की जय, धीरेंद्र अमर रहे के जयकारे लगाते रहे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ग्राम पडिय़ा पहुंचकर शहीद धीरेन्द्र को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने धीरेंद्र के परिवार को एक करोड़ रुपए की सम्मान निधि और इसके साथ ही शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी, गांव में शहीद के नाम से स्मारक बनवाने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सीआरपीएस के वीर जवान धीरेंद्र त्रिपाठी ने भारत माता की सुरक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। ऐसे अमर शहीद के चरणों में मैं मध्यप्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता की ओर से श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ। उनका परिवार अब हमारा और मध्यप्रदेश का परिवार है! भारत माता के सच्चे सपूत पर हम सभी प्रदेशवासियों को गर्व है। अमर शहीद धीरेंद्र त्रिपाठी हम सभी की स्मृतियों में जीवित रहें, इसके लिए हम चर्चा करके उनके नाम पर एक संस्थान का नाम भी रखेंगे। शहीद धीरेंद्र जी की पत्नी, मेरी बहन अब सिर्फ पडिय़ा की बेटी नहीं, पूरे मध्यप्रदेश की बेटी है। धीरेंद्र जी के नाम पर पडिय़ा के शासकीय विद्यालय का नामकरण किया जाएगा और उनके परिवार व ग्रामवासियों से चर्चा कर एक सडक़ का नामकरण भी उनके नाम पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार की नियमानुसार हर तरह की मदद की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस गांव की माटी आज धन्य हो गई है। जहां ऐसे वीर सपूत जन्म लिए। बता दें कि बीते सोमवार को श्रीनगर में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में सीआरपीएफ के दो जवान शहीद हो गए थे। जिनमें एक धीरेंद्र त्रिपाठी एक थे। शहीद धीरेंद्र अपने माता-पिता के इकलौते पुत्र थे। उनके पिता रामकलेश त्रिपाठी भी सीआरपीएफ के जवान जो कि बालाघाट में पदस्थ हैं। शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए मंत्री, जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और पुलिस, प्रशासन व सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इसमें मंत्री विश्वास सारंग, रामखेलावन पटेल, जनार्दन मिश्रा, राजेन्द्र शुक्ला, विधायक जुगल किशोर बागरी ने भी शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए। भोपाल से आये सीआरपीएफ के आईजी पीके पांडे ने भी पुष्पांजलि अर्पित की।
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7 October 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा की रिक्त 28 सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों के लिए भाजपा ने एक साथ सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। मंगलवार देर रात जारी हुई उम्मीदवारों की सूची में पार्टी ने उन 25 पूर्व विधायकों को टिकट दिया है, जो कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए थे और उन्होंने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी। वहीं, कांग्रेस की भी तीन सूची जारी हो चुकी है और अब तक वह 27 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। अब केवल एक सीट पर उम्मीदवार का नाम घोषित होना शेष है। इसके अलावा बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) भी 18 सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने मंगलवार देर रात ट्वीट पर उम्मीदवारों की सूची जारी की और सभी उम्मीदवारों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने ट्वीट किया कि -‘मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा उप-चुनाव 2020 के लिए सभी प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।’ साथ ही उन्होंने उम्मीदवारों की सूची भी पोस्ट की है। इस सूची के अनुसार, पार्टी ने जौरा से सूबेदार सिंह रजौधा, सुमावरी से एदल सिंह कंसाना, मुरैना से रघुराज सिंह कंसाना, दिमनी से गिर्राज डण्डौतिया, अम्बाह से कमलेश जाटव, मेहगांव से ओपीएस भदौरिया, गोहद से रणवीर सिंह जाटव, ग्वालियर मध्य से प्रद्युम्न सिंह तोमर, ग्वालियर पूर्व से मुन्नालाल गोयल, डबरा से इमरती देवी सुमन, भांडेर से रक्षा संतराम सरोनिया और करेरा विधानसभा सीट से जसमंत जाटव छितरी को उम्मीदवार घोषित किया गया है। इसी प्रकार पोहरी विधानसभा सीट से सुरेश धाकड़, बामोरी से महेन्द्र सिंह सिसोदिया, अशोकनगर से जजपाल सिंह जज्जी, मुंगावली से बृजेन्द्र सिंह यादव, सुरखी से गोविन्द सिंह राजपूत, मलेहरा से कुंवर प्रद्युम्न सिंह लोधी, अनूपपुर से बिसाहूलाल सिंह, सांची से डॉ. प्रभुराम चौधरी, ब्यावरा से नारायण सिंह पवार, आगरमालवा से मनोज ऊंटवाल, हाटपिपल्या से मनोज चौधरी, मंधाता से नारायण पटेल, नेपानगर से सुमित्रा देवी कास्डेकर, बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सांवेर से तुलसीराम सिलावट और सुवासरा से हरदीप सिंह डंग को टिकट दिया गया है। वहीं, कांग्रेस तीन सूचियों में अब तक 27 उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। इनमें दिमनी से रविन्द्र सिंह तोमर, भांडेर से फूलसिंह बरैया, अम्बाह से सत्यप्रकाश सिकरवार, गोहद से मेवाराम जाटव, अशोकनर से आशा दोहरे, आगरमालवा से विपिन वानखेड़े, सांवेर से प्रेमचंद्र गुड्डू, नेपानगर से रामसिंह पटेल, हाटपिपल्या से राजवीर सिंह बघेल, अनूपुर से विश्वनाथ सिंह, सांची से मदनलाल चौधरी, बमोरी से कन्हैयालाल अग्रवाल, करेरा से प्रागीलाल जाटव, डबरा से सुरेश राजा, ग्वालियर मध्य से सुनील शर्मा, जौरा से पंकज उपाध्याय, सुमावली से अजब कुशवाहा, ग्वालियर पूर्व से सतीश सिकरवार, पोहरी से हरिबल्लभ शुक्ला, मुंगावली से कन्हैयालाल लोधी, सुरखी से पारुल साहू, मांधाता से उत्तम राज सिंह, बदनावर से कमल पटेल, सुवासरा से राकेश पाटीदार, मुरैना से राकेश मवई, मेहगांव से हेमंत कटारे और मलेहरा से रामसिया त्रिपाठी शामिल हैं। व्याबरा सीट से अभी उम्मीदवार घोषित होना बाकी है। प्रदेश में चुनावों के दौरान मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही होता है, लेकिन उत्तरप्रदेश से लगे हिस्सों में बसपा और सपा का भी अच्छा प्रभाव देखने को मिलता है। सपा ने उपचुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारे हैं, लेकिन बसपा ने 18 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिये हैं। इनमें से कुछ सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है।
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7 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस सत्ता वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है। उपचुनाव में कांग्रेस किसानों को साधने में कोई कमी नहीं छोड़ रही है। वहीं अब किसानों तक कमलनाथ सरकार में किसान हित में किए गए कामों को उन तक पहुंचाने के लिए कांग्रेस किसानों के साथ खाट पर चर्चा करेगी। कांग्रेस की खाट पर चर्चा पर प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस की खाट पर चर्चा कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए कहा कि इससे पहले उन्होंने उत्तरप्रदेश में भी खाट पर चर्चा की थी। उनकी न खाट रहेगी, न उनके ठाट रहेंगे। उन्होंने कहा कि खाट पर बोलते हैं और सदन में सोते हैं। इस दौरान कमलनाथ के सरकारी भीड़ के बयान पर नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि कमलनाथ जी और दिग्विजय सिंह की वीडियो वायरल करने और ट्वीट करने उनकी यही उम्र है। कमलनाथ की भूमिका "चैतुए" के समानइस दौरान मीडिया से बातचीत में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ के चुनावी दौरे को लेकर उन पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें चेतुए की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की राजनीति में कमलनाथ की भूमिका "चैतुए" के समान है। जो सिर्फ चैत के महीने में ही फसल काटने के लिए गांव में नजऱ आता है। उसके बाद नहीं। इसी तरह कमलनाथ भी सिर्फ चुनाव के समय दिखाई देते फिर गायब हो जाते हैं। दिग्विजय सिंह को बताया वोट कटुआउपचुनाव प्रचार में दिग्विजय सिंह की दूरी पर प्रतिक्रिया देते हुए मंत्री मिश्रा ने कहा कि उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता भी दिग्विजय सिंह जी को "वोट कटुआ" मानते हैं। यानी ऐसा नेता जिसे चुनाव प्रचार के लिए बुलाया तो वोट कट जाएंगे। कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे उमंग सिंघार ने भी मुख्यमंत्री के रूप में कमलनाथ को मुखौटा और दिग्विजय सिंह को पर्दे के पीछे से सरकार चलाने वाला बताया था। कांग्रेस अपने बोझ से पहले भी गिरी थी अब फिर गिरेगी। डॉ. गोविंद सिंह के बयान पर किया पलटवारडॉ. गोविंद सिंह के बयान पर ग्रह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार करते हुए कहा कि कहावत है "मरुस्थल में गया था मैं देवदार ढूंढऩे, मेरा मित्र धतूरे में इत्र ढूंढऩे चला। मेरे मित्र गोविंद सिंह जी भी परिवारतंत्र वाली कांग्रेस में लोकतंत्र की तलाश कर कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। मेरी सलाह है कि उन्हें इस मुद्दे पर पुनर्विचार करना चाहिए। जिस पार्टी की स्थापना विदेशी मूल के व्यक्ति ने की थी तो वो लोकतंत्र को खत्म करने के लिए की थी आज भी विदेशी मूल का व्यक्ति कबिज है। गलत जगह, गलत चीज़ बोल रहे है गोविंद सिंह। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में परिवार वाद चल रहा है कांग्रेस में लोकतंत्र नही रहा, वहां लोकतंत्र नही मिलेगा।
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7 October 2020भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने मंगलवार शाम अपने प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी कर दी है। तीसरी सूची में चार प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया गया है। ये लिस्ट दिल्ली हाईकमान के चर्चा के बाद जारी की गई है।। आज तीसरी लिस्ट में 4 नामों का ऐलान हुआ है और अब सिर्फ ब्यावरा सीट पर प्रत्याशी का नाम घोषित होना बाकी है। आज जारी तीसरी लिस्ट में मुरैना से राकेश मवई, मेहगांव से हेमंत कटारे, मलहरा से राम सिया भारती और बदनावर से कमल पटेल के नामों की घोषणा हुई है। बता दें कि धार जिले की बदनावर सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बदल दिया है। युवा नेता डॉ. अभिषेक सिंह राठौर टिंकू बना की जगह ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष कमलसिंह पटेल को प्रत्याशी बनाया गया है।
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6 October 2020भोपाल। विधानसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस किसान समस्या के साथ ही अब महिला अपराधों को लेकर भी सरकार के खिलाफ उग्र हो गई है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे महिला अपराधों को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है और तंज कसते हुए पूछा है कि खुद को मामा कहलवाने वाले जिम्मेदार अब कहा गायब है। पूर्व सीएम ने बढ़ते महिला अपराधों पर सरकार का घेराव करते हुए ट्वीट कर लिखा है कि 'प्रदेश में बहन-बेटियों पर अत्याचार व दुष्कर्म की घटनाएं प्रतिदिन सामने आकर कानून व्यवस्था को खुली चुनौती दे रही है? अब प्रदेश के रीवा और होशंगाबाद के पिपरिया में गैंगरेप की घटनाएं घटित हुई है। कहां है जिम्मेदार, कहां ग़ायब है खुद को बहन-बेटियों का मामा कहलवाने वाले? आखिर कब प्रदेश में बहन-बेटियां ख़ुद को सुरक्षित महसूस कर सकेगी। कुणाल चौधरी ने किसान मुद्दे पर घेरावहीं दूसरी ओर कांग्रेस विधायक और युवक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिवराज सरकार को घेरा है। कुणाल ने कहा है कि 'किसान हितैषी सरकार का दावा करने वाली भाजपा सरकार के राज में किसान परेशान हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि व्यापारी, किसानों से सोयाबीन एमएसपी से कम कीमत पर खरीद रहे हैं। मंडियों में हड़ताल के चलते किसान सोयाबीन नहीं बेच पा रहे हैं। बिचौलिए फायदा उठा रहे हैं, औने-पौने दामों पर किसानों से सोयाबीन खरीदी जा रही है। 3 हजार से नीचे कीमत पर किसानों का सोयाबीन खरीद रहे हैं व्यापारी।
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6 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव को लेकर जारी घमासान के बीच मंदसौर से वरिष्ठ भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने एक नया मुद्दा उठाया है। उन्होंने सीएम से वेब सीरीज दिखाए जाने पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने सीएम शिवराज को पत्र भी लिखा है। विधायक सिसोदिया का कहना है कि वेब सीरीज पर दिखाए जा रहे अश्लील, गाली-गलौज और आपराधिक प्रवृत्ति को बढ़ावा देने वाले है, इसलिए इन पर प्रतिबंध लगना चाहिए। उन्होंने इस मामले में सीएम से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से बात किए जाने की भी अपील की है। भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा कि जिस तरह से नेटफ्लिक्स, अमेजऩ प्राइम और हॉटस्टार पर दिखाई जा रही वेब सीरीज को भारतीय संस्कृति के खिलाफ बताया है। साथ ही उन्होंने कहा है कि इस तरह की अश्लील वेब सीरीज दिखाए जाने से युवाओं और बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। अगर समय रहते इस तरह के वेब सीरीज पर रोक नहीं लगाया गया तो आने वाली पीढिय़ों पर भी इसका असर पड़ेगा। साथ ही उनके अंदर बड़ों के प्रति सम्मान की भावना भी खत्म हो जाएगी। इन सीरीज में अश्लीलता इतनी ज्यादा है कि युवा सही और गलत में फर्क करना भी भूल जा रहे हैं। हालांकि, विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया के इस पत्र पर अभी तक सीएम शिवराज सिंह चौहान की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है। अब देखना है कि सीएम शिवराज भाजपा विधायक के पत्र का क्या जवाब देते हैं। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन के बाद नेटफ्लिक्स, अमेजऩ प्राइम और हॉटस्टार पर फिल्में और वेब सीरील रीलीज करने का प्रचलन बढ़ गया है। एक वर्ग द्वारा इसे खास तौर से पसंद किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर कई लोग इसका विरोध भी कर रहे हैं।
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6 October 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में किसी भी प्रकार के माफिया और जनता के साथ धोखाधड़ी करने वाली चिटफंड कम्पनियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश की जनता के साथ धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। धोखाधड़ी करने वाली चिटफंड कम्पनियों को जड़ से उखाड़ा जाएगा और उनके विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी, जिससे धोखाधड़ी करने वालों के मन में खौफ पैदा हो और प्रदेश की जनता धोखाधड़ी से बच सके। प्रदेश की जनता के साथ धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध चलाये जा रहे अभियान में सांई प्रसाद प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी की प्रदेशभर में 90 अचल सम्पत्तियां कुर्क की गई हैं। सीहोर जिले में लगभग 130 निवेशकों के करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की राशि उक्त कम्पनी में फंसे होने से कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी सीहोर द्वारा सोमवार को सांई प्रसाद प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी के विरूद्ध सम्पत्ति कुर्की का आदेश जारी किया गया है। जनसम्पर्क अधिकारी राजेश पाण्डेय ने सोमवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि सीहोर जिले के पुलिस थाना गोपालपुर के अपराध क्रमांक 17/2020 और थाना कोतवाली सीहोर में दर्ज अपराध क्रमांक 664/2016 के तहत पुलिस अधीक्षक सीहोर द्वारा जिला कलेक्टर को प्रतिवेदन प्रस्तुत कर सांई प्रसाद प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी में निवेशकों की राशि फंसे होने की सूचना दी गई। निवेशकों के धन वापसी एवं सुरक्षा की कोई व्यवस्था न होने से तीन अनावेदकों बालासाहब भापकर निवासी चिंचवाड पुणे, धर्मेन्द्र खाती निवासी सुनेड और समर सिंह मीणा निवासी गुलरपुरा नसरूल्लागंज की अचल सम्पत्ति कुर्क किये जाने की कार्यवाही के लिये लिखा गया। सीहोर कलेक्टर अजय गुप्ता द्वारा पुलिस अधीक्षक के प्रतिवेदन पर न्यायालयीन आदेश पारित करते हुए सांई प्रसाद प्रायवेट लिमिटेड कम्पनी के डायरेक्टर बाला साहब भापकर की मध्यप्रदेश के 11 जिलों में स्थित 90 सम्पत्तियों को राजसात कर कुर्क किये जाने के अंत कालिक आदेश पारित किया गया है। बाला साहब भापकर की जो सम्पत्तियां कुर्क की गई है, उसमें बालाघाट, ग्वालियर, बीना (सागर), सीहोर, हरदा और विदिशा जिले में एक-एक, आगर-मालवा जिले में 45, खरगौन जिले में 28, उज्जैन जिले में 5, भोपाल जिले में 4 और इंदौर जिले में 2 अचल सम्पत्तियां कुर्क की गई है। एक अन्य आदेश में सीहोर कलेक्टर ने धर्मेन्द्र खाती निवासी सुनेड की ग्राम सुनेड में भूमि सर्वे नम्बर 106/2/1/1क, 108, 109 रकबा 1.274 हेक्टेयर, एक अल्टो कार और एक टीवीएस जुपीटर स्कूटी कुर्क करने के आदेश पारित किये हैं। इसके साथ ही अमर सिंह मीणा निवासी गुलरपुरा नसरूल्लागंज की ग्राम गुलरपुरा में भूमि सर्वे नम्बर 2/2/1/3,16/1/2 रकबा 2.366 हेक्टेयर भूमि, ग्राम गुलरपुरा में 30 बाय 30 वर्गफीट में अधपक्का ईट-कबेलू का मकान और ग्राम नसरूल्लागंज में एक पक्का मकान कुर्क करने का आदेश पारित किया है।
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5 October 2020भोपाल। मुझे कभी पद का लालच नहीं रहा, मुझे मध्यप्रदेश के भविष्य की चिंता थी। मैं प्रदेश के नागरिकों को ऐसा प्रदेश नहीं सौंपना चाहता था, जिसमें सौदेबाजी की राजनीति हो इसलिए मैंने अपनी सरकार बचाने व टिकाने के लिए कोई सौदा नहीं किया। भाजपा ने प्रदेश में लोकतंत्र के खिलवाड़ के साथ-साथ ऐसी बिकाऊ राजनीति का खेल खेला कि उनके राज में पंचायत चुनाव की आवश्यकता भी नहीं, बोली बोलो और सरपंच बना लो। उक्त संबोधन सोमवार को दतिया जिले के भांडेर में कांग्रेस प्रत्याशी फूल सिंह बरैया के समर्थन में आयोजित जनसभा में देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कही। सभा को संबोधित उन्होंने कहा कि चुनाव तो 3 नवंबर को समाप्त हो जाएंगे, 1 नवंबर को झंडे-बैनर-पोस्टर भी उतर जाएंगे लेकिन प्रदेश का किसान यही रहेगा, युवा यही रहेगा। अब आप लोगों को यह तय करना है कि आप किसके हाथ में अब प्रदेश का भविष्य सौंपना चाहते हैं, कैसे प्रदेश का निर्माण आप करना चाहते हैं? यह फैसला अब आपके हाथ में है। आप भले कांग्रेस का साथ ना दें, कमलनाथ का साथ ना दे लेकिन सच्चाई का साथ जरूर दे। इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस की संस्कृति विश्वास की, जोडऩे की संस्कृति है। हम दिलों को जोड़ते हैं, संबंध जोड़ते हैं, रिश्ता जोड़ते हैं, जाति-धर्म को जोड़ते हैं। पूरे विश्व में भारत देश ही ऐसा देश है जिसमें इतनी अनेकता है, इतनी संस्कृति है, इतनी भाषाएं, इतनी जाति, इतने धर्म है और यही कांग्रेस की संस्कृति है सबको जोडऩे की। उन्होंने कहा कि 15 साल बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी। भाजपा ने मुझे ऐसा प्रदेश सौंपा, जिसमें कई चुनौतियां थी। हमारा प्रदेश किसानों की आत्महत्या से लेकर महिलाओं पर अत्याचार, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार में देश में नंबर वन पर था। हमारे सामने कई चुनौतियां थी लेकिन इन 15 माह में अपने अपनी नीति और नियत का परिचय दिया। हमने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया और हमारी सरकार आने पर हम बचे किसानों का भी कर्ज माफ करेंगे।हमारा खजाना खाली था लेकिन फिर भी हमने अपना वचन पूरा किया। मैं कमलनाथ हूँ , शिवराज नहीं। शिवराज जी की 15 साल की झूठी घोषणाओं की वास्तविकता सभी जानते हैं। उनकी हज़ारों घोषणाए आज भी अधूरी है। भाजपा पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि इन्हें जनता पर विश्वास नहीं है, यह प्रशासन के माध्यम से चुनाव लडऩा चाहते हैं। मैं प्रशासन को आगाह करना चाहता हूं कि यदि आप भाजपा का बिल्ला जेब में लेकर काम करेंगे तो एक माह बाद जनता को गवाह बनाकर आपसे हिसाब जरूर लूंगा। इस अवसर पर भारतीय न्याय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीताराम पाल ने अपनी पूरी पार्टी के कांग्रेस में विलय की घोषणा की, कमलनाथ ने फूल मालाओं से उनका स्वागत किया। भाजपा छोडक़र कई लोगों ने कांग्रेस में प्रवेश लिया, उनका भी कमलनाथ जी ने फूल मालाओं से स्वागत किया।
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5 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए राजनीतिक दलों की तैयारियों जोरों पर है। कांग्रेस ने चार सीटों को छोडक़र बाकि सभी सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। वहीं भाजपा की तरफ से अभी तक सूची का इंतजार है। दिल्ली में बैठकों का दौर जारी है और प्रत्याशियों को लेकर मंथन चल रहा है। वहीं भाजपा प्रत्याशियों की सूची को लेकर हो रही देरी पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा के प्रत्याशी लगभग घोषित हैं, सूची में कोई देरी नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प प्रदेश का विकास, किसान विकास, रोजगार देने का है, संकल्प है यह हमारा और हम लगातार इसे पूरा करते रहेंगे। इस दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मंत्री मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस हर चुनाव में झूठ बोलती है, घर घर जाकर झूठ बोलेंगें। कांग्रेस को अपना काम लेकर जनता के बीच जाना चाहिए, हमारी बुराई करने से कोई फायदा नहीं है। भांडेर में कमलनाथ का किया स्वागतकमलनाथ के भाण्डेर दौरे पर जाने पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि उनका स्वागत है, चुनावी कार्यक्रमों के दौरान जो शासन प्रशासन और हाईकोर्ट का निर्णय है सबको मानना होगा। कांग्रेस के मौन प्रदर्शन पर कसा तंजइस दौरान उन्होंने कांग्रेस के मौन प्रदर्शन पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस अपने कार्यकाल मैं बढ़े दुष्कर्म की रिपोर्ट पर धरने प्रदर्शन कर रही है, चिल्ला-चिल्लाकर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को भाजपा को कोसने के बजाय अपने 15 महीने के सरकार के कामकाज की बात करनी चाहिए। जनता को बताना चाहिए कि वे पिछले चुनाव में किए गए वादे क्यों नहीं पूरे कर पाए। अब उपचुनाव सामने आने पर संकल्प पत्र के नाम पर फिर से वही वादे दोहरा रहे हैं। जनता उनकी असलियत जान चुकी है।बिसाहुलाल को बदनाम कर रही कांग्रेसबिसाहुलाल के वायरल हो रहे पोस्ट पर गृहमंत्री ने कहा कि यह सब कांग्रेस के द्वारा फैलाया जा रहा है, फेक न्यूज़ है। भाजपा सरकार के मंत्री बिसाहूलाल सिंह जी को बदनाम करने के लिए कांग्रेस फेक फोटो का सहारा ले रही है। इससे साबित होता है कि उसमें चुनाव मैदान में सीधा सामने करने की हिम्मत नहीं है। तभी वो पीठ पीछे साजिश कर रही है जबकि बिसाहूलाल जी बहुत अनुभवी और वरिष्ठ नेता हैं।
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5 October 2020भोपाल। विधानसभा की रिक्त 28 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियों के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी क्रम में अब पूर्व सीएम एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमनलाथ और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच ट्विटर वार शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि कमलनाथ जी, हमें जनता का निर्णय शिरोधार्य होगा। इस पर पूर्व सीएम कमलनाथ ने पलटवार करते हुए ट्वीट के माध्यम से ही शिवराज सिंह चौहान को जवाब दिया है। उन्होंने कहा है कि जनता का निर्णय कहां शिरोधार्य हुआ है? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा कि -‘शिवराज जी, जनता ने तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने का निर्णय लिया था, लेकिन आपको जनता का निर्णय कहां शिरोधार्य हुआ? सौदेबाजी से लोकतंत्र की हत्या कर, जनादेश का अपमान कर हमारी सरकार बीच में ही गिरा दी गयी।’ उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि -‘ इन 15 माह में हमने इन सब कामों के साथ ही प्रदेश की पहचान बदलने का काम भी किया। आपकी सरकार में प्रदेश के माथे पर लगे महिलाओं में अत्याचार में नंबर वन, किसानों की आत्महत्याओं में नंबर वन, बेरोजगारी में नंबर वन, भ्रष्टाचार में नंबर वन, मजदूरों के उत्पादन में नंबर वन, युवाओं की रोजगार के अभाव में आत्महत्या में नंबर वन। हमने तो प्रदेश के दाग को धोने का काम भी किया। प्रदेश की जनता इस सच्चाई को जानती है और उस जनता का अगला निर्णय भी हमें शिरोधार्य होगा।’ दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी शनिवार को ही ट्वीट के माध्यम से कमलनाथ पर निशाना साधा था। उन्होंने लिखा था कि -‘ कमलनाथ जी, आप के झूठे वादों से डिफाल्टर बन चुके किसानों को राहत दूं? फसल खरीदूं? फसल बीमे से नुकसान का भुगतान करूं? छात्रों को प्रोत्साहन दूं? बेटियों का कन्यादान करूं? स्ट्रीट वेंडर्ज को ऋण दूं या फिल्मी सितारों का मजमा लगा कर तमाशा रचाऊं?’ उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा है कि -‘हमें ना तो ‘तमाशों’ की राजनीति आती है ना ही ‘तमाचों’ की। हमें तो सिर्फ जनता की सेवा की नीति आती है। हे ईश्वर! मुझे तुम इतनी शक्ति देना की हर तरह से में मध्यप्रदेश की सेवा कर पाऊं। कमलनाथ जी, हमें जनता का निर्णय शिरोधार्य होगा।’
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3 October 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि दुर्गा उत्सव में स्थापित की जाने वाली दुर्गा प्रतिमाओं पर 6 फीट ऊंचाई का प्रतिबंध नहीं रहेगा, इसके लिए लगने वाले पंडालों का अधिकतम आकार 30 X 45 फीट होगा, चल समारोह की अनुमति नहीं होगी तथा आयोजन समिति के अधिकतम 10 व्यक्ति दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि दुर्गा उत्सव पर गरबा करने की अनुमति नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने शनिवार को मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि दशहरा उत्सव पर रामलीला एवं रावण दहन किया जा सकेगा, परंतु सभी आयोजनों में मास्क लगाना तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना पूरी तरह अनिवार्य रहेगा। बताया गया कि ऐसी झांकियां नहीं बनाई जा सकेंगी, जिनमें किसी भी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हो। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, डी.जी.पी. विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त जनसंपर्क सुदाम खाड़े उपस्थित रहे। त्यौहारों एवं सर्दियों के लिए करें 'एडवांस प्लानिंग' मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि आगामी त्योहारों एवं सर्दी के समय कोरोना संक्रमण अधिक फैल सकता है, अत: इसके लिए 'एडवांस प्लानिंग' कर लें। मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसिंग आदि सावधानियों का पूरा पालन सुनिश्चित किए जाने के साथ ही प्रदेश की स्वास्थ्य अधोसंरचना एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का भी विस्तार किया जाए। एक्टिव मरीजों की संख्या 20 हजार से नीचे प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 20 हजार से नीचे 19807 हो गई है। इसका कारण नए प्रकरणों की संख्या के अनुपात में स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ रही है। प्रदेश में गत दिवस 1811 नए प्रकरण मिले हैं, जबकि 2101 स्वस्थ होकर घर गए हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या में1 दिन में 317 की कमी आई है। रिकवरी रेट 83.4 प्रतिशत प्रदेश की रिकवरी रेट निरंतर बढ़ रही है। अब यह 83.4 प्रतिशत हो गई है। वहीं प्रदेश की मृत्यु दर निरंतर कम हो रही है, अब यह 1.79 प्रतिशत हो गई है। पॉजिटिविटी रेट 6.32 तथा टैस्ट प्रति दस लाख 26 हजार 548 हैं। सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वालों को सम्मानित करेंगे मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि जिन जिलों में कोरोना संबंधी सर्वश्रेष्ठ कार्य हुआ है वहां के कलेक्टर्स, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी आदि को सम्मानित किया जाएगा। समीक्षा में बुरहानपुर जिले का कार्य श्रेष्ठ पाया गया है। बुरहानपुर में 3 नए प्रकरण पाए गए है तथा यहां की ग्रोथ रेट 0.42 प्रतिशत है। वहां कुल 718 पॉजीटिव प्रकरणों में से 667 स्वस्थ हो गए हैं। आगर-मालवा, भिंड, खंडवा आदि जिलों में भी बेहतर कार्य हुआ है। होशंगाबाद एवं सिंगरौली विशेष ध्यान दें समीक्षा में पाया गया कि होशंगाबाद एवं सिंगरौली जिलों की तुलनात्मक रूप से पॉजीटिविटी एवं ग्रोथ रेट अधिक है। होशंगाबाद की पॉजिटिविटी रेट 17.13 प्रतिशत है तथा ग्रोथ रेट 3.98 प्रतिशत है। सिंगरौली की पॉजजिटिविटी रेट 6.14 प्रतिशत तथा ग्रोथ रेट 2.90 प्रतिशत है। दोनों जिलों में कलेक्टर्स को विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए। भोपाल की ग्रोथ रेट 1.42 प्रतिशत जिलावार समीक्षा में पाया गया कि प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना नियंत्रण की स्थिति बेहतर हो रही है। सर्वाधिक कोरोना प्रकरणों वाले 10 जिलों में इंदौर की कोरोना ग्रोथ रेट 2.02 प्रतिशत, भोपाल की 1.42 प्रतिशत, जबलपुर की 1.92 प्रतिशत, ग्वालियर की 0.95 प्रतिशत, होशंगाबाद की 3.98 प्रतिशत, नरसिंहपुर की 2.12 प्रतिशत, सागर की 1.85 प्रतिशत, शिवपुरी की 1.37 प्रतिशत, सीहोर की 1.73 प्रतिशत तथा सीधी की 2.81 प्रतिशत है।
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3 October 2020भोपाल। उत्तर प्रदेश के हाथरस के बाद मध्यप्रदेश के खरगोन में गैंगरेप की वारदात ने लोगों के दिलों को दहला दिया है। इन घटनाओं के बाद से कानून व्यवस्था कठघरे में आ गई है। राजनीतिक दल भी महिला सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर जमकर राजनीति चमका रहे हैं। मप्र में चुनावी सीजन के बीच कांग्रेस को सरकार को घेरने का मौका मिल गया है। कांग्रेस सवाल उठा रही है कि आखिर कब बेटियों के साथ दरिंदगी की वारदातें रुकेगी। मप्र के पूर्व सीमए और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बार फिर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने शनिवार को अपने बयान में भाजपा पर तंज कसते हुए कहा एक तरफ भाजपा बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ का नारा बढ़ चढ़ कर देती है, दूसरी तरफ भाजपा शासित राज्यों में ही आज बेटियाँ सबसे ज़्यादा असुरक्षित है। उन्होंने कहा कि यूपी के हाथरस की घटना हो या मध्यप्रदेश के खरगोन, सतना, जबलपुर व नरसिंहपुर की घटना हो, आज बहन- बेटियाँ सबसे ज़्यादा असुरक्षित है। देश में, प्रदेश में क़ानून व्यवस्था की स्थिति चौपट हो चुकी है। आज हमारी बहन- बेटियाँ ना घर ना बाहर, ना दिन ना रात कही भी, कभी भी सुरक्षित नहीं है। सीएम शिवराज पर तंज कसते हुए कमलनाथ ने कहा कि बड़ी शर्म आती है, जब वो जिम्मेदार जो विपक्ष में छोटी सी घटना पर खूब धरने देते थे, खूब भाषण देते थे, मासूम बच्चियों को धरने पर साथ में बैठाकर खूब विरोध प्रदर्शन करते थे, आज वो गायब है, मौन है? बहन- बेटियों की सुरक्षा को लेकर कोई कदम नहीं उठाये जा रहे है। पीडि़त परिवारों को न्याय नहीं मिल रहा है, उनकी थानों में सुनवाई तक नहीं हो रही है, उनकी रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की जा रही है, उल्टा उन्हें ही प्रताडि़त किया जा रहा है। शिवराज सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद हो चले है। कमलनाथ ने कहा कि इन घटनाओं के विरोध में, हमारी बहन- बेटियों की सुरक्षा की माँग को लेकर, उन्हें न्याय दिलाने की माँग को लेकर, नींद में सोई शिवराज सरकार व योगी सरकार को जगाने की माँग को लेकर कांग्रेसजन पूरे मध्यप्रदेश में, सभी जिला मुख्यालयों पर 5 अक्टूबर, सोमवार को गांधी प्रतिमा - बाबा साहेब आम्बेडकर की प्रतिमा के समक्ष मौन धरना देंगे।
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3 October 2020भोपाल। विधानसभा उपचुनाव से पहले राजनेताओं में बयानबाजी तेज हो गई है। इस दौरान कई बार राजनेता मर्यादाओं को तोड़ कर आपत्तिजनक भाषण तक दे रहे हैं। भांडेर से कांग्रेस के प्रत्याशी फूल सिंह बरैया ने एक और विवादित बयान दिया है। उनके बयान ने मप्र की सियासत में खलबली मचा दी है। एक ओर जहां बरैया के बयान ने कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है, वहीं दूसरी ओर भाजपा आक्रामक हो गई है और भाजपा नेताओं के सूर तेज हो गए हैं। मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी बरैया के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें करारा जवाब दिया है। गांधी जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल स्थित गांधी भवन पहुंचकर गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। गांधी भवन पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज ने मीडिया से चर्चा कर कहा कि आज बापूजी का जन्मदिन है। हमारे विचारों में किसी के प्रति घृणा नहीं होनी चाहिए बल्कि घृणा की भावना भी आना पाप है। भगवान ने जिनको बनाया है वह सब समान है सभी को न्याय मिलना चाहिए तथा सब को आगे बढऩे का समान अवसर भी मिलना चाहिए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज ने आइफा अवार्ड को लेकर कहा कि आइफा जैसे तमाशे को मैं पसंद नही करता हूं। कोरोना संकट काल में आइफा तर्कसंगत ही नही है। अभी आइफा की क्या जरूरत है इस समय कोरोना फैला हुआ है लोग संकट में है। मुख्यमंत्री शिवराज ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि मुझे पता चला कि कई उद्योगपतियों से आईफा के नाम पर करोड़ो रुपए की राशि वसूली गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सब ठीक नहीं है अगर राशि लेनी ही है तो कोरोना के लिए लेनी चाहिए थी।
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2 October 2020दतिया। मध्यप्रदेश में विधानसभा की रिक्त 28 सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां चरम पर हैं और राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियों भाजपा-कांग्रेस के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच भांडेर विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार फूल सिंह बरैया का एक विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने सवर्णों को बाहरी बताते हुए हिन्दुओं पर जमकर निशाना साधा। इतना ही नहीं, महिलाओं को लेकर भी उन्होंने अपशब्दों का इस्तेमाल किया। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। दरअसल, शुक्रवार को सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस उम्मीदवार फूल सिंह बरैया कह रहे हैं कि अभी भी वक्त है कि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों को जाग जाना चाहिए, वरना सवर्ण देश को हिंदू राष्ट्र बना देंगे। उन्होंने कहा कि मुसलमानों से भारत छोडऩे की बात करने वाले सवर्णों को पहले खुद देश छोडऩा चाहिए, क्योंकि वह मुसलमानों के बाद भारत आए हैं। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि हम अनुसूचित जाति के लोग और मुसलमान एक ही पिता की संतान हैं, चाहे तो डीएनए टेस्ट करा लिया जाए। उन्होंने लोगों से एकजुट होने की अपील करते हुए कहा यदि हम एक हो गए तो वे 15 और हम 85 हैं। मुकाबला नहीं कर पाएंगे। उन्होंने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल के एक भाषण का उदाहरण देते हुए बताया कि एक बार जब हिंदुओं ने अंग्रेजों से भारत छोडऩे की मांग की तो चर्चिल ने कहा कि अगर भारत के मूल निवासी इस बात मांग करेंगे तो विचार किया जाएगा। यह वीडियो गुरुवार को भांडेर क्षेत्र में हुई एक जनसभा का है, जिसमें कांग्रेस उम्मीदवार बरैया ने हिन्दुओं, खासकर सवर्णों के खिलाफ जमकर आग उगली। उन्होंने यहां तक कहा कि सवर्ण वर्ग के लोगों का कुत्ता अगर अनुसूचित जाति के लोगों को छू लेता है तो वे उस कुत्ते को अनुसूचित जाति के घर बांध आते हैं। इसलिए अनुसूचित जाति के लोगों को भी सवर्णों के घर जाकर उनकी महिलाओं को लड्डू खिलाने चाहिए, जिससे वह भी अस्पृश्य हो जाएं और फिर सवर्ण वर्ग के लोग उन्हें अनुसूचित जाति के घर के लोगों के घर छोड़ आएं। इस तरह अनुसूचित जाति के लोगों की दो-दो पत्नियां हो जाएंगी। शुक्रवार को यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राजनीतिक गलियारों में हडक़म्प मच गया है।
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2 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस ने 28 सीटों पर जनता को साधने के लिए अपना मेनिफेस्टो जारी कर दिया है। यह वचन पत्र सिर्फ 28 सीटों के लिए है। कांग्रेस के वचन पत्र पर मप्र के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा है। उन्होंने कांग्रेस के वचन पत्र को कपट पत्र बताते हुए कांग्रेस पर जनता से झूठे वादे करने का आरोप भी लगाया है। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस के 28 सीटों में जारी वचन पर निशाना साधते हुए कहा कि वचन पत्र नही कांग्रेस ने कपट पत्र जारी किया है। झूठे वचन पत्र जारी करके कांग्रेस वोट मांगती है। वहीं कमलनाथ द्वारा जनसभा में यह सवाल पूछे जाने पर कि मेरी सरकार क्यों गिराई मेरी गलती क्या है। इस पर उन्होंने कहा कि सरकार उन्होंने खुद गिराई है किसी और ने नही गिराया है। कांग्रेस की ओर से वचन पत्र में ग्वालियर में रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा लगाने जाने की घोषणा पर गृह मंत्री ने कहा कि कमलनाथ ग्वालियर गए तब वो रानी लक्ष्मीबाई के समाधि स्थल गए नही और अब प्रतिमा स्थापित करने की बात करते हैं।
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2 October 2020भोपाल। उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती से कथित गैंगरेप के बाद पीडित परिजनों से मिलने जा रहे पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी को उप्र सीमा पर रोक दिया गया। इसके अलावा आरोप लगाया जा रहा है कि पुलिस ने राहुल और प्रियंका पर लाठीचार्ज किया और और पुलिस के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं की झड़प भी हुई है। इस पूरे घटनाक्रम पर मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने आपत्ति जताते हुए निंदा की है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा ‘हाथरस की पीडि़ता के परिजनों से मिलने जा रहे श्री राहुल गांधी व प्रियंका गांधी को यूपी की भाजपा सरकार के ईशारे पर जिस तरह से पुलिस ने बलपूर्वक जबर्दस्ती रोका, उनके साथ धक्का मुक्की की गयी, अभद्र व्यवहार किया गया, वो बेहद आपत्तिजनक व निंदनीय है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि एक तरफ़ भाजपा शासित राज्यों में बहन- बेटियों के साथ दरिंदगी की घटनाएँ निरंतर घट रही है, उन्हें इंसाफ़ नहीं मिल रहा है, आरोपियों को बख्शा जा रहा है, वही दूसरी तरफ़ उनके परिजनों से मिलने जा रहे कांग्रेस नेताओ को बलपूर्वक रोका जा रहा है।कमलनाथ ने आगे अपने ट्वीट में लिखा कि ‘हाथरस की घटना पूरे देश के माथे पर कलंक है। पूरे देश ने देखा कि किस प्रकार आधी रात में परिजनों को बताये बग़ैर पीडि़ता का धार्मिक भावनाओं के विपरीत अंतिम संस्कार किया गया। किस प्रकार पीडि़ता न्याय की उम्मीद से अस्पताल में जीवन- मृत्यु से संघर्ष करती रही और यूपी सरकार बेख़बर बनी रही और जब आज राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पीडि़ता के परिवार से मिलना चाहते है , सांत्वना देना चाहते है तो उन्हें रोका जा रहा है। यूपी सरकार की इस तानाशाही का कांग्रेस विरोध करेगी।
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1 October 2020खरगौन। उत्तरप्रदेश के हाथरस में नाबालिग के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पूरा देश आक्रोशित है। अब ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश में भी सामने आया है। प्रदेश के खरगौन जिले में चैनपुर थाना क्षेत्र के झिरन्या पुलिस चौकी अंतर्गत एक 15 वर्षीय नाबालिग को अगवाकर उसके साथ तीन युवकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसे जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए। नाबालिग किशोरी को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उसका उपचार जारी है। घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है। पुलिस आरोपितों की तलाश में जुटी हुई है। इधर, घटना को लेकर कांग्रेस ने शिवराज सरकार को घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने गुरुवार को सोशल मीडिया के माध्यम से शिवराज सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट के कहा कि खरगोन में मासूम बेटी के साथ दरिंदगी की घटना, सीहोर में फिर एक किसान की खुदकुशी की घटना, भोपाल में युवा की रोजगार ना मिलने पर खुदकुशी की घटना इसके प्रत्यक्ष उदाहरण है। पता नहीं शिवराज सरकार कब नींद से जागेगी और ऐसी घटनाओं पर रोक लगेगी? एमपी कांग्रेस ने ट्वीट कर शिवराज सरकार को घेरते हुए ट्वीट किया है कि -‘खरगोन में यूपी जैसी घटना, आधी रात आए और नाबालिक से दुष्कर्म, मध्यप्रदेश के खरगोन में 15 वर्षीय नाबालिग के साथ तीन अज्ञात बदमाशों ने दुष्कर्म किया और लडक़ी के भाई से मारपीट की। शिवराज जी, यही राक्षसराज वापस लाने के लिये विधायक खरीदे थे..? "बेशर्मराज" वही पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव ने लिखा है कि मप्र में महिलाएं एवं बच्चियां सुरक्षित नहीं है, झिरन्या (खरगोन) में 15 वर्ष की बच्ची को अगवा कर दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाले आरोपियों को पकडक़र उन्हें कठोरतम सजा दी जानी चाहिए। ‘शर्मराज’। यह है घटनाक्रम दरअसल, घटना मंगलवार-बुधवार की दरमियानी रात खरगोन जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर झिरन्या के ग्राम मारूगढ़ की है। पुलिस के अनुसार, बाइक पर सवार होकर आए तीन युवक रात में पानी पीने के लिए ग्राम मारूगढ़ स्थित खेत में बने एक मकान में आए और यहां से नाबालिग को उठा ले गए। इसके बाद तीनों ने नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी दी। घटना के दौरान घर में मौजूद पीडि़त किशोरी के बड़े भाई के साथ आरोपितों ने जमकर मारपीट की और वहां से फरार हो गए। घटना के बाद पीडि़त के भाई ने फोन पर परिजनों और पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पीडि़त किशोरी के बयान के आधार पर प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। पीडि़त नाबालिग को गंभीर हालत में खरगौन के जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उसका उपचार जारी है। ग्रामीणों के अनुसार, पीडि़त नाबालिग के पांच भाई हैं और वह पांचवीं तक पढ़ाई करने के बाद भाई के साथ खेत पर ही रहती है। आरोपितों ने नाबालिग को अगवाकर कर दूर ले गए और वारदात को अंजाम दिया। रात करीब 3 बजे परिजन पीडि़त को लेकर गांव पहुंचे और सुबह छह बजे पुलिस को शिकायत की। पीडि़त ने बताया कि तीनों ने मुंह पर कपड़ा बांधा था। इसमें दो युवक आदिवासी बोली में बात कर रहे थे, जबकि एक हिंदी व निमाड़ी बोल रहा था। पुलिस के अनुसार, घटना के कुछ देर के बाद आरोपित बाइक लेने आए थे, लेकिन बाइक चालू नहीं हुई तो उसे छोडक़र भाग गए। उनकी उम्र 20-30 साल के बीच है। एसपी शैलेंद्र चौहान के अनुसार, घटनास्थल से जो बाइक बरामद हुई है, वह तीन माह पहले इंदौर से चोरी हुई थी। पुलिस ने बाइक को आसपास के लोगों से तस्दीक कराई। ताकि घटना की जानकारी मिल सके। इंदौर में बाइक के फुटेज की जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आरोपितों के खिलाफ अपहरण और गैंगरेप का प्रकरण दर्ज किया है और उनकी तलाश की जा रही है। आरोपित जल्द पुलिस की गिरफ्त में होंगे।
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1 October 2020इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के काफिले में शामिल पायलट वाहन बीती देर रात देवास जिले के नेवरी फाटा के पास अनियंत्रित होकर पलट गया। इस हादसे में वाहन में सवार चार सिपाही घायल हो गए। हालांकि, विजयवर्गीय का वाहन थोड़ी देर पहले ही पायलट वाहन को ओवरटेक करके आगे निकला था, क्योंकि उन्हें जल्दी इंदौर पहुंचना था, लेकिन कुछ देर बाद ही उन्हें पायलट वाहन पलटने की सूचना मिली तो वापस लौट आए और घायल सिपाहियों को देवास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। बताया गया है कि एक सिपाही को गंभीर हालत में इंदौर रैफर किया गया, जबकि तीन का देवास में ही उपचार जारी है। दरअसल, कैलाश विजयवर्गीय बुधवार को उपचुनावों को लेकर भोपाल में पार्टी की अहम बैठक में शामिल हुए थे और बैठक में शामिल होने के बाद रात करीब 12 बजे इंदौर के लिए रवाना हुए थे। उन्हें जल्दी इंदौर पहुंचना था, क्योंकि उन्हें सुबह 6.30 बजे की दिल्ली की फ्लाइट पकडऩी थी। इसीलिए तेज गति से उनका वाहन पायलट वाहन को ओवरटेक करते हुए आगे निकल गया। कुछ देर बाद सूचना मिली कि देवास के नेवरी फाटा के पास पायलट वाहन पलट गया है। घटना रात करीब 1.30 बजे की बताई गई है। विजयवर्गीय तत्काल मौके पर पहुंचे और घायल चारों सिपाहियों को अस्पताल पहुंचाया। विजयवर्गीय के सहायक मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि हादसे में चार सिपाही घायल हुए हैं, जिनमें तीन को मामूली चोटें आई हैं, जिनका देवास में उपचार जारी है और एक सिपाही एमएस परमार को गंभीर हालत में इंदौर रैफर किया गया। उन्हें इंदौर के बाम्बे हास्पिटल में भर्ती किया गया है, जहां उनका उपचार चल रहा है।
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1 October 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की तारीख के ऐलान के साथ ही प्रचार प्रसार तेज हो गया है। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ बुधवार को मंदसौर की सुवासरा विधानसभा क्षेत्र के सीतामऊ पहुंचे। सीतामऊ पहुंचने पर बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इस दौरान यहां एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ भाजपा पर जमकर बरसे। साथ ही अपार भीड़ को देखकर उन्होंने कहा कि हमारी सभाओं में भीड़ आयी हुई होती है, लायी हुई या सरकारी भीड़ नहीं होती है और आपका इतना बड़ा जनसैलाब देखकर मुझे ताकत ,बल व शक्ति मिली है। जनसभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश की जनता ने हम पर विश्वास किया था।15 वर्ष बाद हमें प्रदेश सौंपा था। शिवराज जी ने जो प्रदेश हमें सौंपा था, वह किसानों की आत्महत्या में, बेरोजगारी में, भ्रष्टाचार में नंबर वन था और खुद को मामा कहने वाले शिवराज के राज में प्रदेश महिलाओं के अत्याचार में भी नंबर वन था। हमने 15 माह में किसानों की आर्थिक मजबूती, युवाओं को रोजगार को लेकर कई काम किए। हमने प्रदेश की एक नई तस्वीर बनाने का काम किया क्योंकि भाजपा सरकार में प्रदेश की पहचान माफियाओं से और मिलावटखोरों से थी। इन्होंने बाबासाहेब के बनाए हुए संविधान के साथ भी खिलवाड़ किया, सौदेबाजी व बोली से सरकार बना ली लेकिन इस चुनाव के बाद हम दीपावली साथ में मनाएँगे।आगे जनसभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि मैं प्रदेश की जनता से अपील करता हूं प्रदेश में लोकतंत्र, प्रजातंत्र व संविधान की रक्षा के लिए आगे आये। आप प्रदेश का कैसा भविष्य चाहते है, वोट से बनी सरकार या नोट से बनी सरकार, यह आपको तय करना है। भाजपा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि इनका बस चलेगा तो पंचायत का चुनाव भी नहीं करायेंगे, बोली लगाकर आपके सरपंच का चुनाव भी हो जाएगा। क्या आप प्रदेश का ऐसा भविष्य चाहते हैं, क्या आप ऐसा लोकतंत्र चाहते हैं? नहीं तो प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रखने के लिए आप आगे आए। किसानों को साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि मैं घोषणा वीर मुख्यमंत्री नहीं हूं। शिवराज जी तो जेब में दो-दो नारियल लेकर चल रहे हैं, कहीं भी फोड़ देते हैं और यहां भी आकर उन्होंने कई झूठी घोषणाए की है। चुनाव बाद सारे नारियल जनता गाडिय़ों में भरकर शिवराज जी को वापस भिजवा देगी। इस दौरान प्रशासन पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि मैं क्षेत्र की जनता से कहना चाहता हूं कि वह शासकीय तंत्र जो भाजपा का एजेंट बनकर काम कर रहे हैं, उन से डरने की, घबराने की जरूरत नहीं। हमारी सरकार आने पर एक-एक से जनता को गवाह बनाकर हिसाब लेंगे। हमारा प्रदेश 5 राज्यों से घिरा हुआ है, हमारे प्रदेश में निवेश क्यों नहीं आ सकता क्योंकि विश्वास का माहौल नहीं था। हम रोजगार की बात करते हैं, यह बेरोजगार बनाने की बात करते हैं। हम किसान हित की बात करते हैं, यह मंडी के निजीकरण का, किसानों को बर्बाद करने वाले कानून ले आए। इन्होंने सदैव देश की जनता को ठगा है।
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30 September 2020भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया की 30 सितम्बर को पुण्यतिथि है। वर्ष 2001 में आज ही के दिन एक विमान हादसे में उनकी मृत्यु हो गई थी। उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उनका स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि - ‘पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया मुद्दों और मूल्यों की राजनीति करने वाले नेता थे। वे उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।’ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, अन्य भाजपा नेताओं और राज्य मंत्रिमंडल के अनेक सदस्यों ने भी स्व. माधवराव सिंधिया का उनकी पुण्यतिथि पर स्मरण किया और उनके प्रति श्रद्धासुमन अर्पित किए। वहीं, पूर्व सीएम एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा कि - ‘पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं उनके साथी माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि के अवसर पर वे उन्हें शत शत नमन करते हैं। श्री सिंधिया ने विभिन्न पदों पर रहते हुए देश और समाज की सेवा का दायित्व बखूबी निभाया।’ वहीं, बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बुधवार को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें पार्टी नेताओं द्वारा स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।
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30 September 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की तारीख के ऐलान के साथ ही प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर भगवान हनुमान की एंट्री हो गई है। मंगलवार को आयोग द्वारा तारीख का ऐलान करने के बाद पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि हनुमान भक्त कमलनाथ को मिला वरदान। मंगलवार को चुनाव की घोषणा हुई, मंगलवार, 3 नवंबर को वोटिंग होगी और मंगलवार 10 नवंबर को काउंटिंग होगी। हनुमान लला की जय। जीतू के इस ट्वीट पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए जीतू के हनुमान भक्त वाले ट्वीट पर पलटवार करते हुए कहा कि हनुमान भक्त हम भी हैं। हनुमान जी ही तय करेंगे किसका मंगल होगा। जनता सब समझ चुकी है। उन्होंने कहा कि वे (विपक्ष) खुद भी कह चुके हैं कि जनता उन्हें जानती है। हम भी कहते हैं यह पब्लिक है सब जानती है। पूर्व सीएम कमलनाथ के जीत के दावे पर तंज कसते हुए मंत्री मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ जी को समझना चाहिए कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती। जनता सबको जानती और समझती है। ये बात उन्हें 10 नवंबर को उपचुनाव के नतीजों से समझ आ जाएगी। उपचुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी रणनीति विकास की है और विकास के मुद्दे पर ही जनता हमें चुनाव में विजय श्री देगी झूठ बोलने वालों को नहीं। अतिथि शिक्षकों के मामले में कांग्रेस घडिय़ाली आँसू बहा रहीअतिथि शिक्षकों के मामले में कांग्रेस के आरोपों पर निशाना साधते हुए मंत्री मिश्रा ने कहा कि अब वो लोग घडिय़ाली आँसू बहा रहे हैं जिन्होंने वचनपत्र में वादा करने के बाद भी पूरा नहीं किया। कांग्रेस इस बात का जवाब दे कि 15 महीने सरकार में रहने के बाद भी उसने अतिथि शिक्षकों के लिए क्यों कुछ नहीं किया। कुछ तो करते दो कदम तो चलते। मास्क ही कोरोना से बचाव का इलाजइस दौरान कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर मंत्री मिश्रा ने कहा कि मास्क ही कोरोना से बचाव का इलाज है। हमें केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना चाहिए और सावधानियां रखना चाहिए। देश में कोरोना के सक्रिय मरीज बढऩे की दर घट रही है। यह राहत का संकेत है, लेकिन अभी कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाना ही सबसे बड़ी सावधानी है। सभी लोगों को कोविड 19 की गाइडलाइन का पालन गंभीरता से करना चाहिए।
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30 September 2020भोपाल/दिल्ली। निर्वाचन आयोग की मंगलवार को हुई बैठक में मध्यप्रदेश विधानसभा की 28 रिक्त सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है। प्रदेश की सभी सीटों पर आगामी तीन नम्बर को मतदान होगा, जबकि 10 नवम्बर को परिणाम घोषित किये जाएंगे। उपचुनाव की अधिसूचना नौ अक्टूबर को जारी की जाएगी और इसके साथ ही नामांकन पत्र दाखिल करने का सिलसिला शुरू हो जाएगा, जो कि 16 अक्टूबर तक चलेगा। चुनाव आयोग के मुताबिक एक जनवरी 2020 की मतदाता सूची के आधार पर चुनाव कराए जाएंगे। उपचुनाव की तारीखों की घोषणा करते ही उपचुनाव वाले क्षेत्रों में आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मंगलवार को देशभर की विधानसभाओं की रिक्त 56 सीटों के उपचुनाव का कार्यक्रम तय कर दिया है। इनमें मध्यप्रदेश की 28 सीटें भी शामिल हैं। यहां आगामी तीन नवम्बर को मतदान होगा, जबकि 10 तारीख को मतगणना होगी और इसी दिन नतीजे घोषित किये जाएंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक, प्रदेश में नौ अक्टूबर को उपचुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी और 16 अक्टूबर को नामांकन पत्र दाखिल हो सकेंगे। चुनाव आयोग ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के बीच उपचुनाव के दौरान विशेष सावधानियां बरती जाएंगी। मतदाताओं को आधार कार्ड, मनरेगा का जॉब कार्ड, पैन कार्ड, बैंक या पोस्ट ऑफिस की पासबुक, हेल्थ इंश्योरेंस के स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट सहित अन्य दस्तावेजों के आधार पर मतदान करने की अनुमति होगी। इस बार 80 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति को डाक मतपत्र की सुविधा दी जाएगी। ऐसे मतदाता अपने घर से ही मतदान कर सकेंगे। इसके साथ ही कोरोना संक्रमित और संदिग्ध को भी डाक मतपत्र दिया जाएगा। मतदानकर्मी, ऐसे मतदाताओं के घर जाकर डाक मतपत्र लेकर आएंगे। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। चुनाव में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए आयोग द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में पहली बार इतनी अधिक सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। इसकी वजह इसी साल प्रदेश हुआ सत्ता परिवर्तन है। दरअसल, कांग्रेस के 25 विधायक अपनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए हैं। इनमें से 22 कांग्रेस विधायकों ने कमलनाथ सरकार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी। वहीं, तीन सीटें विधायकों के निधन के बाद खाली हुई हैं। उपचुनाव को लेकर प्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियों भाजपा और कांग्रेस की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं और कुछ सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा भी हो चुकी है। वहीं, बसपा ने भी चुनावी समर में आठ सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। मध्यप्रदेश की 230 सीटों वाली विधानसभा में फिलहाल भाजपा के 107, कांग्रेस के 88, बसपा के दो, सपा का एक और चार निर्दलीय विधायक हैं, जबकि बहुमत का आंकड़ा 116 है। इसीलिए यह उपचुनाव प्रदेश में सत्ता का निर्धारण करेंगे। रिक्त 28 में से 27 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था। अगर भाजपा उपचुनाव में बेहतर प्रदर्शन करती है तो उसकी सरकार और स्थिर होगी। वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस 20 से अधिक सीटें जीतने के प्रयास करेगी, ताकि कमलनाथ की सरकार प्रदेश में पुन: बन सके।
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29 September 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने उपचुनाव में सभी सीटों पर जीत का दावा किया है। वहीं उन्होंने उपचुनाव से पहले किसानों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। मंगलवार को अपने रायसेन दौरे पर एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार आने पर हम इस वादे को निभाएंगे, बचे हुए किसानों का भी कर्ज माफ होगा।मैं शिवराज जी की तरह घोषणावीर नहीं हूं। इस दौरान उन्होंने जनता से साँची से कांग्रेस के प्रत्याशी मदन लाल चौधरी को भारी मतों से विजयी बनाने की अपील की। सभा को संबोधित करते हुए कमलनाथ शिवराज सरकार और भाजपा पर जमकर बरसें। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में उप चुनाव की घोषणा हुई है, 3 नवंबर को चुनाव होने जा रहा है। यह कहने को उपचुनाव है लेकिन यह वास्तव में मध्यप्रदेश के भविष्य का चुनाव है। यह उपचुनाव मध्यप्रदेश का भविष्य तय करेगा, यह तय करेगा कि प्रदेश कौन सी पटरी पर चलेगा। प्रदेश के नौजवानों का, किसानों का भविष्य क्या होगा? सीएम शिवराज पर तंज कसते हुए कमलनाथ ने कहा कि " हर चुनाव में जेब में एक नारियल लेकर चलने वाले शिवराज इन उपचुनावों में दो-दो नारियल लेकर चल रहे है रोज़ झूठ , झूठी घोषणाएँ इनकी आदत बन चुका है। कुछ लोग बिकाऊ हो सकते है लेकिन प्रदेश के मतदाताओं को बिकाऊ समझने की भूल ना करे भाजपा व शिवराज। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर जी ने हमें संविधान दिया, उन्होंने इसमें कई प्रावधान रखे कि कभी कोई विधायक या सांसद नहीं रहेगा तो उपचुनाव होंगे लेकिन उन्होंने कभी नहीं सोचा होगा कि ऐसा भी समय आएगा कि सौदा होने के कारण उपचुनाव की नौबत आएगी। भाजपा ने संविधान और प्रजातंत्र के साथ खिलवाड़ किया है। मध्य प्रदेश को भाजपा ने देश भर में कलंकित किया है, राजनीति को बिकाऊ बनाने का काम भाजपा ने किया है। 15 वर्ष बाद हमारी सरकार आयी थी, प्रदेश की जनता ने नवंबर 2018 में हमें सत्ता की बागडोर सौंपी। जनता ने कहा कि शिवराज जी आप का 15 वर्ष का शासन काल हमने देख लिया, बहुत हो गया, बहुत देख ली आपकी झूठी घोषणाएं, झूठे आश्वासन देख लिए, अब हम कांग्रेस को मौका देना चाहते हैं लेकिन इन्हें बर्दाश्त नहीं हुआ और 15 माह में ही हमारी चुनी हुई लोकप्रिय, जनादेश वाली सरकार को गिरा दिया गया। इस दौरान केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि मोदी जी पहले कहते थे हमारी सरकार आयी तो हम 2 करोड़ युवाओं को प्रतिवर्ष रोजगार देंगे। फिर कोरोना महामारी में उन्होंने 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की। मैं पूछना चाहता हूं क्या किसी को 20 रुपये भी मिले क्या ? इस अवसर पर सभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अभी केंद्र की मोदी सरकार ने किसान विरोधी 3 कानून लागू किये है। इन कानूनों के माध्यम से वह मंडियों का निजीकरण करना चाहते है।इस निर्णय से किसान बर्बाद होगा लेकिन बड़े-बड़े औद्योगिक घराने, व्यापारी फायदे में रहेंगे। भाजपा को किसानों की चिंता नहीं है उन्हें तो बड़े व्यापारियों की चिंता है। मैं इस मंच के माध्यम से उन अधिकारियों को चेतावनी देना चाहता हूं जो निष्पक्ष ढंग से काम नहीं करते हुए भाजपा सरकार के इशारे पर काम कर रहे हैं। पुलिस को अपनी वर्दी की इज्जत रखना चाहिए। मैं शुरु से कहता हूं कि कमलनाथ की चक्की देर से चलती है लेकिन पिसती बहुत बारीक है। मैं जनता को गवाह बनाकर ऐसे अधिकारियों से हिसाब लूँगा।
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29 September 2020भोपाल। निर्वाचन आयोग की मीटिंग अब से कुछ ही देर में दिल्ली में होने जा रही है। इस मीटिंग में मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की जा सकती है। चुनाव आयोग ने बिहार चुनाव की तारीखों के ऐलान के समय मध्यप्रदेश में उपचुनाव का ऐलान नहीं किया था। चुनाव आयोग ने कहा था कि मध्यप्रदेश के उपचुनावों को लेकर 29 सितंबर की मीटिंग में फैसला लिया जाएगा। मध्यप्रदेश के उपचुनावों में भाजपा के सामने अपनी सत्ता बचाने और कांग्रेस के सामने छह महीने पहले खोई सत्ता वापस पाने की चुनौती है। इस उपचुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया की साख भी दांव पर लगी है, क्योंकि जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनमें 16 सीटें सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की है। मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। पहली बार प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर उपचुनाव हो रहे हैं। इसकी वजह प्रदेश में मार्च में हुआ सियासी फेरबदल है। इसी साल 10 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया था। इसके बाद अल्पमत में आई कमलनाथ सरकार गिर गई थी। कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने से 22 सीटें खाली हो गई थीं। इसके बाद जुलाई में बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और नेपानगर से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी कसडेकर ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली। फिर मांधाता विधायक ने भी कांग्रेस छोड़ भाजपा का झंडा पकड़ लिया। इसके अलावा, तीन विधायकों का निधन हो गया। यानी कुल 28 विधानसभा सीटें खाली हो गईं, जिन पर एक साथ उपचुनाव कराए जाना है।
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29 September 2020मुरैना। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मुरैना बैरियर चौराहे पर 108 करोड़ रुपये की लागत से बने फ्लाई ओवर के लोकार्पण से मुरैना के विकास में एक और नया अध्याय जुड़ गया है। उन्होंने कहा कि मुरैना के विकास में कहीं कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जायेगी। यह बात मुख्यमंत्री ने सोमवार को फ्लाई ओवर के लोकार्पण अवसर पर भोपाल से वेव कास्टिंग के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। जिसका सीधा प्रसारण कार्यक्रम स्थल पर एलईडी के माध्यम से देखा गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित केन्द्रीय कृषि, पंचायती राज ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि मुरैना के बेरियर चौराहा पर बने फ्लाई ओवर से जाम की स्थिति से मुक्ति मिल गई और फ्लाई ओवर बन जाने से लोगों की वर्षों पुरानी समस्या खत्म हो गई। सड़क परिवहन और राजमार्ग के केन्द्रीय राज्यमंत्री बीके सिंह ने कहा कि फ्लाई ओवर ब्रिज के बन जाने से मुरैना राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागमन सुगम होगा। राज्य मंत्री सिंह भी दिल्ली से वेव कास्टिंग के माध्यम से फ्लाई ओवर के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित किया। लाइव टेलीकास्ट के अवसर पर केन्द्रीय स्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली में मौजूद रहे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मैं सड़क परिवहन एवं पोत मंत्रालय के केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्री तोमर को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने 108 करोड़ रुपये की सौगात देकर मुरैना में फ्लाई ओवर का निर्माण कराकर मुरैना के विकास में एक और नया अध्याय जोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि इस अनुपम सौगात से मुरैनावासियों को बहुत सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुरैना को नगर निगम बनाने, 600 बिस्तर का अस्पताल बनाने, नाला नं. 1 व 2 का निर्माण एवं पाटने का कार्य, शानदार कलेक्ट्रेट भवन का निर्माण करने, भिण्ड में सैनिक स्कूल मुरैना में चंबल से पानी लाने का प्रस्ताव, अंचल में चंबल प्रोग्रेस वे की स्वीकृति, मुरैना में मेडिकल कॉलेज, मुरैना में सड़कों का निर्माण करने और सिंचाई की विभिन्न सुविधाओं को विस्तार करने का काम प्रदेश सरकार ने ही किया है। उन्होंने कहा कि विकास की गाथा को लिखने का काम जारी है। पूर्व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय प्रबंधक जायसवाल ने कहा कि इस फ्लाई ओवर की लागत 108 करोड़ रुपये है। डेढ़ किलोमीटर लंबे बने इस पुल का अनुबंध 30 जनवरी 2018 को हुआ था, जिसका काम 14 मार्च 2018 को प्रारंभ हुआ। जायसवाल ने कहा कि फ्लाई ओवर की कुल लंबाई एप्रोच सहित 1420 मीटर है। मूल स्ट्रक्चर की लंबाई 780 मीटर है। सर्विस रोड़ की लंबाई 1420 (मार्ग के दोनों ओर एप्रोच) है। फ्लाईओवर के दोनों तरफ 1.42 किलोमीटर लंबाई की ड्रेन का भी निर्माण किया गया है।
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28 September 2020भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पत्नी से मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाद वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एवं लोक अभियोजन संचालनालय के संचालक पुरुषोत्तम शर्मा को राज्य सरकार ने तत्काल पद से हटा दिया है। इस संबंध में गृह विभाग द्वारा सोमार को आदेश जारी कर दिया गया है। जारी आदेश के मुताबिक, लोक अभियोजन संचालनालय मप्र भोपल के संचालक पुरूषोत्तम शर्मा को तत्काल प्रभाव से स्थानांतरित करते हुए कार्यमुक्त किया गया है। बता दें कि रविवार देर रात सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति अपनी पत्नी की बेरहमी से पिटाई करते हुए साफ दिखाई दे रहा है। बताया जा रहा है कि अपनी पत्नी को पीटने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पुरुषोत्तम शर्मा हैं। वे अपनी पत्नी को पीटते हुए अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस मामले में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार सुबह ही मीडिया से बातचीत में कहा था कि लिखित शिकायत के बाद कार्रवाई की जाएगी। कुछ देर बाद ही गृह विभाग ने आदेश जारी कर उन्हें पद से हटा दिया।
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28 September 2020भोपाल। सतना जिले के सिंहपुर थाना में पूछताछ के लिए लाये गए संदेही की गोली लगने से हुई मौत के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं, साथ ही उन्होंने घटना की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा कि -‘शिवराज सरकार में ये कैसी कानून व्यवस्था? सतना जिले के सिंहपुर थाने में पूछताछ के लिये लाये गये राजपति कुशवाह नाम के व्यक्ति को रात में लॉकअप में गोली मार दी गयी, परिजन यह आरोप लगा रहे हैं।’ उन्होंने आगे लिखा है कि - ‘परिजन व ग्रामीण शव लेने व घटना का विरोध करने जब थाने पहुंचे तो उन पर बर्बर तरीके से लाठीचार्ज किया गया, उन्हें शव भी नहीं दिया जा रहा है। मैं सरकार से मांग करता हूँ कि इस घटना की उच्चस्तरीय जाँच हो, दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो और परिवार को इंसाफ मिले।’ दरअसल, सिंहपुर थाना पुलिस चोरी के मामले में संहेद के आधार पर रविवार को नारायणपुर गांव में बढ़ईगीरी और राजगीर मिस्त्री का काम करने वाले राजपति कुशवाहा (45) को पूछताछ के लिए थाने लेकर आई थी। रात में सिंहपुर थाने में लॉकअप में गोली लगने से उसकी मौत हो गई। जिस रिवाल्वर से राजपति को गोली लगी, वह सिंहपुर थाना प्रभारी विक्रम पाठक की सर्विस रिवॉल्वर थी। थानेदार की सर्विस रिवॉल्वर से चली गोली से हुई मौत के बाद मृतक के परिजन और बड़ी संख्या में ग्रामीण थाने पहुंच गए और धरने पर बैठ गए। परिजनों का आरोप है कि थाना प्रभारी ने नशे में गोली मार दी। इसी मामले को लेकर कमलनाथ ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये हैं।
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28 September 2020भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा की रिक्त 28 सीटों पर होने वाले उपचुनावों की तैयारियों में जुटी कांग्रेस पार्टी ने रविवार को उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की गई है। इस सूची में नौ सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित किये गये हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव मुकुल वासनिक द्वारा जारी सूची के अनुसार मुरैना जिले की जौरा सीट से पंकज उपाध्याय, सुमावली से अजब कुशवाहा, ग्वालियर पूर्व से सतीश सिकरवार, पोहरी विधानसभा सीट से हरिवल्लभ शुक्ला, मुंगावली से कन्हैयालाल लोधी, सुरखी से पारूल साहू, मांधाता से उत्तमराज सिंह, बदनावर से अभिषेक सिंह टिंकू और सुवासरा से राकेश पाटीदार को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है। इनमें सतीश सिकरवार और पारूल साहू हाल ही में भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुए हैं। बता दें कि कांग्रेस ने पहली सूची एक सप्ताह पहले जारी की थी, जिसमें 15 सीटों के उम्मीदवारों के नाम घोषित किये गए थे। अब नौ उम्मीदवारों और घोषित कर दिये गए। इस प्रकार अब तक कांग्रेस 24 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। अब शेष चार शेष हैं, जिन पर उम्मीदवार घोषित होना बाकी है।
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27 September 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में चुनावी संग्राम में राजनीतिक दाव बने किसानों को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर ओर तेज हो गया है। कांग्रेस प्रदेश सरकार पर किसानों के साथ झूठ और फरेब का आरोप लगा रही है और लगातार किसान कर्ज माफी को लेकर भाजपा का घेराव कर रही है। वही अब मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने एक बार फिर सीएम शिवराज पर किसानों को लेकर बड़ा हमला बोला है। कमलनाथ ने रविवार को ट्वीट कर किसानों के मुद्दे पर एक बार फिर प्रदेश सरकार और सीएम शिवराज पर निशाना साधा है। कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा ‘शिवराज जी, अतिवर्षा, कीटों के प्रकोप से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में खऱाब हुई फसलों का किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है, उन्हें आपकी सरकार ने कोई राहत प्रदान नहीं की है। एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने सीएम शिवराज पर तंज कसते हुए कहा कि आपने बाढ़ पर्यटन खूब किया, पीडि़तों के बीच खूब लच्छेदार भाषण दिये लेकिन अभी तक उन्हें राहत प्रदान नहीं की। आज भी आपके गृह जिले विदिशा के सिरोंज के ग्राम भोरिया में फसल बर्बादी से दुखी किसान गोवर्धन भावसार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। उन्होंने कहा कि भले आपकी पूरी सरकार किसान की इस आत्महत्या के पीछे भी अन्य कारण बताने में जुट जाए, लेकिन सच्चाई यह है कि प्रदेश का किसान राहत के अभाव में अपनी जान दे रहा है और इनसे बेखबर आपका चुनावी पर्यटन, करोड़ों की झूठी घोषणाएँ, झूठे शिलान्यास, चुनावी भूमिपूजन का खेल जारी है।
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27 September 2020भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह का आज रविवार सुबह निधन हो गया। जसवंत सिंह 82 साल के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल में 25 जून को भर्ती कराया गया था। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे थे। पूर्व केन्द्रीय मंत्री के निधन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने गहरा दुख व्यक्त किया है। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर जसवंत सिंह के निधन पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी है और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर कहा ‘देश ने अपने एक सच्चे एवं समर्पित सेवक श्री जसवंत सिंह जी के रूप में अपना एक अमूल्य सपूत खो दिया। ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं। विनम्र श्रद्धांजलि! एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा ‘पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्रद्धेय श्री जसवंत सिंह जी ने पूर्ण समर्पण और निष्ठा के साथ आजीवन देश की सेवा करते रहे। एक सैनिक के रूप में मातृभूमि की सेवा करने के बाद आपने रक्षा मंत्री, विदेश और वित्त मंत्री के रूप में देश की सेवा की। ऐसे सच्चे सपूत को विनम्र श्रद्धांजलि। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जसवंत सिंह को विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए अपने शोक संदेश में कहा ‘पूर्व वित्त एवं रक्षा मंत्री श्री जसवंत सिंह जी के निधन की दुखद सूचना मिली है। एक सैनिक और प्रभावी राजनेता के रूप में देश की सेवा और विकास में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकेगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति दें। भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश वियजवर्गीय ने जसवंत सिंह के निधन पर शोक जताते हुए कहा ‘पूर्व केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री जसवंत सिंह जी को सादर श्रद्धांजलि। वे वाजपेयी-सरकार में महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री रहे थे। भाजपा की जड़ों को मजबूती देने में उनके अभूतपूर्व योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे।
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27 September 2020भोपाल। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के कृषि अध्यादेशों के विरोध में चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के पक्ष में शनिवार को छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक पत्रकारवार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अध्यादेशों की मंशा और नीयत पर सवाल खड़े करते हुए चौतरफा हमले किए। उन्होंने बताया कि कृषि आर्थिकी में कोई भी सुधार न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित किए बिना किसानों का हितैषी नहीं हो सकता। नये अध्यादेश शोषण और छोटे किसानों के दमन को मौका देते हैं। उन्होंने बताया कि देश में 86.21 प्रतिशत किसानों के परिवार में 5 एकड़ से कम की जोत है। क्या ऐसा किसान कारपोरेट अनुबंधों के खिलाफ मुकदमे लड़ सकता है? जो किसान पेट भरने की लड़ाई लड़ रहा है, फसल के मूल्य की लड़ाई लड़ रहा है, क्या वह वकील की फीस भी चुका सकता है। सिंहदेव ने गुजरात का उदाहरण देते हुए कहा कि कांट्रैक्ट फार्मिंग वर्तमान परिस्थितियों में शोषण और किसानों की लूट को हवा देने का हथियार बन गया है। गुजरात में पेप्सीको कंपनी ने कई किसानों पर लेय्ज में लगने वाले आलू पैदा करने के खिलाफ मुकदमे लगा रखे हैं। स्वयं प्रधानमंत्री उन किसानों की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं। अनुबंधों में बंधा किसान इस तरह चक्रव्यूह में फंसाया जायेगा। यदि ऐसा ही पूरे देश में 1 एकड़ 2 एकड़ की होल्डिंग रखने वाले किसान के साथ हुआ तो सरकार उसे क्या संरक्षण देगी, यह बताएं? भाजपा की नीयत तो शांता कुमार कमेटी से ही जाहिर हो चुकी थी इस दौरान सिंहदेव ने सवाल किया कि अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य सरकार कहती है कि खत्म नहीं होगा। तो इसे अध्यादेश में लिखने में क्या आपत्ति है? सरकार ने उसे अध्यादेशों में क्यों नहीं लिखा। उल्टे आध्यादेशों में यह लिखा गया है कि जब तक व्यापारी 100 रुपए के 200 रुपए कमाता है तब तक सरकार कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी, यानी सरकार की मध्यस्थता तब शुरू होगी। जब 100 का माल 201 में बेचा जाएगा। यह उपभोक्ता की लूट का कानूनी प्रावधान है? कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करती है। सिंहदेव ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब केन्द्र सरकार द्वारा उपभोक्ता मामलों पर बनाए गए वर्किंग ग्रुप के सदस्य थे, तब उन्होंने स्वयं उस बैठक में यह मुद्दा डलवाया था कि कोई भी अंतर राज्यीय आदान-प्रदान बिना न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित किए वैध नहीं माना जाना चाहिये। तब आज प्रधानमंत्री की हैसियत में वे इसी संरक्षण को कानून से क्यों गायब रखना चाहते हैं ? इसका उत्तर आना चाहिए । सिंहदेव ने कहा कि संघीय ढांचे में शेड्यूल सात एवं कॉन्करेंट सूची के अनुसार कृषि राज्य का विषय है। इसमें कोई भी दखल संवैधानिक बुनियादी अधिकार का अतिक्रमण है। राज्य सरकारों के अधिकारों पर कुठाराघात है। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि राज्यसभा में जिस तरह से मत विभाजन को टाला गया। वह हिटलर शाही की ओर देश को ले जाने वाला है। जब सरकार बहुमत में है तो उसे मत विभाजन से क्या डर था यह उसे बताना चाहिए। धीरे धीरे देश को ऐसे रास्ते पर धकेला जा रहा है कि जिस का बहुमत है वह देश पर अपनी मनमर्जी थोप सकता है। कांग्रेस पार्टी इसे होने नहीं देगी।
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26 September 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्र सरकार द्वारा संसद में पारित कृषि संबंधी विधेयकों को किसानों को आजादी दिलाने वाला बताते हुए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि इन बिलों का बेवजह विरोध हो रहा है। कांग्रेस के लोग इन बिलों का विरोध कर किसानों का विरोध कर रहे हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को भोपाल स्थित मिंटो हॉल में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के 1.75 लाख कृषकों के बैंक खातों में मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के अंतर्गत राशि का सिंगल क्लिक से ट्रांसफर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के दिल में देश को बनाने और जनता के कल्याण का काम करने का अद्भुत जज्बा है। जो उनके दिल में किसानों, जनता और देश के कल्याण के लिए जिद है, वह अभिनंदनीय है। मैं उनके प्रति अगाध श्रद्धा रखता हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि बिल 2020 में किसान को अपनी उपज कहीं भी बेचने की अनुमति है। अगर किसान का सौदा किसी एक्सपोर्टर या व्यवसायी से पट जाये, तो अपने घर या खेत से ही उपज बेच सकता है। जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, इसमें विरोध की वजह बताएं। आलू, प्याज और लहसुन का स्टॉक रखने की सीमा खत्म कर दी गई है, इससे किसानों को कोई नुकसान नहीं है। किसान को आजादी दिलाने का बिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाये हैं, इसका विरोध कर कांग्रेसी किसानों का भी विरोध कर रहे हैं। सीएम शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के मसीहा हैं। उन्होंने देश के किसानों के उत्थान के लिए किसान सम्मान निधि देना प्रारम्भ किया। हमने भी इसमें योगदान देने का निर्णय लिया जिससे किसानों को कुल 10,000 रुपये की राशि प्रति वर्ष मिलेगी। हम मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों के अलग-अलग उत्पाद को चिन्हित कर उनकी गुणवत्ता में सुधार करेंगे और एक्सपोर्ट क्लस्टर बनायेंगे। इससे किसान की आय दोगुना नहीं, कई गुना बढ़ जाएगी। आखिर आपका उत्थान ही तो मेरी जिंदगी का लक्ष्य है।
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26 September 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासी गलियारों में सरगर्मी चरम पर है। दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। इस बीच दलबदल की राजनीति भी तेजी से जारी है। राजनेता एक पार्टी को छोड़ दूसरी का हाथ थाम रहे हैं। इस कड़ी में कांग्रेस को एक ओर बड़ा झटका लगा हैं। विंध्य अंचल से कांग्रेस के दिग्गज नेता श्रीकांत चतुर्वेदी ने भाजपा का दामन थाम लिया है। सीएम शिवराज और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें मुख्यमंत्री निवास में भाजपा की सदस्यता दिलाई है। बता दें कि उपचुनाव से पहले श्रीकांत चतुर्वेदी का भाजपा में शामिल होना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर श्रीकांत चतुर्वेदी के भाजपा में शामिल होने की जानकारी साझा करते हुए भाजपा परिवार में उनका स्वागत किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘आज विंध्य अंचल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्रीकान्त चतुर्वेदी जी और मुरैना जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री सत्येंद्र सिंह तोमर ने @BJPyMP की सदस्यता ग्रहण की है। आपने जनता के हित को सर्वोपरि रखकर निर्णय लिया है, मैं आप दोनों का भाजपा के विशाल परिवार में हार्दिक स्वागत करता हूँ। गौरतलब है कि श्रीकांत चतुर्वेदी 2018 विधानसभा चुनाव में मैहर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार थे। लेकिन श्रीकांत को भाजपा उम्मीदवार नारायण त्रिपाठी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। उन्हें करीब 22 सौ वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
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26 September 2020भोपाल। मप्र सरकार द्वारा उपचुनाव से पहले किए जा रहे तबादलों पर राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस इस मामले पर आक्रामक हो गई है और आरोप प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। कांग्रेस सरकार पर तबादलों को लेकर सवाल साध रही है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि भाजपा ने प्रदेश में लोकतंत्र और संविधान के साथ छेड़छाड़ कर, संवैधानिक मूल्यों की हत्या की, एक जनादेश प्राप्त लोकप्रिय सरकार को बीच में गिराया और अब प्रदेश में होने वाले आगामी उपचुनावों को देखते हुए उसे हार का भय सता रहा है। सलूजा ने शुक्रवार को जारी अपने बयान में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता के मूड को भाजपा भाँप चुकी है, इसलिए शिवराज सरकार द्वारा इन उपचुनावो की घोषणा के पूर्व ताबड़तोड़ तबादले पर तबादले किए जा रहे हैं और इन तबादलों के माध्यम से अपने चहेतों अफसरो की उपचुनाव वाले क्षेत्रों में पोस्टिंग कर वो चुनाव जीतना चाहती है। कांग्रेस नेतार ने कहा कि इस कोरोना महामारी में भी क्या कारण है कि इतने थोक बंद ताबड़तोड़ तबादले शिवराज सरकार द्वारा किए जा रहे हैं। बड़े पैमाने पर " ट्रांसफऱ उद्योग "चलाया जा रहा है? जब चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस चालू होने वाली थी, जिसमें प्रदेश के उपचुनाव की घोषणा होना संभावित थी, उसके कुछ मिनट पूर्व ही ताबड़तोड़ इतनी बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारियों के तबादले बता रहे हैं कि शिवराज सरकार को जनमत पर भरोसा नहीं है, वह अधिकारियों के भरोसे पिछले दरवाजे से चुनाव जीतना चाहती है। सलूजा ने तंज कसते हुए कहा कि उनकी इस मंशा को उन्हीं की मंत्री इमरती देवी कुछ दिन पूर्व ही जगज़ाहिर चुकी है कि सत्ता सरकार जिस कलेक्टर को कहेगी, वह हमें चुनाव जितवा देंगे। वैसे भी शिवराज सरकार के बारे में खुद भाजपाई ही कहते हैं कि अधिकारियों के भरोसे चलने वाली सरकार है। अब यही शिवराज सरकार अधिकारियों के बल पर चुनाव जीतना चाहती है, अपने मनपसंद-चहेते, भाजपा का बिल्ला जेब में रखने वाले अधिकारियों की उपचुनाव वाले क्षेत्रों में पोस्टिंग की जा रही है ताकि इनके माध्यम से चुनाव जीता जा सके, अपने पक्ष में फैसले कराये जा सके। कांग्रेस नेता ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि कांग्रेस इस मामले में चुप नहीं बैठेगी, वह चुनाव आयोग से लेकर न्यायालय तक का दरवाजा खटखटायेगी। कांग्रेस चुनाव आयोग से भी माँग करेगी कि मध्यप्रदेश में आगामी उपचुनावों को देखते हुए तत्काल स्थानांतरण पर रोक लगाई जाए व विगत एक माह में जितने भी स्थानांतरण हुए हैं, उन सभी को तत्काल निरस्त किया जाए व उपचुनावों वाले क्षेत्रों में निष्पक्ष व ईमानदार छवि वाले अधिकारियों की पोस्टिंग की जावे जिससे निष्पक्ष चुनाव हो व जनादेश का अपमान ना हो।
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25 September 2020भोपाल। निर्वाचन आयोग द्वारा शुक्रवार को बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है। उम्मीद थी कि बिहार चुनाव के साथ-साथ मध्यप्रदेश में विधानसभा की रिक्त 28 सीटों पर होने वाले उपचुनावों की तारीख भी घोषित कर दी जाएगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। निर्वाचन आयोग ने कहा है कि 29 सितम्बर को होने वाली बैठक में मध्यप्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों के उपचुनावों की तारीखों पर फैसला किया जाएगा। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में विधानसभा की 28 सीटें रिक्त हैं, जिन पर उपचुनाव होना है। राज्य की दोनों प्रमुख पार्टियां उपचुनाव की तैयारियों में जुटी हैं। भाजपा जहां अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए सदस्यता अभियान चला रही है, वहीं कांग्रेस भी दोबारा सत्ता में आने के लिए जिताऊ उम्मीदवारों की खोज कर रह ीहै। इधर, निर्वाचन आयोग ने भी प्रदेश में उपचुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं और अधिकारियों को चुनाव संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसी बीच संभावना जताई जा रही थी कि शुक्रवार को बिहार चुनाव की तारीखों के साथ मध्यप्रदेश के उपचुनावों की तारीख भी घोषित हो सकती है, लेकिन मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोरा ने बिहार चुनाव की तारीख घोषित करते हुए कहा कि अन्य राज्यों की 64 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर आगामी 29 सितंबर को रिव्यू मीटिंग होगी और उसके बाद यहां उपचुनाव की तारीख घोषित की जाएगी। दरअसल, इसी साल 10 मार्च को पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस के 22 विधायक इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए थे और इसके बाद तत्कालीन कमलनाथ सरकार गिर गई थी। कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने से 22 सीटें खाली हो गई थीं। इसके बाद जुलाई में बड़ा मलहरा से कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी और नेपानगर से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी कसडेकर भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गई थी। इसके अलावा मांधाता विधायक भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ गए, जबकि तीन विधायकों का निधन हो गया। इस तरह प्रदेश विधानसभा की कुल 28 सीटें रिक्त हैं। इनमें से 25 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने के कारण रिक्त हुई हैं। मध्यप्रदेश की 230 सीटों वाली विधानसभा में अभी भाजपा के पास 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस 88, बसपा दो, सपा एक और चार निर्दलीय हैं। अभी 28 सीटें रिक्त होने के कारण भाजपा के पास बहुमत है और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के नेतृत्व में सरकार काम कर रही है। उपचुनाव के बाद बहुमत का जादूई आंकड़ा 216 होगा और उपचुनाव में जो पार्टी इस आंकड़े को छुएगी, उसकी सरकार बन जाएगी।
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25 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राजधानी भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना 2020 के अंतर्गत सिंगल क्लिक के माध्यम से प्रदेश के 40 हजार से अधिक मेधावी विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिए बैंक खातों में राशि ट्रांसफर की और कुछ विद्यार्थियों को प्रतीकात्मक रूप से हितलाभ सौंपे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं अपने भांजे-भांजियों से जब भी मिलता हूं, तो मन आनंद और प्रसन्नता से भर जाता है। मेरे बच्चों जब भी मैं आपको देखता हूं, तो मुझे भविष्य का सशक्त मध्यप्रदेश और भारत दिखाई देता है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस ने प्रतिभाशाली छात्र प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत लैपटॉप वितरण योजना को बंद कर दिया था। आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती के शुभ अवसर पर हम इस योजना का पुन: शुभारम्भ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्यक्ति जैसा सोच लेता है, वह वैसा ही बन जाता है। दुनिया में ऐसा कोई कार्य नहीं है जो मनुष्य न कर सके। बड़े-बड़े कार्य आखिर मनुष्यों ने ही तो किये हैं। यदि हम यह सोच कर बैठ जाएं कि यह कार्य तो कठिन है, मैं कर ही नहीं सकता, तो फिर कुछ भी संभव नहीं होता। उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गरीब घर में पैदा हुए। वे बचपन से ही दयालु थे। उनके मन में कुछ अलग करने की ललक थी। उन्होंने हिमालय पर्वत पर तपस्या की और वहाँ जनता की सेवा करने का निर्णय लिया। दुनिया में जन्म लिया है तो केवल रोने-गाने के लिए नहीं लिया, कुछ अलग और दूसरों से बेहतर करने के लिए लिया है। हमें सफल तो होना ही है, साथ ही साथ समाज की बेहतरी के लिए भी कुछ करना है। आप बड़े से बड़े कार्य सम्पन्न करें, मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं। आपकी मदद के लिए मेरी सरकार भी सदैव आपके साथ है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने हितग्राही मेधावी बच्चों से संवाद भी किया। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा एमपी बोर्ड की कक्षा 12वीं परीक्षा में 75 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले बच्चों के लिए प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना योजना शुरू की थी, जिसे पूर्ववर्ती कांग्रेस की कमलनाथ सरकार द्वारा बंद कर दिया गया था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा इस योजना को फिर से शुरू किया गया और शुक्रवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती के अवसर पर कक्षा 12वीं में 80 फीसदी से अधिक अंक लाने वाले 40, 436 विद्यार्थियों के खातों में लैपटॉप खरीदने के लिए 25-25 हजार रुपये की राशि ट्रांसफर की।
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25 September 2020भोपाल। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर के बयान ने जुबानी जंग तेज कर दी है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने उनके बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि यदि सिंधिया समर्थक छह मंत्रियों का पूर्व का और वर्तमान कार्यकाल का लेखा-जोखा खोल दिया जाए तो भ्रष्टाचार के कारण यह सारे तो जेल में होंगे ही, साथ ही इनकी भ्रष्टाचार की मोटी कमाई में हिस्सा लेने वाले इनके आका भी जेल में होंगे। दरअसल मंत्री प्रद्युमन सिंह ने अपने एक बयान में पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि 15 महीने की कांग्रेस सरकार का लेखा-जोखा खोल दिया गया तो जो बाहर है, वह जेल में होंगे। इसी बयान पर पलटवार करते हुए सलूजा ने कहा कि यह तो कमलनाथ का बड़प्पन है कि उन्होंने नाकाबिल होते हुए भी सिंधिया समर्थकों को मंत्रिमंडल में स्थान दिया। पूरा प्रदेश जानता है कमलनाथ सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युमन तोमर अपने विभाग का काम छोड़ आए दिन कहीं भी नाली- गटर में उतर कर फ़ोटो सेशन करते हुए दिखायी देते थे। आए दिन फोटो बाजी के लिए झाड़ू हाथ में पकड़ कर नौटंकी किया करते थे। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सिंधिया समर्थक कोई मंत्री गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्यमंत्री का संदेश तक नहीं पढ़ पाता था, किसी पर उनके स्टाफ के मार्फत भ्रष्टाचार के आरोप लगते थे, किसी पर खुद सिंधिया समर्थक विधायक ही बेटे के मार्फत रिश्वत लेकर काम करने के आरोप लगाते थे। ऐसे कई किस्से इन मंत्रियों के भ्रष्टाचार के सार्वजनिक हैं। सलूजा ने कहा कि यदि इनके पूर्व की और वर्तमान कार्यकाल की ठीक ढंग से जांच हो जाए और लेखा-जोखा सामने लाया जाए तो यह खुद तो जेल में होंगे, साथ ही इनके आका, जिनको यह भ्रष्टाचार की काली कमाई का हिस्सा भेजते थे, वह भी जेल में होंगे। सलूजा ने कहा कि जो तोमर यह कह रहे हैं कि सिंधिया का चेहरा दिखा कर कांग्रेस ने सरकार बनाई तो वह यह सच्चाई भी बता दें आखिर इतना अच्छा चेहरा खुद अपने प्रतिनिधि से लाखों वोटों से चुनाव कैसे हार गया और अभी उसी चेहरे को दिखाकर वे चुनाव लड़ ले, उस चेहरे की सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।
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23 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को पुनासा स्थित स्टेडियम में विकास कार्यों के लोकार्पण व भूमिपूजन के कार्यक्रम में करोड़ों रुपये की सौगात देते हुए खंडवा जिले की मूंदी और किल्लोद नगर परिषद को तहसील का दर्जा देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने संत सिंगाजी स्थल को प्रदेश का धार्मिक पर्यटन स्थल भी घोषित किया। इसके अलावा उन्होंने यहां अधोसंरचना के विकास के लिए 1 करोड़ 55 लाख रुपये भी देने की घोषणा की। विकास कार्यों के भूमिपूजन व लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब प्रदेश में फसल बीमा योजना एक नए स्वरूप में लाई जाएगी। पुनासा माइक्रो लिफ्ट इरिगेशन योजना का पुन: आकलन कर छूटे हुए गांवों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दीन-दुखियों और गरीबों के लिए संबल योजना उनका हक है। इस वर्ष बारिश से प्रभावित हुई फसलों का ईमानदारी से सर्वें कराने के आदेश देते हुए कहा कि पर्याप्त राहत राशि की व्यवस्था की जाएगी। 190 हितग्राहियों को पीएम आवास की 1.90 करोड़ रुपये की किश्तमुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को राशि और प्रमाण-पत्र वितरित किए। उन्होंने मूंदी नगर परिषद के 190 हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रथम किश्त के रूप में 1.90 करोड़ रुपये वितरित किये। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने 44.77 करोड़ रुपये की लागत के 6 निर्माण कार्यों का भूमिपूजन और 13.8 करोड़ रुपये की लागत के 14 निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने मंच से विभिन्न योजनाओं में हितग्राहियों को हितलाभ, प्रमाण-पत्र एवं पात्रता पर्ची का वितरण भी किया। कृषि मंत्री कमल पटेल ने लोकार्पण व भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश में अब सर्वांगीण विकास के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। अब सरकार द्वारा निरंतर लोक कल्याणकारी योजनाओं से नागरिकों को लाभांवित किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि आरबीसी 6/4 के अंतर्गत बारिश से प्रभावित फसलों की राहत राशि किसानों को प्रदान की जाएगी। कार्यक्रम को क्षेत्रीय सांसद नंदकुमारसिंह चौहान ने भी संबोधित किया।
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23 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार सुबह अपने निवास पर हुई बैठक में गृह, राजस्व, लोक निर्माण, जेल, शिक्षा और अन्य विभागों में रिक्त पदों को भरने की कार्रवाई तत्काल प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों के लगभग 20 हजार और अन्य विभागों के 10 हजार पद मिलाकर लगभग 30 हजार पदों के लिए भर्ती अनुमानित है। मुख्यमंत्री निवास पर हुई बैठक में सीएम शिवराज ने कहा कि जनकल्याणकारी कार्यों के सुचारू संचालन के लिए विभागों में खाली पड़े पदों को भरने की कार्यवाही पूर्ण की जाए। इस संबंध में प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड, लोक सेवा आयोग और विभागीय स्तर पर की जाने वाली कार्यवाही संपादित की जाए। मुख्यमंत्री ने पदों की भर्ती के संबंध में विभागीय स्तर पर भी समीक्षा कर समग्र रूप से संपूर्ण प्रक्रिया अपनाए जाने के निर्देश दिए। भर्ती में नियम प्रक्रिया का पालन सुनिश्चित किया जाए मुख्यमंत्री ने कहा कि रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में आवश्यक नियमों और प्रक्रियाओं के पालन का ध्यान रखते हुए प्रक्रिया पूरी की जाए। एक अनुमान के अनुसार करीब 10 हजार पदों के लिए पीईबी द्वारा आगामी महीनों में परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इन पदों में गृह विभाग के अंतर्गत पुलिस आरक्षक के 3272 पद, किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी के 863 पद, गृह विभाग में आरक्षक रेडियो संवर्ग के 493 पद, राजस्व निरीक्षक के 372 पद, कौशल संचालनालय में आईटीआई प्रशिक्षण अधिकारी के 302 पद शामिल हैं। इसके अलावा विभिन्न विभागों में शीघ्र लेखक, सहायक ग्रेड-3, स्टेनो टायपिस्ट, स्टेनोग्राफर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, सांख्यिकी अधिकारी और भृत्य, चौकीदार, वार्ड बाय, क्लीनर, वाटरमेन कुक जैसे पदों की भर्ती की जाएगी। परीक्षाओं के आयोजन की तैयारी जारी बैठक में बताया गया कि प्राथमिक शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा दिसम्बर 2020 में प्रस्तावित है। वर्तमान में पीईबी की ओर से तकनीकी शिक्षा संचालनालय, पशुपालन विभाग और कृषि विभाग की विभिन्न परीक्षाओं के आयोजन की तैयारी भी की जा रही है। ये परीक्षाएं अकादमिक सत्र के अनुसार अक्टूबर और नवम्बर 2020 में प्रस्तावित हैं। इन पदों के लिए बड़ी संख्या में आवेदन पत्र प्राप्त हुए हैं। सिर्फ शिक्षकों के लिए ही 6.57 लाख आवेदन-पत्र इस वर्ष प्राप्त हुए हैं। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त केके सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, जनसंपर्क आयुक्त डॉ. सुदाम खाडे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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23 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मंगलवार को उनके निवास पर प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों ने भेंट की। प्रशासनिक सेवा संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री चौहान से आग्रह किया कि छिंदवाड़ा में एस.डी.एम. सी.पी. पटेल पर किए गए हमले में लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जाए। पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से यह भी आग्रह किया कि एसडीएम पटेल को आवश्यक सहायता एवं सुरक्षा प्रदान की जाए। साथ ही ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ए.डी.एम. और एस.डी.एम. को सशस्त्र गार्ड एवं समस्त कार्यपालक मजिस्ट्रेट के लिए गार्ड की व्यवस्था की जाए। प्रशासनिक अधिकारियों ने घटना के विरोध में 19 से 21 सितम्बर तक हड़ताल अवधि का सामूहिक अवकाश प्रदान करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रशासनिक सेवा और कार्यपालक मजिस्ट्रेट का दायित्व निभा रहे लोगों की सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
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22 September 2020भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों की ऋण माफी पर पहले दिन से ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और कांग्रेस छोडक़र भाजपा में गए ज्योतिरदित्य सिंधिया झूठ बोलते रहे हैं। इस झूठ की राजनीति का पर्दाफाश स्वयं शिवराज सरकार ने कल विधानसभा में कर दिया है और स्वीकार किया कि प्रदेश में प्रथम और द्वितीय चरण में कांग्रेस की सरकार ने 51 जिलों में 26 लाख 95 हजार किसानों का 11 हजार 6 सौ करोड़ रुपये से अधिक का ऋण माफ किया है। उन्होंने सीएम शिवराज और सिंधिया से माफी मांगने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता से सफेद झूठ बोलने और गुमराह करने की घृणित राजनीति के लिए शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया को तत्काल प्रदेश की जनता से माफी मांगना चाहिए । कमलनाथ ने मंगलवार को जारी अपने एक बयान में कहा कि ग्वालियर दौरे के दौरान मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को किसानों की ऋण माफी के मुद्दे पर खुली बहस करने की चुनौती दी थी। वे इस मुद्दे पर खुली बहस करते, उसके पहले ही उनकी सरकार ने विधानसभा में स्वीकार कर लिया कि कांग्रेस सरकार ने 26 लाख 95 हजार किसानों का ऋण माफ किया था और स्वीकृति की प्रकिया में शेष पांच लाख नब्बे हजार किसानों की संख्या को भी स्वीकार किया है, जिसकी स्वीकृति मेरी सरकार के समय की जा रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन के पटल पर जो सच्चाई भाजपा सरकार ने स्वीकार की है, इससे शिवराज सिंह व भाजपा की झूठ की राजनीति का पर्दाफाश हो चुका है और मेरे द्वारा पहले दिन से ही किसान ऋण माफी की जो संख्या और सूची दी जा रही थी, वह अंतत: सच साबित हुई है। कमलनाथ ने कहा कि मैं शुरू से ही यह कहता आ रहा हूं कि भाजपा चाहे जितना झूठ बोल ले लेकिन जो सच्चाई है, वह इस प्रदेश की जनता जानती है और हमारे किसान भाई इसके गवाह हैं। इसी सच्चाई को सदन में भाजपा सरकार के कृषि मंत्री ने लिखित में स्वीकार भी किया है। इस सच्चााई को स्वीकार करने के बाद शिवराज सरकार को शेष किसानों की ऋण माफी की प्रक्रिया को शीघ्र शुरू करना चाहिये। उन्होंने कहा कि विधानसभा में जो बहाना ऋण माफी योजना की समीक्षा का बनाया गया है, वह यह बताता है कि भाजपा और शिवराज सिंह किसानों के विरोधी हैं। कांग्रेस सरकार ने ऋण माफी की जो योजना बनाई थी, वह पूर्णत: विचार विमर्श के बाद ही तैयार की गई थी, जिसकी समीक्षा करने की कोई गुंजाइश नहीं बचती है। शिवराज सरकार कोई समय-सीमा भी बताने को तैयार नहीं है, इससे यह स्पष्ट होता है कि वे किसानों की कर्ज माफी करना ही नहीं चाहते। पूर्व मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि किसानों के साथ हमेशा से भाजपा छलावा करती रही है। उनके वोट पाने के लिए झूठे सब्जबाग दिखाकर भाजपा को किसानों को धोखा दिया है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार में इतनी बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या को मजबूर हुए। उन्होंने कहा कि हाल ही में संसद में गैर संवैधानिक तरीके से जो कृषि विधेयक पास हुए है, उससे भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा मूलत: किसान विरोधी है, वह किसानों का भला नहीं चाहती है।
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22 September 2020भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा किसानों की ऋण माफी पर पहले दिन से ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और कांग्रेस छोडक़र भाजपा में गए ज्योतिरदित्य सिंधिया झूठ बोलते रहे हैं। इस झूठ की राजनीति का पर्दाफाश स्वयं शिवराज सरकार ने कल विधानसभा में कर दिया है और स्वीकार किया कि प्रदेश में प्रथम और द्वितीय चरण में कांग्रेस की सरकार ने 51 जिलों में 26 लाख 95 हजार किसानों का 11 हजार 6 सौ करोड़ रुपये से अधिक का ऋण माफ किया है। उन्होंने सीएम शिवराज और सिंधिया से माफी मांगने की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता से सफेद झूठ बोलने और गुमराह करने की घृणित राजनीति के लिए शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया को तत्काल प्रदेश की जनता से माफी मांगना चाहिए । कमलनाथ ने मंगलवार को जारी अपने एक बयान में कहा कि ग्वालियर दौरे के दौरान मैंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को किसानों की ऋण माफी के मुद्दे पर खुली बहस करने की चुनौती दी थी। वे इस मुद्दे पर खुली बहस करते, उसके पहले ही उनकी सरकार ने विधानसभा में स्वीकार कर लिया कि कांग्रेस सरकार ने 26 लाख 95 हजार किसानों का ऋण माफ किया था और स्वीकृति की प्रकिया में शेष पांच लाख नब्बे हजार किसानों की संख्या को भी स्वीकार किया है, जिसकी स्वीकृति मेरी सरकार के समय की जा रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन के पटल पर जो सच्चाई भाजपा सरकार ने स्वीकार की है, इससे शिवराज सिंह व भाजपा की झूठ की राजनीति का पर्दाफाश हो चुका है और मेरे द्वारा पहले दिन से ही किसान ऋण माफी की जो संख्या और सूची दी जा रही थी, वह अंतत: सच साबित हुई है। कमलनाथ ने कहा कि मैं शुरू से ही यह कहता आ रहा हूं कि भाजपा चाहे जितना झूठ बोल ले लेकिन जो सच्चाई है, वह इस प्रदेश की जनता जानती है और हमारे किसान भाई इसके गवाह हैं। इसी सच्चाई को सदन में भाजपा सरकार के कृषि मंत्री ने लिखित में स्वीकार भी किया है। इस सच्चााई को स्वीकार करने के बाद शिवराज सरकार को शेष किसानों की ऋण माफी की प्रक्रिया को शीघ्र शुरू करना चाहिये। उन्होंने कहा कि विधानसभा में जो बहाना ऋण माफी योजना की समीक्षा का बनाया गया है, वह यह बताता है कि भाजपा और शिवराज सिंह किसानों के विरोधी हैं। कांग्रेस सरकार ने ऋण माफी की जो योजना बनाई थी, वह पूर्णत: विचार विमर्श के बाद ही तैयार की गई थी, जिसकी समीक्षा करने की कोई गुंजाइश नहीं बचती है। शिवराज सरकार कोई समय-सीमा भी बताने को तैयार नहीं है, इससे यह स्पष्ट होता है कि वे किसानों की कर्ज माफी करना ही नहीं चाहते। पूर्व मुख्यमंत्री ने तंज कसते हुए कहा कि किसानों के साथ हमेशा से भाजपा छलावा करती रही है। उनके वोट पाने के लिए झूठे सब्जबाग दिखाकर भाजपा को किसानों को धोखा दिया है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार में इतनी बड़ी संख्या में किसान आत्महत्या को मजबूर हुए। उन्होंने कहा कि हाल ही में संसद में गैर संवैधानिक तरीके से जो कृषि विधेयक पास हुए है, उससे भी स्पष्ट हो गया है कि भाजपा मूलत: किसान विरोधी है, वह किसानों का भला नहीं चाहती है।
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22 September 2020भोपाल। किसानों से जुड़े बिल को लेकर विपक्ष विरोध का रूख अपनाए हुए है। विपक्ष का विरोध इस बिल को लेकर कम होने का नाम नहीं ले रहा। वहीं दूसरी ओर राज्यसभा से निलंबित आठ सांसदों का मामला भी तूल पकड़ चुका है। निलंबित सांसद सोमवार से संसद परिसर के गांधी प्रतिमा के पास धरने पर बैठे हुए हैं। राज्यसभा में कांग्रेस के हंगामे पर प्रदेश के गृृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कटाक्ष किया है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कृषि बिल संशोधन पर राज्यसभा में कांग्रेस सांसदों के हंगामे पर कहा कि संसद में पारित किए गए कृषि सुधार के नए कानून को लेकर एक बार फिर कांग्रेस का दोहरा चरित्र सामने आया है, ऐसा ही जीएसटी के समय में भी था। इस संबंध में कपिल सिब्बल के भाषण का वायरल हो रहा वीडियो इसका स्पष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा है कि किसानों की आय दोगुनी करनी है। देश की सबसे बड़ी आबादी किसान की है, पीएम ने जो कदम उठाया है वो राष्ट्रहित में है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृतसंकल्पित हैं। सचिन और प्रियंका पर साधा निशाना इस दौरान उपचुनाव में कांग्रेस के लिए सचिन पायलट और प्रियंका गांधी के ग्वालियर- चंबल में प्रचार में उतरने पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस किसी को भी बुला सकती है। जनता समझ चुकी है कि कांग्रेस के पास ना नेता है और न नीयत। छिंदवाड़ा में एसडीएम के साथ हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण छिंदवाड़ा में एसडीएम के साथ हुई घटना के बाद एसडीएम और तहसीलदार की हड़ताल पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि एसडीएम के साथ जो हुआ दुर्भाग्यपूर्ण था, कांग्रेस को इस तरह के दुराग्रह से बचना चाहिए। कांग्रेस पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि आज विपक्ष में आने पर कांग्रेस की हालत खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे जैसी हो गई है। कांग्रेस के लोगों को ऐसा अमर्यादित आचरण नहीं करना चाहिए।
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22 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को विधानसभा में प्रदेश में कोरोना की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में कोरोना के विरूद्ध जंग में युद्ध स्तर पर कार्य हुआ है, जिसके फलस्वरूप आज की तारीख में मध्यप्रदेश में कोविड संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर 77.30 हो गयी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 1 मई को यह दर मात्र 19.03 थी। प्रदेश में 23 मार्च 2020 को टेस्टिंग क्षमता मात्र 300 टेस्ट प्रतिदिन थी, इसमें से सिर्फ 60 टेस्ट रोजाना हो पाते थे। अब प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता 29 हजार 780 टेस्ट प्रतिदिन है। यहीं नही 3 लैब से बढ़कर हम 78 क्रियाशील लैब स्थापित कर चुके हैं। प्रदेश में 852 फीवर क्लीनिक कार्य कर रहे हैं। फीवर क्लीनिक में सैम्पल कलेक्शन की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कोरोना के विरूद्ध निणार्यक जंग में विपक्ष के सहयोग की भी अपेक्षा की। चौहान ने कहा कि हम सब मिलकर इस महामारी से लड़ें और इसे परास्त करें। वैसे तो मध्यप्रदेश की स्थिति भारत के कई राज्यों से बेहतर है, फिर भी सभी से अपेक्षा है कि सावधानियों का पालन करें, सतर्क रहें, घरों से बहुत आवश्यक कार्य पर ही बाहर निकलें और प्रोटोकॉल के पालन में सरकार का सहयोग करें। मुख्यमंत्री कोविड योद्धा कल्याण योजना में 20 प्रकरणों में योद्धाओं के परिवारों को आर्थिक सहायता राशि दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन से लेकर अनलॉक के पिछले 6 माह में संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित करने में सफलता मिली है। प्रदेश में इस समय करीब 22 हजार एक्टिव केस हैं, जो कुल प्रकरणों का 20 प्रतिशत है। इन प्रकरणों के लिहाज से मध्यप्रदेश देश में 16वें स्थान पर है। प्रदेश की स्थिति में निरंतर सुधार हुआ है। अस्पतालों में बिस्तर क्षमता भी बढ़ाई गयी। सामान्य बैड जो 2428 थे, अब 24 हजार 560 हैं। इसी तरह आईसीयू और आईसोलेशन बैड भी बढ़े हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे गत 6 माह से प्रतिदिन कोराना नियंत्रण की समीक्षा कर रहे हैं। चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में 20 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति महाराष्ट्र से है। प्रदेश में 50 टन ऑक्सीजन उपलब्ध थी, जिसे बढ़ाकर 120 टन किया गया है। यह क्षमता 30 सितम्बर तक 150 टन हो जायेगी। भारत सरकार के सहयोग से प्रतिदिन 50 टन अतिरिक्त ऑक्सीजन उपलब्ध हुई है। होशंगाबाद जिले में 200 टन क्षमता का ऑक्सीजन संयंत्र लगाने की कार्यवाही प्रारंभ की गई है। उन्होंने बताया कि जन-जागरूकता के लिये प्रदेश में जुलाई और अगस्त माह में 'किल-कोरोना' महाअभियान दो चरणों में चलाया गया। इसके पश्चात 'सहयोग से सुरक्षा' अभियान शुरू किया गया, जिसके अंतर्गत 1. सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देने, 2. परिवर्तित व्यवहार को स्थायी बनाने, 3. भ्रामक जानकारी का खण्डन करने, 4. जनसहयोग प्राप्त करने और 5. संक्रमित व्यक्ति को भेदभाव से बचाने के पाँच मंत्रों को अपनाकर उन पर अमल किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में 'एक मास्क-अनेक जिंदगी अभियान' में मास्क वितरण का कार्य किया जाता है। प्रदेश के करीब 53 प्रतिशत रोगी घरों में होम आइसोलेशन के अंतर्गत उपचार ले रहें हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर में 27 अगस्त 2020 को 237 करोड़ लागत से 402 बिस्तर क्षमता का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का लोकार्पण किया गया है। वैकल्पिक चिकित्सा का उपयोग करते हुए, करीब 4 करोड़ लोगों तक आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी दवाओं के साथ ही आयुर्वेदिक काढ़ा पहुँचाने का कार्य किया गया है। चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की इस पहल की केन्द्र सरकार ने भी सराहना की है। प्रदेश में 362 आयुष वैलनेस सेंटर और 45 नये आयुष ग्रामों को मंजूरी दी गयी है। आर्थिक गतिविधियों और आगामी त्यौहारों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने समय-समय पर गाइड लाइन जारी की हैं। परस्पर दूरी रखने, मास्क के उपयोग और बार-बार साबुन से हाथ धोने की सलाह लोगों को विभिन्न माध्यमों से निरंतर दी जा रही है, ताकि संक्रमण को पूरी तरह रोका जा सके।
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21 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को विधानसभा में प्रदेश में कोरोना की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में कोरोना के विरूद्ध जंग में युद्ध स्तर पर कार्य हुआ है, जिसके फलस्वरूप आज की तारीख में मध्यप्रदेश में कोविड संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की दर 77.30 हो गयी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 1 मई को यह दर मात्र 19.03 थी। प्रदेश में 23 मार्च 2020 को टेस्टिंग क्षमता मात्र 300 टेस्ट प्रतिदिन थी, इसमें से सिर्फ 60 टेस्ट रोजाना हो पाते थे। अब प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता 29 हजार 780 टेस्ट प्रतिदिन है। यहीं नही 3 लैब से बढ़कर हम 78 क्रियाशील लैब स्थापित कर चुके हैं। प्रदेश में 852 फीवर क्लीनिक कार्य कर रहे हैं। फीवर क्लीनिक में सैम्पल कलेक्शन की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने कोरोना के विरूद्ध निणार्यक जंग में विपक्ष के सहयोग की भी अपेक्षा की। चौहान ने कहा कि हम सब मिलकर इस महामारी से लड़ें और इसे परास्त करें। वैसे तो मध्यप्रदेश की स्थिति भारत के कई राज्यों से बेहतर है, फिर भी सभी से अपेक्षा है कि सावधानियों का पालन करें, सतर्क रहें, घरों से बहुत आवश्यक कार्य पर ही बाहर निकलें और प्रोटोकॉल के पालन में सरकार का सहयोग करें। मुख्यमंत्री कोविड योद्धा कल्याण योजना में 20 प्रकरणों में योद्धाओं के परिवारों को आर्थिक सहायता राशि दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन से लेकर अनलॉक के पिछले 6 माह में संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित करने में सफलता मिली है। प्रदेश में इस समय करीब 22 हजार एक्टिव केस हैं, जो कुल प्रकरणों का 20 प्रतिशत है। इन प्रकरणों के लिहाज से मध्यप्रदेश देश में 16वें स्थान पर है। प्रदेश की स्थिति में निरंतर सुधार हुआ है। अस्पतालों में बिस्तर क्षमता भी बढ़ाई गयी। सामान्य बैड जो 2428 थे, अब 24 हजार 560 हैं। इसी तरह आईसीयू और आईसोलेशन बैड भी बढ़े हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे गत 6 माह से प्रतिदिन कोराना नियंत्रण की समीक्षा कर रहे हैं। चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में 20 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति महाराष्ट्र से है। प्रदेश में 50 टन ऑक्सीजन उपलब्ध थी, जिसे बढ़ाकर 120 टन किया गया है। यह क्षमता 30 सितम्बर तक 150 टन हो जायेगी। भारत सरकार के सहयोग से प्रतिदिन 50 टन अतिरिक्त ऑक्सीजन उपलब्ध हुई है। होशंगाबाद जिले में 200 टन क्षमता का ऑक्सीजन संयंत्र लगाने की कार्यवाही प्रारंभ की गई है। उन्होंने बताया कि जन-जागरूकता के लिये प्रदेश में जुलाई और अगस्त माह में 'किल-कोरोना' महाअभियान दो चरणों में चलाया गया। इसके पश्चात 'सहयोग से सुरक्षा' अभियान शुरू किया गया, जिसके अंतर्गत 1. सुरक्षा उपायों को बढ़ावा देने, 2. परिवर्तित व्यवहार को स्थायी बनाने, 3. भ्रामक जानकारी का खण्डन करने, 4. जनसहयोग प्राप्त करने और 5. संक्रमित व्यक्ति को भेदभाव से बचाने के पाँच मंत्रों को अपनाकर उन पर अमल किया जा रहा है। पूरे प्रदेश में 'एक मास्क-अनेक जिंदगी अभियान' में मास्क वितरण का कार्य किया जाता है। प्रदेश के करीब 53 प्रतिशत रोगी घरों में होम आइसोलेशन के अंतर्गत उपचार ले रहें हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इंदौर में 27 अगस्त 2020 को 237 करोड़ लागत से 402 बिस्तर क्षमता का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल का लोकार्पण किया गया है। वैकल्पिक चिकित्सा का उपयोग करते हुए, करीब 4 करोड़ लोगों तक आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी दवाओं के साथ ही आयुर्वेदिक काढ़ा पहुँचाने का कार्य किया गया है। चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की इस पहल की केन्द्र सरकार ने भी सराहना की है। प्रदेश में 362 आयुष वैलनेस सेंटर और 45 नये आयुष ग्रामों को मंजूरी दी गयी है। आर्थिक गतिविधियों और आगामी त्यौहारों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने समय-समय पर गाइड लाइन जारी की हैं। परस्पर दूरी रखने, मास्क के उपयोग और बार-बार साबुन से हाथ धोने की सलाह लोगों को विभिन्न माध्यमों से निरंतर दी जा रही है, ताकि संक्रमण को पूरी तरह रोका जा सके।
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21 September 2020भोपाल। विधानसभा का एक दिवसीय सत्र सोमवार सुबह शुरू हुआ, लेकिन सत्र शुरू होने से पहले ही नरसिंहपुर के गाडरवारा से कांग्रेस विधायक सुनीता पटेल गांधीगीरी दिखाते हुए विधानसभा परिसर में स्थापित गांधी की प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठ गईं। विधायक सुनीता पटेल ने नरसिंहपुर जिले के एएसपी राजेश तिवारी के खिलाफ मोर्चा खोला है और उन्हें हटाने की मांग कर रही हैं। अवैध खनन करवा रहे हैं एएसपी विधायक सुनीता पटेल ने अपनी मांग के समर्थन में विधायक विश्रामगृह में भी पोस्टर लगाए हैं। उनका कहना है कि एएसपी राजेश तिवारी इलाके में अवैध खनन करवा रहे हैं। वे अपने पद का गलत फायदा उठा रहे हैं। ऐसे में उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाया जाना चाहिए। समाचार लिखे जाने तक सुनीता धरने पर बैठी हुई थीं। अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं मानी। जिसके बाद महिला पुलिस अधिकारी को विधायक की सुरक्षा के लिए लगाया गया है।
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21 September 2020भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का एक दिवसीय सत्र सोमवार को शुरू हुआ और एक घंटे की कार्यवाही में शासकीय कार्य निपटाने के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस दौरान मंत्री उषा ठाकुर के जयस को लेकर दिये गए बयान पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। हंगामे के बीच ही सरकार ने कई विधेयक पारित करा लिये। सदन में विपक्ष की मांग पर मुख्यमंत्री ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति का ब्यौरा भी सदन में दिया। कोरोना संकट के बीच सोमवार को मप्र विधानसभा का एक दिवसीय सत्र हुआ। विधानसभा पहुंचने के पहले विधानसभा अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा समेत सभी विधायकों की जांच की गई और हाथ सैनिटाइज कराने के बाद उन्हें प्रवेश दिया गया। सदन में सबसे पहले पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राज्यपाल लालजी टण्डन समेत अन्य दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने पांच मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। मध्यप्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा के इस सातवें एक दिवसीय सत्र की शुरुआत में सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) रामेश्वर शर्मा ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, तत्कालीन राज्यपाल लालजी टंडन, सदन के सदस्य मनोहर ऊंटवाल और गोवर्धन दांगी तथा पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हजारीलाल रघुवंशी के निधन की विधिवत सूचना सदन को दी। साथ ही पूर्व विधायक डेरहू प्रसाद धृतलहरे और अन्य नेताओं के अलावा गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में शहीद हुए जवानों, जम्मू कश्मीर के बारामूला में शहीद सैनिक और देश प्रदेश में कोरोना के कारण व्यक्तियों के निधन की सूचना दी और सदन की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके अलावा सदन में पूर्व विधायक उदय सिंह पंड्या, चंपालाल देवड़ा, देवेंद्र कुमारी, बलिहार सिंह, बलबीर सिंह कुशवाह, घनश्याम प्रसाद जायसवाल, बूंदीलाल रावत, विमला शर्मा, मनमोहन शाह बट्टी, चिमनलाल सडाना, रमाकांत तिवारी, गणेशराम खटीक और बिंद्रा प्रसाद साकेत तथा छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी और पूर्व केंद्रीय मंत्री हंसराज भारद्वाज के निधन के उल्लेख के साथ उनके प्रति भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सदन के नेता एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी दिवंगतों का राजनैतिक, सामाजिक और देश सेवा के क्षेत्र में योगदान का जिक्र करते हुए सभी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। विपक्ष के नेता कमलनाथ ने अपनी और दल की ओर से सभी दिवंगतों को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद सभी ने दो मिनट का मौन रखा और प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने दिवंगतों के सम्मान में कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी। स्थगन के बाद जब सदन दोबारा समवेत हुआ, तो सबसे पहले संसदीय कार्य मंत्री ने आदेशों पत्रों को पटल पर रखा। अध्यक्ष ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देने वाले विधायकों, सदस्यों की सूचना सदन को दी। वित्त मंत्री की अनुपस्थिति में संसदीय कार्य मंत्री ने उनका कार्य संपादित किया। सबसे पहले धन विनियोग विधेयक सदन में प्रस्तुत किया गया। इस पर कांग्रेस ने चर्चा कराने की मांग की, लेकिन सरकार ने मना कर दिया। इसके बाद मध्यप्रदेश विनियोग विधेयक 2020 पारित हो गया। संसदीय कार्य मंत्री ने समस्त विभागों की अनुदान मांगों का प्रस्ताव एक साथ प्रस्तुत किया। इस पर कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक गोविंद सिंह एवं नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने चर्चा कराने का अनुरोध किया। जिसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री ने सर्वदलीय बैठक का उल्लेख किया और आपत्ति पर विचार न करते अनुदान मांगें पारित कर दी गईं। इसके बाद मंत्री उषा ठाकुर द्वारा गत दिनों को लेकर दिये गये बयान को लेकर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। दरअसल, मंत्री ने जयस को देशद्रोही संगठन बता दिया था। सदन में पूर्व मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल हनी ने यह मुद्दा उठाया। सदन में हंगामें के बीच मध्यप्रदेश साहूकार संसोधन विधेयक 2020, अनुसूचित जनजाति ऋण विमुक्ति विधेयक 2020 पारित हो गए। संसदीय कार्यमंत्री ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया कि सर्वदलीय बैठक निर्णय के अनुसार सदन कार्यवाही समाप्त की जाए। विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष रामेश्वर शर्मा ने कार्यसूची में शामिल विषयों पर कार्यवाही पूर्ण होने पर सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। सदन की कार्यवाही करीब एक घंटे चली। बता दें कि कोरोना के चलते इस तीन दिवसीय सत्र को महज एक दिन का किया गया है, जिसमें केवल शासकीय कार्य ही संपादित किए जाएंगे। सदन में कुल 202 विधायकों में से केवल 60 ही मौजूद रहे। इनमें 32 विधायक भाजपा, 22 कांग्रेस, दो बसपा, एक सपा और चार निर्दलीय शामिल हैं। वहीं, 141 विधायक अपने-अपने जिलों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सदन की कार्यवाही में शामिल हुए।
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21 September 2020आगरमालवा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने रविवार को आगरमालवा जिले के बड़ौद में कहा कि प्रदेश में जल्द ही पुलिस, शिक्षक और स्वास्थ्य विभाग की नौकरियों में भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जायेगी जिससे शिक्षित बच्चें नौकरी में चयनित होकर, रोजगार प्राप्त कर सकें। वही कोरोना संकट दूर होते ही तीर्थदर्शन यात्रा रेल के माध्यम से फिर से चालू की जायेगी। उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने वल्लभभवन को बेइमानों, भ्रष्टाचारियों व दलालो का अड्डा बना दिया था। उन्होने आगे कहा कि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए स्वहायता समूहों को चौदह सौ करोड़ रूपये दिये जायेगें। मुख्यमंत्री ने रविवार को आगरमालवा जिले के बड़ौद कृषि उपज मंडी में 7791.42 लाख रुपए के विकास कार्यां का भूमिपूजन एवं जनकल्याणकारी योजनाओं में हितलाभ वितरण कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश सरकार किसान हितैषी है। प्रदेश के 22 लाख किसानों के खाते में फसल बीमा की 4688 करोड़ रूपए की राशि जमा की गई है। जिन किसानों को बीमा राशि कम मिली है तथा बीमा कम्पनी के लाभ से संतुष्ट नहीं है, उनकी जांच करवाने के निर्देश भी जिला प्रशासन को दिए गए है। भावांतर की राशि भी सभी किसानों को भुगतान की जाएगी। कोरोना संक्रमण काल के चलते राज्य सरकार को टैक्स से मिलने वाली राशि नहीं आने से निश्चित रूप से आर्थिक सीमाएं हैं, किन्तु फिर भी किसानों के हित में किसी भी तरह की बाधा नहीं आने दी जायेगी। किसानों की फसल नुकसानी का मुआवजा एवं बीमा राशि का भुगतान करने के लिए राशि का प्रबंध कहीं से भी किया जाएगा। वर्तमान में किसानों की जो सोयाबीन फसल में नुकसान हुआ हैं,उसकी क्षति का भी शत्-प्रतिशत आंकलन करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बार किसानों की फसल नुकसानी की भरपाई बीमा राशि एवं मुआवजा राशि प्रदाय की जाएगी। श्री चौहान ने कहा कि आगामी तीन सालों में किसी गरीब का कच्चा मकान नहीं रहेगा, सभी को प्रधानमंत्री आवास योजना में पक्के मकान बनवाकर दिए जाएंगे। वही जिले के सभी गांवों में नल जल योजना के माध्यम से पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। किसानों को भी सिंचाई हेतु भरपूर पानी उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगरमालवा जिले के लिए स्वीकृत हर घर नल से जल योजना का भी प्राथमिकता से क्रियान्वयन करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में प्रदेश की जनता को जो बड़े हुए बिजली बिल मिले हैं,उनके भुगतान को रोक दिया गया है। आगामी माह से केवल एक ही माह का बिजली बिल भरना होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में पथ व्यावसाईयों को कोई परेशानी न हो तथा उनका व्यवसाय पुनः चालू हो सकें,इसके लिए स्ट्रीट वेंडर योजनान्तर्गत बिना ब्याज के 10 हजार रुपए की कार्यशील पूंजी का ऋण उपलब्ध करवाया गया। जिन पथ विक्रेताओं के काम-धंधे बंद हो गए थे,उन्हें फिर से रोजगार से जोड़ दिया गया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले के अधिक से अधिक शहरी एवं ग्रामीण स्ट्रीट वेंडरों को योजना का लाभ दिलवाया जाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बैंड-बाजा वाले को भी स्ट्रीट वेंडर योजना का लाभ दिया जाएगा साथ ही उन्हें एक रुपए किलों का राशन मिल सकें,इस हेतु खाद्यान्न पात्रता पर्ची भी वितरित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिला सशक्तिकरण कार्य पूरी क्षमता से किया जा रहा है। स्व-सहायता समूहों को 14 सौ करोड़ रुपए की सहायता उनके विकास के लिए दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बेटे-बेटियों को पढ़ाई में कोई आर्थिक परेशानी नहीं आने दी जाएगी। आईआईटी, मेडीकल एवं अन्य तकनीकी पाठ्यक्रम की पढ़ाई हेतु बेटे-बेटियों की फीस मध्यप्रदेश सरकार वहन करेगी। हमारा संकल्प सबका साथ और सबका विकास है। उन्होंने आमजनों से आव्हान किया कि वे सरकार को अपना भरपूर समर्थन दें। ।
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20 September 2020भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का एक दिवसीय सत्र सोमवार को आयोजित होने जा रहा है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस बार सत्र में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए है। इस सत्र में सीमित संख्या में सदस्य शामिल होंगे। एक दिवसीय सत्र में कार्यवाही के दौरान दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी। जबकि विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव नहीं होगा। इस बार सत्र में केवल 57 विधायक ही शामिल होंगे। एक दिवसीय सत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित 18 मंत्री शामिल होंगे। इसके अलावा विपक्षी पार्टी कांग्रेस के 22 विधायक सत्र में भाग लेंगे। भाजपा के 15 बीएसपी के एक और सपा के भी विधायक शामिल होंगे। एक दिवसीय विधानसभा सत्र में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ भी शामिल होंगे। वर्चुअल और एक्चुअल दोनों तरीके से विधानसभा की कार्रवाई चलेगी। इसके अलावा अन्य विधायक ऑनलाइन सदन की करवायी में ले भाग ले सकेंगे। कोरोना के चलते सिर्फ बजट पास किया जाएगा, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव नहीं होगा। एक दिन के सत्र में दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद बजट को पास किया जाएगा।
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20 September 2020भोपाल। मप्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के पिता अमर सिंह का शनिवार देर रात ग्वालियर में कोरोना के चलते निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। बीते 14 सितम्बर की शाम को उनती तबियत बिगडऩे के बाद उन्हें जयारोग्य अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में भर्ती कराया गया था। वे कोरोना संक्रमित पाए गए थे और डॉक्टरों की देख रेख में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन शनिवार देर रात हालत बिगडऩे के बाद उनका निधन हो गया। वीडी शर्मा के पिता का अंतिम संस्कार रविवार को ग्वालियर में ही किया जाएगा। पिता के निधन का समाचार मिलते ही वीडी शर्मा भोपाल से ग्वालियर के लिए रवाना हो गए। उन्होंने लोगों से कोरोना संक्रमण को देखते हुए उनके पिता की अंत्येष्टि में शामिल नहीं होने की अपील की है। वीडी शर्मा के पिता के निधन की खबर मिलते ही सीएम शिवराज ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘ @BJPyMP के प्रदेशाध्यक्ष श्री vdsharmabjp के पूज्य पिताजी के निधन का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। दु:ख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएँ उनके साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वे दिवंगत आत्मा को शांति दें और शोक संतप्त परिजनों को यह वज्रपात सहने की क्षमता प्रदान करें। एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने दिवंगत आत्मा को नमन करते हुए कहा ‘ नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक:। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुत:॥ विष्णुदत्त जी, पूज्य पिताजी आज हमारे बीच भले ही न रहे हों, लेकिन उनका आशीर्वाद और स्नेह आप पर हमेशा बना रहेगा।
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20 September 2020भोपाल। मप्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा के पिता अमर सिंह का शनिवार देर रात ग्वालियर में कोरोना के चलते निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। बीते 14 सितम्बर की शाम को उनती तबियत बिगडऩे के बाद उन्हें जयारोग्य अस्पताल के सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक में भर्ती कराया गया था। वे कोरोना संक्रमित पाए गए थे और डॉक्टरों की देख रेख में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन शनिवार देर रात हालत बिगडऩे के बाद उनका निधन हो गया। वीडी शर्मा के पिता का अंतिम संस्कार रविवार को ग्वालियर में ही किया जाएगा। पिता के निधन का समाचार मिलते ही वीडी शर्मा भोपाल से ग्वालियर के लिए रवाना हो गए। उन्होंने लोगों से कोरोना संक्रमण को देखते हुए उनके पिता की अंत्येष्टि में शामिल नहीं होने की अपील की है। वीडी शर्मा के पिता के निधन की खबर मिलते ही सीएम शिवराज ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘ @BJPyMP के प्रदेशाध्यक्ष श्री vdsharmabjp के पूज्य पिताजी के निधन का दु:खद समाचार प्राप्त हुआ। दु:ख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएँ उनके साथ हैं। ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वे दिवंगत आत्मा को शांति दें और शोक संतप्त परिजनों को यह वज्रपात सहने की क्षमता प्रदान करें। एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने दिवंगत आत्मा को नमन करते हुए कहा ‘ नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावक:। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुत:॥ विष्णुदत्त जी, पूज्य पिताजी आज हमारे बीच भले ही न रहे हों, लेकिन उनका आशीर्वाद और स्नेह आप पर हमेशा बना रहेगा।
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20 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में सिंगल क्लिक से प्रदेश के 22 लाख किसानों के खाते में प्रधानमंत्री फसल बीमा के 4 हजार 686 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री वेब कास्टिंग के माध्यम से खंडवा, सागर एवं धार के किसानों से सीधे बातचीत की एवं उनके खाते में फसल बीमा राशि डालने की जानकारी के बारे में पूछताछ की। धार के कृषक तरुण ने कहा कि उनके पास छह हेक्टेयर जमीन है और 90 हजार 164 रुपये बीमे का मिला है। मुख्यमंत्री को जब पता लगा कि तरुण की चार बेटियां हैं तो उन्होंने कहा कि बेटियों को अच्छे से शिक्षा देना। मुख्यमंत्री खेत सडक़ योजना पुन: प्रारम्भ होगी तरुण ने मुख्यमंत्री से खेती-किसानी में आने-जाने की समस्या को दूर करने के लिये मुख्यमंत्री खेत सडक़ योजना को फिर से प्रारम्भ करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के बाद भी वे इस किसान हितैषी योजना को पुन: प्रारम्भ करेंगे। खंडवा जिले के किसान रेवाराम से मुख्यमंत्री ने पूछा कि वे कौन-कौन सी फसल उगा रहे हैं और पिछली बार गेहूं कितना हुआ था। किसान रेवाराम ने कहा कि उन्हें सोयाबीन का फसल बीमा एक लाख 72 हजार 381 रुपये मिला है और इससे उनके नुकसान की भरपाई हो गई है। उन्होंने कहा कि उनके पास 15 हेक्टेयर जमीन है और वे सोयाबीन, गेहूं, चना की फसल लेते हैं किन्तु इस बार भी सोयाबीन की फसल में वायरस लगने के कारण बहुत नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 की खरीफ फसल का बीमा पाकर उनका घाटा कुछ कम हो गया है। मुख्यमंत्री ने सागर के कृषक विक्रमसिंह से बात की तथा उनसे पूछा कि उनके चने का उपार्जन हुआ कि नहीं। विक्रम सिंह को फसल बीमा की एक लाख 44 हजार रुपये की राशि मिली है। कृषक ने कहा कि इस बार फिर से सोयाबीन में रोग लग गया है। मुख्यमंत्री ने इस पर कहा कि हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा की तारीख बढ़ाई है ताकि शत-प्रतिशत किसानों का बीमा हो सके। कार्यक्रम में कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि किसान भाइयों के लिये आज खुशी का दिन है। प्रदेश के 22 लाख 51 हजार 188 किसानों के खाते में एक साथ 4 हजार 686 करोड़ रुपये की राशि डाली जा रही है। यह देश किसानों का है और किसान इस देश की रीढ़ है। रीढ़ मजबूत होगी तो देश मजबूत होगा। कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश के साथ-साथ उज्जैन जिले में एक लाख 44 हजार 123 कृषकों को 868 करोड़ रुपये बीमा के रूप में भुगतान एक क्लिक से किया गया है। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, बहादुरसिंह चौहान, विवेक जोशी, बहादुरसिंह बोरमुंडला, प्रमुख सचिव कृषि अजीत केसरी, संभागायुक्त आनन्द कुमार शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह सहित गणमान्य अतिथि एवं कृषक मौजूद थे।
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18 September 2020उज्जैन। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के 30 हजार दवा विक्रेता सहित 60 हजार फार्मासिस्ट के लिए पंजीयन के नवीनीकरण के लिए पूर्व में निर्धारित एक वर्ष की अवधि को बढ़ाकर नियमों में संशोधन करते हुए पांच वर्ष कर दी गई है। यह प्रदेश के दवा व्यवसाय में लगे कारोबारियों के लिए बड़ी सौगात है। मध्यप्रदेश फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष ओम जैन ने शुक्रवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा नियमों में संशोधन कर फार्मासिस्ट के लिए पंजीयन के नवीनीकरण की अवधि एक साल से बढ़ाकर पांच साल कर दी है। साथ ही पूर्व में पंजीयन मैनुअल आधार पर होते थे, इसमें भी संशोधन करते हुए अब पंजीयन एवं नवीनीकरण की संपूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 60 हजार फार्मासिस्ट को प्रति वर्ष एक बार काउंसिल में आना जाना पढ़ता था। पंजीयन ऑनलाइन होने से यात्रा, समय की एवं धन की बचत होगी। इस अभूतपूर्व निर्णय के साथ साथ फार्मासिस्ट को आधार से अपना पंजीयन लिंक करने पर नाम एवं जन्म तिथि में त्रुटि होने वाली त्रुटि को भी ऑनलाइन ठीक करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। उन्होंने इस निर्णय से प्रदेश के सभी फार्मासिस्ट संगठनों एवं दवाई विक्रेताओं में हर्ष की लहर है एवं समस्त फार्मासिस्ट की ओर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी एवं प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा का आभार व्यक्त किया गया है। समस्त फार्मासिस्टों ने इस ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत भी किया है।
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18 September 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के संक्रमण से मंत्री भी नहीं बच पा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद उनके मंत्रिमंडल के सदस्य भी एक के बाद एक कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। अब शिवराज सरकार के एक और मंत्री कोरोना संक्रमित हो गए हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय मंत्री ऐदल सिंह कंषाना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद उन्हें अपने सरकारी आवास में घरेलू एकांतवास किया गया है। मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने गत दिवस भोपाल में उन्होंने अपना कोरोना टेस्ट कराया था। शुक्रवार सुबह उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद वे घरेलू एकांतवास में चले गए। उन्होंने सम्पर्क में आये सभी लोगों से अनुरोध किया है कि वे अपनी जांच अवश्य करवाएं और चिकित्सक की सलाह के अनुसार स्वास्थ्य लाभ लें। बता दें कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं कोरोना संक्रमित हो गए थे। वे पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने काम में जुट गए हैं, लेकिन उनके बाद मंत्री संक्रमित होते जा रहे हैं। इससे पहले कैबिनेट मंत्री अरविंद भदौरिया, तुलसीराम सिलावट, रामखेलावन पटेल, विश्वास सारंग, मोहन यादव और गोपाल भार्गव, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। अब भी इस सूची में ऐदल सिंह कंषाना भी जुड़ गए हैं।
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18 September 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के संक्रमण से मंत्री भी नहीं बच पा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बाद उनके मंत्रिमंडल के सदस्य भी एक के बाद एक कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। अब शिवराज सरकार के एक और मंत्री कोरोना संक्रमित हो गए हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय मंत्री ऐदल सिंह कंषाना की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद उन्हें अपने सरकारी आवास में घरेलू एकांतवास किया गया है। मंत्री ऐदल सिंह कंषाना ने गत दिवस भोपाल में उन्होंने अपना कोरोना टेस्ट कराया था। शुक्रवार सुबह उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद वे घरेलू एकांतवास में चले गए। उन्होंने सम्पर्क में आये सभी लोगों से अनुरोध किया है कि वे अपनी जांच अवश्य करवाएं और चिकित्सक की सलाह के अनुसार स्वास्थ्य लाभ लें। बता दें कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं कोरोना संक्रमित हो गए थे। वे पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने काम में जुट गए हैं, लेकिन उनके बाद मंत्री संक्रमित होते जा रहे हैं। इससे पहले कैबिनेट मंत्री अरविंद भदौरिया, तुलसीराम सिलावट, रामखेलावन पटेल, विश्वास सारंग, मोहन यादव और गोपाल भार्गव, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। अब भी इस सूची में ऐदल सिंह कंषाना भी जुड़ गए हैं।
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18 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस के अवसर पर प्रदेश में 8 लाख बच्चों को दूध वितरण आरंभ कर राज्यव्यापी पोषण महोत्सव का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने लाड़ली लक्ष्मी योजना की 3 लाख 56 हजार 443 बालिकाओं को 75 करोड़ 55 लाख रुपये की राशि सिंगल क्लिक से उनके खाते में अंतरित की। मुख्यमंत्री ने सुपोषित प्रदेश के निर्माण के लिये राज्य स्तरीय पोषण प्रबंधन रणनीति जारी करते हुए प्रदेशवासियों को पोषण संकल्प दिलाया, साथ ही राज्य की 601 नवीन आंगनवाड़ी भवनों का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल प्रदेश ही नहीं पूरे देश के लिये आनंद और प्रसन्नता का अवसर है कि लोकप्रिय जननायक और देशवासियों की आशा के केन्द्र हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आज जन्मदिवस है। उन्होंने प्रदेश की 8 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री को जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि नरेन्द्र मोदी ने निर्धन, निराश्रित, कमजोर की सेवा को अपना संकल्प बनाया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत के लिये भगवान का वरदान हैं। उनके जन्मदिवस से प्रदेश में गरीबों के कल्याण के लिये अनेक कार्यक्रम आरंभ किये जा रहे हैं। आगामी संपूर्ण सप्ताह गरीब कल्याण सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को मंत्रालय से गरीब कल्याण सप्ताह का शुभारंभ राज्यव्यापी पोषण महोत्सव से किया। पोषण महोत्सव 97 हजार से अधिक आंगनवाड़ी केन्द्रों पर एक साथ मनाया गया। प्रदेश की 23 हजार 922 ग्राम पंचायत मुख्यालयों, 378 नगरीय निकायों के 6 हजार से अधिक वार्डों, 313 जनपद पंचायतों और जिला मुख्यालयों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। ग्राम पंचायतों में ग्रामों की पोषण प्रबंधन रणनीति और वार्डों में वार्ड की पोषण प्रबंधन रणनीति जारी की गई। वर्चुअल आधार पर आधारित इस कार्यक्रम का प्रसारण दूरदर्शन सहित सभी प्रमुख चैनलों पर किया गया। इसके साथ ही ट्वीटर, फेसबुक तथा बेवकास्ट से भी बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रम से जुड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी गौरवशाली, शक्तिशाली और वैभवशाली भारत के निर्माता हैं। उन्होंने जो भी कार्य किया वह पूरी तन्मयता और दूरदृष्टि के साथ किया। देश की सीमाओं की रक्षा हो, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की संकल्पना हो या गरीबों के कल्याण और विकास के लिये चलायी जाने वाली योजनाएँ, प्रधानमंत्री मोदी की दक्ष नेतृत्व क्षमता हर गतिविधि में परिलक्षित होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों की चिंता करने वाले ऐसे यशस्वी प्रधानमंत्री के जन्मदिन से राज्य सरकार ने गरीब कल्याण सप्ताह के अंतर्गत जन-जन की भलाई के कार्यक्रम संचालित करने का निर्णय लिया है। अब पोषण सरकार - आंगनवाड़ी में होंगे पोषण मटके मुख्यमंत्री ने कहा कि पोषण प्रबंधन रणनीति के माध्यम से पोषण सरकार पर कार्य करना आरंभ किया जा रहा है। हमारा यह मानना है कि कुपोषण मुक्ति की लड़ाई में समाज का साथ मिलना जरूरी हैं। इसके लिये हर गाँव में अन्नपूर्णा पंचायत बनाई जाएगी। जिसमें पंचायत, नगरीय निकाय, स्व-सहायता समूह, स्कूल प्रबंधन समिति, वन प्रबंधन समिति सहित अन्य लोगों को जोड़ा जाएगा। पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर निगरानी रखना इस पंचायत का काम होगा। उन्होंने प्रत्येक गाँव में पोषण मटके रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी में रखे इन मटकों में सक्षम परिवारों के सहयोग से फल, सब्जी, अनाज आदि एकत्र किया जाएगा। कमजोर बच्चों एवं महिलाओं के पोषण स्तर को बढ़ाने के लिये इनका उपयोग किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मुख्यमंत्री निवास में लगी पोषण वाटिका से फल और सब्जियाँ पास की आंगनवाड़ी के पोषण मटके में जाएं। 'रोटी बनाओ-कंडा थापो की जगह बेटा-बेटी बराबर मानो' मुख्यमंत्री ने कहा कि 'रोटी बनाओ-कंडा थापो की जगह बेटा-बेटी बराबर मानो' की सोच स्थापित करने और बेटियों के प्रति समाज की मानसिकता बदलने के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना आरंभ की गयी थी। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि जिन बेटियों को में गोद में लेकर एनएससी दी वे आज 9वीं 10वीं कक्षा में पढ़ रहीं हैं और डॉक्टर व कलेक्टर बनने का सपना देख रहीं हैं। बेटियों को बराबरी के अवसर उपलब्ध कराने के लिये हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से उनके जन्म से लेकर रोजगार और विवाह तक हर स्तर पर उनकी सहायता व कल्याण के लिये योजनाएँ संचालित की गयी हैं। प्रदेश में बालिकाओं एवं महिलाओं के विरूद्ध हिंसा सहन नहीं की जाएगी। ऐसी कृत्य करने वालों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही होगी। बेटियों, बहनों और माताओं का सम्मान, सुरक्षा और समानता का भाव सर्वोपरि है। प्री-प्रायमरी एजुकेशन की जिम्मेदारी अब आंगनवाडिय़ों को मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत 6 साल तक के बच्चों के प्री-प्रायमरी एजुकेशन की जिम्मेदारी अब आंगनवाडिय़ों को सौंपी जा रही है। मंत्रालय में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास अशोक शाह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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17 September 2020भोपाल। कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग कर चुनाव आयोग के समक्ष मप्र सरकार द्वारा 17 से 23 सितम्बर तक आयोजित गरीब कल्याण सप्ताह अभियान के द्वारा चुनाव के पूर्व सत्ता के घोर दुरुपयोग पर कड़ी आपत्ति जताते हुए, अभियान को तुरुन्त रोकने के पक्ष में तर्क दिया। उन्होंने इसे सत्ता के दुरुपयोग की पराकाष्ठा बताते हुए, निष्पक्ष चुनाव के लिए घातक बताया है। विवेक तन्खा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। तन्खा के ट्वीट कर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए विवेक तंखा ने ट्वीट पर निशाना साधते हुए कहा कि जब- जब भाजपा गरीब के लिए काम करेगी कांग्रेस को पीड़ा होगी। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस का डिहाइड्रेशन हो जाता है हाजमा खराब हो जाता है। चुनाव आयोग का बहाना ईवीएम का बहाना, फील्ड में जाना नही और बहाने बनाना है। कमलनाथ को बताया साइबेरियन पक्षी इस दौरान मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा भाजपा पर आरोप लगाए जाने पर निशाना साधते हुए उन्हें सायबेरियन पक्षी बताया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ सिर्फ वोट मांगने चले जाते है फिर कभी नही जाते। कमलनाथ ओर कांग्रेसी साइबेरियन पक्षियों की तरह है। मंत्री मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस ने 15 मांहिने में एक नौकरी नही दी, एक व्यक्ति को रोजगार दिया नही, 4 हजार रुपये भत्ता दिया नही, लिखित में झूठ बोलने वाले मुख्यमंत्री थे। झाम सिंह धुर्वे एनकाउंटर सीआईडी जांच के आदेश दिए झाम सिंह धुर्वे एनकाउंटर को लेकर मंत्री मिश्रा ने कहा कि मौत कोई भी हो दुखद है, जांच का विषय है। वो नक्सली की गोली से मारा या पुलिस की गोली से। उन्होंने कहा कि मजिस्ट्रियल जांच के बाद सीआईडी जांच के आदेश दिए है। दोषी जो भी हो दंडित होगा, नही बचेगा, इस पर राजनीति नही होना चाहिए
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17 September 2020भोपाल। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज गुरुवार को अपना 70वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस अवसर पर उन्हें देश के साथ साथ दुनिया भर से भी बधाई संदेश मिल रहे हैं। पीएम मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में हुआ था। उनके जन्मदिन के मौके पर भाजपा 14-20 सितंबर तक सेवा सप्ताह के रूप में मना रही है। प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत भाजपा नेताओं ने शुभकामनाएं दी है और उनके दीर्घायु होने की कामना की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम मोदी को ट्वीट कर जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा ‘प्रार्थयामहे भव शतायुषी। ईश्वर: सदा त्वां च रक्षतु। राष्ट्रसेवा और जनहित को सर्वोपरि रखने वाले संकल्पित कर्मयोगी, श्रेष्ठ भारत के निर्माण के लिए अविराम कार्य करने वाले मां भारत के सच्चे सेवक, यशस्वी प्रधानमंत्री श्री@narendramodi जी को जन्मदिवस पर आत्मीय बधाई! एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने पीएम मोदी के कार्यकाल में हुए अविस्मरणीय कार्यों के लिए उनकी प्रशंसा करते हुए कहा ‘स्वयं को प्रधानसेवक मानकर राष्ट्र उत्थान के लिए दिन-रात कार्य करने वाले विनम्र प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने देश को एक नये आत्मविश्वास, गौरव और गर्व से भर दिया है। अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए भी देश #AatmaNirbharBharat के महान मंत्र को साधने के लिए संकल्पित है। प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने धारा 370, तीन तलाक के अभिशाप से देश को मुक्त कर श्रीराम मंदिर के निर्माण व देश में स्वच्छता की अलख जगाने का अभूतपूर्व कार्य किया। आइये, हम सब भी स्वच्छता के प्रयास, गरीबों की सेवा, नियमों के पालन के माध्यम से उन्हें जन्मदिन का उपहार दें।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पीएम मोदी को जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा ‘सम्पूर्ण विश्व में भारत का मस्तक ऊँचा करने वाले, गरीबों, शोषितों एवं वंचितों की प्रगति के लिए सर्वस्व समर्पित करने वाले भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को जन्मदिन की आत्मीय बधाई एवं मंगलकामनाएँ। एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा ‘माँ भारती के प्रति आपकी कर्तव्य निष्ठा, नि:स्वार्थ सेवा भाव एवं सपर्मण हम सभी के लिए प्रेरणा का श्रोत हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि आप हमेशा स्वस्थ रहें एवं अनंत वर्षों तक इसी तरह देश हित के कार्य करते रहें। मुझे गर्व है कि मैं आपकी इस सेवा यात्रा का हिस्सा बन सका। कोरोना काल की चुनौतियों को भारत के लिए अवसर में बदलने के प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के दृणसंकल्प का समर्थन सम्पूर्ण विश्व कर रहा है, मुझे पूरा विश्वास है कि मोदी जी के नेतृत्व में #AatmaNirbharBharat का सपना जल्द ही पूरा होगा एवं हम विश्वगुरु भी बनेंगे। भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने अपने शुभकामना संदेश में कहा ‘शुभ जन्मदिन !!! भारत की गौरवशाली परंपरा के ध्वजवाहक, विश्व में भारतीय संस्कृति, ज्ञान को सुदृढ़ता के साथ प्रसारित कर देश के समृद्ध विकास के शिल्पकार माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को जन्मदिन की अनंत बधाई एवं शुभकामनाएं। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पीएम मोदी को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनके दीर्घायु होने की कामना की है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा ‘माँ भारती के सच्चे सपूत और करोड़ों भारतीयों के प्रेरणास्रोत प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। नया भारत आपके निर्णायक नेतृत्व में आत्मनिर्भर होकर विश्व गुरु बने। ईश्वर से आपके स्वस्थ और सुदीर्घ जीवन की कामना करता हूँ।
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17 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को भोपाल के समन्वय भवन में राज्यस्तरीय अन्न उत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुरैना की जिल्लो खान, उज्जैन के लक्ष्मण मण्डलौइ, इंदौर के राधेश्याम तथा छतरपुर जिले की कस्तूरी बाई से संवाद किया। सिलेंडर मिला मकान मिला अब राशन भी मिल रहा है बानमौर मुरैना की जिल्लो खान ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें दो साल पहले प्रधानमंत्री आवास योजना से पक्का मकान मिल गया था। उसके बाद सिलेंडर एवं रसोई गैस मिली और अब सस्ता राशन भी मिल गया है। उन्हें 1 रुपये किलो में 50 किलो गेहूँ एवं चावल मिले हैं तथा नमक एवं केरोसिन भी मिला है। इसके अलावा उन्हें 50 किलो नि:शुल्क राशन एवं प्रति सदस्य 1 किलो दाल भी हर महीने मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह अपने बच्चों को खूब पढ़ाएं तथा आगे बढ़ाएं। सरकार हर तरीके से उनकी मदद करेगी मंत्री जी इनका अच्छे से अच्छा इलाज कराएं अंबोदिया जिला उज्जैन के हितग्राही लक्ष्मण मंडलोई ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनके परिवार में 5 सदस्य हैं, उन्हें पात्रता पर्ची मिल गई है तथा 25 किलो गेहूं चावल एवं नमक भी प्राप्त हो गए हैं। वे कुछ दिनों पहले एक दुर्घटना में दिव्यांग हो गए थे। अत: अब कोई कामकाज नहीं कर पाते हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उज्जैन से शामिल हुए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से कहा कि मंत्री जी आप इनका अच्छे से अच्छा इलाज कराएं। लक्ष्मण मंडलोई के बेटे सौरभ मंडलोई ने मुख्यमंत्री से कहा कि मामा जी आपकी योजनाएं बहुत अच्छी हैं, मेरी फीस माफ हो गई है तथा छात्रवृत्ति मिल रही है। मैं आगे एमबीए करना चाहता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि उसे शिक्षा में पूरी मदद प्रदेश सरकार द्वारा दी जाएगी। मामा जी आज मैं बहुत खुश हूँ इंदौर जिले के भवन निर्माण श्रमिक राधेश्याम ने मुख्यमंत्री से कहा कि उन्हें आज 25 किलो गेहूँ चावल तथा नमक एक रुपए की दर पर मिल गया है। इसके साथ ही उन्हें हर महीने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का राशन भी निशुल्क मिल रहा है। उनके बच्चों की फीस सरकार भर रही है, उनका बिजली का बिल भी माफ हो गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान को धन्यवाद देते हुए कहा कि 'मामा जी आज मैं बहुत खुश हूँ'। आपके चेहरे पर हरदम मुस्कुराहट रहे छतरपुर जिले के बड़ा मलहरा की कस्तूरी बाई ने मुख्यमंत्री को बताया कि वे मेहनत मजदूरी कर अपने परिवार का जीवन यापन करती हैं। उनके 5 बच्चे हैं। उन्हें आज 30 किलो गेहूँ, चावल तथा नमक एक रुपए किलो की दर पर मिल गया है। इसके अलावा 30 किलो गेहूँ चावल तथा 6 किलो दाल भी नि:शुल्क मिल गई है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आप खुश रहें, आपके चेहरे पर हरदम मुस्कुराहट रहे, यही उनकी कामना एवं प्रयास हैं।
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16 September 2020भोपाल। उपचुनाव से पहले कांग्रेस अपने कार्यकाल में हुए कामों को जनता के सामने गिना रही है। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ अपनी जनसभाओं में विशेष तौर पर अपने कार्यों का उल्लेख कर रहे हैं, साथ ही भाजपा पर लगातार हमले बोल रहे हैं। ऐसे ही कमलनाथ ने बुधवार को जारी अपने एक बयान में प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे अन्न उत्सव पर निशाना साधा है। उन्होंंने कहा है कि भाजपा आज 37 लाख नये लाभार्थियो को शामिल कर प्रदेश भर में "अन्न उत्सव " मना रही है। जबकि सच्चाई यह है कि हमारी सरकार ने पहले वर्ष में ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत उपभोक्ता सूची में पूर्व में सम्मिलित परिवारों के सत्यापन, अपात्र परिवारों को हटाकर छूटे हुए वास्तविक गरीब परिवारों को सूची में जोडऩे का काम प्रारंभ किया था, जो कार्य पिछले कई वर्षों से नहीं हुआ था। अपने बयान में आगे कमलनाथ ने कहा है कि अधिनियम में शामिल 117.52 पात्र परिवारों के 5 करोड़ 46 लाख हितग्राहियों का घर- घर जाकर सत्यापन का व छूटे वास्तविक गरीब परिवारों के नाम जोडऩे के अभियान का कार्य हमारी सरकार ने ही शुरू करवाया था। बायोमेट्रिक सत्यापन के आधार पर राशन का विवरण 18 लाख से बढ़ाकर 76.93 परिवारों को माह अक्टूबर 2019 में देने का कार्य हमारी सरकार ने ही किया था। उन्होंने बताया कि समाज के गरीब तबके के लोगों को जीवन यापन में सहूलियत देने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने रियायती दरों पर खाद्यान्न व अन्य सुविधाएं देना शुरू किया था। पोर्टेबिलिटी योजना के तहत हमारी सरकार ने हितग्राही को किसी भी राशन की दुकान से खाद्यान्न लेने की सुविधा भी प्रदान की थी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत वर्ष 2011 की जनसंख्या के अनुसार प्रदेश की 75 प्रतिशत आबादी यानी 5 करोड़ 46 लाख को ही लाभान्वित करने का प्रावधान था। हमारी सरकार ने वर्ष 2018 की बढ़ी हुई अनुमानित जनसंख्या के आधार पर बचे 9 प्रतिशत यानि 71 लाख हितग्राहियों हेतु अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटन करने की मांग भी भारत सरकार से की थी।कमलनाथ ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि शिवराज सरकार यह बताये कि उस हिसाब ने 37 लाख नये लाभार्थियो के लिये अतिरिक्त खाद्यान्न की उन्होंने क्या व्यवस्था की है ? क्या यह अन्य घोषणाओं की तरह सिर्फ़ चुनावी घोषणा बन कर रह जायेगी? उपभोक्ताओं के हित में हमारी सरकार ने कई उल्लेखनीय निर्णय लिये थे।
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16 September 2020भोपाल। आम लोगों के साथ-साथ नेता, मंत्री और विधायक-सांसद भी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। कोरोना से पीड़ित इन नेताओं में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के लोग शामिल हैं। मंगलवार को कोरोना संक्रमण के चलते ब्यावरा से कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी की मौत हो गई थी। वहीं, बुधवार को कोतमा से कांग्रेस विधायक सुनील सराफ को कोरोना पॉजीटिव पाया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अनूपपुर जिले की कोतमा विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक सुनील सराफ की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्हें इलाज के लिए राजधानी भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। कोरोना संक्रमण के चलते विधायक सराफ का 21 सितम्बर को आयोजित किए जा रहे विधानसभा के एक दिवसीय सत्र में भाग लेना संदिग्ध हो गया है।
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16 September 2020भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के 21 सितंबर को होने वाले सत्र की व्यवस्थाओं को लेकर मंगलवार को विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मंत्री भूपेंद्र सिंह, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, सुश्री विजयलक्ष्मी साधो एवं विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह मौजूद थे। बैठक में तय हुआ कि कोरोना संक्रमण को लेकर सत्र में विशेष सावधानियां बरती जाएंगी। इस सत्र में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव नहीं होगा। विधानसभा का एकदिवसीय सत्र 21 सितंबर को होगा, जिसमें सिर्फ बजट पेश किया जाएगा। इसके अलावा कुछ नहीं होगा। इसका निर्णय मंगलवार सुबह विधानसभा में हुई सर्वदलीय बैठक में लिया गया। इस निर्णय पर कांग्रेस ने भी अपनी सहमति दी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बजट पास होना जरूरी है। प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि यह सत्र सिर्फ एक दिन का होगा। सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा। इस दौरान अगर कोई सवाल आता है, तो उस पर चर्चा की जाएगी। इससे पहले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सत्र के दौरान स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव कराए जाने की बात कही थी।
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15 September 2020भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के 21 सितंबर को होने वाले सत्र की व्यवस्थाओं को लेकर मंगलवार को विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, मंत्री भूपेंद्र सिंह, नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ, पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, सुश्री विजयलक्ष्मी साधो एवं विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह मौजूद थे। बैठक में तय हुआ कि कोरोना संक्रमण को लेकर सत्र में विशेष सावधानियां बरती जाएंगी। इस सत्र में विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव नहीं होगा। विधानसभा का एकदिवसीय सत्र 21 सितंबर को होगा, जिसमें सिर्फ बजट पेश किया जाएगा। इसके अलावा कुछ नहीं होगा। इसका निर्णय मंगलवार सुबह विधानसभा में हुई सर्वदलीय बैठक में लिया गया। इस निर्णय पर कांग्रेस ने भी अपनी सहमति दी है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बजट पास होना जरूरी है। प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि यह सत्र सिर्फ एक दिन का होगा। सत्र में प्रश्नकाल नहीं होगा। इस दौरान अगर कोई सवाल आता है, तो उस पर चर्चा की जाएगी। इससे पहले गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सत्र के दौरान स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव कराए जाने की बात कही थी।
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15 September 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी का मंगलवार निधन हो गया। बताया जा रहा है कि वे लम्बे समय से बीमार थे और उन्हें दिल्ली के मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां मंगलवार तडक़े उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ तथा पार्टी के वरिष्ठ नेता व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शोक व्यक्त किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा है कि -राजगढ़ जिले की ब्यावरा सीट से हमारे साथी विधायक गोवर्धन दांगी के निधन का बेहद दुखद समाचार मिला है। वे पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। बेहद कर्मठ, जुझारू व्यक्तित्व के धनी श्री दांगी अपने क्षेत्र के विकास और जनता के हितो के लिये सदैव संघर्षरत रहते थे। उनका जाना कांग्रेस पार्टी के लिये एक बड़ी क्षति है।’ पूर्व सीएम कमलनाथ ने दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के प्रति शोक संवेदनाएं व्यक्त करते हुए ईश्वर से उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान देने एवं पीछे परिजनों को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कहते हुए कहा कि -‘मेरे परिवार के सदस्य गोवर्धन दांगी जी के दुखद निधन से मुझे निजी क्षति हुई है। वे ईमानदार कर्तव्यनिष्ट धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। कभी सोचा भी नहीं था वे इतनी जल्दी चले जाएंगे। उनके परिवार जनों को संवेदनाएं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।’
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15 September 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी (63 वर्ष) का मंगलवार तडक़े निधन हो गया। पिछले दिनों विधायक दांगी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। इसके अलावा उनकी पत्नी और बेटे भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। लगातार तबीयत बिगडऩे पर उन्हें ईलाज के लिए दिल्ली के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बताया जा रहा है कि मंगलवार सुबह दिल का दौरा पडऩे के बाद उनका निधन हो गया। गोवर्धन दांगी के निधन का समाचार मिलते ही पार्टी में शोक की लहर फैल गई है। जानकारी अनुसार गोवर्धन सिंह दांगी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर पहले उन्हें भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इसके बाद तबियत में सुधार नहीं होने पर उन्हें एयरएंबुलेंस के माध्यम से दिल्ली के मेदांता अस्पतला में भर्ती कराया गया था। वहां पर इलाज के बाद उनका कोरोना टेस्ट भी निगेटिव आ गया था। लेकिन स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक नहीं होने के कारण उनका इलाज चल रहा था। इस बीच मंगलवार तडक़े उनका निधन हो गया। दांगी की पार्थिव देह आज शाम तक ब्यावरा लाए जाने की उम्मीद है। उनके परिवार में पत्नी, दो पुत्री और एक पुत्र है। कांग्रेस नेताओं ने जताया दुखकांग्रेस विधायक गोवर्धन दांगी के आकस्मिक निधन पर कांग्रेस नेताओं ने शोक जताया है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा समेत जीतू पटवारी और अन्य नेताओं ने दांगी के निधन को पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति बताया है।
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15 September 2020अशोकनगर। जिले में होने वाले दो उप चुनावों के मद्देनजर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के साथ सोमवार को मुंगावली में पहला चुनावी दौरा हुआ। इस अवसर शिवराज सिंह चौहान ने करोड़ों के भूमि पूजन और लोकार्पण किए पर इस बार कोई चुनावी नई घोषणा नहीं की गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि में बार-बार मुंगावली की जनता से मिलने आता हूँ लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आज तक यहाँ की जनता से मिलने नहीं आये। सुना है कल एक सोयाबीन के खेत में पहुंच गये थे। जब मुख्यमंत्री थे तब तो कभी दु:ख-दर्द बाँटने नहीं गए! उन्होंने कहा कि मुंगावली के आसपास के क्षेत्रों में जितने जनता के विकास के कार्य भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किए, कांग्रेस उतना कभी नहीं कर पाई। एक तरफ विकास और दूसरी तरफ जनता के कल्याण के काम हमने किये। कांग्रेस ने कर्ज माफी का वादा नहीं निभाया, युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया, गरीबों के कल्याण की योजनाएं बंद कर दी। उन्होंने कहा कि जिन्हें कर्जमाफी का सर्टिफिकेट दिया, उनका पैसा भी बैंकों को कमलनाथ जी ने नहीं दिया। बैंक वो पैसा मुझसे मांग रहे हैं। हमने गरीब को एक रुपये किलो गेहूं, चावल, नमक देने की योजना बनाई। इस योजना को कमलनाथ सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था।16 सितंबर से हर गरीब को राशन देने का काम प्रारम्भ किया जायेगा। किसी गरीब को भूखा नहीं सोने दूंगा। शिवराज सिंह ने कहा कि मेरे स्ट्रीट वेंडर भाई-बहनों, आपको 10 हजार रुपये काम-धंधा शुरू करने के लिए दिया जा रहा है। इस लोन की गारंटी और ब्याज भी सरकार भरेगी। गरीब परिवारों के बच्चों की इंजीनियरिंग, मेडिकल, आईआईएम जैसी उच्च शिक्षा की फीस हमारी सरकार भरवाती थी, लेकिन कमलनाथ ने हमारे भांजे-भांजियों के कल्याण की इस योजना को भी बंद कर दिया। हमने इस योजना को फिर से प्रारम्भ कर दिया है। उन्होंने कहा कि मैं गरीब बेटियों की शादी के लिए रु. 25,000 की राशि देता था। कमलनाथ जी ने 51 हजार रुपया देने का वादा किया। बेटियों की शादी हो गई, उनके बच्चे भी हो गए, लेकिन उनको यह राशि आज तक नहीं मिली। मेरे भाई-बहनों, भारतीय जनता पार्टी की यह सरकार गरीबों के कल्याण और प्रदेश के विकास के लिए है। आपसे आग्रह करने आया हूं कि भाजपा को भारी मतों से विजयी होने का आशीर्वाद दीजिए।
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14 September 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने ट्वीट कर यूरिया की कालाबाजारी, चावल वितरण में हेराफेरी और मेडिकल ऑक्सिजन की मांग व पूर्ति को लेकर प्रदेश सरकार पर आपदा में अवसर तलाशने और जिम्मेेदारों की खामोशी पर सवाल उठाते हुए कटाक्ष किया है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा ‘मध्यप्रदेश में आपदा को अवसर बनाने का काम निरंतर जारी है। कोरोना महामारी में भी यूरिया की कालाबाज़ारी, चावल वितरण में हेराफेरी के बाद अब ऑक्सिजन में मुनाफाखोरी का खेल शुरू। भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ‘पूर्व में 15 वर्ष की सरकार में भी प्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति को लेकर आत्मनिर्भर नहीं बना पाये और अभी 6 माह की सरकार में भी संकट को देखते हुए ऑक्सीजन की माँग व आपूर्ति को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाये और अब संकट होने पर नींद से जागे? एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा ‘शिवराज सरकार में अब प्रदेश में ऑक्सीजन के संकट को देखते हुए मुनाफाखोरी का खेल शुरू, दाम बढ़े, संकट का फ़ायदा उठाया जा रहा है, पहले संकट और फिर मुनाफ़ाख़ोरी। जिम्मेदार मौन, प्रदेश को कहाँ ले जा रहे है ? आपदा में भी अवसर तलाशे जा रहे हैं।
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14 September 2020भोपाल। प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी संगठन को मजबूती देने में जुट गई है। पार्टी ने संघ प्रचारक हितानंद को मध्यप्रदेश भाजपा का प्रदेश सह संगठन महामंत्री बनाया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यह नियुक्ति की है। हितानंद 1995 से आरएसएस में प्रचारक हैं और उन्हें जबलपुर की जिम्मेदारी मिल सकती है। नए सह संगठन महामंत्री हितानंद विद्या भारती मध्यभारत प्रांत के संगठन मंत्री भी रहे। इससे पहले शिवपुरी और विदिशा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक रह चुके हैं। पूर्व प्रदेश सह संगठन महामंत्री और आरएसएस के प्रचारक अतुल राय को भाजपा से आरएसएस में वापस भेजे जाने के बाद से ही यह पद खाली चल रहा था। हितानंद भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत को सहयोग करेंगे।
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14 September 2020भोपाल। भाजपा के वरिष्ठ नेता और भोपाल से पूर्व सांसद आलोक संजर कोरोना संक्रमित हो गए हैं। वहीं, कमलनाथ सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। रविवार को भोपाल में दोनों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पूर्व सांसद आलोक संजर ने शनिवार को बुखार आने और गले में दर्द होने पर टेस्ट कराया था। रविवार को उनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद उन्होंने डॉक्टरों की सलाह पर खुद को घरेलू एकांतवास कर लिया है। वहीं, कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने भी शनिवार को तबियत खराब होने के बाद भोपाल में अपना कोरोना टेस्ट कराया था। रविवार सुबह उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्होंने खद को घरेलू एकांतवास किया। दोनों नेताओं ने अपने सम्पर्क में आने वाले लोगों से कोरोना जांच कराने और एकांतवास होने की अपील की है। आईएमए जबलपुर जोन के अध्यक्ष डॉ क्षितिज भटनागर का कोरोना से निधन वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) जबलपुर जोन के अध्यक्ष डॉ. क्षितिज भटनागर का कोरोना से रविवार को निधन हो गया। उनके रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें इलाज के लिए भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां रविवार सुबह उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। उनके निधन की खबर से जबलपुर में शोक की लहर छा गई।
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13 September 2020भोपाल। भाजपा के वरिष्ठ नेता और भोपाल से पूर्व सांसद आलोक संजर कोरोना संक्रमित हो गए हैं। वहीं, कमलनाथ सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहे कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। रविवार को भोपाल में दोनों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पूर्व सांसद आलोक संजर ने शनिवार को बुखार आने और गले में दर्द होने पर टेस्ट कराया था। रविवार को उनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद उन्होंने डॉक्टरों की सलाह पर खुद को घरेलू एकांतवास कर लिया है। वहीं, कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने भी शनिवार को तबियत खराब होने के बाद भोपाल में अपना कोरोना टेस्ट कराया था। रविवार सुबह उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद उन्होंने खद को घरेलू एकांतवास किया। दोनों नेताओं ने अपने सम्पर्क में आने वाले लोगों से कोरोना जांच कराने और एकांतवास होने की अपील की है। आईएमए जबलपुर जोन के अध्यक्ष डॉ क्षितिज भटनागर का कोरोना से निधन वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) जबलपुर जोन के अध्यक्ष डॉ. क्षितिज भटनागर का कोरोना से रविवार को निधन हो गया। उनके रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उन्हें इलाज के लिए भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां रविवार सुबह उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। उनके निधन की खबर से जबलपुर में शोक की लहर छा गई।
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13 September 2020भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 'गृह प्रवेशम्' का शुभारंभ कर शनिवार को मध्यप्रदेश के पौने दो लाख प्रधानमंत्री आवास योजना में हितग्राहियों को आवास उपलब्ध करवाया। ऑनलाइन गृह प्रवेश कार्यक्रम के माध्यम से मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना के शानदार क्रियान्वयन का साक्षी आज पूरा देश बना। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना को अनावश्यक सरकारी दखल से बचाकर इन्द्रधनुषी स्वरूप दिया गया है। योजना में लाभान्वित हितग्राहियों के लिए इस वर्ष त्योहारों की खुशियां ज्यादा होंगी। आपके जीवन की इतनी बड़ी खुशी में शामिल होने मैं स्वयं प्रत्यक्ष आता, लेकिन कोरोना ने विवश कर दिया। प्रधानमंत्री ने धार जिले के गुलाब सिंह आदिवासी, सिंगरौली जिले के प्यारेलाल यादव और ग्वालियर के नरेन्द्र नामदेव से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आवास योजना में आमतौर पर एक मकान के निर्माण में 125 दिन लगते हैं। मध्यप्रदेश में बहुत से मकान सिर्फ 45 से 60 दिन में बन गए। मध्यप्रदेश में जिस गति से यह कार्य हुआ है, वह अपने आप में एक रिकार्ड है। मध्यप्रदेश में 1.75 लाख आवासों का निर्माण एक बड़ी उपलब्धि है। यह गति रही तो वर्ष 2022 तक देश के हर परिवार को घर देने के लक्ष्य को प्राप्त करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। मध्यप्रदेश का इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। इस मौके पर मुरैना से कार्यक्रम में वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा शामिल हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। वर्चुअल कार्यक्रम में मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, मध्यप्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शामिल हुए। मध्यप्रदेश के आवास पाने वाले हितग्राहियों से प्रधानमंत्री ने आत्मीयता पूर्वक बातचीत भी की। प्रधानमंत्री ने सराहा हल्मा पद्धति से बना घर प्रधानमंत्री ने धार जिले के गुलाब सिंह आदिवासी से स्थानीय बोली में संवाद आरंभ किया। उन्होंने गुलाब सिंह की अच्छा घर बनाने के लिए तारीफ की। प्रधानमंत्री ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली, तो गुलाब सिंह ने कहा कि मेरा कुछ दिन से स्वास्थ्य ठीक नहीं है। अत: मेरी ओर से मेरा बेटा बात करेगा। गुलाब सिंह के सुपुत्र मेरु ने बताया कि अंचल में प्रचलित हल्मा परंपरा से उन्होंने आवास निर्माण किया है। इसमें गांव के लोग मिलकर मकान बनाने का काम करते हैं और जिसका मकान बन रहा होता है, वह सबको भोजन करता है। प्रधानमंत्री ने इस परंपरा की प्रशंसा करते हुए कहा कि शासकीय पहल और सामाजिक सहयोग की यह अनोखी मिसाल है। इसमें गांव के सभी लोगों की दक्षता का उपयोग होता है। यह जीवन को सरल बनाने का व्यवाहरिक उपाय है। सरकार भी गरीबों के सपने पूरे करने के लिए इस पद्धति पर कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री ने गुलाब सिंह के आवास पर हुई चित्रकारी की प्रशंसा की। गुलाब सिंह ने बताया कि यह मांडना है जिसे इस अंचल में घर की साज-सज्जा के लिए बनाया जाता है। प्रधानमंत्री ने पूछा- कहीं लेनदेन तो नहीं करना पड़ा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंगरौली जिले के बेढन के ग्राम पंचायत गडेरिया के प्यारेलाल यादव से भी बातचीत की। प्रधानमंत्री ने पूछा की गृह प्रवेश के मौके पर खाने में क्या बना है। आवास बनाने में कोई परेशानी तो नहीं आई। कहीं लेनदेन तो नहीं करना पड़ा, बैंक के कितने चक्कर काटे, इस पर यादव ने बताया कि बिना चक्कर काटे समय पर किश्त हमारे खाते में आती रही और मकान बनाने के लिए जरूरी तकनीकी मार्गदर्शन भी मिलता रहा। यादव ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्होंने अपना घर फ्लायी एश (राखड़) की ईटों से बनाया है। यह किफायती भी रहा और सामान्य ईंट की तुलना में अधिक मजबूत भी है। प्रधानमंत्री ने इस नवाचार की प्रशंसा की और यादव से उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की जानकारी भी ली। कच्चे मकान में सर्पदंश से हुई थी बेटे की मौत, पक्के मकान ने दी प्रसन्नता प्रधानमंत्री ने ग्वालियर जिले के योजना के हितग्राही नरेन्द्र नामदेव से भी बातचीत की। नामदेव ने बताया कि कच्चे मकान में उनके बेटे की सांप काटने से असमायिक मृत्यु हो गई थी। वो दु:ख बहुत बड़ा था लेकिन आज बहुत खुशी मिल रही है। मैं गांव के बच्चों के लिए गणवेश तैयार करता हूँ मेरी पत्नी भी सिलाई करती है हम लोगों ने जिला पंचायत के माध्यम से 8 दिन का सिलाई प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको चश्मा लगा है इससे मुझे ध्यान आया कि मेरी दादी कहती थी आँखों के कसरत के लिए सुई-धागे का उपयोग करना चाहिए। आप सिलाई कार्य करते हैं जिससे यह कार्य अपने आप हो जाता है। प्रधानमंत्री ने नामदेव के मकान को देखकर पूछा कि दीवारों पर किए गए रंग का चयन किसने किया है? नामदेव ने बताया कि पत्नी अनिता ने यह रंग चुना। नामदेव दंपति ने प्रधानमंत्री को घर आने का आमंत्रण भी दिया, जिसके उत्तर में प्रधानमंत्री ने कहा कि वे जरूर आएंगे। गरीब के आत्मनिर्भर होने से निकलेगा, आत्मनिर्भर भारत का रास्ता प्रधानमंत्री मोदी ने हितग्राहियों से बातचीत के बाद उन्हें बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से इन सभी हितग्राहियों का नया जीवन प्रारंभ हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना सिर्फ मकान नहीं आत्मविश्वास भी देती है। आपदा को अवसर में बदला गया है। यह जनता को विश्वास देने वाला कार्यक्रम है। आज का दिन करोड़ों लोगों को भरोसा दिलवाता है कि योजनाएं सही ढंग से लागू होती हैं। ये घर आपके बेहतर भविष्य का आधार होगा, आप सभी नए जीवन की शुरुआत कीजिए। प्रधानमंत्री ने हितग्राहियों से कहा अन्य योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी सजग रहें। यह सजगता और सक्रियता आपको आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का पथ प्रशस्त करेगी। पारदर्शिता और सहभागिता आवास योजना की विशेषता प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना की सफलता का आधार है योजना का पारदर्शी होना। पहले भी घर बनते थे, दशकों से योजनाएं लागू हैं। आजादी के बाद से ही आवास बन रहे हैं, लेकिन करोड़ों लोगों को घर देने का लक्ष्य पूर्ण नहीं होता था। अब हितग्राही आवास निर्माण का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आवास के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में पशुओं के लिए शेड भी बन रहे हैं। ग्रामीण सडक़ें भी बन रही हैं और अन्य कार्य भी तेजी से हो रहे हैं। शहरी क्षेत्र से ग्रामों में लौटे श्रमिकों को रोजगार भी मिला है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान को गति मिली है। आवास योजना में पहले निर्मित घरों में लोग शिफ्ट नहीं होते थे। पुराने अनुभव देखे गए और नई सोच से योजना लागू की गई। इसे अनावश्यक सरकारी दखल से बचाकर अब पारदर्शी प्रक्रिया से कार्य हो रहा है। मध्यप्रदेश ने आवास से 27 योजनाओं को जोड़ा प्रधानमंत्री ने कहा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आवास योजना के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देते हुए 27 अन्य योजनाओं को भी जोड़ा है। जिसके फलस्वरूप प्रधानमंत्री आवास योजना के साथ-साथ गरीब हितग्राही को उज्जवला, उजाला, स्वच्छ शौचालय और आयुष्मान भारत आदि योजनाओं का लाभ भी मिला है। प्रधानमंत्री ने आवास योजना के अच्छे क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री चौहान को बधाई दी। ऑप्टिकल फायबर की क्रांति प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में इंटरनेट स्पीड बढ़ाने के प्रयास हुए जिनका लाभ मिल रहा है। ऑप्टिकल फायबर पहुंचने से सेवाएं बेहतर हो रही हैं। देश में 116 जिलों में 19 हजार किलोमीटर का जाल बिछा दिया गया है। मध्यप्रदेश में भी 1300 किलोमीटर का कार्य पूरा हो गया है, जो सराहनीय है। देश के 6 लाख गांव में ऑप्टिकल फायबर बिछाने के लक्ष्य के मुकाबले 2.5 लाख ग्रामों तक यह कार्य पूरा हो गया है। इसे गांव-गांव पहुंचाने के लक्ष्य पर कार्य किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए सावधानियाँ न छोड़ें प्रधानमंत्री ने आव्हान किया कि कोरोना के संक्रमण की समस्या समाप्त नहीं हुई है। हर व्यक्ति को चाहिए कि वो स्वच्छता का पूरा ध्यान रखे। कोरोना संक्रमण को दूर करने की दवाई अर्थात वैक्सीन जब तक नहीं आती तब-तक ढिलाई नहीं होना चाहिए। मास्क का उपयोग करें। परस्पर दो गज की दूरी अवश्य रखें।
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12 September 2020ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को मुरैना प्रवास के दौरान जिले को बड़ी-बड़ी सागातें दीं। उन्होंने कहा कि मुरैना में मेडीकल कॉलेज खोला जायेगा, जिससे मुरैना सहित पूरे जिले को बेहतर से बेहतर आधुनिक चिकित्सा सुविधायें मिल सकेंगी। उन्होंने मुरैना शहर की पेयजल आपूर्ति के लिए 135 करोड़ रुपये की चंबल परियोजना को मंजूरी देने, शहर में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से शानदार सभागार का निर्माण और जिले के रिठौरा में महाविद्यालय खोलने की घोषणा भी की। मुरैना शहर एवं ग्रामीण के सुनियोजित विकास के लिये मंजूर हुए 268 करोड़ 59 लाख रुपये लागत के 27 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कृषि, पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ किया। जिनमें 184 करोड़ 60 लाख रुपये लागत के 8 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं लगभग 84 करोड़ रुपये लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न हितग्राहियों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के तहत सहायता भी वितरित की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर विकास की नई इबारत लिख रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पौने दो लाख लोगों को पक्के घरों में गृह प्रवेश कराया है। विकास की यह श्रृंखला जारी रहेगी। केन्द्रीय मंत्री तोमर की पहल पर चंबल क्षेत्र के चहुँमुखी विकास के लिये साढ़े 8 हजार करोड़ रुपये की चंबल अटल प्रोग्रेस-वे परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। अटल प्रोग्रेस-वे केवल एक सडक़ भर नहीं होगी, इसके दोनों ओर इंडस्ट्रीयल कोरीडोर स्थापित होगा। जिसके जरिए हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। केन्द्रीय मंत्री तोमर के प्रयासों से ही भिण्ड व मुरैना जिले की सीमा पर सैनिक स्कूल खुलने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि प्रदेश सरकार इस मूल मंत्र के साथ काम कर रही है कि गरीब की थाली कभी न रहे खाली। इसके लिये सरकार 16 सितम्बर को महाअभियान के माध्यम से शेष गरीब परिवारों को एक रुपये प्रतिकिलो की दर से राशन देना शुरू कर देगी। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से कहा कि जिले में ढूंढ-ढूंढकर सभी शेष पात्र परिवारों का पता लगाएँ जिससे एक भी परिवार इस योजना से वंचित न रहे। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने सरकारी नौकरियों की भर्ती पर लगी रोक हटा दी है। जल्द ही पुलिस में भर्ती शुरू होगी। नौजवानों को रोजगार के अन्य अवसर मुहैया कराने के लिये भी सरकार पूरी शिद्दत के साथ काम कर रही है। बंद कर दी गईं जनहित की तमाम योजनायें सरकार ने फिर से शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार फुटपाथ पर काम धंधा करने वाले मसलन बूट पॉलिस, सब्जी-फल बेचने वाले, दाड़ी बनाने वाले, कचौड़ी-समौसे बेचने वाले तथा रेढ़ी के जरिए अन्य छोटे मोटे काम धंधे करने वाले लोगों को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता बिना ब्याज के मुहैया करा रही है। जिससे ये सभी लोग बेहतर ढंग से अपना काम धंधा कर सकें। बिजली बिल का बोझ कम करने के लिये पिछले बिजली के बिल स्थगित कर दिए हैं। अगले माह लोगों को केवल सितम्बर माह का बिल देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में किसान हितैषी सरकार काबिज है। सरकार इसी माह 18 सितम्बर को 20 लाख 4 हजार किसानों के खातों में फसल बीमा की 4 हजार 600 करोड़ रुपये की राशि जमा कराने जा रही है। सरकार ने बड़े पैमाने पर किसानों से समर्थन मूल्य पर सरसों, गेहूँ इत्यादि फसलों की खरीदी की है। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार लोगो की समस्याओं के समाधान व प्रदेश के विकास के लिये पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रही है। मुरैना जिले के सुनियोजित विकास में भी नित नए अध्याय जुड़ रहे हैं। उन्होंने खासतौर पर मुरैना शहर में आगरा-मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग पर फ्लाईओवर ब्रिज, मुरैना को नगर पालिका से नगर निगम बनाने, नवीन कलेक्ट्रेट व शहीद भवन का निर्माण, गाँव-गाँव में सडक़ों का जाल, अटेर से लेकर श्योपुर मार्ग की राष्ट्रीय राजमार्ग में तब्दीली, मुरैना की पेयजल समस्या के समाधान के लिये अमृत योजना का जिक्र किया। उन्होंने मुरैना में मेडीकल कॉलेज व अटल बिहारी वाजपेयी सभागार बनाने की मांग मुख्यमंत्री चौहान से की, जिसे मुख्यमंत्री ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्रीचौहान के पास संकट का समाधान करने के लिये बेहतर कार्यप्रणाली है तथा वे एक सच्चे जनसेवक तो हैं ही, साथ ही विकासोन्मुखी सोच भी रखते हैं। इसी वजह से कि हम सबकी उम्मीदों के अनुरूप उन्होंने मुरैना के सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिये 101 करोड़ रुपये की सौगात दी है। इसी तरह पिपरसेवा में 55 करोड़ की योजना, नवीन कलेक्ट्रेट भवन, नूराबाद में 50 बिस्तरों का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और चंबल प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाओं को उन्होंने मंजूरी दी है।
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12 September 2020ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को मुरैना प्रवास के दौरान जिले को बड़ी-बड़ी सागातें दीं। उन्होंने कहा कि मुरैना में मेडीकल कॉलेज खोला जायेगा, जिससे मुरैना सहित पूरे जिले को बेहतर से बेहतर आधुनिक चिकित्सा सुविधायें मिल सकेंगी। उन्होंने मुरैना शहर की पेयजल आपूर्ति के लिए 135 करोड़ रुपये की चंबल परियोजना को मंजूरी देने, शहर में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से शानदार सभागार का निर्माण और जिले के रिठौरा में महाविद्यालय खोलने की घोषणा भी की। मुरैना शहर एवं ग्रामीण के सुनियोजित विकास के लिये मंजूर हुए 268 करोड़ 59 लाख रुपये लागत के 27 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कृषि, पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ किया। जिनमें 184 करोड़ 60 लाख रुपये लागत के 8 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं लगभग 84 करोड़ रुपये लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न हितग्राहियों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के तहत सहायता भी वितरित की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर विकास की नई इबारत लिख रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पौने दो लाख लोगों को पक्के घरों में गृह प्रवेश कराया है। विकास की यह श्रृंखला जारी रहेगी। केन्द्रीय मंत्री तोमर की पहल पर चंबल क्षेत्र के चहुँमुखी विकास के लिये साढ़े 8 हजार करोड़ रुपये की चंबल अटल प्रोग्रेस-वे परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। अटल प्रोग्रेस-वे केवल एक सडक़ भर नहीं होगी, इसके दोनों ओर इंडस्ट्रीयल कोरीडोर स्थापित होगा। जिसके जरिए हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। केन्द्रीय मंत्री तोमर के प्रयासों से ही भिण्ड व मुरैना जिले की सीमा पर सैनिक स्कूल खुलने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि प्रदेश सरकार इस मूल मंत्र के साथ काम कर रही है कि गरीब की थाली कभी न रहे खाली। इसके लिये सरकार 16 सितम्बर को महाअभियान के माध्यम से शेष गरीब परिवारों को एक रुपये प्रतिकिलो की दर से राशन देना शुरू कर देगी। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से कहा कि जिले में ढूंढ-ढूंढकर सभी शेष पात्र परिवारों का पता लगाएँ जिससे एक भी परिवार इस योजना से वंचित न रहे। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने सरकारी नौकरियों की भर्ती पर लगी रोक हटा दी है। जल्द ही पुलिस में भर्ती शुरू होगी। नौजवानों को रोजगार के अन्य अवसर मुहैया कराने के लिये भी सरकार पूरी शिद्दत के साथ काम कर रही है। बंद कर दी गईं जनहित की तमाम योजनायें सरकार ने फिर से शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार फुटपाथ पर काम धंधा करने वाले मसलन बूट पॉलिस, सब्जी-फल बेचने वाले, दाड़ी बनाने वाले, कचौड़ी-समौसे बेचने वाले तथा रेढ़ी के जरिए अन्य छोटे मोटे काम धंधे करने वाले लोगों को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता बिना ब्याज के मुहैया करा रही है। जिससे ये सभी लोग बेहतर ढंग से अपना काम धंधा कर सकें। बिजली बिल का बोझ कम करने के लिये पिछले बिजली के बिल स्थगित कर दिए हैं। अगले माह लोगों को केवल सितम्बर माह का बिल देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में किसान हितैषी सरकार काबिज है। सरकार इसी माह 18 सितम्बर को 20 लाख 4 हजार किसानों के खातों में फसल बीमा की 4 हजार 600 करोड़ रुपये की राशि जमा कराने जा रही है। सरकार ने बड़े पैमाने पर किसानों से समर्थन मूल्य पर सरसों, गेहूँ इत्यादि फसलों की खरीदी की है। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार लोगो की समस्याओं के समाधान व प्रदेश के विकास के लिये पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रही है। मुरैना जिले के सुनियोजित विकास में भी नित नए अध्याय जुड़ रहे हैं। उन्होंने खासतौर पर मुरैना शहर में आगरा-मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग पर फ्लाईओवर ब्रिज, मुरैना को नगर पालिका से नगर निगम बनाने, नवीन कलेक्ट्रेट व शहीद भवन का निर्माण, गाँव-गाँव में सडक़ों का जाल, अटेर से लेकर श्योपुर मार्ग की राष्ट्रीय राजमार्ग में तब्दीली, मुरैना की पेयजल समस्या के समाधान के लिये अमृत योजना का जिक्र किया। उन्होंने मुरैना में मेडीकल कॉलेज व अटल बिहारी वाजपेयी सभागार बनाने की मांग मुख्यमंत्री चौहान से की, जिसे मुख्यमंत्री ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्रीचौहान के पास संकट का समाधान करने के लिये बेहतर कार्यप्रणाली है तथा वे एक सच्चे जनसेवक तो हैं ही, साथ ही विकासोन्मुखी सोच भी रखते हैं। इसी वजह से कि हम सबकी उम्मीदों के अनुरूप उन्होंने मुरैना के सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिये 101 करोड़ रुपये की सौगात दी है। इसी तरह पिपरसेवा में 55 करोड़ की योजना, नवीन कलेक्ट्रेट भवन, नूराबाद में 50 बिस्तरों का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और चंबल प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाओं को उन्होंने मंजूरी दी है।
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12 September 2020ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को मुरैना प्रवास के दौरान जिले को बड़ी-बड़ी सागातें दीं। उन्होंने कहा कि मुरैना में मेडीकल कॉलेज खोला जायेगा, जिससे मुरैना सहित पूरे जिले को बेहतर से बेहतर आधुनिक चिकित्सा सुविधायें मिल सकेंगी। उन्होंने मुरैना शहर की पेयजल आपूर्ति के लिए 135 करोड़ रुपये की चंबल परियोजना को मंजूरी देने, शहर में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से शानदार सभागार का निर्माण और जिले के रिठौरा में महाविद्यालय खोलने की घोषणा भी की। मुरैना शहर एवं ग्रामीण के सुनियोजित विकास के लिये मंजूर हुए 268 करोड़ 59 लाख रुपये लागत के 27 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कृषि, पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ किया। जिनमें 184 करोड़ 60 लाख रुपये लागत के 8 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं लगभग 84 करोड़ रुपये लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर विभिन्न हितग्राहियों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के तहत सहायता भी वितरित की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर विकास की नई इबारत लिख रही हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पौने दो लाख लोगों को पक्के घरों में गृह प्रवेश कराया है। विकास की यह श्रृंखला जारी रहेगी। केन्द्रीय मंत्री तोमर की पहल पर चंबल क्षेत्र के चहुँमुखी विकास के लिये साढ़े 8 हजार करोड़ रुपये की चंबल अटल प्रोग्रेस-वे परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। अटल प्रोग्रेस-वे केवल एक सडक़ भर नहीं होगी, इसके दोनों ओर इंडस्ट्रीयल कोरीडोर स्थापित होगा। जिसके जरिए हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। केन्द्रीय मंत्री तोमर के प्रयासों से ही भिण्ड व मुरैना जिले की सीमा पर सैनिक स्कूल खुलने जा रहा है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि प्रदेश सरकार इस मूल मंत्र के साथ काम कर रही है कि गरीब की थाली कभी न रहे खाली। इसके लिये सरकार 16 सितम्बर को महाअभियान के माध्यम से शेष गरीब परिवारों को एक रुपये प्रतिकिलो की दर से राशन देना शुरू कर देगी। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से कहा कि जिले में ढूंढ-ढूंढकर सभी शेष पात्र परिवारों का पता लगाएँ जिससे एक भी परिवार इस योजना से वंचित न रहे। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने सरकारी नौकरियों की भर्ती पर लगी रोक हटा दी है। जल्द ही पुलिस में भर्ती शुरू होगी। नौजवानों को रोजगार के अन्य अवसर मुहैया कराने के लिये भी सरकार पूरी शिद्दत के साथ काम कर रही है। बंद कर दी गईं जनहित की तमाम योजनायें सरकार ने फिर से शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार फुटपाथ पर काम धंधा करने वाले मसलन बूट पॉलिस, सब्जी-फल बेचने वाले, दाड़ी बनाने वाले, कचौड़ी-समौसे बेचने वाले तथा रेढ़ी के जरिए अन्य छोटे मोटे काम धंधे करने वाले लोगों को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता बिना ब्याज के मुहैया करा रही है। जिससे ये सभी लोग बेहतर ढंग से अपना काम धंधा कर सकें। बिजली बिल का बोझ कम करने के लिये पिछले बिजली के बिल स्थगित कर दिए हैं। अगले माह लोगों को केवल सितम्बर माह का बिल देना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में किसान हितैषी सरकार काबिज है। सरकार इसी माह 18 सितम्बर को 20 लाख 4 हजार किसानों के खातों में फसल बीमा की 4 हजार 600 करोड़ रुपये की राशि जमा कराने जा रही है। सरकार ने बड़े पैमाने पर किसानों से समर्थन मूल्य पर सरसों, गेहूँ इत्यादि फसलों की खरीदी की है। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार लोगो की समस्याओं के समाधान व प्रदेश के विकास के लिये पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रही है। मुरैना जिले के सुनियोजित विकास में भी नित नए अध्याय जुड़ रहे हैं। उन्होंने खासतौर पर मुरैना शहर में आगरा-मुम्बई राष्ट्रीय राजमार्ग पर फ्लाईओवर ब्रिज, मुरैना को नगर पालिका से नगर निगम बनाने, नवीन कलेक्ट्रेट व शहीद भवन का निर्माण, गाँव-गाँव में सडक़ों का जाल, अटेर से लेकर श्योपुर मार्ग की राष्ट्रीय राजमार्ग में तब्दीली, मुरैना की पेयजल समस्या के समाधान के लिये अमृत योजना का जिक्र किया। उन्होंने मुरैना में मेडीकल कॉलेज व अटल बिहारी वाजपेयी सभागार बनाने की मांग मुख्यमंत्री चौहान से की, जिसे मुख्यमंत्री ने सहर्ष स्वीकार कर लिया। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्रीचौहान के पास संकट का समाधान करने के लिये बेहतर कार्यप्रणाली है तथा वे एक सच्चे जनसेवक तो हैं ही, साथ ही विकासोन्मुखी सोच भी रखते हैं। इसी वजह से कि हम सबकी उम्मीदों के अनुरूप उन्होंने मुरैना के सीतापुर औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिये 101 करोड़ रुपये की सौगात दी है। इसी तरह पिपरसेवा में 55 करोड़ की योजना, नवीन कलेक्ट्रेट भवन, नूराबाद में 50 बिस्तरों का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र और चंबल प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाओं को उन्होंने मंजूरी दी है।
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12 September 2020भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आवास योजना के 1.75 लाख हितग्राहियों का गृहप्रवेश प्रदेश के उन लोगों के लिये यादगार पल बन गया, जिन्हें इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत करने का सौभाग्य मिला। इनमें से एक भितरवार की अनिता नामदेव हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री को उनके घर आने का निमंत्रण दिया है। वहीं, दूसरे अमझेरा के गुलाबसिंह हैं, जिनसे प्रधानमंत्री ने उनके हालचाल पूछे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने 1.75 लाख आवासों का गृहप्रवेश कराया। डिजिटल प्लेटफार्म पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी उपस्थित थे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने हितग्राहियों से आत्मीय चर्चा भी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात होगी यह सोचकर भितरवार क्षेत्र के भोरी गांव निवासी हितग्राही अनीता पत्नी नरेंद्र नामदेव समय से पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए थे। जहां पीएम मोदी ने पहले उनका हालचाल जाना। पीएम मोदी ने अनीता से कहा कि कैसा लग रहा है आज घर में क्या बनाया है। इस से उत्साहित होकर अनीता ने कहा कि हम बेहद खुश हैं। मैं आपका निमंत्रण करती हूं आप आएंगे या नहीं, सिर्फ हां या ना में जवाब दीजिए। तब प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने मुझे आमंत्रित किया है यह मेरा सौभाग्य। जब भी समय मिला तब जरूर आऊंगा। इसके बाद पीएम मोदी ने नरेंद्र नामदेव से कहा कि आप क्या करते हैं आपको चश्मा भी लगा हुआ है। तब नरेंद्र ने कहा कि वह दर्जी है और कपड़े सिलने का काम करते हैं। इसलिए आंखों पर चश्मा लग गया है। गुलाब भाई राम राम, कसो काई मजा म छेधार जिले के अमझेरा के बीड़ गांव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीएम आवास के हितग्राही गुलाबसिंह कौशल को गृहप्रवेश कराया। मोदी ने गुलाब और उसके बेटे से लाइव बात की। पीएम ने कहा गुलाबभाई राम राम....। फिर पीएम बोले कसो काय मजे म छे। गुलाब बोला मज म छे। पीएम ने कहा कि घर बणावा कई आफत तो नहीं आई। गुलाब ने का कि नहीं आई। पीएम पूछा बताए कैसे घर बनाया तो गुलाब ने कहा कि मेरी तबीयत छोड़ी खराब हैं तो मेरा छोरा (बेटा) बताएगा। प्रधानमंत्री ने उनके बेटे से करीब 17 मिनट तक बात की। इस दौरान पीएम ने हलमा पद्धति के बारे में पूछा। कहा कि जिस प्रथा से आपने घर बनाया, यह एक तरह से सामाजिक तालमेल की मिसाल है। बेटे ने बताया कि काम के लिए समाज के लोगों को पैसा नहीं देने होता है, सिर्फ खाना खिलाते हैं। खाने की बात पर पीएम ने मुस्कराते हुए पूछा कि क्या खाने में मुर्गा खिलाते हैं। जिस पर सभी मुस्करा दिए। गुलाबसिंह के बेटे ने बताया कि खिचड़ी और मक्का की रोटी खिलाते हैं। अच्छी दाल बनाते हैं। बोले अच्छा आप वही खिलाते हैं जो दाहोद वाले खिलाते हैं।
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12 September 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के 1 लाख 75 हजार परिवार शनिवार, 12 सितम्बर को अपने नए आवास में गृह प्रवेश करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन परिवारों को वर्चुअल आधार पर गृह प्रवेश करायेंगे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री का संबोधन भी होगा। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार को सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को ट्वीट पर एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि शनिवार, 12 सितम्बर को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत 12 हजार गांवों में निर्मित 1 लाख 75 हजार आवासों के लिए गृह प्रवेशम् कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हितग्राहियों को गृह प्रवेश कराएंगे। यह दिन इन परिवारों के लिए नये जीवन की शुरुआत का होगा। गृह प्रवेशम् कार्यक्रम शनिवार को प्रात: 11 बजे आरंभ होगा। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना के सभी 1 लाख 75 हजार हितग्राहियों से अपील की है कि वे अपने इन नए आवासों में उत्सवपूर्वक प्रवेश करें। गृह प्रवेशम् के इस कार्यक्रम में पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीणजन कोरोना संक्रमण से बचाव की सावधानियों का पालन करते हुए शामिल हों।
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11 September 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में अतिवर्षा और बाढ़ से 17 लाख किसान प्रभावित हुए है। अतिवर्षा से तबाह हुई फसलों का आकलन करने के लिए केन्द्रीय अध्ययन दल प्रदेश के प्रवास पर आया हुआ है। शुक्रवार को सीएम शिवराज ने केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों से मुलाकात कर मध्य प्रदेश में बीते पखवाड़े अतिवर्षा से हुई हानि की विस्तृत जानकारी केन्द्र सरकार को दी है। वहीं पूर्व सीएम और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को पत्र लिखकर किसानों को तत्काल मुआवजा राशि देने की मांग की है। दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में कहा है कि मेरे द्वारा गत दिवस भोपाल और सीहोर जिलों का दौरा कर भारी वर्षा से तबाह हुई फसलों का अवलोकन किया था। इस अतिवृष्टि ने खरीफ की फसलें पूरी तरह से बर्बाद कर दी है। किसानों के सामने यह आपदा की घड़ी है। राज्य सरकार को तत्काल मुआवजा दिये जाने की कार्यवाही प्रारंभ करना चाहिये। मैं प्रमुख रूप से निम्न मांगों पर आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूँ:- 1. खरीफ की फसल के दौरान जिन किसानों की फसलें पूरी तरह से खराब हो गई है, उनके द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड पर एवं प्राथमिक सहाकारी समितियों से लिया गया ऋण माफ किया जाये।2. कृषि विशेषज्ञों का दल गठित किया जाकर फसल क्षति का आंकलन कराया जाये और संबंधित बीमा कम्पनियों से तत्काल बीमा राशि का भुगतान भी कराया जाये।3. आगामी रबी की फसल के लिये किसानों को खाद, बीज की व्यवस्था कराई जाये।4. जिन किसानों पर पूर्व का ऋण बकाया है उनको भी कृषि ऋण उपलब्ध कराया जाये। 5. आवश्यकता अनुसार किसानों को सहयोग के रूप में महात्मा गांधी नरेगा या सूखा राहत मद से मजदूर उपलब्ध करायें। दिग्विजय सिंह ने अपने पत्र में आगे कहा कि यह अत्यंत दुखद है कि भोपाल संभाग में इतने बड़े पैमाने पर किसानों की फसल बर्बाद होने पर भी जिला प्रशासन ने फसल क्षति आंकलन का कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है जबकि किसानों की शत् प्रतिशत् फसलें खराब हो गई है। प्रदेश में खरीफ की फसल खराब होने के बाद अनेक जिलों में किसानों ने आत्महत्या करने जैसा दर्दनाक कदम उठा लिया है। जिसमें दो किसान आपके गृह जिले सीहोर के भी हैं। उन्होंने सरकार से आग्रह करते हुए कहा कि मेरा निवेदन है कि राज्य सरकार की ओर से संकट की घड़ी में प्रदेश के किसानों को तत्काल मुआवजा, बीमा कम्पनियों की तरफ से बीमा की राशि सहित खाद्य बीज उपलब्ध कराने के निर्देश देने का कष्ट करें।
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11 September 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को अपने निवास पर, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का अवलोकन और अध्ययन करने आए केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों से मुलाकात की। सीएम शिवराज ने कहा है कि मध्य प्रदेश में बीते पखवाड़े अतिवर्षा से हुई हानि की विस्तृत जानकारी केन्द्र सरकार को दी गई है। राज्य सरकार ने प्रभावित लोगों को अधिकाधिक सहायता दी है। आगे भी राहत पहुँचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय अध्ययन दल के प्रभावित जिलों में भ्रमण के पश्चात इन कार्यों को पूरी तरह से सुनिश्चित करने में सहयोग मिलेगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, कृषि उत्पादन आयुक्त के.के. सिंह, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनीष रस्तोगी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। वहीं इससे पहले अध्ययन दल के समक्ष गुरुवार को विस्तृत प्रजेंटेशन के माध्यम से भी प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति को सामने रखा जा चुका है। मुख्यमंत्री शिवराज ने केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों को बताया कि अगस्त माह के अंतिम सप्ताह प्रदेश के कई जिले अतिवर्षा से प्रभावित हुए। इससे फसलों, मकानों की क्षति के साथ ही मवेशियों की जान गई और लोग अपने घरों से रेस्क्यू द्वारा राहत शिविरों में पहुंचाये गए। जनहानि न हो, इसके प्रयास किए गए और इसमें सफलता भी मिली। मुख्यमंत्री ने बताया कि 28 एवं 29 अगस्त को अतिवृष्टि से जलस्तर ग्रामीण आवासीय क्षेत्रों तक पहुंच गया था। सतर्कता के कारण सेना और अन्य राहत दलों ने दिन-रात कार्य किया। निरंतर मॉनीटरिंग की गई। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी 48 घंटे सोये नहीं। तत्काल प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर लोगों की जीवन रक्षा और राहत शिविरों में उनके ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था का कार्य सुनिश्चित किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि सीहोर, रायसेन, होशंगाबाद, हरदा, देवास सहित इन्दौर, आगर-मालवा, भोपाल और छिंदवाड़ा में 26 से 39 प्रतिशत तक अधिक वर्षा अगस्त माह में दर्ज की गई। प्रदेश में होमगार्ड, सेना, एसडीईआरएफ और एनडीईआरएफ ने रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए सक्रिय होकर कार्य किया। देश में 13 हजार 344 लोग रेस्क्यू किए गए। अतिवर्षा से अधिक प्रभावित जिलों में उज्जैन, खरगौन, खण्डवा, विदिशा, निवाड़ी, नरसिंहपुर, सिवनी से कुल 22 हजार 546 लोगों उनके निवास स्थान से हटाकर सुरक्षित किया गया। प्रदेश में कुल 231 राहत शिविर स्थापित किए गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि अतिवर्षा और बाढ़ से 24 जिलों में लगभग 15 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों का नुकसान हुआ है। करीब 17 लाख किसान प्रभावित हुए हैं। सरकार ने फौरी राहत के लिए पूरे प्रयास किए हैं। अभी भी लोगों को राहत की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय दल से प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के विस्तृत निरीक्षण और प्रभावित व्यक्तियों से मुलाकात और चर्चा के बाद क्षति की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आग्रह किया।
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11 September 2020ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम नौजवानों को सरकारी नौकरी देने के साथ-साथ रोजगार के नए अवसर भी खोलेंगे। इसी कड़ी में प्रदेश सरकार ने पुलिस में भर्ती शुरू करने का फैसला किया है। साथ ही चंबल एक्सप्रेस-वे जैसी वृहद योजनाओं को गति दी है, जिससे चंबल क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा। साथ ही यहां के युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। मुख्यमंत्री ने यह बातें गुरुवार को भिण्ड जिले के मेहगांव में आयोजित विकास कार्यों के भूमिपूजन एवं लोकार्पण समारोह में कही। उन्होंने इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि, पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर तथा राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ लगभग 206 करोड़ रुपये लागत के विकास कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भिण्ड व मुरैना जिले के नौजवान अब सैन्य बलों में केवल सिपाही ही नहीं, अफसर भी बनेंगे। इसके लिये भिण्ड जिले में सैन्य स्कूल खुलने जा रहा है। इस सैन्य स्कूल में पढऩे के बाद भिण्ड के नौजवान सेना में बड़े अफसर बनकर दुश्मन को करारा जवाब देंगे और भारत माता का मस्तक ऊँचा करेंगे। खासतौर पर मेहगाँव व गोहद क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के विस्तार के लिये आज हमने 160 करोड़ रुपये लागत की वृहद सिंचाई परियोजना की सौगात दी है। इस परियोजना के मूर्तरूप लेने के बाद कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर गरीब को ढूंढ-ढूंढक़र खाद्यान्न पर्चियाँ देगी और उन्हें एक रुपये प्रतिकिलो की दर से राशन मुहैया करायेगी। इसके लिये आगामी 16 सितम्बर को महाअभियान शुरू होगा। उन्होंने कलेक्टर को निर्देश दिए कि मेहगाँव सहित भिण्ड जिले में कोई भी गरीब पात्रता पर्ची से वंचित नहीं रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्जमाफी पर भी किसानों को न्याय देगी। सरकार ने किसान व गरीबों के कल्याण के लिये बनी संबल योजना को फिर से चालू करने का फैसला भी लिया है। इसी तरह आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों की उच्च शिक्षा में मदद के लिये पूर्व में शुरू की गईं योजनायें भी सरकार ने चालू कर दी हैं। सरकार गरीबों के बच्चों की आईआईटी, आईआईएम व मेडीकल इत्यादि संस्थानों की फीस भरेगी। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि खुशी की बात है कि रतनगढ़ के समीप प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में मंजूर किए गए साढ़े तीन करोड़ रुपये के सिंचाई बांध का काम सरकार द्वारा शुरू किया जा रहा है। साथ ही वृहद सिंचाई परियोजना भी मंजूर कर दी है। इस बांध व सिंचाई परियोजना से मेहगाँव, गोहद व अटेर क्षेत्र के किसान खुशहाल होंगे। बेहतर सिंचाई सुविधा मिल जाने से यहाँ के किसान पंजाब का मुकाबला करने में पीछे नहीं रहेंगे। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान के प्रति आभार जताते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने चंबल एक्सप्रेस-वे को गति देने की पहल कर चंबल अंचल को खुशहाली का नया पैगाम दिया है। उन्होंने कहा कि 8 हजार करोड़ लागत के चंबल एक्सप्रेस-वे के मूर्तरूप लेने के बाद इस क्षेत्र की तस्वीर व तकदीर दोनों बदलेंगी। भिण्ड की धरती पर खुलने जा रहा सैनिक स्कूल भी विकास के नए आयाम स्थापित करेगा। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रदेश सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान एक सच्चे जनसेवक हैं। जिसका फायदा प्रदेश की जनता को मिल रहा है। आज मुख्यमंत्री ने विकास कार्यों की बड़ी-बड़ी सौगातें देकर मेहगाँव क्षेत्र के विकास के लिये नए दरवाजे खोले हैं। मुख्यमंत्री ने सडक़ों के साथ-साथ कृषि के क्षेत्र में भी वृहद सिंचाई परियोजना के रूप में बड़ी सौगात इस क्षेत्र को दी है। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद मेहगाँव विधानसभा क्षेत्र को मुख्यमंत्री चौहान की पहल पर एक मंत्री मिला है। उन्होंने नौजवान, कर्मठ एवं लगनशील जनप्रतिनिधि श्री ओ पी एस भदौरिया को अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया है। भदौरिया और हम सब मिलकर मेहगाँव के विकास में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। सिंधिया ने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने कोविड-19 के खिलाफ भी पूरी मजबूती के साथ लड़ाई लड़ी है। प्रदेश के अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज के लिये बेहतर से बेहतर अधोसंरचना जुटाने का काम सरकार ने किया है।
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10 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं रहेगी। कोविड-19 के मरीजों को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन की आपूर्ति हर हलात में सुनिश्चित की जाएगी। प्रदेश में विद्यमान प्लांट्स की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ अन्य राज्यों से समन्वय का प्रयास निरंतर जारी है। मुख्यमंत्री ने यह बात गुरुवार के अपने निवास पर आयोजित बैठक में कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते हुए कही। उन्होंने कि प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है पर हर स्थिति में व्यवस्थाओं का सुचारु संचालन आवश्यक है। सितम्बर माह के अंत तक 150 टन ऑक्सीजन उपलब्ध हो जाएगी। नए ऑक्सीजन प्लांट के लिए भी कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से की फोन पर चर्चा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक के दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से प्रदेश में ऑक्सीजन आपूर्ति के संबंध में फोन पर बात की। मुख्यमंत्री ने बताया कि ठाकरे ने आश्वस्त किया है कि ऑक्सीजन की समस्या महाराष्ट्र में भी है पर वे पूरे प्रयास करेंगे कि मध्यप्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति जारी रहे। ऑक्सीजन आपूर्ति गुजरात और उत्तरप्रदेश से होगी वैकल्पिक व्यवस्था बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश को 20 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति महाराष्ट्र से है। यह आपूर्ति आईनॉक्स कंपनी द्वारा की जाती है। यह कंपनी आवश्यकता होने पर गुजरात और उत्तरप्रदेश के अपने प्लांट से मध्यप्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में हमारे पास 50 टन ऑक्सीजन उपलब्ध थी इसको बढ़ाकर हमने अपनी क्षमता 120 टन कर ली है और 30 सितम्बर तक यह क्षमता 150 टन हो जाएगी। प्रदेश में विद्यमान ऑक्सीजन प्लांटों की क्षमता वृद्धि के निर्देश भी दिए गए हैं। यदि ये प्लांट 100 प्रतिशत क्षमता पर कार्य करेंगे तो हमें अतिरिक्त ऑक्सीजन प्राप्त हो सकेगी। प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी की स्थिति नहीं आएगी। किसी प्रकार की चिंता की आवश्यकता नहीं है। ऑक्सीजन का दुरुपयोग न हो मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करना भी आवश्यक है कि ऑक्सीजन का दुरुपयोग न हो। मरीज को आवश्यकतानुसार ऑक्सीजन उपलब्ध हो। ऑक्सीजन का अपव्यय और दुरुपयोग रोकने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण तथा निगरानी की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश में लगेगा 200 टन क्षमता का ऑक्सीजन प्लांट मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए दूरगामी योजना पर भी कार्य कर रहा है। आईनॉक्स कंपनी का ऑक्सीजन प्लांट प्रदेश में लगाने की अनुमति दी जा रही है। होशंगाबाद के मोहासा बावई में यह प्लांट लगेगा। इसमें 200 टन ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। कोविड के मरीज बढ़ रहे हैं : सावधानी आवश्यक मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोविड के मरीज बढ़ रहे हैं यह वास्तविकता है। परन्तु हर स्थिति में व्यवस्थाएं ठीक चलती रहें उसके लिए राज्य शासन प्रतिबद्ध है। अस्पताल में बिस्तर बढ़ाने की आवश्यकता भी है। इस दिशा में भी राज्य सरकार कार्यरत है। चिकित्सा महाविद्यालयों तथा जिला चिकित्सालयों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। निजी अस्पतालों में कोविड के प्रभावी इलाज की व्यवस्था की जा रही है। प्रदेश लॉक से अनलॉक की ओर बढ़ा है। अर्थव्यवस्था को पुन: लॉक नहीं कर सकते। आर्थिक गतिविधियां बंद नहीं हो सकती। इस परिस्थिति में सावधानी बरतना बहुत आवश्यक है। उन्होंने प्रदेशवासियों से मॉस्क का उपयोग हर स्थिति में करने की अपील की। उन्होंने कहा कि मॉस्क और परस्पर दूरी कोरोना से बचाव का प्रभावी उपाय है। फीवर क्लीनिक-कमांड कंट्रोल सेंटर को बनाया जाए प्रभावी मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए लक्ष्य आधारित रणनीति क्रियान्वित की जा रही है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी जिलों में फीवर क्लीनिक पर आवश्यक जांच और उपचार की व्यवस्था हो। फीवर क्लीनिक को और अधिक सशक्त किया जा रहा है। सभी जिलों में सोमवार तक कोविड कमांड तथा कंट्रोल सेंटर आरंभ करने के निर्देश दिए गए। इससे होम आईसोलेशन में जो मरीज हैं उनकी मॉनीटेरिंग की व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। कमांड कंट्रोल सेंटर पर एम्बूलेंस की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए। अगर किसी भी मरीज को जरूरत पड़े तो उसे तत्काल अस्पताल भेजा जा सके। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन व्यवस्था सुदृढ़ कर इसे प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा संजय शुक्ला तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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10 September 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी पर चिंता जताई है। उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से प्रदेश को ऑक्सीजन की आपूर्ति मुहैया कराने का आव्हान किया है। साथ ही मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान से भी वैकल्पिक उपायों पर कार्य कर इस समस्या का हल निकालने का आग्रह किया है। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले चिंताजनक है। ऐसे में प्रदेश में मेडिकल ऑक्सिजन की कमी बेहद चिंताजनक विषय है। मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से अपील करता हूँ कि संकट के इस दौर में वे हस्तक्षेप कर महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश को होने वाली ऑक्सिजन की आपूर्ति को वापस बहाल करवाये। आगे अपने ट्वीट में उन्होंने सीएम शिवराज से अपील करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से भी अपील करता हूँ कि वे अन्य वैकल्पिक उपायों पर कार्य कर कोरोना महामारी के इस दौर में प्रदेश में ऑक्सिजन की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिये प्राथमिकता से कार्य करे। प्रदेश में ऑक्सिजन के संकट को तात्कालिक रूप से हल करने की आवश्यकता है। कोरोना से हो रही मौतो की तरफ सीएम शिवराज का ध्यान आकर्षित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री ऑक्सिजन आपूर्ति को बढ़ाने को लेकर अगले 6 माह की व 30 सितंबर तक की बात कर रहे है। साथ ही प्रदेश के इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर व अन्य जिलों में कोरोना संक्रमण के निरंतर बढ़ते मामलों व अस्पतालों में बेड की कमी व इलाज में लापरवाही के कारण हो रही मौतों की निरंतर शिकायतें मिल रही है। सरकार इस दिशा में ध्यान देकर कड़े कदम उठाये। बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए अस्पतालों में आवश्यक बेड की संख्या सुनिश्चित करने के लिये भी सरकार कदम उठाये। आज भी निजी अस्पतालों में अन्य बीमारियों के मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है्र, जिससे भी मौतों के आँकड़े बढ़ते जा रहे है, इस पर भी ध्यान देने की बेहद आवश्यकता है।
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10 September 2020शिवपुरी। प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा पूरी तरीके से चुनावी मोड में आ गई है। इसी क्रम में अब शिवराज और महाराज (ज्योतिरादित्य) एक साथ चुनावी प्रचार में उतर रहे हैं। इसकी शुरूआत शिवपुरी जिले के पोहरी से हो रही है। यहां पर होने वाले उपचुनाव को देखते हुए भाजपा ने अपनी फील्डिंग जमाना शुरू कर दी है। पोहरी में 11 सितम्बर को सीएम शिवराज सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया एक साथ मंच पर होंगे। मंच पर एक साथ होने के अलावा पोहरी में वह 278.23 करोड़ की योजनाओं का भूमिपूजन करेंगे साथ ही 9.57 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे। पोहरी में होने वाले उपचुनाव में भाजपा के लिए एक साथ इन दोनों बड़े नेताओं द्वारा वोट मांगना इसे पार्टी के लिए शुरूआती बढ़त के तौर पर देखा जा रहा है। कारण यह है कि कांग्रेस के मुकाबले चुनावी प्रचार में इस समय भाजपा बढ़त बनाए हुए है। ऐसे में अब भाजपा के लिए इन दोनों नेताओं की जोड़ी का एक साथ उतरना पार्टी कार्यकर्ताओं में भी स्फूर्ति का काम करेगा। पार्टी कार्यकर्ताओं में आएगा जोश- शिवराज व सिंधिया की जोड़ी के एक साथ मंच पर आने से पोहरी व करैरा में पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश आने की संभावना है। कारण यह है कि अभी तक सिंधियानिष्ठि नेताओं के भाजपा में आने से पार्टी का जो पुराना कार्यकर्ताओं है उसमें वह सामंजस्य नहीं देखा जा रहा है जो होना चाहिए। लेकिन अब राजनीति जानकारों का मानना है कि पार्टी के दोनों बड़े नेता जब मंच पर एक साथ होंगे तो इससे पार्टी का मनोबल बढ़ेगा साथ ही पार्टी की आगे की रणनीति क्या है इसका भी खुलासा हो जाएगा। कांग्रेस की रणनीति पर सबकी नजर- प्रदेश की 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में ग्वालियर-चंबल संभाग से 16 सीट आती हैं। ग्वालियर-चंबल की ज्यादा सीटों को ध्यान में रखते हुए ही भाजपा ने शिवराज व महाराज को एक साथ 11 सितंबर से इसी संभाग से मैदान में उतारकर अपनी चुनावी रणनीति की शुरूआत कर दी है। वहीं अब कांग्रेस को भी अपने चुनावी प्रचार के काम में तेजी लानी होगी। पूर्व में कांग्रेस नेता कमलनाथ का ग्वालियर संभाग का दौरा कार्यक्रम बन रहा था लेकिन वह स्थगित हो गया। अब आगे कांग्रेस की क्या रणनीति रहती है यह देखना होगा। कांग्रेस के कौन-कौन से नेता इस संभाग में चुनावी प्रचार की कमान संभालेंगे। कमलनाथ व दिग्गी के अलावा और कौन नेता प्रचार में आएगा इस पर सबकी नजर है।
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9 September 2020भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को सडक़ किनारे ठेला लगाकर या फुटपाथ पर बैठकर कार्य करने वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) के लिए प्रारंभ की गयी प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत मध्यप्रदेश के एक लाख से अधिक हितग्राहियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सभी योजनाएं इस तरह से एक दूसरे को संबद्ध कर बनायी गयी हैं, जिससे गरीबों, पीडि़तों, शोषितों, वंचितों, दलितों और आदिवासियों का व्यापक हित हो सके। इस दिशा में पिछले छह सालों में जिस तरह से व्यवस्थित ढंग से कार्य हुआ, वह पहले कभी नहीं हुआ। प्रधानमंत्री ने पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि का लाभ लेने वाले तीन पथ विक्रेताओं से सीधा संवाद भी किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल से ऑनलाइन जुड़े। छगनलाल बोले-स्वनिधि योजना से हो गया कर्जमुक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सांवेर के झाडू बनाने वाले छगनलाल वर्मा, ग्वालियर की चाट ठेला चलाने वाली अर्चना शर्मा और रायसेन के सब्जी के ठेला लगाने वाले डालचंद्र से बातचीत की। उनसे पीएम स्वनिधि योजना के बारे में जानकारी ली। पूछा कि इस लोन योजना से किस तरह फायदा हो रहा है। उन्होंने सबसे पहले इंदौर जिले के सांवेर निवासी छगनलाल वर्मा से बात की। छगनलाल ने पीएम मोदी से कहा कि पीएम स्वनिधि योजना से मैं कर्ज मुक्त हो गया हूं और अब कमाई भी ठीक हो रही है। छगनलाल ने बताया कि वह दिनभर में करीब 50-60 झाडू बना लेते हैं। बच्चों और पत्नी भी मदद करते हैं। बच्चे पढ़ते भी हैं। पत्नी ने कहा कि हम लोग मिलकर झाडू बनाते हैं। किसान से खरीदकर खजूर की पत्ती लाते हैं। धंधा करने के बाद किसान को पत्ती का पैसा देते हैं। एक झाडू बनाने में खजूर की पत्ती, पाइप, लोहे का तार, नायलॉन खरीदना पड़ता है। प्रधानमंत्री ने उसे सलाह दी कि ग्राहकों से पुरानी झाडू का प्लास्टिक लेकर वे नए झाडू में उसे इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे उनका कम खर्चा होगा और प्लास्टिक रिसाइकल होगा। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्वालियर की अर्चना शर्मा से बात की। इस दौरान उन्होंने उनके बेटे और बेटी से भी बात की। अर्चना ने बताया कि वह ग्वालियर में टिक्की सेंटर चलाती हैं। उनके पति बीमार हैं। परिवार की जिम्मेदारी अर्चना खुद उठाती हैं। पति के बीमार होने के बाद सब्जी का ठेला लगाया। अब लोन मिलने पर टिक्की का ठेला लगाने लगे हैं। इसके साथ घर संभालते हैं और टिक्की सेंटर भी चलाते हैं। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत उनका इलाज मुफ्त होता, जब अर्चना ने बताया कि उनका इलाज इसी योजना में चल रहा है। प्रधानमंत्री ने अंत में रायसेन के सब्जी वाले डालचंद्र कुशवाहा से भी बातचीत की। डालचंद्र ने बताया कि सरकार की सारी योजनाओं का लाभ मिला है। आयुष्मान से परिवार का निशुल्क इलाज हो रहा है। गैस मिलने से जल्दी खाना बन जाता है। सब लोग मेरे काम में हाथ बंटवा लेते हैं। मोदी ने कहा कि लोन का दुरपयोग नहीं होना चाहिए। पूछा- पैसे का कैसे इस्तेमाल कर रहे हैं। एक बड़े मॉल में होने वाला डिजिटल का काम अब ठेले पर भी हो रहा है। वीडियो कांन्फ्रेंसिंग में उपस्थित मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने योजना की जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना ने केशकर्तन, चूड़ी कंगन बेचने वाले, सब्जी बेचने वाले, नाश्ते, चाट, नमकीन बेचने वाले, आइसक्रीम बेचने वाले, कबाड़ा बीनने वाले, आइसक्रीम आदि बेचने वालों की किस्मत बदलने का काम किया है। उन्होंने स्ट्रीट वेंडर्स की योजना के बारे में विस्तार से बताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की टीम को बधाई देते हुए कहा कि उनके प्रयासों से सिर्फ 2 महीने में मध्यप्रदेश में एक लाख से ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स- रेहड़ी-पटरी वालों को स्वनिधि योजना का लाभ मिला। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स स्वनिधि योजना में पथ विक्रेताओं को छोटे छोटे काम-धंधे के लिए, बिना सुरक्षा लिए, बैंकों से 10 हजार रुपएयेतक की कार्यशील पूंजी तथा ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। योजना में प्रावधान है कि डिजीटल ट्रांजेक्शन करने पर प्रतिवर्ष 1200 रुपये की अतिरिक्त राशि और समय पर ऋण चुकाने पर अगले वर्ष 20 हजार रुपये की कार्यशील पूंजी उपलब्ध करवाई जाएगी। जैसे-जैसे वे अपना कार्य आगे बढ़ायेंगे सरकार उनकी मदद बढ़ाएगी और वे आत्मनिर्भर होते चले जाएंगे। योजना में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा एक प्रावधान और जोड़ा गया है, जिसके अनुसार केन्द्र सरकार के 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान के बाद शेष ब्याज अनुदान मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिया जाएगा। इससे प्रदेश के स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी ब्याज के यह राशि मिल रही है। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के क्रिायन्वयन में मध्य प्रदेश देश में नंबर एक पर है। इसीलिए प्रधानमंत्री आगामी 12 सितम्बर तक यहां के हितग्राहियों से बातचीत करेंगे। कार्यक्रम का प्रसारण सभी नगरीय निकायों में दिखाया जा रहा है।
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9 September 2020उज्जैन। कोरोना वायरस महामारी का संक्रमण के दौर में गरीब लोगों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिये रेहड़ी-पटरी वालों और ठेले पर सामान बेचने वालों की समस्याओं को देखते हुए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना जून माह से लागू की है। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कम समय में प्रदेश के सभी छोटे सडक़ विक्रेताओं को योजना का लाभ दिलाने का प्रयास किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ऑनलाइन के माध्यम से प्रदेश के हितग्राहियों से बातचीत की। प्रधानमंत्री ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बधाई देते हुए उनकी सराहना की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने स्वनिधि योजना प्रारम्भ कर गरीबों के लिये यह योजना वरदान साबित हुई है। प्रदेश में एक लाख से अधिक हितग्राहियों को अभी तक राशि वितरित कर रोजगार मुहैया कराया है। प्रधानमंत्री ने वीसी के माध्यम से इन्दौर जिले के सांवेर निवासी छगनलाल, ग्वालियर निवासी अर्चना शर्मा और रायसेन सांची निवासी डालचन्द कुशवाह से संवाद कर योजना के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने स्वनिधि योजना का लाभ लेने वाले प्रदेश के समस्त हितग्राहियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उन्हें चर्चा के दौरान हितग्राहियों में विश्वास और उम्मीद दिखाई दी और उनके श्रम और आत्मबल से वे बेहद खुश हैं। प्रधानमंत्री ने वीसी के माध्यम से कहा कि कम समय में योजना लागू कर प्रदेश के एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है, वह बधाई के पात्र हैं। लॉकडाउन के दौरान रेहड़ी-पटरी वालों और ठेले पर सामान बेचने वाले अपना जीवन यापन करने के लिये काम नहीं कर पा रहे हैं, इस वजह से उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस समस्या को देखते हुए भारत सरकार ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना लागू की है। स्ट्रीट वेण्डर आत्मनिर्भर निधि के अन्तर्गत रेहड़ी-पटरी वालों को अपना काम दोबारा से शुरू करने के लिये सरकार के द्वारा 10 हजार रुपये का लोन मुहैया कराया जा रहा है। वीसी में प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अलावा भारत सरकार की अन्य मुख्य योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा व्यक्ति लेनदेन में डिजिटल का अधिक से अधिक उपयोग करें। सरकार का प्रयास हो देश का प्रत्येक गरीब आत्मनिर्भर बने। कोरोना महामारी के चलते प्रत्येक व्यक्ति सावधानी, सुरक्षा, सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई का विशेष ध्यान दे। स्वनिधि योजना में संभाग में 12 हजार से अधिक हितग्राहियों को ऋण वितरित नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के उप संचालक एसके रेवाल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के प्रारम्भ से अब तक उज्जैन संभाग में 12 हजार से अधिक हितग्राहियों को उनके स्वयं के रोजगार स्थापित करने के लिये ऋण उपलब्ध कराये गये हैं। उज्जैन संभाग के उज्जैन जिले में 3274, आगर-मालवा में 802, देवास में 2784, मंदसौर में 1815, नीमच में 1266, रतलाम में 2076 और शाजापुर जिले में 575 रेहड़ी-पटरी वाले विक्रेताओं को ऋण उपलब्ध कराया गया है। यह प्रक्रिया निरन्तर जारी रहेगी।
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9 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के 68 हजार हितग्राहियों के खाते में चौथी और अंतिम किस्त के 102 करोड़ रुपये सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित किए गए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गरीबों का कल्याण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। रोटी, कपड़ा और मकान मूलभूत आवश्यकता है। अपना स्वयं का मकान हो, यह हर व्यक्ति का सपना होता है। इसे पूरा करने केलिए राज्य शासन प्राण-प्रण से जुटा है। हमारे जिन भाई-बहनों के पास मकान नहीं है, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान बनाने के लिए सहायता दी जा रही है। यह क्रम निरंतर जारी रहेगा। मंत्रालय में मंगलवार को आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत प्रदेश में अब तक 20 लाख 30 हजार में से 17 लाख आवास पूर्ण किए जा चुके हैं। वर्ष 2019-20 में 6 लाख आवास का लक्ष्य था, जिसमें से 3 लाख 45 हजार आवास पूर्ण हो चुके हैं। जिन भाई-बहनो को अब तक आवास नहीं मिले हैं, वे निराश न हों। उन्हें भी आवास प्लस के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया जाएगा। 12 सितम्बर को आयोजित होगा गृह प्रवेश कार्यक्रम मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन हितग्राहियों के आवास निर्माण का कार्य पूरा हो गया है उनके गृह प्रवेश का कार्यक्रम 12 सितम्बर को आयोजित किया जा रहा है। दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भोपाल से वे स्वयं कार्यक्रम से जुड़ेंगे। सभी ग्राम पंचायतों में यह कार्यक्रम उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संदेश 12 सितम्बर को अपरान्ह 11 बजे प्रसारित होगा। उन्होंने सभी ग्राम पंचायतों से इस संबोधन से जुडऩे की अपील की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मेरा लक्ष्य है कि सभी गरीबों का कल्याण हो, उन्हें सभी सुविधाएं मिलें। इस दिशा में केन्द्र और राज्य शासन लगातार सक्रिय है। आगामी 16 सितम्बर को प्रदेश के 37 लाख लोगों को राशन वितरण की शुरूआत की जाएगी। इसी क्रम में 18 सितम्बर को फसल बीमा योजना के 4 हजार 600 करोड़ रुपये किसानों के खातों में डाले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने किया हितग्राहियों से संवाद मुख्यमंत्री ने राशि अंतरण के अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों से बातचीत की। धार के गुलाब सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें अब तक तीन किस्तों का पैसा मिल चुका है और अब उनका अपना आवास है। आपकी प्रसन्नता हमारे जीवन की सार्थकता है ग्वालियर के नामदेव ने आवास पाने पर मुख्यमंत्री को प्रत्यक्ष में धन्यवाद दिया। राज्य शासन द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलते देखकर मुख्यमंत्री बरबस ही नामदेव से कह उठे कि 'आपकी प्रसन्नता ही हमारे जीवन की सार्थकता है'। मात्र 49 दिनों में बना लिया आवास बैतूल की शीला विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने मात्र 49 दिन में ही मकान पूर्ण कर लिया। उन्होंने बताया कि हम पति-पत्नी दोनों श्रमिक हैं। पहले कच्चा मकान था, छत टपकने के अलावा अन्य कई समस्याएं थीं। प्रधानमंत्री आवास योजना में पति-पत्नी ने मिलकर और रिश्तेदारों की मदद से मात्र 49 दिन में ही मकान पूर्ण कर लिया। अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि देश में योजना के तहत आवास निर्माण की औसत अवधि 114 दिन है। श्रीमती विश्वकर्मा ने बताया कि आवास में शौचालय, गैस आदि भी उपलब्ध हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे चाय पीने श्रीमती विश्वकर्मा के घर अवश्य आएंगे। कार्यक्रम में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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8 September 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा उप चुनाव से पहले दल बदल का दौर शुरू हो गया है। मंगलवार को धार जिले के बिडवाल नगर में आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा के 300 कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। इसके अलावा भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में ग्वालियर-चंबल संभाग के भाजपा के वरिष्ठ नेता सतीश सिंह सिकरवार पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मौजूदगी में अपने सैकड़ाें समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। सतीश सिंह सिकरवार के कांग्रेस में शामिल होने के बाद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इससे भाजपा को कोई झटका नहीं है। वहीं सरकार के खाली खजाने और घोषणाओं पर गृह मंत्री मिश्रा ने कहा कि मन चाहिए कुछ कर गुजरने के लिए, भाषण नहीं मन चाहिए। संसाधन तो सभी जुट जाएंगे, संकल्प का धन चाहिए। सीएम शिवराज की इच्छा शक्ति है, वे सदैव से किसानों के पक्ष के रहे हैं। वे सदैव से किसानों के लिए काम करते आए हैं और हम सदैव से किसानों के लिए काम करते आए हैं। इन्होंने सिर्फ कहा है और हमने किया है। उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि अब साध, चोर, लंपट और ज्ञानी अपनी संगत सबकी जानी... कांग्रेस धोखा देती रही, इसलिए उनको ऐसा लगता है। एक भी व्यक्ति का 2 लाख का कर्जा माफ हो तो बताएं। लड़कियों को स्कूटी नहीं दे पाए, युवाओं को रोजगार नहीं दे पाए, इसलिए इनको सब ऐसे ही नजर आता है। मंत्री मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ जी यह भाजपा की सरकार है, अगर हम झूठ बोलते तो पिछले 15 साल से सरकार हम कैसे बनाते। जनता तो हम पर विश्वास करती है ना, आप तो 15 साल के बाद भी पूर्ण बहुमत नहीं ला पाए। लंगड़ी लूली सरकार चलाई आपने और पटक दी। दिग्विजय के ट्वीट पर कसा तंज:दिग्विजय सिंह के यूरिया की कालाबाजारी पर उठाए गए सवाल पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि शायद उन्होंने अपने भाई के विजुअल और फुटेज नहीं देखे जो कमलनाथ की सरकार में थे। खाद की कालाबाजारी को लेकर, लक्ष्मण सिंह खुद ताला तोड़ने गए थे। दिग्विजय सिंह सिर्फ झूठ बोलने की ही खा रहे हैं। जनता के बीच जाना नहीं है, केवल ट्विटर और टीवी पर दिखते हैं। संजय राउत को गृह मंत्री ने दी सलाह:कंगना रनौत को लेकर संजय राउत द्वारा दिए गए बयान पर मंत्री मिश्रा ने उन्हें सलाह देते हुए कहा कि हमारे यहां हमेशा नारी की पूजा होती है। हम सार्वजनिक जीवन में हैं, खास तौर पर हमको शाब्दिक मर्यादा का बहुत ध्यान रखना चाहिए। भारत में नारी की पूजा होती है। संजय राउत ने जिस तरह के शब्द आदरणीय कंगना जी के लिए कहे हैं, मैं उसे अच्छा नहीं मानता।
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8 September 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले से भाजपा को बड़ा झटका लगा है। विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा प्रत्याशी रहे पूर्व मंत्री सतीश सिकरवार ने मंगलवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पूर्व सीएम व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ की मौजूदगी में समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान कमल नाथ ने तिरंगा पटका पहनाकर उनका कांग्रेस में प्रवेश पर स्वागत किया। सतीश सिकरवार के कांग्रेस में शामिल होने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ ने कहा कि भाजपा के नेतागण, कार्यकर्ता बड़ी संख्या में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में लगातार प्रवेश ले रहे हैं। कल भी कुछ लोगों ने प्रवेश लिया था। उन्होंने कहा कि हम इसे पब्लिसिटी या इवेंट का रूप नहीं देते हैं, यह तो भाजपा की राजनीति है। भाजपा पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि आज तो जनता की छोड़िए, भाजपा के कार्यकर्ता ही उनसे दुखी हैं। यह मध्य प्रदेश की स्थिति है। इसके अलावा उप चुनाव को लेकर कमलनाथ जीत के लिए पूरी तरह आस्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सर्वे रिपोर्ट बहुत अच्छी है, हमें कोई चिंता नहीं है, हम सभी सीटें जीतेंगे। आज का मध्य प्रदेश का मतदाता बहुत समझदार है। मुझे प्रदेश के मतदाताओं, यहाँ की जनता और जिन 27 सीटों पर उप चुनाव हो रहा है, वहां की जनता पर भी पूरा विश्वास है कि वो भले कमलनाथ का साथ न दे, कांग्रेस का साथ न दे लेकिन सच्चाई का साथ जरूर देगी।
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8 September 2020शिवपुरी। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण यादव ने कहा है कि कांग्रेस की जड़े बहुत मजबूत हैं और पार्टी के पास कार्यकर्ताओं की कोई कमी नहीं है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण यादव सोमवार को अल्पप्रवास पर शिवपुरी आए। इस दौरान श्री यादव ने यहां पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी कार्यालय पर संबोधित भी किया। पत्रकारों से चर्चा में कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण यादव ने कहा कि जो विधायक पार्टी छोड़कर गए हैं उनके जाने से पार्टी को कोई फक्र नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि पार्टी की जड़ें बहुत मजबूत हैं। कांग्रेस कार्यालय पर उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि आने वाले चुनाव में एकजुटता से काम करें और पार्टी का हर वर्कर बूथ स्तर तक काम करें यह उसकी जिम्मेदारी है।
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7 September 2020भोपाल। भाजपा के सभी मोर्चा प्रदेश के 27 विधानसभा क्षेत्रों में कमलनाथ सरकार के 15 महीनों के कार्यकाल की विफलताओं को उजागर करने के लिए विशेष अभियान चलायेंगे। यह बात चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक एवं प्रदेश के मंत्री भूपेंद्र सिंह ने मोर्चा द्वारा शुरू किए जाने वाले इस अभियान को लेकर सोमवार को हुई चुनाव प्रबंधन समिति की बैठक में कही। बैठक में उपचुनाव की तैयारियों को लेकर समिति के सदस्यों से विचार विमर्श किया। बैठक में 27 विधानसभाओं में शुरू होने वाले घर-घर संपर्क अभियान की कार्ययोजना पर चर्चा हुई। इसके साथ ही विधानसभाओं में चल रहे सेक्टर सम्मेलनों की समीक्षा की गयी। सेक्टर सम्मेलन के पश्चात विधानसभाओं में बूथ सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। बूथ सम्मेलनों की तैयार कार्ययोजना को लेकर समिति सदस्यों ने अपने सुझाव दिए। समिति के संयोजक भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि कमलनाथ सरकार ने समाज के हर वर्ग के साथ वादाखिलाफी की। पार्टी का युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, अनुसूचित जाति एवं जनजाति मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा एवं पिछड़ा वर्ग मोर्चा कमलनाथ सरकार की विफलताओं को लेकर बूथ स्तर तक पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि सभी मोर्चा चुनाव अभियान के माध्यम से जनता से संवाद करेंगे। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि चुनाव प्रचार को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक नेताओं के प्रवास शुरू हो चुके हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते अलग-अलग विधानसभाओं में प्रवास कर रहे हैं। आगे अन्य नेता के भी प्रवास होंगे, जिसको लेकर बैठक में विस्तृत विचार विमर्श हुआ। बैठक में प्रदेश उपाध्यक्ष विजेश लुणावत, प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी, पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
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7 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री पर स्टाम्प ड्यूटी में कमी करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने स्टाम्प ड्यूटी में लगने वाले तीन फीसदी ‘सेस’ को घटाकर एक फीसदी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि दो प्रतिशत की छूट मिलने से अब लोग आसानी से अपना मकान खरीद सकेंगे। मुख्यमंत्री ने सोमवार को मंत्रालय में जानकारी दी कि कोविड-19 की वजह से व्यापक पैमाने पर आर्थिक गतिविधियाँ प्रभावित हुई हैं। रियल स्टेट सेक्टर पर भी इसका बड़ा प्रभाव पड़ा, जिसके फलस्वरूप प्रापर्टी खरीदने, बेचने के इच्छुक नागरिक भी विपरीत स्थितियों का सामना कर रहे हैं। राज्य सरकार ने प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री पर स्टाम्प ड्यूटी पर 3 प्रतिशत के स्थान पर एक प्रतिशत ‘सेस’ देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हर व्यक्ति का, परिवार का एक सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो, जहां वो अपने परिवार के साथ सुख से रह सके। कोरोना काल में आर्थिक गतिविधियाँ लॉकडाउन के वजह से लगभग समाप्त हो गई थीं। रियल स्टेट व्यवसाय पर भी इससे विपरीत प्रभाव पड़ा था। लोगों की वित्तीय क्षमताएं सीमित हो जाने के कारण संपत्तियों का क्रय-विक्रय भी प्रभावित हुआ है। अब यह आवश्यक हो गया है कि आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ें और रियल स्टेट क्षेत्र में भी कैसे बूम आए, इसकी चिंता करनी होगी। इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। इसी को दृष्टिगत रखते हुए नगरीय क्षेत्रों में प्रापर्टी की खरीदी ब्रिकी पर स्टाम्प ड्यूटी में 2 प्रतिशत की छूट सेस में मिलेगी। अभी यह छूट 31 दिसम्बर 2020 तक लागू रहेगी। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस निर्णय से लोग अपना मकान आसानी खरीद सकेंगे, कारोबार में तेजी आएगी और रियल स्टेट में कामकाज को गति मिलेगी। इसी सिलसिले में अन्य आवश्यक कदम भी उठाए जाएंगे।
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7 September 2020शिवपुरी। शिवपुरी में बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष बीड़ी शर्मा एवं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के चुनावी दौरे से शनिवार को सिंधिया समर्थकों की दूरी चर्चा का विषय बनी रही। कोई भी समर्थक न टूरिस्ट विलेज पर नजर आया न किसी नेता यहां तक कि मंत्री सुरेश धाकड़ ने प्रदेशाध्यक्ष के स्वागत में कोई होर्डिंग या स्वागत द्वार नही लगाया। जबकि दोनों नेताओं का यह दौरा पोहरी एवं करैरा उपचुनाव की तैयारी के लिए ही था। शहर में बीजेपी के तमाम नेताओ ने स्वागत द्वार लगाकर स्वागत किया लेकिन बीजेपी में शामिल सिंधिया समर्थक किसी नेता ने ऐसा नही किया। टूरिस्ट विलेज पर दोनों नेताओं ने नए कार्यकर्ताओ के साथ समन्वय पर जोर दिया लेकिन इस बैठक में केवल अशोक ठाकुर मौजूद थे वह भी बगैर सूचना के यहां आए थे। सिंधिया खेमे से जुड़े एक सीनियर नेता ने कहा कि उन्हें कोई सूचना या निमंत्रण नहीं दिया गया न ही स्वागत के निर्देश दिए गए। अगर ऐसा कहा जाता तो निश्चित ही हम नेताओं का स्वागत करते। बीजेपी के एक पूर्व विधायक ने तो यहां तक कहाकि उन्हें भी बैठक की कोई सूचना नही दी गई है वे तो नरेन्द्र सिंह से मिलने आये है। बीजेपी से बुलाबा न आने पर सिंधिया समथर्क मायूस थे लेकिन खास बात यह है कि पोहरी से चुनाव लड़ने जा रहे सुरेश धाकड़ ने भी जिला मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम के लिए कोई गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने कोई स्वागत का इंतजाम अपने स्तर पर नही किया।पीएस होटल में केवल 150 लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई जबकि वहां 400 से ज्यादा लोग मौजूद थे। अब देखना होगा कि सिंधिया के स्वागत में भी ये नए भाजपाई ऐसा ही करते हैं या नहीं।
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5 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश के शैक्षणिक परिदृश्य को बेहतर बनाने के लिए शीघ्र ही ठोस कदम उठाए जाएंगे। शिक्षा के वास्तविक उद्देश्य पूर्ण हों और विद्यार्थी शिक्षा हासिल करने के बाद रोजगार के लिए तैयार हो जाएं, इस दृष्टि से नई शिक्षा नीति के मध्यप्रदेश में बेहतर क्रियान्वयन के प्रयास होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में मध्यप्रदेश में 'हमारा घर हमारा विद्यालय' के अंतर्गत सराहनीय कार्य हुआ है। इसके लिए शिक्षक अभिनंदन के पात्र हैं। यह बात मुख्यमंत्री ने शनिवार को मंत्रालय से वीडियो कांफ्रेंस द्वारा शिक्षक समुदाय से संवाद करते हुए कही। नई शिक्षा नीति के मध्यप्रदेश में बेहतर क्रियान्वयन के प्रयास मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित नई शिक्षा नीति के मध्यप्रदेश में बेहतर क्रियान्वयन के प्रयास किए जाएंगे। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए बनाए गए रोड मेप के अंतर्गत भी शिक्षा के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श कर क्रियान्वयन की तैयारी की गई है। व्यवसायिक शिक्षा कक्षा छठवीं से प्रारंभ होगी जो विद्यार्थियों के लिए जीवन भर उपयोगी सिद्ध होगी। नए विद्यालयों के प्रारंभ करने के बारे में भी विचार-विमर्श कर ऐसा प्रयास किया जाएगा कि दस बारह ग्रामों के बीच एक विद्यालय हो, जहां आने-जाने के लिए बस सुविधा उपलब्ध होगी। लाइब्रेरी के साथ ही दक्ष शिक्षक, संगीत, नृत्य, योग और भारतीय संस्कार की शिक्षा देंगे। विद्यार्थियों का शत-प्रतिशत प्लेसमेंट हो, बेरोजगारी दूर हो यह प्रयास रहेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की असीम संभावनाएं हैं जिन्हें साकार किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शिक्षकों का मान सम्मान बढ़ाने के प्रयास होंगे। शिक्षकों का शोषण न हो, इसके साथ ही निजी विद्यालय द्वारा शिक्षण शुल्क के संबंध में सुधार के लिए कानूनी प्रावधान किए जाएंगे। शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए पूर्व वर्षों में काफी कार्य हुआ है। मुख्यमंत्री चौहान ने शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी शिक्षकों को भी बधाई देते हुए कहा कि आज शिक्षक दिवस महान शिक्षक, विद्वान भारतीय संस्कृति के पोषक, राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने वाले सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस है। मुख्यमंत्री चौहान ने डॉक्टर राधाकृष्णन के चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम करते हुए राष्ट्रीय एवं राज्य-स्तरीय पुरस्कार पाने वाले सभी शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएं दी। शासकीय विद्यालय नहीं है किसी मामले में पीछे मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं एक सरकारी विद्यालय में पढ़ चुके हैं। प्राथमिक स्तर पर प्राप्त शिक्षा पूरे जीवन में उपयोगी होती है। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने शिक्षक रतनचंद जैन का भी स्मरण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि शिक्षा के तीन प्रमुख उद्देश्य ज्ञान, कौशल और नागरिकता के संस्कार हैं जिन्हें दिलवाने में शासकीय विद्यालय भी काफी सफल रहे हैं। अनेक शासकीय विद्यालयों में प्राइवेट स्कूलों से बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं। इसके लिए यह संस्थाएं बधाई की पात्र हैं। इस मौके पर शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरूण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती जयकियावत भी उपस्थित रहीं।
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5 September 2020छतरपुर। बुंदेलखंड के लोकगायक देशराज पटेरिया का शनिवार को तडक़े दिल का दौरा पडऩे से निधन हो गया। उन्होंने आल्हा उदल और हरदौल की कथा सहित बुंदेली लोकगीतों को जन-जन तक पहुंचाया। देशराज पटेरिया के निधन की सूचना सामने आने के बाद उनके चाहने वालों ने शोक व्यक्त कर श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। जीवन के रंगमंच पर अपने लोकप्रिय लोकगीतों से लोगों का मन मोह लेने वाले देशराज पटेरिया का जन्म 25 जुलाई 1953 में छतरपुर जिले के नौगांव कस्बे के पास तिटानी गांव में हुआ था। वह 67 वर्ष के थे। बीते बुधवार को उन्हें दिल का दौरा पडऩे के बाद छतरपुर के मिशन अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनका उपचार चल रहा था। शनिवार को तडक़े 3.15 बजे उन्हें पुन: दिला का दौरा पड़ा और उनकी हृदय गति रुक गई। बुंदेलखंड अंचल के प्रसिद्ध लोकगायक देशराज पटेरिया के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने शनिवार को ट्वीट किया है कि -‘अपनी अनूठी गायकी से बुंदेली लोकगीतों में नये प्राण फूंक देने वाले श्री देशराज पटेरिया जी के रूप में आज संगीत जगत ने अपना एक सितारा खो दिया। वो किसान की लली... मगरे पर बोल रहा था...जैसे आपके सैकड़ों गीत संगीत की अमूल्य निधि हैं। आप हम सबकी स्मृतियों में सदैव बने रहेंगे।’ वहीं, प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने ट्वीट किया है कि -‘मध्यप्रदेश के गौरव और देश-विदेश में अपने लोकगीतों के जरिए अलग पहचान रखने वाले बुंदेलखंड के लोकप्रिय लोकगायक श्री देशराज पटेरिया जी के असमय निधन से मन बेहद आहत है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति दें।’
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5 September 2020रायसेन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को रायसेन तहसील के अनेक गांवों में बाढ़ से प्रभावित फसलों का निरीक्षण लिया। इसके पश्चात उन्होंने ग्राम पग्नेश्वर में किसानों, ग्रामीणों से संवाद करते हुए कहा कि उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है, सरकार आपके साथ है। बाढ़ से प्रभावित सभी लोगों की हर संभव सहायता कर उन्हें संकट से बाहर लेकर आएंगे। मुख्यमंत्री ने ग्राम मेढक़ी, पग्नेश्वर, धनियाखेड़ी, धौबाखेड़ी और ताजपुर सूर में बाढ़ से प्रभावित फसलों का निरीक्षण किया तथा किसानों से बातचीत कर उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी पहली प्राथमिकता थी कि बाढ़ से किसी को जान का नुकसान नहीं हो और हमें इस बात का संतोष है कि इतनी बड़ी बाढ़ में भी हमने किसी व्यक्ति की जान नहीं जाने दी। हम लोगों की जान बचाने में सफल हो गए हैं। बाढ़ से प्रभावित लोगों को उनके नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रायसेन, होशंगाबाद, सीहोर में हुई लगातार बारिश होने और बाढ़ आने के कारण मैंने स्वयं रातभर जागकर राहत और बचाव कार्यों पर निगरानी रखी। पहले बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीम बुलवाई और फिर सेना भी बुलवाई। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को हेलीकॉप्टर से सुरक्षित स्थानों पर भी पहुँचाया गया। प्रदेश में बाढ़ में फंसे 13 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उनके पास हर क्षेत्र की जानकारी है और उन्होंने प्रशासन को सभी क्षेत्रों में तत्काल सर्वे कर मदद पहुँचाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। जिनके घरों को क्षति पहुँची है, उन्हें भी हरसंभव राहत दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोई भी प्रभावित व्यक्ति सर्वे से न छूटे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना महामारी से बचाव और नियंत्रण के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए हैं। चिकित्सालयों में वेंटीलेटर, दवाएं सहित सभी आवश्यक संशाधन उपलब्ध कराते हुए स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है। इस अवसर पर पूर्व मंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर किसानों को ढांढस बंधा रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा क्षेत्र में सर्वे कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश प्रशासन को दिए गए हैं। बाढ़ प्रभावितों को यथासंभव मदद जरूर दी जाएगी। इस अवसर पर पूर्व मंत्री एवं सिलवानी विधायक रामपाल सिंह, भाजपा के जिला अध्यक्ष जयप्रकाश किरार, कलेक्टर उमाशंकर भार्गव, एसपी मोनिका शुक्ला भी उपस्थित थी।
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4 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आम जनता के हित में और बस आपरेटर्स की समस्याओं को दूर करने के लिये यात्री बसों के सुचारू संचालन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बस संचालकों एवं उससे जुड़े लोगों की परेशानियों के दृष्टिगत यात्री बसों पर देय मासिक वाहनकर को 1 अप्रैल 2020 से 31 अगस्त 2020 तक की अवधि तक पूर्णतः माफ किया जाएगा। साथ ही यात्री बसों के संचालन की स्थिति पुनः सामान्य रूप से हो सके इसको दृष्टिगत रखते हुए माह सितंबर 2020 के देय मासिक वाहनकर में 50 प्रतिशत की छूट एवं वाहनकर जमा करने की तिथि को 30 सितम्बर 2020 तक बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बस आपरेटर्स और प्रदेश की जनता के हित में लिये गये इस निर्णय से अब प्रदेश में पूर्ण क्षमता के साथ बसें पुन: चालू हो जाएगी। इससे जहां एक ओर आमजन को आवागमन की सुविधा मिल सकेगी, वहीं दूसरी ओर यात्री बसों से जुड़े रोजगार प्रारंभ हो सकेंगे। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव को दृष्टिगत रखते हुए 25 मार्च 2020 से लॉक डाउन के कारण बसों का संचालन प्रतिबंधित किया गया था। राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुरूप उनके संचालन की क्रमशः अनुमतियां भी दी गयी हैं। किन्तु व्यावहारिक रूप से बसों का संचालन सामान्य रूप से नहीं हो सका। राज्य शासन द्वारा लिये गये उक्त निर्णय से प्रदेश के बस आपरेटर्स की परेशानियां खत्म होंगी और आमजन की सुविधा के लिये अब बसों का पूरी क्षमता के साथ संचालन शुरू हो सकेगा। इसी क्रम में यात्री किराये के पुनर्निधारण के लिये किराया निर्धारण समिति को जिम्मेदारी सौंपते हुए शीघ्र निराकरण के निर्देश दिये गये हैं। बस आपरेटर्स ने मुख्यमंत्री चौहान का माना आभार प्रदेश के बस आपरेटर्स ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उक्त निर्णय का स्वागत करते हुए आभार प्रकट किया है।
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4 September 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में घटिया चावल का मामला सामने आने के बाद राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप तेज हो गए हैं।कांग्रेस प्रदेश सरकार पर गरीबों को जानवरों का अनाज खिलाने का आरोप लगा रही है। वहीं भाजपा इस पूरे घोटाले को पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार का संरक्षण मिलने की बात कह रही है। इस पूरे मामले पर अब प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह का बड़ा बयान सामने आया है। मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए चावल की ईओडब्ल्यू जांच पर कहा कि निश्चित रूप से यह बहुत ही गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि इंटेलीजेंस के द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ को यह अवगत कराया गया था कि प्रदेश में बड़ी मात्रा में बिहार से और अन्य स्थानों से घटिया चावल आ रहा है और उसके बदले में अच्छा चावल यहां से भेजा जा रहा है। यह बात उस समय के मुख्यमंत्री को सोचना चाहिये थी, परंतु उस समय कोई कार्यवाही नहीं की गई। कोई ध्यान नहीं दिया गया और उसके कारण यह घटिया चावल जनता तक पहुंचा और इसलिए पूरी तरह से कमलनाथ सरकार की लापरवाही या मिलीभगत थी। जिस कारण ये चावल प्रदेश की गरीब जनता तक पहुंचा। घोटाले के लिए कमलनाथ जिम्मेदारइंटेलिजेंस की जांच को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर आरोप लगाते हुए मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि इंटेलिजेंस का जो इनपुट आता है, वह सीधा सीएम को आता है। इसलिए कमलनाथ को आया था, इसमें सीधे तौर पर माननीय कमलनाथ जी इसके लिए जिम्मेदार हैं। यहां वहां की बात करने से वह जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। इसलिए पूरी तरह से कमलनाथ सरकार ही जिम्मेदार है। कमलनाथ जी को ओर कांग्रेस पार्टी को प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। भाजपा नेताओं के दौरे पहले से चल रहेभाजपा नेताओं के दौरों को लेकर मंत्री सिंह ने कहा कि जब से उप चुनाव घोषित हुए हैं उसके पहले से चल रहे हैं। सभी नेताओं के कार्यक्रम हो रहे हैं उसी के अंतर्गत माननीय नरेंद्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीडी शर्मा सहित सभी नेताओं के दौरे कार्यक्रम चल रहे हैं। और मुख्यमंत्री आज से लेकर 17 तारीख तक लगातार प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में दौरे पर जाएंगे। कमलनाथ के ग्वालियर दौरे पर कसा तंजकमलनाथ के ग्वालियर दौरे पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने पहले बताया गया था कि बस से सारे नेता जाने वाले हैं। पिछले महीने यह कार्यक्रम बना था लेकिन कांग्रेस बस में बैठी थी उससे पहले ही बस पंचर हो गई। अभी जो दौरा कार्यक्रम है वह कब से है और क्या है यह दौरे पर ही पता चलेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में भारी अंतर कलह है। गोविंद सिंह पदयात्रा कर रहे हैं, कमलनाथ मेगा शो कर रहे हैं, कांग्रेस की यह अंतर कला मेगा शो में देखने को मिलेगी। बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पहले मैं पूछना चाहता हूं कि चुनाव के समय जो कांग्रेस का घोषणा पत्र था। उसमें कांग्रेस ने चार हजार रुपये की रोजगारी भत्ता देने की बात कही थी वह उन्होंने सवा साल तक क्यों नहीं दिए, यह बताएं पहले। कांग्रेस पर लगाए आरोपभूपेन्द्र सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने इस देश में भ्रष्टाचार की संस्कृति को जन्म दिया है। स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई जी की सरकार को मात्र एक सांसद के कारण प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उस समय कांग्रेस ने किस तरह से खरीद-फरोख्त की थी ऐसे अनेक उदाहरण पूरे देश में है। कांग्रेस की यही संस्कृति है और जिसकी जैसी संस्कृति होती है वह बाकी के बारे में भी ऐसे ही सोचता है। उन्होंने नगरीय निकाय चुनावों को लेकर कहा कि नगर निगम चुनाव की प्रक्रिया चल रही है, वार्डों का आरक्षण भी हो रहा है जैसे ही चुनाव समाप्त हुए माननीय मुख्यमंत्री जी से बात करके नगरीय निकाय चुनाव कराए जाएंगे।
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4 September 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में दो किसानों द्वारा की गई आत्महत्याओं को लेकर पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार पर जमकर निशाना साधा है, साथ ही उन्होंने खाद की कालाबाजारी के आरोप भी लगाए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि ‘मुख्यमंत्री के गृह जिले में किसान ने की आत्महत्या। पूरा जिला प्रशासन मामा जी की सेवा में लगा है। न किसानों का सर्वे हो रहा है और न मुआवजा मिल रहा। बीमा की तो उम्मीद ही छोड़ दो क्योंकि मामा और उसके कृषि मंत्री में कंपनियों से कमीशन को ले कर विवाद चल रहा है।’ उन्होंने कहा कि मैं शुक्रवार 04 सितम्बर को सीहोर जिले के उन दोनों परिवारों से मिलने जाऊंगा, जिनके परिवार में आत्महत्या हुई हैं। यह उनके परिवार जनों से जानने के लिए कि किन परिस्थितियों के कारण उन दोनों ने यह कदम उठाया।’ उन्होंने आगे लिखा है कि - ‘रमेश पुत्र गोपीलाल मालवीय जिसने फसल खराब होने से आत्महत्या की, उसके पुत्र ने यह जानकारी दी। शिवराज जी और आपके मंत्री जी सुनिए, रमेश मालवीय का दिमाग़ खऱाब नहीं था। आप अपनी जांच करा लें।’ दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि -‘फसल पूरी चौपट सीहोर जिला प्रशासन मुख्यमंत्री की सेवा में व्यस्त। उन्हें तो पद पर बने रहने के लिए मामा की सेवा में ही रहना है जनता जाए भाड़ में। शर्म करो शिवराज जी। मामा के ग्रह जिले में एक और किसान द्वारा आत्महत्या! रमेश पुत्र गोपीलाल ग्राम पंचायत कुर्ली कला तहसील जावर जिला सीहोर के पास 5 बीघा जमीन थी और 6 लाख का कर्ज था।’ उन्होंने आगे लिखा है कि - ‘2019 में 42,480 किसानों ने मौत को गले लगा लिया। यह कोई और नहीं, एनसीआरबी का ही डेटा है। क्या ये सभी दिमाग़ी बीमारी से जूझ रहे थे मंत्री जी? आपने ही तो 2016 में भी कहा था कि भूत प्रेतों की वजह से हो रही हैं किसान आत्महत्याएं! खेत की स्थिति जब देखी तो राम जाने उनके दिमाग में क्या आया-उन्होंने फांसी लगा ली। क्या ये दिमाग खराब होने की निशानी है? उन्होंने अगले ट्वीट में केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि - ‘मोदी जी ने 3 किसान विरोधी अध्यादेश जारी किए हैं जिनका उद्देश्य बड़े बड़े उद्योगपतियों को लाभ पहुँचा कर किसानों का और छोटे-मध्यम वर्गीय व्यापारियों का शोषण करना है। जितना जल्दी आप समझ कर इसका विरोध करें उतना अच्छा होगा। मैं इस बारे में लेख भी लिख रहा हूं।’ उन्होंने प्रदेश सरकार पर खाद की कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया है कि -‘मैं जो कहता था वह सही साबित हुआ। मेरे 10 साल के कार्यकाल में एक बार भी खाद की कालाबाजारी की शिकायत नहीं आई, क्योंकि मेरे कृषि मंत्री सुभाष यादव जी सारी खाद सहकारी समिति से बंटवाते थे और जब से भाजपा राज में मध्यप्रदेश शासन ने निजी हाथों में सौंपा है किसानों को दिक्कत आने लगी।’
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3 September 2020भोपाल/हरदा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को हरदा जिले के बाढ़ प्रभावित तहसील हंडिया का दौरा किया। मुख्यमंत्री चौहान बाढ़ प्रभावितों से मिले, उनका हालचाल जाना। उन्होने हंडिया में बाढ़ प्रभावितों को संबोधित करते हुए कहा कि इस भीषण बाढ़ आपदा के संकट में प्रदेश सरकार आपके साथ है। चिन्ता न करें, हर संभव सहायता मुहैया कराई जायेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में फसल, मकान, सामान हर क्षति का पूरा आंकलन कर शीघ्र राहत पहुँचाई जाएगी। आरबीसी 6-4 व फसल बीमा दोनों का लाभ प्रभावितों को मिलेगा। प्रभावितों की जिंदगी पुन: पटरी पर लाई जायेगी। सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंद होगी। मंत्रीगण, जनप्रतिनिधि, सहितकमिश्नर, आईजी, कलेक्टर, पूरी प्रशासनिक टीम जनता की सहायता के लिये लगातर सतर्क रहेगी, ताकि बेहतर व्यवस्थाएं बनाई जा सके। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने सत्ता में आते ही कोरोना संकट की चुनौतियों से निपटने के लिये पूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की एवं संसाधन उपलब्ध कराए। बाढ़ आपदा के इस संकट से भी जनता को शीघ्र पार निकालेंगे। जन हानि को रोकने में हुए सफल मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि 28-29 को हुई भारी बारिश , बरगी, तवा, बारना बांधों के ओवरफ्लो होने से तथा लगातार पानी छोड़े जाने से बाढ़ की स्थिति निर्मित हुई। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारा पहला धर्म जनता की सेवा है। जब जनता संकट में हो तो शिवराज घर पर नहीं बैठ सकता। ऐसे संकट में हमने कंट्रोल रूम बनाकर मुख्य सचिव, डीजीपी के साथ चौबीस घंटे बिना सोये लगातार निगरानी बनाये रखी। कमिश्नर, आईजी, कलेक्टर, एसपी को भी निर्देशित किया कि वे भी बिना सोये राहत एवं बचाव कार्य का मोर्चा संभाले। भीषण बाढ़ आपदा के संकट में लगातार फोन आ रहे थे ''मामा हमें बचा लो'', लोग बाढ़ में फंसे हुए थे। हमने प्रधानमंत्री जी, रक्षामंत्री, सेना प्रमुखों से बातचीत की और तुरन्त भारतीय वायु सेना और थल सेना का सहयोग प्राप्त हुआ। सेना के जवानों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, होमगार्ड सहित पूरी प्रशासनिक टीम, स्वयं सेवी कार्यकर्ता ने दिन रात मेहनत करके एक-एक जान की रक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि एयरफोर्स की टीम द्वारा बाढ़ में फंसे तीन सौ लोगों को एयरलिफ्ट के माध्यम से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने हंडिया तहसील में बाढ़ में फंसे हुए लोगों को बचाने में युवकों, स्वयं सेवी कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों द्वारा किये गये प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि संतोष इस बात का है कि हम जन हानि को रोकने में सफल हुए। इतिहास में पहली बार, बैंक रविवार को भी खोले गये मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि किसान भाईयों को फसलों के नुकसान से सुरक्षा के लिये इतिहास में पहली बार रविवार को भी बैंक खोले जाकर किसान भाईयों की फसलों का बीमा कराया गया। उन्होने कहा कि जिन गरीब भाईयों बहनों को राशन नहीं मिलता था, उन्हें भी इसी माह से राशन मिलना शुरू हो जाएगा। बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में जिनके घर डूब गये थे, उन्हें भी पचास किलो राशन उपलब्ध कराया जायेगा। बीस लाख किसानों के खाते में 4600 करोड़ रूपये डाले जाएंगे। मुख्यमंत्री ने की कृषि मंत्री की तारीफ मुख्यमंत्री चौहान ने कृषि मंत्री पटेल की प्रशंसा करते हुए कहा कि कृषि मंत्री ने कोरोना संकट काल और अतिवृष्टि के समय सक्रियता से कार्य कर किसानों से सतत् सम्पर्क बनाये रखा और हरसंभव मदद भी की।
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1 September 2020भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने चिरायु अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया है। यहां राजधानी समेत प्रदेश के अन्य जिलों से भी कोरोना संक्रमण के मरीज ईलाज के लिए भर्ती होते है। सीएम शिवराज ने स्वयं कोरोना संक्रमित होने पर इस अस्पताल में भर्ती होकर अपना ईलाज करवाया था। इसके अलावा अन्य राजनेता भी यही कोरोना संक्रमण से ठीक होकर अपने घर लौटे है। लेकिन प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने चिरायु अस्पताल को लेकर सवाल उठाए है। साथ ही उन्होंने सीएम शिवराज से सच्चाई भी पूछी है। कमलनाथ ने एक बयान जारी कर कहा है कि मुझे भोपाल के चिरायु अस्पताल में इलाज को लेकर बहुत सारी शिकायतें प्राप्त हुई है। लोगों ने मुझसे चर्चा में कई तरह के आरोप लगाये है। चिरायु अस्पताल कोविड-19 अस्पताल घोषित किया गया है, लोग चाह रहे हैं कि इसकी पूरी जांच हो। उन्होंने कहा कि मैं तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी से कहता हूं कि आप खुद अपना इलाज कराने चिरायु अस्पताल गए थे। पता नहीं आपको कितनी जानकारी मिली, इलाज की सच्चाई पता चली कि नहीं ? कमलनाथ ने कहा कि इतने सारे लोग जिन्होंने शिकायतें की है, आरोप लगाए हैं व मुझे मिले भी हैं, चाहते है कि अस्पताल की जाँच हो। कमलनाथ ने मांग करते हुए कहा कि मेरी मांग है कि इस अस्पताल में कोरोना इलाज की खुली जाँच हो। स्पष्ट इंक्वायरी हो, इसकी जाँच में सभी अपना सबूत रखे कि किस प्रकार का इलाज चिरायु अस्पताल में चल रहा है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि यह तो मृत्यु केंद्र, डेथ सेंटर बन चुका है। इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है, मरीज आते हैं -जाते हैं, निकलते हैं, क्या उनकी रिपोर्ट थी, क्या इलाज किया गया, डिस्चार्ज पर उनकी क्या समस्या थी ? जिस प्रकार हर हॉस्पिटल में रिकॉर्ड रखा जाता है, चिरायु में कोई रिकॉर्ड नहीं है, सब बनावटी रिकॉर्ड है। जब तक इसकी जाँच नहीं होगी, खुलासा नहीं होगा, प्रदेश के लोगों को शांति नहीं मिलेगी, जिनके परिवार की मृत्यु हो चुकी है और जिन्होंने भुगता है। बाढ़ प्रभावितों की मदद करे सरकारइसके अलावा उन्होंने सरकार से अति वर्षा और बाढ़ के कारण प्रभावित हुए लोगों की मदद की मांग करते हुए कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिले बाढ़ से प्रभावित हुए है। अभी हमारी प्राथमिकता रहना चाहिए कि उनको राहत पहुंचाई जाए। घोषणाओं से, हवाई निरीक्षण से कुछ नहीं होने वाला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बताएं इस आपदा में प्रभावितों को क्या राहत प्रदान की जा रही है, जिनके मकान बह गये, मवेशी बह गये, जिन की फसल बर्बाद हुई, इनको अभी तक क्या राहत प्रदान की गयी। मुख्यमंत्री राहतों की घोषणा करें और सभी प्रभावितों को तुरंत राहत पहुँचाये।
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1 September 2020भोपाल/इंदौर। मप्र लोकायुक्त पुलिस ने बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया है। लोकायुक्त पुलिस की टीम ने इंदौर में पदस्थ रहे जिला खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना के भोपाल और इंदौर के ठिकानों पर मंगलवार सुबह छापा मारा। लोकायुक्त ने प्रदीप खन्ना के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का प्रकरण दर्ज किया है। मंगलवार सुबह लोकायुक्त पुलिस की एक टीम ने इंदौर के पटेल नगर स्थित फ्लैट एवं भोपाल की टीम ने गौतम नगर, गोविंदपुरा स्थित एक बंगले में कार्यवाही शुरू की है। हाल ही में शासन द्वारा प्रदीप खन्ना का तबादला इंदौर से श्योपुर किया गया है। जानकारी अनुसार प्रदीप खन्ना के 3 घरों पर लोकायुक्त की सुबह से कार्यवाही शुरू हुई है। लोकायुक्त की दो टीमें भोपाल और इंदौर दोनों जगह छापेमारी की कार्रवाई कर रही है। लोकायुक्त पुलिस को प्रदीप खन्ना भोपाल स्थित घर पर मिले। श्योपुर में पदस्थ जिला खनिज अधिकारी प्रदीप खन्ना के यहां लोकायुक्त छापे की यह कार्रवाई आज सुबह 5 बजे शुरू हुई और और भोपाल के गौतम नगर स्थित एचआईजी 171 और इंदौर स्थित निवास पर छापा मारा गया है। सूत्रों के मुताबिक शुरूआती कार्यवाही में भोपाल स्थित उनके घर से बड़ी मात्रा में नगद और दस्तावेज मिले है। इसके अलावा इंदौर के घर में भी जमीन संबंधित अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज मिलने की जानकारी है। हालांकि अभी लोकायुक्त की टीम ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि छापे की कार्रवाई में क्या-क्या चीजें अनियमित पाई गई है, लेकिन कुछ देर बाद इसका खुलासा हो सकता है। गौरतलब है कि लीज के मामले में इंदौर कमिश्नर ने खनिज अधिकारी खन्ना को इन्दौर में सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद उनका इंदौर से श्योपुर ट्रांसफर हुआ था।
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1 September 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अतिवर्षा और बाढ़ से हुए नुकसान के कारण किसान चिंतित नहीं हों। सरकार एक्शन में है और उनके साथ है। फसल बीमा योजना और आरबीसी के प्रावधानों को मिलाकर नुकसान की भरपाई की हरसंभव व्यवस्था कर पुनर्वास के सभी प्रयास होंगे। प्रदेश के 14 जिलों में लगभग 7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें प्रभावित हुई हैं। अब अधिकांश जगह जलस्तर कम हो रहा है, स्थिति नियंत्रण में है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत शिविर में भोजन, पेयजल आदि की व्यवस्था की गई है। राज्य की स्थिति से केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत करवाया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में फसल खराब होने के साथ-साथ साफ-सफाई और बीमारी फैलने के खतरे से बचाव की व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल और बिजली आपूर्ति पुन: स्थापित करना सबसे बड़ी चुनौती है। इस कार्य में प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ लगा है। मंत्रियों को भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिवनी में पुल टूटने के कारणों की जाँच कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने दिया धन्यवादमुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत में जुटी सभी एजेंसियों जैसे जिला प्रशासन, सेना, वायुसेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ को संकट की इस घड़ी में लोगों की मदद के लिए तत्काल सक्रिय होने पर धन्यवाद दिया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वायुसेना के पांच हेलीकाप्टर द्वारा 264 लोगों को एअरलिफ्ट किया गया। मुख्यमंत्री ने विपरीत मौसम में घने बादलों के बीच हेलीकाफ्टर से बचाव कार्य के लिए पायलट आदर्श और संजय श्रीवास्तव को धन्यवाद दिया। उन्होंने सेना के ग्रुप कमांडर तथा सभी पांच पायलेट को भी धन्यवाद दिया। जेईई मेन और नीट के विद्यार्थियों को नि:शुल्क परिवहन सुविधामुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के जेईई मेन और नीट-2020 परीक्षा में सम्मिलित हो रहे विद्यार्थियों को नि:शुल्क परिवहन साधन उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। विद्यार्थियों को कोरोना के कारण समस्या का सामना न करना पड़े इस उद्देश्य से यह व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों को यह सुविधा प्राप्त करने के लिए अपने गाँव/शहर से विकासखंड अथवा जिला मुख्यालय तक आना होगा। यहाँ से परीक्षा केन्द्र तक आने-जाने के लिए परिवहन सुविधा जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
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31 August 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि अतिवर्षा और बाढ़ से हुए नुकसान के कारण किसान चिंतित नहीं हों। सरकार एक्शन में है और उनके साथ है। फसल बीमा योजना और आरबीसी के प्रावधानों को मिलाकर नुकसान की भरपाई की हरसंभव व्यवस्था कर पुनर्वास के सभी प्रयास होंगे। प्रदेश के 14 जिलों में लगभग 7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलें प्रभावित हुई हैं। अब अधिकांश जगह जलस्तर कम हो रहा है, स्थिति नियंत्रण में है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में राहत शिविर में भोजन, पेयजल आदि की व्यवस्था की गई है। राज्य की स्थिति से केंद्रीय गृह मंत्री को अवगत करवाया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में फसल खराब होने के साथ-साथ साफ-सफाई और बीमारी फैलने के खतरे से बचाव की व्यवस्था, स्वच्छ पेयजल और बिजली आपूर्ति पुन: स्थापित करना सबसे बड़ी चुनौती है। इस कार्य में प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ लगा है। मंत्रियों को भी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिवनी में पुल टूटने के कारणों की जाँच कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने दिया धन्यवादमुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत में जुटी सभी एजेंसियों जैसे जिला प्रशासन, सेना, वायुसेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ को संकट की इस घड़ी में लोगों की मदद के लिए तत्काल सक्रिय होने पर धन्यवाद दिया। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में वायुसेना के पांच हेलीकाप्टर द्वारा 264 लोगों को एअरलिफ्ट किया गया। मुख्यमंत्री ने विपरीत मौसम में घने बादलों के बीच हेलीकाफ्टर से बचाव कार्य के लिए पायलट आदर्श और संजय श्रीवास्तव को धन्यवाद दिया। उन्होंने सेना के ग्रुप कमांडर तथा सभी पांच पायलेट को भी धन्यवाद दिया। जेईई मेन और नीट के विद्यार्थियों को नि:शुल्क परिवहन सुविधामुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के जेईई मेन और नीट-2020 परीक्षा में सम्मिलित हो रहे विद्यार्थियों को नि:शुल्क परिवहन साधन उपलब्ध कराने के निर्देश जारी किए गए हैं। विद्यार्थियों को कोरोना के कारण समस्या का सामना न करना पड़े इस उद्देश्य से यह व्यवस्था की गई है। विद्यार्थियों को यह सुविधा प्राप्त करने के लिए अपने गाँव/शहर से विकासखंड अथवा जिला मुख्यालय तक आना होगा। यहाँ से परीक्षा केन्द्र तक आने-जाने के लिए परिवहन सुविधा जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
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31 August 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर जारी है। यहां आम लोगों के साथ-साथ राजनेता और अधिकारी भी इस महामारी की चपेट में आने से नहीं बच पा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके आठ मंत्रियों, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, 10 से अधिक विधायकों के बाद अब वरिष्ठ नेता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। सोमवार को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसकी जानकारी उन्होंने स्वयं ट्वीट के माध्यम से दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने सोमवार को ट्वीट करते हुए बताया कि - ‘वे पिछले 7-8 दिन से ग्वालियर में थे। अस्वस्थता महसूस होने एवं डॉक्टरों की सलाह पर मैंने अपना कोरोना टेस्ट कराया। टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस दौरान जो भी मेरे संपर्क में आये हैं अपना टेस्ट करवा लें।’ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि -‘भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मेरे मित्र प्रभात झा के अस्वस्थ होने की सूचना मिली है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वे उन्हें शीघ्र ही पूर्ण स्वस्थ करें।’ भाजपा विधायक शरदेंदु तिवारी की रिपोर्ट भी आई पॉजिटिव वहीं, भाजपा के चुरहट विधानसभा क्षेत्र से विधायक शरदेंदु तिवारी भी कोरोना संक्रमित हुए हैं। उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। उन्होंने भी सोमवार को सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि कहा है कि उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जो लोग उनके सम्पर्क में आए हैं, वे अपनी जांच करा लें। तिवारी ने कहा है कि मैं फिलहाल ठीक हूं और चार दिन एकांतवास में रहूंगा।
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31 August 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर जारी है। यहां आम लोगों के साथ-साथ राजनेता और अधिकारी भी इस महामारी की चपेट में आने से नहीं बच पा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके आठ मंत्रियों, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, 10 से अधिक विधायकों के बाद अब वरिष्ठ नेता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। सोमवार को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसकी जानकारी उन्होंने स्वयं ट्वीट के माध्यम से दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने सोमवार को ट्वीट करते हुए बताया कि - ‘वे पिछले 7-8 दिन से ग्वालियर में थे। अस्वस्थता महसूस होने एवं डॉक्टरों की सलाह पर मैंने अपना कोरोना टेस्ट कराया। टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इस दौरान जो भी मेरे संपर्क में आये हैं अपना टेस्ट करवा लें।’ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि -‘भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मेरे मित्र प्रभात झा के अस्वस्थ होने की सूचना मिली है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वे उन्हें शीघ्र ही पूर्ण स्वस्थ करें।’ भाजपा विधायक शरदेंदु तिवारी की रिपोर्ट भी आई पॉजिटिव वहीं, भाजपा के चुरहट विधानसभा क्षेत्र से विधायक शरदेंदु तिवारी भी कोरोना संक्रमित हुए हैं। उनकी रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। उन्होंने भी सोमवार को सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि कहा है कि उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जो लोग उनके सम्पर्क में आए हैं, वे अपनी जांच करा लें। तिवारी ने कहा है कि मैं फिलहाल ठीक हूं और चार दिन एकांतवास में रहूंगा।
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31 August 2020भोपाल। राष्ट्रीय स्तर पर सितम्बर माह में आयोजित जेईई मेन्स और नीट की परीक्षा देने वाले राज्य के परीक्षार्थियों के लिए मध्यप्रदेश में आवागमन की व्यवस्था नि:शुल्क रहेगी। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को ट्वीट करते हुए कहा है कि -‘जेईई और नीट के परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने नि:शुल्क परिवहन सुविधा की व्यवस्था की है। इस सुविधा का लाभ आप 31 अगस्त से 181 पर संपर्क कर या https/mapit.gov.in/covid- 19 पर रजिस्टर कर प्राप्त कर सकते हो।’ मुख्यमंत्री ने ट्वीट पर एक वीडियो भी पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि जेईई मेन और नीट 2020 में शामिल होने वाले प्रदेश के विद्यार्थियों को कोरोना के कारण समस्या न हो, इस उद्देश्य से आने-जाने का नि:शुल्क परिवहन साधन उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए परीक्षार्थी को 181 या मध्यप्रदेश ई पास पोर्टल https/mapit.gov.in/covid-19 पर संपर्क कर रजिस्टर करना होगा। इस प्रक्रिया में विद्यार्थियों को नाम, पता, मोबाइल नंबर, परीक्षा की दिनांक और स्थान (कहां से कहां) उल्लेख करना होगा। संबंधित जिला प्रशासन परीक्षार्थी को यह सुविधा उपलब्ध करवाएगा। परीक्षार्थी यदि चाहे तो उसके एक सहयोगी को भी परीक्षा केंद्र तक आने-जाने के लिए दो तरफ की नि:शुल्क परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। विद्यार्थियों को यह सुविधा प्राप्त करने के लिए विकासखंड और जिला मुख्यालय में उपस्थित होना होगा। यहां से परीक्षा केंद्र तक आने-जाने के लिए सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
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31 August 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में बारिश के चलते जनजीवन बुुरी तरह से प्रभावित हुआ है। राजधानी भोपाल समेत समूचा प्रदेश बाढ़ की चपेट में है। प्रभावित क्षेत्रों में सेना की मदद से राहत के प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं कई जगहों पर सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन के माध्यम से बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। सीएम शिवराज खुद राहत कार्यों पर नजर रखे हुए है और शासन प्रशासन को उचित दिशा निर्देश दे रहे हैं। इस बीच मप्र के पूर्व और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सीएम शिवराज को फोन कर प्रदेश में बनी बाढ़ की स्थिति पर चिंता जताई है। कमलनाथ ने रविवार दोपहर ट्वीट कर कहा ‘प्रदेश में अतिवर्षा का दौर जारी है। प्रदेश के 12 से अधिक जिले व 400 से अधिक गाँव बाढ़ की चपेट में है। नदियाँ उफान पर है। बाढ़ ने प्रदेश के कई हिस्सों को प्रभावित किया है। लोगों का भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से इस पर चर्चा कर चिंता व्यक्त की है। मैंने उनसे निवेदन किया है कि प्रभावित इलाकों में आपदा, राहत व बचाव के कार्य में तेजी लायी जाए। डूब प्रभावित व निचले बसे इलाक़ों में में विशेष ध्यान दिया जाए, जिससे कोई जनहानि ना हो। बाढ़ में फँसे लोगों को लोगों को तेजी से निकाला जाए। प्रभावित लोगों के रहने, खाने-पीने की समुचित व्यवस्था की जाए। आगे अपने ट्वीट में उन्होंने कहा पूरा प्रदेश, हम सभी, संकट की इस घड़ी में प्रभावित लोगों के साथ खड़े है। जिन इलाक़ों में अभी भी खतरा बना हुआ है, वहाँ विशेष चौकसी बरती जाए। पानी वाले पर्यटन स्थलों पर आवाजाही पर रोक लगायी जाए। वहाँ भी सुरक्षा के समुचित इंतज़ाम किये जाए। कमलनाथ ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से प्रभावित ईलाकों में मदद की अपील करते हुए कहा कि मैं प्रदेश भर के समस्त कांग्रेसजनों से भी अपील करता हूँ कि संकट की इस घड़ी में वे प्रभावित इलाक़ों में मुस्तैदी से जुट जाए। प्रशासन की टीम के साथ मिलकर राहत व बचाव कार्यों में मदद करें। प्रभावित लोगों के रहने, खाने- पीने की मदद करें।
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30 August 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को कहा है कि प्रदेश में बाढ़ प्रभावित लोगों की तत्परता से सहायता की जा रही है। प्रभावित क्षेत्रों में राहत के प्रयासों को अंजाम दिया गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन के माध्यम से करीब 800 लोगों को सुरक्षित कर दिया गया है। किसी की जान का नुकसान नहीं होने दिया गया है। नौकाएं भी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए सक्रिय हैं। भोपाल कमिश्नर सहित अन्य अधिकारी भोपाल संभाग के बाढ़ प्रभावित इलाकों की निरंतर निगरानी कर रहे हैं। राहत के प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज ने रविवार सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मध्यप्रदेश की स्थिति से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि प्रदेश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज ने बताया कि अतिवर्षा, बाढ़ पर निरंतर नजर रखी जा रही है। आपदा राहत के कार्य चल रहे हैं। कहीं भी किसी की जान का नुकसान नहीं हुआ है। प्रदेश के करीब 400 ग्राम बाढ़ से प्रभावित है। आवश्यकतानुसार सेना का सहयोग भी लिया जा रहा है। नर्मदांचल के कुछ हिस्सों में 20 वर्ष पूर्व हुई अतिवर्षा का रिकार्ड टूटा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक राहत कार्य संचालित किए जा रहे हैं। बचाव दल सक्रिय हैं। प्रदेश में जान का नुकसान नहीं होने दिया गया है। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि वर्ष 1999 की बाढ़ का रिकॉर्ड टूटा है। उन्होंने आमजन से अपील की कि से पानी से घिरे स्थानों पर रहने की जिद न करते हुए प्रशासन जब निकलने का कहे तो सावधानी रखते हुए तुरंत अन्य स्थान पर या राहत शिविर में शिफ्ट होने में सहयोग करें। बेहतर से बेहतर व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। मुख्यमंत्री ने स्वैच्छिक संगठनों से भी आग्रह किया है कि सहयोग का हाथ बढ़ाएं। बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन वस्त्र और अन्य सहायता प्रदान करने में सहयोग करें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि बालाघाट जिले में जो बाढ़ प्रभावित ग्राम कुलमी के निवासी हैं। इन्हें एअरलिफ्ट कर लिया गया है। बालाघाट जिले के 3 लोगों को एअरलिफ्ट किया गया है, होशंगाबाद जिले के कुछ गांवों बांद्राभान आदि में आर्मी और एनडीआरएफ की टीम उनको निकालेगी सीहोर जिले में भी कुछ गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं। प्रशासन लगातार उनके संपर्क में बना हुआ जरूरत पड़ी तो एनडीआरएफ की टीम के साथ आर्मी के जवान हमारी मदद करेंगे। आर्मी के कॉलम नसरुल्लागंज और शाहगंज को बेस बनाकर आसपास के लोगों की मदद करेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि एक राहत की बात यह है कि बारिश अभी कहीं-कहीं थमी है, बांधों से भी डिस्चार्ज थोड़ा कम हुआ है और नर्मदा जी का जलस्तर धीरे-धीरे कम होना प्रारंभ हुआ है। लेकिन हमें सावधान रहने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं सभी बाढ़ से घिरे गांव के बहनों और भाइयों से अपील करता हूं कि प्रशासन के कहने पर कृपया करके वह बाहर जरूर निकाल आएं। उन्होंने कहा कि मेरा आग्रह है प्रशासन निकलने का कहे तो तुरंत निकलना है, अभी भी बारिश हो सकती है डैम भरे हुए हैं ऐसी स्थिति में फिर बाढ़ की स्थिति बन सकती है बाढ़ है पानी भी बढ़ सकता है इसलिए सावधानी रखना बहुत जरूरी है। कोरोना कॉल में भी राहत शिविरों में हम यथासंभव बेहतर से बेहतर व्यवस्था कर रहे हैं लेकिन आपके सहयोग की जरूरत है।
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30 August 2020भोपाल। प्रदेश की रिक्त विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की आहट तेज होती जा रही है। ऐसे में दोनों ही प्रमुख दलों ने इन चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। संगठन के स्तर पर की जाने वाली तैयारियों में भारतीय जनता पार्टी बाजी मारती दिख रही है। पार्टी ने शनिवार को इन उपचुनावों के लिए विभिन्न सीटों के प्रभारी, सह प्रभारी नियुक्त कर उनकी सूची जारी कर दी है। प्रदेश भाजपा के कार्यालय मंत्री सत्येंद्र भूषण सिंह ने शनिवार को विधानसभा चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी की सूची जारी कर दी है। इस सूची में बड़ामलेहरा, मंधाता और नेपानगर के विधानसभा उपचुनाव प्रभारी एवं सुरखी, हाटपिपल्या और सुवासरा के विधानसभा सह प्रभारियों की घोषणा की गई है। इसके अनुसार बड़ामलेहरा में हरिशंकर खटीक, मंधाता में जसवंत सिंह हाडा और नेपानगर गोपीकृष्ण नेमा को विधानसभा उपचुनाव प्रभारी घोषित किया गया है। इसी प्रकार विधानसभा उपचुनाव के लिए सह प्रभारियों में सुरखी में आलोक संजर, हाटपिपल्या में गायत्रीराजे पंवार और सुवासरा में डॉ. तेजबहादुर सिंह को सह प्रभारी घोषित किया गया है।
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29 August 2020भोपाल। प्रदेश की रिक्त विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की आहट तेज होती जा रही है। ऐसे में दोनों ही प्रमुख दलों ने इन चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। संगठन के स्तर पर की जाने वाली तैयारियों में भारतीय जनता पार्टी बाजी मारती दिख रही है। पार्टी ने शनिवार को इन उपचुनावों के लिए विभिन्न सीटों के प्रभारी, सह प्रभारी नियुक्त कर उनकी सूची जारी कर दी है। प्रदेश भाजपा के कार्यालय मंत्री सत्येंद्र भूषण सिंह ने शनिवार को विधानसभा चुनाव प्रभारी, सह प्रभारी की सूची जारी कर दी है। इस सूची में बड़ामलेहरा, मंधाता और नेपानगर के विधानसभा उपचुनाव प्रभारी एवं सुरखी, हाटपिपल्या और सुवासरा के विधानसभा सह प्रभारियों की घोषणा की गई है। इसके अनुसार बड़ामलेहरा में हरिशंकर खटीक, मंधाता में जसवंत सिंह हाडा और नेपानगर गोपीकृष्ण नेमा को विधानसभा उपचुनाव प्रभारी घोषित किया गया है। इसी प्रकार विधानसभा उपचुनाव के लिए सह प्रभारियों में सुरखी में आलोक संजर, हाटपिपल्या में गायत्रीराजे पंवार और सुवासरा में डॉ. तेजबहादुर सिंह को सह प्रभारी घोषित किया गया है।
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29 August 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के पिछले 24 घंटों से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते बाढ़ के हालात बन गए हैं। प्रदेशभर के नदी, नाले उफान पर है। सीहोर, रायसेन, सागर अंचल में तेज बारिश एवं मौसम खराब होने के कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का शनिवार का दौरा निरस्त हो गया है। मुख्यमंत्री ने शनिवार सुबह 10 बजे निवास में कमिशनर -आईजी एवं राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ प्रदेश के अनेक अंचलों में अतिवृष्टि, बाढ़ से निर्मित स्तिथि की समीक्षा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए। लगातार बदलते मौसम को देखते हुए मौसम विज्ञान विभाग ने शनिवार को भी भोपाल में तेज बारिश का अनुमान जताया है, वहीं होशंगाबाद, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, बालघाट, सिवनी, बैतूल जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। इधर लगातार बारिश की वजह से होशंगाबाद जिले में नर्मदा नदी का जल स्तर खतरे के निशान 964 से 4 फिट ऊपर यानि कि 968.90 फिट तक पहुंच गया है. बाढ़ के पानी को निकाला जा सके, इसके लिए तवा डैम के सभी 13 गेटों को 30-30 फीट तक खोल दिया गया है. यहां से प्रति सेकेंड 5 लाख 33 हजार 823 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक मानसूनी सिस्टम के चलते प्रदेश में लगातार बारिश का दबाव बना हुआ है। इसका असर भोपाल समेत प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में पड़ रहा है। जिसके चलते नरसिंहपुर, जबलपुर, सागर, छिंदवाड़ा, बैतूल, बालाघाट, सिवनी में अच्छी बारिश हो रही है। क्या होता रेड अलर्टमौसम विभाग के अनुसार जिन इलाकों में भारी बारिश या बिजली गिरने की आशंका होती है। उन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया जाता है। साथ ही जिन जिलों में खतरे के निशान से ऊपर डैम और नदियों का पानी आ जाता है और वहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। इसलिए ऐसे इलाकों में प्रशासन रेड अलर्ट जारी करता है।
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29 August 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में एक बार फिर से बारिश का दौर शुरू हो गया है। शुक्रवार शाम से लगातार बारिश हो रही है। राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश से जन-जीवन प्रभावित हो गया है। भोपाल में शनिवार सुबह से ही बारिश हो रही है। शुक्रवार रात तक ही राजधानी में करीब आधा इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। वहीं मौसम विभाग का कहना है बीते कुछ दिनों से बंगाल की खाड़ी में बना कम दवाब का क्षेत्र का असर अब मध्यप्रदेश में असर दिखा रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले 24 घंटों के लिए मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, होशंगाबाद और बैतूल जिलों में अत्यधिक बारिश के साथ बिजली गिरने की आशंका भी जताई है। इन जगहों पर रेड अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही कटनी, जबलपुर, मंडला, विदिशा, रायसेन, सीहोर, हरदा, देवास, धार और श्योपुर जिलों में भारी बारिश के साथ बिजली गिरने की आशंका जताई है। इन जगहों पर विभाग में आरेंज अलर्ट जारी किया है। खतरे के निशान पर नर्मदाहोशंगाबाद में रात 12 बजे नर्मदा का जलस्तर 963 फीट पर थे। नर्मदा नदी खतरे के निशान से सिर्फ एक फीट कम है। लगातार हो रही बारिश ने प्रशासन और लोगों की समस्याएं बढ़ा दी हैं। कई नादियां उफान परबंगाल की खाड़ी में बने सिस्टम के कारण प्रदेश में फिर से बारिश हो रही है। बारिश के कारण कई जिलों में बाढ़ के हालत हैं। वहीं, दूसरी तर प्रदेश की सभी प्रमुख नादियां उफान पर हैं। नादियों के उफान के कारण कई गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई है। वहीं, कई बांधों का जलस्तर बढ़ गया जिस कारण गेट खोलने पड़े हैं। किस बांध के कितने गेट खुलेइंदिरा सागर डैम के 12 गेट, ओंकारेश्वर बांध के 21 गेट, तवा के 13 गेट, बारना के 8 गेट और बरगी डैम के 17 गेट खोल दिए गए हैं। शुक्रवार की रात को भीमगढ़ बांध के 10 गेट खोले गए हैं और उनसे 1,25,000 (एक लाख पच्चीस हजार )क्यूसेक पानी वैनगंगा नदी में छोड़ा गया है।
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29 August 2020भोपाल। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया गत दिनों नागपुर पहुंचे थे और यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय पहुंचकर उन्होंने सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत और सरकार्यवाह भैयाजी जोशी से मुलाकात की थी। नागपुर से लौटने के बाद मीडिया में अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं कि सिंधिया जल्द ही मोदी कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। दरअसल, नागपुर पहुंचने से पहले ग्वालियर में भाजपा का तीन दिवसीय महासदस्यता अभियान कार्यक्रम हुआ था। मीडिया में इस कार्यक्रम को सिंधिया के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। बीते सोमवार को ग्वालियर में यह कार्यक्रम समाप्त हुआ और अगले ही दिन यानी मंगलवार को सिंधिया नागपुर पहुंच गए। यहां उन्होंने सरसंघचालक डॉ. भागवत और सरकार्यवाह भैयाजी जोशी से मुलाकात की। मीडिया में अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं कि उनकी यह मुलाकात मोदी कैबिनेट में शामिल होने को लेकर थी। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानसभा की 27 रिक्त सीटों पर आगामी दिनों में उपचुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। ऐसे में सिंधिया को मोदी कैबिनेट में जगह मिलती है तो इसका भाजपा को फायदा मिल सकता है, क्योंकि अधिकांश सीटें ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र की हैं और यह सीटें सिंधिया समर्थक विधायकों के कांग्रेस छोडक़र भाजपा में आने से रिक्त हुई हैं। ग्वालियर-चंबल संभाग में सिंधिया परिवार का असर बहुत गहरा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने शुरुआत में इस क्षेत्र में जनसंघ को इतना अधिक मजबूत कर दिया था कि भाजपा के अस्तित्व में आने के बाद यहां उसकी नींव भी मजबूती से रखी गई। आजादी के बाद से ग्वालियर-चंबल संभाग की राजनीति महल के इर्द-गिर्द ही घूमती रही है, क्योंकि इस परिवार के सदस्य दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस में सक्रिय रहे हैं। ज्योतिरादित्य और उनके पिता कांग्रेस में थे, जबकि उनकी दादी शुरू से ही भाजपाई रहीं। इसके अलावा उनकी दोनों बुआ वसंधुरा राजे और यशोधरा राजे भी भाजपा में हैं। अब ज्योतिरादित्य भी भाजपा में आ गए, इसलिए कांग्रेस में सिंधिया परिवार का कोई सदस्य नहीं रहा, जिससे यहां कांग्रेस कमजोर हुई है और भाजपा को ताकत मिली है। इसीलिए मीडिया में सिंधिया का नागपुर दौरा सुर्खियों में छाया हुआ है और उनके मोदी कैबिनेट में शामिल होने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। इस संबंध में भाजपा के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। मप्र में जनसंघ व भाजपा को मजबूत बनाने में उनकी दादी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। अब ज्योतिरादित्य सिंधिया भी संगठन को मजबूती प्रदान कर रहे हैं।
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27 August 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा ने पूरी तरह से कमर कस ली है। जहां भाजपा चुनाव की रणनीति को लेकर मंथन कर रही है। वहीं कांग्रेस भी बड़ी बैठक करने जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ गुरुवार को उपचुनाव क्षेत्र प्रभारियों के साथ बैठक कर रहे हैं, बैठक राजधानी भोपाल में कमलनाथ के आवास पर बैठक शुरू हो चुकी है। बैठक से पहले मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बात को छोडि़ए और सुनिए की हम आज एक पेन ड्राइव जारी करने जा रहे हैं इस पेन ड्राइव में किसान कर्ज माफी का पूरा डाटा है। यह पेन ड्राइव भाजपा के आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। कमलनाथ ने कहा कि हमने पिछले 4 महीनों में पूरा समय लगाकर अपने संगठन को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव को मैं उपचुनाव और आम चुनाव नहीं मानता हूं, यह चुनाव प्रदेश की प्रतिष्ठा का चुनाव है। उन्होंने कहा कि यह मेरा संदेश है मध्य प्रदेश के हर मतदाता से कि मध्य प्रदेश का चित्र उनके सामने है 15 साल का चित्र उनके सामने है और हमारे 15 महीनों का चित्र उनके सामने हैं। जिनमें हमने परिचय दिया है, अपने नीति और चरित्र का। कमलनाथ ने कहा कि कमलनाथ का साथ ना दें, कांग्रेस पार्टी के साथ ना दे, मगर सच्चाई का साथ दें। कमलनाथ ने कहा कि सौदे की राजनीति से चुनाव कितना कलंकित हुआ है बनी हुई सरकार का सौदा किया गया यह सब कहते हैं। क्या यह भाजपा वाले जनता से भी कहेंगे कि हमने सौदा किया है इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है। यह तो नहीं कह सकते कि उन्होंने सौदा किया है अब कहेंगे कि कर्जा माफ नहीं हुआ। पूरी बात स्पष्ट है इसलिए मेरे पास पेन ड्राइव है और यह पेन ड्राइव में सबको देना चाहता हूं। मालूम हो कि सुबह 11:00 बजे से कमलनाथ के बंगले पर ये बैठक चल रही हैं। इस बैठक में सभी 27 विधानसभा सीटों की मौजूदा स्थिति, विधानसभा प्रभारियों से विधानसभा वार फीडबैक, आगामी रणनीति और भाजपा को जबाव देने की रणनीति पर चर्चा की जा रही हैं।
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27 August 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा ने पूरी तरह से कमर कस ली है। जहां भाजपा चुनाव की रणनीति को लेकर मंथन कर रही है। वहीं कांग्रेस भी बड़ी बैठक करने जा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ गुरुवार को उपचुनाव क्षेत्र प्रभारियों के साथ बैठक कर रहे हैं, बैठक राजधानी भोपाल में कमलनाथ के आवास पर बैठक शुरू हो चुकी है। बैठक से पहले मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बात को छोडि़ए और सुनिए की हम आज एक पेन ड्राइव जारी करने जा रहे हैं इस पेन ड्राइव में किसान कर्ज माफी का पूरा डाटा है। यह पेन ड्राइव भाजपा के आरोपों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। कमलनाथ ने कहा कि हमने पिछले 4 महीनों में पूरा समय लगाकर अपने संगठन को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव को मैं उपचुनाव और आम चुनाव नहीं मानता हूं, यह चुनाव प्रदेश की प्रतिष्ठा का चुनाव है। उन्होंने कहा कि यह मेरा संदेश है मध्य प्रदेश के हर मतदाता से कि मध्य प्रदेश का चित्र उनके सामने है 15 साल का चित्र उनके सामने है और हमारे 15 महीनों का चित्र उनके सामने हैं। जिनमें हमने परिचय दिया है, अपने नीति और चरित्र का। कमलनाथ ने कहा कि कमलनाथ का साथ ना दें, कांग्रेस पार्टी के साथ ना दे, मगर सच्चाई का साथ दें। कमलनाथ ने कहा कि सौदे की राजनीति से चुनाव कितना कलंकित हुआ है बनी हुई सरकार का सौदा किया गया यह सब कहते हैं। क्या यह भाजपा वाले जनता से भी कहेंगे कि हमने सौदा किया है इसलिए उन्होंने इस्तीफा दिया है। यह तो नहीं कह सकते कि उन्होंने सौदा किया है अब कहेंगे कि कर्जा माफ नहीं हुआ। पूरी बात स्पष्ट है इसलिए मेरे पास पेन ड्राइव है और यह पेन ड्राइव में सबको देना चाहता हूं। मालूम हो कि सुबह 11:00 बजे से कमलनाथ के बंगले पर ये बैठक चल रही हैं। इस बैठक में सभी 27 विधानसभा सीटों की मौजूदा स्थिति, विधानसभा प्रभारियों से विधानसभा वार फीडबैक, आगामी रणनीति और भाजपा को जबाव देने की रणनीति पर चर्चा की जा रही हैं।
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27 August 2020इंदौर। मप्र में विधानसभा उपचुनाव से पहले राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। कांग्रेस और भाजपा नेता जमकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इस बीच बुधवार को इंदौर में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी द्वारा भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को ब्लैकमेलर कहे जाने पर सियासी पारा और गर्म हो गया है। जीतू पटवारी के इस बयान पर सिंधिया समर्थक मप्र के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने घोर आपत्ति जताते हुए पटवारी को मर्यादा में रहने की सलाह दी है। दरअसल इंदौर के एक कार्यक्र्रम में पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने पर भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया को ब्लैकमेलर कहा था। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर भी वादा खिलाफी के आरोप लगाए थे। जीतू पटवारी के बयान पर गुरुवार को सिंधिया समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट ने तंज कसते हुए कहा कि जीतू पटवारी बहुत जल्दी में है और उनको टीका- टिप्पणी करने से पहले सोचना चाहिए। उन्होंने जीतू पटवारी को सलाह देते हुए कहा कि वो मर्यादा में रहे और उन्होंने सीधे निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों को बोलने का शौक है, छपास का शौक है और अति उत्साह में इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल करते है जो कि निंदनीय है और राजनीति में इस तरह की भाषा का उपयोग कभी नही करना चाहिए। उन्होंने कहा जीतू पटवारी मेरे छोटे भाई है और भविष्य में वो ध्यान रखे कि और इस प्रकार की टिखा टिप्पणी करना बंद करे। मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा देश में हर व्यक्ति जानता है सिंधिया परिवार को। उन्होंने जीतू पटवारी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो जो बोलते है वो निराधार है और उनकी बातों का कोई भी हाथ है ना पैर है। कांग्रेस धरातल पर चली गई है इनके पास बोलने के अलावा कुछ भी नही है। जल संसाधन मंत्री ने पूर्व व दिवंगत मंत्री माधवराव सिंधिया के इतिहास को बताते हुए प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रमुख जीतू पटवारी से कहा कि जब लक्ष्मण सिंह गए थे तब भी इन्होंने क्या टिप्पणी की थी। वही मंत्री सिलावट ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश की प्रगति, विकास, उन्नति, अन्नदाताओ, युवाओ और माता बहनों के लिए उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ी है।
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27 August 2020भोपाल। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा की दिग्गज नेत्री उमा भारती ने ट्वीट के माध्यम से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर पर निशाना साधा था। इसको लेकर प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने उमा भारती पर पलटवार करते हुए उन्हें पलायन करने वाली नेता बताया है। दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक अच्छी पत्नी, मां और अच्छी बहू बताया है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि सोनिया गांधी जी भारत में पैदा नहीं हुई, यही कारण है कि हमने ऐसा माहौल बनाया कि वो भारत में प्रधानमंत्री नहीं बन सकीं, लेकिन एक महिला के नाते वह बहुत शालीन एवं ममतामयी हैं। मैं उनका बहुत आदर करती हूं, वह एक अच्छी बहु, अच्छी पत्नी एवं अच्छी मॉं रही हैं। मैंने अपने लिए भी उनमें ममत्व का भाव देखा है मगर इन कारणों से वह भारत की नेता तो नहीं बन सकती हैं। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा है कि उमा भारती पलायन करने वाली नेता हैं, उन्होंने गंगा की सफाई को लेकर वचन दिया था, अपना वचन पूरा नहीं कर पाई उन्हें मुंडन करा लेना चाहिए। उन्होंने इस दौरान ग्वालियर में भाजपा द्वारा चलाये गए महासदस्यता अभियान पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सिंधिया को झूठ बोलने की ट्रेनिंग देने के बाद बीजेपी में शामिल किया गया है। उन्होंने भाजपा के इस अभियान के खिलाफ ग्वालियर में एकजुट होकर पोल खोल अभियान चलाने की बात भी कही, लेकिन कांग्रेस को प्रशासन द्वारा इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने कांग्रेस के पोल खोल अभियान की अनुमति निरस्त होने पर कहा कि हम लोग ग्वालियर जा रहे हैं, जिसमें दम हो रोक कर दिखाएं। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के संघ मुख्यालय जाने पर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि बेहतर होता वो पहले रानी लक्ष्मी बाई की समाधि पर जाते, सिंधिया जी अब श्रीमंत नहीं रहे हैं। अभी तो वो अमित शाह के यहां चक्कर लगाएंगे, मोदी के यहां चक्कर लगाएंगे।
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26 August 2020भोपाल। पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा की दिग्गज नेत्री उमा भारती ने ट्वीट के माध्यम से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर पर निशाना साधा था। इसको लेकर प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने उमा भारती पर पलटवार करते हुए उन्हें पलायन करने वाली नेता बताया है। दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक अच्छी पत्नी, मां और अच्छी बहू बताया है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा है कि सोनिया गांधी जी भारत में पैदा नहीं हुई, यही कारण है कि हमने ऐसा माहौल बनाया कि वो भारत में प्रधानमंत्री नहीं बन सकीं, लेकिन एक महिला के नाते वह बहुत शालीन एवं ममतामयी हैं। मैं उनका बहुत आदर करती हूं, वह एक अच्छी बहु, अच्छी पत्नी एवं अच्छी मॉं रही हैं। मैंने अपने लिए भी उनमें ममत्व का भाव देखा है मगर इन कारणों से वह भारत की नेता तो नहीं बन सकती हैं। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत में कहा है कि उमा भारती पलायन करने वाली नेता हैं, उन्होंने गंगा की सफाई को लेकर वचन दिया था, अपना वचन पूरा नहीं कर पाई उन्हें मुंडन करा लेना चाहिए। उन्होंने इस दौरान ग्वालियर में भाजपा द्वारा चलाये गए महासदस्यता अभियान पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि सिंधिया को झूठ बोलने की ट्रेनिंग देने के बाद बीजेपी में शामिल किया गया है। उन्होंने भाजपा के इस अभियान के खिलाफ ग्वालियर में एकजुट होकर पोल खोल अभियान चलाने की बात भी कही, लेकिन कांग्रेस को प्रशासन द्वारा इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने कांग्रेस के पोल खोल अभियान की अनुमति निरस्त होने पर कहा कि हम लोग ग्वालियर जा रहे हैं, जिसमें दम हो रोक कर दिखाएं। वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया के संघ मुख्यालय जाने पर सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि बेहतर होता वो पहले रानी लक्ष्मी बाई की समाधि पर जाते, सिंधिया जी अब श्रीमंत नहीं रहे हैं। अभी तो वो अमित शाह के यहां चक्कर लगाएंगे, मोदी के यहां चक्कर लगाएंगे।
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26 August 2020भोपाल/विदिशा। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती बुधवार को राधा अष्टमी के अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण को राधा जी से मिलाने के लिए विदिशा के राधा मंदिर पहुंची। सुश्री उमा भारती ने इस अवसर पर राधा रानी के दर्शन किए और भजन भी गाए। प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती मंगलवार की देर रात विदिशा पहुंची। यहां उन्होंने रात में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा स्थापित बाढ़ वाले गणेश मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद वह शहर के सबसे प्राचीन रंगई वाले हनुमान मंदिर भी पहुंची जहां दर्शन कर संतों से चर्चा की। रात्रि विश्राम के बाद बुधवार को राधाष्टमी के मौके पर वह शहर के सबसे प्राचीन नंदवाना की वृंदावन गली में स्थित राधा रानी मंदिर पहुंची, जहां उन्होंने राधा रानी के दर्शन कर आरती की। पूर्व मुख्यमंत्री अपने साथ बाल गोपाल की प्रतिमा लेकर आई थीं। उनका कहना था कि वह आज राधा अष्टमी के मौके पर श्रीकृष्ण को राधा जी से मिलाने लाई हैं। उमा भारती करीब एक घंटे तक राधा मंदिर में रुकी और उन्होंने बधाई गीत गाए। इस मौके पर मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने पीतांबर ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर मीडिया प्रतिनिधियों से बातचीत में उमा भारती ने बताया कि हर साल राधा अष्टमी पर वह वृंदावन जाती थीं, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते वृंदावन पहुंचने में दिक्कत दिखाई दे रही थी। इसी दौरान उन्हें पता चला कि विदिशा में वृंदावन के बाद दूसरा राधा रानी का मंदिर है। तब उन्होंने विदिशा आने का मन बनाया और देर रात में विदिशा पहुंच गई। इस दौरान उन्होंने राधा रानी से देश में फैले कोरोना संक्रमण को खत्म करने और उनके द्वारा मां गंगा के लिए किए जा रहे कार्य में सफलता दिलाने की प्रार्थना की।
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26 August 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस और भाजपा के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। भाजपा द्वारा सदस्यता अभियान में सात हजार से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं के पार्टी में शामिल होने का दावा कर रही है। वहीं कांग्रेस ने भाजपा के दावों को गलत साबित करने के लिए पोल खोल अभियान शुरू किया है। कांग्रेस के पोल खोल अभियान पर प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निशाना साधा है। मंत्री मिश्रा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे पोल खोल अभियान पर कहा कि हम कह रहे हैं हुआ है। आप कह रहे नही हुआ हैं, आप उलझ क्यो रहे हैं। आप जनता के बीच जाए और सही स्थिति का आंकलन करें। कांग्रेस नेता डॉ गोंविद सिंह को लेकर उन्होंने कहा कि वह मेरे बड़े भाई है और कांग्रेस में उनकी अपेक्षा शुरू से हुई है कांग्रेस उनका उपयोग करती हैं। चाहे विभाग देने की बात हो या नेता प्रतिपक्ष बनाने की। कांग्रेस उनके साथ "यूज़ एंड थ्रो" की नीति अपनाती है। मेरी सहानुभूति गोविंद सिंह के साथ है। कांग्रेस कहाँ जा रही हैंकपिल सिब्बल को लेकर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वह बोल रहे हैं कि उनके लिए देश पहले हैं मगर समझ नही आता है कि कांग्रेस कहाँ जा रही हैं। ट्विटर के माध्यम से सरकार की नीतियां तय हो रही है उस पार्टी का क्या होगा। मुंगावली विधायक के बिगड़े बोल पर गृह मंत्री ने कहा कि यह अच्छे बोल नही हैं। वह हमारे भाई है उनको अपनी भाषा शैली पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने दिग्विजय सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह का संघ और देश के प्रति क्या नजरिया है और संघ का देश के प्रति क्या नजरिया है, यह सभी जानते और समझते हैं। इसलिए दिग्विजय सिंह की बातों का कोई अर्थ नहीं है। शहीद जवान को दी श्रद्धांजलिजम्मू कश्मीर के बारामुला में शहीद हुए राजगढ़ के खुजनेर निवासी मनीष कारपेंटर के लिए उन्होने कहां कि हमारा अपना बेटा आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुआ है। जो हमारे लिए बहुत दुखद समय हैं। प्रदेश की माटी के लाल मनीष कारपेंटर आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए हैं। यह एक दुखद क्षण है। मुख्यमंत्री ने उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए हैं। उनके आश्रितों को एक करोड़ की सम्मान निधि और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का ऐलान किया है।
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26 August 2020भोपाल। जम्मू कश्मीर के बारामूला में आतंकी हमले में शहीद हुए राजगढ़ जिले के जवान मनीष विश्वकर्मा कारपेंटर का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह सेना के विशेष विमान से राजधानी भोपाल पहुंचा। यहां से उनका पार्थिव शरीर उनके गृहग्राम राजगढ़ के खुजनेर ले जाया जाएगा, जहां आज उनका अंतिम संस्कार होगा। इससे पहले शहीद जवान का शव भोपाल पहुंचने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ईमई सेंटर हॉस्पिटल परिसर में शहीद मनीष विश्वकर्मा के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री शिवराज ने इस दौरान शहीद के परिवार को एक करोड़ की सम्मान निधि और परिवार के एक सदस्य को उनकी सहमति पर शासकीय सेवा में नियुक्ति का ऐलान किया। सीएम शिवराज ने शहीद जवान को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारामूला में शहीद हुए देश के वीर सपूत, राजगढ़ के खुजनेर की माटी के लाल, मनीष कारपेंटर को ईएमई आर्मी सेंटर हॉस्पिटल पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किया। मां भारती की सेवा व रक्षा के लिए मर-मिटने वाले ऐसे वीर सपूतों पर प्रदेश और देश को युगों-युगों तक गर्व रहेगा! उन्होंने कहा कि मां भारती के वीर सपूत स्व. मनीष कारपेंटर ने देश की एकता, अखण्डता के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। खुजनेर को उन पर गर्व है, मध्यप्रदेश को उन पर गर्व है, मां भारती को उन पर गर्व है। मध्यप्रदेश की आठ करोड़ जनता की ओर से उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। इस दौरान उन्होंने शहीद के परिजनों को सहायता का एलान करते हुए कहा कि शहीद साथी को तो हम वापस नहीं ला सकते लेकिन उनके परिवार को सम्मान स्वरूप एक करोड़ रुपये की सहायता राशि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दी जाएगी। इसके अलावा उनके परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी भी दी जाएगी। साथ ही सरकार द्वारा शहीद के गांव में शहीद की प्रतिमा की स्थापना और किसी संस्था का नाम शहीद के नाम पर किया जाएगा। यहां से शहीद मनीष का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए राजगढ़ जिले के खुजनेर ले जाया जा रहा है। ईएमई सेंटर में कलेक्टर भोपाल अविनाश लवानिया, ब्रिगेडियर आशुतोष शुक्ला, कमांडेंट डॉ अजोय मेनन और सेना के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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26 August 2020भोपाल। केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी जी ने मध्यप्रदेश को जो सौगातें दी हैं, उनके लिए मैं प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी जी एवं श्री गडकरी जी को धन्यवाद देता हूं। आज का दिन प्रदेश में अधोसंरचना के विकास की दृष्टि से ऐतिहासिक दिन है और मैं प्रदेश की जनता तथा जनप्रतिनिधियों को बधाई देता हूं। मध्यप्रदेश को सड़कों के नेटवर्क की बड़ी सौगात मिली है, जिनसे न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पिछड़े क्षेत्रों और उद्योगों का विकास होगा तथा रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कही। इससे पूर्व केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मध्यप्रदेश में 11427 करोड़ रुपये की लागत वाले निर्माण कार्यों का वर्चुअल लोकार्पण और शिलान्यास किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने की। कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, नरेंद्रसिंह तोमर, फग्गनसिंह कुलस्ते, प्रहलाद पटेल, प्रदेश के लोकनिर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, प्रदेश के सांसद, विधायक व जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 1361 कि.मी. लंबी सड़कों व अन्य निर्माण कार्यों के लोकार्पण व शिलान्यास से मध्यप्रदेश में सड़कों का नेटवर्क और विस्तृत होगा और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों को बल मिलेगा। शर्मा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गडकरी ने उन निर्माण कार्यों को भी मंजूरी दे दी है, जिनके लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर, वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं प्रदेश के जनप्रतिनिधि लंबे समय से प्रयास कर रहे थे। चंबल क्षेत्र में विकास की गाथा लिखेंगी गडकरी की घोषणाएं प्रदेश अध्यक्ष शर्मा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गडकरी ने लोकार्पण और शिलान्यास के अलावा कई नए कामों को स्वीकृति भी दी हैं, जिनसे प्रदेश के विकास को रफ्तार मिलेगी। उन्होंने कहा कि गडकरी ने राम वन गमन पथ की सड़कों के लिए जो 1700 करोड़ रूपये की अनुमति दी है, वह प्रदेशवासियों के लिए सौभाग्य का विषय है और उन लोगों के गाल पर तमाचा है जो लगातार इस पर प्रश्न खड़ा करते रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ हमेशा यही कहते रहे कि हमारे पास पैसा ही नहीं है और अपनी जेबें भरने का काम करते रहे। शर्मा ने कहा कि चंबल एक्सप्रेस वे जो अब अटल प्रोग्रेस वे के नाम से जाना जाता है, के काम को कमलनाथ सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्रसिंह तोमर, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित सभी जनप्रतिनिधियों ने जो प्रयास किए, उसके फलस्वरूप गडकरी ने इटावा-श्योपुर-कोटा के बीच 358 कि.मी. लंबे और 8000 करोड़ की लागत वाले अटल चंबल प्रोग्रेस वे को स्वीकृति प्रदान की है। इसके अलावा गडकरी ने 500 करोड़ लागत वाले उज्जैन-झालावाड़ रोड, 200 करोड़ लागत वाले सागरटोला-कबीर चबूतरा रोड, 160 करोड़ की लागत वाले बुधनी- रहटी रोड, 3000 करोड़ की लागत वाले इंदौर-सनावद-बोरगांव रोड, 3800 करोड़ लगात वाले बोरगांव-बुरहानपुर-अकोला रोड के संबंध में भी घोषणाएं की हैं। शर्मा ने आशा जताई कि आने वाले समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री गडकरी और मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में अच्छी गुणवत्ता वाली सड़कों के नेटवर्क का और विस्तार होगा।
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25 August 2020भोपाल। केन्द्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम-उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को मध्यप्रदेश की अनेक सडक़ों के लोकार्पण के साथ ही नए कार्यों के लिए आधारशिला रखी। वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से कुल 11 हजार 427 करोड़ की लागत से 1361 किमी लम्बाई की 45 सडक़ परियोजनाओं के शिलान्यास और लोकार्पण किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय स्थित कक्ष से इसमें हिस्सा लिया, जबकि वर्चुअल कार्यक्रम में केंद्र सरकार और प्रदेश के कई मंत्री, सांसद, विधायक भी अलग-अलग स्थानों से इसमें शामिल हुए। केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने नई सडक़ों के निर्मित होने और अनेक सडक़ों का कार्य चालू होने के लिए प्रदेश की जनता को बधाई देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश समृद्ध बनेगा। प्रदेश की सडक़ निर्माण की आवश्यकताओं को केन्द्र सरकार द्वारा पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने केन्द्रीय सडक़ निधि (सीआरआईएफ) से जनप्रतिनिधियों के प्रस्तावों पर 700 करोड़ रुपये के कार्यों के लिए सहमति प्रदान की। प्रस्तावों को मंजूरी देकर आवश्यक धनराशि भी प्रदान की जाएगी। केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि मध्यप्रदेश में हस्तशिल्प विकास और पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिए उनका मंत्रालय अधिकतम सहयोग प्रदान करेगा। अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिले और वे प्रदेश के विकास में सहभागी बनें, इसके लिए मध्यप्रदेश के प्रोजेक्ट मंजूर करने में विलंब नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आज जिन मार्गों का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है, उससे आर्थिक विकास की गति को तेज करने में सहयोग मिलेगा। परियोजनाओं से राज्य के मुख्य शहरों से ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंच आसान होगी, पर्यटन में वृद्धि होगी, रोजगार निर्माण और किसानों एवं व्यापारियों के साथ ही आम नागरिकों के समय, ऊर्जा और धन की भी बचत हो सकेगी। मध्यप्रदेश की आर्थिक रफ्तार तीव्र होगी। उन्होंने आज स्वीकृत परियोजनाओं में से ओरछा में ब्रिज के निर्माण, ग्वालियर-देवास मार्ग, डबरा, जबलपुर, रीवा, भोपाल, साँची, सागर, बीना के कार्यों के लंबे समय से पूर्ण होने की जनप्रतिनिधियों की अपेक्षाओं का भी उल्लेख किया। 10 हजार करोड़ के पाँच नए मार्गों के लिए मंजूरी केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने वर्ष 2020-21 के लिए 10 हजार करोड़ लागत के पांच नए मार्गों की स्वीकृति प्रदान की। इनमें राष्ट्रीय मार्ग उज्जैन-झालावाड़ 132 कि.मी., सागरटोला-कबीर चबूतरा 45 कि.मी., बुदनी-रेहटी-नसरुल्लागंज 43 किमी. शामिल है। इन्दौर-सनावद-बारेगांव-136 कि.मी. और बोरगांव-बुरहानपुर-अकोला-174 कि.मी. शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में सडक़ निर्माण कार्यों की कुछ डी.पी.आर. तैयार की जा रही हैं, जिन्हें शीघ्र ही मंजूरी मिलेगी। केन्द्रीय सडक़ एवं बुनियादी ढाँचा निधि के 5325 करोड़ के 97 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इसके साथ ही अंतर्राज्यीय जुड़ाव एवं आर्थिक महत्व के अंतर्गत 30 करोड़ के कार्यों को स्वीकृति दी गई है। मध्यप्रदेश को 2855 करोड़ की राशि सीआरआईएफ में प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 13 हजार 248 किमी लंबाई एनएच की सडक़ों की है। यह मध्यप्रदेश में निरंतर बढ़ी है। विश्व का सबसे लंबा एक्सप्रेस हाईवे होगा दिल्ली-मुम्बई कॉरीडोर, मध्यप्रदेश होगा लाभान्वित केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि भारतमाला योजना के अंतर्गत चंबल अटल प्रोग्रेस-वे के लिए शीघ्र ही आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। यह मार्ग 358 कि.मी. का है। इससे मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान की प्रगति तेज होगी। यह एक्सप्रेस-वे मध्यप्रदेश में 309 कि.मी., उत्तरप्रदेश में 17 किमी और राजस्थान में 32 कि.मी. का होगा। उन्होंने दिल्ली-मुम्बई कॉरीडोर का भी जिक्र करते हुए कहा कि एक लाख करोड़ लागत से बनेगा और समय एवं ईंधन की बड़ी बचत में उपयोगी रहेगा। दिल्ली से मुम्बई 12 घंटे में पहुंचना संभव होगा। वर्ष 2023 के पूर्व इसे निर्मित करने का लक्ष्य है। यह विश्व का सर्वाधिक लम्बाई का एक्सप्रेस हाईवे होगा। इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण की लगभग 15 हजार करोड़ की राशि की बचत संभव हो रही है। मध्यप्रदेश में यह हाईवे 244 किमी लम्बाई में रहेगा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सडक़ दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने प्रदेश में नए ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर्स प्रारंभ करने के लिए भी सहमति दी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ही नहीं पूरे देश में सडक़ों के अनेक ब्लैक स्पॉट में सुधार कार्य से हादसों में कमी आ रही है। उन्होंने मध्यप्रदेश को सडक़ निर्माण परियोजनाओं और कृषि आधारित लघु उद्योगों के विकास में भरपूर सहयोग कर आत्मनिर्भर भारत के अंतर्गत आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए सभी स्वीकृतियाँ देने का आश्वासन दिया। परियोजनाएँ जो लोकार्पित हुई 1. रीवा-मैहर कटनी-स्लीमनाबाद-जबलपुर-लखनादौन फोर लेन, लागत 4348 करोड़, एनएच-30 और 34 लम्बाई 287 किमी 2. ब्यावरा-पचौर-सारंगपुर-शाजापुर-मक्सी-देवास खंड फोर लेन, लागत 1584 करोड़, एनएच-52, लम्बाई 131 किमी. 3. भोपाल-ब्यावरा खंड में लालघाटी से मुबारकपुर, भोपाल आरओबी सहित 6/4 लेन चौड़ीकरण, लागत 374 किमी, एनएच 46 लम्बाई 8 किमी 4. भोपाल-सांची खण्ड में दो लेन, लागत 305 करोड़, एनएच-136, लम्बाई 54 किमी. 5. ग्वालियर-शिवपुरी खण्ड में चार लेन चौड़ीकरण ( नौगांव से सतनवाड़ा ) लागत-1055 करोड़, एनएच-46, लम्बाई 97 किमी. 6. ग्वालियर-शिवपुर खण्ड में फोर लेन चौड़ीकरण ( मोहना टाउन भाग ) ग्वालियर-झांसी खण्ड में डबरा टाउन और सिमरिया टेकरी से हरीपुर तिराहा के साथ जौरासी मंदिर पहुंच मार्ग ) लागत 79 करोड़, एनएच-46 और 44, लम्बाई 14 किमी. इसके अलावा आज जो लोकार्पण हुए उनमें दो लेन पेप्ड शोल्डर कार्य- सांची-सागर खंड, रीवा सिरमौर खंड, सागर-छतरपुर खंड और खिलचीपुर-जीरापुर खंड शामिल हैं। इनकी संयुक्त लागत 730 करोड़ रुपये और लम्बाई 214 किमी है। इसी तरह जिन सुदृढ़ीकरण कार्यों का लोकार्पण हुआ है उनमें ब्यावरा-मकसूदनगंज रोड, अंजड़-ठीकरी रोड, जबलपुर-कुंडम शाहपुरा-डिण्डोरी रोड और सागर टोला-कबीर चबूतरा खंड शामिल है। इनकी संयुक्त लागत 6 करोड़ रुपये और लम्बाई 12 किमी है। सीआरआईएफ के अंतर्गत 6 निर्माण कार्य लोकार्पित हुए हैं, जिनकी कुल लागत 275 करोड़ रुपये और लम्बाई 165 किमी है। इनमें नरसिंहपुर-केरपानी-सरसला मार्ग, शिवपुरी लूप मार्ग से शीतलामाता चीनोर मार्ग, मकोड़ा-छीमक-बागवई-करयावटी-सांखनी-घूमेश्वर-बडगौर रोड एवं पगारा-करोद- पिरोदा खुर्द-भूतमड़ी-रूसल्ला-खामखेड़ा मार्ग ( बी.टी ) बरलाई-जागीर-मुण्डला हुसैन धनखेड़ीफाटा से धनखेड़ी जैतपुरा धरमपुरी मार्ग एवं विदिशा जिले में बेतोली रेल्वे फाटक पर रेल्वे ओव्हर ब्रिज शामिल हैं। इन परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ केन्द्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम-उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्रीचौहान के साथ आज जिन योजनाओं का शिलान्यास किया है, वे इस प्रकार हैं - 1. हरदा-बैतूल चार लेन मार्ग का चौड़ीकरण ( चिचौली-बैतूल ) लागत 620 करोड़, एनएच-47, लम्बाई 40 किलोमीटर। 2. कटनी बायपास चार लेन चौड़ीकरण - लागत 194, एनएच -30, लम्बाई 20 किलोमीटर। 3. हरदा-बैतूल चार लेन चौड़ीकरण ( हरदा टेमगांव ) - लागत 555 करोड़, एनएच-47, लम्बाई 30 किलोमीटर। 4. इन्दौर-हरदा- चार लेन चौड़ीकरण ( ननासा-पिडगांव )- लागत 867 करोड़, एनएच-47, लम्बाई-47 किलोमीटर। प्रदेश में 6 मार्गों का सुदृढ़ीकरण कार्य- ( लागत-84 करोड़ ) लम्बाई 172 किलोमीटर 1. इन्दौर-बैतूल एनएच-47 2. अंबुआ से दाहोद एनएच-56 3. गुलगंज-अमानगंज-पवई-कटनी रोड एनएच-43 एक्सटेंशन 4. टीकमगढ़-पृथ्वीपुर-ओरछा रोड-एनएच-539 5. दिनारा-पिछोर रोड- एनएच-346 6. सवाई-माधोपुर ( राजस्थान ) से श्योपुर-गोरस-श्यामपुर रोड-एनएच 552 एक्सटेंशन सागर-खुरई-बीना खंड के जेरई पर चार लेन आरओबी और जरूआखेड़ा पर दो लेन आरओबी ( लागत 144 करोड़ ) एनएच-934 जिन पुलों का निर्माण कार्य होगा, वे इस प्रकार हैं- 1. एनएच-539 में बेतवा नदी पर पुल 2. एनएच-45 एक्सटेंशन में जबलपुर-डिण्डोरी पर पुल 3. एनएच-47 इन्दौर-बैतूल खण्ड में क्षिप्रा नदी पर 60 करोड़ की लागत से पुल निर्माण। इन कार्यों के साथ ही सीआरआईएफ में भी 85 करोड़ लागत के 59 किलोमीटर लम्बाई के चार निर्माण कार्य किए जाएंगे।
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25 August 2020भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष पक्ष को लेकर हुई सीडब्ल्यूसी की बैठक में हुए आखिरकार सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बने रहने का फैसला हुआ। दिन भर चली तमाम सियासी ड्रामे और राहुल गांधी की बयानबाजी ने भाजपा को भी खूब मौका दिया। वही अब मप्र के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक को हास्यास्पद बताते हुए पूरे घटनाक्रम को स्क्रिप्टेड (पहले से तय) बताया है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक में अध्यक्ष पद को लेकर जो भी कुछ हुआ वह सब स्क्रिप्टेड था। हास्यास्पद यह रहा कि इतने पुराने कांग्रेसी कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद जैसे नेता भी गद्दारों की श्रेणी में आ गए। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने चुटकी लेते हुए कहा कि मैंने कल कहा था की हेड मास्टर का लडक़ा ही फस्र्ट आता है लेकिन आज उसमें यह अलग हुआ। कांग्रेस की सीडब्ल्यूसी बैठक में हेड मास्टर खुद ही फस्र्ट आ गए। सडक़ों के मामले में नितिन गडकरी का अपना एक इतिहासकेन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा मध्यप्रदेश में नेशनल हाईवे के भूमि पूजन एवं लोकार्पण कार्यक्रम पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पूरा भारत जानता है की सडक़ों के मामले में नितिन गडकरी जी का अपना एक इतिहास है। उनको पहचान जाता है। आज गडकरी जी लगभग 45 सडक़ों की एक साथ शुरुआत करेंगे। कैबिनेट बैठक में होगी आत्मनिर्भर भारत पर चर्चाआज होने जा रही कैबिनेट बैठक के बारे में जानकारी देते हुए मंत्री मिश्रा ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश जरूरी है और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने के लिए मंत्रियो का एक समूह बनाया गया था। उन मंत्रियों के समूह की दो दो तीन तीन बैठकें हो चुकी हैं। उसी के प्रेजेंटेशन में आज हम अगले कदम की ओर आगे बढ़ेंगे। कोरोना को हराना हमारा संकल्प मप्र में लगातार बढ़ते कोरोना ग्राफ पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि मैं पिछले 4 महीने से यह बात कह रहा हूं आज भी वही बात कह रहा हूं कि जब तक वैक्सिंग नहीं आता तब तक हमें कोरोना के साथ ही रहने की आदत डालनी होगी। लेकिन मध्यप्रदेश का रिकवरी रेट बहुत ज्यादा है लगभग 80 प्रतिशत लोग स्वस्थ होकर अपने घरों पर जा रहे हैं। हमारा संकल्प है कि हम कोरोना को जल्द ही हराएंगे।
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25 August 2020भोपाल। केंद्रीय भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार, 25 अगस्त को वर्चुअल कांफ्रेंस के जरिए मध्यप्रदेश को 9404 करोड़ के निर्माण कार्यों की सौगात देंगे। कार्यक्रम के दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा भी उपस्थित रहेंगे।प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने सोमवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय मंत्री गडकरी मंगलवार को सुबह 11.30 बजे वर्चुअल कांफ्रेंस के जरिए प्रदेश में पूर्ण हो चुके निर्माण कार्यों का लोकार्पण करेंगे और नए स्वीकृत निर्माण कार्यों का शिलान्यास करेंगे। उन्होंने बताया कि जिन निर्माण कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास होने जा रहा है, उनमें सड़कों, पुलों आदि के निर्माण, सुदृढ़ीकरण तथा उन्नयन के काम शामिल हैं। उन्होंने बताया कि जिन निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं शिलान्यास होने जा रहा है, उनमें 02 ओवरब्रिज, 06 पुल तथा 1137.035 कि.मी. लंबाई की सड़कें शामिल हैं। शर्मा ने आशा जताई कि इन निर्माण कार्यों से प्रदेश में शिवराज जी की सरकार द्वारा शुरू किए गए विकास अभियान को और गति मिलेगी।
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24 August 2020भोपाल। कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष पद को लेकर घमासान मचा हुआ है। वहीं दूसरी तरफ सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी द्वारा नेतृत्व परिवर्तन की मांग करने वाले नेताओं के भाजपा के साथ मिली भगत के बयान ने मामले ने भी तूल पकड़ लिया है। शीर्ष नेताओं ने इस पर नाराजगी जताई है। वहीं अब पूर्व केन्द्रीय मंत्री और दिग्गज भाजपा नेत्री उमा भारती ने कांग्रेस में मची कलह पर तंज कसा है। भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती सोमवार दोपहर भाजपा प्रदेश कार्यालय पहुंची। यहां पत्रकारों से चर्चा करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव को लेकर मची खींचतान पर उमा भारती ने कहा कि अब गांधी- नेहरू परिवार का अस्तित्व समाप्त हो गया है। उनका राजनैतिक वर्चस्व समाप्त हो गया है, कांग्रेस का अस्तित्व समाप्त हो गया है। ऐसे में अब कौन पद पर रहता है, कौन नहीं रहता इसका महत्व खत्म हो गया है। इनकी नवाबी चली गई और रिक्शे- टांगे चल रहे हैं। उमा भारती ने कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा कि कांग्रेस को अब गांधी की और वापस लौटना चाहिए, कांग्रेस का पुराना व्यक्ति जो गांधीवादी सोच का हो उसे पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब असली गांधी, स्वदेशी गांधी की ओर वापस लौटे, जिसमें विदेशी और कोई एलिमेंट नहीं था, गांधी से मुक्ति पाओ स्वदेशी गांधी की ओर मुड़ो। उन्होंने कहा कि हमारा देश परिवारवाद की राजनीति से मुक्त हो, भारतीयों को अगर गर्व करना है तो, भारत की महिलाओं पर गर्व करें। सुशांत सिंह मामले पर यह कहा-इस दौरान उमा भारती ने फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में सवाल पूछे जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे दुख हुआ उनकी आत्महत्या की बात सुनकर। हम सीबीआई की जांच को प्रभावित नहीं कर सकते, इस पूरे मामले में राजनीति ना करें और क्षेत्रवाद की राजनीति ना करें। साथ ही उन्होंने रिया चक्रवर्ती को लेकर कहा कि महिला की इज्जत को अभी ट्रायल पर नहीं डालना चाहिए, जब तक वह अपराधी प्रमाणित ना हो जाए।
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24 August 2020भोपाल। कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व जिम्मेदारी की बागडोर नए हाथों में सौंपने को लेकर विवाद और मतभेद की स्थिति बन गई है। 23 कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर जिम्मेदारी गांधी परिवार से अलग नए व्यक्ति को सौंपने की मांग की है। वहीं कई नेता गांधी परिवार से ही अध्यक्ष की वकालत कर रही है। नई दिल्ली में आज सोमवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होने जा रही है, जिसमें सोनिया गांधी पार्टी अंतरिम अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का मन बना चुकी है। वहीं अब मप्र में भी कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर नई बहस छिड़ गई है। दरअसल, मप्र में कांग्रेस नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर दो हिस्सों में बंट गए है। पार्टी के वरिष्ठ नेता चाहते हैं कि सोनिया गांधी ही पार्टी की जिम्मेदारी संभाले। वहीं पार्टी के युवा नेता एक बार फिर राहुल गांधी पर विश्वास कर उनको जिम्मेदारी देने के पक्ष में हैं। इस बीच पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने खुलकर सोनिया गांधी को समर्थन किया है। उन्होंने रविवार देर रात एक के बाद एक कई ट्वीट कर सोनिया गांधी को ही अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने का समर्थन किया। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि- ‘ मुझे इंदिरा गांधी जी, संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ काम करने का सौभाग्य मिला है। मुझे लगभग 40 वर्षों तक , लंबे समय के रूप में संसद सदस्य के रूप में कांग्रेस पार्टी की सेवा करने का सौभाग्य मिला है। मैं कई वर्षों तक अ.भा.कांग्रेस पार्टी का महासचिव भी रहा। एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि श्रीमती सोनिया गांधी के खिलाफ तमाम झूठी अफवाहों के बावजूद उन्होंने 2004 में कांग्रेस पार्टी की जीत का नेतृत्व किया और अटल बिहारी वाजपेयी को घर पर बैठाया। श्रीमती सोनिया गांधी के नेतृत्व पर कोई भी सुझाव या आक्षेप बेतुका है। मैं श्रीमती सोनिया गांधी से अपील करता हूं कि वे अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस पार्टी को मजबूती प्रदान करें और कांग्रेस का नेतृत्व करती रहें। जीतू पटवारी और अरुण यादव ने राहुल गांधी को बताया अपना नेतावहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के युवा नेता पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और अरुण यादव ने राहुल गांधी को अपना नेता बताया है। जीतू पटवारी ने ट्वीट कर कहा है कि राहुल गांधी मेरे नेता है और मुझे उन पर गर्व है। वहीं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव ने भी राहुल गांधी का समर्थन करते हुए ट्वीट कर कहा ‘जिस दौर में आज पार्टी का कार्यकर्ता जहरीली विचारधारा से संघर्ष कर रहा है, ईमानदार मूल्यों और आदर्शों का क्षरण वह अपनी आंखों से देख भी रहा है उस दौर में कांग्रेस की आशा की किरण सिर्फ और सिर्फ श्री राहुल गांधी जी ही है। उन्हें अपनी जिद छोडक़र देश के करोड़ो कार्यकर्ताओं की भावनाओं के अनुरूप पार्टी व देशहित में पूर्णकालिक अध्यक्ष का दायित्व संभालना ही चाहिए ताकि हर कार्यकर्ता बब्बर शेर के रूप में अपनी पहचान स्थापित कर सके।
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24 August 2020नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शनिवार को मध्य प्रदेश के मुरैना में बैंक धोखाधड़ी मामले को लेकर कई स्थानों पर छापे मारे। केएस ऑयल कंपनी के दफ्तरों में सीबीआई की चार टीमें तलाशी ले रही हैं और कंपनी के निदेशक के कार्यालयों एवं आवास पर बैंक धोखाधड़ी से जुड़े दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि एक जमाने में केएस ऑयल कंपनी के निदेशक रमेश चंद्र गर्ग को मस्टर्ड आयल किंग कहा जाता था। वर्ष 2008-09 में आयकर विभाग ने भी इस ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई की थी। तब से केएस ऑयल कंपनी का कारोबार बंद बताया गया है। कंपनी पर बैंकों की करीब चार हजार करोड़ की देनदारी बाकी है। सीबीआई के अधिकारी कंपनी के निदेशक रमेशचंद्र गर्ग से पूछताछ कर रहे हैं।
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22 August 2020भोपाल। पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से मप्र जलमग्न हो गया है। नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिससे आस पास के निचले ईलाकों को खाली कराया जा रहा है। सीएम शिवराज पहले ही प्रशासन को समुचित व्यवस्था के निर्देश दे चके हैं। वहीं अब पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकार से तत्काल राहत कार्य और बचाव कार्य शुरू करने की मांग की है। कमलनाथ ने शनिवार सुबह ट्वीट कर कहा ‘प्रदेश के कई हिस्सों में अनवरत बारिश का दौर जारी है। कई निचले हिस्सों में, पानी भर गया है, जलभराव से कई मार्ग अवरुद्ध हो गये है। मैं मुख्यमंत्री से माँग करता हूँ कि डूब क्षेत्र में आने वाले निचले इलाक़ों में तत्काल राहत व बचाव के कार्य शुरू करवाये जाए, वहाँ रहने वालों को सुरक्षित स्थानो पर पहुँचाया जाए। खतरे वाले स्थलों पर जाने पर रोक लगायी जाए, वहाँ सुरक्षा के इंतज़ाम किये जाए। बचाव व राहत के कार्य पूरी मुस्तैदी से किये जाए।
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22 August 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में भारी बारिश का दौर जारी है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से प्रदेश के अधिकांश जिलों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई है। नदिया और नाले उफान पर है। आम जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। राजधानी भोपाल में पिछले 24 घंटे से जारी भारी बारिश के बाद राजधानी के आसपास के नदी नाले उफान पर है। बड़े तालाब का पानी लेवल तक पहुुंच गया है। केरवा डेम और भदभदा डेम लबालब होने क बाद आज शनिवार को भदभदा के 4 खोले गए। डेम के गेट खुलने पर प्रशासन के द्वारा पुख्ता इंतजाम किए गए। भदभदा के 4 गेट खुले पहला सुबह 8.40, दूसरा 10 बजे, तीसरा 10.30 और चौथा 11.15 बजे खुला। वहीं सीएम शिवराज ने शनिवार सुबह बैठक कर अधिकारियों को निर्देश दिए है। उन्होंने ट्वीट कर बाड़ में फंसे लोगों को मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘प्रदेश के लगभग सभी जिलों में मूसलाधार वर्षा हो रही है। आज मैंने बैठक कर व्यवस्थाओं और टीम को मुस्तैद रखने के निर्देश दिये हैं। प्रदेश का कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय रहेगा। हर जिले में आपदा नियंत्रण के लिए टीम तैयार है। कोई कठिनाई हो, तो सूचित करें; तत्काल मदद पहुंचेगी। प्रदेश में हो रही लगातार वर्षा से उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों से बचाव के लिए अलर्ट रहें। एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा ‘बाढ़ की स्थिति की सूचनाओं के आदान-प्रदान व समन्वय स्थापित करने के लिए जिला कलेक्टर अपने सीमावर्ती जिलों के कलेक्टर के साथ सतत संपर्क में रहें। समस्त व्यवस्थाएं सुचारू रहें, सुनिश्चित हो। जहां जल भराव की स्थिति है, संबंधित अधिकारी वहां के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की व्यवस्था करें। राहत स्थलों पर भोजन पानी और आश्रय की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। बाढ़ की स्थिति में आपात राहत के लिए सभी उपयोगी उपकरण और बचाव दल आदि पूरी तरह से तैयार रहें।
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22 August 2020भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कन्या विवाह के लिए गरीब परिवारों को दी जाने वाली राशि 51 हजार से घटाकर 28 हजार रुपये करने के शिवराज सरकार के निर्णय को महिला एवं बेटी विरोधी बताया है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि वे बेटी विरोधी इस निर्णय को वापस लें। कमलनाथ ने इस संबंध में शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि कन्या विवाह राशि कम करने का निर्णय इस बात को सिद्ध करता है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान बोलते कुछ हैं और करते कुछ हैं। उन्होंने कहा कि अपने हर भाषण में प्रदेश की महिला और बेटियों से बहन और भांजी का रिश्ता बताते हैं, दूसरी ओर उनके हितों के साथ कुठाराघात करते हैं। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गो को समान न्याय के लिए कांग्रेस सरकार कटिबद्ध थी। मेरी सरकार ने कन्या विवाह/निकाह योजना में देय राशि को 28000 रुपये से बढ़ाकर 51000 रुपये किया था। सरकार के इस निर्णय से कन्याओं के विवाह के लिए अतिरिक्त सहायता प्राप्त होने से परिवारों में खुशी थी। कमलनाथ ने सरकार के फैसले पर दुख जताते हुए कहा कि मुझे यह जानकर दुख हुआ है कि नव दम्पत्तियों को अपना जीवन खुशहाल बनाने के लिए जो राशि सरकार द्वारा कन्याओं को प्रदान की जाती थी, उसे कम कर पुन: 28,000 रुपये किया जा रहा है। आपकी सरकार का यह निर्णय गऱीब परिवारों और विशेषकर महिलाओं के हितों पर कुठाराघात है। यह निर्णय कन्या और महिला वर्ग के प्रति आपकी कथनी और करनी के अंतर को भी प्रमाणित करता है। उन्होंने कहा कि आज समाज का प्रत्येक परिवार कोरोना महामारी से उत्पन्न आर्थिक संकट से जूझ रहा है, ऐसे समय में सरकार का दायित्व है कि समाज के प्रत्येक वर्ग को राहत बढ़ाने के निर्णय लें, परन्तु खेद का विषय है कि सरकार द्वारा कन्याओं के विवाह में दी जाने वाली राशि को कम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बेटियों के हितों के संरक्षण के लिये मैं और मेरी पार्टी प्रतिबद्ध है और कन्याओं के सम्मान के लिए हम सरकार को मजबूर करेंगे कि वह उनके कल्याणार्थ लिये गये निर्णयों को कायम रखें।
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21 August 2020भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शुक्रवार को एक तीन तलाक कहकर पति द्वारा अपनी पत्नी से रिश्ता तोडऩे का मामला सामने आया है। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की पुलिस तलाक पीडि़त बहन को न्याय दिलाने का हर संभव प्रयास करेगी। मुख्यमंत्री सिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को ट्वीट के माध्यम से कहा है कि -‘वर्षों की लड़ाई के बाद हमारी मुस्लिम बहनों के स्वाभिमान और न्याय के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ट्रिपल तलाक खत्म करने का कानून बनाया, लेकिन अभी भी कुछ निकृष्ट लोग इस कानून से खिलवाड़ कर रहे हैं।’ मुख्यमंत्री ने अगले ट्वीट में लिखा है कि - ‘भोपाल में आज सुबह एक मुस्लिम बहन ने अपने पति द्वारा मोबाइल पर मैसेज भेजकर ट्रिपल तलाक दिए जाने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है। मैं उस बहन को विश्वास दिलाता हूँ कि मध्यप्रदेश पुलिस उन्हें न्याय दिलाने का हरसंभव प्रयास करेगी। मैंने इस संदर्भ में प्रदेश के डीजीपी से बात की है कि मध्यप्रदेश पुलिस, बैंगलोर पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर इस मामले में उचित कार्रवाई करे और हमारी मुस्लिम बहन को न्याय दिलाए।’ दरअसल, भोपाल के कोहेफिजा थाना में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसके पति ने मोबाइल पर वीडियो कॉल के माध्यम स तीन तलाक कहकर उससने रिश्ता तोड़ लिया। कोहेफिजा थाना प्रभारी अनिल बाजपेयी ने बताया कि 42 वर्षीय महिला ने अपने पति के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया है। महिला ने बताया कि उसका 04 अक्टूबर 2001 में नूर मस्जिद के सामने कोहेफिजा निवासी फैज आलम अंसारी से मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार निकाह हुआ था। उनके दो बच्चे हैं। शादी के बाद वह पति के साथ सिंगापुर में रहने लगी थी। पति-पत्नी के पास सिंगापुर की नागरिकता भी है, लेकिन कुछ समय बीत जाने के बाद फैल उसे दहेज के लिए प्रताडि़त करने लगा। वर्ष 2013 में फैज परिवार सहित बेंगलुरु आ गया। वर्तमान में वह बेंगलुरु के एक होटल में जनरल मैनेजर हैं। इसी साल 10 जून को फैज ने दहेज की मांग को लेकर अपनी पत्नी के साथ विवाद करना शुरू कर दिया। फैज ने उस पर अनर्गल आरोप लगाए और 25 लाख रुपये की डिमांड करते हुए उसे घर से निकाल दिया। इसी बीच गत 31 जुलाई की रात में फैज ने मोबाइल पर वाट्सएप कॉल करके कहा कि अब मेरा तुमसे कोई संबंध नहीं है। मैं अपने वैवाहिक संबंध समाप्त कर रहा हूं। तुम्हें इसी वक्त तलाक दे रहा हूं और उसने तीन बार तलाक कहकर उससे अपना रिश्ता तोड़ लिया। थाना प्रभारी बाजपेयी की मुताबिक, महिला की शिकायत पर आरोपित पति फैज आलम अंसारी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है और फिलहाल मामले की जांच जारी है।
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21 August 2020इंदौर। स्वच्छता के मामले में प्रदेश का इंदौर शहर लगातार चौथी बार नंबर-1 बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली में ऑनलाइन कार्यक्रम में स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणामों की घोषणा की। दूसरे नंबर पर गुजरात का सूरत शहर और तीसरे नंबर महाराष्ट्र का नवी मुंबई रहा है। स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 लीग के तीनों क्वार्टर में भी इंदौर अव्वल रहा था। भोपाल में वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, पूर्व महापौर मालिनी गौड़, कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल और पूर्व निगमायुक्त आशीष सिंह मौजूद थे। मध्यप्रदेश को इस सर्वेक्षण में कुल 10 अवॉर्ड मिले। जिन निकायों को अवार्ड मिले हैं उनमें इंदौर के अलावा भोपाल, जबलपुर, बुरहानपुर, रतलाम, उज्जैन, नगर पालिका सिहोरा, नगर परिषद शाहगंज, नगर परिषद कांटाफोड़ और छावनी परिषद महू कैंट शामिल हैं। इंदौर में आज घर-घर जलेंगे दीप चौथी बार नंबर-1 बनने पर इंदौर में खुशी की लहर है। शहर में जश्न मनाने की तैयारियां सांसद शंकर लालवानी द्वारा करवाई जा रही हैं। शाम को घर-घर दीप जलेंगे और थालियां बजाई जाएंगी। सांसद ने लोगों से अपील की है कि शुक्रवार सुबह घर-घर आने वाले सफाईकर्मियों का सम्मान करें। उन्हें माला पहनाकर आरती उतारें और मिठाई खिलाएं। रवींद्र नाट्यगृह में 400 लोगों का एक समारोह भी होगा, जिसमें सभी जोन के सफाइकर्मियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के लगातार चौथी बार देश के स्वच्छ शहर चुने जाने पर इंदौरवासियों को बधाई दी है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए कहा है कि -'आज मध्यप्रदेश के लिए गर्व और प्रसन्नता का क्षण हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में देश के सबसे स्वच्छ शहर में प्रथम स्थान के सम्मान के लिए इंदौरवासियों, अधिकारियों एवं स्वच्छता योद्धाओं को बधाई। इस प्रोत्साहन और सम्मान के लिए यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का हृदय से आभार।' मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के प्रति भी आभार व्यक्त किया है।’
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20 August 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में आयकर विभाग द्वारा गुरुवार सुबह भवन निर्माण और रियल एस्टेट के कारोबार से जुड़े एक व्यवसायी के इंदौर-भोपाल के 10 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की गई। फिलहाल कार्रवाई जारी है और विभागीय टीम व्यवसायी के दफ्तर और घरों में कागजात खंगाल रही है। जिन ठिकानों पर कार्रवाई की जा रही है, जहां सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिसबल भी तैयान किया गया है। जानकारी के मुताबिक, आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों द्वारा पुलिस के साथ गुरुवार सुबह फैथ बिल्डर्स के भोपाल और इंदौर स्थित 10 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी गई। आयकर विभाग द्वारा फैथ बिल्डर और एसोसिएट के आफिस और इंदौर के कुछ ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की जा रही है। भोपाल में यह कार्रवाई स्वर्ण जयंती पार्क शाहपुरा, रातीबड़ के सामने फेथ बिल्डर का प्रोजेक्ट, चूना भट्टी में गोल्डन टेम्पल में जारी है। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के दौरान रियल इस्टेट का कारोबार ठप पड़ा था उस दौरान फेथ बिल्डर्स द्वारा कड़ी कमाई गई और कुछ ही दिनों में कई कंपनियों में उसमें पैसा लगाया। इस कार्रवाई को आयकर विभाग के 150 से अधिक अधिकारियों द्वारा अंजाम दिया जा रहा है। भोपाल के में आयकर विभाग की टीम बिल्डर्स के ठिकानों पर दस्तावेज खंगाल रही है। बताया जा रहा है कि यह फर्म राघवेंद्र सिंह तोमर की है और वे आईपीएस संतोष सिंह गौर के रिश्तेदार बताये जा रहे हैं। भोपाल में इस बिल्डर का आफिस कोलार रोड के चूना भट्टी इलाके में है।
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20 August 2020भोपाल। देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की 76वीं जयंती के अवसर पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस पहुंचकर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर कमलनाथ ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राजीव गांधी ने देश को एक नई ऊर्जा प्रदान की। राजीव गांधी कंप्यूटर क्रांति लेकर आए हैं, उन्हें मिस्टर कंप्यूटर भी कहा जाता था। आईटी के क्षेत्र में भी राजीव गांधी का योगदान रहा है। उन्होंने कई कॉलेज और संस्थान प्रारम्भ किए। राजीव गांधी ने आईटी की शिक्षा व ज्ञान के लिए प्रावधान बनाया। रेल टिकट के लिए कंप्यूटर लगाए जा रहे थे तो भारतीय जनता पार्टी ने इसका विरोध किया था। अगर राजीव गांधी आज हमारे बीच होते तो आज देश का चित्र कुछ और होता। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ ने प्रदेश की जनता को भाजपा से सचेत रहने की अपील की है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा उपचुनावों को देखते हुए घोषणाओं का अंबार लगा रही है। मैं प्रदेश वासियों को सतर्क करना चाहता हूँ कि वो सावधान रहें, भाजपा उपचुनाव को देखते हुए रोज़ एक घोषणा करेगी। जिसका ना सर ना पैर, ना गंभीरता, ना वो धरातल पर आ पायेगी। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सिर्फ घोषणा रूपी लॉलीपोप देने का काम कर रही है, प्रदेश की भोली- भालीं जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। इनकी घोषणाएँ कभी पूरी नहीं होगी। सिर्फ इसके माध्यम से जनता को भ्रमित करने का ये प्रयास करेंगे। जनता इनकी घोषणाओं की असलियत व सच्चाई जानती है।
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20 August 2020भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार एक के बाद एक पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार की योजनाओं को बंद करने या बदलाव करने के निर्णय ले रही है। इसी क्रम में शिवराज सरकार ने पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार के एक और फैसले को पलट दिया है। सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह एवं निकाह योजना में बड़ा बदलाव करते हुए योजना के तहत 51 हजार की राशि देने से इंकार कर दिया है। अब शिवराज सरकार योजना के तहत 28 हजार रुपये देगी। प्रदेश सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने कढ़ी आपत्ति जताई है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए सडक़ पर उतरने की चेतावनी दी है। कन्यादान योजना में बदलाव के निर्णय पर पूर्व सीएम कमलनाथ प्रदेश सरकार पर जमकर बरसे हैं। उन्होंने ट्वीट कर सीएम शिवराज शिवराज पर बड़ा हमला बोला है। कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा ‘शिवराज जी, आपकी सरकार आते ही आपने हमारी सरकार द्वारा प्रारंभ कई जनहितैषी महत्वपूर्ण योजनाएँ बंद कर दी व कई जनहित के अभियानों को बंद का दिया। आपने हमारी सरकार की किसान ऋण माफ़ी योजना को रोक दिया, 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली की हमारी योजना को रोक दिया, माफिय़ाओं के खिलाफ अभियान को बंद कर दिया, मिलावट के खिलाफ शुद्ध के लिये युद्ध के हमारे अभियान को बंद कर दिया और अब आपकी सरकार, हमारी सरकार द्वारा कन्या विवाह/ निकाह योजना में 28 हजार की राशि को बढ़ाकर 51 हजार करने के निर्णय पर रोक लगाने का निर्णय सुना रही है। उन्होंने आगे अपने ट्वीट में सीएम शिवराज पर तंज कसते हुए कहा ‘महंगाई के इस दौर में कन्या विवाह की राशि काफ़ी कम थी इसलिये हमने बेटियों के हित में निर्णय लेते हुए इस राशि को बढ़ाया था। आपको तो कोरोना के इस संकट काल को देखते हुए इस राशि को और बढ़ाना चाहिये लेकिन आपके मंत्री तो इस राशि को कम करने का निर्णय सुना रहे हैं। आप ख़ुद को मामा कहलवाते हो और आपकी सरकार भाँजियो का ही अहित करने में लग गयी है। प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कमलनाथ ने कहा है कि ‘कैसे मामा हो आप ? प्रदेश की बेटियों के हित में लिये गये हमारी सरकार के निर्णय को हम किसी भी सूरत में बदलने नहीं देंगे। यदि आपने इस निर्णय को बदला और कन्याओ को बढ़ी हुई राशि नहीं दी तो कांग्रेस इसके विरोध में प्रदेश भर में सडक़ों पर उतरेगी, हम चुप नहीं बैठेंगे।
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19 August 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। आम से लेकर खास तक हर कोई इसकी चपेट में आ रहा है। खासतौर से मप्र में भाजपा नेताओं पर कोरोना संक्रमण के मामले भी ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। इसी क्रम में मप्र में शिवराज कैबिनेट के एक और मंत्री कोरोना संक्रमित निकले है। उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मंगलवार रात इसकी जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट कर दी है। मंत्री डा. यादव को ईलाज के लिए इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कोरोना संक्रमित होने के बाद मोहन यादव ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि 'मेरा कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आया है, इसलिए अरबिंदो हॉस्पिटल आ गया हूं। वैसे बाबा महाकाल की कृपा से मैं स्वस्थ हूं। खास बात यह है कि मोहन यादव दो दिन पहले सोमवार को भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के उज्जैन के दौरे दौरान मोहन यादव भी उनके साथ थे। इसके अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया मोहन यादव के घर भी गए थे। इसके बाद महाकाल की सवारी के पूजन के समय और कालभैरव मंदिर भी मोहन यादव ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ थे। बड़े नेताओं के संपर्क में रहे, संक्रमण का खतरा बढ़ाइसके साथ ही मंत्री मोहन यादव ने दिनों में भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं से इंदौर में भी मुलाकात की है। 17 अगस्त को पूरे दिन मोहन यादव उज्जैन में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कार्यक्रमों में भाग लेते रहे हैं। इसके बाद सिंधिया के साथ ही उन्होंने भाजपा सांसद अनिल फिजोरिया और कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है। इससे पहले 15 अगस्त को उन्होंने इंदौर में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से भी मुलाकात की है। मोहन यादव ने दोनों नेताओं से घर जाकर मुलाकात की थी। 18 अगस्त को रात में उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी है कि उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। इसके बाद दूसरे बड़े नेताओं पर भी कोरोना का खतरा बढ़ गया है। पहले भी संक्रमित हो चुके है सिंधियाबता दें पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को इससे पहले कोरोना हो चुका है। वो और उनकी माता जून महीने में महामारी के चपेट में आए थे। दिल्ली के एक अस्पताल में दोनों का इलाज भी चला था। वही इसके अलावा मप्र सरकार में सीएम शिवराज के अलावा कोरोना संक्रमित मंत्रियों की संख्या अब 5 हो गई है। अरविंद भदौरिया, तुलसी सिलावट, रामखेलावन पटेल और विश्वास सारंग के बाद अब मोहन यादव को कोरोना हो हुआ है।
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19 August 2020भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भी मप्र के बासमती चावल को जीई टैग दिलाने की वकालत की है। उन्होंने केन्द्र सरकार से प्रदेश के बासमती धान को जीआई टैग दिलाने की मांग की है, साथ ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि घडिय़ाली आंसू मत बहाइये। पीएम आवास पर धरना देने के लिए मेरे साथ दिल्ली चलिए। वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘मध्यप्रदेश में बासमती धान की काफी खेती होने लगी है, लेकिन उसे केंद्र सरकार के द्वारा जीआई टैग नहीं देने से उसे जो बासमती धान की अन्य प्रदेशों में कीमत मिलती है, वह नहीं मिल रही है। मैं प्रधानमंत्री जी व केंद्रीय कृषि मंत्री जी, जो कि मध्यप्रदेश के ही हैं, उनसे मप्र के बासमती धान को जीआई टैग देने की मांग करता हूं।’ वहीं, दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रिय शिवराज सिंह चौहान जी, समाचार पत्रों से जानकारी मिली है कि प्रदेश में बासमती धान का उत्पादन करने वाले किसानों के प्रति आप एकाएक बहुत चिंतित और विचलित हो रहे हैं। आपकी वेदना है कि प्रदेश के किसानों द्वारा पैदा की जा रही बासमती को अभी तक एपीडा संस्था से जीआई टैग नहीं मिल पा रहा है। आप प्रदेश के किसानों के इतने बड़े शुभचिंतक हैं। दिसम्बर 2003 से लेकर विगत सवा साल छोडक़र करीब सोलह साल से आप की प्रदेश में सरकार है। बासमती की टैगिंग को लेकर आपने बयानबाजी के सिवा कुछ नहीं किया। यही नहीं भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार को सातवां साल चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आप देश के लिये ईश्वर का वरदान कहते नहीं थकते। क्या कारण है कि आप अपनी ही पार्टी के नेता नरेन्द्र मोदी से मध्यप्रदेश के बासमती उत्पादक किसानों को उनका हक नहीं दिला पाये। जबकि जिस बुधनी क्षेत्र से आप विगत 30 वर्षों से जनप्रतिनिधि हैं। वहां के किसानों को भी आप साल दर साल सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। उन्होंने आगे लिखा है कि प्रदेश के धान उत्पादक किसान आपके आंसुओं को अब घडिय़ाली आंसू की संज्ञा दे रहे हैं। आप प्रदेश के 14 सालों से मुख्यमंत्री हैं और अपने आप को किसानों का हमदर्द बताने में भी नहीं थकते हैं। अभी तक प्रदेश के किसानों द्वारा उत्पादित बासमती चावल ही नहीं शरबती गेहूं, ज्वार, बाजरा और कोदा-कुटकी को भी जीआई टैग नहीं मिल पाया है। दिग्विजय सिंह ने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अनुरोध किया है कि प्रदेश के किसानों के हित में बासमती चावल सहित अन्य कृषि उत्पादकों की उनकी श्रेष्ठता के आधार पर जीआई टैग दिलवाए जाने हेतु आप दिल्ली चलिए और सभी सांसदों के साथ प्रधानमंत्री आवास पर धरना दीजिये। दलीय राजनीति से हटकर मैं भी आपके धरने में शामिल होने के लिये तैयार हूं। आप यदि प्रधानमंत्री के समक्ष किसानों की मांग को लेकर धरना देने तैयार हों तो कृपया तारीख से अवगत कराने का कष्ट करें।’’ बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पिछले कई वर्षों से प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैग दिलाने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन गत दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्दर सिंह ने पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर मप्र के बासमती चावल को जीआई टैग नहीं देने का आग्रह किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कैप्टन अमरेन्दर सिंह के पत्र का विरोध करते हुए पुन: प्रधानमंत्री मोदी को एक पत्र लिखा था और मप्र के बासमती धान को जीआई टैग देने की मांग की थी। इसके बाद से यह विवाद लगातार गहराता जा रहा है।
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18 August 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा सभी मंत्रियों, मुख्य सचिव, विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव से स्वतंत्रता दिवस पर की गई जनकल्याण की घोषणाओं के क्रियान्वयन के लेकर चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में शासकीय सेवाओं में प्रदेश के ही विद्यार्थियों को लिया जाएगा। इसके लिए आवश्यक वैधानिक प्रावधान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनकल्याण के लिए संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की गति बढ़ाई जाए। स्वतंत्रता दिवस 2020 पर की गई व्यापक जनहित की घोषणाओं, आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए रोडमेप और उसके अमल के साथ ही उन योजनाओं को जमीन पर उतारने के पूरे प्रयास किए जाएं, जिनका क्रियान्वयन गत वर्ष गंभीरता से नहीं किया गया। विभिन्न कार्यों के लिए शिलान्यास और लोकार्पण भी भौतिक रूप से और जहां कोरोना का प्रभाव है वहां तकनीक के माध्यम से संपन्न किए जाएं। सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सावधानियों का पालन करते हुए इनमें विभिन्न मंत्री शामिल होंगे। वे स्वयं भी लोकार्पण कार्यक्रमों में जाएंगे। कोरोना पर नियंत्रण की दृष्टि से स्थितियां सामान्य होते ही ये कार्यक्रम आयोजित होंगे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि समृद्ध मध्यप्रदेश के लिए अधिक से अधिक प्रयास किए जाएं। प्रयासों की पराकाष्ठा होना चाहिए। विभागों की भूमिका सक्रिय रहे और विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर परिणाम प्राप्त किए जाएं। आत्मनिर्भर भारत के रोडमेप के लिए मंत्री समूह आगामी 25 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट दे दें। उन्होंने एक सितम्बर से मंत्रियों के हाथ से खाद्यन्न वितरण अभियान के अंतर्गत कार्यक्रम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी तैयारियां प्रारंभ की जाएं। कलेक्टर्स को भी इसी सप्ताह वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा निर्देश दिए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में विभिन्न वर्गों के हित में राशि प्रदान की गई। अर्थिक गतिविधियों की शुरुआत के बाद इनकी गति बढ़ाने और गरीबों के कल्याण के पैकेज के क्रियान्वयन का कार्य तेज किया जाए। लोकल को वोकल बनाने के संकल्प के साथ मध्यप्रदेश में विभिन्न संसाधनों के उपयोग से टिकाऊ विकास की लक्ष्य प्राप्ति करना है। उन्होंने स्वतंत्रता दिवस संबोधन की प्रमुख घोषणाओं के संबंध में मंत्रियों और अधिकारियों को विस्तृत निर्देश दिए। इन विषयों में शहीद सैनिकों के परिवार की सहायता, खाद्यन्न सुरक्षा मिशन में एक सितम्बर से सभी उपभोक्ताओं को लाभान्वित करने, मनरेगा के अंतर्गत दिए गए रोजगार कार्यों को सुनिश्चित करने, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के 24 जिलों में क्रियान्वयन, स्ट्रीट वेंडर्स को 35 प्रकार के छोटे-छोटे व्यवसायों के सुचारु संचालन में कार्यशील पूंजी दिलवाने, संबल योजना, कृषकों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिलवाने, मंडी अधिनियम में संशोधन के प्रावधान जमीन पर उतारने, प्रधानमंत्री कृषि अधोसंरचना निधि में किसानों की आय बढ़ाने, सिंचाई सुविधा के विस्तार, खाद्य प्रसंस्करण ईकायों को प्रारंभ करने, मत्स्य पालन मछुआरों की आय बढ़ाने, दुग्ध उत्पादकों के क्रेडिट कार्ड तैयार करने, महिला स्वसहायता समूहों को सशक्त बनाने, प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना में हितग्राहियों को लाभ दिलवाने, अनुसूचित जनजाति वर्ग को वनाधिकार पट्टे प्रदान किए जाने, प्रदेश के 89 आदिवासी बाहुल्य विकासखंड में बिना लायसेंसधारी साहूकारों द्वारा दिए गए ऋण के चंगुल से आदिवासी भाई-बहनों को मुक्त करवाने, बैगा, सहरिया, भारिया जनजाति के कल्याण, घुमक्कड़ अद्र्ध घुमक्कड़ जातियों के विकास,पिछड़ा वर्ग कल्याण, सामान्य वर्ग के हित में संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन, राष्ट्रीय जलजीवन मिशन में 2023 तक एक करोड़ से अधिक नल कनेक्शन, मेधावी छात्रों को लेपटॉप प्रदान किए जाने, प्रदेश में सौर ऊर्जा विकास, अटल (चंबल) प्रोग्रेस- वे और नर्मदा एक्सप्रेस-वे के विकास, रेडीमेड वस्त्र उद्योग के प्रोत्साहन, लघु और सूक्ष्म औद्योगिक इकाईयों की स्थापना, नवीन उद्योगों के लिए 'स्टार्ट योर बिजनेस इन थर्टी डेज' का क्रियान्वयन शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने ग्लोबल स्किल पार्क के विकास के संबंध में भी आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करने तथा पर्यटन विकास के अंतर्गत थीम आधारित सर्किट विकसित करने के निर्देश दिए। अमरकंटक सर्किट, रामायण सर्किट तीर्थंकर सर्किट, नर्मदा परिक्रमा, डायमंड टूर, साड़ी मेकिंग टूर को बढ़ावा देने और चित्रकूट से अमरकंटक तक, राम वन गमन पथ के विकास, बफर में सफर योजना के संबंध में निर्देश दिए गए। उन्होंने प्रदेश में पर्यावरण हितैषी विचार से आधुनिक पद्धति द्वारा गौण खनिज दोहन और मूल्य संवर्धन रणनीति, कुटीर उद्योगों का जाल बिछाने, 10 संभागीय आईटीआई का उन्नयन, सिंगल सिटीजन डाटाबेस बनाने, आनंद विभाग के अल्पविराम के अन्य कार्यक्रमों के संपादन, ग्रामीण आबादी के लोगों के लिए भू-अभिलेख तैयार करने की व्यवस्था कर आवासीय भूखंड के मालिकाना हक देने के कार्य और प्रदेश सुदृढ़ कानून व्यवस्था बनाए रखने के संबंध में भी विस्तार से निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदतन अपराधियों, ड्रग्स और चिटफंड में लगे अपराधियों और किसी भी तरह के माफिया के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएं। उन्होंने कर्मचारी कल्याण, वित्तीय प्रबंधन, बेटी बचाओ अभियान और पुलिस कर्मियों के लिए राजधानी में पृथक अस्पताल की व्यवस्था के संबंध में भी कार्रवाई के निर्देश दिए।
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18 August 2020जबलपुर/ भोपाल। मध्यप्रदेश में फिलहाल अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा। मप्र उच्च न्यायालय में पूर्ववर्ती सरकार के ओबीसी को 14 आरक्षण के कोटे को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई हुई, जिसमें अदालत ने 14 फीसदी से अधिक आरक्षण पर लगाई गई रोक को आगामी आदेश तक बरकरार रखने का निर्देश दिया है। बता दें कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की कमलनाथ सरकार द्वारा प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण कोटे को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का निर्णय लिया था और इसे राज्य में लागू करने के लिए संशोधित अध्यादेश भी जारी कर दिया गया था, लेकिन सरकार के इस फैसले को जबलपुर की छात्रा आकांक्षा दुबे समेत कई विद्यार्थियों ने उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए याचिकाएं दायर की थीं। याचिकाओं में कहा गया था कि राज्य सरकार के 8 मार्च 2019 को जारी संशोधन अध्यादेश के कारण ओबीसी आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 फीसदी हो गया है, जिससे आरक्षण का कुल प्रतिशत 50 से बढक़र 63 हो गया है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं किया जा सकता। वहीं राजस्थान के शांतिलाल जोशी सहित 5 छात्रों ने एक अन्य याचिका में कहा कि 28 अगस्त 2018 को मप्र सरकार ने 15000 उच्च माध्यमिक स्कूल शिक्षकों के लिए विज्ञापन प्रकाशित कर भर्ती परीक्षा कराई। 20 जनवरी 2020 को इस सम्बंध में सरकार ने इन पदों में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण लागू करने की नियम निर्देशिका जारी कर दी। उच्च न्यायालय द्वारा तत्काल याचिकाओं पर तत्काल फैसला लेते हुए अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 फीसदी से अधिक आरक्षण देने पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही थी। इसी आदेश को बरकरार रखते हुए कोर्ट ने 28 जनवरी को एमपीपीएससी की करीब 400 भर्तियों में भी ओबीसी आरक्षण बढ़ाने पर अंतरिम रोक लगा दी थी। इस मामले में जबलपुर उच्च न्यायालय में मंगलवार को प्रशासनिक न्यायाधीश संजय यादव व जस्टिस बीके श्रीवास्तव की युगलपीठ द्वारा मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई हुई, जिसमें सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता के साथ महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने पक्ष रखते हुए अदालत से रोक के आदेश को वापस लेने का आग्रह किया, जिसे अदालत ने स्वीकार नहीं किया। अदालत ने अन्य पिछड़ा वर्ग के 14 फीसदी से अधिक आरक्षण पर रोक को बरकरार रखने का आदेश पारित किया। साथ ही मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद करने का निर्देश दिया।
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18 August 2020इंदौर। जिस तरह से मेरी दादी और पिता ने सदैव सत्य के मार्ग पर चलते हुए जनता जनार्दन की सेवा की है, उसी प्रकार मैं भी सदैव सत्य के झंडे को ऊंचा रखते हुए जनहित के लिए निरंतर कार्य करता रहूंगा। यह बातें राज्यसभा सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को अपने इंदौर प्रवास के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। राज्यसभा सांसद बनने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार को पहली बार इंदौर पहुंचे। यहां भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर मंत्री ऊषा ठाकुर, तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी और शहर अध्यक्ष गौरव रणदिवे शामिल रहे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में अपने कांग्रेस छोडऩे का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को काबिलियत की कद्र ही नहीं है। 15 महीनों की कांग्रेस सरकार में जो भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी मैंने देखी, ऐसी स्थिति राजनीतिक जीवन में पहले कभी नहीं देखने को मिली। मैंने और मेरे साथी विधायकों ने अंतरात्मा की आवाज सुनकर कांग्रेस पार्टी छोड़ी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सदस्यता ली। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के नेतृत्व में भारत का विकास सुनिश्चित है। देश की अखंडता और एकता उनके हाथों में सुरक्षित है। ज्योतिरादित्य सिंधिाया ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंने कांग्रेस सरकार के दौरान बार-बार जनता की आवाज को उठाया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आने वाले उपचुनाव में जनता उन्हें सबक खिलाएगी। कांग्रेस कुर्सी जाने की वजह से छटपटा रही है। उन्होंने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं। हम केवल जनता के विश्वास पर खरा उतरना चाहते हैं। मैं जनसेवक था, हूं और रहूंगा। मेरी दादी ने सत्य का रास्ता अपनाया था, पिताजी ने सत्य का झंडा उठाया, उसी के अनुरूप मैं भी सत्य की राह पर चलते हुए जनहित के कार्य करता रहूंगा। इसके बाद सिंधिया उज्जैन के लिए रवाना हो गए, जहां वे बाबा महाकाल की शाही सवारी में शामिल होंगे और पूजन-अर्चन करेंगे।
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17 August 2020इंदौर। जिस तरह से मेरी दादी और पिता ने सदैव सत्य के मार्ग पर चलते हुए जनता जनार्दन की सेवा की है, उसी प्रकार मैं भी सदैव सत्य के झंडे को ऊंचा रखते हुए जनहित के लिए निरंतर कार्य करता रहूंगा। यह बातें राज्यसभा सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को अपने इंदौर प्रवास के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा। राज्यसभा सांसद बनने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया सोमवार को पहली बार इंदौर पहुंचे। यहां भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया। इस अवसर पर मंत्री ऊषा ठाकुर, तुलसी सिलावट, सांसद शंकर लालवानी और शहर अध्यक्ष गौरव रणदिवे शामिल रहे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में अपने कांग्रेस छोडऩे का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को काबिलियत की कद्र ही नहीं है। 15 महीनों की कांग्रेस सरकार में जो भ्रष्टाचार और वादाखिलाफी मैंने देखी, ऐसी स्थिति राजनीतिक जीवन में पहले कभी नहीं देखने को मिली। मैंने और मेरे साथी विधायकों ने अंतरात्मा की आवाज सुनकर कांग्रेस पार्टी छोड़ी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सदस्यता ली। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के नेतृत्व में भारत का विकास सुनिश्चित है। देश की अखंडता और एकता उनके हाथों में सुरक्षित है। ज्योतिरादित्य सिंधिाया ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंने कांग्रेस सरकार के दौरान बार-बार जनता की आवाज को उठाया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। आने वाले उपचुनाव में जनता उन्हें सबक खिलाएगी। कांग्रेस कुर्सी जाने की वजह से छटपटा रही है। उन्होंने कहा कि सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं। हम केवल जनता के विश्वास पर खरा उतरना चाहते हैं। मैं जनसेवक था, हूं और रहूंगा। मेरी दादी ने सत्य का रास्ता अपनाया था, पिताजी ने सत्य का झंडा उठाया, उसी के अनुरूप मैं भी सत्य की राह पर चलते हुए जनहित के कार्य करता रहूंगा। इसके बाद सिंधिया उज्जैन के लिए रवाना हो गए, जहां वे बाबा महाकाल की शाही सवारी में शामिल होंगे और पूजन-अर्चन करेंगे।
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17 August 2020इंदौर। राज्यसभा सासंद और वरिष्ठ भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया आज सोमवार को अपने एक दिवसीय मप्र के प्रवास पर आ रहे हैं। वे आज इंदौर और उज्जैन दौरे पर रहेंगे। सिंधिया बाबा महाकाल की पूजा-अर्चना करेंगे। इस दौरान सिंधिया इंदौर में पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात भी करेंगे। मालवा की 7 सीटों पर उपचुनाव के लिहाज से दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान सिंधिया अन्य राजनेताओं से भी मुलाकात करेंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, सिंधिया सोमवार दोपहर 1: 05 बजे इंदौर पहुंचेंगे। यहां से वे सीधे महू से भाजपा विधायक और मप्र सरकार की पर्यटन मंत्री ऊषा ठाकुर के घर जाकर उनसे मुलाकात करेंगे। इसके बाद वे सडक़ मार्ग से उज्जैन जाएंगे। उज्जैन में वे भाजपा सांसद अनिल फिरोजिया से उनके घर जाकर मिलेंगे। इसके बाद वे मप्र सरकार के मंत्री मोहन यादव के घर भी जाएंगे। अपने उज्जैन प्रवास के दौरान सिंधिया भाजपा नेता पारस जैन और शिवा कोटवाणी से मिलने उनके घर जाएंगे। इसी दिन शाम को रामघाट पर महाकाल की शाही सवारी का पूजन कर वे इंदौर लौटेंगे। इंदौर में सिंधिया भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से नंदा नगर स्थित उनके निवास पर मुलाकात करेंगे। वे इंदौर-2 से विधायक रमेश मेंदोला से भी मिलेंगे इसके अलावा सिंधिया पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के घर जाकर मुलाकात करेंगे। सिंधिया इंदौर के वर्तमान सांसद शंकर लालवानी से उनके घर पर जाकर मिलेंगे। इसके बाद रात इंदौर के मेरियट होटल में रुकने के बाद अगले दिन मंगलवार सुबह वे दिल्ली के लिए रवाना हो जाऐंगे। ग्वालियर नहीं जाऐंगे महाराज उपचुनावों की दृष्टि से भी सिंधिया का ग्वालियर चंबल दौरा बहुप्रतीक्षित है। राज्यसभा सांसद बनने के बाद सिंधिया का ग्वालियर में बेसर्बी से इंतजार हो रहा है, लेकिन इस बार भी वहां उनके समर्थकों को निराश होना पड़ेगा। पिछले दिनों वे भोपाल दौरे पर आये थे उसके बाद वे एक बार फिर मध्यप्रदेश आ रहे हैं लेकिन ग्वालियर ना आते हुए वे उज्जैन और इंदौर के दौरे पर रहेंगे। सिंधिया ग्वालियर से लगातार दूरी बनाये हुए हैं इसे लेकर अब तरह तरह के कयास लगना शुरू हो गए हैं।
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17 August 2020भोपाल। मप्र के पूर्व मंत्री और कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख जीतू पटवारी ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। साथ ही जीतू पटवारी ने पाला बदलकर भाजपा में शामिल होने पर सिंधिया को लेकर कई आरोप लगाए। पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए जीतू पटवारी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि सिंधिया ने कहा था सत्ता के लिए नहीं जनसेवा करने की राजनीति करते है। लेकिन अब जनसेवा करने के लिए चम्बल नहीं गए। लेकिन चुनाव को ध्यान रखते हुए उज्जैन और इंदौर दौरा कर रहे है। उन्होंने सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा कि अतिथि विद्वान, अथिति शिक्षक मुद्दे पर सिंधिया सडक़ पर उतरने की बात करते थे। पिछले 3 महीने में 28 अतिथि शिक्षकों ने आत्महत्या कर ली है, लेकिन सिंधिया घर में क्यों छुपे हो सडक़ पर आओ। भाजपा में जाने के बाद आज तक सिंधिया ने इस मुद्दे पर सीएम शिवराज को एक पत्र तक नहीं लिखा है। वहीं सिंधिया के आज इंदौर- उज्जैन दौरे पर भी जीतू पटवारी ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि पहले सिंधिया के घर कांग्रेसी जाते थे, अब सिंधिया घर घर जा रहे हैं। किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही भाजपा इस दौरान किसानों के मुद्दे पर बात करते हुए पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि हमारी सरकार ने 25 लाख किसानों का ऋण माफ किया। आज किसानों की संपत्ति कुर्क हो रही है। लेकिन कांग्रेस सरकार के समय किसानों की हितैषी बनने वाली भाजपा सरकार किसानों के लिए कुछ नहीं कर रही है। सरकारी विभागों पर साधा निशानाइस दौरान जीतू पटवारी ने सरकारी विभागों के कामकाज को लेकर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ज्यादातर विभाग मे काम नहीं हो रहा है। मंत्री अपने इलाके में चुनाव जीतने के लिए घूम रहे हैं। भाजपा सिर्फ चुनाव जीतने में लगी है। भाजपा पर लगाया गंभीर आरोपजीतू पटवारी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि वर्तमान की 5 महीने की भाजपा सरकार को सिर्फ दो कारण से जाना जाता है। जिसमें दलितों और बेटियों पर अत्याचार प्रमुख है। बिजली बिल हॉफ योजना भी सरकार ने रोकी। उन्होंने उप चुनाव में कांग्रेस की वापसी पर भरोसा जताते हुए कहा कि जिस दिन चुनाव होंगे, उस दिन कांग्रेस की वापसी होगी। जनता के बीच भाजपा के खिलाफ आक्रोश है।
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17 August 2020भोपाल। गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने शनिवार को स्वतंत्रता दिवस पर नवीन पुलिस थाना अरेरा हिल्स के शुभारंभ किया। इस अवसर पर डॉ. मिश्रा ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में लॉकडाउन को सही रूप में सफल बनाने में पुलिस विभाग का सराहनीय योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि विपत्ति के समय में पुलिस के अधिकारी-कर्मचारियों ने कर्त्तव्य निर्वहन करते हुए शहादत भी दी है। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कोरोना काल में शहीद होने वाले इंस्पेक्टर देवेन्द्र कुमार चंद्रवंशी की धर्मपत्नी श्रीमती सुषमा चंद्रवंशी और इंस्पेक्टर यशवंत पाल की सुपुत्री कु. फाल्गुनी पाल को उप निरीक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति-पत्र सौंपे। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, संभागायुक्त कवीन्द्र कियावत, डीआईजी इरशाद वली और अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कोरोना संक्रमण काल में पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा कोरोना योद्धा के रूप में किये गये कार्यों की मुक्त कंठ से सराहना की। उन्होंने कहा कि वे मंशा, वाचा, कर्मणा से विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों के प्रति साधुवाद और आभार प्रकट करते हैं। उन्होंने कहा कि नवीन पुलिस थाना अरेरा हिल्स के क्षेत्राधिकार में अति महत्वपूर्ण शासकीय संस्थानों के आने से उसकी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। आशा करता हूँ कि वे पूर्ण मुस्तैदी और कर्त्तव्यनिष्ठा से अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए जन-हित में उत्कृष्ट कार्यों का प्रदर्शन करेंगे। नवीन पुलिस थाने का क्षेत्राधिकार और पुलिस बल की स्थापना शुभारंभ अवसर पर संबोधित करते हुए एडीजी भोपाल जोन उपेन्द्र जैन ने बताया कि नवीन पुलिस थाना क्षेत्र में राजभवन, विधानसभा, विधायक विश्राम गृह, मंत्रालय, वल्लभ भवन, सतपुड़ा- विंध्याचल, पुरानी विधानसभा, रोशनपुरा, मालवीय नगर, भीम नगर, ओम नगर और वल्लभनगर इत्यादि रहेंगे। उन्होंने बताया कि नवीन थाने में एक उपनिरीक्षक, तीन सहायक उपनिरीक्षक, 6 प्रधान आरक्षक तथा 14 आरक्षक के बल को स्वीकृति प्रदान की गई है। थाना प्रभारी के रूप में उप निरीक्षक आर.के. सिंह की पद-स्थापना कर दी गई है। अनुकम्पा नियुक्ति के लिये परिजनों ने किया आभार व्यक्त श्रीमती सुषमा-देवेन्द्र कुमार चंद्रवंशी और कु. फाल्गुनी-यशवंत पाल ने गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और मध्यप्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कोरोना और परिवार पर आई इस विपत्ति के समय सरकार ने संवेदनशीलता से निर्णय लिया है, इससे समस्त कोरोना योद्धाओं को अपने कार्यों को और बेहतर ढंग से करने के जज्बे को मजबूती मिलेगी। सरकार के इस निर्णय से परिवार का संबंल बढ़ेगा।
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15 August 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को भोपाल के लाल परेड ग्राउण्ड परिसर के मोतीलाल नेहरु स्टेडियम में आयोजित राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश के यशस्वी एवं दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। अब यह वर्ष 1962 का भारत नहीं है। यदि किसी शत्रु ने भारत की ओर आँख उठाकर देखा तो उसे सबक सिखाने में भारत पीछे नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने शहीद सैनिकों के परिवार को एक करोड़ रुपये की राशि, परिवार के एक सदस्य को शासकीय सेवा और भूखंड प्रदान करने का निर्णय लेकर बलिदानियों के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित किया है। प्रधानमंत्री मोदी जी ने चमत्कारी नेतृत्व से असंभव माने जाने वाले कार्यों को संभव कर दिखाया है। कोरोना की चुनौती का उनके सक्षम नेतृत्व में देश ने साहस के साथ सामना किया, देश में सुनियोजित व्यवस्थाएं की गईं और उस पर प्रभावी नियंत्रण किया है। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में कोरोना से बचाव मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सही समय पर लिए गए सुविचारित निर्णयों के परिणामस्वरूप भारत ने कोरोना संक्रमण से बचाव की दिशा में प्रभावी कार्य किया। मोदी जी मैन ऑफ़ आइडियाज हैं। कठिन चुनौती भरे समय को अवसर के रूप में लेते हुए उन्होंने आत्म-निर्भर भारत का जो मंत्र दिया है उस पर प्रदेश तेज गति से चल रहा है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अनेक घोषणाएं भी की। इनमें प्रमुख हैं- नि:शुल्क खाद्यान्न प्रदाय का महाअभियान आरंभ होगा। 'मेधावी विद्यार्थी योजना' तथा सभी विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क पढ़ाई की व्यवस्था। मेधावी विद्यार्थियों को वितरित होंगे लैपटॉप। प्रदेश में प्रारंभ होंगे सर्व-सुविधायुक्त और गुणवत्तापूर्ण 'सीएम राइज स्कूल' महिला स्व-सहायता समूहों को इस वर्ष 1300 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण 4 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाएगा। 'एक जिला एक उत्पाद' के सिद्धांत पर होगी जिलों की ब्रांडिंग। बेटियों की पूजा से आरंभ होंगे शासकीय कार्यक्रम। बेटी बचाओ अभियान नए सिरे से प्रारंभ होगा। आदिवासियों एवं गरीबों को साहूकारों के चंगुल से मुक्त कराने का अभियान। नियमों के विपरीत 15 अगस्त 2020 तक दिए गए ऋण शून्य होंगे। आवश्यक कानून लाया जाएगा। पुलिस कर्मियों के लिए भोपाल में बनेगा 50 बिस्तरीय सर्व-सुविधायुक्त अस्पताल। 2023 तक 1 करोड़ नल कनेक्शन का लक्ष्य। हर घर तक नल के माध्यम से जल। सभी नागरिक सुविधाएँ ऑनलाइन उपलब्ध करायी जाएंगी। नर्मदा एक्सप्रेस-वे से नर्मदांचल में उद्योगों, ईको टूरिज्म और धार्मिक गतिविधियों को प्रोत्साहन। नये उद्योगों की स्थापना में सरलता के लिए 'स्टार्ट योर बिजनेस इन थर्टी डेज' योजना प्रारंभ होगी। प्रदेश के नागरिकों का 'सिंगल सिटीजन डाटाबेस' तैयार होगा। ग्रामीण जनता को उनके आवासीय भूखंड पर मालिकाना हक दिया जाएगा। कर्मचारियों को देय सभी लाभ दिए जाएंगे। कोरोना काल की तरह आगे भी गरीबों के लिए सस्ती बिजली।
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15 August 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शनिवार को भोपाल के शौर्य स्मारक में भारतमाता की कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत माता हमे शक्ति दें कि मध्यप्रदेश वैभवशाली, गौरवशाली और संपन्न देश के निर्माण में अपना सशक्त योगदान दे सके। उन्होंने कहा कि देश पर सर्वस्व न्यौछावर करने वाले वीर सपूत सैनिकों की स्मृति में निर्मित शौर्य स्मारक में भारत माता की दिव्य और भव्य प्रतिमा स्थापित करने का मेरा संकल्प आज साकार हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शौर्य स्मारक पर वीरों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने आये सरसंघ चालक मोहन भागवत सहित अनेक लोगों के मन में अक्सर यह भाव आता था कि यहाँ भारतमाता की मूर्ति होनी चाहिए। यह सपना आज साकार हुआ है। शौर्य स्मारक आने वाला हर व्यक्ति वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देकर भारतमाता को प्रणाम कर देश भक्ति के भाव से भर जायेगा। इस अवसर पर संस्कृति, पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर ने भी शौर्य स्मारक पर वीर सपूतों को पुष्पचक्र अर्पित करने के बाद भारतमाता को पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर, पूर्व महापौर आलोक शर्मा, सीएम की धर्मपत्नी साधना सिंह और प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर भारतमाता की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार राजकुमार पण्डित का शाल श्रीफल से सम्मान किया। अशोक चक्र राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत भी उकेरा गया है पेडस्टल पर उल्लेखनीय है कि भोपाल में 13 एकड़ क्षेत्र में निर्मित शौर्य स्मारक का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अक्टूबर 2016 को किया था। स्मारक की प्रथम वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां भारतमाता की प्रतिमा स्थापना का संकल्प लिया था। प्रतिमा स्थापना के लिये विशेषज्ञों, वास्तुविदों, शिल्पकारों, चित्रकारों, आकल्पनकारों और संस्थानों आदि से प्रस्ताव आमंत्रित करने के बाद आर्शीवचन की मुद्रा में राष्ट्रध्वज सहित कमल पर भारतमाता की लगभग 25 फीट (पेडस्टल सहित 37 फीट) कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई है। प्रतिमा के पेडस्टल पर अशोक चक्र के साथ राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत भी उकेरा गया है। वहीं स्मारक में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना से संबंधित संक्षिप्त ऐतिहासिक जानकारी, चित्र, अस्त्र-सशस्त्रों के छायाचित्र, टेबलटॉप मॉडल स्केल मॉडल शौर्यपदक विवरण, शौर्य से संबंधित प्रकाशन, लघु फिल्म प्रदर्शन आदि के माध्यम से जनसामान्य को भारतीय सेना की शौर्यगाथाओं से परिचित कराया जाता है। अब तक 26 लाख 50 हजार से अधिक लोग यहाँ आ चुके हैं। शौर्य स्तम्भ पर शहीदों को नमन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतमाता की मूर्ति के अनावरण के पूर्व शौर्य स्तम्भ पर पुष्पचक्र अर्पित कर शहीदों को नमन किया। इस मौके पर संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर सहित जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
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15 August 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रीगण से अपने विभागों की नियमित समीक्षा कर जनकल्याण के प्रयासों को गति देने की अपेक्षा की है। मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रालय से वर्चुअल कैबिनेट शुरू होने के पहले मंत्रियों से संवाद किया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप बनाने के लिए हाल ही में संपन्न वेबिनार में महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं, इनको जमीन पर उतारा जाएगा। मुख्यमंत्री चौहन ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश वेबिनार में विद्वानों और विषय-विशेषज्ञों के साथ ही आमजनता के सुझाव भी प्राप्त हुए हैं। इन्हें भी रोडमेप में स्थान दिया जाए। यह देखना होगा कि व्यवहारिक सुझाव अवश्य शामिल हो जायें। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आव्हान पर आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप बनाने के लिए वेबिनार के बाद मंत्रीगण समन्वय अधिकारी के साथ 16 अगस्त से बैठकें कर विभिन्न क्षेत्रों में विकास का प्रारूप तैयार करें। मंत्रियों के समूह आगामी 25 अगस्त तक अपनी सिफारिशें दे दें। मुख्मंत्री चौहान ने कहा कि इन सिफारिशों के मिलने के बाद नीति आयोग से चर्चा होगी। इसके पश्चात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मध्यप्रदेश के विकास का 3 वर्ष का रोडमेप सौंपा जाएगा। मध्यप्रदेश के विकास के रोडमेप में वार्षिक के साथ ही अर्द्धवार्षिक और त्रैमासिक लक्ष्य भी होंगे। योजनाओं के प्रचार पर दें ध्यान मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रत्येक विभाग की गतिविधियां जनता तक पहुंचें। वर्चुअल कार्यक्रम, बैठकें आयोजित हों। इसके साथ ही शिलान्यास और लोकार्पण भी किए जाएं एवं हितग्राहियों के बैंक खाते में योजनाओं की राशि जमा करने का कार्य किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना काल में राजस्व संग्रहण में कमी आई है लेकिन इसके लिए वित्तीय व्यवस्था और प्रबंधन करते हुए आमजन के कल्याण पर प्राथमिकता से ध्यान दिया जाए। माफिया और मिलावटियों के विरुद्ध चले अभियान मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में माफिया और मिलावट करने वाले समाज विरोधी लोगों के विरुद्ध तीव्र अभियान चलाया जाए। दूध और अन्य उत्पादों में मिलावट का कृत्य अक्षम्य है। महत्वपूर्ण योजनाओं के अमल पर करें फोकस मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि श्रमसिद्धि अभियान, संबल योजना, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, गरीब कल्याण रोजगार अभियान, लोक सेवा अधिनियम, वनाधिकार पट्टों का प्रदाय, श्रम सुधार, नये मंडी अधिनियम के क्रियान्वयन, जल जीवन मिशन, ग्रामीण पथ विक्रेता कल्याण योजना, हमारा घर हमारा विद्यालय और 15 अगस्त से प्रारंभ होने वाले सहयोग से सुरक्षा अभियान के क्रियान्वयन पर फोकस किया जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं रोजगार सेतु, आवास निर्माण और अन्य योजनाओं के ऑनलाइन कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और हितग्राहियों को लाभान्वित करेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने मजबूत इच्छा शक्ति और संकल्प के साथ आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए अधिक से अधिक सक्रियता की अपेक्षा मंत्रियों और अधिकारियों से की है।
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14 August 2020भोपाल। अब पूर्व सीएम कमलनाथ स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले शुक्रवार को मध्यप्रदेश की जनता को संबोधित करेंगे। कांग्रेस ने अपने आफिशियल ट्वीटर अकाउंट से इसकी जानकारी दी है। इसका सीधा प्रसारण शाम 4 बजे कांग्रेस के सभी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर किया जाएगा। स्वतत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कमलनाथ के संबोधन पर प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अच्छा होता कि कमलनाथ ये संबोधन अपने कार्यकत्ताओं को करते, पार्टी को करते, झूठ पर राजनीति करना कांग्रेस का काम है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस ने तो यह भी कहा था कि 15 अगस्त को मुख्यमंत्री के रूप में कमलनाथ जी तिरंगा फहराएंगे। आप ऐसी बातें करते ही क्यों हैं जिन्हें पूरा नहीं कर पाते। दरअसल आप ऐसा बोल-बोल कर पार्टी को थामे रखना चाहते हैं। वहीं दिग्विजय सिंह के संघ पर सवाल खड़े करने पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी में अब कार्यकर्ता नहीं बचे हैं, सिर्फ नेता ही बचे है, तो और क्या करेंगे। इसके अलावा भारतीय इतिहास में पीएम मोदी को चौथे सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले प्रधानमंत्री बनने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कोई तो चलता पदचिन्हों पर...कोई पद चिन्ह बनाता है। यह हम-सबके लिए गौरव की बात है कि माननीय प्रधानमंत्री मोदी के रूप में देश का नेतृत्व एक ऐसे सक्षम नेता के हाथों में है जिनके ऐतिहासिक और साहसिक फैसलों से दुनिया में भारत की एक नई पहचान बनी है। उन्होंने कहा कि इतिहास जब लिखा जाएगा, तब मोदी जी के फैसलों को लेकर लिखा जाएगा।
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14 August 2020भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुरुवार को देश में एक नए टैक्स प्रोग्राम की लॉन्चिंग की, जिसे 'पारदर्शी टैक्स व्यवस्था- ईमानदारों को सम्मान' नाम दिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोशल मीडिया के माध्यम से इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि इस नयी टैक्स व्यवस्था से नागरिकों से साथ देश भी सशक्त होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए कहा है कि -‘भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 'पारदर्शी टैक्स व्यवस्था- ईमानदारों को सम्मान' की नई व्यवस्था के माध्यम से देशवासियों को सशक्त किया है। इस नई व्यवस्था से नागरिकों के साथ देश भी सशक्त होगा। ऐसे अभिनव प्रयासों से आत्मनिर्भर भारत का स्वप्न शीघ्र साकार होगा।’ उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में 'पारदर्शी टैक्स व्यवस्था- ईमानदारों को सम्मान' में जनसाधारण के साथ उच्च आय वर्ग को भी सुखद अनुभूति होगी। अब ‘विवाद से विश्वास’ जैसी योजना से ज्यादातर मामले सहज ही सुलझ जायेंगे।’ उन्होंने कहा है कि इस नये टैक्स सिस्टम के शुभारंभ के लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का अभिनंदन करता हूं। आम आदमी को जहां 5 लाख रुपये पर कोई टैक्स नहीं देना है, तो वहीं बाकी स्लैब में पहले की तुलना में काफी राहत हुई है। देश इस नई व्यवस्था का स्वागत करता है!’
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13 August 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों के बंटवारे के बाद जिलों का प्रभार मिलना बाकि है। 15 अगस्त के बाद मंत्रियों को उनके जिलों का प्रभार मिल सकता है। लंबे समय से मंत्रियों को जिलों का प्रभार मिलने इंतजार है। मंत्रिमंडल में शामिल होने से लेकर विभाग बंटवारे की तरह ही मंत्रियों में जिलों को लेकर भी रस्साकसी जारी है। सिंधिया समर्थक मंत्रियों की नजर अपनी पसंद के बड़े जिलों पर है। मप्र में मंत्रिमंडल में शामिल मंत्रियों को विभाग वितरण के एक महीने के बाद भी जिलों का प्रभार नहीं मिल पाया है। पिछले महीने की 13 तारीख को मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जल्द ही उन्हें जिलों का प्रभार दिए जाने की बात कही थी। उनका कहना था कि कुछ मंत्रियों को एक और कुछ को दो-दो जिलों का प्रभार दिया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से वन टू वन चर्चा के दौरान उनके प्रभार के पसंदीदा जिलों के बारे में चर्चा की थी। अब बताया जा रहा है कि 15 अगस्त के बाद मंत्रियों को जिलों का प्रभार दिया जा सकता है। सीएम शिवराज के कोरोना संक्रमित होने की वजह से प्रभार का मामला अटक गया था, लेकिन अब मुख्यमंत्री पूरी तरह से स्वस्थ है और मंत्रियों को जल्दउ ही जिलों का प्रभार दिया जा सकता है। सूत्रों की माने तो विभागों की तरह सिंधिया समर्थक मंत्री जिलों के प्रभार में भी अपनी पसंद चाहते हैं। वह चाहते हैं कि उन्हें बड़े जिलों का प्रभार दिया जाए। उन्होंने राज्यसभा सांसद ज्योतिराज सिंधिया से उन्हें उनकी पसंद के जिले का प्रभार दिलाए जाने की गुहार लगाई है। जिन जिलों पर सिंधिया समर्थकों की नजर है शिवराज की कुछ करीबी मंत्री भी उन्हें जिलों का प्रभार चाहते हैं। यही वजह है कि मंत्रियों को जिलों का प्रभार देने में देरी आ रही है।
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13 August 2020भोपाल। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री निवास पर धूमधाम से जन्माष्टमी पर्व मनाया गया। इस मौके पर सीएम हाउस में मटकी फोडऩे को परंपरा को कायम रखते हुए सीएम शिवराज ने परिवार के साथ मटकी फोड़ी। कोरोना संकट को देखते हुए इस बार सीएम हाउस में भीड़ एकत्रित नहीं हुई थी। इस दौरान सीएम शिवराज ने पत्नी संग भजन भी गए। जन्माष्टमी के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी साधना सिंह चौहान ने कृष्ण जन्मोत्सव की तैयारियां की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह चौहान ने कृष्ण की लीलाओं से घर के मंदिर की साज सज्जा की। मुख्यमंत्री निवास में श्री कृष्ण के जन्म से लेकर गोवर्धन पर्वत को उठाने तक की झाँकियाँ तैयार की गई। कृष्ण जन्म, श्री कृष्ण का गोप-गोपियों के साथ खेल, माखन चोरी, बांसुरी वादन, राधा कृष्ण प्रेम और गोवर्धन पर्वत की झांकी तैयार की गई। इसके बाद रात 12 बजे सीएम शिवराज ने परिवार के साथ कृष्ण जन्माष्टमी त्यौहार मनाया। सीएम शिवराज ने भगवान कृष्ण को भोग लगाकर आरती उतारी। इस अवसर पर पत्नी साधना सिंह के साथ सीएम शिवराज ने भजन भी गाया। पत्रकारों से बातचीत में सीएम शिवराज ने समस्त प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है, अधर्म बढ़ता है। असुर-पापी बढ़ते हैं तो उनका विनाश करने और सज्जनों का उद्धार करने भगवान बार-बार इस धरती पर आते हैं। ये गीता जी में कहा है। मैं कन्हैया से यही प्रार्थना है कि सुख समृद्धि देश और जनता की जिंदगी में आए। सब सुखी हों, सबका कल्याण हो। कोरोना अब हमारे देश और दुनिया से भाग जाए, समाप्त हो। कोरोना की लड़ाई में हमारी विजय हो। इस दौरान सीएम शिवराज ने बताया कि कोरोना संकट को देखते हुए इस बार केवल हम लोग परिजन, बहुत थोड़ी संख्या में त्यौहार मनाऐंगे, वैसे पूरे प्रदेशवासी ही मेरे परिजन हैं।
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13 August 2020सतना। मध्यप्रदेश के सतना जिले में स्थित मैहर सीमेंट कंपनी में डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीई) द्वारा छापामार कार्रवाई की गई है। बताया जा रहा है कि कंपनी द्वारा कोरोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी का मामला उजागर हुआ है। कंपनी के एक अधिकारी को गिरफ्तार कर बुधवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, मैहर सीमेंट द्वारा जीएसटी चोरी का यह खेल काफी समय से किया जा रहा था, जिस पर जीएसटी विभाग द्वारा लगातार नजर रखी जा रही थी। कंपनी के खिलाफ काफी पुख्ता सबूत मिलने के बाद डीजीजीई की टीम मैहर सीमेंट कंपनी पहुंची और यहां छापमार कार्रवाई की। बताया गया है कि कार्रवाई के दौरान करोड़ों रुपये की जीएसटी चोरी का मामला सामने आया है। कार्रवाई में अब तक 52 लाख रुपये से ज्यादा नकद बरामद किए गए हैं। बताया गया है कि डीजीजीई द्वारा कंपनी के मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 28 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की गई और अहम दस्तावेज जब्त किये गये हैं। जानकारी मिली है कि जीएसटी चोरी के मामले में विशेष जांच टीम द्वारा कंपनी के सीनियर प्रेसिडेंट केएस सिंघवी को गिरफ्तार कर बुधवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें आगामी 25 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
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12 August 2020भोपाल। युवा शक्ति किसी भी समाज और नीतियों की दिशा बदल सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए कुछ बुद्धिजीवियों ने साल 2000 में अंतराष्ट्रीय युवा दिवस की शुरुआत की थी। तभी से प्रतिवर्ष 12 अगस्त को यह दिवस मनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस पर शुभकामनाएँ दी हैं और युवाओं से आह्वान किया है कि वे आगे बढ़ें और देश-दुनिया को आगे बढ़ाएं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को ट्वीट के माध्यम से कहा है कि -‘भारत सैकड़ों वर्षों पहले से विश्व को शांति, कल्याण का मार्ग दिखाता आया है। आज का युवा सामाजिक, आर्थिक व जीवन के हर क्षेत्र में उपयोगी भागीदारी के साथ विश्व को नई राह पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। युवा आगे बढ़ें, देश व दुनिया को आगे बढ़ाएं। शुभकामनाएं!’
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12 August 2020इंदौर। भारतीय फिल्म जगत को कई सुपरहिल्ट गीत देने वाले मशहूर शायर राहत इंदौरी अब बस लोगों की यादों में ही रह गए। उन्हें मंगलवार देर रात सुपुर्दे ए खाक किया गया। पर्सनल प्रोटेक्शन किट (पीपीई) पहनकर उनके परिजनों ने उनका अंतिम संस्कार किया। 70 वर्षीय मशहूर शायर राहत इंदौरी रविवार रात खांसी, बुखार और घबराहट होने पर जांच के लिए सीएचएल अस्पताल गए थे। सीटी स्कैन में निमोनिया आया तो डॉक्टरों ने भर्ती होने की सलाह दी। सोमवार देर रात उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई और वे मंगलवार को सुबह अरविंदो अस्पताल में भर्ती हुए थे, जहां शाम 5 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ. विनोद भंडारी ने बताया कि जब वे यहां आए तब शुगर बढ़ी हुई थी। मंगलवार सुबह तक सेहत में सुधार लग रहा था, लेकिन दोपहर डेढ़ बजे उन्हें हार्ट अटैक आया। सीपीआर देने पर कुछ सुधार हुआ। दो घंटे बाद दूसरा अटैक आ गया और उन्हें बचाया नहीं जा सका। निधन के पश्चात उनके शव को मंगलवार देर रात एम्बुलेंस के माध्यम से यहां छोटी खजरानी स्थित कब्रिस्तान में लाया गया, जहां पर्सनल प्रोटेक्शन किट (पीपीई) पहने उनके लगभग 15 परिवार जनों ने नमाज ए जनाजा अता कर उनका अंतिम संस्कार किया। राहत इंदौरी के बेटे और शायर सतलज राहत ने बताया कि पिता राहत इंदौरी लॉकडाउन के बाद से ही पूरे समय घर पर थे। इस बीच वे केवल अपने स्वास्थ्य की जांच कराने अस्पताल जाते-आते रहें। उनका अचानक यू दुनिया से रुक्सत हो जाने से पूरा परिवार स्तब्ध हैं।
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12 August 2020भोपाल। मशहूर शायर डॉ. राहत इंदौरी कोरोना का कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया। उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उन्हें मंगलवार को सुबह अरविंदो अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां शाम को दिल का दौरा पडऩे से उनका निधन हो गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए कहा है कि - ‘अपनी शायरी से लाखों-करोड़ों दिलों पर राज करने वाले मशहूर शायर, हरदिल अजीज राहत इंदौरी का निधन मध्यप्रदेश और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी आत्मा को शांति दें और उनके परिजनों और चाहने वालों को इस अपार दु:ख को सहने की शक्ति दें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहत इंदौरी का एक शेर भी पोस्ट किया है -‘ ...राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंजिलें.., रास्ते आवाज़ देते हैं सफऱ जारी रखो.., एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तों.., दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो..।’ उन्होंने आगे लिखा है कि- राहत जी आप यूँ हमें छोड़ कर जाएंगे, सोचा न था। आप जिस दुनिया में भी हों, महफूज रहें, सफर जारी रहे।’
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11 August 2020भोपाल। चाचौड़ा से कांग्रेस विधायक और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह इन दिनों अपनी ही पार्टी को लेकर खूब बयान दे रहे हैं। अब तो उन्होंने प्रदेश नेतृत्व तक को बदल देने की नसीहत दे डाली है। लक्ष्मण सिंह के बयान के बहाने प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पूर्व सीएम कमलनाथ पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि लक्ष्मण सिंह वरिष्ठ नेता हैं, प्रदेश कांग्रेस अगर उनकी बातें मान लेती तो आज विपक्ष में नहीं होती। मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि लक्ष्मण सिंह वरिष्ठ विधायक है। बरसों विधायक और सांसद रहे हैं, उनका अपना लंबा राजनीतिक अनुभव है और वे सदैव इस तरह की बातें कांग्रेस को कहते आए हैं। लेकिन पता नहीं कमलनाथ जी को क्यों अपने वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह की बात समझ में नहीं आती, यदि समझ लेते तो शायद विपक्ष में न होते। मंत्री मिश्रा ने कहा कि उन्होंने बातें तो सही कही थी, अभी भी वो सही कह रहे है कि अगर नेतृत्व बदल दे तो कोई संभावना हो वरना अभी तो दूर दूर तक कुछ दिख नहीं रहा है। पूर्व मंत्री गोविंद सिंह द्वारा अवैध रेत खनन को लेकर सीएम को लिखे पत्र और आंदोलन की चेतावनी पर मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि रेत और शराब पर कांग्रेस की नजऱ है, गोविंन्द सिंह की चिंता पुरानी है। कांग्रेस के नेता रेत और शराब को लेकर जिस तरह बयान दे रहे हैं। उससे समझा जा सकता है कि उनकी निगाहें कहां पर हैं। कांग्रेस प्रमाण दे हम कार्रवाई करेंगे, वैसे ज्यादातर ठेके उन्हीं के समय दिए गए थे। राजस्थान सियासत कांग्रेस का आंतरिक मामलाराजस्थान कांग्रेस सरकार संकट पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के लोगों ने बगावत की, इसमें भाजपा का रोल नहीं, कांग्रेस का आंतरिक मामला है, कांग्रेस अपने घर को संभाले। विवेक तन्खा के बयान पर उन्होंने कहा कि विवेक तन्खा जी आप भाजपा की नहीं अपनी पार्टी की चिंता कीजिए। दरअसल राजस्थान में जो समझौता हुआ है वह माननीय सोनिया गांधी जी ने राहुल गांधी के लिए प्रियंका गांधी के जरिए कराया है। पता नहीं कांग्रेस नेता अपने आंतरिक मामलों में भाजपा को क्यों ले आती है...? समाज को कोरोना के खिलाफ खड़ा होना होगाप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि समाज को कोरोना के खिलाफ खड़ा होना होगा, कोरोना को छुपाना सही नहीं है। कोरोना पीडि़तों को अछूत न माना जाए, प्रारम्भिक जांच की कर ली जाए तो कोरोना इतना गंभीर नहीं है। वहीं उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की पूरी चिंता सरकार को है, कोरोना फेफड़ों तक पहुंचता है तो गंभीर हो जाता है।
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11 August 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना कहर जारी है। यहां लगातार कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। अब मशहूर शायर राहत इंदौरी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। स्वास्थ्य ठीक नहीं लगने पर उन्होंने जांच करावाई थी, जिसमें उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। राहत इंदौरी ने खुद मंगलवार सुबह खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्हें ईलाज के लिए अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं। राहत इंदौरी ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर कहा, 'कोविड के शरुआती लक्षण दिखाई देने पर कल मेरा कोरोना टेस्ट किया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। ऑरबिंदो हॉस्पिटल में एडमिट हूं। दुआ कीजिये जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं।' इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि एक और इल्तेजा है, मुझे या घर के लोगों को फोन ना करें, मेरी खैरियत ट्वीटर और फेसबुक पर आपको मिलती रहेगी। सीएम शिवराज ने की शीघ्र स्वस्थ होने की कामनाशायर राहत इंदौरी के कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिलने के बाद उनके स्वस्थ होने की कामना और प्रार्थना का दौर शुरु हो गया है। मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी राहत इंदौरी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। मंगलवार सुबह उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘ प्रसिद्ध शायर श्री राहत इंदौरी जी के अस्वस्थ होने का समाचार मिला। ईश्वर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।
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11 August 2020भोपाल। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर बस एवं ट्रक आपरेटर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार से तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं। मध्यप्रदेश में भी इस हड़ताल के चलते करीब सात लाख से अधिक ट्रकों-बसों के पहिए पूरी तरह थम गए हैं। इधर, मध्यप्रदेश कांग्रेस ने ट्रांसपोर्टर्स की इस हड़ताल का समर्थन किया और सरकार से मांग की है कि उनकी मांगें मानकर उन्हें राहत प्रदान की जाए। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सोमवार को सिलसिलेवार ट्वीट के माध्यम से ट्रांसपोर्टर्स की इस हड़ताल का समर्थन करते हुए कहा है कि - ‘प्रदेश में ट्रक ऑपरेटर्स और बस ऑपरेटर्स कोरोना के इस संकट काल को देखते हुए डीजल पर लगने वाले करो में कमी व रोड टैक्स सहित अन्य करों में राहत की मांग निरंतर कर रहे हैं। मैंने भी कई बार इनकी मांगों को दोहराया है और मुख्यमंत्री को इस संबंध में राहत प्रदान करने संबंधी पत्र भी लिखे हैं।’ उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि - ‘पूरे प्रदेश में बस ऑपरेटर्स ने विरोधस्वरुप अपनी बसों का संचालन बंद कर रखा है और अब आज से ट्रक एसोसिएशन ने भी प्रदेश में तीन दिवसीय हड़ताल का आव्हान किया है। इससे व्यापार - व्यवसाय प्रभावित होगा व बसों के बंद रहने से आम जनजीवन पहले से ही प्रभावित है।’ कमलनाथ ने अगले ट्वीट में कहा है कि - ‘कांग्रेस उनकी मांगों का समर्थन करती है और हम सरकार से मांग करते हैं कि जनहित में उनकी मांगों को तत्काल मान कर उन्हें राहत प्रदान की जाए।’
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10 August 2020भोपाल। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद मप्र की सियासत में घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस नेताओं की तरफ से बयानबाजी तेज हो गई है। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने तो भाजपा पर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ राजनीतिक द्वेषपूर्वक झूठे मुकदमें दर्ज करने और सडक़ पर उतरने की चेतावनी तक दे डाली। कमलनाथ के बयान पर प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि मप्र में यदि एक भी झूठी एफआईआर हुई हो तो बताएं। यदि कोई गलत करेगा तो भुगतेगा। कानून अपना काम करेगा। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कमलनाथ के दोहरी मानसिकता की राजनीति करने के आरोप पर कहा कि कमलनाथ सडक़ पर उतरने की बात कर रहे हैं, कभी जनता के दिल मे उतरने की बात करो। छिंदवाड़ा के बाहर भी संसार है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता से झूठे वादे कर सत्ता पर काबिज हुई। वो सरकार पर आरोप लगाने से पहले ये तो बताए कि आखिर उसने चुनाव में जो भी वादे किए थे उन पर अमल किया क्या..? कमलनाथ पर तंज कसते हुए मंत्री मिश्रा ने कहा कि अपनी पूरी पार्टी ही सडक़ पर ला दिया है। जिस विषय को लेकर वो सडक़ पर आने की बात कर रहे है, जिस पूर्व मंत्री पर प्रकरण दर्ज हुआ है क्या वो जूठा है ये बताए। मप्र में यदि एक भी झूठी एफआईआर हुई हो तो बताएं। यदि कोई गलत करेगा तो भुगतेगा। कानून अपना काम करेगा। कांग्रेस जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि एक भी कांग्रेस के कार्यकर्ता है जिसपर झूठे प्रकरण दर्ज हो। मुझसे पूछो कैसे लगाएं जाते हैं झूठे प्रकरण, मैं चश्मदीद हूं, पन्द्रह महीने पर आपने कैसे झूठे प्रकरण लगाए गए थे। प्रदेशवासियों से की घर पर त्यौहार मनाने की अपीलआने वाले दिनों में प्रमुख त्योहार आ रहे हैं। प्रदेशवासियों से हाथ जोडक़र विनती है कि वे कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के मद्देनजर सभी त्योहार अपने घरों में परिवार के साथ ही मनाएं। इस दौरान सार्वजनिक प्रतिमाओं की स्थापना और किसी प्रकार का जुलूस निकालने की इजाजत नहीं होगी।
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10 August 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। यहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। आम आदमी से लेकर राजनेता तक इसकी चपेट में आने से खुद को बचा नहीं पा रहे हैं। वही अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कैबिनेट के एक और मंत्री कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने रविवार देर रात खुद ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। कोरोना संक्रमित होने के बाद उन्हें खुद को घर में एकांतवास कर लिया है। मंत्री विश्वास सारंग ने ट्वीट कर अपने कोरोना पाजिटिव होने की जानकारी दी। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि‘ ''आज मेरी दूसरी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। प्रथम टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव होने के बाद से ही मैं घरेलू एकांतवास में हूं। आप सबसे अनुरोध है कि जो भी मेरे संपर्क में आए हैं, आप सभी कोविड19 टेस्ट करा लें। इससे पहले मंत्री विश्वास सारंग ने कोरोना के लक्षण आने के बाद अपना सैंपल दिया था। तीन दिन पहले रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्होंने खुद को आईसोलेट कर लिया था, लेकिन रविवार देर रात उनकी दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। गौरतलब है कि सारंग से पहले मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, मंत्री अरविंद भदौरिया, तुलसी सिलावट के अलावा 10 से अधिक विधायक और नेता कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी, धार विधायक नीना वर्मा, जावद से विधायक ओमप्रकाश सकलेचा, पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा, जबलपुर से विधायक लखन घनघोरिया, सिरमौर से विधायक दिव्यराज सिंह और टीकमगढ़ के विधायक राकेश के नाम शामिल हैं।
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10 August 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के कद्दावर नेता, पूर्व कैबिनेट मंत्री और पाटन से भाजपा विधायक अजय विश्नोई ने नई शिक्षा नीति को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि मध्यप्रदेश में बुनियादी जरूरतों को सुधार लेने के बाद ही नई शिक्षा नीति लागू की जाए। भाजपा विधायक विश्नोई ने पीएम मोदी के लिखे पत्र में कहा है कि मध्य प्रदेश में काबिल शिक्षक नहीं हैं और स्कूलों में भी बुनियादी जरूरतों का भारी अभाव है। इसीलिए नई शिक्षा नीति लागू करने से पहले राज्य सरकार को बुनियादी जरूरतों को सुधार लेना चाहिए, इसके बाद ही नई शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू करना चाहिए। उन्होंने पत्र में यह सुझाव भी दिया है कि केंद्र सरकार को टेक्स्ट बुक के लिए एक रेगुलेटरी कमिशन बनाना चाहिए, जो स्कूलों में चलने वाली टेक्स्ट बुक को जांचने के बाद इस बात की अनुमति दें कि ये पुस्तक पढ़ाई जा सकती है या नहीं। विश्नोई का आरोप है कि अभी स्कूलों, खासतौर पर सीबीएसई के स्कूलों में जो पुस्तकें पढ़ाई जा रही हैं, उनके कंटेंट पर कोई काम नहीं किया जाता और स्कूल अपने मन से पुस्तकें लागू कर देते हैं। विश्नोई ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी एक पत्र लिखा है, जिसमें यह सलाह दी गई है कि हर गांव में स्कूल खोलने की बजाए 10 किलोमीटर पर एक ऐसा स्कूल खोला जाए, जिसमें स्मार्ट क्लास, सभी विषयों के शिक्षक, खेलकूद की पूरी व्यवस्था और 10 किलोमीटर के रेडियस में आने वाले बच्चों को लाने की सुविधा की जाए। इससे शिक्षकों द्वारा स्कूलों में गुणवत्ता की पढ़ाई करवाई जा सकेगी।
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9 August 2020भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा की रिक्त 27 सीटों पर आगामी दिनों में उपचुनाव होने हैं। संभावना जताई जा रही है कि सितम्बर के अंत तक यहां उपचुनाव हो सकते हैं। वहीं, प्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कोरोना संकट के बीच राज्य के दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस उपचुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। दरअसल, यह उपचुनाव तय करेगा कि प्रदेश में सत्ता किसकी होगी। कमलनाथ फिर से कांग्रेस की सरकार बनाएंगे या फिर शिवराज ही राज करेंगे? इसीलिए यह उपचुनाव दोनों ही पार्टी के दिग्गज नेताओं की साख का सवाल बन गया है। हालांकि, कोरोना के चलते विधानसभा की रिक्त 27 सीटों पर उपचुनाव कब होंगे, इसको लेकर संशय बना हुआ है, क्योंकि जिन विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होना है, वहां कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। राजनीतिक गलियारों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं का भविष्य दांव पर लगा हुआ हा। शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ का आगे का राजनीतिक रास्ता कैसा होगा ये सब चुनाव नतीजे ही बताएंगे। हालांकि रिक्त हुए विधानसभा क्षेत्रों से जो रुझान मिल रहे हैं उनके अनुसार चुनाव में दोनों ही पार्टियों को भितरघात का खतरा ज्यादा है। इसीलिए कहा जा रहा है कि यह उपचुनाव भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं का भविष्य तय करेंगे। दोनों ही पार्टियां उपचुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटी हैं। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए 25 पूर्व विधायकों का तो भाजपा से चुनाव लडऩा तय है। इससे क्षेत्र के भाजपा नेताओं का भविष्य दांव पर लग गया है। वहीं, कांग्रेस के पास कई क्षेत्रों में चुनाव मैदान में उतारने के लिए उम्मीदवारों का टोटा है। इसलिए कांग्रेस अब भाजपा के हारे और वरिष्ठ नेताओं को अपने पाले में लाने का प्रयास कर रही है। उसे अपनी इस मुहिम में सफलता भी मिल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भाजपा के ऐसे असंतुष्ट नेताओं से खुद मुलाकात कर रहे हैं। हालांकि, प्रदेश में अब तक हुए उपचुनाव के रुझान कहते हैं कि सत्ता जिसकी होती है, मतदाता उसी का साथ देते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के बीते तीन कार्यकालों में वर्ष 2004 से 2019 तक हुए 30 सीटों के उपचुनावों में 19 सीटों भाजपा जीती, जबकि कांग्रेस 10 सीटें ही जीत सकीं। भाजपा का जीत का प्रतिशत 66 से अधिक रहा, जबकि कांग्रेस का उपचुनाव में जीत का प्रतिशत 33 फीसदी रहा, लेकिन इस बार स्थिति बदली हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल कर प्रदेश में सरकार बनाई, लेकिन 15 महीने में ही विधायकों द्वारा इस्तीफा देने से कमलाथ सरकार गिर गई और भाजपा सत्ता में आ गई। अब उपचुनाव के बाद तय होगा कि प्रदेश में सत्ता किसके खाते में जाएगी।
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9 August 2020इंदौर। मध्यप्रदेश की पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी अपने विवादित ट्वीट के चलते लगातार मीडिया की सुर्खियों में छाए रहते हैं। अब वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के फोटो में छेड़छाड़ कर ट्वीट पर पोस्ट करने को लेकर विवादों में घिर गए हैं। भाजपा की शिकायत के बाद इस मामले में इंदौर के छत्रीपुरा थाना पुलिस ने उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। दरअसल, जीतू पटवारी ने शनिवार सुबह ट्वीट कर देश के हालात को लेकर प्रधानमंत्री पर तंज कसा था। साथ ही उन्होंने ट्वीट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक फोटो पोस्ट किया था। जीतू पटवारी द्वारा पोस्ट की गई फोटो में पीएम मोदी हाथ में कटोरा लिए हुए दिखाई दे रहे थे। हालांकि, बाद में उन्होंने वह फोटो अपने ट्वीट से हटा लिया था, लेकिन इस मामले को लेकर भाजपा आक्रामक हो गई। शनिवार देर शाम भाजपा के इंदौर नगर अध्यक्ष गौरव रणदीवे के नेतृत्व में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस उप महानिरीक्षक हरिनारायणचारी मिश्रा को लिखित में आवेदन और संबंधित फोटो सौंपकर पटवारी के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज करने का अनुरोध किया। डीआईजी से मुलाकात के दौरान नगर अध्यक्ष गौरव रणदीवे, सांसद शंकर लालवानी, पूर्व महापौर मालिनी गौड़, विधायक रमेश मेंदोला सहित कई नेता मौजूद थे। नगर अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने यहां तक कहा था कि विधायक जीतू पटवारी का मानसिक संतुलन खराब हो गया। उन्होंने यह भी कहा था कि हम विधानसभा में भी कांग्रेस विधायक की सदस्यता समाप्त करने की मांग करेंगे। छत्रीपुरा थाना पुलिस ने शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद विधायक जीतू पटवारी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फोटो के साथ छेड़छाड़ कर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है।
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9 August 2020जबलपुर। भाजपा प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री व वर्तमान जबलपुर के पाटन विधानसभा क्षेत्र के विधायक अजय विश्नोई ने अपनी ही सरकार को एक बार पुनः नसीहत दे डाली है। उन्होंने अपने ऑफिसल फेसबुक पेज के माध्यम से प्रेषित किए गए पत्र में कहा है कि नई शिक्षा नीति देश के भविष्य की दशा और दिशा बदल देगी, इसमें कोई शंका नहीं, लेकिन, शिक्षा नीति को लागू करने में जल्दबाजी नहीं की जाना चाहिए। साथ ही देश में ‘टेक्स्ट बुक रेगुलेटरी बोर्ड’ बनाया जाना भी जरुरी है, ताकि देश में शिक्षा के साथ किताबों में भी एकरूपता रहे, और जो इस दिशा में भी पहल करें।
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8 August 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आम आदमी की जिन्दगी सरल हो, उसे किसी कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़ें, यही सुशासन है और इसे लागू करने के लिए मध्यप्रदेश में जो पूर्व में कार्य हुआ है, उसे तकनीकी सहयोग से अधिक बेहतर तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि कोविड-19 एक चुनौती है जिसे अवसर में बदलने की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश में इस दिशा में प्रयास किया जा रहा है कि कार्यों को पेपरलैस बनाकर गवर्नेन्स का लाभ आमजन को दिया जाए। मध्यप्रदेश इस दिशा में पूर्व अनुभवों के आधार पर ज्यादा अच्छे परिणाम देने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री चौहान ने शनिवार को आत्मनिर्भर भारत का रोडमैप तैयार करने की दृष्टि से श्रृंखलावद्ध हो रहे वेबीनार के दूसरे दिन सुशासन पर केन्द्रित विचार-विमर्श का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि गुड-गवर्नेन्स से ई-गवर्नेन्स और अब हम एम-गवर्नेन्स की ओर जा रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आम आदमी के लिए ईज ऑफ लाइफ सरकार का ध्येय रहेगा। इन प्रयासों को बेहतर ढंग से करते हुए प्रदेश के नागरिकों के जीवन में संतुष्टि और जीवन के आनंद का स्तर बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जो चुनौतियों का डटकर मुकाबला करने वाले अद्भुत नेता हैं, उन्होंने आत्मनिर्भर भारत का संकल्प दिलवाया है। मध्यप्रदेश इसके अनुरूप आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण कर दिखायेगा। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का दस्तावेज तैयार करने के लिए ऐसे विचार जो जमीन पर उतर सकते हैं, उन्हें अमल में लाया जाएगा। इस वेबीनार में मिले सुझाव आम जनता के कल्याण की दृष्टि से उपयोगी होंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में प्राकृतिक संसाधन, आदर्श भौगोलिक स्थिति, अच्छा उत्पादन, वनोपज, कला, संस्कृति, पर्यटन, हाथकरघा, सांस्कृतिक परम्पराएं विद्यमान हैं। आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त होंगे। लेकिन बिना सुशासन के इन्हें लागू नहीं किया जा सकता। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उन्होंने पुराने कार्यकाल में अपूर्ण सिंचाई योजनाओं को पूरा किया। अधूरे बांधों का निर्माण किया गया। इसके फलस्वरूप सिंचाई क्षमता सात लाख हेक्टेयर से बढ़कर चालीस लाख हेक्टेयर को पार कर गई। मध्यप्रदेश में सुशासन के लिए उठाये गये हैं ठोस कदम मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में पूर्व वर्षों में उनके कार्यकाल में लोकोन्मुखी प्रशासनिक व्यवस्था लागू की गई। इसके लिए समाधान ऑनलाइन, जनदर्शन, वन-डे गवर्नेन्स, पब्लिक सर्विस गारंटी कानून बनाकर आमजन को त्वरित समाधान उपलब्ध करवाया गया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इसे पुरस्कृत किया। इसके अलावा सिटीजन चार्टर में सेवाओं के समय पर न दिए जाने के दोषी लोगों को दण्डित करने का कार्य भी किया गया। इस व्यवस्था का अन्य राज्यों ने भिन्न-भिन्न नामों से अनुसरण किया। यही नहीं सीएम हेल्पलाइन और सीएम मॉनिट की प्रभावी व्यवस्था लागू की गई। मुख्यमंत्री चौहान ने उम्मीद व्यक्त की कि आज इस वेबीनार में भिन्न समूह इन प्रयासों की चर्चा करेंगे। कार्य की समाधान प्रक्रिया में व्यक्ति बाधा न बने , सिंगल सिटीजन डाटाबेस शीघ्र मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सुशासन के अंतर्गत पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन आवश्यक है। कई नियम बदले भी गए हैं। इसका उद्देश्य प्रामाणिकता के साथ लोक सेवाओं का प्रदाय है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नियम, कानून आमजन के लिए होते हैं। आमजन नियम, कानून के लिए नहीं है। यदि किसी कार्य या समाधान प्रक्रिया में कोई व्यक्ति बाधा बनता है, तो यह अनुचित है। सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग से इंसान बहुत से सरकारी कार्यों के बीच में नहीं आता। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में किए गए नवाचार लोगों के लिए राहत का माध्यम बने हैं। शीघ्र ही सिंगल सिटीजन डाटाबेस के अंतर्गत एक ही स्थान पर, एक ही पोर्टल के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन का कार्य आसानी से हो सकेगा। इसके लिए तेजी से कार्रवाई की जा रही है। त्रैमासिक बजट व्यवस्था और लक्ष्य प्राप्ति की समय सीमा मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सुशासन के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक विभाग के लक्ष्य निर्धारित हों। हर तिमाही में बजट का सदुपयोग होता रहे। यह न हो कि राशि वर्षान्त में ही खर्च हो। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कान्त द्वारा वेबीनार में मध्यप्रदेश के लिए सुझाए गए डैश बोर्ड के अनुरूप पूर्व में मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया गया, जिसका लाभ प्रदेश को मिला। कुछ घंटों में होने वाले कार्य महीनों नहीं टाले जा सकते। मध्यप्रदेश में काम टालकर योजनाओं को कागज ही पर ही रखने की प्रवृत्ति नहीं चलने दी जाएगी। एक नई कार्यशैली से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के उद्देश्य को प्राप्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने वेबीनार में शामिल हुए राज्यसभा सदस्य विनय सहस्त्रबुद्धे, महाधिक्ता पुरुषेन्द्र कौरव और अन्य प्रतिभागियों का स्वागत किया। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने में वेबीनार में प्राप्त सुझाव महत्वपूर्ण साबित होंगे। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की चुनौती को अवसर में बदलने का यह समय है और हम इसका उपयोग करेंगे। नीति आयोग के सहयोग से आयोजित वेबीनर मध्य प्रदेश के लिए परिणाम मूलक साबित होंगे। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने मध्यप्रदेश के इंदौर और भोपाल में नई तकनीक के उपयोग में हो रहे अच्छे कामों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के द्वारा प्रधानमंत्री जी के समक्ष विभिन्न विषयों में 7 प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किए गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपेक्षा की कि उन सभी प्रेजेंटेशन के एक्सपेरिमेंटेशन और इंप्लीमेंटेशन की शुरुआत मध्यप्रदेश से की जाए। निश्चित ही इससे मध्यप्रदेश को नंबर वन राज्य बनने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल सिस्टम को फिजिकल सिस्टम के पहले प्राथमिकता देने में बहुत सारी चुनौतियां हैं, उन्होंने विश्वास जताया कि इस दिशा में भी मध्यप्रदेश अच्छा कार्य करेगा। प्रदेश में उन्नत तकनीकी के इस्तेमाल में भी बेहतर कार्य किया गया है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने लोगों की ईज़ ऑफ लिविंग के लिए नई तकनीकों के उपयोग पर जोर देते हुए कहा है प्रदेश में इस क्षेत्र में पूर्व से ही कार्य किये जा रहे है, आगे और बेहतर तरीके से कार्य किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को बेहतर तरीके से लाभ देने के लिए इंटीग्रेटेड लिस्ट ऑफ बेनिफिसियरीज का प्रयोग सुशासन को और अधिक बढ़ावा देगा। नीति आयोग की वरिष्ठ सलाहकार एना राय ने मुख्यमंत्री चौहान की प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रदेश की जनता को योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने और पारदर्शिता को बनाए रखने में मध्यप्रदेश में बेहतर कार्य किया जा रहा है। नोटबंदी के बाद देश में बहुत अच्छा काम किया गया। इसके बाद हमारा देश डिजिटल पेमेंट में अन्य देशों की तुलना में बहुत आगे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में अकाउंटेबिलिटी और मॉनिटरिंग के लिए बहुत अच्छे कार्य हो रहे हैं। सुशासन के लिए अकाउंटेबिलिटी और मॉनिटरिंग सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने रियल टाइम डाटा कलेक्शन और डाटा की वैलिडिटी को बनाए रखने पर जोर दिया। एना ने कहा कि सुशासन में ऑनलाइन पोर्टल सर्विस डिलीवरी बहुत उपयोगी सिद्ध हो रही है। सुशासन के लिए सभी विभागों में सामंजस्य जरूरी है। इसके लिये मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में अंतरविभागीय बैठक की जा सकती हैं। सुशासन वेबीनार के प्रांरभ में टीम लीडर अपर मुख्य सचिव एस.एन मिश्रा ने सभी प्रतिभागियों का का स्वागत करते हुए वेबीनार में आयोजित होने वाले सत्रों एवं उनमें होने वाले ग्रुप डिस्कशन की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभिन्न सत्रों में हुई समूह चर्चा में जो सुझाव प्राप्त होंगे, उन सब को शामिल कर सत्र के अंत में मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
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8 August 2020भोपाल। राज्य शासन द्वारा 23 मार्च, 2020 से 6 माह पूर्व तक के मंत्रि-परिषद निर्णयों की समीक्षा के लिये मंत्रि-परिषद समिति का गठन किया गया है। समिति में गृह, जेल, संसदीय कार्य, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, वाणिज्यिक कर, वित्त, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री बिसाहूलाल सिंह, राजस्व, परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत और खनिज साधन एवं श्रम मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह सदस्य बनाये गये हैं। जनसम्पर्क अधिकारी नीरज शर्मा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि शुक्रवार को देर रात गठित इस समिति में अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग समन्वयक होंगे। पूर्व में गठित मंत्री समूह के द्वारा आरंभ की गई कार्रवाई भी इस मंत्रि-परिषद समिति के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी। समिति द्वारा उक्त अवधि के निर्णयों की समीक्षा कर वस्तु-स्थिति का प्रतिवेदन मंत्रि-परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया जायेगा।
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8 August 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को एक समीक्षा बैठक में राजस्व प्राप्तियों की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि ईमानदार टैक्स पेयर्स को सम्मानित करने की भामाशाह योजना पुन: प्रारंभ की जाए। ईमानदारी से कर चुकाने वाले लोगों को प्रोत्साहन देना भी जरूरी है। गत वर्ष इस योजना पर ध्यान न दिए जाने से अनेक करदाता निरुत्साहित हो गए हैं। ज्यादा टैक्स जमा करने वालों का सम्मान होने से टैक्स जमा करने के लिए सभी वर्ग प्रेरित होते हैं। उन्होंने कहा कि इसी वर्ष से इस योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए।मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि प्रदेश में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए राजस्व प्राप्तियां आवश्यक हैं। इनमें वृद्धि होना चाहिए। राजस्व प्राप्तियों की वर्तमान स्थिति में सुधार के लिए मंत्री विभागीय अधिकारियों से प्रति सप्ताह समीक्षा करें। कोविड-19 के हालातों में अर्थव्यवस्था दुरस्त करने के उद्देश्य से विभिन्न मदों में राजस्व बढ़ाना आवश्यक है। इसके लिए रणनीति बनाकर कार्य किया जाए। प्रदेश में राजस्व प्राप्तियों के संबंध में समीक्षा के लिए एक पखवाड़े के बाद पुन: बैठक होगी।मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में वाणिज्यिक कर, आबकारी, वन, खनिज, ऊर्जा, परिवहन, स्टांप एवं पंजीयन आदि विभागों से संबंधित करों की प्राप्ति के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कर अपवंचन करने वालों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाए। राजस्व संग्रहण के पूरे प्रयास हर स्थिति में हों। प्रयास यह हो कि गत वर्ष की स्थिति में तो आ ही जाएं। यदि राजस्व संग्रहण से जुड़े शासकीय विभागों के मुख्यालय और फील्ड के किसी भी दफ्तर में कोरोना पॉजिटिव रोगी पाया जाता है तो इस स्थिति में पूरा कार्यालय बंद करने की आवश्यकता नहीं है। एक दिन कार्यालय बन्द कर आवश्यक सेनेटाईजेशन और अन्य प्रोटोकाल के पालन के साथ राजस्व संग्रहण की गतिविधियाँ जारी रखी जाएं। कार्यालय पूरी क्षमता के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि अगले कुछ माह कोरोना के साथ ही जीना है। आर्थिक गतिविधियों को रोकने का कोई औचित्य नहीं है। पुरानी रिकवरी करते हुए अनियमितताओं पर नियंत्रण के प्रयास किए जाएं।मुख्यमंत्री ने समाधान योजना, कर अपवंचन प्रवर्तियों के रोकने के प्रयासों, वेट/स्टेट जीएसटी की स्थिति की जानकारी ली और निर्देश दिए कि गड़बडिय़ाँ रोकने की कार्रवाई करते हुए और बेहतर वसूली की जाए। उन्होंने आबकारी आय की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देश दिए कि प्रदेश में कहीं भी किसी भी डिस्टलरीज से अवैध रूप से शराब कहीं न जाए। इसे रोकने के लिए तकनीक आधारित पद्धति विकसित की जाए। इससे आय वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौण खनिजों से संबंधित अनियमितताओं की खबरें मिलती हैं। ऐसी अनियमित्ताओं को रोका जाए। इसके लिए पृथक समिति भी राज्य स्तर पर गठित करने का विचार है। वाहनों के बकाया कर की वसूली भी की जाए। राज्य में बसों के नियमित संचालन के अलावा सरल योजना के अमल, अन्य प्रांतों के वाहनों से कर प्राप्त करने, लाइफ टाइम टैक्स, परिवहन निगम की भूमि के संबंध में भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने ऊर्जा, वन क्षेत्र में भी राजस्व प्राप्ति की जानकारी प्राप्त की।वित्त, वाणिज्यिक कर, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी मंत्री जगदीश देवड़ा, श्रम एवं खनिज मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, वन मंत्री विजय शाह और राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत के साथ ही मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।
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6 August 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के बासमती चावल को भौगोलिक संकेत टैग (जीआई टैगिंग) दिलाने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पंजाब सरकार ने इसका विरोध किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखकर कहा है कि मप्र के बासमती चावल को जीआई टैगिंग न दी जाए। इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमरिंदर द्वारा भेजे गए पत्र की निंदा की है। साथ ही कहा है कि उन्हें मध्यप्रदेश के किसानों से क्या दुश्मनी है? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुुरुवार को सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘मैं पंजाब की कांग्रेस सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैगिंग देने के मामले में प्रधानमंत्री जी को लिखे पत्र की निंदा करता हूं और इसे राजनीति से प्रेरित मानता हूं। मैं पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से यह पूछना चाहता हूँ कि आखिर उनकी मध्यप्रदेश के किसान बन्धुओं से क्या दुश्मनी है? यह मध्यप्रदेश या पंजाब का मामला नहीं, पूरे देश के किसान और उनकी आजीविका का विषय है।’ उन्होंने लिखा है कि ‘मध्य प्रदेश को मिलने वाले जीआई टैगिंग से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत के बासमती चावल की कीमतों को स्टेबिलिटी मिलेगी और देश के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। मध्य प्रदेश के 13 जिलों में वर्ष 1908 से बासमती चावल का उत्पादन हो रहा है, इसका लिखित इतिहास भी है।’ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ एपीईडीए के मामले का मध्यप्रदेश के दावों से कोई संबंध नहीं है क्योंकि यह भारत के जीआई एक्ट के तहत आता है और इसका बासमती चावल के अंतर्देशीय दावों से इसका कोई जुड़ाव नहीं है। पंजाब और हरियाणा के बासमती निर्यातक मध्यप्रदेश से बासमती चावल खरीद रहे हैं। भारत सरकार के निर्यात के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। भारत सरकार वर्ष 1999 से मध्यप्रदेश को बासमती चावल के ब्रीडर बीज की आपूर्ति कर रही है।’ उन्होंने लिखा है कि ‘सिंधिया स्टेट के रिकॉर्ड में अंकित है कि वर्ष 1944 में प्रदेश के किसानों को बीज की आपूर्ति की गई थी। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ राईस रिसर्च, हैदराबाद ने अपनी 'उत्पादन उन्मुख सर्वेक्षण रिपोर्ट' में दर्ज किया है कि मध्यप्रदेश में पिछले 25 वर्ष से बासमती चावल का उत्पादन किया जा रहा है।’ गौरतलब है कि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुधवार को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मध्यप्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैगिंग नहीं देने की मांग करते हुए कहा है कि इससे पाकिस्तान को फायदा होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके इस बयान की निंदा करते हुए उन पर निशाना साधा है।
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6 August 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। इसको लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेता किसान, बेरोजगारी, कर्जमाफी, महिला सुरक्षा जैसे मामलों पर एक दूसरे को घेरने की तैयारी में हैं। वहीं, अब उपचुनाव के मुद्दों में राम मंदिर भी शामिल हो गया है। भाजपा के साथ कांग्रेस भी राम मंदिर के नाम पर वोट मांगने की रणनीति बना रही है। कांग्रेस की रणनीति पर मप्र के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निशाना साधा है। कांग्रेस कार्यालय के राममय होने पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि यही तो हम चाहते थे, सियाराम मय सब जग जानी। सारा जग सियाराम हो जाए, इससे ज्यादा और अच्छे दिन क्या चाहिए। कितने अच्छे दिन आ गए हैं, पीसीसी में भगवान राम लग जाए, यही हमारी कल्पना थी कि सब सियाराम मय हो। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि सवाल पार्टी की नीति का नहीं, राष्ट्र का है, बीजेपी जितने निर्णय लेती है वह राष्ट्रहित के होते हैं। बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय यह सोच लेकर के राजनीति में आते हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने जो कहा वह किया, भाजपा की यही विशेषता है जो कहती है वह करती है, आज ना दो प्रधान है ना दो विधान। हमने कहा था एक देश में दो विधान दो प्रधान नहीं चलेंगे, आज भारत और कश्मीर का संविधान एक है। हमने कहा था सौगंध खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे, बना दिया। हमने कहा ट्रिपल तलाक हटाएंगे, हटा दिया। भाजपा एकमात्र पार्टी है जो कहती है, वो करती है। वहीं उपचुनाव में राम मंदिर को मुद्दा बनाने की कांग्रेस की तैयारी पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के सारे वकील राम मंदिर के खिलाफ कोर्ट में लड़ चुके हैं। राम मंदिर को लेकर कांग्रेस का विरोध रिकॉर्ड में है। तमिलनाडु सरकार ने हलफनामा देकर राम को काल्पनिक बताया था, रामसेतु को हमेशा कांग्रेस में काल्पनिक बताया था। राम के ऊपर सवाल उठाने वाले अब कैसे ऐसा कह सकते हैं। कांग्रेस का काम सिर्फ कमियां निकालनापूर्व सीएम कमलनाथ के शिलान्यास में आमंत्रित सदस्यों को लेकर सवाल खड़े करने पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस का काम सिर्फ कमियां निकालना है। कमलनाथ को मध्य प्रदेश के किसानों की चिंता करनी चाहिए, मध्य प्रदेश के किसानों पर पंजाब की सरकार कुठाराघात कर रही है। पंजाब सरकार बासमती चावल पर आपत्ति लगा रही है। इस पर कमलनाथ मौन क्यों है। किसानों के नाम पर झूठे वादे कर कांग्रेस ने सरकार बना दिया और आज भी किसानों के साथ धोखा कर रही हैं। जब जब किसान की बात आती है कांग्रेस के सभी नेता खामोश रहते हैं। किसानों के हित में बनाई कृषि कैबिनेट प्रदेश सरकार द्वारा कृषि कैबिनेट बनाए जाने पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि किसानों के हितों की चर्चा के कृषि कैबिनेट लिए बनाई गई है। बैठक होगी तो किसानों के हितों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए किसान हमेशा प्राथमिकता में रहे हैं। पहले भी कृषि कैबिनेट बनाई गई, पहले भी कृषि का बजट मध्य प्रदेश के विधानसभा में अलग से प्रस्तुत हुआ है। मंत्री मिश्रा ने बताया कि देश में पहला ऐसा प्रदेश जहां कृषि कैबिनेट बनी है। किसान का बेटा मुख्यमंत्री है तो स्वाभाविक है मध्य प्रदेश में किसानों के हित में फैसले होंगे। कांग्रेस पर साधा निशाना पंजाब सरकार के बासमती टैग का विरोध करने पर मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार है और कांग्रेस हमेशा से ही किसान विरोधी रही है। मामला कृषि समिति पर विचाराधीन है और दिल्ली सरकार फैसला करेगी। इस पर मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ बताएं वह किसके साथ है।
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6 August 2020अयोध्या। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यहां अभिजीत मुहूर्त में भूमिपूजन किया। यह मुहूर्त कुल 32 सेकंड का रहा। षोडश वरदानुसार 15 वरद में ग्रह स्थितियों का संचरण शुभ और अनुकूलता प्रदान करने वाला है। प्रधानमंत्री ने आयोजन स्थल पर पहुंचने पर सभी विशिष्ट आमंत्रित अतिथियों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। इस दौरान सामाजिक दूरी का पूरी तरह से पालन किया गया। भूमिपूजन स्थल पर प्रधानमंत्री और सभी आचार्यों के आसन के बीच दूरी का खास ध्यान रखा गया। मंत्रोच्चार के बीच प्रधानमंत्री पूर्व की दिशा में मुख कर पूजन में शामिल हुए। उन्होंने विधिवत पूजन प्रक्रिया का पालन किया। यजमान के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी को संकल्प दिलाया गया। भगवान श्री गणेश की स्तुति के साथ प्रधानमंत्री ने आचमन किया। इस दौरान सभी देवताओं का ध्यान किया गया। पांच सौ वर्षों बाद इस शुभ घड़ी के लिए धन्यवाद किया गया। जिस स्थल पर रामलला विराजमान थे उसी स्थल पर शिलाओं का पूजन किया गया। भूमिपूजन स्थल पर राम मन्दिर आन्दोलन से जुड़े भक्तों की ओर से भेजी गई नौ शिलाएं रखी हुई थीं। प्रधानमंत्री ने पहले प्रधान शिलापूजन संकल्प होने के बाद अष्ट उपशिला का पूजन किया। प्रभु श्रीराम की कुलदेवी के पूजन के साथ ही सभी देवियों का पूजन किया गया। प्रधामनंत्री ने मुख्य कूर्म शिला का पूजन किया। इसके बाद कूर्म शिला पर पंचधातु जड़ित कमलपुष्प अर्पण किया। भूमिपूजन के दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने भी अपनी ओर से भेंट समर्पित की। इस दौरान श्री राम जन्म्भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी मौजूद रहे।
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5 August 2020भोपाल। अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन को लेकर मध्य प्रदेश में भी भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। जब अयोध्या में भूमि पूजन होगा तब मध्य प्रदेश के विभिन्न मंदिरों में भजन और आरती की जाएगी। शाम को मंदिरों सहित घरों में दीप जलाकर आज का दिन उत्साह से मनाए जाने की तैयारी है। मप्र के गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के निवास पर भी राम दरबार सजा। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने चार इमली स्तिथ क्रांतिश्वर शिव मंदिर आश्रम में पूजा पाठ कर भगवान का आशीर्वाद लिया, साथ ही सुंदरकांड में सम्मिलित हुए। राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सैंकड़ों सालों बाद ऐतिहासिक दिन आज आया है। इस दौरान उन्होंने दिग्विजय पर तंज कसते हुए लगातार ट्वीट और बयानबाजी करने वाले कांग्रेस नेताओं को कैकई, मंथरा बताते हुए कहा कि ऐसे समय में भी कई लोग बयानबाजी से बाज नही आ रहे हैं। बताते चले कि इससे पहले पहले मंगलवार शाम भी गृहमंत्री के निवास पर पूरे परिवार सहित राम दरबार की पूजा और भगवान राम की आरती की हुई थी। उन्होंने अपने बंगले पर दीपक जलाकर प्रकाश किया था। इस दौरान कारसेवकों को सम्मान भी किया गया था। कृषि मंत्री कमल पटेल ने हरदा में की पूजा अर्चनामध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने आज हरदा मे पूजा अर्चना कर बरसों बाद भगवा जैकेट धारण किया। साथ में भगवान श्रीराम से आज्ञा लेकर पुन: भगवा दुपट्टा धारण किया। मंत्री पटेल ने मां नर्मदा की पूजा अर्चना कर देश व प्रदेश वासियों के कल्याण हेतु प्रार्थना की। साथ ही उन्होंने प्रदेश के किसानों के लिए सुख समृद्धि की कामना की।
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5 August 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बुधवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। अब वे पूर्णत: स्वस्थ हैं। उनकी कोरोना संक्रमण की तीसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। हालांकि कोविड-19 गाइडलाइन के मुताबिक अगले 7 दिन तक सावधानीपूर्वक अपने निवास में रहेंगे और स्वयं के स्वास्थ्य का परीक्षण भी करेंगे। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के पहले सीएम शिवराज ने सीमित के लोगों के समक्ष प्रदेशवासियों को संबोधित किया। सीएम शिवराज ने कहा कि कोरोना योद्धाओं को मेरा प्रणाम, मैं सभी मेडिकल स्टाफ को ह्रदय से धन्यवाद देता हूँ। उन्होंने एक बार फिर जनता को समझाइश देते हुए अपील कर कहा कि कोरोना से डरने की ज़रूरत नहीं है, हमें लापरवाही नहीं करनी है। लापरवाही करने पर ये बीमारी जानलेवा हो जाती है। कोरोना से किसी को घबराना नहीं है, लक्षणों को छिपाना जानलेवा, चिंता न करें, मस्त रहे। आनंद से बीमारी का मुकाबला करें। चेहरे पर मास्क लगाना ज़रूरी, उचित दूरी बनाए रखें, लापरवाही करने पर दिक्कत होती है। उन्होंने कहा कि हमने भी लापरवाही की, मै खुद कोरोना योद्धा बन गया हूँ, कोरोना खत्म करने के लिए सहयोग करें। हम लड़ेंगे, हम जीतेंगे यह हमारा संकल्प है। कोरोना से प्रदेश जीतेगा, देश जीतेगा। गौरतलब है कि सीएम शिवराज कोरोना संक्रमण के चलते राजधानी भोपाल के चिरायु अस्पताल में पिछले 10 दिनों से भर्ती थे। जहां उनका उपचार चल रहा था।
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5 August 2020भोपाल। अयोध्या में राम मंदिर शिलान्यास से पहले कांग्रेस भी राम नाम का जाप कर रही है। शिलान्यास के एक दिन पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के भोपाल स्थित निवास पर मंगलवार को हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन हुआ। ग्यारह पंडितों द्वारा राम दरबार सजाकर हनुमान चालीसा के पाठ का भव्य आयोजन कमलनाथ की उपस्थिति में संपन्न हुआ। इस अवसर पर मधुर भजनों द्वारा भगवान हनुमान की स्तुति और पूजन किया गया। तत्पश्चात आरती कर प्रदेश की खुशहाली, समृद्धि उन्नति की सभी ने सामूहिक रूप से कामना की गई। हनुमान चालीसा का पाठ संपन्न होने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि आज खुशी का दिन है। हमने प्रदेश की ख़ुशहाली, उन्नति, समृद्धि को लेकर आज हनुमान जी का पूजन व पाठ किया। हम राम मंदिर निर्माण का स्वागत करते है। राम मंदिर निर्माण को राजीव गांधी का सपना बताते हुए कमलनाथ ने कहा कि राजीव गांधी ने 1985 में इसकी शुरुआत की और 1989 में शिलान्यास किया। राजीव गांधी के कारण ही राम मंदिर का सपना आज साकार हो रहा है। आज राजीव जी होते तो यह सब देखते। इस दौरान कमलनाथ ने कहा कि हम राम मंदिर निर्माण के लिये प्रदेश की जनता की ओर से 11 चाँदी की शीला भेज रहे हैं। भारत की संस्कृति सभी को जोडऩे वाली है। यहाँ विभिन्न भाषाएँ, विभिन्न धर्मों के लोग रहते है और यह हमारी पहचान है। हम कुछ भी करते हुए भाजपा के पेट में दर्द होता हैइस दौरान भाजपा पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि हम जब भी कुछ करते है, भाजपा के पेट में दर्द पता नहीं क्यों चालू हो जाता है। क्या धर्म पर उनका पेटेंट है, उनका ठेका है, उन्होंने धर्म की एजेंसी ली हुई है क्या? उन्होंने कहा कि मैंने छिन्दवाड़ा में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की। हमने अपनी सरकार में गौशालाएँ बनवायी, रामवनगमन पथ के निर्माण की बाधाएँ दूर की, महाकाल व ओंकारेश्वर मंदिर के विकास की योजना बनायी। कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा कि बस हम धर्म का उपयोग राजनीति के लिये नहीं करते है, हम इसे इवेंट नहीं बनाते है। हम सभी की सोच धार्मिक है लेकिन हम धर्म और राजनीति का गठजोड़ नहीं करते है। आज का हमारा आयोजन भावना की लाइन है।
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4 August 2020भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा जोरों से छाया हुआ है। भाजपा और कांग्रेस नेता मंदिर निर्माण को लेकर खूब बयानबाजी कर रहे हैं और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। पूर्व सीएम और पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करवाया। उन्होंने प्रदेशभर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपने घरों में हनुमान चालीसा का पाठ करने की अपील की थी। कांग्रेस में राम भक्त बनने की होड़ पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस को समझना चाहिए कि रामभक्त इतने नासमझ नहीं हैं कि कथनी और करनी का भेद नहीं समझ पाएं। उसका एक नेता सुंदर कांड कराने की बात करता है तो दूसरा लंका कांड में व्यस्त है। राममंदिर मुद्दे पर कांग्रेस का स्वांग अब और नहीं चलेगा। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के हनुमान चालीसा करने पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि जान न जाए निशाचर माया, काल नेम केही कारण आया, उब रहे अंत न होए निभाउ। क्या राम भक्तों को इतना नासमझ रहे हैं। क्या एक तरफ सुंदरकांड हो और दूसरी तरफ कांग्रेस का लंका कांड की तरह ढहाने का कांड हो। मंत्री मिश्रा ने कहा कि जिस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक शब्द नही बोला है, वो पार्टी श्रेय कैसे लेना चाह रही है, एक व्यक्ति तिथि टालने की बात कर रहा है, एक सुंदरकांड कर रहा है। राम भक्त इतने नासमझ नहीं है कि तुष्टिकरण की राजनीति को न समझ पाए। कांग्रेस की पूरी पार्टी को राम मंदिर पर एक लाइन होकर कुछ बोलना चाहिए। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि भाजपा के एजंडे में था, राम मंदिर। हमने सौगंध खाई थी कि राम मंदिर वहीं बनाएंगे, बना रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष अपनी नीति स्पष्ट करें। लॉकडाउन अनंतकाल तक संभव नहीराजधानी भोपाल में लगा 10 दिन का लॉकडाउन आज मंगलवार से समाप्त हो गया है। हालांकि रात्रि कफ्यू जारी रहेगा। दस दिन बाद भोपाल अनलॉक पर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि तेरा तुझ को अर्पण क्या लागे मेरा, हमने जनता के हवाले सब छोड़ दिया है वो सावधानी बरतें। सरकार ऑक्सीजन, वेंटिलेटर ओर दवाई फ्री दे रही है, जनता कोशिश करें ये फ्री इलाज की जरूरत न पड़े। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का असर जरूर होता है। इससे हर जगह कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है। लेकिन इसे अनंतकाल तक नहीं रखा जा सकता। इससे आम आदमी की रोजी-रोटी प्रभावित होती है। इसलिए सभी से विनती है कि अब अनलॉक में पूरी सावधानी बरतें।
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4 August 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तीसरी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद अभी सीएम शिवराज को कुछ दिन ओर अस्पताल में रहना होगा। इसके पहले तक उनका स्वास्थ्य सामान्य होने के कारण छुट्टी मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी। सीएम शिवराज ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। रविवार देर शाम को सीएम शिवराज की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अब सीएम शिवराज की आज अस्पताल से छुट्टी नहीं होगी। इससे पहले रविवार को सीएम शिवराज ने ट्वीट कर बताया था कि उनका अस्पताल में नौंवा दिन है। वे स्वस्थ हैं और कोरोना के लक्षण नहीं दिख रहे हैं। सोमवार को उन्हें छुट्टी मिल जाएगी। लेकिन रविवार देर शाम को रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अब सीएम शिवराज को एक सप्ताह और अस्पताल में रुकना पड़ सकता है। बता दें कि सीएम शिवराज को कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद राजधानी के चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके अलावा पार्टी के कई नेताओं का इलाज भी जारी है। सीएम शिवराज के बाद बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी पॉजिटिव पाए गए हैं, वहीं मंत्री तुलसी सिलावट भी कोरोना संक्रमित हुए हैं, भाजपा के संगठन महामंत्री सुहास भगत भी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।
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3 August 2020भोपाल। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर पूजा पाठ और अनुष्ठान का दौर शुरू हो गया है। बुधवार को पीएम मोदी मंदिर का शिलान्यास कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। राम मंदिर शिलान्यास की तारीख नजदीक आ गई है लेकिन उस पर राजनीति अभी खत्म नहीं हुई है। मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह लगातार राम मंदिर निर्माण के मुहूर्त पर सवाल उठा रहे हैं और भाजपा पर निशाना साध रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने सोमवार को एक बार फिर लगातार एक के बाद एक कई ट्वीट कर मंदिर निर्माण मुहूर्त पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने यह तक कह डाला कि अशुभ मुहूर्त के कारण राम मंदिर के मुख्य पुजारी से लेकर देश के गृहमंत्री अमित शाह तक कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। दिग्विजय ने प्रधानमंत्री मोदी से 5 अगस्त के मुहूर्त को टालने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘सनातन हिंदू धर्म की मान्यताओं को नजऱ अंदाज करने का नतीजा। 1- राम मंदिर के समस्त पुजारी कोरोना पॉजिटिव 2- उत्तर प्रदेश की मंत्री कमला रानी वरुण का कोरोना से स्वर्गवास3- उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष कोरोना पॉजिटिव अस्पताल में।4- भारत के गृह मंत्री अमित शाह कोरोना पॉजिटिव अस्पताल में। 5- मध्यप्रदेश के भाजपा के मुख्यमंत्री व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष कोरोना पॉजिटिव अस्पताल में 6- कर्नाटक के भाजपा के मुख्यमंत्री कोरोना पॉजिटिव अस्पताल में।भगवान राम करोड़ों हिंदुओं के आस्था के केंद्र हैं और हज़ारों वर्षों की हमारे धर्म की स्थापित मान्यताओं के साथ खिलवाड़ मत करिए। उप्र के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को एकांतवास होना चाहिए?एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा ‘मैं मोदी जी से फिर अनुरोध करता हूँ 5 अगस्त के अशुभ मुहुर्त को टाल दीजिए। सैंकड़ों वर्षों के संघर्ष के बाद भगवान राम मंदिर निर्माण का योग आया है अपनी हठधर्मीता से इसमें विघ्न पडऩे से रोकिए। इन हालातों में क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री को एकांतवास नहीं होना चाहिए? क्या एकांतवास में जाने की बाध्यता केवल आम जनता के लिए है? प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री के लिए नहीं है? एकांतवास की समय सीमा 14 दिवस की है। अब एक और प्रश्न उपस्थित होता है। उत्तर प्रदेश की मंत्री की कोरोना से मौत हो गयी। उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष कोरोना पॉजिटिव, भारत के गृहमंत्री कोरोना पॉजिटिव। मोदी जी आप अशुभ मुहुर्त में भगवान राम मंदिर का शिलान्यास कर और कितने लोगों को अस्पताल भिजवाना चाहते हैं? योगी जी आप ही मोदी जी को समझाइए। आपके रहते हुए सनातन धर्म की सारी मर्यादाओं को क्यो तोड़ा जा रहा है? और आपकी क्या मजबूरी है जो आप यह सब होने दे रहे हैं? 5 अगस्त को भगवान राम के मंदिर शिलान्यास के अशुभ मुहुर्त के बारे में विस्तार से जगदगुरू स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज ने सचेत किया था। मोदी जी की सुविधा पर यह अशुभ मुहुर्त निकाला गया।यानि मोदी जी हिंदू धर्म की हजारो वर्षों की स्थापित मान्यताओं से बड़े हैं!! क्या यही हिंदुत्व है?
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3 August 2020अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस पूजन कार्यक्रम में 200 से अधिक हस्तियां मौजूद रहेंगी। जिसमे वरिष्ठ भाजपा नेत्री उमा भारती को भी भाजपा पूजन कार्यक्रम में नहीं शामिल होंगी उमा भारती, ट्रस्ट को दी जानकारी, उमा भारती अयोध्या तो आएंगी पर भूमि पूजन कार्यक्रम स्थल पर न रहकर सरयू किनारे रहेंगी। ट्वीट कर दी जानकारी, उमा भारती कल अयोध्या पहुंचेंगी। कहा कि मेरी किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति से मुलाकात हो सकती हैं ऐसी स्थिति में जहां पीएम और सैकड़ों लोग मौजूद होंगे वहां से मैं दूरी बनाकर रखूंगी। सभी के चले जाने के बाद ही मैं रामलला के दर्शन करने जाऊंगी। उन्होंने कहा कि मोदी के शिलान्यास कार्यक्रम के समय उपस्थित समूह की सूची में से मेरा नाम अलग कर दें। भाजपा की वरिष्ठ नेता ने ट्वीट कर कहा, “कल जब से मैंने अमित शाह जी तथा यूपी भाजपा के नेताओं के कोरोना पॉजिटिव होने के बारे में सुना तभी से मैं अयोध्या में मंदिर के शिलान्यास में उपस्थित लोगों के लिए खासकर नरेंद्र मोदी जी के लिए चिंतित हूं। यह सूचना मैंने रामजन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ अधिकारियों और पीएमओ को सूचना भेजा है कि माननीय नरेन्द्र मोदी के शिलान्यास कार्यक्रम के समय उपस्थित समूह के सूची में से मेरा नाम अलग कर दे। उन्होंने कहा मै भोपाल से आज रवाना होऊंगी। कल शाम अयोध्या पहुंचने तक मेरी किसी संक्रमित व्यक्ति से मुलाकात हो सकती हैं ऐसी स्थिति में जहां नरेंद्र मोदी और सैकड़ों लोग उपस्थित हों मैं उस स्थान से दूरी रखूंगी। तथा नरेंद्र मोदी और सभी समूह के चले जाने के बाद ही मै रामलला के दर्शन करने पहुंचूंगी। यह सूचना मैंने अयोध्या में रामजन्मभूमिन्यास के वरिष्ठ अधिकारी और पीएमओ को भेज दी है।
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3 August 2020भोपाल। कोरोना संकट के बीच देश में राममंदिर निर्माण की तैयारियां जोरों पर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर जारी सियासत की आंच मध्य प्रदेश तक देखी जा सकती है। मध्य प्रदेश में राम मंदिर के शिलान्यास को लेकर सियासत गरमा गई है। पूर्व सीएम और दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर राम मंदिर शिलान्यास की तारीख पर सवाल उठाए हैं। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर राम मंदिर निर्माण की तारीख पर सवाल उठाते हुए धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘रामहि केवल प्रेमु पिआरा। जानि लेउ जो जान निहारा॥ भावार्थ:-श्री रामचन्द्रजी को केवल प्रेम प्यारा है, जो जानने वाला हो (जानना चाहता हो), वह जान ले। हमारी आस्था के केंद्र भगवान राम ही हैं! और आज समूचा देश भी राम भरोसे ही चल रहा है। इसीलिए हम सबकी आकांक्षा है कि जल्द से जल्द एक भव्य मंदिर अयोध्या राम जन्म भूमि पर बने और राम लला वहां विराजें। स्व. राजीव गांधी जी भी यही चाहते थे। रही बात मुहूर्त की, तो इस देश में 90 प्रतिशत से भी ज्यादा हिन्दू ऐसे होंगे जो मुहूर्त, ग्रह दशा, ज्योतिष, चौघडिय़ा आदि धार्मिक विज्ञान को मानते हैं। मैं तटस्थ हूँ इस बात पर कि 5 अगस्त को शिलान्यास का कोई मुहूर्त नही है ये सीधे-सीधे धार्मिक भावनाओं और मान्यताओं से खिलवाड़ है। गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब दिग्विजय सिंह ने राममंदिर के मुख्य पुजारी समेत 14 लोगों के कोरोना पॉजिटिव आने पर कमेंट्स किया था। उन्होंने कहा था कि अब बताओ मुहूर्त सही है या गलत? अब बताओ शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वतीजी सही हैं या गलत? इससे पहले स्वरूपानंद ने 5 अगस्त को कोई मुहूर्त नहीं होने पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद दिग्विजय ने भी इसी बात को दोहराया था। इसके अलावा उन्होंने पीएम मोदी के शिलान्यास किए जाने पर भी आपत्ति जताते हुए एक अन्य ट्वीट कर कहा था कि सनातन धर्म को मानने वाले लोगों को पीएम मोदी के राम मंदिर के शिलान्यास से अपत्ति है, क्योंकि मोदी जी ने शिलान्यास के लिए किसी भी प्रमाणित शंकराचार्य और रामानन्दी सम्प्रदाय के धर्म गुरू को स्थान नहीं दिया है।
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1 August 2020भोपाल। अयोध्या में पांच अगस्त को बहुप्रतिक्षित राम मंदिर निर्माण का शिलान्यास होना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं इसका शिलान्यास करेंगे। राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तिथि करीब आ गई है। भूमि पूजन में कोरोना के चलते देश के चुनिंदा लोग ही शामिल हो रहे हैं। भूमिपूजन में शामिल होने वाले अतिथियों की लिस्ट को भी अंतिम रूप दिया जा चुका है। मध्य प्रदेश से यह मौका भाजपा के दो फायर ब्रांड नेताओं को ही मिला है। पहली हैं प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और दूसरे हैं पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया। दोनों ही नेता रामजन्म भूमि आंदोलन से लंबे समय से जुड़े हुए हैं। यही कारण है कि इन दोनों नेताओं को आमंत्रण आया है। मंदिर आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष साध्वी उमा भारती भी 5 अगस्त को भूमि पूजन में शामिल होंगी। दोनों को रामजन्म भूमि न्यास ने भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने के निर्देश दिए हैं। उमा भारती ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘मैं एक समाचार आप सबके साथ शेयर कर रही हूं जिसे जानने के लिए आप सब उत्सुक थे। मुझे अभी अयोध्या जी के राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ पदाधिकारी ने निर्देश दिया है कि मैं 4 अगस्त की शाम तक अयोध्या जी पहुंच जाऊं एवं उनके निर्देश के अनुसार मुझे 6 अगस्त तक अयोध्या जी में ही रहना होगा। मैं अभी 30 जून को भी अयोध्या जी गई थी एवं रामलला के दर्शन किए थे, आरती में भाग लिया था। अब मुझे फिर रामलला के दर्शन का मौका मिलेगा। गौरतलब है कि दोनों ही नेता रामजन्म भूमि आंदोलन से लंबे समय से जुड़े हुए हैं। न्यास ने जो संदेश दोनों नेताओं को भेजा है, उसमें कहा गया है कि 4 अगस्त की शाम तक अयोध्या पहुंच जाएं और 6 अगस्त की शाम तक वहीं रहें।
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1 August 2020ग्वालियर/ भोपाल। अयोध्या में राम मंदिन निर्माण की तारीख नजदीक आ गई है। सभी बाधाओं को दूर कर आखिरकार 5 अगस्त को भूमिपूजन होने जा रहा है। इसके बावजूद मंदिर पर अभी भी राजनीति खत्म नहीं हो रही। लगातार मंदिर निर्माण पर सवाल खड़े करने वाली कांग्रेस के नेताओं के अचानक मंदिर निर्माण को लेकर सुर बदल गए हैं जिसका प्रखर हिंदूवादी भाजपा नेता पूर्व मंत्री जय भान सिंह पवैया ने करारा जवाब दिया है। दरअसल लंबे समय तक वामपंथी और कांग्रेसी राम मंदिर निर्माण पर सवाल उठाते रहे और बाबरी मस्जिद के पक्ष में बोलते रहे। लेकिन अब जबकि रास्ते बंद हो गए तो इन लोगों ने मंदिर के भूमिपूजन के मुहूर्त तक पर पिछले दिनों सवाल खड़े कर दिये। लेकिन अब अचानक कांग्रेस के सुर बदल गए हैं और उनके नेता मंदिर निर्माण के समर्थन में उतर आये हैं। प्रदेश कांग्रेस के दो पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों ही राजनेताओं ने मंदिर निर्माण के समर्थन में ट्वीट किये। जिस पर बाबरी मस्जिद ढांचा गिराने वाले अभियान में शामिल रहे, राम मंदिर निर्माण के लिए संघर्श करने वाले प्रखर हिंदू वादी नेता एवं भाजपा के पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने पलटवार करते हुए ट्वीट कर करारा जवाब दिया है। पवैया ने अपने ट्वीट में लिखा " श्री राम मंदिर निर्माण के लिए कांग्रेसियों का समर्थन या विरोध का अब मायना ही क्या है। फैसला आने के पहले इनमें से कौन ऐसा माई का लाल है जिसने राम मंदिर गर्भ गृह पर ही बनने का दावा किया हो। आतंकियों के वध पर रोने वाले आप कार सेवकों के बलिदान पर एक शब्द भी नहीं बोले थे।" गौरतलब है कि कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा था "मैं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का स्वागत करता हूँ। देशवासियों को इसकी बहुत दिनों से अपेक्षा और आकांक्षा थी। राम मंदिर का निर्माण हर भारतवासी की सहमति से हो रहा है,ये सिर्फ भारत में ही संभव है।
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1 August 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं तथा कोरोना मरीजों को नि:शुल्क एवं सर्वोत्तम इलाज की व्यवस्था की गई है। इसके चलते हमने कोरोना पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया है, और हम शीघ्र ही कोरोना को पूर्ण रूप से परास्त कर देंगे। परंतु इस कार्य में राज्य के बजट का एक बड़ा हिस्सा व्यय हुआ है तथा आगे भी राशि की जरूरत होगी। हम सबका दायित्व है कि हम शासन के अनावश्यक खर्चों में कटौती करें वहीं व्यक्तिगत रूप से जो भी सहायता कर सकें करें। उक्त बातें मुख्यमंत्री चौहान ने शुक्रवार को मंत्रीगणों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक के दौरान कही। चौहान ने कहा कि ''मैंने निर्णय लिया है कि मैं मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने के दिनांक से आगामी 30 सितंबर तक अपने वेतन एवं भत्तों की 30 प्रतिशत राशि कोरोना कार्य के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कराऊंगा। अभी तक मेरे द्वारा पहले 3 महीनों की राशि एक लाख 40 हजार रूपये जमा करा दी गई है। मेरे मंत्रिमंडल के साथी भी यह कार्य कर सकते हैं। हमें अब जनता के सक्रिय सहयोग से कोरोना को पूर्ण रूप से परास्त करना है। इसके लिए मध्यप्रदेश में आगामी 1 अगस्त से ''संकल्प की चेन जोड़ो, संक्रमण की चेन तोड़ो'' अभियान चलाया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि विधायकगण अपनी विधायक निधि का उपयोग अपने क्षेत्र में कोरोना नियंत्रण संबंधी कार्यों जैसे मेडिकल स्टाफ के लिए आवश्यक उपकरण, फेस मास्क, थर्मामीटर, पीपीई किट्स, टेस्टिंग किट, वेंटिलेटर, सैनिटाइजर क्रय आदि के लिए करें। इसी के साथ प्रदेश के 22 जिलों में जिला खनिज निधि में आने वाली प्रतिवर्ष लगभग 500 करोड़ रूपये की राशि की एक तिहाई राशि इन जिलों में कोरोना संबंधी कार्यों और गरीबों के लिए रोजगार मूलक कार्यों में खर्च की जा सकेगी। संबंधित जिले के प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से यह राशि स्वीकृत की जाएगी। मंत्रीगणों को जिलों के प्रभार अगले सप्ताह तक आवंटित कर दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमें कोरोना संकट को चुनौती में बदलना है तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को सबसे पहले मध्य प्रदेश में मूर्त रूप देना है। इसके लिए रोड मैप बनाने की हमारे सभी विभागों ने तेज गति से तैयारी शुरू कर दी है। आगामी 15 अगस्त को आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का रोडमैप प्रदेश की जनता के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। ये होंगे रोडमैप के चार प्रमुख क्षेत्र मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप के प्रमुख चार क्षेत्र स्वास्थ्य एवं शिक्षा, अर्थव्यवस्था एवं रोजगार, भौतिक अधोसंरचना विकास तथा सुशासन होंगे। यह रोडमैप भारत सरकार के नीति आयोग के सहयोग से आगामी 3 वर्षों के लिए तैयार किया जा रहा है। इसे बनाने के लिए अपर मुख्य सचिव स्तर के चार वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में टीमें निरंतर कार्य कर रही हैं। विशेषज्ञों के सुझावों के लिए वेबीनार्स मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि रोड मैप में विषय विशेषज्ञों के सुझाव सम्मिलित करने के लिए आगामी 7, 8, 10 एवं 11 अगस्त को प्रातः 11 से 2 एवं अपराह्न 3 से 6 बजे तक वेबीनार आयोजित की जाएंगी। इन वेबीनार में विषय-विशेषज्ञों के साथ ही जनप्रतिनिधि, शिक्षाविद, जिला स्तर के अधिकारी भाग लेंगे। भारत सरकार के नीति आयोग के प्रतिनिधि भी इनमें शामिल होंगे। बिना लॉक डाउन के पूरी सावधानी व सतर्कता से कोरोना को हराना है मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आप सभी के प्रयास एवं जनता के सहयोग का ही परिणाम है कि आज हमारी कोरोना रिकवरी रेट 70 प्रतिशत है तथा मृत्यु दर घटकर 2.7 प्रतिशत रह गई है। परन्तु अभी भी प्रदेश के कई स्थानों पर संक्रमण बढ़ रहा है। लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है। अब हमें बिना लॉकडाउन के पूरी सावधानी एवं सतर्कता से कोरोना को हराना है। हम जैसा आचरण करेंगे, वैसा ही जनता करेगी मुख्यमंत्री चौहान ने मंत्रीगणों से कहा कि हम जनप्रतिनिधि जैसा आचरण करेंगे वैसा ही जनता करेगी। इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में स्वयं सभी सुरक्षात्मक उपायों का प्रयोग करें। सभी अनिवार्य रूप से मास्क लगाएं, फिजिकल डिस्टेंसिंग रखें, सैनिटाइजर का प्रयोग करें, कोई सार्वजनिक दौरा अथवा कार्यक्रम न करें, घर पर भी एक बार में 5 व्यक्तियों से ही मिलें। यदि आपने आगे कार्यक्रम निर्धारित किए हों तो उन्हें वर्चुअल के रूप में परिवर्तित कर दें। नियम तोड़ने पर जुर्माना एवं प्रकरण दोनों मुख्यमंत्री चौहान ने स्पष्ट रूप से कहा कि कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए मास्क एवं फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाना अनिवार्य है। कोई भी व्यक्ति चाहे वह मुख्यमंत्री हो, मंत्री हो, जन प्रतिनिधि हो, अधिकारी हो अथवा कोई अन्य, यदि नियम तोड़ता है, तो जुर्माना तो लगेगा ही, प्रकरण भी दर्ज किया जाएगा। वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी मंत्री एवं राज्य मंत्री अलग-अलग स्थानों से ऑनलाइन जुड़े और मुख्यमंत्री चौहान से संवाद भी किया।
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31 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के गृह और जेल मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को प्रदेश की जेलों में बंदी-परिजनों की ई-मुलाकात योजना का ई- लोकार्पण किया। उन्होंने बताया कि अब जेलों में बंदी अपने परिजन से ई-मुलाकात कर सकेंगे। परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा बंदियों से मुलाकात कराई जायेगी। ई-लोकार्पण अवसर पर महानिदेशक जेल संजय चौधरी उपस्थित थे।मंत्री डॉ. मिश्रा ने बताया कि बंदियों को उनके परिजनों से समय-समय पर जेलों में ही मुलाकात कराने का प्रावधान है। वर्तमान में कोविड-19 महामारी के कारण मार्च के द्वितीय सप्ताह से मुलाकात व्यवस्था बंद कर दी गई है। अब बन्दियों के परिजनों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। योजना के शुभारंभ अवसर पर चार बन्दियों के परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात कराई गई।प्रदेश में पहली बार जेल में बंदियों की उनके परिजनों से घर बैठे फेस-टू-फेस बात हुई। इस दौरान माहौल गमगीन हो गया। एक मां अपने बेटा का चेहरा और आवाज सुनते ही रोने लगी। बार-बार बेटे से पूछ रही थी कैसे हो। बेटा भी मां को दिलासा दिलाते हुए कह रहा था- सब ठीक है। गृह मंत्री ने इसे जेलों से ई-मुलाकात का नाम दिया है।जेल डीआईजी संजय पाण्डे ने बताया कि जेलों में परिरूद्ध बंदियों की जानकारी को भारत सरकार के एनआईसी के ई-प्रिजन सॉफ्टवेयर के माध्यम से कम्प्यूटर पर संकलित किया जाता है। इस सॉफ्टवेयर में ई-मुलाकात व्यवस्था का प्रावधान है। ई-मुलाकात व्यवस्था के अंतर्गत बंदियों के परिजन www.e-prisons.nic.in वेबसाईट के माध्यम से मुलाकात करने हेतु आवेदन कर सकते हैं।भोपाल जेल अधीक्षक दिनेश नरगांवे ने बताया कि ई- मुलाकात के आवेदन जेल अधीक्षक द्वारा स्वीकृत होने पर बंदी के परिजन अपने घर से ही एक स्मार्ट फोन/ डेस्कटॉप/ टेब के माध्यम से अथवा किसी एमपी ऑनलाइन सेंटर से, वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से बंदी से ई-मुलाकात कर उनका वीडियो देख सकेंगे एवं उनसे बात कर सकेंगे।इस व्यवस्था के प्रारंभ होने से कोविड महामारी की इस कठिन परिस्थिति में बंदियों के परिजनों के अपने घर से जेल पर उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे बंदियों को एवं उनके परिजनों को मुलाकात में सुविधा होगी। तात्कालिक लाभ के रूप में बंदियों के तनाव व अवसाद में कमी आयेगी और दीर्घकालिक लाभ के रूप में बंदियों के परिजनों की समय, श्रम एवं आर्थिक बचत होगी।
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31 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश की सत्ता हाथ से गंवाने के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर उपचुनाव से वापसी के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया है। प्रदेश की 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने 'बिकाऊ नहीं, टिकाऊ चाहिए, फिर से कमलनाथ सरकार चाहिए' का नारा दिया है। कांग्रेस ने इस नारे के जरिए सीधे सिंधिया के साथ कांग्रेस छोडक़र भाजपा में जाने वाले विधायकों को निशाने पर लिया है, क्योंकि चुनावी मैदान में उन्हीं बागियों से कांग्रेस का मुकाबला है। कांग्रेस के नारे पर प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने चुटकी ली है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने कांग्रेस के बिकाऊ नहीं टिकाऊ चाहिए नारे पर चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस का यह नया नारा बिल्कुल सच कह रहा है, क्योंकि टिकाऊ तो सिर्फ भाजपा ही है। कांग्रेस तो चला ही नहीं पाते, चाहे मध्यप्रदेश हो या राजस्थान हो। टिकाऊ अगर कोई है तो भाजपा है, दिल्ली में भी टिकी है और यहां भी टिकी है। इसके अलावा कांग्रेस पार्टी में हो रही बंपर भर्तियों को लेकर नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि, मध्यप्रदेश कांग्रेस पार्टी का संगठन विश्व का सबसे बड़ा संगठन है जिसमे 3700 पदाधिकारी है। उन्होंने कहा अकेले दतिया विधानसभा में ही 10- 5 प्रदेश के महामंत्री हैं एक विधानसभा में। कांग्रेस पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, "जब रात है ऐसी मतवाली तो सुबह का आलम क्या होगा।" दिग्विजय सिंह को बताया उम्रदराज व्यक्ति राज्यसभा सांसद और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के लगातार आ रहे ट्वीट पर नरोत्तम मिश्रा ने व्यंग करते हुए दिग्विजय सिंह को उम्रदराज व्यक्ति बताते हुए कहा कि उम्रदराज व्यक्ति हैं इसलिए ट्विटर पर ही काफी है। दिग्विजय सिंह के ट्वीट का असर भाजपा में तो नहीं, बल्कि अब तो उनकी पार्टी में ही खत्म हो रहा है। कांग्रेस का डुबाना तय है कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा राहुल गांधी को फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने की मांग पर नरोत्तम मिश्रा ने सवाल उठाते हुए कहा, क्या कांग्रेस का यही लोकतंत्र है कि एक ही परिवार के राजतन्त्र को बर्दाश्त करते रहें। गृहमंत्री ने कहा, जिस दिन कांग्रेस इससे बाहर निकलने की कोशिश करेगी तो कांग्रेस हाशिए पर जाएगी और इस परिवार के साथ रहने की कोशिश करेगी तो भी हाशिये की तरफ जाएगी। उन्होंने कहा, कांग्रेस का डूबना लगभग तय है।
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31 July 2020भोपाल। मप्र भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बुधवार देर शाम उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्री अरविंद भदौरिया और संगठन मंत्री सुहास भगत के साथ स्व. लालजी टंडन को श्रद्धांजलि देने लखनऊ गए थे। इससे पहले तीनों नेता कोरोना पॉजिटिव हो चुके थे और अब वीडी शर्मा भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की यह तीसरी जांच रिपोर्ट थी जो पॉजिटिव आई है। इससे पहले की दो रिपोर्ट निगेटिव आई थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने बताया कि बुधवार सुबह हल्का सा बुखार होने की वजह से उन्होंने तीसरी बार कोरोना टेस्ट कराया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद वे इलाज के लिए चिरायु हॉस्पिटल में भर्ती हुए हैं। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे स्वस्थ हैं और कार्यकर्ता उनसे मिलने के लिए हॉस्पिटल ना आएं और सभी पार्टी नेता, विधायक व कार्यकर्ता जो पिछले दिनों में भोपाल पार्टी दफ्तर पहुंचे हैं, मुझसे मिले हैं या किसी कार्यक्रम में शामिल हुए, वे जांच कराने के बाद ही जनता के बीच जाएं। इसके पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत और कैबिनेट मंत्री अरविंद भदौरिया की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। इन तीनों का इलाज कोविड सेंटर चिरायु अस्पताल में चल रहा है। एक दिन पहले ही संगठन मंत्री सुहास भगत की भी दूसरी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। प्रदेश सरकार में संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। सीएम शिवराज ने की स्वस्थ होने की कामनाभाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के कोरोना पॉजिटिव होने की सूचना मिलने के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘प्रदेश अध्यक्ष एवं खजुराहो सांसद वीडी शर्मा के अस्वस्थ होने की सूचना प्राप्त हुई। ईश्वर उन्हें जल्द ही पूर्ण स्वस्थ करें, मेरी यही प्रार्थना है।
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30 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं कोरोना संक्रमित हो गए हैं और चिरायु अस्पताल में भर्ती होकर अपना उपचार करा रहे हैं। वहीं, विपक्षी पार्टी कांग्रेस लगातार उनके चिरायु अस्पताल में भर्ती होने और अन्य मरीजों को ठीक से उपचार नहीं मिलने को लेकर सवाल उठा रही है। यहां तक कि विभागों के बजट में कटौती को लेकर भी कांग्रेस के नेता शिवराज सरकार का घेराव कर रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री ने विपक्ष के सवालों का जवाब सोशल मीडिया के माध्यम से दिया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में जनता की स्वास्थ्य रक्षा के लिए हम हर संभव कदम उठाएंगे। कोरोना से बचाव और उपचार में बजट की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार सुबह ट्वीट कर कहा है कि -‘ वित्तीय संकट के चलते दूसरे मदों में बजट की कुछ कमी की जा सकती है, लेकिन कोरोना से बचाव एवं उपचार में बजट की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। प्रदेश में जनता की स्वास्थ्य रक्षा के लिए हम हर संभव कदम उठाएंगे।’ उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि - ‘हमें प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गतिमान भी करना है। इसके लिए पूरी तरह जनता को कोविड-19 के संबंध में जागरूक करना होगा तथा सर्वोत्तम उपचार व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी। प्रदेश में कोरोना की भावी रणनीति ‘लॉकडाउन माइनस’ होना चाहिए। अर्थात ऐसी रणनीति बनाई जाए जिसमें बिना लॉक डाउन किए कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके।’
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30 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के देवास जिले में सतवास थाना क्षेत्र के अतवास गांव में दो दिन पहले यानी बीते मंगलवार को राजस्व विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम शासकीय जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंची थी। इस दौरान गांव के लोगों ने टीम पर हमला कर दिया। इस दौरान खड़ी फसल पर जेसीबी चलते देखकर एक महिला ने कार्रवाई रुकवाने के लिए पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा दी। इस मामले का गुरुवार सुबह सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस नेताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है।पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने गुरुवार को ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए उन्होंने महिला के आग में जलते हुए वीडियो पोस्ट किया है। साथ ही लिखा है कि -‘बेहद दुखद तस्वीर-जो खुद को मामा कहलवाते हैं, उनके राज में आज एक बहन खुद को आग के हवाले कर रही हैं। देवास जिले के सतवास में खड़ी फसल पर जेसीबी चलवाने का विरोध करते हुए एक बेबस महिला ने खुद को आग के हवाले कर दिया।’ उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि-‘मैं सरकार से मांग करता हूं कि पूरे मामले की जांच करवाकर दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही हो, घायल महिला का संपूर्ण इलाज सरकार करवाये, पीडि़त परिवार की हर संभव मदद हो।’ वहीं, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने ट्वीट किया है कि - ‘देवास जिले के सतवास की घटना जहां प्रशासन ने किसान की खड़ी फसल पर जेसीबी चला दी, जिसकी वजह से किसान की पत्नी ने आत्मघाती कदम उठाते हुए स्वयं को आग के हवाले कर दिया। शिवराज सिंह जी खड़ी फसल पर जेसीबी चलाना कहाँ का न्याय है?’ इसके अलावा मप्र कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर पर ट्वीट किया गया है कि - ‘शिवराज का जंगलराज, सरकार की प्रताडऩा से तंग आकर आग लगाई, देवास जिले के सतवास में खड़ी फसल पर जेसीबी चलवाने के शिवराज के फैसले का विरोध करते हुये एक बेबस महिला ने खुद को आग के हवाले कर दिया। शिवराज जी, महामारी और मौत के बीच तो कम से कम जनता को मत मारो..! "शवराज चरम पर है"यह है मामलादरअसल, देवास के सतवास थाना क्षेत्र के समीपस्थ ग्राम अतवास में बीते मंगलवार को शासकीय भूमि पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान एक महिला ने खुद को आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास भी किया। इससे वह करीब 20 प्रतिशत झुलस गई। उसे इलाज के लिए इंदौर भेजा गया है। इस दौरान राजस्व और पुलिस विभाग की टीम पर 20 से अधिक ग्रामीणों ने हमला कर दिया। इसमें पटवारी किशोर चावरे के कान में गंभीर चोट पहुंची, जिससे उन्हें सुनाई देना बंद हो गया। राजस्व निरीक्षक राजेंद्र धुर्वे व पटवारी दिलीप जाट को भी चोट पहुंची। मामले में पुलिस ने मंगलवार देर रात 11 बजे शासकीय कार्य में बाधा, बलवा सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया। बताया गया है कि फरियादी किशोर चावरे की शिकायत पर आरोपित छोटा, रमजान खां, शरीफ खांन, शेर खां, हबीब खां, मोइन खां, शहीद खां, सफदर खां, हमीद खां, अनीसा बी, साबरा बी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। बुधवार को पटवारी संघ ने आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए जिलाधीश के नाम तहसीलदार प्रियंका चौरसिया को ज्ञापन भी सौंपा है। इस मामले का गुरुवार सुबह सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ, जिसमें महिला को आग लगाते हुए दिखाया गया है। इसके बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है। कांग्रेस ने शिवराज सरकार को महिला के आग लगाने पर घेरा है, लेकिन अतिक्रमण और पुलिस व राजस्व टीम पर हमले को लेकर कुछ भी नहीं कहा है।
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30 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के सियासी गलियारों में इन दिनों दल बदल कानून को लेकर घमासान मचा हुआ है। मप्र के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर दल बदल कानून में संशोधन की मांग की है। दिग्विजय के पत्र पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि दलबदल के कानून की अच्छी जानकरी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष दे देंगे क्योंकि उन्होंने कई नेताओं का दलबदल करवाया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए देश में दलबदल कानून को लेकर दिग्विजय सिंह की चि_ी पर जमकर बरसे। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दलबदल पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बेहतर बता पाएंगे। देश में सर्वाधिक लोगों को दलबदल कांग्रेस सरकार ने करवाया। इसकी सूची वो दे या हम दे दें। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सर्वाधिक सरकार कांग्रेस ने दलबदल से गिराई है। कांग्रेस क्यों पीएम मोदी को, अमित शाह को और संघ प्रमुख को या राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखते है। पहले आप अपने पार्टी के भीतर लिखो, वहा संतुष्ट न हो तो कही और लिखो। आखिर में हम ही आप का मार्गदर्शन करें क्या। राफेल की गर्जना से गूंजेगा आसमानवहीं आज राफेल विमानों के देश आने पर मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हिंदुस्तान का आसमान राफेल की गर्जना से गूँजेगा और देश का सर सम्मान से बढ़ेगा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि राफेल हिंदुस्तान आने के बाद तीन जगह मातम होगा। पहला चीन, दूसरा पाकिस्तान और तीसरे वो लोग जो राफेल के खिलाफ ट्वीट करके रो रहे हैं उनके यहां राफेल आने का मातम होगा। जो लोग सेना का मनोबल गिरा रहे हैं, पुलिस का मनोबल गिराते है। इन लोगों को दूसरे देश की नागरिकता लेना चाहिए। कांग्रेस लगातार राफेल को लेकर एक झूठ बोलने की कोशिश में लगी है जबकि राफेल को लेकर तमाम न्यायिक रिपोर्ट आ चुकी है। कांग्रेस में मुखिया को लेकर हो रही खींचतान पर ली चुटकी कांग्रेस में मुखिया को लेकर हो रही खींचतान पर नरोत्तम मिश्रा ने चुटकी लेते हुए कहा कि ‘ये किसको फिकर थी कि कबिले का क्या होगा, सब इस पर लड़ रहे हैं कि सरदार कौन होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नेतृत्व के सवाल पर अंतर्कलह और ट्विवटर-पोस्टरवार में उलझी कांग्रेस अपने गिरेबां में झांकने के बजाय भाजपा पर आरोप लगा रही है। कमलनाथ जी यह क्यों नहीं समझते कि कांग्रेस में जिस बयान पर बवाल मचा है वो भाजपा के किसी नेता ने नहीं बल्कि उनके बेटे नकुलनाथ ने दिया है। फिलहाल लॉकडाउन बढ़ाने का विचार नहीं राजधानी में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दस दिन के बाद लॉक डाउन पर विचार नही किया जा रहा है। अन्य विकल्प पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि लॉकडाउन की अवधि अब और आगे बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी। लॉकडाउन की तारीख आगे बढ़ाने के बजाय सरकार दूसरे विकल्पों पर भी विचार करेगी। जब कोई और विकल्प कारगर नहीं लगेगा तभी लॉकडाउन आगे बढ़ाने के बारे में सोचेंगे। वहीं छतरपुर के कोविड सेंटर में कोरोना संक्रमित युवक द्वारा फांसी लगाने पर मंत्री मिश्रा ने कहा कि युवक घबराया हुआ था, कोरोना संक्रमण को लेकर डरा हुआ था। सरकार कोविड मरीजों की मनोचिकित्सकों से कॉउंसलिंग करवाने पर विचार किया जा रहा है।
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29 July 2020भोपाल। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनके समर्थकों की भाजपा में एंट्री के बाद से ही पार्टी के अंदरखानों में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। वहीं ग्रामीण विधानसभा पाटन से विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्रोई भी कई बार ट्वीट के माध्यम से अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। एक बार फिर अजय विश्रोई का ट्वीट चर्चा में है। हालांकि इस बार उन्होंने संगठन या पार्टी नेताओं पर नहीं बल्कि निजी मेडिकल कॉलेज में कोरोना के ईलाज पर सवाल उठाया है। भाजपा विधायक अजय विश्रोई ने एक बार फिर ट्वीट कर अपनी ही सरकार को घेरा है। उनके ट्वीट के बाद सियासत गर्मा गई है और भाजपा में हडक़ंप मच गया है। वहीं कांग्रेस ने अजय विश्रोई का समर्थन किया है। दरअसल अजय विश्नोई ने ट्वीट कर चिरायु अस्पताल में सीएम शिवराज और वीआईपी लोगों के ईलाज कराए जाने पर सवाल उठाया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा सीएम शिवराज सिंह चौहान चिरायु अस्पताल में स्वास्थ्य का लाभ कर रहे हैं। मेरी शुभकामना है, शीघ्र स्वस्थ होकर वापस लौटें। साथ ही मुख्यमंत्री जी से अनुरोध है, चिरायु अस्पताल में रहते हुए यह भी देखें कि चिरायु में ऐसा क्या है जो हम नो लिमिट बजट और सतत मॉनिटरिंग के बाद भी प्रदेश के एक भी शासकीय मेडिकल कॉलेज 4 माह में नहीं बना पाए। क्यों प्रदेश के सभी वीआईपी चिरायु की शरण में जाने मजबूर हैं। गौरतलब है कि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से ही अजय विश्नोई नाराज बताए जा रहे हैं। कांग्रेस ने किया समर्थनवहीं भाजपा विधायक अजय विश्रोई के ट्वीट का कांग्रेस ने समर्थन किया है और सीएम से जवाब मांगा है। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने अजय विश्रोई के सवालों को सही बताते हुए कहा कि ‘पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने ठीक सवाल उठाया है। क्या कारण है कि सीएम सहित सारे वीआईपी चिरायु में इलाज करवा रहे है, आखिर वहाँ ऐसा क्या है? क्या कारण है कि 15 वर्ष की भाजपा सरकार में एक भी ऐसा शासकीय अस्पताल नहीं बना, कोरोना से इलाज के लिये एक भी शासकीय मेडिकल अस्पताल तैयार नहीं हुआ? गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जब भाजपा विधायक अजय विश्रोई ने अपनी सरकार को घेरा हो। इससे पहले भी मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर विभाग बंटवारे तक कई बार उन्होंने ट्वीट कर सवाल उठाए हैं।
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29 July 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को देश की पहली वर्चुअल कैबिनेट की बैठक हुई। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मंत्रियों ने विभिन्न स्थानों से भागीदारी की। इस बैठक में प्रदेश के हित में कई अहम निर्णय लिये गये।मंत्रि-परिषद की बैठक में 'चंबल एक्सप्रेस-वे' का नाम बदलकर 'चंबल प्रोग्रेस-वे' करने निर्णय लिया गया। साथ ही भारतमाला परियोजना के अन्तर्गत चंबल प्रोग्रेस-वे के निर्माण की स्वीकृति दी गयी। योजना के अन्तर्गत मध्यप्रदेश-राजस्थान सीमा से मुरैना होते हुए भिण्ड जिले तक 309 किलोमीटर की फोरलेन ग्रीन फील्ड सडक़ के निर्माण को अनुमोदन प्रदान किया गया। परियोजना के लिए राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करायी जाएगी। अर्जित की जाने वाली निजी भूमि को यथासंभव शासकीय भूमि से अदला-बदली के माध्यम से किया जायेगा।कोविड संक्रमित व्यक्तियों के इलाज की व्यवस्था का अनुसमर्थनमंत्रि-परिषद ने कोविड संक्रमित व्यक्तियों के इलाज की व्यवस्थाओं का अनुसमर्थन किया, जिसमें जन आरोग्य योजना के तहत भारत सरकार द्वारा निर्धारित पात्रता रखने वाले व्यक्तियों द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में कोविड का इलाज कराने पर निर्धारित पैकेज के मान से आयुष्मान भारत निरामय मध्यप्रदेश द्वारा 40 प्रतिशत व्यय भार राज्य वहन करेगा। इसी प्रकार जन आरोग्य योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पात्रता रखने वाले व्यक्तियों द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में कोविड का इलाज कराने पर निर्धारित पैकेज के मान से आयुष्मान भारत निरामय मध्यप्रदेश द्वारा शत-प्रतिशत व्यय भार राज्य वहन करेगा। जो व्यक्ति उपरोक्त दोनो श्रणियों में पात्रता नहीं रखते है उनका शासकीय अस्पतालों/ अनुबंधित निजी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज होगा। गैर अनुबंधित अस्पतालों में इलाज स्वयं के व्यय पर करवाया जा सकेगा।कोविड अस्पताल/ कोविड हैल्थ केयर सेंटर के लिए निजी चिकित्सालयों के साथ राज्य स्तरीय समिति की उपसमिति के अनुमोदन के बाद अनुबंध निष्पादन किया जायेगा। अस्पतालों को देय राशि का भुगतान जन आरोग्य योजना के अंतर्गत निर्धारित बेड्स की संख्या के आधार पर होगा। देय राशि का 60 प्रतिशत मासिक स्थाई लागत के रूप में और 40 प्रतिशत परिवर्तनशील लागत के रूप में देय होगा। कोविड अस्पताल/ कोविड हैल्थ केयर सेंटर में जन आरोग्य योजना अंतर्गत भारत सरकार द्वारा निर्धारित पात्रता रखने वाले व्यक्तियों के इलाज पर होने वाले व्यय के 60 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति भारत सरकार द्वारा की जायेगी। प्रस्ताव उप समिति द्वारा अनुमोदित किया जायेगा। निजी चिकित्सालयों के साथ अनुबंध 3 माह की अवधि के लिये है और उन्हें आवश्यकता पडऩे पर ही बढ़ाने का प्रावधान होगा।मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना में होगें लगभग 14 करोड़ व्ययमंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना को अनुसमर्थन प्रदान किया। योजना के तहत 18 से 55 वर्ष आयु वर्ग के पात्र व्यक्तियों को व्यवसाय के लिए 10 हजार रुपये तक की कार्यशील पूंजी बैंक से ऋण के रूप से उपलब्ध करायी जायेगी। जुलाई 2020 से मार्च 2022 तक लागू होने वाली इस योजना में एक लाख ग्रामीण गरीबों को लाभांवित करने का लक्ष्य है। योजना से लगभग 14 करोड़ रुपये का वार्षिक वित्तीय भार आएगा।फसल बीमा योजना के लिए 12 हजार 799 करोड़ से अधिक की राशिमंत्रि-परिषद ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को खरीफ 2020-21 से रबी 2020-22 तक लागू किए जाने के प्रस्ताव को कार्योत्तर अनुमोदन प्रदान किया। योजना में तीन वर्ष के प्रीमियम के लिए राज्य सरकार पर 6494 करोड़ 15 लाख रुपये का वित्तीय भार आएगा। केन्द्र सरकार से योजना में 6305 करोड़ रुपये प्राप्त होने की संभावना है। इस प्रकार योजना 12,799 करोड़ से अधिक की होगी। खुली निविदा के माध्यम से बीमा कंपनी का चयन किया जायेगा ।कैम्पा निधि के अन्तर्गत वार्षिक प्रबंधनमंत्रि-परिषद ने कैम्पा निधि के अन्तर्गत वार्षिक प्रबंधन स्कीम के तहत वर्ष 2020-21 के अनुमोदित कार्य योजना के लिए 833 करोड़ 54 लाख तथा वर्ष 2019-20 के अतिरिक्त अनुमोदित कार्य योजना के लिए राशि रूपये 149 करोड़ 14 लाख रुपये के प्रस्ताव का अनुसमर्थन किया। कैम्पा राशि से वन क्षेत्र में विगत वर्षो के कार्यो के रख-रखाव, बफर क्षेत्र में रहवास का विकास, बिगडे वनों को सुधार, नदियों का पुनर्जीवन, जल संरक्षण के कार्य, गांव की सीमा में वन क्षेत्रों में बांस का रोपण, वन्य प्राणी संरक्षित क्षेत्रों में ग्रामों का स्वैच्छिक विस्थापन, क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, नगर वनों की स्थापना तथा अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण संबंधी कार्यों की प्राथमिकता निर्धारित की गयी है।नगर परिषदों संबंधी निर्णयमंत्रि-परिषद ने 21 नगर परिषदों संबंधी अधिसूचना निरस्त कर उन्हें यथावत नगर परिषद रखने के प्रस्ताव को कार्योत्तर अनुमोदन प्रदान किया।
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28 July 2020भोपाल। टाइगर स्टेट का दर्जा हासिल करने के बाद अब मप्र को तेंदुआ स्टेट का दर्जा भी मिल सकता है। केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय 29 जुलाई को बाघ दिवस के अवसर पर तेंदुओं की गणना के आंकड़े जारी कर सकता है। जिसमें मप्र तेंदुओं की गणना में पहले स्थान पर आ सकता है। आंकड़ों में मध्यप्रदेश में 22 सौ से ज्यादा तेंदुए मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मप्र वाइल्ड लाइफ मुख्यालय के सूत्रों के मुताबिक दिसंबर 2017 से मार्च 2018 के बीच देशभर में बाघों की गिनती करवाई गई है। इस दौरान तेंदुए भी गिने गए। वर्ष 2018 की गणना में प्रदेश में 22 सौ से ज्यादा तेंदुए मिलने की उम्मीद है। भारतीय वन्यप्राणी प्रबंधन संस्थान देहरादून ने अन्य वन्यप्राणियों की गणना के आंकड़े अलग-अलग कर लिए है। इस संबंध में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर बाघ दिवस के अवसर पर आंकड़े जारी कर सकते हैं। जिसके बाद प्रदेश को टाइगर स्टेट के बाद तेंदुआ स्टेट का खिताब मिल सकता है। पिछली बार वर्ष 2014 की गणना में प्रदेश में 1817 तेंदुए मिले थे। इसमें कर्नाटक दूसरे नंबर पर था। वहां 1129 तेंदुए मिले थे। वहीं वर्ष 2000 तक प्रदेश में 3600 से ज्यादा तेंदुए थे। गौरतलब है कि इससे पहले जुलाई 2019 में मध्यप्रदेश को 13 साल के लंबे इंतजार के बाद फिर से टाइगर स्टेट का दर्जा मिला था। ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन 2018 की जो रिपोर्ट कि मुताबिक मप्र में टाइगरों की संख्या 526 है। मध्य प्रदेश 526 बाघों के साथ देश में नंबर वन हो गया है। कर्नाटक 524 टाइगर के साथ दूसरे स्थान पर और उत्तरखंड 442 टाइगर के साथ तीसरे नंबर पर रहा।
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28 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना संक्रमित होने के कारण इन दिनों भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती हैं। उनके संपर्क में आए सभी मंत्री भी घरेलू एकांतवास में चले गए हैं। अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद सीएम शिवराज सभी सरकारी कार्य पूरी जिम्मेदारी के साथ संभाल रहे हैं। मंगलवार को प्रदेश के इतिहास में पहली बार वर्चुअल कैबिनेट का आयोजन हुआ, जिसमें सभी मंत्री अपने घरों से और सीएम शिवराज अस्पताल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए। कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश राज्य एक इतिहास रच रहा है, कैबिनेट के इतिहास में वर्चुअल बैठक पहली बार हो रही है। उन्होंने कहा कि यह हमारे संकल्प का परिचायक है कि परिस्थिति चाहे कोई भी हो, प्रदेश की जनता का काम हम रुकने नहीं देंगे। अगर अस्पताल से भी जरूरत पड़ी तो हम बैठ कर काम करेंगे। ईश्वर हमें शक्ति दें जिससे हम जनता के कार्यों को बेहतर तरीके से कर सके इन्हें संपादित कर सकें । कैबिनेट बैठक के दौरान सीएम शिवराज ने अस्पताल के अपने अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरीके से स्वस्थ हूं, मेरी खांसी समाप्ति की तरह है और लगातार काम करने का प्रयास कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में अपनी चाय मैं खुद बना रहा हूं और अपने कपड़े भी खुद धो रहा हूं, कोरोना के कपड़े किसी और से नहीं धुलवाने चाहिए। सीएम शिवराज ने कहा कि कोरोना स्वावलंबन सिखाता है। कोरोना से बिल्कुल घबराने की जरूरत नहीं है। मेरे हाथ का फ्रैक्चर हुआ था और मुझे भी फिजियोथेरेपी की आवश्यकता होती है। लेकिन अस्पताल में कपड़े धोने के दौरान हाथ का मूवमेंट लगातार हो रहा है, जिसके कारण हाथ में भी काफी आराम मिला है। बता दें कि सीएम शिवराज कोरोना संक्रमित होने के बाद बहुत एहतियात बरत रहे हैं। चिरायु अस्पताल में एडमिट सीएम शिवराज खुद ही पानी गर्म कर रहे हैं। चाय भी खुद ही बना रहे हैं। सीएम शिवराज ने डॉक्टरों से कहा, कि मैं अपने कपड़े खुद ही धोऊंगा। सीएम शिवराज सामान्य मरीजों की तरह अस्पताल में डाइट ले रहे हैं। बताते चले कि सीएम शिवराज अपनी सादगी और जिंदादिली की वजह से भी जाने जाते हैं।
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28 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा सोमवार को दोपहर तीन बजे हायर सेकेण्डरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा, हायर सेकेण्डरी व्यावसायिक पाठ्यक्रम एवं हायर सेकेण्डरी अंध-मूक-बधिर श्रेणी परीक्षा वर्ष 2020 के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिये गए। इस बार 12वीं का परीक्षा परिणाम 68.81 फीसदी रहा, जो पिछले साल की तुलना में करीब साढ़े तीन फीसदी कम है। हर साल की तरह इस बार भी छात्राओं ने बाजी मारी। जारी परिणाम के अनुसार नियमित विद्यार्थी का परीक्षा परिणाम 68.81 फीसदी रहा, जिसमें छात्राएं 73.40 फीसदी पास हुईं, जबकि 64.66 फीसदी छात्र सफल रहे। वहीं, प्राइवेट विद्यार्थियों का परीक्षा परिमाण 28.70 फीसदी रहा।माध्यमिक शिक्षा मंडल के जनसम्पर्क अधिकारी एसके चौरसिया ने बताया कि इस बार कक्षा 12वीं में आठ लाख आठ हजार 992 विद्यार्थी शामिल हुए थे। विद्यार्थी अपना परिणाम बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट्स mpbse.nic.in और mpresults.nic.in के साथ ही मोबाइल ऐप पर भी देख सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस साल परीक्षाओं पर कोरोना वायरस का असर पड़ा है। बारहवीं की कुछ परीक्षाएं रद्द की गई थीं, जिन्हें लॉकडाउन खुलने के बाद 9 से 16 जून के बीच आयोजित की गई। सोमवार को परिणाम घोषित किया गया। इमें नियमित विद्यार्थियों का परिणाम 68.81 फीसदी और प्रायवेट विद्यार्थियों का परिणाम 28.70 फीसदी रहा। उन्होंने बताया कि एक बार फिर सरकारी स्कूलों का परिणाम बेहतर रहा है। इस बार शासकीय स्कूल में 71.43 फीसदी और प्राइवेट स्कूल में 64.93 फीसदी छात्र-छात्राएं पास हुए।इस बार बारहवीं के गणित-विज्ञान समूह में मंदौसौर के दो विद्यार्थी मंदसौर की प्रिया पुत्री शम्भू लाल तथा रिंकू पुत्र मुकेश बथरा ने 99 फीसदी अंकों के साथ टॉप किया है। उन्होंने 500 में से 495 अंकों के साथ मैरिट में पहला स्थान हासिल किया है, जबकि मंदसौर के ही हरी कारपेंटर (491) द्वितीय, छतरपुर के नरेन्द्र कुमार पटेल (489) तृतीय, होशंगाबाद की साशी मिश्रा व जबलपुर के आशीष कुशवाहा जबलपुर (487) संयुक्त रूप से चतुर्थ और शिवपुरी के दिव्यांश लाल (486) पांचवें स्थान पर रहे।इसी प्रकार कला संकाय में रीवा की खुशी सिंह (486) प्रथम, नरसिंहपुर की मधुलता सिलावट (479) द्वितीय, नीमच की निकिता पाटीदार (476) तृतीय, दतिया की निराली शर्मा (473) चतुर्थ और चार विद्यार्थी संयुक्त 471 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर रहे। वहीं, वाणिज्य संकाय में भोपाल के विवेक गुप्ता ने 486 अंकों के साथ मैरिट में प्रथम स्थान हासिल किया है। इधर, राज्य सरकार ने मेधावी विद्यार्थियों के लिए लैपटॉप देने की योजना फिर शुरू की है। कक्षा 12वीं परीक्षा में टॉप करने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप दिए जाएंगे। उन्हें 25 हजार रुपये और सर्टिफिकेट भी दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना का इलाज कराते हुए अस्पताल से इसकी घोषणा की है। वहीं, फेल होने वाले विद्यार्थियों को दोबारा मौका दिया जाएगा और उनके लिए विशेष परीक्षा आयोजित की जाएगी।
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27 July 2020भोपाल। उपचुनाव नजदीक आते-आते दोनों प्रमुख पार्टियों के नेताओं के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में युवाओं का नेतृत्व करेंगे नकुलनाथ, बुजुर्गों का नेतृत्व करेंगे कमलनाथ और बाकी कांग्रेस अनाथ। दरअसल, सोमवार को कुछ मीडिया प्रतिनिधियों ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से नकुलनाथ के उस बयान पर प्रतिक्रिया चाही थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद वे कांग्रेस में युवाओं की कमान संभालेंगे। नकुलनाथ के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस में अब युवाओं के नेता होंगे नकुलनाथ, बुजुर्गों के कमलनाथ और बाकी कांग्रेस अनाथ। जेल जाने से पहले होगा कैदियों का टेस्टगृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जेल में जाने वाले नए कैदियों का पहले कोरोना टेस्ट होगा, उसके बाद उन्हें बैरक में भेजा जाएगा। इस संबंध में जेल विभाग ने सभी जिलों को आदेश भी जारी कर दिए हैं। अब पुलिस किसी भी अपराधी को पकड़ती है तो उसे जेल में दाखिल कराने से पहले कोरोना टेस्ट कराना जरूरी होगा। वहीं, प्रदेश में नए महिला थानों को खोलने की बात पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पूरे प्रदेश में जहां-जहां महिला थाने नहीं हैं, उन जगहों को चिह्नित किया जा रहा है। इन स्थानों पर जल्द ही महिला थाने खोले जाएंगे।
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27 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कार्यप्रणाली की तारीफ की है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी न केवल फोन पर पर्याप्त समय देते हैं, बल्कि सुझाव भी ध्यान से सुनते हैं और सुझाव अच्छा लगने पर तत्काल क्रियान्वित करते हैं। ऐसे सक्रिय और संवेदनशील हैं हमारे प्रधानमंत्री जी।दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद से भोपाल के चिरायु अस्पताल में भर्ती हैं, जहां उनका उपचार जारी है। वे अस्पताल से ही वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश की स्थिति का जायजा ले रहे हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से फोन पर बात की थी और उनका हालचाल जाना थी। इसी संबंध में मुख्यमंत्री ने सोमवार को ट्वीट के माध्यम से प्रधानमंत्री की तारीफ की। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि -‘प्रधानमंत्री जी फोन पर पर्याप्त समय देते हैं, सुझाव ध्यान से सुनते हैं। सलाह गंभीरता से देते हैं। सुझाव अच्छा हो, तो तत्काल क्रियान्वित करते हैं। ऐसे सक्रिय और संवेदनशील हैं हमारे प्रधानमंत्री जी।’ उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि -‘मेरे स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का फोन आया था। स्नान-ध्यान-योग के कारण उनसे बात नहीं हो पाई। कुछ समय पश्चात उनका फोन पुन: आया, बड़े स्नेह से स्वास्थ्य की जानकारी ली। कुछ सावधानी बरतने, परिवार का ध्यान रखने और टेस्ट कराने की सलाह दी। एक प्रधानमंत्री जो देश के मुखिया हैं, व्यस्तताओं के बीच सबका कितना ध्यान रखते हैं। वे देश के आम नागरिक की भी इतनी चिंता करते हैं। कोविड 19 के दौरान निरंतर सभी राज्योंं के मुख्यमंत्रियों से संपर्क संवाद कर उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति, राज्य की चिंता करना उनके लिए प्रथम है।’सीएम शिवराज ने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा है कि - ‘जब मैं मुख्यमंत्री नहीं था, तब भी वे फोन पर ऐसे ही बात करते और आवश्यक सलाह सदैव देते रहे हैं। फोन करें तो उधर से कॉलबैक आने की सूचना, फिर थोड़ी देर बाद फोन आ जाता है, प्रधानमंत्री से बात हो जाती है।’
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27 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना संक्रमित हो गए हैं। शनिवार को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद वे चिरायु अस्पताल में भर्ती हो गए हैं, जहां उनका उपचार जारी है। सीएम के कोरोना संक्रमित होने के बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के नेताओं ने सोशल मीडिया के माध्यम से उनके स्वस्थ होने की कामना की है। इसी क्रम में पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी ट्वीट के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तंज कसते हुए उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट किया है कि -‘शिवराज जी, आपके कोरोना संक्रमित होने की जानकारी मिलने पर काफी दु:ख हुआ। ईश्वर से आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। बस अफसोस इस बात का है कि जब हम कोरोना को लेकर गंभीर थे, तब आप कोरोना को कभी नाटक बताते थे, कभी डरोना बताते थे, कभी सत्ता बचाने का हथियार बताते थे, कभी हम पर कुछ आरोप लगाते थे, कभी कुछ कहते थे, कभी कुछ।’उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि - ‘हम शुरू से कहते थे कि यह एक गंभीर बीमारी है, इससे संभलकर रहने की आवश्यकता है, सावधान रहने की आवश्यकता है, इसके प्रोटोकाल के पालन की आवश्यकता है। शायद आप भी इससे संभल कर रहते, प्रोटोकाल, गाइडलाइन व सावधानी का पूरा पालन करते, इसको मजाक में नहीं लेते तो शायद आप इससे आज बचे रहते।’ कमलनाथ ने आगे लिखा है कि -‘ खैर, कोई बात नहीं, आप जल्द स्वस्थ होकर वापस काम पर लौटेंगे, ऐसी ईश्वर से प्रार्थना है व पूर्ण विश्वास है।’
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25 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए है। शनिवार सुबह उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने स्वयं ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने संपर्क में आए सभी लोगों को घरेलू एकांतवास में जाने की सलाह दी है। कोरोना का ईलाज करवाने के लिए सीएम शिवराज बैरागढ स्थित चिरायु हॉस्पिटल में भर्ती होंगे, जहाँ उनका कोरोना का इलाज डॉ. अजय गोयनका के मार्गदर्शन में होगा। वहीं सीएम शिवराज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम सीएम हाऊस पहुंची और सीएम शिवराज के साथ परिवार के साथ मौजूद सदस्यों और वहां मौजूद स्टॉफ की जांच की। सीएम शिवराज के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर मिलते ही सभी उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। भाजपा से लेकर विपक्ष तक के नेता ट्वीट कर उनके स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी ट्वीट कर सीएम शिवराज के स्वस्थ होने की कामना की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अस्वस्थ होने की जानकारी मिली। ईश्वर से उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ। दिग्विजय ने कुशलछेम के बहाने कसा तंज वहीं मप्र के पूर्व सीएम और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कुशलछेम के बहाने सीएम शिवराज पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘दुख है शिवराज जी आप कोरोना संक्रमक पाया गए। ईश्वर आपको शीघ्र स्वस्थ करें। आपको सामाजिक दूरी का ख्याल रखना था जो आपने नहीं रखा। मुझ पर तो भोपाल पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली थी, आप पर कैसे करते। आगे अपना ख्याल रखें।
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25 July 2020भोपाल। प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान भी कोरोना वायरस के शिकार हुए हैं। शनिवार सुबह उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने स्वयं ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने संपर्क में आए सभी लोगों को घरेलू एकांतवास में जाने की सलाह दी है। सीएम शिवराज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनके संपर्क मेंं आए नेताओं में हडक़ंप मच गया है। सीएम शिवराज सिंह देश के पहले मुख्यमंत्री है जो कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ‘मेरे प्रिय प्रदेशवासियों, मुझे कोविड19 के लक्षण आ रहे थे, टेस्ट के बाद मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मैं कोरोना पॉजिटिव हो गया हूं। मेरी सभी साथियों से अपील है कि जो भी मेरे संपर्क में आए हैं वह अपना कोरोना टेस्ट करवा लें। मेरे निकट संपर्क वाले एकांतवास में चले जाएं। मैं कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन कर रहा हूं। डॉक्टर की सलाह के अनुसार स्वयं को एकांतवास में रखूंगा और इलाज कराऊंगा। मेरी प्रदेश की जनता से अपील है कि सावधानी रखें, जरा सी असावधानी कोरोना को निमंत्रण देती है। मैंने कोरोना से सावधान रहने के हर संभव प्रयास किए लेकिन समस्याओं को लेकर के लोग मिलते ही थे। मेरी उन सब को सलाह है कि जो मुझसे मिले हैं, वह अपना टेस्ट करवा लें। एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा कि कोविड-19 का समय पर इलाज होता है तो व्यक्ति बिल्कुल ठीक हो जाता है। मैं 25 मार्च से प्रत्येक शाम को कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक करता रहा हूं। मैं यथासंभव अब वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोरोना की समीक्षा करने का प्रयास करूंगा। मेरी अनुपस्थिति में अब यह बैठक गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरी विकास एवं प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी करेंगे। मैं स्वयं भी इलाज के दौरान प्रदेश में कोविड-19 नियंत्रण के हरसंभव प्रयास करता रहूंगा। गौरतलब है कि सीएम शिवराज पिछले दिनों राज्यपाल लालजी टंडन के अंतिम दर्शन करने लखनऊ गए थे। उनके साथ विमान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन मंत्री सुहास भगत और सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया मौजूद थे। मंत्री भदौरिया पहले ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद सभी ने अपनी जांच करवाई थी, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री सुहास भगत की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है लेकिन सीएम शिवराज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
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25 July 2020भोपाल। प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह चौहान भी कोरोना वायरस के शिकार हुए हैं। शनिवार सुबह उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उन्होंने स्वयं ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। साथ ही उन्होंने संपर्क में आए सभी लोगों को घरेलू एकांतवास में जाने की सलाह दी है। सीएम शिवराज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनके संपर्क मेंं आए नेताओं में हडक़ंप मच गया है। सीएम शिवराज सिंह देश के पहले मुख्यमंत्री है जो कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि ‘मेरे प्रिय प्रदेशवासियों, मुझे कोविड19 के लक्षण आ रहे थे, टेस्ट के बाद मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मैं कोरोना पॉजिटिव हो गया हूं। मेरी सभी साथियों से अपील है कि जो भी मेरे संपर्क में आए हैं वह अपना कोरोना टेस्ट करवा लें। मेरे निकट संपर्क वाले एकांतवास में चले जाएं। मैं कोरोना गाइडलाइन का पूरा पालन कर रहा हूं। डॉक्टर की सलाह के अनुसार स्वयं को एकांतवास में रखूंगा और इलाज कराऊंगा। मेरी प्रदेश की जनता से अपील है कि सावधानी रखें, जरा सी असावधानी कोरोना को निमंत्रण देती है। मैंने कोरोना से सावधान रहने के हर संभव प्रयास किए लेकिन समस्याओं को लेकर के लोग मिलते ही थे। मेरी उन सब को सलाह है कि जो मुझसे मिले हैं, वह अपना टेस्ट करवा लें। एक अन्य ट्वीट कर उन्होंने कहा कि कोविड-19 का समय पर इलाज होता है तो व्यक्ति बिल्कुल ठीक हो जाता है। मैं 25 मार्च से प्रत्येक शाम को कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा बैठक करता रहा हूं। मैं यथासंभव अब वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोरोना की समीक्षा करने का प्रयास करूंगा। मेरी अनुपस्थिति में अब यह बैठक गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरी विकास एवं प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी करेंगे। मैं स्वयं भी इलाज के दौरान प्रदेश में कोविड-19 नियंत्रण के हरसंभव प्रयास करता रहूंगा। गौरतलब है कि सीएम शिवराज पिछले दिनों राज्यपाल लालजी टंडन के अंतिम दर्शन करने लखनऊ गए थे। उनके साथ विमान में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन मंत्री सुहास भगत और सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया मौजूद थे। मंत्री भदौरिया पहले ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। इसके बाद सभी ने अपनी जांच करवाई थी, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री सुहास भगत की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है लेकिन सीएम शिवराज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
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25 July 2020भोपाल। पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने असुरक्षित शिवराज सरकार पर बड़ा राजनैतिक हमला बोला है। शुक्रवार को अपने निवास पर आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि सत्ता की भूखी सरकार और विचारधारा प्रदेश में उपचुनाव के बाद अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। एक लोकतांत्रिक निर्वाचित सरकार को सौदेबाज़ी कर उसने सत्ता की चाबी तो हथिया ली है किंतु उपचुनाव परिणाम उस पर ताला लगा देंगे, यही आशंका उसे तोडफ़ोड़ व खरीद फरोख्त करने के लिए मजबूर कर रही है। भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि गुप्तचर एजेंसियों की वास्तविक रिपोर्टस में भाजपा को इस बाबद जानकारी मिल गई है कि गद्दारों- बिकाऊओं की फ़ौज के अधिकांश लोगों की हार सुनिश्चित है, इसी भय से वह निम्न हथकंडे अपना रही है। अरुण यादव ने यह खुलासा करते हुए दावा किया है कि भाजपा नेतृत्व ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा भाजपा प्रवेश के बाद लगातार की जा रही राजनैतिक ब्लैकमेलिंग से भी तंग आ चुका है। लिहाजा, भविष्य की संभावनाओं को दृष्टिगत रख वह अपने घिनौने निजी मैनेजमेंट का रास्ता अपनाकर उनसे मुक्ति पाने का भी रास्ता खोज़ रहा है। अरुण यादव यही नहीं रुके, उन्होंने यहां तक कहा है कि पार्टी विद-ए-डिफरेंस का थोथा दावा करने वाली भाजपा ऐसे कुकृत्यों से अंग्रेजों से लड़ चुकी पार्टी और उसके निष्ठावान कार्यकर्ताओं के जज़्बाती मनोबल को तोड़ नहीं पाएगी। "यदि खरीद फऱोख्त का यह धंधा इसी प्रकार जारी रहा तो आगामी उपचुनाव में दोनों ओर से कांग्रेस के ही प्रत्याशी परस्पर चुनाव लड़ेंगे और भाजपा कार्यकर्ता सिर्फ दरियां ही बिछाएंगे?
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24 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। तमाम कोशिशों के बावजूद यहां कोरोना के मामले कम नहीं हो रहे हैं। राजधानी भोपाल भी कोरोना का हॉट स्पाट बन गया है। ऐसे में कोरोना से निपटने के लिए भाजपा में आज यानि शुक्रवार रात आठ बजे से टोटल लॉकडाउन लगने जा रहा है। लॉकडाउन लगाए जाने पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस लॉकडाउन को लेकर सवाल उठा रही है और सरकार पर आरोप लगा रही है। वहीं कांग्रेस के आरोपों पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना जब अपनी स्थति को लेकर भयावता से व्यपकता की ओर बढ़ता है, तब चक्र तोडऩा चाहिए और ऐसी स्थिति में लॉक डाउन लगाना पढ़ता है। उन्होंने कहा कि भोपाल में भी कोरोना संक्रमण की चेन तोडऩे के लिए लॉकडाउन की घोषणा की है। हमने प्रदेश में कई जगह लॉकडाउन लगाकर स्थिति को कंट्रोल किया है। वहीं लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस नेताओं के सवाल उठाए जाने पर गृहमंत्री ने बेबाक अंदाज में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस के जो नेता लॉकडाउन पर सावल उठा रहे है, वो गारंटी दे कि वो कोरोना रोक लेंगे तो हम लॉकडाउन हटा लेंगे। मंत्री मिश्रा ने अपील करते हुए कहा कि हमारी सभी से पार्थना है सब लॉक डाउन में सहयोग करें। भोपाल में आने और जाने के लिए ई पास बनेंगे। मेरा सभी बहनों से निवेदन है कि इस बार ई -रखी बनाए। वहीं पीसीसी चीफ कमलनाथ द्वारा पीएम मोदी को लिखी चिट्टी पर तंज कसते हुए गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि जब राजनीति ट्विटर पर रह जायेगी तब ऐसी स्थिति निर्मित होती है। इसके अलावा कांग्रेस विधायकों के भाजपा में शामिल होने पर गृहमंत्री मिश्रा ने कहा कि खेल की शुरुआत कांग्रेस ने की थी खत्म भाजपा करेगी। दल बदल के जरिए ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रभाव को कम करने के सवाल पर कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान दोनों एक ही है। इसका गलत मतलब न निकाले।
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24 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। अब यहां चार जिलों में कोरोना के 285 नये मामले सामने आए हैं, जबकि दो लोगों की व्यक्ति की मौत हुई है। इसके बाद राज्य में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 25 हजार 759 हो गई है। वहीं, प्रदेश में कोरोना से अब तक 782 लोगों की मौत हो चुकी है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने शुक्रवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा गुरुवार देर रात जारी की गई 1565 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट में 99 नये संक्रमित मिले हैं, जबकि एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है। इसके बाद जिले में संक्रमितों की कुल संख्या 6556 और मृतकों की संख्या 302 हो गई है। वहीं, भोपाल सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी के अनुसार, राजधानी में शुक्रवार सुबह प्राप्त रिपोर्ट में 144 नये पॉजिटिव मिले हैं और एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है। इसके बाद यहां संक्रमितों संख्या 5123 हो गई है, जबकि यहां अब तक 149 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा उज्जैन में 24 और झाबुआ में कोरोना के 18 नये मामले सामने आए हैं।इन 285 नये मामलों के साथ अब राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 25,759 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 6556, भोपाल 5123, उज्जैन 1080, मुरैना 1410, ग्वालियर 1858, नीमच 566, जबलपुर 884, सागर 579, बुरहानपुर 451, खंडवा 548, खरगौन 582, भिण्ड 423, देवास 400, धार 334, रतलाम 344, मंदसौर 331, बड़वानी 301, रायसेन 247, राजगढ़ 199, श्योपुर 194, बैतूल 176, शाजापुर 241, छिंदवाड़ा 104, रीवा 167, टीकमगढ़ 273, छतरपुर 180, विदिशा 211, पन्ना 83, दमोह 102, शिवपुरी 258, अशोकनगर 79, दतिया 168, हरदा 157, सतना 89, होशंगाबाद 116, बालाघाट 85, नरसिंहपुर 116, डिंडौरी 32, अनूपपुर 67, कटनी 71, गुना 60, शहडोल 54, सीहोर 123, झाबुआ 115, सीधी 62, सिंगरौली 69, आगरमालवा 67, सिवनी 29. निवाड़ी 28, उमरिया 35, अलीराजपुर 91 और मंडला 20 मरीज शामिल हैं।वहीं, इंदौर-भोपाल में हुई दो मौतों के बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 782 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 302, भोपाल 149, उज्जैन 71, बुरहानपुर 23, खंडवा 19, जबलपुर 22, खरगौन 16, ग्वालियर 10, धार 09, मंदसौर 10, नीमच 08, सागर 29, देवास 10, रायसेन 05, होशंगाबाद 05, सतना 06, आगरमालवा 03, झाबुआ 03, अशोकनगर 01, शाजापुर 04, दतिया 02, छिंदवाड़ा 02, सीहोर 06, उमरिया 01, रतलाम 07, बड़वानी 06. मुरैना 08, राजगढ़ 09, श्योपुर 02, टीमकगढ़ 07, रीवा 01, गुना 04, हरदा 05, कटनी 03, सीधी 01, शिवपुरी 02, अलीराजपुर 01, भिंड 01, बैतूल 02, नरसिंहपुर 01, सिवनी 01, सिंगरौली 01, छतरपुर 02, विदिशा 01, दमोह 01 और मंडला का एक व्यक्ति शामिल है। हालांकि, राज्य में अब तक 17,359 मरीज कोरोना को मात देकर अपने घर जा चुके हैं। अब प्रदेश में कोरोना के सक्रिय प्रकरण 7335 हैं।
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24 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा की 26 रिक्त सीटों पर होने वाले उपचुनावों को लेकर मचे घमासान के बीच एक तरफ जहां आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, तो वहीं दलबदल का खेल भी जारी है। नेता एक पार्टी छोड़ दूसरे का दामन थाम रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश के गुना जिले की बमौरी विधानसभा सीट से विधायक रहे पूर्व मंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता केएल अग्रवाल कांग्रेस में शामिल हो गए। उन्होंने गुरुवार को भोपाल कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर अपने 400 समर्थकों के साथ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। पूर्व सीएम एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई।भाजपा नेता केएल अग्रवाल गुरुवार सुबह अपने समर्थकों के साथ भोपाल पहुंचे और यहां कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए। पूर्व सीएम कमलनाथ ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलवाई। इस अवसर पर कमलनाथ ने कहा कि आने वाला उपचुनाव मध्य प्रदेश का भविष्य है, सत्ता में आने पर हम पूरा कर्जा माफ करेंगे। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधते हुए कहा कि वे बिकाऊ माल अपने साथ ले गए हैं। उपचुनाव के लिए सौदेबाजी हुई है, जिसके चलते हमारी सरकार गिर गई। उपचुनाव में कांग्रेस दोबारा वापसी करेगी और मध्यप्रदेश में फिर से कांग्रेस का झंड़ा लहराएगा।गौरतलब है कि केएल अग्रवाल गुना जिले के बामोरा से विधायक और भाजपा सरकार में राज्यमंत्री भी रहे हैं, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनावों के दौरान बगावती तेवरों के चलते उन्हें भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद से ही अग्रवाल के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लग रही थीं। उन्होंने गुरुवार को अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल होकर अब इन अटकलों पर विराम लगा दिया है।
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23 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। पिछले एक सप्ताह से यहां रोजाना सात से आठ के बीच नये संक्रमित मिल रहे हैं। कोरोना के इन बढ़ते मामलों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की चिंता बढ़ा दी है। इसी के चलते वे रोज मंत्रालय में न केवल कोरोना की स्थिति और व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे हैं, बल्कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के साथ ही गुड गवर्नेंस और जनता के प्रति जवाबदेही बेहतर ढंग से तय करने के उद्देश्य से लगातार मंत्रियों से वन-टू-वन चर्चा कर रहे हैं।इसी क्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मंत्रालय में यहां सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा, भोपाल गैस राहत एवं पुनर्वास मंत्री विश्वास सारंग और किसान कल्याण तथा कृषि विकास राज्य मंत्री गिर्राज डंडोतिया से अलग-अलग चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कोरोना की रोकथाम के लिए उपायों को लेकर बातचीत करते हुए मंत्रियों को उनके विभागों में बेहतर ढंग से कार्य करने की सलाह दी। अभी कुछ और मंत्रियों से मुख्यमंत्री की चर्चा जारी है। बता दें कि मुख्यमंत्री ने बुधवार को भी 16 मंत्रियों से वन-टू-वन चर्चा कर उन्हें सरकार की प्राथमिकता और लक्ष्य के बार में बताया था। मुख्यमंत्री शेष मंत्रियों से गुरुवार को चर्चा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री की बैठक शाम तक चलेगी।
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23 July 2020भोपाल। मप्र सरकार के सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। उनमें कोरोना वायरस संक्रमण के कोई लक्षण नहीं हैं, लेकिन उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। बुधवार देर रात 2 बजे उन्हें चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अब उनके संपर्क में आए सभी लोगों को एहतियातन एकांतवास में रहने के लिए कहा गया है और सभी की कोरोना जांच की जाएगी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री सुहास भगत ने भी एहतियातन बैठकों से दूरी बनाने का फैसला लिया है। दरअसल, मंत्री भदौरिया 2 दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संगठन मंत्री सुहास भगत और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ स्टेट प्लेन से लखनऊ गए थे। वे वहां राज्यपाल लालजी टंडन के अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए थे। इसके बाद सावधानी बरतते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन मंत्री सुहास भगत ने अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। दोनों भाजपा नेताओं ने आने वाले 2 दिनों के सभी राजनीतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। इन दोनों राजनेताओं की जगह आने वाले दो दिनों तक मंत्री भूपेंद्र सिंह भाजपा की बैठकों में शामिल होंगे। वीडी शर्मा और सुहास भगत के स्थान पर उनका प्रतिनिधित्व मंत्री भूपेंद्र सिंह करेंगे।
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23 July 2020जबलपुर/भोपाल। मध्यप्रदेश में शराब ठेकेदारों और राज्य सरकार के बीच चल रहे विवाद पर जबलपुर उच्च न्यायालय ने बुधवार को अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने शराब ठेकेदारों द्वारा लगाई गई करीब 37 याचिकाओं का निपटारा करते हुए अपना निर्णय लिया है। अदालत ने कहा है कि सरकार नए सिरे से ठेके जारी नहीं करेगी। पहले जो ठेके हो चुके हैं, उसी के अनुसार शराब ठेकेदारों को अपने ठेके चलाने होंगे।दरअसल, शराब ठेकेदारों ने उच्च न्यायालय में लगाई करीब 37 याचिकाओं में शराब ठेके नीलामी की रकम करने या ठेके निरस्त करने की मांग उठाई थी। उन्होंने तर्क दिया था कि मार्च में जिस समय शराब के ठेके हुए थे, उस समय नियम साल भर के हिसाब से बनाए गए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के कारण शराब दुकानें बंद रहीं, इसलिए बिक्री शून्य रही। फिर जब शराब दुकानों को खोलने के आदेश जारी किए गए तो ऐसे कई नियम बना दिए गए, जिससे शराब ठेकेदारों को काफी नुकसान होता। उन्होंने मांग की थी कि कोरोना की स्थिति को देखते हुए उन्हें ठेके से बाहर आने दिया जाए और उनके द्वारा जमा धरोहर राशि वापस प्रदान की जाए और शराब के ठेकों को पुन: नीलाम किया जाए।मुख्य न्यायाधिपति एके मित्तल एवं न्यायाधिपति विजय कुमार शुक्ला की बैंच में शराब ठेकेदारों की याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सरकार की तरफ से महाधिवक्ता पुरूषेन्द्र कौरव ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को शराब ठेकों से लगभग कुल राजस्व का 17 प्रतिशत राजस्व प्रत्येक वर्ष प्राप्त होता है, लेकिन इस वर्ष कोरोना के चलते अन्य स्रोतों से राजस्व प्राप्त नहीं हो रहा था, तो सरकारी खर्चे चला पाना सरकार के लिए कठिन हो गया था। उन्होंने याचिकाओं की सुनवाई के दौरान कहा कि ठेके के नियमों के मुताबिक सरकार के पास अधिकार होता है कि वह समय के साथ अपने नियमों में बदलाव कर सकती है। उच्च न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 29 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था और दौरान ठेकेदारों के खिलाफ कोई भी कार्यवाही किए जाने पर रोक लगा दी थी।मुख्य न्यायाधिपति एके मित्तल एवं न्यायाधिपति विजय कुमार शुक्ला की अदालत ने बुधवार को शराब ठेकेदारों की याचिकाओं का निपटारा करते हुए अपना अंतिम फैसला पारित किया। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि पूर्व में आवंटित ठेकों के लिए पुन: नीलामी करने की आवश्यकता नहीं है। ठेकेदार चाहे तो सरकार के समक्ष ठेके की अवधि दो माह के लिए बढ़ाए जाने का आवेदन कर सकते हैं, जिसके लिए सरकार ने स्वयं ही स्वीकृति प्रदान की है। यानी सरकार नये ठेके जारी जारी नहीं करेगी। ठेकेदारों को पहले हो चुके ठेके के अनुरूप ही अपने ठेके चलाने होंगे।
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22 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रि-परिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम निर्णय लिये गए। मंत्रिपरिषद द्वारा जहां स्ट्रीट वेंडर्स को बैंक ऋण के लिए स्टाम्प ड्यूटी में छूट प्रदान की गई है तो वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में नवीन दिशा-निर्देशों को स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही मंत्रि-परिषद ने दो कोरोना योद्धाओं दिवंगत निरीक्षक यशवंत पाल की पुत्री फाल्गुनी पाल को विशेष प्रकरण मानकर उप निरीक्षक के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किये जाने तथा स्वं. निरीक्षक देवेन्द्र कुमार चन्द्रवंशी की पत्नी सुषमा चन्द्रवंशी को विशेष प्रकरण मानकर उप निरीक्षक (विशेष शाखा) के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति प्रदान किये जाने का निर्णय लिया।प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना योद्धा कल्याण योजना के तहत प्रदेश में कोरोना की रोकथाम में लगे अधिकारी-कर्मचारी के निधन पर 50 लाख रुपये की सहायता दिए जाने का प्रावधान किया गया था। अब तक 20 लोगों के परिजनों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जा चुकी है। मंत्रिपरिषद ने फाल्गुनी पाल और सुषमा चंद्रवंशी को उपनिरीक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने के फैसले का अनुमोदन किया है। वहीं, उद्यानिकी फसलों के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक साल बढ़ा दी गई है।उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत उद्यानिकी फसलों के लिए मौसम आधारित फसल बीमा योजना को खरीफ 2020-21 से रबी 2022-23 की अवधि के लिए भारत सरकार के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी नवीन दिशा-निर्देशों के अनुक्रम में क्रियान्वयन की स्वीकृति प्रदान की।औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहनमंत्रि-परिषद ने उद्योग संवर्धन नीति 2014 के अन्तर्गत परिधान क्षेत्र में रुपये 25 करोड़ रुपये से अधिक पूंजी निवेश की विनिर्माण इकाईयों को मेगा स्तर की औद्योगिक इकाई मान्य किये जाने संबंधी संशोधन को स्वीकृति प्रदान की। उल्लेखनीय है कि विनिर्माण क्षेत्र की अन्य परियोजनाओं में यंत्र एवं संयत्र में रुपये 100 करोड़ से अधिक पूंजी, निवेश करने वाली इकाइयों को मेगा स्तर की औद्योगिक इकाई का दर्जा प्राप्त है।उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद द्वारा उद्योग संवर्धन नीति, 2014 में संयंत्र एवं मशीनरी में रूपये 25 करोड़ के पूंजी निवेश की मेगा स्तर की निर्धारित विनिर्माण इकाइयों यथा: खाद्य प्रसंस्करण, जैव प्रौद्योगिकी, हर्बल व लघु वनोपज और आईटी परियोजनाओं मय परिधान क्षेत्र की विनिर्माण इकाइयों में 'विस्तार/डायवर्सिफिकेशन' अंतर्गत निवेश प्रोत्साहन सहायता का लाभ देने हेतू न्यूनतम पूंजी निवेश की सीमा 10 करोड़ के स्थान पर 5 करोड़ रुपये किये जाने का निर्णय लिया गया।स्ट्रीट वेंडर्स के लिए स्टाम्प डयूटी में छूटमंत्रि-परिषद ने प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना और राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के स्ट्रीट वेंडर्स के लिए प्रारंभ ग्रामीण पथ व्यवसायी उत्थान योजना के अन्तर्गत बैंकों से ऋण प्राप्त करने के लिये भारतीय स्टाम्प अधिनियम के अन्तर्गत लगने वाला स्टाम्प शुल्क अधिकतम रूपये 50 करने का निर्णय लिया।
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22 July 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों से कहा है कि कोविड-19 को देखते हुए आर्थिक क्षेत्र की समृद्धि और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में सभी विभागों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। इसके लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक मंत्री अपने विभाग की आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश में भूमिका के संबंध में विचार-विमर्श कर एक प्रारूप बनाएं। इस रोडमेप के अनुसार मासिक, त्रैमासिक और छमाही लक्ष्य बनाकर कार्य किया जाए। मंत्री गण विभागीय समीक्षा भी करें। यह समीक्षा जुलाई माह में ही संपन्न की जाना है। इसके बाद भी प्रति माह समीक्षा की जाएगी।मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के आव्हान और उनके इस मंत्र को मूर्त रूप देने के लिए मध्यप्रदेश में मंत्री, विभागीय स्तर पर प्रयास कर उन्हें क्रियान्वित करें। इसके लिए विद्वानों, विशेषज्ञों और प्रमुख संगठनों से भी चर्चा की जा सकती है। उनके सुझाव प्राप्त कर विभाग की भूमिका को महत्वपूर्ण बनाया जाये। उन्होंने कहा 22 और 23 जुलाई को वे स्वयं मंत्रियों से वन-टू-वन चर्चा भी कर रहे हैं।स्वतंत्रता दिवस समारोह के स्वरूप पर चर्चामुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस समारोह पर 15 अगस्त 2020 के दिन समारोह सीमित व्यक्तियों की उपस्थिति के साथ मनाना आवश्यक है। दो गज दूरी के नियमों का ध्यान रखते हुए कार्यालयों में राष्ट्रध्वज फहराया जाए। स्वतंत्रता दिवस समारोह पूर्वक न होकर प्रतीक स्वरूप हो। इनमें पारंपरिक रूप से बच्चों को बुलाए जाने और कार्यक्रम में शामिल करने की परंपरा इस वर्ष स्थगित रखी जाए। इस संबंध में विचार कर शीघ्र अंतिम निर्णय लिया जा रहा है।विभागीय गतिविधियों पर रखें पैनी नजरमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मंत्रियों की विभाग की प्रत्येक गतिविधि पर पैनी नजर होना चाहिए। किसी भी स्रोत से विभाग से संबंधित जानकारी मिलती है तो मंत्री उसकी गहराई में जाएं। यदि समाचार-पत्र में भी कोई गलत तथ्य प्रकाशित है तो उसका प्रतिवाद करें। विभागीय योजनाओं के साथ उनके क्रियान्वयन की बाधाओं की जानकारी पर मंत्री निरंतर निगाह रखें।आबकारी उप निरीक्षक के बर्खास्तगी के निर्देशमुख्यमंत्री ने मंत्रियों को विभागीय समीक्षा इसी माह करने के निर्देश दिए हैं। अगस्त माह में मुख्यमंत्री भी विभागों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने कैबिनेट बैठक में बताया कि अपराधिक तत्वों के विरुद्ध मुहिम जारी रहेगी। किसी भी स्थिति में दुष्कृत्य के आरोपितों को माफ नहीं किया जाएगा। इसी सिलसिले में उन्होंने उज्जैन में पदस्थ शासकीय सेवक आबकारी उप निरीक्षक पंकज जैन जो एक नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपति हैं, उनकी बर्खास्तगी के निर्देश दिए।
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22 July 2020लखनऊ। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का मंगलवार को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। बीमारी के चलते वह यहां 11 जून से भर्ती थे। स्वर्गीय टंडन के बेटे और उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अशुतोष टंडन ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उन्होंने आज सुबह मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। पिछले कुछ दिनों से किडनी के साथ-साथ उनके लिवर में भी इंफेक्शन हो गया था। आज सुबह करीब 5.35 बजे मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। आशुतोष टंडन ने दूसरा ट्वीट कर जानकारी दी है कि उनका अंतिम संस्कार राजधानी लखनऊ के चैक स्थित गुलाला घाट पर आज ही अपराह्न 4.30 बजे होगा। इसके पहले स्वर्गीय टंडन के अंतिम दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर सुबह दस से मध्याह्न 12 बजे तक हजरतगंज के त्रिलोकनाथ रोड स्थित कोठी नं नौ पर रखा जाएगा। इसके बाद उनका पार्थिव शरीर उनके सोंधी टोला, चैक, लखनऊ स्थित आवास पर जाएगा। वहीं से अपराह्न करीब चार बजे गुलाला घाट के लिए अंतिम यात्रा प्रस्थान करेगी। आशुतोष टंडन ने अपने ट्वीट में लोगों से अपील की है कि करोना आपदा के कारण सभी लोग शासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपने-अपने घरों से ही बाबूजी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करें, जिससे कि शारीरिक दूरी का पालन हो सके। 85 वर्षीय राज्यपाल लालजी टंडन 11 जून से राजधानी के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। सोमवार को उनकी हालत नाजुक हो गई थी। इसको लेकर मेदांता अस्पताल की तरफ से भी सोमवार को मेडिकल बुलेटिन जारी की गई थी। वह अस्पताल में पिछले कई दिनों से लगातार वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। पेट में रक्ताश्राव होने पर उनका ऑपरेशन भी किया गया था। इसके बाद से वह लगातार वेंटिलेटर पर थे। किडनी के साथ-साथ उनके लिवर में भी इंफेक्शन हो गया था।
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21 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर रोक बरकरार रहेगी। यह फैसला जबलपुर हाईकोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए दिया है। अब इस मामले में कोर्ट अंतिम सुनवाई 18 अगस्त को करेगा। हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद कांग्रेस ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है। पूर्व सीएम और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने सरकार पर ओबीसी विरोध होने के आरोप लगाते हुए कहा है कि जैसी की आशंका थी भाजपा सरकार ने ओबीसी आरक्षण के प्रकरण में किसी भी वरिष्ट योग्य वकील को ना लगा कर कॉंग्रेस सरकार के 27प्रतिश आरक्षण के निर्णय पर रोक लगवा दी। शिवराज के भी "दॉंत दिखाने के और खाने के अलग अलग हैं"। दिग्विजय के इस बयान पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि दिग्विजय के किसी भी आरोप का जवाब देना मैं जरुरी नही समझता। उन्होंने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कांग्रेस की ओर से ओबीसी आरक्षण पर हो रही राजनीति पर कहा कि कांग्रेस ओबीसी पर राजनीति करती है। उन्होंने सवाल साधते हुए कहा कि कांग्रेस बताए कितने ओबीसी नेताओं को सीएम बनाया गया है, लेकिन भाजपा की बात करें तो भाजपा में लंबी सीरीज है। मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि भाजपा ने हमेशा ओबीसी और दलितों का साथ दिया है, कांग्रेस की तरह सिर्फ राजनीति के लिए इस्तेमाल नही किया।
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21 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संकट के बीच अधिकारियों के तबादलों का दौर निरंतर जारी है। इस क्रम में राज्य सरकार ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के एडीजी स्तर के 10 अधिकारियों का तबादला कर दिया है। गृह विभाग द्वारा सोमवार देर रात इस संबंध में आदेश जारी किये गये। दिल्ली के मप्र भवन में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) मुकेश जैन का तबादला करते हुए उन्हें परिवहन आयुक्त नियुक्त किया है। जारी आदेश के मुताबिक, भोपाल पुलिस मुख्यालय में एडीजी विसबल अरविन्द कुमार को भोपाल में एडीजी रेल बनाया गया है, जबकि पुलिस मुख्यालय में एडीजी महिला अपराध अन्वेष मंगलम को पुलिस मुख्यालय में एडीजी प्रशासन नियुक्त किया गया है। वहीं, दिल्ली के मप्र भवन में एडीजी एवं विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी मुकेश कुमार जैन को परिवहन आयुक्त पदस्थ किया गया है। भोपाल मुख्यालय में एडीजी प्रशासन अजय कुमार शर्मा को मप्र पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन में प्रबंध संचालक बनाया गया है।इसी तरह, मप्र पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के प्रबंध संचालक संजय वी. माने को भोपाल पुलिस मुख्यालय में एडीजी महिला अपराध, मप्र पुलिस अकादमी भौरी के संचालक एडीजी केटी वाईफे को लोकायुक्त संगठन भोपाल में एडीजी, भोपाल मुख्यालय में एडीजी तकनीकी सेवाएं जी अखेतो सेमा को पुलिस मुख्यालय में एडीजी एसआईएसएफ, पुलिस मुख्यालय में एडीजी एसआईएसएफ अनिल कुमार को एडीजी योजना, पुलिस मुख्यालय में एडीजी राजाबाबू सिंह को मप्र पुलिस अकादमी में संचालक और पुलिस मुख्यालय में एडीजी योजना अनंत कुमार सिंह को एडीजी लोकायुक्त संगठन भोपाल मुख्यालय नियुक्त किया गया है।
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21 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में शासन-प्रशासन के तमामत प्रयासों के बावजूद कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। पिछले एक सप्ताह से लगातार यहां अधिक संख्या में नये संक्रमित मिलने से रिकवरी रेट में गिरावट आई है, जबकि सक्रिय मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। अब यहां इंदौर, भोपाल समेत चार जिलों में 304 नये मामले सामने आए हैं, जबकि चार लोगों की मौत हुई है। इसके बाद राज्य में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 22 हजार के पार पहुंच गई है। वहीं, राज्य में अब तक कोरोना से 710 लोगों की मौत हो चुकी है।इंदौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने रविवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कालेज द्वारा शनिवार देर रात 1957 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिनमें 129 नये पॉजिटिव मिले हैं। इसके बाद इंदौर में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 6035 हो गई है। वहीं, इंदौर में कोरोना से चार लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। अब यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या 292 हो गई है। वहीं, भोपाल सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी के अनुसार, राजधानी में रविवार सुबह प्राप्त रिपोर्ट में कोरोना के 149 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद यहां संक्रमितों की संख्या बढक़र 4370 हो गई है। इसके अलावा उज्जैन और हरदा जिले में कोरोना के 13-13 नये मरीज मिले हैं।चार जिलों में मिले इन 304 नये मामलों के साथ अब राज्य में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 22,067 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 6035, भोपाल 4370, उज्जैन 967, मुरैना 1216, ग्वालियर 1578, नीमच 527, जबलपुर 752, सागर 504, बुरहानपुर 437, खंडवा 504, खरगौन 474, भिण्ड 411, देवास 332, धार 262, रतलाम 265, मंदसौर 260, बड़वानी 229, रायसेन 141, राजगढ़ 163, श्योपुर 149, बैतूल 153, शाजापुर 223, छिंदवाड़ा 92, रीवा 136, टीकमगढ़ 191, छतरपुर 103, विदिशा 128, पन्ना 61, दमोह 72, शिवपुरी 216, अशोकनगर 75, दतिया 114, हरदा 135, सतना 62, होशंगाबाद 91, बालाघाट 61, नरसिंहपुर 77, डिंडौरी 31, अनूपपुर 35, कटनी 47, गुना 50, शहडोल 46, सीहोर 94, झाबुआ 66, सीधी 45, सिंगरौली 46, आगरमालवा 43, सिवनी 22. निवाड़ी 23, उमरिया 32, अलीराजपुर 44 और मंडला 13 मरीज शामिल हैं।इंदौर में हुई चार लोगों की मौत के बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 710 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 292, भोपाल 129, उज्जैन 71, बुरहानपुर 23, खंडवा 18, जबलपुर 17, खरगौन 15, ग्वालियर 08, धार 08, मंदसौर 09, नीमच 08, सागर 23, देवास 10, रायसेन 05, होशंगाबाद 04, सतना 03, आगरमालवा 02, झाबुआ 02, अशोकनगर 01, शाजापुर 04, दतिया 01, छिंदवाड़ा 02, सीहोर 04, उमरिया 01, रतलाम 06, बड़वानी 03 मुरैना 05, राजगढ़ 07, श्योपुर 02, टीमकगढ़ 06, रीवा 01, गुना 02, हरदा 04, कटनी 03, सीधी 01, शिवपुरी 02, अलीराजपुर 01, भिंड 01, बैतूल 01, नरसिंहपुर 01, सिवनी 01, सिंगरौली 01, छतरपुर 01 और मंडला का एक व्यक्ति शामिल है।हालांकि, प्रदेश में अब तक 14,864 मरीज कोरोना को मात देकर अपने घर पहुंच गए हैं। अब यहां कोरोना के सक्रिय प्रकरण 6497 हैं। बता दें कि एक सप्ताह पहले प्रदेश में सक्रिय मरीजों की संख्या तीन हजार के करीब थी, जबकि रिकवरी रेट 76.9 फीसदी पहुंच गया था, लेकिन यहां एक सप्ताह से लगातार 600 से अधिक नये मामले सामने आ रहे हैं, जिससे प्रदेश का रिकवरी रेट 68 फीसदी के पास पहुंच गया है, जबकि सक्रिय मरीज भी साढ़े छह सौ के आसपास हो गए हैं।
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19 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायकों के पार्टी छोडऩे और भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी में मचे उथल-पुथल के बीच रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई गई है। कमलनाथ के निवास पर शाम 7:00 बजे विधायक दल की बैठक होगी, जिसमेें कांग्रेस के 90 विधायक इस बैठक में शामिल होंगे। बैठक में कमलनाथ विधायकों के साथ वन टू वन चर्चा करेंगे और विधायकों की नाराजगी पर भी चर्चा होगी। साथ ही उपचुनाव को लेकर रणनीति भी बनाई जाएगी। दरअसल उपचुनाव से पहले लगातार एक सप्ताह में कांग्रेस के दो विधायकों के पार्टी छोड़ देने के बाद भगदड़ मच गई है। ऐसे में कमलनाथ ने पार्टी विधायकों को एकजुट रखने के लिए ये बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि बैठक के जरिए एक बार फिर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ अपने विधायकों की नीयत और मन को टटोलेने की कोशिश करेंगे। हालांकि कांग्रेस नेताओं का दावा है कि अब कोई विकेट नहीं गिरने वाले। सभी विधायक एकजुट होकर कांग्रेस के साथ भाजपा सरकार के खिलाफ बड़ी औऱ निर्णायक जंग लडऩे जा रहे हैं। बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
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19 July 2020भोपाल। प्रदेश के परिवनह आयुक्त एवं भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी वी. मधुकुमार का लिफाफा लेते एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शनिवार देर रात राज्य सरकार ने उनका ट्रांसफर कर दिया। गृह विभाग द्वारा इस संबंध में आदेश जारी किये हैं।शनिवार देर रात जारी हुए आदेश के अनुसार, आईपीएस अधिकारी वी मधुकुमार की सेवाएं परिवहन विभाग से वापस लेते हुए उन्हें पुलिस मुख्यालय भोपाल में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पदस्थ किया गया है।जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार को कथित तौर पर मधुकुमार का लिफाफा लेते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो 2016 का है जो आगर मालवा के सर्किट हाउस का है। तब मधुकुमार उज्जैन के आईजी थे। वीडियो में आईपीएस अधिकारी पुलिस के लोगों से लिफाफा लेकर ब्रीफकेस में रखते दिख रहे हैं। पांच मिनट 35 सेकंड के वीडियो में कई बार लिफाफा लेना दिखाई दे रहा है। वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी एक व्यक्ति के पैर छूते हुए नजर आ रहे हैं। इस वीडियो को आईपीएस अफसर वी मधुकुमार का बताकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है, हालांकि, वीडियो में वही हैं या नहीं, इसकी पुष्टि नहीं हुई है। राज्य सरकार ने इस वीडियो को गंभीरता से लिया और तत्काल प्रभाव से उनका तबादला कर दिया।
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19 July 2020उज्जैन। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को एक दिवसीय प्रवास पर उज्जैन पहुंचे। इस दौरान उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर भगवान महाकाल के दर्शन नन्दी हाल से किये। दर्शन उपरान्त मन्दिर के पुजारियों द्वारा स्वस्तिवाचन और शान्तिपाठ किया गया। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक बहादुरसिंह चौहान, माखनसिंह, विवेक जोशी, बहादुरसिंह बोरमुंडला, महाकालेश्वर मन्दिर के पुजारी प्रदीप गुरू, महेश गुरू, पं.रमण गुरू, भूषण गुरू, यश गुरू, पवन गुरू, प्रशासनिक अधिकारियों में संभागायुक्त आनन्द कुमार शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता, डीआईजी मनीष कपूरिया, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह, एडीएम बिदिशा मुखर्जी, प्रशासक महाकालेश्वर मन्दिर समिति सुजानसिंह रावत एवं अन्य नागरिक मौजूद थे।इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने निर्धारित समय पर उज्जैन पुलिस लाईन स्थित हेलीपेड पर पहुंचे, जहां सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक पारस जैन, बहादुरसिंह चौहान सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने उनका आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री के साथ उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव भी उज्जैन पहुंचे। हेलीपेड पर संभागायुक्त आनन्द कुमार शर्मा, आईजी राकेश गुप्ता, डीआईजी मनीष कपूरिया, कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगवानी की।
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17 July 2020भोपाल। मप्र के गुना में पुलिस द्वारा दलित किसान परिवार के साथ मारपीट के मामले में राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। सीएम शिवराज ने घटना की जानकारी मिलते ही तुरंत गुना कलेक्टर और एसपी को हटा दिया था। वहीं कांग्रेस ने घटना के बाद सरकार को घेरने के लिए अपने स्तर पर घटना की जांच करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। यह समिति आज यानि शुक्रवार को गुना जाएगी और अपनी रिपोर्ट प्रदेश अध्यक्ष को सौंपेगी। इस जांच रिपोर्ट के बाद कांग्रेस इस घटना पर आगे की रणनीति बनाएगी। कांग्रेस द्वारा समिति का गठन किए जाने पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि हम कोरोना महामारी पर नियंत्रण में जुटे हैं और कांग्रेस झूठ और फरेब की राजनीति में जुटी है। दिल्ली से लेकर मध्यप्रदेश तक के कांग्रेस नेता भ्रामक ट्वीट करके प्रदेश का माहौल खराब कर रहे हैं। जांच दल गुना भेज रहे हैं जबकि सबको पता है कि रिपोर्ट क्या आने वाली है? गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए गुना घटना पर कांग्रेस की जांच कमेटी पर निशाना साधते हुए कहा कि हमे मालूम है कांग्रेस की क्या रिपोट आएगी, कांग्रेस की जांच कमेटी हमारी बुराई ही करेगी। कांग्रेस सिर्फ ट्वीट पर ही राजनीति करेगी। कोरोना काल मे कंग्रेस स्तरहीन राजनीति से बाज नही आ रही है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा के कांगे्रस के कार्यकाल में ऐसी कई घटना हुआ है, इस पर कांगेस को पहले जबाब देना चाहिए। कांग्रेस ने अपने डेढ साल के कार्यकाल में माफिया के आड़ में अपनी दुश्मनी निकालते रहे। गृहमंत्री ने कहा कि कांगे्रस के समय शिवपुरी में एक महिला के साथ दबंग लोगों ने आत्याचार किया लेकिन उस पर कोई कार्यवाही नही हुई। जबकि हमारे मुख्यमंत्री ने जानकारी मिलते ही कलेक्टर एसपी को हटा दिया था। कांग्रेस ने अपने शासन काल मे इस तरफ की किसी भी घटना पर कार्यवाही नही की और हमने गुना मामले में बड़ी कार्रवाही की। बतातें चले कि प्रदेश में होने 25 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में से 3 सीटे गुना से भी है। ऐसे में कांग्रेस उपचुनाव को देखते हुए पूरे घटनाक्रम को सियासी रंग देने में जुट गई है। प्रधानमंत्री ने बढ़ाया विश्व में भारत का मानप्रधानमंत्री के यूएन पर संबोधन पर गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि वैश्विक जगत में आज भारत की जय जय कार हो रही है। यूएन 190 देश का संगठन है जहाँ हमारे देश के प्रधानमंत्री बोलेगे। स्थानीय स्तर पर लगेगा लॉकडाउनप्रदेश में कोरोना के चलते लॉकडाउन की स्थिति पर गृहमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन का फैसला लिया जाता है। प्रदेश के स्तर पर अभी जो हर रविवार को लॉकडाउन हो रहा है, वो जारी रहेगा।
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17 July 2020भोपाल। मप्र में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए 20 जुलाई से शुरू होने वाले मप्र विधानसभा के मानसून सत्र स्थगित कर दिया गया है। अब अध्यादेश लाकर बजट की व्यवस्था होगी। शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, विपक्ष के नेता कमलनाथ और सज्जन सिंह वर्मा की मौजूदगी में आपसी सहमति से सत्र को स्थगित करने का निर्णय लिया। अब इस प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए राज्यपाल आनंदबेन पटेल के पास भेजा जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले बजट सत्र को भी कोरोना संकट के कारण स्थगित कर दिया गया था। इसके बाद 20 जुलाई से 24 जुलाई तक पांच दिवसीय सत्र आहूत होनी थी। इस दौरान पहले दिन श्रद्धांजलि के बाद दूसरे दिन बजट पेश होना था, लेकिन अब उसे भी स्थगित कर दिया गया है। सर्वदलीय बैठक में निर्णय लिया गया कि सदन की कार्यवाही को आगामी सूचना तक स्थगित रखने के लिए राज्यपाल को अनुमोदन किया जाएगा। कोविड 19 की गाईड लाइन को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मानसून सत्र स्थगित होने की जानकारी देते हुए बताया कि भोपाल में 20 जुलाई से 24 जुलाई तक चलने वाले मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र स्थगित कर दिया गया है। सर्वदलीय बैठक में (कोरोना संक्रमण) वर्तमान परिस्थियों को देखते हुए सत्र स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। सीएम शिवराज ने कहा कि जो दूसरों को नसीहत देते हैं, वो खुद पर भी लागू होती है। लोगों को दूरी बनाए रखने के लिए कहते हैं तो विधायकों और मंत्रियों को भी उसका पालन करना चाहिए। इसलिए सत्र केंसिल कर दिया गया है। जो भी महत्वपूर्ण प्रस्ताव होंगे वो अध्यादेश के माध्यम से पारित होंगे। प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने सत्र स्थगित होने की जानकारी देते हुए कहा कि हमारी विधानसभा में विधायकों के साथ करीब एक हजार लोग विधानसभा में आएंगे। सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन होगा। ऐसी स्थिति में कोरोना की चैन तोडऩे के लिए यह कदम उठाया गया है।
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17 July 2020भोपाल। राजस्थान में मचे सियासी घमासान की गूंज मप्र में भी देखने को मिल रही है। यहां भी कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर आरोप मड़ रही है। इस बीच प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कांग्रेस को डूबता जहाज बताया है। साथ ही आरोप लगाया है कि कांग्रेस में उभरते हुए युवाओं को आगे नहीं बढऩे दिया जाता है। राजस्थान के सियासी ड्रामे और सचिन पायलेट को डिप्टी सीएम और अध्यक्ष पद से हटाने पर नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस को डूबता जहाज बताते हुए कहा कि उभरते हुए युवा को राहुल गांधी कांग्रेस में आगे नहीं बढऩे देते, इसलिए मध्यप्रदेश हो या राजस्थान 75 साल के उम्र से ऊपर के लोगों ने सियासत में कब्जा कर रखा है। उन्होंने कहा कि परिस्थितियों के कारण कांग्रेस सरकार में आई, लेकिन झूठ बोलकर ज्यादा दिन टिकना मुश्किल है। राहुल गांधी के मीडिया के एकतरफा होने के ट्वीट पर मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि हुजूर आते- आते बहुत देर कर दी, माताजी राष्ट्रीय अध्यक्ष बुजुर्गों की चिंता कर रही हैं, बहना बंगले की चिंता कर रही हैं, राहुल गांधी पार्टी की चिंता कर ले वही बहुत है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कुछ भी कर ले ये पार्टी भविष्य में अतीत की वस्तु ही होने वाली है। राष्ट्र विरोधी देश विरोधी बातें करने वालों का साथ देने वाले कांग्रेस अब जनता का विश्वास खो चुकी है। कांग्रेस के 2 विधायकों के भाजपा पर संपर्क करने के लगाए आरोप पर मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि पहले भी ऐसे ही आरोप लगाते रहे हैं। आज विधायक कह रहे हैं, पहले तो खुद भाजपा और कांग्रेस के नेता कहते थे। वहीं प्रदेश में बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण के मामलों पर गृहमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी है और इसका संक्रमण रोकने के लिए सरकार और पुलिस के साथ-साथ हम सभी को सावधानी बरतते रहने की ज़रूरत है।
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15 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश का सियासी पारा इन दिनों खूब गर्माया हुआ है। वरिष्ठ भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया उपचुनाव के साथ ही एक बार फिर मैदान में उतर आए है और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ऐसे में मंगलवार को उमा भारती के साथ मुलाकात के बाद उन्होंने कांग्रेस पर जमकर आरोप लगाए थे और कांग्रेस की 15 महीने की सरकार को भ्रष्टाचारी बताया था। उनके इस बयान के बाद से ही कांग्रेस नेताओं ने जवाबी बयानबाजी शुरू कर दी थी। वही अब कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण सिंह ने भी सिंधिया के बयान पर पलटवार करते हुए बड़ा हमला बोला है। लक्ष्मण सिंह ने बुधवार को सिंधिया को आड़े हाथों लेते हुए उनके बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि यदि कांग्रेस की 15 माह के कार्यकाल में सभी भ्रष्टाचारी थे तो सिंधिया भी उसी सरकार में रहे हैं। साथ ही उनके साथ गए सभी विधायक जो दोबारा मंत्री बनाए गए है वह भी भ्रष्टाचार में संलिप्त रहे होंगे। ऐसे में भ्रष्टाचारी मंत्री को दोबारा मंत्री बनाना क्या भ्रष्टाचार के बढ़ावा देना नहीं है। लक्ष्मण सिंह यही नहीं रुके, उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि जितने भी कांग्रेस से भाजपा में शामिल होकर मंत्री बने है, वह सभी बेईमान है और इसका साक्षात प्रमाण उनके पास है। उन्होंने कहा कि वह यह प्रमाण सीएम शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा तक को उपलब्ध करवा सकते हैं। लक्ष्मण सिंह ने सलाह देते हुए कहा कि यदि सिंधिया और उनके जैसे नेताओं को लगता है कि कांग्रेस भ्रष्टाचार में संलिप्त सरकार थी तो वह 15 माह के कार्यकाल की लोकायुक्त- सीबीआई से जांच करा सकते हैं।
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15 July 2020भोपाल। राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच प्रदेश के पूर्व मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता जयभान सिंह पवैया ने एक ट्वीट कर मध्यप्रदेश की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। उन्होंने ट्वीट के माध्यम से न केवल कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपने कुनबे को संभालने की नसीहत दी है, बल्कि भाजपा पर भी तंज कसा है। बता दें कि जयभान सिंह पवैया भाजपा के कद्दवर नेता हैं और वे सिंधिया परिवार के घुर विरोधी माने जाते हैं। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही वे लगातार पार्टी से नाराज चल रहे हैं। सिंधिया के भाजपा में आने के बाद मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुआ था और अब इसी तरह का माहौल राजस्थान में भी देखने को मिल रहा है। इसी बीच मंगलवार को जयभान सिंह पवैया ने ट्वीट किया है, जिससे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। उन्होंने सोनिया गांधी पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है कि - ‘हे कांग्रेस की राजमाता! अपने कुनबे को संभालिए ना! आखिर आपकी रूठी हुई राजनीतिक संतानों को हम अपनों के हिस्से का कितना प्यार लुटाते रहेंगे? यदि नहीं संभलता तो किसी दिवालिया फर्म की तरह कांग्रेस प्रायवेट लिमि. का शटर डाउन क्यों नहीं कर देतीं? आप और देश दोनों ही शुकून में रहेंगे।’ उन्होंने इस ट्वीट के माध्यम से दो निशाने साधे हैं। उन्होंने इसके माध्यम से जहां सोनिया गांधी को अपने नेताओं को संभालने की नसीहत दी है, तो वहीं कांग्रेस से आने वाले नेताओं के प्रति प्यार लुटाने वाले भाजपा नेताओं को भी आड़े हाथों लिया है।दरअसल, पिछले विधानसभा के चुनाव पवैया कांग्रेस उम्मीदवार प्रद्युम्न सिंह तोमर से हार गए थे। इसके बाद तोमर कमलनाथ सरकार में मंत्री बने और बाद में सिंधिया के साथ वे भाजपा में आ गए। अब तोमर शिवराज सरकार में फिर मंत्री बन गए। इससे पवैया का नाराजगी और बढ़ती चली गई। कुछ दिन पहले ही पवैया ने मुख्यमंत्री और मंत्रियों के ग्वालियर दौरे के दौरान महारानी लक्ष्मी बाई की समाधि पर नहीं जाने पर ट्वीट कर नाराजगी जताई थी। हालांकि, भाजपा उनकी नाराजगी दूर करने के प्रयास कर रही है और इसके लिए उन्हें पार्टी ने समन्वयक की जिम्मेदारी सौंपी है।
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14 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में इन दिनों रोजाना कुछ नया ट्वीस्ट देखने को मिल रहा है। ऐसा ही कुछ मंगवार को भी देखने को मिला जब राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अचानक उमाभारती से मिलने उनके निवास पहुंच गए। यहां दोनों के बीच बंद कमरे में लंबी चर्चा हुई। वहीं सिंधिया ने स्थिति भांपते हुए उमा भारती से मिलने के संबंध में स्थिति स्पष्ट की। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उमा भारती के साथ उनके पारिवारिक संबंध हैं। सिंधिया ने कहा कि वे यहां उमा भारती से आशीर्वाद लेने आएं हैं। दरअसल मंत्रिमंडल विस्तार और विभागों के बंटवारे के बाद राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया इन दिनों भोपाल में हैं। मंगलवार को सिंधिया को सीएम शिवराज के साथ हाटपिपल्या जाना था। लेकिन इससे पहले सिंधिया पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती से मिलने उनके निवास पहुंचे। सिंधिया के अचानक यहां पहुंचने पर कई तरह के कयास लगाना भी शुरु हो गए। मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सिंधिया ने कहा कि उनके उमा भारती के साथ पारिवारिक सम्बद्ध है और आज वे उनके पास आशीर्वाद लेने पहुंचे हैं। इस दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सिंधिया ने कहा कि पूरे प्रदेश की जनता का कांग्रेस से मोह भंग हो गया है। उन्होंने कांग्रेस की 15 महीने की सरकार को भ्रष्टाचारी बताते हुए कहा कि 90 दिन में शांत था क्योंकि कोरोना का प्रकोप था लेकिन अब मैदान में उतरा हूं और कांग्रेस को जवाब दूंगा। मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मंत्रिमंडल और विभागों के बंटवारे को भूल जाइए। सभी मंत्री जन सेवक के तौर पर करेंगे काम, बीते 15 महीनों में जो विकास रुक गया था उसे गति देने की होगी काम। सभी मंत्री जन सेवक के लिए काम करेंगे। इस दौरान सिंधिया राजस्थान के सियासी संकट पर बोलने से बचते नजर आए। वहीं सिंधिया के साथ मुलाकात पर प्रतिक्रिया देते हुए उमा भारती ने कहा कि सिंधिया परिवार से उनके पुराने पारिवारिक सम्बन्ध हैं। उन्होंने सिंधिया को आशीर्वाद देते हुए कहा कि ज्योतिरादित्य पूरे देश मे जगमगाएंगे। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए उमा ने कहा कि कांग्रेस पर पूरा संकट राहुल गांधी के कारण है, कांग्रेस में अच्छे नेताओं की कद्र नही। राजस्थान के हालातों पर सियासी सहानुभूति दिखाते हुए उमा भारती न कहा कि सचिन पायलट के आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है।
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14 July 2020भोपाल। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) द्वारा सोमवार को 12वीं बोर्ड की परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। कोरोना प्रभावित इस परीक्षा में देशभर में कुल 11 लाख 92 हजार 961 विद्यार्थी शामिल हुए थे, जिनमें से 10 लाख 59 हजार 80 सफल रहे। यानी कुल 88.78 फीसदी विद्यार्थी पास हुए। इस बार भी छात्राओं ने बाजी मारी और वे छात्रों से करीब छह फीसदी आगे रहीं। इस बार बारहवीं में 92.15 फीसदी छात्राएं पास हुई, जबकि विद्यार्थियों को प्रतिशत 86.19 फीसदी रहा। बारहवीं की टापर लिस्ट में भोपाल रीजन भी 90.95 फीसदी परिणाम के साथ नौवें नम्बर पर रहा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 12वीं में सफल हुए विद्यार्थियों को शुभकामनाएं और बधाई दी है।सीबीएसई द्वारा सोमवार दोपहर अचानक 12वीं के परीक्षा परिणाम की घोषणा की गई। विद्यार्थी cbseresults.nic.in और www.cbse.nic.in पर परिणाम देखे जा सकते हैं। सीबीएसई ने इस बार मेरिट लिस्ट जारी नहीं की है, लेकिन रीजन की टॉपर लिस्ट जारी की है, जिसमें सबसे अच्छा रिजल्ट त्रिवेंद्रम का रहा। इस रीजन में 97.67 फीसदी विद्यार्थी पास हुए। इसके बाद 97.05 फीसदी के साथ बेंगलुरु दूसरे नम्बर पर, चेन्नई 96.17 फीसदी के साथ तीसरे, दिल्ली वेस्ट 94.61 फीसदी चौथे, दिल्ली ईस्ट 94.14 फीसदी के साथ पांचवें, पंचकुला 92.52 फीसदी के साथ छठवें, चंडीगढ़ 92.04 फीसदी के साथ सातवें भुवनेश्वर 91.46 फीसदी के साथ आठवें, भोपाल 90.95 फीसदी के साथ नौवें और पुणे 90.24 फीसदी के साथ दसवें स्थान पर रहा। भोपाल जोन में सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में 90.95 फीसदी विद्यार्थी सफल रहे। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुभकामनाएं और बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट पर पोस्ट किये संदेश में कहा है कि सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए मेरे सभी भांजे-भांजियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ। उन्होंने कहा है कि यह वह समय है जिसमें आपके भविष्य की नींव रखी जायेगी। आपका जीवन किस ओर आगे बढ़ेगा, यह तय करने का समय आ गया है। धैर्य के साथ निर्णय लेना, मैं आप सभी के साथ हूँ।वहीं, प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्र ने भी ट्वीट कर सभी विद्यार्थियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि हमारे भोपाल जोन के बच्चों में 90.95 फीसदी सफल रहे हैं, ये हम सभी के लिए खुशी की बात है। अभिभावकों को भी बधाई। जिन्हें इस बार सफलता नहीं मिल पाई, वो भी निराश न हों, मेहनत करें अगली बार सफलता जरूर मिलेगी।
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13 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने मंत्रिमंडल को विभागों का बंटवारा कर दिया है। मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का दबदबा दिखा है। विभागों में सबसे पहले नरोत्त मिश्रा का नाम है। पार्टी नेतृत्व ने उन्हें गृह विभाग समेत जेल, संसदीय कार्य और विधि विधायी विभाग की कमान सौंपी है। मुख्यमंत्री के बाद सरकार में सबसे पावरफुल मंत्री नरोत्तम मिश्रा बने है। इतने अहम विभागों की जिम्मेदारी सौंपने के लिए नरोत्त मिश्रा ने अपनी पार्टी भाजपा के शीर्ष नेताओं का आभार व्यक्त किया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विभागों का आबंटन होने के बाद सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बाकी विभाग तो पहले से भी मेरे पास रहे ही हैं, नए विभाग जेल का दायित्व भी अब मुझे दिया गया है। इस पर भी आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि सभी सीनियर नेतृत्व ने मुझ पर विश्वास व्यक्त किया। संसदीय कार्य मुझ पर हिन्दुस्थान में सर्वाधिक लंबे समय से है। विधि विभाग भी लगभग 10 साल से हैै। गौरतलब है कि नरोत्तम मिश्रा ने 4 विभागों के मंत्री बनने के बाद सरकार में फिर अपनी ताकत दिखाई है। वे गृह, जेल, संसदीय कार्य और विधि विधाई मंत्री बनने के बाद सबसे ज्यादा विभागों के मंत्री बने हैं। इसके साथ ही उन्होंने अपने समर्थकों को भी मंत्री मंडल में महत्वपूर्ण विभाग दिलाया है। एंदल सिंह कंसाना को पीएचई, बिसाहूलाल सिंह को खाद्य एवं आपूर्ति, हरदीप सिंह डंग को पर्यावरण एवं नवीकरणीय ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग की जिम्मेदारी मिली है। इन तीनों मंत्रियों को भाजपा में नरोत्तम मिश्रा ने शामिल कराया था। कांग्रेस पर साधा निशाना ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ताबल का कांग्रेस जिस तरह का प्रयोग करती है उसी कारण आज देशभर में कांग्रेस का सूर्य अस्तांचल की ओर है। देश में जिस पार्टी का एकक्षत्र राज था, आज यह हाल है कि उसका नेता प्रतिपक्ष दस साल से लोकसभा में नहीं है। आतंकवादियों की भाषा बोलना, 370 का विरोध करना, राष्ट्र विरोध बात करना कन्हैया कुमार से मिलने जाना, कर्जमाफी के नाम पर किसानों को धोखा देना यह जयचंदों की श्रेणी में आता है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि उनकी पार्टी में टूट होती है, लोग उनकी पार्टी को छोडक़र जा रहे हैं। कल मप्र में एक विधायक छोड़ कर चले गए, राजस्थान में 30 विधायकों का सुनने को मिल रहा है। मंत्री मिश्रा ने कहा कि इतिहास की वस्तु कांग्रेस कुछ दिनों में हो जाएगी, इसलिए या तो अपने आप को बदले या लोग बदले।
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13 July 2020भोपाल। लंबे समय से शिवराज मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे को लेकर जारी सस्पेंस पर आखिरकार विराम लग गया है। रविवार देर रात तक विभागों के बंटवारे को लेकर मंथन चलता रहा, इसके बाद रात में ही मंत्रियों को दिए गए विभागों की लिस्ट राज्यपाल के पास अनुमोदन के लिए भेजी गई थी। सोमवार सुबह सीएम शिवराज ने अपने मंत्रियोंं को विभागों का बंटवारा कर सूची जारी कर दी हैं। इसी के साथ कुछ विभागों में फेरबदल किया गया है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से स्वास्थ्य विभाग सिंधिया समर्थक डॉ. प्रभुराम चौधरी को दे दिया गया। सिंधिया समर्थकों को उनकी पसंद के विभाग को दिए गए हैं। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पास सामान्य प्रशासन, जनसंपर्क, नर्मदा घाटी विकास विमानन एवं अन्य विभाग अपने पास रखे है जो किसी मंत्री को नहीं सौंपे गए। मध्यप्रदेश में मंत्रियों के विभागों का वितरण - कैबिनेट मंत्री - 1- नरोत्तम मिश्रा - गृह जेल संसदीय कार्य एवं विधि2- गोपाल भार्गव - लोक निर्माण कुटीर एवं ग्रामोद्योग3- तुलसीराम सिलावट - जल संसाधन मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विभाग4- विजय शाह - वन5- जगदीश देवड़ा - वित्त वाणिज्यिक कर योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी6- बिसाहूलाल सिंह - खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण7- यशोधरा राजे सिंधिया -खेल एवं युवा कल्याण तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजग़ार8- भूपेंद्र सिंह - नगरीय विकास एवं आवास9- मीना सिंह मांडवे - आदिम जाति कल्याण अनुसूचित जाति कल्याण10- कमल पटेल - किसान कल्याण एवं कृषि विकास11- एंदल सिंह कंसाना - लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी12- गोविंद सिंह राजपूत - राजस्व एवं परिवहन13- बृजेन्द्र प्रताप सिंह - खनिज साधन एवं श्रम14- विश्वास सारंग - चिकित्सा शिक्षा, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास15- इमरती देवी- महिला एवं बाल विकास16- डॉक्टर प्रभुराम चौधरी - लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण17- महेंद्र सिंह सिसोदिया -पंचायत एवं ग्रामीण विकास18- प्रद्युम्न सिंह तोमर - ऊर्जा19- प्रेम सिंह पटेल- पशुपालन, सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण20- ओमप्रकाश सकलेचा-सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी21- ऊषा ठाकुर- पर्यटन, संस्कृति, अध्यात्म22- अरविंद भदौरिया - सहकारिता, लोक सेवा प्रबंधन23- मोहन यादव - उच्च शिक्षा24- हरदीप सिंह डंग - नवीन एवं नवकरणीय उर्जा, पर्यावरण25- राजवर्धन सिंह प्रेम सिंह दत्तीगांव - औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राज्यमंत्री-26- भारत सिंह कुशवाह-उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) नर्मदा घाटी विकास27- इंदर सिंह परमार -स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) सामान्य प्रशासन28- रामखेलावन पटेल -पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) विमुक्त घुमक्कड़ एवं अद्र्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण (स्वतंत्र प्रभार) पंचायत एवं ग्रामीण विकास29- रामकिशोर (नानो) कांवरे - आयु आयुष (स्वतंत्र प्रभार), जल संसाधन30- बृजेन्द्र सिंह यादव- लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी31- गिर्राज डंडोतिया -किसान कल्याण एवं कृषि विकास32- सुरेश धाकड़ लोक निर्माण विभाग33- ओ पी एस भदौरिया नगरीय विकास एवं आवास
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13 July 2020गुना। प्रदेश के पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने टाइगर पॉलिटिक्स को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि भाजपा की सरकार को बने सौ दिन हो गए। वैसे जंगल में एक ही टाइगर होता है, भाजपा में तो अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने आपको टाइगर बता रहे हैं। दो-दो टाइगर होने के बाद मंत्रिमंडल सौ दिन बाद बन पाया, मंत्रियों को विभाग दस दिन बाद भी नहीं बंट पा रहे हैं। अपने आपको टाइगर कहने वाले ये दोनों होने वाले उपचुनाव की रेस में बाहर हो जाएंगे और प्रदेश में पुन: मुख्यमंत्री कमलनाथ बनेंगे। यह बात शनिवार को पूर्व मंत्री व राघौगढ़ के विधायक जयवर्धन सिंह ने गुना प्रवास के समय संवाददाताओं से बातचीत के दौरान पूछे गए सवाल के जवाब में कही। सिसौदिया तय कर लें कौन है गद्दार व बेईमान उनसे जब पूछा गया कि प्रदेश सरकार के मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने बीते दिनों भाजपा कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि हम यदि गद्दार या बेईमान होते तो इतना भव्य स्वागत नहीं होता। मैं नहीं जानता कि पिछले दिनों जयवर्धन आए थे, उनका स्वागत क्यों नहीं हुआ था कि वे बेईमान थे या गद्दार। इस पर जयवर्धन ने तंज कसते हुए कहा कि स्वागत से कोई बिकाऊ या गद्दार नहीं होता। दस मार्च से पहले यही कांग्रेस का गुणगान करते थे, आज भाषा बदल गई, वह तय कर लें कि बिकाऊ या गद्दार कौन है। प्रदेश सरकार के मंत्री तुलसी सिलावट प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को कलंक कह रहे हैं।ये वे लोग हैं जो अपने स्वार्थ और लालच के लिए पार्टी छोडक़र चले गए, ऐसे लोगों को जनता कभी माफ नहीं करेगी। जनता की नहीं सौदे की प्रदेश सरकार उन्होंने भाजपा की प्रदेश सरकार को जनता की नहीं बल्कि सौदे की सरकार करार देते हुए कहा कि लगभग सौ दिन पूर्व भाजपा ने एक षड्यंत्र के तहत जनता द्वारा चुनी गई कांग्रेस की सरकार को हटा दिया। लोकतंत्र में जनता सरकार बनाती है, पैसा नहीं, लेकिन भाजपा ने सौदे बाजी कर प्रदेश में सौदे की सरकार बना दी। वहीं आत्मनिर्भर भारत अभियान को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोरोना के समय आत्मनिर्भर बनना आसान नहीं हैं। जनता की भलाई के लिए केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार को वास्तविक योजनाएं धरातल पर उतारना चाहिए। हमारी सरकार होती तो गरीबों को मिलते 7500 रुपये जयवर्धन सिंह का कहना था कि राहुल गांधी ने न्याय योजना दी थी, इस योजना के माध्यम से बीपीएल कार्ड धारकों और शहरी क्षेत्र के गरीबों को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार द्वारा 7500 रुपये की राशि दी जा रही है। यदि मप्र में आज कांग्रेस की सरकार होती तो लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा होता। बमौरी विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी चयन के सवाल पर उनका कहना था कि जल्द ही इसको लेकर फैसला कर लिया जाएगा।
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11 July 2020ग्वालियर/भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल विस्तार को दस दिन बाद भी मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है, लेकिन अब मुख्यमंत्री ने संकेत दिये हैं कि रविवार को मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया जाएगा। दरअसल, शनिवार को शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार को पूरे दस दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक मंत्रियों को विभाग आवंटित नहीं किये गये हैं। विभागों के बंटवारे को लेकर मंत्रियों के साथ-साथ पार्टी नेताओं में भी बेचैनी देखने को मिल रही है, जबकि विपक्षी नेता लगातार सरकार पर निशाना साध रहे हैं। हर कोई पूछ रहा है कि मंत्रियों को कब विभाग आवंटित किए जाएंगे। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय नेतृत्व से लेकर प्रदेश संगठन तक से चर्चा कर चुके हैं, लेकिन अब तक यह मामला अटका हुआ है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार शनिवार को ग्वालियर पहुंचे थे। वहां उन्होंने मीडिया कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की और पत्रकारों से भी रूबरू हुआ। मीडिया द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा है कि मंत्रियों के बीच विभागों का वितरण रविवार को हो जाएगा।
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11 July 2020ग्वालियर। गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों द्वारा 08 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले की जांच कर रही यूपी एसटीएफ ने ग्वालियर के दो लोगों को भी हिरासत में लिया है। इन पर विकास दुबे के साथियों को शरण देने का आरोप है। यूपी एसटीएफ ने ग्वालियर से ओमप्रकाश और अनिल पांडेय नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने 8 पुलिसवालों की हत्याकांड में नामजद आरोपी और विकास दुबे के सहयोगी शशिकांत और शिवम को अपने यहां रुकवाया था। इन दोनों के खिलाफ कानपुर पुलिस ने केस दर्ज किया है। खबर यह भी है कि यूपी एसटीएफ 4 जुलाई को ही इन दोनों को ग्वालियर से उठा ले गई थी। लेकिन इस बात का खुलासा शनिवार को तब हुआ जब यूपी एसटीएफ ने ग्वालियर पुलिस को इन दोनों की गिरफ्तारी की सूचना दी। हालांकि, ग्वालियर पुलिस ने अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। गौरतलब है कि इससे पहले एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से गैंगस्टर विकास दुबे साले और उसके बेटे को हिरासत में ले चुकी है, जिन्हें अब रिहा किया जा रहा है।
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11 July 2020भोपाल। भोपाल, 10 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना का लोकार्पण दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल लखनऊ से, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल से, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, धर्मेन्द्र प्रधान, प्रहलाद पटेल, आरके सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते दिल्ली से तथा रीवा से सांसद, विधायक एवं जनप्रतिनिधि शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी 'मैन ऑफ आईडियास' हैं तथा उनकी प्रेरणा एवं दूरदृष्टि से ही हर क्षेत्र में मध्यप्रदेश आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते ही यह जान लिया था कि भविष्य की ऊर्जा सौर ऊर्जा है तथा इस क्षेत्र में प्रभावी कार्य प्रारंभ कर दिये थे। मध्यप्रदेश में वर्ष 2010 में इसके लिये हमने नया विभाग बनाया। एशिया की सबसे बड़ी सोलर इकाई का नीमच में शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ही किया गया। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से ही वर्ष 2017 में रीवा सोलर प्लांट का कार्य ऊर्जा मंत्री आरके सिंह की उपस्थिति में प्रारंभ किया गया। 'मैं प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करता हूँ।'रीवा सोलर प्लांट ने कई कीर्तिमान स्थापित कियेमुख्यमंत्री ने कहा कि रीवा सोलर प्लांट ने कई नये कीर्तिमान स्थापित किये हैं। यह सौर ऊर्जा के क्षेत्र में 'गेम चेंजर' परियोजना है। मात्र 2.97 रुपये प्रति यूनिट की सस्ती बिजली, प्रथम बार राज्य के बाहर व्यावसायिक संस्थान को बिजली प्रदाय करना, विश्व बैंक से बिना गारंटी के न्यूनतम ब्याज दर पर ऋण प्राप्त करना, 2 करोड़ 60 लाख पेड़ों के बराबर कार्बन उत्सर्जन बचाना आदि ऐसे प्रतिमान है कि जो इस परियोजना को अनूठी बनाते हैं।भारत के एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य में मध्यप्रदेश की बड़ी भागीदारीमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक देश में एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने में मध्यप्रदेश बड़ी भागीदारी निभायेगा। प्रदेश में आगामी सौर परियोजनाओं के माध्यम से लगभग 10 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादित होगी।आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप तैयारमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की आत्मनिर्भर भारत की योजना को मूर्त रूप देने के लिये आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप तैयार कर लिया गया है तथा उस पर तत्परता से अमल किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने गरीब कल्याण योजना के माध्यम से गरीबों के लिये सरहानीय कार्य किया है। मध्यप्रदेश के 14 जिलें इसमें शामिल किये गये हैं। ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में चंबल एक्सप्रेस-वे के माध्यम से प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश को बड़ी सौगात दी है। इसके लिये पूरा प्रदेश हृदय से आभारी है।प्रधानमंत्री ने की मुख्यमंत्री के कार्यों की सराहनाप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश में कोरोना के प्रभावी नियंत्रण सहित अन्य कार्यों की सराहना की। उन्होंने मुख्यमंत्री के वक्तव्य को ध्यान से सुना तथा अंत में ताली बजाकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की। कार्यक्रम में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस उपस्थिति थे। कार्यक्रम का संचालन, स्वागत भाषण एवं आभार प्रदर्शन प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे द्वारा किया गया।
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10 July 2020भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मध्यप्रदेश के रीवा में स्थापित ‘रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना’ का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण किया और एशिया के इस सबसे बड़ी सोलर परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल लखनऊ से और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल से तथा केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत और केन्द्रीय राज्यमंत्री आरके सिंह दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए।इससे मप्र बनेगा साफ-सुथरी और सस्ती बिजली का हबप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रीवा के गुढ़ में स्थापित 750 मेगावाट की इस परियोजना को देश को समर्पित करते हुए कहा कि इससे मध्यप्रदेश साफ-सुथरी और सस्ती बिजली का हब बन जाएगा। इस परियोजना से हमारे मध्यम और गरीब परिवारों के साथ-साथ किसानों और आदिवासियों को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि उपासना के योग्य सूर्य देवता हैं, वे हमें पवित्र करें, रीवा में आज ऐसा ही अहसास हो रहा है। सूर्य देव की इस ऊर्जा को आज पूरा देश महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा आज ही नहीं, 21वीं सदी का एक बड़ा माध्यम बनने जा रही है। यह श्योर, प्योर और सिक्योर है। श्योर इसलिए कि सूर्य हमेशा चमकता रहेगा, जब सभी संसाधन खत्म हो जाएंगे। प्योर, इसलिए क्योंकि इससे पर्यावरण पूरी तरह से सुरक्षित और साफ-सुथरा बना रहेगा और सिक्योर इसलिए कि इससे बिजली की जरूरत को आसानी से पूरा किया जा सकेगा।भारत बन रहा है आत्मनिर्भरप्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश को संबोधित करते हुए कहा कि हम सोलर ऊर्जा के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में पहुंच गए हैं। इसमें भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता तभी संभव है, जब आत्मविश्वास हो। जब हम आत्मनिर्भरता की बात करते हैं, तब इकोनॉमी उसका एक सबसे जरूरी भाग है। दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बात को लेकर पसोपेश में रहे हैं कि उद्योग को बढ़ाएं कि पर्यावरण को, लेकिन भारत ने यह दिखाया है कि इकोनॉमी और पर्यावरण एक-दूसरे के पर्याय हो सकते हैं। बिजली आधारित परिवर्तन के लिए नए रिसर्च होने लगे हैं। ऐसे अनेक प्रयास हैं, जो इनसान के जीवन को बेहतर बनाने के लिए किए जा रहे हैं।अनुशासन में नहीं आने दें कमीइस दौरान उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए देशवासियों से सभी नियमों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आपका जीवन बहुत मूल्यवान है, इसलिए अनुशासन में कहीं भी कमी नहीं आने देना, क्योंकि अनुशासन में रहकर ही हम कोरोना वायरस की महामारी पर जीत हासिल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मास्क पहनें, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें और दो गज की दूरी का पालन करते खुद को सुरक्षित रखें। बता दें कि रीवा के गुढ़ कस्बे में स्थापित करीब 4 हजार करोड़ की लागत वाली 750 मेगावाट की इस परियोजना में पूर्ण क्षमता से सौर ऊर्जा का उत्पादन प्रारंभ हो चुका है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 22 दिसम्बर 2017 को इस परियोजना का शिलान्यास किया था। परियोजना को लगभग ढाई साल के रिकार्ड समय में पूरा किया गया। परियोजना से सस्ती बिजली का उत्पादन हो रहा है। इस परियोजना को विश्व बैंक का ऋण राज्य शासन की गारंटी के बिना क्लीन टेक्नालॉजी फण्ड के अंतर्गत सस्ती दरों पर दिया गया है। यह परियोजना इस मायने में भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें प्रति यूनिट की क्रय दर 2 रुपये 97 पैसे है, जो अब तक की न्यूनतम दर है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को समय नहीं मिलने के कारण इस परियोजना का लोकार्पण लगातार टलता जा रहा था। शुक्रवार को उन्होंने सि अल्ट्रा मेगा सोलर प्लांट को लोकार्पित कर देश को समर्पित किया। परियोजना से उत्पादित 24 प्रतिशत बिजली दिल्ली मेट्रो रेल परियोजना को दी जा रही है। शेष 76 प्रतिशत बिजली का उपयोग मध्यप्रदेश में होगा।
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10 July 2020भोपाल। यूपी के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने वाले दुर्दांत अपराधी विकास दुबे को उज्जैन पुलिस ने गुुरुवार को महाकाल मंदिर से गिरफ्तार किया था और देर शाम कोर्ट में पेशी के बाद ट्रांजिट रिमांड पर यूपी एसटीएफ को सौंप दिया था। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को सुबह उसकी पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई। यूपी में हुए विकास दुबे के एनकाउंटर को लेकर मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने विकास दुबे के मारे जाने पर कहा है कि कानून ने अपना काम कर दिया है। यह उन लोगों के लिए खेद और निराशा का विषय हो सकता है जिन्होंने आज विकास दुबे की मौत और कल उसकी गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं। गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा है कि गुरुवार सुबह उज्जैन में पुलिस की अभिरक्षा में आए विकास दुबे को देर शाम पुलिस ने उत्तरप्रदेश पुलिस को सौंपने के बाद पूरे काफिले को सुरक्षित मध्यप्रदेश से उत्तरप्रदेश की सीमा तक पहुंचाया था। उन्होंने विकास दुबे के मुठभेड़ में मारे जाने पर कांग्रेस नेताओं के सवाल उठाने को लेकर कहा कि यही लोग कल उसके जिंदा पकड़े जाने पर सवाल उठा रहे थे और अब आज उसके मरने पर सवाल उठा रहे हैं।डॉ. मिश्रा ने कहा कि दरअसल संपूर्ण मामले में मध्यप्रदेश पुलिस ने अपना कार्य बेहतर ढंग से किया। उन्होंने इस बात से भी साफ इनकार किया कि वह दो दिन से उज्जैन में था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कार्य सिर्फ ट्वीट करना बचा हुआ है। उन्हें अब कोई जनसभा में बुलाता नहीं तो वे ट्वीट करके ही अपना काय करते हैं। कांग्रेस को अपनी मानसिकता ठीक करना चाहिए। हर चीज पर मातम मनाना ठीक नहीं है।
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10 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल विस्तार को एक सप्ताह बीत गया लेकिन अभी तक नये मंत्रियों को विभागों का आवंटन नहीं हो पाया है। इसी बीच मुख्यमंत्री ने गुरुवार सुबह 10.30 बजे मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई बुलाई थी लेकिन अब उसका समय बदल दिया गया है। जबकि विभागों के बंटवारे को लेकर अभी तक सस्पेंस बरकरार है। मुख्यमंत्री ने संकेत दिये हैं कि मंत्रिमंडल की बैठक से पहले मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किया जा सकता है।बीते गुरुवार को शिवराज कैबिनेट का विस्तार का हुआ था। तब से मंत्रियों के विभागों को लेकर अटकलों का दौर चल रहा है। इसे लेकर कांग्रेस हमलावर है और विभाग आवंटन में सरकार पर सौदेबाजी के आरोप लगा रही है। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विभाग बंटवारे को लेकर दिल्ली में केन्द्रीय नेतृत्व से मुकालात भी कर चुके हैं और वापस आने के बाद उन्होंने स्वयं कहा था कि वे एक दिन का वर्कआउट करने के बाद मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर देंगे, लेकिन अब तक मंत्रियों को विभाग आवंटित नहीं किये गये। इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार सुबह 10.30 बजे मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई थी, लेकिन अचानक बैठक का समय बदलकर शाम पांच बजे कर दिया गया। बताया गया है कि बैठक से पहले विभागों का बंटवारा किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने स्वयं संकेत दिये हैं कि वे मंत्रिमंडल की बैठक से पहले विभागों का बंटवारा कर सकते हैं। इस संबंध में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि कहना है कि मंत्रियों को जल्द ही विभाग आवंटित कर दिये जाएंगे। भाजपा सबसे सलाह करके फैसला करती है।
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9 July 2020उज्जैन। उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे गुरुवार सुबह उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिसकर्मी जब उसे महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर गाड़ी में बैठा रहे थे, तब उसने पुलिस टीम पर रौब दिखाने का प्रयास किया। उसने लोगों को देखकर जोर से चिल्लाते हुए कहा कि ‘मैं विकास दुबे हूं, कानपुर वाला'। इस पर एक पुलिसकर्मी ने उसे जोरदार थप्पड़ मारा और चुप रहने को कहकर गाड़ी में बैठाया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गैंगस्टर विकास दुबे के गिरफ्तार होने की जानकारी यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को फोन पर दी।जानकारी के मुताबिक कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपित पांच लाख का इनामी विकास दुबे गुरुवार को सुबह करीब सात बजे उज्जैन में भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए महाकालेश्वर मंदिर पहुंचा था। यहां उसने फैसिलिटी सेंटर पर अपना बैग रखने के बाद यहां उसने शीघ्र दर्शन के लिए 250 रुपये की रसीद कटवाई और मंदिर में दर्शन करने चला गया। जब वह दर्शन करके लौट रहा था, उसी दौरान मंदिर में एक सिक्योरिटी गार्ड को शंका हुई तो वह उसे महाकाल पुलिस चौकी लेकर पहुंचा, जहां पूछताछ शुरू होते ही उसने कहा- हां, मैं विकास दुबे हूं। इसके बाद पुलिस के आला अधिकारियों को सूचना दी गई। एसपी मनोज सिंह खुद उसे गिरफ्तार कर कंट्रोल रूम ले गए।फिलहाल आरोपित से आईजी राकेश गुप्ता, एसपी मनोज सिंह सहित कुछ अन्य अफसर पूछताछ कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विकास दुबे की उज्जैन से गिरफ्तारी के मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर सूचना दी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुताबिक उज्जैन पुलिस जरूरी कार्रवाई करने के बाद आरोपित को कानपुर पुलिस को सौंप देगी। बताया गया है कि उसके साथ उसके दो साथी भी थे जो पुलिस के देखकर मौके से फरार हो गए।इधर जानकारी सामने यह भी आ रही है कि विकास दुबे ने उज्जैन पहुंचकर सरेंडर किया है। दरअसल, उसे आशंका थी कि पुलिस जल्द ही उसका भी एनकाउंटर कर सकती है, इसीलिए उसने महाकाल मंदिर में जब गार्ड ने उससे नाम पूछा तो कोई झूठ बोलने के बजाए उसने अपना सही नाम बताया। यही उसकी गिरफ्तारी का बड़ा कारण रहा। हालांकि इस मामले में पुलिस अभी कुछ भी कहने से बच रही है। इसमें कितनी सच्चाई है, इसका पता तो पुलिस के खुलासा करने से हो सकता है।
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9 July 2020भोपाल। कानपुर का कुख्यात गैंगस्टर और आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपित विकास दुबे पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है। गुरुवार सुबह विकास दुबे को मप्र के उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर से गिरफ्तार किया गया। वह यहां वीआईपी लाइन की टिकट लेकर भगवान महाकाल के दर्शन करने आया था, लेकिन पुलिस ने उसे पकड़ लिया। विकास दुबे की गिरफ्तारी पर मप्र के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन पुलिस को बधाई दी है। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर उज्जैन पुलिस को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि विकास दुबे की गिरफ़्तारी के लिए उज्जैन पुलिस को बधाई। साथ ही उन्होंने ये बयान भी दिया है कि 'जिनको लगता है की महाकाल की शरण में जाने से उनके पाप धूल जाएंगे तो उन्होंने महाकाल को जाना ही नहीं'। शिवराज ने आगे लिखा है कि हमारी सरकार किसी भी अपराधी को बख्शने वाली नहीं है। मैंने यूपी के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से बात कर ली है। शीघ्र आगे की कानूनी कार्रवाई की जायेगी। मध्यप्रदेश पुलिस, विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपेगी। इसके अलावा विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर चर्चा भी की है। विकास दुबे की उज्जैन से गिरफ्तारी के मामले पर दोनों मुख्यमंत्रियों की चर्चा हुई है। आज ही मध्यप्रदेश पुलिस विकास दुबे को यूपी पुलिस को हैंड ओवर कर सकती है।
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9 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल विस्तार को एक सप्ताह बीत गया लेकिन अभी तक नये मंत्रियों को विभागों का आवंटन नहीं हो पाया है। इसी बीच मुख्यमंत्री ने गुरुवार सुबह 10.30 बजे मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई बुलाई थी लेकिन अब उसका समय बदल दिया गया है। जबकि विभागों के बंटवारे को लेकर अभी तक सस्पेंस बरकरार है। मुख्यमंत्री ने संकेत दिये हैं कि मंत्रिमंडल की बैठक से पहले मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किया जा सकता है।बीते गुरुवार को शिवराज कैबिनेट का विस्तार का हुआ था। तब से मंत्रियों के विभागों को लेकर अटकलों का दौर चल रहा है। इसे लेकर कांग्रेस हमलावर है और विभाग आवंटन में सरकार पर सौदेबाजी के आरोप लगा रही है। वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विभाग बंटवारे को लेकर दिल्ली में केन्द्रीय नेतृत्व से मुकालात भी कर चुके हैं और वापस आने के बाद उन्होंने स्वयं कहा था कि वे एक दिन का वर्कआउट करने के बाद मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर देंगे, लेकिन अब तक मंत्रियों को विभाग आवंटित नहीं किये गये। इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में गुरुवार सुबह 10.30 बजे मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई थी, लेकिन अचानक बैठक का समय बदलकर शाम पांच बजे कर दिया गया। बताया गया है कि बैठक से पहले विभागों का बंटवारा किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने स्वयं संकेत दिये हैं कि वे मंत्रिमंडल की बैठक से पहले विभागों का बंटवारा कर सकते हैं। इस संबंध में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि कहना है कि मंत्रियों को जल्द ही विभाग आवंटित कर दिये जाएंगे। भाजपा सबसे सलाह करके फैसला करती है।
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9 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव से पहले आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी कड़ी में मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर कांग्रेस नेताओं को राजनैतिक द्वेषपूर्वक निशाना बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि ग्वालियर- चंबल संभाग में उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए भाजपा सरकार कांग्रेस नेताओं को टारगेट कर रही है। कमलनाथ ने बुधवार को ट्वीट कर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार गलत परंपराओं को जन्म दे रही है। हमारे नेताओं को जानबूझकर राजनैतिक द्वेषवश निशाना बनाया जा रहा है। हमारी पार्टी के नेता व कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत पर कुछ लोगों के ईशारे पर जानबूझकर बदले की भावना से व्यक्तिगत कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर - चंबल क्षेत्र में उपचुनावों को देखते हुए हमारी पार्टी के नेता रामनिवास रावत से लेकर, अशोक सिंह व अन्य कई नेताओं को टारगेट किया जा रहा है। कमलनाथ ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकारें आती जाती रहती है लेकिन इस तरह की बदले की भावना से की जा रही कार्यवाही स्वस्थ लोकतंत्र की परंपराओं के विपरीत है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि राजनैतिक द्वेष व बदले की भावना से की जा रही इस तरह की कार्यवाही को कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी, चुप नहीं बैठेगी। हम इसका पुरज़ोर विरोध करेंगे और भाजपा सरकार की दमनकारी नीतियो व कार्यवाही के खिलाफ मैदान में संघर्ष करेंगे।
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8 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज कैबिनेट विस्तार के बाद विभागों के आवंटन को लेकर मचे बवाल के बीच सत्ता पक्ष और विपक्ष में बयानबाजी भी तेज हो गई है। सिंधिया समर्थक मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ मंत्रियों को मुद्दा बनाकर कांग्रेस सरकार पर जमकर हमले बोल रही है। विभाग बंटवारे को लेकर चल रही सरगर्मी पर अब पूर्व नेता प्रतिपक्ष और मंत्री गोपाल भार्गव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि विभाग का बंटवारा कोई साधु -संतों की जमात नहीं है, सबकी अपनी महत्वाकांक्षा आए हैं इसलिए विभागों के बंटवारे में देरी हो रही है। प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री गोपाल भार्गव ने बुधवार को बेबाक बयान देते हुए मंत्री मंडल में विभागों के बंटवारे पर उलझन पर सिंधिया समर्थकों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि विभाग का बंटवारा कोई साधु- महात्मा की जमात नहीं है, सब की महत्वाकांक्षा होती है। वहीं सिंधिया गुट के मंत्रियों को लेकर गोपाल भार्गव ने कहा वह अपने दल के नेतृत्व से चर्चा कर चाहते हैं कि अच्छा विभाग मिले। इसी में विलंब हो रहा है। विभाग का बंटवारा कब होगा इस प्रश्न का सही उत्तर हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही दे सकते हैं। गोपाल भार्गव ने अपने विभाग को लेकर कहा कि मेरे पास हमेशा ही कृषि और पंचायत जैसे सूखे विभाग रहे हैं। पंचायत विभाग में न कोई केन्द्रीय कृत टेंडर होता है और न ही परचेसिंग होती है, पैसा सीधा पंचायत को जाता है। गोपाल भार्गव ने उम्मीद जताते हुए कहा है कि अनुभव और योग्यता को तरजीह दी जाएगी। शत्रुघ्न सिन्हा के सिन्हा के ट्वीट पर पलटवारशत्रुघ्न सिन्हा के सिन्हा के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए गोपाल भार्गव ने कहा कि भाजपा में ना कोई नाराज है। सब पहले भाजपा के सदस्य हैं, उसके बाद कोई महाराज है कोई शिवराज है। हर व्यक्ति की अपनी अलग हैसियत है, अलग पहचान है, इसलिए कोई गुट बंदी नहीं है। उल्लेखनीय है कि शत्रुघ्र सिंहा ने मंगलवार को ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि भाजपा तीन खेमों में बंट गई है, पहला महाराज, दूसरा नाराज और तीसरा शिवराज। गोविंद सिंह का किया बचावइस दौरान सिंधिया समर्थक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत की सभा में पैसे बांटने के आरोप पर गोपाल भार्गव उनका बचाव करते नजर आए। उन्होंने कहा कि गरीब कार्यकर्ता है यदि 50 या 100 किलोमीटर दूर से आता है और उसे पेट्रोल के लिए पैसे दे दिए जाते हैं तो क्या होता है। 100 किसी को दे भी दिए तो 100 रु की क्या कीमत है। कोई बड़ी घटना हो गई क्या?
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8 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दो दिवसीय दिल्ली प्रवास के बाद मंगलवार को सुबह विशेष विमान से भोपाल लौट आए हैं। उन्होंने यहां राजाभोज विमानतल पर मीडिया से बातचीत में कहा है कि मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर वे आज और वर्कआउट करेंगे। इसके बाद मंत्रियों को विभागों का बंटवारा कर दिया जाएगा। संभावना है कि आज शाम तक या कल सुबह मंत्रियों को विभागों का आवंटन हो जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का विस्तार गुरुवार को हुआ था। इसमें 20 कैबिनेट और आठ राज्यमंत्रियों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शपथ दिलाई थी, लेकिन अब तक नये मंत्रियों को विभाग आवंटित नहीं किये गये है। बताया जा रहा है कि राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों को मलाईदार विभाग देने के लिए दबाव बना रहे हैंं। विभाग बंटवारे को लेकर फंसे पेंच को लेकर मुख्यमंत्री रविवार को दिल्ली पहुंचे थे। उन्होंने दिल्ली प्रवास के दौरान राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और अनेक केंद्रीय मंत्रियों से सौजन्य भेंट की और प्रदेश के हालातों की जानकारी दी। राज्य के मंत्रियों के बीच विभागों के वितरण को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व से मुलाकात के बाद मंगलवार को वे भोपाल लौटे हैं। माना जा रहा था कि उनके भोपाल पहुंचते ही सभी मंत्रियों को विभाग बांट दिए जाएंगे, लेकिन आज भोपाल पहुंचने के बाद उन्होंने इससे इनकार कर दिया। उन्होंने भोपाल पहुंचने के बाद एयरपोर्ट पर मीडिया द्वारा मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के सवाल पर कहा कि आज मैं और वर्कआउट करूंगा और इसके बाद विभागों का बंटवारा किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने प्रदेश की 24 रिक्त सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर कहा कि चुनाव जीतने के लिए भगवान के साथ साथ जनता की कृपा की जरुरत होती है और जनता की कृपा उन पर होती है, जो जनता के लिए बेहतर कार्य करते हैं। कमलनाथ बोले-विभाग बंटवारे में भी होगी सौदेबाजी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विभाग बंटवारों में हो रही देरी को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने मंगलवार को उज्जैन प्रवास के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य में भाजपा द्वारा सौदेबाजी करके सरकार बनाई गई है। सौदे से ही मंत्रिमंडल बना और अब विभाग बंटवारे में भी सौदेबाजी होगी। कमलनाथ ने बताया कि आज मैं उज्जैन भगवान महाकाल के दर्शन के लिए आया हूं। मेरी इच्छा है कि भगवान महाकाल का आशीर्वाद हम सबको मिले, प्रदेश को मिले, ताकि मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहें, नौजवानों का भविष्य सुरक्षित रहें इसके लिए आज मैं भगवान महाकाल से प्रार्थना करने आया हूं।
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7 July 2020भोपाल। कमलनाथ सरकार ने 15 महीने में प्रदेश को भ्रष्टाचारियों का अड्डा बना दिया। इस सरकार ने गरीबों के हित की योजनाएं बंद कर दीं। झूठ बोलकर सत्ता में आई इस सरकार ने हर वर्ग से वादाखिलाफी की। आने वाले उपचुनाव इन भ्रष्टाचारियों को सबक सिखाने का चुनाव है। यह बात भाजपा पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को अशोकनगर विधानसभा की वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कही। रैली को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, सांसद केपी सिंह यादव एवं जजपालसिंह जज्जी ने भी संबोधित किया। सिंधिया ने वर्चुअल रैली में कहा कि 15 महीने की कमलनाथ सरकार अन्याय, अत्याचार और भ्रष्टाचार की सरकार थी। कमलनाथ सरकार ने वल्लभभवन को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था। वहां सांसद-विधायक नहीं जा पाते थे और सौदागरों, ठेकेदारों की पहुंच अंदर तक थी। सरकार की कुर्सी पर कोई और बैठता था और चाबी किसी और के हाथ में होती थी। उन्होंने कहा कि आने वाला चुनाव भाजपा-कांग्रेस का चुनाव नहीं है, बल्कि यह प्रदेश की आन बान शान और उसके भविष्य को बचाने का चुनाव है। इस चुनाव से कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुजरात से बंगाल तक यह संदेश जाएगा कि जब कोई सरकार अत्याचार और भ्रष्टाचार पर उतारू हो जाती है, तो भाजपा का कार्यकर्ता किस तरह इस अन्याय का विरोध करता है। जनता से विश्वासघात करने वालों को सबक सिखाएं सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश के लोगों से झूठ बोला, विश्वासघात किया। पार्टी के अध्यक्ष ने 10 दिनों में कर्जमाफी का वादा किया, 10 महीने इंतजार किया, लेकिन किसी किसान के खाते में पैसा नहीं आया। नौजवानों से कहा था 4 हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देंगे। इस सरकार ने महिलाओं से भी छल किया। कन्यादान योजना की राशि 51 हजार करने की बात कही, लेकिन किसी को पैसे नहीं दिये। उन्होंने पूछा कि क्या इस तरह वादाखिलाफी करने वाली सरकार मध्यप्रदेश में रहनी चाहिए? उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब भाजपा के लोग पीडि़तों की सहायता करने में व्यस्त थे, कांग्रेस सिर्फ कुर्सी का खेल खेलती रही। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि आने वाले चुनाव में जनता से विश्वासघात करने वालों को सबक सिखाएं। विकास, जनहित और सेवा पर रखें फोकस सिंधिया ने रैली में उपस्थित कार्यकर्ताओं से पूछा कि क्या कांग्रेस सरकार के समय अशोकनगर में एक भी सडक़ बनी? मुख्यमंत्री कमलनाथ क्या एक बार भी अशोकनगर आए हैं? उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ चुनाव के समय जनता के बीच आते हैं। पूरे समय कांग्रेस के लोग ही इस सरकार पर रेत माफिया, शराब माफिया को संरक्षण देने के आरोप लगाते रहे। दूसरी तरफ शिवराज सरकार के आते ही विकास के काम शुरू हो गए हैं। हमें, ये सारे मुद्दे जनता के सामने लेकर जाना है। जनता का फोकस हमें विकास पर, जनहित के कामों पर और सेवा पर रखना है। हमें जनता को बताना होगा कि पिछले 15 महीनों में कमलनाथ-दिग्विजय सिंह की जोड़ी ने क्या किया। आने वाले चुनाव में हमें उन लोगों को जवाब देना होगा, जो मध्यप्रदेश को भ्रष्टाचार का केंद्र बनाना चाहते हैं। ईंट का जवाब पत्थर से दें सिंधिया ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आने वाला चुनाव अलग तरह का चुनाव है। ये चुनाव सोशल मीडिया पर लड़ा जाएगा। हमें सोशल मीडिया पर ईंट का जवाब पत्थर से देना होगा। इसके लिए टीम तैयार करें और लोगों को प्रशिक्षित करें। असली मंथन गांवों की चौपालों पर होता है। इसलिए लोगों से चर्चा करें और मुद्दों को जनता के बीच ले जाएं। उन्होंने कहा कि अटलजी कहते थे, यह आर या पार की लड़ाई है। इसलिए हमें कोई कोताही नहीं दिखानी है, सभी 24 सीटों पर जीत हासिल करना है और कांग्रेसियों को ऐसा सबक सिखाना है कि आने वाले 15 सालों तक जनता उन्हें घर पर ही बिठा कर रखे।
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7 July 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना मरीज को अस्पताल के बहार छोड़ने की घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घटना की जांच के आदेश दिये है। उन्होंने कहा कि यह घटना अमानवीय और निंदनीय है। घटना के दोषी लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेस द्वारा कोरोना की स्थिति की समीक्षा करते हुए दिए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में गत साढ़े तीन माह से कोरोना पर नियंत्रण के कार्य के साथ ही एक-एक रोगी का उपचार सर्वोच्च प्राथमिकता से सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रत्येक जिले में स्वास्थ्य विभाग का अमला सजग है। कोविड केयर सेंटर सुचारु रूप से कार्य कर रहे हैं। प्रतिदिन जिले से लेकर राज्य स्तर की गहन समीक्षा की जा रही है। इसी स्थिति में किसी रोगी को गंभीर स्थिति में अस्पताल प्रबंधन, एम्बुलेंस संचालक या किसी भी अन्य व्यक्ति द्वारा अपने हाल पर छोड़ दिए जाने की घटना बहुत गंभीर है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस घटना के दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि संदिग्ध कोरोना रोगियों की शीघ्र पहचान और कान्टेक्ट ट्रेसिंग कार्य पूरी गंभीरता से जारी रहे। किल कोरोना अभियान में घर-घर पहुँचकर सर्वे दल सेम्पलिंग का कार्य बढ़ाएं। चौहान ने कहा कि अधिक से अधिक सेंपल लिए जाने से वायरस के नियंत्रण का कार्य आसान होगा। सर्दी-खांसी जुकाम के लक्षणों वाले व्यक्तियों में जो गंभीर दिखायी दें उनका सेम्पल लेकर अविलंब उपचार प्रारंभ करें। बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री चौहान ने कोविड -19 नियंत्रण प्रयासों की जिलेवार जानकारी प्राप्त की। खण्डवा जिले की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने खण्डवा मेडिकल कॉलेज द्वारा टेस्टिंग और उपचार कार्य की जानकारी ली। खण्डवा मेडिकल कॉलेज में इस समय आईसीयू में 6 रोगी भर्ती हैं। कुल 41 हजार लोगों का स्वास्थ्य सर्वे किया गया। कलेक्टर खण्डवा ने बताया कि जिले में किल-कोरोना अभियान के अंतर्गत डोर-टू-डोर सर्वे के कार्य के अलावा मेडिकल स्टोर के माध्यम से सर्दी-खांसी और बुखार के रोगियों को चिन्हित कर संबंधित परिवारों की स्वास्थ्य जांच करवाई गई है। इसके अच्छे परिणाम प्राप्त हुए। जिन 510 लोगों की स्वास्थ्य जांच हुई उनमें से 16 पॉजीटिव रोगी पाए गए। मुख्यमंत्री चौहान ने खण्डवा में अपनाई गई इस पद्धति को जारी रखने के लिए कहा। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कोरोना वायरस की मॉनीटरिंग में खण्डवा जिले में हुए नवाचार को अन्य जिलों में अपनाये जाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि जिस तरह भोपाल में प्रारंभ में बाहर से आए व्यक्तियों के आगमन के बाद आवश्यक एहतियात बरती गई और कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य नियमित हुआ, उसे अभी भी अमल में लाना चाहिए। खण्डवा जिले में अब तक 7105 सेंपल लिए गए हैं। कुल 358 पॉजीटिव केस हैं, जिनमें 64 एक्टिव केस हैं। खरगौन जिले की समीक्षा में बताया गया कि खरगोन में उपलब्ध बिस्तर क्षमता का 12 प्रतिशत ही उपयोग में आ रहा है। जिले में 3268 व्यक्ति होम क्वारेंटाइन किए गए हैं। जिले में 83 कंटेन्मेंट क्षेत्र बनाये गए हैं। कुल 358 सर्वे दल कार्य कर रहे हैं। वर्तमान में 16 फीवर क्लीनिक संचालित हैं। सर्वे दल को 103 कोरोना के संदिग्ध रोगी मिले हैं। इसके साथ ही 7 मलेरिया और 1 डेंगू रोगी की जानकारी भी सामने आई है। कांटेक्ट ट्रेसिंग का कार्य किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने प्रत्येक पॉजीटिव रोगी की कांटेक्ट ट्रेसिंग करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री चौहान ने कलेक्टर खरगोन को निर्देश दिए कि खण्डवा में किए गए कार्य की तर्ज पर रोगियों को लक्षण के आधार पर चिन्हित करने का कार्य किया जाए। समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में इस पखवाड़े प्रति मिलियन 1516 टेस्ट किए जा रहे हैं। प्रदेश में अप्रैल माह में यह संख्या मात्र 26 थी। हर पखवाड़े यह संख्या बढ़कर क्रमश: 222, 466, 816, 878, 1204 हुई। बीते पखवाड़े अर्थात 22 जून से 7 जुलाई के मध्य हुए टेस्ट में यह प्रति मिलियन टेस्ट की संख्या 1500 को पार कर गई है। बैठक में जानकारी दी गई की प्रदेश में इस सप्ताह करीब साढ़े तीन करोड़ व्यक्तियों का किल-कोरोना अभियान के अंतर्गत सर्वे किया गया है। सर्वे में अब तक लगभग 57 हजार नागरिक संदिग्ध पाए गए, 27 हजार 808 लोगों के सेंपल लिए गए हैं। सोमवार को कुल 6 हजार 543 सेंपल लिए गए। इनमें से 403 व्यक्ति पॉजीटिव पाए गए, जिनका उपचार किया जा रहा है।
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7 July 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को अपने दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने केन्द्र सरकार से राज्य के लिए अतिरिक्त यूरिया आवंटन का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कुल 5.75 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त यूरिया राज्य के लिए शीघ्र आवंटन करने की मांग की। सीएम शिवराज ने बताया कि माह जुलाई के लिए डेढ़ लाख मीट्रिक टन यूरिया और अगस्त से सितम्बर तक के लिए 4.25 लाख मीट्रिक टन यूरिया आवंटन की आवश्यकता है। केन्द्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने राज्य को अतिरिक्त यूरिया का कोटा बढ़ाने का आश्वासन दिया और साथ ही प्रदेश में रैक प्वाइंट्स बढ़ाने की सहमति दी। उल्लेखनीय है कि खरीफ 2020 के लिए केन्द्र सरकार ने 11 लाख मीट्रिक टन यूरिया देने पर सहमति जतायी थी। इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में 45 प्रतिशत अधिक वर्षा हो चुकी है। इसके परिणामस्वरूप 72 लाख हैक्टेयर क्षेत्र की बुआई हो चुकी है। अच्छी वर्षा और जल्दी बुआई होने के फलस्वरूप प्रदेश में यूरिया के वितरण में विगत वर्षों की तुलना में 23 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोविड 19 के कारण इंदौर, खण्डवा, छिन्दवाडा और इटारसी के रैक प्वाइंट्स पर अनलोडिंग पर अधिक समय लगने के कारण प्रदेश के अन्य जिले में यूरिया प्रदाय प्रभावित हुआ है। उन्होंने प्रदेश में रैक प्वाइंट बढ़ाने की मांग की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री को राज्य सरकार द्वारा प्रकाशित दो पुस्तिकाओं-’उम्मीद’ और ’मध्यप्रदेश विकास के प्रतिबद्ध प्रयास’ की प्रतियाँ भेंट कीं।
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6 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों देश की राजधानी दिल्ली में हैं। उन्होंने सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और प्रदेश के बासमती चावल को जीआई टैग दिलाने की मांग की। यह जानकारी सीएम ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि हम अच्छी क्वालिटी का बासमती चावल अमेरिका और कनाड़ा को निर्यात करते हैं। उन्होंने कहा कि सोमवार को कृषि मंत्री से हुई मुलाकात में मैंने बासमती चावल को जीआई टैग देने का अनुरोध किया है। हम लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं। बता दें कि मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद मध्यप्रदेश में मंत्रियों को विभागों के बंटवारे को लेकर पेंच फंस गया था। इसी सिलसिले में केन्द्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श करने के लिए मुख्यमंत्री दिल्ली पहुंचे हैं। वहां उन्होंने केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर उन्हें प्रदेश की विभिन्न योजनाओं और कोरोना की स्थिति की जानकारी भी दी।
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6 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के विंध्य क्षेत्र अंतर्गत रीवा जिले में स्थापित एशिया का सबसे बड़े सोलर प्लांट का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आगामी 10 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लोकार्पण किया जाएगा। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। बता दें कि रीवा सोलर प्लांट से दिल्ली मेट्रो को भी बिजली सप्लाई की जाएगी। इसकी क्षमता 750 मेगावट बिजली उत्पादन का है। यह प्लांट रीवा जिला मुख्यालय 25 किलोमीटर दूर गुढ़ में स्थापित है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इन दिनों दिल्ली के प्रवास पर हैं। वे वहां केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं। दिल्ली प्रवास से ही उन्होंने जानकारी दी है कि राज्य में स्थापित रीवा अल्ट्रा मेगा सौर परियोजना को पीएम मोदी वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए 10 जुलाई को लोकार्पण करेंगे। इसके लिए उन्होंने पिछले दिनों स्वीकृति दे दी है। वहीं, इसे लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह से भी मुलाकात की थी। इस दौरान उनके बीच रीवा सोलर पॉवर प्लांट के उद्घाटन को लेकर बातचीत हुई थी। बता दें कि जनवरी 2020 में ही 750 मेगावाट की क्षमता के साथ मेगा सोलर पॉवर प्लांट चालू हो गया था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को समय नहीं मिलने के वजह से इसका उद्घाटन नहीं हो पाया था। अब इसकी अनुमति मिल गई है। पीएम मोदी 10 जुलाई को इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे।
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6 July 2020इंदौर। इंदौर जिले सांवेर में लगभग 2400 करोड़ रुपये लागत की महत्वाकांक्षी सिंचाई योजना जल्द ही मुर्तरूप लेने लगेगी। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तथा ज्योतिरादित्य सिंधिया इस परियोजना का शीघ्र ही भूमिपूजन करेंगे। नर्मदा सिंचाई योजना के नाम से आकार लेने वाली इस योजना के तहत सांवेर विधानसभा क्षेत्र के 178 ग्रामों को सीधा लाभ मिलेगा। योजना से 64 हजार हेक्टेयर रकबे में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। इस पूर्ण होने पर सांवेर क्षेत्र विकास की नयी इबारत लिखेगा। यह जानकारी प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने रविवार को इंदौर में पत्रकारों से बातचीत में दी। इस अवसर पर पूर्व विधायक राजेश सोनकर, गौरव रणदिवे, उमेश शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। मंत्री सिलावट ने इस योजना की मंजूरी के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह योजना सांवेर क्षेत्र के लिये बड़ी सौगात होगी। योजना की मंजूरी से सांवेर क्षेत्र में उत्साह का वातावरण है। ग्रामीणों को जहां एक और सिंचाई के लिये पानी मिलेगा, वहीं दूसरी और उनकी पेयजल की समस्या समाप्त होगी और भू-जल स्तर पर में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि इस योजना को स्वीकृत कराने लिये मेरे द्वारा लम्बे समय से प्रयास किये जा रहे थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दृढ इच्छा शक्ति के चलते यह योजना मंजूर हुई है। इस योजना से खरगोन और उज्जैन के अनेक गांव भी लाभान्वित होंगे। नर्मदा नदी ओंकारेश्वर जलाशय से 430 मीटर ऊंचाई तक उद्वहन कर सिंचाई सुविधा के लिये पानी मिलेगा। ग्रामों में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिये दबाव युक्त पाईप्ड नहर प्रणाली बनाई जायेगी। परियोजना के लिये कुल 31 क्यूमेक जल उद्वहन किया जायेगा। इसमें 80 हजार हेक्टयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के अतिरिक्त 1.50 क्यूमेक जल पेयजल के लिये तथा 1.50 क्यूमेक जल उद्योगिक उपयोग लिये प्रावधानित है। परियोजना में कुल 0.285 एमएएफ जल का उपयोग होगा। परियोजना की लागत 2358 करोड़ अनुमानित है। सिलावट ने बताया कि सांवेर क्षेत्र के गांवों में नर्मदा मालवा गंभीर लिंक परियोजना के माध्यम से भी पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। सांवेर विधानसभा क्षेत्र के 43 गांवों में लगभग 15 हजार हेक्टयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराना इस योजना के अंतर्गत प्रावधानित है। इस योजना के कमाण्ड क्षेत्र में वर्ष 2019-2020 में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई। नर्मदा मालवा गंभीर लिंक परियोजना से नगर परिषद क्षेत्र सांवेर में पेयजल हेतु पानी मिलेगा। इसके लिये जल आवंटित कर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में शनिवार को मंत्रालय में हुई बैठक में 2358.75 करोड़ की सांवेर उद्वहन माइक्रो सिंचाई परियोजना को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री ने सिंचाई परियोजना की आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए परियोजना के कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिये। बैठक में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस उपस्थित थे। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट इस योजना के लिये लम्बे समय से प्रयासरत थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस योजना की स्वीकृति के लिये अनुरोध किया था।
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5 July 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को दिल्ली में केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उनके निवास स्थान पर मुलाकात की। मार्च 2020 में मुख्यमंत्री बनने के उपरांत केन्द्रीय रक्षा मंत्री से चौहान की यह पहली सौजन्य भेंट है। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री चौहान ने चम्बल संभाग के भिण्ड-मुरैना जिले में सैनिक स्कूल खोलने की मांग केन्द्रीय रक्षा मंत्री से की। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि यह मांग काफी अरसे से लम्बित है। सन 2017 में रक्षा मंत्रालय के संस्थान डी.आर.डी.ओ. के लिए 334 हेक्टेयर जमीन राज्य सरकार द्वारा दी गयी थी। तब तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके एवज में चम्बल संभाग में सैनिक स्कूल खोले जाने की बात कही थी। चौहान ने बताया कि सैनिक स्कूल के लिए राज्य सरकार ने जमीन भी चिन्हित कर ली है। चौहान ने बताया कि भिण्ड-मुरैना जिले के लगभग हर घर से एक नौजवान सेना में भर्ती होता है और देश की सीमाओं की रक्षा करता है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इस क्षेत्र में सैनिक स्कूल खुलने से यहां के युवा न केवल जवान बनकर निकलेंगे बल्कि सेना में बड़े अधिकारी भी बनेंगे और देश की सीमाओं की रक्षा में अपना योगदान देंगे।
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5 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना की ग्रोथ रेट देश में सबसे कम और संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 76 फीसदी से अधिक है। यहां अब तक 11 हजार से अधिक व्यक्ति कोरोना को मात दे चुके हैं। इसके बावजूद राज्य में नये मामलों में कमी नहीं आ रही है। यहां अब चार जिलों में 139 नये मामले सामने आए हैं, जबकि तीन लोगों की मौत हुई है। इसके बाद यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या 600 के पार पहुंच गई है। वहीं, संक्रमितों की संख्या 14 हजार 743 हो गई है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण जडिय़ा रविवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा शनिवार देर रात 1271 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिनमें 23 नये पॉजिटिव मिले हैं। इसके बाद यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 4833 हो गई है। वहीं, इंदौर में कोरोना से तीन लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। मृतकों में 42 वर्षीय और 53 वर्षीय दो महिलाओं के साथ एक 63 वर्षीय बुजुर्ग भी शामिल है। अब यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या 244 हो गई है। वहीं, भोपाल में रविवार सुबह 74 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। यहां अब संक्रमित मरीजों की संख्या 3119 हो गई है, जबकि अब तक यहां 105 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा मुरैना में 36 और नीमच में कोरोना के पांच नये मामले सामने आए हैं। इन 139 नये मामलों के साथ अब राज्य में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 14,743 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 4833, भोपाल 3119, उज्जैन 864, खंडवा 327, बुरहानपुर 405, जबलपुर 430, खरगौन 309, धार 179, ग्वालियर 464, नीमच 454, मंदसौर 129, सागर 442, मुरैना 618, देवास 237, रायसेन 112, भिंड 271, बड़वानी 126, होशंगाबाद 41, रतलाम 172, रीवा 62, विदिशा 56, बैतूल 72, सतना 40, छतरपुर 59, डिंडौरी 31, दमोह 48, आगरमालवा 16, झाबुआ 19, अशोकनगर 48, शाजापुर 68, सीधी 21, सिंगरौली 20, दतिया 46, शहडोल 24, बालाघाट 33, श्योपुर 83, शिवपुरी 38, टीकमगढ़ 54, छिंदवाड़ा 66, नरिसंहपुर 32, सीहोर 21, उमरिया 11, पन्ना 48, अलीराजपुर 08, अनूपपुर 29, हरदा 39, राजगढ़ 101, गुना 22, मंडला 06, सिवनी 15. निवाड़ी 11 और कटनी 19 मरीज शामिल हैं। वहीं, इंदौर में हुई तीन लोगों की मौत के बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 601 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 244, भोपाल 105, उज्जैन 71, बुरहानपुर 23, खंडवा 17, जबलपुर 14, खरगौन 15, ग्वालियर 03, धार 07, मंदसौर 09, नीमच 07, सागर 21, देवास 10, रायसेन 05, होशंगाबाद 03, सतना 02, आगरमालवा 01, झाबुआ 01, अशोकनगर 01, शाजापुर 03, दतिया 01, छिंदवाड़ा 02, सीहोर 02, उमरिया 01, रतलाम 06, बड़वानी 03 मुरैना 05, राजगढ़ 06, श्योपुर 02, टीमकगढ़ 01, रीवा 01, गुना 01, हरदा 02, कटनी 03, सीधी 01 और मंडला का एक व्यक्ति शामिल है। हालांकि, मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, राज्य में अब तक 11,234 मरीज कोरोना से जंग जीत चुके हैं और स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच गए हैं। अब प्रदेश में सक्रिय प्रकरण 2911 हैं।
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5 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) के पद पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा भाजपा के वरिष्ठ विधायक रामेश्वर शर्मा को नियुक्त किया गया है। इस संबंध में शनिवार को आदेश जारी कर दिये गये हैं। बता दें कि अध्यक्ष जगदीश देवड़ा को शिवराज सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। दो दिन पहले भोपाल में हुए मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान उन्होंने सामयिक अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसलिए विधानसभा का सामयिक अध्यक्ष का पद खाली हो गया था। आगामी 20 जुलाई से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने वाला है, जिसमें सदन की पांच बैठकें होगी। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का भी चयन होगा, लेकिन इसके लिए विधानसभा में सामयिक अध्यक्ष की नियुक्ति जरूरी थी। इसी को देखते हुए कार्यवाहक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए रामेश्वर शर्मा को विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन होने तक इस पद के दायित्वों के निर्वहन के लिए सामयिक अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
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4 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंडल (एमपी बोर्ड) द्वारा शनिवार को हाईस्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा (कक्षा 10वीं) का परिणाम आधिकारिक वेबसाइट mpbse.nic.in और ऐप रिजल्ट जारी कर दिया है। इस वर्ष हाईस्कूल के नियमित विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम 62.84 प्रतिशत रहा। इसमें छात्राओं ने एक बार फिर बाजी मार दी है। उन्होंने लड़कों को पीछे छोड़ दिया है। छात्रों का पास होने का प्रतिशत 60.9 फीसदी रहा, जबकि नियमित छात्राएं 65.87 परीक्षा में सफल हुईं। दसवीं में 15 विद्यार्थियों ने सौ फीसदी अंक हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया है। वहीं, स्वाध्यायी परीक्षार्थियों का परिणाम 16.95 फीसदा रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले दो साल से एमपी बोर्ड द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम एकसाथ 15 मई को घोषित किया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना के चलते परिणाम घोषित करने में देरी हुई और 10वीं का नतीजा पहले घोषित किया गया है। विद्यार्थी अपना परीक्षा परिणाम ऑनलाइन देख सकते हैं। इसके लिए एमपी बोर्ड ने 4 सरकारी वेबसाइट और मोबाइल फोन पर दो ऐप में यह रिजल्ट अपलोड किया है। एमपी बोर्ड द्वारा जारी दसवीं का परिणाम बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट्स mpbse.nic.in और mpresults.nic.in के माध्यम से रिजल्ट चेक कर सकते हैं। 15 विद्यार्थियों ने 300 में से 300 यानी सौ फीसदी अंक हासिल कर पहला स्थान प्राप्त किया है। इनमें भिंड के अभिनव शर्मा, गुना के लक्षदीप धाकड़, गुना की प्रियांशी रघुवंशी, गुना के पवन भार्गव, पन्ना के चतुर कुमार त्रिपाठी, मंदसौर के हरिओम पाटीदार, उज्जैन की राजनंदिनी सक्सेना, उज्जैन के नागदा के सिद्धार्थ सिंह शेखावत, पीथमपुर धार के हर्ष प्रताप सिंह, महू इंदौर की कविता लोधी, विदिशा की मुस्कान मालवीय, गंजबासौदा विदिशा की देवांशी रघुवंशी, भोपाल की कर्णिका मिश्रा, रायसेन के प्रशांत विश्वकर्मा और रायसेन की वेदिका विश्वकर्मा शामिल हैं। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, कोरोना संक्रमण के चलते जिन विषयों की परीक्षाएं संपन्न हुई थीं उन्हीं विषयों के आधार पर परीक्षाफल तैयार किया गया है। आठ लाख 91 हजार 866 नियमित परीक्षार्थियों के परीक्षा परिणाम घोषित किए गए हैं। इनमें 42 हजार 390 परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी में, दो लाख 15 हजार 162 परीक्षार्थी द्वितीय श्रेणी एवं दो हजार 922 परीक्षार्थी तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इस प्रकार कुल पांच लाख 60 हजार 474 परीक्षार्थी परीक्षा में सफल हुए हैं, जिनका परीक्षाफल 62.84 फीसदी रहा। वहीं, एक लाख आठ हजार 448 परीक्षार्थियों ने पूरक की पात्रता प्राप्त की है। वहीं, 1444 विद्यार्थियों के अंकों की पुष्टि नहीं हो पाई है, जिसके चलते इनका परिणाम बाद में घोषित किया जाएगा। इसी तरह दो लाख तीन 823 स्वाध्यायी परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित किया गया है। इनमें 18 हजार 194 परीक्षार्थी प्रथम श्रेणी में, 3483 परीक्षार्थी द्वितीय श्रेणी में, 12885 परीक्षार्थी तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। इस प्रकार कुल 34563 परीक्षार्थी परीक्षा में सफल हुये और परीक्षा परिणाम 16.95 प्रतिशत रहा, जबकि 29083 स्वाध्यायी परीक्षार्थियों ने पूरक की पात्रता प्राप्त की। वहीं, 235 परीक्षार्थियों के परीक्षाफल अंकों की पुष्टि नहीं होने के कारण उनाक परिणाम बाद में घोषित किया जाएगा।
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4 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार होने के बाद अब विभागों के बंटवारे को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। भाजपा संगठन ने मंत्री पद के लिए सिंधिया खेमे से चेहरों को चुनाव तो कर लिया, लेकिन अब सीएम शिवराज के सामने विभागों के बंटवारे की चुनौती है। यही कारण है कि मंत्रिमंडल विस्तार के दो दिन बीत जाने के बाद भी अब तक विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है। हालांकि संभावना जताई जा रही है कि एक दो दिन में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। विभागों के बंटवारे को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच शुक्रवार देर शाम को इसको लेकर मशक्कत हुई। भाजपा को समर्थन देकर सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले सिंधिया भी चाहेंगे कि उनके खेमे से मंत्री बने लोगों को प्रमुख विभाग दिए जाए। क्योंकि पिछली कमलनाथ सरकार में सिंधिया खेमे के पास स्वास्थ्य, राजस्व, महिला एवं बाल विकास, स्कूल शिक्षा, परिवहन, श्रम और खाद्य विभाग थे। उम्मीद है कि शिवराज सरकार में भी इसमें से कुछ विभाग सिंधिया खेमे के पास ही रह सकते हैं। वहीं भाजपा खेमे के मंत्री भी प्रमुख विभाग मिलने की उम्मीद लगाए बैठे हैं। ऐसे समय में निर्णय लेने से पहले अब सीएम शिवराज आज शनिवार को इस मामले में संगठन के साथ बात कर सकते हैं। सिंधिया समर्थक 7 कैबिनेट और चार राज्यमंत्रियों को काम देना है। इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में आने के बाद मंत्री बनाए गए बिसाहूलाल सिंह, एंदल सिंह कंसाना और हरदीप डंग भी कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। लिहाजा, मुख्यमंत्री के सामने यह मुश्किल है कि कामकाज कैसे बांटें। नए सिरे से होमवर्क होने की संभावना है, ऐसे में मौजूदा 5 कैबिनेट मंत्रियों नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, कमल पटेल और मीना सिंह में से कुछ के कामकाज में बदलाव हो सकता है। अब देखना यह है कि सीएम शिवराज इस मुश्किल घड़ी में दो खेमों से बनी कैबिनेट में कैसे सामंजस्य बैठाते है।
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4 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल का गुरुवार को विस्तार हुआ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में आयोजित सादा समारोह में 28 मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई, इनमें 20 कैबिनेट मंत्री और आठ राज्यमंत्री शामिल हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिमंडल विस्तार के तत्काल बाद मंत्रियों की पहली बैठक ली, जिसमें उन्होंने सभी को औपचारिक तौर पर बधाई देते हुए उनकी प्राथमिकताओं की जानकारी दी। सीएम शिवराज ने नए मंत्रियों को बधाई देने के बाद एक श्लोक सुनाते हुए कहा कि यहां से जो काम प्रदेश की भलाई के लिए हों, वे निर्विघ्न रूप से पूरे करने के प्रयास होना चाहिए। सभी को परिश्रम की पराकाष्ठा करना होगी। एक भी क्षण व्यर्थ न हो, क्योंकि अब जो क्षण हैं, वो जनता के हैं। सभी मंत्री कोई भी स्वागत न कराएं। कोरोना काल चल रहा है, इसलिए स्वागत न कराएं और भीड़ भी एकत्रित नहीं करें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा के नवनिर्वाचित सांसद ज्योतिरादित्य सिंदिया ने सभी नये मंत्रियों को शुभकामनाएँ दी हैं।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया है कि - 'आज मंत्री पद की शपथ लेने वाले मेरे सभी साथियों को हार्दिक बधाई। हम सब मध्यप्रदेश की प्रगति, विकास एवं जनकल्याण के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए साथ मिलकर कार्य करेंगे। मुझे विश्वास है कि प्रदेश के नवनिर्माण में आप सबका भरपूर सहयोग और योगदान मिलेगा।' वहीं, पूर्व केन्द्रीय मंत्री व राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया है कि - ‘मंत्रिमंडल में शामिल हुए सभी नए मंत्रियों को बधाई। मुझे विश्वास है कि प्रदेश की तरक्की और विकास के लिए आप सब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, गृह मंत्री अमित शाह जी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ कंधे से कंधा मिला कर कार्य करेंगे। आप सभी को शुभकामनाएं।’
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2 July 2020भोपाल। मप्र में बहुप्रतिक्षित शिवराज मंत्रिमंडल का आखिरकार गुरुवार को विस्तार हो गया। राजभवन में आयोजित एक साधारण कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेन ने मंत्रियों को शपथ दिलाई। कुल 28 मंत्रियों ने शपथ ली। जिसमें सिंधिया खेमे से 9 और कांग्रेस से भाजपा में आए 3 मंत्री बने। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सिंधिया ने कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को संदेश देते हुए कहा है कि टाइगर अभी जिंदा है। राजभवन के बाहर मीडिया से बात करते हुए राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि यह मंत्रिमंडल विस्तार नहीं बल्कि जिम्मेदारी दी गई है। उपचुनाव में जीत का दावा करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भाजपा की जीत होगी। उपचुनाव भाजपा जीतेगी सभी जनसेवक की जीत होगी, किश्तों की सरकार जो 15 महीने चली उसको मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को तंज कसते हुए कहा कि टाइगर अभी जिंदा है। कांग्रेस द्वारा कोरोना काल में ग्वालियर-चंबल अंचल में सिंधिया की गैरमौजूदगी को लेकर उठाए जा रहे सवाल पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान मैं भले ही ग्वालियर-चंबल अंचल में नहीं था, लेकिन सभी कार्यकर्ताओं के संपर्क में था। सिंधिया फाउंडेशन के द्वारा लोगों को भोजन उपलब्ध करवाया गया है। इसी के विदेश में फंसे कई लोगों को हम वापस देश लेकर भी आए हैं। बताते चले कि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट भी किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था ‘अन्याय के खिलाफ छेड़ा गया संघर्ष ही धर्म है। दो दिवसीय दौरे पर भोपाल पहुंच रहा हूं। प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार कार्यक्रम में उपस्थित होने के बाद, कार्यकर्ताओं से मुलाकात करूंगा।
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2 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल का विस्तार गुरुवार को अंतत: हो ही गया। राजभवन में आयोजित एक सादा समारोह में 28 मंत्रियों को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें 20 को कैबिनेट और आठ को राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गई। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री सुहास भगत, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, प्रदेश भाजपा विनय सहस्त्रबुद्धे समेत सभी बड़े नेता और अधिकारी मौजूद रहे। कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राजभवन पहुंचे और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को 20 कैबिनेट और 8 राज्यमंत्रियों की सूची सौंपी। इसके बाद सुबह 11 बजे राजभवन में शपथ समारोह शुरू हुआ, जिसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नये मंत्रियों को शपथ दिलाई। इनमें गोपाल भार्गव, विजय शाह, जगदीश देवड़ा, बिसाहू लाल सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेंद्र सिंह, एदल सिंह कंषाना, बृजेंद्र प्रताप सिंह, विश्वास सारंग, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसौदिया (संजू भैया), प्रद्युमन सिंह तोमर, प्रेम सिंह पटेल, ओमप्रकाश सकलेचा, उषा ठाकुर, अरविंद भदौरिया, डॉ. मोहन यादव, हरदीप सिंह डंग, राजवर्धन सिंह प्रेमसिंह दत्तीगांव को कैबिनट मंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। वहीं, भरत सिंह कुशवाह, इंदर सिंह परमार, रामलेखावन पटेल, राम किशोर कांवरे, बृजेंद्र सिंह यादव, गिर्राज दंडौतिया, सुरेश धाकड़ (राठखेड़ा) और ओपीएस भदौरिया को राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गई। गौतरबल है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिरने के बाद मार्च में भाजपा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में चौथी बार सरकार बनाई थी। शिवराज ने 23 मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर रिकार्ड 29 दिन अकेले सरकार चलाई और उसके बाद 21 अप्रैल को पांच मंत्रियों को शपद दिलाकर अपने मिनी कैबिनेट का गठन किया, तभी से मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें शुरू हो गई थी, जिन पर गुरुवार को विराम लग गया है। शिवराज मंत्रिमंडल के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल का विस्तार अब हो गया है।
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2 July 2020भोपाल। मध्यप्रदेश की कार्यवाहक राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बुधवार शाम को साढ़े चार बजे राजभवन पहुंचकर शपथ ग्रहण करेंगी। प्रभारी राज्यपाल को लेने के लिए प्रदेश शासन का एक विशेष विमान भोपाल से लखनऊ भेजा गया है। वहीं, मंत्रिमंडल विस्तार पर अब तक असमंजस बरकरार है। संभावना जताई जा रही है कि शिवराज कैबिनेट का विस्तार गुरुवार को हो सकता है। बता दें कि राज्यपाल लालजी टण्डन के अस्वस्थ होने के चलते राष्ट्रपति द्वारा उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मध्यप्रदेश का कार्यवाहन राज्यपाल बनाया गया है। वे बुधवार को दोपहर करीब साढ़े तीन बजे लखनऊ से विशेष विमान द्वारा भोपाल पहुंचेंगी। भोपाल के राजा भोज विमानतल पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनकी अगवानी करेंगे। यहां राजभवन में सांदीपनि सभागार में साढ़े चार बजे उनका शपथ ग्रहण समारोह होगा, जिसमें प्रदेश के कार्यवाहक राज्यपाल की शपथ ग्रहण करेंगी। बताया गया है कि वे रात्रि विश्राम भी राजभवन में करेंगी, क्योंकि गुरुवार को मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण होने की संभावना है। इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं कह चुके हैं कि मंत्रिमंडल का विस्तार बुधवार के बाद होगा। राज्य सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, लेकिन नामों को लेकर अभी उलझन बरकरार है। इसीलिए लगातार मंत्रिमंडल विस्तार टलता जा रहा है। संभावना है कि बुधवार को नामों को लेकर सहमति बन जाएगी और गुरुवार को नये मंत्रियों को शपथ दिलाई जा सकती है।
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1 July 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। सिंधिया समर्थक चेहरों और पार्टी के वरिष्ठ विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर पार्टी में मचा घमासान अब और तेज हो गया है। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज चौहान का बड़ा बयान आया है। उन्होंने कहा है, आज राज्यपाल शपथ लेंगे, कल गुरुवार को मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले नामों की सूची पर आलाकमान के मुहर लगाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का यह बड़ा बयान आया है। कील कोरोना अभियान का शुभारंभ करने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार पर हुए महामंथन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है, "मंथन से अमृत निकलता है और विष को शिव पी जाते है। आज राज्यपाल शपथ लेंगे, कल मंत्रिमंडल शपथ लेगा।" सीएम के इस बयान के बाद मध्य प्रदेश में गुरुवार को मंत्रिमंडल का विस्तार होना तय हो गया है। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मंत्रिमंडल के नामों को हरी झंडी दे दी है। प्रभारी विनय सहस्त्रबुधे नामों की सूची लेकर बुधवार शाम भोपाल आ रहे है। जिसके बाद शपथ अब कल होना तय है। ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने भोपाल पहुंचेंगे।
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1 July 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दो दिन के दिल्ली प्रवास के बाद मंगलवार को सुबह भोपाल लौटे, लेकिन अभी तक यह नहीं हो पाया है कि वे अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कब करेंगे। इसी बीच अटकलें शुरू हो गई हैं कि गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा और जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट में से किसी एक को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। इनमें ज्यादा संभावना ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट की है। दरअसल, कमलनाथ सरकार के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया के सामने कांग्रेस नेतृत्व द्वारा उप मुख्यमंत्री बनने का प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन उन्होंने उस प्रस्ताव का स्वीकार नहीं किया और अपने समर्थक तुलसीराम सिलावट को उप मुख्यमंत्री बनाने के लिए कहा था। बाद में सिंधिया का कांग्रेस से दूर होते चले गए और अंतत: भाजपा में शामिल हो गए। उनके साथ उनके समर्थक कांग्रेस के 22 विधायकों ने भी अपनी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ले ली थी, जिसके चलते कमलनाथ की सरकार गिर गई थी। इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर रिकार्ड 29 दिन अकेले सरकार चलाई और फिर पांच मंत्रियों को सरकार में शामिल कर मिनी कैबिनेट का गठन कर लिया। तभी मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद चल रही है, लेकिन अब तक यह विस्तार नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल गठन को लेकर केन्द्रीय नेतृत्व से मिलने के लिए दिल्ली गए थे, जहां सोमवार सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलने उनके निवास पहुंचे थे। यहां दोनों के बीच लगभग एक घंटे तक चर्चा हुई। बदले राजनीतिक हालात के कारण सिंधिया का भोपाल दौरा रद्द हो गया। शिवराज मंगलवार को सुबह भोपाल आ गए, लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि कैबिनट गठन को लेकर दिल्ली में क्या निर्णय हुआ। अब अटकलें लग रही हैं कि सिंधिया खेमे से तुलसी सिलावट और भाजपा से नरोत्तम मिश्रा को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
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30 June 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज कैबिनेट के विस्तार को लेकर उठा पटक जारी है। बताया जा रहा है कि एक जुलाई को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि इस बार शीर्ष नेतृत्व सिंधिया समर्थक चेहरों के साथ युवाओं को मंत्रिमंडल में मौका देना चाहता है। अगर ऐसा होता है तो भाजपा के कई वरिष्ठ विधायक, मंत्री पद से वंछित रह जाऐंगे। ऐसे हालात में पार्टी में विरोध के स्वर तेज हो सकते हैं। इन अटकलों के बीच आठ बार से विधायक रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का बड़ा बयान सामने आया है। गोपाल भार्गव के बयान के बाद सियासी गलियारों में हडक़ंप मच गया है। खासतौर से भाजपा में इसका खास असर देखने को मिल रहा है। दरअसल कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच भाजपा की पिछली तीन सरकारों में मंत्री रह चुके और आठ बार के विधायक गोपाल भार्गव ने मंगलवार को एक बयान देकर सभी को चौंका दिया है। उन्होंने कैबिनेट विस्तार को लेकर कहा है कि भाजपा भी वही गलती कर रही है जो कांग्रेस ने की थी। पार्टी को वरिष्ठ नेताओं का सहयोग लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र के फार्मूले को प्रदेश में लागू नहीं करना चाहिए। बताते चले कि जिन संभावित नामों को मंत्रिमंडल से बाहर किया जाना है, उनमें से एक नाम गोपाल भार्गव का भी है। उनके इस बयान को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने से जोडक़र देखा जा रहा है। हालांकि पार्टी भार्गव को मनाने के लिए उन्हें विधानसभा अध्यक्ष का पद दे सकती है। बताते चले कि अगर प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार में केंद्रीय नेतृत्व का फॉर्मूला चलता है तो गोपाल भार्गव, विजय शाह, सुरेंद्र पटवा, रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला, प्रेम सिंह पटेल, पारस जैन, नागेंद्र सिंह, करण सिंह वर्मा, जगदीश देवड़ा, गौरीशंकर बिसेन, अजय विश्नोई, भूपेंद्र सिंह का मंत्री बनना मुश्किल नजर आ रहा है। यह सभी चेहरे शिवराज खेमे के माने जाते हैं।
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30 June 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज कैबिनेट के विस्तार को लेकर उठा पटक जारी है। बताया जा रहा है कि एक जुलाई को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि इस बार शीर्ष नेतृत्व सिंधिया समर्थक चेहरों के साथ युवाओं को मंत्रिमंडल में मौका देना चाहता है। अगर ऐसा होता है तो भाजपा के कई वरिष्ठ विधायक, मंत्री पद से वंछित रह जाऐंगे। ऐसे हालात में पार्टी में विरोध के स्वर तेज हो सकते हैं। इन अटकलों के बीच आठ बार से विधायक रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का बड़ा बयान सामने आया है। गोपाल भार्गव के बयान के बाद सियासी गलियारों में हडक़ंप मच गया है। खासतौर से भाजपा में इसका खास असर देखने को मिल रहा है। दरअसल कैबिनेट विस्तार की अटकलों के बीच भाजपा की पिछली तीन सरकारों में मंत्री रह चुके और आठ बार के विधायक गोपाल भार्गव ने मंगलवार को एक बयान देकर सभी को चौंका दिया है। उन्होंने कैबिनेट विस्तार को लेकर कहा है कि भाजपा भी वही गलती कर रही है जो कांग्रेस ने की थी। पार्टी को वरिष्ठ नेताओं का सहयोग लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि केन्द्र के फार्मूले को प्रदेश में लागू नहीं करना चाहिए। बताते चले कि जिन संभावित नामों को मंत्रिमंडल से बाहर किया जाना है, उनमें से एक नाम गोपाल भार्गव का भी है। उनके इस बयान को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने से जोडक़र देखा जा रहा है। हालांकि पार्टी भार्गव को मनाने के लिए उन्हें विधानसभा अध्यक्ष का पद दे सकती है। बताते चले कि अगर प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार में केंद्रीय नेतृत्व का फॉर्मूला चलता है तो गोपाल भार्गव, विजय शाह, सुरेंद्र पटवा, रामपाल सिंह, राजेंद्र शुक्ला, प्रेम सिंह पटेल, पारस जैन, नागेंद्र सिंह, करण सिंह वर्मा, जगदीश देवड़ा, गौरीशंकर बिसेन, अजय विश्नोई, भूपेंद्र सिंह का मंत्री बनना मुश्किल नजर आ रहा है। यह सभी चेहरे शिवराज खेमे के माने जाते हैं।
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30 June 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में मंगलवार को होने वाला संभावित शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार एक बार फिर टल गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को सुबह दिल्ली से भोपाल लौट आए हैं। उनके साथ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत भी वापस आ गए हैं। संभावना है कि अभी मंत्रिमंडल विस्तार के लिए एक-दो दिन का इंतजार करना पड़ सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ विशेष विमान से मंगलवार सुबह भोपाल पहुंचे। यहां स्टेट हैंगर से वे सीधे अपने निवास पहुंचे हैं, जहां पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक जारी है। बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल में किन-किन लोगों को शामिल करना है, इस पर सहमति नहीं बन पाई है। बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर शाम तक स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। इधर, प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को अपना भोपाल आने का कार्यक्रम टाल दिया था और वे मंगलवार को दोपहर में भोपाल आने वाली थीं, लेकिन अभी तक उनका यहां आने का कार्यक्रम भी निर्धारित नहीं हो पाया है। इसीलिए संभावना है कि अब मंत्रिमंडल का विस्तार, एक जुलाई को हो सकता है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह रविवार शाम को दिल्ली पहुंचे थे और उसी दिन रात में पार्टी के केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से उनकी उनकी मुलाकात हुई थी। इसके बाद सोमवार को वे राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिले और फिर शाम को प्रधानमंत्री से मुलाकात हुई। सोमवार शाम को जानकारी मिली थी कि केन्द्रीय नेतृत्व से मुकालात के दौरान संभावित मंत्रियों के नाम फायनल हो गए हैं और मंगलवार शाम को उन्हें शपथ दिला दी जाएगी लेकिन मंगलवार सुबह सीएम के भोपाल लौटने के बाद फिर अटकलें शुरू हो गई हैं कि मंत्रियों के नाम फाइनल नहीं होने के कारण मंत्रिमंडल विस्तार अटक गया।
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30 June 2020इंदौर। इंदौर में होटल माय होम में 67 महिलाओं को बंधक बनाकर रखने, मानव तस्करी, लूट जैसे 64 आपराधिक प्रकरणों में फरार डेढ़ लाख रुपये से अधिक के इनामी आरोपित जितेंद्र उर्फ जीतू सोनी को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने पुलिस रिमांड पर सौंपा है। इस दौरान जीतू से पूछताछ की जा रही है। रविवार की रात में आईजी विवेक शर्मा और डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। बताया जाता है कि जीतू के फरारी काटने के स्थानों और इसमें मदद करने वालों का पता पुलिस द्वारा लगाया जा रहा है। जीतू सोनी की पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी। उसकी तलाश में एसटीएफ टीम मुंबई और गुजरात में लगातार छापामार कार्रवाई कर रही थी। इस बीच इंदौर आईजी विवेक शर्मा को क्राइम ब्रांच के माध्यम से एक अहम् जानकारी लगी कि जीतू गुजरात के बड़ोदरा के पास अमरेली जिले में एक फार्म हाउस पर छिपा हुआ है। आईजी शर्मा व डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्रा ने मिशन को गोपनीय रखते हुए क्राइम ब्रांच की दो टीमों को इंदौर से रवाना किया और आखिरकार पुलिस ने जीतू को पकड़ लिया। रविवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जीतू को तीन जुलाई तक रिमांड पर सौंपा गया है। इस दौरान जीतू से कड़ी पूछताछ करते हुए यह पता लगाया जा रहा है कि इंदौर से भागने और फरारी के दौरान किन-किन लोगों ने मदद की थी। सूत्र बताते हैं कि कुछ लोगों की जानकारी भी पुलिस को मिली है। वहीं गुजरात के अलावा मुंबई, पश्चिम बंगाल में भी फरारी काटने की जानकारी मिली है। अधिकारियों के सवाल टाले जीतू सोनी से बीती रात महिला थाने में आईजी विवेक शर्मा, डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र तथा अन्य अधिकारियों ने अलग-अलग करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान उसने महाराष्ट्र तथा गुजरात में अपने करीबियों के साथ ही खेतों में भी फरारी काटने की बात स्वीकारी, लेकिन उससे कोई नई बातें नहीं उगलवा सके। वह अधिकारियों के सवाल को टालता रहा। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने शरण देने वालों के बारे में जानकारी चाही तो जीतू सोनी ने कहा कि वह मेरे अपने करीबी हैं। महिला थाना प्रभारी अनीता गहरवाल ने भी होटल माय होम में महिलाओं को रखे जाने संबंधी बातें पूछीं तो सोनी ने उलटे-सीधे जवाब देना शुरू कर दिए। जीतू द्वारा पुलिस के किसी भी सवाल का ढंग से उत्तर नहीं दिया जा रहा है। दिन में दो बार मेडिकल होगा जीतू सोनी के वकील अश्विन अध्यारू ने तीन अलग-अलग आवेदन प्रस्तुत किए थे, जिनमें से दो वकीलों की मुलाकात और हर दिन दो बार मेडिकल की मांग थी, जो मंजूर कर ली, लेकिन पूछताछ और रिमांड अवधि के दौरान वकील की मौजूदगी की अनुमति रद्द कर दी गई। जज ने कहा कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि वकील को रिमांड रूम में अनुमति दी जाए। एसटीएफ की टीम इंदौर पहुंची जीतू सोनी से पुलिस कड़ी सुरक्षा में पूछताछ कर रही है। सुरक्षा ऐसी की जिस महिला थाने में जीतू बंद है, उसे पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। जीतू से हनीट्रैप मामले में पूछताछ करने एसटीएफ की टीम भी इंदौर पहुंच चुकी है। एसटीएफ के अधिकारी भी उससे अलग-अलग मामलों में पूछताछ कर सबूत जुटाएंगे। थाने के बाहर कड़ी सुरक्षा पुलिस किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती, इसलिए थाने के आसपास बंदूकधारी पुलिसकर्मी भी तैनात कर दिए गए हैं। वहीं, सादी वर्दी में भी जवान गश्ती में लगे हुए हैं। आला अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों को सख्त हिदायत दी है कि मामले में किसी तरह की कोई रियायत न बरती जाए। डॉक्टरों ने स्वस्थ बताया पुलिस जीतू को सबूत की तलाश में अनूप नगर, सहित पुराने ठिकानों पर लेकर जा सकती है। मानव तस्करी के मामले में उसे पश्चिम बंगाल लेकर जाने की भी बात कही जा रही है। इसके पहले जीतू को मेडिकल चेकअप के लिए पुलिस रात में एमवाय अस्पताल लेकर पहुंची। जहां डॉक्टरों ने उसे पूरी तरह से स्वस्थ बताया। चाय नाश्ता लेकर पहुंचे कुछ लोग सोमवार सुबह जीतू से जुड़े कुछ लोग चाय और नाश्ता लेकर थाने पहुंचे थे, जिन्हें पुलिसकर्मियों ने बाहर से ही लौटा दिया। वहीं, 5 दिनों के लिए महिला थाने को पलासिया थाने पर शिफ्ट कर दिया गया है। हनीट्रैप मामले से जुड़ी खबरों से चर्चा में आया प्रशासन ने जीतू पर पहली बार 30 नवंबर 2019 को केस दर्ज किया था। इसके बाद एक-एक कर पुलिस ने हत्या, ब्लैकमेलिंग, धमकी और बलात्कार से जुड़े 64 केस दर्ज किए। प्रशासन के माफिया अभियान में जीतू का आलीशान बंगला, चर्चित 'माय होम होटल समेत कुछ अन्य होटल ढहाए गए। इसके साथ इंदौर से प्रकाशित होने वाले संझा लोकस्वामी अखबार की इमारत समेत तमाम संपत्तियों को जिला प्रशासन ने जमींदोज कर दिया था। कहा जाता है कि जीतू सोनी जिस अखबार का मालिक था, उसमें हनी ट्रैप से जुड़े बातचीत के कुछ अंश प्रकाशित हुए थे। आरोपों के मुताबिक, ये बातचीत 5 महिलाओं और तत्कालीन सरकार के एक मंत्री और मुख्य सचिव के बीच हुई थी। अखबार के वेब पोर्टल पर हनीट्रैप कांड से जुड़े वीडियो अपलोड किए गए थे, जिसके बाद जीतू के ठिकानों पर एक साथ छापे मारे गए। शिकायत के बाद एक्शन में आई थी पुलिस इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन की शिकायत के बाद पुलिस एक्शन मोड में आई। 1 दिसंबर 2019 की रात पुलिस ने अखबार के मालिक जीतू उर्फ जितेंद्र सोनी और उनके बेटे अमित सोनी के गीता भवन चौराहा स्थित होटल माय होम, घर और दफ्तरों पर छापे मारे। पुलिस के मुताबिक, होटल माय होम में 67 युवतियां मिलीं, जिन्हें बंधक बनाकर जिस्मफरोशी करवाई जा रही थी। वहीं बंगले से पुलिस को हनीट्रैप कांड से जुड़े दस्तावेज, पेन ड्राइव, सीडी, 30 से ज्यादा प्लॉट, जमीनों की रजिस्ट्री मिली, जिनकी बाजार में कीमत 150 करोड़ से ज्यादा बताई गई। इसके बाद पुलिस ने जीतू, अमित और अन्य परिजन पर मानव तस्करी, आईटी एक्ट, आम्र्स एक्ट, प्रतिबंधात्मक और शासकीय कार्य में बाधा का केस दर्ज किया। अमित को गिरफ्तार कर लिया, जबकि जीतू सोनी फरार हो गया था।
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29 June 2020भोपाल/अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा राजपरिवार की सदस्य और प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव एमएस सिंहदेव की बेटी तथा छत्तीसगढ़ के पंचायत ग्रामीण विकास व लोक स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव की दीदी मोहिनी सिंह राणा का सोमवार सुबह निधन हो गया। उन्हें कुछ ही दिन पहले नेपाल से भोपाल लाया गया था, जहां वे सरगुजा हाउस में रह रही थीं। नेपाल में ब्याही मोहिनीसिंह राणा सरगुजा में पिंकी दीदी के नाम से चर्चित थीं। लंबी बीमारी के कारण उन्हें नेपाल से मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित सरगुजा हाउस लाया गया था, जहां उनका कैंसर का उपचार भी चल रहा था। बीती रात उनकी तबीयत बिगड़ी और सोमवार सुबह उनका निधन हो गया। उनके निधन से सरगुजा राजपरिवार में शोक का माहौल है। सरगुजा में जन्मी मोहिनी सिंह राणा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव स्व. मदनेश्वर शरण सिंहदेव एवं पूर्व मंत्री स्व देवेन्द्र कुमारी की जयेष्ठ पुत्री व छत्तीसगढ़ के स्वाथ्यमंत्री त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव व कांग्रेस की पंजाब प्रभारी आशा कुमारी, भोपाल के अरुणेश्वर शरण सिंहदेव की दीदी थीं। उनके अकस्मात निधन से सरगुजा, नेपाल, भोपाल में शोक की लहर है।
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29 June 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में सीएम शिवराज के कैबिनेट का विस्तार जल्द हो जाएगा। मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा करने के लिए सीएम शिवराज दिल्ली में हैं। जहां उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की। इसके बाद सीएम शिवराज आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अहम चर्चा हो सकती है। इसके बाद सोमवार शाम को ही मुख्यमंत्री शिवराज दिल्ली में स्थित मध्यप्रदेश भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में शामिल होंगे। संभावना जताई जा रही है कि इस प्रेस वार्ता में केंद्रीय नेतृत्व से नामों पर सहमति बनने की जानकारी सीएम शिवराज मीडिया को देंगे। कैबिनेट में सिंधिया समर्थक चेहरे भी शामिल किए जाऐंगे। सीएम शिवराज सोमवार शाम को ही भोपाल लौट आऐंगे और कल मंगलवार को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। कैबिनेट को शपथ दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मप्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन स्वास्थ्य कारणों से छुट्टी पर हैं। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार की कैबिनेट का विस्तार होना है। ऐसे में राष्ट्रपति की ओर से आनंदीबेन पटेल को सूबे की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें लगाई जा रही थी। जून माह में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सीएम शिवराज, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा लगातार बैठके की। वहीं अब मंत्रिमंडल विस्तार की प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं।
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29 June 2020भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने चीन को करारा जवाब देने की बात कहते हुए देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प भी दोहराया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' के माध्यम से सभी देशवासियों को नई ऊर्जा, नए उत्साह और नए जोश से भर दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को ट्वीट किया है कि - ‘भले ही यह विपदा का काल हो लेकिन भारत के हर नागरिक में इतनी शक्ति है कि वह बड़ी से बड़ी चुनौती से निपटने के नए रास्ते तलाश कर लेता है। हमारे भारतीय सेना के जांबाज सैनिक पूरी बहादुरी के साथ दुश्मन से लड़े और वीरगति को प्राप्त हुए। भारत मां की रक्षा करते हुए उन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया। देश की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर करने वालों को चिरकाल तक याद रखा जाएगा, वे हमें सदैव प्रेरित करेंगे।’ उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि -‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व में देश में अनेक आवश्यक गतिविधियां पुन: प्रारम्भ हो रही हैं। उनकी प्रेरणा से हम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। हमें स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर वोकल फॉर लोकल होना होगा। हम रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेंगे।’
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28 June 2020इंदौर। इंदौर क्राइम ब्रांच की टीम ने मानव तस्करी सहित 45 से अधिक मामलों में सात महीने से फरार मोस्ट वांटेड आरोपित जीतू सोनी को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त कर ली है। उसे शनिवार की रात गुजरात के अमरोली के पास एक फार्म हाउस से गिरफ्तार किया गया है। इसकी पुष्टि इंदौर डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने रविवार सुबह की है। बता दें कि जीतू उर्फ जितेंद्र सोनी पर शहर के ज्यादातर थानों में मानव तस्करी, दुष्कर्म, अपहरण, धोखाधड़ी, अवैध वसूली के 45 से ज्यादा प्रकरण दर्ज हैं। पिछले साल 31 नवम्बर-2019 में पुलिस ने पहली बार उसके होटल माय होम सहित अन्य ठिकानों पर छापा मारा था। तब वह पुलिस को चकमा देकर भाग गया था। जीतू सोनी की गिरफ्तारी पर राज्य सरकार और इंदौर पुलिस ने एक लाख साठ हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने बताया कि चार दिन पहले क्राइम ब्रांच की टीम गुजरात के अमरेली से उसके बड़े भाई महेंद्र सोनी को गिरफ्तार किया था, तब जीतू सोनी राजकोट स्थित एक फार्म हाउस से भाग गया था। इसके बाद क्राइम ब्रांच की छह टीमों ने शनिवार की रात अलग-अलग जगहों पर छापे मारे। इस दौरान जीतू सोनी को अमरोली के आसपास एक फार्म हाउस से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस रविवार दोपहर तक उसे लेकर इंदौर पहुंचेगी।
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28 June 2020भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को अनलॉक रास नहीं आ रहा है। यहां संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान संक्रमित मरीजों की संख्या बहुत कम थी, लेकिन एक जून से अनलॉक होने के बाद यहां रोजाना 40-50 नये संक्रमित मिल रहे हैं। यहां अब कोरोना के 40 नये मामले सामने आए हैं। इसके बाद संक्रमित मरीजों की संख्या बढक़र 2745 हो गई है। भोपाल में अब तक कोरोना से 94 लोगों की मौत हो चुकी है। भोपाल सीएमएचओ कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, शनिवार को सुबह प्राप्त रिपोर्ट में 40 नये पॉजिटिव मिले हैं। इसके बाद यहां संक्रमितों की संख्या 2745 हो गई है। हालांकि, अब तक यहां 2011 व्यक्ति कोरोना से जंग जीत चुके हैं और पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए हैं। बता दें कि भोपाल में अनलॉक होने के एक जून को संक्रमित मरीजों की संख्या 1511 थी, जबकि 59 लोगों की मौत हुई थी। अनलॉक के इन 27 दिनों में यह संक्रमितों की संख्या बढक़र 2745 और मृतकों की संख्या 94 हो गई है। यानी जून में अब तक यहां 1234 नये संक्रमित मिले हैं।
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27 June 2020भोपाल। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे। पूर्व मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने इसका खुलाया किया है। साथ ही उन्होंने विधानसभा में उपाध्यक्ष पद की भी मांग की है। उल्लेखनीय है कि मप्र विधानसभा का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हो जा रहा है। मानसून सत्र पांच दिनों का होगा। सत्र शुरू होने से पहले विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पद को लेकर गहमा गहमी चल रही है। पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विधानसभा मेें पूर्व सीएम कमलनाथ ही नेता प्रतिपक्ष होंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का चेहरा कमलनाथ है और वही नेता प्रतिपक्ष भी होंगे। इसके साथ ही शर्मा ने विधानसभा में विधानसभा उपाध्यक्ष पद की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि भाजपा को विधानसभा उपाध्यक्ष पद कांग्रेस को देना चाहिए। मानसून सत्र में विधायकों के प्रश्न उत्तर न होने पर उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्र के पहले दिन अधिसूचना में कोरोना और कानून व्यवस्था जैसे विषयों को शामिल किया गया, जबकि पहले दिन श्रद्धांजलि के बाद कार्यवाही स्थगित हो जाता है। बतातें चले कि पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि कमलनाथ ही नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे। उपचुनाव जीत कर वापसी की उम्मीद में बैठी कांग्रेस किसी और नेता को यह जिम्मेदारी नहीं सौंपना चाहती। ऐसे में अपना विश्वास जाहिर करने के लिए इससे पहले सरकार रहते कमलनाथ जिस तरह मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों जिम्मेदारी संभाल रहे थे, उसी तरह प्रदेश अध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष की भूमिका में भी रहेंगे। वहीं विधानसभा अध्यक्ष के साथ ही उपाध्यक्ष पद के लिए भी भाजपा ने रणनीति तैयार कर रही है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की तरह भाजपा भी दोनों पद अपने पास ही रखने की तैयारी में है।
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27 June 2020भोपाल। राजधानी भोपाल में कोरोना को खत्म करने के लिए दो से अधिक कोरोना वारियर्स अब मैदान में उतरकर चुके हैं, वे लगातार 2 दिनों तक यह महासर्वे अभियान चलाएंगे। जिला कलेक्टर अविनाश लवानिया के नेतृत्व में शनिवार से शहर की 51 सघन, स्लम बस्तियो और कंटेन्मेंट क्षेत्रों में सेनेटाइजेशन, सर्वे, स्क्रीनिंग और उसके बाद सेम्पलिंग की कार्यवाही का महाभियान शुरू हो गया है। सर्वे अभियान के दौरान इन दो दिनों में जिले की लगभग 5 लाख आबादी का सर्वे किया जाना हैं। सर्वे में सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की सार्थक एप्प में एंट्री कराई जाएगी। उसके बाद उन सभी की डॉक्टर के नेतृत्व में स्क्रीनिग और जररूत होने पर सेम्पलिंग कराई जाएगी। शनिवार को सुबह 7 बजे से 1500 से अधिक सर्वे कार्यकर्ता, नगर निगम, स्वास्थ्य जिले के अधिकारियों का अमले ने अलग- अलग 51 क्षेत्रो में जांच अभियान शुरू कर दिया है। इसके अलावा सर्वे दल द्वारा मलेरिया की रेपिड जांच, डेंगू लार्वा की जांच, सार्वजनिक जगहों से पानी निकासी, मच्छर मारने की दवाई का छिड़काव और शाम 6 बजे के बाद से फॉगिग कराई जाएगी। लोगों को जागरूक करने के लिये फीवर क्लीनिक के पोस्टर और मास्क लगाने के साथ शारीरिक दूरी बनाने के लिए में लोगों को बताया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत में सर्वे के साथ सभी क्षेत्रों का सेनेटाइजेसन भी कराया जा रहा है। स्क्रीनिंग और सेम्पलिंग की टीम भी लगातार सार्थक एप्प के डाटा के आधार पर कर्रवाई करेगी। मलेरिया जांच, टीम बुखार वाले मरीजों के खून की जांच रेपिड किट से कर रही है। साथ ही दवाई का वितरण भी किया जा रहा है। नगर निगम का अमला खुले प्लॉटों से पानी निकासी और पानी मे मच्छर मारने की दवाइयां डालने का काम कर रहा है। घरों में डेंगू के लार्वा की जांच भी की जा रही है।
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27 June 2020नई दिल्ली)। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 1 जुलाई से होनेवाली परीक्षा रद्द कर दी गई है। 10वीं की परीक्षा पूरी तरह रद्द कर दी गई है जबकि 12वीं की परीक्षा स्थिति सुधरने पर आयोजित की जाएगी। हालांकि इस परीक्षा में शामिल होना छात्रों के ऊपर निर्भर है। वे चाहें तो परीक्षा का विकल्प चुनें, नहीं तो पहले हुई परीक्षाओं के आधार पर अंक मिलेगा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने गुरुवार को केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मार्किंग की नई व्यवस्था समेत बाकी बातों पर कल तक अधिसूचना जारी हो जाएगी। असेसमेंट के आधार पर 10वीं और 12वीं के नतीजे 15 जुलाई तक घोषित कर दिए जाएंगे। सुनवाई के दौरान भारतीय माध्यमिक शिक्षा प्रमाणपत्र (आईसीएसई) ने कहा कि वह भी 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर देगा। असेसमेंट के आधार पर रिज़ल्ट घोषित होंगे। स्थितियां सुधरने पर 12वीं के छात्रों को परीक्षा का विकल्प दिया जाए या नहीं, इस पर बाद में फैसला लिया जाएगा। सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने बताया कि दिल्ली, महाराष्ट्र और तमिलनाडु सरकार ने परीक्षा आयोजित करने में असमर्थता जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई को निर्देश दिया कि एकेडमिक साल शुरू होने के मसले भी स्पष्ट होने चाहिए। अगर परीक्षा अगस्त में होती है जो एकेडमिक साल सितंबर में शुरू होगा। तब तुषार मेहता ने कहा कि अगस्त के मध्य तक रिजल्ट जारी हो जाएंगे। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कहा कि असेसमेंट के आधार पर नतीजे इसी महीने के अंत तक जारी हों। तब कोर्ट ने कहा कि हम सीबीएसई को निर्देश नहीं दे सकते हैं, इस पर उसे ही फैसला लेना है। यह याचिका चार अभिभावकों ने अमित बाथला, चारु सिंह, पूनम सिंगला और सुनीता ने दायर की थी। इन अभिभावकों के बच्चे 12वीं कक्षा के छात्र हैं। याचिका में सीबीएसई की बची हुई परीक्षा के नये शेड्यूल को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि सीबीएसई 12वीं का रिजल्ट पूर्व की परीक्षा और उसके औसत आधार पर जारी करे क्योंकि कोरोना वायरस का संक्रमण काफी तेजी से फैलने की वजह से छात्रों को परीक्षा देने के लिए बड़ी संख्या में परीक्षा केन्द्रों पर बुलाना काफी जोखिम भरा है। याचिका में यह भी हवाला दिया गया था कि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने भी अपने फर्स्ट ईयर और सेकंड ईयर की परीक्षा को रद्द कर दिया है। यहां तक कि आईआईटी ने भी अपनी फाइनल ईयर की परीक्षाएं भी रद्द कर दी हैं। कुछ राज्यों ने यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं भी रद्द कर दी हैं। इस पर कोर्ट ने 17 जून को केंद्र और सीबीएसई को नोटिस जारी करके अभिभावकों की मांग पर विचार करके जवाब मांगा था। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 1 जुलाई से होनेवाली परीक्षा रद्द करके आज कोर्ट को बताया कि मार्किंग की नई व्यवस्था समेत बाकी बातों पर कल तक अधिसूचना जारी हो जाएगी।
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25 June 2020भोपाल। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में रोजाना हो रही बढ़ोत्तरी के विरोध में कांग्रेस के हमले जारी है। एक दिन पहले ही कांग्रेस ने साइकिल रैली और धरने प्रदर्शन कर इसका विरोध किया था। कांग्रेस की इस साइकिल रैली को भाजपा ने पॉलिटिकल ड्रामा बताया था। अब पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा है कि उन्हें केन्द्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन करना चाहिए और जनता के हित में पेट्रोल डीजल के दामों में राहत की मांग करनी चाहिए। कमलनाथ ने यूपीए सरकार के समय पेट्रोल- डीजल की मूल्यवृद्धि पर सीएम शिवराज द्वारा सप्ताह में एक दिन साइकिल से मंत्रालय आने की घोषणा की याद दिलाते हुए कहा कि ‘आज 19 वें दिन भी पेट्रोल- डीजल की कीमत में वृद्धि। जनता पर निरंतर महंगाई की मार। पिछले 19 दिनो के दौरान पेट्रोल 8.66 रुपये और डीजल 10.62 रुपये प्रति लीटर महँगा हुआ है। शिवराज जी आपने यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल- डीजल की मूल्यवृद्धि पर जून 2008 में घोषणा की थी कि आप सप्ताह में एक दिन साइकल से मंत्रालय जाएँगे और आपने अपने मंत्रियो से व अधिकारियों से भी यही गुजारिश की थी। ढेरों साइकलें इस दौरान खऱीदी गयी। आपने विरोध स्वरूप साइकल भी चलायी। अब कहाँ गयी वो सारी साइकलें? क्या जंग खा गयी या पंचर हो गयी? कमलनाथ ने सीएम शिवराज से केन्द्र का विरोध करने का सुझाव देते हुए कहा कि प्रदेश की जनता मूल्यवृद्धि से हाहाकार कर रही है, उनके प्रति कहाँ गया आपका प्रेम? उठिये, जागिये, चलाइये साइकल, करिये मूल्यवृद्धि का विरोध, प्रदेश की जनता को राहत देने के लिये हिम्मत दिखाइये, करिये विरोध केन्द्र सरकार का, करिये माँग राहत की। सत्ता हो या विपक्ष अपना आचरण एक जैसा रखिये, प्रदेश हित को सर्वोपरि रखिये।
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25 June 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में एक जुलाई से डोर-टू- डोर स्वास्थ्य सर्वे के कार्य की जिलों में तैयारियां पूर्ण करें। सर्वे दल के गठन, उन्हें प्रशिक्षण और सर्वे कार्य के संबंध में आवश्यक मार्गदर्शन दिया जाए। जिला कलेक्टर्स के साथ ही विभिन्न संभागों के लिए समीक्षा का दायित्व निभा रहे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सर्वे कार्य की तैयारियों को सुनिश्चित करें। यह निर्देश मुख्यमंत्री ने गुरुवार को मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंस द्वारा प्रदेश में कोरोना नियंत्रण की समीक्षा करते हुए दिए। इस दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान उपस्थित रहे। कान्फ्रेंस के दौरान बताया गया कि प्रदेश में कोरोना का ग्रोथ रेट 1.46 प्रतिशत है जो अन्य प्रांतों से सबसे कम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में टेस्टिंग की सुविधाओं में वृद्धि, उपचार के लिए बिस्तर क्षमता बढ़ाने, सोशल डिस्टेसिंग के पालन और फीवर क्लीनिक के संचालन से वायरस को नियंत्रित करने में सफलता मिली है। प्रदेश में कोरोना ग्रोथ रेट को कम करने के प्रयास सफल हुए है, जिसका मतलब है कि संक्रमण रोकने में मध्यप्रदेश ज्यादा सफल रहा है। चौहान ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि कान्टेक्ट हिस्ट्री पर नजर रखने का कार्य लगातार होना चाहिए और पॉजीटिव रोगियों की संख्या भी कम होकर शून्य तक आना चाहिए। उन्होंने स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. संजय गोयल को निर्देश दिए कि प्रदेश में रोगियों के स्वास्थ्य में पूर्ण सुधार हो और उन्हें रोग की गंभीर स्थिति से बचाने के पूरे प्रयास हों। समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि प्रदेश में बुधवार को 6617 टेस्ट संपन्न हुए हैं। प्रदेश में उपलब्ध रोगी बिस्तर क्षमता का उपयोग भी कम हो रहा है। सामान्य बेड, आईसीयू बेड पर्याप्त हैं, जिनका प्रबंध संक्रमण बढ़ने की आशंका को ध्यान में रखकर किया गया था। इन्दौर जिले में 16 प्रतिशत जनरल वार्ड और 30 प्रतिशत आईसीयू वार्ड का उपयोग हो रहा है। भोपाल में मात्र 15 प्रतिशत आईसीयू वार्ड भरे हुए हैं। इन्दौर और भोपाल जिलों को छोड़कर प्रदेश के अन्य जिलों में औसतन जनरल बेड 9 प्रतिशत और आईसीयू बेड 6 प्रतिशत ही उपयोग में लाये जा रहे हैं। कुल 76.4 प्रतिशत रिकवरी रेट के साथ मध्यप्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है। भारत के बड़े प्रांतों में एक्टिव केस संख्या की दृष्टि से मध्यप्रदेश की स्थिति काफी ठीक हुई है। इस समय मध्यप्रदेश 2441 एक्टिव केस के साथ 13वें नंबर पर है। मध्यप्रदेश का पॉजीविटी रेट देश के पॉजीविटी रेट 6.26 से काफी कम 3.92 प्रतिशत है। प्रदेश का डब्लिंग रेट 47.7 दिवस है जो अन्य बड़े राज्यों में ज्यादा है। इसका अर्थ है कि प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार को कम करने में ज्यादा सफलता मिली है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने धार और जबलपुर जिलों की पृथक समीक्षा की। कोन्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 47 जिलों में कम से कम एक एक्टिव केस और 23 जिलों में 10 से कम एक्टिव केस हैं। पांच जिलों में एक भी एक्टिव केस नहीं है। प्रदेश में अभी 1119 कन्टेनमेंट क्षेत्र हैं। इनमें 7.63 लाख आबादी निवासरत है। प्रदेश में करीब 9 हजार पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा कोविड-19 में दायित्व निर्वहन किया जा रहा है। गेहूं और चने के लिए किसानों को मिला 25 हजार 855 करोड़ का भुगतान प्रदेश में उपार्जित गेहूं और चने के लिए किसानों को राशि के भुगतान के कार्य की समीक्षा भी मुख्यमंत्री चौहान ने की। प्रमुख सचिव खाद्य शिव शेखर शुक्ला और प्रमुख सचिव कृषि अजीत केसरी ने प्रदेश में उपार्जित गेहूं और चने के परिवहन और सुरक्षित भंडारण की जानकारी दी। मुख्यमंत्री चौहान ने उपार्जित गेहूं और चने की राशि के भुगतान की जानकारी भी प्राप्त की। बताया गया कि प्रदेश में गेहूं के लिए किसानों के खाते में 23 हजार 455 करोड़ और चने के लिए 2 हजार 400 करोड़ अर्थात कुल 25 हजार 855 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
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25 June 2020भोपाल। पेट्रोल- डीजल के बढ़ते दामों के विरोध में आज कांग्रेस प्रदेशभर में सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करेगी। राजधानी भोपाल और इंदौर में कांग्रेस साइकिल रैली निकाल कर पेट्रोल- डीजल के बढ़ते दाम का विरोध करेगी। इंदौर में साइकिल रैली का नेतृत्व पूर्व मंत्री जीतू पटवारी करेंगे। वही राजधानी भोपाल में कांग्रेस महासचिव और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह विरोध प्रदर्शन करते हुए साइकिल से सीएम हाउस पहुंचेगे और ज्ञापन सौपेंगे। भोपाल के रोशनपुरा चौराहे से कांग्रेस की साइकिल रैली शुरू होगी। दिग्विजय सिंह के साइकिल प्रदर्शन पर मप्र के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कटाक्ष किया है। उन्होंने इसे दिग्विजय सिंह का पालिटिकल ड्रामा बताया है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दिग्विजय सिंह के साईकिल प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि दो तरह की सोच काम करती हैं। एक वह सोच जो झूठ बोलकर जनता का ध्यान बांटने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में 5 रुपए डीजल- पेट्रोल कम करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि अगर हिम्मत है तो साईकल पर बैठने से पहले दिग्गविजय सिंह जनता से माफी मांगे। यह स्वीकार करें कि हमने झूठ बोला था फिर ज्ञापन देने जाए। आगे अपने बयान में मंत्री मिश्रा ने तंज कसते हुए दिग्विजय सिंह के साईकल स्टैंड को पॉलिटिकल ड्रामा बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने राज में तेल के दाम कम नहीं किये थे बल्कि 2 रुपए बढ़ाए थे। और वह 2 रुपए तेल पर बढ़ाकर जैकिलन और सलमान पर कमलनाथ सरकार खर्च कर रही थी। यह दो सोच है, एक सोच बहुजन, हिताय बहुजन सुखाय, जिसमें भाजपा सरकार तेल के दाम बढ़ाकर कोरोना पर खर्च करती हैं। एक सोच जैकलीन और सलमान वाली थी, जिसमें कांग्रेस दाम बढ़ाकर आईफा पर खर्च कर रही थी। गौरतलब है कि दो दिन पूर्व ही पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सरकार को पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन करने की धमकी थी। जिसके बाद अब मध्यप्रदेश कांग्रेस आज सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी आंदोलन करने जा रही है।
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24 June 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में एक जुलाई से किल कोरोना अभियान चलाया जाएगा। भोपाल से अभियान की शुरुआत की जाएगी। प्रदेश के सभी जिलों में वायरस नियंत्रण और स्वास्थ्य जागरूकता के इस महत्वपूर्ण अभियान में सरकार और समाज साथ-साथ कार्य करेंगे। किल कोरोना अभियान प्रत्येक परिवार को कवर करेगा। इसके लिए दल गठित किए जा रहे हैं। कोविड मित्र भी बनाये जायेंगे, जो स्वैच्छिक रूप से इस अभियान के लिये कार्य करेंगे। यह जानकारी मुख्यमंत्री चौहान ने बुधवार को कमिश्नर-कलेक्टर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिए। साथ ही निर्देश दिए कि वे इस अभियान के लिए आवश्यक तैयारियां अभी से प्रारंभ कर दें। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि जिलों और संभागों में आईजी और कमिश्नर्स भी कोरोना नियंत्रण पर निगाह रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के करीब 14 हजार महिला और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं पर सर्वे कार्य की अहम जिम्मेदारी रहेगी। कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य और गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। डोर-टू-डोर सर्वे में सभी का सहयोग प्राप्त करें मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश को कोरोना के नियंत्रण में अन्य राज्यों की तुलना में सफलता भी मिली है। लेकिन सजगता का स्तर बना रहे और सभी आवश्यक उपायों को अपनाते रहें, यह बहुत आवश्यक है। चौहान ने कहा कि कोरोना वायरस को समाप्त कर ही हमें चैन की साँस लेना है। प्रदेश में अब डोर-टू-डोर विस्तृत सर्वे के माध्यम से संदिग्ध रोगी की शीघ्र पहचान और उपचार का कार्य अधिक आसान हो जायेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि जिलों में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के सदस्यों के साथ ही सभी का सहयोग लेते हुए अभियान को गति दी जाए। वायरस के पूर्ण नियंत्रण की रणनीति के साथ कार्य करना है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में ग्रोथ रेट और एक्टिव प्रकरणों की संख्या कम है। मध्यप्रदेश 76.1 प्रतिशत रिकवरी रेट के साथ देश में दूसरे क्रम पर है। वायरस के इस स्प्रेड को रोकने में कामयाबी मिली है। आमजन भी बने सहयोगी मुख्यमंत्री चौहान ने आमजन से भी अपील की है कि 'किल कोरोना अभियान'' में अपना सहयोग प्रदान करें। घर-घर पहुंच रहे सर्वे दल को आवश्यक जानकारी देकर सहयोग करें। इस सर्वे में महिला और पुरुष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता शामिल रहेंगे। सर्दी-खांसी जुकाम के साथ ही डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि के लक्षण पाये जाने पर भी जरूरी परामर्श और उपचार नागरिकों को मिल सकेगा। सार्थक एप का उपयोग कर इन जानकारियों की प्रविष्टि की जाएगी। कुल दस हजार दल कार्य करेंगे। सर्वे दल अनुमानित दस लाख घरों में रोज जाएंगे। एक दल करीब 100 घरों तक पहुंचेगा। राज्य की शत-प्रतिशत आबादी को इस सर्वे से कवर किया जाएगा। स्वास्थ्य शिक्षा देने का कार्य भी साथ-साथ चलेगा। विभिन्न तरह की प्रचार सामग्री और प्रत्यक्ष सम्पर्क कर नागरिकों को सर्वे दल के आने की सूचना देने का कार्य एडवांस टीम द्वारा किया जाएगा। इन कार्यों में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए नागरिकों से सहयोग प्राप्त किया जाएगा। ग्वालियर में रोग नियंत्रण प्रयासों की प्रशंसा मुख्यमंत्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में ग्वालियर जिले में कोरोना वायरस के नियंत्रण के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कलेक्टर को बधाई दी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि ग्वालियर इस क्षेत्र में अच्छे कार्य का एक उदाहरण बना है। उन्होंने अन्य जिलों में भी निरंतर पूरी ऊर्जा से वायरस नियंत्रण के साथ-साथ टेस्टिंग सुविधा, उपचार, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखे जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना के टेस्ट की रिपोर्ट और कम समय में आ जाये, ऐसे प्रयास किये जायें। इससे पॉजीटिव पाये गये रोगी के शीघ्र और पूर्ण सफल उपचार में आसानी होगी। 3 लाख को दी गई विशेष ट्रेनिंग प्रदेश में करीब 3 लाख लोगों को कोविड-19 के दृष्टिगत जांच, उपचार, क्वांरेंटाइन, सर्वेलांस, संक्रमित क्षेत्र के लिए आवश्यक सावधानियाँ बरतने, सोशल डिस्टेंसिंग आदि का प्रशिक्षण दिया गया है। प्रशिक्षित लोगों में चिकित्सक, नर्स, स्वास्थ्य कार्यकर्ता आदि शामिल हैं।कोविड से संबंधित कार्यों की इस ट्रेनिंग में आशा वर्कर्स और वालंटियर्स भी शामिल हैं। नौ हजार की क्षमता हो गई प्रतिदिन बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर नियंत्रित किया गया है। इस समय नौ हजार की क्षमता हो गई है। प्रतिदिन बढ़ती जाँच क्षमता के कारण पॉजीटिव रोगियों के सामने आने और उन्हें उपचार के बाद स्वस्थ करने के कार्य में आसानी हुई है। इसलिए मध्यप्रदेश रिकवरी रेट में काफी आगे है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने जानकारी दी कि प्रदेश में चिकित्सा महाविद्यालयों के नए उपकरणों के स्थापित होने से शीघ्र ही 16 हजार से अधिक टेस्टिंग की सुविधा विकसित हो जाएगी। प्रदेश में किए गए प्रबंध आवश्यकता से काफी अधिक कोरोना पॉजीटिव रोगियों को कोविड केयर सेंटर में दाखिल करने के लिए प्रदेश में जो उपलब्ध बिस्तर क्षमता है उसका 20 प्रतिशत ही उपयोग किया जा रहा है। कॉन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए बताया गया कि प्रदेश में कुल 24 हजार 235 जनरल बेड, 8 हजार 924 ऑक्सीजन बेड और एक हजार 105 आई.सी.यू. बेड उपलब्ध हैं। शासकीय और निजी अस्पतालों में प्रदेश में वायरस के प्रसार की आशंका के कारण यह क्षमता विकसित की गई। इसका एक चौथाई से कम ही उपयोग में आ रहा है। प्रदेश के जिला अस्पतालों में जुलाई माह के अंत तक कुल 956 आई.सी.यू. बेड उपलब्ध रहेंगे। इसी तरह मेडिकल कॉलेज में इनकी संख्या 777 हो जायेगी। जिला और मेडिकल कॉलेज में मिलाकर अगले माह के अंत तक करीब 12 हजार ऑक्सीजन बेड उपलब्ध होंगे। बताया गया कि प्रदेश में तीन माह में मिले करीब 12 हजार पॉजीटिव प्रकरणों में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का कार्य भी पूर्ण हो गया है। यह इंदौर और ग्वालियर में 99 और 98 प्रतिशत तथा भोपाल, उज्जैन और बुरहानपुर में 100 प्रतिशत है। प्रदेश में 22 जून की स्थिति में 912 फीवर क्लीनिक कार्य कर रही हैं। इन क्लीनिक्स में आये रोगियों में से 77 प्रतिशत रोगियों को घर में आयसोलेट रहने का परामर्श दिया गया। प्रदेश में औसतन प्रति क्लीनिक 3019 रोगी पहुंचे हैं। इनमें सर्वाधिक भोपाल के नागरिक जागरूक हैं, जो प्रति क्लीनिक औसतन 304 की संख्या में जाकर परामर्श प्राप्त कर चुके हैं। प्रदेश का ग्रोथ रेट सबसे कम कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि प्रदेश की ग्रोथ रेट 1.43 है। यह सभी राज्यों से बेहतर है। वैसे तो प्रदेश में गत 5 सप्ताह से वायरस के नियंत्रण में तेजी आयी है, लेकिन निरंतर प्रत्येक स्तर पर किये गये प्रयासों से प्रदेश की स्थिति बेहतर बन सकी है। देश की आबादी में कभी मध्यप्रदेश के 6 प्रतिशत रोगी होते थे जो आज मात्र 1.3 प्रतिशत ही हैं। इंदौर नगर से देश के कुल कोविड रोगियों में 6.3 प्रतिशत शामिल थे, जो अब मात्र 01 प्रतिशत हैं। भोपाल और उज्जैन नगरों में भी नियंत्रण के प्रयास काफी सफल हुए हैं। एक्टिव प्रकरणों में जहाँ भारत का प्रतिशत 40 है वहीं मध्यप्रदेश में सिर्फ 19 प्रतिशत एक्टिव प्रकरण ही शेष हैं। इसका अर्थ है वायरस की तीव्रता भी कम हो रही है और मध्यप्रदेश संक्रमण का प्रकोप रोकने में अधिक सफल है। प्रदेश के 33 जिलों में 10 से कम एक्टिव केस हैं। समुदाय आधारित प्रयासों पर होगा अमल कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मिशन की प्रबंध संचालक छवि भारद्वाज ने प्रजेंटेंशन में बताया कि सार्थक एप की उपयोगिता बढ़ रही है। प्रदेश के नागरिकों के स्वास्थ्य सर्वे में यह एप महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। कोविड मित्र की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। समुदाय आधारित प्रयासों से सर्विलेंस आसान होगा। जिला प्रशासन ऐसे स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं को शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड मित्र का दायित्व दे सकता है, जो 45 वर्ष की आयु से कम हों। इस कार्य में स्वैच्छिक संगठन भी जुड़ेंगे।
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24 June 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में सिंचाई के लिए किसानों को 10 घंटे बिजली एवं घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली मिले यह सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश में जरूरत से अधिक बिजली उपलब्ध है, अत: बिजली आपूर्ति में कमी नहीं आनी चाहिये। इसके लिए बिजली विभाग सिस्टम ठीक करे, व्यवस्थाएं सुधारे। मेटेनेंस कार्य निरंतर जारी रहें। यह निर्देश मुख्यमंत्री ने बुधवार को मंत्रालय में बिजली विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए दिए। बैठक में मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कृषि पंपों के लिए दिए जाने वाली बिजली संबंधी सहायता की राशि सीधे किसानों के खातों में डाली जाएगी। अत: यह सुनिश्चित किया जाए कि लाभ लेने वाला हर किसान बिजली का बिल भरे। बिजली की चोरी सख्ती से रोकी जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हमारी आवश्यकता से अधिक बिजली उपलब्ध है। हमारी क्षमता 21 हजार मेगावॉट की है, जबकि गत वर्ष एक दिन में अधिकतम बिजली 14 हजार 555 मेगावॉट खर्च हुई। इस वर्ष अधिकतम संभावित आवश्यकता 16 हजार मेगावॉट होगी। मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त बिजली को अन्य राज्यों को देने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि लॉकडाउन के कारण बिजली की खपत में 10 से 15 प्रतिशत की कमी आई है। अच्छी बारिश के कारण भी बिजली की मांग में कमी आई है। मुख्य श्री इकबाल सिंह बैंस ने निर्देश दिए कि मध्य क्षेत्र में ट्रिपिंग बढ़ी है। वहां की स्थिति सुधारी जाए, सर्वाधिक शिकायतें मध्य क्षेत्र से आ रही हैं। प्रमुख सचिव संजय दुबे ने बताया कि प्रदेश में बिजली की शिकायतों के त्वरित निवारण की व्यवस्था की गई है। बिजली संबंधी शिकायतों का निराकरण एक घंटे में कर दिया जाता है। साथ ही खराब ट्रांसफार्मर एक से 3 दिन में बदल दिए जाते हैं। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव संजय दुबे, मनीष रस्तोगी, आकाश त्रिपाठी उपस्थित रहे।
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24 June 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में मंगलवार को मंत्री मंडल सदस्यों को विद्युत उपभोक्ताओं और नागरिकों को कोविड 19 के संकट में विभिन्न योजनाओं में दिए आर्थिक लाभ और राहत की जानकारी विस्तार से दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के कारण आर्थिक क्षेत्र प्रभावित हुआ है। लोगों की तकलीफ को कम करने के लिए राज्य सरकार ने समय पर प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिए उन्हें राहत पहुंचाते हुए राशियों के ऑनलाइन भुगतान की व्यवस्था की। इससे कोविड-19 के संकट काल में आमजन को प्रत्यक्ष लाभ मिला है। बैठक में मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, कमल पटेल, गोविंद सिंह राजपूत और मीना सिंह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस उपस्थित रहे। बैठक में बताया गया कि लॉक डाउन अवधि में समाज के विभिन्न वर्गों तक राहत के लिए राशि का भुगतान किया गया। प्रमुख रूप से 24 विभागों ने छात्रवृत्ति, पेंशन, श्रमिक और किसान कल्याण योजनाओं में 38 हजार करोड़ रुपए की राशि पहुंचाने का कार्य किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने कुछ अवसरों पर खुद सहारिया, बैगा, भारिया आदिवासियों सहित प्रवासी श्रमिकों, छात्रों और विभिन्न योजनाओं के अन्य हितग्राहियों से विभिन्न वीडियो कांफ्रेंस से संवाद करते हुए उनके खाते में राशि जमा करवाई। योजना और आवंटित राशि का विवरण सामाजिक सुरक्षा पेंशन के 562.34 करोड़, तीन विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए 44.60 करोड़, मुख्यमंत्री प्रवासी मजदूर सहायता योजना में 14.81 करोड़, श्रम सिद्धि अभियान और मनरेगा के अंतर्गत 1862 करोड़, फसल बीमा योजना के 2981 करोड़, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना जो भारत सरकार की योजना है, में 1500 करोड़, स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत मध्यान्ह भोजन योजना में 87.49 लाख विद्यार्थियों को 263 करोड़ और रसोइयों के खातों में 84 करोड़ की राशि दी गई। इसी तरह छात्रवृत्ति की योजनाओं में 51 लाख विद्यार्थियों को 475.30 करोड़ दिए गए। गेहूँ उपार्जन के फलस्वरुप करीब 16 लाख किसानों को 24,000 करोड़ की राशि प्रदान की गई है। इसके साथ ही चना सरसों और मसूर की खरीदी पर लगभग 3 लाख किसानों को 2762 करोड़ रुपए की राशि दी गई। तेंदूपत्ता संग्राहकों को 477 करोड़, संबल योजना में 24 हजार से अधिक हितग्राहियों को 137.41 करोड़, करीब नौ लाख निर्माण श्रमिकों 177 करोड़ की राशि दी गई। प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना में 36 करोड़ की राशि दी गई।अलाडली लक्ष्मी योजना में 12.27 करोड़, मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान निधि में 8.24 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना में शहरी क्षेत्र के लिए 82.41 करोड़ और ग्रामीण क्षेत्र के लिए 451 करोड़ की राशि दी गई। अध्यात्म विभाग द्वारा शासकीय देव स्थानों के पुजारियों के लिए 6 करोड़, बिजली उपभोक्ताओं को 623 करोड़ की राशि प्राप्त हो रही है। इसके अलावा जीवन अमृत योजना में दवा और काढ़ा वितरण पर 35 करोड़ की राशि प्रदान की गई। अन्य योजनाओं में पंच-परमेश्वर योजना में 70 करोड़, निराश्रितों, प्रवासी मजदूरों को खाद्यान्न प्रदाय पर 120.96 करोड़, कोराना संकट के फलस्वरूप अन्य प्रदेशों से आए मजदूरों के राहत शिविरों के प्रबंध के लिए जिलों को 21 करोड़ के आवंटन के साथ ही प्रवासी श्रमिकों की परिवहन व्यवस्था के लिए 47 करोड़ दिए गए। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को खाद्यान्न आपूर्ति और अग्रिम राशन प्रदाय की व्यवस्था की गई। कुल 7.71 लाख मीट्रिक टन गेहूँ और चावल वितरित किया गया। राज्य सरकार ने पंच-परमेश्वर योजना में 1555 करोड़ की राशि और 15वें वित्त आयोग में नगरीय निकायों को 330 करोड़ रुपये आवंटित किये गए। इसके साथ ही अध्यात्म विभाग द्वारा मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए दी गई राशि 2.46 करोड़ शामिल है। बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत का महत्वपूर्ण फैसला प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को कोविड-19 के संकट के समय बड़ी राहत देते हुए महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। इनके अन्तर्गत विभिन्न श्रेणी के विद्युत उपभोक्ताओं को लाभांवित करने का कार्य प्रारंभ हुआ है। बताया गया कि 30.68 लाख संबल योजना के हितग्राही जिनके अप्रैल महीने के बिजली के बिल की राशि 100 रुपये तक है, उन्हें मई, जून और जुलाई महीनों में 100 रुपये तक का बिल आने पर सिर्फ 50 रुपये प्रतिमाह देना होगा। यह छूट राशि 46 करोड़ रुपये है। अप्रैल माह में जिन घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल 100 रुपये तक आये हैं, उनके मई, जून और जुलाई महीनों के बिल 400 रुपये तक आने पर सिर्फ 100 रुपये प्रतिमाह देना होगा। इस श्रेणी के उपभोक्ताओं की संख्या 56 लाख और छूट की राशि 255 करोड है। इसी तरह ऐसे घरेलू उपभोक्ता जिनके अप्रैल महीने के बिजली का बिल 400 रुपये तक आया है उन्हें मई, जून और जुलाई महीनों के बिजली बिल 400 रुपये से अधिक आने पर देयक की राशि का50 प्रतिशत ही भुगतान करना होगा। इस श्रेणी के उपभोक्ताओं की संख्या 7.71 लाख और छूट राशि 183 करोड़ रुपये है। शेष 50 प्रतिशत राशि के भुगतान का फैसला देयक की जाँच के बाद किया जायेगा। प्रमुख सचिव ऊर्जा ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से मंत्रिमण्डल सदस्यों को विद्युत उपभोक्ताओं के लिए घोषित राहत के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि, सभी श्रेणियों के लाभांवित उपभोक्ताओं की संख्या 95 लाख और छूट राशि 623 करोड रुपये है। उपभोक्ताओं को एसएमएस भेजकर भी राहत की जानकारी देने का कार्य शुरू किया गया है। विद्युत देयकों के साथ ही संदेश पहुँचाया जा रहा है।
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23 June 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज कैबिनेट के विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज है। जिसे लेकर भाजपा में बैठकों का दौर जारी है। लेकिन राज्यपाल लालजी टण्डन की तबीयत खराब होने के कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं। पहले कोरोना के चलते मंत्रिमंडल का विस्तार अटक गया था, अब राज्यपाल की अस्वस्थता इसमें अवरोध बनी हुई है। ऐसे में अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं कि अब मध्यप्रदेश में कार्यवाहक राज्यपाल नियुक्त कर मंत्रिमंडल का विस्तार किया जा सकता है। बताया जा रहा है कि राज्यपाल लालजी टंडन के अस्वस्थ होने के कारण मप्र में मंत्रिमंडल विस्तार अब कार्यवाहक राज्यपाल बनाकर होगा। इसके लिए छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूइया उइके को मप्र का अतिरिक्त प्रभार सौंपा जा सकता है। इसी सप्ताह उन्हें मप्र की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है। बता दें कि जून के शुरुआत में ही राज्यपाल लालजी टण्डन अवकाश पर लखनऊ गए थे, जहां उनकी तबीयत खराब हो गई, जिसके चलते उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया है। बताया गया है कि उन्हें वेटिंलेटर पर रखा गया है। मीडिया के मुताबिक, उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है, लेकिन अस्वस्थता के चलते वे जल्द लौटने की स्थिति में नहीं हैं, इसलिए प्रदेश में कार्यवाहक राज्यपाल बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। ताकि मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार का अवरोध समाप्त हो सके।
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23 June 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 75 फीसदी से अधिक है। इसके बाद भी नये मामलों में कमी नहीं आ रही है। यहां अब चार जिलों में 69 नये मामले सामने आए हैं, जबकि दो लोगों की मौत हुई है। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या 12 हजार 147 हो गई है। वहीं, प्रदेश में कोरोना से अब तक 523 लोगों की मौत हो चुकी है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने मंगलवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा सोमवार देर रात 1588 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की, जिनमें 54 पॉजिटिव मिले हैं। वहीं, कोरोना से दो लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। इसके बाद जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 4427 है, जबकि मरने वालों की संख्या 203 हो गई है। इसके अलावा धार में नौ, उज्जैन में चार और बालाघाट में दो नये संक्रमित मिले हैं। इन 69 नये मामलों के बाद अब राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 12,147 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 4427, भोपाल 2527, उज्जैन 848, खंडवा 287, बुरहानपुर 390, जबलपुर 360, खरगौन 263, धार 155, ग्वालियर 292, नीमच 427, मंदसौर 101, सागर 292, मुरैना 172, देवास 205, रायसेन 98, भिंड 150, बड़वानी 80, होशंगाबाद 41, रतलाम 137, रीवा 43, विदिशा 42, बैतूल 46, सतना 24, छतरपुर 53, डिंडौरी 30, दमोह 30, आगरमालवा 16, झाबुआ 15, अशोकनगर 43, शाजापुर 49, सीधी 19, सिंगरौली 15, दतिया 21, शहडोल 16, बालाघाट 20, श्योपुर 64, शिवपुरी 24, टीकमगढ़ 29, छिंदवाड़ा 32, नरिसंहपुर 27, सीहोर 12, उमरिया 10, पन्ना 26, अलीराजपुर 03, अनूपपुर 29, हरदा 25, राजगढ़ 80, गुना 12, मंडला 06, सिवनी 11 निवाड़ी 08 और कटनी 15 मरीज शामिल हैं। वहीं, इंदौर में हुई दो मौतों के बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 523 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 203, भोपाल 85, उज्जैन 69, बुरहानपुर 23, खंडवा 17, जबलपुर 14, खरगौन 14, ग्वालियर 02, धार 05, मंदसौर 09, नीमच 07, सागर 18, देवास 10, रायसेन 05, होशंगाबाद 03, सतना 02, आगरमालवा 01, झाबुआ 01, अशोकनगर 01, शाजापुर 03, दतिया 01, छिंदवाड़ा 02, सीहोर 02, उमरिया 01, रतलाम 06, बड़वानी 03 मुरैना 01, राजगढ़ 05, श्योपुर 02, टीमकगढ़ 01, रीवा 01, गुना 01, हरदा 01, कटनी 02, सीधी 01 और मंडला का एक व्यक्ति शामिल है। हालांकि, यहां अब तक 9215 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। अब प्रदेश में कोरोना के सक्रिय प्रकरण 2411 हैं।
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23 June 2020भोपाल। राजधानी भोपाल के गैस पीडि़तों के लिए कोरोना खतरनाक साबित हो रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना का असर पूर्व से किसी बीमारी से ग्रस्त लोगों पर ज्यादा होता है। वहीं 11 जून की स्थिति में कोरोना से भोपाल में मरने वालों कीद संख्या 60 थी, इनमें 48 (74 फीसदी) गैस पीडि़त थे। जिन्हें पूर्व में ही किसी स्वास्थ्य संबंधी बीमारी थी। यह खुलासा गैस पीडि़त संगठनों ने किया है। गैस पीडि़तों की कोरोना से सबसे ज्यादा हो रही मौतों को स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए है। गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत करते हुए गैस पीडि़तों की कोरोना से सबसे ज़्यादा मौतें होने पर कहा कि भोपाल में मॉडल बनाकर अगले हफ्ते से घर- घर जा कर सर्वे होगा। साथ ही सभी टीम एक ही दिन में सभी वार्डो में जाकर सर्वे करेगी, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा। प्रदेश मेें कोरोना की स्थिति को लेकर मंत्री मिश्रा ने कहा कि मध्यप्रदेश में रिकवरी रेट 76 प्रतिशत है। स्वास्थ्य सेवाओं में लगातार सुधार हो रहा है। कल 175 नए केस आये थे तो 200 से ज़्यादा लोग स्वास्थ्य हो कर घर गए है। पॉजिटिव केस से ठीक होने वालो की संख्या ज़्यादा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हर दिन 6 से 7 हजार टेस्टिंग की जा रही है। इसके अलावा डीज़ल पेट्रोल के बढ़ते दामों पर कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देते हुए मंत्री नरोत्तम मिश्रा कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पेट्रोल- डीजल सस्ता करने की बात कही थी। विपक्ष को सवाल पूछने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि शीशे के घर वाले दूसरों के घर पर पत्थर न फेंके।
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23 June 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 75 फीसदी से अधिक है। इसके बाद भी नये मामलों में कमी नहीं आ रही है। यहां अब चार जिलों में 69 नये मामले सामने आए हैं, जबकि दो लोगों की मौत हुई है। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या 12 हजार 147 हो गई है। वहीं, प्रदेश में कोरोना से अब तक 523 लोगों की मौत हो चुकी है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने मंगलवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा सोमवार देर रात 1588 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की, जिनमें 54 पॉजिटिव मिले हैं। वहीं, कोरोना से दो लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। इसके बाद जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 4427 है, जबकि मरने वालों की संख्या 203 हो गई है। इसके अलावा धार में नौ, उज्जैन में चार और बालाघाट में दो नये संक्रमित मिले हैं। इन 69 नये मामलों के बाद अब राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 12,147 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 4427, भोपाल 2527, उज्जैन 848, खंडवा 287, बुरहानपुर 390, जबलपुर 360, खरगौन 263, धार 155, ग्वालियर 292, नीमच 427, मंदसौर 101, सागर 292, मुरैना 172, देवास 205, रायसेन 98, भिंड 150, बड़वानी 80, होशंगाबाद 41, रतलाम 137, रीवा 43, विदिशा 42, बैतूल 46, सतना 24, छतरपुर 53, डिंडौरी 30, दमोह 30, आगरमालवा 16, झाबुआ 15, अशोकनगर 43, शाजापुर 49, सीधी 19, सिंगरौली 15, दतिया 21, शहडोल 16, बालाघाट 20, श्योपुर 64, शिवपुरी 24, टीकमगढ़ 29, छिंदवाड़ा 32, नरिसंहपुर 27, सीहोर 12, उमरिया 10, पन्ना 26, अलीराजपुर 03, अनूपपुर 29, हरदा 25, राजगढ़ 80, गुना 12, मंडला 06, सिवनी 11 निवाड़ी 08 और कटनी 15 मरीज शामिल हैं। वहीं, इंदौर में हुई दो मौतों के बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 523 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 203, भोपाल 85, उज्जैन 69, बुरहानपुर 23, खंडवा 17, जबलपुर 14, खरगौन 14, ग्वालियर 02, धार 05, मंदसौर 09, नीमच 07, सागर 18, देवास 10, रायसेन 05, होशंगाबाद 03, सतना 02, आगरमालवा 01, झाबुआ 01, अशोकनगर 01, शाजापुर 03, दतिया 01, छिंदवाड़ा 02, सीहोर 02, उमरिया 01, रतलाम 06, बड़वानी 03 मुरैना 01, राजगढ़ 05, श्योपुर 02, टीमकगढ़ 01, रीवा 01, गुना 01, हरदा 01, कटनी 02, सीधी 01 और मंडला का एक व्यक्ति शामिल है। हालांकि, यहां अब तक 9215 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। अब प्रदेश में कोरोना के सक्रिय प्रकरण 2411 हैं।
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23 June 2020भोपाल। पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि लगातार जारी है। इसका असर पूरे देश के साथ-साथ मध्यप्रदेश में भी पड़ा है। राजधानी भोपाल में पेट्रोल में प्रति लीटर 35 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह डीजल के दाम में भी वृद्धि हुई है। भोपाल में डीजल की कीमत में प्रति लीटर 56 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। पेट्रोल-डीजल के नए रेट रविवार मध्यरात्रि से लागू हो गए हैं। देश के अन्य शहरों के साथ-साथ भोपाल में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार 16वें दिन बढ़ी। राजधानी में इसी महीने 6 जून को पेट्रोल जहां 77.56 रुपये प्रति लीटर और डीजल 68.27 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था, वहीं 22 जून तक तेल के दाम में लगभग 10 रुपये की बढ़ोतरी देखी जा रही है। दरअसल, 16 मार्च से लेकर 6 जून तक सरकार ने लॉकडाउन के कारण पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए थे, लेकिन लॉकडाउन खत्म होते ही अब ईंधन के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इस कारण मध्य प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छूते दिख रहे हैं। ताजा वृद्धि के बाद रविवार मध्यरात्रि से राजधानी में पेट्रोल के दाम अब प्रति लीटर 87.19 रुपये हो गये हैं। वहीं, शहर में डीजल की कीमत प्रति लीटर 78.35 रुपये हो गई है। बढ़ेगी महंगाई इससे पहले राज्य सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल पर अतिरिक्त टैक्स लगाते हुए एक-एक रुपये का इजाफा किया था। पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बाद अब मध्यप्रदेश में जरूरी वस्तुओं की सप्लाई पर भी इसका असर पड़ना तय माना जा रहा है। मध्यप्रदेश में जरूरी चीजों की सप्लाई से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि डीजल के दाम बढ़ने का असर ट्रांसपोर्ट सेवाओं और जरूरी सामान की सप्लाई पर निश्चित रूप से पड़ेगा।
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22 June 2020भोपाल। पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि लगातार जारी है। इसका असर पूरे देश के साथ-साथ मध्यप्रदेश में भी पड़ा है। राजधानी भोपाल में पेट्रोल में प्रति लीटर 35 पैसे की बढ़ोतरी हुई है। इसी तरह डीजल के दाम में भी वृद्धि हुई है। भोपाल में डीजल की कीमत में प्रति लीटर 56 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। पेट्रोल-डीजल के नए रेट रविवार मध्यरात्रि से लागू हो गए हैं। देश के अन्य शहरों के साथ-साथ भोपाल में भी पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार 16वें दिन बढ़ी। राजधानी में इसी महीने 6 जून को पेट्रोल जहां 77.56 रुपये प्रति लीटर और डीजल 68.27 रुपये प्रति लीटर बिक रहा था, वहीं 22 जून तक तेल के दाम में लगभग 10 रुपये की बढ़ोतरी देखी जा रही है। दरअसल, 16 मार्च से लेकर 6 जून तक सरकार ने लॉकडाउन के कारण पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए थे, लेकिन लॉकडाउन खत्म होते ही अब ईंधन के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इस कारण मध्य प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छूते दिख रहे हैं। ताजा वृद्धि के बाद रविवार मध्यरात्रि से राजधानी में पेट्रोल के दाम अब प्रति लीटर 87.19 रुपये हो गये हैं। वहीं, शहर में डीजल की कीमत प्रति लीटर 78.35 रुपये हो गई है। बढ़ेगी महंगाई इससे पहले राज्य सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल पर अतिरिक्त टैक्स लगाते हुए एक-एक रुपये का इजाफा किया था। पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बाद अब मध्यप्रदेश में जरूरी वस्तुओं की सप्लाई पर भी इसका असर पड़ना तय माना जा रहा है। मध्यप्रदेश में जरूरी चीजों की सप्लाई से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि डीजल के दाम बढ़ने का असर ट्रांसपोर्ट सेवाओं और जरूरी सामान की सप्लाई पर निश्चित रूप से पड़ेगा।
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22 June 2020इंदौर। कोरोना संकट के दौरान भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां मास्क, सैनिटाइजर का वितरण कर लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए अभियान चला रही हैं। हालांकि ये पार्टियां इन कार्यक्रमों का राजनीतिक फायदा उठाने से भी नहीं चूक रही हैं। ऐसा ही एक कार्यक्रम सोमवार को शहर के राजबाड़ा पर भाजपा द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सांसद ने जो निशुल्क मास्क वितरित किए, उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और खुद सांसद शंकर लालवानी के फोटो छपे हुए थे। सांसद शंकर लालवानी ने सोमवार को राजबाड़ा पर आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों को मास्क और सैनिटाइजर का वितरण किया। इस दौरान लोगों को जो मास्क बांटे गए, उन पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान एवं स्वयं सांसद शंकर लालवानी के फोटो थे। सांसद शंकर लालवानी ने इसके लिए कार्यक्रम आयोजित करने वाली संस्था की सोच को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा कोरोना को लेकर उठाए गए कदमों से प्रभावित होकर संस्था ने प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फोटो वाले मास्क बनाए हैं। उनका मानना है कि सरकार के इस जागरूकता के कदम को जन-जन तक पहुंचाना है। इसलिए उन्होंने पहले कदम के तौर पर इस प्रकार के 10 हजार मास्क बनाए हैं, जिन्हें राजबाड़ा से बांटने का काम शुरू किया गया है। गरीब बस्तियों में जहां लोग मास्क नहीं खरीद पा रहे हैं, उन जगहों पर मास्क का वितरण किया जाएगा।
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22 June 2020मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि गरीबों एवं निम्न आय वर्ग के उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली दिलवाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। कोरोना काल में सरकार बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दे रही है। प्रदेश के लगभग 95 लाख बिजली उपभोक्ताओं को 623 करोड़ रूपये का लाभ दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने भोपाल से वेब लिंकिंग के माध्यम से प्रदेश के 10 लाख से अधिक घरेलू, कृषि, उद्योग बिजली उपभोक्ताओं को संबोधित किया साथ ही वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कुछ उपभोक्ताओं से बातचीत की। 100 रूपये का बिल आने पर 50 रूपये भुगतान मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च 2020 के ऐसे उपभोक्ता जो संबल योजना में शामिल हैं, जिनके बिल अप्रैल माह में 100 रूपये तक आये हैं, उन उपभोक्ताओं को आगामी 3 माहों में 100 रूपये तक बिल आने पर 50 रूपये ही बिल का भुगतान करना होगा। इस व्यवस्था के अंतर्गत लगभग 30 लाख 68 हजार उपभोक्ता लाभान्वित होंगे तथा लगभग 46 करोड़ रूपये की राशि का लाभ उपभोक्ताओं को मिल सकेगा। 400 रूपये तक के बिल पर 100 रूपये का भुगतान मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे उपभोक्ता जिन्हें माह अप्रैल में 100 रूपये का बिल आया था किन्तु माह मई, जून एवं जुलाई में 100 से 400 रूपये के मध्य बिल आया है तो मात्र 100 रूपये ही बिल का भुगतान करना होगा। इस तरह लगभग 56 लाख उपभोक्ताओं को लगभग 255 करोड़ रूपये की राहत उपलब्ध करायी जायेगी। 400 रूपये से अधिक बिल पर आधा भुगतान ऐसे उपभोक्ता जिनका बिल अप्रैल माह में 100 से 400 रूपये के मध्य आया था तथा माह मई, जून एवं जुलाई में 400 रूपये से अधिक आता है तो, ऐसे उपभोक्ता को बिल की आधी राशि का भुगतान करना होगा। शेष राशि के भुगतान के संबंध में बिलों की जाँच करने के उपरांत आगामी निर्णय लिया जायेगा। इसमें भी लगभग 183 करोड़ रूपये का लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा। बिजली कर्मियों की सराहना की मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन के समय में जब आप सभी लोग अपने घरों में थे, तब हमारे बिजली विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों ने लगातार बिना रूके आपके घरों में बिजली सप्लाई चालू रखी। आंधी बारिश के समय भी सभी विद्युतकर्मी आपकी सेवा में तत्पर हैं। वाकई ये हमारे कोरोना योद्धा है। इनका कार्य प्रशंसनीय है। कृषि के लिए 10 घंटे व घर के लिए 24 घंटे बिजली मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश में कृषि कार्य के लिए 10 घंटे एवं घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करा रही है। बिजली उपभोक्ताओं से की बातचीत मुख्यमंत्री ने वी.सी. के माध्यम से अनूपपुर जिले के अनूपपुर वितरण केन्द्र के घरेलू उपभोक्ता मनीष पनिका, सागर जिले के सुरखी वितरण केन्द्र के घरेलू उपभोक्ता नर्मदा सिंह ठाकुर, ग्वालियर शहर के लक्ष्मीगंज वितरण केन्द्र की घरेलू उपभोक्ता अनिता कुशवाह, अशोकनगर जिले के अशोकनगर वितरण केन्द्र के घरेलू उपभोक्ता नारायण सिंह, मुरैना जिले के जौरा वितरण केन्द्र के घरेलू उपभोक्ता श्री संतोष यादव, धार जिले के कानवन वितरण केन्द्र के घरेलू उपभोक्ता कपिल रामेश्वर, मंदसौर जिले के सुवासरा वितरण केन्द्र के घरेलू उपभोक्ता नंदलाल प्रभुलाल, इंदौर जिले के धरमपुरी वितरण केन्द्र के उद्योग उपभोक्ता श्री अनिल जैन आदि से बातचीत की। सभी ने बिजली बिलों में राहत देने पर मुख्यमंत्री को हार्दिक धन्यवाद दिया।
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22 June 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीज तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। यहां रिकवरी रेट 75 फीसदी से अधिक पहुंच गया है। इसके बावजूद नये मामलों में कमी नहीं आ रही है। यहां अब पांच जिलों में 96 नये मामले सामने आए हैं, जबकि चार लोगों की मौत हुई है। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या 11 हजार 820 हो गई है। वहीं, प्रदेश में कोरोना से अब तक 505 लोगों की मौत हो चुकी है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमपी शर्मा ने रविवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा शनिवार देर रात 1788 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की, जिनमें 41 नये पॉजिटिव मिले हैं। इसके बाद यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 4329 हो गई है। वहीं, इंदौर में कोरोना से चार लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। अब यहां मृतकों की संख्या 197 तक पहुंच गई है। इधर, भोपाल सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी के अनुसार, रविवार सुबह आई 940 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट में 34 नये पॉजिटिव मिले हैं। इसके अलावा, राजगढ़ में 11, देवास में सात और उज्जैन में तीन नये मामले सामने आए हैं। इन 96 नये मामलों के साथ राज्य में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 11,820 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 4329, भोपाल 2491, उज्जैन 838, खंडवा 284, बुरहानपुर 389, जबलपुर 335, खरगौन 240, धार 143, ग्वालियर 286, नीमच 416, मंदसौर 101, सागर 281, मुरैना 157, देवास 205, रायसेन 91, भिंड 138, बड़वानी 76, होशंगाबाद 41, रतलाम 133, रीवा 42, विदिशा 42, बैतूल 43, सतना 24, छतरपुर 49, डिंडौरी 30, दमोह 29, आगरमालवा 16, झाबुआ 15, अशोकनगर 42, शाजापुर 48, सीधी 17, सिंगरौली 13, दतिया 21, शहडोल 16, बालाघाट 17, श्योपुर 63, शिवपुरी 22, टीकमगढ़ 22, छिंदवाड़ा 31, नरिसंहपुर 26, सीहोर 11, उमरिया 10, पन्ना 26, अलीराजपुर 03, अनूपपुर 29, हरदा 24, राजगढ़ 73, गुना 12, मंडला 05, सिवनी 04 निवाड़ी 07 और कटनी 14 मरीज शामिल हैं। इंदौर में हुई चार मौतों के बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 504 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 197, भोपाल 78, उज्जैन 67, बुरहानपुर 23, खंडवा 17, जबलपुर 12, खरगौन 14, ग्वालियर 02, धार 05, मंदसौर 09, नीमच 07, सागर 18, देवास 10, रायसेन 05, होशंगाबाद 03, सतना 02, आगरमालवा 01, झाबुआ 01, अशोकनगर 01, शाजापुर 03, दतिया 01, छिंदवाड़ा 02, सीहोर 02, उमरिया 01, रतलाम 06, बड़वानी 03 मुरैना 01, राजगढ़ 05, श्योपुर 02, टीमकगढ़ 01, रीवा 01, गुना 01, हरदा 01, कटनी 01 और मंडला का एक व्यक्ति शामिल है। हालांकि, राज्य में अब तक 8880 पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच चुके हैं। अब प्रदेश में कोरोना के सक्रिय प्रकरण 2439 हैं।
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21 June 2020भोपाल। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल स्थित अपने निवास पर परिजनों के साथ योगासन किया। इस दौरान उन्होंने योग की विभिन्न आसन किये। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि योगासन निरोग और स्वस्थ रहने का सबसे प्रभावी माध्यम है। वहीं, प्रदेशभर में योग दिवस पर लोगों ने अपने घरों में रहकर योग किया। मुख्यमंत्री ने नागरिकों को संदेश देते हुए कहा कि विश्व योग दिवस पर प्रधानमंत्री ने इस बार की थीम दी है, 'घर पर योग, परिवार के साथ योग।' उन्होंने भी इसका पालन किया है और अपने परिजनों के साथ योग किया। उन्होंने कहा कि निरोग रहने का सबसे प्रभावी माध्यम योग ही है। यह वह विधा है, जो वर्षों के अनुसंधान के बाद हमारे महाऋषियों, योग गुरुओं ने हमें ही नहीं, विश्व को दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रसन्नता का विषय है कि आज सारी दुनिया निरोग रहने के लिए योग की तरफ आ रही है, ऐसे में हम अपने देश को स्वस्थ रखने के लिए निरोग रखने के लिए सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि प्रतिदिन योग करें। उन्होंने कहा कि यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, ध्यान ,धारणा, समाधि अष्टांग योग के अलग-अलग चरण हैं, लेकिन हम कम से कम यम नियम, आसन और प्राणायाम के योग जरूर करें। अपने जीवन में योग से कोई भी व्यक्ति अद्भुत परिवर्तन का अनुभव कर सकता है। योग के जरिए व्यक्ति शक्ति से, ऊर्जा से और सकारात्मकता से भर जाएगा। आज सभी व्यक्तियों को प्रतिदिन योग करने का संकल्प लेना चाहिए। दरअसल, विश्व योग दिवस के अवसर पर कोरोना संक्रमण के चलते सामूहिक योग कार्यक्रम आयोजित नहीं किये गये और शासन-प्रशासन द्वारा सभी से घर में रहकर योग करने की अपील की गई थी। इसी का पालन करते हुए रविवार को प्रदेशवासियों ने अपने-अपने घरों में ही योग किया। इस दौरान ऑनलाइन योगा कार्यक्रम का भी आयोजन भी हुआ। योग दिवस पर अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने भी अपने घरों में योग किया।
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21 June 2020भोपाल। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर रविवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल स्थित अपने निवास पर परिजनों के साथ योगासन किया। इस दौरान उन्होंने योग की विभिन्न आसन किये। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि योगासन निरोग और स्वस्थ रहने का सबसे प्रभावी माध्यम है। वहीं, प्रदेशभर में योग दिवस पर लोगों ने अपने घरों में रहकर योग किया। मुख्यमंत्री ने नागरिकों को संदेश देते हुए कहा कि विश्व योग दिवस पर प्रधानमंत्री ने इस बार की थीम दी है, 'घर पर योग, परिवार के साथ योग।' उन्होंने भी इसका पालन किया है और अपने परिजनों के साथ योग किया। उन्होंने कहा कि निरोग रहने का सबसे प्रभावी माध्यम योग ही है। यह वह विधा है, जो वर्षों के अनुसंधान के बाद हमारे महाऋषियों, योग गुरुओं ने हमें ही नहीं, विश्व को दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रसन्नता का विषय है कि आज सारी दुनिया निरोग रहने के लिए योग की तरफ आ रही है, ऐसे में हम अपने देश को स्वस्थ रखने के लिए निरोग रखने के लिए सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि प्रतिदिन योग करें। उन्होंने कहा कि यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, ध्यान ,धारणा, समाधि अष्टांग योग के अलग-अलग चरण हैं, लेकिन हम कम से कम यम नियम, आसन और प्राणायाम के योग जरूर करें। अपने जीवन में योग से कोई भी व्यक्ति अद्भुत परिवर्तन का अनुभव कर सकता है। योग के जरिए व्यक्ति शक्ति से, ऊर्जा से और सकारात्मकता से भर जाएगा। आज सभी व्यक्तियों को प्रतिदिन योग करने का संकल्प लेना चाहिए। दरअसल, विश्व योग दिवस के अवसर पर कोरोना संक्रमण के चलते सामूहिक योग कार्यक्रम आयोजित नहीं किये गये और शासन-प्रशासन द्वारा सभी से घर में रहकर योग करने की अपील की गई थी। इसी का पालन करते हुए रविवार को प्रदेशवासियों ने अपने-अपने घरों में ही योग किया। इस दौरान ऑनलाइन योगा कार्यक्रम का भी आयोजन भी हुआ। योग दिवस पर अधिकारी और जनप्रतिनिधियों ने भी अपने घरों में योग किया।
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21 June 2020ग्वालियर। मध्यप्रदेश में विधानसभा की 24 रिक्त सीटों पर आगामी दिनों में होने वाले उपचुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं और दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं, दलबदलू नेता एक दल छोड़कर दूसरे दल का दामन थाम रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस ने दावा किया है कि ग्वालियर-चम्बल संभाग के भाजपा के कई बड़े नेता पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सम्पर्क में हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और ग्वालियर-चम्बल संभाग के मीडिया प्रभारी केके मिश्रा ने शनिवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने कहा कि जो भाजपा का मानना है कि कांग्रेस नेतृत्व बहुत कमजोर है, जिसका फायदा भाजपा को मिल रहा है। भाजपा कल तक कांग्रेस मुक्त भारत की बात करती थी, लेकिन अब उस पार्टी में अंतरकलह बढ़ गई है। अब लोग भाजपा व अन्य पार्टियां छोडक़र कांग्रेस में आ रहे हैं। अभी भाजपा के कई बड़े नेता पूर्व सीएम कमलनाथ के सम्पर्क में हैं और वे एक-एक करके कांग्रेस में आएंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई व्यक्ति पार्टी छोड़कर जाता है तो दुख तो होता है, लेकिन जनता सब जानती है कि राष्ट्र हित की बात करने वाली कौन सी पार्टी है। बता दें कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके समर्थक 22 विधायकों ने भी भाजपा की सदस्यता ले ली थी। इनमें से अधिकांश ग्वालियर-चम्बल संभाग के ही थे। विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद इसी क्षेत्र की सीटें रिक्त हुई हैं, जहां उपचुनाव होना है। ऐसे में इन दिनों ग्वालियर-चम्बल संभाग उपचुनाव के रंग में रंगा हुआ है।
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20 June 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 73 फीसदी से अधिक होने के बाद भी नये मामलों में कमी नहीं आ रही है। शनिवार को प्रदेश के पांच जिलों में 95 नये मामले सामने आए हैं, जबकि पांच लोगों की मौत हुई है। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या जहां 11,677 हो गई है, वहीं कोरोना से मरने वालों की संख्या 500 पहुंच गई है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमपी शर्मा ने शनिवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा शुक्रवार देर रात 1768 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिनमें 42 पॉजिटिव मिले हैं। इसके बाद जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या 4288 हो गई है। वहीं, इंदौर में कोरोना से चार लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। मृतकों में एक 63 वर्षीय महिला के साथ 61, 67 और 69 वर्षीय तीन पुरुष शामिल हैं। अब इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 193 हो गई है। इधर, भोपाल सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी के मुताबिक, राजधानी में शनिवार सुबह कोरोना के 47 नये मामले सामने आए हैं। इनमें एक भाजपा विधायक और उनकी पत्नी, बंगरसिया सीआरपीएफ कैंपस के तीन जवान, जीएमसी की एक महिला डॉक्टर भी शामिल है। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं, शुक्रवार शाम को भोपाल के कॉलेज की 56 वर्षीय महिला प्रोफेसर की कोरोना से मौत हुई है। इसके अलावा कटनी में दो, नीमच में दो और बालाघाट में दो संक्रमित मरीज मिले हैं। इन नये 95 मामलों के साथ अब मध्य प्रदेश में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 11,677 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 4288, भोपाल 2484, उज्जैन 831, खंडवा 283, बुरहानपुर 388, जबलपुर 329, खरगौन 239, धार 143, ग्वालियर 278, नीमच 416, मंदसौर 101, सागर 278, मुरैना 152, देवास 184, रायसेन 85, भिंड 132, बड़वानी 76, होशंगाबाद 41, रतलाम 130, रीवा 41, विदिशा 40, बैतूल 40, सतना 23, छतरपुर 48, डिंडौरी 30, दमोह 29, आगरमालवा 16, झाबुआ 15, अशोकनगर 42, शाजापुर 48, सीधी 17, सिंगरौली 12, दतिया 21, शहडोल 16, बालाघाट 17, श्योपुर 62, शिवपुरी 22, टीकमगढ़ 22, छिंदवाड़ा 31, नरिसंहपुर 22, सीहोर 11, उमरिया 10, पन्ना 25, अलीराजपुर 03, अनूपपुर 29, हरदा 23, राजगढ़ 62, गुना 12, मंडला 05, सिवनी 04 निवाड़ी 07 और कटनी 14 मरीज शामिल हैं। वहीं, इंदौर में चार और भोपाल में हुई एक मौत के बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 495 से बढक़र 500 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 193, भोपाल 78, उज्जैन 67, बुरहानपुर 23, खंडवा 17, जबलपुर 12, खरगौन 14, ग्वालियर 02, धार 05, मंदसौर 09, नीमच 07, सागर 18, देवास 10, रायसेन 05, होशंगाबाद 03, सतना 02, आगरमालवा 01, झाबुआ 01, अशोकनगर 01, शाजापुर 03, दतिया 01, छिंदवाड़ा 02, सीहोर 02, उमरिया 01, रतलाम 06, बड़वानी 03 मुरैना 01, राजगढ़ 05, श्योपुर 02, टीमकगढ़ 01, रीवा 01, गुना 01, कटनी 01 और मंडला का एक व्यक्ति शामिल है। हालांकि, यहां अब तक 8748 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। अब प्रदेश में कोरोना के सक्रिय प्रकरण 2434 हैं।
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20 June 2020भोपाल, 20 जून (हि.स.)। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। राजनेता भी इस संक्रमण से खुद को बचा नहीं पा रहे हैं। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी के बाद अब भाजपा विधायक कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। नीमच जिले की जावद विधानसभा सीट से भाजपा विधायक ओमप्रकाश सकलेचा के और उनकी पत्नी की शनिवार को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। शुक्रवार को विधानसभा में राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा विधायक ओमप्रकाश सकले ने भी मतदान किया था। इस दौरान वे वहां मौजूद सभी लोगों के संपर्क में आए थे। भाजपा विधायक के कोरोना पॉजिटव होने की खबर मिलते ही सभी विधायकों में हडक़ंप मच गया है। शनिवार सुबह कुछ विधायक भोपाल स्थित जेपी अस्पताल में अपनी जांच कराने पहुंचे। चारों विधायक सकलेचा के संपर्क में आए थे। भाजपा विधायक के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर मिलतेे ही विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया, देवी सिंह धाकड़ और दिलीप मकवाना, नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार जांच कराने जेपी अस्पताल पहुंचे हैं। यहां विधायकों ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि उनके साथी ओमप्रकाश सकलेचा कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। इस वजह से वह एहतियातन जांच कराने पहुंचे हैं। बताया जा रहा है कि अब मध्यप्रदेश के ज्यादातर विधायक अपना कोरोना टेस्ट कराएंगे। बता दें कि मध्यप्रदेश में अब तक दो विधायक कोरोना पॉजिटव हो चुके हैं। इससे पहले कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी में कोरोना संक्रमण मिला है। उन्होंने पीपीई किट पहनकर राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग की थी। कुणाल चौधरी की वोटिंग के बाद मतदान स्थल को सैनेटाइज किया गया था।
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20 June 2020भोपाल। मप्र में रिक्त राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मतदान संपन्न हो गए है। शाम पांच बजे से मतों गिनती शुरू होगी। देर शाम तक राज्यसभा चुनाव के परिणाम आ जाऐंगे। इस बार राज्यसभा चुनाव में वोटिंग के लिए कोरोना संक्रमण को देखते हुए तीन जगह स्वास्थ्य की जांच की व्यवस्था की गई है। पहली बार सेंट्रल हॉल में मतदान संपन्न हो रहा है। मतदान डालने पहुंच रहे विधायकों को विधानसभा के गेट पर थर्मल सक्रीनिंग के बाद प्रतीक्षाकक्ष में बैठाया जा रहा है। यहां उनसे लिखित में उनकी और परिवार के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली जा रही है। दोनों ही दलों को क्रॉस वोटिंग का डर है। विधायकों के आंकड़ों के हिसाब से मध्यप्रदेश की 3 सीटों में से 2 पर भाजपा की जीत पक्की मानी जा रही है। एक-एक कर विधायक मतदान केंद्र में आ रहे हैं और वोट डाल रहे है। सबसे पहला वोट सीएम शिवराज सिंह चौहान ने डाला है। उन्होंने वोट डालने के बाद सीएम शिवराज ने कहा है कि वे जीते के लिए आश्वस्त है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘यतो धर्म: ततो जय:। आज विधानसभा पहुंचकर राज्यसभा निर्वाचन के लिए मताधिकार का प्रयोग किया। हम सब विजय के प्रति आश्वस्त हैं। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी विधानसभा पहुंचकर मतदान किया। उन्होंने भी राज्यसभा चुनाव में जीत का दावा किया है। गृहमंत्री ने ट्वीट कर कहा ‘जहाँ सच हैं, वहाँ पर हम खड़े हैं, इसी खातिर आँखों में गड़े हैं। राज्यसभा चुनावों में @BJPyIndia को सभी का साथ मिल चुका है। सब साथ हैं, मोदी-शाह पर विश्वास है, @BJPyMP के नेतृत्व में मप्र का हो रहा विकास है। माननीय @JM_Scindia और माननीय प्रो.सुमेर सिंह सोलंकी की जीत सुनिश्चित है। चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सौलंकी भाजपा प्रत्याशी है। कांग्रेस से दिग्विजय सिंह और फूल सिंह बरैया मैदान में हैं। विधानसभा के कुल 230 सदस्य हैं। विधानसभा में 206 सदस्य मौजूद हैं। 24 सीट रिक्त,दो निधन, 22 त्यागपत्र शामिल हैं। इनमें 107 भाजपा विधायक 92 कांग्रेस विधायक 02 बसपा 01 सपा 04 निर्दलीय शामिल हैं।
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19 June 2020भोपाल। मध्यप्रदेश से राज्यसभा के लिये रिक्त हुए तीन स्थानों लिए वोटिंग पूरी हो गई है। आखिरी वोट कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने डाला। कुणाल चौधरी कोरोना पॉजिटिव होने की वजह से पीपीई किट में मतदान करने पहुंचे। उनका वोट अलग से लिफाफे में रखा गया है। मतगणना शाम पांच बजे से शुरू होगी और 6 बजे तक परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। कुणाल चौधरी के विधानसभा पहुंचकर मतदान डालने पर भाजपा नेता और पूर्व नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष हितेष वाजपेयी ने आपित्त जताई है। हितेष वाजपेयी ने शुक्रवार को मीडिया को जारी अपने एक बयान में कहा है कि चुनाव आयोग द्वारा कोरोना पॉजिटिव विधायक को परिसर में प्रवेश की अनुमति महामारी नियंत्रण नियमों का उल्लंघन है और परिसर को कंटेमिनेट करने का आयोग को कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि यह आयोग द्वारा की जा रही अवैध गतिविधि है, जो चिंताजनक है जबकि बीमारी फैलाना अपराध की श्रेणी में आता है। हितेष वाजपेयी ने मांग करते हुए कहा है कि प्रशासन को इसे रोकना चाहिए। बतातें चले कि राज्यसभा के लिए भाजपा ने सिंधिया और सुमेर सिंह को उम्मीदवार बनाया हैं। जबकि कांग्रेस से दिग्विजय और फूल सिंह प्रत्याशी हैं। दिग्विजय को पहली वरीयता देने के निर्देश दिए गए हैं। विधायकों के आंकड़ों के हिसाब से मध्यप्रदेश की 3 सीटों में से 2 पर भाजपा की जीत पक्की मानी जा रही है।
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19 June 2020भोपाल। मध्य प्रदेश की तीन रिक्त राज्यसभा सीटों के लिए आज वोट डाले गए। विधायकों के आंकड़ों के हिसाब से मध्यप्रदेश की 3 सीटों में से 2 पर भाजपा की जीत पक्की मानी जा रही है। कांग्रेस की तरफ से दिग्विजय को पहली वरीयता देने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले भी कांग्रेस राज्यसभा चुनाव में चौंकाने वाले परिणाम आने का दावा कर चुकी है। कांग्रेस के दावों पर प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कांग्रेस की तरफ से भाजपा प्रत्याशी को वोट डालने के संकेत देने के साथ ही फूल सिंह बरैया की बजाय दिग्विजय सिंह को वरीयता दिए जाने को दलित को अपमान बताया है। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बातचीत करते हुए फूल सिंह बरैया की बजाय दिग्विजय सिंह को प्राथमिकता दिए जाने पर कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस ने दलितों का अपमान किया है और उसे इसका परिणाम उपचुनाव में भुगतना पड़ेगा। मैं अभी भी प्रार्थना करुंगा कि कांग्रेस के पास अभी वक्त है अनुसूचित जाति के व्यक्ति को भेजना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्वालियर चंबल में 16 सीट पर चुनाव है और इन पर बड़े मतदाता है और अगर इस तरह एक अनुसूचित जाति के व्यक्ति का अपमान नहीं किया जाना चाहिए। हारने के लिए क्यों लड़ाया जब आपकों पता था कि आपके पास वोट नहीं है तो नहीं लड़ाना चाहिए था। गृहमंत्री मिश्रा ने दिग्विजय सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि राजा को बड़ा दिल दिखाना चाहिए था, वह तो कई बड़े पदों पर रह चुके है अब उन्हें सीट छोडक़र बरैया को सम्मान देना चाहिए। अगर दिग्विजयसिंह ऐसा करते तो हम भी उनका सम्मान करते। कांग्रेस की तरफ से भाजपा को वोट मिलने के दिए संकेत. इस दौरान गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान देते हुए राज्यसभा में कांग्रेस की तरफ से भाजपा को वोट मिलने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि हमारे हर प्रत्याशी को 53- 54 वोट मिले है, हो सकता है एक- दो ज्यादा वोट मिल जाए। वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ द्वारा बस में कांग्रेस विधायकों को एक साथ लाए जाने पर मन्त्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस को अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है। यही कारण है कि उनके विधायकों ने सरकार पर विश्वास नहीं किया।
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19 June 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्यसभा के लिए रिक्त तीन सीटों के निर्वाचन के लिए शुक्रवार, 19 जून को मतदान होगा। इसकी तैयारियों को लेकर गुरुवार को दूसरे दिन भी कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें मतदान को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर हुई इस बैठक में पार्टी के सभी विधायक शामिल हुए। बैठक में आज वे विधायक भी मौजूद रहे, जो बुधवार की बैठक में पारिवारिक कारणों से अनुमति लेकर अनुपस्थित थे। बैठक में सभी विधायकों को मतदान को लेकर प्रशिक्षण दिया गया। बता दें कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक की मौजूदगी में बुधवार को भी कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई थी, जिसमें निर्दलीय और सपा-बसपा के विधायकों को भी बुलाया गया था, लेकिन वे बैठक में नहीं पहुंचे थे। कांग्रेस के भी कुछ विधायक बैठक में अनुपस्थित थे। गुरुवार को दूसरे दिन बैठक शुरू होने से पूर्व 1857 की क्रांति को याद कर वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई के बलिदान दिवस पर कांगे्रस विधायक दल की ओर से उन्हें सामूहिक रूप से श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बैठक में कमलनाथ ने कहा कि आज हम राज्यसभा चुनाव को लेकर दोबारा यहां एकत्रित हुए हैं। आज एक बार फिर सभी विधायकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि कल होने वाले चुनाव को लेकर कोई भी गलती न हो। इस चुनाव के बाद हमें आगामी 24 उपचुनाव के लिए जुटना है, जिसके परिणाम एक संदेश के रूप में होंगे, उन लोगों के लिए जिन्होंने साजिश-षड्यंत्र व धोखा कर एक चुनी हुई सरकार को गिराने का काम किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का इतिहास लोगों को जोडऩे का रहा है, कांग्रेस से जिन राजा-महाराजाओं ने धोखा कर अपनी अलग पार्टी बनाई उनका हश्र सभी ने देखा। कांग्रेस आज भी आमजन की पार्टी है, यही हमारी संस्कृति है। हम लोगों को जोड़ते हैं, समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलते हैं। कुछ लोगों का इतिहास ही धोखे का रहा है। आज जमाना सोशल मीडिया का है, आगामी चुनाव भी इसी पर आधारित होंगे। आप सभी लोग सोशल मीडिया का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराएं। बैठक में मुकुल वासनिक ने कहा कि आज प्रदेश की जनता में उन लोगों के खिलाफ आक्रोश है, जिन्होंने कांगे्रस के साथ धोखा कर चुनी हुई एक लोकप्रिय सरकार को गिराया। कल होने वाले राज्यसभा चुनाव के बाद उपचुनाव की तैयारियां प्रारंभ हो जाएंगी। ये चुनाव हमारे लिए चुनौतीपूर्ण हैं। हम सभी लोगों से चर्चा कर इन क्षेत्रों में सबसे बेहतर उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारेंगे। आप लोग भी अच्छे उम्मीदवारों को लेकर अपनी राय पार्टी को दें। कोरोना महामारी का दौर खत्म होते ही हम सब लोग इन क्षेत्रों में दौरे करेंगे, बैठकें लेंगे। राज्यसभा उम्मीदवार फूलसिंह बरैया ने कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है, उसका वर्षों पुराना इतिहास हमारे सामने है। भाजपा का इतिहास कांगे्रस के मुकाबले बहुत छोटा है, लेकिन उसके बाद भी यदि भाजपा की चुनावों में जीत होती है तो उसके पीछे कारण, उसका समाज को बांटना है। भाजपा समाज को बांटकर वोटों का धुव्रीकरण कर सत्ता में आती है। आज आवश्यकता है संविधान बचाओ-राष्ट्र बचाओ-भाजपा भगाओ। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा उम्मीदवार दिग्विजयसिंह ने कहा कि मुझे राजनीति में आये अगले साल 50 वर्ष पूरे हो जाएंगे और कमलनाथ जी से मेरी दोस्ती 40 वर्षों से भी पुरानी है। कई लोगों ने प्रयास किये कि हमारे संबंधों में दरार आये, लेकिन आज तक इसमें कोई सफल नहीं हुआ। कमलनाथ जी ने जिस प्रकार से इतनी कड़ी मेहनत कर मप्र में छिंदवाड़ा मॉडल की तरह बूथ-सेक्टर-मंडलम स्तर पर संगठन को मजबूत किया, वह काबिलेतारीफ है। कमलनाथ जी ने सभी को संगठित कर मप्र के 15 वर्ष के भाजपा के कुशासन को उखाड़ फेंका, 15 माह की कांग्रेस सरकार में प्रदेश की जनता और हम सभी ने खुलकर सांसे लीं, लेकिन भाजपा ने धोखा कर जनता की चुनी सरकार को गिरा दिया। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों शिवराजसिंह के सामने आये वीडियो में उन्होंने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर हमने यह सरकार गिरायी। आज समय है कि हम सब कमलनाथ जी के साथ खड़े होकर मजबूती के साथ उनका साथ दें, उनके हर फैसले में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हों। बैठक में अभा कांग्रेस सचिव एवं प्रदेश प्रभारी सुधांशु त्रिपाठी, संजय कपूर, और कुलदीप इंदौरा, मप्र कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुरेश पचैरी, कांतिलाल भूरिया तथा अरुण यादव, विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजयसिंह राहुल भैया, प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर, प्रशासन प्रभारी महामंत्री राजीव सिंह सहित पार्टी के सभी विधायक उपस्थित थे। कांग्रेस के चुनाव कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने विधायकों को मतदान को लेकर आवश्यक जानकारी दी।
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18 June 2020भोपाल। पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के छिंदवाड़ा से सांसद पुत्र नकुलनाथ की सुरक्षा घटाने के बाद अब कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश के इकलौते कांग्रेस सांसद नकुल नाथ की प्रदेश के गृह मंत्रालय द्वारा सुरक्षा व्यवस्था को वाय+ से घटाकर तीन कैटेगरी कम कर एक्स+ श्रेणी की कर दी है। जिस पर कांग्रेस ने मोर्चा खोलते हुए इसे भाजपा सरकार की राजनैतिक दुर्भावना व द्वेष भावना से की गई कार्रवाई बताया है। कांग्रेस मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि भाजपा सरकार स्पष्ट करें कि किन कारणों से सांसद नकुल नाथ की सुरक्षा व्यवस्था घटाई गई है? उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी में भी भाजपा प्रदेश की जनता को भगवान भरोसे छोड़ जमकर राजनीति कर रही है, निरंतर राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित कार्रवाई कर रही है। भाजपा की वर्तमान सरकार प्रदेश में दुर्भावना से प्रेरित कार्यवाहियों व निर्णयों से एक गलत परंपरा को जन्म दे रही है। कांग्रेस नेता सलूजा ने हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर विरोधी जयभान सिंह पवैया को जो वर्तमान में विधायक भी नहीं है, को लॉकडाउन में वाय+ श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करने पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा सरकार बताए कि प्रदेश में कितने लोगों को वाय+ श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था प्रदान की जा रही है? उसकी सूची सार्वजनिक हो, उसमें से कितने वर्तमान में मंत्री, विधायक या सांसद हैं या जिम्मेदार पद पर बैठे हैं यह भी सार्वजनिक किया जाए? उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस, भाजपा सरकार की निरंतर राजनैतिक दुर्भावना से प्रेरित कार्रवाई पर चुप नहीं बैठेगी और सडक़ों पर आकर इसका विरोध करेगी।
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18 June 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा की रिक्त 24 सीटों पर आगामी दिनों में होने वाले उपचुनावों को लेकर उथल-पुथल मची हुई है। दलबदलू नेता एक पार्टी का साथ छोडक़र दूसरी का दामन थाम रहे हैं। इसी बीच भाजपा के एक बड़े नेता अजब सिंह कुशवाहा ने भी कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। मुरैना जिले में अजब सिंह कुशवाहा भाजपा के एक बड़े नेता माने जाते थे और उन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर जिले की सुमावली सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार ऐंदल सिंह कंषाना ने उन्हें हरा दिया था। बता दें कि ऐंदल सिंह कंषाना ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक माने जाते हैं और उन्होंने बीते दिनों कांग्रेस छोडक़र भाजपा का दामन थाम लिया था। इसीलिए अभी सुमावली सीट भी खाली है। भाजपा नेता अजब सिंह कुशवाहा गुरुवार सुबह भोपाल पहुंचे और कांग्रेस कार्यालय पहुंचकर कांग्रेस में शामिल हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। बताया जा रहा है कि कांग्रेस उन्हें इस सीट से अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है।
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18 June 2020भोपाल। लद्दाख के भारत-चीन सीमा के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से हुई झड़प में भारतीय सेना के कमांडिंग अफसर सहित 20 जवान शहीद हो गए। इनमें रीवा का एक जवान दीपक सिंह गहरवार भी शामिल है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा के जवान शहीद होने पर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को ट्वीट के माध्यम से शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि - ‘ ‘तूने सींचा है अपने लहू से वतन की मिट्टी को, वीरों की इस मिट्टी पर हम अभिमान करते हैं। ऐ मेरे वतन के शेर, तेरे जाने से चीत्कार रहा दिल, तेरे लहू के हर कतरे, तेरी शहादत को सलाम करते हैं। भारत-चीन की झड़प में शहीद हुए रीवा के वीर सपूत दीपक सिंह के चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि।’ वहीं, प्रदेश की आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह ने भी रीवा के सहीज जवान दीपक सिंह के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। मंत्री मीना सिंह ने शहीद जवान दीपक सिंह को कोटि कोटि नमन करते हुये श्रद्धांजलि अर्पित की और ईश्वर से उनके परिजनों को इस दु:ख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने कामना करते हुये कहा है कि शहीद जवान के परिजनों के साथ पूरा देश और प्रदेश सरकार है।
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17 June 2020रीवा। चीन और भारत के बीच हुए विवाद में रीवा का लाल दीपकसिंह गहरवार शहीद हो गया है। सूचना मिलते ही दीपक सिंह के गांव फरोदा में मातम छा गया है। शहीद दीपक सिंह की शादी नवंबर, 2019 में हुई थी। दीपक के शहीद होने की सूचना बिहार रेजीमेंट के द्वारा पुलिस अधीक्षक रीवा को दी गई, जहां से यह सूचना दीपक के परिजनों तक पहुंचाई गई। जानकारी के अनुसार दीपक की शहादत से उनकी पत्नी एवं मां को गहरा सदमा लगा है और उनकी स्थिति गंभीर है। नवंबर 2019 में शादी के बाद दीपक अपनी नवविवाहिता पत्नी को छोड़कर तैनाती के लिए रवाना हो गए थे। 15 दिन पहले ही दीपक ने घर पर फोन करके पत्नी से कहा था कि घर वापसी के समय वे उसके लिए कश्मीरी शाल एवं कुछ गहने लेकर आएंगे। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक रीवा, आबिद खान का कहना है कि सिपाही दीपक सिंह गहरवार के शहीद होने की सूचना आई है, उनका पार्थिव शरीर गांव तक पहुंचने में अभी 2 से 3 दिन का समय लग सकता है।
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17 June 2020भोपाल। मप्र की राजनीति में इन दिनों उथल-पुथल मची हुई है। भाजपा द्वारा कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बुधवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए एमपी नगर क्राइम ब्रांच थाने पहुँचे। उन्होंने कहा है कि अक्सर ऐसा होता है चुनाव से पहले ऑडियो- वीडियो वायरल होते हैं और क्राइम ब्रांच पर शिकायत दर्ज होती है। जब तक इस एफआईआर पर कार्रवाई नहीं होती प्रदेश में कोई भी ऑडियो- वीडियो सत्य न माने जाए। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह बुधवार सुबह कांग्रेस नेताओं के साथ सीएम शिवराज के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराने क्राइम ब्रांच पहुंचे। यहां उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शिवराज सिंह चौहान के चुनाव क्षेत्र में जिस तरह से चिटफंड कंपनी का घोटाला कर आदिवासियों को ठगा गया। उस घोटालों को मेरे द्वारा उजागर कर सीएम शिवराज को पत्र लिखकर कहा है कार्यवाही करें, वरना मुझे आपके घर के सामने आकर धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा। इस छोटे से मसले को लेकर उन्होंने मेरे ऊपर एफआईआर करा दी। उन्होंने कहा कि जिस अपराध के लिए मेरे खिलाफ एफआईआर हुई है, वहीं अपराध शिवराज सिंह चौहान ने किया है। इसकी वीडियो क्लीप हमारे पास है, रियल भी और फेक भी। दिग्विजय सिंह ने मांग करते हुए कहा कि अगर मुझ पर एफआईआर हुई है तो उन पर भी होनी चाहिए और हम मांग करते है मप्र पुलिस और भोपाल पुलिस से कि जिस तरह से उन्होंने मेरे खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है उनके खिलाफ किया जाए। दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इसी ट्वीट को लेकर पुलिस परेशान कर रही है। इसलिए जब तक वीडिया एडिट किसने किया है इसकी जानकारी न लगे, तब तक किसी पर भी कार्यवाही नहीं होनी चाहिए।
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17 June 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन स्वास्थ्य खराब होने के कारण लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है, जिसके कारण उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। राज्यपाल लालजी टंडन का हाल जानने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लखनऊ के लिए रवाना हुए है। उन्होंने इस बात की जानकारी ट्वीट कर दी है। सीएम शिवराज सिंह चौहान राज्यपाल लालजी टंडन का हाल जानने लखनऊ रवाना हुए है। सीएम शिवराज दोपहर 1 बजे विशेष विमान से भोपाल से लखनऊ के लिए रवाना हुए। इस बात की जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘हमारे राज्यपाल श्री लालजी टंडन जी के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हूं, उनसे मिलने लखनऊ जा रहा हूं’। गौरतलब है कि राज्यपाल लालजी टंडन 11 जून से लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती है। डॉक्टरों के मुताबिक उनके लीवर में दिक्कत आने पर सीटी गाइडेड प्रोसीजर किया गया था। इसके बाद पेट में रक्त का स्त्राव बढ़ गया है और इमरजेंसी ऑपरेशन करना पड़ा था। राज्यपाल को सांस लेने में परेशानी हुई तो वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है।
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16 June 2020शोपियां। शोपियां जिले के तुर्कवंगम इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मंगलवार सुबह हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने हिजबुल मुजाहिदीन के तीन आतंकियों को मार गिराया गया है। फिलहाल मुठभेड़ समाप्त हो गई है तथा सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। इस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के शवों के साथ भारी तादाद में हथियार व गोलाबारूद भी बरामद हुआ है। शोपियां जिले के तुर्कवंगम इलाके में सुरक्षाबलों को आतंकियों के छिपे होेने की सूचना मिली। सूचना मिलने के आधार पर सेना की 44 आरआर, पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने तलाशी अभियान चलाया। इस दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों को पास आते देख गोलीबारी शुरू कर दी जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। फिलहाल मुठभेड़ समाप्त हो गई है। सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। सुरक्षाबलों ने क्षेत्र के सभी आने-जाने वाले रास्तों को सील कर दिया है। इस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियोें की पहचान जिला कमांडर जुबैर अहमद वानी निवासी तुर्कवंगम जैनपोरा शोपियां, मुनीबुल हक निवासी सुगान और कामरान जहूर मन्हास उर्फ अबु बकर निवासी यावूरा शोपियां के तौर पर हुई है। डीजीपी जम्मू दिलबाग सिंह ने तीनों आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि जून में ही सुरक्षाबलों ने विभिन्न मुठभेड़ों में 17 आतंकी मार गिराए है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जनवरी से अब तक कुल 109 आतंकी कश्मीर घाटी में ढेर किये जा चुके हैं।
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16 June 2020नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनातनी ख़त्म करने के लिए चीन के साथ लगातार चल रही सैन्य वार्ताओं के बीच सोमवार देर रात गलवान घाटी में दोनों सेनाओं को पीछे करने की कवायद के दौरान दोनों देशों की सेनाओं में हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान चीन की ओर से की गई फायरिंग में भारतीय सेना के एक कर्नल और तीन सैनिकों की मौत हो गई है। एलएसी पर 1975 के बाद यह पहला मौका है जब चीन के साथ इस तरह की हिंसा में भारतीय सेना के अधिकारी और सैनिकों की मौत हुई है। भारत और चीन ने सोमवार को भी दिन में अपनी सैन्य वार्ता जारी रखी। ब्रिगेडियर और कर्नल स्तर की हुई वार्ता में पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी क्षेत्र और हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र पेट्रोलिंग पॉइंट्स 14 और 17 के दो फेस-ऑफ स्थलों पर चर्चा हुई। फिंगर-4 के कब्जा जमाये बैठे चीनी सैनिक वहां से हटने को तैयार नहीं हैं। अब हुईं सैन्य वार्ताओं में कई बार यह मुद्दा उठा लेकिन यह गतिरोध ख़त्म नहीं हो पाया। फिंगर-4 पर बैठे चीनी सैनिक भारतीय गश्ती दल को आगे नहीं जाने देते हैं। इसी मुद्दे पर दिन में हुई बैठक के बाद रात को गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिक आमने-सामने आ गए। यहीं पर इन दिनों चीन और भारतीय सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया चल रही थी क्योंकि भारत का साफ कहना था कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव पूरी तरह से तभी खत्म होगा, जब तक चीन के सारे सैनिक नहीं हट जाते। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने भी शनिवार को कहा था कि जारी सैन्य बातचीत से भारत और चीन के बीच 'सभी कथित मतभेदों' का समाधान हो जाएगा। उन्होंने पहली बार यह माना था कि चीनी सेना ने भारतीय क्षेत्र के जिन इलाकों में कब्ज़ा कर लिया था, वहां से वापस होने लगी हैं। एलएसी पर चीन के साथ हुई झड़प को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस बिपिन रावत के साथ बैठक की। इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और आर्मी चीफ जनरल एमएम नरवणे भी मौजूद थे। इस घटना के बारे में आधिकारिक जानकारी देने के लिए भारतीय सेना की दोपहर 2 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। चीन की तरफ कितना नुकसान हुआ है, इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस बड़े घटनाक्रम के बाद दोनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर मुलाकात करके हालात संभालने की कोशिश में लगे हुए हैं।
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16 June 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना के मरीज तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं। यहां रिकवरी रेट 71 फीसदी से अधिक है। इस मामले में मध्य प्रदेश देश में राजस्थान के बाद दूसरे स्थान पर है लेकिन नये मरीजों की संख्या भी कम नहीं हो रही है। अब यहां छह जिलों में 95 नये मामले सामने आए हैं। इसके बाद राज्य में संक्रमितों की संख्या 10 हजार 897 हो गई है। वहीं, प्रदेश में कोरोना से अब तक 463 लोगों की मौत हो चुकी है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमपी शर्मा ने सोमवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा रविवार देर रात 1058 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की, जिनमें छह नये पॉजिटिव मिले हैं। इसके बाद यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 4069 हो गई है। वहीं, इंदौर में कोरोना से चार लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। मृतकों में 62 वर्षीय महिला के साथ ही 40, 74 तथा 99 वर्षीय पुरुष शामिल हैं। इसके बाद इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 174 हो गई है। इधर, भोपाल सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने मुताबिक सोमवार सुबह आई रिपोर्ट में कोरोना के 52 नये मामले सामने आए हैं। इसके अलावा रतलाम में 20, उज्जैन में नौ, नीमच में पांच और रायसेन में तीन नये पॉजिटिव मिले हैं। इन 95 नये मामलों के साथ राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या 10,897 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 4069, भोपाल 2247, उज्जैन 801, खंडवा 279, बुरहानपुर 384, जबलपुर 309, खरगौन 220, धार 137, ग्वालियर 257, नीमच 385, मंदसौर 95, सागर 252, मुरैना 146, देवास 163, रायसेन 87, भिंड 115, बड़वानी 66, होशंगाबाद 37, रतलाम 106, रीवा 39, विदिशा 40, बैतूल 37, सतना 22, छतरपुर 45, डिंडौरी 30, दमोह 29, आगरमालवा 15, झाबुआ 14, अशोकनगर 41, शाजापुर 46, सीधी 17, सिंगरौली 12, दतिया 21, शहडोल 15, बालाघाट 12, श्योपुर 58, शिवपुरी 21, टीकमगढ़ 20, छिंदवाड़ा 31, नरिसंहपुर 19, सीहोर 11, उमरिया 10, पन्ना 21, अलीराजपुर 03, अनूपपुर 28, हरदा 11, राजगढ़ 45, गुना 10, मंडला 05, सिवनी 02 निवाड़ी 03 और कटनी 08 मरीज शामिल हैं। इंदौर में हुई चार मौतों के बाद राज्य में कोरोना मरने वालों की संख्या 463 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 174, भोपाल 72, उज्जैन 66, बुरहानपुर 22, खंडवा 17, जबलपुर 12, खरगौन 14, ग्वालियर 02, धार 05, मंदसौर 09, नीमच 07, सागर 15, देवास 10, रायसेन 03, होशंगाबाद 03, सतना 02, आगरमालवा 01, झाबुआ 01, अशोकनगर 01, शाजापुर 03, दतिया 01, छिंदवाड़ा 02, सीहोर 02, उमरिया 01, रतलाम 04, बड़वानी 02 मुरैना 01, राजगढ़ 04, श्योपुर 02, टीमकगढ़ 01, रीवा 01, गुना 01 और मंडला का एक व्यक्ति शामिल है। हालांकि, राज्य में अब तक 7677 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर पहुंच चुके हैं। अब यहां सक्रिय मरीजों की संख्या 2761 है।
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15 June 2020भोपाल। कोरोना महामारी के चलते राजधानी भोपाल में पिछले 84 दिन से लगे लॉकडाउन के बाद से बंद धार्मिक स्थल सोमवार से धार्मिक दोबारा खुले। इस दौरान नियमों का पालन कर लोगों को प्रवेश दिया गया। मंदिरों के कपाट खुलने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी भगवान के दर्शन करने सोमवार सुबह भोपाल के करुणाधाम आश्रम पहुंचे और मातारानी का आशीर्वाद लिया। सीएम शिवराज ने करुणा धाम आश्रम पहुंचने के बाद ट्वीट कर जानकारी साझा की। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि ‘आज भोपाल में करुणाधाम आश्रम पहुँचकर माता रानी के चरणों में माथा टेका। माता रानी से प्रार्थना करता हूँ कि हम सभी भक्तों को इस विपदा की घड़ी में शक्ति दें और अपना आशीर्वाद व स्नेह हम सभी पर बनाए रखें। जय माता दी! बतातें चले कि आज से राजधानी भोपाल में सभी धर्मों के धर्म स्थल खुले तो पूजा-अर्चना, आरती व देव दर्शन से लेकर श्रद्धालुओं के प्रवेश का तरीका सबकुछ बदला-बदला रहा। मंदिर पहुंचने वाले भक्तों को घंटी बजाने और फूलमाला-चुनरी, प्रसादी चढ़ाने की अनुमति नहीं है। भगवान के दर्शन भी निश्वित स्थान पर बने गोल घेरे में खड़े होकर ही हो पाए। मंदिरों में दान करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था की गई है, नगद चढ़ावे पर रोक लगा दी गई है। वहीं मस्जिदों में नमाज तो हुई, लेकिन सभी के बीच फासदा रखा गया। चादर चढ़ाने की भी अनुमति नहीं है। नमाज पढऩे के लिए लोग घर से ही वुजू करके आए। यही सुरक्षित दूरी की तस्वीर गुरुद्वारों व चर्चों में दिखाई दी। गुरुद्वारा में हाथ-पांव अच्छे से धोकर ही प्रवेश की अनुमति के अलावा सभी संगत की गतिविधियां कैमरे में कैद होंगी।
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15 June 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुराने वीडियो को ऑडिट कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह समेत 11 लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है। इसकी पुष्टि सोमवार को भोपाल डीआईजी इरशाद वली ने की है। उन्होंने बताया है कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। बता दें कि शिवराज ने विपक्ष में रहते हुए 12 जनवरी 2020 को तत्कालीन कमलनाथ सरकार की शराब नीति पर बोलते हुए दो मिनट 19 सेकंड का एक वीडियो पोस्ट किया था। आरोप है कि उस वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके नौ सेकंड का एक वीडियो तैयार किया गया है। इसे सोशल मीडिया पर वायरल किया जा रहा है। इस वीडियो में कथित तौर पर मुख्यमंत्री को यह कहते हुए दिखाया गया है कि ‘दारू इतनी फैला दो कि पीएं और पड़े रहें'। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रविवार को दोपहर एक बजकर 50 मिनट पर वायरल वीडियो को अपने ट्विटर से साझा किया था। इसे 11 लोगों ने रीट्वीट किया था। विवाद बढऩे पर दिग्विजय ने इसे डिलीट कर दिया है। भोपाल क्राइम ब्रांच ने भाजपा की शिकायत पर दिग्विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इसके साथ ही वीडियो को रीट्वीट करने वाले अन्य 11 लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है। इसे लेकर शिवराज ने रविवार को चेतावनी दी थी कि इसे साझा करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद रविवार शाम को ही भाजपा विधायक विश्वास सारंग और अन्य भाजपा नेताओं ने भोपाल क्राइम ब्रांच पहुंचकर दिग्विजय सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना है कि कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा इस वीडियो के जरिए जनता को भ्रमित करने की कोशिश की गई है। पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए दिग्विजय सिंह समेत 11 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। भोपाल डीआईजी इरशाद वली ने सोमवार को बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुराने वीडियो को एडिट कर छवि खराब करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर वायरल करने के मामले को गंभीरता से लिया गया है। उन्होंने कहा कि मामले में साइबर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
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15 June 2020शहडोल। जिले के ब्यौहारी थाना क्षेत्र अंतर्गत बुढ़वा रोड स्थित ग्राम पपरेड़ी में शनिवार सुबह छुई मिट्टी की खदान धंकसने से वहां काम कर रहे मजदूर मलबे में दब गए। सूचना मिलने पर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। इस हादसे में पांच मजदूरों की मौत हो चुकी है और उनके शव मलबे से बाहर निकाल लिये गये हैं। वहीं, छह लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया है। फिलहाल रेस्क्यू जारी है और मलबे में कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। सूचना मिलने पर कलेक्टर-एसपी भी मौके पर पहुंच गए हैं। जानकारी के मुताबिक, जिला मुख्यालय से 110 किलोमीटर दूर ब्यौहारी थाने के अंतर्गत पपरेड़ी गांव में निजी जमीन पर एक छुई मिट्टी की खदान है, जहां शनिवार सुबह 11 ग्रामीण खुदाई कर रहे थे। तभी तभी खदान धसक गयी और ग्रामीण इसके मलबे में दब गए। मलबे में दबने से पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि छह अन्य घायल हो गए । घटना की सूचना के मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य कराया। कलेक्टर-एसपी ने भी मौके पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली। कलेक्टर सत्येन्द्र सिंह ने बताया कि इस हादसे में अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि छह लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। अभी मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। हादसे में कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका है। राहत एवं बचाव कार्य जारी है और मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं। स्थानीय विधायक शहद कोल भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को घटना से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिवारजनों को 2-2 लाख की सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की है। बताया गया है कि निजी जमीन पर यह खदान अवैध रूप से संचालित की जा रही थी। स्थानीय ग्रामीण यहां से छुई मिट्टी खोद कर जमा करते थे, जिसके बाद अवैध रूप से व्यापारियों द्वारा इसे परिवहन किया जाता था। गौरतलब है कि छुई मिट्टी का इस्तेमाल पेंट करने में किया जाता है।
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13 June 2020भोपाल। देशभर में पिछले छह दिनों से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं, मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने राज्य में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले उपकरों में एक-एक रुपये का इजाफा कर दिया है और यह दरें शुक्रवार की आधी से रात से लागू भी हो गई हैं। पेट्रोल-डीजल की इन बड़ी हुई कीमतों का पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने विरोध किया है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए इसे जनता पर दोहरी मार बताया है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने शनिवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा है कि -‘ कोरोना महामारी के इस संकट काल में जनता को पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले करों में कमी कर राहत देने का समय है, लेकिन इस संकटकाल में भी उन पर करों में बढ़ोतरी कर जनता पर महंगाई की दोहरी मार थोपी जा रही है।’ उन्होंने कहा है कि - ‘एक तरफ कच्चा तेल सस्ता हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल के दामों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। पहले केंद्र सरकार ने जनता को राहत देने की बजाय पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर खुद के खजाने को भरने का काम किया। अब मध्यप्रदेश की सरकार ने इस संकट काल में पेट्रोल और डीजल पर एक एक-एक रुपये का अतिरिक्त कर बढ़ाकर जनता को महंगाई की आग में झोंकने का काम किया है।’ उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि - ‘प्रदेश में पेट्रोल पर पूर्व में ही 33 फीसदी वैट, एक फीसदी सेंस व 3.5 रुपये अतिरिक्त कर और डीजल पर 23 फीसदी वैट एक फीसदी सेंस व 2 रुपये अतिरिक्त कर लग रहा था। अब इन अतिरिक्त करों में एक-एक रुपये की इस बढ़ोतरी से पेट्रोल व डीजल में अभी तक का सर्वाधिक टैक्स हो गया है।’
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13 June 2020भोपाल। देशभर में पिछले छह दिनों से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा हो रहा है। वहीं, मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने राज्य में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले उपकरों में एक-एक रुपये का इजाफा कर दिया है और यह दरें शुक्रवार की आधी से रात से लागू भी हो गई हैं। पेट्रोल-डीजल की इन बड़ी हुई कीमतों का पूर्व सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने विरोध किया है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए इसे जनता पर दोहरी मार बताया है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने शनिवार को सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा है कि -‘ कोरोना महामारी के इस संकट काल में जनता को पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले करों में कमी कर राहत देने का समय है, लेकिन इस संकटकाल में भी उन पर करों में बढ़ोतरी कर जनता पर महंगाई की दोहरी मार थोपी जा रही है।’ उन्होंने कहा है कि - ‘एक तरफ कच्चा तेल सस्ता हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल-डीजल के दामों में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है। पहले केंद्र सरकार ने जनता को राहत देने की बजाय पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर खुद के खजाने को भरने का काम किया। अब मध्यप्रदेश की सरकार ने इस संकट काल में पेट्रोल और डीजल पर एक एक-एक रुपये का अतिरिक्त कर बढ़ाकर जनता को महंगाई की आग में झोंकने का काम किया है।’ उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि - ‘प्रदेश में पेट्रोल पर पूर्व में ही 33 फीसदी वैट, एक फीसदी सेंस व 3.5 रुपये अतिरिक्त कर और डीजल पर 23 फीसदी वैट एक फीसदी सेंस व 2 रुपये अतिरिक्त कर लग रहा था। अब इन अतिरिक्त करों में एक-एक रुपये की इस बढ़ोतरी से पेट्रोल व डीजल में अभी तक का सर्वाधिक टैक्स हो गया है।’
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13 June 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में महिलाओं के शराब बेचने के मुद्दे पर विपक्ष के निशाने पर आई सरकार पर अब बैकफुट पर आ गई है। महिला आरक्षकों के शराब बेचते हुए फोटो वायरल होने और सरकार की जमकर किरकिरी होने के बाद अब सरकार ने महिलाओं कर्मियों के शराब बेचने का फैसला वापस ले लिया है। दरअसल शराब ठेकेदारों द्वारा लायसेंस सरेंडर करने के बाद शासन ने आबकारी विभाग के माध्यम से शराब दुकाने संचालित करने का फैसला किया। इसके बाद शराब दुकानों पर महिलाकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई। शराब की दुकानों पर आबकारी विभाग की महिलाकर्मियों की तैनाती को कांग्रेस ने बड़ा मुद्दा बनाया था। विवाद बढऩे पर प्रदेश की शिवराज सरकार ने ये फैसला लिया है। शासन द्वारा शराब दुकानों पर आबकारी विभाग की महिलाकर्मियों की तैनाती नहीं करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। नए निर्देशों के मुताबिक पुरुष कर्मचारी ही शराब ठेकों पर बैठेंगे। इस संबंध में आबकारी आयुक्त ने सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया है कि शराब दुकानों के विभागीय संचालन की स्थिति में विक्रयकर्ता और चौकीदार के रूप में केवल पुरुष कर्मचारियों की ही ड्यूटी लगाई जाए। यानि कि अब सिर्फ होमगार्ड, पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों ही ड्यूटी कर सकेंगे। इसके साथ ही सागर जिले में जिन शासकीय कर्मचारियों की ड्यूटी मदिरा दुकानों के संचालन के लिए लगाई गई थी। उसे तुरंत प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है।
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13 June 2020मुरैना/उज्जैन। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी मां माधवी राजे कोरोना संक्रमित होने के बाद दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती हैं। हालांकि, शुक्रवार को दोनों की दूसरी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है और उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो रहा है। दोनों की रिपोर्ट की निगेटिव आने के बाद उन्हें दो-तीन दिन में अस्पताल से डिस्चार्ज किया जा सकता है, लेकिन मध्यप्रदेश में उनकी सलामती के लिए मंदिरों में विशेष पूजन-अर्चन किया जा रहा है। शनिवार को सुबह से मुरैना जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध शनि मंदिर पर सिंधिया परिवार के पुजारी द्वारा पूजा अर्चना की गई। सिंधिया परिवार के करीबी दो सदस्य भी इस पूजा में शामिल रहे और उनकी सेहत को लेकर कामना की। शनि मंदिर में की गई हवन-पूजा में महाराजा और महारानी की पर्चियां भी शामिल की गई। इधर उज्जैन में शनिवार सुबह ज्योतिरादित्य सिंधिया की स्वास्थ्य कामना को लेकर समर्थकों ने हाथों में पोस्टर लेकर उज्जैन के महाकाल मंदिर के सामने पूजा-अर्चना की। समर्थकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी माता के जल्द स्वास्थ्य लाभ के लिए बाबा महाकाल के शिखर दर्शन कर भगवान को धन्यवाद अर्पण किया। सिंधिया समर्थक संजय ठाकुर ने बताया कि महाराज के जल्द स्वस्थ होने के लिए बाबा महाकाल से से प्रार्थना की है। दरअसल, तीन दिन पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी माताजी अस्वस्थ हो गई थीं। इसके बाद उनका कोरोना टेस्ट कराया गया था, जिसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, लेकिन शुक्रवार को उनका दोबार टेस्ट हुआ, जिसमें उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है।
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13 June 2020मुरैना। मध्यप्रदेश में पूर्ववर्ती सरकार को गिराने का खुलासा करने वाले ओडियो-वीडियो के वायरल होने के बाद राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। दोनों ही पार्टी के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसी बीच कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस विधायक लाखन सिंह यादव ने सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशान साधा है। उन्होंने दोनों को चोर-चोर मौसेरे भाई की संज्ञा देते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। दरअसल, कांग्रेस विधायक लाखन सिंह यादव शुक्रवार को मुरैना पहुंचे थे। यहां उन्होंने कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर इस क्षेत्र में होने वाले उपचुनावों की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए सिंधिया और शिवराज को आड़े हाथों लिया। उन्होंने भाजपा के दोनों वरिष्ठ नेताओं को चोर-चोर मौसेरे भाई की संज्ञा देते हुए कहा कि जनता उनको और उनके समर्थक विधायकों को जवाब देगी। उन्होंने सिंधिया के हाल ही में हुए 50 हजार रुपये के लेन-देन के वायरल हुए ऑडियो को लेकर कहा कि ऐसे कई और भी मामले हैं जो अब धीरे-धीरे जनता के सामने आएंगे। कांग्रेस में सिंधिया के रहते जो दुखी थे, वे सभी कांग्रेस नेता अब खुश हैं। उन्होंने कहा कि उपचुनाव में चम्बल क्षेत्र में हमेशा से कांग्रेस का वर्चस्व रहा है और यहां हमारी उपचुनाव को लेकर अच्छी तैयारियां हैं। भाजपा ने कांग्रेस की सरकार गिराने का जो षड्यंत्र रचा है और उसका खुलासा आडियो-वीडियो के वायरल होने के बाद जनता के बीच हो गया है। अब उपचुनाव में जनता उन विधायकों को जवाब देगी, जो खरीद-फरोख्त में शामिल हुए और जनता के भरोसे को तोड़ा। पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने भी पहले प्रदेश में कांग्रेस सरकार को गिराने का काफी प्रयास किया था, लेकिन उसमें वे सफल नहीं हुए तो केन्द्रीय नेतृत्व के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा। इसका उन्होंने वायरल हुए ऑडियो में स्वयं खुलासा किया है। लाखन सिंह ने कहा कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को गिराने के पीछे भाजपा का षड्यंत्र है। वर्तमान शिवराज सरकार अल्पमत में है। उन्होंने दावा किया है कि उपचुनाव के बाद पुन: कमलनाथ के नेतृत्व में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनेगी।
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12 June 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 68 फीसदी से अधिक है। इसके बावजूद नये मामलों में कमी नहीं आ रही है। अब यहां तीन जिलों में 130 नये मामले सामने आए हैं। इसके बाद राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या संख्या 10 हजार 371 हो गई है। वहीं, प्रदेश में कोरोना से अब तक 436 लोगों की मौत हो चुकी है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमपी शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा गुरुवार देर रात 3110 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिनमें 50 रिपोर्ट पॉजिटिव और शेष निगेटिव आई हैं। इन नये 50 मामलों के साथ जिले में अब संक्रमित मरीजों संख्या 3972 हो गई है। वहीं, इंदौर में एक 69 वर्षीय संक्रमित महिला की मौत की भी पुष्टि हुई है। इसके बाद यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या 164 हो गई है। भोपाल के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार देर रात 1289 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट में 70 नये मामले सामने आए हैं। इसके बाद यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 2082 हो गई है। वहीं, भोपाल में चार लोगों की कोरोना से मौत की पुष्टि हुई है। अब यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या 69 हो गई है। इसके अलावा उज्जैन में कोरोना के 10 नये मामले सामने आए हैं। इन 130 नये मामलों के साथ राज्य में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या बढक़र 10,241 से बढक़र 10,341 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 3972, भोपाल 2082, उज्जैन 769, खंडवा 274, बुरहानपुर 379, जबलपुर 283, खरगौन 212, धार 131, ग्वालियर 233, नीमच 356, मंदसौर 95, सागर 242, मुरैना 139, देवास 146, रायसेन 78, भिंड 110, बड़वानी 62, होशंगाबाद 37, रतलाम 85, रीवा 38, विदिशा 37, बैतूल 36, सतना 22, छतरपुर 41, डिंडौरी 29, दमोह 27, आगरमालवा 15, झाबुआ 14, अशोकनगर 40, शाजापुर 38, सीधी 17, सिंगरौली 12, दतिया 20, शहडोल 13, बालाघाट 12, श्योपुर 54, शिवपुरी 20, टीकमगढ़ 19, छिंदवाड़ा 30, नरिसंहपुर 18, सीहोर 11, उमरिया 10, पन्ना 21, अलीराजपुर 03, अनूपपुर 26, हरदा 04, राजगढ़ 39, गुना 09, मंडला 05, सिवनी 02 और कटनी 04 मरीज शामिल हैं। इंदौर-भोपाल में हुई पांच मौतों की पुष्टि के बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 436 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 164, भोपाल 69, उज्जैन 64, बुरहानपुर 20, खंडवा 17, जबलपुर 11, खरगौन 13, ग्वालियर 02, धार 04, मंदसौर 09, नीमच 05, सागर 13, देवास 09, रायसेन 03, होशंगाबाद 03, सतना 02, आगरमालवा 01, झाबुआ 01, अशोकनगर 01, शाजापुर 03, दतिया 01, छिंदवाड़ा 02, सीहोर 02, उमरिया 01, रतलाम 04, बड़वानी 02 मुरैना 01, राजगढ़ 03, श्योपुर 02, टीमकगढ़ 01, रीवा 01 और मंडला का एक व्यक्ति शामिल है। हालांकि, प्रदेश में 7042 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। अब प्रदेश में कोरोना के सक्रिय प्रकरण 2768 हैं।
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12 June 2020गृह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कोविड-19 के बाद उत्पन्न हालातों में अधिकतम लोगों को रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। अत: सभी उद्योगपति अपने कार्य क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध करावें। डॉ. मिश्रा आज अपने निवास पर रोजगार संवर्धन को लेकर उद्योगपतियों से चर्चा कर रहे थे। मंत्री डॉ. मिश्रा के आव्हान पर उपस्थित सभी उद्योगपतियों ने ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दिये जाने पर सहमति दी। डॉ. मिश्रा ने कहा कि अधिकतम जरूरतमंदों को रोजगार की उपलब्धता सुनिश्चित करने को दृष्टिगत रखते हुए उद्योगपतियों से चर्चा की है। ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार उपलब्ध हो, इस पर सभी उद्योगपतियों ने सहमति देते हुए कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में अधिकतम लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे। उद्योगपतियों ने कहा कि रोजगार सर्जन के नए कार्य भी प्रारंभ करेंगे ताकि और अधिक लोगों को कार्य मिल सके। बैठक में सुनील बंसल, राजीव अग्रवाल, मनोज मोदी, अमरजीत सिंह, एन. एल. गुर्जर, अनिरुद्ध चौहान, डॉ. राहुल खरे, बीएस यादव, डॉ. उमेश शारदा, सुरेंद्र मित्तल और प्रदीप मित्तल मौजूद रहे।
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12 June 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को दोपहर में ट्वीट कर कहा कि ‘पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है।’ इस पर पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पलटवार किया है। उन्होंने ट्वीट का जवाब ट्वीट से देते हुए कहा है कि खुद को धर्मप्रेमी बताने वाले ही सबसे बड़े अधर्मी हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए कहा है कि ‘कुछ लोग खुद को बड़ा धर्मप्रेमी बताते हैं, खूब ढोंग करते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि ये ही लोग सबसे बड़े अधर्मी, पापी हैं।’ उन्होंने लिखा है कि -‘जनता के धर्म यानि जनादेश को नहीं मानते हुए उसका अपमान करने वाले धर्म प्रेमी कैसे? धोखा, फरेब, साजिश, खरीद-फरोख्त, षड्यंत्र, प्रलोभन, ये आचरण तो धर्म कभी नहीं सिखाता?’ उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि - ‘ एक समय जिन्हें पापी बताते थे, आज वो ही संगी साथी है। कोई नियत-नीति नहीं, नैतिकता नहीं, कोई सिद्धांत नहीं, यह धर्म की राह कैसे? बता दें कि कमलनाथ सरकार को गिराने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गत दिवस एक ऑडियो वायरल होने के बाद वे कांग्रेस के निशाने पर आ गए थे। इसके बाद उन्होंने गुरुवार को दोपहर में एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि -‘पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है। हमारा धर्म तो यही कहता है। क्यों? बोलो, सियापति रामचंद्र की जय!’ इसी ट्वीट को लेकर कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान पर पलटवार किया है। इसके साथ ही कमलनाथ ने शराब दुकानों पर आबकारी विभाग की महिला अधिकारियों को बैठाने को लेकर भी राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि - ‘शिवराज जी, आप जब विपक्ष में थे तो प्रदेश में शराब को लेकर खूब विरोध करते थे, खूब भाषण देते थे, शराब को बहन-बेटियों के लिये खतरा बताते हुए उनको साथ लेकर धरने पर बैठते थे, लेकिन अब तो आपने बहन-बेटियों को ही शराब की दुकानो पर बैठा दिया? इससे शर्मनाक व दोहरा चरित्र कुछ नहीं हो सकता है?’
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11 June 2020भोपाल/इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ऑडियो को लेकर प्रदेश में कांग्रेस हमलावर है और भाजपा को घेरने में जुटी हुई है। इसी बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का एक बयान सामने आया है। उन्होंने इस ऑडियो को पूरी तरह मैन्युफेक्चर बताते हुए कहा है कि चूहे को चिन्दी मिल जाती है तो वो बजाजखाना खोल लेता है। इस दौरान उन्होंने दावा किया है कि राज्य में होने वाले उपचुनावों में भाजपा सभी 24 सीटें जीतेगी। बता दें कि सीएम शिवराज का बुधवार को ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे खुलासा कर रहे हैं कि पार्टी हाईकमान के निर्देश पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसीराम सिलावट की मदद से कमलनाथ सरकार गिराई। इसके बाद वे कांग्रेस के निशान पर आ गए। पूर्व सीएम कमलनाथ से लेकर सभी कांग्रेस नेता उनके ऑडियो को लेकर उन पर हमले कर रहे हैं। इसी बीच कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को इंदौर में मीडिया से बात में कहा कि ऑडियो पूरी तरह से मैन्युफेक्चर है। उन्होंने कहा कि पार्टी में कोई भी काम हाईकमान से पूछकर ही किया जाता है। कांग्रेस इस मामले को तूल देकर भाजपा की छवि खराब करना चाहती है, लेकिन ऐसा होगा नहीं। कांग्रेस के एक नेता है जिनकी आदत है, चूहे को चिंदी मिल जाती है तो वो बजाजखाना खोल लेता है। विजयवर्गीय ने कहा है कि यह सब उपचुनाव के लिए हो रहा है, लेकिन मैं दावे के साथ कहता हूं कि भाजपा सभी 24 सीटों पर जीत हासिल करेगी। पत्रकारों द्वारा पूछा गया कि कांग्रेस इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रही है। इस पर उन्होंने कहा कि जिसको जहां जाना है जा सकते हैं। कांग्रेस के लोग इसके लिए स्वतंत्र हैं। वहीं, राजस्थान में चल रही सियासी उठापटक को लेकर भी उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उन्हें अपने पार्टी नेतृत्व पर ही विश्वास नहीं है। राहुल की बयानबाजी से लोग परेशान हैं और वे पार्टी छोडक़र भाग रहे हैं। कांग्रेस अगर अपनी पार्टी के विधायकों को ही नहीं संभाल सकती है तो इसके लिए किसी दूसरे को दोषी ठहराना गलत है।
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11 June 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का ऑडियो-वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने खुलासा किया है कि पार्टी हाईकमान के निर्देश पर ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसीराम सिलावट की मदद से कमलनाथ सरकार गिराई थी। इसके बाद वे कांग्रेस के निशान पर आ गए। पूर्व सीएम कमलनाथ से लेकर सभी कांग्रेस नेता उनके ऑडियो-वीडियो को लेकर उन पर हमले कर रहे हैं। इसी बीच सीएम शिवराज के एक ट्वीट कर राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार दोपहर में एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि -‘पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है। हमारा धर्म तो यही कहता है। क्यों? बोलो, सियापति रामचंद्र की जय!’ इस ट्वीट के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। राजनीति के जानकार इसे विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेताओं द्वारा किये जा रहे हमलों का जवाब मान रहे हैं। गौरतलब है कि बुधवार को सीएम शिवराज का एक ऑडियो और वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने यह स्वीकार किया कि पार्टी हाईकमान के निर्देश पर कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिराई गई थी। हालांकि, इस ऑडियो और वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन इसको लेकर कांग्रेस ने सीएम शिवराज का घेराव शुरू कर दिया। गुुरुवार को भी वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने इस मामले को लेकर प्रेस को संबोधित किया। इसके बाद सीएम का यह ट्वीट आया। इसीलिए इसे कांग्रेस के हमले का पलटवार बताया जा रहा है।
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11 June 2020शोपियां। शोपियां जिले के सुगू इलाके में बुधवार सुबह से सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच चल रही मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दोपहर में एक और आतंकी को मार गिराया है। इसके साथ ही इस मुठभेड़ में अब तक मारे जाने वाले आतंकियों की संख्या चार पहुंच गई है। माना जा रहा है कि अभी भी दो और आतंकी सुरक्षाबलों के घेरे में फंसे हुए है जिन्हें मार गिराने के लिए मुठभेड़ जारी है। शोपियां जिले के सुगू इलाके में सुरक्षाबलों को आतंकियों के छिपे होेने की सूचना मिली। सूचना मिलने के आधार पर सेना की 44 आरआर, पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने आतंकियों की धर-पकड़ के लिए सयुक्त तलाशी अभियान चलाया। तलाशी अभियान के दौरान आतंकियों ने सुरक्षाबलों को पास आते देख गोलीबारी शुरू कर दी जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को मार गिराया है। माना जा रहा है कि अभी भी दो और आतंकी सुरक्षाबलों के घेरे में फंसे हुए है जिन्हें मार गिराने के लिए अभियान जारी है। इस सप्ताह में शोपियां जिले में यह तीसरी मुठभेड़ है। रविवार व सोमवार को भी सुरक्षाबलों ने शोपियां जिले के रेबन तथा पिंजोरा गांव में हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर सहित नौ आतंकियों को मार गिराया था।
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10 June 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के दौरान नर्मदा समेत नदी न्यास के अध्यक्ष रहे संत कम्प्यूटर बाबा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि मेरी हत्या की साजिश हो रही है। इसके लिए उन्होंने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। हमेशा विवादों में रहे कम्प्यूटर बाबा ने बुधवार को भोपाल में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि नर्मदा नदी में रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। मां नर्मदा की रक्षार्थ हमने कई रेत माफियाओं पर कड़ी कार्यवाही की, जिसके फलस्वरूप माफियाओं से हमारी जान को खतरा है, किन्तु मध्यप्रदेश सरकार ने हमारी एक्स श्रेणी की सुरक्षा हटा दी। एक तरफ देश मे संतों की हत्याएं की जा रही है और दूसरी तरफ उक्त विषय पर घडिय़ाली आंसू बहाने वाली भाजपा सरकार संतो की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है। अब मेरी हत्या की साजिश हो रही है। अगर मेरी हत्या होती है तो इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की सरकार जिम्मेदार होगी। उन्होंने मीडिया को एक पत्र दिखाया, जो कि उन्होंने मुख्य सचिव के नाम लिखा है। उन्होंने कहा है कि मैंने प्रदेश के सचिव मुख्य को पत्र लिखकर सुरक्षा देने का आग्रह किया है, जिससे हम मां नर्मदा की सेवा बिना किसी रुकावट कर सकें। इस पत्र में उन्होंने सुरक्षा की मांग की है। वहीं, भाजपा में जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि में बीजेपी में कभी नहीं जाऊंगा।
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10 June 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह चौहान का बुधवार को जन्मदिन है। इस अवसर पर उन्हें बधाई और शुभकामाएं देने के लिए उनके समर्थकों द्वारा राजधानी भोपाल में जगह-जगह होर्डिंग और बैनर लगाए गए हैं। इसके अलावा अखबारों में भी विज्ञापन दिये गये हैं। इन बैनर-पोस्टरों और विज्ञापनों में सभी बड़े भाजपा नेताओं की तस्वीर छापी गई है, लेकिन हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को इनमें जगह नहीं दी गई है। साधना सिंह के जन्मदिन पर भोपाल में जगह-जगह होर्डिंग और बैनर लगे हुए हैं, जिनमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत सभी दिग्गज और प्रदेश के नेताओं की तस्वीर छापी गई है, लेकिन उनमें सिंधिया की तस्वीर गायब है। इसको लेकर कांग्रेस ने फिर भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने तंज कसते हुए कहा है कि -माफ करो महाराज-अब हमारे नेता शिवराज। सलूजा ने कहा कि जो समर्थक कहते थे कि उनकी एक आवाज पर कुछ भी कर जाएंगे, उन्होंने ही उन्हें भुला दिया।
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10 June 2020भोपाल/नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में इन दिनों विधानसभा की 24 रिक्त सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां इन सीटों को जीतने के लिए जोर-आजमाइश में जुटी हुई हैं। ऐसे में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कोरोना संक्रमित हो गए हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। उनके साथ उनही मां माधवी राजे सिंधिया भी कोरोना संक्रमित हो गई हैं। अस्पताल प्रबंधन ने दोनों को कोरोना संक्रमित होन के बाद अस्पताल में भर्ती होने की पुष्टि की है। बता दें कि कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया प्रदेश में होने वाली 24 सीटों पर उपचुनाव की तैयारियों में जुटे थे। वे लॉकडाउन के दौरान दिल्ली में ही थे। वे लॉकडाउन खुलने के बाद ग्वालियर आने की तैयारियों में जुटे थे, ताकि यहां आकर उपचुनाव का काम संभाल सकें। लेकिन मंगलवार को जानकारी मिली है कि एक दिन पहले उनकी तबियत खराब होने पर उन्हें दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनके सेम्पल लेकर जांच की गई, जिसमें वे और उनकी मां दोनों की कोरोना संक्रमित पाये गये। फिलहाल दोनों अस्पताल में भर्ती हैं और उनका उपचार चल रहा है। जानकारी मिली है कि सिंधिया और उनकी मां माधवी राजे सिंधिया के कोरोना संक्रमित पाये जाने के बाद उनके पूरे परिवार की स्वास्थ जांच की जा रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि वे कैसे इसकी चपेट में आ गए।
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9 June 2020भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत इंदौर और उज्जैन जिले में मंगलवार से शराब की दुकानें खुलने जा रही है। हाईकोर्ट के निर्देश पर शराब ठेकेदारों द्वारा लायसेंस सरेंडर करने के बाद अब इन शराब दुकानों का संचालन आबकारी विभाग द्वारा किया जाएगा। इस संबंध में सोमवार देर शाम को शासन ने आदेश भी जारी कर दिया है। शराब बिक्री को लेकर सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस हमलावर हो गई है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने इस पूरे मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। विवेक तन्खा ने मंगलवार को ट्वीट कर सरकार पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने कहा है कि सरकारी कर्मियों से शराब दुकानें चलवाना अकल की बात नहीं, यह सरकारी तंत्र को भ्रष्ट बनाने का एक न्योता है। उन्होंने ट्वीट कर कहा ‘सरकारी हट का एक स्वरूप आबकारी विभाग। शासकीय कर्मचारियों के द्वारा शराब की दुकान चलवाना कोई अकल की बात नहीं। तंत्र को भ्रष्ट बनाने एक और न्योता। बाद में हानि की वसूली निरस्त लायसेन्सी से होगी। भ्रष्टाचार को एक और न्योता। सीएम शिवराज पर अफ़सरशाही पूरी तरह हावी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश सरकार की नई शराब नीति से नाराज ठेकेदारों ने अपनी मांगे पूरी नहीं होने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जहां कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा था कि जिन ठेकेदारों को नई नीति मंजूर नहीं है वह अपनी दुकान सरेंडर कर सकते हैं। हाईकोर्ट के आदेश के बाद कई ठेकेदारों ने अपनी शराब दुकानें सरेंडर कर दी थी। जिन्हें अब आबकारी विभाग द्वारा नए टेंडर होने तक संचालित किया जाएगा।
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9 June 2020भोपाल। एमपी बोर्ड के बचे हुए पेपरों की परीक्षाएं मंगलवार सुबह से प्रदेश में शुरू हुंईं। परीक्षा 16 जून तक चलेगी। इस परीक्षा में शामिल हो रहे प्रदेशभर के करीब साढ़े 8 लाख छात्रों के लिए 4 हजार केंद्र बनाए गए हैं। राजधानी भोपाल में भी इस परीक्षा के लिए 97 केंद्रं बनाए गए हैं। मंगलवार को छात्र-छात्राएं परीक्षाएं शुरू होने के एक से डेढ़ घंटे पहले ही परीक्षा केंद्र पर पहुंच गए। मंगलवार सुबह विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा देने आए छात्र-छात्राओं के चेहरे पर मास्क और हाथ में सैनिटाइजर की बोतल नजर आई। इस दौरान कुछ छात्र केंद्र में रोल नंबर नहीं मिलने के कारण परेशान भी होते दिखे। छात्र-छात्राओं को थर्मल स्क्रीनिंग करने के बाद ही केंद्र में प्रवेश दिया गया। परीक्षार्थियों को पहले एक लाइन में खड़ा किया गया, फिर उनकी स्क्रीनिंग की गई। कुछ छात्र पेपर देने बैग लेकर पहुंचे, तो स्कूल के अलग कमरे में बैग रखवा दिए गए। इसके साथ छात्रों को अगले पेपर में अपने साथ बैग नहीं लगाने की सलाह दी गई। बच्चों को सिर्फ सैनिटाइजर, ग्लब्ज, मास्क, पानी की बोतल और परीक्षा के लिए पेन आदि के रखने की ही अनुमति है। परीक्षा के समय से काफी पहले आए छात्र-छात्राओं की स्कूल के गेट पर ही लाइन लगवाई गई। उनके हाथ सैनिटाइज कराने के बाद उनकी थर्मल स्क्रीनिंग की गई। शरीर का तापमान सामन्य आने के बाद ही उन्हें प्रवेश दिया। कोरोना लक्षण वाले छात्रों को सामान्य बच्चों से दूर दूसरे कमरों में बैठने की व्यवस्था भी की गई है। सोशल डिस्टेंसिंग समेत अन्य बातों का पालन करने के लिए सुरक्षा गार्ड और शिक्षकों द्वारा लगातार बच्चों को बताया गया। वर्तमान में कोरोना पॉजिटिव छात्रों से लेकर क्वारैंटाइन में रह रहे और दिव्यांग छात्र अगर परीक्षा में शामिल नहीं हो पाते हैं, तो उनके लिए मंडल द्वारा विशेष परीक्षा आयोजित की जाएगी। अगर वह विशेष परीक्षा में शामिल होने के बाद किसी विषय में फेल हो जाते हैं, तो मंडल की हायर सेकेंडरी पूरक परीक्षा 2020 में सम्मिलित हो सकेंगे। कोरोना पॉजिटिव और क्वारैंटाइन छात्र को विशेष परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए स्वयं और परिवार के सदस्य का डिस्चार्ज सर्टिफिकेट अथवा क्वारैंटाइन सर्टिफिकेट देना होगा। एक घंटे पहले पहुंचना अनिवार्य छात्रों को पेपर शुरू होने से एक घंटे पहले परीक्षा केंद्र पर पहुंचना अनिवार्य है। परीक्षा केंद्र के अंदर जाने से पहले सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी। पहली शिफ्ट में पेपर देने वाले छात्रों को सुबह 8 बजे और दूसरी शिफ्ट में परीक्षा देने वाले छात्रों को दोपहर 1 बजे परीक्षा केंद्र पर पहुंचना होगा। परीक्षा केंद्र पर पहुंचने से लेकर परीक्षा देने के दौरान सभी छात्रों को अपने-अपने चेहरे को कवर रखना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा।
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9 June 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहां अब सात जिलों में कोरोना के 86 नये मामले सामने आए हैं। इसके बाद राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 9638 से बढक़र 9724 हो गई है। वहीं, प्रदेश में कोरोना से अब तक 416 लोगों की मौत हो चुकी है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमपी शर्मा ने मंगलवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा सोमवार देर रात 2107 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिनमें 45 रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं। इसके बाद जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 3830 हो गई है। वहीं, इंदौर में कोरोना से दो लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। मृतकों में एक 62 वर्षीय पुरुष और 72 वर्षीय महिला शामिल है। यहां अब कोरोना से मरने वालों की संख्या 159 हो गई है। इसके अलावा, बुरहानपुर में 15, खरगौन में सात, उज्जैन में छह, देवास में चार, नीमच में चार और राजगढ़ में पांच नये पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इन 86 नये मामलों के साथ अब प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 9724 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 3830, भोपाल 1822, उज्जैन 743, खंडवा 271, बुरहानपुर 374, जबलपुर 272, खरगौन 205, धार 128, ग्वालियर 211, नीमच 344, मंदसौर 95, सागर 229, मुरैना 126, देवास 136, रायसेन 72, भिंड 104, बड़वानी 59, होशंगाबाद 37, रतलाम 61, रीवा 36, विदिशा 37, बैतूल 35, सतना 22, छतरपुर 41, डिंडौरी 29, दमोह 26, आगरमालवा 15, झाबुआ 13, अशोकनगर 16, शाजापुर 38, सीधी 17, सिंगरौली 12, दतिया 11, शहडोल 13, बालाघाट 07, श्योपुर 48, शिवपुरी 17, टीकमगढ़ 15, छिंदवाड़ा 18, नरिसंहपुर 17, सीहोर 11, उमरिया 10, पन्ना 21, अलीराजपुर 03, अनूपपुर 24, हरदा 03, राजगढ़ 33, गुना 07, मंडला 05, सिवनी 02 और कटनी के तीन मरीज शामिल हैं। इंदौर में हुई दो मौतों के बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 416 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 159, भोपाल 64, उज्जैन 64, बुरहानपुर 18, खंडवा 17, जबलपुर 10, खरगौन 13, ग्वालियर 02, धार 04, मंदसौर 09, नीमच 05, सागर 12, देवास 09, रायसेन 03, होशंगाबाद 03, सतना 02, आगरमालवा 01, झाबुआ 01, अशोकनगर 01, शाजापुर 01, दतिया 01, छिंदवाड़ा 01, सीहोर 02, उमरिया 01, रतलाम 04, बड़वानी 01 मुरैना 01, राजगढ़ 03, श्योपुर 02, टीमकगढ़ 01 और मंडला का एक व्यक्ति शामिल है। हालांकि, राज्य में अब तक 6536 मरीज पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद अपने घर जा चुके हैं। अब प्रदेश में कोरोना के सक्रिय प्रकरण 2774 हैं।
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9 June 2020पुलवामा। पुलवामा जिले के कंगन क्षेत्र में बुधवार सुबह आतंकियों तथा सुरक्षाबलों के बीच हुई मुठभेड़़ में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। आतंकियों के शवों के साथ भारी मात्रा में हथियार व गोला-बारूद बरामद हुआ है। क्षेत्र में सुरक्षाबलों द्वारा फिलहाल तलाशी अभियान जारी है। मारे गए सभी आतंकी जैश-ए-मोहम्मद संगठन से संबंधित हैं। फिलहाल इन आतंकियों की पहचान नहीं हो सकी है। वहीं मुठभेड़ के दौरान हिंसक प्रदर्शनों की आशंका के चलते प्रशासन ने जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। जानकारी के अनुसार बुधवार तड़के जिले के कंगन के अंतर्गत अस्तान मोहल्ला में आतंकियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना प्राप्त हुई। सूचना मिलते ही सेना की 55 आरआर, सीआरपीएफ 183 बटालियन तथा एसओजी की एक संयुक्त टीम ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी करके तलाशी अभियान शुरू किया। तलाशी अभियान के दौरान क्षेत्र में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों को पास आते देख गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों तीनों आतंकियों को मार गिराया है। क्षेत्र में फिलहाल अन्य आतंकियों की संभावना के चलते तलाशी अभियान जारी है। वहीं जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने भी पुलवामा मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के तीनों आतंकी मार गिराए गए हैं, जबकि इस दौरान हथियार तथा गोला-बारूद भी बरामद किया गया है।
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3 June 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। उपचुनाव के लिए भाजपा ने तैयारी शुरु कर दी है। 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में मालवा-निमाड़ की पांच सीटों की जिम्मेदारी भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय संभालेंगे। साथ ही राज्यसभा चुनाव की तीनों सीटों पर भी नजर रखेंगे। कैलाश विजयवर्गीय को उपचुनाव की जिम्मेदारी सौंपे जाने पर गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कैलाश विजयवर्गीय को मप्र उपचुनाव में दी गयी जिम्मेदारी पर कहा है कि वह हमारे राष्ट्रीय नेता हैं और पूरे प्रदेश से लेकर पश्चिम बंगाल तक जहां भी उनकी जरुरत होगी पार्टी के बड़े नेता होने के नाते कैलाश विजयवर्गीय सभी जगहों की जिम्मेदारी संभालेंगे। वहीं मंत्रिमंण्डल विस्तार को लेकर सीएम से मिल रहे विधायकों को लेकर मंत्री मिश्रा ने कहा है कि शिवराज स्थापित नेता हैं, 15 साल से मुख्यमंत्री हैं, उनसे विधायक मिलते ही रहते हैं। उन्होंने कहाकि मुलाकात को किसी से भी जोड़ सकते हैं। निसर्ग तूफान के लिए शासन -प्रशासन के स्तर पर सभी तैयार निसर्ग तूफान की मध्य प्रदेश में दस्तक को लेकर गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि मौसम का निजाज़ शुरू से ही इस तरह का है। गर्मियों में कई बार बीच-बीच में बारिश आती रही है। वो निसर्ग की वजह से है या कोई पॉल्यूशन हटने की वजह से है या कोई अन्य कारण है ये शोध का विषय है। उन्होंने बताया कि निसर्ग तूफान से निपटने के लिए शासन और प्रशासन के स्तर पर सभी से बात की गई है।
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3 June 2020भोपाल। प्रदेश की 24 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनावों को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस पार्टी दोनों ही कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। इसी बीच, एक ऐसी खबर आई है, जो अगर सच है तो उससे कांग्रेस की उम्मीदों को झटका लग सकता है। सूत्रों का कहना है कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने मंगलवार को कहा था कि आने वाले उपचुनावों में कांग्रेस सभी 24 सीटें जीतने की तैयारी कर रही है। इसके लिए पार्टी चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ बातचीत कर रही है। शर्मा ने कहा था कि प्रशांत किशोर पहले भी कांग्रेस के लिए काम कर चुके हैं। इसलिए उपचुनाव के दौरान विधानसभा क्षेत्रों का सर्वेक्षण और सोशल मीडिया कैम्पेनिंग की रणनीति पर वे काम कर सकते हैं। शर्मा ने कहा था कि प्रशांत किशोर कांग्रेस को उपचुनाव की सभी सीटें जिताने में मददगार हो सकते हैं। इसके बाद पीसी शर्मा की इस बात पर भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने हमला करते हुए कहा था कि प्रदेश की जनता कांग्रेस के 15 महीने के शासनकाल को देख चुकी है। इन महीनों के दौरान कांग्रेस ने जनता से सिर्फ झूठे वादे किए। इधर, कहा जा रहा है कि भाजपा, कांग्रेस समेत कई अन्य दलों के लिए चुनावी रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर ने मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के लिए काम करने की बात से साफ इनकार कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कैप्टन अमरिंदर सिंह चौहान के कहने पर उन्होंने पार्टी के लिए पहले अपनी सेवाएं दी थीं। पंजाब और मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान उन्होंने कांग्रेस की चुनावी रणनीति बनाने में मदद की थी, लेकिन उपचुनावों को लेकर दिया गया यह ऑफर उन्हें मंजूर नहीं है। वे इस तरह टुकड़ों-टुकड़ों में काम नहीं कर सकते हैं। हालांकि अभी तक प्रदेश कांग्रेस के किसी नेता ने प्रशांत किशोर के इनकार की पुष्टि नहीं की है।
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3 June 2020भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सोशल मीडिया के माध्यम से राज्य सरकार से कोरोना संकटकाल में उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से बिजली के तीन माह के बिल माफ करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार के बिजली बिलों को लेकर लिये गये निर्णय पर सवाल भी उठाये हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ ने सोमवार को ट्वीट किया है कि - ‘कोरोना महामारी में खराब अर्थव्यवस्था को देखते हुए आज जरूरत है कि प्रदेश के सभी उपभोक्ताओं को छूट प्रदान करते हुए उनके तीन माह के बिजली के बिल पूरी तरह से माफ किये जाएं।’ उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि - ‘मांग के विपरीत राज्य सरकार द्वारा अजीबोगरीब निर्णय लिया गया कि किसी के इतने आये तो इतने भरना, इतने आये तो उतने भरना, बाकी हम जांच करेंगे, लेकिन बिल तो भरना पड़ेगा। फायदा भी सभी को नहीं, कोई माफी नहीं?’ उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि ‘उद्योग मांग कर रहे थे कि लॉकडाउन की अवधि के उनके फिक्स चार्ज से लेकर न्यूनतम यूनिट चार्ज, लाइन लॉस चार्ज, विलंब चार्ज सहित अन्य चार्ज में सरकार उन्हें छूट देकर ‘जितनी खपत उतना बिल’ प्रदान करे, लेकिन निर्णय सभी चार्जों में छूट का नहीं, सिर्फ फिक्स चार्ज की वसूली को अभी स्थगित का लिया गया, इसे भी बाद में भरना पड़ेगा। कमलनाथ ने कहा है कि गरीब, छोटे व्यवसायी, प्रवासी मजदूर एकमुश्त 10 हजार रुपये के राहत पैकेज की मांग कर रहे हैं, लेकिन निर्णय लिया गया कि मजदूरों के पंजीयन होंगे, छोटे व्यवसायियों को 10 हजार रुपये तक का कर्ज बैंक से दिलवाया जाएगा। जब इस महामारी में काम नहीं, आमदनी नहीं, खाने को नहीं तो कर्ज कहां से भरेंगे?’ उन्होंने राज्य सरकार के निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह सिर्फ शिवराज सरकार की आंकड़ों की बाजीगरी है, रियायत के नाम पर कुछ भी नहीं।’
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1 June 2020भोपाल। चिरायु अस्पताल में कोरोना संक्रमित 108 मरीजों के स्वस्थ होने और घर रवानगी पर अपनी शुभकामनाएँ देते हुए गृह, लोक स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने अपेक्षा जताई कि वे सभी समाज के लिये मिसाल बनेंगे। कोरोना को हराने में वे मार्गदर्शन करेंगे। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि न एलोपैथी न हौम्योपैथी सबसे अधिक कारगर है सिम्पैथी। उन्होंने कहा कि कोरोना से डरने या घबराने की जरूरत नहीं है। आवश्यकता है सावधानी रखने की और कोरोना चक्र को तोड़ने की। उन्होंने चिरायु अस्पताल प्रबंधन, डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ सहित सभी कोरोना योद्धाओं की सराहना की। मंत्री डॉ. मिश्रा ने प्रसन्नता व्यक्त की कि चिरायु अस्पताल एक हजार से अधिक मरीजों को स्वस्थ कर सकुशल घर भेजने वाला देश का प्रथम अस्पताल बन गया है। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि कोरोना असाध्य बीमारी नहीं है। हम सावधानी रखकर इसे आसानी से हरा सकते हैं। हमें कोरोना के मरीजों के उपचार के साथ ध्यान देने, उन्हें आराम देने और प्यार देने की जरूरत है। सबसे सरल और आसान उपाय अपनापन और प्यार के साथ बीमारी का उपचार करना है। कोरोना स्वयं कोई मारक रोग नहीं है। यह घातक तब हो जाता है, जब मरीज किसी अन्य बीमारी से भी ग्रसित हो। उन्होंने कोरोना पीड़ितों से अपने आत्मबल को मजबूत बनाने की अपील की, जिससे कोरोना को आसानी से हराया जा सके। मंत्री डॉ. मिश्रा ने चिरायु अस्पताल के सीएमडी डॉ. अजय गोयनका की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि आज देश में ऐसा कोई अस्पताल नहीं है जहाँ इतनी अधिक संख्या में मरीजों के भर्ती होने के बाद एक प्रतिशत से भी कम की मृत्यु दर दर्ज की गई हो। उन्होंने कहा कि यह डॉ. गोयनका और उनकी टीम के निरंतर अथक परिश्रम का प्रतिफल है। भारतीय संस्कृति से टूटेगा कोरोना का चक्र मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि स्वयं खाना प्रकृति है, छीनकर खाना विकृति है, भूखे रहकर दूसरों को खिलाना हमारी संस्कृति है। कोरोना संक्रमण के दौरान जिस प्रकार से लोगों ने अपनी सेवाएँ दी हैं वह अकल्पनीय है। सभी ने हर स्तर पर हर संभव मदद की है। भारतीय संस्कृति से ही हम कोरोना को हराने में सफल हुए हैं। तुलसी की चाय हो या काली मिर्च का काढ़ा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का कारगर उपाय है। कोरोना का प्रभाव अब-तक गाँवों में असर नहीं दिखा पाया है। कोरोना का असर शहरी क्षेत्रों में ही दिखाई दिया है। यह सब भारतीय संस्कृति का प्रभाव है। मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि सावधानियाँ नहीं बरतने पर कोराना का असर हुआ है। गाँव में सावधानियाँ बरती जा रही हैं और कोरोना बेअसर हो रहा है। स्वस्थ लोगों ने बेहतर इलाज के लिये अस्पताल और सरकार का आभार माना धनराज खंडेलवाल ने कोविड-19 से पीड़ित होने के बाद मध्यप्रदेश सरकार और चिरायु अस्पताल द्वारा उपचार के लिये की गई बेहतर व्यवस्थाओं के लिये आभार व्यक्त किया। रानी समतानी ने कहा कि वे जिन्दगी की जंग जीतने आई थीं और आज सरकार और डॉक्टरों की मदद से जंग जीतकर जा रही है। डॉ. नीतू सिंह ने भी अपने पिताजी के स्वस्थ होने पर धन्यवाद दिया।
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1 June 2020भोपाल/इंदौर। मध्यप्रदेश के दोनों हॉटस्पाट शहरों इंदौर और भोपाल में कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इंदौर जिले में अब 53 और भोपाल में 43 नये कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। वहीं, इंदौर में तीन लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है, जबकि भोपाल में भी एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. एमपी शर्मा ने सोमवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा रविवार को देर रात 922 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिनमें 865 रिपोर्ट निगेटिव और 53 रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं। इन 53 नये मामलों के साथ अब इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 3539 हो गई है। इसके अलावा शहर में तीन लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। इसके बाद इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 135 हो गई है। हालांकि राहत की खबर यह है कि अब तक इंदौर में 1990 मरीज पूरी तरह स्वस्थ होकर अपने घर जा चुके हैं। अब शहर में एक्टिव प्रकरणों की संख्या 1414 हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में उपचार जारी है। वहीं, भोपाल के सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि रविवार को देर रात जारी बुलेटिन में 43 नये मामले सामने आए हैं। इसके बाद शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढक़र 1510 हो गई है। इसके अलावा एक व्यक्ति की मौत की भी पुष्टि हुई है और यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या 58 हो गई है। हालांकि, अब तक शहर में 964 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। अब एक्टिव प्रकरणों की संख्या 488 है और उनका उपचार जारी है।
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1 June 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में तमाम प्रयासों के बावजूद कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहां अब 97 नये मामले सामने आए हैं, जबकि तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या आठ हजार के करीब पहुंच गई है। यह संख्या 7891 से 7988 हो गई है। प्रदेश में कोरोना से अब तक 346 लोगों की मौत हो चुकी है। इंदौर के चिकित्सा अधिकारी डॉ. एमपी शर्मा ने रविवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा शनिवार को देर रात 975 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की, जिनमें 882 रिपोर्ट निगेटिव और 55 पॉजिटिव आई हैं। इसके बाद जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 3486 हो गई है। वहीं, इंदौर में तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत की भी पुष्टि हुई है। मृतकों में दो 67 वर्षीय पुरुष और एक 65 वर्षीय महिला शामिल है। इसके साथ ही अब इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 132 हो गई है। इसके अलावा अनूपपुर में 12, उज्जैन 10, नीमच 04, श्योपुर 05, पन्ना 05, मुरैना 04 और जबलपुर में दो नये कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इन नये 97 मामलों के साथ राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 7988 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 3486, भोपाल 1422, उज्जैन 670, खंडवा 240, बुरहानपुर 297, जबलपुर 235, खरगौन 137, धार 123, ग्वालियर 120, नीमच 204, मंदसौर 92, सागर 164, मुरैना 97, देवास 92, रायसेन 68, भिंड 56, बड़वानी 43, होशंगाबाद 37, रतलाम 34, रीवा 35, विदिशा 20, बैतूल 23, सतना 21, छतरपुर 17, डिंडौरी 19, दमोह 19, आगरमालवा 13, झाबुआ 13, अशोकनगर 12, शाजापुर 09, सीधी 14, सिंगरौली 11, दतिया 08, शहडोल 10, बालाघाट 07, श्योपुर 14, शिवपुरी 10, टीकमगढ़ 09, छिंदवाड़ा 09, नरिसंहपुर 10, सीहोर 07, उमरिया 06, पन्ना 16, अलीराजपुर 03, अनूपपुर 17, हरदा 03, राजगढ़ 08, गुना 02, मंडला 04, सिवनी 02 और कटनी का एक मरीज शामिल है। इंदौर में हुई तीन मौतों के बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 346 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 132, भोपाल 56, उज्जैन 56, बुरहानपुर 15, खंडवा 13, जबलपुर 09, खरगौन 11, ग्वालियर 02, धार 03, मंदसौर 08, नीमच 04, सागर 07, देवास 09, रायसेन 03, होशंगाबाद 03, सतना 02, आगरमालवा 01, झाबुआ 01, अशोकनगर 01, शाजापुर 01, दतिया 01, छिंदवाड़ा 01, सीहोर 01, उमरिया 01, रतलाम 01, बड़वानी 01 मुरैना 01, राजगढ़ 01 और मंडला का एक व्यक्ति शामिल है।
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31 May 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज (रविवार) रात्रि 8 बजे टीवी चैनल्स के माध्यम से प्रदेश की जनता को संबोधित करेंगे। उनके संदेश का प्रसारण दूरदर्शन एवं सभी क्षेत्रीय न्यूज चैनल्स पर होगा। दरअसल, कोरोना की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन 4.0 रविवार को समाप्त हो रहा है और सोमवार, 01 जून से लॉकडाउन का स्वरूप क्या होगा, इसकी जानकारी देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज दूरदर्शन पर प्रदेशवासियों से रूबरू होंगे। उम्मीद है कि लॉकडाउन 5.0 में लोगों को कुछ अधिक छूट मिल सकती है। नागरिकों से बात करने से पहले सीएम शिवराज दिनभर अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे और लॉकडाउन 5.0 को लेकर सरकार जो भी निर्णय लेगी, उसकी जानकारी मुख्यमंत्री दूरदर्शन के माध्यम से प्रदेश की जनता को देंगे।
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31 May 2020नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में कहा कि कोरोना संकट के दौरान यह सामने आया कि देश का पूर्वी भाग आर्थिक विकास से दूर रहा है, जिससे श्रमिकों को दूसरे राज्यों में जाकर काम करना पड़ रहा है। अब हमें पूर्वी भारत के विकास पर ध्यान देना है और साथ ही गांव, जिले और कस्बे को आत्मनिर्भर बनाकर देश को मजबूत बनाना है। प्रधानमंत्री ने 'मन की बात' में कहा कि कोरोना संकट से हमें बहुत कुछ सिखने को मिला है। इससे सामने आया है कि पूर्वी भारत का विकास बहुत आवश्यक है। इससे ही संतुलित आर्थिक विकास संभव होगा। बीते वर्षों में इस दिशा में बहुत कुछ हुआ है और श्रमिकों की समस्या को देखते हुए यह बेहद जरूरी भी है। हमारे गांव, कस्बे और जिले आत्मनिर्भर होते तो आज हमारे सामने यह समस्यायें खड़ी न होती। उन्होंने कहा कि अब देश में आत्मनिर्भर भारत पर व्यापक मंथन शुरू हो गया है। वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा मिल रहा है। देश में कई चीजें बाहर से आती हैं जिनका आसानी से विकल्प हम देश में ढूंढ सकते हैं और ऐसा करने के लिए अब हम तैयार हैं। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट अभी देश से टला नहीं है। तमाम सावधानियों के साथ अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा फिर से पटरी पर लौट आया है। ऐसे में मुंह पर मास्क लगाना, दो गज की दूरी और हाथ धोते रहने के नियम में कोई कोताही नहीं बरतनी चाहिए। दुनिया की ओर देखने पर पता चलता है कि कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई अन्य देशों के मुकाबले अधिक मजबूत है। इस संकट के चलते नुकसान हुआ है जिसका हम सभी को दुख है लेकिन जो बचा पाए हैं वह सामूहिक शक्ति के चलते ही संभव हो पाया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि महामारी के समय भारतीयों की सेवा और त्याग की शक्ति सामने आई है। हमने बता दिया है कि सेवा केवल हमारा आदर्श नहीं है बल्कि हमारा स्वभाव है। दूसरे की सेवा करने वालों को कोई मानसिक तनाव व दुख नहीं आता है। वह हमेशा जीवंत रहते हैं। हमारे कोरोना वॉरियर सेवा कर रहे हैं और उनके जैसे कई लोग भी सेवा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि संकट से निपटने के लिए केवल सामूहिक प्रयास ही काफी नहीं होता बल्कि नवाचार भी जरूरी होता है। कोरोना महामारी पर जीत के लिए नवाचार एक बहुत बड़ा आधार है। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में कई नवाचार प्रमुखता से सामने आये हैं। कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन और उससे श्रमिक वर्ग के सामने आई दिक्कतों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ग को सबसे ज्यादा परेशानियां उठानी पड़ी हैं जिनकी वेदना कही नहीं जा सकती। हम सब इसको बांटने का प्रयास करें। ऐसे में उन्हें घर तक पहुंचाने वाले रेलवे के कर्मचारी अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना वारियर ही हैं। वह हजारों श्रमिकों को ले जा रहे हैं उनका टेस्ट कर रहे हैं, उन्हें यात्रा करा रहे हैं और क्वारेंटाइन कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और आयुष मंत्रालय की प्रतियोगिता का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि योग कम्युनिटी, इम्युनिटी और यूनिटी के लिए योग बहुत अच्छा है। विश्व के नेताओं की योग और आयुर्वेद के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है। योग दिवस भी आ रहा है। आज हॉलिवुड से हरिद्वार तक योग की साधना हो रही है। योग कोरोना से प्रभावित होने वाली हमारी स्वश्न प्रणाली को मजबूत बनाता है। उन्होंने कहा कि योग को बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय ने माइलाइफ माई योग प्रतियोगिता शुरू की है। इसमें तीन मिनट का वीडियो बनाकर भेजना है और यह बताना है कि योग से क्या-क्या बदलाव हमारे जीवन में आए हैं। आयुष्मान भारत योजना का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे पेट भरने की समस्या से जूझ रहे आमजन को स्वास्थ्य सुविधाएं मिलनी आसान हो गई हैंं। आयुष्मान भारत योजना से नॉर्वे जैसे देशों से दोगुनी आबादी को इलाज दिया गया है। इससे गरीबों के 14 हजार करोड़ रुपये बचे हैं। इसमें पोर्टेबिलिटी की सुविधा है। बिहार का गरीब कर्नाटक में भी सुविधा ले सकता है। इस पुण्य का असली हकदार देश का ईमानदारी से टैक्स भरने वाला भी है। हाल ही में आए अम्फन तूफान का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बंगाल और ओडिशा के लोगों ने मजबूती से इसका सामना किया है और पूरा देश उनके साथ खड़ा है। साथ ही उन्होंने टिड्डियों के हमले का भी जिक्र किया और कहा कि सरकार इससे निपटने के उपाय कर रहे हैं। पांच जून के विश्व पर्यावरण दिवस का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बार का दिवस जैव विविधता को समर्पित है। लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया में पर्यावरण में आए सुधार पर ध्यान जाता है और हमें प्रकृति और जीवजन्तुओं के लिए कुछ करने की प्रेरणा देते हैं। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि पर्यावरण दिवस पर पेड़ लगाएँ और कुछ ऐसा करें की प्रकृति से जुड़ें। वर्षा के जल संग्रहण की अपील करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्षा ऋतु में हम सभी को जल संरक्षण पर ध्यान देना चाहिए।
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31 May 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संकट के बीच पूर्व सीएम और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सोशल मीडिया के माध्यम से शिवराज सिंह चौहान सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने शुक्रवार को ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि देशभर में कोरोना महामारी के इस लॉकडाउन में सब कुछ बंद है, लेकिन हमारे मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार में इस लॉकडाउन में सब कुछ चालू है। उन्होंने अगले ट्वीट में इस सब कुछ को विस्तार से बताया है। उन्होंने लिखा है कि हत्या, बलात्कार, गैंगरेप, भ्रष्टाचार, घोटाले, फर्जीवाड़े, किसानों की पिटाई, माफिया राज, शराब की दुकानें, चोरी, लूट, भूख से मौत और अब तो दो माह की सरकार में ही प्रदेश की नदियों से रेत का अवैध उत्खनन का कारोबार वापस जोरों पर, प्रदेश की नदियों को छलनी करने का काम एक बार फिर जोरों पर, रेत माफियाओं के हौसले बुलंद, खुला संरक्षण, जमकर अवैध वसूली....।
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29 May 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्मंत्री शिवराज सिंह चौहान आगामी एक 31 मई या एक जून को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं, लेकिन इस पर कोरोना का संकट मंडरा रहा है। दरअसल, शुक्रवार सुबह तक राजभवन में कुल नौ कोरोना के संक्रमित मरीज मिल गए हैं, जिससे राजभवन समेत आसपास के क्षेत्र को जिला प्रशासन द्वारा कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित कर दिया है। इसके चलते शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जानकारी के मुताबिक, राजभवन में काम करने वाले एक कर्मचारी का बेटा दो दिन पहले कोरोना संक्रमित पाया गया था। इसके बाद अन्य लोगों की स्वास्थ्य जांच कर सेम्पल भेजे गए थे। इनमें से गुरुवार को आई रिपोर्ट में राजभवन के छह और कर्मचारी पाजिटिव पाए गए थे, जबकि शुक्रवार को एक और कर्मचारी संक्रमित पाया गया है। इसके साथ ही अब राजभवन में कुल नौ लोग कोरोना संक्रमित हो गए हैं। जिला प्रशासन ने राजभवन और आसपास के क्षेत्र को कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित कर यहां के लोगों को क्वारेंटाइन कर दिया है और इस क्षेत्र में आवागमन प्रतिबंधित किया गया है। इस वजह से शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार पर संशय पैदा हो गया है। बताया जा रहा है कि शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार की तैयारियां अंतिम दौर में पहुंच गई हैं। पार्टी नेताओं का मानना है कि 30 मई को मोदी सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है, इसलिए 31 मई या फिर जून को सीएम शिवराज अपने मंत्रिमंडल विस्तार कर सकते हैं। इसी बीच राजभवन में कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने से अब मंत्रिमंडल विस्तार खतरे में पड़ गया है। ऐसे में अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं कि या तो मंत्रिमंडल का विस्तार 14 दिन के लिए आगे बढ़ाया जाए या फिर परंपरा से हटकर अन्य जगह शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाए। फिलहाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान या राज्य सरकार की तरह से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन पार्टी सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार की सभी तैयारियां अंतिम चरण में पहुंच गई हैं।
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29 May 2020इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां अब 84 नये मामले सामने आए हैं, जबकि चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 3344 हो गई है। वहीं, इंदौर में अब तक कोरोना से 126 लोगों की मौत हो चुकी है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने शुक्रवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा गुरुवार देर रात 1073 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें 964 रिपोर्ट निगेटिव और 84 रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं। इन नये मामलों के साथ अब जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 3344 हो गई है। वहीं, इंदौर में चार लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। इनमें एक 62 वर्षीय, 65 वर्षीय और 84 वर्षीय पुरुष तथा एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला शामिल है। इन चार मौतों के बाद यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या 126 हो गई है। सीएमएचओ डॉ. जडिय़ा के मुताबिक, इंदौर में अब तक 1673 संक्रमित मरीज कोरोना को मात देकर स्वस्थ हो चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से डिस्चार्ज कर अपने घर भेज दिया गया है। अब जिले में एक्टिव केस 1545 हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में उपचार जारी है।
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29 May 2020भोपाल। कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के बीच राजभवन में शुक्रवार को फिर से दो नए पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इसके बाद राजभवन के कर्मचारी निवास में हड़कंप मच गया है। इन दो पॉजीटिव को मिलाकर अब तक कर्मचारी निवास में रहने वाले 9 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसे देखते हुए राजभवन के कर्मचारी निवास कैंपस को कंटेनमेंट घोषित कर आसपास के 50 घरों की सैंपलिंग और हर दिन स्क्रीनिंग की जा रही है। राजभवन में कोरोना के 07 पॉजीटिव पाए जाने के बाद उनके संपर्क में आए लोगों के सैंपल लिए गए थे। शुक्रवार सुबह आई रिपोर्ट के अनुसार इनमें से दो और लोग कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं। इसके बाद राजभवन के कर्मचारी आवास क्षेत्र में सख्ती बढ़ा दी गई है। मिली जानकारी के मुताबिक राज्यपाल के निजी स्टाफ को "कोर जोन" में रखा गया है। उन्हें उससे बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी। इसमें उनका रसोईया, सफाई व अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं। इसके अलावा राजभवन के जो कर्मचारी व उनके स्वजन कोरोना पॉजिटिव हैं, उनकी कॉलोनी और क्षेत्र को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इनमें से एक कर्मचारी राज्यपाल के कक्ष में भी गया था, जिससे पूरे भवन को नए सिरे से सैनिटाइज किया गया। निजी स्टाफ में तैनात कर्मचारियों की जमावट भी नए सिरे की गई है। राजभवन सचिवालय में और सख्ती के साथ कोरोना संक्रमण से बचाव की गाइडलाइन का पालन कराया जा रहा है। मुलाकात के लिए आने वालों की संख्या भी बहुत सीमित कर दी गई है। राज्यपाल से मिलने आने वाले अति विशिष्ट अतिथियों को भी थर्मल स्कैनर से परीक्षण, सैनिटाइजेशन और समुचित शारीरिक दूरी का पालन करने को कहा गया है।
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29 May 2020नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल के कुछ समय में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से बातचीत नहीं की है। सूत्रों ने इस तरह राष्ट्रपति ट्रम्प के उस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन के साथ लगती सीमा पर चल रही तनातनी के बारे में उनकी मोदी से बात हुई है और मोदी इस तनातनी को लेकर काफी नाराज हैं। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार हाल के दिनों में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रम्प के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है। दोनों नेताओं के बीच आखिरी बार हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के मुद्दे पर चार अप्रैल को बात हुई थी। अमेरिकी समयानुसार गुरुवार को (भारतीय समयानुसार शुक्रवार सुबह) डोनाल्ड ट्रम्प ने पत्रकारों से व्हाइट हाउस में बातचीत में कहा कि उनकी प्रधानमंत्री मोदी से बात हुई है और वह चीन के साथ चल रही तनानती को लेकर नाराज है। राष्ट्रपति ट्रम्प पहले ही भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा के मुद्दे पर लद्दाख में चल रहे गतिरोध में मध्यस्थता करने का ऑफर दे चुके हैं। वहीं भारत को द्विपक्षीय मुद्दों में इस तरह का ऑफर स्वीकार्य नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा था कि भारत और चीन के बीच सीमा संबंधित विवादों के समाधान के लिए एक मानक प्रक्रिया पहले से ही तय है और उसी के तहत दोनों देश आपस में संपर्क बनाए हुए हैं।
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29 May 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें इन दिनों जोरों पर है। इस बीच सीएम शिवराज सोमवार सुबह 11 बजे राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे। इस मुलाकात के दौरान यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में परीक्षाओं पर निर्णय लेने के साथ मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी बात हो सकती है। दरअसल लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुई कॉलेज और यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं को लेकर सरकार अब जल्द निर्णय ले सकती है। इसी संबंध में चर्चा के लिए सीएम शिवराज अपने अधिकारियों के साथ राज्यपाल लाल जी टंडन से मुलाकात करने पहुंचे। कोरोना वायरस को लेकर सावधानी के साथ परीक्षाओं का आयोजन कैसे किया जाए इस पर भी बात हो सकती है। संभावना जताई जा रही है कि इस दौरान सीएम शिवराज और राज्यपाल के बीच कैबिनेट विस्तार को लेकर भी चर्चा हो सकती है। हालांकि मुख्यमंत्री पहले ही साफ कर चुके है कि लॉक डाउन 4.0 खत्म होने से पहले ही वे मंत्रिमंडल का विस्तार कर देंगे। बताया जा रहा है कि 28-29 मई को कैबिनेट विस्तार हो सकता है। अभी शिवराज मंत्रिमंडल में केवल पांच ही मंत्री है। मंत्रिमंडल विस्तार में कैबिनेट और राज्यमंत्री मिलाकर कुल मंत्रियों की संख्या 20 से 22 हो सकती है। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में सिंधिया गुट के 7 से 8 मंत्री होंगे। सिंधिया ही निर्णय करेंगे कि कौन-कौन मंत्री बनेगा। विधानसभा उपचुनाव में कौन लड़ेगा और कौन नहीं लड़ेगा, भाजपा ने इसका फैसला भी सिंधिया पर छोड़ा है। मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में चर्चा के लिए मुख्यमंत्री एक-दो दिन में दिल्ली जाएंगे। वहां उनकी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्ढा से मुलाकात होने की संभावना है।
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25 May 2020कुलगाम। कुलगाम जिले के मंजगाम क्षेत्र में सोमवार सुबह से सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच जारी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया है। क्षेत्र में फिलहाल मुठभेड़ जारी है। माना जा रहा है कि अब भी एक आतंकी सुरक्षाबलों के घेरे में है। सोमवार तड़के आतंकियों की मौजूदगी की सूचना प्राप्त होने के बाद सुरक्षाबलों की एक संयुक्त टीम द्वारा तलाशी अभियान शुरू किया गया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। इसी बीच कुलगाम तथा शोपियां जिलों में हिसंक प्रदर्शनों के मद्देनजर प्रशासन ने माबाईल इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। जानकारी के अनुसार सोमवार तड़के सुरक्षाबलों को जिले के मंजगाम क्षेत्र के हांजीपोरा इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना प्राप्त हुई। सूचना प्राप्त होते ही सेना की 34 आरआर, सीआरपीएफ तथा एसओजी की एक संयुक्त टीम ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी करके तलाशी अभियान शुरू किया। तलाशी अभियान के दौरान क्षेत्र में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने अभी तक दो आतंकियों को मार गिराया है। क्षेत्र में मुठभेड़ फिलहाल जारी है। सूत्रों के अनुसार सुरक्षाबलों द्वारा सोमवार सुबह शुरू किए गए तलाशी अभियान के दौरान स्थानीय लोगों ने सुरक्षाबलों पर पत्थराव शुरू कर दिया, जिसके बाद सुरक्षाबलों को कार्रवाई करनी पड़ी।
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25 May 2020भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने प्रवासी मजदूरों से श्रमिक स्पेशलों ट्रेनों में किराया वसूली को लेकर फिर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा है कि टोकन के नाम पर प्रवासी मजदूरों से टिकट के पैसे वसूले जा रहे हैं।पूर्व सीएम कमलनाथ ने शनिवार को ट्वीट किया है कि केन्द्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक बड़े-बड़े दावे कर रही है कि प्रवासी मजदूरों, गरीबों की घर वापसी के लिये विशेष ट्रेन चलायी जा रही है और उसका उनसे कोई किराया नहीं लिया जा रहा है, जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। उन्होंने एक व्यक्ति का वीडियो भी पोस्ट किया है। साथ ही उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि ‘- ऐसे कई मामले पूर्व में भी सामने आ चुके हैं, जिसमें टिकट के पैसों की वसूली की गयी है। अब प्रदेश में टिकट वसूली का दूसरा तरीका ढूंढ लिया गया है। यह है भोपाल की तस्वीर, जहां टिकट के पैसे वसूल कर टोकन दिया जा रहा है। हद है बेशर्मी की, यह है इनकी वास्तविकता।’
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23 May 2020इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यहां अब 83 नये मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही यहां संक्रमित मरीजों की संख्या 2933 हो गई है। वहीं, इंदौर जिले में कोरोना से अब तक 111 लोगों की मौत हो चुकी है।इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने शनिवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा शुक्रवार को देर रात 926 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिनमें 841 सेम्पल निगेटिव और 83 सेम्पल पॉजिटिव पाये गये हैं। नये मामलों को मिलाकर अब जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 2933 पहुंच गई है। वहीं, इसके साथ ही इंदौर में दो लोगों की मौत की भी पुष्टि होने के बाद यहां कोरोना से मरने वालों की संख्या 111 हो गई है। उन्होंने बताया कि इंदौर में अब तक 1381 मरीज कोरोना को परास्त कर चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से डिस्चार्ज कर दिया गया है। अब शहर में एक्टिव प्रकरण 1451 है और उनका विभिन्न अस्पतालों में उपचार जारी है।
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23 May 2020भोपाल। कोरोना संक्रमण के संबंध में कंटेनमेंट क्षेत्र, ग्रीन जोन, संक्रमित लोगों की संख्या, स्वस्थ होकर अपने घर जाने वाले और एक्टिव मरीजों की संख्या के नक्शे समेत सभी जानकारी नागरिकों को उपलब्ध कराने के लिए भोपाल में एक वेबसाइट तैयार की गई है। यह वेबसाइट शुरू हो चुकी है और इस पर कोरोना से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध है। इसके अलावा जिला प्रशासन भोपाल द्वारा समय-समय पर जारी किये गए आदेश और निर्देश भी इस वेबसाइट पर देखे जा सकते हैं।भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि एनआईसी भोपाल द्वारा एक वेबसाइट बनाई गई है, जिसमें सभी लोग इस वेबसाइट पर जाकर कंटेनमेंट क्षेत्र, रेड जोन, एक्टिव मरीजों की संख्या और उनके क्षेत्र को बड़ी आसानी से देख सकते हैं आम लोगों की सुविधा और सुरक्षात्मक उपाय को देखते हुए यह वेबसाइट शुरू की गई है। इस पर कोई भी व्यक्ति अपने आसपास के क्षेत्रों के एक्टिव मरीजों की संख्या के साथ ही विगत दिनों जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए आदेश-निर्देशों को भी देख सकता है। आमजन के साथ-साथ पत्रकारों द्वारा लगातार पूछे जा रहे सवालों के जवाब देने के उद्देश्य से एनआईसी ने यह वेबसाइट शुरू की है, जिसमें जोन, प्रतिबंधात्मक आदेश आदि की सभी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
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23 May 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में फिर कोरोना के 105 नये मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही यहां कुल संक्रमित मरीजों की संख्या छह हजार के पार पहुंच गई है। वहीं, इंदौर में दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 272 हो गई है।इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने शुक्रवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा गुरुवार देर रात 599 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें 76 रिपोर्ट पॉजिटिव और शेष 465 रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हुई हैं। इसके साथ ही दो लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। मृतकों में एक 70 वर्षीय महिला और एक 65 वर्षीय पुरुष शामिल है। नये प्रकरणों के साथ इंदौर में अब संक्रमित मरीजों की संख्या 2850 हो गई है, जबकि जिले में कोरोना से अब तक 109 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, उज्जैन में भी बीती देर रात आई रिपोर्ट में 23 नये मामले सामने आए हैं। इन्हें मिलाकर अब जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या 504 हो गई है, जबकि यहां अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा देवास में पांच और सिवनी में एक नया पॉजिटिव मरीज मिला है।इन 105 नये मामलों के साथ अब प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 5981 से बढक़र 6086 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 2850, भोपाल 1115, उज्जैन 504, बुरहानपुर 206, जबलपुर 192, खंडवा 208, खरगौन 114, धार 107, मंदसौर 82, ग्वालियर 83, रायसेन 67, देवास 74, नीमच 58, मुरैना 58, सागर 51, भिण्ड 42, होशंगाबाद 37, बड़वानी 39, रतलाम 29, रीवा 22, विदिशा 16, आगरमालवा 13, झाबुआ 11, सतना 10, बैतूल 09, शाजापुर 09, सीधी 08, टीकमगढ़ 06, अशोकनगर 06, छिंदवाड़ा 05, दमोह 06, सीहोर 05, श्योपुर 05, डिंडोरी 04, अलीराजपुर 03, अनूपपुर 03, दतिया 04, शहडोल 04, हरदा 03, पन्ना 03, शिवपुरी 04, छतरपुर 02, गुना 01, मंडला 01, राजगढ़ 01, सिवनी 02, सिंगरौली 01, उमरिया 01 और बालाघाट का एक मरीज शामिल है। वहीं, इंदौर में हुई दो मौतों के बाद राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 272 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 109, भोपाल 40, उज्जैन 51, खरगौन 08, देवास 08, बुरहानपुर 11, धार, 02, जबलपुर 09, खंडवा 10, रायसेन 03, छिंदवाड़ा 01, मंदसौर 06, होशंगाबाद 03, नीमच 02, अशोकनगर 01, आगर मालवा 01, सतना 01, सागर 02, ग्वालियर 01, झाबुआ 01, और शाजापुर का एक व्यक्ति शामिल है।
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22 May 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज (शुक्रवार को) दोपहर तीन बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 'सबको मिलेगा रोजगार'' के तहत मनरेगा जॉबकार्ड वितरण महाअभियान का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से ग्राम प्रशासनिक समितियों के प्रधानों से बातचीत भी करेंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकार प्रवासी श्रमिकों तथा रोजगार की तलाश में बाहर गए श्रमिकों को वापस आने पर उनके गांव और ग्राम पंचायत क्षेत्र में ही रोजगार मुहैया कराने के लिए कृत संकल्पित है। इसके लिए मनरेगा योजना के तहत बड़े स्तर पर रोजगार मूलक कार्य प्रारंभ किए गए हैं। इन कार्यों में नए श्रमिकों को जोड़ा जाएगा। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मनरेगा रोजगार कार्ड वितरण महाअभियान प्रक्रिया का शुभारंभ करेंगे। इस वीडियो कॉफ्रेंसिंग में प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय पर स्थित दो वीसी कॉन्फ्रेंस हाल से 100 जनपद केन्द्र जुड़ेंगे तथा अन्य जनपद मुख्यालय पर भी लिंक शेयर कर ग्राम प्रधान और मनरेगा श्रमिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। श्रीवास्तव ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश की 22,809 ग्राम पंचायतों में से 22,695 ग्राम पंचायतों में 19 लाख 92 हजार मजदूर कार्य कर रहे हैं। विगत सात दिनों का औसत 19 लाख 24 हजार मजदूर प्रति दिवस रहा है। कोरोना संकट के समय एक अप्रैल से लेकर अभी तक 35 लाख 45 हजार 242 मजदूरों को मनरेगा अंतर्गत रोजगार प्रदान किया गया है। इसमें 42.2 प्रतिशत महिलाओं को रोजगार दिया गया है।
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22 May 2020नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने रेपो रेट में 0.40 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट में 3.35 की कटौती की है। इस कटौती के साथ रेपो रेट घटकर 4 फीसदी पर और रिवर्स रेपो रेट घटकर 3.35 फीसदी पर आ गया है। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने लोन मोरैटोरियम की अवधि 3 महीने और बढ़ा दिया है। रिजर्व बैंक की ब्याज दरों में की गई इस कटौती से भविष्य में लोन की ब्याज दरें घटेंगी और लोगों की सस्ती दर पर कर्ज मिल सकेगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में इसकी जानकारी दी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना आपदा से पैदा हुआ हालातों से निपटने के लिए रिजर्व बैंक ये कदम उठा रहा है। गवर्नर ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने पॉलिसी रेट में कटौती का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति के फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि समिति ने कोरोना से आई सुस्ती से निपटने के लिए 0.40 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट में 3.35 की कटौती का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर ने यह भी बताया कि एमपीसी के 6 में से 5 सदस्यों ने रेपो रेट घटाने के पक्ष में वोट दिया। कमेटी की बैठक 3 जून से होनी थी, लेकिन इसे पहले ही कर ली गई। उल्लेखनीय है कि शक्तिकांत दास की ये तीसरी प्रेस कांफ्रेंस है। आरबीआई गवर्नर ने इससे पहले 27 मार्च और 17 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस की थी, जिसमें गवर्नर ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने और बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए कई उपायों की घोषणा की थी। आरबीआई गवर्नर के ऐलान की मुख्य बातें : -ईएमआई चुकाने वाले ग्राहकों को आरबीआई ने बड़ी राहत दी है। रिजर्व बैंक ने लोन मोरैटोरियम की अवधि और 3 महीने के लिए बढ़ा दी है। अब लोग 31 अगस्त तक उठा सकेंगे लोन मोरैटोरियम का लाभ। इसी के साथ मोरेटोरियम की समय सीमा बढ़कर छह महीने हो गई है। -रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एक्सपोर्ट क्रेडिट की अवधि 12 महीने से बढ़ाकर 15 महीने कर दी गई है। -आरबीआई गवर्नर ने बताया कि बैंकों कि ग्रुप एक्सपोजर सीमा को 30 फीसद से बढ़ाने का फैसला लिया गया है। -आरबीआई गवर्नर ने बताया कि 15,000 करोड़ रुपये का क्रेडिट लाइन एग्जिम बैंक को दिया जाएगा। साथ ही सिडबी को दी गई रकम का इस्तेमाल आगे और 90 दिनों तक करने की इजाजत दी गई है। -आरबीआई गवर्नर ने बताया भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 9.2 अरब डॉलर बढ़ा है। -दास ने कहा कि वित्तीय, मौद्रिक और प्रशासनिक एक्शंस से वित्त वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था के सुधार की परिस्थितियां बनेंगी। -आरबीआई गवर्नर ने बताया कि एमसीपी के अनुसार दूसरी छमाही में महंगाई में कमी का अनुमान है। -आरबीआई गवर्नर ने बताया कि साल 2021की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ नेगेटिव रह सकती है। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2021 दूसरी तिमाही में सुधार आ सकता है। -मौद्रिक नीति समिति का मानना है कि महंगाई का परिदृश्य मौजूदा समय में अनिश्चित है। दास ने कहा कि मार्च में औद्योगिक उत्पादन 17 फीसद घटा है। अप्रैल में सर्विसेज पीएमआई अबतक के निचले स्तर पर रहा है। -दास ने कहा, ग्लोबल सर्विसेज पीएमआई में ऐतिहासिक गिरावट देखी गई है। वैश्विक कारोबार के मूल्य में इस वर्ष 13-32 फीसद की कमी आ सकती है।
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22 May 2020भोपाल । केन्द्र सरकार के लॉकडाउन फैसले के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सामने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मुश्किल वक्त में प्रदेश में गुड गवर्नेंस स्थापित करना बड़ी चुनौती थी। सुदीर्घ शासकीय अनुभव वाले मुख्यमंत्री चौहान ने इस चुनौती को स्वीकारा और नेशनल इनफॉर्मेटिक सेंटर की व्यवस्था और सोशल मीडिया को अपना जरिया बनाया। चौहान ने 81 वीडियो कॉन्फ्रेंस में अलग-अलग वर्गों से कुल 149 घंटो का संवाद किया। इस व्यवस्था के तहत उन्होंने अपने और अधिकारियों एवं प्रदेश की जनता के बीच संदेश सेतु बनाया। संचार की इस आधुनिकतम तकनीक से शासन और आम जनता के बीच में बेहतर और निरंतर संवाद स्थापित किया जा रहा है। इस संबंध में जनसंपर्क अधिकारी नीरज शर्मा ने गुरुवार को बताया कि मुख्यमंत्री चौहान ने संचार के सभी माध्यमों को अपनाते हुए सोशल मीडिया का भी भरपूर उपयोग किया है। मुख्यमंत्री चौहान ने अपने फेसबुक एकाउण्ट पर 23 मार्च से अब तक ट्विटर पर 58, फेसबुक पर 108 से अधिक वीडियो पोस्ट किए गए, 22 लाइव इवेंट के माध्यम से मध्य प्रदेश की जनता से सीधी चर्चा की गई। इसके साथ ही फेसबुक पर करीब 8 करोड़ रीच हुई, प्रतिदिन 13 लाख इंप्रेशन फ़ेसबुक हैंडल पर मिले और ट्विटर पर 23 लाख इंप्रेशन प्राप्त हुए। इसके अलावा सीएमओ के फेसबुक अकाउंट पर 23 मार्च के बाद से अब तक मुख्यमंत्री चौहान द्वारा कोरोना संकट की रोकथाम व अन्य व्यवस्थाओं को लेकर लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों व दिशा-निर्देशों की जानकारियों से संबंधित 125 से अधिक वीडियो पोस्ट की गई, जिनकी अन्य पोस्ट के साथ मिलाकर रीच करीब 4 करोड़ 65 लाख है। साथ ही सीएमओ के ट्विटर अकाउंट पर इस दौरान इंप्रेशन करीब 14.2 मिलियन रहे। एक बड़े संवाद सेतु के साथ कोरोना के युद्ध में महायोद्धा बन कर शिवराज सिंह चौहान डिजिटल मैदान में उभरे हैं। मुख्यमंत्री चौहान के सोशल मीडिया एकाउण्ट जारी होने वाली सूचनाओं और जनहित के निर्णयों की जानकारी होने से उनका फेसबुक एवं ट्विटर एकाउण्ट काफी लोकप्रिय भी हो रहा है। कोरोना महामारी के प्रकोप का सामना करने के लिए मुख्यमंत्री चौहान अपने कुशल प्रशासनिक अनुभव और सूझ-बूझ के साथ सूचना एवं संचार तकनीक का पूरा इस्तेमाल कर रहे हैं। इस दिशा में एन.आई.सी. की टीम सक्रिय रूप से कार्य कर रही है। एन.आई.सी. के सीनियर टेक्निकल डायरेक्टर मयंक नागर ने बताया कि एन.आई.सी. द्वारा संभाग एवं जिलों के अधिकारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जाकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ त्वरित संवाद सुनिश्चित कराया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर प्रदेश के हर वर्ग के लोगों से जुड़ कर संवाद स्थापित किया है। मुश्किल समय में अब तक 81 वीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री अपने अधिकारियों के संपर्क में तो हैं ही, साथ ही प्रतिदिन इस तकनीक का इस्तेमाल कर उन्होंने विभाग प्रमुख, संभागायुक्त, कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, शासकीय अधिकारियों, समाज सेवी संस्थाओं, चिकित्सकों, मीडिया प्रतिनिधियों, पुलिस अधिकारियों, उद्योगपतियों, धर्मगुरूओं, किसानों और कोरोना से जंग जीतकर लौट रहे मरीजों सहित शासन की योजनाओं में लाभान्वित हितग्राहियों से चर्चा कर उचित कदम भी उठाये हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एनआईसी की ई-पेमेंट पोर्टल के माध्यम से बाहर राज्यों में फंसे मजदूरों, मिड डे मिल के रसोईयों, खाद्यान्न सुरक्षा भत्ता, विद्यार्थियों को छात्रवृति की राशि समेत कई योजनाओं के हितग्राहियों को भुगतान किया। कोविड-19 की परिस्थितियों को देखते हुए मुख्यमंत्री चौहान ने जनहित के कई निर्णय भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में ही लिये, इसमें जीवन अमृत योजना, जीवन शक्ति योजना, अप्रवासी श्रमिकों के लिये जॉब कार्ड योजना शुरू करने का भी निर्णय लिया। इसके साथ ही विभिन्न योजनाओं में 6 हजार 489 करोड़ की राशि हितग्राहियों के खाते में ट्रान्सफर की। मुख्यमंत्री चौहान ने समर्थन मूल्य पर किसानों से क्रय किये जा रहे गेहूँ, चना एवं मसूर की खरीदी पर भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिदिन समीक्षा की, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश में अल्प अवधि में गेहूँ उपार्जन का रिकार्ड कायम किया। गेहूँ उपार्जन के साथ किसानों को समय पर भुगतान की कार्यवाही भी सुनिश्चित की गई। कोरोना संकट में संवाद सेतु के रूप में कार्य कर रहे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) का उपयोग मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने भी किया। उन्होंने 38 वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये 53 घंटों तक अधिकारियों के साथ ऑनलाइन मीटिंग की है। वहीं स्वास्थ्य, खाद्य, सहकारिता, चिकित्सा शिक्षा, वन, वित्त विभागों द्वारा भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और वीडियो कॉलिंग तकनीक का इस्तेमाल कर कोविड-19 से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई।
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21 May 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद कई नेताओं के निशाने पर आए वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह अपनी एक पोस्ट को लेकर सुर्खियों में है। गुरुवार सुबह उन्होंने अपने सोशल मीडिया फेसबुक पेज पर 22 बागी विधायकों को लेकर उपचुनाव से पहले जनता से एक भावनात्मक अपील की है। दिग्विजय सिंह की सोशल मीडिया पर इस पोस्ट ने कांग्रेस का माहौल एक बार फिर गर्म कर दिया। मध्य प्रदेश में कुल 24 विधानसभा सीटों पर उपुचनाव होने है। इनमें से 22 सीटें वो है जिन पर सिंधिया समर्थक विधायक थे और उन्होंने बगावत कर कांग्रेस की सरकार गिराई थी। बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा का दामन थाम लिया था। जल्द ही इन सीटों पर चुनाव होने है। ऐसे में विधानसभा की खाली सीटों पर उपचुनाव के ठीक वक्त पहले दिग्विजय सिंह ने 22 बागी विधायकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिकाऊ विधायकों की क्षेत्र की जनता से अपील है कि बिके हुए विधायकों को बुरी तरह से हराएं, जिससे मध्यप्रदेश में मिसाल कायम हो, कोई भी पार्टी विधायक खरीदने को कोशिश ना कर सके। जनता से कांग्रेस के पक्ष में वोट करने की अपील की है। दरअसल जो विधायक भाजपा में गए हैं, उनका विरोध करते हुए दिग्गी ने लिखा है कि कांग्रेस के उम्मीदवार को जीताए और बिके हुए विधायकों के लिए एक मिसाल कायम करें। दिग्विजय सिंह ने ये भी कहा कि अगर आपको कांग्रेस को खत्म करना है तो इसके बाद चुनाव में आपके पास मौका होगा करा देना, लेकिन लोकतंत्र को बचाने के लिए वोट कीमत बरकरार रखने के लिए ये आखिरी मौका है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर ये विधायक जीत गए, तो गलत परंपरा चल पड़ेगी, विधायकों की मंडी लगेगी बड़े नेता दलाल बन बैठेंगे। यह लिखा है दिग्विजय सिंह ने फेसबुक पर: इन बिकाऊ विधायकों के क्षेत्र की जनता से अपील है। चाहे आप कांग्रेस समर्थक हो या भाजपा के इन 22 विधायकों का हराना देश के लोकतंत्र के लिये जरूरी है। क्योंकि अगर ये जीत गए तो ये परंपरा हर पार्टी में चल पड़ेगी जनता चुनाव में वोट दे ना दे विधायक खरीदो और सरकार बनाओ। और राजनीतिक पार्टियां जनता के दरवाजे पर जाने के बदले विधायक खरीदना ज्यादा आसान काम मानेगी और करेगी जनता के वोट की अहमियत खत्म हो जाएगी विधायकों की मंडी लगेगी बड़े नेता दलाल बन बैठेंगे और अगर ये 22 बुरी तरह हार गए तो मध्यप्रदेश और आपका क्षेत्र एक मिसाल बन जायेगा। देश में कोई भी पार्टी विधायक खरीदने को तैयार नही होगी और कोई विधायक भी बिकने को तैयार नही होगा। इसके बाद के हर चुनाव में आपके पास मौका होगा हरा देना कांग्रेस को, लेकिन लोकतंत्र बचाने का जनता के वोट की कीमत को बरकरार रखने का ये आखिर मौका है। उसके बाद भाजपा वाले भाजपा को कांग्रेस वाले कांग्रेस को वोट देना, लेकिन ये 22 जब जब जिस जिस पार्टी से चुनाव लड़े इनको किसी भी पार्टी के टिकट पर जिंदगी भर मत जीतने नहीं देना। यही लोकतंत्र के लिये आपका योगदान होगा, कृपया इस मैसेज को उन 22 जहाँ- जहाँ से जिस भी पार्टी से चुनाव लड़े उस क्षेत्र में पहुँचा कर लोकतंत्र बचाने के काम में भारत देश की मदद करे। इसी प्रकार देश का लोकतंत्र बचेगा भारत देश बचेगा। जय हिंद जय भारत.... राष्ट्रहित में जारी।
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21 May 2020नई दिल्ली। रेलवे ने एक जून से चलाई जाने वाली 200 ट्रेनों की सूची बुधवार को जारी कर दी। साथ ही यात्रा के दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। ट्रेनों में एसी और नॉन एसी दोनों कोच होंगे। ट्रेन के टिकटों की बुकिंग आज से (21 मई) आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर ऑनलाइन शुरू होगी। रेल मंत्रालय ने आज जो 200 रेल गाड़ियों की सूची जारी की है उनमें 5 जोड़ी दुरंतो, संपर्क क्रांति, 17 जोड़ी जन शताब्दी और पूर्वा एक्सप्रेस जैसी 73 लोकप्रिय सुपर फास्ट ट्रेन शामिल हैं। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर कहा कि रेलवे द्वारा 1 जून से 200 नॉन एसी ट्रेनों की शुरुआत की जायेगी, जो समय सारणी के अनुसार चलेंगी। यात्री इन ट्रेनों के लिये केवल ऑनलाइन टिकट बुक कर सकेंगे। इन सेवाओं के शुरु होने से नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी, तथा उन्हें अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंचने में सुविधा होगी। रेल मंत्रालय में सूचना एवं प्रचार विभाग के कार्यकारी निदेशक राजेश दत्त बाजपेई ने बताया कि ये ट्रेनें पूरी तरह से आरक्षित होंगी जिनमें एसी, नॉन एसी दोनों तरह के कोच होंगे। सामान्य कोच में भी बैठने के लिए आरक्षित सीटें होंगी। ट्रेन के लिए कोई अनारक्षित टिकट जारी नहीं किया जाएगा। बैठने के लिए आवंटित सीटों के साथ जनरल कोच भी आरक्षित होंगे। सामान्य कोचों में सीट आरक्षित करने के लिए सेकेंड सीटिंग (2एस) का किराया लिया जाएगा। केवल ऑनलाइन टिकट बुक करने की अनुमति होगी। एक जून से चलने वाली ट्रेनों के लिए अग्रिम आरक्षण की अवधि अधिकतम 30 दिन होगी। आरएसी और प्रतीक्षा सूची के टिकट उपलब्ध होंगे, लेकिन प्रतीक्षा सूची टिकट धारकों को एक जून से ट्रेनों में यात्रा की अनुमति नहीं होगी। वर्तमान आरक्षण ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से दो घण्टे पहले तक ऑनलाइन उपलब्ध होगा। कोई तत्काल और प्रीमियम तत्काल बुकिंग नहीं होगी। फूड प्लाजा सहित स्टेशन के सभी स्टॉल खोले जाएंगे लेकिन केवल भोजन को लेकर जाने की अनुमति होगी। यात्रियों के लिए फेस कवर व मास्क और आरोग्य सेतु ऐप अनिवार्य है। ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 90 मिनट पहले यात्री को पहुंचना होगा। ऐसे यात्री जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं होंगे केवल उन्हें ही यात्रा की अनुमति होगी। सभी संक्रमित ओं को पूरा किराया वापस किया जाएगा। दिव्यांगजन की केवल 4 श्रेणियां और मरीजों की 11 श्रेणियों को छूट का लाभ मिलेगा। सामान्य धनवापसी नियम लागू होगा। पैंट्री कारों में भुगतान के लिए पैक्ड खाद्य पदार्थ और पानी उपलब्ध होगा। ट्रेनों में चादर, कंबल या पर्दे नहीं मिलेंगे।
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21 May 2020छिन्दवाड़ा। एक तरफ कोरोना का कहर जारी है वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ अपने क्षेत्र से लापता हैं। उनके गृह जिले छिंदवाड़ा में पूर्व सीएम और क्षेत्रीय विधायक कमलनाथ और उनके सांसद बेटे के लापता होने के पोस्टर चस्पा किए गए हैं। मंगलवार को सुबह शहर के बाजारों में जगह-जगह यह पोस्टर लगे हुए दिखाई दिये, जिनमें उन्हें ढूंढकर लाने वाले को 21 हजार रुपये का इनाम देने का वादा भी किया गया है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही छिंदवाड़ा में बीजेपी के कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके सांसद बेटे नकुल नाथ की गुमशुदगी की एक पोस्ट डाली थी। कहा गया था कि पूर्व सीएम और सांसद को ढूंढ़कर लाने वाले को 1100 रुपये इनाम दिया जाएगा। अब दोनों ही पार्टियों के बीच की राजनीतिक लड़ाई बाजारों में दिखने लगी है। छिंदवाड़ा के छोटी बाजार कलेक्ट्रेट परिसर में बड़े-बड़े पोस्टर लगाकर कमलनाथ को ढूंढकर लाने वाले को 21 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की गई है। पोस्टरों में लिखा है कि चिट्ठी न कोई संदेश, जाने वह कौन सा देश, जहां तुम चले गए..। पोस्टर में लिखा है कि छिंदवाड़ा के लापता विधायक और सांसद को संकट काल में छिंदवाड़ा की जनता ढूंढ रही है। इस पोस्टर में प्रकाशक की जगह पर समस्त मतदाता छिंदवाड़ा विधानसभा और छिंदवाड़ा लोकसभा का जिक्र किया गया है। गौरतलब है कि हाल ही में कांग्रेस द्वारा भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को खोजकर लाने वाले को भी इनाम दिये जाने की बात कही गई थी।
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19 May 2020श्रीनगर। श्रीनगर के नवाकदल इलाके में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ जारी है। मुठभेड़ के दौरान एक एसओजी का जवान घायल हो गया है। यह मुठभेड़ सोमवार देर रात क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना के बाद चलाए गए तलाशी अभियान के दौरान शुरू हुई थी। मुठभेड़ के दौरान हिंसक प्रदर्शनों की आशंका के चलते प्रशासन ने श्रीनगर में बीएसएनएल लैंडलाइन दूरभाष को छोड़कर बाकी सभी मोबाइल सेवाएं बंद कर दी हैं। जानकारी के अनुसार सोमवार देररात श्रीनगर के नवाकदल इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना के बाद एसओजी तथा सीआरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। तलाशी अभियान के दौरान क्षेत्र में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में एसओजी का एक जवान घायल हो गया, जिसे पास के अस्पताल ले जाया गया जहां पर उसका उपचार जारी है। दूसरी ओर क्षेत्र में आतंकियों को मार गिराने के लिए अभियान जारी है। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने बताया कि सोमवार देररात श्रीनगर में पुलिस के विश्वसनीय सूत्र से जानकारी मिलने पर तलाशी अभियान चलाया गया। रात में भी गोलीबारी हुई, जिसमें एसओजी का एक जवान घायल हो गया। उन्होंने कहा कि मंगलवार सुबह फिर से गोलीबारी शुरू हुई और अभियान अब भी जारी है।
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19 May 2020राजौरी। जम्मू कश्मीर की नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी कर पाकिस्तान अपनी नापाक हरकत को जारी रखे हुए हैं। इस बीच मंगलवार सुबह पाकिस्तानी सेना ने राजौरी जिले की नियंत्रण रेखा पर स्थित सुंदरबनी सेक्टर को निशाना बनाकर भारी गोलाबारी की। पाकिस्तानी सेना के निशाने पर सेक्टर में बनी भारतीय चौकियां रहीं। भारतीय जवान भी पाकिस्तानी गोलाबारी का मुहतोड़ जवाब दे रहे हैं। दोनों ओर से गोलाबारी अभी जारी है। इस गोलाबारी में फिलहाल किसी प्रकार के नुकसान की कोई सूचना नहीं है। आए दिन पाकिस्तान द्वारा राजौरी तथा पुंछ की नियंत्रण रेखा पर की जा रही गोलाबारी से यहां के ग्रामीण दहशत में हैं तथा जब भी गोलाबारी शुरू होती है तो वह अपनी जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों या फिर बंकरों में चले जाते हैं।
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19 May 2020भोपाल। पिछली सरकार द्वारा गत 6 माह में लिये गये निर्णयों की समीक्षा के लिये मंत्री समूह की बैठक मंत्रालय में हुई। गृह तथा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने निर्णय लिया कि मंत्री समूह की बैठक अगले सप्ताह पुन: आयोजित की जाएगी। बैठक में अधिकारियों को समस्त आवश्यक दस्तावेज लेकर उपस्थित होने के निर्देश दिये गये। बैठक में प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विनोद कुमार, प्रमुख सचिव महिला बाल विकास अशोक शाह, प्रमुख सचिव जल संसाधन डी.पी. आहूजा भी मौजूद थे।
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18 May 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के समक्ष सोमवार को प्रदेश शासन के मंत्री तुलसी सिलावट के नेतृत्व में सांवेर के कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए। मुख्यमंत्री शिवराज और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सभी नेताओं का दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया। सदस्यता ग्रहण करने वालों में वर्तमान ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मंडी अध्यक्ष भारत सिंह चौहान, सांवेर नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य दिलीप चौधरी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष इंदौर हुकुम सिंह सांखला, मार्केटिंग अध्यक्ष एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता नगजी राम ठाकुर, वरिष्ठ खाती समाजसेवी हुकुम सिंह पटेल, किसान कांग्रेस इंदौर के जिला अध्यक्ष एवं जनपद सदस्य ओम सेठ शामिल थे। प्रदेश अध्यक्ष विष्णु शर्मा ने कहा कि सौभाग्य का विषय है कि जिस गति से मध्य प्रदेश के अंदर भाजपा की सरकार सीएम शिवराज के नेतृत्व में काम कर रही है और भाजपा का संगठन जिस गति से काम कर रहा है। उस यात्रा में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस के मित्र भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे। उन्होंने कहा कि मंत्री तुलसी सिलावट के समर्थकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। मैं सभी नेताओं का स्वागत करता हूं। उन्होंने कहा कि सांवेर भी तुलसी सिलावट के नेतृत्व में कांग्रेस मुक्त होगा। भाजपा को मजबूत करेंगे भाजपा में शामिल होने के पश्चात सभी नेताओं ने मुख्यमंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष का आभार व्यक्त किया उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को मजबूत करने के लिए हम प्राण- प्रण के साथ जुटेंगे।
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18 May 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इंदौर में कार्यरत पश्चिम बंगाल के प्रवासी श्रमिकों की वापसी के संबंध में पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री चौहान ने पत्र में लिखा है कि पश्चिम बंगाल के विभिन्न क्षेत्रों के निवासी प्रवासी श्रमिक इंदौर में कार्य करते हैं। लॉकडाउन के दौरान ये प्रवासी श्रमिक अपने गृह राज्य वापस जाना चाहते हैं, किन्तु अत्यधिक लम्बी दूरी होने और परिवहन के लिए शासकीय साधन नहीं होने से कतिपय प्रवासी श्रमिक निजी वाहनों के माध्यम से पश्चिम बंगाल के लिए प्रस्थान कर रहे हैं, जो महंगा होने के साथ-साथ असुविधाजनक और असुरक्षित विकल्प है। रेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रवासी श्रमिको को उनके गृह राज्य तक पहुँचाने के लिऐ स्पेशल ट्रेनों की व्यवस्था की गई है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अब तक 85 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से लगभग एक लाख सात हजार प्रवासी श्रमिकों को अन्य राज्यों से सकुशल मध्यप्रदेश वापस लाया जा चुका है और यह प्रक्रिया निरंतर जारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्र में कहा कि पश्चिम बंगाल के जो मजदूर भाई-बहन इन्दौर से अपने घर जाना चाहते है, उनकी सुविधा के लिए केन्द्रीय रेल मंत्रालय को अपने राज्य की ओर से इन्दौर एवं कोलकाता के मध्य एक विशेष ट्रेन चलाए जाने की आवश्यकता से अवगत कराए जाने का अनुरोध किया है।
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18 May 2020इंदौर। कोरोना महामारी से जंग लड़ रहे शहर में 61 नए संक्रमित पाए गए हैं। इसके साथ ही यहां कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 2300 के करीब पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गुरुवार देर रात जारी किए गए बुलेटिन के अनुसार इंदौर जिले में 61 नए संक्रमित मरीज सामने आए हैं। इन्हें मिलाकर जिले में अब तक 2299 कोरोना संक्रमित सामने आ चुके हैं। वहीं, गुरुवार को दो कोरोना संक्रमितों की मौत भी हुई। जिसके बाद कोरोना के कारण मरने वालों की संख्या भी 98 पर पहुंच गई है। शहर में लगातार संक्रमितों के सामने आने से प्रशासन समेत आम लोगों के बीच भी चिंता बनी हुई है। इसके बीच राहत देने वाली बात यह है कि जिले में अब तक 1098 लोग कोरोना से जंग जीत चुके हैं और स्वस्थ होने के बाद विभिन्न अस्पतलों से डिस्चार्ज हो चुके हैं। गुुरुवार को कोविड अस्पतालों से 59 मरीज स्वस्थ होकर घर पहुंचे। अरबिंदो से 33, इंडेक्स से 22, चोइथराम से 2 और एमआर टीबी अस्पताल से 2 मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। अरबिंदो में अब तक 1057 मरीज भर्ती हुए हैं, इनमें से 556 यानी लगभग 52 प्रतिशत मरीज स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं।
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15 May 2020श्री बदरीनाथ धाम (चमोली)। विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट निर्धारित तिथि पर आज तड़के 4 बजकर 30 मिनट पर ब्रह्म मुहूर्त में विधि-विधान से पूजा अर्चना के साथ खोल दिए गए। शुक्रवार, जेष्ठ माह, कृष्ण अष्टमी तिथि, कुंभ राशि धनिष्ठा नक्षत्र, ऐंद्रधाता योग के शुभ मुहूर्त पर कपाट खुले। कपाटोद्घाटन मे मुख्य पुजारी रावल, धर्माधिकारी भुवन चन्द्र उनियाल, राजगुरु, हक-हकूकधारियों सहित केवल 11 लोग ही शामिल हो सके। इस दौरान मास्क के साथ शारीरिक दूरी का पालन किया गया। इससे पूर्व पूरे मंदिर परिसर को सेनेटाइज्ड किया गया। इस बार सेना के बैंड की सुमधुर ध्वनि, भक्तों का हुजूम, भजन मंडलियों की स्वर लहरियां बदरीनाथ धाम में नहीं सुनायी दी। इस यात्रा वर्ष में कोरोना महामारी के कहर का प्रभाव उत्तराखंड के चार धामों पर भी पड़ा है। बदरीपुरी में आश्रम, दुकानें, छोटे-बड़े होटल, रेस्टोरेंट तथा ढाबे बंद है। कपाट खुलने के बाद वेद मंत्रों की ध्वनियों से बदरीशपुरी गुंजायमान जरूर हो गयी तथा मंदिर फूलों की सजावट के साथ बिजली की रोशनी से जगमगा रहा था। इस यात्रा वर्ष में कोरोना महामारी को देखते हुए चार धाम यात्रा शुरू नहीं हो सकी है। केवल कपाट खोले गये हैं। कपाट खुलने को लेकर देवस्थानम बोर्ड ने तैयारियां पूरी कर ली थी। इसी के तहत आज तड़के तीन बजे से श्री बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू होने लगी। देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी, सेवादार -हक हकूकधारी मंदिर परिसर के निकट पहुंच गये। श्री कुबेर जी बामणी गांव से बदरीनाथ मंदिर परिसर में पहुंचे तो रावल जी एवं डिमरी हक हकूकधारी भगवान के सखा उद्धव जी एवं गाडू घड़ा तेल कलश लेकर द्वार पूजा हेतु पहुंचे। वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ द्वार पूजन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। उसके बाद प्रात: 4 बजकर 30 मिनट पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी द्वारा श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खोल दिये गये। श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही माता लक्ष्मी जी को मंदिर के गर्भ गृह से रावल जी द्वारा मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर में रखा गया। श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी बदरीश पंचायत के साथ विराजमान हो गये। कपाट खुलने के पश्चात मंदिर में शीतकाल में ओढे गये घृत कंबल को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया। माणा गांव द्वारा तैयार हाथ से बुने गये घृत कंबल को कपाट बंद होने के अवसर पर भगवान बदरी विशाल को ओढ़ाया जाता है। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मानवमात्र के रोग शोक की निवृत्ति, आरोग्यता एवं विश्व कल्याण की कामना की गयी। भगवान बदरी विशाल की प्रथम पूजा-अर्चना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से मानवता के कल्याण आरोग्यता के लिए आज 9 बजे की जाएगी। आन लाइन बुक हो चुकी पूजाओं को यात्रियों की ओर से उनके नाम संपादित किया जायेगा। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मंदिर परिसर में स्थित माता लक्ष्मी मंदिर, श्री गणेश मंदिर, हनुमान जी, भगवान बदरी विशाल के द्वारपाल घंटाकर्ण जी का मंदिर परिक्रमा स्थित छोटा मंदिर तथा आदि केदारेश्वर मंदिर, आदि गुरु शंकराचार्य मंदिर के द्वार खुल गये। माणा के निकट स्थित श्री माता मूर्ति मंदिर तथा श्री भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन के कपाट भी श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही खुल गये है। बदरीनाथ स्थित खाक चौक में हनुमान मंदिर के द्वार भी आज खुल गये है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने आशा प्रकट की है कि शीघ्र कोरोना महामारी समाप्त हो जायेगी। यथा शीघ्र उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होगी तथा तीर्थ यात्री दर्शनों के लिए पहुंच सकेंगे। प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि भगवान बदरी विशाल के कपाट खुलते ही अब उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट खुल गये हैं। उचित समय पर चार धाम यात्रा भी शुरू हो जायेगी। इसके लिए वह केंद्र से भी लगातार संपर्क में हैं। चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगाई ने भी श्री बदरी नाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रसन्नता जताई है।पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के अनुसार बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते ही उत्तराखंड चारधाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। आगे पर्यटन-तीर्थाटन को गति दिये जाने हेतु शासन स्तर पर निरंतर कार्य गतिमान है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ एवं गढ़वाल आयुक्त रमन रविनाथ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के दौरान देवस्थानम बोर्ड द्वारा उच्च स्तरीय दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित किया गया। कपाट खुलने के अवसर पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित देवस्थानम बोर्ड के प्रभारी अधिकारी बीडी सिंह, नायब तहसीलदार प्रदीप नेगी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल,अपर धर्माधिकारी सत्यप्रसाद चमोला, थानाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह, अभिसूचना निरीक्षक सूर्य प्रकाश शाह आदि मौजूद रहे। श्री बदरीनाथ धाम में लॉक डाउन पूरी तरह लागू है। दुकानें, होटल, ढाबे, आश्रम आदि बंद है। निकटवर्ती गांवों बामणी एवं माणा में भी आवाजाही नहीं है। तप्त कुंड, ब्रह्म कपाल तथा स्नान घाट भी शांत है और अलकनंदा नदी का धीमा स्वर सुनाई दे रहा है। उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि कोरोना लॉक डाउन के मद्देनजर शारीरिक दूरी सहित सरकारी एडवाइजरी का पालन किया गया। मास्क पहने गये एवं साफ सफाई का ध्यान रखा गया। उल्लेखनीय है उत्तराखंड के चार धामों के कपाट खुल चुके हैं जबकि कोरोना महामारी संकट टलने के बाद शीघ्र चारधाम यात्रा शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। श्री केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल तथा श्री गंगोत्री एवं यमुनोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर 26 अप्रैल को खुल चुके हैं। द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट कपाट 11 मई को खुल चुके हैं जबकि तृतीय केदार तुंगनाथ जी के कपाट 20 मई को तथा चतुर्थ केदार रुद्रनाथ जी के कपाट 18 मई को प्रात: खुलेंगे।
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15 May 2020नई दिल्ली। देश में कोरोना के नए मामले आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। खासकर महाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु और गुजरात में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। देश में रोजाना बढ़ने वाले कुल नए मामलों में से 70 फीसदी यही से रिपोर्ट हो रहे हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अकेले महाराष्ट्र में ही कोरोना के 40 फीसदी नए मामले सामने आए हैं। दूसरे नंबर पर तमिलनाडु है जहां 11 फीसदी मामले सामने आए हैं। तीसरे नंबर पर दिल्ली है, जहां 10 फीसदी नए मामले दर्ज हुए। जबकि चौथे स्थान पर गुजरात है, जहां से आठ फीसदी नए मामले रिपोर्ट हुए हैं। यानि इन चार राज्यों में ही 70 फीसदी मामले सामने आ रहे हैं। देश में कोरोना के कुल 81,970 मामले सामने आ चुके हैं। गोवा और छत्तीसगढ़ से भी आए कोरोना के नए मामले कोरोना मुक्त हो चुके गोवा में शुक्रवार को कोरोना के सात नए मामले सामने आए हैं। इससे पहले गोवा में सात मामले आए थे और सभी स्वस्थ हो चुके थे। लिहाजा यह राज्य कोरोना मुक्त हो चुका था। छत्तीसगढ़ में भी कई दिनों से कोरोना का एक भी नया मामला सामने नहीं आया था। वहां भी कोरोना का एक मामला सामने आया है। यहां कुल 60 कोरोना मरीजों में से 56 मरीज ठीक हो चुके हैं। देश में मरीजों के स्वस्थ्य होने की रफ्तार 34 फीसदी देश में कुछ राज्यों में मरीजों के स्वस्थ होने की रफ्तार तेज है, जिसमें छत्तीसगढ़, केरल, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड शामिल हैं। इन राज्यों में स्वस्थ होने की रफ्तार 93 प्रतिशत से लेकर 53 प्रतिशत तक है।
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15 May 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को दोपहर में राजभवन पहुंचे और राज्यपाल लालजी टण्डन से मुलाकात की। इस दौरान दोनों के बीच करीब 50 मिनट तक लम्बी चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को प्रदेश में कोरोना की स्थिति की जानकारी देकर राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों से अवगत कराया, लेकिन इधर इस मुलाकात के बाद मीडिया में शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार की अटकलें फिर से तेज हो गई हैं। कहा जा रहा है कि सीएम शिवराज जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का विस्तार सक सकते हैं।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर उनकी राज्यपाल से मुलाकात की जानकारी दी। वे बुधवार को दोपहर सवा 12 बजे राजभवन पहुंचे और राज्यपाल लालजी टंडन से प्रदेश में कोरोना की स्थिति को लेकर चर्चा की। उन्होंने ट्वीट कर बताया कि करीब 50 मिनट की इस मुलाकात में उन्होंने राज्यपाल महोदय को जीवन-शक्ति-योजना अंतर्गत बहनों द्वारा बनाए जा रहे फेस मास्क के संबंध में विस्तार से जानकारी देकर मास्क का नमूना भी भेंट किया। उन्होंने बताया कि जीवन-शक्ति-योजना में बहनों ने अब तक 6 लाख से अधिक मास्क तैयार किए हैं, जिसकी राशि 66 लाख रुपये उनके बैंक खातों में भी जमा की जा चुकी है। इसके माध्यम से हम कोविड-19 से बचाव के लिए मास्क की कमी पूरी करने के साथ बहनों को रोजगार देने का भी काम कर रहे हैं।इधर, मुख्यमंत्री और राज्यपाल की इस मुलाकात से मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं भी फिर तेज हो गई हैं। मीडिया में अटकलें लगाई जा रही हैं कि लॉकडाउन 3.0 के खत्म होते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं।गौरतलब है कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस की सरकार गिर गई थी और 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद उन्होंने रिकॉर्ड 29 दिन तक अकेले सरकार चलाई और फिर गत 21 अप्रैल को पांच मंत्रियों को शपथ ग्रहण कराकर अपने मिनी मंत्रिमंडल का गठन किया। पांच मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कारोना के खिलाफ जंग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन बुधवार को राज्यपाल के बाद हुई मुलाकात के बाद फिर से मंत्रिमंडल विस्तार की अकटलें लगनी शुरू हो गई हैं। आगामी 17 मई को लॉकडाउन 3.0 समाप्त हो गया। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन 4.0 शुरू होते ही शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। संभावना है कि मंत्रिमंडल में 22 से 24 मंत्री शामिल हो सकते हैं।
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13 May 2020भोपाल। कोरोना संकट के बीच भी प्रदेश की राजनीति उफान पर है। सत्ता गंवाकर विपक्ष में बैठी कांग्रेस किसी भी मौके को छोड़ना नहीं चाहती है और हर मोर्चे पर सरकार को घेरने के लिए पूरी तरह से तैयार है। ऐसे में मप्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस प्रदेश अक्ष्यक्ष कमलनाथ लगातार प्रवासी मजदूरों के मामले पर सरकार पर हमला बोल रहे है और शिवराज सरकार पर मजदूरों की अनदेखी और भेदभाव करने का आरोप लगा रहे हैं। कमलनाथ ने बुधवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर शिवराज सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि ‘शिवराज जी आँखे खोलो, नींद से जागो, बेबस, लाचार मज़दूरों की दशा देखो, उनकी सुध लो। वल्लभ भवन से सरकार को बाहर निकालो। आपके सारे दावे हवा- हवाई साबित हुए है। प्रदेश की सीमाएँ, प्रमुख मार्ग आज भी मज़दूरों से भरे पड़े हुए है। उनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। उन्हें घर जाने के लिये कोई साधन की व्यवस्था नहीं, कोई नियमों का पालन नहीं। कमलनाथ ने एक अन्य ट्वीट कर कहा है कि ‘कोई पैदल, कोई बैल की जगह ख़ुद को लगाकर हाँक रहा है, कोई साईकल से, कोई अन्य साधन से अपनी मंज़िल की और जा रहा है। सरकार व जिम्मेदार सब नदारद है। ये भूखे- प्यासे मजदूर बेहद तकलीफ से गुजर रहे है। कमलनाथ ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘आपकी यह लापरवाही प्रदेश को एक बड़े संकट में भी डालेगी। बाहर से प्रदेश वापस आ रहे हजारों मजदूरों की स्क्रीनिंग की कोई व्यवस्था नहीं, कोई मेडिकल चेकअप नहीं, कोई सोशल डिसटेंसिंग का पालन नहीं। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा गाँवो की और बढ़ता जा रहा है। कमलनाथ ने ट्वीट कर सीएम शिवराज से कहा है कि मेरे साथ चलो, मैं लेकर चलता हूँ आपको मज़दूरों की व्यथा दिखाने। समय निर्धारित करों, मैं आपको प्रदेश की सीमाएँ व प्रमुख मार्ग जो मजदूरों से भरे पड़े है, दिखाने ले चलता हूँ। आपके सारे दावों व व्यवस्थाओं की वास्तविकता आप ख़ुद साथ चल कर देख ले। शायद इन बेबस, लाचार, निरीह मजदूरों को ख़ुद आँखो से देखकर आपका मन पसीज जाये।
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13 May 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में बीती देर रात से बुधवार सुबह तक कोरोना का 102 नये पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं, जबकि तीन लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या चार हजार के पार पहुंचकर 4088 हो गई है। वहीं, राज्य में अब तक कोरोना से 228 लोगों की मौत हो चुकी है।इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने बुधवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा मंगलवार को देर रात 1026 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की, जिसमें 935 सेम्पल निगेटिव और 91 सेम्पल पॉजिटिव आए हैं। इसके अलावा तीन लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। मृतकों में एक 66 वर्षीय पुरुष और 45 वर्ष व 52 वर्ष की दो महिलाएं शामिल हैं। इन 91 नये मामलों के साथ अब इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2107 हो गई है, जबकि मरने वालों की संख्या 95 पहुंच गई है। इसके अलावा बुधवार को सुबह आई रिपोर्ट में सतना में दो, रतलाम में तीन, देवास में तीन और सागर में तीन पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। इन नये 102 प्रकरणों के साथ अब राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 3986 से बढक़र 4088 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 2107, भोपाल 804, उज्जैन 264, जबलपुर 137, खरगौन 92, धार 86, खंडवा 79, रायसेन 65, बुरहानपुर 60, मंदसौर 54, देवास 56, होशंगाबाद 37, नीमच 34, ग्वालियर 29, बड़वानी 26, मुरैना 25, रतलाम 27, आगरमालवा 13, विदिशा 13, सागर 13, शाजापुर 08, भिण्ड 08, छिंदवाड़ा 05, सतना 07, श्योपुर 04, अलीराजपुर 03, अनूपपुर 03, शहडोल 03, हरदा 03, शिवपुरी 03, टीमकगढ़ 03, रीवा 03, डिंडौरी 02, बैतूल 01, अशोकनगर 02, पन्ना 01, झाबुआ 02. सीहोर 02, गुना 01, मंडला 01, सिवनी 01 और सीधी का एक मरीज शामिल है।इंदौर में हुई तीन मौतों के साथ अब प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 228 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 95, भोपाल 34, उज्जैन 45, खरगौन 08, देवास 07, बुरहानपुर 06, धार, 02, जबलपुर 07, खंडवा 07, रायसेन 03, छिंदवाड़ा 01, मंदसौर 04, होशंगाबाद 03, अशोकनगर 01, आगर मालवा 01, सतना 01, सागर 01 और शाजापुर का एक व्यक्ति शामिल है।
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13 May 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना के 135 नये मामले सामने आए हैं और दो लोगों की मौत हो गई है। इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर अब 3920 हो चुकी है और मरने वालों की संख्या 223 पहुंच गई है। मंगलवार को इंदौर के जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रवीण जड़िया ने बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा सोमवार की देर रात 1044 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें 81 व्यक्ति पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा दो लोगों की कोरोना से मरने वालों की भी पुष्टि हुई है। मृतकों में 62 वर्षीय एक महिला और 95 वर्षीय पुरुष शामिल है। नये 81 मामले सामने आने के बाद इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2016 हो चुकी है, जबकि कोरोना से मरने वालों की संख्या 92 हो गई है। उज्जैन में भी 23 नये मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 264 हो गई है, जबकि 45 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह खंडवा में भी 20 नये पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 79 हो गई है। इसके अलावा रतलाम में 52 वर्षीय एक महिला कोरोना पॉजिटिव निकली है, जबकि मंगलवार की सुबह आई रिपोर्ट में खरगौन में तीन और धार में सात मरीज संक्रमित मिले हैं। इन सभी को मिलाकर प्रदेश में 135 नये प्रकरण सामने आए हैं।इन नये मामलों को मिलाकर अब प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 3920 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 2016, भोपाल 774, उज्जैन 264, जबलपुर 133, खरगौन 92, धार 86, रायसेन 64, खंडवा 79, बुरहानपुर 60, मंदसौर 51, देवास 48, होशंगाबाद 36, नीमच 27, बड़वानी 26, रतलाम 24, मुरैना 22, ग्वालियर 26, विदिशा 13, आगरमालवा 13, शाजापुर 08, सागर 10, छिंदवाड़ा 05, श्योपुर 04, अलीराजपुर 03, शहडोल 03, हरदा 03, शिवपुरी 03, टीमकगढ़ 03, सतना 04, रीवा 03, अनूपपुर 03, भिण्ड 04, डिंडौरी 02, बैतूल 01, अशोकनगर 02, पन्ना 01, सतना 02, झाबुआ 02. सीहोर 02, गुना 01, मंडला 01 और सिवनी का एक मरीज शामिल है। वहीं, इंदौर में हुई दो मौतों के साथ प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 223 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 92, भोपाल 33, उज्जैन 45, खरगौन 08, देवास 07, बुरहानपुर 05, धार, 02, जबलपुर 07, खंडवा 07, रायसेन 03, छिंदवाड़ा 01, मंदसौर 04, होशंगाबाद 03, अशोकनगर 01, आगर मालवा 01, सतना 01, सागर 01 और शाजापुर का एक व्यक्ति शामिल है।
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12 May 2020नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर फिर एक बार तनाव बढ़ता दिखा रहा है। पिछले दिनों उत्तरी सिक्किम और लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच भिड़ंत होने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है। इसी का नतीजा रहा कि आज लद्दाख बॉर्डर पर चीन के हेलीकॉप्टर भारतीय सीमा के बहुत करीब आ गए लेकिन भारतीय लड़ाकू विमानों ने इन्हें खदेड़ दिया। चीनी सैन्य हैलिकॉप्टर को उड़ान भरते देख भारत ने भी इस इलाके में अपने लड़ाकू विमान तैनात कर दिए हैं। पूर्वी लद्दाख सेक्टर में 5 और 6 मई को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच आमना-सामना हुआ। दोनों पक्षों के बीच स्थानीय स्तर पर मामला सुलझ गया था। इसके बाद 9 मई को फिर उत्तरी सिक्किम में भारत-चीन सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई। उत्तरी सिक्किम में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारतीय सेना के जवानों और चीनी पीपुल्स लिबरेशन (पीएलए) के बीच यह भिड़ंत तब हुई थी जब शनिवार को दोनों देशों की सेनाएं नियमित गश्त पर थीं। तभी उत्तरी सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में यह झड़प हुई। हालांकि यह मामला स्थानीय स्तर पर ही सुलझा लिया गया लेकिन दोनों पक्षों की तरफ से आक्रामक रवैया रहा, जिसके कारण दोनों पक्षों के सैनिक मामूली रूप से घायल हो गए। नाकु ला क्षेत्र पांच हजार मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित है, जो सड़क मार्ग से जुड़ा नहीं है। इन घटनाओं के बाद 150 से अधिक चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश की थी। भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हाथापाई होने की बात की पुष्टि करते हुए सेना की पूर्वी कमान ने एक बयान में कहा था कि आक्रामक हरकतें हुईं, जिसमें दोनों तरफ के सैनिकों को चोटें आईं। फिलहाल मामले को सुलझा लिया गया है। भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच तनाव के बीच आज लद्दाख बॉर्डर पर चीन के हेलीकॉप्टर भारतीय सीमा के बहुत करीब आ गए। चीनी सैन्य हैलिकॉप्टर को उड़ान भरते देख भारत ने भी इस इलाके में अपने लड़ाकू विमान तैनात कर दिए हैं। लद्दाख सीमा पर चीनी हेलीकॉप्टर देखे जाने के तुरंत बाद भारतीय वायुसेना अलर्ट हो गई। भारतीय लड़ाकू विमानों ने लद्दाख सीमा की ओर उड़ान भरी और चीनी चॉपर्स को वापस लौटना पड़ा। वायुसेना ने इसके बाद वहां गश्त बढ़ा दी है। सरकार के शीर्ष सूत्रों ने बताया कि जैसे ही चीनी हेलिकॉप्टरों की आवाजाही शुरू हुई तो भारतीय लड़ाकू विमानों को लद्दाख सेक्टर के सीमावर्ती क्षेत्रों में ले जाया गया। भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान ने नजदीकी बेस कैंप से उड़ान भरी थी। भारतीय वायु क्षेत्र का उल्लंघन करने से पहले ही चीनी हेलिकॉप्टर को वापस खदेड़ दिया गया। इससे पहले भी चीन की सेना ने भारतीय सेना के साथ एलएसी पर भिड़ने की कोशिश की है लेकिन ऐसा काफी लंबे समय बाद हुआ है, जब भारत ने लड़ाकू विमानों को तैनात करके वायु क्षेत्रों का उल्लंघन करने के चीनी प्रयासों का जवाब दिया है। डोकलाम विवाद के बाद ये पहला मौका है जब दोनों देशों के सेनाओं के बीच इतना तनाव देखा जा रहा है। चीन की किसी भी हरकत का जवाब देने के लिए भारतीय सेनाएं भी सतर्क हैं।
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12 May 2020नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज शाम आठ बजे देश को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी है। देश में कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू पूर्णबंदी (लॉकडाउन) के बीच देश के नाम यह प्रधानमंत्री का चौथा संबोधन होगा। समझा जा रहा कि इस संबोधन के दौरान वह लॉकडाउन से जुड़े मुद्दे और गतिविधियों को लेकर देशवासियों के समक्ष अपनी बात रखेंगे। इससे पहले मोदी ने गत सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों व उप राज्यपालों से चर्चा की थी। इस चर्चा के दौरान कई मुख्यमंत्रियों ने महामारी के मद्देनजर लॉकडाउन को जारी रखने की सलाह दी है। पंजाब, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों का सुझाव था कि लॉकडाउन को जारी रखा जाए अन्यथा स्थिति बिगड़ सकती है। उल्लेखनीय है कि बीते 25 मार्च से शुरू हुआ देशव्यापी लॉकडाउन 21 दिन की अवधि के बाद दो बार बढ़ाया जा चुका है। अब इसे 17 मई को समाप्त होना है।
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12 May 2020नरसिंहपुर। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले की सीमा पर एक बड़े सड़क हादसे में पांच मजदूरों की मौत हो गई। नरसिंहपुर जिले के मुंगवानी क्षेत्र में शनिवार-रविवार देर रात आम से भरा एक ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे में पांच मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि हादसे में घायल हुए 13 मजदूरों का इलाज चल रहा है। ट्रक में 20 मजदूर सवार थे। यहां मौके पर क्रेन और जेसीबी की मदद से रेस्क्यू अभियान चलाकर किसी तरह अन्य की जान बचाई जा सकी है। अपर कलेक्टर मनोज ठाकुर के मुताबिक ट्रक में सवार कुल 20 मजदूर, जिसमें से 11 झांसी और 9 एटा के रहने वाले हैं। लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश के रहनेवाले ये सभी मजदूर ट्रक में सवार होकर हैदराबाद से अपने घर वापस लौट रहे थे। तभी मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के मुगवानी थाना क्षेत्र में श्रमिकों को लेकर जा रहा यह ट्रक अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराया और पलट गया, जिसमें सवार पांच मजदूरों की मौत हो गई, जबकि तेरह घायल हो गए हैं। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी लगते ही कलेक्टर दीपक सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक गुरकरन सिंह सहित पुलिस बल व अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंच गये थे। इस संबंध में मजदूरों के स्वास्थ्य को लेकर सिविल सर्जन डॉक्टर अनीता अग्रवाल ने बताया कि हादसे में जख्मी दो मजदूरों की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें जबलपुर के लिए रेफर किया गया है। वहीं अन्य की हालत स्थिर हैं। उन्होंने कहा कि एक मजदूर को 3 दिनों से खांसी, जुकाम और बुखार है। सभी की जांच के लिए नमूने लिए गए हैं, जिनमें मृत भी शामिल हैं। वहीं, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश तिवारी का कहना है कि हैदराबाद से उत्तर प्रदेश जा रहा यह ट्रक कल रात नरसिंहपुर-नागपुर मार्ग पर पाठा गांव के समीप अनियंत्रित होकर एक पेड़ से टकराकर पलट गया था। दुर्घटना में पांच श्रमिकों की मृत्यु हो गई और तेरह श्रमिक घायल हो गए हैं। सभी घायल श्रमिकों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ट्रक में 20 मजदूर सवार थे। सीएम शिवराज ने श्रमिकों की मौत पर दुख व्यक्त किया मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले में हुए इस ट्रक हादसे को लेकर श्रमिकों की मृत्यु पर सीएम शिवराज ने शोक जताते हुए सभी मृतक श्रमिकों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री सिंह ने सोशल मीडिया ट्विटर के माध्यम से ट्वीट करते हुए कहा कि ''नरसिंहपुर में ट्रक पलटने से हुए हादसे में कई अनमोल जिंदगियों के असमय काल कवलित और घायल होने के समाचार से अत्यंत दुखी हूं। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं। विनम्र श्रद्धांजलि!'' इसके बाद एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि ''घायलों के समुचित इलाज एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए मौके पर प्रशासन के उच्च अधिकारी उपस्थित हैं। मैं ईश्वर से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की करबद्ध प्रार्थना करता हूं।''
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10 May 2020इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां बीती देर रात कोरोना के 78 नये मामले सामने आए हैं, जबकि दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही इंदौर में अब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1858 पर पहुंच गई है। वहीं, शहर में कोरोना से अब तक 89 लोगों की मौत हो चुकी है।इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने रविवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा शनिवार को देर रात 1105 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें 78 व्यक्ति पॉजिटिव पाये गये हैं, जबकि शेष सेम्पल निगेटिव आए हैं। वहीं, इंदौर में दो लोगों की कोरोना से मौत की भी पुष्टि हुई है। मृतकों में एक 65 वर्षीय महिला और 69 वर्षीय पुरुष शामिल है और दोनों महू के रहने वाले थे। नये पॉजिटिव मामलों को मिलाकर अब इंदौर में संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 1858 और शहर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 89 हो गई है।सीएमएचओ डॉ. जडिय़ा ने बताया कि अब तक शहर में 891 मरीज कोरोना को परास्त कर चुके हैं और उनकी दूसरी बार रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पतालों से डिस्चार्ज कर दिया गया है। अभी इंदौर में कोरोना के 878 मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती है और उनका उपचार जारी है।
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10 May 2020गंगटोक। सिक्किम में भारत-चीन सीमा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई है। आपसी नोक-झोंक यह पहला मामला नहीं है। दोनों देशों के सैनिकों के बीच ऐसा तनावपूर्ण माहौल समय-समय पर बनता रहता है। सूत्रों के अनुसार दोनों देशों की सेनाओं द्वारा नियमित गश्त के दौरान शनिवार को उत्तरी सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में यह झड़प हुई, जिसे स्थानीय स्तर पर ही सुलझा लिया गया है। बताया गया है कि दोनों पक्षों की तरफ से आक्रामक रवैया रहा, जिस कारण दोनों पक्षों के सैनिक मामूली रूप से घायल हो गए। नाकु ला क्षेत्र पांच हजार मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित है, जो सड़क मार्ग से जुड़ा नहीं है। वहीं भारतीय सेना ने अपने बयान में माना है कि भारतीयों और चीनी सैनिकों के बीच हाथापाई हुई है। सेना की पूर्वी कमान ने एक बयान में कहा कि आक्रामक हरकतें हुईं, जिसमें दोनों तरफ के सैनिकों को चोटें आई। फिलहाल मामले को सुलझा लिया गया है।
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10 May 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में तमाम प्रयासों के बावजूद कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश में गुरुवार देर रात से लेकर शुक्रवार सुबह तक प्राप्त रिपोर्ट में कोरोना के 57 नये मामले सामने आए हैं, जबकि तीन लोगों की मौत हो पुष्टि हुई है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 3252 से बढक़र 3309 पर पहुंच गई है। वहीं, राज्य में इस महामारी से अब तक 196 लोगों की मौत हो चुकी है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार देर रात एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा 372 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें 344 सेम्पल निगेटिव और 28 सेम्पल पॉजिटिव आए हैं। वहीं, कोरोना से तीन लोगों की मौत की भी पुष्टि हुई है। इसके साथ ही इंदौर में संक्रमित मरीजों की संख्या बढक़र 1727 हो गई है, जबकि कोरोना से मरने वालों की संख्या 86 पर पहुंच गई है। इसके अलावा शुक्रवार को सुबह उज्जैन जिले में कोरोना संक्रमण के 19, बुरहानपुर में पांच, रतलाम में तीन और देवास में दो संक्रमित मरीज मिले हैं। इन 57 नये मामलों को मिलाकर अब प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 3309 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 1727, भोपाल 652, उज्जैन 220, जबलपुर 115, खरगौन 80, रायसेन 64, धार 77, खंडवा 50, होशंगाबाद 36, मंदसौर 52, बुरहानपुर 43, बड़वानी 26, देवास 32, रतलाम 23, मुरैना 22, विदिशा 13, आगरमालवा 13, शाजापुर 08, सागर 05, छिंदवाड़ा 05, ग्वालियर 12, श्योपुर 04, नीमच 04, अलीराजपुर 03, शहडोल 03, हरदा 03, शिवपुरी 03, टीमकगढ़ 03, रीवा 02, अनूपपुर 03, बैतूल 01, डिंडौरी 01, अशोकनगर 01, पन्ना 01, सतना 01 तथा झाबुआ जिले का एक मरीज शामिल है।वहीं, इंदौर में हुई तीन लोगों की मौत के बाद प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 196 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 86, भोपाल 22, उज्जैन 42, खरगौन 08, देवास 07, बुरहानपुर 04, धार, 01, जबलपुर 04, खंडवा 07, रायसेन 03, छिंदवाड़ा 01, मंदसौर 04, होशंगाबाद 03, अशोकनगर 01, आगर मालवा 01, सतना 01 और शाजापुर का एक व्यक्ति शामिल है।
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8 May 2020भोपाल। महाराष्ट्र के औरंगाबाद में करमाड़ रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार सुबह एक बड़ा रेल हादसा हो गया। यहां पटरी पर सो रहे मध्य प्रदेश के 16 मजदूरों की मालगाड़ी की चपेट में आकर दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में 1 मजदूर गंभीर रुप से घायल है, जबकि 4 मजदूर बाल-बाल बच गए। सभी मजदूर मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के थे और जालना की एक फैक्ट्री में काम कर रहे थे। लॉकडाउन के दौरान ये भी अपने घर जाने के लिए निकले थे। रेल हादसे में मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताते हुए पांच पांच लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने औरंगाबाद रेल हादसे में मृतक मप्र के मजदूरों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए परिजनों को सात्वना दी है। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर मृतकों के परिजनों को पांच पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। सीएम ने ट्वीट कर लिखा ‘औरंगाबाद से अपने घर लौट रहे कई श्रमिक भाइयों के ट्रेन हादसे में आकस्मिक निधन का दुखद समाचार मिला। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति देने तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। विनम्र श्रद्धांजलि! दु:ख की इस घड़ी में शोकाकुल परिवार स्वयं को अकेला न समझे, आपके साथ मैं और पूरी मध्य प्रदेश सरकार खड़ी है। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने इस हादसे के संबंध में रेल मंत्री से बात की है। साथ ही प्रदेश से उच्च अधिकारियों की एक टीम जांच के लिए ओरंगाबाद जाएगी। सीएम शिवराज ने ट्वीट कर कहा ‘औरंगाबाद में हुए रेल हादसे से हृदय पर ऐसा कुठाराघात हुआ है की मैं उसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता! संवेदना से मन भर जाता है। मैंने रेल मंत्री पीयूष गोयल जी से बात की है और उनसे त्वरित जाँच और उचित व्यवस्था की माँग की है। उसके अलावा प्रदेश सरकार की तरफ़ से हर एक मृतक श्रमिक के परिजनों को पाँच लाख दिए जाएँगे, और घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था की जाएगी। मैं विशेष विमान से उच्च अधिकारियों की एक टीम भेज रहा हूँ, जो वहाँ पर मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करेगी और घायलों को हर सम्भव मदद करेगी। मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से भी लगातार बात कर रहा हूँ और घायल श्रमिकों के उपचार में कोई भी कमी न रहे उसकी व्यवस्था कर रहा हूँ।
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8 May 2020मुंबई। औरंगाबाद जिले में सटाना के पास शुक्रवार तडक़े रेलवे पटरी पर आराम कर रहे 19 श्रमिकों को मालगाड़ी ने कुचल दिया, जिससे 16 श्रमिकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जबकि घटना में 3 श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें परभणी स्थित रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह घटना शुक्रवार को सुबह सवा पांच बजे हुई है। औरंगाबाद के उप विभागिय पुलिस अधिकारी सूरज नेहुल ने बताया कि घटना में धर्मेंद्र सिंह (20), बृजेंद्र सिंह (20), निर्वेश सिंह (20), धन सिंह (25), प्रदीप सिंह, राज भवन, शिवदयाल सिंह, नेमसहाय सिंह, मुनिम सिंह, बुधराज सिंह, अच्छेलाल, रविंद्र सिंह सहित 16 लोगों की मौत हो गई। सभी मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद जिला अस्पताल भेजा गया है। वहीं, घटना में घायल तीन लोगों का इलाज परभणी स्थित रेलवे अस्पताल में चल रहा है। जानकारी के अनुसार जालना जिले की एसआरजे. स्टील कंपनी में काम करने वाले मध्य प्रदेश के 19 श्रमिक एक साथ गांव जाने के लिए पैदल निकले थे। देर रात होने पर थकान की वजह से श्रमिक औरंगाबाद में बदनापुर और करमाड के बीच सटाना के पास रेलवे पटरी पर ही सो गए थे। शुक्रवार तडक़े मालगाड़ी औरंगाबाद की ओर जा रही थी, जिससे सभी मजदूर उस मालगाड़ी की चपेट में आ गए। बताया जा रहा है कि गुरुवार को मध्यप्रदेश के श्रमिकों के लिए भोपाल के लिए एक विशेष श्रमिक ट्रेन रवाना की गई थी। सभी श्रमिक इसी आशा में पैदल चलकर भुसावल स्टेशन पर पहुंचना चाहते थे लेकिन दिनभर चलने की वजह से सभी श्रमिक थक गए थे, जिससे सटाना के पास रेलवे पटरी पर ही सो गए थे। ऐसे में आज सुबह मालगाड़ी ने इन मजदूरों को कुचल दिया।
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8 May 2020गंगटोक। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर को खराब मौसम के कारण गुरुवार को सिक्किम में फोर्स लैंडिंग करनी पड़ी। पायलट को यह उस समय करना पड़ा,जब हेलीकॉप्टर नियमित वायु रखरखाव उड़ान के लिए छतेन से मुकुथांग जा रहा था। आईएएफ का एक एमआई -17 हेलीकॉप्टर 6 कर्मियों के साथ सिक्किम में चटन से मुकुतांग के लिए नियमित हवाई रखरखाव के लिए जा रहा था। अचानक खराब मौसम के कारण हेलिपैड से 10 नॉटिकल मील की दूरी पर आज सुबह 6.45 बजे फोर्स लैंडिंग करनी पड़ी। इस दौरान हेलीकॉप्टर को नुकसान पहुंचा है। हेलीकॉप्टर में 04 एयरक्रू सदस्य और 02 भारतीय सेना के जवान थे। सभी छह कर्मी सुरक्षित हैं। एक व्यक्ति घायल है। बचाव के लिए दो रिकवरी हेलिकॉप्टर और एक आर्मी ग्राउंड सर्च पार्टी मौके पर भेजी गई है। दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच का आदेश दिया गया है।
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7 May 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में तमाम प्रयासों के बावजूद कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश में बुधवार देररात आई रिपोर्ट में 47 नये पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जबकि दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। दोनों मृतक इंदौर के हैं। इसके साथ प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 187 हो गई, जबकि संक्रमित मरीजों की संख्या 3185 पर पहुंच गई है।इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ प्रवीण जड़िया ने गुरुवार को बताया कि बुधवार देररात एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा 556 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई। इसमें 538 सेम्पल निगेटिव और 18 सेम्पल पॉजिटिव आए हैं, जबकि दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इन नये मामलों के साथ अब इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 1699 हो गई है और मृतकों की संख्या 83 हो चुकी है। मृतकों में 50 वर्षीय और 54 वर्षीय दो पुरुष शामिल हैं। वहीं भोपाल सीएमएचओ डॉ प्रभाकर तिवारी के मुताबिक भोपाल में बुधवार देर रात जारी रिपोर्ट में 24 नये पॉजिटिव केस मिले हैं। इसी तरह जबलपुर में पांच नये मामले सामने आए हैं।इंदौर, भोपाल और जबलपुर में मिले नये मामलों के साथ अब प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 3185 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 1699, भोपाल 629, उज्जैन 184, जबलपुर 114, खरगौन 79, रायसेन 63, धार 76, खंडवा 50, होशंगाबाद 36, मंदसौर 40, बुरहानपुर 38, बड़वानी 26, देवास 30, रतलाम 20, मुरैना 17, विदिशा 13, आगरमालवा 13, शाजापुर 08, सागर 05, छिंदवाड़ा 05, ग्वालियर 07, श्योपुर 04, नीमच 04, अलीराजपुर 03, शहडोल 03, हरदा 03, शिवपुरी 03, टीमकगढ़ 03, रीवा 02, अनूपपुर 03, बैतूल 01, डिंडौरी 01, अशोकनगर 01, पन्ना 01 और सतना का एक मरीज शामिल है।वहीं, इंदौर में हुई दो लोगों की मौत के बाद प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 187 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 83, भोपाल 20, उज्जैन 40, खरगौन 07, देवास 07, बुरहानपुर 04, धार, 01, जबलपुर 03, खंडवा 07, रायसेन 03, छिंदवाड़ा 01, मंदसौर 04, होशंगाबाद 03, अशोकनगर 01, आगर मालवा 01, सतना 01 और शाजापुर का एक व्यक्ति शामिल है।
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7 May 2020नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर कोरोना संकट से जूझ रहे विश्व को एक बड़ा संदेश देते हुए कहा कि बुद्ध भारत के बोध और आत्मबोध दोनों के प्रतीक हैं। इसी आत्मबोध के साथ भारत निरंतर मानवता और विश्व के हित में काम कर रहा है और करता रहेगा। भारत की प्रगति हमेशा विश्व की प्रगति में सहायक होगी। बुद्ध पूर्णिमा(वेसाक) के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध ने हमें कष्ट के समय में निराशा और दुख से दूर रहते हुए सेवा का मार्ग सुझाया है। हमें भी इस संकट की घड़ी में लोगों की सेवा करनी चाहिए और इसी को पथ प्रदर्शक मानते हुए भारत विश्व की हर संभव सहायता कर रहा है। उन्होंने कहा, “सुप्प बुद्धं पबुज्झन्ति, सदा गोतम सावका यानि जो दिन-रात, हर समय मानवता की सेवा में जुटे रहते हैं, वही बुद्ध के सच्चे अनुयायी हैं।” उन्होंने कहा कि इस मुश्किल परिस्थिति में हमें अपना, अपने परिवार का, अपने देश का ध्यान रखना चाहिए और अपनी रक्षा करते हुए यथा-संभव दूसरों की भी मदद करनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने देश और दुनिया में भगवान बुद्ध के अनुयायियों को बुद्ध पूर्णिमा-वेसाक उत्सव की शुभकामनाएं दीं। साथ ही उन्होंने बुद्ध समुदाय द्वारा कोरोना संकट से लड़ रहे स्वास्थ्य व सेवा कर्मियों के लिए इस सप्ताह को प्रार्थना सप्ताह के रूप में मनाने के संकल्प की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा कि बुद्ध केवल एक नाम नहीं बल्कि एक पवित्र विचार हैं और जो प्रत्येक मानव के हृदय में समाया हुआ है। बुद्ध के संदेश ने भारत की संस्कृति को हमेशा दिशा दिखाई है। देश की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करते हुए उन्होंने कहा है कि स्वयं अपना दीपक बनकर जगत में प्रकाश करें। आज इतने वर्षों बाद भी भगवान बुद्ध का संदेश अपनी प्रासंगिता बरकरार रखते हुए हमारे जीवन को प्रवाहमान बना रहा है। उन्होंने कहा, “बुद्ध, त्याग और तपस्या की सीमा है। बुद्ध, सेवा और समर्पण का पर्याय है। बुद्ध, मजबूत इच्छाशक्ति से सामाजिक परिवर्तन की पराकाष्ठा है। ऐसे समय में जब दुनिया में उथल-पुथल है, कई बार दुख-निराशा-हताशा का भाव ज्यादा दिखता है, तब भगवान बुद्ध की सीख और भी प्रासंगिक हो जाती है।” मोदी ने कहा कि वर्तमान में कोरोना संकट के समय दुख और निराशा का भाव मन में आ रहा है। ऐसे में बुद्ध का संदेश हमारा मार्गदर्शक बना है। बुद्ध का कहना है कि थक कर रुक जाना विकल्प नहीं हो सकता हमें निरंतर प्रयास करना चाहिए। आज संकट की घड़ी में हम सब मिलकर यही काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भागवान बुद्ध ने चार सत्य बताये हैं- दया, करुणा, समभाव व दृष्टाभाव। यह सत्य निरंतर भारत भूमि की प्रेरणा बने हुए हैं। आज भारत नि:स्वार्थ भाव से बिना किसी भेदभाव के देश और दुनिया में संकट में घिरे व्यक्ति के साथ मजबूती से खड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का समय लाभ-हानि की चिंता किए बिना लोगों की सेवा करने का है। भारत भी इसी तरह दुनिया के साथ उनके सहयोग के लिए खड़ा है। उन्होंने कहा, “आज आप भी देख रहे हैं कि भारत नि:स्वार्थ भाव से, बिना किसी भेद के, अपने यहां भी और पूरे विश्व में संकट में घिरे व्यक्ति के साथ पूरी मज़बूती से खड़ा है। आज प्रत्येक देशवासी का जीवन बचाने के लिए हर संभव प्रयास के साथ भारत अपने वैश्विक दायित्वों का भी उतनी ही गंभीरता से निभा रहा है।” संस्कृति मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के सहयोग से दुनिया भर के बौद्ध संघों के सभी प्रमुखों की भागीदारी के साथ इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रार्थना समारोहों को पवित्र गार्डन लुम्बिनी(नेपाल), महाबोधि मंदिर-बोधगया, मूलगंध कुटी विहार- सारनाथ, परिनिर्वाण स्तूप-कुशीनगर, अनुराधापुरा स्तूप परिसर (श्रीलंका), बौधनाथ, स्वायंभु, नमो स्तूप (नेपाल) के अलावा अन्य लोकप्रिय बौद्ध स्थल से लाइव स्ट्रीम किया गया। जानकारी के अनुसार वेसाक-बुद्ध पूर्णिमा को ट्रिपल धन्य दिवस के रूप में माना जाता है, तथागत गौतम बुद्ध का जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण इसी दिन हुआ था। संस्कृति व पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और खेलमंत्री किरण रिजिजू भी इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।
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7 May 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा मंगलवार को लॉकडाउन को लेकर पुलिस अधिकारियों की बैठक लेने पीएचक्यू पहुंचे। पुलिस मुख्यालय पहुंचने पर वहां गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद बैठक में सबसे पहले मध्यप्रदेश के शहीद पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने पुलिस मुख्यालय की बैठक में मध्यप्रदेश में शहीद हुए पुलिसकर्मी के परिवार वालों की सुविधा हेतु हेल्पडेस्क शुरू करने के लिए निर्देश दिए। जिसमें शहीद पुलिसकर्मी के परिवार के व्यक्ति की छोटी से छोटी समस्याओं के लिए इस हेल्प डेस्क के माध्यम से हर संभव सहायता की जाएगी। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण में जान गवाने वाले जवानों सहित अन्य सभी ऐसे अधिकारी -कर्मचारियों, जिनका ड्यूटी के दौरान निधन हुआ हैं, उनके परिवार की सहायता के लिए अलग से हेल्प डेस्क बनाई जाए, जहां उनकी सारी समस्याओं का समाधान हो सकें। इसके अलावा विषम परिस्थितियों में काम करने वाले जवानों के लिए क्या किया जा सकता है, इस बात पर भी विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश भोपाल के पुलिस मुख्यालय में एडीजी या आईजी रैंक के अधिकारी शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार संबंधी समस्याओं में बच्चों के एडमिशन से लेकर अन्य असुविधा का तत्काल प्रभाव से निराकरण कराएंगे। उल्लेखनीय है कि डॉ. मिश्रा के इस हेल्प डेस्क का आशय मध्यप्रदेश पुलिस कर्मियों के मनोबल को बढ़ाने और साथ ही उनके सेवा भाव के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए सभी शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार के लिए पालक के रूप में सरकार के कर्तव्य पालन करने का है।
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5 May 2020इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां सोमवार को देर रात एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी रिपोर्ट में 43 नये कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जबकि दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 77 से बढक़र 79 हो गई है। वहीं, कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 1611 से बढक़र 1654 हो गई है।इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने मंगलवार को बताया कि सोमवार देर रात एमजीएम मेडिकल कॉलेज की लैब द्वारा 483 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें 440 सेम्पल निगेटिव आए हैं, जबकि 43 सेम्पल पॉजिटिव प्राप्त हुए हैं। इन नये मामलों को मिलाकर अब इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 1654 हो गई है। वहीं, सोमवार देर रात आई रिपोर्ट में दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों में 45 वर्षीय एक महिला और 64 वर्षीय पुरुष शामिल है। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 77 से बढक़र 79 हो गई है।सीएमएचओ डॉ. जडिय़ा ने बताया कि अब तक इंदौर में कुल 9857 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है। इनमें से 1654 रिपोर्ट पॉजिटिव आई हैं। इंदौर में अब तक 468 मरीज कोरोना को परास्त कर चुके हैं और उन्हें अस्पतालों से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं, अभी विभिन्न अस्पतालों में 1107 मरीजों का उपचार जारी है।
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5 May 2020नई दिल्ली। अर्द्धसैनिक बलों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए गृह मंत्रालय सख्त हो गया है। मंत्रालय ने स्टैंडर्ट ऑपरेशन प्रोसीजर (एसओपी) का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। क्योंकि, सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ औऱ एसएसबी में अभी तक कोरेाना संक्रमण के 256 मामले पाए गए हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) हेडक्वार्टर में इससे पहले एक असिस्टेंड कमांडेंट में कोरोना के लक्षण मिले थे। वहीं सीआरपीएफ का एक ड्राइवर कोरोना पाॅजिटिव पाया गया। सीआरपीएफ में कुल 144 कोरोना पाॅजिटिव मामले मिल चुके हैं। इसके अलावा सीआरपीएफ मुख्यालय में भर्ती विभाग के एक कर्मचारी में लक्षण दिखने के बाद उसको राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में भर्ती कराया गया। सीआरपीएफ ने सावधानी बरतते हुए संपर्क में आए 35 लोगों को क्वारंटीन किया है। फिलहाल सीजीओ कॉम्प्लेक्स में मौजूद सभी मुख्यालयों को पूरी तरीके से हर दिन सैनिटाइज किया जा रहा है। बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) हेडक्वॉर्टर में हेड कॉन्स्टेबल कोरोना पॉजिटिव पाया गया। बीएसएफ कॉन्स्टेबल के संपर्क में आए जवानों और अधिकारियों को क्वारंटीन कर दिया गया है। बीएसएफ में अब तक कुल 67 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं। बीएसएफ के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) शुभेंदु भारद्वाज के अनुसार, बीएसएफ के 24 कर्मचारी त्रिपुरा में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं और दिल्ली में 41 जवान संक्रमित हुए हैं। एक जवान कोलकाता में भी संक्रमित हुआ है जो केंद्र सरकार के इंटर मिनिस्ट्रियल टीम को एस्कॉर्ट कर रहा था। इसके अलावा भारत-तिब्बत सीमा बल (आईटीबीपी) के एक हेड कांस्टेबल की कोरोना से मौत हो चुकी है। अब तक आईटीबीपी में 21 कोरोना पॉज़िटिव केस आ चुके हैं। 40 जवानों की रिपोर्ट जल्द आने की संभावना है। आईटीबीपी के डीजी एस.एस. देसवाल ने बताया कि कोविड -19 से लड़ने के लिए 200 बेड का डेडिकेटेड अस्पताल तैयार किया गया है। ग्रेटर नोएडा स्थित यह अस्पताल सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त है और इसमें ही अर्द्धसैनिक बलों के कोरोना संक्रमित जवानों को रखा जाएगा।
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5 May 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शनिवार को देर रात इंदौर में एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी रिपोर्ट में 23 नये कोरोना पॉजिटिव सामने आए हैं, जबकि दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 153 पहुंच गई है। वहीं, प्रदेशभर में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 2811 हो गई है।इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने रविवार को बताया कि शनिवार को देर रात एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा 515 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें 492 सेम्पल निगेटिव आए हैं, जबकि 23 लोगों के सेम्पल पॉजिटिव प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 1568 हो गई है। वहीं, शनिवार देर रात आई रिपोर्ट में दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों में एक 55 वर्षीय महिला और एक 59 वर्षीय पुरुष शामिल है। इन दोनों मौतों के साथ इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 74 से बढक़र 76 हो गई है।इंदौर में आए नये पॉजिटिव मरीजों को मिलाकर अब प्रदेश में कोरोना के संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 2811 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 1568, भोपाल 526, उज्जैन 147, जबलपुर 92, खरगौन 77, रायसेन 57, धार 51, खंडवा 47, होशंगाबाद 35, मंदसौर 35, बड़वानी 26, देवास 26, बुरहानपुर 18, रतलाम 16, मुरैना 16, विदिशा 13, आगरमालवा 12, शाजापुर 07, सागर 05, छिंदवाड़ा 05, ग्वालियर 05, श्योपुर 04, अलीराजपुर 03, शहडोल 03, हरदा 03, शिवपुरी 02, टीमकगढ़ 02, रीवा 02, अनूपपुर 02, बैतूल 01, डिंडौरी 01, अशोकनगर 01, कटनी 01 तथा अन्य राज्य के दो मरीज शामिल हैं।वहीं, इंदौर में हुई दो मौतों के बाद प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 153 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 76, भोपाल 15, उज्जैन 27, खरगौन 07, देवास 07, धार, 01, जबलपुर 01, खंडवा 06, रायसेन 02, छिंदवाड़ा 01, मंदसौर 03, होशंगाबाद 04, अशोकनगर 01, आगर मालवा 01 और शाजापुर का एक व्यक्ति शामिल है।
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3 May 2020नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी को मात देने के लिए अपनी और परिवार की परवाह किए बगैर जी-जान से जुटे डॉक्टरों, नर्सों, सफाईकर्मियों, पुलिस, होमगार्ड, डिलिवरी बॉय और मीडिया कर्मियों जैसे प्रथमश्रेणी के कोरोना वारियर्स के प्रति रविवार सुबह तीनों सेनाओं ने अनोखे तरीके से सम्मान जताया। भारतीय वायु सेना के लड़ाकू और परिवहन विमानों ने फ्लाईपास्ट करके उन अस्पतालों के ऊपर फूलों की बारिश की जहां कोरोना के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। एयर फोर्स के विमानोंं के श्रीनगर से त्रिवेंद्रम तक और असम के डिब्रूगढ़ से गुजरात के कच्छ तक फ्लाईपास्ट किया, जिसका गवाह पूरा राष्ट्र बना। भारतीय वायु सेना के विमानों ने आज सुबह 10 बजे से दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र में फ्लाईपास्ट करके कोरोना वारियर्स को हवाई सलामी देने का सिलसिला शुरू किया, जो आधे घंटे तक चला। फाइटर जेट सुखोई-30 एमकेआई, मिग-29 और जगुआर सहित लड़ाकू विमानों ने राजपथ पर उड़ान भरी। राजधानी की परिक्रमा करने के दौरान दिल्ली के निवासी अपने घरों की छत से इस नजारे के गवाह बने। इसके अलावा सी-130 परिवहन विमान ने पूरी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र को कवर किया। इन विमानों ने विशेष रूप से पक्षियों और एयरोस्पेस सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 500 मीटर से 1000 मीटर की अनुमानित ऊंचाई पर उड़ान भरी। वायुसेना के प्रवक्ता इंद्रनील नंदी ने बताया कि आज सुबह दिल्ली में बारिश होने से कोरोना योद्धाओं के प्रति सम्मान जताने के कार्यक्रम में थोड़ा व्यवधान हुआ लेकिन भारतीय वायुसेना के चॉपर ने सुबह नौ बजे इंडिया गेट पर पुलिस वार मेमोरियल पर फूलों की पंखुड़ियां गिराकर शहीदों के प्रति सम्मान व्यक्त किया। भारतीय वायुसेना ने मेडिकल प्रोफेशनल्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स के कोरोना महामारी के खिलाफ सराहनीय काम के प्रति आभार प्रकट करने के लिए राजपथ के ऊपर से फ्लाईपास्ट किया। इसके बाद दिल्ली के अस्पतालों दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल, जीटीबी अस्पताल, लोकनायक अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, गंगा राम अस्पताल, बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल, मैक्स साकेत, रोहिणी अस्पताल, अपोलो इंद्रप्रस्थ अस्पताल और कैंट स्थित थलसेना के रेफरल अस्पताल के ऊपर फूलों की बारिश कर डॉक्टरों और कोरोना वारियर्स के प्रति आभार जताया गया। साथ ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर ने कमांड हॉस्पिटल और केजीएमयू हॉस्पिटल पर फूल बरसाए। चंडीगढ़ में भारतीय वायुसेना के विमान सी-130 ने सुखना झील के ऊपर से फ्लाई पास्ट किया। श्रीनगर में डल झील के ऊपर भारतीय वायुसेना ने फ्लाई पास्ट किया। मुंबई में मरीन ड्राइव से वायुसेना के विमान ने फ्लाई पास्ट करके 'कोरोना योद्धाओं' के प्रति आभार प्रकट किया। बेंगलुरु में भारतीय वायुसेना ने इस मुश्किल वक़्त में लोगों को अपनी सेवाएं दे रहे 'कोरोना योद्धाओं' के प्रति आभार प्रकट करने के लिए विक्टोरिया अस्पताल में स्वास्थ्यकर्मियों पर फूल बरसाए। भारतीय सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया कि सेना के जवानों ने सुबह 10 बजे दिल्ली एम्स में, 10.30 बजे कैंट बोर्ड हॉस्पिटल, नरेला के बेस अस्पताल में और सुबह 11 बजे गंगाराम अस्पताल और सेना के आर एंड आर हॉस्पिटल के बाहर आर्मी बैंड ने परफॉर्म किया। इसके अलावा देश के कई जिलों के कोरोना अस्पतालों में माउंटेन बैंड डिस्प्ले करकेे पुलिसबलों के समर्थन में पुलिस मेमोरियल पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सशस्त्र बलों ने पुलिस बलों के समर्थन में जिलों के पुलिस स्मारक पर शंखनाद करके उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते कोई अभियान कार्य प्रभावित नहीं हुआ है, न प्रभावित होगा। इसके अलावा कोलकाता में शाम को आर्मी बैंड विक्टोरिया मेमोरियल में परफॉर्मेंस देंगे। गुजरात के गांधीनगर में आर्मी बैंड ने परफॉर्म करके कोरोना वारियर्स को धन्यवाद दिया। कोरोना वॉरियर्स के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए पंचकूला सेक्टर-6 के सरकारी अस्पताल के बाहर आर्मी बैंड ने लयबद्ध होकर प्रस्तुति दी। नौसेना के प्रवक्ता विवेक मधवाल ने बताया कि नौसेना के जवान समंदर पर तैनात रहे और लाइट जलाकर कोरोना वॉरियर्स के प्रति सम्मान प्रकट किया। इंडियन नेवी के हेलीकॉप्टरों ने सुबह दस से साढ़े दस बजे के बीच मुंबई में कस्तूरबा गांधी अस्पताल और आईएनएचएस अश्वनी पर, गोवा में भारतीय नौसेना ने 'कोरोना योद्धाओं' के प्रति आभार जताने के लिए गोवा मेडिकल कॉलेज और ईएसआई हॉस्पिटल के ऊपर से फ्लाई पास्ट किया और स्वास्थ्यकर्मियों पर फूल बरसाए। मुंबई में गेट वे ऑफ इंडिया के पास नेवी के पांच शिप रोशनी से जगमगाए। वह शाम 7.30 बजे शिप का सायरन बजाकर कोरोना वारियर्स के प्रति सम्मान व्यक्त करेंगे। इसके अलावा सुबह नेवी के हेलीकॉप्टर ने कोविड अस्पताल पर फूलों की बारिश की। नेवी के दो जहाज शाम 7:30 बजे से रोशन किए जाएंगे जो आधी रात तक जगमगाएंगे। दोनों जहाजों से वारियर्स को सलामी देने के लिए चेन्नई में मरीना बीच पर लंगर डाला गया। वेस्टर्न कमांड ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं के प्रयासों का सम्मान करने के लिए भारतीय नौसेना ने पूर्व संध्या पर शनिवार को मुंबई तट पर पूर्वाभ्यास किया। त्रिवेंद्रम सहित पूरी कोस्टल लाइन पर कोस्टगार्ड अपने शिप को शाम को रोशनी से जगमगाएंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने भी सभी कोरोना वॉरियर्स का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि डॉक्टर, नर्स, सफाईकर्मी, पुलिस, होमगार्ड, डिलिवरी बॉय और मीडिया कर्मी इस कोरोना संकट के समय सरकार का यह संदेश जनता तक पहुंचा रहे हैं कि मुश्किल वक्त में भी जिंदगी को कैसे जारी रखना है। सशस्त्र बल इस वक्त देश के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं। हम हर कोरोना वॉरियर के साथ हैं। हम यह लड़ाई जीतेंगे तो यह देश के हर नागरिक के अनुशासन और सब्र का नतीजा होगी। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि कोरोना वायरस के मुद्दे से निपटने में कोई समस्या नहीं है। सेना का पहला मरीज ठीक हो गया है और वह वापस ड्यूटी पर भी आ गया है। सेना में अब तक केवल 14 मामले आए हैं जिनमें से पांच ठीक होकर काम पर लौट आए हैं। एयरफोर्स चीफ आरकेएस भदौरिया ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर हम सभी सावधानियां बरत रहे हैं। एयरफोर्स में अब तक कोरोना का कोई केस नहीं आया है लेकिन हम लगातार सावधानियां बरतेंगे।
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3 May 2020कुपवाड़ा। कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में आतंकियों तथा सुरक्षाबलों के बीच जारी मुठभेड़ में कर्नल-मेजर, सेना के दो जवान और पुलिस का एक जवान शहीद हो गए हैं। मुठभेड में सुरक्षाबलों ने अब तक दो आतंकियों को मार गिराया है। शुक्रवार देर रात से जारी इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने जब हंदवाड़ा के छंजमुला इलाके में एक रिहायशी मकान में छिपे दो आतंकियों को मार गिराया तो आतंकियों की तरफ से गोलीबारी बंद हो गई। करीब एक घंटे तक जब कोई गोली नहीं चली तो 21 राष्ट्रीय रायफल्स के कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लांस नायक दिनेश तथा एक पुलिस अधिकारी मकान के भीतर दाखिल हुए जिसके थोड़ी ही देर बाद सुरक्षाबलों का उनसे संपर्क टूटा गया। वहीं रविवार सुबह इन सभी के शहीद होने की पुष्टि सेना द्वारा की गई। हंदावाड़ा में आतंकियों तथा सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ फिलहाल जारी है। इस दौरान आतंकियों द्वारा उस मकान में बंदी बनाए गए लोगों को बचाने का भी सुरक्षाबलों द्वारा प्रयास किया जा रहा है। इस मुठभेड़ की जिम्मेदारी द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। बता दें कि कर्नल आशुतोष को कश्मीर में बहादुरी के लिए दो बार वीरता पदक मिल चुका था। कश्मीर में जांबाजी दिखाने वाले श्रेष्ठ कमांडिंग ऑफिसर्स में उनकी गिनती होती थी ।
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3 May 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही अपनी कैबिनेट का विस्तार कर सकते है। सूत्रों के मुताबिक इसी सप्ताह में सीएम शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की शुक्रवार को राज्यपाल लालजी टंडन के साथ मुलाकात के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं तेज हो गई है और इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी सिलसिले में दोनों की मुलाकात हुई है। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को पद ग्रहण कर लिया था। इसके बाद कई दिनों तक उन्होंने अकेले ही प्रदेश को संभाला। लेकिन कोरोना के बाद प्रदेश में बनी स्थिति को देखते हुए सीएम बनने के 29 दिन बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5 मंत्रियों के साथ मिनी मंत्रिमंडल का गठन किया था। लेकिन अब सूत्रों के हवाले से खबर मिल रही है कि सीएम शिवराज अपने मंत्रिमंडल का जल्द विस्तार करने जा रहे है। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सीएम और राज्यपाल लालजी टंडन के बीच चर्चा हुई है। बताया जा रहा है कि इसी सप्ताह 4 से 6 मई तक मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। इस बार 22 चेहरे मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। इससे पहले शिवराज मंत्रिमंडल में नरोत्तम मिश्रा, कमल पटेल, मीना सिंह और सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत शामिल है।
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1 May 2020भोपाल। भोपाल के वल्लभ भवन मंत्रालय में गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने शुक्रवार को "कोरोना ई परामर्श" सेवा की शुरुआत की। जिसमें देश के 5000 डॉक्टर मध्यप्रदेश के सभी लोगों की कोरोना से संबंधित आशंकाओं का सिर्फ 104 फोन मिलाने पर परामर्श देंगे। "कोरोना ई परामर्श" सेवा की जानकारी देते हुए मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम की आज शुरूआज हुई। मप्र की सरकार ने आमजन के लिए बहुजन हिताय बहुजन सुखाय के मंत्र को ध्यान में रखते हुए कोरोना की परामर्श सेवा प्रारंभ की है। इसमें हिंदुस्तान भर के पांच हजार डॉक्टर आपकों 104 नंबर पर कोरोना से संबंधित शंकाओं पर नि:शुल्क परापर्श देंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना से संबंधित कोई भी विषय, चाहे वह रोग से या आशंकाओं से संबंधित हो यह पांच हजार डॉक्टर जो आपकों 104 पर नि:शुल्क सेवा देंगे। मंत्री मिश्रा ने बताया कि "कोरोना ई परामर्श" सेवा का लाभ प्रोजेक्ट स्टेप वन प्रोग्राम है यह और यही पहला स्टेप होगा कि आप अपनी जानकारी आप अपनी आशंका चिंता संबंधित डॉक्टर को बताकर मार्गदर्शन लेकर आप स्वस्थ रहे निरोगी रहे यही प्रदेश सरकार की मंशा है इसके अलावा इस मौके पर मंत्रालय में गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कोविड -19 को लेकर जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक भी की। जिसमें भाजपा और कांग्रेस के विधायक शामिल हुए। बैठक में भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा, विश्वास सारंग, विष्णु खत्री, कृष्णा गौर, कांग्रेस विधायक आरिफ अकील, पीसी शर्मा और आरिफ मसूद प्रमुख रूप से उपस्थित है। जनप्रतिनिधियों के सुझाव के साथ अधिकारियों में भोपाल कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव, कलेक्टर तरुण पिथोड़े और डीआईजी इरशाद वली भी मौजूद है।
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1 May 2020भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को कांग्रेेस प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाले दो साल पूरे हो गए हैं। उनके नेतृत्व में ही कांग्रेस को 15 साल बाद सत्ता का सुख प्राप्त हुआ था, लेकिन अंदरुनी कलह और बगावत के चलते ज्यादा दिनों तक प्रदेश में कांग्रेस की सरकार टिक नहीं पाई। ऐसे में कांग्रेस को उपचुनाव के बाद एक बार फिर प्रदेश की सत्ता पाने की उम्मीद है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने शुक्रवार को उनके दो वर्ष पूरे होने पर उनके नेतृत्व क्षमता की तारीफ करते हुए पुन: सरकार बनाने की आशा जताई है। सलूजा ने एक बयान जारी कर कहा है कि आज से दो वर्ष पूर्व 1 मई के दिन ही कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की बागडोर सम्भालीं थी। उनके नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस का 15 वर्ष का वनवास ख़त्म हुआ था, प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में लौटी थी। इन दो वर्षों में कमलनाथ ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में प्रदेश में कांग्रेस संगठन को मज़बूत किया, उनके नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ने 15 माह में कई जनहितैषी कार्य किये। जिसमें किसान कर्ज़़ माफ़ी, युवाओं को रोजगार, महिलाओं को सुरक्षा-सम्मान, किसानों व आमजन को सस्ती बिजली, माफिया मुक्त-मिलावट मुक्त अभियान, प्रदेश में निवेश, पिछड़े वर्ग को 27प्रतिशत आरक्षण, हर वर्ग का उत्थान जैसे कई जनहितैषी कार्य किये। सलूजा ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने साजिश-षड्यंत्र रच, प्रलोभन का खेल रच एक जन हितैषी सरकार को गिरा दिया लेकिन भाजपा की यह साजि़श ज़्यादा दिन तक नहीं चलेगी, कांग्रेस फिर दोबारा से सत्ता में लौटेगी। प्रदेश में होने वाले उपचुनावों में कांग्रेस की विजय होगी, धोखेबाज़ों को व जनता के विश्वास का सौदा करने वालों को जनता सबक़ सिखायेगी। सलूजा ने उम्मीद व्यक्त करते हुए कहा कि कमलनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में कांग्रेस सरकार दोबारा वापस आकर प्रदेश हित व जन हित के अधूरे कार्यों को पूरा करेगी। हम सभी कमलनाथ का कुशल नेतृत्व पाकर गौरान्वित है।
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1 May 2020भोपाल। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल को राज्य में चना और सरसों की खरीद बढ़ाने का सुझाब दिया था। कृषि मंत्री पटेल ने सिंधिया के सुझावों पर सहमति जताई है। उन्होंने सोमवार को सभी जिलों के कलेक्टरों से चना और सरसों के उत्पादन को लेकर रिपोर्ट मंगाई है। जल्द ही कृषि मंत्री प्रदेश में चना और सरसों की खरीद बढ़ाने के संबंध में आदेश जारी कर सकते हैं।बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कृषि मंत्री कमल पटेल को पत्र लिखकर कहा था कि प्रदेश में इस बार चना और सरसों की बंपर पैदावार हुई है। प्रदेश में अभी चना और सरसों की निर्धारित खरीद मात्रा क्रमश: 14 और 15 है। मेरा सुझाव है कि कोरोना संकट की इस घड़ी में प्रदेश के किसानों की चने और सरसों की फसल की सरकार द्वारा खरीद सीमा 20 क्विंटल तक वृद्धि की जाए तो संकट से जूझ रहे किसान को बहुत सहयोग और सहायता मिल जाएगी। मुझे आशा है कि प्रदेश के अन्नदाता के हित में शीघ्र ही आपका विभाग इस विषय में सकारात्मक एवं सशक्त कदम उठाएगा।कृषि मंत्री कमल पटेल ने सिंधिया के सुझाव पर अमल शुरू कर दिया है। उन्होंने सोमवार को सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने यहां चना और सरसों के उत्पादन से जुड़ी रिपोर्ट बनाकर विभाग को भेजे, ताकि इसकी खरीद सीमा बढ़ाई जा सके। कृषि मंत्री ने कहा है कि ने प्रदेश में चना का रकबा भले ही इस बार घटा हो, लेकिन उत्पादन में वृद्धि होने पर इनकी खरीद सीमा में वृद्धि की जाएगी। माना जा रहा है कि सरकार जल्द ही चना और सरसों की खरीदी के लिए फिर से नए आदेश जारी कर सकती है।
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27 April 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में शासन-प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा रविवार को देर रात जारी रिपोर्ट में 31 नये कोरोना पॉजिटिव सामने आए हैं, जबकि तीन लोगों की कोरोना से मौत की पुष्टि हुई है। इन्हें मिलाकर अब प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 2121 पर पहुंच गई है, जबकि इस महामारी से अब तक प्रदेश में 106 लोगों की मौत हो चुकी है।इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने सोमवार को बताया कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा रविवार को देर रात 298 सेंम्पल की जांच रिपोर्ट जारी की गई, जिनमें से 31 कोरोना पॉजिटिव आए हैं। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 1207 हो गई है। वहीं, रिपोर्ट में तीन लोगों की मौत की पुष्टि भी हुई है और इन मौतों के साथ इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 60 पर पहुंच गई है।इंदौर में सामने आए इन नये मामलों को मिलाकर प्रदेश में अब कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 2121 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 1207, भोपाल 415, उज्जैन 106, खरगौन 61, धार 36, खंडवा 36, जबलपुर 59, रायसेन 28, होशंगाबाद 32, बड़वानी 24, देवास 23, मुरैना 13, विदिशा 13, रतलाम 13, मंदसौर 09, आगरमालवा 11, शाजापुर 06, सागर 05, ग्वालियर 04, श्योपुर 04, छिंदवाड़ा 05, अलीराजपुर 03, शिवपुरी 02, टीमकगढ़ 02, बैतूल 01, डिंडौरी 01 तथा अन्य राज्य के दो मरीज शामिल हैं।प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 106 हो गई है। मृतकों में सबसे अधिक इंदौर के 60, भोपाल 09, उज्जैन 17, खरगौन 06, देवास 06, धार, 01, खंडवा 01, जबलपुर 01, छिंदवाड़ा 01, मंदसौर 01, होशंगाबाद 02 और आगर मालवा का एक व्यक्ति शामिल है।
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27 April 2020नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में कोरोना वायरस को लेकर एक बार फिर से मुख्यमंत्रियों से चर्चा की। सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयासों के अलावा लॉकडाउन का जो प्रभाव पड़ा है उसका लाभ देखने को मिल रहा है। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हजारों जिंदगियां बचाने के लिए यह प्रयास महत्वपूर्ण हैं। पहले लॉकडाउन में सख्ती और दूसरी में कुछ ढील देने से अनुभव प्राप्त हुआ। इस दौरान राज्यों में अच्छा काम हुआ है। लगातार एक्सपर्ट्स के सुझाव मिल रहे हैं। अब मनरेगा समेत कई उद्योग का काम भी शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री के साथ सोमवार को लगभग तीन घंटे चली वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान राज्यों औऱ केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना संक्रमण की स्थिति और कंटेनमेंट जोन के लिए उठाए गए कदमों की चर्चा की। समय की कमी की वजह से सिर्फ नौ मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री से बात की। वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान गृहमंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बैठक में मेघालय, मिजोरम, पुड्डुचेरी, उत्तराखंड, ओडिशा, बिहार, गुजरात और हरियाणा आदि मुख्यमंत्रियों को बोलने का मौका मिला। वहीं अन्य मुख्यमंत्रियों से अपने सुझाव लिखित में देने के लिए कहा गया। लगभग दर्जन भर से ज्यादा मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन की अविध को बढ़ाने का सुझाव दिया। बैठक में मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा ने कहा कि तीन मई के बाद भी राज्य लॉकडाउन को जारी रखना चाहता है। इसके तहत अंतर-राज्यीय और अंतर-जिला गतिविधियों पर प्रतिबंध जारी रहेगा। बैठक के दौरान मिजोरम के मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार जो भी फैसला लेगी उसे राज्य स्वीकार करेगा। पुड्डुचेरी के मुख्यमंत्री वी.नारायणसामी ने राज्य के कोरोना योद्धाओं के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण और अन्य चिकित्सा सामग्री प्रदान करने के बात केंद्र से कही। उन्होंने 3 मई को लॉकडाउन खत्म होने पर उद्योगों को शुरू करने की इच्छा जाहिर की और कोरोना-19 से लड़ने के लिए भारत सरकार से वित्तीय सहायता की मांग की। वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने त्रिवेंद्र रावत ने बताया कि राज्य के आर्थिक पुनरुद्धार के लिए मंत्रियों की एक समिति और विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री ने यह सुझाव दिया कि मनरेगा मजदूरी रोजगार की अवधि वर्तमान 100 दिनों से बढ़ाकर 150 दिन कर दी जाए। उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटन और तीर्थयात्री लॉकडाउन से बहुत प्रभावित हुए हैं। इनके अलावा बैठक में शामिल होने वाले मुख्यमंत्रियों में अरविंद केजरीवाल (दिल्ली), पिनराई विजयन (केरल), उद्धव ठाकरे (महाराष्ट्र), ई.के पलानीस्वामी (तमिलनाडु), बी.एस.येदियुरप्पा (कर्नाटक) व आदित्यनाथ (उत्तर प्रदेश), मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा), अशोक गहलात (राजस्थान), ममता बनर्जी (पश्चिम बंगाल), के. चंद्रशेखर राव (तेलंगाना), जयराम ठाकुर (हिमाचल प्रदेश) विजय रुपाणी (गुजरात) , शिवराज सिंह (मध्य प्रदेश) आदि शामिल थे। बैठक में प्रधानमंत्री सफेद औऱ हरे रंग के बार्डर वाले गमछे से अपना मुंह ढंके हुए दिखाई दिए। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्रियों के साथ इस वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद लॉकडाउन को खोलने की योजना को लेकर समीक्षा की गई कि चरणबद्ध तरीके से कैसे लागू किया जाए? बताया यह भी जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने राज्यों को अपने-अपने राज्यों में लॉकडाउन को खोलने की योजना तैयार करने को कहा है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 24 मार्च को कोरोना-19 के प्रसार को रोकने के लिए एहतियात के तौर पर 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया था। बाद में उसे 3 मई तक बढ़ा दिया गया था। लॉकडाउन की घोषणा से पहले वायरस के प्रसार की जांच करने के साधनों पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री ने 20 मार्च को मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की थी।
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27 April 2020पुलवामा। पुलवामा जिले के अवंतीपोरा के गोरीपोरा गांव में शनिवार सुबह से जारी एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने अब तक तीन आतंकियों को मार गिराया है। दोनों ओर से गोलीबारी अब भी जारी है। मारे गए आतंकियों की फिलहाल पहचान नहीं हो पाई है। सूत्रों के अनुसार मारे गए तीनों आतंकी स्थानीय हैं। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर गांव में आने व जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया है। जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह जिले के अवंतीपोरा के गोरीपोरा गांव में आतंकियों की मौजूदगी की गुप्त सूचना प्राप्त हुई। सूचना प्राप्त होते सेना की 50 आरआर, सीआरपीएफ तथा एसओजी की एक संयुक्त टीम ने इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान शुरू किया। तलाशी अभियान के दौरान क्षेत्र में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों को पास आते देख गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने अभी तक तीन आतंकियों को मार गिराया है। फिलहाल दोनों ओर से गोलीबारी जारी है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार देर रात अनंतनाग जिले के खारपोरा अरवानी इलाके में हुई एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था। ये आतंकी पुलिसकर्मी का अपहरण कर उसे अपने साथ ले जा रहे थे। इस मुठभेड़ में पुलिसकर्मी भी घायल हो गया था, जिसे आतंकियों के चंगुल से सुरक्षाबलों द्वारा बचा लिया गया था।
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25 April 2020भोपाल। दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद सिंधिया समर्थक 22 विधायकों की बगावत ने मप्र में कांग्रेस की सरकार को गिरा दिया था। 22 बागी विधायकों के इस्तीफे के बाद अब उन सभी सीटों पर उपचुनाव होने है। इसके अलावा दो सीटें विधायकों के निधन की वजह से खाली थी वहां पर भी उपचुनाव होने है। कुल मिलाकर 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनावों की तैयारियां शुरू हो चुकी है। सत्ता गंवाने के बाद कांग्रेस अब एक बार फिर उसे हासिल करने के लिए उपचुनाव में अधिक सीटें जीतने कोशिश रही है। जिसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने भी तैयारी शुरू कर दी है। मप्र में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए कमलनाथ ने एक कोर टीम गठित की है। ये टीम उप चुनाव को किस प्रकार लड़ा जाए इसके लिए रणनीति तैयार करेगी। कमलनाथ की कोर टीम में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन पी प्रजापति, पूर्व मंत्री और प्रदेश मीडिया प्रभारी जीतू पटवारी, स’जन सिंह, सुखदेव पांसे, सुरेंद्र सिंह बघेल और सुरेश पचौरी को जगह दी गई हैं। कांग्रेस की यह कोर टीम शिवराज सरकार की विफलताओं को जनता के बीच लेकर जाएगी। कांग्रेस ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण और बढ़ते जुर्म को भी मुद्दा बनाने का निर्णय किया है। आपको बता दें कि इन सीटों में से 16 सीटें ग्वालियर-चंबल इलाके से आती हैं और इस क्षेत्र में सिंधिया का बड़ा प्रभाव देखने मिलता है जबकि 5 सीटें मालवा-निमाड़ और एक एक सीट, शहडोल, भोपाल और सागर संभाग से हैं।
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25 April 2020इंदौर/भोपाल। मध्यप्रदेश में शासन-प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इंदौर, भोपाल, खरगौन और उज्जैन में लगातार नये मरीज मिलने से प्रदेश में संक्रमितों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इंदौर में एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा शुक्रवार देररात जारी रिपोर्ट में 65 नये कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जबकि दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1900 के पार पहुंच गई है, जबकि 94 लोगों की इस महामारी के चलते मौत चुकी है। इंदौर के सीएमएचओ डॉ प्रवीण जड़िया ने बताया कि महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में स्थित वायरोलॉजी प्रयोगशाला द्वारा शुक्रवार देर रात 311 सेम्पलों की जांच रिपोर्ट जारी की है। इनमें 255 की रिपोर्ट निगेटिव आई हैं, जबकि 56 पॉजिटिव हैं। नये मामलों के साथ इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1029 से बढ़कर 1085 हो गई है। वहीं, दो मृतकों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई हैं। इनमें एक 55 वर्षीय पुरुष और एक 75 वर्षीय वृद्ध की शुक्रवार को मौत हो गई थी और उनके सेम्पल जांच के लिए भेजे गए थे। इन दो मौतों के बाद इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 57 हो गई है। इंदौर में सामने आए नये मामलों को मिलाकर अब मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 1902 पर पहुंच गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 1085, भोपाल 360, उज्जैन 102, खरगौन 61, धार 36, खंडवा 35, जबलपुर 31, रायसेन 26, होशंगाबाद 26, बड़वानी 24, देवास 22, मुरैना 16, विदिशा 13, रतलाम 12, मंदसौर 08, आगरमालवा 11, शाजापुर 06, सागर 05, ग्वालियर 04, श्योपुर 04, छिंदवाड़ा 04, अलीराजपुर 03, शिवपुरी 02, टीमकगढ़ 02, बैतूल 01, टीमकगढ़ 01 तथा अन्य राज्य के तीन मरीज शामिल हैं। वहीं, कोरोना से अब तक प्रदेश में 94 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में इंदौर के 57, भोपाल 09, उज्जैन 11, खरगौन 06, देवास 06, धार, 01, जबलपुर 01, छिंदवाड़ा 01, मंदसौर 01 और आगर मालवा का एक व्यक्ति शामिल है।
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25 April 2020भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। इनमें अधिकांश कोरोना पॉजिटिव स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और पुलिसकर्मी शामिल हैं। इस मामले में भोपाल जोन के एडीजी उपेन्द्र जैन ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने गुरुवार को मीडिया को जारी अपने बयान में कहा है कि भोपाल में जमातियों के कारण पुलिसकर्मियों में कोरोना का संक्रमण पैला है। दिल्ली मरकज से आए जमातियों को पकडऩे में कुछ पुलिसकर्मी कोरोना से संक्रमित हुए और फिर इसकी पुलिस विभाग में एक चेन बन गई। उन्होंने बताया कि भोपाल के ऐशबाग और जहांगीराबाद क्षेत्र से पुलिस कर्मियों में कोरोना का संक्रमण फैलना शुरू हुआ। इन क्षेत्रों में पहले संक्रमण नहीं था, लेकिन दिल्ली मरकज से आए जमातियों की वजह से यह क्षेत्र संक्रमित हो गए। जमातियों को पकड़ पुलिसकर्मी थाने लाए और वे साथी पुलिसकर्मियों, अन्य स्टाफ, अपने घर, परिजनों से मिले और उनमें भी कोरोना की एक लम्बी चेन बन गई। पुलिस विभाग द्वारा समीक्षा करने पर पता चला है कि विभाग में जमातियों के कारण कोरोना फैला है। उन्होंने बताया कि शहर में 32 विदेशी और देशी जमातों की पड़ताल की गई थी और यह भोपाल के आठ थाना क्षेत्रों में पाए गए थे।
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23 April 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1690 के पार पहुंच गई है जबकि इस महामारी से 80 लोगों की मौत हो गई है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में लॉकडाउन बढ़ाने का संकेत दिया है। उन्होंने गुरुवार को मीडिया को जारी बयान में कहा है कि वे आज (गुरुवार) शाम को फेसबुक लाइव के जरिए प्रदेशवासियों से बातचीत करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खरगोन जिलों में लगातार कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसीलिए इन शहरों में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाई जा सकती है। हमारी पहली प्राथमिकता यही है कि हम कोरोना को परास्त करें, इसीलिए हमें सभी चीजों को देखना होगा। जहां कोरोना का संक्रमण नहीं है, वहां गतिविधियां आरंभ कर दी जाएंगी। आधामध्य प्रदेश कोरोना संक्रमण से मुक्त है और जहां कोरोना का संक्रमण है, वहां प्रशासन उसकी रोकथाम में जुटा हुआ है। कोरोना संक्रमण को लेकर आज फेसबुक लाइव के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जनता से रूबरू होंगे और प्रदेश की स्थिति का जायजा लेंगे।
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23 April 2020दमोह। मध्यप्रदेश में दमोह जिले के जबेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बंशीपुर में गुरुवार सुबह एक सात वर्षीय मासूम बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म की वारदात सामने आई है। बताया जा रहा है कि आरोपित ने उसकी एक आंख फोडक़र बोरे में बंद किया और जंगल में फेंक दिया। गुरुवार को सुबह ग्रामीणों ने जंगल में मासूम को बोरे में बंधी हुई देखा और पुलिस को सूचना दी। बच्ची को गंभीर हालत में दमोह जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जबलपुर रैफर किया गया है।जबेरा थाना पुलिस के अनुसार, सात वर्षीय मासूम बच्ची बुधवार शाम से ही लापता थी। बच्ची के दादा ने बताया कि दुकान से सामान लाने के लिए उन्होंने उसे 20 रुपये दिए थे। वह सामान लेने के लिए दुकान गई थी, लेकिन वापस लौटकर नहीं आई। गुरुवार सुबह वह एक बोरे में बंधी हुई हालत में ग्रामीणों ने उसे देखा। उसके हाथ-पैर बंधे हुए थे और एक आंख से खून रिस रहा था। गंभीर हालत में बच्ची को दमोह के जिला अस्पताल पहुंचाया गया। पुलिस के अनुसार, मासूम के साथ दुष्कर्म किया गया और उसकी एक आंख फोडऩे के बाद उसे बोरे में बांधकर जंगल में फेंका गया। घटना के बाद ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। मनावता को शर्मसार करने वाली इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने जबेरा थाने का घेराव कर दिया। ग्रामीणों ने थाने पहुंचकर जमकर हंगामा किया। ग्रामीणों की मांग है कि जल्द से जल्द आरोपित को पकडक़र कठोर से कठोर सजा दी जाए। पुलिस अधीक्षक हेमंत चौहान ने बताया कि बच्ची बुधवार शाम से लापता था, गुरुवार सुबह वह गंभीर हालत में मिली है। उसे गंभीर हालत में जबलपुर रैफर किया गया है। घटना के बाद गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात की गई है। वहीं, पुलिस आरोपितों का पता लगाने में जुटी है। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि बदमाश कितने थे।
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23 April 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को सुबह इस महामारी से दो लोगों की मौत हुई है, जबकि प्रदेश में 30 नये कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इसके साथ ही प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 78 हो गई है, जबकि कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 1500 के पार पहुंच गई है। यह संख्या 1515 हो गई है। उज्जैन के नीलगंगा थाने में पदस्थ टीआई यशवंत पाल (59) की मंगलवार को अलसुबह कोरोना से मौत हो गई। उनका इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में उपचार चल रहा था, जहां उनका निधन हो गया। इसके साथ ही जबलपुर में भी मंगलवार को सुबह छह नये कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जिनमें एक मृतक की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इस प्रकार प्रदेश में मंगलवार को कोरोना से दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इंदौर में सोमवार को देर रात मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी रिपोर्ट में 18 नये पॉजिटिव मामले सामने आए हैं, जबकि उज्जैन में भी मंगलवार को सुबह जारी रिपोर्ट में छह मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। यानी मंगलवार सुबह तक कुल 30 नये कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं, जिनमें इंदौर के 18, जबलपुर के 6 और उज्जैन के 6 मरीज शामिल है। मध्यप्रदेश में इन नये पॉजिटिव मामलों को मिलाकर अब कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल 1485 से बढक़र 1515 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में में 915, भोपाल 254, खरगौन 41, धार 36, खंडवा 32, उज्जैन 33, होशंगाबाद 25, बड़वानी 24, रायसेन 24, जबलपुर 27, देवास 19, मुरैना 16, विदिशा 13, रतलाम 09, मंदसौर 08, आगरमालवा 08, ग्वालियर 06, शाजापुर 06, श्योपुर 04, छिंदवाड़ा 04, अलीराजपुर 03, शिवपुरी 02, सागर 02, बैतूल 01, टीमकगढ़ 01, राजगढ़ 01 तथा एक मरीज अन्य राज्य का शामिल है। वहीं, प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 76 से बढक़र 78 हो गई है। मृतकों में मृतकों में सबसे अधिक इंदौर 52, भोपाल में 07, उज्जैन में 07, खरगौन 04, देवास 05, छिंदवाड़ा 01, जबलपुर 01 और मंदसौर का एक व्यक्ति शामिल है।
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21 April 2020भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर भोपाल में फंसे जम्मू-कश्मीर छात्र-छात्राओं को रमजान के पवित्र माह में उनके घर भेजने की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है। उन्होंने पत्र में उल्लेख किया है कि राजस्थान के कोटा में फंसे विद्यार्थियों को यूपी सरकार ने 100 बसें भेजकर अपने घर पहुंचाया और शेष विद्यार्थियों के लिए भी व्यवस्था की जा रही है। मध्यप्रदेश सरकार भी कोटा में फंसे प्रदेश के विद्यार्थियों को वापस लाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि हाल ही में यूपी के वाराणसी से एक हजार तीर्थ यात्रियों को भी दक्षिण भारत के राज्यों में उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था यूपी सरकार द्वारा की गई है। उन्होंने लिखा है कि मैं इस पत्र के साथ जम्मू-कश्मीर के लगभग 135 छात्र-छात्राओं की सूची प्रेषित कर रहा हूं। ये सभी भोपाल के बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय और आरकेडीएफ विश्वविद्यालय में अध्ययन-शोध कर रहे छात्र-छात्राएं हैं, जो लॉकडाउन के कारण भोपाल में फंसे हुए हैं। इनमें से अधिकांश छात्र-छात्राएं मुस्लिम हैं। आगामी 23 अप्रैल से रमजान का पवित्र महीना शुरू हो रहा है। लॉकडाउन के कारण सभी शैक्षणिक संस्थान बंद हैं और इन विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसीलिए ये सभी अपने घर जाना चाहते हैं। उन्होंने पत्र के माध्यम से केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया है कि जिस तरह यूपी सरकार ने कोटा से विद्यार्थियों को वापस लाने और वाराणसी से तीर्थ यात्रियों को अफने घर भेजने की व्यवस्था की थी, उसी प्रकार भोपाल में फंसे जम्मू-कश्मीर के इन छात्रों को भी उनके राज्य वापस भेजने की अनुमति देने और दोनों राज्यों में समन्वय स्थापित कर उन्हें जम्मू-कश्मीर भिजवाने की व्यवस्था करने के लिए आवश्यक कदम उठाया जाए। उन्होंने लिखा है कि इन छात्र-छात्राओं को जम्मू-कश्मीर ले जाकर निर्धारित प्रोटोकाल के मुताबिक क्वारेंटाइन किया जा सकता है, ताकि वे अपने घर भी पहुंच जाएं और महामारी को फैसले से भी बचाया जा सके।
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21 April 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लम्बे इंतजार के बाद आखिरकार मंगलवार को अपने मंत्रिमंडल का गठन कर लिया है। राजभवन में दोपहर 12 बजे एक सादे समारोह में राज्यपाल लालजी टण्डन ने पांच मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। इनमें वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा, तुलसीराम सिलावट, कमल पटेल, गोविन्द सिंह राजपूत और मीना सिंह शामिल हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गत २३ मार्च को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, जिसके बाद से वे अकेले ही सरकार चला रहे थे। कोरोना संकट के बीच मंत्रिमंडल का गठन नहीं हो पा रहा था। मंगलवार को उन्होंने पांच सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया। राजभवन में आयोजित समारोह में सबसे पहले डा. नरोत्तम मिश्रा ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इसके बाद तुलसीराम सिलावट, कमल पटेल, गोविन्द सिंह राजपूत और मीना सिंह को राज्यपाल लालजी टण्डन ने शपथ दिलाई। इसके बाद राष्ट्रगान जन-गण-मन- के गायन से समारोह का समापन हुआ। जल्द ही मंत्रियों को विभागों का बंटवारा किया जाएगा। मंगलवार को ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में कैबिनेट की बैठक बुलाई है, जिसमें कोरोना संकट को लेकर चर्चा होगी।
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21 April 2020नई दिल्ली। कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन से जनता को होने वाली परेशानी को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि पूर्ण तालाबंदी की घोषणा से पहले लोगों को वक्त ना देकर प्रधानमंत्री ने सिर्फ अपनी मर्जी चलाई, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। दिग्विजय सिंह ने रविवार को ट्वीट कर कहा, “मोदी जी, सभी के साथ समान व्यवहार होना चाहिए। यदि आप 24 मार्च को संपूर्ण लॉकडाउन करने के लिए चार घंटों के बजाय 20 मार्च के देश को दिए गए संदेश में 4 दिन दे देते, जैसा कि अन्य देशों में हुआ है तो यह समस्या खड़ी नहीं होती। लेकिन आप उस मनोवृत्ति के हो गये हैं ‘मैं और मेरी मर्ज़ी’। ऐसे में आपको जनता की समस्या की परवाह ही कहां है।” केंद्र की मोदी सरकार पर जन भावनाओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि लोगों को लॉकडाउन से पहले संभलने का वक्त दिया गया होता को वे अपनी जरूरतों के मुताबिक व्यवस्था करते। लेकिन प्रधानमंत्री महोदय को तो सिर्फ अपनी ही पड़ी रहती है। वहीं एक अन्य ट्वीट में दिग्विजय सिंह ने लिखा कि जब कोटा (राजस्थान) में फंसे उत्तर प्रदेश के छात्रों के लिए सरकार 300 बसें चला सकती है। वाराणसी में फंसे एक हजार दक्षिण भारत के तीर्थ यात्रियों की वापसी के लिए बसों की व्यवस्था की जा सकती है तो फिर लॉकडाउन की इस स्थिति में परेशान गरीब मजदूर वर्ग को उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था करने में सरकार हिचकिचा क्यों रही है। उन्होंने पूछा कि जब विदेशों में फंसे भारतीयों के प्लेन की सुविधा दी जाती है तो प्रवासी मजदूरों के साथ दोहरा व्यवहार क्यों किया जा रहा है।
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19 April 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने इंदौर जूनी थाने के टीआई देवेन्द्र चंद्रवंशी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। कमलनाथ ने ट्वीट कहा है कि इंदौर के जुनी इंदौर थाने में प्रभारी रहे पुलिस अधिकारी देवेन्द्र चंद्रवंशी जनता की सुरक्षा के लिये, अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते हुए, आज कोरोना की जंग हार गये। ऐसे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी की शहादत को सलाम। परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणो में स्थान प्रदान करे। साथ ही कमलनाथ ने प्रदेश सरकार से टीआई के परिजनों को एक करोड़ रुपए मुआवजा देने की मांग की है। कमलनाथ ने प्रदेश सरकार से कोरोना वारिसर्य को तत्काल सुरक्षा के आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने की मांग भी की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि मैं आज एक बार फिर सरकार से यह माँग कर रहा हूँ कि जनता की सुरक्षा के लिये अपनी जान को जोखिम में डाल, फ़ील्ड में काम कर रहे डॉक्टर्स, स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस कर्मी, मेडिकल स्टाफ़, आशा कार्यकर्ता, अधिकारी-कर्मचारी ही जिस प्रकार से बड़ी संख्या में कोरोना से संक्रमित होते जा रहे है,सभी को तत्काल पीपीई किट, मास्क से लेकर सुरक्षा के आवश्यक सारे संसाधन उपलब्ध कराये जाये। फ़ील्ड में काम कर रहे इन सभी कर्मवीर योद्धाओं को अन्य राज्यों की तरह 50 लाख के बीमा के दायरे में लाकर सुरक्षा कवच प्रदान की जावे। कमलनाथ ने कहा कि मैं सरकार से यह भी माँग करता हूँ कि प्रदेश के जिन जिलों में कोरोना अभी तक नहीं पहुँचा है या जहाँ कोरोना संक्रमण के कम मामले है, वहाँ के पुलिस फ़ोर्स को तत्काल कोरोना प्रभावित रेड हॉट स्पॉट जिलो में पदस्थ किया जाए। उन जिलों में रोटेशन पद्धति लागू की जाए, जिससे रात-दिन काम कर रही वहाँ की फ़ोर्स का भार भी कम हो सके। साथ ही मैं सरकार से यह भी माँग करता हूँ कि इंदौर के शहीद पुलिस अधिकारी को शहीद का दर्जा देकर, सहायता राशि बढ़ाकर, परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
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19 April 2020इंदौर। इंदौर के पश्चिमी क्षेत्र स्थित जूनी इंदौर थाना प्रभारी देवेंद्र चंद्रवंशी को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद अरविंदो अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां शनिवार देर रात उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। इंदौर सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने बताया कि टीआई चंद्रवंशी ने कोरोना को मात दे दी थी। उनकी जांच रिपोर्ट एक बार निगेटिव आ चुकी है, लेकिन शनिवार देर रात करीब दो बजे उनकी कार्डियक अरेस्ट (हार्ट अटैक) से मौत हो गई। इधर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने टीआई के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके परिजनों को 50 हजार रुपये का मुआवजा और पत्नी को नौकरी देने की घोषणा की है। अरविंदो अस्पताल के एमडी डॉ. विनोद भंडारी ने बताया कि जूनी इंदौर थाना प्रभारी देवेंद्र चंद्रवंशी (46) कोरोना से संक्रमित होने के बाद 19 दिन से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें गत 31 मार्च को अरविंदो अस्पताल में भर्ती किया गया था और उनकी स्थिति में लगातार सुधार हो रहा था। गत 16 और 17 अप्रैल को सेम्पल जांच के लिए भेजे थे, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। इंदौर सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने भी इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि दूसरी बार उनके सेम्पल जांच के लिए भेजे गए हैं और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें जल्द ही छुट्टी देने की तैयारी थी, लेकिन शनिवार-रविवार की दरमियानी रात करीब दो बजे उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया और उनकी मौत हो गई।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को ट्वीट करते हुए टीआई चंद्रवंशी के निधन पर गहन दुख व्यक्त किया है। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए सुरक्षा कवच के रूप में 50 लाख रुपये की राशि स्वीकृत करने और दिवंगत अधिकारी की पत्नी को सब इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थापना की घोषणा भी की है। बता दें कि 2007 में एसआई बने चंद्रवंशी शाजापुर जिले के रहने वाले थे। उनकी मौत से पुलिस महकमे में शोक की लहार है। चंद्रवंशी के साथ तैनात रहे जूनी इंदौर थाने के एएसआई भी कोरोना की चपेट में आ गए थे, वहीं खजराना टीआई संतोष सिंह का भी इलाज चल रहा है। इसके बाद दोनों थाने को पूरे स्टाफ को क्वारेंटाइन किया गया है।
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19 April 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना महामारी के संकट के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रोजाना मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर नागरिकों नागरिकों की समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। इसी क्रम में अब दिग्विजय सिंह ने सीएम शिवराज को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने आगरमालवा जिले में खराब हुई संतरे की फसल का सर्वे कराकर किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि आगर-मालवा जिले एवं इसके आसपास के क्षेत्र में किसानों की संतरे की फसल खराब हो गई है। कुछ दिन पहले आंधी एवं तेज हवाओं के कारण संतरे के बगीचों से फल गिरकर खराब हो गए हैं, वहीं दूसरी ओर लॉक डाउन के चलते न तो मजदूर मिल रहे हैं और न ही किसान स्थानीय बाजारों में अथवा बाहरी व्यापारियों को संतरे बेच पा रहे हैं। मध्यप्रदेश में ऐसा अन्य स्थानों पर भी होना संभावित है, जिसके परिणामस्वरूप किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होने की आशंका है। उन्होंने पत्र में सीएम शिवराज से अनुरोध किया है कि प्रदेश में संतरे की फसल में हुए नुकसान का सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए सर्वे करवाया जाए और किसानों को उचित मुआवजा राशि प्रदान करने के लिए आवश्यक दिशान निर्देश जारी किये जाएं।
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16 April 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह हो गई है। प्रदेश भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक हजार के पार पहुंच गई है। कोरोना वायरस से संक्रमितों का सबसे ज्यादा मामला इंदौर में सामने आया हैं। यहां करीब सात सौ लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इंदौर के बिगड़े हालातों को देखते हुए पूर्व मंत्री और कांग्रेस प्रदेश मीडिया प्रभारी जीतू पटवारी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोलते हुए उन्हें कोरोना संकट से निपटने में असमर्थ बताया है और साथ ही केन्द्र सरकार से प्रदेश में कोरोना संकट से उबरने के लिए मोर्चा संभालने की मांग की है। जीतू पटवारी ने गुरुवार को बयान जारी कर इंदौर में कोरोना से बिगड़े हालात पर चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि हेल्थ बुलेटिन स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया है। जिसमें इंदौर में चार सौ से ज्यादा सेंपल भेजे गए थे और जांच में दो सौ से ज्यादा पॉजिटिव आए है। जीतू पटवारी ने कहा कि यह आंकड़ा लॉकडाउन के 25वें दिन हुआ है, मैं मानता हूं कि यह गंभीर समस्या है। कोरोना के बढ़ते मामलों पर सवाल उठाते हुए जीतू ने कहा कि ऐसे में हम या तो टेस्टिंग सही से नही कर पा रहे है, या हम लॉकडाउन के नियम का सही से पालन नहीं करवा पा रहे हैं, या हम बीमारी के तीसरे स्टेज पर पहुुंच गए हैं, जो बिना लक्षण के मरीज पॉजिटिव निकल रहे हैं, इसका मतलब है कि क्या पूरे समाज में यह बीमारी फैल रही हैं। पटवारी ने आगे कहा कि मैं मानता हूं कि यह स्थिति रेड जोन के गंभीर स्टेज पर है। बार बार हम सीएम से अनुरोध कर रहे हैं कि आप अपना हेडक्वार्टर इंदौर बनाए, लेकिन पता नहीं वो किस कारण से ऐसा नहीं कर रहे है। उन्होंने कहा कि यह भी जरुर है कि इंदौर के 40 लाख लोगों की जान को हम मुख्यमंत्री के भरोसे मौत के मुंह में नहीं डाल सकते। इंदौर परिवार का होने के नाते मैं देश के प्रधानमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस पूरी स्थिति को आप संभाले और हेल्थ इमरजेंसी से बड़ा आपका कोई कारगर नियम हो तो उसे लागू करें। पूर्व मंत्री ने कहा कि मैं यह अनुरोध इसलिए करना चाहता हूं क्योंकि हमारे स्वास्थ्य विभाग के 70 कर्मचारी इस बीमारी से पहले ही ग्रसित हो चुके है। बार बार कितने भी प्रयास के बाद भी स्थिति दिन पर दिन बिगड़ती ही जा रही है। मैं मानता हूं कि इस परिस्थिति से निपटने के लिए हमारा मुख्यमंत्री सक्षम नहीं है इसलिए स्थिति को संभालने के लिए देश की सरकार इस पर ध्यान दें और इंदौर की जनता की जान पर जो आफत आई है उसे संभाले।
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16 April 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस (कोविड-19) का संक्रमण तेजी के साथ बढ़ा है। यहां देर रात तक संक्रमितों की संख्या बढ़कर 999 पहुंच गई, जबकि अभी कई कोरोना से संभावित संक्रमितों की टेस्ट रिपोर्ट आना बाकी है, इसके बाद कहना होगा कि प्रदेश में इस महामारी की चपेट में आने वालों की संख्या गुरुवार को 1000 पार कर चुकी है। वहीं इस बीमारी के संक्रमण के चलते अब तक 57 लोग अपनी जान गवां चुके हैं। गुरुवार सुबह तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में 239 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इंदौर से दिल्ली भेजे गए 200 सैंपल की जांच रिपोर्ट में से 117 पॉजिटिव मिले हैं। इसके अलावा देर रात अन्य 47 संक्रमित मिले हैं, जिन्हें मिलाकर एक दिन में इंदौर में 164 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है। यहां कुल मरीजों की संख्या 696 पहुंच गई है । 92 की हालत स्थिर है और तीन गंभीर है। इंदौर में कल 4 मौत हुई और आंकड़ा 39 पर पहुंच गया है। सीएमएचओ डॉ प्रवीण जड़िया के अनुसार 117 संक्रमितों में से अधिकतर पहले से ही क्वॉरेंटाइन हाउस में रह रहे हैं जो कि प्रथम कान्टेक्ट हिस्ट्री के तहत क्वॉरेंटाइन किए गए हैं। भोपाल में 10 नए संक्रमित पाए गए हैं। इसमें एक दो साल का बच्चा व पूर्व में संक्रमित हो चुके लोगों के परिवार जन शामिल हैं। राजधानी भोपाल के जहांगीराबाद निवासी पॉजिटिव व्यक्ति के बेटे और बेटे के साले के बाद अब बहू भी कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। इस तरह कुल संक्रमितों की संख्या 170 हो गई है। बड़वानी जिले में पांच पॉजिटिव बड़वानी जिले में पांच नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। यहां अब तक जिले में 22 संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं, देवास जिले में सात नए केस सामने आए हैं, जिसके बाद अब यहां कोविड-19 पॉजिटिव संख्या 15 हो चुकी है। चार संक्रमित यहां पर भी इस बीमारी से मौत का शिकार हो चुके हैं। ऐसे ही खंडवा में जमातियों के संपर्क में आने के कारण से अधिकतम लोग इस जिले में संक्रमित हुए हैं, जिसमें से आज सुबह तक सर्वाधिक 18 कोरोना पॉजीटिव मिले हैं। इसके बाद खण्डवा में 33 मरीज कोरोना के हो गए हैं। तीन हाटपिपलिया के एक ही परिवार के सदस्य प्रदेश में कोरोना मरीज मिले हैं। उधर, जिस तरह से मध्य प्रदेश में कोरोना के संक्रमित मिल रहे हैं, उसे देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रदेश के इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खरगोन और होशंगाबाद जिलों को रेड हॉट स्पॉट घोषित किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को 28 दिन के अंदर रेड अलर्ट वाले जिलो को ग्रीन अलर्ट में बदलने के निर्देश दिए है। इस मामले में केंद्र ने कड़ाई से नियमों का पालन करने का कहा है। इसके अलावा रतलाम जिले में अभी तक 13 मरीज मिल चुके हैं। पिछले 24 घण्टे में यहां पर 10 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। धार में दो नए मरीज मिले हैं। आलीराजपुर में पहला मामला इस दौरान सामने आया है। मंदसौर में पांच नए केस सामने आए हैं। जिले में अब सात पॉजिटिव मरीज हो गए हैं। जबलपुर में एक और पॉजिटिव मिला है, जिसके बाद इस जिले में 13 संक्रमित हो गए हैं। इस सब के बीच ग्वालियर-चंबल में एक अच्छी खबर भी सामने आई है। यहां के भेजे गए सभी 166 रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। ग्वालियर-चंबल अंचल से बुधवार को राहतभरी खबर आई। यहां सभी 166 रिपोर्ट निगेटिव आई है। इस अंचल में ग्वालियर, मुरैना, भिण्ड, श्योपुर, शिवपुरी, दतिया गुना और अशोकनगर जिले शामिल हैं। यहां अभी तक कोरोना के कुल 25 संक्रमित मिले हैं। रीवा, सागर जैसे विंध्य और बुन्देलखण्ड अंचल में भी कोरोना का प्रदेश में कोई प्रभाव अभी तक बड़े स्तर पर देखने को नहीं मिला है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में इंदौर और भोपाल संभाग में ही सबसे अधिक कोरोना का संक्रमण फैला हुआ है। इंदौर में कंटेनमेंट एरिया की संख्या ही 125 है, जिसमें केवल 25 फीसदी लोगों की ही स्क्रीनिंग हो पाई है। तीन हजार से ज्यादा सैंपल लिए हैं पर कंटेनमेंट एरिया में डोर डू डोर सैंपलिंग नहीं हो पा रही है। फिलहाल, स्क्रीनिंग के लिए इंदौर में 465 टीम काम कर रही हैं, जिसने द्वारा पिछले छह दिन में ही लगभग शहर के ढाई लाख लोगों की जांच की गई है। वहीं, यहां अभी साढ़े सात लाख लोगों की स्क्रीनिंग होना अभी शेष है। शहर में 1700 लोगों को अभी क्वारेंटाइन में रखा गया है। इसके उलट प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्क्रीनिंग की रफ्तार बहुत तेज है। जहांगीराबाद जैसे इलाके में वहां एक दिन में ही 900 सैंपल लिए गए हैं। जिसमें से 415 लोगों में जुकाम-खांसी एवं हल्का बुखान होने की जानकारी मिली, जिन्हें कि अब आइसोलेट कर दिया गया है।
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16 April 2020भोपाल। संविधान के मुख्य वास्तुकार और महान समाज सुधारक बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की आज मंगलवार को 129वीं जयंती है। डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल सन् 1891 में मध्यप्रदेश के महू में हुआ था। कोरोना वायरय के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन के चलते दलित समुदाय के सामाजिक नेताओं और राजनीतिक पार्टियों के द्वारा अंबेडकर जयंती को अपने-अपने घरों से मनाने की अपील की गई है। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाबा साहेब अंबेडकर को उनकी जयंती पर नमन करते हुए प्रदेशवासियों से कोरोना संकट के बीच जरुरतमंदों की सहायता करने की अपील की हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर बाबा साहेब की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए लिखा ‘भारत के संविधान के निर्माता, अपने कर्मों और विचारों से समाज को एक नई दिशा देने वाले महापुरुष, गरीबों और दलितों के कल्याण के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले मध्यप्रदेश की माटी के लाल स्व. डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को जयंती पर सादर नमन’। एक अन्य ट्वीट कर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना संकट के कारण बनी लॉकडाउन की स्थिति में लोगों से जरुरतमंदों की मदद करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि ‘आज अंबेडकर जयंती है, पहले हर साल 14 अप्रैल को भाजपा सरकार महू में बाबा साहब की जन्मस्थली पर अंबेडकर महाकुंभ का अयोजन करते थे। इस साल भी हमारी इच्छा थी कि अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन महू में किया जाए, लेकिन कोरोना महामारी के चलते हमने संकल्प लिया है कि हम कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं करेंगे। इसलिए मैं महू नहीं जा रहा हूं, लेकिन मैंने तय किया है कि अंबेडकर जयंती पर मैं अपने निवास पर बाबा साहब अंबेडकर के चित्र पर उनकी जयंती पर माल्यार्पण कर उनके चरणों में श्रद्धासुमन अर्पित करूंगा। सीएम शिवराज ने कहा कि मैं आप सब से भी निवेदन करुंगा कि आप सभी बाबा साहब को नमन कर संकल्प ले कि यह समय #SocialDistancing का पालन करने का समय है, साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि कोई भूखा न रहे। आइये, आज बाबासाहेब को श्रद्धांजलि देने हेतु प्रण लें कि आवश्यक सावधानी रखते हुए गरीब बस्ती के कम से कम दो परिवारों को भोजन और राशन उपलब्ध कराएंगे और होममेड मास्क भी वितरित करेंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने ट्वीट कर लिखा ‘भारत रत्न बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी की जयंती पर कोटि कोटि नमन’। भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बाबा साहेब अंबेडकर को जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए अपने ट्वीट में लिखा ‘भारत के संविधान के रचयिता...दलित-शोषित समाज के उद्धारकर्ता...महामानव 'भारत रत्न' डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर जी की जयंती पर शतश: नमन’।
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14 April 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। यहां सबसे अधिक कोरोना संक्रमित शहर इंदौर में मंगलवार को सुबह महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी रिपोर्ट में 74 नये कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैं। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 362 से बढक़र 436 हो गई है, जबकि प्रदेश में कुल मरीजों का आंकड़ा बढक़र 722 पर पहुंच गया है। नये मरीजों में दो चिकित्सक, एक पत्रकार और एक मेडिकल दुकान संचालक भी शामिल है। वहीं, मध्यप्रदेश में कोरोना से अब तक 50 लोगों की जान चुकी है। इनमें सबसे अधिक इंदौर के 35 लोग शामिल है। इंदौर के सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने बताया कि महात्मा गांधी मेडिकल कालेज द्वारा मंगलवार सुबह 91 कोरोना पॉजीटिव मरीजों की सूची जारी की थी, लेकिन सूची में कुछ नाम रिपीट हो गए थे। साथ ही पूर्व से कोरोना पॉजीटिव मरीजों की दोबारा जांच कराई गई थी और वे दूसरी जांच में भी संक्रमित पाए गए हैं। इस कारण सूची की समीक्षा के बाद कुल 74 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 436 हो गई है। नये मरीजों में दो डॉक्टर, एक पत्रकार और मेडिकल स्टोर संचालक के साथ ही इंदौर विकास प्राधिकरण के पीआरओ की पत्नी भी कोरोना पॉजीटिव पाई गई है।इसके साथ ही मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढक़र 722 हो गई है। इनमें सबसे अधिक इंदौर में 436 के अलावा, भोपाल में 142, जबलपुर 10, ग्वालियर 06, शिवपुरी 02, उज्जैन 24, खरगौन 17, मुरैना 14, छिंदवाड़ा 04, बड़वानी 14, बैतूल 01, विदिशा 13, श्योपुर 02, होशंगाबाद 15, खंडवा 05, रायसेन 04, देवास 04, धार 02, सागर 01, शाजापुर 01, मंदसौर 01, रतलाम 01, सतना 02 तथा एक मरीज अन्य राज्य का शामिल है। वहीं, मध्यप्रदेश में कोरोना से अब तक 50 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों में इंदौर के 35 भोपाल 04, उज्जैन 06, खरगौन 03, छिंदवाड़ा 01 और देवास का 01 मरीज शामिल है। राहत की खबर यह है कि कुल कोरोना संक्रमित मरीजों में 51 स्वस्थ हो चुके हैं और उनकी दूसरी बार रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे गई है और वे अपने घर पहुंच चुके हैं।
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14 April 2020नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को देश के नाम अपने संदेश में कोरोना महामारी के फैलाव की रोकथाम के लिए देशभर में जारी लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने की घोषणा की। इसके साथ ही साफ किया कि कोरोना संक्रमण से अब तक बचे रहे क्षेत्रों में 20 अप्रैल से लॉकडाउन में सशर्त ढील देने दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश सरकार की ओर से बुधवार को जारी किए जायेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार सुबह 10 बजे राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित विशेषज्ञों का यह मानना है कि लॉकडाउन को आगे बढ़ाना चाहिए। अनेक राज्यों ने तो पहले से ही लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा कर दी है। सबकी राय मानते हुएदेशभर में लॉकडाउन को 3 मई (रविवार) तक आगे बढ़ाने का फैसला किया है। 21 दिन के लॉकडाउन के बाद 19 दिन की और बढ़ोत्तरी करने से देश भर में कुलमिलाकर 40 दिन का लॉकडाउन हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का मकसद है कि देश में कोरोना का संक्रमण नए क्षेत्रों में न फैले। इसके लिए अगले एक सप्ताह तक कोरोना संक्रमण को लेकर अधिक सख्ती बरती जाएगी। संक्रमण रोकने के लिए सख्ती का कड़ाई से पालन कराने वाले और अबतक संक्रमण से बचे रहने वाले क्षेत्रों में एक सप्ताह बाद यानी 20 अप्रैल से लॉकडाउन में सशर्त ढील दी जाएगी। ऐसा दिहाड़ी मजदूरों, गरीबों, किसानों के लिए किया जाएगा जो कि कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित है। साथ ही उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि छूट दिए जाने के बाद अगर संक्रमण का प्रसार इन क्षेत्रों में होता है तो तुरंत प्रभाव से सभी रियायतें व ढील वापिस ले ली जाएगी। मोदी ने कहा कि वर्तमान में देश में रवि की फसल की कटाई का समय है, ऐसे में केन्द्र और राज्य सरकारें किसानों को कम से कम दिक्कत हो, इसका प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि देश में जरूरत के सामान में कमी नहीं है और सरकार सामान की आवाजाही सुगम बना रही है। इसके अलावा स्वास्थ्य संबंधित सुविधाओं को भी बढ़ाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में देश के युवा वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वह अधिक प्रयास कर इस बीमारी के खिलाफ वैक्सिन बनाए जिससे देश और दुनिया का भला हो सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने समय रहते कदम उठाए जिसके चलते वह विश्व के अनेक सामर्थ्यवान देशों की तुलना में काफी संभली हुई स्थिति में है। जब देश में एक भी कोरोना का मरीज नहीं था तभी से हमने एयरपोर्ट पर जांच का काम शुरू कर दिया था। इसके बाद बाहर से आए लोगों का क्वारंटाइन आवश्यक करने से लेकर समय रहते 21 दिनों का लॉकडाउन जैसा कठोर कदम उठाने के चलते ही हम संकट को काफी हद तक कम कर पाए हैं। विश्व भर में कोरोना से जैसा प्रकोप दिखाया है, उसकी भारत में कल्पना करने से ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि समय पर तेज फैसले और एकीकृत निर्णय लेने की प्रक्रिया से ही देश कोरोना से काफी हद तक बचा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि समाजिक दूरी बनाने और लॉकडाउन की बहुत बड़ी आर्थिक कीमत चुकानी पड़ी है लेकिन यह देशवासियों की जिदंगी से ज्यादा नहीं है। दुनियाभर में भारत के प्रयासों की प्रशंसा हो रही है। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों और स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यों की प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के दौरान पहले गमछे से मुंह को ढका हुआ था हालांकि भाषण देते हुए उन्होंने इसे उतार दिया। लोगों को भी इसी तरह से अपने मुंह और नाक को ढकने की अपील की। अपने संबोधन की शुरूआत में ही संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर को याद करते हुए उन्होंने कहा कि देश संविधान की प्रस्तावना में ‘हम भारत के लोग’ इस भावना को आगे ले जा रहे हैं और मिलकर परेशानियों के बावजूद संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने देश में त्यौहारों और नववर्ष की शुरुआत की बधाई देते हुए लोगों के घर में रहकर त्यौहार बनाने को प्रेरक और प्रशंसनीय बताया। उन्होंने लोगों के उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के अंत में लोगों से सात बातों का विशेष ध्यान रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों और बीमार लोगों का खास ध्यान रखा जाए, समाजिक दूरी का पालन करते हुए मास्क का प्रयोग करें, खुद की रोक प्रतिरोधक क्षमता को लगातार बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय के सुझावों का पालन करें, आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करें और दूसरों से भी करायें, गरीबों की देख-रेख करें, अपने कर्मचारियों का ख्याल रखें और उन्हें नौकरी से न निकालें और कोरोना के खिलाफ लड़ाई कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिसकर्मियों का सम्मान करें।
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14 April 2020नई दिल्ली। कांग्रेस ने कोविड-19 (कोरोना वायरस) महामारी से निपटने की दिशा में केंद्र सरकार पर देरी से योजना बनाकर प्रयास शुरू करने का आरोप लगाया है। विपक्षी पार्टी ने कहा कि राहुल गांधी ने 12 फरवरी को ही वायरस को लेकर चेताया था लेकिन तब केंद्र मध्य प्रदेश में सरकार को गिराने और बनाने में व्यस्थ थी। इसका नतीजा यह रहा है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई देर से शुरू हो सकी और करीब 40 दिन बाद सुरक्षात्मक कदम के तौर पर देशभर में लॉकडाउन घोषित किया गया। कांग्रेस नेता एवं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज दुनिया कोरोना की गंभीर महामारी की चपेट में है। दुनिया के सभी देश इससे निपटने के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में भारत में इस वायरस के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से केंद्र सरकार के साथ है। उन्होंने कहा कि प्रमुख विपक्षी पार्टी होने के नाते कांग्रेस को अपनी जिम्मेदारी का अहसास है, इसलिए जनता की भलाई को लेकर वह सरकार की हरसंभव मदद कर रही है और कुछ जगहों पर जब सरकार के फैसले गलत होते हैं तो उन्हें टोकती भी है। इस दौरान कमलनाथ ने मध्य प्रदेश सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ सभी राज्य लगातार कोशिशों में लगे हैं, वहीं मध्यप्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जहां न तो स्वास्थ मंत्री है और न ही गृहमंत्री। कोरोना जैसी समस्या से निपटने के लिए जिस शिवराज सरकार के पास पर्याप्त मंत्रिमंडल ही नहीं है, वह किस प्रकार की योजना बनाएंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि इस महामारी को हराने के लिए सबसे अहम है कि ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की जाए ताकि इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने का काम पूर्ण हो सके। लेकिन हकीकत यह है कि मध्य प्रदेश में केवल शहरी क्षेत्र में ही टेस्टिंग हो रही है, जबकि ग्रामीण इलाकों में तो परीक्षण की संख्या ना के बराबर है। आंकड़ों के मुताबिक राज्य में टेस्टिंग की स्थिति प्रति दस लाख पर कुछ गिने-चुने लोगों की ही टेस्टिंग हो रही है। उस पर राज्य में सुरक्षा उपकरणों की भी काफी कमी है। यहां तक कि अस्पतालों में चिकिस्तकीय टीम के पास भी पर्याप्त पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट नहीं हैं।
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12 April 2020भोपाल। मध्यप्रदेश की चौथी बार कमान संभाल रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब अपने मंत्रिमंडल का गठन करने जा रहे हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा जोरों पर है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 15 अप्रैल तक मंत्रिमंडल का गठन कर सकते हैं। दरअसल, लॉकडाउन के प्रथम चरण के 21 दिन पूरे होने वाले हैं और द्वितीय चरण के लिए आम सहमति बन गई है। ऐसे में समझा जा रहा है कि सीएम मंत्रिमंडल का गठन कर देंगे। जानकारी के अनुसार, शिवराज पहले चरण में लगभग 25 से 28 लोगों को मंत्री बना सकते हैं। इन मंत्रियों को कोरोना वायरस संक्रमित जिलों की जिम्मेदारी भी सौंपी जा सकती है और वही जाकर कोरोना की स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए कहा जा सकता हैं। उल्लेखनीय है कि 23 मार्च को शिवराज सिंह ने अकेले शपथ ली थी और तब से अब तक वो अकेले ही सरकार चला रहे हैं। इधर, भाजपा के सत्ता में आने के बाद से ही कांग्रेस लगातार मंत्रिमंडल गठन को लेकर सवाल उठा रही हैं। शिवराज सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने मोर्चा खोल रखा है, आए दिन मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। ऐसे में लगातार बढ़ते दवाब के चलते मंत्रिमंडल का विस्तार होने की संभावना जताई जा रही हैं। माना जा रहा है शिवराज 15 अप्रैल तक विस्तार कर सकते हैं। इसके अलावा 15 अप्रैल से मध्यप्रदेश में गेहूं की खरीदी भी शुरू होने वाली है और ऐसे में जनप्रतिनिधियों का सक्रिय होना बेहद जरूरी हैं। इन्हें मिल सकती है जगह शिवराज मंत्रिमंडल में पहले दस स्थान सिंधिया समर्थक विधायकों के लिए तय है, जिनमें प्रभुराम चौधरी, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी आदि शामिल है। इसके अलावा बिसाहूलाल सिंह, एन्दल सिंह कंसाना और हरदीप सिंह डंग का मंत्री बनना भी तय है। शेष बचे 20 स्थानों पर भाजपा अपने कई कद्दावर नेताओं के लिए जिसमें नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह, रामपाल सिंह, सीताशरण शर्मा, कुंवर विजय शह, जगदीश देवड़ा आदि नेताओं के लिए सुरक्षित रखे है।
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12 April 2020भोपाल/इंदौर। मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर जारी है। यहां कोरोना संक्रमित तीन और मरीजों की मौत की पुष्टि हुई है। इंदौर में शनिवार देर रात दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो गई, जबकि राजधानी भोपाल में शनिवार देर रात मृतक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। इन तीन मौतों के साथ मध्यप्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या अब 43 पहुंच गई है। इंदौर मेडिकल कॉलेज द्वारा रविवार सुबह जारी बुलेटिन में बताया गया कि शनिवार देर रात कोरोना से संक्रमित दो मरीजों की मौत हो गई। मृतकों में एक 65 वर्षीय सोमनाथ की चाल निवासी और दूसरा 70 वर्षीय मोतीतबेला निवासी मरीज शामिल है। इंदौर सीएमएचओ डॉ प्रवीण जडिय़ा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि दोनों मृतकों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 32 हो गई है। भोपाल में जहांगीराबाद निवासी 77 वर्षीय बुजुर्ग को तबियत खराब होने के बाद गत आठ अप्रैल को कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां से गंभीर हालत में उन्हें नर्मदा अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन कोरोना जांच के लिए उन्हें चिरायु अस्पताल भेजा गया, जहां सैम्पल लेने के बाद उन्हें हमीदिया अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया, जहां आठ अप्रैल की रात में ही उनकी मौत हो गई। शनिवार को देर रात उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। भोपाल में यह कोरोना से दूसरी मौत है। इससे पहले भोपाल में पांच-छह अप्रैल की दरमियानी रात इब्राहिमगंज निवासी एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई थी। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में अब कोरोना से मरने वालों की संख्या 43 हो गई है। मृतकों में इंदौर 32, उज्जैन 05, भोपाल 02, खरगौन 02, छिंदवाड़ा 01 तथा देवास 01 मरीज शामिल हैं।
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12 April 2020भोपाल/इंदौर। मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर जारी है। यहां कोरोना संक्रमित तीन और मरीजों की मौत की पुष्टि हुई है। इंदौर में शनिवार देर रात दो कोरोना पॉजिटिव मरीजों की मौत हो गई, जबकि राजधानी भोपाल में शनिवार देर रात मृतक की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई है। इन तीन मौतों के साथ मध्यप्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या अब 43 पहुंच गई है। इंदौर मेडिकल कॉलेज द्वारा रविवार सुबह जारी बुलेटिन में बताया गया कि शनिवार देर रात कोरोना से संक्रमित दो मरीजों की मौत हो गई। मृतकों में एक 65 वर्षीय सोमनाथ की चाल निवासी और दूसरा 70 वर्षीय मोतीतबेला निवासी मरीज शामिल है। इंदौर सीएमएचओ डॉ प्रवीण जडिय़ा ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि दोनों मृतकों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या 32 हो गई है। भोपाल में जहांगीराबाद निवासी 77 वर्षीय बुजुर्ग को तबियत खराब होने के बाद गत आठ अप्रैल को कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां से गंभीर हालत में उन्हें नर्मदा अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन कोरोना जांच के लिए उन्हें चिरायु अस्पताल भेजा गया, जहां सैम्पल लेने के बाद उन्हें हमीदिया अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया, जहां आठ अप्रैल की रात में ही उनकी मौत हो गई। शनिवार को देर रात उनकी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। भोपाल में यह कोरोना से दूसरी मौत है। इससे पहले भोपाल में पांच-छह अप्रैल की दरमियानी रात इब्राहिमगंज निवासी एक व्यक्ति की कोरोना से मौत हो गई थी। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में अब कोरोना से मरने वालों की संख्या 43 हो गई है। मृतकों में इंदौर 32, उज्जैन 05, भोपाल 02, खरगौन 02, छिंदवाड़ा 01 तथा देवास 01 मरीज शामिल हैं।
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12 April 2020भोपाल/उज्जैन। उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर परिसर स्थित पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के पूर्व महंत प्रकाश पुरी महाराज का शुक्रवार अलसुबह देवलोक गमन हो गया। उन्होंने सुबह साढ़े तीन बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन पर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक व्यक्त किया है। गौरतलब है कि प्रकाश पुरी महाराज करीब 40 वर्षों तक यहां महंत के रूप में पदस्थ रहे और प्रतिदिन भगवान महाकाल को भस्म चढ़ाई की परम्परा का निर्वाह करते रहे। हाल ही में वे हरियाणा के कलावड़ स्थित मठ में गए थे और वहीं रहकर विश्राम कर रहे थे। वे लम्बे समय से अस्वस्थ थे। शुक्रवार को उनका निधन हो गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया के माध्यम से उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया है कि ‘उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर को भस्म अर्पित करने वाले पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत श्री प्रकाश पुरी महाराज के ब्रह्मलीन होने की सूचना मिली। ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और उनके शिष्यों व अनुयायियों को इस कठिन घड़ी में संबल दें।’ वहीं, प्रकाश पुरी महाराज का देवलोक गमन होने से उज्जैन के साधु-संत और अखाड़ों से जुड़े महंत ने शोक संवेदना व्यक्त की है। गौरतलब है कि महंत प्रकाश पुरी महाराज वर्ष 1980 में गीता भारती जी की उपस्थिति में उज्जैन स्थित महानिर्वाणी अखाड़े के महंत नियुक्त हुए थे। उन्होंने पिछले दिनों अपनी अस्वस्था के चलते मंदिर समिति के प्रशासक एसएस रावत को अपनी सारी जिम्मेदारियां और पूजा-पाठ की समस्त जवाबदारियों तथा आश्रम सौंप दिया था और वे हरियाणा के अपने निजी आश्रम में विश्राम के लिए चले गए थे। उसके बाद महंत पद को लेकर कई लोगों ने दावेदारी जताई, लेकिन हरिद्वार में आयोजित पंचों की बैठक बाद हरियाणा के विनीत गिरि महाराज को यहां का महंत घोषित कर गद्दी पर आसीन किया गया।
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10 April 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में गुरुवार देर रात आई रिपोर्ट में कोरोना के 31 नये पॉजिटिव मरीज मिले हैं, जिनमें राजधानी भोपाल में कोरोना के 14, बड़वानी और खरगोन में दो-दो, विदिशा में पांच, गंजबासौदा में चार तथा सागर, उज्जैन, लटेरी और सिरोंज में एक-एक मरीज शामिल है। गुरुवार शाम तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 411 थी, जो अब बढक़र 442 पर पहुंच गई है। वहीं, इनमें से अब तक प्रदेश में 33 लोगों की मौत हो चुकी है। भोपाल में 14 नये कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि होने के बाद यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढक़र 112 हो गई है। इनमें गांधी मेडिकल कॉलेज की दो जूनियर डॉक्टर कोरोना से पॉजीटिव पाई गई है। दोनों पॉजीटिव जूनियर डॉक्टर पीएसएम और स्त्री रोग विभाग में कार्यरत हैं। मरीजों की संख्या बढऩे के चलते भोपाल को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। मध्यप्रदेश में नये 31 पॉजिटिव मिलने के बाद कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 442 हो गई है। इनमें इंदौर में सबसे अधिक 221, भोपाल में 112, जबलपुर 09, ग्वालियर 06, शिवपुरी 02, उज्जैन 16, खरगौन 14, मुरैना 13, छिंदवाड़ा 02, बड़वानी 14, बैतूल 01, विदिशा 13, श्योपुर 01, होशंगाबाद 06, खंडवा 05, रायसेन 01, देवास 03, धार 01, सागर 01 तथा अन्य राज्य का एक मरीज शामिल है। वहीं, प्रदेश में अब तक कोरोना से 33 मरीजों की मौत हो चुकी है। इनमें इंदौर में सबसे अधिक 23, उज्जैन 05, भोपाल 01, खरगौन 02, छिंदवाड़ा 01 तथा देवास का 01 मरीज शामिल है।
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10 April 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संकट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सतत नजर बनाए हुए है। सीएम शिवराज लगातार बैठकें कर अधिकारियों को कोरोना वायरस से निपटने के निर्देश दे रहे है और साथ ही जनता से इस वैश्विक महामारी को हराने में सहयोग की अपील कर रहे है। वहीं अब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों को फोन कर उनसे कोरोना संकट से निपटने का सहयोग और सुझाव मांगा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उमा भारती और कमलनाथ से फोन पर की चर्चा। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को कोरोना संक्रमण की स्थिति और प्रदेश सरकार के प्रयासों से अवगत कराया। इसके साथ ही कोरोना संकट से निपटने के लिए शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय सिंह, उमा भारती और कमलनाथ से सुझाव और सहयोग मांगा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार शाम को कर्मचारियों और अधिकारियों से चर्चा करेंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर बैठक करेंगे। शाम साढ़े 4 बजे मंत्रालय में ये बैठक आयोजित है। बैठक में कोरोना वायरस पर नियंत्रण विषय पर चर्चा होने की संभावना है, इस बैठक में कौन- कौन शामिल होगा, इसके विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा है। बता दें कि सीएम शिवराज लगातार बैठक कर स्थिति को नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रहे हैं।
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10 April 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे है। प्रदेश में अब तक कोरोना मरीजों का आंकड़ा 263 पर पहुंच गया है। जबकि 19 लोग इस महामारी का शिकार बन कर अपनी जान गंवा चुके हैं। इंदौर के बाद अब भोपाल में भी यह तेजी से फैल रहा है। ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े के आदेश पर भोपाल में 9 अप्रैल तक पूरी तरह से कर्फ्यू लगा दिया गया है। साथ ही लोगों को घर के बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी जा रही है, लेकिन लोग इसका पालन नहीं कर रहे है। समझाइश देने पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के साथ अनुचित व्यवहार कर रहे है। इंदौर के टाटपट्टी बाखल में डाक्टरों के साथ हुए दुव्र्यवहार के बाद अब भोपाल में पुलिस पर हमला हुआ है। बदमाशों के हमले से पुलिस के दो जवान घायल हो गए है। जानकारी अनुसार पुलिस पर हमले की घटना राजधानी भोपाल के पुराने शहर के तलैया थाना स्थित इतवारा इलाके में सोमवार देर रात को हुई। तलैया थाना प्रभारी डीपी सिंह के अनुसार रात करीब 11 बजे इतवारा इलाके के रसीदिया स्कूल के पीछे शामद मस्जिद के पास विशेष वर्ग के करीब 20 युवक एक साथ घूम रहे थे। पुलिस ने उन्हें समझाया और उन्हें घर जाने को कहा तो भीड़ में शामिल शातिर बदमाश शाहिद कबूतर, मोहसिन कचौड़ी और उनके दोस्तों ने पुलिस पर चाकू से हमला कर पथराव कर दिया। हमले में सिपाही लक्ष्मण यादव के बाएं कंधे और सतीश कुमार के बाएं हाथ में चाकू लगा है। पुलिस पर हमला कर बदमाश मौके से फरार हो गए। पुलिस पर हमले की सूचना मिलते ही अफसर मौके पर पहुंच गए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ हत्या के प्रयास और शासकीय कार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया है। घटना के बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात कर दी गई है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। बतातें चले कि इससे पहले बुधवारा इलाके में लॉकडाउन का पालन कराने गई टीम पर पानी डालने की घटना हो चुकी है। मुख्यमंत्री बोले, किसी को नहीं बख्शा जाएगा इस आपराधिक मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है। गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा ‘दिन-रात एक कर जनता को इस महामारी से बचाने में लगे पुलिसकर्मियों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा! "कबूतर" हो या "कचौड़ी", किसी को बख्शा नहीं जाएगा! अराजकता फैलाने वाले गुंडे-बदमाशों को सबक सिखाना अतिआवश्यक है! इन गुंडों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी!
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7 April 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। वहीं, कोरोना के मरीजों का उपचार करते-करते स्वास्थ्य विभाग का अमला खुद कोरोना संक्रमित होने लगा है। मंगलवार को भोपाल में कोरोना संक्रमित 12 नये मामले सामने आए हैं। इनमें पांच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी पॉजीटिव पाये हैं। इसके अवाला अन्य कोरोना संक्रमित मरीजों में सात पुलिसकर्मी और उनके परिवार के सदस्य हैं। इन्हें मिलाकर भोपाल में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 74 पहुंच गई है। इनमें 29 स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और 14 पुलिसकर्मी व उनके परिजन भी शामिल हैं। भोपाल के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया कि मंगलवार सुबह 12 संक्रमित व्यक्तियों की सेम्पल रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें से पांच स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी और सात मरीज पुलिस और उनके परिवार के लोग हैं। स्वास्थ्य विभाग से पॉजीटिव आने वालों में महेंद्र मर्सकोले, सौरभ श्रीवास्तव, सुनील यादव, अशोक कुमार और धर्मेंद्र कुशवाह शामिल हैं, जबकि शेष सात पुलिसकर्मी और उनके परिवार के सदस्य हैं। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग के जो अधिकारी-कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, उनमें स्वास्थ्य संचालक आईएएस डॉ. जे. विजय कुमार, उनके गनमैन कमलेश, प्रमुख सचिव आईएएस पल्लवी जैन, अपर संचालक डॉ. वीणा सिन्हा, विश फाउण्डेशन के एडवाइजर नरेंद्र जायसवाल, आईडीएससी के उप संचालक प्रमोद गोयल, संयुक्त संचालक डॉ. उपेंद्र दुबे, उप संचालक डॉ. हिमांशु जायसवाल, कीट विज्ञानी डॉ. सत्येंद्र पांडे, एनवीबीसीडी के उप संचालक डॉ. सौरभ पुरोहित, अपर संचालक कैलाश बुंदेला, कम्प्यूटर आपरेटर विजय सिंह, आईटी अधिकारी सुनील मुकाती, एनएचएम में अनुबंधित डायरेक्टर रंजना गुप्ता, ब्लड ट्रांसफ्यूजन डायरेक्टर डॉ. रूबी खान, आईडीएसपी स्टेट एपिडिमोलॉजिस्ट डॉ. शाव्या सालम, संयुक्त संचालक राकेश मुंशी, चपरासी बलवंत सिंह, क्लर्क आलोक श्रीवास्तव, पीए दीपक देशमुख, क्लर्क अभिषेक सोनी, क्लर्क राजकुमार गर्ग, राजकुमार पांडे, गौरव पाल, राजेश सिंह, विजय सिंह जाटव, रोहिणी जायसवाल, एनएचएम ऋषिराज सिंह शामिल हैं।इसके अलावा सात पुलिसकर्मी सोमवार को कोरोना संक्रमित पाए गए थे और तीन पुलिसकर्मियों और चार उनके परिजनों की रिपोर्ट मंगलवार को पॉजीटिव आई है। यानी अब तक कोरोना संक्रमण की रोकथाम के ड्यूटी कर रहे 10 पुलिसकर्मी और चार उनके परिजन कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। भोपाल की बात करें तो यहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 74 पहुंच चुकी है, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है। वहीं, दो लोग स्वस्थ होकर अपने घर भी पहुंच गए हैं। स्वस्थ होने वाले वालों में पत्रकार केके सक्सेना और उनकी बेटी गुंजन शामिल हैं।
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7 April 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सोमवार को देर रात इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में 15 नये कोरोना पॉजीटिव मरीजों की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 151 पर पहुंच गई है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की आंकड़ा 263 पर पहुंच गया है। भोपाल में सोमवार को देर शाम तक 22 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं, जिनमें अधिकांश स्वास्थ्य और पुलिस विभाग के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। भोपाल में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 63 पहुंच गया है। इनमें 23 स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और सात पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने बताया कि सोमवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज से जारी रिपोर्ट में 16 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। नए मरीजों में दाऊदी नगर खजराना से 13 साल का एक बच्चा भी शामिल है, जबकि एमवाय अस्पताल की एक नर्स भी पॉजिटिव आई है। सोमवार को आई रिपोर्ट के अनुसार जिन चार लोगों की मौत की पुष्टि कोरोना से हुई है, उनमें से तीन की मौत रिपोर्ट आने के पहले हो चुकी थी। इस प्रकार अब तक इंदौर में कोरोना से 13 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, भोपाल के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया कि सोमवार को देर शाम तक भोपाल में प्राप्त जांच रिपोर्ट में 22 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इनमें अधिकांश पॉजीटिव मरीज स्वास्थ्य एवं पुलिस विभाग के हैं। भोपाल में अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 63 पहुंच गया है। मध्यप्रदेश में मंगलवार सुबह तक कोरोना संक्रमित मरीजों का कुल आंकड़ा 263 पर पहुंच गया है। इनमें इंदौर में 151, भोपाल में 63, मुरैना में 12, जबलपुर में 8, बड़वानी में 3, उज्जैन में 11, खरगौन में चार तथा ग्वालियर, शिवपुरी और छिंदवाड़ा के दो-दो, विदिशा में एक, बैतूल में एक तथा अन्य एक संक्रमित मरीज शामिल हैं। इधर, प्रदेश में कोरोना संक्रमित कुछ मरीज ठीक भी होने लगे हैं। वहीं, प्रदेश में कोरोना से मरने वालों की संख्या 19 पहुंच गई है। मृतकों में इंदौर के 13, उज्जैन से तीन और भोपाल, छिंदवाड़ा व खरगौन के एक-एक मरीज शामिल हैं।
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7 April 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही इस बीमारी से मरने वालों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 161 पहुंच गई है, जिनमें से अब तक 11 लोगों की मौतें हो चुकी हैं। इनमें से तीन कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत शनिवार को हुई है। मृतकों में इंदौर के दो मरीज और छिंदवाड़ा का एक मरीज शामिल है। इंदौर में एमआर टीबी अस्तपाल में भर्ती 42 वर्षीय पुरुष और 80 वर्षीय महिला की मौत हुई है, जबकि छिंदवाड़ा में कोरोना पॉजिटिव एक युवक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इन तीनों मौतों के साथ मध्यप्रदेश में अब कोरोना से मौतों का आंकड़ा बढक़र 11 हो गया है। इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जडिय़ा ने बताया कि शनिवार को सुबह इंदौर के चन्दननगर नगर में रहने वाली 80 वर्ष की महिला सकीना और 42 वर्षीय जावेद निवासी हाथीपाला की मौत हो गई है, जिसके बाद इंदौर में कोरोना से मरने वालों की संख्या वालों की संख्या सात हो गई है। इसी प्रकार छिंदवाड़ा जिले में भी शनिवार सुबह एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत हो गई। यहां जिस कोरोना संक्रमित युवक की मौत हुई है, वह इंदौर में वाणिज्य कर विभाग में लिपिक था। वह 20 को ही इंदौर से अपने गांव केवलारी आया था। आईजी भागवत सिंह चौहान ने उसकी मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि उसकी पत्नी, मां, बच्चे अभी इंदौर में ही है और उनको जानकारी भेज दी गई है। वहीं, मृतक के पिता भी कोरोना पॉजिटिव हैं, जबकि बुआ, चाची और बहनों को क्वारेंटाइन में रखा गया है।इसके साथ ही मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा 11 पहुंच गया है। इससे पहले इंदौर में पांच, उज्जैन में दो और खरगौन के एक कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। अब इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या सात हो गई है। वहीं, मध्यप्रदेश में शुक्रवार को देर रात तक कोरोना के 41 नए मरीज मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा इंदौर में 23, मुरैना में 10, भोपाल में छह तथा उज्जैन और जबलपुर में एक-एक कोरोना पॉजिटिव शामिल हैं। इन्हें मिलाकर मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 161 पहुंच गया है। इनमें इंदौर में 115, मुरैना 12, भोपाल 15, जबलपुर 8, उज्जैन 7, ग्वालियर-शिवपुरी 2-2 और खरगौन-छिंदवाड़ा में एक-एक मरीज शामिल हैं। इनमें से अब तक कुल 11 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें इंदौर में सात, उज्जैन में दो तथा खरगौन व छिंदवाड़ा के एक-एक मरीज शामिल हैं।
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4 April 2020भोपाल। राजधानी भोपाल में 2011 बैच के आईएएस अधिकारी और हेल्थ कॉर्पोरेशन के एमडी जे. विजय कुमार की दूसरी रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आने के बाद हडक़ंप मच गया है। इसके बाद कोरोना कोर ग्रुप के 12 आईएएस अधिकारी होम क्वारैंटाइन हो गए हैं। वहीं सावधानी बरतते हुए सतपुड़ा भवन स्थित कंट्रोल रूम के 126 कर्मचारियों को छुट्टी दे दी गई है। शुक्रवार देर को फोन लगाकर कर्मचारियों को छुट्टी की जानकारी दी गई। कर्मचारियों को कहा गया कि शनिवार को दफ्तर ना आएं। वहीं नगर निगम द्वारा सतपुड़ा भवन का चतुर्थ, पंचम और 6वीं फ्लोर सेनिटाईज किया गया है। आईएएस जे. विजय कुमार में कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य संचालनालय के 300 से अधिक अफसर-कर्मचारियों पर कोरोना का खतरा मंडरा रहा है। ऐसे में वह लोग जो कि विजय कुमार के सीधे संपर्क में थे या उनके साथ बैठकों में शामिल रहे, इन सभी के सैंपल लिए जा रहे हैं। चूंकि विजय कुमार स्वास्थ्य विभाग, हेल्थ कॉर्पोरेशन और स्वास्थ्य मिशन भी आते-जाते रहे, लिहाजा 150 लोगों की सूची बनी है, जिनकी निगरानी होगी। इस बीच विजय कुमार को एक निजी अस्पताल से एम्स भोपाल शिफ्ट कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि उन्होंने शासन को आईएएस व अन्य अधिकारियों की लिस्ट दी है। कई आईएएस अधिकारी क्वारैंटाइन में आईएएस जे विजय कुमार के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि के बाद मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने खुद को लेक व्यू अशोका होटल में क्वारेंटाइन किया है। इसके अलावा निशांत बरवड़े व एस धनराजू एनएचडीसी के और पल्लवी जैन गोविल व सुदाम पी खाड़े प्रशासन अकादमी के गेस्ट हाउस में चले गए हैं। इनके परिवार घर पर क्वारेंटाइन हैं। सभी अफसरों ने परिवार से फिलहाल दूरी बनाई है। प्रतीक हजेला भी घर पर हैं। बैठकों में अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव संजय शुक्ला व संजय दुबे और स्वाति मीणा नायक भी रहे। ये सभी अपने घर पर हैं। हालांकि अभी सभी के कोरोना सेंपल लिए जा रहे हैं।
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4 April 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में इन दिनों कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौरान को लगातार पत्र लिखकर विभिन्न मांगें कर रहे हैं। अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने फिर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मांग की है कि समर्थन मूल्य पर फसल उपार्जन की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए, ताकि किसानों की आजीविका का सुनिश्चित किया जा सके। दरअसल, राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन की प्रक्रिया को फिलहाल आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि हम सभी को ज्ञात है कि एक भयावह महामारी कोरोना से समूची दुनिया संघर्षरत है। मध्यप्रदेश में भी इस महामारी का व्यापक प्रभाव है, परन्तु जितना इस महामारी की विभीषिका से लडऩा जरूरी है, उतना ही जरूरी हमारे किसान भाइयों की आजीविका के लिए सार्थक कार्य करना भी जरूरी है। रबी की फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीदी इस वर्ष 25 मार्च से से प्रारम्भ होनी थी, फिर इस तिथि को बढ़ाकर एक अप्रैल किया गया, लेकिन चार अप्रैल तक भी खरीदी की प्रक्रिया प्रारम्भ नहीं की गई है और न ही खरीदी की आगामी तिथि के लिए कोई आदेश जारी किया गया है।उन्होंने पत्र में लिखा है कि मप्र में लगभग 19 लाख 44 हजार किसानों ने समर्थन मूल्य पर अनाज विक्रय के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, जिसमें गेहूं, चना, मसूर, सरसो आदि फसलें शामिल हैं। इस समय किसानों की आजीविका गहरे संकट में है। अधिसंख्य किसानों की क्षमता इतनी नहीं है कि वे अपनी फसल काटकर गोदामों में रख पाएं और जिनती क्षमता है वे बड़े किसान भी परिवहन और मजदूरों की परेशानी का सामना कर रहे हैं। उन्होंने पत्र के माध्यम से अनुरोध किया है कि कोरोना महामारी की सावधानी के मापदंडों के साथ समर्थन मूल्य पर खरीद प्रक्रिया तत्काल प्रारम्भ की जाए। उन्होंने आश्वस्त किया है कि कांग्रेस के सभी कार्यकर्ता खरीद प्रक्रिया में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए उपलब्ध रहेंगे।
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4 April 2020भोपाल/इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में गुरुवार को कोरोना से संक्रमित दो लोगों की मौत हो गई। सुबह जहां कोरोना संक्रमित एक महिला की मौत हुई थी, वहीं दोपहर में एक अन्य कोरोना संक्रमित पुरुष ने भी दम तोड़ दिया। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या पांच हो गई है, जबकि जबकि मध्यप्रदेश में यह कोरोना से आठवीं मौत है। इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार, शहर के खजराना क्षेत्र में रहने वाली कोरोना संक्रमित 65 वर्षीय जेतून बी को 29 मार्च को इंदौर के एमआरटीबी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां गुरुवार को सुबह साढ़े नौ बजे उपचार के दौरान जेतून बी की मौत हो गई। वहीं, दोपहर में एमवाय अस्पताल में भर्ती 54 वर्षीय मरीज की भी मौत हो गई। वह मोती तबेला क्षेत्र का रहने वाला था। इस बात की पुष्टि एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने की है। इंदौर में कोरोना से मौत का आंकड़ा पांच हो गया है। इससे पहले इंदौर में कोरोना संक्रमित तीन लोगों की मौत हो चुकी है। सीएमएचओ डॉ. प्रवीण जडिय़ा के अनुसार जो लोग पॉजिटिव मिल रहे हैं, उनमें से कई लोग पहले से ही भर्ती हैं, जिससे इनके कम्युनिटी में संक्रमण फैलाने के संभावना कम होगी।मप्र में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पहुंची 98इंदौर में 12 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। बुधवार को देर रात स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में इसकी पुष्टि हुई है। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 75 और पूरे मध्यप्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढक़र 98 पहुंच गई है। इनमें इंदौर में 75, जबलपुर में आठ, भोपाल में चार, उज्जैन में छह, ग्वालियर में दो, शिवपुरी में दो और खरगौन के कोरोना पॉजीटिव मरीज शामिल हैं। इनमें से प्रदेश में अब तक आठ कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में पांच इंदौर, दो उज्जैन और एक खरगौन का मरीज शामिल है।
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2 April 2020इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में गुरुवार को एक और कोरोना संक्रमित महिला की मौत हो गई। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या चार पहुंच गई है, जबकि मध्यप्रदेश में यह कोरोना से सातवीं मौत है। इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार, कोरोना संक्रमित 65 वर्षीय जेतून बी को 29 मार्च को इंदौर के एमआरटीबी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां गुरुवार को सुबह साढ़े बजे जेतून बी की मौत हो गई। इससे पहले इंदौर में तीन, उज्जैन में दो और खरगौन में एक कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा सात पर पहुंच गया है।कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पहुंची 98इंदौर में 12 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। बुधवार को देर रात स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में इसकी पुष्टि हुई है। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 75 और पूरे मध्यप्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढक़र 98 पहुंच गई है। इनमें से अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है।इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि बुधवार रात एमजीएम मेडिकल कालेज की वायरोलॉजी लैब द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में 12 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से आठ की हालत गंभीर है। रिपोर्ट के अनुसार तंजीम नगर के तीन पुरुष पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा चंदन नगर से 80 वर्षीय महिला पॉजिटिव पाई गई है। यह अब तक की सबसे उम्रदराज पॉजिटव महिला है। खजराना और स्नेहलतागंज से 38 वर्षीय पुरुष और 53 वर्षीय महिला पॉजिटिव पाई गई है। इन नये 12 मामलों को मिलाकर इंदौर में अब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढक़र 75 हो गई। इंदौर में सामने आए इन 12 नए मामलों के बाद मध्यप्रदेश में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 98 हो गई है। इनमें इंदौर में 75, जबलपुर में आठ, भोपाल में चार, उज्जैन में छह, ग्वालियर में दो, शिवपुरी में दो और खरगौन के कोरोना पॉजीटिव मरीज शामिल हैं। इनमें से प्रदेश में अब तक सात कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में चार इंदौर, दो उज्जैन और एक खरगौन का मरीज शामिल है।
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2 April 2020इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में गुरुवार को एक और कोरोना संक्रमित महिला की मौत हो गई। एमजीएम मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या चार पहुंच गई है, जबकि मध्यप्रदेश में यह कोरोना से सातवीं मौत है। इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार, कोरोना संक्रमित 65 वर्षीय जेतून बी को 29 मार्च को इंदौर के एमआरटीबी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां गुरुवार को सुबह साढ़े बजे जेतून बी की मौत हो गई। इससे पहले इंदौर में तीन, उज्जैन में दो और खरगौन में एक कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा सात पर पहुंच गया है।कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या पहुंची 98इंदौर में 12 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। बुधवार को देर रात स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में इसकी पुष्टि हुई है। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 75 और पूरे मध्यप्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढक़र 98 पहुंच गई है। इनमें से अब तक सात लोगों की मौत हो चुकी है।इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि बुधवार रात एमजीएम मेडिकल कालेज की वायरोलॉजी लैब द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में 12 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से आठ की हालत गंभीर है। रिपोर्ट के अनुसार तंजीम नगर के तीन पुरुष पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके अलावा चंदन नगर से 80 वर्षीय महिला पॉजिटिव पाई गई है। यह अब तक की सबसे उम्रदराज पॉजिटव महिला है। खजराना और स्नेहलतागंज से 38 वर्षीय पुरुष और 53 वर्षीय महिला पॉजिटिव पाई गई है। इन नये 12 मामलों को मिलाकर इंदौर में अब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढक़र 75 हो गई। इंदौर में सामने आए इन 12 नए मामलों के बाद मध्यप्रदेश में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 98 हो गई है। इनमें इंदौर में 75, जबलपुर में आठ, भोपाल में चार, उज्जैन में छह, ग्वालियर में दो, शिवपुरी में दो और खरगौन के कोरोना पॉजीटिव मरीज शामिल हैं। इनमें से प्रदेश में अब तक सात कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में चार इंदौर, दो उज्जैन और एक खरगौन का मरीज शामिल है।
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2 April 2020भोपाल/इंदौर। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों से अन्य शहरों की स्थिति सामान्य हो गई है, लेकिन इंदौर में हालत लगातार बिगड़ती जा रही है। यहां 12 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। बुधवार को देर रात स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में इसकी पुष्टि हुई है। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 75 और पूरे मध्यप्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढक़र 98 पहुंच गई है। इनमें से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है। इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि बुधवार रात एमजीएम मेडिकल कालेज की वायरोलॉजी लैब द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में 12 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से आठ की हालत गंभीर बताई गई है। इस महामारी ने शहर के 06 नए इलाकों में दस्तक दे दी है। इससे चिंता और बढ़ गई है। रिपोर्ट के अनुसार तंजीम नगर के तीन पुरुष पॉजिटिव पाए गए हैं। एक दिन पहले इसी इलाके से एक ही परिवार के 9 सदस्य पॉजिटिव मिले थे। इसके अलावा चंदन नगर से 80 वर्षीय महिला पॉजिटिव पाई गई है। यह अब तक की सबसे उम्रदराज पॉजिटव महिला है। खजराना और स्नेहलतागंज से 38 वर्षीय पुरुष और 53 वर्षीय महिला पॉजिटिव पाई गई है। इन नये 12 मामलों को मिलाकर इंदौर में अब कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढक़र 75 हो गई। कलेक्टर ने बताया कि यहां पॉजिटिव मरीजों के मामले अभी और बढ़ सकते हैं, जिसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह तैयार है। इंदौर में सामने आए इन 12 नए मामलों के बाद मध्यप्रदेश में कुल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 98 हो गई है। इनमें इंदौर में 75, जबलपुर में आठ, भोपाल में चार, उज्जैन में छह, ग्वालियर में दो, शिवपुरी में दो और खरगौन के कोरोना पॉजीटिव मरीज शामिल हैं। इनमें से प्रदेश में अभ तक छह कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में तीन इंदौर, दो उज्जैन और एक खरगौन का मरीज शामिल है।
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2 April 2020भोपाल/इंदौर। मध्यप्रदेश के अन्य शहरों में कोरोना संक्रमण का फैलाव रुक गया है, लेकिन इंदौर में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी चिंतित हैं। उन्होंने सोमवार को देर शाम वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिये इंदौर कलेक्टर से शहर की जानकारी ली। इसके बाद सीएम ने मंगलवार सुबह भी फोन पर कलेक्टर मनीष सिंह से पूरा फीडबैक लिया और उन्हें हर तरह की शासन से मदद भिजवाने की बात भी कही। वहीं, मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कलेक्टर मनीष सिंह को फ्री हैंड भी दे दिया है। वे इसकी रोकथाम के लिए अब हर तरह का निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। बता दें कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक मरीज इंदौर में ही मिले हैं। यहां अब तक 44 मरीज कोरोना पॉजीटिव पाए गए हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम में लापरवाही के चलते ही यहां कलेक्टर और डीआईजी का दो दिन पहले तबादला किया गया था और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने भरोसेमंद अधिकारी मनीष सिंह को इंदौर कलेक्टर और हरिनारायण चारी मिश्रा को डीआईजी बनाकर भेजा है। मुख्यमंत्री ने इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह से सोमवार को देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चर्चा कर सख्ती से लॉकडाउन का पालन करवाने के निर्देश दिये। वहीं, मंगलवार सुबह भी मुख्यमंत्री ने काफी देर तक कलेक्टर मनीष सिंह से फोन पर चर्चा की और शहर के वर्तमान हालातों की जानकारी ली।कलेक्टर ने मुख्यमंत्री को 17 और नये मरीजों के पॉजिटिव पाये जाने की जानकारी दी, तो मुख्यमंत्री ने उन्हें हर तरह की मदद करने की बात कही, जिसमें शासन की ओर से पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराने से लेकर काबिल अफसरों की तैनाती और जनप्रतिनिधियों से भी पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि संकट की इस घड़ी में पूरा प्रशासन मुस्तैदी से जुटा हुआ है और हम जल्द ही कोरोना पर काबू पा लेंगे। इंदौर में सात दिन रहेगी सख्तीइंदौर में बीते 2 दिनों से पुलिस प्रशासन ने लॉकडाउन और कफ्र्यू के मामले में सख्ती कर रखी है। हालांकि, सोमवार शाम को दूध वितरण के लिये 2 घंटे की जो ढील दी गई थी, उसका भी लोगों ने दुरुपयोग किया और भीड़ के रूप में सडक़ों पर उतर आये, जिसके चलते मंगलवार सुबह घरों तक ही दूध पहुंचाने के इंतजाम किये गये, क्योंकि कोरोना मरीजों की संख्या बढऩे के चलते अब प्रशासन का कहना है कि 7 दिनों तक सख्ती रहेगी। कोई भी व्यक्ति अपने घर से बाहर न निकले।कलेक्टर मनीष सिंह ने सोमवार को ही इंदौर को टोटल लॉकडाउन कर सभी तरह आपूर्ति और सेवाओं पर रोक लगा दी थी, लेकिन नागरिकों की मांग पर शाम पांच से सात बजे तक दूध की सप्लाई की छूट दी गई थी। दो घंटे दूध वितरण की छूट मिलने पर लोग घरों से निकल पड़े और सडक़ों पर भीड़ जमा हो गई। इसे देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने फिर सख्ती से दूध की सप्लाई पर भी रोक लगा दी और आदेश दिया कि अब लोगों के घरों पर दूध का वितरण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगले 7 दिन इसी तरह की सख्ती कायम रहेगी और दूध घरों तक पहुंचाया जायेगा। मंगलवार सुबह से इसकी व्यवस्था भी की गई है। प्रयास यह भी किये जा रहे हैं कि लोगों को अधिक से अधिक दूध पावडर के पैकेट दिये जायें, ताकि वे अगले 4-5 दिन घर पर ही दूध तैयार कर सकें।इधर डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्रा ने मंगलवार सुबह सेट पर सभी थाना प्रभारियों को आदेश दिया कि वे मुख्य सडक़ों के चौराहों के अलावा गली-मोहल्ले में भी जाकर लोगों को घरों में रहने की हिदायतें दें। ज्यादातर लोग घर के बाहर इकट्ठे हो रहे हैं और फालतू की चर्चाओं में मशगूल हैं। वहीं कई लोग इकट्ठे होकर जुआं-सट्टा भी खेल रहे हैं, जिन पर सख्ती की जाना आवश्यक है।
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31 March 2020भोपाल। लॉकडाउन के चलते अपने देश नहीं लौट पाए छात्र छात्राओं को अब रेस्क्यू किया जाएगा । भोपाल सहित अन्य राज्यो से तकरीबन 500 लोग पढ़ाई करने या टूरिस्ट वीजा पर इटली और ईरान गए हुए है थे जिनको अब भोपाल लाया जा रहा है । बात दें कि एक विशेष हवाई जहाज द्वारा 02 अप्रैल को करीबन 500 लोगो के भोपाल पहुचने की उम्मीद है जहां भोपाल के ई एम ई सेंटर में इनके लिए बनाया 500 बेड का अस्पताल बनाया गया है । जहाँ इन्हें 14 दिन तक क्वारटाइन किया जाएगा। यह आइसोलेन वार्ड सेना के अधिकारियों की सतत निगरानी में तैयार किया गया है इस आइसोलेशन वार्ड की निगरानी खुद सेना के अफसर करेंगे।
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31 March 2020इंदौर। देश की मिनी मुंबई कहलाने वाले इंदौर शहर में कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रही है। इंदौरवासियों के लिए एक ओर चिंता की खबर है। इंदौर से भोपाल भेजे गए 40 सैंपल्स में से 17 मरीज कोरोना पॉजिटिव आए हैं। सभी मरीज इंदौर के हैं। इसके साथ ही इंदौर में कोराना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या 40 पार यानि कुल 44 मरीज हो गए है। इंदौर प्रशासन ने इसकी पुष्टि की है और साथ ही कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को बहुत ही चिंताजनक बताया है। कोरोना संक्रमण के चलते जहां अब तक इंदौर में 3 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, वही अब यहां कोरोना संक्रमण के शिकार लोगों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इंदौर के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को रविवार को इंदौर से भोपाल भेजे गए 40 सैंपल की जांच रिपोर्ट मिली है। रिपोर्ट में 17 लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए है और अब स्वास्थ्य विभाग सभी 17 लोगों को संक्रमण के दृष्टिकोण से इलाज में जुट गया है। बताया जा रहा है कि भोपाल से आई रिपोर्ट में 17 मरीजो में कोरोना की पुष्टि होने के बाद अब इंदौर में कोरोना पॉजिटिव मरीजो की संख्या 42 तक पहुंच गई है। वही 13 मरीजों की दोबारा जांच आईसीएमआर के निर्देश के अनुसार की जा रही है जिन्हें अभी संदिग्ध माना जा रहा है। फिलहाल, अकेले इंदौर में कोरोना से 3 मौत हो चुकी है वही पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढक़र 44 तक जा पहुंची है जो इंदौर के लिए एक बड़े खतरे की घन्टी माना जा रहा है। उल्लेखनी है कि कोरोना संक्रमण के मामले में इंदौर संक्रमित शहरों की सूची में आठवें नंबर पर है। वहीं कोरोना संक्रमण से मौत के मामले में भी मप्र दूसरे नंबर पर है। अब तक कोरोना से सबसे ज्यादा मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं उसके बाद दूसरे नंबर पर मप्र है।
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31 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। शनिवार देर रात एमजीएम मेडिकल कॉलेज से जारी की गई जांच रिपोर्ट में पांच नये कोरोना संक्रमित मरीजों की पुष्टि हुई है। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 24 और मध्यप्रदेश में 39 हो गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जड़िया ने बताया कि शनिवार-रविवार की दरमियानी रात करीब एक बजे जारी की गई हेल्थ रिपोर्ट में पांच नए कोरोना संक्रमित मरीज सामने आए हैं। इसमें चार पुरुष मरीज इंदौर के और एक महिला उज्जैन की है। इसके साथ ही इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 24 पहुंच गई है। इनमें 19 इंदौर के, चार उज्जैन के और एक खंडवा का रहने वाला है। इन 24 संक्रमित मरीजों में से अब तक दो की मौत हो चुकी है, जबकि शेष का आइसोलेशन में उपचार जारी है। इसके अलावा जबलपुर में आठ, भोपाल में तीन, शिवपुरी में दो और ग्वालियर में दो कोरोना पॉजीटिव मरीज मिले हैं। जानकारी के अनुसार इंदौर के एक अस्पताल से कोरोना वायरस संक्रमित दो मरीजों ने भागने की कोशिश की, लेकिन बाद में उन्हें पकड़ लिया गया। बताया जा रहा है कि एमआरटीबी अस्पताल में भर्ती कोरोना पॉजिटिव दो मरीज रविवार सुबह अस्पताल से भाग गए थे। तलाशी के बाद दोनों को खजराना से पकड़ा गया। इस मामले में अस्पताल प्रशासन की बड़ी लापरवाही माना जा रहा है। अब उसके संपर्क में आए लोगों की भी जांच की जा रही है।
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29 March 2020इंदौर। नवागत कलेक्टर मनीष सिंह ने रविवार को बिना किसी देरी के शहर में कंप्लीट लॉक डाउन के आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर अब धीरे-धीरे प्रशासन शक्ति बढ़ाता जाएगा। जनता से अनुरोध है कि कुछ दिनों थोड़ी परेशानियों का सामना कर लें, क्योंकि कोविड- 19 को आज संयमित नहीं किया गया तो कल वह बहुत ही भयावह स्थिति बन कर उभरेगा। ज्यादा केस वाले स्थान पूर्ण रूप से प्रतिबंधितकलेक्टर ने बताया कि ऐसे स्थान जहां पर कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या ज्यादा है वे पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहेंगे। रानीपुरा, नयापुरा ,चंदन नगर ,हाथीपाला, दौलतगंज आदि स्थानों पर ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है। आज रानीपुरा को टेकओवर किया जा रहा है। इस स्थान के आसपास की रोड को लॉक डाउन करके स्क्रीनिंग भी की जाएगी। स्क्रीनिंग के पश्चात दवाइयां भी बटवाई जाएंगी। इस प्रकार चयनित स्थानों पर ऐसे व्यक्ति जिनकी उम्र 55 साल से अधिक है तथा जिन्हें हृदय रोग अथवा डायबिटीज की परेशानी है, उन्हें दवा का कितना डोज देना है, यह भी निश्चित किया जा रहा है।प्राइवेट अस्पतालों से पूर्ण सहयोग की अपेक्षाजिलाधीश ने बताया कि हमारी प्राथमिकता ऐसे मरीजों को अलग करना है जो हाई रिस्क कैटेगरी में आते हैं अर्थात जिन्हें क्वॉरेंटाइन करने की जरूरत है। ऐसे मरीजों को आइसोलेट करके रखा जाएगा। इसके लिए अलग से दो-तीन हॉस्पिटल तय कर मरीजों को शिफ्ट किया जाएगा। क्वॉरेंटाइन के लिए मैरिज गार्डन भी लिए जा रहे हैं जहां मरीजों के भोजन संबंधी उचित व्यवस्थाएं भी रहेंगी।स्वयंसेवी संस्थाओं को दी गई छूट निरस्तगरीब, विकलांग, वृद्ध, आश्रित लोगों के सेवा कार्य की इच्छुक सामाजिक संस्थाओं के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश में छूट दी गई थी। पूर्व में दिए गए निर्देशों के अनुसार कुछ निश्चित संस्थाएं गरीबों, आश्रितों,वृद्धों एवं विकलांगों की मदद हेतु भोजन पैकेट, दवाइयां आदि उपलब्ध करा सकेंगे। कलेक्टर मनीष सिंह ने इस आदेश को निरस्त किया है। उन्होंने बताया कि प्रशासन अलग से लगभग 10 हजार भोजन पैकेट की व्यवस्था कर रहा है। जिसके द्वारा जरूरतमंदों की मदद की जाएगी साथ ही दवा तथा इलाज संबंधी व्यवस्था भी बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इस समय प्रशासन का मुख्य उद्देश्य लोगों को घरों में रहने के लिए प्रेरित करना है जिससे कि कोरोना वायरस के संक्रमण की जंजीर को तोड़ा जा सके।वाहनों के लिए शुरू किया गया ऑड-इवन क्लोज आदेश भी निरस्तवहीं, वाहनों के लिए शुरू किया गया ऑड-इवन, क्लोज आदेश निरस्त किया गया है। इसका उद्देश्य लोगों को घर में रहने के लिए प्रेरित करना एवं सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना है। इंदौर कोरोना वायरस के संक्रमण की जिस स्टेट से गुजर रहा है उस समय यह अतिआवश्यक है कि लोग घर में ही रहें और बाहर बिल्कुल भी ना जाएं।उन्होंने बताया कि हॉस्टल में रहने वाले बच्चों की भोजन व्यवस्था हॉस्टल मालिकों तथा मजदूरों के लिए इसी प्रकार की व्यवस्था ठेकेदार के द्वारा की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह हॉस्टल मालिकों तथा ठेकेदारों की जिम्मेदारी बनती है कि वे समुचित व्यवस्था बनाएं अन्यथा उनके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।उन्होंने लोगों से अपील की कि, इस वक्त ज्यादा हरी सब्जियां भी ना खरीदें। क्योंकि सब्जियां भी कई स्तर से होते हुए घर में पहुंचती है तथा इनमें भी वायरस पाए जाने की संभावना बनी रहती है। अत: इस घड़ी में कम साधनों में आवश्यकता की पूर्ति करना ही बेहतर है।संभागायुक्त एवं एडीजी ने किया खजराना एवं रानीपुरा इलाके का निरीक्षणइधर, सम्भागायुक्त आकाश त्रिपाठी और एडीजी विवेक शर्मा ने रविवार को शहर के खजराना और रानीपुरा इलाकों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कर्फ्यू व्यवस्थाएं देखीं। उल्लेखनीय है कि करोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए जिले में धारा 144 के अंतर्गत जिले में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। शहर में कर्फ्यू के दौरान सारी व्यवस्थाएं नियमित रूप से जारी रहें तथा कोई भी व्यक्ति कर्फ्यू का उल्लंघन ना करें इसके लिए कमिश्नर, कलेक्टर, नगर निगम तथा पुलिस विभाग द्वारा नियमित रूप से भ्रमण किया जा रहा है।
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29 March 2020भोपाल। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए किये जा रहे ऐहतियातन प्रयासों के बीच मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार शाम को फेसबुक लाइव के माध्यम से प्रदेश के नागरिकों से रू-ब-रू हुए। उन्होंने प्रदेशवासियों से बातकर बड़ा ऐलान किया कि जिन फैक्ट्रियों में मजदूर काम करते थे और लॉकडाउन की वजह से वह काम पर नहीं जा रहे हैं, उन सभी मजदूरों को घर बैठने पर मजदूरी का पैसा मिलेगा। फैक्ट्री प्रबंधन उनकी मजदूरी का पैसा बराबर देगा और ऐसा नहीं करने पर फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार शाम को छह बजे फेसबुक लाइव पर मजदूरों से अपील करते हुए कहा कि वह जहां हैं, वही रहें। उनके रहने खाने की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री लगातार दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री से संपर्क में है। उनको उन राज्यों में उत्तम सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने किसानों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि बिन मौसम बरसात से हुए नुकसान पर किसान भाइयों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्हें खाद बीज की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। न ही किसी जरूरी सामान की कमी की जाएगी। मुख्यमंत्री ने जनता से अपील करते हुए कहा कि इस समय प्रदेशवासी घर में ही रहें। हम अपने प्रदेशवासियों के लिए हर समय सहायता कर रहे हैं। सरकार सबके भोजन की व्यवस्था में जुटी हुई है। उनके पास राशन कार्ड नहीं उन्हें भी राशन दिया जाएगा। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वह सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखें। पीडि़त से सहानुभूति का भाव रखें। सीएम शिवराज ने स्वास्थ्य के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि कोरोना के लिए एक लाख टेस्ट किट का आर्डर दिया गया है। इस महामारी के संक्रमण को रोकने और इसके इलाज के लिए भी पूरी व्यवस्था की गई है। इलाज को लेकर लोगों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जनता के लिए 1 लाख 70 हजार करोड़ का पैकेज दिया है। हम लोग कोरोना से लड़ेंगे और इससे जीतेंगे भी। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वह अपने परिवार को समय दें, योग-व्यायाम करते रहें, प्रधानमंत्री जी की बातों का पालन करें और इलाज को लेकर किसी तरह की चिंता ना करें।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फेसबुक लाइव पर मेडिकल स्टाफ, पुलिस प्रशासन, सफाई कर्मी डॉक्टर स्वयंसेवी संस्था एवं पत्रकारों को बधाई देते हुए कहा कि सभी लोग इस संकट के समय में अपने कर्तव्य का बहुत अच्छे ढंग से निर्वहन कर रहे हैं। डॉक्टर जान जोखिम में डालकर काम कर रहे हैं तो कहीं स्वयंसेवी संस्था भी मदद के लिए आगे आई हैं। पत्रकार मित्र लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं तो वहीं पुलिस प्रशासन मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि समाज की ताकत हिम्मत देती है, हमें विश्वास है कि कोरोना को लडक़र हम इसे अवश्य परास्त करेंगे। कोरोना से डरने की जरूरत नहीं बस लॉक डाउन का पालन करें क्योंकि घर पर रहकर ही कोरोना को हराया जा सकता है।
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29 March 2020भोपाल। मध्य पदेश में इस वक्त सबसे अधिक इंदौर में 19 पॉजिटिव कोराना वायरस संक्रमित मिल रहे हैं तो वह इंदौर शहर ही है, जिसे देश में सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा प्राप्त है। एक तरफ जहां इस जिले में कोविड-19 महामारी का प्रकोप है तो दूसरी ओर यहां बड़ी प्रशासनिक सर्जरी हुई है। ऐसे नाजुक वक्त में शासन ने कलेक्टर का स्थानान्तरण कर दिया है। अब इंदौर के नए डीएम मनीष सिंह होंगे जोकि लोकेश जाटव का स्थान लेंगे। जाटव को अब सचिव मध्यप्रदेश शासन बनाया गया है। हालांकि अभी सामान्य प्रशासन विभाग की अधिकारिक वेबसाइट पर इसकी सूचना सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज शनिवार अचानक से लोकेश जाटव का यहां से स्थानातरण किया गया है। इनके स्थान पर आए मनीष सिंह अभी प्रबंध संचालक, मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी, भोपाल थे, जबकि इसके पहले उप सचिव, नगरीय विकास एवं आवास भी वे रह चुके हैं। उधर, 2004 बैच के आईएएस लोकेश जाटव दिसम्बर 2018 को इंदौर कलेक्टर बनने के पूर्व अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के पद पर भोपाल में पदस्थ रहने के साथ ही इससे पहले डिंडोरी, राजगढ़, नीमच, मंडला और रायसेन में वे कलेक्टरी कर चुके हैं और इस लिहाज से इंदौर उनका एक जिलाधीश के नाते छठा जिला था।
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28 March 2020भोपाल। कोरोना वायरस के चलते देशभर के साथ मप्र में भी 14 अप्रैल तक लॉकडाउन रहेगा। लॉकडाउन के चलते आमजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। शिक्षा के क्षेत्र में इसका बुरा प्रभाव पड़ा है। कोरोना के कारण बनी गंभीर स्थिति के कारण सभी परिक्षाएं स्थगित करनी पड़ी है। वहीं जिन कक्षाओं की परिक्षाएं हो चुकी है उनकी कॉपी जांचने और रिजल्ट बनाने का काम भी नहीं हो सकता। ऐसी स्थिति कब तक रहेगी यह भी स्पष्ट नहीं है। इस कारण सरकार ने इन छात्रों को जनरल प्रमोशन देने का विचार कर रही है। माध्यमिक शिक्षा मंडल ने सभी कक्षाओं की परिक्षाएं लॉकडाउन के कारणा स्थगित कर दी है। साथ ही कापी जांचने और रिजल्ट बनाने का काम भी स्थगित कर दिया है। ऐसे में राज्य सरकार ने अभी पहली से नौंवी कक्षा के छात्र-छात्राओं को जनरल प्रमोशन देने का विचार कर रही है। इस बीच मध्य प्रदेश सरकार 10वीं क्लास के छात्रों को जनरल प्रमोशन दिए जाने पर विचार कर रही है। इसे लेकर राज्य सरकार जल्द ही ऐलान कर सकती है। छात्रों को उनके सालभर के प्रदर्शन के आधार पर प्रमोशन दे दिया जाएगा। हालांकि, 12वीं के अंकों के आधार पर कॉलेजों में दाखिला दिया जाता है इसलिए हायर सेकंडरी में ऐसा नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि सरकारी स्कूलों ने 9वीं और 11वीं का परिणाम घोषित कर दिया है। जानकारी के मुताबिक कुछ सीबीएसई स्कूल भी पहली से आठवीं तक के छात्रों को उनके परफार्मेंस के आधार पर जनरल प्रमोशन दे सकते हैं।
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28 March 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को शहर में कोरोना के कारण लागू लॉकडाउन में आमजन को मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने शहर के कुछ हिस्सों में अकेले पहुंचकर प्रशासन द्वारा की गई विभिन्न व्यवस्थाएं देखीं। चौहान ने सोशल डिस्टेंसिंग तथा लॉक डाउन के दौरान रखी जाने वाली सारी सावधानियों को रखते हुए तथा नियमों का पालन करते हुए यह भ्रमण किया। मुख्यमंत्री चौहान ने सफाई व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था और आवश्यक चीजों की आपूर्ति करने वालों को धन्यवाद देते हुए उनसे रोग से बचाव के उपाय अपनाने की जानकारी ली। उन्होंने संक्रामक रोग से बचाव के लिए आमजन द्वारा मास्क के उपयोग, परस्पर दूरी बनाकर रखने और अपनाई जा रही अन्य सावधानियों का भी जायजा लिया। नागरिकों की सजगता को सराहा मुख्यमंत्री ने भोपाल के नागरिकों की सजग भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने इस दौरान शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों, नागरिक सुविधाएं प्रदान करने वाले व्यक्तियों और कुछ नागरिकों से भी उनका हालचाल पूछा। मुख्यमंत्री ने डयूटी पर तैनात पुलिस स्टाफ की हौसला अफजाई की और उन्हें परिवार छोड़कर दायित्व निर्वहन के लिए धन्यवाद दिया। विभिन्न क्षेत्रों का किया निरीक्षण मुख्यमंत्री चौहान ने भोपाल के बिट्टन मार्केट, शाहपुरा, सर्व धर्म नगर, मंदाकिनी तिराहा, नयापुरा तिराहे और बैरागढ़ चीचली क्षेत्र में बगैर सुरक्षा व्यवस्था पहुंचकर नागरिकों को मिल रही सुविधाओं को देखा। इस दौरान उन्होंने पेट्रोल पंप, मेडिकल स्टोर, किराना शॉप पर अत्यावश्यक नागरिक सुविधाओं के प्रदाय की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कोलार रोड पर एक निजी मेडिकल अस्पताल का भी अवलोकन किया और वहां उपलब्ध उपचार सुविधाएं देखीं। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री चौहान प्रतिदिन राज्य में रोग से बचाव के प्रयासों की समीक्षा भी कर रहे हैं।
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28 March 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस (कोविड-19) का कहर बढ़ता ही जा रहा है। जबलपुर से शुरू हुआ राजधानी भोपाल, ग्वालियर अंचल से होते हुए मिनी मुंबई और राज्य की आर्थिक राजधानी इंदौर तक फैल चुका है। यहां तक कि महाकाल की नगरी उज्जैयनी को भी नहीं छोड़ा और मरीजों की संख्या 14 तक हो चुकी है। प्रशासन ने एतिहातन सूबे के जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर, शिवपुरी के बाद उज्जैन में कर्फ्यू लगा दिया है। और अब इंदौर में भी लगाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं पूरी स्थिति पर नजर रख रहे हैं। दरअसल, मध्य प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर में कोरोना वायरस के पांच और मरीज मिले हैं। बुधवार की सुबह इसकी पुष्टि हुई है। इसी के साथ अब प्रदेश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 14 हो गई है। संभागायुक्त‑कलेक्टर सहित स्वास्थ्य विभाग का अमला सबसे पहले हास्पिटल पहुंचा और डाक्टरों से मरीजों की जानकारी हासिल की। सुबह संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी और कलेक्टर लोकेश जाटव ने इन पांचों कोरोना मरीजों की अधिकृत पुष्टि की। कलेक्टर इंदौर लोकेश कुमार जाटव ने कहा है कि इस बात को लेकर पैनिक की आवश्यकता नहीं है। सभी मरीज़ों की हालत स्थिर है और वे चिकित्सीय निगरानी में हैं। सभी का बेहतर इलाज हो रहा है और अन्यत्र संक्रमण नहीं हो, इसके पुख़्ता इंतज़ाम किए गए हैं। जिन पांच मरीजों में कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया है, उनमें स्नेह नगर निवासी अग्रवाल परिवार के दो युवक हैं। एक मरीज चंदन नगर और दूसरा रानीपुरा का बताया गया है। तीन युवक बॉम्बे हास्पिटल, एक अरिहंत हास्पिटल में और चौथे मरीज को एमवाय अस्पताल में भर्ती किया गया है। बॉम्बे अस्पताल में भर्ती तीन लोग ऋषिकेश से लौटे हैं। इनमें से किसी की फॉरेन हिस्ट्री नहीं है। फिर भी विभाग पता कर रहा है कि ये किसके संपर्क में आए हैं। उल्लेखनीय है कि पूरे देश में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्र के संबोधन के बाद से लॉकडाउन कर दिया गया है। लॉकडाउन के चलते यहां मध्य प्रदेश में इस समय कर्फ्यू जैसी स्थिति है। प्रशासन लगातार अनुरोध कर रहा है कि यदि कोई भी स्वास्थ्य या अन्य समस्या है तो कॉल सेंटर के माध्यम से संपर्क करें। मप्र में अभी तक की स्थिति: भोपाल: 1जबलपुर: 6ग्वालियर: 1शिवपुरी: 1 इंदौर: 4 उज्जैन: 1
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25 March 2020राजगढ़। पिछली कांग्रेस सरकार के शासन मे थप्पड़ कांड को लेकर चर्चित हुई जिले की कलेक्टर निधि निवेदिता और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा को प्रदेश की भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही हटा दिया है। उक्त दोनों को हटाए जाने की मांग तत्कालीन विपक्षी दल भाजपा ने जोरदार तरीके से की थी। अब राजगढ़ के नए कलेक्टर 2012 बैच के आईएएस नीरजकुमार सिंह होंगे।सामान्य प्रशासन विभाग की प्रमुख सचिव कार्मिक दीप्ति गौड़ मुखर्जी के हस्ताक्षर से मंगलवार शाम को जारी तबादला आदेश मे राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता को वल्लभ भवन भोपाल मे उप सचिव पदस्थ किया गया है। वहीं उप सचिव नीरज सिंह को राजगढ़ कलेक्टर बनाकर भेजा गया है। वहीं, डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा को भी राजगढ़ से हटाकर वल्लभ भवन मे संलग्न किया है। गौरतलब है कि 19 जनवरी 2020 को सीएए के समर्थन मे सामाजिक संगठनों के आव्हान पर जिले के ब्यावरा में तिरंगा महारैली निकाली जानी थी। पहले अनुमति देकर महारैली के ठीक एक दिन पूर्व 18 जनवरी की रात 10 बजे कलेक्टर ने जिले मे धारा 144 लागू कर दी थी। इसके बाद भी जब लोगों ने तिरंगा महारैली निकाली तो कलेक्टर निधि निवेदिता ने पूर्व विधायक अमरसिंह यादव से झूमा झटकी की थी। उन्होंने हाथ जोड़कर रैली निकालने का आग्रह कर रहे भाजपा के मीडिया प्रभारी रवि बड़ोने को थप्पड़ जड़ दिया था। डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा भी आवेशित होकर भीड़ के बीच पहुँच गई थी। उन्होंने कार्यकर्ताओं पर अभद्रता के आरोप लगाए थे।
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25 March 2020भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कुर्सी संभालते ही ताबड़तोड़ फैसले लेने शुरू कर दिए है। राजगढ़ कलेक्टर और रीवा नगर निगम आयुक्त के तबादले के बाद सरकार ने एक ओर बढ़ा कदम उठाया है। मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य महिला आयोग, पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष और बाल अयोग अध्यक्ष के पदों पर की गई नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि ओझा को राज्य महिला आयोग का अध्यक्ष बनाए जाने वाली अधिसूचना को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया गया है। इससे पूर्व राज्य सरकार ने 16 मार्च को अधिसूचना जारी कर ओझा को राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया था। इसके अलाावा पिछड़ा वर्ग आयोग अध्यक्ष पद पर जेपी धनोपिया, बाल आयोग अध्यक्ष पद से अभय तिवारी, अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष प्रदीप अहीरवार और सदस्य गुरुचरण खरे, राज्य अल्पसंख्यक आयोग में नियुक्त नूरी खान समेत सभी नियुक्ति आदेशों को निरस्त कर दिया है। यह सभी नियुक्ति कमलनाथ ने सरकार गिरने के एक सप्ताह पहले ही की थी।
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25 March 2020भोपाल। मध्य प्रदेश की पंद्रहवीं विधानसभा का छठवां सत्र मंगलवार अपने समय सुबह ठीक 11 बजे शुरू हुआ, जिसमें सरकार के प्रति विश्वास प्रस्ताव लाया गया जो सर्वसम्मति से पास हो गया। इस दौरान कांग्रेस का सदन में कोई भी विधायक नहीं पहुंचा। इसके साथ ही आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भाजपा सरकार ने सदन में बहुमत हासिल कर लिया है। सदन की पूरी कार्यवाही के लिए सभापति जगदीश देवड़ा को बनाया गया था। इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही 27 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई। भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने आज सदन की कार्यवाही के बाद बताया कि सभापति तालिका जीवित थी, इसलिए सभापति के रूप में वरिष्ठ सदस्य जगदीश देवड़ा उपस्थित थे, सदन में कोई प्रोटेम स्पीकर नहीं बनाया गया था क्योंंकि हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि बहुमत के लिए हमें 104 सदस्य सदन में चाहिए थे, जिसमें कि सदन में इससे कहीं अधिक सदस्य आज उपस्थित हुए। निर्दलीय विधायक भी यहां उपस्थित हुए, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की शिवराज सरकार के प्रति अपना भरोसा जताया। उल्लेखनीय है कि सरकार इस सत्र में लेखानुदान लाएगी। आज के सत्र के पहले भारतीय जनता पार्टी ने मध्यप्रदेश विधानसभा के चार दिवसीय सत्र को लेकर व्हिप जारी कर समस्त विधायक को सदन की कार्यवाही में अनिवार्य रुप से उपस्थित रहने को कहा था। भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक नरोत्तम मिश्रा ने व्हिप जारी करते हुए सभी पार्टी विधायकों को निर्देशित किया था कि वे 24 मार्च को प्रारंभ हो रहे विधानसभा के सम्पूर्ण सत्र में सदन की पूरी कार्यवाही में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें।
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24 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में नयी सरकार के गठन के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति द्वारा अपने पद से दिए गए त्यागपत्र को मंजूर कर लिया गया है। एनपी प्रजापति ने सोमवार देर रात नई सरकार के गठन के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसे मंगलवार सुबह मंजूर कर लिया गया है। एनपी प्रजापति ने विधानसभा उपाध्यक्ष को लिखे पत्र में कहा है कि वे नैतिकता के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देते हैं। उन्होंने इसे तुरंत स्वीकार करने का अनुरोध किया था। भाजपा ने विधायकों को जारी किया व्हीप वहीं भाजपा ने मध्यप्रदेश विधानसभा के चार दिवसीय सत्र को लेकर मंगलवार को अपने विधायकों को व्हिप जारी कर सदन की कार्यवाही में अनिवार्य रुप से उपस्थित रहने को कहा है। भाजपा विधायक दल के मुख्य सचेतक नरोत्तम मिश्रा द्वारा पार्टी की ओर से व्हिप जारी किया गया, जिसमें निर्देशित किया गया है कि भाजपा के समस्त विधायक 24 मार्च को प्रारंभ हो रहे विधानसभा के सम्पूर्ण सत्र में सदन की सम्पूर्ण कार्यवाही में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहे और आज सरकार द्वारा सदन में लाए जा रहे विश्वास मत प्रस्ताव के पक्ष में अनिवार्य रूप से मतदान करें।
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24 March 2020भोपाल, 23 मार्च (हि.स.)। शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार रात 9 बजे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चौहान प्रदेश के इतिहास में ऐसे पहले नेता हैं, जो चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं। राजभवन में हुए एक सादा समारोह में राज्यपाल लालजी टंडन ने उन्हें प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण कार्यक्रम का संचालन मुख्य सचिव एम.गोपाल रेड्डी ने किया। शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ एवं सुश्री उमा भारती, भारतीय जनता पार्टी के विधायक एवं अधिकारीगण उपस्थित थे। मध्य प्रदेश में भाजपा ने 15 साल अपनी सत्ता चलाई थी, उसके बाद बीच में 15 महीने कांग्रेस की सरकार रहने के बाद फिर भाजपा की सरकार एक बार यहां आ गई है। इससे पहले शिवराज 2003, 2008 और 2013 में मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके मुख्यमंत्री बनने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित अनेक नेताओं ने उन्हें बधाई दी है। कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान के शपथ लेने पर मैं उन्हें बधाई देता हूं। साथ ही उम्मीद करता हूं कि कांग्रेस सरकार द्वारा विगत 15 माह में शुरू किये गये जनहितैषी कार्यों, निर्णयों व योजनाओं को प्रदेशहित में वे आगे बढ़ाएंगे। वहीं शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम सब मिलकर प्रदेश को नम्बर एक का राज्य बनाएंगे। हमारे सामने आज चुनौतियां बहुत हैं, जिनका हम सभी को मिलकर मुकाबला करना है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का जन्म 5 मार्च, 1959 को हुआ। पिता का नाम प्रेमसिंह चौहान है और माता का नाम श्रीमती सुंदरबाई चौहान है। वर्ष 1992 में साधना सिंह के साथ शिवराज सिंह चौहान का विवाह हुआ और उन्होंने स्नातकोत्तर (दर्शनशास्त्र) तक स्वर्ण पदक के साथ शिक्षा प्राप्त की है। सन् 1975 में मॉडल हायर सेकेण्डरी स्कूल के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। आपात काल के विरोध करने पर 1976-77 में भोपाल जेल में निरुद्ध रहे। अनेक जन समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन और जेल यात्राएं की हैं। सन् 1977 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एवं शिवराज सिंह चौहान: मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में नर्मदा नदी के किनारे जैत नाम के छोटे से गांव के किसान परिवार में जन्मे शिवराज की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं रही है, लेकिन जब वे विद्यार्थी परिषद के संपर्क में आए तो छात्र राजनीति करने लगे। सबसे पहले वे गरीब मजदूरों की हक में लड़ाई लडऩे के लिए अपने परिवार के विरोध में गए। यहीं से समझिए कि उनके आन्दोलन का सफर का प्रारंभ हो गया और उनके इस एक कदम ने तय कर दिया कि वे भविष्य में एक सफल राजनेता बनकर उभरेंगे और ऐसा समय के साथ हुआ भी। आज वे एक सफल राजनेता हैं। सन् 1977-78 में अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के संगठन मंत्री रहे। सन् 1978 से 1980 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्य प्रदेश के संयुक्त मंत्री रहे। सन् 1980 से 1982 तक अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव, 1982-83 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य, 1984-85 में भारतीय जनता युवा मोर्चा, मध्य प्रदेश के संयुक्त सचिव, 1985 से 1988 तक महासचिव तथा 1988 से 1991 तक युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।पहली बार विधायक बने:चौहान 1990 में पहली बार बुधनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। वे 1991 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से पहली बार सांसद बने। चौहान 1991-92 मे अखिल भारतीय केसरिया वाहिनी के संयोजक तथा 1992 में अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के महासचिव बने। सन् 1992 से 1994 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महासचिव रहे। सन् 1992 से 1996 तक मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति, 1993 से 1996 तक श्रम और कल्याण समिति तथा 1994 से 1996 तक हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य रहे। जब पहुंचे लोकसभा: चौहान 11वीं लोकसभा में वर्ष 1996 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गये। सांसद के रूप में 1996-97 में नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति, मानव संसाधन विकास विभाग की परामर्शदात्री समिति तथा नगरीय एवं ग्रामीण विकास समिति के सदस्य रहे। चौहान वर्ष 1998 में विदिशा संसदीय क्षेत्र से ही तीसरी बार 12वीं लोकसभा के लिए सांसद चुने गये। वह 1998-99 में प्राक्कलन समिति के सदस्य रहे। चौहान वर्ष 1999 में विदिशा से चौथी बार 13वीं लोकसभा के लिये सांसद निर्वाचित हुए। वे 1999-2000 में कृषि समिति के सदस्य तथा वर्ष 1999-2001 में सार्वजनिक उपक्रम समिति के सदस्य रहे। सन् 2000 से 2003 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। इस दौरान वे सदन समिति (लोक सभा) के अध्यक्ष तथा भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रहे। चौहान 2000 से 2004 तक संचार मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे। शिवराज सिंह चौहान पाँचवीं बार विदिशा से 14वीं लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। वर्ष 2004 में कृषि समिति, लाभ के पदों के विषय में गठित संयुक्त समिति के सदस्य, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव, भाजपा संसदीय बोर्ड के सचिव, केन्द्रीय चुनाव समिति के सचिव तथा नैतिकता विषय पर गठित समिति के सदस्य और लोकसभा की आवास समिति के अध्यक्ष रहे। चौहान वर्ष 2005 में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किये गये। पहली बार बने थे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री:चौहान 29 नवम्बर, 2005 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। प्रदेश की तेरहवीं विधानसभा के निर्वाचन में चौहान ने भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक की भूमिका का बखूबी निर्वहन कर विजयश्री प्राप्त की। चौहान को 10 दिसम्बर, 2008 को भारतीय जनता पार्टी के 143 सदस्यीय विधायक दल ने सर्वसम्मति से नेता चुना। चौहान ने 12 दिसम्बर, 2008 को भोपाल के जम्बूरी मैदान में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। प्रदेश की चौदहवीं विधानसभा के निर्वाचन में भी चौहान के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल की। चौहान को 165 सदस्यीय भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल ने तीसरी बार सर्वसम्मति से अपना नेता चुना। चौहान ने 14 दिसम्बर, 2013 को भोपाल के जम्बूरी मैदान में लगातार तीसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चौहान 16 दिसंबर, 2018 तक मुख्यमंत्री रहे। शिवराज सिंह चौहान दिसंबर 2018 के विधानसभा निर्वाचन में बुधनी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए। इसके बाद आज सोमवार को फिर एक बार चौहान ने प्रदेश के 19वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की है।
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24 March 2020भोपाल। देश में कोरोना वायरस के कोहराम के बीच मध्यप्रदेश में नयी सरकार के गठन को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कोरोना के चलते भाजपा द्वारा अपनी सभी बैठकों को टाल दिया गया था, लेकिन अब सोमवार शाम को ही भाजपा विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें विधायक दल के नेता का चयन होगा। यह जानकारी भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर ने मीडिया को दी। इस बैठक में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान विधायक दल के नेता चुने जा सकते हैं। उनका मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। राजभवन में शपथ ग्रहण की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शिवराज आज शाम को ही चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने बताया कि पार्टी कार्यालय में सोमवार शाम छह बजे विधायक दल की बैठक होगी। कोरोना के मद्देनजर ऐहतियातन आवश्यक प्रबंध किए गए हैं और बैठक में विधायकों को कम से कम एक-एक मीटर की दूरी पर बिठाया जाएगा। बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा, जो कि राज्य का मुख्यमंत्री होगा।गौरतलब है कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के चलते भोपाल में आगामी 31 मार्च तक लॉक डाउन किया गया है। वहीं, भाजपा ने भी 25 मार्च तक अपनी सभी बैठकों को निरस्त कर दिया गया था, लेकिन अब भाजपा ने सोमवार शाम 6.00 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई है। इस बैठक में दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रायशुमारी की जाएगी। मुख्यमंत्री पद के लिए तीन नाम पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम चर्चा में है, लेकिन शिवराज सिंह चौहान के नाम पर मुहर लगने की संभावना अधिक है, क्योंकि वे लगातार तीन बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। बताया जा रहा है कि बैठक के बाद भाजपा आज ही राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। राजभवन में नये सीएम के शपथ ग्रहण की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
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23 March 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के चलते 31 मार्च तक लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस दौरान पूरे जिले में धारा 144 लागू रहेगी। निर्देश का पालन नहीं करने वालों पर पुलिस सख्ती बरतेगी। कोरोना के चलते मध्य प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मचे सियासी घमासान पर भी ब्रेक लग गया है। कमलनाथ के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अब भाजपा सरकार बनाने की तैयारी में है। राज्यपाल भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रण दे सकते हैं। इसके पहले भाजपा विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी। हालांकि कोरोना के बचाव के लिए ये बैठक लगातार टलती जा रही है। 23 मार्च को प्रस्तावित बैठक एक दिन और टल गई है। सोमवार को होने वाली भाजपा विधायक दल की बैठक अब 24 मार्च को होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि 24 मार्च की शाम या देर रात को भाजपा विधायक दल की औपचारिक बैठक में शिवराज सिंह चौहान को नेता चुना जा सकता है। भाजपा इसी दिन राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। सरकार बनाने का दावा पेश करने के चलते भाजपा ने अपने सभी विधायकों को दो- तीन दिन भोपाल में ही रुकने के निर्देश दिए हैं। बताया जा रहा है कि बतौर पर्येवेक्षक धर्मेंद्र प्रधान और अनिल जैन दिल्ली से भोपाल आ सकते हैं। सबकुछ ठीक रहा तो 25 मार्च को प्रदेश के नए मुख्यमंत्री को शपथ दिलाई जा सकती है। शपथ ग्रहण समारोह में भी किसी तरह के ताम-झाम नहीं करने का फैसला पार्टी ने किया है। चुनिंदा लोगों की मौजूदगी में सादगी से शपथ दिलाई जाएगी।
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23 March 2020भोपाल। भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने लोक स्वास्थ्य और कोरोना वायरस के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए 31 मार्च रात्रि 12:00 बजे तक भोपाल जिले की राजस्व सीमाओं को सील करते हुए भोपाल जिले में पूरी तरह से लॉक डाउन करने का आदेश तत्काल रूप से लागू कर दिया गया है। इस दौरान सभी शासकीय, अर्ध शासकीय ,अशासकीय कार्यालय, संस्थान बंद रहेंगे, लोगों को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होगी, सभी सार्वजनिक परिवहन और निजी वाहन भी सड़कों पर नहीं निकल सकेंगे । भोपाल से सभी बसों, ट्रेन, हवाई उड़ानों, धार्मिक स्थलों, निर्माण कार्यो को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। धारा 144 के अंतर्गत जारी किए गए आदेश में अति आवश्यक सेवाओं से संबंधित व्यवसायिक प्रतिष्ठान जैसे दूध, फल, सब्जी, किराना, दवा,प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, पेट्रोल पंप को इस आदेश के अंतर्गत छूट दी गई है। इसके साथ ही होम डिलीवरी टिफिन सेंटर, कम्युनिटी किचिन, स्वस्थ्य विभाग के निर्देश के पालन पर चालू रहेंगे। आदेश में बताया गया कि दूध और पेपर बांटने वाले व्यक्तियों को सुबह 6:30 से 9:30 बजे तक इस कार्य के लिए छूट रहेगी। अत्यावश्यक सेवा के लिए परिवार का कोई एक सदस्य आवास के निकट सेवा प्रदाता संस्थान तक जा सकेगा और सोशल डिस्टेंस का पालन करेगा। इसके साथ ही जिले में किसी भी व्यक्ति के बाहरी व्यक्ति के प्रवेश और व्यक्ति के बाहर जाने को प्रतिबंधित कर दिया गया। जिले में कोई भी वाहन प्रवेश नहीं करेगा अति आवश्यक सेवाओं के लिए जैसे मास्क , दवाएं फल, सब्जी, न्यूज़ पेपर ले जाने वाले वाहन, दूध के वाहन, गैस सिलेंडर, पेट्रोल और समय समय पर आवश्यकता के अनुसार निर्धारित होने वाली सेवाओ को इस प्रतिबंध से छूट रहेगी । किसी व्यक्ति को यदि घर या शहर से बाहर जाना है तो उसके लिए संबंधित थाने में जाकर उसे पास प्राप्त करना होगा। अतिआवश्यक सेवाओ और दवाई,मास्क, पेट्रोल, गैस, और ऐसी ही अन्य सेवाओ में लगे कर्मचारियों को इसके लिये डीएम,एडीएम,एसडीएम कार्यालय से पास प्राप्त करने के बाद अनुमति रहेगी, इस दौरान उन सभी को लोगो को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के प्रोटो काल का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। इसी के साथ स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय समय पर जारी किये जाने वाले निर्देशों का पालन किया जाए। राजस्व, नगर निगम,पंचायत, स्वास्थ्य,पुलिस ,होमगार्ड्स, बिधुत, पेयजल, लेखा ,आपदा प्रबंधन, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, टेलीकॉम, पोस्टल,बैंकिंग सेवाओ आदि को इस आदेश से मुक्त रखा गया है। घर से बाहर निकलने वाले कर्मचारियों को अपना आई डी कार्ड साथ रखना होगा।
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23 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में अल्पमत के संकट से जूझ रही कमलनाथ के गिरने के बाद अब राज्यसभा की खाली सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है। भाजपा विधायक शरद कोल के इस्तीफे को लेकर भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को देर शाम राजभवन पहुंचा था, जहां उन्होंने विधानसभा स्पीकर पर अवैधानिक तरीके से दबाव में इस्तीफा स्वीकार करने का आरोप लगाया था। इस मामले में राज्यपाल लालजी टण्डन ने शनिवार को देर रात विधानसभा स्पीकर को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा कि सदन के प्रसुप्त (स्लीपिंग) अवस्था में स्पीकर द्वारा नीतिगत निर्णय नहीं लिये जाने चाहिए। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से अपेक्षा की है कि जब तक उनके (स्पीकर के) विरुद्ध प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव पर सदन में निर्णय नहीं ले लिया जाता, तब तक वे संविधान, विधानसभा नियमावली एवं नैतिकता के आधार पर प्रत्येक विषय की वैधानिक स्थिति का परीक्षण कर कार्य करेंगे।राज्यपाल लालजी टण्डन ने विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति को पत्र में लिखा है कि -'मुझे नेता प्रतिपक्ष से 21 मार्च को एक पत्र प्राप्त हुआ है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि वर्तमान में न तो सदन में नेता है और न ही सदन कार्यशील है। ऐसी स्थिति में जब सदन प्रसुप्त अवस्था में है तो अध्यक्ष द्वारा नीतिगत निर्णय नहीं लिए जाना चाहिए, जिनसे किसी का हित अथवा अहित हो, लेकिन प्रतिदिन राजनैतिक भावना से ग्रसित निर्णय लिए जा रहे हैं, जो सामान्यजन के हितों को विपरीत रूप से प्रभावित कर रहे हैं। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि विधानसभा सचिवालय में विधानसभा अध्यक्ष के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है, जिस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुयी है। राज्यपाल ने उन्हें मिले पत्रों का संदर्भ देते हुए कहा है कि उनके (स्पीकर के) खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा सचिवालय में लंबित है। प्रस्ताव पर कार्यवाही विधायिका का कार्य है, इसलिए सदन की बैठक आहूत होने पर इस प्रस्ताव पर प्राथमिकता से आवश्यक कार्यवाही होना चाहिए। तब तक विधानसभा के प्रमुख सचिव स्पीकर के निर्देशानुसार सामान्य दैनंदिन कार्य संपादित करेंगे। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश से राज्यसभा की तीन खाली होने वाली सीटों पर आगामी 26 मार्च को चुनाव है। इसके लिए कांग्रेस के दो उम्मीदवार दिग्विजय सिंह और फूलसिंह बरैया मैदान हैं, जबकि भाजपा ने भी दो उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुमेर सिंह सोलंकी को मैदान में उतारा है। विधानसभा में संख्याबल के हिसाब से भाजपा और कांग्रेस को एक-एक सीटें तो आसानी से मिल जाएंगी, लेकिन तीसरी सीट के बीच दोनों के बीच कांटे का मुकाबला है। इसीलिए यह राजनीतिक उठापटक चल रही है।
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22 March 2020भोपाल। कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर मध्यप्रदेश के आठ जिलों में शनिवार को ही लॉकडाउन करने के आदेश जारी कर दिये गये थे। इसके बाद अब भोपाल में भी 72 घंटे का लॉकडाउन कर दिया गया है। इस संबंध में रविवार को कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी तरुण पिथोड़े ने आदेश जारी कर दिये हैं। भोपाल कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है। दरअसल, रविवार को सुबह 10.30 भोपाल में राजाभोज एयरपोर्ट पर कोरोना वायरल की एक संदिग्ध एक युवती मिली थी। इसके बाद कार्यवाहक मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के मुख्य सचिव व डीजीपी से बात कर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश देते हुए कहा था कि आवश्यक चीजों को छोडक़र जनता की सुरक्षा को देखते हुए भोपाल को लॉक डाउन किया जाए। इसके बाद भोपाल कलेक्टर ने 72 घंटे लॉकडाउन करने के निर्देश जारी कर दिये हैं। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के आठ जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण से बचान के लिए शनिवार को ही लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है। इनमें जबलपुर, नरसिंहपुर, बालाघाट, सिवनी, रीवा, छिंदवाड़ा और ग्वालियर, बैतूल शामिल है। जबलपुर संभाग के नरसिंहपुर जिले में रविवार से 14 दिन के लिए लॉकडाउन किया गया है।
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22 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को जनता कर्फ्यू के बीच प्रदेश के नागरिकों से अपील की है कि वे जनता कर्फ्यू के बाद भी अपने घरों से बाहर न निकलें। उन्होंने ट्वीट किया है कि कोरोना से बचाव के लिए पूरे देश में आज सुबह 7 बजे से रात्रि 9 बजे तक जनता कर्फ्यू लागू है। उन्होंने लिखा है कि मेरी प्रदेश के नागरिकों से अपील है कि जितना सहयोग आप इस जनता कर्फ्यू के लिये दे रहे हैं, उतना ही सहयोग हमें रात्रि 9 बजे के बाद भी करना है। सडक़ों पर भीड़ नहीं करना है। ऐसा न हो कि हम रात्रि 9 बजे के बाद सडक़ों पर निकल जायें और भीड़ इकट्ठी हो जाए। ऐसा करने से जनता कर्फ्यू का उद्देश्य ही खत्म हो जायेगा, इसलिये हम आगे भी सावधानी बरते। रात्रि 9 बजे के बाद भी यदि आवश्यक कार्य हो तो ही घर से बाहर निकलें। कही भी भीड़-भाड़ न करें, एकत्रीकरण न हो।
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22 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देशवासियों को नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिये बताई गई सावधानियों का पालन करें। उन्होंने शुक्रवार को मीडिया को जारी अपनी अपील में कहा है कि प्रदेशवासी प्रतिबद्ध होकर रविवार, 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का पालन करें। नोवल कोरोना वैश्विक संकट है, इससे डरने और घबराने की जरूरत नहीं है। आवश्यकता सावधानियों का पालन करने की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मंत्र 'हम स्वस्थ-जग स्वस्थ' का पालन करने के लिए संकल्पित हों। जनता कफ्र्यू की अपील का पालन करने हों संकल्पितराज्यपाल ने कहा कि नोवल कोरोना से बचाव के प्रयासों में नागरिकों का सहयोग नितांत आवश्यक है। कोरोना से बचाव के प्रयास, समय रहते सबसे पहले हमारे देश में प्रारम्भ कर दिए गए थे। इसलिए देश में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। उन्होंने नागरिकों से कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा 'जनता कफ्र्यू' की अपील का पालन करने को नागरिक संकल्पित हों।आश्वस्त रहें, नागरिक आपूर्तियाँ बनी रहेंगीराज्यपाल ने कहा है कि आत्म-नियंत्रण, कोरोना संकट से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। अनावश्यक रूप से घर से बाहर नहीं निकलें। सामाजिक सामुदायिक सम्पर्क से बचें। उन्होंने नागरिकों को आश्वस्त किया कि नागरिक आपूर्तियां बनी रहेंगी। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग लोगों को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। केन्द्र और राज्य सरकार के परामर्शों का अनुपालन किया जाना चाहिये। नियमित जाँच के लिए अस्पताल जाने से बचें, जिससे स्वास्थ्य कर्मियों पर दबाव कम हो।राज्यपाल ने कहा कि रविवार, 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक जनता कफ्र्यू का पालन करें। इस दौरान घर से बाहर नहीं निकलें। केवल आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग ही घर से बाहर निकलें। जनता कफ्र्यू के दिन ठीक शाम 5 बजे घर से बाहर निकलकर 5 मिनट तक ताली बजाकर आभार व्यक्त करें। नागरिक खुद स्वस्थ रहें और दूसरों को स्वस्थ रहने की प्रेरणा दें। कोरोना से डरे नहीं बल्कि लड़ें।
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20 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में शुक्रवार को फ्लोर टेस्ट से पहले ही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी हार स्वीकार कर ली। उन्होंने दोपहर 12 बजे सीएम हाउस में प्रेसवार्ता कर पहले अपने इस्तीफे की घोषणा की और उसके बाद राजभवन पहुंचकर राज्यपाल लालजी टण्डन को अपना इस्तीफा सौंपा। हालांकि, जब तक नहीं सरकार नहीं बनेगी, तब तक कमलनाथ कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। कमनलाथ शुक्रवार को दोपहर एक बजे राजभवन पहुंचे और राज्यपाल लालजी टण्डन को अपना इस्तीफा सौंपा। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा है कि मैंने अपने 40 वर्ष के सार्वजनिक जीवन में हमेशा से शुचिता की राजनीति की है और प्रजातांत्रिक मूल्यों को सदैव तरजीह दी है। मध्यप्रदेश में पिछले दो हफ्ते में जो कुछ भी हुआ, वह प्रजातांत्रिक मूल्यों के अवमूल्यन का एक नया अध्याय है। मैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद से अपना त्याग पत्र दे रहा हूँ, साथ ही नये बनने वाले मुख्यमंत्री को मेरी शुभकामनाएं। प्रदेश के विकास में उन्हें मेरा सहयोग रहेगा। इस दौरान राज्यपाल लालजी टण्डन ने उनसे कहा कि जब तक नई सरकार नहीं बन जाती, तब तक आप कार्यवाहक मुख्यमंत्री के पद पर बने रहें। राज्यपाल के आग्रह पर जब तक भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी, तब तक कमलनाथ कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर काम करेंगे। इस दौरान नीतिगत फैसले नहीं लिए जाएंगे।
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20 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में सियासी उठापटक के बीच सीएम कमलनाथ ने शुक्रवार को अपने निवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। उन्होंने इस दौरान भाजपा निशाना साधते हुए अपने 15 महीने के कार्यकाल का लेखा-जोखा मीडिया के सामने रखा। अंत में उन्होंने कहा कि मैं राज्यपाल से मिलने जा रहा हूं। कुछ ही देर बाद वे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। इसके साथ ही प्रदेश में बीते 17 दिन से चल रहे सियासी घमासान का भी अंत हो जाएगा। सीएम कमलनाथ ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि 11 दिसम्बर 2018 को विधानसभा का परिणाम आया था, कांग्रेस सबसे ज्यादा सीट जीतकर आई और 17 दिसम्बर को मैंने सीएम की शपथ ली। वहीं, 25 मार्च को मंत्रिपरिषद का गठन कर दिया। आज 20 मार्च है और इन 15 महीनों में हमारा प्रयास रहा है कि हम प्रदेश को नई दिशा दें। मेरे 40-45 साल के राजनीतिक जीवन में विकास पर विश्वास रखा। उन्होंने कहा कि भाजपा को प्रदेश की जनता ने 15 साल दिये और हमें पांच दिये थे, लेकिन हमारे 22 विधायकों को भाजपा ने कर्नाटक में बंदी बनाकर सरकार गिराने का प्रयास किया। इसका गवाह पूरा प्रदेश है। भाजपा ने लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की है। प्रदेश के साथ धोखा करने वालों क जनता कभी माफ नहीं करेगी। बागियों को जनता माफ नहीं करेगी। यह विश्वासघात मेरे साथ नहीं, मध्यप्रदेश की जनता के साथ है। प्रदेश के विकास का एक नया नक्शा बन रहा था, लेकिन भाजपा मेरी सरकार को अस्थिर करने के प्रयास में लगी रही।उन्होंने अपने सरकार की 15 महीनों की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि हमने 15 महीने में तीन लाख किसानों का कर्जा माफ किया। दूसरे चरण में साढ़े सात लाख किसानों के कर्ज माफी की प्रक्रिया जारी है। तीसरे चरण में एक जून से कर्ज माफी की तीसरी प्रक्रिया शुरू करने वाले थे। प्रदेश को माफिया मुक्त करने का अभियान चलाया, लेकिन भाजपा नहीं चाहती थी कि माफिया के खिलाफ अभियान चले। बीजेपी शासन काल में माफिया को बढ़ावा मिला। बीजेपी ने विधायकों को तोडऩे के लिये करोड़ो खर्च किये। हमने मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई की। हमने प्रदेश को विश्वपटल पर पहुंचाने के लिये प्रयास किये। युवाओं को रोजगार देने की कोशिश की। रामवनगमन पथ, गौ माता सरक्षण के लिये गौशाला बनाई। हम प्रदेश को सुरक्षित भयमुक्त बनाना चाहते हैं ये भाजपा को रास नहीं आया। भाजपा भाजपा ने हमारी सरकार के साथ षडयंत्र कर किसानों और जनता के साथ धोखा किया। धोखा देने वालों को जनता माफ नहीं करेगी।अंत में उन्होंने कहा कि हमारे विधायकों को 9 मार्च को भाजपा कहीं ले गई, इसलिए अब मैंने तय किया है कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे दूं। राज्यपाल महोदय से मिलने का समय लिया है। प्रेसवार्ता के बाद सीएम कमलनाथ राजभवन के लिए रवाना हो गए, जहां वे राज्यपाल लालजी टण्डन को अपना इस्तीफा सौंपेंगे।
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20 March 2020शिवपुरी। भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक और कांग्रेस के बागी विधायक सुरेश राठखेड़ा की बेटी का शव शुक्रवार को संदिग्ध परिस्थितियों में ससुराल में फाँसी के फंदे पर लटका मिला है। सुरेश राठखेड़ा शिवपुरी जिले की पोहरी विधानसभा सीट से विधायक थे मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी संकट के दौरान कांग्रेस से बगावत करके बेंगलुरु में ठहरे हुए थे। जिनका इस्तीफा बीती रात स्वीकार किया गया है। पूर्व विधायक सुरेश राठखेड़ा के बेटी ज्योति का शव राजस्थान के बासखेड़ा ग्राम में अपने ससुराल में फांसी के फंदे पर लटका मिला है। मामला हत्या का है या आत्महत्या का फिलहाल इसका खुलासा नही हुआ है।इस घटना के बाद राठखेड़ा परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। राजस्थान में हुआ था विवाह- इस्तीफा देने वाले विधायक के बेटी ज्योति का विवाह लगभग तीन साल पहले राजस्थान के बासखेड़ा माल निवासी चिकित्सा अधिकारी जय सिंह मेहता से हुई थी। केलवाड़ा पुलिस ने ज्योति का शव अपने कब्जे में ले लिया है और पोस्टमार्टम के लिए दिया गया है। घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व विधायक सुरेश राठखेड़ा को विशेष प्लेन से बेंगलुरू परिवार के पास भेजा गया है। सुरेश राठखेड़ा को ज्योतिरादित्य सिंधिया का कट्टर समर्थक माना जाता है। हाल ही में जब सिंधिया ने सीएम कमलनाथ के प्रति विरोध जताया था तो उन्होंने खुलकर सिंधिया का समर्थन करते हुए कहा था कि सिंधिया यदि कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाते हैं तो वे उसमें शामिल हो जाएंगे। परिजनों ने लगाए हत्या के आरोप- सुरेश राठखेड़ा की बिटिया का कोटा में निधन की जानकारी मिलने पर उन्हें विशेष बिमान के साथ बैंगलोर से झालाबाड भेजा गया। वहीं राठखेड़ा के भाई व अन्य परिजन मृतक बेटी के ससुराल पहुंचे और वहां पर उन्होंने अपनी बेटी की हत्या का आरोप ससुराल पक्ष पर लगाया। इधर दूसरी ओर उनके परिजनों ने मृतिका का शव अपने शिवपुरी के राठखेड़ा गांव में ले जाने और यहीं पर अंतिम संस्कार की बात कही।
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20 March 2020मुम्बई।उच्चतम न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने गुरुवार को राज्यसभा संसद की शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें शपथ दिलायी। इस दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और सदन से वाकआउट कर गये। इसके बाद राज्यसभा में मौजूद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष के विरोध की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी इस सदन की शोभा कई गणमान्य न्यायाधीशों ने बढ़ाई है लेकिन इस तरह से विपक्ष का विरोध शर्मनाक है। हंगामे के दौरान सभापति एम वैंकेया नायडू ने कहा कि हम सभी की अपनी राय हो सकती है लेकिन सदन में इस तरह से राष्ट्रपति (रामनाथ कोविन्द) के फैसले का विरोध गलत है। उल्लेखनीय है कि रंजन गोगोई देश के 46वें चीफ जस्टिस रहे हैं। उन्होंने सीजेआई का पद तीन अक्टूबर 2018 से 17 नम्वबर 2019 तक संभाला। 18 नवम्बर, 1954 को असम में जन्मे रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ाई की। उनके पिता केशव चंद्र गोगोई असम के मुख्यमंत्री थे। जस्टिस रंजन गोगोई ने 1978 में वकालत के लिए पंजीकरण कराया था। 28 फरवरी, 2001 को रंजन गोगोई को गुवाहाटी हाई कोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। जस्टिस गोगोई 23 अप्रैल, 2012 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने थे।
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19 March 2020नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के सियासी संकट पर सुप्रीम कोर्ट अब लंच के बाद सुनवाई करेगा। मध्यप्रदेश के स्पीकर की ओर वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें पूरी कर ली हैं। सुनवाई के दौरान अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि सिर्फ फ्लोर टेस्ट-फ्लोर टेस्ट का मंत्र जपा जा रहा है। स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में दखल देने की कोशिश हो रही है। सुप्रीम कोर्ट भी स्पीकर के विवेकाधिकार में दखल नहीं दे सकता है। सिंघवी ने कहा कि विधायक बागी हो गए हैं। सदन छोटा हो गया है। 16 लोगों के बाहर रहने से सरकार गिर जाएगी। नई सरकार में यह 16 कोई फायदा ले लेंगे। उन्होंने कहा कि कोर्ट को स्पीकर के लिए कोई समय तय नहीं करना चाहिए। स्पीकर को समय दिया देना चाहिए। लेकिन फिर भी आप कह दीजिए कि उचित समय मे स्पीकर तय करे तो वह 2 हफ्ते में तय कर लेंगे। तब जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर विधायक वीडियो कांन्फ्रेंसिंग से बात करें तो क्या स्पीकर फैसला ले लेंगे? इसका सिंघवी ने नकारात्मक जवाब दिया। सिंघवी ने कहा कि कोर्ट के बिना आदेश के स्पीकर दो हफ्ते में इस्तीफे या अयोग्यता पर फैसला कर लेंगे। इस्तीफे और अयोग्यता पर बिना फैसला हुए, फ्लोर रेस्ट नहीं होना चाहिए। सिंघवी ने कहा कि अगर विधायक बंधक नहीं हैं तो राज्यसभा चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह को अपने वोटर से मिलने क्यों नहीं दिया गया? सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल फ्लोर टेस्ट कराने की जरूरत बताई। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा नहीं देना चाहते। इसलिए जल्दी फ्लोर टेस्ट ज़रूरी होता है। सिंघवी ने कहा कि जब विधानसभा का सत्र चल रहा हो उस दौरान कोर्ट ने कभी भी फ्लोर टेस्ट का आदेश नहीं दिया है। यह मामला भी ऐसा ही है। सिंघवी ने कहा कि कर्नाटक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर के अधिकारों को अहमियत दी थी। कोर्ट ने इस्तीफों पर फैसला लेने की कोई समय सीमा भी तय नहीं की थी। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हमने यह भी कहा था कि विधायक सदन की कार्रवाई में जाने या न जाने का फैसला खुद ले सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक के आदेश स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं देता कि वो कब तक अयोग्यता पर फैसला ले लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि फ्लोर टेस्ट न हो। कर्नाटक के मामले में अगले दिन फ्लोर टेस्ट हुआ, कोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता के मामले को लंबित होने की वजह से फ्लोर टेस्ट नही टाला था । जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि संवैधानिक सिद्धांत जो उभरता है, उसमें अविश्वास मत पर कोई प्रतिबंध नहीं है क्योंकि स्पीकर के समक्ष इस्तीफे या अयोग्यता का मुद्दा लंबित है। इसलिए, हमें यह देखना होगा कि क्या राज्यपाल उसके साथ निहित शक्तियों से परे काम करेंगे या नहीं। दूसरा सवाल ये है कि यदि स्पीकर राज्यपाल की सलाह को स्वीकार नहीं करता है, तो राज्यपाल को क्या करना चाहिए। एक विकल्प यह है कि राज्यपाल अपनी रिपोर्ट केंद्र को दे। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि एक बात बहुत स्पष्ट है कि सभी विधायक एक साथ कार्य कर रहे हैं। यह एक राजनीतिक ब्लॉक हो सकता है, हम कोई भी दखल नहीं दे सकते। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कहा कि संसद या विधानसभा के सदस्यों को विचार की कोई स्वतंत्रता नहीं है, वे व्हिप से संचालित होते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा नियम के मुताबिक इस्तिफा एक लाइन का होना चाहिए। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर सदन सत्र में नहीं है और यदि सरकार बहुमत खो देती है, तो राज्यपाल को विश्वास मत रखने के लिए स्पीकर को निर्देश देने की शक्ति है। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि क्या होगा जब विधानसभा को पूर्व निर्धारित किया जाता है और सरकार अपना बहुमत खो देती है? राज्यपाल फिर विधानसभा नहीं बुला सकते ? चूंकि इसे अनुमति नहीं देने का मतलब अल्पमत में सरकार जारी रखना होगा। जस्टिस चंद्रचूड़ ने सिंघवी से पूछा कि आपके अनुसार राज्यपाल केवल सदन को बुला सकते हैं और फिर इसे सदन पर छोड़ सकते हैं। तब सिंघवी ने कहा कि हां। जस्टिस हेमंत गुप्ता ने पूछा कि अगर सरकार अल्पमत में है, तो क्या राज्यपाल के पास विश्वास मत कराने की शक्ति नहीं है। तब सिंघवी ने कहा कि नहीं, वह नहीं कर सकते उनकी शक्ति सदन बुलाने के बारे में हैं। मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि विधानसभा का सत्र हमेशा पांच सालों के लिए होता है। इसका अभिषेक मनु सिंघवी ने विरोध करते हुए कहा कि यह सामान्य ज्ञान की बात है सदन पांच सालों के लिए होता है सत्र नहीं। सिंघवी ने कहा कि यह एक टेस्ट केस होगा कि क्या राज्यपाल को कोई सरकार अस्थिर करने का अधिकार है। सिंघवी ने कहा कि राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, केरल और महाराष्ट्र में राज्य विधानसभाएं कोरोना वायरस की वजह से सस्पेंड कर दी गई हैं। कोर्ट को ये देखना चाहिए कि स्पीकर का फैसला गलत है कि नहीं। यहां तक कि संसद भी काम स्थगित करने पर विचार कर रही है। पिछले 18 मार्च को सुनवाई के दौरान मध्यप्रदेश कांग्रेस के वकील दुष्यंत दवे ने कहा था कि 16 विधायकों को अवैध रुप से हिरासत में रखा गया है। तब बागी विधायकों के वकील मनिंदर सिंह ने इसे गलत बताया था। मनिंदर सिंह ने कहा था कि कोई हिरासत में नहीं है । दवे ने कहा था कि कोर्ट बाद में विस्तार से मामले की सुनवाई करे । 18 मार्च को सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि यह 1975 में सत्ता के लिए देश पर इमरजेंसी थोपने वाली पार्टी है। किसी भी तरह सत्ता में बने रहना चाहती है। रोहतगी ने कहा था कि सत्ता के लिए अजीब दलीलें दी जा रही हैं। जिसके पास बहुमत नहीं है वह एक दिन सत्ता में नहीं रह सकता। रोहतगी ने कहा था कि यहां पहले खाली सीटों पर चुनाव की दलील देकर 6 महीने का प्रबंध करने की योजना है। चुनाव करवाना चुनाव आयोग का काम है। यहां इस पर विचार नहीं हो रहा, फ्लोर टेस्ट पर हो रहा है । तब जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा था कि विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने से पहले स्पीकर का संतुष्ट होना ज़रूरी है। मुकुल रोहतगी ने दलील दी थी कि राज्य में सरकार के बहुमत खो देने की शंका होने पर राज्यपाल को ज़रूरी कदम उठाने होते हैं। अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन की सिफारिश भेजने से पहले राज्यपाल को सभी संभावित विकल्पों पर विचार करना होता है। तब कोर्ट ने पूछा था कि 2018 में कांग्रेस ने 114+7 विधायकों के समर्थन से सरकार बनाई। 6 इस्तीफे मंज़ूर हुए। क्या अब स्थिति 108+7 की है? तब रोहतगी ने कहा था कि इन आंकड़ों में आपको नहीं पड़ना चाहिए। राज्यपाल भूमिका निभा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि लेकिन 16 के इस्तीफे लंबित हैं। सरकार कहती है कि उनको भोपाल लाकर ही फ्लोर टेस्ट हो। बागी विधायकों की ओर से वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा था कि इस्तीफा और अयोग्यता में फर्क का ध्यान रखा जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में 22 विधायकों के इस्तीफे का मामला आया है। हम इस बात का समर्थन करते हैं कि सरकार ने बहुमत खो दिया है और तुरंत फ्लोर टेस्ट कराया जाना चाहिए। मनिंदर सिंह ने कहा कि विधायकों ने प्रेस कांफ्रेंस कर के बताया है कि वह अपनी इच्छा से बंगलुरू में हैं। इस्तीफा देना उनका संवैधानिक अधिकार है और उस पर फैसला लेना स्पीकर का कर्तव्य। वह इस्तीफों को लटका कर नहीं रख सकते। विधानसभा के स्पीकर की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद कोर्ट ने दखल दिया था। यहां विधानसभा का कार्यकाल चल रहा है। स्पीकर के अधिकार क्षेत्र में दखल नहीं दिया जा सकता। लोग चाहें तो अविश्वास प्रस्ताव लाएं। गवर्नर क्यों आदेश दे रहे हैं। सिंघवी ने कहा था कि 19 इस्तीफे संदिग्ध हैं। 7 लोगों के इस्तीफे एक ही व्यक्ति ने लिखे। 2 लोगों ने 6-6 इस्तीफे लिखे। बस विधायकों से दस्तखत ले लिए गए। सबकी भाषा मिलती-जुलती है। स्पीकर बिना संतुष्ट हुए इस्तीफों पर फैसला नहीं ले सकते हैं। सिंघवी ने कहा था कि क्या चलती विधानसभा में स्पीकर की उपेक्षा कर गवर्नर के आदेश पर कार्रवाई होगी? कोर्ट ऐसा आदेश न दे। यह संवैधानिक पाप होगा। तब कोर्ट ने कहा था कि या तो आप 16 का इस्तीफा स्वीकार करें या नामंज़ूर कर दे। आपके यहां बजट सत्र को ही 10 दिन स्थगित कर दिया गया। बिना बजट के राज्य कैसे चलेगा ? तब कपिल सिब्बल और सिंघवी ने कहा था कि कर्नाटक मामले पर सुप्रीम कोरट का फैसला इस्तीफे और अयोग्यता पर स्पष्ट अंतर कर देता है। सिंघवी ने कहा कि राज्यपाल स्पीकर को ये निर्देश नहीं दे सकते हैं कि विधानसभा कैसे चलाना है।
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19 March 2020भोपाल। दुनियाभर में इन दिनों कोरोना वायरस का आतंक फैला हुआ है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार ने भी कई अहम निर्णय लेने के साथ आमजन को सावधानी बरतने के लिए कहा है। तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी प्रदेशवासियों से सावधानी बरतने और जागरुकता लाने की अपील की है। सीएम कमलनाथ ने गुरुवार को प्रदेश की जनता के नाम एक संदेश देकर कोरोना के खिलाफ सतर्क रहने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि आप सब नोवल कोरोना वायरस के संक्रमण, फैलाव और इसके खतरों से परिचित हैं। पूरे विश्व में कोरोना का प्रभाव हम देख रहे है। इसे महामारी घोषित किया जा चुका है। हमने राज्य में इसे संक्रामक रोग घोषित किया है। कोरोना वॉयरस की रोकथाम के लिए प्रदेश में पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। अब तक आपने जो सतर्कता, सावधानी बरती है और जागरूकता दिखाई है वह सराहनीय है। आगे भी आप सभी लोग इसे निरंतर जारी रखें। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। बस आने वाले दिनों में और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। सीएम कमलनाथ ने प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए कहा है कि आपने अपने अनुशासित व्यवहार व प्रयासों से प्रदेश के इंदौर, भोपाल जैसे शहरों को स्वच्छता में देश में अव्वल स्तर पर पहुँचाया है। आपका अनुशासित और संयमित व्यवहार ही कोरोना को रोकने में मदद करेगा। खान-पान ऐसा रखें जिससे आपके अंदर प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो। आवश्यकता होने पर डॉक्टर की सलाह व उपयोगी दवाएं भी लें। सीएम कमलनाथ ने अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए वे सभी उपाय किए हैं, जिन्हें अपनाने की सलाह भारत सरकार और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने दी है। आप सब भी इसका पालन करें। अनावश्यक एक जगह एकत्र ना हो। जब तक अत्यंत अनिवार्य नहीं हो यात्रा करने से बचें। घरों में और आसपास सफाई रखें। साबुन और पानी से हाथ धोंएं। छींकते समय नाक और मुंह ढकें। सर्दी और फ्लू से प्रभावित लोगों के पास जाने से बचें। कोरोना वायरस के संक्रमण और इसके फैलाव की रोकथाम के बारे में जो नागरिक जागरूक हो चुके हैं वे अपनी वैज्ञानिक जानकारी अन्य नागरिकों को भी दें। राज्य सरकार ने पूरी तैयारियां कर ली है। आप सबके सहयोग से हम कोरोना के संक्रमण से सुरक्षित रह पाएंगे। आगे सीएम कमलनाथ ने अपने संदेश में कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा नोवल कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिये सभी संभव प्रयास किये जा रहे हैं। स्कूल, कॉलेज, सिनेमा हॉल, मेरिज हॉल, सार्वजनिक पुस्तकालय, वॉटर पार्क, जिम, स्वीमिंग-पूल, आँगनवाड़ी आदि को आगामी आदेश तक बंद करने का निर्णय लिया गया है। कार्यालयों में कर्मचारियों की बायोमेट्रिक उपस्थिति की व्यवस्था को बंद किया गया है। सांस्कृतिक समारोह, सार्वजनिक समारोह, आधिकारिक यात्राओं और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को स्थगित किया गया है। विकासखण्ड स्तर तक शांति समितियों की बैठक आयोजित कर स्थानीय जन-प्रतिनिधियों और धर्म गुरूओं के माध्यम से नोवल कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये लोगों को जागरूक करने को कहा जा रहा है। धार्मिक प्रमुखों से कम से कम धार्मिक समारोह करने का आग्रह किया गया है। इसके साथ ही, 20 से अधिक लोगों की सभाओं को रोकने के लिये कानूनी उपाय भी किए जा रहें हैं। साथ ही शासकीय एवं अशासकीय अस्पतालों में भी सभी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं। हमारा हर नागरिक सुरक्षित रहे इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं। आप भी सहयोग करें और स्वयं के साथ ही पूरे परिवार आस-पड़ोस और समाज में कोरोना वायरस को रोकने के लिए जो भी संभव हो आप सभी सहयोग दें। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपील करते हुए कहा कि आइये एकजुटता के साथ इस कोरोना वायरस बीमारी के प्रकोप को नाकामयाब करें। मंत्रि-परिषद की बैठक में भी नोवल कोरोना वायरस का प्रसार प्रदेश, देश और विश्व स्तर पर रोकने के लिये किये गये उपायों को ध्यान में रखकर, प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा व बचाव के लिये कई आवश्यक निर्णय लिये गये है।
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19 March 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में रोज बदल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच राजनीतिक संकट को सुलझाने के लिए चिट्ठी की सियासत भी जारी है। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने मंगलवार को राज्यपाल लालजी टंडन को चिट्ठी लिखकर विधायकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। देर रात जवाब में राज्यपाल ने स्पीकर को पत्र लिखा है। पत्र में राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि शायद उन्हें वह चिट्ठी गलती से भेज दी है। राज्यपाल ने पत्र में लिखा है कि 'आपने अपने पत्र के अंतिम पैराग्राफ में विधायकों की सुरक्षा की मांग की है। प्रदेश के सभी नागरिकों की सुरक्षा का दायित्व कार्यपालिका का है और आप उससे ही सुरक्षा चाहते होंगे किंतु त्रुटिवश यह पत्र मुझे प्रेषित हुआ प्रतीत होता है। आपके पत्र के दूसरे पैराग्राफ में मुझसे कुछ प्रश्नों के उत्तर की अपेक्षा की गई है। उक्त अपेक्षा निश्चित ही किसी नियमावली के अंतर्गत होगी और आपने उसका अवलोकन किया होगा। कृपया संबंधित नियमावली मुझे प्रेषित करने का कष्ट करें। राज्यपाल ने अपने पत्र में विधानसभा अध्यक्ष से ही सवाल पूछ लिए हैं। उन्होंने पत्र में लिखा है कि जो विधायक अनुपस्थित हैं उनकी सुरक्षा के बारे में आपकी चिंता प्रशंसनीय लेकिन पत्र में आपने उनकी जानकारी प्राप्त करने के लिए क्या प्रयास किए, यह उल्लेख नहीं है। आपने छह सदस्यों के इस्तीफे स्वीकार किए, यह निष्पक्ष साहस पूर्ण और शीघ्र किया हुआ निर्णय है, लेकिन आप जानते होंगे कि किस विधिक प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए था। पत्र में आगे उन्होंने लिखा है कि तथाकथित लापता विधायकों से आपको और मुझे लगातार पत्र प्राप्त हो रहे हैं। उन्होंने अपने किसी भी पत्र में, जहां पर भी वे वर्तमान में हैं, अपनी ओर से कोई समस्या व्यक्त नहीं की है। उनके पत्र एवं वीडियो लगातार समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक एवं सोशल मीडिया में आ रहे हैं और अब वे सर्वोच्च न्यायालय भी पहुंच गए हैं।
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18 March 2020भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत का पारा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है, लेकिन इससे पहले कर्नाटक के बेंगलुरु में नया मोड़ आ गया। बेंगलुरु के एक रिसोर्ट में रुके कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बेंगलुरु पहुंचे। विधायकों से मिलने से रोके जाने पर दिग्विजय धरने पर बैठ गए। इसके बाद बिना परमिशन के धरने पर बैठने के कारण दिग्विजय सिंह समेत कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया ले लिया है। दिग्विजय सिंह ने सबसे पहले ट्वीट कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। जिसके बाद प्रदेश की राजनीतिक गलियारों में गहमा गहमी बढ़ गई। दिग्विजय सिंह के साथ में केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया प्रदेश, वित्त मंत्री तरुण भनोत, सज्जन सिंह वर्मा, हर्ष यादव, सचिन यादव व कुणाल चौधरी, आरिफ मसूद भी पहुंचे हैं। पुलिस ने रमाडा होटल से 5 किलोमीटर दूर दिग्विजय सिंह को रोक लिया। पुलिस द्वारा विधायकों से मिलने से रोके जाने पर दिग्विजय सिंह और कांग्रेस नेताओं का सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों से विवाद हुआ। कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने पर अड़े दिग्विजय सिंह वहीं धरने पर बैठ गए। दिग्विजय सिंह के बेंगलुरु में रिसोर्ट पहुंचने की खबर लगते ही पुलिस के आला अधिकारी भी होटल पहुंच गए। यहां से पुलिस ने दिग्विजय सिंह समेत कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दिग्विजय सिंह ने सबसे पहले ट्वीट कर पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद वहां मौजूद मीडिया से बातचीत करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि पुलिस हमें विधायकों से मिलने नहीं दे रही है। मैं मध्य प्रदेश का राज्यसभा उम्मीदवार हूं। 26 तारीख को राज्यसभा चुनाव के लिए विधानसभा में वोटिंग होनी है। हमारे विधायकों को यहां होटल में बंधक बनाकर रखा गया है। वे हमसे बात करना चाहते हैं, लेकिन उनके मोबाइल छीन लिए गए। विधायकों की जान को खतरा है। मेरे पास हाथ में ना बम है, ना पिस्तौल है और ना हथियार है। फिर भी पुलिस मुझे क्यों रोक रही है।
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18 March 2020भोपाल। अपने समर्थकों के साथ बेंगलुरु पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह जहां बागी विधायकों से मिलने की मांग को लेकर हंगामा कर रहे हैं, वहीं इन विधायकों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इन वीडियो में विधायक कह रहे हैं कि हम दिग्विजयसिंह के कारण ही भोपाल से यहां आए हैं और हमें उनसे नहीं मिलना है। बेंगलुरु में रुके बाकी विधायकों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिसमें वो कह रहे हैं कि दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस का बंटाधार कर दिया। हम उनकी वजह से ही भोपाल से भागकर यहां आए हैं और हमें दिग्विजय सिंह से नहीं मिलना। इसी बीच कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जा चुके बिसाहूलाल सिंह ने कर्नाटक डीजीपी को पत्र लिखकर अपने लिये सुरक्षा की मांग की है। दिग्विजय पहले सड़क देखकर आएं: मनोज चौधरीप्रदेश की हाट पिपल्या विधानसभा से विधायक मनोज चौधरी अपने वीडियो में कह रहे हैं कि वो अपनी मर्जी से यहां आए हैं। चौधरी कहते हैं कि वो दिग्विजय सिंह से मिलने के लिए तैयार हैं, लेकिन उससे पहले दिग्विजय सिंह उनके निर्वाचन क्षेत्र की तमाम सड़कों को देखकर आएं। उन किसानों से मिलकर आएं जिन पर झूठे केस लाद दिए गए हैं। भाई-भतीजावाद फैला रहे दिग्विजय: बिसाहूलाल सिंह अनूपपुर से विधायक बिसाहूलाल सिंह अपने वीडियो में कह रहे हैं कि मैं 40 साल से दिग्विजय को अपना नेता मानते आ रहा हूं। पार्टी में वरिष्ठ होने के नाते मैं मंत्री पद का स्वाभाविक दावेदार था, लेकिन दिग्विजय सिंह के भाई-भतीजावाद के कारण मुझे मंत्री नहीं बनाया गया। बिसाहूलाल सिंह ने अपने बयान में राहुल गांधी तक का हवाला दिया है। उन्होंने कर्नाटक के डीजीपी को सुरक्षा के लिये पत्र भी लिखा है। अपनी मर्ज़ी से आए हैं, मर्ज़ी से जाएंगे: कमलेश विधायक कमलेश अपने वीडियो में कहते हैं कि हम लोग स्वेच्छा से आए हैं और स्वेच्छा से ही जाएंगे। वो कहते हैं कि कांग्रेस के बड़े नेता आए हैं, लेकिन अब ये फालतू क्यों परेशान हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये नेता क्षेत्र की जनता का कोई काम नहीं कर रहे थे, इसलिए अब ये वापस चले जाएं। दिग्गी की वजह से डूबी कांग्रेस की नैया: सुरेश धाकड़ एक ओर बागी विधायक सुरेश धाकड़ अपने वीडियो में कहते हैं कि मैं अपनी मर्जी से यहां आया और अपना इस्तीफा भेजा। वो कहते हैं कि दिग्गी यहां आए हैं, लेकिन इन्हीं की वजह से कांग्रेस की नैया डूबी हैं। हम इनसे नहीं मिलना चाहते। दिग्विजय ने कांग्रेस बर्बाद कर दी: इमरती देवीपूर्व मंत्री इमरती देवी वीडियो में कहती हैं कि मैं मंत्री रही हूं, अभी पता चला है कि दिग्विजय सिंह आए हैं। लेकिन हम दिग्विजय सिंह की वजह से ही भोपाल से भागे हैं। उन्होंने पूरी कांग्रेस बर्बाद कर दी। ऐसी कांग्रेस में हम नहीं रहना चाहते, जहां दिग्विजय सिंह हों। स्वयं की इच्छा से यहां आया हूं: तुलसी सिलावट कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे तुलसी सिलावट अपने वीडियो में कहते हैं कि मैं स्वास्थ्य मंत्री था और स्वयं की इच्छा से यहां आया हूं। दिग्गी यहां आए हैं, लेकिन हमें उनसे नहीं मिलना। इसी तरह की बातें ग्वालियर विधायक मुन्ना लाल गोयल और रघुराज सिंह कंसाना ने भी कही हैं।
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18 March 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में चल रहा सियासी ड्रामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्यपाल के सीएम कमलनाथ को पत्र लिखने के बाद मंगलवार को फ्लोर टेस्ट की संभावनाओं के चलते भाजपा ने अपने विधायकों को मानेसर भेजने की बजाय सीहोर के रिसॉर्टों में ठहराया है। भाजपा ने अपने विधायकों को ग्रेसेस रिसॉर्ट और क्रिसेंट में ठहरा रखा है। ग्रेसेस में 50 और क्रिसेंट में 4 कमरों को बुक कराया गया है। सोमवार शाम को भोपाल एयरपोर्ट से भाजपा विधायकों को इन रिसॉर्ट में लाया गया। यहां रातभर शिवराज सिंह और नरोत्तम मिश्रा उनके साथ रहे हैं। मंगलवार सुबह पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री राजेंद्र शुक्ल समेत कई बड़े नेता भी रिसॉर्ट में मौजूद हैं। सुरक्षा के मद्देनज रिसॉर्ट के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए है। मंगलवार सुबह करीब 11 बजे क्रिसेंट रिसॉर्ट से बाकी विधायकों को भी ग्रेसेस रिसोर्ट बुलाया गया। दो गाड़ियों में पहुंचे विधायकों के साथ इंदौर के विधायक रमेश मेंदोला और पूर्व मंत्री जगदीश देवड़ा मौजूद थे। यहां शिवराज सिंह चौहान ने सुबह विधायकों के साथ बैठक ली। बताया जा रहा है कि इसमें उन्होंने भाजपा की अगली तैयारियों के बारे में चर्चा की। रिसॉर्ट के बाहर मीडिया से बातचीत में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्थिति बिल्कुल साफ है। कांग्रेस बड़ा शोर मचा रही थी लेकिन अब यह सरकार बच नहीं सकती है। कांग्रेस के नेता बेंगलुरु में रुके विधायकों को भाजपा द्वारा बंधक बनाए जाने की बात कह रही थी लेकिन सभी विधायक साथियों ने स्पष्ट कर दिया है वह अपनी मर्जी से वहां हैं और इस सरकार के खिलाफ हैं। सब ने खुलकर देश के सामने अपनी बात रखी। शिवराज ने चुटकी लेते हुए कहा कि अब कमलनाथ जी तू ना इधर उधर की बात कर भैया, जल्दी तू फ्लोर टेस्ट करा। दूध का दूध और पानी का पानी साफ साफ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर बहुमत पर हो तो भाग क्यों रहे हो। फ्लोर टेस्ट से डरते क्यों हो, यह टाइम खींचने की कोशिश कर रहे हैं। दबाव प्रलोभन देकर प्रयास कर रहे हैं कि सरकार बच जाए लेकिन यह सरकार अब बच नहीं सकती है।
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17 March 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के जारी सियासी उठापटक के बीच राज्यपाल लालजी टंडन के पत्र का जवाब देते हुए सीएम कमलनाथ ने मंगलवार को दोबारा पत्र लिखा है। अपने पत्र में सीएम कमलनाथ ने लिखा है कि आज फ्लोर टेस्ट ना बुलाए जाने पर बहुमत नहीं होने की बात लिखना असंवैधानिक है। पहले बेंगलुरु में बंधक 16 विधायक स्वतंत्र होने दीजिए खुले वातावरण में आने दीजिए। उल्लेखनीय है कि सोमवार को राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को दोबारा पत्र लिखकर मंगलवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा था। मंगलवार को राज्यपाल लालजी टंडन को लिखे अपने पत्र में सीएम कमलनाथ ने कहा है कि आपने अपने पत्र में दी गई समयावधि में फ्लोर टेस्ट नहीं कराए जाने पर खेद जताया है लेकिन मैंने पिछले 15 महिनों में कई बाद सदन में बहुमत सिद्ध किया है। यदि भाजपा मेरे पास बहुमत नहीं होने का अरोप लगा रही है तो वे अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से फ्लोर टेस्ट करा सकते हैं। सीएम कमलनाथ ने पत्र में कहा है कि भाजपा द्वारा विधानभा के समक्ष अविश्वास प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया गया है। विस अध्यक्ष द्वारा नियमानुसार कार्यवाही के बाद अपने आप सिद्ध हो जाएगा कि विधानसभा में हमारा बहुमत है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि आपके द्वारा 17 मार्च को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट नहीं करवाए जाने पर और अपना बहुमत सिद्ध नहीं करने पर मुझे विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है मान लेना आधारहीन होने के साथ असंवैधानिक भी है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पत्र में राज्यपाल से बेंगलुरु में रुके बागी विधायकों का मुद्दा भी उठाते हुए उन्हें मुक्त कराने की बात कही है। सीएम कमलनाथ ने भाजपा पर कांग्रेस के 16 विधायकों को जबरदस्ती बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि विधायकों को बेंगलुरु में पुलिस की मदद से होटल रिसॉर्ट में बंदी की तरह रखा गया है। उनसे कोई मिल नहीं सकता, बात नहीं कर सकता और उन्हें भोपाल आने से रोका जा रहा है। भाजपा नेताओं पर आरोप लगाते हुए सीएम कमलनाथ ने कहा कि विधायकों के मन मस्तिष्क पर प्रलोभन, डर दबाव डालकर मीडिया में झूठे बयान दिलवाए जा रहे है। सीएम कमलनाथ ने राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि बंदी बनाए गए 16 कांग्रेस विधायकों को स्वतंत्र होने दीजिए और पांच सात दिन खुले वातावरण में बिना किसी डर दबाव के रहने दीजिए फिर वे स्वतंत्र मन से निर्णय ले सकेंगे।
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17 March 2020भोपाल। बेंगलुरु में ठहरे कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक 22 बागी विधायक मंगलवार को मीडिया के सामने आए। उन्होंने प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कमलनाथ सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। विधायकों का कहना है कि वचन पत्र में किए गए वादों को नहीं निभाए जाने के कारण उन्होंने इस्तीफा दिया है। इसके अलावा बागी विधायकों ने भाजपा द्वारा बंधक बनाए जाने की खबरों का भी खंडन किया है। इसके साथ ही विधायकों ने यह भी दावा किया है कि हमारे साथ अभी 20 और कांग्रेस विधायक आएंगे। मंगलवार को बेंगलुरु के रिसार्ट में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कांग्रेस के सभी 22 विधायकों ने एक सुर में कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा है। सिंधिया समर्थक विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हमें 5 मिनट भी धैर्य से नहीं सुना। हमारे विधानसभा क्षेत्र में 1 रुपये का भी काम नहीं हुआ लेकिन हम किसको अपनी समस्या बताएं। विधायकों का आरोप है कि सारे काम छिंदवाड़ा में हुए, वहां हुए हजारों करोड़ के कार्यों के मुकाबले हमारे विधानसभा क्षेत्र में कुछ भी मंजूर नही हुआ, इसलिए हम सब ने विधायक पद से इस्तीफे दिए हैं। विधायकों ने मीडिया के सामने आकर कहा कि हमें यह सूचना मिली कि हमें बंधक बनाया गया है, लेकिन आप लोग देख सकते हैं कि यह बात गलत है, हम स्वतंत्र है और अपनी मर्जी से यहां है। जब चुनाव लड़ा गया तो दो चेहरे सामने लाए गए जिसमें कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया थे। इसके बाद सिंधिया की जगह कमलनाथ को सीएम बनाया गया। सीएम बनने के बाद उनका व्यवहार बदल गया। हर बार छिंदवाड़ा में कामों के लिए पैसा लगाया जा रहा था। ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरकार बनाने में बड़ी भूमिका थी। हमारे साथी विधायक जो जयपुर में थे उनसे पूछ लीजिए, वह भी इनसे प्रताड़ित हैं। बिसाहूलाल बोले, मुझे सम्मान नहीं दिया गया प्रेस वार्ता में सिंधिया समर्थक विधायक बिसाहूलाल सिंह ने कहा कि मैं दिल्ली गया, वहां मुझे राहुल गांधी ने कहा तुम्हारे साथ अन्याय हुआ है, तुम्हारा नाम तो मंत्री बनाए जाने की सूची में था। बिसाहूलाल ने कहा कि मुझे सम्मान नहीं दिया गया, सीएम से मिलने पर कहा जाता था जल्दी निकल जाओ। कमलनाथ ने एक भी आदिवासी को पट्टा नहीं दिया गया, आदिवासी को शादी पर कोई पैसा नहीं मिला। यह सिर्फ बोलते हैं, मैंने भाजपा ज्वाइन कर ली है। बिसाहूलाल ने कहा कि कोरोना का इतना ही डर है तो वल्लभ भवन में भी छुट्टी करवा दीजिए। सबसे सीनियर नेता को न तो मंत्री बनाया गया न ही विधानसभा अध्यक्ष। बेंगलुरु में रुकने पर विधायक ने कहा कि जब सिंधिया जैसे बड़े नेता पर हमला हो सकता है, तो हम लोग कैसे मप्र में सुरक्षित रह सकते हैं, इसलिए हम विधायक यहाँ बेंगलुरु में हैं। इमरती बोली, मुख्यमंत्री से मिलना मुश्किल होता था प्रेसवार्ता में इमरती देवी ने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलना मुश्किल होता था। जब मुलाक़ात करने जाए तो कहते थे चलो निकलो, जल्दी बात करो और जाओ। मैं आज जो भी हूं, ज्योतिरादित्य सिंधिया की वजह से हूं। सरकार ने वचनपत्र तैयार किया था, उस पर कोई अमल नहीं हुआ। मैंने मुख्यमंत्री से कहा था कि जब मेरे इलाके में काम ही नहीं हुआ, तो मुझे अब आगे चुनाव नहीं लड़ना। गोविंद सिंह का आरोप, सिर्फ छिंदवाड़ा को दिए हजारों करोड़ पत्रकारों को संबोधित करते हुए गोविंद सिंह राजपूत ने आरोप लगाए कि कैबिनेट ने सिर्फ छिंदवाड़ा को ही हजारों करोड़ रुपए आवंटित किए। हमने मुख्यमंत्री से कहा कि केवल इस पर चुनाव नहीं जीता जा सकता। गोविंद सिंह ने कहा कि जयपुर-भोपाल में ठहराए गए कांग्रेस के विधायकों को अगर खुला छोड़ दिया तो वे भी हमारे पास बेंगलुरु में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने इस्तीफा सौंपा है और सभी केंद्रीय सुरक्षा बल की मौजूदगी में भोपाल आने को तैयार हैं। छह विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए गए तो 16 के क्यों नहीं। हम सभी उपचुनाव के लिए तैयार हैं। दिग्जिवय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा माफिया आज भी सरकार चला रहा है। इससे पहले सोमवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट की संभावना के चलते सभी 22 बागी विधायकों का मेडिकल फिटनेस कराया गया है। कोरोना टेस्ट की स्क्रीनिंग के लिए 5 सीनियर डॉक्टरों की टीम 30 से ज्यादा किट लेकर पहुंची थी। सभी विधायकों का हीमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर ओर शुगर टेस्ट भी कराया गया। कुछ विधायक ने बेचैनी की शिकायत की थी। डॉक्टरों ने मेडिकल फिट घोषित कर दिया है। कोरोना नेगेटिव पाया गया है। ये सर्टिफिकेट भोपाल पहुंच गए हैं।
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17 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में सत्ता को लेकर चल रहा सियासी घमासान सोमवार को एक नये मोड़ पर पहुंच गया है। विधानसभा की कार्यवाही बिना फ्लोर टेस्ट के स्थगित होने के बाद भाजपा ने जहां सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है, वहीं राज्यपाल लालजी टण्डन ने सीएम कमलनाथ को दोबारा पत्र लिखकर मंगलवार, 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने को कहा है। दरअसल, विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद भाजपा विधायक राजभवन पहुंचे थे और राज्यपाल के समक्ष परेड करते हुए उचित कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद राज्यपाल ने सीएम कमलनाथ को फ्लोर टेस्ट के संबंध में दोबारा पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने सीएम कमनलाथ को संबोधित करते हुए लिखा है कि मेरे द्वारा 14 मार्च को भेजे गए पत्र का जो उत्तर आपने भेजा है, उसका भाव और भाषा संसदीय मर्यादाओं के अनुकूल नहीं है। मैंने अपने पत्र में आपसे विधानसभा में 16 मार्च को विश्वास मत प्राप्त करने का निवेदन किया था। आज विधानसभा का सत्र प्रारंभ हुआ। मैंने अपना अभिभाषण पढ़ा, परन्तु आपके द्वारा सदन में विश्वास मत प्राप्त करने की कार्यवाही प्रारंभ नहीं की गई और इस संबंध में कोई सार्थक प्रयास भी नहीं किया गया। बिना फ्लोर टेस्ट के ही सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी गई। राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा है कि आपने अपने पत्र में सर्वोच्च न्यायालय के जिस निर्णय का जिक्र किया है, वह वर्तमान परिस्थितियों में लागू नहीं होता है। जब यह प्रश्न उठे कि किसी सरकार को सदन का विश्वास प्राप्त है या नहीं, ऐसी स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अपने अनेक निर्णयों में निर्विवादित रूप से स्थापित किया गया है कि इस प्रश्न का उत्तर अंतिम रूप से सदन में फ्लोर टेस्ट के माध्यम से ही हो सकता है। आपने मेरे द्वारा दी गई समयावधि में अपना बहुमत सिद्ध करने की बजाय यह पत्र लिख कर विश्वास मत प्राप्त करने और फ्लोर टेस्ट कराने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है, जिसका कोई औचित्य नहीं है। अत: आपसे पुन: निवेदन है कि आप संवैधानिक एवं लोकतंत्रीय मान्यताओं का सम्मान करते हुए बुधवार, 17 मार्च तक मध्यप्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाएं तथा अपना बहुमत सिद्ध करें, अन्यथा यह माना जाएगा कि वास्तव में आपको विधानसभा में बहुमत प्राप्त नहीं है।
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16 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में सियासी घमासान के बीच सोमवार को बजट सत्र शुरू हुआ। परम्परा के अनुसार इसकी शुरुआत राज्यपाल लालजी टण्डन के अभिभाषण से हुई, लेकिन राज्यपाल ने एक मिनट में चंद लाइनें पढक़र अपना अभिभाषण पूरा कर दिया और इसके बाद विधायकों को नियमों का पालन करने और विधानसभा की गरिमा मनाए रखने की सलाह देकर सदन से रवाना हो गए। दरअसल परम्परा के मुताबिक विधानसभा के साल के पहले सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होती है। अभिभाषण में राज्यपाल को अपनी सरकार के पिछले एक साल के कार्यकाल का लेखा-जोखा सदन में रखना होता है। सोमवार को मप्र विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल लालजी टण्डन के अभिभाषण से हुई। राज्यपाल के सदन में पहुंचते ही भारी हंगामा शुरू हो गया था। हंगामे के बीच ही उन्होंने अभिभाषण पढ़ते हुए कहा कि मेरी सरकार ने आवास के लिए पत्रकारों के लिए पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान पर 25 लाख रुपये का ऋण देने का निर्णय लिया है। एक वर्ष में बहुआयामी विकास की कोशिश की है। वचन पत्र के वचनों की पूर्ति के लिए कार्य किए हैं। वचन पत्र और रोडमैप पर अमल कर प्रदेश की नई पहचान बनाई जाएगी। इतना कहने के बाद वे वहां से निकल गए, लेकिन जाने से पहले उन्होंने सदन के सभी सदस्यों को शुभकमानाएं देते हुए सलाह दी कि वे शांतिपूर्ण तरीके से संविधान द्वारा निर्देशित परंपरा और नियमों का पालन करें और विधानसभा की गरिमा बनाए रखें ताकि मध्यप्रदेश के गौरव और लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन हो सके।
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16 March 2020नई दिल्ली। मध्यप्रदेश का सियासी मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है। भाजपा ने तुरंत फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। शिवराज सिंह चौहान की याचिका पर कल यानि 17 मार्च को सुनवाई संभव है। अभी शिवराज सिंह के वकील ने मामले को रजिस्टार के समक्ष मेंशन कर जल्द सुनवाई की गुहार लगाई है। रजिस्टार ने कहा कि याचिका में कुछ खामियां हैं और अगर वो दूर कर लेते हैं तो मामले की सुनवाई 17 मार्च को होगी। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 मार्च तक विधानसभा की कार्यवाही स्थगित रखने के स्पीकर के फैसले को चुनौती दी है। याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट स्पीकर को आदेश दे कि 12 घंटे में बहुमत परीक्षण कराए।
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16 March 2020भोपाल। राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को उनके अभिभाषण के तुरंत बाद विधानसभा में फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश दिये हैं। इसके बाद सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी ने अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। जयपुर से लौटे कांग्रेस के विधायकों की बैठक रविवार को होटल कोर्ट यार्ड मैरियट में हो रही है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर के आवास पर बैठक की। विधानसभा में सोमवार सुबह होने वाले फ्लोर टेस्ट की रणनीति बनाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, हाल ही में भाजपा में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री नरेंद्रसिंह तोमर और धर्मेंद्र प्रधान के बीच मंत्रणा हुई। बैठक के बाद बीजेपी के सभी वरिष्ठव नेता सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के आवास पर भी गए और उनसे विभिन्न संभावनाओं को लेकर परामर्श लिया। मध्यिप्रदेश के मौजूदा सियासी संकट पर कोई भी कदम उठाने से पहले बीजेपी नेतृत्व सभी कानूनी पहलुओं पर विचार करना चाहता है। इसी सिलसिले में बैठक के बाद सभी नेता सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सलाह-मशविरा करने पहुंचे थे। इससे पहले रविवार को ही पार्टी के विधानसभा में मुख्य सचेतक पूर्व मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सभी पार्टी विधायकों को व्हिप जारी कर उनसे अनिवार्य रूप से सोमवार को विधानसभा में उपस्थित रहने को कहा है।
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15 March 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कांग्रेस विधायक जयपुर से भोपाल वापस लौट आए हैं। रविवार सुबह करीब 11 बजे 130 सीटर इंडिगो एयरलाइन्स के विशेष विमान से सभी कांग्रेस विधायक भोपाल के राजाभोज एयरपोर्ट पहुंचे। एयरपोर्ट से बाहर निकलते हुए कांग्रेस विधायकों ने विक्ट्री साइन दिखाया। कांग्रेसी विधायकों के साथ उनका स्टॉफ भी इसी विमान से भोपाल आया। विधायकों को लेने पूर्व महापौर सुनील सूद, कांग्रेस जिला अध्यक्ष कैलाश मिश्रा और पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल एयरपोर्ट पहुंचे। पिछले पांच दिनों में जयपुर में रखे गए कांग्रेस के 82 विधायक रविवार को भोपाल आ गए। जयपुर से आए सभी कांग्रेसी विधायकों को एयरपोर्ट से सीधे होटल ले जाया गया, यहां सभी को एक साथ रखा जाएगा। सीएम कमलनाथ होटल में विधायकों से मुलाकात करेंगे। इसके मद्देजनर होटल की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। होटल के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। बाहरी लोगों की आवाजाही पर भी पाबंदी लगाई गई है। इसके अलावा आज शाम को मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक है। जहां सभी विधायक बैठक में शामिल होंगे। संभावना है कि सोमवार को कांग्रेस विधायकों को सीएम हाउस से ही विधानसभा ले जाया जाएगा। इससे पहले भोपाल के राजाभोज एयरपोर्ट पर धारा 144 लागू कर दी गई थी। साथ ही साथ एयरपोर्ट पर सुरक्षा इतनी कड़ी कर दी गई थी कि एयरपोर्ट छावनी में तब्दील हो गया। आम लोगों की गाडिय़ों को एयरपोर्ट से पहले ही रोक दिया गया था।
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15 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते कई दिनों से जारी सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। संकट से गुजर रही कमलनाथ सरकार को 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा। शनिवार आधी रात राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का निर्देश दे दिया। राज्यपाल का यह आदेश पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत प्रदेश भाजपा नेतृत्व का एक दल द्वारा राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने के सात घंटे बाद आया है। राज्यपाल ने पत्र में कहा कि सरकार अभिभाषण के ठीक बाद बहुमत साबित करे। विश्वास मत विभाजन के आधार पर बटन दबाकर होगा, अन्य किसी तरीके से नहीं। इसकी संपूर्ण प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जाए। यह कार्यवाही हर हाल में 16 मार्च को प्रारंभ होगी और स्थगित, विलंबित या निलंबित नहीं की जाएगी। इस फरमान के साथ जोड़-तोड़ की सियासत करने वालों को तगड़ा झटका लगा है। राज्यपाल ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 174 और 175 (2) में वर्णित संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए वे निर्देश देते हैं कि एमपी की विधानसभा का सत्र 16 मार्च को उनके अभिभाषण के साथ शुरू होगा। राज्यपाल ने स्पष्ट कहा है कि उनके अभिभाषण के तत्काल बाद सदन में जो एकमात्र काम होगा वो विश्वास मत पर मतदान होगा। राज्यपाल ने अपने पत्र में लिखा है, मुझे जानकारी मिली है कि 22 विधायकों ने मध्य प्रदेश विधानसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। उन्होंने इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया को भी इसकी जानकारी दी है। मैंने इस बावत मीडिया कवरेज को भी देखा है। राज्यपाल लालजी टंडन ने सीएम को लिखा है कि उन्होंने भी अपने 13 तारीख के पत्र में विश्वास मत हासिल करने पर सहमति दे दी है। उन्होंने कहा है कि विधानसभा के विपक्षी दल भाजपा ने एक ज्ञापन दिया है और ताजा घटनाक्रम का उल्लेख किया है। राज्यपाल ने कहा कि भाजपा ने यह भी बताया है कि राज्य सरकार द्वारा त्यागपत्र देने वाले एंव अन्य सदस्यों पर अवांछित दबाव बनाया जा रहा है। राज्यपाल ने आगे पत्र में लिखा, मुझे प्रथम दृष्टया विश्वास हो गया है कि आपकी सरकार ने सदन का विश्वास खो दिया है और आपकी सरकार अल्पमत में है, यह स्थिति अत्यंत गंभीर है, इसलिए संवैधानिक रूप से अनिवार्य एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आवश्वयक हो गया है कि दिनांक 16 मार्च 2020 को मेरे अभिभाषण के तत्काल बाद आप विधानसभा में विश्वासमत हासिल करें। उल्लेखनीय है कि वहीं शनिवार शाम को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव समेत अन्य भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर बजट सत्र से पहले फ्लोर टेस्ट की मांग की थी। वहीं कांग्रेस छोडक़र भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 22 विधायक बेंगलुरु में हैं। इनमें 6 मंत्री भी थे। इन सभी 22 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इनमें से छह विधायक जो राज्य में मंत्री थे उनके इस्तीफे को विधानसभाध्यक्ष एन पी प्रजापति ने मंजूर कर लिया है। इस बीच, कांग्रेस ने अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी कर दिया। स्पीकर ने बेंगलुरु से इस्तीफा भेजने वाले 22 विधायकों को नया नोटिस जारी किया है। अब इन सभी विधायकों को 15 मार्च को शाम 5 बजे तक पेश होने का वक्त दिया गया है। नियम के मुताबिक सभी विधायकों को स्पीकर के सामने उपस्थित होना जरूरी है। इसबीच, सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकती है। मुख्यमंत्री कमलनाथ कानूनी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं।
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15 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में मचे सियासी घमासान के बीच सिंधिया समर्थक छह मंत्रियों समेत 22 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने उनके इस्तीफों को लेकर नोटिस जारी कर अलग-अलग तारीखों में स्पष्टीकरण देने के लिए बुलाया था। इनमें से छह मंत्रियों को शुक्रवार को उनके समक्ष उपस्थित होना था, लेकिन वे भोपाल नहीं पहुंचे। अब उन्हें विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने शनिवार को दोबारा नोटिस जारी किया है, जिनमें उन्हें रविवार, 15 मार्च को अपने इस्तीफे को लेकर स्पष्टीकरण देने को कहा है। गौरतलब है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक माने जाने वाले छह मंत्री समेत 19 विधायक पिछले कुछ दिनों से बेंगलुरु के एक रिसोर्ट में ठहरे हुए हैं और उन्होंने वहीं से अपने इस्तीफे सोशल मीडिया के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति को भेजे थे। इसके बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता भूपेन्द्र सिंह ने कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर 22 कांग्रेस विधायकों को इस्तीफे उन्हें सौंपे। इसी को लेकर विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने नोटिस जारी कर छह मंत्रियों को शुक्रवार, 13 मार्च को बुलाया था, जबकि सात विधायकों को शनिवार को और शेष विधायकों को रविवार, 15 मार्च को उपस्थित होकर अपना इस्तीफा देने को कहा था। बेंगलुरु में रुके सिंधिया समर्थक विधायक शुक्रवार को भोपाल आने के लिए बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंच गए थे और करीब तीन घंटे वहां रुकने के बाद भोपाल आने की बजाय वापस रिसोर्ट पहुंच गए। बताया जा रहा है कि वे शनिवार शाम तक भोपाल आ सकते हैं। छह विधायकों को समय देने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने शुक्रवार को उनका करीब तीन घंटे इंतजार किया। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि मैं नियमों से बंधा हुआ हूं। विधायक मिलने नहीं आए इसलिए उन्हें अब बाद में मिलने का समय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विधायकों ने अपनी स्वेच्छा से इस्तीफे दिये हैं, इसका पता तभी चलेगा, जब वे स्वयं उपस्थित होकर अपना स्पष्टीकरण देंगे। इसीलिए उन्होंने शनिवार को उन छह विधायकों को पुन: नोटिस जारी कर रविवार, 15 मार्च को शाम पांच बजे तक उनके समक्ष पेश होने का समय दिया है।
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14 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते एक सप्ताह से चल रहा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके समर्थकों ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है। अब तक छह मंत्रियों समेत कुल 22 विधायकों के अलावा सैकड़ों सिंधिया समर्थक अपने पदों से इस्तीफा दे चुके हैं। ऐसे में कांग्रेस अपनी सरकार बचाने में जुट गई है। मुख्यमंत्री कमनलाथ ने शुक्रवार को राज्यपाल लालजी टण्डन से मुलाकात कर बेंगलुरु पहुंचे कांग्रेस के 19 विधायकों को वापस लाने की मांग की थी। इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया था कि भाजपा द्वारा उन विधायकों को बेंगलुरु में बंधक बनाकर रखा है। वहीं, उन्होंने दो मंत्रियों जीतू पटवारी और लाखन सिंह यादव को अपने विधायकों को मनाने के लिए बेंगलुरु भेजा था, लेकिन सिंधिया समर्थक विधायकों से बात करने के लिए बेंगलुरु गए मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह यादव नाकाम होकर लौट आए हैं। मंत्री जीतू पटवारी ने वापस आकर कहा है कि बेंगलुरु में सभी विधायकों को बंदी बनाकर रखा गया है। वे कांग्रेस के सदस्य हैं और वापस आने के बाद वे सरकार का ही साथ देंगे। बताया जा रहा है कि आज (शनिवार) शाम तक बेंगलुरु से सभी विधायक भोपाल पहुंचने वाले हैं। इधर, निर्दलीय विधायक सुरेन्द्र सिंह शेरा को सीएम कमनलाथ ने मंत्री बनाने का आश्वासन दिया है। इसके बाद से वे कमलनाथ सरकार का साथ देने की बात कह रहे हैं, जबकि बसपा के दो विधायक भी सरकार को समर्थन दे रहे हैं और अब तक बसपा ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं। राज्यसभा चुनाव में बसपा किसके साथ जाएगी, यह भी अभी तय नहीं हुआ है। दोनों बसपा विधायकों का कहना है कि उन्हें पार्टी सुप्रीमो मायावती के निर्देश का इंतजार है, लेकिन कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे एकमात्र सपा विधायक ने कांग्रेस का साथ देने का संकेत दिया है। सपा के प्रदेश प्रभारी जगदेव यादव ने कहा है कि हम कांग्रेस के साथ हैं और आगे भी रहेंगे।
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14 March 2020भोपाल। दिग्गज नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद से ही कांग्रेस नेताओं द्वारा लगातार उन पर जुबानी हमले किए जा रहे हैं। कांग्रेस नेता उन पर पद की लालसा में पार्टी के साथ धोखा करने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं अब मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए सिंधिया पर तंज कसा है। दिग्विजय सिंह ने शनिवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर सिंधिया पर जमकर हमला बोला है और उन्हें कांग्रेस और गांधी परिवार को धोखा देेने की बात कही है। दिग्विजय ने ट्वीट कर खुद के लिए कहा कि मुझे सत्ता मोह नहीं है। मैं सत्ता से बाहर रहा और कांग्रेस पार्टी के लिए 2004 से 2014 तक काम किया, इस तथ्य के बावजूद कि मुझे मंत्रिमंडल में शामिल होने और राज्यसभा में जाने की पेशकश की गई थी, लेकिन मैंने विनम्रता से मना कर दिया। मैं अपने गृह क्षेत्र राजगढ़ से आसानी से लोकसभा में आ सकता था लेकिन मैंने मना कर दिया और कांग्रेस उम्मीदवार को जीत मिली। क्यों? क्योंकि मेरे लिए विश्वसनीयता और विचारधारा अधिक महत्वपूर्ण है जो दुर्भाग्य से भारतीय राजनीतिक परिदृश्य से गायब हो गई है। दुखद है। अपने ट्वीट में सिंधिया को महाराज संबोधित कर दिग्विजय ने तंज कसते हुए लिखा ‘मैंने कभी यह उम्मीद नहीं की थी कि महाराज (क्षमा करें, क्योंकि मैं खुद एक रियासती पृष्ठभूमि से आता हूं, मैं उन्हें ज्योतिरादित्य कह कर संबोधित नहीं कर सकता) कांग्रेस और गांधी परिवार को धोखा देंगे और किसके लिए! राज्यसभा और कैबिनेट मंत्री बनने मोदीशाह के नेतृत्व में? दु:खद है कभी भी उनसे यह उम्मीद नहीं करता था। लेकिन फिर कुछ लोगों के लिए पॉवर ऑफ हंगर (सत्ता की भूख), विश्वसनीयता और विचारधारा जो एक स्वस्थ लोकतंत्र का सार है से अधिक महत्वपूर्ण है। दिग्विजय सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा है कि मैं ऐसे परिवेश में पला बढ़ा जहाँ मेरे पिता नास्तिक थे और मेरी माँ बहुत धार्मिक थीं। मेरे लिए मेरा धर्म सनातन धर्म है और सार्वभौम भाईचारे में मेरा विश्वास है। 1981 में जब मैं भारत के सबसे अधिक सम्मानित और वरिष्ठतम जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद जी से मिला तब मेरी मान्यताओं को और दृढ़ता मिली। और मैंने उनसे "दीक्षा" ले ली। मेरे लिए मेरा धर्म मानवतावाद "इन्सानियत" है जो हिंदुत्व के बिलकुल विपरीत है। अपने आप को शक्तिशाली बनाने की बजाय मेरे लिए सत्ता सिर्फ मानवता की सेवा करने के संकल्प को पूरा करने का साधन मात्र है। मुझे संघ में शामिल होने का मौका मिला लेकिन मैं नहीं गया एक पुराने किस्से को साझा करते हुए दिग्विजय ने आगे लिखा कि राजमाता विजया राजे सिंधिया जी, जिनके लिए मेरे मन में अभी भी बहुत सम्मान है, वे चाहती थी कि मैं 1970 में जनसंघ में शामिल हो जाऊं। जब मैं राघौगढ़ नगर पालिका का अध्यक्ष था, लेकिन मैंने विनम्रता से मना कर दिया। जब मैंने गुरु गोलवलकर की किताब "बंच ऑफ थॉट्स" को पढ़ा और आरएसएस के नेताओं से बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी आरएसएस के प्रचारकों की इस नई नस्ल का सबसे शानदार उदाहरण दिग्विजय ने कहा कि मैं भाजपा से बिलकुल सहमत नहीं हूँ लेकिन उनकी विचारधारा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की प्रशंसा करता हूँ। आरएसएस 1925 से 90 के दशक तक अपने अंतिम लक्ष्य "हिंदू राष्ट्र" को भुलाए बगैर दिल्ली में सत्ता में आने के लिए इंतजार किया। उन्होंने सफलतापूर्वक समाजवादियों और विशेष रूप से जेपी और अब नीतीश को आरएसएस प्रचारक को पीएम बनाए जाने के अपने अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मूर्ख बनाया है। मैंने ऐसे आरएसएस कार्यकर्ताओं को भी देखा है जिन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर अपने परिवार को संघ के लिए काम करने के लिए छोड़ दिया। लेकिन अब आरएसएस के नए प्रचारक बदल गए हैं। नरेंद्र मोदी आरएसएस के प्रचारकों की इस नई नस्ल का सबसे शानदार उदाहरण हैं। मैं नरेंद्र मोदी जी का प्रशंसक नही हूँ बल्कि उनके सबसे कटु आलोचकों में से एक हूँ, लेकिन हर मुद्दे और हर अवसर पर बिना कोई समझौता किए देश को ध्रुवीकृत करने के उनके साहस के प्रयास की प्रशंसा करता हूं। ऐसा करते वक्त उन्होंने कभी परवाह नही की कि भारत के सनातन धर्म और हिंदू धर्म की मान्य परंपराओं द्वारा बुने गए सामाजिक ताने बाने को नष्ट करने से देश को क्या नुकसान हो रहा है?
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14 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रहा राजनीतिक घमासान शुक्रवार को भी जारी रहा। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति द्वारा नोटिस जारी कर समक्ष उपस्थित होकर जवाब देने का कहने के बाद सिंधिया समर्थक विधायक शुक्रवार को भोपाल आने के लिए बेंगलुरु एयरपोर्ट पहुंच गए थे, लेकिन वे वहां से वापस होटल गए। अब सभी विधायक शनिवार को भोपाल आएंगे। बताया जा रहा है कि सिंधिया समर्धक विधायकों से बेंगलुरु एयरपोर्ट पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बातचीत की। इसके बाद वे वापस होटल लौट गए। वहीं, कांग्रेस नेताओं ने इन विधायकों को भाजपा द्वारा बंधक बनाए रखने का आरोप लगाया है। सिंधिया समर्थकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह यादव ने शुक्रवार को वहां मीडिया से बातचीत में बताया कि सभी कांग्रेस के विधायक भोपाल आना चाहते थे, लेकिन भाजपा ने उन्हें बंधक बनाकर रखा है। सिंधिया समर्थक मंत्रियों को हटायावहीं, राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की सिफारिश पर शुक्रवार को छह सिंधिया समर्थक मंत्रियों को उनके पद से हटा दिया है। इन मंत्रियों में इमरती देवी, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर और डॉ. प्रभुराम चौधरी हैं। ये सभी मंत्री बेंगलुरु में डेरा डाले हुए हैं। इन छह मंत्रियों को विधानसभा अध्यक्ष ने शुक्रवार को विधानसभा पहुंचकर अपना जवाब पेश करने का नोटिस दिया था, लेकिन वे नहीं पहुंचे।इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने है कि इस्तीफा दिए 6 कांग्रेसी विधायकों को शुक्रवार को मिलने का समय दिया गया था। लेकिन कोई भी विधायक मिलने नहीं पहुंचे। उन्होंने तीन घंटे उनका इंतजार किया। अब शनिवार को दूसरे विधायकों को समय दिया गया है। इसलिए उनसे मुलाकात की जाएगी। आज जो विधायक नहीं आए हैं, अब उनको मिलने की अगली तारीख दी जाएगी। दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस के बागी विधायकों के इस्तीफे पर उन्हें नोटिस जारी कर उन्हें प्रत्यक्ष रूप से अपना इस्तीफा सौंपने को कहा था। इनमें छह विधायकों को शुक्रवार को, 8 को शनिवार को और बाकी विधायकों को रविवार को विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत होना था। भोपाल एयरपोर्ट पर भिड़े भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ताइधर, बेंगलुरु से शुक्रवार को बागी कांग्रेस विधायक भोपाल पहुंचने वाले थे, लेकिन उनका आना टल गया। उनके इंतजार में भोपाल के राजाभोज एयरपोर्ट सुबह से कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा हुआ था। इस दौरान कांग्रेस-भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हो गई। सूचना मिलने पर भोपाल कलेक्टर तरुण पिथौड़े और डीआईजी इरशाद वली एयरपोर्ट पहुंचे और मौके पर तनाव को देखते हुए कलेक्टर ने धारा-144 लागू करने के आदेश दिये। बताया जा रहा है कि विवाद भाजपा कार्यकर्ताओं के सिंधिया के समर्थन और कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध में नारे लगाने के दौरान हुआ। गहमागहमी के माहौल के चलते कांग्रेस के विधायकों को सीआईएसएफ के जवानों ने रोक दिया। इसके बाद उन्होंने सिंधिया के विरोध में नारेबाजी की। राज्यपाल से मिले भाजपा के दिग्गज, फ्लोर टेस्ट की कर सकते हैं मांगइस शुक्रवार को सियासी गतिविधियों के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान, नरेंद्र सिंह तोमर, भूपेंद्र सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया राज्यपाल से मिलने के लिए राजभवन पहुंचे, जहां प्रदेश में चल रही ताजा राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा की। वहीं, शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्यपाल से मुलाकात की थी और उन्होंने राज्यपाल को एक पत्र सौंपते हुए यह गुहार लगाई थी कि कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा भाजपा द्वारा प्रस्तुत किए जाने की जांच होनी चाहिए। साथ ही साथ उन्होंने भाजपा को फ्लोर टेस्ट के लिए भी आमंत्रित किया था। मुख्यमंत्री कमलनाथ के बाद अब भाजपा नेताओं का राज्यपाल से मिलना प्रदेश की राजनीतिक घटनाक्रम के लिए दिलचस्प है। अटकलें भी तेज है कि बीजेपी नेता राज्यपाल से फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकते हैं।
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13 March 2020भोपाल। भाजपा में शामिल होने के बाद पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को दोपहर में विधानसभा पहुंचकर राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल किया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, राज्यसभा सांसद प्रभात झा, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, गोपाल भार्गव समेत बड़ी संख्या में भाजपा नेता मौजूद रहे। सिंधिया के साथ ही भाजपा के दूसरे उम्मीदवार प्रो. सुमेर सिंह ने भी राज्यसभा के लिए अपना नामांकन पत्र जमा रिटर्निंग अधिकारी एपी सिंह को सौंपा। ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद पार्टी में जश्न का माहौल है। वे भाजपा की सदस्यता लेने के बाद गुरुवार शाम को भोपाल पहुंचे थे, जहां भाजपा कार्यालय में उनका भव्य स्वागत किया गया था। इसके बाद रात में उन्होंने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के घर डिनर किया, जहां उनकी जमकर आव-भगत की गई। वहीं शुक्रवार को उन्होंने अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ डॉ. नरोत्तम मिश्रा के लंच किया और फिर दोपहर दो बजे विधानसभा पहुंचे, जहां सिंधिया और प्रो. प्रोफेसर सुमेर सिंह ने भाजपा की ओर से राज्यसभा के लिए अपने नामांकन दाखिल किये। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटें आगामी नौ अप्रैल को खाली हो रही हैं। इनमें एक कांग्रेस के खाते की है, जबकि दो भाजपा के कब्जे वाली रही है। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह के साथ ही भाजपा सांसद प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया का कार्यकाल आगामी नौ अप्रैल को समाप्त होगा। इन तीन सीटों के लिए कांग्रेस की तरफ से दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को ही अपना नामांकन दाखिल कर दिया था, जबकि कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार फूल सिंह बरैया ने शुक्रवार को अपना नामांकन जमा किया है। मध्यप्रदेश विधानसभा में विधायकों के संख्याबल के आधार पर एक-एक सीट तो दोनों पार्टियों को मिलना तय है, लेकिन तीसरी सीट पर असमंजस की स्थिति है। प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के चलते यह हालात बने हैं। सिंधिया समर्थक विधायकों और मंत्रियों के इस्तीफे अगर स्वीकार होते हैं, तो यह सीट भाजपा के खाते में चली जाएगी, लेकिन इनके इस्तीफे स्वीकार नहीं हुए और वह कांग्रेस का साथ देते हैं तो भाजपा को एक ही सीट से संतोष करना पड़ सकता है। आगामी 26 मार्च को इस तीसरी सीट के लिए निर्वाचन होना है। भाजपा-कांग्रेस के बीच इस तीसरी सीट को लेकर घमासान होने की संभावना है।
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13 March 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच राज्यपाल लालजी टंडन होली की छुट्टी मनाकर गुरुवार की रात को भोपाल लौट आए हैं। उनके वापस लौटते ही शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राजभवन पहुंचकर उनसे मुलाक़ात की। इस दौरान सीएम कमलनाथ ने प्रदेश में भाजपा द्वारा की जा रही विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर राज्यपाल को पत्र सौंपा। पत्र में उन्होंने भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को राजभवन पहुंचकर तीन पेज का पत्र राज्यपाल को सौंपने के साथ ही उन्हें प्रदेश के राजनैतिक हालातों से अवगत कराया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुलाकात के दौरान राज्यपाल से मांग की है कि वे गृह मंत्री अमित शाह से बेंगलुरु में बंधक विधायकों को मुक्त कराने के लिए कहें। राजभवन से बाहर आने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम कमलनाथ ने कहा कि मैंने आज राज्यपाल से मुलाकात कर उन्हें होली की बधाई दी है। साथ ही प्रदेश के राजनीतिक हालातों पर चर्चा करते हुए मैंने राज्यपाल से यह माँग भी की है कि बैंगलुरु में बंधक हमारे कांग्रेस के विधायकों को क़ैद से छुड़ाकर वापस भोपाल लाया जाए। सीएम कमलनाथ ने आगे कहा कि यह सच्चाई पूरा देश देख चुका है कि किस प्रकार से कांग्रेस विधायकों को कैद रखा गया है। आप 22 विधायकों को कैद कर लें और फिर फ्लोर टेस्ट की माँग करे, यह पूरी तरह से गलत है। सीएम कमलनाथ ने कहा कि फ़्लोर टेस्ट तब संभव है, जब वे स्वतंत्र हो। विधायकों को मीडिया के सामने लाया जाये। राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर फ्लोर टेस्ट हो ही जायेगा।
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13 March 2020भोपाल। इस देश में दो तरीके के लोग हैं। इनमें से कइयों का मकसद राजनीति होता है और कइयों का जनसेवा। मैं गर्व से कह सकता हूं कि अटलजी रहे हों या नरेंद्र मोदीजी हों, चाहे सिंधिया परिवार की सदस्य मेरी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया, मेरे पूज्य पिताजी हों या मैं फिर मैं.., हमारा लक्ष्य जनसेवा है और राजनीति उसका माध्यम है। यह बातें पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार शाम को भाजपा कार्यलय में आयोजित भव्य स्वागत समारोह में पार्टी कार्यकर्ताओं और अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आज मेरे लिए एक बहुत भावुक दिन हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पीएम नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के आशीर्वाद से मेरे लिए भाजपा का दरवाजा खुला। जिस परिवार में मैंने 20 साल बिताए हैं, मैं कांग्रेस को छोडक़र अपने आप को भाजपा के हवाले कर रहा हूं। सिंधिया परिवार का लक्ष्य राजनीति नहीं, जनसेवा हैं। कुर्सी और पद महत्वपूर्व नहीं, सम्मान महत्वपूर्ण होना चाहिए। मैं संकोच करने वाला व्यक्ति नहीं हूं। केवल सम्मान और पहचान के साथ मैं आपके हृदय में स्थान पा सकूंगा तो अपने जीवन को सफल मानूंगा। उन्होंने शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करते हुए कहा कि आज हम एक साथ हैं। दल अलग हो सकते हैं, राजनीतिक रंग अलग हो सकते हैं, मतभेद हो सकते हैं, लेकिन पक्ष और विपक्ष के बीच कभी मनभेद नहीं होना चाहिए। विपक्ष में बैठकर भी शिवराज सिंह जैसा समर्पित और जनता के प्रति सबकुछ न्यौछावर करने वाला कार्यकर्ता इस देश और प्रदेश में बिरला ही होगा। प्रदेश में दो ही नेता कार में एसी नहीं चलाते हैं, एक शिवराज जी और दूसरा मैं। शिवराज जी और हम अब एक हैं। जब एक और एक मिल जाएं तो 11 होना चाहिए। शिवराज जी को मैंने अंदर से देखा है। इससे पहले भाजपा कार्यालय में आयोजित सिंधिया के स्वागत समारोह में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज का दिन विशेष है। गौरवशाली और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए भाजपा कार्यकर्ता राजनीति करते हैं। शिवराज ने भाजपा के पितृपुरुषों का उल्लेख करते हुए कहा कि मोदीजी के नेतृत्व में संकल्प पूरा हो रहा है। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय समेत पार्टी पदाधिकारी और हजारों की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार क पहली बार भोपाल पहुंचे थे। शाम पांच बजे भोपाल एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत के बाद उनका रोड शो शुरू हुआ, जो करीब 20 किलोमीटर का सफर तय कर भाजपा कार्यालय पहुंचा। यहां उन्होंने पं. दीनदयाल उपाध्याय, कुशाभाऊ ठाकरे, राजमाता सिंधिया और माधवराव सिंधिया की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया। इस दौरान भाजपा नेताओं द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया।
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12 March 2020भोपाल। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को विधानसभा पहुंचकर राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर उनके साथ उनकी धर्मपत्नी अमृता सिंह, पुत्र और नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह, मंत्री गोविंद सिंह, आरिफ अकील, पीसी शर्मा, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव, रामेश्वर निखरा, राजकुमार पटेल समेत समर्थक उपस्थित थे। दिग्विजय सिंह ने नामांकन दाखिल करने के बाद कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मुख्यमंत्री कमलनाथ को धन्यवाद दिया। इस दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी भी विचारधारा से समझौता नहीं किया और न ही उन्होंने कभी पद का लालच रखा। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में इस समय साम्प्रदायिक शक्तियां हावी हैं। भाजपा अपनी सरकार बनाने के लिए जिस तरह के हथकंडे अपना रही है, उसे जनता को समझना चाहिए। ये प्रजातंत्र के सिद्धांत के खिलाफ है। हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं। सिंधिया के भाजपा से जुड़ने पर उन्होंने कहा कि ये लड़ाई नेहरू-गांधी और गोडसे की विचारधारा के बीच की है। इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गोडसे को चुना जिसका हमें दुख है। उन्होंने सिंधिया द्वारा प्रदेश सरकार पर ट्रांसफर उद्योग चलाए जाने के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि सिंधिया के कहने पर सैकड़ों तबादले हुए हैं।मेरे गृह जिले में कलेक्टर-एसपी तक के तबादले सिंधिया के कहने पर किये गए। यहां तक कि सिंधिया के मुताबिक टिकट बांटे गए और मंत्री बनाये गए। दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस को उन्हें अध्यक्ष बनाने या फिर राज्यसभा भेजने में कोई दिक्कत नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब सरकार बनी थी, तब सिंधिया को डिप्टी सीएम बनाने का प्रस्ताव दिया था लेकिन वो तुलसी सिलावट को डिप्टी सीएम बनाना चाह रहे थे। दिग्विजय सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक गांधी की विचारधारा छोड़कर गोडसे की विचारधारा से जुड़ रहे हैं। उन्होंने सिंधिया को भाजपा की ओर से सीएम के लिए बेहतर उम्मीदवार बताया है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में जल्द ही राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होने हैं।
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12 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच चल रहे सियासी घमासान की परिणति क्या होगी, इसको लेकर उत्सुकता बढ़ती जा रही है। वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद राज्य का सियासी परिदृश्य पूरी तरह से बदला गया है। हालांकि, सीएम कमनलाथ और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को अब भी उम्मीद है कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है, लेकिन सिंधिया के भाजपा का दामन थामने और उनके समर्थक छह मंत्रियों समेत 22 विधायकों के इस्तीफे के बाद बहुमत का आंकड़ा गड़बड़ा गया है। अब सभी की नजरें राजभवन पर टिकी हुई हैं। दरअसल सीएम कमनलाथ ने दो दिन पहले राज्यपाल लालजी टण्डन को पत्र लिखकर सिंधिया समर्थक छह मंत्रियों को हटाने की सिफारिश की थी। इन मंत्रियों को लेकर राज्यपाल कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। राज्यपाल होली की छुट्टियां मनाने लखनऊ गए हुए हैं और गुरुवार शाम तक भोपाल लौट आएंगे। वहीं, अगले सोमवार यानी 16 फरवरी से विधानसभा का बजट सत्र भी शुरू होने जा रहा है। इस दौरान भाजपा फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकती है। हालांकि कांग्रेस के सभी दिग्गज आश्वस्त हैं कि उनकी सरकार को कोई खतरा नहीं है। फ्लोर टेस्ट में भी बहुमत साबित करने में कमनलाथ सरकार कामयाब होगी।
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12 March 2020नई दिल्ली। कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में विधिवत शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आज जनसेवा का माध्यम नहीं रही तथा मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार भ्रष्टाचार में डूबी है जिसने राज्य की जनता को दिए गए वचन तोड़े हैं। भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सक्षम नेतृत्व में देश का भविष्य और विकास यात्रा पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने भाजपा नेतृत्व का आभार व्यक्त किया कि उन्हें इस परिवार में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया। इसके पहले भाजपा अध्यक्ष ने सिंधिया का पार्टी में स्वागत करते हुए उन्हें प्राथमिक सदस्यता की पर्ची और गुलदस्ता भेंट किया। 19 वर्षों तक कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय रहे सिंधिया ने गत मंगलवार को पार्टी से त्यागपत्र दे दिया था। सिंधिया के समर्थक मध्य प्रदेश के 20 से अधिक विधायकों ने भी कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है, जिसके कारण कमलनाथ सरकार के गिरने का खतरा बढ़ गया है। सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के अवसर पर पार्टी अध्यक्ष नड्डा ने उनकी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया का स्मरण करते हुए कहा कि राजमाता ने भारतीय जनसंघ के शैशवकाल और भाजपा की स्थापना से संगठन को मजबूत बनाया और दृष्ट व दिशा दी। राजमाता परिवार के एक सदस्य के रूप में ज्योतिरादित्य का भाजपा में शामिल होना घरवापसी जैसा है और वह भाजपा के परिवार के सदस्य हैं। ज्योतिरादित्य ने अपने संबोधन में कहा कि उनके जीवन में दो तारीखों की बहुत अहमियत है। पहली तारीख 30 सितंबर 2001 थी जब उनके पिता माधवराव सिंधिया का निधन हुआ था जिसके बाद उन्हें सक्रिय राजनीति में आना पड़ा था। दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 है जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ने की घोषणा की। अपने इस फैसले की पृष्ठभूमि बताते हुए सिंधिया ने कहा कि मध्य प्रदेश में जब विधान सभा चुनाव हुए तो एक नई उम्मीद जागी थी, किंतु 18 महीने में ही वह सपने पूरी तरह बिखर गए जो लोगों ने देखे थे। इसके उलट राज्य में तबादला उद्योग शुरू हो गया। सूबे में रेत माफिया का बोलबाला है। सिंधिया ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस में अलग हालात हैं। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखकर उन्होंने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया। राज्य और देश की प्रगति के लिए योगदान देने हेतु भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने मुझे यह मंच प्रदान किया। उन्होंने नड्डा, मोदी और शाह को इसके लिए धन्यवाद भी दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब वह पार्टी नही रही जो पहले थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने कहा कि उनका मन आज दुखी भी है और व्यथित भी। वह विश्वास के साथ कह सकते हैं कि उस पार्टी (कांग्रेस) द्वारा सार्वजनिक सेवा का उद्देश्य पूरा नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा, पार्टी की वर्तमान स्थिति यह इंगित करती है कि यह वैसा नहीं है जैसा वह हुआ करती थी। तीसरा-निर्णय उसके तीन मुख्य बिंदु हैं। एक- वास्तविकता से इनकार करना, दूसरा- जड़ता का वातावरण उत्तपन्न होना और नई विचारधारा को स्वीकार न करना और तीसरा नेतृत्व को मान्यता नहीं मिलना। सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि वह अपना सौभाग्य मानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी और जेपी नड्डा ने उन्हें वह मंच उपलब्ध कराया है जहां से वह जनसेवा के रास्ते पर आगे बढ़ पाएं । उन्होंने कहा कि देश में ऐसा जनादेश किसी को नहीं मिला है जैसा मोदी को मिला है। वह बेहद सक्रिय, क्षमतावान और पूर्णरूप से समर्पित होकर काम करते हैं, उन्होंने देश का नाम बढ़ाया है। उनमें भविष्य की चुनौतियों को परखने और उसके लिए योजना बनाकर काम करने की क्षमता है और उनके हाथ में भारत का भविष्य पूरी तरह सुरक्षित है। सिंधिया को भाजपा में शामिल कराने के अवसर पर मंच पर नड्डा के साथ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे, बैजयंत जय पांडा, राष्ट्रीय महासचिव अनिल जैन, अरूण सिंह, केंद्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, राष्ट्रीय प्रवक्ता जफर इस्लाम व मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीडी शर्मा उपस्थित रहे।
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11 March 2020भाजपा ज्वॉइन करने के बाद बताया क्यों छोड़ी कांग्रेस | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी खूब तारीफ की और कहा कि उनके नेतृत्व में देश का भविष्य उज्ज्वल है। आखिरकार भाजपा का दाम थाम लिया। दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय पहुंचे और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा का दामन थामने के बाद मीडिया को बताया कि आखिरी उन्होंने कांग्रेस क्यों छोड़ी | कहा की कांग्रेस अब पहले जैसी पार्टी नहीं रही। यहां जड़ता का वातावरण है। नए नेतृत्व और नई सोच के लिए कोई जगह नहीं है। वही सिंधिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी खूब तारीफ की और कहा कि उनके नेतृत्व में देश का भविष्य उज्ज्वल है। सिंधिया इस बीच इमोशनल भी हुए और बोले की 'मेरे जीवन में दो तारीखें बहुत अहम हैं। पहली 30 सितंबर 2001, जिस दिन मैंने अपने पूज्य पिता को खोया। दूसरी तारीख 10 मार्च 2020 जब उनकी 75वीं वर्षगांठ पर मैंने जीवन में नए मोड का सामना करते हुए बड़ा निर्णय लिया। मैंने सदैव माना है कि हमारा लक्ष्य भारत मां की सेवा और जन सेवा होना चाहिए। राजनीति इसका एक माध्यम मात्र है। उससे ज्यादा नहीं। मेरे पूज्य पिताजी और मैंने 19 सालों में जो भी समय मिला, पूरी शिद्दत के साथ यही करने की कोशिश की है।आज कांग्रेस पार्टी को लेकर मेरा मन दुखी है, क्योंकि आज जो स्थिति बनी है, उसमें मैं कह सकता हूं कि वहां रहते हुए जनसेवा नहीं कर पा रहा था। इसके अलावा तीन बिंदु हैं, जो कांग्रेस छोड़ने का मुख्य कारण बने। यहां वास्तविकता से इन्कार किया जाता है, वास्तविकता से समझकर उसके हिसाब से काम नहीं होता, यहां जड़ता आ गई है, नई सोच, नई विचारधार और नए नेतृत्व को सही मान्यता नहीं मिली है। ऐसा वातावरण राष्ट्रस्तर पर निर्मित हो चुका है।' जब 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी थी तब सपना देखा था । लेकिन 18 महीने में वह सपना बिखर गया। कहा गया था कि किसानों का 10 दिन में कर्ज माफ कर देंगे, 18 महीने बाद भी किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ है। आज भी किसानों को बोनस नहीं मिला है। मंदसौर गोलीकांड में जो केस दर्ज हुए थे, वो आज तक वापस नहीं हुए हैं। किसान त्रस्त है, नौजवान बेबस है। रोजगार के अवसर नहीं है। भ्रष्टाचार हो रहा है। रेत माफिया, ट्रांसफर माफिया काम कर रहे हैं।''मैं खुद को सौभाग्यशाली समझता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोजीदी, अमित शाहजी और जेपी नड्डाजी ने मुझे वो मंच प्रदान किया, जिसका आधार बनाकर मैं जनसेवा और राष्ट्रसेवा कर सकता हूं। देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुई कि दो बार पूर्ण बहुमत के साथ कोई सरकार चुन कर आए। हमारे प्रधानमंत्रीजी समर्पित भाव से काम करते हैं। वे पूरी श्रद्धा और क्षमता के साथ काम करते हैं। वे भविष्य की चुनौतियों के देखते हैं और उनका सामना करने के लिए योजना बनाते हैं। मैं कह सकता हूं कि मोदी के नेतृतव में भारत का भविष्य सुरक्षित है।'
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11 March 2020भोपाल। वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस से इस्तीफा देने और बगावत करने के बाद वे कांग्रेस नेताओं ने निशाने पर आ गए हैं। लगातार पार्टी द्वारा दरकिनार करने और अहमियत न मिलने के बाद सिंधिया ने इतना बड़ा निर्णय लिया, लेकिन मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इन तमाम बातों को नकारते हुए गलत ठहराया है। साथ ही ट्वीट कर ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशासा साधते हुए तंज कसा है। बुधवार सुबह दिग्विजय सिंह ने सिंधिया पर हमला करते हुए ट्वीट कर लिखा कि ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया को बिल्कुल भी पार्टी से दरकिनार नहीं किया गया था। पिछले 16 महीने में ग्वालियर और चंबल संभाग में बिना उनकी सहमति के कुछ नहीं किया गया। मध्यप्रदेश, खासकर ग्वालियर चंबल संभाग के किसी भी कांग्रेस नेता से इसके बारे में पूछा जा सकता है। सिंह ने कहा यह दुखद है लेकिन वे कांग्रेस छोडक़र मोदी - शाह की शरण में गए हैं, उनको शुभकामनाएं। सिंधिया के भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच दिग्विजय सिंह ने एक अन्य ट्वीट कर महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के नाम पर सिंधिया पर निशाना साधा है। दिग्विजय ने ट्वीट कर लिखा ‘महात्मा गांधी को मारने के लिए नाथूराम गोडसे ने जिस रिवॉल्वर का इस्तेमाल किया, उसे ग्वालियर के परचुरे ने उपलब्ध कराया था। दिग्विजय ने ट्वीट में जिन परचुरे का नाम लिया, उनका पूरा नाम डॉ. डीएस परचुरे था। वह ग्वालियर में एक हिंदू संगठन के प्रमुख थे। केन्द्र सरकार पर साधा निशाना इसके अलावा एक अन्य ट्वीट कर दिग्विजय सिंह ने केन्द्र सरकार पर भी हमला बोला है। दिग्विजय ने केन्द्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए ट्वीट कर लिखा ‘केंद्र सरकार के पास राज्यों को उनके हक़ का जीएसटी का मुआवजा देने के लिये पैसा नहीं है पर ग़ैर भाजपा सरकारों को गिराने के लिये समय भी है और पैसा भी है’।
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11 March 2020भोपाल। दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा बगावत करने के बाद अब कांग्रेस प्रदेश में अपनी सरकार बचाए रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। पार्टी में तोड़-फोड़ की आशंका और विधायकों को खरीद फरोस्त से बचाने की तैयारी में कांग्रेस के 88 और चार निर्दलीय विधायकों को विशेष विमान से भोपाल से जयपुर ले जाया जाएगा। जयपुर जाने से पहले सभी कांग्रेस विधायक सीएम कमलनाथ से मिलने पहुंचे। प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया और मुकुल वासनिक भी इनके साथ मौजूद हैं। कुछ विधायकों का कहना है कि हम साथ में घूमने जा रहे हैं, इसके अलावा उन्होंने कुछ नहीं कहा। बुधवार को कांग्रेस विधायक भोपाल से जयपुर रवाना होंगे। विशेष विमान से कांग्रेस के 88 और 4 निर्दलीय विधायक जयपुर भेजे जाऐंगे। विधायकों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को सौंपी गई है। बताया जा रहा है कि वहां सभी को ब्यूना विस्ता रिसोर्ट में ठहराया जा सकता है। इस पूरे काम को अंजाम देने के लिए जयपुर में राजस्थान सीएम की टीम ने मोर्चा संभाला हुआ है। बताते चले कि इससे पहले राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत महाराष्ट्र के विधायकों की भी 4 दिन आवभगत कर चुके हैं। इसके अलावा कमलनाथ सरकार में मंत्री गोविंद सिंह और सज्जन वर्मा बेंगलुरू पहुंचे है। यहां वे बागी विधायकों को मनाने की कोशिश करेंगे। डीके शिवकुमार के साथ रिजॉट्र्स पहुंचेंगे ताकि बागी विधायकों से बातचीत कर सकें।
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11 March 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार पर छाया संकट टलने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दिनों कांग्रेस के दो लापता विधायकों का अब तक पता नहीं चल पाया है और अब ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक और मंत्री लापता हो गए हैं। उनका फोन बंद आ रहा है और किसी का भी उनसे सम्पर्क नहीं हो पा रहा है। इसी बीच सीएम कमलनाथ सोमवार को दिल्ली गए थे और वहां सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद शाम को वापस भोपाल पहुंच गए हैं। वह भोपाल में प्रेस वार्ता करके कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं। जानकारी के अनुसार सिंधिया गुट के छह मंत्री सोमवार को दोपहर से गायब हैं। उनके मोबाइल भी बंद बताए जा रहे हैं। इनमें मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेन्द्र सिंह सिसोदिया, तुलसीराम सिलावट, इमरती देवी, गोविन्द सिंह राजपूत के साथ ही कुछ विधायक भी शामिल हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि सिंधिया को पार्टी में अहम जिम्मेदारी नहीं सौंपने से नाराज होकर यह सभी मंत्री-विधायक गायब हुए हैं और ये सभी बेंगलुरु पहुंचे हैं। सीएम कमलनाथ अभी दिल्ली से वापस भोपाल पहुंचे हैं और कुछ देर में वे प्रेस वार्ता को संबोधित कर मामले का खुलासा कर सकते हैं।
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9 March 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में राज्यसभा चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है। राज्यसभा चुनाव से पहले प्रदेश के सियासी गलियारों में हॉर्स ट्रेडिंग के मामले को लेकर भी बवाल मचा हुआ है। इन सब के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह दिल्ली के दौरे पर हैं। सोमवार 9 मार्च को सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह आलाकमान से मुलाकात कर सकते हैं। इस दौरान राज्यसभा के उम्मीदवारों के नामों पर भी बातचीत हो सकती है। सीएम कमलनाथ सोमवार से दिल्ली दौरे पर है। रविवार देर रात सीएम कमलनाथ अपने ओएसडी आरके मिगलानी के साथ भोपाल से दिल्ली के लिए रवाना हुए। इससे पहले स्टेट हैंगर पर ही सीएम कमलनाथ ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से मुलाकात की। दिल्ली दौरे के दौरान सीएम कमलनाथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। जिसमें राज्यसभा प्रत्याशी को लेकर चर्चा कर सकते हैं। 13 मार्च को राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख हैं। राज्यसभा के लिए दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और मीनाक्षी नटराजन समेत अन्य नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं।
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9 March 2020नई दिल्ली। कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल और यूपीए सरकार में कानून मंत्री रहे हंसराज भारद्वाज का रविवार की रात निधन हो गया। 82 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते थे। पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। सोमवार को उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगम बोध घाट परकिया जाएगा। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता हंसराज भारद्वाज के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हवाले से दुख व्यक्त करते हुए पीएमओ ने ट्वीट किया 'पूर्व मंत्री हंसराज भारद्वाज के निधन से दुखी। दुख की इस घड़ी में मेरे विचार उनके परिवार और शुभचिंतकों के साथ हैं। ओम शांति.' लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कर्नाटक और केरल के पूर्व राज्यपाल और पूर्व केन्द्रीय कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज के निधन पर शोक जताया है। लोकसभा अध्यक्ष ने अपने ट्विटर पर शोक प्रकट करते हुए कहा कि भारद्वाज जी का निधन राजनैतिक जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर हंसराज जी को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें। भारद्वाज 22 मई 2004 से 28 मई 2009 तक आजादी के बाद सबसे लंबा कार्यकाल चलाने वाले कानून मंत्री रहे हैं। वह 2009 से 2014 तक कर्नाटक के राज्यपाल रहे। 2012-13 तक वह केरल के राज्यपाल भी रहे। इसके अलावा हंसराज भारद्वाज 1982, 1994, 2000 और 2006 में राज्यसभा सदस्य भी रह चुके हैं। कांग्रेस नेता हंसराज भारद्वाज की पहचान सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील के तौर पर भी होती थी।
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9 March 2020उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर निर्माण के लिए दिए एक करोड़ बाला साहब ठाकरे की कट्टर हिंदूवादी पार्टी शिवसेना को जब से उनके पुत्र ने सभाला तब से कई सवालों के घेरे में बानी रही | हाल ही में जब उद्धव ठाकरे ने सरकार बनाने के लिए कांग्रेस से हाथ मिलाया तब जनता और विरोधी पार्टियों ने कहा था की अब यह बालासाहब ठाकरे के सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी नहीं हैं | अब उद्धव ठाकरे सीएम बनने के बाद पहली बार अयोध्या में रामलला के दर्शन करने पहुंचे तो राम मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए एक करोड़ रुपए देने की बात कही | उद्धव ठाकरे जब अयोध्या पहुंचे तो शिवसैनिकों ने उनका जमकर स्वागत किया । उन्होंने कहा कि मैं पिछले डेढ़ साल में तीन बार अयोध्या आ गया। यहां आया तो मैं मुख्यमंत्री बन गया जो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। मैंने कहा था कि मैं बार - बार यहां आऊंगा और देखिये डेढ़ साल में तीसरी बार अयोध्या आ गया हूं। राज्य में गठबंधन सरकार के कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने के बाद उद्धव ठाकरे अयोध्या राम मंदिर में दर्शन करने पहुंचे हैं हैं। शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे अयोध्या में राममंदिर निर्माण की मांग उठाते रहे थे। और जब मंदिर बन रहा हैं तो उद्धव ठाकरे द्वारा एक करोड़ दिया जा रहा हैं | कहा ये भी जा रहा हैं की उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी की खोई हिंदूवादी छवि को लौटने का प्रयास कर रहे हैं |
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7 March 2020कमलनाथ सरकार पर संकट आने का सबसे बड़ा कारण बने रूठे हुए विधायक | ये वो विधायक हैं जो मंत्री बनना चाहते हैं | इनमे निर्दलीय और अन्य दलों के विधायक भी हैं | कमलनाथ को कैसे भी करके इन्हे मानना होगा क्यूंकि कमलनाथ की लंगड़ी सरकार की ये सब बैसाखिया हैं | ये बात विपक्ष जनता हैं और शायद इसीलिए इन रूठे विधायकों पर दाव खेल रहा हैं | डंग के इस्तीफे से साफ़ हो गया हैं की अपनी ही सरकार से विधायक खुश नहीं हैं | और कई बार कई विधायक ये कहते भी नजर आये हैं की अपनी ही सरकार में हम काम नहीं करवा पा रहे है | अब इन रूठे विधायकों को कैसे मनाये इसकी जुगत में कमलनाथ लग गए हैं और उनका साथ देने के लिए सबसे पहले उनके सबसे भरोसेमंद मंत्री सज्जन सिंह वर्मा सामने आये हैं | लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा सहित कुछ अन्य मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा कि यदि आपको अन्य किसी को सरकार में समायोजित करना है तो हम पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। सूत्रों की माने तो पूरी कैबिनेट ने एक सुर में मुख्यमंत्री से कहा कि हम आपके साथ हैं, जो भी निर्णय लेंगे वो हमें मान्य होगा। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी विधानसभा के बजट सत्र के बाद मंत्रिमंडल विस्तार के संकेत दिए हैं। कुछ मंत्री पद की लालसा रखने वाले विधायकों को पद देने के लिए | संभवतः वर्तमान के कुछ मंत्रियों को निकट भविष्य में मंत्री पद छोड़ना पड़ सकता है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस, निर्दलीय, सपा और बसपा के विधायक मंत्री बनाने को लेकर सरकार पर लंबे समय से दबाव बना रहे हैं। खास तौर पर बसपा विधायक रामबाई और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा, सार्वजनिक तौर पर अपनी इच्छा जाहिर भी कर चुके हैं। कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह, केपी सिंह, हरदीप सिंह डंग, एंदल सिंह कंषाना का मंत्री नहीं बनाने को लेकर दर्द भी सामने आता रहा है। सरकार पर छाए संकट की मुख्य वजह इसे ही माना जा रहा है, इसलिए मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। अब इस्तीफा देने वाले मंत्री किस खेमे के होंगे गिग्विजय या कमलनाथ के | इस पुरे सियासी घमासान में एक बात तो साफ़ है की ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं |
Patrakar amitabh upadhyay
7 March 2020मध्यप्रदेश में सियासी घमासान रुकने का नाम नहीं ले रहा | अब बदला पुर की राजनीति ने मध्यप्रदेश का रुख कर लिया हैं | संजय पाठक पर हो रही लगातार कारवाही इस बात का प्रमाण दे रही हैं | पहले संजय पाठक की खदानों को बंद किया गया और अब खेत में कड़ी फसलों पर जेसीबी चला दी गई | दिग्विजय ने अपने एक बयान में कहा था की संजय पाठक उनके दोस्त के पुत्र हैं और उन्होंने पैसा ज्यादा कमा लिया हैं इस लिए भटक गये हैं | संजय पाठक को दिग्विजय की यह बात अच्छी नहीं लगी थी और उन्होंने भी मीडिया से कहा था की उन्होंने ट्रांसफर पोस्टिंग से या रेत माफिया से पैसा नहीं कमाया हैं व्यवसाय से पैसा कमाया हैं | सरकार अब संजय पाठक को बख्शने के मूड में नहीं लग रही शनिवार की सुबह ही उमरिया जिला प्रशासन ने पाठक के बांधवगढ़ स्थित साइना रिसोर्ट पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की और इसके बाद वहां लगी फसल पर जेसीबी चला दिया। जिला प्रशासन का कहना है कि इलाके में 11 रिसोर्ट की जांच के बाद 12 फरवरी को कार्रवई के निर्देश जारी किए गए थे। यहां प्रशासन द्वारा करीब 2 एकड़ क्षेत्र में अतिक्रमण होना बताया जा जरा है। इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार पर बदले की कार्रवाई के आरोप लगने लगे हैं। विधायक संजय पाठक ने कहा कि कृषि भूमि पर खड़ी फसल पर प्रशासन ने जेसीबी कैसे चला दिया। इसके पहले जबलपुर के पास सिहोरा में संजय पाठक के परिवार की आयरन ओर खदान को बंद करवाया गया था। प्रशासन के अनुसार बांधवगढ़ में सबसे ज्यादा कब्जा यहीं था, इसलिए सबसे पहले यहां से ही कार्रवाई की शुरुआत की गई। गौरतलब है कि इसके पहले कांग्रेस ने विधायक संजय पाठक पर विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल होने का आरोप लगाया था। उन पर यह आरोप लगाया गया था कि विधायकों को पैसे का लालच देकर उन्होंने विधायकों को खरीदने की कोशिश की। उधर शुक्रवार को विधायक संजय पाठक ने कहा था कि सियासी घमासान में उनकी जान को खतरा है। इस मामले में सरकार के मंत्री पीसी शर्मा का कहना है कि संजय पाठक के रिसोर्ट पर कार्रवाई नियमों के तहत की गई है।
Editor shruti upadhyay
7 March 2020न तो किसी पर्चा लिया और न ही दाखिल किया ऐनवक्त पर प्रत्याशियों का करेंगी एलान करेगी भाजपा-कांग्रेस मध्यप्रदेश में सियासत चरम पर हैं | कहा जा रहा हैं की यह सब राज्यसभा में जाने की कवायद हैं | मध्यप्रदेश में भले ही सरकार को गिराने की बात हो रही हैं | मगर इस बात से भी कोई इंकार नहीं कर रहा की यह सब कही ना कही दिग्वजय द्वारा रचा हुआ खेल हैं | कहा ये भी जा रहा हैं की इस खेल में दिग्विजय ने एक तीर से दो निशाने लगाए हैं | एक तो दिग्विजय ने खुद की दावेदारी पक्की की हैं | तो वही दूसरी तरफ सिंधिया को अभिमन्यु बनाकर चक्रव्यू में घेरने की कोशिश भी की हैं | दिग्विजय ने अपने आप को कमलनाथ सरकार का संकट मोचन साबित करने की कोशिश भी की हैं जिससे कमलनाथ पर दबाव बनाया जा सके | राजसभा की अधिसूचना जारी हो चुकी हैं लेकिन अभी तक भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही अपने प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की हैं | माना जा रहा हैं की दोनों ही पार्टिया ऐनवक्त पर अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर सकती हैं | जो भी हो मगर ये साफ़ हैं की राज्यसभा के चुनाव मध्यप्रदेश की सियासत को आखरी अंजाम तक पहुंचा में अहम् भूमिका निभा सकता हैं | मध्य प्रदेश से राज्यसभा के 11 सदस्यों में से तीन का कार्यकाल नौ अप्रैल को समाप्त हो रहा है |पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा व सत्यनारायण जटिया का राज्यसभा का कार्यकाल नौ अप्रैल को समाप्त हो रहा है। रिक्त होने वाली इन तीन सीटों पर चुनाव के लिए विधानसभा के प्रमुख सचिव और राज्यसभा चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर एपी सिंह ने अधिसूचना जारी कर दी है। हालांकि नामांकन दाखिल करने के लिए पहले दिन न किसी ने नामांकन पर्चा ना तो खरीदा ना ही दाखिल किया है। नामांकन पर्चे 13 मार्च तक दाखिल किए जाएंगे। इसके बाद नामांकन पर्चों की छंटनी होगी और 18 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 26 मार्च को मतदान होगा। राज्यसभा चुनाव में प्रत्याशियों को 58 विधायकों के मत चाहिए होंगे | कांग्रेस और भाजपा की एक-एक सीट तो पक्की है | लेकिन तीसरी सीट के लिए कांग्रेस-भाजपा के बीच घमासान रोचक होगा । इसका खेल मध्यप्रदेश में शुरू हो चूका हैं |
Editor shruti upadhyay
6 March 2020तराना से कांग्रेस विधायक महेश परमार ने शिवराज सिंह चौहान पर 35 करोड़ रुपए का ऑफर देने का आरोप लगाया है। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान ने यह पूरा षडयंत्र रचा, दो प्राइवेट विमानों से वे विधायकों को ले जाने की तैयारी में थे। विधायक हरदीप सिंह डंग, बिसाहू लाल, रघुरंजन कंसाना और सुरेंद्र सिंह शेरा अभी भी बेंगलुरु में भाजपा के कब्जे में हैं। भाजपा ने सभी के फोन छीन लिए हैं। विधायकों की मर्जी के बिना भाजपा नेता अपने साथ ले गए हैं। दिग्विजय ने कहा मैं बिना प्रमाण कुछ नहीं कहता | इससे पहले दिग्विजय सिंह ने सबसे पहले भाजपा पर लगाया था की कांग्रेस विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही हैं | मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कहा था विधायक कह रहे हैं कि उन्हें पैसा ऑफर किया जा रहा है। इसी मामले में मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह विधायक रामबाई को लेने गुरुग्राम के होटल पहुंचे थे | सूत्रों के अनुसार स्थिति सरकार के काबू में आने के बाद कमलनाथ भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देंगे। इसके पहले मंगलवार देर रात मध्य प्रदेश के मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह गुरुग्राम के होटल से बसपा विधायक रामबाई को अपने साथ बाहर लाए। पटवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उन्हें बंधक बना रखा था। यह भी आरोप लग रहे हैं कि मध्य प्रदेश के कुछ अन्य विधायकों को भी भाजपा ने अपने पास बंधक बना रखा है।
Patrakar amitabh upadhyay
4 March 2020तराना से कांग्रेस विधायक मनोज परमान ने शिवराज सिंह चौहान पर 35 करोड़ रुपए का ऑफर देने का आरोप लगाया है। दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान ने यह पूरा षडयंत्र रचा, दो प्राइवेट विमानों से वे विधायकों को ले जाने की तैयारी में थे। विधायक हरदीप सिंह डंग, बिसाहू लाल, रघुरंजन कंसाना और सुरेंद्र सिंह शेरा अभी भी बेंगलुरु में भाजपा के कब्जे में हैं। भाजपा ने सभी के फोन छीन लिए हैं। विधायकों की मर्जी के बिना भाजपा नेता अपने साथ ले गए हैं। दिग्विजय ने कहा मैं बिना प्रमाण कुछ नहीं कहता | इससे पहले दिग्विजय सिंह ने सबसे पहले भाजपा पर लगाया था की कांग्रेस विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही हैं | मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कहा था विधायक कह रहे हैं कि उन्हें पैसा ऑफर किया जा रहा है। इसी मामले में मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह विधायक रामबाई को लेने गुरुग्राम के होटल पहुंचे थे | सूत्रों के अनुसार स्थिति सरकार के काबू में आने के बाद कमलनाथ भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी देंगे। इसके पहले मंगलवार देर रात मध्य प्रदेश के मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह गुरुग्राम के होटल से बसपा विधायक रामबाई को अपने साथ बाहर लाए। पटवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उन्हें बंधक बना रखा था। यह भी आरोप लग रहे हैं कि मध्य प्रदेश के कुछ अन्य विधायकों को भी भाजपा ने अपने पास बंधक बना रखा है।
Patrakar amitabh upadhyay
4 March 2020कहा से शुरू हुई जोड़तोड़ की कहानी तैयारी राजसभा चुनाव की हो रही थी | सिंधिया , दिग्विजय के साथ - साथ प्रियंका वाड्रा का नाम भी मध्यप्रदेश की खाली सीट भरने के लिए कांग्रेस से लिया जा रहा था | फिर समीकरण ऐसे बदले की कमलनाथ को प्रदेश में अपनी सरकार बचाने के लिए एड़ीचोटी लगनी पद गई | सूत्रों की माने तो अगर बीजेपी का खेला दांव सही पड़ा तो भाजपा विधायक दल बजट सत्र में कमलनाथ सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश कर सकती है। विधानसभा सचिवालय के मुताबिक अविश्वास प्रस्ताव के लिए दस दिन पहले सूचना देना अनिवार्य है। बजट सत्र लंबा चलेगा, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष पेश करना चाहेगा तो कोई दिक्कत नहीं है। कहानी बसपा की निलंबित विधायक रामबाई से शुरू हुई थी। दिग्विजय सिंह ने कहा था | कि भाजपा नेता उन्हें चार्टर प्लेन में ले गए हैं। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार मुश्किल में बताई जा रही है। खबर थी की हरियाणा के नूंह और कर्नाटक के बेंगलुरू में करीब 8 कांग्रेस विधायकों को रखा गया है। कहा यह भी जा रहा है कि कांग्रेस के 14 विधायक कमलनाथ सरकार से नाराज हैं। हालांकि कांग्रेस के नेता इन अफवाहों को गलत बता रहे हैं | कह रहे हैं कि सरकार पर कोई संकट नहीं है। वहीं भाजपा कह रही है कि यह कांग्रेस की अंदरुनी लड़ाई है। वैसे कमलनाथ की सरकार बनने के बाद से लड़खड़ा ही रही हैं | जोड़तोड़ की कमलनाथ सरकार कभी भी जा सकती है | और हुआ भी यही एक साल जैसे तैसे बिट जाने के बाद भी स्थिरता नहीं आई , अचानक कई नाराज विधायकों के एक साथ गायब होने के सरकार सतके में आ गई | मध्यप्रदेश कांग्रेस सरकार के कई दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह और जीतू पटवारी जैसे बड़े नेताओं को कमान सम्भालनि पड़ी और रातों रात दिल्ली कूच करना पड़ा |
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4 March 2020होटल में कैद कांग्रेस व अन्य पार्टी के विधायक आधी रात को मध्यप्रदेश की राजनीती का हाई बोल्टेज ड्रामा मध्यप्रदेश से हरियाणा और फिर दिल्ली पहुंचा | विधायकों की खरीद- फरोख्त के मामला ऐसा बढ़ा की दिल्ली में आधी रात बैठकों का दौर शुरू हो गया । आधी रात को मेवात-गुरुग्राम रोड पर तावड़ू स्थित आईटीसी ग्रांड मानेसर होटल में भाजपा और कांग्रेस के नेता आपस में भिड़ गए। भाजपा के पूर्व मंत्रियों के कांग्रेस के चार, बसपा के दो और एक अन्य विधायक के साथ होटल मराठा में रुकने की खबर आई । रात को ही पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली पहुंचे | फिर कांग्रेस और बाकि के विधायकों को होटल मराठा से होटल आईटीसी ग्रांड मानेसर में पहुंचा दिया गया। खबर मुख्यमंत्री कमलनाथ को लगी तो उन्होंने भी अपने चार मंत्रियों को दिल्ली भेज दिया और विधायकों को भाजपा के कब्जे से मुक्त कराने की कोशिश शुरू हुई । कांग्रेस सरकार के मंत्रियों ने जब विधायकों को छुड़ाने की कोशिश की तो भाजपा के एक पूर्व मंत्री ने हरियाणा पुलिस बुला ली | वहीँ पर मंत्री जीतू पटवारी की हरियाणा के पुलिस अधिकारियों से नोंकझोंक हो गई । पटवारी ने कहा की बिना महिला पुलिस के आप एक महिला विधायक को हाथ कैसे लगा सकते हों । फिर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी वहां पहुंच गए। मामला तूल पकड़ाने लगा। बसपा विधायक राम बाई कांग्रेस के मंत्रियों के साथ वहां से चली गईं। सियासी ड्रामा देर रात चरम पर था । दिग्विजय सिंह ने पुरे घटनाक्रम बताया कि राम बाई कांग्रेस के नेताओं के साथ वापस आ गई हैं। इस मामले में कमलनाथ भोपाल से दिल्ली में अहम् निर्णय लेंगे और सारे घटनाक्रम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके साफ़ करेंगे
Patrakar amitabh upadhyay
4 March 2020सीधी। कांग्रेस के वरिष्ठ एवं तेज तर्रार नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद अब कांग्रेस के एक और नेता ने अपनी ही सरकार के कामकाज पर पीड़ा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इस समय सरकार में ठीक नहीं चल रहा है। जानकारी के अनुसार लगातार उपेक्षा के शिकार हो रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजयसिंह का मीडिया के सामने दर्द आखिरकार छलक ही पड़ा। वे शुक्रवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने सीधी पहुंचे थे। अजय सिंह ने यहां मीडिया से कहा कि सरकार में इस समय कुछ ठीक नहीं चल रहा है। उन्होंने कहा कि सीधी में विकास कार्य करना चाहते हैं, लेकिन सरकार में अब उनकी आवाज नहीं सुनी जा रही है। गौरतलब है कि इसके पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया सरकार के कामकाज पर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों को भरोसा दिलाते हुए कहा था कि अगर वचनपत्र के वादे पूरे नहीं किए गए तो वह आपके साथ सड़कों पर उतरेंगे। ऐसे में अजयसिंह के भी उन्हीं के मार्ग पर चलने से सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती है। मुख्यमंत्री कमलनाथ शनिवार को दिल्ली में पहुंचे हैं, जहां पर वे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर उनका यह दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। हो सकता है कि प्रदेश में नए कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर हरी झण्डी आला कमान से मिल जाए।
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29 February 2020नरसिंहपुर/होशंगाबाद। मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर और होशंगाबाद जिले में स्थित माहेश्वरी ग्रुप की तीन शुगर मिल समेत अन्य ठिकानों पर गुरुवार को आयकर विभाग की अलग-अलग टीमों ने दबिश देकर छापामार कार्रवाई शुरू की गई। सभी जगह आयकर अधिकारी दस्तावेज खंगालने में जुटी है, जबकि गेट पर भारी पुलिसबल तैनात है, ताकि कोई अंदर से बाहर और बाहर से अंदर न आ-जा सके। फिलहाल कार्रवाई जारी है। नरसिंहपुर जिले के ग्राम सालीचौका स्थित नर्मदा शुगर मिल में गुरुवार सुबह छह बजे सात गाडिय़ों में सवार होकर आयकर विभाग की टीम पहुंची और मिल के दफ्तरों में मौजूद कर्मचारियों को बाहर निकालकर अधिकारी दस्तावेज खंगालने में जुट गए। किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। इसके अलावा माहेश्वरी ग्रुप के होशंगाबाद जिले के बनखेड़ी स्थित रामदेव शुगर मिल, गौडिय़ा स्थित शक्ति शुगर मिल पर भी अगल-अलग टीमों ने गुरुवार को सुबह एक साथ दबिश दी। यहां भी आयकर अधिकारी दस्तावेज खंगालने में जुटे हैं। वहीं, पिपरिया में भी क्षेत्र के प्रसिद्ध उद्योगपति ठैनी वाले सेठ की सात मिलों और दफ्तरों पर गुरुवार को सुबह छह बजे आयकर विभाग की टीम ने दबिश देकर छापामार कार्रवाई की है। जय गिरराज राइस मिल खापरखेड़ा, राइस मिल शोभापुर, रामदेव शुगर मिल बनखेड़ी, शक्ति शुगर मिल कौडिय़ा सहित बैतूल और गुजरात बार्डर पर स्थित शुगर मिल, पिपरिया में श्रीजी एग्रो, श्रीनाथ ट्रेडर्स पर आयकर विभाग की कार्रवाई जारी है और यहां दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इनके खिलाफ टैक्स चोरी की शिकायत मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई है।इस र्कारवाई में भोपाल आयकर विभाग के अधिकारियों के साथ स्थानीय अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद है। जानकारी मिलने के बाद मीडियाकर्मी भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने जानकारी लेनी चाहिए, लेकिन आयकर विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते रहे और अपनी कार्रवाई को अंजाम देने में जुटे रहे।
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27 February 2020भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को मंत्रालय में नाबार्ड द्वारा आयोजित राज्य ऋण संगोष्ठी 2020-21 में स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया। इस अवसर पर सीएम कमलनाथ ने कहा कि राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश को देश की हार्टिकल्चर कैपीटल बनाने का संकल्प लिया है। उद्यानिकी क्षेत्र किसानों की समृद्धि के द्वार खोलने वाला क्षेत्र है। यह कृषि क्षेत्र का भविष्य है। नाबार्ड को हार्टिकल्चर क्षेत्र में ऋण देने का अनुमान 6 प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 15 प्रतिशत तक रखना चाहिए। मध्यप्रदेश में बड़ी मात्रा में अनुपयोगी पड़ी राजस्व भूमि का उपयोग उद्यानिकी क्षेत्र के विस्तार में किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कृषि क्षेत्र में भी नई दृष्टि और नई सोच के साथ काम करने की आवश्यकता है। पूरा दृश्य बदल रहा है। पहले छोटे दानों जैसे कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा पर ज्यादा ध्यान नहीं था। आज इन फसलों की प्राथमिकता है। पहले यह गरीबों की खाद्य सामग्री मानी जाती थी अब इनके पोषक तत्वों के कारण बढती मांग के चलते सर्वाधिक उपयोगी साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड के पास वर्षों का संचित अनुभव और बौद्धिक क्षमता है। इसका उपयोग भविष्य में निर्मित होने वाले परिदृश्य में उपयोगी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती युवाओं की बेरोजगारी है क्योंकि वे शहरों और गांवों के बीच भटक रहे हैं। युवाओं को नई तकनीक और तकनीकी कौशल से जोडऩा होगा। प्रदेश की कृषि को आधुनिक बनाना होगा। नाबार्ड को अब फसलों के निर्यात पर भी ध्यान देना होगा। कृषि क्षेत्र के भीतर उभरते बाजार पर भी पैनी नजर रखना होगी। नाबार्ड अपने विशेषता को सामान्य रूप से किए जाने वाले कार्यों में उपयोग न करे, खेती की नई तकनीकों पर ध्यान दें। वेयर हाऊस निर्माण और उपार्जन की अधोसंचानाओं के निर्माण पर भी ध्यान दे। इस अवसर पर नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक एसके बंसल ने बताया कि नाबार्ड ने वर्ष 2020-21 के लिए एक लाख 98 हजार 786 करोड़ रुपए की ऋण की संभावना का आकलन किया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 13 प्रतिशत ज्यादा है। पिछले साल यह एक लाख 74 हजार 970 करोड़ थी। इस ऋण अनुमान में फसलीय ऋण पर 1,03,005 करोड़ रुपये और टर्म लोन पर 44 हजार 982 करोड़ रुपये ऋण अनुमान है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों के लिए लगभग 32 हजार एक करोड़ और प्राथमिकता क्षेत्र जैसे निर्यात ऋण, शिक्षा, आवास, नवकरणीय ऊर्जा और अन्य सामाजिक बुनियादी ढांचे पर 18 हजार 797 करोड़ रुपये ऋण देने का अनुमान है। बंसल ने विभिन्न शेत्रों में विकास की संभावना पर प्रकाश डालते हुए बैंकों का अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले किसान उत्पादक संगठनों को सम्मानित किया। इस अवसर पर राज्य शासन और नाबार्ड के वरिष्ठ अधिकारी एवं लीड बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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27 February 2020इंदौर। मुख्यमंत्री कमलनाथ का बुधवार को इंदौर संभाग के धार जिले के विकासखण्ड मुख्यालय डही का एक दिवसीय भ्रमण डही क्षेत्र को अनेक सौगातें दे गया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यहां 1 लाख 21 हजार 804.53 रुपए लागत के 40 विकास कार्यों का भूमिपूजन और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने डही उद्धवहन सिंचाई योजना का भूमिपूजन भी किया। उन्होंने कहा कि डही में बनने वाली यह उद्धवहन सिंचाई योजना आदिवासी नायक टंट्या भील के नाम से जानी जायेगी। इस अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आज इतनी बड़ी संख्या में आदिवासी जन यहां आए हैं यह बल देखकर बहुत खुशी हो रही है। अब हम सब मिलकर विकास का एक नया अध्याय लिखेंगे। कमलनाथ ने कहा कि आदिवासी समाज सहज, सरल और मेहनतकश हैं। लेकिन विगत 15 वर्षों में उन्हें छला गया है। हमारी सरकार प्रदेश में 15 वर्षों के बाद में बनी है। इन वर्षों में मध्यप्रदेश में किसानों और आम आदमी की दुर्गति हुई। लेकिन अब हमारी सरकार बिगड़ी हुई अर्थव्यवस्था को संवारने के लिए कृत संकल्पित हैं। हम ऐसी नीति बना रहे हैं जिससे किसानों की दशा सुधरे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे एक लंबे समय से कुक्षी क्षेत्र में आना चाहते थे परंतु उनकी इच्छा थी कि वे ख़ाली हाथ नहीं आए । आज एक हज़ार करोड़ रुपये की इस सिंचाई योजना की सौग़ात लेकर वे आए हैं। उन्होंने कहा कि यह राशि क्षेत्र के लिए एक निवेश की तरह है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे क्षेत्र में सहायक आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ होंगी। भले ही पानी बाद में आए, लेकिन इसके पूर्व ही क्षेत्र में रोज़गार के अवसर आ जाएंगे। जिले की प्रभारी एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि हम सब का सौभाग्य है कि कमलनाथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने हैं। वे प्रदेश के विकास के लिए सदैव तत्पर और संकल्पित रहते हैं। क्षेत्रीय विधायक एवं नर्मदा घाटी विकास मंत्री सुरेन्द्र सिंह बघेल ने कहा कि विगत 15 वर्षों में डही क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं किया गया। आज मुख्यमंत्री कमलनाथ के कारण क्षेत्र को इतनी बड़ी सौग़ातें मिली हैं। कार्यक्रम में विधायक पांचीलाल मेड़ा सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने डही में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 1 लाख 12 हजार 782 रुपए की लागत की डही माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना का भूमिपूजन किया। इसके अलावा शासकीय महाविद्यालय कुक्षी में 100 सीटर बालक छात्रावास एवं बाउण्ड्रीवाल लागत 513.69 लाख रुपए सहित अन्य विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया।
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26 February 2020भोपाल। फिल्म अभिनेत्री तापसी पन्नू की आगामी हिंदी फिल्म 'थप्पड़ को मध्य प्रदेश सरकार ने टैक्स में छूट देने का ऐलान किया है। सरकार की घोषणा के बाद राज्य कर विभाग ने फिल्म को तीन महीने के लिए एसजीएसटी से छूट देने का आदेश जारी कर दिया है। सरकार के निर्णय और आदेश जारी होने के बाद राज्य कर विभाग ने सभी सिंगल स्क्रीन और मल्टीप्लेक्स को निर्देशित किया है कि फिल्म देखने आने वाले दर्शकों से टिकट पर एसजीएसटी (स्टेट जीएसटी) न वसूलें। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बुधवार सुबह ट्वीट कर फिल्म थप्पड़ को टैक्स फ्री किए जाने की जानकारी देते हुए लिखा ‘मध्यप्रदेश में 28 फरवरी से रिलीज होने वाली हिंदी फिल्म " थप्पड़ " को जिसकी पटकथा एक सामाजिक संदेश पर आधारित है, को राज्य वस्तु एवं सेवा कर ( एसजीएसटी )की छूट प्रदान की जाती है। लिंग भेदभाव हिंसा पर आधारित इस फि़ल्म की पटकथा में एक महिला के बदलाव , बराबरी के हक़ व आत्म सम्मान के लिये किये संघर्ष को प्रमुखता से दिखाया गया है। उल्लेखनीय है कि अनुभव सिन्हा की निर्देशन में बनी फिल्म थप्पड़ में घरेलू हिंसा का मुद्दा उठाया है। इससे पहले प्रदेश सरकार ने दीपिका पादुकोण अभिनित फिल्म छपाक और अक्षय कुमार की पैडमेन को भी मप्र में टैक्स फ्री किया था।
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26 February 2020बैतूल। बैतूल जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में मंंगलवार शाम एक छात्रा ने खुद पर केरोसिन डालकर आग लगा ली। घटना में छात्रा 95 प्रतिशत तक जल गई है। हालत गंभीर होने पर उसे देर रात नागपुर रैफर किया गया, जहां ईलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस पूछताछ में छात्रा ने तीन युवकों पर ज्यादती करने का आरोप लगाया था। पीडि़ता ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। जिसमें उसने एक नाम और मोबाइल नंबर लिखकर गुनाहगारों को न छोडऩे की बात लिखी है। जबकि पीडि़ता की मां ने 3 आरोपियों के नाम बताए हैं। गैंगरेप का मुख्य आरोपी संदीप हिसाने को पुलिस ने अमरावती से गिरफ्तार कर लिया है। वहीं महाराष्ट्र पुलिस ने दूसरे आरोपी नितेश नागले को भी पकड़ लिया है। तीसरे आरोपी की तलाश जारी है। पुलिस से मिली जानकारी अनुसार कोतवाली थाने के चौकी गांव में रहने वाली 8वीं कक्षा में पढऩे वाली 14 वर्षीय एक नाबालिग छात्रा ने मंगलवार शाम 6 बजे खुद को केरोसिन डालकर आग लगा ली। घटना के वक्त उसकी दोनों बहनें छत पर थी और माता पिता किसी काम से बाहर गए थे। घर से धुंआ निकलता देख परिजन और आसपड़ोस के लोग मौके पर पहुंचे तो वहां छात्रा को आग से झुलसते देखा। आग से छात्रा 95 प्रतिशत तक जल चुकी थी। लोगों ने किसी तरह आग बुझाई और छात्रा को लेकर रात 8 बजे जिला अस्पताल पहुंचे। घटना की सूचना पाकर रात 9.30 बजे एसपी डीएस भदौरिया, एडिशनल एसपी श्रद्धा जोशी ने अस्पताल पहुंचकर छात्रा के बयान लिए। छात्रा की हालत गंभीर होने पर उसे रात 10 बजे नागपुर रैफर किया गया। नागपुर में ईलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई। पुलिस को घर से सुसाइड नोट मिला है जिसमें उसने तीन लडक़ों पर अपनी जिंदगी खराब करने और ऐसा कदम उठाने पर मजबूर करने का आरोप लगाया है। बताया जा रहा है दुष्कर्म करने के बाद आरोपी लगातार उसके ऊपर दबाव बना रहे थे और शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी नाबालिग को दे रहे थे। इसी दबाव से परेशान छात्रा ने ये कदम उठाया है। पुलिस ने मामले में दो आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। एक आरोपी अजय की तलाश जारी है।
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26 February 2020भोपाल। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और दिग्गज भाजपा नेत्री उमा भारती मंगलवार दोपहर प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंची। यहां उन्होंने नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी। मुलाकात के दौरान उमा भारती ने मीडिया के सामने प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को केसरिया तिलक लगाया और उनकी तारीफ करते हुए उन्हें कुशल संगठक बताया। मीडिया से बातचीत करते हुए उमा भारती ने विष्णु दत्त शर्मा को अध्यक्ष बनने पर कहा कि वह कुशल संगठक रहे है। मध्य प्रदेश भाजपा को कुशल नेता मिला है। हाल ही में वे लोकसभा चुनाव में लगभग 5 लाख मतों से चुनाव जीते है। सभी गुण वीडी शर्मा में समाहित है। आगे उमा भारती ने कहा कि मैं वीडी शर्मा को लगभग 25 साल से जानती हूँ, वह मेरा छोटा भाई है। मेरे लिए वीडी शर्मा का प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनना खुशी बात है। वीडी शर्मा को केसरिया तिलक लगाए जाने पर उमा भारती ने कहा कि मंगलवार को असली शौर्य का प्रतीक केशरिया तिलक किया है। चंदन में घर से खिस कर लाई थी। मैं उन्हें शुभकामनाएं देती हूं कि पिछले साल जो सरकार चली गयी। गौरव हमारा चला गया वो फिर से प्राप्त होगा। इस दौरान कमलनाथ सरकार पर हमला करते हुए उमा भारती ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन कांग्रेस ने अपने किए वादे पूरे नही किये, जिससे लोग छला हुआ महसूस कर रहे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है। हम भले ही सरकार में नही है लेकिन हम यह सब बर्दाश्त नही करेंगे और सरकार को घुटने टेकने पर मजबूर कर देंगे।
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25 February 2020भोपाल। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मप्र की पूर्व संचालित छवि भारद्वाज द्वारा पुरुष नसबंदी का लक्ष्य पूरा नहीं करने वाले कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने संबंधी आदेश का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि अब ग्वालियर कलेक्टर अनुराग चौधरी निलंबित कर्मचारियों के संबंध में विवादित फरमान कर जारी कर दिया है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिये हैं कि निलंबित अधिकारियों-कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था अलग की जाए। इस निर्देश पर सवाल उठने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस मामले को संज्ञान में लिया है। दरअसल, कलेक्टर अनुराग चौधरी ने सोमवार को समय-सीमा प्रकरण की समीक्षा बैठक में सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि कार्यालयों में निलंबित कर्मचारियों के बैठने के लिए स्थान तय किया जाए और वहां लिखा जाए कि यह स्थान निलंबित कर्मचारियों के बैठने के लिए है। ग्वालियर में सभी विभागों ने कलेक्टर के आदेश के परिपालन में एक सर्कूलर जारी कर दिया है। आमतौर पर प्र्रशासनिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार, लापरवाही और अनैतिक गतिविधियों में शामिल अधिकारी एवं कर्मचारियों को निलंबन जैसी सजा मिलती है, लेकिन सार्वजनिक तौर पर उन्हें अपमानित करने का कोई सरकारी नियम नहीं है। क्योंकि निलंबन के 99 फीसदी से ज्यादा मामलों में कर्मचारी बहाल हो जाते हैं। इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग के आला अधिकारी ने नहीं छापने की शर्त पर बताया कि ऐसा कोई नियम नहीं है। ग्वालियर जिला प्रशासन के फरमान पर मुख्यमंत्री सचिवालय ने भी संज्ञान लिया है।व्यवस्था सुधारने के लिए लिया फैसला: कलेक्टर जब इस संबंध में मंगलवार को ग्वालियर कलेक्टर अनुराग चौधरी ने बात की गई तो उन्होंने बताया कि प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार लाने के लिए यह फैसला लिया है। किसी को अपमानित करने जैसी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन कर्मचारियों को निलंबित किया है, वे या तो लोकायुक्त में ट्रेप हुए हैं या लंबे समय से ड्यूटी से गायब हैं या फिर वित्तीय अनियमितता में घिरे हैं। जो अच्छा काम कर रहे हैं उन्हें प्रोत्साहित भी किया जाता है। जिन कर्मचारियों को निलंबित किया गया है, उन्हें निलंबन अवधि में आधा वेतन मिलता है। उन्हें मुख्यालय में अटैच किया जाता है। वे निलंबन अवधि में भी मुख्यालय से गायब रहते हैं। जनता के टैक्स से वेतन मिलता है। जनता के प्रति सभी की जवाबदारी है। बिना काम के वेतन क्यों दिया जाए। इसलिए सभी विभागों को ऐसे निर्देश गए हैं।इस मामले में आरटीआई संयोजक अजय दुबे ने ग्वालियर कलेक्टर के फरमान का स्वागत किया है। उनका कहना है कि ग्वालियर में जिस तरह निलंबित कर्मचारियों को बैठाने की व्यवस्था है। क्या उसी तरह मंत्रालय में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस को बैठाने की व्यवस्था की जाएगी।
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25 February 2020भोपाल । मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म है। इसके जरिए हम जरूरतमंद लोगों की मदद करके अपने धर्म और धर्म द्वारा दिए गए संदेश का पालन करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा देश और हमारी संस्कृति इसलिए महान है क्योंकि इसमें एक-दूसरे के प्रति आदर और सम्मान की भावना के साथ ही एकजुट होकर रहने की विशेषता है। उक्त बातें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को ताजुल मसाजिद के समीप मध्यप्रदेश मसाजिद कमेटी के नए भवन का लोकार्पण करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। कमलनाथ ने इस मौके पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील द्वारा इमाम के वेतन को 2200 से बढ़ाकर 5000 एवं मोईज्जनों के वेतन को 1900 से बढा़कर 4500 रूपये करने के प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हम अपने देश की महान संस्कृति के मूल, सभ्यता और विविधता को युवा पीढ़ी तक पहुंचाएं और वे इसे आत्मसात करें, जिससे हमारा देश सदैव सुरक्षित और एकजुट रह सके। कमलनाथ ने कहा कि बुजुर्गों का यह दायित्व है कि वे भावी पीढ़ी को सही दिशा और दृष्टि प्रदान करें। भोपाल जिले के प्रभारी सहकारिता मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि मसाजिद कमेटी सेवा के क्षेत्र में अनुकरणीय संस्था है, जो समाज के गरीब वर्गों को मदद और संबल प्रदान करती है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने कहा कि मसाजिद कमेटी का नए भवन बनने से लोगों की मदद करने के काम को व्यवस्थित किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मसाजिद कमेटी द्वारा जरूरतमंद बालिकाओं को दी जाने वाली छात्रवृत्ति का वितरण किया।
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25 February 2020इंदौर । प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने रविवार को सांवेर को संवारने की मुहिम की अगुवाई की। इस दौरान उन्होंने जहां सड़क झाडू लगाया, तो वहीं नालियों में उतरकर मलबा निकाला। यहीं नहीं स्वास्थ्य मंत्री ने बंद पड़े चैंबरों के ढक्कन खुलवाकर सफ़ाई भी की। इसके पूर्व सिलावट ने अजनोद चौराहे पर नागरिकों को संबोधित किया और सांवेर को स्वस्थ, शिक्षित और स्वच्छ बनाने के लिए नागरिकों से समर्पण मांगते हुए संकल्प भी दिलाया। मंत्री सिलावट ने इस अवसर पर कहा कि सांवेर को जनसुविधाओं की दृष्टि से एक आदर्श शहर बनाने में के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि 80 के दशक में जब उन्होंने “नर्मदा मैया सांवेर चलो’’ कह कर आंदोलन किया था, तब उनकी बातों पर किसी को विश्वास नहीं था। पर आज यह योजना आकार लेने लगी है। जल्द ही सांवेर में हर घर में माँ नर्मदा का जल आएगा। उन्होंने कहा कि सांवेर की आंतरिक सड़कों के निर्माण के लिए राशि स्वीकृत हो चुकी है। सांवेर क्षेत्र के विभिन्न अस्पतालों का कायाकल्प किया जा रहा है। सिलावट ने नागरिकों से आह्वान किया कि वे आज से प्लास्टिक का उपयोग नहीं करें। उन्होंने कहा कि कोई भी बड़ा कार्य नागरिकों के सहयोग के बिना पूरा नहीं होगा। इस स्वच्छता अभियान में हम सब अपने-अपने स्तर से सहयोग करें, तभी हम अपने हम अपने उद्देश्य में सफल होंगे। इस दौरान बड़ी संख्या में नागरिक और क्षेत्रीय जन प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे। सिलावट ने कपड़े की थैलियां घर-घर जाकर बांटने की शुरुआत भी की। एसडीएम सांवेर रवीश श्रीवास्तव ने बताया कि आज शहर में 15 वार्डों का चयन कर विभिन्न शासकीय विभागों की सहभागिता से दलों का गठन किया गया था और सभी ने मिलकर नगर की सफ़ाई की। मंत्री सिलावट में अस्पताल परिसर में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक भी ली और क्षेत्र के अस्पतालों के उन्नयन तथा चिकित्सा सुविधाओं में बढ़ोतरी की समीक्षा की।
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23 February 2020भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश को केंद्र से मिलने वाली राशि में 14 हजार 500 करोड़ रुपये की कटौती के संबंध में जो बयान दिया है, वो पूरी तरह राजनीतिक है। उसका वास्तविकता से कुछ भी लेना-देना नहीं है। वास्तव में प्रदेश सरकार केंद्र की योजनाओं के पैसे का न तो उपयोग कर रही है, न ही उपयोगिता प्रमाण पत्र दे रही है। केंद्र की कोई भी योजना हो, उसका पैसा ऑन डिमांड उपलब्ध है, लेकिन कमलनाथ सरकार योजनाओं का काम ही आगे नहीं बढ़ा रही है। यह बातें पूर्व केन्द्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने रविवार को भोपाल में मीडिया से बातचीत में कही। पूर्व केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने रविवार को भाजपा की प्रदेश स्तरीय कार्यशाला में शामिल होने के लिए भोपाल पहुंचे थे। उन्होंने यहां भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि केंद्र सरकार हर कदम पर मध्यप्रदेश के लोगों के साथ खड़ी है और मौजूदा बजट में भी प्रदेश के किसानों के लिये, सिंचाई सुविधाओं के लिये, नेशनल हाइवे और एयरपोर्ट के विकास के लिये अनेकों प्रावधान किये गए हैं।मोदी सरकार ने प्रस्तुत किया जन-जन का बजटजयंत सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जो बजट प्रस्तुत किया है, वह प्रशंसनीय है। इस बजट में देश के, समाज के हर वर्ग को लाभ मिल रहा है, इसलिए यह जन-जन का बजट है। समाज के गरीब तबके को पक्का घर देने के बाद केंद्र सरकार ने अब हर नल में जल पहुंचाने की व्यवस्था की है, तो गृहिणियों को महंगाई से राहत देने, कुकिंग गैस उपलब्ध कराने और उनके खाते खोलने की व्यवस्था की गई है। उद्योगपतियों को कार्पोरेट टैक्स का फायदा है, तो मध्यम वर्ग को आयकर में राहत मिली है। युवाओं के लिये स्वरोजगार और स्किल डेवलपमेंट के प्रावधान हैं, तो इस बजट के माध्यम से निवेशकों की भी मदद की गई है। उन्होंने कहा कि इस बजट में हर वर्ग के लिये योजनाएं हैं और भाजपा का प्रयास है कि इन योजनाओं की जानकारी समाज के हर वर्ग तक पहुंचाई जाए। इसी के संबंध में पार्टी की प्रदेश स्तरीय कार्यशाला हुई है।अर्थव्यवस्था के विकास का रोड मैप है बजटपूर्व वित्त राज्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है और हम उसी तरफ बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट इसी लक्ष्य को हासिल करने का पॉलिसी रोड मैप है। बजट 2020-21 में उपभोग, निवेश और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन दिया गया है। इसका लाभ तो सभी को मिलेगा ही, यह अर्थव्यवस्था के विकास और विस्तार को भी गति देगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था के विकास को गति देने के लिये बजट में जो प्रावधान किए हैं, उससे हमारी विकास दर तेजी से बढ़ेगी और जल्द ही उसके 7.5 प्रतिशत पर पहुंच जाने की आशा है। हमारी केंद्र सरकार ने राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखने के सफल उपाय किए हैं।
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23 February 2020देवास। देवास शहर के कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत शहर के दुर्गा नगर इलाके में रविवार को सीवरेज के लिए खोदे गए एक गहरे गड्ढे में पाइप डालने के दौरान ऊपर से मिट्टी गिर गई, जिसमें तीन मजदूर दब गए। एक मजदूर तो सुरक्षित निकल आया, लेकिन दो अंदर ही फंस गए। इस हादसे में एक युवक की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और घायल को अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं, मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू की। पुलिस के अनुसार, शहर के दुर्गा नगर इलाके में रविवार को सुबह सीवरेज के गड्ढे में पाइप डालते समय ऊपर से मिट्टी धंसककर गड्ढे में जा गिरी, जिससे वहां काम कर रहे तीन मजदूर दब गए। उनमें से एक मजदूर को तुरंत सुरक्षित बाहर आ गया, जबकि दो मजदूर पाइप के अंदर होने की वजह से मिट्टी में दब गए। दोनों करीब डेढ़ घंटे मिट्टी में दबे रहे। अन्य मजदूरों ने कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें बाहर निकाला, तब तक एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया है। मृतक की पहचान विनोद पुत्र मेहताब निवासी अंबापानी जिला धार के रूप में हुई है, जबकि 17 वर्षीय मनीष पुत्र दिनेश गंभीर रूप से घायल है और अरविंद (17) सुरक्षित बाहर निकल आया था।मामले में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जगदीश डावर का कहना है कि सीवरेज का काम करने वाली कंपनी ठेकेदार के माध्यम से काम कर रही है और यहां काम करने वाले सभी मजदूर धार और झाबुआ जिले के रहने वाले हैं। फिलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
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23 February 2020भोपाल। मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि वन सम्पदा, मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी सम्पदा है। मध्यप्रदेश को अपनी वन सम्पदा पर गर्व है। इसे संरक्षित और सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी वनों से जुडे लोगों और वन विभाग के प्रत्येक सदस्य की है। कमलनाथ ने कहा कि वन से जुड़े लोगों और राज्य के हित के बीच तनाव और टकराहट से बचते हुए वन संरक्षण को आगे जारी रखना होगा। उक्त बातें मुख्यमंत्री ने शनिवार को राजधानी भोपाल के आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में वानिकी सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही। कमलनाथ ने कहा कि बिगड़े वनों को हरा-भरा बनाना, आज सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि वनों का भारतीय संस्कृति से गहरा जुड़ाव है। वनों से सभी प्राणियों का भविष्य जुड़ा है। इसलिये वनों को संरक्षित और सुरक्षित रखते हुए इनका बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। वन संरक्षण अधिनियम के उद्देश्यों को आत्मसात करें वनकर्मी मुख्यमंत्री ने कहा कि वन अधिकारियों और मैदानी अधिकारियों के सक्रिय सहयोग से ही वन संरक्षण संभव है। उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी वन संरक्षण अधिनियम के उद्देश्यों को आत्मसात करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब 1980 में वन संरक्षण अधिनियम बना था, तब की परिस्थितियों और वर्तमान परिस्थितियों में जमीन-आसमान का अंतर है। उन्होंने कहा कि तब लोगों की अपेक्षाएं और आशाएं कम थीं। राष्ट्रीय उद्यान बनाना आसान था। मध्यप्रदेश की जैव विविधता अत्यंत समृद्ध कमलनाथ ने कहा कि अब प्राथमिकताएं बदल रही हैं। उन्होंने बांस और छोटे अनाज का उदाहरण देते हुए बताया कि अब ये आर्थिक महत्व की फसल बन रही है। इसके लिये वन विभाग को सहयोगी की भूमिका निभानी होगी। बिगड़े वन क्षेत्रों में सुधार लाने के सभी उपाय अपनाने होंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की जैव विविधता अत्यंत समृद्ध है। इस पर कई अनुसंधान भी हो रहे हैं। अब दुनिया तेजी से रसायन आधारित फार्मास्युटिकल दवाओं से रसायन-मुक्त फार्मास्युटिकल दवा निर्माण की तरफ बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि वनोपज भविष्य के लिए महत्वपूर्ण सम्पदा है। वन विभाग को इन सब आधारों पर अपनी सोच-समझ बढ़ाते हुए आगे बढ़ना होगा। कमल नाथ ने कहा कि वन विभाग को अब एक दिशा में काम न करते हुए समान उद्देश्य के लिए बहुआयामी रणनीति अपनाना चाहिये। मुख्यमंत्री नाथ को वानिकी सम्मेलन में रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। उन्होंने वनांचल संदेश, कैम्पिंग डेस्टिनेशन और वाईल्डलाईफ डेस्टिनेशन पुस्तकों का विमोचन किया। इस मौके पर वन मंत्री उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री को स्मृति-चिन्ह भेंट किया। वन मंत्री ने संयुक्त वन प्रबंधन समितियों की भूमिका और वन संरक्षण की दिशा में किए जा रहे कार्यों की चर्चा की। इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. यू. प्रकाशम ने वानिकी सम्मेलन के उद्देश्यों और प्रदेश में वनों की स्थिति की जानकारी दी। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव वन ए.पी. श्रीवास्तव और वरिष्ठ वन अधिकारी उपस्थित रहे।
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22 February 2020भोपाल। मध्य प्रदेश में तबादलों का दौर जारी है। राज्य शासन ने शुक्रवार देर रात आईएएस अधिकारियों के तबादलों की सूची जारी की है। कुछ माह पहले होशंगाबाद में एसडीएम के साथ रेत विवाद के बाद हटाए गए शीलेंद्र सिंह को फिर से कलेक्टर बनाते हुए छतरपुर भेजा गया है। राज्य शासन ने शुक्रवार देर रात अवकाश के दिन 14 आईएएस अफसरों का तबादला कर दिया। सरकार ने सतना, बैतूल और छतरपुर के कलेक्टरों को हटा दिया है। राज्य शासन द्वारा जारी किए गए आदेश के अनुसार दीपाली रस्तोगी को प्रमुख सचिव म.प्र शासन, जनजातीय कार्य एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, शिव शेखर शुक्ला को प्रमुख सचिव म.प्र शासन, खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, डी.पी.आहूजा को प्रमुख सचिव म.प्र शासन, पशुपालन विभाग, उमाकांत उमराव को प्रमुख सचिव म.प्र, सहकारिता विभाग और सुखवीर सिंह को आयुक्त-सह-संचालक, वित्त विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। नगरीय विकास और जनसंपर्क आयुक्त पी. नरहरि को मप्र माध्यम का भी एमडी बनाया गया है। संजय शुक्ला को पीएचई के साथ चिकित्सा शिक्षा भी सौंपी गई है। वहीं पुरुष नसबंदी का आदेश देने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की डायरेक्टर व आईएएस छवि भारद्वाज को भी पद से हटाते हुए मंत्रालय में ओएसडी पदस्थ कर दिया। जबकि स्थानीय नेताओं के साथ विवाद और कांग्रेसी विधायकों के विरोध के बाद मोहित बुंदस से भी जिला लेकर उन्हें शासन में उप सचिव बना दिया गया है। बैतूल कलेक्टर तेजस्वी एस नायक को मंत्री सुखदेव पांसे के साथ पटरी नहीं बैठना नुकसान पहुंचा गया। उन्हें भी शासन ने मंत्रालय में उप सचिव पदस्थ किया है। एसीएस इकबाल सिंह बैंस से उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण लेकर उमाकांत उमराव को दिया गया है। इकबाल के पास अब सिर्फ राजस्व मंडल अध्यक्ष का ही प्रभार रहेगा।
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22 February 2020भोपाल । मध्यप्रदेश में कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए सार्थक एप को सभी जिलों में लागू किया जाना है, अभी प्रयोग के तौर पर टीकमगढ़ जिले में इसकी अनिवार्यता की गई है। लेकिन पिछले वर्ष जब से इसके राज्य में लागू किए जाने की चर्चा शुरू हुई है तभी से सभी जिलों में कर्मचारी संगठन इसका लगातार विरोध कर रहे हैं । अब, इसे लेकर ''मैदानी कर्मचारी संघ'' खुलकर सामने आया है, इसके पहले प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मध्यप्रदेश सचिव संगठन इसका विरोध कर चुके हैं। ''मैदानी कर्मचारी संघ'' के पदाधिकारी सचिव विक्रम सिंह बुंदेला ने शनिवार कहा कि कर्मचारियों का कार्य क्षेत्र मैदानी होने के कारण एक निश्चित स्थान पर उपस्थित होकर प्रतिदिन उपस्थिति दर्ज कराना संभव नहीं है। लेकिन शासन अपने आदेश पर अड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का कार्य क्षेत्र 10 से 15 किलोमीटर या इससे अधिक दूरी तक फैला हुआ है। यदि हम सभी लोग रोज उपस्थिति के फेर में ही पड़े रहें तो सीधे तौर पर शासन का ही कार्य प्रभावित होगा। कर्मचारियों द्वारा संपादित किए जाने वाले कार्य एक निश्चित स्थान पर न बैठकर फील्ड में होता है।, यह बात शासन को समझना चाहिए। वहीं, एक अन्य कर्मचारी पदाधिकारी ओम प्रकाश पांडे ने कहा कि सभी शासकीय कार्य एक निश्चित समय सीमा में करने होते हैं।मैदानी कर्मचारियों को सार्थक एप पर नियत मुख्यालय पर जाकर केवल उपस्थिति दर्ज कराने की भाग दौड़ में समय की बर्वादी होगी और शासकीय कार्य में विलंब होगा। वर्तमान में कुछ वरिष्ठ कर्मचारी जो रिटायर्डमेंट के करीब है। उनसे एंड्राइड मोबाइल का संचालन ही नहीं होता और उनके लिए इस एप से अपनी उपस्थिति दर्ज कराना संभव नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते इन सभी कर्मचारियों द्वारा कार्य करने के बाद भी उनका वेतन काटा जा रहा है। उन्होंने बताया कि वाणिज्य कर मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर को सभी मैदानी कर्मचारी संघ जिला द्वारा एक ज्ञापन सौंपकर मांग की गई, कि मप्र शासन के कैबिनेट वाणिज्यकर मंत्री से सार्थक एप अनिवार्यता खत्म करने की गुहार हमारे संगठन द्वारा लगाई गई है। इनके अलावा मुन्ना लाल राय कर्मचारी पदाधिकारी का कहना है कि सार्थक एप के द्वारा जीपीएस की माध्यम से सभी मैदानी कर्मचारियों पर 24 घंटे निगरानी रखी जाएगी, जिसे कहीं से भी सही नहीं ठहराया जा सकता है । उन्होंने कहा कि सार्थक एप मप्र के किसी भी जिले में लागू नहीं होकर सिर्फ टीकमगढ़ जिले में ही लागू करते हुए यहां के मैदानी कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है। ऐसे में यह जरूरी है कि सभी मैदानी कर्मचारियों की सार्थक एप के माध्यम से उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त किए जाए। उल्लेखनीय है कि इससे पहले मध्यप्रदेश सचिव संगठन जिला इकाई के अंतर्गत सभी विकासखंडों के सचिव और रोजगार सहायक सचिवों ने सार्थक एप में उपस्थिति दर्ज कराने के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में बताते हुए इसे लागू न करने की मांग की है। सचिवों का कहना है कि अगर एप लागू किया जाता है तो सभी लोगे इसके विरोध में उग्र आंदोलन करेंगे। साथ ही इसी तरह से इस ऐप के विरोध में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी 6 सूत्रीय मांगे शासन के सामने रख चुके हैं। यहां कार्यकर्ताओं ने कहा कि सार्थक एप में कर्मचारियों को दिन में 2 बार मोबाइल पर अपनी उपस्थिति दर्ज करनी है। अगर कोई कर्मचारी अचानक किसी काम से चला गया है तो उसे दोबारा मोबाइल पर पंच करना काफी मुश्किल होगा। इसके अलावा कई ऐसे गांव हैं जहां नेटवर्क ही नहीं मिलता, वहां कर्मचारी कैसे अपनी उपस्थिति मोबाइल पर देगा। पहले ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का समय पर मानदेय और भवन भाड़ा और अन्य सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। ऊपर से यह सार्थक एप के जरिए उपस्थिति की अनिवार्यता की जा रही है जोकि कहीं से भी सही नहीं है।
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22 February 2020नरसिंहपुर। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट को लेकर ज्योतिष एवं द्वारका-शारदापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने सवाल उठाये हैं। उन्होंने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ट्रस्ट के गठन में राम मंदिर की लड़ाई लडऩे वालों की अनदेखी की गई है। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने शुक्रवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर जिले के झोतेश्वर मंदिर में पूजन-अर्चन के बाद मणिदीप आश्रम में मीडिया से बातचीत की। इस दौरान पत्रकारों द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि राम मंदिर के लिए पांच सौ वर्षों से लड़ाई लड़ी जा रही है। जो लोग इस लड़ाई में शामिल रहे, उनकी अनदेखी कर ट्रस्ट का गठन किया गया है। राम मंदिर के लिए अदालत में इस लड़ाई लडऩे वाले कानून के जानकरों को भी ट्रस्ट में शामिल नहीं किया। यहां तक हिन्दू समाज के प्रतिनिधियों, शंकराचार्यों और धर्माचार्यों को भी इससे दूर रखा गया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इशारों पर काम कर रही है। उन्होंने राम मंदिर ट्रस्ट में गठन में साजिश का आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें संघ से जुड़े लोगों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के अध्यक्ष नित्य गोपाल पर आपराधिक प्रकरण चल रहे हैं, ढांचा गिराने में उनकी प्रमुख भूमिका थी। वहीं, जिन्होंने कार सेवकों पर गोली बरसाने का कार्य किया था, उनको भी ट्रस्ट में शामिल कर केंद्र सरकार ने पुरस्कृत किया गया है। उन्होंने बताया कि मार्च के प्रथम सप्ताह में झोतेश्वर में विराट साधु-संत समागम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देशभर के साधु-संत और हिन्दू समाज के लोग शामिल होंगे। इस दौरान राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
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21 February 2020जबलपुर। मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित गन कैरिज फैक्ट्री में भारतीय सेना के लिए तैयार की गई 155 एमएम 45 कैलिबर धनुष तोप का शुक्रवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर वरिष्ठ सेन्य अधिकारियों की उपस्थिति में खमरिया स्थित लॉन्ग प्रूफ रेंज में परीक्षण किया गया, जो कि सफल रहा। जबलपुर में पहली बार धनुष तोप का परीक्षण हुआ, जबकि इससे पहले गत 21 जनवरी को गन कैरिज फैक्ट्री में तैयार की गई सारंग तोप का भी यहां सफल परीक्षण किया जा चुका है। बता दें के जबलपुर के खमरिया स्थित गन कैरेज फैक्ट्री में भारतीय सेना के लिए आयुध सामग्री का निर्माण होता है। यहां सारंग और धनुष तोप का निर्माण किया गया है। सारंग तोप का गत दिनों सफल परीक्षण होने के बाद शुक्रवार को खमरिया के लॉन्ग प्रूफ रेंज में दिल्ली से डॉयरेक्टर जनरल ऑफ क्वालिटी एश्योरेंस लेफ्टिनेंट जनरल संजय चौहान की मौजूदगी में पहली बार धनुष तोप का परीक्षण किया गया। यह परीक्षण सुबह 10 बजे शुरू हुआ था। इस दौरान अलग-अलग एंगल से धनुष तोप से फायरिंग की गई। इसी दौरान सारंग तोप का भी पुन: परीक्षण किया गया। इस मौके पर ऑडनेंस फैक्ट्री खमरिया, व्हीकल फैक्ट्री जबलपुर और गन कैरिज फैक्ट्री के आला अधिकारी भी मौजूद रहे। गौरतलब है कि धनुष तोप भारतीय सेना के बेड़े में शामिल हो चुकी है। पिछले साल ही छह तोप सेना को सौंपी गई थीं, जिनका राजस्थान के पोखरण और उड़ीसा के बालासोर में परीक्षण किया गया था। अब जबलपुर में भी इन तोपों का सफलतापूर्वक परीक्षण संपन्न हुआ। मौके पर मौजूद सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, धनुष और सारंग तोप करीब 40 किलोमीटर तक निशाना साध सकती हैं। इन तोपों से सेना को ताकत मिलेगी।
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21 February 2020छिंदवाड़ा। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर शुक्रवार को सुबह अपने गृह जिले छिन्दवाड़ा के पातालेश्वर धाम में पूजा-अर्चना कर प्रदेश व जिले की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर जिले के सांसद नकुल नाथ, प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे, पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, राज्य अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष गंगा प्रसाद तिवारी, आनंद बक्शी, अतिरिक्त कलेक्टर राजेश शाही, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शशांक गर्ग सहित अन्य अधिकारी, कर्मचारी, पत्रकार, पातालेश्वर धाम प्रबंधन समिति के सदस्य एवं बड़ी संख्या में श्रृद्धालु मौजूद थे।
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21 February 2020ग्वालियर। भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि पूरे देश में सीएए, एनपीआर और एनआरसी का विरोध हो रहा है। सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की मदद से धर्म के नाम पर बंटवारा कर रही है.। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह सभी को एक सामान अधिकार दें । लोकतंत्र में सभी को बराबरी का हक मिलना चाहिए। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने यह बातें गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए कही। इस दौरान उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार और समुची भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने सीएए कानून बनाकर देश को अस्थिरता में झोंककर ध्रुवीकरण करके सांप्रदायिक राजनीति शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि यह पहली बार हुआ कि देश में नागरिकता को धर्म से जोड़ा गया है। सच पूछिए तो केंद्र सरकार संविधान के खिलाफ काम कर रही है। सरकार का यह कानून भारत के संविधान के खिलाफ है। जब उनसे विरोध प्रदर्शन को लेकर प्रश्न पूछा गया तो उनका जवाब था कि लोकतांत्रिक देश में हमें सरकार के द्वारा बनाए जा रहे कानून या लिए जाने वाले फैसलों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है। सरकार हमें ऐसा करने से नहीं रोक सकती है। माकपा महासचिव का कहना था कि सीएए आगे चलकर एनपीआर और एनआरसी में बदलेगा और ये तीनों आपस में जुड़े हुए हैं। यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि एनपीआर केवल जनगणना जैसा है। यूपीए सरकार के समय एनपीआर का प्रोजेक्ट फेल हो गया था। यही कारण है कि देश के 13 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसका विरोध किया है। पत्रकार वार्ता में उनके साथ जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व नेता शरद यादव एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं मप्र के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी मौजूद रहे। यहां शरद यादव ने कहा कि देश के सामने बेरोजगारी, आर्थिक मंदी जैसे मुद्दे हैं। नोटबंदी, जीएसटी से वैसे ही लोगों की कमर टूट गई है और केंद्र की मोदी सरकार है कि सीएए जैसे कानून बनाकर संविधान के विपरीत काम कर रही है। देश को इस वक्त सीएए, एनपीआर और एनआरसी नहीं विकास चाहिए। वहीं, दिग्विजय सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार शुरू से ही नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर खिलाफ है। केंद्रीय स्तर पर भी पहले दिन से कांग्रेस वर्किंग कमेटी सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर देशव्यापी विरोध कर रही है और हमारा यह विरोध जब तक जारी रहेगा तब तक कि केंद्र की मोदी सरकार इसे वापिस नहीं ले लेती है। सच तो यह है कि मोदीजी देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी से ध्यान भटकानें के लिए यह सब कर रही है। दरअसल, ये सभी नेता सीएए के विरोध में सीपीआई (एम) के द्वारा आयोजित रैली में हिस्सा लेने ग्वालियर आए हुए थे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदीजी के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लाने के कारण से पूरे देश की 130 करोड़ की जनसंख्या प्रभावित हुई है केंद्र की सरकार देश का माहौल खराब करने में लगी है। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर निर्माण का ट्रस्ट को लेकर भी मोदी सरकार पर आरोप लगाए। दिग्गी का मानना है कि सरकार ने सही तरीके से इसे नहीं बनाया। इसमें रामाश्रय संप्रदाय और अखाड़ा परिषद के संतों को शामिल नहीं किया गया है।
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20 February 2020शिवपुरी। मप्र कांग्रेस में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच चल रही खेेमेबाजी अब सड़कों पर आ गई है। इस खेमेबाजी के बीच अब नेताओं का पोस्टर वॉर भी शुरू हो गया है। शिवपुरी में तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के एक समर्थक शहर कांग्रेस अध्यक्ष शैलेंद्र टेडिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को निशाने पर रखते हुए एक पोस्टर लगवा दिया है, जिसमें सीएम कमलनाथ पर निशाना साधा गया है। इस पोस्टर में लिख गया है कि एक पद एक सिद्धांत का फार्मूला क्यों याद नहीं आ रहा मप्र सरकार को। इस पोस्टर में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य की राहुल गांधी के साथ फोटो लगाई है और अप्रत्यक्ष तौर पर मुख्यमंत्री को निशाने पर रखते हुए लिखा गया है कि मुख्यमंत्री इस छाया चित्र की मर्यादा को भूल गए हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया से जो कहा गया है उस पर पुन: विचार करना चाहिए। लोकतंत्र में अपनी बात रखने पर पार्टी मजबूत होती है। एक पद पर एक ही व्यक्ति का फार्मूला क्यों याद नहीं आ रहा मप्र सरकार को। शिवपुरी के मुख्य चौराहे पर लगाया गया यह पोस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास समर्थक शहर कांग्रेस अध्यक्ष शैलेंद्र टेडिया ने लगवाया है और इसमें उनकी भी फोटो है। शिवपुरी में सिंधिया समर्थकों की पोस्टर वॉर की राजनीति के बाद अब मप्र में कांग्रेस की आपसी कलह सड़कों पर आ गई है। जब इस मामले में स्थानीय सिंधिया समर्थक नेताओं से बात की तो उन्होंने कहा कि हमाने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विधानसभा में जो वचन पत्र का वादा किया था उसे याद दिलाया है। मप्र कांग्रेस के प्रदेश सचिव विजय शर्मा ने कहा कि हमारे नेता ज्योतिरादित्य जनता से किया वचन पत्र सरकार को याद दिला रहे हैं और हम अपने महाराज के साथ हैं। शिवपुरी कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश गुप्ता ने कहा कि विधानसभा चुनाव में ग्वालियर संभाग में सबसे ज्यादा सीट हमारे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया की बदौलत जीती। जनता से जो वादे किए उन्हें तो पूरा करना होगा। उन्होंने कहा कि हम हमारे नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ हैं।
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20 February 2020भोपाल। सहकारिता मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा है कि 'पथरिया से बसपा विधायक रामबाई ने मेरे विरूद्ध जो बयान दिया है, वह पूर्ण रूप से असत्य, तथ्यहीन एवं अमर्यादित है। उन्होंने कहा है कि या तो वे अपने इस बयान का खंडन करें, अन्यथा मैं उनके विरूद्ध मानहानि का प्रकरण दर्ज कराऊंगा।'' उन्होंने यह बातें गुरुवार को मीडिया से बातचीत में बसपा विधायक रामबाई के बयानों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही। दरअसल, प्रदेश के दमोह जिले की पथरिया विधानसभा सीट से बसपा विधायक रामबाई ने बुधवार को भोपाल में सहकारी बैंक कम्प्यूटर ऑपरेटर संविदा महासंघ के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि सरकार मुख्यमंत्री की मंशा के विपरीत काम कर रही है। युवाओं को रोजगार देने की जगह उनका रोजगार छीना जा रहा है, जबकि वचन पत्र में बेरोजगारों को रोजगार भत्ता देने और संविदा कर्मियों को नियमित करने का वचन दिया गया था, लेकिन अब उन्हें नौकरी से बाहर किया जा रहा है। समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर इस सरकार में चल क्या रहा है? उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार नहीं है। कांग्रेस की सरकार होती तो भाजपा से भी गई-गुजरी होती। वो तो कमलनाथ जी हैं तो ठीक है। इसके बाद भी अधिकारी भोपाल बैठकर धंधा-बिजनेस चला रहे हैं। सरकार में पूरे अधिकारी भाजपा शासन के बैठे हैं, जो मंत्रियों का दिमाग घुमा रहे हैं। अब यह लोगों को बाहर करेंगे और दूसरों से ले-देकर उन्हें अंदर करेंगे। नौजवानों को आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस दौरान उन्होंने यहां तक कह दिया था कि सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई मर रहा है या जी रहा है। सब मर जाएं तो भी उसे कोई फर्क नहीं पड़ता। सरकार का बस नहीं चलता, नहीं तो वह चीन जैसी महामारी फैला दे।इस दौरान उन्होंने सहकारिता मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह पर भी जमकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि सहकारिता विभाग से संविदा कर्मियों को बाहर कर दिया गया है। मंत्री डॉ. गोविंद सिंह को समझना चाहिए कि बाहर निकाले कर्मियों को क्या होगा। समझ में नहीं आ रहा है कि यह मंत्री कर क्या रहे हैं? भोपाल में बैठकर बिजनेस चला रहे हैं। जो देता है उसे बुला लेते हैं और जो नहीं देता, उसे बाहर कर देते हैं। विधायक रामबाई के बयान को लेकर सहकारिता मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह गुरुवार को मीडिया से बातचीत में उन्हें मानहानि का परिवाद दायर करने चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि रामबाई अपने बयान का खंडन करें। वहीं, मंत्री गोविन्द सिंह की चेतावनी का जवाब बसपा विधायक रामबाई ने भी दिया है। उन्होंने गुरुवार को मीडिया जब इस संबंध में उनसे बातचीत की तो उन्होंने कहा कि मैं हमेशा सही बोलती हूं। दादा (डॉ. गोविन्द सिंह) को अगर उनके खिलाफ केस दर्ज कराना चाहें तो करा दें। मैं स्वयं उन्हें फोन करके केस दर्ज कराने के लिए कहूँगी।
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20 February 2020छिन्दवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिला मुख्यालय स्थित पुलिस ग्राउंड पर सीएम कमनलाथ के मुख्य आतिथ्य में गुरुवार को विशाल सामूहिक विवाह सम्मेलन हुआ, जिसमें एक साथ तीन हजार 353 जोड़ों को विवाह कराया गया। यह विवाह सम्मेलन गोल्डन बुक ऑफ विश्व रिकार्ड में दर्ज हो गया। इसके पूर्व सिंगरोली जिले में 2 हजार 290 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ था। सीएम कमलनाथ ने दाम्पत्य सूत्र में बंधे जोड़ों को नये जीवन की शुरुआत के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस यात्रा में नव-दंपत्ति यह संकल्प लें कि वे सच्चाई का साथ देंगे, समाज के मूल्यों को बनाये रखेंगे और देश की संस्कृति, परम्परा व आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करेंगे। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता की भावना समाहित करने वाले इस देश में विभिन्न धर्म, जाति, संप्रदाय के लोग आपसी भाई-चारे के साथ रहते हैं। यह देश की सबसे बड़ी शक्ति है। यही हमारी अमूल्य धरोहर है। इसी परम्परा का निर्वहन करते हुए विभिन्न धर्म, जाति के लोग आज इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। इस सम्मेलन में आकर मैं बेहद खुश हूं। सीएम ने कहा कि इस सम्मेलन में हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध परम्पराओं- रस्मों के अनुसार विवाह कार्यक्रम किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा को किस तरह आने वाली पीढ़ी के लिए विकसित किया जाये, यह उनका स्वप्न था। वर्तमान युवा पीढ़ी इंटरनेट से जुड़ी है। ज्ञान ही सबसे बड़ी शक्ति है जिसका उपयोग कर जीवन को सफल बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 40 साल पहले के छिंदवाड़ा का परिदृश्य वर्तमान छिंदवाड़ा से काफी भिन्न था। तत्कालीन समय में छिंदवाड़ा में पेयजल, सडक़, विद्युत आपूर्ति आदि की समस्याएं थी। वर्तमान समय में जिले के युवाओं को किस प्रकार रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाये, आम जन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता और शिक्षा के क्षेत्र का विकास मुख्य चुनौती है। इस चुनौती से निपटने के लिए युवा वर्ग को आगे आना होगा, तभी बेहतर एवं विकसित छिंदवाड़ा के माध्यम से प्रदेश एवं राष्ट्र निर्माण संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि जिले के लोगों ने हमेशा सच्चाई का साथ दिया है। आपके स्नेह, विश्वास और शक्ति से ही छिंदवाड़ा की नई पहचान बनती रहेगी। वर्तमान में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाया जा रहा है। अब लोगों को अपने इलाज के लिए नागपुर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, बल्कि अब स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मरीज नागपुर से छिंदवाड़ा की तरफ रूख करेंगे। कृषि विश्वविद्यालय, प्रशिक्षण केन्द्र, छिंदवाड़ा यूनिवर्सिटी शुरू हो चुकी है। जिले में रेलवे सुविधाएं, स्किल सेंटर विकास का प्रतीक है। यह सभी जिले के विकास का नया इतिहास बनाएंगे। उन्होंने कहा कि किसानों की क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र को मजबूती प्रदान कर नई क्रांति लाई जाएगी। आपके इस विश्वास पर खरे उतरेंगे और वचनपत्र के अनुसार सारे वचन निभाये जायेंगे। सामूहिक विवाह सम्मेलन गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में शामिलकार्यक्रम में 3 हजार 353 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ, जिसमें 114 दिव्यांग जोड़े भी शामिल थे। गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड साउथ एशिया के हेड आलोक कुमार ने मुख्यमंत्री कमनलाथ को छिन्दवाड़ा के सामूहिक विवाह सम्मेलन के गोल्डन बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड का प्रमाण पत्र प्रदान किया। आलोक कुमार ने बताया कि इसके पूर्व सिंगरोली जिले में 2 हजार 290 जोड़ो का विवाह संपन्न हुआ था। छिन्दवाड़ा में आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन इस रिकॉर्ड को ध्वस्त किया है।कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों द्वारा दिव्यांग युवक-युवती परिचय पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। इस पुस्तिका में 600 जोड़ों की जानकारी संकलित है। कार्यक्रम में सांसद नकुलनाथ प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री लखन घनघोरिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे, पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना, राज्य कृषि सलाहकार परिषद के सदस्य विश्वनाथ ओकटे, विधायक सुजीत चौधरी, निलेश उइके, सुनील उइके, कमलेश शाह व विजय चौरे, अन्य जनप्रतिधि व अधिकारी मौजूद रहे।
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20 February 2020ग्वालियर। मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार शुरू से ही नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनसीआर) खिलाफ है। केंद्रीय स्तर पर भी पहले दिन से कांग्रेस वर्किंग कमेटी सीएए, एनपीआर और एनआरसी को लेकर देशव्यापी विरोध कर रही है और हमारा यह विरोध जब तक जारी रहेगा तब तक कि केंद्र की मोदी सरकार इसे वापस नहीं ले लेती है। सच तो यह है कि मोदीजी देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था और बेरोजगारी से ध्यान भटकानें के लिए यह सब कर रही है। उक्त बातें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कही हैं। वे गुरुवार को सीएए के विरोध में सीपीआई (एम) के द्वारा आयोजित रैली में हिस्सा लेने ग्वालियर आए हुए थे। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदीजी के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लाने के कारण से पूरे देश की 130 करोड़ की जनसंख्या प्रभावित हुई है केंद्र की सरकार देश का माहौल खराब करने में लगी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति औा बेरोजगारी की कोई चिंता नहीं बल्कि वह इन मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ही सीएए, एनपीआर एवं एनआरसी को सामने ला रही है। इस दौरान उन्होंने राम मंदिर निर्माण का ट्रस्ट को लेकर भी मोदी सरकार पर आरोप लगाए । दिग्गी का मानना है कि सरकार ने सही तरीके से इसे नहीं बनाया। इसमें रामाश्रय संप्रदाय और अखाड़ा परिषद के संतों को शामिल नहीं किया गया है। जब हिन्दू आतंकवाद विषय को लेकर उनसे पत्रकारों से प्रश्न पूछा तो वे बोले कि इस विषय को लेकर भाजपा के दोनों नेताओं के खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा जा रहा है।
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20 February 2020भोपाल। राजधानी भोपाल के मिंटो हाल में बुधवार को आईपीएस आफिसर्स कानक्लेव 2020 का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री कमलनाथ मुख्य रुप से शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम कमलनाथ ने कहा कि प्रौद्योगिकी के अधिकाधिक उपयोग से भविष्य की पुलिस फोर्स के पास हथियारों के बजाए प्रौद्योगिकी उपकरण से सुसज्जित होगी। इसलिए अभी से पुलिस को नई नई प्रौद्योगिकी से परिचित होना होगा और उन्हें अपनाना सीखना होगा। राज्य सरकार इस दिशा में आगे बढऩे के लिए पुलिस बल को हरसंभव सहायता उपलब्ध करायेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में मध्यप्रदेश की पुलिस प्रौद्योगिकी के उपयोग की दृष्टि से इतनी दक्ष होगी कि अन्य प्रदेशों के लिए आदर्श होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक विकास बढऩे के साथ ही भिन्न-भिन्न आर्थिक अपराध भी सामने आ रहे हैं। पुलिस को आर्थिक अपराधों की प्रवृत्ति और प्रकृति से परिचित होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण परिणाम के लिये शासन-प्रशासन के सभी अंगों में समरसता जरूरी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत एक विशिष्ट देश है। मध्यप्रदेश स्वयं में विशिष्टि प्रदेश है। यह विविधताओं से भरा-पूरा प्रदेश है। विविधताओं और भिन्नताओं के बावजूद एक बने रहना इसकी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश न सिर्फ सबसे बड़ा वन प्रदेश है बल्कि सबसे बड़ी जनजातीय संख्या वाला प्रदेश भी है। इसलिए सामाजिक-आर्थिक विषमताओं और विभिन्नताओं को देखते हुए मध्यप्रदेश में पुलिस के सामने भी कई चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया तेजी से बदल रही है। तकनीकी और प्रौद्योगिकी के कारण सामाजिक व्यवहार और नजरिये में भी बदलाव आ रहा है। इस बदलाव को पुलिस बल को पहचानना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस प्रशासन का चेहरा होती है। पुलिस समाज को संदेश देने का काम करती है। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश के लिए अच्छी बात यह है कि यहाँ अपनी धतरी पर जन्मा और पनपा आतंकवाद नहीं है। भारतीय समाज की इसमें बड़ी भूमिका है क्योंकि सहिषणुता के कारण भारतीय समाज में सबको को साथ लेकर चलने की अदभुत क्षमता है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन को इन बदलावों को समझने और इनके अनुसार रणनीति बनाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की सोच में अलगाव या बंटवारे के विचार की कोई जगह नहीं है। बंटवारे का मतलब है विनाश। डीजीपी पुलिस वी.के. सिंह ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि बदलते हुए वैश्विक परिदृश्य और सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में आ रहे परिवर्तनों को देखते हुए पुलिस की चुनौतीपूर्ण भूमिका को समझने और पूरी दक्षता के साथ इसे स्वीकारने और निभाने के तौर-तरीकों पर विचार करने की जरूरत बताई । उन्होने पुलिस बल के लिये आवास सुविधाओं के विस्तार और साप्ताहिक अवकाश जैसे निर्णय लेने के लिये मुख्यमंत्री का आभार जताया। आईपीएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय यादव ने कन्क्लेव के उद्देश्य से विस्तार से चर्चा की। डीजीपी वी.के. सिंह, आईपीएस ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं विशेष पुलिस निदेशक विजय यादव ने आईपीएस ऑफिसर्स की ओर से मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
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19 February 2020भोपाल । कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश से राज्य सभा भेजने की अटकलें तेज हो गईं हैं । फिलहाल प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी इस मामले पर चुप्पी साधे हैं । पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं ने दबी जुबान से जरूर प्रियंका को लेकर अपनी स्वीकार्यता जाहिर की है लेकिन ऊपर क्या चल रहा है, इसकी खबर किसी को नहीं मिल पा रही है । दो महीने बाद मध्य प्रदेश में तीन सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसे लेकर कुछ दिनों से सियासत तेज हो गयी है । कहा जा रहा है कि कांग्रेस को प्रदेश से मिलने जा रही दो राज्यसभा सीटों में से एक पर प्रदेश के बाहर के किसी नेता को भेजा जा सकता है । जिसमें प्रियंका गांधी का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है । पीसीसी के चंद्रप्रभाष शेखर ने इस संबंध में कुछ भी बोलने से इंकार किया । उन्होंने कहा कि अभी तक पीसीसी को एआईसीसी की तरफ से कोई पत्र नहीं मिला है। गौरतलब है कि प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजे जाने का बयान प्रदेश सरकार के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की तरफ से आया । इसके बाद पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव भी ट्वीट के जरिये मैदान में उतर गए । उन्होंने प्रियंका को राज्यसभा भेजे जाने को आज की जरूरत बताया और कहा कि इससे राज्यसभा में फांसीवादी विचारधारा के विरुद्ध संघर्ष के लिए एक सशक्त आवाज मिलेगा । पूर्व विधायक हामीद काजी ने कहा कि प्रियंका को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा जाता है तो अच्छा फैसला होगा। दूसरी तरफ महामंत्री महेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि वे केंद्रीय नेतृत्व से यह मांग करेंगे कि प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश से राज्यसभा का टिकट दिया जाय । वहीं, विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने भी प्रियंका गांधी को मध्य प्रदेश से राज्यसभा चुनाव में उतारे जाने की वकालत की है, उन्होंने कहा है कि प्रियंका गांधी के प्रदेश से जुड़ने पर कांग्रेस पार्टी को और मजबूती मिलेगी। वरिष्ठ कॉंग्रेस नेत्री किरण अहिरवार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं इसलिए प्रियंका गांधी की जरूरत वहां ज्यादा से ज्यादा है।
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19 February 2020भोपाल। भोपाल क्राइम ब्रांच पुलिस ने मंगलवार देर रात राजधानी भोपाल के एमपी नगर ईलाके से ब्रिटिश और नवाबी शासन काल से जुड़े अहम दस्तावेज व पुरातत्व सामग्री से भरे एक ट्रक को पकड़ा है। पुलिस पूछताछ में ट्रक ड्रायवर और उसके साथ मौजूद व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने यह दस्तावेज नवाब परिवार के सदस्य से रद्दी के रूप में खरीदे हैं और इन्हें लेकर गुजरात जा रहे है। पुलिस को शक है कि रद्दी के भाव से खरीदी गई ये सामग्री पुरातत्व के काम की हो सकती है, इसलिए फिलहाल दस्तावेजों की पड़ताल की जा रही है। दरअसल क्राइम ब्रांच पुलिस को सूचना मिली थी कि ओपल ट्रांसपोर्ट कंपनी के एक मिनी ट्रक में ब्रिटिश और नवाबी शासन काल के दस्तावेज बक्सों और बोरियों में भरे हैं। ट्रक दस्तावेज लेकर गुजरात जा रहा है। सूचना के बाद क्राइम ब्रांच ने मंगलवार रात ट्रक को एमपी नगर इलाके में रोका था। ट्रक की तलाशी करने पर उसमें ब्रिटिश व नवाब खानदान के 100 साल पुराने दस्तावेज और नवाबी दौर में उपयोग किए जाने वाले एंटिक सामान मिले। इनमें चिराग समेत अन्य सामान भी है। ट्रक पकडऩे के बाद क्राइम ब्रांच ने उसके ड्राइवर और ट्रक में मौजूद व्यक्ति को थाने लाकर पूछताछ की। कुछ ही देर बाद इसे खरीदने वाले गुजरात के व्यापारी थाने पहुंच गए। व्यापारी ने बताया कि भोपाल के अंतिम नवाब हमीदुल्ला खान के परिवार की फातिमा सुल्तान से यह दस्तावेज 30 हजार में खरीदना बताया। क्राइम ब्रांच ने जांच के लिए फातिमा सुल्तान से भी संपर्क किया। क्राइम ब्रांच के अफसरों के मुताबिक फातिमा सुल्तान ने पुलिस को बताया है कि यह दस्तावेज भोपाल में उनके आधिपत्य के स्टोर रूम में कई सालों से रखे थे। उसमें कोई महत्वपूर्ण दस्तावेज नहीं हैं। फातिमा सुल्तान नवाब हमीदुल्लाह की सबसे छोटी बेटी राबिया की बहू हैं। पुलिस के मुताबिक इनमें 1937 और इससे पहले के भी कई दस्तावेज मिले हैं, जो पुरातत्व विभाग के लिए जरूरी हो सकते हैं। एएसपी निश्चल झारिया ने बताया कि पुरातत्व विभाग को इसकी जानकारी भेजी जा रही है।
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19 February 2020भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ और योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने मंगलवार को राजधानी भोपाल स्थित मिंटो हाल में आल्टरनेट प्रोजेक्ट फायनेंसिंग पर कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला में विभिन्न बैंकों के प्रमुख, वित्तीय विशेषज्ञ, औद्योगिक घरानों, अधोसंरचना निर्माण संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ शासन के विभागीय अधिकारी भी मौजूद है। आल्टरनेट प्रोजेक्ट फायनेंसिंग कार्यशाला में वैकल्पिक वित्तीय प्रबंधन के संबंध विचार-विमर्श में होगा। कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मैं यहां कुछ बताने नहीं बल्कि यहां पर जो निचोड़ निकलेगा उसको जानने आया हूं। यह हर सरकार के लिए चैलेंज है। परिवर्तनों को हमें स्वीकार करना होगा। युवा इस देश के निर्माण करने वाले हैं उनके लिए हमें ऐसा वातावरण बनाना होगा कि ज्यादा से ज्यादा इकोनामी जनरेट हो। हमें अपने खनिज संसाधनों का सही से उपयोग करना है। आगे सीएम कमलनाथ ने कहा कि हमें वित्तीय प्रबंधन के लिए ऑउट ऑफ बॉक्स जाकर सोचना होगा, हमारे परंपरागत तौर तरीकों को बदलना होगा। हमारे पास जमीन है, हम उसका उपयोग कैसे कर सकते हैं। उद्यानिकी के क्षेत्र में हम सबसे बेहतर कर सकते हैं, इस मामले में हम देश में मध्य प्रदेश का नाम सबसे ऊपर कर सकते हैं। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के वित्तमंत्री तरुण भनोत ने कहा कि हमने वैकल्पिक आय के स्रोतों के मद्देनजर रेत नीति में बदलाव किया। सड़क निर्माण के लिए सिर्फ बजट के माध्यम से ही नहीं बल्कि पीपीपी मॉडल से भी राशि जुटाई जा रही है। कार्यशाला में जो सुझाव आएंगे सरकार उन पर अमल करेगी। उल्लेखनीय है कि इस वर्कशॉप में विकास परियोजनाओं के लिए बजट के परंपरागत स्रोतों पर निर्भरता कम कर वैकल्पिक वित्तीय स्रोत तलाशे जाएंगे। योजनाओं को स्व-वित्त पोषित करने के तरीकों पर भी विचार किया जाएगा। इसमें मोंटेक सिंह अहलूवालिया अपने टिप्स देंगे। मध्य प्रदेश का बजट तैयार करने से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ की पहल पर सरकार उन सभी विकल्पों पर विचार करेगी, जहां से वित्तीय संसाधन जुटाए जा सकते हैं।
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18 February 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर कांग्रेस पार्टी में घमासान मच गया है। दरअसल, शनिवार को पार्टी के विधायक आरिफ मसूद ने एनपीआर का मध्य प्रदेश में राजपत्र जारी होने का कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने विरोध किया था। उन्होंने प्रेसवार्ता आयोजित कर सरकार को धमकी देते हुए कहा था कि यदि मुख्यमंत्री का रुख सकारात्मक नहीं रहा तो ऐसी पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इस राजपत्र को तत्काल खारिज करने की मांग की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ऐलान किया कि प्रदेश में एनपीआर लागू नहीं होगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा शनिवार को देर रात एक बयान जारी कर कहा है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्पष्ट कर दिया है कि वह एनपीआर लागू करने नहीं जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में एनपीआर का गैजेटेड नोटिफिकेशन जारी होने की बात पता चलने पर कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने शनिवार को प्रेसवार्ता के दौरान कमलनाथ सरकार से गैजेटेड नोटिफिकेशन को खारिज करने की मांग की। उन्होंने कहा कि बड़े ही अफसोस की बात है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी ये लागू हो गया। अब हम इसका पुरजोर तरीके से विरोध करेंगे। मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर इसे खारिज करने की मांग की जाएगी। हम इसके खिलाफ भोपाल सहित पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे। हर मुस्लिम घर के आगे नो सीएए और नो एनआरसी के पोस्टर लगाए जाएंगे। इसके अलावा जनगणना करने आने वालों का भी विरोध करेंगे।प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी किये गये बयान में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधायक मसूद की शंका का समाधान करते हुए कहा है कि एनपीआर की जिस अधिसूचना की बात की जा रही है, वह नौ दिसंबर 2019 का है। इस अधिसूचना के बाद केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) जारी किया है अर्थात जो एनपीआर अधिसूचित किया गया है, वह नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत नहीं किया गया है। नागरिकता संशोधन अधिनियम 1955 की नियमावली 2003 के नियम तीन के तहत किया गया है। मध्यप्रदेश सरकार ने अभी कोई गजट नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार एनपीआर को लागू नहीं करेगी।
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18 February 2020ग्वालियर। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ग्वालियर में चार दिवसीय बिटिया उत्सव का आयोजन किया जाएगा। लिटरेचर फेस्ट के रुप में होने वाले इस अनूठे आयोजन में साहित्य, सिनेमा, नाटक और लोक रंग की जानी मानी हस्तियां जुटेंगी और आधी आबादी से जुड़े मुद्दों पर बेवाकी से चर्चा करेंगी। आयोजन में पुस्तक मेला, खान पान और हैंडीक्रॉफ्ट के स्टॉल लगाए जाएंगे। इसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक सुरेश तोमर ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष बिटिया उत्सव का आगाज 5 मार्च को होगा। प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के मुख्य आतिथ्य में शुभारंभ किया जायेगा। जबकि समापन महिला दिवस पर 8 मार्च को किया जाएगा। इस बार पूरा आयोजन जीवाजी विश्वविद्यालय के गालव सभागार व उसके आसपास वाले परिसर में होगा। आयोजन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।उन्होंने बताया कि इस चार दिवसीय बिटिया महोत्सव में साहित्य सिनेमा कला लोकरंग के कई सत्र होंगे और इन क्षेत्रों के विद्वान विशेषज्ञ महिला एवं बाल मुद्दों से जुड़े विषयों पर गहन विचार विमर्श करेंगे। इस आयोजन में इस दफा जाने माने कवि अशोक वाजपेयी, अनामिका, चेतनक्रांति, वीरु सोनकर, नीलेश रघुवंशी को आमंत्रित किया गया है। जबकि कथाकार के तौर पर किरण सिंह, मनीषा कुलश्रेष्ठ, लक्ष्मी शर्मा, ऊषाकिरन खान भी उत्सव में शिरकत करेंगी। जानी मानी सिने निदेशक अविनाश दास व स्वरा भास्कर भी बिटिया उत्सव में आ रहे है। इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं "औरत होने की सजा" पुस्तक के लेखक अरविंद जैन महिला संबंधी कानूनों पर चर्चा करेंगे। जानी मानी टीवी पत्रकार अमृता राय, प्रकाश के.रे, सर्वप्रिया सांगवान भी इस आयोजन में महिला संबंधी मुद्दों पर चर्चा करेंगी।नाटक व कला शिविर भी बिटिया उत्सव में प्रतिदिन नाटकों का मंचन भी किया जाएगा। इनमें महाश्वेता देवी द्वारा लिखित कहानी रुदाली पर आधारित नाटक का मंचन केजी त्रिवेदी के निर्देशन में होगा। एक अन्य नाटक अगरबत्ती का मंचन भी होगा। इसके लेखक व निर्देशक आशीष पाठक है। दो अन्य नाटक भी उत्सव में होंगे। इसके अलावा आर्ट कैंप में जाने माने चित्रकार शिरकत कर पेंटिंग्स बनाएंगे। उत्सव के अंतिम दिन इन पेंटिंग्स का डिस्प्ले किया जाएगा।आयोजन नई दिशा देगा बिटिया उत्सव इस बार 5 से 8 मार्च को आयोजित किया जा रहा है। महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी के मार्गदर्शन में इस आयोजन की तैयारियां की जा रही है। उद्घाटन सत्र में उनके अतिरिक्त मध्यप्रदेश की बेटियां पहली फाइटर पायलेट फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनी चतुर्वेदी, दुनिया के सारे महाद्वीपों के सर्वोच्च शिखरों को फतह कर चुकी मेघा परमार भी रहेंगीं। हम इस आयोजन को लिटरेचर फेस्ट के रुप में मना रहे हैं। इसमें महिलाओं एवं बच्चों के अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। उम्मीद है कि यह आयोजन नई दिशा प्रदान करेगा।
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18 February 2020सतना। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता व मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी ने अलग विंध्य प्रदेश की मांग की आवाज बुलंद कर दी है। सोमवार को वे उंचेहरा के सरस्वती शिशु मंदिर में अध्ययनरत छात्रों के बीच पहुंचे थे। सबसे पहले उन्होंने स्कूल में छात्रों से सामान्य ज्ञान के प्रश्न पूछे। साथ ही छात्रों को पुरस्कृत किया। मीडिया सुर्खियों में बने रहने वाले मैहर विधायक त्रिपाठी ने छात्रों से अपील की परीक्षा उपरांत छात्रों युवाओं, बुद्धजीवी अधिवक्ता बंधु एवं समाजिक संगठनो की अगुआई में अलग विंध्य प्रदेश के लिए यह संघर्ष किया जाएगा। जब तक विंध्य प्रदेश अलग नही होता संघर्ष जारी रखना है। यह आंदोलन भोपाल से लेकर दिल्ली तक लड़ाई लड़ी जाएगी। चाहे हमको 5 से 10 साल संघर्ष क्यो ना करना पड़े । बनेगा कब जब हमारी युवा शक्ति आगे आएगी। उन्होंने कहा कि मैं किसी से दबता य डरता ही नहीं हू, मैं अंतिम सांस तक संघर्ष करता रहूंगा ।
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17 February 2020इंदौर| वाराणसी से इंदौर के बीच शुरू हुई काशी महाकाल एक्सप्रेस सोमवार सुबह पहली बार इंदौर पहुंची। काशी महाकाल एक्सप्रेस देश की तीसरी प्राइवेट ट्रेन हैं | ट्रेन की विशेषता यह है कि इसमें भगवान् भोले नाथ के लिए एक सीट परमानेंट बुक कराई गई है| ट्रेन के एसी कोच में भगवान् भोले नाथ का दरबार सजा है | कोच बी 4 में सीट नंबर 64 पर भगवान् को बड़ी साज सज्जा के साथ रखा गया हैं| भारतीय रेलवे के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब बाबा महाकाल के लिए ट्रेन में सीट रिज़र्व की गई है| सोमवार सुबह 8 :10 बजे ट्रेन इंदौर रेलवे स्टेशन पहुंची| जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर पहुंची शिव भक्तों ने जयकारे लगाकर और भजन कीर्तन गाकर यात्रियों का स्वागत किया । काशी महाकाल एक्सप्रेस कि ख़ास बात यह हैं कि यह ट्रेन तीन ज्योतिर्लिंगों को जोड़ने वाली देश की पहली ट्रेन है| यह ट्रेन तीन ज्योतिर्लिंगों को आपस में जोड़ेगी, सबसे पहले काशी विश्वनाथ उसके बाद उज्जैन के बाबा महाकाल और इंदौर के नजदीक ओम्कारेश्वर के दर्शन इस ट्रेन से भक्त कर सकेंगे| आज ट्रायल के तौर पर ट्रैन इंदौर पहुंची हैं| 20 फ़रवरी से ट्रेन नियमित सप्ताह में तीन दिन चलेगी | उल्लेखनीय हैं कि पिछले दिनों उज्जैन बाबा महाकाल के दर्शन करने आए रेल मंत्री पियूष गोयल ने ट्रेन चलाने का एलान किया था | पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को इसको वाराणसी से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था|
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17 February 2020भोपाल। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की कमलनाथ सरकार को घेरने का कोई अवसर नहीं छोड़ते, बात चाहे किसान क़र्ज़ माफ़ी की हो, प्रदेश की कानून व्यवस्था या महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा की। हर मुद्दे पर शिवराज प्रदेश सरकार के सामने डटकर खड़े हो जाते हैं। एक बार फिर शिवराज ने अपने कार्यकाल में लिए कैबिनेट के फैसले को कमलनाथ सरकार द्वारा बदलने और भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए हैं। सोमवार को अपने निवास पर पत्रकार वार्ता कर पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश कि कमलनाथ सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। टैक होम राशन, पोषण आहार में खेल हो रहा है। शिवराज ने कहा कि हमारी सरकार में हमने तय किया था कि ये कार्य निजी कंपनी के हाथ में नहीं रहेगा। इसके लिए हमने 7 संयंत्र अपने कार्यकाल में देवास, धार, होशंगाबाद, मंडला और भी तीन जिलो में बनाए हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हमने पोषण आहार का कार्य महिला स्वा सहायता समूह को दिया था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज ने सरकार पर फैले को बदलने और निजी कंपनी को काम देकर लाभ पहुंचने का आरोप लगाते हुए कहा कि एमपी एग्रो किसी भी निजी कंपनी या ठेकेदारों को सम्मिलित नहीं करेगा। लेकिन कमलनाथ की सरकार में नया खेल हुआ, मुख्य सचिव ने 11 बिंदु को इस फैसले से गायब कर दिया| शिवराज ने सवाल दागते हुए कहा कि वो ये बताए कि किसकी मर्जी से ये किया गया। क्या एक मुख्य सचिव की इतनी मजाल की वो कैबिनट के फैसले को पलट दे। शिवराज ने आईएस गौरी सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि मैं गौरी सिंह का अभिनंदन करता हूं, उन्होंने सरकार के इस फैसले का ही विरोध किया था। गौरी सिंह ने कहा था कि पोषण आहार का निजी करण नहीं होना चाहिए। लेकिन कमलनाथ सरकार में ईमानदार अफसर बली चढ़ रही हैं। इस फैसले पर मुख्यमंत्री कमलनाथ को खुद जवाब देना चाहिए। सिंधिया न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं वरिष्ठ कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा सड़क पर उतरने के बयान का समर्थन करते हुए शिवराज ने कहा कि सिंधिया जी न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं है। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने वचन पत्र के अनुसार किसानों का क़र्ज़ अभी तक माफ़ नहीं किया है। सिंधिया यही कह रहे हैं कि किसान का क़र्ज़ माफ़ कीजिये। अतिथि शिक्षकों को नियमित करने की माँग सिंधिया कर रहे हैं। वचन पत्र के अनुसार बेरोज़गारों को भत्ता देने का वादा किया गया था, सिंधिया भी यही वादा पूरा करने की माँग कर रहे हैं।
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17 February 2020श्रीनगर। पुलवामा हमले के एक साल पूरा होने पर जम्मू कश्मीर सीआरपीएफ स्पेशल जोन के डीजी जुल्फिकार हसन ने शुक्रवार को कहा कि पुलवामा आतंकी हमले की साजिश करने वालों को इस घटना के कुछ ही दिनों बाद उनके अंजाम तक पहुंचा दिया गया था। उन्होंने कहा कि इस हमले की साजिश में मदद करने वालों को गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया था, उनका हिसाब किया जा चुका है। उन्होंने आगे कहा कि इस हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) द्वारा की जा रही है और मेरा मानना है कि यह जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है। इस मामले में एनआईए ने बहुत प्रगति की है। उन्होंने कहा कि हमने शहीदों के परिवारों की देखभाल का जिम्मा लिया है और हम उसे बखूबी निभा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 14 फरवरी 2019 में पुलवामा में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आतंकियों द्वारा सीआरपीएफ के काफि0ले पर आत्मघाती हमला किया गया था। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया था।
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14 February 2020भोपाल। छिंदवाड़ा के सौंसर में शिवाजी महाराज की प्रतिमा हटाए जाने के मामले में राजनीतिक घमासान जारी है। इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सीएम कमलनाथ के सांसद पुत्र नकुलनाथ आमने सामने हो गए हैं और दोनों के बीच ट्वीटर पर जंग छिड़ गई है। एक ओर जहां पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ द्वारा अपने खर्च पर प्रतिमा स्थापना किए जाने पर तंंज कसने के साथ ही शनिवार को सौंसर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का एलान किया है। वहीं अब नकुल नाथ ने भी ट्वीट कर शिवराज पर पलटवार किया है। शिवराज के ट्वीट पर पलटवार करते हुए सांसद नकुलनाथ ने उनका विकास मॉडल के लिए स्वागत किया है लेकिन राजनीति के लिए शिवाजी महाराज के नाम के प्रयोग को गलत ठहराया है। नकुलनाथ ने ट्वीट कर लिखा ‘@ChouhanShivraj जी आपका विकास मॉडल छिंदवाड़ा में स्वागत है,परन्तु आप जिस तरह से छत्रपति शिवाजी महाराज जी के नाम पर राजनैतिक रोटियां सेंकने आ रहे है वह गलत है, छत्रपति शिवाजी महाराज हमारी आस्था के प्रतीक है,आपका उनके नाम को राजनीति के लिए प्रयोग करना उचित नहीं। एक अन्य ट्वीट कर नकुलनाथ ने शिवराज को भोजन का न्यौता देने के साथ ही छिंदवाड़ा के विकास को देखने का आग्रह भी किया है। नकुलनाथ ने ट्वीट में कहा है कि ‘आप छिंदवाड़ा आ ही रहे है तो आप मेरे ग्रह ग्राम शिकारपुर में कल दोपहर भोजन के लिए भी आमंत्रित है। और भोजन के पश्चात मैं चाहूंगा कि आप एक दफा सम्पूर्ण छिंदवाड़ा के विकास को देखकर अवश्य लौटे’।
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14 February 2020इंदौर। पुलवामा अटैक की पहली बरसी पर जहां देश, शहीदों को नमन कर याद कर रहा है वही राजनेताओं द्वारा इस मौके पर राजनीति भी शुरू हो गई है। एक ओर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पुलवामा हमले की बरसी पर ट्वीट कर सवाल उठाए गए हैं। तो वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी के ट्वीट पर भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने निशाना साधा है। कैलाश ने राहुल गांधी को नादान बताते हुए कहा है कि उन्हें इस बात की अक्ल नहीं कि कब, किस समय पर कौन से सवाल उठाने चाहिए। दरअसल, शुक्रवार को राहुल गांधी ने पुलवामा अटैक की बरसी पर ट्वीट कर हमले को लेकर हुई जांच और इसके पीछे किसको फायदा पहुंचा सहित तीन सवाल उठाए हैं। शुक्रवार को इंदौर के पितृ पर्वत पर बाबा हनुमान की अष्टधातु की विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के संबंध में भाजपा राष्ट्रीय महासचिव पत्रकारों से मुखातिब हुए। उन्होंने बताया कि पितृ पर्वत पर होने वाला आयोजन किसी छोटे कुंभ से कम नहीं होगा। इसमें देशभर के साधु संत सहित कई बड़ी हस्तियां शिरकत करेंगी। कैलाश विजयवर्गीय की माने तो इसके लिए गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज कराया गया है। इस दौरान पुलवामा हमले की बरसी पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा पुलवामा अटैक को लेकर केन्द्र की भाजपा सरकार पर साधे गए सवालों पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह राहुल की नादानी है। उन्हें इस बात की अक्ल नहीं कि कब, किस समय पर कौन से सवाल उठाने चाहिए। कुछ विषय ऐसे होते है कि उस पर राजनीति नही करनी चाहिए । उन्होंने कहा कि राहुल गांधी नादान है लेकिन मैं नादान नही हूं कि उनके प्रश्न के जवाब दूं। मुझे नही लगता कि ऐसे प्रश्न पूछना भी चाहिए, ये नादानी भरे प्रश्न हैद्ध उन्हें इसके जवाब देने की भी कोई आवश्यकता भी नही है। दिग्विजयसिंह के सवाल पर भी कहा कि ऐसे नादानी भरे प्रश्न नही करनी चाहिए। देश की राजनीति में ओर भी कई समस्याएं है, कम से कम सुरक्षा को लेकर सेना के ऊपर कोई प्रश्नचिन्ह नही उठाना नही चाहिए।
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14 February 2020भोपाल। खाद्य पदार्थों के दाम बढ़ने से जनवरी महीने में खुदरा महंगाई दर 7.59 फीसद तक बढ़ गई है। बीते दिन बुधवार को सरकार ने महंंगाई दर के आंंकड़े जारी किए थे। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई दिसम्बर 2019 में 7.35 फीसद और पिछले साल जनवरी में 1.97 फीसद थी। महंगाई दर में हुई बढ़ोतरी के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर महंगाई दर में हुई बढ़ोतरी के लिए केंद्र सरकार को कोसते हुए वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा, 'एनएसओ के आंकड़े बता रहे हैं कि खुदरा महंगाई दर 7.59 फीसदी पर पहुंची, यह छह साल का सबसे ऊंचा स्तर है। बेरोज़गारी पहले से ही 45 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। सब्ज़ियों के दाम 50 प्रतिशत तक बढ़ गए, दूसरी तरफ़ औद्योगिक उत्पादन में भी 0.3% की गिरावट, मेन्यूफ़ैक्चरिंग सेक्टर के 23 उद्योगों में से 16 में ग्रोथ नेगेटिव, ग़ैर सब्सिडी वाले घरेलू सिलेंडर के दाम 144.50 तक बढ़े, खाने-पीने की चीजें महंगी हुई और रोज़गार घट रहे हैं, आखिर देश किस दिशा में जा रहा है। आज आवश्यकता है इस दिशा में ध्यान देने की, बहुत हो गया वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने का काम।
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13 February 2020भोपाल। राजधानी भोपाल के रेलवे स्टेशन पर गुरुवार सुबह बड़ा हादसा हो गया । सुबह तकरीबन 9 बजे प्लेटफार्म नंबर 2 और 3 को जोड़ने वाले पाथ स्लेब का एक हिस्सा नीचे गिर गया। इस हादसे में 7 यात्री घायल हो गए । घटना में रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। पाथ स्लेब के जर्जर होने की शिकायत अधिकारियों से की गई थी, लेकिन इन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, मंडल रेल प्रबंधक उदय बोरवणकर ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये हैं। एक दिन पहले गिरा था सपोर्टिंग सरिया गुरुवार को हादसा होने से एक दिन पहले ही पाथ स्लेब के जर्जर होने के संकेत मिलने लगे थे। बुधवार को पाथवे का सपोर्टिंग सरिया पाथवे से अलग होकर नीचे गिर गया था। इस घटना में किसी को कोई चोट नहीं लगी थी, लेकिन प्लेटफॉर्म पर मौजूद एक वेंडर ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की थी। अधिकारियों ने इसके बाद पाथ स्लेब का निरीक्षण भी किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। यदि उसी समय फुटओवर ब्रिज को बंद कर दिया जाता, तो शायद गुरुवार का हादसा नहीं होता। चिरायु अस्पताल में चल रहा घायलों का इलाज हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस और रेल अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे। प्लेटफॉर्म क्रं. 2-3 पर रेल यातायात रोक दिया गया। घायलों को निकालकर चिरायु अस्पताल पहुंचाया गया। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी आईए सिद्दीकी ने बताया कि हादसे में 7 लोग घायल हुए हैं, जिनका उपचार एक निजी अस्पताल में किया जा रहा है। रेलवे की डॉक्टर्स की टीम भी वहां मौजूद है। फिलहाल घटनास्थल पर इनजीनियर्स की टीम मौजूद है और हादसे के तकनीकी कारणों का पता लगाया जा रहा है। मंडल रेल प्रबंधक उदय बोरवणकर ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने की आर्थिक सहायता की घोषणा भोपाल रेलवे स्टेशन पर हादसे के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के प्रतिनिधि के तौर पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से हादसे में गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुपये एवं सामान्य रूप से घायल हुए लोगों को 10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिये जाने की घोषणा की। मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच करवाई जायेगी। इनका कहना है.. इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच के आदेश आदेश दे दिये है। जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। रेल्वे प्रशासन हादसे में घायल हुए लोगों की हरसंभव मदद करेगा । उदय बोरवणकर, मंडल रेल प्रबंधक
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13 February 2020धार। जिले के गंधवानी टीआई नरेश कुमार सूर्यवंशी को उनके निवास पर ही एक युवती के साथ रंगरेलियां मनाते पकड़ा गया था। युवती की शिकायत पर बुधवार रात टीआई सूर्यवंशी के खिलाफ दुष्कर्म और बंधक बनाने का केस दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। टीआई नरेश सूर्यवंशी की इंदौर निवासी पत्नी दो दिन पहले गंधवानी आई थी। पत्नी ने सूर्यवंशी को उनके निवास में एक युवती के साथ पकड़ लिया था और जमकर हंगामा किया था। इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक ने टीआई सूर्यवंशी को निलंबित कर दिया था। इधर, इस घटना में नाटकीय मोड़ उस समय आया, जब टीआई के साथ उनके घर में मिली युवती ने ही बुधवार रात टीआई के खिलाफ बंधक बनाने और बलात्कार करने की शिकायत कर दी। युवती की शिकायत पर देर रात सूर्यवंशी के खिलाफ बलात्कार और बंधक बनाने का मामला गंधवानी थाने में ही दर्ज कर आरोपी टीआई को गिरफ्तार कर लिया गया। इस बात की पुष्टि जिला अधीक्षक धार आदित्य प्रताप सिंह ने की है ।
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13 February 2020भोपाल। मप्र में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए कमलनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। निलंबित डॉक्टरों की बहाली के बाद अब जल्द ही सरकार स्वास्थ्य विभाग में बड़े स्तर पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी। डॉक्टर्स के अलावा मेडिकल आफिसर, विशेषज्ञों और नर्स व लैब टैक्रिशियन की भर्ती भी सरकार करेगी। यह जानकारी जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बुधवार का मीडिया से बातचीत करते हुए दी। मंगलवार को सीएम कमलनाथ ने पिछले 6 माह में निलंबित किए गए डॉक्टरों के बहाली के निर्देश जारी किए। इसके साथ ही प्रदेश में 1700 से अधिक डॉक्टरों की भर्ती के लिए भी विज्ञापन जारी करने और इस साल 5000 से अधिक नर्सों की भी भर्ती करने की जानकारी दी। जल्द ही विज्ञापन जारी होने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए सरकार स्वास्थ्य विभाग में बंपर भर्ती करेगी। जल्द ही 1700 डॉक्टर्स भर्ती किये जायेंगे। साथ ही 722 मेडिकल आफिसर और 900 से अधिक विशेषज्ञों की भी स्वास्थ विभाग भती करेगा। इसके अलावा 5 हजार नर्स 620 लैब टेक्नीशियन और 04 हजार कम्युनिटी हेल्थ आफिसर की भी भर्ती प्रदेश में जल्द शुरू होगी घायलों को जल्द इलाज देने सरकार लाएगी नई पॉलिसी जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार रोड एक्सीडेंट इंश्योरेंस पालिसी शुरू करेगी जिससे घायलों को प्राइवेट अस्पताल में इलाज मिल सकेगा। इस पालिसी से प्राइवेट अस्पतालों में निशुक्ल इलाज मिलेगा।
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12 February 2020टीकमगढ़। टीकमगढ़ जिला जेल में मंगलवार रात एक कैदी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जानकारी लगते ही मृतक कैदी के परिजन बुधवार सुबह जेल के बाहर जमा हो गए और हंगामा करने लगे। परिजनों का आरोप है कि युवक की हत्या की गई है। फिलहाल पुलिस परिजनों को समझाकर शांत कराने की कोशिश कर रही है। जानकारी अनुसार जिला जेल में बंद विचाराधीन कैदी वृंदावन रैकवार की मंगलवार देर रात संदिग्ध मौत हो गई थी। जेल प्रशासन ने उसके शव को जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष में रखवाया है। बुधवार सुबह घटना की सूचना मृतक के परिजनों को दी गई। जैसे ही परिजन जेल पहुंचे तो उन्होंने जेलर से मिलने की बात कही लेकिन जेलर जेल से बाहर नहीं निकले। इसके बाद नाराज परिजनों ने जेल के बाहर हंगामा शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही तत्काल थाना प्रभारी अनिल मौर्य अपने बल के साथ मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन परिजन नहीं माने और भड़क गए। नाराज परिजनों ने सड़क पर जाम लगा दिया। परिजनों का आरोप है कि युवक की जेल में हत्या कर दी गई है। जबकि जेल प्रशासन का कहना है कि विचाराधीन कैदी की हार्ट अटैक से मौत हुई है। फिलहाल परिजनों को मनाने का प्रयास जारी है।
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12 February 2020उज्जैन। आय से अधिक संपत्ति के मामलों पर मप्र में लोकायुक्त लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी के तहत बुधवार सुबह लोकायुक्त की टीम ने उज्जैन में सहकारिता निरीक्षक के घर पर छापा मारा है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में टीम कार्रवाई कर रही है। उज्जैन लोकायुक्त की टीम दस्तावेज खंगालने में जुटी है। प्रारंभिक जांच में 10 लाख की नकदी सहित 5 प्लॉट, एक आलीशान बंगले के दस्तावेज मिले है। फिलहाल कार्यवाही जारी है, जांच पूरी होने के बाद बड़ी संपत्ति का खुलासा होने की संभावना है। उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने बुधवार अलसुबह सहकारिता विभाग में पदस्थ सहकारी निरीक्षक निर्मल कुमार राय के सेठी नगर स्थित घर पर छापा मारा। लंबे समय से लोकायुक्त पुलिस को उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिल रही थी। लोकायुक्त डीएसपी वेदांत शर्मा के निर्देशन में टीम सहकारिता निरीक्षक के घर कार्यवाही करने पहुंची। आय से अधिक संपत्ति के मामले में की गई छापेमार कार्यवाही में सहकारिता निरीक्षक निर्मल कुमार राय धन कुबेर निकला। टीम को उनके पास से एक तीन मंजिला मकान, एक दुकान, एक फार्म हाउस, 15 लाख से अधिक नगद,1 कार, 4 बाइक, सोने चांदी के जेवरात समेत प्रापर्टी के दस्तावेज बरामद किए है। टीम की कार्यवाही निर्मल राय के सेठी नगर स्थित घर एवं चौराहे पर स्थित ऑफिस पर चल रही है। लोकायुक्त डीएसपी वेदांत शर्मा के अनुसार 10 लाख से अधिक नकदी के साथ ही 2 करोड़ कीमत के पांच प्लाट मिले। इसके अलावा निर्मल राय कई सोसायटियों में सदस्य निकला है। 2 बैंक में लॉकर मिले है। फिलहाल लोकायुक्त की कार्रवाई जारी है, उक्त कार्रवाई में डीएसपी वेदांत शर्मा इंस्पेक्टर बसंत श्रीवास्तव एवं राजेंद्र वर्मा शामिल है।
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12 February 2020नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली पराजय को विनम्रता से स्वीकार लिया है। भाजपा दिल्ली प्रदेश के प्रवक्ता हरीश खुराना ने ‘हिन्दुस्थान समाचार’ से बातचीत में चुनाव नतीजों को स्वीकार करते हुए कहा कि चुनाव हारने का कोई एक कारण नहीं बल्कि कई सारे कारण होते हैं । उन्होंने कहा कि पार्टी की प्रदेश इकाई इसका आंकलन करेगी कि क्या कारण है कि वह सिर्फ यही चुनाव नहीं, अपितु 22 साल में लगातार पांचवां विधानसभा चुनाव हार गई, जबकि इस बीच हुए लोकसभा चुनाव ही नहीं अपितु म्यूनिसपल कारपोरेशन के चुनाव जीतती रही है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में किन कारणों से पराजय का सामना करना पड़ा, उसके पीछे के कारणों का आंकलन करने के बाद भाजपा उन खामियों को दूर करेगी। भाजपा की ओर से अरविंद केजरीवाल के सामने मुख्यमंत्री का कोई चेहरा सामने न पेश किए जाने पर खुराना ने कहा कि वर्ष 2015 में हरियाणा में चुनाव हुआ तो मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार नही थे। न ही झारखंड में रघुवर दास और महाराष्ट्र में देवेन्द्र फणनवीस को मुख्यमंत्री का चेहरा बना चुनाव लड़ा गया था। चुनाव परिणाम बाद जब भाजपा के पक्ष में बहुमत आया तो ये लोग मुख्यमंत्री बने। उन्होंने कहा कि चुनावी राजनीति का कोई लिखित फार्मूला नहीं होता है। राष्ट्रवाद, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और शाहीन बाग में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर आक्रामक प्रचार अभियान को भी खुराना चुनाव नतीजों के लिए जिम्मेदार नहीं मानते । उनके मुताबिक, राष्ट्रवाद, सीएए और शाहीन बाग को लेकर कोई आक्रामक प्रचार नही किया गया। हमें दो बात नही भूलनी चाहिए कि शाहीन बाग में ‘जिन्ना वाली आजादी’ के नारे लगे, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या की बात हुई। इन बातों का वोट से लेना देना हो या न हो, लेकिन सच्चाई तो यही है न कि उसको समर्थन देने वालों में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कांग्रेस के लोग शामिल थे। भाजपा नेता व प्रवक्ता शिवम छाबड़ा भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि मुख्यमंत्री का चेहरा पेश न किया जाना हार के लिए कोई कारण नही है और न ही, सीएए के विरोध प्रदर्शन का चुनाव परिणामों पर कोई प्रभाव पड़ा है। छाबड़ा के मुताबिक, आम आदमी पार्टी (आप) की केजरीवाल सरकार के पांच साल के कुशासन को भाजपा जनता के बीच पहुंचाने में नाकाम रही और इसी कारण उसे पराजय का सामना करना पड़ा है। छाबड़ा का कहना है कि जनता को मुफ्त बिजली, पानी ही रास आया इसलिए केजरीवाल को दोबारा बहुमत मिला है। हालांकि, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और दिल्ली प्रदेश के प्रभारी श्याम जाजू चुनाव परिणामों और उसके पीछे के कारणों पर अभी कुछ कहने को जल्दबाजी बताते हैं। उनके मुताबिक, चुनाव नतीजों का आंकलन करने के बाद ही पार्टी पराजय के कारणों को चिन्हित करेगी।
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11 February 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के नतीजों को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने मंगलवार को दिल्ली चुनाव नतीजों के प्रारंभिक रुझानों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिल्ली में आप की सरकार बनना तय था, ज्योंकि लोग अब भाजपा का चेहरा पहचानने लगे हैं। सीएम कमलनाथ ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि केंद्र सरकार के क्या हाल हैं, यह सभी जानते हैं। देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था की स्थिति भी खराब है, लेकिन केंद्र में सत्तारूढ़ दल भाजपा का कोई भी नेता बेरोजगारी को लेकर बात नहीं करता है। अर्थव्यवस्था में सुधार के कोई उपाय नहीं किये जा रहे हैं। लोगों का भरोसा भाजपा से उठता जा रहा है, इसकी झलक दिल्ली के चुनाव रुझानों में साफ देखा गया है। लोग अब भाजपा को समझने लगे हैं, इसीलिए उससे दूरी बना रहे हैं।
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11 February 2020भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के मिंटो हॉल में आयोजित राष्ट्रीय जल सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए जल-पुरुष राजेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रदेश में जल अधिकार को लेकर जो मसौदा बना है यहां उपस्थित 25 प्रदेशों के प्रतिनिधि अपने-अपने राज्यों में इस प्रारूप को लागू कराने के लिए अपने-अपने मुख्यमंत्रियों से चर्चा करें। मंगलवार को उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ अपनी रचनात्मकता एवं नयेपन के लिए जाने जाते हैं, इसलिए हमने इस सम्मेलन में 25 प्रदेशों में पानी पर कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया। कहा कि मुख्यमंत्री जो जल अधिकार सम्बन्धित बिल ला रहे हैं उसे कैसे अन्य प्रदेश की सरकारें आगे लेकर जा सकती हैं। इस पर गंभीर विचार होना चाहिए। मप्र सरकार ने पिछले एक साल से अपने राज्य की जनता को पानी के साथ जोड़ने के लिए उनमें जो मालिकाना भाव पैदा किया है और इसमें उनको पूरी तरह शामिल किया है। ऐसा सभी राज्यों में होना चाहिए। जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार अब इस स्थिति में है कि ऐसा कानून इस राज्य में बनाए जो हर गांव एवं शहर के आदमी को पीने का पानी मुहैया करा सके। इसके साथ यह भी सच है कि केवल कानून बनाने से कुछ नहीं होगा। इसकी सफलता इस बात पर निर्भर है कि समाज अपनी तरफ से आगे आये, जल संरक्षण को अपना काम माने। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कमल नाथ भी उपस्थित थे । सम्मेलन में विभिन्न राज्यों से पानी और पर्यावरण से जुड़े विषय-विशेषज्ञ मध्यप्रदेश 'जल का अधिकार' अधिनियम लागू करने के संदर्भ में विस्तृत चर्चा करने यहां आए हैं। इस सम्मेलन का प्रारंभ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे ने सुबह 10.30 बजे किया। सम्मेलन में भाग लेने के लिए विशेष तौर से झारखण्ड के पूर्व मंत्री सरयू राय, कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी.आर. पाटिल, तेलगंगा जल बोर्ड के अध्यक्ष प्रकाश राव, स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आए हुए हैं।
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11 February 2020भोपाल। राजधानी भोपाल के मानस भवन में सोमवार को मप्र नगर निगम एवं नगर पालिका कर्मचारी संघ द्वारा सोमवार को स्नेह सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मत्री जयवर्धन सिंह मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुई। उन्होंने कार्यक्रम में नगरीय निकायों के दैनिक वेतनभोगी (दैवेभो) कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों के वर्ष 2007 से 2016 तक के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों एवं सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। जल्द ही यह प्रस्ताव कैबिनेट में रखा जाएगा और हरी झंड़ी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। कार्यक्रम में प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह ने कहा कि नगरीय निकायों के वर्ष 2007 से 2016 तक के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों एवं सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। सामुदायिक संगठकों के नियमितिकरण का प्रस्ताव मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में होने वाली अगली मंत्रिपरिषद की बैठक में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में संघ के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा कर जल्द ही आदेश जारी किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों में नागरिकों की समस्या का समाधान सुनिश्चित करने के लिये मानव संसाधन जरूरी है। राज्य सरकार द्वारा निकायों के सभी रिक्त पदों को भरने के प्रयास किये जा रहे हैं। इन पदों पर दैनिक वेतनभोगियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने, राष्ट्रीय पेंशन स्कीम का लाभ, अवकाश 290 से बढ़ाकर 340 दिन करने, सेवा समाप्ति और ईपीएफ के संबंध में भी सकरात्मक निर्णय लिये जाएंगे। स्नेह सम्मेलन में संघ के अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सोलंकी और उपाध्यक्ष अशोक कुमार रावत ने कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया। इस दौरान कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने अपने विचार रखे।
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10 February 2020होशंगाबाद। प्रदेश की जीवनदायिनी नर्मदा नदी में बड़ी-बड़ी मशीनों से रेत का खनन किस तरह हो रहा है, इसका खुलासा राज्य सरकार के नदी न्यास बोर्ड के अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा ने किया है। उन्होंने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के साथ रविवार-सोमवार को दरमियानी रात एक बजे होशंगाबाद में नर्मदा नदी के जासलपुर घराट पर छापा मार कार्रवाई की। इस दौरान मौके से रेत खनन एवं परिवहन में शामिल तीन ट्रॉला, एक हाईवा एवं एक लोडर पकड़ा है, जबकि जेसीबी एवं डंपर लेकर माफिया मौके से फरार हो गया है। नदी न्यास बोर्ड के अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा इन दिनों नर्मदा समेत अन्य नदियों में हो रहे अवैध उत्खनन की जांच में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में वे रविवार को होशंगाबाद जिले के प्रवास पर गए। बाबा को नर्मदा नदी से मशीनों से रेत का खनन होने की शिकायत पहले से मिल रही थी। उन्होंने रात करीब एक बजे जासलपुर घाट पहुंचकर छापा मारा। बाबा एवं प्रशासन की टीम के पहुंचने से पहले ही माफिया जेसीबी, डंफर एवं रेत खनन में लगे अन्य वाहनों को लेकर फरार हो गया। बाबा ने प्रशासन की टीम के साथ माफिया का दो किमी तक पीछा भी किया, लेकिन माफिया चकमा देने में कामयाब रहा। इसके बाद जासलपुर घाट लौटकर मौके पर पकड़े गए वाहनों पर कार्रवाई के लिए तहसीलदार एवं खनिज अधिकारी को निर्देश दिए गए। यह पूरा घटनाक्रम रात एक बजे से तीन बजे के बीच का है।विधायक भी उठा चुकी हैं मामलाइससे पहले कांगे्रस विधायक सुनीता पटेल भी नरसिंहपुर में नर्मदा नदी में अवैध उत्खनन का मामला सार्वजनिक रूप से उठा चुकी है। विधानसभा अध्यक्ष एवं मप्र सरकार के तीन मंत्रियों की मौजूदगी में विधायक पटेल ने प्रशासनिक नाकामियों को उजागर करते हुए कहा कि थाने के सामने से रेत के डंपर निकलते हैं, लेकिन पुलिस को दिखाई नहीं देते हैं। सुनीता पटेल ने भोपाल में अनशन की धमकी दी थी। इसके बाद नरसिंहपुर जिला प्रशासन ने रेत माफिया पर कार्रवाई की। हालांकि इसके बावजूद भी नर्मदा नदी से मशीनों से रेत का खनन एवं परिवहन जारी है।प्रशासन के दावे की खोली पोलकंप्यूटर बाबा ने छापा मारकर नर्मदा नदी में मशीनों से रेत का अवैध उत्खनन नहीं होने के दावे की पोल खोल दी है। राज्य सरकार ने नई खनिज नीति में नर्मदा नदी में मशीनों से रेत के उत्खनन पर रोक लगाई है। इसके बावजूद भी होशंगाबाद समेत अन्य जिलों में नर्मदा नदी से रेत का अवैध उत्खनन बड़े पैमाने पर हो रहा है। इस मामले में कम्प्यूटर बाबा ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में कहा है कि रात में प्रशासन की टीम के साथ जासलपुर घाट पर रेत खनन एवं परिवहन में शामिल वाहन पकड़े। अफसरों को कार्रवाई के लिए निर्देश दिए हैं। प्रदेश में कमलनाथ की मुख्यमंत्री कमलनाथ की सरकार है। खनन माफिया को किसी भी सूरत में पनपने नहीं दिया जाएगा।
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10 February 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में नए मुख्य सचिव की खोज शुरू हो गई है। नए मुख्य सचिव को लेकर कई नामों पर चर्चा पर भी हो रही है, लेकिन इस रेस में सबसे आगे 1985 बैच के आईएएस अधिकारी गोपाल रेड्डी का नाम है। गौरतलब है कि वर्तमान मुख्य सचिव एसआर मोहंती का कार्यकाल 31 मार्च 2020 को खत्म हो रहा है। उन्होंने 31 दिसम्बर 2018 को कांग्रेस सरकार बनने के बाद कार्यभार संभाला था। संभावना जताई जा रही है कि मोहंती के उत्तराधिकारी गोपाल रेड्डी होंगे। जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव व 1985 बैच के आईएएस एम गोपाल रेड्डी मप्र के नए मुख्य सचिव हो सकते हैं। इसका आदेश 31 मार्च को निकलेगा। गोपाल रेड्डी अभी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। हाल ही में वह मध्यप्रदेश लौटकर आए हैं। हालांकि प्रदेश में इनसे सीनियर कई आईएएस अधिकारी हैं। मगर सीएम की गुड बुक में अभी गोपाल रेड्डी का ही नाम सबसे ऊपर है। वह छिंदवाड़ा में कलेक्टर भी रह चुके हैं। हालांकि ये भी सितम्बर में रिटायर हो जाएंगे। इस रेस में अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव का भी नाम था। इस रेस से बाहर होने के बाद वह लंबी छुट्टी पर चले गए हैं। वह 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।
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10 February 2020बैतूल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्रशासनिक अधिकारी अति उत्साह में कानून को हाथ में लेकर सार्वजनिक रूप से मारपीट एवं गाली गलौच करने से भी नहीं चूक रहे हैं। गत दिनों राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदित द्वारा सहायक उपनिरीक्षक को थप्पड़ मारने के मामले में कलेक्टर के खिलाफ आरोप प्रमाणित होने के बाद भी अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसी बीच बैतूल जिले के भैंसदेही एसडीएम आरएस बघेल द्वारा रेत के ट्रकों की जांच के दौरान उनके चालकों एवं मालिकों के साथ गाली गलौच करने का मामला सामने आया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसके बाद भैंसदेही एसडीएम के दुव्र्यवहार से आक्रोशित महाराष्ट्र के रेत कारोबारियों ने मय प्रमाण प्रदेश के मुख्यमंत्री से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की है। कारोबारियों ने आरोप लगाया है कि भैंसदेही एसडीएम द्वारा रेत के ट्रकों की जांच की आड़ में अवैध वसूली के लिए लम्बे समय से दबाव बनाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार सुबह भैंसदेही एसडीएम आरएस बघेल ने गुदगांव चौपाटी पर पुलिस एवं राजस्व अमले के साथ रेत के ट्रकों की जांच पड़ताल की थी। इस दौरान अवैध रेत परिवहन की आशंका में एसडीएम ने 30 ट्रकों को जब्त कर भैंसदेही में खड़ा करवा दिया था। बताया जाता है कि ट्रक चालकों एवं मालिकों ने रेत परिवहन की वैध अनुज्ञा होने के बाद भी वाहन जब्ती की कार्रवाई की गई। वैध अनुज्ञा को मानने से जब एसडीएम ने इंकार किया तो ट्रक चालकों और उनके बीच बहस होने लगी। इसी दौरान अपनी पदीय गरिमा को भूलकर एसडीएम भडक़ गये एवं पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में उन्होंने चिल्ला चिल्लाकर गालियां देनी शुरू कर दी। एसडीएम द्वारा की गई गाली गलौच का शनिवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।वीडियो में एसडीएम को साफ-साफ ट्रक चालकों को गालियां देते हुए सुना जा सकता है। वे कह रहे हैं कि ‘चोर साले क्या समझ रहे हो... तुम गुंडे हो... मेरे को नियम कानून सिखाओ... इसी दौरान एक ट्रक ड्रायवर ने प्रति प्रश्र किया कि क्या मैं चोर हूं.... गुंडा...हूं... मैं रायल्टी दिखाता हूं... नियम हमारे लिए भी बने हैं। वीडियो में भैंसदेही एसडीएम पदीय गरिमा को भूलकर तैश में आकर अपना आपा खोते नजर आ रहे हैं। एसडीएम जब गाली गलौच कर रहे थे तो मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी ट्रक ड्रायवरों-चालकों के साथ धक्का-मुक्की करते नजर आ रहे हैं। अवैध परिहवन की आशंका में भैंसदेही एसडीएम द्वारा जब्त किए गए तीस ट्रकों की जांच दो दिनों बाद भी शुरू नहीं हुई है, जिससे महाराष्ट्र के रेत कारोबारी आक्रोशित हैं। एसडीएम के द्वारा की गई जांच पड़ताल को संदिग्ध बताते हुए महाराष्ट्र के रेत कारोबारियों ने आरोप लगाया है कि रेत के ट्रकों की जांच के दौरान खनिज विभाग के अधिकारियों का नहीं होना यह साबित करता है कि दबाव बनाने के लिए जांच पड़ताल की गई है। उनके द्वारा बाकायदा वैध परिवहन अनुज्ञा के आधार पर रेत का परिवहन किया जा रहा है। यदि रेत परिवहन में गड़बड़ी है तो मौके पर ही खनिज अधिकारियों को बुलाकर कार्यवाही क्यों नहीं की गई। इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक शिकायती पत्र भेजकर एसडीएम के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है।मेरे ऊपर चढ़ाई कर रहे थे इसलिए की गाली गलौच: एसडीएमइस मामले में भैंसदेही एसडीएम आरएस बघेल का कहना है कि रेत के अवैध परिवहन की आशंका में 30 ट्रक जब्त कर जांच के लिए माइनिंग को केस भेज दिए हैं। जांच के दौरान ट्रक ड्रायवरों के साथ गाली गलौच करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे लोग मेरे ऊपर चढ़ाई कर रहे थे इसलिए उन्होंने गोली गलौच की थी। प्रतिवेदन आया है, जांच करेंगे: माइनिंग ऑफीसरवहीं, जिला खनिज अधिकारी शशांक शुक्ला ने बताया कि भैंसदेही एसडीएम द्वारा 30 ट्रकों से रेत के अवैध परिवहन का प्रतिवेदन रायल्टी पर्ची एव पंचनामे के साथ जांच के लिए भेजा है। प्रतिवेदन में ड्रायवरों के बयान नहीं है। प्रतिवेदन के साथ भेजी गई रायल्टी पर्चियां की जांच पोर्टल से की जाएगी। जांच होने के बाद नियमानुार कार्यवाही की जाएगी।
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9 February 2020धार। जिले के मनावर थाना क्षेत्र में बच्चा चोरी के शक में 6 किसानों पर भीड़ के हमला करने (माब लिंचिंग) के मामले में पुलिस ने तीन और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, जिला पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने एक अन्य थाना क्षेत्र तिरला के एसआई रमेश चौहान को निलंबित कर दिया है। बताया गया है कि करीब 45 लोगों पर हत्या और बलवे का मामला दर्ज किया गया है। इसमें से 30 आरोपितों को चिन्हित कर उनके फोटोग्राफ्स जारी कर इन पर 10 -10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया है। पुलिस ने शनिवार की रात बोरलाई और लिम्दा से दो आरोपितों को पकड़ा है। इसमें मंगलसिंह पुत्र भुवानसिंह निवासी लिम्दा और दूसरा दिनेश पुत्र मांगू बोरलाई के साथ ही लालू पुत्र राम सिंह भीलाला टेमरिया मनावर को गिरफ्तार किया है। अन्य सभी शातिर अपराधी जंगलों में जाकर छुप गए हैं। पुलिस पांच टीमें बनाकर अलग-अलग छापेमारी कर पकड़ने का प्रयास कर रही है।
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9 February 2020बैतूल (मध्य प्रदेश)। चीन से हाल ही में लौटे पांच स्थानीय छात्र स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की कड़ी निगरानी में हैं। पांचों एमबीबीएस के छात्र हैं। पांचों को अपने-अपने घरों में अलग कमरे में रखा गया है। इन कमरों को अस्थाई रूप से आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया है। इन कमरों में किसी को भी जाने की इजाजत नहीं है। जिला महामारी एवं रोग नियंत्रण अधिकारी आरके धुर्वे का कहना है कि पांचों छात्र स्वस्थ हैं। इनमें कोरोना वायरस से संबंधित किसी भी प्रकार के कोई लक्षण अभी तक नजर नहीं आया है। इन छात्रों में एक पाढर,एक बैतूल, एक भौंरा, एक सारणी और एक शाहपुर का रहने वाला है। इनके स्वास्थ्य की रिपोर्ट प्रतिदिन भोपाल और दिल्ली भेजी जा रही है।
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9 February 2020नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को मतदान संपन्न हो गया। सभी 70 सीटों पर औसतन 57 प्रतिशत मतदान हुआ है। हालांकि मतदान के अंतिम आंकड़ों में एक-आध प्रतिशत की घट-बढ़ हो सकती है, क्योंकि मतदान खत्म होने की समय सीमा शाम छह बजे तक कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें लगी थीं। छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान शांतिपूर्ण रहा। वर्ष 2015 के चुनाव में 67.12 प्रतिशत मतदान हुआ था। दिल्ली में वर्ष 1993 के बाद से विधानसभा का यह सातवां चुनाव है। वर्ष 1993 में 61.75 प्रतिशत मतदान हुआ था। चुनाव आयोग के मुताबिक विधानसभा की 70 सीटों में से सबसे अधिक मतदान (68.50) मटियामहल क्षेत्र में हुआ है, जबकि सबसे कम (37.50 प्रतिशत) शकूरबस्ती में हुआ है। इसी के साथ सभी 70 सीटों पर कुल 672 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद हो गया है। मतगणना 11 फरवरी को होगी और नतीजे भी उसी दिन दोपहर तक आ जाएंगे। नई दिल्ली सीट पर सबसे ज्यादा 28 उम्मीदवार चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं, जबकि सबसे कम चार उम्मीदवार पटेलनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं बुराड़ी सीट पर 22 और करावलनगर सीट पर 18 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इस बार मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप), भाजपा और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है। आप ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से चुनाव मैदान में उतारा है। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आप उम्मीदवार के रूप में पटपड़गंज सीट से चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। जबकि भाजपा ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता को रोहिणी सीट चुनाव मैदान में उतारा है। विधानसभा की सभी 70 सीटों पर कुल 1,47,86,389 मतदाता हैं। इनमें 81,05,236 पुरुष और 66,80,277 महिला हैं, जबकि 869 थर्ड जेंडर मतदाता है। चुनाव आयोग के मुताबिक पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 2,32,815 है। ओखला विधानसभा क्षेत्र के शाहीनबाग इलाके में मतदान केंद्रों पर लोग मतदान करने के लिए भारी संख्या में उमड़े। बीते 15 दिसम्बर से यहां नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है। चुनाव प्रचार के दौरान प्रदर्शन स्थल पर काफी बयानबाजी भी हुई थी। शाहीनबाग में पांच पोलिंग बूथ बनाये गए। यहां महिलाएं अलग-अलग जत्थों में वोट डालने पहुंची ताकि विरोध-प्रदर्शन पर मतदान का असर न पड़े। किस पार्टी को मिली थीं कितनी सीटें वर्ष 2015 में विधानसभा के मध्यावधि चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 67 और भाजपा ने 03 सीटें जीती थीं। वर्ष 2013 में भाजपा को 32, आप 28, कांग्रेस 08, अन्य को दो सीटें मिली थीं। वर्ष 2008 में भाजपा 23, कांग्रेस 43, बसपा दो, अन्य दो। वर्ष 1993 के प्रथम चुनाव में भाजपा 49, कांग्रेस 14, जनता दल को 04 सीटें मिली थीं। कब कितना मतदान वर्ष 2015 - 67.12 वर्ष 2013 - 65.63 वर्ष 2008 - 57.58 वर्ष 2003 - 53.42 वर्ष 1998 - 48.99 वर्ष 1993 - 61.75 (मतदान के आंकड़े प्रतिशत में) विधानसभा वार मतदान प्रतिशत नरेला 61.81 , बुराड़ी 48.60, तिमारपुर 51.17, आदर्श नगर 53.25, बादली 56.23, रिठाला 51.20, बवाना 41.95, मुंडका 57, किराड़ी 55.67, सुल्तानपुर माजरा 50.34, नांगलोई 53.15, मंगोलपुरी 59.59, रोहिणी 58.80, शालीमार बाग 45.68, शकूरबस्ती 37.49, त्रिनगर 60.97, वजीरपुर 65.12, मॉडल टाउन 55.85, सदर बाजार 60.74, चांदनी चौक 46.21, मटियामहल 68.35, बल्लीमारान 47.35, करोलबाग 54.79, पटेल नगर 55.84, मोती नगर 51.85, मादीपुर 60.73, राजौरी गार्डन 44.70, हरि नगर 57.35, तिलक नगर 58.60, जनकपुरी 59.12, विकासपुरी 56.79, उत्तम नगर 49.38, द्वारका 58.79, मटियाला 47.36, नजफगढ़ 68, बिजवासन 46.93, पालम 66, दिल्ली कैन्ट 39.52, राजेंद्र नगर 54.44, नई दिल्ली 42, जंगपुरा 43.35, कस्तूरबा नगर 49.19, मालवीय नगर 59.20, आरके पुरम 50.92, महरौली 46.59, छतरपुर 48.80, देवली 59.19, अम्बेडकर नगर 52.75, संगम विहार 59.88, ग्रेटर कैलाश 60, कालकाजी 53.82, तुगलकाबाद54.30, बदरपुर 53.99, ओखला 50.05, त्रिलोकपुरी 43.22, कोंडली 60.84, पटपड़गंज 56.11, लक्ष्मी नगर 54.95, विश्वास नगर 58.68, कृष्णानगर 62.51, गांधीनगर 58.91, शाहदरा 59.26, सीमापुरी 63, रोहतास नगर 44.20, सीलमपुर 60.63, घोण्डा 60.52, बाबरपुर 60.26, गोकलपुरी 61.93, मुस्तफाबाद 66.29, करावल नगर में 63.24 प्रतिशत मतदान हुआ है। मतदान के अंतिम आंकड़ें अभी और बढ़ने की संभावना है क्योंकि मतदान खत्म होने की समय-सीमा शाम छह बजे तक कई मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें लगी थीं।
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8 February 2020भोपाल। पेयजल योजनाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए और उनके क्रियान्वयन के लिए वित्तीय संसाधन जुटाए जाएं। पेयजल योजनाओं के संचालन और संधारण की लागत का विश्लेषण किया जाना चाहिए और उन्हें स्वयं के वित्तीय स्रोतों के जरिए संचालित करने का प्रयास होना चाहिए। उक्त बातें आज मंत्रालय में मध्यप्रदेश जल निगम के संचालक मंडल की बैठक में निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कही हैं । उन्होंने निर्माणाधीन योजनाओं को निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश देते हुए कहा कि नई जल परियोजनाओं के सभी प्रस्ताव समयबद्ध कार्यक्रम के साथ प्रस्तुत किए जाएं। साथ ही उसके अनुसार योजनाएं पूरी हों यह भी सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने नई योजनाओं की वित्तीय रूपरेखा बनाने में अनुभवी संस्थाओं की सेवाएं लेने को कहा।वहीं, मुख्यमंत्री ने आगामी ग्रीष्म ऋतु के दौरान आम नागरिकों के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। श्री नाथ के अलावा इस बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री सुखदेव पांसे, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल एवं नगरीय विकास मंत्री जयवर्द्धन सिंह भी उपस्थित थे इस दौरान प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी संजय शुक्ला ने भारत सरकार के जलजीवन मिशन के प्रावधानों की जानकारी संचालक मंडल की बैठक में दी। साथ ही बैठक में मुख्य सचिव एस.आर. मोहंती, अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एम. गोपाल रेड्डी, अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास मनोज श्रीवास्तव उपस्थित थे।
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8 February 2020भोपाल/इंदौर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देश पर प्रदेश में हाईकोर्ट से लेकर जिला एवं सत्र न्यायालयों में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है, जिसका शुभारंभ सुबह 10.30 बजे हुआ। इस लोक अदालत के लिए गठित विभिन्न खंडपीठों में आपसी सुलह-मशबिरे के आधार पर लम्बित प्रकरणों का निराकरण किया जा रहा है। बड़ी संख्या में पक्षकार लोक अदालत में पहुंच रहे हैं। प्रदेश के सभी जिला एवं तहसील स्तर पर आयोजित इस नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित आपराधिक प्रकरण, परक्राम्य अधिनियम की धारा 138 के अंतर्गत चेक बाउंस प्रकरण, बैंक रिकबरी संबंधी मामले, एमएसीटी (मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण) के मामले, वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण के प्रकरण, विद्युत एवं जलकर एवं बिल संबंधी प्रकरण (चोरी के मामलों को छोडक़र), सेवा मामले जो सेवा निवृत्त संबंधी लाभों से संबंधित है, राजस्व के प्रकरण (जिला न्यायालय एवं उच्च न्यायालयों में लंबित), दीवानी मामले तथा बैंक रिकवरी, 138 एनआईएक्ट, जलकर, एवं विद्युत संबंधी पूर्ववाद (प्रीलिटिगेशन) आदि राजीनामा योग्य प्रकरणों को अधिक से अधिक संख्या में निराकरण के लिए रखा जाएगा। जिला प्राधिकरण के सचिव मनीष कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेशभर में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ शनिवार को सुबह 10.20 बजे हो चुका है। जिला न्यायालय, समस्त तहसील न्यायालय, कुटुम्ब न्यायालय, श्रम न्यायालय एवं सहकारी संस्थाओं में आयोजित इस लोक अदालत में लम्बित मामलों की सुनवाई जारी है। इन प्रकरणों का आपसी समझौते के आधार पर निराकरण किया जा रहा है। उन्होंने समस्त पक्षकार एवं उनके अधिवक्तों से अपील की है कि वे अपने प्रकरण अधिक से अधिक संख्या में निपटाकर लोक अदालत योजना का लाभ उठाएं।
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8 February 2020इंदौर। जिले के इंदौर -उज्जैन रोड स्थित धरमपुरी गांव के एक बड़े पॉवर हाउस में शुक्रवार सुबह अचानक आग लग गई। आग की लपटें इतनी भीषण थीं कि दूर से ही उसे देखा जा सकता था। पॉवर हाउस से धुंआ निकलता देख वहां अफरा तफरी मच गई। सूचना के बाद मौके पर पहुुंची फायर बिग्रेड की टीम ने आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू कर दिया। आग की वजह से जैतपुरा, धरमपुरी, सांवेर के कुछ क्षेत्रों और इंदौर के औद्योगिक इलाकों में बिजली बंद होने की जानकारी सामने आई है। फिलहाल अलग अलग ट्रांसफार्मर में लगी आग पर पानी से काबू नहीं पाया जा सका है और अब रेत का सहारा लेकर आग बुझाने के लिए प्रयास किया जा रहा है। आग पर काबू पाने के बाद विद्युत विभाग जल्द पॉवर सप्लाई शुरू करने की कोशिश के साथ ही ग्रिड में आई खामी का पता लगाने की कोशिश भी करेगा। घटना धरमपुरी ग्राम के पाकीजा स्कूल के पास जेतपुरा पहाड़ी पर स्थित ग्रिड की है। यहां स्थित पॉवर हाउस में शुक्रवार सुबह एक के बाद एक धमाके की आवाज आई और उसके बाद सांवेर रोड क्षेत्र में स्थित धरमपुरी इलाके और आस - पास के अन्य ग्रामीण इलाकों के आसमान में धुंए का गुबार छा गया। यहां पॉवर हाउस की एक बड़ी ग्रिड में आग इतनी तेजी से फैली की उसकी लपटें दूर दूर तक दिखाई देने लगीं। चंद मिनटों में ही आग ने विकराल रूप ले लिया। आग की लपटें देखकर ग्रामीणों में दहशत का माहौल बन गया। आग लगने के बाद विद्युत विभाग ने ग्रिड से विद्युत सप्लाई रोक दी। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाने की कोशिश शुरू कर दी, जिसके बाद बहुत हद तक आग पर काबू पा लिया गया है। धरमपुरी के रहने वाले अजय कुमार चौहान ने बताया कि घटना धरमपुरी क्षेत्र के जैतपुरा गांव की है, जहां ग्रिड में बड़ा ब्लास्ट हुआ और 10 मिनट तक धमाके होते रहे।
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7 February 2020सीहोर। चार साल पहले आष्टा जनपद सीईओ के रहते ग्राम पंचायतों में भारी भ्रष्टाचार हुआ था। जांच रिपोर्ट में पंचायतों पर आरोप सिद्ध होने के बाद कुछ कर्मचारियों पर निलंबन की कार्रवाई भी हुई थी, लेकिन जिला पंचायत सदस्य ने इस मामले में सरपंच, सचिवों व जिम्मेदारों को दोषी ठहराते हुए कार्रवाई की मांग की थी। बावजूद इसके 1 फरवरी 2020 को एक बार फिर से उन्हीं सीईओ को आष्टा जनपद सीईओ की कमान सौंपने आदेश जारी किए गए है। जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 से 2016 तक संजय अग्रवाल आष्टा जनपद में सीईओ रहे हैं। जिनके 1 फरवरी को पुन: पदस्थापना के आदेश जारी होने से स्थानीय जनप्रतिनिधयिों में हलचल तेज हो गई है। क्योंकि पूर्व कार्यकाल में हुए ग्राम पंचायतों के घोटाले को लेकर उन पर कई आरोप लगे थे। इसको लेकर जिला पंचायत सदस्य आम्बाराम मालवीय ने पंचायतों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की थी। जिसमें कहा गया था कि आष्टा जनपद सीईओ संजय अग्रवाल के रहते मनरेगा के कार्य पशु शेड, मेढ़बंधान आदि में 55 लाख रुपए का फर्जी भुगतान किया था, जिन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। कुमडावदा तालाब के भंडार भूमि की नीलामी न कर सीधे लाखों रुपए का गबन किया गया। इसको लेकर दोषियों पर एफआईआर व शासन को हुई क्षति भरपाई करने की कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन सीईओ संजय अग्रवाल की पुन: पदस्थापना से एक बार फिर प्रदेश की कमलनाथ सरकार प्रश्न चिंह तो लग ही रहे हैं। साथ ही जनप्रतिनिधि भी इस आदेश से भौचक्के नजर आ रहे हैं। यह है मामला, सही पाई गई थी शिकायत शिकायतकर्ता भैरोलाल व हमीरसिंह द्वारा ग्राम पंचायत मुगली जनपद पंचायत आष्टा द्वारा भ्रष्टाचार की शिकायत की थी, जिसकी तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ डॉ केदार सिंह ने 4 सदस्यीय दल गठित कर जांच कराई थी। जॉच रिपोर्ट ग्राम पंचायत मुगली में व 2013-14 में 45 में से चार ही पशु शेड मौके पर मिले थे, जिसमें लगभग 18.22 लाख राशि फर्जी तरीके से आहरित की गई। वहीं 2012-13 से 2013-14 में 75 बकरी शेड 9 ही मिले थे, जिसमें करीब 29.33 लाख रुपए आहरण किए गए थे। जबकि इसी समय 31 मेढ़ बंधान कार्य स्वीकृत किए गए जिसमें से मौके पर कोई बंधान नहीं पाया गया, जिस पर कुल व्यय राशि 3.72110 का दुरूपयोग किया गया था। इसमें फर्जी तरीके से मूल्यांकन उपयंत्री पुरूषोत्तम अग्रवाल तथा तत्कालीन सहायक यंत्री आरबी चौधरी द्वारा लगभग 52 रुपए से अधिक राशि के फर्जी मूल्यांकन तथा सत्यापन किया गया। जांच रिपार्ट में बिना कार्य कराए फर्जी राशि आहरण की पुष्टि हुई थी। जिसमें चार कर्मचारियों को निलंबित किया गया था, लेकिन अभी तक उनसे वसूली नहीं की गई है। शिकायत की थी ग्रामीणों के साथ मिलकर मैंने मामले की शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी। इस मामले को जिला पंचायत की सामान्य सभा में भी कई बार उठाया गया था। मेरा प्रयास है कि जिन हितग्राहियों के नाम पर गबन किया गया है, उसकी वसूली कर हितग्राहियों को लाभ दिलाया जाए। आम्बाराम मालवीय, सदस्य जिला पंचायत
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7 February 2020भोपाल। केंद्र की मोदी सरकार के हर काम पर टीका-टिप्पणी करना पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के लिये सबसे जरूरी कामों में से एक है। अब उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिये गठित ट्रस्ट को लेकर आपत्ति जताई है। जिस तरह से सरकार ने इस ट्रस्ट का गठन किया है, उसे दिग्विजय सिंह ने सनातन धर्म की परंपराओं पर चोट बताया है। केंद्र सरकार द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट के गठन का जहां प्रदेश के भाजपा नेताओं ने स्वागत किया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने इसकी निंदा की है। उन्होंने कहा है कि इस ट्रस्ट में एक भी मान्यता प्राप्त शंकराचार्य या रामानन्दी संप्रदाय के संत शामिल नहीं हैं। उन्होंने पूछा है कि पूर्व से स्थापित रामालय ट्रस्ट को मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी दिये जाने में क्या परेशानी है, जिसका गठन सनातन धर्म के सभी संतों की सहमति से किया गया था। उन्होंने कहा है कि मोदी-शाह सरकार राजनीतिक स्वार्थ के लिये सनातन धर्म की परंपरागत मान्यताओं को भी नष्ट कर रही है।
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7 February 2020इन्दौर। मध्यप्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी इंदौर सिर्फ व्यवसाय के लिए ही नहीं यहाँ के कोचिंग संस्थानोंं के लिए भी मशहूर है । देश-प्रदेश के युवा इस शहर में अपने भविष्य का निर्माण करने आते हैंं । एजुकेशन हब होने के कारण यहा कोचिंग संस्थानोंं की भरमार है जिसके चलते जगह-जगह शहर में कोचिंग संस्थानो के होर्डिंग टंगे नज़र आते हैंं। लेकिन अब नगर निगम प्रशासन ने सख्ती से इन संस्थानोंं की गैर जिम्मेदाराना प्रचार प्रणाली पर कार्यवाई की है । नगर निगम आयुक्त आशीष सिंह के निर्देशानुसार मध्यप्रदेश आउटडोर मिडिया डिवाईस नियम 2017 के अंतर्गत पंजीयन करवाने एवं विज्ञापन प्रदर्शन करने की अनुमति नहींं लेने वाले के विरूद्ध मार्केट विभाग द्वारा शहर के मुख्य रूप से भंवरकुआ चैराहा व भंवरकुआ क्षेत्र के आस-पास स्थित कोचिंग संस्थानो को बगैर अनुमति के विज्ञापन होर्डिग्स लगाने वालोंं को नोटिस जारी करते हुए राशि जमा कराने हेतु सुचित किया गया है। उल्लेखनीय है कि कोचिंग संस्थानोंं को नगर निगम के आदेशानुसार 07 दिनों के भीतर निर्धारित शुल्क जमा कराकर, नियमानुसार पंजीयन कराया जाना आवश्यक था, साथ ही विज्ञापन प्रदर्शन का समय सीमा में विज्ञापन कर भी जमा कराया जाना अनिवार्य था। लेकिन इन संस्थानोंं ने कोई भी राशि जमा नहींं कराई। इस कारण बीते मंगलवार शाम से इनके विरूद्ध सख्त कार्यवाही के साथ ही विज्ञापन बोर्ड हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है जो आज बुधवार को भी देखी गई । मध्यप्रदेश आउटडोर मिडिया डिवाईस नियम 2017 को दृष्टिगत रखते हुए, मार्केट विभाग द्वारा भंवरकुआ व आस-पास के कोचिंग संस्थानो जिनमें कौटिल्य एकेडमी पर रूपये 672600, विश्वास एकेडमी पर रूपये 99120, ओसियन एकेडमी पर 35400, जादौन एकेडमी पर 31860 की राशि वसूल की गई है । इसके साथ ही निगम मार्केट विभाग द्वारा शेष रहे संस्थानोंं को भी नियमानुसार विज्ञापन बोर्ड का पंजीयन कराने व विज्ञापन की राशि जमा करने के निर्देश दिये गये हैंं।
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5 February 2020भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ को महिला-बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने बुधवार को मंत्रालय में मंत्री-मंडल की बैठक के पूर्व मध्यप्रदेश को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन के लिये विभिन्न श्रेणियों में मिले तीन राष्ट्रीय पुरस्कार सौंपे। कमलनाथ ने इस उपलब्धि के लिये मंत्री इमरती देवी और विभागीय अधिकारियों- कर्मचारियों तथा मैदानी कार्यकर्ताओं को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुपोषण एवं शिशु-मातृ मृत्यु दर को समाप्त करने के लिये प्रतिबद्धता के साथ काम करें। मंत्री इमरती देवी ने मुख्यमंत्री नाथ को बताया कि मध्यप्रदेश को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में उल्लेखनीय कार्य के लिये तीन श्रेणियों में राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये गये हैं। योजना के क्रियान्वयन में उल्लेखनीय कार्य के लिये राज्य स्तरीय श्रेणी में मध्यप्रदेश को प्रथम पुरस्कार मिला है। जिला स्तरीय श्रेणी में प्रदेश के इंदौर जिले को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना सप्ताह के क्रियान्वयन के लिये प्रदेश को देश में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। प्रदेश में यह सप्ताह 2 से 8 दिसम्बर 2019 तक मनाया गया था। महिला-बाल विकास मंत्री ने बताया कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर बाल शिक्षा केन्द्र खोले जा रहे हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा कुपोषित बच्चे लाभांवित हो सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश से कुपोषण को समाप्त करना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 3 हजार से ज्यादा डे-केयर सेन्टर खोले जा रहे हैं। बच्चों को ज्यादा से ज्यादा पोषक आहार दिया जा रहा है। साथ ही, अभिभावकों को भी पोषण आहार से संबंधित जानकारी दी जा रही है। सभी जिलों, ब्लाक एवं गांव में कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर योजना का अधिक से अधिक लाभ पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रदेश में अब तक कुल 14 लाख 55 हजार 501 हितग्राहियों को पंजीकृत किया गया है। लगभग 13 लाख 40 हजार 224 हितग्राहियों को पहली किश्त, 12 लाख 60 हजार 304 हितग्राहियों को दूसरी और 8 लाख 80 हजार 517 हितग्राहियों को तीसरी किश्त का भुगतान किया गया है।
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5 February 2020नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करते हुए अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का गठन कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में इसका ऐलान करते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि इस ट्रस्ट का नाम ‘श्री राम जन्मस्थली तीर्थ क्षेत्र’ होगा और यह पूरी तरह से स्वायत्त होगा। इसके साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन दी जाएगी। बुधवार को लोकसभा में सदस्यों को इसकी जानकारी देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में श्रीराम जन्मस्थली पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए और इससे संबंधी अन्य विषयों के लिए एक विशाल योजना तैयार की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक एक स्वायत्त ट्रस्ट श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि यह ट्रस्ट सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक मंदिर बनाने के लिए होगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा क भारत की प्राणवायु में, आदर्शों में, मर्यादाओं में भगवान श्रीराम और अयोध्या की ऐतिहासिकता से हम सभी परिचित हैं। अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण वर्तमान और भविष्य में रामलला के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए एक और फैसला किया गया है। पीएम ने बताया कि कानून के तहत ट्रस्ट को 67.03 एकड़ जमीन ट्रांसफर की जाएगी, जिसमें भीतरी और बाहरी आंगन भी शामिल है। उन्होंने कहा कि रामलला विराजमान की जमीन भी ट्रस्ट को मिलेगी। यह ट्रस्ट ही भव्य और दिव्य राम मंदिर निर्माण पर फैसला लेगा। प्रधानमंत्री ने सदन में सदस्यों को बताया कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन आवंटित की जाएगी और इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है। मोदी ने कहा कि ‘09 नवम्बर को अयोध्या पर फैसला आने के बाद देशवासियों ने परिपक्वता का परिचय दिया। मैं उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं। हमारी संस्कृति, हमारी परम्पराएं वसुधैव कुटुम्बकम का दर्शन देती है और आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देती है। हिंदुस्तान में हर पंथ के लोग चाहे हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई हों या बौद्ध, पारसी जैन हों, हम सब एक वृहद परिवार के सदस्य हैं। इस परिवार के हर सदस्य का विकास हो, वो सुखी रहे, स्वस्थ रहे, देश का विकास हो इसी भावना के साथ मेरी सरकार सबका साथ, सबका विश्वास के मंत्र पर चल रही है।’
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5 February 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में आयोजित होने वाले आईफा अवार्ड समारोह को लेकर सरकार पर फिर निशाना साधा है। इस बार उन्होंने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को घेरते हुए गंभीर आरोप भी लगाए हैं। साथ में अपने आरोपों को पुख्ता करने के लिए सोशल मीडिया पर एक समाचार पत्र की कटिंग की साझा की है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि '' प्रदेश सरकार #IIFA2020 में व्यस्त हैं। फिल्मी सितारों के ग्लैमर में मदहोश है। इसे आम जनता का दर्द दिखाई नहीं दे रहा है। गाड़ियां फूंकी जा रही हैं, गुंडों की पौ बारह है, चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची है, लेकिन सरकार कुंभकरणी निद्रा में सो रही, आखिर कब तक सोती रहेगी? #MP_मांगे_जवाब''। पूर्व मुख्यमंत्री ने इससे पहले भी एक ट्वीट कमलनाथ सरकार को घेरते हुए उस पर गंभीर आरोप लगाते हुए किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि 'कांग्रेस सरकार पर सत्ता का नशा सिर चढ़कर बोल रहा है। इसीलिए अतिथि विद्वानों और उनके परिवार की पीड़ा दूर करने व उनका हक देने की बजाय करोड़ों रुपए #IIFA अवॉर्ड की चकाचौंध पर उड़ाने के लिए सरकार बावली है। अतिथि विद्वानों के बच्चों और परिवार की हाय सरकार को ले डूबेगी। मध्यप्रदेश जवाब मांग रहा है' । उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में लम्बे समय से शासकीय महाविद्यालयों में पढ़ा रहे अतिथि विद्वान नियमितिकरण की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र जिसे उसने वचन पत्र का नाम दिया था उसमें भी इन अतिथि विद्वानों के नियमित करने का जिक्र है, इसलिए पूर्व मुख्यमंत्री चौहान बार-बार इस मुद्दे पर कमलनाथ सरकार से कह रहे हैं कि कांग्रेस सरकार अपने वचन पत्र में कही बातों को अमल में लाए। प्रदेश की जनता से वादा खिलाफी ना करे। वहीं, उनका कहना यह भी है कि आईफा अवार्ड समारोह में प्रदेश का धन खर्च करने के बजाए पहले प्रदेश की सरकार प्रदेश की समस्याओं का हल करे, उन पर व्यय करने पर ध्यान दे।
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4 February 2020भोपाल। रीवा लोकायुक्त पुलिस ने योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग रीवा संभाग के संयुक्त संचालक आरके झारिया को डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए सोमवार को गिरफ्तार किया गया था, जिसके बाद उनके रीवा तथा भोपाल स्थित ठिकानों पर छापे की कार्रवाई देर रात तक होकर मंगलवार सुबह तक चलती रही। इस कार्रवाई के दौरान अकेले उनके भोपाल में कोलार स्थित घर से 36 लाख नगद की राशि बरामद हुई है। वहीं रीवा के ठिकानों को मिलाकर यह राशि चालीस लाख रुपए से अधिक व नगदी सहित करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति का खुलासा लोकायुक्त पुलिस द्वारा किया गया है । उनके इस भ्रष्टाचार का खुलासा तब हुआ जब संयुक्त संचालक ने विधायक निधि से काम कराने वाले ठेकेदार को प्रशासनिक स्वीकृति दिलाने के नाम पर रिश्वत की मांग की। लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक रीवा राजेंद्र वर्मा ने बताया है कि पिछले दिनों ठेकेदार संतोष (34) पिता रामनिवास द्विवेदी निवासी रतहरा ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत की थी कि योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के संभागीय संयुक्त संचालक आरके झारिया विधायक निधि से स्वीकृत कार्य में प्रशासनिक अनुमति दिलवाने के एवज में 3 प्रतिशत राशि की मांग कर रहे हैं। विधायक निधि से ग्रामीण क्षेत्र में पानी का टैंकर व 10 गांवों में यात्री प्रतीक्षालय बनवाने के लिए विधायक निधि से 71 लाख 22 हजार 500 रुपये की धनराशि जारी की गई थी। इस काम में प्रशासनिक अनुमति दिलाने के लिए रिश्वत की मांग की जा रही है। लोकायुक्त एसपी राजेन्द्र वर्मा ने बताया कि इस शिकायत के बाद लोकयुक्त पुलिस सक्रिय हुई और डेढ़ लाख में सौदा तय किया गया। हमने अपने साथी प्रवेंद्र कुमार, निरीक्षक अनूप सिंह ठाकुर के नेतृत्व में 16 सदस्यीय टीम का गठन कर कार्रवाई के निर्देश दिए। जिसके बाद संयुक्त संचालक आरके झारिया को डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। उनके विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया गया है। अब कार्रवाई के बाद आरोपित को जमानत दे दी गई है। उधर, भोपाल लोकायुक्त के उप पुलिस अधीक्षक नवीन अवस्थी के नेतृत्व में भोपाल में कोलार क्षेत्र स्थितउनके निजी निवास पर छापे की कार्रवाई की गयी, जिसमें लोकायुक्त पुलिस को 36 लाख रुपये नगद, पौने दो किलो सोना एवं चांदी बरामद हुई है। इसके अलावा उनके दो बैंक लॉकरों का भी पता चला है। लोकयुक्त पुलिस से जुड़े अधिकारिक सूत्रों ने इस कार्रवाई को लेकर बताया कि पहले यह छापा सोमवार सुबह तय 11 बजे डाला जाना था लेकिन लोकायुक्त टीम ने अचानक से अपनी योजना में फेरबदल किया ओर इसे शाम पांच बजे का कर दिया, जोकि जांच आगे फिर पूरी रात चलती रही। अपने तय समय के अनुसार ठेकेदार रिश्वत की रकम लेकर जैसे ही संयुक्त संचालक आरके झारिया को देने उनके कार्यालय में पहुंचा तभी लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते हुए संयुक्त संचालक को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था।
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4 February 2020भोपाल। मध्य प्रदेश की धरती पर पहली बार अगले माह आईफा अवॉर्ड्स समारोह का आयोजन 27 से 29 मार्च के बीच होने जा रहा है, जिसे लेकर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा और अन्य विपक्षी नेताओं खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े नेताओं ने सूबे की कांग्रेस के नेतृत्व वाली कमलनाथ सरकार को घेरा है। कांग्रेस सरकार इस मामले में चारों ओर से घिरी नजर आ रही है। नेता प्रतिपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लेकिन वह कुछ बोल नहीं रही है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने मंगलवार को आईफा अवार्ड पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आईफा अवार्ड मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार के निकम्मेपन, नाकारापन और वादाखिलाफी का जश्न है। प्रदेश सरकार एक साल बाद भी किसानों का कर्जमाफ नहीं कर सकी है। सरकार ने वृद्धजनों के लिए जिलों की निराश्रित निधि के 750 करोड़ भी अन्यत्र खर्च कर दिए। हड़ताल पर बैठे अतिथि विद्वानों को नौकरी से निकाला जा रहा है और सरकार का यह तर्क की आईफा से रोजगार बढे़गा, हास्यास्पद है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए ट्वीट करते हुए सरकार से प्रश्न किया कि एक तरफ कमलनाथ की सरकार तत्कालीन भाजपा सरकार पर दोषारोपण करती है कि खजाना खाली छोड़ा है। लेकिन फिजूल खर्ची के लिए मप्र की कांग्रेस सरकार के पास पैसा कहां से आ रहा है। आईफा अवार्ड पर करीब 58 करोड़ से अधिक राशि खर्च करने जा रही है। इसकी तैयारियों के लिए सरकारी मशीनरी को लगाया गया है। सरकार में बैठे लोगों को आईफा अवार्ड जैसे नाच गाने का शौक है तो बड़े शहरों में जाकर अपने पैसों से अपने शौक पूरे करें। जनता की गाढ़ी कमाई ऐसे आयोजनों पर खर्च करना जनता का अपमान है। इसे प्रदेश की जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। उनका कहना यह भी है कि यह आईफा अवार्ड प्रदेश की जनता के पैसों से कमलनाथ सरकार के नाकारापन, वादाखिलाफी, दलित और आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचारों का जश्न है। गरीबों की चिंता करने की बजाय कमलनाथ सरकार फिल्म स्टारों की आवभगत में लगेगी। उधर, कांग्रेस की तरफ से फिलहाल इस मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि इस समारोह के होने से प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और यहां के पर्यटन, उद्योग, व्यवासाय और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश में नया निवेश आएगा। इतना ही नहीं, इंदौर में होने वाले आईफा अवार्ड से प्रदेश की ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचेगी। नेता प्रतिपक्ष के लगाए गए आरोपों को लेकर इनका कहना यही था कि वे सिर्फ राजनीतिक आधार पर इस कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं जोकि बेहद शर्मनाक है। इस कार्यक्रम को सिर्फ नाचने गाने वालों का बताकर भाजपा अपनी सोच उजागर कर रही है। सलूजा आगे कहते हैं कि नेता प्रतिपक्ष श्री भार्गव का आयोजन को लेकर किया जा रहा विरोध इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले हजारों लोगों का अपमान है। उल्लेखनीय है कि देश की आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र के मुंबई शहर के बाद यह आयोजन भारत में दूसरी बार मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर शहर में होने जा रहा है।
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4 February 2020भोपाल/इंदौर। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर बैंककर्मियों की दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल दूसरे दिन शनिवार को भी जारी रही। इस दौरान मध्यप्रदेश के करीब सात हजार बैंक शाखाओं में ताले लटके रहे और इन शाखाओं के 22 हजार से अधिक कर्मचारी हड़ताल में शामिल रहे। शनिवार को सुबह भोपाल में बैंक कर्मियों ने विशाल रैली निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की, जबकि इंदौर में बैंक कर्मियों ने कमिश्नर कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया और अपनी मांगों को लेकर कमिश्नर आकाश त्रिपाठी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के जिला अध्यक्ष किशोर जेवरिया ने बताया कि आईबीए द्वारा बुलाई गई बैठक में वेतन पुनरीक्षण समझौता वार्ता विफल होने के कारण नौ बैंक यूनियंस द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल की गई है, जिसमें देशभर के 10 लाख बैंक कर्मचारी-अधिकारी शामिल हैं। इसमें मध्यप्रदेश के करीब 22 हजार बैंक कर्मी शामिल हैं। यह हड़ताल शनिवार को भी जारी रही। हड़ताल के दूसरे दिन भी प्रदेश की सात हजार बैंक शाखाओं में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। कर्मचारियों की प्रमुख मांगें हैं कि 20 फीसदी वेतन में बढ़ोतरी हो, बैंकों में हफ्ते में पांच दिन काम, बेसिक में स्पेशल भत्ता, एनपीएस खत्म हो, परिवार पेंशन में सुधार, स्टाफ वेलफेयर फंड का लाभ के आधार पर बांटना, रिटायरमेंट राशि को आयकर मुक्त किया जाए।हड़ताल के दूसरे दिन भी बैंक कर्मियों ने शनिवार को भोपाल समेत प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। भोपाल में अरेरा हिल्स से रैली निकाली गई, जबकि इंदौर में बैंक कर्मियों ने कमिश्नर कार्यालय का घेराव कर कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा। यूनाईटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के जिला संयोजक मोहनकृष्ण शुक्ला ने बताया कि इस दो दिवसीय हड़ताल के चलते मध्यप्रदेश में करीब सात लाख करोड़ का लेन-देन प्रभावित हुआ है। रविवार को छुट्टी होने के कारण बैंक बंद रहेंगे, जिससे कारण चेक क्लीयरिंग के साथ ही अन्य तरह का लेन-देन ठप पूरी तरह रहेगा। हालांकि, नेट बैंकिंग, मोबाइल बैकिंग और एटीएम चालू हैं, लेकिन तीन दिन बैंक रहने से एटीएम में भी नकदी की दिक्कत आ सकती है।
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1 February 2020भोपाल । कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश सरकार पूरी तरह से अलर्ट नजर आ रही है। इस मामले में स्वास्थ विभाग की एडवायजरी जारी होने के बाद अब इस वायरस से संक्रमित हो चुके बिमारों या जिन पर इस वायरस के प्रकोप का अंदेशा है, उन सब के लिए सरकार ने राज्य में सभी जगह अपनी तैयारी कर ली है। स्वास्थ विभाग देवी अहिल्या हवाई अड्डे(इंदौर) और राजाभोज विमानतल ( भोपाल) पर प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों का चेकअप और स्क्रीनिंग करवा रहा है। वहीं, गांधी नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी)में विशेष वार्ड बनाने के साथ ही हमीदिया अस्पताल में छह बिस्तर का विशेष वार्ड बनवाया गया है। इस संबंध में राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में कोरोना वायरस के लिए नोडल ऑफिसर बनाए गए छाती व श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. पराग शर्मा ने शुक्रवार बताया कि हमारे विभाग द्वारा इस वायरस से निपटने की पूरी तैयारी कर ली गई है। वायरस के संक्रमण को आगे रोकने के लिए हमारे पास एन-95 मास्क, सैंपल लेने के लिए पीपीई किट और वायरस ट्रांसपोर्ट मीडिया (वीटीएम) किट और वेंटिलेटर की पर्याप्त उपलब्धता है । उन्होंने बताया कि संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. उल्का श्रीवास्तव ने भोपाल के बड़े शासकीय हमीदिया अस्पताल के अलावा प्रदेश के सभी 13 सरकारी मेडिकल महाविद्यालयों में अलग से वार्ड बनाकर कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए जरूरी संसाधन रखने संबंधी सभी डीन को पत्र लिखा जा चुका है। जिसके बाद यहां तक जानकारी है, प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों ने इस वायरस को रोकने के लिए आवश्यक जरूरतों को पूरा कर लिया है। डॉ. पराग शर्मा ने साथ में यह भी कहा कि अभी एक भी संदिग्ध मरीज हमारे पास नहीं आया है। मध्य प्रदेश सरकार पहले ही स्वास्थ विभाग को एडवायजरी जारी कर चुकी है। इसके बाद से ही स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए वायरस को लेकर लोगों में जागरूकता लाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि इस जानलेवा कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर है। प्रदेश के सभी निजी और शासकीय अस्पतालों के साथ साथ एयरपोर्ट पर भी अलर्ट जारी किया जा चुका है। मैं प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, कमिश्नर हेल्थ के अलावा प्रदेशभर के प्रमुख स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ इस मामले को लेकर मीटिंग ले चुका हूं । सभी जगह निर्देशित कर दिया गया है कि इस वायरस से निपटने और रोकथाम के लिए जो भी संभव कदम उठाना पड़ें उसे उठाएं। उन्होंने कहा कि वायरस की रोकथाम को लेकर व्यापक प्रचार भी किया जा रहा है । सभी मेडिकल कॉलेज डीन, जिला अस्पताल अधीक्षकों को संदिग्ध मरीज के इलाज के लिए सभी अस्पतालों में आईसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं। डॉ. प्रवीण जड़िया के अनुसार कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण के रूप में सिरदर्द, नाक बहना, खांसी आना, गले में खराश होना, बुखार आना, बार-बार अस्वस्थ्य होना, छींक आना, थकान महसूस होने के साथ, निमोनिया, फेफड़ों में सूजन दिखाई देना है । यदि किसी व्यक्ति में इस प्रकार के लक्षण हों तो वे तुरंत अस्पताल में जांच कराए। मीट और अंडों को अच्छे से पकाएं। जंगल और खेतों में रहने वाले जानवरों के साथ असुरक्षित संपर्क न बनाएं। उधर, डॉ. पराग शर्मा का कहना है कि यह वायरस विषाणुओं का एक बड़ा वंश है। अभी तक इस वायरस से बचाव के लिए कोई टीका नहीं बना है। संभवत: यह पशुओं से उत्पन्न हुआ। अब मनुष्य से मनुष्य में फैल रहा है। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका संक्रमण से बचाव है। जिन देशों यह फैला है वहां की यात्रा से बचें खासतौर पर चीन जाने से। व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान दें। साबुन से बार-बार हाथ धोएं। खांसते या छींकते वक्त मुंह को ढक लें। भीड़ में जाने से बचें। उन्होंने कहा कि बुखार, खांसी-जुकाम और सांस लेने में परेशानी होने पर फौरन डॉक्टर को दिखाएं।अपने हाथ साबुन और पानी या अल्कोहल युक्त हैंड रब से साफ करें। खांसते या छींकते वक्त अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से ढकें। जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचें। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस चीन से अब दुनियाभर में फेल रहा है । यह एक नया वायरस है जो पहली बार चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर में पाया गया है। अब तक यह चीन में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन में कोरोना वायरस से अब तक 259 लोगों की मौत हो गई है और करीब 11800 लोग इसकी चपेट में हैं। भारत के केरल में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया हैजिसकी अधिकारिक पुष्टि हो चुकी है। इसी तरह से यह चीन से होते हुए वायरस विश्व के कई देशों में जा पहुंचा है।
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1 February 2020भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में पढ़ा रहे अतिथि विद्वान इन दिनों आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। एक तरफ उनके साथ कांग्रेस सरकार की वादा खिलाफी है तो दूसरी ओर पिछले आठ माह गुजर जाने के बाद भी उन्हें उनके हक का मासिक वेतन सरकार के उच्चशिक्षा विभाग ने मुहैया नहीं कराया है। अतिथि विद्वानों का आरोप है कि कांग्रेस अपने वचन पत्र का पालन तो कर ही नहीं रही, साथ ही च्वाइस फिलिंग के नाम पर उन्हें अब बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है । इस संबंध में अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह ने हिस से शनिवार को कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सबसे पहले उसने जो कार्य किया वह है अतिथि विद्वानों का मानदेय रोक देने का। पिछले आठ माह से हमारे साथियों को उनका मानदेय नहीं दिया गया है। जिसके कारण से आज उनके सामने अपने परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा नहीं कर पाने का संकट खड़ा हो गया है। आप सोच सकते हैं कि यदि ऐसा उन तमाम सरकारी कर्मचारियों के साथ होता जो नियमित सरकार के कर्मचारी हैं तो प्रदेश में इस वक्त क्या हालात होते ? उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग दोबारा च्वाइस फिलिंग का भी हम विरोध कर रहे हैं। क्योंकि सरकार को पहले 1200 पदों पर भर्ती करना था। लेकिन अब च्वाइस फिलिंग सिर्फ 680 पर की जा रही है जोकि यह पूरी तरह भ्रामक है। इस कारण से सीधे तौर पर हमारे 520 साथी बाहर हो जा रहे हैं। नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. देवराज सिंह का कहना यह भी था कि कमलनाथ सरकार ने लोक सेवा आयोग से चयनित असिस्टेंट प्रोफेसरों के पदभार संभालने पर प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों से तकरीबन ढाई हजार अतिथि विद्वानों को निकाल दिया है। अब जो च्वाइस फिलिंग करवाई जा रही है, वह सीधे तौर पर सरकार की वादा खिलाफी को दर्शाता है। क्योंकि कांग्रेस ने सरकार में आने के पहले अपने वचन पत्र में सभी अतिथि विद्वानों को नियमित करने का वादा किया था।
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1 February 2020रतलाम/आलोट। आगर विधायक, पूर्व सांसद और भाजपा के प्रदेश महामंत्री मनोहर ऊंटवाल का लम्बी बीमारी के बाद गुरुवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था। शुक्रवार को सुबह अंतिम दर्शन के लिए तिरंगे पर लिपटा पार्थिव शरीर आलोट स्थित उनके निवास हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में रखा गया, जहां अपने चहेते नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करने हजारों की संख्या में लोग पहुंचे। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह भी आलोट पहुंचे हैं। उन्होंने विधायक ऊंटवाल के अंतिम दर्शन कर श्रद्धांजिल अर्पित की और उनकी शव यात्रा में भी शामिल हुए। अंतिम दर्शन के बाद दिवंगत विधायक ऊंटवाल की अंतिम यात्रा शुक्रवार दोपहर उनके निवास से शुरू हुई, जिसमें प्रदेश के कई सांसद-विधायक, पार्टी नेता-कार्यकर्ता और हजारों की संख्या में आम नागरिक "ऊंटवाल अमर रहे" के नारे लगाते हुए चल रहे हैं। यह अंतिम यात्रा करीब दो किलोमीटर का सफर तय कर मुख्य मार्ग से होती हुई अनादिकल्पेश्वर मुक्तिधाम पहुंचेगी, जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उन्हें मुखाग्नि बेटे मनोज ऊंटवाल देंगे। गौरतलब है कि विधायक ऊंटवाल को सिर में दर्द होने के कारण गत छह जनवरी को इंदौर के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। यहां ऑपरेशन के बाद भी उनकी तबियत में सुधार नहीं हुआ, तो उन्हें एयर एम्बुलेंस के माध्यम से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उपचार के दौरान गुरुवार को उनका निधन हो गया। धार जिले के बदनावर में 19 जुलाई 1966 को जन्में ऊंटवाल वर्ष 1985-86 में आरएसएस नगर विस्तारक के रूप में आलोट आए थे। इसके बाद तो वे यहीं के होकर रह गए। वे दो बार आगर और दो बार आलोट से विधायक रहे। ऊंटवाल 2014 में शाजापुर-देवास लोकसभा से सांसद भी रहे। अंतिम यात्रा में विधायक माधव मारू, हिम्मत कोठारी, देवास सांसद महेंद्र सोलंकी, विधायक जगदीश देवड़ा, राजेन्द्र पांडेय, मनोज चावला, संघ के प्रभाकर केलकर, राजपाल सिंह सिसौदिया, बंसीलाल गुर्जर सहित कई नेता शामिल हैं।
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31 January 2020भोपाल। चीन में फैले कोरोना वायरस की वजह से भारत के कई छात्र-छात्राएं शियान सिटी में फंसे हुए हैं। इन छात्रों में मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के दो विद्यार्थी शुभम गुप्ता और मतीन खान भी शामिल हैं। दोनों छात्रों ने वीडियो के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई थी। मामला संज्ञान में आने के बाद अब प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दोनों छात्रों और उनके परिजनों को उनकी सुरक्षित वापसी का आश्वासन दिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर दोनों छात्रों की सुरक्षित वापसी के लिए विदेश मंत्रालय से अनुरोध करने की बात कही है। साथ ही उन्होंने ने प्रदेशवासियों से कोरोना वायरस को लेकर चिंतित नहीं होने की अपील की है। सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि 'प्रदेश के खरगोन ज़िले के दो छात्रों के चीन में फंसे होने और मदद मांगने की जानकारी मिली है। हम विदेश मंत्रालय से आज ही अनुरोध करेंगे कि तत्काल इन छात्रों की सुरक्षित वापसी के इंतज़ाम हों। चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इनके अलावा अन्य सभी भारतीयों को भी सुरक्षित वापस लाने के इंतज़ाम हों। प्रदेश के नागरिक कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर चिंतित ना हों। प्रदेश सरकार ने इससे बचाव तथा रोकथाम को लेकर व्यापक दिशा-निर्देश पूर्व में ही जारी किये हुए हैं। हमने प्रदेश के सभी अस्पतालों में इसको लेकर विशेष इंतज़ाम करने के निर्देश जारी किये हैं।' गृहमंत्री बोले-सकुशल वापसी का प्रयास करेगी सरकार इस मामले में गृहमंत्री बाला बच्चन का कहना है कि चीन के वुहान में फंसे खरगोन के दो छात्रों की सकुशल वापसी के लिए मध्य प्रदेश सरकार प्रयास करेगी। इसके साथ अन्य जिलों में फंसे बच्चों को भी लाने का काम किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा इस पर तत्काल एक्शन लेना चाहिए। चीन के वुहान में फंसे दो बच्चों के अलावा प्रदेश के अन्य जिलों में फंसे बच्चों को लाने के लिए तुरंत एक्शन प्लान बनाकर काम किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वीडियो में खरगोन के दोनों छात्रों शुभम गुप्ता और मतीन खान ने तेजी से बढ़ रहे कोरोना वायरस और उससे होने वाली परेशानियों का जिक्र किया है। छात्रों ने वायरस की वजह से कमरे में कैद होने और खाने-पीने की कमी की बात कही है। उल्लेखनीय है कि शुभम गुप्ता और मतीन खान चीन के वुहान में स्थित शियान सिटी के कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. दोनो MBBS -2 के छात्र है। छात्रों के वीडियो से परिवार के लोग चिंतित है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्रालय एंव विदेशमंत्री तक से मीडिया के माध्यम से गुहार लगाई है|
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31 January 2020भोपाल। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर बैंक कर्मियों की दो दिवसीय हड़ताल शुक्रवार से शुरू हो गई है। प्रदेश के 22 हजार बैंक कर्मी इस हड़ताल में शामिल हुए हैं, जिसके चलते प्रदेशभर के सात हजार से अधिक बैंक शाखाओं पर लाते लटके हुए हैं। इधर, भोपाल में शुक्रवार को बैंक कर्मियों ने विशाल रैली निकाली, जिसमें सैकड़ों बैंककर्मी शामिल रहे। रैली के दौरान सड़कों पर जोरदार नारेबाजी करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के जिला अध्यक्ष किशोर जेवरिया ने गुरुवार को आईबीए की बुलाई गई बैठक में वेतन पुनरीक्षण समझौता वार्ता विफल होने के कारण यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर यह हड़ताल की है। इसमें देशभर के 10 लाख बैंक कर्मचारी-अधिकारी शामिल हैं। मध्यप्रदेश के करीब 22 हजार अधिकारी-कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हैं। भोपाल में शुक्रवार को सुबह 10 बजे अरेरा हिल्स पर सभी बैंककर्मी एकत्रित हुए और शहर में विशाल विरोध रैली निकाली। यह रैली एमपी नगर, बोर्ड आफिस चौराहा, डी मॉल होते हुए पुन: अरेरा हिल्स पहुंची। इंदौर में भी शुक्रवार को सुबह 10 बजे बैंककर्मी सांठा बाजार स्थित बैंक ऑफ इंडिया के सामने एकत्रित हुए और यहां भव्य रैली निकाली जो कि बोहरा बाजार, सराफा होते हुए प्रिंस यशंवत रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया पर खत्म हुई, जहां बैंककर्मियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर जोरदार प्रदर्शन किया। इसी प्रकार प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर बैंक कर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में रैली निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।शुक्रवार को शुरू हुई हड़ताल शनिवार, एक फरवरी को भी जारी रहेगी। इस दौरान सार्वजनिक, राष्ट्रीयकृत और कुछ प्राइवेट बैंक पूरी तरह बंद रहेंगे। बैंक पदाधिकारियों के मुताबिक, इस हड़ताल के चलते प्रदेश के सात हजार बैंक शाखाओं के 22 हजार अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर हैं। इस दो दिवसीय हड़ताल के चलते प्रदेश में सात लाख करोड़ का लेन-देन प्रभावित होने की संभावना है।
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31 January 2020भोपाल। मध्यप्रदेश को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन के लिये पहला स्थान प्राप्त हुआ है। इंदौर जिले को इस योजना के बेहतर प्रदर्शन के लिये पहले स्थान पर चुना गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना सप्ताह के क्रियान्वयन के लिये भी प्रदेश को तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है। प्रदेश में यह सप्ताह 2 से 8 दिसम्बर 2019 को मनाया गया था। राज्य की महिला-बाल विकास मंत्री ईमरती देवी और प्रमुख सचिव अनुपम राजन आगामी तीन फरवरी को नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में यह पुरस्कार प्राप्त करेंगे।जनसम्पर्क अधिकारी बिन्दु सुनील ने शुक्रवार को इस सम्बंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में मध्यप्रदेश में अब तक कुल 14 लाख 55 हजार 501 हितग्राहियों को पंजीकृत किया गया है। लगभग 13 लाख 40 हजार 224 हितग्राहियों को पहली किश्त, 12 लाख 60 हजार 304 को दूसरी और 8 लाख 80 हजार 517 हितग्राहियों को तीसरी किश्त भुगतान की गई है।उन्होंने बताया कि मातृ वंदना योजना का मुख्य उद्देश्य कार्य करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने के लिये आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में प्रोत्साहन राशि देना और उनके उचित आराम और पोषण की व्यवस्था सुनिश्चित करना है। प्रोत्साहन राशि का भुगतान हितग्राही के आधार से जुड़े बैंक खाते अथवा डाकघर खाते में सीधे जमा की जाती है। पात्र हितग्राही महिला को गर्भावस्था का पंजीयन शीघ्र कराने पर एक हजार रुपये पहली किश्त, कम से कम एक प्रसव पूर्व जाँच (गर्भावस्था के 6 माह बाद) के बाद द्वितीय किश्त 2 हजार रुपये तथा बच्चे के जन्म का पंजीकरण और उसके प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर 2 हजार रुपये की तीसरी किश्त देय होती है।
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31 January 2020सागर। मध्य प्रदेश के सागर में एक मार्मिक मामला सामने आया है। यहां जेल में बंद अपनी मां से मिलने आए एक मासूम की जिद पर देर रात जज को कोर्ट खोलकर बैठना पड़ा और मां बेटे की मुलाकात करवानी पड़ी। अपनी मां से मिलने के बाद जहां बच्चे के चेहरे पर खुशी छा गई, वहीं पुलिस और जज को भी बच्चे का खिलखिलाता चेहरा देख कर सुकून मिला। दरअसल, बुधवार रात को एक चार साल का मासूम बच्चा जारौन अली रोता बिलखता सागर सेंट्रल जेल के बाहर भटक रहा था। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों की नजर जब उस पर पड़ी तो उन्होंने बच्चे के बारे में पूछताछ की। बच्चे के साथ मौजूद उसके चाचा रहमान अली ने बताया कि सागर निवासी एक नाबालिग लडक़ी से जुड़े आपराधिक मामले में उसके बड़े भाई शहजान अली, भाभी आफरीन और मां नगमा को गोपालगंज पुलिस ने आरोपित बनाया है। ये सभी केंद्रीय जेल सागर में बंद हैं। बच्चा अपनी मां आफरीन से मिलने के लिए बिलख रहा है, लेकिन मुलाकात का समय खत्म होने की वजह से अधिकारियों ने बच्चे को मां से मिलने नहीं दिया। युवक की बात सुनने के बाद प्रहरियों ने केंद्रीय जेल के अफसरों को वस्तुस्थिति बताई और उन्हें लेकर जेल परिसर लेकर पहुंचा। जेलर नागेंद्रसिंह चौधरी ने जेल सुपरिटेंडेन्ट संतोषसिंह सोलंकी को पूरे घटनाक्रम से वाकिफ कराया। पहले तो जेल सुपरिटेंडेन्ट सोलंकी ने नियमों की बात कहकर सुबह आने को कहा। लेकिन मां से मिलने के लिए रो रहे मासूम को देखकर उन्हें भी दया आ गई और विशेष न्यायाधीश एडीजे डीके नागले को घटना बताई। इसके बाद न्यायाधीश रात करीब 8. 30 जिला न्यायालय पहुंच गए। यहां से जेलर चौधरी, मां आफरीन और सुपरिटेंडेन्ट सोलंकी की तरफ से लिखी चिट्ठी लेकर कोर्ट में हाजिर हो गए। जज नागले ने विचारण के बाद जारौन को जेल दाखिल करने की अनुमति दे दी और मासूम अपनी मां से मिल कर खुश हो गया। इस पूरे मामले पर सागर के केंद्रीय जेल के सुपरिटेंडेन्ट संतोषसिंह सोलंकी ने बताया कि मेरे करियर में ये पहला ऐसा मामला हैं, जिसमें मैंने कोर्ट खुलवाने के लिए आवेदन किया। एक रोता-बिलखता मासूम अपनी मां से मिलवा कर मुझे आत्मिक सुकून मिला है।
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30 January 2020भोपाल। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि शहीद दिवस पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आज उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने युवा पीढ़ी का आह्वान किया है कि वे गांधी जी के विचारों और उनकी सोच को अपनाएं। गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुरानी विधानसभा मिंटो हॉल स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थल पर उनका पुण्य स्मरण किया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी गांधीजी को जाने यह देश और दुनिया के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, मंत्री पी.सी.शर्मा , पूर्व मंत्री चंद्रप्रकाश शेखर, राजीव सिंह, शोभा ओझा , पूर्व महापौर सुनील सूद सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।
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30 January 2020भोपाल। आगर से भाजपा विधायक मनोहर ऊंटवाल ने गुरूवार सुबह दिल्ली के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। उन्हें कुछ दिन पहले उन्हें ब्रेन हेमरेज के चलते इंदौर में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद 4 दिन पहले ही उन्हें दिल्ली शिफ्ट किया गया था। जहां से आज उनके निधन का समाचार मिला। जीवन परिचय 19 जुलाई 1966 में धार जिले के बदनावर में जन्मे मनोहर ऊंटवाल पांच बार विधायक और एक बार सांसद रहे। 1980 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंद्ध एवं मिडिल स्कूल बदनावर के छात्र संघ अध्यक्ष रहे। 1993- 94 में नगर पालिका बदनावर के पार्षद रहे। इसके बाद 1998 पहली बार विधानसभा के सदस्य चुने गए। 2013 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में देवास संसदीय सीट से सांसद थे। इसके लिए विधानसभा की सदस्यता से त्याग पत्र दिया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में फिर भाजपा ने उन्हें आगर-मालवा से विधायक निर्वाचित हुए थे। मनोहर ऊंटवाल भाजपा के कद्दावर नेता थे। शिवराज मंत्रिमंडल में मंत्री भी रहे। उनके परिवार में पत्नी के अलावा दो बेटियां और दो बेटा है। सीएम कमलनाथ ने जताया शोक भाजपा विधायक मनोहर ऊंटवाल के निधन पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शोक जताया है और परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की है। सीएम कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा ‘प्रदेश के आगर के विधायक मनोहर उंटवाल के दु:खद निधन का समाचार प्राप्त हुआ। वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे। परिवार के प्रति मेरी शोक संवेदनाएँ। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणो में स्थान व पीछे परिजनो को यह दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करे’।
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30 January 2020भोपाल। कांग्रेस पिछड़ा वर्ग सलाहकार समिति के संयोजक रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी आजाद सिंह डबास हाल ही में उस समय सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने मुख्यमंत्री कमलनाथ को चिट्ठी लिखकर राजगढ़ कलेक्टर निधि निवेदिता द्वारा भाजपा कलेक्टर को थप्पड़ मारे जाने को गलत बताया था। डबास ने अब नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को पत्र लिखकर उनसे हनी ट्रैप मामले को लेकर कई सवाल पूछे हैं। रिटायर्ड आईएफएस अधिकारी आजाद सिंह डबास ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव को हनी ट्रैप मामले को लेकर चिट्ठी लिखी है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने हाल ही में सोशल मीडिया पर दावा किया था कि उन्हें ऐसे 8 अधिकारियों के वीडियो की जानकारी है जो हनीट्रैप में शामिल हैं। गोपाल भार्गव ने अधिकारियों पर सवाल खड़े किए थे। डबास ने नेता प्रतिपक्ष से कहा है कि अगर उनके पास हनी ट्रैप मामले से संबंधित कोई जानकारी हे, तो उन्हें इसे जांच एजेंसियों को सौंपना चाहिए। डबास ने ये पूछे सवालडबास ने अपनी चिट्ठी में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से पूछा है कि अगर आपके पास हनीट्रैप का कोई वीडियो है तो उसे एसआईटी को क्यों नहीं सौंपा? उन्होंने पूछा है कि हनी ट्रैप में फंसकर एक करोड़ रुपए देने वाले अधिकारी का नाम सार्वजनिक करने के लिए क्या करेंगे ? डबास ने पूछा है कि सरकार ने इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के मुखिया को तीन बार बदला, इस बारे में आप कब बोलेंगे? डबास ने पूछा है कि आप हनी ट्रैप मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों से कब कराएंगे और हनीट्रैप के सबूत आयकर विभाग को सौंपने पर क्या कार्रवाई करेंगे ?
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29 January 2020मंडला। विश्व पर्यटन के नक्शे पर अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए मशहूर कान्हा की खूबसूरती निहारने के लिए भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी बुधवार को परिवार और दोस्तों के साथ कान्हा टाइगर रिजर्व पहुंचे हैं। धोनी यहां 31 जनवरी तक मुक्की गेट के समीप स्थित बंजारा ताज रिसोर्ट में रुकेंगे और जंगल सफारी का आनंद लेंगे। पूर्व कप्तान धोनी पहली बार कान्हा की सैर करने आए हैं। बुधवार सुबह महेन्द्र सिंह धोनी अपनी पत्नी साक्षी और दोस्तों के साथ प्राइवेट प्लेन से बिरसा हवाई पट्टी पहुंचे। जैसे ही लोगों को उनके आने की खबर मिली बिरसा हवाई पट्टी के पास प्रशंसकों की भीड़ जमा हो गई। प्रशंसक धोनी का नाम लेकर पुकारने लगे, इस पर उन्होंने सबका अभिवादन किया और कुछ लोगों के साथ सेल्फी भी ली। इसके बाद धोनी बिरसा हवाई पट्टी से सीधे रिसोर्ट पहुंचे। धोनी 31 जनवरी तक बंजारा टोला के रिसॉर्ट में रुकेंगे। वे कान्हा की सैर कब करेंगे यह कार्यक्रम अभी पार्क प्रबंधन तक नहीं पहुंचा है। धोनी के पहुंचने के बाद कान्हा टाइगर रिजर्व की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। धोनी का किसी से भी मिलने का कार्यक्रम नहीं हैं। यह पहली बार नहीं है जब कान्हा के रोमांचकारी टाइगर सफारी का आनंद लेने कोई बड़ी हस्ती आई हो, इसके पहले भी यहां प्राकृतिक सुंदरता और बाघों को देखने के लिए बड़ी सेलिब्रिटी आते रहे हैं। टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त मध्य प्रदेश में बाघ कान्हा नेशनल पार्क में ही सबसे आसानी से दिख जाते हैं।
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29 January 2020इंदौर। बेटियों के अच्छी शिक्षा मुहैया कराने के लिए इंदौर में चार नए कॉलेज खोले जाएंगे। यह घोषणा प्रदेश के उच्चशिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने सोमवार को इंदौर में की। पटवारी कांग्रेस सेवादल के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सोमवार को इंदौर प्रवास पर थे। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने इंदौर में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बेटियों को अच्छी शिक्षा मुहैया करवाने के लिए उनके लिए अलग से कॉलेज खोलने की आवश्यकता है। इसी को ध्यान में रखकर सरकार इंदौर में बेटियों के लिए जल्द चार नए कॉलेज खोलने जा रही है। पटवारी ने कहा कि यदि हमें उनका ग्रॉस रेसो बढ़ाना है तो यह कदम उठाना होगा। मंत्री पटवारी ने बताया कि सरकार आने वाले साल में बेटियों की शिक्षा फ्री करने की योजना भी बना रही है। निकाय चुनावों तक कमलनाथ ही रहेंगे अध्यक्ष उच्चशिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि मुझे दिल्ली चुनाव के लिये भी जिम्मेदारी दी गई है और जिला प्रभारी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निकाय चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में ही होंगे। हम इस चुनाव में भी झंडा फहराएंगे। आज हमारे पास एक ऐसा नेतृत्व है, जिसके पास एक विजन है। वे दृढ़ इच्छाशक्ति के धनी हैं। इसका ताजा उदाहरण भूमाफियाओं पर कार्रवाई है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य आमआदमी को सहूलियत और सुविधाएं देना है।
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27 January 2020भोपाल। प्रदेश सरकार द्वारा नियमितीकरण में की जा रही हीलाहवाली के बाद प्रदेश के हजारों होमगॉर्ड सैनिक भी आंदोलन पर उतर आए हैं। सोमवार को जहांगीराबाद स्थित होमगॉर्ड मुख्यालय के परिसर में होमगॉर्ड सैनिकों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया और मांगें न माने जाने पर आत्महत्या कर लेने की चेतावनी भी दी। राजधानी के जहांगीराबाद स्थित होमगार्ड मुख्यालय में सोमवार सुबह सैकड़ों होमगॉर्ड सैनिक इकट्ठा हो गए, जिनमें पूरे प्रदेश के होमगॉर्ड सैनिक शामिल थे। इन सैनिकों ने परिसर में स्थित ग्राउंड में नियमितीकरण तथा अन्य मांगों के लिये प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल होमगॉर्ड्स ने जमकर नारेबाजी की और भारतमाता की जय के जयकारे लगाए। इसके साथ ही इन सैनिकों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे आत्महत्या कर लेगें। प्रदर्शन में शामिल सैनिकों ने बताया कि उनका यह प्रदर्शन नियमितीकरण, तथा पुलिस के समान वेतन की मांगों को लेकर है। इसके अलावा वे एक वर्ष में 10 महीने नौकरी, हर तीन साल में मेडिकल और पुलिस वेरिफिकेशन के खिलाफ आंदोलन कर रहें है। इधर, होमगॉर्ड मुख्यालय में सैनिकों के प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही राजधानी पुलिस में हड़कंप मच गया। प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही पुलिस के अधिकारी फोर्स लेकर होमगॉर्ड मुख्यालय पहुंच गए थे।
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27 January 2020मन्दसौर। जिले में पुल की जिम्मेदारी से बचकर काम करने वाले प्रधानमंत्री सड़क विभाग की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई हैं। हेदरवास में बनी विभाग की सड़क की डीपीआर में पुल को शामिल न कर गांव को शहर की बजाय फोरलेन से जोड़ दिया। खामियाजे के बतौर अभी तक गलत कनेक्टिविटी आधा दर्जन जाने ले चुकी हैं। लोग आक्रोशित हैं और प्रशासन मौन।मन्दसौर में प्रधानमंत्री सड़क योजना की 5 साल पुरानी लापरवाही अब लोगों की जान पर पड़ गई है। मन्दसौर के प्रतापगढ़ रोड से हेदरवास के बीच पांच साल पहले पीएमजीएसवाय ने सड़क बनाई थी। योजना के मुताबिक गांव की सड़क को शहर से जोड़ना था लेकिन विभाग के कारिंदों ने इस गांव को मन्दसौर के प्रतापगढ़ रोड की बजाय उसकी कनेक्टिविटी फोरलेन से कर दी। इस चूक से गांव के करीब 6 लोगों की मौत पिछले कुछ महीनों में हो गई। गांव के लोग जमकर गुस्सा हैं। वे विभाग को कोस रहे हैं। लेकिन न तो प्रशासन इसकी जांच करने को तैयार हैं और न ही नेता जनता की जिंदगी से खेलने पर कुछ बोलने को तैयार हैं।पुल के काम को शामिल ही नहीं किया डीपीआर में -बताया जाता हैं कि विभाग के महाप्रबंधक यशपाल जोशी और उनके मातहतों की बड़ी लापरवाही इन मौतों का कारण बन गई है। जब रोड की डीपीआर बनी तब भी महाप्रबंधक जोशी ही थे। उस समय हेदरवास मे सीसी रोड और डामर की योजना तो बना दी लेकिन उस डीपीआर में गांव से निकल रहे बुगलिया नाले पर पुल गायब कर दिया। लोगों का मानना है कि यदि महाप्रबंधक और उनके मातहत योजना की गंभीरता तो समझ जाते तो हैदरवास में महज 50 से 100 फिट लंबा पुल बनता और सड़क की कनेक्टिविटी बजाय फोरलेन के प्रतापगढ़ रोड से 300 मीटर डामर से ही हो जाती। इससे दो फायदे होते। पहला यह कि हेदरवास के लोग सीधे मन्दसौर शहर से जुड़ जाते और दूसरा यह कि फोरलेन पर आए दिन दुर्घटनाओं में जिंदगी लीलने का सिलसिला चालू ही नही होता।पुल के कामों से बचने की कोशिश में रहते हैं अधिकारी -मन्दसौर के पीएमजीएसवाय विभाग के महाप्रबंधक यशपाल जोशी और उनकी टीम पुल बनाने को लेकर हमेशा चर्चा में रही है। जोशी मूलतः ऊर्जा विभाग से हैं, वे करीब सवा दशक से प्रतिनियुक्ति पर इस विभाग में डटे हुए हैं। उनके मन्दसौर और नीमच के एक दशक के कार्यकाल में कई प्रमुख पुलों को या तो डीपीआर में शामिल ही नहीं किया गया या फिर दूसरे विभागों को इसके निर्माण काम सरका दिए गए। हलको में चर्चा हैं कि वे पुल बनाने में रुचि नही लेते हैं। यही वजह हैं कि हेदरवास में भी डीपीआर में पुल शामिल नही हुआ। उनके ही कार्यकाल में यह गांव का सड़क बनी थी। इसके बाद वे फिर मन्दसौर आये। बारिश में पूरा हैदरवास डूब गया था। उसके बावजूद पुल को लेकर न विभाग जागा और न ही नेता नगरी व कथित सख्त मिजाज प्रशासन।मन्दसौर-नीमच जिले में कई पुलों ने खोली पोल -पीएमजीएसवाय और महाप्रबंधक के कार्यकाल में मन्दसौर जिले में नाहरगढ़-बिल्लोद की सड़क का पुल शासन को मुंह चिढ़ा रहा हैं। भारी बारिश में विभाग की उदासीनता से डेढ़ महीने आवागमन बंद रहा। उसके बावजूद प्रधानमंत्री सड़क योजना ने बजाय जवाबदारी के इस सड़क और पुल को जर्जर हालत में ही दूसरे विभागों को देने की जुगत कर डाली। हालांकि विभागों ने इसे एक्सेप्ट नही किया और अब यह पुल और सड़क भगवान के भरोसे हैं। नीमच जिले में जोशी के कार्यकाल में ही मनासा-कंजार्डा मार्ग की करीब 35 किमी लंबी सड़क पर बनने वाले 4 से 5 छोटे छोटे पुल विभाग ने स्वयं बनाने की बजाय सेतु निगम को सौंप पल्ला झाड़ लिया। मन्दसौर में भी यही वजह हैं कि यह पुल लापरवाही का शिकार हो गया।फोरलेन पर 3 किमी तक नही हैं कोई भी कट -पीएमजीएसवाय ने हैदरवास की सड़क को फोरलेन से जोड़कर खानापूर्ति कर दी हैं। कागजों में विभाग ने सब कुछ सही बता दिया लेकिन असलियत यह हैं कि हैदरवास की सड़क जहाँ फोरलेन पर खुल रही हैं। उसके सामने तो ठीक प्रतापगढ़ नाके से एमआईटी चैराहे तक 3 किमी में कही कोई रोड़ क्रॉस के लिए कट तक नही हैं। प्रतापगढ़ से आने वाले हो या नीमच की ओर जाने वाले ग्रामीण हो, वे गलत साइड गाड़ी चलाकर आने जाने को मजबूर हैं। यही वजह हैं कि आये दिन सड़क हादसे हो रहे हैं और लोग हताहत हो रहे हैं।इस संबंध में मन्दसौर कलेक्टर मनोज पुष्प से चर्चा करनी चाही पर बैठक में होने से बात नही हो पाई। उधर जीएम जोशी का मोबाइल भी संपर्क क्षेत्र से बाहर था।
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24 January 2020हरदा। हरदा स्टेशन से पहले एक बड़ा ट्रेन हादसा टल गया। यहां फिरोजपुर से मुंबई जा रही पंजाब मेल की कपलिंग टूटने से ट्रेन दो हिस्से में बंट गई। ट्रेन केवल 17 डिब्बों के साथ ही स्टेशन पहुुंची, जबकि सात अन्य डिब्बे स्टेशन से कुछ दूर जंगल में ही छूट गए। जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया। ट्रेन को पीछे की तरफ ले जाया गया और छूटे हुए सातों बोगियों को जोड़कर फिर हरदा रेलवे स्टेशन लाया गया। यहां मरम्मत होने के बाद ट्रेन रात 10:45 बजे रवाना हुई। दरअसल, ट्रेन के दो हिस्से में बंटते ही एस-5 के यात्रियों को झटका लगा। झटका इतना जोर का था कि बर्थ पर सोए कई यात्री गिर गए। कुछ के हाथ-पैर और कुछ को अंदरूनी चोटें आई हैं। अंधेरा होने से अफरातफरी मच गई। तुरंत रेलवे को सूचना दी गई। रेलवे स्टाफ मौके पर पहुंचा। तब पता चला कि ट्रेन दो हिस्से में बंट चुकी है। सात बोगियां हरदा रेलवे स्टेशन से पहले ओवरब्रिज के पास रुक गईं। हरदा के एएसएम रामेश्वर सिंह ने बताया कि पंजाब मेल के एस-5 बोगी की स्पेयर कपलिंग टूट गई थी। बाद में 17 डिब्बों को भी वापस लाकर जंगल में छूटे सातों डिब्बों से जोड़ा गया। उसके बाद उसे हरदा स्टेशन लाया गया। मरम्मत में करीब 25 मिनट लगे। इसके बाद ट्रेन रात 10.45 बजे रवाना कर दी गई।
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24 January 2020ब्यावरा। पूर्व राज्यमंत्री बद्रीलाल यादव द्वारा बुधवार को ब्यावरा में आयोजित सभा में दिये गए भाषण को लेकर राजनीतिक गलियारों में खासी चिल्लपौ मची हुई है। कांग्रेस के मीडिया विभाग से लेकर अधिकतर नेता उनके इस भाषण की छीछालेदर कर चुके हैं। इसी बीच, पूर्व राज्यमंत्री बद्रीलाल यादव ने अपने उस भाषण को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि सभा के दौरान उन्होंने जो कहा, वह मातृत्व भावना को लेकर कहा था, उनके इस बयान को तोड़ा मरोड़ा गया है। पूर्व राज्यमंत्री बद्रीलाल यादव ने अपने बिगड़े बोल पर सफाई देते हुए गुरुवार को कहा है कि जिलाधीश जिले का मुखिया होता है, उनका व्यवहार सभी के लिए एक समान होता है। इस बात पर बच्चे और मातृत्व की भावना के साथ दिए गए बयान को गलत दिशा में ले जाया गया है। उन्होंने कहा कि मैं हमेशा भाषण में मालवी भाषा का उपयोग करता हूं और हमेशा से ही लोकसेवकों का सम्मान करता आया हूं। उन्होंने कहा कि मेरा भाव किसी का अपमान करना नही है, मेरा आशय था कि कलेक्टर भाजपा नेताओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार करती है और तमाचे मारती है, वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अतिरिक्त संरक्षण प्रदान करती है, हमसे बात करना पसंद नही करती और कांग्रेसियों को बुलाकर चाय-दूध पिलाकर स्वागत-सत्कार करती है। उन्होंने कहा कि महिला जाति का सम्मान हमारी संस्कृति और सभ्यता में है। कांग्रेस उनके बयान का गलत तरीके से अर्थ निकालकर माहौल खराब करना चाहती है। इस संबंध में भाजपा जिलाध्यक्ष दिलवर यादव का कहना है कि पूर्व राज्यमंत्री ने सभा में जो बोला उसे उन्होंने सुना नही है, लेकिन अगर कुछ बोला है तो यह उनका व्यक्तिगत विचार है, इससे पार्टी का कोई सरोकार नही है। वहीं पूर्व राज्यमंत्री द्वारा दिए गए बयान को लेकर गुरुवार को महिला कांग्रेस द्वारा यादव का पुतला दहन किया जाएगा, साथ ही कलेक्टोरेट के कर्मचारियों द्वारा कलमबंद हड़ताल करने की बात कही गई है।
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23 January 2020जबलपुर। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास से पहले द्वारिका-शारदा, ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की तबीयत अचानक बिगड़ गई। गले में इंफेक्शन के चलते उन्हें बुधवार देर शाम अस्पताल में कराया गया है। जहां डाक्टरों की देखरेख में उनका आईसीयू में ईलाज जारी है। उन्हें लगातार डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। दरअसल शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की बुधवार देर शाम नरसिंहपुर जिले के सांकल घाट आश्रम में मौजूद थे। इस दौरान उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने पर उनके साथी उन्हें गोटेगांव में डॉक्टरों को दिखाया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें जबलपुर रेफर कर दिया गया। इसके बाद उन्हें ईलाज के लिए जबलपुर लाया गया। प्रारंभिक जांच के दौरान डॉक्टरों ने पाया कि उनके सीने में कफ जम गया था, जिसकी वजह से शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। हालांकि ये बताया जा रहा है कि शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती की सेहत में पहले से सुधार हो रहा है, लेकिन हॉस्पिटल में अभी भी डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी कर रही है। उन्हें एक निजी अस्पताल के एआईसीयू में एडमिट कराया गया है। वहां वो डॉक्टरों की सघन देखरेख में हैं।
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23 January 2020भोपाल। मध्य प्रदेश के सागर जिले में धर्म विशेष के तीन लोगों के 14 जनवरी को आपसी रंजिश में जलाए गए युवक धनप्रसाद अहिरवार की इलाज के दौरान बुधवार को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में मौत हो गई। युवक को मंगलवार रात एयरलिफ्ट कर भोपाल से दिल्ली ले जाया गया गया था। धनप्रसाद की मौत के बाद अब एक बार फिर राजनीति शुरू हो गई है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने धनप्रसाद की मौत के लिए कमलनाथ को जिम्मेदार ठहराया है और सांप्रदायिक तुष्टिकरण का आरोप लगाते हुए जमकर लताड़ा है। राकेश सिंह ने गुरुवार सुबह एक के बाद कई ट्वीट कर धनप्रसाद की मौत पर दुख जताते हुए कमलनाथ सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। राकेश सिंह ने ट्वीट कर लिखा ‘कमलनाथ सरकार की सांप्रदायिक तुष्टिकरण की नीति ने अंतत: अनुसूचित जाति के बंधु धनप्रसाद के प्राण ले लिए। सम्प्रदाय विशेष के लोगों द्वारा जिंदा जला दिए गए धन प्रसाद के अपराधियों को पकड़ना तो दूर, सरकार ने उन्हें ठीक से इलाज भी मुहैया नहीं कराया। यह अत्यंत दु:खद और शर्मनाक है’। हमारे विधायक प्रदीप लारियाजी ने धनप्रसाद के दु:खद निधन का समाचार दिया। मैं स्तब्ध हूं, दुनिया से जाने की उम्र नही थी उनकी,लेकिन कांग्रेस सरकार ने इलाज में लापरवाही बरती। राष्ट्रीय अनुसूचितआयोग निर्देश न देता तो पीड़ित को दिल्ली भी नहीं भेजा जाता। ये सरकार का बेहद अमानवीय चेहरा है। कमलनाथ सरकार पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाते हुए राकेश सिंह ने कहा कि ‘यदि सागर के धनप्रसाद हिन्दू नहीं होते तो कमलनाथ सरकार एक पैर पर खड़े होकर उनके इलाज व सेवा में लगी होती। लेकिन दुर्भाग्य से इस सरकार के रहते अपराध व मानवता को भी सांप्रदायिक चश्मे से देखा जाता है। सरकार की सांप्रदायिक नीति हमारे अनुसूचितजाति के बंधु के जीवन पर भारी पड़ गई’। उल्लेखनीय है कि 14 जनवरी को सागर के मोतीनगर थाना क्षेत्र में दो पक्षों में पुरानी रंजिश को लेकर विवाद हो गया था। धर्मश्री क्षेत्र में कुछ लोगों ने एक युवक के घर में घुसकर उसके साथ मारपीट की और फिर केरोसिन डालकर आग लगा दी थी। पुलिस ने इस मामले में धनप्रसाद अहिरवार का पड़ोस में रहने वाले इरफान खान, कल्लू अज्जू को गिरफ्तार किया था। इस मामले को लेकर भाजपा और अहिरवार महापंचायत सहित अन्य संगठनों ने प्रदर्शन किया था।
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23 January 2020भोपाल। भारतीय जनता पार्टी नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थन में रविवार को निकाली जा रही रैली में शामिल भाजपा नेताओं की पिटाई करने वाली राजगढ़ कलेक्टर एवं डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगी। इसके लिए भाजपा कोर्ट जाएगी। घटना का जायजा लेने के लिए भाजपा का एक प्रतिनिधि मंडल सोमवार को सुबह राजगढ़ के लिए रवाना हो गया है। घटना के संबंध में थाने में आवेदन दिया जाएगा। यदि पुलिस मामला दर्ज नहीं करती है तो भाजपा कोर्ट की शरण लेगी। इधर कांग्रेस ने इस घटना के लिए भजापा को ही जिम्मेदार ठहराते हुुए महिला अधिकारियों के साथ दुव्र्यवहार के आरोप लगाए हैं। कांग्रेस-भाजपा की लड़ाई में फिलहाल अधिकारियों पर गाज गिरना टल गया है। बता दें कि राजगढ़ जिले के ब्यावरा में भाजपा नेताओं द्वारा सीएए के समर्थन में रैली निकाली जा रही थी। प्रशासन ने धारा 144 लगा दी। भाजपा नेता हाथ में तिरंगा लेकर भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे। इसी दौरान भारी पुलिस बल की मौजूगी में कानून-व्यवस्था संभालने के लिए कलेक्टर निधि निवेदिता और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा समेत अन्य अधिकारी पहुंचे। भीड़ नारेबाजी कर रही तभी प्रिया वर्मा ने भाजपा नेता की मारपीट की। इसके बाद कलेक्टर ने भी भाजपाईयों पर हाथ साफ किए। इसके बाद हालात बेहद खराब हुए। अफसरों द्वारा की गई मारपीट के तत्काल वीडियो वारयल हो गए। मारपीट की इस घटना की प्रशासनिक अधिकारी भी दबी जुवान से निंदा कर रहे हैं। हालांकि शासन ने अभी इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया गया है। इधर भाजपा ने राजगढ़ पिटाई कांड को लेकर बड़े आंदेालन की तैयारी कर ली है। पूर्व मंत्री विश्वास सारंग के नेतृत्व में विधायक ऊषा ठाकुर, जीतू जिराती, वंशी लाल गुर्जर का प्रतिनिधि मंडल राजगढ़ पहुुंच रहा है।मुख्यमंत्री ने विदेश में मांगी रिपोर्टमुख्यमंत्री कलमनाथ लंदन में हैं। घटना की सूचना मिलने पर उन्होंने पूरी रिपोर्ट मांगी। उन्होंने तत्काल एक्शन के निर्देश दिए। बताया गया कि मंत्रालय के शीर्ष अफसरों ने मामले को संभाल लिया है। जिसकी वजह से फिलहाल राजगढ़ की घटना को लेकर किसी भी बड़े अधिकारी पर कार्रवाई नहीं होगी। ज्यादा विरोध होने पर पुलिस एवं प्रशासन के कुछ अधिकारी एवं कर्मचारियों पर कार्रवाई हो सकती हैै।जेपी नड्डा ने मांगी रिपोर्टराजगढ़ की घटना को लेकर भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को सुबह रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह से भी इस संबंध में चर्चा की है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी हाईकमान को घटना से अवगत कराया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का आज चुनाव हो रहा है। नड्डा अभी कार्यकारी अध्यक्ष है। उनका अध्यक्ष बनना तय है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सीएए के समर्थन में रैली करने और राजगढ़ के पार्टी नेताओं से मिलने के लिए नड्डा सबसे पहले मप्र का दौरा कर सकते हैं।वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्याक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि यह लोकतंत्र का काला दिन है। हाथ में तिरंगा लेने और भारत माता की जय बोलने पर कलेक्टर ने मारा है। भाजपा पुलिस में आवेदन देकर अफसरों पर एफआईआर दर्ज कराएंगे। यदि नहीं हुई तो प्रमाण लेकर कोर्ट जाएंगे। मुख्यमंत्री बताएं कि क्या ऐसे आदेश उन्होंने दिए हैं।
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20 January 2020भोपाल। मध्यप्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में पिछले एक साल में राष्ट्रीय स्तर पर 16 पुरस्कार हासिल कर देशभर में जहां अपनी पहचान और मजबूत करने में सफल रहा है, वहीं प्रदेश को आगे बढ़ाने की दिशा में पूर्ववर्ती शिवराज सरकार की नीति को भी आगे बढ़ाने में कमलनाथ सरकार पूरी तरह से सफल साबित हो रही है। दरअसल, पिछले दिग्विजय के कांग्रेसी कार्यकाल में राज्य का पर्यटन क्षेत्र पूरी तरह से डूब चुका था, जिसे नए सिरे से आगे बढ़ाने का कार्य भाजपा की तत्कालीन मुख्यमंत्री साध्वी उमा भारती, स्व. बाबूलाल गौर से लेकर शिवराज सिंह चौहान बखूबी करते रहे लेकिन फिर एक बार कांग्रेस की कमलनाथ सरकार आने के बाद लोगों को लग रहा था कि कहीं प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र का हाल पुराने कांग्रेसी कार्यकाल जैसा ना हो जाए, लेकिन अब एक साल बीत चुके हैं और प्रदेश पर्यटन में पहले की तरह ही दिनों दिन आगे बढ़ रहा है। नई कमलनाथ सरकार अपने इस एक साल के कार्यकाल में पर्यटन पर 136 करोड़ का पूंजी निवेश किया है। राज्य सरकार दे रही नवाचार को प्रमुखता इस संबंध में पर्यटन मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने हिस को बताया कि हमारी सरकार की पर्यटन को लेकर नीति बिल्कुल स्पष्ट है। हमें मध्यप्रदेश के सभी प्रमुख पर्यटन स्थलों को विश्वस्तरीय पहचान दिलानी है। राज्य सरकार ने इस दौरान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये नवाचारों को प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि इन नवाचारों में विशेषकर वन प्रक्षेत्रों में पर्यटन सुविधाओं को सरल और सहज तरीके से उपलब्ध कराने की पहल की गई और अन्य पर्यटन स्थलों के संरक्षण और संवर्धन को प्राथमिकता दी गई। जो कार्य लम्बे समय से अधूरे थे ऐसे सभी अधोसरंचना संबंधी विकास कार्यों को तेजी से पूर्ण कराने पर ध्यान केन्द्रित किया गया। प्रदेश के नगरों, महानगरों के साथ देश और विदेशों में रोड-शो कर निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिये प्रोत्साहित किया गया। इससे पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर निर्मित हुए और राजस्व में भी बढ़ोतरी का सिलसिला शुरू हुआ है । ये रहे बड़े निर्णय पर्यटन मंत्री बघेल ने बताया कि पिछले एक साल में निवेशकों के लिये व्यापक, सरल एवं पारदर्शी पर्यटन नीतियाँ बनाई गईं। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर महानगर से प्रदेश के पर्यटन स्थलों के लिये हेलीकाप्टर सुविधा शीघ्र शुरू करने का निर्णय लिया गया है । साथ में राज्य सरकार की नवाचारी पर्यटन नीति के तहत हॉट एयर बैलून, वाइल्ड लाइफ रिसोर्ट, मेगा एवं अल्ट्रा परियोजनाओं के लिये आकर्षण अनुदान और रियायतें दी गईं। इसके आलावा अनूसचित जाति एवं जनजातीय उद्यमियों को और दूरस्थ तथा दुर्गम क्षेत्रों में स्थापित की जानेवाली पर्यटन परियोजनाओं के लिये 5 प्रतिशत अतिरिक्त लागत पूँजी अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया गया। प्रदेश में तीन नये फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट की स्थापना करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आनेवाले पर्यटकों को ग्रामीण अनुभव प्रदान करने के लिए पर्यटन स्थलों के समीप चयनित ग्रामों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने का फैसला हुआ। ऐसे ही अन्य तमाम बड़े निर्णय पिछले एक साल के दौरान हमारी सरकार द्वारा लिए गए हैं। जिसके परिणाम स्वरूप आप देख सकते हैं कि मध्यप्रदेश को इस साल राष्ट्रीय स्तर पर 16 पुरस्कार हासिल हुए हैं। प्रदेश में बढ़ते पर्यटन विकास को लेकर मंत्री बघेल का यह भी कहना था कि उन्हें प्रदेश में पर्यटन विकास को लेकर केंद्र का पूरा सहयोग मिल रहा है । हमारे लिए यह सुखद है मध्य प्रदेश से ही केंद्र में संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री (स्वंतत्र प्रभार) श्री प्रहलाद पटेल हैं। ये उनका भी प्रदेश है, इसलिए वे हमारी कही बातों को गंभीरता से लेते हैं । बड़ी योजनाओं पर कार्य शुरू करने के साथ राज्यों में किए जा रहे रोड शो मप्र में बढ़ते पर्यटन विकास को लेकर वहीं आयुक्त मध्यप्रदेश पर्यटन बोर्ड तथा प्रबंध संचालक एवं मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम के सचिव फैज अहमद किदवई ने हिस से कहा कि पिछले एक साल में जो बड़े इस दिशा के गिने तो क्षेत्रीय यूनिट ओरछा, खजुराहो एवं भोपाल को डेस्टिनेशन वेडिंग फेसिलिटी के रूप में विकसित किया गया है। खजुराहो के पास कुटनी डेम में 10 नवीन कमरों, मणिखेड़ा डेम पर 8 कमरों और किला कोठी चंदेरी में 6 कमरों के होटल बनाये गये। बुद्धिस्ट साइट देउरकोठार भरहुत एवं साँची के समीप विकास कार्य किये गये हैं, इसके कारण से विदेशी पर्यटकों एवं भारतीय पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है। फैज अहमद किदवई ने बताया कि 12 प्रमुख शहरों में पिछले एक वर्ष में ट्रेवल एजेन्ट और टूर ऑपरेटर प्रशिक्षण कार्यक्रम 'एम.पी.एक्सपर्ट' और राष्ट्रीय स्तर पर तथा विभिन्न राज्यों में रोड शो किये गये। इसके अलावा, 14 पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना पर 17 करोड़ 69 लाख रुपये पूँजीगत अनुदान दिया गया। फलस्वरूप एक वर्ष में 136 करोड़ का पूँजी निवेश हुआ, जिससे होटलों में 543 कमरों का निर्माण हुआ। इस काम में लगभग 2050 लोगों को रोजगार मिला है । अधिक से अधिक युवाओं को पर्यटन से जोड़ने का प्रयास जारी युवाओं को पर्यटन के क्षेत्र से जोड़ने के लिये सचिव फैज अहमद किदवई ने बताया कि पर्यटन निगम प्रतिष्ठित समूहों के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाने का निर्णय ले चुका है । ब्राण्डेड होटल प्रोत्साहन नीति, फॉर्म स्टे, ग्राम स्टे योजना (पंजीयन एवं विनियमन) योजना-2019 बनाई गई है । फिल्म पर्यटन नीति भी शीघ्र बनाई जा रही है। वर्तमान में प्रदेश के पर्यटन स्थलों में लगभग 6-7 फिल्म वेब सीरीज की शूटिंग पूरी हो चुकी है और कई की शूटिंग चल रही है। इस वर्ष पर्यटन विभाग द्वारा एम.पी. इंस्टीट्यूट ऑफ हॉस्पिटलिटी में ट्रेवल्स एण्ड टूरिज्म स्टडीज विषय का बीबीए कोर्स प्रारंभ किया गया। इसी तरह से जल-पर्यटन के लिये अधिसूचित जल-क्षेत्रों में जल क्रीड़ा गतिविधियों के संचालन के लिये 15 अभिस्वीकृति-पत्र एवं लायसेंस जारी किये गये। इस वर्ष पर्यटन क्विज में प्रदेश के सर्वाधिक 8000 स्कूलों के 24 हजार छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। उन्होंने इस दौरान यह भी बताया कि प्रदेश के 11 प्रमुख जिलों एवं अन्य पर्यटन स्थलों में समृद्ध विरासत, प्राकृतिक सुन्दरता, इतिहास, परम्पराओं, ऐतिहासिक धरोहरों से परिचय कराने के लिए प्रचार-प्रसार से संबंधित अब तक वॉक फेस्टिवल-2019 किये गये हैं। जिनके कि आज सकारात्मक परिणाम प्रत्यक्ष सामने दिखाई दे रहे हैं ।
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20 January 2020जबलपुर। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पार्टी हाईकमान द्वारा सोमवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की घोषणा कर दी है। इसके बाद मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित जेपी नड्डा के ससुराल में जश्न का माहौल है। उनकी सास जयश्री बनर्जी ने उन्हें बधाई दी है। भाजपा से पूर्व सांसद रही जेपी नड्डा की सास जयश्री बनर्जी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने पर उन्होंने अपने दामाद को बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि यह जबलपुर के लिए गौरव की बात है। उन्होंने बताया कि आगामी 24 जनवरी को उनके नाती की शादी हो रही है, जिसमें शामिल होने के लिए उनके दामाद जबलपुर आ रहे हैं। यह राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उनका पहला जबलपुर आगमन होगा। इस दौरान उनका भव्य स्वागत किया जाएगा।
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20 January 2020इंदौर। शहर में बदमाश आए दिन वारदात को अंजाम देते हुए पुलिस को खुली चुनौती दे रहे हैं। शनिवार की रात भी आभूषणों का एक व्यापारी जब अपने घर पहुंचा तो उसका पीछा करते हुए बदमाशों ने लूट की वारदात को अंजाम देते हुए लाखों रुपये मूल्य के जेवरात और रुपये से भरा बैग लूट कर फरार हो गए। लूट की यह सनसनीखेज वारदात मल्हारगंज थाना क्षेत्र की हेमू कॉलोनी इलाके में हुई। पुलिस के अनुसार खड़ा गणपति क्षेत्र में विजय श्री ज्वेलर्स के नाम से दुकान संचालित करने वाले विजय सोपी निवासी हेमू कॉलोनी बीती रात करीब 9:00 बजे अपनी दुकान बंद कर घर जाने के लिए निकले थे। थोड़ी ही देर में वह अपने घर पहुंच गए। एक्टिवा पर सवार विजय जैसे ही घर पहुंचकर वाहन से नीचे उतरे, उसी समय एक बदमाश उनके पास पहुंचा और उन्हें धक्का दे कर बैग छीन कर भाग निकला। अचानक हुए इस घटनाक्रम विजय ने शोर मचाते हुए बदमाश का पीछा किया लेकिन थोड़ी ही दूरी पर पहले से मौजूद उसके दो पल्सर सवार साथी उसे गाड़ी पर बैठा कर निकल भागे। इस पर विजय ने तत्काल पुलिस को सूचना दी। लूट की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने लुटेरों की तलाश के लिए नाकेबंदी की लेकिन देर रात तक उनका कोई पता नहीं चल सका था पुलिस को दर्ज कराई रिपोर्ट में विजय ने बताया कि बैग में करीब चार लाख रुपये के जेवरात थे। देर रात तक पुलिस क्षेत्र में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगालते हुए आरोपितों की तलाश कर रही थी।
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19 January 2020इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर और मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में साइकिल एसोसिएशन द्वारा रविवार को सुबह पर्यावरण बचाने के उद्देश्य से 'आओ चलाएं साइकिल' कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसके अंतर्गत शहर में विशाल साइकिल रैली (परेड) निकाली गई। इस कार्यक्रम में तीन हजार से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए और करीब आठ किलोमीटर का सफर साइकिल से तय किया। प्रतिभागियों ने रैली में पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी लिया। इस रैली महू से आर्मी के जवान, हाईकोर्ट के वकील और बड़ी संख्या में विद्यार्थी शामिल रहे। साइकिल परेड को लेकर सभी बहुत उत्साहित थे। आयोजकों द्वारा इस रैली में विश्व रिकॉर्ड बनाने का दावा भी किया है। सायक्लोथोन दिवस के उपलक्ष्य में इंदौर में रविवार को सुबह यह आयोजन किया गया था, इस साइकिल रैली को भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। विजय नगर क्षेत्र से निकली यह साइकिल रैली लवकुश चौराहे पहुुंची और यहां से पुन: विजय नगर क्षेत्र पहुंची। करीब आठ किलोमीटर लंबी इस रैली में तीन हजार लोगों ने साइकिल चलाई। रैली के दौरान साइकिल चालक कतार में निकले और उनके बीच की दूरी 5 से 10 फीट थी।भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने साइकिल रैली में शामिल सभी लोगों को पर्यावरण के साथ-साथ पेट्रोलियम संरक्षण के लिए शपथ दिलवाई। सभी ने यहां शपथ ली कि वे अपने सभी कार्यों में पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण के लिए प्रयास करते रहेंगे, ताकि देश की प्रगति के लिए आवश्यक इन सीमित संसाधनों की पूर्ति लंबे समय तक संभव हो सके। पेट्रोलियम पदार्थों के व्यर्थ उपयोग को रोकने के लिए लोगों को जागरूक भी करेंगे। इस रैली में पर्यावरण, नशा मुक्ति और नो हॉर्न का संदेश भी दिया गया। रैली में विधायक रमेश मेंदोला सहित भाजपा के कई नेता मौजूद थे। इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया है। आयोजकों ने इस रैली में विश्व रिकॉर्ड बनाने का दावा किया है। अब तक साइकिल परेड का विश्व कीर्तिमान बांग्लादेश और तुर्कीस्तान के नाम था, जो कि उन्होंने 1995 साइकिल चालकों को साथ बनाया था। इंदौर में निकाली गई इस साइकिल परेड तीन हजार से अधिक लोग शामिल हुए। जबलपुर में भी निकली साइकिल रैलीइंदौर के साथ ही प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में भी रविवार सुबह पर्यावरण बचाने का संदेश देते हुए साइकिल रैली निकाली गई। इस साइकिल मैराथन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने भी इसमें हिस्सा लिया। रैली के बाद युवाओं और बच्चों ने स्टेज पर डांस का परफॉरमेंस भी दिया।
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19 January 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में वकीलों की शीर्ष संस्था राज्य अधिवक्ता परिषद (स्टेट बार कौंसिल) के 25 सदस्यों के चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान हो रहा है। इसके लिए राज्य के सभी जिला एवं तहसील न्यायालयों में बनाए गए पोलिंग बूथों पर शुक्रवार को सुबह 10 बजे मतदान शुरू हुआ। इस चुनाव में प्रदेशभर के 145 उम्मीदवार मैदान में है, जिनमें भोपाल के 13 वरिष्ठ अधिवक्ता भी शामिल हैं। स्टेट बार कौंसिल के 25 सदस्यों के चुनाव के लिए शुक्रवार को प्रदेशभर में मतदान हो रहा है। सुबह 10 बजे मतदान शुरू हुआ, जो शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा। हालांकि, शुरुआत में मतदान की रफ्तार बहुत धीमी थी, लेकिन धीरे-धीरे अधिवक्ता मतदान करने पहुंच रहे हैं और दोपहर तक करीब 25 फीसदी मतदान हो चुका है। उम्मीद जताई जा रही है कि शाम करीब 70 फीसदी मतदान हो सकता है। निर्वाचन अधिकारी व एडीजे उमेश श्रीवास्तव ने बताया कि मतदाता बगैर किसी व्यवधान के हो सके, इसके लिए सभी जगह तहसील और जिला अदालतों में अलग-अलग बूथ बनाए गए हैं और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। वहीं, मतदान केंद्र से 200 गज की परिधि में किसी भी चुनाव उम्मीदवार अथवा उनके समर्थकों को चुनाव प्रचार की अनुमति नहीं है। इस चुनाव में प्रदेशभर के करीब 60 हजार अधिवक्ता मतदान में हिस्सा लेंगे। दो माह बाद घोषित होंगे परिणामस्टेट बार कौंसिल के 25 सदस्यों के चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान संपन्न होगा और इसके बाद सभी जगह की मत पेटियां सुरक्षित जबलपुर भेजी जाएंगी, जहां दो महीने बाद मतगणना होगी और परिणाम घोषित किये जाएंगे।
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17 January 2020मप्र विधानसभा के विशेष सत्र में गुंजा अतिथि विद्वानों का दर्द, भाजपा ने किया सदन से वहिर्गमन भोपाल, 17 जनवरी (हि.स.) ।मध्य प्रदेश विधानसभा में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के आरक्षण को आगामी 10 साल के लिए बढ़ाने वाले संविधान (126वां) संशोधन विधेयक का अनुमोदन करने के लिए बुलाई गई दो दिवसीय बैठक के अंतिम दिन सदन में शुक्रवार को अतिथि विद्वानों का मामला गूंज उठा। जिसके चलते विपक्ष ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सदन के वहिगर्मन तक कर दिया। राज्य विधानसभा में एससी-एसटी आरक्षण को लेकर विधेयक के अनुमोदन पर कोई चर्चा आरंभ होती, उससे पहले नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव एवं भाजपा के अन्य सदस्यों ने अथिति विद्वानों का मामला विधानसभा में उठाया और कहा कि कांग्रेस अपने वादे को निभाए। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जो वादे अतिथि शिक्षक-अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण को लेकर किया था उसने उसका पालन अब तक नहीं किया और अलग से इस मामले में जांच समिति का गठन कर दिया, जिसकि कोई चर्चा पहले नहीं थी । वास्तव में ऐसा करना कांग्रेस की वादा खिलाफी को दर्शाता है । उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि कांग्रेस अपने वचन पत्र का मान नहीं रख रही है। प्रदेश में 8000 सहायक प्राध्यापकों के पद खाली हैं, ऐसे में जो अतिथि विद्वान पिछले 1 वर्ष से आंदोलन कर रहे हैं, उन सभी को सरकार द्वारा समायोजित किया जाता चाहिए था ना कि वह जांच बैठाने का कार्य करती । हम इस सदन के माध्यम से यह मांग रखते हैं सभी अतिथि विद्वानों को नियमित किया जाए । नेता प्रतिपक्ष के साथी साथ ही विधानसभा में आज अन्य भाजपा विधायकों ने भी कांग्रेस के ऊपर वादा खिलाफी का आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस जिस वचन पत्र में किए वादों के साथ सत्ता में आई है, उसे वह पूरे करने चाहिए। अतिथि विद्वानों के नियमित करने का वादा कांग्रेस का है लेकिन एक वर्ष बीत चुका है, सरकार ने किसी एक अतिथि विद्वान को भी नियमित नहीं किया जो सीधे तौर पर उसकी वादा खिलाफी को दर्शाता है। इसके बाद जब उच्चशिक्षा मंत्री जीतू पटवारी की तरफ से जो जवाब दिया गया उससे भाजपा के विधायक संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सदन का वहिर्गमन कर दिया। मंत्री जीतू पटवारी ने नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव से कहा कि आप सदन के वरिष्ठ सदस्य हैं, आपके सुझाव हमारे लिए मान्य हैं । आप हमें बताइए हम उनके ऊपर विचार करेंगे जबकि भाजपा के विधायकों और नेता प्रतिपक्ष का साफ कहना था कि आपने जो चुनावी वादा किया अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण का, उसे आप पूरा कीजिए, इधर-उधर की बात मत कीजिए । उल्लेखनीय है कि अतिथि विद्वानों के पूरे प्रदेश में अब तक करीब 1300 से ज्यादा अतिथि विद्वानों को बाहर का रास्ता दिखाया जा चुका है। साथ ही उच्च शिक्षा विभाग ने अतिथि विद्वानों के लिए च्वाइस फिलिंग की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है । अतिथि विद्वानों ने उच्च शिक्षा विभाग के च्वाइस फिलिंग के आदेश की प्रतियों की होली जलाकर सरकार के खिलाफ विरोध भी जताया है । साथ ही अतिथि विद्वान सरकार के खिलाफ लगातार अपना आन्दोलन चला रहे हैं।
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17 January 2020भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में शुक्रवार को तीन दिवसीय आईएएस सर्विस मीट 2020 की शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसका शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश में मध्यप्रदेश विविधताओं से सम्पन्न राज्य है और पूरे विश्व में भारत ऐसा देश है, जो विविधताओं से पूर्ण है। इस विविधता को सकारात्मक ऊर्जा में बदलना होगा। उन्होंने कहा कि विविधता में भारत की बराबरी करने वाला देश सिर्फ सोवियत संघ था। आज वह अस्तित्व में नहीं है क्योंकि उसने भारत जैसी सोच-समझ और सहिष्णुता की संस्कृति नहीं थी। यही भारत की पहचान है। उन्होंने कहा कि जो आईएएस अधिकारी अपनी सेवा यात्रा के मध्य में है, जो सेवा पूरी करने वाले हैं वे चिंतन करें कि मध्यप्रदेश को वे कहां छोडक़र जाना चाहते हैं। जो अधिकारी अपनी सेवा यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं, वे साचें कि मध्यप्रदेश को कहां देखना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों को न्याय देने वाला बताते हुए कहा कि संविधान में उल्लेखित स्वतंत्रता और समानता जैसे मूल्यों की सीमाएं हो सकती हैं लेकिन न्याय की कोई सीमा नहीं है। यह हर समय और परिस्थिति में दिया जा सकता है। दृष्टिकोण में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। प्रशासनिक अधिकारियों के पास जो क्षमता और कौशल है वह सामान्यत: राजनैतिक नेतृत्व के पास नहीं रहता। राजनैतिक नेतृत्व बदलते ही प्रशासनिक तंत्र का भी नया जन्म होता है लेकिन ज्ञान, कला, कौशल नहीं बदलते। न्यू आइडिया आफ चेंज के लिए मिलेंगे तीन पुरस्कार, मुख्य सचिवों की जूरी चुनेगी सर्वोत्कृष्ट आइडिया कार्यक्रम में सीएम कमलनाथ ने नए परिवर्तनकारी विचारों- ‘न्यू आइडिया आफ चेंज’ के लिए तीन पुरस्कार देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके लिए पूर्व मुख्य सचिवों की एक ज्यूरी बनाई जाएगी, जो सर्वोत्कृष्ट आइडिया चुनेगी। बदलना होगा मप्र की प्रोफाइलसीएम कमलनाथ ने कहा कि हर राज्य का अपना प्रोफाइल होता है। सबको मिलकर मध्यप्रदेश का प्रोफाइल बनाना होगा। वर्तमान प्रोफाइल को बदलना होगा। मध्यप्रदेश की नई पहचान बनानी होगी। इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा आर्थिक गतिविधियां उत्पन्न हों। प्रौद्योगिकी हर पल बदल रही है। पूरा भारत बदल रहा है। ज्ञान और सूचना के भंडार तक आज जो पहुंच बढ़ी है वह पहले नहीं थी। उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे ज्यादा महत्वाकांक्षी जनसंख्या भारत में है। ये जनसंख्या युवाओं की है। बदलते समय में महत्वाकांक्षाएं भी बदल रही हैं। अब यह देखना है कि इन्हें कैसे अपनाएं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि आधारित अर्थव्यवस्था का प्रदेश है। वर्तमान समय में अधिक उत्पादन की चुनौती है। खाद्यान्न की कमी अब चुनौती नहीं रही। परिवर्तन तब दिखेगा जब धोती-पायजामा पहनने वाला किसान आधुनिक खेती करते हुए जींस और शर्ट वाला किसान बन जाये। सबसे बड़ी चुनौती हमारी नई पीढ़ी की है। हर साल बड़ी संख्या में कौशल सम्पन्न युवा तैयार होते हैं। उन्हें रोजगार की जरूरत है। रोजगार आर्थिक गतिविधियों का एक घटक है। इसलिए आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ाना चुनौतीपूर्ण काम है। उन्होंने कहा कि हर सरकार की अपनी कार्यशैली होती है। अपनी अच्छाइयां और कमजोरियां होती हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की नई पीढ़ी को यह देखना होगा कि मध्यप्रदेश को किस दिशा में जाना चाहिए। मध्यप्रदेश एक आर्थिक शक्ति बनने की संभावना रखता है। मध्यप्रदेश के पास लॉजिस्टिक लाभ है। यहाँ का बाजार और व्यापार पूरे देश से जुड़ सकता है। सिर्फ नजरिए में परिवर्तन लाने की देर है। इसके लिए नया सीखने की जरूरत है। क्या सीखते हैं इससे ज्यादा जरूरी है कि कैसे सीखते हैं। मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने आईएएस मीट के आयोजन की पृष्ठभूमि की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह नई ऊर्जा और अनुभव को एक साथ लाने का अवसर है ताकि यह कार्यशैली में भी बना रहे और इसका भरपूर लाभ समाज को मिले। अपर मुख्य सचिव एम. गोपाल रेड्डी, मनोज श्रीवास्तव एवं प्रमुख सचिव मलय श्रीवास्तव ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए। प्रारंभ में मध्यप्रदेश आईएएस एसोसिएशन के अध्यक्ष आईसीपी केशरी ने अपने स्वागत भाषण में मुख्यमंत्री को आधुनिक, उदार, डॉयनमिक और विश्वदृष्टि से सम्पन्न नेता बताते हुए कहा कि वे 159 देशों का भ्रमण कर चुके हैं। वे किसानों के हित में 19 मंत्रियों के साथ विश्व व्यापार संगठन की बैठक का भी विरोध करने वाले नेता हैं। उनके नेतृत्व में देश में ऑटोमोबाइल सेक्टर में क्रांतिकारी परिवर्तन आया। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं प्रख्यात लेखक पवन वर्मा और प्रशासन अकादमी की महानिदेशक वीरा राणा उपस्थित थीं।
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17 January 2020भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र गुरुवार को शुरू हुआ। सत्र के शुरुआत में गत दिनों प्रदेश में दिवंगत हुए दो विधानसभा सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही शुक्रवार को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विधानसभा अध्यक्ष ने एनपी प्रजापति ने इसकी घोषणा की। उल्लेखनीय है कि लोकसभा और विधानसभाओं की सीटों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण 10 साल बढ़ाने संबंधी 126वें संविधान संशोधन विधेयक को पास करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है। सत्र की शुरुआत गुरुवार को सुबह 11 बजे हुई। पहले दिन सदन में दिवंगत विधानसभा के सदस्य बनवारी लाल शर्मा और भूतपूर्व विधानसभा सदस्य रुगनाथ सिंह आंजना को श्रद्धांजलि दी गई। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सदन की ओर से, सदन के नेता और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सत्तापक्ष की तरफ से और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव द्वारा विपक्ष की तरफ से दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद दो मिनट का मौन रखकर सदन की कार्यवाही शुक्रवार को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
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16 January 2020भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को सुबह विधानसभा में मप्र मंत्रिपरिषद की बैठक हुई, जिसमें प्रदेश के हित में कई अहम फैसले लिये गये। बैठक में आरक्षण संबंधी विधेयक पास किया गया है, जबकि मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान राशि बढ़ाने का निर्णय लिया गया। यह जानकारी प्रदेश के जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बैठक के बाद मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद द्वारा लोकसभा और विधानसभाओं की सीटों में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण 10 साल बढ़ाने संबंधी 126वें संविधान संशोधन विधेयक के अनुमोदन को पारित कर दिया गया है। यह विधेयक शुक्रवार को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान सदन में रखा जाएगा। इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान राशि में इजाफा करने का निर्णय लिया है। इस राशि को 100 करोड़ से बढ़ाकर 150 करोड़ रुपये कर दिया गया है। जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के विकास और जनता से जुड़े कई फैसले लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पान की फसल को हुए नुकसान की भरपाई किसानों के लिए सरकार करेगी। पान के किसानों को राहत राशि मिलेगी। पान के किसानों को 30 हजार रुपये राहत राशि देने का ऐलान किया गया। फसलों की बर्बादी पर मुआवजा राशि को बढ़ाया गया है। निवाड़ी जिले के नए पद भी स्वीकृत किए गए हैं। बैठक में राज्य एवं जिला स्तर पर तबादलों को लेकर भी फैसला लिया गया। अब चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के तबादले भी बिना समन्वय के हो सकेंगे जबकि अन्य श्रेणी के तबादले समन्यवक द्वारा किए जाएंगे। विशेष परिस्थिति में प्रभारी मंत्री कर सकेंगे ट्रांसफर। उन्होंने बताया कि हाल ही प्रदेश में नए बने निवाड़ी जिले में ई गवर्नेंस के लिए 17 नए पदों का सृजन किया है। मंत्रिपरिषद ने इन पदों को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने भोपाल में अर्बन डिवेलपमेंट इंस्टिट्यूट की स्थापना को भी मंजूरी दे दी है।
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16 January 2020भोपाल। मध्यप्रदेश में एसिड बिक्री के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस संबंध में सीएम कमलनाथ ने गुरुवार को निर्देश जारी किये हैं। इसकी जानकारी उन्होंने स्वयं सोशल मीडिया के माध्यम से मीडिया को दी है।मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुरुवार को सिलसिले ट्वीट करते हुए कहा है कि प्रदेश में ऐसिड (तेजाब) की खुले में बिक्री पर नियंत्रण और अंकुश होना बेहद जरूरी है। इसके लिए प्रदेश भर में एक अभियान चलाने के आवश्यक निर्देश जारी किये गये हैं। उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा है कि -‘ प्रदेश में किसी भी बहन-बेटी पर ऐसिड अटैक की घटनाओं की रोकथाम के लिये यह कदम बेहद जरूरी है। ऐसी घटनाएं कतई बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। ऐसी घटनाओं में जिम्मेदारी तय होगी। ऐसिड अटैक की घटनाएं बर्बरता और नृशंसता की परिचायक हैं, इसलिए इन पर रोक जरूरी है।’बता दें कि एडिस पर आधारित अभिनेती दीपिका पादुकोण अभिनित फिल्म को मध्यप्रदेश में टैक्स फ्री किया गया है। सीएम कमलनाथ ने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा है कि - ‘सिर्फ एसिड अटैक सर्वाइवर पर बनी फिल्म को टैक्स फ्री करना ही काफी नहीं है। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिये जागरूकता से लेकर कड़े कदम उठाये जाने की बेहद आवश्यकता है। ऐसी घटना होने पर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा भी मिले, यह भी हम सुनिश्चित करेंगे।’
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16 January 2020पूछा- सरकार कुछ क्यों नहीं करती संसद के शीत सत्र के दूसरा दिन हंगामेदार रहा है। सदन में आज प्रदूषण का मुद्दा भी उठा है। दिनभर की कार्रवाई के दौरान दोपहर में लोकसभा में प्रदूषण पर चर्चा हुई जिस पर सभी दलों ने अपनी बात रखी | सदन में प्रदूषण पर चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि जब हर साल दिल्ली में प्रदूषण की समस्या होती है तो फिर अब तक इस सदन और सरकार द्वारा क्यों इसे लेकर आवाज नहीं उठाई गई? क्यों हर साल लोगों को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ता है। यह गंभीर चिंता का मुद्दा है।मनीष तिवारी ने आगे कहा कि आज इस सदन ने देश की जनता को संदेश दिया है कि जिन्हें उन्होंने चुनकर भेजा है वो इस प्रदूषण के मुद्दे पर संवेदनशील और गंभीर हैं।लोकसभा में 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के सवाल के बीच अचानक हंगामा होने लगा और विपक्षी सांसद तानाशाही बंद करो के नारे लगाते हुए वेल में आ गए।
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19 November 2019विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरा। इसी क्रम में नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में रखे जाने का मुद्दा लोकसभा में उठाया। उनकी हिरासत को अवैध बताते हुए उन्हें सदन में आने की अनुमति देने की मांग की। फारूक श्रीनगर से सांसद हैं। विपक्षी सदस्यों ने अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद सांसदों को जम्मू-कश्मीर का दौरा करने से रोके जाने का भी मुद्दा उठाया।चौधरी ने कहा- "हमारे नेता राहुल गांधी को (जम्मू-कश्मीर) दौरे की अनुमति नहीं दी गई। कई सांसदों को वापस भेज दिया गया... जबकि योरप से आए संसदीय प्रतिनिधिमंडल को वहां ले जाया गया। क्या यह सभी सांसदों का अपमान नहीं है? मैं सत्ता पक्ष के भी सदस्यों से पूछना चाहता हूं कि क्या वे नहीं सोचते कि यह उनका अपमान है?"नेशनल कांफ्रेंस सुप्रीमो की हिरासत का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि फारूक अब्दुल्ला 106 दिनों से हिरासत में हैं और सदन के सत्र में भाग लेना उनका संवैधानिक अधिकार है। चौधरी ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री को लोकसभा की कार्यवाही में भाग नहीं लेने देना "क्रूरता" है।
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19 November 2019सीपीआई सांसद बिनोय रॉय के सस्पेंशन ऑफ बिजनेस के नोटिस को सभापति वैकेंया नायडू द्वारा खारिज किए जाने के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया और सदन का कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी है।नुमलीगढ़ रिफायनरी के प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ असम से सांसद रिपुन बोरा समेत अन्य ने सदन में विरोध प्रदर्शन किया।
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19 November 2019तीन शावकों के साथ बाघिन पी रही नदी में पानी पेंच टाइगर रिज़र्व से रोमांचित कर देने वाला एक वीडियो सामने आया है | इस वीडियो में सुपर मॉम कॉलर वाली बाघिन अपने तीन शावकों के साथ नदी किनारे बैठकर पानी पी रही है | खास बात यह भी है की बाघिन के नाम सर्वाधिक उन्तीस शावकों को जन्म देने का रिकॉर्ड है | अब यह वीडियो जमकर वायरल हो रहा है | पेंच टाइगर रिज़र्व सिवनी की वर्ल्ड फेमस कालर वाली बाघिन और उसके शावकों का मनमोहक विडियो वायरल हो रहा हैं जिसमे बाघिन और उसके तीन शावक नदी किनारे एक साथ बैठ कर पानी पीते नजर आ रहे है | सुपर मॉम पेंच टाइगर रिजर्व की पहचान बन गई है सुपर मॉम कालर वाली बाघिन के नाम सर्वाधिक 29 शावको को जन्म देने का रिकार्ड दर्ज है | पेंच टाइगर रिजर्व में इस सुपर मॉम को देखने के लिए दुनिया भर से टाइगर प्रेमी आ रहे है नन्हे शावकों को ताकतवर नर बाघ से बचाकर वयस्क होने तक उनकी देखभाल करने वाली | कॉलरवाली बाघिन को वन्यजीव विशेषज्ञ भरोसेमंद ‘मां’ मानते हैं कॉलरवाली बाघिन को ‘पेंच की क्वीन’ के नाम से भी जाना जाता है | आइये इसके कुछ रोचक तत्वा के बारे जानते है कॉलरवाली बाघिन का जन्म 2005 में चार शावकों के साथ हुआ | मार्च 2008 में बाघिन को कॉलर लगाया गया, जिससे कॉलर वाली बाघिन यह नाम पड़ा 25 मई 2008 को तीन शावकों को जन्म दिया, जो जीवित नहीं रह पाए |10 अक्टूबर 2008 को जन्मे चार शावकों में तीन नर व एक मादा जीवित रहे इसके बाद बाघिन ने उन्तीस बच्चों को जन्म दिया दिसंबर 2018 में जन्मे शावक बाघिन के साथ बने हुए हैं | जिनका वो बखूबी धन भी रखती हैं और जंगल में रहने के पैतरे भी सीखा रही हैं |
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15 November 2019पाकिस्तान के DNA में है आतंक और आतंकवाद भारत ने फ्रांस में संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को कड़ा जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान के डीएनए में आतंकवाद गहराई तक घुसा हुआ है | भारत ने कहा कि नकदी की कमी से जूझ रहे राष्ट्र के "विक्षिप्त व्यवहार" का परिणाम है कि यह देश लगभग विफल देश बनने के लिए गिरता चला जा रहा है | भारत ने पेरिस में यूनेस्को के महा सम्मेलन में कहा पाकिस्तान में सभी प्रकार का अंधेरा है | यूनेस्को की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाली अनन्या अग्रवाल ने कहा कि कमजोर अर्थव्यवस्था, कट्टरपंथी समाज और आतंकवाद की गहरी जड़ों के साथ ही पाकिस्तान के विक्षिप्त व्यवहार के कारण वह गिरते हुए एक विफल राज्य की ओर गिरता चला जा रहा है | उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में चरमपंथी विचारधाराओं और कट्टरपंथी शक्तियों की आतंकवाद की सबसे गहरी अभिव्यक्तियों सहित हर तरह का अंधेरा मौजूद है | उन्होंने कहा कि यूनेस्को के मंच का दुरुपयोग भारत के खिलाफ जहर उगलने और उसका राजनीतिकरण करने के लिए हम पाकिस्तान की निंदा करते हैं अनन्या अग्रवाल ने कहा कि साल 2018 में विफल होने वाले देशों की संभावित सूची में पाकिस्तान 14वें नंबर पर था | सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में प्रधानमंत्री इमरान खान की टिप्पणी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसका नेता संयुक्त राष्ट्र के मंच का इस्तेमाल खुलेआम परमाणु युद्ध का प्रचार करने और अन्य राष्ट्रों के खिलाफ हथियार रखने के लिए करता है |
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15 November 2019सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (cji ) का दफ्तर भी अब सूचना के अधिकार कानून (rti ) के दायरे में आएगा। सर्वोच्च न्यायालय की पांच जजों की संविधान पीठ ने बुधवार को यह बड़ा फैसला दिया है। आज आए इस फैसले में तीन जज सहमत थे और दो जज इसके विरोध में थे। पांच जजों की इस संविधान पीठ में जस्टिस एनवी रमना, डीवाई चंद्रचूड़, दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना शामिल हैं और इस पीठ की अध्यक्षता खुद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कर रहे थे। संविधान पीठ ने चार अप्रैल को सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज सुनाए अपने फैसले में बेंच ने इसे मंजूरी दे दी है लेकिन शर्तों के साथ। कोर्ट ने कहा है कि आरटीआई में कोई भी जानकारी मांगे जाने पर थर्ड पार्टी को इस बात की सूचना पहले दी जाएगी कि उसके बारे में जानकारी मांगी गई है। सुनवाई पूरी करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि कोई भी अपारदर्शी प्रणाली नहीं चाहता। लेकिन, पारदर्शिता के नाम पर न्यायपालिका को नष्ट नहीं किया जा सकता। हाई कोर्ट ने नहीं मानी थीसुप्रीम कोर्ट की दलीलसुप्रीम कोर्ट के महासचिव और केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने दिल्ली हाई कोर्ट और केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के आदेशों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। दिल्ली हाई कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट की इस दलील को मानने से इनकार कर दिया था कि सीजेआई के दफ्तर को आरटीआई के दायरे में लाने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचेगा। इससे पहले सीआईसी ने भी अपने आदेश में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का दफ्तर आरटीआई के दायरे में है।
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13 November 2019कश्मीर घाटी में ऑपरेशन ऑल आउट जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों का आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी है और इसी के तहत मंगलवार को यहां दो और आतंकियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया है | इस मुठभेड़ में एक जवान भी घायल हुआ है | यह मुठभेड़ जम्मू-कश्मीर के गांदरबल के गुंड में हुई है | यहां सुरक्षाबलों को आतंकियों के छिपे होने की जानकारी मिली थी जिसके बाद टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया था | इस दौरान आतंकियों ने फायरिंग कर दी और फिर शुरू हुई मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए हैं | खबर है कि इस मुठभेड़ में एक जवान भी घायल हुआ है जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है | इससे पहले सुरक्षाबलों ने सोमवार को बांदीपोरा में भी मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया था | रविवार को सुरक्षाबलों के बांदीपोरा के वावडुरा इलाके में दो आतंकियों के छिपो होने की सूचना मिली थी | टीम ने दोनों आतंकियों को घेर लिया था | आज भी सुरक्षाबलों ने दोनों आतंकियों को सरेंडर करने की चेतावनी दी लेकिन जब लगातार फायरिंग होती रही तो सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में आतंकवादियों को मार गिराय | मारे गए आतंकी पाकिस्तानी बताए जा रहे हैं | मुठभेड़ के बाद एक बयान में कश्मीर झोन पुलिस ने बताया कि मारे गए आतंकियों में से एक तल्हा है जो पाकिस्तानी है और लश्कर-ए-तैयबा का ऑपरेटिंग कमांडर है | उनके पास से भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद हुआ |
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12 November 2019आतंकियों के सफाये के लिए सेना का विशेष अभियान जम्मू कश्मीर से आतंक के सफाए का सिलसिला जारी है | उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा जिले में रविवार शाम से शुरू हुई मुठभेड़ में अब तक सुरक्षा बलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया है और आतंकवादियों के खात्मे के लिए सेना ने विशेष अभियान चलाया हुआ है | जिन दो आतंकियों को सुरक्षाबलों ने ढ़ेर किया है फिलहाल उनकी शिनाख्त नहीं हो सकी है। रविवार को लाडूरा गांव में आतंकियों के होने की सूचना पर सुरक्षा बलों ने गांव की घेराबंदी की थी | इसके बाद आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी | इसके जवाब में सुरक्षा बलों ने भी गोलीबारी की . जानकारी के मुताबिक मारे गए दोनों आतंकियों के पास से सुरक्षा बलों को हथियार और गोला बारुद बरामद हुए हैं | सुरक्षा बलों को इलाके में अभी कुछ और आतंकियों के मौजूद होने का भी शक है। इस वजह से सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है | जम्मू कश्मीर से आतंक के सफाए के लिए इस साल की शुरुआत से ही सेना ने विशेष अभियान चला रखा है | सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के संयुक्त अभियान की वजह से आतंकियों की हालत दिन पर दिन खराब होने लगी है इस बीच NIA द्वारा टेरर फंडिंग को लेकर की गई कार्रवाई ने भी आर्थिक तौर पर आतंकियों की कमर तोड़ने का काम किया है | ऐसे में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद भी आतंकियों की बौखलाहट काफी बढ़ गई है | अब तक आतंकी सिर्फ सेना और पुलिस के जवानों को ही निशाना बनाते थे लेकिन पिछले कुछ वक्त में आतंकियों द्वारा आम लोगों को भी निशाना बनाया गया है |
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11 November 2019पुलिस की अर्जी दिल्ली हाई कोर्ट से खारिज तीस हजारी कोर्ट में भिड़ंत के बाद शुरू हुआ वकील और पुलिस के बीच का विवाद अभी थमा नहीं है | दिल्ली हाई कोर्ट में तीस हजारी विवाद पर सुनवाई हुई दिल्ली पुलिस और वकीलों के बीच हिंसा मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि गृह मंत्रालय की स्पष्टीकरण की मांग वाली अर्जी का निपटारा कर दिया गया है | दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा बनाई गई कमिटी ही मामले की जांच जारी करेगी | वकील और पुलिस वालों की मारपीट के मामले में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है | दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा हमने अपने रविवार के आदेश में कहा था कि केवल 2 FIR जो उस दिन तक दर्ज हुई हैं, उसको लेकर कार्रवाई नहीं होगी उसके बाद अगर कोई एफआईआर दर्ज हुई है तो उस पर दिल्ली पुलिस कार्रवाई कर सकती है दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि गृह मंत्रालय की स्पष्टीकरण की मांग वाली अर्जी का निपटारा कर दिया गया है | मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर कोई रोक नहीं है | दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने आदेश में किसी तरह का स्पष्टीकरण देने से इनकार कर दिया हाई कोर्ट ने कहा सभी कुछ हमने अपने आदेश में लिखा था | दिल्ली हाई कोर्ट ने गृह मंत्रालय की अर्जी खारिज कर दी है | गृह मंत्रालय ने 2 नवंबर को तीस हजारी कोर्ट में वकीलों और पुलिस के बीच हिंसा को लेकर हाई कोर्ट के आदेश पर स्पष्टता मांगी थी इसके अलावा दिल्ली हाई कोर्ट ने साकेत जिला अदालत मामले में पुलिस की अर्जी को खारिज कर दिया है | पुलिस ने वकीलों पर एफआईआर दर्ज कराने की इजाजत मांगी थी |
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7 November 2019सिलावट के जन्मदिन पर लगे अवैध होर्डिंग सिलावट की टीम ने निगम कर्मियों को मारा मुख्यमंत्री कमलनाथ जी आपके मंत्री तुलसी सिलावट के लोगों ने आपके आदेश की धज्जियाँ उडाई और आपके कर्मचारियों की जमकर पिटाई लगाई |आप मध्यप्रदेश में ऐसा बदलाव लाये हैं कि आपके मंत्री के लोगों ने आपके आदेश को रद्दी की टोकरी में फैंकने लायक भी नहीं समझा | और जमकर मनमानी की आपकी सरकार में अगर दम है तो ऐसे लोगों को ऐसा सबक सिखाएं कि ये भविष्य में ऐसा करने की हिमाकत न कर सकें | मुख्यमंत्री कमलनाथ की आपका इकबाल कम हो चुका है आपके लोग की अपकी बातों को अनसुना कर रहे हैं और आपके आदेशों को हवा में उड़ा रहे हैं | कमलनाथ जी अगर फुर्सत मिले तो इन दृश्यों को देख लीजियेगा इंदौर नगर निगम के ये कर्मचारी आपकी मंशा और आपके आदेश के मुताबिक मंत्री तुलसी सिलावट के अवैध होर्डिंग और पोस्टर हटा रहे थे | तभी तुलसी सिलावट के लोगों ने इनके साथ बदतमीजियां की और इनकी जमकर पिटाई लगाईं ... मुख्यमंत्री कमलनाथ जी आप यही बदलाव चाहते थे कि आपके आदेशों की ऐसे ही धज्जियां उड़ाई जाएँ तो आपको यह मुबारक है | सभ्य समाज में इसे गुंडागर्दी कहा जाता है जो आपके केबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट के लोग कर रहे हैं | इंदौर में बिना पोस्टर और बैनर के नेताओं को तो जैसे राजनीति पसंद ही नहीं आ रही है स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के जन्मदिन के मौके पर मंत्री के रिश्तेदार और समर्थकों ने नियम विरूद्ध मंत्री के निवास को पोस्टर और बैनर से पाट कर गंद मचा दी थी | और जब नगर निगम का अमला पोस्टर और बैनर हटाने गया तो कर्मचारियों के साथ गाली गलौच कर मार पीट की गई | मुख्यमंत्री कमलनाथ जी अगर इसी तरह मंत्रियों के समर्थक निगम कर्मचारियों की पिटाई करेंगे तो कैसे आपके सपने का होर्डिंग मुक्त प्रदेश कैसे बनेगा | मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जी आप प्रदेश को होर्डिंग्स और बैनर मुक्त कराने के लिए लाख जतन कर ले | लेकिन आप ही के लोग आपकी सुनने के लिए तैयार नहीं हैं | सरेआम आपके निर्देश के बावजूद उनके मंत्रियों द्वारा आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही है इस मामले में भी आपके स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट को खुद ऐसा करने वालों को रोकना चाहिए था | लेकिन आपके मंत्री ने भी ऐसा नहीं किया इंदौर में तो मंत्री जी के सरकारी आवास को जन्मदिन की बधाइयों के होर्डिंग्स और बैनर से पाट दिया गया था | इस बात की जानकारी जैसे ही नगर निगम को लगी वैसे ही उन्हें हटाने के लिए निगम ने कवायद शुरू कर दी लेकिन मंत्री समर्थक निगम अधिकारियों से विवाद पर उतारू हो गए | निगम कर्मचारियों और अधिकारीयों ने नियमो का हवाला देकर होर्डिंग्स हटाने का प्रयास किया तो इस पर मंत्री के समर्थक निगम कर्मचारियों को गाली देने लगे और उनसे मार पीट तक की दौरान मंत्री सिलावट के भतीजे और समर्थकों ने निगम उपायुक्त महेंद्र सिंह से तीखी बहस की | और कवरेज कर रहे मीडिया कर्मियों को भी कवरेज करने से रोका ऐसे में कहना लाजमी होगा कि नियम कायदों और आदेशों का पाठ पढ़ाने वाले मंत्री | अपने ही मुखिया के आदेश का पालन अपने समर्थकों से करवाने में असफल साबित हो रहे है पिछले दिनों अवैध होर्डिंग्स और बैनर को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि यदि उनका स्वयं का पोस्टर भी हो तो हटा दिया जाए | लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ जी ऐसा लग रहा है की आपकी पकड़ आपके मंत्रियों पर ही कमजोर हो गई है |
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6 November 2019थियेटर के बहार पत्नी ने पति की प्रेमिका को मारा एक युवक को पत्नी छोड़ प्रमिका के साथ मूवी देखने जाना भारी पड़ गया | पत्नी ने थिएटर के बाहर पति में थप्पड़ मारे और फिर उसकी प्रेमिका की जमकर पिटाई की हंगामे के बाद मामला पुलिस तक पहुँच गया | पत्नी ने जैसे ही थियेटर के बाहर पति को दूसरे का हाथ थामे देखा, उनकी पिटाई कर दी | पहले पति को चांटे लगाए फिर प्रेमिका के बाल पकड़कर चौराहे पर घसीट लाई हंगामे के बाद मामला थाने पहुंचा तो पुलिस ने अदमचेक काटकर उन्हें रवाना कर दिया नंदानगर निवासी महिला के पति सौरभ दुबे का मालवा मिल चौराहे पर रहने वाली युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा है | सौरभ भंवरकुआं क्षेत्र में कार कंपनी में नौकरी करता है | महिला का कहना है मैंने कई बार पति को समझाया कि वह प्रेमिका का साथ छोड़ दे उसकी हरकतों से दोनों की शादीशुदा जिंदगी में दरार पड़ रही है | सौरभ झूठ बोलता और ऑफिस के बहाने प्रेमिका से मिलने पहुंच जाता था | पांच दिन पहले इसी बात पर दंपती में विवाद हुआ रविवार दोपहर महिला को खबर मिली कि सौरभ प्रेमिका को लेकर रिंग रोड स्थित एक मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने गया है | महिला बहन को लेकर दोनों को सबक सिखाने मल्टीप्लेक्स पहुंच गई | पार्किंग में दोनों की गाड़ी भी दिख गई | करीब दो घंटे बाद जैसे ही सौरभ व प्रेमिका एक दूसरे का हाथ थामे बाहर आए तो महिला उन पर टूट पड़ी | जैसे ही सौरभ को चांटे जड़े तो प्रेमिका भागने लगी | महिला ने उसे पकड़कर सड़क पर पटका और लात-घूसों से पीटना शुरू कर दिया यह देख मौके पर लोगों की भीड़ लग गई | इतने में पुलिस आ गई और सब को पुलिस स्टेशन लाई | पुलिस ने सौरभ व उसकी प्रेमिका के विरुद्ध अदमचेक काटकर रवाना कर दिया |
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4 November 2019नाले में घुस कर नाले से निकाली गन्दगी मध्यप्रदेश के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ग्वालियर में सफाई अभियान' शुरू किया तोमर खुद नाले में उतरे और फावड़े से अंदर की गंदगी को बाहर निकाला | मंत्री के इस अंदाज को देख क्षेत्र के लोग अचंभित नजर आए |और उनके सफाई अभियान में सहयोग किया | ग्वालियर में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने रविवार सुबह ग्वालियर में 'वास्तविक सफाई अभियान' शुरू किया तोमर अपने साथियों के साथ बिरला नगर स्थित वार्ड 16 के न्यू कॉलोनी के चोक हुए नाले की सफाई की | मंत्री तोमर खुद नाले में उतरे और फावड़े से अंदर की गंदगी को बाहर निकाला | नाला चोक होने से इसका गंदा पानी लोगों के घरों में घुस रहा था प्रद्युम्न सिंह तोमर ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर चार पर पहुंचकर टॉयलेट साफ किया एवं झाड़ू लगाई | इस दौरान उनका रेलवे के अधिकारियों से विवाद भी हो गया था | जिस पर रेलवे अधिकारियों का कहना था कि | रेलवे स्टेशन की जिम्मेदारी हमारा काम है | मंत्री अपना राज्य साफ करें और यहां राजनीति न करें | मंत्री तोमर के फोटो को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था | जिसके बाद तोमर का हौसला और बढ़ गया और इसको लेकर उन्होंने वास्तविक सफाई अभियान शुरू कर दिया |
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3 November 2019राइट टू हेल्थ में कैशलेस इलाज की सुविधा भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दो दिवसीय राइट टू हेल्थ काॅनक्लेव का शुभारंभ किया इस मौके पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि, इस योजना के जरिए व्यक्ति यह जान सकेगा कि यह सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य के प्रति कितनी संवेदनशील है | स्वास्थ्य का अधिकार अब कानून बनने जा रहा है, यह काम केवल सीएम कमलनाथ ही कर सकते थे | राइट टू हेल्थ काॅनक्लेव में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया कि इस पर हर साल 1900 करोड़ रुपए खर्च होंगे | स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति ये सरकार गंभीर है | इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वास्थ्य विभाग का बजट भी बढ़ा दिया है | अगले दो दिन तक हेल्थ एक्सपर्ट्स इस विषय पर मंथन करेंगे और भविष्य में प्रदेश के लोगों को कैसी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी | इसका रोडमैप तैयार होगा | देश में मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य होगा जो अपने नागरिकों को राइट टू हेल्थ देगा राइट टू हेल्थ योजना के जरिये सरकार प्रदेश के लोगों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने जा रही है | मध्यप्रदेश में मौजूदा आयुष्मान योजना में 1 करोड़ 42 लाख परिवार कवर हो रहे हैं | प्रति परिवार हर साल 5 लाख रुपए तक का नि:शुल्क इलाज दिया जा रहा है | करीब 46 लाख परिवार अभी योजना के दायरे में नहीं हैं | इनमें ज्यादातर नौकरी पेशा या फिर व्यवसायी हैं | अब इन्हें भी इस योजना के दायरे में लाने की तैयारी है | अब इस बात पर मंथन किया जा रहा है कि कैशलेस बीमा के लिए इनसे कुछ राशि ली जाए या नहीं |
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2 November 2019राइट टू हेल्थ में कैशलेस इलाज की सुविधा भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दो दिवसीय राइट टू हेल्थ काॅनक्लेव का शुभारंभ किया | इस मौके पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा कि, इस योजना के जरिए व्यक्ति यह जान सकेगा कि यह सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य के प्रति कितनी संवेदनशील है | स्वास्थ्य का अधिकार अब कानून बनने जा रहा है, यह काम केवल सीएम कमलनाथ ही कर सकते थे | राइट टू हेल्थ काॅनक्लेव में स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने बताया कि इस पर हर साल 1900 करोड़ रुपए खर्च होंगे | स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति ये सरकार गंभीर है | इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वास्थ्य विभाग का बजट भी बढ़ा दिया है | अगले दो दिन तक हेल्थ एक्सपर्ट्स इस विषय पर मंथन करेंगे और भविष्य में प्रदेश के लोगों को कैसी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी | इसका रोडमैप तैयार होगा देश में मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य होगा जो अपने नागरिकों को राइट टू हेल्थ देगा | राइट टू हेल्थ योजना के जरिये सरकार प्रदेश के लोगों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने जा रही है | मध्यप्रदेश में मौजूदा आयुष्मान योजना में 1 करोड़ 42 लाख परिवार कवर हो रहे हैं | प्रति परिवार हर साल 5 लाख रुपए तक का नि:शुल्क इलाज दिया जा रहा है | करीब 46 लाख परिवार अभी योजना के दायरे में नहीं हैं | इनमें ज्यादातर नौकरी पेशा या फिर व्यवसायी हैं |अब इन्हें भी इस योजना के दायरे में लाने की तैयारी है| अब इस बात पर मंथन किया जा रहा है कि कैशलेस बीमा के लिए इनसे कुछ राशि ली जाए या नहीं |
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1 November 2019बगदादी के घर पर बढ़ता अमेरिकी सैन्य बल अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के मुखिया अबू बकर अल बगदादी पर किए गए हमले का वीडियो और फोटो जारी किये हैं वीडियो में अमेरिका के विशेष सैन्य बल उस घर की तरफ बढ़ते दिख रहे हैं, जहां बगदादी छिपा था | अमेरिकी रक्षा विभाग की तरफ जारी किया गया वीडियो ब्लैक एंड व्हाइट है | सीरिया के इदलिब प्रांत में बगदादी जिस जगह पर छिपा हुआ था, वहां पर अमेरिकी सेना को लेकर आने वाले हेलीकॉप्टर पर अज्ञात हमलावरों की तरफ से फायरिंग किए जाने के बाद उन हमलावरों पर हवाई हमले का वीडियो पेंटागन ने जारी किया है | बगदादी के मारे जाने की पुष्टि करते समय ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा था कि हम इस बारे में सोच रहे हैं | हम इस हमले का वीडियो जारी कर सकते हैं | शनिवार को अमेरिकी सेना के हमले के दौरान एक सुरंग के भीतर घिर जाने के बाद बगदादी ने आत्मघाती बम से खुद को उड़ा लिया | इस हमले में उसके तीन बच्चों सहित दो पत्नियों की भी मौत हो गई थी | हमले में आईएस के कुल 6 सदस्य मारे गए थे | इसमें चार महिलाएं और बगदादी समेत दो युवक शामिल थे | परिसर से बाहर आने वाले गैर-लड़ाकों को हिरासत में लिया गया और उनकी तलाशी ली गई | हथियार और विस्फोटक नहीं मिलने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया | उस समूह में 11 बच्चे भी शामिल थे |
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31 October 2019बेजुबान ने दिखाई नवजात बंदर से सहानभूति आज के बदलते समय में इंसान भले ही कितना भी खुदगर्ज हो गया हो | इंसान किसी की मदद से पहले भले ही पहले अपना अच्छा बुरा सोचे मगर आज एक बेजुबान कुत्ते ने एक ऐसी मिसाल कायम की | की इंसानो को अपने कर्मो पर सोचने को मजबूर कर दिया एक कुत्ते ने माँ से बिछड़े नवजात बन्दर को पीठ पर बैठा कर थाने पहुँचाया | उस बन्दर के लिए थाने से जयादा महफूज जगह कुछ और नजर नहीं आई | किसी को हो न हो मगर इस कुत्ते को पुलिस पर पूरा भरोसा हैं शायद इसीलिए इस नवजात बन्दर को इस कुत्ते ने थाने पहुँचाया हैं आपको बता दे की सागर जिले के रहली में जब एक नवजात बंदर अपनी माँ से बिछड़ा तो | कुत्ते ने उसे सहारा दिया कहते हैं की मदद का कोई चेहरा नहीं होता हैं मगर इस तस्वीर ने बता दिया की मदद की शक्ल बहुत ही खूबसूरत होती हैं | नवजात बन्दर अपनी माँ से बिछड़ गया तो फिर कुत्ते के बच्चे ने उसको सहारा दिया कई घंटो दोनों खेलते रहे फिर इस मासूम बन्दर को कोई नुकसान न पहुच जाए |मानो ऐसा सोचकर यह नन्हा कुत्ता उस मासूम बन्दर को अपनी पीठ पर बैठाकर खाकी के दरबार यानी पुलिस चौकी के पास पहुच गया आम तौर पर बन्दर का जानी दुश्मन कुत्ता होता हैं लेकिन आज इसी कुत्ते का इस बन्दर के प्रति लगाव कुदरत के नियमो पर भी सवाल खड़ा करता हैं | इस गजब की दोस्ती देखकर ब्लेह चौकी प्रभारी अवधेश दुबे का भी मन भर आया | उन्हने जवानो से कहा कर भूखे बन्दर को केले खिलाये | तब तक अपने दोस्त को अंदर देख कुता भी बहार खड़ा रहा | चौकी प्रभारी ने इस बन्दर को फारेस्ट को सौपा हैं | और फारेस्ट विभाग से कहा की वह कोशिश करे की इस मासूम बन्दर की माँ इसे मिल जाए | बहरहाल छोटी सी जान कुत्ते के बच्चे ने एक मासूम बन्दर की मदद करके एक बार फिर दोस्ती की मिसाल कायम कर दी |
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23 October 2019बोबड़े को अगला CJI बनाने की सिफारिश की वर्तमान चीफ जस्टिस गोगोई ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर जस्टिस एस ए बोबड़े को नया CJI नियुक्त किए जाने की सिफारिश की है | रंजन गोगोई ने 3 अक्टूबर 2018 को देश के 46 वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ग्रहण की थी |अब उनका बतौर चीफ जस्टिस कार्यकाल खत्म होने में एक महीने से भी कम का वक्त बाकी रह गया है | सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल 17 नवंबर को खत्म होने जा रहा है | इसके चलते नया चीफ जस्टिस नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है इसी कड़ी में परंपरा के अनुसार वर्तमान चीफ जस्टिस गोगोई ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर जस्टिस एस ए बोबड़े को नया CJI नियुक्त किए जाने की सिफारिश की है | रंजन गोगोई ने 3 अक्टूबर 2018 को देश के 46 वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ग्रहण की थी बतौर चीफ जस्टिस अपने कार्यकाल के दौरान रंजन गोगोई ने कई ऐतिहासिक मामलों की सुनवाई की है | इसमें अयोध्या जमीन विवाद, एनआरसी और जम्मू कश्मीर याचिकाएं सहित अन्य महत्वपूर्ण मसले शामिल रहे हैं | वे अपने कार्यकाल के अंतिम वक्त में ऐतिहासिक मामले अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद की सुनवाई कर रहे हैं | गोगोई ने इस मामले का निर्णय अपने कार्यकाल में देने के लिए 40 दिनों तक रोजाना केस की सुनवाई की | 18 अक्टूबर को आखिरकार इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है और गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने फैसला सुरक्षित ले लिया है | 15 नवंबर के पहले इस मामले में ऐतिहासिक फैसला आने की संभावना जताई जा रही है |
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18 October 2019रामजन्मभूमि विवाद पर सुनवाई पूरी सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा सुप्रीम कोर्ट में ऐतिहासिक रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद की सुनवाई पूरी हो गई है | बुधवार को इस सुनवाई का 40वां दिन और अंतिम दिन था हिंदू पक्ष की ओर से निर्मोही अखाड़ा, हिंदू महासभा, रामजन्मभूमि न्यास की ओर से दलीलें रखी गईं तो वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से राजीव धवन ने अपनी दलीलें रखीं | सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है | सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई खत्म हो गई है.... सबसे आखिर में मुस्लिम पक्ष की ओर से दलीलें रखी गईं अब सुप्रीम कोर्ट ने लिखित हलफनामा, मोल्डिंग ऑफ रिलीफ को लिखित में जमा करने के लिए तीन दिन का समय दिया है.... जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि नक्शे से लगता है कि रामचबूतरा अंदर था... इसपर राजीव धवन ने कहा कि दोनों ओर कब्रिस्तान है | राजीव धवन ने कहा कि चबूतरा भी मस्जिद का हिस्सा है, सिर्फ इमारत ही नहीं बल्कि पूरी जगह ही मस्जिद का हिस्सा है | उन्होंने कहा कि वो मस्जिद थी, हमारी थी और हमें पुनर्निर्माण का अधिकार है, इमारत भले ही ढहा दी गई लेकिन मालिकाना हक हमारा ही है | चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मुस्लिम पक्ष को ASI का नक्शा समझाने के लिए कहा इस बीच बहस के दौरान नक्शा फाड़ने की बात वायरल हो गई...मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि ये वायरल हो गया है कि मैंने कोर्ट में नक्शा फाड़ा, लेकिन मैंने ये कोर्ट के आदेश पर किया | मैंने कहा था कि मैं इसे फेंकना चाहता हूं तब चीफ जस्टिस ने कहा कि तुम इसे फाड़ सकते हो | इसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि हमने कहा था कि अगर आप फाड़ना चाहें तो फाड़ दें |पीएन मिश्रा ने सुनवाई में ट्रैफन थेलर और निकोलो मनुची जैसे 16वीं सदी में आए विदेशी यात्रियों के वृतांत का ज़िक्र किया. जिसमें मन्दिर का तो ज़िक्र है पर मस्जिद का नहीं है, ब्रिटिश गजेटियर में भी राममन्दिर का ही ज़िक्र है | इस दौरान जस्टिस बोबड़े ने क्रोनोलॉजी बताने को कहा, तो जस्टिस चंद्रचूड़ ने लिमिटेशन का सवाल उठाया |पीएन मिश्रा ने कहा कि 1934 में हमारे पूजा के अधिकार पर पहला हमला हुआ इसके बाद इस केस की सुनवाई पूरी हुई सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है |
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16 October 2019मध्य प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई लोकायुक्त ने किया काली कमाई का खुलासा इंदौर में पदस्थ सहायक आबकारी आयुक्त आलोक खरे के यहाँ लोकायुक्त पुलिस ने छापामारी की तो उसकी बेहिसाब संपत्ति देखकर जांच करने वालों के भी होश उड़ गए | इस अधिकारी ने करप्शन का ऐसा खेल खेला कि इसका परिवार सौ करोड़ से ज्यादा की मिलकियत का मालिक बन गया | लोकायुक्त पुलिस की माने तो यह मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा खुलासा है | जाँच पूरी होने पर इसकी खुल संपत्ति डेढ़ सौ करोड़ के आसपास बैठेगी | ज्यों ज्यों छापे की कार्यवाही आगे बढ़ रही थी | आलोक खरे की असलियत भी सामने आ रही थी भोपाल, रायसेन, इंदौर, ग्वालियर और छतरपुर स्थित कई ठिकानों पर लोकायुक्त पुलिस की टीमों ने छापा मारा | प्रारम्भिक तौर पर पड़ताल में खरे के पास करोड़ों की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ है ... लेकिन शाम होते होते करोड़ का आंकड़ा सौ करोड़ के पार चला गया | लोकायुक्त की जांच टीमों को फार्म हाउस, आलीशान बंगले, कई प्लॉट, कृषि भूमि, ऑफिस, लग्जरी कार, 79 लाख रुपए कीमत का सोना, 6 लाख रुपए कीमत की चांदी एवं 15 लाख रुपए नकद सहित करोड़ों रुपए मूल्य की चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले हैं | लोकायुक्त पुलिस की इस सबसे बड़ी रेड में खरे के पास भोपाल-रायसेन में 110 एकड़ जमीन है | इसमें से 70 एकड़ रायसेन में है | रायसेन शहर से सटे ग्राम मासेर और डाबरा-इमलिया में लग्जरी फार्म हाउस बना रखे हैं, जिनकी ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी होती है | मासेर में फार्म हाउस के गेट पर छह लेयर वायरिंग डालकर करंट छोड़ा गया था, इसलिए लोकायुक्त टीम को गेट खुलवाने में मशक्कत करनी पड़ी इनके अलावा 16 बैंक अकाउंट आलोक खरे व 22 उनकी पत्नी मीनाक्षी खरे के नाम पर एसबीआई, आईसीआईसीआई व बैंक ऑफ इंडिया के मिले सभी अकाउंट व लॉकर को सीज कर लिया गया है | धार जिले में आबकारी अधिकारी और एक आरटीआई कार्यकर्ता की कथित बातचीत जिसमें मंत्री व विधायकों को शराब ठेकेदार पैसा दिए जाने को लेकर मचे बवाल की जांच यह करप्ट शिकारी आलोक खरे ही कर रहा था | भ्रष्टाचार के मामले की जांच करने वाले अफसर का खुद भ्रष्टाचार के मामले में फंसने को लेकर दिनभर चर्चा चलती रही | लोकायुक्त पुलिस का कहना है इस अधिकारी के पूरे कार्यकाल की तन्खा भी जोड़ ली जाए तो वो एक करोड़ रुपये के आसपास होती है | इस शक्श के बारे में लोकयुक्त को लंबे समय से शिकायत मिल रही थी अपनी जांच में लोकायुक्त पुलिस ने पाया की यह अपनी काली कमाई को अपनी पत्नी की कृषि आय के रूप में दिखाता था |
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16 October 2019नारायण बोले- मैं तो कांग्रेस में कभी गया ही नहीं नारायण ने किया कमलनाथ का मैनेजमेंट ध्वस्त मुख्यमंत्री कमलनाथ को झटका देते हुए मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने अपना पाला फिर से बदल दिया है | विधायक त्रिपाठी पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय पहुंचे और ऐलान किया कि वो कभी कांग्रेस में गए ही नहीं थे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा त्रिपाठी कहीं नहीं गए थे,वह बीजेपी में थे, हैं और रहेंगे | मुख्यमंत्री कमलनाथ के जिस मैनेजमेंट को लोग लोहा मानते हैं उसे नारायण त्रिपाठी ने ध्वस्त कर दिया है | पिछले दिनों मुख्यमंत्री कमलनाथ से प्रभावित होकर कांग्रेस में गए बीजेपी विधायक अब वापस कांग्रेस के साथ हो लिए हैं विधायक नारायण त्रिपाठी पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के साथ भोपाल में बीजेपी मुख्यालय पहुंचे | यहां उन्होंने कांग्रेस को जमकर कोसा | उन्होंने कहा कि, "कांग्रेस दिशाहीन पार्टी है | कोई नेतृत्व नहीं है, कोई सोच नहीं है मैं भाजपा से अलग नहीं हुआ था | मैं मैहर को जिला बनाने के लिए सीएम कमलनाथ से संपर्क में था | सरकार किसी की रहे, क्षेत्र विकास के लिए हर नेता को मुख्यमंत्री से मिलना होता है इसी संबंध में मैं सीएम कमलनाथ के संपर्क में था | भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने भी साफ कर दिया कि, नारायण त्रिपाठी भारतीय जनता पार्टी में ही हैं | भाजपा के सभी विधायक एक हैं सबके सामने विधायक नारायण त्रिपाठी ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस दिशाहीन है कांग्रेस प्रलोभन की राजनीति नहीं कर पाएगी सीएम से मिलने का मतलब ये नहीं होता है कि वो उनकी पार्टी में शामिल हो गए हैं वहीं सरकार गिराने से जुड़े सवाल पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने फिर से दोहराया कि कमलनाथ सरकार अपने अंतर्कलह से गिरेगी वहीं उन्होंने साफ कर दिया कि नारायण त्रिपाठी झाबुआ उपचुनाव में पार्टी के लिए भी काम करेंगे | पिछले दिनों विधानसभा में दंड विधि संशोधन विधेयक पर वोटिंग के दौरान बीजेपी के दो विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर कमलनाथ सरकार के पक्ष में वोटिंग की थी | इनमें से एक मैहर के नारायण त्रिपाठी तो दूसरे शहडोल के ब्योहारी से शरद कोल थे | इसके बाद खुद कमलनाथ ने इन दोनों विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने का दावा किया था | लेकिन आज बदले हुए घटनाक्रम में भाजपा अपने बागी विधायक की घर वापसी कराने में कामयाब हो गई |
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15 October 2019मॉर्निंग वॉक से नरेंद्र मोदी का स्वच्छता सन्देश महाबलीपुरम के ममल्लापुरम समुद्र तट पर पीएम मोदी ने सफाई करते हुए दिन की शुरुआत की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा के बीच मोदी समुद्र तट पर घूमने निकले और यहाँ वहां पड़ा कचरा बीन कर उन्होंने आम जनता को स्वच्छता का सन्देश दिया मोदी अपने कार्य के दौरान ऐसा कुछ कर जाते हैं कि लोगों को उनकी चर्चा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है | चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भारत यात्रा के बीच शनिवार सुबह पीएम मोदी एक अलग ही अंदाज में नजर आए | दरअसल, मॉर्निंग वॉक के दौरान समुद्र किनारे पहुंचे मोदी ने देश की जनता को एक बार फिर स्वच्छता का संदेश दे दिया जिस वक्त वे ममल्लापुरम के तट पर मॉर्निंग वॉक कर रहे थे उस दौरान किनारे पर पड़ा कचरा देख मोदी सफाई मे जुट गए | इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो भी सामने आया है | जिसमें पीएम मोदी मॉर्निंग वॉक के वक्त समुद्र के किनारे आईं प्लास्टिक की बोतलो सहित अन्य गंदगी को साफ करते नजर आ रहे हैं | पीएम मोदी मॉर्निंग वॉक के लिए ट्रैक सूट में दिखाई दे रहे हैं | उनके हाथ में एक प्लास्टिक की थैली है | जिसमें वे समुद्र किनारे से मिल रहे कचरे को जमा कर रहे हैं | इस दौरान उन्हें प्लास्टिक की थैलियों के साथ ही प्लास्टिक की बॉटलें भी मिली जिसे उनके द्वारा जमा किया गया | इसके बाद आखिर में उन्होंने इसे साथ में मौजूद एक कर्मचारी को थमा दिया पीएम मोदी द्वारा समुद्र तट पर की गई सफाई का वीडियो उनके ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर किया गया है जिसमें पीएम मोदी ने लिखा है कि ' आज सुबह ममल्लापुरम समुद्र तट पर मौजूद कचरे को साफ किया | लगभग आधा घंटे तक वहां रहा अपने द्वारा कलेक्ट किए गए कचरे को जयराज को दिया जो होटल स्टॉफ से जुड़े हुए हैं हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे पब्लिक प्लेस साफ सुथरे रहें हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि हम फिट और स्वस्थ्य रहें |
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12 October 2019हमारे नेता हमें छोड़ गए, बुरे दौर में है कांग्रेस कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने राहुल गांधी को लेकर बड़ा बयान दिया है | उन्होंने कहा कि, पार्टी इसलिए नुकसान उठा रही है, क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राहुल गांधी अध्यक्ष पद छोड़कर चले गए | सलमान खुर्शीद ने कहा कि," राहुल गांधी के अध्यक्ष पद छोड़ देने से पार्टी में एक खालीपन आ गया | जिसने पार्टी की मौजूदा स्थिति को और उलझा दिया | कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद कांग्रेस की हालात से बेहद परेशान हैं | उन्होंने कहा कांग्रेस की मुश्किल तब और ज्यादा हो गई, जब राहुल गाँधी के पद छोड़ने के बाद सोनिया गांधी अस्थायी तौर पर पार्टी की कमान संभाल रही है | एक-एककर नेता पार्टी छोड़ते जा रहे हैं | मौजूदा दौर में पार्टी इस हाल में पहुंच गई है कि वो अपना भविष्य भी नहीं तय कर पा रही है | सलमान खुर्शीद यहीं नहीं रूके उन्होंने कहा कि, "हमें ये जानना चाहिए कि आखिरी हम किन वजहों से यहां पहुंच गए हैं | लेकिन हमारी तमाम कोशिशों के बाद भी राहुल गांधी नहीं माने और पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया | हम चाहते थे कि वो पार्टी की कमान संभालें, लेकिन ये उनका फैसला था और हम उसका सम्मान करते हैं | उन्होंने जोर देकर कहा कि, "पार्टी के अंदर चल रहे संघर्ष को देखते हुए ये लगता है कि आगामी हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिले | कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि, पार्टी को इस स्थिति का इसलिए सामना करना पड़ रहा है,क्योंकि 2019 लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी ने आत्मावलोकन में इतना वक्त ले लिया | हालांकि उन्होंने ये साफ कर दिया कि हालात कैसे भी हों, वो दूसरों की तरह पार्टी छोड़कर नहीं जाएंगे | उन्होंने कहा कि, पार्टी आज जिस हाल में है,उसे देखकर दुख होता है। लेकिन कुछ भी हो जाए, मैं पार्टी नहीं छोड़ूंगा | मैं उन लोगों की तरह नहीं हूं, जिन्हें पार्टी ने सबकुछ दिया, मगर आज जब मुश्किल हालात हैं तो वो एक-एककर पार्टी छोड़कर जा रहे हैं |
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9 October 2019केबल व्यवसाय से भी जुड़ा था युवराज सिंह मंदसौर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े नेता युवराजसिंह चौहान की गोली मारकर हत्या की सनसनीखेज घटना हुई | युवराजसिंह केबल नेटवर्क का संचालन भी करता था इसके पहले उसका नाम इंदौर में हुई एक केबल ऑपरेटर की हत्या में भी संदिग्ध के रूप में सामने आया था | पुलिस ने आशंका जताई है कि यह हत्या रंजिश में की गई है इनके संबंध कुख्यात बदमाश सुधाकर राव मराठा से भी जुड़े हुए थे | बुधवार सुबह करीब 11 बजे युवराजसिंह गीता भवन अंडरब्रिज के पास एक चाय की होटल में मौजूद थे, तभी वहां बाइक से आए अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी घटना के बाद वहां भगदड़ मच गई और गोली मारने वाले भी फरार हो गए | वहां मौजूद लोगों ने घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी और युवराजसिंह चौहान को अस्पताल ले जाया गया | जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया | पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है | पुलिस यह भी जानने में लगी है कि ऐसे कौन लोग हैं, जिनसे युवराज की जान को खतरा था | दिनदहाड़े मंदसौर शहर के अंदर हुई हत्या ने सनसनी फैला दी है | जहां यह घटना हुई वहां आस-पास के लोगों में दहशत का माहौल है | युवराज केबल व्यवसाय से जुड़े थे और आरएसएस से भी जुड़े हुए थे युवराज जब लोगों से दशहरे के बारे में चर्चा कर रथा था तभी अचानक एक बाइक वहां आकर रुकी और उस पर पीछे बैठे युवक ने गोलियां चलाना शुरू कर दी तीन गोलियां युवराज को लगी और वो वहीं गिर गया | हमलावरों के भागने के बाद आस-पास के लोग हिम्मत करके वहां पहुंचे और युवराज को उठाकर ऑटो रिक्शा में रखा और अस्पताल ले गए |
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9 October 2019सोशल मीडिया पर आया CRPF का पीड़ित जवान सुकमा जिले के 74वीं बटालियन में पदस्थ CRPF जवान का वीडियो सामने आया है | जवान ने उत्तर प्रदेश प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है और साथ ही मदद नहीं मिलने पर 'पान सिंह तोमर' की तरह बागी बनने की चेतावनी भी दी है | इस वायरल वीडियो में सीआरपीएफ जवान ने परिजनों पर अपनी जमीन हड़पने का आरोप लगाया है, वहीं पुलिस प्रशासन से शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है | सीआरपीएफ के जवान प्रमोद कुमार छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लोहा ले रहे हैं |उधर उनके चाचाओं और उनके गुर्गों ने प्रमोद कुमार की जमीन पर कब्ज़ा कर लिया है | प्रमोद कुमार ने वीडियो के जरिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए कहा है कि आप मामले में संज्ञान लीजिए और उचित कार्रवाई कीजिए | सुकमा जिले में पदस्थ सीआरपीएफ जवान प्रमोद कुमार उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले का रहने वाला है | प्रमोद कुमार ने अपने चाचा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने प्रमोद की जमीन हड़प ली है | साथ ही अपने परिजनों से मारपीट करने का भी आरोप लगाया है | वायरल वीडियो में प्रमोद कुमार ने कहा है कि मामले को लेकर उन्होंने अपने उच्च अधिकारी को जानकारी दी थी, जिसके बाद उन्होंने लिखित शिकायत कर जिला कलेक्टर और एसपी को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद न कोई कार्रवाई की गई और न ही पत्र का कोई जवाब आया | अब आलम ऐसा है कि नक्सल क्षेत्र में तैनात जवान को वीडियो वायरल कर सरकार से मदद मांगनी पड़ रही है | प्रमोद कुमार ने कहा है कि अगर देश की रक्षा के लिए वे अपनी जान दे सकते हैं तो अपने परिवार वालों के लिए पान सिंह तोमर भी बन सकते हैं |
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7 October 2019मड्डा मड़कामी और सन्नू वेट्टी पर इनाम घोषित छत्तीसगढ़ के झीरम घाटी नरसंहार में शामिल नक्सलियों पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने इनाम की घोषणा की है | नक्सलियों पर 50 हजार से लेकर सात लाख से रुपये तक का इनाम घोषित किया गया है साथ ही नक्सलियों के बारे में सूचना देने वालों के लिए भी नकद इनाम की घोषणा की गई है सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा | बस्तर संभाग स्थित झीरम घाटी में नक्सलियों ने 2013 में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा में शामिल नेताओं पर हमला किया था | इस हमले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ला, नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा सहित 32 लोगों की जानें गई थी | एनआइए के अधिकारियों ने बताया कि कुख्यात नक्सली देवजी और गणेश उइके पर सात-सात लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है | दोनों नक्सली नेता दंडकारण्य क्षेत्र में सक्रिय हैं और झीरम कांड के मास्टर माइंड माने जाते हैं | एनआइए ने नक्सलियों के नाम, उपनाम और पता का भी जिक्र किया है | वहीं, छत्तीसगढ़ के सुकमा के सोमा सोढ़ी, बारसे सुक्का, जयलाल मंडावी, भगत हेमला उर्फ बदरू, सप्पो हुंगा पर पांच-पांच लाख का इनाम घोषित किया है तीन नक्सलियों पर ढाई लाख का इनाम घोषित किया गया है | इसमें तेलम आयतू, बदरू मोडियाम और कुरसम सन्नी शामिल हैं यह तीनों बीजापुर जिले के हैं | नौ नक्सलियों पर एक-एक लाख का इनाम घोषित किया गया है | इसमें बस्तर के कामेश कवासी, बीजापुर के कोरसा सन्नी, लच्छी मोडियाम, सोमी पोटाम, मोडियम रमेश, कोरसा लक्खू, सरिता केकम, कुम्मा गोंदे और मंगली कोसा है | 50-50 हजार का इनाम दंतेवाड़ा के मड्डा मड़कामी और सन्नू वेट्टी पर घोषित किया गया है | एनआइए ने जानकारी देने के लिए रायपुर में पदस्थ एसपी का नंबर भी जारी किया है मौलश्री विहार स्थित एनआइए कार्यालय में सीधे जानकारी दी जा सकती है | साथ ही दिल्ली कार्यालय में भी जानकारी भेजी जा सकती है। एनआइए के इनाम घोषित करने के साथ ही जांच में भी तेजी लाई है |
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6 October 2019मां महामाया और महालया को मदिरा का भोग नवरात्र की महाअष्टमी पर उज्जैन की सुख समृद्धि व प्रगति के लिए मदिरा की धार से नगर पूजा हुई कलेक्टर शशांक मिश्र ने चौबीसखंबा माता मंदिर में मां महामाया और महालया को मदिरा का भोग लगाया | इसके बाद ढोल-ढमाकों के साथ नगर में मदिरा की धार शुरू हुई |नगर पूजा की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है अब शासन द्वारा यह पूजा कराई जाती है | उज्जैन में कलेकटर शशांक मिश्रा ने नगर पूजा के लिए मां महामाया और महालया को मदिरा का भोग लगाया | नगर पूजा में 10 हजार रुपए से अधिक राशि खर्च होती है | हालांकि शासन की ओर से इसके लिए 299 रुपए ही दिए जाते हैं शेष राशि प्रशासनिक अधिकारी व कर्मचारी मिलकर खर्च करते हैं पूजन के बाद मदिरा को प्रसाद रूप में वितरित किया गया | इसके बाद शासकीय अधिकारी व कोटवारों का दल अन्य देवी व भैरव मंदिर में पूजा अर्चना के लिए रवाना हुआ | इस दौरान उज्जैन में स्थित करीब 40 देवी व भैरव मंदिर में पूजा की गई नगर पूजा के लिए करीब 25 बोतल मदिरा का उपयोग होता है | देवी व भैरव को मदिरा अर्पित करने के अलावा शासकीय दल तांबे के पात्र में मदिरा भर कर शहर में करीब 27 किलो मीटर लंबे मार्ग पर धार लगाते हुए चला प्राचीन मान्यता में भोग को बड़बाकुल कहा जाता है | मान्यता है इससे अतृप्तों को तृप्ति मिलती है इससे नगर में सुख, शांति व समृद्धि बनी रहती है | चौबीसखंभा माता मंदिर से शुरू होकर नगर पूजा का क्रम करीब 12 घंटे तक चला | इस दौरान 27 किलोमीटर लंबे मार्ग पर स्थित 40 से अधिक देवी व भैरव मंदिर में पूजा अर्चना की गई पूजन का समापन गढ़कालिका क्षेत्र में स्थित हांडी फोड़ भैरव की पूजा अर्चना के साथ हुआ ये परंपरा राजा विक्रमादित्य के समय से चली आ रही है | मुगल तथा ब्रिटिश शासन काल में भी यह परंपरा जारी रही आजादी के बाद शासन की ओर से यह पूजन जारी रखा गया है मान्यता है कि देवी के उग्र रूप की पूजा के लिए मदिरा चढ़ाई जाती है | शक्ति स्वरूपा देवी महामाया और महालया रक्षा का वरदान देती हैं |
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6 October 2019वायुसेना ने बताई हमले की कहानी 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस है और इसे लेकर वायुसेना की तैयारियां भी जोरों पर है | ठीक इससे पहले वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक पर एक प्रमोशनल वीडियो जारी किया है | जिसमें वायुसेना द्वारा पूरे साल किए गए कामों की जानकारी दी गई है और इसके केंद्र में बालाकोट में की गई एयर स्ट्राइक है | वायुसेना के इस प्रमोशनल वीडिओ को जारी करने के बाद | वायुसेना चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने बताया कि पिछले एक साल में वायुसेना ने कईं अहम मुकाम हासिल किए हैं जिसमें 26 फरवरी की वो एयर स्ट्राइक भी है जिसमें बालाकोट में स्थित आतंकी कैंपों को ध्वस्त किया गया था | उन्होंने इसके अलावा रूस से खरीदे जा रहे मिसाइल डिफेंस सिस्टम S-400 को लेकर कहा कि इससे भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ेगी | इसी साल पुलवामा में हुए आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हुए थे और इसके बाद आतंकियों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकी अड्डों पर एयर स्ट्राइक की थी | इस एयर स्ट्राइक के बाद सीमा पर काफी तनाव रहा था और पाक ने भी भारतीय सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी | हालांकि, इस कोशिश को भी वायुसेना ने नाकाम किया था और मिग-21 बायसन में सवार होकर विंग कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्तानी F-16 को मार गिराया था |
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4 October 2019माफी की मांग और वेतनमान बढ़ाने को लेकर हड़ताल जमा किये तहसील में रिकॉर्ड, काम बंद उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी के पटवारियों पर रिश्वत खोर वाले बयान को लेकर प्रदेश भर के पटवारी नाराज चल रहे हैं | पटवारियों ने जीतू पटवारी के बयान को लेकर तहसील में अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी है | पटवारियों ने अपने बास्ते दफ्तर में जमा करवा दिए हैं पटवारियों ने मांग की है की जीतू पटवारी खुले मंच से अपने बयान पर माफी मांगे | कमलनाथ सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का सभी पटवारियों को घूसखोर कहना अब महंगा पड़ रहा है प्रदेश के सभी पटवारियों ने तहसील स्तर पर इसका विरोध जताया है | पटवारियों ने तहसील में अपने रिकॉर्ड जमा कर अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दी है पटवारियों ने मांग की है की जीतू पटवारी ने खुले मंच से सभी पटवारियों को घूसखोर कहा जो की निंदनीय है | पटवारी को मंच से माफी मांगनी होगी उधर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बयान से भी पटवारी खासा नाराज नजर आये | पटवारियों ने सरकार से वेतनमान बढ़ाने की भी मांग की है पटवारियों का कहना है की अगर मांगे नहीं मानी गई तो वो हड़ताल पर बैठे रहेंगे |
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3 October 2019भारत में हमले की फिराक में पाक आतंकी त्योहारों के बीच दिल्ली में एक बार फिर से आतंकी हमले का अलर्ट जारी हुआ है | इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और सुरक्षा बढ़ा दी गई है | ...अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल कईं जगहों पर छापेमारी कर रही है | खुफिया एजेंसियों के अलावा अमेरिका ने भी भारत को आगाह किया है कि पाकिस्तानी आतंकी हमले की फिराक में हैं | इसके बाद सरकार ने कईं महत्वपूर्ण जगहों की सुरक्षा बढ़ा दी है | अमेरिका ने आगाह किया है कि पाकिस्तानी आतंकी जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 को खत्म किए जाने के कारण भारत में हमलों को अंजाम दे सकते हैं | इसके साथ ही अमेरिका ने यह भी कहा है कि अगर पाकिस्तान आतंकी संगठनों पर शिकंजा कसा जाए तो इन हमलों को रोका जा सकता है अमेरिका के हिद-प्रशांत सुरक्षा मामलों के सहायक रक्षा सचिव रैंडल श्राइवर ने कहा, "कश्मीर पर भारत सरकार के नए कदम से कई देशों को आशंका है कि आतंकी संगठन सीमा पार हमलों को अंजाम दे सकते हैं | मुझे नहीं लगता कि चीन इस तरह का कोई संघर्ष चाहेगा या इसका समर्थन करेगा दूसरी तरफ पंजाब स्थित श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट राजासांसी और पठानकोट एयरबेस पर फिदायीन हमले की आशंका जताए जाने के बाद दोनों की सुरक्षा सेना को सौंप दी गई है | सेना ने एयरपोर्ट और एयर बेस को अपने सुरक्षा घेरे में ले लिया है | राजासांसी एयरपोर्ट पर उड़ानों की सुरक्षा के मद्देनजर एयरफोर्स भी चौकस हो गई है और लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है |
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3 October 2019अब पहले की ही तरह होगी गिरफ्तारी अब इन मामलों में बिना जांच के गिरफ्तारी होगी SC/ST Act को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है | सर्वोच्च न्यायालय ने 2018 में दिए गए आदेश को रद्द कर दिया है और अब इसके बाद इससे जुड़े मामलों में तुरंत गिरफ्तारी होगी | मार्च 2018 में कोर्ट के ही एक आदेश में इन मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी | कोर्ट के आदेश में कहा गया था कि शिकायत दर्ज होने पर पुलिस पहले मामले की जांच करेगी और दोषी पाए जाने पर गिरफ्तारी हो | हालांकि, इस आदेश का देशभर में विरोध हुआ था और सरकार ने भी सर्वोच्च न्यायालय से अपील की थी कि वो इस आदेश को वापस ले ले | सर्वोच्च न्यायालय ने 2018 में दिए गए आदेश को रद्द कर दिया है और अब इसके SC/ST Act से जुड़े मामलों में तुरंत गिरफ्तारी होगी | 20 सितंबर को SC/ST एक्ट के प्रावधानों को हल्का करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था | केंद्र सरकार द्वारा 20 मार्च 2018 को सुनाए गए फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी | जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने मंगलवार को सुनाए अपने फैसले में कहा कि एससी/एसटी को सदियों से बहिष्कृत किया जाता रहा है और समाज में अब भी अस्प्रश्यता खत्म नहीं हुई है | कोर्ट ने ऑब्जर्व किया कि पिछड़े वर्गों को अब भी समानता और नागरिक अधिकार नहीं मिले हैं और यह लोग अब भी विकास का फल चखने से विलग हैं | इस दौरान कोर्ट ने उन कर्मचारियों का भी जिक्र किया जो सीवर सफाई करते हुए अपनी जान गंवा चुके हैं | कोर्ट ने इस दौरान कहा कि अनुच्छेद 15 के तहत एससी और एसटी के लोगों को संरक्षण मिला हुआ है लेकिन फिर भी उनके साथ भेदभाव होता है |
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2 October 2019गाजियाबाद में सायबर सेल के मकान पर विवाद बढ़ा डीजी शर्मा ने वी के सिंह को मामले से हटाने की बात कही हनीट्रैप मामले में उलझे आईपीएस अधिकारी हाइप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में जांच को लेकर शुरू से ही विवाद रहा है | मध्यप्रदेश सायबर पुलिस के गाजियाबाद के इंदिरापुरम में किराये का घर लेने का विवाद अब दो डीजी रैंक के अधिकारीयों के बीच में खींचतान का कारण बन गया है | डीजीपी व्ही.के. सिंह की भूमिका पर स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने सवाल उठाये है | और वी के सिंह को मामले के सुपरविजन से हटाने की बात कही | वही डीजीपी वी के सिंह ने मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है लेकिन गाजियाबाद में सायबर सेल के किराये के घर पर उन्होंने सवाल उठाये हैं | ये बड़ा सवाल है कि साइबर पुलिस को गाजियाबाद में सेफ हाउस की क्या जरूरत थी इस पूरे मामले को हनीट्रैप से जोड़कर देखा जा रहा है | मध्यप्रदेश के सायबर सेल के गाजियाबाद में किराये से फ्लैट लेने का मामला अब गर्माता जा रहा है | सायबर सेल के डीजी पुरषोत्तम शर्मा के किराये से लिए फ्लैट को | हनीट्रैप मामले से जोड़ने पर पुरुषोत्तम ने डीजीपी वी के सिंह को जांच से हटाने की बात कही है गौरतलब है शर्मा ने कहा है की गाजियाबाद में फ्लैट उन्होंने ओफिसिअल कार्य के लिए लिया था | जिसको सार्वजनिक कर सिंह ने गलत किया एसटीएफ और साइबर का काम अत्यंत जोखिम पूर्ण होता है | उनके ठिकाने को सार्वजनिक कर डीजीपी ने उनकी जान को खतरे में डाली है | शर्मा ने कहा की यह उनका पर्सनल मत है की वी के सिंह को मामले से हटाया जाय | शर्मा ने आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय यादव को ईमेल किया और पुलिस की छबि खराब होने पर चिंता जताई ..इस मामले में बड़ा सवाल यह है कि पुरुषोत्तम शर्मा से पहले किसी अधिकारी को दिल्ली में ऐसा करने की आवश्यकता क्यों महसूस नहीं हुई | डीजीपी वीके सिंह ने डी जी शर्मा पर किराये से फ्लैट लेने को लेकर आपत्ति जाहिर करने के बाद यह विवाद शुरू हुआ था |अब यह भी जांच का विषय है की | आखिर सायबर सेल को गाजियाबाद में किराये से फ्लैट लेने की क्या आवश्यकता पडी | यह सोचने का विषय है की आखिर वी के सिंह ने हनीट्रैप में शर्मा के द्वारा किराये से लिए फ्लैट को क्यों जोड़ा | क्या हनीट्रैप मामले के कोई तार इस फ्लैट से भी जुड़ रहे है यह विषय इसलिए भी संवेदनशील हो गया है क्यूंकि कुछ आईपीएस अफसरों के नाम भी हनीट्रैप से जुड़ते नजर आ रहे हैं और माना जा रहा है इस झगडे के जरिये जांच को भी प्रवभावित किया जा सकता है |
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30 September 2019हाई प्रोफ़ाइल मामले में पुलिस ने चुप्पी साधी यूपी के पूर्व मंत्री बादशाह सिंह के बेटे के तिलक समारोह में जमकर हर्ष फायरिंग की गई | जिसमे तिलक लेकर गए लड़की के भाई बीजेपी नेता बॉबी सिंह को गोली लग गई | मामला हाई प्रोफ़ाइल है इसलिए आरोपियों को बचाने के प्रयास शुरू हो गए हैं पुलिस भी इस मामले में ज्यादा कुछ नहीं कह पा रही है | बडामलेहरा के पाडाझिर मे हर्ष फायरिंग मे बीजेपी युवा मोर्चा के महामंत्री बॉबी सिंह को गोली लग गई | बीती रात उत्तरप्रदेश के पूर्वमंत्री बादशाह सिंह के बेटे का तिलक उत्सव उनके फार्म हाऊस मे चल रहा था | अपनी बहिन का तिलक लेकर पहुंचे बी जे पी युवामोर्चा महामंत्री बॉबी सिंह को उस समय पेट मे गोली लग गई ,जब हर्ष फायरिंग की जा रही थी | बॉबी को गोली लगते ही तिलक समारोह मे अफरातफरी मच गई और घायल बॉबी को तत्काल जिला अस्पताल मे भर्ती कराया गया | बॉबी को गोली लगने की खबर लगते ही बी जे पी के नेता और कार्यकर्ता अस्पताल पहुंच गये | वही बादशाह सिंह | काग्रेस विधायक प्रधुम्न सिंह और आलोक चतुर्वेदी भी अस्पताल पहुंच गये | जब यह हर्ष फायरिंग की जा रही थी तभी दोनो पाटिँयो के विधायक और नेता और पुलिस समारोह स्थल पर मौजूद थे ,लेकिन किसी ने भी फायरिंग को रुकवाने की कोशिश नहीं की |
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30 September 2019ई-सिगरेट, लक्ष्मी और चिराग तले अंधेरे की बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में की ई-सिगरेट, लक्ष्मी और चिराग तले अंधेरे की बात की | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम में उनके साथ एक खास आवाज भी सुनाई दी यह आवाज थी महान गायिका लता मंगेशकर की | लता मंगेशकर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की यात्रा पर जाने से पहले फोन किया था | इसकी रिकॉर्डिंग को उन्होंने अपने शो में शामिल किया | मन की बात में पीएम मोदी ने कई बातों को याद किया और लता दीदी को 28 सितंबर को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं | ... मोदी ने कहा- आपको जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं, अग्रिम बधाई दे दूं | आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे,आपका आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे, बस यही प्रार्थना और आपको प्रणाम करने के लिए मैंने, अमेरिका जाने से पहले ही आपको फोन कर दिया | इस पर जबाव देते हुए लता मंगेशकर ने कहा- मैं जानती हूं कि आपके आने से भारत का चित्र बदल रहा है और मुझे बहुत खुशी होती है बहुत अच्छा लगता है इसके बाद पीएम मोदी ने 'चिराग तले अंधेरे' मुहावरे का प्रयोग कर समाज को नई दिशा देने, नई सोच देने की कोशिश की त्योहारों में घर खुशियों से भरे होंगे, लेकिन आपने देखा होगा कि हमारे आस-पास भी बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो इन त्योहारों की खुशियों से वंचित रह जाते हैं और इसी को तो कहते हैं- चिराग तले अंधेरा' ये कहावत एक शब्द नहीं है, हम लोगों के लिए एक आदेश है, एक दर्शन है | पीएम मोदी ने तंबाकू का जिक्र करते हुए लोगों से अपील की कि तंबाकू के नशे से दूर रहें | उन्होंने कहा- तंबाकू कई जानलेवा बीमारियों को जन्म देता है ई-सिगरेट भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है | हमने हाल ही में ई-सिगरेट पर प्रतिबंध लगाया है | हमें नशे के इस नए तरीके से दूर रहने की जरूरत है | सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने की सलाह देते हुए पीएम मोदी ने देशवासियों से आग्रह किया कि इस दो अक्टूबर को सिंगल यूज प्लास्टिक के खिलाफ देशव्यापी अभियान का हिस्सा बनें |
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29 September 2019रक्षा मंत्री बोले- 26/11 जैसी साजिश नहीं होगी कामयाब स्कॉर्पीन श्रेणी की एक और पनडुब्बी आई एन एस खंडेरी नौसेना में शामिल हो गई | रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इसे नौसान बेड़े में शामिल कर लिया गया | इसके साथ ही राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को साफ शब्दों में कहा कि सरकार मजबूत इरादों और नौसान की बढ़ी हुई ताकत के साथ हम उसे कोई भी गलत कदम उठाने पर बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं | रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि कुछ ऐसी ताकतें हैं जिनकी हसरतें नापाक हैं | वो साजिश रच रहे हैं कि समुद्र के रास्ते एक और 26/11 जैसा आतंकी हमला तटिय इलाकों में कर सकता है लेकिन उसके इरादे किसी भी तरीके से कामयाब नहीं होगी | मुंबई का मझगांव डॉक पर खंडेरी पनडुब्बी को जलसेना के बड़े में शामिल किया गया | यह पनडुब्बी एंटी मिसाइल से लेकर परमाणु क्षमता से लैस है | भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है जो परंपरागत पनडुब्बियों का निर्माण करते हैं | कलवरी और खंडेरी पनडुब्बियां आधुनिक फीचर्स से लैस है | यह दुश्मन की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगा सकती हैं | इसके साथ ही टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती हैं | ये सबमरीन पानी के भीतर और पानी से किसी भी युद्धपोत को ध्वस्त करने की क्षमता रखती हैं | यह पानी के भीतर 45 दिन गुजार सकती है और यह एक घंटे में 35 किलोमीटर की दूरी आसानी से तय कर सकती है |
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28 September 2019एक कमरे में मिले पति-पत्नी और बच्चों के शव इंदौर के वाटर पार्क में सॉफ्टवेयर इंजीनियर, उनकी पत्नी और उनके दो जुड़वा बच्चों के शव मिलने से सनसनी फैल गई | दंपती एक दिन पहले ही बच्चों के साथ वहां घूमने गए थे गुरुवार शाम तक भी जब कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो वाटर पार्क प्रबंधन ने दूसरी चाबी से दरवाजा खोला भीतर सभी के शव पड़े देख पुलिस को सूचना दी माना जा रहा है इन सब की मौत जहरीला पदार्थ खाने से हुई है | क्रिसेंट वॉटर पार्क में बने रिसोर्ट में एक ही परिवार के चार लोगों के शव मिलने से पुलिस भी हैरान है | ये शव डीबी सिटी में रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिषेक सक्सेना उनकी पत्नी प्रीति सक्सेना और उनके चौदाह वर्षीय जुड़वां बच्चे अद्वैत और अनन्या के हैं | शव क्रिसेंट वाटर पार्क के कमरे में मिले दंपती ने ऑनलाइन रूम बुक करवाया था टीआई रूपेश दुबे के अनुसार परिवार ने बुधवार रात दस बजे अंतिम बार पानी की बोतल बुलवाई थी उसके बाद से न कमरे से कोई बाहर आया और न ही कुछ मंगवाया | जब गुरुवार दोपहर बाद तक कोई हलचल नहीं हुई तो वाटर पार्क प्रबंधन ने पहले दरवाजा खटखटाकर खुलवाने का प्रयास किया जब कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली तो दूसरी चाबी से दरवाजा खोला भीतर बच्चों और दंपती के शव देखकर तुरंत खुड़ैल पुलिस को सूचना दी | मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने घटनास्थल की जांच की तो शवों के पास जहरीला पदार्थ रखा मिला | प्रारंभिक जांच में संभावना जताई जा रही है कि जहरीला पदार्थ खाने से उनकी मौत हुई होगी | एफएसएल टीम ने भी मौके पर जांच पड़ताल की फिलहाल आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका | शवों के पैर और हाथ के नाखून भी नीले पड़ गए थे | अभिषेक के मामा की बेटी संध्या सक्सेना ने बताया कि हादसे की खबर मिलने के बाद वह दिल्ली से इंदौर पहुंची | उसने बुधवार रात 8 बजे प्रीति व उनके दोनों बच्चों से बात की थी, सभी खुश थे |
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27 September 2019सुनवाई के लिए इससे ज्यादा वक्त नहीं मिलेगा सुप्रीम कोर्ट में जारी अयोध्या जमीन विवाद मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक बड़ी टिप्पणी की | सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि मामले में सुनवाई के लिए सिर्फ 18 अक्टूबर तक का समय है और इसके बाद किसी भी पक्ष को एक भी दिन अतिरिक्त नहीं दिया जाएगा | अयोध्या मामले में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने दोनों पक्षों को साफ कहा कि आज का दिन मिलाकर हमारे पास सुनवाई पूरी करने के लिए 18 अक्टूबर तक का समय है | अगर तब तक सुनवाई पूरी नहीं होती है तो इस मामले में फैसला आने की उम्मीदें कम हो जाएंगी | फिलहाल कोर्ट में मुस्लिम पक्ष अपनी दलीलें पेश कर रहा है और राम चबूतरे को लेकर उसने पहले कही अपनी बात से अलग दावा किया है | इससे पहले भी सर्वोच्च न्यायालय दोनों पक्षों को जिरह के लिए समय दे चुका है और कोर्ट ने कहा था कि अगर 18 अक्टूबर तक सुनवाई पूरी होती है तो अगले चार हफ्ते में बेंच अपना फैसला सुना सकती है | बैंच की अध्यक्षता कर रहे चीफ जस्टिस रंजन गोगोई 17 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं |
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26 September 20192022 तक पहला चरण पूरा करने का लक्ष्य कमलनाथ ने किया मेट्रो का भूमिपूजन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भोपाल में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का भूमिपूजन किया | 2022 तक मेट्रो का पहला चरण पूरा करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है और 2023 तक भोपाल में मेट्रो ट्रेन चलना शुरू हो जाएगी ..मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भोपाल मेट्रो रेल का नाम भोज मेट्रो होगा , इस परियोजना के शिलान्यास अवसर पर मुझे बहुत खुशी हुई | आज मध्यप्रदेश का एक इतिहास बनने जा रहा है | भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया | इस मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस के एक विधायक के विरोध के बावजूद भोपाल मेट्रो रेल का नाम भोज मेट्रो किया मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कालांतर में मैं केंद्रीय पर्यावरण मंत्री था तब यहाँ की लेक के रखरखाव के लिए रुपए आवंटित किए थे | उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री रहते हुए मुझे यह अनुभव हुआ कि जब मेट्रो रेल जयपुर में, दिल्ली में चल सकती है तो फिर भोपाल में क्यों नहीं आ सकती है | उन्होंन भोपाल के मेयर आलोक शर्मा से अपील की कि आप यहां के लोगों की मदद कर, दिल्ली जाएं और केंद्र सरकार से मदद की अपील करें | मेट्रो रेल की परियोजना में पहले चरण में 27 किलोममीटर का रुट तैयार किया जाएगा | जिसमें 2 किलोमीटर का कॅारिडोर निर्मित होगा | इस प्रोजेक्ट के निर्माण में करीब 7 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी | भोपाल की मेट्रो रेल जयपुर जैसी ही होगी इस मौके पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ,नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह ,जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा ने भी भोपाल के विकास को लेकर अपनी बात कही | कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा भोपाल के विकास में डॉ शंकर दयाल शर्मा और बाबूलाल गौर का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा |
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26 September 2019नरोत्तम :सरकार तबादले में व्यस्त, रिचार्ज हो रहे सभी शिवपुरी में दो दलित बच्चों की लाठी से पीटकर हत्या के मामले में कानून और जनसम्पर्क मंत्री पी सी शर्मा ने कहा की यह हृदय विदारक घटना है | आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी | उधर पूर्व जनसम्पर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले में पूरी कमलनाथ सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा की ... जब से कमलनाथ सरकार बनी है | सरकार तबादले में व्यस्त है | और .प्रदेश की कानून व्यवस्था बिगड़ गई है आये दिन बच्चों की हत्या और अपहरण हो रहे हैं | शिवपुरी जिले के सिरसौद थाना क्षेत्र के ग्राम भावखेड़ी में दो दबंग भाइयों ने सड़क किनारे शौच करने पर दो मासूमों की लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी पूर्व जनसमपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा की | जब से कमलनाथ सरकार बनी है | प्रदेश में कानून का डर ख़तम हो गया है | आये दिन बच्चों की हत्या और अपहरण की घटनाएं बढ़ गई हैं चाहे वह चित्रकूट का मामला हो या उनके शहर का | नरोत्तम मिश्रा ने निशाना साधते हुए कहा की सरकार तबादले और पोस्टिंग में व्यस्त है जब तबादला होगा तो रिचार्ज की भी जरूरत होगी | इसलिए सब रिचार्ज में व्यस्त है और इधर कानून व्यवस्था ठप्प हो चुकी है | हत्या करके भाग रहे दोनों हत्यारों हाकिम यादव और राममेश्वर यादव को गांववालों ने पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया गांव पहुंचे वाल्मीकि समाज के नेताओं ने सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर आरोप लगाया कि दोनों बच्चों के शव तौलिए में लिपटे हुए हैं | उन्हें कफन तक प्रशासन व पुलिस उपलब्ध नहीं करा सकी | अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां भी नहीं हैं | समाज के लोगों ने चंदा कर कफन और दफन का इंतजाम किया है | घटना के बाद गांव में तनाव है | मौके पर पुलिस तैनात कर दी गई है | कानून और जनसम्पर्क मंत्री पी सी शर्मा ने बच्चों की हत्या को हृदय विदारक घटना बताया और कहा की आरोपियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा दिलाई जाएगी |
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26 September 2019MIG-21 ट्रेनर एयरक्राफ्ट के दोनों पायलट सुरक्षित भारतीय वायुसेना का एक मिग-21 ट्रेनर एयरक्राफ्ट आज सुबह भिंड के गोहद में क्रैश हो गया | गनीमत रही कि इस हादसे में दोनों पायलट वक्त रहते इजेक्ट होने में कामयाब हो गए | इस एयरक्राफ्ट ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी | ग्वालियर से उड़े मिग-21 ट्रेनर एयरक्राफ्ट में एक ग्रुप कैप्टन और स्कवाड्रन लीडर सवार थे | हादसे की जानकारी मिलते ही वायुसेना के साथ ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गई और पूरा इलाके को घेर लिया है | ... गांववालों को मलबे से दूर रहने के लिए कहा गया | जिस इलाके में ये विमान गिरा है वहां भारी बारिश के चलते कीचड़ भरा हुआ है | ऐसे में सुरक्षा एजेंसियों और एयर फ़ोर्स की जाँच टीम को वहां तक पहुंचने में परेशानी का सामना करना पड़ा | पिछले तीन साल के भीतर भारतीय वायुसेना ने क्रैश के चलते 27 एयरक्राफ्ट गंवाए हैं | इसमें 15 फायटर जेट्स हैं |
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25 September 2019हनीट्रैप मामले की निष्पक्ष जाँच हो हनीट्रैप मामले में रोज नए खुलासे होने से राजनैतिक और प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मचा हुआ है | इस बीच बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा हनीट्रैप मामले में कुछ पत्रकार शामिल हैं तो कुछ पत्रकार इसमें मध्यस्थ की भूमिका में नजर आए | हनीट्रैप मामले में नित नए खुलासों के बाद यह माना जा रहा है कि अब सरकार इस मामले को ठन्डे बास्ते में डालना चाहती है | इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय के बयान ने इस मामले को नया मोड़ दे दिया है | विजयवर्गीय ने कहा इस मामले में आरोप प्रत्यारोप की बजाये निष्पक्ष जाँच की मांग की है और कहा है की इस में कुछ पत्रकार भी शामिल हैं | कैलाश विजयवर्गीय के बयान में काफी हद तक सच्चाई है इस मामले के उजागर होने के बाद | भोपाल के चार पुरुष और तीन महिला पत्रकार भी संदेह के दायरे में हैं इनमे से कुछ पहले भी ऐसे ऐसे कामों में संलग्न रहे हैं |
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24 September 2019पुलिस एनकाउंटर की कहानी झूठी निकली डाकू की मौत पर पुलिस ने खुद थपथपाई थी अपनी पीठ डकैत बबुली और उसके साथी लवलेश के पुलिस एनकाउंटर की कहानी फर्जी है ... इन दोनों डाकुओं को इनके साथियों ने मौत के घाट उतारा था जिसका श्रेय मध्यप्रदेश पुलिस लेने में लगी है इस घटना से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गए हैं | विंध्य के कुख्यात डकैत बबुली और लवलेश कोल को पुलिस ने नहीं उसी के साथियों ने मार दिया था | इन दोनों के मरने की खबर के बाद पुलिस ने जंगल से डकैतों की लाश बरामद कर इन्हें एनकाउंटर में मारने का दावा किया था | लेकिन बबुली कोल को मारने वाले डकैत सोहन कोल ने खुलासा किया कि इन दोनों को उसने और उसके साथियों ने मारा | बबुली और लवलेश की मौत के बाद मध्यप्रदेश पुलिस खुद अपनी पीठ थपथपा रही थी इस मामले में रीवा IG चंचल शेखर की बताई कहानी की एक डाकू ने ही हवा निकाल दी है | चंचल शेखर पर पहले भी भिंड में फर्जी एनकाउंटर के आरोप लगे हैं | इसी बीच चित्रकूट पुलिस टीम द्वारा पकड़े गए एक लाख के इनामी डाकू सोहन कोल ने यह कहकर हडकंप मचा दिया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर सरगना बबुली और लवलेश को गोलियों से भून दिया था | इसके बाद वह भाग गए थे | डाकू के इस दावे के बाद मध्यप्रदेश पुलिस अधिकारियों की बोलती बंद हो गई है और यूपी पुलिस भी डकैत सोहन की बात को सच मान रही हैं | पहले सोहन कोल को सुनिए | सूत्र बताते हैं गैंग सरगना बबुली कोल और लवलेश को मारने के बाद लाली कोल ने पुलिस के सामने समर्पण कर दिया था और सोहन अपने दो साथियों के साथ कुछ हथियार लेकर भाग गया था | एक लाख के इनामी सोहन कोल को यूपी की चित्रकूट पुलिस ने मानिकपुर के कल्याणपुर के जंगल में मुठभेड़ के बाद एक राइफल संग दबोच लिया | मौके से एक डकैत भाग निकला सोहन की निशानदेही पर जंगल से दो सेमी ऑटो राइफल, सौ से ज्यादा कारतूस और 20 हजार रुपये की नगदी बरामद की गई पुलिस का दावा है कि जो हथियार मिले हैं, वो डाकू गया बाबा और ददुआ के समय के हैं | इधर सतना में हरसेड़ गांव में किसान अवधेश द्विवेदी के अपहरण में डकैतों की मदद करने वाले लाली कोल की मां मुन्नी कोल ने बड़ा खुलासा किया है | मुन्नी कोल ने मीडिया के सामने दिए गए बयान में कहा है कि डकैत बबुली व लवलेश कोल को मरने वालों में लाली भी शामिल था | मुन्नी बाई ने बताया कि दोनों डकैत लोगों को बहुत परेशान करते थे | जिससे त्रस्त होकर दोनों को मार दिया | इसके बाद उसने खुद पुलिस के सामने जाकर आत्मसमर्पण कर दिया | डकैत बबुली के मौत पर रोज नए खुलासे हो रहे हैं | इसके बाद मध्यप्रदेश पुलिस की जमकर किरकिरी हो रही है | मध्यप्रदेश पुलिस के एनकाउंटर की कहानी में भी जमकर झोल झाल है | ऐसे में उत्तरप्रदेश पुलिस का कहना है कि डकैत बबुली की गैंग का सफाया उसी के साथियों ने किया | डकैत सोहन और लाली कोल की कहानी लगभग एक जैसी है जो मध्यप्रदेश पुलिस को कटघरे में खड़ा कर रही है |
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23 September 2019वचन पत्र से मुकरी कमलनाथ सरकार,दाम घटाने था वादा किसान और मध्यम वर्ग पर पड़ेगी पेट्रोल-डीजल की मार कांग्रेस की कमलनाथ सरकार अपने वचन पत्र में किये पेट्रोल और डीजल के दाम घटाने के वादों को भूल गई है | कमलनाथ सरकार ने पेट्रोल , डीजल पर पांच पांच प्रतिशत वैट बढ़ा दिया है | जिसके बाद पेट्रोल में औसतन 2 रूपये 91 पैसे और डीजल में 2 रुपये 86 पैसे लीटर महँगा हो गया है | बारिश की मार झेल रही प्रदेश की जनता और किसान को अब पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से दोहरी मार झेलनी पड़ेगी | मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने पेट्रोल ,डीजल और शराब में पांच प्रतिशत वैट बढ़ा दिया है | जिसके चलते पेट्रोल और डीजल के दाम लगभग ढाई से तीन रुपये तक बढ़ गया है| चुनाव से पहले कांग्रेस ने वचन पत्र में किये वादों को अब भुला दिया है | चुनाव से पहले वचन पत्र में पेट्रोल और डीजल के दाम घटाने का वचन दिया गया था | लेकिन वक़्त है बदलाव का नारा देने वाली कमलनाथ सरकार ने दाम घटाने के बजाय 9 महीने में ही पेट्रोल , डीजल के दाम बढ़ा दिए | जनसम्पर्क मंत्री ने कहा की दाम अस्थाई रूप से बढ़ाये गए है | बढे हुए दामों से बाढ़ पीड़ितों की सहायता हो सकेगी | सरकार को उम्मीद है कि इस कदम से हर माह खजाने में 225 करोड़ रुपए अतिरिक्त राजस्व बढ़ेगा | वाणिज्यिक कर विभाग ने शुक्रवार को वैट अधिनियम में संशोधन करने की अधिसूचना जारी कर दी है | नई दरें शुक्रवार रात बारह बजे से प्रभावी हो गई हैं | अब भोपाल में पेट्रोल 81. 05 और डीजल में 72. 42 रुपये हो गया है | शराब में वैट पांच से बढ़ाकर दस प्रतिशत किया गया है | भाजपा ने दाम बढ़ने पर कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा और कहा की दाम बढ़ने से आम आदमी परेशान है | उधर जनता ने भी दाम बढ़ने पर रोष व्यक्त किया है |
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23 September 2019उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने लंदन में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के हेड ऑफ कम्युनिकेशन स्टूअर्ट गिबलिन से साक्षातकार के दौरान 'वसुधैव कुटुम्बकम्' का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत एवं भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम् का भाव रखने वाली संस्कृति है। हम पूरे विश्व को अपना परिवार मानते हैं। हमारे भारत देश में पेड़-पौधे, पशु-पक्षी की पूजा होती है। हम प्रकृति के न्याय को मानते हैं। उन्होंने कहा कि इस सृष्टि में कहीं भी, किसी प्रकार की नफरत के लिये स्थान नहीं है। मंत्री पटवारी ने कहा कि महात्मा गांधी के अंहिसा के सिद्धांत को पूरे विश्व ने आत्मसात किया है। महात्मा गांधी ने हमें सिखाया कि क्षमा क्या होती है। पटवारी ने कहा कि पूरे विश्व में आज चुनौती है मानव जाति को भेदभाव और जातीय नफरत से बचाने की। युवाओं को रोजगार एवं पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर सजग बनाने की। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को यह समझना आवश्यक है कि परिवार और देश की उन्नति तभी सम्भव है, जब हमें स्वच्छ वातावरण और पर्यावरण मिले। पटवारी ने कहा कि आने वाली पीढ़ी को लाभ पहुँचाने के लिये पर्यावरण को बचाना और मानव सभ्यता की रक्षा करना जरूरी है। भारतीय संस्कृति एकजुटता का संदेश देती है। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि भारत ने योग के माध्यम से स्वस्थ्य रहने का संदेश पूरे विश्व में दिया है। उन्होंने युवाओं को भारत आने का आमंत्रण देते हुए कहा कि हम युवाओं की योग्यता को पूर्णता के साथ अपनायेंगे। पटवारी ने आव्हान करते हुए कहा कि भारत के ह्रदय स्थल मध्यप्रदेश में जो शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देना चाहते है, हम उनका स्वागत करते हैं।
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20 September 2019मोदी बोले - हमें नया कश्मीर बनाना है पीएम नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के नासिक से चुनावी मिशन का शंखनाद किया | नासिक की रैली में पीएम मोदी ने दो अहम मुद्दे उठाये | कश्मीर और राम मंदिर का | पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर पर कुछ लोग बेवजह बयानबाजी कर रहे हैं | उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नासिक में कहा हमने वादा किया था कि देश की सेना को सशक्त बनाने और अपने सैनिकों के सशक्तिकरण के लिए हर कदम उठाएंगे | हाल में दो महाशक्तिशाली हैलिकॉप्टर हमारी सैन्य शक्ति का हिस्सा बन चुके हैं, बहुत जल्द राफेल फाइटर जेट भी हमारी वायुसेना को सशक्त करेगा 'दुनिया के 100 से ज्यादा देशों को आज भारत में बनी बुलेट प्रूफ जैकेट निर्यात की जा रही है. भाजपा सरकार का मतलब ही है देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता है | हमारे लिए देश से बड़ा कुछ नहीं है | कश्मीर को लेकर पीएम मोदी ने कहा, ''हमने पूरे देश से वादा किया था कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख की समस्याओं के समाधान के लिए नए प्रयास करेंगे | .... मोदी ने कहा | जम्मू कश्मीर में भारत के संविधान को समग्रता से लागू करना सिर्फ एक सरकार का फैसला नहीं है, ये 130 करोड़ भारतीयों की भावना का प्रकटीकरण है पीएम ने कहा, ''कल तक हम कहते थे- कश्मीर हमारा है, अब हर हिंदुस्तानी कहेगा, हमें नया कश्मीर बनाना है, हर कश्मीरी को गले लगाना है और हमें वहां फिर से स्वर्ग बनाना है | देश को एहसास है कि इस फैसले की आड़ में अस्थिरता और अविश्वास फैलाने की तमाम को कोशिशें सीमा पार से हो रही हैं | जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काने की भरपूर कोशिश हो रही है, लेकिन जम्मू कश्मीर की आवाम इस हिंसा से बाहर निकलने का मन बना चुकी है |
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20 September 2019तेजस में उड़ान भरने वाले पहले रक्षामंत्री राजनाथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह नेआज स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी | बेंगलुरु के सेंटर से तेजस विमान में वे सवार हुए थे राजनाथ सिंह देश के पहले रक्षा मंत्री भी बन गए हैं जिसने तेजस विमान में उड़ान भरी | तेजस विमान को एचएएल ने तैयार किया है। तेजस के साथ उस समय इतिहास बन गया | जब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इसने उड़ान भरी | बेंगलुरु के सेंटर से तेजस विमान में वे सवार हुए थे | राजनाथ सिंह देश के पहले रक्षा मंत्री भी बन गए हैं जिसने तेजस विमान में उड़ान भरी लड़ाकू विमान के नौसेना संस्करण की सफल अरेस्ट लैंडिंग करवाई जा चुकी है | इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जो विमानवाहक पोत पर उतरने में सक्षम जेट विमान का डिजाइन तैयार करने में सक्षम हैं | तेजस की स्पीड उस वक्त 244 किलोमीटर प्रति घंटा थी और सिर्फ दो सेकंड में उसे जीरो कर लैंड कराया गया | तेजस में रक्षा मंत्री की यह उड़ान उस वक्त हुई है जब HAL को देश में बनाए जाने वाले 83 एलसीए मार्क 1ए विमान के निर्माण के लिए 45 हजार करोड़ रुपये की परियोजना मिलने वाली है |
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19 September 2019मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ का संत समागम सम्मेलन में संबोधन मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि जिन संतों की कुटिया आश्रम, मंदिर एवं गौ-शाला हैं, उन्हें स्थाई पट्टा देने पर सरकार विचार करेगी। मुख्यमंत्री आज यहाँ मिंटो हॉल में अध्यात्म विभाग द्वारा आयोजित संत समागम सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में बड़ी संख्या में प्रदेश भर से आए साधु-संत शामिल हुए। प्रारंभ में सम्मेलन में सभी संतों की ओर से आशीर्वाद स्वरूप कम्प्यूटर बाबा ने मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ को पुष्पमाला भेंट की। युवा पीढ़ी को अध्यात्म शक्ति से जोड़ें मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि पूरे विश्व में भारत अपनी अध्यात्मिक शक्ति के कारण पहचाना जाता है। यही वह शक्ति है, जो हमारे देश की पहचान अनेकता में एकता को कायम रखे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की पीढ़ी, जो नई तकनीक से जुड़ी हुई है और विशेषकर शहरी क्षेत्रों में रह रही है, उसे अध्यात्मिक शक्ति, संस्कृति और सभ्यता से जोड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने संतों से आग्रह किया कि वे इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँ और हमारी हजारों साल पुरानी अध्यात्मिक शक्ति से उनका परिचय कराएँ। 35 साल पहले बताई थी लोकसभा में अध्यात्म मंत्रालय की जरूरत मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि 35 साल पूर्व उन्होंने एक चर्चा के दौरान अध्यात्म मंत्रालय का गठन करने को कहा था। उन्होंने कहा कि इसके पीछे उनकी मंशा थी कि पूरे देश में लोग भारतीय अध्यात्म के महत्व और देश की एकता के संदर्भ में उसकी जरूरत को जान सकें। श्री कमल नाथ ने कहा कि जैसे ही उन्होंने मुख्यमंत्री पद सम्हाला, सबसे पहले उन्होंने आनंद एवं धर्मस्व विभाग को मिलाकर अध्यात्म विभाग गठन करने का निर्णय लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके जरिए हम प्रदेश में लोगों को अपनी इस सदियों पुरानी अध्यात्म साधना से जोड़ने का प्रयास करेंगे। धर्म के नाम पर हुए घोटालों की जाँच होगी मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि धर्म के नाम पर पूर्व में जो घोटाले किए गए हैं, सरकार उनकी जाँच कराएगी। उन्होंने कहा कि धर्म के प्रति अगर आस्था है, तो कोई घोटाले कैसे कर सकता है। हमें यह समझना होगा कि हमारी नीयत और भावना से चरित्र का निर्माण होता है। जो व्यक्ति धर्म की आड़ में घोटाले करे, वह कभी भी आस्थावान नहीं हो सकता, न ही वह अपने धर्म का सम्मान करता है। दिमाग नहीं, दिल से धर्म का सम्मान करते हैं मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि धर्म हमारे लिए राजनीति का विषय नहीं है। यह हमारे लिए आस्था और सम्मान का विषय है। हम चाहते हैं कि लोग धार्मिक आस्थाओं से जुड़ें, लेकिन उसके जरिए की जाने वाली राजनीति को नकारें। उन्होंने संत समागम सम्मेलन की सराहना करते हुए कहा कि समय-समय पर ऐसे सम्मेलन होते रहने चाहिए। उन्होंने साधु संतों की माँगों पर कहा कि सरकार उस पर विचार करेगी और प्रयास किया जाएगा कि अगले सम्मेलन तक उनकी कोई भी माँग अधूरी न रहे। संत समागम सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह ने कमल नाथ सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया कि उन्होंने अध्यात्म विभाग का गठन किया है। उन्होंने कहा कि अध्यात्म एक अच्छे व्यक्तित्व के निर्माण में मदद करता है। धर्म का उपयोग लोगों को बांटने के लिए नहीं, जोड़ने में किया जाना चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि सनातन धर्म विश्व का सबसे प्राचीन धर्म है। इसे संरक्षित करने के लिए हम सबको योगदान देना चाहिए। उन्होंने माँ नर्मदा नदी को हुई क्षति की पूर्ति करने और उसे संरक्षित करने पर जोर दिया। उन्होंने प्रदेश की सभी संस्कृत पाठशालाओं को संरक्षण देने को कहा। युवा पीढ़ी को सनातन धर्म के प्रति शिक्षित करने और दूसरे धर्मों की जानकारी देने की आवश्यकता बताई। इसके लिए पाठ्यक्रमों में 'धर्म क्या है ?' पाठ जोड़ने का आग्रह किया। जनसम्पर्क एवं अध्यात्म मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने मठ-मंदिर सलाहकार समिति का गठन किया, नर्मदा ट्रस्ट बनाया और अब ताप्ती ट्रस्ट का भी गठन करने जा रही है। संत-पुजारियों का मानदेय तीन गुना बढ़ाया गया है। महाकाल मंदिर परिसर का तीन सौ करोड़ से विकास किया जा रहा है। एक हजार शासकीय गौ-शालाएँ बनाई जा रही हैं। नर्मदा परिक्रमा मार्ग पर नौ धर्मशालाओं का 26 लाख से निर्माण किया जाएगा। साथ ही नर्मदा परिक्रमा मार्ग को सुगम बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि राम पथ वनगमन निर्माण योजना बनाई गई है। श्री शर्मा ने बताया कि प्रदेश के बड़े मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 2 करोड़ 45 लाख 9 हजार रुपए दिए गए हैं। धार्मिक महत्व के मेलों के लिए 1 करोड़ 34 लाख 70 हजार रुपए मेला अयोजन समितियों को दिए गए हैं। इसके अलावा भिलसा वाली माता ग्वालियर, सूर्य नारायण एवं बड़े हनुमान मंदिर जबलपुर, कुण्डेश्वर हनुमान मंदिर उज्जैन, नर्मदा उद्गम मंदिर अमरकंटक, बाण गंगा मंदिर शिवपुरी और दतिया के मंदिर समूह के निर्माण, मरम्मत रखरखाव की योजना बनाई गई है। नर्मदा ट्रस्ट अध्यक्ष संत श्री कम्प्यूटर बाबा ने मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में अध्यात्म विभाग बनाने के साथ ही धार्मिक स्थलों के विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि श्री कमल नाथ जो कहते हैं, उसे वह पूरा करते हैं। मठ-मंदिर सलाहकार समिति अध्यक्ष स्वामी सुबोधानंद महाराज ने कहा कि पिछले 15 साल में इस तरह का कोई सम्मेलन नहीं हुआ। पिछले नौ माह में ही नई सरकार ने पहली बार साधु-संतों का सम्मेलन बुलाकर सराहनीय पहल की है। इसके लिए मुख्यमंत्री बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि नर्मदा को संरक्षित करने के लिये नई सरकार ने जो कदम उठाए हैं, वे स्वागत योग्य हैं। उन्होंने संतों से आग्रह किया कि वे पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यापक पैमाने पर पौधा-रोपण करें।
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18 September 2019सफ़ेद झंडा दिखा कर पाकिस्तानी ले गए शव पकिस्तान सीमा पर लगातार नापाक हरकतें कर रहा है और भारतीय सेना उसका मुहतोड़ जवाब दे रही है | सीजफायर का उल्लंघन कर पकिस्तान भरता में आतंकवादियों को घुसपैठ करवाने की कोशिश में है | भारत ने ऐसी ही एक कोशिश को नाकाम किया जिसमें दो पाक सैनिक मारे गए | जिसके बाद पाकिस्तान ने सफ़ेद झंडा दिखाया और अपने सैनिकों के शव उठा ले गया | सीमा पर आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने के लिए पकिस्तान लगातार सीज फायर का उलंघन कर रहा है | भारतीय सेना भी ऐसे में पकिस्तान को मुहतोड़ जवाब दे रही हैं | दो दिन पहले भी पाकिस्तान ने सीजफायर का उल्लंघन किया तो भारत ने उसे उसी की भाषा में जवाब दिया | इस दौरान पाकिस्तान के दो सैनिक मारे गए थे | उन सैनिकों के शवों को उठाने के लिए पाकिस्तान को सफेद झंडा उठाना पड़ा | युद्ध के दौरान सफेद झंडा दिखाने का मतलब समर्पण करना या युद्धविराम करना होता है | सैन्य सूत्रों के मुताबिक 10-11 सितंबर को भारतीय सेना की टुकड़ी ने पाकिस्तान के एक सैनिक गुलाम रसूल को पीओके के काजीपुर सेक्टर में मार गिराया था | सैनिक रसूल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत बहावलनगर का रहने वाला था | इसके बाद पाकिस्तानी सैनिकों ने गोलाबारी तेज कर दी थी और सैनिक के शव को ले जाने की कोशिश की, इस दौरान रसूल का शव उठाने आया एक पाक सैनिक भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में मारा गया | दो दिन तक कोशिश करने के बाद भी जब पाकिस्तानी सेना अपने जवानों के शव नहीं उठा सकी तो 13 सितंबर को पाकिस्तान की ओर से शवों को उठाने के लिए सफेद झंडा दिखाया गया | इसके बाद भारतीय सेना द्वारा पाक को शव उठाने दिए गए |
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14 September 2019वो आखिर 10 सैकेंड जो कई जान लील गए चार मिनिट 17 सैकेंड में कैद है पूरा हादसा पुरानी कहावत | सावधानी हटी और दुर्घटना घटी भोपाल के छोटे तालाब पर देखने को मिली | जब गणेश विसर्जन में हुई जरा सी चूक ने कई युवाओं को मौत की नींद सुला दिया चार मिनिट 17 सैकेंड के वीडिओ में ये हादसा कैद है लेकिन आखिरी के दस सैकेंड कैसे जानलेवा हुए ये हम आपको दिखते हैं | गणेश विसर्जन के बाद मात्र दस सैकेंड में नाव ने हिचकोले खाये और वह तालाब में डूब गई | कोई कुछ समझ पाता तह तक बहुत देर हो चुकी थी | गणेश विसर्जन के वक्त ऐसा क्या हुआ | उसे समझने के लिए इस वीडियो को देखिये ये चार मिनिट सत्रह सैकेंड का वीडिओ इस हादसे का गवाह है | भोपाल के पिपलानी इलाके के गणेश मंडल के युवा एक जुलुस की शक्ल में नाचते गाते सात किलोमीटर का सफर कर पुलिस हेडक्वार्टर के पास बने | खटलापुरा घाट पहुंचे घाट पर पूजा अर्चना के बाद विसर्जन करने वाले नाविकों से पैसे कम करने पर युवाओं की बातचीत होती है | उस समय घड़ियाँ सुबह के साढ़े चार बजा रही थीं | वातावरण में ठंडक के साथ अँधेरा भी था | दो नावों को जोड़कर एक किया गया था और उस पर विसर्जन के लिए गणपति की 14 फिट ऊँची प्रतिमा को रखा गया नाव को बैलेंस करने के लिए विसर्जन करने आये युवाओं में से तकरीबन पंद्रह युवकों को नाव में बैठाया गया | ऐसे में प्रशासन नाम की कोई चीज यहाँ नहीं है न नाविक के पास लाइफ जॉकेट हैं न युवाओं के पास | नाव किनारे छोड़ कर तालाब के मध्य पहुंची | नाव से प्रतिमा को इस तरह धकेलना था कि वह सीधे पानी में जाए | किनारे से नाव चले चार मिनिट बीत गए | गणेश जी की प्रतिमा थोड़ा तिरछी हुई और पानी में सीधे जाने की बजाए एक साइड से झुकी और पानी में समा गई लेकिन यह क्या आखिर के दस सैकेंड में यह नाव खुद डूब गई ... कुछ युवा बचने के लिए तैर रहे थे तो कुछ डूब रहे थे | ऐसे में एक अन्य नाविक ने सहस दिखाकर युवाओं को बचाने की कोशिश की लेकिन उसकी भी नाव बेकाबू हो कर डूब गई | किनारे खड़े कुछ युवाओं ने पानी में छलांग लगाईं और कुछ युवाओं को बचा लाये अगर भोपाल की पुलिस और प्रशासन दुरुस्त होता तो शायद ये हादसा न होता |
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14 September 2019भोपाल, रायसेन के शहरी क्षेत्रों के 35,000 स्कूली बच्चों को आधुनिक किचन से मध्यान्ह भोजन अक्षयपात्र फाउंडेशन, एच.ई.जी.लि. मंडीदीप, भोपाल-रायसेन जिला पंचायत में हुआ समझौता मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा अत्यंत नेक काम भोपाल और रायसेन जिले के शहरी क्षेत्रों के 35,000 विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराने के लिये मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की उपस्थिति में आज यहाँ मंत्रालय में एच.ई.जी.लि. मंडीदीप और अक्षयपात्र फाउंडेशन तथा भोपाल एवं रायसेन जिला पंचायतों के बीच एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर हुए। अक्षयपात्र फाउंडेशन अत्याधुनिक किचन स्थापित करेगा और भोपाल एवं रायसेन के शहरी क्षेत्रों की शालाओं में मध्यान्ह भोजन पहुँचायेगा। अत्याधुनिक किचन स्थापित करने के लिये एलएनजे भीलवाड़ा ग्रुप के चैयरमेन श्री रवि झुनझुनवाला ने एच.ई.जी.लि. मंडीदीप की ओर से सामाजिक दायित्व निभाते हुए अक्षय पात्र फाउंडेशन को 7.30 करोड़ रुपए की अनुदान राशि प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने अक्षय पात्र फाउंडेशन द्वारा बच्चों को भोजन देने के कार्य को नेक काम बताते हुए इस प्रयास की प्रशंसा की और अन्य जिलों में भी इसके विस्तार की संभावनाएँ तलाशने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने इस नेक काम में सहयोग देने के लिये एच.ई.जी. ग्रुप की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोजन की कमी या अनुपलबधता के कारण शिक्षा में कमी आना या शिक्षा छूट जाना अप्रिय स्थिति है। राज्य सरकार प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये प्रतिबद्ध है। एच.ई.जी.लि. की ओर से अध्यक्ष श्री रवि झुनझुनवाला, सी.ओ.ओ. श्री मनीष गुलाटी और अक्षयपात्र फाउंडेशन की ओर से इसके उपाध्यक्ष श्री चंचलपति दास ने एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए। भोपाल जिला पंचायत की ओर से मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सतीश कुमार एस. एवं रायसेन जिला पंचायत की ओर से मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अभि प्रसाद ने हस्ताक्षर किए। उल्लेखनीय है कि अक्षय पात्र फाउंडेशन देश के 12 राज्यों की शासकीय शालाओं में 17.7 लाख बच्चों को मिड-डे मील कार्यक्रम के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण भोजन पहुँचा रहा है। इसका लक्ष्य 50 लाख बच्चों को भोजन पहुँचाना है। यह काम 43 अत्याधुनिक किचन और वितरण के लिये विशेष वाहनों के माध्यम से किया जा रहा है। इस अवसर पर अक्षयपात्र फाउंडेशन की ओर से मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ का सम्मान किया गया। ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक वर्णवाल, भोपाल कलेक्टर श्री तरूण पिथौड़े एवं वरिष्ठ अधिकारी, अक्षयपात्र फाउंडेशन की ओर से संचालक श्री भरताश्रभ दास तथा सलाहकार श्री रवीन्द्र चमेरिया उपस्थित थे।
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11 September 201970 से ज्यादा कड़कनाथ को बनाया शिकार कांकेर में एक तेंदुए को कड़कनाथ मार्गे का स्वाद ऐसा पसंद आया कि वह रोज पोल्ट्री फॉर्म में आकर कड़कनाथ मुर्गे का शिकार करने लगा | पोल्ट्री फॉर्म संचालकों ने इसकी जानकारी वन विभाग को दी तो इस तेंदुए को पकड़कर दूर जंगल में छोड़ा गया | कांकेर के ग्राम पंचायत ठेल्काबोर्ड के पोल्ट्री फार्म में लगातार एक सप्ताह से तेंदुआ घुसकर मुर्गियों को अपना शिकार बना रहा था | यह तेंदुआ यहाँ कड़कनाथ प्रजाति के मुर्गे -मुर्गियों को अपना शिकार बनता था और कुछ ही दिन में ये 70 मुर्गे चट कर गया | इस तेंदुए की जानकारी वन विभाग को दी गई वन विभाग ने पोल्ट्रीफार्म में पिंजरा लगा दिया और बीती रात फिर शिकार करने पहुंचा तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया | तेंदुए के पिंजरे में कैद होने की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकड़कर शहर से दूर जंगल में छोड़ दिया है | तब जाकर गांव के लोगों ने राहत की सांस ली | इस तेंदुए ने अब तक करीब 70 से अधिक कड़कनाथ मुर्गों को अपना शिकार बना चुका था | जिससे गांव और दुकानदार दहशत में थे | कड़कनाथ के चक्कर में यह तेंदुआ हमेशा गांव के आसपास घूमता रहता वन विभाग ने कई दफा तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया, लेकिन वो उसमें फंस नहीं रहा था लोग तेंदुए के खौफ की वजह से शाम 6 बजते ही अपने घरों के दरवाजे बंद कर अंदर दुबक कर रहते थे | बता दें कांकेर शहर और उसके आस-पास के इलाके में लंबे समय से हिंसक वन्य जीवों का आतंक रहा है। पिछले दिनों मॉर्निंग वॉक पर निकले एक व्यक्ति पर तेंदुए ने हमला किया था |
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10 September 2019लश्कर ए तैयबा के लिए करते हैं काम जम्मू कश्मीर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है | पुलिस ने आतंकियों की मदद करने वाले 8 सहयोगियों को गिरफ्तार किया है | ये सभी लोग स्थानीय लोगों को डराने के साथ ही उन्हें भड़काने के लिए विवादित पोस्टर्स का प्रकाशन करते थे | सोपोर पुलिस इन आतंकवादियों से हाल ही में सिविलयन क्षेत्र में की गई हत्याओं के बारे में भी पूछताछ कर रही है | पुलिस ने इन आतंकियों के पास से कम्प्यूटर के साथ ही अन्य सामग्री भी बरामद की है | ... इसमें पोस्टर प्रकाशन के लिए ड्राफ्टिंग भी पाई गई है | बताया जा रहा है कि पुलिस पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ है कि इन 8 आतंकियों में से 3 आतंकी लश्कर ए तैयबा के सहयोगी हैं जो मुख्य अभियुक्त भी हैं | पुलिस ने सभी विवादित सामग्री को जब्त कर लिया है | इन लोगों द्वारा पोस्टर तैयार करने के साथ ही उन्हें स्थानीय इलाकों में पहुंचाया था | पता चला है इन्हें इस काम के लिए आतंकी फंडिंग भी करते हैं |
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10 September 2019कमलनाथ के खिलाफ दो लोग गवाही देने को तैयार मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार में अंदुरुनी कलह इस कदर बढ़ गया हैं की कमलनाथ की कुर्सी डोलने लगी हैं | कमलनाथ की मुश्किल इतनी ही नहीं हैं उनके पुराने मामलों को भी हवा देना लोगो ने शुरू कर दिया हैं | सिख दंगों में कमलनाथ की मुश्किल बढ़ गयी हैं | सिरसा ने इस्तीफा मांगा हैं | अकाली नेता ने दावा किया कि कमलनाथ के खिलाफ दो लोग गवाही देने को तैयार हैं | 1984 के सिख दंगों में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किल बढ़ गई है। मामले में गठित SIT ने कमलनाथ के खिलाफ केस फिर से खोलने की बात कही है। इसके बाद विरोधियों ने कांग्रेस नेता पर हमले तेज कर दिए हैं। शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि कमलनाथ के खिलाफ यह बड़ी जीत है। बकौल सिरसा, मैंने पिछले साल कमलनाथ के खिलाफ गृहमंत्रालय में शिकायत की थी। अब नोटिफिकेशन जारी हुआ है और केस नंबर 601/84 में फिर से जांच शुरू होगी तथा कमलनाथ के खिलाफ ताजा सबूतों पर अमल किया जाएगा। सिरसा ने बताया कि दो गवाह सामने आए हैं। हमने उनसे बात की है। उन्हें SIT जब भी बुलाएगी, वे बयान देने को राजी हैं। दोनों में हमें बहुत कुछ बताया है। हमने दोनों गवाहों की सुरक्षा की मांग भी करते हैं। सिरसा का आरोप है कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली के गुरुद्वारा रकबगंज के बाद भड़की हिंसा में कमलनाथ का हाथ था।साथ ही सिरसा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मांग की कि वे कमलनाथ को तत्काल मुख्यमंत्री पद से नीचे उतारे और सिखों के साथ न्याय करें।
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9 September 2019दुनिया गंभीर जल संकट के दौर से गुजर रही है ग्रेटर नोएडा में हो रहे कॉप-14 में हिस्सा लेने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार द्वारा पर्यावरण और धरती को बचाने के लिए उठाए जा रहे कदमों का जिक्र करने के साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद करने की अपील दुनिया भर के लोगों से की | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरी सरकार ने घोषणा की है कि भारत आने वाले सालों में सिंगल यूज प्लास्टिक के उपोयग पर प्रतिबंध लगाएंगे | मेरा मानना है कि वक्त आ गया है जब दुनिया के सभी देश इस सिंगल यूज प्लास्टिक को अलविदा कह दें | प्रधानमंत्री ने कहा कि पानी का प्रबंधन भी एक अहम मुद्दा है और इसे ध्यान में रखते हुए मेरी सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय बनाया है जो पानी से जुड़े हर महत्वपूर्ण मुद्दे को देखेगा | प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया गंभीर जल संकट के दौर से गुजर रही है | जब हम मरुस्थलीकरण पर बात करते हैं तो जल संकट जैसी समस्या पर भी विचार करना पड़ता है | हमें जमीन को मरुस्थलीकरण से बचाने के लिए जल संरक्षण पर भी ध्यान देना होगा | मोदी ने कहा भारत की संस्कृति में धरती, जल, वायु और पर्यावरण के संरक्षण की संकल्पना मौजूद है | हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत में साल 2015 से साल 2017 के बीच वनीकरण में 0.8 मिलियन हेक्टेयर का इजाफा हुआ है | प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में सदा से धरती को पवित्र स्थान दिया गया है | भारतीय संस्कृति में भूमि को माता माना गया है | भारत के लोग सुबह सोकर उठने के बाद धरती को नमन करके दिन की शुरुआत करते हैं |
Patrakar amitabh upadhyay
9 September 2019चन्द्रमा पर झुका हुआ पड़ा है विक्रम इसरो के वैज्ञानिकों ने देशवासियों को एक अच्छी खबर दी है कि चंद्रयान2 के साथ भेजे गए विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर खोज निकाला गया है | अच्छी बात यह है कि यह सिंगल पीस में है यानी टूटा नहीं है और चंद्रमा की सतह पर झुका हुआ पड़ा है | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने कहा कि वैज्ञानिकों की टीम विक्रम लैंडर से संपर्क करने की पूरी कोशिश कर रही है | विक्रम लैंडर का नाम भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के पिता विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया | चंद्रयान-2 मिशन के ऑर्बिटर के साथ शनिवार को इसका संपर्क चंद्रमा की सतह से महज 2.1 किमी की दूरी पर टूट गया था | यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास नरम-भूमि पर था | चंद्र ऑर्बिटर 100 किमी की ऊंचाई पर चंद्रमा के चारों ओर जा रहा है | इसने चंद्रमा की सतह पर लैंडर की एक थर्मल इमेज ली थी |ऑर्बिटर का कैमरा किसी भी चंद्र मिशन में अब तक इस्तेमाल किया गया, सबसे ज्यादा हाई रेजोल्यूशन वाला कैमरा है | इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि थर्मल इमेज से पता चलता है कि लैंडर ने उस जगह के पास एक सख्त लैंडिंग थी, जहां इसे उतारने की योजना थी | लैंडर एक ही टुकड़े के रूप में है और उसमें कोई टूट-फूट नहीं हुई है | यह एक झुकी हुई स्थिति में है |
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9 September 2019देश में संकल्पों के साथ जीने की ताकत पीएम मोदी ने अपनी रोहतक रैली में कहा कि वह रोहतक में ऐसे वक्त आए हैं जब उनकी सरकार के सौ दिन पूरे हो रहे हैं जनता से मिले समर्थन से ही सरकार बड़े फैसले ले पाई है | बैंकिंग व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अहम फैसले लिए गए हैं | सौ दिनों में संसद सत्र में जितने बिल पास हुए उतना आज तक पिछले साठ साल में नहीं हुए थे | बीते सौ दिन में देश और दुनिया ने देखा है कि भारत अब हर चुनौती को चुनौती देता है फिर चाहे जम्मू-कश्मीर व लद्दाख का मामला हो या गहराता जल संकट | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सात सितंबर को रात एक बजकर 50 मिनट पर पूरा देश टीवी पर नजरें गाड़कर बैठा था | चंद्रयान-दो की खुशखबरी के लिए देश-दुनिया देख रही थी | बाद के सौ सेकेंड में मैंने एक और साक्षात्कार किया | एक घटना ने पूरे देश को सौ सेकेंड में जगा दिया | पूरे हिंदुस्तान को जोड़ दिया | अब हिंदुस्तान में इसरो स्पिरिट है | देश नकारात्मकता को स्वीकार करने को तैयार नहीं है | देश पुरुषार्थ की पूजा करता है देशवासियों का बदला मिजाज बहुत बड़ी पूंजी है | 100 सेकेंड में हिंदुस्तान ने दिखा दिया कि जिस देश में संकल्पों के साथ जीने की ताकत होती है, वह इसरो स्प्रिट होता है | हम भाग्यवान हैं कि देश में ऐसी ऊर्जा है | पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को सभी दस सीटें जिताने के लिए हरियाणा के लोगों का आभार जताया | कहा कि राजनीति के आज के युग में 55-60 प्रतिशत वोट पाना अपने आप में जनविश्वास व जन जाग्रति का दुर्लभ उदाहरण है | इसके लिए वह हरियाणा के लोगों का आभार व्यक्त करते हैं |पीएम ने कहा कि उन्हें तीसरी बार रोहतक में आने का मौका मिला है | कहा कि वह एक बार फिर समर्थन मांगने के लिए आए हैं |
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8 September 2019मोदी से मिलकर भावुक हुए ISRO चीफ सिवन चांद से महज दो कदम दूर रहे गए भारत के महात्वाकांक्षी मिशन के विक्रम लैंडर से संपर्क टूटने के बावजूद देश भर में जहां इसरो के वैज्ञानिकों की तारीफ हो रही है वहीं प्रधानमंत्री मोदी सुबह फिर से इसरे वैज्ञानिकों से मिलने और उनका हौसला बढ़ाने पहुंचे | जहाँ प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर इसरो चीफ के सिवन भावुक हो गए | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर सबका दिल जीत लिया | सभी वैज्ञानिकों से मुलाकात के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी लौट रहे थे तब एक ऐसा भावुक पल भी आया जब इसरो चीफ के सिवान प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके | जब मोदी वैज्ञानिकों से मिलकर अपनी कार की तरफ बढ़ रहे थे तभी इसरो चीफ प्रधानमंत्री से मिलते ही भावुक हो गए और उन्हें इस तरह भावुक देख प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें गले लगा लिया और उन्हें जादू की झप्पी दी | पीएम मोदी ने के सिवान को काफी देर तक गले लगाए रखा और ढांढस बंधाते रहे | आखिरकर, इसरो चीफ ने खुद को संभाला और इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने फिर से उनका हौंसला बढ़ाते हुए वहां से रवाना हुए | यह एक ऐसा पल था जब यूं लग रहा था मानों प्रधानमंत्री एक बड़े भाई की तरह के सिवान को गले लगाकर यह कह रहे हों कि सब ठीक हो जाएगा |
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7 September 2019चंद्रयान जुटाएगा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की जानकारी चाँद के दक्षिणी ध्रुव से अब रहस्यों का पर्दा उठेगा | भारत का चंद्रयान एक साथ कई सारे अध्ययन यहाँ करेगा | चंद्रयान 2 की मदद से पहली बार दुनिया के सामने चांद के दक्षिणी ध्रुव से जुड़ी जानकारी सामने आ सकेगी | यह सब भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है | और अब चंदामामा दूर के भी नहीं रहे हैं | भारत का Chandrayaan 2 अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नई इबारत लिख रहा है | चंद्रयान 2 की सॉफ्ट लैंडिग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के हिस्से में है | जहां अब तक किसी भी देश का यान नहीं पहुंच सका है | ऐसे में चंद्रयान 2 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग भारत के साथ ही दुनिया के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है | दरअसल, चंद्रयान 2 की मदद से पहली बार दुनिया के सामने चांद के दक्षिणी ध्रुव से जुड़ी जानकारी सामने आ सकेगी | ये चंद्रमा पर आगे के मिशन के लिहाज से बेहद खास हो जाएगा | चंद्रयान 2 मिशन पर भारत के साथ ही अन्य देशों की भी नजर है | क्योंकि इस मिशन के जरिये चंद्रमा से जुड़ी हुई ऐसी जानकारियां सामने आएंगी जो अब तक अनछुई रही हैं | मिशन का खास उद्देश्य वहां पानी और उसके संकेतों की खोज करना है ...चंद्रयान 2 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह के तत्वों का अध्ययन करेगा | वहां की चट्टान और मिट्टी किन तत्वों से बनी हुई है, इसे देखेगा | वहां मौजूद चोटियों और खाईयों की स्टडी करेगा | चंद्रमा की सतह का घनत्व और उसमें परिवर्तन की स्टडी करेगा | चंद्रमा के आयनोस्फीयर में इलेक्ट्रानों की मात्रा का अध्ययन करेगा | चंद्रमा का एक दिन धरती के 14 दिन के बराबर है, इस अवधि के दौरान रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर कई प्रयोग करेगा | मुख्य ऑर्बिटर मिशन की अवधि एक साल रहेगी | इसरो के मुताबिक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के क्रेटर्स पर अरबों वर्षों से सूर्य प्रकाश नहीं पहुंचा है, ऐसे में उनमें सोलर सिस्टम की उत्पत्ति का रिकॉर्ड छुपा हो सकता है | इसरो ने वहां बड़ी मात्रा में पानी होने का अनुमान भी लगाया है | इसके साथ ही चंद्रयान 2 से मिली जानकारी भविष्य में चंद्रमा के लिए भेजे जाने चंद्रयान के लिए बेहद काम की होगी | इसरो इस जानकारी की मदद से चंद्रमा पर मानव यान को भेजने के लिए भी जरूरी जानकारियां जुटा सकेगा |
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6 September 2019नए आतंकरोधी कानून के तहत हुआ फैसला केंद्र की मोदी सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर और लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को आतंकी घोषित कर दिया है | इनके अलावा दाऊद इब्रहिम और जकी-उर-रहमान लखवी को भी संशोधित आतंक रोधी कानून के तहत आतंकी घोषित किया गया है | केंद्र सरकार ने यह फैसला संसद द्वारा विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन विधेयक- 2019 को मंजूरी दिए जाने के एक महीने बाद यह कदम उठाया है | गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि केंद्र सरकार का मानना है | कि मौलाना मसूद अजहर आतंकी गितिविधियों में शामिल है और इसलिए उसे आतंकी घोषित किया जाता है | वहीं सरकार का यह भी मानना है कि हाफिज सईद आतंकवाद में शामिल है इसलिए उसे भी आतंकी घोषित किया जाता है | मुंबई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान लखवी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को व्यक्तिगत आतंकी घोषित किया गया है |
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4 September 2019पाकिस्तान कर रहा शांति भंग करने की कोशिश जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से ही पाकिस्तान लगातार शांति भंग करने की कोशिश में लगा है | इसी कड़ी में वो घाटी में आतंकियों की घुसपैठ में संघर्ष विराम का उल्लंघन कर उनकी मदद कर रहा है | ऐसी ही घुसपैठ के माध्यम से घाटी में दाखिल हुए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों को सुरक्षाबलों ने पकड़ा है | पाकिस्तानी आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद सेना ने इनके वीडियो जारी किए हैं | जिनमें इन आतंकियों ने खुद को लश्कर से संबधित बताया है | यह वीडियो लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जारी किया है| उनके साथ इस दौरान जम्मू-कश्मीर के एडीजी मुनीर खान भी थे | वीडियो जारी करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि पाकिस्तान लगातार घाटी में ज्यादा से ज्यादा आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश में है ताकि घाटी की शांति को प्रभावित किया जा सके | 21 अगस्त को हमने दो पाकिस्तनी घुसपैठियों को पकड़ा है जो लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं | उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लगातार आतंक फैलाने की कोशिश में है | 6 अगस्त को पत्थर लगने से घायल हुए शख्स असरार अहमद की मौत हो गई है | पिछले 30 दिनों में यह 5वीं मौत है | यह मौतें आतंकियों, पत्थरबाजों और पाकिस्तान की वजह से हो रही हैं |
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4 September 2019ऑपरेशन थंडर अभियान में पकडे गए गुंडे रायपुर में पुलिस ने ऑपरेशन थंडर शुरू किया और कुछ ही घंटों में 220 अपराधियों को सीखचों के पीछे पहुँचाया | पुलिस ने इन अपराधियों का जुलूस निकला और अदालत पहुँचाया | छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस ने 220 पंजीबद्ध अपराधियों की बड़ा अभियान चलाकर गिरफ्तारी की और कोर्ट में पेश करने ले जाते समय उन्हें जुलूस की शक्ल में लेकर गए | इसकी दिन भर चर्चा होती रही | पुलिस अधिकारियों के अनुसार गणेशोत्सव और आगामी त्यौहारों के दृष्टिगत हिस्ट्रीशीटरों, अपराधों में संलिप्त रहे लोगों की गिरफ्तारी की गई है | एएसपी सिटी प्रफुल्ल ठाकुर ने बताया कि पुलिस ने ऑपरेशन थंडर अभियान चलाया था | जिसमें 20 थाना क्षेत्रों से 220 से ज्यादा निगरानी बदमाश और गुंडों को सोते समय घर से उठाया गया | रविवार की दोपहर 1.30 बजे पुलिस कंट्रोल रूम से पकड़े गए सभी बदमाशों का जुलूस निकालकर कोर्ट ले जाया गया | अभियान में कुछ ऐसे भी बदमाश मिले जिन पर एक दो नहीं, बल्कि कई थानों में शिकायतें दर्ज हैं | गणेशोत्सव के दौरान पिछले दस सालों से मारपीट करने वालों की भी पहचान कर उनकी भी गिरफ्तारी की गई है |
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4 September 2019क्यों ऐसे ही हैं सरकारी अस्पतालप्रदेश की स्वास्थ सेवाएं वेंटिलेटर परमंत्री तुलसी सिलवाट जी यह खबर आपको समर्पित हैं | क्योंकि आपके जो दावे हैं प्रदेश को बेहतर स्वास्थ्य सेवाऐ देने के वो बेईमानी हैं मंत्री जी इस खबर देखने के बाद आपकी आंखे शर्मिंदगी से झुक जाएँगी | तो देखिये सरकारी अस्पताल के हालात जो सुधरने के बजाय दिनों दिन बिगड़ते जा रहे है मगर जिम्मेदार प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग गहरी नींद में सो रहा हैं | ध्यान दे भी तो क्यों सरकारी अस्पताल हैं | सो चल रहा हैं | अव्यवस्था इस हद तक बढ़ चुकी हैं | की यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को रोज परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है | कह सकते हैं कि आपके प्रदेश की स्वास्थ सेवाएं खुद वेंटिलेटर पर चल रही है | डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे प्रदेश में चिकित्सा विशेषज्ञ के 3195 पद स्वीकृत हैं | बाबजूद इसके महज 1210 पद ही भरे है | इनमें से भी केवल 1063 विशेषज्ञ है प्रदेश में मेडिकल ऑफिसर की कमी के कारण | प्रदेश की स्वास्थ सेवाएं खुद वेंटिलेटर पर चल रही है | किन हालातों से मरीजों को दो चार होना पड़ रहा है | इसे जाने के लिए हमारे संवाददाता नरसिंहपुर के शासकीय जिला चिकित्सालय पहुचे और तफ्तीश की तो ऐसी हकीकत सामने आई जिससे स्वास्थ सुविधाओं के वादे करती सरकार के दावों की पोल खुल गई | देखिए "दख़ल न्यूज़" की ग्राउंड रिपोर्ट | मध्य प्रदेश में मरीजों की भरमार है | मगर अस्पतालों में डॉक्टर कहीं नजर नहीं आते | और हालात हैं की सुधरने के बजाय दिन-ब-दिन बिगड़ते ही जा रहे हैं | जिसका खामियाजा बेबस मरीजों को उठाना पड़ रहा है | चूँकि सरकारी अस्पतालों में डाक्टरों की कमी हैं तो इसलिए डॉक्टरों के उपलब्ध रहने का समय सुबह 9 से शाम 4 बजे तक निर्धारित किया गया है | मगर इस निश्चित समय में डॉक्टर कभी नहीं मिलते | कैसे मिलेंगे यह बड़ा सवाल है | नरसिंहपुर की जिला अस्पताल में भी जब हमने डॉक्टरों को खोजना चाहा तो ड्यूटी टाइम में भी डॉक्टर नदारद ही मिले .... हमें ऐसे कई मरीज मिल गए जो सुबह से दोपहर तक परिजन के साथ डॉक्टरों को ही खोजते देखें | साहब डॉक्टर हो तब तो उन्हें मिले थक हार कर मरीज प्राइवेट अस्पतालों में महंगे खर्च पर इलाज कराने को मजबूर है | आप खुद ही सुनिए मरीज और उनके परिजनों की मुंह जुबानी | अब जरा पहले से अस्पताल में भर्ती इन मरीजों की हाल भी देख लीजिए | जो पिछले 1 सप्ताह से अस्पतालों में नर्स और वार्ड बॉय के भरोसे ही इलाज कराने को मजबूर है | मरीज बताते हैं कि भर्ती होने के बावजूद भी कई दिन हो गए डॉक्टर देखने नहीं आए | सिर्फ नर्स आती हैं | और दवा देकर चली जाती हैं | उनसे पूछो तो वह कहती हैं कि डॉक्टर साहब अस्पताल में ही नहीं है तो आएंगे कहां से कुछ मरीज तो ऐसे हैं जो एचआईवी से पीड़ित हैं जिन्हें सघन जांच की जरूरत है लेकिन उन्हें भी डॉक्टर नसीब नहीं है | अगर मज़बूरी में इलाज करना हैं तो नर्स और वार्ड बॉय के भारी अस्पताल में भर्ती हो |अस्पताल के कई बारदों की हालत तो नर्क से भी बदतर है | फटे बदबूदार बिस्तर और संक्रमण के बीच मरीज अपना इलाज कराने को मजबूर है | और तो और अस्पताल के कई एक्यूपमेंट निर्जीव पड़े हुए हैं | जिन्हें लाखों खर्च करके अस्पताल में लाया गया | जैसे ब्लड बैंक में कई महीनों से सीबीसी मशीन खराब पड़ी हुई है | और लैब टेक्नीशियन मरीजों को बाहर से टेस्ट कराने की सलाह देते नजर आते हैं | ऐसा नहीं है कि उन्होंने शिकायत नहीं की लगातार शिकायतों के बाद भी सुनने वाला कोई नहीं | जिला अस्पताल को 2 वर्ष पहले ट्रामा सेंटर की सौगात मिली | और जिले में एक करोड़ सत्तर लाख कि चलित एंबुलेंस सुविधा मिली जो आपरेशन से लेकर वेंटिलेटर सहित तमाम अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है | लेकिन डॉक्टर की कमी के चलते वह भी कबाड़ में बदल रही है खुद जिले के मुख्य चिकत्साधिकारी बताती है कि जिला अस्पताल में 31मेडिकल ऑफिसर के पद है | जिसमें से केवल चार डाक्टर ही वर्तमान में पदस्थ है। जिला अस्पताल में एक भी फिजिशियन ड्रमोटोलाजिस्ट, कड़ियोलाजिस्ट नहीं हैं | इससे भी बड़ी बात यह हैं की लगभग 500 डिलेवरी होने के बाद भी गायनिक डाक्टर नहीं है | और मजबूरन फिजिएमो द्वारा डिलेवरी कराई जाती है | यहां तक की इतने बड़े हॉस्पिटल में केवल एक ही सर्जन मौजूद है और उन्ही में से डे और नाईट सिफ्ट में ड्यूटी रहती है |
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1 September 2019घायलों का महाराष्ट्र के धुलिया और शिरपुर स्थित अस्पताल में उपचार जारी सेंधवा से 50 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र राज्य के शिरपुर की | केमिकल फैक्ट्री में ब्लास्ट हो गया बताया जा रहा है कि हादसा सुबह उस वक्त हुआ जब गैस सिलेंडर में धमाका हो गया | देखते ही देखते आग ने विकराल रुप ले लिया और इसकी चपेट में कर्मचारी आ गए | हादसा हुआ उस वक्त फैक्ट्री में 70 से ज्यादा लोग मौजूद थे | घटना की जानकारी लगने के बाद मौके पर स्थानीय प्रशासन के साथ ही फायर ब्रिगेड की टीम और बचाव दल पहुंच गया है। फंसे लोगों का रेस्क्यू जारी है | जानकारी के मुताबिक अब तक 6 लोगों की मौत हुई है | और 43 घायल हुए हैं | घायलों का महाराष्ट्र के धुलिया और शिरपुर स्थित अस्पताल में उपचार जारी है | बचाव कार्य अभी जारी है | फैक्ट्री में लोग फंसे हुए भी बताए जा रहे हैं |
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31 August 2019PNB, OBC और यूनाइटेड बैंक के विलय की घोषणा देश में मंदी की खबरों के बीच उद्योग जगत को मजबूती देने के लिए की गई घोषणाओं के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पंजाब नेशनल बैंक, यूनाइटेड बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के विलय की घोषणा की | वित्त मंत्री ने कहा कि इस विलय के बाद यह देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा | वहीं कैनरा बैंक का सिंडिकेट बैंक में विलय होगा और यह देश का चौथा बड़ा बैंक बन जाएगा | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इसके अलावा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉर्पोर्शन बैंक का विलय होगा और यह देश का पाचवां बड़ा बैंक बनेगा | वहीं इंडियन बैंक का इलाहाबाद बैंक में विलय होगा और यह देश का छठवां सबसे बड़ा पब्लिक सेक्टर बैंक होगा | उन्होंने इस दौरान सरकार के उठाए कदमों से बैंकों को हुए फायदे की जानकारी दी | वित्त मंत्री ने अपने प्रजेंटेशन में कहा कि पिछले हफ्ते लिए गए फैसलों का असर दिखने लगा है और तीन बैंक हैं जिन्होंने अपने एनबीएफसी का समाधान निकला है | वित्तमंत्री ने कहा इससे जीडीपी को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी | हमने बैंकों और बैंकिंग सेक्टर में सुधार किया है | बैंकों को सिर्फ लिक्विडिटी नहीं देनी है बल्कि उनमें और सुधार भी करने हैं | उन्होंने यह भी कहा कि फर्जी कंपनियों को बंद किया गया है जिनकी संख्या 3 लाख है | हम 5 ट्रिलियन इकोनॉमी की तरफ बढ़ रहे हैं | भगोड़ों और उनकी संपत्तियों के खिलाफ काम जारी रहेगा | सरकार ने कम वक्त में ज्यादा लोन की स्कीम प्रस्तुत की थी | सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदमों का असर है कि बैंक एनपीए में कमी आई है |
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31 August 2019बैंड के साथ घर पहुंच जाएगी बिजली कंपनी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने अपने करोड़ों के बकाए बिजली बिल वसूली के लिए नायाब तरीका अपनाया है | अब बिजली कंपनी के कर्मचारी अंतिम चेतावनी देने के इरादे से बड़े बकाएदारों के घर बैंड-बाजा लेकर पहुंच रहे हैं |गुरुवार को हरदा में कई जगह ऐसा नजारा देखने को मिला | हरदा में बिजली कंपनी के कर्मचारी ढोल-नगाड़ों के साथ बाजार में निकले उनके हाथ में एक बैनर भी था | जिस पर लिखा था कि अगर आपने अपना बकाया बिजली बिल नहीं भरा तो आपका नाम सार्वजनिक कर दिया जाएगा |इतना ही नहीं गाजे-बाजे के साथ वसूली दल आपके घर आ धमकेगा ... ऐसे में बकाएदारों से ये अपील की जाती है कि वो जोन कार्यालय में जाकर अपना बकाया बिजली बिल भर दें |हरदा में 500 से ज्यादा बकाएदारों के ऊपर बिजली कंपनी का दो करोड़ से ज्यादा का बकाया है | ऐसे में बिजली कंपनी ने वसूली के लिए ये नायाब तरीका अपनाया है | ताकि लोग शर्म के मारे ही सही अपना बकाया बिजली बिल जमा कर दें |
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29 August 2019स्कूल व्यवस्था है प्रभु भरोसे, प्राचार्य है नदारद सरकारी स्कूलों में शिक्षक और कर्मचारी शिक्षा देने के बजाय बच्चों से बर्तन साफ़ कराते है | बच्चों से गंदे पानी में बर्तन साफ़ कराया जा रहा जब स्कूल के प्राचार्य से इस बारे में बात करनी चाही तो वो हमेशा की तरह इस बार भी स्कूल से नदारद मिले | ऐसे में बच्चों का भविष्य अधर में नजर आ रहा है | मंत्री प्रभुराम चौधरी जी कुछ कीजिये और इन बच्चों की ठीक से पढाई के इंतजाम करवाइये | सागर के उपनगर मकरोनियां में नन्हे मुन्ने बच्चों से यहां पदस्थ शिक्षक और समूह के कर्मचारी बर्तन साफ़ करवाते है | वह भी उस स्थान पर जहां से गंदे पानी की निकासी हो रही है | इस मामले में जब प्राचार्य से बात करने का प्रयास किया गया तो | वह हमेशा की तरह स्कूल से गायब थे इन नौनिहालों से जिस तरह काम कराया जा रहा है उससे केवल प्रदेश सरकार की मंशा पर कुठाराघात नहीं है | बल्कि मानवीय संवेदना पर भी कुठाराघात हो रहा है | इस मामले में बीआरसी सागर से बात की गई तो उनका कहना है कि मामला संज्ञान में आया है जांच कर कार्रवाई की जाएगी | मामले में विजुअल सामने आने के बाद लोगों की तल्ख टिप्पणियां सामने आई है | जांच कराए जाने की औपचारिकता के चलते ना केवल सरकारी नुमाइंदों को बचाने की कवायद होगी | बल्कि उन समूहों को भी बचाने का प्रयास होगा जिनकी मलाई पर विभाग के लोग ऐश करते रहते हैं | शायद यही वजह है कि इन नौनिहालों को भोजन करने के पहले | और भोजन करने के उपरांत इस तरह बर्तन धोने के लिए मजबूर किया जाता है |
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28 August 2019सड़क के साथ दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग बाधित मध्यप्रदेश के अधिकांश हिस्से में बारिश मध्यप्रदेश के मालवा-निमाड़ क्षेत्र में भारी बारिश का दौर जारी है | रतलाम में रात से हो रही तेज बारिश से पटरियों पर पानी भर गया जिससे दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग बाधित हो गया | शहर के निचले इलाकों में भी पानी भर गया है | रतलाम के आसपास भारी बारिश के कारण रेल ट्रैक पर पानी आने से मुंबई साइड से आने वाली गाड़ी कुछ विलंब से आई हैं | कुछ जगह रेल ट्रेक पर पानी आने के कारण सभी गाड़ियां विलम्ब से चलीं | मालवा और निमाड़ में रुक रुक कर बारिश जारी है उधर भारी बारिश की वजह से मंदसौर में शिवना नदी का जल स्तर बढ़ गया है और यह पशुपतिनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर गई है |गर्भगृह में मूर्ति के नीचे के चार मुंखों से ऊपर पानी पहुंच गया है| ऐसे में गांधीसागर डेम के 2 छोटे गेट और खोले जाएंगे, इससे एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा | मंदसौर में शिवना नदी पर बने कालाभाटा डेम के पांच गेट 8 फीट तक खोले गए हैं | गांधीसागर बांध का जलस्तर 1310 फीट पर पहुंचने के साथ ही पानी की आवक को देखते हुए तीन छोटे स्लूज गेट खोले गए | कलेक्टर मनोज पुष्प ने बताया कि गेट खोलने से पहले प्रभावित होने वाले क्षेत्रों सहित राणाप्रताप सागर रावतभाटा, कोटा बैराज को भी अलर्ट जारी किया गया है | खरगोन और इंदौर में भी रात से ही लगातार बारिश हो रही है | मौसम विभाग ने नीमच, मंदसौर, रतलाम, आगर, शाजापुर, उज्जैन, देवास, इंदौर, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, बड़वानी, खरगौन, बुरहानपुर, खंडवा, रायसेन, राजगढ़, होशंगाबाद, हरदा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, नरसिंहपुर, सागर, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुरकलां में आगामी 24 घंटे में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया गया है | वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, होशंगाबाद, ग्वालियर, छिंदवाड़ा सहित पूरे प्रदेश में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है |
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27 August 2019अंजलि दिव्यांग लोगों के बीच बनी मिसाल हौसले अगर बुलंद हो तो मंजिल मिल ही जाती है | पैरों से दिव्यांग होने के बाद भी एक बेटी ने रिले रेस तैराकी में एशियन रिकॉर्ड बनाया समुद्र की लहरों को पार कर शार्क और डॉल्फिन के बीच से गुजरकर इस लड़की ने यह मुकाम हासिल किया | अब यह देश की बेटी दिव्यांगों के लिए मिसाल बन गई है | छत्तीसगढ़ के जांजगीर की रहने वाली अंजली पटेल ने रिले रेस तैराकी में एशियन रिकॉर्ड बना कर प्रदेश का नाम रौशन कर दिया |पैरों से दिव्यांग होने के बाद भी छत्तीसगढ़ की इस बेटी ने कमाल कर दिया | अंजलि समुद्र में शार्क के बीच से गुजरी और तैराकी में रिकॉर्ड बनाया कहा जाता है कुछ करने का जूनून हो तो कुछ भी किया जा सकता है | रिले रेस तैराकी में एशियन रिकॉर्ड बनाने के बाद अंजलि लाखों दिव्यागों के लिए मिसाल बन गई है | अंजली ने समुद्र की लहरों को भेदकर शार्क और डॉल्फिन के बीच से गुजरकर यह मुकाम हासिल किया |देश भर के छह पैरा तैराकों की इस टीम ने 35 किलोमीटर की दूरी 11 घंटे 46 मिनट 56 सेकंड में तैर कर पूरी की अंजली ने इसमें शामिल होने के लिए पांच लाख रुपये उधार लिए थे |
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27 August 2019एसडीओपी एस एन पाठक ने रिश्वत ली मुख्यमंत्री कमलनाथ जी आपके राज में आपके विधायक और मंत्री ही आपकी सरकार से संतुष्ट नहीं हैं | उनका कहना है हर जगह लूट खसोट जारी है और यह सच भी है | आपके राज में पुलिस वाले कैसे रिश्वत खोरी करते हैं उसका एक वीडिओ आप आँख खोल कर देख लीजिये | आपको भी समझ में आना चाहिए की आपके अच्छे कामों पर यह रिश्वतखोर कैसे पलीता लगा रहे हैं | मध्यप्रदेश में लूट मची हुई है | जगह जगह भ्रष्ट लोगों का बोलबाला है | मुख्यमंत्री कमलनाथ जी यह हम नहीं कह रहे | ये कहना है पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक के पी सिंह का कांग्रेस ने वक्त है बदलाव का नारा जरूर दिया लेकिन आपकी सरकार मध्यप्रदेश में कुछ भी बदलाव नहीं कर पायी आपकी सरकार के सीनियर मंत्री गोविन्द सिंह खून के आंसू रो रहे हैं | उनका कहना है अवैध उत्खनन रोकने के मामले में | मैं अपनी ही सरकार में हार गया हूँ कमलनाथ जी ये तो वो दमदार लोग हैं जो डंके की चोट सच बोल रहे हैं |ऐसे कई विधायक और मंत्री हैं जो आपकी सरकार में घुटन महसूस कर रहे हैं अब आप आँख खोल कर इस दृश्य को देख लें ये हैं आपकी पुलिस के लोग | इन्हें रिश्वत के माल का बंटवारा करना है सो दरवाजा बंद करवाया जा रहा है ये जो वर्दीधारी है इसका नाम एस ऍन पाठक है | ये जबलपुर के पाटन का एसडीओपी है | इन साहब का ये वीडिओ सामने आया तो पुलिस महकमे को करंट लग गया कि जो कमरों के भीतर होता है वो बाहर कैसे आ गया | पाठक रिश्वत के रुपयों की पूरी लिखा पढ़ी डायरी में करते हैं वो भी पूरी ईमानदारी से अब इनकी भी बात सुन लें | मुख्यमंत्री जी पुलिस में घूसखोरी की परम्परा का पालना करने वाले इस अधिकारी एसएस पाठक के साथ ये उन्हें पैसे देने वाला दूसरा घूसखोर आरक्षक देवेंद्र जाट है | पुलिस में ऐसा होना कोई नई बात नहीं है | लेकिन मध्यप्रदेश और आपके साथी तो वक्त के बदलने का इन्तजार कर रहे हैं जो बदलता दिख नहीं रहा इस मामले में जबलपुर के एसपी ने छोटी मछली आरक्षक तो सिर्फ निलंबित किया और एसडीओपी पाठक को छोड़ दिया मुख्यमंत्री जी यह सारा पैसे का काला खेल अवैध उत्खनन का ही है | मुख्यमंत्री कमलनाथ जी आप जिस शुचिता की बात करते हैं तो ऐसा कुछ कीजिये कि इन जैसे लोगों को रिश्वत लेने से पहले सौ बार सोचना पड़े ऐसे लोगों पर ऐसी सख्त कार्यवाही कीजिये कि ये लोग आप पर और आपकी कांग्रेस सरकार पर बदनुमा दाग न बन पाएं |
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26 August 2019पत्थरबाजों ने ली ड्राइवर की जान धारा 370 हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में कुछ लोगों ने पत्थरबाजी की जिसकी वजह से एक ट्रक ड्रायवर की मौत हो गई है |... मृतक ड्रायवर की पहचान नूर मोहम्मद के तौर पर हुई है | अनंतनाग में जब नूर मोहम्मद घर लौट रहा था तो प्रदर्शनकारियों ने उसके ट्रक पर पत्थरबाजी शुरू कर दी पत्थरबाजी के दौरान एक पत्थर नूर के सिर पर आकर लग गया | उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया बिजबेहरा इलाके में अचानक कुछ उपद्रवियों ने नूर के ट्रक पर पत्थर फेंके | पुलिस के मुताबिक इन पत्थरबाजों ने पिछले दिनों स्थानीय लोगों पर भी पत्थर फेंके थे | इसके चलते एक 11 साल की लड़की श्रीनगर के डाउन टाउन में घायल हो गई थी | पत्थरबाजी करने वाले स्थानीय लोगों की पुलिस ने पहचान कर ली है इसके साथ ही कुछ लोगों को इस मामले में पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है |जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने और उसे अलग केंद्र शासित राज्य बनाए जाने के विरोध में घाटी का ही एक वर्ग वहां के हालात को लगातार बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है | यही वजह है कि अभी तक यहां बड़ी संख्या में सैन्य बल तैनात किया गया है | हालांकि जम्मू कश्मीर के ज्यादातर इलाकों में अब तक हालात सामान्य हैं |
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26 August 2019ओकुहारा को रौंदकर रचा इतिहास भारतीय शटलर पीवी सिंधु ने रविवार को इतिहास रच दिया जब उन्होंने BWF वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप का खिताब हासिल किया पांचवें क्रम की सिंधु ने धमाकेदार खेल का प्रदर्शन कर तीसरे क्रम की जापान की नोजोमी ओकुहारा को सीधे गेमों में 21-7 |21-7 से हराया वे यह खिताब हासिल करने वाली भारत की पहली खिलाड़ी बन गई | यह मुकाबला 37 मिनट चला सिंधु लगातार तीसरी बार इस चैंपियनशिप का फाइनल खेल रही थी और उन्होंने ओकुहारा को हराकर उनसे 2017 के फाइनल में मिली हार का बदला चुकाया | पांचवें क्रम की सिंधु और तीसरे क्रम की ओकुहारा के बीच हमेशा कड़ी टक्कर होती थी लेकिन इस फाइनल में सिंधु ने आक्रामक शुरुआत कर पहले गेम में 7-1 की बढ़त बनाई ... वे ब्रेक के समय 11-2 से आगे थीं | उनके आक्रामक खेल का जापानी खिलाड़ी के पास जवाब नहीं था | सिंधु ने इसके बाद देखते ही देखते 17-4 की बढ़त बना ली | ओकुहारा ने वापसी का प्रयास किया लेकिन सिंधु ने यह गेम मात्र 16 मिनटों में 21-7 से जीतकर मैच में 1-0 की बढ़त बनाई सिंधु ने दूसरे गेम में भी लय को बनाए रखा और वे ब्रेक के वक्त 11-4 से आगे थी उन्होंने यह गेम 21 से जीता |
Patrakar Shafali Gupta
25 August 2019एक साथ तीन मानसूनी सिस्टम हुए सक्रिय तीन मानसूनी सिस्टम के सक्रिय होने के साथ ही बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही हवाओं का मध्यप्रदेश के ऊपर टकराव हो रहा है | इस वजह से शुक्रवार रात से पूरे प्रदेश में झमाझम बारिश हो रही है |मौसम विज्ञानियों ने भोपाल, उज्जैन, इंदौर, होशंगाबाद संभाग और हरदा जिले में भारी बारिश की चेतावनी दी है | इसके अलावा ग्वालियर, जबलपुर, नरसिंहपुर, सतना, रीवा, सिंगरौली में तेज बौछारें पड़ने की संभावना जताई है |. इस दौरान नदी नाले लबालब हो गए हैं और जगह जगह बांधों के गेट खोलना पड़ गए हैं |. अगले छतीस घंटों तक मध्यप्रदेश का मौसम ऐसा ही बना रहेगा | कुछ इलाकों में तेज तो कहीं मध्यम बारिश हो रही है भोपाल में भदभदा और कलियासोत डेम के गेट कगोल्ने और बंद होने का सिलसिला चल रहा है | वहीँ इटारसी में तवा डेम के सभी 13 गेट खोले गए प्रत्येक गेट को 14- 14 फीट खोलकर 2 लाख छियानबे हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है | 3 साल बाद तवा डेम के सभी गेट खोले गए हैं |तवा के गेट खुलने से नर्मदा का जल स्तर बढ़ना शुरू हो गया है |इस समय प्रदेश के तक़रीबन अधिकांश तालाब और बांध लबालब हो गए हैं वरिष्ठ मौसम विज्ञानी उदय सरवटे ने बताया कि वर्तमान में ओडिशा कोस्ट पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है |इस सिस्टम में पिछले दिनों विदर्भ पर सक्रिय ऊपरी हवा का चक्रवात भी शामिल हो गया है |.मानसून ट्रफ रीवा से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रहा है | इसके अतिरिक्त गुजरात के दक्षिणी भाग पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है | इस सिस्टम के कारण अरब सागर से बड़े पैमाने पर नमी के आने का सिलसिला जारी है ओडिशा कोस्ट पर बने सिस्टम और गुजरात पर बने चक्रवात के कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आ रही हवाओं का मप्र के ऊपर टकराव हो रहा है | शुक्रवार रात के बाद से बनी इस स्थिति के कारण ही पूरे प्रदेश में तेज बौछारें पड़ने का सिलसिला शुरू हो गया | इस तरह की स्थिति अभी 2-3 दिन तक बनी रह सकती है इस दौरान कहीं-कहीं भारी बारिश होने की भी आशंका है |
Patrakar amitabh upadhyay
25 August 2019आठ लाख के इनामी नक्सली बुदरा ने किया सरेंडर नक्सलियों का खतरनाक डिप्टी कमांडर है बुदरा नक्सलवादियों के खतरनाक डिप्टी कमांडर बुदरा उर्फ नरेश ने दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पण कर दिया है ... तमाम वारदातों में शामिल बुदरा पर आठ लाख रुपये का इनाम था ... दंतेवाड़ा में आठ लाख के इनामी मिलिट्री प्लाटून नंबर 24 के डिप्टी कमांडर बुदरा उर्फ नरेश ने किया आत्म समर्पण कर दिया ... बुदरा कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा है ...बुदरा ने 2010 में कांग्रेस नेता अवधेश गौतम के घर में हमला किया जिसमें दो लोग मारे गए थे ... 2012 में किरंदुल के सीआईएसएफ बोलेरो वाहन को ब्लास्ट कर बुदरा ने उड़ा दिया था जिसमे ड्राइवर समेत 7 जवान शहदी हो गए थे और इसमें 6 एके-47 हथियार लूट लिए गए थे ... ऐसी ही कई वारदातों में बुदरा शामिल था ... बुदरा के समर्पण को पुलिस सइसे बड़ी सफलता मान रही है, सरेंडर नक्सली से नक्सलियों के बारे में कई जानकारियां निकाली जा रही हैं ...
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25 August 2019पुलिस ने अँधेरे में रेस्क्यू कर बचाई जान जगदलपुर के तीरथगढ़ जल प्रपात में अचानक जल स्तर बढ़ने से सात पर्यटक फंस गए | सभी पर्यटक बारिश में उफनते जल प्रपात का सौंदर्य देखने रायपुर से बस्तर आए थे | इस दौरान इसे करीब से देखने के लिए प्रपात के नीचे उतर गए और तभी वहां पानी का बहाव तेज हो गया | इस दौरान वे अंदर ही फंसे रहे गए | पर्यटकों के फंसने की खबर जैसे ही पुलिस तक पहुंची, दरभा पुलिस तुरंत हरकत में आई और वहां पहुंचकर पयर्टकों को अँधेरे में रेस्क्यू कर निकाला | बीती शाम 6 बजे के करीब कुछ पर्यटक रायपुर से जलप्रपात देखने पहुंचे थे |अचानक तेज बारिश शुरू होने से पर्यटक यहां टापू में बने मंदिर में फंस गए | फारेस्ट विभाग के कर्मचारियों ने इस बात की सूचना दरभा पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस एसडीओपी डॉ यूलेण्डन यार्क के नेतृत्व में तीरथगढ़ पहुंच गई | तेज बहाव के बीच पुलिस के जवान एक रस्सी लेकर तेज धारा के बीच पहुंच गए | पुलिस का पूरा स्टाफ जैसे ही एक दूसरे का हाथ पकड़कर खड़ा हुआ, फंसे हुए पर्यटक उछल कर ताली बजाने लगे | आखिरकार रात को नौ बजे के बाद पुलिस ने सभी 7 पर्यटकों को रेस्क्यू कर लिया | एसडीओपी यार्क के नेतृत्व में इस रेस्क्यू ऑपरेशन को विष्णु यादव ने लीड किया इस ऑपरेशन में पुलिस जवान रविकुमार बैगा, सहायक आरक्षक प्यारेलाल पिस्दा, प्रधान आरक्षक घनश्याम मेश्राम, आरक्षक अजय साहू, आरक्षक पुष्पराज ठाकुर और अजित किस्पोट्टा शामिल थे |
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23 August 2019टेरर फंडिंग केस में पांच को किया गिरफ्तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करने वाले सतना के सोहास गांव निवासी बलराम सिंह को सतना पुलिस ने एक बार फिर गिरफ्तार किया है | बलराम सिंह जमानत पर रिहा हुआ था | पुलिस ने बलराम के साथ 4 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है |पकड़े गए भागवेंद्र सिंह, सुनील सिंह, शुभम तिवारी से टैरर फंडिंग को लेकर पूछताछ की जा रही है | पुलिस को इन लोगों के बारे में जानकारी लगी थी कि ये लोग पकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी isi के लिए काम करते हैं | उसके बाद दविश देकर इन्हें पकड़ा गया | गिरफ्तार लोगों के कब्जे से स्मार्ट मोबाइल फोन और लैपटॉप बरामद किया गया है | जिसमे 17 पाकिस्तानी नंबर मिले है, जिनके माध्यम से ये लोग आतंकियों के फंड मैनेजर से वीडियो कॉलिंग, मैसेंजर काल और व्हाट्सएप चैटिंग किया करते थे | सतना पुलिस ने मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी है | बताया जा रहा है कि बलराम सिंह को पहले 2016 में एक मामले में जेल भेजा गया था, वह जमानत पर बाहर आया था और यह काम करने लगा | उनके पास से मोबाइल सहित कई सामान भी बरामद किये गए हैं | आशंका जताई जा रही है कि वो इन्हीं मोबाइल से पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से बात करता था | फिर बैंक खातों में पैसा जमा कराकर उसे आतंकियों तक पहुँचाया जाता था |
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22 August 20193 विदेशी युवतियों सहित 6 गिरफ्तार भोपाल के कोहेफिजा में क्राइम ब्रांच ने दबिश देकर | देह व्यापार में लिप्त तीन विदेशी युवतियों सहित एक दलाल और दो ग्राहक को गिरफ्तार किया है मुखबिर की सूचना पर क्राइम ब्रांच की टीम ने बीडीए कॉलोनी में दबिश दी | पकड़ी गई लड़कियों में एक नेपाल और दो उजबेकिस्तान की हैं | ये तीनों लड़कियां टूरिस्ट वीजा पर भारत आईं हुई थी | विदेशी लड़कियों के टूरिस्ट वीजा पर भारत आकर देह व्यापार के धंधे में लिप्त होने की घटनएं बढ़ती जा है | ऐसी ही एक मामला भोपाल में सामने आया है | जहां क्राइम ब्रांच ने देह व्यापार में लिप्त तीन विदेशी युवतियों को गिरफ्तार किया है | युवतियों के साथ एक दलाल और दो ग्राहकों को भी पकड़ा गया है | मुखबिर की सूचना मिलने पर क्राइम ब्रांच की टीम ने कोहेफिजा इलाके की बीडीए कॉलोनी में दबिश दी | जिसके बाद यहां से एक मकान से तीन विदेशी युवतियों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया | घर आरोपी जॉन मसीह का बताया जा रहा है | जॉन मसीह लंबे समय से अपने घर से देह व्यापार के अड्डे को संचालित कर रहा था... आरोपी सुयोग जैन अशोक नगर का रहने वाला है जबकि ग्राहक कपिल पटेल इंदौर का निवासी है | पकड़ी गई लड़कियों में से एक नेपाल और दो उजबेकिस्तान की हैं | ये तीनों लड़कियां टूरिस्ट वीजा पर आईं थी | क्राइम ब्रांच ने इस मामले की जानकारी विदेश मंत्रालय को भेज दी है |
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21 August 2019ग्वालियर के सत्येंद्र सिंह लोहिया ने किया ये कारनामा ग्वालियर के दिव्यांग स्विमर सत्येंद्र सिंह लोहिया ने अमेरिका में 42 किलोमीटर की कैटलीना चैनल सिर्फ 11 घंटे चौंतीस मिनिट में तैरकर पारकर इतिहास रच दिया है | सत्येंद्र इतने कम समय में इस चैनल को पार करने वाले एशिया में वे पहले दिव्यांग तैराक बन गए है | कैटलीना चैनल में पानी का तापमान करीब 12 डिग्री के करीब होता है | ऐसे में लगातार तैरकर इसे पार करना बड़ा ही मुश्किल माना जाता है | लेकिन सत्येंद्र ने यह चैलेंज स्वीकार किया और इसे पार कर देश और मध्यप्रदेश का नाम भी रोशन कर दिया | इसके साथ ही पानी में शार्क मछलियों के हमले का खतरा भी बना रहता है | सत्येंद्र के साथ देश के 5 लोग और शामिल रहे |
Patrakar Anurag Upadhyay
20 August 2019बड़े लोगों की बसों के लिए न नियम न कानून प्रशासन की अनदेखी के चलते इंदौर रोड पर बसें बेखौफ होकर ओवर स्पीड से चलाई जा रही हैं ...ऐसी ही एक अंधी रफ़्तार बस का एक्सीडेंट हुआ और वह ब्रिज से नीचे लटक गई | ऐसे में यात्रियों की जान पर बन आई | यात्री जब | बस चालक से धीरे चलाने को कहते है तो चालक अभद्रता पर उतर आते है रसूखदारों की यह बसें कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती हैं | इंदौर रोड पर उस समय बड़ा हादसा टल गया जब एक नेता की अंधी रफ़्तार बस ब्रिज की रेलिंग से टकरा कर ब्रिज पर लटक गई | इस हादसे के बाद एक बार फिर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं | उज्जैन-इंदौर रूट पर बस ऑपरेटर क्षमता से दोगुना यात्रियों को बैठाकर बेकाबू गति से बसें चला रहे | इसके बावजूद प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है | दुर्घटना का शिकार हुई बस के यात्रियों ने बताया कि ड्राइवर ने इंदौर से निकलने के बाद दो बार अंधगति से वाहनों को ओवरटेक करने की कोशिश की थी और बस असंतुलित हो गई | गनीमत रही कि बस पुल पर लटक गई |वरना यात्रियों की जान भी जा सकती है | कुछ यात्रियों ने उसे टोका भी | मगर जवाब मिला कि यहां तो बस ऐसे ही चलती है | दुर्घटना के बाद सहमे यात्रियों में रोष भी था | पुलिस को जांच में यह भी पता चला है कि 34 सीटर बस में 60 यात्री बैठे थे | मुनाफे के चक्कर में बस संचालक यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ करते है | पूर्व में भी इंदौर रोड पर बेकाबू बसों के कारण कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं | इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग कोई कार्रवाई नहीं करता | बताया जा रहा बीएस संचालक कांग्रेस के प्रदेश सचिव है | हालाँकि पुलिस ने ड्राइवर के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है |
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19 August 2019आतंकवादी ठेकेदार के पास मजदूर बन छिपा हुआ था एनआईए के अफसरों ने ठेला लगाकर रेकी की जमात-उल-मुजाहिद का आतंकी जहीरुल शेख उर्फ जाकिर दो वर्षों से ठिकाने बदलकर रह रहा था | जांच एजेंसियों से बचने के लिए वह मोबाइल का बहुत कम उपयोग करता था | एनआईए की टीम पांच दिन पूर्व उसका पीछा करते हुए इंदौर पहुंची और सब्जी बेचने के बहाने ठेला लगाकर संकरी गलियों में रेकी की जैसे ही जाकिर के आने-जाने और ठहरने की पुख्ता जानकारी हाथ लगी, उसे दबोच लिया | धमाकों की जांच कर रहे एनआईए के इन्स्पेक्टर दिवाकर मिश्रा आतंकी जहीरुल शेख की चार साल से तलाश कर रहे थे ... दो वर्ष पूर्व जानकारी मिली कि वह इंदौर में छिपा है | करीब दो महीने पूर्व उसके एक रिश्तेदार के मोबाइल में उसका भी नंबर मिला, लेकिन वह बार-बार लोकेशन बदल लेता था ... कभी खंडवा रोड, नेमावर रोड और कभी आजाद नगर क्षेत्र में लोकेशन मिल रही थी। पांच दिन पूर्व मिश्रा की टीम इंदौर पहुंची और मीना पैलेस व कोहिनूर कॉलोनी में सब्जी का ठेला लगाकर शेख के रेकी करना शुरू की | सोमवार को पता चला कि वह शाकिर खान के मकान में ठहरा हुआ है... यह मकान पश्चिम बंगाल निवासी महरुल मंडल ने किराए पर लिया है | मंडल मकान बनाने के ठेके लेता है | शेख उसके पास मजदूर बनकर छिपा था | ईद पर लोगों की आवाजाही देख एजेंसी ने उसे कोहिनूर कॉलोनी में नहीं पकड़ा और उसके पीछे-पीछे खंडवा रोड तक पहुंच गई। जैसे ही मौका मिला, उसे हिरासत में लेकर आजाद नगर थाने के सुपुर्द कर दिया |
Patrakar Anurag Upadhyay
14 August 2019मेघा परमार ने एल्ब्रुस पर लहराया तिरंगा स्वाधीनता दिवस से पहले मध्यप्रदेश की बेटी मेघा परमार ने हिमालय के माउंट एवरेस्ट के बाद अब योरप के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट एल्ब्रुस की चोटी पर तिरंगा फहराया | यह कीर्तिमान बनाने वाली वे प्रदेश की पहली महिला हैं | सीहोर जिले के ग्राम भोजनगर की मेघा परमार रूस के पर्वत माउंट एल्ब्रुस पर 8 अगस्त को स्थानीय समयानुसार सुबह 10.14 बजे माइनस 18 डिग्री तापमान में पहुंचीं थी | मेघा भोजनगर गांव के किसान दामोदर परमार व मंजू परमार की बेटी हैं | मेघा ने इसी साल 22 मई को विश्व के सबसे ऊंचे पर्वत मांउट एवरेस्ट को फतह किया था |मेघा ने अपना एक्सपीडिशन 5 अगस्त को शुरू किया था | 8 अगस्त को रात 1.00 बजे निकलकर सुबह 10.14 पर चोटी पर पहुंचकर समिट किया | मेघा की टीम लीडर भरत गाइड यूरी व सदस्य अरूण, आशा, महिपाल, सतीश और शेखर थे | मेघा को महिला बाल विकास विभाग ने बेटी बचाओ अभियान का ब्रांड एमबेसडर घोषित किया है |
Patrakar Anurag Upadhyay
12 August 2019दवा सप्लायर का फर्जीवाड़ा सामने आया रायसेन के बरेली सिविल अस्पताल में निःशुल्क दी जाने वाली दवाओं की मैन्युफेक्चरिंग में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है | दवा निर्माता कम्पनी ने एक्सपायरी डेट की दवाओं के रेपर बदलकर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ किया है | लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश में लगा हुआ है | ये नजर बरेली के सरकारी अस्पताल का है | यहां बच्चों को दस्त होने पर दी जाने वाली औराफलौकस- औ डी दवाओं की शीशी पर लगे रैपर को निकालने पर दूसरा रैपर मिला है | जिसमें दवाई की मैन्युफेक्चरिंग की तिथि मई 2017 और एक्सपायरी की तिथि अप्रेल 2019 लिखी हुई है | जबकि शीशी के उूपर चिपकाई गई पर्ची में मैन्युफेक्चरिंग की तिथि जन 2019 नजर आ रही है और दिसम्बर 2020 तक की एक्सपायरी बताई गई है | स्पस्ष्ट है कि यह गड़बड़ी सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजी गईं इन दवाओं के साथ बड़े स्तर पर छेड़छाड़ की गई है | इस गड़बड़ी का सीधा संबंध दवाई बनाने वाली कंपनीऔर दवा खरीदने वाले विभाग के जिम्म्मेदारों से है | बरेली सिविल अस्पताल में मई और जून 2019 माह में 1500 औराफलौकस- औ डी की शीशियां जिला मुख्यालय से भेजी गई हैं | जिनमें से लगभग 50 प्रतिशत दवाई मरीजों को वितरित की जा चुकी हैं | सीबीएमओ डाॅ. गिरीश वर्मा ने बताया कि बरेली अस्पताल से 50 शीशी दवाई | इस पूरे मामले का खुलासा एक मरीज ने किया | चिकित्सकों द्वारा औराफलौकस- औ डी ( दवाई छोटे बच्चों को दस्त होने की स्थिति में दी जाती है | यह सायरप बच्चों को कुपच और पेट की गड़बड़ी के ईलाज में दिया जाता है | सिविल अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि इस दवाई की एक्सपायरी तिथि में होने से इसकी रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है | इस मामले का खुलासा होने पर तहसीलदार बरेली निकिता तिवारी ने इस मामले की जाँच की | उन्होंने कहा जांच में यह गड़बड़ी सामने आई है| यह दवाई जेकसन कंपनी द्वारा बनाई गई है | गड़बड़ी में यह सामने आया है कि कंपनी के द्वारा शीशी पर लगाए गए पुराने लेवल को छिपाने के लिए नया रैपर लगाया है |जिसमें एक्सपायरी की तिथि 5 माह अधिक लिखी हुई है | इससे अंदाजा यह लगाया जा सकता है कि इसमें कंपनी के द्वारा ही दवाई की शीशी से छेड़छाड़ कर पुरानी तारीख को बढ़ाया है | क्योंकि विभाग के पास तो यह दवाई नए रैपर के साथ पहुुंची है | इसलिए गड़बड़ी की जिम्मेदारी सीधे तौर पर दवा निर्माता कंपनी की ही बनती है |
Patrakar Shafali Gupta
11 August 2019खराब सड़कों के कारण हो रहे हैं हादसे मध्यप्रदेश में बारिश के चलते सड़कों के बुरे हाल हैं |पिछले कुछ महीने से सड़कों का मेंटेनेंस भी नहीं हुआ है |खरगोन में रेत से भरे डंपर के सड़क पर धंसने के चलते ट्रैफिक जाम के हालात बन गए | खरगोन के सनावद रोड पर आरटीओ कार्यालय के सामने रेत से भरा डंपर बीच सड़क पर धंस गया | शहरी क्षेत्र में सीवर और पेयजल पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है |ऐसे में बारिश ने सड़कों की हालत खराब कर दी है | खुदाई के बाद सड़कों की ठीक तरह से मरम्मत नहीं होने से बारिश के दौरान वाहन उन स्थानों पर फंस रहे हैं | आज भी रेत से भरा डम्पर रोड पर फंस गया | ड्राइवर ने डम्पर निकालने की कोशिश की लेकिन वो उसमे कामयाब नहीं हो पाया | रोड पर फंसे डंपर को क्रेन की मदद से निकालने का प्रयास किया गया | इस दौरान सड़क पर जाम लग गया |घंटों की मशक्क्त के बाद जैसे तैसे इस ेनिकाला जा सका |लेकिन इस के बाद भी प्रशासन सबक लेने को तैयार नहीं है |
Dakhal News
11 August 2019इंजन में लगी आग,तीन की मौत,दर्जनों घायल हावड़ा से जगदलपुर आ रही समलेश्वरी एक्सप्रेस | उसी ट्रैक पर सामने से आ रही ओएचई वैन से टक्कर होने से दुर्घटनाग्रस्त हो गई | टक्कर लगने से इंजन में आग लग गई और ट्रेन के दो कोच पटरी से उतर गए | दुर्घटना में एक दर्जन से अधिक यात्रियों के घायल होने तथा ओएचई वैन के तीन कर्मचारियों की मौत हो गई है | हावड़ा से जगदलपुर आ रही समलेश्वरी एक्सप्रेस ओडिशा स्थित सिंहपुर रोड स्टेशन के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई | समलेश्वरी एक्सप्रेस की उसी ट्रैक पर सामने से आ रही ओएचई वैन से टक्कर हो गई | दुर्घटना में समलेश्वरी के इंजन में आग लगने और दो कोच के पटरी से उतरने की खबर है | दुर्घटना में एक दर्जन से अधिक यात्री घायल हो गए हैं और ओएचई वैन में सवार तीन कर्मचारियों की मौत हो गई है | बताया जाता है कि रेल में 148 यात्री सवार थे | इन्हें रायगढ़ भेजा गया | यात्रियों को ले जाने के लिए दो बसों का इंतजाम कर उन्हे सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाया गया | रेलवे ने इस घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं | रेलवे सूत्रों के अनुसार, केटागडा और सिंहपुर में ड्यूटी पर तैनात दो स्टेशन मास्टरों को निलंबित भी कर दिया गया है
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26 June 2019प्रधानमंत्री मोदी का कांग्रेस पर निशाना राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर लोकसभा और राज्यसभा में जमकर बहस हुई और पीएम मोदी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा इमरजेंसी संविधान को कुचलने का पाप था और ये दाग कभी नहीं मिटेगा | पीएम मोदी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कल कांग्रेस नेता गिना रहे थे किसने किया, किसने किया आज 25 जून है बताओ देश में आपातकाल किसने लगाया, जब देश की आत्मा को कुचल दिया गया था.... देश की मीडिया को दबोच दिया गया हिन्दुस्तान को जेलखाना बना दिया गया, सिर्फ इसलिए कि किसी की सत्ता न चली जाए पीएम मोदी ने कहा कि न्यायपालिका का अनादर कैसे होता है वह उसका जीता-जागता उदाहरण है | आज हम 25 जून को लोकतंत्र के प्रति अपना समर्पण फिर एक बार देना होगा संविधान को कुचलने का पाप कोई भूल नहीं सकता, यह दाग कभी मिटने वाला नहीं है| इस दाग को बार-बार याद करना चाहिए ताकि फिर से कोई ऐसा पैदा न हो जो इस रास्ते पर जाए लोकतंत्र के प्रति आस्था का महत्व समझाने के लिए इसे याद करने की जरूरत है किसी को भला-बुरा कहने के लिए नहीं | प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के पहले मरने का मिजाज था और आजादी के बाद देश के लिए जीने का संकल्प हैपीएम मोदी ने कहा कि हमें राष्ट्रपति की अपेक्षा को पूरा करने के लिए आगे आना चाहिए उन्होंने कहा कि छोटा सोचना मुझे पसंद नहीं है, सवा सौ करोड़ देशवासियों के सपने अगर पूरे करने हैं तो मुझे छोटा सोचने का अधिकार भी नहीं है | मोदी ने कहा कि सदन में कहा गया कि हमारी ऊंचाई को कोई कम नहीं कर सकता ऐसी गलती हम नहीं करते, हम किसी की लकीर को छोटी करने में अपना समय बर्बाद नहीं करते, हम अपनी लकीर लंबी करने में जीवन खपा देते हैं | आप इतने ऊंची चले गए हैं कि आप जड़ों से उखड़ चुके हैं | आपका और ऊंचा होना मेरे लिए संतोष का विषय हैं क्योंकि आप जमीन खो चुके हैं| हमारा सपना ऊंचा होना का नहीं जड़ों की गहराई से जुड़ने का है ताकि देश को और मजबूती दी जा सकेआपको अपनी ऊंचाई मुबारक हो |
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26 June 2019महासमुंद के संसद और उनका हल कुछ नेता पद और प्रतिष्ठा पा कर अपनी असलियत भूल जाते हैं वहीँ हमारे समाज में ऐसे भी नेता हैं जो हमेशा अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं | सांसद चुन्नीलाल साहू संसद से दो दिन का अवकाश होने पर महासमुंद अपने घर पहुंचे और बारिश हुई देखी तो लग गए खेत जोतने | महासमुंद से सांसद चुने गए चुन्नीलाल साहू ने सदन में शपथ ली और दो दिन की छुट्टी मिलने पर अपने घर महासमुंद पहुंचे | इस समय छत्तीसगढ़ बारिश की आगोश में है | सांसद चुन्नीलाल ने देखा कि ये समय जुताई के लिए उपर्युक्त है | तो वे हल लेकर अपने खेत जोतने लग गए | चुन्नीलाल ने चुपचाप हमेशा की तरह अपने खेतों की जुताई की , चुन्नीलाल की जगह कोई और सांसद होता तो इस मौके पर मीडिया को जरूर बुलाता लेकिन उन्होंने इस काम को हमेशा की तरह चुपचाप किया उनके परिजनों ने इसके कुछ फोटो ले लिए थे | उसे सांसद चुन्नीलाल ने जरूर शेयर किया है | अब ये फोटो सोशल मीडिया में वाइरल हो रहे हैं |
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26 June 2019खबर इस्लामाबाद से । भारत और पाकिस्तान के बीच अक्सर सीमा पर विवाद हो जाते हैं, मगर इस बार तो भारत और पाकिस्तान के बीच रमजान माह में होने वाली इफ्तार पार्टी पर ही विवाद हो गया। दरअसल, इस्लामाबाद में स्थित भारतीय दूतावास में इफ्तार पार्टी का आयोजन हुआ था। इस पार्टी में आने वाले मेहमानों को पाकिस्तान के प्रशासन ने रोक दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पार्टी में आने वाले करीब सैकड़ों मेहमानों को पाकिस्तान की एजेंसियों ने लौटाने का प्रयास किया। इन मेहमानों का रास्ता रोकने का प्रयास तक किया गया था। इन लोगों को धमकियां दी गईं और कथित तौर पर बदसलूकी भी की गई। मेहमानों को फोन कर धमकी दी गई। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने कहा कि पाक अधिकारियों ने न सिर्फ कूटनीतिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया, बल्कि असभ्य व्यवहार भी किया। इसके लिए हम अपने मेहमानों से माफी मांगते हैं। पाकिस्तान के इस तरह के व्यवहार के चलते दोनों देशों के संबंधों पर असर होगा। गौरतलब है कि भारत में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को नहीं बुलाया गया था। इसके खार खाए बैठे पाकिस्तान ने भारतीय दूतावास में रखी गई इफ्तार पार्टी में जाने वाले पाकिस्तान के ही कुछ लोगों ने निशाना बनाया।
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2 June 2019मजबूत और आक्रामक रहना है हमें राहुल कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने कहा हम 52 सांसद ही बीजेपी के लिए काफी हैं , इंच-इंच लड़ेंगे | राहुल गांधी ने वोटरों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि सभी कांग्रेस सदस्यों को यह याद रखना है कि हम सब संविधान के लिए लड़ रहे हैं और बिना किसी भेदभाव के हर देशवासी के लिए लड़ रहे हैं| राहुल ने कहा कि हमें मजबूत और आक्रामक रहना होगा | राहुल गांधी कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे | कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा हमें आक्रामक और मजबूत बने रहना होगा | हम 52 सांसद ही बीजेपी से लड़ने के लिए काफी हैं | संसद के सेंट्रल हॉल में आयोजित कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने वोटरों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि सभी कांग्रेस सदस्यों को यह याद रखना है कि हम सब संविधान के लिए लड़ रहे हैं | लोकसभा चुनाव में बेहद कम सीट जीतने के बावजूद राहुल ने ताकतवर होने का अहसास कराया और कहा कि हम 52 सांसद हैं और मैं गारंटी देता हूं कि ये 52 ही बीजेपी से इंच- इंच लड़ने के लिए काफी हैं | इस बैठक में नेता विपक्ष को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ, लेकिन यह जिम्मेदारी सोनिया गांधी पर छोड़ दी गई | यानी लोकसभा में कांग्रेस की तरफ से नेता विपक्ष कौन बनेगा, ये तय करनी की जिम्मेदारी सोनिया गांधी को दी गई है |
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1 June 2019प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजनाथ सिंह को रक्षा मंत्रालय और अमित शाह को गृह मंत्रालय और निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है | गुरुवार को पीएम मोदी के अलावा मंत्रिमंडल में 57 मंत्रियों द्वारा शपथ ली गई थी | वहीं शुक्रवार को उन्होंने सभी मंत्रियों का कार्य विभाजन कर दिया गया | मंत्रिमंडल में 24 कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे, वहीं 9 राज्य मंत्रियों को स्वतंत्र प्रभार दिया गया था | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, पॉलिसी इश्यू सहित अन्य विभाग जो किसी मंत्री को नहीं दिए गए अपने पास रखे हैं | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताओं के कद और समझ के हिसाब से उनको मंत्रालयों का जिम्मा सौंपा है मंत्रिमंडल में सबसे अहम् रक्षा मंत्रालय राजनाथ सिंह को गृह मंत्रालय अमित शाह को वित्त मंत्रालय निर्मला सीतारमण को परिवहन मंत्रालय नितिन गडकरी को रासायनिक मंत्रालय डीवी सदानंद गौड़ा को खाद्य एवं आपूर्ति मंत्रालय रामविलास पासवान को कृषि मंत्रालय नरेंद्र सिंह तोमर को न्याय एवं विधि मंत्रालय रविशंकर प्रसाद को दिया है | विभागों के वितरण में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राजनैतिक कौशल साफ़ नजर आया है प्रधानमंत्री ने हरसिमरत कौर बादल को खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्रालय ,थावर चंद गेहलोत को सामाजिक न्याय विभाग ,एस जयशंकर को विदेश मंत्रालय , रमेश पोखरियाल 'निशंक' को मानव संसाधन मंत्रालय , अर्जुन मुंडा को अनुसूचित जनजाति मंत्रालय , स्मृति इरानी को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय , डॉ. हर्षवर्धन को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ,प्रकाश जावड़ेकर को ऊर्जा, वन, सूचना प्रसारण मंत्रालय ,पीयूष गोयल को रेलवे मंत्रालय , धर्मेंद्र प्रधान को पेट्रोलियम मंत्रालय , मुख्तार अब्बास नकवी को अल्पसंख्यक मंत्रालय , प्रल्हाद जोशी को संसदीय कार्य मंत्रालय , महेंद्र नाथ पांडेय को कौशल विकास मंत्रालय , अरविंद सावंत को भारी उद्योग मंत्रालय गिरिराज सिंह को पशु पालन मंत्रालय , गजेंद्र शेखावत को जलशक्ति मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है |
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1 June 2019कांग्रेसी ,सपा , बसपा के भी वापस होंगे केस कांग्रेस ने सत्ता में आने के लिए पहले तो किसान कर्ज माफ़ी का कार्ड चला| और अब 7000 किसानों के मुक़दमे वापस लेने की बात कह रही हैं | साथ ही कांग्रेसी और अपने सहयोगी दल सपा , बसपा के कार्यकर्ताओं पर| दर्ज मुक़दमे वापस लेने का एलान कर दिया हैं |3 जून को होने वाली बैठक में ड्राफ्ट गृह और कानून विभाग रखेगा | प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने बीते पन्द्रह सालो में। किसानो सहित राजनैतिक दलों पर धरना प्रदर्शन के दौरान लगे प्रकरण वापस लेने की कवायद तेज़ कर दी है | 3 जून को होने वाली बैठक में ड्राफ्ट गृह और कानून विभाग रखेगा किसानों के मुकदमे वापस लेने पर कानून मंत्री पीसी शर्मा ने बयान दिया हैं। 7000 किसानों पर अलग-अलग मुकदमे दर्ज है | जो वापस लिए जायेंगे औरकिसानों की केस वापस लेने की प्रक्रिया शुरू होंगईहै | बताया जा रहा है की प्रदेश के सात हजार किसानो पर बीजेपी शासन में अलग अलग मामले दर्ज थे | कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा की किसानो पर लगे प्रकरण वापस लेना सरकार की प्रथमिकता है | साथ ही पिछली केबिनेट में किसानो की कर्जमाफी,सहित किसानों को आर्थिक सहायता कैसे दी जाए इस पर भी चर्चा की गई थी | कांग्रेस सरकार हर हाल में किसानो की हालत सुधरने की कोशिश कर रही है |
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1 June 2019खबर इस्लामाबाद से । पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत के सख्त रवैये ने पाकिस्तान की परेशानी बढ़ा दी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी यह कबूल कर चुके हैं कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में ही है और वहां की सरकार उसके संपर्क में है। इस बीच, कुरैशी का एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें जैश के बारे में पूछे जाने पर वे हकलाने लगते हैं। आप भी देखिए - दरअसल, बीबीसी के इंटरव्यू के दौरान कुरैशी ने कहा था कि जब जैश के लोगों से पूछा गया तो उन्होंने पुलवामा हमले में हाथ होने से इन्कार कर दिया। इसके पर पूछा गया कि पुलवामा हमले के बाद जैश से किसने संपर्क किया था, तो कुरैशी जवाब नहींं दे सके। वे हकलाने लगे और फिर किसी तरह स्थिति को संभालने की कोशिश में जुट गए। बकौल कुरैशी, हमें इस पर यकीन नहीं है कि जैश ने हमले की जिम्मेदारी ली है। इस पर जब पत्रकार ने पूछा, आपको इस बात का यकीन नहीं है कि जैश-ए-मोहम्मद पाकिस्तान में स्थित है? उन्होंने हमले की जिम्मेदारी ली है। कुरैशी ने जवाब दिया, इसमें कोई संदेह नहीं है। संदेह इस बात पर है कि जब जैश-ए-मोहम्मद से संपर्क किया गया तो उन्होंने इससे इनकार किया।'
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3 March 2019अहमदाबाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने को वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत स्टार्टअप के मामले में दुनिया का सबसे बड़े ईकोसिस्टम है। भारत के साथ व्यापार करना श्रेष्ठ अवसर है क्योंकि हम दुनिया की टॉप 10 एफडीआई डेस्टिनेशंस में शामिल हैं। पीएम बोले कि दुनिया के बड़े आर्थिक संस्थानों विश्व बैंक और आईएमएफ ने भारत की अर्थव्यवस्था में भरोसा जताया है। हमारा ध्यान उन बाधाओं को दूर करने में है जो हमें हमारी सर्वोच्च क्षमता तक जाने से रोक रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार की औसत जीडीपी वृद्धि दर 7.3% रहीं है। जबकि वर्ष 1991 के बीच किसी भी सरकार की ऐसी वृद्धि नहीं हुई है। वहीं, महंगाई की औसत दर भी 4.6 फीसद है, जो 1991 के बाद किसी भी भारतीय सरकार के दौरान सबसे कम है। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने गुजरात के विकास में भागीदार होने को वाईब्रेंट गुजरात 2019 में आए देश व दुनिया के उद्यमियों का स्वागत करते हुए कहा कि गुजरात जैसे इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली राज्य में निवेश के लिए विश्वास जताने के लिए धन्यवाद। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नए भारत के निर्माण के संकल्प के प्रति आभार जताया। रिलायंस समूह के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सन ऑफ गुजरात, प्राइड ऑफ गुजरात बताया। उन्होंने कहा गौतम अदाणी की तरह मुझे भी राज्य के सभी 9 वाईब्रेंट गुजरात निवेशक सम्मेलन में शामिल होने का सौभाग्य मिला है। अंबानी ने कहा कि मोदी विजनरी लीडर, उनके नेतृत्व में भारत तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बनी है। गुजरात रिलायंस की जन्मभूमि है, दुनिया में हमारे लिए भारत पहले और भारत में गुजरात पहले के संकल्प के साथ रिलायंस काम कर रहा है। बता दें कि इससे पहले पीएम मोदी ने उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावत मिर्ज़ियोयेव से मुलाकात की। बता दें कि, तीन दिनों तक चलने वाले निवेशकों का यह कार्यक्रम राजधानी गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित हो रहा है। इसमें पांच देशों के राष्ट्राध्यक्ष और 30,000 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले पांच देशों में उज्बेकिस्तान, रवांडा, डेनमार्क, चेक रिपब्लिक और माल्टा शामिल है। पीएम मोदी ने समित से इतर उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव के साथ गांधीनगर में द्वीपक्षीय वार्ता की। दोनों देशों के बीच दो एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इससे पहले पीएम ने माल्टा के प्रधानमंत्री जोसेफ मस्कट के साथ भी मुलाकात की थी। तीन दिनों के इस कार्यक्रम में वैश्विक फंड प्रमुखों के साथ राउंड-टेबल बातचीत होगी। बता दें कि, आज दूसरा दिन है। इससे पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया था। आज वह दुनिया के विभिन्न नेता और हजारों प्रतिनिधियों की मौजूदगी में व्यापार बैठक का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि, कार्यक्रम का समापन उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू की मौजूदगी में होगा।
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18 January 2019जनसम्पर्क, विधि एवं विधायी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, विमानन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री श्री पी.सी. शर्मा ने कहा है कि प्रदेश सरकार बालिकाओं की सम्पूर्ण शिक्षा को नि:शुल्क करने के लिए रूप रेखा तैयार करने जा रही हैं, जिसको शीघ्र ही मूर्तरूप प्रदान किया जाएगा। श्री शर्मा ने बालिकाओं से कहा कि वे किसी भी स्थिति में आर्थिक तंगी की वजह से अपनी पढ़ाई न छोड़ें। आवश्यकता होने पर स्थानीय पार्षद, विधायक से या स्वयं उनसे सम्पर्क करें। हर संभव आवश्यक मदद की जाएगी। श्री शर्मा ने शासकीय नवीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चूनाभट्टी के वार्षिकोत्सव समारोह में यह बात कही। जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा ने मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा मॉडल का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ रोजगार सृजनकर्ता है। आज की स्थिति में छिंदवाड़ा के नौजवान और नव युवतियां स्थानीय, प्रादेशिक, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य कर रहे हैं। श्री कमल नाथ ने न केवल छिंदवाड़ा में अधोसरंचनात्मक विकास किया है, अपितु रोजगार सृजन के उपाय कर क्षेत्र के लोगों को रोजगार भी प्रदान किए हैं। अब पूरे प्रदेश में रोजगार सृजन के लिए विभिन्न उद्योग धंधें लगाए जाएंगे। साथ ही रोजगार प्रदान करने के अन्य उपाय भी किये जाएंगे। जनसम्पर्क मंत्री श्री शर्मा ने कहा कि स्कूली विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए समुचित उपाय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब भोपाल शहर स्मार्ट सिटी बन रहा है, तो स्कूल और उसकी कक्षाओं को भी स्मार्ट बनाया जाएगा। स्कूल का कोई भी कार्य रूकने नहीं देंगे। श्री शर्मा ने युवा संसद, कालिदास समारोह और मोगली उत्सव में प्रथम और द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया। समारोह की अध्यक्षता स्थानीय पार्षद श्रीमती सीमा प्रवीण सक्सेना ने की।
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18 January 2019इंदौर का संदीप तेल हत्याकांड में जांच जिस दिशा तक पहुंची है उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि पुलिस मामले के खुलासे के करीब पहुंच गई है। पुलिस को जांच में यह भी पता चला कि रावजी बाजार क्षेत्र के बदमाश गब्बर चिकना उर्फ राजेश सोनकर व रवि चौहान उर्फ रवि चिकलिश का भी हत्या में हाथ हो सकता है। दोनों बदमाश गैंगस्टर सतीश भाऊ गिरोह के लिए काम करते हैं। गब्बर से कुछ दिनों पूर्व संदीप का विवाद भी हुआ था। संदीप ने उसे कमरे में बंद कर पिटाई कर दी थी। मेघदूतनगर निवासी चिकलिश शार्प शूटर है।संदीप की हत्या के पीछे सैकड़ों करोड़ का लेनदेन सामने आ रहा है। संदीप ने पिनेकल ड्रीम व डिजायर में करोड़ों रुपए निवेश किए थे। बिल्डर आशीष दास को भी करोड़ों रुपए ब्याज पर दिए थे। संदीप की हत्या के बाद बदमाशों के दो स्वार्थ पूरे हो रहे हैं। पहला पिनेकल से संदीप को बाहर करना, दूसरा बिल्डरों से अवैध वसूली करना। संदीप ने बहुत कम समय में अरबों रुपए कमा लिए थे। उसकी पहचान सट्टा किंग के रूप में भी थी। तत्कालीन एएसपी रमणसिंह सिकरवार की टीम ने उसे क्रिकेट सट्टा लगाने और नकली नोट के आरोप में पकड़ा था। संदीप एक बार पुलिस को चकमा देकर दीवार कूद गया था। तत्कालीन आईजी संजय राणा ने भी संदीप के खिलाफ कार्रवाई की थी। वह बिल्डरों को करोड़ों रुपए उधार देकर तगड़ा ब्याज वसलूता था। सट्टे, ब्याज के साथ वह डिब्बा कारोबार में भी लिप्त था।एसपी (पूर्वी) अवधेश गोस्वामी के मुताबिक, संदीप के खिलाफ 11 आपराधिक केस दर्ज होने की जानकारी मिली है। पुलिस साथियों की भी भूमिका जांच रही है। हत्याकांड का एक संदेही रोहित सेठी है जिसका केबल को लेकर संदीप से विवाद था। रोहित के साथी मनोहर वर्मा ने कबूल किया है कि संदीप और रोहित के बीच 19 करोड़ के लेन-देन को लेकर विवाद चल रहा था।पुलिस ने रोहित के घर की छानबीन की। उसकी पत्नी को हिरासत में लिया । पुलिस को जांच में पता चला है कि रोहित दो दिन पहले तक इंदौर में ही था। अचानक बुधवार दोपहर के बाद उसका मोबाइल बंद हो गया। पुलिस ने पत्नी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि वह घर पर भोपाल जाने का बोलकर निकला था। उसके बाद से मोबाइल बंद हो गया और उससे कोई संपर्क नहीं हुआ।पुलिस ने मनोहर वर्मा से पूछताछ की तो उसने बताया कि रोहित ने संदीप को रुपए के बदले जमीन देने की बात कही थी। रोहित ने जमीन के दाम बढ़ाकर बताए। वर्मा ने ने अपना और रोहित का हत्या में हाथ होने से इनकार किया है। पुलिस ने गुरुवार को संदीप के ड्राइवर अमित बेरवा, पूर्व कर्मचारी दीपक, दोस्त सुमित अवस्थी से भी पूछताछ की। इसके बाद पुलिस ने बब्बर चिकना, अल्पेश चौहान व सुमित सिरोलिया की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने मनीष शर्मा को हिरासत में ले लिया है। पुलिस के मुताबिक गाड़ी में तीन लोग थे। दो शूटर और एक गाड़ी चालक। तीनों ही भौंरासला (उज्जैन रोड) की ओर से गलियों में घुमते हुए विजयनगर चौराहे तक पहुंचे। हत्या के बाद वे भोपाल की ओर भागे।
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18 January 2019अमरोहा में आतंकी जाकिर मूसा के छिपे होने की सूचना और आईएस के नए मॉड्यूल की सूचना के बाद एनआई ने यूपी समेत 16 जगहों पर छापा मारा है। इस छापे में टीमों ने अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली पुलिस के साथ एनआईए, हरियाणा व पंजाब पुलिस तथा एटीएस की टीम छापामारी कर रही है। एनआई व एटीएस की टीम द्वारा अमरोहा के मुहल्ला मुल्लाना में पकड़े गए संदिग्ध आतंकी मुफ्ती सुहैल के घर से बरामद सामान को पुलिस साथ ले गई। खबरों के अनुसार नोगावा सादात के गांव सैदपुर इम्मा निवासी तीन सगे भाइयों के आतंकी संगठन से जुड़ा होने के शक में हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व एटीएस ने उन्हें घर में नजरबंद कर लिया है तथा पूछताछ जारी है। जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है। मामला नोगावा सादात के गांव सैदपुर इम्मा से जुड़ा है। यहां पर शहीद अहमद का परिवार रहता है। वह नगर कोतवाली क्षेत्र में धनोरा अड्डे पर वेल्डिंग की दुकान करता है तथा पास के ही मुहल्ला इस्लाम नगर में भी उसका मकान है। इस दौरान एटीएस व दिल्ली पुलिस ने मुहल्ला मुल्लाना जामा मस्जिद निवासी मुफ्ती सुहैल को पकड़ा है और उनकी निशानदेही पर घर से टाइमर, पिस्टल, गोला बारूद बरामद किए जाने की चर्चा। मुहल्ला पचडरा से सिराज लस्सी वाले के भतीजे इरशाद को भी हिरासत में लिया। शहर में पुलिस का पहरा बढ़ाया गया है। बुधवार सुबह दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल व एटीएस की टीम एसपी डॉ विपिन टाडा से मिली तथा सैदपुर इम्मा में शहीद अहमद के घर छापा मारने के लिए स्थानीय पुलिस का सहयोग लिया। सबसे पहले टीम ने नगर कोतवाली क्षेत्र के मुहल्ला शाही चबूतरा, जामा मस्जिद व इस्लाम नगर में छापा मारा। बताया जा रहा है कि यहां से टीम किसी को साथ नही ले गई। उसके बाद गांव सैदपुर इम्मा में शहीद के घर छापा मार दिया। लगभग 20-24 गाड़ियां गांव पहुची तो हड़कंप मच गया। फौरन ही शहीद के घर की घेराबंदी कर ली गई तथा उसके परिजनों को घर मे बंद कर लिया। आसपास के घरों पर भी पहरा बैठा दिया गया। शहीद के तीन बेटों अनीस, इदरीस व नफीस को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। बताया जा रहा है कि तीन माह पहले डीएनएस कालेज के छात्रों द्वारा आतंकी जमशेद को पिस्टल बेचने वाले प्रकरण के बाद से इन तीनो भाइयों पर टीम की नजर थी। तीनो भाई वैल्डिंग का काम करने के साथ ही गांव में मजदूरी भी करते हैं। साथ ही जाकिर मूसा से भी इस मामले को जोड़कर देखा जा रहा है। अभी स्थानीय पुलिस कुछ भी बताने से इनकार कर रही है। परिजनों से पूछताछ जारी है। एएसपी बृजेश सिंह ने बताया कि नगर क्षेत्र व सैदपुर इम्मा में छापेमारी हुई है। अभी कोई ठोस जानकारी नही मिली है। बताया कि जिले में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।
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26 December 2018अमेरिका की ओर बढ़ रहे होंडुरास के हजारों शरणार्थियों का काफिला एक नदी पार करके मेक्सिको के तपाचुला शहर पहुंच गया है। भारी बारिश के बीच उन्हें अस्थायी कैंपों में ठहराया गया है। दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि इन शरणार्थियों को अमेरिका की ओर बढ़ने से रोकने के लिए 'सभी प्रयास' किए जा रहे हैं। यदि शरणार्थियों का काफिला इसी तरह बढ़ता रहा तो वे अमेरिका-मेक्सिको सीमा बंद कर देंगे। इससे पहले मेक्सिको प्रशासन ने अपने देश और ग्वाटेमाला के बीच सीमा पर बने एक पुल पर इस काफिले को रोकने का प्रयास किया। लेकिन, कई शरणार्थी नदी में घुस गए और उन्होंने रविवार को फिर से अमेरिका की ओर बढ़ना शुरू कर दिया। पैदल सफर कर रहे इन शरणार्थियों ने थकान के बावजूद बस सेवा लेने की पुलिस की पेशकश मानने से इस आशंका से इन्कार कर दिया कि कहीं उनको वापस न भेज दिया जाए। दूसरी तरफ, ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि अवैध शरणार्थियों को दक्षिणी सीमा पार करने से रोकने के लिए सभी प्रयास किए गए हैं। लोगों को पहले मेक्सिको में शरण के लिए आवेदन देना होगा और अगर वे ऐसा करने में नाकाम रहे तो अमेरिका उन्हें वापस भेज देगा। मेक्सिको सरकार ने भी कहा है कि यदि शरणार्थियों ने उनके यहां शरण नहीं मांगी, तो उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाएगा। स्थिति पर नजर रख रहे संघीय पुलिस कमांडर के अनुसार, करीब 3,000 लोगों का काफिला मेक्सिको में आगे बढ़ रहा है। इसके अलावा तकरीबन एक हजार शरणार्थी अब भी इस उम्मीद में पुल पर फंसे है कि वे अवैध रूप से ग्वाटेमाला के रास्ते मेक्सिको में प्रवेश कर सकें। इन शरणार्थियों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति जिमी मोराल्स ने कहा कि होंडुरास से 5,000 से भी ज्यादा शरणार्थी उनके देश आए थे। लेकिन, उनमें से करीब 2,000 स्वदेश लौट गए।
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23 October 2018'मैं देशद्रोही नहीं हूं। मैं और मेरा परिवार पाकिस्तान की जमीन से प्यार करता है। इस वतन से मुहब्बत के चलते ही बंटवारे के वक्त मेरा परिवार यहां आ गया था।' पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सोमवार को देशद्रोह के मुकदमे की सुनवाई के दौरान अपने बचाव में ये बातें लाहौर में कहीं। नवाज शरीफ ने एक इंटरव्यू में 2008 के मुंबई आतंकी हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की बात स्वीकारी थी। उनके इस बयान को देशद्रोह बताते हुए सिविल सोसायटी की सदस्य अमीना मलिक ने नवाज और उनका इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार सिरिल अलमीडा पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए याचिका दायर की थी। नवाज के इस बयान पर विवाद के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक भी बुलाई थी। बाद में अब्बासी ने नवाज से मिलकर उन्हें इस बैठक में हुई चर्चा से अवगत कराया था। इसके लिए मलिक ने अब्बासी पर भी केस किया है। लाहौर हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए नवाज ने कहा, 'जिस व्यक्ति ने देश को परमाणु राष्ट्र बनाया वह देशद्रोही कैसे हो सकता है। हाल में हुए उपचुनाव में जिस व्यक्ति की पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिले वह देशद्रोही कैसे हो सकता है? मैं लाखों देशवासियों का प्रतिनिधित्व करता हूं, क्या वे देशद्रोही हो सकते हैं?' अब्बासी ने भी बैठक की जानकारी नवाज से साझा करने के आरोपों से इन्कार किया। जबकि अलमीडा ने कहा कि वह पत्रकार हैं और उन्होंने केवल इंटरव्यू छापा है। यह कोई देशद्रोह नहीं है। केस की सुनवाई 12 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
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23 October 2018वाशिंगटन में पेंटागन ने मंगलवार को बताया कि उसे एक चिटठी् मिली है, जिसके लिफाफे में खतरनाक जहर राइसिन होने का शक है। एक अमेरिकी अधिकारी के अनुसार यह पत्र रक्षा सचिव जिम मैटिस को भेजा गया था। पेंटागन ने बयान जारी कर कहा कि उन्होंने संदिग्ध खत को अलग रखा है और एफबीआई लिफाफों की जांच कर रही है। वहीं पहचान न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि सोमवार को पुलिस को पेंटागन परिसर में चिट्ठी छांटते वक्त इन लिफाफों में राइसिन मिला है, हालांकि यह उसके मुख्य भवन से नहीं मिला है। इसके अलावा अमेरिकी खुफिया संस्था ने बताया कि वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भेजे गए एक संदिग्ध लिफाफे की भी जांच कर रहे हैं जो उन्हें मंगलवार को मिला था, मगर यह पत्र वाइट हाउस तक नहीं पहुंच सका। इसके अलावा इस संस्था ने कोई और जानकारी नहीं दी। हालांकि अभी तक दोनों मामले एक-दूसरे से संबंधित है या नहीं, यह पता नहीं चल सका है। राइसिन एक घातक जहर है, जिसे जैविक हथियार बनाने में भी इन दिनों इस्तेमाल किया जाता है। राइसिन से इंसान की मौत 36 से 72 घंटे के अंदर हो जाती है। इस जहर का कोई तोड़ नहीं है। अमेरिकी सरकार के विभागों में राइसिन जहर के खत आते रहते हैं। इससे पहले 2013 में ऐसा ही पत्र एक अमेरिकी सांसद, व्हाइट हाउस और मिसीसिपी के न्यायाधीश को भी भेजा गया था।
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3 October 2018राफेल डील को लेकर कांग्रेस के विरोध और आरोपों के बीच एक बार फिर से वायुसेना ने इस डील का समर्थन किया है। जहां एक तरफ विपक्ष इस डील को लेकर हंगामा कर रहा है वहीं इस बार खुद वायुसेना प्रमुख ने बुधवार को इस डील का समर्थन किया है। उन्होंने दिल्ली में एक बयान में इसे बूस्टर डोज करार दिया है। खबरों के अनुसार वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने एक बयान में कहा कि राफेल एक अच्छा एयरक्राफ्ट है और जहां तक उपमहाद्वीप की बात है तो यह गेम चेंबर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस डील में हमें कई फायदे हैं। राफेल और एस400 एयर मिसाइल डिफेंस सिस्टम डील हमारे लिए एक बूस्टर डोज होगा।
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3 October 2018देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का दौर जारी है। शनिवार को राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 22 पैसे और डीजल 21 पैसे महंगा हो गया। दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 83.40 रुपए रही, वहीं डीजल 74.63 लीटर पर बेचा जा रहा है। मुंबई में पेट्रोल 90.75 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है। डीजल 79.23 प्रति लीटर है। मालूम हो, तेल की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है। गुरुवार को 13 पैसे की बढ़ोतरी के बाद शुक्रवार को फिर से तेल के दामों में बढ़ोतरी दर्ज हुई थी। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया के स्थिति के आधार पर ही सरकारी तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में संशोधन करती हैं। आईओसी, भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (एचपीसीएल) देश की तीन प्रमुख सरकारी तेल विपणन कंपनियां हैं। गौरतलब है कि भारत अपनी जरूरत के कच्चे तेल का 80 फीसद हिस्सा आयात करता है। भारत के आयात बिल में पेट्रोल और डीजल की एक बड़ी हिस्सेदारी होती है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में आधा हिस्सा केंद्र और राज्य सरकारों के स्तर पर लगने वाले टैक्स का है। कंपनियों के मुताबिक रिफाइनरी पर पेट्रोल की लागत करीब 40.50 रुपये और डीजल की कीमत करीब 43 रुपये प्रति लीटर पड़ती है। केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर क्रमश: 19.48 रुपये और 15.33 रुपये उत्पाद शुल्क वसूलती है। इसके ऊपर राज्य सरकारें इन पर मूल्यवर्धित कर (वैट) लगाती हैं। वैट की दरें विभिन्न राज्यों में अलग-अलग हैं। अंडमान एवं निकोबार में दोनों ईंधनों पर सबसे कम छह फीसद की दर से टैक्स वसूला जाता है। वहीं पेट्रोल पर मुंबई में सर्वाधिक 39.12 फीसद और डीजल पर तेलंगाना में सर्वाधिक 26 फीसद वैट लगता है। दिल्ली में पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरें क्रमश: 27 फीसद और 17.24 फीसद हैं।
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29 September 2018अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि वह राष्ट्रपति चुनकर ना आते तो पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा उत्तर कोरिया पर हमले के लिए पूरी तैयारी कर चुके थे। उन्होंने पूर्ववर्ती ओबामा प्रशासन पर दोनों देशों के संबंध सुधारने में विफल रहने का आरोप भी लगाया। ट्रंप ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'मैं राष्ट्रपति निर्वाचित नहीं होता तो उत्तर कोरिया के साथ युद्ध हो जाता। ओबामा युद्ध के बहुत करीब पहुंच चुके थे। यह युद्ध इतना भयानक होता कि हजारों नहीं बल्कि लाखों लोग मारे जाते। यह विश्व युद्ध में तब्दील हो सकता था।' अपने दावे को मजबूत करते हुए उन्होंने आगे कहा, 'खुद ओबामा ने मुझे इस बारे में बताया था। राष्ट्रपति बनने के बाद से मेरे उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन के साथ व्यक्तिगत और बतौर अमेरिकी राष्ट्रपति संबंधों में सुधार हुआ है। हाल में किम ने मुझे पत्र भेजा है। मेरी और किम की जल्द बैठक की तैयारी को लेकर विदेश मंत्री माइक पोंपियो अगले महीने उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग जाएंगे।' ट्रंप ने उम्मीद जताई कि कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर दोनों देशों के बीच समझौता हो सकता है। ट्रंप ने कहा, मेरे साथ अच्छे संबंधों के चलते किम भी यह समझौता चाहते हैं। ट्रंप ने मीडिया पर भी निशाना साधा और कहा, किम से मुलाकात करने पर मीडिया ओबामा को राष्ट्रीय नायक के तौर पर पेश करती।
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27 September 2018अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नई लिमोजिन कार आ गई है, जिसका नाम 'द बीस्ट' है। अमेरिका के राष्ट्रपति के लिए जनरल मोटर्स कैडिलैक लिमो को खास तौर पर बनाती है। इस कार में कई बदलाव किए गए हैं और इसमें पहले से अधिक सिक्योरिटी फीचर्स हैं। लिहाजा, इसकी कीमत भी काफी अधिक है। बताया जा रहा है कि कार की कीमत करीब 15 लाख डॉलर है। देश की सीक्रेट सर्विसेज के खास निर्देशों के बाद ही इसे तैयार किया जाता है। ट्रक प्लेटफॉर्म पर बनी इस कार का वजह करीब सात टन से अधिक हो सकता है। इस कार के पुराने वर्जन को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस्तेमाल किया था। प्रेसीडेंट की नई कार बड़ी है, और इसमें सात लोगों के बैठने की जगह है। कार के रेफ्रिजरेटर में ट्रंप के ब्लड ग्रुप वाला खून भरा रहता है। इसके बावजूद रेफ्रिजरेटर में इतनी जगह रहती है कि उसमें 12 कैन डाइट कोक के रखे रहें। बताते चलें कि इतनी मात्रा में डाइट कोक ट्रंप रोजाना पीते हैं। इसके अलावा कार में ऑक्सीजन टैंक, बुलेट और बम प्रूफ शेल, रन फ्लैट टायर लगे होंगे। बताया जा रहा है कि कार की दीवारें करीब आठ इंच मोटी हैं। इसके खिड़की दरवाजे करीब पांच इंच मोटे हैं, जो कि 757 जेट से ज्यादा मजबूत हैं।
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27 September 2018इंदौर में मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का कहना है कि आने वाला विधानसभा चुनाव प्रदेश के भविष्य को तय करेगा। राजनीतिक जीवन में मैंने कभी ऐसा दौर नहीं देखा जब हर वर्ग खुद को ठगा महसूस कर रहा है। ढाई हजार लोग कांग्रेस से टिकट के लिए कतार में हैं। इन दावेदारों में भाजपा के 30 विधायक भी शामिल हैं। टिकट सिर्फ सर्वे के आधार पर ही बांटे जाएंगे।' कमलनाथ ने यह बात रविवार को प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि भाजपा कलाकारी की राजनीति कर रही है। कांग्रेस आजादी के पहले गोरों से लड़ी थी अब चोरों से लड़ेगी। अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के बाद पहली बार इंदौर आए कमलनाथ अपने स्वागत में सड़क पर उमड़े कार्यकर्ताओं का हुजूम देख खुश नजर आए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नजर किसान, युवा और व्यापारियों पर है। उन्होंने नारा दिया कि 'कांग्रेस की सरकार बनी तो हर किसान के हाथ में दाम होगा, युवा के हाथ में काम होगा और व्यापारी को टैक्स से आराम होगा।' आरक्षण के साथ न्याय के भी साथ : एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ आंदोलन पर कमलनाथ ने कहा कि हम आरक्षण व एट्रोसिटी एक्ट को जरूरी मानते हैं, पर सबके साथ न्याय हो, यह भी हमारा सोच है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि पार्टी के सभी विधायक और कार्यकर्ता कमलनाथ से संपर्क करते हुए उन्हें यह जरूर बोलना चाहते हैं कि वो प्रदेश में कांग्रेस की हालत समझें और प्रदेश की राजनीति छोड़ दिल्ली की राजनीति में रुचि लें या वापस अपने गृह प्रदेश बंगाल (कोलकाता) लौट जाएं।
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17 September 2018पेट्रोल और डीजल के दामों में आग लगी हुई है। रोज तेल के दाम नई ऊंचाईयों को छू रहे हैं। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 89 रुपए के स्तर को पार कर चुकी है। इस बीच बाबा रामदेव ने कहा है कि अगर सरकार उन्हें इजाजद दे, तो वह 35 से 40 रुपए लीटर में पेट्रोल और डीजल बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार मुझे ऐसा करने की इजाजत दे और टैक्स में कुछ छूट दे, तो मैं भारत को 35-45 रुपए लीटर में पेट्रोल-डीजल दे सकता हूं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों का अगले साल चुनाव पर असर पड़ेगा। बढ़ोतरी रोकने के लिए केंद्र सरकार को कदम उठाना चाहिए। रामदेव ने कहा कि ईंधन की कीमतों को जीएसटी के निम्नतम दायरे में लाया जाए, न कि अधिकतम 28 फीसद के स्लैब में। लोगों की जेब तेल के महंगे होने से खाली हो रही हैं। लगातार बढ़ते पेट्रोल के दाम से मोदी सरकार दबाव में है। हालांकि, लगातार गिरती रुपए की कीमत और अमेरिका द्वार ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध आदि कुछ ऐसी वैश्विक वजहें हैं, जिससे सरकार पेट्रोल की कीमतों में कटौती नहीं कर सकती है। अगर मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक रुपए की कटौती करती है, तो उसे राजस्व में 14 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा। इससे वित्तीय घाटे को जीडीपी के 3.3 फीसद के लक्ष्य तक ले जाने में सरकार विफल हो जाएगी। बताते चलें कि वर्तमान में सरकार पेट्रोल पर 19.48 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 15.33 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगाती है। वहीं, हर राज्यों में वैट की दर अलग-अलग हैं। रामदेव ने कहा कि वह किसी एक दल के साथ नहीं हैं। महंगाई के सवाल पर बाबा रामदेव ने कहा कि मैं या आप कहें या न कहें पर मोदी सरकार को ये महंगाई कम करनी होगी। अगर ये महंगाई कम नहीं की, तो ये आग उन्हें ले डूबेगी।
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17 September 2018बैंगलुर से अच्छी खबर। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य में तेल की कीमतें दो रुपए कम कर दी हैं। सूबे के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इसका ऐलान किया है। इससे पहले तेलंगाना ने भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में दो रुपए की कटौती की थी। इससे पहले राजस्थान की भाजपा सरकार ने भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती की थी। वसुंधरा सरकार ने राज्य में पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट में चार फीसद की कटौती की थी। इस बीच पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। सोमवार को पेट्रोल 15 पैसे और डीजल 6 पैसे महंगा हुआ। दिल्ली में पेट्रोल के दाम 82.06 रुपए/लीटर और डीजल के दाम 73.78 रुपए/लीटर रहे। वहीं मुंबई में पेट्रोल रिकॉर्ड 89.44 रुपए/लीटर पर रहा। देश की आर्थिक राजधानी में डीजल के दाम 78.33 रुपए/लीटर रहे।
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17 September 2018एससी-एसटी एक्ट में सशोधन के खिलाफ गुरुवार को भारत बंद रहा वहीं इस पर राजनीति भी तेज हो गई है। इस बीच यह मामला एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस बार वकील पृथ्वी राज चौहान और प्रिया शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और 6 हफ्ते में जवाब मांगा है। अपनी याचिका में दोनों ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के 20 मार्च के आदेश को लागू किया जाए। एससी-एसटी संशोधन के माध्यम से जोड़े गए नए कानून 2018 में नए प्रावधान 18 A के लागू होने से फिर दलितों को सताने के मामले में तत्काल गिरफ्तारी होगी और अग्रिम जमानत भी नहीं मिल पाएगी। याचिका में नए कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में जवाब मांगा है। कोर्ट ने कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा है कि बिना सुनवाई रोक लगाना वाजिब नहीं है।गौरतलब है कि एससी-एसटी संशोधन कानून 2018 को लोकसभा और राज्यसभा ने पास कर दिया था और इसे नोटिफाई कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने गत 20 मार्च को दिये गए फैसले में एससी-एसटी कानून के दुरुपयोग पर चिंता जताते हुए दिशा निर्देश जारी किये थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एससी एसटी अत्याचार निरोधक कानून में शिकायत मिलने के बाद तुरंत मामला दर्ज नहीं होगा डीएसपी पहले शिकायत की प्रारंभिक जांच करके पता लगाएगा कि मामला झूठा या दुर्भावना से प्रेरित तो नहीं है। इसके अलावा इस कानून में एफआईआर दर्ज होने के बाद अभियुक्त को तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। सरकारी कर्मचारी की गिरफ्तारी से पहले सक्षम अधिकारी और सामान्य व्यक्ति की गिरफ्तारी से पहले एसएसपी की मंजूरी ली जाएगी। इतना ही नहीं कोर्ट ने अभियुक्त की अग्रिम जमानत का भी रास्ता खोल दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद देशव्यापी विरोध हुआ था, जिसके बाद सरकार ने कानून को पूर्ववत रूप में लाने के लिए एससी एसटी संशोधन बिल संसद में पेश किया था और दोनों सदनों से बिल पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद संशोधन कानून प्रभावी हो गया। इस संशोधन कानून के जरिये एससी एसटी अत्याचार निरोधक कानून में धारा 18 ए जोड़ी गई है जो कहती है कि इस कानून का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले प्रारंभिक जांच की जरूरत नहीं है और न ही जांच अधिकारी को गिरफ्तारी करने से पहले किसी से इजाजत लेने की जरूरत है। संशोधित कानून में ये भी कहा गया है कि इस कानून के तहत अपराध करने वाले आरोपी को अग्रिम जमानत के प्रावधान (सीआरपीसी धारा 438) का लाभ नहीं मिलेगा यानी अग्रिम जमानत नहीं मिलेगी।
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7 September 2018मध्यप्रदेश के मुरैना में एक बार रेत माफिया ने पुलिस को चुनौती दी है। अवैध उत्खनन कर रेत ले जा रहे एक ट्रैक्टर रोकने की कोशिश कर रहे डिप्टी रेंजर को ट्रैक्टर चालक ने कुचल दिया। डिप्टी रेंजर की मौत हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक घटना एबी रोड के धौलपुर रोड पर वन नाका डिपो की है। मुरैना वन मंडल में पदस्थ सूबेदार सिंह कुशवाहा (58) यहां ड्यूटी कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें रेत ले जा रहा एक ट्रैक्टर दिखा। डिप्टी रेंजर कुशवाह ने ट्रैक्टर रोकने की कोशिश की तो चालक ने ट्रैक्टर दौड़ा दिया और डिप्टी रेंजर को रौंद दिया और फरार हो गया। साथी कर्मी उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे लेकिन तब तक उन्होंने दम तोड़ दिया। मुरैना एसपी अमित सांघी ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने ट्रैक्टर चालक के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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7 September 2018अफगानिस्तान में मुल्ला उमर के बाद आतंक का दूसरा नाम माना जाने वाले जलालुद्दीन हक्कानी की लंबी बीमारी के बाद मौत हो गई। जलालुद्दीन को अफगानिस्तान में दफनाया गया। वह अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क का संस्थापक था। माना जाता है कि मुल्ला उमर की मौत के बाद तालिबान को एक रखने में हक्कानी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।जलालुद्दीन का बेटा सिराजुद्दीन फिलहाल इस आतंकी समूह का प्रतिनिधित्व करता और वह तालिबान का उप-नेता भी है। अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने ने हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन की मौत की घोषणा की। वहीं, निगरानी समूह एसआईटीई ने अफगान तालिबान के बयान के हवाले से बताया, ‘उसने अल्लाह के धर्म के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना किया। साथ ही उसने अपने जीवन के आखिरी वर्षों के दौरान लंबी बीमारी का भी सामना किया।' हक्कानी नेटवर्क की स्थापन सोवियत संघ के खिलाफ जिहाद के लिए की गई थी। जलालुद्दीन अफगान मुजाहिद्दीन का कमांडर था जो 1980 में अफगानिस्तान के सोवियत कब्जे से अमेरिका और पाकिस्तान की मदद से लड़ता था। बाद में जलालुद्दीन तालिबान सरकार में मंत्री भी बना। साल में 2001 तालिबान सरकार के गिर जाने के बाद हक्कानी भाग खड़ा हुआ और उसने दोबारा हथियार उठा लिए थे। उसने ओसामा बिन लादेन सहित अरबी जिहादियों के साथ करीबी संबंध बनाए थे।
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4 September 2018एक तरफ जहां 59 हजार करोड़ रुपए में 36 राफेल विमान खरीदने के सौदे को लेकर कांग्रेस लगातार भाजपा सरकार पर हमला कर रही है। वहीं, दूसरी तरफ मोदी सरकार एक और डील करने जा रही है। सरकार 20 अरब डॉलर (1.4 लाख करोड़ रुपए) में 114 नए लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी कर रही है। बताया जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा सौदा होगा। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में डिफेंस एक्वीजिशन काउंसिल इस महीने के अंत में या अगले महीने की शुरुआत में 114 जेट विमानों के लिए एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी पर विचार कर सकती है। इस प्रस्तावित प्रोजेक्ट के तहत सौदा होने के तीन से पांच साल के अंदर 18 विमान फ्लाई-अवे कंडीशन (आते ही इस्तेमाल के लिए तैयार) के साथ आएंगे। वहीं, बाकी विमानों को भारत में स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप पॉलिसी के तहत विदेशी विमान कंपनियों और भारतीय कंपनियों के सहयोग से बारत में विकसित किया जाएगा। मजेदार बात यह है कि रूस के सुखोई-35 फाइटर ने भी बोली लगाई है। इसके लिए वायुसेना ने आरएफआई (सूचना के लिए अनुरोध) या शुरूआती निविदा अप्रैल में जारी की थी। अधिकारियों ने कहा कि भारत में अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकी लाने के मकसद से हाल में शुरू रणनीतिक भागीदारी मॉडल के तहत भारतीय कंपनी के साथ मिलकर विदेशी विमान निर्माता लड़ाकू विमानों का उत्पादन करेंगे। वायुसेना पुराने हो चुके कुछ विमानों को बाहर करने के लिए अपने लड़ाकू विमान बेड़े की गिरती क्षमता का हवाला देते हुए विमानों की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने पर जोर दे रही है। सरकार ने पांच साल पहले वायु सेना के लिए 126 मध्यम बहु भूमिका लड़ाकू विमान (एमएमआरसीए) की खरीद प्रक्रिया को रद्द कर दिया था। इसके बाद लड़ाकू विमानों के लिए यह पहला बड़ा सौदा होगा। इससे पहले राजग सरकार ने सितंबर 2016 में 36 राफेल दोहरे इंजन वाले लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए फ्रांस सरकार के साथ करीब 59000 करोड़ रूपये के सौदे पर दस्तखत किए थे। बता दें कि फ्रांस के साथ केंद्र सरकार के करार को लेकर कांग्रेस के हमलों के बीच तीन राफेल लड़ाकू विमान रविवार को पहली बार भारत पहुंच गए हैं। ये विमान तीन दिन तक ग्वालियर एयरबेस पर रहेंगे और वायुसेना के पायलट इन पर प्रशिक्षण हासिल करेंगे। ये लड़ाकू विमान ऑस्ट्रेलिया में एक अंतरराष्ट्रीय युद्धाभ्यास में शामिल होने गए थे। वहां से लौटते हुए ग्वालियर आए।
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4 September 2018सरकार पर आर्थिक और राजनीतिक दबाव बढ़ता देख ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामनेई ने कहा कि परमाणु समझौता अगर देश हित में नहीं रहा तो उनकी सरकार इससे हटने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी दोहराया कि इस मसले पर उनका देश अमेरिका के ट्रंप प्रशासन से कोई बातचीत नहीं करेगा। बता दें कि इस साल मई में अमेरिका इस समझौते से पीछे हट गया था। तभी से इस समझौते पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि बाकी देश समझौते पर कायम रहने की प्रतिबद्धता जता चुके हैं। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में खामनेई ने कहा, "स्वाभाविक तौर पर अगर हम इस नतीजे पर पहुंचते हैं कि यह अब हमारे हित में रहा है तो हमें इससे हट जाना चाहिए।" उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि इस समझौते को बचाने के लिए यूरोपीय संघ के साथ बातचीत जारी रखी जाए। लेकिन इस मसले पर ईरानी सरकार बहुत उम्मीद नहीं करे।" परमाणु समझौते से अमेरिका के हटने के बाद ईरान में राष्ट्रपति हसन रूहानी सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके सियासी प्रतिद्वंद्वियों ने संसद में उनको घेरना शुरू कर दिया है। उनका दावा है कि आने वाले दिनो में रूहानी सरकार के कुछ और मंत्रियों की रवानगी तय है। संसद इसी महीने श्रम और आर्थिक मामलों के मंत्रियों को पहले ही बर्खास्त कर चुकी है। इस पर खामनेई ने कहा कि सियासी टकराव ईरान के लोकतंत्र की ताकत का संकेत है। रूहानी के कार्यकाल में ही अमेरिका समेत दुनिया के छह शक्तिशाली देशों के साथ यह समझौता हुआ था। ईरान ने साल 2015 में अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन और जर्मनी के साथ परमाणु समझौता किया था। इस समझौते के बाद ईरान पर लगे प्रतिबंधों को हटा लिया गया था। लेकिन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल मई में समझौते को दोषपूर्ण करार देकर इससे हटने का एलान कर दिया और तीन हफ्ते पहले उस पर फिर प्रतिबंध थोप दिए। प्रतिबंधों के खिलाफ आईसीजे पहुंचा है ईरान ईरान ने दोबारा थोपे गए प्रतिबंधों को हटवाने की मांग को लेकर संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया है। उसने दलील दी है कि अमेरिकी प्रतिबंधों से उसकी अर्थव्यवस्था तबाह हो रही है। फिलहाल इस मामले की सुनवाई चल रही है। इस पर महीने भर के अंदर फैसला आने की उम्मीद है।
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30 August 2018आईएस सरगना अबू बकर अल बगदादी ने अपने कथित नए ऑडियो में मुस्लिम समुदाय से जिहाद छेड़ने का आह्वान किया है। बेरुत। कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के सरगना अबू बकर अल बगदादी ने अपने कथित नए ऑडियो में मुस्लिम समुदाय से जिहाद छेड़ने का आह्वान किया है। लगभग सालभर बाद ईद अल-अजहा के मौके पर जारी टेलीग्राम संदेश में बगदादी ने पश्चिमी देशों पर हमले का आह्वान भी किया। बगदादी का यह कथित ऑडियो तब आया है, जब इस आतंकी संगठन को इराक और सीरिया के ज्यादातर हिस्सों से खदेड़ा जा चुका है। पिछले साल सितंबर के बाद से आइएस सरगना की यह पहली रिकॉर्डिंग बताई जा रही है। बगदादी को कई बार मृत घोषित किया जा चुका है, लेकिन एक इराकी खुफिया अधिकारी ने मई में बताया कि वह अब भी जिंदा है और सीरिया में रह रहा है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह संदेश कब रिकॉर्ड किया गया। लेकिन, बगदादी सीरिया के उत्तर पूर्वी हिस्से के पुनर्निर्माण के लिए गत सप्ताह सऊदी अरब द्वारा 10 करोड़ डॉलर (लगभग सात सौ करोड़ रुपये) दिए जाने की आलोचना करता दिखाई दिया। हालांकि, ऑडियो की आवाज बगदादी की है या नहीं, अब तक किसी ने इसकी पुष्टि नहीं की है। आइएस सरगना को आखिरी बार जुलाई 2014 में ईराक के दूसरे बड़े शहर मोसुल में सार्वजनिक तौर पर देखा गया था। उसने अमेरिका और रूस को धमकी देते हुए कहा कि जिहादियों ने उनके खिलाफ जबर्दस्त की तैयारी की है। उल्लेखनीय है कि रूस और अमेरिका आइएस के खिलाफ हमलों का समर्थन करते हैं। आइएस ने 2014 में सीरिया और इराक के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था और बगदादी को इन इलाकों का खलीफा घोषित कर दिया था। लेकिन, अब वह दोनों ही देशों में ज्यादातर हिस्सों से उसे खदेड़ा जा चुका है।
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24 August 2018ऑस्ट्रेलिया की सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी में बढ़े विरोध के चलते मैल्कम टर्नबुल को आखिरकार प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटना पड़ा। उनकी जगह स्कॉट मौरिसन नए प्रधानमंत्री बनाए गए हैं। 50 वर्षीय मौरिसन शुक्रवार को लिबरल पार्टी के अध्यक्ष चुने गए। मौरिसन पिछले दस साल में ऑस्ट्रेलिया के छठे प्रधानमंत्री हैं। उनके चुनाव से हालांकि ऑस्ट्रेलिया में सियासी अनिश्चितता का दौर खत्म होने की संभावना कम ही है। पीएम पद से हटने के बाद टर्नबुल ने कहा कि वह संसद से भी इस्तीफा देंगे। इससे संसद में सरकार का सिर्फ एक सीट से बहुमत खतरे में पड़ सकता है। टर्नबुल के करीबी सहयोगी और वित्त मंत्री रहे मौरिसन ने पार्टी के आतंरिक चुनाव में पूर्व गृहमंत्री पीटर डटन को 40 के मुकाबले 45 मतों से पराजित किया। चुनाव में विदेश मंत्री जूली बिशप भी अध्यक्ष पद की दौड़ में थीं, लेकिन वह पहले दौर में ही बाहर हो गईं। टर्नबुल के नेतृत्व को एक हफ्ते में दूसरी बार चुनौती दी गई। वह इससे पहले हुए चुनाव में मामूली अंतर से जीत गए थे। लेकिन पार्टी के अंदर बढ़े विरोध और कई सांसदों द्वारा नए नेता का चुनाव मतपत्रों से कराने की मांग पर वह गुरुवार को इस होड़ से हट गए। मौरिसन ने पहले 63 वर्षीय टर्नबुल का समर्थन किया था, लेकिन बाद में वह डटन की अपेक्षा ज्यादा उदार नेता के तौर पर उभरे। आव्रजन मामले में डटन के रुख को सख्त माना जाता है। पार्टी के अंदर टर्नबुल का विरोध पिछले हफ्ते उस समय बढ़ गया जब उन्होंने बिजली दरों में कटौती और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए उत्सर्जन में कमी लाने का प्रस्ताव दिया था। पीएम पद से हटने के बाद टर्नबुल ने ऑस्ट्रेलिया की जनता का आभार जताया और समलैंगिक विवाह की इजाजत समेत अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र किया।
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24 August 201822 साल पहले क्रिकेट से राजनीति में आए इमरान खान की नई पारी शुरू हो रही है। शनिवार को उन्होंने एक विशेष कार्यक्रम में देश के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। उनके इस शपथ ग्रहण कार्यक्रम में भारत से नवजोत सिंह सिद्धू शामिल हुए। उनके अलावा पाकिस्तान के कई बड़े नेता और इमरान खान की तीसरी पत्नी बुशरा मेनका भी कार्यक्रम में शामिल हुई। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में नवजोत सिंह सिद्धू को पाक अधिकृत कश्मीर के राष्ट्रपति के साथ बैठाया गया था। शपथ ग्रहण में इमरान कई बार अटकते नजर आए। इससे पहले शुक्रवार को उन्हें पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री चुन लिया गया। नेशनल असेंबली में एकतरफा चुनाव में उन्होंने वरिष्ठ नेता शाहबाज शरीफ को हरा दिया। पीएम चुने जाने के बाद इमरान खान ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया है जिन्होंने देश को लूटा है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शाहबाज की पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर विपक्ष में दरार साफ नजर आई। बिलावल भुट्टो की नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। उसके 54 सांसद हैं। इस कारण पीएम पद के लिए चुनाव मात्र औपचारिक रह गया। नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने एलान किया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के चेयरमैन 65 वर्षीय इमरान खान को 176 वोट जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी शाहबाज को मात्र 96 वोट मिले हैं। संसद में अप्रिय स्थिति तब पैदा हुई जब नतीजे के एलान के वक्त विपक्ष के सांसदों ने नव निर्वाचित प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए चोर-चोर के नारे लगाने शुरू किए। जेल में बंद नवाज शरीफ के पोस्टर लिए पीएमएल-एन समर्थक नारे लगा रहे थे-वोट को इज्जत दो। सदन में हंगामा होते देख स्पीकर कैसर कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर स्पीकर ने इमरान को सदन को संबोधित करने के लिए कहा। इमरान ने कहा-मैं मेरे देश से वादा करता हूं कि हम तब्दीली लाएंगे, जिसके लिए यह राष्ट्र इंतजार कर रहा है। हमें इस देश में सख्त जवाबदेही तय करनी होगी। जिन्होंने इस देश को लूटा है, मैं वादा करता हूं कि मैं उनके खिलाफ काम करूंगा। मतदान के दौरान इमरान खान को मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (सात सीट), बलूचिस्तान अवामी पार्टी (5), बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (4), पाकिस्तान मुस्लिम लीग (3), ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस (3), अवामी मुस्लिम लीग व जमोरी वतन पार्टी (एक-एक सीट) समेत छोटी पार्टियों का समर्थन मिला। इससे पहले शाहबाज समेत पीएमएल-एन के सांसद नेशनल असेंबली में हाथ में काली पट्टी बांधकर आए। 25 जुलाई को हुए आम चुनाव में कथित गड़बड़ी के विरोध में उन्होंने यह कदम उठाया। सत्र शुरू होने से पहले इमरान और शाहबाज ने एक दूसरे से हाथ मिलाया। इस सप्ताह की शुरूआत में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के लिए पीटीआई के उम्मीदवारों को क्रमशः 176 और 183 वोट मिले थे। 25 जुलाई को हुए चुनाव में पीटीआई को 116 सीटें मिली हैं। नौ निर्दलीय पार्टी में शामिल हो जाने से उसकी संख्या बढ़कर 125 पर पहुंच गई। महिलाओं के आरक्षित 60 में से 28 और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित 10 में से पांच सीटें पीटीआई को मिलीं। इस तरह उसका कुल आंकड़ा 158 पर पहुंच गया। इमरान शनिवार को देश के 22वें पीएम पद की शपथ लेंगे। वर्ष 2008 से पाकिस्तान में यह सतत तीसरी लोकतांत्रिक सरकार होगी। वर्ष 2008 में पीपीपी की सरकार बनी थी। वर्ष 2013 में पीएमएल-एन जीती और नवाज शरीफ पीएम बने। संसद के निचले सदन में इमरान की गठबंधन सरकार को भले ही मामूली बहुमत हासिल हो लेकिन ऊपरी सदन सीनेट में विपक्ष का ही दबदबा है। इससे आने वाले समय में इमरान को खासी मुश्किलें पेश आने वाली हैं। इस बात को पाकिस्तानी मीडिया भी स्वीकार कर रहा है। नई सरकार के समक्ष सबसे पहली और बड़ी चुनौती तंगहाली के हालात से निजात पाने की होगी।
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18 August 2018अफगानिस्तान में अल्पसंख्यक शिया समुदाय के शिक्षण संस्थान पर बुधवार को आतंकी हमले में 48 की मौत हो गई और 67 अन्य घायल हो गए। मरने वालों में ज्यादातर किशोर छात्र-छात्राएं शामिल हैं। इससे आतंकियों ने देश के उत्तरी हिस्से में स्थित सेना की दो चौकियों पर हमला कर 9 पुलिसकर्मियों और 35 सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। राजधानी काबुल के पश्चिम में स्थित शिया अल्पसंख्यक समुदाय के शिक्षण संस्थान के विद्यार्थी अहाते में एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। यहां छात्र टेंट लगाकर विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा की पढ़ाई कर रहे थे। एक प्रत्यक्षदर्शी सैयद अली ने बताया कि मरने वाले अधिकांश छात्रों के चीथड़े उड़ गए। सिटी हास्पिटल के डॉक्टरों ने बताया कि कई पीड़ित बुरी तरह जल गए हैं। अस्पताल में मौजूद एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी अब्दुल खालिक ने बताया कि उनका भाई भी वहां पढ़ता था। विस्फोट में उसकी भी मौत हो गई है। हालांकि अभी तक विस्फोट की जिम्मेदारी तो किसी समूह ने नहीं ली है, लेकिन शिया समुदाय पर किए जा रहे हमलों के इतिहास को देखते हुए लगता है कि इसे इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने अंजाम दिया है। तालिबान ने धमाके से इन्कार किया है। इससे पहले बुधवार को ही उत्तरी अफगानिस्तान के बाघलान प्रांत स्थित सैन्य बेस पर किए गए हमले में 9 पुलिसकर्मियों और 35 सैनिकों की मौत हो गई है। बाघलान से सांसद दिलावर अयमाक ने हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि एक सैन्य और एक पुलिस चौकी को निशाना बनाया गया था। तालिबान ने हमले की जिम्मेदारी ली है। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र वरिष्ठ अधिकारी ताडामिची यामामोटा ने लड़ाई बंद करने की अपील की है।
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16 August 2018केरल में लगातार हो रही बारिश से हाल बेहाल हो गए हैं। राज्य में बाढ़ के हालात हैं और नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। बारिश के कारण कोच्चि में एयरपोर्ट के बाद मेट्रो सेवा भी बंद कर दी गई है वहीं मुल्लारपेरियार डैम का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री पी विजयन से फोन पर बात करते हुए हालात का जायजा लिया है साथ ही मदद का आश्वासन दिया है। इसके अलावा उन्होंने रक्षा मंत्रालय को भी राहत कार्य तेज करने के लिए कहा है। राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर लिखा है कि उन्होंने पीएम मोदी से इस मुद्दे पर बात कर सेना की मदद बढ़ाने की मांग की है। बारिश के कारण कोच्चि शहर में पानी घुस गया है वहीं आलापुजा के कोल्लाकवाडु में अचनकोइल नदी का जलस्तर बढ़ने से गावों में बाढ़ आ गई है। अब तक इस बारिश के कारण राज्य में 73 लोगों के मारे जाने की सूचना है। अकेले बुधवार को 24 लोगों की मौत हुई थी। बता दें कि केरल सदी की सबसे भीषण बाढ़ की चपेट में आ गया है। राज्य के सभी 14 जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है। राज्य में इससे पहले 1924 में बाढ़ से ऐसी ही तबाही मची थी। मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने सचिवालय में आपात बैठक की। बैठक में केंद्र से नौसैनिक हवाई अड्डे पर छोटे विमान लैंड कराने की अनुमति मागने का फैसला लिया गया है। कोचीन हवाई अड्डे के प्रवक्ता ने कहा कि लगातार पानी बढ़ने के कारण शनिवार दो बजे दिन तक संचालन निलंबित रहेगा। अधिकारियों ने बुधवार को आने-जाने वाले विमानों को तिरुअनंतपुरम या कोझिकोड डायवर्ट कर दिया। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने राज्य का आग्रह मानते हुए केरल में अन्य हवाई अड्डों का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री विजयन से बातचीत की है। उन्होंने केरल को हर संभव सहायता मुहैया कराने का भरोसा दिया है। नौसेना की 21 टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। नौसेना की टीम ने बाढ़ में फंसे 81 से ज्यादा लोगों को बचा लिया है। एनडीआरएफ की चार और टीमें भेजी गई हैं। इस दक्षिणी राज्य में एक सप्ताह पहले मौसम का रुख आक्रामक हो गया था। अधिकारियों को खतरनाक स्तर तक भर चुके 35 जलाशयों से पानी छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा। बांध खोलने के कारण इसकी नदियों का बहाव तीव्र हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य के 35 जलाशयों से पानी छोड़ा जा रहा है। राज्य के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं।" मौसम विभाग ने शनिवार तक राज्य में भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। पिछले सप्ताह बारिश और बाढ़ की चपेट में आने से सैकड़ों घर तबाह हो गए। मसाले और कॉफी के लिए मशहूर इस राज्य की फसलें भी तबाह हो गई हैं। रात 2.35 पर मुल्लपेरियार बांध का गेट खोलने के बाद इडुक्की जिले में अधिकारी सतर्कता बरत रहे हैं। इस बांध में पानी 142 फीट का स्तर पार कर गया है। मुख्यमंत्री ने अपने पड़ोसी राज्य तमिलनाडु के अपने समकक्ष के. पलानीस्वामी को पत्र भेजकर इसे 139 फीट पर लाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि डेढ़ लाख लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है। राज्य के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति, संचार प्रणाली और पेयजल आपूर्ति बाधित हो गई है। कुझितुरै में भूस्खलन के कारण लंबी दूरी की चार गाड़ियां देरी से रवाना हुई। इसके अलावा कुछ यात्री गाड़ियों पर भी आंशिक प्रभाव पड़ा है। कोल्लम-पुनालुर-सेंगोट्टाइ खंड पर रेल सेवा निलंबित कर दी गई है।
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16 August 2018पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के परिवार की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। भ्रष्टाचार के एक मामले में नवाज के छोटे भाई और पीएमएल-एन प्रमुख शाहबाज शरीफ के दामाद इमरान अली यूसुफ को मंगलवार को भगोड़ा घोषित कर दिया गया। पूर्व प्रधानमंत्री शरीफ पहले ही भ्रष्टाचार के मामले में बेटी मरयम और दामाद सफदर के साथ जेल में बंद हैं। भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में पेश नहीं होने पर अदालत उनके दोनों बेटों हसन और हुसैन को भगोड़ा घोषित कर चुकी है। भ्रष्टाचार रोधी संस्था राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने शाहबाज को एक हाउसिंग घोटाले में 20 अगस्त को पेश होने के लिए समन जारी कर रखा है। अब इसी संस्था की सिफारिश पर एनएबी कोर्ट ने शाहबाज के दामाद इमरान को भगोड़ा घोषित कर दिया है। इमरान इस समय लंदन में हैं। उन पर पंजाब पावर डेवलपमेंट कंपनी के पूर्व सीईओ इकराम नावेद से 1.2 करोड़ रुपये लेने का आरोप है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) से नवाज शब्द हटाने के लिए पेशावर हाई कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई है। खानजादा अजमल जेब नामक एक वकील ने यह याचिका दाखिल की है। इसमें अदालत से भ्रष्टाचार मामले में नवाज शरीफ को सजा सुनाए जाने की दलील देकर मांग की गई है कि वह चुनाव आयोग को पीएमएल-एन से नवाज नाम हटाने का आदेश दे।
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8 August 2018चेंबूर में भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन की रिफाइनरी के हाईड्रो क्रैकर प्लांट में आग लग गई है। 9 फायर टेंडर्स और दो फोम टेंडर्स आग बुझाने के काम में जुटे हुए हैं और हालात नियंत्रण में हैं। इस हादसे में अब तक 21 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है। जिसमें एक की हालत गंभीर है।
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8 August 2018रूस अब भारत और ब्राजील के चुनावों को प्रभावित करने वाले काम कर सकता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में सोशल मीडिया के विशेषज्ञ ने यह आशंका अमेरिकी सांसदों के समक्ष जाहिर की है। रूस पर अमेरिका के 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप का आरोप है। ब्रिटिश विशेषज्ञ फिलिप एन हॉवर्ड ने यह आशंका अमेरिकी संसद की खुफिया मामलों की समिति के समक्ष पेश होकर जताई है। विशेषज्ञ के अनुसार चुनावों में यह हस्तक्षेप सोशल मीडिया के जरिये हो सकता है। लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उसका प्रकार क्या होगा। हॉवर्ड ने कहा कि दोनों ही देशों में स्थिति इसलिए ज्यादा गंभीर होने की आशंका है क्योंकि वहां का मीडिया अपेक्षाकृत कम पेशेवर है। अमेरिका का ज्यादा पेशेवर मीडिया रूस की साजिश से नहीं बच पाया। सीनेटर सूसन कोलिंस के सवाल के जवाब में हॉवर्ड ने उन्हें हंगरी के मीडिया में हस्तक्षेप के तरीकों के बारे में बताया। हॉवर्ड ने कहा कि अमेरिका का मीडिया दुनिया में सबसे ज्यादा पेशेवर है। वह खबर के स्त्रोत पर सबसे ज्यादा गौर करता है। ट्वीट्स आदि पर भी उसकी निर्भरता बहुत कम होती है। लेकिन भारत और ब्राजील जैसे लोकतांत्रिक देशों में हालात खतरनाक हैं। इन देशों के मीडिया संस्थानों को सीखने और खुद को विकसित करने की जरूरत है। तभी वे साजिशों से खुद को सुरक्षित रख पाएंगे।
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4 August 2018भारत और कजाखिस्तान ने अपने रक्षा सहयोग को और मजबूत करने पर सहमति जताई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को कजाखिस्तान के अपने समकक्ष कैरात अब्द्राखमानोव से मुलाकात की। प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के दौरान दोनों नेताओं के बीच कारोबार, ऊर्जा और सुरक्षा क्षेत्र में आपसी सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। सुषमा ने प्रधानमंत्री बेकीतिझान सागिनतायेव से भी भेंट की। इस बैठक में कारोबार, निवेश, साझा फिल्म निर्माण, पर्यटन और व्यक्तिगत संपर्क बढ़ाने जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। उल्लेखनीय है कि कजाखिस्तान मध्य एशिया में भारत का सबसे बड़ा कारोबार और निवेश साझेदार है। सुषमा संसाधन समृद्ध मध्य एशियाई देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी मजबूत बनाने के प्रयासों के तहत तीन देशों कजाखिस्तान, किरगिस्तान और उजबेकिस्तान की यात्रा पर हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि 2009 से रणनीतिक साझेदार। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कजाखिस्तान के विदेश मंत्री कैरात अब्द्राखमानोव से मुलाकात की।
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4 August 2018प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ(पीटीआई) के चेयरमैन इमरान खान से बात की। पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के बाद पीएम मोदी ने इमरान खान को फोन कर उन्हें जीत की बधाई दी है। मोदी ने इमरान से कहा, 'मैं आशा करता हूं कि पाकिस्तान में लोकंतत्र की जड़ें और मजबूत होंगी।' बतादें कि पाकिस्तान में हाल ही में हुए चुनाव में इमरान खान की पीटीआई सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। पाक संसद में सबसे पड़ी पार्टी बनकर उभरी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा है कि वे 11 अगस्त को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। रेडियो पाकिस्तान ने खुद इमरान के हवाले से कहा कि वे 11 अगस्त को पदभार संभालेंगे। सोमवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के नवनिर्वाचित पार्टी विधायकों को संबोधित करते हुए पीटीआइ नेता ने कहा कि मैंने राज्य के अगले मुख्यमंत्री का फैसला कर लिया है। अगले 48 घंटों के अंदर उनके नाम का एलान कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सिंध प्रांत की गरीबी खत्म करना उनकी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल होगा।
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31 July 2018पाकिस्तान में इमरान खान का प्रधानमंत्री बनना लगभग तय हो गया है, लेकिन उनकी पूर्व पत्नी रेहम खान इससे खुश नहीं हैं। चुनाव के बीच में अपनी किताब के जरिए इमरान पर निशाना साधने वाली रेहम का कहना है कि इमरान अब तक पाक अवाम के लिए हीरो थे, लेकिन अब वे आइटम नंबर बनकर रह जाएंगे। रेहम ने इशारों-इशारों में कहा कि इमरान चाहे पीएम की कुर्सी पर बैठे हों, लेकिन उन्हें चलाने वाले दूसरे लोग (आर्मी) हैं। एक इंटरव्यू में रेहम ने कहा, इमरान ज्यादा दिनों तक पीएम नहीं रह पाएंगे। और जब उनकी कुर्सी जाएगी तो इज्जत भी चली जाएगी। बकौल रेहम, इमरान ने इन चुनावों में धर्म के नाम पर वोट मांगे हैं, जबकि निजी जिंदगी में वे जरा भी धार्मिक नहीं हैं। वे सुबह नमाज के लिए नहीं उठते। किसी इस्लामिक मान्यता का पालन नहीं करते हैं। रेहम ने बताया कि 'इमरान की ख्वाहिश शुरू से कप्तान बनने की रही है। वे कभी भी एक सामान्य खिलाड़ी के रूप में टीम ने नहीं रहना चाहते थे। राजनीति में भी यही हुआ। पहले नवाज शरीफ और फिर परवेज मुशर्रफ ने उन्हें सियासत में आने का न्योता दिया था, लेकिन इमरान ने खारिज कर दिया, क्योंकि वे किसी के साथ राजनीति नहीं करना चाहते थे।' 'इसके बाद इमरान ने खुद की पार्टी बनाई। खुद उसके अध्यक्ष बने, चुनाव लड़े और अब आखिरी में वे प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं।' रेहम ने यह भी कहा कि इमरान के भारत में भी कई चाहने वाले हैं। वे भारत आते-जाते रहते हैं, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने भारत विरोधी बात कहीं। पाकिस्तान में जो भारत विरोधी बाते करते है, उसे आसानी से वोट मिल जाते हैं। इमरान के साथ भी यही हुआ। रेहन ने नजर में यह इलेक्शन नहीं, सिलेक्शन है। पाकिस्तानी आर्मी ने इमरान को सपोर्ट किया है। इसलिए वे यहां तक पहुंच सके हैं।
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26 July 2018पाकिस्तान में नई सरकार के लिए मतदान शुरू हो चुका है। देश के करीब साढ़े दस करोड़ मतदाता आज नई सरकार चुनेंगे। इसके लिए देश में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नवाज शरीफ की पार्टी की तरफ से मैदान में उतरे शाहबाज शरीफ के अलावा बेनजीर भुट्टो की बेटियों ने भी वोट डाल दिया है। इनके अलावा लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद ने भी लाहौर में वोट डाल दिया है। इस बीच बलूचिस्तान के क्वेटा में वोटिंग के दौरान धमाके की सूचना है। प्रारंभिक रूप से मिल रही जानकारी के अनुसार इस धमाके में कई लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेग्युलेटरी अथॉरिटी ने पाकिस्तान के प्रायवेट टीवी चैनल्स पर चुनाव से जुड़ी कोई भी सामग्री का प्रसारण करने से रोक दिया है। पाक चुनाव : हिंसा का इतना डर, प्रशासन ने पहले ही कर लिया 1000 कफन का इंतजाम चुनाव से पहले कराए गए कई सर्वे के अनुसार इस बार का मुकाबला काफी दिलचस्प और नजदीकी है। क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान और भ्रष्टाचार मामले में जेल की सजा काट रहे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पार्टियां एक-दूसरे को कड़ी टक्कर दे रही हैं। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) इस मुकाबले में तीसरे स्थान पर पिछड़ती दिख रही है। लेकिन किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलने की सूरत में उसकी भूमिका अहम हो सकती है। शाम छह बजे मतदान खत्म होते ही वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। सर्वे संस्था - पीएमएल-एन - पीटीआई (वोट प्रतिशत) गैलप पाकिस्तान - 26 - 25 पल्स कंसल्टेंट - 27 - 30 आईपीओआर (पंजाब) - 51 - 30 बिलावल बन सकते हैं किंगमेकर सर्वे में 29 वर्षीय बिलावल की पार्टी पीपीपी पिछड़ती दिख रही है। पल्स कंसल्टेंट के सर्वे में उसे महज 17 फीसदी वोट मिलते दिख रहे हैं। लेकिन कई विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने पर पीपीपी किंगमेकर बन सकती है। नेशनल असेंबली 342 सदस्यीय है। इनमें से 272 सीटों के लिए सीधे चुनाव हो रहा है। बहुमत के लिए 137 सीटें जीतना जरूरी है। बाकी 70 सीटें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं। इन सीटों का आवंटन चुनाव में दलों को मिलने वाले वोटिंग प्रतिशत के आधार पर होता है। 2013 का आम चुनाव पीएमएल-एन - 126 पीपीपी - 31 पीटीआई - 27 पाकिस्तान में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी दल ने सत्ता में पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। 2013 में शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन सत्ता में आई थी और उसने अपना कार्यकाल पूरा किया।
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25 July 2018पाकिस्तान की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में शामिल पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान ने अपनी तीसरी शादी को लेकर बड़ा खुलासा किया है। इमरान ने स्वीकार किया है कि बुशरा मेनका से शादी करना उनके जीवन में सबसे अनोखा समय रहा, जबकि रेहम से दूसरी शादी करना जीवन की सबसे बड़ी गलती थी। 25 जुलाई को पाकिस्तान में चुनाव है, जिसके प्रचार में इमरान खान इन दिनों काफी व्यस्त हैं। हाल ही में उन्होंने अपनी तीसरी पत्नी बुशरा मेनका, जो एक आध्यात्मिक मार्गदर्शक है, को लेकर कई बातें स्पष्ट की हैं। उन्होंने कहा-"शादी तक मैंने बुशरा का चेहरा तक नहीं देखा था। इसके बाद भी न उन्होंने और न ही मैंने कोई शिकायत की। मेरी ओर से दिया गया शादी का प्रस्ताव उन्होंने सहज स्वीकार कर लिया था। शादी के बाद उन्होंने अपना चेहरा दिखाया था। आज हम दोनों ही बहुत खुश हैं।" इमरान ने अपनी दूसरी पत्नी रेहम खान को लेकर खुलासे किए। उन्होंने कहा, "वह झगड़ालू प्रवृत्ति की थीं। शादी के पूरे 10 महीने काफी मुश्किलों में बीते। आखिरकार मुझे तलाक देना पड़ा।" मालूम हो, इमरान ने पहला निकाह 16 मई 1995 को ब्रिटेन की जेमिमा गोल्डस्मिथ से किया था। जेमिमा इस्लामिक और पाकिस्तानी परिवेश में नहीं ढल सकीं, जिस पर उन्हें 9 साल बाद 2004 में तलाक दे दिया गया। पहले निकाह से उन्हें दो बेटे हैं। इसके बाद उन्होंने 2015 में बीबीसी की पत्रकार रेहम खान से निकाह किया, जो ज्यादा वक्त नहीं टिक सका और उसी साल तलाक हो गया। यह मामला काफी सुर्खियों में आया। फिर तीसरा निकाह धार्मिक मार्गदर्शक बुशरा मेनका से किया। इमरान ने एक साक्षात्कार में कहा, "दूसरी पत्नी रेहम खान से निकाह के दस महीने में कभी नहीं भूल सकता। वह समय मेरे लिए तूफानी महीनों में से था। मैंने रेहम को तलाक दे दिया। भले ही रेहम ने मुझ पर कई बड़े आरोप लगाए हैं। फिर भी हममें कोई मनमुटाव नहीं है। आज बहुत अच्छे दोस्त हैं।" मालूम हो, रेहम ने इमरान पर कई संगीन आरोप लगाए थे और मुकदमा चलाने की धमकी भी दी थी। इमरान की पूर्व पत्नी रेहम खान की हाल ही में एक किताब सामने आई है। इसमें उन्होंने इमरान की कई बुरी आदतों और बातों का खुलासा किया है। इसमें लिखा है, इमरान का जीवन ड्रग्स से भरा है। उनके कई नाजायज बच्चे भी हैं, जिनमें से कुछ भारत में भी हैं। सूत्रों के अनुसार, रेहम की किताब ऐसे समय आई है, जब पाकिस्तान में चुनाव प्रचार चल रहा है। इसका इसर इमरान की राजनीतिक छवि पर पड़ सकता है। मामले में इमरान की ओर से कई जवाब नहीं आया है।
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23 July 2018अमेरिका और ईरान के बीच तनातनी बढ़ गई है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी की चेतावनी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को आगाह किया है कि अमेरिका को धमकी देना ईरान को भारी पड़ सकता है। ट्रंप ने रविवार देर रात ट्वीट किया, "अमेरिका को धमकाने की कभी कोशिश मत करना। वरना, इसके नतीजे घातक होंगे। हम वह देश नहीं रहे जो हिंसा भड़काने वाले शब्दों के साथ खड़ा रहे। सावधान रहो।" ट्रंप का यह ट्वीट रूहानी के उस बयान का जवाब माना जा रहा है जिसमें उन्होंने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा था, "तेहरान खुद युद्ध की शुरुआत नहीं करेगा लेकिन अगर ऐसा हुआ तो वह पीछे भी नहीं हटेगा।" ट्रंप को झूठा बताते हुए उन्होंने कहा था, "हमारे दुश्मनों को समझ लेना चाहिए कि हमारे साथ शांति बनाए रखना जितना अच्छा है, युद्ध करना उतना ही घातक होगा।" ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के वरिष्ठ कमांडर ने भी ट्रंप की धमकियों को तेहरान के खिलाफ "मनोवैज्ञानिक युद्ध" बताया है। दोनों देशों के बीच ताजा तनातनी बीते मई में ट्रंप के उस फैसले के बाद शुरू हुई जिसमें उन्होंने वर्ष 2015 में ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से अमेरिका के बाहर निकलने का एलान कर दिया था। ट्रंप प्रशासन ने इसके बाद ईरान पर कई प्रतिबंध भी लगा दिए। ये प्रतिबंध अगस्त से लागू हो जाएंगे। अमेरिका अब ईरान पर नई शर्तों के साथ परमाणु समझौता करने का दवाब डाल रहा है।
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23 July 2018अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने अलग अंदाज के लिए खासे मशहूर हैं। इसी के तहत उन्होंने राष्ट्रपति के आधिकारिक विमान एयर फोर्स वन को भी बदलने की तैयारी कर ली है। ट्रंप दो नए एयर फोर्स वन विमान खरीदने की तैयारी में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति भवन ह्वाइट हाउस ने गुरुवार को कहा कि वह 390 करोड़ डॉलर (करीब 27 हजार करोड़ रुपए) में दो एयरफोर्स वन विमान खरीदेगा। अमेरिका की विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग से ये विमान खरीदे जाएंगे। फिलहाल जिस विमान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सफर करते हैं, वह 31 वर्ष पुराना हो गया है। नए विमान 2024 तक मिलने की उम्मीद है। नए एयरफोर्स वन विमानों में देशभक्ति का रंग नजर आएगा। जानकारी के अनुसार नए विमार लाल, सफेद और नीले रंग में रंगे होंगे जो अमेरिकी राष्ट्रध्वज में नजर आते हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी एक बयान में कहा कि पारंपरिक नीले सफेद रंग में नजर आने वाला एयरफोर्स वन अब बदलेगा और लाल, सफेद, नीले रंग की स्कीम में नजर आएगा। इसके बाद यह दूनिया के शीर्ष पर होगा।
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20 July 2018अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने अलग अंदाज के लिए खासे मशहूर हैं। इसी के तहत उन्होंने राष्ट्रपति के आधिकारिक विमान एयर फोर्स वन को भी बदलने की तैयारी कर ली है। ट्रंप दो नए एयर फोर्स वन विमान खरीदने की तैयारी में हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति भवन ह्वाइट हाउस ने गुरुवार को कहा कि वह 390 करोड़ डॉलर (करीब 27 हजार करोड़ रुपए) में दो एयरफोर्स वन विमान खरीदेगा। अमेरिका की विमान बनाने वाली कंपनी बोइंग से ये विमान खरीदे जाएंगे। फिलहाल जिस विमान में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सफर करते हैं, वह 31 वर्ष पुराना हो गया है। नए विमान 2024 तक मिलने की उम्मीद है। नए एयरफोर्स वन विमानों में देशभक्ति का रंग नजर आएगा। जानकारी के अनुसार नए विमार लाल, सफेद और नीले रंग में रंगे होंगे जो अमेरिकी राष्ट्रध्वज में नजर आते हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी एक बयान में कहा कि पारंपरिक नीले सफेद रंग में नजर आने वाला एयरफोर्स वन अब बदलेगा और लाल, सफेद, नीले रंग की स्कीम में नजर आएगा। इसके बाद यह दूनिया के शीर्ष पर होगा।
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20 July 2018पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अपने समर्थकों से अपनी बीमार पत्नी के लिए दुआ करने की भावुक अपील की है। पहले से रिकॉर्ड एक ऑडियो संदेश में नवाज ने कहा है कि जब तक मैं जेल में बंद हूं, हर व्यक्ति से अनुरोध करता हूं कि वे मेरी बीमार पत्नी की सेहत के लिए दुआ करें। उल्लेखनीय है कि कुलसुम नवाज का लंदन के एक अस्पताल में गले के कैंसर का इलाज चल रहा है। इसी बीच दिल का दौरा पड़ने के बाद से उनको जीवन रक्षक उपकरणों पर रखा जा रहा है। उनको गंभीर हालत में छोड़कर ही नवाज पाकिस्तान लौटे हैं। मरियम को देश की बेटी बताते हुए शरीफ ने अपने संदेश में कहा है कि मेरे साथ उसे भी जेल में डाल दिया गया है। लेकिन, मेरे खिलाफ साजिश रच रहे लोग नहीं जानते हैं कि किसी भी जेल की दीवार वोटरों के साथ हमारा रिश्ता तोड़ नहीं सकती है।
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17 July 2018बेहरीन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने रविवार को बहरीन के प्रधानमंत्री खलीफा बिन सलमान अल-खलीफा से मुलाकात की। मुलाकात में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के महत्व पर चर्चा हुई। इसे और मजबूत बनाने के तरीकों पर वार्ता हुई। साथ ही सुषमा ने बहरीन के अपने समकक्ष के साथ आपसी सहयोग के लिए बने आयोग की दूसरी बैठक की अध्यक्षता की। वह बहरीन के दो दिवसीय दौरे पर आई हैं। सुषमा ने अपने दौरे की शुरुआत बहरीन के विदेश मंत्री शेख खालिद बिन अहमद अल-खलीफा से मुलाकात के साथ की। शेख खालिद को भारत का शुभचिंतक माना जाता है। इसके बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त आयोग की बैठक में हिस्सा लिया। इससे पहले फरवरी 2015 में संयुक्त आयोग की बैठक नई दिल्ली में हुई थी। शेख खालिद ने बहरीन के विकास में भारतीय समुदाय के सहयोग की प्रशंसा की। करीब चार लाख भारतीय बहरीन में रहकर वहां नौकरी और कारोबार करते हैं। बहरीन की कुल आबादी में भारतीयों की हिस्सेदारी एक चौथाई की है। अपने दौरे में सुषमा मानामा के राष्ट्रीय पुस्तकालय को "भारत एक परिचय" पुस्तकों का एक संग्रह भेंट किया। इससे बहरीन के लोगों को भारत के बारे में बेहतर तरीके से जानने का मौका मिलेगा।
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16 July 2018वर्ष 2018 के पहले छह महीनों में अफगानिस्तान में जारी संघर्ष और आतंकी हमलों में रिकॉर्ड 1,692 आम नागरिकों की मौत हुई है। इन हमलों में 3,430 नागरिक घायल हुए। अफगानिस्तान में कार्यरत संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने रविवार को ये ताजा आंकड़े जारी किए हैं। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने यूएनएएमए के हवाले से बताया कि ये आंकड़े इस साल एक जनवरी से 30 जून के बीच के हैं। पिछले 10 वर्षों की तुलना में इस साल पहले छह महीनों में ही सबसे अधिक आम नागरिकों की जान चली गई। रिपोर्ट के अनुसार, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमने 2009 से इस संबंध में निगरानी रखने की व्यवस्था की थी। मौत की पहली बड़ी वजह इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस(आइईडी) का इस्तेमाल है। इस विस्फोटक का इस्तेमाल आतंकी आत्मघाती हमले सहित अन्य हिंसक गतिविधियों में करते हैं। आइईडी के प्रयोग से करीब आधे आम नागरिकों की मौत हुई है। मौत की दूसरी बड़ी वजह सेना और आतंकियों की बीच जारी संघर्ष है। इनमें हवाई हमले और आमने-सामने की लड़ाई शामिल है। 67 फीसद नागरिकों की मौत तालिबान व अन्य कट्टरपंथी संगठनों के हमले में गई। वहीं, 20 फीसद की जान सेना के हमले में गई। बाकी बचे 13 प्रतिशत की मौत अन्य कारणों से हुई है।
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15 July 2018फ्रांसीसी पुलिस की सामरिक इकाई नेशनल जान्डॉर्मरी इंटरवेंशन ग्रुप देशभर में आतंकवादी हमलों को रोकने के लिए ट्रेनों में 'ट्रेन मार्शल' नाम से सशस्त्र अंडरकवर एजेंट तैनात कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि यह 'ट्रेन मार्शल' समूह यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ट्रेनों में रोज सफर करेंगे और खतरे का स्तर देखते हुए अपने कार्यक्रमों में बदलाव करेंगे। फ्रांस के राष्ट्रीय जान्डॉर्मरी कमांडर कर्नल घिस्लेन रेटी ने ऑपरेशन की शुरुआत की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन गुप्त एजेंटों का लक्ष्य लोगों को सुरक्षा के प्रति आश्वस्त करना है। उन्होंने कहा कि ये एजेंट्स यात्रियों के साथ घुल-मिल जाएंगे। उनके साथ सीट पर बैठकर यात्रा करेंगे और सिर्फ आतंकी हमले की स्थिति में ही हस्तक्षेप करेंगे। जान्डॉर्मरी कमांडर ने कहा कि साल 2015 में एम्स्टर्डम से पेरिस तक के सफर पर निकली ट्रेन पर किया गया असफल हमला, इस ऑपरेशन को लॉन्च करने के लिए प्रेरणा बना। उस घटना में 25 वर्षीय मोरक्कन अयूब अल खजानी ने एक कलशेशिकोव राइफल, एक स्वचालित पिस्तौल और एक चाकू लेकर हमला कर दिया था। ट्रेन में काफी संख्या में लोगों की मौत हो जाती अगर उसमें सवार तीन अमेरिकियों, एक ब्रिटिश और एक फ्रांसीसी नागरिक ने हमलावर को काबू में करने के लिए जान की बाजी नहीं लगाई होती। हालांकि, इससे पहले कि हमलावर को काबू में किया जा सकता, तीन लोग घायल हो गए थे। अधिकारियों ने बताया कि साल 2017 के अंत में फ्रांसीसी राष्ट्रीय रेलवे कंपनी (एसएनसीएफ) के वेन्यू में ट्रेन मार्शल के ऑपरेशन का परीक्षण किया गया था। यह यूएस फेडरल एयर मार्शल सर्विस (एफएएमएस) से प्रेरित था, जिसे 1961 में बनाया गया था। सशस्त्र एफएएमएस एजेंट अमेरिकी वाणिज्यिक उड़ानों पर गुप्त यात्रा करते हैं।
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10 July 2018सुरक्षाबलों को दक्षिण कश्मीर के शोपियां के कुमदलान में 5-6 आतंकियों के छिपे होने का शक है। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को चारों तरफ से घेरा। जम्मू-कश्मीर के शोपियां में मंगलवार की सुबह सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। इस मुठभेड़ में तीन आतंकियों के मारे जाने की खबर है, वहीं सुरक्षाबलों के दो जवान घायल हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुरक्षाबलों को दो आतंकियों के शव मिले हैं। सुरक्षाबलों को दक्षिण कश्मीर के शोपियां के कुमदलान में 5-6 आतंकियों के छिपे होने का शक है। सुरक्षाबलों ने आतंकियों को चारों तरफ से घेर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार की सुबह सेना की 34 आरआर के जवानों के साथ मिलकर सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल एसओजी के जवानों ने कुंडलन में आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर एक तलाशी अभियान चलाया। गांव में तलाशी लेते हुए जवान जैसे ही आगे बढ़े, एक मकान में छिपे आतंकियों ने उन पर फायरिंग कर दी। आतंकियों ने जवानों पर पहले राइफल ग्रेनेड दागा और उसके बाद उन्होंने अपने स्वचालित हथियारों से फायरिंग की। जवानों ने भी अपनी पोजीशन ली और जवाबी फायर किया। इसके बाद वहां मुठभेड़ शुरू हो गई जिसमें एक जेसीओ समेत दो सैन्यकर्मी घायल हो गए। हालांकि मकान में छिपे आतंकियों की संख्या की तत्काल पुष्टि नहीं हो पाई है। लेकिन संबधित अधिकारियों के मुताबिक, आतंकियों की संख्या पांच हो सकती है। संयुक्त सुरक्षा बलों की घेराबंदी और फायरिंग के बाद आतंकियों की ओर से भी फायरिंग की गई। जेसीओ समेत दो सैन्यकर्मी आतंकियों के साथ मुठभेड़ में गंभीर रुप से घायल हो गए। फिलहाल, दोनों का सेना के 92बेस अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। इस बीच, मुठभेड़स्थल पर जमा हुई आतंकियों की समर्थक भीड़ व पुलिस के बीच हिंसक झड़पें भी शुरू हो गई हैं। मुठभेड़ शुरू होते ही बड़ी संख्या में शरारती तत्व भड़काऊ नारेबाजी करते हुए मुठभेड़स्थल पर जमा हो गए। उन्होंने आतंकरोधी अभियान में रुकावट डालते हुए सुरक्षाबलों पर पथराव करते हुए घेराबंदी तोड़ने का प्रयास भी किया। इस पर वहां मौजूद पुलिस के जवानों ने उन्हें खदेड़ने के लिए आंसू गैस और लाठियों का सहारा लिया। इसके बाद वहां हिंसक झड़पें भी शुरू हो गई। संबधित अधिकारियों के मुताबिक, पथराव के बावजूद सुरक्षाबलों ने आतंकियों को मार गिराने का अपना अभियान जारी रखा हुआ है।
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10 July 2018सिलीगुड़ी में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का प्रतिनिधिमंडल के साथ यहां सुकना स्थित आर्मी त्रिशक्ति कोर में बुधवार को हुई बैठक में भारत-चीन सीमा पर शांति व भाईचारा कायम रखने पर सहमति बनी। इसके पूर्व सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) के सुकना स्थित त्रिशक्ति कोर में चीनी प्रतिनिधिमंडल का पारंपरिक ढंग से भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद लेफ्टिनेंट जनरल प्रदीप एम बाली के नेतृत्व में उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में दोनों पक्षों ने उम्मीद जताई कि यह वार्ता सीमा पर शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह वार्ता "विश्वास निर्माण" की पहल का हिस्सा है, जो कि विभिन्ना स्तरों पर सीनियर कमांडरों के बीच हो रही है। पिछली वार्ता पूर्वी कमान मुख्यालय कोलकाता में फरवरी, 2017 में हुई थी। चीनी सेना का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को कोलकाता के लिए रवाना होगा। चीनी सेना के प्रतिनिधिमंडल में लेफ्टिनेंट जनरल ल्यू ज्याओ भी शामिल हैं।
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5 July 2018ईरान से कच्चे तेल का आयात कम करने वाले देशों की मदद करने के लिए अमेरिका तैयार है। लेकिन वह भारत और टर्की जैसे देशों को ईरान से तेल आयात की छूट देने को तैयार नहीं है। यह जानकारी डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। भारत के लिए ईरान तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल सप्लायर देश है। अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 के बीच दस ईरान से 184 लाख टन कच्चे तेल का आयात किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ परमाणु समझौता रद करके दोबारा प्रतिबंध लगा दिए थे। ये प्रतिबंध ईरान के परमाणु कार्यक्रम की वजह से लगाए गए हैं। अमेरिका ने विदेशी कंपनियों को ईरान की कंपनियों के साथ कारोबार बंद करने के लिए 180 दिन तक का समय दिया है। अब भारत और चीन समेत सभी देशों पर ईरान से तेल आयात चार नवंबर तक बंद करने के लिए दबाव डाल रहा है। विदेश विभाग के अधीन पॉलिसी प्लानिंग के डायरेक्टर ब्रायन हुक ने कहा कि हम किसी को भी छूट देने पर विचार नहीं कर रहे हैं क्योंकि इससे ईरान पर दबाव कम हो जाएगा।
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4 July 2018चीन में एक कंपनी ने "लेजर एके -47" का उत्पादन करने का दावा किया है। कंपनी का कहना है कि उसकी इस बंदूक से आधे मील दूर एक सेकंड से भी कम समय में किसी व्यक्ति को जलाया जा सकता है। हालांकि, कंपनी के इस दावे पर विशेषज्ञ संदेह जाहिर कर रहे हैं। ZKZM 500 नाम के इस हथियार के बारे में साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में प्रकाशित किया गया है। इसमें दावा किया गया है यह हथियार राइफल के आकार और वजन के बराबर का है। यह सैकड़ों शॉट्स को फायर करने में सक्षम है, जो इंसानी त्वचा को तत्काल राख में बदल देती है। शोधकर्ताओं में से एक ने कहा कि इससे होने वाला दर्द सहनशक्ति से परे होगा। हालांकि, इस हथियार को लेकर शोधकर्ताओं के जो संशय हैं, वे अपनी जगह पर सही हैं। पहला सरल तथ्य यह है कि इस हथियार के बारे में सिर्फ जानकारी दी गई है, इसको प्रदर्शित नहीं किया गया है। दूसरा यह है कि हथियार के बारे में जो दावे किए जा रहे हैं, वह भौतिकी के सिद्धांतों से मिलते नहीं हैं। सबसे पहली वजह बिजली की समस्या की है। अपेक्षाकृत कम शक्ति की लेजर आंखों को आसानी से नुकसान पहुंचा सकती है, क्योंकि हमारी आंखें पृथ्वी पर विकसित सबसे संवेदनशील ऑप्टिकल उपकरणों में से हैं। मगर, ऐसी लेजर एक गुब्बारे को फोड़ने में भी असमर्थ साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आंखों को नुकसान इसलिए होता क्योंकि वे प्रकाश-संवेदनशील माध्यम पर प्रकाश के ज्यादा होने की वजह से होता है। वहीं, फिजिकल बॉडी (चाहे वह मानव शरीर हो या मिसाइल) का विनाश गर्मी के कारण होता है। बड़े पैमाने पर लेजर हथियार प्रणालियों से जरूरत भर की गर्मी पैदा करने के लिए जिससे क्षति हो सके, काफी शक्तिशाली बैटरियों की जरूरत होगी। आधा मील दूर तुरंत एक व्यक्ति को जलाने के लिए यह काफी बड़ी होनी चाहिए। लेख में कहा गया है कि बंदूक में रिचार्जेबल लिथियम-आयन बैटरियां लगाई गई हैं। सिद्धांत रूप में यह बैट्री आपके फोन में लगी बैट्री की तरह ही है। इसके साथ ही यह कहा गया है कि यह दो-सेकंड वाले एक हजार शॉट्स चला सकती है। यानी दो हजार सेकंड तक चल सकती है, जिसका अर्थ है कि यह आधे घंटे काम कर सकती है। एयरबोर्न और विहिकल सिस्टम्स के द्वारा परीक्षण की गई इस परिमाण का एक एकल लेजर "शॉट" के लिए कई किलोवाट ऊर्जा की जरूरत होगी। फिर भी ये गंभीर क्षति पहुंचाने में कारगर नहीं होंगी। यही कारण है कि जो लोग लेजर को हथियार के तौर पर विकसित कर रहे थे, उन्होंने इसे छोड़ दिया। गोली की तुलना में लेजर जब आगे की ओर गति करते हैं, तो वे फैलते जाते हैं। लिहाजा, वे कमजोर हो जाते हैं और उनमें इतनी ऊर्जा नहीं रहती कि वे 800 मीटर की दूरी से किसी फिजिकल बॉडी को जला सकें। हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि पृथ्वी से अंतरिक्ष तक जाने वाले और अंतरिक्ष से धरती तक आने वाले लेजर हैं। मगर, वे कुछ फोटॉन को ही गंतव्य पर पहुंचा सकती हैं और उन्हें सिग्नल के रूप में ही समझना चाहिए।
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2 July 2018पकिस्तान जेलों में बंद 471 कैदियों की सूची रविवार को पड़ोसी देश ने भारतीय उच्चायुक्त को सौंप दी है। इसमें 418 मछुआरों के अलावा 53 ऐसी कैदी शामिल हैं, जो अवैध तरीके से पाकिस्तानी जल सीमा लांघने के चलते बंदी बना लिए गए थे। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दोनों देशों के बीच 21 मई 2008 को हुए समझौते के तहत यह सूची जारी की गई है। गौरतलब है कि समझौते के तहत साल में दो बार यानी पहली जनवरी और पहली जुलाई को दोनों ही देशों को बंदी बनाए गए नागरिकों की सूची एक-दूसरे से साझा करनी होती है। बयान में उम्मीद जताई गई है कि भारत भी जल्द ही पाकिस्तानी उच्चायोग को भारतीय जेलों में बंद कैदियों की सूची सौंप देगा।
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2 July 2018वॉशिंगटन में ट्रंप प्रशासन की नई आव्रजन नीति के खिलाफ अमेरिका में बड़ा विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान भारतीय मूल की सांसद प्रमिला जयपाल समेत करीब 600 महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में हालांकि उन्हें छोड़ दिया गया। अमेरिकी सीमाओं पर बिना दस्तावेज पकड़े जाने वाले अप्रवासी परिवारों से बच्चों को अलग करने वाली इस नीति का देश में भारी विरोध हो रहा है। इस नीति के चलते करीब दो हजार बच्चों को उनके माता-पिता से अलग कर दिया गया। इस नीति के खिलाफ अमेरिका के 17 राज्य कोर्ट में मुकदमा भी दायर कर चुके हैं। कैपिटल हिल पुलिस के अनुसार, महिलाओं को अवैध रूप से प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन्हें उस समय गिरफ्तार किया गया जब वे अमेरिकी सीनेट की हार्ट बिल्डिंग के पास धरने पर बैठी थीं। इससे पहले इन महिलाओं ने राजधानी वॉशिंगटन की सड़कों पर विरोध मार्च निकाला। मार्च में शामिल प्रमिला जयपाल ने कहा, "हम डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन की उस अमानवीय नीति का विरोध कर रहे हैं जो शरण मांगने वाले परिवारों को अलग कर रही है।" प्रमिला अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की पहली भारतवंशी महिला सांसद हैं। प्रमिला ने किया जेल का दौराप्रमिला संसद की पहली सदस्य हैं जिन्होंने एक संघीय जेल का दौरा किया। इस जेल में शरण मांगने वाले लोगों को बच्चों से अलग करके रखा गया है। यहां रखे गए लोगों ने प्रमिला को अपनी आपबीती सुनाई।
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30 June 2018जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश के कारण झेलम नदी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगी है। लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य में बाढ़ से हालात पैदा हो गए हैं। प्रशासन ने इसे देखते हुए सभी स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी है वहीं स्थिति को देखते हुए राज्यपाल ने आपात बैठक कर हालात का जायजा लिया है। वहीं तवी नदी में पानी बढ़ने से यहां 6 लोग फंस गए जिन्हें स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स टीम ने बचाया। जानकारी के अनुसार राज्य बाढ़ नियंत्रण अधिकारियों ने कहा है कि झेलम का जल स्तर मुंशी बाग के करीब खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। इसे देखते हुए बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया है। बता दें कि राज्य में दो दिनों से लगातार हो रही मुसलाधार बारिश के चलते सभी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। वहीं इसके कारण शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा भी रोकनी पड़ी थी। नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अधिकारी अलर्ट हो गए हैं और बाढ़ के हालात से निपटने की तैयारियां कर ली गई हैं।
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30 June 2018आतंकियों की पनाहगाह कहे जाने वाले पाकिस्तान ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को 26 सूत्री समग्र कार्रवाई योजना सौंपी है। इस्लामाबाद को डर है कि एफएटीएफ उसे काली सूची में डाल देगा। पाक की योजना में मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के जमात उद-दावा और उससे जुड़े संगठनों सहित अन्य आतंकी संगठनों के चंदे पर रोक लगाने के कदम शामिल हैं। पेरिस में मंगलवार को एफएटीएफ का पूर्ण सत्र शुरू हुआ है। इस सत्र में 15 माह के विस्तार वाली पाकिस्तान की 26 सूत्री कार्रवाई योजना पर विचार किया जाएगा। पाकिस्तान की स्थिति पर शुक्रवार को औपचारिक घोषणा होने की उम्मीद है। पाकिस्तान अभी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल है। उसे एफएटीएफ द्वारा मनी लांड्रिंग विरोधी और आतंकी फंडिंग नियमों का पालन नहीं करने वाले देशों की सूची में शामिल किए जाने का डर सता रहा है। अधिकारियों को भय है कि इस सूची में शामिल होने से देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा। देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही दबाव में है। एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी निकाय है। मनी लांड्रिंग, आतंकी फंडिंग और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की एकजुटता से संबंधित अन्य खतरों से मुकाबले के लिए 1989 में इसकी स्थापना की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान को प्लान में दिए गए अपने पहले लक्ष्य को अगले साल जनवरी तक पूरा करना है। सभी 26 कार्रवाई सितंबर 2019 तक पूरी करनी है। फरवरी 2018 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को निगरानी सूची में रखने को मंजूरी दी थी। अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (आइसीआरजी) के तहत निगरानी के लिए रखे जाने को ग्रे लिस्ट के रूप में जाना जाता है। यदि एफएटीएफ पाकिस्तान की 26 सूत्री कार्रवाई योजना को मंजूर करता है तो वह औपचारिक रूप से ग्रे लिस्ट में रखा जाएगा। ठुकराए जाने की स्थिति में पाकिस्तान को एफएटीएफ के पब्लिक स्टेटमेंट में रखा जाएगा जिसे काली सूची कहा जाता है।
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28 June 2018गुलाम कश्मीर में स्थित आतंकी शिविरों और लांचिंग पैड पर भारतीय सेना की बहुचर्चित सर्जिकल स्ट्राइक का बुधवार को एक और सुबूत सामने आया है। यह सुबूत एक वीडियो फुटेज के रूप में है। इस फुटेज में भारतीय जवान पाकिस्तान क्षेत्र में दाखिल होकर आतंकी ठिकानों पर हमला करते नजर आ रहे हैं। सर्जिकल स्ट्राइक का पाकिस्तान और आतंकी संगठनों ने हमेशा खंडन किया है, लेकिन 21 माह बाद अब वीडियो फुटेज के सामने आने के बाद एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि भारतीय जवानों ने दुश्मन को उसके घर में घुसकर मजा चखाया था। भारतीय सेना की चार और नौवीं वाहिनी से संबंधित पैरा कमांडो दस्ते ने 28 और 29 सितंबर 2016 की दरमियानी रात को उत्तरी कश्मीर में एलओसी पार कर गुलाम कश्मीर के दो से तीन किलोमीटर अंदर के इलाके में जाकर आतंकियों के सात लांचिग पैड को तबाह किया था। इस कार्रवाई में कई आतंकी सरगना मारे गए थे। पाकिस्तानी सेना को भी इसमें नुकसान उठाना पड़ा था। भारतीय सेना ने यह कार्रवाई 18 सितंबर 2016 को उड़ी स्थित सैन्य ब्रिगेड मुख्यालय पर हुए आतंकियों के आत्मघाती हमले का बदला लेने के लिए की थी। इस हमले में 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे। गुलाम कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों पर हमले का खुलासा 29 सितंबर 2016 को तत्कालीन डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिह ने किया था। लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिह इस समय ऊधमपुर स्थित सेना की उत्तरी कमान प्रमुख हैं। संबंधित सूत्रों ने बताया कि इस अभियान में शामिल सेना की चार और 9वीं वाहिनी की घातक टीम और पैरा कमांडो दस्ते की हेलमेट पर लगे कैमरों ने लांचिग पैड पर हुई हर कार्रवाई को रिकार्ड किया था और यह वही फुटेज है। गुलाम कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा कार्रवाई करने से 10 दिन पहले लगातार इस अभियान की योजना पर काम हुआ। घातक दस्तों ने पूरे इलाके का खाका तैयार किया। सेना व अन्य खुफिया एजेंसियों ने अपने तंत्र द्वारा कुछ खास लांचिग पैड को चिह्नित किया। सेटलाइट की मदद भी ली गई और अमावस की रात आते ही भारतीय जवान पाकिस्तानी क्षेत्र में घुस गए। इस अभियान की पीएम नरेंद्र मोदी, तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और तत्कालीन डीजीएमओ रणबीर सिह ने लगातार निगरानी की थी। अलबत्ता, श्रीनगर स्थित रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता समेत किसी भी अन्य सैन्य अधिकारी ने सर्जिकल स्ट्राइक के वीडियो की पुष्टि नहीं की है। सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर) डीएस हुडा ने एक टीवी चैनल को बताया कि जब कोई इसपर सवाल उठाता है तो निराशा होती है। हम झूठ नहीं बोलते।' हुडा उत्तरी कमान के कमांडर रह चुके हैं।
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28 June 2018नाइजीरिया में किसानों और चरवाहों के बीच हुई हिंसक झड़प में 86 लोगों की मौत हो गई। बार्किन लाडी के पठारी प्रदेश में जनजातीय बेरोम किसानों ने गुरुवार को फुलानी चरवाहों पर हमला किया था, जिसमें पांच चरवाहों की मौत हो गई थी, इसके बाद हिंसा की शुरुआत हुई। इसके जवाब में चरवाहों ने शनिवार को हमला किया, जिसमें बड़े पैमाने पर लोगों की मौत हुई। इस क्षेत्र में जनजातीय समूहों के बीच हिंसा का इतिहास रहा है। द गार्जियन के मुताबिक, देश के तीन हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। पुलिस आयुक्त अंडी एडी ने कहा कि इस खूनी झड़प के बाद 86 लोगों की मौत हो गई जबकि छह घायल हैं। उन्होंने आगे बताया कि 50 घरों को जला दिया गया है जबकि 15 मोटरसाइकिल और दो वाहन भी फूंक दिए गए। मृतकों के शवों को उनके परिजनों तक पहुंचा दिया गया है। प्रशासन का कहना है कि नाइजीरिया के समयानुसार रियोम, बारिकिन लाडी और जोस साउथ क्षेत्रों में शाम छह बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू रहेगा। गौरतलब है कि नाइजीरिया में जमीन और अन्य संसाधनों को लेकर किसानों और घुमंतू समूहों में अक्सर हिंसक झड़पें होती हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोग मारे जाते हैं। इस तरह के हिंसा की घटना के कारण देश के राष्ट्रपति मोहम्मदु बुहारी पर दवाब बन गया है क्योंकि अगले साल ही यहां चुनाव होना है। बता दें कि रविवार को जनजातीय समूह बेराम के युवाओं द्वारा जोस-एबुजा हाइवे पर उन मोटरसाइकिल चालकों पर हमला किया गया जो फुलानी और मुस्लिम थे।
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25 June 2018भारत दौरे पर आए राष्ट्रपति डैनी फॉरे ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इसके बाद दोनों के बीच हुई द्वीपक्षीय व्राता में दोनों देशों के बीच 6 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। समझौतों के बाद साझा बयान जारी करते हुए प्रधआनमंत्री ने कहा कि भारत और सैशेल्स बड़े रणनीतिक साझेदार हैं। हम लोकतंत्र की मूल भावना का सम्मान करते हैं और हिंद महासागर में सुरक्षा, शांति और स्थिरता के लिए एक ही जियो स्ट्रेटेजिक विजन रखते हैं। हमने सैशेल्स को रक्षा क्षैत्र के लिए 100 मिलियन डॉलर क्रेडिट पर दिए हैं। वहीं सैशेल्स के राष्ट्रपति ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के पास विजनरी समझदारी है कि क्या जरूरी है। खासतौर पर सुरक्षा और हमारे दौर की चुनौतियों के बारे में जिनमें क्लाइमेट चेंज, बहुपक्षीय व्यापार और अनेकता की दूरियों को कम करना है। इससे पहले सुबह राष्ट्रपति फॉरे का औपचारिक स्वागत हुआ जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री ने उनका स्वागत किया। वहीं राष्ट्रपति फॉरे अपनी पत्नी के साथ दो दिन के गुजरात दौरे पर गए । शनिवार सुबह वे साबरमती आश्रम पहुंचे जहां उन्होंने गांधी जी का निवास ह्दयकुंज देखा और उनकी पत्नी ने चरखा काटा। इससे पहले उन्होंने भारतीय प्रबंध संस्थान का दौरा किया । सेशेल्स के राष्ट्रपति शुक्रवार शाम को ही अहमदाबाद पहुंच गए थे। शनिवार सुबह उन्होंने भारतीय प्रबंध संस्थान अहमदाबाद का दौरा किया। यहां उन्होंने अपने पुराने मित्र संस्थान के निदेशक प्रो. एरोल डिसूजा से भेट की। इसके बाद वे सीधे साबरमती आश्रम पहुंचे जहां आश्रम के ट्रस्टी अमृत मोदी व कार्तिके साराभाई ने उन्हें आश्रम का भ्रमण कराया । राष्ट्रपति डैनी फॉरे ने गांधीजी का निवास ह्दय कुंज देखा उनकी पत्नी ने यहां चरखा भी काटा। आश्रम के ट्रस्टी अमृत मोदी व कार्तिके साराभाई ने राष्ट्रपति डैनी फॉरे को एक चरखा तथा गांधीजी की तीन पुस्तकें भेट की। उनमें गाँधीजी की आत्मकथा , अहमदाबाद में अहिंसा नामक पुस्तक है। इसके बाद वे गांधीनगर स्थित जीएफएसयू में अपने देश के 18 पुलिस अधिकारियों से बात की जो यहां प्रशिक्षण लेने आये है। राज्यपाल ओपी कोहली के साथ उन्होंने दोपहर का भोजन किया। इसके बाद करीब 2.30 बजे वे गोवा के लिए रवाना हो गये। सेशेल्स के राष्ट्रपति डेनी फॉरे सात दिन के भारत यात्रा पर है। पहले चहण में दो दिन के गुजरात और गोवा के दौरे के बाद वे नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री से मिलेंगे।
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25 June 2018भारत को आतंक के खिलाफ लड़ाई में अपने पड़ोसी देशों का साथ मिलने जा रहा है। छह पड़ोसी देशों ने भारत के साथ सैन्य अभ्यास करने के लिए हामी भरी है। पहली बार भारत की सेना श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, थाईलैंड और म्यांमार की सेनाओं के साथ युद्धाभ्यास करेगी। यह सैन्य अभ्यास पुणे में आयोजित किया गया है। इसका मकसद काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन में एक दूसरे का सहयोग करने के साथ ही मिलिट्री फोरम बनाना है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी अपनी विदेश यात्राओं में इस बात पर जोर देते रहे हैं कि भारत और पड़ोसी देशों को मिलकर आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन में सबसे बड़ी परेशानी यह होती है कि आतंकवादी किसी एक देश को अपना बेस बनाकर पड़ोसी देश में आतंक फैलाते हैं। वहां वारदात अंजाम देकर फिर उस देश में वापस भाग जाते हैं जहां उनका बेस होता है। इसलिए काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन की सफलता इस पर निर्भर करती है कि अलग अलग देश आतंकियों पर लगाम लगाने के लिए एक दूसरे का सहयोग करते हुए एक फोरम के तहत मिलकर काम करें। इसलिए सात देशों की यह पहल अहम है। वे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक कोऑपरेशन (बिम्सटेक) देशों के बीच सैन्य अभ्यास के लिए पहली प्लानिंग कांफ्रेस हो गई है। जिसमें तय किया गया है कि भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, थाईलैंड और म्यांमार की सेनाएं मिलकर 10 सितंबर से 16 सितंबर तक संयुक्त सैन्य अभ्यास करेंगें। इस पहले बिम्सटेक सैन्य अभ्यास की मेजबानी भारत करेगा। सभी सात देशों की सेना से पांच-पांच अधिकारी और 25-25 दूसरे रैंक के फौजी इसमें शिरकत करेंगे। 15 और 16 सितंबर को इन सभी सात देशों के सेना प्रमुखों की कांफ्रेस भी होगी। जिसमें सभी मिलकर इस मल्टी नेशन एक्सरसाइज का रिव्यू करेंगे। इस मीटिंग में इस विकल्प पर भी विचार होगा कि क्या एक क्षेत्रीय सुरक्षा फोरम बनाया जा सकता है ताकि मिलकर आतंकवाद से और ट्रांस नेशनल क्राइम से मुकाबला किया जा सके। आपको बता दें कि 2012 से भारत ने दूसरे देशों के साथ सैन्य अभ्यास करने की संख्या बढ़ा दी है। भारत ने 2012 में आठ देश, 2013 और 2014 में छह, 2015 में नौ, 2016 में 14, 2017 में 15 और 2018 में अबतक सात सैन्य अभ्यास किए हैं। गौरतलब है कि म्यांमार से आए रोहिंग्या को लेकर भारत आंतरिक सुरक्षा पर खतरा महसूस करता रहा है। अगर म्यांमार सहित बाकी छह देशों के साथ मिलकर भारत एक क्षेत्रीय सुरक्षा फोरम बनाने में कामयाब रहा तो इस तरह की दिक्कतों से निजात मिल सकती है। साथ ही आतंकी इन देशों के जरिये भारत में घुसपैठ की कोशिश करते हैं तो क्षेत्रीय सुरक्षा फोरम उन पर लगाम लगाने में सफल होगा।
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22 June 2018राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने सूरीनाम के समकक्ष डेसिरे डेलाओ बोउटेर्सेल के साथ परमारिबो में योग किया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज यूरोपीय संसद परिसर में आयोजित उत्सव में शामिल हुई। चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर दुनिया भर में लोगों ने हिस्सा लिया। तीन देशों की यात्रा पर निकले राष्ट्रपति कोविंद अभी लातिन अमेरिकी देश सूरीनाम में हैं। उन्होंने और बोउटेर्सेल ने टी-शर्ट पहनकर योग करने वालों के साथ भाग लिया। इस मौके पर योग में भाग लेने आए जनसमूह से उन्होंने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उत्सव में भारत से 14,000 किलोमीटर दूर भाग लेकर अत्यंत प्रसन्नता हुई। परमारिबो में सूरीनाम के राष्ट्रपति बोउटेर्सेल ने भी हिस्सा लिया है। मैं सभी योगियों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने इसमें भाग लेकर कार्यक्रम को यादगार बनाया है।' पहली बार दो देशों के प्रमुखों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में हिस्सा लिया है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2014 में 21 जून को हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी। ब्रुसेल्स में विदेश मंत्री स्वराज यूरोपीय संसद परिसर में योग दिवस उत्सव में शामिल हुई। नेपाल में राजधानी काठमांडू में स्थित नेपाली पुलिस प्रशिक्षण अकादमी के परिसर में विशेष योग का प्रदर्शन किया गया। यहां सुबह से हो रही भारी बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में लोग भाग लेने पहुंचे। नेपाल के उपप्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री ईश्वर पोखरेल के साथ भारतीय राजदूत मंजीव सिंह पुरी ने भी भाग लिया। जनकपुर स्थित जानकी मंदिर में हुए उत्सव में राज्यपाल रत्नेश्वर लाल कायस्थ और मुख्यमंत्री लालबाबू राउत ने भाग लिया।
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21 June 2018खबर न्यूयार्क से । दक्षिण वजीरिस्तान में पश्तून कार्यकर्ताओं की रैली पर पाकिस्तानी आर्मी द्वारा फायरिंग के खिलाफ पख्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) ग्रुप के सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त राष्ट्र से पाकिस्तान आर्मी पर प्रतिबंध लागू करने की अपील की है। यह प्रदर्शन न्यूयार्क स्थिति संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर हुआ और यह देश समर्थित तालिबान के खिलाफ भी था जो निर्दोष पख्तून पर हमले के लिए जिम्मेवार है। पाकिस्तानी सेना के खिलाफ पख्तूनों का गुस्सा लंबे समय से चल रहा है। पिछले सप्ताह दक्षिण वजीरिस्तान में शांतिपूर्ण रैली निकाले जाने के दौरान पाकिस्तान आर्मी के हमले में अनेकों पीटीएम कार्यकर्ता मारे गए। प्रदर्शनकारियों ने इस हमले की जांच करने की मांग की है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की मांग की है। पीटीएम कार्यकर्ताओं के साथ यह अभियान चलाया गया। प्रदर्शन के दौरान, कार्यकर्ताओं ने पाक आर्मी के चीफ आर्मी स्टाफ जनरल कमर जावेद बाजवा और सुरक्षाबलों की निंदा की। पाक आर्मी और बाजवा पर हमला बोलते हुए उन्होंने नारे लगाए। उनका कहना है कि पिछले कुछ बरसों में सेना की कार्रवाई में हजारों पख्तून लापता हो चुके हैं हजारों को बिना कोई मुकदमा चलाए मारा जा चुका है। पख्तूनों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना लंबे समय से दमन चक्र चला रही है। पख्तून मानवाधिकारों को ताक पर रख दिया गया है। पिछले कई महीनों में समय-समय पर पाकिस्तानी सेना के खिलाफ पख्तूनों ने विरोध प्रदर्शन के साथ रैलियां निकाली हैं। पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े जातीय समूह पख्तून लगातार अपनी सुरक्षा, नागरिक स्वतंत्रता और समान अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस बीच वॉयस ऑफ कराची के चेयरमैन नदीम नुसरत ने पिछले सप्ताह पाकिस्तानी सेना की कड़ी निंदा की थी। उन्होने कहा देश की सेना देश की सुरक्षा के लिए है कानून बनाने के लिए नहीं जो किसी को भी देशविरोधी करार दे सकती है।
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11 June 2018शांति प्रक्रिया की दिशा में एक अहम फैसला लेते हुए अफगानिस्तान सरकार ने ईद के मौके पर तालिबान के साथ संघर्ष विराम ऐलान किया है। हालांकि, इस्लामिक स्टेट समेत अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई जारी रहेगी। राष्ट्रपति अशरफ गनी ने गुरुवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इसकी जानकारी देते हुए संकेत दिया कि 12 से 19 जून के बीच संघर्ष विराम जारी रह सकता है। हालांकि, अभी इस बात का पता नहीं चला है कि तालिबान इसके लिए तैयार है अथवा नहीं। यदि ऐसा होता है, तो 2001 में अमेरिकी हमले के बाद पहला मौका होगा, जब तालिबान के साथ सरकार का संघर्ष विराम रहेगा। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने बताया कि सरकारी प्रस्ताव का जवाब देने के लिए हम अपने अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं। काबुल में एक मौलाना द्वारा लोगों को संबोधित करते हुए संघर्ष विराम की अपील करने और आत्मघाती हमलों के खिलाफ फतवा जारी करने के एक दिन बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। हालांकि, मौलाना द्वारा फतवा जारी करने के एक घंटे बाद उसी सभा के बाहर आतंकियों ने आत्मघाती हमला कर दिया। इसमें सात लोगों की मौत हो गई। राष्ट्रपति गनी ने मौलाना द्वारा आत्मघाती हमले के खिलाफ फतवा जारी करने का समर्थन किया है। राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा कि सरकार न सिर्फ फतवे का समर्थन करती है, बल्कि संघर्ष विराम के भी पक्ष में है।
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7 June 2018डेनमार्क में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यहां की संसद ने इस संबंध में गुरुवार को एक कानून को स्वीकृति दे दी। इसमें सार्वजनिक स्थानों पर इस इस्लामिक पहनावे पर रोक लगा दी गई है। इसके उल्लंघन पर दंड के साथ जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। डेनमार्क की मीडिया के अनुसार, 75 सांसदों ने प्रतिबंध के पक्ष में वोट दिया। 30 सांसदों ने सार्वजनिक स्थलों पर बुर्का या नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने का विरोध किया। हालांकि नए कानून के तहत सर्दी से बचने के लिए पहने जाने वाले कपड़ों पर रोक नहीं लगाई गई है। डेनमार्क में यह नया कानून एक अगस्त से प्रभावी हो जाएगा। डेनमार्क से पहले फ्रांस और आस्ट्रिया जैसे यूरोपीय देशों में इसी तरह के कदम उठाए जा चुके हैं। इन देशों ने भी सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का जैसे पहनावे पर रोक लगा दी है।
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1 June 2018प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो दिवसीय सिंगापुर दौरे का आज अंतिम दिन है। पीएम मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग के बीच मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों देशों की ओर से कई समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। बताया जा रहा है कि सिंगापुर और भारत के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए करीब 14 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। वार्ता के बाद दोनों देशों ने संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित किया। इससे पहले शुक्रवार को इस्ताना में पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया गया। इस दौरान उनके साथ सिंगापुर के स्वागत के बाद पीएम मोदी ने राष्ट्रपति हलिमा याकूब से शिष्टाचार भेंट की। सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने कहा- 'हमने रक्षा संबंधों को मजबूत किया है, हमारी नौसेना ने आज लॉजिस्टिक्स सहयोग पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और इस वर्ष वार्षिक सिंगापुर-भारत समुद्री द्विपक्षीय अभ्यास की 25 वीं वर्षगांठ मनाएंगे। पीएम ली सिएन लूंग ने कहा-'भारतीय पर्यटक चांगई हवाई अड्डे और सिंगापुर में कुछ खास ऑपरेटरों पर इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के लिए अपने रुपे कार्ड का उपयोग करने में सक्षम होंगे"पीएम मोदी ने कहा- कल शाम सिंगापुर की महत्वपूर्ण कंपनियों के CEOs के साथ राउंड टेबल पर मुझे भारत के प्रति उनके विश्वास को देखकर बहुत प्रसन्नता हुई। भारत और सिंगापुर के बीच एयर ट्रैफिक तेजी से बढ़ रहा है। दोनों पक्ष शीघ्र ही द्विपक्षीय एयर सर्विस एग्रीमेंट की समीक्षा शुरू करेंगे। इससे पहले पीएम मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा, उन्होंने (पीएम ली ने) हमेशा भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए अथक प्रयास किए हैं।
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1 June 2018देश में पहली बार शुक्रवार से मध्यप्रदेश ,हरियाणा समेत अन्य राज्यों के किसान 10 दिन की छुट्टी पर जा रहे हैं। किसान एक से 10 जून तक शहरों में फल-सब्जियों और दूध की सप्लाई नहीं करेंगे। किसानों ने इन 10 दिनों में शहर की दुकानों, शोरूम और सुपर बाजार का रुख नहीं करने का भी अहम निर्णय लिया है। अगर शहरी लोगों को फल-दूध या सब्जी चाहिए तो उन्हें गांवों का रुख करना पड़ेगा। दाम भी किसान ही तय करेंगे। किसान यह सब केंद्र व राज्य सरकारों की नीतियों के विरोध में कर रहे हैं। राष्ट्रीय किसान महासंघ के प्रतिनिधियों ने एक से 10 जून तक शहरों में दूध व फल-सब्जियों की आपूर्ति नहीं होने देने की रणनीति बनाई है। राष्ट्रीय किसान महासंघ के वरिष्ठ सदस्य व भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी और प्रदेश प्रवक्ता राकेश कुमार ने बताया कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं करने व कर्ज माफी नहीं होने पर किसानों को यह कदम उठाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि 62 किसान संगठनों ने इस दौरान गांवों से शहरों को खाद्य पदार्थो की सप्लाई नहीं होने देने की पूरी रणनीति बना ली है। गुरनाम चढूनी और राकेश कुमार ने साफ किया कि इस बंद में वह कोई रोड जाम नहीं करेंगे। किसान अपने घर और गांव में बैठकर शहर और सरकार को अपना दर्द समझाएंगे। आंदोलन के दौरान किसान आढ़तियों से भी पूरी तरह दूरी बनाकर रखेंगे। किसानों द्वारा एक दूसरे से उधार लेकर 10 दिन तक आर्थिक लेन-देन किया जाएगा। जगह-जगह दिखा किसान आंदोलन का असर किसान आंदोलन का असर धीरे-धीरे छोटे-बड़े शहरों की मंडियों में दिखने लगा है। अपनी पूर्व घोषणा के मुताबिक किसानों ने कहा था कि वे अपनी उपज मंडियों में नहीं भेजेंगे, ऐसे में मंडियों में शुक्रवार को सामान्य से कम ही भीड़ नजर आई। कई मंडियों में किसान अपनी उपज लेकर नहीं पहुंचे और व्यापारियों ने पुराना स्टॉक किया माल ही बेचा। भोपाल की भी प्रमुख मंडियों में लोगों तक पुराना माल ही पहुंच रहा है। हालांकि लोगों ने एक दिन पहले से सब्जी और अन्य जरुरी सामानों का स्टॉक करना शुरू कर दिया था लेकिन आज भी कई लोग जब मंडियों में पहुंचे तो उन्हें ताजा माल नहीं मिला। किसान सब्जी, अनाज और अपनी उपज लेकर मंडियों में नहीं पहुंचे। पुराना माल होने के कारण भी बिक्री ज्यादा नहीं हुई। इधर होशंगाबाद ,पिपरिया में भी सब्जी मंडी में माल नहीं आया और 2 दिन पुरानी सब्जियां बिकीं। सब्जी मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष आमीन राइन के मुताबिक बिक्री में 30 फीसदी गिरावट आई है और सब्जियां रोड़ पर ही बिक रही हैं। मंडियों में ज्यादा किसान नहीं पहुंचे हैं। दूध की सप्लाई पर फिलहाल असर नहीं है। बाजार के जानकारों के मुताबिक हड़ताल का असर 3 जून से नजर आएगा। इधर इटारसी मंडी में पुलिस ने किसानों से संवाद किया। एसपी मंडी क्षेत्र का जायजा ले रहे हैं। वहीं पिपरिया में कुछ लोगों को रोकने का प्रयास हुआ है। जगह-जगह पुलिस बल तैनात है। पुलिसकर्मियों की ड्यूटी रात 3 बजे से लगाई गई है। वहीं विदिशा में किसानों के बंद आंदोलन का खासा असर दिखाई दे रहा है। विदिशा शहर के बाहरी इलाकों में बंद आंदोलन कर रहे किसान सुबह से ही जमा हो गए थे और शहर में आने वाले दूध बेचने वालों को वापस गांव लौटा रहे थे। इस दौरान किसानों और दूध बेचने वालों के बीच मामूली विवाद की स्थिति भी बनीं। मौके पर पहुंची पुलिस ने मामला शांत कराया। हालांकि इस दौरान पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। बंद आंदोलन से विदिशा में दूध की सप्लाई प्रभावित हुई है और आज कई जगह दूध की सप्लाई नहीं हो पाई।
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1 June 2018मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ द्वारा दिए गए बयान को पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) ने नकार दिया है। बयान को लेकर सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन द्वारा बुलाई गई बैठक के बाद नवाज शरीफ के बयान को झूठा करार दे दिया गया। जियो टीवी के अनुसार, बैठक के बाद एनएससी ने कहा कि मुंबई हमलों को लेकर दिया नवाज शरीफ के बयान को नकारते हैं। उनका बयान पूरी तरह से झूठा और भ्रमित करने वाला है। इससे पहले रविवार को आईएसपीआर के मेजर जेनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट किया- ‘सोमवार को प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी को उच्च अधिकार वाली एनएससी की बैठक बुलाने का सुझाव दिया गया है।’ यह ऐसा मंच है, जहां पाक सरकार और सेना का शीर्ष नेतृत्व राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करता है। डॉन न्यूजपेपर को दिए गए हाल के एक साक्षात्कार में नवाज ने कहा, ‘आतंकी संगठन सक्रिय हैं।‘ इन्हें ‘नॉन स्टेट एक्टर्स’ बोलते हुए नवाज ने बताया, ‘क्या इन्हें सीमा पार करने और मुंबई में 150 लोगों को मरने के लिए अनुमति देनी चाहिए? मुझे इस बारे में बताएं। हम इन ट्रायल को पूरा क्यों नहीं कर सकते?’ नवाज के इस तरह के बयान पर काफी हंगामा हो रहा है। बता दें कि एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नवाज शरीफ ने पहली बार पाकिस्तान की उस नीति पर सवाल उठाए हैं जिसके तहत गैर-सरकारी तत्वों को सीमा पार करके मुंबई में लोगों को मारने की अनुमति दी गई। शरीफ का यह भी कहना था, 'हमने अपने आप को अलग-थलग कर लिया है। शहादतें देने के बावजूद हमारी बात नहीं मानी जा रही। अफगानिस्तान की बात मानी जा रही है, लेकिन हमारी नहीं। हमें इस पर विचार करना चाहिए।' क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान ने एक ट्वीट में शरीफ को आज के जमाने का मीर जाफर करार दिया। पीटीआई क्रिकेटर से नेता बने इमरान ने कहा, नवाज शरीफ मौजूदा जमाने के मीर जाफर हैं, जिसने अपने लाभ के लिए मुल्क को गुलाम बनाने में अंग्रेजों की मदद की थी। वह गलत ढंग से अर्जित धन और विदेशों में अपने बेटे की कंपनियों के लिए देश के खिलाफ (भारत के प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की भाषा बोल रहे हैं। वह देश को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान के दुश्मनों का समर्थन कर रहे हैं। पीपीपी की नेता शेरी रहमान ने रविवार को नवाज शरीफ द्वारा दिए गए बयान को लेकर उनकी निंदा की और कहा कि वे मोदी का पक्ष ले रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘पीपीपी नवाज शरीफ के बयान को खारिज करती है। क्या वे विश्लेषक हैं जो इस तरह का बयान दे रहे हैं? नवाज ने यह क्यों नहीं कहा कि मुंबई हमला मामले में पाकिस्तान की ओर से भारत को हरसंभव मदद देने की कोशिश की जा रही है।‘
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14 May 20182008 के मुंबई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज सईद ने जमायत-उल दावा की राजनीतिक विंग मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) के लिए प्रचार शुरू कर दिया। हालांकि संगठन को चुनाव आयोग ने मान्यता नहीं दी है, क्योंकि गृह विभाग से उसे अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला है। हाफिज का कहना है कि पाक के शत्रु देश के प्रतिष्ठानों को आपस में लड़ाना चाहते हैं, जिससे उनके मंसूबे पूरे हो सकें। लाहौर से तकरीबन 400 किमी दूर स्थित हारुनाबाद में एक रैली में उनका कहना था कि हमें उनके एजेंडे को फेल करने के लिए एक रहना होगा। उनके साथ सैनिक तानाशाह रहे जनरल जियाउल हक के बेटे इजाजुल हसन भी मौजूद थे। सईद ने कहा कि पाक सरकार को अपनी भारत नीति में परिवर्तन करना चाहिए। उसने इस बात की पुष्टि की कि 2018 का आम चुनाव उनकी पार्टी एमएमएल के बैनर तले लड़ेगी। उनका दावा है कि वह पाक की आर्थिक स्थिति को सबल बनाने के लिए काम करना चाहते हैं। गौरतलब है कि सईद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख रहा है। अमेरिका ने उसे व उसके संगठन को प्रतिबंधित कर दिया तो उसने जमायत-उल-दावा के जरिये अपना काम काज शुरू कर दिया। अमेरिका ने उसे वैश्विक आतंकी की अपनी सूची में शुमार कर रखा है। अमेरिकी ने पिछले माह एमएमएल को भी को विदेशी आतंकी संगठन करार दिया था। उसका कहना है कि लश्कर-ए-तैयबा के सदस्यों ने इसका गठन किया है।
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7 May 2018अमेरिका में भारतवंशी महिला दीपा अंबेकर (41) को न्यूयॉर्क सिटी के सिविल कोर्ट में कार्यवाहक जज नियुक्त किया गया है। अंबेकर न्यूयॉर्क में जज बनने वाली दूसरी भारतवंशी महिला हैं। उनसे पहले 2015 में चेन्नई में जन्मीं राज राजेश्वरी को आपराधिक अदालत में न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। न्यूयॉर्क के मेयर बिल दे ब्लासियो ने अंबेकर के साथ पारिवारिक अदालत के तीन जजों की दोबारा नियुक्ति की घोषणा की। ब्लासियो ने कहा, "प्रत्येक न्यूयार्क वासी को निष्पक्ष और उचित न्याय पाने का अधिकार है। मुझे भरोसा है कि ये चारों जज सुनिश्चित करेंगे कि अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले हर शख्स को इंसाफ मिले।" अंबेकर ने मिशिगन यूनिवर्सिटी से अंडर ग्रेजुएट डिग्री लेने के बाद रटगर्स लॉ स्कूल से कानून में स्नातक की डिग्री हासिल की। उन्होंने तीन साल तक न्यूयॉर्क सिटी काउंसिल में सीनियर लेजिस्लेटिव अटॉर्नी के तौर पर भी काम किया। भारतवंशी वकील निशा अग्रवाल (40) को न्यूयॉर्क के डिप्टी मेयर फिल थॉम्पसन का वरिष्ठ सलाहकार नियुक्त किया गया है। आव्रजन नीति में बदलाव की लड़ाई लड़ रहीं निशा ब्रेन कैंसर से जूझ रही हैं। निशा आव्रजन, लोकतंत्र और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए बनाए जा रहे कार्यक्रमों में सलाहकार की भूमिका निभाएंगी।
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5 May 2018पाकिस्तान के एबटाबाद में अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन को मार गिराने के अभियान से जुड़ी एक नई जानकारी सामने आई है। लादेन को गोली मारने वाले अमेरिकी नेवी सील के कमांडो रॉब ओ नील ने कहा, लादेन के गढ़ में पहुंचने पर कमांडो को लगा था कि यह ऑपरेशन उनका आखिरी ऑपरेशन होगा। मालूम हो कि लादेन को अमेरिकी सैनिकों ने पाकिस्तान में घुसकर 2 मई 2011 को मार गिराया था। इस ऑपरेशन की सातवीं वर्षगांठ पर नील ने कहा, "हमारे दल में शामिल सभी कमांडो मान चुके थे कि वह मरने वाले हैं। उन्होंने अपने घर वाले को अलविदा भी कह दिया था। उस वक्त यह एक गर्व की बात थी। ऐसी टीम का हिस्सा होना मेरे लिए सम्मानजनक है।" एक साक्षात्कार में नील ने कहा, मिशन पूरा कर जब हम सभी हेलीकॉप्टर में वहां से निकले तब लगा कि हमारी जान बच सकती है। पायलट ने संदेश दिया कि हम अफगानिस्तान में हैं। यह सुनने के बाद लगा कि हमने कर दिखाया।"
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3 May 2018प्रचंड गर्मी के बीच बुधवार को देश के कुछ हिस्सों खासकर दिल्ली, यूपी व राजस्थान में आंधी व बारिश का कहर बरपा। कुदरत की इस अफत में अलग-अलग राज्यों में कुल 95 लोगों की मौत हो गई वहीं सैकड़ों घायल हैं। इसके अलावा पेड़ और मकान गिरने से लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। तूफान के चलते यूपी में जहां अब तक 36 तो वहीं राजस्थान में आंधी से 22 लोगों की मौत हो गई वहीं 100 से ज्यादा घायल हैं। उधर पश्चिम बंगाल और झारखंड में वज्रपात से 15 लोगों की जान चली गई। राजधानी में बुधवार शाम 4.45 से 4.47 तक मात्र दो मिनट चली आंधी ने शहर को झकझोर दिया। इस दौरान हवा की रफ्तार 59 किमी प्रति घंटा रही। दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों समेत 15 फ्लाइट को डायवर्ट किया गया। कुछ जगह पेड़ गिरने से ट्रैफिक बाधित हो गया। जबकि संसद मार्ग, लाजपत नगर व द्वारका में 7.40 बजे के बाद तेज बारिश हुई। सफदरजंग मौसम केंद्र ने 13.4 मिमी बारिश दर्ज की। बुधवार को आये आंधी-तूफान में मरने वालों की संख्या 36 पहुंची, डीएम गौरव दयाल ने की पुष्टि। मृतकों की बड़ी संख्या को देखते हुए पोस्टमार्टम हाउस में मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई। डॉक्टरों की विशेष टीम गठित की गई है। हंगामे की आशंका के चलते सुरक्षा व्यवस्था भी की गई है। इसी तरह एसएन इमरजेंसी और जिला अस्पताल के डॉक्टरों को सतर्क कर दिया गया है। आंधी-तूफान से आगरा के ताजमहल को नुकसान पहुंचा। रॉयल गेट पर लगा 12 फीट ऊंचा और दक्षिण गेट पर लगा 8 फीट ऊंचा पिलर टूटकर गिर पड़ा। सरहिदी बेगम के मकबरे की छत का गुलदस्ता भी नीचे आ गया। राजस्थान के अलवर, भरतपुर और धौलपुर जिलों में बुधवार देर शाम जबर्दस्त आंधी चली। इसमें जानमाल का भारी नुकसान हुआ। 22 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा घायल हो गए। मृतकों में चार अलवर में, सात भरतपुर और दो धौलपुर के बताए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार, अलवर में रात करीब पौने आठ बजे अंधड़ आया और पूरे अलवर, भरतपुर, धौलपुर इलाके में छा गया। इसकी गति इतनी तेज थी कि सड़क पर खड़े वाहन पलट गए। बताया जा रहा है कि करौली-भिवाड़ी को जोड़ने वाले स्टेट हाईवे पर गाड़ियों से भरा एक ट्रक ही पलट गया। पूरे इलाके में करीब डेढ़ घंटे तक बारिश हुई और ग्रामीण इलाकों में काफी नुकसान हुआ। अलवर के पास एक टोल प्लाजा पूरी तरह धराशायी हो गया। बीते 24 घंटों में आंध्र के कुछ शहरों में भारी बारिश हुई। अचानक बारिश से 18 से ज्यादा मौतों की खबर है। विशाखापत्तनम, विजयनगरम, श्रीकाकुलम, मलकापुरम आदि क्षेत्रों में भारी वर्षा का जनजीवन पर असर पड़ा। पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में बुधवार को बारिश व आंधी के दौरान वज्रपात व दीवार गिरने से 10 लोगों की मौत हो गई। जबकि कई लोग जख्मी को गए। आठ लोगों की मौत बिजली गिरने से, वहीं दो लोगों की मौत दीवार गिरने होने की खबर है। उधर झारखंड में मंगलवार और बुधवार को आंधी के बीच बेमौसम बारिश से रांची के आसपास के जिलों में जान-माल की क्षति हुई। वज्रपात से राज्य में सात लोगों की मौत हो गई। पंजाब में बुधवार को कई जिलों में तेज तूफान के साथ बारिश हुई। हालांकि, लुधियाना, जालंधर और अमृतसर शहर बारिश से अछूते रहे। इनके आसपास के क्षेत्रों में जमकर बारिश हुई। पटियाला व संगरूर में दिन में ही अंधेरा छा गया। पटियाला की रिशी कॉलोनी में एक प्लॉट की दीवार गिरने से प्लॉट मालिक हरमिंदर सिंह व एक श्रमिक राजू की मौत हो गई। बरनाला व रूपनगर में मंडियों में रखी गेहूं भीग गई। उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायणबगड़ में बादल फटने से कई दुकानें और मकानों को नुकसान पहुंचा है, हालांकि इसमें किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। उत्तराखंड में नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून, हरिद्वार समेत प्रदेश के कई हिस्सों में शाम को धूल भरी आंधी के साथ बारिश हुई। उधर, बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमनोत्री में बारिश होने से श्रद्धालुओं को ठंड का सामना करना पड़ रहा है। वहीं हिमाचल प्रदेश में बुधवार को अधिकांश क्षेत्रों में बारिश दर्ज की गई जबकि कुछ क्षेत्रों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा। दूसरी ओर भीषण गर्मी से जूझ रहे जम्मू कश्मीर में बुधवार को कुछ जगहों पर धूल भरी आंधी और तेज बारिश के कारण थोड़ी राहत मिली।
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3 May 2018मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात की। मुलाकात के दौरान यूनाइटेड अरब अमीरात का प्रतिनिधि-मंडल भी मौजूद था। बैठक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में बुलाई गयी थी, जिसमें मध्यप्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्रियों को चर्चा के लिए बुलाया गया था। बैठक में यू.ए.ई. के साथ इन राज्यों में व्यापार की संभावनाओं पर विचार किया गया। बैठक में मध्यप्रदेश द्वारा प्रजेन्टेशन के माध्यम से प्रदेश में उद्योग, कृषि और व्यापार की अपार संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया। साथ ही निर्यात की संभावनाओं को भी तलाशा गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश में पिछले कई वर्षों से कृषि उत्पादन दर 20 प्रतिशत से अधिक रही है। शरबती गेहूँ, दालों और मसालों का रिकार्ड उत्पादन हुआ है। उद्यानिकी के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश ने कीर्तिमान स्थापित किये हैं। श्री चौहान ने कहा कि यू.ए.ई. से हमारे देश के बेहतर संबंध रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने की दिशा में इस बैठक से नई कड़ी जुड़ेगी। मध्यप्रदेश में कृषि निर्यात प्रमोशन एजेंसी श्री चौहान ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने कृषि निर्यात प्रमोशन एजेंसी बनाई है, जो प्रदेश के उत्पादों का अन्य देशों में निर्यात करने की संभावनाएँ तलाशेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने एक टास्क फोर्स गठित की है, जिसमें राज्य सरकार और यू.ए.ई. के पाँच-पाँच सदस्य होंगे। यह फोर्स प्रदेश भर में कार्यशालाएँ आयोजित करेगा और निर्यात किये जाने वाले उत्पादों की संभावनाओं को तलाशेगा। इसके साथ ही यू.ए.ई. से एक कांट्रेक्ट फार्मिंग करारनामा किया गया है, जिसके तहत किसान अपने उत्पाद को मण्डी के बाहर भी सीधा विदेशों में निर्यात कर सकता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने इंदौर के पास विशेष निर्यात जोन (एस.ई.जेड) खोलने का प्रस्ताव दिया है। जोन में विभिन्न प्रकार के करों में छूट दी जायेगी। राज्य सरकार द्वारा खाद्य प्र-संस्करण की नीति बनाकर केबिनेट से पारित करवाई गई है। नीति के जरिये किसान खाद्य प्र-संस्करण यूनिट खोल सकेंगे, अपने उत्पादों को निर्यात कर सकेंगे और मुनाफा कमा सकेंगे। 28 मई से 9 जून तक प्रदेश में किसान कार्यशालाएँ मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि आगामी 28 मई से 9 जून तक प्रदेश के विभिन्न अंचलों में किसानों की कार्यशाला आयोजित की जायेगी। कार्यशालाओं में किसानों को योजनाओं के बारे में जानकारी दी जायेगी, ताकि वे योजनाओं का भरपूर फायदा प्राप्त कर सकें।
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3 May 2018दो दिवसीय चीन दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वुहान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तरीय छह-छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता हुई। इस वार्ता में पीएम मोदी ने 2019 में इस तरह का सम्मेलन भारत में करने की इच्छा जताते हुए कहा कि दोनों देश दुनिया की आबादी का 40 प्रतिशत हैं। हम साथ मिलकर दुनिया कि कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं। इस दिशा में साथ काम करना हमारे लिए एक अच्छा अवसर है। पीएम ने आगे कहा कि भारत के लोग इस बात पर गर्व करते हैं कि मैं पहला प्रधानमंत्री हूं जिसके स्वागत के लिए चीनी राष्ट्रपति दो बार अपनी राजधानी से बाहर आए। मुझे उम्मीद है कि इस तरह की अगली अनौपचारिक बैठक 2019 में भारत में होगी। इससे पहले पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति की हुबई प्रंतीय संग्रहालय में मुलाकात हुई। गर्मजोशी से मिले दोनों नेताओं के हैंडशेक के बाद पीएम मोदी का यहां पारंपरिक नृत्य और संगीत के साथ स्वागत किया गया। इसके बाद दोनों ने आपस में बात की। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन दोनों देशों की संस्कृति नदियों के किनारे ही विकसित हुई। अगर भारत में हम हड़प्पा और मोहनजोदाड़ो की बात करें तो यह दोनों सभ्यताएं नदी कि किनारों पर ही विकसित हुई हैं। वहीं उन्होंने थ्री जॉर्ड डैम की तारीफ करते हुए कहा कि जब में गुजरात का मुख्यमंत्री था तब मुझे वुहान आने का मौका मिला था। मैंने थ्री जॉर्ज डैम के बारे में काफी कुछ सुना था कि किस तरह आपने उसे बनाया। इसने मुझे काफी प्रभावित किया और मैं यहां एक दिन के स्टडी टूर पर आया था। इस दो दिवसीय अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर बातचीत होगी और दोनों ही एक-दूसरे के साथ काफी समय बिताएंगे। दोनों नेताओं के बीच कम से कम दो बार द्विपक्षीय मुद्दों पर अकेले में बात होगी जबकि एक बार शीर्ष स्तरीय छह-छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता होगी। इस अनौपचारिक वार्ता में ना तो किसी समझौते पर दस्तखत किए जाएंगे और ना ही कोई संयुक्त वक्तव्य जारी किया जाएगा। इस वार्ता में आपसी रिश्तों से जुड़े हर मुद्दे को उठाया जाएगा और अहम समस्याओं का स्थाई समाधान निकालने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा। प्रधानमंत्री शुक्रवार को जिनपिंग के साथ लंच करेंगे जिसके बाद दोनों के बीच अकेले में बैठक होगी। इसके बाद रात्रि में दोनों चर्चित ईस्ट लेक के किनारे डिनर करेंगे। साथ ही नौका विहार का कार्यक्रम भी है। चीन रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि "मैं और राष्ट्रपति चिनफिंग द्विपक्षीय और वैश्विक महत्व के तमाम विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। हम खास तौर पर मौजूदा वैश्विक परिवेश के संदर्भ में राष्ट्रीय विकास के मुद्दों पर अपनी प्राथमिकताओं के बारे में भी बात करेंगे। हम रणनीतिक व लंबी अवधि के परिप्रेक्ष्य में भारत-चीन रिश्तों पर बात करेंगे।" मोदी ने जिन लंबी अवधि के लक्ष्यों की बात कही है उसमें रणनीतिक व आर्थिक दोनों होंगे। इसमें चीन की महत्वाकांक्षी बॉर्डर रोड इनिशिएटिव (बीआरआई- विभिन्न देशों को इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं से जोड़ने की योजना), भारत-चीन सीमा का स्थाई समाधान निकालना, भारत के साथ व्यापार घाटे को कम करने जैसे मुद्दे भी होंगे। ये तीन ऐसे मसले हैं जिनकी वजह से आपसी रिश्तों में सबसे ज्यादा तल्खी है। माना जाता है कि उन तीनों मुद्दों पर जितना ज्यादा ये देश आपसी सहमति विकसित करेंगे रिश्तों को सामान्य बनाने में उतनी ही मदद मिलेगी। मोदी-चिनफिंग की वार्ता का स्थल भी अनौपचारिक होगा। गुरुवार को लंच के बाद वुहान स्थित हुबेई प्रांतीय संग्रहालय में दोनों नेता मिलेंगे। वुहान में चीन के पूर्व क्रांतिकारी नेता माओ जेडोंग से जुड़ी कई इमारतें हैं। मोदी को चिनफिंग उन इमारतों की सैर कराएंगे। रात में माओ की पसंदीदा झील ईस्ट लेक के किनारे दोनों नेता वार्ता करेंगे और वहीं रात्रिभोज भी होगा। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि शनिवार की सुबह झील के किनारे दोनों नेता फिर चहलकदमी करते हुए बातचीत करेंगे। नौका विहार करेंगे और लंच के समय तक वार्ता का समापन होगा। चीन की सरकार पहले ही कह चुकी है कि मोदी का उनकी उम्मीद से भी बेहतर तरीके से स्वागत किया जाएगा। वैसे, अहमदाबाद में चिनफिंग की आगवानी का भारत-चीन के रिश्तों पर कोई बहुत सकारात्मक असर नहीं पड़ा था। असलियत में उसके बाद रिश्तों में काफी उतार देखा गया। लेकिन इस बार दोनों पक्ष उम्मीद लगा रहे हैं कि हाल के महीनों में हर मुद्दों पर जो तनातनी का माहौल बना था उसे अब दूर किया जा सकेगा।
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27 April 2018जापानी नागरिकों में जैनधर्म के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है। गुजरात के जैन तीर्थों पर आकर बड़ी संख्या में जापानी शाकाहारी बन रहे हैं। 5 साल में प्रदेश के हस्तनापुर, पालिताणा और शंखेश्वर जैनतीर्थों के दर्शन के बाद 1200 जापानी मांसाहारी से शाकाहारी बन गए हैं। इतना ही नहीं, 8 साल के बच्चे से लेकर 30 साल के जापानी युवक-युवतियां पालिताणा आकर दीक्षा महोत्सव में हिस्सा ले रहे है और जैन धर्म के नियमों का पालन कर रहे हैं। ये नवकार मंत्रों का उच्चारण भी करना सीख रहे हैं। भारतीय मूल की जापानी नागरिक तुलशी के मुताबिक, भारत में जैन तीर्थों की यात्रा करने से परम शांति का अहसास हो रहा है। एक अन्य जापानी नागरिक ने बताया, पहले उसका परिवार मांसाहारी था, लेकिन जब वह जापान में जैन धर्म का पालने करे वालों के संपर्क में आया, तब से उसका परिवार शाकाहारी बन गया है। उसके दो बेटे रोज सुबह नवकार मंत्र का पाठ करते हैं।
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27 April 2018कश्मीर घाटी में बर्फ से ढंके पहाड़ों और दिल को छू लेने वाले नजारों को देखने का एक अलग ही अनुभव आपको जल्द मिलने वाला है। भारतीय रेलवे इस जगह आपको ऐसा अनुभव देने की तैयारी कर रही है, जिसे आप कभी नहीं भुला पाएंगे। इसके लिए रेवले कश्मीर रेल लाइन पर शीशे की छत वाले कोच चलाने को तैयार है। अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए पिछले साल जून में घोषित विस्टाडोम कोच पहले से ही पहुंच चुका है और इसे मई में ट्रैक पर चलाया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि 40 सीटों का कोच यात्रियों को सुखद अनुभव प्रदान करेगा। आईआरसीटीसी ने जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग के सहयोग से ग्लास कोच पेश किया है। कश्मीर में विस्टाडोम कोच, मुंबई और गोवा के बीच अराकू घाटी और पश्चिमी घाटों में सफल प्रदर्शन के बाद लाए जा रहे हैं। एसी कोच में बड़े ग्लास की खिड़कियों, कांच की छत, ऑब्जर्वेशन लाउंज और घूमने वाली सीटें लगी होंगी। जो यात्रियों को बारामुल्ला से बनिहाल तक के 135 किमी रेल ट्रैक के रास्ते में लुभावने नजारे और सुंदर प्रकृति को देखने का बेहतरीन अनुभव देंगी। इन कोचों के कोच में ऐसी सीट्स (डबल वाइड रिक्लाइनिंग सीट्स) लगी होंगी, जिससे चारों ओर से बेहतरीन पैनारोमिक व्यू को देखने के लिए 360 डिग्री घुमाया जा सकता है। इस ट्रेन में कांच की छत, स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे, सामान रखने की रैक, मनोरंजन के लिए एलईडी स्क्रीन और जीपीएस सूचना प्रणाली भी लगी हुई है। शुरुआत में 40 सीट वाला एक कोच ट्रेन से जोड़ा जाएगा। बाद में यात्रियों की प्रतिक्रिया के बाद दूसरों कोच लगाने का फैसला किया जाएगा। राज्य पर्यटन विभाग स्थानीय ट्रैवल एजेंटों को भी इसमें शामिल करने की भी योजना बना रहा है, जो कश्मीर आने वाले यात्रियों के लिए पैकेज को कस्टमाइज कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि आईआरसीटीसी ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ऐसे 60 कोच बनाने का आदेश दिया है। पिछले साल, रेल मंत्रालय ने मुंबई-गोवा मार्ग पर एक सी-थ्रू विस्टाडोम कोच पेश किया था। ग्लास कोच के अलावा, रेलवे ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वातानुकूलित कोच को माउंटेन रेलवे में चलाने का फैसला किया है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अप्रैल 2017 को आंध्र प्रदेश में एसी विस्टाडोम कोच वाली देश की पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। ये विशाखापट्टनम से किरंदुल के बीच चली थी। सफर के दौरान ट्रेन हिल स्टेशन अराकू घाटी से भी गुजरी। विस्टाडोम का यह कोच वातानुकूलित था और इसे खासतौर पर डिजाइन किया गया है। इसके बारे में यह दावा किया जा रहा है कि यह भारतीय रेलवे में अपनी तरह का पहला है। रेलवे ने बताया है कि प्रायोगिक आधार पर ट्रेन में इस तरह का एक कोच लगाया गया है, जबकि अन्य कोच जल्द लगाएं जाएंगे। तब प्रभु ने कहा था कि कहा कि विस्टाडोम कोचों को देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पहली बार शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में भी एक ही मार्ग पर इसी तरह का कोच बाद में लगाया जाएगा। अब इसकी सफलता को देखते हुए अब इसे कश्मीर में भी चलाया जा रहा है।
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23 April 2018उत्तर कोरिया में हुए एक भीषण सड़क हादसे में 30 लोगों की मौत हो गई है। यह हादसा देश के हुआंगहाइ रोड पर रविवार को हुआ जब एक टूअर बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। अब तक मिली रिपोर्ट्स के अनुसार हादसे के वास्तविक कारणों का खुलासा फिलहाल नहीं हो पाया है लेकिन कहा जा रहा है कि सड़क पर रिनोवेशन के काम और खराब मौसम इसके लिए जिम्मेदार हैं। हादसे में मारे गए लोगों में बीजिंग स्थित चीनी यात्रा कंपनी का समूह शामिल है। उत्तर कोरिया में चीनी दूतावास ने इस दुर्घटना की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि नॉर्थ कोरिया द्वारा चीनी दूतावास को हुआंगहुई रोड पर हुए भीषण हादसे की जानकारी दी गई है। इसमें ज्यादातर चीनी पर्यटकों के मारे जाने की सूचना है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नॉर्थ कोरिया में सबसे ज्यादा चीनी पर्यटक आते हैं जो देश में आने वाले कुल विदेशी पर्यटकों का 80 प्रतिशत होते हैं।
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23 April 2018प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी तीन देशो की यात्रा के दूसरे पड़ाव में लंदन पहुंचे। हीथ्रो एयरपोर्ट पर ब्रिटिश विदेश मंत्री ने पीएम मोदी का स्वागत किया। प्रधानमंत्री नेे आज ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे से मुलाकात की। दोनों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन में प्रिंस चार्ल्स से मुलाकात की। लंदन में चल रही विज्ञान प्रदर्शनी देखने प्रिंस चार्ल्स के साथ मोदी पहुंचे हैं, जहां भारत के 5000 सालों की वैज्ञानिक उपलब्धियों और आविष्कारों को दर्शाया गया है। इस दौरान ब्रिटिश और भारतीय मूल के वैज्ञानिकों से भी पीएम मिलेंगे। प्रधानमंत्री मोदी की दूसरी ब्रिटेन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आयुर्वेदिक चिकित्सा पर भी समझौते पर दस्तखत होंगे। पीएम मोदी की उपस्थिति में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान और ब्रिटेन के कॉलेज ऑफ मेडिसिन के बीच अनुबंध पर मुहर लगाई जाएगी। द्विपक्षीय कार्यक्रमों की ही कड़ी में प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे क्रिक संस्थान में आयोजित होने वाले कई कार्यक्रमों में भी भाग लेंगे। प्रधानमंत्री कैंसर और मलेरिया इलाज शोध में लगे वैज्ञानिकों से भी मिलेंगे। साथ ही दोनों देशों के आला सीईओ भी बैठक करेंगे। द्विपक्षीय बातचीत के दौरान भारत के भगोड़े अपराधियों की वापसी के संबंध में भी चर्चा की उम्मीद है। भारतीय पीएम मोदी के साथ मुलाकात पर ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे ने कहा- मुझे उम्मीद है कि हम भारत और ब्रिटेन दोनों देशों के लोगों के लिए एक साथ मिलकर काम करेंगे। वहीं पीएम मोदी ने कहा कि- मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि आज की मुलाकात के बाद दोनों देशों के रिश्तों में एक नई उर्जा आएगी। मुझे खुशी है कि ब्रिटेन अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का हिस्सा बनने जा रहा है। मुझे विश्वास है कि ये सिर्फ क्लाइमेट चेंज के लिए लड़ाई नहीं है बल्कि भावी पीढ़ी के लिए भी हमारी लड़ाई है। पीएम मोदी ने ये भी कहा कि ये मेरे लिए खुशी की बात है कि भगवान बसावेश्वर की जयंती पर मैं यहां के लोगों से मिलने जा रहा हूं। पीएम ने स्वीडन में कहा कि भारत में रिफॉर्म नहीं, ट्रांसफॉर्मेशन हो रहे हैं स्टॉकहोम में अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने अपनी सरकार की जमकर उपलब्धियां गिनाईं, उन्होंने मुद्राधन योजना से लेकर आयुष्मान भारत तक की कई योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा, 'स्वीडन में मेरे और मेरे डेलीगेशन के स्वागत-सत्कार के लिए यहां की जनता और सरकार का, विशेष रूप से स्वीडन के राजा और स्वीडन के प्रधानमंत्री श्रीमान लवेन का, मैं हृदय से आभार व्यक्त करना चाहता हूं।' मोदी ने कहा कि लवेन उन्हें एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए और बाद में होटल तक छोड़ने भी गए। पीएम मोदी ने कहा पिछले 4 वर्षों में हमारे द्वारा एक के बाद एक ऐसे कदम उठाए गए हैं, जिनसे भारत में दुनिया की आशा और विश्वास बढ़े हैं। पीएम ने कहा कि भारत अब परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। भारत में रिफॉर्म नहीं, ट्रांसफॉर्मेशन हो रहे हैं और हम भारत को ट्रांसफॉर्म करके रहेंगे। मैरी कॉम और साइना जैसी बेटियों की सफलता पर हम सबका सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।' प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज भारत परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। सबका साथ सबका विकास के ध्येय के साथ चार साल पहले हमें अभूतपूर्व बहुमत मिला था और हमने इसके लिए भरसक प्रयास किया है। हमने भारत का सम्मान बढ़ाने में कोई कसर नहीं रखी है। चाहे योग दिवस हो, आयुर्वेद हो या प्रकृति के साथ विकास का दर्शन हो, आपका साथ भारत को विश्व में एक लीडर को तौर पर स्थापित कर रहा है।'
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18 April 2018अपने यूरोप दौरे के पहले चरण में स्वीडन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को औपचारिक स्वागत के बाद स्वीडन के राजा कार्ल XVI गुस्तफा से मुलाकात की। इस मुलाकात में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। किंग से मुलाकात के बाद पीएम मोदी और स्वीडिश प्रधानमंत्री के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इससे पहले सोमवार देर रात स्टॉकहोम एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए खुद स्वीडिश पीएम स्टीफन लॉवेन प्रोटोकॉल तोड़कर पहुंचे थे। उन्होंने बड़ी गर्मजोशी से पीएम मोदी का स्वागत किया। इसके बाद पीएम मोदी ने उन्हे देखने और स्वागत करने एयरपोर्ट पर आए भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात की। पीएम को देखते ही एयरपोर्ट पर मोदी-मोदी गूंजने लगा। 30 साल में पहली बार है जब कोई भारतीय पीएम स्वीडन की यात्रा पर पहुंचा है। पीएम मोदी के इस दौरे पर दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को गहरा बनाने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को लेकर सहमति बन सकती है। पीएम मोदी आज कई बैठकों में शामिल होंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉमनवेल्थ देशों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए ब्रिटेन रवाना हो जाएंगे।
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17 April 2018अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर दोनों देशों के जवानों की आपस में भिड़ंत हो गई। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना सीमा पार कर पूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त प्रांत में घुस गई थी। इस पर अफगान सेना ने भी मोर्चा संभाला और जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। दोनों ओर से गोलीबारी में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई। इस घटना से दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। खोस्त के कार्यवाहक पुलिस प्रमुख कर्नल अब्दुल हन्नान जरदान ने बताया कि कम से कम एक अफगान नागरिक और दो पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हुई है। दो पाकिस्तानियों के शव पाकिस्तान के जनजातीय इलाके के पास सीमा के अफगान इलाके की ओर मिले हैं। तीन अन्य नागरिक भी घायल हुए हैं। खोस्त के प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता तालिब मंगल ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि झड़प में दो अफगान नागरिक और चार पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के दो सैनिकों को अफगानिस्तान की जमीन पर हिरासत में लिया गया है। पाकिस्तान की सेना ने बताया कि उसके अर्धसैन्य बल फ्रंटियर कोर के जवान सीमा पर सामान्य निगरानी कर रहे थे तभी अफगानिस्तान की ओर से उन पर गोलियां दागी गईं। इनमें से दो की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। पाक सेना ने यह नहीं बताया कि उसने क्या जवाबी कार्रवाई की। दोनों देशों को 2400 किलोमीटर लंबी डूरंड सीमा रेखा अलग करती है। इसे 1896 में तत्कालीन ब्रिटिश शासकों ने खींचा था। अफगानिस्तान इस अंतरराष्ट्रीय सीमा को मानने से इनकार करता है। यही वजह है कि पाकिस्तान द्वारा इस सीमा पर बनाए जा रहे बंकरों और चौकियों का वह लगातार विरोध करता रहता है। दोनों देशों के बीच तनाव का यह बड़ा कारण है। इसी विवाद की वजह से दोनों देश एक-दूसरे पर सीमावर्ती क्षेत्र में आतंकियों पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगाते रहते हैं।
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16 April 2018अमेरिका ने एक बार फिर पाकिस्तान पर आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया है। अमेरिका के सेना प्रमुख ने कहा है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क की पाकिस्तान की सीमा में सुरक्षित पनाहगाह हैं और अगर पाक अपनी जमीन पर इसी तरह आतंकवाद को आश्रय देता रहा तो अफगानिस्तान में आंतकवाद पर लगाम लगाना मुश्किल होगा। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इससे पहले पाकिस्तान पर आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध कराने का आरोप लगाया था। अमेरिकी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल मार्क ए मिली ने कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सांसदों को यह जानकारी दी। जनरल मिली ने कहा, 'ऐसे किसी आतंकवाद को मिटाना बहुत मुश्किल है, जिसकी किसी अन्य देश में सुरक्षित पनाहगाह हो। इस समय तालिबान, हक्कानी और अन्य संगठन ऐसा ही कर रहे हैं। असल में इनके पाकिस्तान में सुरक्षित ठिकाने हैं। पाकिस्तान यदि इन आतंकवादी समूहों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाता है, तो इनको खत्म करना बेहद मुश्किल है।' सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष सुनवाई के दौरान उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में आंतकवाद को समाप्त करने के लिए आंतकवाद के खतरे को कम करना होगा, जिसे आंतरिक सुरक्षा बल नियमित रूप से कर सकते हैं। जनरल मिली ने कहा, 'यह करने के लिए आप को अनिवार्य रूप से कई काम करने होंगे। यह जरूरी है कि पाकिस्तान आतंकवाद पर लगाम लगाने में हमारा साथ दे। यह क्षेत्रीय समाधान है। यह पाकिस्तान को शामिल करने वाली क्षेत्रीय रणनीति का हिस्सा है।' मेलजोल के संबंध में प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान सरकार विपक्षी गुटों के साथ मिल कर एक तरह की राजनीतिक सुलह करने की अब सही दिशा पर चल रही है और अमेरिका इस प्रयास का समर्थन करता है। ये भी एक समाधान हो सकता है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में सैनिकों की मौजूदगी अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में है।
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13 April 2018कठुआ में नाबालिक बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के घिनौने कांड के बाद अब इस मामले को लेकर जहां विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो चुकी है। इस बीच पूरे घटनाक्रम पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने इसके साथ ही नोटिस भी जारी किया है। इस बीच देश में दोषियों को सख्त सजा दिए जाने की मांग उठने लगी है। वहीं दुष्कर्म केस में वकीलों के विरोध मामले पर एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट से दखल देने का अनुरोध किया। इसके जवाब में कोर्ट ने शुक्रवार को वकील से कहा, ‘याचिका दाखिल करो तब विचार करेंगे।‘ कोर्ट ने एक नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जम्मू कश्मीर और कठुआ अधिवक्ता इकाईयों की ओर से आहूत हड़ताल पर न्यायिक संज्ञान लेने के लिए सभी रिकॉर्ड मंगवाए हैं। आठ वर्षीय बच्ची के साथ गैंगरेप के मामले में कई वकीलों ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष इसे मेंशन करते हुए कहा कि कुछ वकील आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं। जिसके जवाब में चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें कम से कम अखबार की खबर तो दीजिए ताकि हम स्वत: संज्ञान ले सकें। अब इस बात की पूरी संभावना है कि सुप्रीम कोर्ट कठुआ गैंगरेप मामले पर स्वत: संज्ञान ले सकता है। कठुआ गैंगरेप मामले ने पूरे देश में राजनीतिक भूचाल ला दिया है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने से नाराज कठुआ बार एसोसिएशन ने पिछले दिनों हड़ताल भी किया था। बार एसोसिएशन और वकीलों के विरोध की वजह से चार्जशीट दाखिल नहीं हो पाया था।
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13 April 2018न्यूयॉर्क के एक सिख संगठन ने कुछ ही घंटों में अपने समुदाय के लोगों को नौ हजार पगड़ियां बांधकर विश्व रिकॉर्ड बना लिया है। न्यूयॉर्क के प्रसिद्ध टाइम स्क्वायर में सालाना "टर्बन डे" मनाया गया। इस मौके में सिख समुदाय के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के प्रति भी जागरूकता का संदेश दिया गया। न्यूयॉर्क में अप्रैल के मध्य में हर साल मनाए जाने वाले बैसाखी के वार्षिक समारोह में सैकड़ों सिख जमा हुए। इस साल सिख समुदाय ने "टर्बन डे" पर विश्व रिकॉर्ड बनाने की ठानी। लिहाजा विगत शनिवार को पूरे दिन चले इस कार्यक्रम में कुल नौ हजार रंग-बिरंगी पगड़ियां बांधी गईं। सिख संगठन के संस्थापक चनप्रीत सिंह ने बताया कि कुछ ही घंटों में हजारों पगड़ियां बांधकर वह बहुत उत्साहित हैं। इस संगठन ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से विश्व रिकॉर्ड बनाने का सर्टीफिकेट भी हासिल कर लिया है। "टर्बन डे" पर सिर्फ सिख समुदाय के लोगों को ही नहीं बल्कि अमेरिकियों, पर्यटकों और अमेरिका भर से टाइम स्क्वायर घूमने आए अमेरिकियों को भी सिख स्टाइल की पगड़ी बांधी गई। पगड़ी बांधते हुए इन लोगों को सिखों की पहचान से भी अवगत कराया गया। ताकि लोग सिखों की संस्कृति से वाकिफ हो सकें। इस आयोजन का मुख्य मकसद यह था कि लोगों को सिखों की संस्कृति, धर्म और उनकी पहचान से अवगत कराया जाए। ताकि 9/11 के आतंकी हमले को दौरान न्यूयॉर्क में सिख समुदाय के लोगों को उनकी पगड़ी के कारण आतंकी मानकर उन पर हमले करने की घटनाएं फिर कभी न दोहराई जाएं।
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9 April 2018कश्मीर मुद्दों को लेकर पाकिस्तान अपनी पुरानी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र में पाक की राजदूत मलीहा लोधी ने सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष गुस्तावो मेजा-कुआद्रा के सामने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया। अप्रैल में परिषद की अध्यक्षता का जिम्मा यूएन में पेरु के स्थायी प्रतिनिधि कुआद्रा के पास है। लोधी ने कहा कि लाइन ऑफ कंट्रोल और घाटी में बढ़ते विवाद का असर अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और शांति पर पड़ सकता है। लोधी ने 'कश्मीर सद्भावना दिवस' के उपलक्ष्य में यूएन-पाक मिशन के पाकिस्तानी और कश्मीरी समुदाय के सदस्यों के साथ भी बैठक की। बैठक से पहले एक ट्वीट में लोधी ने कहा कि पाक हमेशा कश्मीरी भाई-बहनों के संघर्ष का समर्थन करेगा। ऐसा पहला बार नहीं है कि जब पाक ने संयुक्त राष्ट्र में यह मुद्दा उठाया है। पूर्व में वह कश्मीर की तुलना फलस्तीन से कर वहां के नागरिकों के मानवाधिकार हनन का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठा चुका है। पाक लगातार इस फिराक में है कि यूएन इस मामले में हस्तक्षेप करे, जबकि भारत इस मसले में द्विपक्षीय वार्ता के अपने रुख पर कायम है। यूएन भी द्विपक्षीय वार्ता पर जोर देता रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते भारतीय सैनिकों ने तीन ऑपरेशनों के तहत 13 आतंकी मार गिराए थे। इनमें कुछ लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या के दोषी थे। दूसरी ओर अनंतनाग और शोपियन जिले में चार नागरिक और तीन भारतीय जवान शहीद हुए थे।
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7 April 2018काला हिरण शिकार मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद सलमान खान को बड़ी राहत देते हुए जोधपुर सेशंस कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। वह जोधपुर एयरपोर्ट से मुंबई भी पहुँच गए। उनकी रिहाई के ऑर्डर कोर्ट से जारी किए जाने के बाद शाम करीब 5.35 बजे जेल से रिहा कर दिया गया। जेल में ऑफिस बंद होने के चार मिनट पहले ही सलमान की रहाई का ऑर्डर लेकर शेरा पहुंच गए थे। अगर, थोड़ी और देर हो जाती, तो सलमान को सोमवार तक जेल में ही बिताने पड़ते। इस बीच एयरपोर्ट रोड को खाली करा लिया गया था। सलमान की कार के पीछे हजारों की तादात में लोग चल रहे थे। सलमान की एक झलक पाने के लिए लोगों का जुनून देखने लायक था। रास्ते में फूलों की बारिश भी सलमान की कार पर की गई। इससे पहले ही दोनों बहनें अलवीरा और अर्पिता एयरपोर्ट पहुंच चुकी थीं। यहां से उन्हें मुंबई ले जाने के लिए चार्टेड विमान पहले से तैयार रखा गया था। बताते चलें कि सलमान को 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी है। सलमान के परिवार के दो लोगों को जेल में जाने की इजाजत दी गई थी। इसके साथ ही सुरक्षा कारणों से कार को जेल परिसर तक ले जाने की इजाजत भी दी गई थी। बताते चलें कि इससे पहले जज साहब कोर्ट रूम में आए और उन्होंने पहले चारों तरफ देखा, छत की निहारा और कुछ देर चुप रहे। उन्हें इस तरह देख पूरे कोर्ट रूम में सन्नाटा पसर गया और इस बीच जज जोशी ने एक लाइन में कहा बेल ग्रांटेड। जज के फैसले के साथ ही कोर्ट रूम में बैठे सलमान के वकीलों के अलावा उनकी बहनों अर्पिता और अल्विरा के चेहरे पर राहत नजर आई। फैसले के बाद बाहर आए सलमान के वकील हस्तीमल सारस्वत ने मीडिया से कहा कि हमें न्याय मिला है। फिलहाल बेल बॉन्ड देने वाले जज मौजूद हैं और अगर वकील वक्त पर बेल बॉन्ड भर देते हैं तो रिलीज ऑर्डर सेंट्रल जेल भेजा जाएगा और सलमान आज ही जेल से बाहर आ सकते हैं। सलमान को जमानत मिलने की खबर बाहर आते ही उनके फैन्स खुशी से झूम उठे, सड़कों पर लोग खुशी मनाते दिखे और सेंट्रल जेल के बाहर भी भीड़ एकत्रित हो गई। सलमान पर यह फैसला पहले लंच के बाद आने वाला था लेकिन लंच खत्म होने के बाद जज रविंद्र जोशी ने संदेश भिजवाया कि अब वो 3 बजे फैसले सुनाएंगे। इससे पहले कोर्ट रूम में सलमान के वकील और सरकारी वकील ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं जिसके बाद जज जोशी ने लंच के बाद फैसला सुनाने की बात कही थी। इससे पहले सुबह 10.30 बजे कोर्ट लगने के साथ ही जज ने दोनों ही पक्षों को फिर से अपनी दलीलें रखने के लिए कहा। इस दौरान सलमान के वकीलों ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि उन्हें गलत फंसाया जा रहा है। सलमान हर पेशी पर आए हैं आर्म्स एक्ट मामले में भी उन्हें निर्दोष ठहराया गया था ऐसे में उनकी सजा सस्पेंड की जाए। वहीं सरकारी वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मामला अन्य केसेस से अलग है और इसमें प्रत्यक्षदर्शी भी हैं ऐसे में सलमान को जमानत ना दी जाए क्योंकि वो देषी हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जज रविंद्र जोशी ने कुछ देर रूककर कहा कि उनका ट्रांसफर हो चुका है ऐसे में वो केस को लेकर कोई फैसला नहीं दे सकते लेकिन जमानत को लेकर फैसला लंच के बाद सुनाएंगे। जज के ट्रांसफर के बाद सस्पेंस बना हुआ था कि क्या जज रविंद्र जोशी ही सलमान पर फैसला देंगे या फिर किसी अन्य जज को केस ट्रांसफर करेंगे। इससे पहले जब जज रविंद्र जोशी कोर्ट स्थित अपने चैंबर में मौजूद थे, तब यहां उनसे मुलाकात करने के लिए सीजेएम कोर्ट के जज खत्री भी पहुंचे। जज खत्री ने ही सलमान को इस मामले में 5 साल की सजा सुनाई थी। मालूम हो. राजस्थान में शुक्रवार रात एक साथ 87 जजों के तबादले कर दिए। इनमें जोधपुर सेशन कोर्ट के जज रवींद्र कुमार जोशी भी हैं। उनकी जगह चंद्रशेखर शर्मा को सेशन जज बनाया गया है। गौरतलब है कि जज जोशी ने जमानत पर शुक्रवार को फैसला शनिवार तक के लिए सुरक्षित कर लिया था। न्यायिक सूत्रों के मुताबिक, जज शर्मा के कार्यभार संभालने तक जमानत याचिका पर सुनवाई संभव नहीं हो सकेगी। यानी सलमान खान को अभी कई और रातें जेल में काटनी पड़ सकती हैं। सलमान को जोधपुर के निकट कांकणी गांव में एक अक्टूबर, 1998 की रात दो काले हिरण की गोली मारकर हत्या करने के अपराध में गुरुवार को पांच साल जेल और दस हजार जुर्माने की सजा सुनाई गई। यह घटना "हम साथ साथ हैं" फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई थी। मामले में सलमान के साथी कलाकार सैफ अली खान, तब्बू, नीलम, सोनाली बेंद्रे और एक स्थानीय व्यक्ति दुष्यंत सिंह भी आरोपित थे, जिन्हें "संदेह का लाभ" देते हुए बरी कर दिया गया है। जोधपुर सेंट्रल जेल में सलमान से मिलने को फिल्मी दुनिया से जुड़े लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है। इसी कड़ी में अभिनेत्री प्रीति जिंटा शुक्रवार दोपहर 12ः05 बजे जोधपुर एयरपोर्ट पर उतरकर सीधे सेंट्रल जेल पहुंचीं। सलमान की बहन अलवीरा और अर्पिंता भी जेल में सलमान से मिलने पहुंचीं। नियम के अनुसार जेल में बंद किसी भी कैदी से दिन में एक या फिर दो लोग ही जेल प्रशासन की अनुमति और सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ही मिल सकते हैं, लेकिन जेल प्रशासन ने ना तो प्रीति जिंटा की तलाशी ली और ना ही रजिस्टर में उनके हस्ताक्षर कराए। प्रीति जिंटा को कोई न देख पाए, इसलिए उनकी कार के शीशों पर अखबार लगा दिया गया था। उनकी कार सीधे जेल के मुख्य द्वार तक पहुंची और वह बिना किसी जांच के अंदर चली गईं। बताया जाता है कि प्रीति के साथ पुलिस और जेल प्रशासन के दो अधिकारी भी थे। जोधपुर सेशन कोर्ट में सलमान की जमानत याचिका पर सुनवाई शनिवार तक के लिए टल जाने के बाद उनकी दोनों बहनें अलवीरा और अर्पिंता जेल पहुंचीं। जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दोनों बहनों से मिलने के लिए सलमान खान को जेलर के कमरे में लाया गया। दोनों बहनों ने शुक्रवार को कोर्ट की कार्यवाही के बारे में उनको बताया और फिर आगामी रणनीति को लेकर उनसे चर्चा की। जानकारी के अनुसार शुक्रवार सुबह सलमान खान का बॉडीगॉर्ड शेरा और दो अन्य लोग भी जेल पहुंचे थे। फिल्म निर्माता साजिद नाडियावाला के भी जोधपुर पहुंचने की बात कही जा रही है। नियमों को दरकिनार कर इतने लोगों की सलमान खान से मुलाकात कराने को लेकर जेल डीआइजी विक्रम सिंह से जब सवाल किया गया तो वह कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हुए।
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7 April 2018सुप्रीम कोर्ट के जिस फैसले के खिलाफ सोमवार को देश में बंद के दौरान जमकर हिंसा हुई उसे सर्वोच्च न्यायालय ने यथावत रखा है। कोर्ट ने यह आदेश केंद्र सरकार की उसके फैसले पर दायर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। हालांकि, इस दौरान कोर्ट ने अपने फैसले को लेकर पैदा हुई उन बिंदुओं को साफ किया है। मंगलवार को केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी में कहा कि हम एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ नहीं हैं लेकिन किसी निर्दोष को सजा नहीं मिलनी चाहिए। मामले में कोर्ट ने सभी पार्टियों को दो दिन में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है वहीं इस मामले में 10 दिन बाद फिर सुनवाई होगी। बता दें कि आज सुबह ही सुप्रीम कोर्ट याचिका पर खुली कोर्ट में सुनवाई के लिए तैयार हो गया। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल ने जस्टिस एके गोयल से इस मामले में अपील की थी। जिसके बाद जस्टिस गोयल ने कहा था कि इस संबंध में अंतिम फैसला चीफ जस्टिस ही ले सकते हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के एससी-एसटी एक्ट को लेकर दिए गए फैसले को लेकर केंद्र सरकार ने सोमवार को ही पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। सोमवार को याचिका दायर करते हुए सरकार ने जल्द-से-जल्द और खुली अदालत में सुनवाई का आग्रह किया। सरकार का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश संविधान के अनुच्छेद 21 में अनुसूचित जाति, जनजाति को मिले अधिकारों का उल्लंघन करता है। 20 मार्च को दिए गए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने एससी, एसटी एक्ट के दुरुपयोग पर सवाल उठाते हुए तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। कोर्ट के इस फैसले का देशभर के दलित समूहों ने विरोध किया था और इसी कड़ी में सोमवार को भारत बंद बुलाया था जिस दौरान कई राज्यों में हिंसा भड़क गई। इस हिंसा में अकेले मध्य प्रदेश में ही 7 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा सैकड़ों लोग घायल हुए व करोड़ों की संपत्ति को नुकसान पहुंचा था।
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3 April 2018संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सुरक्षा परिषद ने प्रतिबंध के बावजूद उत्तर कोरिया की मदद करने पर 27 शिपिंग कंपनियों सहित एक व्यक्ति का नाम काली सूची में डाल दिया है। मीडिया में इसकी जानकारी शनिवार को दी गई। उत्तर कोरिया पर नए प्रतिबंधों की घोषणा बीते शुक्रवार को की गई थी। इन प्रतिबंधों का प्रभाव ना केवल उत्तर कोरियाई कंपनियों पर पड़ेगा बल्कि इससे चीन और ताइवान की कंपनियां भी अछूती नहीं रहेंगी। काली सूची में शामिल की गई कंपनियों में 16 उत्तर कोरिया की, पांच हांगकांग, दो-दो चीन व ताइवान की और एक-एक पनामा और सिंगापुर की हैं। यूएन में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने कहा,"नए कदम यह साफ इशारा करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी उत्तर कोरियाई सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए एक है।" शुक्रवार को लगाए गए नए प्रतिबंधों का प्रस्ताव अमेरिका ने ही दिया था, ताकि समुद्र के जरिये उत्तर कोरिया को तेल और कोयले जैसे सामान की तस्करी पर रोक लगाई जा सके। उत्तर कोरिया 2006 से कई प्रकार के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को झेल रहा है। इससे उसकी अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहुंचा है।
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31 March 2018विवादित दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन में लगातार अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है। उपग्रह से मिली तस्वीरों में नजर आया है कि इस सप्ताह चीनी नौसेना के दर्जनों जहाज दक्षिण चीन सागर के हैनान द्वीप पर अभ्यास कर रहे हैं। हालांकि चीन द्वारा ने इस सैन्य अभ्यास को सामान्य बताया था। चीनी वायुसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया कि रविवार को उसने जापान के दक्षिणी द्वीपसमूहों को पार करके दक्षिण चीन सागर और वेस्टर्न पसिफिक में अभ्यास किया। सैटेलाइट से मिली तस्वीरों में दिखाई दे रहा है कि चीन कितने बड़े स्तर पर दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास कर रहा है। ऐसा लग रहा है कि चीन की ओर से किसी जंग की तैयारी की जा रही है। चीनी वायुसेना ने भी अपने बयान में इस तरह के अभ्यासों को युद्ध की तैयारी के लिए सर्वश्रेष्ठ बताया। ज्ञात हो कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अगुआई में चीन अपनी सेनाओं के आधुनिकीकरण का कार्यक्रम चला रहा है। इसके तहत चीन मुख्य लक्ष्य वायुसेना और नौसेना के आधुनिकीकरण पर है। चीनी वायुसेना ने अपने एक बयान में कहा कि इस अभ्यास में H-6K, Su-30 और Su-35 फाइटर प्लेन्स के साथ दूसरे एयरक्राफ्ट्स का इस्तेमाल किया गया। ताइवान के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, चीन ने दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास के दौरान दर्जनों जहाजों की हलचल देखी गई। लिओनिंग कैरियर समूह ने पिछले हफ्ते ताइवान का दौरा किया था। तस्वीरों को सोमवार को लिया गया, जिनमें नजर आ रहा है कि कम से कम 40 जहाजों और पनडुब्बियां लिओनिंग समूह में शामिल हैं। कुछ विश्लेषकों ने चीन के इस बढ़ती नौसेना के असामान्य रूप से बड़े प्रदर्शन के रूप में वर्णित किया है। कैलिफोर्निया स्थित आधारित मिडलबरी इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज के एक सुरक्षा विशेषज्ञ जेफरी लुईस ने कहा कि तस्वीरें पुष्टि करती हैं कि कैरियर ड्रिल में शामिल हुआ था। उन्होंने हैरानी जाते हुए कहा, 'ये अविश्वसनीय तस्वीरें हैं। यह मेरे लिए बड़ी खबर है।' गौरतलब है कि चीन पूरे दक्षिण चीन सागर के क्षेत्र पर अपना दावा करता है, जहां से 5 खरब डॉलर के व्यापार का आयात-निर्यात होता है। इसके अलावा ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम ने भी इस विवादित समुद्री इलाके में अपना दावा करते आ रहे हैं।चीन और फिलीपींस के बीच ये समुद्र विवाद तब से कम हो गया है जब से फिलीपींस के राष्ट्रपति रॉड्रिगो दुतेर्ते जुलाई 2016 में सत्ता में आए और बीजिंग के साथ चीनी व्यापार और निवेश के जरिए संबंधों में सुधार की कोशिश की थी।
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27 March 2018अमेरिका में फ्लोरिडा के स्कूल में 14 फरवरी 2018 को हुई फायरिंग में 17 बच्चों की मौत के बाद गन कंट्रोल की मांग को लेकर शुरू हुआ प्रदर्शन शनिवार को ऐतिहासिक मार्च में बदल गया। गन कल्चर के खिलाफ वॉशिंगटन में अब तक का दुनिया का सबसे बड़ा मार्च निकाला गया, जिसमें पांच लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए। आपको बता दें कि इससे ज्यादा लोग सिर्फ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की शपथ में ही जुटे थे। अमेरिका में कड़ा बंदूक नियंत्रण कानून की मांग को लेकर हुए प्रदर्शन में हजारों लोग जुटे। शनिवार को होने वाली रैली में भाग लेने के लिए देश भर से लाखों लोग पहुंचे। रैली का नेतृत्व पिछले महीने फ्लोरिडा स्कूल नरसंहार में जीवित बचे छात्रों ने किया। इस नरसंहार के बाद से लोगों का गुस्सा चरम पर है। वॉशिंगटन के अलावा पूरे अमेरिका में 700 से ज्यादा जगहों पर प्रदर्शन हुए। ब्रिटेन में लंदन, जापान के टोक्यो, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी, भारत में मुंबई समेत दुनिया के 100 शहरों में गन कंट्रोल की मांग को लेकर प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने कैपिटोल के समीप प्रदर्शन किया और अमेरिकी कांग्रेस से बंदूक से हो रही हिंसा से लड़ने का आह्वान किया। प्रदर्शनकारियों का लक्ष्य उस कानूनी रुकावट को तोड़ना है जो देश में लंबे समय से बंदूकों की बिक्री पर प्रतिबंध के प्रयासों की राह में रोड़ा बना हुआ है। देश में स्कूलों और कॉलेजों में आए दिन समूह पर गोलीबारी होना आम बात हो गई है।
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25 March 2018इजरायल के खिलाफ निंदा प्रस्तावों से भड़के अमेरिका ने एक बार फिर जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की मानवाधिकार परिषद से बाहर निकलने धमकी दी है। शनिवार को अमेरिका ने कहा कि उसका धैर्य अब जवाब दे रहा है। मानवाधिकार परिषद ने उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया की निंदा के लिए तीन-तीन प्रस्ताव पारित किए जबकि इजरायल के खिलाफ पांच प्रस्ताव पारित किया। ये प्रस्ताव इस्लामिक सहयोग संगठन के सदस्यों ने परिषद के 'एजेंडा आइटम 7' के तहत पेश किए थे जो इजरायल के लिए चिंताजनक है। यूएन में अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने कहा, 'परिषद ने इजरायल के खिलाफ पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया है। उत्तर कोरिया, ईरान और सीरिया के मुकाबले इजरायल से अधिक बुरा बर्ताव कर परिषद खुद अपनी ही हंसी उड़ा रहा है। हमारा धैर्य असीमित नहीं है। संगठन के कदम से साबित हो गया कि यह अब अपनी साख खो चुका है।'
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24 March 2018राजस्थान के पोखरण में गुरुवार सुबह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का स्वदेशी सीकर के साथ सफल परीक्षण किया गया। यह सीकर डीआरडीओ और ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा मिलकर विकसित किया गया है। मिसाइल के इस परीक्षण के दौरान पोखरण में डीआरडीओ के अधिकारियों के अलावा भारतीय सेना और ब्रह्मोस के अधिकारी भी मौजूद थे। टेस्ट के दौरान सटीक हमला करने में माहिर इस हथियार ने पहले तय टार्गेट पर पिन पॉइंट निशाना लगाया। इससे पहले इस मिसाइल को पहली बार पिछले साल नवंबर में फायटर जेट सुखोई-30 एमकेआई से दागा गया था। भारत सरकार इस मिसाइल को सुखोई में लगाने के लिए काम शुरू कर चुकी है और अगले तीन सालों में कुल 40 सुखोई विमान ब्रह्मोस मिसाइल से लैस हो जाएंगे। माना जा रहा है कि सुखोई में ब्रह्मोस फिट होने से क्षेत्र में एयरफोर्स की ताकत काफी बढ़ जाएगी।
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22 March 2018रूस में रविवार को राष्ट्रपति पद का चुनाव होना है। रूसी मतदाता राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक और कार्यकाल का मौका देने को तैयार दिख रहे हैं। वह पुतिन को पश्चिम के देशों के खिलाफ खड़े होने का श्रेय देते हैं। जबकि पश्चिमी देश पुतिन को खतरनाक तानाशाह के रूप में देखते हैं। यह चुनाव ऐसे समय में हो रहा है जब रूस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सीरिया युद्ध और पूर्व रूसी जासूस को जहर देने के मामले में ब्रिटेन के साथ तनाव में उलझा हुआ है। चुनाव सर्वेक्षणों के मुताबिक, 65 वर्षीय पुतिन को शानदार बढ़त है। इस जीत के साथ वह छह साल के एक और कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति बन जाएंगे। इस तरह सत्ता में उनका करीब 25 वर्ष पूरा हो जाएगा। ऐसा करने वाले वह जोसेफ स्टालिन के बाद दूसरे रूसी नेता होंगे। चुनाव प्रचार के दौरान पुतिन ने खुद को शत्रु दुनिया में रूस के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने वाला एकमात्र व्यक्ति बताया है। उनके समर्थक सीरिया में रूस के सैन्य दखल और 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र पर कब्जे को पुतिन की देशभक्ति का प्रमाण मानते हैं। नौ मार्च के चुनाव सर्वेक्षण में पुतिन को 69 फीसद मिले थे। जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार पावेल ग्रुदिनिन को केवल सात फीसद मिले थे। कम मतदान कर सकता है प्रभावित माना जा रहा है कि कम मतदान पुतिन के मुश्किल पैदा कर सकता है। इसके अलावा पुतिन विरोधी रूसी अल्पसंख्यक उनके खिलाफ मतदान के लिए उतर गए तो उसका भी असर पड़ सकता है। कम मतदान से सत्तारूढ़ दल के भीतर पुतिन के कद को नुकसान पहुंचा सकता है।
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15 March 2018वाशिंगटन से खबर है कि अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच तनाव कम होने लगा है और बातचीत के रास्ते खुलने लगे हैं। खबर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने बातचीत के लिए कहा है और दोनों की मई तक मुलाकात हो सकती है। ट्रंप ने इस मुलाकात के लिए सहमति जता दी है। इस बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने शुक्रवार को मीडिया के सामने आकर कहा कि दक्षिण कोरिया, नॉर्थ कोरिया को लेकर एक बड़ा ऐलान करने वाला है। ट्रंप ने यह बात व्हाइट हाउस में जारी मीडिया ब्रिफिंग में आकर उन्होंने कम शब्दों में कहा कि दक्षिण कोरिया बड़ी घोषणा करने वाला है। जब उनसे पूछा गया कि यह घोषणा क्या होगी तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि उत्तर कोरिया को लेकर यह घोषणा होगी। ट्रंप के इस बयान के बाद अब पूरी दुनिया की नजरें उत्तर और दक्षिण कोरिया पर टिकीं हुईं हैं।
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9 March 2018श्रीलंका में बौद्धों की भीड़ ने अल्पसंख्यक मुसलमानों की मस्जिदों और दुकानों पर मंगलवार रात हमले किए। देश में शांति कायम करने के लिए लगाए गए आपातकाल के बावजूद ये हमले हुए। पुलिस ने बताया कि कैंडी में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू है। लेकिन मंगलवार रात हिंसा की कई घटनाएं हुईं। इनमें तीन पुलिस अधिकारी घायल हो गए। लेकिन घायल नागरिकों की संख्या का पता नहीं चल पाया। कैंडी में मुसलमानों के साथ झगड़े में बौद्ध युवक की मौत के बाद रविवार रात से हिंसा शुरू हुई और श्रीलंका के कई हिस्सों में फैल गई। हिंसा पर काबू पाने के लिए राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरीसेन ने मंगलवार को सात दिनों के आपातकाल की घोषणा की। श्रीलंका के वरिष्ठ मंत्री शरत अमुनुगामा ने कहा कि कैंडी में ताजा हिंसा क्षेत्र से बाहर के लोगों ने शुरू की है। श्रीलंका में साल भर से बौद्ध और मुस्लिम समुदाय के बीच तनाव बढ़ रहा था। बौद्धों का आरोप है कि मुसलमान लोगों को जबरन इस्लाम कुबूल करवा रहे हैं और बौद्ध पुरातात्विक स्थलों को तोड़ रहे हैं। कुछ बौद्ध राष्ट्रवादी म्यांमार से आए रोहिंग्या मुसलमानों को श्रीलंका में शरण देने का भी विरोध कर रहे हैं।
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7 March 2018खबर काठमांडू से । सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली गुरुवार को दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने। नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने 65 वर्षीय ओली को देश का 41वां प्रधानमंत्री नियुक्त किया। करीब दो महीने पहले ऐतिहासिक संसदीय और स्थानीय चुनावों में वाम गठबंधन ने सत्तारूढ़ नेपाली कांग्रेस को भारी शिकस्त दी थी। नवनियुक्त नेपाली प्रधानमंत्री ओली चीन समर्थक माने जाते हैं। वह 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। प्रधानमंत्री पद के लिए ओली की उम्मीदवारी का यूसीपीएन-माओवादी, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी नेपाल और मधेशी राइट्स फोरम-डेमोक्रेटिक के अलावा 13 अन्य छोटे दलों ने समर्थन किया। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने राष्ट्र को संबोधित किया और राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंप दिया। देउबा पिछले साल छह जून को वाम गठबंधन का हिस्सा सीपीएन (माओवादी सेंटर) के समर्थन से प्रधानमंत्री चुने गए थे। गौरतलब है कि ओली के नेतृत्व वाले सीपीएन-यूएमएल और प्रचंड के नेतृत्व वाले सीपीएन-माओवादी सेंटर के वाम गठबंधन ने संसद की 275 सीटों में 174 सीटों पर जीत दर्ज की। उसने संसद के उच्च सदन की 59 सीटों में 39 सीटें हासिल कीं। इस ऐतिहासिक प्रांतीय और संसदीय चुनाव के बाद लोगों को नेपाल में राजनीतिक स्थिरता की उम्मीद है।
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16 February 2018वाशिंगटन में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटिव्स ने यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार से जुड़ा विधेयक पास कर दिया है।यह कदम सोशल मीडिया मूवमेंट ‘मी टू’ और सांसदों पर इस मामले में आरोपों को देखते हुए उठाया गया है।
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8 February 2018अमेरिका में फ्लू का कहर जारी है। जनवरी के अंतिम हफ्ते में ही करीब 16 बच्चों की जान जा चुकी है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल(सीडीसी) के मुताबिक फ्लू से मरने वालों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है। प्रत्येक एक लाख की जनसंख्या में करीब 51 लोग फ्लू से पीड़ित हैं। इससे पहले 2014-2015 में फ्लू के फैलने से 710,000 लोग अस्पताल में भर्ती कराए गए थे। 148 लोगों की जान गई थी। इंफ्लूएंजा ए (एच3एन) से ज्यादा बुजुर्ग और बच्चे प्रभावित हैं। सीडीसी के डॉ. एने सूशा ने कहा, 'हमें आशंका है कि इस बार के परिणाम 2014-2015 से ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं।' मालूम हो कि पिछले दस हफ्ते में फ्लू बीमारी अमेरिका के 48 राज्यों में फैल चुकी है। सीडीसी ने लोगों को सलाह दी है कि जो फ्लू से पीड़ित हैं, वे घर में ही रहें जिससे संक्रमण दूसरों में ना फैले। इसके अतिरिक्त सभी लगातार हाथ धोएं और खांसते व छींकते समय मुंह ढक कर रखें। जिन्होंने अब तक फ्लू का टीका नहीं लगवाया है, वे जल्द से जल्द टीका लगवा लें।
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3 February 2018अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तल्ख तेवर और नाटो गठबंधन के व्यापक सैन्य अभियान के बावजूद अफगानिस्तान में तालिबान लगातार अपने पैर पसारता जा रहा है। बीबीसी द्वारा जारी किए गए सर्वे के मुताबिक देश के 70 फीसद हिस्से पर खुले तौर पर तालीबान सक्रिय है। इसमें भी चार फीसद इलाका ही पूरी तरह उसके कब्जे में है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) की मौजूदगी भी देश के 30 जिलों में पाई गई है, लेकिन इसमें से कोई भी जिला पूरी तरह उसके नियंत्रण में नहीं है। बीबीसी की ओर से किया गया यह अध्ययन अफगानिस्तान के सभी जिलों में 1200 से ज्यादा लोगों से की गई बातचीत पर आधारित है। इस आकलन में नाटो के अनुमान से ज्यादा इलाके में तालिबान की मौजूदगी पाई गई है। नाटो के मुताबिक अक्टूबर, 2017 तक अफगानिस्तान के 407 जिलों में से महज 44 फीसद ही तालिबान के प्रभाव या कब्जे में हैं। बीबीसी के अनुसार, अफगान सरकार का 122 जिलों या देश के करीब 30 फीसद हिस्से पर नियंत्रण है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है कि काबुल और दूसरे कई बड़े शहर आतंकी हमलों से प्रभावित हैं। हमलों को करीब के इलाकों या स्लीपर सेल द्वारा अंजाम दिया जाता है। पिछले कुछ दिनों से काबुल में कई आतंकी हमले हुए। तालिबान ने 20 जनवरी को काबुल के इंटरकॉन्टिनेंटल होटल को निशाना बनाया था। इसमें 25 लोग मारे गए थे। इसके बाद 27 जनवरी को शहर पर आत्मघाती हमला किया था। इसमें 100 से ज्यादा लोगों की जान गई थी।
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1 February 2018लॉस एंजिलिस में बच्चों और महिलाओं के हितों की बात करने वाली मशहूर हॉलीवुड सुपरस्टार और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी मानवाधिकार की गुडविल एंबैसेडर एंजेलिना जोली ने नाटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रिटी ऑर्गनाइजेशन) मुख्यालय का दौरा कर युद्धग्रस्त इलाकों में यौन हिंसा पर चिंता जताई है। नाटो के प्रतिनिधियों और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के साथ आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस की बैठक में जोली ने कहा, युद्ध प्रभावित इलाकों में महिलाओं और बच्चो के साथ हो रहे यौन हिंसा के खिलाफ लड़ाई पर ध्यान केंद्रित करना होगा। एंजेलिना ने चिंता जताते हुए कहा कि संकटग्रस्त इलाकों में महिलाओं और बच्चों के साथ हिंसा खासकर यौन हिंसा काफी बढ़ रही है। इन क्षेत्रों में रेप एक तरह से सैन्य और राजनीतिक लक्ष्य को प्राप्त करने का हथियार बन गया है। ऐसे हालात युवक-युवतियों और महिलाओं- लड़कियों को बुरी तरह से प्रभावित कर रहे हैं। जोली ने उम्मीद जताई कि संयुक्त राष्ट्र की तरफ से उनके लिए अच्छे प्रशिक्षण, रिपोर्टिंग, मॉनीटरिंग और जागरुकता के लिए अभियान चलाया जाएगा। इससे संकटग्रस्त इलाकों में समस्याओं का सामना कर रहे महिलाओं और बच्चों के लिए बेहतर रास्ता तैयार होगा। नाटो सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि जोली महिलाओं को सशक्त बनाने और यौन हिंसा के खिलाफ लड़ाई के लिए हमेशा से एक मजबूत आवाज बन कर उभरी हैं। वे अपने महान नेतृत्व क्षमता के कारण एकदम सही प्रवक्ता हैं।
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1 February 2018शहीद-ए-आजम भगत सिंह को पाकिस्तान का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार "निशान-ए-हैदर" मिलना चाहिए। साथ ही लाहौर के शादमान चौक पर उनकी एक प्रतिमा लगाई जानी चाहिए। यह मांग पाकिस्तान के एक संगठन की ओर से की गई है। यह संगठन स्वतंत्रता के इस महान सेनानी को कोर्ट में निर्दोष साबित करने के लिए काम कर रहा है। शहीद भगत सिंह को दो अन्य स्वतंत्रता सेनानियों राजगुरु और सुखदेव के साथ 23 मार्च, 1931 को 23 साल की उम्र में लाहौर में फांसी दी गई थी। इन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ षड्यंत्र रचा और ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन पी सांडर्स की हत्या की। पाकिस्तान की पंजाब प्रांत की सरकार को दी अपनी ताजा अर्जी में भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन ने कहा है कि भगत सिंह ने उपमहाद्वीप की स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया था। याचिका के अनुसार, "पाकिस्तान के संस्थापक कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना ने भगत सिंह को यह कहते हुए श्रद्धांजलि दी थी कि उपमहाद्वीप में उनके जैसा कोई वीर शख्स नहीं हुआ है। भगत सिंह हमारे नायक हैं। वह मेजर अजीज भट्टी की तरह ही सर्वोच्च वीरता पुरस्कार (निशान-ए-हैदर) पाने के हकदार हैं, जिन्होंने भगत सिंह को हमारा नायक तथा आदर्श घोषित किया था।" फाउंडेशन ने शादमान चौक का नाम भगत सिंह चौक करने की भी मांग की। फाउंडेशन ने कहा, "पंजाब सरकार को इसमें और विलंब नहीं करना चाहिए। जो देश अपने नायकों को भुला देते हैं, वे धरती से गलत शब्दों की तरह मिट गए हैं।"
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20 January 2018जम्मू संभाग में अंतर्राष्ट्रीय सीमा से लेकर नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान की ओर से गोलाबारी जारी है। पाकिस्तान कई चौकियों और रिहायशी इलाकों को निशाना बना रहा है। इसमें एक जवान शहीद हुआ है साथ ही दो और लोगों की मौत हो गई जबकि एक दर्जन के करीब लोग घायल हो गए। इसे मिलाकर अब तक तीन जवानों सहित आठ की मौत हो चुकी है। पैंतीस के करीब लोग घायल हो गए हैं। वहीं अखनूर सेक्टर में भी सभी स्कूलों को बंद कर दिया है। सीमावर्ती क्षेत्रों से लोगों का पलायन जारी है। गोलाबारी में कई जानवर भी मारे गए हैं। पाकिस्तान ने पूरी रात गोलाबारी जार रखी। शनिवार की सुबह अरनिया सेक्टर में कुछ देर के लिए गोलाबारी जरूर थमी लेकिन जैसे ही कुछ लोगों ने गांवों का रुख किया। फिर से गोलाबारी शुरू हो गई। वहीं रामगढ़ सेक्टर में दो लोगों की मौत हो गई। सुबह करीब साढ़े नौ बजे कपूरपुर में पंद्रह साल के किशोर गारा राम निवासी कपूरपुर की मौत हो गई। इसी जगह पर दो अन्य लोग भी घायल हुए हैं। इसी सेक्टर में दोपहर करीब बार बजे गार सिंह पुत्र खुशविंद्र सिंह की भी गोलाबारी में मौत हो गई। इसमें पांच अन्य लोग घायल भी हो गए। घायलों की पहचान अठारह वर्षीय शीतल, पांच वर्षीय जैमल सिंह, तीस वर्षीय सोनी देवी, चालीस वर्षीय मुंशी राम और बीस साल के विनोद कुमार के रूप में हुई है। पांचों घायल सुचेतगढ़ के रहने वाले हैं। वहीं अखनूर सेक्टर के कानाचक्क में एसएसबी का एक जवान लालू राम पुत्र सिया राम निवासी उत्तर प्रदेश घायल हो गया। कानाचक्क में ही पैंतीस वर्षीय बिल्लु पुत्र मनसा और राधा कृष्ण पुत्र बंसी दास भी घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। अखनूर सेक्टर के परगवाल, गडखाल व अन्य क्षेत्रों को सुरक्षा के लिहाज से सील किया गया है। गोलाबारी को देखते हुए किसी को भी जाने की अनुमति नहीं है। प्रशासन ने इस क्षेत्र में सभी स्कूलों को बंद कर दिया है। वहीं सीमावर्ती क्षेत्रों से लोगों का पलायन जारी है। अरनिया, सई खुर्द, पिंडी चाढ़का, त्रेवा, चक्क गोरिया, चंगिया, चानना, जबोबाल, चक्क् जंदराल, कोटली काजिया सहित कई गांवों से लोगों ने पलायन कर दिया है। इससे पहले शुक्रवार को पाकिस्तान द्वारा किए गए संघर्ष विराम उल्लंघन में 22 नागरिक घायल हो गए थे वहीं भारतीय सेना का एक जवान भी शहीद हुआ था। हालांकि, भारतीय सेना ने इसका करार जवाब दिया था और जवाबी कार्रवाई में सीमा पार भारी नुकसान की सूचना है। पाकिस्तान ने शुक्रवार को 50 से ज्यादा चौकियों व 100 से अधिक गांवों पर जमकर मोर्टार दागे। अंतरराष्ट्रीय सीमा से पुंछ में नियंत्रण रेखा तक 18 सेक्टरों में पाकिस्तान की ओर से की जा रही भारी गोलाबारी से युद्ध जैसे हालात बन गए। इलाके में तनाव का माहौल है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
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20 January 2018फिलीपींस के लेगाजपी शहर में ज्वालामुखी से लावा निकलना शुरू हो गया है। इसे लेकर स्थानीय प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। फिलीपीन इंस्टीट्यूट ऑफ वॉल्केनोलॉजी एंड सिस्मोलॉजी ने मंगलवार को कहा कि माउंट मेयोन से लावा निकलना शुरू हो गया है, जोकि क्रेटर से दो किलोमीटर तक फैल चुका है और उससे निकलने वाली राख आसपास के गांवों तक पहुंचने लगी है। वैज्ञानिकों की मानें तो ज्वालामुखी से निकलने वाला लावा और जहरीला धुंआ लोगों की सेहत के लिए काफी नुकसानदायक है। लावा निकलने की वजह से आसपास के इलाके से 15 हजार लोग सुरक्षित स्थानों पर चले गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने अलर्ट लेवल तीन पर रखा है। ऐसे में खतरा अभी टला नहीं है और आने वाले दिनों में इस ज्वालामुखी में विस्फोट होने की आशंका है। जिस स्थान पर लावा फूटना शुरू हुआ है, वो फिलीपींस की राजधानी मनीला से 340 किलोमीटर दूर एलबे प्रांत में है। पिछले पांच सौ सालों में ये ज्वालामुखी पचास बार फूट चुका है। 2013 में पांच पर्वतारोहियों की इसकी चपेट में आने से मौत हो गई थी। फिलीपींस में ऐसे ही 23 ज्वालामुखी सक्रिय हैं। इतिहास में सबसे बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट 1991 में हुआ था, जिसमें 850 लोगों की मृत्यु हो गई थी। ज्वालामुखी विस्फोट में लाखों लोगों से अधिक बेघर भी हुए थे।
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16 January 2018अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में अमेरिकी सेना द्वारा किए गए ड्रोन हमले में 17 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। कि मारे गए आतंकी इस्लामिक स्टेट के हैं, जो अफगानिस्तान में अपनी जड़ें मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हुए थे। ये हमला रविवार को प्रांत के हास्का मीना और अचिन जिले में किया गया। 17 आतंकियों में से हसाका मीना में 14 आईएस आतंकी, जबकि अचिन में 3 आईएस आतंकी मारे गए। एक अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही के कुछ महीनों में अफगानिस्तान के हालात काफी बिगड़े हैं। नांगरहार प्रांत में अमेरिकी सुरक्षाबलों के साथ ही नाटो सेना पर भी लगातार हमले हो रहे हैं। इस इलाके में आईएस अपने को मजबूत करना चाह रहा है। यहां अमेरिकी सुरक्षाबल आतंकवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में अफगान सेना को ट्रेनिंग देने के साथ ही अभियान में भी मदद कर रहे हैं।
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15 January 2018वेनेजुएला इन दिनों खाद्य पदार्थों की भारी किल्लत से जूझ रहा है। हालात यह है कि भूखे लोग दुकानों को लूट रहे हैं। जानवरों का शिकार कर रहे हैं। बीते दो दिनों लूटपाट की घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई। 15 घायल हैं। इस तेल समृद्ध देश में खाना लूटने को लेकर भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर छह हो चुकी है। बीते दिसंबर से वेनेजुएला में खाने की चीजों का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। विपक्षी पार्टी के सांसद कार्लोस पैपरोनी ने बताया कि पश्चिमी वेनेजुएला के अपरेय शहर में लुटेरों ने कई दिनों तक दुकानों और भंडारों को निशाना बनाया। वेनेजुएला की आर्थिक हालत खस्ता है। तेल के घटते दाम, बढ़ती मुद्रास्फीति और भ्रष्टाचार ने देश को काफी नुकसान पहुंचाया है। बीते बुधवार को एक ट्रक में आटा और मुर्गों को लेकर जा रहे 19 साल के युवक को लुटेरों ने गोली मार दी और सारा सामान लूट लिया। यह घटना गुआनारे की है। एक रिपोर्ट के अनुसार वेनेजुएला के लगभग 82 फीसद निवासी गरीबी में जी रहे हैं। इनमें भी 51 प्रतिशत लोग तो ठीक से अपना पेट भी नहीं भर पाते हैं। हालांकि सरकार इस आंकड़े से सहमत नहीं है। कच्चे तेल के दाम में तेजी से हुई गिरावट के बाद से ही वेनेजुएला का आर्थिक संकट गहराता चला गया। स्थिति यह है कि देश का प्रशासनिक तंत्र ध्वस्त हो चुका है। राष्ट्रपति निकोलस मादुरो हालात को नियंत्रित कर पाने में बुरी तरह विफल रहे हैं।
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13 January 2018कैरेबियन आइलैंड में भीषण भूकंप आया है। यूएस जियोलॉजीकल सर्वे के अनुसार रिक्टर स्कैल पर इसकी तीव्रता 7.8 मापी गई है। यह भूकंप जमाइका के पश्चिम में स्थित होंडरस तट के करीब आया है। भूकंप का केंद्र 10 किमी की गहराई में बताया गया है। इस तेज भूकंप के बाद फिलहाल अभी तक किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है लेकिन सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई है। नेशनल सुनामी वॉर्निंग सेंटर के अनुसार सुनामी की लहरें तीन फीट ऊंची हो सकती है और इसकी चपेट में क्यूबा, होंडरस, जमाइका और मैक्सिको आ सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार अमेरिका के वर्जिन आइलैंड और प्यूर्टो रिको भी सुनामी की जद में हैं।
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10 January 2018पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत की असेंबली के पास मंगलवार को आत्मघाती हमले में चार पुलिसकर्मियों सहित छह लोगों की मौत हो गई। 18 लोग घायल हुए हैं। उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने ली है। धमाके के कुछ घंटे पहले ही राजनीतिक अस्थिरता के कारण प्रांत के मुख्यमंत्री सनाउल्ला जहीरी ने अपने पद से इस्तीफा दिया था। असेंबली के सत्र के मद्देनजर इस इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात था। जानकारी के अनुसार, मोटरसाइकिल पर सवार एक आत्मघाती हमलावर क्वेटा के उच्च सुरक्षा वाले रेड जोन इलाके जरघून रोड में फ्रंटियर कांस्टेबुलरी ट्रक में घुस गया और विस्फोट कर दिया। विस्फोटस्थल प्रांतीय असेंबली की इमारत से मात्र 300 मीटर ही दूर है। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सनाउल्ला जहीरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए मंगलवार को असेंबली का विशेष अधिवेशन बुलाया गया था, लेकिन उनके इस्तीफे के बाद इसे टाल दिया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "साफतौर पर यह आतंकी घटना है, लेकिन हम अभी यह पता लगा रहे हैं कि क्या यह आत्मघाती हमला ही था?" क्वेटा के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी फारूक अतीक ने इस बात की पुष्टि की कि पुलिस वाहन को निशाना बनाकर धमाका किया गया था। उनका कहना है कि चूंकि बचाव अभियान अभी चल रहा है, इसलिए हताहतों की संख्या बढ़ सकती है। अस्पताल के सूत्रों ने भी छह लोगों की मौत की पुष्टि की है।
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10 January 2018अमेरिका की तरह चीन भी बर्फीले तूफान की चपेट में आ गया है। पूर्वी चीन के अनहुई प्रांत में बर्फीले तूफान की वजह से पिछले तीन दिनों में 13 लोगों की मौत हो गई। यह वर्ष 2008 के बाद से अब तक का सबसे भयंकर बर्फीला तूफान है। तूफान में अभी तक इस प्रांत के करीब 10 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। तूफान से अर्थव्यवस्था को प्रत्यक्ष तौर पर 19 करोड़ डॉलर का नुकसान पहुंचा है और कृषि क्षेत्र को 12 करोड़ 20 लाख डॉलर का नुकसान हुआ है। अनहुई के अलावा हेनान, हुबेइ, हुनान, जिआंग्सु और शांक्सी प्रांतों में भी भारी बर्फबारी हुई है। राजधानी हेफेइ समेत नौ शहरों ने बर्फबारी के कारण इमरजेंसी की घोषणा की है। चीन के साथ ही अमेरिका और यूरोप में भी तूफान ने तबाही मचा रखी है। एक तरफ बॉम्ब चक्रवात ने अमेरिका के पूर्वी तट पर कहर बरपाया तो वहीं यूरोप में एलेनर तूफान ने मुश्किलें बढ़ा रखी हैं।
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6 January 2018पत्रकार माइकल वॉल्फ की किताब में जि़क्र डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते थे। वहीं पत्नी मेलानिया को जब अपने पति की अचंभित करने वाली जीत का पता चला तो वह रोने लगीं थीं। इसका जिक्र अमेरिकी पत्रकार माइकल वॉल्फ ने अपनी पुस्तक 'फायर एंड फ्यूरीः इनसाइड द ट्रंप व्हाइट हाउस' में किया है। पुस्तक के अनुसार ट्रंप ने चुनाव अभियान की शुरुआत में ही अपने सहयोगी सैम ननबर्ग को बता दिया था कि उनका अंतिम लक्ष्य कभी चुनाव जीतना नहीं रहा। हालांकि वह दुनिया के सबसे मशहूर शख्स बन सकते हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने लंबे समय के दोस्त फॉक्स न्यूज के पूर्व प्रमुख रोजर एलायस से मजाकिया लहजे में कहा था कि अगर टेलीविजन के क्षेत्र में कॅरियर बनाना चाहते हो तो पहले राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ो। किताब में कहा गया है, 'जूनियर ट्रंप ने अपने एक दोस्त को बताया था कि चुनाव परिणाम की रात आठ बजे के बाद जब अप्रत्याशित रुझानों ने ट्रंप की जीत की पुष्टि कर दी तो कि उनके पिता ऐसे लग रहे थे जैसे उन्होंने भूत देख लिया हो। मेलानिया खुश होने की बजाय रो रही थीं।' एच1बी वीजा के समर्थन में थेः अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव जीतने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय पेशेवरों में लोकप्रिय एच1बी का समर्थन किया था। उन्होंने 14 दिसंबर 2016 को आइटी क्षेत्र के दिग्गजों के साथ बैठक में माना था कि उनकी कंपनियों के लिए एच1बी वीजा काफी अहम है। माइकल वॉल्फ की पुस्तक में बताया गया है कि डोनाल्ड टं्रप के अपने दोस्तों की पत्नियों के साथ करीबी संबंध थे। डेली मेल में छपी किताब के अंश के अनुसार ट्रंप मित्रों की बीवियों की हमदर्दी हासिल कर उनके पास जाते थे। यह वह समय होता था, जब ट्रंप के दोस्त अपने घर पर नहीं होते थे।फिर वह अपने दोस्तों से फोन को स्पीकर पर रख बात करते थे। इसमें तमाम तरह की अश्लील बातें होती थीं। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने पुस्तक की बातों को खारिज किया है। सैंडर्स ने कहा कि यह किताब झूठ से भरी है | इसमें उन लोगों के हवाले से भ्रामक तथ्य रखे गए हैं जिनकी व्हाइट हाउस तक पहुंच ही नहीं थी। ज्ञात हो कि पुस्तक अगले सप्ताह आने वाली है।
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4 January 2018अमेरिकी सरकार पाकिस्तान को दी जाने वाली 25.5 करोड़ डॉलर (1628 करोड़ रुपए) की आर्थिक सहायता रोकने पर गंभीरता से विचार कर रही है। आतंकी पनाहगाहों पर पाकिस्तान के कोई कड़ी कार्रवाई न करने से क्षुब्ध अमेरिकी सरकार सहायता रोकने के विकल्प पर विचार कर रही है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, अमेरिकी सरकार में चर्चा शुरू हो गई है कि जब पाकिस्तान आतंकवाद निरोधी अभियान में सहयोग नहीं कर रहा तो उसे क्यों सहायता दी जाए। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बाबत पहले ही चेतावनी दे चुके हैं। वह आतंकवाद के खिलाफ मुहिम में सहयोग न करने वालों को दंडित करने की बात भी कह चुके हैं। अखबार ने लिखा है कि अमेरिका और पाकिस्तान की लंबे समय की दोस्ती में तब ठंडापन आ गया जब राष्ट्रपति ट्रंप ने उस पर आतंक, हिंसा और अराजकता फैलाने वालों को सुरक्षित पनाह देने का आरोप लगाया। इसी के बाद आतंकवाद से लड़ाई के लिए सन 2002 से पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर (दो लाख दस हजार करोड़ रुपए) की सहायता मुहैया कराने वाले अमेरिका ने ताजा मदद को रोकने पर विचार शुरू किया है। हाल ही में अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने पाकिस्तान यात्रा में वहां की सरकार और सेना से आतंकवाद निरोधी मुहिम में ज्यादा प्रभावी कार्रवाई करने की अपेक्षा जताई थी। चंद रोज पहले अमेरिकी उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने अफगानिस्तान में कहा था कि उनकी सरकार पाकिस्तान पर कड़ी नजर रखे हुए है। अखबार के अनुसार सरकार के वरिष्ठ अधिकारी जल्द ही इस बाबत बैठक करके तय करेंगे कि पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता के संबंध में अंतिम फैसला क्या किया जाए।
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31 December 2017मिस्र के दक्षिणी काइरो में आतंकियों ने हेलवान सिटी की चर्च को निशाना बनाया है। आतंकियों की आंधाधुंध फायरिंग में अभी तक 10 लोगों के मारे जाने की खबर है। मारे जाने वालों में दो पुलिसकर्मी भी हैं। पुलिस की जवाबी फायरिंग में एक आतंकी मारा गया है। फायरिंग के दौरान दूसरा आतंकी बच कर भागने में कामयाब रहा। आतंकियों ने हेलवान सिटी की मार मीना चर्च पर फायरिंग की। मिस्र के अधिकारियों के अनुसार आतंकियों ने चर्च के बाहर ड्यूटी में लगे सुरक्षाबलों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरु कर दी जिसमें दो पुलिसकर्मी मारे गए। अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। यह हमला नए साल पर आगामी 7 जनवरी को चर्च पर होने वाले समारोह से पहले हुआ है। मिस्र एक मुस्लिम बहुसंख्यक देश है। यहां ईसाई अल्पसंख्यक हैं। इनकी आबादी लगभग 10 प्रतिशत है। जिसमें से अधिकांश ईसाई कॉप्टिक रूढ़िवादी चर्च से संबंधित हैं। बता दें कि अप्रैल में यहां की सेंट जॉर्ज चर्च पर हुए आत्मघाती हमले में 45 लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ने ली थी।
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30 December 2017अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में हुए एक आत्मघाती हमले में 40 लोगों की मौत हो गई है जबकि 30 लोग घायल हो गए हैं। टोलो न्यूज के मुताबिक आत्मघाती हमलावर ने पीडी6 इलाके में तेबीयन केंद्र के दरवाजे पर विस्फोट किया है। बताया जा रहा है कि राजधानी काबुल में एक शिया सांस्कृतिक और धार्मिक संगठन में आत्मघाती हमला हुआ है। घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पतला में भर्ती कराया गया है। अस्पताल के डॉक्टर्स का कहना है कि कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं और मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है। हालांकि अभी किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही काबुल में अब्दुल्हाक स्क्वायर के नजदीक राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय (एनडीएस) के कार्यालय के पास आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ा दिया। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी समूह आईएस ने ली थी। यह हमला तब किया गया जब लोग दफ्तर से अपने घरों को लौट रहे थे। एक हफ्ते पहले ही आतंकियों ने काबुल स्थित एनडीएस के प्रशिक्षण केंद्र को उड़ाने की कोशिश भी की थी। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नजीब दानिश ने बताया कि धमाके के वक्त पास से गुजर रही टोयोटा कार में सवार नागरिकों की मौके पर ही मौत हो गई। कई लोग घायल भी हुए हैं। बताया जा रहा है कि हमले को एक नाबालिग आतंकी ने अंजाम दिया।
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28 December 2017पाकअधिकृत कश्मीर (पीओके) गिलगित-बल्टिस्तान में एक बार फिर पाकिस्तान के विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। वहां स्थानीय नागरिकों ने पाक सरकार पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने पाक सरकार द्वारा लागू कराधान को खारिज करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने गिलगित स्कार्दु समेत कई शहरों में बाजार व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रखे।
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24 December 2017इस्लामाबाद से खबर है कि पाकिस्तान ने इस बात को खारिज किया है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मां और पत्नी से अंतिम मुलाकात करेंगे। उसने कहा कि जाधव को तुरंत फांसी का खतरा नहीं है। गौरतलब है कि जाधव की मां और पत्नी सोमवार को पाकिस्तान में उनसे मुलाकात करेंगी। पाक विदेश विभाग के प्रवक्ता मुहम्मद फैजल ने कहा कि पाकिस्तान ने पूरी तरह मानवीय आधार पर मां और पत्नी को जाधव से मिलने की इजाजत दी है। परिवार से मिलने के बाद जाधव को फांसी पर लटकाने के सवाल का वह जवाब दे रहे थे। फैजल ने आश्वस्त किया कि जाधव को तुरंत फांसी देने की बात नहीं है। उनकी दया याचिका अभी लंबित है। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय में जाधव और उनके परिवार की मुलाकात होगी। पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग के एक राजनयिक को परिवार वालों से साथ जाने की इजाजत दी जाएगी। फैजल ने कहा कि पाकिस्तान जाधव की मां और पत्नी को मीडिया से बातचीत की इजाजत देने को तैयार है। इस बारे में भारत के फैसले का इंतजार है। 47 वर्षीय जाधव को पाक सैनिक अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में अप्रैल में सजा सुनाई है।
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21 December 2017मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज शिवपुरी जिले के कोलारस क्षेत्र के प्रवास के दौरान ग्राम रन्नौद की सहरिया जनजाति की बस्ती में अचानक पहुँचे। मुख्यमंत्री बस्ती में सहरिया परिवारों से मिले और उनकी समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री से मिलकर पुलकित हुई गिरजाबाई गिरजाबाई को मिलेगी 25 हजार रूपये की आर्थिक सहायता और बच्चे को पाँच सौ रूपये मासिक गिरजा बाई ने कभी सोचा भी नहीं था कि मुख्यमंत्री उसे मिलेंगे और बिना बताये ही उसकी समस्या को जानकर उसका समाधान भी कर देंगे। उसको कतई उम्मीद भी नहीं थी कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान कभी उसके पास आयेंगे और उसके बच्चे को दुलार भी करेंगे। शिवपुरी जिले के रन्नौद से कार द्वारा हेलीपेड के लिये लौटते समय मुख्यमंत्री श्री चौहान की नजर एक छोटे बच्चे को गोद में लिये एक ग्रामीण महिला पर पड़ी। उन्होंने तत्काल गाड़ी रूकवायी। वे उस ग्रामीण महिला के पास जा पहुँचे तथा उसके बच्चे को लाड़-प्यार किया। श्री चौहान को महिला की हालत देखकर उसकी परिस्थिति को भाँपने में देर नहीं लगी। उन्होंने मौके पर ही महिला को 25 हजार रूपये की एक मुश्त आर्थिक सहायता तथा बच्चे के पोषण के लिये प्रति माह पाँच सौ रूपये की विशेष आर्थिक सहायता देने के लिये कलेक्टर को निर्देशित किया। गाम डगपीपरी की गिरजाबाई पति स्वर्गीय श्री हरप्रसाद जाटव गुरूवार को श्री चौहान से मिलकर खुशी से फूली नहीं समायी। मुख्यमंत्री से मिले भाई-बहन के स्नेह से उसके अपने मायके की याद ताजा हो गयी। वह अपने घर परिवार को यह बताते नहीं अघाती कि प्रदेश के मुख्यमंत्री उसके भाई हैं, जिन्होंने बहन की चिंता कर उसकी समस्या का निदान किया जिसे वह जीवन भर नहीं भूलेगी। मुख्यमंत्री की सहजता देखकर वहाँ मौजूद लोग भी अचंभित हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सहरिया परिवारों से कहा कि वे जिस जमीन पर रह रहे हैं, उन्हें पट्टा देकर उसी जमीन का मालिक बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को इस बावत तुरंत कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सहरिया परिवारों की जमीन पर अगर अन्य लोगों ने कब्जा किया हुआ है, तो ऐसे कब्जे तत्काल हटवायें। मुख्यमंत्री ने सहरिया जनजाति के परिवारों को बताया कि उन्हें साग-भाजी और दूध खरीदने के लिये प्रति माह एक हजार रूपये की राशि परिवार की महिला सदस्य के बैंक खाते में जमा करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सहरिया जनजाति के परिवारों को एक रूपये प्रति किलो गेहूँ, चावल और नमक भी प्रदाय किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने सहरिया परिवारों से आग्रह किया कि अपने बच्चों को पढ़ने-लिखने के लिये स्कूल भेजें। इसके लिये राज्य सरकार सभी तरह की सहायता उपलब्ध करवाएगी। इस दौरान उन्होंने सहरिया बस्ती में हैण्डपंप लगाने के निर्देश भी दिये।
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21 December 2017गुरुग्राम में रेयान इंटरनेशनल स्कूल के दूसरी क्लास के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के मामले में बुधवार को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) ने बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि 16 साल के आरोपी छात्र पर बालिग की तरह केस चलेगा। यानी प्रद्युम्न की हत्या का आरोप अगर साबित होता है तो 16 साल के आरोपी को उम्र कैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है। जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने इस मामले में आरोपी छात्र को 22 नवंबर को कोर्ट में पेश करने को कहा है। इस मामले में सीबीआई और आरोपी छात्र के वकील की दलीलें सुनने के बाद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आठ दिसंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया। इस मामले में प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने न्यायपालिका का स्वागत करते हुए कहा कि-' मुझे पता था कि इंसाफ की लड़ाई लंबी चलेगी, मगर हम जरुर अपने बेटे को न्याय दिलाने में कामयाब होंगे, ताकि आगे किसी बच्चे के साथ ऐसा न हो।' बता दें कि प्रद्युम्न हत्याकांड में मामले की जांच करने के बाद सीबीआई ने 7 नवंबर को स्कूल के ही 11वीं कक्षा के छात्र को हिरासत में लिया था।
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21 December 2017इस्तांबुल में आर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोआपरेशन (ओआइसी) के शिखर सम्मेलन में मुस्लिम देशों ने अमेरिका के फैसले के विपरीत पूर्वी यरुशलम को फलस्तीन की राजधानी घोषित कर दिया है। सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यरुशलम को इजरायल की राजधानी की मान्यता देने के फैसले को मध्य-पूर्व शांति प्रक्रिया से अमेरिका का पीछे हटना बता रहा है। शिखर सम्मेलन का आयोजन तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने किया। तुर्की अमेरिका नीत नाटो का सदस्य देश है। बावजूद इसके यरुशलम के मुद्दे पर एर्दोगन ने अमेरिका की कड़ी आलोचना की है। शिखर सम्मेलन के लिए तैयार किए गए घोषणा पत्र के मसौदे में कहा गया है, '50 से अधिक मुस्लिम देशों के नेताओं, मंत्रियों और अधिकारियों ने पूर्वी यरुशलम को फलस्तीन की राजधानी घोषित किया है। सभी देशों को फलस्तीन और पूर्वी यरुशलम को देश और उसकी राजधानी के रूप में मान्यता देने के लिए आमंत्रित किया जाता है।' तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुट कावुसोगू ने मसौदे के घोषणा पत्र की एक प्रति ट्विटर पर साझा की है। उन्होंने ट्वीट किया, 'बैठक में अमेरिका के कदम को खारिज और कड़े शब्दों में निंदा की गई है।' इसमें बताया गया है कि अमेरिका का फैसला सभी शांति प्रयासों को कमजोर, चरमपंथ व आतंकवाद को बढ़ावा तथा अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरे को बढ़ावा देने वाला जानबूझकर उठाया गया कदम है।'
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14 December 2017गुरुवार को भारतीय नौसेना में डीजल से चलने वाली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को शामिल कर लिया गया। पिछले 17 सालों में ये पहली भारतीय सबमरीन है, जिसे नौसेना में शामिल किया गया है। स्कार्पीन क्लास की इस पहली पनडुब्बी में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसी वजह से इसकी मारक क्षमता काफी बढ़ गई है और इसे दुनिया में बेहतर माना जा रहा है। इसे मझगांव डॉक लिमिटेड ने बनाया है। इस पनडुब्बी की खासियतें जानकार आप हैरान हो जाएंगे। इसे समंदर में भारत का 'नया शार्क' कहा जा रहा है। आईएनएस कलवरी डीजल-इलेक्ट्रिक मोटर के दम पर चलती है और जैसे समंदर में शार्क अपने शिकार को बिना खबर लगे दबोच लेते ही। वैसे ही समुद्र के अंदर गहरे जाने वाली ये पनडुब्बी बिना शोर किए दुश्मन को तबाह करने की ताकत रखती है। आईएनएस कलवरी की कुल लंबाई 67.5 मीटर है, वहीं उसकी ऊंचाई 12 मीटर से ज्यादा है। आईएनएस कलवरी को DCNS( French Naval Defence And Energy Company) ने मझगांव डॉक लिमिटेड के साथ मिलकर तैयार किया है। पानी की अंदर इसकी ताकत को देखते हुए ही इसे कलवरी नाम दिया गया है। जिसे मलयालम में टाइगर शार्क कहा जाता है। पानी के भीतर इसकी तेजी, हमला करने की क्षमता गजब की है। कलवरी का ध्येय वाक्य है 'हमेशा आगे', जो ये बताने के लिए काफी है, इसे किस सोच के साथ तैयार किया गया है। भारतीय नौसेना में शामिल होने वाली 6 स्कार्पीन क्लास पनडुब्बी में से ये पहली है। भारत की दूसरी पनडुब्बियों से आईएनएस कलवरी कम शोर करती है और ये उन्नत तकनीक से लैस है। कलवरी में इंफ्रारेड और कम रोशनी में काम करने वाले कैमरे लगे हैं, जो समुद्र की सतह पर दुश्मन के जहाज को पकड़ने में माहिर हैं | आईएनएस कलवरी में दुश्मन को खोजने और उस पर हमला करने वाला पेरीस्कोप लगा है।कलवरी में एंटी- शिप मिसाइल और लंबी दूरी तर मार करने वाले टॉरपीडो भी लगे हुए हैं।
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14 December 2017मध्यप्रदेश के 28 खिलाड़ी शिखर सम्मान से अलंकृत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एकलव्य पुरस्कार विजेताओं को शासकीय नौकरी देने, अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं को बिना परीक्षा के पुलिस में उपनिरीक्षक, आरक्षक के पद पर नियुक्ति देने और अन्य शासकीय विभागों में भी ऐसी व्यवस्था करने की घोषणा की है। श्री चौहान आज भोपाल में मध्यप्रदेश शिखर खेल अलंकरण समारोह 2017 कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष श्री राजेन्द्र सिंह, विधायक, गणमान्य नागरिक, खेल प्रेमी और खिलाड़ी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिन्दगी खेल के बिना अधूरी है। राजनीति में खेल आ जाये तो चमत्कार होता है, लेकिन खेलों में राजनीति नहीं आनी चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जिस विजन के साथ राष्ट्र निर्माण का कार्य हो रहा है, उसमें 2020 के ओलंपिक में भारत पदकों का रिकार्ड बनायेगा। खेलों में देश में नया इतिहास रचा जा रहा है। मध्यप्रदेश भी इसमें अग्रणी रहेगा। मध्यप्रदेश के खिलाड़ियों के प्रदर्शन में यह दिख रहा है। भारत की महिला हॉकी टीम में आधे खिलाड़ी मध्यप्रदेश की हॉकी अकादमियों के हैं। अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रदेश के 80 खिलाड़ियों ने प्रतिभागिता की, जिनमें से 46 ने पदक प्राप्त किये। उन्होंने पालकों से कहा कि बच्चों को खेलने-कूदने और मस्ती करने का अवसर भी दें। जो बच्चे पढ़ना चाहते हैं और जो खेलना चाहते हैं, दोनों के साथ प्रदेश की सरकार है। मेधावी बच्चों की उच्च शिक्षा की फीस राज्य सरकार द्वारा भरवाये जाने की योजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि खेलने वाले बच्चों को भी पीछे नहीं रहने दिया जायेगा। बच्चे राज्य का भविष्य हैं, उनकी हर आवश्यकता को पूरा किया जाएगा। केन्द्रीय युवा कार्य एवं खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि कानून बनाकर केन्द्रीय सरकारी नौकरियों में खिलाड़ियों के लिये निर्धारित पदों के आरक्षण की व्यवस्था की जायेगी। खिलाड़ियों के लिये आरक्षित पद पर उम्मीदवार नहीं मिलने पर रिक्त पद अगले वर्ष की रिक्तियों में जोड़ दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि खेलों से संबंधित मोबाइल एप्लीकेशन भी तैयार किया जा रहा है जिसमें खेल मैदानों, अन्य सुविधाओं और प्रशिक्षकों की जानकारी उपलब्ध रहेगी। श्री राठौर ने कहा कि भारत सरकार खेलों इंडिया के विजन पर कार्य कर रही है। देश में पहली बार अंडर-17 की खेल प्रतियोगिताओं का विशाल टूर्नामेंट 31 जनवरी से 8 फरवरी 2018 तक आयोजित किया जायेगा। इस टूर्नामेंट में विभिन्न विद्यालयों, फेडरेशनों और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया की टीमें भाग लेंगी। खिलाड़ियों को समर्थन और संसाधन उपलब्ध कराने के लिये प्रथम चरण की स्पांसरशिप भी केन्द्र सरकार द्वारा दी जायेगी। हर वर्ष देश भर से एक हजार खिलाड़ियों को पांच लाख रुपये प्रति वर्ष के मान से आठ वर्ष की स्पांसरशिप दी जायेगी। विद्यालयों में आगामी ग्रीष्मावकाश से पूर्व आठ से चौदह वर्ष की उम्र की खेल प्रतिभाओं की खोज का कार्य भी किया जायेगा। उनकी शारीरिक क्षमताओं और दक्षताओं के आधार पर उनको उपयुक्त खेल का प्रशिक्षण दिया जायेगा। इसी तरह खेल प्रतिभाओं को खोजने वाले प्रशिक्षकों को भी उचित प्रोत्साहन और सम्मान दिये जाने की व्यवस्था भी की जा रही है ताकि पदक विजेता खिलाड़ी के प्रशिक्षक के लिये निर्धारित प्रोत्साहन राशि का बीस प्रतिशत हिस्सा प्रारंभिक कोच को मिले। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में खेलो इंडिया अभियान में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने के प्रयास किये जा रहे है। अच्छा इंजीनियर, अच्छा डॉक्टर और अच्छा नागरिक बनाने के लिये खेल आवश्यक हैं। टीम के लिये खेलने, गिर कर उठने और हार कर जीतने की शिक्षा खेल मैदान में ही मिलती है। ऐसे गुरुओं के सम्मान और गुरु-शिष्य की संस्कृति को पुनर्स्थापित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। श्री राठौड़ ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व की सराहना करते हुए बताया कि मध्यप्रदेश राज्य में ही उनकी विद्यालयीन और सैनिक शिक्षा संपन्न हुई है। खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि दिल और दिमाग में जीत हासिल करने का जज्बा ही जीत को पक्का करता है। पैरा ओलम्पियन खिलाड़ियों के जीवन संघर्ष का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों ने चुनौतियों का सामना संकल्प और कठोर परिश्रम से किया और सफलता प्राप्त की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने आज दो सौ करोड़ का बजट खेलों को उपलब्ध कराया है। इस अवसर पर रियो पैरा ओलम्पिक के पदक विजेताओं सुश्री दीपा मलिक को चालीस लाख रुपये, श्री देवेन्द्र झांझरिया को पचास लाख रुपये, मरियप्पन थंगावेलू को पचास लाख रुपये और वरुण सिंह भाटी को पच्चीस लाख रुपये तथा रियो ओलम्पिक-2016 में महिला कुश्ती में कांस्य पदक विजेता सुश्री साक्षी मलिक को पच्चीस लाख रुपये की सम्मान निधि से सम्मानित किया गया। भारतीय महिला हॉकी दल में मध्यप्रदेश राज्य महिला हॉकी अकादमी की सुश्री अनुराधा देवी, पी. सुशीला चानू, रेणुका यादव तथा एल. फैली को 5-5 लाख रुपये की सम्मान निधि दी गई। वर्ष 2017 के लिये एकलव्य, विक्रम एवं विभिन्न खेल पुरस्कारों के लिए प्रदेश के कुल 28 खिलाड़ियों को शिखर सम्मान से अलंकृत किया गया।
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5 December 2017टोक्यो से खबर है कि उत्तर कोरिया की ओर से एक और बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की तैयारियों चल रही है ,यह संकेत जापान को मिले हैं। जापान के सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को बताया, जापान को कुछ रेडियो सिग्नल प्राप्त हुए हैं जो उत्तर कोरिया द्वारा एक और बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण की संभावना की पुष्टि कर रहे हैं। हालांकि ये सिग्नल आम नहीं हैं और सैटेलाइट इमेज से किसी नई गतिविधि का पता नहीं चल रहा है। अप्रैल से एक माह में दो या तीन मिसाइलों की फायरिंग के बाद सितंबर में उत्तर कोरियाई मिसाइल लांचिंग रुक गयी जब प्योंगयांग द्वारा फायर किया गया रॉकेट जापान के उत्तरी होक्काइदो आइलैंड के ऊपर से गुजरा था। जापान की क्योदो न्यूज एजेंसी के अनुसार, रेडियो सिग्नल मिलते ही जापान सरकार अलर्ट हो गयी। इन रेडियो सिग्नल के अनुसार जल्द ही लांच होने वाला है। रिपोर्ट के अनुसार, ये सिग्नल उत्तर कोरियाई मिलिट्री द्वारा विंटर मिलिट्री ट्रेनिंग से संबंधित भी हो सकता है। दक्षिण कोरिया के न्यूज एजेंसी ने दक्षिण कोरिया के सरकारी सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया व जापान को भी संभावित मिसाइल लॉन्च के संकेत मिले हैं।
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28 November 2017खबर लाहौर से । 26/11 के मंबई हमलों के मास्टरमाइंड और मोस्ट वांटेंड आतंकी हाफिज सईद ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) से में याचिका दायर कर कहा है कि आतंकियों की लिस्ट से उसका नाम हटा दिया जाए। हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा की तरफ से यूएन में इस बाबत एक याचिका लगाई है, जिसे लाहौर की एक कानूनी फर्म के माध्यम से दायर किया गया है। आपको बता दें कि जमात-उद-दावा के सरगना सईद को संयुक्त राष्ट्र ने नवंबर 2008 में हुए मुबंई हमलों के बाद यूएनएससीटी 1267 (यूएन सिक्यॉरिटी काउंसिल रेजॉलूशन) के तहत दिसंबर 2008 में आतंकी घोषित किया था। हाफिज सईद को हाल ही में नजरबंदी से रिहाई मिली है। लश्कर सरगना हाफिज सईद के सिर पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर (64.50 करोड़ रुपया) का इनाम घोषित कर रखा है। हाफिज सईद जनवरी से नजरबंद था। पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार को उसे किसी दूसरे मामले में गिरफ्तार करने के बजाय रिहा करने का फैसला किया था। संयुक्त राष्ट्र लश्कर के मुखौटा संगठन जमात-उद-दावा को पहले ही प्रतिबंधित कर चुका है। सूत्रों ने बताया कि फ्रांस ने हाफिज सईद को आजाद करने के पाकिस्तान के कदम पर नाखुशी जताई है। फ्रांसीसी अधिकारियों ने भारत के साथ मिलकर आतंकवाद से मुकाबला करने के प्रयास को जारी रखने के लिए सहयोग बढ़ाने की बात कही है। बता दें कि सईद ने पाकिस्तान में नजरबंदी से रिहा होते ही संयुक्त राष्ट्र में यह याचिका दायर की है।
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28 November 2017ट्रंप ने पीएम मोदी की थपथपाई पीठ, विकास दर को बताया बेहतर वियतनाम में चल रहे APEC समिट में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। अमेरिकी राष्ट्रपति ने देश को तरक्की की रफ्तार पर बढ़ाने के लिए पीएम मोदी की नीतियों को सही माना। APEC के सालाना सम्मेलन से अलग शुक्रवार को मुख्य कार्यकारी अधिकारियों( सीईओ) के सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत की 'असाधारण' आर्थिक प्रगति की भी सराहना की है। साथ ही एशिया-पैसिफिक के बजाय 'इंडो-पैसिफिक' की पैरोकारी कर दुनिया और क्षेत्रीय ताकतों को संदेश दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि पीएम मोदी भारत जैसे एक विशाल देश के लोगों को साथ लाने की दिशा में सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं। ट्रंप के मुताबिक, APEC से बाहर के देश भी इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में जबरदस्त प्रगति कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'अर्थव्यवस्था को बाहरी दुनिया के लिए खोलने के बाद से भारत ने असाधारण विकास किया है। इससे देश में लगातार बढ़ रहे मध्य वर्ग के लिए मौकों की नई दुनिया सृजित हुई है। भारत स्वतंत्रता की 70वीं वर्षगांठ मना रहा है, जो यह दर्शाता है कि 1.3 अरब की जनसंख्या वाला देश सफल संप्रभु लोकतांत्रिक राष्ट्र है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भी है।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-आसियान और ईस्ट एशिया के शिखर सम्मेलनों में हिस्सा लेने के लिए रविवार को फिलीपींस रवाना होंगे। ट्रंप भी पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एचआर मैकमास्टर के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने भी 'इंडो-पैसिफिक' की पैरोकारी की है। यहां इंडो का मतलब हिद महासागर और पैसिफिक का प्रशांत महासागर से है। ट्रंप ने कहा, 'इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में लंबे समय से अमेरिका के साझीदार और मित्र देश रहे हैं। हाल के दशकों में क्षेत्र के विकास की कहानी उस बात को दिखाती है कि लोगों द्वारा अपने भविष्य की जिम्मेदारी खुद लेने पर क्या संभव हो सकता है।' ट्रंप द्वारा इंडो-पैसिफिक के इस्तेमाल ने भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच उस चतुष्कोणीय रणनीतिक सहयोग की अटकलों को हवा दे दी है, जिसके तहत चीन के बढ़ते प्रभुत्व पर नकेल लगाने की बात कही जा रही है। APEC में दुनिया के 21 प्रभावशाली देश शामिल हैं। वर्ष 1989 में अस्तित्व में आए इस संगठन में एशिया और प्रशांत क्षेत्र में आने वाले देश शामिल हैं। इसका मुख्यालय सिंगापुर में है। इन देशों का वैश्विक अर्थव्यस्था के जीडीपी में 60 फीसद तक की हिस्सेदारी है। डेनांग में APEC की बैठक में भाग लेने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी आएंगे, लेकिन उनकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ कोई अलग बैठक नहीं होगी। क्रेमलिन से जारी बयान में शुक्रवार को यह खास बैठक होने की बात कही गई थी, लेकिन शुक्रवार को सुबह अमेरिकी राष्ट्रपति के व्हाइट हाउस कार्यालय ने इसे नकार दिया। अब परिषद के मंच पर दोनों नेता साथ होंगे, लेकिन अलग से उनकी कोई मुलाकात नहीं होगी।
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11 November 2017खबर लाहौर से है , पाकिस्तान में मुख्य धारा की छह धार्मिक पार्टियों ने एक दशक बाद गिले-शिकवे भुला मुत्तहिदा मजलिस-ए-अमल (एमएएम) के जरिये अगले साल होने जा रहे चुनाव में उतरने का फैसला लिया है। मतभेदों की वजह से इनका गठबंधन टूट गया था। गठबंधन में शामिल सभी दल अपने पुराने घोषणापत्र पर ही चुनाव में उतरेंगे। गठबंधन में शामिल होने के लिए दूसरी धार्मिक पार्टियों से भी संपर्क साधने का फैसला लिया गया। यह घोषणा लाहौर स्थित जमात-ए-इस्लामी के मुख्यालय में हुई बैठक में की गई। एमएएम नेताओं ने उम्मीद जताई कि वर्ष 2018 के चुनाव में पार्टी बेहतर प्रदर्शन करेगी। जमात-ए-इस्लामी के चीफ सीनेटर सिराजुल हक ने कहा कि छह सदस्यीय कमेटी की सिफारिश पर गठबंधन का फैसला लिया गया है। गौरतलब है कि आगामी चुनाव के लिए इसी हफ्ते सुन्नी विचारधारा वाले दलों ने निजाम-ए-मुस्तफा नाम से महागठबंधन बनाया था। धार्मिक मामलों के पूर्व मंत्री हमीद सईद काजमी को इस गठबंधन का अस्थाई प्रमुख चुना गया है।
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11 November 2017खबर सियोल से । नॉर्थ कोरिया और अमेरिकी के बीच जारी बायनबाजी के साथ ही तनाव भी गहराया हुआ है। उत्तर कोरिया द्वारा फिर से मिसाइल परीक्षण की आशंकाओं के बीच एक बार फिर से अमेरिकी बमवर्षक विमानों ने कोरियाई प्रयद्वीप के ऊपर से उड़ान भरी है। यह जानकारी दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी योनहाप ने दी है। हालांकि, अमेरिकी सेना ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है। अमेरिका के इस कदम से क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका है। इसकी जानकारी देते हुए दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि ग्वाम हवाई पट्टी से अमेरिकी बमवर्षक बी-1 ने उड़ान भरी इस दौरान इनके साथ दक्षिण कोरिया के एफ-15 भी थे।
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11 October 2017अमेरिका के उत्तरी कैलिफोर्निया के जंगलों में सोमवार को फिर भीषण आग लग गई है। तेज हवाओं के चलते आग तेजी से फैलती जा रही है। आग इतनी भयानक है कि डिज्नीलैंड के कैलिफोर्निया एडवेंचर पार्क के ऊपर का आसमान नारंगी रंग का हो गया। आग से अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 1500 से अधिक मकान खाक हो चुके हैं। करीब 20 हजार लोगों को पलायन करना पड़ा है। कई लोग लापता हैं। मृतकों में 99 और 100 साल का एक दंपती भी शामिल है। 100 से अधिक लोग घायल हैं। प्रांत में आग लगने की बीते एक दशक की यह सबसे भयावह घटना बताई जा रही है। कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ फॉरेस्ट्री एंड प्रोटेक्शन के मुताबिक, इस साल जंगलों में आग के 7,484 मामले सामने आए, जिसमें 7.71 एकड़ इलाका जल गया। पांच काउंटी में आपात स्थिति की घोषणा कैलिफोर्निया के गवर्नर जेरी ब्राउन ने वाइन, नेपा, सोनोमा, यूबा और ऑरेंज काउंटी में आपात स्थिति की घोषणा कर दी है। उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से राहत और बचाव कार्य में मदद का आग्रह किया है। कैलिफोर्निया के वन विभाग के अनुसार, सबसे ज्यादा नुकसान सांता रोजा में हुआ है। आग की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लपटों को अंतरिक्ष से भी देखा गया है। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन ने सैटेलाइट से आग देखे जाने की सूचना दी। कैलिफोर्निया में अग्निशमन विभाग के प्रवक्ता डेनियल बर्लेंट के अनुसार, उत्तरी कैलिफोर्निया के जंगलों में रविवार देर रात आग भड़की। इस दौरान 80 किमी घंटे की गति से चल रहीं तेज हवाओं के चलते आग 73 हजार एकड़ के दायरे में फैल गई। इसे बुझाने के लिए सैकड़ों दमकलकर्मी सोमवार को जूझते रहे। सोनोमा काउंटी के दो अस्पतालों को भी खाली कराना पड़ा है। कैलिफोर्निया के जंगलों में लगी आग को दुनिया का एकमात्र विमान 747 सुपर टैंकर ही बुझा सकता है। यह एक बार में 75 हजार लीटर से अधिक (20 हजार गैलन) पानी गिरा सकता है। कैलिफोर्निया प्रशासन इस विमान की मदद से आग से निपटने की कोशिश कर रहा है। सोमवार को इसने आग के ऊपर छह चक्कर लगाकर पानी गिराया। दिलचस्प बात यह है कि सुपर टैंकर को जेल, फोम और पानी से महज 30 मिनट में भरा जा सकता है और यह 600 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। कैलिफोर्निया के दक्षिणी तट से चलने वाली अत्यधिक सूखी हवा के कारण यहां अक्सर आग लगती है। यह सूखी हवा अत्यधिक गर्म होती है। इसी से सूखे जंगलों में आग लग जाती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा की रफ्तार तेज होने पर घर्षण से निकली हर चिंगारी शोला बन जाती है।
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11 October 2017अमेरिका की ओर से आ रहे सैन्य कार्रवाई के संकेतों के बीच उत्तर कोरिया अपनी सुरक्षा के बंदोबस्त पुख्ता कर रहा है। इसके चलते उसने रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर से मिसाइलें निकालकर उन्हें राजधानी प्योंगयांग में तैनात किया है। दक्षिण कोरियाई मीडिया के अनुसार, उत्तर कोरिया अपनी ताकत प्रदर्शित करने के लिए फिर से कोई नई कोशिश कर सकता है। मिसाइलों का स्थान परिवर्तन किए जाने की जानकारी अमेरिका और दक्षिण कोरिया के खुफिया अधिकारियों को अपने सूत्रों से मिली है। जिन मिसाइलों को तैनात किया गया है वे लंबी दूरी तक मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल ह्वासोंग-12 या ह्वासोंग-14 हो सकती हैं। ये मिसाइलें सनुम-डोंग स्थित रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर में तैयार की जाती हैं। दक्षिण कोरिया के अधिकारियों को आशंका है कि सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी की वर्षगांठ के मौके पर उत्तर कोरिया 10 अक्टूबर को कोई बड़ा परीक्षण या घोषणा कर सकता है। युद्ध के कगार पर पहुंचे कोरियाई प्रायद्वीप में एक बार फिर से अमेरिका और दक्षिण कोरिया की सेनाओं ने संयुक्त युद्धाभ्यास किया है। अमेरिका की प्रशांत क्षेत्रीय कमान की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि युद्धाभ्यास में पहली बार कम दूरी की वायुसेना की हमले और बचाव की प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया। अमेरिकी विदेश मंत्री पहुंचे चीन इस बीच, उत्तर कोरिया पर आर्थिक प्रतिबंधों को और कड़ाई से लागू कराने के लिए चीन पर दबाव बनाने को अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन बीजिंग पहुंच गए हैं। वह कोशिश करेंगे कि चीन कम अवधि में ही प्रभावी होने वाले कदम उठाए जिससे उत्तर कोरिया पर हथियारों के विकास कार्यक्रम से पीछे हटने का दबाव बढ़े। गुरुवार को ही चीन ने उत्तर कोरिया की कंपनियों से जनवरी 2018 तक अपने देश से काम समेटने के लिए कहा है। उत्तर कोरिया से विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 3 नवंबर से अपना एशिया दौरा शुरू करेंगे। राष्ट्रपति के तौर पर उनका यह पहला एशिया दौरा है। इस दौरान वह जापान, दक्षिण कोरिया, चीन, वियतनाम और फिलीपींस की यात्रा करेंगे। 11 दिन के एशिया दौरे में ट्रंप कई द्विपक्षीय व बहुपक्षीय चर्चाओं में हिस्सा लेंगे जहां उनका जोर उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने पर होगा।
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30 September 2017उत्तर कोरिया के साथ बढ़े तनाव के बीच जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने सोमवार को देश में मध्यावधि चुनाव कराने का एलान कर दिया। शिंजो को उम्मीद है कि कमजोर विपक्ष और उत्तर कोरिया पर कड़े रुख के कारण वह सत्ता में बने रहेंगे। दिसंबर, 2012 में सत्ता में आए शिंजो की लोकप्रियता कई घोटालों के कारण पिछले कुछ महीनों में काफी घट गई थी। जुलाई में तो यह न्यूनतम स्तर पर बताई जा रही थी। लेकिन हाल के दिनों में उत्तर कोरिया के साथ तनातनी ने स्थानीय राजनीति का रुख शिंजो के पक्ष में कर दिया। हालिया सर्वेक्षणों में उनके सत्ता में बने रहने का अनुमान लगाया गया है। एबी ने सोमवार को कहा, 'मैं 28 सितंबर को संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा को भंग कर दूंगा।' उन्होंने हालांकि मतदान की तारीख की घोषणा नहीं की है। लेकिन मीडिया में आई खबरों के अनुसार, जापान में 22 अक्टूबर को चुनाव कराए जाएंगे। हालिया सर्वे बताते हैं कि देश के मतदाता उत्तर कोरिया को लेकर एबी के कड़े रुख का समर्थन करते हैं। उत्तर कोरिया ने इसी महीने जापान के ऊपर से दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं और जापान को समुद्र में डुबोने की धमकी दी थी। बिजनेस अखबार निक्की के सर्वे के मुताबिक, 44 फीसद वोटर एबी की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी को वोट देने की सोच रहे हैं। जबकि महज आठ फीसद मतदाता विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के पक्ष में खड़े दिखाई पड़ रहे हैं।
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25 September 2017अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की हर हरकत पर मुंबई पुलिस की नजर रहती है, लेकिन हाल ही में हत्थे चढ़े उसके भाई इकबाल कास्कर ने जो खुलासा किया है, वो पुलिस के लिए चौंकाने वाला है। पूछताछ में इकबाल कास्कर ने बताया है कि दाऊद की बीवी मेहजबीन शेख पिछले साल मुंबई आई थी। वह अपने पिता से मिलने भारत आई थी। मालूम हो, इकबाल कास्कर अपने भाई दाऊद के राज खोलता जा रहा है। इससे पहले उसने बताया था कि दाऊद पाकिस्तान में ही है। इकबाल को ठाणे पुलिस की एंटी-एक्सटॉर्शन सेल ने इसी हफ्ते गिरफ्तार किया है। उसने अपने ताजा खुलासे में बताया है कि दाऊद की बीवी को लोग जुबीना जरिन के नाम से भी जानते हैं। वह 2016 में अपने पिता सलीम कश्मीरी से मिलने मुंबई आई थी। सलीम कश्मीर अपने परिवार के साथ मुंबई में ही रहते हैं। इस मुलाकात के बाद दाऊद की बीवी गुपचुप तरीके से भारत से बाहर चली गई। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इकबाल कास्कर ने दाऊद के चार पते बताए हैं। ये सभी पते कराची के हैं। दाऊद, अपने भाई अनीस इब्राहिम और सहयोगी छोटा शकील के साथ पाकिस्तान के इस शहर की पॉश कॉलोनी में रहता है। अनीस मुंबई में अपने परिवार को ईद या अन्य मौकों पर फोन करता रहता है। दाऊद ऐसा नहीं करता है, क्योंकि उसे डर है कि कहीं उसके कॉल भारतीय खुफिया एजेंसियों द्वारा ट्रेस न कर लिए जाएं। अधिकारियों के अनुसार, इकबाल कास्कर से दाऊद के स्वास्थ्य को लेकर कई सवाल पूछे गए हैं। उसने बताया है कि दाऊद सेहतमंद है और जैसा कि भारतीय मीडिया में खबरें दी गई हैं कि उसके कई अंग खराब हो चुके हैं, ऐसा नहीं है।
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23 September 2017सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी में अपने आतंकरोधी अभियान को जारी रखते हुए बुधवार के बीजबेहाड़ा रेलवे स्टेशन से हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी आदिल को पकड़ने के अलावा खाग-बडगाम में सर्च ऑपरेशन भी चलाया। इसी दौरान, सुरक्षाबलों ने ओमपोरा, बडगाम में एक जिंदा बम को निष्क्रिय कर एक बड़े हादसे को टाल दिया। मिली जानकारी के अनुसार, तीन लाख का इनामी हिज्बुल आतंकी आदिल अहमद बट बुधवार की सुबह अनंतनाग में अपने एक साथी से मिलने के बाद अपने एक ठिकाने की तरफ जा रहा था। वह बीजबेहाड़ा रेलवे स्टेशन पर आया था और उसी समय सुरक्षाबलों को उसकी भनक लग गई। सुरक्षाबलों ने सुनियोजित तरीके से रेलवे स्टेशन की घेराबंदी करते हुए विभिन्न जगहों पर विशेष दस्ते तैनात कर दिए और जैसे ही आदिल बट की निशानदेही हुई, सुरक्षाबलों ने उसे भागने का मौका दिए बगैर पकड़ लिया। जिला अनंतनाग में जबलीपोरा बीजबेहाड़ा के रहने वाले सी-श्रेणी के आतंकी आदिल की पुलिस को विभिन्न सुरक्षा चौकियों पर हमले और पंचायत प्रतिनिधियों व पुलिसकर्मियों के परिजनों के साथ मारपीट की विभिन्न वारदातों में तलाश थी। फिलहाल, उससे पूछताछ जारी है। इस बीच, जिला बडगाम के ओमपोरा में बुधवार की सुबह उस समय सनसनी फैल गई, जब लोगों ने जम्मू-कश्मीर बैंक के पास एक ग्रेनेड को देखा। सूचना मिलते ही पुलिस बम निरोधक दस्ते संग मौके पर पहुंची और उसने सड़क को आम आवाजाही के लिए बंद करते हुए लोगों को वहां से हटाया। इसके बाद बम निरोधक दस्ते ने ग्रेनेड को अपने कब्जे में लेकर निष्क्रिय बना दिया। संबंधित अधिकारियों की मानें तो यह ग्रेनेड काफी पुराना था और वहां जमीन में दबा था जो आज किसी तरह बाहर निकल आया था। जिला बडगाम से मिली एक अन्य सूचना के मुताबिक पुलिस और सेना के संयुक्त टीम ने खाग में आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर घेराबंदी कर करीब तीन घंटे तक तलाशी ली, लेकिन आतंकियों का उन्हें कोई सुराग नहीं मिला।
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20 September 2017पनामा पेपर स्कैंडल मामले में पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रधानमंत्री पद से हटाए गए नवाज शरीफ की पत्नी बेगम कुलसुम लाहौर सीट का उपचुनाव जीत गई हैं। यह चुनाव शरीफ परिवार के लिए आम समर्थन की एक परीक्षा माना जा रहा था। शरीफ को अयोग्य ठहराए जाने के कारण यह उपचुनाव हुआ। बेगम कुलसुम ने एनए-120 सीट पर निकटतम प्रतिद्वंद्वी पूर्व क्रिकेटर के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की यास्मिन राशिद को 13 हजार से ज्यादा वोटों से हराया। चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि कुलसुम को 59,413 वोट मिले जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी राशिद को 46,145 वोट मिले। मालूम हो, बीते दिनों पता चला है कि कुलसुम को गले का कैंसर है। उनका विदेश में इलाज चल रहा है। इस दौरान चुनाव प्रचार की कमान पूरी तरह से बेटी मरियम शरीफ ने संभाली। बीते दिनों खबर आई थी कि शरीफ की बेटी मरियम शरीफ ने नेशनल असेंबली की लाहौर सीट पर होने वाले उपचुनाव के कारण अपनी ब्रिटेन यात्रा टाल दी है। वह मां को देखने के लिए लंदन जाने वाली थीं। पूरा मामले में नवाज शरीफ और उनके परिवार की मुश्किल कम नहीं हुई हैं। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने शरीफ को संसद की सदस्यता के अयोग्य ठहरा दिया था जिसके चलते उन्हें प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी थी। 28 जुलाई के इस आदेश के विरोध में शरीफ, उनके बेटे-हसन व हमजा, बेटी मरियम और दामाद मुहम्मद सफदर ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है।
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18 September 2017गुरुग्राम में रेयान स्कूल में हुई 7 साल के प्रद्युम्न की हत्या के 10 दिन बाद स्कूल सोमवार को फिर खुला। अगले तीन महीने तक स्कूल का मैनेजमेंट प्रशासन के हाथ में रहेगा। स्कूल खुलने को लेकर प्रद्युम्न के पिता ने विरोध जताते हुए कहा कि इससे हत्या के सूबत नष्ट होने का खतरा रहेगा। वहीं स्कूल खुलते ही बच्चे वक्त पर पहुंचे लेकिन उनमें और उनके माता-पिता में अजीब सा डर समा गया है। बच्चों की पढ़ाई का नुकसान ना हो इसके चलते माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल लेकर पहुंचे लेकिन उनके चेहरों पर डर साफ नजर आ रहा था। एक बच्चे के पिता ने कहा कि हमारे बच्चे जब तक स्कूल से घर नहीं आ जाएंगे हमें डर रहेगा। वहीं एक अन्य ने कहा कि स्कूल के स्टाफ का बैकग्राउंड चैक होना चाहिए साथ ही स्कूल में पढ़े-लिखे लोगों को नौकरी दी जानी चाहिए।
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18 September 2017अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी हार का दोष दूसरों पर मढ़ने के लिए हिलेरी क्लिंटन की आलोचना की है। ट्रंप ने कहा, 'धूर्त हिलेरी अपने अतिरिक्त हर किसी को अपनी हार का दोषी बताती हैं। वह बहस हार गईं और साथ ही चुनाव जीतने की अपनी दिशा भी। उन्होंने चुनाव के लिए भारी मात्रा में धन खर्च किया था लेकिन अंत में उनके हाथ कुछ नहीं लगा।' मालूम हो कि हिलेरी ने अपनी नई किताब 'व्हाट हैप्पेंड' में राष्ट्रपति चुनावों में ट्रंप से मिली अप्रत्याशित हार के कारणों का जिक्र किया है। मंगलवार को आई इस आत्मकथा पर शुरुआत में ट्रंप ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी। सिर्फ ह्वाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने हिलेरी की किताब को 'सैड' करार दिया था। सैंडर्स ने कहा, 'हिलेरी क्लिंटन ने चुनाव जीतने के लिए दुनिया का सबसे नकारात्मक प्रचार अभियान चलाया था लेकिन वह हार गईं। अब अपने सार्वजनिक जीवन के अंतिम चरण में किताब की बिक्री बढ़ाने के लिए झूठे हमलों का प्रयोग कर रहीं हैं।
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14 September 2017इराक से इस्लामिक स्टेट का पूरी तरफ सफाया करने के लिए सेना ने पूरी ताकत झोंक दी है। आंतकियों की कमर तोड़ने के इरादे से हवाई हमले किए जा रहे हैं। इराकी सेना ने ऐसे ही एक हमले में ये दावा किया कि एक हवाई हमले में आईएस के 15 आंतकी ढेर हो गए।ईराकी सेना ने शुक्रवार को दीयाला की प्रांतीय राजधानी बकूबा से 60 किमी पूर्व आईएस इलाकों पर हवाई हमले किए। शिन्हुआ न्युज एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, अजावी के नेतृत्व वाले हवाई हमले में आईएस का एक वाहन, पांच मोटरसाइकिलें, आईएस आतंकियों के पांच ठिकानों और दो नौकाओं को निशाना बनाया गया। अज़ावी ने यह भी कहा कि उनके नेतृत्व में सैनिकों ने बगदाद के लगभग 65 किमी उत्तर-पूर्व में बकूबा में गैटून क्षेत्र में एक अपार्टमेंट में भी छापा मारा, जहां से दो विस्फोटक और गोला-बारूद जब्त किए गए। उन्होंने बताया कि आईएस आतंकी अभी भी दीयाला के हिमरीन पहाड़ी इलाके में सक्रिय हैं। इससे पहले 31 अगस्त को इराकी प्रधान मंत्री हैदर अल-अबादी ने ताल्ल अफ़ार और आस-पास के इलाकों के शहर को पूर्ण आतंकमुक्त घोषित कर दिया था। इराकी सेना अब आईएस आतंकियों के नए इलाकों हविजाह और किर्कुक के तेल-समृद्ध पश्चिम के आसपास क्षेत्रों पर हमले की तैयारी कर रहा है।
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10 September 2017मैक्सिको में पिछले सौ साल का सबसे भीषण भूकंप आया है। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 8.2 मापी गई है। भूकंप के झटकों से सबसे ज्यादा दक्षिणी प्रांत ओक्साका प्रभावित हुआ है। जान गंवाने वाले 32 लोगों में से 20 इसी राज्य में मारे गए। इमारतों को व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचने की बात कही जा रही है। भूकंप की तीव्रता को देखते हुए तटवर्ती इलाकों के लिए सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई थी। भूकंप का झटका सबसे पहले स्थानीय समय के अनुसार गुरुवार रात 11:49 बजे तटवर्ती शहर टोनाला (दक्षिणी प्रांत चियापस) से तकरीबन सौ किलोमीटर दूर महसूस किया गया था। इससे पहले वर्ष 1985 में मेक्सिको में इतनी ही तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें दस हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। मैक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पेना नीटो ने कहा, "तीव्रता के लिहाज से यह पिछले सौ साल का सबसे भीषण भूकंप है। देश की 12 करोड़ की आबादी में से पांच करोड़ लोगों ने भूकंप के झटकों को महसूस किया।" नीटो ने राष्ट्रीय आपदा रोकथाम केंद्र पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। वह खुद राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं। भूकंप के झटके केंद्र से तकरीबन 800 किलोमीटर दूर मैक्सिको सिटी तक महसूस किए गए। ग्वाटेमाला में भी धरती डोली है। सायरन सुनकर मची अफरातफरी आधी रात को भूकंप की चेतावनी वाला सायरन सुनकर अफरातफरी मच गई। बदहवास लोग जिस हालत में थे, उसी स्थिति में घर से बाहर भागे। प्राकृतिक आपदा से ओक्साका प्रांत में सबसे ज्यादा तबाही हुई है। अकेले जुचितान शहर में 17 की जान चली गई। इमर्जेंसी रिस्पांस एजेंसी के निदेशक लुइस फिलिप प्यूंटे ने कई मकान के ध्वस्त होने की जानकारी दी है। तबास्को प्रांत के एक अस्पताल में बिजली जाने से एक बच्चे की मौत हो गई। अधिकारियों ने मरने वालों की तादाद बढ़ने की आशंका जताई है। देश के 11 राज्यों में स्कूलों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है।
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8 September 2017अमेरिका और नॉर्थ कोरिया के बीच जारी तनाव में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी कूद गए हैं। उन्होंने अपने एक लेख में इन दोनों देशों के विवाद के किसी बड़े युद्ध में बदलने की चेतावनी दी है। उन्होंने आगाह किया है कि नॉर्थ कोरिया पर दबाव बढ़ाने के परिणाम घातक हो सकते हैं। उन्होंने कहा है कि कोरियाई प्रायद्वीप के हालात बिगड़ रहे हैं। इसलिए दोनों पक्ष सीधे वार्ता के जरिए मतभेद और समस्याएं सुलझाएं। पुतिन ने चीन में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन से पहले लिखे लेख में यह चेतावनी दी है। यह लेख क्रेमलिन की वेबसाइट पर डाला गया है, जबकि फ्रांस ने उत्तर कोरिया के लंबी दूरी की बैलेस्टिक बनाने को लेकर आगाह किया है। इस बीच, स्पेन की सरकार ने मिसाइल परीक्षण को लेकर उत्तर कोरिया के राजदूत किम होक चोल को निष्कासित कर दिया। उधर, फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-वेस ली ड्रायन ने कहा कि उत्तर कोरिया जिस तरह से उद्देश्य बनाकर गंभीर प्रयास कर रहा है, उससे वह कुछ ही महीनों में लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल बनाने में सक्षम हो जाएगा। यह जानकारी उन्हें अपने खुफिया तंत्र से मिली है। ड्रायन ने कहा, 'उत्तर कोरिया खुद को दुनिया में कहीं भी परमाणु हमला करने में सक्षम बनाना चाहता है, जो बहुत खतरनाक उद्देश्य है। आज वह अमेरिका और कुछ हद तक यूरोप पर हमला करना चाहता है। लेकिन किसी दिन उसके निशाने पर जापान और चीन भी होंगे। यह स्थिति विस्फोटक होगी। फ्रांस ने चीन से अनुरोध किया है कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके मित्र राष्ट्र को हथियारों के विकास से रोके। ली ड्रायन ने यह बात पेरिस में चीनी विदेश मंत्री वांग ई के साथ वार्ता में कही। लंबी दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल 10 हजार किमी की दूरी तक निशाना लगाने में सक्षम होती है। इस बीच, अमेरिकी रक्षा मंत्री जिम मैटिस ने उत्तर कोरिया मसले पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से किसी तरह के मतभेद से इनकार किया है। उत्तर कोरिया यात्रा पर प्रतिबंध प्रभावी ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिकी नागरिकों की उत्तर कोरिया यात्रा पर लगाया गया प्रतिबंध शुक्रवार से प्रभावी हो गया। यह प्रतिबंध जून में हुई अमेरिकी छात्र ओट्टो वार्मबियर की मौत के बाद लगाया गया था। उत्तर कोरिया में वार्मबियर को राष्ट्र विरोधी पोस्टर बनाने के आरोप में गिरफ्तार करके 15 साल के कठोर कारावास की सजा दी गई थी। कारावास में ही उसके साथ जो क्रूरता हुई उससे वह कौमा में चला गया। उसी अवस्था में उसे इलाज के लिए रिहा किया गया। बाद में अमेरिका में वार्मबियर की मौत हो गई थी।
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3 September 2017मौजूदा दौर में पाकिस्तान आतंक का सबसे अड्डा है। खुद अमेरिका राष्ट्रपति ट्रंप भी खुले तौर पर इसे बोल चुके हैं। ऐसे में आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से दबाव बढ़ता जा रहा है। वहीं अब ये खबर आ रही है कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों ने अपने बचाव के लिए एक नया रास्ता तलाश्ा लिया है। खबरों की मानें तो अब ये संगठन सुरक्षा कवच के तौर पर अपनी राजनीतिक पार्टियां बना रहे हैं। तभी तो जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद द्वारा अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने के कुछ हफ्तों बाद ही अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किए जा चुके फजलुर रहमान खलिल ने अपनी पार्टी बनाने की घोषणा कर दी है। वहीं इस नए चलन की वजह से भारतीय खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, कुछ दिन पहले ही खलिल ने पाकिस्तानी मीडिया को यह जानकारी दी है कि वह अपनी पार्टी बना रहा है, जिसका नाम इसलाह-ए-वतन होगा। पाकिस्तान में राजनीतिक पार्टी बनाने का यह चलन अमेरिका द्वारा जमात-उद-दावा और अन्य आतंकी संगठनों पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों के बाद आया है। खुफिया अधिकारियों के मुताबिक, राजनीतिक पार्टी बनाने से इन आतंकवादियों को एक कवच मिल जाता है और इनका संगठन भी मुख्यधारा में बना रहता है। एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा करने से न सिर्फ आतंकवादी संगठनों को पश्चिमी देशों के पाकिस्तान पर बढ़ते दबाव से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। वहीं इसकी आड़ में वो अपने आतंकी मकसदों को कानूनी तौर पर अंजाम दे पाएंगे। एक बार राजनीतिक पार्टी आती है तो सभी प्रतिबंधित सदस्य कानूनी रूप से वैध पार्टी के सदस्य बन जाते हैं।
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1 September 2017एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान चिन्हित कार्यों की जमीनी हकीकत स्वयं देखेंगे। प्रगति का रिपोर्ट कार्ड जनता के समक्ष रखेंगे। श्री चौहान आज मंत्रालय में नर्मदा सेवा मिशन की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में म.प्र. जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष सर्वश्री प्रदीप पाण्डे, राघवेन्द्र गौतम, मिशन से संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अधिकारियों ने मिशन अंतर्गत किये गये विभागीय कार्यों का विवरण प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मिशन अंतर्गत कार्यों की प्रति माह मानीटरिंग की जाएगी। नर्मदा सेवा यात्रा के एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर नर्मदा तटीय क्षेत्रों का भ्रमण करेंगे। कार्यों की प्रगति की समीक्षा करेंगे। आमजन को सम्मेलनों का आयोजन कर अब तक पूर्ण और निर्माणाधीन कार्यों की जानकारी देंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कार्य निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण हों। कार्यों की नियमित मानीटरिंग की जाये। कार्यों का भौतिक सत्यापन प्रभावी हो। पूर्ण एवं प्रगतिरत निर्माण कार्यों की फोटो प्राप्त कर कार्य का आकलन किया जाये। यह शत-प्रतिशत सुनिश्चित हो कि नर्मदा में गंदा पानी नहीं मिलने पाये। उन्होंने पौधों की जीवितता की निरंतर निगरानी करने के लिए कहा। बैठक में श्री चौहान ने विभागवार और 16 जिलों के लक्ष्यों और प्रगति की जानकारी प्राप्त की। जनअभियान परिषद को निर्देशित किया कि नर्मदा सेवा मिशन सेवा समितियों का सम्मेलन आयोजित करें। कृषि विभाग को मिशन अंतर्गत रोडमैप के आधार पर प्रति माह प्रगति विवरण देने के निर्देश दिए। बैठक में नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा बताया गया कि तटीय क्षेत्र में कचरा एकत्रण की 123 पेटियाँ स्थापित हो गई हैं। घाटों पर 119 चेंजिंग रूम बन गये हैं। प्रतिमा और ताजिये विसर्जन के लिये पृथक से 28 कुंडों का निर्माण कराया गया है। तटीय स्थल पर 19 मुक्तिधाम स्थापित किये गये हैं। मिशन अंतर्गत 44 नगरीय निकायों को इन्टीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के 9 क्लस्टर बनाकर कार्रवाई की जा रही है। प्रत्येक नगरीय निकाय को दो मोबाइल टायलेट भी उपलब्ध करवाए हैं। सार्वजनिक शौचालय सवा चार करोड़ रूपये अधिक व्यय कर बनवाये जा रहे हैं। कुल 20 नगरों के लिए 21 सीवेज परियोजनाएँ बनी हैं। कृषि विभाग द्वारा बताया गया कि कृषि कचरे को खाद में बदलने के 4640 नाडेप, वर्मीकम्पोट की 19 हजार 400 इकाईयाँ स्थापित की गई हैं। बायोगैस की 351 यूनिट भी लगाई जा रही हैं। नर्मदा तटीय इलाके में 21 हजार से अधिक खेतों में मेड़ बंधान कार्य पूर्ण हो गया है। अभी 2634 कार्य प्रगतिरत है। भूमि की जाँच के लिए 15 लाख 12 हजार से ज्यादा मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गये हैं। जैविक गाँव प्रमाणीकरण कार्य चरणबद्ध ढंग से लक्ष्य अनुसार हो रहा है। वन विभाग ने बताया कि गर्मी में सूखे पत्तों से होने वाली आगजनी को रोकने की कार्य-योजना तैयार हो गई है। पौधों के संरक्षण के लिए एक किलोमीटर वर्ग क्षेत्र में जल संग्रहण के लिये एक-एक जल संरचना का निर्माण करवाया जा रहा है। पौधों के टिश्यू कल्चर के लिये इंदौर की प्रयोगशाला को विस्तारित करवाया जा रहा है। पर्यावरण विभाग ने बताया कि नर्मदा जल की गुणवत्ता का प्रति माह आकलन पब्लिक डॉमिन में प्रदर्शित किया गया है। नदी जल ग्रहण क्षेत्र में स्थापित सभी 11 प्रमुख प्रदूषणकारी उद्योगों में उपचार व्यवस्था की गई है। राज्य स्तर से कैमरों के साथ जीरो डिस्चार्ज की मानीटरिंग भी हो रही है। उद्यानिकी विभाग द्वारा तटीय क्षेत्र में एक किलोमीटर पट्टी तक फल पौधरोपण के लिये 26 हजार 139 कृषकों को जोड़ा गया है और 13 हजार 906 हेक्टर क्षेत्र में 41 लाख 72 हजार फलदार पौधे रोपित हो चुके हैं। विभाग द्वारा कोल्डरूम, शीत भंडारण, प्याज भंडारण की क्षमता वृद्धि, सोलर ड्रायर और प्रसंस्करण उद्योगों को वित्तीय सहायता की पहल की है। ऊर्जा विकास निगम द्वारा तटीय जिलों में सोलर पंप 2 हजार 525, एल.ई.डी. बल्ब 37 लाख 40 हजार, ट्यूब लाइट 1 लाख 3 हजार, फैन 13 हजार 409 वितरण और रूफटॉप सोलर पावर प्लांट की 2 हजार 431 इकाईयों की स्थापना के कार्य किए गए हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा नर्मदा तट निवासियों को वैज्ञानिक तरीके से कचरा निष्पादन, सोलर डायर बनाने का प्रशिक्षण दिया है। दीर्घकाल में नदी स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए नदी स्वास्थ्य संकेतक तैयार करने और अनुसंधान के कार्य करवाए जा रहे हैं। नदी विज्ञान की नवीन विधा विकास और अनुसंधान के लिए नव-साहित्य सृजन का कार्य कराया जा रहा है। उद्योग विभाग द्वारा जबलपुर के उमरिया डूगंरिया और होशंगाबाद के मोहासा बाबई औद्योगिक क्षेत्र में सीवेज ट्रीटमेंट प्लाट का निर्माण करवाया जा रहा है जो क्रमश: वर्ष 2018 के अंत और वर्ष 2019 के पूर्वाध में पूर्ण होंगे। जल संसाधन विभाग ने बताया कि नर्मदा पर स्थित बड़े बाँधों के कारण नदी प्रवाह नहीं रूके, इसकी 50 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। अभी तक 3 परियोजनाएँ पूर्ण हो गई हैं। कुल 28 परियोजनाओं का निर्माण पूर्णता की ओर है। शेष परियोजनाओं में विभिन्न चरणों में कार्य प्रगतिरत है। ग्रामोद्योग विभाग ने बताया कि ग्रामोद्योग की 150 इकाईयाँ स्थापित करवाने का कार्य किया जा रहा है। माटी शिल्पियों के प्रशिक्षण और रेशम कृषकों की सहायता गतिविधियाँ भी प्रगतिरत है। ग्रामीण विकास विभाग ने बताया कि नर्मदा किनारे के ग्रामों को खुले में शौच से मुक्त कराने के कार्य 528 ग्रामों में पूर्ण हो गये है। अभी 205 में कार्य जारी है। बॉयोडिग्रेडबल और नॉनबायोडिग्रेडबल कचरा प्रबंधन का प्रशिक्षण ग्राम पंचायतों को दिया गया है। तीन करोड़ पौधों का रोपण हुआ है। वृक्षों के रखरखाव के लिए 55 हजार व्यक्ति नियुक्त हुये हैं। पौधों का विगत दिनों सत्यापन भी करवाया गया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने बताया कि बच्चों और उनके पालकों को नदी संरक्षण के लिए प्रेरित करने आगामी 23 सितम्बर को विद्यालयों में नदी दिवस मनाया जायेगा। इस बारे में पालकों, विद्यार्थियों को संकल्पित करवाने के लिए मिसकॉल रेस्पांस व्यवस्था की पहल की जानकारी दी। पर्यटन निगम द्वारा क्षेत्रांतर्गत 8 होटलों में से 4 में वैज्ञानिक तरीके से कचरा निष्पादन, गाँवों और घाटों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के कार्यों की जानकारी दी गई। पर्यटन हेतु सौर ऊर्जा चलित 174 नावें उपलब्ध करवाई जा रही हैं। सामाजिक न्याय विभाग द्वारा नशामुक्त समाज निर्माण के लिए जन-जागरण के कार्यों की जानकारी दी गई। राजस्व विभाग ने नदी की सीमाओं का अंकन करवाने, पशुपालन विभाग ने ड्राय डेयरी इकाईयों, चारा उपलब्ध करवाने की व्यवस्थाएं करने, संस्कृति विभाग ने संस्कृति के पुरातात्विक पहलुओं के अन्वेषण, प्रागैतिहासिक गुफाओं के उन्नयन, संत और समाज में समन्वय तथा मेलों में सहायता के किए जा रहे और मत्स्य विभाग ने नदी के गहरे ढहो में मत्स्य बीज संचयन करवाने के कार्यों का ब्यौरा दिया।
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24 August 2017डोकलाम मामले में जापान द्वारा भारत का समर्थन करना चीन को नागवार गुजरा है। बौखलाए चीन ने जापान से कहा है कि वो इस मुद्दे पर बिना सोचे कोई बयान ना दे। चीन ने जापान से कहा कि अगर वह भारत का साथ देना भी चाहता है तो भी चीन के खिलाफ बयान देने से बचे। जापान ने इस मुद्दे पर भारत का साथ देने की बात कही थी। जापान के राजदूत केनजी हिरामात्सु ने भारतीय राजनयिकों को अपने देश का आधिकारिक रुख स्पष्ट कर दिया है। उसने कहा था कि चीन के साथ डोकलाम विवाद पर भारत के कूटनीतिक प्रयासों का रंग दिखना शुरू हो गया है। इस मसले पर चीन अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में घिरता दिख रहा है। अमेरिका के बाद जापान ने भी डोकलाम विवाद पर भारत का समर्थन किया है। जापान ने कहा है कि दोनों देशों के बीच विवाद का हल बातचीत के जरिए होना चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हू चुनयांग प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि उन्होंने देखा कि भारत में जापान के अंबेसडर भारत को सपोर्ट करना चाहते हैं। इसलिए चीन उनसे कहना चाहेगा कि वह ऐसे बिना सोचे समझे बयान न दे और कुछ भी बोलने से पहले फेक्ट चेक कर लें। उन्होंने आगे गुस्से में कहा कि डोकलाम में कोई भी बॉर्डर विवाद नहीं है और दोनों देशों को निर्धारित सीमा के बारे में पता है। ऐसे में भारत की और से स्टेटस क्यू में बदलाव की पहल हुई है न कि चीन की ओर से। जापान इस मामले को बेहद करीब से देख रहा है, उसका मानना है कि दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध पूरे क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। हाल ही में चीन के साथ जापान का भी इसी तरह का क्षेत्रीय विवाद चल रहा है। टोक्यो का यह मानना है कि विवादित क्षेत्रों में शामिल सभी दलों को बल द्वारा यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयासों का सहारा नहीं लेना चाहिए। जापान के इसी रुख के कारण वह चीन की "यथास्थिति को बदलने" की कोशिश की गंभीरता से आलोचना कर रहा है। हीरामात्सू ने कहा कि भारत ने 30 जून को यथास्थिति बदलने के लिए बीजिंग को दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि डोकलाम क्षेत्र में गतिरोध लगभग दो महीने से चल रहा है। विवादित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है कि सभी दलों में बल द्वारा यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयासों का सहारा नहीं लेना चाहिए और शांतिपूर्ण ढंग से विवाद को हल करना चाहिए। हू यही नहीं रुकीं और भारत को भी धमकी दी कि भारत डोकलाम से जल्द सेना की टुकड़ी को वापस बुलाए। उन्होंने कहा कि बिना शर्त वापसी ही आगे किसी भी अर्थपूर्ण बातचीत के लिए दरवाजा खुलेगा। जापान दुनिया का पहला देश है जिसने डोकलाम विवाद पर भारत का खुलकर समर्थन किया है। इससे पहले अमेरिका ने इस मुद्दे को दोनों देशों को सीधी बातचीत के जरिए सुलझाने को कहा था।
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19 August 2017पाकिस्तान में हिंदुओं पर होने वाले अत्याचारों को अब दुनिया मानने लगी है। अमेरिका ने एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तान में हिंदुओं की धार्मिक आजादी खतरे मे है। अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन द्वारा जारी बयान में दावा किया गया है कि पाक अल्पसंख्यकों के अधिकारों और उनकी धार्मिक आजादी को संरक्षण नहीं दिया जा रहा। फिर चाहे वो हिंदू हों, ईसाई या फिर सिख, जबरन धर्म परिवर्तन के डर में रहते हैं। अंतरराष्ट्रीय धर्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2016 जारी करते हुए टिलरसन बोले की पाकिस्तानी अल्पसंख्यकों के अनुसार वहां कि सरकार द्वारा जबरन धर्म परिवर्तन रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदम काफी नहीं हैं। पाकिस्तान में 12 से ज्यादा लोग ईशनिंदा कानून के चलते या तो उम्रकैद काट रहे हैं या फिर फांसी का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि पाकिस्तान में अक्सर जबरन धर्म परिवर्तन करवाने के मामले सामने आते हैं। कई मामलों में हिंदू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर शादियां करवाईं जाती हैं
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16 August 2017प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने पर सहमत हैं। दो दिवसीय मंत्रीस्तरीय बात से यह कदम उठाया जा सकता है। बैठक में दोनों देश अपने रणनीतिक संपर्क को बढ़ाएंगे। मंगलवार को यह जानकारी व्हाइट हाउस ने दी। ट्रंप ने सोमवार रात प्रधानमंत्री को फोन पर स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी। फोन पर हुई बातचीत के दौरान ट्रंप ने भारत पहुंचे अमेरिकन क्रूड आयल की पहली खेप का स्वागत किया। इसी महीने टेक्सास से भारत के लिए खेप भेजा जाना शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका लंबे समय तक भारत को ऊर्जा की आपूर्ति करता रहेगा। व्हाइट हाउस ने दोनों नेताओं के बीच फोन पर हुई बातचीत की जानकारी दी है। व्हाइट हाउस ने कहा है, 'दोनों नेताओं ने नए दो दिवसीय मंत्रीस्तरीय वार्ता के जरिये पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थायित्व स्थापित करने पर प्रतिबद्धता जताई। इस वार्ता से दोनों देश अपना रणनीतिक संपर्क बढ़ाएंगे।' दुनिया के बड़े और तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था के दोनों नेता ट्रंप और मोदी भारत में इसी वर्ष नवंबर में होने जा रहे वैश्विक उद्यमिता शिखर सम्मेलन पर नजरें जमाए हैं। ट्रंप ने अपनी बेटी और सलाहकार इवान्का ट्रंप को अमेरिकी शिखर प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को कहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को धन्यवाद दिया। उन्होंने उत्तर कोरिया के खिलाफ दुनिया को एकजुट करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की सराहना की।
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16 August 2017चीन में मंगलवार को आए विनाशकारी भूकंप में अब तक 13 लोगों के मारे जाने की खबर है वहीं 175 से ज्यादा लोग अब भी इमारतों के मलबे में दबे हैं। आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। खबरों के अनुसार चीन के दक्षिण-पश्चिम सिचुआन प्रांत में मंगलवार रात 7.0 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। भूकंप का सबसे ज्यादा असर पर्यटक स्थल जियुझागु काउंटी में हुआ है। यही वजह है मरने वाले सभी लोग पर्यटक हैं। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी हैं। चीन के भूकंप नेटवर्क सेंटर के मुताबिक, भूकंप स्थानीय समयानुसार रात्रि 9.19 बजे आया और इसका केंद्र जियुझागु काउंटी से 35 किमी दूर जमीन में 20 किमी नीचे था। भूकंप के बाद रात्रि 11 बजे तक करीब 106 हल्के झटके भी महसूस किए गए। चीनी भूकंप प्रशासन ने आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रक्रिया के स्तर-1 को सक्रिय कर दिया गया। चीन में भूकंप आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली में चार स्तर हैं और स्तर-1 शीर्ष पर है। इसके बाद 610 फायर अधिकारियों व सैनिकों और आठ स्निफर डॉग्स को भूकंप प्रभावित स्थल के लिए रवाना कर दिया गया। जियुझागु नेशनल पार्क के एक कर्मचारी ने बताया कि मंगलवार को वहां 38,799 पर्यटक आए थे। उसने बताया कि काउंटी की एक घाटी में कई घर ध्वस्त हो गए, जो इमारतें बच गई हैं उनमें से लोगों को निकाला जा रहा है।
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9 August 2017जापान ने उत्तर कोरिया से खतरे को 'नये स्तर' पर पहुंचना बताया है। जापानी रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर कोरिया इंटर कांटिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल(आईसीबीएम) परीक्षण के साथ परमाणु हथियार बनाने में सक्षम है। जापान की कैबिनेट से स्वीकृत यह रिपोर्ट उत्तर कोरिया की ओर से आईसीबीएम परीक्षण के लगभग दो सप्ताह के भीतर आई है। ज्ञात हो कि एक सप्ताह पूर्व ही इत्सुनोरी ओनोडेरा ने दोबारा रक्षा मंत्री की कुर्सी संभाली है। वह 2012-14 में भी रक्षा मंत्री रहे थे। ओनोडेरा ने कहा कि वह जापान के रक्षा संबंधी गाइडलाइन को अपडेट कर रहे हैं ताकि उत्तर कोरिया के खतरे से निपटा जा सके। वह चाहते हैं कि जापान के पास आक्रामक मिसाइल रक्षा कवच हो। रक्षा मंत्री के अनुसार उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षणों ने संख्या के साथ गुणवत्ता को लेकर तनाव बढ़ा दिया है। हम इसका अध्ययन करना चाहेंगे कि क्या हमारा मिसाइल प्रतिरक्षा सिस्टम पर्याप्त है। हमारे पास फिलहाल एजिस डेस्ट्रॉयर्स और पीएसी-तीन मिसाइल हैं। 532 पन्नों की रिपोर्ट में चीन की हवाई व समुद्री गतिविधियों पर भी चिंता जताई गई है। उत्तर कोरियाई कंपनियों को बंद कराने थाईलैंड पहुंचे टिलरसन: अमेरिका ने उत्तर कोरिया को हर तरफ से घेरना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन थाईलैंड पहुंचे हैं। अमेरिका का मानना है कि उत्तर कोरिया में थाईलैंड की कई कंपनियां हैं। ये कंपनियां समय-समय पर नाम बदलते हुए कारोबार कर रही हैं। अमेरिका की ओर से थाईलैंड को इस बात के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वह उत्तर कोरिया से आनेवाले विस्थापितों को अपने यहां अधिकाधिक संख्या में शरण दे। उत्तर कोरिया ने अमेरिका के समर्थक देशों को भी दी धमकी: संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों से बौखलाए उत्तर कोरिया ने अब अमेरिका के साथ उसके समर्थक देशों को भी धमकी दी है। उत्तर कोरिया में एशिया प्रशांत शांति समिति के प्रवक्ता ने कहा कि वाशिंगटन व उसके सहयोगियों को नहीं भूलना चाहिए कि हम निर्ममता के साथ रणनीतिक कदम उठाने को तैयार हैं। साथ ही सियोल को चिंगारियों के समंदर में बदल देंगे।
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9 August 2017देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। दीपक मिश्र मौजूदा मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर की जगह लेंगे। जस्टिस खेहर का कार्यकाल 27 अगस्त को खत्म होगा। वे भारत के 45वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने वाले वे ओडिशा की तीसरे जज होंगे। उनसे पहले ओडिशा से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस रंगनाथ मिश्रा और जीबी पटनायक भी इस पद को संभाल चुके हैं। जस्टिस दीपक मिश्रा को याकूब मेमन पर दिए गए फैसले पर काफी सुर्खियां मिली थीं। याकूब मेमन की फांसी पर रोक लगाने वाले याचिका को जस्टिस दीपक मिश्रा ने खारिज कर दिया था। वे पटना और दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं।
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9 August 2017पाकिस्तान में नवाज शरीफ के सत्ता से हटने के बाद प्रधानमंत्री बने शाहिद खाकन अब्बासी ने अपने कैबिनेट मंत्रियों का चयन कर लिया है। शुक्रवार को राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने 47 सांसदों को कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई, जिनमें से 19 राज्यमंत्री हैं। शपथ लेने वालों में दर्शन लाल भी शामिल हैं। 20 सालों में यह पहला मौका है जब पाकिस्तान सरकार में कोई हिंदू शामिल हुआ है। 65 वर्षीय दर्शन लाल पेशे से डॉक्टर हैं। वे राजनीति में सक्रिय होने के साथ ही सिंध प्रांत में मीरपुर मथेलो शहर में प्रैक्टिस करते हैं। दर्शन लाल को पाकिस्तान के चारों प्रांतों के बीच समन्वय का प्रभारी बनाया गया है।लाल वर्ष 2013 में PML-N पार्टी के टिकट पर अल्पसंख्यक कोटे से दूसरी बार सांसद चुने गए थे। प्रधानमंत्री अब्बासी ने शरीफ कैबिनेट में रक्षा और ऊर्जा मंत्री रहे ख्वाजा आसिफ को विदेश मंत्री का पद सौंपा गया है। मालूम हो, पाक सरकार में साल 2013 से ही कोई विदेश मंत्री नहीं था, आखिरी विदेश मंत्री हीना रब्बानी खार थीं। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बीते हफ्ते पनामा पेपर्स लीक मामले में भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए पीएम पद से बरखास्त कर दिया था। जिसके बाद शाहिद खाकन अब्बासी को पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री बनाया गया है।
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5 August 2017विश्व में अपनी पहचान बना चुकी मध्यप्रदेश की बाग हस्तशिल्प कला ने एक बार फिर अमेरिका में लोगों का मन मोहा है। यह पहला मौका है कि भारत की ओर से धार जिले के बाग कस्बे की प्रसिद्ध हस्तशिल्प कला का अमेरिका में दूसरी बार प्रदर्शन किया गया है। हाल ही में अमेरिका के सेन्टा फे शहर में हुए अंतर्राष्ट्रीय फोकआर्ट मार्केट में भारत की ओर से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त मोहम्मद युसूफ खत्री ने परम्परा गत आदिवासी हस्त कला का परचम फहराया। इस प्रदर्शन-सह-बिक्री आयोजन में विश्व के 90 देशों ने भाग लिया। फोक आर्ट मार्केट की निदेशक साचिको उमी ने बाग प्रिंट की सराहना करते हुए कहा कि इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए कलाकारों को आगे मौके दिये जाने चाहिये। मोहम्मद युसूफ खत्री ने अमेरिका की भौगोलिक एवं सांस्कृतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए आधुनिक एवं परम्परागत परिधान डिजाइन किये थे। इनकी प्रदर्शनी में काफी लोकप्रियता रही। तीन दिवसीय प्रदर्शनी में श्री युसूफ के सिल्क स्कार्फ, स्टोल, टेबल रनर, बेम्बू मेट की काफी माँग रही। विभिन्न देशों में श्री युसूफ के बाग प्रिंट को मिली है सराहना मोहम्मद युसूफ खत्री वर्ष 2009 में भी अमेरिका के फोट आर्ट मार्केट में अपनी हस्तकला का यादगार प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने बारर्सिलोना स्पेन में वर्ष 1991, हेनोवर जर्मनी के वर्ल्ड एक्सपो 2000, मार्टेनिक फ्रांस 2005, बारर्सिलोना स्पेन में वर्ल्ड एक्सपो 2005, बेहरीन में सुकल हिन्द फेस्टिवल 2006, बेल्जियम के ब्रुसेल्स में फेस्टिवल ऑफ इंडिया 2006, इटली के मिलान में मेकेफेयर 2009, कोलम्बिया के बगोटो शहर में आर्टिजनों हैण्डीक्राफ्ट फेयर 2009, मिनाल इटली फेयर 2010, अर्जेंटीना के ब्यूनिसआयर्स में भारत महोत्सव 2011 सहित देश के कई नगरों में अपनी कला का जीवंत प्रदर्शन कर चुके हैं।
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5 August 2017पाकिस्तान में नजरबंद आतंकवादी हाफिज सईद अब सियासत में उतरने की तैयारी कर रहा है। हाफिज सईद ने नये नाम से पार्टी का पंजीकरण करवाने के लिए चुनाव आयोग में अर्जी दी है। करवाने के बाद चुनाव लड़ने की योजना बना रहा है। हाफिज सईद ने अपने संगठन जमात-उद-दावा की ओर से पाकिस्तान चुनाव आयोग में 'मिल्ली मुस्लिम लीग' के नाम से राजनीति पार्टी को मान्यता देने के लिए अर्जी दी है। पाकिस्तान में बदलते राजनीतिक हालातों के बीच नवाज शरीफ को पनामा केस के कारण अपनी कुर्सी गंवानी पड़ गई है और हाफिज सईद जानता है कि उसके लिए यह राजनीति में कदम में रखने का सबसे बेहतर मौका है। अगर चुनाव आयोग से हरी झंडी मिल जाती है तो फिर ये आतंक का आका पाकिस्तान की राजनीति में अपने पैर जमाने की कोशिश करेगा। आपको बता दें कि हाफिज सईद 26/11 मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है और पिछले 6 महीने से पाकिस्तान में नजरबंद है। नजरबंदी की कार्रवाई अमेरिका की उस चेतावनी के बाद की गई है, जिसमें अमेरिका ने कहा था कि अगर जमात-उद-दावा के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगा सकता है। बता दें, है और भारत इसके खिलाफ लगातार कार्रवाई की मांग कर रहा है।
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4 August 2017वाशिंगटन से सिंधु जल संधि के तहत भारत को हायड्रो प्रोजेक्ट बनाने की अनुमति की खबरों को विश्व बैंक ने खंडन किया है। बैंक ने कहा है कि अभी भारत को कोई मंजूरी नहीं मिली है और पाकिस्तान के साथ उसकी बात जारी है। इस मामले में अब तक कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। बता दे कि इससे पहले खबरें आईं थीं कि भारत को प्रोजेक्ट के लिए अनुमति मिल गई है। बैंक ने अपने स्टेटमेंट में कहा है कि सप्ताह की शुरुआत में बैठकें सद्भावना और सहयोग की भावना से आयोजित की गईं थीं। दोनों पक्ष सितंबर में फिर बैठक के लिए सहमत हो गए हैं। बता दें कि इसके पहले खबर आई थी कि पाकिस्तानी की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए विश्व बैंक ने भारत को किशनगंगा और रतला पनबिजली परियोजनाओं के निर्माण की अनुमति दे दी है। इसके बाद भारत सिंधु जल संधि के तहत भारत को झेलम और चिनाब की सहायक नदियों पर कुछ शर्तो के साथ पनबिजली संयंत्रों के निर्माण कर सकता है।
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3 August 2017प्रधानमंत्री के पद से हटते हुए नवाज शरीफ को अपने भाई शाहबाज के अलावा कोई और उत्तराधिकारी नहीं दिखा। मगर, प्रधानमंत्री बनने जा रहे शाहबाज शरीफ अपने भाई की कार्बन कॉपी नहीं है। वह सरकार के शीर्ष पर बैठकर एक नई शैली बना सकते हैं। शाहबाज ने अपनी छवि वर्कोहॉलिक यानी ज्यादा काम करने वाले और समय पर परियोजनाओं को पूरा करने वाले व्यक्ति के रूप में बनाई है। शाहबाज के कई सहयोगियों ने कहा कि वह एक कड़े प्रशासक हैं। उन्होंने प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने के लिए अधिकारियों को फटकार लगाई थी। मई में जब एक चीनी निर्मित कोयला आधारित पावर स्टेशन रिकॉर्ड समय में बना, तो पीएमएल-एन ने इसे अपनी उपलब्धि बताते हुए अखबारों में विज्ञापन दिए थे। एक तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) संयंत्र भी रिकॉर्ड समय में बनाया गया था। पंजाब सरकार के एक अधिकारी अतारी अली खान ने लंबे समय तक शाहबाज के साथ काम किया है। उन्होंने कहा कि आप चाहें या नहीं, लेकिन यदि आपको शाहबाज शरीफ के साथ काम करना है, तो हमेशा तैयार रहना होगा। विश्लेषकों का कहना है कि शाहबाज ने सेना के जनरलों के साथ बेहतर संबंध बनाए हैं, जिन्होंने 1999 में नवाज शरीफ के दूसरे कार्यकाल में विद्रोह कर तख्तापलट कर दिया था। न्यूजवीक पाकिस्तान के लेखक और कॉन्ट्रिब्यूटिंग एडिटर खालद अहमद ने कहा कि शाहबाज शरीफ अधिक व्यावहारिक हैं। सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) बिना किसी परेशानी के सत्ता का हस्तांतरण करने जा रही है। इसके तरत नवाज के वफादार शाहिद खाकन अब्बासी को दो महीने के लिए प्रधानमंत्री बनाया जाएगा। दो महीने में होने वाले उप-चुनाव में शाहबाज सांसद बनकर पीएम का पद संभालेंगे। इस तरह के एक सुव्यवस्थित सौहार्द राजनीतिक रूप से उथल-पुथल वाले पाकिस्तान के इतिहास के विपरीत होगा। पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना के साथ शाहबाज के रिश्ते अपने भाई की तुलना में अधिक सौहार्दपूर्ण रहे हैं। 65 वर्षीय शाहबाज शरीफ, राजनीति में अपने तीन दशकों के काम के दौरान नवाज की छत्र-छाया में रहे हैं। विशाल पंजाब प्रांत में ढांचागत परियोजनाओं के बुनियादी ढांचे के साथ काम करने वाले एक प्रशासक प्रशासक के रूप में उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा बनाई है। शाहबाज के एक करीबी ने बताया कि उनकी सबसे बड़ी कमजोरी नवाज शरीफ हैं।
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1 August 2017खबर मॉस्को से । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाई कठोर पाबंदियों का कड़ा जवाब दिया है। रविवार को रूस सरकार ने अपने देश में पदस्थ 755 अमेरिकी राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दे दिया। इससे पहले रूसी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से कहा था कि वह सितंबर तक अपने दूतावास के स्टाफ की कटौती कर 455 कर ले। इतने ही रूसी राजनयिक अमेरिका में पदस्थ हैं। वह उनके बराबर ही अमेरिकियों को अपने देश में रखना चाहता है। रोसिया-24 टेलीविजन से चर्चा में पुतिन ने कहा, अमेरिकी दूतावास व वाणिज्य दूतावास में अब भी 1 हजार से ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। 755 लोगों को रूस में अपना कामकाज समेटना ही होगा। पुतिन ने चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि रूस और अमेरिका के संबंध जल्द बदलाव की उम्मीद नहीं है। हमने काफी इंतजार किया लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि अगर संबंधों में बदलाव हुआ तो यह जल्दी नहीं होगा।
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31 July 2017वाशिंगटन। नॉर्थ कोरिया द्वारा एक बार फिर से इंटरकॉन्टिनेटल बलैस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया गया है। इसके बाद जहां जापान में हड़कंप मचा हुआ है वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसकी निंदा की है। ट्रंप ने एक बयान में इस परीक्षण को लापरवाही भरा और खतरनाक करार दिया है। नॉर्थ कोरिया ने एक बयान में कहा है कि यह मिसाइल पूरे अमेरिका को अपनी जद में लेती है। इसके बाद ट्रंप ने अपने एक बयान में कहा है कि नॉर्थ कोरिया द्वारा फिर से किया गया मिसाइल परीक्षण एक महीने के अंदर दूसरा है। यह नॉर्थ कोरिया का लापरवाही और खतरनाक कदम है। उन्होंने आगे कहा कि यूनाइटेड स्टेट्स इसकी निंदा करता है और नॉर्थ कोरिया के उस दावे को नकारता है जिसमें वो कहते हैं कि इन परीक्षणों और हथियारों से नॉर्थ कोरिया की सुरक्षा होगी। वास्तव में इनका उल्टा असर होगा। कोरिया द्वारा यह परीक्षण उसे दुनिया से और दूर करने के साथ ही उसकी अर्थव्यवस्था गिराएंगे। उन्होंने कहा की अमेरिकी अपने लोगों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा साथ ही उसके सहयोगियों की भी सुरक्षा करेगा।
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29 July 2017उत्तर कोरिया ने शुक्रवार देर रात फिर मिसाइल दागी जो जापान के समुद्री क्षेत्र में गिरी। माना जा रहा है कि यह अंतर महाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) थी। जापान के पीएम शिंजो आबे ने इसे देश की सुरक्षा को खतरा मानते हुए आपात बैठक बुलाई। संयुक्त राष्ट्र की पाबंदी के बाद भी उ. कोरिया ने एक माह में दूसरा परीक्षण कर दुनिया को चुनौती दी है। एक दिन पहले ही अमेरिकी कांग्रेस ने रूस, ईरान व उ. कोरिया पर ताजा प्रतिबंध लगाए हैं। मिसाइल उत्तरी कोरिया के जेनगांग प्रांत से स्थानीय समयानुसार रात 11.41 बजे दागी गई। अमेरिकी रक्षा विभाग ने इसकी पुष्टि की है। पेंटागन के प्रवक्ता कैप्टन जैफ डेविस ने कहा कि यह मिसाइल करीब 1 हजार किमी की दूरी तय कर जापान के समुद्र में गिरी। यह इस साल का 12 वां व आईसीबीएम मिसाइल का दूसरा परीक्षण है। जापान के पीएम आबे ने कहा, आईसीबीएम स्तर की मिसाइल दागने से साफ है कि हमारे देश को खतरा वास्तविक व गंभीर है। आबे सरकार के मुख्य मंत्रिमंडलीय सचिव योशिहाइड सुगा ने कहा कि मिसाइल करीब 45 मिनट उड़ी। जापान की प्रसारण एजेंसी एनएचके के अनुसार मिसाइल 3000 किमी से ज्यादा की ऊंचाई तक पहुंचने के बाद निशाने पर पहुंची। यह इस माह के आरंभ में दागी गई मिसाइल से ज्यादा शक्तिशाली थी, जिसे अमेरिका व दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने अमेरिका तक मार करने में सक्षम बताया था। 4 जुलाई को उत्तर कोरिया द्वारा दागी गई मिसाइल 933 किमी दूर तक गई और 2802 किमी की ऊंचाई तक गई थी। वह बड़े व भारी परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम थी।
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29 July 2017इस्लामाबाद से खबर है कि पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को पनामा पेपर केस में दोषी मान लिया है। इसके बाद अब वो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नहीं रह पाएंगे। पाक मीडिया की खबरों के अनुसार पांच जजों की बैंच ने उन्हें सर्वसम्मति से दोषी करार दिया है और सारी जिंदगी के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। पाक सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस आसिफ सईद खोसा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने इस मामले में आपसी सहमति के बाद यह फैसला लिया है। कोर्ट ने नवाज शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ मामलों को एनएबी ट्रायल कोर्ट भेजने के लिए कहा है जहां 6 महीने में इन पर फैसला होगा। अदालत ने नवाज के अलावा उनकी बेटी, दामाद और वित्त मंत्री को भी दोषी पाया गया है। वित्त मंत्री इशाक दार को भी अयोग्य घोषित किया है। नवाज के पीएम पद से हटने के बाद उनके भाई शाहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए पीएम बनते हैं। शाहबाज फिलहाल पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री हैं और सीधे तौर पर पीएम नहीं बन सकते। उन्हें पीएम बनने के लिए चुनाव लड़ना होगा। नवाज और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग जैसे संगीन आरोप थे। नवाज शरीफ से सीधे जुड़े मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संयुक्त जांच दल (जेआईटी) गठित किया गया था। जेआईटी ने 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय को सौंपी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसस पहले पीठ में शामिल रहे दो जजों के 11 अगस्त तक के लिए इस्लामाबाद से बाहर होने की बात कही गई थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में शरीफ को प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराने की सिफारिश की है। ऐसे में उनके भाई और पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ के कमान संभालने के कयास भी लगाए जा रहे हैं।
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28 July 2017खबर वॉशिंगटन से। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनका प्रशासन रूस, ईरान और उत्तर कोरिया के खिलाफ और कड़े प्रतिबंध लगाने का समर्थन करते हैं. प्रतिनिधि सभा में इस कदम के पक्ष में मतदान किये जाने के एक दिन बाद व्हाइट हाउस ने यह बात कही. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने संवाददाताओं से कहा कि व्हाइट हाउस, राष्ट्रपति और पूरा प्रशासन रूस, ईरान और उत्तर कोरिया के खिलाफ प्रतिबंधों का पुरजोर समर्थन करते है. प्रतिबंध के पक्ष में प्रचंड बहुमत : इससे पहले प्रतिनिधि सभा ने मंगलवार को तीन के मुकाबले 419 मतों के प्रचंड बहुमत से इन तीनों देशों के खिलाफ और कड़े प्रतिबंध लगाने का समर्थन करने वाला विधेयक पारित कर दिया. विधेयक का उद्देश्य अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने और यूक्रेन और सीरिया में सैन्य हमले करने के लिए रूस को दंडित करना है. विधेयक को कानून बनाने ट्रंप के हस्ताक्षर जरुरी : इसमें यह भी मांग की गयी है कि आतंकवाद का लगातार समर्थन करने के लिए ईरान को उसका नतीजा भुगतना पड़े. विधेयक को पहले सीनेट से पारित कराना होगा और उसके बाद ही इसे कानून में बदलने के लिए ट्रंप के हस्ताक्षर के लिए व्हाइट हाउस भेजा जा सकता है.
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27 July 2017मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के समक्ष मध्यप्रदेश पुलिस और विश्व के उत्कृष्टतम विश्वविद्यालयों में से एक मैसाच्यूसेट इस्टीट्यूट ऑफ टैक्नॉलाजी के मध्य समझौता आज मुख्यमंत्री निवास में हस्ताक्षरित हुआ। प्रदेश पुलिस को और अधिक जनोन्मुखी बनाने के लिये संस्थान द्वारा शोध कार्य किया जायेगा। इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला और मैसाच्यूसेट इस्टीट्यूट ऑफ टैक्नॉलाजी शोध संस्थान के श्री अब्दुल लतीफ ज़मील, गरीबी उन्मूलन एक्शन लैब की दक्षिण एशियाई प्रमुख सुश्री शोभनी मुखर्जी ने समझौते पर हस्ताक्षर किये। इस मौके पर पुलिस अधिकारी, संस्थान के प्राध्यापक और शोधकर्ता उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सामुदायिक पुलिसिंग को और अधिक प्रभावी बनाने के निरंतर प्रयास हो रहे हैं। इस दिशा में वर्ष 2009 से जनसुनवाई शुरू की गई। प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण की प्रभावी पहल के लिए पुलिस बल में उनके लिए 30 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने संस्थान के साथ हुये एम.ओ.यू. पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि शोध कार्य निष्पक्ष और निरपेक्ष रूप से किया जाये। अध्ययन के निष्कर्ष पुलिस व्यवस्था को अधिक बेहतर और मजबूत बनाने में सहयोगी हों। पुलिस महानिदेशक श्री ऋषि कुमार शुक्ला ने बताया कि प्रदेश की पुलिस व्यवस्था को और अधिक बेहतर तथा मज़बूत बनाने के लिये शोध का कार्य-क्षेत्र जनता एवं पुलिस के मध्य संवाद, पुलिस प्रतिक्रिया-प्रक्रिया और पुलिस बल में महिलाओं के एकीकरण पर केन्द्रित होगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह श्री के. के. सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अशोक बर्णवाल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री राजीव टंडन और श्रीमती अनुराधा शंकर सिंह, प्रोफेसर वर्जीनिया विश्वविद्यालय श्री संदीप सूथांकर, प्रोफेसर हावर्ड विश्वविद्यालय श्री अक्षय मंगला, प्रोफेसर विज़नर वर्जीनिया सुश्री ग्रैब्रीला क्रूक्स, प्रोजेक्ट ऑफीसर जे.पी.ए.लैब दक्षिण एशिया श्री विष्णु पदमाभन, शोध सहायक श्री अंशुमान भार्गव उपस्थित थे।
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27 July 2017खबर कोलंबो से। सिक्किम में भारत के साथ सीमा विवाद में लगे चीन को नया झटका लगा है। श्रीलंका ने उसके साथ हंबनटोटा पोर्ट को लेकर होने वाली डील में बदलाव किए हैं। खबरों के अनुसार पड़ोसी देश ने अपने यहां बंदरगाह बना रहे चीन पर नई शर्तें लागू की हैं। श्रीलंका की कैबिनेट ने इस संबंध में मंगलवार को ही एक संशोधित समझौता पास किया है। चीनी कंपनी की मदद से श्रीलंका हंबनटोटा पोर्ट को विकसित करना चाहता है। इसके तहत किए गए पहले समझौते का खुद श्रीलंका में ही लोगों ने काफी विरोध किया, जिसके बाद इस समझौते में संसोधन करना पड़ा। यह बंदरगाह दुनिया की सबसे व्यस्त शिपिंग लेन के करीब है, यह उस वक्त विवादों में घिर गया जब निजीकरण के प्रयासों के तहत इसके चीनी कंपनी के हाथों में जाने की बात सामने आई। चीन मर्चेंट्स पोर्ट होल्डिंग्स ने 1.5 बिलियन डॉलर (करीब 9 हजार 7 करोड़ रुपये) में इस बंदरगाह को विकसित करने का समझौता किया। इसके तहत कंपनी को इसमें 80 फीसदी हिस्सेदारी देने की बात तय की गई। अब नए समझौते में श्रीलंका सरकार ने बंदरगाह पर वाणिज्यिक परिचालन में चीन की भूमिका को सीमित करने की मांग की है। बंदरगाह पर व्यापक सुरक्षा निगरानी खुद के पास ही रखने को कहा है। हंबनटोटा पोर्ट एशिया में आधुनिक सिल्क रूट का अहम हिस्सा है। इंडस्ट्रियल जोन विकसित करने के नाम पर चीन यहां 15000 एकड़ जमीन अधिगृहित करने की योजना में है। ऐसे में श्रीलंका के अलावा दूसरे देशों खासकर भारत की तरफ से ऐसी चिंता जाहिर की गई कि चीन इसका इस्तेमाल नेवी बेस के तौर पर कर सकता है। श्रीलंका में भी इसे लेकर काफी विरोध प्रदर्शन हुए। लोगों ने अपनी जमीन खोने का डर जताया था। इसके अलावा श्रीलंका के राजनेताओं ने इतने बड़े जमीन के टुकड़े का नियंत्रण चीन के पास जाने को देश की संप्रभुता के साथ समझौते के रूप में भी देखा था।
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26 July 2017अजीत डोभाल के चीन दौरे से पहले वहां के सरकारी अखबार ने नया आरोप मढ़ा है। ग्लोबल टाइम्स ने अपने आर्टिकल में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर आरोप लगाया है कि डोकलाम विवाद के पीछे उनका ही दिमाग है। चीनी मीडिया ने ऐसे समय में अजीत डोभाल पर निशाना साधा है, जब वे ब्रिक्स की बैठक में हिस्सा लेने बिजिंग जा रहे हैं। माना जा रहा है कि यहां डोभाल की चीन के एनएसए से मुलाकात हो सकती है। ब्रिक्स के सदस्य देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार 27 व 28 जुलाई को बैठक करने जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू-कांग ने कहा कि वह इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे हैं, लेकिन ब्रिक्स की पिछली बैठकों के दौरान द्विपक्षीय वार्ता हो चुकी है। हालांकि जब उनसे पूछा गया कि क्या ब्रिक्स की बैठक के दौरान डोकलाम की विवाद पर चर्चा होगी तब उनका कहना था कि भारत ने गलत तरीके से चीन की सीमा को लांघा है। किसी भी तरह की वार्ता के लिए जरूरी है कि पहले भारत अपनी सेना को पीछे हटाए। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के एक लेख में लिखा है कि चीन और भारत के बीच चल रहे डोकलाम विवाद के पीछे एनएसए अजीत डोभाल हैं। साथ ही लेख में लिखा है कि भारतीय मीडिया इस तरह का माहौल बना रहा है कि जैसे उनकी यात्रा से सब ठीक हो जाएगा। ग्लोबल टाइम्स के लेख में लिखा है कि अगर भारत ऐसा सोचता है कि अजीत डोभाल की यात्रा से बीजिंग मान जाएगा तो यह बिल्कुल गलत है। लेख में लिखा है कि सीमा विवाद सुलझाने के लिए डोभाल की यात्रा का समय ठीक नहीं है और ना ही इसमें भारत की इच्छानुसार कुछ होगा। लेख में डोभाल पर निशाना साधते हुए कहा गया है कि डोकलाम विवाद के पीछे अजीत डोभाल का ही दिमाग है। सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि चीनी एनएसए और अजीत डोभाल में बातचीत हो सकती है, लेकिन साथ ही उन्होंने डोकलाम मुद्दे पर कोई सकारात्मक बात होने की आशंका जताई थी। गौरतलब है कि इससे पहले चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत को मुगालते में न रहने की चेतावनी दी थी। चीनी सेना की 90 वीं वर्षगांठ पर उनका कहना था कि अपने देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए चीनी सेना किसी भी हद तक जा सकती है। भारत केवल भाग्य भरोसे न बैठे। जरूरत पड़ी तो चीन की सेना किसी भी हद को पार करने से गुरेज नहीं करेगी। उनके लिए अपने देश का हित सर्वोपरि है। चीन से चल रहे विवाद पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का कहना है कि पड़ोसी देश अनाधिकृत तरीके से भारत की सीमा में घुस रहा है।
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25 July 2017मुंबई के घाटकोपर इलाके में एक बड़ा हादसा हुआ है। यहां एक 4 मंजिला इमारत अचानक भरभरा कर गिर गई। हादसे के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। अब तक मलबे से 9 लोगों को निकाला जा चुका है वहीं 12 लोगों की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार अब भी 30 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। अधिकारियों के अनुसार हादसा सुबह करीब 10:45 के आसपास हुआ। घटना की सूचना मिलने के बाद दमकल के अलावा राहत और बचाव दल के सदस्य मौके पर पहुंची और फंसे हुए लोगों को निकालना शुरू किया। हादसे के बाद राज्य के गृह निर्माण मंत्री प्रकाश मेहता ने बयान देते हुए कहा है कि इलाके में इस तरह की कई इमारतें बनी हुई हैं। अगर इसमें कोई लापरवाही हुई है तो जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
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25 July 2017अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के पश्चिमी क्षेत्र में हुए एक भीषण बम धमाके में मरने वालों की संख्या 35 तक पहुंच गई है वहीं 42 से ज्यादा लोग घायल है। सोमवार को हुए इस आत्मघाती हमले में हमलावर ने कार में धमाका किया। यह धमाका राजधानी एफडी 6 इलाके में हुआ है। फिलहाल इस धमाके की किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है। धमाके में घायल लोगों को नजदीक अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। पुलिस के अनुसार, हमले का लक्ष्य स्पष्ट नहीं है। आशंका जताई जा रही है कि इस हमले में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
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24 July 2017डोकलाम सीमा विवाद को लेकर भारत पर आक्रामक हुए चीन के लिए अमेरिका ने चिंता बढ़ा दी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक आक्रामक कदम से चीन की बैचेनी बढ़ गई है। ट्रंप ने अपनी नौसेना (यूएस नेवी) को दक्षिण चीन सागर में खुली छूट दे दी है जिसकी वजह से यहां अपनी सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा चीन पूरी तरह से दवाब की स्थिति में आ गया है। ट्रंप के इस फैसले से ड्रैगन के दक्षिण चीन सागर पर दावेदारी पेश करने को बड़ी चुनौती मिली है। आपको बता दें कि चीन के अलावा पांच अन्य देश वियतनाम, मलयेशिया, इंडोनेशिया, ब्रुनेई और फिलीपींस दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा जताते हैं। चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी फिलहाल अपने कॉन्क्लेव की तैयारी कर रही है जिसमें कई बड़े राजनैतिक बदलाव होने वाले हैं और ऐसे समय में अमेरिका द्वारा उठाए गए इस कदम से चीन की बढ़ती नौसेना दक्षिण चीन सागर में ही उलझी रहेगी और चीन पर भारत और जापान जैसे दूसरे देशों के साथ सीमा विवाद के मसले पर दवाब पड़ेगा। अमेरिका रक्षा मंत्री जिम मैटिस द्वारा पेश की योजना के अनुसार, दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना के जहाजों की तैनाती पूरे एक साल तक रहेगी। अमेरिका नेवी को इस बार ओबामा प्रशासन के मुकाबले ज्यादा आजादी दी जाएगी। ट्रंप प्रशासन का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बाल्टिक सागर में चीन और रूस संयुक्त नौसैनिक अभ्यास कर रहे हैं। वहीं, जानकारों की मानें तो कि बीजिंग संयुक्त नौसैनिक युद्धाभ्यास के जरिए रूस को भरोसे में लेने में लगा है तांकि वह जता सके कि पश्चिमी शक्तियों के हमले से वह (चीन) रूस के साथ खड़ा रहेगा। ग्लोबल टाइम्स से बात करते हुए चीनी नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि चीन ने अपने आधुनिक गाइडेड मिसाइल विध्वंसक भेजकर रूस के प्रति अपनी गहरी दोस्ती की ओर इशारा किया है। इसके साथ ही हमें उकसाने वाले देशों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण संदेश है। चीन अंतर्राष्ट्रीय अदालत में चीन पहले मात खा चुका है। हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने चीन द्वारा साउथ चाइना सी पर जताए गए दावे को खारिज कर उसे गैरकानूनी और अतिक्रमण वाला बताया था। लेकिन चीन ने कोर्ट के फैसले को नकार दिया।
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23 July 2017भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 2.681 बिलियन अमेरिकी डॉलर का इजाफा देखने को मिला है। 14 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर नए लाईफ टाइम हाई के साथ 389.059 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। इस इजाफे में फॉरेन करेंसी एसेट्स का प्रमुख योगदान रहा है। आरबीआई के डेटा में यह बात सामने आई है। आरबीआई की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक बीते सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 161.9 मिलियन डॉलर गिरकर 386.377 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया था। फॉरेन करेंसी एसेट्स जिसका ओवरऑल रिजर्व में बड़ा योगदान होता है वह 2.677 बिलियन डॉलर बढ़कर 364.908 बिलियन के स्तर पर पहुंच गया। अगर इसे यूएस डॉलर के संदर्भ में नापे तो फॉरेन करेंसी एसेट्स में नॉन यूएस करेंसी, जैसे की यूरो,पौंड और येन (जिन्हें रिजर्व में रखा जाता है) की मूल्यवृद्धि और मूल्यह्रास दोनों ही शामिल होते हैं। वहीं गोल्ड रिजर्व बिना किसी बड़े बदलाव के 20.348 बिलियन डॉलर पर बरकरार है। वहीं इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड (आईएमएफ) के साथ स्पेशल ड्राइंग राइट्स भी 1.8 मिलियन डॉलर बढ़कर 1.479 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गए। वहीं आईएमएफ में भी देश की रिजर्व पोजीशन 2.7 मिलियन डॉलर बढ़कर 2.322 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई।
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22 July 2017कश्मीर समस्या सुलझाने के लिए चीन और अमेरिका की मदद लेने वाले फारुक अब्दुल्ला के बयान पर कड़ी प्रतिक्रियाएं आ रहीं हैं। राहुल गांधी और भाजपा के बाद अब जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अनंतनाग में बड़ा बयान देते हुए कहा है कि अगर अमेरिका ने हस्तक्षेप किया तो कश्मीर भी सीरिया बन जाएगा। मुफ्ती ने कहा कि चीन और अपनेरिका अपने काम से काम रखें, हम सब जानते हैं कि उन देशों के क्या हाल हैं जहां इन्होंने हस्तक्षेप किया, फिर चाहे वो अफगानिस्तान हो, सीरिया हो या इरका हो। उन्होंने कहा कि सिर्फ दोनों पक्षों के बीच वार्ता से ही कश्मीर मुद्दे के समाधान में मदद मिल सकती है। मुफ्ती ने पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने लाहौर डेलिरेशन में कहा था कि भारत और पाकिस्तान दोनो बात करके कश्मीर मुद्दा सुलझाएं। मुफ्ती ने फारुक अब्दुल्ला से सवाल पूछा कि वो जानते हैं अफगानिस्तान और सीरिया के क्या हाल हुए हैं? शुक्रवार को फारुक अब्दुल्ला ने कहा था कि भारत को कश्मीर मुद्दा सुलझाने के लिए चीन और अमेरिकी की मदद लेनी चाहिए।
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22 July 2017नई दिल्ली में रिलायंस जियो की सालाना बैठक में शुक्रवार को मुकेश अंबानी ने बड़ा धमाका करते हुए पहला 4जी फीचर फोन लॉन्च कर दिया। मुकेश अंबनी ने इस दौरान कंपनी के शेयर धारकों, कर्मचारियों और जियो यूजर्स को भी धन्यवाद दिया। इस फोन की सबसे बड़ी खास बात यह होगी कि इसे खरीदने के लिए यूजर्स को कोई कीमत नहीं देनी होगी, मतलब यह फोन पूरी तरह से फ्री में मिलेगा। हालांकि इसके लिए यूजर्स को कंपनी के पास तीन साल के लिए 1500 रुपए का सिक्युरिटी डिपॉजीट देना होगा जो फोन वापस करने पर रिफंड हो जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि 15 अगस्त से इस फोन का ट्रायल शुरू होगा और 24 अगस्त से यह फोन प्री बुकिंग के लिए उपलब्ध होगा। मुकेश अंबानी ने इस दौरान जियो फीचर फोन को इंडिया का इंटेलीजेंट फोन करार दिया। यह फीचर फोन मेक इन इंडिया के तहत भारत में ही बनाया गया है। इस फोन को यूजर्स वॉइस कमांड के माध्यम से भी चला सकते हैं। इसके बाद मुकेश अंबानी ने कहा कि यह फोन देश के 50 करोड़ फीचर फोन यूज करने वालों की जरूरतों को पूरा करेगा। इस फीचर फोन के लिए टेरिफ प्लान्स की घोषणा करते हुए कहा कि इसमें वॉइस कॉलिंग हमेशा मुफ्त रहेगी। इसके अलावा अनलिमिटेड डेटा मिलेगा। यूजर्स को सिर्फ 153 रुपए में एक महीने तक अनलिमिटेड डेटा मिलेगा। जियो फोन यूजर्स को जियो धन धना धन ऑफर का फायदा भी कम कीमत पर मिलेगा। 309 रुपए में यूजर्स रोजाना 3-4 घंटे वीडियो देख पाएंगे। यह फोन किसी भी टीवी से जुड़ जाएगा। इसके लिए जियो ने एक फोन टीवी केबल बनाया है। इससे पहले अंबानी के स्वामित्व वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) की शेयरधारकों के साथ शुक्रवार को 40वीं एजीएम (एनुअल जनरल मीटिंग) शुरू हुई है। मुकेश अंबानी ने कंपनी पर भरोसा करने के लिए शेयर धारकों का शुक्रिया अदा किया। यह एजीएम मुंबई के बिड़ला मातोश्री सभागार में हो रही है। अंबानी ने इस बैठक में 1970 से लेकर अब तक के सफर की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने बताया कि साल 1970 में कंपनी का टर्नओवर 70 करोड़ था वो आज 3 लाख 30,000 करोड़ तक पहुंच गया है। वहीं कंपनी की कुल एसेट्स भी 33 करोड़ से 7 लाख करोड़ हो गई। यह करीब 20,000 गुना का इजाफा है। मुकेश अंबानी ने कहा कि कंपनी बीते 40 सालों में सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। मुकेश अंबानी ने कहा कि कंपनी ने बीते 40 सालों में बड़ी ग्रोथ हासिल की। उन्होंने कहा कि कंपनी की ग्रोथ इस दौरान 4700 गुना बढ़ी। इस दौरान कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 10 करोड़ से 5 लाख करोड़ रुपए हो गया। यह करीब 50,000 गुना का इजाफा है। वहीं बीते 40 साल में कंपनी का नेट मुनाफा 10,000 गुना बढ़ा है। अंबानी ने बताया कि इस दौरान कंपनी की नेट आय 3.66 लाख करोड़ हो गई।
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21 July 2017डोकलाम में सीमा पर जारी तनाव के बीच चीन ने एक बार फिर भारत से अपनी सेना वापस बुलाने को कहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने मंगलवार को कहा कि भारत को अपने राजनीतिक लक्ष्यों की पूर्ति के लिए अतिक्रमण को एक नीति के तौर पर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। डोकलाम इलाके में भारतीय सेना के प्रवेश को अवैध बताते हुए उन्होंने कहा कि इसने अंतरराष्ट्रीय बिरादरी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। लू के अनुसार, कई देशों के राजनयिक भारत के इस कदम से हैरान हैं। इस बीच, मीडिया इस मुद्दे को ज्यादा ही उछाल रहा है। सरकारी समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने मंगलवार को फिर से भारत को चेतावनी देते हुए लिखा कि चीन किसी भी तरीके के टकराव के लिए तैयार है। डोकलाम मुद्दे पर चीन युद्ध से पीछे नहीं हटेगा। अगर ऐसा हुआ तो भारत को इस टकराव का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। अखबार ने कहा कि भविष्य में होने वाले सभी तरह के टकरावों के लिए तैयार रहना चाहिए।भारत अगर कई जगहों से मुश्किलों का सामना कर रहा है तो उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भी टकराव का सामना करना होगा। उल्लेखनीय है कि 16 जून से बढ़े तनाव के बाद से ही चीनी मीडिया लगातार इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहा है। हाल ही में चीनी मीडिया की ओर से सेना द्वारा गोलीबारी का अभ्यास करते हुए वीडियो भी जारी किया गया था। अखबार ने लिखा है कि भारत की इस तरह की कार्रवाई चीन की संप्रभुता को चुनौती है। जिस तरह से लगातार तनाव बढ़ रहा है, चीन को उसके लिए बिल्कुल तैयार रहना चाहिए। हालांकि, इसके साथ ही समझदारी का भी उपयोग करना चाहिए। अखबार के अनुसार, अगर भारत सीमा पर अपनी सेना को मजबूत करता है तो चीन भी ऐसा ही करेगा।
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19 July 2017महिलाओं के पहनावे को लेकर अक्सर विवाद होते रहते हैं लेकिन इस बार यह मामला भारत नहीं बल्कि अमेरिका का है। यहां अमेरिकी महिला सांसदों ने स्लीवलेस कपड़ों के लिए प्रदर्शन किया है। उनकी मांग है कि उन्हें इन्हें पहनने से रोका ना जाए। जानकारी के अनुसार अमेरिका में 30 महिला सांसदों ने स्लीवलेस कपड़े (बिना बांह के कपड़े) पहनने पर लगी रोक के खिलाफ वॉशिंगटन डीसी में स्थित यूएस कैपिटोल में प्रदर्शन किया। सांसदों ने हाउस चैंबर के पास स्पीकर की लॉबी में यह प्रदर्शन किया। यह वहीं स्थान है जहां पत्रकार साक्षात्कार लेते हैं। इस रूम में प्रवेश के लिए महिला पत्रकारों और सांसदों को पूरी बांह के कपड़े पहनकर आना अनिवार्य है। वहीं, पुरुषों के लिए जैकेट और टाई पहनना अनिवार्य है। हाल में सीबीएस न्यूज रिपोर्ट में एक महिला पत्रकार को स्लीवलेस कपड़े पहनने के कारण रूम में प्रवेश नहीं दिया गया था, जिसके बाद यह मामला खासतौर पर महिला पत्रकारों के बीच चर्चा में आ गया था। आलोचना के बीच रिपब्किलन सांसद मार्था मैकसेली ने कहा, 'वापस जाने से पहले मैं कहना चाहती हूं कि मैं अपनी पेशेवर पोशाक में हूं जो स्लीवलेस ड्रेस और आगे से खुले हुए जूते हैं।' मैकसेली की इस टिप्पणी यह विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हो गई। इसके बाद महिला सांसदों ने 'स्लीवलेस फ्राइडे' मनाया और स्लीवलेस ड्रेस पहनकर यूएस कैपिटोल पहुंची। प्रदर्शन को लेकर प्रतिनिधि सभा अध्यक्ष पॉल रयान ने कहा कि जल्द ही इस नियम को लेकर बदलाव किया जाएगा। कैलिफोर्निया में डेमोक्रेट पार्टी की सांसद लिंडा सांचेज ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व तक यहां महिला शौचालय नहीं थे। उन्होंने कहा, 'ये नियम पुरातन काल के हैं। अगर हम परंपरा का पालन करते तो इस फ्लोर में महिला शौचालय नहीं होता।'
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17 July 2017नई दिल्ली। मौजूदा समय में चीन और पाकिस्तान से भारत के तनावपूर्ण संबंध चल रहे हैं। एक तरफ सिक्किम सीमा पर कथित घुसपैठ को लेकर चीन सैन्य कार्रवाई तक की धमकी दे चुका है, वहीं तमाम वैश्विक प्रतिबंधों व दबावों के बावजूद पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे में चीन-पाकिस्तान के खतरे से निपटने और भारतीय हित के विस्तार के लिए सेना के आधुनिकरण की जरूरत है। इसीलिए सशस्त्र बलों ने सरकार से अगले पांच साल में 26.84 लाख करोड़ रुपए आवंटित करने की मांग की है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि 10 और 11 जुलाई को यूनिफाइड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में पांच साल की (2017-2022) 13वीं संयुक्त रक्षा योजना पेश की गई, जो 26,83,924 करोड़ रुपए की है। इसमें डीआरडीओ सहित सभी हितधारकों को शामिल किया गया है। एक सूत्र ने कहा कि सशस्त्र बलों ने 13वीं रक्षा योजना को जल्द मंजूरी देने पर जोर दिया, क्योंकि उनका वार्षिक अधिग्रहण प्लान इसी पर निर्भर है। कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने भरोसा दिया कि आधुनिकीकरण पर निवेश को प्राथमिकता दी जाएगी। मौजूदा समय में भारत का रक्षा बजट 2.74 लाख करोड़ रुपए है, जो जीडीपी का 1.56 फीसद है। यह 1962 में चीन के खिलाफ युद्ध के बाद से न्यूनतम आंकड़ा है। सेना चाहती है कि रक्षा बजट को बढ़ाकर जीडीपी के 2 फीसद तक किया जाए। 13वीं रक्षा योजना के अनुसार, पूंजीगत व्यय के लिए 12,88,654 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया है, जबकि राजस्व व्यय के लिए 13,95,271 करोड़ रुपए का अनुमान लगाया गया है।
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16 July 2017खबर है वाशिंगटन से । यह भारतीय उपमहाद्वीप के लिए परेशान करने वाली खबर है कि आतंकी संगठन अलकायदा लगातार अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहा है। इस उपमहाद्वीप में 2017 तक अलकायदा ने सैकड़ों लोगों को अपने साथ जोड़ा है। अमेरिका के सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसपर चिंता जाहिर करते हुए अमेरिकी सरकार की आतंकरोधी व खुफिया उप समिति के सदस्यों को इसकी जानकारी दी है। विशेषज्ञों ने बताया कि अलकायदा का अफगानिस्तान के हेलमंद, कंधार, जाबुल आदि इलाकों में मजबूत संगठन है। इसका नेटवर्क बांग्लादेश में भी है। विशेषज्ञ सेट जी जोंस ने कहा कि अफगानिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठनों से रिश्ते के कारण अलकायदा वहां अपनी जड़ें जमाता जा रहा है। इन संगठनों में तालिबान से लेकर तहरीक-ए-तालिबान व लश्कर-ए-झांगवी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त अलकायदा ने अपने मीडिया संगठन अल सहाब के जरिए पूरे भारतीय महाद्वीप में प्रचार-प्रसार का अभियान चला रखा है। अल कायदा के नेता अयमान अल जवाहिरी ने सितंबर 2014 में ही भारतीय उपमहाद्वीप के लिए अलग से क्षेत्रीय संगठन कायदा अल जिहाद बनाने की घोषणा की थी। इसका प्रमुख एक भारतीय को बनाया गया। अमेरिकी सांसदों को जानकारी दी गई कि इस संगठन के बैनर तले लोगों को जिहाद का झंडा बुलंद करने व पूरे भारतीय उप महाद्वीप में इस्लामिक कानून का शासन स्थापित करने के लिए आगे आने को उकसाया जा रहा है। अलकायदा ने पाकिस्तान में कभी अपनी जमीन नहीं खोयी और यहीं से अफगानिस्तान में काम करते हुए वहां अपने को स्थापित किया।
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14 July 201717 लाख से ज्यादा प्रभावित असम में बाढ़ से स्थिति और भयावह हो गई है। राज्य के 24 जिले बाढ़ की चपेट में है। अभी तक 44 लोगों की जान जा चुकी है। करीब 17.2 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ का असर इंसानों के साथ-साथ जानवरों पर पड़ रहा है। गैंडों के लिए मशहूर काजीरंगा नैशनल पार्क आधा डूब चुका है। पार्क के जानवरों को बाढ़ से बचाने की कोशिश जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर के विभिन्न हिस्से में बाढ़ की स्थिति पर पीड़ा का इजहार किया है। उन्होंने इससे निपटने के लिए केंद्र से सभी तरह की सहायता देने का वादा किया है। साथ ही गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू से बचाव एवं राहत कार्यों के पर्यवेक्षण और सभी जरूरी मदद उपलब्ध कराने को कहा है। प्रधानमंत्री ने बाढ़ की स्थिति को लेकर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल से बातचीत की है। इसके अलावा उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये राज्यों के शीर्ष अधिकारियों के साथ हर महीने होने वाली 'प्रगति' बैठक में भी पूर्वाेत्तर बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'पूर्वोत्तर के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ प्रभावित लोगों की पीड़ा को साझा करता हूं। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने बुधवार को बाढ़ग्रस्त माजुली जिले का दौरा किया और राहत शिविरों का जायजा लिया। भीषण बाढ़ के चलते 1,760 हेक्टेयर की फसल बर्बाद हो गई है और सैकड़ों लोग बेघर हो गए हैं। सोनोवाल ने काजीरंगा अभयारण्य का भी दौरा किया और अधिकारियों को पशुओं पर नजर रखने का निर्देश दिया, ताकि वे शिकारियों का निशाना न बनें। उन्होंने कहा कि नगांव, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग, सोनितपुर जिलों का प्रशासन बाढ़ के हालात के बारे में रोज वन मंत्री को रिपोर्ट करेगा और पशुओं की सुरक्षा के उपाय करेगा। पूर्वोत्तर के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव अभियानों का आकलन करने के लिए केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय केंद्रीय दल जाएगा। इस घड़ी में पूरा देश पूर्वोत्तर के लोगों के साथ है। रिजिजू के नेतृत्व में उच्चस्तरीय केंद्रीय दल राहत एवं बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए गुरुवार से तीन दिनों तक असम, अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर का दौरा करेगा। दल में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथारिटी, नीति आयोग और एनडीआरएफ के सदस्य शामिल हैं।
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13 July 2017खबर मुंबई से ।डोकलाम में चीन से चल रहे विवाद के बीच मुंबई स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन ने एक नई पहल की है। चीन की हठधर्मिता का जवाब देने के लिए छात्रों से अपील की जा रही है कि वह चीनी माल खरीदने से गुरेज करें। एसोसिएशन का कहना है कि अपने नेताओं के हाथ मजबूत करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। मुंबई स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन के अधिकार क्षेत्र में तकरीबन 15 सौ स्कूल हैं। छात्रों को 1962 के भारत-चीन युद्ध का इतिहास पढ़ाया जा रहा है। शिक्षक उन्हें बता रहे हैं कि कैसे चीन ने पीठ में छुरा मारकर हमारी जमीन हथिया ली। फिर उनसे अपील की जा रही है कि वह अपने परिवार को भी इस बारे में जागरूक करें और चीनी सामान खरीदने से गुरेज करें। इस बाबत ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। इसे और प्रभावी बनाने के लिए एसोसिएशन अपनी बैठक में विचार करेगी। सर्वसम्मति से यह पारित हो जाएगा तो कुछ और भी प्रावधान इस दिशा में किए जा सकते हैं। फिलहाल उद्देश्य मुंबई महानगर के सभी विद्यार्थियों को जागरूक करना है। हालांकि एसोसिएशन केवल अपील कर रही है। छात्रों के लिए ऐसी कोई अनिवार्यता घोषित नहीं की गई है। एसोसिएशन के सचिव प्रशांत रेडिज का कहना है कि कानूनी बाध्यता व अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौते को ध्यान में रखते हुए वह केवल अपील कर रहे हैं। छात्रों को जागरूक करके बताने की कोशिश है कि चीनी माल का बहिष्कार करने से भारत के हाथ मजबूत होंगे। उनका कहना है कि बच्चे कल देश के नागरिक बनेंगे, उन्हें पता होना चाहिए कि चीन किस तरह का खतरा है।
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12 July 2017अटैक को लेकर दिल्ली में मंगलवार को एक हाईलेवल मीटिंग अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर हमले के बाद सीएम महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को अस्पताल में घायलों से मुलाकात की। उन्होंने हाथ जोड़कर हमले पर अफसोस जताया। बाद में कहा- सभी कश्मीरियों के सिर शर्म से झुक गए। इस बीच, कश्मीर के IG मुनीर खान ने कहा कि हमले के पीछे लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है। मास्टर माइंड लश्कर का पाकिस्तानी टेररिस्ट इस्माइल है। केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने भी कहा, "हमले के दोषियों को बख्शने का सवाल ही नहीं है। हमारा पड़ोसी आतंकवाद को प्रमोट कर रहा है।" बता दें कि अनंतनाग में सोमवार रात हुए इस हमले में 5 महिलाओं समेत 7 यात्रियों की मौत हो गई। 15 यात्री जख्मी भी हुए हैं। हमले के शिकार 3 यात्री गुजरात, 2 दमन और 2 महाराष्ट्र के थे। ये लोग यात्रा पूरी कर जम्मू लौट रहे थे। हमले में मारे गए लोगों को सीएम महबूबा मुफ्ती और गवर्नर एनएन वोहरा ने श्रीनगर एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि दी।महबूबा ने अस्पताल में घायलों से मुलाकात के दौरान हाथ जोड़कर हमले पर अफसोस जताते हुए कहा, ''आप लोग गुजरात से आए हैं हमारे यहां यात्रा करने के लिए और हम लोगों ने क्या किया आपके साथ?'' इस पर एक अमरनाथ यात्री ने कहा- कोई बात नहीं। आपने हमारे साथ अच्छा ही किया है। आप लोगों ने हमारी काफी मदद की है। महबूबा ने बाद में मीडिया से कहा, ''सभी कश्मीरियों के सिर शर्म से झुक गए। ये लोग इतने मुश्किलात के बावजूद इतनी दूर से यहां यात्रा करने आते हैं। मेरे पास अल्फाज नहीं हैं इस हमले की निंदा करने के लिए।'' कांग्रेस लीडर रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "ये हमला सरकार और सिक्युरिटी एजेंसी की सुरक्षा में चूक का मसला है। इंटेलिजेंस को 25 जून को ही इनपुट मिल गए थे, लेकिन फिर भी जरूरी कदम क्यों नहीं उठाए गए?" MHA के हेलीकॉप्टर के जरिए अटैक में मारे गए लोगों की बॉडी को एयरलिफ्ट किया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा के लिए नए जत्थे को रवाना किया गया। CRPF के IG (ऑपरेशंस) ने कहा आगे कोई ऐसी घटना ना हो, इसके इंतजाम किए गए हैं।राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा, "हम इस हमले की कड़ी निंदा करते हैं। इसमें मारे गए निर्दोष लोगों के लिए गहरा दुख है। हमले के बाद सोमवार रात नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ''जम्मू कश्मीर में शांतिप्रिय अमरनाथ यात्रियों पर कायराना हमले से दुख हुआ। हर किसी को इस हमले की कड़ी से कड़ी निंदा करनी चाहिए। मेरी संवेदनाएं हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से हैं। मेरी प्रार्थनाएं घायलों के साथ हैं। भारत इस तरह के कायराना हमलों के आगे कभी नहीं झुकेगा।'' वेंकैया नायडू ने कहा, " अनंतनाग हमले के दोषियों को छोड़ने का सवाल ही नहीं। जानकारी के मुताबिक, अमरनाथ यात्रियों को ले जाने वाली बस ने इन्फॉर्म नहीं किया। उनके साथ सिक्युरिटी नहीं थी। ऐसा नहीं करना चाहिए। हमारा पड़ाेसी आतंक को प्रोत्साहित कर रहा है। ऐसे में सावधानी रखें। मारे गए लोगों के परिवार वालों के साथ मेरी सहानुभूति है। यात्रा ठीक ढंग से चलती रहे इसका पूरा प्रयास करेंगे। ये हमला इंसानियत के खिलाफ है। हम इसकी निंदा करते हैं। जम्मू-कश्मीर सरकार इसकी जांच कर रही है।" आतंकियों ने अनंतनाग के बंटिगू एरिया में पहले पुलिस पार्टी पर हमला किया। फिर वहां अमरनाथ यात्रियों से भरी एक बस पर फायरिंग की। बस बालटाल से मीर बाजार जा रही थी। उसका अमरनाथ श्राइन बोर्ड में रजिस्ट्रेशन नहीं था। बस में सवार योगेश ने बताया, "हमला रात 8:20 बजे हमला हो गया। फायरिंग के बीच ड्राइवर ने बस को तेजी से निकाली। इससे कई लोगों की जान बच गई। बस में 60 श्रद्धालु थे।" घटना के बाद एनएसए अजीत डोभाल ने पीएमओ पहुंचकर एक हाईलेवल मीटिंग की। राजनाथ सिंह ने सीएम और गवर्नर से बात कर जख्मी लोगों की मदद का भरोसा दिलाया है।मीटिंग के बाद सरकार ने ने फैसला किया कि अमरनाथ यात्रा जारी रहेगी। घटना के बाद राज्य में इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई है।
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11 July 2017मध्यप्रदेश के कान्हा और सतपुड़ा टाईगर रिजर्व को तीसरी एशियन मिनिस्ट्रीयल कान्फ्रेंस दिल्ली में वन्यप्राणी प्रबंधन के लिये पुरस्कृत किया गया है। प्रदेश में पाँच नये वाइल्ड लाईफ रेस्क्यू स्क्वाड का गठन किया गया है। इन्हें मिलाकर अब प्रदेश में 15 वाइल्ड लाईफ रेस्क्यू स्क्वाड हो गये हैं। राजस्व क्षेत्रों में फसलों को नुकसान पहुँचाने वाले रोजड़ों को पकड़कर संरक्षित क्षेत्रों में छोड़ा गया है। यह जानकारी आज मंत्रालय में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न मध्यप्रदेश राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की बैठक में दी गयी। बैठक में प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों एवं अभयारण्यों के भीतर विकास कार्यों की अनुमति के प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी। वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार, राज्य वन्यप्राणी बोर्ड के अशासकीय सदस्य, प्रधान मुख्य वनसंरक्षक श्री अनिमेष शुक्ला, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) श्री जितेन्द्र अग्रवाल बैठक में उपस्थित थे। बैठक में मध्यप्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत स्थित ग्रामों के ग्रामीणों के अधिकारों के विनिश्चयन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी। संरक्षित क्षेत्रों के ग्रामों के विस्थापन के बाद पुनर्वासित वन भूमि को राजस्व भूमि में परिवर्तन करने तथा संरक्षित क्षेत्रों से राजस्व ग्रामों के विस्थापन के बाद रिक्त राजस्व भूमि को वन भूमि में परिवर्तित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी। बैठक में रातापानी अभयारण्य में बरखेड़ा से बुधनी तक प्रस्तावित तीसरी रेल लाईन निर्माण, सतपुड़ा टाईगर रिजर्व की सीमा के भीतर सोनतलाई-बागरातवा आंशिक दोहरीकरण बड़ी रेल लाईन परियोजना के लिये वन भूमि अर्जन, सोन घड़ियाल अभयारण्य में रीवा-सीधी-सिंगरौली नई रेल लाईन में सोन नदी पर भितरी-कुर्वाह पुल निर्माण, संजय टाईगर रिजर्व में कटनी-सिंगरौली रेलवे लाईन के दोहरीकरण और विद्युतीकरण की स्वीकृति दी गई। इसी तरह, संजय टाईगर रिजर्व में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क विकास योजना में चार पहुँच मार्गों के निर्माण, खिवनी अभयारण्य में नंदाखेड़ा से ओंकारा मार्ग निर्माण, सोन चिड़िया अभयारण्य घाटी गाँव में ए.बी. रोड-बसोटा रोड से चराईडान मार्ग, सोन घड़ियाल अभयारण्य में बहर-कोरसर मार्ग में गोपद नदी पर उच्च-स्तरीय पुल, राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य में चंबल नदी पर सोने का गुरजा पर उच्च-स्तरीय पुल, सोन घड़ियाल अभयारण्य में सोन नदी पर नकझर से बमुरी सिंहावल मार्ग में उच्च-स्तरीय पुल, सतपुड़ा टाईगर रिजर्व में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में रामपुर से भतौड़ी मार्ग का उन्नयन, सतपुड़ा टाईगर रिजर्व में पिपरिया-पचमढ़ी से घाना मार्ग निर्माण और सोन चिड़िया अभयारण्य में ग्राम धुंआ से तकियापुरा बसौटा मार्ग पर मरम्मत और तीन पुलिया निर्माण की स्वीकृति के प्रस्ताव का बैठक में अनुमोदन किया गया। इसी तरह सोन घड़ियाल अभयारण्य में सोन नदी पर सीधी-सिंहावल 132 के.व्ही. विद्युत पारेषण लाईन, रीवा-सीधी 220 के.व्ही. पारेषण लाईन, सोन नदी एवं बनास नदी पर 765 के.व्ही. विद्युत लाईन की स्वीकृति का अनुमोदन किया गया। सतपुड़ा टाईगर रिजर्व में रक्षा बलों के लिये राज्य मार्ग 19 और 19ए के तरफ के किनारों में ऑप्टिकल फायबर केबल लाईन बिछाने तथा नरसिंहगढ़ अभयारण्य में रक्षा बलों के लिये राज्य मार्ग-12 के किनारे ऑप्टिकल फायबर केबल लाईन बिछाने की अनुमति का अनुमोदन किया गया। इसी तरह विभिन्न अभयारण्य में दस किलोमीटर की परिधि में उत्खनन के प्रस्तावों की अनुमति का अनुमोदन किया गया। माधव राष्ट्रीय उद्यान में मनीखेड़ा डेम से शिवपुरी तक पानी की पाइप लाइन सोन चिड़िया अभयारण्य में ग्राम धुंआ में खेल मैदान निर्माण, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान की दस किलोमीटर की परिधि में ग्राम अकबरपुर कोलार दशहरा मैदान भोपाल में स्टेडियम निर्माण के प्रस्ताव की स्वीकृति का अनुमोदन किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बैठक में वनरक्षकों के जीवन पर बनायी गयी दो फिल्मों की सी.डी. का विमोचन किया।
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11 July 2017सिक्कम में डोकालाम को लेकर जारी विवाद के बीच भारत के रुख ने चीन को और भड़का दिया है। इसके बाद चीनी मीडिया ने धमकी दी है कि तीसरे देश की सेना पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर में घुस सकती है।खबरों के अनुसार एक चीनी थिंक टैंक ने चीनी अखबार के लेख में कहा है कि जिस तर्क से भारत डोकलाम में चीन को सड़क बनाने से रोक रहा है, उसी तर्क से कोई तीसरा देश भी कश्मीर में घुस सकता है। चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स में लिखे अपने लेख में चाइना वेस्ट नॉर्मल यूनिवर्सिटी में भारतीय अध्ययन केंद्र के निदेशक लांग झिंगचुन ने कहा कि यदि भूटान ने भारत से अपनी रक्षा का आग्रह किया भी था, तो यह उसकी सीमा तक होना चाहिए। विवादित इलाकों में भारतीय सेना को नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी तर्क से यदि पाकिस्तान सरकार किसी तीसरे देश से अनुरोध करती है, तो वह अपनी सेना लेकर कश्मीर में घुस सकता है। ऐसा पहली बार है कि चीनी मीडिया में पाकिस्तान और कश्मीर को लेकर ऐसी बात कही गई है। लेख में कहा गया है कि भारतीय सेना ने डोकाला क्षेत्र में भूटान को मदद करने के नाम पर प्रवेश किया है। लेकिन सच्चाई है कि यहां भूटान को मदद के नाम पर घुसपैठ की गई है। चीन पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (पीओके) के अंदर सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निर्माण कर रहा है। और उसकी महत्वाकांक्षी परियोजना सीपैक भी पीओके से होकर गुजर रही है जिस पर भारत ने आपत्ति भी जताई है। ग्लोबल टाइम्स में छपे अपने लेख के जरिए जिंगचुग ने सलाह देते हुए कहा कि भारत को समर्थन करने वाले पश्चिमी देशों की परवाह किए बिना बीजिंग डोकलाम विवाद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठा सकता है क्योंकि पश्चिमी देशों को चीन के साथ कई व्यापार करने है।
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10 July 2017एक बार फिर पाकिस्तान का दोहरा चरित्र सामने आया है। एक तरफ जहां दावा करता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में अग्रिम पंक्ति में खड़ा है, वहीं दूसरी तरफ हिज्बुल आतंकी बुरहान वानी की पहली बरसी पर पाक प्रधानमंत्री से लेकर सेना प्रमुख द्वारा उसे 'नायक' के रूप में पेश किए जाने से पड़ोसी देश की असली मंशा एक बार जाहिर हो गई। आपको बता दें कि पिछले साल जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ हुए एक मुठभेड़ में बुरहान वानी मारा गया था। शनिवार को पहली बरसी थी। इस मौके पर बुरहान की सराहना करने को लेकर भारत ने पाकिस्तान की आलोचना की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने रविवार को कहा कि एक नहीं सभी द्वारा पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन और प्रायोजन की निंदा किए जाने की जरूरत है। उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट कर पाकिस्तान पर निशाना साधा। गौरतलब है कि बुरहान की पहली बरसी पर पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उसे श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उसकी मौत से कश्मीर घाटी में आजादी के लिए संघर्ष और मजबूत हुआ है। वहीं सैन्य प्रमुख कमर जावेद बज्वा ने भी बुरहान की तारीफ में कोई कसर नहीं छोड़ी।
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9 July 2017हैम्बर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन में पेरिस समझौते पर अमेरिका अलग-थलग पड़ गया। जबकि भारत और अन्य 18 देशों ने ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के इस समझौते का समर्थन किया है। जी-20 घोषणा में साफ तौर पर गया है कि समझौते से पलटा नहीं जा सकता है। अमेरिका ने जून में समझौते से अलग होने की घोषणा की है। सम्मेलन के आयोजक जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने कहा कि पेरिस समझौते पर अमेरिका अपने रुख पर कायम है लेकिन अन्य देशों ने इसका जोरदार समर्थन किया है। जी-20 घोषणा में पेरिस समझौते को लेकर सर्वसम्मति नहीं बन सकी। अमेरिकी विरोध और अन्य देशों के रुख का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका को छोड़कर जी-20 के सभी सदस्य देश इससे सहमत हैं कि पेरिस समझौता अपरिवर्तनीय है। व्यापार के मुद्दे पर भी नेताओं ने संरक्षणवाद और सभी तरह के अनुचित व्यापार तरीकों के खिलाफ प्रतिबद्धता जताई। इस संबंध में वैधानिक व्यापार रक्षा उपायों की भूमिका को मान्यता देने पर सहमति व्यक्त की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद 'अमेरिका फर्स्ट' नीति चलते व्यापार नीति काफी विवादपूर्ण हो गई है।
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9 July 2017हैम्बर्ग में शुरू हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने शुक्रवार को विश्व नेताओं के सामने आतंकवाद, इसकी पनाहगहों और फंडिंग के खिलाफ एक बार फिर हुंकार भरी। पीएम मोदी ने विश्व नेताओं के सामने इसे खत्म करने का 10 सूत्री प्लान पेश किया। इसके बाद सभी सदस्य देशों के नेताओं ने साझा बयान में दुनियाभर में हुए आतंकी हमलों की निंदा करने के साथ ही इसके खात्में का संकल्प लिया। सभी नेताओं ने बयान में कहा कि आतंकवाद विश्व के लिए खतरा है और इसके खिलाफ लड़ने के साथ ही आंतक की पनाहगाहों को नष्ट किया जाना चाहिए। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंक और इसका समर्थन करने वालों पर कड़ा प्रहार करते हुए इससे निपटने के लिए 10 सूत्री प्लान समाने रखा। उन्होंने कहा कि मध्य पूर्व में दाएश, अलकायदा, दक्षिण एशिया में लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और नाइजीरिया में बोको हरम आज के वक्त में आतंकवाद के कुछ नाम हैं। लेकिन इन सब की मूलभूत विचारधार केवत नफरत और नरसंहार है। यह साइबर स्पेस का उपयोग युवा पीढ़ी को भ्रमित कर अपने संगठनों में भर्ती के लिए कर रहे हैं। मोदी ने आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौती करार देते हुए जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल की तारफ की। मोदी प्लान आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ निवारक कार्रवाई अनिवार्य है। ऐसे देशों के अधिकारियों का जी-20 सम्मेलन में प्रवेश पर प्रतिबंध जरूरी। संदिग्ध आतंकवादियों की राष्ट्रीय सूची का जी-20 देशों के बीच आदान-प्रदान और नामांकित आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ साझी कार्रवाई अनिवार्य आतंकवादियों से संबंधित प्रभावकारी सहयोग के लिए कानूनी प्रक्रिया जैसे कि प्रत्यर्पण को सरल और ज्यादा तेज करना। अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को शीघ्र अपनाया जाना। यूनाइटेड नेशन सिक्यॉरिटी काउंसिल रेजॉल्यूशन तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना। डी रेडिकलाइजेशन के खिलाफ कार्यक्रमों पर जी-20 द्वारा साझा प्रयास और सबसे अच्छी प्रयासों का लेन-देन। एफएटीएफ (फाइनैशल ऐक्शन टास्क फोर्स) तथा अन्य प्रक्रियाओं द्वारा आतंकियों को फंडिंग करने वाले सोर्स और माध्यमों पर प्रभावशाली प्रतिबंध। एफएटीएफ की तरह ही हथियारों पर रोक के लिए वेपंज ऐंड एक्प्लोसिव ऐक्शन टास्क फोर्स (WEATF) का गठन, ताकि आतंकवादियों तक पहुंचने वाले हथियारों के स्रोतों को बंद किया जा सके। जी-20 देशों के बीच आतंकवादी गतिविधियों पर केंद्रित साइबर सिक्यॉरिटी क्षेत्र में ठोस सहयोग। जी-20 में नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर ऑन काउंटर टेररिज्म के एक तंत्र का गठन।
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8 July 2017मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक भोजपुर मंदिर के बारे में तो आपने सुना ही होगा, लेकिन अब ये मंदिर वैज्ञानिक महत्व के लिए भी जाना जाएगा। जी हां, भोजपुर और मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के छिपे हुए प्राचीन रहस्य अब सामने आ रहे हैं। वैज्ञानिकों की मानें तो यहां हजारों साल पुरानी एक ओमवैली है। मॉनसून के समय ये ओमवैली पूरी तरह से सामने आ जाती है। मौसम विभाग के अनुसार एक या दो दिनों मॉनसून राजधानी भोपाल को तरबतर कर देगा। मॉनसून के पहुंचते ही इस ओम वैली का आकार पूरी तरह से निकल कर सामने आ जाता है। यहां पर मौजूद हरियाली के बढ़ने और जलाशय भरने के बाद ओमवैली की तस्वीरें पूरी तरह से साफ नजर आती हैं। सैटेलाइट तस्वीरों में इस बात की पुष्टि भी होती है। इस ओम के मध्य में स्थित है प्राचीन भोजपुर मंदिर, और इसके सिरे पर बसा है भोपाल शहर। आपको ये भी बता दें कि भूगोल विज्ञानियों का ये मानना है कि भोपाल शहर स्वास्तिक के आकार में बसाया था। मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के वैज्ञानिक ठीक उसी वक्त ओम वैली का ग्राउंड डाटा लेते हैं, जिस वक्त सैटेलाइट रिसोर्स सेट - 2 भोपाल शहर के ऊपर से गुजरता है। इस दौरान भोपाल, भोजपुर और ओमवैली की संरचना से जुड़ा हुआ डाटा लिया जाता है। परिषद के मुताबिक हर 24 दिनों के अंतराल पर ये सेटेलाइट भोपाल शहर के ऊपर से गुजरता है। इस सैटेलाइट के जरिए गेहूं की खेती वाली जमीन की तस्वीरें ली जाती हैं। सैटेलाइट तस्वीरों में दिखाई दे रहा ये बड़ा सा ओम दरअसल सदियों पुरानी ओम वैली है। आसमान से दिखाई देने वाली ॐ वैली के ठीक मध्य में 1000 वर्ष प्राचीन भोजपुर का शिवमंदिर स्थापित है। मध्यप्रदेश में ओमकारेश्वर ज्योर्तिलिंग के पास भी ऐसी ही प्राकृतिक ओमवैली दूर आसमान से दिखाई देती है। वैज्ञानिकों की नजर में यह ओम वैली है। इसके सैटेलाइट डाटा केलिबरेशन और वैलिडेशन का काम मप्र विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद को मिला है। परिषद के वैज्ञानिक डॉ. जीडी बैरागी ने बताया, डाटा केलिबरेशन और वैलिडेशन के लिए हमें ठीक उस वक्त ओम वैली का ग्राउंड डाटा लेना होता है, जिस समय सैटेलाइट (रिसोर्स सेट-2) शहर के ऊपर से गुजरे। यह सैटेलाइट 24 दिनों के अंतराल पर भोपाल के ऊपर से गुजरता है। इससे गेहूं की खेती वाली जमीन की तस्वीरें ली जाती हैं। परिषद की ताजा सैटेलाइट इमेज से ‘ॐ’ वैली के आसपास पुराने भोपाल की बसाहट और एकदम केंद्र में भोजपुर के मंदिर की स्थिति स्पष्ट हुई है। पुरातत्वविदों के पास राजा भोज की विद्वता के तर्क हैं। उनके मुताबिक लगभग 1000 साल पहले ही भोपाल को एक स्मार्ट सिटी बनाने के लिए इसे ज्यामितीय तरीके से बसाया गया था, इसे बसाने में राजा भोज की विद्वता से ही सारी चीजें संभव हो पाईं थीं। स्वास्तिक के आकार में बसा है भोपाल इतिहासकारों का मानना है कि भोज एक राजा ही नहीं कई विषयों के विद्वान थे। भाषा, नाटक, वास्तु, व्याकरण समेत अनेक विषयों पर 60 से अधिक किताबें लिखी। वास्तु पर लिखी समरांगण सूत्रधार के आधार पर ही भोपाल शहर बसाया गया था। गूगल मैप से वह डिजाइन आज भी वैसा ही देखा जा सकता है। भोज के समय ग्राउंड मैपिंग कैसे हुई यह रिसर्च का विषय आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के आर्कियोलॉजिस्ट्स का मानना है कि ओम की संरचना और शिव मंदिर का रिश्ता पुराना है। देश में जहां कहीं भी शिव मंदिर बने हैं, उनके आसपास के ओम की संरचना जरूरी होती है। इसका सबसे नजदीकी उदाहरण है ओंकारेश्वर का शिव मंदिर। परमार राजा भोज के समय में ग्राउंड मैपिंग किस तरह से होती थी इसके अभी तक कोई लिखित साक्ष्य तो नहीं है, लेकिन यह रिसर्च का रोचक विषय जरूर है। सैटेलाइट इमेज से यह बहुत स्पष्ट है कि भोज ने जो शिव मंदिर बनवाया, वह इस ओम की आकृति के बीचोबीच स्थापित है।
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7 July 2017भारत और चीन के बीच सिक्किम में डोकालाम सीमा को लेकर जारी तनाव के बीच गंगटोक से सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि भारत में सिक्किम का विलय अपने ही देश के राज्य पश्चिम बंगाल व चीन के बीच पिसने के लिए नहीं हुआ था। उन्होंने कहा कि नेशनल हाइवे बंद कर सिक्किम के वाहनों पर हमले को लेकर वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। मुख्यमंत्री चिसोपानी में सिक्किम इंस्टीट्यूट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी (इंजिनियरिंग कालेज) के शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक ओर पश्चिम बंगाल में उनके नागरिकों पर हमला तो दूसरी ओर सीमा पर चीन के बढ़ते दबाव से सिक्किम सैंडविच बनकर रह गया है। पवन चामलिंग ने कहा कि नाथुला दर्रे पर भारत-चीन के बीच तनाव जारी है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्र अशात हो गया है। उधर पश्चिम बंगाल राज्य में सिक्किम के वाहनों व यात्रियों पर हमले जारी हैं। जबकि सिक्किम के नागरिक पूरी तरह भारतीय हैं। पश्चिम बंगाल में सिक्किम के नागरिकों को भारतीय होने का अहसास को समाप्त करने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह स्थानीय लोगों की समस्याओं को लेकर लगातार केंद्र के संपर्क में हैं। उन्होंने खाद्यान्न संकट न उत्पन्न होने के प्रति लोगों को आश्वस्त किया। उक्त अवसर पर स्थानीय विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष केएन राई, मानव संसाधन विकास मंत्री आरबी सुब्बा, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री एके घतानी आदि उपस्थित थे।
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6 July 2017चीनी मीडिया ने नई दिल्ली को चेतावनी दी है कि यदि सीमा विवाद में भारत पीछे नहीं हटता है, तो बीजिंग सिक्किम की स्वतंत्रता का समर्थन करना शुरू कर देगा। इससे चीन की बैचेनी साफ नजर आ रही है। चीन इन दिनों हर तरफ से भारत पर दबाव बना रहा है। वो किसी भी तरह भारत को पीछे हटने के लिए मजबूर करना चाहता है। लेकिन भारत ने भी अपना रुख साफ कर दिया है कि वो किसी भी कीमत पर पीछे हटने वाला नहीं है। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के अखबार 'द ग्लोबल टाइम्स' में छपे संपादकीय में लिखा है कि सिक्किम की 'आजादी' का समर्थन नई दिल्ली से निपटने के लिए एक शक्तिशाली कार्ड होगा। संपादकीय ने दृढ़ता से इस बात की वकालत की गई है कि बीजिंग को सिक्किम के मुद्दे पर अपने रुख पर पुनर्विचार करना चाहिए। लेख के मुताबिक, भारत को सीमा विवाद उकसाने का परिणाम भुगतना होगा। इसके अलावा, चीन को नई दिल्ली के उस क्षेत्रीय वर्चस्व की कोशिश पर पूर्णविराम लगाने की जरूरत है जोकि लगातार बढ़ते हुए अपने चरम पर पहुंच गया है। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में भारत और चीन के रिश्ते काफी खराब हुए हैं। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमी कॉरिडोर के विरोध को लेकर वह खार खाया हुआ है। वहीं भारत-अमेरिकी बढ़ती नजदीकियां भी उसे सुहा नहीं रही हैं। ताजा विवाद के तहत चीन ने भारतीय जवानों पर सिक्किम में सीमा पार करने का आरोप लगाया है और उन्हें भारत द्वारा वापस बुलाए जाने की मांग कर रहा है।
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6 July 2017सिक्किम से लगी सीमा पर जारी तनातनी के बीच जहां चीन हिंद महासागर क्षेत्र में अपने नौसेना की मौजूदगी बढ़ाते जा रहा है, वहीं भारतीय नौसेना भी पूरी तरह से सतर्क है। वह GSAT-7 के जरिये आसमान से 'ड्रैगन' पर नजर रख रहा है। यह नौसेना द्वारा खुद को समर्पित सैन्य सेटेलाइट है, जिसे 29 सितंबर 2013 को लॉन्च किया गया था। इस सेटेलाइट की सबसे दिलचस्प बात इसके नाम से जुड़ी है, जो रुक्मिणी है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, 2,625 किलोग्राम वजन का यह सेटेलाइट हिंद महासागर क्षेत्र में नजर रखने में नौसेना की मदद कर रहा है। यह एक मल्टी-बैंड कम्युनिकेशन-कम सर्विलान्स सेटेलाइट है, जिसका 36, 000 किमी की ऊंचाई से संचालन हो रहा है। यह नौसेना युद्धपोतों, पनडुब्बियों और विमानों को रियल-टाइम जानकारी मुहैया कराता है। वहीं समुद्र तट किनारे स्थित संचालन केंद्रों की मदद से यह सेटेलाइट ना केवल नौसेना की अरब सागर और बंगाल की खाड़ी पर नजर रखने में मदद कर रहा है बल्कि फारस की खाड़ी से लेकर मलक्का स्ट्रेट तक उनकी संचार और निगरानी क्षमताओं में वृद्धि करने में भी कारगर साबित हो रहा है, यह हिंद महासागर क्षेत्र के लगभग 70 फीसदी हिस्से के बराबर हैं। इन दिनों सिक्किम सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन में तनाव बढ़ गया है। चीन ने भारतीय सुरक्षा बलों पर सीमा पार का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है और उन्हें भारत वापस बुलाए जाने की मांग करते हुए चीन ने यह तक कह दिया है कि वह युद्ध को भी तैयार है। वहीं चीन ने हिंद महासागर में भी अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है। हाल ही में कम से कम 14 चीनी नौसेना पोतों को भारतीय समुद्री क्षेत्र में घूमते देखा गया। इनमें आधुनिक लुआंग-3 और कुनमिंग क्लास स्टील्थ डेस्ट्रॉयर्स भी शामिल हैं।
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5 July 2017GST( गुड्स एन्ड सर्विस टैक्स) को लेकर आज देश में भले ही कोहराम मचा हो लेकिन मध्य प्रदेश के हरदा की रहने वाली नेहा व्यास उपाध्याय ने 4 साल पहले ही इस पर पीएचडी कर चुकी हैं ! मध्य प्रदेश में वाणिज्य कर विभाग में डायरेक्टर रह चुके अपने पापा नर्मदा प्रसाद उपाध्याय को अपना आदर्श मानने वाली नेहा उपाध्याय ने वर्ष 2013 में मध्य प्रदेश के खंडवा के जी डी सी के प्रोफेसर प्रताप राव कदम के गाइडेंस में यह शोध कार्य किया ! इसमें उन्होंने कंपनी, जनता और रोजगार से जुड़े नफा-नुकसान के बारे में जानकारी जुटाई थी ! प्रोफेसर प्रताप राव कदम बताते हैं की जीएसटी पर यह प्रदेश की संभवत पहली पीएचडी है प्रोफेसर कदम के मुताबिक जीएसटी पर हुई यह पीएचडी मध्यप्रदेश की पहली पीएचडी इसलिए भी है क्योंकि 2009 -10 में जीएसटी पर केन्द्र सरकार को विचार आया जबकि पीएचडी 2013 में पूर्ण हो चुकी थी क्योंकि मैं भी मध्यप्रदेश की इस समिति के सदस्यों के संपर्क में रहा उन्होंने बताया कि यह पीएचडी सौ प्रतिशत मौलिक होने के कारण ही नेहा का चयन आई आई एम अहमदाबाद में फैकल्टी के रूप में हुआ था ! पीएचडी करने वाली नेहा फिलहाल अहमदाबाद में गुजरात यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं ! प्रोफैसर कदम बताते हैं कि 6 जुलाई 2009 में यूपीए सरकार में वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी ने जीएसटी को लेकर समिति बनाई थी इसी दौरान मध्यप्रदेश शासन ने भी एक कमेटी बनाई थी इसमें मध्य प्रदेश में वाणिज्य कर ट्रिब्यूनल में सदस्य के रूप में नेहा के पापा नर्मदा प्रसाद उपाध्याय शामिल थे ! नेहा ने डी ए वी वी से जीएसटी विषय पर ही पीएचडी करने का फैसला लिया ! तथा सेन्टर चुना आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज इंदौर ! करीब 2 साल में 344 पेजों की थीसिस पूरी हुई ! जीएसटी पर हुए शोध में नेहा ने 4 साल पहले ही बता दिया था कि यदि जीएसटी लागू होता है तो कंपनी को क्या नफा नुकसान होगा ,रोजगार कितने बढ़ेंगे ,और विदेशी इन्वेस्टमेंट कितना बढ़ेगा ! प्रोफेसर कदम ने बताया कि शोध के मुताबिक 1954 में सबसे पहले फ्रांस में जीएसटी लागू हुई इसके बाद ताइवान, डेनमार्क ,कनाडा सहित विश्व के 150 देशों में यह लागू हो चुका है ! इधर नेहा अपनी इस उपलब्धि का श्रेय मध्य प्रदेश में वाणिज्य कर विभाग के डायरेक्टर रहे अपने पापा नर्मदा प्रसाद उपाध्याय को देती हैं !उन्होंने बताया कि पापा से टैक्सेशन के विषयों पर वह हमेशा सवाल जवाब करा करती थी तभी उनके दिमाग में आया कि इसी पेचीदा विषय पर शोध कार्य करना चाहिए नेहा बताती हैं कि खंडवा के प्रोफेसर डाँ प्रताप राव कदम सर के कुशल मार्गदर्शन एवं मेहनत से उनका यह शोध कार्य पूर्ण हो पाया है ! तीन भाई बहनों में नेहा की बड़ी बहन नम्रता भी पूना में प्रोफेसर है जबकि नेहा के छोटे भाई नमन उपाध्याय हाल ही में 2016 की UPSC से मेरिट लिस्ट में सेलेक्ट होकर भारतीय विदेश सेवा(IFS) में अधिकारी बने हैं !
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5 July 2017इराक में आतंकी संगठन आईएस की राजधानी मोसुल को आजाद कराने के करीब फौज को सोमवार को बड़ा झटका लगा। आईएस की दो महिला आत्मघाती हमलावरों ने अलग-अलग घटनाओं में खुद को उड़ाकर 15 लोगों की हत्या कर दी। घटनाओं में दर्जनों घायल हुए हैं। पहले हमले में एक महिला आत्मघाती ने युद्धस्थल से दूर जा रहे लोगों की भीड़ में छिपकर हमला किया। इस हमले में एक सैनिक की मौत हो गई जबकि कई लोग घायल हुए हैं। दूसरा हमला आईएस के प्रभाव वाले क्षेत्रों से बाहर आए लोगों के अनबार प्रांत स्थित शिविर में हुआ। वहां पर महिलाओं के कपड़े पहने एक हमलावर ने भीड़ के बीच खुद को उड़ा लिया। यहां की घटना में 14 लोग मारे गए हैं जबकि बड़ी संख्या में घायल हुए हैं। सैन्य सूत्रों के अनुसार पुराने मोसुल शहर में आईएस आतंकियों की संख्या तेजी से कम हो रही है और उनका कब्जे वाला इलाका सिमट रहा है। आतंकी आमने-सामने की लड़ाई में मारे जा रहे हैं या फिर ठिकाना छोड़कर भाग रहे हैं।
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4 July 2017बीजिंग से खबर है कि सिक्किम सेक्टर में सीमा विवाद के बीच चीनी विशेषज्ञों ने सोमवार को आगाह किया कि सीमा विवाद हल न हुआ तो युद्ध भी हो सकता है। विशेषज्ञों ने कहा कि चीन पूरी प्रतिबद्धता से अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा, फिर चाहे युद्ध की नौबत क्यों न आ पड़े। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने चीनी विशेषज्ञों के हवाले से यह बात कही। डोकलाम क्षेत्र में तीन हफ्तों से दोनों देशों के बीच गतिरोध है। सिक्किम से सटे चीन की सीमा पर तनाव के बीच भारत ने डोक ला इलाके में सैनिकों की तैनाती बढ़ाई है। 1962 के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है जब किसी इलाके में भारत और चीन की सेनाओं के बीच इतने लंबे वक्त तक गतिरोध बना हुआ है। एक महीने से डोका ला में दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हैं। डोका ला उस क्षेत्र का भारतीय नाम है, जिसे भूटान डोकलाम कहता है जबकि चीन इसे अपने डोंगलांग क्षेत्र का हिस्सा मानता है। सूत्रों के मुताबिक चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा भारतीय सेना के 2 बंकरों को नष्ट करने की आक्रामक गतिविधि के बाद भारत ने "गैर-आक्रामक मुद्रा" में और ज्यादा जवानों को भेजा है।
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4 July 2017जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के बामनूह में पिछले 24 घंटे से सेना और आतंकियों के बीच जारी मुठभेड़ अभी खत्म नहीं हुई है। सेना ने अब तक यहां छिपे तीन आतंकियों को मार गिराया है। खबरों के अनुसार सुरक्षाबलों ने उन घरों को धमाके से उड़ा दिया है जिनमें आतंकी छिपे हुए थे। इससे पहले बड़ी सफलता हासिल करते हुए सेना ने सोमवार को ही दो आतंकियों को मार गिराया था जिनमें से एक की पहचान किफायत के रूप में हुई है। बता दें कि सोमवार सुबह सेना को पुलवामा के बमनुह में आतंकियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी जिसके बाद सेना ने इलाके को घेर लिया था। दोनों तरफ से हुई फायरिंग के बाद जवानों ने दो आतंकियों को मार गिराया था और लगने लगा था कि ऑपरेशन जल्द खत्म हो जाएगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं। आखिरकार लगातार 24 घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद तीसरे आतंकी को भी मार गिराया गया है।
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4 July 2017नॉर्थ कोरिया द्वारा लगातार किए जा रहे मिसाइल परीक्षणों से नाराज अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उसे चेतावनी दी है। खबरों के अनुसा ट्रंप ने कहा है कि सब्र का बांध टूट गया है। वहीं दूसरी तरफ दक्षिण कोरिया में उनके समकक्ष मून जाए-इन ने एक बयान में कहा है कि पड़ोसी देश की धमकियों और उकसावे वाली नीतियों का कड़ा जवाब दिया जाएगा। साथ ही मून ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने सियोल आने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में ट्रम्प के साथ खड़े मून ने संवाददाताओं से कहा कि उत्तर कोरिया की समस्या का पूरी तरह से हल निकलना चाहिए और वहां की सरकार से मुद्दे के हल के लिए वार्ता की मेज पर लौटने की अपील की। उन्होंने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस वर्ष के अंत में सियोल का दौरा करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। हालांकि उन्होंने इस दौरान यह नहीं बताया कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया को सबक सिखाने के लिए क्या रणनीति बनाई है। उधर ट्रम्प ने कहा, अमेरिका दूसरी क्षेत्रीय ताकतों एवं सभी जिम्मेदार देशों से प्रतिबंधों को लागू करने के लिए साथ आने का आह्वान करता है और मांग करता है कि उत्तर कोरियाई सरकार तेजी से एक बेहतर रास्ते का चयन करे तथा लंबे समय से त्रस्त अपने लोगों के लिए एक अलग भविष्य चुने। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि उत्तर कोरिया को लेकर जारी रणनीतिक सब्र का युग नाकाम रहा और मुखरता से कहें तो सब्र खत्म हो चुका है। ट्रम्प ने कहा, 'हमें लापरवाह और क्रूर उत्तरी कोरिया से लगातार धमकियां मिल रही हैं। वहां लगातार परमाणु हथियार और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों को एक निश्चित प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है। लेकिन उत्तर कोरिया के तानाशाह को अपने पड़ोसियों और अपने देशवासियों की सुरक्षा से कोई लेनादेना नहीं है। उनमें मानव जीवन के लिए कोई सम्मान नहीं है।' ट्रम्प को उम्मीद थी कि चीन, उत्तर कोरिया को समझाने और दबाव बनाने में सफल रहेगा, लेकिन वो उम्मीद भी अब लगभग खत्म हो गई है। ऐसे में अमेरिका अब नॉर्थ कोरिया के खिलाफ कड़े कदम उठाने के लिए मजबूर हो गया है।
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1 July 2017रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने सिक्किम क्षेत्र में सीमा पर बढ़े तनाव को लेकर चीन की धमकी का करारा जवाब देते हुए आज कहा कि 1962 और 1917 की स्थिति में बहुत फर्क है। वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) पर एक टेलीविजन चैनल के कार्यक्रम में जेटली ने कहा कि भूटान ने बयान दिया है कि चीन जहां सड़क का निर्माण कर रहा है वह उसकी भूमि है। भूटान और भारत के बीच सुरक्षा संबंध है इसलिए भारतीय सेना उस जगह पर है। चीन के रक्षा मंत्रालय की इस टिप्पणी पर कि भारत को इतिहास से सबक लेना चाहिए, जेटली ने कहा कि 1962 के हालात अलग थे और आज की स्थिति अलग है। उन्होंने कहा, हमें इस बात को समझना होगा। 1962 और 2017 में बहुत फर्क है। चीनी रक्षा मंत्रालय का बयान सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की इस टिप्पणी पर आया था कि भारतीय सेना चीन, पाकिस्तान और आतंकरिक खतरे के ‘ढाई मोर्चे’ से निपटने के लिए तैयार है। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने धमकी भरे लहजे में कहा था, भारतीय सेना प्रमुख की ऐसी टिप्पणी बेहद गैरजिम्मेदार है। हमें उम्मीद है कि भारतीय सेना का यह व्यक्ति इतिहास से सीख लेकर ऐसे उकसाने वाली टिप्पणी नहीं करेगा। इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया करते हुए आज कहा कि भारत सीमा पर जारी चीन की गतिविधियों से बहुत चिंतित है और उसने चीन सरकार को अवगत कराया है कि डोकलाम क्षेत्र में वह जो निर्माण कर रहा है उससे सामरिक परिस्थितियों में बदलाव आयेगा और उसका भारत की सुरक्षा पर गहरा असर पड़ेगा। इस संदर्भ में भारतीय अधिकारियों ने चीन को याद दिलाया है कि दोनों देशों की सरकारों ने 2012 में यह समझौता हुआ था कि सीमा पर किसी तीसरे देश के सीमावर्ती क्षेत्रों के बारे में अंतिम फैसला संबंधित देश से बातचीत करके ही लिया जायेगा। अत: ऐसे त्रिपक्षीय सीमा क्षेत्र में एकतरफा ढंग से फैसले लेना उस समझौते का सीधा उल्लंघन है।
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30 June 2017पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाकिस्तान को अपनी जमीन पर आतंक को काबू करने के लिए की मांग की गई थी। इसके बाद अब पाकिस्तान ने आतंकी हाफिज सईद से संगठन पर बैन लगा दिया है। खबरों के अनुसार पाक ने हाफिज के संगठन जमात-उद-दावा के प्रतिनिधि ग्रुप का नाम निषिद्ध संगठनों की सूची में शामिल कर लिया है। पाकिस्तानी नेशनल काउंटर टेररिज्म अथॉरिटी की वेबसाइट के मुताबिक, 8 जून से तहरीक-ए-आजादी जम्मू-कश्मीर (टीएजेके) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं जमात-उद-दावा भी पाक सरकार की निगरानी में है। बता दें कि अमेरिकी सरकार के दबाव में जनवरी के अंत में पाकिस्तान ने सईद को 'नजरबंद' कर दिया था उनके संगठन को 'अंडर वॉच' सूची में रखा है। फरवरी में प्रतिंबध के डर की वजह से जमात-उद-दावा का नाम बदल कर तहरीक-ए-आजादी जम्मू-कश्मीर (टीएजेके) कर दिया गया। ऐसा तब हुए जब अमेरिका के दबाव में आतंकी हाफिज सईद को पंजाब सरकार द्वारा नजरबंद किया गया। दरअसल, हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने फिर इस्लामाबाद में आतंकियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने के संकेत देते हुए। अमेरिका, पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने नाम न बताने की शर्त पर अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि ट्रंप प्रशासन पाक स्थित आतंकी अड्डों पर अमेरिकी ड्रोन हमलों के दायरे को बढ़ाने के साथ ही पाकिस्तान को दी जाने वाली मदद को रोकने और एक गैर नाटो सदस्य के रूप में उसके दर्जे को कम करने जैसे विकल्पों पर चर्चा कर रहा है। शायद इसीलिए एक बार फिर पाकिस्तान ये दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वो आतंकियों के खिलाफ है। पाक से आतंकियों को बाहर करने में जुटा हुआ है। हालांकि अब ये बात किसी से छिपी नहीं है कि पाक आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।
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30 June 2017देशभर में अपने कड़वे प्रवचनों के लिए विख्यात जैन मुनि तरुण सागर का कहना है कि पाकिस्तान में जितने आतंकवादी नहीं है, उससे ज्यादा हमारे देश में गद्दार है। उन्हाेंने सीकर के पिपराली के वैदिक आश्रम में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि देश में रहते है, देश का खाते है और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाता है, वो गद्दार नहीं तो और क्या है। आतंकवादी शेर की तरह सामने से वार नहीं करता है बल्कि वह भेड़िये की तरह पीछे से हमला करता है। जैन मुनि ने देश में व्याप्त विसंगतियों पर चोट करते हुए कहा कि लोग कहते है भारत गरीब देश है, जबकि मेरा मानना है कि देश में गरीबी नहीं गैर बराबरी है। उन्होंने अपने कड़वे प्रवचनों के सवाल पर कहा कि कड़वाहट उनके प्रवचनों में नहीं, समाज और लोगों के आपसी संबंधाें में घुल गई है। इसलिए लाेगाें काे उनके प्रवचन कड़वे लगते है।
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30 June 2017अमेरिका दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच गर्मजोशी नजर आई। पीएम मोदी जब व्हाइट हाउस में थे तब कई ऐसी चीजें हुईं जो कम ही लोग जानते थे। लेकिन इनमें से एक चीज की तस्वीर खुद राष्ट्रपति ट्रंप ने शेयर की है। इस तस्वीर में ट्रंप पीएम मोदी को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का बेडरूम देखते नजर आ रहे हैं। इस दौरान ट्रंप ने मोदी के अब्राहम लिंकन का एक पोस्टल स्टैंप भी दिया था। ट्रंप द्वारा जारी तस्वीर में मोदी के अलावा मेलानिय ट्रंप और भारतीय डेलिगेशन नजर आ रहा है। बता दें कि अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति थे और उन्होंने अमेरिका को उसके सबसे बड़े संकट - गृहयुद्ध (अमेरिकी गृहयुद्ध) से पार लगाया था। अमेरिका में दास प्रथा के अंत का श्रेय लिंकन को ही जाता है।
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29 June 2017अमेरिकी द्वारा हिज्बूल सरगना सैयद सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने और ट्रंप-मोदी द्वारा पाक को आतंक पर कंट्रोल करने की नसीहत के बाद अब आर्मी चीफ बिपिन रावत का बयान आया है। सेना प्रमुख बिपिन रावत ने एक बयान में कहा है कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक के अलावा और भी तरीके हैं। थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक के अलावा दूसरे रास्ते भी मौजूद हैं। पाकिस्तान के नापाक इरादों पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि वहां के फौजी जनरलों को लगता है कि वो भारत के साथ कोई आसान सी लड़ाई लड़ रहे हैं जिसमें उनका फायदा हो रहा है। लेकिन वो गलत हैं। पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए फौज और प्रभावी ढंग से निपट सकती है। हम सैनिकों के धड़ को इकठ्ठा करने में यकीन नहीं करते हैं। भारतीय फौज अनुशासित सेना है। अमेरिका द्वारा हिज्बुल सरगना सैयद सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित जाने पर बिपिन रावत ने कहा कि ये देखने की जरूरत है कि अब पाकिस्तान किस तरह से कार्रवाई करता है। सच तो ये है कि जिस दिन अमेरिका ने सैयद सलाहुद्दीन को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया उसके ठीक बाद पाकिस्तान ने कहा कि कश्मीर की आजादी के लिए संघर्ष चल रहा है। कश्मीर के लड़ाकों को पाकिस्तान नैतिक समर्थन देता रहेगा। सेना प्रमुख ने कहा कि लश्कर सरगना हाफिज सईद के ऊपर अमेरिका ने करोड़ों का इनाम घोषित कर रखा है। लेकिन पाकिस्तान की सरकार और सेना हाफिज की सुरक्षा में लगी हुई है। ऐसे में आप पाकिस्तान के वादों और दावों पर कैसे यकीन कर सकते हैं। सच ये भी है कि लश्कर के ठिकानों पर पाकिस्तान ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की है। कश्मीर के अलगाववादियों से बातचीत के मुद्दे पर जनरल बिपिन रावत ने कहा कि अगर शांति न हो तो बातचीत कैसे हो सकती है। कश्मीर घाटी में हालात को सामान्य बनाने के लिए सेना अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही है। मैं उस शख्स से बातचीत करुंगा अगर वो भरोसा दे कि सेना के काफिले को निशाना नहीं बनाया जाएगा। जिस दिन ऐसा होगा वो खुद बातचीत के लिए आगे आएंगे। कश्मीर में सेना आतंकियों का सामना करने के साथ ही युवाओं के दिलों को जीतने की कोशिश भी कर रही है। हकीकत ये है कि कश्मीरी युवाओं को सुनियोजित तरीके से भ्रमित करने की खेल खेला जा रहा है। 12 से 13 साल के लड़के कहते हैं कि वो फिदायीन बनना चाहते हैं। आखिर सवाल ये है कि उनके दिमाग में वो कौन लोग हैं जहर भर रहे हैं। हम उन कश्मीरी नौजवान नेताओं तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जिनसे बातचीत की जा सके। कश्मीरी अवाम खासतौर से युवाओं से उनकी अपील है कि हिंसा का रास्ता छोड़कर वो मुख्य धारा में लौटें। सेना का स्पष्ट मत है कि निर्दोष लोग निशाना बनें। आतंकियों के खिलाफ सभी अभियानों में ये कोशिश रहती है कि कम से कम नुकसान हो। श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव के दौरान मानव ढाल बनाने वाले मेजर एन एल गोगोई का उन्होंने बचाव किया। बिपिन रावत ने कहा कि हाल ही में जामा मस्जिद के बाहर जम्मू-कश्मीर पुलिस के डिप्टी सुपरिटेंडेंट के साथ जो कुछ हुआ उस पर आप क्या कहेंगे। मेजर गोगोई के फैसले पर कहा कि उस वक्त निर्वाचन में जुड़े कर्मचारियों ने सेना से मदद मांगी थी। अगर उनके साथ भी अय्युब पंडित जैसी घटना हुई होती तो क्या होता। मैं वहां जमीन पर मौजूद नहीं होता हूं, मुझे नहीं पता होता है कि सेना के जवान किन हालातों से गुजर रहे होते हैं। मुझे फौज और जवानों के इकबाल को बनाए रखना है। आतंकियों की शरणगाह बना पाकिस्तान आतंकवाद को शह देकर लगातार पाकिस्तान अपने पड़ोसी देश भारत को पिछले कई वर्षों से परेशान करने में लगा है, आज वह खुद ऐसी दलदल में फंस चुका है जहां से निकलना शायद उसके लिए नामुमकिन हो गया है। इस बात के गवाह पाकिस्तान सरकार की तरफ से जारी 2014-15 वित्तीय वर्ष के वो आंकड़े हैं, जिनमें कहा गया है कि कम से कम देश का 70 फीसदी हिस्सा आतंकियों और जेहादियों के पनपने की जगह बन चुका है। 60 मिलियन लोग गरीबी रेखा से नीचे हालांकि, पाकिस्तान में सुरक्षाबलों की तरफ से लगातार इस ख़तरे से निपटने के लिए रास्ते तलाशे जा रहे हैं। लेकिन, सिविल एडमिनिस्ट्रेशन वहां के लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने में नाकाम रहा, जिसके चलते पिछले एक दशक से लगातार आतंकवाद बढ़ा है। एक अनुमान के मुताबिक, पाकिस्तान में पिछले साल गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करनेवालों की संख्या करीब 60 मिलियन थी। ये आंकड़े वास्तव में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी सरकार के विकास की राह में बड़ी चुनौती हैं। ये है पाकिस्तान की एक और तस्वीर संयुक्त राष्ट्र के अनुसार जेयूडी एक आतंकवादी संगठन है और उसके प्रमुख हाफिज सईद पर अमेरिकी सरकार ने एक करोड़ डालर का इनाम रखा है। लेकिन वह पाकिस्तान में खुलेआम घूमता है। अलकायदा से जुड़ा खतरनाक संगठन हक्कानी नेटवर्क भी प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल नहीं है। हक्कानी नेटवर्क पर अफगानिस्तान में पश्चिम और भारत के हितों के खिलाफ हमले का आरोप है। इनमें काबुल में 2008 में भारतीय मिशन पर हमला भी शामिल है। सूची के अनुसार पाकिस्तान ने 60 संगठनों को आतंकवाद में शामिल होने पर प्रतिबंधित किया है। सूची के अनुसार लश्कर-ए-तैयबा 39वें नंबर पर है जबकि जैश-ए-मुहम्मद 29वें स्थान पर है। अलकायदा और तहरीक-ए-तालिबान जैसे प्रमुख आतंकवादी संगठन भी इस सूची में शामिल हैं। भारतीय संसद पर हमले के बाद 14 जनवरी 2002 को लश्कर-ए-तैयबा तथा जैश-ए-मुहम्मद पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
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28 June 2017चीन ने पहले तो भारतीय सीमा में घुसपैठ की और अब भारतीय सैनिकों पर ही आरोप लगा रहा है। उसने यह भी कहा है कि अगर भारत ऐसा नहीं करता तो नाथुला दर्रे से कैलास मानसरोवर यात्रा नहीं होने देगा। चीन का कहना है कि भारत अपने सैनिकों को वापस बुलाए। इससे पहले सोमवार को एक वीडियो सामने आया था जिसमें सिक्कीम में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प होती नजर आई थी। बाद में खबर आई की चीनी सैनिकों ने भारतीय सीमा में घुसकर दो बंकर नष्ट कर दिए थे। इसके बाद अब चीन ने भारत पर हीं घुसपैठ का आरोप लगा दिया है। चीन ने यह भी मांग की है कि भारतीय सैनिकों को सिक्कीम में तुरंत पीछे बुलाया जाए। चीन ने नाथुला दर्रे से कैलास मानसरोवर यात्रियों का आवागमन रोकने की भी धमकी दी है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने एक बयान में कहा है कि चीन अपील करता है कि भारत सीमा पार करके आए अपने सैनिकों को तुरंत वापस बुलाए और पूरे मामले में जांच के आदेश दे। उन्होंने अपने बयान में आरोप लगाया कि भारतीय सीमा रक्षक सिक्कीम में भारत-चीन सीमा पार कर उसके क्षैत्र में चले गए और चीनी फ्रंटियर फोर्सेज की देवलांग में आम गतिविधियों को प्रभावित किया। इसके बाद चीन ने उसके जवाब में कदम उठाए। चीनी प्रवक्ता का यह बयान उसके रक्षा मंत्री के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उसकी जमीन पर सड़क और इमारत निर्माण का भारतीय सेना विरोध कर रही है। माना जा रहा है कि सड़क निर्माण का विरोध करना ही चीन को नागवार गुजरा और उसने कैलास मानसरोवर यात्रा के लिए नाथुला दर्रे को बंद कर दिया।
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27 June 2017भारत और अमेरिका रिश्तों की नई इबारत लिखने जा रहे हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाशिंगटन पहुंचते ही उन्हें सच्चा दोस्त बताकर इसकी नींव रख दी है। दोनों नेताओं के बीच होने वाली वार्ता पर पूरी दुनिया की नजर है। ट्रंप ने ट्वीट कर यह भी बताया कि मोदी से उनकी बातचीत रणनीतिक मुद्दों पर होगी। जवाब में मोदी ने गर्मजोशी भरे व्यक्तिगत स्वागत के लिए ट्रंप का धन्यवाद किया और सोमवार को व्हाइट हाउस में होने वाली बैठक और वार्ता के प्रति उत्सुकता जाहिर की। मगर, इससे ठीक पहले चीनी विदेश मंत्री ने अमेरिका और भारत को दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता में दखल न देने की बात कही है। इस बयान से चीन की बौखलाहट का अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह भारत और अमेरिका के बीच प्रगाढ़ संबंधों, खासतौर पर सुरक्षा मसलों पर होने वाले समझौतों को लेकर बौखलाया है। उसे लगता है कि इससे एशिया प्रशांत क्षेत्र में वह अपनी मनमानी नहीं कर पाएगा। ट्रंप पहले भी इशारा कर चुके हैं कि दक्षिण एशिया में वह भारत को प्रमुख साझेदार मानते हैं। ऐसे में भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों से चीन को मिर्ची लगना लाजमी है। मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में रविवार सुबह अमेरिका पहुंचे। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने बताया, "बैठक के दौरान, राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, भारत-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा साझेदारी, वैश्विक सहयोग, व्यापार, कानून के कार्यान्वयन और ऊर्जा समेत कई मसलों पर बातचीत होगी।" दरअसल, सोमवार को दोनों नेता कई घंटे साथ व्यतीत करेंगे। इस दौरान दोनों नेताओं की अकेले बातचीत, प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक, रिसेप्शन और व्हाइट हाउस में वर्किंग डिनर का कार्यक्रम है। मोदी के लिए आयोजित किया जाने वाला वर्किंग डिनर वर्तमान अमेरिकी प्रशासन की ओर से आयोजित अपनी तरह का पहला आयोजन है। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया, "व्हाइट हाउस इस यात्रा को खास बनाने के प्रति बेहद उत्सुक है। हम वास्तव में बेहद गर्मजोशी से स्वागत करना चाहते हैं। इस प्रशासन के तहत किसी विदेशी गणमान्य अतिथि के लिए यह पहला डिनर होगा। इसलिए हमें लगता है कि इसका खासा महत्व है।" ट्रंप प्रशासन ने उन खबरों को खारिज किया है कि वर्तमान अमेरिकी सरकार भारत की अनदेखी कर रही है। अमेरिकी प्रशासन का कहना है, राष्ट्रपति ट्रंप मानते हैं कि यह देश (भारत) दुनिया में "अच्छाई की ताकत" रहा है और उसके साथ गठजोड़ बेहद महत्वपूर्ण है। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा, "हमें शासन में आए हुए अभी छह महीने ही हुए हैं। लेकिन इस दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच फोन पर दो बार अच्छी बातचीत हो चुकी है जिससे संबंधों को बनाए रखने की दोनों देशों की उत्सुकता प्रदर्शित होती है।" जब उनसे पूछा गया कि क्या बातचीत के दौरान एच-1बी वीजा का मसला भी उठेगा, इस पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को अमेरिका की ओर से उठाए जाने की संभावना है, लेकिन अगर इसे भारतीय पक्ष ने उठाया तो अमेरिका इसके लिए तैयार है।
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26 June 2017श्रीनगर में शनिवार को हुए आतंकी हमले के बाद डीपीएस की बिल्डिंग में छिपे दोनों आतंकियों को सेना ने मार गिराया है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सेना के हवाले से कहा जा रहा है कि एक आतंंकी का शव बरामद हो गया है और दूसरा भी मारा गया है। रविवार सुबह से गोलीबारी हो रही थी। 17 घंटे बाद यह ऑपरेशन खत्म हुआ। इससे पहले लालचौक से लगभग 12 किलोमीटर दूर जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित पंथाचौक में शनिवार को आतंकियों ने सीआरपीएफ के वाहनों पर हमला किया, जिसमें एक सब इंस्पेक्टर शहीद व दो अन्य जवान घायल हो गए थे। फिलहाल पूरे इलाके की घेराबंदी करते हुए एहतियातन साथ सटे सेनवार, राममुंशी बाग, पंथाचौक व सेमपुरा में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इस बीच आतंकी संगठन लश्कर ने हमले की जिम्मेदारी ली है। आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ के सब इंस्पेक्टर की पहचान साहब शुक्ला निवासी गांव मांझी, तहसील बंसगाम, गोररखपुर (उत्तर प्रदेश) के रूप में हुई है। घायल जवानों में से वाहन चालक निसार अहमद की हालत गंभीर बनी हुई है। बीती शाम करीब पौने छह बजे सीआरपीएफ की 29वीं वाहिनी के जवानों का एक दल अपने वाहनों में शिविर की तरफ लौट रहा था। यह दल जब श्रीनगर शहर के प्रवेशद्वार पंथाचौक के पास पहुंचा तो वहां स्थित डीपीएस स्कूल के बाहर भीड़ में छिपे आतंकियों ने सीआरपीएफ के वाहनों पर गोलियों की बौछार कर दी। इस हमले में सीआरपीएफ के तीन जवान गंभीर रूप से घायल हो गए।
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25 June 2017पाकिस्तान से भीषण हादसे की खबर है। यहां के पंजाब प्रांत के बहावलपुर शहर में तेल टैंकर में आग लगने के कारण कम से कम 123 लोगों की मौत हो गई और जबकि 40 लोग घायल बताए जा रहे हैं। सुरक्षाकर्मी मौके पर पहुंच गए हैं और घायलों को बहावल विक्टोरिया अस्पताल और गंभीर रूप से घायल लोगों को जिला मुख्यालय अस्पताल शारिया ले जाया गया है। जियो टीवी के मुताबिक, हाईवे पर तेल टैंकर तेज गति से जा रहा था। संतुलन बिगड़ने से वह पलट गया और तेल रिसने लगा, जिसे भरने के लिए भीड़ जमा हो गई। ये लोग लीक तेल को डब्बों में भर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आसपास के कुछ लोग सिगरेट पी रहे थे जिस वजह से आग लग गई। हादसा शहर के राष्ट्रीय राजमार्ग के पुल के निकट हुआ। विस्फोट इतना भयंकर था कि 75 मोटरबाइक और चार कारें भी जल गईं। बचाव सूत्रों के मुताबिक, मृतक की पहचान उनके डीएनए नमूना प्राप्त किए बिना पता नहीं की जा सकती क्योंकि शव बुरी तरह से जल चुके हैं। आग पर काबू पा लिया गया है और हाईवे पर यातायात भी बहाल कर दिया गया है। इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने हादसे के जांच के आदेश दे दिए हैं। सेना के हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं ताकि घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सके। बहावलपुर के डीसीओ सलीम अफजल के अनुसार, हादसा रविवार सुबह अहमद जयपुर शरकया के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ।
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25 June 2017जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सेना ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए पिछले 24 घंटे में 5 आतंकियों को मार गिराया है। इनमें लश्कर के तीन आतंकी शामिल हैं इन तीनों की पहचान माजिद मीर, शरीफ अहमद और इर्शाद अहमद के रूप में हुई है। इन तीनों आतंकियों के पास से सेना ने तीन एके-47 रायफल्स भी बरामद की हैं। ऑपरेशन के बाद मीडिया को इस बात की जानकारी देते हुए 50 राष्ट्रीय रायफल कर्नल अजीत कुमार ने कहा कि मारे गए आतंकियों में से 2 मेरे एरिया के थे। वहां करीब 12 आतंकियों को मैजूदगी थी जिनमें से दो मारे गए जबकि 10 अब भी बचे हैं। ऑपरेशन के दौरान पथराव हुआ लेकिन हम उनसे अच्छी तरह डील कर पाए। खबरों के अनुसार बुधवार शाम सेना को पुलवामा के काकपोरा इलाके में आतंकियों के होने की खबर मिली थी जिसके बाद इलाके को घेरते हुए सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। इस दौरान हुई मुठभेड़ में तीनों आतंकियों को मार गिराया गया। इस दौरान स्थानीय लोगों ने सुराक्षाबलों का ध्यान आतंकियों से हटाने के लिए उन पर पथराव कर दिया। हालांकि जवान अपनी जगह से हिले नहीं और आतंकियों को मार गिराया। वहीं दूसरी तरफ सेना ने एलओसी के पलानवाला सेक्टर में घुसपैठ की एक कोशिश को नाकाम करते हुए भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किए हैं। इससे पहले बुधवार को ही सुरक्षाबलों ने उत्तरी कश्मीर के सोपोर में हिजबुल मुजाहिदीन को बड़ा झटका देते हुए बुधवार को दुर्दांत आतंकी गुलजार अहमद उर्फ इब्राहिम और उसके साथी बासित को मार गिराया। बराथ कलां (सोपोर) का रहने वाला गुलजार वादी में सक्रिय ए-श्रेणी के आतंकियों में शुमार था। उसके जिंदा अथवा मुर्दा पकड़े जाने पर आठ लाख का इनाम घोषित था। उसके साथ मारा गया आतंकी बासित अहमद मीर अंद्रगाम (पट्टन) का रहने वाला था। फरवरी 2016 में आतंकी संगठन में सक्रिय हुए बासित पर भी तीन लाख का इनाम था। दोनों से दो एसाल्ट राइफलें, पांच एके मैगजीन, 124 कारतूस और एक हथगोला भी बरामद हुआ है।
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22 June 2017अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को देश के हर कोने में बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ में कहा है कि योग को जीवन में नमक की तरह महत्वपूर्ण बनाएं। मोदी ने योग दिवस पर लखनऊ में हजारों लोगों के साथ बरसते पानी में योग किया। करीब 45 मिनट योग करने के बाद पीएम मोदी यहां से रवाना हो गए और उनके जाते ही लोगों की संख्या भी कम होने लगी। बुधवार को भारत समेत दुनियाभर के 150 देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रहे हैं। भारत में भी दिल्ली से लेकर लद्दाख तक लोग योग करते नजर आ रहे हैं। भारत में सबसे बड़ा आयोजन लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान पर हुई जहां प्रधानमंत्री मोदी खुद मौजूद रहे। तेज बारिश के बीच प्रधानमंत्री मंच से नीचे आकर लोगों के बीच उनके साथ योग किया। उनके साथ राज्यपाल राम नाईक, राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद थे। इनके अलावा मैदान पर 51 हजार लोगों एक साथ योग कर रहे थे। तेज बारिश के बावजूद लोगों का उत्साह कम नहीं हुआ और लोग यहां बैठे रहे। इससे पहले पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज योग जन-जन का और घर-घर का हिस्सा बन रहा है। इसे देश में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में मशहूर हुआ है और दुनिया को भारत से जोड़ा है। विश्व के तमाम देश योग के कारण भारत से जुड़ रहे हैं वह हमारी भाषा नहीं जानते हमारी संस्कृति भी ढंग से नहीं जानते मगर योग से हमसे जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देशभर में योगा इंस्टिट्यूट खोल रहे हैं युवा योग सीख रहे हैं आज विश्व के देशों में योग ट्रेनर की मांग बढ़ रही है भारत के लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है। हमने कहा हम योग के अभ्यास बने, योग करके हम अपने शरीर के अंग जो सुषुप्तावस्था मे रहते हैं उन्हें जाग्रत किया जा सकता है। जीवन में एक चुटकी नमक का बहुत महत्व है या शरीर की रचना में महत्वपूर्ण है इसी तरह योग भी बहुत महत्वपूर्ण है। इससे पहले पीएम मोदी के यहां पहुंचते ही लखनऊ में बारिश शुरू हो गई और योग करने पहुंचे लोग योगा मेट से खुद को ढककर बारिश से बचते दिखे। इसे देखकर पीएम ने कहा कि मैंने पहली बार देखा है कि योगा मेट का इस तरह से भी कोई उपयोग हो सकता है। प्रधानमंत्री की मौजूदगी के चलते रमाबाई अंबेडकर मैदान और उसके चारों ओर चाकचौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है। आयुष मंत्रालय के मुताबिक, देशभर में योग दिवस के 5,000 से ज्यादा आयोजन होंगे। वहीं दूसरी तरफ अहमदाबाद में बाबा रामदेव योग दिवस पर लोगों को योग करवा रहे हैं। दावा है कि यहां एक साथ 5 लाख लोगों ने योग किया है। इस आयोजन में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के अलावा मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल हुए हैं। आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के जवानों ने लद्दाख की जमा देने वाली ठंड में योग कर लोगों को एक संदेश दिया। आईटीबीपी के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर लगभग 18000 फीट की ऊंचाई पर लद्दाख में -25 डिग्री सेल्सियस की कड़कड़ाती ठंड में योग किया। ऐसा कर सेना के जवानों ने देशवासियों को यह संदेश दिया कि परिस्थितियां चाहे जैसी भी हों, योग कहीं भी किया जा सकता है। योग करते समय इन जवानों के चारों ओर बर्फ की मोटी चादर साफ देखी जा सकती है। जवानों के मुंह से निकलने वाली भाप से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां कितनी ठंड पड़ रही है। उधर नौसैनिकों ने भी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर योग किया। आईएनएस विक्रमादित्य एयरक्राफ्ट पर मौजूद नौसैनिकों ने भी योग अभ्यास किया। आईएनएस विक्रमादित्य भारतीय नौसेना का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत है। यह समुद्र का बेताज बादशाह है। इसकी लंबाई 283.5 मीटर है और यह 20 मंजिला ऊंचा है। इसका वजन 44,500 टन है। यह 30 लड़ाकू जहाज ले जाने की क्षमता से लैस है।
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21 June 2017रायपुर में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में बुधवार सुबह छत्तीसगढ़ राज्य ने एक अनोखा विश्व कीर्तिमान बनाया। मुख्यमंत्री के साथ राज्य के लगभग 50 लाख लोगों ने अलग-अलग स्थानों पर एकसाथ योगाभ्यास किया। प्रदेश के लगभग 11 हजार स्थानों पर स्कूली बच्चों, बुजुर्गो, युवाओं और महिलाओं सहित समाज के सभी वर्गों ने पूरे उत्साह के साथ योगाभ्यास किया। मुख्यमंत्री डॉ. सिंह राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब (विवेकानंद सरोवर) के सामने इंडोर स्टेडियम में 600 स्कूली बच्चों के साथ एक घण्टे तक सामान्य योग अभ्यास क्रम के अनुसार योग के विभिन्न आसनों का अभ्यास किया। योग अभ्यास कार्यक्रम छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में एक साथ लगभग 50 लाख लोगों के योगाभ्यास के कीर्तिमान को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित गोल्डन बुक ऑफ वर्ड रिकार्डस् के आब्जर्वर संतोष अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को इस विश्व कीर्तिमान का प्रमाण पत्र सौंपा। आयोजन में मुख्यमंत्री के साथ स्कूली बच्चों के अलावा कई जनप्रतिनिधियों और शासन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी योग अभ्यास किया। डॉ.रमन सिंह ने सामूहिक योग अभ्यास के बाद स्कूली बच्चों और नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि योग को हमें अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। हमने यहां केवल आज ही नही बल्कि वर्ष के पूरे 365 दिन योग करने का संकल्प लिया है। इस संकल्प पर हमें कायम रहना होगा।
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21 June 2017सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बिजली सबसिडी को मंजूरी मिल गई, जो 9541 करोड़ रुपए की रहेगी। इसी के साथ अब सरकार 18 साल तक के बाल ह्रदय रोगी बच्चे का मुफ्त इलाज कराएगी। बाल श्रवण योजना में भी आयु सीमा 6 साल से बढ़ाकर 8 साल कर दी गई है। कृषि कैबिनेट की बैठक में किसानों से खरीदा गया प्याज राशन की दुकानों पर 2 रुपए किलों में बेचने का निर्णय लिया गया है। बैठक में किसानों को खरीफ का कर्ज चुकाने के लिए मार्च तक का समय देने को मंजूरी दी गई। हाईकोर्ट के कम्प्यूटर प्रशिक्षण प्राप्त अधिकारी कर्मचारी को एक अग्रिम वेतन दिया जाएगा। प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने किसान आत्महत्यों के सवाल पर कहा कि सबके कारण अलग-अलग हैं, इन्हें कर्ज से जोड़ना गलत है। अचानक हुई कृषि कैबिनेट में छाया रहा प्याज कृषि कैबिनेट में खरीदी केंद्रों में किसानों को आ रही समस्याओं पर मंथन हुआ। इसमें किसानों की प्याज हर हाल में खरीदने के निर्देश दिए गए। बाहरी प्रदेशों से एमपी में आ रही प्याज को रोकने के लिए इंतजाम किया जाएगा। वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि सरकार पर कितना भी आर्थिक बोझ आए, वो वहन करेगी। उन्होंने कहा कि प्याज की भारी भरकम पैदावार का उन्हें अंदाजा नहीं था। मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि राशन की दुकानों से भी प्याज खरीदा जा सकेगा। जहां वो 2 रुपए प्रति किलों की दर से मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कितने खेत में प्याज लगाई और कितना उत्पादन हुआ, इसका भी हिसाब रखा जाएगा। जो किसान फर्जी तरीके से प्याज बेचेगा उस पर एफआईआर दर्ज की जाएगी।
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20 June 2017दंतेवाड़ा के किरंदुल थाना क्षेत्र के चोलनार गांव में नक्सलियों ने मुखबिरी के शक में एक कांग्रेस नेता की मंगलवार को हत्या कर दी। मिली जानकारी के मुताबिक कुआकोंडा ब्लॉक के पूर्व जनपद अध्यक्ष और कांग्रेस नेता छन्नूराम मंडावी की नक्सलियों ने धारदार हथियार से गला रेतकर हत्या कर दी। नक्सलियों ने जनअदालत लगाकर मंडावी पर पुलिस मुखबिरी करने का आरोप लगाया था। गौरतलब है कि इससे पहले भी नक्सली जनअदालत लगाकर मंडावी को सजा दे चुके हैं।घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस बल घटना स्थल पर रवाना हो चुका है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
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20 June 2017सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी में असफल प्रेम कहानियों का बेहद जीवंत वर्णन मिला है। कोर्ट ने कहा है कि भारत में माता-पिता के फैसले को स्वीकार करने के लिए बेटियां अपने प्यार को कुर्बान कर देती हैं और भारत में यह आम बात है। सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति की उम्रकैद की सजा को खारिज करते हुए अपने फैसले में यह टिप्पणी की। इस व्यक्ति ने एक महिला से गुपचुप शादी की और इसके तुरंत बाद दोनों ने खुदकुशी की कोशिश की। इसमें व्यक्ति जीवित बच गया, जबकि 23 वर्षीय पीड़िता को बचाया नहीं जा सका। बहरहाल, वर्ष 1995 की इस घटना में पुलिस ने व्यक्ति के खिलाफ पीड़िता की हत्या का मामला दर्ज किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि हो सकता है महिला अनिच्छा से अपने माता-पिता की इच्छा को मानने के लिए राजी हो गई हो, लेकिन घटनास्थल पर फूलमाला, चूड़ियां और सिंदूर देखे गए। इनसे ऐसा प्रतीत होता है कि बाद में उसका मन बदल गया। कोर्ट ने कहा कि महिला ने अपने प्रेमी से यह भी कहा हो कि उसका परिवार राजी नहीं है इसलिए वह उससे शादी नहीं करेगी। जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की एक पीठ ने कहा, इस देश में यह आम बात है कि बेटियां अपने माता-पिता की इच्छा को स्वीकार करने के लिए अपने प्यार का बलिदान कर देती हैं, भले ही ऐसा वह अनिच्छा से करती हों। कोर्ट ने कहा कि पीड़ित और आरोपी एक-दूसरे से प्यार करते थे और लड़की के पिता ने अदालत के समक्ष यह गवाही दी थी कि जाति अलग होने के कारण उनके परिवार ने इस शादी के लिए रजामंदी नहीं दी थी। व्यक्ति को कथित तौर पर उसकी हत्या करने का दोषी ठहराते हुए निचली अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी और इस फैसले की राजस्थान हाई कोर्ट ने भी पुष्टि की थी। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि परिकल्पना के आधार पर आपराधिक मामलों के फैसले नहीं किए जा सकते और उसने व्यक्ति को बरी करते हुए कहा कि पर्याप्त संदेह के बावजूद अभियोजन पक्ष उसका दोष सिद्ध करने में सक्षम नहीं रहा है।
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19 June 2017राजस्थान में चल रहा किसान आंदोलन अब संभाग मुख्यालयों के बजाए गांवों से ही चलेगा। किसान अब गांवों से सब्जियों और दूध की आपूर्ति रोकेंगे, मंडियां बंद रहेंगी और सड़कें जाम की जाएंगी। सोमवार को सभी संभाग मुख्यालयों पर आयुक्त कार्यालय का घेराव कर गिरफ्तारियां दी जाएंगी। वहीं 20 जून से ग्राम से संग्राम अभियान शुरू करेंगे। राजस्थान में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में किसानों ने 15 जून से महापड़ाव शुरू किया था। इसके तहत राजस्थान के आठ बड़े शहरों जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर, कोटा, भरतपुर, अजमेर और सीकर में महापड़ाव दिया जा रहा था। किसान संघ ने अनिश्चितकालीन महापड़ाव का दावा किया था, लेकिन चार दिन में सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं किए जाने पर अब संघ ने आंदोलन की रणनीति बदल दी है। संघ के जोधपुर प्रांत के अध्यक्ष हीरालाल चौधरी ने बताया कि शनिवार को हुई संघ की बैठक में अब आंदोलन को तेज करने का निर्णय किया गया है, लेकिन यह आंदोलन अब संभागों के बजाए गांवों से ही चलेगा। किसान 20 जून से ग्राम से संग्राम अभियान के तहत गांव बंद किए जाएंगे। मंडियां बंद रहेंगी। गांवों से सब्जियों और दूध की आपूर्ति के साथ सड़कें रोकी जाएंगी। चौधरी ने बताया कि चार दिन के महापड़ाव के बाद भी सरकार की ओर से कोई सुनवाई नहीं किए जाने से साफ है कि सरकार शांतिप्रिय आंदोलन की सुनवाई नहीं करती। ऐसे में अब किसान के पास बंद के अलावा और कोई लोकतांत्रिक उपाय नहीं बचा है।
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19 June 2017चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में जगह बनाने वाली भारतीय टीम आईसीसी की ताजा वनडे रैंकिंग में दूसरे नंबर पर पहुंच गई है। इस रैंकिंग में भारतीय टीम ने एक स्थान का छलांग लगाई है। भारत 118 अंक के साथ दूसरे नंबर पर है जबकि दक्षिण अफ्रीका 119 अंकों के साथ पहले नंबर पर हैं। रैंकिंग में ऑस्ट्रेलिया तीसरे नंबर पर है और उसके 117 अंक है। ऑस्ट्रेलिया चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल से पहले ही बाहर हो चुकी है। रैंकिंग में चौथे नंबर पर इंग्लैंड है जो चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पाकिस्तान से हारकर बाहर हो चुकी थी। इंग्लैंड के 113 अंक है। न्यूजीलैंड को बांग्लादेश ने मात देकर टूर्नामेंट से बाहर का रास्ता दिखाया था। वह फिलहाल 111 अंकों के साथ पांचवे पायदान पर है। चैम्पिंयस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करने वाली बांग्लादेश की टीम के 94 अंक हैं और वह छठे पायदान पर है। इसके बाद पाकिस्तान, श्रीलंका और वेस्टइंडीज का नंबर है। अब 18 जून को आज होने वाले फाइनल मुकाबले में अगर पाकिस्तान टीम जीत दर्ज करती है तो वो रैंकिंग में बांग्लादेश टीम को पीछे छोड़ देगी, वहीं फाइनल में अगर भारत जीतती है तो वो नंबर एक टीम बन जाएगी, लेकिन फाइनल में मिली हार टीम इंडिया को दोबारा तीसरे पायदान पर ले जाएगी।
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18 June 2017बेल्जियम में यूरोपीय संसद ने पाकिस्तान की सैन्य अदालतों की कार्य प्रणाली और सवाल उठाए हैं। यूरोप संसद ने साथ ही पाकिस्तानी सैन्य अदालतों के काम करने के तरीकों पर चिंता भी जाहिर की है। जानकारी के मुताबिक यूरोपीय यूनियन की संसद में कहा गया कि पाकिस्तान की सैन्य अदालतें गुप्त तरीके के साथ सुनवाई करती हैं। संसद के एक मैंबर ने कहा कि पाकिस्तान में मानवीय अधिकारों के हनन का स्तर बेहद चिंतनीय है। यहां तक कि आरोपियों को बचाव का मौका तक नहीं दिया जाता या तो उन्हें मार दिया जाता है, या उन्हें गायब कर दिया जाता है। ईयू संसद ने पाकिस्तानी सरकार और सक्षम अधिकारियों से आग्रह किया है कि सैन्य बलों की हिरासत में होने वाली मौतों की गहन और बिना किसी पक्षपात के जांच करे। पाकिस्तान पर पेश प्रस्ताव में ये भी कहा गया है कि पाकिस्तान अपने यहां तत्काल सैन्य अदालतों को पारदर्शी रूप से सिविल अदालतों में तब्दील करने की प्रक्रिया शुरू करे। यूरोपीय संसद पाकिस्तान में सैन्य बलों को मिली खूली छूट को लेकर चिंतित है। उसने पाकिस्तान सरकार से कहा है कि वह पाक सेना के क्रियाकलापों पर गंभीरता से नजर रखे।
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16 June 2017इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पनामागेट मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित दल के समक्ष बुधवार को हाजिर हुए। वह पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री हैं जो पद पर रहते हुए इस तरह के पैनल के सामने पेश हुए। शरीफ ने कहा कि उन्होंने और उनके परिवार ने कुछ नहीं किया है ये उनकी सरकार के खिलाफ साजिश है। शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने न्यायिक अकादमी रवाना होने के पहले अपने पिता और उनके प्रमुख सहयोगियों की एक तस्वीर पोस्ट करके ट्वीट किया है। आज के दिन ने इतिहास रच दिया है और बहु प्रतीक्षित और स्वागत योग्य उदाहरण स्थापित किया हैं। संयुक्त जांच दल के प्रमुख वाजिद जिया ने शरीफ को मामले से जुड़े सभी कागजात लेकर बुधवार छह सदस्यीय दल के समक्ष तलब किया। कमेटी के सामने से पेश होने से पहले शरीफ ने सुबह अपने परिजनों और करीबी सहयोगियों से विचार विमर्श किया है। उन्होंने अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं को उनके साथ आने के लिए मना किया है। शरीफ के कजाख्स्तान से वापस लौटने के बाद उन्हें समन जारी किया गया। शरीफ शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कजाखस्तान गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर मामले में 20 अप्रैल को जेआईटी का गठन किया था और प्रधानमंत्री, उनके बेटे और मामले से जुड़े हर व्यक्ति से पूछताछ करने का अधिकार दिया था। यह दल धन शोधन मामले की जांच कर रहा है जिसके जरिए लंदन के पॉश पार्क लेन क्षेत्र में चार अपार्टमेंट खरीदे गए थे।
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16 June 2017एजबेस्टन में रोहित शर्मा के शानदार शतक (123 नाबाद) और उनके तथा विराट कोहली (96 नाबाद) के बीच हुई अविजित शतकीय भागीदारी से भारत गुरुवार को चैंपियंस ट्रॉफी सेमीफाइनल में बांग्लादेश को 9 विकेट से रौंदकर फाइनल में पहुंच गया। तमीम इकबाल (70) और मुश्फिकुर रहीम (61) के अर्द्धशतकों से बांग्लादेश ने 7 विकेट पर 264 रन बनाए। इसके जवाब में भारत ने 40.1 अोवरों में 1 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। अब रविवार को होने वाले फाइनल में भारत का मुकाबला पाकिस्तान से होगा। लक्ष्य का पीछा कर रहे भारत को धवन और रोहित ने तेज शुरुआत दिलाई। धवन इसी दौरान सौरव गांगुली को पीछे छोड़कर चैंपियंस ट्रॉफी इतिहास में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। वे 46 के निजी स्कोर पर मुर्तजा की गेंद पर मोसाद्देक को पाइंट पर कैच दे बैठे। उन्होंने 34 गेंदों में 7 चौके और 1 छक्का लगाया तथा रोहित के साथ पहले विकेट के लिए 87 रन जोड़े। इसके बाद रोहित शर्मा और विराट दूसरे विकेट के लिए अविजित शतकीय भागीदारी कर चुके हैं। रोहित ने मुस्ताफिजुर की गेंद पर छक्का लगाते हुए वन-डे में अपना 11वां शतक पूरा किया। यह उनका चैंपियंस ट्रॉफी में पहला शतक है। उन्होंने इसके लिए 111 गेंदों में 12 चौके और 1 छक्का लगाया। रोहित और कोहली ने 178 रनों की अविजित भागीदारी करते हुए टीम को 9.5 अोवर शेष रहते जीत दिलाई। रोहित 129 गेंदों का सामना कर 15 चौकों और 1 छक्के की मदद से 123 और विराट 78 गेंदों में 13 चौकों की मदद से 96 रन बनाकर नाबाद रहे। भारत ने टॉस जीतकर पहले बांग्लादेश को बल्लेबाजी के लिए बुुलाया। भुवी ने कप्तान के फैसले को सही साबित करते हुए सरकार (0) को पैवेलियन लौटाया, सरकार उनकी गेंद को स्टंप्स पर खेल बैठे। शब्बीर रहमान ने आते ही आक्रामक बल्लेबाजी शुरू की, लेकिन वे ज्यादा देर तक क्रीज पर नहीं टिक पाए। भुवी की ऑफ स्टंप के बाहर की शॉर्ट गेंद को कट करने के चक्कर में वे पाइंट पर जडेजा को कैच थमा बैठे। उन्होंने 4 चौकों की मदद से 19 रन बनाए। तमीम जब 16 रनों पर थे तब हार्दिक ने उन्हें बोल्ड किया था, लेकिन वह नोबॉल निकली। इसके बाद तमीम ने इसका लाभ उठाकर दमदार पारी खेली। तमीम ने रहीम के साथ शतकीय भागीदारी (123) कर पारी को मजबूती प्रदान की। नियमित गेंदबाजों को सफलता मिलते नहीं देख विराट ने केदार को गेंद सौंपी और उन्होंने तमीम को बोल्ड कर भारत को महत्वपूर्ण सफलता दिलाई। उन्होंने 82 गेंदों में 7 चौकों और 1 छक्के की मदद से 70 रन बनाए। अब टीम की उम्मीदें रहीम और शाकिब पर टिक गई थी। लेकिन जडेजा ने शाकिब (15) को धोनी के हाथों कैच कराया। अभी बांग्लादेश इस सदमे से उबरा भी नहीं था कि जाधव की गेंद पर रहीम (61) ने मिडविकेट पर कोहली को कैच थमाया। महमदुल्लाह जब 4 रनों पर थे तब हार्दिक की गेंद पर थर्डमैन पर अश्विन ने उनका कैच छोड़ा। बुमराह ने इसके बाद मोसाद्देक हुसैन और महमदुल्लाह को अपना शिकार बनाया। मशरफे मुर्तजा 30 और तस्कीन अहमद 11 रनों पर नाबाद रहे। भारत की तरफ से भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह और केदार जाधव ने 2-2 विकेट लिए। मैच के लिए दोनों टीमों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। भारत ने अंतिम ग्रुप मैच में दक्षिण अफ्रीका को हराकर सेमीफाइनल का टिकट कटाया था। दूसरी तरफ बांग्लादेश ने न्यूजीलैंड को शिकस्त देकर अंतिम चार में जगह बनाई थी। बांग्लादेश टीम आईसीसी टूर्नामेंट्स में भारत को सिर्फ एक बार (2007 विश्व कप) पराजित कर पाई है। बांग्ला टीम पहली बार किसी आईसीसी टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में पहुंची है, इसके चलते खिलाड़ी मुहिम को आगे बढ़ाकर फाइनल तक पहुंचाने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे। टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ चार तेज गेंदबाजों के साथ मैदान में उतरी थी और उसके द्वारा इस मैच में स्पिनर मेहदी हसन को मौका दिए जाने की संभावना कम ही है।
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16 June 2017खबर बालाघाट से । मध्यप्रदेश शासन के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन व बालाघाट-सिवनी सांसद बोधसिंह भगत के बीच मतभेद अब हर मंचीय कार्यक्रम में खुलकर सामने आने लगे है। कुछ दिन पूर्व ही दिव्यांग सामूहिक विवाह के दौरान उत्कृष्ट मैदान में सांसद ने सम्मान न करने पर सिर्फ गौरीशंकर बिसेन के परिवार का ही राज नहीं है अभी सांसद भी यहां पर मौजूद है कहकर मंच से ही नाराजगी व्यक्त की थी।सांसद से जब मंत्री बिसेन बदतमीजी पर उतर आये तो शिवराज सरकार के मंत्री को सांसद ने चोर तक कहा। सांसद बोधसिंह भगत और प्रदेश के केबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन के बीच चल रहे मतभेद, गुटबाजी बुधवार को एक बार फिर सार्वजनिक मंच पर नजर आई। सार्वजनिक मंच पर ही सांसद और मंत्री के बीच हॉट-टॉक हो गई। अवसर था जिले के मलाजखंड मुख्यालय में आयोजित सबका साथ सबका विकास सम्मेलन का। सांसद बोधसिंह भगत जब समारोह को संबोधित कर रहे थे, तब उन्होंने एक मामले का उल्लेख किया। जिस पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष राजकुमार रायजादा ने उसका खंडन किया। इसी बीच मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने भी सांसद बोधसिंह भगत से गलत बाद नहीं कहने की बात कही। इस दौरान सांसद-मंत्री के बीच तीखी नोक-झोंक हो गई। मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने जहां सांसद भगत को कहा कि बहुत देखे है ऐसे सांसद। वहीं इसके जवाब में सांसद ने भी मंत्री बिसेन को चोर मंत्री कह दिया। इसके बाद मंत्री गौरीशंकर बिसेन मंच छोड़कर चले गए। समारोह को जब मंत्री गौरीशंकर बिसेन संबोधित कर रहे थे, तभी एक भाजपा के कार्यकर्ता लखन बिसेन ने मलाजखंड को रोजगार नहीं दिए जाने की बात कही गई। जिसके बाद मंत्री बिसेन ने उस ग्रामीण को कार्यक्रम से बाहर किए जाने की बात कही। इसके बाद सांसद बोधसिंह भगत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में सबसे पहले उस भाजपा कार्यकर्ता का समर्थन किया, जिसमें उसने मलाजखंड के स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलने की बात कही थी। इसके बाद सांसद भगत ने यशोदा सीड्स नामक कंपनी के बीज के बिक्री होने का जिक्र किया। जबकि इस कंपनी के बीज पर प्रतिबंध लगाए जाने की बात कही। इसी बीच जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष राजकुमार रायजादा ने भी इस कंपनी के बीज को प्रतिबंधित कर दिए जाने की बात कही। लेकिन सांसद ने कहा कि बाजार में आज भी इस कंपनी के बीज विक्रय हो रहा है। इसी बात को लेकर मंत्री और सांसद के बीच नोक-झोंक शुरु हो गई। कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन व सांसद बोधसिंह भगत के बीच विवाद की स्थिति बढ़ती देख भाजपा जिला अध्यक्ष रमेश रंगलानी, सुरजीतसिंह ठाकुर समेत अन्य भाजपा के पदाधिकारी व कार्यकर्ता बीच-बचाव के लिए आए और मंत्री और सांसद को दूर-दूर कराकर मामले को शांत कराया। इसी बीच मंत्री कार्यक्रम छोड़कर चले गए। लेकिन मंच पर मंत्री व सांसद के बीच एक बार फिर से हुए विवाद से भाजपा के अंदर चल मतभेद खुलकर सामने आए हैं। कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने कहा वे भारत सरकार के सांसद है, उन्हें सब कहने का अधिकार है। वो राज्य सरकार को कुछ भी बोल सकते है। रही बात कंपनी की तो अध्यक्ष राजकुमार रायजदा ने प्रतिबंध के कागज सौंपने की बात कहीं है। बालाघाट बीजेपी अध्यक्ष रमेश रंगलानी ने बताया कि मलाजखंड में आयोजित कार्यक्रम सबका साथ सबका विकास कार्यक्रम के दौरान सांसद व मंत्री के बीच हुई विवाद की स्थिति की जानकारी भोपाल स्तर पर भेज दी संगठन को भेज दी है। जांच के बाद निश्चित ही संगठन कार्रवाई करेगा। सांसद बोध सिंह भगत ने कहा -बालाघाट जिले में यशोदा सीड्स कंपनी ने अमानक स्तर पर बीज की सप्लाई की थी, किसानों का बीज भी अंकुरित नहीं हो पाया था। पिछले साल इस कंपनी पर बैन लग गया था, लेकिन इस साल हटा दिया। इस मामले को लेकर मंच से किसानों को सावधान कराने का प्रयास किया था। इस बात पर कृषि मंत्री भड़क उठे और कार्यक्रम के दौरान हॉट-टॉक हो गई।
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15 June 2017सीमा पर तनाव के बाद भारत में आतंकी हमले के अलर्ट से हड़कंप मच गया है। इंटैलीजैंस एजैंसियों ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब और गुजरात में आतंकी हमलों का अलर्ट जारी किया है। सूत्रों के अनुसार अलर्ट में साफ कहा गया है कि कश्मीर में सुरक्षा बलों की सख्त कार्रवाई के बाद आतंकी संगठन बौखलाए हुए हैं। आतंकी यू.पी. समेत कई राज्यों के बड़े शहरों को अपना निशाना बना सकते हैं। अलर्ट के मुताबिक आतंकियों के दस्ते में आत्मघाती महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल हैं। इंटैलीजैंस इनपुट के बाद यू.पी. पुलिस के आला अधिकारियों को सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है। दरअसल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर पी.एम. नरेंद्र मोदी के लखनऊ में रहने की उम्मीद जताई जा रही है। यही कारण है कि यू.पी. पुलिस किसी भी तरह के खतरे को नजरअंदाज नहीं करना चाहती। लिहाजा भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की जा रही है। बताते चलें कि 3 दिन पहले इंटैलीजैंस एजैंसियों ने सरहद पार से पंजाब के बमियाल सैक्टर के रास्ते भारत में 4 आतंकियों के दाखिल होने की सूचना पर अलर्ट जारी किया था। इंटैलीजैंस ने इसके पीछे पाकिस्तानी खुफिया एजैंसी आई.एस.आई. का हाथ बताया था।
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14 June 2017सुरक्षाबलों के लगातार बढ़ते दबाव और अपने कई साथियों के मारे जाने से हताश आतंकियों ने मंगलवार को कश्मीर घाटी में चार घंटे के भीतर ताबड़तोड़ सात हमले किए। हर जगह सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर किए गए हमलों में सीआरपीएफ के नौ और पुलिस के चार जवान घायल हो गए। इन हमलों के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने वादी में अलर्ट करते हुए सभी सुरक्षा शिविरों और थानों के अलावा जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। आतंकियों को मार गिराने के लिए देर रात कई जगह एक साथ विशेष अभियान छेड़ दिया गया। इस बीच हिजबुल मुजाहिदीन ने हमलों की जिम्मेदारी लेते हुए और हमलों की धमकी भी दी है। आतंकियों ने छह जगहों पर सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड फेंके, जबकि अनंतनाग में पूर्व जज के मकान पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर हमला कर चार राइफलें लूट लीं। इससे पहले सोमवार रात भी त्राल में आतंकियों ने सीआरपीएफ के शिविर पर ग्रेनेड दागा था, जिसमें दो जवान जख्मी हो गए थे। दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा के त्राल में आतंकियों ने लाडीयार गांव में सीआरपीएफ की 180वीं वाहिनी की एफ कंपनी के शिविर पर ग्रेनेड दागा, जिसमें नौ जवान जख्मी हो गए। घायलों को श्रीनगर स्थित सेना के बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। आतंकियों ने पडगामपोरा (पुलवामा) में सीआरपीएफ की 130वीं वाहिनी के शिविर पर ग्रेनेड हमला किया, जिसमें कोई नुकसान नहीं हुआ। आतंकियों ने पुलवामा पुलिस स्टेशन पर ग्रेनेड दागा, जो थाने की बाहरी दीवार के साथ टकराकर फटा। इस हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। दक्षिण कश्मीर के जिला अनंतनाग के सरनल (पहलगाम) में भी आतंकियों ने सीआरपीएफ के शिविर पर ग्रेनेड हमला किया। इस हमले में कोई नुकसान नहीं हुआ। आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के आंचीडूरा (अनंतनाग) में जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मुजफ्फर हुसैन अत्तर के मकान पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया। इसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। आतंकी जाते समय पुलिसकर्मियों की चार राइफलें भी लूट ले गए। हमले के समय मुजफ्फर हुसैन मकान में मौजूद नहीं थे। हमलावर आतंकियों की संख्या सात से आठ बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार वहां तैनात चार में से दो सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं थे। उन दोनों को निलंबित कर दिया गया है। उत्तरी कश्मीर के पजलपोरा (सोपोर) स्थित सेना की 22 आरआर के शिविर पर आतंकियों ने स्वचालित हथियारों से फायरिंग की। गेट पर तैनात जवानों ने त्वरित जवाबी कार्रवाई कर आतंकियों के मंसूबों को नाकाम बना दिया। जवाबी फायरिंग होते ही आतंकी अंधेरे में भाग निकले। उत्तरी कश्मीर के डीआइजी नीतीश कुमार ने कहा कि आतंकियों ने यहां यूबीजीएल से ग्रेनेड हमला किया त्राल के लुरगाम क्षेत्र में आतंकियों ने सेना की 42 आरआर के शिविर पर यूबीएल से ग्रेनेड हमला किया, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ। क्षेत्र में आतंकियों की तलाश की जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि उन्हें इनपुट मिले थे कि आतंकी कश्मीर में कोई बड़ा हमला कर सकते हैं, लेकिन सुरक्षाबलों की कड़ी सुरक्षा व घेराबंदी का ही नतीजा है कि आतंकी अपने नापाक मंसूबे में कामयाब नहीं हुए और उन्होंने कई जगह सांकेतिक हमले कर हताशा का परिचय दिया।
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14 June 2017अमेरिका में नये प्रशासन के कार्यभार संभालने के बाद अपनी पहली अमेरिका यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 जून को राष्टपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ एच1बी वीजा में संभावित बदलावों को लेकर भारत की चिंताओं समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे. विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री की 25 जून से शुरू होने वाली अमेरिका यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि मोदी-ट्रम्प के बीच बातचीत गहरे द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा प्रदान करेगी. मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच यह पहली बैठक होगी. वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने कहा, ट्रम्प 26 जून को मोदी के साथ मुलाकात करने और द्विपक्षीय संबंधों को हमारी साझी प्राथिमकताओं, आतंकवाद का मुकाबला करने, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देने तथा सुधार एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा सहयोग का विस्तार के उपायों पर चर्चा करने को उत्सुक हैं. स्पाइसर ने कहा, राष्ट्रपति ट्रम्प और प्रधानमंत्री मोदी भारत और अमेरिका की उस साझोदारी के लिए साझा दृष्टिकोण पेश करेंगे जो 1.6 अरब नागरिकों के लिए है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, प्रधानमंत्री 26 जून को राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ आधिकारिक वार्ता करेंगे. उनकी चर्चा पारस्परिक हित के मुद्दों पर गहरे द्विपक्षीय संबंधों और भारत और अमेरिका के बीच बहुआयामी रणनीतिक भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए नयी दिशा प्रदान करेगी. पिछले सप्ताह अपने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि मोदी ट्रम्प के समक्ष मुद्दे को उठाएंगे. पाक प्रायोजित आतंकवाद और अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्दों समेत क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर दोनों नेताओं के बीच बैठक के दौरान प्रमुखता से चर्चा होने की उम्मीद है. व्यापार बढ़ाने और व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने के अलावा दोनों नेताओं के रक्षा संबंधों पर भी चर्चा करने की उम्मीद है. अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने पहले ही साफ कर दिया है कि उनका देश भारत को बड़े रक्षा भागीदार के तौर पर मानता है. मैटिस ने कहा था कि अमेरिका नई चुनौतियों के साथ-साथ समुद्री सुरक्षा से लेकर दक्षिण पूर्व एशिया में आतंकवाद के प्रसार से बढ़ती चुनौतियों से निपटने के लिए नए तरीके तलाश रहा है. मोदी की यात्रा पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका के हटने की ट्रम्प की घोषणा की पृष्ठभूमि में हो रही है. ट्रम्प ने कहा था, भारत इसमें अपनी भागीदारी को विकसित देशों से अरबों अरब डॉलर मिलने पर निर्भर बनाता है. ट्रम्प के दावों को खारिज करते हुए भारत ने कहा था कि उसने पेरिस समझौते पर हस्ताक्षर दबाव में या धन के लालच में नहीं किया था बल्कि पर्यावरण की रक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता की वजह से किया था
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13 June 2017खुफिया एजेंसी आईबी ने उत्तर प्रदेश में बड़े आतंकी हमले को लेकर एक अलर्ट जारी किया है. सूत्रों की मानें तो आईबी ने राज्य की पुलिस को अलर्ट किया है कि सरहद पर हुई कार्रवाई के बाद आतंकी दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में आतंकवादी सुसाइड बम से हमले को अंजाम दे सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, अलर्ट में किसी जगह या तारीख का जिक्र नहीं है, साथ ही किसी आतंकी संगठन का भी उल्लेख नहीं किया गया है. लेकिन यह जरूर कहा गया है कि ये आतंकी हमले में सुसाइड बम का इस्तेमाल कर सकते हैं. आईबी अलर्ट के बाद डीजीपी कार्यालय ने सार्वजनिक स्थानों की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. इन निर्देशों में शॉपिंग माल, सिनेमाघर, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन और भीड़भाड़ वाले इलाकों में विशेष सर्तकता बरतने को कहा गया है. सूत्रों का कहना है कि कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ भारतीय सेना कार्रवाई से वे बौखलाए हुए हैं. ऐसे में वे किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं. पिछले दिनों हिजबुल मुजाहिदीन के पूर्व कमांडर और अब अलकायदा में शामिल हो चुका आतंकी जाकिर मूसा ने ऑडियो जारी किया था. ऑडियो में बिजनौर में एक महिला के साथ चलती ट्रेन में हुए कथित रेप और गौ रक्षा के नाम पर हो रही घटनाओं का जिक्र करते हुए बदला लेने की बात कही थी.
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13 June 2017हार्दिक ने फूंका किसान आंदोलन का बिगुल मध्यप्रदेश के बाद अब राजस्थान में भी किसान आंदोलन की धार तेज होती जा रही है। किसानों की समस्याओं को लेकर अलग-अलग किसान संगठनों और गुजरात पाटीदार आंदोलन के संयोजक हार्दिक पटेल ने राजस्थान में किसान आंदोलन का बिगुल फूंका है। वहीं कांग्रेस की ओर से 14 जून को प्रदेश के 14 जिलों में किसानों की मांगों के समर्थन में धरना दिया जाएगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने बताया कि किसानों की कर्ज माफी और उपज का समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग को लेकर धरना दिया जाएगा। राष्ट्रीय किसान महा पंचायत के आह्वान पर रविवार को राज्य में सात जिलों के गांव बंद रहे। इस दौरान गांवों से न तो दूध बाहर निकला और न ही सब्जी और अनाज बाहर भेजे गए। गांवों से शहरों में दूध, सब्जी, अनाज की आपूर्ति रोक दी गई। राष्ट्रीय किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने बताया कि रविवार को बाड़मेर, चित्तौड़गढ़, सीकर, अलवर, जयपुर, जोधपुर और टोंक के गांव पूरी तरह से बंद रहे। उन्होंने कहा कि राज्य के शेष 26 जिलों में अगले तीन दिन में चरणबद्ध रूप से गांव बंद रहेंगे। इसके बाद राज्य के किसान मंदसौर कूच करेंगे। इधर गुजरात पाटीदार आंदोलन के संयोजक एवं पटेल नव निर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हार्दिक पटेल सोमवार को उदयपुर के नामरी गांव में किसान सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
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12 June 2017खबर कराची से। पाकिस्तान में बच्चों की खिलौना बंदूक (टॉय गन) भी अजीब समस्या बन गई है। अपराधी असली हथियारों के साथ इन खिलौनों का इस्तेमाल करके अपराध को अंजाम देते हैं और उन्हें फेंककर भाग जाते हैं। पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ कुछ खास कर नहीं पाती है। इसके चलते सिंध प्रांत में टॉय गन की बिक्री पर दो महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। देश के प्रमुख व्यापारिक शहर कराची के बोल्टन मार्केट और चकीवाड़ा इलाके में पुलिस ने छापेमारी करके हजारों की संख्या में टॉय गन जब्त की हैं। दोनों इलाकों से 22 बड़े कारोबारियों को गिरफ्तार किया गया है। ईद के मौके पर इन टॉय गन की बिक्री सड़क के किनारे लगने वाली दुकानों पर भी होने लगती है। परिणामस्वरूप चंद रोज में ही हजारों टॉय गन बिक जाती हैं। इनमें से कुछ गन का इस्तेमाल अपराधी भी करने लगते हैं। सूत्रों के अनुसार प्रतिबंध की एक वजह समाज में गन कल्चर को बढ़ावा देने से रोकना भी है। बच्चे खेल में गन का इस्तेमाल करते हुए उनके साथ रहने के अभ्यस्त हो जाते हैं जो आदत बड़े होने पर उन्हें हिंसक बनाने में मदद करती है।
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12 June 2017भाजपा अध्यक्ष अमित शाह शनिवार को रायपुर में महात्मा गांधी पर अपने बयान चतुर बनिए पर सफाई देते हुए कहा, सबको पता है कि मैंने किस संदर्भ में कहा था। लोग मेरे मेरे बयान का गलत मतलब निकाल रहे हैं।राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर अभी फैसला नहीं हुअा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में रमन सरकार ने बहुत अच्छा काम किया है, इसलिए आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा शानदार प्रदर्शन कर फिर सरकार बनाएगी। उन्होंने दावा किया कि विधानसभा चुनाव में भाजपा 65 से ज्यादा सीटें जीतेगी। गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह बीते तीन दिन से छत्तीसगढ़ दौरे पर हैं। इन तीन दिनों में प्रदेश भाजपा के आला नेताओं के अलावा विधायकों और सांसदों से मुलाकात की। तीन दिनों की यात्रा के बाद शनिवार को प्रेस वार्ता में अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने हर स्तर पर बेहतर काम किया है इसलिए हम सरकार के काम को जनता के बीच लेकर जाएंगे और चौथी बार छत्तीसगढ़ में फिर भाजपा की सरकार बनाएंगे। इससे पहले शुक्रवार को रायपुर में अमित शाह ने महात्मा गांधी पर बड़ा बयान देते हुए कहा था कि वे दूरदर्शी होने के साथ-साथ एक चतुर बनिया थे। उन्हें मालूम था कि आगे क्या होने वाला है, उन्होंने आजादी के बाद कहा था, कांग्रेस को बिखेर देना चाहिए। शाह यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कांग्रेस को खत्म करने का काम नहीं किया, लेकिन अब कुछ लोग उसको बिखेरने का काम कर रहे हैं। संगठन के इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि क्योंकि कांग्रेस की कोई विचारधारा ही नहीं है, देश चलाने के, सरकार चलाने के कोई सिद्धांत ही नहीं थे। रायपुर मेडिकल कॉलेज प्रेक्षागृह में शाह ने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना है कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है, इसीलिए एक साधारण चाय बेचने वाला देश का प्रधानमंत्री है और एक सामान्य कार्यकर्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष। भाजपा (जनसंघ) का उदय राष्ट्रवाद के सिद्धांत पर हुआ है। यही वजह है कि हमारे लिए देश सर्वोपरि है।
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10 June 2017देश के अगले राष्ट्रपति के लिए लगातार आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के नाम की वकालत कर रही शिवसेना ने आज कहा कि राष्ट्रपति भवन में ‘हिंदुत्व का रबर स्टांप’ होना चाहिए। भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना ने कहा कि देश को आज ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो इसके भविष्य को ‘हिंदू राष्ट्र’ के रूप में आकार दे सके और जो ‘राम मंदिर’ और ‘अनुच्छेद 370’ जैसे विषयों का हल निकाल सके। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में लिखे एक संपादकीय में कहा गया कि अभी तक धर्मनिरपेक्ष सरकारों के ‘रबर स्टांप’ ही राष्ट्रपति भवन में रहे हैं। शिवसेना ने बार-बार कहा कि देश के सर्वोच्च पद के लिए उसकी पसंद संघ प्रमुख भागवत हैं। हालांकि भागवत कह चुके हैं कि उन्हें राष्ट्रपति पद में कोई रुचि नहीं है। पिछले दो राष्ट्रपति चुनावों में भाजपा से अलग रास्ता अपनाती रही शिवसेना ने वीरवार को कहा था कि वह राष्ट्रपति चुनाव में ‘स्वतंत्र’ रुख अपना सकती है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की प्रशंसा करते हुए शिवसेना ने लिखा कि उनके और डा. ए पी जे अब्दुल कलाम जैसे लोगों ने पद की गरिमा को बनाए रखा है।
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9 June 2017उमेश त्रिवेदी पहले भी हम लिखा-पढ़ा और सुना करते थे और आज भी करते हैं कि भारत कृषि प्रधान देश है और अस्सी करोड़ से ज्यादा लोग देहातों में बसते हैं। अर्थ व्यवस्था में इसके योगदान की चर्चा करें तो पाएंगे कि जीडीपी में खेती-किसानी का योगदान 14-15 प्रतिशत है। आजादी के पहले 10-20 वर्षों में जब लोग ताजा-ताजा गांवों को छोड़ कर शहरों में रोटी-रोजगार के लिए आए थे, तब गुरबत-बदहाली के बावजूद अपने-अपने देहातों के साथ एक अजीबोगरीब रूमानियत भरा रिश्ता महसूस होता था। सांझ-सकारे, अम्मा-दादी और नाना-बाबा के किस्सों में रोजाना अपने गांव और ओटलों से रूबरू होना जिंदगी का हिस्सा था। लेकिन गांवों के साथ यह हिस्सेदारी अब खत्म हो चली है, रूमानियत मिटने लगी है, क्योंकि खेतों का स्वभाव बदलने लगा है, जमीन में पथरीलापन और पगडंडियों में कांटे उगने लगे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि देश बदल रहा है... हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि मेरे गांव बदल रहे हैं, लेकिन यदि महाकवि नागार्जुन के चूल्हे-चक्की के पुराने प्रतीकों को छोड़ दिया जाए तो देहातों में किसानों के हालात आज भी वैसे ही हैं, जैसे कि उन्होंने करीब पचास साल पहले अपनी कविता ''अकाल और उसके बाद'' में बयां किए थे। किसान और उसकी झोपड़ी की मनोदशाओं के शब्द-चित्र को उकेरते हुए उन्होंने लिखा था कि- 'कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास, कई दिनों तक काली कुतिया सोई उसके पास, दाने आए घर के भीतर कई दिनों के बाद, धुंआ उठा आंगन के ऊपर कई दिनों के बाद... चमक उठी घर भर की आंखें कई दिनों के बाद, कौए ने खुजलाई पांखें कई दिनों के बाद...।' सरकार के राजनीतिक-कारोबार में दिन दूनी रात चौगुनी वृध्दि के अलावा हिन्दुस्तान के देहातों में गुरबत और गरीबी के हालात वैसे ही हैं, जैसे कि बाबा नागार्जुन ने शब्दों में पिरोए हैं। यह राजनीतिक-कारोबार भी किसानों की तकलीफों का सबसे बड़ा कारक है, जो किसानों का इस्तेमाल करके उन्हें कूड़े में फेंक देता है। नागार्जुन के किसानों का यह शब्द-चित्र जहन को एकाएक इसलिए कुरेदने लगा कि मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में गोलीबारी से मारे गए किसानों को असामाजिक तत्व कह कर दुत्कारा जा रहा है, अथवा उनकी वेशभूषा के आधार पर नकारा जा रहा है। गांवों में किसानों की वेश-भूषा के अलावा कुछ नहीं बदला है... किसान अभी भी एक चाबुक से, एक साथ हंकाली जाने वाली, वही पुरानी निरीह भेड़ों के झुण्ड समान हैं, जिनके बालों को नोचना पहले जमींदारी और साहूकारी व्यवस्था का अंग था, अब उन्हें लहूलुहान करना सरकारी राजतंत्र का कर्तव्य है। मुंशी प्रेमचंद के 'होरी' ने मैली-कुचैली, फटी-पुरानी बंडी-धोती के बदले टी-शर्ट और जींस-पेंट्स को धारण करना शुरू कर दिया है। उसके वेश बदलने के यह मायने नहीं है कि उनका सामाजिक परिवेश भी बदल गया है। बदलाव मार्केट की मजबूरी का सबब है। बंडी अब मिलती नहीं है और जींस-पेंट धोती से सस्ती हैं। बकौल नागार्जुन उनके 'आस-पास जमींदार हैं, साहूकार हैं, बनिया हैं, व्यापारी हैं...। अन्दर-अन्दर विकट कसाई, बाहर खद्दरधारी हैं...। बदहाली और शोषण की व्यवस्था के दुष्चक्र की कहानी पहले होल्डर-दवात से लिखते थे, अब उसके बदले पारकर, मॉण्टब्लां जैसे सोने की निब वाले पेन आ गए हैं। उधारी का चक्रव्यूह आज भी बरकरार है। चैत में उसके खेत-खलिहानों में रखे गेहूं-चने की रौनक बमुश्किल एक पखवाडे में साल भर की उधारी चुकाने में भाप जैसी उड़ जाती है। किसान कपडे-लत्ते समेट रोजमर्रा की जिंदगी में काम आने वाली हर चीज साल भर की उधारी पर महंगे भाव में लेता है। साल भर की उधारी का ब्याज भी उसी के खाते से जाता है। चैत में पहली फुर्सत में गेहूं-चना बेचकर यह उधारी चुकाना उसकी नियति है। दिसम्बर 2016 में केन्द्र सरकार ने राज्यसभा में बताया था कि देश में 9 करोड़ किसान-परिवारों में से करीब पौने पांच करोड़ परिवार कर्जदार हैं। गांव और खेत-खलिहान उधारी के महाजनी-चरित्र से मुक्त नहीं हो पाए हैं। चक्रवृध्दि ब्याज की चाबुक किसानों की खाल उधेड़ती रहती है। पहले महाजन खेतों में खड़ी फसल कटवा लेता था, आजकल बैंकों की ओर से वसूली करने वाले दबंग दादा-पहलवान खेतों में ऱखे ट्रॉली-ट्रेक्टर और मोटर सायकल उठा ले जाते हैं। सरकारी एजेंसियों की घटिया कीटनाशक दवाएं, रासायनिक खाद और बीज की शिकायतें पहले की तरह अनसुनी रह जाती हैं। साल में बारहों महीने खाली हाथ रहना किसानों की सबसे बड़ी विडम्बना है। राजनीतिक भ्रष्टाचार और दुराव के कारण किसान आज भी दुरवस्था के घेरे में खड़े हैं। अभी तक दुरवस्था की आंच मध्य प्रदेश का गांवों तक नहीं पहुंची थी, लेकिन मंदसौर में 6 किसानों की मौत के बाद चेतावनी का बिगुल मध्य प्रदेश में भी बज चुका है।
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9 June 2017मध्यप्रदेश की सीमा में घुसने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को नीमच पुलिस ने शांति भंग करने के आरोप में हिरासत में ले लिया। वे बाइक से मंदसौर जाने की कोशिश कर रहे थे और पुलिस को चकमा देकर 2 किमी अंदर तक आ गए थे। जेल वाहन से उन्हें विक्रम गेस्ट हाउस में बनाई गए अस्थाई जेल ले जाया गया। इनके साथ कमलनाथ, सचिन पायलट, दिग्विजय सिंह और शरद यादव को भी हिरासत में लिया है। इस दौरान राहुल की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। उनके साथ मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा रोके जाने का विरोध किया। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि मैं सिर्फ किसानों के परिवारों से मिलना चाहता था, उनकी बात सुनना चाहता था। कोई कारण नहीं दिया बस कहा कि गिरफ्तार कर रहे हैं। उन्होंने कहा मोदीजी किसानों का कर्ज नहीं माफ कर सकते, सही रेट और बोनस नहीं दे सकते, मुआवजा नहीं दे सकते, सिर्फ किसान को गोली दे सकते हैं। इस बीच मंदसौर में मृत किसानों के परिजनों को लेकर कांग्रेस नेता विक्रम गेस्ट हाउस पहुंचे और उन्हें राहुल गांधी से मिलने की मांग करने लगे। कुछ देर बाद प्रशासन और पुलिस ने उन्हें अंदर जाने की इजाजत दे दी। जिसके बाद वे कांग्रेस उपाध्यक्ष से मिलने विक्रम गेस्ट हाउस में पहुंचे। एसपीजी ने जेल के वाहन में राहुल गांधी को गेस्ट हाउस ले जाने पर आपत्ति ली, उनका कहना था कि राहुल की जान को खतरा हो सकता है। लेकिन पुलिस ने उनकी बात नहीं मानी। कमलनाथ ने कहा कि हम यहां राजनीति करने नहीं आए थे, केवल मृत किसानों के परिवारों से मिलना चाहते थे। लेकिन बिना बताए गिरफ्तार कर लिया। जेडीयू के शरद यादव की भी पुलिस से झड़प हो गई, उन्होंने कहा कि मैं लोकसभा में सांसद हूं, बिना कारण बताए आप लोग मुझे गिरफ्तार नहीं कर सकते। वे पहले उदयपुर पहुंचकर कार से मंदसौर के लिए निकले थे, लेकिन रास्ते वे पुलिस को चकमा देने के लिए बाइक पर बैठकर निकल गए। बाइक कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी चला रहे थे, उनके पीछे सचिन पायलट भी बाइक पर आए। सुरक्षा के मद्देनजर मध्यप्रदेश पुलिस ने राजस्थान की सीमा से लगे सभी रास्तों को सील कर दिया। इस बीच मंदसौर गोलीकांड को लेकर सरकार ने मंदसौर कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह और एसपी ओपी त्रिपाठी को हटा दिया है।
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8 June 2017भारत की तेल विपणन कंपनियां अब देशभर में रोजाना पेट्रोल की कीमतों की समीक्षा करेंगी। यह नई व्यवस्था 16 जून, 2017 से प्रभावी होगी। यह जानकारी पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने दी है। देशभर में एक मई से पुडुचेरी, विशाखापट्नम, उदयपुर, जमशेदपुर और चंडीगढ़ में पेट्रोल-डीजल के लिए शुरू की गई दैनिक समीक्षा के पायलट प्रोजेक्ट में सफलता मिलने के बाद यह फैसला लिया गया है। भारत पैट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल), इंडियन ऑयल कॉर्प (आईओसी) और हिंदुस्तान पैट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (एचपीसीएल) की यह मांग थी कि रोजाना पेट्रोल-डीजल की कीमतें तय की जाएं। आपको बता दें कि इन तीनों तेल कंपनियों के देश में कुल पेट्रोल पंप में से 95 फीसद की हिस्सेदारी रखते हैं। देश में कुल 58000 पेट्रोल पंप हैं। मौजूदा समय में देश की तीन ऑयल कंपनियां इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम तथा हिंदुस्तान कॉरपोरेशन हर 15 दिन में तेल कीमतों की समीक्षा करती हैं। इसके आधार पर पेट्रोल-डीजल की रिटेल कीमत तय की जाती है। तेल कंपनियों की ओर से पांच राज्यों में यह पायलट प्रोजेक्ट इसलिए शुरू किया गया था ताकि वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव में खुद को ढाला जा सके। इन तीन कंपनियों की फ्यूल रिटेल मार्केट में कुल मिलाकर 90 फीसद से ज्यादा की हिस्सेदारी है। इस तरह यह कंपनियां व्यावहारिक रूप से ईंधन मूल्य निर्धारण में मानदंड स्थापित करती हैं। माना जा रहा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज और एस्सार ऑयल भी इन्हीं का अनुसरण कर सकती हैं। दुनिया के कई विकसित देशों में तेल कंपनियां रोजाना कीमतों की समीक्षा करती हैं। इसे डायनेमिक फ्यूल प्राइसिंग कहा जाता है।रोजाना पेट्रोल और डीजल की कीमतों की समीक्षा कच्चे तेल की कीमतों पर निर्भर करती हैं। इस फैसले से तेल कंपनियां रिटेल प्राइस को कच्चे तेल की कीमतों के आसपास रख सकेंगी। साथ ही इससे घाटा कम करने में भी मदद मिलेगी।
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8 June 2017मध्यप्रदेश के मंदसौर में प्रदर्शनकारी किसानों पर हुई गोलीबारी की घटना के बाद हुई छ किसानों की मौतों से नाराज प्रदर्शनकारियों ने आज मंदसौर कलेक्टर के साथ मारपीट और झूमाझटकी की। कलेक्टर मंदसौर स्वतंत्र कुमार सिंह स्टेट हाईवे पर शव रखकर प्रदर्शन करने वालों को समझाईश देने के लिए एसपी ओपी त्रिपाठी के साथ पहुंचे थे, तब उन पर आक्रोशित भीड़ ने हमला किया। बाद में उन्हें वहां से हटाया गया। इधर मंदसौर में प्रदर्शनकारियों ने जगह-जगह चक्काजाम कर रखा है। कर्फ्यू के बाद भी लोग हटने को तैयार नहीं हैं। कल हुई गोलीबारी की घटना में मंदसौर बरखेड़ा पंथ गांव के तीन किसानों की मौत हुई थी। इसमें से एक 11 साल का छात्र अभिषेक सिंह भी है। इससे गांव वालों में आक्रोश और बढ़ गया और एक किसान ने कलेक्टर को थप्पड़ मार दिया। कुछ लोगों ने दूर तक कलेक्टर का पीछा भी किया। एसपी के साथ भी झूमाझटकी हुई है और बीजेपी के पूर्व विधायक राधेश्याम पाटीदार को जमकर पीटा और उनकी गाड़ी में आग लगा दी। कलेक्टर, मंदसौर स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया मंदसौर और पिपलिया मंडी में कर्फ्यू लगा है। मंदसौर में हाईवे पर प्रदर्शनकारियों द्वारा शव रखकर चक्काजाम किया जा रहा है जिसे हटाने के लिए समझाईश देने की कोशिश की जा रही है। प्रदर्शन के मामले में 25-30 लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है। गोलीचालन के बाद आज भी किसानों का प्रदर्शन उग्र रूप लिए रहा। आंदोलनकारी किसानों ने रूई के एक गोदाम में आग लगा दी तो सड़क के किनारे खड़े वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। पिपल्या मंडी में टोल नाके पर भी आंदोलनकारियोंं के कब्जे की खबर है। जानकारी के मुताबिक आज सुबह हजारों किसान बरखेड़ापंथ गांव में जमा हुए थे। मृतकों के अंतिम संस्कार से लौट रही भीड़ ने पिपल्या मंडी के टोल नाके पर कब्जा कर लिया और नाके के पास खड़े वाहनों में आग लगा दी। यहां प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर भी पथराव किया। इधर, इंदौर और भोपाल के मिसरौद में भी किसानों ने उग्र प्रदर्शन किया। किसानों ने सरकार का पुतला फूंका और चक्काजाम कर तोड़फोड़ की। मंदसौर गोलीकांड में 6 किसानों की मौत के बाद प्रदेश बंद के आह्वान का सबसे ज्यादा असर मालवा क्षेत्र में दिखाई दिया बाकि भी प्रदेश के कई इलाकों में बंद शांतिपूर्ण रहा । इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, राजगढ़, देवास, रतलाम में प्रदर्शनकारी सड़कों पर नजर आए और जगह-जगह चक्काजाम और तोड़फोड़ की खबर मिल रही है। प्रमुख शहर जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सागर, उज्जैन में भी किसान प्रदर्शन जारी है। कलेक्टर स्वतंत्र कुमार के बयान से सरकार यह दावा खोखला साबित हुआ है कि आंदोलनकारियों पर पुलिस अथवा सीआरपीएफ ने नहीं बल्कि उपद्रवियों ने गोली चलाई है। कलेक्टर स्वतंत्र कुमार आज उत्तेजित ग्रामीणों को यह समझाने की प्रयास कर रहे थे कि गोलियों प्रशासन के कहने पर नहीं चलाई गर्इं। लेकिन इतना सुनने के बाद किसान और भड़क गए। विवाद बढ़ता देख कलेक्टर को अलग ले जाया जाने लगा इसी दौरान एक किसान ने कलेक्टर को पीछे से थप्पड़ मार दिया। इसके बाद कलेक्टर स्वतंत्र सिंह ने कहा कि गोली चलाए जाने को लेकर टीआई पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इधर, राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के नेता शिवकुमार शर्मा कक्काजी ने इंदौर में पत्रकारों से चर्चा में आरोप लगाया है कि सरकार किसानों की हत्या पर आमादा थी, यही वजह है कि किसानों की छाती और पीठ पर गोली मारी गई। शिवकुमार शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार में अफसरशाही पूरी तरह हावी है, 12 अफसर पूरी सरकार को चला रहे हैं। उन्होंने इन अफसरों पर भ्रष्टाचार के भी आरोप जड़े। उन्होंने कहा कि दस जून से किसान पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन करेंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कृषि कैबिनेट में फैसला लिया है कि किसानों के हित के लिए कृषि लागत और विपणन आयोग बनाएंगे। इसमें लागत मूल्य पर 50% अधिक कीमत पर किसानों की उपज खरीदी जाएगी। इसके साथ ही तुअर और मूंग की खरीदी के लिए तय की गई कीमत के आधार पर 10 जून से खरीदी करने का फैसला हुआ। बैठक में किसानों की कर्जमाफी पर भी चर्चा हुई इसके लिए सरकार किसानों के लिए समाधान योजना शुरू करने का विचार कर रही है। इसके तहत कर्ज न चुका पाने वाले किसानों का एक बार ब्याज माफ किया जाएगा। मंदसौर गोलीकांड ने केंद्र सरकार को भी परेशानी में डाल दिया है। केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने गोलीकांड को बड़ी साजिश करार देते हुए इसके पीछे कांग्रेस का हाथ बताया है। नायडू ने कहा किसान कभी हिंसक नहीं होता। आंदोलन में कुछ आसमाजिक तत्व शामिल हो गए हैं। कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा है कि सरकार ने किसानों पर गोलियां चलवाई हैं। तन्खा ने कहा कि वे गोलीकांड के लिए सरकार और प्रशासन के जिम्मेदार अफसरों और नेताओं के खिलाफ हत्या का मुकदमा दायर करवाएंगे। उन्होंने कहा आंदोलनकारी किसानों पर गोली चलाना सीधे उनकी हत्या करने जैसा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ ने आज दिल्ली में कहा कि शांतिपूर्ण अहिंसक आंदोलन पर सरकार और प्रशासन लाठियां और गोलियां बरसाकर दमन करने पर उतारू है। इससे खुद को किसान पुत्र कहने वाले शिवराज सिंह का चेहरा बेनकाब हो गया है। शिवराज जवाबदेही लेने के बजाए कांग्रेस पर आरोप लगा रही है।
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7 June 2017खबर वॉशिंगटन से । तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क के लिए पाकिस्तान अब भी पनाहगाह बना हुआ है और वह एक सहयोगी होने की बजाय खतरा अधिक है। यह दावा अमेरिका के एक प्रमुख थिंक टैंक सेंटर फॉर स्ट्रैटिजिक ऐंड इंटरनेशनल स्टडीज ने किया है। थिंक टैंक ने इस बात पर जोर दिया कि ट्रंप प्रशासन को इस्लामाबाद को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यदि वह तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क को समर्थन देना जारी रखता है तो उसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। सेंटर फॉर स्ट्रैटिजिक ऐंड इंटरनैशनल स्टडीज (सीएसआईएस) ने एक रिपोर्ट में कहा कि अफगानिस्तान संघर्ष, और अपनी सैन्य, राजनीतिक, शासन एवं गरीबी हर संदर्भ में पाकिस्तान बुरा प्रदर्शन कर रहा है। वह अब भी तालिबान एवं हक्कानी नेटवर्क को शरण दे रहा है, जिसके कारण पाकिस्तान सहयोगी होने के बजाए खतरा अधिक है। इस रिपोर्ट को एंथनी एच कॉर्ड्समैन ने तैयार किया है, जिसमें कहा गया है कि युद्ध के सैन्य एवं असैन्य आयामों में बेहतर दृष्टिकोण एवं बेहतर रणनीति होनी चाहिए। कोई भी प्रतिबद्धता असीमित नहीं होनी चाहिए। अफगानिस्तान को बहुत अधिक, बहुत बेहतर करना होगा, ताकि अमेरिकी प्रतिबद्धता के हर आगामी वर्ष को न्यायोचित ठहराया जा सके। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका को पाकिस्तान को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यदि वह तालिबान और हक्कानी नेटवर्क को समर्थन देना जारी रखता है, तो उसे मिलने वाली मदद पूरी तरह बंद कर दी जाएगी और उस पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। साथ ही चीन को भी यह स्पष्ट तौर पर अमेरिका को बता देना चाहिए कि अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान संबंधी समस्या से निपटने में चीन का सहयोग चीन और अमेरिका दोनों के हित में होगा।
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6 June 2017जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा में सेना ने सीआरपीएफ कैंप पर एक आतंकी हमले को विफल किया है। इस दौरान सेना ने 4 आतंकियों को मार गिराया। हमले के बाद एक बयान में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आतंकी कैंप पर लंबे समय तक कब्जा करने की फिराक में आए थे। भारी हथियारों से लैस आतंकियों का मकसद भारी नुकसान पहुंचाना था। बता दें कि सोमवार सुबह उत्तरी कश्मीर के संबल में स्थित सीआरपीएफ की 45वीं बटालियन कैंप पर सोमवार सुबह आतंकियों ने हमला बोल दिया। भारी गोला बारूद लेकर आए आतंकी उरी जैसे किसी बड़े हमले की फिराक में थे लेकिन मुस्तैद सेना ने उनकी मंसूबों को कमायाब नहीं होने दिया। यह फिदायीन आतंकी थे और बड़े हमले की फिराक में आए थे, वक्त रहते सेना ने इन्हें ऐसा करने से रोक लिया। आतंकी हमला विफल करने के बाद जवान भारत माता की जय के नारे लगाते नजर आए। अब तक इस हमले में किसी जवान के घायल होने की खबर नहीं है। बता दें कि 3 जून को ही जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले में दो जवान शहीद हुए थे वहीं चार अन्य घायल हो गए थे।
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5 June 2017श्रीनगर में राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) द्वारा मारे गए छापों के बाद अलगाववादी नेताओं द्वारा बुलाई गई बैठक नहीं हो गई। इसके बाद पुलिस ने हुर्रियत प्रमुख मीरवाईज को उनके घर में नजरबंद कर दिया है वहीं जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन को हिरासत मे ले लिया है। जानकारी के अनुसार कट्टरपंथी नेता सईद अली शाह गिलानी के घर में भी किसी भी अलगाववादी नेता को दाखिल नहीं होने दिया गया। उनके घर की तरफ आने जाने वाले सभी रास्तों को सील करते हुए सिर्फ उन्हीं लोगों को छानबीन के बाद वहां आने जाने की छूट है जो कट्टरपंथी नेता के घर के साथ सटे मकानों में रहते हैं। उल्लेखनीय है कि एक स्टिंग आप्रेशन में अलगाववादी नेता नईम अहमद खान द्वारा वादी में पाकिस्तान से आतंकी फंडिंग और कटटरपंथी सईद अली शाह गिलानी के हाफिज सईद से संबंधों का खुलासा किए जाने के बाद एनआईए ने एक एफआईआर दर्ज कर कश्मीर में कई अलगाववादी नेताओं और आतंकियों व पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के हवाला नेटवर्क से जुड़े स्थानीय व्यापारियों के घरों में छापेमारी शुरु कर रखी है। इससे अलगाववादी खेमे व उसके समर्थकों में जबरदस्त खलबली मची हुई है। एनआईए के छापों से हताश अलगाववादियों ने आज अपनी अगली रणनीति तय करने के लिए कटटरपंथी सईद अली शाह गिलानी के घर में बैठक बुलाई थी। अलगाववादियों ने छापों को कश्मीरियों की आजादी की तहरीक को दबाने, कश्मीरी व्यापारियों को बदनाम कर, कश्मीरियों की अर्थव्यवस्था को चौपट करने की नई दिल्ली की साजिश करार दिया था। आज सुबह अलगाववादी नेताओं को गिलानी के घर जमा होने से रोकने के लिए पुलिस ने सबसे पहले उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाईज मौलवी उमर फारुक को नगीन स्थित उनके घर में नजरबंद कर दिया। हालांकि मीरवाईज ने अपने चार साथियों संग मकान से बाहर निकल गिलानी के घर जाने का प्रयास किया,लेकिन घर के बाहर खड़े पुलिसकर्मियों ने उन्हें अंदर लौटने को मजबूर कर दिया। इसी दौरान जेकेएलएफ के चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक जिन्हें बीती रात ही पुलिस ने नजरबंद किया था,सुबह नजरबंदी भंग कर अपने समर्थकों संग नारेबाजी करते हुए मैसूमा से हैदरपोरा स्थित गिलानी के निवास की तरफ चले। लेकन पुलिस ने उनके इरादों को नाकाम बना,उन्हें हिरासत में ले लिया। फिलहाल, मलिक को मैसूमा पुलिस स्टेशन की हवालात में बंद रखा गया है।
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5 June 2017आतंकी संगठन जमात-उद-दावा ने साल 2017 को ईयर ऑफ कश्मीर घोषित किया है। वह किसी भी तरह से जम्मू-कश्मीर के युवाओं को आतंकवाद के रास्ते में लाने के लिए भड़का रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने खुलासा किया है कि जमात का प्रमुख हाफिज सईद युवाओं को साइबर आतंकी बनाना चाहता है। उधर, बांदीपुरा में सीआरपीएफ के जवानों ने फिदाइन हमले की फिराक में घुसे चार आतंकियों को मार गिराया है। उनके पास के भारी-मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया गया है। इक बारे में कश्मीर के डीजीपी एसपी वैद्य ने कहा कि हम पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने कहा कि हम मारे गए आतंकियों की पहचान पता करने की कोशिश कर रहे हैं और यह पता लगा रहे हैं कि वे किस संगठन से जुड़े थे।
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5 June 2017पीटर्सबर्ग से फ्रांस रवाना होने से पहले रूस से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा। पाकिस्तान का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने, उनको हथियार और आर्थिक मदद देने वाले पाकिस्तान की करतूत को सबके सामने रखा। सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनामिक फोरम में चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया को ‘अच्छे आतंकवाद और बुरे आतंकवाद’ की चर्चा से आगे बढ़ना चाहिए। साथ ही आतंकवादियों को आर्थिक मदद और हथियारों की आपूर्ति बंद होनी चाहिए। मोदी से सहमति जताते हुए पुतिन ने कहा कि भारत आतंकवाद के कारण एक गंभीर समस्या का सामना कर रहा है और यह कोई ‘काल्पनिक चीज’ नहीं है। एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा, ‘आतंकवादी हथियारों का निर्माण नहीं करते, लेकिन कुछ देश उन्हें बंदूकों की आपूर्ति करते हैं, आतंकवादियों के पास अपनी संचार प्रणाली या सोशल मीडिया नेटवर्क नहीं है, लेकिन कुछ देश उनकी मदद करते हैं।’ पीएम मोदी का निशाना पाकिस्तान पर था।
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3 June 2017पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा पेरिस समझौता तोड़ने के बाद भारत और चीन की आलोचना करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परोक्ष तौर तगड़ा जवाब दिया है। सेंट पीटर्सबर्ग में पीएम मोदी ने सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम (एसपीआईईएफ) के दौरान कहा- "पेरिस समझौता रहे या नहीं, लेकिन भावी पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षण को लेकर हमारी प्रतिबद्धता है।" रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौजूदगी में निवेशकों को आमंत्रित करने के दौरान भारत को पर्यावरण हितैषी बताते हुए मोदी ने कहा कि हमारा देश प्राचीन काल से ही इस जिम्मेदारी को निभाता आ रहा है। भारत की सांस्कृतिक विरासत रही है। पांच हजार साल पुराने शास्त्र हमारे यहां मौजूद हैं, जिन्हें वेद के नाम से जाना जाता है। इनमें से एक वेद अथर्ववेद पूरी तरह प्रकृति को समर्पित है। हम यह मानकर चलते हैं कि प्रकृति का शोषण अपराध है। हम प्रकृति के शोषण को स्वीकार नहीं करते हैं। इसलिए हम अपने विनिर्माण क्षेत्र में जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट पर चलते हैं।" प्रधानमंत्री ने पेरिस समझौते का जिक्र करते हुए कहा-"आपको जानकर खुशी होगी कि हिंदुस्तान में आज पारंपरिक से ज्यादा पुनर्नवीकरण ऊर्जा के क्षेत्र में काम हो रहा है। हम पर्यावरण की रक्षा को लेकर जिम्मेवारी वाले देश के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इसे लेकर हमारी पुरानी प्रतिबद्धता है।" उन्होंने कहा- "जब ग्लोबल वॉर्मिंग की इतनी चर्चा नहीं थी और पेरिस समझौता नहीं हुआ था, तब मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था और कई सालों पहले दुनिया में गुजरात की चौथी ऐसी सरकार थी, जिसने अलग क्लाइमेट डिपार्टमेंट बनाया था। आज हम एलईडी बल्ब के जरिए ऊर्जा बचत कर रहे हैं। 40 करोड़ एलईडी बल्ब घर-घर पहुंचाए गए हैं। हजारों मेगावॉट बिजली बचाई गई है।" ब्रिटेन, जापान, कनाडा जैसे अमेरिका के सहयोगी देशों, औद्योगिक समूहों और पर्यावरण प्रेमियों ने ट्रंप के फैसले को खेदजनक बताते हुए निंदा की है। इटली, फ्रांस और जर्मनी ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है समझौते से पीछे नहीं हटा जा सकता। ट्रंप के फैसले पर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और वॉल्ट डिज्नी के प्रमुख कार्यकारी रॉबर्ट इगर ने व्हाइट हाउस की एडवाइजरी काउंसिल छोड़ने की घोषणा कर दी। 2,000 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन डाईऑक्साइड वर्ष 1750 से 2011 के बीच जीवाश्म ईंधन, सीमेंट उत्पादन, पेड़ों की कटाई आदि के जरिए वायुमंडल में छोड़ी जा चुकी है। 1971 से 2013 के बीच कार्बन डाईऑक्साइट का वैश्विक उत्सर्जन 117 प्रतिशत बढ़ा। यानी औसतन 2 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से। वर्ष 1880 और 2012 के बीच वैश्विक भूमि और सागर का तापमान 0.85 डिग्री सेंटीग्रेड बढ़ा। 1901 और 2010 के बीच विश्व के सागरों का स्तर 19 सेमी बढ़ा। वर्ष 1970 में इंसानों ने वायुमंडल में 2700 करोड़ मीट्रिक टन कार्बन डाईऑक्साइड छोड़ी, जबकि वर्ष 2010 में यह आंकड़ा 4900 करोड़ मीट्रिक टन रहा। अब तक के 10 सबसे गर्म साल 1992 के बाद ही हुए हैं। अमीर देशों को विकासशील देशों को 100 अरब डॉलर की मदद देना होगी। 400 से ज्यादा शहरों में उत्सर्जन आधा करने का लक्ष्य। पांच बड़े असर ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के लिए जब विश्व बिरादरी एकजुट हुई तो उसका मुखिया ही पीछे हट गया। इससे इस अहम वक्त पर धरती को बचाने के प्रयासों को तगड़ा झटका लग सकता है। पांच प्रमुख असर पर एक नजर - 1. बढ़ेगी छोटे देशों की परेशानी: भले ही अमेरिका दुनिया में 15 फीसदी कार्बन उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार हो पर विकासशील देशों को फंड मुहैया कराने और तापमान वृद्धि को नियंत्रित करने की ग्रीन तकनीक प्रदान करने में उसका बड़ा योगदान है। ऐसे में उसके पीछे हटने से दुनिया के कई देशों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो जाएगी। 2. चीन की चांदी: यह चीन के लिए लिए किसी अवसर से कम नहीं है। इससे उसे योरपीय और मेक्सिको, कनाडा जैसे अमेरिकी देशों के नजदीक जाने का मौका मिलेगा। यह उसके लिए रणनीतिक और आर्थिक दोनों लिहाज से फायदेमंद है। हाल ही में उसकी महत्वाकांक्षी योजना ओबोर (वन बेल्ट वन रोड) पर भी उसे कूटनीतिक बढ़त हासिल हो सकती है। 3. निराश होंगे बिजनेसमैन: अमेरिकी कॉर्पोरेट शुरू से इस समझौते के पक्ष में रहा है। गूगल, एपल और जीवाश्म ईंधन का उत्पादन करने वाली एक्सॉन मोबिल समेत कई कंपनियां ट्रंप को संधि से जुड़े रहने को कह रही थीं। इनका भी मानना है इससे अमेरिका की साख बढ़ती और कई अन्य अहम मुद्दों पर देशों से समझौता करने में अमेरिका का पलड़ा कमजोर नहीं पड़ता। 4. खात्मे की ओर कोयला युग: ट्रंप भले कह रहे हों कि वह कोयला उद्योगों को बढ़ावा देकर अमेरिका को फिर महान बनाएंगे, लेकिन अब तक अमेरिका बहुत हद तक बिजली उत्पादन के लिए कोयले पर निर्भरता खत्म कर चुका है। अमेरिकी कोयला उद्योग में काम कर रहे लोगों की संख्या सौर ऊर्जा संचालित उद्योगों की तुलना में आधी है। हालांकि विकासशील देश दशकों तक कोयले पर निर्भर रहेंगे, लेकिन जिस हिसाब से अक्षय ऊर्जा के स्रोत सस्ते हो रहे हैं, उससे जल्द ही ये देश भी कोयले का इस्तेमाल बंद कर देंगे। 5. अब भी घटेगा अमेरिकी उत्सर्जन: पेरिस संधि से हाथ खींचने के बाद भी अमेरिका का कार्बन उत्सर्जन कम होगा। अनुमान है कि पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा कार्बन उत्सर्जन में कटौती का जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था, उसका आधा उत्सर्जन जरूर कम किया जा सकेगा। इसकी सबसे बड़ी वजह है प्राकृतिक गैस के उत्पादन में बढ़ोतरी और इसकी लागत में भारी गिरावट। "राष्ट्रपति ट्रंप के अदूरदर्शी फैसले के प्रभाव का आकलन सिर्फ आने वाली पीढ़ी ही कर सकती है, क्योंकि उन्हें ही समुद्र के बढ़ते जलस्तर और भीषण सूखे की मार झेलनी पड़ेगी। राष्ट्रपति ने अमेरिकी व्यावसायिक समुदाय को मदद पहुंचाने के वादे को भी तोड़ा है।"- द न्यूयॉर्क टाइम्स राष्ट्रपति ने घरेलू अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले संदिग्ध तथ्यों और अनर्गल दावों के आधार पर पेरिस करार से हटने का फैसला लिया है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से होने वाले फायदों और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार के नए मौके सृजित होने जैसे तथ्यों को नजरअंदाज कर दिया। -द वॉशिंगटन पोस्ट यह ट्रंप का एकतरफा फैसला अविवेकपूर्ण और ऊटपटांग है। राष्ट्रपति ने ज्यादातर सलाहकार, बड़ी-बड़ी कंपनियों और दो तिहाई अमेरिकी जनता के विरोध के बावजूद पेरिस करार से हटने का निर्णय लिया। ऐसा करके ट्रंप ने अमेरिकी हितों और अंतरराष्ट्रीय जगत में देश की प्रतिष्ठा को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। -द इकोनॉमिस्ट, लंदन अमेरिका के सहयोगी देशों के लिए ट्रंप का करार से पीछे हटना गैरजरूरी और पर्यावरण संबंधी बर्बरता है। अमेरिका के सहयोगी देशों के लिए ट्रंप का करार से पीछे हटना गैरजरूरी और पर्यावरण संबंधी बर्बरता है। -द गार्जियन
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3 June 2017फिलीपींस की राजधानी मनीला में एक कैसीनो में हुई अंधाधुंध गोलीबारी में 34 लोगों की मौत हो गई है वहीं कई घायल हुए हैं। हमले के बाद फायरिंग करने वाले शख्स ने खुद को भी उड़ा लिया। फिलहाल हमला करने वाले की पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस के अनुसार अब तक कैसीनो से 34 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। अधिकारियों के अनुसार ज्यादातर लोगों की मौत घुटन की वजह से हुई है। मरने वालों में महिलाओं की संख्या ज्यादा है उनके शव बाथरुम में मिले हैं। जानकारी के अनुसार हमला रिजॉर्ट वर्ल्ड मनीला में देर रात 12 बजे के आसपास हुआ है। हमले में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। हमले के बाद ही कॉम्पलेक्स के ऑपरेटर ने बताया कि आतंकी संगठन आईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। गोलीबारी की खबर के बाद रिजॉर्ट्स वर्ल्ड मनीला को बंद कर दिया गया है।
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2 June 2017भारत ने ओडिशा के चांदीपुर में शुक्रवार को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। जमीन से जमीन पर मार करने वाली यह मिसाइल 350 किमी दूर तक मार कर सकती है। जानकारी के अनुसार इसका परीक्षण सुबह 9.30 बजे मोबाइल लॉन्चर के माध्यम से किया गया है। सूत्रों के अनुसार यह मिसाइल 500-1000 किग्रा तक का वजन ढोने में सक्षम है। इसमें एडवांस इनर्शियल सिस्टम लगा है जिसके चलते यह बेहद सटीक तरीके से लक्ष्य को भेदती है। इसके सफल परीक्षण के बाद भारतीय सेना की ताकत में इजाफा हुआ है। भारत में बनी यह मिसाइल ठोस और लिक्विड दोनों तरह के ईंधन पर चल सकती है। इसे 2009 में पहली भार भारतीय शसस्त्र सेना में शामिल किया गया था।
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2 June 2017भारतीय सेना ने एक सूची जारी की है जिसमें जम्मू कश्मीर में सक्रिय 12 मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की तस्वीरों को सार्वजनिक किया गया है. इस सूची में लश्कर के कमांडर अबू दुजाना और बशीर वानी जैसे खूंखार आतंकी शामिल हैं. भारतीय सेना ने बुरहान वानी और सब्जार भट्ट को मौत के घाट उतारने के बाद अब अपने अगले टारगेट तक पहुंचने की तैयारी शुरू कर दी है. ये 12 आतंकी सेना के लिए मोस्ट वांटेड बने हुए हैं, माना जा रहा है घाटी में आतंक की हालिया वारदातों को अंजाम देने में इन्हीं 12 आतंकियों और उनके गुर्गों का हाथ है. ये सभी जम्मू और कश्मीर में दहशत फैलाने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन से जुड़े हुए हैं. इनमें मोस्ट वांटेंड लश्कर कमांडर अबु दुजाना और बशीर वानी भी शामिल हैं. इससे पहले हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी और सब्जार भट्ट की मौत के बाद हिजबुल भारत के खिलाफ नए आतंकियों को तैयार कर रहा है. हिजबुल ने एक तस्वीर जारी की, जिसमें 27 आतंकी दिखाई दे रहे हैं. दरअसल, बीते 27 मई को सेना ने हिजबुल के कमांडर सब्जार भट्ट को एनकाउंटर में मार गिराया था. सब्जार की मुठभेड़ में मौत के बाद घाटी में हिंसा और ज्यादा भड़क उठी. श्रीनगर के पॉलिटेक्निक कॉलेज और अमर सिंह कालेज समेत घाटी में जगह-जगह प्रदर्शन, नारेबाजी शुरू हो गई. इतना ही नहीं सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी भी की गई.
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1 June 2017काबुल में भारतीय और ईरानी दूतावास के करीब बुधवार को हुए जबरदस्त बम धमाके में अब तक 65 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है वहीं 325 से ज्यादा घायल बताए जा रहे हैं। खबरों के अनुसार यह धमाका काबुल पीडी 10 के पास स्थित वजीर अकबर खान एरिया में ईरानी दूतावास को निशाना बनाते हुए किया गया है। इस धमाके के चलते भारतीय दूतावास की इमारत को भी नुकसान पहुंचा है लेकिन किसी कर्मचारी को कोई चोट नहीं आई है। स्थानीय मीडिया के अनुसार इस हमले के चलते 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि धमाके में अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है और 325 से ज्यादा घायल हुए हैं। सभी घायलों अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। हमले के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी है कि भगवान की कृपा से इस धमाके में दूतावास के सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं।बता दें कि मंगलवार को ही काबुल में हुए एक बम धमाके में 27 लोगों की जांच हो गई थी और कई घायल हुए थे।
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31 May 2017मैथिली शरण गुप्त विशेष पुलिस महानिदेशक के कार्यों के लिये मध्य प्रदेश को मिले स्मार्ट पुलिसिंग के दो राष्ट्रीय फिक्की अवार्ड मिले हैं। मैथिली शरण गुप्त ने विशेष पुलिस महानिदेशक (रेल्वे) की पदस्थापना के दौरान रेल्वे यात्रियों की समस्याओं के समाधान व सशक्तीकरण के लिये जी. आर. पी. हेल्प एप एवं बेव वेस्ड रिस्पोंस मोनीटरिंग व रेल में प्रभावी विवेचना सहायता की व्यवस्था स्थापित की थी। यह व्यवस्था पूरे देश में अपनी सेवांये दे रही है। इस व्यवस्था की एक खासियत यह भी है कि यह इन्टरनेट के उपलब्ध न होने पर भी अपनी सेवायें पहुचाने में सक्षम् है। रेल्वे यात्री जी. आर. पी. हेल्प एप पर मात्र एक बटन दबाकर QIRTs (Quick Investigation and Response Teams) के माध्यम से सुनिश्चित मदद् चलती ट्रेन में प्राप्त कर सकते हैं। यह टीम चलती ट्रेन में ही मौके पर अपराध पंजीयन कर प्रभावी विवेचना प्रारम्भ्ा कर लुप्त होने के पहले साक्षो को संकलित कर अपराधियों को दबोचने में सक्षम है। इस व्यवस्था के मिलने से यात्रियों का सशक्तीकरण हुआ है व पूरे देश में रेल यात्रियों को इसका लाभ मिल रहा है। श्री मैथिली शरण गुप्त विशेष पुलिस महानिदेशक को इस कार्य के लिये FICCI के द्वारा राष्ट्रीय स्मार्ट पुलिस अवार्ड से सम्मानित किया गया है। श्री गुप्त ने श्री राकेश जैन निदेशक, इन्फोक्राफ्ट बेब सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को इस स्वप्न को कार्पोरेट सोशल जिम्मेदारी के तहत अंजाम देने का श्रेय देते हुए सराहना की। श्री गुप्त को दूसरा राष्ट्रीय फिक्की स्मार्ट पुलिस अवार्ड महानिदेशक होमगार्ड की पदस्थापना के दौरान बेब बेस्ड राज्य आपदा कंमाड एवं आपदा प्रबंधन व्यवस्था को बनाने के लिये दिया गया है उल्लेखनीय है कि यह अनूठी व्यवस्था है जिसके तहत राज्य शासन के सभी विभागों, स्थानीय निकायों, निजी एवं शासकीय औदृयोगिक संगठनों, स्वयंसेवी संगठनों, परोपकारी संगठनों एवं निजी व्यक्तियों तथा संस्थानों के मानव एवं उपकरणीय संसाधनों की जियो टेगिंग की जाकर मात्र एक बटन दबाकर आपदाओं से जन जीवन एवं उनकी सम्पत्ति को बचाने की प्रभावी व्यवस्था की गयी है । राज्य शासन से सभी 51 जिलों को सिविल डिफेंस जिला घोषित कराया जाकर राज्य में सिविल डिफेंस की प्रभावी नीव रखी गयी एवं इसमें राज्य आपदा एवं आपात् मोचन बल की चार इकाइयों, 51 जिला आपात मोचन सेंटर, 377 आपदा वचाव केन्द्रों एवं 110000 सिविल डिफेंस वॉलिंटियरों को जोड़ा गया है एवं परोपकारी संगठनों के 3.5 लाख वॉलिंटियरों को जोड़े जाने की कार्यवाही की जा रही है।पिछले मानसून के समय इस व्यवस्था का प्रभावी उपयोग कर 40000 से अधिक व्यक्तियों आपदा के पहले सुरक्षित स्थान पर पहॅुचाकर बचाया गया एवं 13000 से अधिक व्यक्तियों की बाढ़ की विषम परिस्थितियों में जान बचायी गयी। इस व्यवस्था को कार्य रूप में परिणित करने के लिये मध्य प्रदेश विज्ञान केंद्र विशेषतौर पर प्रमुख विज्ञानिक श्री संदीप गोयल व उनकी टीम को श्रेय देते हुए सराहना की। श्री गुप्त को यह दोनों अवार्ड दिल्ली में प्रदान किये गए ।
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31 May 2017शिवराज सिंह चौहान आज हमारे लिए गर्व का दिन है। आज हमारे देश के प्रधानमंत्री आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने सफल तीन वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। मैं इसे गर्व करने का दिन इसलिए कह रहा हूँ कि आज से तीन वर्ष पूर्व जब देश की जनता ने नरेन्द्र मोदी जी के हाथों में देश का नेतृत्व सौंपा था, तो जनता की आँखों में बहुत सारे सपने थे। आज सरकार उन सभी सपनों को पूरा करने की ओर बढ़ रही है। जनता ने जितनी उम्मीद से मोदी जी पर भरोसा जताया था, उससे कहीं ज्यादा उन्होंने उस भरोसे को पूरा करके दिखाया है। पहली बार देश को एक ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जो हमारी विविधताओं, जिसे हमारी कमजोरी माना जाता था, उसे एक ताकत के रूप में तब्दील कर रहा है। इस अवसर पर मैं आदरणीय श्री नरेन्द्र मोदी जी को हार्दिक बधाई देता हूँ। श्री नरेन्द्र मोदी जी ने इन तीन वर्षों में अपने ईमानदार, दूरदर्शितापूर्ण, साहसिक और कई बार क्रांतिकारी निर्णयों से एक समृद्ध, खुशहाल और सशक्त भारत का निर्माण किया है। उनके प्रयासों से विश्व में एक भरोसेमंद 'ब्राण्ड इंडिया' की स्थापना हुई है। पूरी दुनिया में एक शक्ति के रूप में भारत का उदय हुआ है। मोदी सरकार ने एक भरोसेमंद और मजबूत सरकार के रूप में अपनी पहचान बनाई है। मोदी सरकार ने 'सबका साथ, सबका विकास' की भावना के साथ देश की जिम्मेदारी अपने हाथों में ली थी, उसी के अनुरूप आज सरकार ने देश में सभी वर्गों के सशक्तिकरण के लिए बेहतर योजनाएं बनाई हैं और उनका सफल क्रियान्वयन भी किया है। आज तीन वर्षों के अल्प समय में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भारत को विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में पहचान दिलाने में सफलता प्राप्त की है। विश्व की सभी आर्थिक एजेंसियों ने भारत के विकास पर आश्चर्य व्यक्त किया है। आईएमएफ ने भारत की आर्थिक विकास दर को इस वित्तीय वर्ष में 7.2 प्रतिशत और आगे के वर्षों में 7.7 प्रतिशत या उससे अधिक रहने का अनुमान व्यक्त किया है। विश्व बैंक ने भी कहा है कि भारत की विकास दर 7.6 से 7.8 प्रतिशत के बीच रह सकती है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा जारी ग्लोबल कॉम्पेटिटिवनेस इंडेक्स में भी भारत ने 16 स्थानों की बढ़त हासिल की है। ब्राण्ड फाइनेंस के अनुसार भारत दुनिया का सातवां सबसे मूल्यवान राष्ट्र है। 'भारत की नेशन ब्राण्ड वेल्यू' में 32 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिली है। एक ओर जहां चीन, जर्मनी और कनाडा की ब्राण्ड वेल्यू नकारात्मक रही है, वहीं भारत ग्रोथ में सबसे आगे हैं। थोक कीमत सूचकांक पर आधारित महंगाई दर में कमी आयी है। ग्लोबल एफडीआई कान्फिडेंस इंडेक्स में भारत एक ऐसी अच्छी स्थिति में पहुंच गया है, जहां इन्वेस्टर्स ने कहा है कि भारत की छवि प्रगतिशील और भरोसा दिखाने के लायक है। अन्तर्राष्ट्रीय आर्थिक एजेंसी नोमुरा ने भी कहा है कि इस साल की शुरूआत से घरेलू रुपया अन्य उभरते बाजारों के अनुरूप मजबूत हुआ है। श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत को वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने वाले देश के रूप में स्थापित किया है। इसी माह मई 2017 में भारत ने सार्क देशों के लिए दक्षिण एशिया उपग्रह 'जीसैट-9' लाँच कर भारत के पड़ोसी देशों को एक उपहार दिया है। इसके माध्यम से मोदी जी ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 'सबका साथ-सबका विकास' की भावना को अभिव्यक्त किया है। यह भागीदारी करने वाले देशों को सुरक्षित हॉटलाइन मुहैया कराएगा, जो भूकंप, चक्रवात, बाढ़ और सूनामी जैसी आपदाओं के प्रबंधन में मददगार होगा। भारतवासी जो विदेशों में रहते हैं, आज अपने भारतीय होने पर गौरव का अनुभव कर रहे हैं। श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दुनिया के किसी भी देश में रहने वाले भारतीय के मुश्किल में आने पर उनकी मदद की है। उनके प्रयासों का ही परिणाम है कि यूक्रेन से 1100, लीबिया से 3750, यमन से 6710, ईराक से 7,200 और साउथ दक्षिण सूडान से 163 संकटग्रस्त भारतीय नागरिकों को सुरक्षित भारत पहुंचने में सरकार ने मदद की है। मोदी सरकार ने तीन वर्ष में भारत के हर वर्ग, गरीब, किसान, मजदूर, महिलाएं, बच्चें, युवा और निःशक्त सभी के कल्याण के कार्य किये हैं, जिन्हें यहाँ कम शब्दों में बयाँ करना असम्भव है। स्किल डेवलपमेंट की एक विस्तार योजना तैयार की गयी है, जो हमारे युवा शक्ति के हुनर को बढ़ावा देगी। 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' के सपने को साकार करने में मध्यप्रदेश एक अहम् भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दुगुना करने का जो संकल्प लिया है, उसे साकार करने के लिए हम अथक प्रयास कर रहे हैं। मैं पुनः आदरणीय मोदी जी को तीन वर्ष के सफलतम कार्यकाल के लिए बधाई देता हूँ और आने वाले समय के लिए मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूँ। मैं उन्हें इस बात के लिए आश्वस्त करता हूँ कि हम उनके हर विचार और कार्यक्रम में उनके साथ हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में आदरणीय मोदी जी देश को एक सर्व शक्तिमान वैश्विक ताकत के रूप में स्थापित करने में सफल होंगे। यही होगा हमारा नया इंडिया। जयहिन्द।(ब्लॉगर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं)
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26 May 2017मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध पर्यटन एवं धार्मिक स्थल ओंकारेश्वर के नजदीक सेलानी नामक स्थल पर एक और जल-पर्यटन स्थल ने आकार लिया है। खण्डवा जिले के हनुवंतिया में विकसित वॉटर टूरिज्म कॉम्पलेक्स की तर्ज पर निर्मित किये गये इस जल-पर्यटन केन्द्र पर बोट क्लब सहित क्रूज, जलपरी, मोटर बोट और वाटर स्पोर्टस आदि की सुविधाएँ उपलब्ध करवायी जायेंगी। इस प्रकार एक निर्जन एवं पहुँच से दूर इस स्थान पर पर्यटकों को ठहरने एवं जल-क्रीड़ा गतिविधियों का लुत्फ उठाने सहित कोलाहल से दूर एक शांत और निर्मल नीर से भरे मनोरम स्थल पर अपना कुछ वक्त बिताने की सहूलियत मिलने लगेगी। ओंकारेश्वर के नजदीक पर्यटन निगम द्वारा विकसित सेलानी टापू रिसॉर्ट की शुरूआत आज 24 मई से हो गई है। मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा लगभग तीन एकड़ क्षेत्र पर यह पर्यटन केन्द्र विकसित करने की योजना तैयार कर उसे मूर्त स्वरूप दिया गया है। सेलानी चहुँओर से पानी से घिरे एक टापू के रूप में स्थित है। नजदीक ही ओंकारेश्वर बाँध परियोजना है। परियोजना के समीप होने से इस स्थान पर भरे जल का स्तर वर्षाकाल में भी न तो बढ़ता है और न ही उसके बाद कभी कम होता है। यह टापू चारों ओर से ढलाननुमा बसा हुआ है और यहाँ पर जंगली पेड़ कस्टार, काड़ाकूड़ा, मोहिनी, बियालकड़ी, दही-कड़ी और धावड़ा तथा सागौन की दुर्लभ प्रजाति के पेड़ हैं। छोटी कावेरी एवं पुण्य सलिला नर्मदा का संगम स्थल भी पास में ही है। राज्य पर्यटन विकास निगम द्वारा तकरीबन 15 करोड़ रुपये लागत से यहाँ सर्व-सुविधायुक्त कॉटेज, प्रथम तल पर स्थित कॉटेज पर जाने के लिये पाथ-वे, केम्प फायर, मुख्य प्रवेश द्वार, रिसेप्शन, रेस्टॉरेंट, बोट-क्लब, कॉन्फ्रेंस हॉल, नेचुरल ट्रेल, बर्ड-वाचिंग तथा वॉच-टॉवर आदि का निर्माण किया गया है। यहाँ चार अलग-अलग ब्लॉक में 22 कॉटेज एवं एक सर्व-सुविधायुक्त सुईट बनाये गये हैं। हरेक कॉटेज के पास मिनी गार्डन भी रहेगा। कॉटेज की डिजाइन इस प्रकार बनायी गयी है, जिससे कि यहाँ बैठकर ही दूर तलक भरे हुए निर्मल नीर का आनंद उठाया जा सकता है। कॉटेज की बालकनी में बैठकर पर्यटक घने जंगल, पानी और दुर्लभ प्रजाति के पक्षियों को निहार सकेंगे। आस-पास के जंगल में मुख्य रूप से हिरण, जंगली सुअर, तेंदुआ आदि वन्य-प्राणी भी स्वच्छंद विचरण करते हैं। कॉटेज के निर्माण में सागौन की लकड़ी का उपयोग किया गया है। परिसर में लैण्ड-स्केपिंग का काम किया जाकर फर्श पर सेंड स्टोन लगायी गयी है।
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24 May 2017ब्रिटेन के मैनचेस्टर एरीना में हुए बमा धमाकों में 19 लोगों की मौत और 50 के घायल होने के बाद इसे आतंकी हमला माना जा रहा है। पुलिस धमाकों की जांच कर रही है वहीं प्रधानमंत्री थेरेसा में ने आपात बैठक बुलाई है। जानकारी के अनुसार एरीना में अमेरिकी सिंगर आरियाना ग्रांडे के कांसर्ट के दौरान हुए धमाके के बाद देर रात अफरा-तफरी मच गई। ऐसी हालत में वहां बने गुरुद्वारे ने घायलों और डरे हुए लोगों को शरण दी और खाना उपलब्ध करवाया। गुरुद्वारे के हरजिंदर एस कुकरेजा ने ट्वीट कर लोगों को बताया कि जो भी चाहे गुरद्वारा पहुंच सकता है। उन्होंने ट्वीट में गुरुद्वारे का पता भी दिया। यह देख कुछ और स्थानीय लोग भी मदद के लिए आगे आए और मदद के लिए ट्वीट किया। इसके चलते लोगों ने गुरुद्वारे में शरण ली जहां उन्हें आराम और खाने का सामान उपलब्ध करवाया गया। खबरों के अनुसार कांसर्ट के दौरान एरीना के फोयर एरिया में धमाका हुआ और वहां एक युवक का शव बरामद हुआ है जिसके बाद इस बात की आशंका जताई जा रही है कि यह एक आत्मघाती हमला था। इस हमले को अब तक का सबसे बुरा हमला माना जा रहा है। हालांकि अब तक किसी आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। इससे पहले 2005 में लंदन में हुए धमाकों मे 52 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसे अत्मघाती हमला माना जा रहा है। पुलिस के अनुसार हमलावर भी धमाके में मारा गया है। बता दें कि यह धमाका मैनचेस्टर एरीना में चल रहे अमेरिकी सिंगर अरियाना ग्रैंडे के कांसर्ट के दौरान एरीना में दो धमाके हुए जिसके बाद यहां अफरा-तफरी मच गई। चीख पुकार करते लोग एरीना का बाहर भागने लगे। धमाके के बाद मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस के अनुसार, धमाका मैनचेस्टर एरीना में हुआ जहां अमेरिकी पॉप सिंगर अरियाना ग्रैंडे का शो हो रहा था। कुछ लोगों को कहना है कि धमाका शो खत्म होने के बाद हुआ। स्थानीय समयानुसार तब रात के करीब साढ़े दस बज रहे थे। विस्फोट के कारणों का पता नहीं चला है, लेकिन प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने कहा है कि पुलिस आतंकी हमला मानकर जांच कर रही है। घटना के बाद पीएम मोदी ने इसकी निंदा की है और कहा है कि मैं इससे बेहद दुखी हूं और मेरी प्रर्थनाएं मृतकों और घायलों के परिवारों के साथ हैं। वहीं राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी धमाके पर दुख जताते हुए कहा है कि मैनचेस्टर में धमाके की खबर सुनकर दुख हुआ। मेरी प्रर्थनाएं मृतक और घायल लोगों और उनके परिवार के साथ हैं। भारत दुख की इस घड़ी में ब्रिटेन की सरकार और वहां के लोगों के साथ खड़ा है। शहर में जगह-जगह बम निरोधी विशेष दस्ता और हथियारबंद पुलिस तैनात कर दी गई है। कंसर्ट स्थल के नजदीक स्थित मैनचेस्टर विक्टोरिया स्टेशन से आवागमन रोक दिया गया है। पुलिस ने लोगों से इस इलाके से दूर रहने की अपील की है। पुलिस को मौके से एक और संदिग्ध विस्फोटक मिला है जिसे नियंत्रित तरीके से धमाका कर खत्म कर दिया गया है।
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23 May 2017खबर रियाद से। सउदी अरब की यात्रा पर गए अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस्लामिक देशों के नेताओं को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत को आतंक पीड़ित बताया और आतंकवाद का खत्म करने की अपील की। इस कार्यक्रम में पाक पीएम नवाज शरीफ भी थे और उन्हें भी आतंकवाद पर बोलना था लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। नवाज की ढाई घंटे की मेहनत से तैयार हुई स्पीच बेकार गई और वो ट्रंप के सामने कुछ बोल ही नहीं पाए। बोलना तो दूर उन्हें स्टेज तक पर नहीं जाने दिया गया। इसके बाद पाक मीडिया ने इसे बेइज्जती करार दिया है। साथ ही पूरे मामले को लेकर पाकिस्तान में नवाज शरीफ की आलोचना भी हो रही है। पाक मीडिया ने लिखा है कि अगर नवाज शरीफ को कहीं तवज्जो नहीं मिल रही थी तो उन्हें सउदी अरब जाने की क्या जरूरत थी। कहा जा रहा था कि नवाज शरीफ, ट्रंप से मुलाकात भी करेंगे लेकिन यह भी संभव नहीं हुआ। इस लेकर तहरीक ए इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने नवाज पर निशाना साधते हुए कहा कि ट्रंप के साथ गोल्फ खेलने के लिए नवाज ने अपने कमांडोज के साथ कई दिनों तक प्रेक्टिस की लेकिन गोल्फ खेलना तो दूर वो ग्राउंड तक नहीं पहुंच पाए।
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23 May 2017मानहानि मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी का कोर्ट रूम में वित्त मंत्री अरुण जेटली को 'क्रूक' कहना केजरीवाल को भारी पड़ गया है। खुद को शातिर कहे जाने से नाराज अरुण जेटली ने आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल पर दायर मानहानि केस में 10 करोड़ रुपए की राशि और बढ़ा दी है। अब कुल मिलाकर मानहानि की रकम 20 करोड़ रुपए हो चुकी है। पिछले सप्ताह अरुण जेटली v/s अरविंद केजरीवाल मानहानि मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी और अरुण जेटली के वकीलों के बीच जमकर तीखी नोक-झोंक हुई थी। सुनवाई के दौरान राम जेठमलानी ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखे अपने लेख को अरुण जेटली को दिखाया और पूछा कि क्या आपने इसे पढ़ा है, तो अरुण जेटली के वकीलों ने इस पर आपत्ति जताई। कई बार राम जेठमलानी ने यही सवाल पूछा और जेठलमलानी ने बोला अरुण जेटली चोर हैं और मैं साबित करूंगा। वहीं, इस पर अरुण जेटली ने पूछा था कि क्या अरविंद केजरीवाल ने आपको अनुमति दी है ये शब्द कहने के लिए, अगर दी है तो मैं 10 करोड़ की मानहानि की राशि को बढ़ाने वाला हूं। इसके बाद जेटली ने ये भी कहा था कि अपमान की एक सीमा होती है। गौरतलब है कि जेठमलानी लगातार अपने सवालों में अरुण जेटली के लिए क्रूक शब्द का इस्तेमाल कर रहे थे जिस पर जेटली और उनके वकीलों ने सख्त ऐतराज किया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और कुछ आप नेताओं ने दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में कथित घोटाले को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद अरुण जेटली ने दिसंबर 2015 में अरविंद केजरीवाल और अन्य पांच आप नेताओं के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में आपराधिक मानहानि का दावा ठोकते हुए 10 करोड़ रुपए का मुकदमा किया था।
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22 May 2017उमेश त्रिवेदी केन्द्र में नरेन्द्र मोदी-सरकार की तीसरी सालगिरह पर आयोजित होने वाले भव्य मोदी-फेस्ट की राजनीतिक-किलकारियों के पहले काजल की कोठरी में बैठी राजनीति की काली बिल्लियों की गुर्राहट और किट-किट ने कर्कशता के नए आयाम अख्तियार कर लिए हैं। काली कमाई की तलाश में राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू यादव के यहां आयकर विभाग के और यूपीए के पूर्व वित्त एवं गृह मंत्री पी. चिदम्बरम के यहां सीबीआय के छापों के बाद राजनेताओं में सुगबुगाहट उठने लगी है कि यह विपक्ष को बदनाम करने की सुनियोजित कोशिशों का हिस्सा है। काली कमाई के नाम पर विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं को बदनामी के काले परदों के पीछे ढकेलने की रणनीति के तहत मोदी-सरकार एक तीर से कई निशाने साध रही है। पहला, मोदी-सरकार इस बहाने राष्ट्रपति चुनाव के पहले विपक्ष के साझा उम्मीदवार की उम्मीदों को नेस्तनाबूद करना चाहती है। दूसरा, मोदी-सरकार की तीन साल की उपलब्धियों के सुनहरेपन को घनीभूत करने की गरज से भाजपा सभी विपक्षी दलों और उनकी राजनीति को काले 'बेक-ड्राप' में बांधना चाहती है। विपक्षी की काली भंगिमाओं के कैनवास पर मोदी-सरकार की उपलब्धियों का सुनहरापन आकर्षक 'कंट्रास्टो' रचता है। विपक्ष के काले अंधेरों में भाजपा की उपलब्धियों के जुगनू खूब चमकेंगे और भाजपा के चेहरे पर जड़े सितारे ज्यादा चटक नजर आएंगे। राजनीतिक परिस्थितियां भाजपा के पक्ष में हैं और अनुकूलताएं आगे-आगे दौड़ रही हैं। सिर्फ लालू यादव, पी. चिदम्बरम या अरविंद केजरीवाल भाजपा के राजनीतिक-आक्रमण की चपेट में नहीं हैं। दिल्ली उच्च न्यायालय ने नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ जांच को आगे बढ़ाने के मामले में आयकर विभाग को छूट दे दी है। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू यादव पर आयकर विभाग की छापेमारी के परिणाम दोहरे रहे हैं। एक तो भाजपा को भ्रष्टाचार के मामलों में राजनीतिक-रूप से लालू यादव को घेरने की आसान राह मिली है, वहीं यह कार्रवाई बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू यादव के बीच मनोमालिन्य पैदा करने में सफल रही है। जो राजनीतिक दृष्टि से राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा की रणनीति में मददगार होगा। नीतीश कुमार के इस कथन ने भी आग में घी का काम किया है कि लालू यादव के गलत कार्यों की जांच से उन्हें कौन रोक रहा है? इसके पहले नीतीश 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री के रूप में विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनने से भी इंकार कर चुके हैं। नीतीश ने कहा था कि वो राजनीतिक-मूर्ख नहीं हैं। छापों के बाद लालू यादव ने ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यकत करते हुए कहा था कि 'भाजपा को नया अलायंस-साथी मुबारक हो...।' लालू यादव का यह ट्वीट बिहार में नीतीश की गठबंधन सरकार के लिए अलर्ट माना जा रहा है। लालू के ट्वीट से राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार के लिए प्रयासरत राजनीतिक पार्टियों के नेता परेशान हैं। वो किसी भी कीमत पर बिहार के 71 जेडीयू विधायकों को खोना नहीं चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि बिहार की गठबंधन-सरकार में नीतीश कुमार के विधायकों की संख्या 71 है। भाजपा चाहती है कि किसी भी कीमत पर बिहार का गठबंधन टूट जाए और नीतीश कुमार को अपनी सरकार बचाने के लिए भाजपा की शरण में आना पड़े। पी. चिदम्बरम के आवास पर सीबीआय की छापेमारी कांग्रेस के आसपास जमा बदनामी को गहराने वाली है। चिदम्बरम के बेटे कार्ति चिदम्बरम पर आरोप है कि पिता की हैसियत का लाभ उठाकर उन्होंने आईएनएक्सम मीडिया समूह को विदेशी निवेश के मामले में क्लीयरेंस दिलाने की एवज में 2008 में भारी रिश्वत ली थी। कांग्रेस का मानना है कि लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए भाजपा-सरकार ने यह कदम उठाए हैं। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सवाल किया है कि मोदी-सरकार स्पष्ट करे कि वह अपने किस काम के लिए जश्न मना रही है? यह सवालों की शुरूआत है। विरोधी ऐसे कई असुविधाजनक सवाल उठा सकते हैं, लेकिन विपक्षी नेताओं को काली कमाई की हथकड़ियों से बांधने के बाद क्या मीडिया और लोग उनके सवालों को सुनेंगे...?[ लेखक उमेश त्रिवेदी सुबह सवेरे के प्रधान संपादक है।]
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22 May 2017भारत ने आज उस वक्त पाकिस्तान पर बड़ी कूटनीतिक विजय हासिल की जब अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत से जासूसी के आरोप में फांसी की सजा पाये भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की सजा पर रोक लगा दी. अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के इस फैसले से जहां भारत की जीत हुई वहां पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ी. अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत की तरफ से पैरवी करते हुए जहां देश के जानेमाने वकील हरीश साल्वे ने 1 रुपये की फीस ली तो दूसरी तरफ पाकिस्तान के वकील खैबर कुरैशी ने 5 करोड़ फीस ली. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 5 करोड़ रुपये की मोटी फीस लेने के बावजूद आईसीजे में कुलभूषण मामले पर वह जोरदार दलीलें रखने में रख पाने में नाकाम. जिसे लेकर पाकिस्तान में काफी रोष है. दूसरी तरफ हरीश साल्वे की हर दलील को अंतराराष्ट्रीय कोर्ट ने न सिर्फ ध्यान से सुना बल्कि हर दलील को माना भी. अंतरराष्ट्रीय कोर्ट का फैसला आने के बाद ट्विटर पर लोगों ने भारत के वकील हरीश साल्वे की जमकर सराहना की. एक ने ट्वीटर पर लिखा कि 1 रुपये में पाकिस्तान की धज्जियां उड़ाने वाले हरीश साल्वे जी भारत के पहले वकील बने. एक यूजर ने लिखा कि कभी-कभी मात्र एक रुपया 125 करोड़ लोगों का दिल जीत सकता है. फैन नहीं मतदाता बनिए ट्विटर एकाउंट से लिखा गया 'हरीश साल्वे ने 1 रुपया लिया और केस जीत लिया, पाकिस्तान के लायर ने 4 करोड़ लूटे और हार गया हाहाहाहा' नीदरलैंड के हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट ने आज (गुरुवार को) जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नेवी के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी की सज़ा पर रोक लगा दी. इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत साबित हुई है. अदालत ने पाकिस्तान से मामले में अंतिम फैसला आने तक कथित जासूस कुलभूषण जाधव को फांसी न देने का आदेश दिया और आदेश के क्रियान्वयन को लेकर उठाए गए कदमों से अदालत को अवगत कराने को कहा. भारत की ओर से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कुलभूषण जाधव केस की पैरवी की.खबर है कि हरीश साल्वे ने 1 एक रुपये की फीस लेकर कुलभूषण जाधव मामले में अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में भारत का पक्ष रखा. 42 साल के अपने करियर में वह कई कॉरपोरेट घरानों का पक्ष कोर्ट में रख चुके हैं. उनकी गिनती भारत के सबसे महंगे वकीलों में होती है. अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का फैसला आने के बाद ट्विटर पर लोगों ने भारत के वकील हरीश साल्वे की जमकर वाहवाही की. भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज समेत कई नेताओं ने हरीश साल्वे को शुक्रिया कहा. भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव की मौत की सजा पर अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) द्वारा रोक लगाए जाने के बाद पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने गुरुवार (18 मई) को कहा कि इस्लामाबाद राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के न्यायक्षेत्र को नहीं स्वीकार करता. विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने भारत पर बरसते हुए कहा कि वह जाधव का मामला अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ले जाकर ‘अपना असली चेहरा छिपाने की कोशिश’ कर रहा है. कुलभूषण जाधव मामले में भारत को गुरुवार को अंतर्राष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) में बेहद अहम कूटनीतिक, नैतिक व कानूनी जीत मिली. अदालत ने पाकिस्तान से मामले में अंतिम फैसला आने तक कथित जासूस कुलभूषण जाधव को फांसी न देने का आदेश दिया और आदेश के क्रियान्वयन को लेकर उठाए गए कदमों से अदालत को अवगत कराने को कहा. आईसीजे के अध्यक्ष रॉनी अब्राहम ने अपने आदेश में कहा, "इस अदालत ने एकमत से फैसला किया है कि मामले में अदालत का अंतिम फैसला आने तक कुलभूषण जाधव को फांसी न देने के लिए पाकिस्तान हर उपाय करेगा. साथ ही अदालत ने एकमत से यह भी फैसला किया है कि इस आदेश के क्रियान्वयन को लेकर उठाए गए कदमों से पाकिस्तान अदालत को अवगत कराएगा. अदालत में उस वक्त दोनों देशों के अधिकारी मौजूद थे, जब न्यायाधीश ने रजिस्ट्रार को दोनों पक्षों को आदेश की प्रति प्रदान करने को कहा. आदेश में अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले के विवरणों के देखकर प्रथमदृष्टया लगता है कि अदालत का मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार है. अदालत ने कहा कि उसने पाया है कि भारत ने जिन अधिकारों की मांग की है और अदालत जिन तात्कालिक कदमों को उठा सकती है, इन दोनों के बीच एक वैध संबंध है. न्यायाधीश अब्राहम ने उल्लेख किया कि पाकिस्तान के वकील ने यह दलील दी है कि जाधव को अगस्त तक फांसी नहीं दी जाएगी, लेकिन यह आश्वासन नहीं दिया है कि उसके बाद उसे फांसी नहीं दी जाएगी. अदालत ने यह भी कहा कि जाधव तक राजनयिक पहुंच प्रदान की जानी चाहिए, जिसकी भारत ने मांग की है.
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19 May 2017अनिल माधव दवे यानी ‘जावली’ का वो रणनीतिकार जिसने मध्यप्रदेश में एक नहीं छह चुनाव में अपनी दूरदर्शिता और प्रबंधन क्षमता का लोहा मनवाया, जिसका आगाज उन्होेंने दिग्विजय सिंह की सरकार को उखाड़ फेंकने के साथ किया था। सियासत के मोर्चे पर मध्यप्रदेश में स्थापित कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करना और सत्ता में रहते हुए बीजेपी को वापस सत्ता में लाना, वो भी एक नहीं दो बार उनकी विलक्षण, सियासी सकारात्मक सोच एवं कुशल प्रबंधन की कार्यक्षमता के मोर्चे पर उनकी उपलब्धियों को बयां करता है। प्रदेश संगठन का नेतृत्व बदलता रहा, वह भी तब जब चुनाव की कमान उमाभारती के बाद शिवराज के पास जाकर बदलती रही, जिनके विरोधाभासी व्यक्तित्व के बावजूद अपनी योग्यता के दम पर दवे दोनों के साथ चुनाव में समन्वय बनाने में सफल रहे। ‘जावली’ से निकला चुनावी नारा आज भी लोगों के जेहन पर छाया रहा, जब 2003 में मिस्टर ‘बंटाधार’ का जुमला कांग्रेस के लिए परेशानी का सबक बना। आखिर शीर्ष नेतृत्व खासतौर से मोदी ने उनकी सुध ली और विलक्षणता को पहचाना। प्रधानमंत्री ने उन्हें अपनी कैबिनेट में शामिल कर वो सम्मान दिया जिसके वो हकदार थे और सूबे की राजनीति में उन्हें दूसरों से अलग रखता था।हाल ही में राज्यसभा के लिए एक बार फिर नवाजे गए दवे का दबदबा अब दिल्ली की राजनीति में देखने को मिला। जिनके खाते में उपलब्धियों के नाम पर बहुत कुछ है, लेकिन संघ के इस निष्ठावान और समर्पित स्वयंसेवक ने जो धमाका किया है उसका असर मध्यप्रदेश की राजनीति में देखने का इंतजार रहेगा। ऐसे में सवाल खड़ा होना लाजमी है कि सांसद रहते मध्यप्रदेश की राजनीति में अभी तक उपेक्षा के शिकार हुए अनिल माधव दवे की यह नई पारी बीजेपी की अंदरूनी राजनीति खासतौर से सूबे की सियासत में क्या गुल खिलाती है, जहां से पहले से ही सुमित्रा महाजन, सुषमा स्वराज, उमाभारती, नरेन्द्र तोमर, थावरचंद गेहलोत जैसे दिग्गज दिल्ली में अपना दबदबा बनाए हुए हैं। प्रकाश जावड़ेकर पहले ही मंत्री बनकर राज्यसभा में मध्यप्रदेश से भेजे जा चुके हैं। दूसरी ओर दिल्ली में संगठन की राजनीति में कैलाश विजयवर्गीय सबसे पॉवरफुल महामंत्री के तौर पर अमित शाह की टीम का हिस्सा बने हैं तो प्रभात झा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। दवे की गिनती ऐसे चिन्तक और विचारक के तौर पर होती है जिन्होंने खुद चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन माइक्रो मैनेजमेंट के दम पर कईयों को चुनाव जिताकर विधायक, सांसद बनवाने में बड़ी भूमिका निभाई। मोदी सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार में शामिल अनिल माधव दवे को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। वो पहलेभी दो बार उच्च सदन में मध्यप्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। मध्यप्रदेश की राजनीति में उनका नाम सुर्खियमें तब आया जब दिग्विजय सिंह की 10 साल की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ‘जावली’ को अस्तित्व में लाया गया, जिसकी कमान अनिल दवे के हाथों में थी, जिसका मकसद विधानसभा 2003 में उमाभारती की अगुवाई में बीजेपी की सरकार बनाना था, जिसमें बंद कमरे की रणनीति से लेकर चुनाव प्रबंधन के मोर्चे पर पार्टी को अपनी क्षमता का आंकलन करने पर मजबूर किया। इससे पहले विभाग प्रचारक रहते हुए 1999 में वे परदे के पीछे तक सीमित रहे, जब उमाभारती ने भोपाल से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। इस बीच समय के साथ बीजेपी की अंदरूनी राजनीति में समीकरण बदलते गए, लेकिन जब चुनाव आते खासतौर से लोकसभा और विधानसभा तो यह चेहरा पार्टी की जरूरत बनकर सामने आता रहा और सरकार बनने के बाद गुमनामी में खो जाता। हाल ही में एमजे अकबर के साथ अनिल दवे को मध्यप्रदेश से राज्यसभा में भेजकर पार्टी ने उनकी योग्यता को जरूर सलाम किया। इससे पहले प्रतिष्ठा से आगे जब पद और सम्मान की बात होती तो यह शख्स पीछे रह जाता। बावजूद इसके विधानसभा और लोकसभा के तीन-तीन चुनाव से आगे बढ़कर अनिल दवे ने ‘नर्मदा समग्र’ से जोड़कर जिस मिशन से खुद को आगे बढ़ाया उसने उन्हें नई चुनौती से जुड़े कुछ अलग कर दिखाने का मौका भी दिया चाहे वो ग्लोबल वॉर्मिंग से जुड़ी शोध हो या फिर विश्व हिन्दी सम्मेलन और सिंहस्थ की सुर्खियां बना वैचारिक महाकुम्भ तो दवे ने बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ही नहीं बल्कि संघ के चिन्तकों को भी यह सोचने को मजबूर कर दिया, क्या अनिल दवे का पार्टी और देशहित में और बेहतर उपयोग किया जा सकता है। सिंहस्थ जिसे नई पहचान देने की आवश्यकता प्रधानमंत्री मोदी ने वैचारिक महाकुम्भ के जिस मंच से जताई मेजबान के तौर पर उसके हीरो शिवराज सिंह चौहान जरूर रहे, लेकिन दवे ने जिस तरह इस इवेन्ट में संघ को साधा उसका नतीजा आज सामने है। अनिल माधव दावे जिन्हें हाल ही में राज्यसभा में भेज गया है वो पहले भी दो बार उच्च सदन में मध्यप्रदेश प्रतिनिधित्व कर चुके हैं । मध्यप्रदेश की राजनीति में उनका नाम सुर्ख़ियों में तब आया जब दिग्विजय सिंह की १० साल की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जावली को अस्तित्व में लाया गया, जिसका कमान अनिल दवे के हांथो में थी । जब किसी और ने नहीं प्रधानमंत्री मोदी ने कैबिनेट के विस्तार के दौरान मध्यप्रदेश के दिल्ली में कई दिग्गजों के दबदबे को नजरअंदाज करके उन्हें मंत्री बनाने का फैसला लिया। मोदी-शाह के युग में अनिल दवे की क्षमताआें का आंकलन भले ही देर से किया गया, लेकिन आडवाणी के युग में जब नितिन गडकरी की ताजपोशी में इन्दौर में राष्ट्रीय परिषद् की बैठक बुलाई गई थी तब दिग्गजों के बीच जिसमें मोदी मुख्यमंत्री के रूप में शामिल थे तब अनिल दवे का प्रजेन्टेशन खासा सुर्खियों में था, जिन्होंने राजनीति में रहते हुए सामाजिक सरोकार से जुड़े दायित्व को अपनी प्राथमिकता में सबसे ऊपर रखा, जिसे संघ के एजेंडे से जोड़कर देखा जाता है और अब बीजेपी भी अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए जनप्रतिनिधियों की गाइड लाइन बना चुकी है। समाज कल्याण से जुड़े विषयों पर अपनी पकड़ को साबित कर नर्मदा किनारे बान्द्राभान में नदियों को नदियों से जोड़कर उसके अस्तित्व की पैरवी की, जिसे अटलबिहारी वाजपेयी की सोच से जोड़कर देखा गया और अब मोदी सरकार में गंगा मंत्रालय के तौर पर इस लाइन पर आगे बढ़ाया गया। अनिल माधव दवे का केन्द्र में भाजपा की मोदी-सरकार में राज्यमंत्री बनना कोई अनहोनी राजनीतिक-घटना नहीं है, बल्कि सार्वजनिक जीवन में उस नायक के आकार लेने की प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसकी कल्पना उन्होंने ने खुद अपनी पुस्तक- ‘शिवाजी और सुराज’ की इब्तिदा करते हुए की थी। अनिल ने पुस्तक में प्रतिमा निर्माण की मनोदशाओं के शाब्दिक-रूपान्तरण ‘मनोगत‘ में खुद को व्यक्त करते हुए लिखा है कि– ‘धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक, व्यवसायिक समाज में किसी भी क्षेत्र में नेतृत्व करने वाले हर उस नायक की एक प्रतिमा होती है, जो उस व्यक्ति के विचार, व्यवहार, आचरण, निर्णयों तथा उसके प्रति समाज के मन में उपजी अवधारणाओं के कारण बनती है।
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18 May 2017नई दिल्ली में तीन तलाक के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई मंगलवार को भी जारी रही। इस दौरान मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का पक्ष रखते हुए कपिल सिबल ने अदालत से कहा कि तीन तलाक की प्रथा 1400 सालों से चली आ रही है, ऐसे में यह असंवैधानिक कैसे हो सकती है। अगर अयोध्या में राम का जन्म आस्था का विषय है तो तीन तलाक क्यों नहीं? इससे पहले केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यदि सुप्रीम कोर्ट तीन तलाक प्रथा को पूरी तरह खत्म कर देती है तो सरकार इसके लिए कानून बनाएगी। इसके साथ ही कहा कि तीन तलाक प्रथा देश व इस्लाम में मुस्लिम महिलाओं के समानता के अधिकार के खिलाफ है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आगे बहुविवाह और निकाह हलाला की भी समीक्षा होगी। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने तीन तलाक मामले में पांच जजों की संवैधानिक पीठ के सामने अपना पक्ष रखा। रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट से निकाह, हलाला और बहुविवाह पर भी सुनवाई का आग्रह किया। कोर्ट ने कहा कि हमारे पास सीमित समय है। हालांकि, अागे इसकी समीक्षा होगी।
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16 May 2017नर्मदा सेवा मिशन कार्य-योजना सभी राज्यों को भेजें : नरेन्द्र मोदी विश्वविद्यालय में नदी संरक्षण की पढ़ाई के लिए खोला जायेगा विभाग : चौहान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जब अधिकार भाव प्रबल हो जाता है और कर्त्तव्य भाव क्षीण हो जाता है तब अनेक पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न होती हैं। उन्होंने कहा कि नदियों के संरक्षण के प्रति भी कर्त्तव्य भाव कम होने से नदियाँ लुप्त हो रही हैं। ऐसे समय नर्मदा सेवा का काम लोगों में कर्त्तव्य भाव जाग्रत करने का महायज्ञ सिद्ध होगा। प्रधानमंत्री मोदी आज अमरमंटक में 'नर्मदा सेवा यात्रा' की पूर्णता और नर्मदा सेवा मिशन के शुभारंभ अवसर पर भव्य समारोह में नर्मदा सेवकों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नर्मदा सेवकों को प्रणाम करने से भी नर्मदा सेवा का पुण्य प्राप्त होता है। यह पुण्य माँ भारती की सेवा और गरीबों के जीवन में खुशहाली लाने के काम आएगा। उन्होंने कहा कि नर्मदा परिक्रमा से अहंकार मिट्टी में मिल जाता है। उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री और नागरिकों की सराहना करते हुए कहा कि समय रहते नदियों के संरक्षण के प्रति जागृत हो गए हैं। केरल की एक नदी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि आज कई नदियों में पानी नहीं है। उन्होंने कहा कि चूँकि नर्मदा नदी ग्लेशियर से नहीं निकलती। यह पौधों के प्रसाद से प्रगट होती है इसलिए बड़े पैमाने पर पेड़ लगाकर इसकी रक्षा करने का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि हम ऐसा कर्म करें कि आने वाली पीढ़ियाँ हमें याद रखें जैसे कि आज हम अपने पुरखों का याद करते हैं। जैसे नदियों ने पुरखों को जीवन दिया उसी तरह हम भी नदियों को जीवन दें। श्री मोदी ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा दुनिया की एक असंभव और असामान्य घटना है जब लाखों लोग एक नदी की रक्षा के लिये संकल्पबद्ध हुए। मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश की जनता और नर्मदा सेवा से जुड़े भक्तों को इस असाधारण कार्य के लिए बधाई। इस कार्य का वैश्विक महत्व है। श्री मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश में नदी के संरक्षण का अदभुत काम हुआ है। इस यात्रा के दौरान 25 लाख लोगों ने नदी बचाने का संकल्प लिया है। मध्यप्रदेश ने एक बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र के नागरिकों और किसानों की ओर से मध्यप्रदेश सरकार और नागरिकों का अभिनंदन करते हुए बधाई दी। उन्होंने कहा कि गुजरात के लोग जानते हैं कि नर्मदा की एक-एक बूँद का कितना महत्व है। स्वच्छता के क्षेत्र में म.प्र. देश में सबसे आगे - प्रधानमंत्री स्वच्छता अभियान की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जन-भागीदारी लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है। जनभागीदारी की उपेक्षा कर कोई भी सरकार सफल नहीं हो सकती । इसके लिये जन-समर्थन जरूरी है। इस दिशा में मध्यप्रदेश ने उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में मध्यप्रदेश पीछे था लेकिन दृढ़ संकल्प और जन-भागीदारी से आज देश में सबसे आगे है। देश के 100 स्वच्छ शहरों में मध्यप्रदेश के 22 शहर शमिल हैं। पूरे देश में इंदौर पहले और भोपाल दूसरे स्थान पर है। इसका साफ मतलब है कि जन-भागीदारी और प्रशासन दोनों ने साथ काम किया है। यह उदाहरण अन्य राज्यों को प्रेरणा देने वाला है। नर्मदा सेवा मिशन कार्य-योजना परफेक्ट डाक्यूमेंट - प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री ने नर्मदा सेवा यात्रा की सफलता को भी जनता की ताकत और समर्थन का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि नए पेड़ों की चिंता करेंगे तो पर्यावरण भी स्वस्थ होगा। नर्मदा सेवा मिशन की कार्य-योजना की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह 'परफेक्ट डाक्यूमेंट' है । इसे सभी राज्यों को भेजें क्योंकि यह प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करने का एक मॉडल प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि यदि मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर 20 प्रतिशत से अधिक है तो इसमें नर्मदा नदी का ही योगदान है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में भी मध्यप्रदेश ने योजना तैयार कर ली है। उन्होंने बताया कि 2022 में आजादी के पचहत्तर वर्ष पूरे हो रहे हैं। उन्होंने नागरिकों से आव्हान किया कि वे हर पल आजादी के 75 वर्ष को याद करें और देश के लिए सकारात्मक योगदान देने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि अपनी संस्था, अपने गाँव, परिवार और प्रदेश-देश के लिए योगदान देने के लिए संकल्पित हो जाएं। उन्होंने कहा कि हम नया भारत बनाने का सपना लेकर चले हैं। इस काम में प्रत्येक नागरिक को जोड़ना है। प्रत्येक नागरिक यह कोशिश करें कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान कैसे दे सकता है। उन्होंने कहा कि यदि नागरिक एक कदम आग चलेंगे तो देश सवा सौ करोड़ कदम आगे निकल जाएगा। विश्वविद्यालय में खुलेंगे नदी संरक्षण-पर्यावरण शुद्धता अध्ययन संकाय मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री को नर्मदा सेवा मिशन की कार्य-योजना सौंपी। उन्होंने नदियों के संरक्षण और पर्यावरणीय शुद्धता के अध्ययन के लिए विश्वविद्यालय में विभाग खोलने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमरकंटक के पर्यावरणीय और आध्यात्मिक महत्व को देखते हुए इसे मिनी स्मार्ट सिटी बनाया जायेगा। यह प्रदेश की पहली मिनी स्मार्ट सिटी होगी। श्री चौहान ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा हर वर्ग का सहयोग मिला और 25 लाख लोग नर्मदा सेवा से जुड़ गए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक सामाजिक आंदोलन बन गया है। नर्मदा के तटों के पाँच किलोमीटर के दायरे में शराब की दुकानें बंद कर दी गई हैं। अब सभी गाँव नदी संरक्षण के प्रति जागृत हो गए हैं। करीब 80 हजार नर्मदा सेवक स्थाई रूप से इससे जुड़ गए हैं। आगामी दो जुलाई को नर्मदा के तटों पर बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण किया जाएगा। इनकी रक्षा की जिम्मेदारी के लिए वृक्ष सेवक उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 12 करोड़ पौधे लगाये जायेंगे । इनमें से दो जुलाई को छह करोड़ पौधे लगाए जाएंगे । अगले वर्ष 15 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। स्थानीय प्रजातियों के पौधे रोपे जाएंगे। नर्मदा के प्रवाह की निरंतरता के लिए प्रयास किये जायेंगे। नर्मदा में मल-जल की एक-एक बूँद रोकी जाएगी। इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लाट लगाए जा रहे हैं। जैविक खेती और सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। श्री चौहान ने कहा कि रेत की जरूरत के कारण नर्मदा को छलनी नहीं होने देंगे। खनन का कार्य वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार किया जायेगा। अमरकंटक की पहाड़ी पर किसी भी प्रकार का उत्खनन नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे स्वयं नर्मदा सेवा मिशन का नेतृत्व करेंगे। गाँव में नर्मदा सेवा समितियाँ कार्य करने लगी हैं। नर्मदा सेवा मिशन की कार्य-योजना को समाज के साथ मिलकर क्रियान्वित किया जाएगा। प्रधानमंत्री के हर संकल्प को मध्यप्रदेश पूरा करेगा। अगले साल से क्षिप्रा, ताप्ती, बेतवा और चम्बल तथा अन्य नदियों के संरक्षण का कार्य शुरू किया जाएगा। नर्मदा सेवा मिशन की कार्य-योजना की प्रगति का प्रतिवेदन एक साल बाद जनता को समर्पित किया जाएगा। मध्यप्रदेश के लिए आधुनिक भागीरथ सिद्ध हुए है मुख्यमंत्री - स्वामी अवधेशानंद आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने प्रधानमंत्री को राष्ट्र ऋषि और सभ्यता, संस्कृति और संवेदना के सुमेल वाला व्यक्तित्व बताते हुए कहा कि उन्होंने भारत को श्रेष्ठ स्थान पर विराजित किया है। उन्होंने कहा कि नर्मदा सेवा मिशन का प्रारंभ शासक, प्रशासक और उपासक को एक साथ काम करने के संकल्प लेने का पल है। उन्होंने कहा कि नीर में ही नारायण है। उन्होंने जल का महत्व बताते हुए कहा कि जल की स्वाभाविक माँग होती है। यह जीवन है। जल की कमी हो रही है। भविष्य में पीने योग्य पानी की कमी न हो इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार का यह मिशन समयानुकुल है। उन्होंने कहा कि भारत देश जल की आराधना में जुटा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस दिशा में काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं है कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश के लिए आधुनिक भागीरथ सिद्ध हुए है। सिंहस्थ का आयोजन कर वे आधुनिक विक्रमादित्य साबित हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री को भारत की धरती पर विकास का अवतार बताते हुए कहा कि उनके होने से देश भयमुक्त है और देश का भविष्य सुरक्षित है। श्री अवधेशानंद जी ने कहा कि नदी संरक्षण का यह मॉड्यूल पूरे देश में जाएगा। वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने नर्मदा सेवा के उद्देश्य की चर्चा करते हुए कहा कि यह पूरी तरह वैज्ञानिक और आध्यात्मिक यात्रा थी। इसके माध्यम से लाखों नागरिकों की नदी संरक्षण के प्रति जन-जागृति और चेतना बढ़ी है। अब हर नागरिक इस बात के प्रति सजग है कि नर्मदा नदी में एक भी बूँद गंदा पानी नहीं मिलने देंगे। प्रधानमंत्री द्वारा 'नर्मदा प्रवाह' पुस्तक का विमोचन शुरूआत में नर्मदा सेवा यात्रा का ध्वज और कलश प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री ने सौंपा। प्रधानमंत्री ने 'नर्मदा प्रवाह' पुस्तक का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने नागरिकों को नर्मदा की सेवा करने का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर विशाल संख्या में नर्मदा सेवक, केन्द्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, सांसद श्री ज्ञान सिंह, सांसद और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री नन्द कुमार सिंह चौहान, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग राज्य मंत्री श्री संजय पाठक, संत समुदाय, राज्य मंत्री-मंडल के सदस्य, सांसद, विधायक, अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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16 May 2017CJI बोले- अगर यह धर्म का हिस्सा तो नहीं देंगे दखल नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को पांच जजों के संवैधनिक बेंच ने तीन तलाक पर सुनवाई शुरू की। चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता में बेंच ने साफ कहा कि वह सिर्फ तीन तलाक पर ही सुनवाई करेगी, बहु विवाह पर कोई बात नहीं होगी लेकिन हलाला पर सुनवाई की जा सकती है। मामले में चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या तीन तलाक धर्म का हिस्सा है, अगर ऐसा है तो इसमें दखल नहीं देंगे। सुप्रीम कोर्ट में कुल सात याचिकाएं सुनवाई के लिए लगी हैं, जिनमें पांच पीड़ित महिलाओं की ओर से हैं। इस मामले की शुरुआत कोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं के बराबरी के हक को देखते हुए स्वतः संज्ञान लेते हुए की थी। बाद में पीड़ित महिलाओं ने भी तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह को चुनौती दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक विचार के बिंदु तय नहीं किए हैं। हालांकि शुरुआत में ही कोर्ट ने साफ कर दिया था कि वह संवैधानिक दायरे में कानूनी मुद्दे पर विचार करेगा। किसी की व्यक्तिगत याचिकाओं पर विचार नहीं होगा। कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षकारों को लिखित दलीलें दाखिल करने के छूट देते हुए गर्मी की छुट्टियों में 11 मई से नियमित सुनवाई करने का फैसला लिया था। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कोर्ट को दिए लिखित जवाब में सुनवाई का विरोध किया है। बोर्ड ने कहा है कि यह पर्सनल लॉ से जुड़ा मुद्दा है और कोर्ट इस पर सुनवाई नहीं कर सकता। पर्सनल लॉ कुरान और हदीस की रोशनी में बना है। सामाजिक सुधार के नाम पर पर्सनल लॉ को दोबारा नहीं लिखा जा सकता। केंद्र सरकार ने अपने लिखित जवाब में एक बार में तीन तलाक को मुस्लिम महिलाओं के साथ लिंग आधारित भेदभाव बताया है। सरकार का कहना है कि भारतीय संविधान किसी तरह के भेदभाव की इजाजत नहीं देता है। क्या एक बार में तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह को संविधान के अनुच्छेद 25(1) के तहत संरक्षण प्राप्त है? क्या अनुच्छेद 25 संविधान में प्राप्त मौलिक अधिकारों के अधीन है। विशेष तौर पर अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार) के। क्या पर्सनल लॉ को अनुच्छेद 13 के तहत कानून माना जाएगा?क्या तीन तलाक, बहु विवाह और निकाह हलाला भारत द्वारा हस्ताक्षरित अंतरराष्ट्रीय संधियों के दायित्वों के अनुरूप है?
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11 May 2017नई दिल्ली से खबर है कि देश के इतिहास में पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने किसी जज को अवमानना का दोषी करार देते हुए 6 महीने की सजा सुनाई है। साथ ही अदालत ने उन्हें तुरंत जेल भेजने के आदेश भी दिए हैं। कर्णन को यह सजा सात जजों के बेंच ने सुनाई है। इससे पहले जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जेएस खेहर समेत 7 जजों को SC/ST एक्ट के प्रावधानों के तहत दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा के आदेश दिए थे। कलकत्ता हाईकोर्ट के जज पर सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का केस चल रहा था और मंगलवार को उन्हें सजा सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उन्होंने सारी सीमाएं लांघ दी हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया को निर्देश जारी किए हैं कि वो कर्णन के बयान नहीं चलाएगा। इससे पहले केस की सुनवाई के दौरान अदालत ने 1 मई को जस्टिस कर्णन की मानसिक जांच के आदेश दिए थे लेकिन कर्णन इस जांच के लिए नहीं पुहंचे थे।
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9 May 2017ब्रिटेन की सबसे कुख्यात महिला संदिग्ध आतंकवादी सैली जोंस अमेरिकी अधिकारियों के निशाने पर है. दरअसल, नये साक्ष्यों में उसके दुनिया भर में इस्लामिक स्टेट के कम से कम दर्जन भर साजिशों में संलिप्त रहने का संकेत मिला है. ‘द संडे टाइम्स’ की खबर के मुताबिक दक्षिणपूर्व इंग्लैंड स्थित केंट निवासी दो बच्चों की मां और 49 वर्षीय जोंस को पेंटागन सीरिया में राजनीतिक हत्या की घटनाओं के लिए जिम्मेदार मानता है. इससे पहले यह उभर कर सामने आया था कि ब्रिटिश संदिग्ध आतंकी जुनैद हुसैन की तथाकथित जिहादी दुल्हन आईएसआईएस के लिए सबसे अधिक भर्तियां करने वाली पश्चिमी देश निवासी और हमले की योजनाकारों में एक है. अखबार ने बताया कि वह साजिश में भी शामिल थी जिसमें एक अमेरिकी सैनिक का कैमरे के सामने सिर धड़ से अलग कर डाला गया था और इसके बाद यह वीडियो दुनिया को दिखाया गया था. बर्मिंघम का एक पूर्व कंप्यूटर हैकर हुसैन आईएस के गढ़ राका में एक अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था. समझा जाता है कि उसकी पत्नी जोंस अपने पति की तरह हश्र होने से बचने के लिए अपने 11 साल के बेटे का रक्षा कवच के रूप में इस्तेमाल कर रही है. जोंस लड़कियों के एक बैंड में गिटार बजाया करती थी. उसका 19 साल का दूसरा बेटा जोनाथन ब्रिटेन में रहता है. अखबार ने बताया कि हुसैन 2015 में मारा गया लेकिन मुस्लिम धर्म अपनाने वाली उसकी पत्नी अब उभर कर सामने आ रही है. अमेरिकी अदालत के दस्तावेजों ने दंपती को तीन महाद्वीपों में साजिश और हमले की कई घटनाओं से जोड़ा है.
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8 May 2017बलूचिस्तान क्षेत्र में पाकिस्तान व अफगानिस्तान के बीच तनाव जारी है। पाकिस्तानी सेना ने अफगान सेना के 50 जवानों को मार गिराने का दावा किया है। अफगान सुरक्षा बल की कार्रवाई में पिछले हफ्ते 10 पाकिस्तानी नागरिक मारे गए थे जबकि 40 से ज्यादा घायल हो गए थे। इनमें कुछ जनगणना कर्मचारी भी थे। इसके बाद से ही बलूचिस्तान सीमा से सटे चमन इलाके में दोनों देशों की सेना के बीच गोलीबारी हो रही है। पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल नदीम अहमद ने कहा कि हमारे हमले में 100 से ज्यादा अफगानी सैनिक भी घायल हुए हैं। पाकिस्तान व अफगानिस्तान एक दूसरे पर आतंकियों की सीमावर्ती इलाके से घुसपैठ कराने का भी आरोप लगाते रहे हैं जो हिंसा की बड़ी वारदातों को अंजाम देते हैं। कल ही पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि हमारा देश अफगानी सेना के हमले का पूरी ताकत से जवाब देगा।
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7 May 2017सेना ने जमीन पर मार करने वाली ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के उन्नत रूप का बुधवार को लगातार दूसरा सफल परीक्षण किया। अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह पर हुए परीक्षण में मिसाइल की हमला करने की क्षमता सटीक साबित हुई। इसकी मारक क्षमता की फिर से पुष्टि करने के लिए ही यह परीक्षण किया गया है। सेना ने बयान जारी का कहा कि लगातार पांचवीं बार ब्रह्मोस लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (एलएसीएम) के ब्लॉक-3 संस्करण का परीक्षण किया गया। बहु भूमिका वाली मिसाइल ने जमीन पर स्थित लक्ष्य को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। सेना ने कहा कि यह अविश्वसनीय उपलब्धि है। इस प्रकार के अन्य किसी हथियार ने ऐसी उपलब्धि हासिल नहीं की थी। मिसाइल को मोबाइल ऑटोनोमस लांचर्स (एमएएल) से छोड़ा गया। भारतीय सेना 2007 में ब्रह्माोस की तैनाती करने वाली दुनिया पहली सेना है। उसने इस हथियार के कई रेजीमेंट बनाए हैं। भारत और रूस द्वारा संयुक्त रूप से विकसित ब्रह्माोस मिसाइल जमीनी और समुद्र स्थित लक्ष्य के खिलाफ जमीन, समुद्र और हवा से मार करने में सक्षम है। मिसाइल ने कृत्रिम लक्ष्य को "बुल्स आई" के साथ भेदा। उन्होंने बताया कि अपेक्षित अनुमान के अनुसार ही सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने जमीन पर स्थित लक्ष्य को भेदा है। यह ब्लॉक-3 का पाचवां परीक्षण था। ब्रह्मोस का जमीन पर मार करने वाला प्रारूप सेना में 2007 से ही संचालन में है। ब्रह्मोस ब्लॉक-3 भारत-रूस संयुक्त परियोजना का हिस्सा है। यह रूसी पी-800 ओनिक्स मिसाइल पर आधारित है।
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4 May 2017कश्मीर की कृष्णा घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई बर्बरता को लेकर भारत सख्त हो गया है। बुधवार को विदेश सचिव ने पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासीत को बुलाकर बर्बरता में पाकिस्तान का हाथ होने से सबूत सौंपे। हालांकि बासीत इससे इन्कार कर गए। पाकिस्तान के इस रूख को लेकर रक्षा मंत्री जेटली ने कहा कि बर्बरता का पाकिस्तान द्वारा किया गया इनकार भरोसेमंद नहीं है। जब उनसे पूछा गया कि भारत कैसा जवाब देगा? जेटली बोले, सेना में विश्वास रखो। इससे पहले विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर भारतीय सैनिकों के साथ हुई बर्बरता से जुड़े सबूतों को उनके सामने रखा और रोष जताया। भारत ने मांग की है कि पाकिस्तान इन सबूतों के आधार पर इस हमले में शामिल अपने सैनिकों और उनके मददगारों को सजा दे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल वागले ने बताया कि बासित को बताया गया है कि यह घटना मानवता के सारे मानदंडों के खिलाफ है। साथ ही भारत इसे उकसावे की एक बड़ी घटना मान रहा है। यह पूछे जाने पर कि भारत की तरफ से क्या सबूत दिए गए हैं, तो वागले ने कहा, "घटनास्थल पर खून के निशान और खून के पाक के हिस्से वाले नियंत्रण रेखा की तरफ जाना एक अहम सबूत है। जब घटना हुई उस समय पाक कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की तरफ से बड़े पैमाने पर गोलीबारी की गई, ताकि भारतीय सैनिकों के अंग-भंग करने आने वालों को कवर दिया जा सके।बासित ने नहीं माना हाथवागले ने कहा कि बासित ने जयशंकर से कहा कि हमले में पाकिस्तान का हाथ नहीं है। वह भारत का विरोध-पत्र की विषय-वस्तु से अपनी सरकार को अवगत करा देंगे।
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4 May 2017भारत द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद नियंत्रण रेखा के उस पार आतंकी शिविरों की तादाद में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। ये सारे पाकिस्तान की धरती पर ठिकाने बनाकर भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की जुगत में रहते हैं। बीते चार माह के दौरान आतंकियों ने साठ से ज्यादा बार घुसपैठ की कोशिश की। 15 आतंकी घुसने में कामयाब भी रहे। केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि जब भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी तब सीमा पर 35 आतंकी संगठन सक्रिय थे। भारत की कार्रवाई के बाद ये सारे सीमा से दूर चले गए और वहीं से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे थे, लेकिन हाल के महीनों में देखा गया है कि आतंकी संगठन फिर से तेजी से बढ़ने लगे हैं। सीमा पार 20 नए संगठनों के सक्रिय होने की जानकारी मिली है जबकि पहले पलायन कर गए 35 संगठन फिर से सीमा पर लौट आए हैं। उनका मानना है कि जम्मू-कश्मीर में अभी लगभग 160 आतंकी सक्रिय हैं। इन्हें पाक सरकार व सेना की तरफ से हिदायत है कि भारतीय सुरक्षा बलों को लगातार निशाना बनाते रहा जाए, जिससे एलओसी पर भी हलचल बनी रहे। सोमवार को पाक सेना की बार्डर एक्शन टीम ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करके दो सैनिकों की हत्या कर दी थी।
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2 May 2017लाहौर से खबर ,मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड और लश्कर के मुखौटा संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख आतंकी हाफिज सईद की नजरबंदी अवधि बढ़ा दी गई है। वह तीन महीने और खुली हवा में सांस नहीं ले सकेगा। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने रविवार को यह निर्णय लिया। हाफिज की 90 दिनों की नजरबंदी की मियाद रविवार रात खत्म हो रही थी। पंजाब सरकार ने पाकिस्तान के आतंकरोधी कानून के तहत यह फैसला किया है। गृह राज्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस बाबत अधिसूचना जल्द ही जारी कर दी जाएगी। उन्होंने कहा, 'सरकार ने हाफिज सईद, प्रो. मलिक जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद, काजी काशिफ हुसैन और अब्दुल्ला उबैद की नजरबंदी को 90 और दिनों के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। इससे पहले आतंरिक मामलों के मंत्री चौधरी निसार के साथ विचार-विमर्श किया गया था।' देश की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने के आरोप में सईद को 30 जनवरी को घर में ही नजरबंद कर दिया गया था। ट्रंप सरकार के दबाव के बाद पाकिस्तान को यह कदम उठाना पड़ा था।
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1 May 2017कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अमेरिकी मीडिया पर गुस्सा देखने को मिला। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि मीडिया की फर्जी खबरों से परे उनकी सरकार ने 100 दिन का कार्यकाल पूरा होने तक जनता से किए गए वादे एक के बाद एक पूरे किए हैं। ट्रंप ने उनकी सरकार के कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर मीडिया द्वारा दी गई कवरेज को स्तरहीन बताया। वाशिंगटन मीडिया और हॉलिवुड एक्टर्स पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि वे कॉरस्पॉन्डेन्ट्स डिनर में 'एक-दूसरे को दिलासा दे रहे होंगे।' उन्होंने कहा, 'यह (डिनर) बहुत बोरिंग होगा।' बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप पत्रकारों के साथ होने वाले पारंपरिक कार्यक्रम व्हाइट हाउस कॉरस्पॉन्डेंट्स डिनर में भी शामिल नहीं हुए। आपको बता दें कि भूतपूर्व राष्ट्रपति रॉनल्ड रीगन ने साल 1981 में इसकी शुरुआत की थी। तब से हर साल इस डिनर इवेंट का आयोजन किया जाता है, लेकिन ट्रंप इसमें शामिल नहीं हुए।
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30 April 2017प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अप्रैल, रविवार को 31वीं बार मन की बात के तहत देश की जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 'मन की बात' से पहले लोगों के सुझाव व जानकारियां देख सुखद अनुभूति होती है। सलाह देना, सुझाव देना हमारे स्वभाव में है। समाज के लिए कुछ कर गुजरने वाले लोगों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। गर्मी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा मार्च-अप्रैल में मई-जून जैसी गर्मी हो रही है। ज्यादातर लोगों ने गर्मी से जुड़े हुए सुझाव दिए हैं। इस गर्मी में सामूहिक रूप से पशु-पक्षियों को बचाने का प्रयास होना चाहिए। गर्मियों में कई लोगों ने पक्षियों की चिंता की है। जलवायु परिवर्तन आज की बड़ी समस्या है। 2022 तक देश को आगे ले जाने का संकल्प लें। मन की बात में युवाओं की सोच में तेजी से आते बदलाव पर चिंता जाहिर करते हुए पीएम मोदी ने कहा युवा आराम तलब जिंदगी पसंद कर रहे हैं। उन्हें अपने जीवनशैली को बदलना चाहिए। उन्होंने युवाओं से अपील की कि गरीब बच्चों के साथ खेल का आनंद लीजिए। गर्मी की छुट्टियों में नए प्रयोग कीजिए। अॉउट अॉफ बॉक्स सोचें युवा। युवा देश की विविधता को जानें। दुनिया को देखने-समझने से सीखने को मिलता है। युवा यात्रा करें और अपने अनुभव को लिखें.. साझा करें। घूमने के दौरान फोटो फोटो खींचें और उसे #IncredibleIndia के साथ शेयर करें। टेक्नोलॉजी से दूर, खुद के साथ समय गुजारने का प्रयास करें, संगीत का कोई वाद्ययंत्र सीखें या कोई नई भाषा के 50 वाक्य सीखें। आगे पीएम मोदी ने वीआईपी कल्चर पर कहा कि इसके प्रति देश में नफरत का माहौल है। लोगों के दिमाग से भी लाल बत्ती जानी चाहिए। वीआईपी कल्चर सामान्य लोग पसंद नहीं करते। लेकिन ये इतना गहरा है इसका मुझे अभी-अभी अनुभव हुआ। न्यू इंडिया में वीआईपी की जगह ईपीआई (EVERY PERSON IS IMPORTANT) को महत्व देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में नई व्यवस्था के बाद अब कितना भी बड़ा शख्स हो, लाल बत्ती का प्रयोग नहीं कर सकेगा। 1 मई को मनाए जाने वाले श्रमिक दिवस का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि श्रमिकों को बाबा साहेब ने सम्मान दिलाया। उन्होंने कहा भारत में हमेशा 'सबका साथ-सबका विकास' इसी मंत्र को ले कर आगे बढ़ने का प्रयास किया गया है। भारत सरकार कल 1 मई को 'संत रामानुजाचार्य' जी की स्मृति में एक डाक टिकट जारी करने जा रही है। इस साल हम सवा सौ करोड़ देशवासी सामाजिक एकता और संगठन में शक्ति है, इस भाव को जगाने के लिये संत रामानुजाचार्य जी की 1000वीं जयंती मना रहे हैं। पिछली बार मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने न्यू इंडिया पर देश की जनता को संबोधित किया था। पीएम मोदी ने मन की बात के पिछले संस्करण में कहा था कि 125 करोड़ भारतवासी चाहते हैं कि भारत में बदलाव आए। उन्होंने कहा था 'न्यू इंडिया' कोई सरकारी योजना नहीं है, यह 125 करोड़ भारतीयों का सपना है। उन्होंने कहा हर भारतीय नागरिक के छोटे-छोटे और मजबूत कदमों से एक नए और बदले हुए भारत की कल्पना को साकार किया जा सकता है। गौरतलब है कि पीएम मोदी मन की बात कार्यक्रम में आम आदमी से जुड़े अहम मुद्दों को उठाते हैं। इसके लिए पीएम मोदी की तरफ से देश की जनता से विषय और सुझाव देने की अपील भी की जाती है। आकाशवाणी सभी क्षेत्रीय भाषाओं में इसका सीधा प्रसारण करता हैं। पीएम इससे पहले अर्थव्यवस्था, नशाखोरी, भ्रष्टाचार, किसानों की समस्या जैसे मुद्दों पर मन की बात कार्यक्रम का आयोजन कर चुके हैं।
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30 April 2017चीन के दक्षिण चीन सागर में विस्तार को लेकर चिंताओं के बीच बीजिंग ने अपने पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत का जलावतरण किया है जो यूक्रेन से खरीदे गए मौजूदा पोत के साथ शामिल होगा. इससे बीजिंग की सैन्य क्षमताओं में भी बढ़ोतरी होगी. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार ‘चीन शिपबिल्डिंग इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन’ (सीएसआईसी) के पूर्वोत्तर डालियान शिपयार्ड में प्रक्षेपण समारोह के दौरान 50,000 टन के इस नए विमानवाहक पोत को सूखे डॉक से पानी ने स्थानांतरित किया गया. चीन के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह चीन का दूसरा विमानवाहक पोत है, जिसका अभी नाम नहीं रखा गया है. जहाज को लियाओनिंग, डालियान शिपयार्ड से पास के तट पर लाया गया था. विमानवाहक पोत कथित तौर पर लियाओनिंग से ज्यादा उन्नत होगा, जो 25 वर्ष पूर्व निर्मित किया गया यूक्रेन से खरीदा नवीनीकृत सोवियत जहाज है. चीन ने अपने दूसरे विमानवाहक पोत का निर्माण कार्य नवंबर 2013 में शुरू किया था. डॉक का निर्माण मार्च 2015 में शुरू हुआ था. हालांकि विमानवाहक पोत के वर्ष 2020 से पहले पूरी तरह सक्रिय होने की संभावना नहीं है. शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने कहा कि विमानवाहक को पानी में उतारना चीन की स्वदेशी विमानवाहक पोत डिजाइन एवं निर्माण करने की प्रक्रिया को रेखांकित करता है.
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26 April 2017छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में चिंतागुफा के पास बुर्कापाल में नक्सलियों ने सीआरपीएफ की रोड ओपनिंग पार्टी पर घात लगाकर हमला किया। हमले में 30 जवान शहीद हो गए और 6लापता हैं। दो जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है। घटना सोमवार दोपहर डेढ़ बजे की है। सीआरपीएफ कंपनी कामण्डर सहित 6 जवान लापता बताए गए हैं। शाम को पुसवाड़ा कैंप के पास नक्सलियों ने फिर फायरिंग की। इसमें कई मीडियाकर्मी भी फंसे हुए हैं। एएसपी जितेंद्र शुक्ला के अनुसार, सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन रोड ओपनिंग के लिए निकली थी। गौरतलब है कि इसी इलाके में अगस्त 2010 में भी 76 जवान शहीद हुए थे। सभी घायल जवानों को रायपुर लाया गया है। घायलों के नाम इंस्पेक्टर रघुवीर सिंह,हेमब्रम,राम मेहर ,स्वरुप कुमार,मोहिंदर सिंह,जीतेंद्र कुमार,शेर मोहम्मद ,लाटू ओरोन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नक्सली पहले से ही घात लगाकर बैठे थे। जैसे ही जवान वहां पहुंचे उन पर फायरिंग शुरू कर दी गई। जवानों की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई। हमले की सूचना मिलते ही घायल जवानों की मदद के लिए सुकमा से सीआरपीएफ की एक बैकअप टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो गई। पुलिस और सीआरपीएफ द्वारा इलाके में अंडर सर्च ऑपरेशन जारी है। शहीद जवानों के शव लाने सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन को मौके पर भेजा गया है। मगर शाम हो जाने के कारण शव आज ला पाना संभव नहीं हो पाएगा, ऐसा पुलिस के आला अधिकारी बताते हैं। क्यांकि, घटनास्थल के पास देर शाम हेलिकाप्टर लैंड करना खतरे से खाली नहीं है। लिहाजा, माना जा रहा कि कल सुबह तक ही शवों को वहां से निकाला जा सकेगा। लगभग डेढ़ महीने में रोड ओपनिंग पार्टी पर नक्सलियों का ये दूसरा बडा़ हमला है। 11 मार्च को भेज्जी के पास नक्सलियों ने घात लगाकर सीआरपीएफ के 12 जवानों को मार डाला था। उस समय भी सीआरपीएफ के जवान रोड बना रही कंट्रक्शन कंपनी को सुरक्षा देने के लिए रोड ओपनिंग करने निकली थी। उसकी गूंज दिल्ली तक गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को रायपुर भेजा था।
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24 April 2017मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की तीसरी गवर्निंग काउंसिल की बैठक में किसानों की आय 5 वर्ष में दोगुनी करने के रोड मेप का प्रेजेंटेशन दिया। बैठक में विभिन्न राज्य के मुख्यमंत्री उपस्थित थे। नीति आयोग की बैठक मुख्य रूप से देश की आजादी के 75 वर्ष होने के उपलक्ष्य में 'विजन डाक्यूमेंट ऑफ इण्डिया-2022'' को तैयार करने के मकसद से हुई थी। भारत की आजादी के 75 वर्ष वर्ष 2022 में होने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से किसानों की आय अगले 5 वर्ष में दोगुनी कैसे की जाये, की रणनीति पर विस्तार से जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सिंचाई, कृषि के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का विस्तार, कृषि बाजार में सुधार, ई-नैम, उन्नत पशुधन विस्तार, पशुधन उत्पादकता के संबंध में भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि देश में कृषि की लागत में कमी लाने की जरूरत है। इसके साथ ही कृषि उत्पादकता और उत्पादन में तेजी से बढ़ोत्तरी किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में विविधिकरण कर किसानों को उनकी उत्पादकता का बेहतर मूल्य दिलवाने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में बेहतर आपदा प्रबंधन की भी भूमिका होनी चाहिये, जिससे किसानों को नुकसान होने पर समय पर उनकी उपज का मुआवजा दिलाया जा सके। मुख्यमंत्री के प्रेजेंटेशन पर अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने भी विचार-विमर्श किया। रमन सिंह के एजेंडे में भूख से मुक्ति नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ में कौशल उन्नयन और स्वच्छ भारत मिशन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने प्रजेंटेशन दिया। मुख्यमंत्री ने विजन डाक्यूमेंट 2030 के तहत सरकार के पांच सूत्रीय एजेंडे में बताया कि सरकार का फोकस गरीबी निवारण और भूख से मुक्ति के साथ पोषण पर है। पंचायतों को मजबूत करने, सभी को स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, सबको साफ पानी उपलब्ध कराने और अधोसंरचना मजबूत करने पर जोर है। नीति आयोग की शासी परिषद (गवर्निंग काउंसिल) की बैठक में डॉ. रमन ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 20 हजार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया गया और अब उनके सामने रोजगार का संकट नहीं है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत छत्तीसगढ़ में स्वच्छता का कवरेज बढ़कर 84 प्रतिशत हो गया है और 2 अक्टूबर 2017 तक छत्तीसगढ़ खुले में शौच से मुक्त राज्य बन जाएगा। उन्होंने दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों में इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी बढ़ाने की भी कार्ययोजना बताई। उन्होंने प्रधानमंत्री से बेसलाइन सर्वेक्षण में राज्य में अनुपयोगी शौचालयों को उपयोगी बनाने के लिए स्वच्छ भारत कोष के तहत राशि स्वीकृत करने की मांग की। मुख्यमंत्री ने देश के लिए एक कर नीति का समर्थन करते हुए कहा कि जीएसटी के क्रियान्वयन में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। सुझाव दिया कि जीएसटीएन द्वारा तैयार ई-पोर्टल को व्यवसायियों के लिए सुगम और सरल बनाया जाए। नहीं आये केजरीवाल और ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नीति आयोग संचालन परिषद की बैठक में शामिल नहीं हुए। परिषद की तीसरी बैठक राष्ट्रपति भवन में चल रही है। बैठक का मुख्य एजेंडा देश की आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए 15 साल के दृष्टि दस्तावेज पर विचार करना है। एक सूत्र ने कहा कि ममता और केजरीवाल बैठक में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति भवन नहीं आए हैं। सूत्र ने कहा कि बैठक मैं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शामिल हुए हैं। सूत्र ने कहा कि बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री इस बैठक मैं इसलिए शामिल हुए हैं क्योंकि प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके आधिकारिक प्रतिनिधियोँ को विचार विमर्श के लिए बैठक में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। विपक्ष शासित राज्यों में से पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई. के. पलानीस्वामी बैठक में शामिल हुए हैं। बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती और आेडि़शा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी मौजूद हैं।
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23 April 2017वडोदरा में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि अगर पाकिस्तान भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को मौत की सजा देने की दिशा में आगे बढ़ता है तो भारत को बलूचिस्तान को एक अलग देश के रूप में मान्यता देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान को मान्यता देकर उसे सबक सिखाया जाना चाहिए। यही नहीं, पाकिस्तान को बलूचिस्तान, पख्तूनिस्तान और सिंध में विभाजित कर देना चाहिए ताकि सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए उसे सीख दी जा सके। स्वामी ‘‘भारत और अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद’’ विषय पर यहां आख्यान दे रहे थे। इसका आयोजन गैर..सरकारी संगठन भारत विकास परिषद द्वारा किया गया था। राज्यसभा सदस्य स्वामी ने कहा कि पाकिस्तान को सिर्फ आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित करने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में शरण ले रखे 2 सबसे ज्यादा वांछित आतंकवादियों हाफिज सईद और दाउद इब्राहिम के परिसरों पर ‘‘हमले’’ किए जाने चाहिए। स्वामी ने सुझाव दिया कि पाकिस्तान की धरती से पनपने वाले आतंकवाद से मुकाबला के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका से समर्थन मांगना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीमा पर गड़बडी की स्थिति में परमाणु बम का इस्तेमाल करने की पाकिस्तान की धमकी पर चिंतित नहीं होना चाहिए क्योंकि इस बम का बटन अमेरिका के हाथों में है और पड़ोसी देश के मामलों पर उसका पूरा नियंत्रण है। स्वामी ने मोदी से चीन के साथ संबंधों को सुधारने और आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए सहयोग मांगने का अनुरोध किया क्योंकि आतंकवादी कश्मीर में घुसने के लिए चीनी भौगोलिक क्षेत्र का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार द्वारा कार्रवाई शुरू करने पर कश्मीर में पथराव की घटनाएं रूक गयी हैं।
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23 April 2017पाकिस्तान सरकार ने लाहौर हाईकोर्ट को बताया कि मुंबई हमले के मास्टरमाइंड एवं जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद तथा उसके चार सहयोगियों को हिरासत में लिया जाना कानून का कोई उल्लंघन नहीं है। सरकार ने अदालत को यह भी बताया कि उसके पास यह विश्वास करने के कारण थे कि जमात उद दावा (जेयूडी) तथा इससे संबद्ध संगठन फलाह ए इंसानियत फाउंडेशनएफआईएफ ऐसी गतिविधियों में लिप्त हैं जो शांति एवं सुरक्षा के लिए हानिकारक हो सकती हैं। कल अदालत को सौंपे गए लिखित जवाब में पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने जेयूडी नेताओं को 30 जनवरी को हिरासत में लिए जाने का यह कहकर बचाव किया कि कार्रवाई आतंकवाद रोधी कानून 1997 के तहत की गई है। मंत्रालय ने कहा कि जेयूडी और एफआईएफ को विदेश मंत्रालय द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर निगरानी में रखा गया। इसने कहा कि उस रिपोर्ट के परिप्रेक्ष्य में संघीय सरकार के पास यह विश्वास करने के कारण थे कि जेयूडी और एफआईएफ कुछ ऐसी गतिविधियों में संलिप्त हैं जो शांति एवं सुरक्षा के लिए हानिकारक तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के प्रति पाकिस्तान के दायित्व का उल्लंघन हो सकती हैं। गृह मंत्रालय ने अदालत से हिरासत को चुनौती देने वाली सईद और उसके सहयोगियों की याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया। न्यायाधीश सदाकत अली खान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने रिपोर्ट का अध्ययन किया और याचिका पर सुनवाई 27 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी। पाकिस्तान सरकार ने 30 जनवरी को जेयूडी तथा एफआईएफ के सईद और 4 नेताओं को आतंकवाद रोधी कानून के तहत लाहौर में नजरबंद कर दिया था।
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22 April 2017क्वेटा से खबर है कि पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों के 434 आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया है. संकटग्रस्त प्रांत में सुरक्षा प्रतिष्ठानों और कर्मियों पर कथित रूप से हमला करने वाले बलूच रिपब्लिकन आर्मी (बीआरए), बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और अन्य अलगाववादी समूहों के आतंकवादियों ने शुक्रवार को यहां प्राधिकारियों को अपने हथियार सौंपे. सदर्न कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आमिर रियाज ने कहा कि जो सामान्य जीवन जीना चाहते हैं वे आत्मसमर्पण कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ”जो व्यक्ति हथियार छोड़ना चाहता है, उसका स्वागत किया जाएगा.” बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सनाउल्लाह जेहरी ने आरोप लगाया कि विदेशी एजेंसियों ने लंबे समय से प्रांत के निर्दोष लोगों को गुमराह करके और भड़काकर उनका इस्तेमाल किया है. बीएलए के कमांडर शेर मोहम्मद ने कहा कि ”पाकिस्तान विरोधी” तत्वों ने उन्हें धोखा दिया. एक वरिष्ठ प्रांतीय अधिकारी ने कहा कि अभी तक 1500 से अधिक आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया है. पाकिस्तान का कहना है कि बलूचिस्तान में अफगानिस्तान एवं ईरान के साथ लगती उसकी सीमाओं का इस्तेमाल देश में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के मकसद से लोगों को भड़काने एवं प्रशिक्षित करने के लिए किया जा रहा है.
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22 April 2017खबर लाहौर से । मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद को आखिरकार पाकिस्तान ने आतंकी मान लिया है। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने लाहौर हाईकोर्ट में जो हलफनामा दाखिल किया है जिसमें यह कहा गया है कि हाफिज सईद आतंकी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार गृह मंत्रालय ने यह हलफनामा जमात-उद-दावा की उस याचिका के जवाब दिया है जिसमें आतंकी संगठन ने कहा है कि हाफिज सईद को कई महीनों अवैध हिरासत में रखा गया है। गृह मंत्रालय ने इसके जवाब में कहा है कि हाफिज के खिलाफ उसके पास पर्याप्त सबूत हैं और इसलिए उसके उपर एंटी टेरेरिज्म एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। इस पर देश में अशांति फैलाने का आरोप है। बताते चलें कि हाफिज सईद को 30 जनवरी को एंटी टेरेरिज्म एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था। इस हलफनामें के बाद यह माना जा रहा है कि पाकिस्तान आखिरकार यह कबूल कर रहा है कि भारत के दावे सही हैं और हाफिज सईद एक आतंकी है।
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21 April 2017नई दिल्ली में यमुना के तट पर कराए गए आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम को लेकर तल्ख टिप्पणी करते हुए राष्ट्रीय हरित विकास प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से कहा गया कि श्री श्री रविशंकर का एनजीटी पर दिया गया बयान पक्षपातपूर्ण था। कोर्ट की ओर से कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर रविशंकर प्रसाद पर तल्ख टिप्पणी की गई। कोर्ट ने श्री श्री रविशंकर का पक्ष रख रहे वकील से कहा कि आपको जिम्मेदारी का कोई अहसास नहीं है। क्या आप सोचते हैं कि आप कुछ भी कहने के लिए स्वतंत्र हैं। दरअसल, एनजीटी की ओर से रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग कार्यक्रम से हुए नुकसान को लेकर एक कमेटी बनायी गयी थी, जिसकी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी गयी। एनजीटी कमेटी द्वारा कहा गया कि यमुना रिवरबेड को नुकसान पहुंचाना आश्चर्यजनक है। एनजीटी ने याचिकाकर्ता से कहा कि वो मामले में बयानों की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करके कोर्ट में एक एप्लीकेशन दाखिल करें, जिससे कोर्ट इस मुद्दे पर रिकाॅर्ड पर ले सके। मामले की अगली सुनवाई नौ मई को होगी।
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20 April 2017सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी विध्वंस मामले में बुधवार को बड़ा फैसला दिया। कोर्ट ने आदेश दिया कि भाजपा के बड़े नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती सहित कई नेताओं पर आपराधिक साजिश का मामला चलाया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस मामले में चल रहे दो अलग-अलग केस को एक साथ मिला दिया जाए और रायबरेली में चल रहा मामला लखनऊ में ही चलेगा। बताया जा रहा है कि आडवाणी सहित 12 नेताओं पर चलेगा केस, जिसमें से तीन के खिलाफ आपराधिक साजिश का केस चलेगा। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चूंकि कल्याण सिंह फिलहाल राज्यपाल के संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए उनपर मुकदमा नहीं चलेगा। यह फैसला ऐसे वक्त में सामने आया है, जब जल्द ही राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाला है और इस पद के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी का नाम प्रमुखता से ऊपर आ रहा था। जानते हैं इस फैसले का इन नेताओं पर क्या असर पड़ेगा। कल्याण सिंह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह वर्तमान में राजस्थान के गवर्नर हैं। इसके साथ ही उन्हें हिमाचल प्रदेश का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। राज्यपाल के पद पर होने के कारण उन पर मुकदमा नहीं चल सकता। ऐसे में उन पर नैतिक दबाव बनाया जा सकता है कि वह इस्तीफा दें और केस का सामना करें। मुरली मनोहर जोशी कानपुर से सासंद चुने गए मुरली मनोहर जोशी का नाम राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार के तौर पर आगे चल रहा है। वह भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और बाबरी मस्जिद के विध्वंस में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। मगर, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब विपक्ष उन पर नैतिक दबाव बन सकता है कि वह पद छोड़कर केस का सामना करें। इससे उनके राष्ट्रपति बनने की मंशा पर पानी फिर सकता है। लाल कृष्ण आडवाणी भाजपा के वरिष्ठ नेता और पथ प्रदर्शक रहे लाल कृष्ण आडवाणी भी राष्ट्रपति पद के दूसरे संभावित उम्मीदवार हैं। विपक्ष सरकार पर दबाव बना सकती है कि उनकी सांसद सदस्यता रद्द की जाए। राष्ट्रपति पद की इस मंशा पर भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला पानी फेर सकता है। उमा भारती सांसद उमा भारती पर आपराधिक साजिश का केस चलाने और धाराएं जोड़ने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। विपक्ष सरकार पर दवाब बना सकता है कि उमा भारती को कैबिनेट मंत्री का पद छोड़ने के लिए कहा जाए।
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19 April 2017अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इन दिनों उत्तर कोरिया की मिसाइलों और परमाणु बम की फिक्र सता रही है, लेकिन अंतरिक्ष में प्योंगयांग के उपग्रह से इलेक्ट्रॉनिक तरंगों का महज एक वार पूरे अमेरिका को अंधेरे में झोंक सकता है। अमेरिकी रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, उत्तर कोरिया के पास अमेरिकी पावर ग्रिड पर सैटेलाइट से इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स (ईएमपी) हमला करने की ताकत मौजूद है। सीआईए के पूर्व डायरेक्टर जेम्स वूल्सी ने बताया, 'इस तरह का इकलौता हमला भी अमेरिका के इलेक्ट्रिक ग्रिड और दूसरे बुनियादी ढांचे को सालभर के लिए बेकार कर सकता है। इससे पैदा होने वाली भुखमरी और अराजकता में 10 में से 9 अमेरिकी मारे जाएंगे।' ऐसी है अमेरिका की तैयारी वूल्सी आगाह करते हैं कि अमेरिकी सभ्यता और लाखों लोगों की जान बचाने के लिए अमेरिका को इस आशंका से निपटने के उपाय खोजने होंगे। अमेरिकी रक्षा विभाग इस खतरे से अनजान नहीं है। पेंटागन का तकनीकी विंग डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट एजेंसी (डीएआरपीए) ऐसे हमले से निपटने के लिए नई तकनीक विकसित करने पर काम कर रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप के बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के एजेंडा में इस तकनीक का विकास भी शामिल है। डीएआरपीए ने पावर कंपनी बीएई सिस्टम से ऐसा बैकअप तैयार करने के लिए कहा है, जो इलेक्ट्रिक ग्रिड के निष्क्रिय होने पर भी बिजली की सप्लाई को जारी रख सके। लेकिन इस तकनीक के हकीकत में तब्दील होने में 2020 तक का वक्त लग सकता है।
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18 April 2017सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सेबी-सहारा मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने सहारा को 13 अप्रैल तक 5 हजार करोड़ रूपये जमा कराने को कहा था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सहारा की एंबी वैली की नीलामी का आदेश दिया है। निवेशकों का पैसा लौटाने में सहारा विफल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सेबी और बॉम्बे हाईकोर्ट को सभी कागजात मिलते ही नीलामी की प्रक्रिया पर काम करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय सहारा को 28 अप्रैल को कोर्ट में पेश होने को कहा है। सितंबर 2012 में एंबी वैली की कीमत लगभग 34,000 करोड़ रूपये तक आंकी गई थी। इससे पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह से कहा था कि अगर वह 17 अप्रैल तक सेबी-सहारा रिफंड खाते में 5,092.6 करोड़ रुपये जमा नहीं कराता है, तो उसकी पुणे की एंबी वैली की नीलामी की जाएगी। कोर्ट ने सहारा समूह को यह रकम जमा कराने का निर्देश दिया था। बता दें कि सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय तथा दो अन्य निदेशकों रविशंकर दुबे व अशोक राय चौधरी को ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प लिमिटेड द्वारा 31 अगस्त, 2012 तक निवेशकों का 24,000 करोड़ रुपये का रिफंड करने के आदेश का अनुपालन नहीं करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, एक निदेशक वंदना भार्गव को हिरासत में नहीं लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई, 2016 को सुब्रत राय को अपनी मां की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए चार हफ्ते का पैरोल दिया था। उसके बाद से उनके पैरोल को बढ़ाया गया है। राय को 4 मार्च, 2014 को तिहाड़ जेल भेजा गया था, लेकिन फिर कोर्ट ने पिछले साल 28 नवंबर को सुब्रत राय को 6 फरवरी तक रिफंड खाते में 600 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश देते हुए कहा था कि अगर वह ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें फिर जेल भेज दिया जाएगा।
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17 April 2017दक्षिण कोरिया ने दावा किया है कि नॉर्थ कोरिया ने एक बार फिर से बैलेस्टिक मिसाइल परीक्षण किया है। हालांकि यह परीक्षण असफल रहा। यह दावा तब किया गया है जब अमेरिका पहले से ही नॉर्थ कोरिया को इन परीक्षणों के लिए चेतावनी दे चुका है और इसके चलते पूरे प्रयद्वीप पर तनाव फैला हुआ है। बयान में कहा गया है कि 15 अप्रैल को सिंपो के करीब रात 9.21 बजे जो मिसाइल छोड़ी गई थी उसमें लॉन्च होते ही विस्फोट हो गया था। बता दें कि नॉर्थ कोरिया ने पिछले दिनों की अमेरिका की चेतावनी का जवाब देते हुए धमकी दी थी कि अगर अमेरिका ने हमला किया तो परमाणु बम गिरा देंगे। इससे पहले नॉर्थ कोरिया ने देश के संस्थापक किम इल सुंग की 105 वीं जयंती पर आयोजित भव्य समारोह में उत्तर कोरिया ने अंतर महाद्वीपीय मिसाइल (आइसीबीएम) का भी प्रदर्शन किया। वहां की सेना का दावा है कि यह मिसाइल करीब चार हजार किलोमीटर की दूरी पर स्थित अमेरिका तक पहुंच सकती है। राजधानी प्योंगयांग में आयोजित परेड में हजारों सैनिकों ने भारी साजो-सामान के साथ शिरकत की और तानाशाह किम जोंग उन को सलामी दी। समारोह में अमेरिका की तरफ से हमला होने पर परमाणु हथियार से जवाब देने की धमकी दी गई। इस कार्यक्रम की कवरेज के लिए बड़ी संख्या में विदेशी पत्रकार प्योंगयांग आमंत्रित किये गए थे।
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16 April 2017खबर दिल्ली से ,होटल, ढाबा और रेस्टोरेंट में खान-पान बिल में सर्विस चार्ज लगाना गैरकानूनी होगा। इसके लिए केंद्र सरकार सभी राज्यों को एडवाइजरी (मशविरा) भेजेगी ताकि उपभोक्ताओं का आर्थिक शोषण रुक सके। केंद्रीय उपभोक्ता मामले व खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने बताया कि इस तरह के किसी चार्ज का प्रावधान नहीं है। पासवान शुक्रवार को यहां पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर कोई सर्विस चार्ज के नाम पर वसूली कर रहा है तो गलत है। हमने इस मसले के लिए मशविरा तैयार किया है, जिसे फिलहाल प्रधानमंत्री कार्यालय के पास अनुमोदन के लिए भेजा गया है। पासवान यहां प्रेस वार्ता में बोल रहे थे। इसी दौरान मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पीएमओ से एडवाइजरी पर अनुमोदन मिलते ही इसे राज्यों के साथ सभी केंद्र शासित क्षेत्रों को भेज दिया जाएगा। इस एडवाइजरी के सहारे उपभोक्ता अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले स्वयंसेवी संगठनों को बहुत मदद मिलेगी। किसी ग्र्राहक को सर्विस चार्ज के भुगतान के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। ग्र्राहक किसी वेटर को टिप्स के तौर पर चाहे तो भुगतान कर सकता है। पीएमओ के पास अनुमोदन के बारे में पूछने पर बताया गया कि किसी भी ग्र्राहक के बिल में बिना उसकी अनुमति के सर्विस चार्ज जोड़ा गया तो उसे गैर कानूनी माना जाएगा, उसके खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इस मसले पर होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के साथ पिछले दिनों हुई बैठक में इसके समेत कई अन्य मसलों पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया। होटल व रेस्टोरेंट में खाने की बर्बादी पर पासवान ने गंभीर चिंता जताई। लेकिन उन्होंने इस मामले में कोई कानून बनाने से स्पष्ट रूप से इन्कार किया। इस दिशा में लोगों से स्वतः आगे आने की अपील की। होटल व रेस्टोरेंट स्वतः कदम उठायें ताकि खाना बर्बाद न हो सके। इन लोगों ने बातचीत में कहा है कि वे अपने स्टाफ को जहां प्रशिक्षित करेंगे, वही ग्राहकों को भी जागरूक करने की पहल करेंगे।
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14 April 2017खबर ढाका से है। 2004 में दरगाह पर हमले के दोषी हुजी चीफ और उसके दो अन्य साथियों को बांग्लादेश ने फांसी पर लटका दिया है। इस हमले में तीन लोगों की मौत हुई थी और ब्रिटेन के उच्चयुक्त घायल हुए थे। जानकारी के अनुसार हरकत उल जिहाद अल इस्लामी के प्रमुख मुफ्ती अब्दुल हन्नान और उसके दो सहयोगियों को बुधवार रात फांसी दी गई। 'बीडीन्यूज 24 डॉट कॉम' ने गृह मंत्री असदुज्जमन खान के हवाले से बताया कि हन्नान को उसके सहयोगी शरीफ शाहेदुल उर्फ बिपुल के साथ काशिमपुर जेल में रात 10.01 बजे फांसी पर लटकाया गया. मंत्री ने बताया कि उसके सहयोगी देलवार हुसैन रिपोन को सिलहट जेल में फांसी पर लटकाया गया। गाजीपुर पुलिस अधीक्षक हारन उर राशिद ने कहा कि हन्नान और बिपुन के शव का पोस्टमार्टम कर दिया गया है और उनके शवों को कड़ी सुरक्षा के बीच उनके गावों में भेजा जाएगा। बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने उनकी दया याचिकाएं खारिज कर दी थीं। इससे पहले अधिकारियों ने काशिमपुर जेल में और इसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी थी। हन्नान की पत्नी, उसकी दो बेटियों और बड़े भाई ने बुधवार सुबह जेल में उससे मुलाकात की। रिपोन के परिवार के सदस्यों ने भी जेल में उससे मुलाकात की। सुप्रीम कोर्ट ने हन्नान और दो अन्य को मृत्युदंड दिए जाने का समर्थन करने के अपने पूर्ववर्ती आदेश की 19 मार्च को पुन: पुष्टि की थी। सिलहट में हजरत शाहजलाल की दरगाह पर हुए ग्रेनेड हमले में बांग्लादेश में जन्मे तत्कालीन ब्रितानी उच्चायुक्त अनवर चौधरी बाल बाल बचे थे। इस हमले में तीन पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी और 70 अन्य घायल हो गए थे।
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13 April 2017प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंस्टाग्राम पर विश्व में सबसे अधिक फॉलोअर वाले नेता बन गए हैं। फेसबुक के इस फोटो शेयरिंग एप पर उनके कुल 68 लाख फॉलोअर हैं। पिछले साल वह तीसरे स्थान पर थे। प्रधानमंत्री मोदी के बाद 63 लाख फॉलोअर के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का स्थान है। वैश्विक जनसंपर्क कंपनी बर्सन-मार्सटेलर ने राष्ट्राध्यक्षों और विदेश मंत्रियों की पिछले 12 महीने की गतिविधि का अध्ययन करने के बाद बुधवार को यह सूची जारी की। अध्ययन के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अकाउंट में केवल 53 फोटो ही पोस्ट किए। फिर भी इंस्टाग्राम पर वह विश्व में सबसे प्रभावी नेता बताए गए हैं। उनके हर फोटो को औसतन 2,23,000 लोगों ने देखा। सूची में तीसरे स्थान पर पोप फ्रांसिस हैं। उनके 37 लाख फॉलोअर हैं। 34 लाख फॉलोअर के साथ ह्वाइट हाउस को चौथा स्थान मिला। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो पांचवें पायदान पर हैं। पिछले 12 महीने में 673 फीसद वृद्धि के साथ विडोडो के 34 लाख फॉलोअर हो गए हैं। एक अप्रैल 2017 तक पिछले 12 महीने में इंस्टाग्राम के सभी अकाउंट के कुल फॉलोअर 4.87 करोड़ हो गए हैं। इस पर कुल 61,281 फोटो पोस्ट किए गए जिन्हें कुल 37.17 करोड़ लोगों ने देखा।
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12 April 2017मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल मंत्रालय में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नर्मदा सेवा यात्रा के समापन और नर्मदा सेवा शुभारंभ कार्यक्रम में 11 मई को प्रस्तावित अमरकंटक यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की। श्री चौहान ने प्रधानमंत्री के आगमन, प्रस्थान, मंच व्यवस्था, सांस्कृतिक कार्यक्रम, नर्मदा सेवकों की भागीदारी एवं जरूरी तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने जनसंपर्क, लोक निर्माण, नगरीय विकास, जन अभियान परिषद, नर्मदा घाटी विकास आदि विभाग की जिम्मेदारियाँ भी तय की। उन्होंने नर्मदा सेवा शुभारंभ करने के लिये भविष्य की कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिये। इसके लिये राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित कर विशेषज्ञों के विचारों को शामिल किया जायेगा। श्री चौहान ने नर्मदा सेवा शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होने वाले नर्मदा सेवकों, शुभचिंतकों और यात्रियों के लिये पेयजल आदि व्यवस्थाएँ करने के निर्देश दिये। उन्होंने नर्मदा किनारे की ग्राम पंचायतों की भागीदारी, विशिष्ट अतिथियों को निमंत्रण देने, नर्मदा सेवा यात्रा में साथ चल रहे यात्रियों का सम्मान करने से संबंधित विषयों पर भी चर्चा की और आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह, अपर मुख्य सचिव गृह श्री के.के. सिंह, अपर मुख्य सचिव ग्रामीण विकास श्री राधेश्याम जुलानिया, अपर मुख्य सचिव वन श्री दीपक खांडेकर, प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव नगरीय विकास श्री मलय श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन और श्रीमती सीमा शर्मा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक वर्णवाल, जनसंपर्क आयुक्त श्री अनुपम राजन और सचिव श्री विवेक अग्रवाल उपस्थित थे।
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12 April 2017अमरीका की ओर से पिछले हफ्ते सीरियाई हवाई ठिकाने पर किए गए हमले में राष्ट्रपति बशर अल असद के जंगी जहाजों के पांचवें हिस्से को नष्ट कर दिया है। पेंटागन प्रमुख जिम मैटिस ने एक बयान में कहा कि रक्षा विभाग का आकलन कहता है कि हमले ने ईंधन और गोलाबारूद स्थल, हवाई रक्षा क्षमता और सीरिया के 20 फीसदी विमानों को क्षतिग्रस्त या नष्ट कर दिया। बता दें कि असद सरकार द्वारा विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाके में कथित कैमिकल हमले के बाद अमेरिका ने सीरिया में 59 क्रूज मिसाइलें दागी थीं। असद सरकार के कैमिकल हमले की दुनियाभर में आलोचना हुई, लेकिन रूस मुस्तैदी से असद अल-बशर के साथ खड़ा दिख रहा है।
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11 April 2017प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वच्छाग्रह और ‘पंचामृत’ के जरिए देश में बड़ा बदलाव करने की जरूरत है। चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी के अवसर पर पीएम ने देश की जनता से अपील की कि स्वच्छता मिशन को सफल बनाकर वे महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सत्याग्रह का लक्ष्य देश को आजादी दिलानी थी वहीं, स्वच्छाग्रह का लक्ष्य देश को क्लीन इंडिया में बदलने का है। गांधी के सत्याग्रह के 5 अहम तथ्य को ‘पंचामृत’ बताते हुए पीएम ने कहा कि सत्याग्रह, जन शक्ति, स्वच्छता और शिक्षा, महिलाओं की स्थिति में सुधार,अपने हाथ से काते गए वस्त्र ये ऐसे पंचामृत थे जिन्होंने देश को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि भारत की पहचान एक स्वच्छ देश के तौर पर हो इसके लिए हमें पूरी कोशिश करनी चाहिए। मोदी ने कहा कि चंपारण सत्याग्रह एक पारस है। मोदी ने कहा कि हर घर में शौचालय, स्वच्छता के मामले में बापू के अधूरे सपने को पूरा करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि आज राज्यों में इस बात को लेकर प्रतिस्पर्धा हो रही है कि कौन राज्य पहले खुले में शौच रहित राज्य का सम्मान पाएगा। पीएम ने कहा कि सिक्किम, हिमाचल प्रदेश और केरल खुले में पूरी तरह शौच मुक्त राज्य बन गए हैं। वहीं, गुजरात, हरियाणा और उत्तराखंड इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे बसे गांवों में भी कचरे के प्रबंधन की योजना लागू की जा रही है। उन्हे उम्मीद है कि गंगा तट भी पूरी तरह खुले में शौच मुक्त हो जाएगा। मोदी ने रेलवे में गंदगी के ट्वीट पर तुंरत कार्रवाई की तारीफ करते हुए कहा कि रेलवे में गंदगी पर तुरंत ऐक्शन लिया जाता है। यह अभूतपूर्व प्रयास है।
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10 April 2017मिस्त्र के दो शहरों में स्थित कॉप्टिक गिरजाघरों में हुए बम विस्फोटों में 36 लोग मारे गए और 140 घायल हुए हैं। ये हमले पाम सनडे के मौके पर आयोजित प्रार्थना सभा के दौरान हुए। विस्फोटों की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) ने ली है। एलेक्जेंड्रिया के सेंट मार्क्स चर्च में चल रही प्रार्थना सभा में कॉप्टिक चर्च के धर्मगुरु पोप ट्वाड्रोस द्वितीय भी मौजूद थे लेकिन उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ। वहां पर शक होने पर सुरक्षा बलों ने चर्च के मुख्य द्वार पर ही आत्मघाती हमलावर को रोक लिया था, जहां उसने खुद को उड़ा लिया। वहां पर 11 लोग मारे गए जबकि 69 घायल हुए। दूसरी घटना एक घंटे पहले टांटा के सेंट जॉर्ज चर्च में हुई। वहां पर सभास्थल पर फिट किया गया एक्सप्लोसिव डिवाइस प्रार्थना के दौरान फटा। वहां पर 25 लोग मारे गए और 71 घायल हुए। पोप फ्रांसिस ने दोनों घटनाओं पर दुख जताया है। सुन्नी मुसलमानों की शिक्षा के सबसे बड़े संस्थान अल-अजहर ने इन हमलों को मानवता के खिलाफ जघन्यतम अपराध करार दिया है। सदर इमाम अहमद-अल-तैयब ने मुश्किल वक्त में अल-अजहर के कॉप्टिक चर्च के साथ होने का एलान किया है। घटना के बाद टांटा के सेंट जॉर्ज चर्च का प्रार्थनास्थल खून से लाल हो गया और जहां-तहां मानव अंग छितरा गए। चीख-पुकार के बीच घायलों को सभागार से निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद सैन्य अस्पताल में घायलों के इलाज का आदेश दिया। उन्होंने आतंकियों के खिलाफ अभियान के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई है। सन 2013 में जब सेना ने तख्तापलट करके मुहम्मद मोर्सी को राष्ट्रपति पद से हटाया था, उसके बाद से मिस्त्र में आतंकी हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं। ज्यादातर हमलों में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया है। ईसाइयों की पाम सनडे प्रार्थना ईस्टर से पहले पड़ने वाले रविवार को होती है। यह उत्सव ईसा मसीह के येरुशलम पहुंचने की खुशी में मनाया जाता है। मिस्त्र में दस प्रतिशत ईसाई आबादी है और इसी महीने 28 और 29 तारीख को वहां पर पोप फ्रांसिस के दौरे का कार्यक्रम है। कॉप्टिक ग्र्रीक भाषा का शब्द है। इसका अर्थ इजिप्शियन (मिस्त्र का) चर्च है। यह ऑर्थोडॉक्स चर्च की शाखा है जिसका जन्म मिस्त्र में पहली शताब्दी में हुआ। इसके मानने वाले मिस्त्र, लीबिया, नूबिया, सूडान, इथोपिया और अन्य अफ्रीकी देशों के निवासी हैं। इस शाखा का सबसे बड़ा चर्च एलेक्जेंड्रिया में है, जहां पर रविवार को आतंकी हमला हुआ।
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9 April 2017युद्धग्रस्त सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के सैन्य ठिकानों पर अमेरिकी हमले के बाद रूस काफी गुस्से में है। सीरिया में पिछले करीब 6 साल से चले आ रहे विद्रोह संकट में असद के साथ खड़े रूस ने अमेरिका की इस कार्रवाई के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई। अमेरिका ने कहा है कि केमिकल हमले के बाद वह सीरिया के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाए जाएंगे। हालांकि उन्होंने इनके बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया। चीन ने सीरिया संकट का हल राजनीतिक ढंग से निकालने की पैरवी की है। उधर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की स्थायी सदस्य निकी हेली ने शुक्रवार को इस हमले को बिल्कुल जायज कार्रवाई करार दिया। उन्होंने कहा, केमिकल हथियार दागकर दर्जनों लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था, इसलिए यह कार्रवाई की गई। हेली ने कहा, हम अभी ऐसे और हमलों के लिए तैयार हैं, लेकिन उम्मीद करते हैं कि इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। उधर फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने कहा है कि कथित केमिकल हमले के बाद अमेरिका ने सीरिया पर जो कार्रवाई की है वह संयुक्त राष्ट्र के बैनर तले की जानी चाहिए थी। सीरिया में अमेरिका द्वारा 59 टॉमहॉक मिसाइलें दागे जाने के बाद जहां कई लोगों के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अचानक विलेन से हीरो बन गए हैं। वहीं सीरिया में युद्ध के खिलाफ भी लोगों ने ट्रंप टावर के बाहर प्रदर्शन किया।
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8 April 2017केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही छेड़छाड़ की घटनाओं के लिए बॉलिवुड को जिम्मेदार ठहराया है। गोवा फेस्ट 2017 में मेनका ने कहा कि लगभग सभी फिल्मों में रोमांस की शुरुआत छेड़खानी से होती है, चाहे वह हिंदी फिल्म हो या फिर क्षेत्रीय फिल्म, दिखाया जाता है कि हीरो और उसके दोस्त किसी महिला को घेर लेते हैं, कमेंट करते हैं, कुछ बोलते हैं। इन सारी चीजों को करने के लिए लड़के फिल्में देखकर ही इस तरह की प्रेरणा लेते हैं। मेनका ने फिल्मकारों और विज्ञान बनाने वालों से अपील करते हुए कहा कि वे महिलाओं की अच्छी छवि को दिखाएं। पिछले 50 सालों से फीचर फिल्मों का इस्तेमाल संदेश देने के लिए किया जा रहा है। इस माध्यम में हिंसा रहती है। हर क्षेत्रीय और हिन्दी फिल्मों में ऐसा होता है। मेनका ने यह भी कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी का 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान बिहार और जम्मू-कश्मीर को छोड़ पूरे देश में सफल रहा है। उनके इस बयान के बाद सोशल मीडिया में उनकी जमकर आलोचना हुई है।
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8 April 2017संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई का चयन संयुक्त राष्ट्र शांति दूत के रूप में किया है। यह विश्व के किसी नागरिक को संयुक्त राष्ट्र प्रमुख की आेर से दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कल घोषणा की कि मलाला दुनियाभर में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काम करेंगी। अधिकारिक तौर पर उन्हें एक समारोह में सोमवार को जिम्मेदारी दी जाएगी। मलाला(19 वर्षीय)पश्चिमोत्तर पाकिस्तान में सभी बच्चों को शिक्षा के अधिकार लिए अभियान चला रही थीं। तालिबान के आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी थी। गुटेरेस ने कहा कि गंभीर खतरे के बावजूद मलाला ने महिलाओं,लड़कियों और सभी लोगों के अधिकारों के लिए अटल प्रतिबद्धता दिखाई। संयुक्त राष्ट्र के अन्य शांति दूतों में अभिनेता माइकल डगलस और लियानार्दो डिकैप्रियो जैसी बड़ी हस्तियां शामिल हैं।
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8 April 2017एयर इंडिया कर्मचारी से मारपीट के बाद विमानन कंपनियों को प्रतिबंध झेल रहे शिवसेना सांसद रविंद्र गायकवाड़ पर से एयर इंडिया ने बैन हटा लिया है। इसकी पुष्टि करते हुए एयर इंडिया के प्रवक्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकारी एयरलाइन कंपनी ने गायकवाड़ पर से प्रतिबंध हटा लिया है। यह फैसला मंत्रालय का है। माना जा रहा है कि इसके बाद अन्य एयरलाइंस कंपनियां भी गायकवाड़ पर से बैन हटाया जा सकता है। इससे पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एयर इंडिया को पत्र लिखकर बैन हटाने के लिए कहा था जिसके बाद यह फैसला किया गया है। हालांकि कुछ घंटों पहले ही एयर इंडिया ने एक बार फिर से रविंद्र गायकवाड़ के दिल्ली से मुंबई के लिए बुक किए गए 17 और 24 अप्रैल के टिकट रद्द कर दिए गए थे। इससे पहले शुक्रवार को ही दिन में ऑल इंडिया कैबिन क्रू एसोसिएशन (एआईसीसीए) ने पत्र लिखकर प्रतिबंध हटाने का विरोध किया था। रविंद्र गायकवाड़ ने गुरुवार को केंद्रीय विमानन मंत्री को पत्र लिखकर माफी मांगते हुए प्रतिबंध हटाने की अपील की थी जिसके बाद मंत्रालय उनकी अपील पर विचार कर रहा था। अपने पत्र में एआईसीसीए ने कहा है कि रविंद्र गायकवाड़ विमानों में सुरक्षा को लेकर खतरा हैं और बने रहेंगे। मंत्रालय उन पर से प्रतिबंध हटाने के पहले अच्छी तरह से सोच ले। उन्हें तब तक विमान में सवार होने की अनुमित नहीं दी जानी चाहिए जब तक की वो बिन शर्त माफी नहीं मांगते साथ ही सभी नियमों का पालन करने की बात लिखकर नहीं देते। एयर इंडिया को लिखे पत्र में कहा गया है कि कैबिन क्रू बिन शर्त माफी की मांग को लेकर उसके समर्थन में हैं। केंद्रीय मंत्री से भिड़ गए थे सांसद इससे पहले जब रविंद्र गायकवाड़ ने लोकसभा में अपना पक्ष रखा जिसके बाद केंद्रीय विमानन मंत्री ने कहा था कि विमानों में लोग सफर करते हैं इसलिए इनमें सुरक्षा महत्वपूर्ण है। इसके बाद शिवसेना सासंद नाराज हो गए थे और गजपति राजू को घेर लिया था। दावा है कि इस दौरान शिवसेना सांसद और एनडीए के मंत्री अनंत गीते ने राजू से धक्का मुक्की की थी और गृहमंत्री को बीच बचाव के लिए आना पड़ा था।
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7 April 2017शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ ने एक बार फिर आज एयर इंडिया में अपना टिकट बुक करने की कोशिश की, लेकिन एयरलाइन ने उनकी बुकिंग खारिज कर दी। एयर इंडिया के विमान में टिकट बुक करने के लिए शिवसेना सांसद का यह सातवां प्रयास है। गौरतलब है कि एयरलाइन के एक कर्मचारी पर हमला करने के बाद एयरलाइन ने अपने विमानों में गायकवाड़ के सफर करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। एयरलाइन के सूत्र ने बताया, ‘हमारे वेब पोर्टल पर आज सुबह 5 बजे एक टिकट बुक करने का प्रयास किया जा रहा था। यह टिकट 17 मार्च को दिल्ली से मुंबई और 24 मार्च को मुंबई से दिल्ली की यात्रा के लिए कराई जा रही थी।’ सूत्र ने बताया कि टिकट ‘रवींद्र गायकवाड़’ के नाम से बुक की जा रही थी, जिसकी जानकारी हमें अपने ट्रैकर से मिली थी। बहरहाल, सभी घरेलू विमान वाहकों में उड़ान सेवा को लेकर उनपर लगे प्रतिबंध के बाद से सांसद इंडिगो विमान और स्पाइस जेट विमान में भी एक-एक बार टिकट बुक करने का प्रयास कर चुके हैं।
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7 April 2017'नमामि देवि नर्मदे'- सेवा यात्रा की गतिविधियों से सभी वर्ग प्रभावित हुए हैं। इस सप्ताह यात्रा के सिलसिले में प्रदेश के बाहर से आए विशिष्ट अतिथियों के साथ ही यात्रा से जुड़े जिलों के लोगों से विचारों का आदान-प्रदान हुआ। नर्मदा घाटों के सौंदर्य से भी विशिष्ट जन प्रभावित हुए हैं। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता निर्देशक श्री प्रकाश झा (मुम्बई) ने, जो यात्रा की गतिविधियों का फिल्मांकन भी करवा रहे हैं, उन्होंने बातचीत में बताया कि मध्यप्रदेश की जीवन रेखा नर्मदा जी पर फिल्मांकन के अवसर को वे सौभाग्यशाली मानते हैं। नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट पर यात्रा के आगमन के लिए की गई व्यवस्थाओं की नर्मदा यात्रियों ने भी प्रशंसा की। इसी तरह गत सोमवार को जनसंवाद कार्यक्रम में आए गजल गायक श्री तलत अज़ीज ने रायसेन जिले के बौरास में नर्मदा तट के मनोरम दृश्य को अद्भुत बताया। उन्होंने नर्मदा यात्रा की अहमियत पर रचना भी तैयार की। नर्मदा यात्रा के बहाने कई व्यक्ति पहली बार उन घाटों पर भी पहुँचे, जिनके बारे में अब तक सिर्फ पढ़ा और सुना ही था। उल्लेखनीय है कि कई प्रमुख संतों ने भी मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की अगुवाई में अपने परिवेश के लिए लोगों को सजग बनाने की इस यात्रा को अनुष्ठान का दर्जा दिया है। नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान सीहोर, रायसेन और नरसिंहपुर जिले के अनेक लोगों से यात्रा के बारे में उनके अनुभव जानने का कार्य बहुत रूचिकर रहा। जहाँ किसान वर्ग नर्मदा मैया के संरक्षण को खेतों की सिंचाई की दृष्टि से अति उपयोगी मानता है, वहीं बाल्यावस्था और किशोरावस्था के लोगों के लिए नर्मदा जी डुबकी लगाकर खूब नहाने और आनंद लेने का माध्यम है। वैसे तो सभी लोग नर्मदा मैया के प्रति बहुत सम्मान का भाव रखते हैं लेकिन नर्मदा तट के ग्रामों की आम गृहिणियाँ धार्मिक आस्थाओं के कारण नर्मदा मैया को अधिक श्रद्धेय मानती हैं। सीहोर जिले के डॉ. जे.एस. चौहान, जिनका बचपन नर्मदा मैया की गोद में बीता, भोपाल में रहते हुए भी नर्मदा नहाने का कोई अवसर नहीं चूकते। नर्मदा यात्रा को वे अनूठी पहल मानते हैं। रायसेन के श्री वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि यह रायसेन जिले का सौभाग्य था, जो नर्मदा यात्रा जिले में नवरात्रि के नौ दिनों में बनी रही। उदयपुरा विकासखण्ड की राष्ट्रीय आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह की अनेक सदस्यों ने कलश यात्रा में हिस्सा लिया। इन महिलाओं ने नर्मदा यात्रा के यात्रियों का स्वागत किया। नरसिंहपुर के श्री विवेक जैन, श्री मनोज विश्वकर्मा और श्री राजेश दुबे ने बताया कि जिले के लोगों में यात्रा के प्रति स्वाभाविक उत्साह है। हर नागरिक चाहता है कि हमारी नदियाँ साफ रहें, सभी नगर और गाँव स्वच्छता अभियान का लाभ लें, हर कस्बे और गाँव में हरियाली बढ़े। साथ ही पेयजल और सिंचाई के लिए सभी जल-स्त्रोतों को उपयोगी बनाया जाए।
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7 April 2017खबर नई दिल्ली से अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में वयोवृद्ध भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ,उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी समेत अन्य आरोपियों पर केस चलता रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है। सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा कि केस लखनऊ में चल सकता है, लेकिन दो साल में सुनवाई पूरी हो जाए। इससे पहले गुरुवार को सीबीआई की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया कि लगभग 195 गवाहों को लखनऊ ट्रायल कोर्ट में पेश किया जा चुका है। लगभग 300 से ज्यादा लोगों की गवाही होनी बाकी है। वहीं रायबरेली कोर्ट में 57 गवाहों को पेश किया जा चुका है और 100 को पेश किया जाना है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को यह भी बताया कि 14 लोग, जिनमें कुछ भाजपा नेता हैं, लखनऊ कोर्ट से बरी हो चुके हैं, उन्हें भी लखनऊ कोर्ट में पेश किया जाना चाहिए। 1992 की घटना में आरोपियों के खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज हुई हैं। मामला अयोध्या ढांचा विध्वंस में साजिश का मुकदमा चलाने का है। सीबीआई ने एसएलपी दाखिल कर इन नेताओं सहित 11 लोगों को आरोपमुक्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के 20 मई 2010 के आदेश को चुनौती दी है। सीबीआई ने आडवाणी, जोशी, उमा भारती, कल्याण सिंह सहित उन सभी आरोपित नेताओं, जिनके खिलाफ रायबरेली की अदालत में मुकदमा चल रहा है, पर लखनऊ की विशेष अदालत में कारसेवकों के साथ संयुक्त ट्रायल चलाने की मांग की थी। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने सभी पक्षों को लिखित जवाब दाखिल करने की छूट दी थी।
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6 April 2017BJP का 38वां स्थापना दिवस, BJP मुख्यालय पहुंचे मोदी-शाह नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह बीजेपी मुख्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजलि दी. भारतीय जनता पार्टी आज अपना 38वां स्थापना दिवस मना रही है. स्थापना दिवस को देशभर के पार्टी कार्यकर्ता मना रहे हैं. इस बार यूपी में बीजेपी की शानदार जीत के बाद स्थापना दिवस और खास बन गया है.पीएम मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कार्यकर्ताओं को सेवा भाव से काम करने का मंत्र दिया. पार्टी दफ्तर में अमित शाह और नरेंद्र मोदी ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा कि बीजेपी 'सबका साथ सबका विकास' के एजेंडे पर काम कर रही है. उन्होंने कहा कि देश के अंतिम नगारिक का विकास हमारा लक्ष्य है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के स्थापना दिवस के मौके पर देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं को बधाई दी. पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा, ' मैं देशभर के बीजेपी कार्यकर्ताओं को स्थापना दिवस की बधाई देता हूं. हम गर्व से बीजेपी कार्यकर्ताओं की मेहनत को याद करते हैं जिन्होंने एक-एक ईंट से पार्टी की इमारत को खड़ा किया. हमारे लिए ये गर्व की बात है कि देशभर के लोगों ने बीजेपी पर विश्वास जताया. हम लगातार भारत, गरीब और पिछड़ों की सेवा करते रहेंगे.' आपातकाल के दौरान भारतीय जनसंघ और दूसरे राजनीतिक दलों ने महागठबंधन किया और जनता पार्टी का जन्म हुआ. जनता पार्टी ने तत्तकालनी प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नीतियों के खिलाफ चुनाव लड़ा और पार्टी को बड़ी जीत मिली. लेकिन जनता पार्टी में आंतरिक कलह पैदा हो गई और जनता पार्टी की सरकार अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर सकी. इसके बाद भारतीय जनसंघ जनता पार्टी से अलग हो गई. 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी के नाम से नई पार्टी का गठन हुआ. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पार्टी के पहले अध्यक्ष बने.
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6 April 2017उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को लखनऊ के KGMU हॉस्पिटल में नए वेंटिलेटर का लोकार्पण करने पहुंचे. यहां उन्होंने राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर देने की बात की. उन्होंने कहा कि सरकार यूपी में कम से कम 6 एम्स खोलेगी. साथ ही उन्होंने डॉक्टर्स को मरीजों के साथ नरमी बरतने और बाहर प्रैक्टिस न करने की हिदायत दी. बता दें कि लखनऊ में सीएम योगी ने 56 वेंटिलेटर का लोकार्पण किया. योगी ने कहा कि यूपी की पिछली सरकार ने गोरखपुर के अच्छे डॉक्टर्स को सैफई और कन्नौज भेज दिया. हम आखिरी शख्स तक पहुंचकर सबको मेडिकल सुविधा का लाभ देना चाहते हैं. गोरखपुर को अच्छे डॉक्टर्स की जगह बूचड़खाने दिए गए. योगी ने कहा कि यूपी में 5 लाख डॉक्टरों की जरुरत है. अंतिम व्यक्ति तक सुविधा पहुंचनी चाहिए. सरकारी डॉक्टर को निजी प्रैक्ट्रिस से बचना चाहिए. सच्ची संवेदना डॉक्टर की पहचान है. योगी ने कहा कि डॉक्टर्स का मरीजों के प्रति संवेदन होना जरुरी है. कोई अस्पताल नहीं है जहां जूनियर डॉक्टर और गरीब मरीजों में मारपीट न होती हो. जूनियर डॉक्टर झुंड बनाकर मरीजों पर टूट पड़ते हैं. सरकार कोई कानून बनाए, नियम बनाए उससे अच्छा है कि गांवों में जाकर लोगों का इलाज करें. हर शख्स सिफारिश करता है कि वह शहर में रहे, मेडिकल कॉलेज से पैसा लेकर प्राइवेट में जाकर प्रैक्टिस कर रहा है. सीएम ने कहा कि मैंने छोटा सा चिकित्सालय गोरखपुर में खोला है. 1800-4000 रुपए सीटी स्कैन का लिया जाता है जबकि मेरे यहां 400-600 में हो जाता है. सवा लाख से तीन लाख की वसूली होती है. इस देश का नागरिक अगर स्वस्थ्य होगा तो राष्ट्र निर्माण में भी अपनी भूमिका निभाएगा. यहां साल में करीब 15 लाख लोग ओपीडी में इलाज कराते हैं. 90 हजार से 1 लाख मरीज रहते हैं. पूर्वी यूपी यहां आता है. आप सबसे मेरी उम्मीद है, जो गरीब आता है वो विश्वास से आता है. उसके पास पैसा न हो, दुआ होती है. उसे जरूर लेना. पैसा किसी के साथ नहीं जाता, पर उसकी दुआ जरूर लगेगी.
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6 April 2017कांग्रेसी अब भी नहीं सुधरे तो उन्हें कोई नहीं बचा सकता गोवा विधानसभा में सबसे ज्यादा विधायक जीतने के बावजूद कांग्रेस के सरकार बनाने में असफल रहने के लिए पार्टी महासचिव एवं गोवा के प्रभारी दिग्विजय सिंह की भूमिका पर पार्टी के भीतर भी उंगलियां उठने लगी हैं। कांग्रेस मुख्यालय में कोई वरिष्ठ नेता इस बारे में खुलकर नहीं बोल रहा है लेकिन निजी तौर पर उनका मानना है कि विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद सरकार बनाने के लिए दिग्विजय की तरफ से कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए जिससे खिन्न होकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सेवियो रोड्रिज तथा विधायक विश्वजीत राने जैसों को पार्टी छोडऩे के लिए विवश होना पड़ा है। इधर जबलपुर में दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेसी यदि अब भी नहीं सुधरे तो उन्हें कोई बचा नहीं सकता. गोवा में सरकार न बना पाने की वजह से आलोचनाओं का सामना कर रहे सिंह ने कहा कि गोवा में सरकार में बनाने के लिए पैसों की थालियां खोल दी गयीं जो कांग्रेस नहीं कर पायी. दिग्विजय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी को जनता के बीच जाने और काम करने की जरूरत है. कांग्रेस में व्याप्त गुटबाजी के बारे में पूछे गये एक सवाल पर दिग्विजय ने यहां संवादाताओं से किसी का नाम लिये बिना कहा, ‘कांग्रेसी अब नहीं सुधरे तो उनको कोई नहीं बचा सकता. संगठन को ठेंगे पर रखने वालों और मनमानी करने वालों को जनता के बीच जाना होगा और काम करना होगा तथा पार्टी में सबका आदर, मान-सम्मान करना होगा.’ गोवा में कांग्रेस के सरकार बनाने में असफल रहने के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘सरकार बनाने के लिये पैसों की थलियां खोल दी गयी जो कि हम नहीं खोल पाये.’ पार्टी में गोवा मामलों के प्रभारी सिंह ने कहा कि उन पर आरोप लग रहे हैं कि वे गोवा घूमने गये थे, इसलिये कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाई. यदि वे घूमने गये होते और वहां मेहनत नहीं की होती तो कांग्रेस की छह सीट से बढ़कर 17 सीट नहीं होती. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश को आजाद करने के लिए आजादी की लड़ाई लड़ी और अब आम जनता को मूलभूत सुविधाएं दिलाने के लिये कांग्रेस लड़ाई लड़ेगी.
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5 April 2017बुधवार को राज्यसभा में ईवीएम छेड़छाड़ मुद्दे को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ. विपक्ष ने सरकार पर ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया जिस पर जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि बिहार और दिल्ली जीते तब ईवीएम अच्छी थी और अब बुरी हो गई. उन्होंने कहा कि विपक्ष को अपनी हार स्वीकार करनी चाहिए. नकवी ने कहा कि विपक्ष ऐसा नहीं करके जनादेश का अपमान कर रही है. उन्होंने कहा कि ईवीएम पर आरोप लगाकर विपक्ष जनता का अपमान कर रही है. बुधवार को जोरदार हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही साढ़े 11 बजे तक स्थगित कर दी गई. गौर हो कि यूपी विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने सबसे पहले ईवीएम छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया था. उनके इस मुद्दे का यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी समर्थन किया था. बीएसपी सुप्रीमो मायावती का समर्थन करते हुए कांग्रेस ने भी ईवीएम मशीनों पर पूरी तरह से रोक लगाने की मांग की है. दूसरी तरफ सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि मायावती हार के बाद जनता का अपमान ना करे. मायावती ने मध्य प्रदेश के भिंड में ईवीएम मशीन के मुद्दे को उठाया जिसके बाद कांग्रेस ने भी इसका समर्थन कर दिया. सदन में इस हंगामे के बाद कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया. गौर हो कि बुधवार को ही राज्यसभा में जीएसटी बिल पेश होना है.
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5 April 2017अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा कि गौमांस को लेकर देश में दो समुदायों के बीच पनप रहे वैमनस्य को रोकने के लिए सरकार को सभी तरह के गौवंश के वध और इनके मांस की बिक्री पर प्रतिबंध कर देना चाहिए। साथ ही मुसलमान को भी इनके वध से खुद को दूर रहकर इसके सेवन को त्यागने की पहल करनी चाहिए। उन्होने तीन तलाक को भी गलत बताते हुए कहा कि इसे शरीयत ने नापसंद किया है। मुसलमान इस प्रक्रिया में शरीयत की नाफरमानी से बचें। दरगाह दीवान ख्वाजा के 805 वें उर्स में पंरपरागत रूप से आयोजित होने वाली महफिल के बाद वार्षिक सभा में देश के विभिन्न दरगाहों के सज्जादगान, सूफियों, एवं धर्म प्रमुखों, को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गौवश की प्रजातियों के मांस को लेकर मुल्क में सैकड़ों साल से जिस गंगा-जमुनी तहजीब से हिन्दू और मुसलमानों के बीच भाईचारे के माहौल को ठेस पहुंची है। उन्होने कहा कि इस सद्भावना को फिर से बहाल करने के लिए मुसलमानों को विवाद की जड़ को ही खत्म करने की पहल करते हुऐ गौमांस के सेवन को त्याग देना चाहिए। उन्होने कहा कि उनके पूर्वज ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती ने देश की संस्कृति को इस्लाम के नियमों के साथ अपना कर अमन और मानव सेवा के लिए जीवन समर्पित किया। उसी तहजीब को बचाने के लिए गरीब नवाज के 805 उर्स के मौके पर मैं और मेरा परिवार गौमांस के सेवन को त्यागने की घोषणा करता हूं। दरगाह दीवान ने गुजरात में गाय के वध पर उम्रकैद की सजा के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि केन्द्र सरकार को पूरे देश में गौवंश की सभी प्रजातियों के संरक्षण के लिए यह कानून पूरे देश में लागू करना चाहिए और गाय को राष्ट्रीय पशु की घोषित कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर उद्देश्य सिर्फ गाय को बचाना है क्योंकि वो हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है तो ये सिर्फ सरकार का नहीं बल्कि हर धर्म को मानने वाले का कर्तव्य है कि वो अपने धर्म के बताऐ रास्ते पर चलकर इनकी रक्षा करे। उन्होने कहा कि मैं यह अपील करना चाहता हूं कि किसी भी तरह का जानवर नहीं काटा जाना चाहिए। दरगाह दीवान ने इस्लामी शरीयत के हवाले से कहा कि इस्लाम में शादी दो व्यक्तियों के बीच एक सामाजिक करार माना गया है। इस करार की साफ-साफ शर्तें निकाहनामा में दर्ज होनी चाहिए। कुरान में तलाक को अति अवांछनीय बताया गया है। दरगाह दीवान ने कहा कि एक बार में तीन तलाक का तरीका आज के समय में अप्रासंगिक ही नहीं, खुद पवित्र कुरान की भावनाओं के विपरीत भी है। जब निकाह लड़के और लड़की दोनों की रजामंदी से होता है, तो तलाक मामले में कम से कम स्त्री के साथ विस्तृत संवाद भी निश्चित तौर पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि निकाह जब दोनों के परिवारों की उपस्थिति में होता है तो तलाक एकांत में क्यों? उन्होने कहा कि पैगंबर हजरत मुहम्मद ने कहा था कि अल्लाह को तलाक सख्त नापसंद है। कुरान की आयतों में साफ दर्शाया गया है कि अगर तलाक होना ही हो तो उसका तरीका हमेशा न्यायिक एवं शरअी हो। समाधान की कोशिश कम से कम 90 दिन चले। दरगाह दीवान ने कहा कि कुरान में तलाक के मामले में भी इतनी बंदिशें लगाईं गई हैं कि अपनी बीवी को तलाक देने के पहले मर्दों को सौ बार सोचना पड़े। कुरान में तलाक को न करने लायक काम बताते हुए इसकी प्रक्रिया को कठिन बनाया गया है। कुरान कहता है कि तीनों तलाक कहने के लिए एक-एक महीने का वक्त लिया जाना चाहिए। कुरान एक बार में तीन तलाक कहने की परंपरा को जायज नहीं मानता है। गैर शरअी तलाक प्रक्रिया महिलाओं के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाली है।
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4 April 2017देश में बूचडख़ानों और गोहत्या पर बहस के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है। संजय राउत ने कहा कि गोहत्या पर पाबंदी को लेकर देशभर में एक ही कानून होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूपी, गुजरात, महाराष्ट्र में इसको लेकर एक कानून और गोवा समेत पूर्वी राज्यों में अलग है ये दोहरी नीति नहीं चलेगी। संजय राउत ने कहा कि भारत मांस निर्यात के मामले में सबसे बड़ा देश है। गाय का मांस भी निर्यात हो रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि ये क्यों हो रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि यूपी में गोमांस का जो खुलासा हुआ है उसपर सरकार को जवाब देना चाहिए। भारत के 29 में से 10 राज्य ऐसे हैं जहां गाय, बछड़ा, बैल, सांड और भैंस को काटने और उनका गोश्त खाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है. बाकि 18 राज्यों में गो-हत्या पर पूरी या आंशिक रोक है। गो-हत्या पर 11 राज्यों में रोक है जिनमें से भारत प्रशासित कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महराष्ट्र, छत्तीसगढ़, और 2 केन्द्र प्रशासित राज्यों - दिल्ली, चंडीगढ़ में लागू है। केरल, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम और एक केंद्र शासित राज्य लक्षद्वीप में गो-हत्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
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4 April 2017राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को जयपुर की अदालत में इंद्रेश कुमार और साध्वी प्रज्ञा के खिलाफ सप्लीमेंट्री फाइनल रिपोर्ट दाखिल की है। इस रिपोर्ट में एनआईए ने कहा, इन दोनों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है। कोर्ट एनआईए की रिपोर्ट पर 17 अप्रैल को फैसला सुनाएगी। जयपुर की कोर्ट ने इस मामले में एनआईए से पूछा कि अब तक फरार चल रहे चार अन्य आरोपियों की संपत्ति का ब्यौरा क्यों दाखिल नहीं किया गया है। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 17 अप्रैल को करेगा। कोर्ट में एनआईए ने बताया कि साध्वी और इंद्रेश के खिलाफ कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है जिसकी बिनाह पर मामले की जांच को आगे बढ़ाया जा सके। वहीं दो अन्य आरोपियों की मौत हो चुकी है। आपको बता दें कि जयपुर के स्पेशल कोर्ट ने अजमेर बम विस्फोट कांड में असीमानंद समेत सात आरोपियों को बरी कर दिया था, जबकि दोषी पाए गए भवेश पटेल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता देवेंद्र गुप्ता और को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। गौरतलब है कि 11 अक्टूबर 2007 को दरगाह परिसर में हुए बम विस्फोट में तीन जायरीन मारे गए थे और 15 जायरीन घायल हो गए थे। विस्फोट के बाद पुलिस को तलाशी के दौरान एक और लावारिस बैग मिला था जिसमें बम के साथ टाइमर लगा था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओेर से 149 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए, लेकिन अदालत में गवाही के दौरान 24 से अधिक गवाह अपने बयानों से मुकर गए थे। बचाव पक्ष की ओर से दो गवाह पेश किए गए। इस मामले में 8 आरोपी 2010 से न्यायिक हिरासत में है। एक आरोपी रमेश गोविल को जमानत मिलने के बाद मौत हो गई थी, जबकि एक और आरोपी सुनील जोशी की दिसम्बर 2007 में मध्य प्रदेश में हत्या हो गई थी।
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4 April 2017प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के 150 वीं एनिवर्सरी प्रोग्राम में शिरकत की। प्रोग्राम में डिप्टी सीएम केशव मौर्या, चीफ जस्टिस जीएस खेहर और यूपी के गवर्नर राम नाइक भी शामिल हुए। मोदी ने कहा, "मोबाइल SMS से तारीख मिलने की सुविधा मिलनी चाहिए। जेल को कोर्ट से जोड़ने से काफी फायदा होगा। जेल से कैदियों को लाने-ले जाने में काफी समय लगता है। मोदी ने कहा, "150 साल इस समारोह का आज समापन हो रहा है। लेकिन साल भर चला ये समारोह समापन के साथ नई ऊर्जा, नई प्रेरणा, नए संकल्प और नए भारत के सपने को पूरा करने की ताकत बन सकता है।"भारत के न्याय विश्व में इलाहाबाद का 150 साल पुराना तीर्थक्षेत्र है। यहां आने को मैं अपना गौरव मानता हूं। चीफ जस्टिस साहब अपना अनुभव सुना रहे थे, मैं मन से सुन रहा था।मुझे यकीन है कि उनके संकल्प पूरे होंगे। जहां तक सरकार का सवाल है, जिस संकल्प को आप प्रेरित कर रहे हैं, हम उसे पूरा करने का प्रयास करेंगे।" मोदी ने कहा जब इलाहाबाद कोर्ट के 100 साल हुए थे, तब राष्ट्रपति राधाकृष्णन यहां आए थे। उन्होंने कहा था-कानून एक ऐसी चीज है, जो लगातार बदलती रहती है। कानून लोगों के स्वभाव और पारंपरिक मूल्यों के अनुकूल होना चाहिए। कानून को चुनौतियों का ध्यान रखना चाहिए। किस तरह की जिंदगी हम गुजारना चाहते हैं, कानून का क्या कहना है। कानून का लक्ष्य है- हर नागरिक का कल्याण। केवल अमीर का ही नहीं। इसे ही पूरा किया जाना चाहिए।गांधीजी कहते थे कि हम कोई भी निर्णय करें तो इसकी कसौटी क्या हो। वे कहते थे कि अगर फैसला लेने में दुविधा हो तो सोचिए कि आखिरी छोर पर बैठे शख्स पर इसका असर क्या होगा। आप सही फैसला ले पाएंगे।" मोदी ने कहा, "गांधीजी ने आजादी के वक्त लोगों की उनकी क्षमता के हिसाब से ढाल दिया था। वकीलों का भी इसमें योगदान रहा है। गांधीजी ने आजादी का जज्बा जगाया। 2022 में आजादी के 75 साल हो रहे हैं। क्या इलाहाबाद से देश को प्रेरणा मिल सकती है। क्या हम कोई रोडमैप तय कर सकते हैं। मुझे नहीं लगता कि लोग ऐसा नहीं कर सकते। 2022 में हम गांधीजी-राधाकृष्णन के मूल्यों पर देश को आगे ले जा सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि देश के सवा सौ करोड़ लोगों का सपना देश को सवा सौ करोड़ कदम आगे ले जा सकता है।" प्रधानमंत्री मोदी ने कहा पहले मैंने कहा था- कि मुझे ये तो नहीं पता कि कितने कानून बनाऊंगा लेकिन रोज एक कानून खत्म करूंगा। अब तक 1200 कानून खत्म कर दिए हैं। उन्होंने कहा टेक्नोलॉजी से जीवन आसान हो गया है। कौन से केस में क्या फैसला हुआ, गूगल गुरु में सब देखा जा सकता है।मोबाइल SMS से तारीख मिलने की सुविधा मिलनी चाहिए। जेल को कोर्ट से जोड़ने से काफी फायदा होगा। जेल से कैदियों को लाने-ले जाने में काफी समय लगता है। योगी जी आए हैं, उम्मीद है इस दिशा में कुछ करेंगे। यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने कहा, "कानून शासकों का भी शासक होता है। उससे ऊपर कोई नहीं है।न्यायपालिका की भूमिका अहम है। न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच शक्तियों का अलग होना जरूरी है। न्याय, न्याय प्रक्रिया पर विद्वानों का चिंतन हमारा मार्गदर्शन करने में सक्षम है। हमेशा से न्यायपालिका, विधायिका एक-दूसरे के पूरक रहे हैं।ये गौरव का विषय है कि मनीषियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हमेशा मार्गदर्शन किया है। माननीय न्यायपालिका ने ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए जिन्होंने देश की दिशा बदली। इलाहाबाद हाईकोर्ट में 9 लाख मामले हैं। जब कोर्ट की स्थापना हुई थी तो 6 जज थे। अब यहां 160 जज हैं।
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2 April 2017पाकिस्तान में एक मस्जिद के संरक्षक ने कत्लेआम मचाते हुए 19 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। घटना कराची के पास सरगोधा की है जहां संरक्षक ने चाकू की मदद से मस्जिद में आए लोगों पर हमला करते हुए उनकी जान ले ली। सरगोधा के डिप्टी कमिश्नर लियाकत अली चट्टा ने दावा किया कि संरक्षक अब्दुल वाहीद ने चाकू और दूसरे धारदार हथियार से हमला कर दिया। चट्टा ने आगे कहा कि हमलावर दिमागी रूप से विक्षिप्त है। डिप्टी कमिश्नर के अनुसार घटना की पहली जानकारी तब मिली जब एक घायल महिला को जिला अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया। महिला उन तीन लोगों में से एक थी जो किसी तरह वहां से बचकर निकलने में कामयाब रहे। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार किया।
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2 April 2017ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने 'गौ-माता' के बचाव को लेकर चलाए जा रहे अभियान पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा। यूपी में अवैध बूचडख़ानों और गौ-तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाने के आदेश पर ओवैसी ने कहा कि भाजपा का पाखंड यह है कि उत्तर प्रदेश में गाय उसकी ‘मम्मी’ है लेकिन नॉर्थ ईस्ट में वह ‘यम्मी’ है। यूपी के सीएम बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने पुलिस को गौ-तस्करी को पूरी तरह से रोकने और अवैध बूचडख़ानों को बंद करने का एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद से यूपी में अवैध बूचडख़ानों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने नार्थ ईस्ट राज्यों में आगामी चुनाव को लेकर बीफ बैन न करने का ऐलान किया है जिस पर ओवैसी ने निशाना साधा। भाजपा ने ऐलान किया कि अगर नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में वह सत्ता में आएगी तो बीफ बैन नहीं करेगी। नॉर्थ ईस्ट के 3 राज्यों में अगले साल चुनाव होने हैं। नॉर्थ ईस्ट में रहने वाले ज्यादातर लोग ईसाई धर्म को मानते हैं और वहां बीफ ज्यादा खाया जाता है। मेघालय, मिजोरम और नागालैंड में ईसाईयों की संख्या बहुत ज्यादा है और वे सभी लोग बीफ खाते हैं। नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में से मेघालय और मिजोरम में कांग्रेस की सरकार है। वहीं नागालैंड में भाजपा ने गठबंधन के साथ सरकार बनाई हुई है।
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1 April 2017पाकिस्तान के परचिनार में एक जबरदस्त धमाके में 5 लोगों की मौत हो गई है जबकि 30 से ज्यादा घायल हो गए हैं। धमाके के बाद सभी घायलों का पास के अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार धमाका परचिनार के खुर्रम एजेंसी में हुआ है जो अफगानिस्तान सीमा पर बसा है और आतंकी गतिविधियों के मामले में बेहद संवेदनशील माना जाता है। धमाके के बाद इलाके के पुलिस ने घेर लिया है और जांच शुरू कर दी है। इससे पहले 21 जनवरी को हुए इसी तरह के धमाके में 25 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 65 घायल हो गए थे।
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31 March 2017सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि विवाद में सुब्रमण्यम स्वामी को झटका देते हुए मामले में जल्द सुनवाई से इन्कार कर दिया है। अदालत ने कहा है कि इस मामले में जल्द सुनवाई संभव नहीं है। बता दें कि भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अदालत में जल्द सुनवाई के लिए 21 मार्च को अर्जी दी थी। हालांकि उनकी अर्जी के खिलाफ मामले में एक पक्ष रहे हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी ने कोर्ट को चिट्ठी लिखी है कि स्वामी इस मामले में पक्ष नहीं हैं। स्वामी की अर्जी पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें नहीं पता नहीं था कि आप इस केस में पार्टी नहीं हैं। इस केस की सुनवाई जल्द नहीं की जा सकती। इस केस में आपका लोकस स्टैंडी क्या है। हमारे पास आपकी बात सुनने का वक्त नहीं है।कोर्ट की टिप्पणी के बाद स्वामी ने ट्वीट कर लिखा है कि अब मैं दूसरे रास्ता अपनाऊंगा। 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस विवाद का समाधान दोनों पक्ष आपसी सहमति से कोर्ट के बाहर निकालें। अगर जरूरत हुई तो अदालत इसमें हस्तक्षेप करेगी। अदलात की इस टिप्पणी के बाद मुस्लिम पक्ष अदालत के बाहर समाधान के पक्ष में नहीं है। इस बीच इकबाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव को पत्र लिखा है कि भाजपा सांसद मुख्य न्यायाधिश के सामने इस मामले का उल्लेख करते हैं यहां तक कि उनके पिता की तरफ से पेश वकील को भी इसकी जानकारी नहीं देते। इकबाल का कहना है कि स्वामी इस मामले में पक्ष नहीं है और उनका इससे कुछ लेना-देना नहीं है। मुद्दे पर फैसला सबूतों के आधार पर होना चाहिए।
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31 March 2017भोपाल में मार्च में गर्मी का रिकॉर्ड 21 साल बाद टूटा है।पिछले 24घंटे में अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे पहले 1996 में 29 मार्च को दिन का तापमान 40.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। मौसम केंद्र के पूर्व डायरेक्टर और मौसम विशेषज्ञ डीपी दुबे के अनुसार, भोपाल में ऑब्जर्वेटरी की स्थापना 1936 में हुई थी। तब से मार्च में कभी भी दिन का तापमान इतना नहीं रहा। उधर, भोपाल जिले में सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों का संचालन 1 अप्रैल से अब दोपहर 12 बजे के बाद नहीं होगा। बच्चों को एक्सट्रा क्लासेज, लैब कार्य और कंप्यूटर एजुकेशन या किसी भी प्रकार के एसाइनमेंट के लिए भी दोपहर 12 बजे के बाद नहीं रोका जाएगा। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेश जारी कर दिए गए हैं। उधर, मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश का मौसम शुष्क रहा है। भोपाल संभाग को छोड़कर बाकी प्रदेश में कई स्थानों पर मध्यम से तीव्र लू का प्रभाव रहा। सीधी, टीकमगढ़, शाजापुर, शिवपुरी मुरैना जिलों में रातें गर्म रही। दिन के अधिकतम तापमान और रात के न्यूनतम तापमानों में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। भोपाल संभाग के जिलों में अधिकतम तापमान सामान्य से काफी अधिक रहे। मौसम विभाग ने आगामी 24 घंटों में भोपाल जिले में कुछ स्थानों पर लू की चेतावनी दी है।होशंगाबाद में सबसे ज्यादा 42.9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। जबकि खजुराहो में 42.6 और खरगोन, रतलाम, दमोह व नौगांव में अधिकतम तापमान 42.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज रहा। मौसम केंद्र के पूर्व डायरेक्टर व मौसम विशेषज्ञ डीपी दुबे ने बताया जिस वजह से तापमान बढ़ा हुआ था, वह अब महाराष्ट्र की तरफ शिफ्ट हो गया है। इस वजह से आने वाले दिनों में तापमान कमी हो सकता है।
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31 March 2017जबलपुर से हजरत निजामुद्दीन जा रही 12189 महाकौशल एक्सप्रेस गुरुवार को रात करीब सवा दो बजे महोबा के सूपा और कुलपहाड़ के बीच दुर्घटनाग्रस्त हो गई। ट्रेन के चार एसी कोच पलट गए और तीन जनरल कोच पटरी से उतर गए। इसमें गार्ड कोच भी शामिल है। दुर्घटना से करीब 200 मीटर रेल पटरी पूरी तरह उखड़ गई, पटरी का बड़ा हिस्सा करीब 200 मीटर दूर जाकर गिरा। दुर्घटना में 150 से ज्यादा यात्री घायल हुए जिसमें से 6 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। सीएम ने सिद्धार्थनाथ सिंह से घटनास्थल पर जाने के आदेश दिए हैं। जंगल के बीच अंधेरे में दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन में फंसे यात्री बचाव के लिए चिल्लाते रहे लेकिन उनको राहत चार बजे के बाद मिल पायी जब महोबा के स्थानीय अधिकारी वहां पहुंचना शुरू हुए। पुलिस ने पलटे एसी कोचों के अंदर फंसे यात्रियों को बाहर निकालना शुरू किया, करीब पांच बजे और अफसरों और आसपास जिलों की पुलिस पहुंचने के बाद यात्रियों को निकालने का काम तेजी से शुरू हुआ। बसों से यात्रियों के महोबा जिला अस्पताल और झांसी भेजा गया। बांदा के डीआईजी ने मौके पर पहुंच कर राहत कार्य की कमान संभाली, साथ ही झांसी से रेलवे की विशेष राहत टीम रवाना की गई। स्वास्थ्य महकमे के अफसरों को मौके पर बुला लिया गया और रेलवे अफसरों ने कमान संभाल ली। प्रारम्भिक जांच में दुर्घटना का कारण पटरी चटका होना बताया जा रहा है। जहां पर दुर्घटना हुई वहां अंडरपास बनाने का काम चल रहा था, माना जा रहा है कि इस काम की वजह से भी पटरी चटक सकती है। चालक से अफसरों ने पूछा तो उसने कहा उसको पटरी चटकी होने या कोई गड़बड़ी का अहसास नहीं हुआ। अचानक तेज आवाज आयी और पीछे के कोच दुर्घटनाग्रस्त हो गए। आवाज के साथ ही उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाए जिससे ट्रेन वहीं रुक गई। झांसी-मानिकपुर रेल यातायात ठप दुर्घटना से झांसी-मानिकपुर के बीच रेल यातायात एकदम बंद हो गया। इस रूट की ट्रेनें जहां की तहां खड़ी हो गईं। एक पसेंजर ट्रेन को कुलपहाड़ स्टेशन पर रोका गया, उसके यात्री बसों व अन्य साधनों से अपने गंतव्य को गए। झांसी-बांदा और झांसी-इलाहाबाद पैसेंजर को रद्द कर दिया गया है। बुंदेलखण्ड एक्प्रेस, संपर्क क्राति, चमंबल एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों को डायवर्ड किया गया गया है। हेल्पलाइन नंबर झांसी: 0510-1072 ग्वालियर: 0751-1072 बांदा: 05192-1072 नई दिल्ली रेलवे स्टेशन: 22623 नई दिल्ली पीएनटी: 011-23341072, 011-23341074, 011-23342954 हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन: 72510, 72389 हजरत निजामुद्दीन पीएनटी: 011-२४३५९७४८ दुर्घटना में घायल 46 यात्रियों को महोबा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनका यहीं इलाज चल रही है। इनमें से 5-6 गंभीर बताए जा रहे हैं। सात बसों से बाकी यात्रियों को झांसी भेजा गया जिनको विभिन्न ट्रेनों से उनके गंतव्य तक भेजा जाएगा। इनमें भी कई यात्रियों को चोटें चोटें हैं लेकिन दहशत के कारण इलाज के बजाय वे जल्द से जल्द घर पहुंचना चाहते हैं।
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30 March 2017मध्यप्रदेश के सिवनी के पेंच टाइगर रिजर्व मोगलीलैंड से 17 चीतल को बोमा पद्धति से पकड़कर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में विशेष वाहन से स्थानांतरित किया गया है। महादेव घाट से पकड़े गये चीतलों में 16 मादा और एक नर है, जिन्हें पचमढ़ी के मटकुली परिक्षेत्र में सफलता से छोड़ा गया है। चीतल नये माहौल में सामंजस्य स्थापित कर रहे हैं। क्षेत्र संचालक पेंच टाइगर रिजर्व श्री शुभरंजन सेन ने बताया कि पेंच टाइगर रिजर्व से 1000 चीतल की शिफ्टिंग सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में की जानी है, ताकि वहाँ चीतलों की कमी दूर हो और मांसाहारी प्राणियों को भरपूर खाना मिले। अब तक 35 चीतल शिफ्ट किये जा चुके हैं।
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29 March 2017अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर उन्हें हाल के विधानसभा चुनाव में मिली जीत पर बधाई दी. व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने संवाददाताओं को बताया कि ट्रंप ने फोन पर मोदी और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल को चुनावों में उनकी जीत पर बधाई दी है. स्पाइसर ने कहा,'राष्ट्रपति ने सुबह जर्मन चांसलर मर्केल और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके उन्हें उनके दलों की चुनावी जीत पर बधाई दी. हाल में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए थे जिनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में बीजेपी की सरकार बनी है. पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनी है. नोटबंदी के फैसले के बाद पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव को मोदी की लोकप्रियता पर जनमत संग्रह के रूप में देखा जा रहा था. यहां यह गौरतलब है कि अभी तक पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात नहीं हुई है. लेकिन अपने चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप लगातार भारतीय समुदाय और पीएम मोदी की तारीफ कर चुके हैं. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से पीएम मोदी के रिश्ते काफी अच्छे थे.
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28 March 2017उत्तर प्रदेश मे अवैध बूचड़खानों पर योगी सरकार की कार्रवाई पर समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान ने सोमवार को देश भर में गायों सहित अन्य जानवरों के काटे जाने पर रोक लगाने की मांग की. सपा नेता ने मुस्लिम समुदाय को मीट न खाने की सलाह भी दी है. देश में कानूनों में समानता पर बल देते हुए खान ने कहा, 'देश भर में गायों के काटे जाने पर प्रतिबंध होना चाहिए. ऐसा क्यों है कि यह केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में कानूनी है और अन्य राज्यों में गैर-कानूनी है.' राज्य में वैध बूचड़खानों के चलने की अनुमति दिए जाने पर उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए खान ने कहा, 'इसका मतलब यह है कि यदि जानवर वैध कसाईखानों में काटे जाते हैं तो यह ठीक है लेकिन यही जानवर यदि अवैध बूचड़खानों में काटे जाते हैं तो यह गलत है.' गौरतलब है कि अवैध बूचड़खानों पर लगी रोक के खिलाफ यूपी के मीट कारोबारी अनिश्चित हड़ताल पर चले गए हैं. जबकि राज्य सरकार का कहना है कि वह केवल अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई कर रही है. खान ने कहा, 'यह वैध, अवैध की चीजें बंद होनी चाहिए. सभी बूचड़खाने बंद होने चाहिए. किसी भी जानवर को नहीं काटा जाना चाहिए.' खान ने जैन समुदाय का हवाला भी दिया जो चिकन और बकरे के काटे जाने की भी मनाही करता है. सपा नेता मुस्लिमों को मीट न खाने की सलाह भी दी है. खान ने कहा, 'इस्लाम में मीट खाना अनिवार्य नहीं किया गया है. उलेमाओं को लोगों से अपील करनी चाहिए कि वे मीट न खाएं.'
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27 March 2017भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से बातचीत शुरू हो सकती है। दरअसल भारत अप्रैल में इंडियन कोस्ट गार्ड और पाकिस्तान मरीटाइम सिक्यॉरिटी एजेंसी (PMSA) के बीच बैठक की अगुवाई करने के लिए तैयार है। यह बैठक भारत में ही होगी। इससे पहले इन दोनों देशों के बीच बैठक पिछले साल जुलाई में हुई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत-पाक की यह बैठक 15 अप्रैल के आसपास हो सकती है। बता दें कि पठानकोट हमले के बाद दोनों देशों में जांच के लिए जब सहमति बनी थी, तब इंडियन कोस्ट गार्ड ने पाकिस्तान का दौरा किया था। हालांकि इसके बाद लगातार बॉर्डर पर गोलीबारी और उरी हमले के बाद दोनों देशों में बातचीत काफी हद तक बंद हो गई थी। उरी हमले के बाद यह पहला मौका होगा, जब किसी बड़े स्तर पर दोनों पक्ष आमने-सामने होंगे। गौरतलब है कि इंडियन कोस्ट गार्ड और पाकिस्तान मरीटाइम सिक्यॉरिटी एजेंसी के बीच 2005 में एक समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों देश एक दूसरे को अवैध जहाजों, सामुद्रिक प्रदूषण व प्राकृतिक आपदाओं से जुड़ी जानकारियां साझा करेंगे। 2016 में इस समझौते को 5 वर्षों के लिए बढ़ाया गया था। उम्मीद की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच जून में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन के दौरान मुलाकात हो सकती है। मोदी ने पिछले हफ्ते नवाज शरीफ को चिट्ठी लिखकर कहा था कि भारत भय और आतंकमुक्त माहौल में पाकिस्तान के साध दोस्ताना संबंध चाहता है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों के बीच एक बार फिर रिश्ते सामान्य हो सकते हैं।
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27 March 2017शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रात्रि भोज के लिए आमंत्रित किया गया है। अगले हफ्ते होने वाले इस डिनर में मोदी राजग के सहयोगी दलों के साथ मिलकर आगामी राष्ट्रपति चुनाव के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। शिवसेना के सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी ने राजग के घटक दलों के साथ बैठक के लिए गुडी पड़वा के बाद का समय निर्धारित किया है। संभवतः यह बैठक 29 मार्च को होगी। उद्धव ठाकरे भी इस बैठक में मौजूद रहेंगे। इस बीच, भाजपा के एक केंद्रीय नेता ने दावा किया है कि पार्टी के वरिष्ठतम नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और झारखंड के राज्यपाल द्रोपदी मुरमू के नाम अगले राष्ट्रपति के नाम के लिए सबसे आगे चल रहे हैं। शिवसेना के सूत्रों का कहना है कि लोकसभा में भाजपा का बहुमत होने और कई राज्यों में सरकार होने के बावजूद भाजपा नहीं चाहती कि कोई भी घटक दल उनसे इस मुद्दे पर कोई शिकायत करे। इसलिए पीएम मोदी अपने यहां भोज करा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 25 जुलाई, 2012 को पदभार संभाला था। इसलिए अगले राष्ट्रपति को 25 जुलाई से पहले ही चुन लिया जाना है।
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26 March 2017राष्ट्रपति भवन अपनी स्थापना के 85 साल पूरे कर चुका है. विरासत स्थल का दर्जा मिलने के बाद पहली बार राष्ट्रपति भवन में ‘हेरिटेज कंजर्वेशन प्लान (विरासत संरक्षण योजना)’ के तहत काम शुरू किया गया है. इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (इंटेक) की निगरानी में केन्द्रीय लोकनिर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) संरक्षण योजना को मूर्त रूप देगा. परियोजना से जुड़े इंटेक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भवनों के संरक्षण से पहले होने वाला सर्वेक्षण आईआईटी रूड़की द्वारा किया जा रहा है. सर्वेक्षण में अत्याधुनिक 3D लेजर स्कैनिंग तकनीक से यह पता लगाया जा रहा है कि राष्ट्रपति भवन के किस हिस्से में संरक्षण का क्या और कितना काम किया जाना है. दुनिया भर में ऐतिहासिक महत्व के विरासत स्थलों में संरक्षण कार्य की रूपरेखा 3D लेजर स्कैनिंग की मदद से ही तय की जाती है. इसमें वक्त के थपेड़ों से इमारत में आयी अतिसूक्ष्म दरार और क्षरण का बिल्कुल सटीक पता चल जाता है. परियोजना की शुरूआत साल 2013 में राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा सीपीडब्ल्यूडी के मार्फत इंटेक से राष्ट्रपति भवन की संरक्षण योजना बनाने का अनुरोध करने के साथ हुई थी. विरासत स्थलों के संरक्षण के लिए प्रचलित अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक इंटेक ने समूचे परिसर की दो चरणों में पूरी होने वाली संरक्षण योजना को सीपीडब्ल्यूडी को साल 2015 में सौंप दिया था. इस पर काम शुरू करने की मंजूरी मिलते ही कार्ययोजना के मुताबिक 330 एकड़ में फैले समूचे राष्ट्रपति भवन परिसर के बाहरी हिस्से में पहले चरण का संरक्षण कार्य पिछले साल शुरू किया गया. यह प्रेसीडेंट इस्टेट का वह हिस्सा है जिसमें राष्ट्रपति सचिवालय, कुछ ब्रिटिशकालीन बैरक, बंगले और आजादी के बाद निर्मित कर्मचारी आवासीय परिसर शामिल हैं. अधिकारी ने बताया कि इस हिस्से में अधिकांश नई इमारतें होने के कारण इनकी 3D लेजर स्कैनिंग नहीं करानी पड़ी लिहाजा बाहरी हिस्से का संरक्षण कार्य एक साल में पूरा हो गया. दूसरे चरण में राष्ट्रपति भवन की मुख्य इमारत का संरक्षण कार्य किया जाएगा. इस हिस्से में ऐतिहासिक महत्व की 70 चिह्नित इमारतों की 3D लेजर स्कैनिंग सर्वेक्षण रिपोर्ट आईआईटी रूड़की से 31 मार्च तक मिलने की उम्मीद है. सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर इंटेक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर सीपीडब्ल्यूडी को सौंपेगी. इसमें परियोजना की लागत और समय का जिक्र होगा. डीपीआर के मुताबिक संरक्षण का काम इंटेक की निगरानी में सीपीडब्ल्यूडी पूरा करेगा. पुरातत्व कानून के मुताबिक 100 साल पुरानी इमारत को ‘विरासत स्थल’ का दर्जा मिल जाता है. इसके साथ ही इन इमारतों की देखरेख का काम पुरातत्व विभाग के हाथ में आ जाता है लेकिन हाल ही में इंटेक के सुझाव पर भारत सरकार ने 1947 के पहले निर्मित सभी इमारतों को विरासत भवन की श्रेणी में सूचीबद्ध कर दिया है. इस तरह दिसंबर 1929 में निर्मित राष्ट्रपति भवन भी विरासत भवन की श्रेणी में आ गया. इसलिए इसके संरक्षण कार्य की जरूरत महसूस की गई. इस पहल की अहम बात यह है कि राष्ट्रपति भवन का कंजर्वेशन प्लान भी संरक्षित योजना के दायरे में होगा जिससे भविष्य में भी राष्ट्रपति भवन के संरक्षण में कंजर्वेशन प्लान का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो सके. इससे इस ऐतिहासिक इमारत का लंबे समय तक विरासत महत्व बरकरार रखा जा सकेगा.
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25 March 2017एयर इंडिया के विमान में एक अधिकारी से मारपीट करने वाले शिवसेना सांसद रविंद्र गायकवाड़ को अपनी शर्मनाक हरकत के लिए चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस ने आरोपी सांसद को ब्लैक लिस्ट कर दिया है। गायकवाड़ एयर इंडिया की ब्लैक लिस्ट में शामिल होने वाले पहले व्यक्ति हैं। इसके अलावा रवींद्र गायकवाड़ के खिलाफ दिल्ली के एयरपोर्ट थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। ऐसे में अब जल्द ही शिवसेवा सांसद की गिरफ्तारी हो सकती है। इस बीच पीडि़त एआई कर्मचारी सुकुमार ने कहा है कि वह डरे हुए नहीं हैं। वह हर रोज लोगों को डील करते हैं और कई बार लोग नाराज भी होते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने शिवसेना के सांसद से विमान की सफाई होने तक विमान से उतरने का आग्रह किया था। इस बीच जानकारी मिली है कि इंडिगो एयरलाइंस ने भी सांसद रवींद्र गायकवाड़ का आज का टिकट रद्द कर दिया है। चार निजी एयरलाइन कंपनियों ने इस मामले में एयर इंडिया का साथ देते हुए अपनी विमान सेवाओं में शिवसेना सासंद की एंट्री प्रतिबंधित कर दी है। इन चार कंपनियों में जेट एयरवेज, इंडिगो, स्पाइसजेट और गोएयर शामिल हैं। शिवसेना सांसद पर आरोप है कि उन्होंने एयर इंडिया के कर्मचारी को बिना किसी वजह के चप्पल से मारा था। हालांकि एफआईए के निदेशक उज्जवल डे ने कहा, 'हमने किसी एमपी को बैन नहीं किया है और हमारे पास किसी को बैन करने की पावर नहीं है। एयर इंडिया एफआई का हिस्सा नहीं है।' आज एयर इंडिया के कर्मचारी पर हमला करने के मुद्दे पर सांसद रवींद्र गायकवाड़ ने माफी मांगने से इंकार कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पहले पीड़ित माफी मांगे। उसके बाद वो देखेंगें कि उन्हे क्या करना है। लोकसभा सभापति सुमित्रा महाजन ने भी आरोपी सांसद रविंद्र गायकवाड़ की हरकत पर कहा है कि किसी को भी इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। मामला संसद के बाहर घटित होने पर सुमित्रा महाजन ने कहा कि मामले के बारे जानकारी इकट्ठा की जाएंगी और शिकायत पर कार्रवाही भी की जाएंगी। इस बीच इंडिगो ने विमान में ख़राब बर्ताव करने वाले यात्रियों को ब्लैक लिस्ट करने की योजना का स्वागत किया है। इंडिगो के प्रसिडेंट और डायरेक्टर आदित्य घोष ने कहा है कि वो ऐसी किसी भी कदम का स्वागत करते हैं। इस घटना के बाद एयर इंडिया एक 'नो-फ्लाई लिस्ट' भी बनाने की तैयारी में है। इस लिस्ट में ऐसे यात्रियों को रखा जाएगा, जिनके उड़ान के दौरान दुर्व्यवहार का पुराना रिकॉर्ड रहा है। वहीं एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वीवीआईपी होने के नाते, शिवसेना के सांसद रवींद्र गायकवाड़ को इस सूची में पहले व्यक्ति के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। अपनी फेसबुक पोस्ट में एयर इंडिया के चैयरमेन अश्वनी लोहनी ने लिखा है, 'कल एक सासंद ने एयर इंडिया के एक कर्मचारी से दिल्ली में इसलिए मारपीट की क्योंकि विमान में एक्जक्यूटिव क्लास की सुविधा नहीं थी। एयरलाइंस ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में इस मामले में 2 एफआईआर दर्ज की हैं। जिसमें एक मारपीट को लेकर है दूसरी 40 मिनट तक विमान पर जबरन कब्जा करने और विमान को रोके जाने को लेकर है। पिछले साल इसी तरह की एक घटना तिरूपति में हुई थी, जिसे गंभीरता से लिया गया था। हम किसी को भी इस बात की अनुमति नहीं देंगे की वह ड्यूटी पर रहने के दौरान एयर इंडिया के किसी कर्मचारी से मारपीट करे। हम अपनी तरफ से हरसंभव कोशिश करेंगे तांकि न्याय मिल सके।' वहीं, इस घटना पर नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि मारपीट को कभी भी जायज नहीं ठहराया जा सकता है और उसकी हमेशा निंदा की जाएगी। यह कभी नहीं होना चाहिए था। एयरलाइन कर्मी पर हमला करने का कोई मतलब नहीं है। वहीं एयर इंडिया केबिन क्रू एसोसिएशन ने इस मामले में शिवसेना सासंद से रविंद्र गायकवाड़ से माफी की मांग की है। एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय लाजर ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को एक पत्र लिखते हुए कहा है: 'एक चुने हुए प्रतिनिधि से यह यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपने स्टेट्स को ध्यान में रखते हुए उचित व्यवहार करे। यह चौंकाने वाली घटना है कि सासंद ने न केवल हमारे 60 वर्षीय अधिकारी अपने चप्पल से पीटा बल्कि उसके बाद मीडिया के सामने अपनी हरकत का गुणगान भी किया। यदि यह महाशय सांसद की जगह एक आम आदमी होते तो इनके खिलाफ न केवल आपराधिक मामला दर्ज होता बल्कि विश्व के अन्य देशों की तरह इनका नाम 'नो फ्लाइ लिस्ट' में होता।'
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24 March 2017यूपी चुनाव में जीत के बाद पीएम मोदी ने राज्य के सांसदों को अपने घर चाय पर बुलाया जहां उनके काम की तारीफ की। इस दौरान पीएम ने अपने सांसदों से कहा है कि वो अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग से दूर रहें। उन्होंने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि सांसद बेवजह पुलिस अधिकारियों पर दबाव ना डालें। सुशासन हमारा मूलमंत्र है जिसके लिए हमने मेहनत की है और इसे बनाकर रखना है। पीएम आगे बोले कि अधिकारियों को उनका काम करने दें और जो गलत होंगे वो परिणाम भुगतेंगे। यह बात मोदी ने अपने 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर यूपी के सांसदों से मुलाकात के दौरान कही। इस मुलाकात में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी मौजूद थे। गौरतलब है कि बीजेपी ने अपने मिशन 300 प्लस के तहत कई केंद्रीय मंत्रियों और यूपी के सांसदों को पूरी तरह से झोंक दिया था. खासकर सांसदों को यह लक्ष्य दिया गया था कि वे अपने इलाके में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर बीजेपी कैंडिडेट की जीत सुनिश्चित करें. यूपी के सभी बीजेपी सांसदों ने अपने इलाकों में सभी कैंडिडेट को जिताने के लिए जी तोड़ मेहनत की और उसका नतीजा सामने है. यूपी चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके 9 मंत्रियों के संसदीय क्षेत्र में बीजेपी का 100% स्ट्राइक रेट रहा है. प्रधानमंत्री मोदी के कैबिनेट मंत्री राजनाथ सिंह, मेनका गांधी और उमा भारती तथा राज्यमंत्री नरेंद्र नाथ पाण्डेय, महेश शर्मा, साध्वी निरंजन ज्योति, संजीव बालयान, संतोष गंगवार और अनुप्रिया पटेल के क्षेत्र की सभी विधानसभा सीटों पर बीजेपी ने जीत का परचम लहराया. सांसदों की इस मेहनत से खुश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें अब अपने साथ नाश्ते पर आमंत्रित किया था . भारतीय जनता पार्टी के द्वारा दर्ज की गई उत्तर प्रदेश चुनावों में प्रचंड जीत दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी हुई है. बीजेपी ने करीब 70 प्रतिशत सीटों पर अपना कब्जा किया है, बीजेपी गठबंधन 403 सीटों में से कुल 325 पर काबिज है. बीजेपी की यह जीत इसलिये भी खास हो जाती है, क्योंकि उसके कई विधायक काफी बड़े अंतर से जीते हैं. 2012 के चुनावों में जहां सिर्फ 12 सीटों पर बीजेपी के विधायक 20,000 वोटों के अधिक अंतर से जीते थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 224 विधायकों (बीजेपी गठबंधन) तक जा पहुंचा. जो साफ दर्शाता है कि वाकई बीजेपी की जीत काफी बड़ी और एक तरफा है.
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23 March 2017नई दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनी रिलायंस जियो के उपयोक्ताओं के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया है कि उसके 82 प्रतिशत यूजर उसके मुफ्त ऑफरों के बाद भी उसकी सेवा जारी रख सकते हैं. इस संबंध में बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के एक सर्वेक्षण में दावा किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार पुरानी सेवाप्रदाता भारतीय एयरटेल अभी भी महंगा भुगतान करने वाले सबसे ज्यादा उपयोक्ताओं की कंपनी बनी रहने में सक्षम होगी क्योंकि उसकी वॉयस एवं ग्राहक सेवाएं बेहतर हैं. लेकिन कंपनी के प्रति उपयोक्ता औसत आय पर दबाव पड़ेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वेक्षण में शामिल 82 प्रतिशत यूजर ने कहा कि वह मुफ्त ऑफर खत्म होने के बाद भी जियो की सेवा शुरू रखना चाहेंगे. जबकि 15 प्रतिशत लोगों का कहना था कि यदि जियो अपनी वॉयस सेवा को दुरूस्त कर लेती है तो वह जियो की सेवा जारी रखना चाहेंगे. यह सर्वेक्षण मार्च के तीसरे सप्ताह में 1,000 जियो यूजर के बीच किया गया.
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23 March 2017शिवराजसिंह चौहान विश्व जल दिवस 22 मार्च को पूरे विश्व में मनाया जायेगा। इस अवसर पर मध्यप्रदेश में नर्मदा नदी के संरक्षण के विश्व के सबसे बड़े अभियान के बारे में बात करना प्रासंगिक है। वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र की सामान्य सभा ने जल संरक्षण के सम्बन्ध में लोगों में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से 22 मार्च को विश्व जल दिवस घोषित किया था। भारतीय संस्कृति में जल को बहुत अधिक महत्व दिया गया है और इसे विश्व को हमसे सीखने की जरूरत है। हिन्दू संस्कृति में हम विश्वास करते हैंकि हमारा पूरा जीवन जन्म से मृत्यु तक जल पर आधारित है। हम सभी उत्सवों और धार्मिक क्रिया-कलापों में जल का उपयोग करते हैं। 'गंगा च यमुने चेवा गोदावरी सरस्वती, नर्मदे सिंधो कावेरी, जलेस्मिन् सान्निध्यम कुरू' जल हमारी जीवन-रेखा है और हमारे अस्तित्व का मुख्य आधार है। विश्व की लगभग सभी सभ्यताएँ नदियों के किनारे विकसित और पल्लवित हुई हैं। ऋगवेद में नदी सुक्त का वर्णन है। संत-महात्माओं ने नदियों को जीवनदायिनी, जीवनपोषिणी और जीवन को संरक्षित करने वाली देवी माँ का दर्जा दिया है। मध्यप्रदेश का सौभाग्य है कि उसे पाँच बड़े नदी कछारों का आशीर्वाद मिला है। प्रदेश में 3900 किलोमीटर से ज्यादा क्षेत्र में नदियों का बहाव है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम इस आशीर्वाद को हमेशा के लिये अपने साथ बनाये रखें। मित्रों, विश्व जल दिवस के उपलक्ष्य में आज जब मैं यह लिख रहा हूँ तो जल एक तेजी से घटते हुए संसाधन में बदल रहा है। भारत में प्रति व्यक्ति जल उपलब्धता 3000 क्यूबिक लीटर से घटकर 1123 क्यूबिक लीटर रह गई है। दूसरी ओर प्रतिव्यक्ति जल उपलब्धता का वैश्विक औसत 6000 क्यूबिक लीटर है। भारत में घटती प्रतिव्यक्ति जल उपलब्धता आज हमारे लिये चिन्ता का विषय है। बढ़ती हुई जनसंख्या के अलावा लोगों द्वारा पानी का बड़ी मात्रा में दुरूपयोग इसका मुख्य कारण है। हम जानते हैं कि आने वाले वर्षों में जल की माँग और बढ़ेगी। इस बढ़ती माँग का सामना करने के लिये हमें हमारे जल संसाधनों का किफायती उपयोग करना सीखना होगा। इस परिस्थिति में जल संरक्षण की उपयोगिता और बढ़ जाती है। भावी पीढ़ियों के लिये हमारी नदियों को संरक्षित रखने की महत्ता को समझते हुए ही मेरी सरकार ने 11 दिसम्बर 2016 से नर्मदा सेवा यात्रा शुरू की है। यह किसी से छुपा हुआ नहीं है कि नर्मदा नदी मध्यप्रदेश की जीवन-रेखा है। यह भारतीय उप महाद्वीप की पाँचवीं सबसे बड़ी नदी होने के साथ ही भारत की सात पवित्र नदियों में से एक है। नर्मदा सेवा यात्रा का उद्देश्य प्रदेश की इस सबसे बड़ी नदी के संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना है। आज मुझे प्रसन्नता है कि यह यात्रा एक बड़ा जन-आन्दोलन बन गई है। माँ नर्मदा और उसके परिस्थितिकीय तंत्र को संरक्षित और संवर्धित करने का संकल्प लेने के लिये लोग आगे आ रहे हैं। यात्रा ने पूरे विश्व में करोड़ों लोगों के दिल में जगह बनाई है। माँ नर्मदा को बचाने के इस अभियान में जाति, रंग, वर्ग के भेदभाव के बिना समाज के सभी क्षेत्रों के लोग पूरे मनोयोग से शामिल हो रहे हैं। लोग नर्मदा नदी के दोनों तटों पर बड़ी संख्या में पौध-रोपण कर उनका संरक्षण करने, नर्मदा तटों को अतिक्रमण से मुक्त रखने, नर्मदा जल को प्रदूषण मुक्त रखने और नदी को साफ और स्वच्छ बनाने का संकल्प ले रहे हैं। हमने नर्मदा तटों पर आगामी 2 जुलाई को 10 करोड़ पौधे लगाने की तैयारी की है। हम नर्मदा के किनारों पर कुण्ड का निर्माण कर रहे हैं, जिनमें प्रतिमाओं और पूजन सामग्री का विसर्जन हो सकेगा। इसी तरह नर्मदा किनारों पर प्रदूषण की रोकथाम के लिये मुक्तिधाम (विश्रामघाट) भी बनाये जा रहे हैं। आदि-काल से नर्मदा में अपने सगे-संबंधियों के शव बहा देने वाले लोग अब ऐसा नहीं करने का संकल्प ले रहे हैं। साथ ही, नदी के आस-पास खुले में शौच करने वाले लोग भी अब शौचालयों का प्रयोग कर रहे हैं। इस तरह नर्मदा के किनारों पर एक बड़ा बदलाव हो रहा है और पूरा विश्व इस बदलाव को महसूस कर रहा है। नर्मदा संरक्षण के हमारे अभियान को ख्यातनाम लोगों का समर्थन मिला है। इनमें श्री अमिताभ बच्चन, बाबा रामदेव, श्रीश्री रविशंकर, श्री अनूप जलोटा, श्रीमती अनुराधा पौड़वाल और श्री कैलाश सत्यार्थी आदि शामिल हैं। नर्मदा सेवा यात्रा को तिब्बती धर्मगुरू और नोबल शांति पुरस्कार प्राप्त श्री दलाई लामा का आशीर्वाद भी मिला है। श्री लामा ने 19 मार्च को यात्रा में भागीदारी की। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के हमारे प्रयासों को न केवल सराहा बल्कि इस अभियान को सफल बनाने के लिये लोगों से इसमें शामिल होने का आव्हान भी किया। विश्व जल दिवस-2017 की थीम अपशिष्ट जल है। यह संयोग है कि नर्मदा सेवा यात्रा भी अपशिष्ट जल को कम करने और उसे स्वच्छ कर पुन: उपयोग में लेने का अभियान है। पूरे विश्व में 80 प्रतिशत से अधिक अपशिष्ट जल बिना स्वच्छ हुए बहकर परिस्थितिकीय तंत्र को प्रभावित कर रहा है, जो पर्यावरण के लिये बहुत नुकसानदायक है। इस स्थिति को दूर करने के लिये हम सतत और टिकाऊ प्रयास कर रहे हैं। हमने तय किया है कि नर्मदा किनारे के शहरों और गाँवों का सीवेज का गंदा पानी नदी में नहीं मिलने देंगे। इसके लिये ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किये जायेंगे, जो नर्मदा किनारे के गाँवों और शहरों से नर्मदा में मिलने वाले पानी को साफ करेंगे। सीवेज के पानी का उपचार कर साफ पानी किसानों को सिंचाई के लिये दिया जायेगा। अभी तक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की तेजी से स्थापना के लिये 18 नगर का चयन कर लिया गया है। इसके लिये 1500 करोड़ की राशि का प्रावधान किया गया है। धर्मगुरू श्री दलाई लामा ने नर्मदा सेवा यात्रा के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये जन-सहभागिता को मुख्य आधार बताया है। यह सही भी है, क्योंकि सरकार इसे अकेले नहीं कर सकती। यात्रा में हमें मध्यप्रदेश के नागरिकों का अभूतपूर्व सहयोग मिल रहा है। आईये विश्व जल दिवस के इस अवसर पर हम सब सुखद भविष्य के लिये अपने आसपास के जल-स्रोतों के संरक्षण और नर्मदा यात्रा को पूरी तरह से सफल बनाने का संकल्प लें। मैं इस काम में प्रदेशवासियों के समर्थन और सहयोग के लिये आभारी हूँ।[लेखक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं]
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22 March 2017राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए दोनों पक्षों को कोर्ट के बाहर मामला सुलझाने की नसीहत दी है। इस पर फैसले के लिए कोर्ट ने 31 मार्च तक का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर मामले पर अहम टिप्पणी करते हुए मंगलवार को कहा कि दोनों पक्ष आपस में मिलकर इस मामले को सुलझाएं। अगर जरूरत पड़ती है तो सुप्रीम कोर्ट के जज मध्यस्थता को तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राम मंदिर का मामला धर्म और आस्था से जुड़ा है। इस मामले में कोर्ट की टिप्प्णी के बारे में जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता सुब्रमण्यम स्वामी ने बताया कि कोर्ट ने दोनों पक्षों को बातचीत के लिए अगले शुक्रवार यानी 31 मार्च तक का समय दिया है। संघ के राकेश सिन्हा ने कहा कि ये मामला आस्था का है इस पर सहमति से फैसला होना चाहिए वहीं इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए मुस्लिम धर्मगुरु कल्बे जवाद ने कहा कि जो अदालत का फैसला होगा वो हमें मंजूर होगा। वहीं कल एक अहम सुनवाई होने वाली है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती और मुरलीमनोहर जोशी समेत 17 लोगों को बाबरी विध्वंस की साजिश का आरोपी बनाया जा सकता है।
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21 March 2017राघवेंद्र सिंह लोग असहमत भी हो सकते हैं मगर यह सच लगता है कि देश को मोदी ही पसंद है। पूर्व में दो राज्यों- दिल्ली, बिहार के चुनाव परिणामों से लगा था कि मोदी ज्वार उतार पर है, मगर उत्तरप्रदेश विधानसभा में छप्परफाड़ बहुमत का कानफड़ संदेश यही है कि जनता सुराज और शांति चाहती है। मोदी को यूपी में योगी पसंद है तो वोटर को यह मंजूर है मगर जो बातें और वादे हुए हैं वो जमीन पर आने चाहिए। गप्पें...जनता को पसंद नहीं हैं। मप्र से समेत अन्य राज्यों के लिए जहां अगले साल चुनाव होने हैं यूपी का फैसला सबक के तौर पर देखा जा सकता है। जैसे योगी आदित्यनाथ के सामने यूपी में गुंडों को ठोकना, प्रदेश बदर करना, सफाई और नेता और उनकी जुबान को काबू में रखना बड़ा काम होगा। उद्योगों की स्थापना, रोजगार देने के लिए यूपी के युवाओं के पास अब बहुत धीरज नहीं बचा है इसलिए रिजल्ट नहीं दिए तो बहुमत की दुधारी तलवार उन्हें नुकसान भी पहुंचाएगी। हालांकि ऐसे खतरों से नेता वाकिफ होते हैं और उसके खिलाड़ी भी। हमारी मोदी और योगी दोनों को शुभकामनाएं...बस जो कहा है उसे पूरा करें। बिन मांगी सलाह यह है कि चम्पू नेताओं, चापलूस अफसर और पालतू मीडिया से सावधान रहें... मप्र समेत राजस्थान और छत्तीसगढ़ के संदर्भ में कह सकते हैं कि अगले साल दिसंबर में चुनाव होंगे। सरकारें और भाजपा (कांग्रेस छोड़कर) चुनावी मोड पर हैं मगर भय, भूख और भ्रष्टाचार के मामले में हालत गंभीर है। भय का मामला तो ऐसा है कि अधिकारियों पर भी रेत चोर बंदूकें तान रहे हैं। लोगों ने यूपी में जिस तरह वोट किया है कांग्रेस का एक नारा मोदी पर फिट बैठ रहा है। पुराने लोगों को पता होगा कि इंदिराजी के जमाने में कहा जाता था- ‘न जात पर न पांत पर इंदिराजी की बात पर मुहर लगेगी हाथ पर।’ यूपी ने मोदी की बात पर कमल का बटन दबाया। उन्होंने कहा था कि न खाऊंगा न खाने दूंगा। इस पर वोटर खासतौर से युवा फिदा हो गया। यूपी जीत के बाद मोदी का नया नारा है, ‘न बैठंूगा, न बैठने दूंगा।’ हमारा कहना है कि राज्यों में उनके पहले नारे का क्या हुआ। लोग खा भी रहे हैं और खाने भी दे रहे हैं, लेकिन मोदीजी इसके भी आगे निकल गए हैं। मध्यप्रदेश में जरूर मोदी के दूसरे नारे का पालन हो रहा है। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रालय में न बैठ रहे हैं और न उनके मंत्री। नमामि देवी नर्मद यात्रा के जरिए मुख्यमंत्री प्रदेश की यात्रा पर निकल पड़े हैं। इसे 20 महीने बाद होने वाले चुनाव की रिहर्सल भी माना जा रहा है। ऐसे में चुनावी तैयारी तो हो सकती है लेकिन सुशासन का क्या होगा? मंत्रालय में बैठकर नौकरशाही को जो कसने का वक्त था, उस समय सरकार नर्मदा यात्रा पर है। दलाई लामा और श्री श्री रविशंकर जैसे महान लोगों से यात्रा चकाचौंध हो रही है। लोग नर्मदा किनारेवालों को बता रहे हैं कि नर्मदा को साफ कैसे रखेंगे। एक तरह से यह अंतरराष्ट्रीय अभियान बन गया है। जो काम गांव वालों को करना है उन्हें देशभर के लोग आकर बता रहे हैं। इस दौरान रैलियां, बैठकें, भोजन, भाषण घाटोंघाट हो रहे हैं और चंदाखोर नेता, कार्यकर्ता तैयारियों के नाम पर वसूली में जुट गए हैं। नर्मदा यात्रा के इलाके में प्रशासन ठप सा है। कलेक्टर, तहसीलदार जब पूछो तैयारी के लिए फील्ड में हैं, की लोकेशन देते हैं। दूसरी तरफ किसान परेशान हो रहे हैं क्योंकि तुवर की बंपर पैदावार के बाद सरकार ने उन्हें खरीदने के िलए केंद्र खोले हैं, लेकिन तीन-तीन छन्ने लगने के बाद जो तुवर आ रही है खरीदी सेंटर वाले नमूने फैल कर रहे हैं। अब एक तरफ नर्मदा यात्रा और किसानों की सरकार और हालत यह है कि न नर्मदा बच रही है और न ही किसानों को राहत मिल रही है। कांग्रेस सरकार के अभियान को देखकर सम्मोहित सी बैठी आनंद ले रही है। मोदीजी की बात पर भाजपा जीत रही है लेकिन उनके सुशासन के वादे और न खाऊंगा और न खाने दूंगा जैसे नारों पर अमल कौन कराएगा? सरकार में 13 साल से बैठे लोग इस सवाल पर कहते हैं कि जनता बहुत नाराज होगी तो हरा देगी और क्या? अगली बार फिर सरकार में आ जाएंगे। फिलहाल तो हमारे पास मोदी मैजिक है न, इसलिए अभी तो सौ खून माफ। भाजपा में ‘चमचा पुराण’ प्रदेश भाजपा में संघ से आए एक खांटी संगठन मंत्री की खरी-खरी पार्टी में खूब चर्चा का विषय बन रही है। उन्होंने चमचों की महिमा में लंबी बातें सोशल मीडिया में डाली हैं। उसका संक्षेप यह है, कि वह कहते हैं कि चमचा बनने के लिए काफी तपस्या करनी पड़ती है। मसलन, नेताजी जैसे ही ट्रेन से उतरते हैं चमचा उनके सूटकेस को ट्रेन के दरवाजे से ही लपक लेता है। किसी और ने सूटकेस को टच भी किया तो वो उसे खा जाने वाली नजरों से देखता है। इसके बाद नेताजी जिस तरह के समारोह में जाते हैं चमचा अपने चेहरे पर वैसे ही भाव लाता है, जैसे वही गमी में गए तो वो मुंह लटका लेता है, शादी में जाते हैं तो गुलदस्ता लिए रहता है। मजा तो तब आता है जब लीडर भोजन करते हैं तो खाते समय उनके हाथ में चमचा और साइड में खड़े चमचे को देखकर लोग कम्फ्यूज हो जाते हैं कि ओरिजनल कौन सा है। इसी तरह चमचा नेताजी की प्रशंसा करता है और उनके विरोधियों की बड़ी चतुराई से निंदा करता है। इस तरह के बहुत से िकस्से इन संगठन मंत्री की फेसबुक और वॉट्सएप पर हैं। दूसरी तरफ पिछले दिनों प्रदेश भाजपा कार्यालय में एक संगठन मंत्री की हाई प्रोफोइल लाइफस्टाइल खूब चर्चाओं में रही। बस अब प्रतीक्षा इतनी है कि फेसबुक वाले संगठन मंत्री जी जैसे और नेता भाजपा में कब आएंगे।
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21 March 2017यूपी चुनाव के बाद अब कांग्रेस नेता यह बात मानने लगे हैं कि पीएम मोदी और भाजपा को टक्कर देना उनके बस की बात नहीं है। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के बाद अब पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा भाजपा और आरएसएस के सामने कहीं नहीं टिकता। उन्होंने यह बात अपनी पुस्तक फियरलेस इन ऑपोजिशन के विमोचन के दौरान कही। चिदंबरम ने कहा की यह बात पूरी तरह साफ है कि कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा भाजपा और संघ के संगठनात्मक ढांचे से मेल नहीं खाता। यह वो ताकत है जिससे वोट हासिल किए जाते हैं और वो लोग वोट बटोरने में सक्षम हैं साथ ही हमसे ज्यादा मजबूत हुए हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अगर भाजपा और आरएसएस के ढांचे को बंगाल टीएमसी या तमिलनाडु में एआईएडीएमके से मिलाने की कोशिश करें तो उन्हें हार मिलेगी। लोकसभा चुनाव को लेकर चिदंबरम ने कहा कि यह 29 चुनावों को मिलाकर होते हैं और इनमे फैसला चुनाव के वक्त राज्य के हालात पर होता है। यूपी में अगर नोटबंदी के समर्थन में फैसला मतदान हुआ तो क्या पंजाब में विरोध हुआ। यह तय करना बेमानी है।
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19 March 2017उत्तर प्रदेश में विधायक दल की बैठक के बाद योगी आदित्यनाथ के नाम पर सीएम पद की मुहर लग गई है। यूपी में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से लगातार सीएम के नाम पर कयास लगाए जा रहे थे। शनिवार को भाजपा के सीनियर लीडर्स की एक बैठक लखनऊ में आयोजित की गई थी, जिसमें सीएम पद के दावेदार सभी नेता पहुंचे थे। इसके बाद विधायक दल की बैठक शुरू हुई, जहां योगी आदित्यनाथ, भूपेंद्र यादव, ओम माथुर, केपी मौर्य और सुनील बंसल पहुंचे। आदित्यनाथ की पहचान फायरब्रांड नेता के रूप में रही है। विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा रैलियां करने वाले आदित्यनाथ पूर्वांचल के सबसे बड़े नेता माने जाते हैं। भाषणों में लव जेहाद और धर्मांतरण जैसे मुद्दों को उन्होंने जोर शोर से उठाया था। पूर्वांचल में राजनीति चमकाने वाले योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड (तब उत्तर प्रदेश का हिस्सा था) में हुआ था। योगी आदित्यनाथ का वास्तविक नाम अजय सिंह नेगी है। राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले योगी आदित्यनाथ गढ़वाल यूनिवर्सिटी से गणित में बीएससी की डिग्री हासिल कर चुके हैं। गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, जिसके बाद वे राजनीति में आए। योगी आदित्यनाथ के नाम सबसे कम उम्र (26 साल) में सांसद बनने का रिकॉर्ड है। उन्होंने पहली बार 1998 में लोकसभा का चुनाव जीता था। इसके बाद आदित्यनाथ 1999, 2004, 2009 और 2014 में भी लगातार लोकसभा का चुनाव जीतते रहे। साल 2014 में गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ की मौत के बाद वे यहां के महंत यानी पीठाधीश्वर चुन लिए गए। राजनीति के मैदान में आते ही योगी आदित्यनाथ ने सियासत की दूसरी डगर भी पकड़ ली, उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी। उन्होंने कई बार विवादित बयान भी दिए, लेकिन दूसरी तरफ उनकी राजनीतिक हैसियत बढ़ती चली गई। 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया, गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा। योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं।
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18 March 2017हैदराबाद में केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा ने किसानों के लिये कर्ज माफी की जिस योजना का आश्वासन दिया था वह केंद्र सरकार की कोई राष्ट्रीय नीति नहीं बल्कि विशिष्ट राज्य आधारित थी. उन्होंने कहा, ‘चुनाव प्रचार (उत्तर प्रदेश चुनाव) के दौरान भाजपा नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश के किसानों के लिये फसल कर्ज माफी का जो आश्वासन दिया था, वह विशिष्ट राज्य आधारित था. सरकार गठन (उत्तर प्रदेश में) होते ही वह निश्चित ही सकारात्मक रूप से इस दिशा में विचार करेंगे और इसे लागू करने की कोशिश करेंगे.’ लोकसभा में इस मुद्दे पर भाजपा को घेरने के विपक्ष के प्रयासों के बीच नायडू ने बताया, ‘सरकार की यह राष्ट्रीय नीति नहीं है. यह राज्य विशिष्ट है.’ उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों के लिये कर्ज माफी का वादा किये जाने पर हाल में निचले सदन में चर्चा के दौरान कई दलों के सदस्यों ने इस पर आपत्ति जतायी थी और यह मांग की थी कि किसानों की आत्महत्या की संख्या में कमी लाने के लिये सरकार को समूचे देश के किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए. कुछ अन्य राज्यों से भी इसी तरह की कर्ज माफी की मांगों का हवाला देते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा, ‘यह (कर्ज माफी) संसाधन और राज्यों की वित्तीय व्यवहार्यता पर निर्भर करता है। वे (राज्य) खुद फैसला लेने के लिये स्वतंत्र हैं.’ चर्चित तेलुगु अभिनेता एवं जन सेना संस्थापक पवन कल्याण की टिप्पणियों की ओर संकेत करते हुए नायडू ने कहा कि केंद्र पर भेदभाव का आरोप लगाना सही नहीं है. उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई उत्तर और दक्षिण का मुद्दा शामिल नहीं है.’ पवन ने कहा था कि ‘केंद्र उत्तर और दक्षिण (देश के) के बीच भेदभाव करता है.’ उत्तर प्रदेश में भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के मुद्दे पर नायडू ने कहा कि वह इसमें एक पार्टी पर्यवेक्षक होने के नाते शामिल होंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं राज्य नेतृत्व और विधायकों के साथ पहले से ही संपर्क में हूं. बैठक के बाद हमलोग विचार विमर्श पूरा करेंगे. मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष (भाजपा के) साथ निजी तौर पर बात करूंगा. नेता (मुख्यमंत्री उम्मीदवार) की घोषणा आज होगी और शपथ ग्रहण कल होगा.’ उन्होंने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री, भाजपा शासित सरकारों के मुख्यमंत्रियों के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता शामिल होंगे.
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18 March 2017भोपाल के गिद्ध संरक्षण एवं प्रजनन केन्द्र केरवा को बड़ी सफलता हासिल हुई है। केन्द्र में सफेद पीठ वाले गिद्ध के चूजे का जन्म हुआ है। विलुप्ति की कगार पर पहुँच चुके गिद्ध संरक्षण की दिशा में किये जा रहे प्रयासों में यह बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। बच्चा 15 दिन का हो चुका है और एक अन्य अण्डा लम्बी चोंच वाले गिद्ध के जोड़े द्वारा सेहा जा रहा है। इस बच्चे का जन्म अगले 15 दिन में होने की संभावना है। वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार और प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) श्री जितेन्द्र अग्रवाल ने केन्द्र के प्रयासों की सराहना करते हुए बधाई दी है। अप्रैल-2014 में गिद्धों को हरियाणा के पिंजोर से और प्रदेश के तामिया से केरवा स्थित केन्द्र में लाया गया था। वर्ष 2016-17 में सफेद पीठ वाला गिद्ध एवं लम्बी चोंच वाले गिद्ध का एक-एक जोड़ा बना है। खुशी की बात है कि अण्डे का सेहना और बच्चे का जन्म केन्द्र में गिद्धों द्वारा बनाये गये घोंसलों में ही हुआ है। केन्द्र के वैज्ञानिक और कर्मचारी बच्चे की सतत निगरानी कर रहे हैं। जब तक बच्चा उड़ने लायक नहीं हो जाता, हरसंभव सावधानी बरती जा रही है। गिद्ध के बच्चे 4 माह बाद घोंसला छोड़ कर आत्म-निर्भर हो जाते हैं। गिद्ध लम्बी आयु वाले परंतु धीमी गति से प्रजनन करने वाला पक्षी है। यह वर्ष में केवल एक ही अण्डा देता है। प्रकृति में इनकी प्रजनन सफलता मात्र 30 से 40 प्रतिशत है। गाँव से वन विहार में रेस्क्यू कर लाया गया विकलांग गिद्ध बच्चा गिद्ध विशेषज्ञ श्री रोहन श्रंगारपुरे के साथ गिद्ध संवर्धन एवं प्रजनन केन्द्र केरवा के रेस्क्यू दल ने सूखी सेवनिया भोपाल के पास ग्राम गिद्धगढ़ से एक सफेद पीठ वाले अस्वस्थ गिद्ध के बच्चे को रेस्क्यू किया है। केन्द्र को इसकी सूचना ग्रामीणों ने दी थी। रेस्क्यू कर गिद्ध के बच्चे को वन विहार के क्वेरेंटाइन में रखा गया है। संचालक वन विहार राष्ट्रीय उद्यान श्रीमती समिता राजौरा ने बताया कि गिद्ध बच्चा मेटाबॉलिक बोन डिजीज से ग्रसित और पैदायशी विकलांग है। इसके स्वास्थ्य में सुधार की बहुत ही क्षीण संभावना है। वन्य-प्राणी चिकित्सक डॉ. अतुल गुप्ता द्वारा बच्चे की निगरानी की जा रही है और उसे बचाने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं।
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17 March 2017बॉलीवुड एक्ट्रेस विद्या बालन की गिनती बिंदास बाला के तौर पर की जाती है। मुद्दा कोई भी हो मगर विद्या अपनी राय बेबाक सभी के साथ साझा करती हैं। हाल ही में एक इवेंट के दौरान विद्या से फैमिली प्लानिंग को लेकर सवाल पूछा गया। बस फिर क्या था। विद्या ने दे दिया बिंदास जवाब। विद्या ने कहा, 'मैं बच्चा पैदा करने वाली मशीन नहीं हूं।' कुछ समय पहले विद्या को अस्पताल में देखा गया। इसके बाद प्रेगनेंसी की खबरों ने जोर पकड़ लिया। विद्या ने इस बारे में कहा,'मुझे बहुत बुरा लगता है, ऐसी बातें सुनकर। मैं किसी और काम से भी तो डॉक्टर के पास जा सकती हूं। शादी के बाद अगर लड़की डॉक्टर के पास जाती है तो हमेशा उसकी प्रेगनेंसी की बात ही क्यूं होती है?' विद्या ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि किसी को भी इस बात से कुछ मतलब होना चाहिए। यह मेरे और मेरे हसबैंड (सिद्धार्थ रॉय कपूर) के बीच की बात है। यह हमारी प्रायवसी का बहुत ही सीरियस टॉपिक है। मगर हमारे देश में आस-पड़ोस और अंकल-आन्टी के पास ऐसे बहुत सारे सवाल होते हैं। जिस दिन मेरी शादी हुई, उस दिन वेडिंग वेन्यू पर ही मेरे अंकल ने मुझसे कहा कि अगली बार जब मैं तुमसे मिलूंगा तो तुम दो नहीं तीन होने चाहिए। मैंने उनसे कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा दी। मन में सोचा कि हमने अभी तक अपना हनीमून ही डिसाइड नहीं किया। बच्चा तो दूर की बात है।' विद्या इस बात से बेहद खफा थीं। उन्होंने कहा, 'बेबी ओबसेशन क्या है? मैं बच्चा पैदा करने वाली मशीन नहीं हूं। और वैसे भी दुनिया की जनसंख्या इतनी बढ़ रही है, ऐसे में अगर कुछ लोगों के बच्चे न भी हो तो ठीक है।'
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17 March 2017राघवेंद्र सिंह मित्रों.... एक विज्ञापन आया करता था जोडऩे में बेजोड़ फेवीकाल। भारतीय राजनीति में नेहरू-गांधी परिवार के बाद जोडऩे में बेजोड़ रहे नेताओं में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का नाम भी अमिट है। वोजपेयी जी ने कोई दर्जन भर दलों को जोड़कर एनडीए की सरकार बनाई और उसे सफलतापूर्वक चलाने का चमत्कार भी किया था। तब माया, ममता और स्वर्गीय जयललिता भी उनसे जुड़ी थीं। महाराष्ट्र में शिवसेना, पंजाब में अकाली दल और बिहार के नीतिश कुमार भी। मगर अब जमाना बदल रहा है और सियासी जोड़ के नये अवतार में प्रकट हो चुके हैैं प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर मोदी। इन जोड़ वोटर को जोडऩे में बेजोड़ साबित हो रहे हैैं। लोकसभा में भाजपा को बहुमत और फिर उत्तरप्रदेश विधासभा चुनाव परिणाम इसका प्रमाण हैैं। फिलवक्त जो माननीय नेताजी यूपी की जीत पर सवाल खड़े कर रहे हैैं वह बिलकुल बेमानी हैैं। मीन-मेख, नुक्ताचीनी के लिये धीरज धरें। प्रतीक्षा ही उनके पास एकमात्र विकल्प है। नहीं तो जनता इसे खंबा नोचना ही मानेगी। पराजित दलों के प्रति हमारी सहानुभूति और उनसे सियासी समझदारी की उम्मीद भी। यूपी की 403 सीटों में सवा तीन सौ जीतना कोई मजाक है क्या.... खुद भाजपा के लिये भी अकल्पनीय। ऐसा कभी नहीं हुआ। राजनीति के खिलाडिय़ों को टाइमिंग का महत्व बताने की आवश्यकता नहीं है। भला गणेश जी को कौन बुद्धि दे सकता है....? यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इतिहास रच दिया। मोदी अब वहां घर-घर के हो गये हैैं। लोकतंत्र में जब जीत का जश्न जनता मना रही हो उस समय सियासत कौन पसंद करता है। मायावती रुदाली बन ईवीएम मशीन पर सवाल खड़े कर रही हैैं। भयंकर हार से दल के दल सन्निपात में हैैं। अकर-बकर बक रहे हैैं। अरे भाई धीरज रखिए भाजपाई भी आदमी हैैं। सरकार में काम करने दो। जब वे गलतियां करें तो मुद्दों के आधार पर जनता के हित में संघर्ष करो....विरोधी दलों को अगली बार सत्ता में वापसी करने से किसने रोका है..? क्षमा करें पराजित दलों के जख्मों पर नमक डालना, नसीहत देना हमारा मकसद नही है। शेष प्रतिपक्ष की मर्जी। अटल जी के बाद भाजपा के नए मोदी अवतार से सब हक्के-बक्के हैैं। विरोधी ही नहीं भाजपाई भी चकित और बहुत कुछ दबे-सहमे से भी। उन्हें डर है जो मोदी ने कहा था न खाऊंगा न खाने दूंगा। दिल्ली के बाद बिहार में भाजपा की हार के बाद केंद्रीय नेताओं इनमें मंत्री से लेकर राज्यों के मुख्यमंत्री-मंत्री और संगठन भी शामिल है। सांस लेने वाली राहत महसूस कर रहे थे। अब उनके घिग्घी बंध रही होगी। दरअसल उजले दिखने वाले नेताओं की जन्मकुंडली मोदी के पास है। यूपी उत्तराखंड की भूस भरने वाली जीत ने भाजपा के भ्रष्ट नेताओं खासकर मुख्यमंत्रियों की नींद उड़ा दी है। गुजरात चुनाव के पहले कई नेताओं की कुंडलियों में ग्र्रहण योग शुरू हो सकता है। दरअसल अब भाजपा का मतलब मोदी और मोदी के मायने भाजपा होने लगेगा। जैसा कभी कांग्र्रेस में तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष देवकांत बरुआ ने कहा था इंदिरा इज इंडिया। बाद में क्या हुआ सबको पता है। मोदी जरूर इतिहास से सबक लेंगे और उन्हें ईश्वर को तोहफा बताने वाले जुमलों से सावधान रहेंगे। उन्हें अवतार बताने वालों में होड़ शुरू होने वाली है जो गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद बेशर्मी की हद तक जायेगी। कई नेता गले में पïट्टे डाले जैसे होंगे और दिखेंगे भी। भाजपा में कहा जाने लगा है कि राजस्थान, म.प्र. और छग जैसे भाजपा शासित राज्यों के लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों को वे अपना प्रिय बना कर दिल्ली कूंच करने का हुकुम सुना सकते हैैं। परिवर्तन होने पर जनप्रिय कम मोदी प्रिय नेताओं की सत्ता संगठन में ताजपोशी हो सकती है। जैसा कि हरियाणा और झारखंड के मुख्यमंत्री चयन में सबने देखा। इस किसिम के सियासी अनुमानों को खारिज करना और खिल्ली उड़ाना मोदी जी का शगल रहा है। सिक्के का दूसरा पहलू यह भी है कि मोदी पहले से ज्यादा झुक जायें और सबको साथ लेकर चलें। लेकिन ऐसा लगता नहीं है। यूपी विजय के बाद महामानव बन कर उभरे हैैं और यह कद अभी औैर भी बड़ा होगा। मोदी भाजपा ही नहीं पूरे देश में वन मेन आर्मी की तरह हैैं। प्रतिपक्ष नेताओं में जिन्हें वे गम्भीरता नही लेते उनमे राहुल गांधी सबसे ऊपर हैं । शेष नेताओं में संघर्ष का माद्दा नहीं दिखता। अरविन्द केजरीवाल अलबत्ता जुबानी जंग करते रहते हैं। ऐसे में महाबली मोदी बेफिक्र हो अपना रथ दौड़ायेंगे। फिर उसके तले भाजपाई दबे या विरोधी कुचले जायें। चौैंकाने वाले फैसले जीत के बाद सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उत्साहित मोदी 2018 के मध्य तक कुछ बड़े और जोखिम भरे फैसले ले सकते हैैं। सर्जिकल स्ट्राईक और नोटबंदी से भी अधिक हलचल मचाने वाले। मसलन जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने का निर्णय कर सबको चौैंका सकते हैैं। इसी तरह कॉमन सिविल कोड लागू करने का फैसला भी आ सकता है। ये मुद्दे भाजपा की सियासत का आधार रहे हैं। इसके बाद 2018 में राज्यों में विधानसभा चुनाव के साथ समयपूर्व लोकसभा चुनाव भी कराये जा सकते हैैं। हजार गलतियों और लाख खामियों पर इस तरह के निर्णाय ऐसा सुरक्षा कवच बनेंगे कि मोदी समर्थन का तूफान लेकर सत्ता में वापसी कर सकते हैैं । हमेशा उसका कहना रहा है लोकसभा के साथ राज्यसभा में पर्याप्त बहुमत मिलते ही इन पर अमल किया जाएगा। एक विधानसभा और एक निशान के निकट पहुंच रही है भाजपा। चुनावी नतीजों के पहले एग्जिट पोल की तरह यह भी एक हमारा अनुमान है। बाकी तो 2018 तक प्रतीक्षा ही एकमात्र विकल्प है। अभी तो हर हर और घर घर मोदी के बाद चप्पा चप्पा भाजपा है। पंजाब अलबत्ता पंजे की पकड़ में है। गोवा में फिर मनोहर पर्रीकर की सरकार बनने का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। मणिपुर में भी भाजपा ने जबरदस्त, अदभुत, अकल्पनीय सफलता पाई और सरकार जोड़तोड़ से बना ही ली है। नोटबंदी के बाद यूपी में कसाब, कब्रिस्तान, श्मशान जैसे जुमलों के बाद पूरा देश मोदी का मुरीद है और भाजपा उनकी जेब में सुरक्षित....। फेविकाल के एक विज्ञापन में यह भी आता था पकड़े रहना, छोडऩा मत। (लेखक IND 24 न्यूज चैनल समूह के प्रबंध संपादक हैं )
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16 March 2017फ्रांस के वैज्ञानिकों ने एड्स के वायरस को बचने के लिए जगह देने वाली मायावी श्वेत रक्त कोशिकाओं को पता लगाने का एक तरीका खोज लिया है। ये कोशिकाएं एड्स के वायरस को छिपा लेती हैं, ताकि एचआईवी की दवाओं का वायरस पर असर नहीं हो। इन कोशिकाओं का पता लगाने में सक्षम होने के बाद वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि वे एक दिन इन कोशिकाओं को बेअसर किया जा सकेगा। इस दिशा में लंबे समय से शोध किया जा रहा था। फ्रांस की सीएनआरएस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कहा कि इस शोध ने वायरल रिजर्वेयर्स के बारे में बेहतर मौलिक समझ का मार्ग प्रशस्त किया है। इस अध्ययन को नेचर पत्रिका में प्रकाशित किया गया था। यह एक बयान में कहा गया है कि लंबे समय में यह उपचारात्मक रणनीतियों का नेतृत्व करेगा, जिसका लक्ष्य गुप्त वायरस को खत्म करना है। एचआईवी का कोई इलाज नहीं है, और संक्रमित लोगों को जीवनभर वायरस को दबाने वाली दवाएं लेनी पड़ती हैं। इसका कारण यह है कि प्रतिरक्षा तंत्र कोशिकाओं ( जिसे कोशिकाओं की श्रेणी में सीडी 4 टी लिम्फोसाइट्स कहते हैं) की एक छोटी संख्या वायरस को बचने के लिए सुरक्षित जगह मुहैया कराती है। इससे इलाज बंद करने के दशकों बाद भी वायरस फिर से उभर आता है और फैल जाता है। एचआईवी से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में 200 अरब सीडी 4 टी कोशिकाएं होती हैं। इनमें से 10 लाख में से कोई एक कोशिका ही वायरस को छिपाने का काम करती है।
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16 March 2017पांच राज्यों में चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस में एक बार फिर से बदलाव की मांग उठने लगी है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी खुद भी मान चुके हैं कि बदलाव जरूरी है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने बुधवार को कहा कि पार्टी को ऐसे लोगों की जरूरत है जो जमीनी स्तर की राजनीति करना जानते हों। चतुर्वेदी ने कहा कि सुनते आ रहे हैं कि अब बड़ा बदलाव होगा। लेकिन अभी तक तो कुछ ऐसा हुआ नहीं है, अगर बदलाव होता है तो देर आए दुरुस्त होने वाली बात होगी। उन्होंने कहा कि अब समय की मांग ये है कि जो लोग जमीन से जुड़े हैं वो लोग जनता के बीच जाएं और कांग्रेस की नीतियों का प्रचार-प्रसार करें। कांग्रेस को दशा और दिशा बदलने की जरूरत है, पराजय को बड़ी चीज नहीं मानता हूं, लोकतांत्रिक व्यवस्था में हार और जीत के लिए पार्टियों को तैयार रहना चाहिए। हम हार के बाद भी वापसी कर सकते हैं। सत्यव्रत चतुर्वेदी ने मंगलवार को भी कहा था कि समय रहते जब पार्टी में बदलाव करना चाहिए, उस वक्त बदलाव नहीं किया गया। गौरतलब है कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में करारी हार का सामना करना पड़ा था। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की संख्या ईकाई के अंक में सिमट कर रह गई है। उत्तर प्रदेश में मिली करारी हार पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि जिस तरह से हर शख्स के जीवन में उतार चढ़ाव आता है, ठीक वैसे ही पार्टियों के जीवन में भी होता है। हमें हार से सबक लेकर जीत का रास्ता तैयार करना चाहिए।
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15 March 2017इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने होली पर आयोजित एक समारोह के दौरान कहा कि जबरन धर्मांतरण और दूसरे धर्मों के पूजा स्थलों पर हमला करना इस्लाम में अपराध है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान किसी भी धर्म के खिलाफ नहीं है और यहां धर्म को लेकर कोई युद्ध भी नहीं है। समारोह में शरीफ ने कहा, कौन स्वर्ग जाएगा और कौन नर्क यह किसी का काम नहीं है, लेकिन पाकिस्तान को स्वर्ग बनाना मुख्य काम है। पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों को दिए संदेश में शरीफ ने कहा कि कोई किसी दूसरे को एक खास धर्म अपनाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। इस्लाम में हर शख्स को धर्म, जाति या संप्रदाय का भेदभाव किए महत्व दिया गया है और मैं यह साफ तौर पर कहता हूं कि किसी का जबरन धर्म परिवर्तन कराना इस्लाम में अपराध है और यह हमारा फर्ज है कि पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा करें। पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों पर हमले और हिंदू महिलाओं के जबरन धर्मांतरण की कई घटनाएं होती रही हैं। ऐसे में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का यह बयान काफी अहम और हैरानीजनक है। इस समारोह में हिंदू समुदाय के कई बड़े नेता और अल्पसंख्यक सांसद मौजूद थे। शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान में लड़ाई आतंकियों और उन लोगों के बीच थी जो देश को विकास करने देखना चाहते थे। उन्होंने कहा, पाकिस्तान में धर्म को लेकर कोई लड़ाई नहीं है। अगर है तो वह आतंकवादियों, धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह करने वालों, बेगुनाह लोगों को मारने वालों और देश का विकास न चाहने वालों के खिलाफ है। शरीफ ने माना कि कुछ लोगों ने धर्म के आधार पर लोगों को बांटने की कोशिश जरूर की है, पर पाकिस्तान में हर इंसान को अपना धर्म मानने की छूट है। समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने केक भी काटा।
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15 March 2017मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के बहनोई हाफिज अब्दुल रहमान मक्की ने जमात-उद-दावा की कमान अपने हाथ में ले ली है। मक्की को हाफिज से भी ज्यादा खूंखार आतंकी माना जाता है। मक्की के सिर पर करीब 13 करोड़ रुपए (20 लाख डॉलर) का ईनाम है। जमात-उद-दावा के एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि हाफिज अब्दुल रहमान मक्की को आधिकारिक रूप से संगठन का प्रमुख बना दिया गया है। सईद को घर में नजरबंद किए जाने के चलते यह फैसला लिया गया है। जमात के इस अधिकारी ने बताया कि अभी तक संगठन में मक्की का कद दूसरे नंबर पर था। उसने इस बात से भी इन्कार किया कि हाफिज सईद नजरबंद होने के बावजूद संगठन चला रहा है। उसने कहा कि संगठन से संबंधित सारे मामले मक्की ही देख रहा है। सईद को हिरासत में लिए जाने के बाद से मक्की लाहौर और अन्य शहरों में आधे दर्जन से अधिक रैलियों को संबोधित कर चुका है। पंजाब प्रांत की सरकार ने सईद के अलावा जमात और फलह-ए-इंसानियत के चार और सदस्यों को 30 जनवरी को हिरासत में ले लिया था। आतंकरोधी कानून के तहत, इन लोगों को 90 दिनों के लिए हिरासत में रखा गया है। सईद को नजरबंद किए जाने के बाद जमात-उद-दावा ने अपना नाम बदलकर 'तहरीक आजादी जम्मू एंड कश्मीर' कर लिया था।
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14 March 2017ब्राजील के राष्ट्रपति मिशेल टेमेर ने कहा है कि बुरी आत्माओं और भूतों ने उन्हें राजधानी ब्रासीलिया स्थित अपने आलीशान आधिकारिक आवास को छोड़ने के लिए मजबूर किया है. यह जानकारी ब्राजील में साप्ताहिक समाचार पत्र ने दी है. टेमर ने ब्राजील की राजनीति पर नजर रखने वाले लोगों को इस सप्ताह यह कहकर हैरान कर दिया था कि उन्होंने एल्वोरेडा पैलेस छोड़ दिया है और वह अपनी पत्नी और सात साल के बेटे के साथ उपराष्ट्रपति आवास में रहने चले गए हैं, जो कि एल्वोरेडा पैलेस से छोटा है. एल्वोरेडा का अर्थ है सूर्योदय। इसका डिजाइन ब्राजील के वास्तुकार ऑस्कर नाइमेयर ने किया था. यह आलीशान भवन कई लोगों का सपना होगा. इसमें एक बड़ा स्वीमिंग पूल, फुटबॉल का मैदान, प्रार्थनालय, चिकित्सा केंद्र और बड़ा सा बगीचा है. लेकिन 76 वर्षीय टेमर और उनकी 33 वर्षीय पत्नी मार्केला को कांच के शानदार काम वाली यह इमारत भूतिया लगती है. वेजा ने कल टेमर के हवाले से कहा, ‘मुझे यहां कुछ अजीब लगता है. मैं पहली रात से ही यहां सो नहीं पाया हूं. यहां अच्छी उर्जा नहीं है.’ ‘मार्केला को भी ऐसा ही महसूस हुआ. सिर्फ मिशेलजिन्हो (उनका बेटा) को यह पसंद आया है. वह एक स्थान से दूसरे स्थान तक भागता रहता था.’ उन्होंने कहा, ‘हम तो यह भी सोचने लग गए थे कि कहीं यहां भूत तो नहीं हैं?’ ग्लोबो अखबार की एक खबर के अनुसार, मार्केला टेमर ने बुरी आत्माओं को भगाने के लिए एक पादरी को भी यहां बुलाया था लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ. इसके बाद टेमर परिवार एक छोटे लेकिन शानदार जबुरू पैलेस में चले गए.
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12 March 2017सुकमा के भेज्जी इलाके में नक्सलियों ने एक बार फिर खून से होली खेली। नक्सलियों द्वारा किए गए धमाके में 11 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए। घटना में 3 जवान गंभीर रूप से घायल हैं। जवानों के शवों को जंगल से थाने लाया गया है। जानकारी के मुताबिक घटना भेज्जी पोस्ट के पास हुई है। नक्सलियों ने यहां आईईडी से धमाका किया और फिर गोलियां बरसाना शुरू कर दीं। नक्सलियों ने जवानों को चारों ओर से घेर रखा था। घटना में 11 जवान मौके पर ही शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि इलाके में कुछ और आईईडी भी लगे हैं। घटना के बाद नक्सली सीआरपीएफ जवानों के 10 हथियार भी लेकर भाग गए। सूचना मिलने के बाद रिइंफोर्समेंट पार्टी मौके पर पहुंची और घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाया गया।
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11 March 2017भोपाल- उज्जैन पैसेंजर ट्रैन में ब्लास्ट करने वाले आतिफ और उसके साथियों ने भारत में तबाही मचाने की कसम खाई थी। इन आतंकियों ने पांच साल पहले ही तय कर लिया था कि देश को एक ना एक दिन दहलाना है। इसके साथ ही वह इंडिया में इस्लामिक स्टेट का चीफ बनने का सपना भी पाले बैठा था। करीब पांच साल से ये अपना ग्रुप बनाने की तैयारी कर रहा था। इस ग्रुप का ब्रेन वाश गौस मोहम्मद खान करता था। आतिफ और गौस मोहम्मद ही खुरासान माड्यूल के सरगना है। सूत्रों की मानी जाए तो पिपरिया से गिरफ्तार हुए आतिफ, दानिश अख्तर और सैयद मीर प्रदेश एटीएस और एनआईए के सामने ने चौंकाने वाले खुलासे कर रहे हैं। आतिफ ने बताया कि वह अजहर से वर्ष 2011 में मिला था। इसके बाद दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। अजहर को कल कानपुर में गिरफ्तार किया गया है। पांच साल से आतिफ और अजहर एयरफोर्स के रिटायर्ड एयरमैन गौस मोहम्मद के संपर्क मेंआए और इसके बाद इन्होंने भारत में तबाही मचाने की कसम खाई। इन तीनों से पूछताछ करने के लिए यहां पर उत्तर प्रदेश और तेलंगाना की पुलिस भी आई हुई है। आतिफ ने फरवरी में अपनी मां रेहाना को फोन कर कहा था कि वह जल्द ही दुबई जाने वाला है। सारी तैयारी हो चुकी है और वह दुबई से उन्हें पैसा भेजेगा। यह फोन उसने लखनऊ से किया था। आतिफ का पासपोर्ट उत्तर प्रदेश पुलिस ने जब्त कर लिया है। मध्य प्रदेश एटीएस की सूचना पर उत्तर प्रदेश एटीएस ने आतिफ के लखनऊ स्थित किराए के मकान की तलाशी ली, उसमें यह पासपोर्ट मिल गया है। बाकी आतंकियों के भी पासपोर्ट का पता लगाया जा रहा है। वहीं मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश एटीएस खुरासान माड्यूल के पकड़ाए सभी आतंकियों के बैंक खातों की जानकारी खंगालने जा रही है। मध्य प्रदेश एटीएस ने उत्तर प्रदेश की कुछ बैंकों को इस संबंध में पत्र भी लिखा है। उधर इस मामले की जांच अभी प्रदेश एटीएस और उत्तर प्रदेश एटीएस कर रही है। मामला बड़े आतंकी संगठन आईएसआईएस का होने के कारण यह जांच एनआईए को जल्द ही सौंप दी जाएगी। उत्तर प्रदेश में शैफुल्ला के एनकाउंटर की जांच एनआईए द्वारा करने की घोषणा कल केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में कर चुके है। मध्य प्रदेश के आईजी इंटेलीजेंस मकरंद देउस्कर ने भी कहा कि ट्रैन ब्लास्ट की जांच एनआईए को जा सकती है। आतिफ सिमी और इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) की आतंकी वारदातों से प्रभावित था। इसने इन दोनों आतंकी संगठनों से जुड़ने का प्रयास करने के साथ ही युवाओं को अपने साथ जोड़ने का काम भी किया। इसने पांच साल पहले ही यह तय कर लिया था कि एक ना एक दिन वह देश को दहला देगा। सिमी और इंडियन मुजाहिदीन से जुड़ने में यह सफल नहीं हो सका। इसके बाद इसने खुद ही इंटरनेट के जरिए पाईम बम बनाना सीखा और इसी दौरान यह आईएसआईएस के जुड़े दस्तावेजों को पढ़ने लगा। उनकी मैग्जीन को भी पढ़ता था। मैग्जीन और इंटरनेट से ही यह बम बनाना सीखा था।
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10 March 2017खुरासान चीफ गौस के बेटों ने कहा अब पिता से सम्बन्ध नहीं भोपाल-उज्जैन ट्रेन धमाके में यूपी एटीएस ने गुरुवार को वायुसेना के पूर्व कर्मचारी, गौस मोहम्मद खान(जीएम खान) समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद गौस मोहम्मद के दोनों बेटों ने उससे अपने संबंधों को खत्म करते हुए कहा, जो देश का दुश्मन है वो हमारा भी दुश्मन है। गौस मोहम्मद के दोनों बेटे, अब्दुल कादिर और अब्दुल आदिल ने बताया कि उन्हें मीडिया से पता चला कि उनके पिता का आतंकियों से रिश्ता है। उन्होंने कहा, जो आदमी देश का दुश्मन है वो हमारा भी दुश्मन है। अब हमारा, हमारे पिता के साथ कोई संबंध नहीं है। कानून उनके खिलाफ निर्णय लेने को स्वतंत्र है। उन्होंने आगे कहा, बीते दो सालों से, हमें इनके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्हें हम जिन्दा हैं या नहीं ये भी जानने की दिलचस्पी नहीं थी। गौरतलब है कि कि भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में धमाके मामले में यूपी एटीएस ने गुरुवार को दो संदिग्धों, गौस मोहम्मद खान, और अजहर को गिरफ्तार किया। यूपी पुलिस ने जिस अजहर को कल कानुपर से गिरफ्तार किया है। अजहर ने हाल ही में आतिफ को पांच पिस्टल दी थी। आतिफ और रॉकी ने शैफुल्ला को भी पिस्टल और गोलियां मुहैया कराई थी।
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10 March 2017संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत सहित जी 4 के सदस्य देश वीटो पावर छोड़ने के लिए तैयार हो गए हैं। पांच स्थायी सदस्यों वाली दुनिया की इस सर्वाधिक शक्तिशाली संस्था के विस्तार में वीटो पावर बड़ी बाधा बनी हुई थी। सदस्य देश -अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन वीटो पावर का अधिकार बढ़ाए जाने का पक्षधर नहीं है। वीटो वह पावर है जिसका इस्तेमाल करके कोई भी स्थायी सदस्य देश सुरक्षा परिषद में रखे गए किसी भी प्रस्ताव का क्रियान्वयन रोक सकता है। सुरक्षा परिषद के विस्तार की चर्चा कई दशकों से चल रही है। भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान इस शक्तिशाली संस्था के स्थायी सदस्य बनने के प्रबल दावेदार हैं। ये देश सुरक्षा परिषद में सुधार और विस्तार की पैरोकारी कर रहे हैं। साथ ही, एक-दूसरे की दावेदारी का भी समर्थन कर रहे हैं। इनके संयुक्त प्रतिनिधि के तौर पर भारत के राजनयिक सैयद अकबरुद्दीन ने वीटो को लेकर दावा फिलहाल छोड़ने के फैसले की जानकारी दी। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि आगे बढ़ने को कोई दूसरा तरीका नहीं है। हम संयुक्त राष्ट्र में सुधार के लिए नए विचारों का स्वागत करते हैं। जी4 देशों ने एक साथ अपनी आवाज बुलंद की है। माना जा रहा है कि इससे स्थायी देशों पर असर पड़ेगा और उन्हें अपने रुख नरम करना होगा। खास बात यह भी है कि जी4 देशों को अपने ही पड़ोसियों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। मसलन- पाकिस्तान हमेशा से भारत के खिलाफ रहा है, वहीं चीन, जापाना का विरोध करता है, जर्मनी को इटली का विरोध करना झेलना पड़ा है।
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9 March 2017उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से मंगलवार को गिरफ्तार किए गए आईएसआईएस के पांच समर्थक बड़े हमले की तैयारी में थे। एक महीने के भीतर वे राज्य के बाराबंकी इलाके में स्थित एक सूफी दरगाह पर आतंकवादी हमला करने की फिराक में थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने उज्जैन जाने वाली ट्रेन में विस्फोटक रख सूफी दरगाह में हमले की प्रैक्टिस की थी। विस्फोट के बाद तीन संदिग्धों को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था और अब उनसे एनआईए की टीम पूछताछ कर रही है। पूछताछ में इन लोगों ने बताया है कि उनके टेरर मॉड्यूल में लखनऊ और कानपुर के 9 लोग जुड़े थे। वे सभी आतंकी संगठन आईएस के प्रति निष्ठावान थे। गिरफ्तार किए गए लोगों में गैंग का लीडर आतिफ मुजफ्फर भी शामिल है। आगे की पूछताछ में उन्होंने बताया कि लखनऊ के पास ठाकुरगंज इलाके में उन्होंने एक घर किराए पर ले रखा है। इस जानकारी के बाद यूपी एटीएस ने कानपुर से दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया और सैफुल्ला को उसके घर में ही घेर लिया। इन लोगों ने छह महीने पहले ही बादशाह का घर किराये पर लिया था, जो सऊदी में रहता है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने सैफुल्ला को लंबे समय तक सरेंडर करने के लिए कहा। उसके भाई खालिद से भी पुलिस ने बात कराई। खालिद के कहने पर भी सैफुल्ला सरेंडर करने को तैयार नहीं हुआ। उसके कहा कि वह मरना पसंद करेगा, लेकिन सरेंडर नहीं करेगा। सैफुल्ला के मारे जाने के बाद उसके कमरे की तलाशी में एटीएस के अधिकारियों को भारी मात्रा में असलहा, पासपोर्ट, सिम कार्ड, 650 राउंड जिंदा कारतूस, 50 चले हुए कारतूस, सोना और नकदी सहित कई अन्य चीजें मिली थीं।
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8 March 2017यूपी एटीएस ने लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में 12 घंटे की मुठभेड़ के बाद रात करीब तीन बजे आतंकी सैफुल्ला को मार गिराया। बताया जा रहा है कि वह आईएस के खुरासान मॉड्यूल से जुड़ा हुआ था। शुरुआती जानकारी में यह कहा जा रहा था कि वह यूपी के मॉड्यूल का सरगना है। मगर, अब सामने आ रहा है कि वह तो महज मोहरा था। असली सरगना जीएम खान है, जो एयरफोर्स में भी काम कर चुका है। फिलहाल वह फरार है और उसकी धर-पकड़ के लिए कोशिश की जा रही है। यूपी एटीएस ने कॉल इंटरसेप्ट करने के बाद सैफुल्ला को उसके किराये के घर में ही घेर लिया था, जबकि कानपुर, इटावा से कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा मध्य प्रदेश के पिपरिया में चलती बस से कानपुर निवासी दानिश अख्तर उर्फ जफर, आतिश और अलीगढ़ निवासी सैयद मीर हुसैन को पकड़ा गया। इनके पास ट्रेन के टिकट और ब्लास्ट के वीडियो मिले हैं। यूपी के डीजीपी जावीद अहमद ने बताया कि दानिश मॉड्यूल का सरगना है। 14 से 15 लोगाें का मॉड्यूल है। यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण ने बताया कि आतंकियों के कमरे से आठ पिस्टल, 650 राउंड गोली, पासपोर्ट, गोल्ड, दो हजार के नए नोट सहित नकदी, बम, बम बनाने का सामान, आईएस का काला झंड़ा, सिम आदि मिला है। एटीएस के अधिकारी बता रहे हैं कि इतनी बड़ी तादात में मिला असलाहा संकेत दे रहा है कि वे बड़े हमले की तैयारी में थे। इस मॉड्यूल से जुड़े कुछ सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि कई संदिग्धों को अभी गिरफ्तार किया जाना बाकी है। इसके बाद ही उनकी प्लानिंग का पता चल सकेगा। उधर, एनआईए की टीम मंगलवार को हुए ट्रेन विस्फोट की जांच करने और पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ के लिए भोपाल आ चुकी है। गौरतलब है कि मंगलवार को मप्र की भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में हुए धमाके के बाद खुफिया इनपुट पर कार्रवाई करते हुए यूपी एटीएस सैफुल्ला नाम के इस आतंकी तक पहुंच गई थी। बताया जा रहा है कि ट्रेन में किए गए पाइप बम के धमाके में भी यह शामिल था।
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8 March 2017एमपी के सागर जिले के गढाकोटा मे शासकीय खर्चे पर आयोजित रहस मेले मे बुन्देली परम्परा के नाम पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की फोटो लगा कर उसके सामने विदेशी बलाओ के अश्लील डांस परोसे जाने पर प्रदेश भाजपा संघठन ने जताया ऐतराज...प्राप्त जानकारी के अनुसार सागर जिला भाजपा के कई नेताओं ने प्रदेश भाजपा संघठन को बताया कि संत रविदास महाकुंभ 4 मार्च को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आमसभा से लौटते समय बस दुर्घटना मे भाजपा के चार कार्यकर्ताओं की मौत हुई साथ मे कई घायल भी हुए गृहमंत्री और विधायक सहित पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता घायलों के साथ अस्पताल मे मौजूद रहे...जिला भाजपा अपने कार्यकर्ताओं की सडक दुर्घटना मे मौत के कारण शौक में थी वही सागर जिले के मंत्री गोपाल भार्गव रहस मेला मे रात की नृत्यांगनाओ के बीच राई नृत्य और अर्ध नग्न विदेशी बलाओ के डांस देखने मे मग्न थे। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से लोट रहे भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत के बाद प्रदेश सरकार के एक जिम्मेदार मंत्री द्वारा इस तरह के रवैये की स्थानीय संघठन के नेताओं प्रदेश संघठन को बुन्देली परम्परा के नाम पर परोसे गये अश्लील नृत्य पर आपत्तिजनक बताकर दखल देने की बात की है।जिला संघठन के नेता ने बातचीत मे यह तक कहा कि जब पूरी पार्टी दुर्घटना के समय अस्पताल मे खडी थी तब मंत्री जी राई नृत्य के आनंद मे सराबोर थे जब कार्यकर्ताओं का अंतिम संस्कार हो रहा था तब विदेशी बालाओ के डांस मे लीन थे। भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत के बाद काग्रेस के विधायक हर्ष यादव ने मृतकों की अर्थी को सडक पर रख कर जाम कर दिया था। इस घटना के बाद प्रदेश संघठन महामंत्री ने उक्त कार्यक्रम के सभी विडियो और फोटो भोपाल तलब किए जाने की खबर है पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के फोटो लगाकर अश्लीलता परोसे जाने पर प्रदेश संघठन की भी आपत्ति बताई जा रही है।
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8 March 2017मुंबई से खबर है कि उद्योगपति विजय माल्या की दो आलीशान संपत्तियों के लिए सोमवार को भी कोई खरीदार सामने नहीं आया। मुंबई में किंगफिशर हाउस तथा गोवा में किंगफिशर विला को बेचने के लिए एक बार नीलामी की गई। लेकिन यह प्रयास भी विफल रहा। भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले 17 बैंकों के कंसोर्टियम ने दोनों संपत्तियों के लिए आरक्षित मूल्य में 10 फीसद की कटौती की थी। कंसोर्टियम को एयरलाइन से करीब 9000 करोड़ रुपये कर्ज की वसूली करनी है। यह एयरलाइन 2012 में खस्ता वित्तीय हाल के कारण बंद हो गई थी। किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्ववर्ती मुख्यालय किंगफिशर हाउस के लिए आरक्षित मूल्य 103.5 करोड़ रुपये रखा गया था, जबकि गोवा की किंगफिशर विला के लिए यह 73 करोड़ रुपये मूल्य तय किया गया था। माल्या करीब एक साल से ब्रिटेन में हैं। भारत में उनके खिलाफ समन जारी किए जा चुके हैं, लेकिन वह यहां पेश नहीं हुए। बैंकों ने उनके खिलाफ वसूली की प्रक्रिया शुरू की है। माल्या को विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया जा चुका है। पिछले सप्ताह माल्या ने कई ट्वीट कर कहा था कि किंगफिशर एयरलाइंस के विफल होने की वजह खराब इंजन थे। यह चौथा मौका है जबकि किंगफिशर हाउस की नीलामी विफल हुई है। वहीं तीसरी बार किंगफिशर विला को कोई खरीदार नहीं मिल पाया। नीलामी से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि हालांकि पूछताछ कई लोगों ने की लेकिन बोली किसी ने नहीं लगाई। बैंकों की ओर से इन दोनों संपत्तियों की नीलामी एसबीआई कैप टस्टी ने बैंकों की ओर से आयोजित की थी। माल्या पर एसबीआई, पीएनबी, आइडीबीआइ बैंक, बैंक आफ बड़ौदा, इलाहाबाद बैंक, फेडरल बैंक और एक्सिस बैंक का 9000 करोड़ रुपये बकाया है।
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7 March 2017वॉशिंगटन में अमेरिका ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि अमेरिकी नागिरक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश की यात्रा ना करें। साथ ही यह भी कहा गया है कि भारत में चरमपंथी तत्व सक्रिय हैं। अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है, 'अमेरिकी सरकार का आंकलन है कि दक्षिण एशिया के आतंकी समूह अमेरिकी प्रतिष्ठानों, नागरिकों और हितों को निशाना बना सकते हैं।' एडवाइजरी के अनुसार, अमेरिकी नागरिकों को अफगानिस्तान जाने से बचना चाहिए क्योंकि इस देश का कोई इलाका हिंसा से मुक्त नहीं है। एडवाइजरी में पाकिस्तान के संबंध में भी चेताया गया है। इसके मुताबिक, 'पाकिस्तान में कई आतंकी संगठन, जातीय समूह तथा दूसरे चरमपंथी हैं, जो अमेरिकी नागरिकों के लिए खतरा पैदा करते हैं।' बांग्लादेश की यात्रा को लेकर भी अमेरिकी नागरिकों को चेतावनी दी गई है कि बांग्लादेश में आतंकवादियों ने कई स्थानों और संस्थाओं को निशाना बनाया है। हालांकि, विदेश विभाग की इस अडवाइजरी में भारत को लेकर कोई चेतावनी जारी नहीं की है। मगर, भारत जिक्र करते हुए कहा गया है कि वहां में भी चरपमंथी तत्व सक्रिय हैं, जैसा कि हालिया इमर्जेंसी संदेश में कहा जा चुका है।
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7 March 2017अटारी-वाघा सीमा पर रविवार को देश का सबसे ऊंचा तिरंगा फहराया गया। अटारी सीमा से लाहौर की दूरी लगभग 20 किमी है। तिरंगा लगाने वाली कंपनी का दावा कि यह लाहौर से दिखाई देगा। पाक ने इस लेकर कहा है कि इसके माध्यम से भारत जासूसी कर सकता है लेकिन भारत ने ऐसी किसी भीआशंका से इन्कार किया है। 55 टन के पोल पर फहराए गए इस तिरंगे की ऊंचाई 360 फुट है। 120 गुना 80 फुट के तिरंगे का वजन 100 किलो है। अब यह लिम्का बुक में दर्ज होगा। तिरंगे को फहराने की रस्म निकाय मंत्री अनिल जोशी, बीएसएफ के आईजी मुकुल गोयल, डीआइजी जेएस ओबराय, आइजी दिल्ली हेडक्वार्टर सुमेर सिंह और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कमल शर्मा ने अदा की। बीएसएफ के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। यह तिरंगा अटारी सीमा पर नोमेन लैंड से 150 मीटर दूर पंजाब टूरिज्म विभाग के सूचना केंद्र के बाहर स्थापित किया गया है। नगर सुधार ट्रस्ट ने 3.50 करोड़ रुपये से बजाज इलेक्ट्रिकल की सहयोगी कंपनी भारत इलेक्ट्रिकल होशियारपुर से इसे तैयार कराया है। 55 टन वजन और 110 मीटर लंबे पोल को खड़ा करने के लिए मुंबई से विशेष सात ट्रालों पर स्पेशल क्रेन मंगवाई गई थी। क्रेन ने पोल लगाने का 78 लाख रुपये किराया लिया है। तीन साल तक राष्ट्रीय ध्वज की देखरेख भारत इलेक्ट्रिकल कंपनी करेगी। लाइट के लिए 65-65 फुट ऊंचे तीन पोल लगाए गए हैं। हर पोल पर 500-500 वाट के 12 बल्ब लगाए गए हैं। पाकिस्तान द्वारा इस पर आपत्ति उठाए जाने के बाद जून 2016 में प्रोजेक्ट रुक गया था। पहले तिरंगा सद्भावना द्वार से 30 फुट की दूरी पर स्थापित किया जाना था। पाक रेंजरों की आपत्ति के बाद इसे ज्वाइंट चेक पोस्ट अटारी पर स्थित पंजाब टूरिज्म विभाग की जगह पर स्थापित किया गया है। 1 मार्च 2017 को तिरंगे के पोल में कैमरे होने की बात कहते हुए पाक रेंजरों ने फिर आपत्ति उठाई थी, जिसे बीएसएफ ने सिरे से खाजिर कर दिया था। बीएसएफ के आईजी मुकुल गोयल ने बताया अटारी सीमा पर देश का सबसे ऊंचा तिरंगा लहराना बीएसएफ के लिए भी गर्व की बात है। दुनिया भर से देशभक्ति का जज्बा लेकर लोग यहां रिट्रीट सेरेमनी देखने आते है। देश की शान तिरंगा उनके बीच देशभक्ति का जज्बा भरने का काम करेगा।
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6 March 2017ओबामा के प्रवक्ता ने किया खंडन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया कि पिछले साल चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनके न्यूयॉर्क स्थित कार्यालय में फोन टैपिंग करवाई थी और उन्होंने इसकी तुलना वाटरगेट मामले से की. ओबामा के प्रवक्ता केविन लेवाइस ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने किसी अमेरिकी नागरिक के सर्विलांस का कभी कोई आदेश नहीं दिया. लेवाइस ने कहा कि ओबामा प्रशासन में एक कार्डिनल नियम था कि व्हाइट हाउस का कोई अधिकारी विधि विभाग की स्वतंत्र जांच में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा. इसके तहत, न तो राष्ट्रपति ओबामा ने और न ही व्हाइट हाउस के किसी अधिकारी ने किसी अमेरिकी नागरिक के सर्विलांस का कोई आदेश दिया. इसके अलावा कोई भी बात बस झूठ है. ट्रंप ने ट्वीट के जरिए ये आरोप लगाए, हालांकि उन्होंने अपने दावों को लेकर कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया. ट्रंप ने कहा कि यह डरावना है. अभी यह पता चला कि ओबामा ने हमारी जीत से ठीक पहले ट्रंप टावर में फोन टैप कराया था. कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा, क्या चुनाव से पहले राष्ट्रपति उम्मीदवार की फोन टैपिंग कराना निवर्तमान राष्ट्रपति के लिए वैध है?
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5 March 2017"चंद्रशेखरन समूह के भीतर के आदमी हैं। वह बिल्कुल बेदाग हैं। टाटा स्टील समेत समूचा टाटा समूह अब सुरक्षित हाथों में है। उन्हें भी हमारी तरह सहयोग मिलेगा।" टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन टाटा ने संस्थापक दिवस के मौके पर जमशेदपुर में यह बात कही। उन्होंने समूह के नए चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन से शुक्रवार को शहरवासियों से रूबरू कराया। चंद्रा के नाम से मशहूर चंद्रशेखरन बीते माह ही समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के चेयरमैन का पदभार संभाला है। इससे पहले वह देश की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के एमडी व सीईओ थे। अपने कार्यकाल में उन्होंने टीसीएस को बुलंदियों पर पहुंचाया। चंद्रा टाटा संस के पहले गैर-पारसी चेयरमैन हैं। टाटा ने शहरवासियों को संबोधित करते हुए ने जमशेदपुर से अपने लगाव को साझा किया। रतन ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन के छह अहम साल जमशेदपुर में बिताए हैं। इसलिए जब भी वह इस शहर में आते हैं, कुछ अलग महसूस करते हैं। जमशेदपुर लगातार प्रगति कर रहा है। संस्थापक जमशेतजी नुसरवानजी टाटा जो विरासत छोड़कर गए हैं, उसका अनुसरण करते हुए हम जमशेदपुर और कंपनी को और आगे लेकर जाएंगे। जमशेदपुर एक स्वच्छ और प्रगतिशील शहर है। अन्य शहरों की तुलना में यहां अपराध का ग्राफ भी कम है। इस शहर को बचाए रखना सभी की जिम्मेदारी है। इससे पूर्व उन्होंने जमशेदपुर वर्क्स में संस्थापक जेएन टाटा को पुष्प अर्पित कर नमन किया। टाटा संस के नए चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने भरोसा दिलाया है कि वह समूह और जमशेदपुर दोनों को ही नई ऊंचाई पर ले जाएंगे। चंद्रा ने टाटा समूह और शहर के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि वह करीब डेढ़ दिन से यहां हैं। यहां का जीवन स्तर स्मार्ट सिटी जैसा है। कंपनी की प्रगति और शहर एक दूसरे के पूरक हैं। यह शहर संस्थापक स्वर्गीय जेएन टाटा के सपने के अनुसार ही बढ़ रहा है। सड़क, नागरिक सुविधाएं और हरियाली बेहतरीन हैं। वह इस शहर में अब बार-बार आना चाहेंगे। टाटा समूह का चेयरमैन बनने को गौरवपूर्ण बताते हुए चंद्रा ने कहा कि संस्थापक की प्रेरणा और सब लोगों के सहयोग से यह जिम्मेदारी निभाने में जरूर सफलता मिलेगी। इस शहर के लोगों और कंपनी के बीच एक अटूट संबंध देखने को मिल रहा है। कंपनी और शहरवासियों के बीच का यह रिश्ता अपने आप में अनोखी मिसाल पेश कर रहा है।
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4 March 2017गांव, गरीब और किसान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अनुपूरक बजट पर विधानसभा में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विगत वर्षों में भी हमने बजट में उनके लिए बेहतर से बेहतर प्रावधान किए हैं। राज्य के विकासात्मक व्यय में लगातार वृद्धि हुई है। उन्होंने सदन को बताया कि तृतीय अनुपूरक की इस राशि को मिलाकर राज्य सरकार के वर्तमान वित्तीय वर्ष 2016-17 के मुख्य बजट का आकार 80 हजार 202 करोड़ रुपए का हो गया है। मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि कृषि, औद्योगिक और सर्विस सेक्टर से प्रदेश राष्ट्रीय औसत से आगे हैं। सर्विस सेक्टर में और बेहतर करने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि सौर सुजला योजना के अंतर्गत जून 2017 तक किसानों को ग्यारह हजार सोलर पम्प प्रदान करने का लक्ष्य है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 36 करोड़ 50 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। प्रथम चरण में बेमेतरा, जांजगीर एवं बलौदाबाजार जिलों के अनुसूचित जाति बहुल 100 चयनित गांवों में अधोसंरचनात्मक कार्यों के लिए प्रति गांव 45 लाख रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा आधारित ग्रामीण पेयजल योजना हमारे प्रदेश में काफी लोकप्रिय हो रही है। विधायक अपने-अपने क्षेत्रों में सोलर पम्प आधारित पेयजल व्यवस्था की मांग करते हैं। इस योजना के लिए तृतीय अनुपूरक में 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य के 1053 गांवों में सौर ऊर्जा आधारित 2339 पम्पों के माध्यम से पेयजल योजना की कुल लागत 162 करोड़ रुपए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौण खनिज को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई है। गौण खनिज का फंड पंचायत ही खर्च करता है। उन्होंने बताया कि गौण खनिज से प्राप्त राजस्व का नगरीय निकायों का अंतरण किए जाने के लिए तीन करोड़ 88 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है। नगरीय निकायों के लिए तृतीय अनुपूरक में 80 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इंडिया रिजर्व बटालियन यानी आरआई बटालियन के लिए केंद्रांश 26 करोड़ 19 लाख रुपए होगा। नाबार्ड सहायता से गोदाम निर्माण के लिए 27 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य मार्केटिंग कार्पोरेशन (आबकारी) के लिए 70 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। वित्तीय वर्ष के मुख्य बजट में 73 हजार 996 करोड़ रुपए का प्रावधान था। द्वितीय अनुपूरक में पारित 2801 करोड़ रुपए को मिलाकर इसका आकार 78 हजार 952 करोड़ रुपए हो गया था। तृतीय अनुपूरक में आयोजना व्यय 818 करोड़ रुपए, आयोजनेत्तर व्यय 432 करोड़ रुपए, पूंजीगत व्यय 586 करोड़ रुपए और राजस्व व्यय 664 करोड़ रुपए अनुमानित है। राजकोषीय घाटा मुख्य बजट में 8 हजार 111 करोड़ रुपए अनुमानित है। इसको मिलाकर मुख्य बजट का आकार 80 हजार 202 करोड़ रुपए का हो गया है।
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4 March 2017खबर वाशिंगटन से है कि इस्लाम अकेला ऐसा धर्म है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है। अमेरिका स्थित "प्यू रिसर्च सेंटर" की रिपोर्ट के मुताबिक, 2050 तक भारत दुनिया में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश होगा और यह संख्या 30 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। फिलहाल मुस्लिम आबादी के मामले में भारत दुनिया में इंडोनेशिया के बाद दूसरे नंबर पर है। "द फ्यूचर ऑफ वर्ल्ड रिलीजन" नामक इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2010 से 2050 के बीच मुस्लिमों की जनसंख्या में 73 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। वहीं, ईसाइयों की संख्या इस दौरान 35 फीसद तक बढ़ेगी, जो दूसरा सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2050 तक दुनिया की जनसंख्या 35 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। अगर मौजूदा वृद्धि दर 2050 के बाद भी बरकरार रही तो 2070 तक दुनिया में सबसे ज्यादा लोग मुस्लिम धर्म को मानने वाले होंगे। 2010 में दुनिया में 1.6 अरब मुस्लिम और 2.17 अरब ईसाई थे। अगर दोनों धर्म अपनी मौजूदा वृद्धि दर से बढ़ते रहे तो 2070 तक इस्लाम के मानने वालों की तादाद ईसाइयों से ज्यादा होगी।: रिपोर्ट के मुताबिक, अभी अमेरिका में मुस्लिमों की आबादी कुल जनसंख्या का करीब एक प्रतिशत है और 2050 तक इसके 2.1 प्रतिशत होने की उम्मीद है। मुस्लिम देशों से दूसरे देशों में जाने वाले इमीग्रेंट्स की वजह से दूसरे देशों और यूरोप में भी इनकी आबादी बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट बताती है कि हंगरी, इटली, पोलैंड और ग्रीस जैसे देशों में मुस्लिमों को लेकर नकारात्मक सोच ज्यादा है। जबकि फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और उत्तरी पश्चिमी देशों में ऐसी सोच कम देखने को मिल रही है। हंगरी में 72 प्रतिशत लोग मुस्लिमों के प्रति नकारात्मक सोच रखते हैं, जबकि ब्रिटेन में ये तादाद 28 प्रतिशत ही है।
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3 March 2017वॉशिंगटन से खबर है कि डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अमेरिका में काम कर रहे भारतीयों को लेकर जो चिंता पैदा हो रही थी, उसे स्वयं राष्ट्रपति ने दूर करने का प्रयास किया है। अमेरिकी संसद को अपने पहले संबोधन में ट्रंप ने साफ कर दिया कि उनकी सरकार योग्यता आधारित आव्रजन नीति लागू करेगी, जिससे अमेरिकी हितों को नुकसान न पहुंचे। इस नीति का सबसे ज्यादा फायदा भारत को मिलने की उम्मीद है। आईटी पेशेवर के रूप में सर्वाधिक भारतीय एच-1बी वीजा पर अमेरिका आते हैं। भारत से अमेरिका जाने वालों में बड़ी संख्या वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, इंजीनियरों और अन्य उच्च तकनीक वाले पेशेवरों की होती है। ट्रंप ने कहा कि दुनिया के कई देशों- कनाडा, ऑस्ट्रेलिया आदि ने अपने यहां गुणवत्ता पर आधारित आव्रजन प्रणाली लागू कर रखी है। वे फायदा पहुंचाने वाले लोगों को आने की अनुमति देते हैं। ट्रंप ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन का भी जिक्र किया और उन्हीं आव्रजन के संबंध में उनकी कही बात को लागू करने की आवश्यकता जताई। ट्रंप के अभिभाषण के बाद भारत एच-1बी वीजा के मुद्दे पर थोड़ी राहत की सांस ले सकता है। आव्रजन नियमों पर सख्त रुख रखने वाले ट्रंप ने पहली बार कहा है कि वह इस मुद्दे पर समझौता करने को तैयार हैं। अमेरिका में कार्यरत भारतीय पहले से ही ट्रंप प्रशासन की तरफ से सख्त आव्रजन नीतियों और एच-1बी वीजा पर प्रतिबंध लगाने को लेकर परेशान थे। इसके अलावा ट्रंप ने आईटी क्षेत्र में कार्यरत श्रीनिवास कुचीभोटला की कंसास में हत्या के बाद उपजे भय के वातावरण को भी खत्म करने का प्रयास किया। उन्होंने इसे नस्ली हिसा मानते हुए इसकी निंदा की है। ट्रंप ने कहा, 'यहूदी सामुदायिक केंद्रों को निशाना बनाकर हाल में दी गई धमकियां और यहूदी कब्रिस्तानों में तोड़फोड़ की घटना के अलावा कंसास शहर में पिछले सप्ताह हुई गोलीबारी हमें याद दिलाती हैं कि हमारा देश नीतियों के मामले में भले ही बंटा हुआ हो, लेकिन हमारा देश घृणा एवं बुराई के सभी रूपों की निंदा के लिए एकजुट होकर खड़ा है।' राष्ट्रपति ने कहा कि नीतिगत मामलों में हमारी राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन नफरतों की निंदा करने में पूरा अमेरिका एकजुट है। ट्रंप के अभिभाषण से पहले राष्ट्रपति भवन के औपचारिक प्रेस कान्फ्रेंस में भी इस हत्याकांड पर क्षोभ जताया गया।
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2 March 2017मुख्यमंत्री चौहान की मध्यप्रदेश के बजट पर प्रतिक्रिया मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज विधान सभा में प्रस्तुत वर्ष 2017-18 के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए हर दृष्टि से ऐतिहासिक, जनोन्मुखी और किसान हितैषी बजट बताया है। उन्होंने कहा कि समग्र दृष्टि से यह बजट किसानों के कल्याण और गरीबों के उत्थान का बजट है। नौजवानों के मन में आशा और विश्वास पैदा करने का बजट है। महिला सशक्तीकरण और पर्यावरण बचाने का बजट है। नदी के संरक्षण का बजट है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं फिर चाहे वह स्कूली शिक्षा हो, उच्च शिक्षा या मेडिकल एजुकेशन का क्षेत्र हो। चिकित्सा शिक्षा का बजट 61 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। स्वास्थ्य सुविधाएँ और ज्यादा सुदृढ़ करने के लिए स्वास्थ्य का बजट 16 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। विधवा बहनों को चाहे वे गरीब हों या अमीर हों, पेंशन मिलेगी। शासकीय कर्मचारियों को सातवां वेतनमान जुलाई माह से मिलेगा। श्री चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए 33 हजार करोड़ से ज्यादा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण वर्ष के अंतर्गत गरीब वर्गों के कल्याण की कई योजनाएँ लागू की गयी है। प्रतिभाशाली बच्चों की पढ़ाई के लिए पर्याप्त प्रावधान किया गया है। अनुसूचित जाति-जनजातियों की जनसंख्या के अनुपात में बजट बढ़ाया गया है। श्री चौहान ने कहा कि नया बजट मध्यप्रदेश को विकसित राज्यों की अग्रिम पंक्ति में खड़ा करने वाला है। अधोसंरचना विकास की दृष्टि से सिंचाई और सड़कों पर पर्याप्त प्रावधान किया गया है। सिंचाई के बजट में 12 प्रतिशत और एनवीडीए के बजट में 28 प्रतिशत बढ़ोतरी की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम स़ड़क योजना में डामरीकरण करने का फैसला लिया गया है। बिजली की व्यवस्था बेहतर बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। गरीब तबकों के लिये सबके लिये आवास, चिकित्सा और शिक्षा की व्यवस्था की गई है। श्री चौहान ने कहा कि बिना भेदभाव के 85 प्रतिशत अंक लाने वाले प्रतिभाशाली बच्चों को राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों में प्रवेश पर सरकार उनकी फीस भरायेगी। यदि मेडिकल कॉलेज प्राइवेट हैं तो उनसे ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा देने का बांड भरवायेंगे। इस उददेश्य से एक हजार करोड़ का फंड बनाया जा रहा है। इसके लिये बजट में 500 करोड़ की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नर्मदा सेवा यात्रा के लिये बजट दिया गया है। लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिये पर्याप्त प्रावधान है। महिलाओं के स्व-सहायता समूहों के लिये प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में अलग-अलग तीर्थों को जोड़ने का काम किया गया है। सांस्कृतिक दृष्टि से भी यह अनूठा बजट है। शौर्य स्मारक के बाद वीर भारत का निर्माण करने की पहल की गई है। आदि शंकराचार्य की स्मृति में वेदांत पीठ की स्थापना के लिये भी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि समग्र रूप से यह ऐतिहासिक बजट है।
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1 March 2017वाणिज्य, उद्योग और रोजगार, खनिज साधन तथा प्रवासी भारतीय मंत्री राजेन्द्र शुक्ल से उनके निवास पर काउंसल जरनल ऑफ द फेडरल रिपब्लिक ऑफ जर्मनी डॉ. जरगन मोरहार्ड ने सौजन्य भेंट की। उन्होंने भेंट के दौरान श्री शुक्ल से शिक्षा के आदान-प्रदान के साथ प्रदेश में उद्योग लगाने के संबंध में भी चर्चा की। मंत्री श्री शुक्ल को डॉ.मोरहार्ड ने जर्मनी में प्रदेश के इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को स्नातक तथा स्नातकोत्तर की डिग्री लेने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा। डॉ.मोरहार्ड ने श्री शुक्ल को बताया कि पूर्व में शिक्षा के लिए जर्मनी भाषा का ज्ञान होना जरूरी था। अब अंग्रेजी भाषा के ज्ञान से जर्मनी में डिग्री ली जा सकती है। उद्योग मंत्री श्री शुक्ल से डॉ. मोरहार्ड ने कहा कि भारत में कम्प्युटर ज्ञान के अच्छे संस्थान है| उन्होंने कहा कि जर्मनी के विद्यार्थी इसका लाभ ले सकते हैं। उन्होंने मंत्री श्री शुक्ल से यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में मीडियम स्केल के उद्योग स्थापित किये जा सकते हैं। यहाँ पर उद्योग लगाने के लिए अनुकूल वातावरण के साथ पर्याप्त सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं।
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1 March 2017विवादित इस्लामी धर्म प्रचारक जाकिर नाइक और अन्य के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नया और संभवतः आखिरी समन जारी किया है। अधिकारियों ने बताया कि एजेंसी ने नाइक को चौथा समन जारी किया है। उसे यह समन उसके वकील महेश मुले के माध्यम से और ईमेल के जरिये भेजा गया है। इसके साथ ही निदेशालय ने विदेश से इंटरनेट आधारित वीडियो लिंक के जरिये जांच अधिकारियों के समक्ष पेश होने की नाइक अपील भी ठुकरा दी। ईडी का कहना है कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत यह सुविधा नहीं दी जा सकती। अधिकारियों ने संकेत दिया कि निदेशालय की ओर से नाइक को संभवतः यह आखिरी समन जारी किया है। अगर इस बार भी उसने समन की अनदेखी की तो ईडी उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करवाने के लिए अदालत की शरण लेगा। हालांकि, नाइक का कहना है कि वह एनआरआइ है और उसे कोई समन नहीं मिला है। जबकि, दो फरवरी को उसके भाई को समन सौंपा गया था, जिसमें उसे नौ फरवरी को ईडी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया था। लेकिन, नाइक का कहना है कि यह समन सौंपना नहीं माना जाएगा। इसके अलावा नाइक ने ईडी से यह भी अनुरोध किया है कि उसके गैर सरकारी संगठन 'इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन' (आइआरएफ) के बारे में कोई भी सवाल पूछने से पहले वह गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत अधिकरण का फैसला आने तक रुक जाए। आइआरएफ को पिछले साल सरकार ने पांच के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।
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27 February 2017भारती एयरटेल ने नेशनल रोमिंग के दौरान फ्री इनकमिंग कॉल तथा एसएमएस की घोषणा की है। यह सुविधा 1 अप्रैल 2017 से एयरटेल ग्राहकों को मिलने लगेगी। माना जा रहा है कि रिलायंस जियो से मिल रही कड़ी टक्कर के मद्देनजर यह फैसला किया गया है। नई सुविधा के एयरटेल के मोबाइल ग्राहकों को नेशनल रोमिंग के दौरान वॉयस कॉल, एसएमएस तथा इंटरनेट (डाटा) का उपयोग करने पर अतिरिक्त शुल्क (प्रीमियम) नहीं देना होगा।रिलायंस जियो को टक्कर देने के लिए एयरटेल देश नेशनल रोमिंग को खत्म करने पर विचार कर रही है। इससे रोमिंग के दौरान वॉयस और डेटा सर्विस पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगेगा। एयरटेल ने इंटरनेशनल रोमिंग पैक्स के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए इसका एक्टिवेशन और बिलिंग प्रोसेस को भी सरल किया है। कंपनी के इस कदम से एयरटेल के 26.8 करोड़ ग्राहकों को फायदा मिलेगा। पिछले साल अक्टूबर में वोडाफोन ने इनकमिंग कॉल्स पर रोमिंग फ्री कर दी थी। हालांकि आउटगोइंग कॉल्स और डेटा यूज पर अब भी रोमिंग चार्ज जारी है। उल्लेखनीय है कि एयरटेल ने अभी तक इस स्कीम की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। एयरटेल इंटरनेशनल रोमिंग के दौरान ग्राहकों के लिए रोमिंग एक्टिवेशन तथा बिलिंग को सरल किया जाएगा। नेशनल रोमिंग के दौरान कॉल तथा एसएमएस मुफ्त रहेगी। आउटगोइंग कॉल्स पर कोई प्रीमियम फीस नहीं लगेगी। एयरटेल नेटवर्क पर रोमिंग के दौरान वॉयस तथा डेटा पर रोमिंग चार्ज नहीं लगेगा।
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27 February 2017प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने 29वें 'मन की बात' कार्यक्रम में भारतीय वैज्ञानिक समुदाय की उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए कहा कि 15 फ़रवरी,2017 भारत के जीवन में बेहद गौरवपूर्ण दिवस के रूप में याद किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस दिन हमारे वैज्ञानिकों ने विश्व के सामने भारत का सर गर्व से ऊँचा किया है. ISRO ने कई अभूतपूर्व मिशन सफलतापूर्वक पूर्ण किए हैं.'मंगलयान' भेजने के बाद पिछले दिनों इसरो ने विश्व रिकॉर्ड बनाया. इसरो ने मेगा मिशन के ज़रिये एक साथ विभिन्न देशों के 104 उपग्रह अन्तरिक्ष में सफलतापूर्वक लांच किए हैं. 104 उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजकर इतिहास रचने वाला भारत दुनिया का पहला देश बना और यह लगातार 38वाँ पीएसएलवी का सफल लांच है. भारत का उपग्रह कार्टोसैट-2डी के माध्यम से खींची हुई तस्वीरों से संसाधनों की मैपिंग, आधारभूत ढांचे की प्लानिंग में मदद मिलेगी. ख़ास करके किसान को देश में जो सभी जल स्रोत है, वो कितना है,उसका उपयोग कैसे हो सकता है इन सारे विषयों पर कार्टोसेट-2डी बहुत मदद करेगा. हमारे लिये ये भी ख़ुशी की बात है कि इस सारे अभियान का नेतृत्व, हमारे युवा वैज्ञानिक, हमारी महिला वैज्ञानिक, किया है. इस सिलसिले में एक महिला शोभा जी ने एक और भी सवाल पूछा है और वो है भारत की सुरक्षा के संबंध में, भारत ने एक बहुत बड़ी सिद्धि प्राप्त की है, उसके विषय में. भारत ने रक्षा के क्षेत्र में भी बैलिस्टिक इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. इंटरसेप्टर टेक्नोलॉजी वाले इस मिसाइल ने ट्रायल के दौरान ज़मीन से 100 कि.मी. की ऊँचाई पर दुश्मन की मिसाइल को ढेर कर सफलता पाई. दुनिया के चार या पाँच ही देश हैं कि जिन्हें ये महारत हासिल है. भारत के वैज्ञानिकों ने ये करके दिखाया. इसकी ताक़त है कि 2000 किमी दूर से भी भारत पर आक्रमण के लिये मिसाइल आती है तो ये मिसाइल अंतरिक्ष में ही उसको नष्ट कर देती है. हमारी युवा-पीढ़ी का विज्ञान के प्रति आकर्षण बढ़ना चाहिए. देश को बहुत सारे वैज्ञानिकों की ज़रूरत है. नीति आयोग एवं भारत के विदेश मंत्रालय ने 14वें प्रवासी भारतीय दिवस के समय एक बड़ी विशिष्ट प्रकार की प्रतिस्पर्द्धा की योजना की थी. जो विशिष्ट बुद्धि प्रतिभा रखते हैं, वो जिज्ञासा को जिज्ञासा नहीं रहने देते, उनकी जिज्ञासा नई खोज का कारण बन जाती है. उनको तरजीह देने के लिए समाज उपयोगी नवाचार को आमंत्रित किया गया. ऐसे नवाचार को चिन्हित करना, उसको प्रदर्शन करना और उसको लोगों को जानकारी देना. हमारा समाज टेक्नोलॉजी की तरफ उन्मुख हो रहा है. व्यवस्थायें टेक्नोलॉजी पर आधारित हो रही हैं. तकनीक हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन रही है. 'डिजि-धन' पर ज़ोर दिया जा रहा है, लोग नकद से डिजिटल करेंसी की तरफ बढ़ रहे हैं. भारत में डिजिटल ट्रांजेक्शन तेजी से बढ़ रहा है. 14 अप्रैल को डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर की जन्म-जयंती का पर्व है और अभी-अभी बाबा साहेब अम्बेडकर की 125वीं जयंती गई है. उनका स्मरण करते हुए लोगों को भीम ऐप डाउनलोड करना सिखाएं. उससे लेन-देन कैसे होती है, वो सिखाएँ और ख़ास करके आस-पास के छोटे-छोटे व्यापारियों को सिखाएँ. हमारे देश की अर्थव्यवस्था के मूल में कृषि का बहुत बड़ा योगदान है. गाँव की आर्थिक ताक़त, देश की आर्थिक गति को ताक़त देती है. किसानों के परिश्रम से इस वर्ष रिकॉर्ड अन्न उत्पादन हुआ है. इस वर्ष देश में लगभग 2 हज़ार 700 लाख टन से भी ज्यादा खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है. किसान परंपरागत फ़सलों के साथ-साथ देश के ग़रीब को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग दालों की भी खेती करें क्योंकि दाल से ही सबसे ज़्यादा प्रोटीन ग़रीब को प्राप्त होता है देश के किसानों ने ग़रीबों की आवाज़ सुनी और क़रीब-क़रीब दो सौ नब्बे लाख हेक्टेयर धरती पर भिन्न-भिन्न दालों की खेती की. ये सिर्फ दाल का उत्पादन नहीं है, किसानों के द्वारा हुई मेरे देश के ग़रीबों की सबसे बड़ी सेवा है. रियो पैरालिंपिक्स में हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने जो प्रदर्शन किया, हम सबने उसका स्वागत किया था. वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को हराते हुए लगातार दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बन करके देश का गौरव बढ़ाया. दिव्यांग भाई-बहन सामर्थ्यवान,दृढ़-निश्चयी होते हैं,साहसिक होते हैं,संकल्पवान होते हैं, हर पल हमें उनसे कुछ-न-कुछ सीखने को मिल सकता है. देश का कोई भी नागरिक जब कुछ अच्छा करता है, तो पूरा देश एक नई ऊर्जा का अनुभव करता है, आत्मविश्वास को बढ़ाता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि खेल हो या अंतरिक्ष विज्ञान महिलायें किसी से पीछे नहीं हैं. एशियाई रग्बी सेवेंस ट्रॉफी में हमारी हमारी महिला खिलाड़ियों ने सिल्वर मेडल जीता. इससे पहले पिछले महीने 29 जनवरी को उन्होंने यह कार्यक्रम किया था. उसमें परीक्षाओं के मद्देनजर पढ़ाई करने वाले छात्रों की तैयारियों पर खास रूप से बातचीत की थी. उसमें छात्रों को उन्होंने स्माइम मोर एंड स्कोर मोर का नारा दिया था. इसके साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने पिछले कार्यक्रम में गणतंत्र दिवस पर गैलेंट्री अवॉर्ड पाने वाले लोगों के परिवारवालों को शुभकामनाएं दी थीं.
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26 February 2017अब अगर आपने अपने ट्वीट में असभ्य भाषा का इस्तेमाल किया या नफरत फैलाने वाली टिप्पणी की तो आपका ट्विटर अकाउंट लॉक हो जाएगा। दरअसल, माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने पोस्ट में गाली और असभ्य भाषा का प्रयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की तैयारी की है। ट्विटर ने अब ऐसे लोगों का अकाउंट लॉक करना शुरू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी करने वाली महिला का अकाउंट लॉक किया है। ट्विटर की ओर से जारी बयान के अनुसार अकाउंट लॉक करने का यह काम अशालीन भाषा को लोगों तक आने से रोकने के लिए उठाया गया है। कंपनी के मुताबिक, साइट पर लगा फिल्टर अकाउंट के प्रकार के हिसाब से काम नहीं करता है। किसी भी अकाउंट से लगातार अशालीन शब्द पोस्ट होने पर वह लॉक हो जाएगा। ट्विटर ने इस दिशा में फिलहाल नए फीचर लांच किए हैं, जिसमें घटिया ट्वीट खुद ब खुद गायब हो जाते हैं।
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25 February 2017जी-20 देशों में भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहेगा और यह 2017 में 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने आज यह अनुमान जताया। मूडीज ने कहा कि 2016 की चौथी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में नोटबंदी की वजह से सुस्ती आई। मूडीज ने कहा, ‘भारत के 2017 में जी-20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहने का अनुमान है। 2017 में भारत की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत रहेगी।’ हालांकि यह पूर्व के 7.5 प्रतिशत के अनुमान से कम है। नोटबंदी की वजह से इसमें कमी गई है। वैश्विक वृद्धि के बारे में मूडीज ने कहा कि 2017 और 2018 में यह तीन प्रतिशत रहेगी, जो कि 2016 में 2.6 प्रतिशत रही थी। हालांकि, अमेरिकी की नीति में बदलाव की संभावना से इसको लेकर अनिश्चितता है।
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24 February 2017उज्जैन के राजाधिराज भगवान महाकाल के विवाह और प्राकट्य का दिवस शुक्रवार को महाशिवरात्रि पर्व के रूप में मनाया जाएगा। तैयारियों स्वरूप ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया गया है। भगवान के निराकार और फिर दूल्हा स्वरूप में दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालु शहर में जुटे हैं। प्रशासन ने 30 घंटों में 3 लाख श्रद्धालुओं को दर्शन कराने का बंदोबस्त किया है। सर्वार्थ सिद्धि योग में गर्भगृह के पट खुलेंगे और परंपरागत भस्मारती की जाएगी। महाशिवरात्रि पर्व पर ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के द्वार 45 घंटे सतत खुले रहेंगे। मंदिर प्रशासन ने शुक्रवार सुबह 6 से शनिवार सुबह 12 बजे तक सभी आम और खास श्रद्धालुओं को भगवान के दर्शन नंदी हॉल में लगे बेरिकेट के पीछे से कराने की व्यवस्था की है। कलेक्टर संकेत भोंडवे ने कहा है कि महाकुंभ सिंहस्थ की तर्ज पर गर्भगृह में सभी आम और खास लोगों का प्रवेश निषेध रहेगा। शीघ्र, सुलभ और सुरक्षित दर्शन कराने को 3 हजार से ज्यादा अफसर-कर्मचारियों और मानसेवियों की ड्यूटी लगाई है। पौराणिक मान्यता है कि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी (महाशिवरात्रि) को भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था और इसी दिन ब्रह्माजी के अंश से शिवलिंग का प्राकट्य हुआ था। इस बार ये संयोग 32 साल बाद प्रदोषकाल में बना है, जो नितांत शुभ और मंगलदायी है।
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23 February 2017अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ ट्रंप प्रशासन के अभियान की गाज तीन लाख भारतीय मूल के लोगों पर भी गिर सकती है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान में अवैध तरीके से अमेरिका आए एक करोड़ दस लाख लोगों को वापस भेजने की घोषणा की थी। माना जाता है कि इनमें तीन लाख भारतीय मूल के हैं। अब राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप प्रशासन उस घोषणा को पूरा करने के लिए कार्य में जुट गया है। अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने कहा है कि अब वह इन अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजने में कोई ढील नहीं करेगा। इस कार्य में प्रभावी तरीके से संघीय आव्रजन कानून लागू किए जाएंगे। कानून तोड़ने वालों को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने दो परिपत्र जारी करके अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश को रोकने और आए हुए लोगों को वापस उनके देश भेजने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के तहत पहले उन लोगों के नाम सूचीबद्ध किये जाएंगे जिनकी आमद सरकारी रिकॉर्ड में कहीं दर्ज नहीं है। इनमें एक वर्ग उन लोगों का भी होगा जो पिछले दो साल में अमेरिका में लगातार आते-जाते रहे। नाबालिग बच्चों के साथ रहने वालों को मामलों पर भी गौर किया जाएगा। साथ ही उन मामलों को भी देखा जाएगा जिनमें शरण की मांग की गई है। चेकिंग के दौरान उन प्रवासियों के हालात पर भी गौर किया जाएगा जो अपने देश में उत्पीड़न का शिकार होने की वजह से अमेरिका आए।
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22 February 2017अमेरिका में अवैध प्रवासियों के खिलाफ ट्रंप प्रशासन के अभियान की गाज तीन लाख भारतीय मूल के लोगों पर भी गिर सकती है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान में अवैध तरीके से अमेरिका आए एक करोड़ दस लाख लोगों को वापस भेजने की घोषणा की थी। माना जाता है कि इनमें तीन लाख भारतीय मूल के हैं। अब राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप प्रशासन उस घोषणा को पूरा करने के लिए कार्य में जुट गया है। अमेरिका के गृह सुरक्षा विभाग ने कहा है कि अब वह इन अवैध प्रवासियों को वापस उनके देश भेजने में कोई ढील नहीं करेगा। इस कार्य में प्रभावी तरीके से संघीय आव्रजन कानून लागू किए जाएंगे। कानून तोड़ने वालों को गिरफ्तार करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने दो परिपत्र जारी करके अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश को रोकने और आए हुए लोगों को वापस उनके देश भेजने के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के तहत पहले उन लोगों के नाम सूचीबद्ध किये जाएंगे जिनकी आमद सरकारी रिकॉर्ड में कहीं दर्ज नहीं है। इनमें एक वर्ग उन लोगों का भी होगा जो पिछले दो साल में अमेरिका में लगातार आते-जाते रहे। नाबालिग बच्चों के साथ रहने वालों को मामलों पर भी गौर किया जाएगा। साथ ही उन मामलों को भी देखा जाएगा जिनमें शरण की मांग की गई है। चेकिंग के दौरान उन प्रवासियों के हालात पर भी गौर किया जाएगा जो अपने देश में उत्पीड़न का शिकार होने की वजह से अमेरिका आए।
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22 February 2017लॉन्च के 170 दिनों के भीतर दस करोड़ से ज्यादा ग्राहक जुटाकर रिकॉर्ड बनाने वाली रिलायंस जियो ने अपने ग्राहकों के लिए कुछ नई सुविधाओं की घोषणा की है। इसके तहत अप्रैल से जियो के ग्राहकों को 20 फीसद अतिरिक्त डाटा इस्तेमाल की सहूलियत प्राप्त होगी। कंपनी ने पहली अप्रैल से 303 रुपये के मासिक शुल्क वाला नया ऑफर पेश किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने मुंबई में इसका एलान किया। अंबानी ने कहा कि 31 मार्च को प्रमोशनल ऑफर समाप्त होने के बाद भी जियो के नए ग्राहकों को फ्री वॉइस कॉल और नेशनल रोमिंग की सुविधा मिलेगी। जबकि मौजूदा ग्राहक नए टैरिफ प्लान के तहत 99 रुपये के एकमुश्त तथा 303 रुपये के मासिक भुगतान पर वे सारे मौजूदा लाभ प्राप्त कर सकते हैं, जो अभी उन्हें मिलते हैं। जियो ने पिछले साल पांच सितंबर को अपनी 4जी सेवाएं शुरू की थीं। तब से अब तक छह माह से कम समय में ही कंपनी ने 10 करोड़ ग्राहकों का आंकड़ा पार कर लिया है। जियो का हैप्पी न्यू ईयर ऑफर 31 मार्च को समाप्त हो रहा है। इसी के साथ कंपनी एक अप्रैल से वह नए टैरिफ प्लान लागू करने जा रही है। इसके बावजूद एसटीडी समेत किसी भी नेटवर्क के लिए की जाने वाली सभी घरेलू वॉयस कॉल पूरी तरह मुफ्त रहेंगी। जहां तक डाटा का संबंध है तो जियो किसी भी टेलीकॉम आपरेटर के सर्वाधिक लोकप्रिय टैरिफ ऑफर से भी सस्ता प्लान मुहैया कराएगी। साथ ही, उस पर 20 फीसद अतिरिक्त डाटा उपलब्ध कराएगी। अंबानी ने अपने मौजूदा 10 करोड़ ग्राहकों के लिए जियो प्राइम मेंबरशिप प्रोग्राम की घोषणा भी की। कोई भी ग्राहक मात्र 99 रुपये का एकमुश्त भुगतान कर इसमें अपना नाम दर्ज करा सकता है। इसके तहत मात्र 303 रुपये का मासिक भुगतान कर मार्च, 2018 तक मौजूदा सभी रियायतें व लाभ प्राप्त कर सकता है। "बीते 170 दिनो के दौरान जियो ने हर सेकंड में सात नए ग्राहक जोड़े। यह दुनिया में किसी भी टेलीकॉम कंपनी द्वारा हासिल ग्राहकों का उच्चतम स्तर है। इस दौरान ग्राहकों ने 200 करोड़ मिनट वॉयस एवं वीडियो कॉल्स तथा 100 करोड़ जीबी (रोजाना 3.3 करोड़ जीबी) से अधिक डाटा की खपत की। इसके साथ मोबाइल डाटा उपयोग के मामले में भारत दुनिया का नंबर एक देश बन गया है। अकेले जियो पर प्रयुक्त होने वाला डाटा अमेरिका में इस्तेमाल कुल डाटा के लगभग बराबर है। जबकि चीन में प्रयुक्त डाटा के आधे से अधिक है।" भारतीयों को सस्ती दर पर 4जी इंटरनेट और वॉयस कॉलिंग सेवाएं देने के लिए जियो ने देशभर में करीब तीन लाख किमी ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछायी। यह एकमात्र ऐसी टेलीकॉम कंपनी है, जिसके पास देश के सभी 22 सर्किलों में 4जी स्पेक्ट्रम मौजूद है। इसी का नतीजा है कि जितने उपभोक्ता बनाने में एयरटेल को 12 साल और आइडिया व वोडाफोन को 13-13 साल लगे, उतने ग्राहक जियो ने केवल छह महीने में बना लिए।
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21 February 2017दुनिया में हथियारों की होड़ पिछले 5 सालों में पिछले 27 सालों के सर्वाधिक स्तर पर पहुंच चुकी है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार साल 2012 से 2016 के बीच पूरी दुनिया में खरीदे गए कुल हथियारों का 13 प्रतिशत भारत ने खरीदा। पूरी दुनिया में हथियार खरीदने के मामले में भारत के बाद सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, चीन और अल्जीरिया का स्थान है। साल 2007 से 2011 के बीच भारत ने दुनिया के कुल हथियारों की बिक्री के 9.7 प्रतिशत हथियार खरीदे थे जो किसी भी देश द्वारा इस दौरान खरीदे गए हथियारों से ज्यादा थे। कुछ रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पीएम मोदी द्वारा रक्षा क्षेत्रों में प्राइवेट कंपनियों पर भरोसा जताने का नतीजा सकारात्मक हो सकता है। हालांकि मोदी सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के बावजूद देसी हथियार कंपनियां भारत की रक्षा जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं हैं। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को आधुनिक बनाने के लिए 250 अरब डॉलर (करीब 167 लाख करोड़ रुपए) खर्च करने का इरादा जताया है। इयान मॉर्लो के अनुसार भारत सरकार लोकहीड मार्टिन कॉर्प और एसएएबी एबी जैसी कंपनियों को भारत में हथियार बनाने का ठेका देना चाहती है लेकिन ये कंपनियां देश की लालफीताशाही के डर से हिचक रही हैं। भारत सबसे ज्यादा रूस, अमेरिका और इसराइल से हथियार खरीदता है। वहीं भारत का पड़ोसी और प्रतिद्वंद्वी चीन हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर होता जा रहा है। हथियारों की खरीदारी के मामले में चीन की हिस्सेदारी पिछले 5 सालों में घटी है।
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21 February 2017दो हजार के नोट के चलन को बताया देश के लिए घातक 'कोका कोला नर्मदा नदी से दूर ही रहे तो अच्छा है, बल्कि वे हिंदुस्तान में ही ना रहे तो ज्यादा अच्छा है। ऐसी कंपनियां अपने उत्पाद से बच्चों से लेकर युवाओं तक की जिंदगी में जहर घोल रही हैं।"ये कहना है योग गुरु बाबा रामदेव का, जो नर्मदा सेवा यात्रा में हिस्सा लेने सोमवार को आए थे। कोका कोला होशंगाबाद के बावई में नर्मदा से आठ किमी दूर प्लांट लगा रहा है। सोमवार को लालघाटी स्थित वीआईपी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से चर्चा के दौरान रामदेव ने कोका कोला, पेप्सी और थम्सअप की तुलना शराब से करते हुए कहा कि ये कंपनियां ग्लैमर का तड़का लगाकर झूठा विज्ञापन कर रही है। कालेधन पर वे बोले कि सरकार ने आंतिरक अर्थव्यवस्था को लेकर तो सख्त कदम उठाए, पर जो कालाधन बाहर जमा है उसके लिए भी ऐसे कठोर कदम उठाने चाहिए। नोटबंदी पर योग गुरु ने कहा कि दो हजार का नोट अच्छा नहीं लग रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि आर्थिक और राजनीतिक अपराध में बड़ी करेंसी उपयोग होती है, इसलिए ये नोट देश के लिए घातक है। नर्मदा तट पर शराब के ठेके को मार्च से रिन्यूअवल न करने के मप्र सरकार के फैसले पर रामदेव ने कहा कि जो ये शराबबंदी की दिशा में बढ़ता कदम है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार से ऋषिकेश जाते समय कई बार देखा है कि लोग रास्ते में शराब की बोतलें गंगाजी में ठंडी करके पीते हैं और गंदगी फैलाते हैं। नर्मदा में अवैध रेत उत्खनन पर बाबा बोले कि किसी भी नदी में खनन शोभनीय नहीं है। सुबह मुख्यमंत्री ने उनसे इस संदर्भ में कहा है कि सरकार किसी भी प्रकार का अवैध उत्खनन नहीं होने देगी। राजनीतिक निष्पक्षता पर बाबा बोले कि 2014 के लोकसभा चुनाव में एक राजनीतिक संकट था देश में। उस दौर में हमने मोदी का समर्थन किया। यदि देशहित का कोई कार्य कांग्रेस भी करे और सहयोग मांगे तो हम तैयार हैं। नर्मदा किनारे वृक्षारोपण बाबा ने कहा कि किसान खेतों की मेढ़ में दोनों तरफ आंवला भी लगाएं। यदि रोज पांच दस हजार टन भी आंवला पैदा होगा तो पतंजलि खरीदने की गारंटी देगी।
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20 February 2017जमीयत-उलमा-ए-हिंद के सचिव जनरल मौलाना महमूद मदनी की टिप्पणी एक बार फिर चर्चा में है। इस बार उन्होंने कहा है कि जिस घर में शौचालय न हो, वहां मौलवी और मुफ्ती निकाह पढऩे न जाएं। महमूद मदनी ने कहा कि हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब के मौलवियों और मुफ्तियों ने यह फैसला ले लिया है। अब देश के दूसरे राज्यों के भी मौलवी और मुफ्ती इसे अमल में लाएं। गुवाहाटी [असम] में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि इन 3 राज्यों में निकाह के लिए शर्त के तौर पर शौचालय होना जरूरी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि देश के दूसरे धर्म के लोगों को भी इस तरह का फैसला लेना चाहिए। मदनी ने कहा कि 2 तरह की सफाई होती है। एक बाहरी और एक भीतर की। शरीर साफ होने पर ही भीतर की सफाई की जा सकती है। इसलिए न सिर्फ असम, बल्कि पूरे देश को स्वच्छ बनाएं।
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19 February 2017दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर एक बार फिर निशाना साधा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि पहली गोली भारत की तरफ से नहीं चलेगी और अगर पाकिस्तान की ओर से चलती है तो फिर अपनी गोलियां नहीं गिनेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया को यह संदेश दिया है कि वह एक मजबूत देश है, अगर कोई ताकतें उसकी शांति में खलल डालती है तो उन्हें नहीं बख्शा जाएगा। गौरतलब है कि इससे पहले भी राजनाथ ने जम्मू कश्मीर के कठुआ में शहीदी दिवस के मौके पर पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा था कि भले ही पाकिस्तान ने 4-4 बार भारत पर हमला किया हो, लेकिन यहां के जवानों ने उनके दांत खट्टे कर दिए हैं। उन्होंने कहा था कि अभी तो पाकिस्तान के 2 टुकड़े हुए हैं अगर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो पाकिस्तान के शायद 10 टुकड़े हो जाएं।
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19 February 2017मिल-बाँचें कार्यक्रम में माध्यमिक शाला पहुँचे मुख्यमंत्री पाठ पढ़ते, कविता सुनाते, जोड़-घटाना करते और शिक्षाप्रद कहानी सुनते-सुनाते भाँजे-भाँजियाँ और उन्हें ज्ञान-संस्कार की सीख देने का आत्मीय दृश्य शनिवार को भोपाल के शासकीय संजय गांधी माध्यमिक शाला में देखने को मिला, जहाँ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान छात्र-छात्राओं को पढ़ाने शिक्षक के रूप में पहुँचे। उन्होंने बच्चों को प्रेरणाप्रद कहानियाँ सुनाई, जोड़-घटाना और गुणा-भाग के प्रश्न हल करवाये। बच्चों में आत्मविश्वास और जीवन में निरंतर अच्छे से अच्छा करने की ऊर्जा एवं उत्साह का संचार करते हुए उन्हें बहुत ही स्नेहिल और आत्मीय ढंग से राष्ट्रभक्त और कर्त्तव्यनिष्ठ नागरिक बनने की सीख दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लगभग सवा घंटा बच्चों के साथ शिक्षक के रूप में बिताया। बच्चों के साथ घुल-मिलकर उन्हें छोटी-छोटी बातों से बड़ी-बड़ी सीख दी, जिससे बच्चे भारी उत्साहित थे। श्री चौहान बच्चों में पढ़ने का कौशल और समझ बढ़ाने के लिये प्रदेशव्यापी मिल-बाँचें कार्यक्रम में यहाँ पहुँचे थे, जहाँ उन्होंने एक शिक्षक की भूमिका को बखूबी निभाया। इसी विद्यालय में श्री चौहान ने भी कक्षा छटवीं से आठवीं तक की शिक्षा प्राप्त की थी। मुख्यमंत्री ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि अच्छे गुणों को अपने जीवन में उतारने से व्यक्ति महान बनता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बच्चों को बताया कि प्रभावशाली ढंग से अपनी बात कहने और समझने का प्रभावी माध्यम शिक्षा है। उन्होंने अपने छात्र जीवन के प्रसंग के माध्यम से जीवन के निर्माण में शिक्षा और भाषा पर पकड़ की महत्ता को समझाया। उन्होंने बच्चों को गुरू की आज्ञा पालन की महत्ता, आरूणि की गुरू भक्ति की कहानी और देश के लिये प्राणों का न्यौछावर करने वाले चन्द्रशेखर आजाद के प्रेरक प्रसंग सुनाये। उन्होंने सदैव सत्य का पालन करने के लिये महात्मा गॉधी और युधिष्ठिर के जीवन प्रसंग सुनाकर बच्चों को प्रेरित किया। बच्चों को दी राष्ट्रभक्ति की सीख मुख्यमंत्री ने बच्चों से पुस्तकों के पाठ का पठन भी करवाया तथा उससे मिलने वाली शिक्षा पर बात की। उन्होंने फूल की अभिलाषा के द्वारा देश प्रेम और राष्ट्र भक्ति की भावना बच्चों में भरी। इन प्रसंगों के माध्यम से देश की आजादी के संघर्ष और उसके लिये जीवन की कुर्बानी देने वाले वीरों का स्मरण करवाया। उनके सपनों के भारत का निर्माण करने के लिये प्रेरित किया। श्री चौहान ने बच्चों को समझाया कि आत्म-विश्वास व्यक्तित्व का आधार है। सत्य बात कहने में संकोच नहीं करना चाहिये। मुख्यमंत्री ने बच्चों के साथ प्रश्नोत्तर भी किये। उन्हें माता-पिता और गुरूजन का सदैव सम्मान के लिये प्रेरित किया तथा कमजोरियों पर विजय पाने के लिये निरंतर प्रयास की जरूरत बतलायी। उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि बचपन में वे भी गणित विषय से डरते थे। बोलते भी अत्यंत धीमे थे। उन्होंने अपने गुरू का आभार ज्ञापित किया, जिन्होंने उनकी इन कमियों को दूर करवाया। मुख्यमंत्री ने बच्चों से सुनी कहानी मुख्यमंत्री ने मिल-बाँचे अभियान की मंशा के अनुरूप बच्चों से पाठ्य-पुस्तक के पाठों का पठन करवाया। छात्रा गौरवी विश्वकर्मा ने रम्मो और कल्लो की कहानी का पठन किया। दीपू मालवीय ने शिवाजी की जीवनी का वाचन किया। दूसरी कक्षा की छात्रा संतोषी ने प्रार्थना का पाठ किया। श्री चौहान ने प्रार्थना के माध्यम से सदैव ईश्वर का स्मरण करने की सीख दी। उन्होंने कहा पूरी दुनिया का नियंत्रण कोई एक शक्ति करती है। उसको अलग-अलग नामों से याद किया जाता है। उन्होंने विद्यालय के छात्र दीपक भदौरिया से जोड़ने, छात्रा संतोषी से घटाने और प्रियंका से गुणा के प्रश्न हल करवाए। उन्होंने बच्चों की संवाद-कला को परिमार्जित करने और प्रेरक प्रसंग से सीख लेने के लिये कहानियाँ भी सुनीं। उनसे मिलने वाली शिक्षा को भी स्पष्ट किया। छात्र नितिन ने तोतों की कहानी के माध्यम से बताया कि रटना शिक्षा नहीं है। वहीं दूसरों की जीवन रक्षा के लिये प्राणों का बलिदान करने वाले युवक की कहानी छठवी कक्षा की छात्रा सुहानी राजोरिया ने सुनाई। बच्चे बेहतर बनने का प्रयास करें श्री चौहान ने बच्चों का आव्हान किया कि देश-दुनिया की सेवा के लिये ज्ञान-अर्जन का प्रयास करें। ऐसा जीवन जीयें जिस पर उनके माता-पिता, गुरुजन और देश-प्रदेश गर्व करे। अपने गुणों को निखारने और बेहतर से बेहतर बनाने के लिये प्रयास करें। उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुये बताया कि वे जब विद्यालय की ओर से भ्रमण पर जाते थे, छात्रों और शिक्षकों की अधिक से अधिक मदद के प्रयास करते थे। इसी भावना के साथ वे निरंतर आगे बढ़ते गये। उन्होंने कहा कि स्वच्छता, सत्यता, सम्मान और स्नेह के गुणों से परिपूर्ण व्यक्तित्व का अपना एक आभा-मंडल बन जाता है। उन्होंने कहा कि जो अच्छा पढ़ें, उसे जीवन में भी उतारें। जो कमियाँ मिलती हैं, उन्हें निरंतर दूर करने का प्रयास करें। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे पूरे विश्व को अपना परिवार मानें। सबके कल्याण और मंगल के लिये कार्य करें। यही भारतीय संस्कृति है। ये मेरा है, ये तेरा है यह छोटी सोच है। धर्म का अर्थ अच्छी बातें और अधर्म का मतलब है वह बातें जो अनुचित हैं। इसीलिये भारतीय संस्कृति में धर्म की जीत और अधर्म के नाश की बात कही गई है। मुख्यमंत्री ने विद्यालय पत्रिका नवांकुर का विमोचन किया तथा बच्चों को उपहार दिये। आभार ज्ञापन विद्यालय की बाल केबिनेट की प्रधानमंत्री प्रियंका कुम्हरे ने किया। छात्र-छात्राओं में भाषा का ज्ञान और समझ बढ़ाने के लिये मिल-बाँचे कार्यक्रम में हर वर्ग ने भागीदारी की। इस राज्यव्यापी कार्यक्रम में प्रदेश की 112073 प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में दो लाख से ज्यादा लोगों ने बच्चों को पढ़ाया। इनमें मंत्रीगण, विधायक एवं जन-प्रतिनिधि, अधिकारी, समाजसेवी, सेवानिवृत अधिकारी, इंजीनियर, डॉक्टर, पूर्व विद्यार्थी तथा हर वर्ग के लोग शामिल हैं।
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18 February 2017रायबरेली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तंज करते हुए कहा कि मोदी ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में देश के सामने अच्छे दिन की बात कहने वाली ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (डीडीएलजे) जैसी फिल्म दिखायी। लेकिन देश को नोटबंदी का दर्द दिया और हिन्दुस्तानियों के हाथों में झाड़ू पकड़ा दी। राहुल ने रायबरेली शहर के जीआईसी मैदान में आयोजित रैली में कहा, ‘मोदी जहां भी जाते हैं, कुछ ना कुछ वादा करके आ जाते हैं। वर्ष 2014 में मोदी आये और देश के सामने एक पिक्चर बनायी। आपको शाहरुख खान की फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' तो याद ही होगी। उसमें भी अच्छे दिन की बात थी। मोदी ने भी वैसी ही पिक्चर बनायी और कहा कि सबकुछ साफ हो जाएगा, हिन्दुस्तान चमकेगा। क्या ऐसा हुआ नहीं, उल्टे ढाई साल बाद शोले का गब्बर आ गया।’ राहुल के साथ उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी मंच पर नजर आयीं। इस बार विधानसभा चुनाव में वह पहली बार प्रचार के मैदान में उतरीं। हालांकि उन्होंने भाषण नहीं दिया। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘मोदी जहां जाते हैं, रिश्ता बनाते हैं। वाराणसी गये तो कहा कि गंगा मेरी मां है, मैं वाराणसी का बेटा हूं और कहा कि वाराणसी को बदल दूंगा, गंगा को साफ कर दूंगा। अरे मोदी जी रिश्ता बताने से नहीं निभाने से बनता है। मीडिया जरा मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी का हाल देश की जनता को दिखाये।’ केन्द्र की भाजपानीत सरकार के स्वच्छता अभियान पर तंज करते हुए कहा ‘मोदी ने कहा कि हिन्दुस्तान में बहुत कचरा है। सफाई करनी है। मैं अमेरिका जा रहा हूं ओबामा जी से मिलने। तुम लोग झाडू़ उठा लो। मैं वापस आऊंगा तो रिपोर्ट कार्ड मांगूंगा। हो गयी सफाई, क्या हिन्दुस्तान साफ हो गया।’ नोटबंदी के मुद्दे पर भी मोदी पर हमला करते हुए राहुल ने कहा, ‘मोदी जी आठ नवम्बर को खड़े होते हैं और कहते हैं कि माताओं-बहनों, कांग्रेस ने बहुत दबाव डाल दिया है। हम पर सूटबूट का इल्जाम लगा दिया है। अब मुझे एक नया आइडिया आया है। आपने जो थोड़ी-थोड़ी बचत की है, उसे मैं अब कागज में बदलना चाहता हूं। जाओ, सब बैंक के सामने लाइन में खड़े हो जाओ। फिर कहते हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई है। बताइये कि क्या उस लाइन में कोई सूटबूट वाला खड़ा था।’ प्रधानमंत्री पर काफी आक्रामक तेवर में नजर आ रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि मोदी ने उद्योगपति विजय माल्या को 1200 करोड़ रुपये कर्ज की टाफी खिलायी। मोदी गरीब और मेहनतकश को कर्ज देने के बजाय ‘माल्या जैसे चोर’ को पैसा देते हैं। मोदी की सरकार हमें 50 हजार का कर्ज नहीं देती और माल्या जैसे लोगों की जेब में हजारों करोड़ रुपये डाल देती है। उन्होंने कहा ‘माल्या हिन्दुस्तान में शराब बेचता है। जो शराब बेचता है उसे 10 हजार करोड़ और जो खून, पसीना और जिंदगी देता है, उसे मोदी पांच रुपये नहीं देते। उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार होगी तो अपना कारोबार करने की इच्छुक हर महिला और उद्यमी को कर्ज दिया जाएगा।’ राहुल ने कहा कि मोदी ने छह लाख करोड़ रुपये हिन्दुस्तान के 50 अमीरों को दे रखा है, अगर यह धन उत्तर प्रदेश के युवाओं को दिया होता, अगर किसानों की मदद की होती, तो कितना भला होता। उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने पर किसानों का कर्ज माफ करने के भाजपा के चुनावी वादे पर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘मैंने मोदी से किसानों की कर्जमाफी का आग्रह किया था लेकिन उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकला। उत्तर प्रदेश में चुनाव आया तो कहते हैं कि यहां भाजपा की सरकार बनते ही मोदी किसानों का कर्ज माफ कर देगा। आपको याद होगा कि कांग्रेस ने 70 हजार करोड़ रुपये कर्ज माफ किया था। उस समय केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी।’
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17 February 2017भारत के साथ रणनीतिक वार्ता से पहले चीन ने शुक्रवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र में जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंधित करने के लिए उसे ‘ठोस साक्ष्य’ चाहिए। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग सुआंग ने संवाददाताओं को बताया कि विदेश सचिव एस जयशंकर और चीन के कार्यकारी उप विदेश मंत्री झांग येसुई 22 फरवरी को बीजिंग में नये दौर की रणनीतिक वार्ता करेंगे। उन्होंने बताया कि रणनीतिक वार्ता के दौरान दोनों पक्ष अंतरराष्ट्रीय हालात और आपसी हितों से जुड़े अन्य क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। रणनीतिक वार्ता को भारत और चीन के बीच संचार और संपर्क का अहम मंच माना जाता है। अजहर के मुद्दे और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत के प्रवेश समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर द्विपक्षीय संबंधों में ‘टकराव’ से जुड़ी खबरों के बारे में पूछे जाने पर गेंग ने कहा कि ‘मतभेद केवल स्वाभाविक है।’ उन्होंने कहा, ‘आगामी रणनीतिक वार्ता समेत सभी तरह के संपर्कों के जरिये दोनों पक्ष मतभेद को कम करने और सहयोग के लिए नई सहमति तक पहुचंने के लिए दोनों पक्ष संपर्क बढ़ा सकते हैं।’ अजहर के मुद्दे पर गेंग ने कहा कि ठोस साक्ष्य मिलने पर ही चीन इस कदम का समर्थन करेगा। उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए सिर्फ एक ही मापदंड महत्वपूर्ण है, और वो है ठोस साक्ष्य। ठोस साक्ष्य होने की स्थिति में आवेदन को स्वीकार किया जा सकता है। ठोस सबूत नहीं होने की स्थिति में सहमति बनने के आसार कम हैं।’
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17 February 2017दमोह से भाजपा सांसद प्रहलाद पटेल ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानि व्यापमं मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आज ट्वीट किए हैं। इससे प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के हलकों में हलचल पैदा हो गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता मजदूर मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पटेल ने ट्वीट किया है कि व्यापमं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर न खुश हो सकते हैं और न ही दु:ख व्यक्त कर सकते हैं। वास्तविक अपराधियों को सजा मिलने का इंतजार है। दूसरे ट्वीट में पटेल ने कहा है कि व्यापमं पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से चिकित्सा क्षेत्र की तीन पीढ़ियां प्रभावित हुई हैं।इसकी भरपाई पर मध्यप्रदेश के सभी लोगों को विचार करना होगा। एक अन्य ट्वीट में पटेल ने कहा कि व्यापमं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला हमारी प्रशासनिक कार्यवाहियों और राजनीतिक इच्छाशक्ति की समीक्षा के लिए मजबूर करता है। कांग्रेस ने किया स्वागत पटेल के ट्वीट के बाद कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि सांसद पटेल हमेशा जीवंत नेता के रूप में अपनी पहचान बताते आए हैं।
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16 February 2017एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने गुरुवार सुबह छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर 9 सरकारी अफसरों के 15 से ज्यादा ठिकानों पर दबिश दी। इन अधिकारियों के घर से बड़ी संख्या में चल और अचल संपत्ति के कागजात बरादम होने की बात सामने आ रही है। कार्रवाई में 10 करोड़ के आसपास की संपत्ति का अब तक पता चल चुका है। कहीं सोने की सिल्ली तो कहीं स्विमिंग पुल, कहीं सोने के जेवहरात के अलावा लाखों रुपए नकद भी मिले हैं। जिन अधिकारियों के घर एसीबी कार्रवाई कर रही है उनके नाम निम्न हैं... 1. एम एल पांडेय, एडिशनल डायरेक्टर, समाज कल्याण विभाग ,2. रामेश्वर प्रसाद वर्मा, फॉरेस्ट एसडीओ को कोरिया, 3. श्रवण सिंह, कॉपरेटिव सोसाइटी जांजगीर-चांपा ,4. एके तंबोली, सहायक खाद्य अधिकारी ,5.शालिकराम वर्मा, कृषि विभाग, 6. डॉ पुनीत सेठ, भिलाई (सूर्या विहार),7. सुभाष गंजीर, दंतेवाड़ा जिला शिक्षा अधिकारी,8. प्रदीप गुप्ता ,9. अविनाश गुंजाल, बिलासपुर बस्तर, कोरिया, बिलासपुर, जांजगीर चांपा, दुर्ग और रायपुर में छापेमार कार्रवाई जारी है। एसीबी की इस कार्रवाई में 10 डीएसपी और 25 टीआई शामिल हैं। रायपुर में समाज कल्याण विभाग के एडिशनल डायरेक्टर एमएल पांडे के सुंदरनगर स्थित बंगले पर छापेमारी की कार्रवाई जारी है। फारेस्ट विभाग के एसडीओ रामेश्वर प्रसाद वर्मा और कृषि विभाग के शालिकराम वर्मा के घर पर भी एसीबी की टीम की कार्रवाई कर रही है। जांजगीर में कॉपरेटिव सोसायटी के श्रवण सिंह के घर पर भी कार्रवाई की जा रही है। जानकारी के मुताबिक करीब 150 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी छापेमारी में लगे हुए हैं। वहीं 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को भी कारईवाई में शामिल किया गया है। 15 से ज्यादा ठिकानों पर कार्रवाई चल रही है, जिसमें कोरिया, बिलासपुर, जांजगीर, चांपा, दुर्ग और रायपुर शामिल हैं। गहने तौलने के लिए मंगाई मशीन अविनाश गुंजाल के पास से सोने की सिल्ली मिलने की खबर है। जबकि दंतेवाड़ा जिला शिक्षा अधिकारी के पास 8 लाख से ज्यादा नकद और सोने के गहने मिले हैं, एसीबी की टीम को गहने तौलने की मशीन मंगानी पड़ी। बिलासपुर में सहायक खाद्य अधिकारी एके तम्बोली के विजयापुरम कालोनी व पीएमजेएसवाय मुंगेली के ईई प्रदीप गुप्ता के सांई परिसर स्थित आवास पर कार्रवाई हुई। दंतेवाड़ा में जिला शिक्षाधिकारी सुभाष गंजीर के आवास पर छापा। रायपुर से पहुंची छह सदस्यीय टीम। गंजीर के जगदलपुर आवास पर भी कार्रवाई जारी है। कोरिया में वन विभाग के एसडीओ रामेश्वर साहू के बैकुंठपुर स्थित सरकारी मकान में कार्रवाई हुई। बैकुंठपुर में एसीबी के अधिकारी ने बातचीत में बताया कि फिलहाल 60 हजार रुपए नकद बरामद किए गए हैं, अभी कार्रवाई जारी है। पांच सदस्यीय टीम यहां जांच कर रही है जिसमें तीन बिलासपुर और दो अंबिकापुर के अधिकारी बताएं जा रहे हैं। यहां कार्रवाई सुबह 5 बजे से जारी है।
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16 February 2017तमिलनाडु में मुख्यमंत्री बनने का इंतजार कर रहीं अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला की नई पहचान बेंगलुरु सेंट्रल जेल में कैदी नंबर 9435 है। यहां पर उनको मोमबत्ती और अगरबत्ती बनाने का काम दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आत्मसमर्पण करने में कुछ वक्त की मोहलत देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद उन्होंने शाम को बेंगलुरु की सत्र अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। यहां से उनको बेंगलुरु सेंट्रल जेल भेज दिया गया। जेल में उनको आम कैदी की तरह रहना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने विशेष सुविधाओं की उनकी मांग भी ठुकरा दी है। आय से अधिक संपत्ति मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सत्र अदालत के फैसले को बहाल कर दिया था। आय के ज्ञात स्रोतों से 66 करोड़ रुपये अधिक के मामले में अन्नाद्रमुक नेता को चार साल जेल की सजा सुनाई गई है। लगभग छह माह वह जेल में पहले ही बिता चुकी हैं। इस तरह उनको अब लगभग साढ़े तीन साल सलाखों के पीछे बिताना होगा। शशिकला चेन्नई से बेंगलुरु कोर्ट पहुंचीं। जेल के पास तोड़फोड़ की घटना में शशिकला के काफिले की चार कारों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। जिन्हें जया ने निकाला, उन्हें वापस लिया कोर्ट में आत्मसमर्पण के लिए चेन्नई से चलने से पहले शशिकला ने एक अहम राजनीतिक फैसला लिया। उन्होंने जयललिता द्वारा पार्टी से पांच साल पहले निष्कासित किए गए अपने निकट संबंधियों टीटीवी दिनाकरन और एस. वेंकटेश को फिर से पार्टी में शामिल कर लिया।
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15 February 2017सिनेमा हॉल में फिल्म से पहले और इसके दौरान राष्ट्रगान बजने पर खड़ा होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। अदालत ने कहा है कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजने पर लोग खड़े होने के लिए बाध्य नहीं हैं। साथ ही इस मुद्दे पर बहस की जरूरत है। सर्वोच्च न्यायालय ने फिल्म सोसायटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुद्दे पर असमंजस को साफ किया और कहा कि अगर फिल्म के पहले राष्ट्रगान बजता है तो लोगों को खड़ा होना जरूरी है लेकिन फिल्म के बीच में किसी सीन के दौरान यह बजता है तो दर्शक इस पर खड़ो होने के लिए बाध्य नहीं हैं। साथ ही यह भी जरूरी नहीं है कि वो राष्ट्रगान को दोहराएं भी। अदालत ने कहा कि हम नैतिकता के पहरेदार नहीं हैं। मामले को लेकर केंद्र ने कहा राष्ट्रगान पर खड़े होने को लेकर कानून नहीं है। अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केंद्र की तरफ से अदालत में कहा कि कोर्ट राष्ट्रगान के अपमान से जुड़े कनून पर भी एक बार नजर डाले। बता दें कि दिसंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजने से पहले सभी दर्शकों को इसके सम्मान में खड़ा होने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि राष्ट्रीय गान बजते समय सिनेमाहॉल के पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाया जाना भी अनिवार्य होगा।
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14 February 2017देश का सबसे चर्चित परीक्षा घोटाला बन चुके मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मामले की सुनवाई करते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने साल 2008 से 2012 के बीच मध्यप्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में हुए 634 दाखिलों को रद्द कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने छात्रों की तरफ से दाखिल सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। इससे पहले, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में भी इस मामले पर एडमीशन रद्द करने का फैसला सुनाया गया था। मध्यप्रदेश का व्यापमं घोटाला शिक्षा के क्षेत्र में अब तक का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा माना जाता है। इस आदेश का असर 2008 से 2012 के बीच मध्यप्रदेश में एमबीबीएस करने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स के कॅरियर पर पड़ेगा। दूसरी ओर सीबीआई ने इस मामले की पड़ताल को पूरा करने के लिए देशभर के साढ़े नौ लाख मेडिकल स्टूडेंट्स का रिकॉर्ड खंगालकर आरोपियों के नाम निकाले थे। व्यापमं घोटाला सामने आने के बाद साल 2008-12 में सभी दाखिले रद्द कर दिए गए थे। फर्जीवाड़े में मप्र सरकार के कई मंत्रियों और नेताओं के नाम इस मामले में आए थे। यहां तक कि पूर्व राज्यपाल पर भी आरोप लगे थे। घोटाले से जुडे़ कई लोगों की संदिग्ध मौत के बाद इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई।
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13 February 2017मध्यप्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के.मिश्रा ने आईएसआई जासूसी में गिरफ्तार 11 लोगों में 10 के कनेक्शन भाजपा से पाये जाने के प्रमाणों के बाद सरकार और भाजपा पर एक और बड़ा हमला किया।उन्होंने शुक्रवार को निशातपुरा थानांतर्गत त्रिवेणी हाइट्स के पीछे, HIG डुप्लेक्स न.55,करोंद रोड,भोपाल में उजागर हुए "हाई प्रोफाइल अंतरराज्यीय सेक्स रैकेट " के बाद अनैतिक देह व्यापर निवारण अधिनियम के तहत 5 महिलाओं सहित 14 गिरफ्तार परुषों में क्र. पर दर्ज आरोपी विक्की ठाकुर पिता भगवतसिंह ठाकुर , निवासी-84 गैस राहत कॉलोनी को एमपी के राज्यमंत्री विश्वास सारंग का नजदीकी बताया है। मिश्रा ने इन सब परिस्थितियों के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान और भाजपा के प्रदेशाध्याक्ष श्री नंदकुमारसिंह चौहान से पूछा है कि आख़िरकार उनकी सरकार व् पार्टी में यह क्या हो रहा है ?मुख्यमंत्री का परिवार नर्मदा से अवैध रेत उत्खनन,प्रदेशाध्यक्ष के पुत्र कटनी हवाला प्रकरण,दो मंत्री नोटबंदी के बाद अपने नियंत्रण वाली बैंकों में कालाधन जमा करने, एक राज्यमंत्री कटनी में हुए करीब 2200 करोड़ रु. के हवाला मामले में उछलकर सामने आएं गए हैं, तो पार्टी से जुड़े अन्य लोग आईएसआई जासूसी कांड में अब बचा था देह व्यापर तो उसमें भी विक्की ठाकुर ने शिरकत कर पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के एकात्मवाद को चुनौती दे डाली है, इन स्थितियों को लेकर मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सरकार व पार्टी के वास्तविक चाल, चरित्र और चेहरे को स्पष्ट करें,क्या यही उनकी " पार्टी विद-ए-डिफ़रेंस "की परिभाषा है? मिश्रा ने मुख्यमंत्री जी पर भी तंज कसा है कि क्या "आओ बनाये अपना मध्यप्रदेश " की यह वीभत्स तस्वीर उनकी -अपनी ही आकांक्षाओं की एक झलक है? मिश्रा ने कहा राष्ट्रवाद,देशभक्ति और छद्म हिंदुत्व के पैरोकार जो "भगवा आतंकवाद" के नाम से भड़क जाते हैं,म.प्र.में एक बार फिर आईएसआई नेटवर्क के सामने आये वीभत्स चेहरों को लेकर खामोश क्यों हो गए हैं ? प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के.के.मिश्रा ने गुरुवार को ग्वालियर, भोपाल जबलपुर व् सतना आईएसआई के 11 जासूसों, जिनमें ग्वालियर की एक भाजपा पार्षद के जेठ के सामने आये नामों पर, राजधानी भोपाल में मौजूद संघ प्रमुख मोहन भागवत, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और प्रदेश भाजपाध्यक्ष नंदकुंमारसिंह चौहान से पूछा है कि राष्ट्रवाद,देशभक्ति और छद्म हिंदुत्व के पैरोकारों के मुखियाओं के रूप में " भगवा आतंकवाद" को लेकर सामने आ रहे ऐसे कई प्रामाणिक चेहरों और चरित्रों को लेकर अब उनका अभिमत क्या होगा ? अपने इन गंभीर आरोपों को स्पष्ट करते हुए मिश्रा ने कहा कि देश में भगवा आतंकवाद को लेकर यह कोई पहला प्रकरण नहीं है, बाबरी मस्जिद शहीदी,गुजरात के दंगे,आस्ट्रेलिया के मिशनरी ग्राहम स्टेन्स की हत्या, मालेगांव,मक्की मस्जिद, अजमेर शरीफ दरगाह, समझोता एक्सप्रेस,पूर्णा, परभणी,जालना, नांदेड और इंदौर के महू में हुए विभिन्न बम विस्फोटों में संघ प्रचारकों के रूप में सामने आये नामों में कथित स्वामी असीमानंद,इन्द्रेश कुमार, प्रज्ञा ठाकुर, स्वामी दयानंद पाण्डेय, हर्षद भाई सोलंकी, कर्नल श्रीकांत पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, रामजी कलसांगरा,दिलीप पाटीदार, श्याम साहू, संदीप डांगे, देवेन्द्र गुप्ता,लोकेश शर्मा शिवम् धाकड़ और चंद्रशेखर लेवे आदि की सीधी सहभागिता संघ कबीले से ही थी। यही नहीं," भगवा ब्रिगेड"का यह वास्तविक चरित्र सामने आ जाने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत को 10 जनवरी,2011 को यह सफाई भी देना पड़ी थी कि "संघ में कुछ कट्टरवादी थे, हमने उन्हें हटा दिया था "। (सलंग्न कटिंग)......मिश्रा ने कहा की आदरणीय भागवत जी कृपापूर्वक यह बताएं कि जब संघ के गठन के 91 सालों बाद भी आज तक इसका पंजीयन,संविधान तथा सदस्यता है ही नहीं, तो भागवत जी ने इन कट्टर वादियों को चिन्हित कैसे किया और हटाया भी किस सूची से ? शायद ऐसे ही पापों के कारण संघ का अपना पंजीयन,संविधान व् सदस्यता का रेकॉर्ड नहीं रखता है ? मिश्रा ने यह भी कहा कि यह भंडाफोड़ भी उस दिन हुआ है ,जिसके एक दिन पूर्व ही भागवत बैतूल में हिन्दु सम्मेलन में हिंदुत्व की ज्ञान- गंगा प्रवाहित कर रहे थे ! लिहाजा, अब उन्हें उम्र के इस पड़ाव पर संघ कबीले के बहुप्रचारित राष्ट्रवाद,देशभक्ति से जुड़े" भगवा आतंकवाद और भगवा आतंवादियों " को लेकर अपना चाल ,चरित्र और वास्तविक चेहरा देश के सामने स्पष्ट कर देना चाहिए ।
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13 February 2017भारत पहली बार शुक्र पर पहुंचने जा रहा है और जल्द ही वह एक बार फिर लाल ग्रह मंगल पर अपनी वापसी करेगा। नए प्रारूप वाले इलेक्ट्रॉनिक बजट के सैकड़ों दस्तावेजों के बीच सरकार की ओर से पृथ्वी के ठीक पड़ोसी ग्रहों पर नई अंतर-ग्रही यात्राओं से जुड़ी पहली औपचारिक स्वीकारोक्ति दर्ज है। यह खबर ऐसे समय आई है, जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अपने एक बड़े प्रक्षेपण की कोशिश कर रहा है। इस बड़े प्रक्षेपण के तहत वह अंतरिक्ष में दो या तीन नहीं, बल्कि पूरे 104 उपग्रह एक ही अभियान के तहत प्रक्षेपित करेगा। दुनिया के किसी भी अन्य देश ने एक ही अभियान में सौ उपग्रह प्रक्षेपित करने की कोशिश तक नहीं की है। पिछला विश्व रिकॉर्ड रूस के नाम है, जिसने वर्ष 2014 में एक ही अभियान में 37 उपग्रह प्रक्षेपित किए थे। इसके लिए उसने परिष्कृत अंतर-द्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल किया था। यदि सबकुछ योजना के अनुरूप चलता है तो 15 फरवरी की सुबह इसरो पीएसएलवी के इस्तेमाल से तीन भारतीय और 101 छोटे विदेशी उपग्रह अंतरिक्ष में भेजेगा। भारत पिछले विश्व रिकॉर्ड की तुलना में बेहतर करने और वह भी ढाई गुना बेहतर करने की कोशिश कर रहा है। अरबों डॉलर के प्रक्षेपण बाजार के नए खिलाड़ी इसरो को उम्मीद है कि वह इस दिशा में एक अहम मापदंड स्थापित करेगा। अंतरिक्ष के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रेम सर्वविदित है। ऐसा लगता है कि सरकार भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी से प्रसन्न है और तभी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट में अंतरिक्ष विभाग के लिए 23 प्रतिशत का भारी इजाफा किया है। अंतरिक्ष विज्ञान के हिस्से में, बजट में ‘मंगलयान अभियान-2 और शुक्र अभियान’ का जिक्र है। मंगल के लिए दूसरे अभियान की अवधि 2021-22 रखी गई है। मौजूदा योजनाओं की मानें तो इसमें लाल ग्रह पर एक रोबोट उतारा जाना भी शामिल है। भारत का वर्ष 2013 का पहला मंगल अभियान पूरी तरह भारतीय था लेकिन इस बार मार्स रोवर बनाने में फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी समन्वय करना चाहती है। इस माह जब नासा की जेट प्रणोदक प्रयोगशाला के निदेशक माइकल एम वाटकिन्स ने भारत की यात्रा की थी तो उन्होंने कहा कि वह कम से कम एक टेलीमेटिक्स मॉड्यूल तो लगाना ही चाहेंगे ताकि नासा के रोवर और भारतीय उपग्रह आपस में बात कर सकें। भारत के दूसरे मंगल अभियान का उद्देश्य संभवत: अच्छा वैज्ञानिक अनुसंधान करना है। शुक्र पर भेजे जाने वाला भारत का पहला अभियान संभवत: एक आधुनिक कक्षा अभियान रहने वाला है। वाटकिन्स ने कहा कि शुक्र आधारित अभियान बेहद अहम है क्योंकि इस ग्रह के बारे में बहुत कम समझ बन पाई है और नासा निश्चित तौर पर भारत की पहली शुक्र यात्रा में साझेदारी करना चाहेगा। इस संदर्भ में नासा और इसरो इस माह बातचीत शुरू कर चुके हैं। इनकी बातचीत का केंद्र इस अभियान के लिए विद्युत प्रणोदन इस्तेमाल करने से जुड़ा अध्ययन है। भारत के अंतर-ग्रही स्वप्नदृष्टा और इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन का कहना है, ‘भारत को इस वैश्विक अन्वेषण का हिस्सा बनना चाहिए। शुक्र और मंगल का अन्वेषण बेहद अहम है क्योंकि इंसानों को निश्चित तौर पर पृथ्वी से परे किसी अन्य आवास स्थल की जरूरत है।’ अपने 39वें प्रक्षेपण के करीब भारत का पीएसएलवी रॉकेट अंतरिक्ष में 1378 किलोग्राम के रोबोटों को तैनात करने के लिए लेकर जाएगा। पहला उपग्रह भारत का उच्च विभेदन क्षमता वाला काटरेसैट-2 श्रेणी का उपग्रह होगा, जो भारत के पड़ोसियों- पाकिस्तान और चीन पर करीबी नजर रख सकता है। शेष दो छोटे भारतीय उपग्रहों में प्रत्येक का वजन 10 किलोग्राम है। ये उपग्रहों की नई श्रेणी इसरो नैनो सेटेलाइट्स का हिस्सा हैं। इसके बाद पीएसएलवी अंतरिक्ष में 500 किलोमीटर से अधिक की उंचाई पर 101 सहयात्री उपग्रहों को प्रक्षेपित करेगा। इनमें इस्राइल, कजाकिस्तान, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात से एक-एक और अमेरिका के 96 उपग्रह हैं। चूंकि भारत किफायती और विश्वसनीय विकल्प उपलब्ध करा रहा है, इसलिए हाल ही में अमेरिकी निजी कंपनियों ने इसरो से अपने संबंधों को मजबूत करना शुरू किया है। सभी 101 उपग्रहों को 600 सेकंड से भी कम समय में 27 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अंतरिक्ष में भेजा जाएगा। कुछ विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि धन कमाने के लिए असल में इसरो अंतरिक्ष में कचरा पैदा करने का भागीदार बन रहा है क्योंकि ये छोटे उपग्रह बहुत उपयोगी नहीं हैं। लेकिन अमेरिका में यूनियन ऑफ कन्सर्न्ड साइंटिस्ट्स, कैंब्रिज के वैश्विक सुरक्षा कार्यक्रम से जुड़ी वरिष्ठ वैज्ञानिक लौरा ग्रेगो का कहना है, ‘मुझे लगता है कि ये प्रक्षेपण जिम्मेदार तरीके से किए जा सकते हैं और इनसे सभी लोगों को लाभ उपलब्ध कराया जा सकता है। जिम्मेदार अंतरिक्ष प्रक्षेपण और अभियानों की संस्कृति विकसित करना अहम है क्योंकि ज्यादा से ज्यादा देश अंतरिक्ष तक पहुंच रहे हैं।’ कस्तूरीरंगन ने कहा कि भारत के पास एक ही प्रक्षेपण में कई उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की क्षमता है और इस क्षमता का प्रदर्शन करना निश्चित तौर पर गलत नहीं है क्योंकि इससे भारत की साख बढ़ती है और बाद में यदि इसरो अपने उपग्रहों द्वारा सामूहिक तौर पर कार्य कराने की ओर बढ़ता है तो यह उसके लिए लाभदायक रहेगा।’
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12 February 2017आंध्रप्रदेश की विधानसभा के स्पीकर शिव प्रसाद के बेतुके बोल आंध्र प्रदेश विधानसभा के स्पीकर ने ही ऐसा बयान दे दिया है जिस पर बवाल होना तय है।हैदराबाद में आंध्रप्रदेश की विधानसभा के स्पीकर शिव प्रसाद ने एक प्रेस मीट के दौरान इस मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि अगर महिलाओं को घर में कार की तरह पार्क करके रखा जाए तो उनके साथ रेप जैसी घटनाएं नहीं होंगी। महिलाओं को जब सोसायटी में एक्सपोजर मिलता है तो उनके साथ इस तरह की घटनाएं होती हैं। तेलगुदेशम पार्टी के विधायक शिव प्रसाद ने महिला सशक्तिकरण को लेकर दिए अपने संबोधन में कहा कि जैसे आप कार खरीदते हैं और उसे गैराज में पार्क कर देते हैं तो उसके एक्सिडेंट की आशंका कम होती है लेकिन जब आप उसे सड़क पर लेकर आते हैं तो एक्सिडेंट होता है। इसी तरह पुराने समय में जब महिलाएं घर में रहती थीं तो दुष्कर्म जैसी घटनाएं कम होती थीं, वो हर तरह के अत्याचारों से बची हुईं थी, भेदभाव को छोड़कर। लेकिन जब वो समाज में ज्यादा एक्सपोजर में आईं तो वो रेप, छेड़छाड़ और यौन शोषण जैसी घटनाओं कि शिकार होने लगी, ऐसा नहीं है क्या? अगर वो घर से बाहर नहीं निकलती हैं तो वो बची रहेंगी।हालांकि उन्होंने बाद में कहा कि मेरा कहने का मतलब यह नहीं है कि महिलाओं को घर में कैद करके रखा जाना चाहिए बल्कि उन्हें शिक्षा दी जानी चाहिए।
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11 February 2017प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर रेनकोट वाले बयान को लेकर जहां एक कांग्रेस तिलमिलाई हुई है और पीएम से माफी की मांग कर रही है।कांग्रेस अब इसे बड़ा मुद्दा बनाने की ठान चुकी है। वहीं दूसरी ओर अब इस विवाद में शिवसेना भी कूद गई है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पीएम मोदी ने तो बिना पानी के ही देश को नहला दिया है। उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘’मोदी को लगा कि मनमोहन सिंह को रेनकोट पहन कर नहाने की कला है, लेकिन आपने तो बिना पानी के देश को नहला दिया है, उसका क्या?’’ ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी की आलोचना की हो। बीएमसी चुनाव में गठबंधन टूटने के बाद शिवसेना की ओर से ऐसे बयानों में तेज़ी आ गई है। इधर कांग्रेस ने भी इस मुद्दे को हथियार बना कर मोदी पर हमला तेज़ कर दिया है। कांग्रेस ने जहां पूरे बजट सत्र में पीएम मोदी का बहिष्कार करने का फैसला किया है। दूसरी ओर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मोदी का बचाव करते हुए कहा कि पीएम ने मनमोहन के शासनकाल में करोड़ों के घोटाले के बारे में जो कहा सही कहा क्योंकि उन घोटालों के लिए कौन जिम्मेदार है। अगर कांग्रेस के पास जवाब है तो दे। शाह ने मनमोहन पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने एक ऐसा पीएम दिया जिसकी आवाज राहुल बाबा और उनकी माता जी के अलावा किसी ने नहीं सुनी।
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10 February 2017वैश्विक कमजोरी की खबरों के बीच दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोने के भाव 400 रुपये की गिरावट के साथ तीन सप्ताह के निम्न स्तर 29,500 रुपये प्रति 10 ग्राम तक नीचे चले गये। इसके अलावा मौजूदा स्तर पर मांग घटने की वजह से स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की कम उठान के कारण भी कारोबारी धारणा प्रभावित हुई। औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की उठान घटने से चांदी के भाव भी 490 रुपये की गिरावट के साथ 42,250 रुपये प्रति किलो पर बंद हुए। बाजार सूत्रों के अनुसार विदेशों में कमजोर रुख के अलावा स्थानीय आभूषण विक्रेताओं के साथ साथ फुटकर विक्रेताओं की मांग घटने के कारण मुख्यत: सोने की कीमतों में गिरावट आई। दिल्ली में सोना 99.9 और 99.5 शुद्धता के भाव क्रमश: 400-400 रुपये गिर कर क्रमश: 29,500 रुपये और 29,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुए। यह स्तर 16 जनवरी को देखने को मिला था जब यह 29,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। गिन्नी भी 100 रुपये की गिरावट के साथ 24,400 रुपये प्रति आठ ग्राम पर बंद हुई। चांदी तैयार 490 रुपये की गिरावट के साथ 42,250 रुपये प्रति किलो तथा चांदी साप्ताहिक डिलीवरी 439 रुपये टूटकर 41,860 रुपये प्रति किलो पर आ गयी। चांदी सिक्का 1,000 रुपये की गिरावट के साथ (लिवाल) 72,000 रुपये और (बिकवाल) 73,000 रुपये प्रति सैकड़ा पर बंद हुए।
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10 February 2017आदि शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा के लिये हर घर से धातु संग्रहीत की जायेगी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आदि शंकराचार्य के अद्वैत दर्शन को आम लोगों तक पहुँचाने और इसे व्यवहार में लाने के लिये ओंकारेश्वर में संतों के मार्गदर्शन में वेदांत संस्थान की स्थापना की जायेगी। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य के जीवन और दर्शन पर आधारित पाठ स्कूल पाठयक्रम में पढ़ाया जायेगा। ओंकारेश्वर में आदि शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा की स्थापना की जायेगी। इस प्रतिमा के लिये प्रदेश के हर घर से धातु का संग्रहण किया जायेगा। श्री चौहान ओंकारेश्वर में 'नमामि देवि नर्मदे'' नर्मदा सेवा यात्रा के आगमन पर आदि शंकराचार्य स्मरण प्रसंग पर संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि आदि शंकराचार्य ने नर्मदा के तट पर ओंकारेश्वर में दीक्षा प्राप्त की थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आदि शंकराचार्य के अद्वैत दर्शन के कारण ही भारत की सांस्कृतिक एकता और अखंडता कायम हुई थी। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर, नर्मदा और आदि शंकराचार्य के महत्व को बताने वाला लाइट एंड साउंड शो कार्यक्रम प्रारंभ किया जायेगा। आदि शंकराचार्य जी की गुफा का संत समाज के मार्गदर्शन में पुनरुद्धार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों के सहयोग और मार्गदर्शन से काम करना भी सरकार का काम है। उन्होंने कहा कि ओंकारेश्वर में एक संग्रहालय और इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना भी की जायेगी। विष्णुपुरी, ब्रह्मपुरी और ममलेश्वर मंदिरों को जोड़ने वाला आकाश मार्ग स्थापित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि ममलेश्वर मंदिर में सभी नागरिक सुविधाओं का इंतजाम किया जायेगा। देवसर मंदिर और चन्द्रमौली मंदिर का भी मूल स्वरूप में उद्धार किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने ओंकारेश्वर नगर पंचायत द्वारा तीर्थ-यात्रियों से लिये जाने वाले कर को समाप्त करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत को इससे होने वाली आय की भरपाई राज्य सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदि शंकराचार्य के स्मरण प्रसंग पर आयोजित संगोष्ठी एक अदभुत अवसर है। यह आध्यात्मिक, धार्मिक और दर्शन का संगम है। उन्होंने कहा कि आदि शंकारचार्य के अद्वैत दर्शन के कारण सनातन धर्म अपने स्वरूप में विद्यमान है। उन्होंने नर्मदा सेवा यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय परंपरा में नदियों को जननी कहा गया है। नदियों का केवल भौगोलिक अस्तित्व नहीं है, वे आध्यात्मिक जीवन का अंग है।श्री चौहान ने कहा कि अद्वैत दर्शन में सभी जीवों को ब्रह्म का रूप माना गया है। यही आत्मिक प्रसन्नता का स्त्रोत है। जूना अखाड़ा के प्रमुख महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद ने कहा कि आदि शंकराचार्य के दर्शन ने सभी प्रचलित कुरीतियों पर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि संसाधनों के त्यागपूर्वक उपभोग की भारतीय संस्कृति रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान व्याकुलताएँ सिर्फ अज्ञानता के कारण हैं। यह जीवन के सत्य को अनावृत करने का दर्शन है। स्वामी अवधेशानंद गिरि ने मुख्यमंत्री श्री चौहान के नर्मदा नदी को प्रदूषणमुक्त करने के संकल्प की चर्चा करते हुए कहा कि सिंहस्थ भी उनके संकल्प से निर्विघ्न संपन्न हुआ था। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान राजा विक्रमादित्य, हर्षवर्धन और राजा भोज की तरह अपने राजधर्म का पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य की स्मृति में जो काम प्रदेश सरकार ने करने का संकल्प लिया है उससे दक्षिण और उत्तर के बीच संवाद सेतु का निर्माण होगा। इस काम में सारे सन्यांसी और संत समाज उनके साथ हैं। नर्मदा सेवा यात्रा को पूरे संत समाज का समर्थन है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में इस समय आध्यात्मिक वातावरण विद्यमान है। इससे न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश के भाग्य का जागरण होगा। यदि संत समुदाय, समाज और सरकार मिल जाए तो बडे़ से बड़ा आंदोलन चला सकते हैं। मुख्यमंत्री के संकल्प का संत समाज स्वागत करता है। स्वामी अवधेशानंद ने संतों की प्रतिनिधि संस्था आचार्य सभा की सहमति से मुख्यमंत्री को रूद्राक्ष की माला भेंट की ताकि उनका संकल्प पूरा हो। स्वामी जी ने आदि शंकराचार्य की प्रतिमा बनाने के लिये प्रत्येक घर से धातु के रूप में योगदान लेने का सुझाव दिया ताकि अद्वैत दर्शन का संदेश घर-घर पहुँच सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदि शंकराचार्य की प्रतिमा बनाने के लिये प्रत्येक घर से धातु संग्रह करने का अभियान नर्मदा सेवा यात्रा के साथ चलेगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर सहकार्यवाह श्री सुरेश सोनी ने कहा कि भारत में भावनात्मक एकता सदा से विद्यमान है। उन्होंने कहा कि अनुभूति के बिना शब्द अर्थहीन होते हैं। उन्होंने कहा कि अद्वैत दर्शन को जीवन में अभिव्यक्त होना चाहिये। उन्होंने कहा कि बुराई को नहीं छोड़ने और अच्छाई को नहीं अपनाने के कारण समस्याएँ निरंतर बनी रहती हैं। श्री सोनी ने कहा कि अद्वैत दर्शन सारी समस्याओं का समाधान साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक, शासक, माता, पिता और संत मिलकर आध्यात्म पर आधारित समाज का निर्माण कर सकते हैं। चिन्मय मिशन के प्रमुख स्वामी श्री तेजोन्मयानंद ने कहा कि मिशन आदि शंकाराचार्य के दर्शन को लोगों के बीच प्रचार-प्रसार करने में राज्य सरकार को पूरी मदद करेगा। राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के पूर्व कुलपति श्री कुटुम्ब शास्त्री ने कहा कि नर्मदा नदी का उल्लेख ऋगवेद में हुआ है। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य की गुफा का जीर्णोद्धार करने का संकल्प सराहनीय है। फिल्म निर्माता डॉ. चन्द्रप्रकाश द्विवेदी ने कहा कि संवादहीनता ही सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने आदि शंकराचार्य के जीवन-दर्शन को स्कूली पाठयक्रम में शामिल करने का स्वागत करते हुए कहा कि नई पीढ़ी को वेदांत दर्शन से परिचित करवाने का यह पहला कदम है। उन्होंने कहा कि संस्कृति की रक्षा करना साहित्य और कला का काम है। उपनिषदीय विरासत से नई पीढ़ी को परिचित करवाना वर्तमान पीढ़ी का दायित्व है। साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि अद्वैत दर्शन ही विश्व को बचा सकता है। पृथ्वी के श्रंगार के लिये उसे शस्य श्यामला रखना, कन्याओं की रक्षा करने का संकल्प लेना और नदियों को पवित्र रखना धार्मिक महत्व का काम है। उन्होंने आग्रह किया कि रसायनयुक्त प्रतिमाओं को नदी में प्रवाहित न करें। जल प्रदूषित करने वाली सामग्री का उपयोग न करें। इस अवसर पर बड़ी संख्या में संत समाज के प्रतिनिधि, राम कृष्ण मिशन के संत स्वामी निर्विकारानंद, सांसद एवं भाजपा के अध्यक्ष श्री नंदकुमार सिंह चौहान, जिले के प्रभारी मंत्री श्री पारस जैन, संस्कार भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव श्री अमीर चंद एवं बडी संख्या में जन-प्रतिनिधि, भक्त और नर्मदा परिक्रमावासी उपस्थित थे।
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9 February 2017पनीरसेल्वम की अस्पताल में जयललिता से कभी मुलाकात नहीं हुई तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के दो महीने बाद वर्तमान कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने आज चेन्नई में कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के मौजूदा न्यायधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग की सिफारिश करेंगे जो दिवंगत मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य स्थिति और उनकी मौत पर बने ‘संदेह’ की जांच करेगा। मुख्यमंत्री की यह घोषणा पार्टी के वरिष्ठ नेता पी एच पांड्यन द्वारा जयललिता की मौत को लेकर लगाए गए कुछ आरोपों के एक दिन बाद आयी है। उन्होंने कहा कि लोगों में अम्मा की मौत को लेकर व्यापक स्तर पर संदेह हैं। इन संदेहों को समाप्त करना सरकार की जिम्मेदारी है । मामले की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक जांच आयोग का गठन किये जाने की सिफारिश की जाएगी। मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम जयललिता के स्वास्थ्य और बाद में हुई उनकी मौत के संदेहों के बारे में संवाददाताओं के सवालों का जवाब दे रहे थे। जयललिता का इलाज करने वाले ब्रिटिश के विशेषज्ञ सहित चिकित्सकों ने हाल ही में जयललिता के इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी दी था। वहीं शशिकला पर कल लगाए गए अपने आरोपों को दोहराते हुए पांड्यन ने कहा कि वह इस संबंध में शिकायत दर्ज कराएंगे। तमिलनाडु की राजनीतिक हलचल अन्नाद्रमुक का आंतरिक मामला :राजनाथ इधर नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि तमिलनाडु का राजनीतिक घटनाक्रम और वी शशिकला के नए मुख्यमंत्री बनने के विरोध जैसी घटनायें अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्ना द्रमुक) का आंतरिक मामला है और केंद्र तथा भारतीय जनता पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है। सिंह ने एक टीवी चैनल को बताया कि यह अन्ना द्रमुक का आंतरिक मामला है, हमारा इससे कोई लेना देना नहीं है और न ही इस घटनाक्रम पर कुछ कहना है। राजनाथ वने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में अंतिम निर्णय लेने के लिए केवल राज्यपाल को ही संवैधानिक शक्तियां हासिल है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मेरा काम राज्यपाल को टेलीफोन करके उन्हें कुछ बताना नहीं है,आप ने इस मुख्यमंत्री को शपथ दिलायी है या आपने उस मुख्यमंत्री को शपथ नहीं दिलाई है। ऐसा कोई भी सवाल नहीं उठता है। इस्तीफा देने के लिए किया गया मजबूर गौरतलब है कि एक राजनीतिक घटनाक्रम में तमिलनाडु के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने कहा है कि उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया है ताकि शशिकला के पार्टी विधायक दल का नेता चुने जाने का मार्ग प्रशस्त हो सके। इस बीच भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद डी राजा ने कहा है कि जे जयललिता के निधन के बाद राज्य में राजनीतिक शून्य पैदा हो गया है और अब राज्य में जो राजनीतिक उथल पुथल मची हुई है भाजपा को इस स्थिति का फायदा नहीं उठाना चाहिए। अस्पताल में जयललिता से कभी मुलाकात नहीं हुई :पनीरसेल्वम तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने को लेकर बुधवार को पहली बार सार्वजनिक बयान दिया। उन्होंने कहा कि जयललिता के अस्पताल में 75 दिन तक भर्ती रहने के दौरान वह उनसे एक बार भी नहीं मिल पाए। उन्होंने कहा कि अपोलो अस्पताल में किसी भी राजनेता की जयललिता से मुलाकात नहीं हुई थी। इसी अस्पताल में पांच दिसंबर को उनका निधन हुआ था। पनीरसेल्वम ने एक तमिल टीवी चैनल से कहा कि मैं 75 दिनों तक अस्पताल गया। लेकिन मेरी एक भी बार उनसे मुलाकात नहीं हुई। यहां तक कि मेरे परिवार से सदस्य भी मुझसे हर रोज पूछते थे कि मेरी अम्मा से मुलाकात हुयी है या नहीं। एक बार मुझे लगा कि मैं परिवार के सदस्यों से झूठ कह दूं कि मैंने उनसे मुलाकात की है। लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। जयललिता के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी पनीरसेल्वम को दी गई थी। पनीरसेल्वम के मुताबिक उन्होंने अपने परिजनों को बताया था कि जयललिता सघन चिकित्सा कक्ष में भर्ती हैं और संक्रमण फैलने की आशंका के मद्देनजर आगंतुकों को वहां जाने की इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें बताया गया था कि अम्मा की सेहत में सुधार हो रहा है। हम आश्वस्त थे। जब हमें पता चला कि अम्मा का निधन हो गया है तो हमें लगा कि शक्तिहीन हो चुके हैं। पनीरसेल्वम से पूछा गया कि शशिकला के अलावा क्या कोई और जयललिता से उस दौरान मिला था तो उन्होंने कहा कि किसी अन्य राजनेता की उनसे मुलाकात के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। केवल राज्यपाल दो बार अंदर गये थे। मैंने किसी अन्य नेता को उनसे मुलाकात करने के लिए ना तो जाते देखा और ना ही ऐसा कुछ सुना। उनकी टिप्पणियां इस मायने में महत्वपूर्ण हैं क्योंकि जयललिता के अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्री सहित कई नेता अपोलो अस्पताल गए थे। पनीरसेल्वम से पूछा गया क्या जयललिता ने उनसे मिलने की इच्छा जताई थी या फिर खुद उन्होंने जया से मिलने का कोई प्रयास किया था तो इस बारे में अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता ने कहा कि उन्होंने कई बार इसका प्रयास किया लेकिन ‘सोचा कि यह मेरा दुर्भाग्य है और मैं पापी हूं जो अस्पताल में उन्हें देख भी नहीं सका।’ मुख्यमंत्री कार्यालय से कुछ महत्वपूर्ण अधिकारियों के हाल में दिए इस्तीफों पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसके लिए अधिकारियों को उन्होंने बाध्य नहीं किया बल्कि यह उनका खुद का फैसला है।
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8 February 2017पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल गुजरात विधानसभा चुनाव में शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। इसकी घोषणा शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को मुम्बई में की। गुजरात में विधानसभा की 182 सीटें हैं और इस राज्य में अगले साल चुनाव होंगे। गुजरात में भाजपा सरकार को चुनौती देने वाले पटेल पाटीदार आन्दोलन के राष्ट्रीय संयोजक हार्दिक पटेल बीएमसी चुनावों में शिवसेना का प्रचार करेंगे। हार्दिक पटेल सोमवार रात मुंबई पहुंचे और उन्होंने मंगलवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। हालांकि, शिवसेना केंद्र और राज्य में गठबंधन की सरकार में बनी रहेगी। जेल से बाहर आने के बाद हार्दिक ने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के गुजरात दौरे के समय उनके समर्थन में बयान दिया था। यही नहीं, हार्दिक ने पटना में बिहार के मख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी मुलाकात की थी और उन्हें '2019' का नेता बताया था। उद्धव से मुलाकात के दौरान हार्दिक ने कहा कि वह बाल ठाकरे के प्रशंसक हैं और वह गुजरात में शिव सेना के चुनाव प्रचार अभियान का चेहरा होंगे।
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7 February 2017अफगानिस्तान में भारी बर्फबारी के चलते हिमस्खलनों की वजह से पिछले तीन दिनों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और अंदेशा जताया जा रहा है कि मृतकों की संख्या में अभी इजाफा होगा। अफगानिस्तान के आपदा प्रबंधन एवं मानवीय मामलों के मंत्री के प्रवक्ता उमर मोहम्मदी ने बताया कि देश के 34 में से 22 प्रांतों में बर्फबारी हुई है। इसके चलते हुए हिमस्खलनों से तकरीबन ढेर सारे घर तबाह हो गए और सड़कें बंद हो गई हैं। मोहम्मदी ने बताया, ‘‘22 प्रांतों में हिमस्खलनों और कड़ाके की ठंड से अब तक 54 लोगों की जानें जा चुकी हैं और 52 घायल हैं।’’ उन्होंने बताया कि 168 घर तबाह हो गए और 340 मवेशी मारे गए। इस बीच, परवान प्रांत के प्रांतीय गवर्नर मोहम्मद असीम ने बताया कि प्रांत के दो जिलों में हिमस्खलनों से 16 लोगों की मौत हो गई जबकि आठ अन्य घायल हैं। असीम ने बताया कि बचाव दल प्रभावित इलाकों में भेजे गए हैं लेकिन बर्फबारी से ढेर सारी सड़कें बंद हैं।बदखशां के प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता नवीद फ्रोतान ने बताया कि शुरूआती रिपोर्टों में कम से कम 18 लोगों के मरने की खबर है, लेकिन यह तादाद बढ़ भी सकती है।
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6 February 2017ताजनगरी आगरा में रोड शो के दौरान राहुल और अखिलेश को टॉफियों, मालाओं और आगरा के मशहूर पेठे की सौगात मिली। खास बात यह रही कि राहुल गांधी को लड़कियों से लगातार चिट्ठियां मिलती रहीं। वह इन्हें पढ़-पढ़ कर हंसते रहे और जेब में सहेज कर रखते गए। रोड शो के दौरान राहुल को 4 बार पर्ची के रूप में चिट्ठियां मिलीं। सभी चिट्ठियों का खुलासा तो नहीं हो सका, लेकिन खंदारी की युवती आकांक्षा की चिट्ठी खास थी। आकांक्षा ने बताया कि उसने चिट्ठी में राहुल से पूछा था कि शादी कब करोगे? इसके जवाब में राहुल ने मुस्करा कर अंगूठा दिखा दिया। राहुल को पहली चिट्ठी दयाल बाग में स्वामीबाग मंदिर के पास मिली। दूसरी चिट्टी न्यू आगरा थाने के पास, तीसरी हरीपर्वत और चौथी छिपीटोला रोड के पास मिली।
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5 February 2017अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध के विरोध में लंदन और पेरिस से लेकर न्यूयॉर्क और वाशिंगटन की सड़कों पर हजारों लोग उमड़ पडे। इससे पहले एक अमेरिकी संघीय जज ने भी इस प्रतिबंध को स्थगित कर दिया था। प्रतिबंध के विरोध में सबसे बड़ा प्रदर्शन ब्रिटेन की राजधानी में हुआ, जहां करीब 10,000 लोगों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। प्रदर्शन में ‘टेरीजा मे :शेम ऑन यू’ का नारा ब्रिटेन की प्रधानमंत्री की ओर से अमेरिकी नेता को दिए गए समर्थन की निन्दा करते हुए लगाया जा रहा था। अमेरिकी राष्ट्रपति ने 27 जनवरी को जारी किए अपने शासकीय आदेश में सात मुस्लिम बहुल देशों: ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के नागरिकों के अमेरिका आने पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी थी। न्यूयॉर्क में भी कल ट्रंप के आदेश के खिलाफ 3,000 लोगों ने प्रदर्शन किया। कार्यकर्ता और समर्थक ऐतिहासिक स्टोनवॉल इन के बाहर जमा होकर प्रदर्शन कर रहे थे।वहीं वाशिंगटन में सैकड़ों लोगों ने एकजुटता दिखाने के लिए व्हाइट हाउस से लेकर कैपिटोल हिल तक प्रदर्शन किया। ब्रिटेन में 18 लाख लोगों ने एक याचिका पर हस्ताक्षर किया। इस याचिका में कहा गया है कि ट्रंप को आधिकारिक यात्रा पर नहीं बुलाया जाना चाहिए क्योंकि इससे महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का अपमान होगा। यूरोप में करीब 1,000 लोगों ने पेरिस और बर्लिन की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया।
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5 February 2017उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में दमदार प्रदर्शन के दम पर सरकारी बनाने की तैयारी में लगीं बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने सभी सर्वे तथा एक्जिट पोल को मैंनेज्ड बताया है। बसपा मुखिया मायावती गुरुवार को बुलंदशहर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रही थीं। मायावती ने कहा कि इन दिनों उत्तर प्रदेश में चुनाव सर्वेक्षण का जोर है। यह सारे सर्वेक्षण विभिन्न राजनीतिक दल करा रहे हैं। सारे सर्वेक्षण मैनेज्ड हैं। उन्होंने कहा कि पार्टियां अपने पक्ष में सर्वे भले ही करा रही हैं,लेकिन सारे सर्वे की पोल चुनाव के रिजल्ट में खुल जायेगी। मायावती ने जनता को भारतीय जनता पार्टी से सतर्क रहने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भाजपा आरक्षण को खत्म करने में जुटी है। भाजपा तो आरएसएस के एजेंडा के हिसाब से मौजूदा आरक्षण व्यवस्था को बदलना चाहती है। भाजपा ने अपनी जातिवादी मानसिकता के कारण दलितों का शोषण किया है, उनपर अत्याचार किया है। मायावती ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक समुदाय के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। अगर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बन गयी तो पहले से और भी ज्यादा बड़े पीड़ा दायक फैसले लिए जायेंगे। मायावती ने कहा कि भाजपा के लोग यूपी की कानून-वयवस्था को सुधारने के लिए बढ़ चढ़ कर बाते कर रहे हैं। इनकी सरकार में तो अराजकता और भी बढ़ जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तो पूंजीपतियों को धनवान बनाया। केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव के दौरान किया गया एक भी वादा पूरा नहीं किया भाजपा ने अपने चेहेतों को बचाया हुआ है, हमारी पार्टी ने भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्यवाही की है। मायावती ने कहा कि केंद्रीय बजट में भाजपा ने नोटबंदी के बाद हुई काले धन के खिलाफ कार्यवाही पर कुछ नहीं बोला। बहुजन समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तहत अपने प्रचार अभियान की शुरुआत कर दी है। बसपा सुप्रीमो मायावती नेआज बुलंदशहर और हाथरस में सभा को संबोधित किया। चुनाव प्रचार अभियान के तहत बसपा सुप्रीमो ने पहले बुलंदशहर में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया।
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2 February 2017मुंबई में हुए 26/11 के आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की नजरबंदी का ढोल पीटने वाले पाकिस्तान का झूठ सामने आ गया है। पाकिस्तान की मीडिया में हुए खुलासे से ये बात सामने आई है कि हाफिज सईद को अमेरिका के दबाव में नहीं बल्कि उसकी खुद की जान बचाने के लिए पाकिस्तान ने नजरबंदी के बहाने सुरक्षा दी है। पाकिस्तान के ही एक राजनीतिक विशेषज्ञ ने एक टीवी में शो में आतंकी हाफिज सईद की नजरबंदी को लेकर पाकिस्तान सरकार के झूठ से पर्दा उठाया है। हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के राजनीतिक विशेषज्ञ डॉ. शाहिद मसूद ने खुलासा किया है कि हाल में अफगानिस्तान के कई नंबरों से पाकिस्तान में बैठे कुछ आतंकियों को फोन कॉल्स आ रहे थे। इन्हें ट्रेस किया गया तो पता चला कि अफगानिस्तान से तहरीक ए तालिबान के हमलावर वहां से पाकिस्तान में दाखिल होने वाले हैं या हुए हैं। फोन कॉल से पता चला है कि इन लोगों ने पाकिस्तान के सिंध और पंजाब में मौजूद स्लीपर सेल के लोगों को सक्रिय कर दिया है और उन्हें ये टास्क दिया गया है कि हाफिज सईद को उसके गुर्गों समेत सबक सिखाया जाए। यानी हाफिज सईद की हत्या कर दी जाए। अब पाकिस्तान की सेना की ओर से बयान आया था कि हाफिज की नजरबंदी देश के हित में है. हालांकि, नए खुलासों के बाद पाकिस्तान की पोल खुलती नजर आ रही है। पाकिस्तान सरकार जिसे नजबंदी करार दे रही है दरअसल वह हाफिज सईद को विशेष प्रकार की दी गई सुरक्षा है। इसका संकेत इस बात से भी मिलता है कि भारी पुलिस बल की मौजूदगी में हाफिज सईद को प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करने दिया गया और चलती कार में वीडियो संदेश भी बनाने दिया गया। जिसमें हाफिज ने भारत और अमेरिका के खिलाफ जहर उगला।
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2 February 2017ढाई लाख से पांच लाख तक आय पर 5 फीसदी टैक्स वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट भाषण में कहा कि देश में नकदी की प्रचुरता के कारण कर चोरी आम बात हो गई है। बड़ी संख्या में लोगों के कर चोरी करने से इसका भार उन लोगों पर पड़ता है, जो ईमानदारी के अपना कर चुकाते हैं। जेटली ने इसके साथ ही कर्ज लेकर देश छोड़कर भागने वालों को लेकर नया कानून लाने की बात कही। इसके अलावा मध्यम वर्ग को आयकर में राहत दी गई है। जेटली ने कहा कि 99 लाख लोगों ने 2.5 लाख रुपए से कम आय दिखाई है। जबकि 1.25 लाख लोगों ने 50 लाख रुपए आय की घोषणा की है। सिर्फ 20 लाख व्यापारी ही 5 लाख की आय दिखाते हैं। प्रावधान - उन्होंने कहा कि भगोड़ों के लिए नया कानून बनाया जाएगा, उनकी संपत्ति जब्त होगी। असर- माल्या जैसे लोगों पर नकेल कसी जा सकेगी, जो कर्ज लेकर देश से फरार हो जाते हैं। मध्यम वर्ग को बड़ी राहत प्रावधान- जेटली ने कहा कि 2.5 से पांच लाख तक की आय वालों पर मामूली पांच फीसदी टैक्स लगाया गया है। पहले इस स्लैब में कर की दर 10 फीसदी थी, जिसे पांच फीसदी कर दिया गया है। असर- मध्यम वर्ग के आम लोगों को राहत दी गई है। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोगों को कर देने के लिए प्रेरित किया गया है। कर की दर कम होने से ज्यादा संख्या में लोग ईमानदारी से कर देंगे। नया स्लैब यानी तीन लाख रुपए तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा। पांच लाख रुपए से अधिक की आय पर 12,500 रुपए की छूट दी गई है। पांच से 10 लाख रुपए की आय पर 20 फीसदी और 10-20 लाख रुपए की आय पर 30 फीसदी टैक्स। वहीं, 50 लाख रुपए से लेकर एक करोड़ रुपए तक की आय पर 10 फीसदी सरचार्ज लगाया जाएगा। तीन लाख से ज्यादा का कैश लेन-देन नहीं हो पाएगा। जेटली ने कहा कि सस्ते घरों की स्कीम जारी रहेगी। बिल्ड-अप एरिया को ही कारपेट एरिया माना जाएगा। राजनीतिक पार्टियों परलगाम राजनीतिक पार्टियां ज्यादातर चंदा नकद के रुप में लेती हैं। वर्तमान में 20 हजार रुपए तक हिसाब नहीं देना होता है। अब दो हजार रुपए से अधिक नकद में चंदा नहीं ले सकेंगी, इससे ज्यादा लेने पर हिसाब देना होगा। 50 करोड़ टर्नओवर तक की कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स पांच फीसदी घटाकर 25 फीसदी कर दिया गया है।
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1 February 2017अमेरिका के पैतालीसवें राष्ट्रपति के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप ने बीस जनवरी को शपथ ली। लेकिन, राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद ही ट्रंप को लेकर दुनियाभर में एक अजीब स्थिति बन गई थी क्योंकि अमेरिका में ट्रंप की यह एक अप्रत्याशित जीत थी। राष्ट्रपति पद का शपथ लेने के बाद ट्रंप ने जो शुरूआती फैसले लिए हैं उसके चलते पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। ताजा मामला है ट्रंप की तरफ से सात मुस्लिम बहुल देशों के नागरिकों और शरणार्थियों पर लगाए गए प्रतिबंध का। ट्रंप ने राष्ट्रपति का पद संभालने के महज एक सप्ताह बाद ही इस विवादास्पद आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया। उनके इस फैसले से जिन देशों के नागरिकों पर नब्बे दिनों का प्रतिबंध लगाया गया है वो हैं- ईरान, इराक, सीरिया, सूडान, लीबिया, यमन और सोमिलाया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक और सख्त कदम उठाते हुए कार्यकारी अटॉर्नी जनरल सैली येट्स को उनके पद से हटा दिया है। येट्स ने कहा था कि वह ट्रंप के शरणार्थियों को बैन करने के फैसले का बचाव नहीं करेंगी। साथ ही उन्होंने ट्रंप के इस फैसले का बचाव कर रहे जस्टिस डिपार्टमेंट के अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी। वाइट हाउस ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा, 'येट्स ने अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कानून को लागू करने से इनकार कर जस्टिस डिपार्टमेंट को धोखा दिया है।' जिसके बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने वर्जीनिया के पूर्वी जिले के अटॉर्नी डाना बॉन्टे को अस्थायी तौर पर येट्स के पद पर नियुक्त किया है। ट्रंप प्रशासन ने नए अटॉर्नी जनरल के रूप में जेफ सैसों को नियुक्त किया है लेकिन अभी उनकी नियुक्ति पर सीनेट की मुहर लगनी बाकी है। अमेरिका में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक के ट्रंप के फैसले का फ्रांस, जर्मनी से लेकर ब्रिटेन तक कड़ा विरोध हुआ। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने इसकी कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि इससे अमेरिका आ रहे टैलेंट के ऊपर नकारात्मक असर होगा। तो वहीं दूसरी तरफ, ‘ट्रंप के राजकीय दौरे पर रोक’ वाली ऑनलाइन याचिका पर ब्रिटेन में एक करीब दस लाख से भी ज्यादा लोगों ने दस्तखत कर उनके आने का विरोध किया। हालांकि, ट्रंप के इस फैसले के बाद भले ही दुनियाभर में तीखा विरोध किया जा रहा हो और उन्हें मुस्लिम विरोधी कहा जा रहा हो लेकिन उन्होंने ऐसे आरोप को सिरे से खारिज करते हुए साफ कर दिया कि उनका यह फैसला मुस्लिम विरोधी नहीं है। उन्होंने कहा कि उन देशों के आंतरिक हालात और युद्ध जैसी बनी स्थिति को लेकर अमेरिका के लोगों को सुरक्षित करने के लिए किया है। इसी के मद्देनजर उन्होंने मैक्सिको की दीवार बनाने की इजाजत दी है। जाहिर है, ट्रंप के ये ऐसे कदम है जिसके बारे में वे लगातार चुनाव प्रचार के दौरान कहते रहे हैं और ये उनका बड़ा चुनावी एजेंडा था। ऐसे में ट्रंप के बारे में किसी तरह की धारणा बनाने से पहले किसी एक पहलू के बारे में नहीं सोचा जाना चाहिए।
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1 February 2017ट्रंप प्रशासन की ओर से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ने के बीच मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद एवं चार अन्य लोगों को सोमवार रात लाहौर में आतंकवाद विरोधी कानून के तहत नजरबंद कर दिया गया। लेकिन खबर यह है कि लाहौर में नजरबंद होने के बावजूद हाफिज सईद ने प्रेस कांफ्रेंस की। बताया जा रहा है कि हाउस अरेस्ट के बाद पुलिस के सामने जमात उत दावा कार्यालय के सामने ये प्रेस कांफ्रेंस हुई। हाफिज सईद ने सोमवार देर रात डेढ़ बजे के करीब पत्रकारों से बात की। वहीं, नजरबंदी के आदेश के बाद सईद ने एक वीडियो मैसेज भी जारी किया। पंजाब सरकार के गृह विभाग ने सईद की नजरबंदी का आदेश जारी किया था। लाहौर पुलिस ने चौबुरजी स्थित जमात-उद-दावा मुख्यालय पहुंचकर इस आदेश को क्रियान्वित किया। इस समय हाफिज सईद ‘मस्जिद-ए-कदसिया चौबुरजी’ में है और बड़ी संख्या में पुलिस बल ने जेयूडी मुख्यालय को घेर रखा है। नदीम ने कहा कि पुलिस अधिकारी ने हमें बताया कि उसके पास जेयूडी प्रमुख को नजरबंद करने का आदेश है जिसे पंजाब के गृह विभाग ने जारी किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि हम हाफिज सईद को जौहर टाउन स्थित उसके आवास पर ले जा रहे हैं जहां उसे सरकार के आदेश पर नजरबंद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सईद के आवास को उप-कारागार घोषित कर दिया गया है। गृह विभाग के निर्देश पर लाहौर में जमात-उद-दावा के मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया गया है। नजरबंदी से कुछ घंटे पहले सईद ने कहा कि अगर ‘दबाए हुए कश्मीरियों’ की आवाज उठाने के लिए उसके संगठन पर किसी तरह का अंकुश लगाया जाता है तो उसे कोई परवाह नहीं है। उसने नवाज शरीफ सरकार को चतावनी दी कि अगर कोई अंकुश लगाया जाता है तो उसका संगठन अदालत का रुख करेगा।
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31 January 2017व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी का दावा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कामकाजी वीजा कार्यक्रमों संबंधी नियमों को कड़े करने वाले एक नए शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। इन वीजा कार्यक्रमों में एच1बी और एल1 वीजा शामिल हैं, जिनका उपयोग भारतीय आईटी पेशेवर करते हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि यह नया कार्यकारी आदेश अमेरिका में आव्रजन सुधार का एक हिस्सा है। ट्रंप प्रशासन द्वारा तैयार किया गया यह कार्यकारी आदेश न केवल एच1बी और एल1 वीजा नियमों को कड़ा करेगा बल्कि इंस्पेक्टर राज को भी बढ़ावा देगा। इसके साथ ही यह यहां कामकाजी वीजा (वर्क वीजा) पर काम करे रहे पेशेवरों के पति-पत्नी को मिलने वाले रोजगार को अधिकृत करने वाले कार्ड को भी समाप्त करता है। इस आदेश का मसौदा लीक हो गया था और इसे कुछ खबरिया वेबसाइटों ने प्रकाशित कर दिया था। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, ‘मैं मानता हूं कि एच1बी और अन्य वीजा बड़े आव्रजन सुधार के प्रयासों का हिस्सा हैं और राष्ट्रपति ट्रंप इसके बारे में कार्यकारी आदेश और कांग्रेस के माध्यम से बात करते रहेंगे।’ लीक आदेश के मुताबिक, ट्रंप ओबामा के वैकल्पिक व्यवहारिक प्रशिक्षण कामकाजी वीजा की अवधि में विस्तार के आदेश को पलट देंगे। इस वीजा के तहत विदेशी छात्रों को अमेरिका में पढ़ाई खत्म करने के बाद कुछ ज्यादा समय तक रूकने का मौका मिलता रहा है।
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31 January 2017पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी के चीफ इमरान खान ने डोनाल्ड ट्रंप की उस आदेश को लेकर कड़ी आलोचना की है जिसमें उन्होंने सात मुस्लिम देशों के नागरिकों की अमेरिका में एंट्री पर बैन लगाया है। सहीवाल में आयोजित एक सभा के दौरान उन्होंने कहा वह चाहते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान के नागरिकों की एंट्री भी अमेरिका में पूरी तरह से बैन कर दें। ऐसा होने के बाद कम सेे कम हम अपने देश की तरफ देख सकेंगे और उसके विकास पर फोकस कर सकेंगे। पाकिस्तान के एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक इस दौरान इमरान खान ने अमेरिका में बसे सभी पाकिस्तानियों से स्वदेश वापस आने और अपने देश के विकास के लिए काम करने की अपील भी की है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि जो कोई अधिक पढ़ लिख जाता है वही देश छोड़कर चला जाता है क्योंकि वह मानता है कि यदि उसको आगे बढ़ना है तो उसको मौके तलाशने होंगे, जो कि यहां पर नहीं हैं। पाकिस्तान तभी तरक्की कर सकता है जब उसके लोग देश के विकास के लिए एकजुट होकर काम करेंगे। रैली को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि सभी को देश के विकास के लिए साथ आकर काम करना होगा, तभी मुल्क अपने पैरों पर खड़ा हो सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमें बार-बार कर लेने के लिए अमेरिका और आईएमएफ के आगे घुटने टेकने और गिड़गिड़ानेे भी जरूरत नहीं है। इस मौके पर वह नवाज सरकार भी जमकर भड़के। इस मौके पर इमरान ने कहा कि सरकार यह तय करे कि हर पाकिस्तानी अपने ही देश के लिए जिए और मरे। इससे ही देश को फायदा होगा। पाक सरकार को आड़े हाथों लेते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि आज की तारीख में मंत्री देश को लूट कर अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं और पैसा विदेशी बैंकों में जमा कर रहे हैं। अमेरिका के खिलाफ ईरान द्वारा लिए फैसले की उन्होंने जमकर तारीफ की। रैली में उन्होंने कहा कि ईरान ने अमेरिका के साथ जैसे के साथ तैसा वाला व्यवहार किया है, जो सही है। उन्होंने अपने यहां पर अमेरिका के नागरिकों की एंट्री को बैन कर अच्छा काम किया है। हमें भी उसकी ही तरह बनने की जरूरत है। इस रैली में उन्होंंनेे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला और कहा कि भारत पाकिस्तान को मिलने वाले पानी की सप्लाई को बंद नहीं कर सकता है। उन्होंने इस बाबत भारत को धमकाने की भी कोशिश की और कहा कि यदि भारत पानी बंद कर देता है तो पाकिस्तान की आवाम क्या कुछ नहीं कर सकती है। लेकिन भारत भी लड़ाई नहीं चाहता है और हम भी ऐसा नहीं चाहते हैं। दोनों देशों के लोग आपस में प्यार से रहना चाहते हैं। गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही अमेरिका में शरणार्थियों के आने पर फिलहाल 120 दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। वहीं सात मुस्लिम बहुत देशों के नागरिकों की एंट्री भी फिलहाल 90 दिनों के लिए रोक दी गई है। इस आदेश के खिलाफ अमेरिका में जबरदस्त विरोध हो रहा है। अपने एक आदेेश के माध्यम से ट्रंंप ने यमन, सीरिया, ईरान इराक, लीबिया, सोमालिया और सूडान के लोगों की एंटी पर बैन लगाया है
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30 January 2017फॉरेन मिनिस्टर सुषमा स्वराज के दखल के बाद भोपाल में जन्मे एक बच्चे की दिल्ली के एम्स में कार्डियक सर्जरी की जाएगी। 3 दिन के इस बच्चे को हॉर्ट में प्रॉब्लम है और डॉक्टरों का कहना था कि उसकी सर्जरी भोपाल में मुमकिन नहीं है। इसके बाद बच्चे के पिता ने ट्वीट करके हेल्थ मिनिस्टर जेपी नड्डा और पीएमओ से मदद मांगी थी। एम्स में सर्जरी की तैयारियां पूरी हो गई हैं। शुक्रवार को इस बच्चे को भोपाल से दिल्ली भेजा जाएगा। सुषमा ने गुरुवार को दो टव्वीट किए। पहले ट्वीट में बच्चे के परिवार का नंबर मांगा था। इसके बारे में उन्होंने हेल्थ मिनिस्टर और पीएमओ को भी ट्वीट किया था। बता दें कि इस बच्चे का जन्म भोपाल के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में हुआ है। उसे हार्ट में प्रॉब्लम है। अभी वह वेंटिलेटर पर है। डॉक्टरों का कहना था कि सर्जरी कॉम्पलीकेटेड है, जो भोपाल में नहीं हो सकती। बच्चे के पिता ने मदद के लिए सुषमा को शुक्रिया कहा है। बैरसिया रोड स्थित माया एनक्लेव में रहने वाले देवेश कुमार शर्मा की पत्नी वंदना शर्मा को बुधवार को सीजर डिलीवरी से बेटा हुआ था। बुधवार दोपहर करीब 12 बजे उसे सांस लेने में तकलीफ हुई। जांच में ट्रांसपोजीशन ऑफ ग्रेटर आर्टरीज (टीजीए इंटर वेंट्रीकुलर सेप्टम) बीमारी निकली। डॉक्टरों ने बच्चे की फौरन हार्ट सर्जरी कराने को कहा। रिपोर्ट भोपाल के सभी कार्डियो थोरेसिक सर्जन्स को दिखाई गई। सभी ने सर्जरी से मना कर दिया, क्योंकि यहां जरूरी फेसेलिटीज और पोस्ट ऑपरेटिव केयर नहीं हैं। बच्चे के पिता देवेश बेंगलुरु की एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। हमीदिया अस्पताल के कार्डियो थोरेसिक सर्जन डॉ. प्रवीण शर्मा, जेके हॉस्पिटल और सिद्धांता हॉस्पिटल के डॉ. हेमंत कुमार पांडे और एलबीएस हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. भूपेंद्र श्रीवास्तव से बात की थी। उन्होंने कहा-बच्चे के हार्ट में ब्लड मिक्सिंग (गंदे और साफ खून का मिलना) नहीं हो रही। लिहाजा शरीर के एक हिस्से में गंदा खून और दूसरे हिस्से में साफ खून सप्लाई हो रहा है। इसकी वजह एओर्टा की जगह पल्मोनरी आर्टी और पल्मोनरी आर्टी की जगह एओर्टा का होना है।
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27 January 201768th रिपब्लिक-डे के दौरान राजपथ पर कई चीजें पहली बार नजर आईं। UAE की आर्मी पहली बार भारत की परेड का हिस्सा बनी। अबू धाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नाह्यां चीफ गेस्ट थे। देसी बोफोर्स कहलाने वाली तोप धनुष भी नजर आई। सुखोई-30 और ग्लोबमास्टर ने फ्लाइपास्ट किया। पहली बार भारत में बने लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस राजपथ के ऊपर उड़ान भरी। रिपब्लिक डे परेड की 6 बड़ी बातें... ये पहली बार है जब भारत की रिपब्लिक-डे परेड पर यूएई की आर्मी नजर आई। यूएई ने परेड में हिस्सा लेने के लिए 144 जवान और 44 बैंड मेंबर्स की टीम आई। बता दें कि रिपब्लिक-डे पर फॉरेन आर्मी के परेड में शामिल होने का सिलसिला पिछले साल से शुरू हुआ था। तब पहली बार फ्रांस की आर्मी ने परेड में हिस्सा लिया था। देसी बोफोर्स कहलाने वाली धनुष तोप पहली बार राजपथ पर नजर आई। जबलपुर गन कैरिज फैक्ट्री में बनी धनुष की कीमत 14 करोड़ रु. से ज्यादा है। धनुष की रेंज बोफोर्स से भी ज्यादा है। ये 38 किलोमीटर तक पार कर सका 45 कैलीबर की 155 मिलीमीटर और ऑटोमेटिक ‘धनुष’ बोफोर्स तोप की टेक्नीक पर बेस है।यह ऑटोमेटिक सिस्टम से खुद ही गोला लोड कर फायर कर देती है। कई घंटों तक फायरिंग के बाद भी बैरल गर्म नहीं होता। नेशनल सिक्युरिटी गार्ड पहली बार परेड का हिस्सा बने। NSG अब तक रिपब्लिक डे की सिक्युरिटी का हिस्सा था। होम मिनिस्ट्री के अंडर में काम करने वाले NSG का काम काउंटर टेररिज्म, VVIPs की सिक्युरिटी होती है। राजपथ पर फ्लाई पास्ट में देश में बना फाइटर प्लेन तेजस दिखाई दिया। तेजस के लिए परेड में शामिल होने का यह पहला मौका है। इससे पहले देसी प्लेन के रूप में मारुत फ्लाई पास्ट करता था। 1971 की जंग में अहम भूमिका अदा कर चुके मारुत को 1990 में रिटायर किया गया था। 250 से 300 किमी रेंज की वाला तेजस एयरफोर्स में शामिल हो चुका है। यह महज 460 मीटर के रनवे पर टेकऑफ कर सकता है। तेजस एयर-टू-एयर और एयर-टू-सरफेस मिसाइल दागने में कैपेबल है। यह 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। परेड में पहली बार एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (AEW&CS) का प्रदर्शन किया गया। एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड अरै, इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मीजर्स और कम्युनिकेशंस सपोर्ट मीजर्स जैसी टैक्नोलॉजी के चलते ये दुश्मन की खबर बहुत तेजी से देता है। AEWS&CS टैक्नीक दुनिया में केवल 5 देशों के पास है। स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज की झांकी खादी इंडिया में ट्रेडिशनल वीवर्स पर फोकस किया गया। सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम्स की झांकी में GST के बारे में बताया गया। GST को आजादी के बाद सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म बताया गया। तिरंगे के रंग में बुर्ज खलीफा ऐसा पहली बार हुआ, जब रिपब्लिक-डे के मौके पर दुनिया की सबसे ऊंची बिल्डिंग बुर्ज खलीफा तिरंगे जैसी रोशनी में नजर आया। रिपब्लिक डे से एक दिन पहले 823 मीटर ऊंची इस बिल्डिंग पर LED से तिरंगे की लाइटिंग की गई। बुर्ज खलीफा के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर भी भारत को रिपब्लिक डे की शुभकामनाएं दी गईं।
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26 January 2017रिपब्लिक डे पर अटैक की आशंका, धरती से आकाश तक किए गए सिक्योरिटी के इंतजाम टेरेरिस्ट ग्रुप्स द्वारा वीवीआईपी पर एयर अटैक किए जाने की आशंका से जुड़े इंटेलिजेंस इनपुट को देखते हुए नेशनल कैपिटल में सिक्योरिटी धरती से आकाश तक के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। रिपब्लिक डे सेलिब्रेशन को लेकर आर्म्ड फोर्सेस के हजारों जवान कड़ी निगरानी रखेंगे और एयर अटैक को रोकने के लिए पुलिस एंटी ड्रोन टेक्नीक का इस्तेमाल कर रही है। हाल में खुफिया जानकारी मिली है कि लश्कर-ए-तैयबा जैसे टेरेरिस्ट ऑर्गेनाइजेशन अटैक करने के लिए हेलीकॉप्टर चार्टर सर्विस और चार्टर प्लेन का इस्तेमाल कर सकते हैं। दिल्ली पुलिस के साथ दूसरी सुरक्षा एजेंसियां कड़ी सतर्कता बरत रही हैं। सिक्योरिटी एजेंसियों को सचेत किया गया है कि कुछ मुस्लिम एक्सट्रीमिस्ट ऑर्गनाइजेशन 9/11 की तरह हमला करने की साजिश रच रहे हैं। एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि एंटी ड्रोन टैक्नोलॉजी के इस्तेमाल के अलावा सिक्योरिटी फोर्सेस उंची इमारतों पर एंटी एयरक्राफ्ट गन के साथ तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।सिक्योरिटी एजेंसियों को जारी एडवाइजरी के मुताबिक टेरेरिस्ट फिदायीन अटैक के लिए सिक्योरिटी फोर्सेस की यूनीफॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं इसलिए फंक्शन में तैनात फोर्सेस की पहचान करने और उनकी तलाशी के लिए प्रॉपर मैनेजमेंट किए जाने चाहिए। ख़ुफ़िया सूचनाओं के बाद पुलिस अहम जगहों पर खास चौकसी बरत रही है। सभी मार्केट्स पर कड़ी नजर रखी जा रही है।दिल्ली पुलिस की टीमें डॉग स्वाएड्स के साथ मार्केट इलाकों की सिक्योरिटी ऑडिट कर रही हैं।स्ट्रेटेजिक प्वाइंट्स पर आर्म्ड पर्सन तैनात करने के अलावा सीसीटीवी कैमेरा भी लगाए जा रहे हैं।सिक्योरिटी अरेंजमेंट्स को लेकर मीटिंग्स ली जा रही हैं और पुलिस पर्सन की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई हैं। सेंट्रल और नई दिल्ली इलाके में दिल्ली पुलिस और सेंट्रल सिक्योरिटी फोर्सेस के करीब 50,000 सिक्योरिटी पर्सन तैनात किए गए हैं।
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25 January 2017जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस शनिवार देर रात आंध्र प्रदेश के विजयानगरम में पटरी से उतर गई। हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई और 50 यात्री घायल हो गए। जगदलपुर से भुवनेश्वर जाते वक्त ये ट्रेन हादसा हुआ। रेलवे की रिलीफ ट्रेन मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुट गई है। घायल यात्रियों को पृथ्वीपुरम (आंध्र प्रदेश) के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। घटना ओडिशा में रायगढ़ा से 30 किमी दूर आंध्र प्रदेश की सीमा के पास हुई है। ट्रेन जगदलपुर से दोपहर 3 बजे रवाना हुई थी और रात 11 बजे रायगढ़ पहुंची थी। रवाना होने के कुछ देर बाद ही ट्रेन का इंजन और सात डिब्बे पटरी से उतर गए। दुर्घटनाग्रस्त डिब्बे इस ट्रेन से जुड़ने वाली भवानीपटना लिंक की बोगियां हैं। हादसे के बाद ट्रेन के 12 सुरक्षित डिब्बों को संभलपुर के रास्ते भुवनेश्वर रवाना कर दिया गया है। घटना से इस रूट से जाने वाली ट्रेनों का रूट बदला गया है। घटना की जानकारी मिलने के बाद 3 रिलीफ ट्रेन रायगढ़ा, संभलपुर और विशाखापट्टनम से रवाना किया गया। एनडीआरएफ के डीजी आरके पचनंदा के अनुसार नेशनल डिजास्टर रिसपांस फोर्स की पांच टीमें मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हैं। परिजनों के लिए हेल्प लाइन नंबर जारी किए हैं बीएसएनएल नंबर 06856-223400, 06856-223500, बीएसएनएल 9439741181, 9439741071, एयरटेल 07681878777 विजयनगरम रेलवे स्टेशन के लिए हेल्प लाइन नंबर 83331, 83332, 83333,83334, बीएसएनएल 08922-221202, 08922-221206 , 8500358610, 08500358712 विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन लिए हेल्प लाइन नंबर 83003,83005, 83006, 8912746344, 891246330 जगदलपुर हेल्पलाईन नंबर 07782 227506, 07782 226693, 0891 2889700 प्रधानमंत्री ने जताया शोक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदलपुर-भुवनेश्वर एक्सप्रेस दुर्घटना पर ट्वीट कर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मैं हादसे में घायल हुए यात्रियों के जल्द स्वस्थ्य होने के लिए प्रार्थना करता हूं। रेल मंत्रालय स्थिति पर नजर बनाए हुए है और राहत और बचाव का काम तेजी से जारी है। हीराकुंड एक्सप्रेस जगदलपुर से 12 डिब्बों के साथ चलती है, रायगड़ा(ओडिसा) में जूनागढ़ को जाने वाली 9 डिब्बे इसमें और जुड़ जाते हैं, इन्ही 9 डिब्बों में से 7 डिब्बे पटरी से उतरे हैं। जानकारी के मुताबिक दो डिब्बे 35 फीट गहरे गड्ढे में गिरे हैं, जिसका रेसक्यू रात में अंधेरे की वजह से नहीं हो पाया, रविवार अल सुबह उन्हें ऊपर लाने का काम शुरू किया गया है। रायगढ़ की कलेक्टर पूनम गुहा के मुताबिक मृतकों की संख्या 32 तक पहुंच गई है और करीब 50 यात्री घायल हैं। जगदलपुर से भुवनेश्वर जाते वक्त ये ट्रेन हादसा हुआ। घायल यात्रियों को पृथ्वीपुरम (आंध्र प्रदेश) के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हादसे के बाद इस रूट से जाने वाली कई ट्रेनों को कैंसल कर दिया गया है। 22 जनवरी को रद्द की गई ट्रेनें - 58528 विशाखापट्टनम रायपुर पैसेंजर - 58503 रायगढ़ा विशाखापट्टनम पैसेंजर - 58538 विशाखापट्टनम कोरापुट पैसेंजर - 18309 संबलपुर एचएस नांदेड नागावल्ली एक्सप्रेस रास्ते में रोकी ट्रेनें - 57271 विजयवाड़ा से रायगढ़ा जा रही ट्रेन को विशाखापट्टनम में रद्द कर दिया गया है। - 58530 विशाखापट्टनम दुर्ग पैसेंजर ट्रेन को डोनकिनावालासा में रद्द कर दिया गया। - 58529 दुर्ग विशाखापट्टनम पैसेंजर तीतलगढ़ में रद्द कर दी गई। यह 58530 तीतलगढ़-दुर्ग ट्रेन बनकर लौटेगी। - 18517 कोरबा विशाखापट्टनम ट्रेन को रायगढ़ा तक ही जाएगी। - 58537 कोरापुट विशाखापट्टन पैसेंजर ट्रेन रायगढ़ा तक ही जाएगा। यह 58358 रायगढ़ा-कोरापुर ट्रेन बनकर लौटेगी।
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22 January 2017अमेरिका के 45 वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालते ही डोनाल्ड ट्रंप ने सबसे पहले ओबामाकेयर पर हथौड़ा चलाया है। ट्रंप ने अपने पहले आधिकारिक आदेश में संघीय एजेंसियों को पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की शुरू की हुई ओबामाकेयर (सस्ती स्वास्थ्य सेवा कानून) का भार कम करने का आदेश दिया है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता सीन स्पाइसर ने कहा है कि ट्रंप के प्रमुख स्टाफ द्वारा इस मामले में व्हाइट हाउस को तुरंत इस नियामक को फ्रीज करने का निर्देश दिया है। साथ ही इस आदेश में यह भी कहा गया है कि उनकी सरकार ओबामाकेयर कानून को हटाने की दिशा में काम करेगी। इसके अलावा ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के एक घंटे के अंदर ही अमेरिकी गृह और नगरीय विकास विभाग ने रियल एस्टेट ब्रोकर्स, लैंडर्स और क्लोजिंग एजेंट्स को एक पत्र भेजा जिसमें फेडरल हाउसिंग से मिलने वाले लोन के लिए 0.25 प्रतिशत की प्रीमियम रेट कट को निरस्त कर दिया गया। इस रेट कट के चलते घर खरीदने वालों को 2 लाख डॉलर के लोन पर हर महीने 29 डॉलर फायदा हो सकता था। ट्रंप के इस कदम को विपक्षी पार्टी रिपब्लिकन ने एक जल्दबाजी में लिया फैसला बताते हुए कहा है कि इससे सिस्टम की स्थिरता कमजोर होने का खतरा पैदा होगा। ट्रंप के शपथ लेने के कुछ देर बाद ही हाउजिंग के जनरल डिप्टी सेक्रेटरी गेंगर चार्ल्स ने घोषणा की कि विभाग दरों में कटौती को अनिश्चित काल के लिए निरस्त करता है क्योंकि इसमें ज्यादा विवेचना और रिसर्च की आवश्यकता है। f
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21 January 2017आदि शंकराचार्य की गुफा का होगा जीर्णोद्धार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओंकारेश्वर मंदिर परिसर के पुर्नउद्धार और शहर के विकास के लिये बनाई कार्य-योजना पर शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। ओंकारेश्वर के चन्द्रमौलेश्वर मंदिर, इन्द्रेश्वर मंदिर, गौ-घाट, आदि शंकाराचार्य की गुफा एवं दीक्षा स्थल, गोमुख, विष्णु मंदिर, ममलेश्वर मंदिर के विकास एवं जीर्णोद्धार का कार्य जल्दी शुरू होगा। भारत सरकार की तीर्थ-स्थलों के जीर्णोद्धार और आध्यात्मिक विस्तार की “प्रसाद” योजना में इन मंदिर परिसरों का विकास होगा। ओंकारेश्वर के विकास की 19 कार्य-योजना बनाई गई हैं। मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित कार्य-योजनाओं पर प्रस्तुतीकरण के दौरान इन पर शीघ्र कार्रवाई करने और केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय से संपर्क करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने ओंकारेश्वर ज्योर्तिंलिंग मंदिर के मूल स्वरूप को अ-प्रभावित रखते हुए पुर्नोद्धार के कार्य करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आदि शंकराचार्य की जीवनी और दर्शन को प्रदर्शित करते हुए उनकी गुफा का जीर्णोद्धार होना चाहिए। प्रस्तावित कार्यों में गौ-घाट का विकास, ध्वनि एवं प्रकाश शो, जे.पी. चौक का विकास, टूरिस्ट रिसेप्शन सेंटर, हेरिटेज वाक्, संग्रहालय एवं इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना, परिक्रमा पथ विकास और वाई-फाई सुविधा शामिल है। गौ-घाट, ब्रह्मा मंदिर और ममलेश्वर के बीच स्काई वाक् भी प्रस्तावित किया गया है। प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव, जनसंपर्क एवं पुरातत्व आयुक्त श्री अनुपम राजन, सचिव श्री हरिरंजन राव एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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21 January 2017केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से शिवाजी स्टेडियम तक एयरपोर्ट मेट्रो लाइन से सफर किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान और केन्द्रीय मंत्री श्री अनंत कुमार बीती शाम को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में भाग लेने भोपाल से विमान द्वारा रवाना हुए। दिल्ली एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे एयरपोर्ट मेट्रो लाइन से सफर करेंगे। उन्होंने आम आदमी की तरह मेट्रो की टिकिट खरीदी और मेट्रो में बैठे। श्री चौहान को शिवाजी मेट्रो स्टेशन पहुँचने में मात्र 19 मिनिट लगे। वे वहाँ से उतरकर अशोका रोड स्थित भाजपा कार्यालय 10 मिनिट में पहुँच गये। श्री चौहान ने कहा कि इस यात्रा से उनके समय में बचत हुई और वे समय से बैठक में पहुँच सके। इस दौरान नई दिल्ली स्थित मध्यप्रदेश भवन के आवासीय आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने भी मेट्रो से यात्रा की।
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20 January 2017खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे ट्रैक को धमाके से उड़ाकर कानपुर जैसे ट्रेन हादसों को अंजाम देने के लिए दाऊद इब्राहिम भारत में बेरोजगारों की भर्ती कर रहा है। महाराष्ट्र एंटी टैरारिस्ट स्क्वायड को एक युवक से पूछताछ के दौरान जानकारी मिली कि दुबई में दाऊद का करीबी शम्शुल होदा कानपुर जैसे ट्रेन हादसों के लिए फंडिंग का इंतजाम कर रहा है। रेलवे पुलिस की रिपोर्ट में पूछताछ के दौरान हुए खुलासों का जिक्र है। महाराष्ट्र एंटी टैरारिस्ट स्क्वायड ने इसी माह एक युवक बसंत कुमार से पूछताछ की। बसंत ने बताया कि कुछ लोग बिहार और उत्तर प्रदेश के युवाओं को इस काम के लिए पैसे दे रहे हैं। बसंत समेत 10 युवाओं को रेलवे ट्रैक उड़ाने की टैक्नीक सिखाई गई। कानपुर रेल हादसे जैसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए हवाला का इस्तेमाल किया जा रहा है।
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19 January 2017भारत के प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहड़ ने एक सुनवाई के दौरान कहा कि मैं भी हिन्दू हूं, लेकिन मैं किसी से नहीं डरता। प्रधान न्यायाधीश ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब 10वीं बार गोहत्या पर रोक लगाने की गुहार करने वाले याचिकाकर्ता ने कहा कि हिन्दू अदालत में आने से डरते हैं, वह इन बातों में नहीं पडऩा नहीं चाहते। प्रधान न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता बाल राम बाली से कहा कि अदालत आने में डरने की बात क्या है। उन्होंने याचिकाकर्ता से कहा कि आप 10वीं बार यह याचिका लेकर आए हैं, पहले ही आपकी तमाम याचिका खारिज हो चुकी है। इस याचिका में भी कुछ नया नहीं है। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि वर्ष 1996 में संविधान पीठ ने इस संबंध में गलत आदेश पारित किया था। याचिकाकर्ता का कहना था कि संविधान पीठ के फैसले में इस बात को गलत रिकॉर्ड किया गया है कि पूर्व में हिन्दू धर्म के लोग गाय और सूअर का मांस खाते थे। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि वेद या धार्मिक ग्रंथों में ऐसी बातें नहीं लिखी हैं। लेकिन प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहड़ और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने याचिकाकर्ता बाली को चेतावनी दी कि अगर वह फिर से इस तरह की याचिका दायर करेंगे तो उन्होंने याचिका के साथ 50 हजार रुपए का ड्राफ्ट की संलग्न करना होगा। याचिकाकर्ता बाली पर अदालत की अवमानना का मामला भी चल चुका है, हालांकि बाद में अवमानना की कार्रवाई निरस्त कर दी गई थी।
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18 January 2017देश में नए नोटों की आपूर्ति में सुधार को देखते हुए रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने एटीएम से नकदी निकालने की सीमा भी बढ़ा दी है। अब बैंक ग्राहक एटीएम से एक कार्ड से रोजाना 10,000 रुपये निकाल सकेंगे। अभी तक यह सीमा 4,500 रुपये थी। हालाकि नकदी निकासी की 24,000 रुपये की साप्ताहिक सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू खाते से साप्ताहिक राशि निकासी की सीमा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई। कैश ओवरड्राफ्ट और कैश क्रेडिट अकाउंट के लिए भी यह बढ़ी हुई सीमा लागू होगी। नोटबंदी के बाद यह दूसरा मौका है, जब केंद्रीय बैंक ने एटीएम से नकदी निकासी की सीमा को बढ़ाया है। इसके पहले 30 दिसंबर को रोजाना नकदी निकासी सीमा 2,500 रुपये से बढ़ाकर 4,500 रुपये की थी। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक रिजर्व बैंक की तरफ से बताया गया है कि बाजार में 500 रुपये या इससे कम के नोटों की उपलब्धता पर्याप्त हो गई है। आरबीआइ ने यह भी आश्वस्त किया है कि 100 और 50 रुपये के नोटों की आपूर्ति को लगातार बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। 50 रुपये और इससे कम राशि के नोटों को सीधे बैंक शाखाओं के जरिये वितरित किया जा रहा है, ताकि बाजार में छोटे नोटों की भी दिक्कत नहीं रहे।
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17 January 2017आरटीआई एक्टिविस्ट व्यापमं घोटाले के गवाह व फरियादी आशीष चतुर्वेदी ने फेसबुक पर भाजपा सरकार के राज में खूनी व्यापमं घोटाले के दफन होने के राज शीर्षक से पोस्ट किया है कि व्यापमं घोटाले के कई राज मेरे पास है। इनके कारण मुझे प्रताड़ित व धमकाया जा रहा है। उसने जांच एजेंसियों द्वारा की गई जांच का हवाला देकर पूर्व सांसद व प्रदेश सरकार में मंत्री सहित गृहमंत्रालय के अधिकारियों पर लिप्त होने के आरोप लगाए हैं। जांच में आरोपों को प्रथम दृष्टि प्रमाणित भी पाए जाने का दावा किया है। लेकिन ये स्पष्ट नहीं किया है कि किस जांच एजेंसी में यह तथ्य सामने आए हैं। लेकिन आशीष अब तक न्यायालय द्वारा कई बार बुलाए जाने के बाद गवाही देने नहीं पहुंचा है। आशीष ने इस पोस्ट में इस बात का उल्लेख किया है कि उसकी शिकायत पर मुख्यमंत्री के एक नजदीकी व पूर्व मंत्री के दामाद के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। आरटीआई कार्यकर्ता का कहना है कि उसने कई बार पुलिस व सीबीआई को व्यापमं घोटाले से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी पुलिस को दीं। और कई बार देने का प्रयास किया। जिसके कारण लोग मेरी जान का दुश्मन बने हुए है। अब सुनियोजित तरीके से मेरा आपराधिक रिकॉर्ड सरकार के इशारे पर तैयार करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। इसके अलावा आशीष चतुर्वेदी ने आईजी की अनुपस्थिति में उनके दफ्तर में लिखित शिकायत कर टीआई थाना झांसी रोड राजकुमार शर्मा धमकी दिए जाने की है।
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17 January 2017दुनिया की प्रमुख कम्पनियों ने दिखाई रूचि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना कार्य का जायजा लिया। उन्होंने परियोजना कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। यह परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी सौर ऊर्जा परियोजना है। इससे 750 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा। इसमें सहभागिता के लिए प्रमुख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कम्पनियों ने रूचि दिखाई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि परियोजना के कार्य में तेजी लायी जाये। उन्होंने परियोजना के विभिन्न चरणों के कार्य की जानकारी ली। बताया गया कि परियोजना को 250 मेगावॉट की तीन इकाइयों में बाँटा गया है। इसके पावर ग्रिड सब स्टेशन का कार्य प्रगति पर है। यह देश की पहली परियोजना है, जिसे क्लीन टेक्नोलॉजी फण्ड के अंतर्गत ऋण स्वीकृत किया गया है। इससे दिल्ली मेट्रो को बिजली दी जायेगी। परियोजना का प्रस्तुतिकरण करते हुए प्रमुख सचिव नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री मनु श्रीवास्तव ने बताया कि परियोजना से प्रदेश को विभिन्न लाभ होंगे। इनमें प्रदेश को सस्ती सौर विद्युत प्राप्त होगी, विद्युत वितरण कम्पनियों के आर.पी.ओ. की पूर्ति, परियोजना में 5000 करोड़ रूपये का निवेश, निजी भूमि के लिये भू-स्वामियों को 54 करोड़ रूपये का भुगतान, प्रमुख है। विकासकों से 15 करोड़ रूपये स्थानीय क्षेत्र विकास के रूप में प्राप्त होंगे। विकासकों से रजिस्ट्रेशन के रूप में राज्य को साढ़े सात करोड़ रूपये और राजस्व भूमि उपयोग के लिये 32 करोड़ रूपये प्राप्त होंगे। परियोजना निर्माण अवधि में 13 हजार 500 श्रमिकों को रोजगार मिलेगा तथा परियोजना कमीशनिंग होने पर 750 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध होगा। बैठक में ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री ए.पी. श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव उद्योग श्री मोहम्मद सुलेमान एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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17 January 2017थामा कोंग्रेस के साथ राहुल गांधी का हाथ भाजपा का साथ छोड़ने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने आखिरकार कांग्रेस का दामन थाम लिया है। सिद्धू ने रविवार को दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ले ली। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुकी हैं। हालांकि उनके कांग्रेस में शामिल होने को लेकर कोई औपचारिक कार्यक्रम नहीं किया गया। हालांकि अब तक इस बात पर कोई सहमति नहीं बनी है कि वो किस सीट से चुनाव लड़ेंगे। कहा जा रहा है कि उन्हें अमृतसर ईस्ट से चुनाव में खड़े हो सकते हैं वहीं इस बात की भी खबर है कि सिद्धू ने प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ लांबी से भी चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है।
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15 January 2017पाकिस्तान से लगी राजस्थान की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रविवार से चौकसी बढ़ाने के लिए आॅपरेशन सर्द हवा शुरू किया जएगा। हर वर्ष यह विशेष अभियान 15 दिन का होता है, लेकिन इस बार सीमा पर तनाव की स्थिति को देखते हुए इसकी अवधि घोषित नही की गई है। इस विशेष अभियान के तहत सर्दी में सीमा पर छाई धुंध और कोहरे का लाभ उठा कर घुसपैठ की कोशिशों पर विशेष नजर रखी जाती है। इस बार पहले के मुकाबले सतर्कता ज्यादा रखी गई है और सरहद पर जवानों की संख्या बढ़ाई गई है। सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारी भी इस दौरान सीमावर्ती चौकियों पर मौजूद रहेंगे और दिन रात की गश्त को ओर ज्यादा सख्त बनाया जाएगा। सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने आॅपरेशन की पूरी तैयारी कर ली है।
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14 January 2017अंबाला में हरियाणा की भाजपा सरकार में स्वास्थ्य और खेल मंत्री अनिल विज ने एक और विवादित बयान दिया है। खादी ग्रामोद्योग आयोग के कैलेंडर पर महात्मा गांधी के स्थान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर छापने को लेकर पूछे गए सवाल पर विज ने कहा, गांधी के कारण खादी डूब गई। बकौल विज, अच्छा हुआ कि गांधी की जगह मोदी की फोटो लगाई है कैलेंडर में, मोदी ज्यादा बड़ा ब्रांड नेम है। गांधी का ऐसा नाम है कि जिस दिन नोट पर छपी है तस्वीर, उस दिन से नोट की वेल्यू गिर गई। इसी तरह जब से खादी के साथ गांधी का नाम जुड़ा है, खादी उठ ही नहीं सकी। खादी डूब गई। अभी तो खादी से हटे हैं, गांधी धीरे-धीरे नोट से भी हट जाएंगे। बहरहाल, अनिव विज के बयान पर लालू यादव ने प्रतिक्रिया दी है। लालू का कहना है, बहुत दुर्भाग्य की बात है कि ये नालायक देश में बैठे हैं। अनिल विज लगातार विवादों में रहे हैं। इसे पहले गोमांस के मुद्दे पर उन्होंने कहा था, जो लोग गोमांस खाए बिना नहीं रह सकते वो हरियाणा में ना आएं। कई भारतीय ऐसे देशों में नहीं जाते हैं, जहां उनकी पसंद का खाना नहीं मिलता है। राज्य में लागू कड़े गोसंरक्षण कानून के नाते ऐसे लोगों को हरियाणा नहीं आना चाहिए। इसी तरह पिछले साल सितंबर में अनिल विज ने उस मीडिया रिपोर्ट पर मीडिया को बदबूदार कुत्ता कहा था, जिसमें दावा किया गया था कि विज के नेतृत्व में गया प्रतिनिधिमंडल रियो ओलंपिक खेलों में कुछ खेलों के लिए टिकट खरीदने भूल गया था। विज का कहना था कि उन्हें ऐसी भाषा का प्रयोग करने पर कोई अफसोस नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी बताया कि वह रियो खेलो में कई मैच देखे, लेकिन अखबार वालों ने गलत लिखा। विज ने कहा कि उनकी टिप्पणी उन पत्रकारों पर है, जो रियो ओलिंपिक के बारे में गलत खबर दे रहे हैं।
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14 January 2017टाटा संस ने टीसीएस के सीईओ एन चंद्रशेखरन को नया चेयरमैन बनाया है। वो अब रतन टाटा की जगह लेंगे जो अभी ग्रुप के अंतरिम चेयरमैन हैं। 7 लाख करोड़ के टर्नओवर वाले टाटा ग्रुप की गुरुवार को हुई बैठक में ये फैसला लिया गया। उन्हें सायरस मिस्त्री को हटाने के बाद रतन टाटा ने टाटा संस के बोर्ड में शामिल किया था। चंद्रशेखरन 21 फरवरी को पद संभालेंगे। वो टाटा ग्रुप के पहले गैर पारसी चेयरमैन होंगे। टीसीएस के सीफओ राजेश गोपीनाथन को टीसीएस का नया सीईओ बनाया गया है। एन चंद्रशेकरन को उनके जानने वाले चंद्रा कहकर बुलाते हैं। चंद्रा पढ़ाई पूरी करने के बाद किसान बन गए थे। वो अपने पिता के खेत में काम करते थे। जब त्रिची के रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज ने मास्टर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन का कोर्स शुरू किया तो चंद्रा ने इसमें एडमिशन ले लिया। 1986 में पढ़ाई खत्म होने के दौरान उन्होंने टीसीएस में 2 महीने का प्रोजेक्ट किया। 1987 में बिना कंपनी में अप्लाई किए उन्हें टीसीएस में नौकरी का ऑफर मिला जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। 54 साल के चंद्रा 30 साल के करियर में एक सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर से अब देश के सबसे बड़े ग्रुप टाटा संस के चेयरमैन के पद पर पहुंच चुके हैं। टाटा संस के नए चेयरमैन लंबी मैराथन दौड़ने के शौकीन हैं। वो न्यूयॉर्क, शिकागो, मुंबई और बंगलौर में होने वाली मैराथन में दौड़ते हैं। उनकी फोटोग्राफी और संगीत में भी रूचि है। चंद्रा टीसीएस के 2009 से सीईओ हैं। इससे पहले वो कंपनी में सीओओ का काम देख रहे थे। उनको टाटा संस के बोर्ड में 25 अक्टूबर को शामिल किया गया। सरकार ने 2016 में चंद्रा को रिजर्व बैंक के बोर्ड में डायरेक्टर भी नियुक्त किया था। उनकी लीडरशिप में टीसीएस ने 2015-16 में 1.12 लाख करोड़ की आय कमाई। इस कंपनी का मार्केट कैप 4.7 लाख करोड़ है। पिछले साल अक्टूबर में सायरस मिस्त्री को हटाने के बाद 5 सदस्यों की सिलेक्शन कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी में रतन टाटा के अलावा टीवीएस चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन, बेन कैपिटल के अमित चंद्रा, पूर्व राजनयिक रोनेन सेन और वारविक यूनिवर्सिटी के कुमार भट्टाचार्य थे। भट्टाचार्य को छोड़कर बाकि सभी टाटा संस के बोर्ड में शामिल हैं। चंद्रा के अलावा लैंड रोवर के सीईओ भी चेयरमैन की दौड़ में थे। इसके अलावा यूनिलिवर के पूर्व सीओओ हरीश मनवानी, हेथेवे बर्कशायर के अजित जैन, सिटी ग्रुप के पूर्व सीईओ विक्रम पंडित और पेप्सीको की सीईओ इंदिरा नूयी के नाम भी टाटा संस के चेयरमैन की दौड़ में थे। रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा का नाम भी इस दौड़ में था। चंद्रशेखरन ऐसे समय में चेयरमैन बने हैं जब टाटा ग्रुप पूर्व चेयरमैन सायरस मिस्त्री के साथ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल में कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। मिस्त्री ने ट्रिब्यूनल में टाटा संस से उनको हटाए जाने को चुनौती दी है। सायरस मिस्त्री के काम से खुश नहीं होने से रतन टाटा ने उन्हें अक्टूबर में चेयरमैन के पद से हटा दिया था।
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13 January 2017ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की चेतावनी के बाद आखिरकार तिरंगे के अपमान पर माफी मांग ली है। इससे पहले वेबसाइट ने गुरुवार को अपने पेज से तिरंगे वाले डोरमैट्स हटा दिए थे। अमेजन इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट अमित अग्रवाल ने एक पत्र लिखकर माफी मांगी है। पत्र में कंपनी ने लिखा है कि वो भारतीय परंपराओं और कानून का सम्मान करते हैं। उनका उत्पाद भारत में बेचने के लिए नहीं था। इसे थर्ड पार्टी द्वारा कनाडा में बेचने के लिए प्रयोग किया गया था। बकौल अमित अग्रवाल, हमारा मकसद भारत के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। बता दें कि मंगलवार को ई-कॉमर्स साइट के कनाडा के पेज पर भारतीय राष्ट्र ध्वज वाले डोरमैट्स (पायदान) बिकने के लिए अपलोड किए गए थे। इसकी सूचना मिलने के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर अमेजन को चेतावनी दी थी कि वो जल्द इन डोरमैट्स को पेज से हटाए और माफी मांगे नहीं तो उसके अधिकारियों-कर्मचारियों को भारतीय वीजा नहीं मिलेगा। सुषमा के ट्वीट के बाद वेबसाइट ने डोरमैट्स तो हटा लिए थे लेकिन माफी तब भी नहीं मांगी थी। पूरी घटना को लेकर आम लोगों में खासा आक्रोश देखा गया था।
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13 January 2017दुनिया की सबसे बड़ी ऑन लाइन रिटेल कंपनी अमेजन ने भारतीय तिरंगे का अपमान किया है। अमेजन ने अमेजन कनाडा की वेबसाइट पर भारत का झंडा लगा डोरमैट बेच रही है। उसकी इस हरकत पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सुषमा ने कहा है कि अमेजन तिरंगे के अपमान वाली सामग्री तुरंत वेबसाइट से हटाए और बिना शर्त माफी मांगे। विदेश मंत्री ने कहा है कि अमेजन अपनी इस गलती के लिए यदि बिना शर्त माफी नहीं मांगती है तो उसके अधिकारियों को भारत का वीजा नहीं दिया जाएगा। सुषमा स्वराज ने इस मामले को गंभारती से लिया है और इस मामले को उच्चतम स्तर पर उठाने की बात कही है। विदेश मंत्री ने इस बारे में कई ट्वीट किए। https://twitter.com/SushmaSwaraj/status/819192573134680064 Amazon must tender unconditional apology. They must withdraw all products insulting our national flag immediately. अमेजन इससे पहले हिन्दू देवी-देवताओं के फोटो वाले डोरमैट बेचकर सोशल मीडिया पर घिर चुकी है। यूजर्स ने तब बाकायदा वेबसाइट का स्क्रीनशॉट लगाकर साइट का बॉयकॉट करने की मांग की थी। जिसके बाद अमेजन ने आपत्तिजनक उत्पाद वेबसाइट से हटा लिए थे।
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12 January 2017ग्रीनपीस इंडिया का दावा है कि भारत में वायु प्रदूषण की स्थिति भयावह है। हर साल इससे 12 लाख लोगों की मौत हो जाती है। देश के बीस सबसे प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली सबसे ऊपर है। गैर सरकारी संगठन ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में भारत के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में पीएम दस के स्तर का है। यह 268 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर और 168 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर है। 268 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के साथ दिल्ली की हवा सबसे अधिक जहरीली है। इसके बाद उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, इलाहाबाद और बरेली इसके काफी करीब है। इसी तरह उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर, हरियाणा का फरीदाबाद, बिहार का पटना, झारखंड का झारिया, रांची, कुसुंदा व बस्ताकोला और राजस्थान के अलवर में वायु प्रदूषण का स्तर 10 पीएम स्केल पर 258 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से 200 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के बीच हैं। साफ है कि घातक हवा का संकट सिर्फ महानगरों में ही नहीं बल्कि पूरे देश को चपेट में ले चुका है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वायु प्रदूषण के मामले में सिर्फ दिल्ली के ही हालात गंभीर नहीं हैं, बल्कि कुल 168 भारतीय शहरों में से एक भी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मानकों के अनुरूप नहीं है। इस संगठन ने आरटीआइ समेत कई स्रोतों के हवाले से बताया है कि भारत में हर साल वायु प्रदूषण के चलते 12 लाख लोगों की जान चली जाती है। यह तादाद तंबाकू सेवन से मरने वालों के अनुपात से बस थोड़ी ही कम है। इतना ही नहीं, देश का तीन प्रतिशत जीडीपी जहरीली हवा के धुएं में घुल जाता है। अगर देश का विकास जरूरी है तो सबसे पहले वायु प्रदूषण से लड़ना होगा। रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण भारत के कुछ शहरों में ही वायु गुणवत्ता के मानक (सीपीसीबी) कुछ हद तक दुरुस्त हैं। इन्हें केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुरुप पाया गया। अन्यथा देश की आब-ओ-हवा को तबाह करने में सबसे अधिक दोष पेट्रोलियम पदार्थों (फॉसिल फ्यूल) का है। पूरे देश में इससे हवा की गुणवत्ता गिरती जा रही है।
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12 January 2017एमपी के उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने होशंगाबाद के बाबई विकास खण्ड के ग्राम मोहासा में हिन्दुस्तान कोकाकोला ब्रेवरेजेज प्रा.लि. के अत्याधुनिक बॉटलिंग प्लांट का भूमि-पूजन किया। यह प्लांट 110 एकड़ भूमि पर 750 करोड़ के निवेश से निर्मित होगा। इस प्लांट में कोकाकोला, स्प्राईट, फेन्टा, थम्स-अप, लिम्का जैसे सभी प्रकार के कार्बोनेटेड ब्रेवरेजेज, जूस तथा जूस आधारित पेय जैसे मिन्ट मेड एवं माजा, पैकेज्ड वाटर और सोडा-किनले का उत्पादन होगा। श्री शुक्ल ने कहा कि मोहासा में कोकाकोला प्लांट क्षेत्र के विकास की दिशा में नये आयाम स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि मोहासा भी आने वाले दिनों में पीथमपुर और मण्डीदीप की तरह विकसित होगा। अन्य लोग भी मोहासा में उद्योग लगाने के लिये आयेंगे। श्री शुक्ल ने कहा कि औद्योगिक क्रांति के बिना हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर सकते। श्री शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट की जिससे मध्यप्रदेश में पाँच लाख करोड़ के निवेश की आशा है। श्री शुक्ल ने कहा कि पूर्व में मध्यप्रदेश में बिजली, पानी, सड़क की व्यवस्था ठीक नहीं थी, जिससे मध्यप्रदेश में कोई निवेश नहीं करना चाहता था। अब प्रदेश सरकार ने बिजली, पानी, सड़क और सुरक्षा के क्षेत्र मे बेहतरीन कार्य किया है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक केन्द्र विकास निगम ने बाबई क्षेत्र में 1700 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है जिसमें 300 करोड़ का निवेश आने वाले दिनों में किया जायेगा। उद्योग मंत्री ने बताया कि मोहासा में कोकाकोला प्लांट बन जाने पर लगभग 1000 स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। उन्होंने सीईओ कोकाकोला से कहा कि वे स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित कर अपने प्लांट में रोजगार देना सुनिश्चित करें। प्रदेश के खाद्य प्र-संस्करण एवं वन राज्य मंत्री एवं जिला प्रभारी मंत्री श्री सूर्यप्रकाश मीणा ने प्लांट के शीघ्र निर्माण के लिये स्थानीय जन-प्रतिनिधियों से सहयोग की अपेक्षा की। विधायक श्री विजयपाल सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने तीन वर्ष पूर्व बाबई में उद्योग लगाने का वादा किया था और आज इसकी आधारशिला उद्योग मंत्री ने रखी है। मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के अध्यक्ष श्री राजेन्द्रसिंह ने बाबई क्षेत्र को इतनी बड़ी सौगात देने के लिये कंपनी को धन्यवाद दिया। सीईओ कोकाकोला कंपनी श्री टी. कृष्णकुमार ने अत्याधुनिक बॉटलिंग प्लांट की जानकारी देते हुए बताया कि यह मध्यप्रदेश में कंपनी का दूसरा प्लांट है। भारत एवं मध्यप्रदेश का यह सबसे बड़ा जूस प्लांट होगा। उन्होंने राज्य शासन से मिले सहयोग के लिये आभार व्यक्त किया और कहा कि वे आगे भी मध्यप्रदेश में निवेश करेंगे। कोकाकोला सिस्टम के श्री एरियल फिनाल ने कहा कि फल उद्योग के लिये हम किसान का सहयोग लेंगे इससे किसानों की ग्रोथ एवं उत्पादन बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इस प्लांट की स्थापना से स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा। बॉटलिंग इन्वेस्टमेन्ट ग्रुप के जॉन मर्फी ने कहा कि भारत में उद्योगों को सुविधा और संरक्षण मिल रहा है। इस दौरान प्रमुख सचिव उद्योग श्री मोहम्मद सुलेमान मौजूद थे।
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12 January 2017'नमामि देवि नर्मदे''-सेवा यात्रा दुनिया का सबसे बड़ा नदी संरक्षण अभियान है। अभी तक किसी भी मुख्यमंत्री की अगुवाई में ऐसा अभियान नहीं चलाया गया है। जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने नई दिल्ली में यह जानकारी दी। डॉ. मिश्रा ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा के शुद्धिकरण एवं संरक्षण के लिए चलायी जा रही यात्रा को अपार जन-समर्थन मिल रहा है। इसमें सभी धर्म एवं समुदाय के लोग आगे बढ़कर भाग ले रहे हैं और नर्मदा मैया के संरक्षण एवं शुद्धिकरण के लिए अपना योगदान दे रहे हैं। यात्रा एक जन-आंदोलन के रूप में उभर कर आ रही है। यात्रा में साधु-संत, मौलवी, मौलाना सहित खेल जगत, फिल्म जगत और सामाजिक क्षेत्र की महान हस्तियों ने यात्रा के समर्थन में अपना योगदान देने की बात कही है। डॉ. मिश्रा ने नर्मदा मैया की महत्ता को बताया और कहा कि जिसके दर्शन मात्र से मुक्ति मिल जाती है, उसके शुद्धिकरण और संरक्षण का बीड़ा मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उठाया है। इसमें लाखों लोग भाग ले रहे हैं। यह एक अदम्य उत्साह का कदम है। इससे प्रदेश को हरा-भरा रखने का संकल्प पूरा होगा। डॉ. मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नर्मदा सेवा यात्रा का शुभारम्भ नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से 11 दिसम्बर 2016 को शुरू किया था। तकरीबन 3400 किलोमीटर की यात्रा 11 मई 2017 को अमरकंटक में ही सम्पन्न होगी। केन्द्रीय प्रदूषण निवारण मंडल के अनुसार नर्मदा नदी देश की सबसे कम प्रदूषित नदी की श्रेणी 'क' में आती है। पिछले 10 वर्ष के कार्यकाल में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं औद्योगिक नीतियों का कड़ाई से पालन करवाने के कारण नर्मदा नदी श्रेणी 'क' में आयी है। नदी को प्रदूषण से मुक्त एवं संरक्षित करने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने अपने कंधों पर ली है ताकि भावी पीढ़ियों को हम स्वच्छ जल एवं प्रदूषण मुक्त वातावरण दे सकें। डॉ. मिश्रा ने बताया कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य नर्मदा के संरक्षण और उससे जुड़े संसाधनों के सतत उपयोग के संबंध में जागरूकता ब़ढ़ाना, नदी के तटों से लगे क्षेत्रों के संरक्षण और भूमि कटाव को रोकने के लिए नर्मदा तटों पर वृक्षारोपण करना, जैविक खेती को बढ़ावा देना और नदी को प्रदूषित करने वाले स्रोतों की पहचान कर जन-जागरूकता तथा जन-सहभागिता से उन्हें रोकना है। अभियान के अंतर्गत नशा मुक्ति, स्वच्छता एवं पर्यावण के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि नर्मदा प्रदेश के 16 जिलों से गुजरकर लगभग 1100 किलोमीटर की यात्रा करती है। इसके माध्यम से चार करोड़ से अधिक आबादी को पेयजल प्राप्त होता है तथा 17 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है। नर्मदा नदी से 2400 मेगावाट की बिजली भी उत्पन्न होती है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि नर्मदा नदी के दोनों तरफ एक किलोमीटर दूर तक फलदार पेड़ लगाये जायेंगे। नर्मदा को प्रदूषित होने से रोकने के लिए शौचालय निर्माण, हवन कुंड सामग्री के लिए अलग से निर्माण, शवदाह गृहों का निर्माण, महिलाओं के लिए स्नानघरों का निर्माण करवाया जा रहा है। डॉ. मिश्रा ने अभियान को सफल बनाने के लिए सबके सहयोग और भागीदारी की अपेक्षा की। इस अवसर प्रमुख सचिव जनसंपर्क एवं मुख्यमंत्री एस. के. मिश्रा, आयुक्त जनसंपर्क अनुपम राजन तथा राष्ट्रीय राजधानी में प्रदेश के आवासीय आयुक्त आशीष श्रीवास्तव मौजूद थे।
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10 January 2017कोहली को टीम इंडिया की टेस्ट कप्तानी सौंपी गई थी तो वे हैरान रह गये थे लेकिन वनडे और टी-20 में कप्तानी की जिम्मेदारी मिलने के बाद उनका कहना है कि वह छोटे फॉर्मेट में टीम की अगुवाई के लिए बेहतर रूप से तैयार हैं क्योंकि अब उन्होंने इसके कुछ गुर सीख लिए हैं। महेंद्र सिंह धोनी ने 15 जनवरी से शुरू होने वाली इंग्लैंड सीरीज से कुछ दिन पहले कप्तानी छोड़ने का फैसला किया और कोहली इसके लिए पहली पसंद थे। हालांकि कोहली टेस्ट में पहली पसंद नहीं थे, तब धोनी ने 2014 में ऑस्ट्रेलिया सीरीज के बीच टेस्ट से संन्यास का हैरानी भरा फैसला किया था। कोहली ने दोनों ही बार कप्तान नियुक्त किए जाने वाले हालात की तुलना करते हुए बीसीसीआई टीवी से कहा, ‘‘टेस्ट कप्तानी के बारे में, मुझे लगता है कि मुझे एडिलेड टेस्ट से एक दिन पहले बताया गया था कि महेंद्र सिंह धोनी मैच नहीं खेलेंगे और मैं इसमें टीम की कप्तानी करूंगा। यह काफी हैरानी भरा था। मैंने इसकी बिलकुल भी उम्मीद नहीं की थी। मेरे दिमाग में कहीं न कहीं ये बात थी कि मैं बतौर बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में अपने पैर जमा रहा था। लेकिन जिम्मेदारी ने मेरे लिए बेहतरीन काम किया।’’ ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद कोहली का सफर किसी सपने की तरह रहा है और अब उन्हें खेल के शीर्ष बल्लेबाजों में शुमार किया जा रहा है। उन्हें लगता है कि टेस्ट में यह उनके लिए शानदार रही है और सभी प्रारूपों में कप्तानी उन्हें और प्रेरित करेगी। कोहली ने कहा, ‘‘टेस्ट में कप्तानी की प्रक्रिया को समझने में थोड़ा समय लगा कि यह कैसे की जाती है. हां, मैं कहूंगा कि वनडे और टी20 कप्तानी ऐसी चीज है जो मैंने खेल के साथ सीखने की कोशिश की है। साथ ही छोटे प्रारूप में मैंने जो कुछ सीखा है, उसके बाद मैं इसे हासिल करके और सीधे शुरूआत करने में काफी आत्मविश्वासी महसूस कर रहा हूं। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने ही दिमाग में इसकी तैयारी कर रहा था, महेंद्र सिंह धोनी मुझसे रणनीतियों के बारे में बात करते रहे हैं कि किस तरह के हालात में कैसे दृष्टिकोण की जरूरत होती है। मुझे लगता है कि वह भी समझ गए थे कि उन्होंने जो विरासत बनाई है उसे देखते हुए मेरा मार्गदर्शन करना, मुझे सिखाना कितना महत्वपूर्ण है। जो व्यक्ति इस विरासत को संभालने आ रहा है, उसे इसे आगे बढ़ाने के लिये यह कितना अहम है। ’’ कोहली ने कहा, ‘‘अतिरिक्त जिम्मेदारी हमेशा मेरे लिए कारगर रही है क्योंकि इसमें आत्ममुग्धता के लिए कोई जगह नहीं बचती। आपके पास रिलैक्स होने के लिये कोई जगह नहीं होती है।’’
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8 January 2017देश के पहाडी इलाकों में भारी बर्फबारी हो रही है। इसके चलते मैदानी राज्यों का मौसम भी पूरी तरह बदल गया है। दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। बारिश का यह सिलसिला पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक बना हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक, देश के पहाड़ी इलाकों में इन दिनों जबर्दस्त बर्फबारी और बारिश का आलम है। कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को जमकर बर्फबारी हुई। कई इलाकों मे बारिश भी हुई। लगातार हो रही बर्फबारी से वादी के अधिकांश इलाकों का एक दूसरे से संपर्क टूट गया है। बर्फबारी से अधिकांश इलाकों में बिजली, पानी व संचार सेवाएं बिल्कुल ठप पड़ गई हैं। दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार तो मौसम तो सुहावना रहा, लेकिन कोहरे के चलते ट्रेनों के देरी से चलने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को विभिन्न क्षेत्रों से दिल्ली आने वाली करीब 70 ट्रेनें विलंब से पहुंची। इनमें कई ट्रेनें 24 घंटे तक लेट थीं तो अघिकतर 8 से 10 घंटे तक विलंब से चल रही थीं। पांच ट्रेनों को रद किया गया। शनिवार को भी 5 ट्रेनें रद रहेंगी। रद्द की गई ट्रेनें : लखनऊ-नई दिल्ली गोमती एक्सप्रेस, बरौनी-नई दिल्ली वैशाली एक्सप्रेस, दरभंगा-नई दिल्ली, बिहार सप्तक्रांति एक्सप्रेस, मंडुआडीह-नई दिल्ली, शिवगंगा एक्सप्रेस और दिल्ली सराय रोहिल्ला-फिरोजपुर कैंट इंटरसिटी एक्सप्रेस। शनिवार को यह ट्रेनें रहेंगी रद्द : नई दिल्ली-लखनऊ गोमती एक्सप्रेस, नई दिल्ली-बरौनी वैशाली एक्सप्रेस, नई दिल्ली-दरभंगा बिहार सप्तक्रांति एक्सप्रेस, नई दिल्ली- मंडुआडीह शिवगंगा एक्सप्रेस और फिरोजपुर कैंट-दिल्ली सराय रोहिल्ला इंटरसिटी एक्सप्रेस। श्रीनगर की सभी उड़ाने कैंसिल: कश्मीर घाटी में शुक्रवार को बर्फबारी व जम्मू में भारी बारिश का असर विमानों की आवाजाही पर पड़ा। दिल्ली से जम्मू आने वाले विमान तो देरी से पहुंचे ही, यहां से श्रीनगर जाने वाली सभी उड़ानें रद कर दी गईं। जम्मू एयरपोर्ट पर सुबह दिल्ली से आने वाले इंडिगो विमान को खराब मौसम के कारण उतरने की अनुमति नहीं मिली और विमान को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। वहीं मुख्य सड़कों से बर्फ न हटाने के चलते ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ श्रीनगर के कई इलाके भी एक दूसरे से कटे रहे। वादी में लगातार हो रही बर्फबारी से हिमस्खलन की आशंका पैदा हो गई है। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों के दौरान भी वादी में बर्फबारी की संभावना जताई है। उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम ने करवट बदली और केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री ने बर्फ की चादर ओढ़ ली। कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले की ऊंची पहाड़ियों पर भी बर्फबारी की सूचना है। मौसम के मिजाज से पहाड़ से लेकर मैदान तक कड़ाके की ठंड पड़ रही है। अगले 36 घंटे में उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में भारी बर्फबारी की संभावना है। घने कोहरे के बीच सर्द हवाएं लोगों को हलकान किए दे रही हैं। रेल, सड़क और हवाई यातायात बाधित हो रहा है। पाला गिरने से फसलों को भी नुकसान की आशंका बढ़ गई है। अवध में बीते चार दिनों से छाये कोहरे और शीतलहर के प्रकोप से कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। इस दौरान चल रही तेज हवाएं भी लोगों को चुभ रही हैं।
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7 January 2017देश के पहाडी इलाकों में भारी बर्फबारी हो रही है। इसके चलते मैदानी राज्यों का मौसम भी पूरी तरह बदल गया है। दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। बारिश का यह सिलसिला पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक बना हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक, देश के पहाड़ी इलाकों में इन दिनों जबर्दस्त बर्फबारी और बारिश का आलम है। कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार को जमकर बर्फबारी हुई। कई इलाकों मे बारिश भी हुई। लगातार हो रही बर्फबारी से वादी के अधिकांश इलाकों का एक दूसरे से संपर्क टूट गया है। बर्फबारी से अधिकांश इलाकों में बिजली, पानी व संचार सेवाएं बिल्कुल ठप पड़ गई हैं। दिल्ली-एनसीआर में शुक्रवार तो मौसम तो सुहावना रहा, लेकिन कोहरे के चलते ट्रेनों के देरी से चलने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को विभिन्न क्षेत्रों से दिल्ली आने वाली करीब 70 ट्रेनें विलंब से पहुंची। इनमें कई ट्रेनें 24 घंटे तक लेट थीं तो अघिकतर 8 से 10 घंटे तक विलंब से चल रही थीं। पांच ट्रेनों को रद किया गया। शनिवार को भी 5 ट्रेनें रद रहेंगी। रद्द की गई ट्रेनें : लखनऊ-नई दिल्ली गोमती एक्सप्रेस, बरौनी-नई दिल्ली वैशाली एक्सप्रेस, दरभंगा-नई दिल्ली, बिहार सप्तक्रांति एक्सप्रेस, मंडुआडीह-नई दिल्ली, शिवगंगा एक्सप्रेस और दिल्ली सराय रोहिल्ला-फिरोजपुर कैंट इंटरसिटी एक्सप्रेस। शनिवार को यह ट्रेनें रहेंगी रद्द : नई दिल्ली-लखनऊ गोमती एक्सप्रेस, नई दिल्ली-बरौनी वैशाली एक्सप्रेस, नई दिल्ली-दरभंगा बिहार सप्तक्रांति एक्सप्रेस, नई दिल्ली- मंडुआडीह शिवगंगा एक्सप्रेस और फिरोजपुर कैंट-दिल्ली सराय रोहिल्ला इंटरसिटी एक्सप्रेस। श्रीनगर की सभी उड़ाने कैंसिल: कश्मीर घाटी में शुक्रवार को बर्फबारी व जम्मू में भारी बारिश का असर विमानों की आवाजाही पर पड़ा। दिल्ली से जम्मू आने वाले विमान तो देरी से पहुंचे ही, यहां से श्रीनगर जाने वाली सभी उड़ानें रद कर दी गईं। जम्मू एयरपोर्ट पर सुबह दिल्ली से आने वाले इंडिगो विमान को खराब मौसम के कारण उतरने की अनुमति नहीं मिली और विमान को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। वहीं मुख्य सड़कों से बर्फ न हटाने के चलते ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ श्रीनगर के कई इलाके भी एक दूसरे से कटे रहे। वादी में लगातार हो रही बर्फबारी से हिमस्खलन की आशंका पैदा हो गई है। मौसम विभाग ने अगले चौबीस घंटों के दौरान भी वादी में बर्फबारी की संभावना जताई है। उत्तराखंड में एक बार फिर मौसम ने करवट बदली और केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री ने बर्फ की चादर ओढ़ ली। कुमाऊं के पिथौरागढ़ जिले की ऊंची पहाड़ियों पर भी बर्फबारी की सूचना है। मौसम के मिजाज से पहाड़ से लेकर मैदान तक कड़ाके की ठंड पड़ रही है। अगले 36 घंटे में उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में भारी बर्फबारी की संभावना है। घने कोहरे के बीच सर्द हवाएं लोगों को हलकान किए दे रही हैं। रेल, सड़क और हवाई यातायात बाधित हो रहा है। पाला गिरने से फसलों को भी नुकसान की आशंका बढ़ गई है। अवध में बीते चार दिनों से छाये कोहरे और शीतलहर के प्रकोप से कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है। इस दौरान चल रही तेज हवाएं भी लोगों को चुभ रही हैं।
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7 January 2017युवराज की वापसी को लेकर पिता का बड़ा बयान बीसीसीआई ने इंग्लैंड के खिलाफ 3 वनडे और 3 टी20 मैचों के लिए टीम का ऐलान कर दिया। टीम में लंबे समय से बाहर चल रहे युवराज सिंह की टीम में वापसी हुई है। युवराज को वनडे और टी20 मैचों में शामिल किया गया है। तीन साल से टीम से बाहर चल रहे युवराज सिंह की वापसी हुई। जिसके बाद युवी के पिता और कोच योगराज सिंह ने बेटे के चयन के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर जमकर निशाना साधा। योगराज सिंह ने कहा कि उन्होंने तो दो साल पहले ही कह दिया था कि धोनी के जाते ही युवराज की टीम में वापसी होगी। युवी पर वाहेगुरू की मेहर हुई है। उसे टीम में शामिल किया जा चुका है। अब बारी उसके नतीजे की है। युवराज सभी को अपने शॉट्स से जवाब देंगा। युवराज सिंह ने अपना आखिरी वनडे मैच दिसंबर 2013 में खेला था। आखिरी टी20 मैच में उन्हें मोहाली में कंगारुओं के खिलाफ खेलने का मौका मिला था। युवराज सिंह की पंजाब टीम इस साल रणजी ट्रॉफी में भले ही प्रभावित नहीं कर सकी हो, लेकिन युवराज सिंह ने अपने बल्ले से सभी को करारा जवाब दिया। इसके अलावा उन्होंने कई अर्धशतक भी जड़े जो सिलेक्टर्स को प्रभावित करने के लिए काफी थे। रणजी में उन्होंने 8 मैचों में 724 रन बनाए हैं। इसमें 260 और 177 रन की इनिंग भी शामिल हैं।
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7 January 2017उमेश त्रिवेदी चुनाव आयोग ने देश के पांच राज्यों की 690 विधानसभा सीटों के लिए मतदान कार्यक्रम घोषित कर दिया है। उत्तर प्रदेश 403, मणिपुर 60, पंजाब 117, गोवा 40 और उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों के लिए अलग-अलग चरणों में 4 फरवरी से मतदान शुरू होगा, उसकी पूर्णाहुति 11 मार्च के मतगणना के साथ होगी। संविधान के नजरिए से देखें तो लोकतंत्र की प्रतिमा प्रतिष्ठित करने की सबसे पवित्र जनतांत्रिक-प्रक्रिया है, लेकिन जब राजनीति के तराजू पर चुनाव के मोल-भाव को देखते हैं तो यह लोकतंत्र का सबसे वीभत्स तमाशा महसूस होते हैं। नतीजतन अब चुनाव दहशत पैदा करने लगे हैं। पहले चुनाव प्रजातंत्र के मंगलगान की तरह उत्साह पैदा करते थे, इबादत का पहला मुकाम होते थे, जनता अपने हाथों में वोट की पर्ची लेकर पांच साल तक बेसब्री से चुनाव का इंतजार करती थी। उसे लगता था कि उसके मुहर लगाने से देश की नई भाग्य-रेखाओं को नया जीवन और सहारा मिलेगा, विकास का पथ प्रशस्त होगा, प्रजातंत्र के नए प्रतिमानों का निर्माण होगा। पहले राजनीतिक दल और राज-नेता चुनाव को शुद्धिकरण का महायज्ञ मानकर आत्मावलोकन करते थे, विचारों की आहुति देते थे, राजनीतिक विचारक विकास की बुनियाद मजबूत करने के वैचारिक-मंत्रोच्चार करते थे कि गरीब की सूखी रोटी कुछ नरम और पौष्टिक हो सके। यह सही है कि हर चुनाव के बाद राजनीतिक पंडितों ने देश के जनादेश को सराहा है, क्योंकि विपरीत और प्रतिकूल परिस्थितियों में समझदारी और सूझबूझ के साथ अलग-अलग चुनावों में मताधिकार का प्रयोग करके समय के अनुसार विकल्पों को चुना है। युद्धकाल के दौरान 60 के दशक में चुनाव के नतीजों में जनता का निर्णय देश के लिए अनुकूलता का पैगाम लेकर आया था और आपातकाल में राजनीतिक-निरंकुशता को सबक सिखाने में भी जनता पीछे नहीं रही थी। देश, काल और परिस्थितियों के मान से जनादेश देने में जनता ने कोताही नहीं बरती है। शायद इसका एक कारण यह भी रहा है कि पहले राजनीति में वो ताकतें हावी नहीं थीं, जो किसी भी तरीके से सत्ता को तोते की तरह पिंजरे में कैद रखना चाहती थीं। पहले चुनाव देश और प्रदेश को सजाने-संवारने और बनाने के वादे होते थे, जबकि अब चुनाव की जनतांत्रिक रूह में सत्ता इस कदर हावी हो चुकी है कि देश में भला-बुरे में कोई फर्क ही नहीं बचा है। सकारात्मक और विकासशील राजनीति के तंतु इतने कमजोर पड़ चुके हैं कि चुनाव में स्याही के अलावा कुछ भी नजर नहीं आता है। इसी तारतम्य में 2017 के पूर्वार्द्ध याने फरवरी-मार्च में होने वाले पांच राज्यों के चुनाव चिंता पैदा करने वाले हैं। सपा के पारिवारिक घमासान में राजनीतिक खून-खराबे की आशंकाएं अपनी जगह हैं, लेकिन यादवी-संघर्ष में मिस्टर-क्लीन बनकर उभर रहे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राहों में सबसे बड़ी बाधा बनते नजर आ रहे हैं। उप्र-चुनाव में मोदी की प्रतिष्ठा दांव पर है। सपा की गुण्डागर्दी और दबंगई के मुद्दे को लेकर बढ़ रही भाजपा की लड़ाई को अखिलेश की यह इमेज कठिन बना रही है। भाजपा विकास को छोड़कर राम-मंदिर के पुराने मुद्दे पर लौट रही है। कैराना के साम्प्रदायिक मुद्दे की तलवार भी भाजपा ने निकाल ली है। पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सहारनपुर की सभा में कैराना के बहाने मुस्लिम इलाकों से हिन्दुओं के पलायन का मुद्दा तेजाबी तरीके से उठा चुके हैं। योगी आदित्य नाथ, उमा भारती और विनय कटियार जैसे बड़े नेता हिन्दुत्व की कमान कसकर मैदान में तैयार खड़े हैं। मायावती की चुनाव-शैली में छलकता जातिवाद का जहर जग-जाहिर है। उसी प्रकार पंजाब और गोवा में ‘आप’ पार्टी चुनावी संघर्ष की धार तेज करने के लिए पूर्णतः कटिबद्ध है। मोदी किसी भी कीमत पर उप्र को हाथ से निकलने देना मंजूर नहीं करेंगे। भाजपा नोटबंदी के फायदों को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नहीं है। इस तेजाबी मुकाबले में लोकतंत्र को फफोलों से बचाना आसान नहीं है। साठ दिनों से काले धन के मकड़-जाल मुसीबतों की मेहमाननवाजी से लोगों को फुर्सत मिल पाती, उसके पहले ही पांच राज्यों की 690 विधानसभा सीटों पर चुनाव के ऐलान ने पेचीदगियों का नया फंदा लोगों के गले में डाल दिया है। हवाओं का रुख स्थिर हो, उसके पहले राजनीतिक-घटनाओं के चक्रवात हवाओं को इतना धूल-धूसरित कर देते हैं कि जनता की सांसें फूलने लगती हैं। नोटबंदी के हैरतअंगेज राजनीतिक कारनामों की ऊहापोह और उलझन भरी राहों पर लंगड़ाता देश अब चुनाव की स्याह राजनीतिक-राहों की ओर अग्रसर होने के लिए बाध्य है।[लेखक सुबह सवेरे के प्रधान संपादक है।]
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6 January 2017देश के सबसे सफल क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने हैरानी भरा कदम उठाते हुए बुधवार को भारतीय टीम के सीमित ओवरों के कप्तान का पद छोड़ दिया। जिससे कप्तान के रूप में उनके बेहतरीन करियर का अंत हुआ। भारत को 2 विश्व कप और चैम्पियन्स ट्राफी जिताने वाले 35 वर्षीय धोनी ने इंग्लैंड के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज शुरू होने से महज 11 दिन पहले कप्तानी छोड़कर क्रिकेट जगत को स्तब्ध कर दिया। धोनी के इस फैसले के बाद टेस्ट टीम के कप्तान विराट कोहली के सीमित ओवरों की टीम की कमान संभालने का रास्ता भी साफ हो गया है। कप्तानी छोड़ने की इच्छा जाहिर करते हुए धोनी ने हालांकि चयन समिति को सूचित किया है कि वह इंग्लैंड के खिलाफ 15 जनवरी से शुरू हो रही 3 एकदिवसीय और इतने ही टी-20 मैचों की सीरीज में चयन के लिए उपलब्ध रहेंगे। धोनी ने एकदिवसीय क्रिकेट में अब तक 283 मैचों मंे 50.89 की बेहतरीन औसत से 9110 रन बनाए हैं, जिसमें नाबाद 183 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर है। इसके अलावा उन्होेंने 73 टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैचों में 1112 रन भी बनाए। सुप्रीम कोर्ट के लोढा समिति की सिफारिशेें लागू नहीं करने पर बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को पद से हटाने के एक दिन बाद धोनी ने यह घोषणा की। धोनी की अचानक की गई घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने कहा, ‘प्रत्येक भारतीय क्रिकेट प्रशंसक और बीसीसीआई की ओर से मैं सभी प्रारूपों में भारतीय टीम के कप्तान के रुप में असाधारण योगदान के लिए महेंद्र सिंह धोनी को धन्यवाद देना चाहता हूं। उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने नयी ऊंचाइयां छुई और भारतीय क्रिकेट में उनकी उपलब्धियों को भी कोई नहीं छू पाएगा।’ इससे पहले धोनी ने 2014 में आस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मेलबर्न में अचानक टेस्ट कप्तानी भी छोड़ दी थी। धोनी भारत के सबसे सफल कप्तान रहे। भारत ने उनके नेतृत्व में 2007 में आईसीसी टी-20 विश्व कप, 2011 में आईसीसी एकदिवसीय विश्व कप, 2013 में आईसीसी चैम्पियन्स ट्राफी जीती और 2009 में टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचा। अब इंग्लैंड में इसी साल होने वाली चैम्पियन्स ट्राफी संभवत: इस बात का संकेत होगी कि धोनी खिलाड़ी के रूप में 2019 विश्व कप तक खेलेंगे या नहीं। एकदिवसीय मैचों की कमी, विराट की बेहतरीन फॉर्म ने बनाया दबाव भारत की सीमित ओवरों की क्रिकेट टीम की कप्तानी छोड़कर बुधवार को सबको हैरान करने वाले महेंद्र सिंह धोनी संभवत: लंबे समय तक प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से दूर रहने के कारण यह फैसला लेने के लिए बाध्य हुए। धोनी खिलाड़ी के रूप में उपलब्ध रहेंगे, लेकिन इंग्ालैंड में इस साल होने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी इस बात का संकेत हो सकती है कि वह खिलाड़ी के रूप में 2019 विश्व कप तक खेलेंगे या नहीं। भारत को 2 विश्व कप दिलाने वाले धोनी इंग्ालैंड के खिलाफ 77 दिन बाद प्रतिस्पर्धी मैच खेलेंगे। चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने भी हाल में नागपुर में झारखंड के रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल के दौरान धोनी ने लंबी बात की थी, जहां निश्चित तौर पर उनके भविष्य को लेकर चर्चा हुई। धोनी की फिटनेस और विकेटकीपिंग पर कोई सवाल नहीं उठा सकता लेकिन पर्याप्त मैच खेलने के लिए नहीं मिलने और विराट कोहली की बेहतरीन फार्म ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी थी। धोनी के सफल करियर का जश्न मनाने का दिन : सचिन खेल जगत ने धोनी को उनकी शानदार कप्तानी करियर के लिए बधाई दी। सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘यह दिन उनके सफल करियर का जश्न मनाने और फैसले का सम्मान करने का है।’ देश के सबसे सफल कप्तान धोनी ने भारत के सीमित ओवरों के कप्तान का पद छोड़कर सबको आश्चर्यचकित कर दिया। इस प्रकार उनका शानदार नेतृत्व का दौर समाप्त हुआ। मैंने उन्हंे आक्रामक खिलाड़ी से सटीक एवं निर्णायक कप्तान के रूप मंे उभरते देखा है। यह उनकी सफल कप्तानी का जश्न मनाने और उनके फैसले का सम्मान करने का दिन है। ‘काफी सोच-विचार कर लिया फैसला’ महेंद्र सिंह धोनी के मित्र और करीबी अरुण पांडे ने कहा कि इस दिग्गज क्रिकेटर ने भारत की सीमित ओवरों की टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला काफी सोच विचार करके लिया है। पांडे ने कहा, ‘आप इस तरह के फैसले रातों रात नहीं लेते। यह काफी सोच विचार करके लिया गया। धोनी ने सोचा कि यह हटने और विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में खेल जारी रखने का सही समय है।’ पांडे धोनी के व्यावसायिक हितों को भी देखते हैं। पांडे ने कहा, ‘उसका मानना है कि उसने टीम का मुख्य हिस्सा तैयार कर दिया है और यह कप्तानी छोड़ने का सही समय है।
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5 January 2017राजकुमार सिंह सांसद अनुराग ठाकुर ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को ही हिट विकेट आउट करा दिया। खुद भी डूबे, बीसीसीआई की साख को भी ले डूबे। अनिश्चिततापूर्ण क्रिकेट में भी खेल का यह नियम है कि हर पिच और गेंद का अपना अलग मिजाज होता है, इसलिए उसे भांप कर ही खेलना चाहिए। अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के के लिए तो यह क्रिकेट प्रबंधन के कैरियर की समाप्ति ही साबित हो सकती है। भाई-भतीजावाद से लेकर खेल के नाम पर धंधेबाजी तक से बदनाम बीसीसीआई की जो थोड़ी-बहुत साख बची थी, उसे आईपीएल के गोरखधंधे से उपजे संदेह-सवालों की जांच रिपोर्ट और उस पर सर्वोच्च अदालत की सख्ती ने बेनकाब कर दिया। खेल और खिलाड़ियों की बेहतरी के नाम पर क्रिकेट प्रबंधन पर काबिज बीसीसीआई के स्वयंभू मठाधीशों और उनके जी-हूजूर राज्य क्रिकेट संघों को लगता होगा कि स्वायत्तता और व्यावहारिकता का तर्क हर सवाल का जवाब हो सकता है, लेकिन अपने ही बुने जाल में इस कदर फंस गये कि ठाकुर का अध्यक्ष पद ही नहीं गया, अदालत की अवमानना और झूठे शपथपत्र के लिए आपराधिक मुकदमे की तलवार भी लटक गयी है। फिर भी अनुराग ठाकुर, ‘अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि रिटायर्ड जजों की देखरेख में बीसीसीआई अच्छा काम करेगा, तो मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं’, जैसी व्यंग्यात्मक टिप्पणी सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश पर कर रहे हैं, जिसके तहत लोढा समिति की सिफारिशों पर खरा न उतरने वाले उन समेत तमाम क्रिकेट पदाधिकारी अयोग्य और इसीलिए पद मुक्त हो गये हैं तो यह उनकी अहमन्यता की पराकाष्ठा ही है। बेशक न्यायपालिका का काम क्रिकेट प्रबंधन नहीं है, लेकिन इस पर मुठ्ठी भर निहित स्वार्थी राजनेताओं-नौकरशाहों और धंधेबाजों का विशेषाधिकार कब से और कैसे हो गया? क्रिकेट के कर्णधारों की काबिलियत का सच उजागर करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी. एस. ठाकुर की यही टिप्पणी पर्याप्त होनी चाहिए कि तब तो न्यायाधीशों की टीम के कप्तान के नाते वह भी क्रिकेटर हुए। क्या कोई बता सकता है कि एन. श्रीनिवासन, शरद पवार, शशांक मनोहर और इनके संगी-साथी कब कहां किस स्तर पर कितना क्रिकेट खेले थे अथवा फिर प्रबंधन में कौन-सी विशिष्ट डिग्री कहां से लेकर आये? सरकारी-अर्धसरकारी नौकरी से आदमी 58-60 साल में रिटायर हो जाता है, पर ये मठाधीश 70 साल बाद भी कुर्सी से चिपके रहना चाहते हैं। एक राज्य-एक मत और पद पर अधिकतम 9 वर्ष रहने की सीमा भी इन्हें मंजूर नहीं। तब जाहिर है, स्वार्थ कुछ ज्यादा ही बड़े होंगे। बीसीसीआई की रीति-नीति पर पहले भी सवाल और संदेह उठते रहे हैं, लेकिन जब कमोबेश सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता और असरदार नौकरशाह शरीके जुर्म हों, तब बिल्ली के गले में घंटी भला कौन बांधे? बीसीसीआई का काम तो है खेल और खिलाड़ियों का विकास, लेकिन वह चंद निहित स्वार्थी तत्वों का जमावड़ा और उन्हीं के हित संवर्धन का खेल बनकर रह गयी है। फिर भी अगर सुनील गावस्कर से लेकर कपिलदेव और सचिन तेंदुलकर से लेकर विराट कोहली तक अनेक भारतीय क्रिकेटर महान हुए हैं तो अपनी मेहनत और किस्मत के बल पर। विश्व का सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड—बीसीसीआई खिलाड़ियों को बेहतर पारिश्रमिक देने का दम तो भर सकता है, लेकिन देश को एक भी बड़ा खिलाड़ी देने का दावा नहीं कर सकता, जबकि उसकी कारगुजारियों के चलते मोहिंदर अमरनाथ और मदनलाल सरीखे अनेक खिलाड़ियों के कैरियर से खिलवाड़ का दाग अवश्य उसके दामन पर है। दशकों तक बीसीसीआई का गोरखधंधा जस का तस चलता रहा तो इसलिए कि दौलत, शोहरत, ग्लैमर और राजनीतिक संरक्षण के चलते किसी ने इससे टकराव का दुस्साहस नहीं किया। जब आईपीएल के जरिये इस खेल को पूरी तरह मनोरंजन और कारोबार में तबदील कर दिया गया तो इसका दायरा भी बढ़ा और विकृतियां भी। जिस न्यायिक सक्रियता की परिणति स्वयंभू क्रिकेट प्रबंधकों के पर कतरने के रूप में हुई है, उसकी शुरुआत वर्ष 2013 के आईपीएल में मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी के खुलासे की जांच से ही हुई थी। खेल से इस खिलवाड़ में तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष श्रीनिवासन के दामाद एवं आईपीएल टीम चेन्नई सुपरकिंग्स के मालिकों में से एक गुरुनाथ मयप्पन तथा कुछ अन्य टीम मालिकों और खिलाड़ियों के भी नाम सामने आये। खुलासे के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गयी, तब यह एहसास हुआ कि बाड़ ही खेत को खाने लगी है, इसलिए जरूरत पूरे तंत्र की सफाई की है। आईपीएल में मैच फिक्सिंग और सट्टेबाजी की जांच करने वाली मुद्गल समिति के ही काम को आगे बढ़ाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर. एम. लोढा की अगुवाई में समिति बनायी थी, ताकि वह दोषियों को सजा के साथ ही पूरे क्रिकेट प्रबंधन को जिम्मेदार-जवाबदेह और पारदर्शी बनाने के लिए सुझाव-सिफारिशें दे सके। सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले साल 18 जुलाई को ही लोढा समिति की सिफारिशों को स्वीकार भी कर लिया, पर दौलत-शोहरत के शिखर पर बैठे बीसीसीआई के मठाधीशों को तब भी गंभीरता का एहसास नहीं हुआ और वे सिफारिशों पर अमल से बचने के लिए नित नये बहाने गढ़ पुराने ढर्रे पर ही चलते रहे। इस बीच बार-बार नसीहत दिये जाने पर भी जब क्रिकेट के मठाधीश न सुधरने पर ही आमादा नजर आये तो सर्वोच्च न्यायालय के पास उन्हें बाहर का रास्ता दिखाने के अलावा कोई विकल्प ही नहीं बचा था। उम्मीद की जानी चाहिए कि क्रिकेट प्रबंधन से शुरू यह खेल सुधार अन्य खेल संगठनों तक भी पहुंचेंगे, जो चंद लोगों की जागीर बन गये हैं।
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5 January 2017इस महीने की 20 तारीख को अवकाश ग्रहण करने जा रहे अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा दस जनवरी को अपना विदाई भाषण देंगे। इसमें वह अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र करने के साथ ही अपने समर्थकों के प्रति आभार भी व्यक्त करेंगे। ओबामा अपने गृहनगर शिकागो में विदाई भाषण देंगे। आठ साल से अमेरिका के राष्ट्रपति बने रहे ओबामा ने कहा, "मैं इस अद्भुत यात्रा के लिए आपको धन्यवाद कहने के बारे में सोच रहा हूं।" वह 2009 में अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे और 2012 में दूसरे कार्यकाल के लिए चुने गए। रिपब्लिकन डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को उनकी जगह लेंगे। वह पिछले साल आठ नवंबर को हुए चुनाव में राष्ट्रपति चुने गए। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट हिलेरी क्लिंटन को परास्त किया था। ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान वादा किया था कि वह ओबामा के हेल्थकेयर कानून समेत उनके कई फैसलों को खत्म कर देंगे।
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3 January 2017ब्राजील की जेल में हुए एक खूनी संघर्ष में अब तक 60 कैदियों के मारे जाने की खबर है। इनमें से कई कैदियों के सिर कलम कर दिए गए हैं। जानाकरी के अनुसार यह संघर्ष सप्ताहांत में हुआ जो लगभग 17 घंटे तक चला। ब्राजील की न्यूज एजेंसिया ब्राजिल ने स्टेट ऑफ अमाजोनास के पब्लिक सेफ्टी सेक्रेटरी सर्जियो फोंटेस के हवाले से खबर दी है कि यह झगड़ा सिटी ऑफ मनास की अनिसियो जोबिम जेल कॉम्प्लेक्स में दो अपराधी संगठनों के बीच शुरू हुआ था। फोंटेस ने बताया कि जेल में बंधक बनाए गए लोगों में 74 कैदी और अज्ञात संख्या में जेल गार्ड थे। कत्लेआम के बाद कैदियों के शवों को दीवारों की तरफ फेंक दिया गया। मारे गए लोगों में 6 के सिर कलम कि गए हैं।
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3 January 2017पटना में राजद सुप्रीमो के पुत्र व बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव ने नए साल का अभिनंदन कुछ अलग ही अंदाज में किया। तेजप्रताप इस मौके पर भगवान कृष्ण के अवतार में पेश आए। तेजप्रताप न केवल कृष्ण की तरह सजे, बल्कि उनकी तरह बांसुरी भी बजाई। नए साल के अवसर पर तेजप्रताप यादव ने कृष्ण का रूप धारण किया। उनकी तरह मोरपंख लगी पगड़ी भी लगाई। इसके बाद गायों के बीच में बांसुरी बजाई। बता दें तेजप्रताप कृष्ण के भक्त हैं। हाल ही में वृंदावन जाकर उन्होंने पूजा अर्चना की थी।
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1 January 2017जीवन के संस्कारों से जोड़ रही है नर्मदा यात्रा जन और जीवन में सुख, शांति, आनंद, समृद्धि, विकास और खुशहाली के लिए हमें एक बार फिर अपनी देशज परम्पराओं को अपनाना होगा। हमें भारतीय जीवन के उन संस्कारों को अपनी जीवन-चर्या में पुन: शामिल करना होगा, जिन्हें आज उपेक्षित किया जाता है। एक अहम् उद्देश्य के साथ आरंभ हुई नर्मदा सेवा यात्रा अपने मकसद से जुड़े ये संदेश जबलपुर जिले के विकासखंड शहपुरा के ग्राम डुड़वारा, ललपुर और बगरई में ग्रामीण जनों तक पहुँचाने में सफल हुई। विचार और चेतना के अनुष्ठान के रूप में जारी नर्मदा सेवा यात्रा तीसरे सप्ताह के अंतिम दिन लम्हेटी ग्राम से ध्वज पूजन और आरती के बाद ग्राम डुड़वारा के लिए रवाना हुई। इसके पूर्व सुबह शनि मंदिर के पास श्रमदान द्वारा लम्हेटी घाट की साफ-सफाई की गई। यात्रा के दौरान विचारकों, समाजसेवियों और जन-प्रतिनिधियों ने कहा कि यात्रा आम लोगों को जीवन के संस्कारों से जोड़ रही है। ग्रामीणों को समझाया गया कि संस्कार स्व-प्रेरणा से अपने जीवन में उतारे जाते हैं। लोगों से कहा गया कि स्व-इच्छता से ही स्वच्छता होगी, किसी नियम-कानून से नहीं। स्वच्छता का संस्कार हमें खुले में शौच करने से रोकेगा तथा नदियों में पूजन-सामग्री विसर्जित करने की जगह विसर्जन कुंडों का उपयोग करने की प्रेरणा देगा। यात्रा-दल ग्रामवासियों को यह समझाने में सफल हुआ कि हमारे संस्कारों और हमारी आवश्यकताओं में बहुत बारीक लेकिन मजबूत रिश्ता है। ये आपस में गुँथी हुई हैं। वृक्ष हमारे मित्र है। वृक्ष वर्षा का जल संचित करते हैं। वृक्षों से वर्षा होती है। खेती वर्षा पर निर्भर है। श्रमदान से स्वच्छता संभव है तो अच्छी सेहत इसका पुरस्कार है। ग्राम डुड़वारा के शासकीय स्कूल के मैदान में रैली और वृक्षारोपण के बाद कृषि संगोष्ठी में ग्रामवासियों को समझाईश दी गई कि रासायनिक खादों से अपने खेतों को बंजर बनाने की जगह जैविक खेती की देशज परम्परा अपनायें। ग्राम ललपुर के पंचायत भवन में हुए जन-संवाद में दल ने गाँव के लोगों को सलाह दी कि स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकास की योजनाएँ तैयार करें। इसके अच्छे परिणाम सामने आयेंगें। ग्राम बगरई में माँ नर्मदा की सांध्य आरती के पूर्व गाँव के लोगों से बरसात की हर बूँद सहेजने का आग्रह किया गया। यात्रा लम्हेटी से शुरू होकर डुड़वारा और ललपुर होते हुए बगरई में रात्रि विश्राम के लिए रुकी। यात्रा मार्ग पर दोनों ओर खड़े लोगों और रास्ते के छोटे गाँव-टोलों के निवासियों ने पुष्प-वर्षा और अक्षत-टीका लगाकर यात्रियों का स्वागत किया। महिलाएँ सिर पर मंगल-कलश सजाये मंगलाचरण के गीत गा रही थीं। बड़ी संख्या में स्कूलों और आँगनवाड़ियों के बच्चे सामाजिक मुद्दों से जुड़े नारों की तख्तियाँ लिए नजर आ रहे थे। जगह-जगह स्वागत द्वार और घरों पर तोरण सजाये गये थे। प्रतिपल नर्मदा- वंदन के सस्वर जयघोष यात्रियों को दोगुने उत्साह से भर रहे थे। साधु-साध्वियों की कीर्तन प्रस्तुतियाँ वातावरण को नया रंग दे रही थी। घरों के सामने महिलाओं और बालिकाओं ने सम-सामयिक और ज्वलंत मुद्दों पर भी बहुत आकर्षक रांगोलियाँ बनाई थीं। यात्रा में महामंडेलश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि जी, बरगी विधायक श्रीमती प्रतिभा सिंह, जिला भाजपा ग्रामीण अध्यक्ष श्री शिव पटेल, शहपुरा जनपद पंचायत अध्यक्ष श्री अभिषेक सिंह और मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती हर्षिका सिंह शामिल थ
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31 December 2016शिवराज सिंह चौहान पूरे देश में 8 नवम्बर, 2016 को एक ऐतिहासिक फैसला हुआ। इस दिन ने सरकारों के कामकाज की शैली पर जन-मानस द्वारा जो प्रश्न उठाए जाते हैं उसे एक सार्थक उत्तर दिया है। अक्सर सरकारों पर ये आरोप लगते हैं कि वे कठोर निर्णय नहीं ले सकती और शक्तिशाली लोगों को नुकसान पहुँचाने वाले निर्णय लेने से डरती हैं। हमारे प्रधानमंत्री जी ने 8 नवम्बर, 2016 से 500 और 1000 रूपये के नोटों को बन्द करने के साहसिक निर्णय से इस मिथक को तोड़ा है कि सरकारें दबाव में आकर कठोर निर्णय नहीं लेती हैं। नोटबंदी का निर्णय इस मामले में ऐतिहासिक है कि इस निर्णय ने लगभग सभी को चौंकाया और यही इसकी खासियत है। पिछले 100 साल के इतिहास में देश में दो बार पहले भी नोटबंदी के निर्णय लिए गए हैं परंतु इन निर्णयों ने लोगों को काफी समय दिया जिसके कारण जो कालाधन नोटों की शक्ल में रखने वाले लोग थे, उन्हें इसका पर्याप्त अवसर मिला कि वे इसे बदल पाएं और ऐसे निर्णयों के पीछे का एक मुख्य उद्देश्य कम सफल रहा। इस बार का निर्णय ऐसा था जिसने अधिकांश लोगों को ऐसी किसी प्लानिंग करने का मौका नहीं दिया। आलोचकों ने इस बात की आलोचना की है कि यह निर्णय बेहतर प्लानिंग के व्दारा किया जाना चाहिए था और लोगों को पर्याप्त अवसर दिया जाना चाहिए था। जब आलोचक यह कहते हैं कि लोगों को पर्याप्त अवसर दिया जाना चाहिए था तो वे किन लोगों की बात करते हैं, यह समझ से परे है। क्या वे गरीब जनता की बात करते हैं जिनकी मासिक आय पाँच या दस हजार रूपये है और जिनके पास एक समय में 5 या 10 बड़े नोटों से अधिक नहीं होते? नि:संदेह वे ऐसे लोगों की बात नहीं करते, क्योंकि ऐसे गरीब लोग जिनके पास 5 या 10 बड़े नोट थे वे तो एक बार में ही उसे बदलवाकर निश्चिंत हो गए। तो फिर ये कौन लोग हैं जिन्हें इसके लिए समय दिया जाना चाहिए था? स्वाभाविक है कि आलोचकों का एक वर्ग उन लोगों की हिमायत कर रहा है जिन्होंने कालाधन को नोटों के रूप में जमा कर रखा था। प्रधानमंत्रीजी का यह निर्णय कि कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा दिया जाये एक तरह से एक विकासशील देश को विकसित देश की तरफ बढ़ाने की दिशा में लिया गया निर्णय है। ऐसे निर्णय की आलोचना करने के पहले आलोचकों को उसके सभी पहलुओं को देखना चाहिए। हमारे कांग्रेस व अन्य राजनीतिक दलों के मित्र यह कहते हैं कि नोटबंदी के निर्णय से किसानों को नुकसान हुआ और वे समय पर बोनी भी नहीं कर सके। मध्यप्रदेश में स्थिति यह है कि गत वर्ष के कुल 108 लाख हेक्टेयर में बोनी की तुलना में इस वर्ष अब तक 105 लाख हेक्टेयर में बोनी हो चुकी है और कुल बोनी 115 लाख हेक्टेयर तक होगी। स्पष्ट है कि नोटबंदी से बोनी बिलकुल प्रभावित नहीं हुई है। नोटबंदी के तथाकथित आलोचक यह कहते हैं कि हमारे देश में कैशलेस लेन-देन संभव नहीं है। मध्यप्रदेश की मण्डियों में जहाँ इन आलोचकों के ही मत में अनपढ़ और अज्ञान किसान अपनी उपज बेचते हैं, नोटबंदी के बाद से 95 प्रतिशत लेन-देन कैशलेस हो रहा है। क्या यह सबों की आँख खोलने के लिए पर्याप्त नहीं है कि एक ऐसा वर्ग जिससे सबसे कम अपेक्षाएँ थी, वह 95 प्रतिशत कैशलेस लेन-देन कर रहा है? कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने का इससे बेहतर उदाहरण नहीं मिल सकता है। यह सही है कि जो भी विकसित देश हैं सभी अधिक से अधिक कैशलेस लेन-देन की तरफ बढ़ रहे हैं। अर्थ-व्यवस्था को यदि पंख लगाने हैं तो हमें विकसित अर्थ-व्यवस्थाओं से ऐसी चीजें लेनी पड़ेगी जो उन्हें विकास के उस मुकाम तक पहुँचानें में सफल रहे हैं। यह सभी मानते हैं कि कैशलेस लेन-देन से अर्थ-व्यवस्था में व्यापक सुधार आता है। एक भी अर्थशास्त्री ने पिछले डेढ़ महिने में ऐसा तर्क नहीं दिया है कि कैशलेस लेन-देन अर्थ-व्यवस्था के लिए खराब है। यदि कोई चीज अच्छी है तो हमें प्रयास करना चाहिए कि आगे आकर उसे सफल बनायें और आलोचनाओं के द्वारा उसे विफल न करें। जो लोग यह कहते हैं कि कैशलेस लेन-देन की व्यवस्था इस देश में संभव नहीं वे इस देश के 120 करोड़ लोगों की क्षमताओं को बिना परखे चुनौती देते हैं, जो इस देश के जन-मानस के साथ अन्याय है। पिछले दो माह में मध्यप्रदेश में अकेले सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया में इंटरनेट बैंकिंग के जरिये होने वाले लेन-देन में 77 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, POS मशीनों के जरिये होने वाली बिक्री में 54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। क्या यह परिणाम ये इशारा नहीं करते हैं कि हमारे देश की जनता उससे ज्यादा जागरूक और सक्षम है जितना हमारे कतिपय आलोचक समझते हैं ? कैशलेस व्यवस्था का एक और लाभ स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। दिसम्बर माह में जहाँ राज्य के दूसरे करों में कमी दिखने को मिली है वहीं वैट में 14% की वृद्धि हुई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि जो लेन-देन पहले नकद रूप में होता था और जिसमें टैक्स की चोरी होती थी वह कैशलेस होने से कम हो रही है। इससे कर संग्रहण में वृद्धि होगी जिससे कल्याणकारी योजनाओं पर राज्य सरकारें अधिक खर्च कर पाएंगी। अब समय की मांग यह है कि हम जनता को कैशलेस लेन-देन के तरीकों के बारे में प्रशिक्षित करें। मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण की व्यवस्थाएँ की जा रहीं हैं। पंचायत स्तर तक प्रशिक्षण कार्यक्रम आने वाले दिनों में आयोजित किए जाएंगे, जहाँ जन-मानस को कैशलेस लेन-देन के विभिन्न तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी मिल जाएगी। हमारा यह भी प्रयास है कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के दायरे से जो गरीब परिवार छूट गए हैं उनके भी बैंक खाते खुलवाकर उनका वित्तीय समावेषण किया जाए। दस नवम्बर के बाद से लगभग सात लाख नवीन खाते बैंकों में खोले गए हैं और लगभग पाँच लाख नए रूपे कार्ड जारी किए गए हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने पी.ओ.एस. मशीनों पर लगने वाले वैट टैक्स और बैंकों के साथ किए जाने वाले अनुबंध पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क से छूट प्रदान की है। इससे छोटे एवं मध्यम व्यापारियों व्दारा पी.ओ.एस. मशीन लगाना आसान होगा। प्रदेश के समस्त शासकीय संव्यवहार कैशलेस करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। टैक्स शुल्क आदि जमा करने की ऑनलाईन व्यवस्था विभिन्न विभाग द्वारा विकसित की गई है। राज्य सरकार द्वारा नागरिकों को किए जाने वाले विभिन्न तरह के भुगतान ऑनलाईन किए जा रहे हैं। राज्य सरकार कैशलेस की अर्थ-व्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिए कृत-संकल्पित है। मेरा हमेशा यह विश्वास रहा है कि प्रदेश की जनता अपना हित बहुत अच्छे ढंग से समझती है और उन्हें पता है कि हमारे प्रधानमंत्री जी का नोटबंदी का कदम कालाधन जमा करने वाले, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहने वाले और जाली नोटों के रूप में देश की अर्थ-व्यवस्था को चोट पहुँचाने वाले पड़ोसी देश की आकांक्षाओं पर कुठाराघात है। हमारा जन-मानस ऐसे हर कदम को जो देश हित में उठाया गया है अच्छे से समझता है और इस कारण कैशलेस की अर्थ-व्यवस्था को आगे बढ़ाने में हमें जन-मानस से मदद मिल रही है। आने वाला समय विश्व में भारत का है और कैशलेस अर्थ-व्यवस्था हमें विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में खड़ा करने में निश्चित रूप से मददगार होगी।[ब्लॉगर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं]
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30 December 2016डॉ. बालकवि बैरागी राजनीति की शुरुआत से लेकर जीवन के अंत तक कोई आपका राजनीतिक रूप से विरोधी रहे और वो यूं अचानक चला जाए, तो अच्छा नहीं लगता। पटवाजी और मैं हमेशा राजनीतिक विरोधी रहे, लेकिन विचार, गृहनगर व जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण में हम हमेशा साझा रहे। वे मुझसे बड़े थे, इसलिए तमाम विरोधों के बावजूद मैं उन्हें सम्मानपूर्वक 'दादा भाई" कहता और उनके पांव छूता था, बदले में निजी तौर पर वे मुझे प्रेम करते रहे। मुझे याद आता है 1967 का वो विधानसभा चुनाव जो मैंने सुंदरलाल पटवा जैसे दो बार विधायक चुने जा चुके नेता के खिलाफ लड़ा था। इससे पहले वे मनासा विधानसभा क्षेत्र से 1957 और 62 के चुनाव जीत चुके थे। मगर तीसरे चुनाव में कांग्रेस ने मुझे आगे किया और मैं 747 वोटों से जीता। मगर राजनीतिक विरोध के बावजूद हमारे बीच कभी कोई कड़वाहट नहीं रही। हमारे बीच की राजनीतिक शुचिता इस कदर स्पष्ट थी कि जब तक वे मुख्यमंत्री या अन्य किसी पद पर रहे, मैं कभी उनके दफ्तर नहीं गया, कभी किसी काम के लिए उनसे अनुरोध नहीं किया। मैं उनसे और वे मुझसे हमेशा ही असहमत रहे। मैं आज भी उनसे असहमत हूं कि उन्हें आज नहीं जाना था, अभी उन्हें और जीना था क्योंकि आज की राजनीति को उनके जैसे मार्गदर्शक की जरूरत है। उन्होंने राजनीति को हमेशा गंभीरता से समझने की कोशिश की। उनमें वो कूवत थी कि वे राष्ट्रीय राजनीति में छवि बना सकते थे, लेकिन वे हमेशा मध्यप्रदेश के प्रति समर्पित रहे। पटवाजी के रूप में आज एक ऐसा राजनेता चला गया, जिनकी वर्तमान समय में सत्ता से लेकर विरोध तक, दोनों जगह आवश्यकता थी। उनके पास लंबा अनुभव था। वे विनोदी स्वभाव के थे। मैंने हमेशा उन्हें धोती-कुर्ते में ही देखा और राजनीति में यही उनका परिधान रहा। हालांकि नीमच, कुकड़ेश्वर में वे पतलून पहन लेते थे। वे प्राकृतिक उपचार के लिए अक्सर केरल जाते तो मैं कहा करता कि कुकड़ेश्वर की मिट्टी में ही उपचार मिल जाएगा, केरल क्यूं जाते हैं। जब उन्हें पैरालिसिस अटैक हुआ, तब लोक-जीवन के तीर्थ भादवा माता में वे एक माह रहे। मान्यता है कि वहां का पानी लकवा ठीक कर देता है। बाद में जब हम दोनों राज्यसभा (1998-2004) में थे, तब उन्होंने मुझे फोन कर कहा कि भादवा माता की सड़क के लिए 10 लाख मैं देता हूं, 10 लाख तुम दे दो। तब सड़क उनकी व पुलियाएं मेरी निधि से बनीं। राजनीतिक विरोधियों के सहकार का ये अनूठा उदाहरण था। (लेखक पूर्व मंत्री व साहित्यकार हैं)
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29 December 2016केंद्रीय कैबिनेट ने बंद नोट रखने पर जुर्माना लगाने को लेकर बनाए अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद अब तय तारीख के बाद किसी के पास 500 और 1000 के 10 नोट से ज्यादा पाए गए तो उस पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। जारी किए गए अध्यादेश का नाम द स्पेसिफाइड बैंक नोट्स केसेशन ऑफ लायबिलिटीज ऑर्डिनेंस रखा गया है। इस अध्यादेश को बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई है। इसमें पुराने नोटों को जमा करने की आखरी तारीख को लेकर भी कुछ निर्णय लिए गए हैं। हालांकि, 30 दिसंबर के बाद पुराने नोट आरबीआई के पास जमा करवाए जा सकते हैं। केंद्रीय कैबिनेट बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दे सकती है जिसमें पुराने नोटों को 31 मार्च तक रिजर्व बैंक में जमा करवाने की छूट कुछ विशेष शर्तों के साथ दी जा सकती है। इसमें उन लोगों को छूट मिल सकती है जो विदेशों में रहते हें या फिर दुर्गम जगहों पर तैनात सेना या अर्धसैनिक बलों के लोग हैं।
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28 December 2016नरेंद्र मोदी सरकार अब बेनामी संपत्ति वालों को झटका देने जा रही है । प्रधानमंत्री मोदी कई बार इस और इशारा कर चुके हैं। माना जा रहा है बेनामी सम्पत्ति के मसले पर सरकार नए साल से एक्शन लेना शुरू करेगी। पीएम ने रविवार को ‘मन की बात’ प्रोग्राम में भी इस तरफ इशारा किया था। केंद्र सरकार के एक सीनियर अफसर के हवाले से बताया- मोदी सरकार टैक्स कानून की उन खामियों को भी खंगाल रही है जिसका फायदा उठाकर बेनामी संपत्ति खरीदी जाती है। टैक्स रिर्टन्स के अलावा बैंक ट्रांजेक्शंस और छापों में मिले दस्तावेज चेक किए जा रहे हैं। मोदी सरकार का मानना है कि देश के टैक्स कानून में कुछ ऐसी बड़ी खामियां हैं, जिनकी वजह से बेनामी संपत्ति और रियल एस्टेट में गलत तरीकों से इन्वेस्टमेंट किया जाता है। आईटीआर फाइलिंग से इस साल जुलाई तक हुए इनकम टैक्स रिटर्न की फाइलिंग को चेक किया जा रहा है। संदिग्ध लोगों या कंपनियों को सबसे पहले चेक किया जा रहा है।नोटबंदी के बाद इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बाकी एजेंसियों के साथ कोऑर्डिनेट कर देश के कई हिस्सों में छापे मारे। इनमें कई कैश और गोल्ड के अलावा अहम दस्तावेज भी मिले। अब इन्हीं दस्तावेजों को बारीकी से चेक किया जा रहा है। आईटी डिपार्टमेंट और बाकी एजेंसियां देशभर में कुछ खास अकाउंट्स पर नजर रख रही हैं। इन अकाउंट्स को ऑपरेट करने वालों पर शक है कि उन्होंने बेनामी संपत्तियां खरीदीं या रियल एस्टेट सेक्टर में गैरकानूनी तरीकों से इन्वेस्टमेंट किया। सरकार के सूत्र बताते हैं भारत में लैंड रिकॉर्ड्स बहुत साफ-सुथरे और सिस्टमैटिक नहीं हैं। लिहाजा, इनकी बारीकी से जांच में परेशानियां आएंगी। पीएम मोदी से जुड़े सूत्र बताते हैं हवाला कारोबारियों , नेताओं, कारोबारियों और एनआरआई लोगों ने रिश्तेदारों या करीबियों के नाम से प्रॉपर्टीज में इन्वेस्ट किया है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, देश के करीब-करीब हर शहर में पांच से दस फीसदी बेनामी संपत्तियां हैं। नवंबर में सरकार ने बेनामी प्रॉपर्टी ट्रांजेक्शन एक्ट लागू किया था। इस कानून के मुताबिक, अगर किसी शख्स ने किसी दूसरे के नाम से प्राॅपर्टी खरीदी तो उसको सात साल की सजा हो सकती है। इसके अलावा वो प्रॉपर्टी भी जब्त की जा सकती है। पीएम मोदी ने मन की बात में करप्शन और नोटबंदी की चर्चा करते हुए कहा था, ''मैं विश्वास दिलाता हूं कि ये पूर्णविराम नहीं है। रुकने या थकने का सवाल ही नहीं उठता। आपको मालूम होगा कि बेनामी संपत्ति का कानून 1988 में बना था। लेकिन कभी भी उसके नियम नहीं बने, उसे नोटिफाई नहीं किया है। हमने उसे निकालकर धारदार बनाया है। आने वाले दिनों में वह काम करेगा।'' क्या होती है बेनामी संपत्ति? कैसे बनाते हैं? बेनामी संपत्ति का मतलब ऐसी प्रॉपर्टी, जिसका ओनर कागजों में कोई और है, जबकि उसके लिए पेमेंट किसी और ने किया है। काली कमाई करने वाले लोग बेटा-बेटी, पति-पत्नी के लिए ऐसी प्रॉपर्टी खरीदते हैं, लेकिन इनकम टैक्स से जुड़े डिक्लेरेशन में उसका जिक्र नहीं करते। कई लोग नौकर-चाकर, पड़ोसी, दोस्तों और रिश्तेदारों के नाम पर प्लाॅट्स, खेती की जमीन, फ्लैट्स खरीद लेते हैं। दूसरे के नाम पर रजिस्ट्री करवाकर उस प्राॅपर्टी की वसीयत बनवा ली जाती है। इसमें वही शख्स वारिस बन जाता है, जिसने काली कमाई से वह प्रॉपर्टी खरीदी होती है।वसीयत के साथ बेनामी मालिक से एक पावर ऑफ़ अटाॅर्नी करवाई जाती थी। इस तरह वह उस प्राॅपर्टी को बेचने के हक दूसरे को दे देता है। बेनामी मालिक से उस प्राॅपर्टी की सेलडीड भी बनवाई जाती थी। इसमें वह उस प्राॅपर्टी का पूरा पेमेंट लेकर असली मालिक या उसके भरोसेमंद शख्स को बेचने का करार कर लेता है। इस तरह ब्लैकमनी रखने वाला शख्स बिना अपना नाम उजागर किए अपना पैसे इन्वेस्ट कर देता है और प्रॉपर्टी पर कब्जा कर उसके पूरे अधिकार अपने पास रख लेता है।
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27 December 2016कराधान के निचले स्तर पर जाने की जरूरत को बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को फरीदाबाद में कहा कि लोअर टैक्स लेवल भारत को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगा। इससे उम्मीद की जा रही है सरकार लोगों को इनकम टैक्स में छूट दे सकती है। वित्त मंत्री ने राष्ट्रीय अकादमी के आंतरिक राजस्व सेवा (आईआरएस) (सीएंडसीई) अधिकारियों के 68वें बैच के पेशेवर प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। जेटली ने कहा, 'अब हमें निचले दर के कराधान की जरूरत है, ताकि हम सेवाओं को अधिक प्रतिस्पर्धी बना सकें। प्रतिस्पर्धा घरेलू नहीं, बल्कि वैश्विक है। आप सेवाओं में एक यही महत्वपूर्ण बदलाव महसूस करेंगे। जेटली ने कहा, जो टैक्स नहीं देते उन्हें गंभीर सजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि 70 सालों से लोगों के बीच एक धारणा बनी हुई थी कि टैक्स की चोरी कर लेना कामर्शियल स्मार्टनेस है लेकिन सरकार ऐसी व्यवस्था का निर्माण करेगी, जिससे लोग टैक्स चोरी करने से बच नहीं पाएंगे।
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26 December 2016राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को परमाणु क्षमता से लैस अंतर महाद्वीपीय मिसाइल अग्नि-पांच के सफल परीक्षण के लिए बधाई दी और कहा कि इससे भारत की सामरिक प्रतिरक्षा में जबरदस्त इजाफा होगा। ओड़िशा अपतटीय क्षेत्र में स्थित अब्दुल कलाम द्वीप से भारत की सर्वाधिक घातक मिसाइल के परीक्षण के बाद मुखर्जी ने ट्वीट किया कि अग्नि पांच के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई। इससे हमारी सामरिक और प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होगा। प्रधानमंत्री ने इसका श्रेय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और यहां के वैज्ञानिकों की मेहनत को दिया। उन्होंने कहा कि अग्नि पांच के सफल परीक्षण ने हर भारतीय का सिर गर्व से उंचा कर दिया। इससे हमारी सामरिक प्रतिरक्षा में जबरदस्त इजाफा होगा। यह इस मिसाइल के विकास से जुड़ा चौथा और कैनिस्टर प्रकार का दूसरा परीक्षण था। यह मिसाइल 5,000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
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26 December 2016नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को इस साल आखरी बार मन की बात करते हुए बेनामी संपत्ति के मालिकों को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि मुझे पत्र लिखकर लोग कहते हैं कि मोदी जी रूकना मत, भ्रष्टाचार को रोकने में जितने कड़े कदम उठाना पड़े उठाना। मैं ऐसे पत्र लिखने वाले सब को विशेष रूप से धन्यवाद करता हूं क्योंकि उनके पत्र में एक प्रकार से विश्वास भी है, आशीर्वाद भी है।मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि ये पूर्ण विराम नहीं है, ये तो अभी शुरुआत है, ये जंग जीतना है और थकने का तो सवाल ही कहां उठता है। जिस बात पर सवा-सौ करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद हो, उसमें तो पीछे हटने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। आपको मालूम होगा हमारे देश में ‘बेनामी संपत्ति’ का एक कानून है। 1988 में यह कानून बना था, लेकिन कभी भी न उसके रूल्स बनें, उसको नोटिफाई नहीं किया, ऐसे ही वो ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। अब हमनें उसको निकाला है और बड़ा धारदार ‘बेनामी संपत्ति’ का कानून हमने बनाया है। आने वाले दिनों में वो कानून भी अपना काम करेगा। देशहित के लिये, जनहित के लिये, जो भी करना पड़े, ये हमारी प्राथमिकता है। पीएम ने कहा कि देशभर में छापेमारी जारी है और यह सब आम जनता के फोन कॉल्स के आधार पर की जा रही है जिसमें भारी सफलता भी मिल रही है। मुझे लोगों के फोन आते हैं जिसमें वो कहते हैं कि नोटबंदी से परेशानी हुई है लेकिन वो सरकार के साथ हैं। हम सब इसको अनुभव कर रहे हैं। लेकिन ये बात सही है जब जनता कष्ट झेलती है, तकलीफ झेलती है तो कौन इंसान होगा जिसको पीड़ा न होती हो। जितनी पीड़ा आपको होती है, उतनी ही पीड़ा मुझे भी होती है। मैं लोगों का धन्यवाद करता हूं। मैं लोगों को एक और कारण के लिये भी धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने न केवल परेशानियां उठाई हैं, बल्कि उन चुनिन्दा लोगों को करारा जवाब भी दिया है, जो जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। कितनी सारी अफवाहें फैलाइ गई। किसी ने अफवाह फैलाइ नोट पर लिखी स्पेलिंग गलत है, किसी ने कह दिया नमक का दाम बढ़ गया है, किसी ने अफवाह चला दी 2000 के नोट भी जाने वाली है, 500 और 100 के भी जाने वाली है, ये भी फिर से जाने वाला है, लेकिन मैंने देखा भांति-भांति अफवाहों के बावजूद भी देशवासियों के मन को कोई डुला नहीं सका है।इससे पहले पीएम ने सरकार की दो नई स्कीमों लकी ग्राहक योजना और डीजी धन योजना पर बात की। उन्होंने कहा कि क्रिसमस के दिन लोगों को इन योजनाओं का लाभ मिलने जा रहा है। लोगों को डिजिटल पेमेंट अपनाने की अपील करते हुए कहा कि आज से 100 दिनों तक लकी ड्रा में हर रोज 15 हजार लोगों को 1000 रुपए का पुरस्कार मिलेगा। इस दौरान पीएम ने यह भी बताया कि इस योजना में वही लोग शामिल हो पाएंगे जो रूपे कार्ड, आधार, यूएसएसडी कोड और यूपीआई एेप के माध्यम से पेमेंट करते हैं।पीएम ने कहा कि आपको जानकर आश्चर्य होगा कि देश में 30 करोड़ रूपे कार्ड हैं और इनमें से 20 करोड़ कार्ड गरीबों के पास है। पिछले कुछ दिनों में डिजिटल पेमेंट 200-300 प्रतिशत बढ़ा है। डीजी धन व्यापार योजना पर बात करते हुए कहा कि इसका लाभ वो व्यापारी ले पाएंगे जो कैशलेस पेमेंट को प्रमोट करते हैं। मोदी ने कहा कि हमें किसी भी पेमेंट और ट्रांजेक्शन के लिए डिजिटल मोड के उपयोग में आगे रहना चाहिए। यह युवाओं और स्टार्ट अप्स के लिए एक सुनहरा अवसर है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों विश्व के ‘अर्थ मंच’ पर भारत ने अनेक क्षेत्र में अपना नाम बड़े गौरव के साथ अंकित करवाया है। हमारे देशवासियों के लगातार प्रयासों का परिणाम है कि अलग-अलग इंडिकेटर्स के जरिये भारत की वैश्विक रैंकिंग में बढ़ोतरी दिखाई दे रही है। विश्व बैंक की रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग बढ़ी हैI उन्होंने संसद में दिव्यांगों के लिए पास हुए बिल का जिक्र करते हुए कहा कि दिव्यांग-जनों पर जिस मिशन को ले करके मेरी सरकार चली थी, उससे जुड़ा एक बिल संसद में पारित हो गया, इसके लिये मैं लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं। मैं आज बेहद खुश हूं कि दिव्यांग-जनों के हित के लिए ये कानून पास होने के बाद दिव्यांगों के पास नौकरी के ज्यादा अवसर होंगे। सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा बढ़ा करके 4% कर दी गई हैI इस कानून से दिव्यांगो की शिक्षा, सुविधा और शिकायतों के लिए विशेष प्रावधान भी किये गए हैं। खेल का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने इंग्लैंड पर टेस्ट में भारत की जीत और करुण नायर के तिहरे शतक का जिक्र करते हुए भारती क्रिकेट टीम को बधाई दी। इसके अलावा उन्होंने जुनियर हॉकी टीम को भी उनकी उपलब्धि के लिए बधाई दी। इससे पहले पीएम ने महामना मदन मोहन मालवीय और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उनके जन्मदिन पर याद करते हुए कहा कि महामना ने मॉडर्न टीचिंग को नई राह दी है। पीएम ने देश को क्रिसमस की शुभकामनाएं भी दी।
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25 December 2016बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने स्वीकार किया कि बोर्ड का मौजूदा संकट क्रिकेटरों के सर्वश्रेष्ठ हित में नहीं है लेकिन संस्था को तीन जनवरी को उच्चतम न्यायालय के आने वाले फैसले तक इंतजार करना होगा। ठाकुर आगामी प्रो कुश्ती लीग के लिये आयोजित एक प्रोमोशनल कार्यक्रम के मौके पर पत्रकारों से कहा, ‘हम जानते हैं कि मौजूदा हालात क्रिकेटरों के सर्वश्रेष्ठ हित में नहीं हैं लेकिन यह मामला अभी अदालत में है। हम परेशानी में हैं और हमें तीन जनवरी तक का इंतजार करने की जरूरत है।’ वह उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढा समिति की बीसीसीआई में प्रशासनिक सुधारों की सिफारिशों का जिक्र कर रहे थे जिन्हें बोर्ड अभी तक लागू नहीं कर सका है। उन्होंने पूर्व क्रिकेटरों की बीसीसीआई प्रशासन की आलोचना करने पर कहा, ‘बीसीसीआई ने सरकार से एक भी पैसा लिये बिना अपना खुद का ढांचा बनाया है। फिर भी कुछ पूर्व क्रिकेटर (सारे पूर्व क्रिकेटर नहीं) हमारे खिलाफ बोलते हैं।’ यह पूछने पर कि बीसीसीआई एक लाख गांव पंचायत के लिये एक लाख कोच क्यों नहीं रख सकता तो उन्होंने हंसी उड़ाते हुए कहा, ‘हमारे पास काफी धन है लेकिन हम इसे खर्च नहीं कर पा रहे हैं। हमें इसके लिये अनुमति की जरूरत है।’ वह उच्चतम न्यायालय के निर्देश का जिक्र कर रहे थे, जिसमें उसने बोर्ड के फंड के लेनदेन पर रोक लगायी हुई है। ठाकुर ने कार्यकारी ग्रुप में भारत को शामिल नहीं करने पर आईसीसी का भी मजाक उड़ाते हुए कहा, ‘मैं बैठक में था और प्रत्येक सदस्य को लगता था कि मजबूत विश्व क्रिकेट के लिये बीसीसीआई की जरूरत है।अगर कोई सोचता है कि वे बीसीसीआई के बिना काम कर सकते हैं तो उन्हें जानना चाहिए कि विश्व क्रिकेट को बीसीसीआई की जरूरत है।’ उन्होंने भारतीय कप्तान विराट कोहली की आईसीसी की वर्ष की सर्वश्रेष्ठ टेस्ट टीम में अनदेखी किये जाने पर कहा, ‘आईसीसी को इस मामले को देखना चाहिए क्योंकि भारत नंबर एक टेस्ट टीम है। लेकिन मैं खुश हूं कि अश्विन को वर्ष का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट क्रिकेटर चुना गया।’
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24 December 2016मोदी सरकार की तरफ से 8 नवंबर की रात की गई नोटबंदी की घोषणा के बाद से लेकर अब तक पड़े छापों में करोड़ों रुपए जब्त किए गए हैं और उन पर कार्रवाई के लिए मामले को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केन्द्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) के पास भेजा गया है। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, 21 दिसंबर तक आयकर विभाग (आईटी) के छापे में करीब 505 करोड़ से भी ज्यादा की रकम बरामद की गई है, जिनमें 93 करोड़ से ज्यादा नई करेंसी शामिल हैं। आईटी विभाग की तरफ से इस केस की सुनवाई के लिए 215 मामले प्रवर्तन निदेशालय के पास भेजा गया है जबकि, 185 मामलों की जांच का काम सीबीआई के हाथों में दिया गया है। इसके साथ ही, 21 दिसंबर तक 3,590 करोड़ से ज्यादा छुपी हुई संपत्ति का खुलासा किया गया और इस दौरान आयकर विभाग ने 3,589 नोटिस जारी किए। नोटबंदी की घोषणा के बाद पैसों के लिए बैंक और एटीएम में लंबी लाइनें लग रही हैं। बैंक की तरफ से एक दिन में निकासी की सीमा चौबीस हजार रुपये तय की गई। उसके बावजूद करोड़ों रुपये छापे के दौरान पकड़े गए। जिसमें कई बैंककर्मियों की संलिप्तता का पता चला और एक आरबीआई का सीनियर अधिकारी भी पकड़ा गया।
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23 December 2016पब्लिक प्रविडेंट फंड (पीपीएफ) के साथ-साथ दूसरी छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका लग सकता है। सरकार इनमें मिलने वाली ब्याज दर में कटौती करने की तैयारी कर रही है। अगर सरकार गोपीनाथ समिति के फॉर्मूले को मान लेती है, तो इन पर ब्याज दर में करीब-करीब 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती हो सकती है। यानी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर गिरकर 7 फीसद पर पहुंच जाएगी। गौरतलब है कि गोपीनाथ समिति ने सरकारी बॉन्ड्स की प्राप्तियों के मुताबिक छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें तय करने का फॉर्मूला दिया है। समिति के सुझाए इस फॉर्मूले के मुताबिक, पिछले तीन महीने से छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर अभी सरकारी बॉन्ड्स पर बराबर अवधि में मिलने वाले ब्याज से थोड़ा ज्यादा है। पीपीएफ के मामले में 10 साल की औसत सरकारी बॉन्ड यील्ड से 25 बेसिस प्वाइंट ज्यादा है। 10 साल की सरकारी बॉन्ड यील्ड गिरकर 6.5 प्रतिशत पर पहुंच गई है और पिछले तीन महीने से यह लगातार 7 प्रतिशत से नीचे पर बरकरार है। यानी पीपीएफ रेट जनवरी-मार्च तिमाही में 7 फीसद तक आ सकता है। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि सरकार छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में इतनी बड़ी कटौती नहीं करेगी। कारण, नोटबंदी से पैदा हुई असुविधा का असंतोष आगे विकराल रूप धारण कर सकता है। चिंता की बात यह है कि अगर नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स (NSC) जैसी दूसरी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें कम हुईं तो इनकी मांग में कमी आ जाएगी। अभी NSC पर 8 प्रतिशत का ब्याज मिलता है, जिसकी बदौलत ये बैंक डिपॉजिट्स से ज्यादा आकर्षक बने हुए हैं।
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23 December 2016प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराए जाने के सुझाव बाद चुनाव आयोग दोनों चुनाव एक साथ कराए जाने की संभावना को देखते हुए अपनी तैयारियों में जुट गया है। हालांकि, इसको लेकर फिलहाल अभी संविधान में संशोधन की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। सरकार ने नई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की खरीदी के लिए चुनाव आयोग को 1,009 करोड़ जारी किए हैं। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, चुनाव आयोग ने इस बात के संकेत दिए हैं कि अगर 2019 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराए जाते हैं तो करीब 14 लाख नई इलैक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों की आवश्यकता होगी। हालांकि, वित्त मंत्रालय की तरफ से ईवीएम मशीनों की पहली खेप को खरीदने की मंजूरी दिए जाने और इतनी ही राशि इसी तरह अगले तीन वर्षों तक दिए जाने को स्वीकृति देने के बाद अगर ऐसी जरूरत पड़ती है तो चुनाव आयोग पर्याप्त मशीनों की खरीददारी कर पाएगा। ईवीएम की पहली खेप के लिए पहले ही ऑर्डर दिया जा चुका है। ऐसे में हर साल करीब पांच लाख ईवीएम अगले तीन सालों तक खरीददारी की जाएगी, जिससे चुनाव आयोग की तरफ से देशभर में साथ चुनाव कराने को लेकर उसकी तैयारियों का पता चलता है।
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22 December 2016तीन चरण में 25 दिसम्बर से होगी शुरूआत और 5 फरवरी को होगा समापन मध्यप्रदेश के 378 नगरीय निकाय में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटलबिहारी वाजपेयी के जन्म-दिवस 25 दिसम्बर से नगर उदय अभियान चलाया जायेगा। तीन चरण में चलने वाले इस अभियान का 5 फरवरी को समापन होगा। पहला चरण 25 से 28 दिसम्बर, दूसरा चरण 3 से 15 जनवरी, 2017 तथा तीसरा चरण 20 जनवरी से 5 फरवरी तक चलेगा। नगर उदय अभियान का मूल उद्देश्य नागरिकों को उपलब्ध करवायी जा रही सेवाओं का मूल्यांकन तथा उसे मानक-स्तर तक ले जाना, नगरीय क्षेत्र में मलिन बस्ती में निवास करने वाले निम्न आय वर्ग के नागरिकों तक जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी और अंत्योदय का लाभ पहुँचाना, नगरीय विकास की दिशा में किये गये कार्यों से अवगत करवाना तथा नगर विकास की योजना में नागरिकों तथा अन्य संस्थाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना है। अभियान के प्रथम चरण में विभिन्न विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों का वार्ड-स्तर पर दल गठित किया जायेगा। यह दल वार्ड का भ्रमण कर प्राथमिक सर्वे करेगा और वहाँ के रहवासी समूह, रेसीडेंट वेलफेयर सोसायटी, मोहल्ला समिति, व्यापारी समिति तथा जन-कल्याण में संलग्न एनजीओ के पदाधिकारियों से सम्पर्क करेगा। अभियान के प्रति रुचि पैदा करने के लिये पेंटिंग प्रतियोगिता, नगरीय अभियान के गीत का गायन आदि प्रचार माध्यम का उपयोग किया जायेगा। द्वितीय चरण में वार्ड सभा की जायेगी। अधोसंरचना विकास तथा हितग्राहीमूलक योजनाओं की मैदानी हकीकत का पता लगाया जायेगा। इस दौरान केन्द्र तथा राज्य की योजनाओं की जानकारी दी जायेगी। छोटे नगर में यह अभियान वार्ड-स्तर पर किया जायेगा। बड़े नगर निगम में विधानसभा क्षेत्र को मुख्य केन्द्र बनाते हुए जानकारी एकत्रित की जायेगी। बीपीएल समूह, मलिन बस्तियों और रहवासी समितियों से संवाद किया जायेगा। अभियान के दौरान समग्र डाटाबेस का मूल्यांकन किया जायेगा और निराश्रित और अनाथ लोगों की पहचान की जायेगी। मलेरिया, डेंगू जैसी मौसमी बीमारियों से बचाव के लिये नागरिकों को जागरूक बनाया जायेगा। बेरोजगारों की रोजगार की आवश्यकता चिन्हांकित की जायेगी तथा इसकी कार्य-योजना बनायी जायेगी। द्वितीय चरण में केन्द्र की राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन, अमृत, स्मार्ट सिटी, प्रधानमंत्री शहरी आवास, स्वच्छ भारत मिशन, अटल पेंशन, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा, प्रधानमंत्री जन-धन, सुकन्या, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का प्रचार किया जायेगा। साथ ही मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना विकास, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल, लाड़ली लक्ष्मी, मुख्यमंत्री कन्या विवाह, मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण, मुख्यमंत्री स्व-रोजगार, मुख्यमंत्री भवन कर्मकार एवं सन्निर्माण, मुख्यमंत्री बाल ह्रदय, राज्य बीमारी सहायता, मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, स्कूल चलें हम अभियान और लोक सेवा का प्रदाय गारंटी अधिनियम के बारे में भी नागरिकों को बताया जायेगा। अभियान की शुरूआत सुबह 8 बजे से होगी, जो शाम 7 बजे तक चलेगी। द्वितीय चरण में योजनाओं के हितग्राहियों के चयन के साथ ही अधोसंरचना निर्माण की आवश्यकताओं का भी चिन्हांकन किया जायेगा। इसके साथ ही सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों, आँगनवाड़ियों, स्कूल और छात्रावासों का भी पर्यवेक्षण किया जायेगा। अभियान के दौरान स्वच्छता अभियान अलग से चलाया जायेगा। सभी वार्ड की साफ-सफाई, नाले-नालियों की सफाई, सार्वजनिक शौचालयों की सफाई की जायेगी। वार्ड स्थित सभी शासकीय कार्यालयों की पुताई तथा रख-रखाव किया जायेगा। अभियान के तृतीय चरण में, जो 20 जनवरी से 5 फरवरी तक चलेगा, में हितग्राहीमूलक योजनाओं में चिन्हांकित लोगों को वृहद कार्यक्रम कर लाभान्वित किया जायेगा। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री या प्रभारी मंत्री उपस्थित रहेंगे। चिन्हांकित अधोसंरचना के स्वीकृत कार्यों का काम शुरू किया जायेगा। नगरीय निकाय परिषद की विशेष बैठक होगी, जिसमें अभियान के दौरान की गयी गतिविधियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जायेगा।
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21 December 2016सूरत में आयकर विभाग ने चाय वाले से फाइनेंसर बने सूरत के किशोर भजियावाला की करीब 650 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगाया है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।उक्त अधिकारी ने बताया कि उसके कई लॉकरों से 50 किग्रा से ज्यादा चांदी, 1.39 करोड़ रुपये के हीरे, 6.5 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी और कई किग्रा सोना बरामद हुआ है। नोटबंदी के बाद भजियावाला ने जब अपने बैंक खाते में एक करोड़ रुपये से ज्यादा जमा कराए थे तो विभाग ने पिछले हफ्ते उसके लॉकरों, बैंक खातों और अन्य संपत्तियों की जांच शुरू की थी।जांच में पता चला है कि भजियावाला और उसके परिवार के सदस्यों के 40 से ज्यादा बैंक खाते हैं। सूत्रों के मुताबिक आगामी कुछ दिनों में उसके और उसके परिवार के सदस्यों पास मौजूद और अघोषित धन का भंडाफोड़ हो सकता है। किशोर भजियावाला तीन दशकों से भी ज्यादा समय तक सूरत के उधाना में चाय का एक स्टॉल चलाता था, लेकिन करीब एक दशक पहले वह फाइनेंसर बन गया। कई बड़े भाजपा नेताओं के साथ उसके फोटो भी बरामद हुए हैं, लेकिन भाजपा नेताओं ने उसके साथ किसी भी जुड़ाव से इन्कार किया है। राजस्व खुफिया निदेशालय ने नोएडा स्थित ज्वैलरी यूनिट के गिरफ्तार मालिक की 150 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी पकड़ी है। उसने कथित रूप से नोटबंदी के बाद दुबई से भारतीय बाजार में सोने का आयात किया था।
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20 December 2016नई दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दिया अवार्ड पाँच विश्व रिकार्ड, skoch platinum award, skoch order of merit award, best civic city award by MP tourism Dept के बाद नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित डिजिटल इंडिया अवार्डस कार्यक्रम में 'Most Innovative Citizen Engagement' श्रेणी में पुरस्कार उज्जैन को प्राप्त हुआ। पूर्व मेला अधिकारी अविनाश लवानिया, पूर्व उप मेला अधिकारी सुजान रावत ने यह पुरस्कार केंद्रीय मंत्री, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी, कानून और न्याय रवि शंकर प्रसाद से प्राप्त किया। भारत सरकार के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा देश में सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से जनता की सुविधा एवं जन-कल्याणकारी सेवाओं को प्रदान करने के लिये अपनाए जा रहे नवाचारों को प्रोत्साहित एवं सम्मानित करने के उद्देश्य से विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं से प्रेजेंटेशन आमंत्रित किए गए थे। सिंहस्थ मेला कार्यालय द्वारा सिंहस्थ महापर्व में आए करोड़ों श्रद्धालुओं को सूचना प्रौद्योगिकी के नवीनतम माध्यमों का उपयोग कर सेवाएँ प्रदान की गई थीं। इन माध्यमों में जीआईएस, मोबाइल एप, वेब साइट, कॉल सेंटर, स्मार्ट पार्किंग, सोशल मीडिया, डिस्प्ले सिस्टम, हेल्प सेंटर आदि प्रमुख थे। देश भर से छह श्रेणी में आए प्रस्तावों में से 20 अवॉर्ड दिए गए। मध्यप्रदेश से मात्र सिंहस्थ कार्यालय को अवार्ड प्राप्त हुआ। सिंहस्थ उज्जैन का नाम आते ही सभी उपस्थित लोगों द्वारा तालियाँ बजाई गई एवं श्री रविशंकर प्रसाद द्वारा भी स्टेज पर ही मेला अधिकारी एवं उनकी टीम से बात कर सबको बधाई दी गई। इस बार का सिंहस्थ आईटी की नवीनतम तकनीकों के उपयोग के लिए भी जाना गया। तत्कालीन मेला अधिकारी श्री लवानिया जो कि ख़ुद आईआईटियन है, द्वारा अपनी टीम के माध्यम से नई-नई तकनीकों का उपयोग किया गया। फ़ील्ड में अपनी आईटी टीम के साथ इन नवीनतम तकनीकों को अमली जामा पहनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई श्री सुजान रावत, उप मेला अधिकारी ने। आईटी टीम में श्री मनीष विजयवर्गीय, श्री दीपक वर्मा आदि शामिल थे। मेला अधिकारी श्री लवानिया ने पुरस्कार का श्रेय उज्जैन की जनता एवं अपनी टीम की मेहनत को दिया है।
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20 December 2016कानपुर में रैली को संबोधित किया मोदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर के निराला नगर रेलवे ग्राउंड पर परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए कहा कि यूपी के युवाओं के हाथ में यदि कुशलता आ जाए तो वह देश की दशा-दिशा बदल सकता है। जिनके पास युवा शक्ति वे ताकत दिखा सकते हैं। पीएम ने कहा, भारत आज भाग्यशाली है क्योंकि यहां की 65 प्रतिशत आबादी 35 साल से कम है. जो देश युवा हो, वो अपनी ताकत से दुनिया को अपना दम दिखा सकता है। लेकिन यह तभी संभव है जब उस युवा के हाथों में कुशलता हो। इसलिए देश भर में स्किल डेवलपमेंट की शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि एक तरफ हम देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमारा एजेंडा, भ्रष्टाचार, काला धन बंद करने का है। विपक्ष का इरादा देश की संसद को बंद करने का है. राष्ट्रपति के आह्वान के बावजूद चर्चा नहीं हुई. विपक्ष लगातार चर्चा से भाग रहा है। राजनैतिक स्वार्थ के लिए विपक्ष ने हंगामा किया है। गलत लोगों को काले धन पर वार सहन नहीं हो रहा उन्होंने कहा, देश इस वक्त दो हिस्सों में बंटा है. एक तरफ वो लोग हैं जो काला धन पर संसद बंद कर रहे हैं और दूसरी तरफ देश के ईमानदार लोग हैं। पिछली सरकार के पास देश चलाने की फुर्सत नहीं थी। जिनको गलत काम करने की आदत पड़ी है, उनको काले धन पर वार सहन नहीं हो रहा है। यूपी के लोग अब गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेंगे यूपी के मुद्दे पर पीएम मोदी ने कहा, 'पूरे प्रदेश में गुंडागर्दी हो रही है. सत्ता में बैठे लोग गुंडागर्दी को शह दे रहे हैं. राज्य में गुंडागर्दी चल रही है। अब लोग इनको बर्दाश्त नहीं करेंगे। अगले चुनाव में ऐसे लोग अपने बाहुबल का दम दिखाएंगे लेकिन ईमानदार लोग उनको चुनावों में धूल चटा देंगे। ' पीएम मोदी ने कहा कि यूरिया की नीमकोटिंग से सिंथेटिक दूध बनाने का गोरखधंधा खत्म हुआ. कुछ लोगों को लगता था कि बैंक में पैसे डालने से वह सफेद हो जाएंगे. लेकिन एक फैसले से ये सब बंद हो गया. अब देखिए दनादन काले धन के खुलासे हो रहे हैं. खूब लोगों को पकड़ा जा रहा है। अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जो बैंक अफसरों को खरीद सकते हैं। लेकिन ईमानदार प्रयासों से अच्छे-अच्छे लोगों का खेल खत्म हो जाएगा. यूपी के कई प्रधानमंत्री बने लेकिन यहां के 1500 गांवों में बिजली नहीं है. हमने गन्ना किसानों का बकाया दिलाया है. मैंने पहले कहा था कि 50 दिन के बाद कठिनाईयों कम होना शुरू हो जाएंगी. आज फिर से उस बात को दोहरा रहा हूं। विपक्ष पर हमला बोलते हुए पीएम ने कहा कि ये लोग कहते हैं कि लोगों के पास बैंक खाता नहीं है. वहीं दूसरी तरफ कहते हैं कि बैंक की लाइन में लगे लोगों को पैसा नहीं मिल रहा है. आखिर विपक्ष बताए कि इनमें से सच क्या है. पहले ये कहते थे कि राजीव गांधी देश में कंप्यूटर लाए। अब मैं कहता हूं कि मोबाइल को बैंक बना लीजिए तो ये लोग कहते हैं कि मोबाइल हैं कहां। क्यों न देश में लोकसभाओं, विधानसभाओं का चुनाव साथ-साथ हों. आए दिन गांवों में चुनाव के दौरान तनाव बढ़ जाता है. मैं चुनाव आयोग से अपील करता हूं कि आयोग इस बात को फिर से आगे बढ़ाए। सभी दलों से चर्चा शुरू करे. उसके बाद इस संबंध में प्रस्ताव लाया जाए। काले धन पर वार जिन्होंने लोगों को लूटा है, वे आज परेशानियां झेल रहे हैं। वे गरीबों से अपनी मदद करने का आग्रह कर रहे हैं. पहले सिर्फ 1000 और 500 के नोटों की पूछ थी। नोटबंदी के बाद 100 के नोट की ताकत बढ़ी. इसके साथ ही छोटे लोगों की पूछ बढ़ी। उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब कांग्रेस के कोषाध्यक्ष सीताराम केसरी थे तो उस वक्त कांग्रेस राज के दौर में नारा दिया जाता था, 'न खाता न बही जो केसरी कहे, वही सही'. इसलिए ऐसे लोगों को नोटबंदी का फैसला रास नहीं आ रहा है. कांग्रेस ने जनता को कभी हिसाब नहीं दिया. भ्रष्टाचार ने मध्य वर्ग और गरीब को लूटा. इसके साथ ही हर पार्टी से हिसाब देने की मांग भी की। उन्होंने सरकार की लकी ड्रॉ इनाम के बारे में भी बताया. इसके तहत व्यापारियों और ग्राहकों को भी इनाम मिलेगा. 100 दिनों में 15 हजार लोगों को एक हजार रुपये प्रति दिन मिलेंगे. 3 हजार से ज्यादा की खरीदी करने वालों को इनाम नहीं मिलेगा। सवा सौ करोड़ लोगों की ताकत के दम पर ऐसा किया जा सकना संभव हुआ है. उन्होंने अंत में कहा कि इतिहास उस पीएम को याद नहीं रखेगा जिसने भ्रष्टाचार और काला धन को खत्म करने के लिए यह अभियान चलाया बल्कि उन लोगों को याद रखेगा जिनके दम पर ऐसा संभव हुआ।
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19 December 2016शनिवार को मणिपुर के नाने जिले में इंडियन रिजर्व बटालियन पर हुए आतंकी हमले के बाद मणिपुर सुलग उठा है। बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने लामलोंग बाजार से येंगांगपोकपी तक कर्फ्यू लगा दिया है। इसके बावजूद लोगों का विरोध प्रदर्शन और आगजनी जारी है। बता दे कि मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह की सरकार द्वारा नागाओं से बिना बातचीत के सात नए जिले बनाए जाने के निर्णय के खिलाफ राज्य में जातीय तनाव फैला हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों परह मला करते हुए उनके हथियार भी छीन लिए हैं। यह सब उन ग्रुप्स को मदद पहुंचाने के लिए किया जा रहा है जिन्हें नोटबंदी के बाद भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। राज्य में यह स्थिति तब पैदा हुई है जब आतंकी गतिविधियों के खिलाफ राज्य में 24 घंटे का बंद बुलाया गया है।राज्य में इंफाल के पूर्व में खुरई हीकरू मखोंग में एनएससीएन-आईएम के खिलाफ भी प्रदर्शन और आगजनी की खबरें हैं।
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18 December 2016आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक और जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद ने लाहौर में कहा है कि वह भारत के गृहमंत्री राजनाथ सिंह की उस टिप्पणी को ‘युद्ध की घोषणा’ मानता है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर पाकिस्तान आतंकवाद पर काबू नहीं पाता है, तो वह दस टुकड़ों में विभाजित हो जाएगा। पाकिस्तान नसीर बाग लाहौर में एक रैली को संबोधित करते हुए उसने कहा, 'हम राजनाथ के बयान को युद्ध की घोषणा मानते हैं और चुनौती स्वीकार करते हैं। हम नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम को स्वीकार नहीं करते हैं।' पाकिस्तानी सरकार को चेतावनी देते हुए उसने कहा है वह भारत के कथित जासूस कुलभूषण को क्लीन चिट देने की गलती न करें। आपको बता दें कि रविवार को शहीदी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि अगर पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो उसके 10 टुकड़े हो जाएंगे।इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद में भी एक रैली को संबोधित करते हुए हाफिज सईद ने सरताज अजीज पर निशाना साधा था। उसका कहना था, 'हिंदुस्तान जाने की बजाय अजीज को कश्मीर में जारी मानवाधिकार के उल्लंघन का मुद्दा विश्व समुदाय के समक्ष उठाने में अपना समय खर्च करना चाहिए।' ध्यान रहे कि दिसंबर महीने की शुरुआत में अमृतसर में आयोजित 'हार्ट ऑफ एशिया' सम्मेलन में अजीज ने भाग लिया था।
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17 December 2016किसानों को मिलेगी बड़ी राहत पन्ना में बाघ पुन:स्थापना करने के बाद मध्यप्रदेश वन विभाग ने विश्व के सामने फिर एक नई मिसाल पेश की है। आज वन विभाग की टीम ने मंदसौर जिले की सीतामऊ तहसील के इरा गाँव में बोमा तकनीक का इस्तेमाल करते हुए दो चरण में 9 नील गाय को सुरक्षित पकड़ कर गाँधी सागर के 367 वर्ग किलोमीटर के जंगल में छोड़ा। छोड़ी गयी नील गायों पर लाल रंग से निशान बना दिये गये है ताकि ये जंगल में अलग से पहचान में आ जायें। वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने नील गाय पकड़ने के अभियान में संलग्न अधिकारी-कर्मचारी के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए बधाई दी है। डॉ. शेजवार ने कहा कि नील गायों पर काबू पाने से किसानों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि नील गाय को पकड़ने की तैयारी दीवाली के दो दिन पहले से चल रही थी। किसानों की फसल को क्षति से बचाने के लिए अनेक राज्यों ने इन्हें पकड़ने की कोशिश की पर नाकामयाब रहे। कुछ राज्यों ने किसानों की फसल बचाने के लिए इनके वध के आदेश जारी किये जिनकी काफी निन्दा हुई। रोजड़ को खुले में पकड़ने का यह पहला सफल प्रयास है। बोमा तकनीक से वाहन के दोनों ओर एक-एक किलोमीटर की दीवारें बनाई गई। जिनमें घोड़ों और ग्रामवासियों की मदद से वन विभाग की टीम ने आज 9 नील गाय को पकड़कर वन में छोड़ा। यह कार्य वन विभाग के 150 अधिकारी-कर्मचारी 70 ग्रामीण और 30 घोड़ों की मदद से हो सका। आज मिली सफलता के बाद प्रयास निरंतर जारी रहेगा।
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17 December 2016जम्मू कश्मीर में पाकिस्तान ने एक बार फिर नियंत्रण रेखा (एलओसी) स्थित बालाघाट सेक्टर को अपना निशाना बनाया है। शुक्रवार को उसने जम्मू-कश्मीर के पुंछ स्थित बालाघाट सेक्टर में नियंत्रण रेखा के नजदीक सीजफायर का उल्लंघन करते हुए भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर गोलाबारी की, जिसका भारतीय सेना द्वारा मुंहतोड़ जवाब रहा है। पाकिस्तान की तरफ से आज सुबह से ही बालाकोट सेक्टर के सीमांत इलाकों में की जा रही है, जिसका जवाब सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई करके दिया। फिलहाल पाक की ओर से की जा रही इस गोलीबारी में अभी तक किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। इससे पहले पाकिस्तान ने नवंबर के अंत में भी पाकिस्तान ने एलओसी से सटे चुरुंदा, सिलिकोट और ग्वालटा इलाकों को निशान बनाकर फायरिंग की था जिसका भारतीय सेना द्वारा मुंहतोड़ जवाब दिया गया था।
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16 December 2016मध्यप्रदेश सरकार को रहत ,फारेसिंक रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश व्यापमं मामले की हार्डडिस्क और पेन ड्राइव से छेड़छाड़ के मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में फारेसिंक रिपोर्ट पेश की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि हार्डडिस्क से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कोर्ट ने व्यापमं मामले में दिग्विजय सिंह की याचिका को खारिज कर दिया है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की मॉनिटरिंग नहीं करेगी और जांच का सारा जिम्मा सीबीआई का होगा। व्यापमं मामले में इस फारेसिंक रिपोर्ट सामने आने के बाद मध्यप्रदेश सरकार को बड़ी राहत मिली है। हैदराबाद स्थित फारेसिंक लैब की सीलबंद सीएफएसएल रिपोर्ट का लिफाफा गुरुवार को कोर्ट में खोला गया। जिसमें यह सामने आया है कि हार्डडिस्क और पेन ड्राइव से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। गौरतलब है कि याचिका में यह आरोप लगाए गए थे कि हार्डडिस्क और पेन ड्राइव की एक्सल शीट में छेड़छाड़ कर कुछ नाम हटाए गए हैं। व्यापमं मामले के व्हीसल ब्लोअर प्रशांत पांडेय ने अपनी याचिका में कहा था कि इसमें कुछ बड़े ओहदों पर बैठे लोगों के नाम भी शामिल थे, जिन्हें जांच के दौरान हटाया गया है। इन्हीं आरोपों के बाद हार्डडिस्क और पेन ड्राइव की जांच लैब में कराई गई थी।
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15 December 2016कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बड़ा हमला बोला है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उनके पास पीएम मोदी के भ्रष्टाचार को लेकर निजी जानकारी है जिसे वह लोकसभा में रखना चाहते हैं लेकिन सरकार उन्हें बोलने नहीं दे रही हैं। राहुल गांधी ने कहा कि हमारे पास प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ भ्रष्टाचार की जानकारी है जिसे हम संसद में रखना चाहते हैं। मुझे लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है और पहली बार ऐसा हो रहा है कि सत्ता पक्ष सदन में कामकाज को बाधित कर रहा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी मुझसे डरे हुए है और घबराए हुए है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के मुद्दे पर स्पष्टीकरण देने की प्रधानमंत्री की जवाबदेही बनती है और उन्हें बहाने बनाना छोड़कर सदन में बोलना चाहिए। प्रधानमंत्री खुद डरे हुए हैं क्योंकि उन्हें डर है कि अगर मुझे नोटबंदी पर बोलने दिया जाता है तो उनका गुब्बारा फट जायेगा। मेरी जानकारी से डरकर सरकार मुझे बोलने नहीं दे रही। दूसरी तरफ बीजेपी ने राहुल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि राहुल गांधी जितना बोले हमारे लिए उतना ही अच्छा है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा है कि राहुल बौखलाहट में ऐसा बयान दे रहे हैं।
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14 December 2016शिवराज सिंह चैहान कभी-कभी हमारे दिमाग में कोई अनूठा ख़याल आता है, जिसे ठीक से अमल में लाया जायें तो कमाल हो जाता है। खण्डवा जिले में हनुवंतिया जल क्रीड़ा परिसर की स्थापना ऐसा ही एक ख़याल था। पिछले साल सिंगापुर यात्रा के दौरान मैंने वहाँ सेन्टोसा आइलैण्ड देखा। मेरे मन में ख़याल आया कि अपने मध्यपेदश में भी कोई ऐसी जगह आकार ले। इसे ठोस रूप देने के लिये मेरे दिमाग में तत्काल खंडवा जिले का हनुवंतिया कौंध गया। इंदिरा सागर डेम के बैकवाटर से उभरा यह आइलैण्ड सचमुच बहुत अदभुत है। यात्रा से लौटकर मैंने पर्यटन विभाग के अफसरों को अपना ख़याल बताया। नये आयडियाज की तलाश में रहने वाले पर्यटन अधिकारियों ने इसे तत्काल लपक लिया। वे इस काम में जुट गये। जितनी तेजी और कुशलता से उन्होंने इस काम को कर दिखाया, वह एक मिसाल है। पिछले साल हनुवंतिया में पहला जल-महोत्सव 10 दिन तक आयोजित किया गया। सैलानियों के उत्साह को देखते हुए इस साल 15 दिसंबर से होने वाला जल-महोत्सव एक माह का हो रहा है। एक साल के भीतर ही हनुवंतिया की लोकप्रियता आश्चर्यजनक रूप से बढ़ी है। इसी साल फरवरी से नवंबर तक तकरीबन एक लाख से ज्यादा सैलानियों ने हनुवंतिया में जल पर्यटन का लुत्फ उठाया। इस दौरान बड़ी संख्या में सैलानी हनुवंतिया परिसर में बनाये गये लॉग हट्स में ठहरे। इन सर्वसुविधायुक्त हट्स के अलावा हनुवंतिया में सैलानियों के लिये मीटिंग हॉल, कैफेटेरिया, फूड-प्लाजा, बोट क्लब आदि का निर्माण किया गया है। इस साल के जल-महोत्सव में सैलानियों का जोश और ज्यादा परवान चढ़ेगा, क्योंकि इसमें जल के साथ-साथ जमीन और आकाश में भी विभिन्न रोमांचक और साहसिक गतिविधियाँ की जायेंगी। इनमें वाटर स्पोर्ट्स, आइलेण्ड कैम्पिंग, एडवेंचर, एक्टिविज्म- हॉट एयर बैलूनिंग, पेरा सेलिंग, पेरा मोटर्स, स्टार गेजिंग, वाटर स्कीइंग, जेट स्कीइंग, वाटर जॉर्बिंग, बर्मा ब्रिज, आर्टिफिशियल क्लाइम्बिंग सहित ढेरों गतिविधियां शामिल हैं। इसके अलावा सजा होगा शिल्पों का अद्भुत संसार। हनुवंतिया की वादियों में घुले होंगे रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के रंग। तरह-तरह के स्वादिष्ट भोजन वाले स्टालों का तो कहना ही क्या! हनुवंतिया प्रयोग की अपार सफलता से उत्साहित होकर अब ओंकारेश्वर के नजदीक सैलानी टापू का विकास किया जा रहा है। इसी तरह मंदसौर जिले के गांधी सागर डेम पर भी पर्यटन सुविधाएँ विकसित की जा रही हैं। जाते साल की छुटि्टयाँ परिवार के साथ मनाने के लिये अलौकिक प्राकृतिक सुषमा से परिपूर्ण हनुवंतिया परिसर से बेहतर जगह भला और क्या हो सकती हैं! नज़ीर अकबराबादी का एक शेर याद आता है- ''सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िन्दगानी फ़िर कहाँ ज़िन्दगी कुछ रह भी जाये, तो जवानी फिर कहाँ।'' तो आइये, सैर के साथ-साथ सतपुड़ा की वादियों और नर्मदा के व्यापक जल-विस्तार में जीवन भर न भूलने वाले आनंद के अनुभव के लिये हो जाइये तैयार- परिजन के साथ। (ब्लॉगर -मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं)
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14 December 2016दिल्ली में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीद घोटाले में गिरफ्तार पूर्व वायुसेनाध्यक्ष शशिन्द्र पाल त्यागी समेत अन्य आरोपियों को शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया।इससे पहले सीबीआई ने एसपी त्यागी के साथ ही उनके भाई संजीव त्यागी उर्फ जूली त्यागी और वकील गौतम खेतान को भी गिरफ्तार किया था। इन सभी पर लगभग 3,600 करोड़ रुपये में वीवीआइपी के लिए 12 हेलीकाप्टरों की खरीद सुनिश्चित करने के लिए 423 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। सीबीआई के अनुसार, आरोपियों के खिलाफ रिश्वत के लेन-देन के ठोस सबूत मिलने के बाद ही कार्रवाई की गई है। किसी पूर्व वायुसेनाध्यक्ष को पहली बार रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पिछले हफ्ते ही सीबीआई के कार्यवाहक निदेशक का पद संभालने वाले राकेश अस्थाना का यह पहला बड़ा फैसला है। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पांच देशों से आए लेटर रोगेटरी (एलआर) के जवाबों के आधार पर सीबीआई को अभी तक 50 मिलियन यूरो की दलाली की रकम के लेन-देन के सबूत मिले हैं। जुलाई में सीबीआई की एक टीम इटली भी गई थी, जहां उसने केस से जुड़े विधि और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की थी। दलाली की रकम के लेन-देन का पता लगाने के लिए कुल आठ देशों को लेटर रोगेटरी भेजे गए थे। इनमें से मॉरीशस, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात से एलआर का कोई जबाव नहीं आया है। इन देशों से भी इसे जल्दी मंगाने की कोशिश की जा रही है। ध्यान देने की बात है कि इस साल मई में ईडी ने तीन कंपनियों के 86 करोड़ रुपये के शेयर जब्त किए थे। ईडी ने दावा किया था कि ये शेयर दलाली की रकम से जुड़े हैं। लेकिन इन कंपनियों और उनके निदेशकों का खुलासा नहीं हुआ। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गुइडो हशके के मार्फत आई रिश्वत की रकम का काफी हद तक पता लगा लिया गया है। लेकिन क्रिश्चियन माइकल के मार्फत दी गई दलाली का पता लगाना अभी बाकी है। एजेंसियां क्रिश्चियन माइकल को भारत लाकर पूछताछ करने का पूरा प्रयास कर रही हैं। दरअसल, एसपी त्यागी के वायुसेनाध्यक्ष रहने के दौरान ही खरीद सौदे को अंतिम रूप दिया गया था, लेकिन हस्ताक्षर 2010 में एसपी त्यागी के सेवानिवृत्त होने के तीन साल बाद हुए थे। आरोप है कि एसपी त्यागी के भाइयों ने गौतम खेतान के साथ मिलकर भारत में अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर की खरीद को हरी झंडी देने के लिए जबरदस्त लॉबिंग की थी। इन सभी से ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई कई बार पूछताछ कर चुकी है।
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10 December 2016तमिलनाडु के सत्तारूढ़ दल अन्नाद्रमुक ने कहा कि जयललिता की बीमारी और उसके बाद निधन के दुख और सदमे से अभी तक 77 लोगों की जान गयी है। पार्टी ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को तीन-तीन लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा बुधवार को की। जयललिता की पांच दिसंबर को मृत्यु के बाद कथित रूप से आत्मदाह का प्रयास करने वाले पार्टी पदाधिकारी तथा अपनी अंगुलियां काट लेने वाले व्यक्ति को भी पार्टी ने 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। अन्नाद्रमुक की ओर से बुधवार रात जारी विज्ञप्ति के अनुसार, अम्मा की बीमारी और मृत्यु के बारे में जानने के बाद दुख और सदमे से 77 लोगों की मृत्यु हुई है। इस बीच, केन्द्रीय खुफिया एजेंसी ने अभी तक 30 लोगों के मरने और चार लोगों द्वारा आत्महत्या का प्रयास करने की बात कही है। अन्नाद्रमुक ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि उनकी बीमारी का मतलब 22 सितंबर को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराए जाने से था या चार दिसंबर को दिल का दौरा पड़ने से। पार्टी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में मरे 77 लोगों की सूची भी जारी की है।
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8 December 2016इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा पर्सनल ला बोर्ड संविधान से ऊपर नहीं तीन तलाक के मुद्दे पर गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि ट्रिपल तलाक असंवैधानिक और महिला अधिकारों के खिलाफ है। खंडपीठ ने साफ शब्दों में कहा कि कोई भी पर्सनल ला बोर्ड संविधान से ऊपर नहीं हो सकता। मालूम हो, ट्रिपल तलाक को लेकर केंद्र सरकार और मुस्लिम संगठन आमने-सामने हैं। मुस्लिम संगठन सरकार की इस कवायद का विरोध कर रहे हैं। दूसरी तरफ आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस फैसले को शरियत के खिलाफ बताया है। बोर्ड के अनुसार इस फैसले को वह बड़े कोर्ट में चुनौती देंगे। हाईकोर्ट ने दो याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कहा कि कोई भी पर्सनल लॉ संविधान से ऊपर नहीं है। यहां तक कि पवित्र कुरान में भी तलाक को सही नहीं माना गया है। तीन तलाक की इस्लामिक कानून गलत व्याख्या कर रहा है। तीन तलाक महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। बुलंदशहर की हिना की याचिका पर न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने दिया आदेश। हाईकोर्ट ने बुलंदशहर की हिना और उमरबी की दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए अपना अपना मत रखा। 24 वर्ष की हिना का निकाह 53 वर्ष के एक व्यक्ति से हुआ था, जिसने उसे बाद में तलाक दे दिया। जबकि उमरबी का पति दुबई में रहता है जिसने उसे फोन पर ही तलाक दे दिया था। जिसके बाद उसने अपने प्रेमी के साथ निकाह कर लिया था। जब उमरबी का पति दुबई से लौटा तो उसने इलाहाबाद हाईकोर्ट में कहा कि उसने तलाक दिया ही नहीं। उसकी पत्नी ने अपने प्रेमी से शादी करने के लिए झूठ बोला है। इस पर कोर्ट ने उसे एसएसपी के पास जाने का निर्देश दिया। आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और इस्लामिक विद्वान खालिद रशीद फिरंगी महली ने इस फैसले को शरियत कानून के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा हमारे मुल्क के संविधान ने हमें अपने पर्सनल लॉ पर अमल करने की पूरी-पूरी आजादी दी है। इस वजह से हमलोग इस फैसले से मुत्तफिक नहीं है। पर्सनल लॉ बोर्ड की लीगल कमेटी इस फैसले को स्टडी करके इस फैसले के खिलाफ बड़े कोर्ट में अपील करेगी।
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8 December 2016गिरीश उपाध्याय जब तक आठ नवंबर की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संदेश का प्रसारण नहीं हुआ था और जब तक उस प्रसारण के बाद 500 और 1000 के नोट बंद होने पर अर्थव्यवस्था में उथल पुथल नहीं मची थी तब तक देश दूसरे मुद्दों में उलझा हुआ था। आठ नवंबर की रात आठ बजे से पहले का भारत और भारत का मीडिया भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान में की गई सर्जिकल स्ट्राइक से जुड़े मुद्दों पर बहस कर रहा था। लेकिन उसके बाद का भारत और भारत का मीडिया नोटबंदी और कैशलेस भारत में अटक कर रह गया है। बाकी मुद्दों की न तो कोई चर्चा हो रही है और न ही कोई पूछ रहा है कि भाई इसके अलावा भी तो देश में कुछ घट बढ़ रहा होगा, उसका क्या? ‘’और भी गम है जमाने में नोटबंदी के सिवा’’ की तर्ज पर यह बात मुझे मंगलवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस के विधायक और पार्टी के मुख्य सचेतक रामनिवास रावत द्वारा प्रश्नकाल के दौरान पूछे गए एक लिखित प्रश्न से याद आई। यह मुद्दा मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर सामने आए कुपोषण के मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा कुपोषण पर श्वेतपत्र लाने की घोषणा से जुड़ा है। रावत ने मंत्री से जानना चाहा कि क्या मुख्यमंत्री ने ऐसी कोई घोषणा की थी? यदि की थी तो वह श्वेतपत्र पटल पर रखा जाए। यदि श्वेतपत्र जारी नहीं हुआ है तो उसके क्या कारण हैं और वह श्वेतपत्र कब तक जारी हो जाएगा? मंत्री ने अपने जवाब में यह तो स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री ने कुपोषण पर श्वेतपत्र जारी करने की घोषणा की थी, लेकिन वह कब तक जारी होगा, इस पर उनका कहना था कि इस बारे में काम चल रहा है और इसकी तारीख बताना संभव नहीं है। कुपोषण का कलंक मध्यप्रदेश के लिए नया नहीं है। कई बार तो ऐसा लगता है कि मध्यप्रदेश ने इसे काले टीके को स्थायी रूप से अपने माथे पर सजा लिया है। कुछ दिनों पूर्व प्रदेश के श्योपुर जिले में कुपोषण से बड़ी संख्या में हुई बच्चों की मौतों का मामला मीडिया की सुर्खी बना था और उस पर सरकार की खासी फजीहत हुई थी। उसके बाद पोषण आहार की व्यवस्था में भी बड़ा घोटाला सामने आया था। चौतरफा हो रही आलोचना के बाद सरकार ने इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाई थी और मुख्यमंत्री ने खुद पहल करते हुए श्वेतपत्र लाने का ऐलान किया था। लेकिन ऐसा लगता है कि कालेधन और नोटबंदी की सुनामी में उलझी सरकार और उसकी मशीनरी ने बच्चों की मौत से जुड़े इस गंभीर और संवेदनशील मुद्दे को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया है। संवेदनशील मुद्दों पर ऐसा पहली बार हुआ हो यह बात भी नहीं है। ज्यादातर मामलों में सरकारें या विभाग आई बला को टालने के लिए आनन फानन में घोषणाएं कर देते हैं और फिर उन्हें भूल जाते हैं। उन्हें भी मालूम है कि आज सर्जिकल स्ट्राइक मुद्दा है, तो कल नोटबंदी का मुद्दा इसे सुपरसीड कर देगा, आज यदि कुपोषण से बच्चों की मौत को लेकर हल्ला मच रहा है तो जल्दी ही कोई नया मुद्दा इसकी जगह ले लेगा। कुपोषण का शिकार बच्चे अगली बार तभी याद आएंगे जब फिर उनकी मौतों का सिलसिला चलेगा। वैसे विधानसभा में महिला एवं बाल विकास मंत्री द्वारा रामनिवास रावत के इसी सवाल के एक और हिस्से के जवाब में दी गई जानकारी भी कई सारे और सवाल खड़े करती है। रावत ने जानना चाहा था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने पोषण आहार को लेकर जो दिशानिर्देश जारी किए हैं क्या उनका मध्यप्रदेश में अक्षरश: पालन किया जा रहा है? जवाब में मंत्री ने बताया कि केंद्र ने 6 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों को प्रतिदिन 6 रुपए,गर्भवती स्त्रियों को प्रतिदिन 7 रुपए और अतिकम वजन के बच्चों को प्रतिदिन 9 रुपए के मान से निर्धारित प्रोटीन/कैलोरी युक्त पूरक पोषण आहार दिए जाने के निर्देश दे रखे हैं। मंत्री के अनुसार इन निर्देशों का राज्य में अक्षरश: पालन किया जा रहा है। अब सवाल उठता है कि राज्य में यदि बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति कुपोषित बच्चों को तय मापदंडों के हिसाब से पूरक पोषण आहार दिया जा रहा है और यह व्यवस्था पूरी तरह चाक चौबंद तरीके से चल रही है, तो फिर प्रदेश में कुपोषित बच्चों की संख्या इतनी अधिक क्यों है और कुपोषण से मरने वाले बच्चों की संख्या के मामले में हमारा नाम अव्वल क्यों आ रहा है। निश्चित ही इनमें से कोई एक बात ही सही हो सकती है, या तो सरकार और उसकी मंत्री सही बोल रही हैं या फिर कुपोषण से होने वाली मौतों को रिपोर्ट करने वाला मीडिया। और इसके बावजूद कोई शंका कुशंका हो तो उसका फैसला ‘श्वेतपत्र’ जैसे किसी निष्पक्ष और ईमानदार तथ्यपत्र के जरिये ही हो सकता है। पर मुश्किल यह है कि वह ‘श्वेतपत्र’ कब आएगा यह किसी को नहीं पता
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8 December 2016चेन्नई में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता का सोमवार रात 11.30 बजे निधन हो गया। उनका शव अंतिम दर्शनों के लिए राजाजी हॉल में रखा गया है। अम्मा को श्रद्धांजलि देने के लिए पीएम मोदी अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर चेन्नई पहुंचे हैं। यहां उन्होंने राजाजी हॉल पहुंचकर जयललिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके अलावा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री जयललिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए । जयललिता के निधन के बाद राज्य में सात दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है और मंगलवार को शाम को जयललिता का अंतिम संस्कार किया गया । उनका अंतिम संस्कार मरीना बीच पर एमजीआर की समाधि के हुआ । जयललिता का पार्थिव शरीर चेन्नई के राजाजी हाल में रखा गया है जहां उनके अंतिम दर्शनों के लोग भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। उनके निधन के बाद राज्य में भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। राज्य के सभी स्कूल कॉलेजों के अलावा अन्य प्रतिष्ठान अगले तीन दिन के लिए बंद रहेंगे।राजाजी हॉल में जयललिता के पार्थिव शरीर के पास शशिकला, केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू, मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम समेत कई मंत्री, विधायक मौजूद हैं। अम्मा के अंतिम दर्शनों के लिए राजाजी पार्क में हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। गम में डूबे लोगा इतने व्याकुल हैं कि उन्हें अम्मा के अंतिम दर्शन करने के लिए इंतजार करना मंजूर नहीं है। जहां राजाजी हॉल में अम्मा के अंतिम दर्शन हो रहे हैं वहीं मरीना बीच पर उनका अंतिम संस्कार होगा और यहां तक पहुंचने वाले रास्ते के दोनों और हजारों समर्थक सुबह से जुट गए हैं। बता दें कि जयललिता को रविवार शाम दिल का दौरा पड़ा था, जिसके बाद से उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी।उन्हें ईसीएमओ और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों पर रखा गया था, लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जयललिता के निधन पर शोक जताया है। देर रात जैसे ही अपनी प्रिय नेता 'अम्मा' के निधन की खबर आई, उनके समर्थकों में शोक की लहर दौड़ गई। अपोलो अस्पताल के बाहर अफरा-तफरी मच गई। कई लोग रोते-बिलखते देखे दिए। "अम्मा-अम्मा" के नारे गूंजने लगे। एक समर्थक बिलखते हुए कह रहा था, "अम्मा आप हमें छोड़कर कैसे जा सकती हो।" समर्थकों के बेकाबू होने की आशंका में पहले ही पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी। पन्नीरसेल्वम बने मुख्यमंत्री अम्मा के निधन के दो घंटे बाद ही पन्नीरसेल्वम ने मुख्यमंत्री की शपथ ली और उनके साथ 32 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की। शपथ लेते हुए पन्नीरसेल्वम के हाथों में अम्मा की तस्वीर थी और आंखों में आंसू। देश ने एक ऐसा नेता खो दिया है, जिसे लाखों लोग चाहते और प्रशंसा करते थे। जयललिता के निधन पर गहरा शोक प्रकट करता हूं। -प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रपति सेल्वी जयललिता के निधन से गहरा धक्का लगा है। उनके निधन से भारत की राजनीति में शून्य पैदा हो गया है। लोगों से उनका जुड़ाव, गरीबों और हाशिए पर मौजूद लोगों के कल्याण को लेकर उनकी चिंता हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहेगी - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
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6 December 2016न्यूयॉर्क से खबर है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टाइम मैगजीन के पर्सन ऑफ द ईयर के लिए हुए ऑनलाइन रिडर्स पोल को जीत लिया है। इसके साथ ही पीएम मोदी, बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप जैसी दुनियाभर की कई जानी-मानी हस्तियों को पीछे छोड़ते हुए 2016 के के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति बन गए हैं। वैसे तो पत्रिका के एडिटर अंत में पर्सन ऑफ द ईयर का चुनाव करते हैं लेकिन पोल के नतीजे बताते हैं कि दुनिया इसे किस तरह देखती है। मैगजीन के अनुसार पीएम मोदी ने रविवार मध्यरात्री को बंद हुए पोल के बाद कुल 18 प्रतिशत मत हासिल किए हैं जिसके बाद वो अपने सबसे करीबी प्रतिद्वंद्वी जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, प्रेसिडेंट इलेक्ट डोनाल्ड ट्रंप और जुलियन असांज से से काफी आगे हैं। इन सभी को 7 प्रतिशत वोट मिले हैं। इनके अलावा मार्क जुकरबर्ग और हिलेरी क्लिंटन सिर्फ 2 और 4 प्रतिशत वोटों के साथ मोदी से काफी पीछे रह गए। फिलहाल पोल बंद होने के बाद का डेटा सामने आया है और इसकी आधिकारिक घोषणा 7 दिसंबर को की जाएगी।
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5 December 2016मध्यप्रदेश में नक्सलियों की एक नई दलम तीन जिलों में अपनी पैठ जमाने की कोशिश में है। 26 अक्टूबर को आईजी-एसपी कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को देने के बाद इंटेलिजेंस ने इस मामले में नई जानकारियां हासिल की है। बताया जा रहा है कि यह दलम ओड़िशा और तेलंगाना की है और इसके दो प्लाटून समूह पिछले छह महीनों से डिंडौरी, मंडला और अनुपपूर में सक्रिय है। दोनों प्लाटून में 20-20 सदस्य हैं। हालांकि इनकी पहचान अभी होना बाकी है जिसकी वजह है ये अपनी गतिविधियां बेहद गुपचुप तरीके से अंजाम देते है। ओड़िशा और तेलंगाना के विस्तार दलम की जानकारी मिलते ही मप्र इंटेलिजेंस अलर्ट हो गई है। अधिकारियों की मानें तो अभी इनके सदस्यों ने जिलों की रैकी करना शुरू की है, वहीं यह अभी उन संभावनाओं को तलाश रहे हैं जिसकी मदद से यह आगे जड़े जमा सकें। वे देख रहे हैं कि इन जिलों में किस वर्ग के लोगों को वे अपने प्रभाव में आसानी से ला सकती है। इंटेलिजेंस इन प्लाटून के सदस्यों का पता लगाने के साथ-साथ जिलों के युवाओं पर खासतौर से नजर रख रही है। इनमें भी नाबालिगों से बीच-बीच में बातचीत के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि नक्सलवाद से जुड़ने के लिए उन्हें कोई बहका तो नहीं। मालूम हो कि कॉन्फ्रेंस के दौरान भी इंटेलिजेंस ने इन नई दलम के द्वारा नाबालिगों और युवाओं को भर्ती करने का अंदेशा जताया था और मुख्यमंत्री से इन जिलों में बेरोजगार युवकों को रोजगार मुहैय्या करवाने की बात की थी। आईजी इंटेलिजेंस व लॉ एंड ऑर्डर मकरंद देउस्कर ओड़िशा और तेलंगाना के नक्सली समूह के 40 सदस्यों की डिंडौरी, मंडला और अनुपपूर में होने का पता चला है। वे अपनी जमीन तलाशने मप्र की ओर बढ़ रहे हैं। फिलहाल इनके किसी तरह के पर्चे बांटने या कोई सार्वजनिक तौर पर की गई कोई गतिविधि सामने नहीं आई है, लेकिन हम लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
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3 December 2016पिछले तीन सालों में किसी एक महीने में सोना अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के चलते जहां बॉन्ड यील्ड बढ़ी है वहीं नॉन-यील्डिंग सोने के प्रति रूचि कम नजर आई है।इससे पहले सोना नवंबर में 8 प्रतिशत के लगभग गिरा था जिसका मुख्य कारण था डॉलर में उछाल और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बदलाव का दबाव। इसके चलते गोल्ड आधारित ट्रेडेड फंड्स से भारी निकासी नजर आई जिनमें से सबसे ज्यादा न्यूयॉर्क में लिस्टेड एचपीडीआर गोल्ड शेयर की थी जिसने बताया कि उसके होल्डिंग्स नवंबर में 60 प्रतिशत तक गिर गई जो कि मई 2013 के बाद किसी भी एक महीने में सबसे ज्यादा थी। जहां तक स्पॉट गोल्ड की बात है तो इसकी कीमत 0.4 प्रतिशत गिरकर 1,168.27 डॉलर प्रति ओंस पर पहुंच गई वहीं यूएस डॉलर की फरवरी की डिलेवरी कीमत 4 डॉलर गिरकर 1,169.90 डॉलर प्रति ओंस तक पहुंच गई। एनालिस्ट जुलियस बायर के अनुसार सोने के लिए खास बात अब भी मजबूत डॉलर और बढ़ती ट्रेजरी यील्ड है इनमें से एक या दोनों ही सोने को इस वक्त कोई मदद नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने अमेरिकी चुनाव के बाद से सोने में 5 मिलियन ओंस का आउटफ्लो देखा है और इनमें से मुख्यत: अमेरिकी लिस्टेड प्रोडक्ट्स में से है। यह निवेश के लिए सुरक्षित मानी जाने वाली इस धातु से काफी दूर है और फिलहाल विकास की और दिखने वाले असेट्स की तरह है। राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद से ही अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में तेजी देखी गई जिसके बाद यह कयास जोर पकड़ने लगे कि उनका इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रति कमिटमेंट और खर्च महंगाई को बढ़ाएगा। इसने डॉलर को तेजी दे दी जिसके चलते अमेरिकी यूनिट्स पिछले हफ्ते 2003 के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। दूसरी तरफ जर्मनी के नेतृत्व वाली यूरो जोन सरकार का बॉन्ड यील्ड भी गुरुवार को अधिक था क्योंकि 2008 के बाद से बड़ी तेल उत्पादक कंपनी द्वारा पहले आउटपुट कट के चलते तेल की कीमतों में 8 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखी जिसने महंगाई की आशंकाओं को बल दे दिया। सोना बढ़ती ब्याज दरों के प्रति काफी संवेदनशील होता है क्योंकि इससे नॉन-यील्डिंग बुलियन होल्डिंग की कीमतें बढ़ाने का अवसर मिलता है। चांदी की बात करें तो 0.7 प्रतिशत गिरकर 16.35 डॉलर एक ओंस पर थी वहीं प्लेटिनम 0.7 प्रतिशत गिरकर 904.75 डॉलर पर थी जो इसका फरवरी के बाद सबसे निचले स्तर पर थी।
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2 December 2016रिलांयस ग्रुप के चेयरपर्सन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने गुरुवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि जियो यूजर्स अब 31 मार्च तक मुफ्त सेवा का लाभ ले पाएंगे। इनमें नए और पुराने सभी ग्राहक शामिल हैं। ग्राहकों को अनलिमिटेड कॉल, डेटा और एसएमएस मुफ्त मिलेंगे।घोषणा के अनुसार जो लोग 4 दिसंबर के बाद से सिम खरिदेंगे उनके लिए यह ऑफर है वहीं जो लोग पहले से जियो सिम यूज कर रहे हैं वो भी इस ऑफर का पूरा लाभ ले पाएंगे। अम्बानी ने बताया कि जियो ने पिछले तीन महीने में कुल साढ़े पांच करोड़ ग्राहक जोड़े हैं। जियो के आने के बाद औसत डेटा यूज में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।जियो पर भरोसा दिखाने के लिए शुक्रिया हमने सबको एक मजबूत डाटा नेटवर्क दिया है। हमने जब जियो को शुरू किया तब से लेकर अब तक हम काफी मजबूत हुए है। अंबानी ने आंकड़ों की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले तीन महीनों में हर रोज हमने 6 लाख ग्राहक जोड़े हैं। आधार बेस्ड ईकेवायसी एक्टिवेशन का उपयोग कर पाए उसके लिए सरकार को धन्यवाद। आज देश में दो लाख आउटलेट्स पर यह सुविधा है।जियो ने अब मोबाइल पोर्टेबिलिटी शुरू कर दी है और अब ग्राहक किसी भी नंबर से जियो नेटवर्क पर पोर्टेबल कर सकते हैं। इसके अलावा हमने होम डिलेवरी शुरू कर दी है
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1 December 2016राष्ट्रगान के सम्मान में खड़ा होना होगा थियेटर में सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, देश के सभी सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाना चाहिए। राष्ट्रगान बजाया जा रहा है तो वहां मौजूद लोगों को अपनी जगह पर खड़ा होकर सम्मान देना होगा। इस दौरान 52 सेकंड वाली राष्ट्रगान की धून बजाई जाएगी और स्क्रीन पर तिरंगा भी दिखाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने कहा, राष्ट्रगान बजाया जा रहा है तो वहां मौजूद सभी लोगों को उसका सम्मान करना जरूरी है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि वह इस फैसले के पालन के लिए सभी राज्यों के मुख्य सचिवों तक आदेश की प्रति पहुंचाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर भी आपत्ति जाहिर की कि कहीं-कहीं राष्ट्रगान को कमर्शियल एक्टिविटिज में इस्तेमाल किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट श्याम नारायण चौकसे की याचिका पर कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। कोर्ट की ओर से यह भी कहा गया कि ड्रामा क्रिएट करने के राष्ट्रगान का इस्तेमान नहीं होना चाहिए। इससे पहले फिल्म ' कभी खुशी कभी गम' के दौरान मुंबई के एक सिनेमा हॉल में बवाल मचा था। कुछ लोगों ने एक मुस्लिम परिवार के साथ बदसलूकी की थी, क्योंकि वे कथिततौर पर राष्ट्रगान बचाए जाते समय खड़े नहीं हुए थे। मुंबई के सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान के दौरान खड़े न होने पर एक मुस्लिम परिवार को हंगामे के बाद बाहर निकलना पड़ा था। यह घटनाक्रम नवंबर 2015 का था। वाकया पीवीआर सिनेमा थिएटर का है, जहां फिल्म की शुरुआत में राष्ट्रगान होने पर यह परिवार खड़ा नहीं हुआ। इसे लेकर वहां मौजूद कुछ लोगों से उनकी जोरदार बहस भी हुई। इसी बीच सिनेमा हॉल में मौजूद एक अन्य व्यक्ति ने इस पूरे प्रकरण का विडियो बना लिया।
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30 November 2016गृह मंत्रालय ने एनआईए को दो जनवरी के पठानकोट आतंकी हमले में जैश ए मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर और तीन अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने की मंजूरी दे दी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के तहत मंजूरी मिलने के बाद एनआईए अजहर, उसके भाई रउफ असगर और चारों आतंकवादियों के सरगना- कासिफ जान तथा शाहिद लतीफ का नाम जल्द ही आरोपपत्र में दायर कर पाएगी। गुरदासपुर के बमियाल इलाके से भारत में घुसने के बाद चार आतंकवादियों ने सामरिक पठानकोट वायु सेना बेस पर हमला किया जिसमें आईएएफ और एनएसजी के सात कर्मियों सहित आठ लोग मारे गए। आरोपपत्र से संयुक्त राष्ट्र के आतंक रोधी कानूनों के तहत अजहर और उसके संगठन को वैश्विक आतंकी गुट घोषित करने में अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर दबाव बनाने में भी भारत को मदद मिलेगी।आरोपपत्र में हमले में शामिल केवल चार आतंकियों का नाम होगा। हालांकि एनएसजी ने छह के नाम का दावा किया था। एनआईए के मुताबिक, दो दिन की गोलाबारी के बाद मार गिराए गए आतंवादियों की पहचान नासिर हुसैन, हाफिज अबू बकर, उमर फारूख और अब्दुल कयूम के तौर पर हुयी और वे क्रमश: पाकिस्तान के वेहारी (पंजाब), गुजरांवाला (पंजाब), संघार (सिंध) और सुक्कर (सिंध) के रहने वाले थे। एनआईए की जांच में फोन नंबरों और हुयी बातचीत को भी शामिल किया जाएगा जिसमें हमले के पहले एक आतंकवादी की बातचीत का ब्यौरा है । इसके अलावा हमले के बाद जैश संबद्ध वेबसाइट पर रउफ के वीडियो संदेश को भी शामिल किया जाएगा।वीडियो संदेश में रउफ ने पठानकोट हमले की जिम्मेदारी लेने का दावा किया था। इस संदेश को बाद में वेबसाइट से हटा लिया गया था।
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29 November 2016तमिलनाडु के मदुरै शहर में विभिन्न जगहों पर छापामारी कर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अल-कायदा के तीन संदिग्ध सदस्यों को गिरफ्तार किया पुलिस ने बताया कि ये तीनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के 22 शीर्ष नेताओं पर कथित रूप से हमले की साजिश रच रहे थे। एनआईए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'ये सभी पांच धमाकों के मामलों में शामिल हैं. मल्लामपुर में हुए धमाके की जांच के दौरान छापामारी में कुछ पैम्फ़्लेट और पेन ड्राइव मिले थे। जब उनकी जांच हुई तो पेन ड्राइव में कुछ नेताओं के बारे में सामग्री थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में भी काफी जानकारियां थीं। ' अधिकारी के मुताबिक पेन ड्राइव में प्रधानमंत्री की तस्वीरें भी थीं और कुछ ठिकानों का जिक्र भी था तथा कुछ नंबर भी थे. जांच के दौरान ही हम इनको गिरफ्तार करने में कामयाब हो गए. एनआईए इसे अपनी बड़ी कामयाबी मान रहा है। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी भारत में स्थित विभिन्न देशों के दूतावासों को धमकाने में भी शामिल थे. पुलिस ने कहा कि तीनों की पहचान एम. करीम, आसिफ सुल्तान मोहम्म्द और अब्बास अली के रूप में हुई है. करीम को पुलिस ने उस्माननगर से गिरफ्तार किया, जबकि आसिफ सुल्तान मोहम्म्द को जीआर नगर तथा अब्बास अली को इस्माइलपुरम से गिरफ्तार किया गया. उनके कब्जे से विस्फोटक पदार्थ भी जब्त किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि दक्षिण तमिलनाडु के मदुरै और उसके आसपास के क्षेत्रों से अल-कायदा कार्यकार्ताओं द्वारा अपनी गतिविधियां चलाए जाने संबंधी पुष्ट सूचनाओं के आधार पर एनआईए ने कई जगहों पर छापामारी की। पुलिस ने कहा, 'उनके कब्जे से विस्फोटक सामग्री और हथियार जब्त किए गए हैं। ' पुलिस के मुताबिक तीनों दक्षिण तमिलनाडु में कथित रूप से अल-कायदा की इकाई चला रहे थे. ये लोग देश की विभिन्न अदालत परिसरों में हुए विस्फोटों में भी कथित रूप से शामिल रहे हैं. उन्होंने कहा, एनआईए अल-कायदा के दो अन्य संदिग्ध कार्यकर्ताओं हकीम और दाऊद सुलेमान की तलाश कर रही है।
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29 November 2016पंजाब के नाभा जेल से फरार खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का खूंखार आतंकी सरगना हरमिंदर सिंह मिंटू को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बता दें कि रविवार को आतंकी मिंटू के साथ पांच खतरनाक गैंगस्टर जेल से फरार हुए थे। सुबह-सुबह करीब 10 हमलावरों ने सुनियोजित तरीके से इस जेल ब्रेक को अंजाम दिया। बता दें कि रविवार देश शाम को नाभा जेल कांड में यूपी पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी। हरमिंदर मिंटू को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया है। पंजाब पुलिस और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के ज्वाइंट ऑपरेशन में यह कार्यवाही की गई है। जेल से भागने के बाद हरमिंदर मिंटू ने दिल्ली के सुभाष नगर में रहने वाले अपने रिश्तेदार को फोन किया था। इसी फोन के आधार पर पंजाब पुलिस ने दिल्ली पुलिस को जानकारी दी जिसके बाद पंजाब पुलिस की टीम दिल्ली पहुंची और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम के साथ मिलकर हरमिंदर मिंटू को गिरफ्तार कर लिया गया। अब से थोड़ी देर में हरविंदर मिंटू को दिल्ली की कोर्ट में पेश करके ट्रांजिट रिमांड पर पंजाब पुलिस की टीम अपने साथ लेकर शाम तक पंजाब पहुंचेगी। यूपी पुलिस ने केराना से कैदी परविंद्र सिंह को गिरफ्तार किया। परविंद्र सिंह ही वही शख्स द्वारा आज नाभा जेल से कैदियों को भगाने के लिए गाडिय़ां उपलब्ध करवाई गई थी। जानकारी के अनुसार परविंदर जालंधर का रहने वाला है। वह डेढ़ महीने पहले ही नाभा जेल से भागा था।
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28 November 2016गृहमंत्री राजनाथ बोले उचित कदम उठाएंगे पंजाब के नाभा में कैदियों के जेल से भागने की घटना पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को दिल्ली में कहा कि पंजाब को पहले ही इस मामले के संबंध में एक एडवाइजरी जारी की गई थी। राजनाथ ने कहा कि नाभा जेल ब्रेक मामले में गृह मंत्रालय अपना काम कर रहा है। इस मामले में सभी उचित कदम उठाए जाएंगे। दो दिन पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षा बलों से पंजाब और चार अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव की प्रक्रिया के दौरान ‘द्वेषपूर्ण’ राजनैतिक अभियान या बाहरी उग्रवादी बलों द्वारा शांति भंग करने के प्रयास को रोकने के लिए कहा था। इससे पहले, पंजाब में कैदियों के जेल से भागने की घटना से चिंतित केंद्र सरकार ने रविवार को राज्य सरकार से घटना के विस्तृत विवरण के साथ एक रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने भी पंजाब के पुलिस महानिदेशक से बात की और राज्य के सभी जेलों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। पुलिस की वर्दी में आये कुछ हथियारबंद लोगों ने पटियाला जिले के उच्च सुरक्षा वाले नाभा जेल पर हमला किया और खलिस्तान लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख हरमिंदर मिंटू समेत पांच कैदियों को को भगा ले गए। खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (केएलएफ) के प्रमुख हरमिंदर सिंह मिन्टू को सोमवार को दिल्ली रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया गया। वह कल पटियाला के नभा जेल से पांच अन्य कैदियों के साथ फरार हो गया था। वहीं, गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से इस घटना और जेलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाये गये कदमों के बारे में जल्द-से-जल्द एक रिपोर्ट भेजने को कहा है।
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28 November 2016नीतीश कुमार के बार-बार नोटबंदी का समर्थन करने का ही असर है कि कांग्रेस और राजद में एक बार फिर नजदीकियां देखने को मिल रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से बिहार कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अशोक चौधरी की उपस्थिति में फोन पर बात की और भारत बंद के मुद्दे पर चर्चा की. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के अनुसार कांग्रेस और राजद दोनों ही नोटबंदी का लगातार विरोध कर रहे है यह कारण तलाशने की कोशिश कर रहे है कि नीतीश कुमार लगातार नोटबंदी का समर्थन क्यों कर रहे है. वरिष्ठ नेता ने कहा कि नोटबंदी के कारण लगातार गरीबों को परेशानी हो रही है, फिर भी नीतीश इसका समर्थन कर रहे है. लालू यादव और अशोक चौधरी ने अपनी बैठक में बिहार सरकार के द्वारा उनके सुझाव ना मानने के मुद्दे पर भी बात की. वहीं राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने लालू और सोनिया की बातचीत पर कोई टिप्पणी करने से मना किया और लालू-अशोक चौधरी की मुलाकात पर कहा कि जब दो नेता मिलते है तो कई मुद्दों पर बातें होती है. राजद प्रवक्ता बोले कि 'उनकी पार्टी भारत बंद के खिलाफ पूरे राज्य में प्रदर्शन करेगी, जनता को इस फैसले से बेहद परेशानी हो रही है इसलिए हम आक्रोश मार्च निकालेंगे'. गौरतलब है कि समूचे विपक्ष के नोटबंदी के खिलाफ होने के बावजूद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लगातार इस फैसले का समर्थन किया है और कहा है कि कालेधन के खिलाफ यह सही कदम है.
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28 November 2016रक्षामंत्री पर्रिकर बोले हमारा जवाब करारा था पणजी में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पिछले दो दिनों से सीमा पार से होने वाली गोलीबारी थम गई है, क्योंकि दुश्मन पलटवार को महसूस कर रहा है । पाकिस्तान की ओर से डीजीएमओ स्तर की बातचीत का अनुरोध किए जाने की तरफ इशारा करते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘लक्षित हमले के बाद कायराना हरकतें जारी थीं, जिस पर हमारे सशस्त्र बलों ने सीमा पर कड़ा पलटवार किया । उनके हमलों पर हमारा पलटवार करारा था।’ गोवा के संखलिम गांव में एक रैली को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘परसों हमें उनकी तरफ से फोन आया जिसमें पलटवार रोकने का अनुरोध किया गया।’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनसे कहा कि हमें (पलटवार) रोकने में कोई दिक्कत नहीं, क्योंकि हमें इसमें दिलचस्पी नहीं है, लेकिन उन्हें भी ये सब रोकना होगा । पिछले दो दिन से सीमा पार से गोलीबारी थम गई है।’
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26 November 2016बठिंडा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बड़ा बयान बठिंडा में एम्स का शिलान्यास करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सिंधु नदी समझौते को लेकर बड़ा बयान दिया है। पीएम ने कहा कि इस सिंधु नदी में भारत के हक का पानी पाकिस्तान में नहीं जाने दिया जाएगा और इसे पंजाब के किसानों तक पहुंचाएंगे। इसके अलावा पीएम ने नोटबंदी को लेकर भी अपनी बात रखते हुए कैशलेस ईकोनॉमी को आगे बढ़ाने की वकालत की। पीएम ने कहा कि सतलुज, व्यास, रावी में से जो हिंदुस्तान के हक का पानी भारत के हिस्से में नहीं आ रहा यह पाकिस्तान के रास्ते समुद्र में बह रहा है। अब बूंद-बूंद पानी रोककर यह पानी देश के किसानों को दिया जाएगा। अब हिंदुस्तान के खेत पानी से लबालब होंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए मिल बैठकर रास्ता निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लिए पानी चला जाता है और अब तक की केंद्र सरकारें सोती रही। पंजाब के किसानों को यदि पानी मिल जाए तो वे मिट्टी में से सोना निकाल सकते हैैं। पाक की नापाक हरकतों पर पीएम बोले कि सीमा पार से होने वाले जुल्म सीमावर्ती गांवों के लोग सहते रहते थे। हमारे सेना का जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक की तो सीमा पार हड़कंप मच गया। उन्होंने कहा कि वह फिर पाकिस्तान की आवाम से बात करना चाहते हैैं। यह भारत है जब पेशावर में बच्चों को मारा जाता है तो सवा सौ करोड़ भारतीयों की आंखों में आंसू होते हैैं। उन्होंने कहा कि अगर लडऩा है तो भ्रष्टाचार, कालेधन व गरीबी के खिलाफ लड़ो, भारत के खिलाफ लड़कर आप गुनाहगार बनते चले जा रहे हो।उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जनता भी गरीबी से मुक्ति चाहती है। लेकिन, पाकिस्तान सरकार अपना राजनीतिक उल्लू सीधा करने के लिए तनाव पैदा करती है। नोटबंदी पर पीएम ने कहा कि कालेधन पर कहा-मुझे मध्यम वर्ग व गरीबों का शोषण बंद करवाना है। कैश के नाम पर खेल नहीं चलते देंगे। नए नोट आ रहे हैं। लोगों ने नोटबंदी में जो कठिनाई झेली है, उसका धन्यवाद करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, आप मोबाइल को बटुआ बना सकते हैं। देश में जितने परिवार, उससे ज्यादा मोबाइल हैं। मोबाइल बैंकिंग अपनाएं। कालेधन वालों को उठने नहीं देना है। राजनेता, यूनिवर्सिटीज और युवा मोबाइल बैंकिंग के लिए लोगों को जागरूक करें। किसानों को लेकर पीएम बोले कि सरकार किसानों और गरीबों के कल्याण कि लिए प्रतिबद्ध है। हम पाकिस्तान जाना वाला बूंद-बूद पानी रोककर पंजाब के किसानाें को देंगे। कस्कूल, अस्पताल सरकार की प्राथमिकता है। सरकार गरीबों-किसानों के साथ है। हम उनके जीवन में बदलाव लाने की कोशिश कर रही है। इसके लिए हर मुमकिन कदम उठाएंगे। उन्हाेंने बठिंडा में एम्स का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि देश के विकास में रोड बने, एयरपोर्ट बने, रेल चले इसका जितना महत्व है उससे भी ज्यादा सामान्य नागरिकों के लिए सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर स्कूल, अस्पताल जरूरी है। इस ढांचे के मजबूत होने से समाज ताकतवर बनता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इसी दिशा में काम कर रही है। इसी के तहत बठिंडा में लगभग एक हजार करोड़ रुपये की लागत से एम्स का निर्माण होने जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस एम्स में डॉक्टरी, पैरामेडिकल व नर्सिग की शिक्षा भी दी जाएगी। इससे पंजाब के युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। उन्होंने कहा कि जिस काम का शिलान्यास मोदी सरकार करती है उसका उद्घाटन भी यही सरकार करती है। पिछली सरकारें नींवपत्थर रखती थी अब की सरकार काम पूरा करती है। इस मौके पर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विजय सांपला मौजूद थे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने बठिंडा आने का वादा पूरा किया। पंजाब के विकास के लिए उनकी सरकार हरसंभव कोशिश करेगी और मदद देती रहेगी।
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25 November 2016नायडू बोले नोटबंदी का फैसला वापस नहीं लिया जाएगा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने दिल्ली में कहा कि किसी कदम को वापस लेना या फैसले को पलटना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खून में नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने का फैसला सरकार कभी वापस नहीं लेगी। नायडू ने कहा कि नोटबंदी का फैसला ‘किसी भी हालत में वापस नहीं लिया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि सरकार ‘सुधार के लिए तैयार है।’ उन्होंने विपक्षी पार्टियों से यह भी कहा कि यदि उनके पास कोई सुझाव है तो उसे जाहिर करें। दिल्ली देहात किसान मजदूर महापंचायत को यहां संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि वापस लेना मोदी जी के खून में नहीं है। नायडू ने ऐसे समय में यह टिप्पणी की है जब तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (सहित) कुछ विपक्षी पार्टियां नोटबंदी के फैसले का पुरजोर विरोध कर रही हैं और इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रही है। नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में चर्चा के लिए सरकार के तैयार होने का दावा करते हुए नायडू ने विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाया कि वह हंगामा खड़ा कर बहस से भाग रही हैं। लोकसभा और राज्यसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच जुबानी जंग जारी है, जिससे इस शीतकालीन सत्र में अब तक हर दिन दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ रही है। उरी आतंकवादी हमले के शहीदों की तुलना नोटबंदी के फैसले के बाद की मुश्किलों की चपेट में आकर दम तोड़ने वालों से करने के लिए विपक्षी नेताओं पर बरसते हुए नायडू ने कहा कि यह शर्मनाक है, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण। वे मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
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24 November 2016केन्द्र सरकार ने संसद में बताया कि करीब 200 आतंकी जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हैं जिनमें से 105 आतंकी इसी वर्ष पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ की है। राज्यसभा में एक लिखित जवाब में गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने बताया कि इस साल सितंबर तक 105 आतंकियों ने घुसपैठ की। उन्होंने कहा कि उपलब्ध सूचना के मुताबिक, करीब 200 आतंकी इस वक्त जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हैं। अहीर ने कहा कि सरकार वहां पर राज्य सरकार के साथ मिलकर सीमापार से घुसपैठ को रोकने के लिए बहुआयामी दृष्टकोण अपनाया है। जिसमें सीमा प्रबंधन (बॉर्डर मैनेजमेंट) को मजबूत करने, सीमा से लगते घुसपैठ के रूटों पर मल्टीलेयर्ड जवानों की तैनाती और सीमा पर बाड़ लगाने सहित उसकी सही तरीके से रख रखाव शामिल हैं। गृह राज्यमंत्री ने सदन में आगे बताया कि जो कदम उठाए गए उनमें बंकरों के निर्माण, नालों पर पुलों के बनाए जाने, तकनीक का उन्नतीकरण, सुरक्षाबलों के लिए साजो-सामान और हथियार, खुफिया और ऑपरेशन कोर्डिनेशन में बेहतर बनाए जाने के साथ ही सीमा पर बॉर्डर फ्लड लाइट लगाने और घुसपैठ को लेकर खुफिया सूचना को मजबूत करना है।
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24 November 2016पाकिस्तान सेना द्वारा माछिल में तीन शहीद भारतीय जवानों के शवों के साथ की गई बर्बरता से गुस्साई भारतीय सेना ने पाकिस्तान को इस कायराना हरकत का करारा जवाब दिया है। जवाबी कार्रवाई के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान की कई चौकियों को निशाना बनाते हुए भारी हथियारों से गोलाबारी की है। इस कार्रवाई में सीमा पर जबरदस्त नुकसान हुआ है। इसकी तस्दीक खुद पाकिस्तान के एक अंग्रेजी अखबार ने की है। पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' के अनुसार, भारत ने लवात एरिया में बुधवार को भारी फायरिंग की। मोर्टार भी दागे। इस दौरान एक बस भी इसकी चपेट में आ गई जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 11 अन्य घायल हो गए। इसके पहले पाकिस्तान ने बुधवार सुबह से पांच जगहों पर संघर्षविराम उल्लंंघन किया। हालांकि अभी तक इन फायरिंग में किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है। पाकिस्तानी वेबसाइट द डॉन के अनुसार, भारतीय सेना की इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए उत्तरी कमांड के ब्रिगेडियर एस गोत्रा ने बताया है कि पाक सैनिकों द्वारा एक भारतीय जवान का सिर काटेे जाने की कायराना हरकत के बाद भारत ने भी जबरदस्त कार्रवाई की है। यह कार्रवाई सीमा से सटे माछेल सेक्टर में की गई है। सेना के पीआरओ मनीष मेहता के मुताबिक पाकिस्तान ने एलओसी के पास भिंबेर गली, कृष्णा घाटी और नौशहरा सेक्टर में गोलाबारी की थी। इस दौरान तीन भारतीय जवान शहीद हो गए थे, जिसमें से एक जवान का पाक सैनिकों ने सिर भी काटकर उसके साथ बर्बरता की थी। दो माह में यह दूसरा मौका है जब पाक जवानों ने इस तरह की कायराना हरकत की है। इसके बाद से ही भारतीय सेना के जवानों में आक्रोश है। सरकार ने भी इसका बदला लेने की खुली छूट सेना को दी है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को लोगों से अपनी सेना पर भरोसा रखने की अपील की है।
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23 November 2016मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म-दिवस 25 दिसम्बर से प्रदेश में नगर उदय अभियान चलाया जायेगा। यह अभियान 5 फरवरी तक तीन चरण में चलेगा। इस दौरान नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता और हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ सुनिश्चित किया जायेगा। इस अभियान के संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा मंगलवार को बैठक ली गई। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अभियान की रूपरेखा पर चर्चा करते हुए कहा कि इसे आकर्षक और जनांदोलन का रूप दिया जाये। इस दौरान नगरों में उत्सव जैसा माहौल रहे। साथ ही अभियान में जनता को शामिल किया जाये। इसमें मोहल्ला और रहवासी समितियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाये। यह सुनिश्चित किया जाये कि कोई भी पात्र हितग्राही लाभ से वंचित नहीं रहे। अभियान के दौरान अधोसंरचना के कार्यों का लोकार्पण किया जाये। प्रत्येक नगर में बड़े कार्यक्रम आयोजित कर मंत्रीगण एवं क्षेत्रीय जन-प्रतिनिधि को आमंत्रित किया जाये। श्री चौहान ने कहा कि इस प्रदेशव्यापी अभियान के दौरान सहज और सरल ढंग से स्थानीय नागरिकों को जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जाये। स्वच्छता अभियान व्यापक रूप से चलाया जाये। उन्होंने शहरी क्षेत्र में स्थित शासकीय भवनों की साफ-सफाई और रंगाई-पुताई विशेष रूप से करने के निर्देश दिये। इस दौरान बेरोजगार युवाओं को चिन्हित कर उन्हें विभिन्न योजनाओं का लाभ और ऋण सुविधा भी उपलब्ध करवाने को कहा। इस महत्वाकांक्षी अभियान का प्रथम चरण 25 से 28 दिसम्बर तक, द्वितीय चरण 03 से 15 जनवरी तक तथा तीसरा चरण 20 जनवरी से 05 फरवरी तक चलेगा। जिलेवार अभियान के प्रभारी कलेक्टर होंगे। प्रत्येक वार्ड का दल गठित किया जायेगा। यह दल वार्ड में भ्रमण करेगा और सर्वे करेगा। दल द्वारा अधोसंरचना विकास एवं हितग्राहीमूलक योजनाओं की मैदानी वस्तु-स्थिति की जानकारी एकत्र की जायेगी। नागरिकों को योजनाओं की जानकारी दी जायेगी। अधोसंरचना विकास के कार्यों एवं विभिन्न हितग्राहीमूलक योजनाओं के हितग्राही चिन्हित किये जायेंगे। लोगों को मौसमी बीमारियों के प्रति जागरूक किया जायेगा। इस दौरान स्वच्छता अभियान भी चलेगा। साथ ही दल द्वारा अन्य विभागों के कार्यों का पर्यवेक्षण भी किया जायेगा। बैठक में नगरीय विकास मंत्री माया सिंह, मुख्य सचिव बी.पी. सिंह तथा नगरीय विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, लोक स्वास्थ्य, लोक निर्माण, महिला-बाल विकास, आदिम-जाति कल्याण, पर्यावरण, शिक्षा, सामान्य प्रशासन आदि विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। इस दौरान आयुक्त नगरीय विकास विवेक अग्रवाल द्वारा अभियान की रूपरेखा प्रस्तुत की गई।
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23 November 2016वॉशिंगटन में यूएस के प्रेसिडेंट-इलेक्ट डोनाल्ड ट्रम्प ने मीडिया को खुद बुलाया और इसके बाद उसे फटकार लगाई। ट्रम्प ने मीडिया को झूठा और बेईमान तक कह दिया। अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्शन के बाद बेहतर रिश्ते बनाने के बजाय ट्रम्प मीडिया से जंग के मूड में नजर आ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को प्राइवेट मीटिंग के दौरान ट्रम्प नाराज नहीं हुए। उन्होंने शांत और सलीके वाले अंदाज में अपनी बात कही। उन्होंने कहा- "टीवी चैनल्स अपने दर्शकों को फेयर और एक्युरेट कवरेज देने में नाकाम रहे हैं।" ट्रम्प ने ये भी कहा कि मीडिया उन्हें समझने में नाकाम रहा और अमेरिकी नागरिकों तक उनकी अपील पहुंचाने में भी उसे कामयाबी नहीं मिली। वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, पूरी मीटिंग के दौरान 70 साल के ट्रम्प ने कई बार मीडिया को अनफेयर और बेईमान कहा। इस मीटिंग में अमेरिका के तमाम न्यूज चैनल्स के मशहूर एंकर और मालिक मौजूद थे। इनमें एबीसी न्यूज के एंकर जॉर्ज स्टीफनपोल्सो, डेविड मुईर, सीएनएन के वोल्फ बिल्ट्जर और एरिन बर्नेट, सीएनएन के वर्ल्ड वाइड चेयरमैन जेफ टकर, एनबीसी न्यूज के प्रेसिडेंट डेब्रो टर्नर के अलावा मीडिया की और भी मशहूर हस्तियां थीं। बताया जाता है कि ट्रम्प जल्द ही ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ रिपोर्टर और एग्जीक्यूटिव्स से मुलाकात करेंगे।रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रम्प सीएनएन नेटवर्क से खासतौर पर नाराज थे। नेटवर्क चीफ जेफ जुकर से उन्होंने कहा- "मैं आपके नेटवर्क से नफरत करता हूं। वहां सभी झूठे हैं और आपको इस बात पर शर्म आनी चाहिए।" एक सोर्स ने कहा- "ये मीटिंग भयानक थी। अब इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ये सोच रहा है कि क्या उन्हें ट्रम्प एडमिनिस्ट्रेशन में खबरों के लिए एंट्री भी मिल पाएगी। कुल मिलाकर यहां कुछ भी ठीक नहीं हुआ और जो हुआ, वो ट्रम्प की स्टाइल में हुआ।" ट्रम्प ने कहा- "मुझे ऐसा लगता है कि हम एक एेसे कमरे में बैठे हैं, जहां सब झूठे और इरादतन बेईमान हैं।" हालांकि, ट्रम्प के कैंपेनिंग चेयरमैन कैलिनी कोनवे ने इस तरह की खबरों को गलत बताया है। कोनवे ने कहा- "मैं तो उनके बगल में बैठा था। उन्होंने कभी गुस्सा नहीं किया। यह ऑफ द रिकॉर्ड मीटिंग थी। हर कोई इसे अपने तरीके से बताने की कोशिश कर रहा है।"
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22 November 2016हफ्ते के पहले कारोबारी सत्र में शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। दिन खत्म होने तक सेंसेक्स 385 अंक गिरकर 25,765 पर तो निफ्टी 145 अंक गिरकर 7,929.10 पर बंद हुआ। पिछले 6 महीनें में यह शेयर बाजार का सबसे निचला स्तर है। बंद होने से कुछ देर पहले ही पहले तक यह 420 अंक गिर वुका था। दोपहर 3.19 बजे जहां सेंसेक्स 421 अंक गिरकर 25,728.68 पर कारोबार कर रहा था वहीं निफ्टी 143.65 अंक गिरकर 7,930.45 पर कारोबार करता दिखा। हालांकि बाद में इसमें हल्की सी रिकवरी नजर आई। अगर इंडेक्स की बात करें तो मेटल (0.47 फीसदी) को छोड़ सभी सूचकांक लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा गिरावट रियल्टी (1.02 फीसदी) में देखने को मिल रही है। बैंक (0.66 फीसदी), ऑटो (0.69 फीसदी), फाइनेंशियल सर्विस (0.55 फीसदी), एफएमसीजी (0.76 फीसदी), आईटी (0.08 फीसदी), फार्मा (0.19 फीसदी), पीएसयू बैंक (0.35 फीसदी) और प्राइवेट बैंक (0.67 फीसदी) की गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं, मिडकैप (0.13 फीसदी) और स्मॉलकैप (0.17 फीसदी) की गिरावट देखने को मिल रही है। 1.50 फीसदी से अधिक लुढ़का आईशर मोटर्स का शेयर दिग्गज शेयर्स की बात करें तो निफ्टी में शुमार शेयर्स में से 26 हरे निशान में और 25 गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा तेजी इंफ्राटेल (1.12 फीसदी), गेल (1.11 फीसदी), हिंडाल्को (0.88 फीसदी), ओएनजीसी (0.80 फीसदी) और एचसीएलटेक (0.72 फीसदी) के शेयर्स में देखने को मिल रही है। वहीं गिरावट आईशर मोटर्स (1.99 फीसदी), इंडसइंडबैंक (1.97 फीसदी), डॉ रेड्डी (0.97 फीसदी), मारुति (0.96 फीसदी) और टीसीएस (0.69 फीसदी) के शेयर्स में देखने को मिल रही है। हफ्ते के पहले कारोबारी सत्र में एक डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया 3 पैसे मजबूत होकर 68.10 प्रति डॉलर पर खुला। शुक्रवार को रुपया 18 पैसे कमजोर होकर 68 रुपए प्रति डॉलर के पार खुला था।
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21 November 2016चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का स्वागत कर अपने द्वारा करवाए जा रहे कार्यों और उपलब्धियों के बारे में बताया। इनमें स्मार्ट सिटी का दर्जा दिलवाना, मैडिकल सीटों को बढ़वाना, सरकारी नौकरियों में भर्ती की आयु सीमा बढ़वाना, ट्रिब्यून चौक पर फ्लाईओवर की मंजूरी, वरिष्ठ नागरिकों के लिए डाक्टर आपके द्वार आदि प्रमुख हैं। इस अवसर पर चंडीगढ़ की प्रभारी व राष्ट्रीय महामंत्री सरोज पांडेय ने कहा कि बूथ सम्मेलन की गंभीरता इससे लगाई जा सकती है कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं बूथ स्तर के सम्मेलन में सम्मिलित होने आए हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अपने विचारों को गढ़ते हैं और उनका क्रियान्वयन करते हैं। राष्ट्रीय संगठन महामंत्री राम लाल ने भी बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं की भूमिका व उनके उत्तरदायित्व के बारे में विस्तार से बताया तथा चुनाव जीतने के मंत्र समझाए। उन्होंने कहा कि बूथ जीता तो चुनाव जीता के अनुरूप हमें कार्य करना है और 18 दिसम्बर तक किसी प्रकार की इधर-उधर की बातों पर ध्यान न देकर केवल अपना बूथ कैसे जीता जा सकता है इस बात की चिंता करनी है। उन्होंने निगम चुनाव के लिए ग्रीन चंडीगढ़ क्लीन चंडीगढ़ का नारा दिया। इस बूथ स्तर के सम्मेलन में राष्ट्रीय संगठन सचिव रामलाल, राष्ट्रीय सचिव व इंचार्ज चंडीगढ़ सरोज पांडेय, सांसद किरण खेर, पार्टी की चंडीगढ़ शाखा के अध्यक्ष संजय टंडन व पूर्व सांसद सत्यपाल जैन आदि नेता उपस्थित थे। स्वागत भाषण में चंडीगढ़ भाजपा प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन ने कहा कि चंडीगढ़ शहर का नाम चंडीमंदिर के नाम से पड़ा है और इसके साथ ही यहां निकट ही माता मनसा देवी का मंदिर है जिस कारण चंडीगढ़ को देवभूमि के रूप में माना जा सकता है लेकिन दुर्भाग्यवश यहां के पूर्व जन प्रतिनिधि ने चंडीगढ़ को कलंकित किया है उनके समय में रेल घोटाला, बूथ घोटाला व भ्रष्टाचार चरम सीमा पर था जिसके ठीक विपरीत जब से देश को भाजपा का नेतृत्व मिला है विशेष तौर से नगर निगम में जहां पर पिछले 14 वर्षों से कांग्रेस का कब्जा था वहां अब मात्र 10 माह में भाजपा के मेयर ने जन कल्याण हेतु कई कार्य करवाए। पाइप द्वारा घर-घर तक गैस पहुंचाने का काम, यू.टी. एम्प्लाइज हाऊसिंग स्कीम को सिरे लगाना, सी.एन.जी. की मंजूरी, पानी के लिए 14 वर्षों से लटका प्रोजैक्ट शुरू करवाना जिससे शहर को 29 एम.जी.डी. पानी मिलेगा, पॉलिथीन वस्ते से तेल बनाना, लीज तो लीज ट्रांसफर आदि बहुत सारे कार्य करवाए गए हैं। सम्मेलन में राष्ट्रीय संगठन सचिव रामलाल, राष्ट्रीय सचिव व इंचार्ज चंडीगढ़ सरोज पांडेय, सांसद किरण खेर, पार्टी की चंडीगढ़ शाखा के अध्यक्ष संजय टंडन व पूर्व सांसद सत्यपाल जैन आदि नेता उपस्थित थे। सम्मलेन में भाजपा के वरिष्ठ नेता हरमोहन धवन नहीं पहुंचे। चर्चा रही कि पार्टी की गुटबाजी के कारण धवन सम्मेलन में नही पहुंचे लेकिन जब धवन से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनकी तबियत खराब होने के कारण वे सम्मलेन में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने बताया कि शाम को चुनाव समिति की हुई बैठक में वे शामिल हुए थे। उधर निगम चुनाव की टिकट के दावेदार जरूर अपने-अपने समर्थकों सहित सम्मलेन में पहुंचे और जताने की कोशिश की कि वे अधिक से अधिक कार्यकर्ताओं को सम्मेलन में लेकर आए हैं।
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21 November 2016कानपुर के पास स्थित पुखराया में इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतरने के बाद अब तक इस हादसे में मरने वालों की संख्या 100 तक पहुंच गई है वहीं 150 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद रेलमंत्री दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे वहीं केंद्र के अलावा केंद्र और राज्य सरकारों ने भी मुआवजे का ऐलान किया है। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है और हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा दुर्घटनास्थल का जायजा लेने पुखराया पहुंच चुके हैं। मुआवजे का ऐलान करते हुए मंत्रालय ने कहा है कि हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 3.5 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुपए और आंशिक रूप से घायल लोगों को 25 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। वहीं यूपी सरकार ने भी मुआवजे का ऐलान करते हुए कहा है कि हादसे में मरने वालों के परिवार को 5 लाख रुपए, गंभीर घायलों को 50 हजार और आंशिक घायलों को 25 हजार रुपए दिए जाएंगे। मध्य प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो लाख रुपए और गंभीर रूप से घायल लोगों को 50 हजार रुपए देने का ऐलान किया है। कानपुर रेंज के आईजी जकी एहमद ने एक बयान में कहा है कि राहत-बचाव कार्य जारी है और अब तक 96 शव निकाले जा चुके हैं। इस हादसे में GS, A1, B1, B2, B3, BE, S1, S2, S3, S4, S5, S6 कोच को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।सबसे ज्यादा नुकसान ट्रेन की एस-1 और एस-2 बोगियों को पहुंचा है। हादसा रविवार सुबह 3.10 बजे हुआ। जानकारी के एक्सप्रेस ट्रेन कानपुर झांसी रेल खंड के पुखरायां रेलवे स्टेशन के आगे दलेल नगर रेलवे क्रासिंग पर पटरी से उतर गई। हादसे में अब तक 96 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। पुलिस के अनुसार दुर्घटना के कारणों का फिलहाल खुलासा नहीं हो पाया है लेकिन घायलों को निकालकर अस्पताल भेजने का काम जारी है। राहत और बचाव कार्य जारी है और डिब्बों को काटकर घायलों को निकाला जा रहा है। बताया जा रहा है कि ट्रेन में ज्यादातर एसी और स्लीपर क्लास के डिब्बे क्षतिग्रस्त हुए हैं। हादसे के बाद एक चश्मदीद के अनुसार हादसे के वक्त सभी सो रहे थे। ट्रेन पहले तो रूकी और फिर अचानक तेज रफ्तार से चलने लगी। कुछ ही देर में ऐसा लगा भूकंप आया और फिर चीख-पुकार मच गई। हमारे ही डिब्बे में 20-25 लोग मारे गए हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राहत और बचाव कार्य में मदद के लिए एनडीआरएफ की टीम भेजने के आदेश दिए हैं जो वहां पहुंच चुकी है। इसके अलावा स्थिति पर नजर रखने के लिए रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा भी मौके के लिए रवाना हो चुके हैं। वहीं रेल मंत्री सुरेश प्रभु भी दुर्घटनास्थल का दौरा करेंगे। इंदौर से पटना जा रही इंदौर-राजेंद्रनगर एक्सप्रेस पटरी से उतरकर दुर्घटना की शिकार हो गई। हादसे में अब तक 100 लोगों के मारे जाने की खबर है वहीं 150 से ज्यादा घायल हैं। सरकार ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। कानपुर से पोखरिया में रविवार सुबह 3.10 बजे इंदौर-पटना एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर गए। हादसे के बाद लोगों की मदद के लिए रेलवे ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। यह हेल्पलाइन नंबर हैं। इंदौर- 07411072 उज्जैन-07342560906 रतलाम- 074121072 औराई- 051621072 झांसी- 05101072 पुखराया- 05113270239 दुर्घटना के बाद केंद्र के अलावा यूपी, एमपी की सरकारों ने मुआवजे का ऐलान किया है। इसके चलते हादसे में मरने वालों के परिजनों को कुल 12.5 लाख रुपए का मुआवजा मिलेगा वहीं गंभीर घायलों को दो लाख रुपए और आंशिक रूप से घयलों को 50 हजार रुपए का मुआवजा मिलेगा। दुर्घटना के बाद गृह मंत्रालय के अलावा रेल मंत्रालय और यूपी सरकार ने भी जांच के आदेश दे दिए हैं।
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20 November 2016इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फांउडेशन पर मुंबई पुलिस और एनआईए की टीम ने शनिवार को कम से कम 10 जगहों पर छापेमारी की है। इसके साथ ही NIA की टीम ने जाकिर नाइक और अन्य के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इससे पहले मुंबई पुलिस ने जाकिर नाइक की संस्था के सामने एक नोटिस चिपकाया था। दरअसल, जाकिर नाइक पर गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। सरकार ने जाकिर नाइक के NGO पर विदेश से चंदा लेने पर रोक लगाई थी। जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन उस वक्त घेरे में आ गई थी जब बांग्लादेश में हुए आतंकी हमले के दौरान आतंकी ने जाकिर नाइक के भाषणों का हवाला दिया था। गृह मंत्रालय ने आतंक रोधी कानून के तहत जाकिर नाइक की संस्था पर प्रतिबंध लगा दिया है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो जाकिर नाइक के एनजीओ को प्रतिबंधित करने से पहले तमाम गैरकानूनी गतिविधियों की जांच की गई है, जिसके बाद संस्था के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों से रोकधाम अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है। जांच में यह भी बात सामने आई है कि जाकिर नाइक की संस्था पीस टीवी से संबंध रखती है। जाकिर नाइक ने विदेशी खाते से पीस टीवी को पैसा भी भेजा है। आपको बता दें कि पीस टीवी पर आतंकवाद का प्रचार-प्रसार करने का आरोप है। गृह मंत्रालय ने जाकिर नाइक के एनजीओ इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए FCRA लाइसेंस रद्द करने से पहले फाइनल नोटिस दे दिया था। सूत्रों के मुताबिक एनजीओ के पिछले जवाब से गृह मंत्रालय संतुष्ट नहीं दिखा। जाकिर नाइक के एनजीओ की फंडिग पहले ही रोक दी गई थी। जाकिर नाइक इस वक्त मलेशिया में रह रहे हैं।
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19 November 2016देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले के बाद से शादी वाले घरों में नकदी की भारी किल्लत है। इसे देखते हुए सरकार ने उन्हें बड़ी राहत देते हुए शादी के खर्चे के लिए एक बार में 2.5 लाख रुपये तक निकालने की छूट दे दी। सरकार के इस फैसले पर योगगुरु रामदेव ने गुरुवार को कुछ ऐसे तर्क दिए कि सभी की हंसी छूट गई। रामदेव ने थोड़े मजाकिया लहजे में कहा, 'बीजेपी में काफी लोग कुंवारे हैं... इन लोगों ने जरा पता ही नहीं लगाया कि यह शादियों का मौसम है... तो यह गलती हो गई। ' सत्ताधारी बीजेपी के करीबी माने जाने वाले योगगुरु ने कहा, 'अगर उन्होंने (सरकार ने) 15 दिन बाद या महीने भर बाद यह फैसला लिया होता, तो शादियों में इतनी दिक्कत नहीं होती। ' 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए प्रचार कर चुके रामदेव ने साथ ही कहा, 'खैर थोड़ी तकलीफ तो हुई, लेकिन इससे एक फायदा तो हुआ ही है, कि लोगों को अब दहेज देना नहीं पड़ रहा है, एक बहाना तो मिल गया है। '
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18 November 201629 नवंबर को पाकिस्तान के मौजूदा सेनाध्यक्ष जनरल राहील शरीफ रिटायर होने वाले हैं।उनके बाद 550,000 की संख्या वाली आर्मी के इस पद पर कौन नियुक्त किया जाएगा, इस पर भारत सहित दुनिया के कई देशों की नज़र है। पाकिस्तान में नया सेनाध्यक्ष नियुक्त करने समय भारत, चीन और अमेरिका में ध्यान में जरूर रखा जाता है।भारत इसलिए, क्योंकि नया सेना प्रमुख कश्मीर मामले पर क्या विचार रखता है, इसका असर पाकिस्तान की आतंरिक राजनीति तथा विदेश नीति पर पड़ता है। वहीं चीन से समन्वय बनाए रखने के लिए, सैन्य सहयोग तथा मदद बढ़ाने का काम भी कुछ हद तक सेना प्रमुख के कंधों पर रहता है। वहीं, अमेरिका से रक्षा तथा आतंकवाद से लड़ने के नाम पर मिलने वाली आर्थिक सहायता में भी सेना प्रमुख का किरदार बेहद अहम है। जनरल राहील शरीफ, नवाज शरीफ द्वारा नियुक्त किए गए पांचवे सेना प्रमुख हैं। इस बार शरीफ छठवीं बार सेनाध्यक्ष की नियुक्ति करेंगे। इससे पहले वो 1991 में जनरल असिफ नवाज जंजुआ, 1993 में जनरल वहीद काकर, 1998 में जरनल परवेज मुशर्रफ, 1999 में जियाउद्दीन बट और 2013 में जनरल राहील शरीफ की नियुक्ति कर चुके हैं। नवाज शरीफ के नजदीकी सहयोगियों और वरिष्ठ सेनाधिकारियों का मानना है कि सेनाध्यक्ष पद के लिए मुख्य रूप से चार दावेदार मैदान में हैं। इनमें लेफ्टिनेंट जनरल जावेद इकबाल रामदे को वजीर-ए-आजम की पसंद माना जा रहा है।इन्होंने स्वात घाटी से पाकिस्तानी तालिबानी आतंकियों को भगाने की कार्रवाई का नेतृत्व किया था।अन्य दावेदारों में जनरल स्टाफ के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जुबैर हयात, मुल्तान में कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल इश्फाक नदीम अहमद और सेना के प्रशिक्षण एवं मूल्यांकन इकाई के मुखिया लेफ्टिनेंट जनरल कमर जावेद बाजवा शामिल हैं। यदि नवाज शरीफ अपनी मर्जी से नया सेनाध्यक्ष नियुक्त करने में कामयाब हो जाते हैं, तो वह अपने उस प्रभाव को वापस पाने में सफल हो सकते हैं, जो उन्हें 2013 में सत्ता में आने के बाद छोड़ना पड़ा था। जनरल राहील शरीफ के कार्यकाल में उनका प्रभाव लगातार कमजोर हुआ है, जिसे पाने के लिए वे कोशिश कर सकते हैं। लेकिन क्या जनरल शरीफ प्रधानमंत्री शरीफ को इस रास्ते आसानी से गुजर जाने देंगे। वरिष्ठता के मुताबिक पहला नाम लेफ्टिनेंट जनरल ज़ुबैर महमूद हयात का है जो फिलहाल सैन्य मुख्यालय में चीफ ऑफ जनरल स्टाफ पद पर हैं। इसके बाद दूसरा नाम लेफ्टिनेंट जनरल अशफाक नदीम अहमद का है जो मुल्तान के कोर कमांडर हैं और इससे पहले चीफ ऑफ जनरल स्टाफ रह चुके हैं। उन्होंने स्वात और उत्तरी वज़ीरिस्तान में चरमपंथियों के ख़िलाफ़ सैन्य कार्रवाई की है।यह भी जरूरी नहीं पाकिस्तानी सेना का नया प्रमुख उन्हीं में से कोई हो। नए सेना प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया भी बहुत स्पष्ट नहीं है। इसके बाद सैन्य और नागरिक खुफिया एजेंसियों से इन नामों की साख के बारे में रिपोर्ट तलब की जाती है। यह प्रधानमंत्री पर निर्भर करता है कि वह रिटायर होने वाले सेना प्रमुख से उनके उत्तराधिकारी के बारे में राय मांगें। ऐसी है सीनियरिटी लिस्ट चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल जुबेर हयात लेफ्टिनेंट जनरल सैयद वाजिद हुसैन लेफ्टिनेंट जनरल नजीबुल्ला खान कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल इश्फाक नदीम अहमद कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जावेद इकबाल रामदे कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जावेद बाजवा जनरल राहील शरीफ ने कहा है कि अपने कार्यकाल की समाप्ति पर वे सेवानिवृत्त हो जाएंगे। लेकिन, पाकिस्तानी मीडिया और कुछ सरकारी अधिकारियों का कहना है कि सेनाध्यक्ष निर्धारित सेवाकाल के बाद भी अपनी कुछ या पूरी ताकत बरकरार रखने की कोशिश कर सकते हैं।पड़ोसी पाकिस्तान में जो कुछ भी होगा, उसका थोड़ा-बहुत तो भारत पर असर पड़ेगा ही। भारत कभी नहीं चाहता कि पाकिस्तान के साथ जंग हो। भारत का केवल इतना ही कहना है कि पाकिस्तान आतंकवाद पर रोक लगाए।
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17 November 2016नोटबंदी पर देश मोदी के साथ अमिताभ उपाध्याय केन्द्रीय पंचायती राज, पेयजल-स्वच्छता, भू-संसाधन एवं ग्रामीण विकास मंत्री और पंजाब विधान सभा चुनाव प्रभारी नरेन्द सिंह तोमर ने जालंधर में भाजपा पदाधिकारियों के साथ बैठक कर विधान सभा चुनावों की तैयारियों पर चर्चा की तथा तदुपरांत आगामी रविवार, 20 नवंबर को जालंधर में होने वाले बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन के स्थल "गुरु गोविंद सिंह एवेन्यु मैदान" का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तृत चर्चा की। श्री तोमर ने पत्रकारों को बताया कि प्रस्तावित बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन में 1 लाख कार्यकर्ता शामिल होंगे तथा मुख्य अतिथि के रुप में राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इस सम्मेलन में कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करेंगे। एक प्रश्न के उत्तर में श्री तोमर ने कहा कि 5 सौ, हजार नोटबंदी से काले धनवाले, जाली धनवाले, ड्रग माफियाओं और आतंकवाद के पोषक पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है। उन्होनें कहा कि मेरे गृह राज्य मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित लोकमंथन कार्यक्रम में पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय लेखक तारिक फतेह ने कहा है कि आतंकवाद के लिए पाकिस्तान की 2 प्रिंटिंग प्रेस जाली इंडियन करेंसी छापती हैं,इनमें से एक पेशावर तथा दूसरी कराची में हैं, बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते भारत आतीं हैं तथा आतंकवाद को पोषित करने में इनका उपयोग होता है,नोटबंदी से आतंकवाद को बड़ा नुकसान हुआ है। श्री तोमर ने कहा कि श्री तारिक फतेह के खुलासे से सब कुछ स्पष्ट हो गया है। तोमर ने कहा कि "किसी भी बुराई से लड़ने के लिए संघर्ष करने में तकलीफ होना स्वभाविक ही है,लेकिन मुझे खुशी है कि परिवर्तन के इस दौर में कठिनाई सहकर भी देश मोदी जी के साथ है श्री तोमर ने पेंशन भोगियों को Life Certificate अपनी बैंक में प्रस्तुत करने की समय सीमा नवंबर से बढ़ाकर 15 जनवरी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली का आभार व्यक्त किया है।
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15 November 2016यूपी में चुनाव की तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री ने गाजीपुर में रैली को संबोधित किया। मोदी ने यहां नई रेल लाइन के अलावा ट्रेन की सौगात भी दी। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में बसपा प्रमुख पर तीखा हमला बोला। नोट बंदी पर मायावती के विरोध का जवाब देते हुए कहा कि कुछ थे जो नोटों की माला पहनते थे। नोट की मालाएं इतनी बड़ी होती थीं कि उनका चेहरा तक नहीं नजर आता था। इससे पहले पीएम ने कहा कि आपने मुझे भ्रष्टाचार मिटाने के लिए पीएम बनाया है मैं वही काम कर रहा हूं। जो इमानदार है वो चैन की नींद सो रहे हैं और कालेधन वाले नींद की गोलियां ढूंढ रहे हैं। कोई भी अच्छा काम करो तो तकलीफ तो होती है लेकिन इरादा नेक होना चाहिए। मेरा नोट बंद करने का फैसला कड़क चाय जैसा है, गरीबों को कड़क चाय भाती है अमीरों को नहीं। कड़क चाय से अमीरों का मुंह खराब होता है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मैंने नोट बंद किए तो सवाल पूछ रहे हैं, जब कांग्रेस ने चवन्नी बंद की थी तो मैंने पूछा था क्या। जिसकी जैसा स्तर वैसा नोट बंद किया। मोदी ने कहा कि जिन लोगों के पास कालाधन है उनका यह पैसा कागज हो जाएगा। वीर अब्दुल हमीद को प्रणाम करते हुये कहा कि मैं दूसरी बार गाजीपुर आया हूं। 2014 की 9 मई को मैं गाजीपुर आया था। अगर उतर प्रदेश 2014 में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाने में मदद न करता तो, न भ्रष्टाचारियों को तकलीफ होती न कालेधन वालों को चिंता होती। इसके पहले प्रधानमंत्री ने गाजीपुर पहुंचकर आयोजित समारोह में मऊ-ताड़ीघाट नई लाईन के मध्य गंगा नदी पर रेल सह सड़क पुल और गाजीपुर सिटी-बलिया रेलखंड के दोहरीकरण का शिलान्यास के साथ गाजीपुर सिटी-कोलकाता साप्ताहिक सुपरफास्ट 'शब्द भेदी ' एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया । सभा को संबोधित करते हुये रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि काले धन के कारण आजादी के बाद भी पुराना भारत नये भारत में बदल रहा है। यूपी में जितना तीन साल में रेलवे में निवेश हुआ उतना तीस साल में भी नहीं हुआ था। देश के लिए पुल इसलिए बनाए जाते हैं ताकि यातायात में सहूलियत हो। लोगों को लोगों से जोडने के लिए पुल काफी जरूरी है। रेलवे ने बीते कई सालो में जितना यूपी में निवेश नहीं किया उतना यूपी में बीते तीन सालों में निवेश किया गया है। प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि सपा यहां केवल गुण्डा गर्दी कर रही है। मायावती पर भी तंज कसा कहा पीएम के फैसले से मोटा हाथी भैंस से भी पतला हो गया। कहा आप सभी जानते हैं भ्रष्टाचार ने देश में विकास को रोक रखा था। हम सब उत्तर प्रदेश की जनता हैं, सपा और बसपा के गुंडों की वजह से हम बहुत कुछ झेल चुके हैं। बहन जी कहती हैं कि नोट को रोने से भूकंप है, यह भूकंप आया तो है मगर हाथी इसके बाद भैंस से भी छोटा हो गया है। गाजीपुर पहुंचने के पहले बनारस के बाबतपुर हवाईअड्डे पहुचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हवाईअड्डे के एप्रन पर भारतीय जनता पार्टी के स्थानीय नेताओं से मुलाकात के दौरान कहा कि बनारस में लाइन लगकर नोट बदलने और जमा करने वालों को किसी प्रकार की समस्या न हो। यदि किसी को कोई समस्या होती है तो आप अपने स्तर से उसको तत्काल दूर करने का प्रयास करें। एप्रन पर पीएम से मुलाकात करने वालों में प्रदीप अग्रहरि, जिलाध्यक्ष हंसराज विश्वकर्मा, नागेंद्र रघुवंसी, जयनाथ मिश्रा, विद्याशंकर राय, धर्मेंद्र सिंह सहित बीजेपी के कुल नौ स्थानीय नेता शामिल रहे। चार दिशाओं से निकली 17 हजार किलोमीटर लंबी भाजपा की परिवर्तन यात्र में यह उनका पहला पड़ाव है। कभी बाढ़, कभी सूखा और कभी अतिवृष्टि से दो चार होने वाले इस अंचल को मोदी से बहुत उम्मीदें हैं। इस पड़ाव में विकास से जुड़ी जिन योजनाओं की वह आधारशिला रखेंगे, वह पूर्वी उत्तर प्रदेश की हसरतों का मुकाम बनेंगी।
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14 November 2016देश के विशेषज्ञों ने मंथन कर की वन्य-प्राणी व्यापार-अपराध रोकने महत्वपूर्ण अनुशंसाएँ बदलते परिदृश्य के साथ आज वन्य-प्राणी अपराध भी विभिन्न देश में हाईटेक हो चला है। हमारे देश की सुरक्षा एजेंसियों को हर तरह से वन्य-प्राणी अपराध का मुँहतोड़ जवाब देते हुए उन्हें नियंत्रित करने में सक्षम बनाने के लिये जबलपुर में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय श्री राजेन्द्र मेनन की अध्यक्षता में देश के वन्य-प्राणी अधिनियम (1972) को सशक्त बनाने पर कार्यशाला हुई। मध्यप्रदेश वन विभाग की इस कार्यशाला का उद्देश्य वन, पुलिस, राजस्व, विधि, न्यायपालिका तथा वन्य-प्राणियों से संबंधित गैर-सरकारी संस्थानों के मध्य आपसी समन्वय बनाकर वन्य-प्राणी अपराधों से निपटने की रणनीति तैयार करना है। वन्य-प्राणी अपराध की गिनती आज विश्व के पहले तीन संगठित अपराध में होने लगी है, जो चिन्तनीय है। वन्य-प्राणी से जुड़े अपराधों से निपटने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श और बेहतर समन्वय के लिये स्टेक होल्डर्स के संवेदीकरण पर केन्द्रित सेमीनार को संबोधित करते हुए जस्टिस राजेन्द्र मेनन ने कहा कि वन्य-प्राणी संरक्षण के लिये किये जाने वाले प्रयासों में न्यायपालिका की ओर से सभी जरूरी सहयोग दिया जायेगा। उच्च न्यायालय के जस्टिस श्री रविशंकर झा ने वन्य-प्राणी संरक्षण के लिये अंतर्विभागीय समन्वय पर जोर देते हुए कहा कि शीघ्र प्रभावी कदम नहीं उठाये गये तो वन एवं वन्य-प्राणियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा। महाधिवक्ता श्री पुरुषेन्द्र कौरव ने कहा कि वन और वन्य-प्राणी संरक्षण प्रत्येक नागरिक का दायित्व है। सेमीनार में उच्च न्यायालय के न्यायमूर्तिगण, अपर मुख्य सचिव वन श्री दीपक खाण्डेकर, जबलपुर संभागायुक्त श्री गुलशन बामरा, कलेक्टर श्री महेशचन्द्र चौधरी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) श्री जितेन्द्र अग्रवाल, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो नई दिल्ली की प्रमुख श्रीमती तिलोत्तमा वर्मा, ट्रेफिक इण्डिया के प्रमुख डॉ. नीरज शेखर, प्रमुख सचिव विधि श्री ए.एम. सक्सेना, रजिस्ट्रार जनरल श्री मनोहर ममतानी, अतिरिक्त महाधिवक्ता श्री के.एस. वाधवा, आई.जी. श्री श्रीनिवास राव, अतिरिक्त मुख्य प्रधान वन संरक्षक श्री आर.पी. सिंह, जिम कार्बेट नेशनल पार्क के संचालक श्री सुरेन्द्र मेहरा, संचालक राज्य वन अनुसंधान संस्थान डॉ. जी. कृष्णमूर्ति भी मौजूद थे। कार्यशाला की अनुशंसाएँ-म.प्र. का एसटीएफ बनेगा मॉडल वन्य-प्राणी अपराधों की जाँच के लिये मध्यप्रदेश की तरह एसटीएफ (Special Task Force) का गठन हो और अन्य विभागों के सहयोग से इसे और सशक्त बनाया जाये। वन्य-प्राणी अपराध से संबंधित डेटाबेस बनाने के लिये मध्यप्रदेश वन विभाग का स्पेशल टॉस्क फोर्स, एसटीएफ गृह मंत्रालय, वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल बोर्ड संयुक्त रूप से समन्वय बनाकर कार्य करें। वाइल्ड लाइफ कंट्रोल बोर्ड डाटाबेस शेयरिंग प्रोटोकॉल तैयार करे। डब्ल्यूसीसीबी नोडल एजेंसी की तरह कार्य करते हुए सभी एन्फोर्स एजेंसी को पुनर्गठित करे। प्रत्येक 5 वर्ष के अंतराल पर केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय वन्य-प्राणी संबंधी अपराधों के अधिनियमों की समीक्षा करते हुए समय-स्थिति अनुसार आवश्यक संशोधन किये जायें। वन्य-प्राणी अपराधों के त्वरित निपटारे के लिये जबलपुर, भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद, सतना एवं सागर जिला-स्तर पर नोडल कोर्ट की स्थापना से संबंधित प्रस्ताव रजिस्ट्रार जनरल मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये जायें। वन्य-प्राणी अपराध मामले तथा वनापराधों से संबंधित विभिन्न विभाग में क्रियाशीलता बनाये रखने के लिये हर साल कार्यशाला की जाये। वन्य-प्राणी संरक्षण अधिनियम (1972) के प्रावधानित 3 वर्ष के कारावास को 7 वर्ष तथा शेड्यूल-1 एवं शेड्यूल-2 वन्य-प्राणी प्रकरण में 10 हजार रुपये का अर्थदण्ड दिया जाये। कोर-एरिया में वन्य-प्राणी अपराध के मामले में 50 हजार रुपये के अर्थदण्ड का प्रावधान हो। वन्य-प्राणी अपराध खोज तथा उनके प्रलेखन के लिये वन विभाग के क्षेत्रीय कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर उनकी क्षमता का विकास हो। महाराष्ट्र वन विभाग के मॉडल के अनुसार प्रदेश के प्रत्येक टाइगर रिजर्व एवं क्षेत्रीय वन मण्डलों में भी एक-एक विधि अधिकारी की नियुक्ति। वन्य-प्राणी अपराधों के मामले में फोरेंसिक साइंस का उपयोग नियमित रूप से किया जाये।
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13 November 2016रालेगण सिद्दी में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाने वाले अण्णा हजारे ने 500 रुपए और एक हजार रुपये के नोट को अमान्य किए जाने के निर्णय को ‘साहसिक और क्रांतिकारी‘ कदम बताते हुए केंद्र सरकार की प्रशंसा की और कहा कि इससे काले धन पर रोक लगेगी। हजारे ने कहा कि क्रांतिकारी कदम से काला धन, भ्रष्टाचार और आतंकवाद पर लगाम कसेगा। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने काला धन पर रोक लगाने की कभी भी इच्छाशक्ति नहीं दिखाई। वर्तमान मोदी सरकार ने साहसिक कदम उठाया है और इससे लोकतंत्र मजबूत होगा। राजनीतिक दलों की फडिंग में ‘भेदभाव’ की तरफ इशारा करते हुए वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि सरकार के लिए अगला कदम चुनावी प्रक्रिया को ‘साफ सुथरा’ करना होना चाहिए। कुछ राज्यों में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने कहा कि सरकार को अब चुनावी प्रक्रिया और राजनीति से काला धन खत्म करने की चुनौती को स्वीकार करना चाहिए। साथ ही चुनाव सुधार भी लाना चाहिए। हजारे ने आरोप लगाया कि लगभग सभी राजनीतिक दल चुनावों के लिए बड़ी मात्रा में नकद धन चंदे के रूप में प्राप्त करते हैं, लेकिन आयकर अधिकारियों और आरटीआई की नजर से बचने के लिए 20 हजार से कम रुपए का रसीद देते हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए समय आ गया है कि सरकार चुनावी प्रक्रिया में पारदॢशता सुनिश्चित करे ताकि इसे और विश्वसनीय बनाया जा सके। बहरहाल उन्होंने चेतावनी दी कि नए नोट शुरू करने से पहले पर्याप्त सुरक्षा अपनाए जाने की जरूरत है।
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12 November 2016देश का पहला बैंकिंग रोबोट ने है ये तमिलनाडु में देश के पहले बैंकिंग रोबोट लक्ष्मी ने काम करना शुरु कर दिया है। इससे तमिलनाडु के कुंबाकोनम स्थित सिटी यूनियन बैंक ने लॉन्च किया है। देश में यह इस तरह का पहला रोबोट है अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा तो बैंक इस तरह के और भी रोबोट लेकर आएगी। यह इंटेरैक्टिव होने के साथ-साथ तेजी से काम करने में भी सक्षम है। निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक एचडीएफसी भी ग्राहकों के सवाल-जवाब के लिए रोबोट बनाने की दिशा में काम रहा है। माना जा रहा है कि लक्ष्मी को बनाने में करीब 6 महीने का समय लगा है। यह रोबाट 125 विषयों में जवाब देने में सक्षम है। लक्ष्मी रोबोट एकाउंट में बाकाया राशि से लेकर होम लोन पर ब्याज की दरों से जुड़े विषयों में मददगार साबित होगा। सिटी यूनियन बैंक के एमडी व सीईओ एन कमाकोडी ने कहा, 'सामान्य तौर पर पूछे जाने वाले सवालों से इतर हमने कोशिश की है कि रोबोट को ऐसा बनाया जाए ताकि वह कोर बैंकिंग से जुड़ी समस्याओं का समाधान कर पाए। जैसे एकाउंट में जमा पैसे या ट्रांजेक्शन हिस्ट्री से जुड़ा सवाल कोई पूछता है तो उसकी स्क्रीन पर सारी जानकारी फ्लैश हो जाएगी।' उन्होंने यह भी बताया कि लक्ष्मी फिलहाल अंग्रेजी भाषा में ही जवाब देगी। ग्राहकों की सुविधा के लिए बोलचाल की सहज भाषा का इस्तेमाल किया गया है। यह रोबोट है इसलिए लगातार ग्राहकों से सीख रहा है। बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ एन कमाकोडी के अनुसार यह एक पायलट प्रोजेक्ट है। शुरुआत में यह लोगों को बैंकिंग से जुड़े सवालों के जवाब देगा लेकिन बाद में इसे ट्रांजेक्शन से जुड़े बैंकिंग सिस्टम से इनेबल किया जाएगा। फिलहाल यह सवालों के जवाब देने के अलावा ग्राहकों की बैंक डिटेल्स और उनके ट्रांजेक्शन की डिटेल्स भी बताएगा। 8 लाख की लागत से बना रोबोट लक्ष्मी 3-4 लोगों का काम कर सकता है जिसे बैंक की ऑटोमेशन प्रोसेस से भी इंटिग्रेट किया जाएगा। इस रोबोट को बनाने में 6 महीने का वक्त लगा है और यह 125 से ज्यादा विषयों पर जवाब दे सकता है।
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11 November 2016प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कालेधन की सर्जिकल स्ट्राइक का चक्रव्यू छह महीने पहले अपने दो खास विश्वसनीय अफसरों के साथ मिलकर रचा था. मोदी के इस चक्रव्यू का द्वार तोड़ना आसान ही नहीं बल्कि नाममकिन होगा. इसी के चलते तो मोदी ने अपने पीएमओ कार्यालय ही नहीं अपनी सरकार के मंत्रियों को भी इस खबर से बेखबर रखा। क्यों रखा मोदी ने अपना सीक्रेट प्लान ? दरअसल पीएम मोदी उन अरबपतियों को टारगेट कर रहे थे, जिनकी सांठगांठ मंत्रालय के मंत्रियों से रहती है. और तो और इसीलिए पीएम ने मोदी ने अपनी सरकार बनते ही तमिलनाडु के साफ सुथरी छवि वाले1980 बैच के तेज तर्रार आईएएस अफसर शक्तिकांत दास को कृषि मंत्रालय के फर्टिलाइजर विभाग में तैनात किया. फिलहाल पीएम मोदी की कसौटी पर ये आईएएस अफसर खरा उतरा. जिसके चलते पीएम मोदी उनके काम से प्रभावित हुए और उनकी तैनाती वित्त मंत्रालय में राजस्व का कार्य सौप दिया. बस इसके बाद तो इस अफसर के कामों ने तो मोदी का दिल ऐसा जीता की वह उनके दिल में बस गए. छह महीने पहले ही बन गयी थी योजना इसके चलते पीएम मोदी ने उनकी तैनाती पिछले साल 29 सितंबर 2015 को आर्थिक सचिव पद पर तैनात किया. इसके साथ वह रिजर्व बैंक का भी कामकाज देख रहे थे. बताया जाता है कि पिछले छह महीने से मोदी इस चक्रव्यू को रचने की तैयारी में थे. जिसके चलते ही पीएम ने जनधन योजना के तहत पहले हर आदमी को बैंक के खाते से जोड़ा, जिससे देश का सारा काम डेविड कार्ड से हो और कालेधन की समान्तर व्यवस्था की जा सके. नतीजतन वित्त मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ सौरभ गर्ग की सिक्योरटी में करोड़ों रुपये के 500 और 1000 रुपये के नोट की भरपाई के लिए 500 और 2000 रुपये की नई नोट पहले से छाप कर इस स्ट्राइक से पहले रख ली जाएं. मगर इस बात की भनक किसी को न लगे. इसके लिए गोपनीय तरीके से इन नोटों को छापने का काम किया जाये. काम तो कठिन था, लेकिन बड़े भरोसे का था. यहां तक कि इस बात की भनक रिजर्व बैंक के बड़े अफसरों तक को नहीं थी. यही नहीं किसी भी बैंक को भी इस बात की भनक नहीं लगी. विदित हो कि काले धन की वापसी के लिए इनकम डिक्लेरेशन स्कीम (आईडीएस) शुरू कर 23 जुलाई से 30 सितंबर तक का समय अपनी संपत्ति घोषित करने के लिए दिया था.जिसके चलते कई लोगों ने अपनी संपत्ति घोषित कर 65 . 250 करोड़ रुपये सरकार के खाते में जमाकर लगान अदा की. लेकिन रियल स्टेट, फेक करेंसी और आतंकवादी संगठनों पर ख़र्च किया जाने वाला पैसा इस योजना से नहीं आ सका. एमविट कैपीटल के आकंड़े बताते हैं कि भारत में 30 लाख करोड़ रूपया इन तीन कामों में इधर से उधर घूम रहा है. तो इसीलिए की गयी थी रघुराज राजन की छुट्टी फिलहाल सितंबर महीने में रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराज राजन की छुट्टी करते हुए मोदी ने इसीलिए अपने खास और सबसे भरोसेमंद अफसर उर्जित पटेल की तैनाती करने के लिए उन्हें प्रोन्नति देकर उन्हें रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया. इसके बाद मोदी ने अपने सबसे भरोसेमंद दोनों अफसरों शक्तिकांत दास और उर्जित पटेल के साथ फंसे हुए कालेधन की सर्जिकल स्ट्राइक का वो चक्रव्यू तैयार किया, जिसका द्वार कोई लांघ न सके. काम कठिन था. लेकिन इरादे साफ थे. इसीलिए पीएम मोदी ने कई रात जागकर इन अफसरों के साथ गोपनीय बैठकें भी की.
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10 November 2016हिलेरी को हरा ट्रम्प ने रचा इतिहास अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप जीत गए हैं। उन्होंने अपनी डेमोक्रेट प्रतिद्वंदी हिलेरी क्लिंटन को वोटों के बड़े अंतर से मात दी। इस जीत के साथ ही ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में इतिहास रच दिया है। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद डेमोक्रेट उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने बुधवार को जीतने वाले रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को फोन कर जीत की बधाई दी और अपनी हार स्वीकार की।वह अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति होंगे। ट्रंप को चुनाव में कुल 276 वोट मिले है जबकि हिलेरी को सिर्फ 218 वोट मिले । अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में जीत के लिए 270 वोटों की जरूरत होती है। जीत के बाद उत्साहित ट्रंप लोगों के सामने आए। उन्होंने कहा कि हिलेरी ने कुछ देर पहले मुझे फोन पर जीत की बधाई दी है। उन्होंने कहा कि हिलेरी ने मेरे साथ डटकर मुकाबला किया। हिलेरी क्लिंटन ने लंबे समय तक अमेरिका की सेवा की है, उनका धन्यवाद। ये जीत मेरे और अमेरिका के लिए अहम है। हम अमेरिका के सपनों को जानते हैं और उसे मिलकर पूरा करेंगे। हम अमेरिका के आर्थिक विकास दर को दोगुना करेंगे। कोई भी सपना या मंजिल पहुंच से बाहर नहीं होती है। हर अमेरिकी को पता है कि उसके अंदर कितनी ताकत है। राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को निर्वाचन मंडल के 538 मतों में से 270 मत हासिल करने की आवश्यकता होती है। अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने डेमोक्रेट प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन को आश्चर्यजनक रूप से पछाड़ दिया। उनकी जीत में फ्लोरिडा, उत्तरी कैरोलिना तथा ओहायो जैसे अहम राज्यों में मिली जीत का अहम योगदान रहा। अमेरिका के 240 साल के इतिहास में प्रथम महिला राष्ट्रपति बनने का सपना देख रहीं डेमोक्रेट प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन को जोरदार झटके देते हुए रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप प्रमुख राज्य ओहायो के बाद फ्लोरिडा और उत्तरी कैरोलिना में भी जीत हासिल की थी। डोनाल्ड ट्रंप को ऊटा, आयोवा, फ्लोरिडा, उत्तरी कैरोलिना, दक्षिणी कैरोलिना, केन्टकी, वेस्ट वर्जीनिया, इंडियाना, ओकलाहोमा, टेनेसी, अलाबामा, मिसीसिपी, टेक्सास, कन्सास, व्योमिंग, उत्तरी डकोटा, दक्षिणी डकोटा, अरकान्सास, नेब्रास्का, लूसियाना, मोन्टाना, ओहायो, मिसूरी, जॉर्जिया तथा इदाहो राज्यों में जीत हासिल हुई। दूसरी तरफ हिलेरी क्लिंटन को वरमॉन्ट, डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया, मैसाच्यूसेट्स, मेरीलैंड, डेलावर, इलिनॉयस, रोड आईलैंड, न्यूजर्सी, न्यूयार्क, कनेक्टिकट, न्यू मैक्सिको, वर्जीनिया, कोलोराडो, कैलिफोर्निया, ओरेगॉन, वॉशिंगटन, नेवाडा तथा हवाई में जीत हासिल हुई।
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9 November 2016इस्लामाबाद से भारतीय उच्चायोग के उन आठ अधिकारियों में से तीन अधिकारी आज भारत रवाना हो गए जिनपर पाकिस्तान ने भारतीय खुफिया एजेंसियों के सदस्य होने का आरोप लगाया था। सूत्रों के मुताबिक तीन भारतीय अधिकारी - प्रथम सचिव व्यावसायिक अनुराग सिंह, विजय कुमार वर्मा और माधवन नंदा कुमार एमिरेटस की सुबह की उड़ान से इस्लामाबाद से दुबई रवाना हो गए। एक मीडिया रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है । रिपोर्ट के अनुसार भारतीय उच्चायोग के पांच अन्य अधिकारी - राजेश कुमार अग्निहोत्री, अमरदीप सिंह भट्टी, धर्मेन्द्र सोधी, बलबीर सिंह और जयाबालन सेंथिल - सड़क मार्ग से वाघा सीमा के मार्फत भारत जाएंगे। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने पिछले हफ्ते अपनी साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान एक बयान पढ़ा था जिसमें आरोप लगाया गया था कि कई भारतीय राजनियक और दूतावास कर्मी ‘राजनयिक कार्यों की आड़ में पाकिस्तान में आतंकवादी और विध्वंसक गतिविधियों के समन्वय’ में संलिप्त हैं। जकरिया ने आठ भारतीय अधिकारियों के नाम लिए थे और उनपर ‘रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग’ रॉ तथा ‘इंटेलिजेंस ब्यूरो’ (आईबी) का सदस्य होने का आरोप लगाए थे। आधिकारिक स्तर पर ऐसी कोई पुष्टि नहीं की गई है कि कितने भारतीय अधिकारी पाकिस्तान से चले गए हैं और कितने अधिकारियों के यहां से भारत रवाना होने की उम्मीद है। पिछले महीने जब भारतीय पुलिस ने आईएसआई संचालित जासूसों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया था जिसके बाद भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारी महमूद अख्तर के खिलाफ कार्रवाई की थी। इसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायोग के अधिकारी सुरजीत सिंह को अवांछित घोषित कर दिया। इस घटनाक्रम के तहत, जासूसी कांड के बाद दो नवंबर को पाकिस्तान ने भारत से अपने छह अधिकारी हटा लिए थे।
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8 November 2016भारत ने की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आलोचना पठानकोट हमले के मास्टर माइंड मसूद अजहर को इंटरनेशनल आतंकियों की लिस्ट में डालने को लेकर हो रही देरी पर भारत ने एतराज जताया है। यूनाइटेड नेशन्स सिक्युरिटी काउन्सिल (UNSC) के रवैये पर भारत ने नाराजगी जाहिर की है। यूएन में भारत के परमानेंट रिप्रजेंटेटिव सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, ''जो संगठन पहले से ही आतंकी लिस्ट में है, उसके लीडर्स को आतंकवादी घोषित करने में 9 महीने का वक्त क्यों लग रहा है। UNSC अपनी सियासत में उलझी है। चीन दो बार ‘टेक्निकल होल्ड’के नाम पर अजहर का सपोर्ट कर चुका है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने यह कहते हुए आतंकवादी संगठनों के नेताओं पर प्रतिबंध लगाने में विफलता पर परिषद को लताड़ते हुए कहा कि सुरक्षा परिषद अपने ही समय के जाल और सियासत में फंस गई है। अकबरुद्दीन ने सुरक्षा परिषद के समतामूलक प्रतिनिधित्व और सदस्यता में वृद्धि पर आयोजित एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा, जहां हर दिन इस या उस क्षेत्र में आतंकवादी हमारी सामूहिक अंतरात्मा आहत करते हैं, सुरक्षा परिषद ने इसपर विचार करने में नौ माह लगाए कि क्या अपने ही हाथों आतंकवादी इकाई करार दिए गए संगठनों के नेताओं पर प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं। इससे पहले, इसी साल चीन ने संयुक्त राष्ट्र में अजहर को आतंकवादी ठहराने के भारत के कदम पर तकनीकी स्थगन लगा दिया था। तकनीकी स्थगन की छह माह की मुद्दत देर सितंबर में खत्म हो गई थी और चीन ने तीन माह का एक दूसरा स्थगन चाहा था। भारतीय राजनयिक ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर कछुए की चाल से चलने वाली चर्चा के अंतहीन सिलसिले पर अफसोस जताया और कहा कि मौजूदा वैश्विक हालात के प्रति बेरुख विश्व निकाय में तुरंत सुधार के लिए गतिरोध भंग करने का यह वक्त है। अकबरुद्दीन ने रेखांकित किया कि इस साल मानवीय स्थितियों, आतंकवादी खतरों और शांतिरक्षण की समस्याओं के प्रति कदम उठाने में अक्षमता अहम मामलों में प्रगति करने में विश्व समुदाय की कमी की कीमत का हिस्सा हैं जिसे चुकाया जा रहा है। उन्होंने कहा, सीरिया जैसे अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम मुद्दों और दक्षिण सूडान जैसे शांतिरक्षण संकट जैसे अन्य हालात से निबटने में हमने खंडित कार्रवाई देखी जिन्हें सहमति के महीनों बाद भी लागू नहीं किया गया। भारतीय राजनयिक ने कहा कि, ऐसा कहा जा सकता है कि समय और सियासत के अपने ही जाल में उलझी सुरक्षा परिषद तदर्थवाद और राजनीतिक पंगुता के आधार पर जैसे तैसे काम कर रही है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार पर चर्चाओं का अंतहीन सिलसिले से अंतरराष्ट्रीय समुदाय अचंभित है क्योंकि इसके महत्व और तात्कालिकता के बावजूद सुरक्षा परिषद के अहम सुधार में देर की जा रही है। अकबरुद्दीन ने कहा, सत्तर साल पहले तय की गई इसकी सदस्यता, खास कर स्थाई श्रेणी में प्रतिनिधित्व की कमी इसकी वैधता और साख की कमी में इजाफा करती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि मौजूदा संयुक्त राष्ट्र महासभा अध्यक्ष पीटर थामसन के कार्यकाल में सुधार को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया होगी। 31 मार्च 2016 में भारत ने पठानकोट हमले के मास्टर माइंड अजहर मसूद को आतंकवादी घोषित करने की मांग के साथ 1267 कमेटी को अर्जी दी थी। पर UNSC के परमानेंट मेंबर चीन ने इस पर असहमति जता दी थी। 15 सदस्यों में से चीन अकेला था, जिसने वीटो का इस्तेमाल करते हुए भारत की अर्जी के बाद होने वाली प्रॉसेस पर रोक लगा दी। 14 देश अजहर मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित करने पर राजी थे। मामला 6 महीने के लिए अटक गया था।इसके बाद सितंबर में सालभर के भीतर दूसरी बार चीन ने अड़ंगा लगाया। इस मामले पर तीन महीने का एक्सटेंशन मांगा। आतंकी घोषित होने पर क्या होता? अजहर मसूद को आतंकियों के लिए लिस्ट में डाला जाता है तो यह भारत के लिए कामयाबी होगी।अजहर मसूद की प्रॉपर्टी जब्त की जा सकेगी। वह खुलेआम पाकिस्तान में रैलियां नहीं कर सकेगा, जैसा कि अभी वह करता है।एक देश से दूसरे देश की आवाजाही पर रोक होगी। बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद पर पहले से ही बैन लगा है।
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8 November 2016राघवेंद्र सिंह आतंक के आरोपी हैं तो जेल तोड़ेंगे ही...भोपाल जेल से पहले खंडवा जेल तोड़कर भी भागे थे। हत्याएं भी कर चुके थे। आगे सुधरने के बजाये बम विस्फोट और हत्या करने की धमकी देते थे। एनकाउंटर में मारे गये आठों सिमी के सदस्यों के बारे में पुलिस और जेल महकमे के छोटे-बड़े अफसर सभी तफ्शील से जानते थे बावजूद इसके दीवाली की रात जेल ब्रेक हुई और महज आठ-नौ घंटे में ही भागे गये। सभी आरोपी मारे गये। अभी जो जेल में आतंक के आरोप में बंदी हैं उसमें सिमी सरगना अबू फजल समेत उसके सभी साथी बारूद की तरह विस्फोटक हैं। एनकाउंटर पर सवाल हो रहे हैं और न्यायिक जांच इसका उत्तर भी देगी। बता दें कि यह जांच शहर काजी और नायब काजी के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने घोषित की है। मेरी 31 साल की सक्रिय पत्रकारिता के आधार पर पुलिस से माफी के साथ कह सकता हूं कि कामयाबी अंधे के हाथ बटेर लगने जैसी है। हालांकि मेरा मकसद पुलिस के नेटवर्क तत्काल कार्यवाही और निशानेबाजी पर तंज कसना नहीं है मगर मसला भोपाल का है तो एक भोपाली जुमला भी मैं जोड़ना चाहूंगा कि यह सब कुछ अल अल टप्पू हो गया है। जिस हद दर्जे की पुलिसिंग हमारे यहां है उस हिसाब से तो यह एनकाउंटर स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस को भी मात देता है। पुलिस का शाबाशी दीजिए, ईनाम का एलान कीजिये, पदोन्नति की फाइलें चलाइये सब अपने लाभ के लिये हो सकता है करें, मगर अपराध या अातंक के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिये। फिर किसी अंधे के हाथ बटेर लगने जैसे मौके का इंतजार मत करिये। शायद हर बार ऐसा नहीं होगा। अब आगे का रास्ता एनकाउंटर की उपलब्धि के बाद कठिन है क्योंकि जेल से लेकर पुलिस और सरकार का समूचा सिस्टम स्लीपिंग मोड पर ज्यादा है। यहां तो वारदात के बाद सब जागते हैं। बड़ी-बड़ी बातें करते हैं और फिर अगली घटना होने के इंतजार में सो जाते हैं। इसके विपरीत आतंक से जुड़ा नेटवर्क पहले से ज्यादा सक्रिय और ताकत के साथ अटैक करने वाला होगा। ऐसा होते हम सब देखते आये हैं। पाठकों से गुजारिश है कि वह इसके गवाह बने रहें क्योंकि जेलों में वॉच टॉवर, फ्लैश लाइट, सीसीटीवी कैमरे और सुरक्षा तंत्र कमजोर है। दरअसल मैंने अपनी पत्रकारिता की शुरूआत ही दैनिक जागरण भोपाल में क्राइम रिपोर्टर के रूप में की थी। बात 1986 की है। भोपाल के ऐशबाग इलाके में एक मजदूर की नन्ही सी बच्ची की हत्या होली-रंगपंचमी के बीच रात में कर दी गई थी। हमारे संपादक रमेश शर्मा ने घटना का फॉलोअप करने को कहा। मैं और छायाकार संजीव गुप्ता मौके पर पहुंचे। मजदूर परिवार काम पर गया था सो उससे बात नहीं हो पाई लेकिन घटनास्थल से 100 मीटर के भीतर एक लावारिश सायकल मकान की दीवार से टिकी हुई मिली। पास ही एक जोड़ चप्पल भी पड़ी थी। पता चला कि इसे वारदात की रात कोई छोड़कर भाग गया है। फोटो के साथ यह छपा तो हल्ला मचा जबकि पुलिस ने घटनास्थल और आसपास की वीडियोग्राफी भी की थी। मगर सायकल उनकी पकड़ में नहीं आई। उस समय के खर्राट एएसपी मैथिलशरण गुप्त ने टीआई और सीएसपी की पुलिसिया अंदाज में क्लास ली। अगले ही दिन दोनों अफसर शाम को हमारे दफ्तर में संपादक की टेबिल के सामने बैठे मिले और जानकारी के लेने के लिये मेरे आने की प्रतीक्षा कर रहे थे। यह सब लिखने का मतलब बस पुलिस की वर्किंग बताना भर था। पुलिस ने अच्छे काम भी किये हैं जिनका हम फिर कभी जिक्र करेंगे। इसमें पंजाब के खूंखार ईनामी अातंकी बलकार सिंह की गर्मियों में बैरसिया के जंगल से गिरफ्तारी करना भी अहम है। बलकार भोपाल के पिपलानी क्षेत्र से डकैती के बाद भागा था। तब पुलिस की वर्किंग आज की तुलना में ज्यादा स्ट्रांग थी। खूफिया पुलिस के भले ही तब सब जानते हों पर उसकी पुराने भोपाल और बदमाशों के बीच पैठ हुआ करती थी। समय के साथ खुफिया तंत्र मजबूत होने के साथ कमजोर होता चला गया। अब हालात शोले फिल्म के उस डायलाग की तरह हो गये हैं जेल में सुरंग बनने पर जेलर असरानी यह कहता है कि हम अंग्रेजों के जमाने के जेलर हैं यहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, तभी एक पक्षी असरानी को पंख मारता हुआ उड़ जाता है। मध्यप्रदेश की जेलों की हालत बदतर है। मारे गये सिमी के सदस्य 2013 में खंडवा जेल तोड़कर फरार हुए थे। बड़ी मुश्किल से वे देश के अलग-अलग हिस्सों से पकड़े जाते हैं और बाद में आईएसओ अवार्ड प्राप्त भोपाल जेल में रखे जाते हैं। आदतन जेल तोड़ने और हत्या करने वाले इन आरोपियों का इस जेल में इस कदर आतंक था कि इनकी बैरकों के सामने से गुजरने से बचते थे। गाली-गलौच करने वाले इन आरोपियों की निगरानी करने कोई बड़ा अफसर कम ही आता था। डीजी जेल, आईजी, डीआईजी, अधीक्षक, जेलर सब पता नहीं क्यों बेफिक्र थे? कलेक्टर भोपाल निशांत वरवड़े साढ़े तीन साल से यहां हैं मगर एक बार भी वे इन बैरकों का निरीक्षण करने नहीं गये जबकि कायदे से हर तीन महीने में निरीक्षण करना चाहिये। भोपाल समेत सूबे की जेलों में सुरक्षा के नाम पर मजाक चल रहा है। यहां तो आतंक के आरोपी भागे और मारे गये इसलिये लापरवाही, कमजोर सुरक्षा और ध्वस्त व्यवस्था की ओर किसी का ध्यान नहीं है। अधिकारी इस बात से खुश हैं कि एनकाउंटर में उनकी अक्ष्मय अनदेखी पर पर्दा डाल दिया है। जेल तोड़ने वालों से ज्यादा संगीन अपराध जेल महकमे का है। इस घटना के बाद तो भोपाल समेत प्रदेश की सभी जेलों की व्यवस्था 24 घंटे में न सही हफ्तेभर में तो बदल देनी चाहिये थी। पहली नजर में दोषी अफसरों के निलंबन के साथ बर्खास्तगी की प्रक्रिया शुरू होना चाहिये। कल्पना कीजिये ये आठों आरोपी भागने में कामयाब हो जाते तो क्या होता? कितनी तबाही करते वे और कितनों की जान लेते? पूछताछ के सिलसिले में खंडवा में मारे गये एक आरोपी ने कहा था कि वह जेल से फरार होकर बम ब्लास्ट करेगा। दीवाली की रात जेल तोड़कर भागने की घटना से यह साबित भी हो गया है। कुल मिलाकर सरकार, प्रशासन और पुलिस को ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि एनकाउंटर के बाद भोपाल में सिमी के समर्थक सक्रिय हैं और तनाव का माहौल पैदा कर रहे हैं। सरकार को अपने सिस्टम की काबिलियत भी पता है, एनकाउंटर ने सारी कमजोरियों और पाप पर पर्दा डाल दिया है लेकिन सिमी के लोकल से लेकर नेशनल-इंटरनेशनल सिलीपिंग सेल सक्रिय हो गये। भोपाल और राज्य में इनके संपर्क में कौन-कौन है और वे क्या करेंगे, इसे रोकने और नेटवर्क तोड़ने की मजबूत योजना बनानी पड़ेगी। महज शाबाशी से काम नहीं चलेगा। (लेखक IND24 के समूह प्रबंध संपादक हैं)
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7 November 2016प्रखर श्रीवास्तव NDTV इंडिया पर बैन के खिलाफ कई पत्रकार अपनी आवाज़ उठा रहे हैं... लेकिन जो NDTV को करीब से जानता है और जो यहां काम कर चुका है वो मुश्किल से ही सरकार के फैसले के विरोध में खड़ा होगा... और मैं भी इन्ही में से एक हूं... मैंने भी NDTV में करीब 15 महीने काम किया है... और इसी दौरान मुंबई में 26/11 का हमला हुआ था और उसी हमले से जुड़ी एक ख़बर का किस्सा मैं यहां बताना चाहता हूं जिसे पढ़कर शायद बैन का विरोध करने वाले एक बार सोचने के लिए ज़रूर मजबूर हो जाएंगे... बात 27-28 नवंबर 2008 की दरमियानी रात की है... मैं नाइट ड्यूटी में था... ताज होटल में भयंकर गोलीबारी हो रही थी... तभी रात के 3 बजे NDTV इंडिया के सबसे वरिष्ठ रिपोर्टर का मुंबई से फोन आया, वो ताज होटल के बाहर हमला कवर कर रहे थे... रात में अक्सर उनकी आवाज़ लड़खड़ाती है और उस रात भी लड़खड़ाती आवाज़ में उस रिपोर्टर ने फोन पर कहा - "एक आतंकी को सुरक्षा बलों ने सेफ पैसेज (सुरक्षित बाहर जाने का रास्ता) दे दिया है, मैंने खुद उसे बाहर जाते देखा है, इस ख़बर को अभी इसी वक्त चलाओ"... मुझे लगा ये ख़बर चलाना ठीक नहीं है... मैंने अपने मैनेजिंग एडिटर से बात करना ज़रूरी समझा... जो उस वक्त हमले की वजह से रात में रुके हुए थे और अपने कैबिन में थोड़ी देर के लिए सो रहे थे... हमने उन्हे जगाया और मैंने उन्हे कहा कि "सीनियर रिपोर्टर आतंकवादी को सेफ पैसेज देने की ख़बर दे रहा है, और मुझे ये ख़बर सही भी नहीं लगती, हमें इसे नहीं चलाना चाहिए"... लेकिन संपादक ने कहा - इस ख़बर को तत्काल चलाओ... मैंने दो बार और मना किया और कहा कि ये ख़बर अगर गलत निकली तो दिक्कत हो सकती है... लेकिन जवाब फिर वही आया - ख़बर को तत्काल चलाओ... और आखिरकार मैंने वो ख़बर चला दी - ब्रेकिंग न्यूज़... "ताज़ होटल के अंदर मौजूद एक आतंकी को सेफ पैसेज दिया गया"... रिपोर्टर ने बकायदा फोनो दिया और कहा कि मैंने अपनी आंखों से एक आतंकी को बाहर निकलते देखा है... ख़बर काफी देर तक चलती रही... मैं मन मसोस कर बैठा रहा, मुझे तब भी यही लग रहा था और आज भी लगता है कि मुझे वो ख़बर नहीं चलानी चाहिए थी... क्योंकि ना केवल वो ख़बर झूठी थी बल्कि सुरक्षा बलों का मनोबल तोड़ने वाली भी थी और उससे कहीं ज्यादा वो ख़बर देश को शर्मिंदा करने वाली थी... इस घटना से मेरा मन काफी दिनों तक खराब रहा और मैंने 2 महीने और NDTV में काम किया और फिर इस्तीफा देकर दूसरे चैनल में चला गया, वैसे नौकरी छोड़ने की और भी कई वजह थीं... खैर... मैं इस घटना को कभी किसी को नहीं बताता लेकिन जिस तरह से NDTV में काम करने वाले साथी पत्रकार खुद को पीड़ित बता रहे हैं, बार-बार दुहाई दे रहे हैं कि हम सच्ची पत्रकारिता करते है और इसीलिए हमारे चैनल को ये सज़ा मिली... तब ऐसे में ये बताना ज़रूरी हो जाता है कि ये सच नहीं है... मैं ये भी कहना चाहता हूं कि कई चैनलों ने कई बार ऐसे मौकों पर गलतियां की हैं... हम सब जो इस पेशे से जुड़े हैं वो जानते हैं कि तेज़ी से ख़बर देने के दवाब में कई बार गलतियां हो जाती हैं... मैंने भी कई बार गलतियां की हैं... और ये भी जानता हूं कि मैं आगे भी गलतियां करुंगा... क्योंकि गलतियां टीवी पत्रकारिता का अमिट हिस्सा हैं... तेज़ी हमारी ताकत है तो तेज़ी ही हमारी दुश्मन भी है... क्योकि यही तेज़ी हमसे गलती करवाती है... लेकिन अनजाने में गलती होना और सोचते समझते हुए गलती करने में अंतर होता है। [प्रखर श्रीवास्तव देश के युवा और चर्चित पत्रकार हैं ]
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7 November 2016नायला कादरी ने कहा मोदी हमारे हीरो हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 अगस्त पर बलूचिस्तान का जिक्र कर वहां के हीरो बन चुके हैं। उन्होंने जो योगदान बलूचिस्तान के लिए दिया है वो वहां के लोगों के लिए बड़ी बात है। यह कहना है कि बलूचिस्तान में लंबे समय से चल रहे बलोच आंदोलन की अगुआ नायला कादरी का। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में नायला कादरी ने उनके योगदान को जमकर सराहा। उन्होंने कहा कि अगर हम आजाद हुए तो वहां पहली मूर्ति पीएम मोदी की लगेगी। वाराणसी में संस्कृति संसद के दूसरे दिन नायला कादरी ने कहा कि अगर भारत सरकार ने अनुमति दी तो बलूचिस्तान की निर्वासित सरकार का गठन वाराणसी में में ही किया जाएगा। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बलूचिस्तान के हीरो हैं।हम बलोच एक कटोरे पानी के बदले में सौ साल की वफा देते हैं। बलूचिस्तान आजाद हुआ तो वहां पहली मूर्ति नरेन्द्र भाई की लगेगी। हमने जान देकर अब तक सहेजा है माता हिंगलाज महारानी के मंदिर को। आप हमें सहेज लें, गुजारिश है। बलूचिस्तान आजाद होता है तो वहाँ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रतिमा लगेगी। सत्तर सालो में पहली बार भारत में किसी ने बलूचिस्तान की आजादी की बात की है वहा पाकिस्तान की ओर से हो रहे अत्याचार की बात की है। शुक्रिया काशी वासियों इस बात के लिए कि आपने ऐसा सांसद चुनकर पार्लियामेंट में भेजा।हिंगलाज भवानी का मन्दिर है बलूचिस्तान में जहां हिन्दू आते हैं मगर हिफाजत हम बलूचिस्तानी भी उसी भाव से करते हैं। जिस दिन बलूचिस्तान आजाद हुआ भारत के लोगों को वीजा की जरूरत नही होगी। बलूचिस्तानियों के लिए भारतीय प्रधान मंत्री हीरो हैं, हमें जो कामयाबी भारत में मिली वह यकीनन उम्मीद से अधिक है। संस्कृति संसद के दूसरे दिन काशी में बलूच नेताओ ने पाकिस्तान में ब्लूचिस्तानियों संग हो रहे अत्याचारों की दास्तान सुनाई। पाकिस्तानी सियासत की उपेक्षा और सेना के द्वारा किये जा रहे जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए विश्व बलूच महिला मंच की अध्यक्ष प्रो. नायला कादरी बलोच और बलोच आन्दोलनकारी मीर मजदक दिलशाद खान ने वहाँ की जमीनी हकीकत को सामने रखा। संस्कृति संसद के मंच पर पहला सत्र बलूच समस्या पर आधारित था।
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6 November 2016रायपुर में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि आतंकवाद बहादुरों का नहीं कमजोरों का हथियार है, लेकिन शायद इस हकीकत को हमारा पड़ोसी देश नहीं समझ रहा है। सिंह ने आज छत्तीसगढ़ की नई राजधानी नया रायपुर में पांच दिवसीय राज्योत्सव के समापन पर राज्य स्थापना दिवस अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा कि एक हमारा पड़ोसी देश है जो बार बार आतंकवाद को बढ़ावा देता है तथा भारत को परेशान करने की कोशिश करता है। वह भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देता है। गृहमंत्री ने कहा कि शायद वह इस हकीकत को नहीं समझ रहा है कि आतंकवाद बहादुरों का नहीं कमजोरों का हथियार होता है।सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सभी ने देखा कि किस तरह से हमारी सेना के जवानों को चोरी से मारा गया। लेकिन बाद में हमारे सेना के जवानों ने जो करिश्माई काम किया है वह सबके सामने है। राजनाथ सिंह ने कहा कि वह यकीन दिलाना चाहते हैं कि यह सरकार भारत का मस्तक कभी झुकने नहीं देगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज भारत तेजी के साथ तरक्की कर रहा है। सार्वाधिक तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था यदि किसी देश की है तो वह भारत की है। कुछ देशों को इससे जलन हो रही है। वह भारत को अस्थिर करना चाह रहे हैं। भारत को कमजोर करना चाहते हैं। वह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि भारत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सशक्त नेतृत्व मिला है। दुनिया की कोई भी ताकत भारत को कमजोर नहीं कर सकती है। राजनाथ ने छत्तीसगढ़ में माओवाद की समस्या को लेकर कहा कि राज्य में तेजी से विकास हो रहा है, लेकिन यहां माओवादी गतिविधियां हम सबके लिए चिंता का विषय है। यहां की सरकार ने चुनौती को स्वीकार किया है और इसमें कामयाबी हासिल होगी। केंद्र सरकार की ओर जो भी सहयोग की आवश्यकता होगी, वह मुहैया कराई जाएगी। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि वह आदिवासी भाइयों और बहनों से कहना चाहते हैं कि माओवादी नहीं चाहते कि उनके गांव तक सड़कें बनें। वे नहीं चाहते हैं कि आदिवासी बच्चों को शिक्षा मिले। वे नहीं चाहते कि उन्हें (आदिवासियों को) संचार सुविधा मिले तथा वे नहीं चाहते हैं कि आदिवासी गरीब बेरोजगार नौजवानों को रोजगार का अवसर मिले। उन्होंने कहा कि चीन माओवाद का बहुत बड़ा समर्थक था। लेकिन अब चीन में माओवाद का भविष्य समाप्त हो गया है। लेकिन यहां पर माओवाद है। यहां माओवाद बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘मै अभी भी कह रहा हूं, आप इस काम को छोड़िए, आपको इस काम को छोड़ना चाहिए, नहीं तो आपको इस काम को छोड़ना पड़ेगा।’’ सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र की सरकार भारत को केवल महाशक्ति नहीं बनाना चाहती हैं, बल्कि हम भारत को विश्वगुरू बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जब उनसे पूछा जाता है कि क्यों वह भारत को महाशक्ति नहीं बल्कि विश्वगुरू बनाना चाहते हैं, तब वह कहते हैं कि जब कोई बहुत ताकतवर हो जाता है, तब उसके साथ खड़े होने में लोगों को भय लगने लगता है। हम ऐसा नहीं बनना चाहते हैं कि हमारे बगल में खड़े होने में किसी देश को भय हो। राजनाथ सिंह ने कहा कि हम ऐसे हालात पैदा करना चाहते हैं जैसे किसी गुरू के साथ खड़े होने में अनुकूल संवेदना, अनुकूल अनुभूति और सुखद अनुभूति होती है। हम ऐसा भारत बनाना चाहते हैं। इस दौरान सिंह ने छत्तीसगढ़ में हो रहे विकास के कामों की जमकर तारीफ की। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की आदर्श सार्वजनिक वितरण प्रणाली, किसानों को शून्य ब्याज दर पर रिण सुविधा, गरीब परिवारों की महिलाओं को उज्ज्वला योजना के तहत मात्र दो सौ रूपए में रसोई गैस कनेक्शन देने की योजना सहित कई योजनाओं का विस्तार से उल्लेख किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि ऐसे कार्य सिर्फ वे ही कर सकते हैं, जिनके मन में गरीबों के लिए कुछ कर दिखाने की तड़प हो। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में करिश्माई काम किए हैं, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है। सिंह ने इस अवसर पर 18 नागरिकों और दो संस्थाओं को राज्य अलंकरणों से सम्मानित किया।
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6 November 2016पवन जैन आजकल मध्यप्रदेश की जेल में प्रहरी की जघन्य हत्या कर फरार हुए 8 अपराधियों की पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर तमाम मीडिया, जनवादी संगठनों, राजनेताआें, राष्ट्रवादी और मौका परस्तों द्वारा घटना के तथ्यों की मनचाही विवेचना कर निष्कर्ष पर पहुंचने की होड़ मची हुई है।निन्दा, आलोचना, दोषारोपण, तोहमत और कालिख लगाने के लिये पुलिस से बेहतर लक्ष्य कोई दूसरा नहीं हो सकता है।यूं तो पानी, बिजली, सड़क, भ्रष्टाचार,मंहगाई, बेरोजगारी, तमाम समस्याएं हैं, जुलूस, धरने,आंदोलन और प्रदर्शन के लिये, पुलिस न तो इन समस्याआें के कारण में है और न समाधान में, इतना जरूर है कि जब भी इन प्रदर्शनों में जमा भीड़ बेकाबू होती है और हिंसा, तोड़-फोड़ तथा आगजनी पर उतारू हो जाती है तो कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिये पुलिस को कमान संभालनी पड़ती है। हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने के लिये पुलिस को कभी लाठी, कभी अश्रु गैस और कभी गोलीबारी का सहारा लेना पड़ता है। मूल समस्याएं तो उतर जाती हैं लोगों के दिमाग से और पुलिस की ज्यादती जांच का मुद्दा बन जाती है। समस्याआें से ध्यान हटाने का और पुलिस के सिर कालिख पोतने का यह नुस्खा, जो अग्रेजों ने हिन्दुस्तान में आजमाया था, कमोवेश आज भी जारी है।चूक किसी की भी हो, खामियाज़ा पुलिस को ही भुगतना पड़ता है। भोपाल में भी जेल प्रहरी की निर्मम हत्या कर केन्द्रीय जेल की ऊंची दीवारें फलांग कर फरार हुए इन दुर्दांत अतातायियों को पकड़ने की जिम्मेदारी भी दीपावली की उस रात थकी-हारी पुलिस की ही थी। जघन्य अपराध के आदी इन क्रूर हत्यारों को पकड़ने में पुलिस ने कोई कोताही नहीं बरती और कुछ घण्टों में ही उन्हें धराशायी भी कर दिया। अब सवाल यह है कि अपराधी असली थे और पुलिस भी असली तो फिर मुठभेड़ फर्जी कैसे हो सकती है?जहां जान का आसान्न खतरा हो, वहां क्या पुलिस समुचित बल का प्रयोग भी नहीं कर सकती? जब इस देश में एक कानून का तंत्र, लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं, मानव अधिकार के संगठन और स्वतंत्र न्यायपालिका है तो हर कोई अपना निर्णय क्यों सुना रहा है? पुलिस हमारी आन्तरिक सुरक्षा की पहली दीवार है। आतंकवाद हो या नक्सलवाद, कानून व्यवस्था की चुनौती हो या आपदा की कोई तीज त्यौहार हो या साम्प्रदायिक तनाव, ऐसी तमाम विषम परिस्थितियों की पहली मार पुलिस ही झेलती है। पिछले 60 सालों में 35000 से ज्यादा पुलिस के जवानों ने मादरे-वतन की राह में कर्तव्य की बलवेदी पर बलिदान किया है - कवि नीरज जी के शब्दों में- ’’जली हैं आग में जब जब भी शहर की सड़कें, मेरे ही पांव के छालों ने तब नमी की है।’’ पुलिस मुठभेड़ की राष्ट्रव्यापी बहस के तमाम कानूनी पहलू भी हैं। एक संत से सवाल किया गया कि समाज में ऋषि, मुनियों और संतों की जरूरत कब तक है? तो उन्होंने जवाब दिया कि जब तक दुर्जन और पापी लोग समाज में हैं। निश्चित रूप से वह एक आदर्श समाज होगा, जहां पुलिस न हो, अपराध न हो, समस्याएं न हों, लेकिन जब तक समाज में अपराधी हैं, तब तक पुलिस की जरूरत भी रहेगी। मुठभेड़ पर जैसे चाहे, अनचाहे, मनचाहे सवाल कीजिए, पर आन्तरिक सुरक्षा की पहली दीवार को ध्वस्त करने की कोशिश मत कीजिये। [लेखक मप्र के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एवं मप्र आईपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। ]
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5 November 2016भोपाल आतंकी एनकाउंटर के बाद कुछ लोगों ने आतंकवादियों के पक्ष में सवाल खड़े किये और कहा वे बेगुनाह हैं उन पर कोई गंभीर आरोप नहीं थे। जबकि भोपाल जेल से फरार हुए जिन आठों आतंकियों को एनकाउंटर में मारा गया उन पर बम ब्लास्ट, बम बनाने, बैंक डकैती, मर्डर और युवाओं को जेहादी बनाने के आरोप थे।ये आठों आतंकी बेहद खतरनाक थे ,अगर ये जीवित रहते तो कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे सकते थे। 1 :- अब्दुल मजीद मजीद उज्जैन के महिदपुर का एक इलेक्ट्रीशियन था। वह रॉड बम बनाने में माहिर था। - बाद में वह सिमी की स्लीपर सेल का मेंबर बन गया। कई तरह के बम को तैयार करने और उनकी सप्लाई में शामिल हो गया। - 2014 में उसे गिरफ्तार किया गया। इस ऑपरेशन में पुलिस को विस्फोटक से भरे पांच ड्रम और जिलेटिन की रॉड मिली थीं। - 2013 में महाराष्ट्र के सोलापुर से बम बरामद हुए थे। जांच में पता चला कि इन्हें मजीद ने ही तैयार किया था। 2:- मेहबूब गुड्डू - खंडवा का रहने वाला था। अबू फैजल का करीबी था। अबू खुद को मध्य प्रदेश सिमी का चीफ बताता था। - गुड्डू 2009 के एक ट्रिपल मर्डर केस में आरोपी था। उसने स्टेट एटीएस के कॉन्स्टेबल सीताराम यादव, एक बैंक मैनेजर और एक वकील का कत्ल किया था। - वह 2008 के अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट का भी आरोपी था। उस पर 2011 में रतलाम में एक एटीएस कॉन्स्टेबल के मर्डर में शामिल होने का भी आरोप था। - खंडवा जेल से फरार होने के बाद गुड्डू एक आईईडी बनाते समय झुलस गया था। - गुड्डू को उसकी मां नजमा बी और तीन दूसरे साथियों के साथ फरवरी 2016 में उड़ीसा के राउरकेला से गिरफ्तार किया गया था। 3:- जाकिर हुसैन - जाकिर हुसैन उर्फ विक्की डॉन उर्फ विनय कुमार खंडवा में सैल्स टैक्स कॉलोनी के पास झुग्गीबस्ती का रहने वाला था। - सिमी के कॉन्टेक्ट में होने की वजह से पहली बार उसे 2008 में पकड़ा गया। उस पर 2008 से 2011 के बीच देवास, इटारसी और कटनी में बैंक डकैती का आरोप था। - 2010 में भोपाल की मणप्पुरम गोल्ड फाइनेंस कंपनी में हुई डकैती में भी वह शामिल था। इस कंपनी से 12 किलो सोना लूटा गया था। - मध्य प्रदेश एटीएस ने उसे सिमी के कुछ और मेंबर्स के साथ 2011 में गिरफ्तार किया था। यह सिमी के उन आतंकियों में शामिल था, जो खंडवा जेल से 2013 में फरार हुए थे। - हुसैन पर 2014 में तेलंगाना में एसबीआई की करीमनगर ब्रांच से 46 लाख रुपए लूटने का भी आरोप था। उसे भी राउरकेला से ही पकड़ा गया था। 4:- अमजद खान - अमजद खान उर्फ पप्पू उर्फ उमर चीरा खदान खंडवा का रहने वाला था। अमजद और शेख मेहबूब पर बीजेपी के काउंसलर प्रमोद तिवारी पर जानलेवा हमला करने का आरोप था। - 27 साल के अमजद को मणप्पुरम फाइनेंस में हुई लूट के मामले में जून 2011 में गिरफ्तार किया गया था। - अमजद 2008 से 2011 के बीच मध्य प्रदेश में हुईं कुछ बैंक डकैतियों में भी शामिल था। खंडवा जेल से फरार हुए सात आतंकियों में अमजद भी शामिल था। - उसे भी राउरकेला से गिरफ्तार किया गया था। 5:- मोहम्मद अकील खिलजी - खंडवा का रहने वाला था। 2012 में महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले से गिरफ्तार किया गया था। - 2011 में खिलजी के घर से सिमी के 10 आतंकी पकड़े गए थे। आरोप है कि वे बीजेपी और आरएसएस के नामी नेताओं के कत्ल का प्लान बना रहे थे। - खिलजी पर खंडवा में सिमी का बेस बनाने का आरोप था। 6:- मोहम्मद खालिद अहमद - खालिद महाराष्ट्र के सोलापुर जिले का रहने वाला था। दिसंबर 2013 में उसे अबू फैजल के साथ मध्य प्रदेश में बड़वानी जिले के सेंधवा से गिरफ्तार किया गया था। अबू फैजल खंडवा जेल से फरार आतंकियों का मुखिया था। - मध्य प्रदेश एटीएस की पूछताछ में खालिद ने कबूल किया था कि उसने उस समय के केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और उनकी बेटी के कत्ल का प्लान बनाया था। 7:- मोहम्मद सालिक - सालिक का एक भाई पहले पुलिस कॉन्स्टेबल था। सालिक खंडवा के गुलशन नगर का रहने वाला था और सिमी का कट्टर आतंकी था। - 2011 में पुलिस ने खंडवा की गुलमोहर कॉलोनी के एक मकान पर छापा मारा तब सालिक फरार हो गया था। - 2013 में जब सिमी आतंकी खंडवा जेल से फरार हुए तो दाे साल छुपे रहने के बाद सालिक उनके साथ हो लिया। - सालिक को भी राउरकेला से फरवरी में गिरफ्तार किया गया था। 8:- मुजीब शेख - मुजीब शेख आतंकी गुट इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) से भी जुड़ा था। - उसे सिमी और आईएम के सात आतंकियों के साथ जून 2011 में जबलपुर से गिरफ्तार किया गया था। - बाद में पता चला कि वह 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल ब्लास्ट करने वालों में मुजीब शामिल था। - उसने सूरत में बम लगाए थे और जिहादी एक्टिविटीज के लिए युवाओं को ट्रेनिंग दी थी। सिमी बन गया था इंडियन मुजाहिदीन - इंडियन मुजाहिदीन को सिमी और पाकिस्तानी टेरेरिस्ट ग्रुप लश्कर का मुखौटा माना जाता है। - कहा जाता है कि सिमी पर बैन लगने के बाद इसके मेंबर्स ने इंडियन मुजाहिदीन नाम से नया गुट बना लिया था। - इन्वेस्टिगेटर्स मानते हैं कि आईएम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारों पर चलता है। अब यह सिमी से भी ज्यादा खतरनाक हो गया है। - जून 2010 में भारत ने आईएम पर बैन लगा दिया। अक्टूबर 2010 में न्यूजीलैंड ने आईएम को टेरेरिस्ट ग्रुप डिक्लियर किया। 2011 में अमेरिका ने उसे फॉरेन टेरेरिस्ट ग्रुप की लिस्ट में शामिल किया।
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4 November 2016गठबंधन पर फैसला पार्टी अध्यक्ष मुलायम लेंगे समाजवादी पार्टी के विवादों के बीच अखिलेश यादव ने गुरुवार को लखनऊ से अपनी रथयात्रा का आगाज किया। उनके रथ को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और शिवपाल ने हरी झंडी दिखकर रवाना किया। रथ यात्रा शुरू होने के कुछ देर बाद ही अखिलेश के रथ में कुछ तकनीकी खामी आ गई जिसके चलते वो खराब हो गया और अखिलेश को अपनी कार में शिफ्ट होकर रथ यात्रा आगे बढ़ानी पड़ी। बता दें कि यह रथ दो करोड़ की लागत से बना है। इस दौरानअखिलेश यादव ने चुनाव के लिए अन्य दलों से गठबंधन को लेकर कहा है कि हम इसके लिए तैयार हैं। अखिलेश बोले कि गठबंधन के लिए दरवाजे खुले हैं। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष इसे लेकर निर्णय लेंगे और वो जो भी निर्णय लेंगे उससे पहले यह जरूर देखेंगे कि गठबंधन से किसे फायदा होगा किसे नुकसान होगा।भले ही शिवपाल यादव अखिलेश की रथयात्रा के लिए पहुंचे हों लेकिन अखिलेश ने अपने संबोधन में शिवपाल का नाम तक नहीं लिया। सभा में आए लोगों को संबोधित करते हुए अखिलेश ने कहा कि यूपी का चुनाव देश की दिशा तय करेगा और यह सरकार दोबारा लाने का समय है। अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता एक बार फिर फिर से इतिहास दोहराएगी। हमारी सरकार ने प्रदेश में विकास का ऐसा काम किया है जो कि मिसाल बन गया है। हमने सत्ता संभालने के बाद से लगातार काम किया है। हम एक बार फिर से ज्यादा से ज्यादा जनता के बीच जायेंगे।हमने हर धर्म को जोडऩे का काम किया है। प्रदेश के विधानसभा चुनाव से ही देश की दिशा भी तय होगी। अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने समाज में संतुलन बनाने का काम किया है।यूपी का चुनाव देश की राजनीति बदलने का है। देश किनके हाथों में सोचना पड़ेगा, समाजवादी विचारधारा को और बढ़ाना है। घोषणापत्र को जमीन पर उतारा है, बिना भेदभाव, जाति-धर्म के काम किया। रथ का नाम समाजवादी विकास रथ रखा है। अखिलेश ने कहा दोबारा समाजवादी सरकार बनानी है। दूसरे दलों के काम से हमारी तुलना जनता करे, साढ़ेचार साल लगातार हमने काम किया है। रथ यात्रा को हरी झंडी दिखाने पहुंचे सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यकर्ताओं से कहा कि केवल नारेबाजी से काम नहीं चलेगा। ये जवानी किसके नाम, अखिलेश भैया तेरे नाम।’ इस तरह के नारों से काम नहीं चलेगा। चुनाव जीतना है और सरकार बनानी है तो जमकर मेहनत करनी पड़ेगी। इसके लिए सबको तैयार रहना होगा।लेकिन शिवपाल यहां पहुंचे और अपने संबोधन में अखिलेश को रथ यात्रा के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अखिलेश यादव की रथयात्रा पूरे उत्तर प्रदेश में संदेश देगी। अखिलेश को मेरी तरफ से शुभकामनाएं। उत्तर प्रदेश में नहीं बनने देंगे बीजेपी की सरकार, अखिलेश यादव की रथयात्रा को सफल बनाना है।अखिलेश यादव के काम को जन-जन एक पहुचायेंगे। 2017 में सपा की सरकार बनाना लक्ष्य,नेताजी के संघर्ष से सपा का परचम लहरा रहा हैं। इस मौके पर शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि कार्यकर्ता जोश में किसी भी कीमत पर अपने होश को काबू में रखें। वह जरा भी होश न खोएं। आज कुछ कार्यकर्ताओं ने मंच के सामने ही अभद्रता की थी, इसी कारण शिवपाल सिंह यादव थोड़ा नाराज भी थे। लामार्टिनियर मैदान से शुरू हुई उनकी 'विकास से विजय की ओर' रथयात्रा लखनऊ व उन्नाव के छह विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी। रथयात्रा में अखिलेश अपने साथ घर की बनी सब्जी और पूड़ी लेकर चलेंगे। लगभग 115 किलोमीटर की इस यात्रा में वह 12 स्थानों पर लोगों को संबोधित करेंगे। 16 स्थानों पर स्वागत होगा। यात्रा के बाद मुख्यमंत्री लखनऊ वापस आ जाएंगे। दूसरे चरण की यात्रा सात नवंबर से शुरू होगी। पांच साल के बाद अखिलेश यादव एक बार फिर रथ यात्री होंगे। अखिलेश इस बार मुख्यमंत्री के रूप में जनता से मुखातिब होंगे और अपने काम के साथ भविष्य की उम्मीदों का खाका खींचकर समर्थन हासिल करने का प्रयास करेंगे। यात्रा के पहले दिन कहां रुकना है, कहां लोगों को संबोधित करना है, यह सब खुद अखिलेश ने निर्धारित किया है। जिन रास्तों से उनका रथ गुजरना है, उनमें लखनऊ जिले की कैन्ट, लखनऊ (पूर्वी) और सरोजनीनगर विधानसभा का क्षेत्र पड़ेगा। इसके अलावा उन्नाव में मोहान विधानसभा, पुरवा और उन्नाव सदर का विधानसभा क्षेत्र पड़ेगा।
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3 November 2016पाकिस्तान की 14 पोस्ट तबाह ,दो पाक रेंजर्स मारे गए उत्तरी कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच आज सुबह से भीषण मुठभेड़ चल रही है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि एक खुफिया सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों के जवानों और पुलिस ने बांदीपोरा के अजर में संयुक्त अभियान चलाया।इससे पहले अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर पाकिस्तान सेना के संघर्षविराम उल्लंघन का बीएसएफ ने मंगलवार को करारा जवाब दिया। बीएसएफ ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की 14 पोस्ट तबाह कर दिए। बीएसएफ की इस जवाबी से पाकिस्तान की तरफ भारी नुकसान होने की खबर है। पाकिस्तान ने आज संघर्षविराम तोड़ते हुए अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर भारी गोलीबारी की जिसमें 8 नागरिकों की मौत हो गई। जबकि सेना की कार्रवाई में 2 पाकिस्तानी रेंजर्स मारे गए। इस दौरान जवान जब गांव को सील कर रहे थे तभी वहां छिपे आतंकवादियों ने उन पर स्वचालित हथियारों से गोलियां चलाईं। सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलियां चलाईं। सूत्रों ने बताया कि आतंकवादी बचकर भाग नहीं पाए, इसके लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों को उक्त स्थान पर भेजा गया है। अंतिम सूचना मिलने तक मुठभेड़ चल रही थी। अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर पाकिस्तान सेना के संघर्षविराम उल्लंघन का बीएसएफ ने मंगलवार को करारा जवाब दिया। बीएसएफ ने पाकिस्तान की 14 पोस्ट तबाह कर दिए। पाकिस्तान ने आज संघर्षविराम तोड़ते हुए अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर भारी गोलीबारी की जिसमें 8 नागरिकों की मौत हो गई। जबकि सेना की कार्रवाई में 2 पाकिस्तानी रेंजर्स मारे गए। सीमा पर पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम का बार-बार उल्लंघन किए जाने और नागरिकों की मौत को देखते हुए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। इस बैठक में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सीमा पर गोलीबारी को देखते हुए जम्मू के जिलाधिकारी ने सभी 174 स्कूलों को बंद करने के निर्देश दिए हैं और इलाके में पाकिस्तान की ओर से जारी गोलीबारी को देखते हुए नागरिकों को सुरक्षित स्थलों पर पहुंचाया गया। पाकिस्तानी सेना ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी से लगे सांबा, जम्मू, पूंछ और राजौरी जिलो में रिहायशी इलाकों को निशाना बनाते हुए मोर्टारों से भारी गोलीबारी की। पाकिस्तानी सेना की इस करतूत का सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया।रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने राजौरी, जम्मू एवं पूंछ जिलों में 82 और 120 एमएम मोर्टार से भारी गोलीबारी की। इस गोलीबारी में दो महिलाओं की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए। सेना के सूत्रों ने बताया कि जवाबी कार्रवाई में एलओसी के पार नौशेरा सेक्टर के विपरीत दिशा में दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। सांबा के डिप्टी कमिश्नर शीतल नंदा ने कहा, 'सांबा जिले में के रामगढ़ सेक्टर में गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो हए। इसी इलाके में गोलीबारी के दौरान सदमे के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई।' शीतल ने बताया कि तीन घायलों का उपचार रामगढ़ अस्पताल में हुआ, वहीं अन्य को जम्मू के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। राजौरी के उपायुक्त शबीर अहमद भट्ट ने बताया कि राजौरी जिले के मंजाकोट इलाके के पंजगरिया सीमा बस्तियों पर पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से की गयी गोलीबारी और मोर्टार बम दागे जाने से दो महिलाओं की मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि नौशेरा सेक्टर में पड़ोसी देश की ओर से मोर्टार बम दागे जाने की घटना में सेना के तीन पोर्टर घायल हो गये जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भारत के लक्षित हमले के बाद से पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से अब तक 60 से अधिक बार संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया है। सोमवार को पुंछ और राजौरी जिलों में पाकिस्तानी सैनिकों ने नियंत्रण के पार गोलीबारी की थी और गोले दागे थे जिसमें एक सैनिक शहीद हो गया था, एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी और एक लड़की तथा दो सैनिक घायल हो गए थे।
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2 November 2016पाकिस्तान में पनपने वाले आतंकवाद से अमेरिका ने पूरी दुनिया को आगाह किया है। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रवक्ता पीटर कुक ने कहा है कि पाकिस्तानियों के साथ-साथ पूरी दुनिया पर इसका खतरा मंडरा रहा है। इस संकट को समाप्त करने के लिए अभी भी काफी कुछ किए जाने की जरूरत है। वाशिंगटन में कुक ने बताया कि आतंकरोधी कदम पाकिस्तान के साथ अमेरिकी बातचीत का मुख्य हिस्सा रहे हैं और आगे भी यह प्रमुख केंद्र बना रहेगा। अमेरिका परमाणु हथियारों की सुरक्षा के लिए भी पाकिस्तान से नियमित संवाद बनाए हुए है। पाकिस्तान के हालात और राजनीतिक उठापटक का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका करीब से नजर बनाए हुए है। पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व से भी लगातार संपर्क बना हुआ है।
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1 November 2016छत्तीसगढ़ के राज्योत्सव में प्रधानमंत्री मोदी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश की सभी समस्याओं का समाधान केवल विकास से हो सकता है। हम हमेशा विकास के पथ पर बढ़ने के लिए समर्पित रहते हैं। नया रायपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ राज्योत्सव का उद्धाटन किया और कहा अभी देश दीपावली के त्योहार में डूबा हुआ है, ऐसे समय मुझे छत्तीसगढ़ आने का अवसर मिला मैं आप सभी को इसकी शुभकामनाएं देता हूं। पीएम ने कहा आज पूरे छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, बिहार और झारखंड की तरफ से हम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी का धन्यवाद करते हैं। इतने शांतिपूर्ण ढंग से अलग राज्यों का निर्माण करना बहुत मुश्किल है। लोकतंत्र की मर्यादाओं का पालन करते हुए और सभी की भावनाओं का सम्मान करते हुए राज्य की रचना कैसे की जाती है यह इसका एक बड़ा उदाहरण है। देश की सभी समस्याओं का समाधान केवल विकास से हो सकता है। हम हमेशा विकास के पथ पर बढ़ने के लिए समर्पित रहते हैं। पीएम ने कहा जंगल सफारी को देखने के लिए प्रदेश से ही नहीं बाहर से भी पर्यटक आएंगे। छत्तीसगढ़ के जंगलों में ईको-टूरिज्म की संभावना है। पीएम ने कहा कि टूरिज्म एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कम पूंजी में ही काम शुरू किया जा सकता है। इसमें गरीब से गरीब आदमी भी आसानी से रोजगार पा सकता है। पीएम ने कहा- गरीब को अगर हुनर और काम करने का अवसर दिया जाए तो वह अपने परिवार सहित आस-पास के लोगों की भी गरीबी मिटाने में सक्षम हो जाता है। हमारे देश में लाखों बच्चे टीकाकरण से वंचित रह जाते हैं। इसके लिए हमने इंद्रधनुष योजना की शुरुआत की, जिसमें उन बच्चों को ढूंढकर टीका लगाया गया जो इससे वंचित रह गए हैं। एक जमाना था जब पॉर्लमेंट मेंबर को 25 गैस कनेक्शन के कूपन मिलते थे। लोग उनके पास गैस कनेक्शन पाने के लिए सिफारिश लगाते थे। उस समय गैस कनेक्शन पाना बहुत कठिन था। पीएम ने कहा- मैंने उस गरीब मां के लिए यह बीड़ा उठाया जो रोज चूल्हा जलाकर खाना बनाती है। एक बार चूल्हे में खाना बनाने में शरीर के अंदर 500 सिगरेट के बराबर का धुंआ जाता है। इसे हटाने के लिए हमनें उज्जवला योजना शुरू की। इस दौरान प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए उपयोगी किसान बीमा योजना का उल्लेख किया। छत्तीसगढ़ ने कई ऐसे प्रोजेक्ट शुरू किए जिसमें किसान वेल्यू एडिशन कर अपनी कमाई बढ़ा सकता है। गन्ना पैदा करने वाला किसान सिर्फ गन्ना बेचेगा तो कम पैसा मिलेगा, लेकिन गन्ने से शुगर बनाकर बेचेगा तो ज्यादा पैसा मिलेगा। पीएम ने कहा कि हम राज्यों के बीच विकास की स्पर्धा चाहते है। राज्य सरकार बिना कोई भेदभाव के केंद्र सरकार सभी की सहायता करने के लिए तैयार है। इस दौरान मंच पर राज्यपाल बलराम दासजी टंडन, सीएम डॉक्टर रमन सिंह और प्रदेश के कई मंत्री भी मौजूद हैं। सीएम ने कहा कि आज भाई दूज का पावन अवसर है और आज उनका भाई उनके बीच पहुंचा है। जिन्होंने पांच करोड़ बहनों के आंखों के आंसू रोकने के लिए उज्जवला योजना की शुरुआत की। इस दौरान सीएम ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ के स्थापना दिवस की बधाई दी। सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ 2018 में ही खुले में शौच से मुक्त हो जाएगा। आईए आज हम सभी यह प्रण ले।प्रधानमंत्री देश के किसानों को सौर सुजला योजना की सौगात देंगे। इसके तहत किसानों को अनुदान पर सौर ऊर्जा सिंचाई पंप दिए जाएंगे। मोदी स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत मुंगेली व धमतरी जिले के साथ-साथ राज्य के 15 विकासखंडों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषित होने पर सम्मानित करेंगे। संबंधित जिपं अध्यक्ष, कलेक्टर , सीईओ व जनपद पंचायत अध्यक्षों सम्मान ग्रहण करेंगे। इसके पहले नया रायपुर में उन्होंने जंगल सफारी का लोकार्पण किया। उद्धाटन के दौरान सीएम डॉ रमन सिंह ने प्रधानमंत्री को बाघ की तस्वीर भेट की। इसके बाद वे नया रायपुर के दीनदयाल सर्कल पहुंचे, जहां प्रधानमंत्री ने पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण किया। यहीं उन्होंने एकात्म पथ लोकार्पण भी किया। इस दौरान सीएम डॉ रमन सिंह ने उन्हें इस पथ से जुड़ी सारी जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी का डेढ़ साल में यह तीसरा छत्तीसगढ़ दौरा है। वे पहली बार 9 मई 2015 को नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा आए थे। फिर 21 फरवरी को नया रायपुर और डोंगरगढ़ पहुंचे थे। अब मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के आमंत्रण पर राज्योत्सव में आए हैं।
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1 November 2016भोपाल जेल में हत्या कर भागे आतंकी भले ही मुठभेड़ में मारे गए हों ,लेकिन वे जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल छोड़ गए हैं। इस घटना से साफ़ जाहिर है कि जेल के भीतर भी कोई न कोई ऐसा व्यक्ति जरूर है जो इन आतंकियों से मिला हुआ था । भोपाल सेंट्रल जेल की सुरक्षा-व्यवस्था की जिम्मेदारी केंद्रीय जेल अधीक्षक अखिलेश तोमर की थी। प्रशासन ने आतंकियों के भागने में तोमर की लापरवाही मानते हुए सस्पेंड किया है। बी-ब्लॉक के मुख्य वार्डन का जिम्मा प्रधान आरक्षक आनंदीलाल के पास था। वहां की सुरक्षा और मूवमेंट की जानकारी अधिकारियों को देने की जिम्मेदारी थी। इन्हें भी सस्पेंड किया गया है। इधर, सहायक जेलर विवेक परस्ते को आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। बीती रात परस्ते के हवाले पूरी केंद्रीय जेल की सुरक्षा का जिम्मा था। साथ ही उन्हें आतंकियों की सेल भी उन्हीं के पास थी।वहीं जेलर आलोक वाजपेयी के पास सुरक्षा की मानीटरिंग, कर्मचारियों की सुरक्षा लगाने की जिम्मेदारी के साथ अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां थी। प्रथम दृष्टया इन सभी अधिकारियों को कर्तव्य के प्रति लापरवाही मानते हुए निलंबित किया गया है। निलंबित किए गए कर्मचारियों की विभागीय जांच भी कराए जाने की संभावना है। आठों आतंकी अलग-अलग बैरक में थे। सभी बैरक के दरवाजे बाहर से लॉक रहते हैं। लॉक दीवार के अंदर होता है, ऐसे में अंदर से हाथ डालकर कोई भी आतंकी दरवाजा नहीं खोल सकता। आशंका जताई जा रही है कि जेल के अंदर का कोई व्यक्ति मिला हुआ था, जिसने आतंकियों के बैरकों की चाबी तलाश कर बैरक के दरवाजे खोले हैं। हालांकि यह मामला जांच में शामिल है। बताया जाता है कि देर रात किसी बीमारी या अनहोने की स्थिति में बैरकों की चाभी सुरक्षा में तैनात अधिकारियों के पास रहती है। बड़ा सवाल यह है कि बीती रात किस जेल अधिकारी के पास बैरकों की चाभी थी। उसकी क्या भूमिका है। आतंकियों की सुरक्षा को पुख्ता बनाने के लिए केंद्रीय जेल भोपाल ने अन्य केंद्रीय जेलों से दो-दो जेल प्रहरियों व जिला जेलों से एक-एक प्रहरियों को भोपाल में तैनात कराया है। इस तरह 35 जेल प्रहरी भोपाल में तैनात हैं, लेकिन घटना के वक्त ये कहां ड्यूटी पर थे कोई बताने को तैयार नहीं जेल सूत्रों ने बताया कि सभी ब्लॉकों की छत पर एसएएफ के जवान रात्रि में तैनात रहते हैं। बीती रात कुछ एसएएफ जवान भी नहीं थे। जो जवान ड्यूटी पर तैनात थे, वे घटना के वक्त सो रहे थे। जेल का अलार्म बजने के बाद एसएएफ के जवान जागे थे।
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31 October 2016मन की बात में बोले मोदी सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती 31 अक्तूबर के दिन 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए दंगों में सिखों की हत्या का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे इतिहास का एक पीड़ादायक पन्ना बताया । साथ ही इस बात पर जोर दिया कि विविधता में एकता ही देश की ताकत है और एकता का मूल-मंत्र ही श्रेष्ठ भारत की मजबूत नींव बनाता है। नरेंद्र मोदी ने कल सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिवस का जिक्र किया और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर भी उनका स्मरण किया। आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात’ कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने पंजाब के जसदीप का संदेश सुनवाया, जिसमें उन्होंने पटेल को लेकर बात की थी । जसमीत का सवाल था कि श्रीमती गांधी की हत्या के बाद जिस तरह की घटनाएं हुई, ऐसी घटनाओं को कैसे रोकें ? प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ ये पीड़ा एक व्यक्ति की नहीं है। एक सरदार, सरदार वल्लभ भाई पटेल, इतिहास इस बात का गवाह है कि चाणक्य के बाद, देश को एक करने का भगीरथ काम, सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया । आजाद हिंदुस्तान को, एक झंडे के नीचे लाने का सफल प्रयास, इतना बड़ा भगीरथ काम जिस महापुरुष ने किया, उस महापुरुष को शत-शत नमन। उन्होंने कहा कि लेकिन यह भी तो पीड़ा है कि सरदार साहब एकता के लिए जिए, एकता के लिए जूझते रहे , एकता की उनकी प्राथमिकता के कारण, कइयों की नाराजगी के शिकार भी रहे, लेकिन एकता के मार्ग को कभी छोड़ा नहीं । लेकिन, उसी सरदार की जन्म-जयंती पर हजारों सरदारों को, हजारों सरदारों के परिवारों को श्रीमती गांधी की हत्या के बाद मौत के घाट उतार दिया गया । एकता के लिये जीवन-भर जीने वाले उस महापुरुष के जन्मदिन पर ही और सरदार के ही जन्मदिन पर सरदारों के साथ जुल्म, इतिहास का एक पन्ना, हम सब को पीड़ा देता है । उन्होंने कहा, ‘ लेकिन, इन संकटों के बीच में भी, एकता के मंत्र को ले करके आगे बढ़ना है। विविधता में एकता यही देश की ताकत है । भाषायें अनेक हों, जातियां अनेक हों, पहनावे अनेक हों, खान-पान अनेक हों, लेकिन अनेकता में एकता, ये भारत की ताकत है, भारत की विशेषता है। ’ मोदी ने कहा, ‘ हर पीढ़ी का एक दायित्व है। हर सरकारों की जिम्मेदारी है कि हम देश के हर कोने में एकता के अवसर खोजें, एकता के तत्व को उभारें। बिखराव वाली सोच, बिखराव वाली प्रवृत्ति से हम भी बचें, देश को भी बचाए । सरदार साहब ने हमें एक भारत दिया, हम सब का दायित्व है श्रेष्ठ भारत बनाना। एकता का मूल-मंत्र ही श्रेष्ठ भारत की मजबूत नींव बनाता है।’ उन्होंने कहा कि सरदार साहब की जीवन यात्रा का प्रारम्भ किसानों के संघर्ष से हुआ था। किसान के बेटे थे। आजादी के आंदोलन को किसानों तक पहुंचाने में सरदार साहब की बहुत बड़ी अहम भूमिका रही। आजादी के आंदोलन को गांव में ताकत का रूप बनाना सरदार साहब का सफल प्रयास था। उनके संगठन शक्ति और कौशल का परिणाम था। लेकिन सरदार साहब सिर्फ संघर्ष के व्यक्ति थे, ऐसा नहीं, वह संरचना के भी व्यक्ति थे। आज कभी-कभी हम बहुत लोग अमूल का नाम सुनते हैं। अमूल के हर उत्पाद से आज हिंदुस्तान और हिंदुस्तान के बाहर भी लोग परिचित हैं। लेकिन बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि सरदार साहब की दिव्यदृष्टि थी । मोदी ने कहा कि उन्होंने सहकारी दुग्ध उत्पादकों के यूनियन की कल्पना की थी। और खेड़ा जिले, उस समय केरा जिले बोला जाता था, और 1942 में इस विचार को उन्होंने बल दिया था, वो साकार रूप में है और उसका एक जीता-जागता उदाहरण हमारे सामने है । मैं सरदार साहब को आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं और इस एकता दिवस पर 31 अक्टूबर को हम जहां हों, सरदार साहब को स्मरण करें, एकता का संकल्प लें ।
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31 October 2016पाकिस्तानी सैनिकों ने क्षत-विक्षत किया जवान का शव पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। लगातार सीजफायर उल्लंघन कर रहे पाकिस्तान ने शनिवार की सुबह जम्मू-कश्मीर के आरएसपुरा सेक्टर और कठुआ में फायरिंग करते हुए मोर्टार दागे, वहीं हीरानगर सेक्टर में भी फायरिंग की गई।कुपवाड़ा सेक्टर के माछिल में हुई फायरिंग में बीएसएफ में तैनात जवान महाराष्ट्र के नितिन सुभाष शहीद हो गए हैं। इससे पहले उत्तरी कश्मीर के मच्छल सेक्टर में आतंकियों के साथ पाकिस्तानी सेना की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) ने शुक्रवार को फिर हमला किया। घात लगाकर किए गए हमले में जवान मंदीप सिंह शहीद हो गए। पाक सेना ने एक बार फिर बर्बरता दिखाते हुए भारतीय जवान के शव को क्षत-विक्षत कर दिया। संबंधित सूत्रों ने तो सिर काट लिए जाने का दावा किया है। लेकिन रक्षा सूत्रों ने सिर्फ शव को क्षत-विक्षत किए जाने की बात मानी है। गौरतलब है कि आठ जनवरी 2013 को पाकिस्तानी सैनिक राजपुताना राइफल्स के जवान हेमराज का सिर काट ले गए थे। सेना ने कहा बैट दस्ते की यह करतूत पाक का असली चेहरा उजाकर करती है। सेना ने कहा है कि इस बर्बरता का करारा जवाब देगी। उधर, इस्लामाबाद स्थित भारतीय उचायोग ने इस मसले पर पाकिस्तान सरकार से विरोध जताया है। इस बीच, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने दावा किया है उसने हफ्ते भर में जवाबी कार्रवाई करते हुए सीमापार 15 पाकिस्तानी रेंजर्स को मार गिराया है। बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक अरुण कुमार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान की ओर लगातार हो रहे संघर्षविराम उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है।
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29 October 2016भारत सरकार की कंपनी नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एन. एम. डी. सी.) और मेगनीज ऑर लिमिटेड (एम.ओ.आई.एल.) मध्यप्रदेश में खनिजों का सर्वेक्षण करेगी। इस संबंध में भोपाल में मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में राज्य खनिज विकास निगम और इन कंपनियों के बीच एम.ओ.यू.हुआ। इस अवसर पर राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष शिव चौबे और उपाध्यक्ष गिरिराज किशोर भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में खनिज के क्षेत्र के क्षेत्र में अपार संभावनाएँ हैं। खनिजों की उपलब्धता बढ़ाने और संभावित खनिज क्षेत्रों के चिन्हांकन के लिये सर्वेक्षण आवश्यक है। बताया गया कि राज्य खनिज विकास निगम और भौमिकी तथा खनिकर्म संचालनालय के साथ परामर्श से यह सर्वेक्षण किया जायेगा। सर्वेक्षण और खोज का सारा व्यय एन.एम.डी.सी. और एम.ओ.आई.एल. द्वारा वहन किया जायेगा। इसके लिये इनके द्वारा करीब 250 करोड़ रूपये व्यय किये जायेंगे। खनिज की उपलब्धता प्रमाणित होने पर संयुक्त क्षेत्र कंपनी गठित की जायेगी जिसमें एन.एम.डी.सी. और एम.ओ.आई.एल. की अंश पूँजी 51 प्रतिशत तथा राज्य खनिज विकास निगम की अंश पूँजी 49 प्रतिशत होगी। एम.ओ.यू.पर राज्य खनिज विकास निगम की ओर से खनिज सचिव मनोहर दुबे और संचालक विनीत आस्टीन तथा एन.एम.डी.सी. की ओर से निर्देशक पी.के.सत्पथी और एम.ओ.आई.एल. की ओर से निदेशक टी.के.पटनायक ने हस्ताक्षर किये।
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27 October 2016अमरीका ने आतंकवाद को लेकर एक बार फिर पाकिस्तान को वॉर्निंग दी है। अमरीका ने कहा कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर पल-बढ़ रहे आतंकियों के खिलाफ एक्शन ले। इससे वह उस रीजन की शांति में अपना योगदान दे सकेगा। चार दिन पहले यूएस ने पाक से कहा था कि अगर वह आतंकियों के खिलाफ एक्शन नहीं लेता है तो यूएस सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकी कैम्पों को तबाह कर देगा। स्टेट डिपार्टमैंट के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ''हम मानते हैं कि उस हिस्से में पाकिस्तान सीधे शांति कायम करने में हिस्सा ले सकता है।'' ''इसके लिए उसे आतंकियों के खिलाफ एक्शन लेना होगा, जो पड़ोसियों पर हमला करते हैं।'' इससे पहले शनिवार को यूएस के टेररिज्म और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस के एक्टिंग अंडर सेक्रेटरी एडम जुबिन ने कहा था कि पाक खुफिया एजेंसी आई.एस.आई. आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहती है। जुबिन ने एक इवेंट में कहा था "प्रॉब्लम यह है कि पाकिस्तान सरकार में मौजूद कुछ ताकतें, खासकर आई.एस.आई. देश में एक्टिव सभी आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहती।" इसीलिए हम पाकिस्तान में अपने सहयोगियों से लगातार यह कह रहे हैं कि देश से चल रहे सभी आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कदम उठाया जाए।
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26 October 2016हमला पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पर देर रात किया गया पाकिस्तान में बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पर सोमवार देर रात आतंकी हमला हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले करीब 60 पुलिस ट्रेनी और अफसरों की मौत हुई है। 118 घायल हैं। सेना की वर्दी में चेहरे पर नकाब लगाकर आए इन आतंकियों के हाथ में कलाश्निकोव गन थी। कहा जा रहा है कि आतंकियों ने पुलिसवालों को बंधक बना लिया था। जवाबी कार्रवाई में हमला करने वाले तीनों आतंकी मारे गए। तीनों ने सुसाइड जैकेट पहन रखी थी। हमले के वक्त कैम्पस में 700 पुलिस कैडेट्स मौजूद थे। आतंकियों ने क्वेटा के सरयाब रोड पर मौजूद ट्रेनिंग सेंटर के हॉस्टल में रात 11:10 बजे हमला बोला। हमले के वक्त कैम्पस में करीब 700 पुलिस कैडेट्स थे। कैम्पस में आतंकियों के घुसने के बाद वहां कम से कम 5 धमाकों की आवाज सुनी गई।बलूचिस्तान के होम मिनिस्टर मीर सरफराज बुगती ने बताया कि हमले के बाद पाक आर्मी ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया, जिसमें वहां से करीब 250 ट्रेनी पुलिसकर्मियों को सुरक्षित निकाला गया। इस कैम्पस में आते ही फिदायीन आतंकियों ने की थी कुछ अफसरों को बंधक बनाने की कोशिश। बुगती ने बताया कि खुद को मुश्किल में देखकर दो आतंकियों ने खुद को ब्लास्ट करके उड़ा लिया, जबकि एक सिक्युरिटी फोर्स की गोली से मारा गया। फ्रंटियर कॉर्प्स के आईजी मेजर जनरल शेर अफगान ने बताया कि तीनों हमलावरों ने सुसाइड जैकेट पहन रखी थी।वे सेना की वर्दी में कलाश्निकोव गन लेकर आए थे। एक कैडेट ने बताया, "मैंने तीन लोगों को सेना की वर्दी में देखा। उनके हाथों में कलाश्निकोव थी और उनके चेहरे ढंके हुए थे।उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी और डॉर्मेट्री में दाखिल हो गए। मैं दीवार फांदकर बाहर आने में कामयाब हो गया।" मेजर जनरल शेर अफगान के मुताबिक, माना जा रहा है कि तीनों हमलावर आतंकी गुट लश्कर-ए-झांगवी के थे। यह पाकिस्तान तालिबान से जुड़ा आतंकी गुट है। उन्होंने कहा कि हमलावर अफगानिस्तान में बैठे उनके साथियों के कॉन्टैक्ट में थे। उनसे इंस्ट्रक्शन ले रहे थे।बुगती ने बताया कि ट्रेनिंग सेंटर का कैम्पस चार घंटे के भीतर खाली करा लिया गया। सर्च ऑपरेशन अभी चल रहा है।घायलों में ज्यादातर पुलिस कैडेट्स हैँ, जिन्हें क्वेटा के सिविल हॉस्पिटल, बोलन मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल और मिलिट्री हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है।दो दिन पहले यहीं 2 कोस्ट गार्ड को मारा गया था। बलूचिस्तान में आतंकी सिक्युरिटी फोर्सेस और सरकारी दफ्तरों पर कई हमले कर चुके हैं। यहां एक दशक से ज्यादा वक्त से बगावत चल रही है। यहां कई लोगों को मारा गया है। पाकिस्तान पर इस साल का यह तीसरा सबसे बड़ा आतंकी हमला है। इससे पहले 27 मार्च को गुलशन-ए-इकबाल पार्क पर हुए फिदायीन हमले में कम से कम 74 लोगों की मौत हुई थी। 338 घायल हुए थे। इसी साल अगस्त में क्वेटा के सिविल हॉस्पिटल पर फिदायीन हमला हुआ था, जिसमें 73 लोगों की मौत हुई थी। इनमें से ज्यादातर वकील थे। बलूचिस्तान पाकिस्तान का अशांत क्षेत्र है। काफी लंबे वक्त से वहां संघर्ष जारी है। यह हमला उस वक्त हुआ, जब पाकिस्तान ने करीब 500 से ज्यादा आतंकियों के बैंक खाते फ्रीज किए। हमले की क्या वजह थी और इसके पीछे कौन संगठन है, इस बात का अभी पता नहीं चल पाया है।
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25 October 2016राजनाथ बोले आतंकवाद के खात्मे के लिए पूरी दुनिया को एकजुट हो केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बहरीन का अपना तीन दिन का दौरा शुरू करते हुए कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और इसके खात्मे के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होना चाहिए। बहरीन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए सिंह ने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने कई संरचनात्मक एवं प्रक्रियागत बदलाव किए हैं और इसके परिणामस्वरूप देश में ‘थोक भ्रष्टाचार’ में कमी आयी है। उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद एक वैश्विक समस्या है और इससे उपजने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एकजुट होना पड़ेगा।’ गृह मंत्री ने मोदी सरकार की विभिन्न पहलों को रेखांकित करते हुए कहा कि राजग सरकार ऐसे माहौल का निर्माण कर रही है जिससे हर भारतीय को ‘गर्व’ का अनुभव होगा। उन्होंने कहा, ‘आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और अब यह निवेश के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य बन गया है।’ सिंह ने कहा, ‘भारत में एक साल में अधिकतम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ है जोकि अमेरिका और चीन से भी ज्यादा है। एक साल में भारत में 51 अरब डॉलर का निवेश हुआ।’ उन्होंने कहा कि जन धन योजना, कौशल भारत, डिजिटल भारत, मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं का भारत की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ रहा है। गृह मंत्री ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री बहुत ही कल्पनाशील एवं बेहद मेहनती नेता हैं। वह भारत में मौजूद आर्थिक विषमताओं को कम करने के लिए काम कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि बहरीन ने ‘लिटिल इंडिया इन बहरीन’ नाम की एक परियोजना शुरू की है और दोनों देश ‘भावनात्मक स्तर’ पर भी करीब आ रहे हैं। इससे पहले यहां पहुंचने पर बहरीन के गृह मंत्री राशिद बिन अब्दुल्ला अल खलीफ ने हवाईअड्डे पर उनकी अगवानी की। सिंह बहरीन के शाह हमद बिन इसा अल खलीफा, प्रधानमंत्री खलीफ बिन सलमान अल खलीफा और गृह मंत्री से मिलेंगे और उनके साथ विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
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24 October 2016उद्धव ठाकरे की खरी खरी पणजी में लक्षित हमले (सर्जिकल स्ट्राइक) के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि भारत के पास इस तरह के और हमले करने की क्षमता है और उसे पाक अधिकृत कश्मीर (पी.ओ.के.) पर फिर से नियंत्रण करना चाहिए। उद्धव ने कहा कि अगर पाकिस्तान एक सर्जिकल स्ट्राइक से नहीं सुधरता है तो उस पर हमला कर कब्जा करो। बहरहाल शिवसेना प्रमुख ने रक्षा मंत्री मनोहर पार्रिकर के बयान की आलोचना की जिन्होंने लक्षित हमले करने का निर्णय लेने के लिए ‘‘आर.एस.एस. की शिक्षाओं’’ को श्रेय दिया। उद्धव ने शिवसेना के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पाकिस्तान के खिलाफ ऐसे हमलों का अंत नहीं बल्कि शुरुआत होनी चाहिए।’’ शिवसेना प्रमुख ने कहा, ‘‘पाकिस्तान की पहचान जल्द ही हिंदुस्तान के तौर पर होनी चाहिए। इंदिरा गांधी ने जिस तरीके से सैन्य अभियान के माध्यम से बंगलादेश का निर्माण किया था, उसी तरह से भारत को पाकिस्तान के खिलाफ ऐसे और अभियान चलाने चाहिएं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं आर.एस.एस. का पूर्ण समर्थन करता हूं। आर.एस. एस. हिंदुत्व के लिए काम करता रहा है लेकिन कृपया हमारे बहादुर सैनिकों के कार्य को कमतर मत कीजिए जिन्होंने लक्षित हमले किए।’’ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग दावा करते हैं कि लक्षित हमले नहीं हुए उन्हें देश से बाहर भेज देना चाहिए। उद्धव ने कहा कि पार्टी ने गोवा में भाजपा को आगे बढऩे देकर गलती की, अन्यथा काफी समय पहले राज्य में उसका नेता मुख्यमंत्री होता। उन्होंने कहा, ‘‘जब भाजपा का गोवा में एक भी ध्वज नहीं था तो शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे ने उन्हें यहां बढ़ने दिया।’’
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23 October 2016ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के नगरीय विकास सत्र में केन्द्रीय मंत्री श्री वैंकेया नायडू केन्द्रीय नगरीय विकास मंत्री श्री वैंकेया नायडू ने कहा है कि केन्द्र सरकार मध्यप्रदेश में नगरीय विकास के लिये हरसंभव सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने नगरीय अधोसंरचना विकास में उल्लेखनीय कार्य किया है। इंदौर स्वत:स्फूर्त स्मार्ट सिटी का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। प्रदेश की छोटी नगरीय बसाहटों में भी अधोसंरचना विकास समय-सीमा में पूर्ण हो, इस दिशा में लगातार प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब देश का मुख्य प्रदेश बन गया है। श्री नायडू ने कहा कि नगरीकरण वर्तमान समय की आवश्यकता होने के साथ-साथ विकास का आधार भी है। श्री नायडू इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में नगरीय विकास पर केन्द्रित विशेष सत्र को संबोधित कर रहे थे। आयुक्त नगरीय विकास विवेक अग्रवाल ने प्रजेंटेशन के माध्यम से मध्यप्रदेश में शहरी अधोसंरचना के लिये निवेश, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, ट्रांस्पोर्टेशन प्रोजेक्ट, हाउसिंग, वाटर सप्लाई, सेनीटेशन एंड वेस्ट मैनेजमेंट के कार्यों का ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि जबलपुर में सॉलिड वेस्ट से ऊर्जा उत्पादन का कार्य आरंभ हो चुका है। नगरीय विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान की पहल पर आरंभ हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की परम्परा ने प्रदेश में विकास की प्रक्रिया को गति दी है। पिछले एक साल में प्रदेश में नगरीय विकास के क्षेत्र में 20 हजार करोड़ रूपये का निवेश हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के 96 नगर का मास्टर प्लान तैयार हो चुका है और एक लाख करोड़ के इंटेशन टू इन्वेस्ट राज्य शासन को प्राप्त हुए हैं। प्रमुख सचिव नगरीय विकास मलय श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश की बड़ी आबादी मझौले तथा छोटे नगरों में निवासरत है। यह बसाहटें विकास की प्रक्रिया से वंचित न रहे इसलिये अमृत और मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना में इन स्थानों पर विभिन्न गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं।सत्र में डीएफआईडी के प्रथम सचिव सायमन लूकस ने भारत में जारी नगरीकरण क्रांति के दौर में हो रहे परिवर्तन को विकास का संकेतक बताया। स्कूल ऑफ प्लानिंग एण्ड आर्किटेक्चर के चेतन वैद्य ने कहा कि नगरीय नियोजन में सशक्त राजस्व आधार विकसित करना आवश्यक है। स्मार्ट सिटी ऑफ काउंसिल के श्री प्रताप पाडोडे ने कहा कि जीएसटी के बाद मध्यप्रदेश, देश के लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित होगा। उन्होंने ग्रामीण पलायन को रोकने के लिये गाँवों को स्मार्ट बनाने की आवश्यकता भी बतायी। नायडू ने की विकास-प्रिय राज्य सरकार की प्रशंसा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे और समापन दिवस पर भी मध्यप्रदेश में बीते ग्यारह वर्ष में हुए विकास की प्रशंसा के स्वर सुनाई दिये। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री श्री वैंकेया नायडू ने कहा कि विद्युत, पेयजल और अच्छी सड़कों की उपलब्धि मध्यप्रदेश की विशेषता बन गई है। इससे शहरों के व्यवस्थित विकास का कार्य भी आसान हो गया है। श्री नायडू ने कहा कि इन्दौर नगर में हुए विकास और कायाकल्प के नये कार्यक्रम देखकर प्रसन्नता होती है। जहाँ मध्यप्रदेश सरकार की विकास की तीव्र चाह प्रशंसनीय है, वहीं इन्दौर के नागरिकों के सकारात्मक और सहयोगी रवैये की भी तारीफ करनी होगी। प्रगति हासिल करने और अच्छे वातावरण में रहने की जनता की यह मानसिकता सुखद संकेत है। शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू की उपस्थिति में आज समानान्तर सत्र में पहुँचे मुख्यमंत्री चौहान ने स्वयं का स्वागत करवाने से इंकार कर एक उदाहरण प्रस्तुत किया। समिट के समापन दिवस पर शहरी विकास पर केन्द्रित सत्र में जब मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री श्री नायडू को लेकर पहुँचे तब उनका पुष्प गुच्छ से स्वागत करने आए अधिकारियों से अपना स्वागत करवाने से इंकार किया। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री नायडू के स्वागत के बाद सत्र की कार्यवाही जारी रखने के निर्देश दिये।
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23 October 2016एक पाकिस्तानी जासूस और दो आतंकी पकडे गए पीओके में भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से पाकिस्तान पूरी तरह बौखलाया हुआ है और अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान लगातार सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। बीते 24 घंटे में पाकिस्तान ने छह बार सीजफायर का उल्लंघन किया है। भारत अब सीमा पर पाकिस्तान की नापाक हरकतों को बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं है। पाक की तरफ से सीमा पर हो रही लगातार फायरिंग और स्नाइपर के इस्तेमाल के बाद भारत सरकार ने तेवर सख्त कर दिए हैं।केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को साफ निर्देश दिया है कि सीमा पार से हो रही फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब दिया जाए।इसी बीच सेना ने सांबा सेक्टर से एक पाकिस्तानी जासूस पकड़ा है और जम्मू-कश्मीर के बारामुला में जैश-ए-मौहम्मद के दाे आतंकी गिरफ्तार किए गए हैं। इन आतंकियों के पास से एक AK-47 तथा एक पिस्तौल बरामद हुई है। राजनाथ ने कहा कि सीमा पर तैनात सुरक्षा बल खुद को सुरक्षित रखते हुए दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दें। गृहमंत्री ने आदेश दिया है कि पाकिस्तान की हर नापाक हरकत पर पैनी नजर रखी जाए। पाक सेना और रेंजर्स पर नजर रखने को भी कहा है। जम्मू-कश्मीर के हीरानगर सीमा पर 7 रेंजर्स की मौत से बौखलाए पाकिस्तान ने सांबा और आरएसपुरा सेक्टर में देर रात तक फायरिंग की। नियंत्रण रेखा पर तारकुंडी, राजौरी, बालकोट और मेंढर में फायरिंग हुई। इस फायरिंग में एक लड़की घायल हुई है। इस बीच सुरक्षाबलों का पुंछ और कुछ दूसरे इलाकों में सर्च ऑपरेशन जारी है। वहीं, बारामूला में जैश के दो आतंकी गिरफ्तार किए गए हैं। इन आतंकियों के पास से एक AK-47 तथा एक पिस्तौल बरामद हुई है। इसके साथ ही पाकिस्तान की तरफ से लगातार हाे रही गाेलाबारी के चलते जम्मू कश्मीर में सारे स्कूल बंद करने का फैसला किया है। जम्मू के DC सिमरदीप सिंह ने कहा, स्थानीय एसडीएम को सीमावर्ती गांवों में सुरक्षा की दृष्टि से स्कूल बंद कराने के निर्देश दिए गए। लगातार फायरिंग कर रहा पाक भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से लगातार सीमा पार से फायरिंग हो रही है। पाकिस्तान की ओर से इंटरनेशनल बॉर्डर पर सीजफायर का उल्लंघन जारी है। शुक्रवार देर शाम पाकिस्तान की ओर से आरएस पुरा सेक्टर में छोटे हथियारों से फिर फायरिंग की गई। रजौरी में भी फायरिंग हुई है। दिन में भी पाकिस्तान की तरफ से हीरानगर, सांबा और अखनूर में फायरिंग की गई। भारतीय सेना ने इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। राजौरी में रात भर फायरिंग हुई। आज सुबह फायरिंग बंद होने के बाद कुछ जानवरों को नुकसान की खबर है। आरएसपुरा में भी फायरिंग की गई। इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब देते हुए बीएसएफ ने शुक्रवार को पाकिस्तान रेंजर्स के सात जवानों और एक आतंकवादी को मार गिराया। संघर्ष विराम के उल्लंघन की इस घटना में बीएसएफ का एक जवान भी घायल हो गया। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने एक बयान में बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों ने कठुआ के हीरा नगर में भारतीय चौकियों पर सुबह करीब 9.35 बजे हमले (स्नाइपर अटैक) किए। बीएसएफ के जवानों ने पाकिस्तानी गोलीबारी का करारा जवाब दिया और इस जवाबी कार्रवाई में सात रेंजर्स और एक आतंकवादी मारे गए। पाकिस्तान रेंजर्स ने शुक्रवार रात जम्मू जिले के आरएस पुरा सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर छोटे हथियारों से गोलीबारी करते हुए संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। जम्मू के उपायुक्त सिमरनदीप सिंह ने बताया कि पाकिस्तान रेंजर्स की ओर से आरएसपुरा में अब्दुलियान गांव में छोटे हथियारों से गोलीबारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि लोगों से कहा गया है वे घरों के भीतर रहें तथा अब तक इलाके में कोई राहत शिविर नहीं बनाया गया है। हालात पर अगले 18 घंटे तक नजर रखी जाएगी। बीएसएफ के एक अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान रेंजर्स की गोलीबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। संघर्ष विराम के उल्लंघन की इस ताजा घटना से कुछ घंटे पहले बीएसएफ ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान रेंजर्स के सात जवानों और एक आतंकवादी को मार गिराया गया है। बीएसएफ की ओर से यह मुंहतोड़ जवाब उस वक्त दिया गया जब इसी इलाके में शुक्रवार सुबह पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों के हमले में कांस्टेबल गुरनाम सिंह घायल हो गए। सिंह की हालत गंभीर थी और ऐसे में कवर फायरिंग करते हुए उनको बाहर निकाला गया और जम्मू स्थित गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। बीएसएफ के जवानों ने गुरुवार को इसी इलाके में छह आतंकवादियों के एक दल की घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश विफल कर दी थी। पीओके में भारतीय सेना के लक्षित हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन की 32 घटनाएं हो चुकी हैं। भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर के सांबा सेक्टर से एक पाकिस्तानी जासूस को पकड़ने का दावा किया है। मीडिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उसके पास से दो सिम कार्ड्स और एक नक्शा बरामद किया गया है। नक्शे में सेना के मौज़ूदगी को दिखाया गया है।
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22 October 2016पिछले दो दिनों में जम्मू के बीजी और नौशेरा सेक्टर में फायरिंग के बाद शुक्रवार को एक बार फिर नापाक हरकत करते हुए पाकिसतान ने कठुआ और पुंछ में संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। इसके अलावा पुंछ में ही घुसपैठ की बड़ी कोशिश नाकाम की गई है। खबरों के अनुसार शुक्रवार सुबह 9.35 बजे से ही पाकिस्तानी सेना ने कठुआ के हीरानगर सेक्टर में फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद दोपहर 12.30 बजे पुंछ सेक्टर में फायरिंग हुई। फायरिंग के दौरान सेना के प्रवक्ता के मुताबिक पुंछ में सेना ने सीमा पार से हो रही घुसपैैठ की कोशिश काेे भी नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान के इस संघर्ष विराम का उल्लंघन का जवाब देते हुए बीएसएफ ने भी फायरिंग की है। खबर है कि इस फायरिंग में बीएसएफ ने पाकिस्तानी सेना के अब तक तीन रेंजर्स को ढेर कर दिया है।इस फायरिंग में भारतीय सेना का एक जवान घायल हो गया है जिसका इलाज जारी है।
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21 October 2016मध्यप्रदेश में निवेश के लिए अनुकूल माहौल मध्यप्रदेश के उद्योग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने 22-23 अक्टूबर 2016 को इंदौर में होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2016 में शामिल होने वाले देश - दुनिया के औद्योगिक और व्यवसायिक घरानों के प्रतिनिधियों का आत्मीय स्वागत करते हुए उनके प्रति ह्रदय से अपनी कृतज्ञता प्रकट की है। श्री शुक्ल ने उद्योगपतियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि देश के हृदय प्रदेश में निवेश के लिए सबसे अनुकूल माहौल है। मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश की लगातार बढ़ती विकास दर निवेश की संभावनाओं को प्रबल करती है। प्रदेश में अब न सिर्फ सिंगल टेबल के कॉन्सेप्ट के आधार पर उद्योग लगाने की सभी कार्रवाई मौके पर की जा रही है, बल्कि राज्य सरकार ने प्रदेश लघु-कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के लिये एक अलग विभाग भी बनाया है। साल 2014 में हुई जीआईएस में लगभग 6 लाख करोड़ रुपये के प्रदेश में निवेश की सकारात्मक संभावनाओं को प्रबल करते हुए रूचि दिखाई। मुझे पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुरूप इस समिट में निवेश की पहल से प्रदेश के युवाओं को न केवल बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे बल्कि उन्हें अपने कौशल के प्रदर्शन के लिये नया मंच भी मिलेगा। उद्योग मंत्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में भूमि अधिग्रहण की भी आवश्यकता नहीं है। उद्योग लगाने के लिये राज्य सरकार ने लेण्ड-बैंक बनाया है। इसमें 26 हजार हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। इतना ही नहीं, निवेशक प्रदेश में किसी भी स्थान से ऑनलाइन उद्योग लगाने के लिये भूमि ले सकते हैं। साथ ही राज्य सरकार द्वारा निवेशकों को पूरी स्वतंत्रता है कि वे अपनी पसंद के मुताबिक किसी भी सेक्टर में निवेश कर सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में यकीनन, हमारा प्रदेश विकास के गगन में नित नई ऊँचाइयों को छू रहा है। श्री शुक्ल ने उद्योगपतियों को यह भरोसा दिलाते हुए कहा कि प्रदेश में निवेश के लिये संचालित आकर्षक उदार नीति, उद्योगों के लिए बुनियादी सुविधाओं के साथ ही प्रदेश की बेहतर और संतुलित अर्थ-व्यवस्था कई मायनों में अहम है। राज्य सरकार की कोशिशों का ही प्रतिफल है कि शांति के टापू के रूप से पहचाना जाने वाला प्रदेश अब 'औद्योगिक शांति टापू' के नाम से देश- दुनिया में पहचाना जाने लगा है। उद्योग मंत्री ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में देश का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान 'कृषि कर्मण अवार्ड' लगातार चार बार मध्यप्रदेश की झोली में आना, राज्य सरकार की सफल नीतियों और योजनाओं का सुफल ही नहीं, बल्कि प्रदेश में हरित क्रांति की सफलता का परिचायक है। श्री शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का औद्योगिक क्रांति का सपना अब सच में तब्दील हो रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने कई सराहनीय कदम भी उठाये हैं। प्रदेश के हर संभागीय मुख्यालय को फोरलेन सड़क मार्ग से जोड़ना हो, उद्योगों की बेहतर ब्रांडिंग करना हो, प्रदेश में बिजली की भरपूर व्यवस्था हो, उद्योगों को सभी बुनियादी सुविधाएँ और सुदृढ़ अधोसंरचना मुहैया करने में राज्य सरकार अग्रणी है। राज्य सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने देश और दुनिया को मध्यप्रदेश की खूबियों से परिचित कराने के लिये देश में न केवल रोड शो किये बल्कि दुनिया के सभी प्रमुख देशों में स्वंय जाकर प्रदेश की विकास गाथा से उन्हें परिचित कराया। इसी का नतीजा है कि आज विश्व के फलक पर मध्यप्रदेश जाना-पहचाना नाम बन गया है। श्री शुक्ल ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए हर क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई हैं। इसके परिणाम भी अब जमीनी स्तर पर दिखने लगे हैं। इतना ही नहीं प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए देशभर से ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के शीर्षस्थ उद्योगपतियों और व्यवसायिक घरानों के प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश की ओर रूख किया है। निश्चित रूप से औद्योगिक क्षेत्र में हिन्दुस्तान का दिल दुनियाभर में अपना कीर्तिमान स्थापित करने को तैयार है।
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21 October 2016मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा पिछले दो दिनों से वे दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल की आईसीयू में भर्ती हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उन्हें देखने के लिए दिल्ली गए हैं। उन्होंने एम्स जाकर झा के स्वास्थ्य का हालचाल जाना। प्रभात झा चिकनगुनिया से पीड़ित हैं और उनकी शुगर भी बढ़ी हुई है। गौरतलब है कि प्रभात झा गंभीर रूप से डायबिटीज की बीमारी के शिकार हैं। उनके परिजनों ने बताया कि प्रभात झा को हाथ-पैर के अलावा लिवर में भी तकलीफ बढ़ गई है, जिसके चलते उन्हें तत्काल एडमिट कराया गया है। सूत्रों ने बताया कि उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों ने सांसद झा को इंटेंसिव केयर की सलाह दी है। इसके अलावा सीएम आयुष मंत्री हर्ष सिंह को देखने एस्कॉर्ट अस्पताल भी जाएंगे। हर्ष सिंह को ब्रेन हेमरेज होने के बाद अस्पताल लाया गया था। वरिष्ठ डायबिटिक और किडनी एक्सपर्ट डॉ. सुब्रत मंडल ने बताया कि डायबिटिज की बीमारी होने पर इसका असर दोनों किडनियों पर होता है, जिससे दोनों किडनियों के खराब होने की आशंका बनी रहती है। साथ ही शरीर में रक्त का संचालन टीशू में नहीं होता है, जिससे ब्लड का सर्कुेलेशन भी रूक जाता है। ब्लड सर्कुेलेशन के रूकने से आमतौर पर हार्टअटैक का खतरा भी पैदा हो जाता है।
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19 October 2016"धर्म और राज व्यवस्था" पर धर्म-धम्म सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिसमें सबका सुख और सबका कल्याण हो वही लोक नीति है। लोक नीति ऐसी होना चाहिये जो इन लक्ष्यों की पूर्ति कर सके। मुख्यमंत्री श्री चौहान साँची बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय द्वारा 'धर्म और राज व्यवस्था' पर आयोजित तीन दिवसीय चौथे धर्म-धम्म सम्मेलन के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में देश-विदेश के लगभग 200 विद्वान भाग ले रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि दूसरों की भलाई से बड़ा कोई धर्म नहीं है और दूसरों को तकलीफ पहुँचाने से बड़ा अधर्म नहीं है। विश्व में धर्म के नाम पर सबसे ज्यादा खून बहाया गया है पर जिसके नाम पर खून बहाया गया है वह धर्म नहीं बल्कि उपासना पद्धति है। धर्म के कई स्वरूप हैं। सत्य, अहिंसा, अस्तेय और अपरिग्रह धर्म हैं। स्नेह,प्रेम,शांति और आत्मीयता धर्म है। जो दूसरों को आनंद दे वही धर्म है। सुख तात्कालिक होते हैं और आनंद स्थायी होता है। प्रदेश सरकार ने राज्य के नागरिकों के जीवन में आनंद लाने के लिये आनंद विभाग बनाया है। स्वामी विवेकानंद ने कहा है कि सत्य एक है पर इस तक पहुँचने के रास्ते अलग-अलग हैं। भारत में हजारों वर्ष पहले कहा गया है कि सारा विश्व एक परिवार है। प्रदेश में जनता से जुड़े फैसले समाज के उस वर्ग से बात करके लागू करने की व्यवस्था की गयी है। धर्म-धम्म सम्मेलन में आये अलग-अलग क्षेत्र के विद्वानों के विचार विमर्श के बाद मिले निष्कर्ष को प्रदेश में लागू करने के प्रयास किये जायेंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम में साँची बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय की काफी टेबल बुक का विमोचन किया। शुभारंभ सत्र की अध्यक्षता श्रीलंका महाबोधी सोसायटी के प्रमुख बेनेगेला उपाथिसा नायका थेरो ने की। कार्यक्रम में संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के मंत्री सुरेंद्र पटवा, साँची बौद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.वाय.एस.शास्त्री़, इंडियन काउंसिल ऑफ फिलासाफिकल रिसर्च के अध्यक्ष एस.आर. भट्ट और साँची बौद्ध विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार राजेश गुप्ता उपस्थित थे।
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19 October 2016वन्य-जीव तस्कर तमांग गिरोह का मध्यप्रदेश एसटीएफ ने किया पर्दाफाश संभवत: यह न केवल मध्यप्रदेश बल्कि देश की पहली घटना होगी, जिसमें वन विभाग द्वारा दर्ज प्रकरण में इंटरपोल द्वारा वन्य-प्राणी अपराध के लिये रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया है। मध्यप्रदेश वन विभाग द्वारा गठित राज्य-स्तरीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल ने दुर्लभ वन्य-प्राणी पेंगोलिन एवं बाघ के शिकार एवं अवयवों के अवैध व्यापार में लिप्त अंतर्राष्ट्रीय तस्कर जेई तमांग को अक्टूबर, 2015 में दिल्ली से गिरफ्तार किया था। एसटीएफ अब तक देश के 10 राज्य से 113 आरोपी को गिरफ्तार कर चुका है, जिनमें दो विदेशी शामिल हैं। पेंगोलिन और बाघ के अंगों का अंतर्राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अवैध व्यापार करने वाले जेई तमांग उर्फ पसांग लिमी की जमानत याचिका उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा फरवरी, 2016 में निरस्त कर दी गयी थी। तभी से एसटीएफ (वन्य-प्राणी) द्वारा आरोपी से जुड़े तार खंगाले जा रहे थे और निरंतर तलाशी ली जा रही थी। अपराधी के अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होने पर इंटरपोल से भी मदद ली गयी, जिसमें इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। इंटरपोल एक अंतर्राष्ट्रीय पुलिस संगठन है, जिसका मुख्यालय फ्रांस के लियोन शहर में है। इस संस्था द्वारा किसी देश में घटित अपराध में लिप्त आरोपी, जो उस देश से भाग कर किसी अन्य देश में छुप जाते हैं, का पता लगाने तथा उसे गिरफ्तार करने में मदद करता है। इंटरपोल अपराध की गंभीरता को देखते हुए तथा अपराध प्रकरण की जाँच कर रही संस्था की माँग के अनुसार सात भिन्न-भिन्न प्रकार के नोटिस जारी करता है। जैसे रेड कॉर्नर, यलो कॉर्नर, ब्ल्यू कॉर्नर, ब्लेक कॉर्नर, ग्रीन कॉर्नर, ऑरेंज कॉर्नर, पर्पल कॉर्नर नोटिस। इसमें रेड कॉर्नर नोटिस मुख्य है, जिसे इंटरपोल द्वारा अत्यंत गंभीर प्रकरणों में लिप्त आरोपियों पर कार्यवाही करने के लिये जारी किया जाता है। एसीएफ रितेश सिरोठिया को इसीलिये मिला है 3 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार एसटीएफ के प्रभारी सहायक वन संरक्षक रितेश सिरोठिया को गत 3 अक्टूबर को इसी प्रकरण के लिये दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में प्रतिष्ठित 'क्लार्क आर बाविन वाइल्ड लाइफ एन्फोर्समेंट अवार्ड 2016'' से नवाजा गया है। श्री सिरोठिया वन्य-प्राणी संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाले पहले भारतीय हैं। श्री सिरोठिया ने गत दो वर्ष में अत्यंत प्रभावी प्रयास करते हुए पेंगोलिन के शिकार एवं शल्कों के व्यापार में लिप्त 10 राज्य के 113 आरोपियों को हिरासत में लेकर न्यायालय में प्रस्तुत किया है।
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18 October 2016गोवा में चीन ने एक बार फिर से भारत को पाकि प्रयोजित आतंकवाद के मुद्दे पर झटका देने में सफलता हासिल कर ली है। ब्रिक्स सम्मेलन के घोषणापत्र में सदस्यों के बीच इन आतंकी संगठनों के जिक्र को लेकर आम सहमति नहीं बन सकी। ब्रिक्स सम्मेलन के समापन पर भारत की अपील के बाद भी चीन ने अपने वक्तव्य में पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद का जिक्र तक नहीं किया। हालांकि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारत के साथ एकजुटता दिखाते हुए अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से मुकाबले के लिए व्यापक रणनीति बनाने पर जोर जरूर दिया। लेकिन पाकिस्तान को घेरने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रणनीति चीन के कारण कामयाब नहीं हो सकी। हालांकि इस बात की उम्मीद पहले से ही थी कि चीन पाकिस्तान के मुद्दे पर नरम रुख अपनाएगा। लेकिन साथ ही भारत को उम्मीद थी कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आंतकी संगठनों का जिक्र किया जाएगा। इसकी जानकारी देते हुए ब्रिक्स सम्मेलन के सचिव अमर सिन्हा ने बताया कि पाकिस्तान में मौजूद आंतकी संगठनों का निशाना भारत है, इसलिए ब्रिक्स के दूसरे सदस्य देशों के लिए यह कोई चिंता का विषय नहीं है। उन्होंने कहा कि चीन का रुख भारत के लिए काफी निराशाजनक रहा है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय आंतकी समूहों जैसे इस्लामिक स्टेट और जबात-अल-नुसरा का घोषणापत्र में जिक्र किया गया। ब्रिक्स के चार सदस्यों रूस, चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका ने एकजुट होकर जम्मू कश्मीर के उरी में सेना के कैंप पर हुए हमले की तीखी निंदा की। इन देशों ने द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय, दोनों स्तरों पर आतंकवाद के खिलाफ पार्टनरशिप को मजबूत करने पर सहमति जताई। लेकिन इसके बावजूद गोवा घोषणा पत्र में सीमा पार आतंकवाद का जिक्र तक नहीं किया जा सका। इस घोषणा पत्र में कहा गया कि हम हाल में भारत समेत कुछ ब्रिक्स देशों में हुए हमले की कड़ी निंदा करते हैं। हम हर तरह के आंतकवाद का पुरजोर विरोध करते हैं और सैद्धांतिक, धार्मिक, राजनीतिक, नस्लीय और किसी भी अन्य वजहों से की गई किसी भी तरह की आतंकवादी गतिविधियों को उचित नहीं ठहराया जा सकता। हमने अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद से मुकाबले के लिए द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर सहयोग मजबूत करने पर सहमति जताई है। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक ब्रिक्स के सदस्यों ने सीसीआईटी को तेजी से अपनाने पर भी जोर दिया हैै।
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17 October 2016कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में दिनदहाड़े एक आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या के बाद तनाव बना हुआ है। शहर की कामराज रोड शिवजी नगर पर बाइक सवार दो बदमाशों ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता की रविवार को हत्या कर दी। रुद्रेश की हत्या से आरएसएस और बीजेपी के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। बीजेपी ने हमले की निंदा करते हुए घटनास्थल पर धरना दिया। पार्टी ने हत्या के विरोध में शिवाजीनगर बंद का एलान किया है। इस दौरान पुलिस कमिश्नर के दफ्तर तक मार्च भी निकाला जाएगा। प्रशासन ने एहतियातन बेंगलुरु के 4 पुलिस थानों में धारा 144 लगा दी है। ऐहतियात के तौर पर अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती की गई है और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि पेशे से खुदरा व्यापारी 35 वर्षीय रूद्रेश पास ही में आयोजित संघ की बैठक से वापस लौट रहा था। उसी दौरान बदमाशों ने उसे बाइक से गिरा दिया और धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने बदमाशों का पीछा भी किया, लेकिन वे भागने में सफल रहे। रूद्रेश को ब्रोइंग अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत लाया हुआ घोषित कर दिया। हालांकि संघ के शहर प्रवक्ता राजेश पद्मार ने आरोप लगाया कि वह संगठित तरीके से संघ के कार्यकर्ताओं को मिटाने का सिलसिला है। उन्होंने कहा कि हत्या के विरोध में आरएसएस सोमवार को विरोध प्रदर्शन करेगी। आरएसएस नेता की हत्या की खबर आस-पास के इलाकों में फैलते ही दर्जनों आरएसएस कार्यकर्ता कमर्शल रोड पुलिस स्टेशन पर जुट गए। आक्रोशित आरएसएस कार्यकर्ता थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगे और रुद्रेश के हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। प्रदर्शनकारियों ने कमर्शल रोड को एक घंटे से भी ज्यादे समय तक के लिए जाम कर दिया, जिसकी वजह से यातायात बाधित हो गया। बाद में प्रदर्शनाकारी उस जगह पर पहुंचे जहां रुद्रेश की हत्या हुई थी, और धरने पर बैठ गए। पुलिस के आलाधिकारी भी कमर्शल स्ट्रीट पुलिस स्टेशन पहुंचे। अब तक हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के भाजपा अध्यक्ष बी. एस. येदियुरप्पा ने कहा कि घटना और हमलावरों का भाग निकलना राज्य की कानून-व्यवस्था की सच्चाई बताता है।
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17 October 2016ब्रिक्स समिट में बोले मोदी आतंकवादी मानसिकता को बढ़ावा देता है पाकिस्तान बेनोलिम (गोवा) में चल रहे ब्रिक्स सम्मेलन में रविवार को पीएम मोदी ने सदस्य देशों के सामने पाक प्रयोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाते हुए इससे निपटने की बात कही। ब्रिक्स के सदस्य देशें के प्रमुखों के साथ एक बैठक के दौरान पीएम ने कहा कि ब्रिक्स देश शांति, सुधार, कारण और उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई की आवाज हैं। उन्होंने कहा कि हमारी ईको प्रॉस्पेरिटी को जो सीधा और गंभीर खतरा है वो है आतंकवाद। दुखद रूप से इसका मुख्य वाहक हमारा पड़ोसी देश है। आज के समय में बढ़ते आतंक के दायरे से मध्य-पूर्व के देशों के अलावा पश्चिम एशिया, यूरोप और दक्षिण एशिया के देशों को भी खतरा पैदा हो गया है। पीएम आगे बोले की दुनियाभर में आतंक फैलाने वाले इस मदरशिप से जुड़े हुए हैं। यह देश सिर्फ आतंकियों को पनाह ही नहीं देता बल्कि उनकी मानसिकता को भी बढ़ावा देता है। मोदी ने इस दौरान चीन को उस बयान पर भी घेरा जिसमें उसने मसूद अजहर के मामले पर कहा था कि भारत इसका राजनीतिक फायदा ना ले। पीएम ने कहा कि आतंकवाद को राजनीतिक लाभ के लिए उपयोग करने की जिस मानसिकता का जोर-शोर से प्रचार हो रहा है, हम उस मानसिकता की निंदा करते हैं। ब्रिक्स देशों को जरूरत है कि वो साथ खड़े हों और आतंकवाद के खिलाफ प्रायोगिक सहयोग के लिए आगे आएं। हमें सीसीआईटी को जल्द एडोप्ट करना चाहिए।
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16 October 2016वित्त मंत्री मलैया ने की जीआईएस तैयारियों की समीक्षा मध्यप्रदेश के वित्त एवं इंदौर जिले के प्रभारी मंत्री जयंत मलैया ने इंदौर में 22-23 अक्टूबर को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की समीक्षा की। श्री मलैया ने कहा कि मालवा की मेहमान नवाजी की चर्चा सब जगह होती है। उन्होंने कहा कि इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान इसकी झलक देखने को मिलना चाहिये। वित्त मंत्री ने कहा कि समिट में आने वाले अतिथियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इस बात का पूरा ख्याल रखा जाये। वित्त मंत्री ने ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर का निरीक्षण भी किया। उन्होंने प्रदर्शनी-स्थल को भी देखा। उन्होंने कहा कि शहर में ट्रेफिक व्यवस्थित रहे, इस बात का पूरा ख्याल रखा जाये। वित्त मंत्री ने शहर के सौंदर्यीकरण के लिये किये जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। इस मौके पर महापौर इंदौर श्रीमती मालिनी गौड़, इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री शंकर लालवानी, कमिश्नर इंदौर श्री संजय दुबे, कलेक्टर श्री पी. नरहरि, डीआईजी श्री संतोष कुमार सिंह एवं विभागीय अधिकारी मौजूद थे।
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16 October 2016ब्रिक्स समिट से पहले गोवा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। इसके बाद दोनों देशों के बीच 16 करार पर हस्ताक्षर हुए। ये करार आपसी व्यापार बढ़ाने के साथ ही रक्षा क्षेत्र से जुड़े हैं। मोदी ने इस मौके पर अपने भाषण की शुरुआत और अंत रूसी भाषा से किया। रूस भारत को मिसाइल कवच प्रणाली प्रदान करेगा। रूस और भारत के बीच अत्याधुनिक लॉंग रेंज एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर भी करार हुआ। वहीं कोमोव हेलीकॉप्टर को लेकर भी दोनों देशों में करार हुआ है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच गैस पाइपलाइन, आंध्र प्रदेश और हरियाणा में स्मार्ट सिटी, शिक्षा, रेल की स्पीड बढ़ाने समेत कई क्षेत्रों में अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस आपसी सहयोग को नए युग में ले जाने पर सहमत हुए हैं!दोनों देश जहां रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में मिलकर काम करेंगे वहीं रूस भारत को मेक इन इंडिया में मदद करने पर सहमत हुआ है। भारत-रूस के संबंधों का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि रूस भारत का पुराना सहयोगी है और एक पुराना दोस्त दो नए दोस्तों से बेहतर होता है. भारत इस महत्व को जानता है। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि आतंकवाद पर मिले समर्थन के लिए भी रूस को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत और रूस आतंकवाद के वैश्विक खतरे का मुकाबला मिलकर करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और रूस ब्रिक्स समेत तमाम मंचों पर मिलकर काम कर रहे हैं और तमाम वैश्विक मंचों पर वैश्विक मसलों के समाधान के लिए मिलजुलकर काम करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस तमाम क्षेत्रों में क्षमतावान हैं और अगर मिलकर काम करते हैं तो न केवल दोनों देशों के लोगों को जीवन बेहतर होगा बल्कि दुनिया में भी बड़े बदलाव का कारण बनेगा। वहीं, रूस ने पहली बार भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 50 करोड़ डॉलर की राशि के निवेश पर सहमति जताई है, इसके साथ ही रूस एक अरब की राशि वाले ‘रूस भारत निवेश कोष’ की स्थापना के लिए लगभग इतनी ही राशि नवनिर्मित ‘नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंड फंड (एनआईआईएफ)’ में भी निवेश करेगा। आरडीआईएफ के मुख्य कार्यकारी किरील दिमित्रेव ने बताया कि इस संयुक्त कोष में ‘रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष’ (आरडीआईएफ) 50 करोड़ डॉलर निवेश करेगा, जो ‘भारत में रूसी कारोबारी गतिविधि के लिए आकषर्क निवेश के अवसरों और विकास’ का समर्थन करेगा। दिमित्रेव ने कहा, ‘रूसी कलपुर्ज़े सहित इस धन का निवेश बुनियादी ढांचा परियोजना में किया जाएगा। हम उर्जा, पेट्रोकेमिकल, परिवहन बुनियादी ढांचा और विभिन्न परियोजनाओं को लेकर आशान्वित हैं जहां हमारी कंपनियां भारत में कदम रख सकती हैं।’ कोष को शुरू करने के मकसद से यह समझौता नवगठित एनआईआईएफ के लिए अपनी तरह की पहली ऐसी साझेदारी है और आज से गोवा में शुरू हो रहे दो दिवसीय आठवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष इस पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
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15 October 2016गोवा में BRICS सम्मेलन पणजी में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज गोवा पहुंचे। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष के बीच आतंकवादी गतिविधियों पर चर्चा हुई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने बताया कि अनौपचारिक डिनर के साथ ब्रिक्स की शुरुआत होगी। इससे पहले रूस, दक्षिण अफ्रीका और चीन के साथ द्विपक्षीय मुलाकात होगी। विकास स्वरुप ने बताया कि हम सुरक्षा और रक्षा जैसे कई अहम मुद्दों पर परिणामदायक चर्चा की उम्मीद कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गोवा में द्विपक्षीय वार्ता और ब्रिक्स सम्मेलन से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्वागत किया। मोदी ने ट्वीट कर पुतिन का स्वागत करते हुए कहा, ‘‘भारत आपका स्वागत करता है राष्ट्रपति पुतिन। एक मंगलदायी यात्रा की कामना कर रहा हूं।’’ ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे जो दक्षिण गोवा के रिसॉर्ट में होगी। पुतिन भारत के साथ रक्षा से लेकर कृषि तक कई क्षेत्रों में समझौते कर सकते हैं। पुतिन के भारत दौरे के दौरान उनके साथ रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और औद्योगिक मंत्रालय के शीर्ष राजनयिक भी आए हैं। मोदी और पुतिन वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कुडनकुलम परमाणु संयंत्र की तीसरी और चौथी इकाइयों के शिलान्यास समारोह में हिस्सा लेंगे। रुसी राष्ट्रपति से पहले द अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा दाबोलिम सिटी पहुंचे। केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने उनका एयरपोर्ट पर स्वागत किया। ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर दाबोलिन सिटी पहुंचे।
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15 October 2016प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भोपाल में साहस और वीरता के तीर्थ शौर्य स्मारक का लोकार्पण किया। उन्होंने देश के प्रति बलिदान करने वाले अमर शहीदों के प्रति श्रद्धा-सुमन भी अर्पित किये। इस अवसर पर राज्यपाल ओ.पी. कोहली, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने अमर शहीदों की स्मृति को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिये निर्मित 62 फीट ऊँचे शौर्य स्तम्भ का भी लोकार्पण किया। उन्होंने होलोग्राफिक लौ के माध्यम से शहीदों के सम्मान में अनंत ज्योत प्रज्जवलित की। प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री ने अनंत ज्योति के समक्ष पुष्प-चक्र अर्पित कर देश के प्रति आत्मोत्सर्ग करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री मोदी ने शौर्य स्मारक स्थित संग्रहालय 'शौर्य वीथी'' का भी अवलोकन किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शौर्य स्मारक सहित शौर्य वीथी में लगे चित्रों तथा सेना द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले विभिन्न उपकरणों एवं सामग्रियों के प्रादर्शों की जानकारी दी। शौर्य वीथी शौर्य वीथी शहीदों के बलिदान और शौर्य की विषयगत तस्वीरों को प्रदर्शित करती है। इसमें महाभारत में उद्घृत शौर्य की परिभाषा से लेकर प्रागैतिहासिक काल एवं 1999 के कारगिल युद्ध तक की घटनाओं का चित्रण है। शौर्य परिभाषित हिन्दी के प्रमुख कवियों की रचनाओं का भी प्रदर्शन है। वीथी में सेना के कमाण्डर इन चीफ के रूप में अब तक पदस्थ भारत के राष्ट्रपति के चित्र भी प्रदर्शित किये गये हैं। वीथी में जल, थल एवं वायु सेना के सेनाध्यक्षों, सेना के विभिन्न रेजीमेंट के ध्वजों, राष्ट्र-ध्वज तिरंगे के इतिहास का चित्रण और भारतीय सेना के बंकर के सजीव दृश्य की प्रस्तुति (डायरोमा) की गयी है। वीथी में 1947 का भारत-पाकिस्तान बँटवारा, वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध, वर्ष 1965 और वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध और वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध एवं सेना की शांतिकालीन गतिविधियों का सजीव चित्रण किया गया है। शून्य डिग्री तापमान पर सियाचिन पर तैनात सेना का प्रस्तुतिकरण अद्भुत है। परमवीर चक्र एवं महावीर चक्र से सम्मानित भारतीय सैनिकों की शौर्य गाथा को रेखांकित करती हुई थीमेटिक पेंटिंग्स दर्शकों को स्वमेव आकर्षित एवं रोमांचित करती हैं। वीथी में विभिन्न सेना मेडल, युद्धपोत, टैंक और रायफलों का भी प्रदर्शन किया गया है।
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14 October 2016प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विशेष विमान से भोपाल पहुंचे, एयरपोर्ट में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उनका स्वागत किया। एयरपोर्ट से वे सीधे शौर्य स्मारक का लोकार्पण करने लाल परेड मैदान के लिए रवाना हो गए। मुख्यमंत्री शिवराज के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया। प्रधानमंत्री जैसे ही मंच पर संबोधन के लिए पहुंचे, पूरा लाल परेड ग्राउंड मोदी मोदी के नारों से गूंज उठा। वहीं प्रधानमंत्री ने यहां सबसे पहले लाल परेड ग्राउंड में मौजूद लोगों से 'शहीदों... अमर रहे' के नारे लगवाए। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का सैन्य बल मानवता की बड़ी मिसाल है। राष्ट्र की सुरक्षा के साथ मुसीबत में फंसे लोगों की सेवा करना भी भारत के जवान अपना धर्म समझते हैं। उन्होंने दो साल पहले जम्मू कश्मीर में आई भीषण बाढ़, केदारनाथ, बदरीनाथ में सेना द्वारा किए गए साहसिक कार्य का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा जहां ड्यूटी लगाते हैं, वहां जान लगा देते हैं जवानविश्व के पीस मिशन में भारतीय सैनिकों के योगदान ज्यादा।यमन में फंसे भारतीय नागरिकों को हमारी सेना ने बचाया।भारतीय सेना पाकिस्तानी नागरिकों को भी बचाकर लाई।पहले और दूसरे विश्वयुद्ध से भारत का कोई लेना-देना नहीं था लेकिन दोनों युद्ध में 1.5 लाख भारतीय जवान शहीद हो गए।पूरा विश्व भारतीय सैनिकों को बलिदान का भुला देता है।भारतीय सैनिकों ने जब जरूरत पड़ी, अपना पराक्रम दिखाया।हमारे पूर्वजों ने जमीन के लिए कभी झगड़ा नहीं किया है।देश के लोग चैन से सो जाएं, तो सेना को सुकून मिलता है। शौर्य सम्मान सभा और पूर्व सैनिक सम्मेलन मोदी के साथ रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी आए। पर्रिकर मंच से संबोधित करते हुए कहा कि शौर्य स्मारक बनाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ की। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि शौर्य स्मारक के लिए प्रधानमंत्री मोदी को भोपाल आना गौरव की बात है। शिवराज ने कहा कि ये साधारण आम सभा नहीं है बल्कि शौर्य सम्मान सभा है। शिवराज ने शहीद सैनिकों के माता-पिता को प्रति माह पांच हजार रूपए पेंशन देने की घोषणा की। इसके अलावा पूर्व सैनिकों को जीवन यापन के लिए जमीन देने की भी घोषणा की।
Patrakar Shafali Gupta
14 October 2016शिवराज सिंह हर प्राणी को सबसे प्यारा अपना जीवन होता है। जीवन को सबसे मूल्यवान माना जाता है। लेकिन जो वीर होते हैं, वे अपनी मातृभूमि के गौरव और सम्मान को जीवन से कहीं ऊपर रखते हैं। इसके लिये जीवन का बलिदान करने में वे एक क्षण भी नहीं सोचते। उनके बलिदानों से ही राष्ट्र और हमारा जीवन सुरक्षित रहता हैं। ऐसे वीरों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए कोई भी भाषा पूरी तरह समर्थ नहीं है। भारत भूमि वीर-प्रसूता है। इसकी माटी में ऐसे वीर सपूतों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया है, जिनके शौर्य की गाथाएं सदियों से लोगों की जुबान पर हैं। किताबों के पन्ने उनकी वीरगाथाओं से भरे पड़े हैं। उनकी वीरता के कार्यों पर आधारित लोकगीत गांव-गांव, घर-घर में गाये जाते हैं। यह सब उनके प्रति हमारी कृतज्ञता की अभिव्यक्ति हैं। मेरे मन में हमेशा से एक सपना पलता रहा कि प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक ऐसा अनूठा और भव्य शौर्य स्मारक बने, जो समाज, विशेषकर नयी पीढ़ी को हमारे वीरों के शौर्य तथा बलिदान से परिचित कराने के साथ-साथ उनके रोम-रोम में देशप्रेम की भावना भर दे। बहुत विचार और विशेषज्ञों से परामर्श के बाद शौर्य स्मारक का कार्य अरेरा पहाड़ी पर उपयुक्त स्थल चुनकर शुरू किया गया। वर्षों के कड़े परिश्रम और उत्कृष्ट शिल्पकारी के फलस्वरूप भव्य शौर्य स्मारक बनकर तैयार है। हमारे लिये यह गर्व की बात है कि शौर्य स्मारक का शुभारंभ करने परम् राष्ट्रभक्त और देश के विकास में अपने जीवन का हर पल समर्पित करने वाले प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी पधार रहे हैं। भारत के रक्षामंत्री श्री मनोहर पर्रिकर भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। हमारा प्रयास है कि तीनों सेनाओं के प्रमुख भी इस अवसर पर उपस्थित रहें। कुल 41 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 12.67 एकड़ भूमि पर निर्मित इस अद्वितीय स्मारक की परिकल्पना बहुत अद्भुत है। इसमे जीवन बलिदान करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई है। स्मारक जीवंत अनुभूति प्रदान करता है। इसमें शूरवीर सैनिक की राष्ट्रसेवा से प्रेरित जीवनयात्रा का रूपायन है। जीवन, युद्ध के रंगमंच, मृत्यु तथा मृत्यु पर विजय को चार प्रांगणों की श्रृंखला के रूप में अलग-अलग दिखाया गया। इसके रूपांकन में जीवन-मृत्यु, युद्ध-शांति तथा मोक्ष-उत्सर्ग जैसे जटिल अव्यक्त अनुभवों को सरल, सहज तरीके से रूपांकित करने के लिए सुंदर तानाबाना बुना गया है। स्मारक में पृथ्वी से उभरता हुआ 62 फीट ऊँचा शौर्य स्तम्भ एक सैनिक के जीवन को दर्शाता है। यह स्तम्भ अंदरूनी शक्ति और साहस का प्रतीक है। स्तम्भ के आसपास के वातावरण से आगंतुक के मन में वीरों के प्रति सम्मान और नमन का भाव जागृत होगा। स्मारक में शहीदों के सम्मान में प्रज्जवलित परंपरागत अनन्त ज्योति को एक अत्याधुनिक होलोग्राफिक लौ के माध्यम से दर्शाया गया है। स्मारक में एक व्याख्या केन्द्र भी है, जिसके माध्यम से आगंतुकों को स्मारक के स्वरूप को समझने में मदद मिलेगी। यहां एक शौर्य वीथिका भी है, जिसमें भारतीय सैनिकों की देशभक्ति और शौर्य को तस्वीरों के रूप में दिखाया गया है। यह महाभारत काल से शुरू होकर आजादी के संघर्ष तक को दर्शाता है। इसमें परमवीर चक्र, महावीर चक्र जैसे शौर्य सम्मानों से पुरस्कृत विजेताओं की तस्वीरें भी प्रदर्शित हैं। भारतीय सेना के हवाई जहाज, टैंक तथा पानी के जहाजों के लघु मॉडल आगंतुकों के आकर्षण का केन्द्र बिन्दु होंगे। निश्चय ही शौर्य स्मारक का अवलोकन करने वाले लोग अपने वीर सैनिकों के प्रति कृतज्ञता और राष्ट्रप्रेम की भावना से ओतप्रोत होकर लौटेंगे।[लेखक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं ]
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13 October 2016जम्मू कश्मीर के पंपोर में घुसे दो आतंकियों को सेना ने मुठभेड़ में मार गिरया है और इस बीच कुछ और आतंकी भारतीय सीमा में घुसपैठ के लिए तैयार हैं। पंजाब इंटेलीजेंस ने गृह मंत्रालय को खबर है कि सीमा पर लश्कर के छ आतंकी देखे गए हैं जो घुसपैठ की फिराक में हैं इनके आसपास स्थित गांव छंब में पाकिस्तानी कमांडोज और टैंकों की हलचल भी देखी गई है। pok में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तानी सेना ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं। इस बीच पंजाब इंटेलिजेंस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एलओसी के पास स्थित गांव छंब में पाकिस्तानी कमांडोज और टैंकों की हलचल देखी गई है और यहां लश्कर के छ आतंकी भी देखे गए हैं। यह आतंकी पंजाब के हीरानगर या गुरदासपुर से घुसपैठ कर सकते हैं। इस सूचना के बाद सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है। बता दें कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से ही सीमा पर भारतीय सेना लगातार निगरानी बढ़ाए हुए हैं और अब तक हुई घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर दिया है। पंपोर अब तक दो आतंकी ढेर पुलवामा जिले के पांपोर में उद्यमिता विकास संस्थान (जेकेईडीआइ) में आतंकियों से मुठभेड़ तीसरे दिन भी जारी है। लगातार हो रही फायरिंग के बीच सेना अब ईडीआई इमारत में घुस चुकी है और कहा जा रहा है कि अब जल्द यह मुठभेड़ खत्म हो जाएगी।इस बीच खबर है कि सुरक्षाबलों ने एक और आतंकी को मार गिराया है और इसके साथ ही मारे गए आतंकियों की संख्या दो हो चुकी है। हालांकि फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं की गई है। इससे पहले एक आतंकी मंगलवार रात में मारा गया था। जेकेईडीआइ परिसर में घुसे आतंकियों में से एक आतंकी मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे दिखाई दिया। वह भी तब जब उसने एक खिड़की से नीचे घेरा डाले सुरक्षाकर्मियों पर दो से तीन फायर किए, लेकिन उसका यह प्रयास उसके लिए ही जानलेवा साबित हुआ। उसने जिस खिड़की से फायर किया, सुरक्षाबलों ने उसे निशाना बनाते हुए रॉकेट लांचर दागा और मशीन गन से भी वहां गोलियां दागीं। बताया जा रहा है कि इसमें आतंकी मारा गया, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने कहा कि शव मिलने के बाद ही कुछ पक्के तौर पर कहा जा सकता है। बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा के तीन से पांच आतंकियों का एक आत्मघाती दस्ता सोमवार से जेकेईडीआइ की सात मंजिला इमारत में मोर्चेबंदी कर छिपा बैठा है। उन्हें मार गिराने के प्रयास में दो सुरक्षाकर्मी सोमवार को जख्मी हुए थे। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने मंगलवार को कई बार इमारत के उस हिस्से पर रॉकेट दागे, जहां आतंकियों ने अपना ठिकाना बना रखा है।
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12 October 2016कराची और क्वेटा में पाकिस्तानी सेना का विरोध पाकिस्तान सरकार की ज्यादतियों और बर्बरता के खिलाफ बलोच नागरिकों के विरोध का सिलसिला लगातार जारी है। कराची और क्वेटा में पाकिस्तानी सेना के विरोध में लोग सड़क पर उतर आए। प्रदर्शनकारी बलोच नेता शब्बीर बलोच को अगवा करने से नाराज हैं। बलोच नेता शब्बीर के अपहरण के खिलाफ लोगों ने क्वेटा में पाक सेना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। शबीर बलोच की गिरफ्तारी पर बलोचिस्तान स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ने विरोध प्रदर्शन किया। इनका आरोप है कि शब्बीर का अपहरण पाकिस्तान की सेना ने किया है। इसी के विरोध में संगठन के सैंकड़ों कार्यकर्ता कराची की सड़कों पर हाथ में भगवा झंडे थामे उतरे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कराची के इस प्रदर्शन में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। क्वेटा शहर में भी लोगों ने पाक सेना के खिलाफ प्रदर्शन किया। बीते रविवार को भी क्वेटा के पास चीन-पाक आर्थिक गलियारे के विरोध में सैंकड़ों बलोच सड़कों पर उतरे थे। इन लोगों ने सिर्फ आर्थिक गलियारे का विरोध किया बल्कि चीन और पाकिस्तान के विरोध में नारेबाजी भी की थी। बलोचिस्तान में लोग चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का विरोध कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि चीन और पाकिस्तान मिलकर बलोचिस्तान के खनिज का दोहन करना चाहते हैं जिसके लिए इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाया जा रहा है। पिछले हफ्ते चार अक्टूबर को शब्बीर का अपहरण हुआ था। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघन के मामले को भारत की तरफ से उठाए जाने के बाद वहां के लोगों में एक उम्मीद की किरण दिखाई दी है। तब से पाकिस्तान सरकार की ज्यादतियों के खिलाफ बलोच लोगों के विरोध का सिलसिला लगातार जारी है।
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11 October 2016शहीदों और आम नागरिकों के बीच बनायेगा शौर्य का जीवंत रिश्ता मनोज पाठक यह पहला और अनूठा प्रयास है। सीमा पर देश की रक्षा करने वाले अमर शहीदों से सीधा और जीवंत साक्षात्कार करवाने का। आम जनता जो शहीदों के प्रति नत-मस्तक तो है, लेकिन उसका कहीं सीधा रिश्ता नहीं जुड़ता उसकी शहादत से। आखिर सीमा पर रक्षा करने में चुनौतियाँ क्या हैं, उसके संघर्ष की गाथा कैसे गढ़ी जाती है, जिस पर हम सभी को, पूरे देश को गर्व होता है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने इन्हीं कल्पनाओं को साकार रूप दिया है शौर्य स्मारक में। श्री चौहान के अनुसार सिर उठाकर गर्व से जीने का अधिकार उन्हीं को होता है, जिनके सिर देश की आन-बान के प्रहरियों और शहीदों के सम्मान में श्रद्धा से झुकना जानते हैं। यह मध्यप्रदेश का देश की जनता को एक ऐसा उपहार है, जो हमेशा नागरिकों को शहीदों की शहादत की याद दिलवायेगा और राष्ट्र भक्ति और राष्ट्र के लिये हर तरह के त्याग के प्रति हमारे नागरिकों को प्रतिबद्ध बनायेगा। शौर्य स्मारक भोपाल राष्ट्र की सुरक्षा में जीवन बलिदान करने वाले शहीदों की पावन स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिये मध्यप्रदेश में शौर्य स्मारक का निर्माण किया गया है। शौर्य स्मारक की परिकल्पना एक पवित्र स्थान को संबोधित करती है, जिसकी विवेचना परम्परागत एलोरा, खजुराहो तथा मोधेरा जैसे भारतीय मंदिरों से की गयी है। इस स्मारक में मंदिर-अक्ष की पवित्रता को अंतिम स्थान (मृत्यु पर विजय) में जीवन बलिदान करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर दर्शाया गया है। शौर्य स्मारक रूप-रंग और सामग्री का सम्मिश्रण ही नहीं, वरन् एक जीवंत अनुभूति प्रदान करेगा। वास्तुविदीय परिकल्पना के अनुसार यहाँ आने वाला प्रत्येक दर्शक अपने निजी अनुभव, संसार और कल्पना के आधार पर शौर्य स्मारक के साथ तादात्मय स्थापित करे तथा ऐसा परिवेश निर्मित हो, जहाँ आगंतुकों के मन में सहज ही शहीदों के प्रति श्रद्धा-भाव जागृत हो, ऐसा प्रयास किया गया है। वास्तु-कला की दृष्टि से यह स्मारक भवन नहीं, वरन् अ-भवन है। वास्तु-कला की स्थापित परम्परा के विपरीत शौर्य स्मारक का विन्यास, निर्माण-स्थल के भौगोलिक स्वरूप में एकाकार हो जाता है। अरेरा पहाड़ी की भौगोलिक विशेषताओं, उतार-चढ़ाव, चट्टानों के बीच जीवन का उत्सव मनाते वृक्षों को प्रतीकों के रूप में शौर्य स्मारक के रूपांकन में बखूबी प्रयोग किया गया है। चूँकि यह स्मारक ऐसे शहर में स्थित है, जो प्राकृतिक सुंदरता से सराबोर है। इस स्मारक का भू-दृश्यीकरण भोपाल शहर के प्राकृतिक सौंदर्य में और निखार लाया है। देश के लिये अपने प्राणों का बलिदान देने वालों पर समर्पित यह स्मारक भोपाल नगर के लौह-शिल्प आधारित चिनार पार्क के समीप 12.67 एकड़ (लगभग 51 हजार 250 वर्ग मीटर) भूमि पर बनाया गया है। शौर्य स्मारक का निर्मित क्षेत्रफल लगभग 8,000 वर्ग मीटर है। लागत लगभग 41 करोड़ है। मेमोरियल शौर्य स्मारक शहीद की राष्ट्र-सेवा से प्रेरित जीवन-यात्रा का रूपायन है। वास्तुविद ने शौर्य स्मारक को जीवन की विभिन्न अवस्थाओं यथा- जीवन, युद्ध का रंग-मंच, मृत्यु तथा मृत्यु पर विजय, चार प्रांगण की श्रंखला के रूप में, वास्तु कला की स्थापित परम्परा के विपरीत दर्शाया है। इसके रूपांकन में जीवन-मृत्यु, युद्ध-शांति तथा मोक्ष-उत्सर्ग जैसे जटिल अव्यक्त अनुभवों को सरल, सहज तरीके से रूपांकित करने के लिये आकार, रंग-रूप, सामग्री और तकनीक का रोचक ताना-बाना बुना गया है। मेमोरियल की अर्ध भूमिगत संरचना जो पृथ्वी पर दृष्टिगोचर होने से ज्यादा धरती-मग्न है, का पूर्ण उद्देश्य आत्मा से ध्यानपरायण करते हुए केवल आगंतुकों के अंतर्मन को प्रभावित करना है। यह आगंतुकों एवं शहीदों के मध्य संभवत: एक मूक संवाद प्रारंभ करेगा। दर्शक का यह भावनात्मक जुड़ाव एक व्यक्ति की विचार-प्रक्रिया को अग्रता प्रदान करेगा। जीवन स्मारक में प्रवेश करते ही पृथ्वी पर जीवन को एक चौकार अथवा सार्वजनिक वर्ग के रूप में दर्शाया गया है। जीवन के उतार-चढ़ाव की तुलना एक एम्फीथियेटर की सीढ़ियों से की गयी हैं, जो पृथ्वी की संगीन एवं शांत रचना को मिट्टी से बनी ईंट, घास तथा जल के रूप में परिभाषित करते हैं। युद्ध का रंग-मंच वृत्त का आकार देकर इस वृत्ताकार आँगन को युद्ध की विभीषिका से आहत धरती को दर्शाया गया है। युद्ध की निष्ठुरता से हुए विनाश एवं हानि के कारण मानवता कैसे व्यथित हो उठती है, इसे बखूबी असमतल धरती तथा तराशे हुए स्थानीय पत्थरों से वर्णित किया गया है। इससे दुख और अवसाद की अनुभूति होगी। मृत्यु मृत्यु की भयावहता एवं खोई आशाओं को दर्शाने के लिये एक छोटा वर्गाकार क्षेत्र पूरी तौर पर अंधकारमय एवं काला निर्मित किया गया है। इस क्षेत्र में प्रवेश करते ही मृत्यु से उत्पन्न अचानक अंधकार को अनुभव करने का अवसर प्राप्त होगा, केवल एक दीपक की लौ से प्रकाश विद्यमान होगा, जिसके कारण इस क्षेत्र के अंधकार तथा माप से मृत्यु पर विजय की आशा का आभास हो सकता है। मृत्यु पर विजय लोगों का विश्वास है कि मृत्यु में शरीर नश्वर है तथापि आत्मा अजर-अमर है। इस अंतिम अनुभूति के क्षेत्र में चूंकि आत्मा अनश्वर है, वास्तुविद ने सादृश्य का उपयोग करते हुए जीवन के इस अलौकिक और शाश्वत सत्य की अनुभूति को जीवंत बनाने के लिये स्मारक परिसर प्रांगण में 2 से 3 मीटर ऊँची धातु की छड़ों को सेना की टुकड़ियों की तरह सुव्यवस्थित रूप से स्थापित किया है। इन छड़ों के ऊपरी सिरों पर फाइबर ऑप्टिक्स लाइट्स के प्रकाश-पुंज रात के अंधेरे में जगमगायेंगे। धातु की छड़ों के तल पर बिछी जल की चादर, शांति तथा पवित्रता का प्रतीक होगी। स्तम्भ पृथ्वी से उभरता हुआ 62 फीट ऊँचा स्तम्भ, एक सैनिक के जीवन को दर्शाता है, जिसे उसने स्वयं अपनी स्वेच्छा से स्वीकारा है। यह स्तम्भ अंदरूनी शक्ति एवं साहस की बुनियाद पर निर्मित है, जिससे अपने देश के संरक्षक, देशभक्ति की भावना से प्रेरित होंगे। जीवन के विभिन्न पड़ावों पर सिपाहियों द्वारा किये गये त्याग और अंत में अपने जीवन का बलिदान, उनका देश के प्रति प्रेम, स्वामित्व तथा आत्मपूर्ति का द्योतक है, जो देश की रक्षा कर रहे उनके इस विशाल परिवार की समृद्धि से उन्हें प्राप्त हुआ है। अत: उन्हें सर्वशक्तिमान के प्रहरियों के रूप में उच्च शक्ति से उन्नत करता है। स्तम्भ की प्रत्येक ग्रेनाइट डिस्क इस आरोहण का वर्णन करती है। पृथ्वी (आर्मी), जल (नौसेना) तथा वायु (वायुसेना) के काले ग्रेनाइट स्तम्भ की संगीनता, जल-स्रोत एवं श्वेत ग्रेनाइट पेडेस्टल के हल्केपन के रूप में दर्शाया गया है। स्तम्भ के आसपास के वातावरण से हमें जीवन के चरम लक्ष्य को प्राप्त शूरवीरों के बलिदान का अहसास होगा। आगंतुकों के मन में सहज ही उनके प्रति नमन का भाव जागृत होगा। अनंत ज्योत वास्तुविद द्वारा परम्परागत अनन्य ज्योत, जो एक शहीद के सम्मान में प्रज्जवलित की जाती है, को एक अत्याधुनिक होलोग्राफिक लौ के माध्यम से दर्शाया गया है। ग्लास प्लाक्स व्यक्तिगत शहीदों के नामों को उनके अनन्त स्मरण एवं श्रद्धांजलि के लिये एल्यूमीनियम की चादर पर उत्कीर्ण कर, ग्लास प्लाक्स पर लगाया गया है। ये प्लाक्स स्तम्भ के समीप लगाये गये हैं, ताकि स्तम्भ पर श्रद्धांजलि अर्पित करने आये आगंतुकों को निकट से प्रत्यक्ष हो सकें। लाल स्कल्पचर स्कल्पचर के अमूर्त रूप को साशय निर्वचनात्मक रखा गया है। मुख्य धुरी (एक्सिस) से वह एक 'वंदना'', एक 'नमस्कार'' के रूप में तथा दूसरे दृष्टिकोण से एक 'रक्त की बूंद'' के रूप में दिखायी देता है। अत: इसे लाल रंग से दर्शाया गया है। व्याख्या केन्द्र व्याख्या केन्द्र को एक अर्ध-खुले सामूहिक स्थान के रूप में विकसित किया गया है। इसमें आगंतुकों को भौतिक अनुभूति के पूर्व, स्मारक का पूर्वावलोकन करवाया जायेगा। प्रदर्शन-प्रणाली (डिस्प्ले-सिस्टम) के माध्यम से शौर्य स्मारक का सारांश लघु चलचित्रों द्वारा निरंतर दिखाया जायेगा। साथ ही हिन्दी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में उप-शीर्षक लिखे होंगे, जिससे स्मारक देखने आये भारतीय एवं विदेशी दर्शकों को मूल डिजाइन समझने में सुविधा होगी। इस केन्द्र में वास्तुविद द्वारा आकल्पित जीवन की विभिन्न अवस्थाओं यथा- जीवन, युद्ध का रंग-मंच, मृत्यु तथा मृत्यु पर विजय को किस प्रकार 4 प्रांगण की श्रंखला के रूप में डिजाइन किया गया है, समझाया जाता रहेगा। संग्रहालय जीवन प्रांगण में प्रवेश करने के पहले आधार-तल में संग्रहालय विकसित किया गया है। इसकी परिकल्पना स्मारक के साथ एकीकृत रूप में की गयी है। यह संग्रहालय हमारी भारतीय सेना-आर्मी, नौसेना तथा वायुसेना के शहीदों की देशभक्ति और शौर्य को विषयगत-तस्वीरों के रूप में शो-केस करता है, जो महाभारत काल से प्रारंभ होकर आजादी के संघर्ष को दर्शाते हैं तथा अपने देश के सांस्कृतिक इतिहास को भी प्रस्तुत करते हैं। इस संग्रहालय में परमवीर चक्र, महावीर चक्र जैसे शौर्य पुरस्कार विजेताओं को भी गर्वशील तस्वीरों से दर्शाया गया है। भारतीय सेना के तीनों सशस्त्र बलों के विभिन्न डायोरमाज तथा हवाई जहाज, टैंक्स, तथा पानी के जहाजों के लघु मॉडल्स, आगंतुकों के आकर्षण का केन्द्र-बिन्दु रहेंगे।पूर्ण रूप से यह संग्रहालय भारतीय सेना के शौर्य का एक कल्पनाशील एवं रंगीन प्रदर्शन केन्द्र होगा, जिसमें शहीदों को विनम्र परन्तु गरिमामय रूप में श्रद्धांजलि अर्पित कर प्रस्तुत किया गया है। सियाचिन संग्रहालय में ही एक स्थान पर सियाचिन की रचना भी की गयी है। इसमें उस स्थिति का अहसास करवाया गया है, जहाँ हमारे सैनिक माइनस टेंप्रेचर में भारतीय सीमा की रक्षा करने में कोई कोताही नहीं करते। निश्चित ही देखने वालों के लिये यह दृश्य रोमांचक तो होगा ही, साथ ही सैनिकों के प्रति उनके मन में अधिक सम्मान का भाव पैदा करेगा। स्मारक परिसर में समय-समय पर शहीदों से संबंधित अनुष्ठानिक समारोह करने के लिये आवश्यक स्थान, संसाधन केन्द्र, खुला रंगमंच (एमफी थियेटर) तथा कैफेटेरिया जैसी अन्य मूलभूत सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं। पर्यावरण विभाग की संस्था एप्को को स्मारक के वास्तुविदीय रूपांकन का दायित्व सौंपा गया था। एप्को द्वारा राष्ट्रीय प्रतियोगिता के माध्यम से मुम्बई की वास्तुविदीय फर्म, यू.सी.जे. आर्किटेक्चर एण्ड एन्वायरमेंट का चयन किया गया। स्मारक परियोजना क्रियान्वयन राजधानी परियोजना प्रशासन द्वारा किया गया है। स्मारक का भूमि-पूजन मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 फरवरी, 2010 को तत्कालीन थल सेना अध्यक्ष जनरल दीपक कपूर की उपस्थिति में किया था। स्मारक का लोकार्पण 14 अक्टूबर, 2016 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
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10 October 2016पहले भी हुआ सर्जिकल स्ट्राइक लेकिन प्रचार नहीं उरी अटैक के बाद भारतीय सेना ने जो सर्जिकल स्ट्राइक किया था उसे लेकर देशभर में जश्न था लेकिन जल्द ही इस पर राजनीति भी शुरू हो गई। जहां एक तरफ इस स्ट्राइक के सबूत मांगने को लेकर बयानबाजी होने लगी वहीं कांग्रेस ने दावा किया कि उनके शासन में भी सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था लेकिन उन्होंने इसका प्रचार नहीं किया। हालांकि इसे एक पूर्व डीजीएमओ ने नकार दिया था। अब अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने दावा किया है कि 2011 में भी एक सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन जिंजर हुआ था जिसमें भारतीय सैनिक तीन पाक सैनिकों के सिर कलम कर ले आए थे। अखबार ने दावा किया है कि कुछ आधिकारिक कागजात इस बात की पुष्टि करते हैं। इस दौरान भारत और पाक द्वारा दो सर्जिकल स्ट्राइक हुए थे जिसमें कुल 13 सैनिक मारे गए थे और उनमें से 6 के सिर कलम हुए थे। इनमें से पांच के शव सीमा पार लाए और ले जाए गए। इन पांच सैनिकों में दो भारतीय सैनिक थे और तीन पाकिस्तानी। अखबार ने तत्कालीन मेजर जनरल एसके चक्रवर्ती के हवाले से लिखा है कि उन्होंने ही इस ऑपरेशन को प्लान किया और अंजाम दिया। एसके चक्रवर्ती उस समय कुपवारा में 28 डिविजन के प्रमुख थे। अखबार के अनुसार 30 जुलाई 2011 को पाकिस्तानी सैनिकों ने कुपवाड़ा के गुगलधार की आर्मी पोस्ट में हमला किया था। उस समय वहां पोस्ट पर मौजूद 19 राजपूत रेजिमेंट की जगह लेने 20 कुमाऊं रेजिमेंट के सैनिक पहुंचे थे। पाकिस्तानी सैनिकों ने हमला कर 6 सैनिकों को मारा और उनमें से हवलदार जयपाल सिंह अधिकारी और लांस नायक देवेंद्र सिंह का सिर कलम कर ले गए थे। इसका बदला लेने के लिए आर्मी ने ऑपरेशन जिंजर प्लान किया जो भारतीय सेना के अब तक सबसे घातक सीमापार ऑपरेशन्स में से एक था। इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए जमीनी और हवाई जासूसी की गई थी ताकि हमले की जगहों को चिन्हित किया जा सके। इसके बाद जोर के पास एक पाकिस्तानी आर्मी पोस्ट, हिफाजत और लशदात के पास लॉजिंग पॉइंट को चिन्हित किया गया।कागजों के अनुसार एम्बुश, डिमोलिशन, सर्जिकल स्ट्राइक और सर्विलांस के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई। लगातार रेकी के बाद आर्मी ने ऑपरेशन जिंजर को अंजाम दिया। ऑपरेशन में शामिल एक अधिकारी के हवाले से अखबार ने लिखा है कि हमने स्ट्राइक के लिए मंगलवार का दिन चुना क्योंकि कारगिल युद्ध के अलावा अन्य ऑपरेशन्स में भी हमें इस दिन जीत मिली थी। हमने ईद से पहले की रात ऑपरेशन को अंजाम दिया क्योंकि इस दिन पाक द्वारा जवाबी हमले की आशंका कम थी। स्ट्राइक के लिए 25 सैनिक जिनमें मुख्यत: पैरा कमांडोज थे वो 29 अगस्त की अल सुबह 3 बजे लॉन्च पैड पर पहुंचे और रात 10 बजे तक वहां छिपे रहे। इसके बाद वो एलओसी पार कर पुलिस चौकी तक पहुंचे। 30 अगस्त सुबह 4 बजे एम्बुश टीम दुश्मन के इलाके में हमले को तैयार थी। अगले एक घंटे में चौकी के पास लैंड माइंस बिछा कमांडोज ने अपनी जगह संभाली। 7 बजे कमांडोज ने देखा कि कुछ पाकिस्तानी सैनिक एक जूनियर कमिशंड ऑफिसर के साथ वहां पहुंचे। उनके पहुंचते ही माइंस को फोड़ दिया गया जिसमें वो सभी गंभीर घायल हो गए। इसके बाद रेड करने वाले कमांडोज ने ग्रैनेड और गोलियों से हमला कर दिया। चार में से एक सैनिक वहां से बच निकला लेकिन भारतीय कमांडोज ने बचे हुए तीन सैनिकों के सिर कलम कर साथ ले आए। इसके बाद शवों के नीचे आईईडी लगा दिया ताकि कोई उन्हें उठाए तो ब्लास्ट हो जाए।धमाके के आवाज सुनकर वहा से दो अन्य सैनिक भागने लगे लेकिन उन्हें कमांडोज की दूसरी टीम ने ढेर कर दिया। इस बीच चौकी पर अन्य सैनिक पहुंचे लेकिन कुछ देर बाद की आईईडी ब्लास्ट की आवाज सुनाई दी जिससे समझ आ गया कि कमांडोज ने पाक सैनिकों के शवों के नीचे जो बारूद लगाया था वो फट गया है। इस धमाके में तीन और पाक सैनिक मारे गए थे। यह ऑपरेशन 45 मिनट चला और इसके बाद भारतीय सैनिक एलओसी लौट आए। ऑपरेशन के दौरान भारतीय कमांडोज 48 घंटे दुश्मन के इलाके में रहे। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना का एक जवान भी घायल हुआ था लेकिन वो अपने साथियों के साथ सुरक्षित लौट आया। कलम किए गए सिरों की तस्वीरें ली गई और उन्हें दफना दिया गया। दो दिन बाद एक वरिष्ठ अधिकारी ने जब पाक सैनिकों के सिरों के बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया कि सिर दफना दिए गए हैं। उन्होंने नाराज होते हुए कहा कि उन्हें निकालकर जला दो और राख किशनगंगा में बहा दो ताकि कोई सबूत ना बचे।
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9 October 2016आपका अपना अइय्यो जिसे आपने अब तक कई भारतीय फिल्मों और गानों में 'अइय्यो' सुना होगा। आमतौर पर उपयोग होने वाला शब्द अब ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में भी शामिल हो गया है। ऑक्सफार्ड डिक्शनी ने सितंबर में 500 नए शब्द जोड़े हैं जिनमें दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाले शब्द अइय्यो और अइय्या के अलावा योगासना और स्क्रमडिड्डलयम्पस शामिल हैं। अइय्यो और अइय्या का अपना कोई मतलब नहीं होता है लेकिन इन शब्दों को उपयोग उसके साथ कही जाने वाली बात पर परिस्थिति पर निर्भर करता है। अइय्यो एक ऐसा शब्द है जिसे दक्षिण भारतीय आश्चर्य, सदमा, दर्द, गुस्सा प्रदर्शन के लिए उपयोग करते हैं और यह उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का आम शब्द है। डिक्शनरी में अइय्यो को लेकर कहा गया है कि यह मुख्यरूप से चीन में जन्मा था।जहां अइय्यो मेडारिन है वहीं अइय्या कैटोनीज से आया है। अइय्यो उपयोग दक्षिण भारतीय लोगों के अलावा भारतीय फिल्मों और हिंदी गानों में भी जमकर होता रहा है।
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9 October 2016भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरुप राहा ने शनिवार को कहा कि आईएएफ किसी भी तरह की चुनौती से उचित तरीके से निपटने के लिए तैयार है। बता दें कि गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर वायुसेना आज अपना 84वां स्थापना दिवस मना रही है। एयरफोर्स डे के मौके पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अरुप राहा ने कहा कि आतंकी हमलों को नाकाम करने के लिए नए सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। आने वाले कुछ साल में 35 राफेल विमान मिल जाएंगे। 120 तेजस विमानों का ऑर्डर दिया गया है। एयरफोर्स चीफ ने उरी, पठानकोट हमलों का भी जिक्र किया। खतरों से निपटने के लिए बड़े सुधार करने होंगे। इससे पहले, अरुप राहा ने आईएएफ के आधिकारिक फेसबुक पेज पर लिखे संदेश में कहा कि वायुसेना अत्याधुनिक हथियारों और उपकरणों से लैस है। हमारे योद्धा निरंतर आसमान से नजर बनाए रखते हैं। आईएएफ प्रमुख ने कहा कि हम किसी भी खतरे का सामना करने और उचित रूप से किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं। आईएएफ के आधिकारिक फेसबुक पेज को शनिवार को 84वें वायुसेना दिवस के मौके पर लॉन्च किया गया। वायुसेना की स्थापना आठ अक्टूबर 1932 में की गई थी। एयरफोर्स डे के मौके पर गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर आज वायुसेना के शौर्य का प्रदर्शन किया गया। वायुसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि बल की ताकत बढ़ाने के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं।
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8 October 2016106 करोड़ रुपये के हीरे का भण्डार पन्ना जिले में कंपोजिट लायसेंस के लिये नीलामी में रखे गये हातुपुर डायमण्ड मिनरल ब्लॉक की सफलतम नीलामी हुई। यह ब्लॉक देश में नीलाम होने वाला प्रथम हीरा खनिज का ब्लॉक है। हातुपुर डायमण्ड ब्लॉक में 106 करोड़ रुपये मूल्य के हीरा खनिज भण्डार उपलब्ध हैं। यह जानकारी सचिव खनिज साधन मनोहर दुबे ने दी। यह हीरा ब्लॉक 12 जनवरी, 2015 से प्रभावशील खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन) अधिनियम 1957 एवं इसके तहत बनाये गये नियमों के अंतर्गत पारदर्शी तरीके से ई-नीलाम किया गया। उच्चतम बोली बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स प्रायवेट लिमिटेड द्वारा लगायी गयी। नीलामी में रूंगटा माइन्स लिमिटेड, त्रिवेणी अर्थमूवर्स प्रायवेट लिमिटेड, पुष्पांजलि ट्रेडविन प्रायवेट लिमिटेड एवं बंसल कंस्ट्रक्शन वर्क्स प्रायवेट लिमिटेड ने भाग लिया। खनिज ब्लॉक 133.50 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है। इस ब्लॉक में 106 करोड़ रुपये मूल्य से 22.31 प्रतिशत अधिक बोली प्राप्त हुई। इसके फलस्वरूप उच्चतम बोलीकर्ता इस क्षेत्र में प्राप्त होने वाले हीरा खनिज की रॉयल्टी के साथ-साथ उसके मूल्य का 22.31 प्रतिशत की राशि रेवेन्यू शेयर के रूप में अतिरिक्त देगा। इस प्रकार ब्लॉक से हीरा खनिज के उत्खनन के दौरान देय रॉयल्टी कुल 11 करोड़ रुपये एवं रेवेन्यू शेयर के रूप में अतिरिक्त राजस्व लगभग 25 करोड़ भी लीज अवधि के दौरान प्राप्त होना संभावित है। खनिज ब्लॉक में विस्तृत श्रेणी (जी-3) का पूर्वेक्षण कार्य हुआ है, जिसमें कंपोजिट लायसेंस के तहत उच्चतम बोलीदार को इस क्षेत्र में सबसे पहले पूर्वेक्षण कार्य करना होगा। इसके बाद खनि-पट्टा अधिनियम/नियम के प्रावधानों का पालन करने की शर्त पर ग्रांट दी जायेगी। नीलामी एम.एस.टी.सी. लिमिटेड द्वारा पारदर्शी एवं सुव्यवस्थित रूप से की गयी। नीलामी प्रक्रिया में एस.बी.आई. केपिटल मार्केट लिमिटेड, नई दिल्ली को ट्रांजेक्शन एडवाइजर नियुक्त किया गया था। मध्यप्रदेश राज्य भारत सरकार द्वारा नीलामी के बनाये गये प्रावधानों का पालन करते हुए हीरा ब्लॉक की सफलतम नीलामी का प्रथम राज्य बन गया है। प्रदेश का खनिज विभाग भविष्य में अन्य खनिजों के ब्लॉक नीलाम करने की दिशा में भी कार्य कर रहा है।
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7 October 2016जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा में सेना के कैंप पर हुए हमले में तीन आतंकी मारे गए हैं। फिदायीन दस्ते के ये सभी आतंकी सेना की ड्रेस में थे। सेना ने आतंकी हमले को नाकाम करते हुए तीनों फिदायीन हमलावरों को कैंप के बाहर ही मार गिराया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक ये आतंकी समूह हाल ही में नियंत्रण रेखा से घुसपैठ करने में कामयाब रहा है. इन हमलावरों के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े होने की संभावना जताई जा रही है। जम्मू-कश्मीर में सेना के कैंप पर एक बार फिर आतंकी हमला होने की खबर मिली है. इस बार आतंकियों का निशाना हंदवाड़ा में 30 राष्ट्रीय राइफल कैंप बना. पुलिस सूत्रों के मुताबिक सेना और आतंकवादियों के बीच जारी मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए हैं। बुधवार सुबह करीबन छह बजकर 12 मिनट पर आतंकियों ने हंदवाड़ा के लंगेट में आर्मी कैंप के बाहर गोलीबारी शुरू कर दी। मिली जानकारी के मुताबिक सेना और आतंकियों के बीच कैंप के पास सुबह से गोलीबारी जारी है। सूत्रों के मुताबिक मुठभेड़ के दौरान आतंकी भागने लगे और सेब के बाग में फंस गए। आतंकियों ने सुबह-सुबह 30 राष्ट्रीय राइफल कैंप के मेन गेट पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिस पर जवानों ने जवाबी कार्रवाई की। इस हमले के बाद इलाके में अतिरिक्त बल तैनात कर दिए गए हैं। सेना ने आसपास के क्षेत्रों को घेर लिया है। भारत द्वारा PoK में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने के बाद से ही सेना के कैंपों पर आतंकी हमले किए जा रहे हैंं. पहले उरी, फिर बारामूला और अब हंदवाड़ा में आतंकी हमला किया गया है।
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6 October 2016भारतीय फ़ौज के हमले से डर के भाग गए थे पाकिस्तानी आतंकी भारतीय सेना द्वारा पीओके में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सवाल उठा रहे पाकिस्तान को करारा जवाब मिला है। सर्जिकल स्ट्राइक के चश्मदीदों ने बताया है कि हमले के दौरान धमाकों और फायरिंग की आवाज सुनाई दी थी। कुछ आतंकी तो हमले से डरकर जंगलों में भाग गए। एलओसी के पार रहने वाले कुछ प्रत्यक्षदर्शियों ने हमले को लेकर दी जानकारी में कहा है कि हमले के बाद अगले ही दिन मारे गए आतंकियों के शवों को ट्रकों में भरकर ले जाया गया और गुप्त तरीके से दफना दिया गया। वहीं उन्होंने अथमवाल के अस्पताल में भी लश्कर के कुछ आतंकियों के शव देखने का दावा किया है। अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने पीओके के चश्मदीदों के हवाले से अपनी खबर में दावा किया है कि भारत की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद मारे गए आतंकियों के शवों को ट्रकों में भरकर ले जाया गया और गुप्त तरीके से दफना दिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने यह भी दावा किया है कि स्ट्राइक के दौरान बेतहाशा फायरिंग हुई जिसमें सीमापार करने से पहले जिहादी जिस इमारत में रूके थे वो नष्ट हो गई। अखबार का कहना है कि प्रत्यक्षदर्शियों के इन बयानों के बाद यह साबित हो जाता है कि भारतीय सेना ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था जिसे पाकिस्तान लगातार नकार रहा है। लोगों ने जो जानकारी दी उसमें उन्होंने पहली बार उन जगहों के बारे में भी बताया है जिन्हें सेना ने निशाना बनाया था, यह जानकारी ना तो भारत और ना ही पाक सरकार ने अब तक सार्वजनिक की है। हालांकि प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और खुद के द्वारा एकत्रित जानकारी के आधार पर अखबार का दावा है कि इस सर्जिकल स्ट्राइक में मरने वाले आतंकियों की संख्या 38-50 के बीच ना होकर इससे कम है। खबर के अनुसार प्रत्यक्षदर्शियों से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए उनकी पहचान छिपाकर रखी जाए। सबसे विस्तृत जानकारी उन प्रत्यक्षदर्शियों दी जो एलओसी से महज 4 किमी दूर स्थित एक छोटे गांव दुधनियाल गए थे। यह जगह भारत की कुपवारा में स्थित अग्रीम चौकी गुलाब से सबसे करीब है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उन्होंने एक जली हुई इमारत देखी जो गांव के मुख्य बाजार में अल-हावी पुल के पास बनी थी। यहां एक सैन्य पोस्ट है और लश्कर-ए-तैयबा द्वारा उपयोग किया जाने वाला कम्पाउंड है। अल-हावी पुल वो अखरी जगह है जहां आतंकियों को घुसपैठ से पहले साजो सामान दिया जाता है और फिर ये कुपवाड़ा की तरफ बढ़ते हैं। स्थानीय लोगों ने एक प्रत्यक्षदर्शी को बताया कि देर रात पुल के पार बड़े धमाके की आवाज आई साथ ही फायरिंग भी सुनाई दी। धमाके और फायरिंग की आवाज सुनकर वो लोग घर से बाहर तो नहीं निकले इसलिए देख नहीं पाए की वो भारतीय सेना थी लेकिन अगले दिन वहां एकत्रित हुए लश्कर के लोगों से सूचना मिली की हमला हुआ है। अगले दिन सुबह पांच से छ शवों को ट्रक में लादकर लश्कर के पास के कैंप चलहाना जो टीटवाल से नीलम नदी के पास स्थित है वहां ले जाया गया। यह जगह भारतीय सीमा के करीब है।एक अन्य चश्मदीद ने बताया कि शुक्रवार को चलहाना में स्थित लश्कर की मस्जिद में हुई नमाज के बाद मौलवी को यह कहते सुना गया कि उनके लोगों की मौत का बदला लिया जाएगा। मौलवी ने एक संदेश में कहा पाक सेना सीमा की सुरक्षा करने में असफल रही और अब वो जल्द ही भारत को ऐसा जवाब देंगे जिसे वो कभी नहीं भूल पाएगा। अखबार के अनुसार हमले के पहले जारी अलर्ट्स में लॉन्च पैड्स पर कम ही आतंकियों के होने की खबर थी। इंटेलीजेंस के करीब एक अधिकारी के अनुसार उनके लिए यह रोज का काम था और उनमें से कईं घुसपैठ के दौरान मारे गए होंगे लेकिन भारत के स्ट्राइक ने उन्हें पीछे धकेल दिया। चश्मदीदों के अनुसार काजी नाग स्ट्रीम के पास स्थित एक छोटा गांव लीपा भी सेना के निशाने पर था। हालांकि चश्मदीदों को वहां जाने नहीं दिया गया लेकिन उसी गांव के एक व्यक्ति से बात करने पर उसे पता चला कि गांव में लश्कर की एक तीन मंजिला इमारत ध्वस्त कर दी गई थी।यह इमारत खैराती बाग नामक गांव के पास बनी थी। 2003 तक खैराती गांव लश्कर का बेस था लेकिन संघर्ष विराम के बाद धीरे-धीरे यहां गतिविधियां कम हो गईं। प्रत्यक्षदर्शियों ने स्थानीय लोगों के हवाले से बताया कि जैसे ही फायरिंग शुरू हुई लश्कर के कुछ आतंकी तो मारे गए और कुछ पास ही बने जंगल की तरफ भाग गए। उन्होंने बताया कि जमात-उद-दावा के चैरिटेलबल विंग ने खैराती बाग में बड़ा आई सर्जरी कैंप अगस्त में लगाया था। अथमुकाम में नीलम नदी के पास रहने वाले एक व्यक्ति ने कहा कि उन्होंने फायरिंग और धमाकों की आवाज सुनी। अथमुकाम एक बड़ी मिलट्री हब है।बिचावल और बंगा नाम के दो गांव जो सलखाना से महज 2 किमी दूर हैं पूरी तरह खाली है। यह जगह घुसपैठ के लिए आतंकियों के लिए आखरी पोस्ट है। इस गांव को लोगों ने सालों पहले ही खाली कर दिया था। चश्मदीद ने यह भी बताया कि उसने अथमुकाम के अस्पताल में भी कुछ लश्कर आतंकियों के शव देखे थे।
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5 October 2016नए आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में गठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मंगलवार को देश में पहली बार नई व्यवस्था के तहत मौद्रिक नीति की घोषणा की। इसके तहत रेपो रेट में 0.25 फीसद की कटौती की घोषणा की गई है। इसके पूर्व रेपो रेट 6.50 फीसद था, अब ये घटकर 6.25 फीसद हो गया है। वहीं रिवर्स रेपो भी घटकर 5.75 फीसद पर आ गई है। साथ ही आरबीआई ने जनवरी से मार्च की तिमाही में महंगाई दर 5.3 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है।उम्मीद की जा रही है कि ब्याज दरों में कटौती होगी और अब लोगों को सस्ते दर पर कर्ज मिल सकेगा। माना जा रहा है कि आरबीआई के इस फैसले के बाद लोगों की ईएमआई में कटौती हो सकती है। गौरतलब है कि आरबीआई ने पहली बार ब्याज दरों पर फैसला लेने के लिए मौद्रिक नीति समिति की मदद ली थी जिसे हाल ही में सरकार ने अधिसूचित किया था। हाल में गठित रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने मंगलवार को अपनी पहली मौद्रिक नीति की समीक्षा की। यह वित्तीय वर्ष 2016-17 की चौथी द्विमासिक समीक्षा है।इससे पहले मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने दो दिनों के विचार विमर्श के बाद यह तय किया कि इस बार विकास को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती जरूरी है या नहीं। रेपो रेट वह ब्याज दर है, जिस पर आरबीआई बैंकों को लोन देता है। इसमें कमी होने से बैंकों को कम ब्याज देना पड़ता है। बैंकों का ब्याज कम होने का फायदा आखिकर आम लोगों को होता है। होम लोन कम होगा -रेपो रेट में कटौती से होम लोन रेट में कटौती हो सकती है। अगर नया घर लेने का प्लान बना रहे हैं तो आरबीआई का हालिया फैसला आपके लिए राहत भरा है क्योंकि अब आपके होम लोन की ईएमआई पहले के मुकाबले कम होगी। आर्थिक विकास दर होगी तेज -उपभोक्ताओं के ज्यादा खर्च के साथ ही कॉर्पोरेट्स और कन्जयूमर्स के लिए लोन की सुलभता की वजह से आर्थिक विकास दर तेज होने की संभावना है। ऐसा होने पर रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे। बैंकों और कॉर्पोरेट्स को फायदा-बॉन्ड पोर्टफोलियों की वैल्यू बढ़ जाने से बैंकों को फायदा होगा। ब्याज दर कम होने से वित्तीय कंपनियों में मजबूती आएगी। लोन सस्ता होने से कॉर्पोरेट्स को कर्ज भुगतान में सुविधा मिलेगी। उनकी ब्याजदर कम होगी, जिससे वे अधिक निवेश कर रोजगार सृजन में भागीदार बन सकते हैं। कंपनियों की बढ़ेगी इक्विटी -मार्केट के बदले माहौल में कंपनियां इक्विटी बढ़ा सकेंगी, सरकार के विनिवेश की प्रक्रिया की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
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4 October 2016देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन जमात-ए-इस्लामी हिंद ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर सेना द्वारा आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई (सर्जिकल स्ट्राइक) का समर्थन करते हुए कहा कि भारत एक संप्रभु देश है और उसे अपनी एवं अपने लोगों की रक्षा करने का पूरा अधिकार हासिल है। जमात प्रमुख सैयद जलालुद्दीन उमरी ने संवाददाताओं से कहा, "उरी हमले में सेना के जवानों पर हमला किया गया। वह बहुत निंदनीय था। इस हमले के बाद सेना ने पीओके में यह कार्रवाई की है। किसी भी देश को अपनी हिफाजत का हक हासिल है. भारत ने भी अपनी और अपने लोगों की हिफाजत के लिए यह कदम उठाया है। " इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा, "हमारी यह राय है कि युद्ध किसी भी समस्या का विकल्प नहीं है. युद्ध से देश की तरक्की रुकेगी. मीडिया और हम सभी लोगों को जज्बात पर काबू करना चाहिए। इतना जरूर है कि आतंकी वारदातों को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए और हमें अपनी सीमा की सुरक्षा बढ़ानी चाहिए। "
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3 October 2016जमात-उद-दावा का प्रमुख और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक हाफिज सईद पाकिस्तान का असली प्रधानमंत्री है। मौजूदा भौगोलिक परिदृश्य में पाकिस्तान का गठन ही गलत है। पाकिस्तान में जन्मे कनाडाई लेखक तारिक फतह ने शनिवार को यह बात कही। कराची में जन्मे फतह ने एक टीवी चैनल से इंटरव्यू में कहा, “मैं नहीं जानता कि आप भारत के लोग इतनी गहरी धारणा क्यों रखते हैं कि आप यह देखने में नाकाम हैं कि देश को कौन चला रहा है। जमात-उद-दावा के सैनिकों ने 10 माह में 30 लाख बंगालियों की हत्या की थी। वे बलूच युवाओं को विमान से फेंक सकते हैं, युवतियों से दुष्कर्म कर सकते हैं। ” उन्होंने कहा, “1971 के युद्ध के बाद जब करीब 90 हजार पाकिस्तानी युद्ध बंदियों को इंदिरा गांधी ने छोड़ा तो उन्हें पाकिस्तान की सेना ने 1973 से 1975 तक बलूचिस्तान में और नरसंहार करने के लिए तैनात कर दिए गए थे। ” टीवी चैनल की विज्ञप्ति के मुताबिक, फतह ने यह भी कहा कि पाकिस्तान अपने आप में कई शब्द लिए हुए है। यह अपने आप में देश नहीं है. पाकिस्तान एक मजाक है जो हम सबके साथ किया गया। फतह ने कहा, “पाकिस्तान को उत्तर प्रदेश और बिहार के नवाबों ने पैदा किया जो लोकतंत्र से डरे हुए थे. उन्हें नेपाल की सीमा पर पाकिस्तान बनाना चाहिए था लेकिन इसकी जगह पाकिस्तान, पंजाब के बाहर बनाया जिसमें मुस्लिम लीग हार गया। ” फतह प्रसारक भी हैं, उदारपंथी एक्टिविस्ट हैं और मुस्लिम कनाडियन कांग्रेस के संस्थापक हैं। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान स्वतंत्र था और पाकिस्तान की सेना ने उसे 1947 में जबरन कब्जे में ले लिया। उन्होंने काम करने के ढंग को लेकर नवाज शरीफ और पाकिस्तान के सेना प्रमुख राहील शरीफ की आलोचना भी की। पाकिस्तानी लेखक ने हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाउद्दीन को पाकिस्तान का असली रक्षामंत्री करार दिया।
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2 October 2016सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बढ़े खतरे को देखते हुए केंद्र ने आज देशभर में अगले 30 दिन तक हाई अलर्ट जारी कर सभी राज्यों से पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों द्वारा हमले के किसी भी प्रयास को नाकाम करने के लिए चौकसी बढ़ाने को कहा। केंद्र ने यह अलर्ट ऐसे समय जारी किया जब पी.ओ.के. में आतंकी ठिकाने पर लक्षित हमले के बाद आतंकवादियों द्वारा जवाबी हमले की आशंका है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि गृह मंत्रालय ने अपने परामर्श में राज्यों से अतिरिक्त बलों को सभी संवेदनशील स्थलों, रणनीतिक संस्थानों, बाजारों, धार्मिक स्थलों और अन्य प्रमुख स्थानों पर तैनात करके सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। महानगरों में विशेष रूप से अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है। सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान से सीमा सांझा करने वाले राज्यों जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात को भी चौकस रहने का निर्देश दिया गया है। परामर्श पी.ओ.के. में आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना द्वारा किए गए लक्षित हमले के बाद जारी किया गया है। सूत्रों ने कहा कि पूरी संभावना है कि पाकिस्तानी एजैंसियां आतंकी संगठनों का प्रयोग कर बदला लेने के लिए भारतीय धरती पर हमला कर सकती हैं। उधर भारतीय सेना द्वारा किए गए हमले में मरने वाले आतंकियों की संख्या 50 हो गई है। पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकवादियों के खिलाफ सीमित सैन्य कार्रवाई के बाद भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा के मद्देनजर चौकसी बढ़ा दी गई है। सशस्त्र सीमा बल के सहायक प्रचार अधिकारी ओ. पी. साहू ने आज कहा कि भारत-नेपाल सीमा पर रात में गश्त तेज कर दी गई है और आने-जाने वालों पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। सीमा पर पर्याप्त बल तैनात हैं और हमारे जवान पूरी तरह से चौकस हैं। सीमा पर जगह -जगह सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाए गए हैं। गौरतलब है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से लगने वाली 365 किलोमीटर लम्बी भारत-नेपाल सीमा खुली होने के कारण देश में किसी भी संदिग्ध के घुसने की सम्भावना बनी रहती है। भारत की महत्वपूर्ण जगहों पर अगले 48 घंटों के भीतर हमले की आशंका है। इसको देखते हुए दिल्ली की सरकारी इमारतों और महत्वपूर्ण जगहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। केंद्रीय पुलिस फोर्स और दिल्ली पुलिस ऐसे किसी हमले को रोकने के लिए लगातार काम कर रही है। एयरफोर्स के फाइटर प्लेन भी तैयार रखे गए हैं जो किसी भी आपात स्थिति से निपटने में सक्षम हैं। सभी पुलिस फोर्सेज को इससे जुड़ा मैसेज भेजा गया है। पुलिस को बुलेट प्रूफ जैकेट्स पहनने को कहा गया है।
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1 October 2016आखिर क्या है सर्जिकल स्ट्राइक भारतीय सेना ने पकिस्तान को जो ईंट का जवाब पत्थर से दिया उसे सर्जिकल स्ट्राइक कहा जाता है। दुनिया में सर्जिकल स्ट्राइक की शुरुवात इसी भारत भूमि से शुरू हुई। इसका पहली बार इस्तेमाल त्रेता युग में हनुमान जी ने किया था वो भी रावण के खिलाफ। पवन पुत्र हनुमान जी महाराज लंका ऐसे ही सीता माता की खोज में गए थे और रावण की सोने की लंका में त्राहिमाम मचा के उसे जला के वापस लौटे थे। सर्जिकल स्ट्राइक का यह विश्व का पहला और अनौखा उदाहरण है। भारतियों के लिए सर्जिकल स्ट्राइक शब्द अटपटा हो सकता है लेकिन युद्ध कौशल की इस विधा से न हम वाफिक हैं बल्कि इसका समय समय पर उपयोग करते रहे हैं। सर्जिकल स्ट्राइक यानी सही समय पर सटीक निशाना। चूक की बिलकुल गुंजाइश नहीं होती है इस तरह के ऑपरेशंस में। एक साधारण युद्ध और सर्जिकल स्ट्राइक में बहुत अंतर होता है। सर्जिकल स्ट्राइक के साथ सबसे खास बात यह होती है कि इसमें सेना पहले टारगेट चुनती है, उस जगह की भौगालिक परिस्थितियों का विश्लेषण करती है, समय चुनती है, कब किन हथियारों के साथ हमला करना है, इस पर लंबी चर्चा होती है। कितने दुश्मन हैं इसका भी पता होता है, यह भी पता होता है कि दुश्मन के पास कितने हथियार हैं और किस तरह के हथियार हैं। इसके बाद सर्जिकल स्ट्राइक होती है। सर्जिकल स्ट्राइक के कमांडोज के साथ डॉक्टर्स की भी एक टीम जाती है, ताकि कोई जवान घायल हो जाए, तो उसे तुरंत उपचार मिल सके। सर्जिकल स्ट्राइक को तभी कामयाब माना जाता है, जब इसमें हमारा कोई नुकसान न हो। यदि एक जवान भी सर्जिकल स्ट्राइक में शहीद होता है, तो ऑपरेशन पर सवाल खड़ा हो जाता है। बुधवार रात जिस सर्जिकल स्ट्राइक को हमारे जवानों ने अंजाम दिया है, वो हमारी सेना की दक्षता को साबित करता है। एक मीटर भी इधर-उधर तो हैलिकॉप्टर क्रेश पीओके की भौगोलिक स्थिति एेसी है कि वहां घने जंगल औन पानी के नाले हैं। एेसे में हमारे जवान हैलीकॉप्टर के जरिए टारगेट तक पहुंचे। रात के अंधेरे में इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया, यदि एक मीटर भी इधर-उधर हो, तो हैलिकॉप्टर क्रेश हो सकता था। इसके साथ ही छह कैम्पों को टारगेट किया गया। एेसी विपरीत परिस्थितियों में एक साथ छह ठिकानों पर कार्रवाई करना और उस कार्रवाई को को-ऑर्डिनेट करना बहुत मुश्किल होता है। यह ऑपरेशन हमारे मजबूत राजनीतिक नेतृत्व को भी दर्शाता है।इससे पहले भी कई बार एेसे मौके आए, जब हमारी सेना सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए तैयार थी, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में हमारे जवान दुश्मन को जवाब नहीं दे पाए। हालांकि हमारी सेना ने कुछ भी गलत नहीं किया है, क्योंकि पाकिस्तान की सरकार हमेशा आतंकियों को नॉन स्टेट एक्टर बताती आई है। एेसे में यदि हमारी सेना ने पीओके में घुसरक आतंकियों को मारा है, तो कुछ गलत नहीं किया। हमने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया।सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी भी पाकिस्तान के डीजीएमओ को दे दी गई थी। फिर भी पाकिस्तान के मुंह पर यह सर्जिकल स्ट्राइक एक करार तमाचा है। यदि हम सांप को भी मारते हैं, तो वो पूंछ पटकता है। एेसे में पाकिस्तान भी अपनी नाक बचाने के लिए कुछ तो करेगा, लेकिन हमारी सेना पूरी तरह तैयार है। यदि और आंतकी आए, तो हम और मारेंगे। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सीमा पर तनाव बढ़ सकता है, लेकिन इससे युद्ध की आशंका नहीं है। हमारी सेना ने पाकिस्तान को अपनी योग्यता दिखाई है।लेकिन उसने कुछ हिमाकत की तो उसे उसका जवाब देने के लिए भी हमारी सेना और सैनिक तैयार हैं।
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30 September 2016भारतीय सेना ने सीमा पार जाकर मारे आतंकी भारतीय सेना ने बुधवार देर रात सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए पाकिस्तानी सीमा में घुसकर कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस हमले की निंदा की है। हमले की खबर सार्वजनिक होने के बाद अब आने वाले 48 घंटे महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं और इसके चलते गृह मंत्री ने पंजाब में बॉर्डर का इलाका खाली करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। गृहमंत्री ने आदेश दिया है कि पंजाब में सीमा का 10 किमी का एरिया खाली करवा लिया जाए। विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारतीय सेना के स्पेशल कमांडोज की एक टीम ने एलओसी पार कर लगभग 500 मीटर से 2 किलोमीटर तक घुसकर आतंकी कैम्पों को तबाह कर दिया। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि इस स्ट्राइक में 5 आतंकी कैम्प नष्ट किए गए हैं और 38 आतंकी मार गिराए गए हैं। इस बीच पाक आईएसपीआर प्रमुख आसिम बाजवा ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि भारत की ऐसी किसी भी तरह की कार्रवाई का पाकिस्तान द्वारा मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। इससे पहले, भारतीय सेना के एक्शन की जानकारी देते हुए रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजीएमओ रणबीर सिंह ने बताया कि बुधवार देर रात भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए हमले के लिए तैयार आतंकियों को मार गिराया है। उन्होंने कहा कि इस साल सीमा पर 20 घुसपैठ की कोशिश भारतीय सेना ने नाकाम की हैं। इस दौरान हमने जीपीएस सहित तमाम चीजें बरामद कीं। हमने पाकिस्तान के उच्च स्तर तक इसके सबूत दिए और इस मुद्दे को हमने पाकिस्तान के सामने उठाया। हमने उन्हें इन आतंकियों को काउंसलर एक्सेस देने का भी ऑफर दिया। लगातार उन्हें आगाह करने के बाद भी उन्होंने आतंकियों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है।इसके बाद बुधवार रात हमें विश्वस्त और महत्वपूर्ण सूचना मिली थी कि कुछ आतंकी पाक सीमा में बने लॉन्च पैड पर मौजूद थे और घुसपैठ के लिए तैयार थे। सूचना थी कि वो भारत के महत्वपूर्ण स्थानों पर हमले कर सकते हैं। इसके बाद हमारी सेना ने टारगेटेड जगहों पर सर्जिकल ऑपरेशन किया ताकि आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब ना हो सकें। इस आतंक विरोधी अभियान में आतंकी और उनकी मदद करने वालों को नुकसान पहुंचा और कई कैम्प ध्वस्त हुए हैं। भारत ने इस सर्जिकल ऑपरेशन को खत्म कर दिया है और इसे आगे जारी रखने का कोई इरादा नहीं है। हमने पाक डीजीएमओ को इस सर्जिकल स्ट्राइक की सूचना दे दी है। यह भारत की सोच है कि इलाके में शांति रहे लेकिन हम आतंकियों को घुसपैठ करने नहीं दे सकते। हम किसी भी तरह से आतंकियों को हमारे देश और देश के लोगों को नुकसान नहीं करने दे सकते। हमले के बाद पाकिस्तान के इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन डिपार्टमेंट द्वारा दी गई सूचना के अनुसार भारत ने यह हमला भिंबर, हॉटस्प्रिंग, केल और लीपा सेक्टर में किया है। हमले के बाद जहां पाक ने अपने दो जवानों के मारे जाने का दावा किया है वहीं पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा है कि हम हमले की निंदा करते हैं। हमारी शांति की कोशिशों को हमारी कमजोरी ना समझा जाए। हम अपने देश की रक्षा के लिए तैयार हैं। इस बीच पाकिस्तान ने दावा किया है कि भारतीय सैनिको ने उसके दो सैनिकों को मार गिराया है। पाकिस्तानी मीडिया ने सेना के हवाले से खबर दी है कि बुधवार दे रात 2 बजे से शुरु हुई फायरिंग के सुबह 8 बजे तक चली और इस फायरिंग में उसके दो जवान मारे गए हैं। भारतीय सेना द्वारा की गई इस बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी सेना ने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को दे दी गई है।
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29 September 2016मध्यप्रदेश भाजपा में घमासान मध्य प्रदेश भाजपा कार्यकारणी बैठक से एक दिन पहले ही भाजपा नेता राजेश भदौरिया ने पार्टी, संगठन और सरकार के काम काज पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए । उन्होंने व्यापम सहित कई मुद्दों पर सवाल उठाते हुए पार्टी को कठघरे में खड़ा कर दिया तो बीजेपी ने उन के खिलाफ एक्शन ले लिया। यह वही बात हुई कि अगर आईना चेहरे पर धूल बताये तो धूल पोंछने के बजाये आईना ही तोड़ दो। बीजेपी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रेदेश सयोंजक राजेश भदौरिया ने खुद को हटाये जाने से पहले पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह अत्यंत आश्चर्यजनक और खेद पूर्ण है की भारतीय जनता पार्टी की सरकार उपरोक्त व्यापम भ्र्ष्टाचार की नैतिक जिम्मेवारी लेना तो दूर बल्कि बड़ी ही शर्मिंदगी से ऐसा दिखावा कर रही है जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो, और प्रदेश की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा पार्टी के भव्य आयोजनों पर पानी की तरह बहा रही है ताकि जनता का ध्यान भ्र्ष्टाचार से हट जाए । भदौरिया ने आगे कहा कि भाजपा श्यामाप्रसाद मुखर्जी के सपनो का रास्ता छोड़ भ्र्ष्टाचार के रास्ते पर चल पड़ी है । आगे आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी और नेता पार्टी कार्यालय में बैठकर पैसों का लेनदेन और दलाली करते हैं । इनकम टैक्स अधिकारी पूनम रॉय के पति पर आरोप लगाते हुए कहा की वह पार्टी कार्यालय में बैठकर दलाली करते हैं । उन्होंने आगे बताया कि इस मसले को लेकर लगातार 3 कार्यकारणी मीटिंग में भ्र्ष्टाचार की बात उठाई लेकिन कार्यकारणी मीटिंग में उनकी बात सुनी नहीं गई । राजेश ने आगे बताया कि इस मामले को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नन्दकुमार सिंह चौहान को भी पत्र लिखा तथा पत्र के द्वारा राजेश ने मांग की व्यापम में हुए भ्र्ष्टाचार के कारण लाखों छात्रों और उनके परिजनों को त्रासदी से गुजरना पड़ा है इसके लिए भाजपा प्रदेश की जनता से माफ़ी मांगे तथा आगामी विधान सभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार दलित वर्ग से हो इसकी घोषणा करें ।
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28 September 2016ईनाम गंभीर देती हैं मुहतोड़ जवाब संयुक्त राष्ट्र महासभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के संबोधन के बाद भारत ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान को यह संदेश स्पष्ट हो जाना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। भारत ने यह सवाल भी किया कि क्या इस्लामाबाद यह बता सकता है कि आतंकवाद के खिलाफ अरबों डॉलर की मदद लेने के बावजूद उसकी सरजमीं पर आतंकवाद की पनाहगाहें कैसे फल-फूल रही हैं। भारत ने ‘जवाब के अधिकार’ के तहत संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रतिनिधि की ‘काल्पनिक और गुमराह करने वाली’ टिप्पणियों को खारिज कर दिया। संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के भाषण के बाद कहा था कि भारतीय विदेश मंत्री का बयान पाकिस्तान के बारे में ‘झूठ का पुलिंदा’ तथा ‘तथ्यों एवं इतिहास का मजाक’ था। मलीहा को जवाब देते हुए भारत ने इस बात को दोहराया कि कश्मीर सदैव भारत का अभिन्न हिस्सा बना रहेगा। भारतीय राजनयिक ईनाम गम्भीर ने कहा, ‘ऐसा लगता है कि पाकिस्तान की प्रतिनिधि ने उसे स्पष्ट रूप से नहीं सुना जो हमारी विदेश मंत्री ने के संबोधन के दौरान बोला।’ सुषमा के संबोधन को उद्धृत करते हुए ईनाम गम्भीर ने कहा कि कश्मीर सदैव भारत का अभिन्न हिस्सा बना रहेगा। उन्होंने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि यह संदेश पूरी तरह से स्पष्ट है।’ नवाज शरीफ को जवाब देकर चर्चा में आई ये भारतीय अफसर यूएन में पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ को मुंहतोड़ जवाब देकर महिला अफसर ईनाम गंभीर सुर्खियों में हैं। नवाज की स्पीच के बाद IFS अफसर ने कहा, ''कभी शिक्षा के लिए मशहूर तक्षशिला की धरती आज आईवी लीग ऑफ टैररिज्म बन गई है। दुनियाभर से ट्रेनिंग के लिए लोग (आतंकी) पाकिस्तान आते हैं।'' अमेरिका और पाक में चर्चा है कि जानबूझकर एक यंग वुमन को यूएन मिशन में भेजा गया। यूएन में बोलते हुए नवाज शरीफ ने कश्मीर मुद्दे पर जमकर जहर उगला था। आतंकी बुरहान वानी को कश्मीर का युवा नेता तक बताया।फिर जवाब के अधिकार का इस्तेमाल कर यूएन में भारत के स्थाई मिशन की पहली सेक्रेटरी ई. गंभीर ने नवाज के आरोपों पर अपनी बात रखी।भारतीय अफसर ने कहा, '‘ह्यूमन राइट्स का सबसे बड़ा वायलेशन आतंकवाद है। जब इसे सरकारी नीति के तौर पर यूज किया जाता है तो ये एक युद्ध अपराध है।'' ''भारत और बाकी देश आज पाकिस्तान की आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीति का सामना कर रहे हैं, जिसके परिणाम हमारे क्षेत्र से परे तक फैले हैं।आज भी हमने एक आतंकी संगठन के कमांडर के लिए पाक प्रधानमंत्री की ओर से दिए गए सपोर्ट की बात सुनी।अलकायदा का नेता ओसामा बिन लादेन सालों से पाकिस्तान में छिपा हुआ था। पाकिस्तान आईवी लीग ऑफ टैररिज्म बन गया है।''
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27 September 2016मन की बात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दोहराया है कि उरी हमला पूरे राष्ट्र को पहुंचाया गया नुकसान है और इसके दोषी सज़ा पाकर रहेंगे. उन्होंने कहा कि 'हमें सेना पर भरोसा है. देशवासी सुख चैन की जिंदगी जी सकें इसके लिए हमारी सेना अपने पराक्रम से हर साज़िश को नाकाम करेगी। ' कश्मीर के मौजूदा हालात पर पीएम ने कहा 'कश्मीर के नागरिक देश-विरोधी ताक़तों को समझने लगे हैं, वे ऐसे तत्वों से अपने-आप को अलग करके शांति के मार्ग पर चल पड़े हैं। ' पीएम ने कहा कि शान्ति, एकता और सद्भावना ही हमारी समस्याओं का समाधान का रास्ता भी है, हमारी प्रगति का रास्ता भी है, हमारे विकास का भी रास्ता है। पीएम मोदी ने रियो पैरालिम्पिक में सिल्वर जीतने वाली दीपा मलिक का ज़िक्र करते हुए कहा 'दीपा मलिक ने जब मेडल हासिल किया तो उसने कहा – इस मेडल से मैंने विकलांगता को पराजित कर दिया है. इस वाक्य में बहुत बड़ी ताक़त है। ' पीएम ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में भारत पैरालिम्पिक्स के लिये, उसके विकास के लिये भी, एक सुचारु योजना बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. साथ ही प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत सरकार ने नवसारी की धरती पर विश्व रिकॉर्ड किया, 8 घंटे में 600 दिव्यांगजनों को सुनने के लिए मशीनें फीड करने का सफल प्रयोग किया है। स्वच्छता मिशन के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि ग्रामीण भारत में अब तक करीब-करीब ढाई-करोड़ शौचालय का निर्माण हुआ है और आने वाले एक साल में डेढ़ करोड़ और शौचालय बनाने का इरादा है. आज के युग में स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य जैसे जुड़ता है, वैसे स्वच्छता के साथ रेवेन्यू मॉडल भी अनिवार्य है।
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26 September 2016शिवराज सिंह चौहान भारतीय दर्शन में मनुष्य की चेतना की सर्वोच्च अवस्था वह मानी जाती है, जहां वह सम्पूर्ण सृष्टि को स्वयं के भीतर और स्वयं को सम्पूर्ण सृष्टि के भीतर अनुभव करता है। पढ़ने-लिखने और कहने-सुनने में यह बात बहुत आती है, लेकिन इसे जो व्यक्ति वास्तविक रूप से महसूस कर लेता है, वह देवतुल्य हो जाता हैं। एकात्म मानववाद दर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऐसे ही महापुरुष थे। कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं। महापुरुषों में बचपन से ही कुछ विलक्षणता होती है। पंडितजी के बचपन का एक बड़ा प्रेरक प्रसंग हैं। उनकी किशोर अवस्था थी। वह सब्जी लेने बाजार गये और सब्जी बेचने वाली वृद्धा को चवन्नी का भुगतान कर दिया। घर लौटते समय उन्होंने जेब टटोली तो, देखा कि वह वृद्धा को खोटी चवन्नी दे आये हैं। उनका मन इतना दुःखी और द्रवित हो गया कि वह दौड़ते हुए उस वृद्धा के पास गये और उससे क्षमा प्रार्थना के साथ खोटी चवन्नी वापस लेकर उसे खरी चवन्नी दे दी। महापुरुष ऐसे ही होते हैं। वे स्वयं कितने भी कष्ट उठा लें, लेकिन अपने कारण दूसरों को कष्ट नहीं होने देते। जीवनभर सादगी की प्रतिमूर्ति रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय, डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के सर्वप्रिय वैसे ही नहीं बन गये थे। शिक्षा में हमेशा अव्वल रहने वाले पंडितजी की बुद्धि विलक्षण रूप से कुशाग्र थी। लेकिन कुशाग्र बुद्धि से कोई महापुरुष नहीं बनता। चित्त की निर्मलता का मेल होने पर ही वह जनकल्याणकारी सोच की ओर अग्रसर होता है। बहुत व्यापक अध्ययन करने वाले पंडित उपाध्याय सिर्फ किताबी ज्ञान से सम्पन्न नहीं थे। जिस व्यक्ति के पास स्वयं की अंतःप्रज्ञा नहीं होती, उसके लिए शास्त्रों के अध्ययन का कोई अर्थ नहीं। पंडितजी के पास अंतःप्रज्ञा थी। इसी के कारण वह मौलिक रूप से चिंतन कर सके। उन्होंने धर्म, अर्थशास्त्र, अध्यात्म, समाज, व्यक्ति सहित सभी विषयों पर मौलिक चिन्तन कर सार्थक निष्कर्ष हमारे सामने रखे। पंडितजी की जितनी गति एक आदर्श मूलक राजनीति में थी, उतनी ही साहित्य में भी, एक ही बैठक में चंद्रगुप्त नाटक लिख लेना उनकी साहित्याभिरुचि का प्रमाण ही नहीं था, बल्कि इस बात का भी कि सरहदों को सुरक्षित रखने और देश के राजनीति एकीकरण के लक्ष्य उनकी नज़र में कितने जरूरी थे। पंडितजी भारत के विकास के लिए भारतीय चिंतन को ही आधार बनाना चाहते थे। वे कहते थे कि हम लोगों ने अंग्रेज शासन में अंग्रेजी वस्तुओं का विरोध कर हर्ष महसूस किया था, लेकिन यह आश्चर्य की बात है कि अंग्रेजों के जाने के बाद हम उन्हीं का अनुसरण कर रहे हैं। पश्चिमी विज्ञान और पश्चिमी जीवन दो अलग-अलग चीजें हैं। पश्चिमी विज्ञान बहुत सार्वभौमिक है और अगर हमें आगे बढ़ना है तो इसे जरूर अपनाना चाहिए। लेकिन जीवन मूल्य हमारे ही होने चाहिए। स्वतंत्रता को लेकर उनका मानना था कि यह तभी सार्थक होती है, जब यह हमारी संस्कृति की अभिव्यक्ति का साधन बन जाये। भारतीय संस्कृति की विशेषता यह है कि यह जीवन को एक विशाल और समग्र रूप में देखती है। उन्होंने राजनीति में संस्कृति का संचार किया। वह सही अर्थों में जन-ऋषि थे। पंडितजी कहते थे कि एक ही चेतना समस्त जड़चेतन में विराजमान है। इसलिए हम सबके है, सब हमारे है। मनुष्य केवल शरीर नहीं शरीर के साथ-साथ मन भी हैं, बुद्धि भी, आत्मा भी।मनुष्य को पूरी तरह से सुखी रखना है तो शरीर के साथ-साथ मन, बुद्धि और आत्मा के सुख का भी विचार करना होगा। केवल भौतिक प्रगति नहीं, आध्यात्मिक उन्नति का भी विचार करना होगा। पंडितजी अनेकता में एकता और विभिन्न रूपों में एकता की अभिव्यक्ति की भारतीय सोच को निरंतर आगे बढ़ाने के पक्षधर थे। उनका मानना था कि मानव के मन, बुद्धि और मस्तिष्क का समन्वित रूप से विकास होना चाहिए। इनमें से किसी एक ही पक्ष के विकास पर ज्यादा बल देने से मनुष्य का समग्र विकास संभव नहीं है। अभी जिस कोझीकोड में हमारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हो रही है, वहाँ 50 साल पहले हजारों कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री दीनदयालजी ने कहा था 'हम किसी विशेष समुदाय या वर्ग की नहीं संपूर्ण देश की सेवा के लिए प्रतिबद्ध है, हर देशवासी हमारे रक्त का रक्त और हमारी मज्जा की मज्जा है, हम तब तक चैन की सांस नहीं लेंगे जब तक कि हम हर एक को गर्व का यह बोध दे सकें कि वे भारत माँ की संतान हैं।'' मुझे इस बात पर संतोष हैं कि विगत 11-12 वर्षों से मध्यप्रदेश में हम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन को आधार बनाकर अपनी योजनाएं निर्मित और क्रियान्वित कर रहे हैं। पंडितजी कहते थे कि हमारी प्रगति का आकलन सामाजिक सीढ़ी के सर्वोच्च पायदान पहुंचे व्यक्ति से नहीं बल्कि सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति की स्थिति से होगा। हमने पंडितजी के इसी चिंतन को आधार बनाकर समाज के निचले से निचले स्तर तक लोगों की बेहतरी के लिए काम किया। आयुर्वेदिक औषधालयों में काम करने वाले कम्पाउंडर हों या घरों में काम करने वाली बहनें, स्कूल के अंशकालिक लिपिक हों या सफाई कर्मचारी, भूमिहीन कोटवार, आंगनवाडी कार्यकर्ता, सहायिका, होमगार्ड, मजदूर, हम्माल, तुलावटी, रोजनदार मजदूर, बुजुर्ग श्रमिक, बोझा ढोने वाले मजदूर, गुमटी वाले, खेतीहर मजदूर सहित समाज के सबसे कमजोर वर्गों के जीवन में खुशहाली लाने का हमने पूरा प्रयास किया है। पंडितजी की प्रेरणाओं को योजनाओं में बदलने का हमारा यह प्रयास लगातार जारी रहेगा। आइये, महामानव पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मशताब्दी वर्ष में हम समाज के कमजोर वर्गों के हित में श्रेष्ठतम् काम करने के अपने संकल्प को और मजबूत करें। स्वयं में दूसरों को देखें और दूसरों को स्वयं में एक ही चेतना या 'आत्म' को चराचर जगत् में अनुस्यूत देखें। यही हमारी पंडितजी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।[लेखक मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं]
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25 September 2016हमेशा दोगली बातें करने वाले पाकिस्तान और वहां के दोगले प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का कहना है कि उरी आतंकी हमला कश्मीर के हालात के खिलाफ स्थानीय बाशिंदों की प्रतिक्रिया का परिणाम हो सकता है।इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए शरीफ ने उस बुरहान वानी की तारीफ की, जिसके आतंकवादी होने पर किसी को शक नहीं है। बल्कि वानी जिस हिज्बुल मुजाहिदीन का सदस्य था, वह खुद ही अपने को जिहादी संगठन बताता है। उन्होंने यह कहते हुए भारत की आलोचना भी की कि पड़ोसी देश बिना किसी सबूत के पाकिस्तान पर आरोप लगा देता है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में हिस्सा लेने के बाद पाकिस्तान लौटते समय लंदन में पत्रकार से शरीफ ने यह बात कही।बकौल शरीफ, उरी हमला कश्मीर में भारतीय सेना के हाथों मारे गए लोगों के परिजनों द्वारा लिया गया एक बदला हाेे सकता है। पूरी दुनिया जानती है कि भारतीय सेना कश्मीर में क्या कर रही है। पिछले दो माह के दौरान वहां पर सौ से अधिक लोगों की मौत हुई है और इससे भी कहीं ज्यादा लोग घायल हुए हैं। यूएनजीए में कश्मीर के मसले पर करारी शिकस्त के बाद उन्होंने लंदन में भारत पर जमकर आरोप लगाए। उन्होंने यहां तक कहा कि भारतीय सेना मासूम कश्मीरियों पर अत्याचार कर रही है। पाकिस्तान पर अंगुली उठाने से पहले भारत को यह देखना चाहिए कि वह कश्मीर में क्या कर रहा है।नवाज ने कहा कि वह कश्मीर में शांति बहाली के लिए इस हमले की संयुक्त जांच कराने के लिए तैयार हैं। लेकिन यह तब तक संभव नहीं है जब तक कश्मीर का मुद्दा सुलझा नहीं लिया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए शरीफ ने उस बुरहान वानी की तारीफ की, जिसके आतंकवादी होने पर किसी को शक नहीं है। बल्कि वानी जिस हिज्बुल मुजाहिदीन का सदस्य था, वह खुद ही अपने को जिहादी संगठन बताता है। उस हथियारबंद दहशतगर्द को कश्मीरियों के शांतिपूर्ण संघर्ष का प्रतीक बताकर नवाज शरीफ ने अपने को और बेनकाब किया। अब इसे दुस्साहस ही कहेंगे कि खुलेआम आतंकवाद का महिमामंडन करते हुए भी उन्होंने बातचीत से समस्याओं के समाधान और भारत से अच्छे संबंध रखने के प्रति अपने को वचनबद्ध बताया! किंतु उन्होंने वार्ता के लिए जो शर्तें रखीं, वे सीधे तौर पर भारत के अंदरूनी मामलों में दखल हैं। पाकिस्तान आखिर किस हक से कश्मीर से सेना वापसी या वहां गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग कर सकता है? संतोषजनक है कि इस ढिठाई का करारा जवाब देने में भारत ने देर नहीं लगाई। इंगित किया कि शरीफ के भाषण से साफ हो गया है कि पाकिस्तान आतंकवादी देश है। और ये बात सिर्फ भारत नहीं कह रहा। एक दिन पूर्व ही अमेरिका के दो सांसदों ने पाक को आतंकवादी देश घोषित करने के लिए बिल पेश किया था। और फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा के सामने अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति सरवर दानिश ने आतंकवाद और पाकिस्तान के संबंधों का कच्चा-चिट्ठा खोलकर रख दिया। कहा कि 'अच्छे और बुरे दहशतगर्दों" के बीच फर्क कर पाकिस्तान आतंकवाद पर दोहरी नीति अपनाता है, जिससे विश्व शांति खतरे में पड़ रही है। दुनिया जानती है कि तालिबान के नेता कहां रहते हैं। फिर उन्होंने उन मामलों का जिक्र किया जब अमेरिकी विश्वविद्यालयों पर हमला करने की साजिश पाकिस्तानी जमीन पर रची गई। दो-टूक लहजे में उन्होंने विश्व प्रतिनिधियों के सामने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों पर कार्रवाई नहीं करता।
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24 September 2016उड़ी हमले के बाद भी जिस तरह से पाकिस्तान अपनी हदें पार कर रहा है, उससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। भारत ने पहली बार पाकिस्तान के साथ हुए 56 वर्ष पुराने सिंधु जल समझौते को रद करने की अपनी मंशा साफ जता दी है।सरकार ने कहा है कि अगर पाकिस्तान के रवैये में कोई बदलाव नहीं आता है तो वह किसी भी हद तक जाने को तैयार है। यदि भारत यह समझौता तोड़ दे तो पाकिस्तान पानी के लिए तरस जाएगा। इसके साथ सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि वह पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करने के लिए नीति बनाने पर भी सोच रही है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि द्विपक्षीय संधि आपसी सहयोग और भरोसे के बिना नहीं चल सकती है। भारत ने पाक को चेताया है कि वह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने सिंधु जल समझौता तोड़ने के सवाल पर कहा कि किसी भी समझौते के लिए दोनों देशों में आपसी भरोसा और सहयोग होना जरूरी है।यह एकतरफा नहीं हो सकता है। उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान पर जवाबी कार्रवाई के मामले पर उन्होंने कहा कि हमारा काम अपने आप बोलता है और हमारे एक्शन से नतीजे आने शुरू हो गए हैं। स्वरूप ने कहा कि सिंधु समझौते की प्रस्तावना में ही कहा गया है कि यह भरोसे और सहयोग पर आधारित है। हालांकि उन्होंने 56 साल पुरानी संधि को तोड़ने या न तोड़ने पर इतना ही कहा कि कूटनीति में सब कुछ बताया नहीं जाता। स्वरूप ने यह भी कहा कि संधि को लागू करने के तरीके पर दोनों देशों के बीच मतभेद हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की हर हरकत पर हमारी नजर है और दुनिया को हमने पाकिस्तान की असलियत बता दी है। मालूम हो कि एक दिन पहले ही भारत ने पाकिस्तान उच्चायुक्त को तलब कर उड़ी हमले को लेकर कड़ा एतराज जताया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा में किसी भी देश ने कश्मीर के मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं कहा, लेकिन पाक पीएम नवाज शरीफ के भाषण का 80 फीसदी हिस्सा कश्मीर पर केंद्रित था। उन्होंने कहा कि अमेरिका भी कश्मीर मुद्दे पर अपना दखल नहीं देना चाहता है, लेकिन पाकिस्तान बार बार चेतावनी के बाद भी कश्मीर के मामले में दखल देता है। उन्होंने कहा कि उड़ी हमले की अधिकांश देशों ने निंदा की है। लेकिन इसके बाद भी पाकिस्तान इस मामले में झूठ बोल रहा है। अब दुनिया के सामने पाकिस्तान का झूठ सामने आ चुका है।
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23 September 2016पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगार:राममाधव पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बुधवार को दिए गए संयुक्त राष्ट्र में संबोधन पर भारत ने दो टूक जवाब दिया है। बीजेपी नेता राम माधव ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ का बयान एक प्रधानमंत्री की तरह नहीं बल्कि हिजबुल कमांडर की तरह था। उन्होंने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के बारे में जो भी कहा था उसे नवाज शरीफ ने अपने भाषण में साबित कर दिया। उन्होंने कहा कि नवाज के भाषण से यह साबित हो गया है कि पाकिस्तान आतंकियों का पनाहगार देश है और इसे लेकर अब किसी प्रमाण की जरूरत नहीं है। पाकिस्तान खुलेआम आतंकियों का प्रचार कर रहा है । इसलिए पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित कर देना चाहिए।राम माधव ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री खुलेआम बुरहान वानी जैसे आतंकी कमांडर का महिमामंडन करते हैं और उसका प्रचार करते है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि भारत उरी आतंकी हमले का जवाब देगा और इस हमले के दोषी बख्शे नहीं जाएंगे। बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दा उठाते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने मारे गए हिजबुल कमांडर बुरहान वानी की तारीफ करते हुए उसे ‘युवा नेता’ बताया। कश्मीर में हालात पर बात करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आठ जुलाई को मुठभेड़ में मारे गए वानी का जिक्र ‘युवा नेता’ के तौर पर किया और कहा कि वह लोकप्रिय और शांतिपूर्ण आजादी आंदोलन, नये कश्मीरी इंतिफादा का प्रतीक बन कर उभरा। शरीफ ने कहा कि भारत की नृशंसता का पूरा दस्तावेज है और पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में लगातार तथा भीषण उल्लंघनों के बारे में महासचिव के साथ सूचना और साक्ष्यों से जुड़ा एक डोजियर साझा करेगा ।
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22 September 2016जयंतीलाल भंडारी पाकिस्तान से आए आतंकवादियों द्वारा उरी में सेना के कैंप पर हमले के बाद हमारी सरकार पाकिस्तान को माकूल जवाब देने की रणनीति बना रही है। इसके तहत पाकिस्तान पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने और पाकिस्तान रहित सार्क देशों (दक्षिण एशियाई देशों का संगठन) की नई व्यूहरचना को भी मूर्तरूप दिया जाना जरूरी है। उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान से कारोबार और मैत्री संबंध बढ़ाने के लिए प्रयास किए थे, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान के आतंकी इरादों को भांपते हुए सबसे पहले नवंबर 2014 में काठमांडू में हुए 18वें सार्क समेलन के दौरान पाकिस्तान के विरोध को दरकिनार करते हुए दक्षेस के क्षेत्रीय उपसमूह बीबीआईएन (बांग्लादेश, भूटान, भारत और नेपाल) की एकसूत्रता पर जोर देकर क्षेत्रीय व्यापार बढ़ाने की रणनीति बनाई। साथ ही अंतर ग्रिड कनेक्टिविटी, जल संसाधन प्रबंधन जैसे अहम मुद्दों पर भी चर्चा हुई। भारत ने बांग्लादेश, भूटान व नेपाल के साथ बीबीआईएन मोटर वाहन अनुबंध पर नवंबर 2014 में हस्ताक्षर किए थे और 5 सितंबर को ढाका से पहला मालवाहक वाहन भी नई दिल्ली पहुंचा। यह भी महत्वपूर्ण है कि भारत ने बांग्लादेश, भूटान और नेपाल में 558 किमी सड़क निर्माण और उन्न्यन की महत्वाकांक्षी परियोजना को भी मंजूरी दी। इससे इन देशों के बीच अंतर-क्षेत्रीय व्यापार 60 फीसदी तक बढ़ेगा। बीबीआईएन के साथ अब श्रीलंका और मालदीव को भी समुद्री लिंक से जोड़ने के लिए कदम बढ़ाए गए हैं। उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के साथ वार्ता के दौरान पाकिस्तान की आतंकी भूमिका की आलोचना कर व्यापार संबंधों को नया परिवेश देने पर जोर दिया है। ऐसे आर्थिक परिदृश्य से पाकिस्तान के बिना भी दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्था को एकीकृत करने की संभावना बढ़ेगी। यद्यपि सार्क 1985 में अस्तित्व में आया और 1994 में दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र (साटा) समझौते पर हस्ताक्षर हुए। मगर पाक की आतंकी और व्यापारिक रुकावटों के कारण सार्क देशों के आपसी कारोबार में खास बढ़ोतरी नहीं हुई। यही कारण है कि साटा विश्व का सबसे कमजोर मुक्त व्यापार संगठन बना हुआ है। विश्व व्यापार में सार्क का हिस्सा 5 प्रतिशत से भी कम है। सार्क देशों की चमकीली व्यापार क्षमताएं पाकिस्तान के कारण साकार नहीं हो पा रहीं। ये तब है जबकि भारत ने पाकिस्तान को 1996 से सर्वाधिक प्राथमिकता वाले देश (एमएफएन) का दर्जा दे रखा है। अब भारत को पाक से ये दर्जा तुरंत वापस ले लेना चाहिए। उरी हमले के बाद पाकिस्तान से कारोबार की संभावनाएं प्राथमिकता में बिलकुल नहीं हो सकतीं। अब तो भारत को पाकिस्तान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाने चाहिए। भारत से नदी समझौते के कारण पाक को जो लाभ हो रहे हैं, उन्हें भी तुरंत रोका जाना चाहिए। दक्षेस संगठन से पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति पर जोर-शोर से काम करना चाहिए। पाकिस्तान को छोड़ते हुए सार्क के अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाना चाहिए। इसमें कोई दो मत नहीं कि भारत पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारकर कारोबार बढ़ाने की दक्षता रखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान में आने वाले नवंबर में होने वाले 19वें सार्क शिखर सम्मेलन में भाग न लेते हुए कड़ा संदेश देना चाहिए। यदि पाक को आतंकी देश घोषित करने के भारत के प्रयास सफल होते हैं तो संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से पाकिस्तान के आर्थिक-कारोबारी रिश्ते खत्म हो सकते हैं। चूंकि पाकिस्तान कोई बड़ा उत्पादक देश नहीं है, साथ ही उसकी अर्थव्यवस्था भी बुरी स्थिति में है, ऐसे में आर्थिक प्रतिबंधों से उसकी कमर टूट जाएगी। हमें अन्य तमाम विकल्पों के साथ पाकिस्तान को आर्थिक तौर पर भी चुनौतियां देना होंगी, तभी हम उसे हर मोर्चे पर पस्त कर पाएंगे।(नवदुनिया से ,लेखक आर्थिक मामलों के जानकार हैं।)
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21 September 2016अमिताभ उपाध्याय पिछली बार में स्मार्ट सिटी योजना में शामिल होने से रह गए ग्वालियर शहर को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल कराने के लिए केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पेयजल, स्वच्छता एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के प्रयास रंग लाए हैं। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री एम.वेंकैया नायडू द्वारा को जारी गई स्मार्ट सिटी के लिए चयनित नए शहरों की सूची में ग्वालियर को शामिल किया गया है। 12 शहरों के कुल 63 शहरों में से चयनित 27 शहरों की इस नई सूची में म.प्र. के उज्जैन शहर को भी शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व केन्द्र सरकार की ओर से 33 शहरों को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल किया गया था, जिसमें ग्वालियर शामिल होने से रह गया था। ग्वालियर के स्मार्ट सिटी में शामिल नहीं हो पाने के कारणों को समझने के बाद केन्द्रीय मंत्री श्री तोमर ने उन सभी कारणों पर विशेष जोर देते हुए उन कमियों को पूरा कराने के लिए ग्वालियर में अभियान चलाया। इन कमियों को पूरा करने के बाद निगमायुक्त ने महापौर विवेक शेजवलकर की उपस्थिति में स्मार्टसिटी शहरों के चयन समिति के सामने एक बार फिर से प्रजेन्टेशन दिया। इस प्रजेन्टेशन और शहर में सुधरी हुई स्थतियों से चयन समिति संतुष्ट हुई। उधर केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री तोमर ने महापौर विवेक शेजवलकर को साथ लेकर केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री एम.वेंकैया नायडू से भेंट कर ग्वालियर को स्मार्ट सिटी योजना में शामिल करने का अनुरोध किया, साथ ही उन्हें आश्वस्त किया कि ग्वालियर शहर में उन सभी कमियों को पूरा कर लिया गया है, जिन कमियों के कारणों से ग्वालियर स्मार्ट सिटी योजना में शामिल होने से वंचित रह गया था। इस तरह श्री तोमर के सरकार और जमीनी स्तर पर किए गए समग्र प्रयास रंग लाए और ग्वालियर स्मार्ट सिटी योजना में शामिल हो गया। अब ग्वालियर शहर का विकास स्मार्ट सिटी योजना के तहत किया जाएगा। इसमें पानी ओर बिजली की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित होगी। सफाई और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली, प्रभावी शहरी आवागमन और सार्वजनिक परिवहन, आईटी कनेक्टिवटी और ई-शासन समेत अन्य सुविधाएं होंगी। मोदी सरकार का वर्ष 2019-20 तक लगभग 100 शहरों का कायाकल्प करने का लक्ष्य है। केन्द्र सरकार स्मार्ट सिटी योजना में शामिल शहरों को पंाच वर्षों में विकास के लिए 48 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
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21 September 2016देश में स्मार्ट सिटी के लिए तीसरी लिस्ट मंगलवार को दिल्ली में जारी हो गई। केंद्रीय मंत्री वैकेंया नायडू ने मीडिया के सामने उन शहरों के नाम घोषित किए जिन्हें स्मार्ट सिटी बनाया जाएगा। इस लिस्ट में मध्य प्रदेश के दो शहर उज्जैन और ग्वालियर को शामिल किया गया है। पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वित्त वर्ष में 27 बची हुई स्मार्ट सिटी की जगहों को भरने के लिए कुल 63 नाम आए थे जिनमें से 27 का चयन कर लिया गया है। यह 27 शहर देश के 12 राज्यों से चुने गए हैं। तीसरी लिस्ट में सबसे ज्यादा 5 शहर महाराष्ट्र के हैं वहीं 4-4 शहर तमिलनाडु और कर्नाटक के हैं, 3 शहर यूपी के जबकि 2-2 शहर मध्य प्रदेश और राजस्थान के हैं। इनके अलावा आंध्र प्रदेश, गुजरात, उड़ीसा, नागालैंड और सिक्कीम के एक-एक शहर को शामिल किया गया है।नायडू ने आगे बताया कि इस घोषणा के साथ ही 60 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए 1,44,742 कराेड़ रुपए का प्रावधान भी कर दिया गया है। यह हैं 27 श्हारों के नाम आगरा ,अजमेर,अमृतसर, औरंगाबाद,ग्वालियर, हुबली-धरवाड, जलंधर,कल्याण-डोंबिवली ,कानपुर,कोहिमा,कोटा,मदुरै,मैंगलुरु,नागपुर ,नामची, नासिक, राउरकेला, सलेम,शिवमोगा ,ठाणे ,तंजावुर,तिरुपती,तुमकुर,उज्जैन,वड़ोदरा,वाराणसी,वैल्लोर।
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20 September 2016ग्रामीण विकास मंत्रियों के सम्मलेन में नरेन्द्र सिंह तोमर अमिताभ उपाध्याय केन्द्रीय पंचायती राज, पेयजल, स्वच्छता एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने गोहाटी में कहा कि राज्यों के चहुमुखी विकास के लिए ग्रामीण विकास के क्षेत्र में नई तकनीकि के उपयोग की विशेष आवश्यकता है। तोमर राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपरोक्त आवश्यकता प्रतिपादित की। श्री तोमर ने कहा कि किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लिए ग्रामीण विकास कार्यक्रमो को तेजी से लागू करने की जरुरत है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्राथमिकता गॉवों का समग्र विकास और गरीबी उन्मूलन है। उन्होनें घोषणा की ग्राम पंचायतों को 5 वर्षों में 14वॆ वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुरूप पहले के *30 हज़ार करोड़ के मुकाबले अब 2 लाख करोड़ मिलेगा। ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में ग्राम पंचायतों की अहम भूमिका के मद्देनज़र उनके शशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान का पुनर्गठन किया जायेगा। श्री तोमर ने ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के प्राक्षिण के लिए मोड्यूल में बदलाव और प्रशिक्षण को पूरा करने के लिए समय निर्धारित करने की आवश्यकता बतायी।
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20 September 2016उरी हमले के बाद वायरल हुआ यह वीडियो उरी आतंकी हमले को लेकर देशवासी गुस्से में है,सेना और सैनिक आक्रोश में हैं। भारतीय जवानों की शहीद होने के बाद सोशल मीडिया में भारतीय सेना के समर्थन में लाखों पोस्ट्स की जा चुकी हैं।ऐसे में एक फौजी के वीडियो ने धूम मचा दी है जिसमे एक फौजी कविता सुना रहा है और कह रहा है अब कि अगर जंग छिड़ी तो ... कश्मीर तो होगा लेकिन पकिस्तान नहीं होगा। हम डरते है ताशकंद और शिमला समझौतों से। फेसबुक और ट्विटर पर काफी शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो में एक जवान अपने साथियों के साथ सामने बस में खड़ा होकर पाकिस्तान को साफ शब्दों में कह रहा है कि ‘कश्मीर तो होगा लेकिन पाकिस्तान नहीं होगा'।
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19 September 2016गृहमंत्री राजनाथ ने पाक को कहा आतंकी देश जम्मू-कश्मीर के बारामूला में उरी सेक्टर स्थित सेना मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले में 17 जवान शहीद हो गए। वहीं 4 आतंकियों को भी मार गिराया गया है। मारे गए चारों आतंकी पाकिस्तान के हैं। सेना ने एक आधिकारिक बयान में इसकी पुष्टि कर दी है। फिलहाल एक आतंकी के छिपे होने की आशंका है और तलाशी अभियान जारी है। इस हमले के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद कहा कि पाकिस्तान एक आतंकी देश है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की इस तरह के हरकतों से निराशा हुई है। गृहमंत्री ने कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि हमलावरों को खास प्रशिक्षण दिया गया था। अब पाकिस्तान को अलग-थलग करने का समय आ चुका है। गृह मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर के सभी एयरपोर्ट को लेकर अलर्ट भी जारी किया है। रक्षा विशेषज्ञ एसआर सिन्हो का कहना है कि अब वक्त आ गया है कि जब भारत को इस तरह के हमले और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाना चाहिए। उन्होंने साफताैर पर कहा कि सरकार को एक प्रैक्टिकल एप्रोच अपनाने की जरूरत है। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, जनहानि के आधार पर यह हमला बीते दो दशक में काफी बड़ा है। सेना को इस आतंकी हमले में भारी क्षति हुई है। 2014 में 5 दिसंबर को भी कश्मीर के इसी इलाके में आतंकियों ने हमला किया था। इसमें 10 जवान शहीद हुए थे। सेना प्रमुख जनरल दलबीर सिंह सुहाग ने बयान जारी कर हमले में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रविवार की सुबह हुए इस हमले में आतंकी हमले के कारण वहां लगाए गए अस्थाई टेंट में आग लग गई। इस वजह से इसमें रह रहे जवानों की मौत हुई। हमले के बाद पीएम मोदी ने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को तत्काल मौके पर पहुंचने को कहा है। सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग श्रीनगर पहुंच चुके हैं जहां वो हमले में घायल जवानों से मिलेंगे। हमले के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपना रूस व अमेरिका का दौरा रद्द करते हुए आपात बैठक बुलाई थी जो खत्म हो चुकी है। बैठक में एनएसए अजीत डोभाल के अलावा आईबी चीफ, गृह सचिव, सीआरपीएफ डीजी, डीजीएमओ शामिल हुए। इस बैठक में एनएसए अजीत डोभाल और आईबी अधिकारियों ने एलओसी के पास आतंकी कैम्प्स की जानकारी दी। इसके बाद कहा जा रहा है कि सरकार अब आतंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के मुड में है। आज सुबह 5.30 बजे सेना के 12 ब्रिगेड मुख्यालय पर आतंकियों ने अंधेरे का फायदा उठाते हुए हमला बोल दिया जिसमें 17 जवान शहीद हुए हैं वहीं 16 घायल हुए हैं। घायलों में से आठ की हालत गंभीर बताई जा रही है जिन्हें एयरलिफ्ट कर श्रीनगर ले जाया गया है। बताया जा रहा है कि सुबह 5.30 बजे अंधेरे का फायदा उठाते हुए आतंकियों ने संत्री पोस्ट को अपना निशाना बनाया और सेना के हेडक्वार्टर में घुसकर बैरक में शरण ले ली। हमले के बाद सेना के जवानों ने मोर्चा संभाला और आतंकियों को चारों तरफ से घेरकर फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान आतंकियों ने कुछ धमाके भी किए। जिस जगह पर हमला किया गया वहां अस्थायी तौर पर जवानों के लिए टैंट लगाए गए थे। आखिरकार देर ना करते हुए ऑपरेशन का जल्द से जल्द खत्म करने के लिए स्पेशल फोर्स को लगा दिया गया। चार घंटे से ज्यादा चले इस ऑपरेशन में सफलता प्राप्त करते हुए सुरक्षाबलों ने चार आतंकियों को ढेर कर दिया।
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18 September 2016एम्स भोपाल की घटना भोपाल में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की कार से प्रदर्शन कर रही भोपाल एम्स की दो छात्राएं घायल हो गईं। प्रदर्शन के दौरान वे मंत्री की कार को रोक रहीं थी और गाड़ी पांव पर चढ़ने से छात्रा अंजलि कृष्णा और लिज्हा पांडे घायल हो गईं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के दौरे में सभी छात्र अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान छात्रों ने मंत्री पर स्याही भी फेंकी लेकिन वे बच गए और स्याही कार पर गिर गई। घायल छात्राओं का कहना था कि वे मंत्री को सिर्फ अपनी मांगे बताने के लिए रोक रहे थे, लेकिन उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी। इस पर हमने उन्हें रोकने का प्रयास किया और कार पहियां हमारे पैर के ऊपर से निकल गया। पहिये में पैर दबते ही छात्राएं चिल्लाने लगी और बाकी विद्यार्थी और भी ज्यादा आक्रोशित हो गए। छात्रों का कहना था कि यहां हमारे पढ़ने के लिए मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है। करीब 50 से ज्यादा छात्र विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्रित हुए थे। नड्डा ने शनिवार को भोपाल स्थित एम्स का दौरा किया। इस दौरान उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा।स्टूडेंट्स एम्स में नये डायरेक्टर को अप्वाइंट करने, फैकल्टी, अन्य स्टाफ की कमी को दूर करने और इन्फ्रास्ट्रक्चर, लैब की समस्याएं दूर करने की मांग कर रहे थे।स्टूडेंट्स का कहना था कि 2013-14 में जब से उन्होंने MBBS में एडमिशन लिया है, तब से वे प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं।बता दें कि यहां के प्रभारी डायरेक्टर नितिन एम नागरकर रायपुर एम्स की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। जब नड्डा ने नाराज स्टूडेंट्स से कहा कि पहले जो भी हुआ हो, उन्हें नहीं मालूम, लेकिन अब वे सारी परेशानियों को शॉर्ट आउट कर रहे हैं।इस पर स्टूडेंट्स ने जवाब दिया कि, यहां जो भी मंत्री आता है, वो सिर्फ प्रॉमिस करके चला जाता है। जुलाई में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी एम्स आए थे। उन्होंने जो प्रॉमिस किए थे, वे पूरे नहीं हुए। लैब, इक्विपमेंट्स की कमी के चलते वे प्रैक्टिकल नहीं कर पा रहे हैं। इस पर नड्डा ने स्टूडेंट्स को धैर्य बनाए रखने की नसीहत दी। एम्स 13 साल से आश्वासनों के हार ही पहन रहा है। यही कारण है कि अस्पताल में वो फैसिलिटी नहीं मिल सकीं जो हॉस्पिटल को शुरुआती सालों में ही मिल जानी थी।इन 13 सालों में चार केंद्रीय मंत्री एम्स का दौरा कर चुके हैं। इन सभी ने 6 महीने में बेहतर सुविधाओं का वादा किया। लेकिन गए तो पलट कर नहीं देखा।नड्डा के आने की जानकारी लगते ही प्रबंधन ने एक दिन में ही जर्जर सड़क को दुरुस्त कर दिया।वहीं 8 घंटे में गाइनेकोलॉजी डिपार्टमेंट में एक डिलीवरी वार्ड बना दिया गया।हालात ये हैं कि यहां पर आज तक न तो एक भी डिलीवरी नहीं हुई है और न ही पहले बैच के स्टूडेंट्स को किसी तरह की ट्रेनिंग दी गई। यह तब है जब एक नवंबर को पहला बैच निकलने वाला है।एम्स में अभी तक मेडिसिन, गाइनेकोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, ऑर्थोडिक्स, प्लास्टिक सर्जरी, जनरल सर्जरी, न्यूरोलोजी, न्यूरोसर्जरी, डेंटिस्ट्री, फिजियोथेरेपी विभागों की ओपीडी चल रही है। कॉर्डियोलोजी, कार्डियक सर्जरी, नेफ्रोलोजी, गेस्ट्रोसर्जरी, गेस्ट्रोमेडिसिन और रेडियोथेरेपी विभाग शुरू नहीं हो पाए हैं। अस्पताल भी 100 बिस्तरों का है। जबकि 900 बिस्तर होने चाहिए।एम्स में 13 साल के भीतर अब तक सिर्फ 11 विभाग ही शुरू हो पाए हैं। 31 विभाग अभी भी ऐसे हैं जिसके ताले तक नहीं खुले हैं। न ही एक्सपर्ट डॉक्टरों की नियुक्ति हो पाई है। 2003 में केंद्रीय मंत्री रही सुषमा स्वराज ने एम्स का भूमिपूजन किया। 2014 में डॉ. हर्षवर्धन यहां पर आए। जुलाई 2016 में केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते और अब केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने इसका दौरा किया है।
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17 September 2016हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद श्राद्ध करना बेहद जरूरी माना जाता है। मान्यतानुसार अगर किसी मनुष्य का विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण ना किया जाए तो उसे इस लोक से मुक्ति नहीं मिलती और वह भूत के रूप में इस संसार में ही रह जाता है। पितृ पक्ष का महत्त्व - ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार देवताओं को प्रसन्न करने से पहले मनुष्य को अपने पितरों यानि पूर्वजों को प्रसन्न करना चाहिए। हिन्दू ज्योतिष के अनुसार भी पितृ दोष को सबसे जटिल कुंडली दोषों में से एक माना जाता है। पितरों की शांति के लिए हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक के काल को पितृ पक्ष श्राद्ध होते हैं। मान्यता है कि इस दौरान कुछ समय के लिए यमराज पितरों को आजाद कर देते हैं ताकि वह अपने परिजनों से श्राद्ध ग्रहण कर सकें। पितृ पक्ष श्राद्ध 2016 - वर्ष 2016 में पितृ पक्ष श्राद्ध की तिथियां निम्न हैं: तारीख दिन श्राद्ध तिथियाँ 16 सितंबर शुक्रवार पूर्णिमा श्राद्ध 17 सितंबर शनिवार प्रतिपदा 18 सितंबर रविवार द्वितीया तिथि 19 सितंबर सोमवार तृतीया - चतुर्थी (एक साथ) 20 सितंबर मंगलवार पंचमी तिथि 21 सितंबर बुधवार षष्ठी तिथि 22 सितंबर गुरुवार सप्तमी तिथि 23 सितंबर शुक्रवार अष्टमी तिथि 24 सितंबर शनिवार नवमी तिथि 25 सितंबर रविवार दशमी तिथि 26 सितंबर सोमवार एकादशी तिथि 27 सितंबर मंगलवार द्वादशी तिथि 28 सितंबर बुधवार त्रयोदशी तिथि 29 सितंबर गुरुवार अमावस्या व सर्वपितृ श्राद्ध श्राद्ध क्या है? ब्रह्म पुराण के अनुसार जो भी वस्तु उचित काल या स्थान पर पितरों के नाम उचित विधि द्वारा ब्राह्मणों को श्रद्धापूर्वक दिया जाए वह श्राद्ध कहलाता है। श्राद्ध के माध्यम से पितरों को तृप्ति के लिए भोजन पहुंचाया जाता है। पिण्ड रूप में पितरों को दिया गया भोजन श्राद्ध का अहम हिस्सा होता है। क्यों जरूरी है श्राद्ध देना? मान्यता है कि अगर पितर रुष्ट हो जाए तो मनुष्य को जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पितरों की अशांति के कारण धन हानि और संतान पक्ष से समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। संतान-हीनता के मामलों में ज्योतिषी पितृ दोष को अवश्य देखते हैं। ऐसे लोगों को पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध अवश्य करना चाहिए। क्या दिया जाता है श्राद्ध में? श्राद्ध में तिल, चावल, जौ आदि को अधिक महत्त्व दिया जाता है। साथ ही पुराणों में इस बात का भी जिक्र है कि श्राद्ध का अधिकार केवल योग्य ब्राह्मणों को है। श्राद्ध में तिल और कुशा का सर्वाधिक महत्त्व होता है। श्राद्ध में पितरों को अर्पित किए जाने वाले भोज्य पदार्थ को पिंडी रूप में अर्पित करना चाहिए। श्राद्ध का अधिकार पुत्र, भाई, पौत्र, प्रपौत्र समेत महिलाओं को भी होता है। श्राद्ध में कौओं का महत्त्व कौए को पितरों का रूप माना जाता है। मान्यता है कि श्राद्ध ग्रहण करने के लिए हमारे पितर कौए का रूप धारण कर नियत तिथि पर दोपहर के समय हमारे घर आते हैं। अगर उन्हें श्राद्ध नहीं मिलता तो वह रुष्ट हो जाते हैं। इस कारण श्राद्ध का प्रथम अंश कौओं को दिया जाता है। किस तारीख में करना चाहिए श्राद्ध? सरल शब्दों में समझा जाए तो श्राद्ध दिवंगत परिजनों को उनकी मृत्यु की तिथि पर श्रद्धापूर्वक याद किया जाना है। अगर किसी परिजन की मृत्यु प्रतिपदा को हुई हो तो उनका श्राद्ध प्रतिपदा के दिन ही किया जाता है। इसी प्रकार अन्य दिनों में भी ऐसा ही किया जाता है। इस विषय में कुछ विशेष मान्यता भी है जो निम्न हैं: * पिता का श्राद्ध अष्टमी के दिन और माता का नवमी के दिन किया जाता है। * जिन परिजनों की अकाल मृत्यु हुई जो यानि किसी दुर्घटना या आत्महत्या के कारण हुई हो उनका श्राद्ध चतुर्दशी के दिन किया जाता है। * साधु और संन्यासियों का श्राद्ध द्वाद्वशी के दिन किया जाता है। * जिन पितरों के मरने की तिथि याद नहीं है, उनका श्राद्ध अमावस्या के दिन किया जाता है। इस दिन को सर्व पितृ श्राद्ध कहा जाता है।
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16 September 2016मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश से कुपोषण को समाप्त करने के लिये महिला-बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग मिलकर अभियान चलायें। इस अभियान में समाज के सभी वर्गों का सहयोग लें। कुपोषण तथा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर की स्थिति पर श्वेत-पत्र जारी करें। मुख्यमंत्री चौहान मंत्रालय में मंत्रीगण तथा वरिष्ठ अधिकारियों की संयुक्त बैठक में जन-संकल्प-2013, मंथन-2014 एवं दृष्टि-पत्र-2018 की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री चौहान ने इस वृहद बैठक में कहा कि टीम मध्यप्रदेश के रूप में विकास और जन-कल्याण के कामों की जिम्मेदारी आप सबके कंधों पर है। इसे पूरी गंभीरता से करें और मध्यप्रदेश को हर क्षेत्र में अव्वल बनायें। उन्होंने 19 विभाग से संबंधित बिन्दुओं की समीक्षा की। शेष विभागों की समीक्षा 20 सितम्बर को करेंगे। मुख्यमंत्री ने बैठक में संबंधित विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश दिये। साथ ही कहा कि इन निर्देशों को नीतिगत फैसले मानकर कार्यवाही सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि हर तीन माह में इस तरह की समीक्षा बैठक होगी। मंत्रीगण और अधिकारियों की समिति गठित मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कुपोषण को दूर करना और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करना चुनौतीपूर्ण कार्य है। इस दिशा में आवश्यक व्यवस्था बनाने के लिये महिला-बाल विकास मंत्री, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, अपर मुख्य सचिव वन, प्रमुख सचिव महिला-बाल विकास तथा प्रमुख सचिव लोक स्वास्थ्य विभाग की समिति गठित की। श्री चौहान ने कहा कि स्वागतम् लक्ष्मी अभियान को जन-अभियान बनायें। कुपोषित बच्चों के उपचार के फॉलोअप की बेहतर व्यवस्था करें। महिला स्व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की योजना बनायें। महिला स्व-सहायता समूह कौन-कौन से उत्पाद बना सकते हैं इसकी विस्तृत कार्य-योजना बनायें। बैठक में बताया गया कि महिला-बाल विकास विभाग द्वारा संचालित सामुदायिक नेतृत्व क्षमता कार्यक्रम में 16 हजार हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। लाडो अभियान में बीते तीन साल में 3 हजार 779 बाल विवाह रोके गये हैं। प्रदेश के सभी 51 जिले में शौर्या दलों का गठन किया जा चुका है। उदिता योजना में 80 हजार आँगनवाड़ी में सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध करवाने के लिये उदिता कार्नर बनाये गये हैं।
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15 September 2016भारत और अफगानिस्तान ने लंबे समय से चले आ रहे सहयोग और मित्रवत रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए आज कहा कि दुनिया के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती बन चुके आतंकवाद का वे मिलकर मुकाबला करेंगे। भारत यात्रा पर आए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति डा. मोहम्मद अशरफ गनी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच आज यहां हुई द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों नेताओं की ओर से जारी संयुक्त बयान में क्षेत्र की शांति, स्थायित्व और विकास के लिए आतंकवाद को सबसे बडी बाधा मानते हुए सभी रुप में इसे जड़ से खत्म करने की जरूरत पर बल दिया गया और कहा कि इसके लिए वह परस्पर सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे। दोनों देशों ने इसके साथ ही सभी पक्षों से आतंकवाद को प्रश्रय और संरक्षण देने वाली गतिविधियों पर लगाम लगाने की अपील की। इस अवसर पर अफगानिस्तान के पुननिर्माण तथा आर्थिक और राजनीतिक बदलाव की प्रक्रिया को सफल बनाने में भारत के योगदान को भी रेखांकित किया गया।साथ ही अफगानिस्तान में शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा, कौशल विकास, महिला सशक्तीकरण और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत बनाने के लिए भारत की ओर से एक अरब डॉलर की वित्तीय मदद की घोषणा भी की गई। दोनों पक्षों ने यह स्वीकार किया कि भारत और अफगानिस्तान के बीच सभी स्तरों पर नियमित विचार विमर्श ने रणनीतिक साझीदारी को दिशा देने के साथ ही हर क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाने का काम किया है। इस सदंर्भ में संसद भवन और अफगानिस्तान-भारत मैत्री बांध के निर्माण में भारत के सहयोग पर प्रसन्नता जताई गई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि भारत एक मजबूत, संगठित, लोकतांत्रिक, संप्रभुता संपन्न और समृद्ध अफगानिस्तान देखना चाहता है और इसके लिए अपनी ओर से हर संभव मदद जारी रखेगा।
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14 September 2016तृप्ति देसाई को मिला ‘बिग बॉस’ का प्रस्ताव महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने आज दावा किया कि उन्हें जाने-माने रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ में शामिल होने का प्रस्ताव मिला है। हालांकि उन्होंने कहा कि वे इस शो में केवल इस शर्त पर भाग लेंगी कि शो में वॉइसओवर किसी महिला की हो। तृप्ति के मुताबिक यह प्रस्ताव उन्हें टीवी चैनल की ओर से मिला है। तृप्ति ने बताया, ‘मैं बिग बॉस के घर में रहने के लिए तैयार हूं। टीवी चैनल और इसके निर्माताओं के साथ मुलाकात में मैंने उन्हें बताया है कि अगर वे ‘बिग बॉस’ के तौर पर किसी महिला की आवाज को लेते हैं तो मैं उनका प्रस्ताव स्वीकार कर लूंगी।’ उन्होंने कहा कि आगामी अभियानों के मद्देनजर बिग बॉस के घर में लंबे समय तक रहना उनके लिए मुमकिन नहीं होगा हालांकि उन्होंने इसे स्त्री-पुरूष समानता के लिए एक अच्छा मंच बताया। यह शो जब से शुरू हुआ है तब से इसमें बिग बॉस को पुरूष आवाज ही मिली है। तृप्ति भूमाता बिग्रेड से जुड़ी हैं।
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13 September 2016कृषि मंत्री ओमप्रकाश के अजब बोल जींद में हरियाणा के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने अपने संबोधन में पतियों को अनूठी सलाह दी और कहा, देसी गाय के दूध-घी से प्रदेश में पति अपनी पत्नियों व पत्नियां पतियों को स्लिम रख सकते हैं।देसी गाय पालकर पशुपालक सरकार द्वारा गायों के लिए आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिताओं में शामिल होकर इनाम में मिलने वाली राशि से अपने बच्चों के लिए स्कूटी खरीद सकते हैं। धनखड़ ने कहा कि हरियाणा में जन्मे स्वामी रामदेव जब अपने उत्पाद बेच सकते हैं तो फिर किसान ऐसा क्यों नहीं करता। जब सुपर स्टार अमिताभ बच्चन, सचिन तेंदुलकर व महेंद्र सिंह धौनी जैसी हस्तियां सुबह से रात तक टेलीविजन पर अपना सामान बेच सकते हैं, तो हमारे किसानों को भी इसमें पीछे नहीं रहना चाहिए।उन्होंने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री के दामाद ही नहीं है, ऐसे में इस सरकार में दामाद के नाम पर लूट की कोई गुजांइश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जींद में हार्टिकल्चर यूनिवर्सिटी का रीजनल सेंटर तथा प्रत्येक जिले में एक्सीलेंस सेंटर खोला जाएगा। जलभराव या ओलावृष्टि, प्राकृतिक आपदा की शिकायत मिलते ही किसानों को नियमानुसार लाभ दिया जाएगा।
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12 September 2016नीति आयोग में अहम भूमिका निभाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अगुवाई में अब देश के गरीबों के कल्याण का एजेंडा भी तय किया जाएगा। कल भोपाल के अटल बिहारी नीति विश्लेषण और सुशासन संस्थान में होने वाली इस बैठक में भाजपाशासित राज्यों के मुख्यमंत्री गरीबों के कल्याण की योजना पर मंथन करेंगे। बैठक में भाजपा के उपाध्यक्ष और प्रदेश संगठन प्रभारी डॉक्टर विनय सहस्त्रबुद्धे भी शामिल होंगे। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे। बैठक में दलित और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए चल रही योजनाओं पर भी मंथन होगा और इनमें सुघार के लिए सुझाव भी लिए जाएंगे। बैठक कल सुबह ग्यारह बजे शुरू होने की उम्मीद है। गौरतलब है कि इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान नीति आयोग उपसमूह के भी अध्यक्ष रह चुके हैं। इसमें ग्यारह राज्यों के सीएम शामिल थे। 25 अगस्त को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सभी भाजपाशासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल थे। बैठक में पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा था कि केन्द्र अपना खास ध्यान गरीबी दूर करने पर फोकस कर रहा है। बैठक में इसके लिए अलग से एजेंडा बनाकर काम करने का सुझाव आया था। इसके बाद पीएम ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह,महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस और झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास को शामिल करते हुए एक कमेटी का गठन किया था। इसमें संगठन की ओर से विनय सहस्त्रबुद्धे को भी शामिल किया गया है। इन नेताओं की बैठक कल भोपाल में होगी।
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11 September 2016केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह हंगरी की यात्रा पर जाएंगे। हंगरी उन 68 देशों में से एक है जहां अब तक मोदी सरकार का कोई मंत्री नहीं गया। सरकार ने तय किया है कि इस साल के अंत तक ऐसे देशों में मंत्री स्तर का दौरा होगा जहां अब तक सरकार का कोई मंत्री नहीं गया। सिंह के अलावा कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद एस्तोनिया और लातविया के दौरे पर जाएंगे। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार टोंगो जाएंगे जबकि भाजपा की साझेदार पार्टी लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं खाद्य मंत्री राम विलास पासवान मॉरीशस जाएंगे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने मंत्रियों को लिखे पत्र में कहा है कि 2016 के अंत तक सरकार ऐसे किसी भी देश का दौरा नहीं छोड़ेगी जहां भारतीय मंत्री अब तक नहीं गए हैं। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने अब तक ऐसे 68 देशों की पहचान की है। सुषमा ने यह भी कहा है कि जिन देशों का दौरा किया जाएगा, उससे जुड़े इंतजाम संबंधित राजदूत करेंगे और यदि कोई मंत्री उन देशों में किसी खास जगह की सैर करना चाहेंगे तो उनके लिए भी इंतजाम किए जाएंगे। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि इन देशों में मंत्रियों के दौरे का मकसद द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और सहयोग के क्षेत्रों को तलाशना है।
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11 September 2016श्रीनगर में जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने खुलासा किया कि उनके माता-पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन मैंने बारहवीं तक पढ़ाई की और गोलगप्पे ज्यादा उड़ाए। यह बात मुख्यमंत्री महबूबा ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में पीजी मेडिकल कॉलेज के स्थापना समारोह में कही। इस अवसर पर उन्होंने छात्र-छात्राओँ को संबोधित करते हुए उनके प्रोफेशन की ताऱीफ की। महबूबा ने कहा कि मेडिकल का काम सबसे अच्छा है। आपने गंभीरता से पढ़ाई की, जो मैंने नहीं की । इसके अलावा महबूबा ने शोपियां में पथराव के दौरान एक युवक की मौत पर दुख व्यक्त किया। गौरतलब है कि हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के सुरक्षाबलों द्वारा मारे जाने के बाद घाटी में हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है।
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10 September 2016लालसिंह बोले डॉ. अम्बेडकर को सिर्फ भाजपा ने दिया सम्मान कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को दलितों पर अत्याचार और उपेक्षा के मामले में या तो इतिहास का ज्ञान नहीं है, या फिर वे देश की जनता को अज्ञानी समझते हैं। सच तो यह है कि लगभग 6 दशक तक देश में एक छत्र राज्य करने वाली कांग्रेस ने दलितों को कभी सम्मान से खड़े नहीं होने दिया। उसे सिर्फ वोट समझा, इंसान नहीं। इतना ही नहीं दलितों के सम्मान की अत्यंत शालीनता के साथ आवाज उठाने वाले और उन्हें संविधान के तहत अधिकार दिलाने वाले राष्ट्र नायक डॉ. भीमराव अंबेडकर को निरंतर अपमानित और उपेक्षित करने में कांग्रेस के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक किसी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। कोंग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस बयान पर कि ‘‘भारतीय जनता पार्टी दलित मुक्त भारत बनाने पर तुली है’’, भाजपा नेता एवं मंत्री लालसिंह आर्य ने गंभीर आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा है कि श्री सिंधिया के इन बेहुदे बयानों से इतिहास की सच्चाई को छिपाया नहीं जा सकता। श्री सिंधिया को यह पता होना चाहिए जबकि श्री अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार ने उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया। दलित समाज के प्रणेता और मार्गदर्शक डॉ. भीमराव अंबेडकर को नीचा दिखाने के लिए पं. जवाहरलाल नेहरू के समय से ही बिसात बिछा दी गई थी। वे अपनी जानकारी दुरूस्त कर लें कि जब डॉ. अंबेडकर मुंबई से1952 में चुनाव लड़े, तब पं. नेहरू ने उन्हें चुनाव हराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया। डॉ. अंबेडकर को जीवनभर इस बात की टीस रही। कांग्रेस के पास इस बात का भी कोई जवाब नहीं है कि डॉ. अंबेडकर दिल्ली के जिस किराए के मकान में रहे, उस मकान को उपेक्षित करके रखा गया और जब देश में श्री अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार बनी, तब अटल जी ने उस मकान से अपना भावनात्मक संबंध स्थापित करते हुए 16 करोड़ में न सिर्फ उसे खरीदा, बल्कि हाल ही में वर्तमान भाजपा सरकार के मुखिया श्री नरेंद्र मोदी ने 100 करोड़ रू. से 26, अलीपुर रोड स्थित इस मकान को संविधान की शक्ल में एक भव्य स्मारक बनाने की घोषणा की है। मध्यप्रदेश में लगभग 43 साल कांग्रेस की सरकार रही है, लेकिन जहां भारत के लाल डॉ. अंबेडकर पैदा हुए उस महू कस्बे को उपेक्षित रखा गया और उनके जन्म स्थान को सम्मान देने का कोई जतन नहीं किया गया। हमें इस बात पर गर्व है कि भारतीय जनता पार्टी की श्री शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली सरकार ने बाबा साहब की जन्मभूमि का शत्-शत् नमन करते हुए राष्ट्र को एक स्मारक समर्पित किया है। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को शायद यह भी जानकारी नहीं है कि बाबा साहब की दीक्षा भूमि जो नागपुर में है, उसे भाजपा शिवसेना की सरकार ने राष्ट्रीय स्मारक की सूरत दी। भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री नितिन गडकरी के इस प्रयास को देश सदैव याद रखेगा। श्री सिंधिया को इस बात का भी अध्ययन करना चाहिए कि संविधान के निर्माता का अंतिम संस्कार मुंबई में जिस स्थान पर किया गया था, उस इंदुमिल की जमीन पर श्री गोपीनाथ मुंडे के प्रयास से स्मृतियां संजोई गईं हैं और हाल ही में श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इंदुमिल की जमीन बाबा साहब के अंतिम संस्कार स्थल पर स्मारक बनाने और समाज निर्माण के अन्य प्रकल्प चलाने के लिए आवंटित कर दी है। श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपनी छुट्टियां बिताने विदेश तो खूब जाते हैं,शायद वह लंदन भी गये होंगे, लेकिन उन्हें यह जानने की फुरसत नहीं मिली कि लंदन में जिस स्थान पर बाबा साहब अंबेडकर ने अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त की, उस स्थान को महाराष्ट्र की भाजपा शिवसेना सरकार ने राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया है। सरकार बाबा साहब के नाम पर एक बड़ा शोध केंद्र बनाने पर भी काम कर रही है। लालसिंह आर्य ने कहा है कि श्री सिंधिया भाजपा पर आरोप लगाने से पहले अपने जमीर में झांक कर देखें कि अंबेडकर जी के जन्मदिन पर राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा किसने की ? संसद के सेंट्रल हाल में दशकों की प्रतीक्षा के बाद बाबा साहब का तैल चित्र किसके प्रयासों से लग सका? श्री सिंधिया को इस बात का जवाब शायद कभी न सूझ सके कि जिस दिन डॉ. मनमोहन सिंह की घोटालेबाज कांग्रेस सरकार विदा हो रही थी उस दिन भी देश में 80करोड़ गरीब बचे थे। यह किसी को बताने की आवश्यकता नहीं हैं कि देश में गरीबों की कुल आबादी में दलितों और वंचितों का हिस्सा कितना अधिक है। कांग्रेस को जवाब देना पड़ेगा कि60 साल तक आप गरीबी हटाओ का नारा देते रहे और निरंतर गरीब और दलित राष्ट्र की मुख्य धारा से दूर होते रहे, इसके कारण क्या हैं? श्री सिंधिया की मजबूरी हम समझ सकते हैं कि वे आज अपनी ही पार्टी में कुछ ऐसे लोगांे के रहमोकरम पर अपना राजनैतिक अस्तित्व बनाये हुए हैं, जिनकी कार्य प्रणाली इस राष्ट्र के लिए समझ से परे है। अपने आकाओं को खुश करने के लिए जब श्री सिंधिया जेएनयू में राष्ट्र विरोधी नारे लगाने वालो को राष्ट्र द्रोही मानने से इंकार कर सकते हैं, वे कश्मीर मामले पर अत्यंत असहनीय बयान दे सकते हैं, तो उनसे यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि वह समाज के वंचित वर्ग की भावनाओं को आहत नहीं करेंगे। भारतीय जनता पार्टी को श्री सिंधिया जैसे नेताओं से किसी सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है। वे यदि दलितों और वंचितों का दर्द समझते तो आज देश की तस्वीर कुछ और होती। इन नेताओं की तखलीफ यह है कि देश में पहली बार एक गरीब का बेटा प्रधानमंत्री बना है और उसने समाज के सभी वर्गों के लिए समानता के आधार पर विकास के द्वार खोल दिये हैं। कांग्रेस को यह बात समझ में आ रही है कि जब देश खुशहाल हो जायगा, तो किसी भी वर्ग को वोट के लिए बरगलाया नही जा सकेगा। ऐसे में बेचारी कांग्रेस कभी सत्ता में लौटेगी कैसे? अनुसूचित जाति-जनजाति अब किसी का वोट बैंक बनने को तैयार नहीं हैं। दलित वर्ग को पता है कि कांग्रेस ने सदैव से उसके साथ उत्थान के नाम पर षड़यंत्र किए हैं, लेकिन कांग्रेस के षड़यंत्रों को समापन की ओर ले जाने के लिए आज के जागरूक दलित समाज ने कमर कस ली है।
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9 September 2016दीनदयाल सहकारी थाली योजना मध्यप्रदेश के चार बड़े शहरों में शिवराज सरकार भोजनालयों की शुरूआत करने जा रही है। इन भोजनालयों में मात्र 10 रुपए में भरपेट भोजन दिया जाएगा। थाली में दाल, रोटी, सब्जी, पुलाव और अचार होगा। 4 शहरों में सफलता के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसका शुभारंभ पं. दीनदयाल उपाध्याय की 100 वीं जयंती 25 सितम्बर को किया जाएगा और इसके लिए बजट 'दीनदयाल सहकारी थाली योजना' के तहत आवंटित किया जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा यू तो गरीबों को 1 रुपए किलो गेहूं, चावल और नमक देने की योजना संचालित की जा रही है। इसका उनके द्वारा भरपूर फायदा उठाया जा रहा है लेकिन जब यही गरीब महानगरों में किसी काम से आते हैं तो इन्हें सस्ता भोजन नहीं मिल पाता। इसलिए यह योजना शुरू की जा रही है ताकि अपने घर के बाहर भी इन्हें सस्ता भोजन उपलब्ध हो सके। फिलहाल हर शहर में केवल एक भोजनालय होगा। बाद में इन्हें बढ़ाकर 5-5 किया जाएगा जिसमें सुबह-शाम गरीबों को भरपेट भोजन मात्र 10 रुपए में कराया जाएगा। शासन द्वारा शुरू की जा रही इस योजना में गरीबों को दाल, रोटी, सब्जी, पुलाव और अचार दिया जाएगा। हालांकि शुरुआती दौर में महंगाई का असर दिखाई देने की वजह से दाल की जगह सब्जी परोसने पर विचार किया जा रहा है। चार शहरों में शुरू होने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। दीनदयाल सहकारी थाली योजना से सेवाकार्य करने वाले लोगों को जोड़ा जा रहा है। योजना का संचालन सहकारी संस्था बनाकर किया जाएगा।समाजसेवा में लगे लोगों को भी इस योजना से जोडऩे का काम किया जा रहा है जिसमें इन लोगों से जनसहयोग लिया जाएगा। योजना के संचालन के लिए स्थल की उपलब्धता शासन द्वारा कराई जाएगी।सहकारी संस्था गठित होने पर फेडरेशन बनाया जाएगा जिसमें जिला सहकारी संस्थाओं से निर्वाचित होकर आने वाले प्रतिनिधि इसमें पदाधिकारी होंगे ।
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8 September 2016मध्य प्रदेश सहित देश के करीब 140 मेडिकल कॉलेजों को दी गई अनुमति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले याचिकाकर्ता आनंद राय मंगलवार को जजों के सामने रो पडे। यह वाकया उस समय हुआ, जब कोर्ट ने आनंद राय से याचिका को लेकर सवाल पूछना शुरू किया। कोर्ट ने पूछा, कि उनका इस मामले से क्या लेना-देना है। इस मामले को किसी को दिक्कत होनी चाहिए थी, तो वह एमसीआई (मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया) को होना चाहिए था। इसके बाद तो आनंद राय रोने लगे। इस पर जज ने कोर्ट स्टाफ से उन्हें पानी पिलाने को कहा। साथ ही उन्हें शांत रहने की सलाह दी। सुप्रीम कोर्ट ने इसी बीच पूरे मामले को उनने के बाद आनंद राय की याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही कहा कि यदि उन्हें इस मामले में कोई आपत्ति है, तो वह उसे लोढा कमेटी के सामने रखे। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को जस्टिस अनिल दवे और जस्टिस नागेश्वर राय इस मामले को सुन रहे थे। कोर्ट ने इस मामले में शुरू से कड़ा रुख अख्तियार करते हुए याचिकाकर्ता के वकील पराग त्रिपाठी से आनंद राय को कोर्ट सर्किल में पेश करने को कहा। इस दौरान जैसे ही आनंद राय सामने आए, तो कोर्ट ने सवाल दागा, कि आपका इस मामले से क्या लेना-देना है। सवाल सुनने ही आनंद राय असहज स्थिति में आ गए और रोने लगे। थोडी देर बाद संभलकर आनंद राय ने कहा कि वह व्यापमं घोटाले के व्हीसल ब्लोअर है। उन्होंने इस मामले में भी गड़बडी पायी है। जिसके तहत इन सभी मेडिकल कॉलेजों को लोढा कमेटी ने गलत तरीके से दाखिले की अनुमति दी है, जबकि दाखिले की अनुमति का अधिकार सिर्फ एमसीआई के पास है। हमने पब्लिक इंटेस्ट में यह याचिका दाखिल की है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि उन्होंने यह बाते जस्टिस लोढा कमेटी को क्यों नहीं बताई। कोर्ट ने आखिरकार याचिका को खारिज कर दिया और निर्देश दिया, कि वह इस मामले को जस्टिस लोढा कमेटी के सामने रखे। बता दें कि एमसीआई के काम-काज की निगरानी के लिए गठित जस्टिस लोढा कमेटी ने पिछले दिनों मध्य प्रदेश सहित देश के करीब 140 मेडिकल कॉलेजों को प्रवेश शुरु करने की अनुमति दी थी।
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7 September 2016राघवेंद्र सिंह मध्यप्रदेश की सियासत का सीन कुछ ऐसा है कि इस सिरे से उस सिरे तक सब शरीक-ए-जुर्म हैैं, कोई जमानत पर है या फरार... क्या सत्ता, क्या सत्ताधारी दल, क्या प्रतिपक्ष और क्या नौकरशाह। सब एक ही तराजू पर तुल रहे हैैं। कभी-कभी अलबत्ता मीडिया थोड़ा खबरों का तड़का लगाता है जो मौजूदा हालात में कई दफा नाकाफी नजर आता है। ऐसे नाउम्मीदी के माहौल में हुकूमत के भीतर से जो आवाजें आनी शुरू हुई हैैं उसके कई मायने निकाले जा रह हैैं। ऐसा लगता है विपक्ष की भूमिका भी भाजपा के नेता अदा करेंगे। हालांकि यह सीधे तौर पर प्रमुख प्रतिपक्ष कांग्र्रेस का अनादर है। इसे कांग्र्रेस स्वीकार भी नहीं करेगी। मगर हकीकत कुछ ऐसी ही है। लगातार सत्ता में बने रहने वाले नेताओं में उकताहट और ऊब की मानसिकता भी घर कर रही है। आखिर नया-नया क्या.... क्या और कैसे- कैसे करें...? सरकार चलाने वालों की भी तो दिक्कतें हैैं। कहावत है तवे पर से रोटी पलटोगे नहीं तो जल जायेगी, पान उलटोगे नहीं तो गल जायेगा बगैरह...बगैरह। नौकरशाही का घोड़ा तो बेलगाम होने पर आनंद महसूस करता है और उसके सवार उसे काबू में करने के नुस्खे नहीं जान पाये तो फिर आम जनता का कचरा होना तय समझिये। भाजपा, संघ परिवार से लेकर बहुत से मंत्रियों तक से जो कुछ कहा जा रहा है उसका मतलब साफ है कि उच्च स्तर पर कुछ न कुछ निर्णय कर लिया गया है। अब उस फैसले को लागू करने के लिये लगता है माहौल बनाने का दौर शुरू हो गया है। मसलन, बेकाबू भ्रष्टाचार, नौकरशाही की नाफरमानियां, कार्यकर्ताओं में असंतोष, बार-बार पार्टी के काडर की अनदेखी होना। ये सब ऐसे कारण हैैं जिनसे सरकार व संगठन दोनों की फजीहत हो रही है। इसलिये लगता है संघ परिवार ने मध्यप्रदेश पर इन दिनों सबसे ज्यादा फोकस किया है। वैसे भी यह सूबा साफ्ट स्टेट में आता है। आप राजनीतिक प्रशासनिक क्षेत्र में बतौर प्रयोग जो मर्जी आये करें मजाल है कोई चूं बोल दे। बशर्ते उसकी जान न जाये बस। अब हालात यह हैैं कि चूंकि संघ ने कमान धीरे-धीरे कसना शुरू किया है तो नतीजे आयेंगे। समन्वय के नाम पर सत्ता संगठन के साथ संघ प्रमुखों की बार-बार बैठकें बताती हैैं मसला गंभीर है। बैठक में राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अधिकारी 25 प्रतिशत कमीशन लेते हैैं ऐसा कह सबके मन की बात बयां कर दी है। उन्होंने बता दिया कि अफसर भ्रष्टतम हो रहे हैैं और सरकार उन्हें काबू में करने में विफल हो रही है। इस तरह की बात मीडिया में आने के बाद दिखाने के लिये भी न तो किसी भाजपा नेता ने इसका खंडन किया और न कैलाश को सफाई देने के लिये कहा गया। मतलब शिव सरकार के मामले में संघ परिवार और संगठन के ख्याल अच्छे नहीं हैैं। अभी यह मसला ठंडा भी नहीं हुआ था कि इंदौर में मेट्रो ट्रेन के मुद्दे पर कैलाश ने फिर नौकरशाही की आड़ में सरकार को टारगेट किया। सीएम के सपनों में रहने वाले इंदौर में अफसरों के काम की रफ्तार ऐसी है कि यहां मेट्रो नहीं बैलगाड़ी आयेगी। भाजपा नेताओं के साथ कई मंत्री भी नौकरशाही के अडिय़लपन से परेशान हैैं। गोलाबारी भले ही प्रशासन में भ्रष्टाचार और उनकी गति को लेकर हो रही हो मगर लहुलुहान तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ही हो रहे हैैं। भाजपा के जानकार मानते हैैं कि सरकार को लेकर उच्च स्तर पर कुछ न कुछ निर्णय हुआ है। समय आने पर सामने आयेगा। फिलहाल सरकार में मंत्रियों, अफसरों की कार्यशैली पर कांग्र्रेस से ज्यादा एतराज भाजपा और संघ की तरफ से आ रहा है। प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे, प्रदेश संगठन मंत्री सुहास भगत के साथ अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, कुछ केंद्रीय मंत्री भी अपनी सरकार के दोषों पर एक राय हो गये हैैं। संघ के सह करकार्यवाह भैया जी जोशी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में जो कुछ मंत्रियों, सांसद, विधायकों व पदाधिकारियों ने कहा उससे यह साफ हो गया है कि जो कुछ बयान आ रहे हैैं वे भी उनसे अहसमत नहीं हैैं। मतलब कोई खिचड़ी पक चुकी है। प्रेशर कुकर में अभी दबाव बनाया जा रहा है ताकि जो सियासत हो रही है उससे प्रेशर कुकर फटे उसके पहले कुछ ऐलान किया जा सके। अजगर करे न चाकरी.... इधर कांग्र्रेस भाजपा के भीतर असंतोष को देखते हुये ठंडेपन की रणनीति बदलने के मोड़ पर आ रही है। चुनाव से ढाई साल पहले उसने अपनी कमजोर कडिय़ों की तरफ देखना शुरू किया है जिन विधानसभा सीटों पर उसने 5-6 हजार मतों से मात खाई थी उन्हें वह मजबूत करने की कोशिश की मगर उसके प्रयास जब तक जमीन न दिखें तब तक बातें हैैं बातों का क्या..? कांग्र्रेस के बारे में अक्सर कहा जाता है कि वह चुनाव के एक साल पहले सक्रिय होती है। उसके पहले तो वह... अजगर करें न चाकरी और पंछी करें न काम, दास मलूका कह गये सबके दाता राम...। कांग्र्रेस की हालत यह है कि बैठे हैैं किनारे पर कभी तो लहर आयेगी... कांग्र्रेसी कहते हैैं लहर आयेगी नहीं तो क्या चौथी बार भी भाजपा के पास थोड़ी जायेगी। कांग्र्रेस तो भाजपा में आ रही असंतोष की लहर से उत्साहित है। वैसे कहा जाये तो प्रदेश की राजनीति में सब जमानत पर हैैं या फरार.... बहुत हद तक मीडिया भी इसमें शरीक है....
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6 September 2016ब्रांड मध्यप्रदेश हुआ दुनिया में स्थापित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अमेरिका यात्रा के दौरान मध्यप्रदेश में इन्वेस्टमेंट और सोशल सेक्टर में महत्वपूर्ण प्रस्ताव अमेरिकी कंपनियों से प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने स्वदेश वापसी पर बताया कि सरकार के पिछले दस वर्षों के अथक प्रयासों से अब ब्रांड मध्यप्रदेश दुनिया के विकसित राज्यों में स्थापित हो चुका है। अब विदेशी कंपनियाँ प्रदेश में पूँजी निवेश के लिये आतुर है। प्रदेश के औद्योगिक वातावरण, इज ऑफ डूईंग बिजनेस, सर्वश्रेष्ठ अधोसंरचना जैसे भूमि, पानी, पॉवर, रेल, रोड एवं एयर कनेक्टिविटी, औद्योगिक शांति तथा बेहतर लॉ एण्ड आर्डर के कारण विदेशी कंपनियाँ प्रदेश में पूँजी निवेश को प्राथमिकता दे रही हैं। श्री चौहान ने कहा कि उनकी यात्रा अपने उद्देश्यों में उम्मीदों से अधिक सफल रही है। इस यात्रा में रोजगार के अधिक से अधिक अवसर बढ़ाने का विशेष प्रयास किया गया। आई टी कम्पनी से एमओयू किये हैं जिनमें 1000 करोड़ के पूँजी निवेश से 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। कुल 25 कम्पनियों से वन-टू-वन चर्चा की गई एवं 100 कम्पनियों ने निवेशक सम्मेलन में भाग लिया। सभी ने मध्यप्रदेश को पूँजी निवेश की दृष्टि से सर्वाधिक उपयुक्त प्रदेश बताया। मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रदेश में निवेश की संभावनाओं, प्रदेश की औद्योगिक नीति, इज ऑफ डूईंग बिजनेस, त्वरित निर्णय लिये जाने की व्यवस्था बताते हुए कम्पनीज को मध्यप्रदेश में पूँजी निवेश के लिये एवं जीआईएस के लिये आमंत्रित किया। लगभग दो सौ से अधिक उद्योग समूहों के प्रतिनिधि जी.आई.एस. 2016 में भाग लेंगे। यात्रा के दौरान ट्रायफेक-सीआईआई-यूएसआईबीसी के संयुक्त तत्वावधान में एक निवेशक सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में अमेरिका की लगभग 100 कम्पनियों के 150 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस सेमीनार में लंबे समय तक भारत में अमेरिका के राजदूत रह चुके श्री फ्रेंक वाईजनर, जो वर्तमान में अमेरिका और इंडिया के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिये 'इंडिया फर्स्ट'' संस्था से जुड़े हैं, भी शामिल हुए। एम.ओ.यू. हुये यात्रा के दौरान यूएसटी ग्लोबल, नेटलिंक एवं दावत फूड द्वारा पाँच एमओयू हस्ताक्षरित किये गये। इनमें 2 प्रस्ताव आई.टी. सेक्टर में, 5 मेन्यूफ्रेक्चरिंग सेक्टर में, इडंस्ट्रियल पार्क की स्थापना और विदेशी निवेश से इकाइयों की स्थापना के प्रस्ताव प्राप्त हुए। साथ ही प्रदेश की अधोसंरचना में टेंडर के माध्यम से पूँजी निवेश के भी चार प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। स्वास्थ्य एवं सामाजिक क्षेत्र में कार्य के लिए विश्व विख्यात औषधि कंपनी, अमेरिकावासी भारतीय मूल के चिकित्सकों के संगठन, अमेरिकी स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रस्ताव भी मिले हैं। आई.टी. में निवेश श्री चौहान ने बताया कि आई.टी. क्षेत्र में प्राप्त प्रस्तावों में यू.एस.टी. ग्लोबल द्वारा 650 करोड़ रूपये के निवेश से 5000 व्यक्तियों को रोजगार देने का प्रस्ताव मिला है। इसमें 1000 महिलाओं के लिये रोजगार शामिल हैं। इसी प्रकार सिरियस एक्सम द्वारा 100 करोड़ रूपये के निवेश से 3000 व्यक्तियों को, टी.डब्ल्यू.आर. कंपनी द्वारा 100 करोड़ रूपये के निवेश से 1000 और एरेक्स इन्फोटेक्ट द्वारा 100 करोड़ रूपये के पूँजी निवेश से 1000 व्यक्तियों को रोजगार देने के परियोजना प्रस्ताव दिये गये हैं। इसके साथ ही कौल ग्रुप के श्री राजीव कौल को आई.टी. पार्क की स्थापना के लिए 25 एकड़ भूमि पूर्व से ही दी जा चुकी है। कम्पनी ने शीघ्र इस पार्क में निर्माण प्रारंभ करने का आश्वासन दिया है। इसी तरह आर.एम.सी. कम्पनी के प्रतिनिधि श्री जेफटोल इंदौर क्रिस्टल आई.टी पार्क में एक बी.पी.ओ की स्थापना करेंगे। इन्हें आई.टी पार्क में स्थान उपलब्ध कराया जायेगा। बीपीओ में कम से कम 500 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। निर्माण इकाइयों में निवेश मेन्यूफ्रेक्चरिंग सेक्टर में आई.टी. स्ट्रेटजी, टीआरडब्ल्यू कंपनी जो विश्व की आटोमोबाइल कम्पोनेंट बनाने के प्रसिद्ध जापानी कंपनी है। कंपनी ने लगभग 1000 करोड़ रूपये के पूँजी निवेश के आटो कम्पोनेंट इकाई की स्थापना की सहमति दी, जिसमें 400 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। कंपनी दिसम्बर 2016 में प्रदेश का भ्रमण कर भूमि के चयन की कार्रवाई करेगी। सफल उद्यमी एवं एनआईआर श्री चेतन खडरिया द्वारा वेरी हाई फ्रीक्वेंसी वायरलेस सर्विसेज के लिये वायरलेस ट्रांसपोडर्स के निर्माण का प्रस्ताव दिया गया। इसमें 650 करोड़ रूपये का पूँजी निवेश होगा। कंपनी द्वारा भारत सरकार को हाई फ्रीक्वेंसी स्पेक्ट्रम आवंटन हेतु आवेदन किया जा रहा है। स्पेक्ट्रम आवंटित होने पर उनके द्वारा ट्रांसपोर्डर निर्माण की इकाई प्रदेश में स्थापित की जायेगी। प्रोग्रेस रेल कंपनी के श्री मार्क बचनर द्वारा रेल कम्पोनेंट के निर्माण के प्रस्ताव पर सहमति बनी। कंपनी लोकोमोटो पार्टस सिग्नल तथा दूरसंचार उपकरण बनाती है। नोएडा में इनके द्वारा कंपनी स्थापित की जा चुकी है। कंपनी प्रदेश में रेल कम्पोनेंट निर्माण की इकाई स्थापित करेगी जिसकी लागत और रोजगार की जानकारी पृथक से कंपनी द्वारा दी जायेगी। कोका कोला द्वारा प्रदेश में एक इकाई की स्थापना 750 करोड़ रूपये की लागत से की जा रही है। कंपनी फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में और अधिक निवेश करना चाहती है। एम.डी ट्रायफेक, कम्पनी के प्रतिनिधियों से संभावनाओं पर चर्चा कर शीघ्र इकाई की स्थापना को अंतिम स्वरूप देंगे। सनलाईट फाइनेंशियल कंपनी प्रदेश में सौर ऊर्जा संयंत्र तथा फोटोवोलटेइक सेल के निर्माण की इकाई स्थापित करना चाहती है। औद्योगिक पार्क में निवेश कासमी (चीन का लघु एवं मध्यम उपक्रमों का संगठन) प्रदेश में कम से कम 500 एकड़ भूमि में एक हजार इण्डस्ट्रियल पार्क की स्थापना करेगा जिसमें कि चाईनीज कम्पनीज से पूँजी निवेश कराया जायेगा। कम्पनी को ग्वालियर एवं इंदौर के समीप उपयुक्त भूमि की जानकारी दी गई। संगठन का एक दल अगले सप्ताह इंदौर एवं ग्वालियर का भ्रमण कर स्थल का चयन करेगा। इस इण्डस्ट्रियल पार्क को विकसित करने में आने वाली लागत की जानकारी, स्थल का चयन एवं अधोसंरचना का एस्टीमेट्स बनने के बाद दी जा सकेगी। संगठन चीन के प्रमुख लघु उद्योगों के 50 प्रतिनिधियों का एक दल जीआईएस में लेकर आयेगा। टेंडर द्वारा पूँजी निवेश प्रदेश की अधोसंरचना में टेण्डर के माध्यम से पूँजी निवेश के प्रस्तावों में डायना ग्रीन इन्वायरमेंटल प्रोटेक्शन ग्रुप नगरीय निकायों द्वारा पेयजल एवं शहरी अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादन के लिये की जाने वाली निविदाओं में भाग लेगा। कम लागत की हाई टेक्नोलॉजी की परियोजनाओं में पूँजी निवेश करेगा। जाइलम कम्पनी ने भी प्रदेश के नगरीय निकायों द्वारा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लान, पेयजल आपूर्ति और वॉटर डिस्ट्रीब्यूशन आदि अधोसंरचना परियोजनाओं के माध्यम से पूँजी निवेश की सहमति दी। समिट रिलायंस कंपनी द्वारा हाऊसिंग फॉर ऑल परियोजना के तहत प्रदेश की लो कॉस्ट हाऊसिंग परियोजनाओं में भाग लिया जायेगा। सनलाईट फाइनेंशियल सर्विसेज सोलर पॉवर की निविदाओं में भाग लेंगी। सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध प्रदेश को कम दरों पर ऋण उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी मिला है। सोलारइनों कंपनी ने मेट्रो तथा अन्य अधोसंरचनात्क परियोजनाओं में तीन बिलियन यू एस डालर तक का ऋण उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया। इस प्रस्ताव का राज्य शासन द्वारा परीक्षण किया जायेगा।
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4 September 2016पुलिसकर्मियों के खिलाफ सबसे ज्यादा मप्र में दस हजार शिकायतें ड्यूटी में लापरवाही, जनता के साथ बदसलूकी और भ्रष्टाचार की शिकायतों में मप्र पुलिस देश में एक बार फिर सबसे आगे है। वर्ष 2015 में मप्र में पुलिसकर्मियों के खिलाफ 10089 शिकायतें हुईं, लेकिन एफआईआर केवल 84 पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज की जा सकी है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। ये आंकड़े बताते हैं कि मप्र से पहले केवल दिल्ली ही आगे है, जो केंद्रशासित है। इन शिकायतों के आधार पर 2473 पुलिसकर्मियों की विभागीय जांच साबित हुई, इनमें दो ही न्यायिक जांच तक पहुंच सकी हैं। पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई करने के मामले में देश में सबसे ऊपर केरल है। यहां महज एक साल के भीतर 3080 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एडीजी एससीआरबी राजीव टंडन के मुताबिक ये सभी आंकड़े प्रदेश के सभी जिलों से एकत्रित कर एनसीआरबी को भेजे गए हैं। राजधानी में सबसे ज्यादा अवैध हथियार उप्र के गाजियाबाद के बाद देश में राजधानी भोपाल अवैध हथियारों के बाजार में सबसे ऊपर है। एक साल में भोपाल में आर्म्स एक्ट के 934 केस दर्ज किए गए, जबकि गाजियाबाद में 980 मामले सामने आए हैं। आर्म्स एक्ट के तहत इंदौर में 859, जबलपुर में 393 और ग्वालियर में 337 कार्रवाई की गई हैं। बर्खास्तगी में प्रदेश का आठवां स्थान यूनियन टेरिटरी दिल्ली में पुलिसकर्मियों के खिलाफ सबसे ज्यादा ठोस कार्रवाई की गई हैं। सालभर के भीतर यहां 69 को बर्खास्त किया गया। यह कार्रवाई करने में मप्र पुलिस का आठवां स्थान है। 63 कार्रवाई के साथ पंजाब दूसरे, 49 के साथ उप्र तीसरे, 35 के साथ छत्तीसगढ़ चौथे स्थान पर है।
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3 September 201618 करोड़ कर्मचारियों के शामिल होने का दावा ट्रेड यूनियनों के शुक्रवार को बुलाई गई एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल से आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इस हड़ताल की वजह से बैंकिंग, सार्वजनिक परिवहन और टेलीकॉम जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रभावित हो सकती हैं। केंद्र सरकार ने सभी मंत्रालयों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वे तमाम सेवाएं पहुंचाने के लिए कारगर कदम उठाएं। हालांकि हड़ताल का कई राज्यों में असर देखने को मिल रहा है। पश्चिम बंगाल के कूच बिहार जिले में एक में बस में तोड़फोड़ की गई। वहीं कई जगहों पर यात्री जहां-तहां फंसे हुए हैं। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में एहतियातन स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। यूनियनों के मुताबिक, उनकी मांगों के प्रति सरकार की उदासीनता और श्रम कानून में श्रमिक विरोधी एकतरफा बदलावों के विरोध में यह हड़ताल बुलाई गई । यूनियनों का दावा है कि इस हड़ताल में 18 करोड़ कर्मचारी शामिल रहे हैं। जबकि पिछले साल करीब 14 करोड़ कर्मचारी इस हड़ताल का हिस्सा बने थे। कहां रहा असर बैंक, सरकारी दफ्तर और फैक्ट्रियां बंद । कोल इंडिया, गेल, ओएनजीसी, एनटीपीसी और भेल जैसे केंद्रीय पीएसयू में कामकाज ठप्प । बिजली, परिवहन, खनन, रक्षा, टेलीकॉम और बीमा क्षेत्र प्रभावित। दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु जैसे शहरों में कई ऑटो रिक्शा यूनियनों के शामिल होने से गड़बड़ाईं परिवहन सेवाएं -बंदरगाह व विमानन सेवाएं भी प्रभावित।
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2 September 2016RSS के फैसले के खिलाफ 400 स्वयंसेवकों ने दिया इस्तीफा गोवा में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में भी जमकर राजनीति चल रही है। पणजी में बुधवार देर शाम गोवा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 400 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने इस्ताफा देने का घोषणा की है। ये स्वयं सेवक गोवा के आरएसएस प्रमुख सुभाष वेलिंगकर की बर्खास्तगी का विरोध कर रहे हैं।राष्ट्रीय स्वयं सेवक ने (आरएसएस) ने सुभाष वेलिंगकर को पद से हटा दिया है । वेलिंगकर पर गोवा में भाजपा सरकार के खिलाफ काम करने का आरोप है। आरएसएस की राज्य इकाई के कई बड़े स्वयं सेवकों ने बुधवार शाम पणजी के पास एक स्कूल में एकत्रीकरण कर सुभाष वेलिंगकर को हटाए जाने के मुद्दे पर चर्चा की। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने इस्तीफों की घोषणा की। राज्य इकाई के एक स्वयं सेवक ने कहा कि सभी जिला इकाइयों, जिला उप-इकाइयों तथा शाखाओं के सभी पदाधिकारियों तथा सैकड़ों अन्य ने इस्तीफा देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि जब तक सुभाष वेलिंगकर को दोबारा पदस्थापित नहीं किया जाता, हम इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। राज्य सरकार के खिलाफ काम करने के आरोप में आरएसएस ने गोवा प्रमुख सुभाष वेलिंगकर को पद से हटा दिया था। आरोप है कि वेलिंगकर के साथ कुछ लोगों ने हाल ही में गोवा में अमित शाह की रैली के दौरान उन्हें काले झंडे दिखाए थे। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा, 'उन्हें (वेलिंगकर) उनकी जवाबदेही से मुक्त कर दिया गया है। वह कुछ राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हो रहे थे। संघ के नेता होने के कारण वह ऐसा नहीं कर सकते हैं।' वेलिंगकर ने इस सप्ताह के शुरू में भाजपा के खिलाफ टिप्पणी कर विवाद पैदा कर दिया था। कथित रूप से उन्होंने कहा था कि अगले वर्ष होने वाले गोवा विधानसभा चुनाव में भाजपा विजयी नहीं हो सकती है। क्षेत्रीय भाषा को स्कूलों में शिक्षा का माध्यम बनाने के अपने वादे से मुकर कर पार्टी ने लोगों को धोखा दिया है। वेलिंगकर भारतीय भाषा सुरक्षा मंच का नेतृत्व कर रहे हैं। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की अनुमति देने के खिलाफ यह मंच राज्य भर में भाजपा सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहा है।
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1 September 2016इधर 'बिग बॉस 10' का प्रोमो जारी हुआ, उधर इसके मेहमानों की लिस्ट को लेकर चर्चा शुरू हो गई। यह हर साल की परंपरा बनती जा रही है कि 'बिग बॉस' के घर जााने वालों की कई फर्जी लिस्ट शो शुरू होने के पहले जारी होती रहती हैं। यह सिलसिला इस साल भी शुरू हो गया है। पहली लिस्ट जो चर्चा में है उसमें कबीर बेदी जैसे नाम भी हैं। कपिल शर्मा के शो का हिस्सा रहे सुनील ग्रोवर का नाम इसमें शामिल है। पिछले कुछ साल की लिस्ट में हर बार शामिल होने वाली नाम शाइनी आहूजा, इस बार भी है। डेरा सच्चा सौदा से जुडे गुरमीत राम रहीम के भी मेहमान बननेे वालों में गिना जा रहा है। एक बड़ा नाम कपूर खानदान से भी है। दो साल पहले डेब्यू करने वाले अरमान जैन भी यहां हो सकते हैं। अरमान रीमा जैन के बेटे हैं। इस लिस्ट पर भरोसा इसलिए नहीं होता कि कुछ नाम जबरदस्त व्यस्त हैं फिर वो यहां कैसे शामिल हो सकते हैं। 'बिग बॉस' को तो यूं भी फुरसतियों का खेल माना जाता रहा है, ऐसे में सुनील ग्रोवर से क्या यह उम्मीद की जा सकती है कि वे कपिल का शो छोड़कर यहां दो-तीन महीनेे के लिए आएं। जब से भारत में रिअलिटी शो 'बिग बॉस' शुरू हुआ है लगभग तभी से इसके प्रचार का एक ही तरीका अपनाया जा रहा है। टीवी शो, सिंगिग शो के निर्माता हैरान रहते हैं कि अपने शो का कैसे प्रचार करें लेकिन यह दिक्कत कभी भी 'बिग बॉस' के प्रोडक्शन हाउस को नहीं हुई। बिग बॉस की शुरूआत हर साल सितंबर या अक्टूबर में हो ही जाती है। इसके पहले लगभग महीनाभर प्रोमो और टीजर का जोर रहता है। टीवी पर प्रचार इन प्रोमोज से हो जाता है और अखबारों-वेबसाइट्स पर मेहमानों की लिस्ट जादू दिखाती है। कई बार पीआर टीम ही यह नकली लिस्ट जारी कर देती है। इन लिस्ट का कोई आधिकारिक सूत्र नहीं होता और ऐसे नाम भी आ जाते हैं जो इस शो के लिहाज से काफी बड़े होते हैं। 'प्रोडक्शन हाउस वक्त-वक्त पर नाम जारी करता है लेकिन इसका फायदा कई बार मीडिया भी उठा लेता है। मीडिया अपनी तरफ से ही ऐसी लिस्ट तैयार कर लेता है जिनमें चर्चित नाम होता है, फिर वो सेलेब्रिटी सफाई देता फिरता है कि 'मुझे नहीं बुलाया'। कुछ सेलेब्रिटी भी मौके को ताड़ लेतेे हैं। वे खुद भी अपने पीआर का फायदा उठाकर अपना नाम चलवा देते हैं।
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31 August 2016नरेन्द्र सिंह तोमर बोले -देश को सशक्त बनाने की दिशा में सशक्त कदम अमिताभ उपाध्याय केंद्रीय मंत्री ग्रामीण विकास, पंचायतीराज तथा स्वछता एवं पेयजल मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने वैश्विक सर्वधर्म वाश(WASH) गठबंधन द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से लेह, लद्दाख में आयोजित 'सर्वधर्म स्वछता एवं सद्भावना संवाद' कार्यक्रम का उद्घाटन किया। कार्यक्रम विश्व के प्रमुख धर्मो के धर्म प्रमुखों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान लेह स्थित सिंधु दर्शन घाट पर सभी धर्मप्रमुखों ने 'स्वछता संकल्प' लिया। श्री तोमर ने इस अवसर पर कहा आज का संकल्प न केवल लद्धाख अपितु देश के लिए ऐतिहासिक क्षण है, यहां उपस्थित धर्मगुरुओं की संख्या मात्र 20-25 है लेकिन ये देश भर के करोड़ो लोगों की आस्था का प्रतिनिधित्व करते है। कार्यक्रम के आयोजको विशेषकर ऋषिकेश स्थित परमार्थ आश्रम के प्रमुख तथा वैश्विक सर्वधर्म वॉश (WASH) गठबंधन के संस्थापक स्वामी चिदानंद सरस्वती की इस पहल का स्वागत करते हुए श्री तोमर ने भारत सरकार की और से आभार माना तथा कहा कि धर्मगुरुओं द्वारा यह *'स्वछता संकल्प' भारत को स्वछ बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है* श्री तोमर में भारत को स्वछ बनाने में मीडिया की अतिमहत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा की मीडिया अपनी लेखनी एवं प्रसारण के माध्यम से व्यक्तिगत स्तर पर स्वछता का मानस बनाने में अत्यन्त उपयोगी हो सकता है। श्री तोमर ने यूनिसेफ के अधिकारियों और कार्यक्रम के आयोजकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि जिस तरह लेह ओएफडी बनने जा रहा है। उसी तरह जम्मू-कश्मीर के साथ-साथ पूरा भारत ओएफडी बन जाएगा। श्री तोमर ने मीडिया से अपील की कि वह अच्छी रिपोर्टिंग से वह भी एक भी व्यक्ति को बदल सकते हैं, तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। इस आयोजन में प्रमुख धर्म गुरु सर्वश्री पूज्य स्वामी चिदनानंद सरस्वती (ऋषिकेश), संत ज्ञानी गुरुबचन सिंह मुख्य जत्थेदार स्वर्ण मंदिर,दीवान ज़ैनुअल अबेदीन अली खान अजमेर शरीफ,मौलाना कल्बे सदीक, इमाम उमर अहमद, लामा लोबज़ंग, भाई साहिब सतपाल खालशा जी,पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी हरीचेतनानंद जी (हरिद्धार) आदि देश के 25 प्रमुख धर्म गुरुओं ने शिरकत की।
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30 August 2016राजमहल पैलेस की जमीन पर कब्जे का मामला राजस्थान में जयपुर राजघराना और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया आमने-सामने हैं। 550 करोड़ की कीमत वाला जयपुर का राजमहल पैलेस इस विवाद की जड़ बना हुआ है। चार दिन पहले जयपुर विकास प्राधिकरण ने राजमहल पैलेस की 12 बीघा जमीन पर कब्जा जमा लिया और तीन दरवाजों पर ताला जड़ दिया। सरकारी कार्रवाई से नाराज जयपुर की राजकुमारी दीया इसके खिलाफ शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं। 24 अगस्त को जयपुर की प्राइम लोकेशन पर मौजूद होटल राजमहल पैलेस के एक हिस्से पर जयपुर विकास प्राधिकरण का बुलडोजर चला। इसके बाद जेडीए के अफसरों ने महल परिसर की 12 बीघा जमीन अपने कब्जे में ले ली। साथ ही पैलेस के चार में से तीन दरवाजों को भी सील कर दिया। इस कार्रवाई से बौखलाई राजकुमारी दीया कुमारी पैलेस के गेट पर ही अफसरों से भिड़ गईं। राजपरिवार का दावा है कि जेडीए की कार्रवाई भारत सरकार के साथ हुए अनुबंध के खिलाफ है। 1949 में जयपुर रियासत के राजस्थान में विलय के बाद तत्कालीन गृह मंत्री सरदार पटेल और पूर्व महाराजा मानसिंह के बीच हुए समझौते को कोविनेंट (अनुबंध) कहा जाता है। कोविनेंट के मुताबिक राजमहल पैलेस प्रिंसेज हाउस के तौर पर जयपुर राज परिवार की संपत्ति है। राजमहल पैलेस 120 बीघा में फैला है।
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29 August 2016आईटीएम यूनिवर्सिटी में गृह मंत्री राजनाथ सिंह अमिताभ उपाध्याय डॉ. राममनोहर लोहिया की समाजवादी विचारधारा भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों पर आधारित है। उन्होंने राजनैतिक धाराओं को दार्शनिक अवधारणा का रूप दिया। बीसवीं सदी में डॉ. लोहिया एक ऐसे व्यक्तित्व के रूप में उभरे, जिन्होंने राजनीति को भारत की राष्ट्रनीति के रूप में प्रस्तुत किया। यह बात केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ग्वालियर में आईटीएम यूनिवर्सिटी में “डॉ. राममनोहर लोहिया स्मृति व्याख्यान-2016” में अपने व्याख्यान में कही। कार्यक्रम में केन्द्रीय पंचायत, ग्रामीण विकास, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री माया सिंह, आईटीएम यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति रमाशंकर सिंह व कुलपति प्रो. के.के. द्विवेदी उपस्थित थे। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि महात्मा गाँधी की तरह डॉ. राममनोहर लोहिया भी स्वच्छता के पक्षधर थे। वो कहा करते थे कि नदियाँ भारत की भाग्य रेखाएँ हैं। डॉ. लोहिया ने नदियों की स्वच्छता के लिये सामाजिक आंदोलन चलाया। इसी भावना के अनुरूप वर्तमान सरकार ने पवित्र गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के लिये “नमामि गंगे” कार्यक्रम की शुरूआत की है। वर्ष 2022 तक गंगा को पूर्णत: स्वच्छ बनाने का लक्ष्य है। सरकार गंगा की भाँति अन्य नदियों को भी साफ-सुथरा बनाने का भी प्रयास पूरी शिद्दत के साथ करेगी। गृह मंत्री ने कहा कि डॉ. लोहिया की यह भी मान्यता थी कि मूल चिंतन का विकास स्वभाषा में ही हो सकता है। इसीलिये उन्होंने भारतीय भाषाओं के विकास की पुरजोर हिमायत की। डॉ. लोहिया कुरीतियों के खिलाफ बेबाकी से अपनी राय रखते थे और उस पर अमल भी करते थे। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि डॉ. लोहिया का ईश्वर की सत्ता में विश्वास नहीं था। इसके बावजूद उनकी विचारधारा उत्कृष्ट थीं। उन्होंने धार्मिक आस्थाओं का सदैव ध्यान रखा। डॉ. लोहिया ने भगवान राम, कृष्ण और शिव पर गहन चिंतन कर नई व्याख्या दी और समाज को बताया कि इन सभी ने देश की सांस्कृतिक एवं सामाजिक एकता के लिये काम किया। उन्होंने कहा कि भारत में धन-दौलत से नहीं त्याग करने वालों को बड़ा माना जाता है। इसके उलट विदेशों में साम्राज्य के विस्तार के आधार पर राजा बड़े माने जाते रहे हैं। पर भारत में भगवान राम और राजा हरिश्चंद्र को बड़ा माना गया है। इसी क्रम में उन्होंने सम्राट हर्षवर्धन, संत रविदास और कबीर के त्याग का जिक्र किया। साथ ही कहा कि डॉ. लोहिया की विचारधारा भी इसी अवधारणा का समर्थन करती है। सांसद जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि डॉ. लोहिया ने राजनीति और धर्म की अपने ही अंदाज में व्याख्या की थी। उनका मानना था कि धर्म दीर्घकालीन राजनीति और राजनीति अल्पकालीन धर्म है। वे कहा करते थे कि जो राजनीति समय की कसौटी पर खरी उतरती है, वह धर्म बन जाती है। राज्यसभा सांसद प्रो. डी.पी. त्रिपाठी ने कहा कि लोकतंत्र में किसी दल या व्यक्ति का धुर विरोधी होने के बावजूद शत्रु भाव मन में नहीं होना चाहिए। डॉ. लोहिया के व्यक्तित्व में यह बखूबी ढंग से समाया हुआ था।
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28 August 2016पत्नी की मौत के बाद बस से उतारा पति 5 दिन की बच्ची को लेकर रोता रहा दमोह में एक बस में महिला की मौत के बाद उसके शव और उसके परिजनों को जंगल में ही उतार दिया गया। पीड़ित परिवार के साथ एक पांच दिन की बाच्ची भी थी। उड़ीसा के कालाहांडी और बालासोर की घटनाओं के बाद मध्यप्रदेश के दमोह भी इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली एक घटना सामने आई है। इसमें बस में पत्नी की मौत के बाद उसके पति, सास और नवजात बच्चे को नीचे उतार दिया गया। हालांकि यह मामला गुरुवार का है, लेकिन शनिवार को इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। वकील इस मामले को लेकर लंबी लड़ाई लड़ने की रणनीति बना रहे हैं। दमोह-बटियागढ़ मार्ग पर चैनपुरा परासई के पास बकस्वाहा से दमोह इलाज कराने जा रही एक महिला की रास्ते में मौत होने और उसका शव बस से नीचे उतारकर भागने के मामले के प्रत्यक्षदर्शी दो वकीलों ने आरटीओ को पत्र लिखकर बस का परमिट निरस्त करने और मानव अधिकार आयोग को मामले में कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है। वहीँ सरकार के प्रवक्ताओं ने इस तरह की किसी घटना होने से इंकार किया है।
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27 August 2016स्वराज्य प्रसाद त्रिवेदी भारतीय संस्कृति की अनेक विशिष्टताओं में प्रकृति के प्रति सम्मानीय और पवित्र भावना एक विशिष्ट गुण के रूप में मूल्यांकित होती आयी है। पर्वत, वन, नदियाँ- ये सब भारतीय जन-जीवन से अत्यंत निकटतम सम्बन्ध रखते हुए पवित्र तथा समादरित तथा पूज्य रहे हैं। फिर, जहाँ तक भारत की नदियों का सवाल है, वे अपने उत्स से लेकर संगत तक के क्षेत्रों की जीवन-रेखा ही रही आयी हैं। इसीलिये आज भी परम्परा से बँधा हुआ भारतीय मानस प्रतिदिन स्नान करने के समय मंत्रोच्चार के रूप में जिन सात प्रमुख पवित्र नदियों का स्मरण करता है, उनका उल्लेख निम्नांकित छन्द में हुआ है- गंगेच यमुनेचैव गोदावरि सरस्वती नर्मदे सिन्धु, कावेरि जलेदस्मन सन्निध कुरु। लेकिन आश्चर्य यह है कि इस छन्द का रचयिता मध्यप्रदेश मालवा की महिमामयी जीवन-रेखा क्षिप्रा अथवा सिप्रा को कैसे भूल गया? कारण जो भी हो किन्तु पवित्र क्षिप्रा न केवल मालवा के लिये बल्कि सारे भारत के लिये आज भी महान तथा पवित्र तीर्थ-स्वरूपा है और कुंभ तथा सिंहस्थ के समय तो वह लाखों भक्तों के लिये अनिर्वचनीय श्रद्धा और पूजा की पवित्रतम प्रतीक बन जाती है। पौराणिक उल्लेख पुराणों में इसका उल्लेख रूप विशेष से ब्रह्म पुराण तथा स्कंद पुराण में किया गया है। स्कंद पुराण में इस स्रोतस्विनी की महान गाथा का उल्लेख विशेष रूप से 'आवन्त्य खंड'' में हुआ है। आगे चलकर बौद्ध, जैन ग्रंथों में भी इसका उल्लेख हुआ है। क्षिप्रा अथवा कि सिप्रा की भौगोलिक उत्पत्ति कुछ भी हो किन्तु पौराणिक आख्यानों में इसकी उत्पत्ति की विभिन्न कथाएँ मिलती हैं। दरअसल, महाकाल वन अथवा अवन्तिका क्षेत्र में प्रवाहित यह उत्तर-वाहिनी नदी आज भी अपने तटों पर अनेक पवित्र तीर्थ तथा ऋषि-मुनियों के साधना-स्थलों को समेटे हुए है, किन्तु जहाँ तक उसकी उत्पत्ति का प्रश्न है, इसके संबंध में अनेक कथाओं का उल्लेख मिलता है। स्कंद पुराण के अवन्ति खंड के 69वें अध्याय तथा उसी पुराण के अन्य तीन अध्यायों में इस नदी के चार नाम पाये जाते हैं- क्षिप्रा, ज्वरध्नी, पापध्नी और अमृत संभवा। इन विवरणों में महर्षि व्यास और सनत्कुमार के प्रश्नोत्तर के रूप में क्षिप्रा की उत्पत्ति का जिस प्रकार उल्लेख किया गया है, उसके अनुसार 'एक बार शिवजी ब्रह्म के कपाल को लेकर भिक्षा माँगने निकले किन्तु त्रिलोक में उन्हें कहीं भिक्षा नहीं मिली। अंतत: उन्होंने बेकुण्ठ पहुँचकर भगवान विष्णु से भिक्षा की याचना की तब भगवान विष्णु ने अपनी तर्जनी अंगुली ऊपर दिखलाते हुए कहा- 'शिव, मैं भिक्षा तो तुम्हारी दे रहा हूँ, ग्रहण करो''। भगवान की अंगुलि दिखलाने को शिवजी सहन नहीं कर सके और तुरंत अपने त्रिशूल से उन्होंने उसमें आघात कर दिया जिससे रक्त की धारा बह निकली और उनके हाथ में रखा सारा कपाल शीघ्र ही भर गया और उसके चारों ओर रक्त की धारा बह निकली। वही धारा क्षिप्रा नदी के रूप में परिणित हुई। इस प्रकार, त्रिलोक को पवित्र करने वाली नदी शीघ्रता से वेकुण्ठ से प्रादुर्भूत हुई ओर तीनों लोकों में उसकी प्रसिद्धि हुई''। (पं. दयाशंकर दुबे तथा पं. रामप्रताप त्रिपाठी द्वारा रचित 'क्षिप्रा की महिमा से'') यद्यपि क्षिप्रा की उत्पत्ति के बारे में उपर्युक्त प्रसंग की सर्वाधिक लोक-श्रुत है किन्तु स्कंद पुराण में ही उसकी उत्पत्ति के विषय में अन्य कथाओं का भी उल्लेख हुआ है। इन कथाओं के अनुसार क्षिप्रा की उत्पत्ति बराह अवतार के रूप में भगवान विष्णु के ह्नदय से हुई। एक अन्य कथा के अनुसार, उज्जैन में दीर्घकाल तक तपस्या करने के पश्चात अभिनायक ऋषि ने जब अपने नेत्र खोले तो उन्होंने अपने शरीर से दो स्त्रोतों को प्रवाहित होते देखा। उनमें से एक ने आकाश में चन्द्रमा का रूप धारण कर लिया और दूसरा क्षिप्रा के रूप में उज्जैन के निकट ही प्रवाहित हुआ।स्कंद पुराण में ही इस नदी की उत्पत्ति शिव के कमण्डल से बतायी गयी है। एक अन्य प्रसंग के अनुसार क्षिप्रा के कामधेनु से प्रगट होने का भी उल्लेख किया गया है। इन पौराणिक आख्यानों में क्षिप्रा की महान पवित्रता का महत्व तो रेखांकित होता ही है। स्कंद पुराण में वर्णित कथा के अनुसार सनत्कुमार ने क्षिप्रा के समान पुण्यदायिनी कोई अन्य नदी नहीं है। इसके किनारे क्षणभर में मुक्ति प्राप्त होती है। स्कंद पुराण के अनुसार ही पृथ्वी पर नैमिषारण्य तथा पुष्कर को उत्तम तीर्थ के रूप में उल्लिखित किया गया है किन्तु काशी से भी दस गुना महत्वपूर्ण महाकाल वन का क्षेत्र माना गया है। जहाँ से प्रवाहित होती है अमृत तुल्या क्षिप्रा, जिसके जल में स्नान करने से तथा जिसके तट पर नैमित्तिक कर्म करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है तथा अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। विविध रूपा क्षिप्रा पुराणों में वर्णित कथाओं के अनुसार इस पवित्र नदी को वेकुण्ठ में क्षिप्रा, स्वर्ग में ज्वरध्नी, यमद्वार में पापध्नी तथा पाताल में अमृत सम्भवा के रूप में उल्लिखित प्रसंगों का भी विवरण दिया गया है। क्षिप्रा की महिमा नामक लेख में सर्वश्री दुबे और त्रिपाठी ने तत्कालीन क्षिप्रा के सौन्दर्य का जो विवरण दिया है वह भी उल्लेखनीय है- 'उस क्षिप्रा नदी का मनोहरतट कुश और घासों से सब कहीं आकीर्ण था। मणि मुक्ता और मूंगों से जड़ित सीढ़ियाँ बनी हुई थीं , सायंकाल और प्रात:काल ब्राह्मणों के झुण्ड के झुण्ड उसमें सन्ध्या वन्दनादि करते रहते थे''- मृगु और आंगिरा के क्षिप्रा के तट पर समाधिलीन होने का भी उल्लेख किया गया है। संक्षेपत: यह कि पुराणों में इस नदी को अत्यंत पवित्र रूप में स्थापित किया गया है। इतिहास के आइने में महाकाल वन क्षेत्र में प्रवाहित होने के कारण क्षिप्रा मालवा क्षेत्र के रोमांचकारी इतिहास की साक्षी रही है। उज्जयिनी अथवा अवन्तिका को अपनी जलधारा से पवित्र करती हुई यह नदी आज भी महाकालेश्वर और कालभैरव की अर्चना-वन्दना में समर्पित है। पौराणिक युग में इसी के निकट रहते थे ऋषि सान्दीपनि, जिनके आश्रम में भगवान कृष्ण ने शिक्षा प्राप्त की थी। इसके निकट ही है भर्तृहरि की साधना स्थली। शताब्दियों से यह स्त्रोतस्विनी चण्ड प्रद्योत, महासेन, विक्रमादित्य, रुद्रसेन, क्षत्रपवंशीय राजाओं तथा अनेक राजवंशों के उत्थान-पतन की मूकदर्शिका रही। महान पराक्रमी परमारों ने इस नदी के तट पर स्थित उज्जैन को अपनी राजधानी बनाया। मुगलकाल के अनेक ऐतिहासिक प्रसंगों की भी वह साक्षी रही और फिर भारत के ब्रिटिश शासन से मुक्ति पाने के समय तथा रियासतों के विलीनीकरण के पूर्व तक सिन्धियावंश के शासकों द्वारा भी यह समादरित रही। इस पवित्र नदी के तट पर स्थित कालियादह का भव्य भवन तथा अन्य महत्वपूर्ण स्थान और प्रसंग इसकी ऐतिहासिक महिमा को आज भी प्रतिष्ठित किये हुए हैं। इनमें सर्वाधिक उल्लेखनीय है इस पवित्र स्त्रोतस्विनी के तट पर लगने वाला कुंभ और सिंहस्थ का मेला। कहा जाता है कि जब अमृत कुंभ के लिये सुरों और असुरों में छीनाझपटी हुई थी तथा जब अमृत कुंभ को लेकर जयंत आकाशमार्ग से उड़ा था तथा उसकी चार बूंदे पृथ्वी पर गिरी थीं। उनमें से एक बूंद क्षिप्रा के निकट गिरी। अतएव प्रति बारह वर्ष में एक बार कुंभ का महान पर्व अत्यन्त प्राचीनकाल से इस नदी के तट पर होता आ रहा है। किन्तु सिंह राशि पर बृहस्पति के आने पर यह महान सांस्कृतिक पर्व सिंहस्थ के रूप में आयोजित होता है। एक माह का यह महान पवित्र धार्मिक तथा सांस्कृतिक समारोह क्षिप्रा के तट पर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक विभिन्न भाषा-भाषी श्रद्धालुओं के सांस्कृतिक संगम का रूप धारण कर भारतीय संस्कृति के आधारभूत सिद्धांत-विविधता में एकता को रूपायित करता आ रहा है। क्षिप्रा का भौगोलिक पक्ष इस पवित्रतम् स्त्रोवस्विनी की उत्पत्ति के बारे में पौराणिक उल्लेख जो भी हों, किन्तु भौगोलिक रूप से इस उत्तर वाहिनी नदी का उद्गम विन्ध्याचल पर्वत माला की कोकरी टेकड़ी है। यह स्थान इंदौर से 11 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। उत्तर-पश्चिम दिशा में 60 किलोमीटर की दूरी तक प्रवाहित होते हुए लगभग 56 किलोमीटर तक उज्जैन जिले की परिधि रेखा अंकित करते हुए उज्जैन में प्रविष्ट होकर इस जिले में लगभग 93 किलोमीटर प्रवाहित होती है। क्षिप्रा की कुल भौगोलिक लम्बाई लगभग 125 कि.मी. है। इसके किनारे काफी नीचे है, किन्तु महिदपुर और आलोट के बीच इसके किनार पहाड़ी ओर ऊँचे हैं। क्षिप्रा की सनातन नदियों प्रमुखत: खान और गंभीर है। खान उज्जैन शहर के कुछ पहले तथा गंभीर महिदपुर के पास क्षिप्रा में मिल जाती है। इसके बाद क्षिप्रा उज्जैन जिले से बाहर निकलकर रतलाम, मंदसौर तथा भीलवाड़ा जिलों की सीमा रेखा पर चम्बल नदी में मिल जाती है। क्षिप्रा तीरे वैसे तो क्षिप्रा के तट पर स्थित उज्जैन एक सर्व-विख्यात स्थान है, किन्तु उज्जैन जिले के कालीदेह, भैरोगढ़, महिदपुर आदि स्थान भी क्षिप्रा के तट पर स्थित होने के कारण उल्लेखनीय हैं। कालीदेह उज्जैन से 8 किलोमीटर दूर क्षिप्रा के बाँये तट पर स्थित है। स्कंद पुराण में इस स्थान का नाम ब्रह्मकुण्ड था। इस स्थान पर स्थित ऐतिहासिक कालियादह का भव्य भवन मालवा के सुल्तान नसीरुद्दीन द्वारा बनवाया गया बताया जाता है। उज्जैन से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भैरोगढ़ में एक अत्यंत प्राचीन वट-वृक्ष है, जिसकी महिमा प्रयाग के अक्षय वट के समान ही बतायी जाती है। भैरोगढ़ में स्थित कालभैरव का मंदिर आज भी तांत्रिकों की साधना-स्थली बना हुआ है।उज्जैन जिले की तहसील का मुख्यालय महिदपुर क्षिप्रा के दाहिने किनारे पर स्थित है। पौराणिक उल्लेख के अनुसार यह हरसिद्धि विशाल क्षेत्र में स्थित है। सन् 1887 में जब सिंहस्थ मेले में हैजा का आक्रमण हुआ था तो लगभग 5000 साधुओं ने यहीं ऐतिहासिक स्नान का अनुष्ठान सम्पन्न किया था। वस्तुत: क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित अनेक ग्राम और कस्बे पर्वों के समय मेले और तीर्थ का रूप धारण कर लेते हैं, किन्तु उज्जैन में क्षिप्रा के तट पर निर्मित नरसिंगघाट, रामघाट, गंगाघाट और छत्रीघाट तो वर्षभर श्रद्धालु भक्तों की पूजा-अर्चना के केन्द्र बने रहते हैं। इसी पवित्र नदी के तट पर महान वीर योद्धा दुर्गादास राठौर की समाधि बनी हुई है। क्षिप्रा में स्नान-अर्चना करने के साथ ही यात्री महाकालेश्वर, हरसिद्धि देवी, बड़े गणेशजी, भर्तृहरि की गुफा, सान्दीपनि आश्रम, मंगलनाथ वेधशाला, बिना नींव की मस्जिद, कालभैरव, अंकपात आदि पौराणिक कथा ऐतिहासिक स्थानों का दर्शन लाभ करते हैं। मालवा की महिमामयी जीवन-रेखा पुण्य सलिला क्षिप्रा के जल को प्रदूषण मुक्त करने के लिये मध्यप्रदेश सरकार द्वारा क्षिप्रा शुद्धिकरण योजना के विचाराधीन होने का भी समाचार है, किन्तु इस समाचार से परे आज भी क्षिप्रा कल्मष नाशिनी और कल्प वृक्ष के समान वरदायिनी के रूप में भारत की आबाल-वृद्ध जनता द्वारा पूज्य और वन्दनीय है।
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27 August 2016कालाहांडी में मानवता को शर्मसार करने वाला नाजारा । फोटो में दिख रहे व्यक्ति की पत्नी का कल रात अस्पताल में निधन हो गया था ,गरीबी की मार झेल रहे व्यक्ति के पास घर और श्मशान जाने तक पैसे नहीं थे ,अन्तोगत्वा उसने लाश को कन्धे पर लेकर पैदल घर (60कि.मी.) चल पड़ा ।पीछे उसकी बारह साल की बच्ची रोते हुये जा रही है । यह तो भला हो कुछ उन लोगों और मीडिया का कि उसने मामले की गम्भीरता को समझते हुए तुरन्त एम्बुलेंस की व्यवस्था करवाई । लेकिन तब तक ये गरीब 10 कि मी का सफर तय कर चुका था । मानवता को शर्मसार करने वाली घटना जब सुर्खी बनी तो अस्पताल प्रशासन का बयान आया कि यह व्यक्ति शराब पिया हुआ था और रात में किसी को बताये बिना अपनी पत्नी का शव लेकर चला गया । आब आप ही सोचिये क्या ऐसा हो सकता है ? क्या शराब पिया हुआ व्यक्ति इतना बोझ अपने कन्धे पर डालकर 10 कि मी तक चल सकता है ? जब यह व्यक्ति मृतिका का शव लेकर जा रहा था तब क्या अस्पताल में कोई नहीं था ? उस इंसान के कंधे पर पत्नी की नहीं... देश की अंतरात्मा की लाश थी !! एक व्यक्ति को अपनी पत्नी के शव को मजबूरन अपने कंधे पर लादकर 10 किलोमीटर तक चलना पड़ा। हैरत की बात तो यह है कि उसे अस्पताल से शव को गांव तक ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल सका। दरअसल व्यक्ति की पत्नी भावनीपटाना में जिला मुख्यालय अस्पताल में टीबी की बीमारी का इलाज करा रही थी लेकिन 42 वर्षीय महिला की मंगलवार रात को उसकी मौत हो गई। पत्नी की मौत के बाद उस व्यक्ति को अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिली। इस मामले की सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचनाएं हो रही हैं। वरिष्ठ पत्रकार अरविंद शेष ने लिखा है.... यह असभ्य, संवेदनहीन, सामंती कुंठा से बजबजाते निर्लज्जों का जमावड़ा है, इंसान दिखने वालों का समाज नहीं..! यह कोई मैराथन की दौड़ नहीं थी। यह सरकारी योजनाओं के टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के बावजूद अस्पताल में उसकी पत्नी का मर जाना था... ओड़िशा के एक आदिवासी दाना मांझी की जेब में एक पैसा भी नहीं होना था... पत्नी अमंग देई की लाश को घर ले जाने के लिए अस्पताल से लेकर आसपास के तमाम लोगों से खारिज यह गुहार थी कि कोई गाड़ी दिलवा दे...! इसके बाद उसने चादर में पत्नी की लाश को लपेटा और कंधे पर टांग कर अपनी बेटी के साथ पैदल चल पड़ा... साठ किलोमीटर दूर अपने गांव की ओर...! बारह किलोमीटर तक वह खुद को मेले की तरह देखते हजारों लोगों के बीच चलता रहा... टीवी वाले से लेकर न जाने कितने लोग वीडियो बनाते रहे... फोटो खींचते रहे... मगर किसी ने आगे बढ़ कर उसे एक बार भी नहीं कहा कि 'मैं हूं...!' बारह किलोमीटर के बाद किसी लड़के ने मरी हुई सरकार के किसी अफसर को फोन किया और बेइज्जती के डर से एक गाड़ी भेजी गई। समझ में नहीं आता कि देश और समाज पर गर्व करने की धमकी देते हुए लोगों को क्या कहूं... सत्तर साल की बूढ़ी होती आजादी को क्या कहूं... इस देश की व्यवस्था को क्या कहूं जो सिर्फ उन लोगों की तेल-मालिश के लिए है, जो पहले ही दाना मांझी जैसे लोगों का खून पीकर तृप्त और अघाए हुए हैं! समाज की दिमागी गुलामी की हालत पर अगर कर सकिए तो गर्व कीजिए कि उसी जगह किसी कार वाले का पहिया किसी गड्ढे में फंस गया होता या किसी 'मालिक' छाप चेहरे वाले को धूप लग गई होती तो केवल पानी नहीं, अपना खून हाजिर करके वे लोग अपना बेड़ा पार हो गया समझते...! टीवी चैनल वाला वीडियो बनाने से पहले किसी अफसर को फोन करके उसे जवाब मांगता कि ये क्या है... क्या तुम्हारी पैदाइश सिर्फ 'मालिक-संप्रदाय' का थूका हुआ चाटने के लिए हुई है...! संवेदना से मर चुके लोग अगर जिंदा होते तो फोटो खींचते तो खींच लेते, लेकिन तुरंत उसकी ओर हाथ बढ़ा देते...! लेकिन यही व्यवस्था है... इसी में बना-पला-बढ़ा गर्व की दुहाई परोसता समाज है... गर्व कर सकें तो कीजिए...!
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26 August 2016मार्शल आर्ट का प्रयोग सर्वप्रथम भगवान श्रीकृष्ण ने किया था। कई पौराणिक ग्रंथों में इस बात की जानकारी मिलती है, लेकिन कई पौराणिक ग्रंथ में यह भी उल्लेख मिलता है कि मार्शल आर्ट की आरंभ कलरीपायट्टु नाम से भगवान परशुराम द्वारा किया गया था। कलरीपायट्टु शस्त्र विद्या है जिसे आज के युग में मार्शल आर्ट के नाम से जाना जाता है। कलरीपायट्टु दुनिया का सबसे पुराना मार्शल आर्ट है और इसे सभी तरह के मार्शल आर्ट का जनक भी कहा जाता है। इस विद्या के माध्यम से ही श्रीकृष्ण ने चाणूर और मुष्टिक जैसे दैत्य मल्लों का वध किया था तब उनकी उम्र 16 वर्ष की थी। मथुरा में दुष्ट रजक के सिर को हथेली के प्रहार से काट दिया था। मान्यताओं के अनुसार श्रीकृष्ण ने मार्शल आर्ट का विकास ब्रज क्षेत्र के वनों में किया था। डांडिया रास उसी का एक नृत्य रूप है। कालारिपयट्टू विद्या के प्रथम आचार्य श्रीकृष्ण को ही माना जाता है। हालांकि इसके बाद इस विद्या को अगस्त्य मुनि ने प्रचारित किया था। इस विद्या के कारण ही 'नारायणी सेना'( नारायणी सेना यानी नारायण श्रीकृष्ण की सेना। द्वापरयुग में जब दुर्योधन और अर्जुन दोनों श्रीकृष्ण से सहायता मांगने गए, तो श्रीकृष्ण ने दुर्योधन को पहला अवसर प्रदान किया। श्रीकृष्ण ने कहा कि वह उसमें और उसकी सेना नारायणी सेना में एक चुन लें। दुर्योधन ने नारायणी सेना का चुनाव किया। अर्जुन ने श्रीकृष्ण का चुनाव किया था। इसे चतुरंगिनी सेना भी कहते हैं।) उस समय यह सबसे प्रहारक सेना मानी जाती थी। श्रीकृष्ण ने ही कलारिपट्टू की नींव रखी, जो बाद में बोधिधर्मन से होते हुए आधुनिक मार्शल आर्ट में विकसित हुई। बोधिधर्मन के कारण ही यह विद्या चीन, जापान आदि बौद्ध देशों में पहुंची। वर्तमान में कलरीपायट्टु विद्या विद्या केरल और कर्नाटक में प्रचलित है।
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25 August 2016सम्पूर्ण कलाओं के स्वामी भगवान श्रीकृष्ण देश में महापुरूषों की कमी नही रही है। अनेक महापुरूषों ने देश में अपने-अपने तरीके से समाज सुधार व मानव कल्याण के कार्य किए हैं। जिन्होंने अपने क्रियाकलापों से समाज की धारा को ही बदलने का कार्य किया है उन्हें अवतार कहा जाने लगा। वैदिक वांगम्य में उन्हें आप्त पुरूष के नाम से जाना जाता है। योगेश्वर श्रीकृष्ण इन महापुरूषों की श्रेणी में अग्रणी हैं, क्योंकि श्रीकृष्ण महानता की चरम सीमा पार कर चुके थे, इसीलिए उन्हें आप्त पुरूष कहा जाता है। उनके मुख से निकले शब्द शास्त्र बन जाते थे, जिनका पथ प्रबुद्घ लोगों का मार्ग बन जाता था तथा उनके द्वारा किए गए कर्म एक उदाहरण प्रस्तुत करने वाले होते थे। उसी श्रीकृष्ण ने अपने गीता के उपदेश में कहा कि- यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारतः। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम॥ यानि जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्घि होती है, धर्म की स्थापना के लिए तब-तब वे संसार में प्रकट होते हैं। हालांकि यह गौणिक वाक्य हैं, परन्तु इसे समझने की आवश्यकता है। ऐसे महामना जिनके जन्म दिवस को पूरी दुनिया बड़े चाव व खुशी से मनाती है तो प्रत्येक व्यक्ति उनके जन्म समय के बारे में जानना चाहता है। अब प्रश्न उठता है कि योगेश्वर श्रीकृष्ण का जन्म कब हुआ। उनके जन्म विषय में कम्प्युटर ज्योतिषी ने काल गणना की है। यह गणना वैदिक विद्वानों से भी मेल खाती है। इस गणना पर विश्वास किया जा सकता है। योगेश्वर श्रीकृष्ण का जन्म भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था श्रीकृष्ण ने दुष्टों का नाश करने के लिए अपने जीवन में अनेक युद्घ किए थे। महाभारत का युद्घ उन सभी युद्घों में सबसे बड़ा और भयानक युद्घ था। महाभारत के युद्घ के दौरान एक पखवाडा 15 दिनों की बजाय 13 दिनों का आया था। इसी दिन सम्पूर्ण सूर्य ग्रहण भी लगा था तथा इस दिन जयद्रथ का वध भी हुआ था। इस युद्घ में श्रीकृष्ण की आयु 89 वर्ष 7 माह बनती है। इसके ठीक 36 वर्ष पश्चात फिर एक पखवाडा 13 दिनों का आया था, उस दिन श्रीकृष्ण ने अपने प्राण त्याग दिए थे। श्रीकृष्ण के गुणों का बखान करना मुश्किल ही नही बल्कि असम्भव हैं। वे सम्पूर्ण मानव थे। वे योगियों में महायोगी, ऋषियों में महर्षि, तपस्वियों में तपस्वी, विद्वानों में महाविद्वान तथा महान दार्शनिक, अपराजय यौद्घा और उत्तम कोटी के वैज्ञानिक थे। श्रीकृष्ण एक अच्छे शिक्षक, लेखक और महान तत्ववेता थे। वे आप्त पुरूष थे, जिनकी तुलना किसी से नही की जा सकती है। इन गुणों के भंडार के कारण मृत्यु लोक के जन उन्हें भगवान कह कर पुकारते हैं। ऐसा कह कर वे न केवल अपनी जिम्मेदारियों से भागते हैं बल्कि श्रीकृष्ण की महानता को नकार कर उन्हें भगवान के चोले में समाहित कर रहे हैं। भगवान सृष्टि के जनक होते हैं परन्तु श्रीकृष्ण ऐसे नही थे लेकिन उनके अनेक गुण भगवान से मेल खाते थे। इसलिए उन्हें भगवान कहा जाने लगा। वैसे ऐसे महापुरूष जिनमें ‘बल, बुद्घि, ज्ञान, तप, यश और ऐश्वर्य’ ये छः गुण विद्यमान हों उन्हें भगवान कहा जाता है। श्रीकृष्ण में ये सभी गुण मौजूद थे। बल - योगेश्वर श्रीकृष्ण ने कंस के धनुषकोटी यज्ञ के दौरान कंस सहित बडे़-बड़े महाबलियों को मलयुद्घ में पछाड़ कर यह सिद्घ कर दिया था कि उनसे अधिक बलशाली पृथ्वी पर कोई और नही है। बुद्घि - कहा जाता है कि ‘बुद्घिर्यस्य बलम तस्य’ अर्थात जिनके पास बौद्घिक बल होता है, उसके समान बलवान कोई नही होता। जहां शारीरिक बल काम नही आया श्रीकृष्ण ने वहां बौद्घिक बल से शत्रु का नाश किया था। कालयवन की मृत्यु इसका अच्छा उदाहरण है। ज्ञान - योगेश्वर श्रीकृष्ण महान विद्वान थे। चारों वेदों की अधिकतम ऋचाएं उन्हें कंठस्थ थी। इसी के परिणामस्वरूप उन्होंने महाभारत के युद्घ के दौरान मात्र एक घंटे में अर्जुन का मोह भंग किया था। तप - कृष्णदत्त ब्रह्मचारी ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि श्रीकृष्ण एक महान तपस्वी थे। उन्होंने केदारनाथ में अपने 12 वर्ष की अखंड तपस्वा व शौध के फलस्वरूप सुदर्शन चक्र अस्त्र का निर्माण किया था। इस अस्त्र की काट संसार के किसी भी यौद्घा के पास नही थी। उन्होंने ब्रह्मचर्य तप का पालन करते हुए विवाह के 12 वर्षों पश्चात प्रद्युम्न जैसे परमवीर पुत्र को जन्म दिया था। यश - श्रीकृष्ण की संसार में व्यापकता जगजाहिर है। अपने समकाल के दौरान उनकी महानता की गाथा से ऋषि, मुनि, महात्मा, राजा, प्रजा तथा आम नागरिक परिचित था। यह प्रसिद्घि ही यश कहलाती है। ऐश्वर्य - बड़े से बडे़ राजा, सम्राट तथा इन्द्र आदि भी उनके ऐश्वर्य के सामने फीके थे। संसार में उपभोग की प्रत्येक वस्तु उनके पास थी। कहीं कोई न्यूनता या अभाव दृष्टिगोचर नही होता था। अतः श्रीकृष्ण सम्पूर्ण ऐश्वर्यशाली थे। इन सभी छः गुणों से युक्त व्यक्ति विरले ही होते है। श्रीकृष्ण उनमें विरलों में से एक विरले थे। इसीलिए उन्हें भगवान की उपाधि से नवाजा गया है। संसार में यह आम धारणा बनी हुई है कि भगवान श्रीकृष्ण के 16108 गोपियां थी और वे उनमें रमण रहते थे। इस पर भी कृष्णदत्त ब्रह्मचारी ने बड़ा सुन्दर विवरण किया है। उन्होंने लिखा है कि गोपियां वेद की ऋचाओं यानि वेद मंत्रों को कहते हैं। भगवान श्रीकृष्ण को वेद के कुल 19404 मंत्रों में से 16108 मंत्र कंठस्थ थे और वे उन्हीं मंत्रों के ज्ञान विज्ञान में रमण रहते थे। भगवान श्रीकृष्ण इन्हीं ऋचाओं का मंथन कर उनसे समाज के उत्थान का मार्ग ढूंढते रहते थे। श्रीकृष्ण जैसे पुरूष द्वारा 16 हजार रानियां अपने रनिवास में रखना तथ्यपरक भी नही लगता है। भगवान श्रीकृष्ण की महानता के कारण उन्हें सम्पूर्ण षोडश कला युक्त माना जाता है, जबकि श्रीराम को 12 कलाओं के ज्ञाता समझा जाता है। भगवान श्रीकृष्ण की 16 कलाओं से पहले हमें कला की परिभाषा को जानना होगा। आखिर कला होती क्या है? किसी भी कार्य में विलक्षण प्रतिभा का होना कला कहलाती है। चन्द्रमा की भी 16 कलाएं होती है, जोकि शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से प्रारम्भ होकर प्रतिदिन बढती हुई पूर्णिमा को सम्पूण चन्द्रमा होने पर 16 कलाएं पूर्ण मानी जाती है। इसी प्रकार श्रीकृष्ण की प्रतिभा भी चंद्रकलाओं की भांति प्रतिदिन बढती हुई पूर्णता को प्राप्त होती रही है। इसी लिए उन्हें 16 कलाओं से युक्त महापुरूष माना जाता है। षोडश कलाओं के विषय में अलग-अलग विद्वानों के भिन्न-भिन्न विचार हैं। अपने चिंतन के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण की 16 कलाएं 16 विभिन्न विषय हैं, जिनमें उन्हें पारंगतता प्राप्त थी। इन कलाओं के जानने के पश्चात संसार में जानने लायक कुछ और नही रह जाता। अकेले श्रीकृष्ण को उन 16 विषयों में महारत हासिल थी, जिन एक-एक विषय पर आजकल पीएचडी करवाई जाती है। ये कलाएं इस प्रकार से हैं। श्रृंगार कला - भगवान श्रीकृष्ण को श्रृंगार की बारिकियों का इतना ज्यादा ज्ञान था कि उसके श्रृंगार रूप को देखकर गोकुल की कन्याएं (गोपिया) उनके मनमोहक रूप को निहारती रहती थी। उनके गले में दुपट्टा, कमर पर तगड़ी, पीताम्बर अंग वस्त्र, सिर पर छोटा मुकुट तथा उसपर मोर पंख श्री की सुन्दरता में चार चांद लगाता था। वादन कला - भगवान को वादन के सभी स्वरों का पूर्ण ज्ञान था, जिसके परिणास्वरूप वे अपनी बांसूरी से बड़े बड़ों को अपने अनुचर बना लेते थे। नृत्य कला - श्रीकृष्ण को नृत्य का पूर्ण ज्ञान था, इसी लिए गोकुल की देवियां उनके नृत्य की प्रशंसा करते-करते श्रीकृष्ण का नृत्य देखने की हठ करती थी। गायन कला - श्रीकृष्ण एक अच्छे गायक भी थे। वेद के मंत्रों का गायन कर उन्होंने अर्जुन को मोहपाश के मुक्त कर दिया था। वाकमाधूर्य कला - श्रीकृष्ण की वाणी में विलक्षण मधुरता व्याप्त थी। वे जिस किसी से भी वार्ता करते थे, वह हमेशा के लिए उनका हो जाता था। वाकचातुर्य कला - उनकी वाणी में चतुरता भी थी। वे बडे़ सहज भाव से अपनी बात को मनवा लेते थे और सामने वाले को अपना विरोद्घि भी नही बनने देते थे। महाभारत में ऐसे अनेक प्रकरण सामने आए हैं। वक्तृत्व कला - भगवान एक महान वक्ता थे। बड़े-बड़े धूरंधरों को उन्होंने अपने प्रभावशाली वक्तव्यों से धराशाही कर उनको उनके ही बनाए जाल में फांस लिया था। कालयवन उसका एक अच्छा उदाहरण है। लेखन कला - श्रीकृष्ण ने मात्र एक घंटे के सुक्ष्मकाल में गीता की रचना कर एक ऐतिहासिक कार्य किया है। उनका मुकाबला आज तक या इससे पहले कोई नही कर सका। अतः भगवान एक उत्तम कोटी के लेखक भी थे। वास्तुकला - भगवान श्रीकृष्ण को वास्तुकला का भी अकाटय ज्ञान था। पांडवों के लिए इन्द्रप्रस्थ और स्वयं अपने लिए राजधानी द्वारका का निर्माण वास्तुकला के बेजोड़ नमूने थे। पाककला - भगवान श्रीकृष्ण पाक शास्त्र के भी महान पंडित थे। सम्राट युधिष्ठर के राजसूय यज्ञ के दौरान खाने-पीने का पूरा सामान उनकी देख-रेख में ही तैयार किया गया था। नेतृत्व कला - कृष्ण में नेतृत्व करने की क्षमता बेजोड थी। वे जहां भी गए नेतृत्व उनके पीछे-पीछे हो जाता था। सभी युद्घों से लेकर आम सभाओं में हमेशा सभी ने उन्हीं के नेतृत्व को स्वीकार किया था। युद्घ कला - श्रीकृष्ण की अधिकतर आयु युद्घों में ही व्यतीत हुई थी परन्तु हमेशा उन्होंने सभी में विजय प्राप्त की। वे युद्घ की सभी विधाओं का सम्पूर्ण ज्ञान रखते थे। शस्त्रास्त्र कला - योगेश्वर श्रीकृष्ण को युद्घ में प्रयोग होने वाले सभी व्यूहों की रचना, उन्हें भंग करने की कला तथा आग्नेयास्त्र, वरूणास्त्र तथा ब्रह्मास्त्र सहित सभी अस्त्र शस्त्रों का पूर्ण ज्ञान प्राप्त था। अध्यापन कला - भगवान श्रीकृष्ण एक सफल अध्यापक भी थे। युद्घ क्षेत्र में जिस प्रकार उन्होंने अर्जुन को निष्कामकर्म योग, सांख्य योग, विभूति योग, भक्ति योग, मोक्ष सन्यास योग तथा विश्वरूप दर्शन योग का पाठ पढाया, वह हमेशा अनुक्रणीय रहेगा। वैद्यक कला - श्रीकृष्ण आयूर्वेद के भी सम्पूर्ण ज्ञाता थे। कंस की फूल चुनने वाली दासी कुबड़ी के शरीर को सीधा करना तथा महाभारत युद्घ में अश्वथामा के प्रहार से मृतप्रायः हुए परीक्षित को जीवन दान देना इसके अकाट्य उदाहरण है। पूर्वबोध कला - भगवान ने तप से अपनी आत्मा को इतना पवित्र और उर्द्घव गति को प्राप्त करवा लिया था कि उन्हें किसी भी घटना का पहले से ही अनुमान हो जाता था। यदि देखा जाए तो इन कलाओं को जानने के पश्चात और कुछ जानने योग्य नही रह जाता। इसलिए श्रीकृष्ण एक सम्पूर्ण मानव थे। वैदिक विद्वान स्वामी विदेह योगी ने श्रीकृष्ण के विषय में कहा कि वे एक महामानव थे और उनकी तुलना अभी तक किसी भी महापुरूष से नही की जा सकती। पौराणिक मान्यताओं में राम और कृष्ण को छोड़ किसी भी अवतार के साथ कलाओं का जिकर नही आता है। राम सूर्यवंशी थे और संसार में 12 आदित्य माने जाते है। इसलिए राम को 12 कलाओं से युक्त माना जाता है। परन्तु श्रीकृष्ण चंद्रवंशी थे और चंद्रमा की 16 कलाएं होती हैं इसलिए उन्हें 16 कलाओं का ज्ञाता माना जाता है। स्वामी जी ने कहा कि संसार में आम व्यक्ति अपने दिमाग का 2 से अढाई फीसदी ही प्रयोग करता है परन्तु कोई वैज्ञानिक 3 से साढे तीन फीसदी दिमाग प्रयोग करता है। लेकिन श्रीराम अपने दिमाग का 12 फीसदी और श्रीकृष्ण 16 फीसदी दिमाग का प्रयोग करते थे। इसलिए उन्हें 12 व 16 कलाओं से युक्त माना जाता है। चाहे कुछ भी हो श्रीकृष्ण एक महामानव थे और उनका जन्मदिन मनाना तभी सार्थक होगा जब हम उनके किसी एक गुण का भी अनुक्रण कर सकेंगे।
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24 August 2016अमिताभ उपाध्याय सब कुछ ठीक ठाक रहा तो इस साल दिसम्बर में मध्यप्रदेश के पालपुर कूनो में गिर के बब्बर शेर दहाड़ेंगे उन्हें लाने की प्रक्रिया पर विचार विमर्श चल रहा है। इस मामले को कोंग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में उठाया था ,उसके बाद वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल दावे ने आश्वासन दिया कि जल्दी ही इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। अब सूत्रों ने बताया है कि दिसम्बर में शेरों की शिफ्टिंग का काम शुरू होगा। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री अनिल माधव दवे ने बताया कि मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले के पालनपुर कूनो में गिर के बब्बर शेरों को लाने का 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है, सिर्फ प्रक्रिया बाकी है। अब तो इस बात पर चर्चा हो रही है कि उन्हें मप्र में कैसे लाया जाए। इस मुद्दे पर हुए सवालों पर दवे ने स्पष्ट किया कि मेरा लक्ष्य है कि शेर मध्यप्रदेश लाया जाना चाहिए, श्रेय किसी को भी मिले। मैं इस पर लगातार काम कर रहा हूं। उन्होंने ये भी कहा कि अब तो सिर्फ पूंछ ही बची है। एक-दो बैठकों के बाद इसका भी समाधान हो जाएगा। मप्र में शेरों को बसाने की सभी अर्हताएं पूरी हो चुकी हैं। टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश और देश में बाघों की स्थिति पर वन राज्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि दुनिया के 60 फीसदी बाघ अपने यहां (भारत) हैं और उनकी स्थिति बहुत अच्छी है। बाघों की संख्या में भी अच्छी-खासी बढ़ोतरी हो रही है। कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल दवे के गिर के सिंहों के शीघ्र ही मप्र में आने के वक्तव्य का स्वागत करते हुए अपनी एवं मध्य प्रदेश की जनता की तरफ से केंद्रीय मंत्री दवे का आभार व्यक्त किया है। सिंधिया ने कहा कि उनकी इस गंभीर मांग को सरकार ने तत्परता से पूरा किया। उल्लेखनीय है कि सिंधिया ने पूर्व में भी कई बार गिर के सिंहों को ,पालपुर कूनो में लाने के मुद्दे को भारत सरकार के समक्ष उठाया था। अभी हाल ही में लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गत 9 अगस्त को गिर से पालपुर कुनो में सिंहों को लाने का मुद्दा उठाया था। सिंधिया ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि जिस प्रकार से वन्य जीव विशेषज्ञों ने सुझाव दिया था कि गिर से कुछ सिंहों को उनके हित में मप्र के पालपुर कुनो में शिफ्ट कर दिया जाए,अब उस सुझाव का क्रियान्वयन होने जा रहा है।
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23 August 2016पहला विश्लेषण : मध्य प्रदेश के उन दो पुलिसकर्मियों को तहेदिल से बधाई, जिन्होंने अपने मुख्यमंत्री को गोद में उठा रखा है. मुख्यमंत्री की निंदा या इस तस्वीर पर मौज लेने वाले यह न देख पाये कि उस तस्वीर में एक को छोड़ बाकी सब अपना दायित्व निभा रहे हैं, बल्कि मुख्यमंत्री को गोद में उठाने वाले दोनों ही जवान हंस रहे हैं। दोनों ने मुश्किल से अपनी हंसी रोक रखी है, मानो वे मुख्यमंत्री को गोद से उतारकर खूब हंसना चाहते हों। उनका पेट फटने वाला हो. बल्कि दोनों सिपाहियों के पीछे सफ़ारी सूट में जो जवान नज़र आ रहे हैं, वो सरकारी तंत्र का यह परफ़ेक्ट पिक्चर प्रस्तुत कर रहे हैं। जो काम कर रहा है, वह हंस रहा है। जो काम नहीं कर रहा है, वो ऐसे दम फुलाये है, जैसे वही काम कर रहा है। दूसरा विश्लेषण : अब आते हैं तस्वीर के मुख्य किरदार यानी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर. तस्वीर देखकर दो बातें नज़र आईं। पहला कि मुख्यमंत्री ज़रा भी असहज नहीं हैं, बल्कि अभ्यस्त लग रहे हैं। दूसरा, अगर पहली बार गोद में बैठे हैं तो उस लिहाज़ से भी उनका परफॉर्मेंस अच्छा है। हेलिकॉप्टर में बैठकर खिड़की से एकांत उदास धरा पर फैले जल-जीवन को देखने की तस्वीर की जगह यह तस्वीर कितनी अच्छी है। वे वहां से बाढ़ का मुआयना कर रहे हैं, जहां से बाढ़ में फंसे लोग मुआयना करने वाले हेलिकॉप्टर को आंख पर उंगलियों के छज्जे बनाकर देखा करते हैं। तीसरा विश्लेषण : पानी का स्तर सभी के घुटने से काफी नीचे दिख रहा है. जहां पर मुख्यमंत्री को गोद में उठाया गया, वहां तो पानी सामान्य है. ख़तरे के निशान से काफी नीचे। जाच होनी चाहिए कि ऐसी जगह पर गोद में उठाने का निर्देश किसने दिया या सिपाहियों ने अति उत्साह में अपने मुख्यमंत्री को गोद में उठा लिया। क्या ये सिपाही अपने मुख्यमंत्री को कम गहरे पानी से अधिक गहरे पानी की तरफ ले जा रहे थे? अगर ऐसा है तो मामला ख़तरनाक लगता है। मैं सिर्फ तस्वीर के आधार पर विश्लेषण पेश कर रहा हूं. सूचना के आधार पर नहीं। चौथा विश्लेषण : एक और तस्वीर है, जिसमें शिवराज सिंह के पांव पानी में हैं. ऐसा लगता है कि उनके पांव पड़ते ही पानी ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं. इस तस्वीर में वे गोद में नहीं हैं, मगर इस बार उनका जूता किसी की गोद में है। मुख्यमंत्री को गोद में उठाने वाले दोनों सिपाही फ्रेम से बाहर हैं, बल्कि ग़ायब हैं। राम जाने कहीं निलंबित न हो गए हों! सफ़ारी सूट वाले सुरक्षाकर्मी को जूते उठाने का मौका मिला है। सुरक्षाकर्मी ने इसलिए जूते उठाए होंगे, क्योंकि मुख्यमंत्री ने अपने दोनों हाथ से पजामे उठा रखे हैं। उनका हाथ फ्री नहीं है, वर्ना वे अपने जूते आप ही उठाते। अब एक साथ पजामा भी उठाओ और जूता भी, मेरे ख़्याल से मीडिया यह कभी नहीं समझ पाएगा। पांचवा विश्लेषण : सीएम के पीछे के सारे लोग अपने जूते में हैं। वे आराम से उसी पानी में चल रहे हैं, जिसमें सीएम के भाव से ऐसा लग रहा है जैसे वे कमर भर पानी में चले जा रहे हों। यहां तक कि जिसके कंधे पर मुख्यमंत्री के जूते का भार है, उसने भी अपने जूते नहीं उतारे हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि उस सुरक्षाकर्मी के पास कई जोड़ी जूते हैं और सीएम के पास एक जोड़ी ही। इसके अलावा मेरी नज़र मुख्यमंत्री का जूता उठाये सुरक्षाकर्मी के बगल में चल रहे एक खाकीधारी पुलिसकर्मी पर पड़ी।उसके दोनों पांव ख़ाली थे, जूता मुक्त। तब से सोच रहा हूं कि उसके जूते किसने उठा रखे होंगे!
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22 August 2016मुख्यमंत्री चौहान सतना और रीवा पहुँचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सतना और रीवा क्षेत्र में अति वृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों और पीड़ितों से मिलने के लिये शनिवार रात 10 बजे सतना पहुँचे। श्री चौहान सतना पहुँचते ही बाढ़ प्रभावितों के लिये स्नातकोत्तर महाविद्यालय में बनाये गये अस्थाई राहत शिविर पहुँचे। उन्होंने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद और उनकी देखभाल के लिये मैं आया हूँ। प्रभावितों को हरसंभव सहायता दी जायेगी। बबलू मार्टिन की याद को अक्षुण्ण बनाया जायेगा मुख्यमंत्री श्री चौहान सतना से मैहर के लिये रवाना हुए और उन्होंने बारिश के दौरान एक भवन के धराशायी होने से घायल हुए पीड़ितों से अस्पताल में मुलाकात की। श्री चौहान ने इस दुर्घटना में एक चार वर्षीय बालक मयूर गुप्ता को बचाने में अपनी जान गँवाने वाले फुटबाल और क्रिकेट के खिलाड़ी बबलू मार्टिन के परिजनों से भी मुलाकात कर उन्हें ढाँढस बँधाया। उन्होंने परिजनों को 5 लाख रूपये की सम्मान निधि देने की घोषणा की। श्री चौहान ने बबलू मार्टिन के सेवाभाव और साहस की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने मानवता के लिये जो बलिदान दिया है, उस पर प्रदेश को गर्व है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस दुर्घटना में मृत हुई सुश्री रानी गुप्ता के परिजनों से भी मुलाकात की और उन्हें सांत्वना प्रदान की। मुख्यमंत्री ने दुर्घटना में घायल ओमप्रकाश, प्रभा और शालू के स्वास्थ्य की भी जानकारी ली और कहा कि उन्हें बेहतर इलाज उपलब्ध करवाया जायेगा। कोई भी अधिकारी बाढ़ राहत का कार्य छोड़कर उनके साथ न आये मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सतना-रीवा के उनके दौरे के दौरान कोई भी अधिकारी बाढ़ राहत कार्य छोड़कर न आये। वे अपना काम करेंगे, मैं अपना काम करूँगा।
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21 August 2016मध्य प्रदेश में बारिश के कारण पिछले 24 घंटे में हुए हादसों में करीब 15 लोगों की मौत हो गई है, कई लोग नदी-नालों में बहने के कारण लापता हैंं। विंध्य में हालात बेकाबू हो गए हैं तो सागर में बारिश के कारण मकान गिरने से सात लोगों की मौत हो गई है। वहीं मैहर में हाउसिंग बोर्ड की बिल्डिंग गिर गई है, जिसमें 25 लोग दबे हुए हैं। इधर, भोपाल के बरखेड़ी क्षेत्र में एक मकान गिर गया है। बारिश के चलते राजधानी भोपाल का सागर विदिशा, बैरसिया समेत अनेक शहरों से संपर्क कट गया है। मैहर में हाउसिंग बोर्ड के तीन मंजिला बने 12 मकान गिर गए हैं। मलबे में 25 लोगों के दबे होने की खबर है। बताया जा रहा है कि बारिश के चलते बिल्डिंग की जमीन धंस गई थी जिसके चलते यह हादसा हुआ। बिल्डिंग में दरार आ गई थी, इसकी जानकारी भी प्रशासन को दी गई थी। लापरवाही: मैहर में हाउसिंग बोर्ड की बिल्डिंग गिरने के पीछे गंभीर लापरवाही सामने आई है। बताया जा रहा है कि जमीन धंसने के कारण छोटे हुए पिलर को हाउसिंग बोर्ड ने उसी के उपर चुनाई करा कर बढ़वा दिया था। बताया जा रहा है यह निर्माण इंजीनियर यशवंत दोहरे और उपयंत्री द्विवेदी के संरक्षण में हुआ था। इसमें ठेकेदारों और इंजीनियरों की मिलीभगत भी सामने आ रही है। बिल्डिंग का निर्माण 2 साल पहले हुआ था। मतदान स्थगित: वर्षा के कारण रीवा, छतरपुर, सतना, सीधी एवं पन्ना में नगरीय निकाय एवं पंचायतों के आम एवं उप निर्वाचन के लिए 22 अगस्त, 2016 को प्रस्तावित मतदान 15 दिन के लिए स्थगित कर दिए गए हैं। यातायात ठप: बुंदेलखंड और बघेलखंड का राजधानी से सड़क मार्ग का संपर्क टूट गया है। भोपाल से बसें सागर तक ही जा रही है। इसके अलावा भोपाल से विदिशा, रायसेन, बैतूल, पचमढ़ी, पिपरिया, सागर, जबलपुर, बाड़ी-बरेली, सिंरोज, व्यावरा, अशोकनगर, गुना जाने वाली बसें अपने गंतव्य तक तय समय में नहीं पहुंच रही हैं। सागर में मकान गिरा, एक ही परिवार के सात लोगों की मौत सागर के राहतगढ़ में एक मकान के गिरने से सात के मरने तथा तीन लोगों के घायल होने की खबर है। राहतगढ़ में यह घटना रात दो बजे बताई जा रही है। बारिश के चलते सागर का जबलपुर छतरपुर आदि शहरों से सम्पर्क कट गया है। बुंदेलखंड के छतरपुर, दमोह, पन्ना और कटनी में जोरदार बारिश से जनजीवन प्रभावित है। दमोह जिले के मड़ियादो-हटा,पटेरा,रनेह,छतरपुर और पन्ना जिले से संपर्क टूट गया।
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20 August 2016शिर्डी में जल्द शुरू हो रहा है प्लान दर्शन शिरडी (महाराष्ट्र). श्री साईंबाबा सनातन ट्रस्ट (एसएसएसटी) ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण शुरू करने का फैसला किया है। ट्रस्ट के इस फैसले का उद्देश्य शिरडी में साईंबाबा के दर्शन के लिए लगनी वाली लंबी-लंबी कतारों को कम करना है। इस सुविधा को "प्लान दर्शन" नाम दिया गया है। तिरुपति मंदिर में पहले से ही ऐसी व्यवस्था है। ट्रस्ट के नवनियुक्त चेयरपर्सन सुरेश हवारे ने पत्रकारों को बताया, "यह फैसला लाखों श्रद्धालुओं का समय बचाने के उद्देश्य से किया गया है। एसएसएसटी तीन महीने में "प्लान दर्शन" को शुरू कर देगा। उन्होंने कहा "हम डिजिटल मीडिया और अन्य विभिन्न बुकिंग केंद्र खोलेंगे, जहां श्रद्धालु अपना पंजीकरण करा सकेंगे। ट्रस्ट उनके दर्शन का समय निर्धारित करेगा। इस प्रक्रिया से श्रद्धालु मंदिर में लंबी-लंबी कतारों में लगने से बच सकेंगे। " हवारे ने कहा कि स्थानीय लोगों की मांग पर, ट्रस्ट "साईं बाबा नॉलेज सिटी" का निर्माण करेगा। इसमें मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग, फार्मास्युटिकल और डिग्री कॉलेज होंगे. ट्रस्ट शिरडी में पहले से ही एक जूनियर कॉलेज (11 और 12वें दर्जे तक) चला रहा है।
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20 August 2016रीवा, सतना, पन्ना और छतरपुर में सेना ने संभाला मोर्चा मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। राज्य में मानसून की सक्रियता बनी हुई है। शुक्रवार की सुबह से ही बारिश का दौर जारी है। बीते 72 घंटों में राज्य के विंध्य एवं बुंदेलखंड में भारी बारिश हुई है, जिसके चलते जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है। खजुराहो में 139 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने राज्य में तेज हवाएं चलने के साथ सामान्य से भारी बारिश की संभावना जताई है। रीवा, सतना, पन्ना और छतरपुर में भारी बारिश को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। इन जिलों की सुरक्षा और राहत कार्य के लिए सेना को तैनात किया गया है। राज्य में बारिश जारी रहने से तापमान में भी गिरावट आई है। शुक्रवार को भोपाल का न्यूनतम तापमान 22.4 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 21.4 डिग्री सेल्सियस, ग्वालियर का 24.5 डिग्री सेल्सियस और जबलपुर का न्यूनतम तापमान 23 सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं, गुरुवार को भोपाल का अधिकतम तापमान 28.3 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 30.2 डिग्री सेल्सियस, ग्वालियर का 31.1 डिग्री सेल्सियस और जबलपुर का अधिकतम तापमान 25.5 डिग्री सेल्सियस रहा। नौगांव में भारी बारिश के कारण बापू डिग्री कॉलेज का पुल बह गया है। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे तहसीलदार राकेश शुक्ला और टीआई मृगेन्द्र त्रिपाठी ने ट्रैफिक रुकवाया। आवागमन पूरी तरह से बंद है। छतरपुर जिले में भारी बारिश के कारण राजनगर तहसील क्षेत्र में बने रनगवां बांध के 12 गेट खोले गए। इसके चलते रनगवां-बमीठा-सीलोन मार्ग बंद कर दिया गया है। 72 घंटे से हो रही बारिश के चलते छतरपुर कलेक्टर डॉ मसूद अख्तर ने जिले के सभी स्कूलों में 2 दिन 19 और 20 अगस्त का अवकाश घोषित किया। Weather Update Analysis/Warning /Alert..... HEAVY TO VERY HEAVY RAINFALL WARNING/ BHAARI SE ATI BHAARI VARSHA KI CHETAVANI at few places for next 24 hours at Sagar, Damoh, Vidisha, Raisen, Bhopal, Narsingpur, Shajapur districts. HEAVY RAINFALL WARNING /BHARI VARSHA KI CHETAVANI at few places for next 24 hours over Satna, Panna, Chhattarpur, Tikamgarh, Rajgarh, Umaria, Katni, Jabalpur, Mandla, Sehore, Hoshangabad, Harda, Dewas, Indore, Ujjain, Ashoknagar, Agar and Guna districts Alert........Alert........Alert For next 24 hrs till morning/ noon of 20th August Heavy Alert: Satna, Chhattarpur, Panna, Katni, Sagar, Damoh, Vidisha and Raisen districts. Alert: Rewa, Sidhi, Tikamgarh, Bhopal, Hoshangabad, Jabalpur, Sehore, Narsingpur, Shajapur district. Forecast/ Purvanuman for next 24 hrs.....till 20th August morning/noon.... Many places (51-75% areas= Fairly wide spread) anek jagah over Sidhi, Singrauli, Rewa, Burhanpur, Badwani, Alirajpur, South of Khandwa, South of Khargone, Gwalior, Datia, Neemuch, Mandsaur districts and Chambal division. Most places(76-100% areas= wide spread)/adhikansh jagah over rest of the State.
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19 August 2016सड़कें बनाने के मामले में देश की बादशाह और पुल-पुलिया, बांध, नहर और इमारतों के क्षेत्र में निर्माण करने वाली भोपाल की दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड कंपनी का आईपीओ (सार्वजनिक निर्गम) जारी हुआ। इसके जरिए कंपनी ने 430 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था। लेकिन दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड का पहला आईपीओ 21 गुना ओवर-सब्सक्राइब हुआ है। आईपीओ को कुल मूल्य 9780 करोड़ रुपए की बोलियां मिली। यह किसी भी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी का पिछले दशक में सर्वाधिक है, जिसमें उसने शीर्ष खिलाडिय़ों को भी पीछे छोड़ दिया है। एनएसई की वेबसाइट के मुताबिक तीन अगस्त को दोपहर 12 बजे तक इश्यू 1.11 गुना सब्स्क्राइब हो चुका था। पब्लिक इश्यू के अंतिम दिन दोपहर तक 2.36 करोड़ शेयर के लिए बोलियां लग चुकी थी। इश्यू में 2.13 करोड़ शेयर ऑफर किए गए थे। इश्यू से पहले कंपनी ने एंकर इन्वेस्टर के जरिए करीब 196 करोड़ रुपए जुटाए हैं। कंपनी ने एंकर इन्वेस्टर को 89.58 लाख शेयर आवंटित किए हैं। दिलीप बिल्डकॉन के आईपीओ का प्राइस बैंड 214-219 रुपए रखा गया था। दिलीप बिल्डकॉन भोपाल की इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है। कंपनी का फोकस रोड और सिंचाई प्रोजेक्ट्स पर होता है। आईपीओ से जुटाई गए पैसे का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में होगा। दिलीप बिल्डकॉन के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर और सीईओ देवेंद्र जैन ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि कंपनी मध्यप्रदेश की है लेकिन देश को 12 राज्यों में कंपनी के प्रोजेक्ट हैं। कंपनी का फोकस रोड प्रोजेक्ट्स पर रहता है। कंपनी की 85 फीसदी परियोजनाएं रोड से ही संबंधित हैं। दिलीप बिल्डकॉन देश की अकेली ऐसी कंपनी है जिसने अपने 95 फीसदी प्रोजेक्ट निर्धारित समय से पहले पूरे किए हैं। पिछले दो साल के दौरान कंपनी इरीगेशन और अर्बन डेवलपमेंट जैसे दूसरे क्षेत्रों में भी डाइवर्सिफिकेशन किया है। पिछले साल कंपनी की आय में इरीगेशन और अर्बन डेवलपमेंट सेक्टर का योगदान करीब 15 फीसदी रहा है। कंपनी के पास करीब 11 हजार करोड़ रुपए कीमत के 8000 किलोमीटर के प्रोजेक्ट हैं। दिलीप बिल्डकॉन के इश्यू के लीड मैनेजर्स में एक्सिस कैपिटल, आईआईएफएल होल्डिंग्स, जेएम फाइनेंशियल और पीएनबी इन्वेस्टमेंट शामिल है। विदेशी और घरेलू एंकर निवेशक: स्मॉल कैप वल्र्ड फंड, अमेरिकन फंड्स इंश्योरेंस सीरीज, आबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, नोमुरा सिंगापुर, ग्रेंडूर पीक इमर्जिंग मार्केट्स, डीबी इंटरनेशनल (एशिया) लिमिटेड, एचडीएफसी ट्रस्टीज कंपनी, आईडीएफसी इंफ्रा फंड आदि। दिलीप बिल्डकॉन के संबंध में: यह एक प्रमुख ईपीसी कंपनी है। कंपनी 12 राज्यों में 16,672 करोड़ रुपए के सड़क, पुल, बांध, नहरें, जल आपूर्ति आदि के निर्माण कार्य करती है। कंपनी द्वारा प्रत्येक परियोजना के निष्पादन में 19 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत रहते हैं। इनमें से 7,000 से अधिक आधुनिक निर्माण उपकरणों का इस्तेमाल करते हैं। अद्भुत नीति और लक्ष्य तक पहुंच के कारण कंपनी 2012 में 1,190 करोड़ रुपए से 2016 में 4,315 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। रिटेल निवेशकों के लिए निर्धारित कोटा 35 प्रतिशत सब्स्क्राइब हो गया। वहीं गैर-संस्थागत निवेशकों और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स ने तीन और 37 प्रतिशत सब्स्क्राइब किया। कंपनी ने पहले तय किया था कि 650 करोड़ रुपए आईपीओ के जरिए जुटाए जाए। लेकिन चूंकि यह मामला एक साल से लंबित हो रहा था, इस वजह से कंपनी ने इश्यू साइज को घटाकर 430 करोड़ रुपए तक सीमित किया। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि दिलीप बिल्डकॉन ने सड़क निर्माण क्षेत्र को एक नई पहचान दी है। न केवल समय से पहले काम पूरे कर बोनस जुटाया, बल्कि अपना लाभ भी बढ़ाया। कंपनी अब बड़े पैमाने पर अपने कारोबार को फैलाना चाहती है। वैसे तो कंपनी ने आईपीओ के बारे में एक साल पहले ही सोचना शुरू कर दिया था, लेकिन तब बाजार का माहौल ठीक नहीं था। इंतजार का फायदा भी हुआ। नतीजा सामने है। जब आईपीओ को 21 गुना ज्यादा सब्स्क्राइब किया गया है। यह किसी भी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के लिए एक बड़ी सफलता ही है। वरना, इंफ्रा कंपनियों की माली हालत किसी से छिपी नहीं है। इसमें कंपनी के सीएमडी दिलीप सूर्यवंशी से लेकर सीईओ देवेंद्र जैन तक की मेहनत साफ झलकती है। कंपनी के ये हैं लीड मैनेजर – एक्सिस कैपिटल लिमिटेड – आईआईएफएल होल्डिंग्स लिमिटेड – जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज लिमिटेड – पीएनबी इन्वेंस्टमेंट सर्विसेस लिमिटेड अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड का दावा कंपनी के डायरेक्टर रोहन सूर्यवंशी का कहना है कि उनकी कंपनी का ट्रैक रिकार्ड बहुत अच्छा रहा है। कंपनी ने पिछले चार साल में 220 करोड़ रुपए का बोनस हासिल किया है। कंपनी 15 राज्यों में काम कर चुकी है और 12 राज्यों में इस समय काम कर रही है। दिलीप बिल्डकॉन इस समय 3 किलोमीटर सड़क हर रोज बना रही है। कंपनी का कारोबार 2012 में 1192 करोड़ रुपए था, जो चार साल में 2016 में बढ़कर 4339 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। दिलीप बिल्डकॉन ने शीर्ष खिलाडिय़ों को पीछे छोड़ा दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड का पहला आईपीओ 21 गुना ओवर-सब्सक्राइब हुआ है। आईपीओ को कुल मूल्य 9780 करोड़ रुपए की बोलियां मिली। यह किसी भी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी का पिछले दशक में सर्वाधिक है, जिसमें उसने शीर्ष खिलाडिय़ों को भी पीछे छोड़ दिया है। इस मौके पर दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड के सीएमडी दिलीप सूर्यवंशी ने कहा, हमें हमारे आईपीओ में जो रिस्पॉन्स मिला है उससे हम भी आश्चर्यचकित हैं। हम निवेशकों को भी धन्यवाद देना चाहेंगे, जिन्होंने हमारे व्यवसाय मॉडल पर विश्वास दिखाया और हमें विश्वास है कि आने वाले वक्त में हम सब हमारे सभी शेयरधारकों के लिए मूल्य प्रदान कर पाएंगे।[बिच्छू से ]
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17 August 2016मुख्यमंत्री चौहान ने स्वाधीनता पर्व में किया आव्हान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गरीबी और बेरोजगारी से आजादी के लिए सरकार और जनता के एकजुट प्रयासों का आव्हान किया है। उन्होंने कहा है कि सब लोग अपने नागरिक कर्त्तव्यों का ईमानदारी से पालन करें। देश-प्रदेश के विकास में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दें। श्री चौहान स्वाधीनता पर्व को संबोधित कर रहे थे। स्वतंत्रता दिवस की शाम सोमवार को रवीन्द्र भवन में कार्यक्रम का आयोजन स्वराज संचालनालय संस्कृति विभाग द्वारा किया गया था। स्थल पर 'याद करों कुर्बानी' शीर्षक चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई थी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वालों की जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल करवाई जायेगी। उन्होंने कहा कि देश को आजादी चाँदी की तश्तरी में नहीं मिली है। आजादी के लिए भड़की विभिन्न ज्वालाओं और वीर सेनानियों, अमर शहीदों और क्रांतिकारियों के त्याग और बलिदान का परिणाम है। 'याद करो कुर्बानी' ऐसे वीरों के स्मरण और उनके नमन का अवसर है। उन्होंने कहा कि शहीदों की स्मृति को चिरस्थाई बनाने के लिए स्मारकों का निर्माण करवाया गया है। आजादी के बाद सीमाओं की रक्षा में वीरगति को प्राप्त 30 हजार से अधिक अमर जवानों की स्मृति में भोपाल में शौर्य स्मारक बन कर तैयार है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के आजादी के जज्बे की तरह देश के लिए जीना सीखना होगा। जीवन जीने की इस कला की प्रेरणा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से प्राप्त करें। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश तेजी से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। गरीबी दूर करने के लिए रोजगार के नये अवसरों का सृजन किया जा रहा है। रोजगार केबिनेट बनाई जा रही है। शिक्षा के लिए जरूरी सभी सुविधाएँ देने के साथ ही प्रतिभाशाली बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षण संस्थाओं में चयनित होने पर फीस राज्य सरकार द्वारा देने की योजना बनाई गई है। कक्षा 12वीं परीक्षा में 85 % अंक वाले पाने 18 हजार बच्चों को आगामी दिनों में लैपटॉप और महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं को स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। संस्कृति राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा ने कहा कि स्वाधीनता पर्व देश के वीर सपूतों के स्मरण का अवसर है। नई पीढ़ी को देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वालों का स्मरण करवाने के लिए 9 से 23 अगस्त तक 'याद करो कुर्बानी' अभियान चलाया जा रहा है। तिरंगा यात्राएँ निकाली जाएगी। पदमभूषण गायक उदित नारायण ने कहा कि मध्यप्रदेश अत्यंत सुन्दर प्रदेश है। मुख्यमंत्री श्री चौहान उसे निरंतर बेहतर से बेहतर बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का विश्व में सम्मान बढ़ा है। आभार प्रदर्शन आयुक्त संस्कृति राजेश प्रसाद मिश्रा ने किया। प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्री उदित नारायण का शॉल, श्रीफल और पुष्प-गुच्छ भेंट कर स्वागत-सम्मान किया। सुहासिनी जोशी ने राष्ट्र गीत और मध्यप्रदेश गान का गायन किया। संचालन सौंदर्या गर्ग और विनय उपाध्याय ने किया। उदित नारायण ने अपने फिल्मी गीतों की प्रस्तुति दी।
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16 August 2016स्वतंत्रता दिवस पर बोले शिवराज सिंह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता दिवस पर राज्य के मुख्य कार्यक्रम में आयोजित ध्वजारोहण समारोह में राज्य के सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान की घोषणा की। रोजगार की संभावनाओं को तलाशने के लिए रोजगार कैबिनेट का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पुलिस, जेल, नगर सेना के अधिकारियों व कर्मचारियों को विभिन्न राष्ट्रपति पदकों से सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री ने लालपरेड मैदान स्थित मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में ध्वजा रोहण कर प्रदेश की जनता को संबोधित किया। आसमान में तीन रंगों के गुब्बारों को छोड़ा। उन्होंने कहा कि रोजगार की संभावनाओं को तलाशने के लिए रोजगार कैबिनेट गठन के साथ ही इसके लिए अभियान भी चलाया जाएगा। दैनिक वेतन भोगियों को स्थायी कर्मियों की तरह किया जाएगा और उन्हें नियमित कर्मचारियों की तरह वेतन-भत्ते, अनुकंपा नियुक्ति आदि मिलने लगे, यह किया जा रहा है। योग्य दैनिक वेतन भोगियों को दूसरे विभागों में समायोजित करने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों को जहां सातवें वेतनमान की सौगात दी वहीं अध्यापक संवर्ग के कर्मचारियों को छठवें वेतनमान देने का भी ऐलान किया। कार्यभारित कर्मचारियों को उनकी मृत्यु के बाद आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति देने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों खरीदी गई प्याज के भंडार को अब गरीबों में मुफ्त में बंटने की भी स्वतंत्रता दिवस समारोह कार्यक्रम में ऐलान किया।
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15 August 2016कहा दोषियों पर करेंगे कठोर कार्रवाई कर्रामाड़ की गौशाला में चार और गायों की मौत के बाद छत्तीसगढ़ के कृषि और पशुधन विकास मंत्री ने बृजमोहन अग्रवाल ने कांकेर जिले के ग्राम कर्रामाड़ की गौ-शाला में पशुओं की मौत के मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने संचालक पशु चिकित्सा सेवायें, कलेक्टर कांकेर तथा सचिव एवं पंजीयक राज्य गौ सेवा आयोग तथा जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों से चर्चा की। इसके साथ ही उन्होंने राजधानी रायपुर से संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं एवं सचिव गौ सेवा आयोग के साथ अन्य अधिकारियों की एक टीम भेजकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली तथा मामले की जांच प्रतिवेदन तत्काल प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। श्री अग्रवाल ने कहा है कि गौशाला में पशुधन की मौत के मामले में लापरवाही पाए जाने पर संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने कांकेर जिले के दुर्गकोन्दल विकासखण्ड के कामधेनु गौ सेवा संस्थान (गौशाला) कर्रामाड़ में पशुओं की मौत के संबंध में वस्तुस्थिति स्पष्ट करते हुए बताया है कि एक अगस्त से 10 अगस्त के बीच इस गौशाला के 15 पशुओं की मौत हुई है। उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें जिला कांकेर से प्राप्त प्रतिवेदन के अनुसार उन्होंने 11 अगस्त को जिला प्रशासन कांकेर के अधिकारियों के साथ गौशाला का निरीक्षण किया, निरीक्षण के दौरान वहां पर 119 गाय, 157 बैल तथा 6 भैंस इस तरह कुल 282 पशुधन पाए गए। प्रतिवेदन के अनुसार गौशाला में 1 अगस्त से 10 अगस्त 2016 के बीच कुल 15 पशुओं की मौत हुई है। निरीक्षण में 2 पशुओं के गंभीर रूप से बीमार होने की जानकारी मिली है। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा गौशाला में समय-समय पर टीकाकरण का कार्य किया गया। 6 जनवरी 2016 को गौशाला के पशुओं को एफएमडी टीके लगाये गए । इसी प्रकार 7 जुलाई 2016 को कैम्प लगाकर गौशाला के पशुओं को एचएस एवं बीक्यू के टीके लगाये गए। उक्त गौशाला का दुर्ग कोन्दल के पशु चिकित्सा प्रभारी और तहसीलदार द्वारा निरीक्षण कर प्रतिवेदन भेजा गया है। पशुपालन मंत्री के निर्देश पर उप संचालक पशु चिकित्सा सेवायें कांकेर द्वारा कल 12 अगस्त को ही गौशाला के प्रबंधक एवं अध्यक्ष को नोटिस जारी कर 2 दिन में जवाब देने कहा गया है। श्री अग्रवाल ने इसी संबंध में पशुपालन विभाग के अधिकारियों को छत्तीसगढ़ की सभी गौशालाओं का हर 7 दिन में निरीक्षण करने तथा गौशालाओं में चारे और साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पशु चिकित्सा विभाग के पशु चिकित्सको को हर 7 दिन में गौशालाओं के पशुधन के स्वास्थ्य की नियमित जांच करने तथा जरूरी इलाज की सुविधायें मुहैय्या कराने के निर्देश भी दिए हैं। श्री अग्रवाल के निर्देश पर 13 अगस्त की देर रात तक संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, सचिव गौ सेवा आयोग सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के दल ने कामधेनू गौ सेवा संस्थान (गौशाला) कर्रामाड़ में रहकर निरीक्षण किया।
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14 August 2016छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस का बड़ा खुलासा छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने सरकार पर उठाये सवाल । इतनी बड़ी घटना है गाय को माता मानने वालो को डॉ रमन सिंह सरकार ने शर्मसार कर दिया है। नैतिक रूप से अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करना चाहिए । बीजेपी शासित राज्यो में ऐसी घटना हो रही है अब इनको धर्म निष्ट कहलाने का अधिकार नही है । गौ रक्षा के नाम मारपीट और हत्या कर देते है गाय की तस्करी हो रही है कोई रोकने वाला नही है यंहा 150 -150 गाय मर रही है । जोगी ने कहा घटना की उच्च स्तरीय जाँच हो और सम्बंधित लोगो को दण्डित किया जाए । जोगी ने बताया कि जांच दल को मिले पुख्ता साक्ष्य। 200 से ज्यादा गायों के हत्या के दोषी गौसेवा केंद्र को सरकार ने अनुदान के रूप में दी 50 लाख की भारी रकम। छजकां का दावा- तीन दिन पूर्व गौसेवा आयोग क्रियान्वयन समिति की समीखा बैठक में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को मामले की जानकारी होते हुए भी उन्होंने इससे मुंह मोड़ा । साक्ष्यों के आधार पर कांकेर की घटना को गौवध करार देते हुए छजकां ने छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम एवं पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पशुपालन मंत्री, दोषी विभागीय अधिकारियों सहित गौसेवा आयोग के सदस्यों एवं कामधेनु गौसेवा केंद्र के प्रबंधक के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की। "गौशालाओं" की आड़ में सरकार, भाजपा और संघ के पदाधिकारियों तथा उनके परिवार के सदस्यों को दे रही करोड़ों रुपये। गौसेवा के नाम पर करोड़ों के शासकीय अनुदान को डकारने का बड़ा खेल। छजकां ने गौसेवा केंद्र की गायों पर जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की मांग की ताकि उन्हें तस्करी और हत्या से बचाया जा सके। जोगी ने सरकार में आते ही इस सम्बंध में त्वरित निर्णय लेने का वादा किया। 13 अगस्त, 2016: कांकेर जिले के दुर्गुकोंदुल क्षेत्र के अंतर्गत कर्रामाड़ के कामधेनु गौसेवा केंद्र में 150 से ज्यादा गायों के भूख़-प्यास से मरने की घटना की जांच करने छजकां अध्यक्ष अजीत जोगी द्वारा कल बनाये गए छः सदस्यीय जांच दल ने आज अपनी रिपोर्ट सौंपी। कांकेर के कर्रामाड़ गए जांच दल के सदस्यों संजीव अग्रवाल, सूर्यकांत तिवारी, बलदाऊ मिश्रा, सुनील कुकरेजा, अमर गिडवानी एवं शंकर चक्रवर्ती ने देर रात लौटकर आज एक प्रेस वार्ता कर जांच के दौरान सामने आये अहम् तथ्यों को उजागर किया। छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग को छत्तीसगढ़ गौमेवा आयोग करार देते हुए छजकां अध्यक्ष अजीत जोगी ने कहा कि गायों की सेवा करने की जगह उनकी सेवा के नाम पर पैसे खाने का धंधा चल रहा है आयोग में। छजकां अध्यक्ष श्री जोगी ने कहा कि कांकेर के कर्रामाड़ की दर्दनाक घटना ने छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु समस्त देशवासियों को शर्मसार किया है। कामधेनु गौसेवा केंद्र में हुई 200 से अधिक गायों की मौत सीधे सीधे गौहत्या है। जांच करने गए छजकां के दल ने बैंक पासबुक की प्रति दिखाते हुए बताया कि कर्रामाड़ स्थित कामधेनु गौसेवा केंद्र को विगत दो वर्षों में सरकार ने लगभग 50 लाख की भारी रकम शासकीय अनुदान के रूप में दी है । लेकिन गौवंशी पशुओं के चारे एवं उनकी देखभाल के लिए मिले करोड़ों के इस अनुदान का गौसेवा केंद्र के भाजपा और संघ संरक्षित संचालकों एवं प्रबंधकों ने निजी उपयोग किया। अनुदान की सारी राशि स्वयं डकार गए और गायों को भूखे मरने के लिए छोड़ दिया। ग्रामीणों से बातचीत का वीडियो दिखाते हुए छजकां के जांच दल ने बताया कि स्थानीय लोग कई महीनों से गौसेवा केंद्र के संचालकों की शिकायत प्रशासन से कर रहे थे लेकिन प्रशासन ने शासन के दबाव में कोई कार्यवाही नहीं की और गौसेवा केंद्र के विरुद्ध शिकायतों को अनसुना कर दिया। ग्रामीणों ने छजकां के जांच दल को बताया कि कामधेनु गौसेवा केंद्र के संचालक, गायों को चारा देने के बजाय उन्हें जंगल में ही छोड़ देते थे। लेकिन भारी वर्षा और बाढ़ के कारण पशु पिछले कई दिनों से जंगल नहीं जा पाए और भूख़ से तड़प तड़प कर मारे गए। इसके अलावा जांच दल को जांच के दौरान भारी अनियमताएं मिली। विगत तीन वर्षों से गौसेवा केंद्र का नियमानुसार ऑडिट नहीं हुआ है। इस वर्ष अप्रैल से अब तक मरने वाले किसी भी पशु का पोस्टमॉर्टम नहीं किया गया। रिकॉर्ड के मुताबिक़ इस वर्ष अप्रैल में 356 गौवंशी पशु होने का दावा गौसेवा केंद्र ने किया जबकि छजकां के जांच दल को कल मौके पर केवल 137 गौवंशी पशु ही मिले। यानि पिछले तीन महीने में 219 से ज्यादा गायें मारी गयी। जो गायें बची हैं उसमे अधिकाँश बीमार हैं। छजकां के जांच दल ने बताया कि जिस निर्दयता से जंगल में गायों को कचरे की तरह फेंक गया वो गाय को माता मनाने वाले सभी लोगों की आस्था का अपमान है। गौरक्षक होने का दंभ भरने वाले भाजपा और संघ के पदाधिकारी एवं उनके परिवार के सदस्य "गौशाला" की आड़ में सरकारी धन को लूट रहे हैं। गौरक्षा का मुखौटा पहन कर गुजरात एवं देश के अन्य राज्यों में दलितों पर अत्याचार करने वाले, राजस्थान में 500 से ज्यादा गायों को मरने छोड़ने वाले ही दरअसल गौवध के असली दोषी हैं। छत्तीसगढ़ में "गौशालाओं" की आड़ में सरकार, भाजपा और संघ के पदाधिकारियों तथा उनके परिवार के सदस्यों को दे रही है करोड़ों रुपये। पिछले दो वर्षों में सरकार ने 14 करोड़ का अधिकांश अनुदान भाजपा एवं संघ संरक्षित गौसेवा केंद्रों को दिया। करोड़ों के शासकीय अनुदान को डकारने का बड़ा खेल शासन प्रशासन एवं संचालकों की मिलीभगत से खेला जा रहा है । छजकां ने दावा किया कि तीन दिन पूर्व गौसेवा आयोग क्रियान्वयन समिति की समीखा बैठक में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को इस पूरे मामले की जानकारी थी लेकिन उन्होंने इस पूरे मामले को दबाने का प्रयास किया। छजकां ने इस बैठक की पूरी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग की है। साक्ष्यों के आधार पर कांकेर की घटना को गौवध करार देते हुए छजकां ने छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम एवं पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पशुपालन मंत्री, दोषी विभागीय अधिकारियों सहित गौसेवा आयोग के सदस्यों एवं गौसेवा केंद्र के संचालक के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की।छजकां ने गौसेवा केंद्र की गायों पर जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाने की मांग की ताकि उन्हें तस्करी और हत्या से बचाया जा सके। इस संबंध में श्री जोगी ने जनता से वादा किया कि सरकार में आते ही इस संबंध में त्वरित निर्णय लिया जाएगा।
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13 August 2016महिला कर्मचारी रिश्वत लेते पकड़ी गई मध्यप्रदेश में कवि माणिक वर्मा की पंक्तियाँ सौ आना सच साबित होती हैं कि ''क्या अफसर क्या बाबू -फेंको नोट करो काबू। '' लोकायुक्त पुलिस के लिए घूसखोर पकड़ना बहुत ही आसान काम हो गया है। एक घूसखोर मंदसौर में तो एक रिश्वतखोर महिला झाबुआ में पकड़ी गई। झाबुआ में लोकायुक्त की टीम ने एक महिला कर्मचारी को 5 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। पकड़ी गई महिला कर्मचारी का नाम तारा सिंगाडि़या है जो एकीकृत बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी कार्यालय में सहायक ग्रेड तीन के पद पर थी। तारा सिंगाड़िया ने गेहलर बड़ी गांव की आंगनवाड़ी सहायिका पूना भाबोर से 10 हजार की रिश्वत की मांग थी। जिसके बाद पूना के बेटे साधू भाबोर ने लोकायुक्त में शिकायत की। जिसके बाद आज लोकायुक्त टीम ने तारा सिंगाड़िया के घर पर ही उसे 5 हजार की रिश्वत लेते हुए रंग हाथ पकड़ा। पांच हजार रूपए राखी के बाद देने की बात तय हुई थी । दरअसल पूना भाबोर की उम्र 59 वर्ष है। लेकिन सेवा समाप्ति के एक वर्ष पहले ही आंगनवाड़ी सहायिका को नौकरी से निकालने का डर दिखाकर उससे पैसों की मांग तारा कर रही थी ।
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12 August 2016जिला मंत्री के व्हाट्सएप पर किए कमेंट से मचा बवाल शिवपुरी भाजपा में जिला मंत्री और यशोधरा समर्थक कपिल जैन द्वारा उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया के खिलाफ एक व्हाट्सएप ग्रुप पर अशब्दों भरा कमेंट किए जाने से पार्टी में नया विवाद खड़ा हो गया है। सिंधिया जनसंपर्क कार्यालय नाम के इस व्हाट्सएप ग्रुप पर जिला मंत्री कपिल जैन ने उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर अपशब्दों का प्रयोग किया है। जो पार्टी लाइन के खिलाफ बताया जा रहा है। इस व्हाट्सएप कमेंट ने पवैया का ऐसे शब्दों से नवाजा है जिसका मीडिया में जिक्र तक नहीं किया जा सकता। भाजपा की सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ पार्टी के एक कार्यकर्ता द्वारा इस तरह से कमेेंट किए जाने से बवाल मच गया है और अब जिला मंत्री कपिल जैन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग उठ रही है। बताया जाता है कि बीते दिनों उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया जब पूर्व विधायक देवेंद्र जैन पत्ते वालों के निवास पर आए थे तो यहां पूर्व विधायक देवेंद्र जैन ने सांमतवाद के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली थी। इस खबर के बाद उच्च शिक्षा मंत्री श्री पवैया का दौरा चर्चा मेेंं आ गया था। इस दौरे के बाद सिंधिया जनसंपर्क कार्यालय के नाम से चलाए जाने वाले एक व्हाट्सएप ग्रुप में भाजपा के जिला मंत्री और यशोधरा समर्थक कपिल जैन ने जमकर भड़ास निकालते हुए कई आपित्तजनक पोस्ट किए। इन व्हाट्सएप कमेंट को पार्टी लाइन के खिलाफ बताया जा रहा है। बैठक में उठा मुद्दा तो डाला माफीनामा स्वतंत्रता संग्राम की 70 वीं वर्षगांठ के मौके पर होने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा को लेकर बुधवार को भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों की एक बैठक थी इस बैठक में जिलाध्यक्ष सुशील रघवुंशी सहित भाजपा के संभागीय संगठन मंत्री प्रदीप जोशी के सामने कुछ पार्टी पदाधिकारियों ने व्हाट्सएप पर किए गए जिला मंत्री के कमेेंट को बताया। इसके बाद जिलाध्यक्ष ने कपिल जैन से बात कर पूरे मामले में सफाई मांगी। सूत्रों ने बताया है कि जिलाध्यक्ष की खिंचाई के बाद आनन-फानन में जिला मंत्री ने व्हाट्सएप पर एक दूसरा कमेंट डालते हुए माफी भी मांग ली। हालांकि भाजपा में पवैया समर्थक एक धड़ा अब जिला मंत्री के इस कृत्य पर पार्टी की गाइडलाइन को ताक पर रखने और अनुशासनहीनता करने पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है। पार्टी की गुटबाजी सामने आई शिवपुरी में भाजपा पहले से ही कई गुटों मेंं बटी है। हाल ही में ग्वालियर से भाजपा विधायक जयभान सिंह पवैया को उच्च शिक्षा मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री रूस्तम सिंह को शिवपुरी का प्रभारी मंत्री बनाए जाने के बाद एकाएक पार्टी में गुटबाजी की यह लकीरें ज्यादा ही देखने को मिलने लगी हैं। इसके अलावा कांग्रेस के नगर पालिका अध्यक्ष के जेल जाने वाले एपीसोड में भाजपा के कुछ पार्षद और नगर मंडल के पदाधिकारियों का नपाध्यक्ष से मिलने के मामले में नगर मंडल अध्यक्ष भानु दुबे द्वारा पार्टी के कुछ नेताओं को कारण बताओ नोटिस दिए जाने से भी भाजपा की आपसी गुटबाजी सामने आई थी। अनुशासन की बात करने वाली भाजपा शिवपुरी में दो फाड़ नजर आती है। अपनी ही पार्टी के नेताओं को आईना दिखाई के इस खेल में शिवपुरी के भाजपाइयों द्बारा अपनी ही सरकार के मंत्रियो पर जमकर निशाना साधा जाकर उन्हें भी नीचा दिखाने की कोशिश की जा रही है,पिछले दिनों ऐसे ही मामले सामने आये है जिनमे हरिहर शर्मा से लेकर कपिल जैन तक ने प्रदेश सरकार में केबिनेट मंत्रियों पर तीखी टिपण्णी की है। पिछले दिनों भाजपा नेता हरिहर शर्मा ने प्रदेश के ग्रह मंत्री भूपेंद्र सिंह को फेसबुक पर चिरकूट लिख कर राजनैतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी थी तो अब पार्टी के जिलामंत्री कपिल जैन ने व्हाट्स एप पर उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट डाल कर पार्टी की अंदर की तथा कथा बाहर ला दी। इससे पूर्व रामनिवास शर्मा ने खेल मंत्री पर टिप्पणी कर सनसनी फैला दी थी। ताजा मामला बेहद गंभीर है,हाल ही जिला मंत्री बनाये गए कपिल जैन ने तो पूरी मर्यादा ताक पर रख मंत्री पवैया को बकवास करने वाला और उनके स्वागत में लगे पार्टी कार्यकर्ताओं को भोकने वाला कुत्ता तक करार दे दिया ।यही नही पवैया का पोस्टमॉर्टम तक करने की बात कपिल ने कही है। बताया जाता है की जिस सिंधिया जन्सम्पर्क ग्रुप में कपिल जैन ने ये पोस्ट डाली है उस ग्रुप के एडमिन राजेंद्र शिवहरे बताये जाते है और इस ग्रुप में कई बीजेपी नेता भी जुड़े है।
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11 August 2016मोदी के बयान से पीड़ित महिलाओं का हौंसला बढ़ा मध्यप्रदेश के मंदसौर में कथित गौरक्षकों और हिंदूवादी संगठनों की पिटाई का शिकार हुई महिलाओं ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान ने उनका हौंसला बढ़ाया है। भोपाल में मीडिया से बातचीत में इन महिलाओं ने कहा गौरक्षक गुंडागर्दी करते है । हम लोग 26 जुलाई की घटना के बाद से आज भी दहशत में जी रहे है । रोजाना बजरंग दल और गो रक्षा वाले आ कर हमे धमकाते है । मन्दसौर में हिन्दू संगठनो के हमले में घायल हुई शमीम और सलमा का कहना ही पीएम मोदी ने गौरक्षकों के बारे में सच कहा है वो गुंडे है । दोनों महिलाओ की पिटाई गो मॉस की तस्करी के शक में मन्दसौर रेलवे स्टेशन पर की गई थी । शमीम ने बताया की छोटे ( बकरे ) का मॉस महंगा आता है इसलिए हम लोग बड़े ( पाडे ) का मॉस खाते हैं । उन्होंने बताया हमारे इलाके में हजारो लोग बड़े का मॉस खाते हैं । शमीम और सलमा का कहना है की पीएम के बयान के कारण हम लोग भोपाल आये है । पीएम ने हमारी हिम्मत बढ़ाई है । शमीम और सलमा ने मध्यप्रदेश मानव अधीकार आयोग और राज्य महिला आयोग में शिकायत की है । उन्होंने कहा की वे राज्यपाल से भी मिलेंगी । दोनों ने ही पीएम के गौरक्षकों पर दीये बयान पर कहा की वो सही कह रहे हैं ।
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10 August 2016मध्यप्रदेश में सब पढ़े, सब बढे का नारा बुलंद करने वाली सरकार की हालत नौनिहालों को शिक्षा देने के मामले में बेहद दयनीय है। प्रदेश में इस समय करीब अठारह हजार स्कूल ऐसे हैं जहां सिर्फ एक ही शिक्षक पूरा स्कूल चला रहा है। बच्चों को पढ़ाने से लेकर वह मध्यान्ह भोजन तक की व्यवस्था कर रहा है। संसद में केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा द्वारा स्कूलों को लेकर पेश की गई रिपोर्ट यह खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में करीब 1,05,630 प्राथमिक और माध्यमिक सरकारी स्कूल ऐसे हैं जहां केवल एक टीचर ही स्कूल चला रहा है। इस मामले में सबसे खराब स्थिति मध्य प्रदेश की है जहां ऐसे स्कूलों की संख्या 17,874 है। यह सरकारी आंकड़े हैं असल स्थिति इस से भी बदतर हो सकती है। एक शिक्षक के भरोसे चलने वाले स्कूलों में मध्यप्रदेश देश में नंबर एक पर है। प्रदेश में इस समय करीब पचास हजार से अधिक शिक्षकों की कमी है। सरकार संविदा के आधार पर शिक्षकों की भर्ती कर इस कमी को पूरा करने का प्रयास करती रही है पर पिछले चार सालों से यह भर्ती भी नहीं हुई है। व्यापमं के जरिए होने वाली संविदा शिक्षक परीक्षा की भर्ती में गडबड़ियों का खुलासा होने के बाद भर्ती प्रक्रिया पर बे्रक लगा हुआ है। सरकार इस साल दिसम्बर में भर्ती की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि शिक्षा के अधिकार की गाइडलाइन्स के अनुसार सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में 30 से 35 बच्चों के लिए एक शिक्षक होगा। जबकि संसद में पेश रिपोर्ट में मध्यप्रदेश के बाद उत्तरप्रदेश दूसरे नंबर पर है। स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी ने कहा यह सही है कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है पर हम इसे जल्द भरने का प्रयास कर रहे हैं। हम जल्द ही प्रोफेनशल एक्जामिनेशन बोर्ड के जरिए 45 हजार शिक्षकों की भर्ती करने जा रहे हैं। इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। जिन स्कूलों में स्थाई शिक्षक नहीं है वहां अतिथि शिक्षकों की भर्ती कर व्यवस्था बनाई जा रही है।
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9 August 2016बढ़ सकती हैं स्कूली शिक्षा मंत्री की मुसीबतें अमिताभ उपाध्याय मध्यप्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री विजय शाह की मुसीबतें बढ़ने वाली हैं। एक तो शाह की कुछ हरकतें आरएसएस को नागवार गुजारी हैं वहीँ सरकारी विज्ञापन में खुद का फोटो नहीं आने और मुख्यमंत्री का फोटो आने से झल्लाये विजय शाह को सरकार ने सुप्रिम कोर्ट का फैसला भेज कर आईना दिखा दिया है। शाह के साथ सभी मंत्रियों और सचिवों को प्रमुख सचिव जनसंपर्क ने पत्र भेज कर साफ़ किया है कि सरकारी विज्ञापन में मुख्यमंत्री या मंत्री में से किसी एक का ही फोटो प्रकाशित हो सकता है । अब यह विजय शाह को तय करना है कि वे बड़े नेता हैं या मुख्यमंत्री शिवराज सिंह। पिछले दोनों स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह ने जमकर मिशनरी स्कूलों की तारीफ़ की और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की। विजय शाह की इस हरकत को rss ने बहुत गंभीरता से लिया है। शिक्षामंत्री विजय शाह अब आरएसएस के निशाने पर आ गए हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ विजय शाह के बयानों और घोषणाओं से कतई खुश नहीं है। विजय शाह मिशनरी शिक्षा व्यवस्था का समर्थन करते दिखाई दे रहे हैं जबकि संघ की विचारधारा एवं शिक्षा पद्धति विद्या भारती की ओर से आती है। rss में शिक्षा का काम देखने वाली संस्था विद्या भारती ने मंत्री के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाते हुए उनका विभाग बदलने की सलाह संगठन के बड़े नेताओं को दे दी है। स्कूल शिक्षा मंत्री बनने के बाद विजय शाह नित नई घोषणाएं कर रहे हैं। स्कूल शिक्षा को लेकर उनकी सोच संघ की संस्था विद्या भारती से मेल नहीं खाती है। विद्या भारती से जुड़े सूत्रों का कहना है मंत्री जी का रवैया उनकी सोच को दर्शाता है और उनकी सोच संघ विचार से मेल नहीं रखती है। इसलिए संगठन को बता दिया गया है। मध्यप्रदेश सरकार में ऐसा शिक्षा मंत्री रहा तो शिक्षा व्यवस्था का भट्टा बैठना तय है। विद्या भारती का सबसे पहला विरोध मंत्री शाह ने स्कूल शिक्ष विभाग की कमान मिलने के बाद की गई उस घोषणा से है जिसमे शाह ने शिक्षकों को एप्रेन पहनाने और हर शिक्षक को नाम की पट्टिका लगाने की बात कही थी । शिक्षक ही उनकी इस घोषणा के विरोध में उतर आए है। इसके अलावा शाह की प्रदेश में पांच हजार नर्सरी स्कूल खोलने की घोषणा भी संघ को नहीं पच रही है। संघ शिक्षा को लेकर जो एजेन्डा चला रहा है उसमें वह पांच साल का होने पर ही बच्चे को स्कूल भेजने की सलाह दे रहा है। संघ का कहना है कि अगर नर्सरी स्कूल खोले जाते हैं तो फिर सरकार द्वारा संचालित की जा रही लाखों आंगनबाड़ी केन्द्रों का क्या होगा। विजय शाह संघ की नाराजगी दूर कर पाते उससे पहले एक सरकारी विज्ञापन प्रकाशित हुआ जिसमे मुख्यमंत्री का चित्र तो था लेकिन विजय शाह का नहीं ,इस मसले पर विजय शाह ने विभाग के पीएस एस आर मोहंती को अपनी नाराजगी दर्ज करवाई। मोहंती मामले को ऊपर तक ले गए तो उन्हें भी मुँह की खानी पड़ी। विजय शाह के नाराजगी के बाद जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव एस के मिश्रा ने सभी सचिवों को एक पत्र के साथ सरकारी विज्ञापन में किसके चित्र प्रकाशित होंगे इस बारे में सुप्रिम कोर्ट के फैसले की प्रति भेजी है। जिसमे सुप्रीम कोर्ट के साफ़ निर्देश हैं कि राज्य सरकार के विज्ञापन में या तो मुख्यमंत्री या फिर सम्बंधित मंत्री में से किसी एक का ही चित्र लगाया जा सकता है। इस घटनाक्रम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी शाह से नाराज बताये जा रहे हैं। अब ये विजय शाह को तय करना पडेगा कि वे ज्यादा बड़े नेता हैं या शिवराज सिंह ?
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8 August 2016शिवराज ने बाँधवगढ़ के दो दर्जन से अधिक ग्राम में किया जन-दर्शन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिपरिया से लेकर नौरोजाबाद तक 25 ग्राम में जन-दर्शन किया। इस दौरान जगह-जगह उमड़े जन-सैलाब को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश मंदिर है, जनता भगवान है और उसका पुजारी शिवराज सिंह चौहान है। उन्होंने कहा कि हर भूमिहीन को भूमि का मालिकाना हक, रहने के लिये मकान, नि:शुल्क शिक्षा, बेरोजगारों को रोजगार, महिलाओं को सशक्त बनाने, सड़क, बिजली, पेयजल, सिंचाई, स्वास्थ्य शिक्षा सबको सुलभ हो, इस दिशा में सरकार कृत-संकल्पित है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पिपरिया, करकेली, मुण्डा, धनवार, मझगवाँ, भुण्डी, कौडिया-63, जरहा, नरवार 29, घुलघुली, गहिराटोला, करौंदी, कोलौनी, ठूठाकुदरी, अमलेश्वर धाम, सिंहपुर, रहठा, कनेरी, करनपुरा, कोहका 82, डगडौआ, महुरा, पिनौरा सहित नौरोजाबाद नगर में जन-दर्शन किया, जहाँ उमड़े जन-सैलाब ने मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत करते हुए गाँव की समस्याओं से अवगत करवाया। ग्रामीणों की माँग पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ढेर सारी सौगात दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जन-दर्शन के दौरान सभी ग्राम में गरीब भमिहीन परिवारों को पट्टा वितरण किया। मुख्यमंत्री द्वारा की गयी घोषणाएँ चौहान ने जन-दर्शन के बाद करकेली जनपद पंचायत के नवीन भवन, खेल मैदान, विद्युत सब-स्टेशन, उजान प्राथमिक से माध्यमिक शाला का उन्नयन, माध्यमिक शाला भवन करकेली के नये भवन तथा करकेली को तहसील बनाने की घोषणा की। श्री चौहान ने सिलौडी में शिव तालाब का गहरीकरण, उप स्वास्थ्य केन्द्र खोलने, कारीमाटी में आँगनवाड़ी भवन, कौडिया में आँगनवाड़ी एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र भवन, पर्याप्त छात्र होने की स्थिति में हाई स्कूल खोलने, जरहा में महाराणा प्रताप की मूर्ति के पास बाउण्ड्री-वॉल निर्माण, सिद्ध बाबा मंदिर में सीढ़ी बनाने, ट्रांसफार्मर लगाकर विद्युत पहुँचाने, पंचायत भवन बनाने, गोपालपुर प्राथमिक शाला का माध्यमिक शाला में उन्नयन, नरवार सकरवार में पुलिया निर्माण, घुलघुली में ओपन माइंस नहीं खोलने, गहिराटोला एवं करोदी में प्राथमिक का माध्यमिक शाला में उन्नयन करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रम में कॉलोनी में मोहनी मार्ग पर पुल, बेलसरा में उप स्वास्थ्य केन्द्र एवं विद्युत सब स्टेशन, ठूठा कुदरी में तालाब गहरीकरण, बरहाई घाट बनाने, शाला का उन्नयन, रंगमंच बनाने एवं नल-जल के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करवाने की घोषणा की। अमलेश्वर धाम में जन-दर्शन के दौरान डिण्डोरी जिले के बरौहा जल गाँव मार्ग से अमोल आश्रम तक, बड़ोदरा से अमोल आश्रम तक एवं अमोल आश्रम से पिपलिया तक सड़क निर्माण, अमनी पिपरिया एवं सारंगपुर पडारिया (डिण्डोरी) में हाई स्कूल, अमलेश्वर धाम को पर्यटक-स्थल, सिंहपुर गढ़ी का जीर्णोद्धार, अमलेश्वर धाम में सामुदायिक भवन, गढ़ी में हनुमान मंदिर के पास चबूतरा निर्माण करवाने की घोषणा शामिल है।
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7 August 2016बच्चों के पंसदीदा कार्टून कैरेक्टर और कॉमिक्स आने वाले दिनों में मप्र पुलिस के थानों में नजर आएंगी। साथ ही यहां खेलने की व्यवस्था भी रहेगी। इसके लिए हर थाने में एक कमरा भी तैयार होगा। यह पूरी कवायद बाल मैत्री थाना बनाने को लेकर है। इसका उद्देश्य अपराध का शिकार हुए बच्चों के साथ-साथ क्षेत्रों के बच्चों को अपराध के प्रति जागरूक करने व पुलिस का भय दूर भगाना है। भोपाल में बच्चों के संरक्षण और कानूनी एक्ट को लेकर आयोजित हुई कार्यशाला में तय किया गया कि हर पुलिस स्टेशन में बाल मैत्री कक्ष बनाया जाए । इसे बाल कल्याण पुलिस के अधिकारियों, विशेष किशोर पुलिस ईकाई और महिला अपराध शाखा ने तैयार किया। इसे अब डीजीपी ऋषि शुक्ला व गृह विभाग के पास मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। योजना में अधिकारियों ने यह भी बताया है कि मौजूदा टीम से ही किस तरह यह सब संभव हो सकेगा, ताकि विभाग पर अतिरिक्त भार न पड़े। योजना में उन बच्चों को भी चिन्हित किया जाएगा, जो उपेक्षित या असहाय है। ऐसे बच्चों के पुनर्वास के प्रयास भी सुनिश्चित किए जाएंगे पुलिस अपने क्षेत्रों में बच्चों से बात कर उन्हें बाल मुखबिर बनाने की प्लानिंग भी कर रही है। जिनकी मदद से ट्रैफिकिंग कर लाए बच्चों (जो इलाकों में काम कर रहे हैं) का पता पुलिस लगाएगी और उन्हें मुक्त करवाएगी। इसके अलावा मोहल्लों और स्कूली बच्चों को बाल कल्याण पुलिस अधिकारी थानों में विजिट भी करवाएंगे। इससे पुलिस को लेकर व्याप्त उनका भय दूर हो सके। मुलाकात सिर्फ उस कमरे में ही होगी, जिसे तैयार करने का प्लान किया जा रहा है, जिससे बच्चे माहौल देखकर डरे नहीं। आरंभ संस्था के परियोजना अधिकारी अमरजीत कुमार सिंह कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों को लेकर नए एक्ट की जानकारी देने के साथ पुलिस की कार्यशैली में किस तरह बदलाव कर बच्चों के हित में और ज्यादा काम किए जा सकते हैं, को लेकर बिंदु तैयार करना भी था। जो प्लानिंग की गई है उसे जल्द ही पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग को सौंपा जाएगा।
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5 August 2016उज्जैन में भक्तों को 40 मिनट में होंगे नागचंद्रेश्वर के दर्शन उज्जैन में नागपंचमी पर भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट शनिवार-रविवार की दरमियानी रात 12 बजे खुलेंगे। महाकाल मंदिर के शिखर पर बना यह मंदिर साल में सिर्फ एक बार जी खुलता है। सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के महंत प्रकाशपुरी भगवान नागचंद्रेश्वर की पूजा करेंगे। पश्चात आम दर्शन का सिलसिला शुरू होगा, जो सतत् 24 घंटे रविवार रात 12 बजे तक चलेगा।श्रद्धालु रविवार रात 10.30 बजे तक दर्शन के लिए मंदिर परिसर में प्रवेश पा सकेंगे। सामान्य दर्शनार्थी महाकाल मंदिर स्थित पुलिस चौकी के सामने स्थित बेरिकेड्स से दर्शन की कतार में लगेंगे। इसके बाद माधवसेवा न्यास की पार्किंग, फेसिलिटी सेंटर, टनल, मार्बल गलियारा होते हुए नृसिंह मंदिर के बरामदे से होकर परिसर में लगी लोहे की सीढ़ियों से नागचंद्रेश्वर मंदिर पहुंचेंगे। 250 रुपए के शीघ्र दर्शन पास वाले श्रद्घालु, दिव्यांग शंख तिराहे के सामने फेसिलिटी सेंटर से होते हुए टनल, मार्बल गलियारा से नृसिंह मंदिर के पास से दर्शन की कतार में लगेंगे। दर्शन पश्चात सभी यात्री सीढ़ियों से उतर कर नए निर्गम द्वार से मंदिर के बाहर निकलेंगे। नागपंचमी पर केवल महाकाल दर्शन करने की इच्छा रखने वाले श्रद्घालु भस्मारती द्वार से विश्रामधाम, सभामंडप के रास्ते बेरिकेड्स से भगवान के दर्शन करेंगे। निर्गम आपात कालीन द्वार से होगा। इस दिन महाकाल दर्शन के लिए 250 रुपए की विशेष दर्शन व्यवस्था बंद रहेगी। पूर्व निर्धारित व्यवस्था में मंदिर प्रशासन की मंशा भक्तों को नागचंद्रेश्वर दर्शन के बाद परिसर स्थित कार्तिकेय मंडपम् से भगवान महाकाल के दर्शन कराने की थी। लेकिन प्रभारी कलेक्टर ने क्राउंड मैनेजमेंट के लिए इसमें बदलाव कर भक्तों को सीधे बाहर करने की व्यवस्था तय की। इसी प्रकार विशेष दर्शन पास धारी भक्तों को पहले टनल के नैवेध कक्ष के सामने वाले गेट से प्रवेश देने की व्यवस्था की गई थी। इसे भी अधिकारियों ने रद्द कर दिया। नागपंचमी पर रविवार को भक्तों को 40 मिनट में भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन होंगे। बुधवार शाम प्रभारी कलेक्टर अविनाश लवानिया, एसपी एमएस वर्मा ने मंदिर प्रशासन के अफसरों के साथ मंदिर का निरीक्षण कर व्यवस्था को अंतिम रूप दिया। अधिकारियों ने 18 जुलाई को बैठक में तय की गई दर्शन व्यवस्था में आंशिक बदलाव किया है। इस दौरान एसडीएम अवधेश शर्मा, उप प्रशासक रजनीश कसेरा, सहायक प्रशासक प्रीति चौहान, एएसपी अमरेंद्रसिंह मौजूद थे।
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4 August 2016एक माह में बने 87 हजार 424 प्रमाण-पत्र मध्यप्रदेश में अभी तक एक करोड़ 21 लाख 56 हजार 379 डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र बने हैं। पिछले माह 87 हजार 424 प्रमाण-पत्र बनवाये गये। यह जानकारी सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य ने दी। श्री आर्य ने बताया कि प्रदेश में जाति प्रमाण-पत्र स्कूलों में बनवाये जा रहे हैं। वर्ग विशेष को इन जाति प्रमाण-पत्रों को बनवाने के लिये दर-दर नहीं भटकना पड़ रहा है। वर्ग के व्यक्ति को तहसील और एसडीएम कार्यालय के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जाति प्रमाण-पत्र डिजिटल हस्ताक्षर के साथ डिजिटल रिपॉजिटरी में भी सुरक्षित रखे जा रहे हैं। इससे भविष्य में जब चाहे इनकी इलेक्ट्रॉनिक प्रति ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेगी। प्रदेश में अनुसूचित-जाति वर्ग के 24 लाख 81 हजार 891, अनुसूचित-जनजाति वर्ग के 34 लाख 99 हजार 971, अन्य पिछड़ा वर्ग के 61 लाख 51 हजार 663, विमुक्त जाति के 21 हजार 790 और घुमक्कड़ एवं अर्द्ध-घुमक्कड़ वर्ग के 1064 जाति प्रमाण-पत्र बनवाये गये हैं। जाति प्रमाण-पत्र जारी करने को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल कर कम्प्यूटराइज्ड तरीके से एस.डी.एम. के डिजिटल हस्ताक्षरित जाति प्रमाण-पत्र ऑनलाइन जारी करने की व्यवस्था की गयी है। बच्चों को कक्षा-1 में प्रवेश के समय ही उनके स्कूलों से ही आवेदन लेकर डिजिटल हस्ताक्षरित जाति प्रमाण-पत्र देने का विशेष अभियान एक जुलाई 2014 से जारी है।
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3 August 2016मेरठ में हुई एक युवक की मौत का गम बांटने पहुँचे बंदर की उपस्थिति वहाँ सभी को हैरान कर गयी। मृतक के साथ उस बंदर ने ऐसा व्यवहार किया कि मानों वह मृतक का बहुत करीबी रहा हो। बंदर के हाव- भाव, प्रतिक्रिया और हरकतें बिल्कुल इंसानों जैसी थी। एनएएस कालेज में वरिष्ठ लिपिक सुरेंद्र सिंह ८६/३ शास्त्री नगर में रहते हैं। सुरेंद्र सिंह का बड़ा बेटा सुनील तोमर (३१) तीस हजारी कोर्ट दिल्ली में वकील था। कैंसर की बीमारी से सुनील की शुक्रवार रात दिल्ली में मृत्यु हो गई। परिजन शनिवार सुबह करीब साढ़े चार बजे उसका शव लेकर घर पहुंचे। घर पहुंचने के बाद जब परिजन और आसपास के लोग गमगीन माहौल में अंतिम यात्रा की तैयारी में जुटे थे। तभी करीब पांच बजे एक बंदर भीड़ के बीच से होकर शव के पास जा बैठा। बंदर ने पहले सुनील के पैरों को छुआ और फिर उसके सिर के पास जाकर बैठ गया। जब शव को स्नान कराया गया तो इस बंदर ने भी एक व्यक्ति के हाथ से लोटा लेकर पानी शव के ऊपर डाला। शवयात्रा में भी हुआ शामिल शवयात्रा में शामिल होते हुए बंदर सूरजकुंड स्थित शमशान घाट तक जा पहुंचा। उसने चिता पर लकड़ी तक रखने का प्रयास किया। बंदर ने कफन में ढके शव का चेहरा उघाड़ कर अंतिम दर्शन करते हुए एक बार फिर उसके पैर छुए, अंतिम क्रिया में परिजनों की मदद की। अंतिम संस्कार के बाद जब गमगीन लोग हैंड-पंप पर हाथ पांव धोकर पानी पी रहे थे, वहीं क्रिया बंदर ने भी की। अंतिम क्रिया के बाद अन्य लोगों के साथ बंदर फिर सुरेंद्र सिंह के घर वापस आ गया। मां और पत्नी से लिपटकर रोया घर पहुंच कर बंदर ने अपने हाथों से गमगीन लोगों को पानी पीने के लिए गिलास दिए। उसके बाद रोती हुई सुनील की मां प्रेमवती की गोद में बैठकर और सुनील की पत्नी पूनम को गले लगकर सांत्वना दी। लोगों के घर से जाते ही बंदर भी चला गया। लोगों के अनुसार उन्होंने इस बंदर को पहले कभी भी मोहल्ले में नहीं देखा था। हनुमान भक्त था सुनील सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सुनील हनुमान भक्त था। मेहंदीपुर स्थित बालाजी के दरबार में वह अक्सर जाता था। बालाजी की बहुत ही श्रद्धा और नियम से पूजा किया करता था। सुरेंद्र सिंह के अनुसार यह बन्दर पहले कभी यहाँ नहीं आया ।
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2 August 2016मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के एक एक धार्मिक समारोह में उनकी पत्नी द्वारा गाल खींचने पर कोंग्रेस ने चुटकी ली है और इस मामले की आलोचना की है। कोंग्रेस ने सवाल किया कि भक्ति भाव के आनंदित माहौल में श्रीमती साधना सिंह ने गरिमा खोई.. क्या इससे सरकार की मानहानि नहीं हुई? प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के.मिश्रा ने गत तीन दिनों से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के श्यामला हिल्स स्थित सरकारी आवास पर पार्थिव शिवलिंगों के निर्माण और पूजनोपरांत उन्हें नर्मदा में विसर्जित किये जाने की व्यक्तिगत आस्थाओं से जुड़े आयोजन को राजनैतिक स्वरूप दिए जाने की निंदा की है। उन्होंने इस दौरान हो रहे भजन में नाचते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गालों को उनकी धर्मपत्नी श्रीमती साधना सिंह द्वारा सार्वजनिक रूप से नोंचने को भी अमर्यादित व् गरिमाहीन आचरण बताते हुए कहा कि क्या इससे सरकार की मानहानि नहीं हुई है? मिश्रा ने कहा कि सर्वपल्ली डॉ.राधाकृष्णन ने कहा है "धर्म धारण करने की वस्तु है, प्रदर्शन की नहीं" और जब उसमें गरिमा भी खो दी जाये तो क्या होगा? मिश्रा ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि इस भव्य आयोजन को क्या सरकारी खर्च पर किया गया है, ढाई-तीन हजार लोगों को परोसी गई भोजन प्रसादी का खर्च किसने उठाया, क्या इस आयोजन को मुख्यमंत्री आवास के बजाय उनके गृह ग्राम जैत, जिला सीहोर में नहीं किया जा सकता था, यदि यह आयोजन व्यक्तिगत था तो व्यक्तिगत आस्थाओं को राजनैतिक डुबकियों में प्रवाहित क्यों किया गया? वहीँ वरिष्ठ पत्रकार महेश दीक्षित ने इस घटनाक्रम के बाद लिखा यह सब क्या हो रहा है सीएम साहब! सीएम हाउस में श्रीदेव प्रभाकर शास्त्री दद्दाजी के सानिध्य में मनाए गए शिव लिंग निर्माण महोत्सव के जरिए आखिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पत्नी प्रदेश की जनता को क्या संदेश देना चाहते हैं? राजे-रजवाड़ों के समय में भी राज परिसरों में ऐसे धार्मिक अनुष्ठान होते थे। राजा-रानी राज परिवार के साथ उसमें पूरी मर्यादा में शामिल होते थे। अनुष्ठान करते थे। इन अनुष्ठानों के पीछे उनका उद्देश्य सिर्फ लोक कल्याण होता था। लेकिन इस अनुष्ठान में यह क्या देख रहे हैं हम। आप आदरणीय भाभीजी के साथ नाच रहे हैं, गा रहे हैं। भाभीजी सबके सामने आपके गाल-कान खींच रहीं हैं। धार्मिक भावना के अतिरेक में, प्रेम में एेसा हुआ होगा, हम मानते हैं, लेकिन आप यह क्यों भूल जाते हैं कि आप जिस घर में विराजमान हैं वह प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता के मुखिया का घर है अकेले आदरणीय साधना सिंहजी के पति का घर नहीं है। सीएम साहब यह नाचना, गाल खीचना, कान खिंचवाना नितांत अकेले में, अपने घर में अच्छा लगता है, सीएम हाउस जैसी जगह पर कतई नहीं। कुछ दलाल किस्म के वो पत्रकार और नेता, जो इस तीन दिनी महोत्सव के दौरान आपके और भाभीजी के साथ फोटो खिचवाने और आपको मुंह दिखाने में लगे रहे, भले ही आपके इस कृत्य की तारीफ करें, लेकिन कोई भी सच्चा और अच्छा नागरिक अपने सीएम के इस आचरण को शोभनीय नहीं कहेगा।
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1 August 2016मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज के खीचे गये गाल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के गाल खींचने का वीडियो सामने आया है। शिवराज सिंह के गाल मुख्यमंत्री निवास में खींचे गए और वे कुछ नहीं कर सके। एमपी के मुख्यमंत्री निवास में इन दिनों सावन माह में पार्थिव शिवलिंगों के निर्माण का धार्मिक अनुष्ठान हुआ। इसमें रोज शिवलिंग निर्माण के साथ पूजन ,भजन का भी आयोजन हुआ। ऐसे ही एक आयोजन में मस्ती में भावविहोर हो कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ,गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पत्नी साथन सिंह भी अन्य भक्तों के साथ नाचने लगे ऐसे में अचानक मुख्यमंत्री की पत्नी साधना सिंह ने शिवराज सिंह के गाल खींच लिए। एक पल के लिए तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी सकपका गए ,लेकिन फिर वे धार्मिक मस्ती में डूब गए। शिवराज सिंह अपने निवास पर सभी धार्मिक आयोजन धूम धाम से करते हैं और हर आयोजन में इनकी पत्नी साधना सिंह बढ़ चढ़ के हिस्सा लेती हैं।
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31 July 2016इंदौर में देश-विदेश के 3000 प्रतिभागी होंगे शामिल प्रदेश में इंदौर में 22-23 अक्टूबर को होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश-विदेश के 3000 प्रतिभागी शामिल होंगे। इन्वेस्टर्स समिट ब्रिलियेंट कन्वेंशन सेंटर में होगी। जीआईएस 2016 का नेशनल पार्टनर सीआईआई और नॉलेज पार्टनर ई एण्ड वाय रहेगा। समिट की थीम 'मेक इन मध्यप्रदेश' रहेगी। समिट के लिए 9 फोकस सेक्टर रहेंगे। इन क्षेत्रों में निवेश करने वाले उद्योगपतियों को प्रदेश की औद्योगिक नीति और मध्यप्रदेश की खूबियों से वाकिफ करवाया जायेगा। समिट के लिए फोकस सेक्टर तय किये गये हैं, इनमें एग्री बिजनेस एण्ड फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल्स एण्ड हेण्डलूम, फार्मास्युटिकल्स, ऑटोमोबाईल एण्ड इंजीनियरिंग, टूरिज्म, डिफेन्स, रिन्यूवबेल एनर्जी, आई.टी. तथा ईएसडीएम और अर्बन डेवलपमेंट प्रमुख है। समिट में वैश्विक सहभागिता को ध्यान में रखते हुए विभिन्न देशों के राजदूतों और अन्तर्राष्ट्रीय व्यापारिक संगठनों को आमंत्रित किया गया है। जापान, दक्षिण कोरिया, यूएई और सिंगापुर ने पार्टनर कंट्री के रूप में समिट में भाग लेने के लिए सहमति दे दी है। समिट में 3000 प्रतिभागी शामिल होंगे। इनमें 500 अन्तर्राष्ट्रीय, 1500 देश के अन्य प्रांतों से और करीब 1000 प्रतिभागी मध्यप्रदेश के होंगे। प्रदेश की खूबियों से वाकिफ करवाने के लिये 21 से 23 अक्टूबर तक ब्रिलियेंट कन्वेंशन सेन्टर में प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी। प्रदर्शनी में विकास संबंधी गतिविधियों, उपलब्धियों, प्रदेश की प्रमुख औद्योगिक इकाइयों के उत्पादों और बैंक संबंधी सेवाओं को प्रमुख रूप से प्रदर्शित किया जायेगा।
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29 July 2016ऋतु साहू भारत की पहली साइबर वेलफेयर सोसाइटी की शुरुआत मध्यप्रदेश में हो गयी है जिसका गठन साइबर लॉ कंसलटेंट शकील अंजुम एवं आई टी इंजीनियर्स और नेटवर्किंग एक्सपर्ट द्वारा किया गया है . भारत की पहली साइबर वेलफेयर सोसाइटी द्वारा महिलाओं को निशुल्क साइबर सुरक्षा सलाह दी जाएगी आई टी साइबर एक्सपर्ट एवं युवा साइबर सुरक्षा पेशेवरों की मदद से . इसके लिए फेसबुक एंड ट्विटर क माध्यम से भी सलाह दी जाएगी एवं जीमेल की ईमेल के माध्यम से भी मदद की जाएगी . साइबर वेलफेयर सोसाइटी गैर सरकारी संगठन है . संस्था का उद्देश्य महिलाओं के लिए सुरक्षित साइबर स्पेस बनाना है .इस समय जितने साइबर अपराध हो रहें हैं वे सारे रिपोर्ट नहीं हो रहें शायद न लोगों का समझ में आता है कि उनसे कैसे निपटा जाय और न ही उन्हें विश्वास है कि इसका संतोषजनक हल निकल सकता है। सच यह भी है कि इस समय हमारे पास इस तरह के अपराधों को जांच करने के लिये न ही प्रशिक्षित अन्वेषक हैं और न ही तय करने वाले न्यायधीश। लेकिन यह बदल रहा है। लोग अक्सर साइबर अपराध यह सोच कर करते हैं कि वे अज्ञात हो कर साइबर अपराध कर सकते हैं लेकिन यह सच नहीं है। महिलायों क साथ होने वाले ज्यादातर इंटरनेट अपराध क मामले या तोह साइबर स्टाकिंग क होते हे या अश्लीलता एवं नकली प्रोफाइल क होते है.साइबर क्राइम एक बढ़ती वैशिवक समस्या है जिसे कठोर कदम उठाकर रोकना ही होगा। सुचना प्रौधोगिकी के आगमन से साइबर क्राइम और महिलाओं पर अपराध बढ़ रहे हैं और इस प्रकार साइबर क्राइम किसी भी व्यकित की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाली लगभग तीन चौथाई महिलाएं किसी न किसी किस्म की साइबर हिंसा का शिकार हैं महिलाओं को निशाना बनाकर सबसे ज्यादा जिस अपराध को अंजाम दिया जाता है, वह है- साइबर स्टाकिंग यानी साइबर वर्ल्ड में पीछा करना । १.इंटरनेट पर पीछा करना (Cyber Stalking) पीछा करना, तंग करना, इस हद तक घूरना कि दूसरा खीज जाये, डर जाय। यही काम जब इंटरनेट पर हो तो साइबर स्टॉकिंग कहलाता है।बार-बार टेक्स्ट मैसेज भेजना, मिस्ड कॉल करना, फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजना, स्टेटस अपडेट पर नजर रखना और इंटरनेट मॉनिटरिंग इसी अपराध की श्रेणी में आते हैं। आईपीसी की धारा 354डी के तहत यह दंडनीय अपराध है। २.साइबर अशलीलता जो दूसरे तरीके का अपराध जो महिलाओं पर केंद्रीत है- वह है साइबर पॉर्नोग्राफी। इसके तहत महिलाओं के अश्लील फोटो या वीडियो हासिल कर उन्हें ऑनलाइन पोस्ट कर दिया जाता है। अधिकांश मामलों में अपराधी फोटो के साथ छेड़छाड़ करते हैं और बदनाम करने, परेशान और ब्लैकमेल करने के लिए उनका इस्तेमाल करता है। इस तरह के अपराधों में आईटी एक्ट की धारा 67 और 67ए के तहत केस चलता है।अशलील ईमेल, अशलील चित्र, चित्रों को बदल कर किसी अन्य का चित्र लगा देना, यह सब अशलीलता के अन्दर आता है। इस तरह के साइबर अपराध सबसे अधिक हैं। ३. साइबर स्पाइंग भी एक अन्य तरह का साइबर अपराध है। आईटी एक्ट की धारा 66ई के तहत यह दंडनीय अपराध है। इसमें चैंजिंग रूम, लेडिज वॉशरूम, होटल रूम्स और बाथरूम्स आदि स्थानों पर रिकॉर्डिंग डिवाइस लगाए जाते हैं। ४. साइबर बुलिंग इसी क्रम में चौथे तरह का अपराध है। इसको बड़े ही शातिर तरीके से अंजाम दिया जाता है। साइबर अपराधी पहले महिलाओं या लड़कियों से दोस्ती करते हैं और फिर उन्हें अपना शिकार बनाते हैं। विश्वास में लेकर और लालच के चलते नजदीकियां बढ़ाने के बाद महिला या लड़की के निजी फोटो हासिल कर लेेते हैं। इसके बाद पीड़िता से मनचाहे काम करवाने के लिए ब्लैकमेल करते हैं। साइबर बुलिंग का दुष्परिणाम है कि कई मामलों में युवा लड़कियों से अश्लील अपराध हुए हैं, उनका यौन उत्पीड़न हुआ है, वहीं अधिक उम्र वाली महिलाओं को पैसों के लिए ब्लैकमेल किया गया है। वक्त आ गया है कि महिलाएं उक्त जोखिमों में समझें और साइबर जगत में अपने ऊपर मंडरा रहे खतरों को लेकर तत्काल साइबर जागरूक बनें। महिलाओं को आसान शिकार मानते हैं साइबर अपराधी, साइबर जागरूकता इसलिए जरुरी है .आजकल हर हाथ में स्मार्ट फ़ोन है इंटरनेट डेटा पैक और फ्री वाई फाई क जरिये हर कोई इंटरनेट से जुड़ा हुआ हे मगर साइबर अपराध क प्रति जागरूक नहीं है , साइबर वेलफेयर सोसाइटी द्वारा महिलायों , युवाओं एवं बुजुर्गो को साइबर सुरक्षा क प्रति जागरूक किया जायेगा एवं उनकी ऑनलाइन मदद की जाएगी .खासतौर पर महिलाएं इस वर्चुअल वर्ल्ड में दुर्भावनापूर्ण अपराधों की लगातार शिकार हो रही हैं। वास्तव में, भारत में कुछ खास तरह के साइबर क्राइम महिलाओं एवं युवाओं पर ही अंजाम दिए जाते हैं। यह एक बेहद ख़राब स्थिति है। हालांकि साइबर सुरक्षा एजेंसियां तेजी से बढ़ते इन अपराधों को रोकने और अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने की हर संभव कोशिश कर रही हैं।इन हालात का प्रभावी तरीके से मुकाबला करने के लिए जरूरी है साइबर जागरूकता। महिलाओं के बीच उन अपराधों और आपराधिक तरीकों को लेकर साइबर जागरूकता फैलाने की जरूरत है।वरिष्ठ नागरिकों को जागरूक बनाने की जरूरत है। सोशल नेटववर्किंग साइट फेसबुक पर आप अपने दोस्तों और रिश्तेदारों द्वारा किए जाने वाले कमेंट्स और तस्वीरों को बड़ी असानी से लाइक और शेयर करते हैं। लेकिन आपके इन लाइक्स और शेयर का कुछ लोग गलत फायदा उठा रहे हैं जो आपके लिए खतरनाक हो सकता है। सोशल नेटवर्किंग साइट पर आप जिन पोस्ट और तस्वीरों को लाइक और शेयर करते हैं उन पर कुछ हैकर्स की नजर रहती है। यह हैकर्स आपने जिस तस्वीर या पोस्ट का लाइक या शेयर किया है उसे बदल कर आपत्तिजनक कंटेट डाल देते हैं जिससे महिलाओं की बदनामी होती है महिलाएं एवं युवा ऐसे रहें साइबर स्पेस में सुरक्षित १. महिलाओं को उस शख्स की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार नहीं करना चाहिए, जिन्हें वे जानती नहीं हैं। असल दुनिया में जिसे आप जानते हैं और विश्वास करते हैं, उन्हें ही वर्चुअल वर्ल्ड मेंं फ्रेंड बनाएं। इंटरनेट या साइबर स्पेस पर किसी भी स्थिति में अपनी निजी जानकारी या तस्वीरें शेयर नहीं करना चाहिए।अक्सर ये गलती नयी उम्र की लड़कियां करदेती है . २. सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं को खासतौर पर सावधान रहना चाहिए कि कहीं किसी तरह का कैमरा या ऑडियो रिकॉर्डिंग डिवाइस तो नहीं है? अवांछित और बार-बार के एसएमएस, ईमेल, कॉल्स, फ्रैंड रिक्वेस्ट को लेकर भी उन्हें खुद को बचाना चाहिए। मोबाइल नंबर की भी सुरक्षा करनी चाहिए . ३. जरूरत पड़ने पर उन्हें किसी साइबर सुरक्षा जानकार व्यक्ति या सुरक्षा एजेंसी को इसकी जानकारी देना चाहिए। पुलिस और साइबर सुरक्षा एजेसियां आपकी सेवा के लिए हैं। यह उनका दायित्व है कि वे सुरक्षा संबंधी आपकी समस्याओं का हल करें। साइबर सुरक्षा सलाहकार शकील अंजुम का कहना है कि किसी देश की सुरक्षा के संदर्भ में साइबर सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। अमरीका, जोकि साइबर सुरक्षा को लेकर बेहद सर्तक रहता है, ने तमाम नीतियां साइबर सुरक्षा के संबंध में बना रखी हैं, उसके बाद भी अमरीका की तमाम गुप्त जानकारियां "विकीलीक्स" नामक वेबसाइट ने सार्वजनिक कर दीं, जिसके कारण अमरीका परेशान है। यह घटना अमरीका के लिए साइबर सुरक्षा के महत्व को प्रकट करती है। भारत के भी तमाम महत्वपूर्ण संस्थान इंटरनेट के जरिए सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहे हैं तथा तमाम महत्वपूर्ण सूचनाएं इंटरनेट के जरिए सर्वर पर रहती हैं। अगर इस तरह से साइबर सुरक्षा ढीली होगी तो महत्वपूर्ण सूचनाएं ऐसे लोगों के हाथों में जा सकती हैं। जो इसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। भारत में हाल के दिनों में साइबर सुरक्षा को दुरुस्त करने के लिए कोशिशें तो बहुत हुई हैं, लेकिन अभी भी हम उच्च स्तर तक नहीं पहुंचे हैं । उस तरह की साइबर नीतियां भी नहीं हैं जो उन महत्वपूर्ण सूचनाओं को बचाने में कारगर साबित हों। समाज के सभी वर्गों को साइबर क्राइम के जोखिम को समझने का प्रयास करना चाहिए। साथ ही इससे बचने के उपाय भी करना चाहिए। केवल तभी वे इस बड़े खतरे से खुद को बचा पाएंगे .
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28 July 2016महाकाल: प्रमुख ज्योतिर्लिंग आनन्द शंकर व्यास भारत के इतिहास में उज्जयिनी का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। रामायण, महाभारत, विविध पुराणों तथा काव्य ग्रंथों में इसका आदरपूर्वक उल्लेख हुआ है। धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से इसका अद्वितीय स्थान है। इसी पावन नगरी के दक्षिण-पश्चिम भू-भाग में पुण्य-सलिला क्षिप्रा के पूर्वी तट से कुछ ही अन्तर पर भगवान् महाकालेश्वर का विशाल मंदिर स्थित है। महाकाल की गणना द्वादश ज्योतिर्लिंगों में की गयी है, जो शिव-पुराण में दिये गये द्वादश ज्योतिर्लिंग माहात्म्य से स्पष्ट है:- सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्री शैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोंड्कारे परमेश्वरम्॥ केदारे हिमवत्पृष्ठे डाकिन्यां भीमशंकरम्। वाराणस्यां च विश्वेशं त्र्यम्बंक गौतमीतटे॥ वैद्यनाथं चिताभूमौ नागेशं दारुकावने। सेतुबन्धे च रामेशं घृष्णेशं च शिवालये॥ एतानि ज्योतिर्लिंगानि प्रातरुत्थाय य: पठेत्। जन्मान्तरकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥ उक्त द्वादश ज्योतिर्लिंगों में महाकालेश्वर का प्रमुख स्थान है। पुराणों के अनुसार महाकाल को ज्योतिर्लिंग के साथ-साथ समस्त मृत्युलोक के स्वामी के रूप में भी स्वीकार किया गया है:- आकाशे तारकं लिगं पाताले हाटकेश्वरम्। मृत्युलोके महाकालं लिंगत्रयं नमोस्तुते॥ इस प्रकार तीनों लोकों (आकाश, पाताल एवं मृत्यु लोक) के अलग-अलग अधिपतियों में समस्त मृत्यु लोक के अधिपति के रूप में महाकाल को नमन किया गया है। महाकाल शब्द से ही काल (समय) का संकेत मिलता है। 'कालचक्र प्रवर्त्तको महाकाल:प्रतापन:' कहकर कालगणना के प्रवर्त्तक रूप में महाकाल को स्वीकार किया गया है। महाकाल को ही काल-गणना का केन्द्र-बिन्दु मानने के अन्य कारण भी हैं। अवंतिका को भारत का मध्य-स्थान (नाभि क्षेत्र) माना गया है और उसमें भी महाकाल की स्थिति मणिपूर चक्र (नाभि) पर मानी गयी है। आज्ञाचक्रं स्मृता काशी या बाला श्रुतिमूर्धानि। स्वाधिष्ठानं स्मृता कांची मणिपूरमवंतिका॥ नाभिदेशे महाकालस्तन्नाम्ना तत्र वै हर:। --वराहपुराण (मणिपूर चक्र) योगियों के लिये कुंडलिनी है, कुंडलिनी जागृत करने की क्रिया योग के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मानी जाती है, अत: मणिपूर चक्र पर स्थित भगवान महाकाल योगियों के लिये भी सिद्धस्थल हैं। इसी प्रकार भूमध्यरेखा भौगोलिक कर्क रेखा को उज्जयिनी में ही काटती है, इसलिए भी समय गणना की सुगमता इस स्थान को प्राप्त है। कर्क रेखा तो स्पष्ट है ही, भूमध्य रेखा के लिए भी ज्योतिष के विभिन्न सिद्धांत ग्रंथों में प्रमाण उपलब्ध है:- राक्षसालयदेवौक: शैलयोर्मध्यसूत्रगा:। रोहीतकमवन्तीं च यथा सन्निहितं सर:॥ --सूर्यसिद्धांत भास्कराचार्य पृथ्वी की मध्य रेखा का वर्णन इस प्रकार करते हैं:- यल्लंकोज्जयिनीपुरोपरि कुरुक्षेत्रादिदेशान् स्पृशन्। सूत्रं मेरुगतं बुधैर्निगदिता सा मध्यरेखा भुव:॥ जो रेखा लंका और उज्जयिनी में होकर कुरुक्षेत्र आदि देशों को स्पर्श करती हुई मेरु में जाकर मिलती है, उसे भूमि की मध्य रेखा कहते हैं। इस प्रकार भूमध्य रेखा लंका से सुमेरु के मध्य उज्जयिनी सहित अन्यान्य नगरों को स्पर्श करती जाती हैं, किन्तु वह कर्क रेखा को एक ही स्थान उज्जयिनी में, मध्य स्थल एवं नाभि (मणिपूर चक्र) स्थान पर काटती है, जहाँ स्वयंभू महाकाल विराजमान हैं। इसीलिये ज्योतिर्विज्ञान के सिद्धांतकार भारत के किसी भी क्षेत्र में जन्में हो अथवा उनका कार्य या रचना क्षेत्र कहीं भी रहा हो, सभी ने एकमत से कालचक्र प्रवर्तक महाकाल की नगरी उज्जयिनी को ही काल-गणना का केन्द्र स्वीकार किया था। आज भी भारतीय पंचांगकर्त्ता उज्जयिनी मध्यमोदय लेकर ही पंचांग की गणना करते हैं। इस प्रकार अदृश्य रूप से काल गणना के प्रवर्तक तथा प्रेरक महाकाल हैं। दृश्य रूप में श्वास-निश्वास से लेकर दिन, मास, ऋतु, अयन एवं वर्ष की गणना का संबंध सूर्य से है। एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय तक एक दिन (दिन के सूक्ष्म विभाग घटी, पल, विपल आदि) और दिनों से मास, ऋतु वर्ष, युग-महायुग और कल्प आदि की गणना चलती रहती है। ऐसे अनेक कल्पों के संयोग (जो वाचनिक संख्याओं से परे हों) को ही महाकाल कहते हैं। सूर्य प्रतिदिन (24 घंटे में) एक उदय से दूसरे उदय पर्यन्त 360 अंश-21,600 कलाएँ चलता है, यही स्वस्थ मनुष्य की 24 घंटे में श्वासों की संख्या भी है। अर्थात् सूर्य की प्रत्येक कला के साथ मनुष्य के श्वास-निश्वास की क्रिया जुड़ी हुई है और सभी में आत्म-रूप से वह विद्यमान है। कहने का तात्पर्य यह कि काल-गणना में दृष्ट (सूर्य) अदृष्ट (महाकाल) में सामंजस्य है। महाकाल ज्योतिर्लिंग हैं और ज्योतिर्लिंग की दिव्य ज्योति के दर्शन चर्मचक्षु से नहीं होते; तप से प्राप्त दिव्य चक्षु से ही हो सकते हैं। सूर्य स्वत: अग्नितत्व, ज्योति के पुंज, तेज और प्रकाश का कारण हैं। अत: महाकाल ज्योतिर्लिंग हैं और सूर्य स्वत: ज्योति के पुंज हैं, महाकाल ही सूर्य हैं और सूर्य ही महाकाल हैं। महाकालेश्वर के मंदिर में उदयादित्य के नागबन्धस्थ शिलालेख में महाकाल का जो ध्यान दिया गया है, उसमें महाकाल को प्रणव ( ओम्) स्वरूप माना है। वह पद्य इस प्रकार है:- क्रीड़ाकुंडलितोरगेश्वरतनूकाराधिरुढाम्बरा नुस्वारं कलयन्नकारुचिराकार: कृपार्द्र: प्रभु :। विष्णोर्विश्वतनोरवन्तिनगरीहृत्पुण्डरीकेवसन् ओंकाराक्षरमूर्तिरस्यतु महाकालोअंतकालं सताम्॥ अर्थात जिनका रुचिर आकार ही 'अकार' है। क्रीड़ा से कुण्डलित शेषनाग शरीर को जिन्होंने 'उकार' का रूप देकर आकाश को अनुस्वार के रूप में धारण किया है तथा विश्वरूप विष्णु के अवन्ति नगरीरूपी हृदयकमल में जो निवास करते हैं, ऐसे अक्षर (कभी नष्ट न होने वाली) मूर्ति, ओंकार के रूप में विराजमान, अपनी कृपा से द्रवित हृदय वाले प्रभु महाकाल सज्जनों के अन्तकाल को दूर भगावें। इस प्रकार समस्त भूलोक के स्वामी, काल-गणना के केन्द्र-बिन्दु योगियों की कुंडलिनी नाभि पर स्थित और स्वत: प्रणवस्वरूप होने से ही श्री महाकाल प्रमुख ज्योतिर्लिंग हैं।
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27 July 2016मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से विधानसभा में सिंगापुर के काउंसल जनरल अजीत सिंह ने मुलाकात की। उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सिंगापुर पार्टनर कंट्री के रूप में शामिल होगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव अंटोनी डिसा भी उपस्थित थे।इससे पहले खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया से रिपब्लिक आफ सिंगापुर के कॉसंल जनरल अजीत सिंह ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सिंगापुर से प्रदेश के रिश्ते और अधिक बेहतर बनायें। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में सिंगापुर का औद्योगिक प्रतिनिधि-मंडल भेजें। सिंगापुर ने पिछले वर्षों में कई विशिष्ट क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास किया है। सिंगापुर के युवा नेताओं का प्रतिनिधि-मंडल मध्यप्रदेश में आये तथा यहाँ की प्रगति का अध्ययन करें। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आने वाले प्रतिनिधि-मंडल में सिंगापुर की अच्छी कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल किये जायें। काउंसल जनरल श्री अजीत सिंह ने कहा कि सिंगापुर मध्यप्रदेश को निवेश के आकर्षक डेस्टिनेशन के रूप में देखता है। उनके देश का प्रतिनिधि-मंडल पूरी तैयारी से ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में शामिल होगा। मध्यप्रदेश ने बीते वर्षों में सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय विकास किया है। चर्चा के दौरान प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग मोहम्मद सुलेमान, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस.के.मिश्रा और ट्रायफेक के अपर प्रबंध संचालक व्ही. किरण कुमार भी उपस्थित थे।
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26 July 2016अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई के अवसर पर मध्य प्रदेश ईको टूरिज्म विकास बोर्ड अपने 'अनुभूति' कार्यक्रम की श्रृंखला में बाघों पर प्रदेश के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट हरिओम की कार्टून प्रदर्शनी एवं अन्य कार्यक्रमो 26 से 29 जुलाई तक भारत भवन में कर रहा है। प्रदर्शनी का शुभारंभ 26 जुलाई को शाम 5.00 बजे वन मंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार करेंगे। उल्लेखनीय कि 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस घोषित किया गया है। इसका उद्देश्य बाघों के आवास को बचाने और उनके संरक्षण के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाना है। इस अवसर पर बाघ जनसंख्या वाले सभी देशों में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। मध्यप्रदेश इको टूरिज्म बोर्ड ने प्रकृति के विभिन्न स्वरूपों का करीब से अनुभव करने के लिए नवाचारी 'अनुभूति' कार्यक्रम से विभिन्न गतिविधियों की श्रंखला शुरू की है। राष्ट्रीय उद्यानों में बफर जोन क्षेत्र में प्रकृति बोध कराने पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है । इसका उद्देश्य समुदाय की भागीदारी से वनों और वन्य-जीवों का संरक्षण करना है। श्री हरिओम की कार्टून प्रदर्शनी में बाघ को मानव समाज के ऐसे सदस्य के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जो अपने बेहतर जीवन और अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। बाघ पर कार्टून प्रदर्शनी इसी पहल का पड़ाव है। प्रदर्शनी प्रतिदिन 2 बजे से 8 बजे तक खुली रहेगी। चार दिवसीय प्रदर्शनी में 27 जुलाई को दोपहर 2:30 बजे से कार्टून कला और कार्टून प्रतियोगिता होगी। इसमें कार्टून कला में रुचि रखने वाले स्कूल–कॉलेज के विद्यार्थी भाग ले सकते हैं। इसमें कोई पंजीयन शुल्क नहीं है। 28 जुलाई को फोटोग्राफी, कोलॉज और स्लोगन प्रतियोगिता एवं वन्य-प्राणी विशेषज्ञ द्वारा व्याख्यान एवं नुक्कड़ नाटक का आयोजन वन विहार में दोपहर 2.30 बजे से 5.30 शाम तक रखा गया है। पुरस्कार वितरण 29 जुलाई को भारत भवन में होगा।
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25 July 2016मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपनी जीवन-यात्रा को दर्शाने वाली चित्रात्मक किताब 'मोहि कहाँ विश्राम' का विमोचन किया था किताब को उनकी धर्मपत्नी साधना सिंह चौहान और पुत्र कार्तिकेय एवं कुणाल ने तैयार किया था किताब में श्रीमती साधना सिंह ने मुख्यमंत्री के व्यक्तित्व के अनछुए पहलुओं और जीवन-यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ावों का उल्लेख किया था। लेकिन विमोचन के बाद से ही यह किताब गायब है। यह किताब किसी भी बुकसेलर तक नहीं पहुंची है। शिवराज सिंह की इस किताब को लेकर रहस्य बरकरार है। पुस्तक पर समीक्षा करने वाले पत्रकार से लेकर कई लेखक भी इस पुस्तक की तलाश में है लेकिन किसी के हाथ अभी तक यह नहीं लगी है। इस किताब को लेकर कई आला अफसरों से भी पड़ताल की गई लेकिन नतीजा जानकारी नही ही है बस यही निकला। हम बाता दें शिवराज सिंह के 10 वर्ष तक लगातार मुख्यमंत्री रहने पर 29 नवम्बर 2015 को मुख्यमंत्री निवास में इस का विमोचन हुआ था। तब से लेकर अब तक यह किताब एक पहेली बनी हुई है। आखिर किताब छपी और उसका विधिवत विमोचन मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी ने किया तो फिर वो लोगों तक क्यों नहीं पहुची अब सबसे बड़ा सवाल यही है की आखिर यह पुस्तक है कहां और क्यों ग़ायब हो गई या ग़ायब नही हुई तो सामने क्यों नही लाई जा रही है? एक किताब ने राजनीतिक गलियारों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
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23 July 2016अब भूतों ने भी जताया सरकार का आभार... आशुतोष नाडकर अखबार की सुर्खियों को पढकर खुशी की लहर दौड जाये ऐसे मौके अब कम ही आते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के भूत जगत को जैसे ही ये खबर लगी की प्रदेश में जनता अभी भी भूत-प्रेतों के कारण मर रही हैं तो सभी भूत, प्रेतों, पिशाचों और चुडैलों में खुशी की लहर दौड गई। स्वाभाविक भी है प्रदेश के गृहमंत्री खुद विधानसभा में खडे होकर मान रहे हैं कि 21 वीं सदी में भी उनके सूबे में भूतों का खौफ कायम है। राज्य भूत-पिशाच विकास पार्टी के वयोवृद्ध नेता तो पुराने दिनों को याद कर कुछ ज्यादा ही भावुक हो गये। एक जमाना था जब वे नये-नये भूत बने थे। उस वक्त भूतों के नाम से ही लोगों की रूह कांप जाया करती थी। लेकिन धीरे-धीरे सब कुछ बदल गया। भूतों का खौफ मानों गुजरे जमाने की बाद हो चली थी। कभी कब्रिस्तान और शमशान के पास से गुजरने ने नाम से भी धोती गीली कर देने वाले इंसान की हिम्मत अब इतनी बढ गई है कि वो यहाँ भी अतिक्रमण करने से बाज नहीं आ रहा है। ऐसे हालात में सीहोर जिले के भूतों ने भूत बिरादरी की इज्ज़त को धूल में मिलने से बचा लिया। आखिर कहीं तो भूतों के डर से लोग मर रहे हैं। वयोवृद्ध भूत का जोश जाग गया और सीहोर के भूत को सम्मानित करने के लिये आनन-फानन में एक "भूत अभिनंदन समारोह" आयोजित कर लिया गया। प्रदेश के सभी भूतों को सूचना दी गई और सीहोरी भूत के सम्मान के साथ "इंसानों में भूतों का घटता खौफ" इस विषय पर एक खुली परिचर्चा का आयोजन की भी तैयारी हो गई। आधी रात तक बडी ही कठिनाई से एक सुनसान भुतहा जंगल को खोजकर ऑडिटोरियम बनाया गया। लंबे समय बाद भूतों को मिली इस कामयाबी से भूत समाज में जो उत्साह पैदा हुआ था उसके चलते इस "भूत सम्मेलन" में हिस्सा लेने के लिये प्रदेश के कोने-कोने से बडी संख्या में भूत पहुँचे थे। मालवी भूत, निमाडी भूत, बुंदेलखंडी भूत, बर्रूकाट भोपाली भूत, ग्वालियर चंबल के भूतों के अलावा चुडैलों का उत्साह भी देखते ही बन रहा था। भूत मंडल की सीहोर ईकाई के अध्यक्ष उस भूत को अपने साथ लेकर आये थे जिसके कारण सीहोर के किसान ने अपनी जान दी थी। उस भूत के आते ही भुतहा जंगल, भूतों की तालियों की गडगडाहट से गूंज गया। मंच पर पहुँचतें ही सीहोर के भूत का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। शॉल और श्रीफल से सम्मानित किये जाने के बाद। सम्मान समारोह के संचालन की कमान "भूत मार्गदर्शक मंडल" के सबसे वरिष्ठ भूत को सौंप दी गई। वयोवृद्ध भूत से समस्त भूत समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि- "आज का दिन हमारे लिये गर्व का दिन है, सीहोरी भूत ने जो काम किया है उसे देखकर मेरे मन में एक बार फिर आशा बंधी है कि हम एक बार फिर भूत समाज का खोया हुआ गौरव फिर से हासिल कर सकेंगे। जो काम सीहोरी भूत ने किया है वे आप सब भी कर सकते हैं। बस जरुरत है तो सच्ची लगन, मेहनत और ईमानदारी की। आप सब यदि ठान लें तो भूतों के अच्छे दिन आने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। " चूँकि ये एक खुली परिचर्चा थी। वयोवृद्ध भूत की बात सुनकर एक नवोदित, युवा व तेजस्वी चुडैल से रहा नहीं गया। मार्गदर्शक मंडल के भाषण देने वाले भूत को टोकते हुए उसने कहा- "मंच पर खडा होकर भाषण देना आसान है, लेकिन वास्तव में कुछ कर पाना इन दिनों कितना मुश्किल हो गया इसका अंदाजा भी है आपको। आप हमारे वरिष्ठ है, कभी हमारी प्रेक्टिकल प्रॉब्लम्स को भी सुना करें। आप लोग तो बस टारगेट दे देते हैं। असल परेशानी तो फील्ड में काम करने वाले हम जैसोंं को होती है।" चुडैल सुंदरी के शब्दों से पूरी सभा में सन्नाटा छा गया। अध्यक्ष ने पूछा- "कहो बेटी क्या परेशानी है तुम्हारी..?" चुडैल सुंदरी की आँखों में आँसू आ गये। अपनी साथ हुई घटना की जानकारी देते हुए उसने बताया- "पिछले महीने मुझे नेशनल हाईवे पर मुसाफरों को लुभाकर उसने लिफ्ट मांगने और फिर डराकर उनका खून पीने का काम सौंपा गया था। मैं भूतिया अंदाज में सज-संवरकर हाईवे पर खडी भी हो गई। लेकिन लोग मुझे भूत के बजाय माल कह रहे थे। मुझे छेडछाड और फब्तियों का सामना करना पडा और जिन्होंने लिफ्ट दी वे तो किसी पॉलिटिकल पार्टी के गुंडे निकले। लिफ्ट देने के बाद उन्होंने मुझे कार में ही अपनी हवस का शिकार बनाने की कोशिश की। मैं ही जानती हूँ की किस मुश्किल से मैं भूतिया पावर का इस्तेमाल कर अपनी इज्ज़त बचा सकी। कानून व्यवस्था की हालत ऐसी है कि हमारा तक सडकों पर निकलना सुरक्षित नहीं है। " चुडैल सुंदरी की बातों को सुनकर अध्यक्ष ने मंच से ही घोषणा कर दी कि प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति देखते हुए आज से किसी भी चुडैल को इस प्रकार के टास्क पर नहीं भेजा जायेगा। यदि जाना बेहद जरुरी हो तो पुरुष भूतों की सुरक्ष में चुडैलों को ले जाया जाए। इतने में शमशान और कब्रिस्तान का चार्ज संभाल रहे भूत का दर्द फूट पडा, बोला- "जनाब पिछले तीस सालों से शमशान और कब्रिस्तान का चार्ज संभाल रहा हूँ। कभी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया। शमशान में हिन्दुओं व कब्रिस्तान में मुसलमानों और ईसाईयों को लगातार परेशान करता था। लेकिन आज आप ही देखिये हालात क्या हो गये हैं.... हमारे कब्रिस्तान पर न केवल इंसानों ने आशियाने तान दिये हैं बल्कि अब तो सुलभ कॉम्पलेक्स भी बन गये हैं वहाँ का सारा सीवेज कब्रों पर गिर रहा है। अब मेरे साथी भूत अपनी कब्रों को बचाऐं या इंसानों को डराऐं। शमशान में तो हालत और भी बुरे हैं। गुंडे-बदमाश न केवल रात-बेरात आकर यहाँ शराब पीते हैं, बल्कि चिता की आग को भी 'बॉन फायर' की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। हम तो शमशान और कब्रों में रहने वाले अपनी परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। " इस बार अध्यक्ष ने कुछ कडे स्वर में कहा- "भई.. सभी भूत यदि इस प्रकार की बहानेबाजी करने लगेंगे तो कैसे चलेगा। परेशानियाँ अपनी जगह हैं, लेकिन दृढ इच्छाशक्ति हो तो काम किया जा सकता है। जैसे सीहोरी भूत ने मुश्किल हालत में अपने काम को अंजाम दिया है वैसे ही आप भी कोशिश करें।" इतना सुनना था कि मंच पर बैठा सीहोरी भूत भी फूट-फूट कर रोने लगा। बोला- "अध्यक्ष जी मैं इस सम्मान के काबिल नहीं हूँ। हकीकत तो ये है कि मैं तो कभी उस किसान को परेशान करने गया ही नहीं था। उसकी मौत कैसे हुई ये भी मुझे नहीं मालूम, लेकिन गृहमंत्री खुद जब इसका श्रेय मुझेे दे रहेेेें हो तो मुफ्त की इस शाबासी का मोह मुझसे त्यागा नहीं गया। मैंने आपको धोखे में रखा मैं शर्मिन्दा हूँ। " भूतिया एक्सीडेंट पाइंट पर तैनात भूत ने सीहोरी भूत को दिलासा देते हुए कहा- "ये कहानी केवल अकेले सीहोरी भूत की नहीं है मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। पहले मुझे देखकर लोग स्टेरिंग पर काबू खो देते थे, लेकिन अब तो इतने बेखौफ है कि बोलते हैंं, चढा दे साले पर आधी रात को बीच रास्ते में खडा है, साला। वो तो भला हो सरकार का, जिसने सडक पर जानलेवा गढ्ढे रहने दिये हैं। उन्हीं गढ्ढों से सडकों पर लोग मर जाते हैं और मेरी थोडी बहुत इज्जत बनी हुई है। " भूतों की दयनीय हालात को जानकर प्रदेशाध्यक्ष के तो होश उड गये। फैसला लिया गया कि जो सरकार बिना बात ही भूतों को श्रेय देकर पिशाच मंडली की साख बचा रही है, जल्द ही उसे भूत,पिशाच, चुडैल, जिन्न संयुक्त मोर्चा द्वारा धन्यवाद जापन जरुर सौंपा जायेगा। Attachments area
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21 July 2016कांग्रेस ने की उच्च स्तरीय जाँच की मांग कांग्रेस का आरोप है कि सिंहस्थ में शिवराज सरकार ने 5500 करोड़ रूपयों का खजाना लुटाकर भारी भरकम भ्रष्टाचार किया है। कांग्रेस प्रदेश के मुखिया शिवराजसिंह चौहान द्वारा सरकारी खजाने के बल पर की गई स्वयं की ब्रांडिंग और आस्था की आड़ में इसे राजनैतिक अखाड़ा बना दिये जाने को लेकर उच्च न्यायालय की निगरानी में अविलंब उच्च स्तरीय जांच की मांग करती है, ताकि भ्रष्टाचारियों का समूह प्रदेश में इन दिनों जारी परंपराओं के अनुरूप दस्तावेजी सबूतों को नष्ट न कर सके। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि विदित ही है कि विगत् 22 अप्रेल, 2016 से प्रारंभ हुआ आस्था का यह महापर्व 21 मई, 2016 को अंतिम शाही स्नान के साथ संपन्न हुआ, जिसमें धर्म, आस्था, श्रृद्धा और विश्वास के साथ सरकार में काबिज जवाबदारों और उनके चहेते नौकरशाहों ने राजनीतिकरण के साथ-साथ प्रवाहित हुए भ्रष्टाचार रूपी अमृत का भरपूर रसास्वादन किया। कांग्रेस पार्टी का सीधा आरोप है कि राज्य सरकार ने सिंहस्थ के पूर्व पांच करोड़ धर्मावलंबियों के आने का बहुप्रचारित ढिंढ़ोरा पीटा, लगभग एक करोड़ लोगों के आने की संभावनाओं को लेकर व्यवस्थाऐं की और शेष रहे चार करोड़ लोगों के नाम का पैसा खाया। कांग्रेस पार्टी का दूसरा गंभीर आरोप है कि इस आयोजन की ग्लोबल ब्रांडिंग पर ही करीब 60 करोड़ रूपये खर्च किये गये, जगह-जगह लगाये गये बेनर, पोस्टर, स्वागत द्वारा और विज्ञापनों में सरकारी खर्च पर सरकारीकरण कर ऐसा संदेश दिया गया, मानो यह कोई धार्मिक आयोजन न होकर कोई सरकारी आयोजन है। घटिया निर्माण कार्यों, फर्जी ठेकों, कचरा प्रबंधन, लाल पत्थर के रोड़ डिवाईडर, विभिन्न तरह की सप्लायों, सफाई ठेका, 35 हजार शौचालयों का निर्माण एवं खरीदी, सेंट्रल लाईटों व अन्य विद्युतीकृत कार्यों, पुल-सड़कों-घाटों के निर्माण, घाटों की पुताई और किसानों के खेतों का समतलीकरण करने, ओजोन गैस द्वारा पानी की सफाई का 9.51 करोड़ रूपये में दिया गया ठेका आदि के नाम पर भारी भरकम भ्रष्टाचार हुआ है। प्रति नग 750/- की दर से 7 करोड़ रूपयों के पानी पीने के मटके खरीदे गये, 5 करोड़ रूपये मूल्य की स्वास्थ्य सामग्री के लिए 60 करोड़ रूपये चुकाये गये, जिनके सिंहस्थ की खरीदी रेट और सरकारी रेट में बहुत बड़ा अंतर है। लघु उद्योग निगम ने जो दाम निर्धारित किये वे सरकारी अस्पतालों में तय की गई खरीद की कीमत से कई गुना ज्यादा है। बानगी के तौर पर:- सामग्री का नामसिंहस्थ की खरीदी रेटसरकारी रेट रबर हैण्ड ग्लब्ज1,890150 एक्सरे लैड फिल्म ब्यूवर सिंगल सेक्सशन11,2504500 एक्सरे लैड फिल्म ब्यूवर डबल सेक्सशन22,5008000 एक्सरे लैड फिल्म ब्यूवर ट्रिपल सेक्सशन33,75011,500 स्टेथो स्कोप700093 ग्लूकोमीटर विथ स्ट्रिप1450395 स्पंज होल्डिंग फोरसेप225096 ब्लड बैंक रेफ्रिजरेटर (50 बैग्स)3,6900097,256 सिरिज इंफ्यूजन पम्प38,50024,489 यूरीन एनालाईजर95,40029,990 डोलन कोच विथ रिमोट कंट्रोल1,9500010,6000 इलेक्ट्रोरेट एनालाईजर1,90,80081,000 आटोमेटेड सेल काउंटर 5 पार्ट12,990007,90,000 ब्लैड कलेक्शन मॉनिटर1,5200059,102 एम्बू बैग एडल्ट सिलिकॉन1750379 एम्बू बैग चाईल्ड सिलिकॉन1750340 एम्बू बैग इनफेंट1750340 हॉस्ट्रोक्टोमी इंस्टूमेंट सेट2,69,000 इसी तरह सिंहस्थ में जोन, सेक्टर ऑफिस, आवास व्यवस्था में कूलर लगाने के नाम पर ‘‘सोने से गढ़ावन महंगी’’ वाली कहावत चरित्रार्थ हुई। बाजार में 3500/- रूपये की कीमत में जो कूलर उपलब्ध हो सकते थे, स्थानीय नगर निगम ने उसे 5600/- रूपये प्रति कूलर किराये पर लगवाया। सिंहस्थ अवधि के लिए मंगवाये गये कूलर लागत से डेढ़ गुना किराया वसूलने के बाद भी वे सप्लायर के हो गये। विभिन्न स्थानों पर 528 कूलर किराये पर लगे थे, जिनका करीब 30 लाख रूपये किराया बना, जबकि इतनी धनराशि में निगम 850 कूलर स्वयं खरीद सकता था। इस दौरान मुल्लापुरा क्षेत्र के कनकेश्वरी धाम में बिछाये गये फर्शी पत्थर चुराते हुए पुलिस ने दो ट्रक पकड़े, मौके पर मौजूद कर्मियांे ने बताया कि हमारे ठेकेदार की भाजपा विधायक रमेश मेंदोला से बात हो गई है, उन्हीं के कहने पर पहले भी 4 ट्रक माल भेजा गया है। पुलिस ने 20 लाख रूपयों की कीमत वाले इन फर्शी पत्थरों की चोरी के इल्जाम में तीन लोगों को हिरासत में लेकर ट्रक भी खड़े करा लिये थे। यानि, सिंहस्थ के बाद प्रभावी भाजपाईयों के संरक्षण में लूट और चोरी भी सामने आयी है। अनुपयोगी कार्यों पर भी करीब 50 करोड़ रूपये पानी की तरह बहाया गया है। सिंहस्थ का आयोजन उज्जैन की क्षिप्रा नदी के तट पर होता है। यह नदी जलाभाव में सूख जाती है, लेकिन सिंहस्थ-2016 को लेकर इस नदी में प्रदेश सरकार ने करोड़ों रूपये खर्च कर पम्पों के माध्यम से जीवनदायिनी नर्मदा नदी का जल 50 किलोमीटर दूर से लाकर क्षिप्रा नदी मंे डाला। इस कार्य हेतु खर्च की गई बहुत बड़ी धनराशि से क्षिप्रा को ही पुनर्जीवित किया जा सकता था। हिन्दू धर्म के अनुसार माँ नर्मदा कुंवारी नदी है, इसका जल अन्य किसी नदी मंे डालना पाप ही नहीं धार्मिक दृष्टि से भी हमारी आस्थाओं पर आघात पहुंचाने का सरकारी कदम एक अक्षम्य अपराध है। समूचे आयोजन स्थल, साधुओं की छावनियों में 35 हजार शौचालय, 15 हजार बाथरूम व 10 हजार मूत्रालयों का निर्माण होना था, इसके लिए 18 अगस्त, 2015 को टेंडर क्रमांक 1415 निकाला गया, जो मात्र 36 करोड़ रूपये का था। इसमें लल्लूजी एंड सन्स, सुलभ और 2004 के सिंहस्थ में अधूरा काम छोड़कर भागने वाले ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार सिंटेक्स ने भी भाग लिया। 36 करोड़ रूपयों का यह ठेका 117 करोड़ रूपयों का कैसे हो गया? कागजी तौर पर 90,341 शौचालयों का निर्माण बिना किसी तरह के फिजीकल वेरिफिकेशन के करवाया गया। कहीं भी यदि पक्के शौचालयों का निर्माण कराया जाता है तो उसकी लागत लगभग 12 हजार रूपये प्रति शौचालय आती है, फिर आश्चर्य की बात है कि एक अस्थायी शौचालय के निर्माण में 13 हजार रूपये खर्च कैसे हुए। सरकार के दावों में 90,341 शौचालयों का निर्माण कराया गया है, जबकि जमीनी हकीकत में मात्र 40 हजार शौचालय ही बने। शेष राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गयी। उल्लेखनीय है कि उज्जैन संभाग के आयुक्त रवीन्द्र पस्तौर द्वारा प्रत्येक शौचालय, बाथरूम व मूत्रालय पर नंबरिंग करने के जारी आदेशों की अनदेखी क्यों की गई? कांग्रेस का सीधा और गंभीर आरोप है कि सिंहस्थ के प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह और मुख्यमंत्री के नौ-रत्नों में एक वरिष्ठ आईएएस विवेक अग्रवाल दक्षिण भारत से बगैर टेंडर 25 करोड़ रूपयों की लेट्रीन-बाथरूम का ढांचा लेकर आये थे और इस बड़ी कमीशनखोरी ने ही संभागायुक्त के आदेश को हवा में उड़ा दिया। 36 करोड़ रूपये के शौचालय 117 करोड़ रूपये के हो गये। इसी प्रकार नगर निगम ने आर-ओ युक्त 750 प्याऊ का निर्माण 2.50 लाख रूपये की प्रति लागत से करवाया और प्रतिदिन की मान से 40 करोड़ रूपयों में कचरा प्रबंधन का ठेका दिया, इसमें भी बहुत बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। यहां तक कि कचरा प्रबंधन में हुए भ्रष्टाचार को लेकर हाईकोर्ट में याचिका भी लगी, जिस पर हाईकोर्ट ने स्थगन तक दे डाला था। निगम के तमाम पुलों के निर्माण में हर एक के रेट रिवाईज किये गये, जबकि लोहा और सीमेंट के दाम कम थे। रिश्वत खाकर हर मामले में सरकार की गलती बताकर देरी का कारण बताया गया और कीमतें दोगुना कर दी गईं। 05 करोड़ रूपये में नदी पर बनने वाला पुल 15 करोड़ रूपयों में बना। जीरो पाइंट के पुल ठेकेदार नरेन्द्र मिश्रा को 01 करोड़ रूपयों का अतिरिक्त भुगतान यह कहकर करवाया गया कि, उसने रेल्वे के मापदंडों के अनुसार पुताई की है। मेला क्षेत्र में किसानों के लिए खेतों के ठेके पूर्व में ही हो गये थे। खेतों की लेवलिंग का काम बताकर इसके ठेकेदार कोमल भूतड़ा को 10 करोड़ रूपयों का भुगतान किया गया। काम कहां, क्या और कितना हुआ इसकी जानकारी देने के लिए आज भी कोई व्यक्ति अधिकृत नहीं है? मेसर्स यशनंद इंजीनियरिंग एवं कान्टेक्टर को 28 जुलाई, 2014 को 450 बेड के अस्पताल का ठेका 66.44 करोड़ रूपयों में 31 दिसम्बर, 2015 तक की अवधि मंे पूर्ण करने के साथ दिया गया जो पूरा नहीं हो सका। गृह निर्माण मंडल के भ्रष्ट अधिकारी इसका खर्च अब 93.10 करोड़ रूपये बता रहे हैं, इनकी बेईमानी, मनमानी और भ्रष्टाचार की वजह से शासन को 27 करोड़ रूपयों का चूना लगा। इसी तरह सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के मुख्य कनेक्टिंग तालाब की सफाई को लेकर भी मेसर्स स्टील इंजीनियरिंग, फरीदाबाद की एक कंपनी को ठेका दिया गया था, इस कार्य की अनुमानित लागत 54 लाख रूपये थी, सफाई कार्य मशीनों की बजाय मजदूरों से कराया गया, इंजीनियरों की सांठगांठ से ठेकेदार ने ऊपरी काम करके भुगतान प्राप्त कर लिया और 1000 करोड़ रूपयों की डकैती हो गई। महाकुंभ को सहयोग देने हेतु जमीन देने वाले किसानों की आंखांे में भी आज आंसू हैं, 2843 किसानांे की करीब 2700 हेक्टेयर कुल भूमि ली गई, 2042 किसानों की 2282 हेक्टेयर जमीन पडाव के लिए ली गई, 374 किसानों की 300 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण सेटेलाईट टाउन, वाहन चेकिंग व पार्किंग के लिए हुआ और 427 किसानांे की 152 हेक्टेयर जमीन पंचकोशी मार्ग पर ली गई, किन्तु निर्धारित भुगतान की दरों के हिसाब से लगभग आधे किसानों को भुगतान ही नहीं हुआ है, जबकि उनकी अधिकांश जमीनें अप्रैल, 2015 से ही ले ली गई थीं। आज सिंहस्थ-2016 के समापन को लगभग दो माह ही हुए हैं और वहां हुए श्रेष्ठ कहे जाने वाले निर्माण कार्यों की परते खुलना चालू हो गई हैं। सड़क, घाटों के निर्माण, चौराहों के कथित सौंदर्यकरण, क्षिप्रा के पवित्र जल का अपवित्र होना, बाउंड्रीवाल निर्माण आदि ध्वस्त होने लगे है, इससे कांग्रेस के उक्त आरोपों को स्वतः साबित होने से कोई भी नहीं रोक सकेगा। इस धार्मिक महाआयोजन में सरकार की कार्यप्रणाली पर उठे सवालिया निशान पर भी कांग्रेस पार्टी सरकार से जानना चाहती है कि:- सिंहस्थ के दौरान 600 करोड़ रूपयों के निर्माण कार्यों की मॉनिटरिंग की जबावदेही लोक निर्माण विभाग के उसी कार्यपालन यंत्री पी.जी. केलकर को क्यों सौंपी गई, जिसे मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर में घटिया सड़क निर्माण कराने का दोषी पाया गया था और उसके वेतन से 42 लाख रूपयों की वसूली भी हो रही है। यह भी कहा जा रहा है कि केलकर को उज्जैन में इस जबावदारी को निभाने में कलेक्टर उज्जैन कवीन्द्र कियावत की भूमिका रही है, क्योंकि जब कियावत सीहोर कलेक्टर थे, तब उसी अवधि में केलकर का यह घोटाला सामने आया था। मेला अधिकारी आईएएस अविनाश लवानिया जो प्रदेश काबिना मंत्री नरोत्तम मिश्रा के दामाद हैं, इस समूचे भ्रष्टाचार में उनकी भूमिका क्या है। मुख्यमंत्री के भांजा-दामाद और उज्जैन नगर निगम के उपायुक्त वीरेन्द्रसिंह चौहान की इस दौरान पाई गई संदिग्ध भूमिका को लेकर प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह ने नोटशीट जारी कर तत्काल प्रभाव से उनके स्थानांतरण किये जाने हेतु कहा था, आखिरकार किसके दबाव में उनका स्थानांतरण न करते हुए सिर्फ उनके वित्तीय अधिकारों पर रोक लगाई गई? सिंहस्थ-2016 आने के पूर्व लगभग एक वर्ष तक नगरीय प्रशासन विभाग के मुखिया का पद संभाल रहे मुख्यमंत्री को यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी काबीना में कई (अ)-योग्य मंत्री महत्वपूर्ण मंत्रालय को संभाल सकते थे, किन्तु इस विभाग को सिंहस्थ के पूर्व से समापन के बाद तक दायित्व संभालने के पीछे उनकी कौन सी ई-मानदार मंशा छुपी हुई थी। सिंहस्थ की महत्वपूर्ण जबावदारी संभालने वालों में लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री पी.जी. केलकर के अतिरिक्त उज्जैन विकास प्राधिकरण के मुख्य पदाधिकारी शैलेन्द्रसिंह, चंद्रमौली शुक्ला, शोभाराम सोलंकी, के.सी. भूतड़ा सहित करीब एक दर्जन वे दागी अफसर शामिल हैं, जिनके विरूद्व गंभीर घोटालों/भ्रष्टाचार को लेकर लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू में प्रकरण दर्ज हैं, इन्हें किन विशेष योग्यताओं के तहत बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी गईं? प्राप्त जानकारी के अनुसार (जनसंपर्क एवं माध्यम, सूचना का अधिकार कानून-2005 के तहत जानकारी नहीं दे रहा है।) सिंहस्थ के नाम पर प्रदेश सरकार ने करीब 600 करोड़ रूपये मुख्यमंत्री की फोटो के साथ निर्लज्जतापूर्वक उनकी ब्रांडिंग के लिए बजट राशि का आवंटन किया था, जिस तरह से उन्होंने देश-विदेश के विभिन्न हवाई अड्डांे, अन्य राज्यों और देश भर में चलने वाली रेल गाडि़यों/रेल्वे स्टेशनों आदि स्थानों पर प्रचार-प्रसार करवाया, हालाकि उसके बावजूद भी अपेक्षा के अनुरूप धर्मावलंबियों ने इस आयोजन में हिस्सा नहीं लिया, उसके बावजूद भी कहा जा रहा है कि 180 करोड़ रूपये का अमेरिका में, जहां 4000 भारतीय मूल के निवासी भी नहीं हैं, ब्रांडिंग व प्रचार-प्रसार हेतु भुगतान किया गया है, सरकार स्पष्ट करे? सिंहस्थ का समापन हालाकि 21 मई, 2016 को हुआ, उसके बाद राज्य सरकार ने साधु-संतो और जनता की सुविधा हेतु उसमें तीन दिन का इजाफा कर विधिवत समापन 24 मई, 2016 को कराया। आखिरकार जनसंपर्क विभाग को इतनी कौन सी जल्दबाजी थी, जिसमें उसने 26 जून, 2016 यानि एक माह के भीतर महालेखाकार की टीम को बुलाकर उसका ऑडिट भी करवा लिया और प्रमाण पत्र भी हासिल कर लिया? सिंहस्थ के दौरान दो माह के लिये प्रत्येक आने-जाने वाले नागरिकों का 2 लाख रूपये का बीमा कराया गया था, इसे लेकर सरकार ने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी को 1 करोड़ 76 लाख 37 हजार 542 रूपयों के प्रीमियम की अदायगी की थी, बीमा कंपनी ने संपूर्ण मेला क्षेत्र, नगर निगम सीमा क्षेत्र में कार्यरत पुलिस, प्रशासन के अधिकारियों/कर्मचारियों/नागरिकों को इसमें शामिल करते हुए दुर्घटना, मृत्यु, आगजनी, तूफान या शासकीय संपत्ति के नुकसान को भी मुआवजा राशि में शामिल किया था। 8 अप्रैल 2016, को बीमा कंपनी के मुख्य रीजनल मैनेजर दीपक भारद्वाज और मेला अधिकारी अविनाश लवानिया के बीच इस बाबत हुए सहमति अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर हुए थे, कहा जा रहा है कि इस दौरान सरकारी आंकड़ों के मुताबिक आंधी, तूफान व डूबने के कारण लगभग 206 पोस्टमार्टम एवं यात्रियों की लगभग 96 मौतें विभिन्न दुर्घटनाओं में हुई हैं, किन्तु नोडल अधिकारी ने एक भी दावा बीमा कंपनी में प्रस्तुत नहीं किया, इसका कारण क्या है? सिंहस्थ में खाद्यान्न घोटाला भी हुआ:- सिंहस्थ-2016 को लेकर प्रदेश के खाद्य विभाग ने समूचे प्रदेश की सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित प्रति राशन दुकानों, समितियों, गेहूं खरीदी केंद्रों से 1000/- रूपये नगद और 01 क्विंटल गेहूं अप्रैल-मई माह के निर्धारित कोटे से गोपनीय रूप से निर्देश जारी कर एकत्र किया था, ताकि साधु-महत्माओं के शिविरों में यह खाद्यान्न दिया जा सके, जबकि हकीकत यह है कि सभी शिविरांे में प्रतिदिन होने वाली भोजन-प्रसादी/भण्डारों की खाद्य सामग्री व अन्य व्यय विभिन्न धर्मालुओं, समाजसेवी संगठनों और साधु-महात्माओं ने ही उठाये हैं। लिहाजा, खाद्य विभाग द्वारा एकत्र किये गये 2.50 लाख टन खाद्यान्न और नगद राशि का उपयोग कहां और किसने किया, सरकार को स्पष्ट करना चाहिए। धर्म के नाम पर अधर्म, भ्रष्टाचार और राजनीति हावी रही:- कांग्रेस पार्टी को सार्वजनिक तौर पर यह कहने मं कोई भी गुरेज नहीं है कि धर्म और आध्यात्म इस आयोजन में अधर्म, भ्रष्टाचार और राजनीति के आगे बौने साबित हुए। मात्र अपने बदनुमा चेहरे पर सफाई का आवरण ओढ़ने एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुश करने के लिए 127 करोड़ रूपये ‘‘वैचारिक कुंभ’’ के नाम पर फूंक दिये गये। मुख्यमंत्री बतायें कि इतनी बड़ी धनराशि को ‘‘वैचारिक कंभ’’ के नाम पर खर्च करने के बाद इस प्रदेश को इससे क्या हासिल हुआ? सिवाय ‘‘वैचारिक कुंभ’’ से प्राप्त ‘‘आर्थिक आनंद’’ से प्रेरित होकर ही ‘‘आनंद मंत्रालय’’ की स्थापना ......। कांग्रेस पार्टी धर्म, आस्थाओं और आध्यात्म से जुड़े इस महापर्व में हुई अनियमितताओं, घोटालों और भ्रष्टाचार के लगाये गये प्रामाणिक आरोपों को लेकर सिंहस्थ के नाम पर अपनी ब्रांडिंग करवाने वाले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और ‘‘सिंहस्थ में जो भ्रष्टाचार करेगा, वह तीन जन्मों तक पाप का भागीदार होगा’’ 15 अप्रैल 2016, को यह कहने वाले सिंहस्थ-2016 के प्रभारी मंत्री भूपेन्द्रसिंह से इनका जबाव चाहते हुए मांग करती है कि इसकी हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग में जांच कराये जाने हेतु वह स्वयं हाईकोर्ट से आग्रह करे और वे यह भी स्पष्ट करें कि जुलाई 2016 में माननीय उच्च न्यायालय, इंदौर की युगलपीठ द्वारा सरकार को दिये गये उस आदेश का उन्होंने क्या पालन किया है, जिसमें उच्च न्यायालय ने सिंहस्थ के सभी खर्चों की रिपोर्ट सरकार को पेश करने हेतु आदेशित किया है।
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20 July 2016म. प्र. में कैबिनेट ने एक नए विभाग "आनंद विभाग' के गठन का निर्णय लिया है । एक मित्र से प्राप्त शरद जोशी जी की याद दिलाता सटीक व्यंग --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------- खबर है कि सरकार ने एक आनंद विभाग बनाया है । सरकार चाहती है, जनता खुश रहे । मैं सरकार की चाहत देख कर ही खुश हो गया हूं । पत्नी नाराज है - " हम बरसों से कह रहे थे , मुंह लटकाए मत रहा करो , तो सुनते नहीं थे ।सरकार ने कहा तो तुरंत फ्यूज बल्ब से हैलोजन लाइट हो गए " । मेरा मुंह जरा लटका सा है ।लोग अक्सर टोकते हैं - क्या बात है भाई साहब , ये पंचर टायर सी सूरत क्यों बनाई है ? दोस्तों तक तो ठीक था पर अब मामला कानूनी है। डरता हूँ , कही मेरे लटके मुंह के वजह से मुझे सरकार अपराधी न करार दे । नये विभाग के अधिकारी न जाने क्या नियम बना दें । हो सकता है नाखुश रहना कानूनन जुर्म करार दिया जाये । पर यह कैसे साबित होगा, कि आदमी खुश है या नहीं ? सरकारी अफसर पूछेगा - बताइए आप खुश हैं ? गरीब आदमी फौरन कहेगा - जी हुजूर बहुत खुश हूं । थाने में चोरी की रिपोर्ट लिखाने गया आदमी 10 मिनट में मान जाता है कि उसके यहां चोरी हुई ही नहीं थी । उसे वहम हो गया था । जो मालमत्ता गया , वह कभी उसका था ही नहीं । माया थी । मोह था । ऐसे में थानेदार जब डपट कर पूछेगा - बोल तू खुश है कि नहीं , तो मजाल है गरीब ना कर दे । फिर आनंद विभाग के पास क्या काम बचेगा ? मेरे एक मित्र कहते हैं - अब हमें आनंद टैक्स भरना होगा । इस टैक्स की रकम सरकार आनंद फैलाने के लिए खर्च करेगी ।क्या खेल - तमाशे , नाच -गाने पर ? किन्तु सरकार तो उल्टा उस पर मनोरंजन कर के जरिए लगाम कसती है ! कोई कह रहा था इस विभाग मे आध्यात्मिक गुरुओं को मंत्री बनाया जायेगा ! हां यही सही रहेगा ! हमें सदियों से सिखाया गया है - जगत मिथ्या है ! भूख , गरीबी , बीमारी सब मिथ्या है । इनसे लड़ो मत । स्वीकार कर लो । जब सारी दुनिया विज्ञान की मदद से भूख और गरीबी से लड़ रही थी , तब भी हम ब्रह्मानंद की खोज में लगे थे ।सदियों से ऐसा होता आया है। तो फिर सरकार को सेहत , रोजगार , सड़क किसी विभाग की जरूरत नहीं है । बस किसी खास योग या क्रिया से लोगों को खुश रहना सिखा दीजिए । और सरकर का काम खत्म । पर मेरे मित्र कहते हैं अगर सरकार के सारे विभाग अपना अपना काम ठीक से करें तो जनता की तकलीफ अपने आप दूर हो जाए और इस आनंद विभाग की जरूरत ही न पड़े । मित्र सरकार की मजबूरी समझ नहीं पा रहे है । लोगों की चिंता सरकार का कर्तव्य है । इस चिंता को सरकार अपनी सुविधा अनुसार जाहिर करती है । सड़क दुर्घटनाएं बढ़ने लगी तो सरकार को चिंता हुई विशेषज्ञों ने कारण बताए - सड़कों की इंजीनियरिंग खराब है, गड्ढे , अंधे मोड़ , तेज ढलान , टूटी पुलियाऐं , बगैर संकेतक के स्पीड ब्रेकर , आवारा पशु तमाम वजहें हैं । सरकार चिंतित हो गई और नियम बनाया कि। दुर्घटनाओं की एकमात्र वजह हेलमेट न पहनना है । अधिकारी हर सड़क , चौराहे पर हेलमेट के चालान बनाए, इससे साबित हो जाएगा यदि दुर्घटना होती है, तो नागरिक स्वयं जिम्मेदार है : क्योंकि वह हेलमेट नहीं पहनते...! सरकार ने सफाई की चिंता की । लोगों ने कहा - शहर में कई किलोमीटर तक सार्वजनिक शौचालय नहीं है; ड्रेनेज लाइन और सीवरेज ट्रीटमेंट की व्यवस्था नहीं है कचरे को उठा कर ले जाने की व्यवस्था नहीं है । पर सरकार ने कहा -असल समस्या यह नही है दरअसल नागरिक सड़क पर गंदगी करते हैं । उन पर दंड लगाइए। अब सरकार खुशी की चिन्ता कर रही है । खुदा खैर करे ..। मैं दूध का जला हूं, यह आनंद विभाग की छांछ फूंक फूंक कर पीना चाहता हूं । क्या पता कल से पुलिस हर चौराहे पर मुस्कुराहट मीटर लगा कर मेरी खुशी चेक करे । मेरा तो रोज चालान कटेगा । पुलिस कहेगी - तुम पर उदास रहने का आरोप है ।500 रूपये निकालो । मैं कहूंगा - नहीं हुजूर.., मैं तो हमेशा खुश रहता हूं .., वह तो बस अभी 2 मिनट पहले बच्चे के स्कूल की फीस याद आ गई .., तो जरा सा.....! साले .., सरकार को गुमराह करता है.., अरे मिसरा - लाना तो जरा मेरा डंडा .., इसकी मनहूसियत दूर करूं । मैं जोर-जोर से हंसता हूं- नहीं हुजूर नहीं .., देखिए मैं हंस रहा हूं..., भूख , गरीबी ,जुल्म , गैरबराबरी , जात पात, सब कुछ भूल कर मैं हंसूंगा... खूब खुश रहूंगा...! बस मुझे मेरे हाल पर छोड़ दीजिए...!"
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19 July 2016उज्जैन में श्रावण-भादौ मास में राजाधिराज भगवान महाकाल की दिनचर्या बदल जाएगी। भगवान भक्तों के लिए आम दिनों की अपेक्षा डेढ़ घंटा पहले जागेंगे। सवारी वाले दिन संध्या पूजन और आरती का समय भी बदल जाएगा। 20 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत होगी। देश-विदेश से लाखों भक्त अवंतिकानाथ के दर्शन के लिए उमड़ेंगे। पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि इस दौरान करीब सवा माह भक्तों के लिए भगवान जल्दी जागेंगे। आम दिनों में तड़के 4 बजे होने वाली भस्मारती सप्ताह में 6 दिन रात 3 बजे तथा सोमवार के दिन रात 2.30 बजे से होगी। श्रावण-भादौ मास में प्रति सोमवार भगवान महाकाल भक्तों का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलते हैं। इस दिन आम दिनों में शाम 5 बजे होने वाली संध्या पूजा दोपहर 3 बजे होगी तथा संध्या आरती बाबा महाकाल की पालकी मंदिर आने के बाद की जाएगी। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने पहली बार श्रावण-भादौ मास में भस्मारती दर्शन की ऑनलाइन अनुमति देने का निर्णय लिया है। देश-विदेश में बैठे भक्त सप्ताह में चार दिन ऑनलाइन अनुमति करा सकेंगे। शनिवार से सोमवार तक तीन दिन के लिए दर्शन की अनुमति ऑफलाइन मिलेगी। श्रद्धालु मंदिर के बुकिंग काउंटर से अनुमति प्राप्त कर सकेंगे। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल में तड़के 4 बजे भस्मारती होती है। मंदिर समिति भस्मारती दर्शन के लिए ऑनलाइन व ऑफलाइन अनुमति देती है। अभी तक श्रावण-भादौ मास में ऑनलाइन अनुमति बंद रहती थी। इस दौरान देश-विदेश से आने वाले भक्तों को मंदिर के भस्मारती बुकिंग काउंटर से ऑफलाइन अनुमति लेना पड़ती थी। लेकिन इस बार समिति ने भक्तों की सुविधा के लिए सप्ताह में चार दिन ऑनलाइन अनुमति का विकल्प खुला रखा है। केवल शनिवार, रविवार तथा सोमवार को ही ऑनलाइन बुकिंग बंद रहेगी। आज से बंद होगी बुकिंग सहायक प्रशासक सुदीप मीणा ने बताया ऑनलाइन अनुमति में एक माह पहले से बुकिंग का विकल्प है। 20 जुलाई से श्रावण मास शुरू हो जाएगा। इसलिए 20 जून से शनिवार, रविवार तथा सोमवार की बुकिंग बंद कर दी जाएगी। भक्त सप्ताह के शेष दिनों की बुकिंग करा सकेंगे।
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17 July 2016पंडित सुनील गुरु स्कंदपुराण के अनुसार पुत्र के जन्म लेने के साथ ही उस पर तीन ऋ ण जुड़ जाते हैं- देवऋण, ऋषिऋ ण और पितर ऋ ण। पितर ऋण से मुक्त होने के लिए पुत्र को अपने घर के बुजुर्गों का श्राद्ध अवश्य करना चाहिए जिससे उनको पुत नामक नरक से मुक्ति प्राप्त हो सके। श्राद्ध करने का पहला अधिकार मृतक के बड़े पुत्र का होता है परंतु यदि बड़ा पुत्र न हो अथवा वह श्राद्ध आदि कर्म न करता हो तो छोटा पुत्र श्राद्ध कर सकता है। यदि किसी परिवार में सभी पुत्र अलग-अलग रहते हों तो सभी को अपने पितरों का श्राद्ध करना चाहिए। यदि किसी का कोई पुत्र न हो तो उसकी विधवा स्त्री श्राद्ध करवा सकती है तथा पत्नी के न होने पर उसका पति भी पितरों के निमित्त श्राद्ध करने का अधिकारी है। पौत्र को अपने दादा-दादी का श्राद्ध करवाने का हक है परंतु पौत्र भी न हो तो पड़पौत्र, पड़पौत्र भी न हो तो भाई-भतीजे व उनके पुत्र भी श्राद्ध करवाकर अपने पितरों का उद्धार करवा सकते हैं। यदि किसी का ऐसा कोई भी संबंधी न हो तो लडक़ी का पुत्र यानी दोहता श्राद्ध करवाकर अपने पूर्वजों को नरक से निजात दिलवा सकता है। हमारे समाज में गरीब और साधन संपन्न सभी तरह के वर्ग हैं. श्राद्ध व मृत्यु भोजों का आयोजन अपनी आर्थिक हैसियत से ही करना चाहिए. सांत्वना और सहानुभूति के नाम पर गरीब अपनी प्रतिष्ठा बचाने में बेवजह कर्ज लेकर या खेत-मकान बेचकर या गिरवी रखकर श्राद्ध भोज करते हैं, तो आगे उनका जीवनयापन कष्टदायी होता है और घर का बजट बिगड़ जाता है. धन के अभाव में पारिवारिक जिम्मेदारी न निभा पाने पर समाज उनकी खिल्ली उड़ाता है. सच्ची श्रद्धांजलि हृदय से होती है, दिखावे से नहीं. आज की महंगाई के दौर में श्राद्ध भोजों को सीमित करना जरूरी और उचित है। भाद्रपद महीने के कृष्णपक्ष के पंद्रह दिन पितृपक्ष (पितृ = पिता) के नाम से विख्यात है. इन पंद्रह दिनों में लोग अपने पितरों (पूर्वजों) को जल देते हैं तथा उनकी मृत्युतिथि पर पार्वण श्राद्ध करते हैं. पिता-माता आदि पारिवारिक मनुष्यों की मृत्यु के पश्चात् उनकी तृप्ति के लिए श्रद्धापूर्वक किए जाने वाले कर्म को पितृ श्राद्ध कहते हैं। भारतीय धर्मग्रंथों के अनुसार मनुष्य पर तीन प्रकार के ऋ ण प्रमुख माने गए हैं- पितृ ऋ ण, देव ऋ ण तथा ऋ षि ऋ ण. इनमें पितृ ऋ ण सर्वोपरि है. पितृ ऋ ण में पिता के अतिरिक्त माता तथा वे सब बुजुर्ग भी सम्मिलित हैं, जिन्होंने हमें अपना जीवन धारण करने तथा उसका विकास करने में सहयोग दिया। पितृपक्ष में हिन्दू लोग मन कर्म एवं वाणी से संयम का जीवन जीते हैं; पितरों को स्मरण करके जल चढाते हैं; निर्धनों एवं ब्राह्मणों को दान देते हैं. पितृपक्ष में प्रत्येक परिवार में मृत माता-पिता का श्राद्ध किया जाता है, परंतु गया श्राद्ध का विशेष महत्व है. वैसे तो इसका भी शास्त्रीय समय निश्चित है, परंतु ‘गया सर्वकालेषु पिण्डं दधाद्विपक्षणं’ कहकर सदैव पिंडदान करने की अनुमति दे दी गई है। प्रस्तुत है पितृ एवं पितृ-पक्ष के महत्व की विशेष जानकारी— माता-पिता की सेवा को सबसे बड़ी पूजा माना गया है. जो जीवन रहते उनकी सेवा नहीं कर पाते, उनके देहावसान के बाद बहुत पछताते हैं. इसलिए हिंदू धर्म शास्त्रों में पितरों का उद्धार करने के लिए पुत्र की अनिवार्यता मानी गई हैं. राजा भागीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार के लिए गंगा जी को स्वर्ग से धरती पर ला दिया. जन्मदाता माता-पिता को मृत्यु-उपरांत लोग विस्मृत न कर दें, इसलिए उनका श्राद्ध करने का विशेष विधान बताया गया है। अर्थात् जो अपने पितरों को तिल-मिश्रित जल की तीन-तीन अंजलियाँ प्रदान करते हैं, उनके जन्म से तर्पण के दिन तक के पापों का नाश हो जाता है. हमारे हिंदू धर्म-दर्शन के अनुसार जिस प्रकार जिसका जन्म हुआ है, उसकी मृत्यु भी निश्चित है; उसी प्रकार जिसकी मृत्यु हुई है, उसका जन्म भी निश्चित है. ऐसे कुछ विरले ही होते हैं जिन्हें मोक्ष प्राप्ति हो जाती है. पितृपक्ष में तीन पीढय़िों तक के पिता पक्ष के तथा तीन पीढय़िों तक के माता पक्ष के पूर्वजों के लिए तर्पण किया जाता हैं. इन्हीं को पितर कहते हैं. दिव्य पितृ तर्पण, देव तर्पण, ऋषि तर्पण और दिव्य मनुष्य तर्पण के पश्चात् ही स्व-पितृ तर्पण किया जाता है. भाद्रपद पूर्णिमा से आश्विन कृष्णपक्ष अमावस्या तक के सोलह दिनों को पितृपक्ष कहते हैं. जिस तिथि को माता-पिता का देहांत होता है, उसी तिथी को पितृपक्ष में उनका श्राद्ध किया जाता है. शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में अपने पितरों के निमित्त जो अपनी शक्ति सामर्थ्य के अनुरूप शास्त्र विधि से श्रद्धापूर्वक श्राद्ध करता है, उसके सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं और घर-परिवार, व्यवसाय तथा आजीविका में हमेशा उन्नति होती है. पितृ दोष के अनेक कारण होते हैं. परिवार में किसी की अकाल मृत्यु होने से, अपने माता-पिता आदि सम्मानीय जनों का अपमान करने से, मरने के बाद माता-पिता का उचित ढंग से क्रियाकर्म और श्राद्ध नहीं करने से, उनके निमित्त वार्षिक श्राद्ध आदि न करने से पितरों को दोष लगता है. इसके फलस्वरूप परिवार में अशांति, वंश-वृद्धि में रूकावट, आकस्मिक बीमारी, संकट, धन में बरकत न होना, सारी सुख सुविधाएँ होते भी मन असन्तुष्ट रहना आदि पितृ दोष हो सकते हैं. यदि परिवार के किसी सदस्य की अकाल मृत्यु हुई हो तो पितृ दोष के निवारण के लिए शास्त्रीय विधि के अनुसार उसकी आत्म शांति के लिए किसी पवित्र तीर्थ स्थान पर श्राद्ध करवाएँ. अपने माता-पिता तथा अन्य ज्येष्ठ जनों का अपमान न करें. प्रतिवर्ष पितृपक्ष में अपने पूर्वजों का श्राद्ध, तर्पण अवश्य करें. यदि इन सभी क्रियाओं को करने के पश्चात् पितृ दोष से मुक्ति न होती हो तो ऐसी स्थिति में किसी सुयोग्य कर्मनिष्ठ विद्वान ब्राह्मण से श्रीमद् भागवत् पुराण की कथा करवायें. वैसे श्रीमद् भागवत् पुराण की कथा कोई भी श्रद्धालु पुरुष अपने पितरों की आम शांति के लिए करवा सकता है. इससे विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
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16 July 2016खंडवा में जरजर हो रहा है गांगुली हाउस हरफनमौला किशोर कुमार के जर्जर बंगले को गिराने संबंधी नोटिस उनके परिजन को मुंबई के पते पर भेजा जाएगा। खंडवा नगर निगम ने इस संबंध में नोटिस को लेकर फाइल तैयार कर ली है। नोटिस संभवतः किशोर कुमार के भाई अनूपकुमार के नाम भेजा जा सकता है। नगर निगम के इंजीनियर राधेश्याम उपाध्याय ने किशोर कुमार के जर्जर बंगले का निरीक्षण करने के बाद चार्टशीट तैयार कर ली है। इसमें उल्लेख किया गया है कि बंगले का पिछला हिस्सा पूरी तरह खस्ताहाल हो चुका है। छतों की लकड़ियां उखड़ने के साथ ही कमरों से पानी भी टपक रहा है। ऐसे में दुर्घटना की आशंका है। चार्टशीट की फाइल तैयार होने के बाद नगर निगम द्वारा इसे राजस्व विभाग को भेजा गया है, ताकि वहां से बंगले की संपत्ति जिस नाम से दर्ज है उसका नोटिस भी तैयार किया जा सके। सूत्रों के मुताबिक किशोर कुमार का बंगला राजस्व रिकॉर्ड में कल्याणमल कुंजीलाल गांगुली के नाम से दर्ज है। नोटिस इसी नाम से तैयार कर किशोरदा के भाई अनूपकुमार को मुंबई स्थित पते पर पोस्ट से भेजा जाएगा। निगमायुक्त जेजे जोशी ने बताया कि किशोर कुमार के बंगले से संबंधित फाइल तैयार हो गई है। जन्म के साथ ही जिस घर में किशोरकुमार पले-बढ़े उस बंगले की सहेजकर रखने में न तो परिजन ने गंभीरता दिखाई और न ही प्रशासन द्वारा इसे लेकर कोई प्रयास किए गए। नगर निगम अधिकारीयों ने बंगले के निरीक्षण में पाया कि भवन की एक दीवार हाल ही में टूट चुकी है, जिसका मलबा बंगले के परिसर में ही पड़ा है। भवन के ऊपरी माले की छत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। ऐसे में किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। करीब आधे घंटे के निरीक्षण के बाद इंजीनियर द्वारा वस्तुस्थिति से निगमायुक्त को अवगत कराया गया। करीब 40 साल से किशोरदा के बंगले की चौकीदारी कर रहे बुजुर्ग सीताराम ने बताया कि मुंबई में रहने वाले किशोरकुमार के परिजन भवन को सहेजकर रखने में रुचि नहीं ले रहे हैं। कुछ दिनों पूर्व भवन की दीवार गिरने की जानकारी जब मुंबई में परिजन को दी गई तो वो कहते हैं गिरने दो दीवारें। भवन की खस्ता हालत को देखकर चौकीदार ने भी भीतरी हिस्से में जाना बंद कर दिया है।
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14 July 2016राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का देश में काफी तेजी से विस्तार हुआ है। मौजूदा समय में इसकी देशभर में कुल 57 हजार शाखायें खोली जा चुकी है जिनकी कुल संख्या एक लाख तक पहुंच सकती है। बिठूर में चल रहे आरएसएस के चिंतन शिविर में इस बात की जानकारी दी गयी कि मौजूदा समय में आरएसएस की कुल 57 हजार शाखायें खोली जा चुकी हैं और वर्ष 2019 तक यह आंकड़ा एक लाख के पार पहुंच जाएगा। आरएसएस के चिंतन शिविर में अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक के चीफ मनमोहन वैद्य ने आरएसएस के खिलाफ चल रही खबरों को मीडिया की मनगढ़ंत खबरें बताया है। इन रिपोर्ट को तथ्यहीन बताते हुए मीडिया से अपील की गयी कि वह बिना सत्यता के आंकड़ो और खबरों को ना लिखें। वैद्य ने कहा कि पिछले छह सालों में देश की जनता की संघ के प्रति रूचि बढ़ी है इसी का नतीजा है कि 2012 तक देशभर में कुल 12 हजार शाखायें खुली थी। जोकि वर्तमान में 57 हजार का आंकड़ा पार कर चुकी है। उन्होंने कहा कि अगले चार साल में यह आंकड़ा एक लाख को पार कर जाएगा। आरएसएस पर चुनाव के लिए काम करने के आरोपों पर बोलते हुए वैद्य ने कहा कि हम चुनाव के लिए काम नहीं करते बल्कि संगठन को मजबूत करने के लिए काम करते हैं। हम समाज में भटके युवाओं को संस्कारित करने का काम करते हैं। संघ के कार्यवाहक सुरेश सोनी ने कहा कि मनमोहन वैद्य ने कुछ अन्य कामों की वजह से अवकाश लिया था उनका संघ के साथ किसी भी तरह का मनमुटाव नहीं था , इस चिंतन शिविर में कुल 42 प्रांत प्रचारक आये ।
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13 July 2016शिक्षा माफिया को किया जाएगा कॉलेजों से बाहर उच्च शिक्षा, लोक सेवा प्रबंधन तथा जन-शिकायत निवारण मंत्री जयभान सिंह पवैया ने निर्देश दिये हैं कि प्रदेश के सभी शासकीय महाविद्यालय भवन में अनिवार्य रूप से राष्ट्रीय ध्वज लगाये जायें। श्री पवैया ने महाविद्यालयों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा तीन महापुरुष, युवाओं के आदर्श स्वामी विवेकानन्द, महात्मा गांधी और बाबा साहेब अम्बेडकर के चित्र लगाने के भी निर्देश दिये। श्री पवैया ने उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि अब विद्या के मंदिरों में शिक्षा माफिया जैसे प्रचलित शब्दों की कोई जगह नहीं होना चाहिये। उच्च शिक्षा मंत्री पवैया ने कहा कि प्रदेश के महाविद्यालय परिसरों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अनुशासन का वातावरण बने। उन्होंने कहा कि सचिवालय से लेकर महाविद्यालय तक हर कार्य में कठोरता से पारदर्शिता और समयबद्धता का पालन होना चाहिये। श्री पवैया ने कहा कि विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक केलेण्डर लागू हो और नये शिक्षा सत्र में शिक्षकों की उपस्थिति और शिक्षा का स्तर सुनिश्चित किया जाना चाहिये। उन्होंने निर्देश दिये कि जिन निजी महाविद्यालयों ने समयबद्ध शोध के साथ अर्हता की शर्तों का निर्धारित समयावधि में पालन नहीं किया है, उनकी सूची तत्काल प्रस्तुत की जाये। बैठक में राज्य मंत्री श्री संजय पाठक और प्रमुख सचिव श्री आशीष उपाध्याय मौजूद थे। श्री पवैया ने अगले वर्ष से पुनरीक्षित पाठ्यक्रम लागू करने की इच्छा जताते हुए कहा कि जल्दी ही पाठ्यक्रम समिति का निर्धारण किया जायेगा। राष्ट्रीय प्रतिबद्धता और नैतिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए नैतिक शिक्षा और रोजगार परक शिक्षा को जोड़ने के लिये विद्वानों से सुझाव आमंत्रित हो। उन्होंने योग को महाविद्यालय में नियमित गतिविधि बनाने के लिये प्रस्ताव लाने की बात कही तथा विश्वविद्यालय संबंधी समिति में भी रखे जाने के लिये भी कहा। उच्च शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिये कि प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण स्नातक में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिये अगस्त माह में स्मार्ट फोन वितरित किये जाये। अध्यापकों के एरियर्स भुगतान की माँग पर विस्तृत प्रतिवेदन माँगा और कहा कि केन्द्र सरकार से चर्चा कर यथाशीघ्र समाधान करवाये। उन्होंने सचिवालय और संचालनालय के अधिकारियों को अपनी कार्यशैली स्पष्ट करते हुए कहा कि यह विभाग भविष्य के भारत का निर्माण करने वाला महत्वपूर्ण कार्य करता है। इसलिये अत्यन्त परिश्रम, निष्ठा और ईमानदारी से तेज गति के साथ सभी को चलना होगा। मान्यता और संबद्धता जैसे मामलों में किसी प्रकार उंगली उठाने की संभावनाएँ न दिखे। उन्होंने बच्चों से ली जाने वाली फीस को सुसंगत रखने की बात भी कही और अतिथि विद्वानों के चयन का कार्य शीघ्रता से पूर्ण करने को कहा। न्यायालीन मामले बड़ी संख्या में लम्बित होने पर उन्होंने चिन्ता जाहिर की। बीएड की प्रवेश तिथि 14 जुलाई तक करने के निर्देश श्री पवैया ने सीट आवंटन के बाद प्रवेश के लिये कम समय दिये जाने तथा अतिवर्षा और अवकाश की स्थिति के कारण बीएड की प्रवेश तिथि 14 जुलाई तक करने का अनुमोदन लेने के निर्देश दिये। बैठक में बताया गया कि पिछले वर्ष 'गाँव की बेटी'' योजना से 48 हजार 79, 'प्रतिभा किरण'' से 4,015, 'विक्रमादित्य नि:शुल्क शिक्षा'' से 3,113, 'छात्राओं के लिये यातायात सुविधा'' से 74 हजार 497, अनुसूचित-जाति वर्ग के 50 हजार 974 और अनुसूचित-जनजाति वर्ग के 44 हजार 490 विद्यार्थियों को मुफ्त पुस्तकें तथा स्टेशनरी से लाभान्वित किया गया है।
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12 July 2016सीमा पर बढ़ेंगे 500 जवान बालाघाट जिले के नक्सल प्रभावित सुरक्षा चौकियों में तैनात पुलिस जवान मलेरिया की चपेट में आ रहे है। छह जवानों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिला अस्पताल में भर्ती भूपेन्द्र सिंह ने बताया चौकियों में पीने के लिए पानी ठीक तरह मिलता है। लेकिन सर्चिंग के दौरान शुद्घ पानी पीने नहीं मिलने से मलेरिया की चपेट में आ रहे है। जिसके कारण मलेरिया से ग्रसित हो रहे है। जिला अस्पताल में एक माह में एक दर्जन पुलिस जवान मलेरिया पीड़ित जवान भर्ती हो चुके है। जिले के गोदरी पुलिस चौकी में तैनात भूपेन्द्र सिंह (40), पितकोना चौकी से कुंजनसिंह (26), गोदरी पुलिस चौकी से रामअशीष (26), सीतापाल पुलिस चौकी से चन्द्रमा यादव (40), विवेक तोमर (22), प्रदीप वाकड़े (44) शामिल है। बालाघाट सीमा पर बढ़ेंगे 500 जवान बालाघाट में नक्सलियों पर शिकंजा कसने जिले की सीमाओं पर जवानों की तैनाती बढ़ाई जाएगी। इसके लिए 500 जवान लगाए जाएंगे। तीन राज्यों की सीमा से लगे इलाकों में खासकर उन क्षेत्रों में आउट सोर्स चौकियां खोलने का निर्णय लिया गया है, जहां पुलिस नहीं पहुंच पा रही है। सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा में कसावट लाने 5 चौकियां खोली जाएंगी। इसमें बालाघाट व छत्तीसगढ़ की सीमा में 2-2 चौकियां होंगी। जबकि गोंदिया की सीमा में एक चौकी खोली जाएगी। यह निर्णय गुरुवार को लाल आतंक की समस्या से निपटने मप्र के अलावा महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ के आला पुसिल अफसरों की एंटी नक्सल मीटिंग में लिया गया। इस दौरान तीनों राज्यों की पुलिस ने ज्वाइंट ऑपरेशन तेज करने नई रणनीति भी बनाई। कमजोर सुरक्षा वाले इलाकों में नेटवर्क मजबूत करने और नक्सलियों की ताकत को कमजोर करने के लिए 5 चौकियों में 500 जवान तैनात किए जाएंगे। बालाघाट के चौकियों में 120 व गोंदिया से लगे इलाके में 120 जवान लगाए जाएंगे। छत्तीसगढ़ की चौकियों 250 जवान तैनात किए जाएंगे।
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11 July 2016मध्यप्रदेश में त्राहि त्राहि मची है। छतरपुर में भी हालात बेकाबू हो गए हैं। लोग बाढ़ में फंसे हैं। निकालने के लिए राहतकार्य भी चल रहे हैं परंतु छतरपुर के कलेक्टर और एसपी की गंभीरता देखिए ऐसे में वे राहत कार्यों का नेतृत्व करने के बजाए फोटो खिंचवाते नजर आये । ऐसा लगा मानो बाढ़ और अतिवृष्टि भी उनके लिए पर्यटन हो। यह फोटो छतरपुर के कलेक्टर मसूद अख्तर और एसपी ललित शाक्यवार की गंभीरता के गवाही दे रहा है कि आपदा भी कुछ अफसरों के लिए मौज मजे की चीज है । यह फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। शुक्रवार को छतरपुर-सागर मार्ग पर फंसे लोगों को निकालने राहत कार्य चलाना पड़ा था। कलेक्टर और एसपी भी मौके पर पहुंचे। लेकिन उनकी दिलचस्पी लोगों की मदद के बजाय फोटो खिंचवाने में ज्यादा रही। यह सब कुछ उस समय हो रहा है जबकि छतरपुर के आधा सैंकड़ा से ज्यादा गांव तेज बरिश से प्रभावित हैं। लोग जान बचाने के लिए घरों को छोड़कर भाग रहे हैं। चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। यदि अधिकारी जिम्मेदार हों तो उन्हें सांस लेने की भी फुर्सत ना होती परंतु यहां तो नजारा ही कुछ और है। रेस्क्यू आॅपरेशन भी पिकनिक बन गया।
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10 July 2016रघु ठाकुर 8 मई 1974 को देश में श्री जार्ज फर्नाडीस के नेतृत्व में रेल हड़ताल आरम्भ हुई. श्री जार्ज फर्नांडीस जो उस समय सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष थे तथा रेल्वे मजदूरों के संगठन ऑल इंडिया रेल्वे फेडरेशन के अध्यक्ष भी थे. श्री जार्ज फर्नाडीस ने पहल कर देश के अन्य रेल कर्मचारियों के संगठनों को इकठठा कर राष्ट्रीय समन्वय समिति का गठन किया था और कई माह तक रेल कर्मचारियों के हड़ताल का मांग पत्र तेयार करने के बाद हड़ताल को संगठित करने का अभियान चलाया था. यह रेल हड़ताल देश की एक ऐसी बेमिसाल हड़ताल थी जिसने समूचे देश के मजदूर आंदोलन और भारतीय राजनीति के ऊपर विशेष प्रभाव डाला था. इस हड़ताल के प्रमुख मुद्दों के अन्य मुद्दे के अलावा एक महत्वपूर्ण मुद्दा था - रेल कर्मचारियों को न्यूनतम बोनस. दरअसल इस हड़ताल से समूचे देश में और मजदूर जगत में एक बुनियादी बहस भी आरंभ हुई थी कि बोनस का सिद्धांत क्या हो ? कुछ लोग और विशेषतः सत्ता पक्ष बोनस को मुनाफे के अंश के रूप में देखता था परन्तु भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने बोनस को शेष वेतन या मजदूरी माना था. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि ’’बोनस इस द डेफर्ड वेज’’ और इसी सिंद्धांत के आधार पर रेल कर्मचारियों के संगठन ने बोनस की मांग की थी. रेल संगठनों का कहना था कि उस समय के जो अस्थाई रेल कर्मचारी थे, उन्हे भी स्थाई किया जाये. श्री फर्नांडीस और रेल मजदूर संगठनों का यह आंकलन था कि रेल कर्मचारियों की सारी मांगे पूरी करने पर भारत सरकार पर मुश्किल से 200 करोड़ का बोझ आयेगा. जबकि रेल हड़ताल को तोड़ने के उपर भारत सरकार ने इससे दस गुनी राशि अनुमानतः दो हजार करोड़ रूप्ये खर्च किये थे. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता होने के नाते तथा राज्य परिवहन निगम, बीड़ी मजदूर संगठन आदि अनेकों मजदूर संगठनों के अध्यक्ष और पदाधिकारी होने के नाते मैं, स्वतः इस रेल हड़ताल की तैयारी में लगा था ओर इसका हिस्सेदार था. दरअसल रेल हड़ताल का आवाहन 8 मई 1974 से शुरू करने का था परन्तु 7 मई 1974 को मुबई में नेशनल मजदूर यूनियन के पदाधिकारी साथी स्व. मलगी की मुबई में गिरफ्तारी के बाद पुलिस हवालात में अचानक मृत्यु होने से मजदूर आक्रोशित हो गये और समय पूर्व ही हड़ताल शुरू हो गई. मुझे 8 मई 1974 को सागर रेल्वे स्टेशन से सैकड़ों रेल कर्मचारियों के साथ गिरफ्तार किया गया था और हमारे साथ राज्य परिवहन निगम कर्मचारी संघ के श्री शंकर लाल, श्री भाई जान, बीड़ी मजदूरों के संगठन के साथियों को भी गिरफ्तार किया गया था. नेशनल रेल्वे मजदूरों के सागर के अध्यक्ष श्री कम्पानी, स्व. शंकरलाल सैनी आदि को भी हमारे साथ गिरफ्तार किया गया था. इन रेल कर्मचारियों को सरकार ने सागर जेल में रखा था परन्तु मुझे स्व. महावीर सिंह, श्री यादव, स्व. शंकरलाल साहू, स्व. भाईजान आदि को सागर से भोपाल जेल स्थानांतरित कर दिया गया था, जहॉं भोपाल के सैकड़ों रेल कर्मचारी जेल में थे. दरअसल 1971 में श्रीमति इंदिरा गॉंधी को संसद के चुनाव में विशाल बहुमत मिला था और फिर बंग्लादेश के स्वतंत्र राष्ट के रूप में निर्माण के बाद श्रीमति इंदिरा गॉंधी अपनी लोकप्रियता के चरम पर थी. स्व. ललित नारायण मिश्र, भारत के रेल मंत्री थे और स्व. इंदिरा गॉंधी ने रेल हड़ताल को उन्हे हटाये जाने के षड़यंत्र के रूप में देखा था. उनके सूचना स्रोतों ने उन्हे यह समझाया था कि अगर उन्होने रेल कर्मचारियों की मांगे मान ली तो देश में कर्मचारियों की बगावत की एक नई श्रंखला शुरू हो जायेगी. वैंसे भी अपने अंहकारी स्वभाव और लोकप्रियता के मद में उन्हे यह गवारा नही था कि उन्हे कोई चुनौती दे. इंदिरा गांधी लोकतंत्र को अपने अनुकूल चाहती थी. और इसीलिये भारत सरकार ने वार्तालाप के बजाय टकराव का रास्ता चुना था. श्री फर्नाडीस को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल में रखा गया. समूचे देश में रेल कर्मचारियों पर और उनके समर्थकों पर दमन चक्र शुरू कर दिया गया. कई लाख कर्मचारियों को नौकरी से मुक्त कर दिया और हजारों कर्मचारियों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया. बड़े - बड़े जनसंगठनों के कर्मचारियों को भयभीत करने के लिये और घुटना टेक कराने के लिये उनके आवासों को घेरा और रेल्वे कालोनियों की बिजली काट दी गई. पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई तथा पुलिस के माध्यम से उन्हे व उनके बच्चों को मकान खाली करने को बाध्य किया गया. सैकड़ों कर्मचारियों के घरों का सामान सड़कों पर फेंक दिया गया. रेल्वे के इलाकों को सेना के हवाले कर दिया गया और तानाशाही का दमन चक्र क्या हो सकता है इसका पूर्वाभ्यास इस हड़ताल के तोड़ने में नजर आने लगा. मुझे याद है कि श्री जार्ज फर्नांडीस ने जेल से अपने साथियों को पत्र लिखकर आगाह किया था और कहा था ’’ दिस इस ड्रेस रिहर्सल ऑफ फासिस्म’’ . हम लोग भोपाल की जेल में रात को रेल के इंजनों की आवाज सुनते थे और रेल कर्मचारी मन में भयभीत होते थे कि रेल हड़ताल टूट गई है. दमन चक्र से भयभीत होकर कर्मचारी काम पर वापिस आ गये है इसलिये गाड़ियों की आवाज सुनाई पड़ रही है. परन्तु सच्चाई यह थी कि रेल कर्मचारियों के संकल्प को तोड़ने के लिये सरकार टेरीटोरियल आर्मी के चालकों से कुछ इंजनों को चलवाती थी ताकि कर्मचारी और उनके परिवार के लोग घबराकर हड़ताल तोड़ दें. लगभग 15 दिन यह हड़ताल चली और 1975 के आपातकाल की पृष्ठभूमि इस हड़ताल ने लिख दी. समूचे देश ने आंतरिक सुरक्षा कानून ’’मीसा’’ का पहला स्वाद इस हड़ताल में चखा था. हालांकि मैं, तो इस कानून में, इस हड़ताल के पहले भी गिरफ्तार होकर लम्बे समय तक जेल में रह चुका था. इस हड़ताल से देश लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सचेत हुआ था लोकतंत्र बनाम तानाशाही की बहस आरंभ हुई थी. 1974 की यह रेल हड़ताल न केवल देश की बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी हड़ताल थी, जिसने देश के सत्ता के खम्भों को हिला दिया था. आज इस हड़ताल को लगभग 40 वर्ष होने को आये हैं. इन 40 वर्षों में अनेकों प्रकार के राजनैतिक बदलाव आये हैं परन्तु इस रेल हड़ताल ने जिन बुनियादी बातों को लेकर लकीर खींची थी, वे अब भी यथावत हैं. 1979 में स्व. चरण सिंह के प्रधानमंत्रित्व वाली सरकार ने रेल मजदूरों के बोनस के सिद्धांत को स्वीकार किया और न्यूनतम 8.33 प्रतिशत बोनस देना आरंभ किया. इस हड़ताल के परिणामस्वरूप ही अस्थाई रेल कर्मचारियों को स्थाई करने की प्रक्रिया शुरू हुई तथा रेल्वे ने यह निर्णय किया कि कोई गेंगमेन हटाया नही जायेगा. इस हड़ताल ने समूचे देश के मजदूरों और कर्मचारियों में एक आत्मविश्वास और संघर्ष का जज्बा पैदा किया था. कई लाख लोग जिनकी नौकरी बाधित की गई थी या जिन्हे नौकरी से हटा दिया गया था, वे लगभग 3 वर्ष तक बगैर वेतन के संघर्ष और पीड़ा के दिन गुजारते रहे और 1977 में कांग्रेस सरकार के हटने के बाद जब जनता सरकार बनी तभी उन सबको काम पर वापिस लिया गया. कितने ही रेल कर्मचारी दवा के अभाव में मौत के शिकार हो गये. देश के अनेक रेल्वे स्टेशनों पर पुलिस ने गोलियॉं चलाई और मजदूर मारे गये. आज देश में मजदूर आंदोलन उतार पर है और मजदूर आंदोलन की आवाज लगभग शांत जैसी हो गई है. इस दौर में जब मजदूर आंदोलन निस्तेज और निष्प्राण हो रहा है, 1974 की रेल हड़ताल एक जीवित यादगारों की मशाल है जो मजदूर आंदोलनों के संघर्षों की प्रतीक और प्रेरणा के रूप में याद की जायेगी
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8 July 2016मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आनंद [हैप्पीनेस ]मंत्रालय के गठन, अवधारणा और संरचना पर विस्तार से चर्चा की और इसे अंतिम स्वरूप देने के लिये राज्य मंत्रि परिषद की आगामी बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री चौहान ने हाल में आनंद मंत्रालय बनाने की घोषणा की थी। ऐसा कदम उठाने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है।वहीँ कांग्रेस ने आनंद मंत्रालय को शिवराज सिंह के आनंद का विषय बताया है और सावल खड़ा किया है किस बात का आनंद है लोगों में शिवराज सिंह बताएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी विभाग नागरिकों के जीवन में खुशियाँ लाने के लिए काम करते हैं। इसलिए आनंद मंत्रालय सभी विभागों से जुड़कर काम करने वाला होना चाहिए। इसका स्वरूप भी इसी उददेश्य के अनुरूप होना चाहिये।वहीँ कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश सरकार के हैप्पीनेस मंत्रालय पर सवाल खड़े किये और कहा हैप्पीनेस मंत्रिमंडल क्या हैं , मुख्यमंत्री पहले इसकी व्याख्या करें , जनता परेशान फिर कैसी हैप्पीनेस । श्री चौहान ने आनंद मंत्रालय की सरंचना और गतिविधियों के संबंध में लोगों से ऑनलाइन सुझाव आमंत्रित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कार्य कर रहे मूर्धन्य विद्वानों से मार्गदर्शन लेने के लिये वे अपनी ओर से पत्र लिखेंगे। श्री चौहान ने कहा कि मूल्य आधारित विकास का अर्थ तभी पूरा होगा, जब नागरिकों में प्रसन्नता का प्रतिशत बढ़ेगा। बैठक में बताया गया कि दुनिया के विभिन्न देश में अब नागरिकों के आनंद का प्रतिशत बढ़ाने की दिशा में काम हो रहा है। इसे सुशासन का संकेतक माना गया है। अमेरिका में भी वेलनेस संस्थान कार्य कर रहा है। भूटान और सऊदी अरब में यह स्थापित हो गया है। बैठक में प्रसन्नता का आकलन करने के प्रस्तावित मापदंडों पर भी चर्चा हुई। बताया गया कि वर्तमान में प्रति व्यक्ति आय, स्वास्थ्य, सामाजिक सहयोग, विश्वास, निर्णय लेने की स्वतंत्रता जैसे मापदंडों पर प्रसन्नता का आकलन किया जाता है। भूटान में आंतरिक खुशी, स्वास्थ्य, शिक्षा, समय का उपयोग, सांस्कृतिक बहुलता, सुशासन और सामुदायिक सहयोग जैसे संकेतकों का उपयोग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने भूटान में उठाए गए कदमों का अध्ययन करने अधिकारियों का दल भेजने पर भी सहमति दी। बैठक में आनंद मंत्रालय के गठन के बाद नीतियों में जरूरी बदलाव करने पर चर्चा हुई। आनंद मंत्रालय की गतिविधियों को सोसाइटी के माध्यम से संचालित करने का प्रस्ताव दिया गया है। सोसाइटी के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। संबंधित क्षेत्र में काम कर रहे सुयोग्य और अनुभवी व्यक्तियों को सदस्य के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक ऐसा मंच होगा, जिस पर समाज को दिशा देने वाले व्यक्ति एकत्र होंगे।
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6 July 2016आप नेता मिले राज्यपाल से करायी शिकायत दर्ज़ मध्यप्रदेश आम आदमी पार्टी ने राज्यपाल रामनरेश यादव से मिलकर 118 ऐसे विधायक जो लाभ के पद पर पदस्थ हैं उनकी विधान सभा सदस्यता समाप्त किये जाने की मांग की है।इस सम्बन्ध में आप नेताओ ने राज्यपाल के समक्ष भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(क) अनुच्छेद 192 और लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत लिखित में शिकायत भी दर्ज़ करायी। आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक आलोक अग्रवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश विधान सभा के 118 विधायक ऐसे है जो लाभ के पद पर पदस्थ है जिस कारण उनकी विधान सभा सदस्यता भारतीय संविधान एवं लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रावधानों के अनुसार समाप्त किये जाने योग्य है । अग्रवाल ने कहा कि 118 विधायकों की सदस्यता रद्द होने पर शिवराज सरकार अल्पमत में होगी इसलिय शिवराज सिंह सरकार को इस्तीफा देना चाहिये। प्रदेश सचिव अक्षय हुंका ने बताया कि आज राज्यपाल को लाभ के पद पर पदस्थ कुल 118 विधायको विधायकों की सूची शिकायत पत्रों के साथ सौंपी गयी जिसमे से 116 विधायक मध्यप्रदेश के विभिन्न कालेजो में जनभागीदारी समिति के सदस्य है जो लाभ के पद के दायरे में आते है। दो सदस्य श्री पारस जैन और दीपक जोशी भी भारत स्काउट गाइड में पदाधिकार है जो लाभ के पद के दायरे में आते है। हुंका ने बताया कि उपरोक्त सभी 118 विधायक जिन पदों पर पदस्थ है उनका उल्लेख मध्यप्रदेश विधान मंडल सदस्य निर्हरर्ता निवारण अधिनियम 1967 में नहीं किया गया है । आप प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश संयोजक अलोक अग्रवाल प्रदेश सचिव अक्षय हुंका प्रदेश प्रवक्ता नेहा बग्गा प्रदेश प्रवक्ता डॉ धरणेन्द्र जैन प्रदेश प्रवक्ता अमित भटनागर थे। आप पदाधिकारियो ने राज्यपाल महोदय से मांग की है कि कुल 118 विधायकों की सदस्यता तत्काल समाप्त की जाए ।
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5 July 2016कुपोषित बच्चों को गोद लेने वाले सम्मानित उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने वल्लभ नगर में जिला स्तरीय स्नेह सरोकार सम्मेलन में 27 कुषोषित बच्चों को गोद लेने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया। उन्होंने आँगनवाड़ी को गोद लेने वाली निर्वाण संस्था की ज्योति अग्रवाल और अन्य समाज-सेवियों को भी सम्मानित किया। गुप्ता ने कहा कि एक वर्ष में सभी कुपोषित बच्चों को सुपोषित करें। श्री गुप्ता ने कहा कि इस अभियान में आमजन को जोड़ें। उन्होंने कहा कि समाज में कई लोग इस तरह की सेवा करना चाहते हैं। उन्हें अवसर नहीं मिलता है। श्री गुप्ता ने कहा कि गोद लेने वाले व्यक्ति समय-समय पर बच्चों से मिलते रहें। उच्च शिक्षा मंत्री ने वार्ड 30 स्थित हर्षवर्धन नगर में पौध-रोपण भी किया। जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय त्रिपाठी ने बताया कि कोई भी आँगनवाड़ी केन्द्र भवन विहीन नहीं रहेगा। उन्होंने महिला-बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं और उपलब्धियों की भी जानकारी दी। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा विभिन्न स्थान पर बच्चों को कापी वितरित उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने विभिन्न स्थान पर बच्चों को कापी वितरित की। श्री गुप्ता ने शासकीय स्कूल नया बसेरा तथा राहुल नगर और श्याम नगर में करुणाधाम आश्रम के शिक्षा केन्द्र के बच्चों को कापी एवं अन्य पाठ्य सामग्री दी। उन्होंने बच्चों से कहा कि मन लगाकर पढ़ाई करें। इस दौरान स्थानीय जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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2 July 2016ऋषभ जैन साँची बौद्ध-भारतीय ज्ञान-अध्ययन विश्वविद्यालय में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस आईटीबीपी इंडो तिब्बतन बार्डर पुलिस के अधिकारी और जवान चीनी भाषा सीखने आयेंगे। विश्वविद्यालय में जुलाई, 2016 से शुरू हो रहे चीनी भाषा पाठ्यक्रम के लिये आईटीबीपी के चार अधिकारी को नामांकित किया है। इनमें तीन इंस्पेक्टर रैंक और एक सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी हैं। चीनी भाषा के साथ वहाँ की संस्कृति और लोक व्यवहार पर आधारित प्रमाण-पत्र पाठ्यक्रम का अनुरोध साँची विश्वविद्यालय को प्राप्त हुआ है। 18वीं, 48वीं और 49वीं बटालियन के अधिकारी अगले एक वर्ष तक विश्वविद्यालय में रहकर चीनी भाषा सीखेंगे। भारत-तिब्बत पुलिस बल भारत-चीन सीमा की रक्षा का जिम्मा निभाता है। आईटीबीपी के जवान देश की उत्तरी सीमा पर लद्दाख के काराकोरम दर्रे से अरुणाचल प्रदेश के जाछेप-ला दर्रे तक विभिन्न चौकी और सीमाओं पर तैनात होते हैं। यह दूरी लगभग 3488 किलोमीटर होती है। बेहद विपरीत परिस्थितियों में यह जवान देश की सीमा की सुरक्षा करते हैं। चीन की सीमा से लगे गाँवों में बोली जाने वाली भाषा का ज्ञान इनके लिये बेहद सहायक साबित होता है। पाठ्यक्रम में अब तक 24 व्यक्ति ने आवेदन किये हैं। पाठ्यक्रम में कुल 20 सीट हैं और आवेदन की अंतिम तिथि 30 जून है। दो सेमेस्टर वाले कोर्स के लिये विश्वविद्यालय द्वारा प्रति सेमेस्टर फीस 2000 रुपये रखी गयी है। प्रवेश के लिये विश्वविद्यालय ने किसी प्रकार की कोई लिखित परीक्षा नहीं रखी है। आवेदक को मात्र इंटरव्यू देना होगा। पिछले दो दशक में जिस प्रकार से चीन पूरे विश्व में व्यापार का केन्द्र बनकर उभरा है और भारत से कारोबार में जबरदस्त बढ़ोत्तरी हुई है, उसे देखते हुए चीन जाने वाले और वहाँ से व्यापार करने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। चीनी भाषा की जानकारी के साथ दुभाषिया (ट्रांसलेटर), दूतावासों एवं बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में व्यापार के अच्छे अवसर हैं। चीनी भाषा पाठ्यक्रम के अतिरिक्त इस अकादमिक सत्र से एम.ए., एम.एस.सी., एम.फिल तथा पी.एच.डी. पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जा रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये 18 जून को लिखित परीक्षा एवं 27 एवं 28 जून को साक्षात्कार हो चुके हैं। चयन प्रक्रिया के आधार पर सफल अभ्यर्थियों की प्रथम वरीयता-सूची (मेरिट-लिस्ट) 30 जून को जारी की जायेगी। दो अन्य मेरिट-लिस्ट 6 और 12 जुलाई को जारी होगी। प्रवेश 15 जुलाई और सत्र 20 जुलाई से शुरू हो जायेगा।
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30 June 2016मध्यप्रदेश कांग्रेस में नया ड्रामा मध्यप्रदेश में कांग्रेस में नया ड्रामा शुरू हो रहा है ,कांग्रेस रियलिटी शो की तर्ज ओजस्वी वक्ताओं की तलाश के लिए ऑडिशन लेगी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के इस नए फार्मूले पर तेजी से काम शुरू हो गया है। फिल्मों में एक्टिंग, मॉडलिंग, सिंगिंग में आॅडिशन होने की बात सबने सुनी और देखी है, लेकिन अब राजनीति के मंच पर कांग्रेस की ओर से रंग जमाने का मौका चाहिए तो युवाओं को आॅडिशन से गुजरना ही होगा। इसकी शुरूआत मध्य प्रदेश में भोपाल से होगी। यहां पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक जुलाई को अच्छे वक्ताओं की खोज के लिए आॅडिशन होने जा रहा है। इस आॅडिशन के लिए राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के दो पदाधिकारी जज के रूप में भोपाल आ रहे हैं। इनके अलावा युवा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी केशव चंद यादव और प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी भी इसमें आॅडिशन में जज की भूमिका में रहेंगे। युवा कांग्रेस के पहले आॅडिशन में प्रदेश भर से 50 युवा शामिल होंगे। इन युवाओं को तत्काल किसी विषय पर दस मिनट का भाषण देने का कहा जाएगा। इस दौरान न सिर्फ इनका भाषण सुना जाएगा, बल्कि भाषण देने के दौरान इनके चेहरे पर आने वाले भाव के साथ ही शरीर के हाव-भाव को भी नोटिस किया जाएगा। शब्दों के चयन को भी नोटिस किया जाएगा। इन सब को नम्बर दिए जाएंगे, बाद में इन्हें बताया जाएगा कि आॅडिशन में किसका सिलेक्शन हुआ और किसका सिलेक्शन क्यों नहीं हो सका। युवा कांग्रेस के मध्यप्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी कहते हैं यह पहला प्रयोग है। अच्छे वक्ताओं को मंच देने के लिए आॅडिशन लिए जा रहे हैं। इससे लम्बे समय के लिए प्रदेश को नेता मिलने की भी उम्मीद हैं। आॅडिशन के बाद चयनित होने वाले युवा नेताओं की अगस्त या सितम्बर में दिल्ली में ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके बाद इन्हें मध्य प्रदेश में इस्तेमाल किया जाएगा। इनमें से बारी-बारी से हर बड़े नेता के साथ मंच शेयर करना होगा। मंच पर इन्हें अपने जोरदार भाषण से जनता का ध्यान भी आकर्षित करना होगा। इन्हें युवा कांग्रेस में प्रवक्ता या अन्य महत्वपूर्ण पद भी दिए जा सकते हैं।
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29 June 2016सुहास और सहस्रबुद्धे एक ही रास्ते पर राघवेंद्र सिंह मध्यप्रदेश भाजपा के प्रभारी और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे और तीन महीने पहले नवनियुक्त प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत में इत्तेफाक से ही सही काफी समानताएं हैं। दोनों मराठी मानुष हैं। मराठी होने के नाते मितभाषी और मितव्यीय हैं। संघ से संस्कारित होने के कारण संगठन को सुगठित करने में पारंगत माने जाते हैं। मप्र भाजपा को चौथी दफा सरकार में लाने के मिशन पर दोनों को यहां भेजा गया है। यहां के कार्यकर्ता स्वाभिमानी और देव दुर्लभ हैं इसलिए लंबे समय तक उन्हें कोई संगठन का पाठ नहीं पढ़ाए तो भी वो उन दुधारु गाय की तरह हैं जो उसके चरवाहे द्वारा एक खूंटे पर झूठ-मूठ बांधने का उपक्रम करे तो भी वह संगठन, संस्कारों और मर्यादाओं की रस्सी से बंधा रहता आया है। बिना चारे, भूसा और प्यासा रखे जाने पर भी सीधी गाय की तरह दूध देता रहा है जिसे पीकर चरवाहे आदि मलंग बने घूम रहे हैं। इसके लिए स्व. कुशाभाऊ ठाकरे, प्यारेलाल खंडेलवाल, नारायण प्रसाद गुप्ता की पुण्यायी और राजमाता विजयाराजे सिंधिया के अपार सहयोग और अथाह दौलत का जिक्र नहीं किया तो इन सब के साथ अन्याय होगा। अब थोड़ी चर्चा करते हैं संघ द्वारा भाजपा में भेजे गए इन दोनों स्वयंसेवकों सहस्रबुद्धे और सुहास की। सुहास को हालांकि अभी दायित्व संभाले तीन महीने ही हो रहे हैं लेकिन कई बार ‘पांव पालने’ में भी दिखने लगते हैं। सो संगठन के मान से सुहास की प्रत्यंचा खिंची हुई कम दिख रही है। संभागीय संगठन मंत्री संगठन के हाथ-पांव और आंख-कान माने जाते हैं। वे सुहास के निर्देशों की अवहेलना कर रहे हैं। हांडी के चावल के तौर पर सुहास भगत ने रीवा बैठक में कहा था कि कोई भी संगठन मंत्री मंच, माइक और होर्डिंग्स शेयर नहीं करेगा लेकिन किसी संगठन मंत्री ने इसका पालन नहीं किया। संगठन मंित्रयों में होशंगाबाद के जितेंद्र लिटोरिया, ग्वालियर में प्रदीप जोशी, इंदौर में प्रदेश अध्यक्ष के साथ शैलेंद्र बरुआ मंच पर आसीन थे। संगठन स्तर पर इस कदर निर्देशों की अवज्ञा हो रही है तो कल कार्यकर्ता संगठन महामंत्री की नियुक्ति और संगठन क्षमता पर सवाल खड़े करेंगे। हालांकि वे विद्वान और सज्जन हैं इसलिए उन्हें अभी वक्त दिया जाना चाहिए लेकिन वे मंडल स्तर तक दौरे नहीं करेंगे तो लाख चतुर होने पर भी भाजपा को समझ नहीं पाएंगे। एक पत्रकार के नाते मैं 1989 से प्रदेश भाजपा और कांग्रेस की रिपोर्टिंग कर रहा हूं। संगठन महामंत्री और प्रदेश प्रभारी स्तर पर इस तरह की सतही सक्रियता बहुत याद करने पर भी नजर नहीं आती। लगता है सब सत्ता और संगठन का आनंद ले रहे हैं। जैसे किसी अमीर घराने में पुरखों के पराक्रम से प्राप्त धन संपदा आने वाली पीढ़ियां भोगा करती हैं। सहस्रबुद्धे के पास भी नसीहतें तो हैं लेकिन कार्यकर्ता तो छोिड़ए पदाधिकारियों तक के लिए वक्त नहीं है। दिल्ली की राजनीति में व्यस्त हैं। मंत्री बनेंगे मोदी सरकार में। ऐसी खबरें आ रही हैं। प्रदेश में एजेंडा फिक्स है। किसे लालबत्ती दिलानी है और किसे बत्ती देनी है। जबकि प्रदेश के प्रभारियों में सुंदर सिंह भंडारी से लेकर कुशाभाऊ, नरेंद्र मोदी, ओमप्रकाश माथुर, अरुण जेटली, अनंत कुमार तक ने इस दायित्व को निभाया है। इसी तरह संगठन महामंत्रियों में स्व. कुशाभाऊ ठाकरे लंबे समय तक संगठन महामंत्री रहे। अविभाजित मप्र में तीन क्षेत्रीय संगठन मंत्री की व्यवस्था थी। गोविंद सारंग छत्तीसगढ़, महाकौशल मेघराज जैन और कृष्णमुरारी मोघे मध्य भारत के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हुआ करते थे। चाल, चरित्र और चेहरे में आदर्श और कार्यकर्ताओं में उनका आचरण अब के संगठन मंत्रियों से बेहतर माना जाता है। कार्यकारिणी का गठन असली परीक्षा संगठन मंत्रियों की व्यवस्था बदली और कृष्णमुरारी मोघे, कप्तान सिंह सोलंकी, माखन सिंह सोलंकी, अरविन्द मेनन के बाद अब सुहास भगत इस दायित्व से रूबरू हो रहे हैं। वे टेक्नोक्रेट हैं। पार्टी सत्ता में है और उनकी तुलना बहुत तेज चलने वाले मेनन से होगी। इसलिए भगत बहुत सधे कदमों और क्षिप्रा की भांति बहुत मंथर गति से चल रहे हैं। क्षिप्रा के तट पर तो महाकाल हैं और वहां सिंहस्थ भी लगता है। सुहास के पास भी सत्ता के शिव हैं और लोकतंत्र का महाकुंभ विधानसभा और लोकसभा चुनाव भी कराने हैं। बशर्ते वे चुनावी महाकुंभ के लिए संगठन को ठीक से संचालित करें और सत्ता में आदर्श दूरी संतुलन और समन्वय बनाए रखें। उनकी पहली अग्निपरीक्षा जुलाई में प्रदेश कार्यकारिणी के गठन में आने वाले असली कार्यकर्ताओं को लेकर होगी। जब पार्टी के वफादार पदों पर होंगे और दलाल दरवाजे के बाहर...अभी तक तो सुहास और सहस्रबुद्धे दोनों एक ही रास्ते पर हैं। हर शाख पर लापरवाह बैठे हैं...अंजाम-ए-गुलिस्तां... कांग्रेस में तेल और तेल की धार... मैहर और घोड़ाडोंगरी की हार के बाद मायूस प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में विवेक तनखा की जीत से हारती आ रही कांग्रेस में हलचल है। शहडोल लोकसभा उपचुनाव की तैयारियों के लिए नेताओं की आवाजाही शुरू हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष अरूण यादव ने दबाव में ही सही सक्रियता दिखाई। पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत से यादव की कुर्सी पर खतरे बढ़ा दिया है। उनके विरोधी ताकत हो रहे हैं, एेसे में राहुल गांधी के प्रिय श्री यादव ने गद्दी बचाने, सक्रियता दिखाने के लिए शहडोल पर जीत की बिसात बिछानी शुरू कर दी है। कांग्रेस नेताओं की तैनात करने लगी है। मगर वहां भाजपा जीती तो फिर यादव संकट में पड़ेगें। कांग्रेस लगता है अभी कुछ बदलाव के मूड में नहीं हैं, जबकि पार्टी हाईकमान पर परिवर्तनवादियों का पेशर लगातार बढ़ रहा है। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी की ताजपोशी तक प्रदेश में कोई बड़ा निर्णय होता नजर नहीं आता। अभी तो सब तेल और तेल की धार देख रहे हैं... (लेखक आईएनडी 24, न्यूज चैनल में प्रबंध संपादक हैं )
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27 June 2016अब होगी निलम्बन की कार्यवाही मध्यप्रदेश शासन ने कटनी कलेक्टर प्रकाश जांगरे को हटाकर भोपाल भेजने के आदेश जारी कर दिए। प्रकाश जांगरे के खिलाफ ईओडब्ल्यू में शराब ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के मामले में एफआईआर दर्ज होने पर यह आदेश किए गए हैं। लोकायुक्त पुलिस जबलपुर ने कटनी कलेक्टर प्रकाश जांगरे और जिला आबकारी अधिकारी (डीओ) आरसी त्रिवेदी समेत आधा दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ पद के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किया था।प्रकाश जांगरे को निलंबित भी किये जाने पर सरकार विचार कर रही है। कलेक्टर जांगरे और डीओ त्रिवेदी पर आरोप है कि साल 2016-17 के लिए कटनी जिले में शराब ठेकों की नीलामी में कुछ ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए बिना अर्नेस्ट मनी के शराब ठेके शुरू करा दिए थे। इससे शासन को 6 करोड़ का आर्थिक नुकसान हुआ। कलेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के पीछे लोकायुक्त पुलिस का तर्क है कि किसी भी शराब नीलामी प्रक्रिया में कलेक्टर लाइसेंस अथॉरिटी होता है। साल 2106-17 में जो गड़बड़ी कटनी जिले में हुई उसमें कलेक्टर जांगरे ने बिना तफ्तीश किए ठेके की प्रक्रिया शुरू करवा दी थी। इससे उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई है। हो सकते है निलंबित IAS प्रकाश जांगरे से जुड़े ताज घटनाक्रम के बाद सरकार हुई संक्रीय।मुख्यमंत्री के स्वदेश आते ही होगे निलंबन के आदेश। कटनी जिले के बहुचर्चित फर्जी डिमाण्ड ड्राफ्ट से शराब ठेका दिलवाने के मामले में कटनी कलेक्टर प्रकाश जांगरे और जिला आबकारी अधिकारी आर सी त्रिवेदी के विरुध्द लोकायुक्त पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 13b के तहत FIR दर्ज की है। आरोप है कि अपने पद का दुरूपयोग करते हुए कलेक्टर और जिला आबकारी अधिकारी ने ठेकेदारों से मिलीभगत कर ठेके कि अमानत राशि के रूप में फर्जी DD जमा करवाई थी जिससे शासन को 7 करोड़ से अधिक की राजस्व की हानि हुई। इस घोटाले के चलते जिले की शराब दुकानों का ठेका निरस्त करना पड़ा। इस बहुचर्चित मामले में दोषी बैंक अधिकारियो के खिलाफ पहले ही FIR दर्ज की जा चुकी है और बैक प्रबंधन ने उसे निलम्बित कर दिया है जबकि इस घोटाले का मास्टर माइंड शराब ठेकेदार अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
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24 June 2016भारतीय अंतरिक्ष के खाते में बुधवार को एक और कामयाबी जुड़ गई। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से एक साथ इसरो ने पीएसएलवी सी-34 की मदद से 20 सैटेलाइट्स को लॉन्च किया। सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) अपने 36वें प्रक्षेपण के दौरान 20 उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले गया। जिसकी लागत अन्य अंतरिक्ष एजेंसियों की तुलना में 10 गुना कम है। 320 टन वजन वाला पीएसएलवी बुधवार को कनाडा, इंडोनेशिया, जर्मनी और अमेरिका 17 छोटे उपग्रह अंतरिक्ष में ले गया। लेकिन इस लॉन्च का सबसे प्रमुख उपग्रह 727 किलोग्राम वज़न का पृथ्वी की निगरानी करने वाला भारतीय 'कार्टोसैट' है। जो सब-मीटर रिसॉल्यूशन में तस्वीरें खींच सकता है। दो अन्य भारतीय 'सत्यभामासैट' और 'स्वयम' भी अंतरिक्ष में भेजे गए। इसरो ने भारत-अमेरिका मित्रता के प्रतीक के रूप में 13 अमेरिका-निर्मित छोटे उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा है। जिनमें गूगल के मालिकाना हक वाली कंपनी टेरा बेला (Terra Bella) द्वारा बनाया गया पृथ्वी की तस्वीरें खींचने वाला उपग्रह भी शामिल है। गूगल का यह सैटेलाइट स्काईसैट जेन 2 (SkySat Gen-2) 110 किलोग्राम वज़न का है। यह सब-मीटर रिसॉल्यूशन की तस्वीरें खींचने तथा हाई-डेफिनिशन वीडियो बनाने में सक्षम है। इसरो के अध्यक्ष किरण कुमार ने कहा कि एक ही बार में 20 उपग्रहों को लॉन्च करना 'पक्षियों को अंतरिक्ष में उड़ने देने' जैसा है। जो छोटी-छोटी चीजें आप अंतरिक्ष में रखने जा रहे हैं, उनमें से प्रत्येक अपना-अपना काम करेगी। ये एक-दूसरे से बिल्कुल अलग और स्वतंत्र है, और प्रत्येक उतना समय वहां बिताएगा, जितने समय के लिए उसे डिजाइन किया गया है। वर्ष 2008 में 28 अप्रैल को इसरो ने एक ही बार में सबसे ज्यादा उपग्रह अंतरिक्ष में भेजने का विश्वरिकॉर्ड बनाया था। जब पीएसएलवी एक साथ 10 उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजा था । वर्ष 2013 में अमेरिकी मिनोटॉर-1 रॉकेट ने यह रिकॉर्ड तोड़ दिया, और एक साथ 29 उपग्रह ले गया। फिर अगले ही साल रूस ने रिकॉर्ड पर कब्जा कर लिया। उन्होंने डीएनईपीआर रॉकेट के ज़रिये एक साथ 33 उपग्रह अंतरिक्ष में भेजे। इसरो इस लॉन्च के साथ ही अरबपतियों एलॉन मस्क और जेफ बेजाेस की कंपनियों के मुकाबले में पहुंच जाएगा। जिन्होंने कहीं कम कीमतों में लॉन्च की पेशकश देकर अंतरिक्ष प्रक्षेपण के उद्योग में दस्तक दी है। इसरो अब तक लगभग 20 अलग-अलग देशों के 57 उपग्रहों को लॉन्च कर चुका है। इसके जरिये उसने अब तक 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर कमाए हैं।
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22 June 2016लड़ाकू विमान उड़ाकर देश की 3 बेटियां रचेंगी इतिहास भारतीय वायुसेना के लिए 18 जून का दिन ऐतिहासिक होगा। इस उपलब्धि में राजस्थान, मध्यप्रदेश और बिहार भी भागीदार बनेगा। मौका होगा इंडियन एयरफोर्स की तीन महिला लड़ाकू विमान पायलट को कमीशन देने का। मध्यप्रदेश के सतना की अवनी चतुर्वेदी सहित तीन युवतियां भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान उड़ाएंगी। रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा ने बताया कि मोहना सिंह समेत बिहार के दरभंगा की भावना काथ और मध्यप्रदेश के सतना की अवनी चतुर्वेदी को 18 जून को भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमान उड़ाने का दायित्व मिलेगा। दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से अध्ययन करने वाली मोहना सिंह के पिता भी भारतीय वायुसेना में हैं। भावना ने एमएस कॉलेज बेंगलुरु से बीई इलेक्ट्रिल और अवनी चतुर्वेदी ने राजस्थान के टॉक जिले में वनस्थली विद्यापीठ से कंप्यूटर साइंस की डिग्री हासिल की है। अवनी चतुर्वेदी, भावना कांथ और मोहना सिंह ने मार्च में ही लड़ाकू विमान उड़ाने की योग्यता हासिल कर ली थी। इसके बाद उन्हें युद्धक विमान उड़ाने का गहन प्रशिक्षण दिया गया। यह पहला मौका होगा, जब भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान की कॉकपिट में कोई महिला बैठेगी। वायुसेना में करीब 1500 महिलाएं हैं जो अलग-अलग विभागों में काम कर रही हैं। 1991 से ही महिलाएं हेलीकॉप्टर और ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ा रही हैं, लेकिन फाइटर प्लेन से उन्हें दूर रखा जाता था।
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17 June 2016शिवराज सिंह चौहान ने कहा आरक्षण के मसले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज भोपाल में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमारे रहते हुए कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता। नया कानून आने तक यह जारी रहेगा। मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति जन जाति अधिकारी कर्मचारी संघ द्वारा टीटी नगर दशहरा मैदान में आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सीएम ने यह तक कह दिया कि आप तय कर लें कौन सा वकील करना है। सीएम ने कहा कि एससीएसटी स्टूडेंट्स की सरकारी और निजी कॉलेजों में भी पढ़ाई फ्री में होगी। पहली से तीसरी कक्षा तक विद्यार्थियों की फीस नहीं लगेगी। एससीएसटी वर्ग के लिए शिक्षा, नौकरी और रोजगार देने में सरकार कोई कसर बाकी नहीं रखेगी। कार्यक्रम में कांग्रेस, भाजपा, बसपा के सांसद और विधायक मौजूद थे। इनमें कांतिलाल भूरिया, फग्गनसिंह कुलस्ते, बाला बच्चन, उषा चौधरी, शीला त्यागी, रंजना बघेल समेत कई नेता शामिल हैं। अजाक्स के पूर्व अध्यक्ष और रिटायर आईएएस डॉ अमर सिंह, अजाक्स के अध्यक्ष और महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव जेएन कंसोटिया मौजूद थे। सम्मेलन में प्रदेश के कई जिलों से सैकड़ों की तादाद में आए अधिकारी कर्मचारी और सामाजिक संगठनों के लोग शामिल हुए। सीएम ने दोहराते हुए कहा कि प्रमोशन में आरक्षण भी जारी रहेगा। इसके लिए नए नियम बनाए जाएंगे। बैकलॉग के पदों पर जल्द पूर्ति की जाएगी। इसके लिए हर तीन महीने में समीक्षा कराई जाएगी। सांसद कुलस्ते भाषण देने माइक पर आए तो श्रोताओं की भीड़ में शामिल कई लोगों ने नारे लगाकर उनका विरोध किया। इनका तर्क था कि संसद में दमदारी से बात क्यों नहीं रखी और अदालत में सरकार ने पक्ष मजबूती से क्यों नहीं रखा।
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12 June 2016पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या के साथ पर्यटक संख्या में भी इजाफा हो रहा है। पिछले साल के मुकाबले इस साल पर्यटक संख्या दोगुनी होने की संभावना है। पन्ना राष्ट्रीय उद्यान में वर्ष 2014-15 में जुलाई से जून के दौरान 19 हजार 371 देशी-विदेशी पर्यटक ने 4,587 वाहन से भ्रमण किया। यह संख्या वर्ष 2015-16 में अप्रैल तक 32 हजार 923 हो गयी, जिसमें 24 हजार 165 देशी और 8758 विदेशी पर्यटक शामिल हैं। वर्षाकाल में पाण्डव फॉल ओर स्नेह फॉल देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या के मद्देनज़र यह संख्या जुलाई में काफी अधिक बढ़ने की संभावना है। वर्ष 2010-11 में उद्यान की पर्यटन आय 49 लाख 25 से बढ़कर वर्ष 2015-16 (अप्रैल) में एक करोड़ 4 लाख 33 हजार पहुँच गयी है। पन्ना टाइगर रिजर्व पहुँचने वाले पर्यटक बाघ, वन्य-प्राणियों के अलावा पाण्डव फॉल और केन-घड़ियाल अभयारण्य में स्थित रनेह फॉल के रमणीक सौंदर्य का लुत्फ उठाना भी पसंद करते हैं। जुलाई से शुरू होने वाले पर्यटन वर्ष 2015-16 में अप्रैल तक 35 हजार 562 देशी-विदेशी पर्यटक पाण्डव फॉल का दीदार करने पहुँचे। केन घड़ियाल स्थित रनेह फॉल भी अपने अप्रतिम पाषाणीय सौंदर्य से पर्यटकों के आकर्षण का नया केन्द्र बनता जा रहा है। वर्ष 2015-16 में अप्रैल तक 36 हजार 549 पर्यटक यहाँ पहुँचे। बढ़ रही हैं सुख-सुविधाएँ पर्यटकों के लिये वन विभाग द्वारा कर्णावती अतिथि-गृह, हिनौता, रनेह फॉल और मड़ला में सुविधायुक्त आधुनिक हट्स, टेन्ट और डोरमेटरी सुविधा उपलब्ध करवायी जा रही है। साफ-सुथरे सुविधायुक्त हट्स और टेन्ट में रुकने का किराया 1000 से 2000 रुपये और डोरमेटरी का 300 से 500 रुपये प्रतिदिन है। पर्यटकों को उत्कृष्ट सेवाएँ देने के लिये समय-समय पर ईको विकास समिति के अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। केरल के पेरियार में प्रशिक्षण अतिथि सत्कार में बेहतरी के लिये हिनौता ईको विकास समिति के आठ सदस्य ने केरल के पेरियार टाइगर रिजर्व में 4 दिवसीय प्रशिक्षण लिया। पेरियार ईको टूरिज्म समिति ईको पर्यटन, आवास सुविधा और भ्रमण क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएँ विकसित करने के लिये जानी जाती हैं। पेरियार में ऑनलाइन बुकिंग, रिसेप्शन प्रबंधन, पंजीयन, व्यवहार, सत्कार, स्वच्छता, हाउस-कीपिंग, पाक-व्यवस्था, कच्चा माल गुणवत्ता परीक्षण, राशन का भण्डारण, भोजन परोसने की कला आदि का प्रशिक्षण लिया गया। इसके अलावा दल ने पक्षी अवलोकन, वन्य-प्राणी दर्शन, बफर क्षेत्र में फूड पेट्रोलिंग, स्थानीय लोक नृत्य-नाटिका, राशि प्रबंधन आदि का भी प्रशिक्षण लिया।
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10 June 2016भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक शशिकांत शर्मा ने मंत्रालय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सौजन्य भेंट की। श्री शर्मा ने प्रदेश की वित्तीय स्थिति की सराहना करते हुए कहा कि राजकोषीय घाटे और अन्य वित्तीय मापदंडों पर नियंत्रण भविष्य के लिये अच्छी स्थिति है। उन्होने प्रदेश के सकल घरेलू उत्पादन की वृद्धि दर की भी सराहना की। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य की सभी योजनाओं की प्रगति अच्छी है और परिणाम भी बेहतर आ रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि कृषि क्षेत्र और सामाजिक अधोसंरचना निर्माण पर ज्यादा ध्यान दिया गया है। सभी योजनाओ को समय पर पूरा करने के लिए समय-सीमा तय की जाती है ताकि लागत न बढ़ पाये। श्री शर्मा ने सिंहस्थ महाकुम्भ मेले के सफल आयोजन पर मुख्यमंत्री को बधाई दी। श्री चौहान ने उन्हें सिंहस्थ आयोजन की रणनीति की जानकारी दी। श्री शर्मा ने मुख्यमंत्री को बताया कि पहली बार स्थानीय निकायों द्वारा व्यय पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है। कैग के सहयोग से भारत सरकार ने सामाजिक अंकेक्षण के नियम भी बना दिये हैं। इससे और ज्यादा वित्तीय पारदर्शिता लाने में मदद मिलेगी। उन्होंने सामाजिक अधोसंरचना के विकास पर खर्च करने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताई। मुख्यमंत्री ने बताया की सामाजिक अधोसरंचनाओं के निर्माण पर विगत वर्षों में विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि जन-कल्याण से जुड़े मुद्दों पर कल्याणकारी राज्य के नाते हस्तक्षेप करना जरुरी हो जाता है। प्याज खरीदी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के हस्तक्षेप से अब प्याज उत्पादक किसानों के लिए भी बाजार में कीमतें स्थिर होने लगी हैं। उन्होंने कहा कि जन-कल्याण के कामों के लिए कर्ज लेना सकारात्मक पहल है। उन्होंने बताया कि 13,000 गाँवों के लिये समूह नल-जल योजनाएँ स्वीकृत की गयी हैं। इन नल-जल योजनाओं को वर्ष 2022 तक पूरा कर लिया जायेगा। श्री शर्मा ने कहा कि इससे जन-स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने मध्यान्ह भोजन योजना पर चर्चा करते हुए कहा कि कस्बों में भी निजी शालाओं का नेटवर्क बढ़ा है। साथ ही सरकारी शालाओं में अब पढ़ाई का स्तर सुधरने से बड़ी संख्या में आदिवासी अंचलों से भी एनआईटी और आईआईटी जैसे सस्थानों में विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। मुख्यमंत्री ने शर्मा को सिंहस्थ महाकुंभ पर प्रकाशित पुस्तक भेंट की। अपर मुख्य सचिव वित्त ए.पी. श्रीवास्तव और प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस.के. मिश्रा उपस्थित थे। Attachments area
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8 June 2016सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के स्वच्छ जल के झरनों में अत्यंत दुर्लभ यूरेशियन ऊदबिलाव पाया गया है। इसके पहले मध्य भारत भू-भाग पर यह प्रजाति कभी नहीं मिली थी। मुख्य रूप से यूरोप, अफ्रीका और एशिया के कुछ भाग में पाया जाने वाला यह ऊदबिलाव भारत में हिमालयी और सुदूर दक्षिणी क्षेत्र के कुछ ही इलाकों में मिलता है। मध्यप्रदेश वन विभाग की वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट के साथ मिलकर की गई यह खोज इसलिये महत्वपूर्ण हो जाती है कि यूरेशियन ऊदबिलाव को प्रकृति संरक्षण के लिये अंतर्राष्ट्रीय संघ (आईयूसीएन) ने घटती संख्या के कारण विलुप्तप्राय श्रेणी में रखा है। राज्य वन विभाग और डब्ल्यूसीटी ने बाघ, पर्यावरण और जैव-विविधता की सुरक्षा, संरक्षण और अध्ययन के उद्देश्य से पहली बार सतपुड़ा टाइगर रिजर्व और कान्हा पेंच कॉरिडोर के 5800 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में केमरे लगाये थे। क्षेत्र में कुछ स्थान पर न केवल यूरेशियन ऊदबिलाव की उपस्थिति बल्कि भारत में इस प्रजाति के पहली बार प्रमाणिक फोटोग्राफिक साक्ष्य भी उपलब्ध हुए। भारत में ऊदबिलाव की तीन प्रजाति पायी जाती हैं, जिसमें से स्मूथ कोटेड ऊदबिलाव अक्सर और एशियन स्मॉल कलॉड हिमालय की तराई, भारत के पूर्वी और दक्षिणी-पश्चिमी घाटों में पाया जाता है। तीसरी प्रजाति यूरेशियन ऊदबिलाव है, जो हिमालयी और सुदूर दक्षिणी क्षेत्र के कुछ इलाकों में मिलती है। केमरा ट्रेपिंग के दौरान सतपुड़ा और कान्हा-पेंच कॉरिडोर में कई स्थान पर स्मूथ कोटेड और यूरेशियन ऊदबिलाव मिले। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में यूरेशियन ऊदबिलाव की उपस्थिति का श्रेय ग्राम विस्थापन को जाता है। पूर्व में कई पुरस्कार के साथ इसे इस वर्ष प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से भी पुरस्कार मिला है। ऊदबिलाव जमीन और जल में समान रूप से रहने वाला प्राणी है, जिसे गाँव खाली होने से यहाँ भोजन और प्रजनन की पर्याप्त सुरक्षा मिली। ऊदबिलाव में क्षेत्रीयता की प्रवृत्ति होती है। इसका मुख्य भोजन मछली है। यूरेशियन ऊदबिलाव का जीवन-काल मात्र 4 वर्ष का होता है और ये 3-4 बच्चे ही देते हैं। यह क्षेत्र महाशीर मछली प्रजनन का भी आदर्श वास-स्थल है। कान्हा-पेंच कॉरिडोर 16 हजार वर्ग किलोमीटर में नागपुर, सिवनी, बालाघाट और मण्डला जिले में फैला हुआ है। पहली बार देश में मध्यप्रदेश वन विभाग ने कॉरिडोर के लिये प्रबंधन योजना तैयार की है। कॉरिडोर गौर, जंगली कुत्ते, भेड़िये, बाघ और टाइगर को वंशानुगत राह तो दिखाता ही था, अब यूरेशियन ऊदबिलाव का भी घर बन गया है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व विशेष भौगोलिक स्थिति एवं जलवायु विविध-वनस्पतिक-वन्य-प्राणी प्रजातियों का आश्रय-स्थल है। यहाँ 26 हिमालयी, 42 नीलगिरि क्षेत्र की वानस्पतिक प्रजातियों के अलावा उड़न गिलहरी, मालाबार बड़ी गिलहरी, जंगली मुर्गे की दोनों प्रजाति, बाघ, तेन्दुआ, सियार, चील, सांभर, चीतल आदि पाये जाते हैं |
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7 June 2016मध्यप्रदेश पुलिस का अगला मुखिया कौन होगा, इसको लेकर कयासों का दौर जारी है। सिहंस्थ व घोड़ाडोंगरी उपचुनाव होने के बाद अब माना जा रहा है कि नए डीजीपी के नाम की घोषणा इसी सप्ताह हो सकती है। डीजीपी सुरेंद्र सिंह 30 जून को सेवा निवृत्त हो रहे हैं। प्रदेश में जारी परंपरा के अनुसार नए डीजीपी को एक माह पहले ओएसडी बना दिया जाता है। बीते दो माह से पुलिस का नया मुखिया तलाशने की कवायद चल रही है, किंतु किसी भी अफसर के नाम पर अंतिम मोहर अब तक नहीं लग सकी है। मध्यप्रदेश में पिछले कुछ वर्ष से ये परंपरा रही है कि सरकार जिसे नया डीजीपी बनाती है, उसे ओएसडी के रूप में डीजीपी दफ्तर में पदस्थ कर देती है। जिससे वह मौजूदा डीजीपी के साथ मिलकर दायित्वों को समझ सके और प्रदेश की कानून व्यवस्था वं अन्य गोपनीय जानकारी हासिल कर सके, लेकिन नया नाम तय नहीं होने की वजह से अब तक ओएसडी भी नहीं बनाया जा सका है। पुलिस मुख्यालय सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घोड़ाडोंगरी विधानसभा के उपचुनाव, ग्रामोदय से भारत उदय योजना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो वर्ष के कार्यकाल होने पर आयोजित कार्यक्रम में व्यस्त रहने की वजह से नए डीजीपी के नाम पर विचार नहीं कर सके हैं। जल्द ही मुख्यमंत्री द्वारा नए डीजीपी के नाम पर फैसला किए जाने की संभावना है। जिसके चलते इस सप्ताह के अंत तक नए डीजीपी को ओएसडी के रूप में पदस्थ कर दिया जाएगा और माह के अंत में डीजीपी नियुक्त करने का आदेश जारी कर दिया जाएगा। तैयार है पैनल 1980 बैच के अफसर सुरेंद्र सिंह के बाद अगले कनिष्ठ अफसरों के बीच तीन बैच का अंतर है, ऐसे में सुरेंद्र सिंह की सेवानिवृत्ति के पूर्व अगले पुलिस मुखिया के लिए तीन अफसरों का पैनल बनाया गया। इस पैनल में 1983 बैच के आईपीएस डीएम मिश्रा, ऋषिकुमार शुक्ला और 1984 बैच के अफसर विजय कुमार सिंह के नाम हैं। डीएम मिश्रा केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में ज्वाइंट डायरेक्टर हैं। इनके अलावा सरबजीत सिंह का नाम मुख्यमंत्री की पसंद बताया जा रहा है।
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5 June 2016शिवराज ने प्रधानमंत्री मोदी को दी बधाई मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत की जीडीपी इस तिमाही में 7.9 प्रतिशत और साल में कुल 7.6 प्रतिशत बढने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी है। उन्होने कहा कि भारत चीन से आगे निकल गया है। आज विश्व में भारत की विकास दर सबसे ज्यादा है। श्री चौहान ने प्रधानमंत्री को बधाई दी और कहा कि उनकी विकास नीतियों के कारण यह विकास दर हासिल हुई है। यह उनकी जिद, जुनून और जज्बा है, जो देश को आगे बढ़ा रहा है। पालिसी पैरालिसिस समाप्त हो गया है। फैसले फटाफट लिये जा रहे हैं। देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। श्री चौहान ने कहा कि कृषि क्षेत्र में विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उल्लेखनीय कृषि विकास दर हासिल हुई है। कोर सेक्टर की विकास दर आठ प्रतिशत से ऊपर निकल गई है। श्री मोदी को भारत के लिये भगवान का वरदान बताते हुए श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री के चमत्कारी नेतृत्व के कारण तेजी से विकास हो रहा है।
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3 June 2016एक जून यानी बुधवार से आम जनता पर महंगाई की गाज गिरने वाली है। क्योंकि सर्विस टैक्स 14.5 से बढ़कर 15 प्रतिशत हो गया है। जिससे होटल में खाना खाने से लेकर पार्लर जाना, बिजली-मोबाइल का बिल चुकाना सब कुछ पहले से महंगा हो जाएगा। गौरतलब है कि सर्विस टैक्स में ये बढ़ोतरी किसान कल्याण सेस के लगने से हो रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट-2016 में इसका ऐलान किया था। टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन कहते हैं कि हर बजट में सर्विस टैक्स के साथ कुछ किया जाता है क्योंकि ये राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है। सर्विस टैक्स 14.5 से बढ़ाकर 15 फीसदी करने का असर ये होगा कि अभी तक जिस सेवा के लिए आपका सौ रुपये का बिल आता था अब उसपर 50 पैसे अतिरिक्त देने होंगे। एक जून से बैंकिंग सेवाएं महंगी हो जाएंगी। बैंक ड्राफ्ट, फंड ट्रांसफर के लिए आईएमपीएस, एसएमएस अलर्ट जैसी सेवाओं के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। सिनेमा देखना महंगा होगा। एयर टिकट महंगा होगा। रेस्त्रां में खाना, माल ढुलाई, पंडाल, इवेंट, कैटरिंग, आईटी, स्पा-सैलून, होटल, बैंकिंग आदि सेवाएं महंगी हो जाएंगी। कार, हेल्थ पॉलिसी लेने या उसे रिन्यू करने पर बढ़ा हुआ सर्विस टैक्स देना होगा। टूर ऑपरेटर और कंपनियों से टूर पैकेज लेकर देश या विदेश घूमने जाने पर बढ़ा हुआ सर्विस टैक्स देना होगा। देश में होटल सर्विस लेना भी महंगा होगा। बैंक्वेट हॉल, कैटरिंग और अन्य तमाम सेवाओं के लिए 15 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। इससे शादी का बजट बढ़ जाएगा। वेद जैन के मुताबिक इससे किसानों को तो फायदा होगा। लेकिन अलग से किसानों का नाम लेकर इसे लागू करना थोड़ा जटिल करना होगा। वहीं आम लोगों की टैक्स बढ़ोतरी को लेकर अलग-अलग राय है। कुछ लोग जहां किसानों को फायदा पहुंचाने के नाम पर बढ़ा हुआ टैक्स खुशी से देने को तैयार हैं तो कुछ लोगों का कहना है कि महंगाई के दौर में सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी उनके बजट को और बिगाड़ देगी। बता दें एनडीए सरकार में सर्विस टैक्स में कुल 2.64 फीसदी की बढ़ोतरी की जा चुकी है। 2015 के बजट में अरुण जेटली ने सर्विस टैक्स को 12.36% से बढ़ाकर 14% कर दिया था, जो कि 1 जून 2015 से लागू हुआ था। इसके बाद सरकार ने फिर 15 नवंबर को सभी सेवाओं पर 0.5% स्वच्छ भारत सेस लागू कर दिया। इससे सर्विस टैक्स 14.5% हो गया था। अब सरकार कृषि कल्याण सेस के जरिए कृषि और किसानों की योजनाओं के लिए पैसे जुटाना चाहती है।
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1 June 2016मध्यप्रदेश में एक बार फिर स्थानीय बेरोजगारों को सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने के लिए बाहरी उम्मीदवारों की आयु सीमा घटाकर उन्हें रोकने की तैयारी शुरू हो गई है। अभी बाहरी आवेदक 35 वर्ष तक नौकरी पाने के लिए पात्र हैं। इसे घटाने के लिए सरकार दूसरे राज्यों के प्रावधानों का अध्ययन करा रही है। इसके बाद ही मुख्यमंत्री की सहमति से कैबिनेट में प्रस्ताव रखा जाएगा। पुलिस भर्ती में अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को मौका देने के खिलाफ मुरैना और अशोकनगर में प्रदर्शन हो चुके हैं। गृहमंत्री बाबूलाल गौर ने पुलिस महानिदेशक सुरेंद्र सिंह को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है। वहीं, मुख्यमंत्री से कुछ बेरोजगारों ने मिलकर आयु सीमा घटाने की मांग करने ज्ञापन सौंपा है। मुख्यमंत्री ने इसे विचार के लिए मुख्य सचिव को दिया था, जिस पर सामान्य प्रशासन विभाग अध्ययन कर रहा है। प्रदेश में जनवरी 2016 से बाहरियों के लिए सरकारी नौकरी में आवेदन की पात्रता आयु 40 से घटाकर 35 साल की जा चुकी है। इसके बाद भी बाहरियों को रोकने के लिए आयु सीमा घटाने की मांग उठ रही है। इसके मद्देनजर सरकार अन्य राज्यों के प्रावधानों का अध्ययन करा रही है। सूत्रों का कहना है कि होमगार्ड की भर्ती में दिल्ली सरकार ने दिल्ली का मूल निवासी होना अनिवार्य कर दिया है। इसी तरह असम, उत्तराखंड और झारखंड में विभिन्न वर्गों में भर्ती के लिए आयु सीमा 25 से 28 वर्ष रखी है। वहां परीक्षा में शामिल होने के बाद 35 साल तक यहां प्रयास करते रहते हैं। इससे प्रदेश के मूल निवासियों के मौके कम हो जाते हैं। इसे रोकने के लिए आयु सीमा घटाने के साथ 10वीं-12वीं प्रदेश के किसी मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान से पास होने की शर्त रखी जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि रोजगार कार्यालय में पंजीयन कराने वालों को ही नौकरी के लिए आवेदन करने की पात्रता दी जाए। इससे न सिर्फ रोजगार कार्यालयों में पंजीयन कराने वाले ही परीक्षाओं में हिस्सा ले सकेंगे, बल्कि सरकार को ये भी पता रहेगा कि कितने लोग किस परीक्षा के लिए पात्र होंगे।
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26 May 2016राघवेंद्र सिंह मध्यप्रदेश का एक इलाका ऐसा है जहां अफसरों की टोली कमाल का काम करने के कारण मिसाल बन रही है। यह क्षेत्र है चंबल नदी और उसके बीहड़ों का जो कभी बंदूक, गोली और छोटी-छोटी बातों पर खून-खराबे के लिये जाना जाता रहा है। यहां के लोग दिमाग से सोचते हैैं मगर ज्यादातर सुनते दिल की है। इसलिये अधिकारियों की टीम ने बदलाव के लिये इस मनोविज्ञान को समझ काम किया तो मुश्किलों को कामयाबी में बदलते देर नहीं लगी.... हम बात कर रहे हैैं भिंड जिले की। कभी यहां समर्पित दस्युराज मलखान सिंह और मोहर सिंह के नाम का डंका भी था और दहशत भी। कालांतर में दुर्दांत डकैत मेहरबान सिंह और रमेश सिंह भी रहे जो एनकाउंटर में मारे गये। इस जिले में सात माह पहले अक्टूबर 2015 में कलेक्टर इलैया राजा टी ने बागडोर संभाली। उनके साथ बेचमेट रहे नवनीत भसीन यहां पुलिस अधीक्षक का जिम्मा संभाल रहे हैैं। इन दोनों मित्रों ने व जिला पंचायत अधिकारी प्रवीण सिंह ने भिंड जिले की तकदीर और तस्वीर बदलने का बीड़ा लिया। इसमें निर्णायक भूमिका अदा की जिला न्यायाधीश श्यामसुंदर गर्ग ने। एक तरह से इन अधिकारियों का यह योग समाज की सेहत सुधारने का त्रिफला बन गया। इसके वैद्य बन गये कानून के जानकार। कलेक्टर की अगुवाई में सबसे पहले शिक्षा के क्षेत्र में सफाई का अभियान शुरू किया गया। प्रदेश में चंबल क्षेत्र के साथ विंध्य का इलाका ऐसा है जहां शिक्षा माफिया का मकडज़ाल फैला हुआ है। आमतौर से बस आप एडमिशन ले लीजिये पास होना तय है। करोड़ों के इस कारोबार में बंदूक की नोंक पर खुलेआम नकल होती थी। महज सात माह की कलेक्टरी में इलैया राजा, एस पी भसीन ने नकल पर सौ प्रतिशत रोक की मुहिम चलाई। हालत यह है कि परीक्षा के नतीजा 20 प्रतिशत के आसपास तक सिमट गये। यह सब हुआ बिना किसी शोरशराबे के। स्थिति यह है कि नकल कराने वाले 200 शिक्षण संस्थानों की मान्यता रद्द कर दी गई और पचास से अधिक स्कूल संचालकों ने अगले सत्र से पाठशाला बंद करने का निर्णय लिया है क्योंकि नकल नहीं तो धंधा बंद। जिला प्रशासन ने शिक्षा में सुधार के साथ मिशन के तौर पर तहसीलों में राजस्व प्रकरण निपटाने का लक्ष्य चुना है। कलेक्टर का मानना है कि कस्बे और गांवों में विवाद की जड़ ज्यादातर खेती से जुड़े मामले होते हैैं। इसलिये सौ प्रतिशत निराकरण की चुनौती को सामने रखकर काम कर रहे हैैं। इसी तरह प्रशासन ने स्वास्थ्य सेवाओं को भी अपने रडार पर लिया है। सरकार की लाइफ लाइन एक्सप्रेस रेल सेवा चलाती है। इसके तहत जिले के रेल्वे स्टेशन पर शहरी व ग्र्रामीण मरीजों का परीक्षण व आपरेशन तक किया जायेगा। रेल के डिब्बे में अस्पताल का यह अभियान रेलवे ट्रेक पर बीस दिन तक चलने वाला है। अधिकारियों की यह टोली दबाव में आये बिना कानूनी बारीकी सबको समाज कर सुधार में लगी है। इन अधिकारियों का कहना है कि हमारी ईमानदारी लोगों को दिखे तभी सफलता मिलेगी। इसके आगे कलेक्टर कहते हैैं लोगों को त्वरित न्याय मिले, दिखे और पक्षकारों के साथ बाकी लोग भी इससे महसूस करें यही हमारा लक्ष्य है। हम सब इसे चुनौती के रूप में लेकर काम कर रहे हैैं। ग्वालियर कलेक्टर रहे पी.नरहरि ने अपने कार्यकाल में जनता से जुड़े कामों को लेकर वाहवाही लूटी थी। उन्होंने एटीएम में दिव्यांगों के लिये सीढिय़ां के साथ रेम्प बनवाने की शुरूआत की थी। इन दिनों वे कलेक्टर इंदौर हैैं और जनता से सोशल मीडिया के जरिये सीधे संवाद कर समस्याएं सुलझाने में लगे हैैं। यह अलग बात है कि जनता में घुल मिलकर काम करने वाले अधिकारी कभी कभी नेताओं को नहीं सुहाते। चिटफंड ंपनियों वे बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई के कारण भी श्री नरहरि दबाव में नहीं आने के कारण चर्चाओं में हैैं। अनेक हैैं अच्छे अफसर बात 1990 के दशक की है सुंदरलाल पटवा मुख्यमंत्री थे और उन्होंने भोपाल कलेक्टर की कमान एम.ए. खान को सौैंपी। खान पहले भोपाल नगर निगम के प्रशासक भी थे, तब उन्होंने भोपाल को अतिक्रमण मुक्त करने के अभियान का नेतृत्व किया। कांग्र्रेस समर्थकों की बहुलता वाले पुराने भोपाल और भाजपा समर्थकों के गढ़ बैरागढ़ को उन्होंने अतिक्रमणविहीन करने का बड़ा काम किया था। उनके इस काम से राजधानी सुंदर होने के साथ व्यवस्थित भी हुई। तब एक मंच से तत्कालीन राष्ट्रपति तक ने श्री खान की तारीफ की थी। ऐसे ही आपातकाल के समय भोपाल कलेक्टर विजय सिंह के अतिक्रमण विरोधी अभियान को लोग याद करते हैं। बाद में श्री सिंह इंदौर कमिश्नर रहते हुये आगे बढ़ाया और खूब प्रशंसा प्राप्त की। अच्छे अफसरों के रूप में स्व. महेशनीलकंठ बुच भी मील के पत्थर हैैं। उन्होंने भोपाल को सुंदर बनाने व व्यवस्थित करने में अहम रोल अदा किया। यही वजह है कि स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के बाद सरकार उनके सुझावों को मानती थी। जनता के भले के लिये ईमानदारी, निष्पक्षता से काम करने वाले अधिकारियों की टीम की हमेशा जय हो.... एक शेषन भी थे अधिकारियों की अपनी कार्यशैली उनकी पहचान बनाती हैै। देश में चुनाव सुधार को कठोरता से लागू कराने के लिये मुख्य चुनाव आयुक्त तिरुनेल्लै नारायण शेषन का अमिट स्थान है। वे 1990 से 96 तक मुख्य चुनाव आयुक्त रहे और इस दौरान उनकी ऐसी धमक थी कि राज्य सरकार उनसे भय खाती थी। एक बार तो यह हुआ कि वे जिस रेस्ट हाउस में ठहरे थे वहां बाथरूम खराब होने से बड़े अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया था। कलेक्टर के तबादले हो जाते थे। चुनाव में गड़बड़ी करने वाले दल, प्रत्याशी और अफसरा थर थर कांपते थे। इसलिये बहुत कुछ अफसर पर रहता है। Attachments area
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25 May 2016इक्कीस मई की शाम इंदौर से दिल्ली आने वाली फ्लाइट का वातावरण सिंहस्थ मय था। दरअसल 21 मई को शाही स्नान था, इस अंतिम स्नान के साथ सिंहस्थ अपनी पूर्णता की ओर था। फ्लाइट में चढ़ रहे यात्रियों में से कई महाकाल का तिलक लगाये थे। कइयों ने प्रसाद के पेकेट-क्षिप्रा जल की केन आदरपूर्वक केबिन में अपने साथ रखी हुई थी। विमान में अचानक स्वामी चिदानंदजी महाराज के प्रवेश ने यात्रियों में सुखद अनुभूति का संचार कर दिया। थोड़ी ही देर बाद प्रवेश किया स्वामी देवकीनन्दनजी महाराज ने और यात्रियों के भाग्य से, उन्हें विमान में छब्बीसवें क्रम पर पीछे की सीट मिली। वे आये तो विशेषकर महिलाएँ अपनी सीट से खड़ी होकर प्रणाम करने लगीं। महाराज ने भी सबका अभिवादन 'राधे-राधे' कहकर कर स्वीकार किया। सीट पर बैठते ही कहा कि जो-जो सिंहस्थ से आ रहे हैं वे हाथ ऊपर कर दें। फ्लाइट में सत्तर प्रतिशत लोगों के हाथ ऊपर थे। महाराज ने 'वृन्दावन- बिहारी लाल की जय' का घोष किया और यात्रियों ने समवेत स्वर में उसे दोहराया। इसके बाद तो यात्रियों में सिंहस्थ को लेकर चर्चाएँ आरंभ हो गईं। कोई महाकाल के दर्शन से प्रसन्न था, तो कोई अपने गुरू के साथ स्नान कर आनंदित था। इस वार्तालाप में सिंहस्थ की व्यवस्थाओं का उल्लेख स्वभाविक रूप से आ रहा था। कोई साफ-सफाई की व्यवस्था को सराह रहा था, तो कोई आई.टी. के उपयोग के कारण इसे आधुनिक सिंहस्थ कह रहा था। दिव्यांगों के लिये बनाये गये विशेष घाट, मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के संबोधनों में आध्यात्मिक अभिव्यक्ति, क्षिप्रा आरती की भव्यता और स्वामी चिदानंदजी तथा राज्य शासन द्वारा पर्यावरण, स्वच्छता तथा अन्य सामाजिक मुद्दों को महत्व देने, सिंहस्थ पर चर्चाएँ होती रहीं। लगभग सभी लोग सिंहस्थ की व्यवस्थाओं से संतुष्ट और प्रशासन की प्रशासनिक-प्रबंधकीय दक्षताओं से प्रभावित थे। जल्द ही दिल्ली आने का संकेत हो गया। विमान के रुकते ही यात्री दोनों स्वामीजी के साथ सेल्फी लेने और उनका आशीर्वाद पाने का प्रयत्न करते रहे। 'सिंहस्थ के आनंद की जय' के सामूहिक घोष के साथ यह यात्रा पूर्ण हुई।
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23 May 2016देरी से रेकार्ड देने पर अदा करें हर्जाना, मुफ्त जानकारी देने का खर्च भी उठाएं मप्र राज्य सूचना आयोग ने समय पर जानकारी न देने पर लोक सूचना अधिकारी पर दो हजार रू. का हर्जाना लगाया है। साथ ही अपीलार्थी को वांछित जानकारी निशुल्क देने तथा जानकारी देने पर होने वाला खर्च भी वहन करने का आदेष दिया है। राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने रामस्वरूप सिंह मुरैना की ओर से दायर अपील की सुनवाई कर पारित आदेष में तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी रामनिवास कुषवाह को धारा (7) के उल्लंघन का दोषी करार दिया है । साथ ही कुषवाह को आदेषित किया है कि वे 20 दिन में अपीलार्थी को हर्जाना अदा करें एवं अपीलार्थी को चाही गई जानकारी अविलंब निःषुल्क प्रदान करें । जानकारी देने पर होने वाले खर्च का भार ग्राम पंचायत पर न डालते हुए यह व्यय राषि भी कुशवाह ग्राम पंचायत को अदा करें । यह है मामला:अपीलार्थी ने ग्राम पंचायत मृगपुरा के क्रियाकलाप से संबंधित जानकारी चाही थी जो नियत समय सीमा के बाद भी नहीं दी गई । इसका कारण यह रहा कि तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी कुषवाह द्वारा ग्राम पंचायत का रेकार्ड वर्तमान लोक सूचना अधिकारी को लंबे अरसे तक नहीं सौंपा गया । इसी कारण प्रथम अपीलीय अधिकारी/मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मुरैना द्वारा पारित इस आदेष की भी पालना नहीं हो सकी कि लोक सूचना अधिकारी अपीलार्थी को चाही गई जानकारी अनिवार्य रूप से तीन दिन में प्रदाय कर पावती की प्रति पेष करें । आखिरकार देना पड़ा रेकार्ड: वर्तमान लोक सूचना अधिकारी अमृतलाल गुर्जर द्वारा बार-बार लिखे जाने व षिकायत करने और जनपद व जिला पंचायत द्वारा आदेषित किए जाने के बाद भी तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी/सचिव कुषवाह ने पंचायत का रेकार्ड नहीं सौंपा । आयोग की सख्ती के बाद यह रेकार्ड सौंपा गया । इस संबंध में आयोग ने कुषवाह को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया । इस पर कुषवाह द्वारा प्रस्तुत जवाब को नामंजूर करते हुए आयोग के आदेष में कहा गया कि कुषवाह द्वारा पदेन दायित्व के निर्वहन में कर्त्तव्यविमुखता प्रदर्षित कर सूचना प्रदान करने में अवरोध उत्पन्न किया गया ।
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22 May 2016अम्बाप्रसाद श्रीवास्तव पुरोणेतिहास ग्रन्थों में प्राप्त सन्दर्भों एवं पुरातात्विक अवशेषों के आधार पर उज्जयिनी को भारत का विद्या, कला, साहित्य, संस्कृति एवं व्यापार का प्राचीनतम केन्द्र मानने में किंचित् भी कठिनाई नहीं होती। सान्दीपनि आश्रम में कृष्ण और सुदामा की शिक्षा-दीक्षा भी इस तथ्य का अतर्क्य प्रमाण है कि सौराष्ट्र से लेकर उत्तर भारत के दूरवर्ती प्राय: सभी प्रदेशों के विद्यार्थी इसी नगर में विद्याध्ययन के लिये आते रहते थे। मेघदूत में उज्जयिनी का वर्णन इसे एक ऐसा महानगर सिद्ध करता है, जिसका आकर्षण सभी की आँखों में चकाचौंध उत्पन्न करता रहा है। साधु-सम्प्रदाय, वैष्णव धर्म, जैन और बौद्ध धर्म के उन्नयन में भी यहाँ के मनीषियों और नागरिकों ने उल्लेखनीय योग दिया है। महाकालेश्वर की अवस्थिति के कारण यद्यपि शैव धर्म से भी इसका सम्बन्ध मान लिया जाता है, किन्तु दृढ़तापूर्वक इस बात को नहीं कहा जा रहा है कि उज्जयिनी शैव शाक्त तथा तान्त्रिक साधना का भी सबसे महत्वपूर्ण केन्द्र रहा है। पुराणों में अवन्ति जनपद को प्राय: 'महाकाल वन' के नाम से अभिहित किया गया है। यह भी लिखा गया है कि इस महाकाल वन में छियासठ करोड़ शिवलिंग स्थापित थे। यद्यपि आज यहाँ छियासठ करोड़ शिवलिंग प्राप्त नहीं होते तथापि निर्विवाद रूप से शैव मन्दिरों की संख्या यहाँ आज भी सबसे अधिक है। स्कन्द पुराण, देवी भागवत, वायु पुराण, अग्नि पुराण, मत्स्य पुराण और शिव पुराण में ज्योर्तिलिंगों की संख्या पाँच, आठ तथा बारह बतायी गई है। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इन सभी पुराणों में उज्जयिनी के महाकाल की गणना की गई है। लिङ्गानां चात्र प\चैव शशिभूषणम्। कुरुक्षेत्रे तथा स्थाणुर्मायापुर्यां मनोहरम्॥ अवन्त्यां च महाकालं तत्र माहेश्वरे पुरे। माहेश्वरमिति ख्यातं विद्धि लिंगान्यनुक्रमात्॥ -स्कन्द पुराण सोमनाथं च कालेशम् केदारे प्रपितामहम् सिद्धेश्वरं च रुद्रेशं, रामेशं ब्रह्म केशवम् अष्ट लिङ्गानि गुह्यानि पूजयित्वा तु सर्वभाक्॥ -अग्नि पुराण सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्री शैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालं डाकिन्यां भीम शंकरम्॥ परलया वैद्यनाथं च ओंकारममरेश्वरम्। सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुका वने॥ वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यंबकं गौतमी तटे। हिमालये तु केदारं घृष्णेशं तु शिवालये॥ एतानि ज्योर्लिंङ्गानि प्रातरुत्थाय य: पठेत्। जन्मान्तरं कृतं पापं स्मरणेन विनश्यति॥ -शिव पुराण पुराणों में उज्जयिनी का जिस रूप में वर्णन किया गया है उसके अनुसार शिव ही इस जनपद के नागरिकों के आराध्य देवता रहे हैं। स्कन्द पुराण के अनुसार तो अवन्ति के देव-अध्यक्ष के रूप में शिव स्वयं ही आसीन रहे हैं। उन्होंने त्रिपुरी के राक्षस को युद्ध में परास्त करने के पश्चात् ही इसका नाम अवन्ती से बदलकर उज्जयिनी कर दिया था। मत्स्य पुराण के अनुसार भी महाकाल वन के समीप ही शिव का अन्धकासुर के साथ युद्ध हुआ था। इस युद्ध के समय ही शिव ने काली, महाकाली आदि सप्त मातृकाओं की सृष्टि की थी। परवर्ती काल में शैव सम्प्रदाय जब विविध साधना पद्धतियों के आधार पर अनेक शाखाओं में विभक्त हो गया तब भी प्राय: सभी शाखाओं के केन्द्र इस क्षेत्र में अवस्थित रहे थे। कापालिक मत भी एक उग्र शैव तान्त्रिक सम्प्रदाय रहा है। शिव पुराण में इनको 'महाव्रत धर' कहा गया है। आद्य शंकराचार्य के समय में उज्जयिनी कापालिकों का केन्द्र रहा है। दिग्विजय के अवसर पर जब शंकराचार्य अवन्ती क्षेत्र में पहुँचे थे तब उन्मत्त भैरव नामक प्रसिद्ध कापालिक से उनकी मुठभेड़ हुई थी। इससे पहले पाशुपताचार्य नामक विद्वान् उज्जयिनी में पाशुपत सम्प्रदाय का जोरों से प्रचार कर चुके थे। शैव तान्त्रिकों में 'वीर शैवों'' का भी एक प्रमुख सम्प्रदाय रहा है। इसी को लिंगायत सम्प्रदाय के नाम से जाना जाता है। इसके अनुयायियों की मान्यता है कि पाँच शिवलिंगों से रेणुकाचार्य, दारुकाचार्य, एकोरामाचार्य, पण्डिताराध्य और विश्वाराध्य नामक महापुरुषों का अविर्भाव हुआ था। इन्होंने क्रमश: मैसूर, उज्जैन, केदारनाथ, श्री शैल और काशी में अपनी पीठों की स्थापना कर इस सम्प्रदाय का प्रचार किया था। पाशुपत अथवा लकुलीश पाशुपत और कालामुख भी महत्वपूर्ण शैव सम्प्रदाय हैं। महर्षि पतन्जलि ने अपने महाभाष्य में लकुलीश पाशुपतों को दण्डधारी लिखा है। उज्जयिनी से प्राप्त प्राचीन रजत मुद्राओं पर एक दण्डधारी पुरुष की प्रतिमा भी पाई जाती है। यद्यपि इस दण्ड को महाकाल का आयुध माना जाता है किन्तु यह भी धारणा है कि यह लकुलीश पाशुपतों के आराध्य का ही प्रतीक रहा होगा। इसके अतिरिक्त त्रिमूर्ति चिन्हांकित सिक्के भी यहाँ प्राप्त हुए हैं। इनके विषय में पुरातत्वविदों की धारणा है कि सिक्कों पर अंकित मूर्ति महाकालेश्वर अथवा कार्तिकेय की होना चाहिये। यह तो एक सर्वमान्य तथ्य ही है कि उज्जयिनी के अनेक शासक माहेश्वरोपाधि से विभूषित रहे हैं और लगभग बारहवीं शताब्दी तक यह शैव तान्त्रिकों का प्रमुख केन्द्र रहा है। इस दृष्टि से सिक्कों पर शिव प्रतिमा का अंकन असिद्ध नहीं ठहराया जा सकता। शिव पुराण और स्कन्द पुराण में उज्जयिनी का जिस मनोयोग और विस्तार के साथ वर्णन किया गया है उसी से यह सिद्ध होता है कि शैव साधना का केन्द्र होने के कारण ही इस पर रचयिता की दृष्टि केन्द्रित रही थी। स्कन्द पुराण का अवन्ति खण्ड उज्जयिनी के शिव मन्दिरों के वर्णन से भरा हुआ है। इसके साथ ही मणिकर्णिका कुण्ड, महाकपाल तीर्थ, रुद्र सरोवर, शंकर वापिका, दशाश्व मेषिका तीर्थ, हरसिद्धि तीर्थ, पिशाच तीर्थ आदि अनेक तीर्थों का उल्लेख किया गया है। सभी तीर्थ-स्थलों पर शिव की अर्चना का ही निर्देश है। कुशस्थली उज्जयिनी के केवल शैव तीर्थों का विस्तार एक योजन अर्थात् आठ मील कहा गया है। यह भी उल्लेखित है कि दशास्व मेषिका तीर्थ में एकनाशा नामक देवी को शराब और मांस का भोग लगाने का विधान लिखा गया है। इस प्रकार का अर्चना-विधान केवल शाक्त तंत्रों में ही निर्दिष्ट है। तान्त्रिक साधना में कुण्डलिनी-जागरण तथा षट्चक्रों के भेदन को सबसे अधिक महत्व दिया गया है। मूलाधार से आज्ञा चक्र तक का भेदन कर सहस्त्रार में परमशिव के साथ एकाकार ही साधना की परिणति है। नाभि देश में मणिपूर चक्र की स्थिति है। वराह पुराण में अवन्तिका को भी मणिपूर चक्र और महाकालेश्वर को इसका अधिष्ठातृ देवता कहा गया है। आज्ञा चक्रं स्मृत: काशी या बाला श्रुति मूर्द्धनि स्वाधिष्ठानं स्मृता का\ची मणिपूरमवन्तिका नाभिदेशं महाकालस्तन्नाम्ना तत्र वै हर:॥ सामान्यतया उपर्युक्त सन्दर्भ का अर्थ उज्जयिनी के भू-मण्डल के मध्य में अवस्थित होना ले लिया गया है किन्तु तान्त्रिक साधना में मणिपूर चक्र का विशिष्ट महत्व है। अन्य चक्रस्थलों में उनके अधिष्ठातृ देवता की ही कल्पना है किन्तु मणिपूर में शिव और शक्ति दोनों का अधिष्ठान है:- मणिपुरैक वसति: प्रावृषेण्यस्सदाशिव: अम्बुदाल्पतया भाति स्थिर सौदामिनी शिवा शाक्तागमों में भी उज्जयिनी के महत्व को स्वीकार करते हुए अनेक रूपों में इसका उल्लेख मिलता है। भगवती तारा की अष्ट मूर्ति आराधना-विधि के साथ ही न्यास के उद्देश्य से जहाँ पीठस्थानों का वर्णन है वहाँ उज्जयिनी को भी लिखा गया है; भ्रुवोर्वाराणसीपीठंटवर्गाद्य सभाहित: तवर्गपूर्विकां न्यस्येदवन्तीं नयनद्वये षोढान्यासास्तु ताराया: प्रोक्तास्तेइष्ट दायका:।। आगम ग्रन्थों तथा तान्त्रिक साधना पद्धति में शिव-शक्ति का अद्वय रूप ही मान्य है:- न शिवेन बिना देवी न देव्याच बिना शिव:। उज्जयिनी में शैव तीर्थों के साथ-साथ देवी मन्दिरों की संख्या न्यून नहीं रही। मेघदूत के प्रसंगों से यह तो स्पष्ट ही है कि महाकाल मन्दिर के अतिरिक्त यहाँ देवी भगवती और कार्तिकेय के मन्दिर भी थे। इनके अतिरिक्त स्कन्द पुराण के अवन्ती खण्ड, जिसे तत्कालिक उज्जयिनी की 'गाइड'' कहा जाता है, में 'प्रस्थ मातृका', शीतला माता, भैरव, भवानी, एकानाशा, हरसिद्धि, वतयक्षिणी, महामाया देवी आदि अनेक देवी मन्दिरों का भी उल्लेख है। इसके अध्ययन से ऐसा प्रतीत होता है कि मानो उज्जयिनी में चारों ओर शिव और शक्ति मन्दिरों के अतिरिक्त कुछ रहा ही न हो। महाकवि दण्डी ने दशकुमार चरित में महेश्वर के साथ काली के मन्दिर का उल्लेख किया है। नव साहसांक चरित में भी नीलकण्ठ महादेव के साथ दुर्गा मन्दिर का वर्णन है। शक्ति संगम तंत्र में अवन्ती का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि यहाँ मंगल चण्डी कालिका का प्रसिद्ध मन्दिर है। सिद्ध और नाथ सम्प्रदाय को शैव तान्त्रिकों की अन्तिम कड़ी के रूप में ही स्वीकार किया जा सकता है। भर्तृहरि का इस क्षेत्र से घनिष्ठ सम्बन्ध रहा है। भर्तृहरि गुफा के आधार पर यह कहना भी युक्तिसंगत ही होगा कि उज्जयिनी ही उनकी साधना-स्थली रही होगी। इस प्रकार अवधूत परम्परा का भी इस क्षेत्र से सम्बन्ध मानना पड़ेगा। चौरासी सिद्धों में 'तन्तिपा'' की भी प्रमुख रूप से गणना की जाती है और राहुल सांकृत्यायन के मतानुसार तन्तिपा उज्जयिनी के ही निवासी थे। उज्जैन का मङ्गलनाथ का मन्दिर भी विशेष रूप से उल्लेखनीय है। स्वर्गीय पं. सूर्यनारायण व्यास उज्जयिनी के पृथ्वी मण्डल के मध्य में अवस्थित होने की बात कहते हुए इसे मंगल ग्रह् की जन्म-स्थली के रूप में स्वीकार करते हैं। इस प्रकार मङ्गलनाथ मन्दिर का सम्बन्ध भी मङ्गल ग्रह् से मान लिया जाता है। किन्तु मेरी धारणा है कि इसका सम्बन्ध मङ्गल ग्रह् से न होकर नाथ परम्परा से है। शिव नाथ सम्प्रदाय के आराध्य देव हैं और उनको मंगलायतन अथवा मङ्गलनाथ नाम से अभिहित करना सर्वथा संगत ही है। मङ्गलनाथ के मन्दिर में भी शिव प्रतिमा ही स्थापित है। अतएव मंगलनाथ मन्दिर को नाथ सम्प्रदाय का एक पीठ स्थान ही माना जा सकता है। उपर्युक्त सन्दर्भों के आधार पर यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि उज्जयिनी शैव और शाक्त तान्त्रिक साधना का प्रमुख केन्द्र रहा है। यद्यपि यहाँ वैष्णव, बौद्ध, जैन तथा अन्य सम्प्रदायों को भी समान रूप से आदर दिया जाता रहा किन्तु इसे शैव शाक्तों का प्रमुख पीठ मानना ही अधिक तर्कसंगत होगा। Attachments area
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19 May 2016रवीश चैहान कृषि भारत की संस्कृति और सामाजिक सरोकार रहा है। ‘‘सांई इतना दीजिये जामें कुटुम्ब समाये, मैं भी भूखा न रहूं, साधू न भूखा जाये’’ इसमें बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय की सात्विक भावना समाहित है। लेकिन भौतिक विज्ञान के प्रभाव ने खेती की प्राथमिकता दोयम कर दी। खेती हाषिये पर चली गयी। रही-सही कसर खेती की बढ़ती लागत ने पूरी कर दी। रासायनिक खाद से उत्पादकता वृद्धि की चाहत ने जहां खेती को मंहगा बना दिया है, वहीं उत्पादकता वृद्धि के लालच में रासायसनिक खाद ने भूमि को बंजर बना दिया। मां की सेहत पीली पड़ जाती है, तो उसका असर सन्तति पर पड़ता है। बच्चा स्वस्थ्य कैसे रह सकता है। केन्द्र में सरकारें आयी, किसानों की समस्याएं सियासी मुद्दा बन गयी और चुनाव आते ही फौरी राहत देकर सियासी दलों ने किसानों को वोट बैंक बना दिया। नतीजा सामने है कि 45 प्रतिषत किसान वैकल्पिक व्यवसाय मिलने की दषा में किसानी से तौबा करने को तैयार है, खेती से पलायन की उनकी नियति बन चुकी है। 16वीं लोकसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र मोदी ने अच्छे दिन आने का वादा किया और 20-22 माह के कार्यकाल में किसान की आय 2022 तक दोगुनी करनें का महत्वाकांक्षी मिषन घोषित कर दिया। ऐसे में जहां देष में खेती की विकास दर कहीं जीरों तो कहीं 0.5 प्रतिषत है, किसान की आय दोगुना करने का लक्ष्य बहुतों को असंभव लगता है। क्योंकि इसके लिए खेती की विकास दर न्यूनतम दहाई में 10 प्रतिषत पहुंचाना पड़ेगी। नरेन्द्र मोदी के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को कांगे्रस तो हवा-हवाई बताकर नहीं थकती, जबकि आलोचक दो कारण बताकर इसे अर्द्धसत्य बता रहे है। उनका मानना है कि 0.5 प्रतिषत से कृषि विकास दर 10 प्रतिषत पहुंचाना और किसानों को समर्थन मूल्य में पर्याप्त वृद्धि करना असंभव है तो आमदनी दोगुनी जमीन पर कैसे हो सकती है। समर्थन मूल्य में मोदी सरकार द्वारा वृद्धि भी अधिकतम 4 प्रतिषत हुई है। लेकिन जिस तरह नरेन्द्र मोदी सरकार ने ताना-बाना बुना है, अर्द्धसत्य पूर्ण सत्य में ही बदलेगा और दुनिया आष्चर्यचकित रह जाने वाली है। केन्द्र सरकार ने बजट में घोषणा की है कि खेती देष की अधूरी पड़ी सिंचाई योजनाएं टाईम फे्रम में पूरी होगी। 86 हजार करोड़ रू. इसके लिए रखा गया है। काम किस गति से आरंभ हुआ है, बताने के लिए इतना पर्याप्त है कि अधूरी पड़ी 23 सिंचाई परियोजनाओं पर जिस तेजी से काम शुरू हुआ है, मार्च 2017 तक ये पूरी जो जायेगी। जिससे 80 लाख हेक्टेयर धरती पर नई सिंचाई क्षमता बढ़ जायेगी। फिलहाल देष का 47 प्रतिषत काष्त का रकबा सिंचाई के अधीन है। 53 प्रतिषत रकबा के लिए किसान बादलों पर टकटकी लगाये रहते है। यह स्थिति बदलने जा रही है, जिससे सूखा पड़ने पर किसान मायूस नहीं होगा। यही कारण है कि देष में आज सूखा की स्थिति के बावजूद कृषि उत्पादन बढ़ने का अनुमान कृषि विज्ञानी बता रहे है। मोदी सरकार गिरते भूजल से चिंतित है। उसने मनरेगा को सिंचाई कार्यों से जोड़ा है। 5 लाख खेत तालाब बनाकर (रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग की जा रही है) मनरेगा में 38 हजार करोड़ रू. का प्रावधान किया जाना केन्द्र सरकार के संकल्प की गवाही देता है। कई दषकों से किसान रासायनिक खाद से खेतों को पूर रहे है, जिससे उर्वरा शक्ति में असंतुलन पैदा हो गया है, उर्वरा शक्ति क्षीण हो गयी है। अलबत्ता, किसान की लागत में दोगुना वृद्धि होने से मौसम की त्रासदी कोढ़ मंे खाज सिद्ध हो रही है। नरेन्द्र मोदी सरकार ने राज्यों को स्वाईल टेस्टिंग के जरिये स्वाईल हेल्थ कार्ड किसानों को तकसीम करनें के लिए वित्तीय मदद दी है। आने वाले दिनों में हर काष्तकार अपनी जमीन का हेल्थ कार्ड देखकर ही न्यूनतम रासायनिक खाद का इस्तेमाल कर सकेगा, जिससे भूमि को खुराक मिलेगी और उत्पादन सुनिष्चित होगा। जहां तक समर्थन मूल्य में प्रचुर वृद्धि का सवाल है उसे सामाजिक सरोकार से जोड़ा जाता है कि यदि एकदम एमएसपी ऊंची हो गयी तो उपभोक्ता को मार्केट में गांठ ढ़ीली करना पड़ेगी, जिससे मुद्रास्फीति का स्तर बढ़ेगा। दूसरी बात यह है कि एमएसपी पढ़े-लिखे किसानों के लिए है। प्र्रदेष के सुदूरवर्ती गांव में आज भी लोग समर्थन मूल्य नहीं समझते। फसल पकते ही बाजार में फसल उतार दी जाती है। बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेष, पं. बंगाल जैसे राज्यों में किसान समर्थन मूल्य से ज्यादा सरोकार ही नहीं रखते, क्योंकि उन्हें जागरूक ही नहीं बनाया गया है। इसलिए समर्थन मूल्य की उत्पादन वृद्धि मंे भूमिका नगण्य ही कही जायेगी। अलबत्ता, मध्यप्रदेष जैसे प्रगतिषील राज्य के मुख्यमंत्री षिवराज सिंह चैहान ने समर्थन मूल्य पर बोनस देकर और ई-उपार्जन की पद्धति विकसित कर न केवल लोक षिक्षण का कार्य किया अपितु उत्पादन वृद्धि में किसानों में स्पर्धा जगा दी। यही कारण है कि मध्यप्रदेष में कृषि उत्पादन का देष दुनिया में कीर्तिमान बना। चैथी बार मध्यप्रदेष को कृषि कर्मण सम्मान हासिल हुआ। मुख्यमंत्री और किसानों की विष्वव्यापी सराहना हुई। किसी राज्य में कृषि उत्पादन में निरंतर वृद्धि की मध्य्रपदेष मिसाल बना। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 2022 तक किसान की आय दोगुनी करना न तो थोथा दावा और न दिवास्वप्न है, और न थोथेबाजी है। नरेन्द्र मोदी ने कई मिथक तोड़े है। किसान की आय दोगुना करना अपवाद नहीं होगा। अलबत्ता, अर्द्धसत्य को पूरी हकीकत में बदलने में राज्यों की सरकारों को केन्द्र के साथ कदम मिलाना है। किसानों को सुविधाओं का लाभ लेना है। देष में सिंचाई का रकबा जो 47 प्रतिषत पर सिमट गया है, उसे 90 प्रतिषत लाने के प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों में पूरक बनना है। मध्यप्रदेष में ही आजादी के बाद से 2003 तक सिंचाई का रकबा 7 लाख हेक्टेयर पर सिमट गया था, इसे षिवराज सिंह चैहान सरकार ने 10 वर्षों में 35 लाख हेक्टेयर करके करिष्मा कर दिखाया है। प्रदेष में हर गांव में विपुल उत्पादन किसानों की मेहनत और सरकार की मदद की गवाही देतो है। यह कहना अतिष्योक्ति नहीं होगी कि नरेन्द्र मोदी सरकार की प्राथमिकता गांव, गरीब और किसान है। सारी विकास योजनाएं गांव और किसान के इर्द-गिर्द घूमती है। हाल में हुए सर्वेक्षण में पता चला है कि लाखों करोड़ रू. का कृषि उत्पादन हाट की सुविधाओं के अभाव में हर साल साग, सब्जी-भाजी, फल-फूल, जिन्सों के रूप में सड़ गल जाता है। किसान लागत मूल्य से भी वंचित रह जाते है। कभी-कभी तो गांव, खेड़ों की सड़कें प्याज, टमाटर, आलू से पट जाती थी। इस कमी को पूरा करनें के लिए केन्द्र सरकार ने ई-ट्रेडिंग करनें के लिए देष की 500 से अधिक कृषि उपज मंडियों को ई-ट्रेडिंग से जोड़ दिया है। इसका विधिवत उद्घाटन 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वंय करनें की घोषणा कर किसानों को अपना उत्पाद देष की किसी भी मंडियों में आॅनलाईन बेचने की सुविधा प्रदान कर दी है। हर्ष का विषय है कि मध्यप्रदेष में भोपाल की करोंद मंडी 14 अप्रैल से देषभर की मंडियों से जुड़ गयी है। पूरा देष किसानों के लिए विपणन केन्द्र बन चुका है। इससे मध्यप्रदेष का आलू, टमाटर, पपीता, संतरा, सरबती गेहूं, बासमती चावल और अन्य उत्पाद दूरदराज प्रदेषों में बेचे जाने से किसान की गांठ में पैसा आयेगा। किसान की आमदनी में बरकत होगी। किसान को प्रौद्योगिकी का कमाल कुतुहल का विषय बनेगा। नरेन्द्र मोदी परंपरागत चाय के विक्रता रहे है, लेकिन उन्होनें कृषि के अर्थषास्त्र को समझाकर खेती की आय दोगुनी करनें के लिए एक सूत्र दिया है। काष्त जमीन को तीन भागों में विभाजित कर एक तिहायी पर विपुल उत्पादन लिया जाये। दूसरे भाग पर कृषि उद्यान, मधुमक्खी पालन, इमारती लकड़ी लगाकर पूरक आय की जाये। तीसरे भाग में पषुधन, मुर्गीपालन, मतस्यपालन का ताना-बाना बुना जाये। जब कृषि और कृषक तीन स्तंभों पर आधारित होगा, परस्पर सहयोग और समन्वय से बरकत होगी। सरकार ने कृषि लागत को घटाने, जैविक खेती को प्रोत्साहन देने और साख व्यवस्था में सस्ता ब्याज, प्रमाणित बीज, नीम कोटेड यूरिया जैसी व्यवस्था की है। खरीफ और रबी के मौसम में यूरिया की अफीम की तरह कालाबाजारी होती थी। बीस माह मं नरेन्द्र मोदी सरकार ने करिष्मा कर दिया, जिससे यूरिया का प्रचुर भंडार राज्यों में पहुंच रहा है और खाद कारखाने खाद उठाने वालों को दावत दे रहे है। बात ठीक है, गुन न हिरानो, गुना गाहक हिरानों है। देरआयत दुरूस्त आयत दिन फिरे है। किसान की आय दोगुना होगी और घर-घर खेत खलिहान में समृद्धि दस्तक देगी। सब्र का फल मीठा होता है। डाॅ. मनमोहन सिंह कहते थे मंहगायी थमने के लिए जादू की छड़ी नहीं है। लेकिन वहीं कांगे्रसी अब जानबूझकर अच्छे दिनों का स्वागत करनें के बजाय अडंगा लगाकर समय चक्र को गलत दिषा देना चाहते है, जो नहीं हो सकता। आजादी के पूर्व जो सपना स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों ने देखा था, पूरा होने का वक्त आ चुका है।[लेखक bjp किसान मोर्चा के मध्यप्रदेश के महामंत्री हैं ] Attachments area
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17 May 2016राघवेंद्र सिंह मध्यप्रदेश में सिंहस्थ की धूम है। गर्मी का हाल यह है कि आसमान से अंगारे बरस रहे हैैं। सूखे से पीडि़त प्रदेश में सिंहस्थ की तैयारी में पूरी सरकार बेटी के पिता की तरह भक्तों के स्वागत में दिन रात एक पैर से खड़ी हुई है। ऐसे में हफ्ते पंद्रह दिन बाद आने वाली बारिश की बात करना हो सकता है अप्रसांगिक लगे मगर सिंहस्थ के संपन्न होने तक या उसके कुछ दिनोंं बाद मानसून पूर्व बारिश से प्रदेश के हलाकान होने के संकेत मिल रहे हैैं। ऐसे में पानी से पहले पार बांधने की तैयारी हो जाये तो सूखा पडऩे के समय जैसे टैैंकरों से पानी लूट लिया गया था बारिश में लोगों के बहने की या बरबाद होने की खबरें कम ही आयेंगी।अभी तो मोक्ष दायिनी क्षिप्रा में सब डुबकी लगा पाप धोने, महाकाल के दर्शन कर पुण्य कमाने की भागमभाग में लगे हुए हैैं। महाकाल का तो पूरा ब्राह्मïण है इसलिये कालिदास की नगरी उज्जैन में साधु, संत महामंडलेश्वर और शंकराचार्यों के दर्शन कर जमाने भर से आ रहे भक्त ज्ञान ध्यान करने में लगे हैैं।कहा जाता है कि सिर में दर्द हो रहा हो तो पैर में चोट मार दो तो सिर की पीड़ा महसूस नहीं होती। सूखे से पीडि़त प्रदेश में सिंहस्थ का उत्सव पूरे चरम पर है। ऐसे में लोग इस बात ध्यान नहीं दे रहे हैैं कि शिवपुरी में मंत्राणी के घर जा रहा पानी का टैैंकर लुट गया था। ऐसे ही सामान्य से ज्यादा बारिश होने के संकेत मौसम विज्ञानी और ज्योतिष विज्ञान जब दे रहे हों तो बारिश आने के पहले तैयारी की पार बांधने में ही समझदारी है। पहले होता भी था कि प्रशासन से एक एडवायजरी जारी होती थी जिलों के लिये और वहां से प्रशासन ब्लाक स्तर पर तैयारी करने के निर्देश देते थे। बाढ़ पीडि़त संभावित इलाकों में नाव, स्टीमर, गोताखोर के साथ खाने पीने की सामग्र्री और इलाज के लिये दवाओं का इंतजाम भी पहले से किया जाता था। बारिश पूर्व जल रोको अभियान और अब भाजपा शासन में जलाभिषेक अभियान चलाए जाते रहे हैैं लेकिन इस बार किसी अभियान का कोई पता नहीं है। अब बारिश हुई तो जाहिर है कि इमरजेंसी में तैयारियां की जायेंगी और उसके लिये प्रशासनिक तैयारी के साथ वित्तीय अधिकार भी विशेष रूप से लिये जायेंगे। यहीं से शुरूआत होगी सरकारी तंत्र में बाढ़ उत्सव की। सबको याद होगा कि मुख्यमंत्री ने सूखे की स्थिति का जायजा लेने के लिये जब अधिकारियों को गांव में जाने और रुकने के निर्देश दिये थे तब जिस अंदाज में अधिकारियों ने दौरे किये उसे सूखा टूरिज्म का नाम दिया गया था। इससे अंदाजा लग रहा था कि अधिकारी संकट को लेकर कितने संजीदा हैैं।भोपाल सहित प्रदेश के शहरों की हालत यह है कि नालियां कचरों से ठसाठस भरी हैैं। नालों की सफाई नहीं हुई है। जिलों में अगर तालाब हैैं तो उनका गहरीकरण नहीं हुआ है। ऐसे में पहली बारिश के साथ ही समस्याएं नालों और नालियों से निकल कर सड़कों पर आयेंगी और लोगों के घरों में घुसेंगी। इससे परेशानियां तो आयेंगी और बीमारियां बोनस में मिलेंगी। रीवा, जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में बारिश पूर्व की तैयारी नहीं होने की खबरें हैैं।किसानों के मामले में अलबत्ता खाद की व्यवस्था पुख्ता बताई जा रही है मगर प्रमाणिक बीज के मामले में हालत चिंताजनक है और किसानों को घटिया और नकली बीज के लिये अभी से तैयार रहना चाहिये। एक परियोजना के तहत कृषि विभाग में सब्सिडी के बड़े खेल के चक्कर में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर नियुक्ति के लिये 30-30 लाख तक की बोली लगने की खबरें हैैं। जांच कर इसकी हकीकत पता की जा सकती है। फिल वक्त तो किसी को फुरसत नहीं क्योंकि सब सिंहस्थ में व्यस्त हैैं।(नया इण्डिया से साभार)
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16 May 2016सौरभ जैन ‘अंकित’ प्रदेश की प्रमुख नदियां सूख रही हैं, कुछ तो लुप्त प्रायः हो चुकी हैं और हद यह है कि उज्जैन में क्षिप्रा नदी के तट पर कुम्भ का आयोजन किया गया, लेकिन उसमें जल भराव के लिए नर्मदा नदी का सहारा लेना पड़ा। बावजूद इसके शिवराज सरकार कुछ ठोस कदम उठाने की बजाय नदियों के चीरहरण पर महज चिंता जाहिर करते हुए विचार प्रकट करती है तो अफसोस होता है। दरअसल निनौरा में आयोजित विचार महाकुम्भ के दौरान देश भर के बुद्धिजीवियों ने प्रधानमंत्री की मौजूदगी में अपने-अपने विचार व्यक्त किए तो वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नदियों पर अपनी चिंता जाहिर करने वाले विचार रख दिए। उन्होंने कहा कि देश भर की नदियां सूख रही हैं। नदियों को पुनर्जीवित करना चाहिए। नर्मदा और क्षिप्रा के दोनों किनारों पर पेड़ लगाने का अभियान चलाएंगे। इसके साथ ही नर्मदा के उदगम स्थल पर अमरकंटक से संतों के साथ मिलकर विशाल पदयात्रा के माध्यम से पेड़ लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करेंगे। देश भर में फैली पानी की किल्लत और सूखे से आमजन और किसान दोनों परेशान हैं। देश भर में दिन व दिन नदियों का जलस्तर गिरता जा रहा है। यदि यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब लोग बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे। किसानों को खेती के लिए पानी तो दूर लोगों को पीने का पानी भी नसीब नहीं होगा। नदियों के किनार अतिक्रमण, प्रदूषण और अवैध खनन से नदियों का अस्तित्व खतरे में आ गया है। मध्यप्रदेश में रेत के खनन से नदियों और उसकी जलवायु पर भारी खतरा मंडरा रहा है। शायद ही ऐसी कोई छोटी-बड़ी नदी हो, जिस पर रेत का उत्खनन न हो रहा हो। नर्मदा को मध्यप्रदेश की जीवनदायनी कहा जाता है। रेत माफिया बड़ी बड़ी राक्षसनुमा पोकलेन और जेसीबी मशीनों से बीच नदी से दिन रात रेत का उत्खनन कर रहे हैं। जिससे नदियां टापू में तब्दील होती जा रही हैं। इसके कारण आसपास के क्षेत्रों का जलस्तर गिरता जा रहा है। नर्मदा का उदगम अमरकंटक से होता है, लेकिन पर्वतमाला से उतर कर चंद किलोमीटर बाद ही खनन माफिया नर्मदा का चीरहरण करता नजर आता है। माफिया रेत का उत्खनन कर अपनी तिजोरियां भरते हैं। जहां जहां से नर्मदा बहती हुई अपना मार्ग प्रशस्त करती है वहां-वहां हर जगह खनन माफियाओं द्वारा रेत खनन बेरोकटोक जारी रहता है। अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, सीहोर, हरदा, खंडवा, बड़वानी, धार और झाबुआ सहित ऐसा कोई जिला नहीं है जहां पर रेत का उत्खनन न हो रहा हो। नर्मदा पर वैध और अवैध दोनों तरीकों से शासन-प्रशासन की नाक के नीचे बेरोकटोक खनन जारी है। नर्मदा के अलावा प्रदेश में शायद ही ऐसी कोई नदी बची हो जहां रेत का वैध-अवैध उत्खनन न हो रहा हो। नर्मदा के अलावा महाकौशल में बेनगंगा, पेंच और कनान रेत उत्खनन के सबसे बड़े केंद्र हैं। चंबल मध्यप्रदेश की दूसरी बड़ी नदी है और यह इंदौर के महू से निकलकर धार, रतलाम, मंदसौर, शिवपुरी, भिंड और मुरैना होते हुए इटावा में जाकर यमुना से मिलती है। इन सभी जिलों में उत्खनन का कारोबार बदस्तूर जारी है। इनके अलावा बैतूल में ताप्ती, अनूपपुर, सीधी और सिंगरौली में सोन नदी, रायसेन, विदिशा, गुना, ओरछा की बेतवा, होशंगाबाद की तवा, देवास की काली सिंध और सीहोर की पार्वती नदी ये सभी नदियां बड़ी मात्रा में उत्खनन की शिकार हैं। इसलिए कहने में संकोच नहीं कि नदियों पर चिंता बहुत जरूरी है, लेकिन सिर्फ चिंता से क्या होगा। इसके लिए कोई ठोस कदम उठाने होंगे वो भी बिना किसी भेद-भाव के पूर्ण ईमानदारी के साथ। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिस प्रकार अपनी चिंता जाहिर की है उसी प्रकार धरातल पर उतरकर नदियों के लिए कार्य करना बहुत जरूरी है। रेत माफियाओं के हौसले तो इतने बुलंद हैं कि खुद मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बुधनी नसरुल्लागंज को उन्होंने अवैध उत्खनन का सबसे बड़ा गढ़ बना रखा है, क्या शासन-प्रशासन इससे अनभिज्ञ है। अगर ऐसा है तो फिर समझा जा सकता है कि जिसकी नाक के नीचे नदी का चीरहरण हो रहा हो तो बाकी की नदियों का क्या हाल होता होगा आसानी से समझा जा सकता है।
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15 May 2016प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा निनौरा-उज्जैन में 14 मई 2016 को जारी यह कि भारत के प्राचीन नगर उज्जैन में वैदिक काल से निरंतर बारह वर्ष के अंतराल से आयोजित सिंहस्थ के पवित्र कुंभ मेले के अवसर पर; इस बात को रेखांकित करते हुए कि अत्यंत श्रद्धा और आस्था का यह आध्यात्मिक अवसर परंपरागत रूप से प्रज्ञावान संतों और चिंतकों को समकालीन सामयिक आध्यात्मिक एवं भौतिक विचारणीय विषयों के संबंध में संवाद और विमर्श का मंच उपलब्ध कराता रहा है; इस बात से आश्वस्त होते हुए कि इस महान परंपरा को निरंतर रखने की आवश्यकता है, मध्यप्रदेश शासन ने सिंहस्थ 2016 के दौरान 12 से 14 मई के बीच निनोरा, उज्जैन में सम्यक जीवन-शैली पर अंतर्राष्ट्रीय विचार महाकुंभ का आयोजन किया है; मूल्याधारित जीवन, मानव-कल्याण के लिए धर्म, ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन, विज्ञान एवं अध्यात्म, महिला सशक्तीकरण, कृषि की ऋषि परंपरा, स्वच्छता एवं पवित्रता, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विषयों पर भारत एवं विश्व भर के विभिन्न देशों से आए विद्वानों के विमर्शों से प्रेरित होकर: इस बात से सहमति व्यक्त करते हुए कि यह तात्विक रूप से आवश्यक है कि मानव ऐसा सम्यक जीवन बिताए जिससे वह अपनी पूर्ण संभावनाओं को साकार कर सके; प्रत्येक मानव एवं संस्कृति की विशेषता का सम्मान करते हुए, यह अनुभव किया गया कि सम्यक जीवन के विभिन्न आयामों को समस्त मानवता के लाभ के लिए स्पष्ट रूप से अभिव्यक्त किया जाए; अतः, यह विचार महाकुंभ, परिपूर्ण मानव जीवन के लिए प्रासंगिक मार्गदर्शी सिद्धांतों को सिंहस्थ 2016 के सार्वभौम अमृत संदेश के रूप में घोषित करता है कि :- (1) मनुष्य का अस्तित्व मात्र भौतिक नहीं है। उसके चैतन्य और संवेदन के आयाम अनंत हैं। यह चेतना समस्त चराचर में व्याप्त है। यह सत्य जीवन में मूल्यों का आधारभूत प्रेरक है। (2) संपूर्ण मानव जाति एक परिवार है। अतः सहयोग और अंतर्निर्भरता के विभिन्न रूपों को अधिकतम प्रोत्साहन दिया जाना चाहिए। (3) विकास का लक्ष्य सभी के सुख, स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करना है। जीवन में मूल्य के साथ जीवन के मूल्य का उतना ही सम्मान करना जरूरी है। (4) शिक्षा में मूल्यों के शिक्षण, व्यवहार एवं विकास का नियमित पाठ्यक्रम शामिल किया जाए, ताकि कम उम्र से ही बच्चों में उनका प्रस्फुटन हो सके। इस पाठ्यक्रम को अन्य विषयों की तरह समान महत्व दिया जाना चाहिए। यह पाठ्यक्रम ऐसे आरंभिक प्लेटफार्म की तरह हो जिसके आस-पास शिक्षा का संपूर्ण पाठ्यक्रम विकसित किया जा सके। (5) अस्वस्थ प्रतिस्पर्धात्मकता के स्थान पर सामाजिकता, अंतर्निर्भरता करुणा, मैत्री, दया, विनम्रता, आदर, धैर्य, विश्वास, कृतज्ञता, पारदर्शिता, सहानुभूति और सहयोग जैसे मूल्यों को बढ़ाने के लिए शिक्षा की पद्धतियों में यथोचित परिवर्तन किया जाए। (6) मूल्यान्वेषण सिर्फ निजी विकास के लिए नहीं बल्कि समाज को एक व्यवस्था देने, संबंधों को संतुलित करने और जीवन प्रतिमानों का निर्माण करने के लिए जरूरी है। (7) शुचिता, पारदर्शिता और जवाबदेही सार्वजनिक जीवन की कसौटी होना चाहिए। (8) सत्य तक पहुँचने के अनेक मार्ग हैं, किन्तु सत्य एक ही है। विविधता में एकता स्थापित करने के लिए यह समझ अत्यन्त महत्वपूर्ण है। (9) सर्वधर्म समादर की भावना विकसित करने के लिये शिक्षा में उपयुक्त पाठ्यक्रम सम्मिलित किये जायें। (10) सृष्टि एक ही चेतना का विस्तार है और मानव उसी का अंश है। अतः समस्त जीवों के प्रति दया, प्रेम व करुणा आधारित व्यवस्थाएँ निर्मित की जानी चाहिए। धर्म मनुष्य की आत्मोन्नति का मार्ग तथा मानव-कल्याण का साधन है। धर्म जहाँ हमें प्रेम, सहयोग, सामन्जस्य के पाठ के माध्यम से एक सूत्र में बाँधता है, वहीं विस्तारवादी उद्देश्यों के लिए किये गये उसके दुरुपयोग से विश्वबंधुता का हनन होता है। (11) धर्म यह सीख देता है कि जो स्वयं को अच्छा न लगे, वह दूसरों के लिए भी नहीं करना चाहिए। जियो और जीने दो का विचार हमारे सामाजिक व्यवहार का मार्गदर्शी सिद्धांत होना चाहिए। (12) धर्म जोड़ने वाली शक्ति है। अतः धर्म के नाम पर की जा रही सभी प्रकार की हिंसा का विरोध विश्व भर के समस्त धर्मों, पंथों, संप्रदायों और विश्वास-पद्धतियों के प्रमुखों द्वारा किया जाना चाहिए। (13) पृथ्वी पर पर्यावरणीय संकट का समाधान सिर्फ प्रकृति के साथ आत्मीयता से प्राप्त होगा। (14) देशज ज्ञान के विविध क्षेत्रों, जैसे कृषि, वानिकी, पारंपरिक चिकित्सा, जैव विविधता संरक्षण, संसाधन प्रबंधन और प्राकृतिक आपदा में महत्वपूर्ण सूचना स्त्रोत के रूप में स्वीकार किया जाना चाहिए। (15) पारिस्थितिकी की रक्षा के लिए अत्यधिक उपभोक्तावाद पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। प्राकृतिक संसाधनों के अविवेकपूर्ण शोषण ने अनेक प्राकृतिक विपदाओं को जन्म दिया है। इसका संज्ञान लेते हुए ऐसी जीवन शैली एवं अर्थ-व्यवस्थाओं को विकसित करें जिनसे प्रकृति का पोषण हो। (16) विश्व में व्याप्त भीषण जल-संकट से जीवन संकट में है। जल-संवर्धन की तकनीकों और प्रणालियों को प्रोत्साहित करने और पृथ्वी की जल-संभरता को क्षति पहुँचाने वाली प्रक्रियाओं को रोकने के कदम तत्काल उठाए जाएं। (17) प्राचीन सभ्यता और संस्कृति वाले सामाजिक समूहों ने प्रकृति से नैसर्गिक संबंध स्थापित करने के रीति-रिवाज एवं कलाओं का विकास किया है। ऐसे मानवीय व्यवहार एवं जीवन शैली का वैज्ञानिक आधार समझकर आधुनिक जीवन में उनका अनुसरण आवश्यकतानुसार करना चाहिए। (18) भावी पीढ़ियों के प्रति अपने दायित्वों के जवाबदेह निर्वहन के लिए यह आवश्यक है कि नीतियाँ प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग के भाव से प्रेरित हों। पृथ्वी पर हरित आवरण में आ रही कमी गंभीर चिंता एवं चिंतन का विषय है। अतः पौध रोपण एवं धरती के भीतर के रूट स्टॉक के पुनर्जीवन के लिए वृहद रूप से काम किया जाना चाहिए। (19) विज्ञान और अध्यात्म एक दूसरे के पूरक हैं। प्रकृति के भौतिक रहस्यों को जानने के लिए विज्ञान और आंतरिक रहस्यों को समझने के लिए अध्यात्म की आवश्यकता है। विज्ञान और अध्यात्म के संबंधों का संस्थागत रूप से अध्ययन आवश्यक है। (20) मनुष्य के अनुभव भौतिक के साथ-साथ आध्यात्मिक स्तर पर भी होते हैं।भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समृद्धि अनिवार्य है, परन्तु ऐसी समृद्धि आध्यात्मिक अनुभव के बिना संतुलित जीवन का आधार नहीं बन सकती। (21) विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी में जो संबंध है वही संबंध आध्यात्मिक उन्नति का योग एवं ध्यान के साथ है। उत्कृष्ट समाज की रचना मानव जीवन में उस व्यापक दृष्टिकोण को लाने से संभव है, जो योग के माध्यम से प्राप्त होता है। (22) अध्यात्म की विषय-वस्तु को पाठ्यक्रमों में सरल स्वरूप में सम्मिलित करना चाहिए। विषयों के भौतिक ज्ञान के अतिरिक्त उनमें निहित प्राकृतिक नियमों एवं नैसर्गिकता की जानकारी विद्यार्थियों के मानसिक परिपक्वता का साधन बनेगी। (23) प्रकृति के नियमों के विरुद्ध जीवन यापन करने की वर्तमान जीवन शैली से शारीरिक एवं मानसिक व्याधियों में तीव्र गति से वृद्धि हुई है।इन्हें दूर करने के लिए योग एवं आयुर्वेद की प्रणालियों एवं प्रभावों के विषय को आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से जोड़ने संबंधी शोध को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। इससे आनंदपूर्ण जीवन के मूलभूत सिद्धांत आसानी से समझ में आ सकेंगे। (24) स्वच्छता की किसी भी रणनीति में विभिन्न विश्वास प्रणालियों में मौजूद आंतरिक पवित्रता और बाह्य शुद्धता के प्रासंगिक सिद्धांतों का लाभ लिया जाना चाहिए। स्वच्छता को प्रशासित गतिविधि की जगह सामाजिक मूल्य के रूप में पुनर्स्थापित किया जाना चाहिए। (25) स्वच्छता की रणनीति को मात्र व्यक्ति की आर्थिक स्थिति से जोड़कर विकसित नहीं किया जाना चाहिए। (26) ‘वेस्ट‘को संसाधन की दृष्टि से देखने से भी स्वच्छता बढ़ाई जा सकती है। फसल-उर्वरीकरण में वेस्ट की भूमिका टिकाऊ कृषि की पारंपरिक प्रथाओं में शामिल रही है। (27) नदियों का संकट सिर्फ प्रदूषण तक सीमित नहीं बल्कि अस्तित्व से जुड़ा है। नदियों का लुप्त होना इस ग्रह की पारिस्थितिकी की स्थिरता के लिए चुनौती है। नदियों के पुनर्जीवन के प्रयासों को सघन और उनके अंतर्राष्ट्रीय अनुभवों को साझा किया जाए। (28) अनियोजित शहरीकरण ने नदियों को ड्रेनेज के रूप में इस्तेमाल किया है। नागरिकों में सरिता-संवेदनशीलता को बढ़ाने के अलावा शहरी नियोजन में उनके संरक्षण के प्रभावी प्रावधान किए जाने चाहिए। (29) नारी के द्वारा किए जा रहे गृह कार्य का मूल्य घर के बाहर किए जाने वाले व्यवसायिक कार्य के तुल्य है। उसके गृह कार्य को सकल घरेलू उत्पाद में शामिल करने की प्रविधियाँ विकसित की जाएं। (30) स्त्री को विज्ञापनों में वस्तु की तरह प्रस्तुत करना कानूनन निषिद्ध किया जाए। (31) प्रत्येक स्तर पर नारी-समकक्षता-सूचकांक विकसित कर उसके आधार पर समीक्षा के मानक तय किये जाएं। (32) समान कार्य के लिए समान वेतन का सिद्धांत स्त्री रोजगार के सिलसिले में अपनाया जाए। इसके लिए नियोक्ता की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए उनसे विमर्श का एक अभियान शुरू किया जाए। (33) सभी परामर्शदात्री, नियामक,निगरानी तथा अन्य निकायों में स्त्रियों को समान रूप से प्रतिनिधित्व दिया जाये। समानता निष्पक्षता से प्राप्त नहीं की जा सकती, यह सकारात्मक हस्तक्षेप के बिना संभव नहीं है। (34) नारी की मानवीय प्रतिष्ठा और गरिमा सार्वभौम रूप से स्वीकार्य होनी चाहिए तथा यह शासकीय नीतियों तथा योजनाओं में परिलक्षित होनी चाहिए। (35) विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी को नारी के विरुद्ध इस्तेमाल करने के सभी संभावित तरीकों पर प्रभावी रोक होना चाहिए। (36) महिलाओं की समस्याओं का समाधान करते समय उनके संपूर्ण जीवन-चक्र को दृष्टि में रखना आवश्यक है। संतान के सृजन और पालन के दायित्व को ध्यान में रखकर उनके पोषण, आहार, प्रजनन और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। (37) महिलाओं के प्रतिनिधित्व और आरक्षण संबंधी प्रावधानों का लाभ लोकतंत्र के सभी स्तरों पर संविधिक रूप से मिलना चाहिए। (38) घरेलू महिलाओं के दैनंदिन जीवन क्रम को सुविधायुक्त बनाने के लिए सुसंगत अधोसंरचना में निवेश आवश्यक है ताकि वह अन्य उत्पादक कार्यों में अधिक भागीदारी कर सके। (39) २०वीं शताब्दी से विकसित की जा रही कृषि प्रौद्योगिकियों से प्राथमिक क्षेत्र में अत्यधिक ग्रीन हाऊस गैस का उत्सर्जन होना चिन्ताजनक है। इस समस्या का समाधान आवश्यक है। (40) भू-जल-स्तर का गिरना, मिट्टी का क्षरण और उसकी सहज उर्वरा शक्ति का नाश, रासायनिक प्रदूषण होना कृषि में अमृत-दृष्टि के अभाव का प्रतीक है। कृषि के प्रति ऐसी दृष्टि विकसित करने की आवश्यकता है, जो उसकी पुनर्रुत्पादकता को पोषित कर सके। (41) किसानों की बीज-स्वायत्तता उनका मौलिक और अनुलंघनीय अधिकार है। इस अधिकार की सुरक्षा जैव-विविधता की भी रक्षा है। (42) देशज गौ-वंश के संरक्षण को उसके पर्यावरण पर होने वाले सकारात्मक प्रभाव की दृष्टि से देखा जाना चाहिए। (43) संवहनीय कृषि के लिये आधुनिक नीतियों के पुनरीक्षण की आवश्यकता है। कृषि की सुस्थिरता के लिए व्यापक वृक्षायुर्वेद, अग्निहोत्र कृषि, वैदिक खेती, सहज कृषि, प्राकृतिक खेती, जैविक खेती जैसे विकल्पों की संभावनाओं पर प्राथमिकता से शोध किया जाना आवश्यक है। (44) सभी हितधारकों को संयुक्त रूप से कृषि की बाजार निर्भरता और ऋणोन्मुख प्रकृति के विकल्प ढूंढने की पहल करना होगी।प्राकृतिक हरित खादों का अधिक प्रयोग कृषि को सुस्थिर बनाता है। पंचगव्य, जीवामृत, मटका खाद जैसी अतिरिक्त सहज तकनीकों से बेहतर परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं। अजैविक आदानों की तुलना में जैविक आदानों को राजकोषीय सहायता, ऋण एवं बाजार-समर्थन में प्राथमिकता मिलनी चाहिए। (45) ऐसी पद्धतियों और कृषि आदान को हतोत्साहित करना चाहिए जो मिट्टी के स्वास्थ्य, पशुओं और वनस्पति के स्वास्थ्य,जल संतुलन और पर्या-प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। (46) शून्य बजट खेती की अवधारणा को लोकप्रिय करने की जरूरत है ताकि न्यूनतम लागत से अधिकतम लाभ अर्जित किया जा सके। (47) पूंजी का अधिकतम लोगों में अधिकतम प्रसार ही आर्थिक प्रजातंत्र है। कुटीर उद्योगों को आर्थिक एवं सामाजिक प्रजातंत्र के महत्वपूर्ण अंश की तरह देखा जाना चाहिए। (48) ऐसी औद्योगिकता को प्रोत्साहित किया जाए, जिसमें कुटीर उद्योगों के वैविध्य का सम्मान हो और वे किसी असमान प्रतिस्पर्धा में खड़े न हों। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठनों से उनके संरक्षण तथा संवर्द्धन की सचेत कोशिशों का आग्रह किया जाना चाहिए। (49) कुटीर उद्योग मास प्रोडक्शन के स्थान पर प्रोडक्शन बाय मासेस के सिद्धांत को क्रियान्वित करने का प्रबल साधन है। इसके माध्यम से समावेशित विकास के लक्ष्य को प्राप्त किया जाना संभव है। (50) कुटीर उद्योगों के छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए ई-तकनीक पर आधारित मार्केटिंग नेटवर्क विकसित किये जाएं ताकि उनका उत्पाद विश्व भर के उपभोक्ताओं को उपलब्ध हो सकें। (51) शिल्पी दिहाड़ी मजदूर के रूप में परिवर्तित होते जा रहे हैं। वह मात्र उद्यमी नहीं, बल्कि सृजनधर्मी कलाकार है। देशज संस्कृति के संवर्धन में उनके योगदान को समाज में आदर मिलना चाहिए। इस विचार महाकुंभ का विनम्र आग्रह है कि पृथ्वी पर सम्यक और संतुलित जीवन के लिए इस संदेश में निहित मूल्यों और सिद्धातों को हर समुदाय अपने परिवेश और प्रासंगिकता के अनुरूप क्रियान्वित करने का उपक्रम करें। आज दिनांक 14 मई, 2016, वैशाख 24, शक संवत 1938 को जारी। वैशाख अष्टमी विक्रम संवत 2073
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14 May 2016साधुओं के 2 गुटों में मारपीट , 6 साधु जख्मी उज्जैन सिंहस्थ में गुरुवार को नागा साधुओं के दो गुटों में शुरू हुई बहस खूनी संघर्ष में बदल गई। इस दौरान गोली चली, तलवार और लाठियों का भी जमकर इस्तेमाल किया गया। घटना में 6 साधु घायल हो गए। इन्हें हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। झगड़ा एक ही अखाड़े (आव्हान अखाड़ा) के साधुओं के बीच हुआ। चुनाव के बाद हुआ हमला... एडिशनल एसपी मनोज केडिया के मुताबिक घटना दत्त अखाड़ा जोन में हुई। यहां आव्हान अखाड़े में श्रीमहंत पद के लिए चुनाव होने थे। पिछले 10 दिनों से इस पद के लिए ब्रजेश पुरी महाराज का नाम चल रहा था। गुरुवार को नीलकंठ गिरि महाराज ने गणेशपुरी को श्रीमहंत घोषित कर दिया। इस बात से नाराज ब्रजेश पुरी महाराज के समर्थक उग्र हो गए। थोड़ी देर तक बहस के बाद दोनों गुटों के बीच मारपीट शुरू हो गई। तलवार और त्रिशूल का इस्तेमाल दोनों तरफ से तलवार और त्रिशूल का जमकर इस्तेमाल हुआ। इसी दौरान एक साधु ने गाेली चली दी। गोली ओमपुरी महाराज को लगी। उन्हें तत्काल माधव नगर हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। जहां डॉक्टरों ने आॅपरेशन कर गोली निकाला दी है। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। उनके अलावा 6 अन्य साधु भी हमले में घायल हुए हैं। जिनका इलाज चल रहा है। घायल साधुओं में राहुल पुरी (25 साल ), राजेश पुरी (62 साल),भोलापुरी (70 साल ),सनातन पुरी (30 साल )शामिल हैं। दो साधुओं नागेन्द्र और राघव पुरी को हल्की चोटें आईं हैं। Attachments area
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12 May 2016शिवराज सरकार की कपिलधारा योजना का काला सच… विनोद कुमार उपाध्याय मध्यप्रदेश में बलराम तालाब के बाद अब कपिलधारा कूप योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया है। सरकार का दावा है कि प्रदेशभर में 3 लाख 15 हजार कपिलधारा सिंचाई कूप का निर्माण किया गया है। इनमें से 1 लाख 3 हजार 400 हितग्राही को विभिन्न विभागीय योजनाओं के जरिए सिचाई पंप के लिए अनुदान सहायता भी मुहैया करवाई गई। लेकिन जमीनी हकीकत इसके विपरीत है। प्रदेश के सभी जिलों में कपिलधारा कूप के निर्माण में फर्जीवाड़ा किया गया है। कहीं कूप ही नहीं खुदा है तो कहीं गहराई कम है तो कहीं कपिलधारा कूपों के नाम पर सिर्फ गड्ढे खुदे हैं। हजारों मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जिसमें जिन किसानों के नाम पर कूप खुदा है उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है। ऐसे 1 लाख 27 हजार कपिलधारा कूपों में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यानी सरकार का सरपंच, सचिव, जनपद सीईओ, सहायक यंत्री और उपयंत्री आदि ने मिलकर करीब 20.32 अरब रूपए हजम कर गए हैं। सात साल बाद अब इस मामले की परतें खुल रही हैं। उल्लेखनीय है कि मनरेगा के तहत गरीब किसानों की गरीबी दूर करने और उनके जीवन में खुशहाली लाने के लिए कपिलधारा कूप योजना शुरू की गई थी। इस योजना में शुरुआती दौर में जिस तरीके की बंदरबांट फर्जी कामों की हुई थी, उसके परिणाम आने शुरू हो गए हैं। 2007-08 के कपिलधारा कूप मामले में शिकायतें आने लगी थीं। अब जिलेवार हुई जांच में भ्रष्टाचार सामने आने लगा है। इसमें सरपंच, जनपद सीईओ सहित सहायक यंत्री और उपयंत्री भी दोषी पाए जा रहे हैं। आलम यह है कि कपिलधारा योजना के तहत खोदे गए 3 लाख 15 हजार कुओं में से ज्यादातर खोदे ही नहीं गए हैं। अगर इस मामले की सही ढग़ से जांच की जाए तो हर पंचायत में भ्रष्टाचार उजागर होगा और पूर्व के जितने सरपंच और सचिव हैं वे इसके घेरे में आएंगे। दरअसल, सरकार की मंशा थी की हर किसान के खेत में अपना कुंआ हो ताकि सिंचाई के लिए उसे भटकना न पड़े। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ गरीबों के नाम पर रसूखदारों ने जमकर उठाया। वैसे देखा जाए तो जिस मनरेगा योजना ने प्रदेश के लोगों की आर्थिक स्थिति कुछ हद तक बेहतर की है उसका प्रदेश में जमकर मजाक उड़ाया जा रहा है। मनरेगा की राशि का उपयोग जहां नौकरशाह और अन्य रसूखदार अपनी सुविधाएं जुटाने में कर रहे हैं तो वहीं विकास कार्य महज कागजों पर हो रहे हैं। अफसरों की मिलीभगत से फर्जी मूल्यांकन कपिलधारा कूप निर्माण में किस तरह फर्जीवाड़ा किया गया है इसका ताजा मामला सतना जिले के जनपद पंचायत उचेहरा की मानिकपुर ग्राम पंचायत में सामने आया है। दादूलाल प्रजापति ने कपिलधारा कूप के लिए आवेदन किया था। स्थानीय अमले ने मिलीभगत कर उसके पहले से बने कुएं को ही कपिलधारा कूप बनाना दिखाते हुए पूरी राशि निकाल कर हड़प ली गई। गबन में जनपद सीईओ सहित सहायक यंत्री और उपयंत्री की भूमिका प्रमुख रही। मामला संज्ञान में आने के बाद जांच की गई। जांच में पाया कि कुआं पहले से बना था और उसका फर्जी मूल्यांकन कर राशि आहरित कर ली गई है। इस दौर में आ रही शिकायतों के भौतिक परीक्षण के लिए जितने भी उपयंत्री और सहायक यंत्री मौके पर जाते तो वे भी लेनदेन कर मामला दबा देते थे। ड्रैगो के निरीक्षण प्रतिवेदन और जांच रिपोर्ट में पूरी हकीकत आने के बाद तत्कालीन जनपद सीईओ ओपी झा समेत तत्कालीन सहायक यंत्री आईपी पाण्डेय, संतलाल प्रजापति तत्कालीन उपयंत्री, जीपी मिश्रा तत्कालीन प्रभारी सहायक यंत्री (मूलत: उपयंत्री) मामले में दोषी पाए गए। अब सात साल बाद इस मामले में इन सभी आरोपी अधिकारियों पर विभागीय जांच शुरू करने के आदेश अधीक्षण यंत्री ने जारी कर दिए हैं और इसमें प्रस्तुतकर्ता अधिकारी कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग सतना को बनाया गया है। कपिलधारा कूपों के नाम पर सिर्फ खुदे गढ्ढे शासन की जनकल्याणकारी व विकास योजनाओं का प्रदेश के ग्रामीण अंचलों में किस तरह से मखौल उड़ाया गया है। उसकी बानगी प्रदेश के तीन से अधिक दर्जन जिलों की ग्राम पंचायतों में देखने को मिली है। जहां कपिलधारा कूपों के नाम पर सिर्फ कुछ फूट गहरे गड्ढे खुदवाए गए हैं। सालों से कूपों के निर्माण का काम अधूरा पड़ा है। फिर भी कूप निर्माण के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर दिए गए हैं। इस फर्जीवाड़े में जितने दोषी सरपंच-सचिव है उतने ही दोषी निर्माण कार्य पर नजर रखने वाले उपयंत्री, सहायक यंत्री और मॉनीटरिंग अधिकारी यानी जनपद सीईओ भी हैं। जिनकी सरपरस्ती के बगैर आधे-अधूरे कपिलधारा कूपों के नाम पर लाखों का वारे-न्यारे होना संभव नहीं हैं। नया मामला दतिया जिले के हथलई गांव का है जहां कपिलधारा के कूप सिर्फ कागजों पर बने दिखाए गए हैं। गांव के किसानों ने बताया कि उनके खेतों में कपिलधारा का कुआं बना ही नहीं है तथा कागजों पर निर्माण होना बताया जा रहा है। इतना ही नहीं, किसानों के अधबने कुओं को भी पूरा कर कपिलधारा योजना के कुएं बताया गया है। यहां निर्माण कार्य मजदूरों से नहीं, बल्कि जेसीबी मशीन से कराया गया है। कर्ज के कुओं में नहीं है पानी… कपिलधारा कूप योजना से लाभान्वित हितग्राही अब अपने आप को इस योजना का लाभ लेने पर कोस रहे हैं। शासन-प्रशासन द्वारा हितग्राहियों की मांग पर कूप तो स्वीकृत कर दिए, लेकिन उन्हें कुआं निर्माण के बाद राशि का भुगतान नहीं किया। किसी ने कर्ज लेकर तो किसी ने जेवर बेचकर कुएं का काम शुरू करवाया, जो किस्त के अभाव में कुआं पूर्ण नहीं हो पाया। कोई हितग्राही चार साल से, तो कोई सालभर से कुएं की किस्त के लिए जनपद व ग्राम पंचायतों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें राशि नहीं मिली। कर्ज देने वाले आंखे तरेर रहे हैं। इससे कई लोगों के बीच में विवाद भी हो रहे हैं। झाबुआ जिले के ग्राम पंचायत तलावली के ग्राम खेरमाल में सकरिया करकिया बामनिया को चार साल पूर्व 1 लाख 60 हजार रुपए का कपिलधारा कूप स्वीकृत हुआ था। सकरिया को इसमें से अभी तक मात्र 27 हजार रुपए मिले। घर के लोगों ने खुद कुआं खोदा। बाजार से कर्ज लेकर उसका जगत बनाया। इसमें डेढ़ लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। रुपए मांगने पर पंचायत वाले उसे कुआं और गहरा करने का बोल रहे हैं। पहले से कर्ज में डूबे सकरिया ने बताया कि रुपए हों तो कुआं गहरा करवाएं। पहले ही सिर पर काफी कर्ज है। उधार देने वाले प्रतिदिन तकादा कर रहे हैं। घर से निकलना मुश्किल हो गया है। ग्राम खेरमाल के वेस्ता लाला वागुल को भी चार साल पहले 1 लाख 60 हजार का कपिलधारा कूप मंजूर हुआ था। लाला के पड़पोते उदयसिंह ने बताया कि अभी तक कुएं की राशि के नाम पर उन्हें मात्र 33 हजार रुपए दिए। पंचायत सचिव और सरपंच का कहना था कि 9 मीटर खोदो तब बाकी की राशि मिलेगी। मशीन लगाकर बाजार से उधार रुपया लेकर नौ मीटर खुदाई करवा दी। कुएं में पानी भी है। उसकी मुंडेर बनवाना बाकी है। चार साल बाद भी राशि नहीं मिली। बारिश के पानी के साथ मिट्टी बहने से कुएं में मिट्टी भरती जा रही है। राशि मिलना तो दूर कोई कुआं देखने भी नहीं आया। ये तो महज उदाहरण है। अधिकांश पंचायतों में कपिलधारा कूप के लाभांवित हितग्राही राशि के लिए सालों से चक्कर काट रहे हैं। सोहागपुर में तो एक अजब ही मामला सामने आया है। यहां के निवासी सुरेश मायवाड़ के खेत में कपिलधारा कुआं खुदवाने के लिए 2014 में स्वीकृति मिली थी। 5 फीट कुआं भी खोदा गया लेकिन हाल ही में उन्हें यह नोटिस थमाया गया कि वे हितग्राही की पात्रता शर्तें पूरी नहीं करते इसीलिए निर्माण कार्य निरस्त किया जाता है। अब वे जनसुनवाई में तीन बार समस्या बताकर शिकायत कर चुके हैं लेकिन उनकी समस्या हल नहीं हो रही है। काम भी रुका हुआ है। मायवाड़ ने बताया नोटिस में कहा गया है कि कपिलधारा कुएं का निर्माण नहर क्षेत्र के सिंचिंत क्षेत्र में नहीं किया जा सकता। इसीलिए निर्माण कार्य निरस्त किया जाता है। इसके बाद वे 15 दिसंबर 2015, 9 फरवरी 2016 और 5 अप्रैल 2016 को वे जनसुनवाई में आवेदन दे चुके हैं लेकिन समस्या का कोई निराकरण नहीं हुआ। जिला पंचायत सीईओ सौरभ कुमार सुमन का कहना है कि मामले की जांच करके कार्रवाई की जाएगी। डिंडोरी जिले के समनापुर जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत सुंदरपुर में हितग्राही अशोक कुमार को 2013-14 में हितग्राही मूलक योजना के तहत कपिलधारा कूप स्वीकृत किया गया था। आवंटित राशि तत्कालीन सरपंच और सचिव ने निकाली, लेकिन कूप अब तक अधूरा है। आलीराजपुर के ग्राम सौरवा झिंझनी फलिया के निवासियों ने आवेदन दिया कि तीन साल से नल-जल प्रदाय योजना का इंतजार है। कागजों पर कूप विभिन्न स्तरों पर हुई जांच में यह तथ्य सामने आया है कि मनरेगा के तहत होने वाले कार्य अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों के लिए चारागाह साबित हो रही है। कागजों पर कपिलधारा बनाने की पोल खुली तो पहले उसे दबाने के प्रयास भी हुए। अधिकारियों ने गलत जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर प्रकरणों की दिशा बदलने की भरपूर कोशिश की। लेकिन जांच में यह बात सामने आई कि ग्वालियर, जबलपुर, आलीराजपुर, अनूपपुर, अशोकनगर, बालाघाट, बड़वानी, बैतूल, बुरहानपुर, छतरपुर, दमोह, दतिया, देवास, धार, डिंडौरी, खंडवा, खरगोन, गुना, हरदा, होशंगाबाद, झाबुआ, कटनी, मंदसौर, मुरैना, पन्ना, रतलाम, रीवा, सागर, सतना, उज्जैन जिलों में सबसे अधिक भ्रष्टाचार हुआ है। उधर, सरकारी दावा है कि कपिलधारा कुओं से प्रदेश में 4 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में सिंचाई सुविधा निर्मित हुई है। किसान दो फसल और फल-सब्जियों के उत्पादन कर रहे हैं। रबी 2015-16 में औसतन 7.5 क्विंटल/हेक्टे के मान से प्रति क्विंटल चना/गेहूं की औसत दर 2,500 रूपये के मान से कुल 750 करोड़ रुपए अतिरिक्त कमाए। सीएम के बधाई पत्र के बाद खुली पोल प्रदेश में सर्वाधिक भ्रष्टाचार मंडला, डिण्डौरी, शहडोल, उमरिया, झाबुआ, धार आदि आदिवासियों जिलों में ही होता है, इन सब में मंडला संभवत: प्रथम स्थान पर माना जा सकता है। मंडला जिले में रोजगार गारंटी योजना चालू होने के बाद लगभग 6000 कुंओ का निर्माण किया गया है। जिनकी लागत 77 करोड़ रुपए आंकी गई है। इस 77 करोड़ रुपए के कार्य का कोई रिकॉर्ड जमीन पर मौजूद नहीं है। जिले में चुपचाप हो रहे इस फर्जीवाड़े का खुलासा 28 दिसम्बर 2009 को तब हुआ जब ग्राम अंजनिया के किसानों को मुख्यमंत्री का बधाई पत्र मिला। पत्र के बाद किसानों को यह ज्ञात हुआ हैं कि कपिलधारा योजना के तहत उनके विकास के लिए जिला पंचायत को ग्रामीण क्षेत्रों में कुओं का निर्माण भी करना था जो कागजों में किया जा चुका है। भेजे गए अपने पत्र में मुख्यमंत्री ने खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए खेतों को सिंचित करने के लिए कपिलधारा योजना के अंतर्गत कूप खनन पर इन आदिवासियों को बधाई दी थी। इस पत्र के प्राप्त होने के बाद संबंधित आदिवासियों ने खोज करनी शुरू की कि उनके खेत में जिला प्रशासन ने कुआं आखिर खोदा कहां हैं। इस तरह की खोज बिछिया जनपद की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत अंजनिया के आनंद पूरन, कृष्णदयाल शंकर सहित कई लोगों ने प्रारंभ की। इस बारे में जब विस्तार से पड़ताल की तो आश्चर्यजनक तथ्य सामने आए, मंडला जिले में अब तक रोजगार गारंटी योजना चालू होने के बाद लगभग 6000 कुओं का निर्माण किया गया है। जिनकी लागत 77 करोड़ रूपये आंकी गई है। इस 77 करोड़ रुपए के कार्य का कोई रिकॉर्ड जमीन पर मौजूद नहीं है। इस तरह जमकर बंदरबांट कपिलधारा में व्याप्त भ्रष्टाचार के विषय में बताते हुए ग्राम के लोगों ने बताया कि स्कूल फलिये में बने एक कूप को वर्ष 2010 में दीपक सकरिया कटारा के नाम से कपिलधारा में हितग्राही बनाया था जिसकी लागत 58 हजार रुपए थी। फिर उसी कुंए को वर्ष 2013-14 में सार्वजनिक दर्शाते हुए ढाई लाख रुपए का गबन किया है। इसी तर्ज पर चरपोटा फलिये में भी कलजी मईड़ा चरपोटा को वर्ष 2007-08 में कपिलधारा योजना का लाभ देकर 58 हजार का कूप स्वीकृत किया था, जिसे वर्तमान में सार्वजनिक कूप दर्शाकर 2 लाख 71 हजार रुपए की राशि का गबन किया गया है। इसी प्रकार वालचंद, कारू, चुनिया और पारू द्वारा बनाए गए कूप को पूर्व में पारू को हितग्राही बनाकर 58 हजार की राशि स्वीकृत कर दी गई थी, जिसे वर्तमान में सार्वजनिक कूप बताकर 2 लाख 71 हजार की राशि का गबन किया गया है। उक्त तीनों कूप के विषय में जब जानकारी हासिल की गई तो पता चला कि उक्त तीनों कूप निजी भूमिपर भूमि मालिक ने अपनी जेब की राशि खर्च करके बनाए थे। कपिलधारा कूप योजना के अंतर्गत उन्हें कुछ राशि देकर लाखों की राशि का भ्रष्टाचार हुआ है। इसी तरह ग्राम देवीगढ़ के सभी फलियों में शासन की राशि का जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। पूंजा मल्ला कटारा ने अपना दुखड़ा सुनाते हुए बताया कि चार वर्ष पूर्व उसका कूप कपिलधारा योजना के अंतर्गत स्वीकृत हुआ था लेकिन चार हाथ गड्ढा खोदकर कार्य की इतिश्री कर दी गई थी। फिर हितग्राही पूंजा ने बैंक ऑफ बड़ौदा से ऋण लेकर कूप का निर्माण किया है। उक्त कूप की स्वीकृत राशि 1 लाख 78 हजार रूपए उसे आज तक नहीं मिल पाई है। कानु भीलजी डामोर निवासी लाम्बी सादेड़ ने बताया कि 3 वर्ष पूर्व 1 लाख 58 हजार में स्वीकृत कूप की राशि आज तक नहीं मिल पाने के कारण कर्ज मे डुबा हुआ है। बुंदेेलखंड में तो हर गांव में घोटाला कपिलधारा योजना में एक, दो नहीं बल्कि सैकड़ों किस्से हैं घोटाले के। कहीं कागज पर कुंए खुद गए तो कहीं आधे-अधूरे काम के बाद पैसे के अभाव में निर्माण अटक गया। जहां मजदूरों को लगाना चाहिए था, वहां जेसीबी की मदद ली गई। घोटाले के इस खेल में पंचायत स्तर के नेता-अधिकारी ही नहीं बल्कि बैंक कर्मचारी और बड़े प्रशासनिक अधिकारियों का भ्रष्टाचार और लापरवाही भी सामने आए। ऐसे मामले कम नहीं हैं, जहां कुएं बने ही नहीं हैं। सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर पैसे डकार लिए गए हैं। बुंदेलखंड के हर गांव में इस तरह का फर्जीवाड़ा सामने आया है। पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन का कहना है कि कपिलधारा कूप योजना में बंदेलखंड में जमकर घोटाला किया गया है। कागजों में कुंआ खोदने के इस भ्रष्टाचार में ग्राम पंचायत के जिम्मेदार बुनियाद तैयार करते रहे और उपयंत्री के फर्जी मूल्यांकन की रिपोर्ट से गबन का खाका तैयार होता रहा, मनरेगा की मजदूरी बैंक खातों में जमा होती है इसलिए फर्जी मस्टर रोल के आधार पर मजदूरों के बैंक खातों से बैंक कर्मियों की मिली-भगत से राशि आहरित कर ली गई। इस खेल में कमीशन का खूब बंदरबांट किया जाता रहा। मनरेगा के तहत सागर संभाग के पांच जिलों में कपिलधारा के कुंओं की खुदाई में भारी घोटाला हुआ है। सुर्खियों में आने के बाद भी प्रदेश सरकार इस महाघोटाले का सच सामने लाने से कतराती रही। जांच की औपचारिकताएं ही की जाती रहीं। जांच गुम होती गई। बड़ी मछलियों को साफ बचा लिया गया। पंचायत स्तर से लेकर अधिकारी और बैंक तक इस घपले में शामिल रहे। यह महाघोटाला ढाई अरब रुपए से अधिक का है। बंदेलखंड में सागर, छतरपुर, दमोह, पन्ना और टीकमगढ़ जिले में करीब 13767 शिकायतें प्रशासनिक तंत्र के पास पहुंची। शिकायत में कुंओं के निर्मित होने के बाद भी मजदूरों का भुगतान न होना आम बात थी। कागजों में ही कुंए खोद लिए गए। सरकारी राशि हजम कर ली गई। सागर जिले में 11953, छतरपुर में 13790, टीकमगढ़ में 9574, दमोह में 11071 और पन्ना जिले में 6935 कुएं स्वीकृत किए गए थे। इसके लिए करीब एक हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किया गया था। सागर के लिये 225 करोड़, छतरपुर 245, टीकमगढ़ 176, दमोह 185 और पन्ना जिले में 121 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गए थे। कपिलधारा योजना के नियमों के अनुसार निर्धारित मापदंड के अनुसार ग्राम पंचायत सम्बन्धित हितग्राही के खेत पर कुंआ खुदवाने का कार्य करती हैं। पहले एक कुंआं पर एक लाख 82 हजार रुपए व्यय किए जाते थे। लेकिन मनरेगा में मजदूरी दर के बढऩे के साथ यह राशि 3 लाख 26 हजार रुपए हो गई है। प्रति कुंआ लाखों रुपए व्यय करने का यह अधिकार ही भ्रष्टाचार को जन्म देता रहा। ग्राम पंचायत के जिम्मेदार और मूल्यांकन करने वाले इंजीनियर की मिली भगत से कागजों में ही कुंआ खुदवाकर मनरेगा की मजदूरी बैंक खातों में जमा होती है और फर्जी मस्टर रोल के आधार पर मजदूरों के बैंक खातों से बैंक कर्मियों की मिली-भगत से राशि आहरित कर ली गई। इस खेल में कमीशन का खूब बन्दरबांट किया जाता रहा। सरपंच संघ छतरपुर के पूर्व अध्यक्ष सुंदर रैकवार कहते हैं कि सरपंच-सचिव तो बदनाम है पर असली खेल तो उपयंत्रियों का होता है। कई कुंएं ऐसे हैं जिनका कार्य पूर्ण हो चुका लेकिन उपयंत्री कमीशन न मिलने तक इन्हें कागजों में अपूर्ण ही बताते रहे। पूर्व मंत्री के गांव में कागजों में कुंए प्रदेश सरकार के पिछले कार्यकाल के कृषि राज्य मंत्री रहे बृजेन्द्र सिंह के पन्ना जिले के गृह ग्राम इटौरा में भी कागजों में खुदे कुंओं का मामला सामने आने के बाद सनसनी फैल गई थी। वर्ष 2009-2010 के दौरान इस गांव में खोदे गए सात कुंए ढूंढे गए तो यह कागजों में मिले। इतना ही नहीं इन कुंओं से सिंचाई के लिए बुंदेलखंड पैकेज से पम्प के लिए बीस हजार रुपए भी दिए गए। करीब 20 लाख रुपए का भ्रष्टाचार सामने आने के बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय विभाग ने पन्ना जिले के सभी कुंओं का सच जानने के लिए जांच टीमें गठित कर दी थी। इस मामले में गांव के सरपंच, सचिव और उपयंत्री के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का आदेश दिया गया है। पर पूरे जिले में कूप निर्माण की जांच का क्या हुआ इसका जवाब देने वाला कोई नहीं है। टीकमगढ़ जिले की जनपद निवाड़ी के ग्राम बपरौली में तो स्वयं मुख्यमंत्री का शुभकामना पत्र उपहास का कारण बना। किसान मोहनलाल लुहार को कपिलधारा कुंआं खोदने पर मुख्यमंत्री का शुभकामना पत्र प्राप्त हुआ। वह चौंक सा गया। लेकिन फिर सच्चाई भी सामने आ गई। जो घपलों की बानगी खोलती है। कागजों पर ही खुद गए कुंए छतरपुर जिले के लौंडी के ग्राम सिजई में तो स्वयं एक पूर्व सरपंच ने कपिलधारा कुंओं से बहने वाली भ्रष्टाचार धारा की कलई खोल दी थी। लेकिन दर्जनों शिकायतों के बाद भी प्रशासन ने कुछ नहीं किया। मजेदार यह है कि कूप निर्माण के मस्टर रोल में बाकायदा मजदूरों का काम करना बताया गया है। जिसमें गांव के उप-सरपंच सहित एक दर्जन मजदूरों को केन्द्रीय सहकारी बैंक लौंडी के खाते से भुगतान करना बताया गया है। सचिव, इंजीनियर और बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से मजदूरों के खातों में राशि जमा की गई। उनके फर्जी हस्ताक्षर कर राशि का आहरण कर लिया गया। छतरपुर जिले की जनपद बिजावर में तो कागजों में ही कुंए खुद गए। ग्राम पंचायत राईपुरा में दरबारी बसोर, धनुवा अहिरवार की जमीन पर मात्र दस फुट कुंआ खोदा गया और मजदूरी पूरी आहरण कर ली गई। वहीं मुरली पाल, झल्लू बसोर, प्रेमलाल अहिरवार, परसुआ अहिरवार और शंकर अहिरवार की जमीन पर तो बिना कुंआ खुदे ही राशि हड़प कर ली गई। छतरपुर जिले में केन्द्र की राशि से संचालित इस जल संरक्षण की योजना में भारी आर्थिक अनियमितताओं के मामले को महाराजपुर विधानसभा से विधायक मानवेन्द्र सिंह ने वर्ष 2012 में विधानसभा में उठाया था। कुंओं में भ्रष्टाचार की धार का सच जानने के लिए प्रदेश स्तरीय जांच दल छतरपुर आया। रोजगार गारंटी परिषद के गठित इस जांच दल में आए विभिन्न विभागों के शीर्ष अधिकारियों को कहीं भ्रष्टाचार ही नजर नहीं आया। आरोप लगे कि अधिकारियों का सत्कार और मिलने वाले नजराने ने इस पूरे मामले को लीपने का काम कर दिया। वर्ष 2014 में एक बार फिर इस महाघोटाले की जांच होने की रस्म अदायगी हुई। सम्भागीय क्षेत्र में 34 दलों ने 2335 कुंओं का मौके पर निरीक्षण किया। सरकार ने यह सैम्पल सर्वे कराया था। हर ब्लॉक स्तर पर कार्यपालन यंत्री की निगरानी में उपयंत्रियों को जांच सौंपी गई। मजेदार बात यह है कि इस जांच को भी उन्हीं उपयंत्रियों से कराया गया जो जनपद कार्यालयों में पदस्थ थे और जिनकी निगरानी में ही कपिलधारा कुंओं का निर्माण कर मूल्यांकन किया जाता है। जांच का स्वांग रचा गया क्योंकि सैकड़ों गड़बडिय़ों के मामले उजागर होने पर भी कहीं कोई दोष नहीं पाया गया। महिलाओं ने खोद लिया अपना कुंआ एक तरफ जहां प्रदेश के आदिवासी बहुल जिलों में कपिलधारा कूप योजना में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है वहीं खंडवा जिले के खालवा ब्लॉक के लंगोटी गांव की महिलाओं से सरकारी सहायता नहीं मिलने के बाद रात-दिन मेहनत करके गांव में कुंआ खोद दिया है। लंगोटी आदिवासी बहुल गांव है। 1,900 की आबादी वाले इस गांव में पानी को लेकर काफी समस्या हो गई। गांव में दो हैंडपंप थे, वो भी धीरे-धीरे कर के सूख गए। 2011 के बाद से ही पानी को लेकर परेशानी बढ गई थीं। और इस परेशानी का सारा बोझ गांव की औरतों पर आ गया। 26 साल की फूलवती कहती है कि सुबह उठकर दो से ढाई किलोमीटर दूर पैदल-पैदल बर्तन लेकर दूसरे गांव पानी के लिए जाना पड़ता था। वहां जाकर भी बिजली और खेत मालिक के रहम का इंतजार होता था। कई बार औरतों को खाली बर्तन लेकर वापस आना पड़ता था। पानी की परेशानी हर दिन बढती जा रही थी। हर महिला अपने घर में मर्दों से पानी को लेकर कुछ करने की मिन्नत करती रहती थी। मगर हर घर में यह आवाज जैसे उठती थी, वैसे ही खामोश हो जाती थी। फिर नई सुबह के साथ वही पानी के लिए जिल्लत और मशक्कत का सामना करना पड़ता था। अब महिलाओं के सब्र का बांध टूटने लगा था। घर की चारदिवारी के बीच निकलने वाली आवाज बाहर आना शुरू हो गई। एक-एक करके गांव की महिलाएं जुटने लगीं। मिला सिर्फ आश्वासन महिलाओं ने पंचायत के पास जाकर गुहार लगाई कि कपिलधारा योजना के तहत उनके गांव में कुआं खुदवा दिया जाए। महिलाओं को आश्वासन देकर टरका दिया गया। लेकिन महिलाएं अपनी जिद पर अडी रहीं। एक दिन, दो दिन, 10 दिन, महीना भर महिलाओं के पंचायत में आने का सिलसिला चलता रहा। पंचायत ने भी अपनी जान छुडानें के लिए फाइल बनाकर सरकारी अफसरों को भेज दी और महिलाओं को सरकारी दफ्तर का रास्ता दिखा दिया। सरकारी दफ्तरों में भी फाइल का वही हश्र हुआ, जो अकसर होता है। एक टेबल से दूसरी टेबल तो एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर फाइलें चक्कर खाती रहीं। फाइलों के बाद अब चक्कर खाने की बारी गांव की महिलाओं की थी। लम्बे अरसे तक सरकारी अफसरों, बाबुओं के चक्कर लगाने के बाद उन्हें समझ में आ गया कि सरकारी काम करवाना आसान नहीं है। संकल्प लेकर खोदा कुंआ सरकारी उदासीनता ने महिलाओं को पूरी तरह से तोड़ दिया। लेकिन कहते हैं हर समस्या का समाधान भी चोट लगने के बाद ही निकलता है। महिलाएं नए सिरे उठने की तैयारी करने लगीं। सभी ने एक सुर में निर्णय लिया कि अब हम दूसरे गांव में कुंए पर पानी लेने नहीं जायेंगी। बल्कि कुंए को ही अपने गांव लेकर आएगी। कोई मदद करे या न करे। गांव की इन अनपढ़ और कम पढ़ी-लिखी 20 महिलाओं ने संकल्प लिया कि हम मिलकर गांव में कुंआ खोदेंगे। अब सवाल ये था कि कुआं कहां खोदा जाए। कौन अपनी जमीन पर गांव का कुआं खोदने की इजाजत देगा। इसका समाधान भी इस बैठक में हो गया। 50 साल की गंगाबाई और 60 साल की उनकी जेठानी रामकली ने गांव के कुएं के लिये अपनी जमीन मुफ्त में दे दी। इतना ही नहीं गंगाबाई और रामकली ने कचहरी जाकर कुंएंं के लिए जमीन गांव को दिये जाने का हलफनामा भी दे दिया। चट्टान की तरह मजबूत इरादों वाली महिलाओं ने तय किया कि जिसके घर पर जमीन खोदने का जो भी औजार हो वो लेकर आ जाए। दूसरे दिन घर का काम निपटाकर महिलाएं अपने-अपने घरों से गैंती, फावडा, कुदाल, तगारी, तसले, हथौडे लेकर निकल पडीं। घरवालों ने रोकने की कोशिश की पर पानी सिर से ऊपर था, इसलिए महिलाओं ने किसी की एक नहीं सुनी। तय समय पर रामकली और गंगाबाई की जमीन पर सब महिलाएं जमा हुईं। नारियल फोड़कर जमीन खोदने की शुरुआत हो गई। दिन एक-एक कर बीतने लगे और धरती ने भी महिलाओं का साथ दिया। एक हाथ गहरा गड्ढा हुआ फिर दो हाथ, फिर पांच हाथ फिर आठ हाथ। मगर आठ हाथ के बाद जमीन के अंदर बड़ी-बड़ी चट्टानें आना शुरू हो गईं। यही इन महिलाओं की असली अग्निपरीक्षा थी। महिलाओं के हौसले नहीं टूटे, अलबत्ता चट्टान जरूर टूटने लगी। चट्टानें टूटने लगीं और महिलाओं की राह से हटने लगीं। एक दिन दोपहर में अचानक गांव में शोर होने लगा कि घाघरा पल्टन (औरतों का झुंड) के कुएं से पानी निकल आया है। पूरा गांव कुएं के आसपास जमा हो गया। बड़ा अनोखा मंजर था, कुएं की बड़ी-सी चट्टान टूटी बिखरी पड़ी थी और बीचोंबीच से पानी की धार फूट रही थी। गांव के ही नहीं बल्कि आसपास के, पंचायत के और सरकारी अफसर मौके पर पहुंच गए। यह देखने कि किस तरह गांव की महिलाओं ने अपने दम पर कुएं को गांव में लाकर दिखा दिया। आज वह कुंआ लंगोटी की 19 सौ की आबादी की प्यास बुझा रहा है। इनकी जांच हो तो निकलेगा महाघोटाला मनरेगा के तहत मजदूरों के बैंक खातों में राशि जमा करने का प्रावधान है। मजदूरों के खातों में जमा राशि कैसे आहरण कर ली जाती है, यह गंभीर मामला है। एक कुंए के निर्माण पर 1 लाख 84 हजार रुपए की राशि स्वीकृत होती है। सागर संभाग के पांचो जिलों में खोदे गए 27303 कुंओं में हुए घपले के आंकड़े से आर्थिक अनिमियतताओं की राशि का आंकड़ा भी दो अरब से अधिक पहुंच जाता है। साथ ही इस राशि में बुंदेलखंड पैकेज के तहत सिंचाई पंपों की राशि को जोड़ दिया जाए तो यह महाघोटाला साबित होगा। मनरेगा में महाभ्रष्टाचार से संबंधित प्रदेशभर की करीब 300 शिकायतें वर्ष 2009 से अभी तक मुख्यमंत्री पीजी सेल सहित अनेक विभाग प्रमुखों के पास की गईं लेकिन यहां भी जांच तीन साल बाद भी लंबित पड़ी हुई है। यह सब देखकर तो स्पष्ट होता है कि सरकारी तंत्र भी भ्रष्टाचार के इस दलदल में सना हुआ है और जांच नहीं कराना चाहता है। पूर्व केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री प्रदीप जैन का कहना है कि मैंने स्वयं कई गांवों का दौरा किया है। कुएं वास्तव में बने नहीं हैं लेकिन कागज पर बने दिखाए गए हैं। इसके अलावा गड़बडिय़ों की गवाही भी सरकारी कागजात देते हैं। अधिकारी कुआं निर्माण का प्रमाणीकरण छह सितम्बर को दे रहे हैं वहीं निर्माणस्थल पर कार्य पूरा होने की तिथि 16 सित बर दर्ज है, जबकि वास्तव में निर्माण कार्य पूरा होने के बाद ही अधिकारी का प्रमाणीकरण जारी होता है।[बिच्छू डॉट कॉम से ]
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10 May 2016प्रदीप भाटिया प्रदेश में डायल 100 सेवा अब जीवनदायिनी की भूमिका निभा रही है । यह ना केवल मुसीबत में फंसे पीड़ितों को तत्काल सहायता पहुंचाती है साथ ही अपराधियों की धड़पकड़ भी तेज हो गई है । सप्ताहभर में डायल 100 ने हादसे के शिकार से लेकर निजी परेशानी के चलते जाने देने जा रहे लोगों को बचाया । यही नहीं दुष्कर्म जैसा घिनौना कत्य करने वाले अपराधियों को भी घटना स्थल से गिरफ्तार कर उन्होंने जेल पहुंचाया । अपनी तत्परता के साथ पुलिस की इस सेवा ने केवल जनता को ही सुविधा नहीं पहुंचाई बल्कि पुलिस की जनता के बीच सराहनीय भूमिका भी बढ़ाई है । डायल 100 इसकी सफलता की कहानियां अब प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों में भी पहुंचने लगी है । यही कारण है कि इससे प्रेरित होकर अब अन्य राज्य भी इस सेवा को अपने यहां शुरू करने की योजना बना रहे हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के दल ने मध्यप्रदेश में चल रही इस योजना का अध्ययन किया है । इस दल ने गहन अध्ययन कर यह जानने की कोशिश की कि इतने कम समय में यह सेवा प्रदेश में इतनी सफलतापूर्वक कैसे स्थापित हुई । डायल 100 की लोकप्रियता और उपयोगिता इसी बात से सिद्ध होती है कि प्रतिदिन एक लाख से अधिक फोन काल्स पीड़ितों की सहायता के लिए आते हैं । जिनकी सूचना पर तत्काल पुलिस द्वारा उन्हें सहायता मुहैया करायी जाती है । जनता का इस सेवा पर विश्वास बढ़ा है । दुष्कर्म के आरोपी को पकड़ा 2मई को डायल 100 सेवा पर जिला नरसिंहपुर थाना क्षेत्र कोतवाली में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म की सूचना प्राप्त हुई । डायल 100 के स्टाफ ने तुरंत मौके पर पहुंच कर आरोपी को पकड़ लिया और पीड़िता को अपने संरक्षण में ले लिया । पुलिस ने बताया कि पीड़ित लड़की अपने माता पिता के साथ एक रिश्तेदार के यहां शादी में आयी थी जहां से आरोपी उसे बहला फुसलाकर ले गया था । दुष्कर्म पीड़ित बच्ची की जान बचाई 28 अप्रैल को डायल 100 के राज्य स्तरीय पुलिस कंट्रोल रूम भोपाल में धार में थाना क्षेत्र धामनौद के ग्राम सिमरैल में एक युवक द्वारा 5वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म किए जाने की सूचना मिली । कंट्रोल रूम ने तत्काल यह सूचना धार पुलिस को दी । जहां से डायल 100 वाहन घटना स्थल पर पहुंचा और घायल बच्ची को उपचार के लिए इंदौर के यशवंतराव चिकित्सालय में भर्ती कराया । आरोपी युवक सुनील भिलाला उम्र 20 वर्षीय पीड़ित बच्ची को उसके घर से बकरी चराने का कहकर ले गया था । रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्रकरण क्रमांक 280ध्16 धारा 376 ;2द्ध आईए 506 भाण्दण्वि एवं 5ध्6लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम पंजीबद्ध कर युवक को गिरफ्तार किया । दुष्कर्म करता आरोपी पकड़ा गया 27 अप्रैल को जिला दतिया में थाना कोतवाली के अंतर्गत गुरूनाक कालोनी में एक युवक द्वारा नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म किए जाने की सूचना मिली । इस आधार पर डायल 100 वाहन तत्काल मौके के लिए रवाना हुआ । जहां दुष्कर्म कर रहे नाबालिग को डायल 100 की टीम ने स्थानीय लोगों की सहायता से गिरफ्तार किया । आरोपी युवक राजू रावत उम्र 18 वर्षीय नाबालिग बच्ची उम्र 10 वर्षीय को बहला फुसलाकर अपने घर में ले गया जहां आरोपी ने सूने घर में बच्ची के साथ बलात्कार किया । बच्ची की रोने की आवाज सुनकर रास्ते से निकल रहे लोगों ने आरोपी को पकड़ लिया। जब नाबालिग का विवाह रुकवाया 22अप्रैल को एक कालर द्वारा कंट्रोल रूम में हरदा के थाना क्षेत्र छीपावार के ग्राम कनपुरा में बाल विवाह किए जाने की सूचना दी गई । इस पर डायल 100 ने त्वरित कार्यवाही करते हुए एक टीम मौके के लिए रवाना की साथ ही महिला सशक्तिकरण विभाग को भी जानकारी दी । डायल 100 के स्टाफ ने महिला सशक्तिकरण की टीम के साथ मौके पर पहुंचकर विवाह रूकवाया । जांच में उस लड़की की उम्र कम पायी गई । लड़की के परिजनों को समझाइश दी गई साथ में उनसे नाबालिग का विवाह ना कराने का शपथ पत्र भी लिया गया । विष सेवन पर बचाव की सफल कोशिश 4 मई को भोपाल में सूचना दी गई कि जिला बालाघाट के थाना कोतवाली में भटेरा चौकी पम्प हाऊस के पास एक नाबालिग लड़की मिली है जो अपना नाम पता नहीं बता पा रही है । घटना की सूचना मिलते ही तत्काल संबंधित थाने को सूचित किया गया जहां मौके पर पहुंच कर लड़की से पतासाजी कर उसके परिजनों को खोज कर लड़की को उनके सुपुर्द किया । भी लिया गया । घायलों को बचाया 12 अप्रैल को उज्जैन थाना क्षेत्र घटिया के ग्राम रूदैड़ा में एक व्यक्ति ने खुद के ऊपर केरोसिन डालकर आग लगा ली । डायल 100 ने सूचना मिलते ही घटना स्थल पर पहुंचकर घायल अवस्था में उसे अस्पताल में भर्ती कराया । भर्ती कराया । 12 अप्रैल को जिला विदिशा के थाना क्षेत्र शमशाबाद के ग्राम वीरखेड़ी में एक पति ने वहां आंगनबाड़ी में कार्यरत अपनी पत्नी को चाकू मारकर घायल कर दिया । घटना की सूचना मिलते ही डायल 100 ने मौके पर पहुंच कर घायल महिला को उपचार के लिए भर्ती कराकर उसे अस्पताल पहुंचाकर उसकी जान बचायी और आरोपी पति के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया । 6 अप्रैल को जिला सीधी के कोतवाली थाना क्षेत्र में पारिवारिक विवाद के चलते एक पति अपने घर में आग लगाकर अपनी पत्नी और बेटे को मारने की कोशिश कर रहा था । डायल .100 वाहन ने समय पर पहुंच कर तत्काल आरोपी को पकड़कर अप्रिय घटना को होने से रोका । 6अप्रैल को खरगौन जिले के थाना क्षेत्र मंडलेश्वर में सूचना के आधार पर त्वरित कार्यवाही कर डायल 100 के स्टाफ ने संदीपनी कालेज के पास एक जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने का प्रयास करने वाले युवक को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराकर उसकी जान बचायी |
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8 May 2016श्रमदान कर किया तालाब साफ़ जबलपुर में अधारताल तालाब को बचाने के लिए शहर के सभी जनप्रतिनिधि, व्यापारी, सामाजिक कार्यकर्ता, विधायक, पार्षद, पूर्व पार्षद, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री सहित विभिन्न समाज के सामाजिक संग़ठन एक जुट हो गए हैं। सभी ने तालाब को बचाने के लिए अधारताल विकास समिति बनाते हुये शुक्रवार से सफाई अभियान को अंजाम देना शुरू कर दिया है। सफाई अभियान में अधारताल विकास समिति के समस्त पदाधिकारी, पार्षद गण,व्यापारी बन्धु, सामाजिक कार्यकर्ता व् केंट विधायक ने सुबह 7 बजे लेकर 9 बजे तक कार्य सेवा करते हुए तालाब में लगी जलकुंभी व् अन्य गंदगी को हाथों से बाहर किया। अब यह सफाई अभियान गैर राजनैतिक रूप से निरन्तर जारी रहेगा। वहीँ तालाब सफाई अभियान के साथ साथ अब अधारताल तालाब के संवर्धन, सरंक्षण सहित तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए भी कार्य किया जायेगा। अधारताल तालाब विकास समिति के माध्यम से तालाब के एतेहासिक महत्त्व को देखते हुए तालाब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का कार्य के लिए भी कार्य किये जायंगे।
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7 May 2016मध्य प्रदेश के पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने अफसरों को खुलेआम धमकी दी है कि वे उन्हें उल्टा लटका देंगे। जानकारी के मुताबिक, गुना जिले के मगराना में भारतोदय कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे मंत्री के सामने लोगों ने बिजली की समस्या रखी। इसके बाद लोगों को संबोधित करते हुए गोपाल भार्गव ने कहा कि राज्य के पूरे 23 हजार गांवों को पूरे समय बिजली दी जाएगी और अगर किसी अधिकारी ने गड़बड़ की या स्पष्टीकरण ठीक से नहीं दिया तो उसे उल्टा लटका दिया जाएगा। मंत्री गोपाल भार्गव ने कहा, सरकार ने तय किया है कि मध्यप्रदेश के सभी 23 हज़ार गांव में 24 घंटे लोगों को बिजली दी जाएगी। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सरकार ने बिजली कंपनी को सभी 23 हजार गांवों में 24 घंटे बिजली देने के निर्देश दिए हैं। सरकार ने गांवों तक सस्ती दर पर बिजली पहुंचाने के लिए सब्सिडी का ऐलान किया था, जिसकी रकम सरकार की तरफ से दी जाएगी।
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5 May 2016मध्यप्रदेश सरकार का जुमला ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' भी सिर्फ जुमला बन कर रह गया । सरकारी कारिंदे कई बार गलतियां करते हैं इस बार भी जुमला गढ़ने में गड़बड़ हो गई ।क्योंकि जब पानी के लिए क्षिप्रा से नर्मदा को जोड़ा गया तो क्षिप्रा का अस्तित्व ख़त्म हो गया और वह नर्मदा में तब्दील हो गई । ठीक वैसे ही जैसे गंगा से मिलकर सब कुछ गंगा हो जाता है । लेकिन मध्यप्रदेश के सरकारी अफसर तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को गुमराह करने में लगे थे सो नर्मदा और क्षिप्रा में हुए झोलझाल को दबा दिया गया । साधुओं ,संत महात्माओं और शिवराज सिंह के आकर्षक विज्ञापनों की चकाचौंध में सिंहस्थ को आस्था का केंद्र बनाए जाने की बजाए बाजार में तब्दील करने की कोशिश अफसरों ने की । लेकिन हुअत वही जो राम रची राख । पहले दिन से ही सिंहस्थ पर मुख्यमंत्री की अफसरी भारी पड़ गयी और उज्जैन उन नज़रों से वंचित रह गया जो उसे बारह बारस बाद यहाँ देखने थे । कड़वा सत्य पहले दिन कुम्भ की जो छटा होती है ,वह इस बार नदारत रही । सरकारी कारिंदों ने कुम्भ के पहले दिन लोगों की संख्या को लेकर कुतर्क किये। कहा गया पचास लाख लोग आये हैं। लेकिन संख्या बमुश्किल पांच लाख के आसपास रही । जिन लोगों ने पिछले उज्जैन कुम्भ को देखा था उनका कहना था इस बार श्रद्धालु कम और सरकारी इंतजाम अली ज्यादा हैं । जिस कारण यह मेला श्रद्धा का केंद्र होने की बजाये बड़े बाजार में तब्दील सा हो गया । महंत चतुरानंद ने तो यह तक कहा कि सरकार ने धर्म के मामले में जो अति उत्साह दिखाकर सरकारीकरण कर दिया है । वह न तो उज्जैन के लिए न ही सिंहस्थ के लिए हितकर है । स्वामी पुष्करनंद का कहना है धर्म अपना काम अपने आप करता है वह किसी का मोहताज नहीं है खासकर सरकार का तो कतई नहीं है । सरकार ने जहाँ जहाँ टांग अड़ाई वहां वहां बंटाधार ही होता है। कुम्भ के पहले दिन पहले शाही स्नान का दिन इतना सामान्य रहा कि उज्जैन वाले सरकारी इंतजामात को कोस्ते नजर आये। श्रद्धालु कम और पुलिस और शासकीय कर्मचारी इस सिंहस्थ की शोभा बढ़ाते नजर आये। नर्मदा के टत पर अमृत का मेला ऋषि अजयदास की माने तो सरकार ने क्षिप्रा को ख़त्म कर दिया है। जैसे ही नर्मदा जल से क्षिप्रा को भरा गया क्षिप्रा का अस्तित्व ही ख़त्म हो गया। अब इसका प्रचार ''क्षिप्रा के तट पर अमृत का मेला '' नहीं ''नर्मदा के तट पर अमृत का मेला होना चाहिए। ऋषि अजय दास कहते हैं संत समुदाय ने इस बार खासकर नागा साधुओं ने काफी सयंम से काम लिया नहीं तो सरकार की इस गलती के लिए उसे लेने के देने पड़ जाते। सिंहस्थ का आकर्षण साधू सन्यासी होते हैं अगर नर्मदा के मसले पर वे बेरुखी अख्तियार कर लेते तो सिंहस्थ प्रारम्भ ही नहीं हो पाता। इस कारण वैसे भी उज्जैन सिंहस्थ कुछ नीरस सा है। बुद्धू बनाया बुद्धूबक्से ने मध्यप्रदेश के रीजनल चैनल के रिपोर्टर ऐसे भागा दौड़ी कर के रिपोर्ट दे रहे थे कि पांव रखने की जगह नहीं है। लेकिन हाल वहां आगे पाट पीछे सपाट वाला था। चंद सिक्कों में गिरवी रखे यह न्यूज़ चैनल आम लोगों को बुद्धू बनाने में लगे थे । जिन लोगों ने इनका झूठ देखा उसे लगा भोपाल से उज्जैन तक के सारे रास्ते श्रद्धालुओं से अटे पड़े हैं। मजे की बात यह है कि सिंहस्थ को लेकर जनसम्पर्क विभाग ने अँधा बांटे रेवड़ी की तर्ज पर विज्ञापन बांटे और समझ लिया कि कुम्भ सफल हो गया। सरकार के पिट्ठू न्यूज़ चैनल को जनसम्पर्क विभाग के भूतल पर बैठने वाले एक अधिकारी कमांड दे रहे थे की अब तक 10 लाख लोग पहुंचे हैं और अब 30 लाख पहुँच गए हैं यह चलाएं। एक चैनल प्रमुख ने यह सब रिकॉर्ड कर लिया है। जाहिर है झूठ के हाथ पैर नहीं होते। अभी तो सिंहस्थ शुरू हुआ है और घपलों घोटालों की बू आने लगी है। सामाजिक कार्यकर्ता सक्रीय हो गए हैं। धीरे धीरे rti के जरिये दूध का दूध और पानी का पानी होगा कि कितने कितने का घपला किस किस ने किया है। सरकारी कारिंदों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को गुमराह कर के 500 करोड़ के ऊपर की राशि सिर्फ प्रचार-प्रसार में खर्च कर दी,140 करोड़ के टूटे-फूटे शौचालय बनवा दिए। सरकारी माल का दुरूपयोग कैसे किया जाता है उज्जैन सिंहस्थ इसकी भी मिसाल बनेगा। चांडाल योग चांडाल योग और कुम्भ की जब बात होती तो यह नोट खाऊ अफसर कह देते कि कहे का चांडाल योग , क्या बिगाड़ लेगा ... हमारा कुछ बिगड़ा क्या ? जितने मालखाने वाले हैं उनके लिए चांडाल योग और सिंहस्थ लाभ का सौदा रहा है ,लेकिन महाकाल इनकी ऐसी कुगत करेंगे कि इनकी शक्लें इतिहास के चांडालों में दर्ज हो जाएंगी ।वैसे भी इस बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सिपहसलारों ने सिंहस्थ का सरकारीकरण कर उसका सत्यानाश कर दिया हैं ऐसे में भाड़े का मीडिया है जिसे सिर्फ हरा ही हरा दिख रहा है ,ऐसा लगता है मीडिया कि जवाबदेही जनता के प्रति न होके भ्रस्ट सिस्टम के प्रति हो । मुख़्यमंत्री शिवराज सिंह ने जब सिंहस्थ शुरू होने से पहले मीडिया को चाय पर बुलाया तो एक पत्रकार ने कहा साब माल [विज्ञापन ] दे कर गले तक तर कर दिया है। जाहिर है जो गले तक तर हैं वह पत्रकारिता क्या करेंगे और सच क्या लिखेंगे और क्या सच दिखाएंगे। फिलहाल चांडाल योग का असर अभी ब्रम्हांड पर है। उज्जैन , सिंहस्थ और इसके इंतजाम अली इससे बचे रहें हम सिर्फ इसकी प्रार्थना कर सकते हैं। [दखल ]
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31 December 1969मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में नीति आयोग पहुँचकर आयोग के समन्वय एवं प्रबन्धन विभागों से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों से केन्द्र पोषित योजनाओं से संबंधित जानकारियाँ लीं। मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा भी उनके साथ थे।उल्लेखनीय है कि श्री चौहान आयोग की केन्द्र पोषित योजनाओं के युक्तियुक्त संबंधी उप समिति के संयोजक हैं। उप समिति की पहली बैठक इसी माह शुक्रवार 27 मार्च 2015 को होना निर्धारित की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सौंपे गये इस उत्तरदायित्व को पूर्ण गम्भीरता से लेते हुए उन्होंने देश में विकास की योजनाओं को प्रभावी ढंग से अमल में लाने के लिये केन्द्र और देश के विभिन्न राज्य के बीच योजनाओं में वित्तीय हिस्सेदारी, केन्द्रीय सहायता पहुँचाने की मौजूदा प्रक्रिया आदि पर विस्तार से जानकारियाँ लीं।मुख्यमंत्री चौहान ने श्री बी.के. चतुर्वेदी कमेटी का उल्लेख करते हुए योजनाओं के युक्तियुक्तकरण बाबत भी पूछताछ की। बताया गया कि कमेटी की अनुशंसानुसार योजनाओं की संख्या घटकर अब 72 रह गयी हैं। इनमें से 66 पुरानी और 6 नई योजना हैं। इन योजनाओं में 18 योजना बिना किसी बदलाव के निरन्तर चलाई जाने वाली हैं। 38 योजना में केन्द्र और राज्यों की हिस्सेदारी विचारणीय है और 8 योजना को केन्द्रीय सहायता से मुक्त कर दिया गया है। उन्हें अपने वित्तीय व्यवस्था से जारी रखना, न रखना अब राज्यों पर निर्भर होगा। अन्य 8 योजना में भी परिवर्तन प्रस्तावित हैं। साथ ही भारत सरकार 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों को मान्य करते हुए अब राज्यों को राजस्व का 32 प्रतिशत के स्थान पर 42 प्रतिशत सहायता सुलभ करवायेगी। अतः अब राज्यों को 3.48 लाख करोड़ से अधिक 1.78 लाख करोड़ बढ़कर 5.26 लाख करोड़ रूपये दिये जाने का अनुमान है।बैठक में नीति आयोग की कार्यकारी अधिकारी सिन्धुश्री खुल्लर, केन्द्रीय सचिव आर्थिक कार्य राजीव महेश्वरी, केन्द्रीय सचिव व्यय रतन पी. वतल सहित नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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24 March 2015कटी हुई खराब फसलों को भी शामिल करें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्देश दिये हैं कि हाल ही में प्रदेश के जिन ग्रामों में ओला वृष्टि हुई है वहाँ तत्काल सर्वे पूरा किया जाय। उन्होंने कहा है कि संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार किसानों के साथ है। वे 18 मार्च से खुद भी ओला प्रभावित क्षेत्रों में जायेंगे। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 जिले के 1000 से अधिक गाँवों में ज्यादा नुकसान हुआ है। वैसे प्रदेश में प्रभावित ग्रामों की संख्या 1400 से अधिक है।मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट किया कि नुकसान के आकलन में ईमानदार दृष्टिकोण अपनाया जाय। सच्चाई से सर्वे किया जाये। न ज्यादा न कम। उन्होंने यह भी कहा कि चाहे कोई भी काम रोकना पड़े हमें अपने किसानों के साथ इस संकट की घड़ी में खड़ा रहना है।बैठक में बताया गया कि प्रभावित ग्रामों में मुख्य रूप से गेहूँ और चने की फसल के साथ ईसबगोल और धनिया आदि को नुकसान हुआ है। इन सभी फसलों को मुआवजे में शामिल किया जायेगा।बैठक में मुख्य सचिव अंटोनी डिसा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एस.के.मिश्रा, प्रमुख सचिव कृषि राजेश राजौरा एवं प्रमुख सचिव राजस्व अरूण तिवारी उपस्थित थे।समीक्षा के प्रमुख बिन्दुओलावृष्टि से हुए नुकसान की मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की समीक्षा।तीन विभाग का संयुक्त दल प्रभावित ग्रामों में पहुँचकर करेगा वास्तविक सर्वेक्षण।खेतों-खलिहानों में कटी फसल नष्ट होने/सड़ने पर भी मिलेगा मुआवजा।ईसबगोल, धनिया की क्षतिग्रस्त फसलें भी मुआवजे में शामिल।मानवीय दृष्टिकोण और ईमानदारी से होगा सर्वेक्षण।मुख्यमंत्री का 18 मार्च से ओला प्रभावित जिलों का सघन दौरा।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज देर शाम एक बैठक में ओला वृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि संयुक्त सर्वे दलों में राजस्व, कृषि और पंचायत के अमले को शामिल किया जाय। सर्वे के दौरान नुकसान के आकलन की जानकारी पंचायत में प्रकाशित की जाये। कटाई के बाद खेत-खलिहान में खराब हुई फसलों में भी मुआवजा दिया जाये।
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17 March 2015गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने ओला प्रभावित फसलों को देखा केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि संकट की घड़ी में केन्द्र सरकार भी किसानों के साथ है। प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश सहित सभी राज्यों से कहा है कि प्राकृतिक आपदा से पीड़ित किसानों को तत्परता से फौरी राहत दें। साथ ही फसलों की सर्वे रिपोर्ट केन्द्र को भेजें। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार सर्वे रिपोर्ट के आधार पर हर-संभव सहायता मुहैया करवायेगी। श्री सिंह ने आज ग्वालियर जिले के ग्राम खेड़ा टांका में ओला प्रभावित फसलों का जायजा लिया और किसानों से रू-ब-रू होकर उन्हें ढाँढस बँधाया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय इस्पात एवं खान मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर भी उनके साथ थे।केन्द्रीय गृह मंत्री ने ओला वृष्टि से प्रभावित फसलों पर दुःख जाहिर करते हुए कहा कि ऐसी प्राकृतिक आपदा मैने पहली बार देखी है। उन्होंने किसानों से कहा कि धैर्य बनाए रखें और हिम्मत न हारें। श्री राजनाथ सिंह ने ग्राम खेड़ा टांका के सर्वश्री देवेन्द्र, रामसिंह, जागेन्द्र, सुखलाल, कुंदन सिंह एवं भारत सिंह के खेतों में पहुँचकर प्रभावित फसलों का जायजा लेकर उन्हें ढाँढस बँधाया।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बात दोहराई कि विकास कार्य रूकते हैं तो रूक जाएँ। प्रदेश सरकार बेमौसम बारिश एवं ओलों से प्रभावित किसानों को राहत मुहैया करवाने में धन की कमी नहीं आने देगी। उन्होंने कहा कि किसानों को राजस्व पुस्तक परिपत्र के प्रावधानों के तहत राहत के साथ ही फसल बीमा का लाभ भी दिलायेंगे। इसके लिये हर प्रभावित गाँव में फसल कटाई प्रयोग करवाने के स्पष्ट निर्देश सभी जिला कलेक्टर को दिये गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साल प्राकृतिक आपदा से पीड़ित किसानों को प्रदेश सरकार ने 3300 करोड़ रूपए की राहत बाँटी थी, जो पूरे देश में सर्वाधिक थी। इस साल भी प्रभावित किसानों को राहत देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जायेगी।श्री चौहान ने कहा कि सरकार ने प्रभावित किसानों से कर्ज की वसूली रोक दी है। साथ ही एक वर्ष तक के ब्याज की भरपाई भी सरकार द्वारा की जायेगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से पीड़ित किसान की बेटी के विवाह के लिए राज्य सरकार 25 हजार रूपए देगी। पीड़ित किसानों को यह सहायता प्राप्त करने के लिये सामूहिक विवाह सम्मेलनों में बिटिया का विवाह करने का बंधन नहीं होगा। उन्होंने प्रभावित किसानों को एक रूपए किलो गेहूँ, चावल एवं नमक, चार लीटर मिट्टी का तेल और सस्ती दर पर शक्कर मुहैया करवाने की बात भी दोहराई। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर केन्द्रीय गृह मंत्री से माँग की कि गेहूँ की खरीदी में एफएक्यू मापदण्ड (गुणवत्ता मानक) में शिथिलता केन्द्र सरकार से दिलवाई जाए। इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।केन्द्रीय इस्पात एवं खान मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री भारत सरकार से मध्यप्रदेश के किसानों को हर-संभव मदद दिलवाने में पूरा सहयोग करेंगे। श्री तोमर ने राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाए गए कदमों की भी सराहना की।इस मौके पर विधायक श्री भारत सिंह कुशवाह, पूर्व विधायक जवाहर सिंह रावत, जिला पंचायत उपाध्यक्ष शांति शरण गौतम सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे।
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30 March 2015शहीद जवान के परिवार को 11 लाख की मददमुरैना में अवैध खनिज परिवहन रोकने की दुर्घटना में पुलिस जवान की मृत्यु की जाँच के लिये एस.आई.टी. गठित की जायेगी। एस.आई.टी. पंद्रह दिन में जाँच पूरी करेगी। दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी। यह निर्णय आज मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ली गई उच्च-स्तरीय बैठक में लिये गये। बैठक में गृह मंत्री श्री बाबूलाल गौर और मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा भी उपस्थित थे।परिवार को 11 लाख की मददमुख्यमंत्री चौहान ने बैठक में कहा कि दुर्घटना में शहीद जवान के परिजन के साथ राज्य सरकार खड़ी है। दुर्घटना में शहीद के परिजन को उनके सेवाकाल का पूरा वेतन दिया जायेगा। शहीद के परिवार को दस लाख रुपये की सहायता तथा शहीद फंड से एक लाख रुपये की मदद दी जायेगी। शहीद के बच्चों की नि:शुल्क शिक्षा की भी व्यवस्था की जायेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनके परिवार से बात कर यदि उनकी पत्नी चाहेंगी तो उन्हें अनुकम्पा नियुक्ति भी दी जायेगी।बैठक में बताया गया कि अवैध उत्खनन के विरुद्ध प्रदेश में प्रभावशाली कार्रवाई लगातार जारी है। प्रदेश में इस वर्ष अब तक अवैध खनिज परिवहन के 6,950 प्रकरण दर्ज किये गये है, इनमें 14 करोड़ 77 लाख रुपये का अर्थ दंड किया गया है। इसी तरह अवैध उत्खनन के 493 प्रकरण में एक करोड़ 64 लाख रुपये तथा अवैध खनिज भंडारण के 110 प्रकरण में 4 करोड़ 35 लाख का अर्थ दंड किया गया है। इसी तरह पिछले वर्ष अवैध खनिज परिवहन के 6815 प्रकरण में 12 करोड़ 2 लाख, अवैध उत्खनन के 725 प्रकरण में एक करोड़ 19 लाख तथा अवैध भंडारण के 349 प्रकरण में 52 लाख 98 हजार रुपये का अर्थ दंड किया गया है। बैठक में पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह, प्रमुख सचिव गृह बी.पी. सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस और एस.के. मिश्रा और खनिज सचिव शिवशेखर शुक्ला भी उपस्थित थे।
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7 April 2015मध्यप्रदेश में खेल संघों के अफसरों को कथित राजनीति से दूर रखने के प्रयास किए गए हैं। यानी अब खेल विभाग में अफसरी और नेतागीरी साथ-साथ नहीं चल सकेगी। सालों से खेल संघों में खेल विभाग के अधिकारी और कर्मचारी न सिर्फ पदाधिकारी बनते आ रहे हैं, बल्कि चुनावी गतिविधियों में भी हिस्सेदारी करते हैं। इस वजह से जितना बड़ा अधिकारी खेल संघ में पदाधिकारी बनता है, उतना ही ज्यादा संबंधित संघ को विभाग से अनुदान व सहूलियतें मिल जाती हैं। यह पूरा मामला उत्कृष्टता की जगह पहुंच का बन जाता है। इस संदर्भ में खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने विभागीय ढांचे से असंतुष्टि जताते हुए अपनी गतिविधियों को व्यवस्थित करने का जिक्र किया। खेलों को सबसे बड़ा नुकसान भ्रष्टाचार करने वाली उस मानसिकता से हो रहा है जिसमें खेल के नाम पर सेवाएं देते हुए कमीशन खाने की भावना प्रबल होती है। अधिकांश अधिकारी और कर्मचारी खेलों के कार्यक्रमों से लेकर उनके पदक वितरण तक में धांधली के आरोपों में घिरे मिले हैं।यह मामला मंत्री यशोधरराजे सिंधिया द्वारा हाल ही में बुलाई गई बैठक में उठा। बैठक में खेल मंत्री के असंतोष से जाहिर है कि खेलों की दुनिया में कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है। इस बैठक में मप्र ओलंपिक संघ के अध्यक्ष रमेश मेंदोला, सचिव दिग्विजय सिंह एवं विधायक विश्वास सारंग सहित विभिन्न संघों के करीब आठ पदाधिकारी उपस्थित थे। आज प्रदेश की खेल नीति के अनुरूप खेलों की उत्कृष्टता पर ध्यान देने का समय आ गया है। आज प्रदेश में होने वाली अनेक प्रतियोगिताओं के दौरान इकट्ठे हुए खिलाड़ियों की दयनीय स्थिति का सबको पता है। मीडिया भी किसी न किसी रूप में जनता के सामने सच रख ही देता है। लेकिन खेल संगठनों से जुड़े अधिकारियों की नींद नहीं टूट रही। खिलाड़ियों ने भी कई बार आलोचना करते हुए दयनीय सुविधाओं की तरफ अधिकारियों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है परंतु फायदा नहीं हुआ है। खेल संघों में अयोग्य और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले पदाधिकारियों ने खेल संस्कृति को लगभग खत्म कर दिया है। इसकी जगह स्पोर्ट्स बिजनेस ने ले ली है। खेल संघों की राजनीति करने वाले अपने बिजनेस को बढ़ाने में लगे हुए हैं। खिलाड़ियों के हितों और खेलों की उत्कृष्टता की रक्षा करना इनका मकसद नहीं होता। ऐसे अधिकांश पदाधिकारियों पर खिलाड़ियों के चयन में भी इनके हस्तक्षेप के आरोप लगते रहे हैं। खेल के ऐसे पैरोकारों के लिए खेल संघ सिर्फ राजनीति और अपने वर्चस्व को बचाए रखने का जरिया ज्यादा बन जाता है। आज आवश्यकता इस बात की है कि खेलों में उत्कृष्टता के नए शिखर कायम किए जाएं और खेल संघों के पदाधिकारियों में जिम्मेदारी का भाव जाग्रत किया जाए तब ही यह कवायद सार्थक होगी।
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5 June 2015मुख्यमंत्री निवास में योग प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगातार दूसरे दिन अपने मंत्रीमंडल के सदस्यों के साथ योग किया। मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने विभिन्न योग आसन और प्राणायाम किये।मुख्यमंत्री निवास में सुबह विभिन्न चालन क्रियाएँ, योगासन, प्राणायाम और ध्यान किया गया। योग प्रशिक्षकों ने ग्रीवा और कटि संचालन, घुटने के व्यायाम, ताड़ासन, वृक्षासन, पादहस्तासन, अर्द्धचक्रासन, त्रिकोणासन, भद्रासन, अर्द्धउष्टासन, शशांकासन, चक्रासन, भुजंगासन, शलभासन, मकरासन, सेतुबंध आसन, पवनमुक्तासन, शवासन करवाये। इसके साथ ही कपालभाति, अनुलोम-विलोम और भ्रामरी प्राणायाम और ध्यान किया गया।कार्यक्रम में गृह मंत्री बाबूलाल गौर, महिला-बाल विकास मंत्री माया सिंह, परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह, वित्त मंत्री जयंत मलैया, उच्च शिक्षा मंत्री उमाशंकर गुप्ता, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा, जनसंपर्क एवं खनिज मंत्री राजेन्द्र शुक्ल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री कुँवर विजय शाह, कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, राजस्व मंत्री रामपाल सिंह, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण मंत्री ज्ञान सिंह, नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य, स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी और अपर मुख्य सचिव एस.आर. मोहन्ती शामिल हुए। शासकीय योग प्रशिक्षण केन्द्र भोपाल के प्रशिक्षकों ने योग प्रशिक्षण दिया।
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17 June 2015कई वर्ष लंबी और संघर्षपूर्ण यात्रा के बाद अंततः नर्मदा 162 किलोमीटर लंबी दाँयी नहर में प्रवाहित होकर आदिवासी बहुल धार जिले की कुक्षी तहसील में अपने अंतिम लक्ष्य तक पहुँचने में आज सफल हो गई। साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का वह चिर-प्रतीक्षित स्वप्न भी पूरा हुआ, जो उन्होंने इस अंचल के किसानों के खेतों को नर्मदा के जल से सींचने का संजोया था। खण्डवा जिले में ओंकारेश्वर जलाशय से परियोजना की दाँयी मुख्य नहर 162.95 किलोमीटर लंबी है। यह नहर 128 किलोमीटर के बाद धार जिले में प्रवेश करती है। गत 15 जून को धार जिले की सीमा में प्रवेश के बाद आज नर्मदा जल ने कुक्षी तहसील में निसरपुर विकासखण्ड के ग्राम खण्डवा में नहर के अंतिम छोर तक पहुँचकर अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया।धार जिले में लंबे समय से ओंकारेश्वर परियोजना नहर को सूखी देखते-देखते जिन किसानों की आँखें थक चुकी थीं, उन्होंने नहर में कल-कल बहती नर्मदा को देखा तो खुशी से झूम उठे। पूरे जिले में नहर के किनारे बसे गाँवों के लोगों ने नर्मदा का ढोल-ताशों और पूजा-पाठ के साथ उत्साह से स्वागत किया। एक हेक्टेयर से भी कम जोत का आदिवासी किसान ''वेस्ता'' नहर में पानी देखकर पूरे आत्म-विश्वास से कहता है- ''अब नर्मदा से सारी समस्याओं का समाधान कर लूँगा''।उल्लेखनीय है कि ओंकारेश्वर सिंचाई परियोजना की नहरों का निर्माण अनेक अवरोधों से गुजरकर पूरा हो सका। नहर निर्माण पूरा होने पर बाँध जलाशय को भरने पर भी विरोधी तत्वों ने अवरोध उत्पन्न किये। अंततः प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री श्री चौहान के दृढ़-संकल्प से आदिवासी बहुल धार जिले को नर्मदा जल की ऐतिहासिक और स्थायी सौगात मिल सकी।परियोजना की कुल सिंचाई क्षमता 1 लाख 46 हजार 800 हेक्टेयर है। इसमें से धार जिले को 73 हजार हेक्टेयर सिंचाई का लाभ मिलेगा। आने वाले समय में इस पिछड़े और सिंचाई से वंचित जिले में कृषि के क्षेत्र में उत्पादन के कीर्तिमान बनेंगे। नर्मदा जल के धार जिले में अंतिम छोर तक पहुँचने पर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने धार जिले के किसानों को अपनी बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं।
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25 June 2015विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भोपाल में कहा कि धर्मांतरण विरोधी कानून बनने के बाद ही धर्मांतरण की घटनाओं पर रोक लगाई जा सकती है। कालेधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने अभी तक जो कुछ किया है, वह कम नहीं है। विदेश मंत्री ने कहा कालेधन को वापस लाने के लिए सरकार अपना काम कर रही है। केन्द्र से यूरिया खाद नहीं मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए मप्र को डिमांड के अनुसार 13 हजार टन यूरिया उपलब्ध करा दिया गया है। वैसे पूरे देश में यूरिया की कमी है। मप्र के लोक सेवा गारंटी अधिनियम की तर्ज पर केन्द्र नियम लागू कर रही है, के सवाल पर उन्होंने कहा कि केन्द्र में इसके लिए बिल पेंडिंग है। जल्दी इसे लागू किया जाएगा। केन्द्र सरकार के छह महीने के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड सभी केन्द्रीय मंत्रियों को संभागीय मुख्यालय पर पेश करने के निर्देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिए हैं। इसी कड़ी में भोपाल में केन्द्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने केन्द्र सरकार द्वारा बीते सात महीने में किए गए कार्यो का लेखाजोखा मीडिया के सामने पेश किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों के समय विदेश मंत्री की उपस्थिति कथित तौर पर कम दिखाई देने संबंधी सवाल के जवाब में स्वराज ने कहा कि ऐसा कतई नहीं है। जिस अवसर पर विदेशी मंत्री की मौजूदगी की आवश्यकता रहती है वह निश्चित तौर पर वहां पर उपस्थित रहती हैं।पासपोर्ट बनवाने में आ रही दिक्कतों के सवाल पर उन्होंने कहा कि पासपोर्ट के नवीनीकरण में पुलिस वेरीफिकेशन की आवश्यकता को समाप्त होगी। साथ ही नए पासपोर्ट बनाने पुलिस वेरीफिकेशन रिपोर्ट आने में लगने वाले समय को कम करने एक अवधि सुनिश्चित की जाएगी।
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27 December 2014सुरेश तिवारीमध्यप्रदेश के उज्जैन में शिप्रा का पावन तट वर्ष 2016 में वैश्विक परिदृश्य पर अपनी विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान बनाने के लिए तैयार हो रहा है। 'सिंहस्थ 2016' इक्कीसवीं सदी में विश्व के सबसे बड़े सफल आयोजन के प्रबंधन का उदाहरण साबित होगा। 'शिव' की नगरी का यह आयोजन 'शिव' का मिशन बन गया है। हम यहां बात कर रहे हैं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की। महाकाल के प्रति अपनी आस्था से संकल्पित चौहान इस विराट आयोजन की सफलता को भगवान का आदेश और आशीर्वाद मान रहे हैं। सिंहस्थ को वे ग्लोबल इवेंट के रूप में लोगों के मन में उतारना चाहते हैं। वे तमाम कार्यों की स्वयं मॉनिटरिंग करने के साथ ही समय-समय पर स्थल निरीक्षण भी कर रहे हैं। अनुमान है कि पांच करोड़ से अधिक लोग इस आयोजन में शामिल होंगे। यह दुनिया का सबसे बड़ा और सुनियोजित मेला होगा।दुनिया के किसी भी देश में इतने ज्यादा लोगों का आगमन किसी मेले में नहीं होता। इसके बावजूद यह मेला अपनी पवित्रता, गरिमा और धार्मिक आस्थाओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सिंहस्थ उज्जैन का महान धार्मिक पर्व है। बारह वर्षों के अंतराल से यह पर्व तब मनाया जाता है जब बृहस्पति सिंह राशि पर स्थित रहता है। पवित्र शिप्रा नदी में पुण्य स्नान चैत्र पूर्णिमा (22 अप्रैल 2016) से प्रारम्भ होकर अंतिम स्नान वैशाख पूर्णिमा (21 मई 2016) तक विभिन्न तिथियों में संपन्न होगा। पांच हजार 118 साल बाद सिंहस्थ 2016 के दौरान सिद्ध अमृत योग बन रहा है, जो कि इस विशिष्ट अवसर को और भी खास बनाएगा। सन् 2004 के आयोजन के बाद यह आयोजन उससे भी अधिक जोश, उत्साह और व्यवस्थाओं के लिए जाना जाएगा। मुख्य अंतर यह होगा कि इस बार करोड़ों लोग जिस शिप्रा में नहाएंगे, वह शिप्रा सतत प्रवाहित नजर आएगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सिंहस्थ 2016 के लिए राज्य सरकार ने खजाने के द्वार खोल दिए हैं। सिंहस्थ 2004 में जहां मात्र 262 करोड़ रुपए व्यय किए गए थे, वहीं इस सिंहस्थ में करीब दस गुना अधिक राशि व्यय की जा रही है। सतत प्रवाहित शिप्रा, आठ किलोमीटर लम्बे घाटसिंहस्थ् ा 2004 में उज्जैन आने वाले दर्शनार्थियों को जिन घाटों पर स्नान करने का अवसर मिला था, सिंहस्थ 2016 में उनके लिए और भी नए और बड़े घाट तैयार किए गए हैं। इन घाटों में से कई घाट पूरी तरह सज-संवर कर तैयार हैं। शिप्रा नदी पर बने ये घाट विहंगम हैं और इनकी छटा देखते ही बनती है। इन घाटों की तुलना अगर किसी से हो सकती है, तो हरिद्वार की हर की पौड़ी के घाटों से। कहीं-कहीं तो इन घाट की लंबाई पांच किलोमीटर तक है। इसके अलावा 17 घाट और पांच स्टॉप डेम की मरम्मत भी की गई है। करीब डेढ़ किलोमीटर के नए घाट और बनवाए गए हैं। श्रद्धालु यहां आठ किलोमीटर लंबे घाट पर कहीं भी स्नान कर सकेंगे। करोड़ों लोगों के स्नान के बाद शिप्रा नदी का जल शुद्ध और निर्मल बना रहे, इसके लिए जलशोधन प्लांट लगाया जा रहा है। यह प्लांट नर्मदा-शिप्रा लिंक से मिलने वाले पानी को साफ करके पीने लायक बनाएगा। 6 मिलियन गेलन क्षमता वाले चार प्लांट पहले से ही काम कर रहे हैं। अब जो नया प्लांट बनाया जा रहा है, उसकी क्षमता 27 मिलियन लीटर पीने का पानी उपलब्ध कराने की रहेगी यानी गर्मी के बावजूद पानी की कोई कमी कभी भी नहीं होगी। सारी फैक्टरियों के वेस्ट वाटर को शिप्रा में मिलने से रोक कर उसके जल का आॅक्सीडेशन किया गया है। विश्वस्तरीय सुविधाएं- देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। करोड़ों तीर्थ यात्रियों के लिए चौबीसों घंटे बिजली और जलप्रदाय की व्यवस्था रहेगी। सुरक्षा के तगड़े इंतजाम होंगे। चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरों की निगाहें तो होंगी ही, हजारों सुरक्षाकर्मी चौबीस घंटे तैनात रहेंगे। वर्तमान अस्पतालों के आधुनिकीकरण के साथ ही सिंहस्थ मद में करीब 75 करोड़ रुपए के खर्च से सात मंजिल का एक अस्पताल बनाया जा रहा है, जिसमें 450 बेड होंगे। इसकी क्षमता 1800 आउटडोर पेशेंट के इलाज की रहेगी। अस्पताल में पांच आॅपरेशन थिएटर, रिकवरी रूम, आईसीयू, हाईरिस्क वार्ड के साथ ही साथ सामान्य प्रसव वार्ड भी बनाया जा रहा है। पर्यटक श्रद्धालुओं को दो लाख रुपए का सुरक्षा बीमा प्रदान किया जाएगा। इसमें सिक्युरिटी आफिसर और नोटीफाइड मेला प्रांगण में रहने वाले नागरिक भी शामिल रहेंगे। आवागमन के लिए नए चौड़े राजमार्ग और सड़कें, चार नए μलायओवर और चार रिवर ब्रिज तैयार किए जा रहे हैं। स्थायी प्रकृति के इन निर्माण कार्यों का उपयोग सिंहस्थ के बाद भी नागरिकों के लिए होता रहेगा। 62 किलोमीटर लंबे पंचकोशी मार्ग को विकसित किया जा रहा है। अग्निशमन की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद हैं तथा उन्हें और भी पुख्ता किया जा रहा है। मेट्रो स्वरूप में उज्जैन का विकास- प्रदेश की धार्मिक, आध्यात्मिक और साहित्यिक राजधानी उज्जैन को मेट्रो सिटी के तर्ज पर संवारने का काम लगभग पूरा होने वाला है। 50 से ज्यादा चौराहों पर एलईडी लाइट वाले हाईमास्क लगाए गए हैं। उज्जैन पश्चिम में करीब 95 करोड़ की लागत से 15 किलोमीटर लंबा नया बायपास सिंहस्थ से पहले तैयार हो जाएगा। महाकाल ओवरब्रिज की चौथी भुजा बन जाने से इंदौर, भोपाल, आगर आदि जगह से आने वाले यात्रियों को महाकालेश्वर मंदिर पहुंचने में सुविधा होगी। लगभग सौ नई सड़कें बनाई जा चुकी हैं, जिनमें से चार फोरलेन हैं। इंजीनिरिंग कॉलेज रोड, एमआर-10 और एमआर-5 को फोरलेन में बदला जा चुका है। यह सारे मार्ग इनर रिंग रोड से जोड़ दिए गए हैं। 11 पुलों की मरम्मत कर दी गई है। नए पुलों पर दर्शकों की सुविधानुसार रैलिंग लगा दी गई है। सिंहस्थ के दौरान 12 अस्थायी पेट्रोल पंप खोलकर करीब डेढ़ लाख लीटर पेट्रोल और पौने दो लाख लीटर डीजल की अतिरिक्त रूप से आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी। अखाड़ों और डेरों में अस्थायी गैस कनेक्शन दिए जाएंगे और 12 हजार से अधिक अतिरिक्त गैस टंकियां हर दिन उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके साथ ही उचित मूल्य की दुकानें, फल-सब्जी और राशन की दुकानें खोलने के साथ ही दूध की दुकानों के अतिरिक्त स्टॉल लगाए जाएंगे। जलाऊ लकड़ी के डिपो भी खोले जा रहे हैं। यहां तक कि गोबर के उपलों (कंडों) के विक्रय की व्यवस्था भी रहेगी। बसेगा अलग नगर- मध्यप्रदेश का पर्यटन विकास निगम सिंहस्थ के मौके पर सांवराखेड़ी इलाके में स्विस कॉटेज का एक अलग ही नगर बसाएगा। यहां पांच सितारा सुविधाओं से लैस 332 स्विस कॉटेज होंगे। इनमें वीवीआईपी के साथ ही आम श्रद्धालु भी ठहर सकेंगे। निगम दो नए होटल भी बना रहा है। एक पृथक घाट का निर्माण और बोटिंग की व्यवस्था भी की जा रही है। पर्याप्त संख्या में नेटवर्क टॉवर- मोबाइल नेटवर्क कम्पनियों को पर्याप्त संख्या में नेटवर्क टॉवर लगाने के निर्देश दिए हैं ताकि कॉल ड्राप या कंजक्शन की समस्या न आए। सम्पूर्ण मेला क्षेत्र जीपीएस तकनीकी के द्वारा आनलाइन किया जाएगा। पड़ाव स्थल और मार्गों पर मोबाइल कंपनियां बैटरी चार्ज स्टेशन भी खोलेंगी। श्रद्धालुओं का स्वागत हाइटेक तरीके से- सिंहस्थ मेला क्षेत्र में आते ही श्रद्धालुओं के मोबाइल पर वेलकम मैसेज मिलेगा। सिंहस्थ का एक विशेष मोबाइल एप भी तैयार कराया जा रहा है। बैंकिंग सुविधा- सिंहस्थ क्षेत्र में 50 से अधिक चलित एटीएम सुविधा मुहैया कराने की योजना है। ये एटीएम निरंतर मेला क्षेत्र में निरंतर घूमते रहेंगे। स्पेशल सिंहस्थ प्रीपेड कार्ड के साथ ही कई अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं। विशेष बैंक काउंटरों पर किसी भी देश की मुद्रा को रुपए में परिवर्तित करवाया जा सकेगा। प्रदेश शासन ने सिंहस्थ की जानकारी दुनियाभर के श्रद्धालुओं तक पहुंचाने के लिए http://www.simhasthujjain.in/ वेबसाइट भी बनाई है। इस वेबसाइट पर सिंहस्थ से संबंधित तमाम जानकारियों के साथ ही फोटो और वीडियो भी देखे जा सकते हैं।
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30 June 2015मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रतलाम जिले के शिवगढ़ ग्राम में अंत्योदय मेले में 215 करोड़ 50 लाख के निर्माण कार्य का लोकार्पण एवं भूमि-पूजन किया। उन्होंने 45 करोड़ के नवीन कार्यों की भी घोषणा की। श्री चौहान ने अंत्योदय मेले में 29 हजार व्यक्ति को साधिकार अभियान में लाभान्वित किया।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सरकार पर पहला अधिकार गरीबों का है। उन्होंने कहा कि सरकार नया कानून बनायेगी, जिससे प्रदेश के हर व्यक्ति को स्वयं के मकान का अधिकार मिले।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि फसलों को होने वाले नुकसान की समुचित भरपाई के लिये किसान-कल्याण कोष गठित किया जायेगा। इससे बीमा कम्पनियों से मुक्ति मिलेगी और किसानों को समय पर मुआवजा मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि आगामी 3 वर्ष में प्रदेश का हर मजरा-टोला सम्पर्क मार्ग से जोड़ दिया जायेगा। श्री चौहान ने अपील की कि रक्षा-बँधन के पावन पर्व पर अपनी बहनों को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना की पॉलिसी दें।मुख्यमंत्री ने बाजना में शासकीय महाविद्यालय खोलने, सैलाना कॉलेज को स्नातकोत्तर करने तथा शिवगढ़ में टप्पा तहसील खोलने की घोषणा की।इस मौके पर सांसद मनोहर ऊँटवाल, महापौर डॉ. सुनीता यार्दे, विधायक मथुरालाल डामर, जितेन्द्र गहलोत, डॉ. राजेन्द्र पाण्डे, निर्मला भूरिया, संगीता चारेल, चैतन्य कश्यप, मध्यप्रदेश वित्त विकास निगम के अध्यक्ष हिम्मत कोठारी, जिला पंचायत अध्यक्ष प्रमेश मईड़ा सहित अन्य जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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27 August 2015एल एस हरदेनियागीता एक ऐसा ग्रंथ है जिसके संदेश को हमारे अनेक राष्ट्रीय नेताओं ने आजादी के आंदोलन के दौरान भरपूर महत्व दिया था। ऐसे राष्ट्रीय नेताओं में लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी, आचार्य विनोबा भावे और जवाहरलाल नेहरू शामिल हैं। लेकिन हाल में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भगवत गीता को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की मांग की है। सुषमा जी की इस मांग के बाद एक राष्ट्रीय बहस प्रारंभ हो गई है। अनेक लोगों की यह राय है कि गीता एक ऐसा महान ग्रंथ है जिसे किसी राष्ट्र की सीमा में नहीं बांधा जा सकता। सुषमा जी ने ऐसी मांग करके गीता की महानता को कम किया है। पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में कुछ लोगों की यह धारणा है कि वे भले ही पैदा भारत में हुए हों, चिंतन और रहन-सहन से वे पूरी तरह यूरोपीय थे। नेहरू जी के बारे में इस तरह की धारणा को फैलाने में दक्षिण पंथी विचारों में विश्वास करने वाले संगठनों एवं समूहों की भूमिका है। ऐसे तत्व यदि नेहरू जी के विचारों का, उनकी पुस्तकों का अध्ययन करते तो उनका यह भ्रम दूर हो सकता था।नेहरू जी ने अनेक किताबें लिखी हैं, जिनके पीछे उनका विराट और गहन अध्ययन था। आजादी के आंदोलन के दौरान उन्हें लंबे समय तक अंग्रेजों की जेलों में रहने का मौका मिला था। लंबी सजाओं के दौरान उन्होंने खूब पढ़ा और लिखा। भारत की आत्मा को खोजने और उसे पहचानने और आत्मसात करने का गंभीर प्रयास पंडित नेहरू ने किया था। वे भारत की अतीत ऐतिहासिकता से बेहद प्रभावित थे। विस्तृत इतिहास की समुद्र जैसी गहराइयों में उन्होंने कितनी ही बार गोते लगाये। भारत की आत्मा को पहचानने के प्रयासों में उन्होंने वेद, उपनिषद, पुराण, गीता जैसे ग्रंथों और रामायण-महाभारत जैसे महाकाव्यों का विश्लेषण-परक अध्ययन किया। साथ में ही उन्होंने इन बुनियादी ग्रंथों के ऊपर भारतीय और विदेशी विद्वानों की टिप्पणियां भी पढ़ीं और उन्हें आत्मसात भी किया। अपनी प्रसिद्ध पुस्तक ‘हिंदुस्तान की कहानी’ में वे एक जगह लिखते हैं ‘पिछली बातों के लिये अंधी-भक्ति बुरी होती है, साथ ही उनके लिए नफÞरत भी उतनी ही बुरी है। इसकी वजह यह है कि इन दोनों में से किसी पर भविष्य की बुनियाद नहीं रखी जा सकती। वर्तमान का और भविष्य का लाजमी तौर से भूतकाल से जन्म होता है और उन पर उसकी गहरी छाप होती है। इसको भूल जाने के मानी हैं इमारत को बिना बुनियाद के खड़ा करना और कौमी तरक्क की जड़ को ही काट देना। राष्ट्रीयता असल में पिछली तरक्क, परम्परा और अनुभवों की एक समाज के लिए सामूहिक याद है। यूं नेहरू जी ने पूरा-साहित्य और मिथकों आदि का बहुत गहराई से अध्ययन किया था अत: वे वेदों के स्वाभाविक प्रशंसक थे। वेदों की चर्चा करते हुए वे कहते हैं कि ‘शुरू की अवस्था में आदमी के दिमाग ने अपने को किस रूप में प्रकट किया था और वह कैसा अद्भुत दिमाग था। वेद शब्द की व्युत्पत्ति व्युद धातु से हुई है जिसका अर्थ जानना है और वेदों का उद्देश्य उस समय की जानकारी को इकट्ठा कर देना था। उनमें बहुत सी चीजें मिली-जुली हैं। स्तुतियां हैं और बड़ी ऊंची प्रकृति संबंधी कविताएं हैं। उनमें मूर्तिपूजा नहीं है। देवताओं के मंदिरों की चर्चाएं नहीं हैं जो जीवनी-शक्ति और जिंदगी के लिये इकरार उनमें समाया हुआ है वह गैर मामूली है। महाभारत के बारे में नेहरूजी लिखते हैं-‘महाकाव्य की हैसियत से रामायण एक बहुत बड़ा गंथ जरूर है और उससे लोगों को बहुत चाव है लेकिन यह महाभारत है जो दरअसल दुनिया की सबसे खास पुस्तकों में से एक है। यह एक विराट कृति है। परंपराओं और कथाओं का और हिंदुस्तान की कदीमी राजनैतिक और सामाजिक संस्थाओं का यह एक विश्व-कोष है। महाभारत में हिंदुस्तान की बुनियादी एकता पर जोर देने की बहुत निश्चित कोशिश की गई है। महाभारत एक ऐसा बेशकीमती भंडार है कि हमें उसमें बहुत तरह की अनमोल चीजें मिल सकती हैं। यह रंगबिरंगी घनी और गुदगुदाती जिंदगी से भरपूर है। इस मामले में यह हिंदुस्तानी विचारधारा के दूसरे पहलुओं से हटकर है जिसमें तपस्या और जिंदगी से इंकार पर जोर दिया गया है। महाभारत की शिक्षा का सार यदि एक जुमले में कहा जाए तो है- ‘दूसरे के लिए तू ऐसी बात न कर जो खुद तुझे अपने लिए पसंद न हो’। भगवत गीता के बारे में नेहरू एक प्रसिद्ध विदेशी विद्वान विलियम बाण्डहॅबोल्ट के विचारों को उधृत करते हुये कहते हैं ‘यह सबसे सुंदर और अकेला दार्शनिक काव्य है जो किसी भी जानी हुई भाषा में नहीं मिलता है।’ बौद्धकाल से पहले जब इसकी रचना हुई तब से लेकर आज तक इसकी लोकप्रियता और प्रभाव नहीं घटा है और आज भी इसके लिये पहले जैसा आकर्षण बना हुआ है। दरअसल गीता का संदेश किसी संप्रदाय या जाति के लिये नहीं है। क्या ब्राह्मण, क्या निम्न जाति, सभी के लिये है। गीता में कहा गया है कि सभी रास्ते मुझ तक आते हैं। इसी तरह उपनिषदों के संबंध में नेहरू लिखते हैं कि ‘ये छानबीन की, मानसिक साहस की और सत्य की खोज के उत्साह की भावना से भरपूर हैं।’ यह सही है कि यह सत्य की खोज मौजूदा जमाने के विज्ञान के प्रयोग के तरीकों से नहीं हुई है। फिर भी जो तरीक अख्तियार किया गया है उसमें वैज्ञानिक तरीक का एक अंश है। इन दोनों का मूल एक ही बताया गया है। उपनिषदों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इनमें सच्चाई पर बड़ा जोर दिया गया है। सच्चाई की सदा जीत होती है झूठ की नहीं। सच्चाई के रास्ते से ही हम परमात्मा तक पहुंच सकते हैं। उपनिषदों की यह प्रार्थना मशहूर है ‘असत्य से मुझे सत्य की ओर ले चल, अंधकार की ओर से प्रकाश की ओर मुझे ले चल, मृत्यु से मुझे अमृत्व की ओर ले चल।’ उपनिषदों में एक सवाल है जिसका बहुत अनोखा लेकिन मार्के का जवाब दिया गया है। सवाल यह है कि यह विश्व क्या है? यह कहां से उत्पन्न होता है? और कहां जाता है? इसका उत्तर है-स्वतंत्रता से इसका जन्म होता है। स्वतंत्रता पर ही यह टिका है और स्वतंत्रता में ही वह लय हो जाता है। सारे संसार में ऐसी कोई रचना नहीं है जिसका पढ़ना इतना उपयोगी, इतना ऊंचा उठाने वाला हो जितना उपनिषदों का है। वे सबसे ऊंचे ज्ञान की उपज हैं। प्रसिद्ध पश्चिमी दार्शनिक शोपेनहावर के विचारों को उद्धृत करते हुए नेहरू कहते हैं कि उपनिषदों के हरएक शब्द से गहरे मौलिक और ऊंचे विचार उठते हैं और इन सब पर एक ऊंची पवित्र उत्सुक भावना छाई हुई है। सारे संसार में कोई ऐसी रचना नहीं जिसका पढ़ना इतना उपयोगी हो जितना उपनिषदों का। ये सबसे ऊंचे ज्ञान की उपज है। उपनिषदों के पढ़ने से मेरी जिंदगी को शांति मिलती है। यही मेरे मौत के समय भी शांति देगा। रामायण के संबंध में नेहरूजी प्रसिद्ध फ्रांसीसी इतिहासकार मिशले के विचारों को उद्धृत करते हुए कहते हैं ‘जिस किसी ने भी बड़े काम किए हैं या बड़ी आकांक्षाएं की हैं, उसे इस गहरे प्याले से जिंदगी और जवानी की लंबी घूंट पीना चाहिए। रामायण मेरे मन का महाकाव्य है। हिंद महासागर जैसा विस्तृत मंगलमय सूर्य के प्रकाश से चमकता हुआ, जिसमें देवीय संगीत है और जहां कोई बेसुरापन नहीं है। वहां एक गहरी शांति का राज्य है और कशमकश के बीच भी वहां बेहद मिठास और भाई-चारा है। जो सभी जिदा चीज पर छाया हुआ है। रामायण मोहब्बत, दया, क्षमा का अपार समुंदर है। नेहरूजी संस्कृत भाषा के बड़े प्रशंसक थे। संस्कृत के संबंध में वे लिखते हैं कि वह ‘अद्भुत रूप से सम्पन्न, हरी-भरी और फूलों से लदी हुई भाषा है। फिर भी वह नियमों से बंधी हुई है और 2600 वर्ष पहले व्याकरण का जो चैखटा, पाणिनि ने इसके लिए तैयार कर दिया, वो उसी के भीतर ही चल रही है। ये फैली खूब, सम्पन्न हुई। भरी-पूरी और अलंकृत बनी लेकिन अपने मूल को पकड़े रही। संस्कृत के संबंध में नेहरू जी एक यूरोपीय विद्वान सर विलियम जोन्स के विचारों को उधृत करते हैं। जोन्स ने 1884 में कहा था संस्कृत भाषा चाहे जितनी पुरानी हो उसका गठन अद्भुत है। यूनानी भाषा के मुकाबले में ज़्यादा मुकम्मिल, लातीनी के मुकाबले में ज़्यादा सम्पन्न और दोनों के मुकाबले में यह ज़्यादा परिष्कृत है। ये तो कुछ उदाहरण हैं जिनसे नेहरू जी की भारत के गौरवशाली इतिहास के संबंध में प्रशंसनीय विचार जानने को मिलते हैं। वैसे उनकी किताबें विश्व इतिहास की झलक और मेरी कहानी तथा उनके व्याख्यान भारत के अतीत की प्रशंसा से भरे पड़े हैं। उनकी यह मान्यता थी कि अतीत की अंध-भक्ति से भारत का भविष्य उज्ज्वल नहीं हो सकता। इसलिए उनकी यह धारणा थी कि धर्मनिरपेक्ष- वैज्ञानिक समझ के आधार पर आधुनिक भारत की नींव मजबूत करने के लिए भारत के अतीत के उज्ज्वल पक्ष का सहारा लेना चाहिए।[लेखक एल एस हरदेनिया देश जानेमाने पत्रकार हैं ]
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23 December 2014रीवा में स्व. कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति भाषणमाला गुजरात के राज्यपाल ओ.पी. कोहली ने कहा कि व्यवहारिकता में सामुदायिकता, समरसता और संवेदना हैं। हम कह सकते हैं कि समान अनुभूति ही संवेदना है। श्री कोहली आज रीवा में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय में स्व. कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति भाषणमाला 'समाज में संवेदनहीनता: कारण एवं निवारण' में बोल रहे थे।राज्यपाल ने कहा कि एक नवजात शिशु को होने वाली पीड़ा का अनुभव माँ को तत्काल होता है, क्योंकि माँ शिशु में अपने को देखती है। दो पृथक शरीर होने पर भी आध्यात्मिक चेतना दोनों को जोड़ती है। चेतना का यही स्तर संवेदना है। उन्होंने गाँधी जी की चर्चा करते हुए कहा कि वे ऐसी व्यवस्था चाहते थे जो नीति पर आधारित हो। श्री कोहली ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद हम भौतिक और तकनीकी विकास और ऐसी आर्थिक व्यवस्थाओं की ओर बढ़ते चले गये जिनमें नीति, मूल्य और संस्कारों का अभाव रहा परिणामस्वरूप हम एक धर्मविहीन समाज की ओर बढ़ते चले जा रहे हैं जिसमें नैतिक मूल्यों की, संस्कारों की, परमार्थ भाव की कमी होती जा रही है। इसके कारण ही सामाजिक अपराध और अनाचार बढ़ रहे हैं।श्री कोहली ने कहा कि परिवार संस्था का कमजोर हो जाना दुखद है। परिवार से ही समाज और समाज से ही देश बनता है। इसलिये संवेदनहीनता के निवारण के लिये परिवार संस्था को पुनर्जीवित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दूसरों के लिये जीने का भाव ही संवेदना है।केन्द्रीय मंत्री थावरचन्द गेहलोत ने कहा कि यह चिंता और चिंतन का विषय है कि पत्थर, पेड़ और जल को पूजने वाले हम लोग इतने संवेदनहीन कैसे होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मानवता हमें संवेदनशील बनाती है। अत: हमें मानवीय गुणों को अंगीकार करना चाहिये। हम परोपकारी और संवेदनशील बनें यह आज की आवश्यकता है। हम संकुचित भावना को छोड़े और विराट दृष्टिकोण को अपनाएँ जिससे समाज में संवेदनशीलता स्वत: विकसित होगी।वरिष्ठ समाजसेवी एवं चिंतक भगवत शरण माथुर ने कहा कि मानवीय संवेदना पर हर पल कुठाराघात होता जा रहा है। संसार में जितनी भी समस्याएँ हैं वे संवेदनहीनता के कारण ही हैं। उन्होंने कहा कि मैकाले की शिक्षा पद्वति ने हमारी शिक्षा से नैतिकता, मूल्य और आदर्श समाप्त कर दिये जिससे सामाजिक सदभाव समाप्त हो रहा है। इसी के कारण संवेदनहीनता बढ़ती जा रही है और अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक सद्भाव, परोपकार और नैतिकता द्वारा ही इस संवेदनहीनता को समाप्त किया जा सकता है।जनसम्पर्क मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि हमारी पीढ़ी को और आने वाली पीढ़ी को जो विकास मिल रहा है उसका उपयोग सामाजिक समरसता और संवेदनशीलता के साथ ही हो सकेगा। इसके लिये समाज से संवेदनहीनता को समाप्त किया जाना आवश्यक है। उन्होंने स्व. कुशाभाऊ ठाकरे का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि हमें उनके आदर्शों का अनुकरण करना चाहिए।सांसद जनार्दन मिश्र ने स्वतंत्रता के बाद की व्यवस्थाओं को संवेदनहीनता का कारण माना। उन्होंने कहा कि समाज के जागरूक होने पर संवेदना का विस्तार होगा और लोग एक-दूसरे के प्रति संवेदनशील बनेंगे।कुलपति के.एन. सिंह यादव ने कहा कि यह बड़ी चिंता का विषय है कि शिक्षित समाज में संवेदनहीनता अशिक्षित समाज की तुलना में अधिक है। कुल सचिव डॉ. पी.भारती ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर महापौर ममता गुप्ता, विधायक दिव्यराज सिंह, अरविंद भदौरिया सहित अनेक जन-प्रतिनिधि तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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1 October 2015मुख्यमंत्री एवं नीति आयोग द्वारा गठित केन्द्र पोषित योजना उप समूह के संयोजक शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में अन्य सदस्यों के साथ रिपोर्ट प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को सौंपी। इस अवसर पर श्री चौहान के साथ अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, झारखंड, मणिपुर और तेलंगाना राज्यों के मुख्यमंत्री सहित केन्द्र शासित प्रदेश पाण्डिचेरी के उप राज्यपाल मौजूद थे। यह उप समूह केन्द्र पोषित योजनाओं के फण्डिंग पैटर्न और योजनाओं के युक्तियुक्तकरण करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री द्वारा मार्च 2015 में गठित किया गया था।श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि यह रिपोर्ट टीम इंडिया की भावना से काम करने के उद्देश्य को मद्देनजर रखते हुए तैयार की गई है। इसमें मुख्यतः केन्द्र परिवर्तित योजनाओं के फण्डिंग पैटर्न का बेहतर प्रयोग और साथ ही केन्द्र और राज्य सरकार दोनों के हितों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। श्री चौहान ने बताया कि रिपोर्ट को तैयार करने में हमने न केवल उप समूह के सदस्य राज्यों की सलाह ली है बल्कि केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और अन्य राज्य सरकारों से भी सलाह मशविरा किया। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट सर्व-सम्मति से तैयार कर अनुशंसाएँ प्रधानमंत्री को सौंपी गई हैं।श्री चौहान ने अनुशंसाओं के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि अभी तक संचालित 72 केन्द्र पोषित योजनाओं को घटाकर 50 कर दिया गया है। योजनाओं को मुख्यतः तीन हिस्सों में विभाजित किया गया है। पहला कोर सेक्टर, दूसरा कोर ऑफ कोर सेक्टर और तीसरा ऐच्छिक। कोर सेक्टर में मुख्यतः पेंशन, मनरेगा आदि और कोर ऑफ कोर सेक्टर में स्वास्थ्य, सिंचाई, ऊर्जा आदि और ऐच्छिक में राज्य आधारित योजनाएँ शामिल की गयी हैं। अनुशंसाओं के अनुसार कोर ऑफ कोर सेक्टर के लिए फण्डिंग पैटर्न 90:10 यथावत रखा जाएगा। कोर सेक्टर के लिए पहाड़ी राज्यों के लिए 90:10 और अन्य राज्य के लिए फण्डिंग पैटर्न 60:40 रखने की सिफारिश की गई है। ऐच्छिक योजनाओं के लिए पहाड़ी राज्यों के लिए 80:20 और अन्य राज्य के लिए 50:50 फण्डिंग पैटर्न रहेगा। केन्द्र शासित राज्यों के लिए केन्द्र सरकार पूर्व की भाँति 100 प्रतिशत सहायता करती रहेगी।मुख्यमंत्री चौहान ने उप समूह की सिफारिशों को चालू वित्त वर्ष से ही लागू करने की माँग की है। साथ ही राज्यों के लिए 25 प्रतिशत अलग से फ्लैक्सी फण्ड रखने का भी सुझाव दिया है जिसे राज्य सरकार अपनी जरूरत और माँग के अनुसार योजनाओं में खर्च कर सकेगी। आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय दो साल तक यथावत रखा जाने की भी बात कही गयी है। श्री चौहान ने मार्च 2015 तक स्वीकृत योजनाओं का फण्डिंग पैटर्न यथावत रखने की भी वकालत की है। श्री चौहान ने दी गई अनुशंसाओं की समीक्षा दो वर्ष बाद किये जाने की बात भी कही। श्री चौहान ने नीति आयोग से प्रत्येक राज्य की हर छह माह में बैठक करने की भी माँग की। उप समूह की रिपोर्ट में राज्य सरकारों द्वारा समय पर उपयोग प्रमाण-पत्र न दिये जाने पर केन्द्र सरकार द्वारा समय पर अगली किश्त जारी न किये जाने की समस्या के बारे में भी सुझाव दिये गये हैं।
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29 October 2015भारतीय जनता पार्टी की विविधता भरी जीत का जादू क्या है? यह राजनीतिक विमर्श का एक बड़ा विषय है। भाजपा की जीत और कांग्रेस की हार का अर्थ क्या निकाला जाए? मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के पहले चरण के चुनाव में राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को बड़ी सफलता मिली है। राज्य के सभी नौ नगर निगमों में महापौर के पद पर भाजपा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। राज्य में पहले चरण में 135 नगरीय निकाय में मतदान हुआ था। इसमें सभी नौ नगर पालिका निगम ग्वालियर, सागर, सतना, रीवा, सिंगरौली, खंडवा, बुरहानपुर, रतलाम और देवास के महापौर पद पर भाजपा ने जीत दर्ज की। वहीं 26 नगरपालिका परिषद अध्यक्ष में से 17 और 100 नगर परिषद में से 57 पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। हालांकि तात्कालिक तौर पर भाजपा ने अपनी जीत को राज्य सरकार द्वारा किए गए जनहितकारी कार्यो की जीत करार दिया।अपरोक्ष रूप से यह शिवराज की मेहनत और स्वीकार्यता को साबित करती है। मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय के दो चरणों में चुनाव हुए हैं दूसरी चरण यानी दो दिसंबर को हुए मतदान की मतगणना सात दिसंबर को होना बाकी है। नगरीय निकायों में कांग्रेस की हार को उसकी नीति गत और जनता के बीच उपस्थिति की कमी को ही माना जा सकता है। कुछ लोग इसे कांग्रेस के ढुलमुल रवैये से जनता का मोहभंग हो चुका होना भी कहते हैं। यह भी सच है कि भारतीय जनता पार्टी के उदारवाद के आगे कांग्रेस के धर्मनिरपेक्षता और मोदी के विकास के नारे के आगे गरीबों की योजनाओं वाले हथियार पुराने पड़ गए हैं। जनता को अब जैसे नए नेतृत्व की तलाश है। निकाय चुनावों में उसने भाजपा के उदारवाद एवं विकास पर भरोसा जताया है। कांग्रेस की बार बार हार से राज्य में कांग्रेस-भाजपा के खिलाफ तीसरा विकल्प खड़ा करने में कई तरह की सुगबुगाहट भी जारी है लेकिन भारतीय जनता पार्टी की तत्परता के आगे क्षेत्रीय पार्टियां भी फिलहाल अपनी अप्रासंगिकता को ही जाहिर कर रही हैं। कांग्रेस संगठन जनता का विश्वास हासिल करने में निकायों में बुरी तरह नाकाम रहा है। स्थानीय नेता कह रहे हैं कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस आत्म-मंथन करेंगे कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि राज्य की जनता नया विकल्प तो चाहती है लेकिन इसमें कांग्रेस शामिल क्यों नहीं हैं? सत्य यह है कि सत्ता से जुड़े निजी स्वार्थों के चलते क्षेत्रीय दलों के साथ कांग्रेस नेताओं ने अपने संगठनों की दुर्गति कर दी है। जनता उन पर भरोसा करने को तैयार नहीं है। चुनाव से यह संकेत भी मिला है कि मोदी लहर अब भी कायम है। यदि नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान दोनों अपने-अपने स्तरों पर नहीं करते तो निकायों में यह सफलता नहीं मिलती। मोदी ने राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के विकास के विचार को स्थापित और मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान ने। राजनीति का अर्थ शुद्ध सत्ता है और हारने वाले नेताओं, कांग्रेस और उसके घटकों को आज अपने वजÞन का सही-सही पता चल गया।
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8 December 201410 नगर पालिक निगम में मेयर के लिये 67 प्रत्याशी मैदान मेंएमपी में नगरीय निकाय निर्वाचन-2014 में 10 नगर पालिक निगम में मेयर पद के लिये 67 अभ्यर्थी चुनाव मैदान में हैं। नगरपालिक निगम कटनी में 7, खण्डवा में 3, ग्वालियर में 13, देवास में 6, बुरहानपुर में 4, रतलाम में 2, रीवा में 10, सतना में 12, सागर में 6 और सिंगरौली में 4 अभ्यर्थी चुनाव लड़ रहे हैं। अभ्यर्थी का नाम और दल इस प्रकार हैं - नगर पालिक निगम कटनी में विनोद कुमार बड़गैया निर्दलीय, संदीप नायक जनता दल यूनाइटेड, अवनीश तिवारी बहुजन समाज पार्टी, रणबहादुर सिंह निर्दलीय, शशांक श्रीवास्तव भारतीय जनता पार्टी, मोहम्मद शकील समाजवादी पार्टी और रूपचंद चेलानी इंडियन नेशनल कांग्रेस चुनाव मैदान में हैं।इसी प्रकार नगर पालिक निगम खण्डवा में शेख जाकिर निर्दलीय, अजय इंडियन नेशनल कांग्रेस, सुभाष कोठारी भारतीय जनता पार्टी, ग्वालियर में राजेश अग्रवाल गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल (अन्य), डॉ. आशा माथुर निर्दलीय, मनीष शर्मा निर्दलीय, डॉ. दर्शन सिंह इंडियन नेशनल कांग्रेस, विवेक नारायण शेजवलकर भारतीय जनता पार्टी, रशीद गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल (अन्य), संगीता अहिरवार अखिल भारत हिंदू महासभा, अशीम शाह बहुजन समाज पार्टी, अफजल अहमद खान निर्दलीय, पोहप सिंह वर्मा निर्दलीय, हरिओम कुशवाह राष्ट्रीय समानता दल, ओमप्रकाश निर्दलीय, नवल सिंह राजपूत समाजवादी पार्टी, देवास में देवीनंदा सिंह निर्दलीय, हातम भाई समाजवार्दी पार्टी, प्रेमकुमार शर्मा भारतीय जनता पार्टी, राजेन्द्र शर्मा बहुजन समाज पार्टी, शरद पाचुनकर निर्दलीय, मनोज राजानी इंडियन नेशनल कांग्रेस, बुरहानपुर में इसामुद्दीन समता पार्टी, अनिल भारतीय जनता पार्टी, मोहम्मद इस्माईल इंडियन नेशनल कांग्रेस, आसिफ उद्दीन शेख नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, रतलाम में सुनीता यार्दे भारतीय जनता पार्टी, प्रेमलता इंडियन नेशनल कांग्रेस, रीवा में कंचन रंजन गुप्ता बहुजन समाज पार्टी, सावित्री सोनी गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल (अन्य), ममता गुप्ता भारतीय जनता पार्टी, प्रियंका धर्मेन्द्र तिवारी इंडियन नेशनल कांग्रेस, सीमा कुशवाहा निर्दलीय, मेहरून्निसा ऊर्फ नूर बीबी निर्दलीय, कविता पाण्डेय निर्दलीय, विद्या तिवारी समाजवादी पार्टी, हसीना बेगम अपना दल, मीरा सिंह गैर मान्यता प्राप्त राजनैतिक दल (अन्य), सतना दुर्गा मौसी निर्दलीय, नीलिमा अनिल कुमार श्रीवास्तव अपना दल, श्रीमती नीलम जितेन्द्र सिंह निर्दलीय, श्रीमती वर्षा गिरधानी निर्दलीय, अनीता देवी ईश्वरचन्द्र त्रिपाठी निर्दलीय, मिथलेश सिंह बहुजन समाज पार्टी, संध्या जवाहर जैन निर्दलीय, उर्मिला त्रिपाठी इंडियन नेशनल कांग्रेस, ममता पाण्डेय भारतीय जनता पार्टी, प्रतिमा सिंह समाजवादी पार्टी, सुनीता मिश्रा जनता दल (यूनाइटेड), अनीता संदीप शुक्ला निर्दलीय, सागर में जगदीश यादव इंडियन नेशनल कांग्रेस, एडव्होकेट इरफान उसमानी राईन बहुजन समाज पार्टी, इंजी. अभय दरे (सोनी) भारतीय जनता पार्टी, रामदास पटेल शिवसेना, युसुफ राईन निर्दलीय, संजय बाबा सेन एडव्होकेट निर्दलीय और सिंगरौली में विमला सिंह समाजवादी पार्टी, संगीता सिंह इंडियन नेशनल कांग्रेस, रामजनी खैरवार बहुजन समाज पार्टी और प्रेमवती खैरवार भारतीय जनता पार्टी से उम्मीदवार हैं।
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18 November 2014पूर्व समिटों के जरिये सवा लाख करोड़ का पूँजी निवेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 अक्टूबर को प्रातः 10:30 बजे इंदौर मध्यप्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट - 2014 का उदघाटन करेंगे। यह जानकारी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली में मध्यप्रदेश भवन में एक पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि हर दो वर्ष में एक बार होने वाली तीन सफल समिट के बाद, इस बार की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का फोकस राज्य को व्यापक रूप से निवेश के क्षेत्र में एशिया पेसिफिक में स्थापित करना है।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निवेशकों को आकर्षित करने और उद्योग मित्र नीतियों के लिये जाने जाते हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री द्वारा समिट का उदघाटन करने से मध्यप्रदेश को उनकी इस छवि का लाभ मिलेगा।पूर्व समिटों से सवा लाख करोड़ का पूँजी निवेशश्री चौहान ने जानकारी दी कि पूर्व समिट के आधार पर मध्यप्रदेश में सवा लाख करोड़ का पूँजी निवेश हो चुका है। उन्होंने कहा कि देश में अब विकास का एक अलग माहौल है। इसमें केन्द्र सरकार से मध्यप्रदेश को कितना सहयोग मिल सकता है और प्रदेश की संभावनाओं को दुनिया की जानकारी में कैसे लाया जाये, यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है।इन्दौर समिट में दुनिया की 50 आर्थिक हस्तियों की भागीदारी का लक्ष्यमुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि समिट में दुनिया की कम से कम 50 आर्थिक शक्तियों को भागीदार बनाने का लक्ष्य है। ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, मलेशिया, चेक गणराज्य, मेक्सिको, दक्षिण अफ्रीका, नीदरलेंड्स और स्पेन ने अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है। समिट में सेक्टोरल सत्रों का आयोजन होगा। इस बार सारा ध्यान निवेशकों से एमओयू साइन करवाने से ऊपर उठकर अभिरूचि प्रदर्शन पर हस्ताक्षर समिट पूर्व व उसके सम्पन्न होने के बाद भी करवाये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके साथ ही पूर्व समिटों में हुए निवेश सम्बन्धी आंकड़ों की भी प्रस्तुति होगी ताकि वास्तविक निवेश की जानकारियां भी सामने रखी जा सकें।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि 8 अक्टूबर 2014 को लघु एवं मध्यम उद्योगों के उद्यमियों और निवेशकों का सम्मेलन होगा। इस सम्मेलन का उदघाटन केन्द्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्री श्री कलराज मिश्र करेंगे।प्रदेश में माहौल औद्योगीकरण के अनुकूलमुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मध्यप्रदेश में अधोसंरचना, कुशल एवं अकुशल मानव संसाधन, उद्योगों के लिये भूमि की उपलब्धता, रियल सिंगल विण्डो प्रणाली, पर्याप्त जल, निरन्तर 24x7 विद्युत आपूर्ति और उत्तम कानून-व्यवस्था जैसे सभी सहायक कारक हैं जो भरपूर औद्योगीकरण की संभावनाओं के सर्वथा अनुकूल हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राष्ट्रीय मीडिया के माध्यम से निवेशकों को मध्यप्रदेश में इस अंतर्राष्ट्रीय निवेशक सम्मेलन में शिरकत का निमंत्रण भी दिया।
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23 September 2014सत्येंद्र खरे 29 नवंबर को शिवराज सिंह चौहान बतौर मुख्यमंत्री अपने 10 साल पूरे कर लिए , इन 10 सालो मे शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश को क्या कुछ दिया और अपनी राजनीति को तमाम विरोधो विवादो के बीच कैसे बचाए रखा ये एक लंबी चर्चा का विषय हो सकता है, परंतु आज से 10 साल पहले प्रदेश की राजनीति, और भाजपा मे चल रही उथल पुथल के बीच शिवराज का प्रदेश की राजनीति मे इतने बड़े स्तर पर पदार्पण करना भी किसी अचंभे से कम नहीं था, बहरहाल उस समय हुए इस अप्रत्याशित परिवर्तन से प्रदेश को आज तक कभी किसी बड़े नुकसान का सामना नहीं करना पड़ा बल्कि शिवराज के मुख्यमंत्री बनने के बाद पिछले एक दशक मे प्रदेश के इतिहास मे एक बड़ी सामाजिक क्रांति ही देखी गई और 10 साल मे मुख्यमंत्री रहते शिवराज के अथक प्रयासो से प्रदेश के ग्रामीण इलाको मे हुए सामाजिक परिवर्तन के लिए की गई तमाम घोषणाओ, योजनाओं एवं उनके सफल क्रियान्वयन के दम पर भाजपा और शिवराज लगातार तीसरी बार प्रदेश की सत्ता पाने मे सफल हुए। शिवराज जब राजनीति मे आए उस दौरान देश मे इन्दिरा और कांग्रेस के विरुद्ध एक बड़ी लहर देखी जा रही थी, 1975 मे देश मे लगे आपातकाल के दौरान जेल जाने वाले शिवराज कदाचित सबसे कम उम्र के स्वयं सेवक रहे होंगे, 77-78 मे जब देश मे जनता पार्टी कि सरकार बनी तब शिवराज ने संघ कि सेवा करने का ही मन बनाया और धीरे धीरे राजनीति मे अपनी परिपक्वता साबित करने लगे, 1977 से लेकर 1983 तक शिवराज सिंह चौहान ने छात्र राजनीति के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मे विभिन्न पदो को अपने नेत्रत्व क्षमता से सुशोभित किया और बाद मे भारतीय जनता युवा मोर्चा मे प्रदेश के सयुंक सचिव बन कर अपनी राजनेतिक यात्रा को नई दिशा दी, 1988 मे जब शिवराज पहली बार युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बने तब तत्कालीन कांग्रेस् सरकार के शासन और जुल्मो के विरोध मे एक मशाल जुलूस का आयोजन किया और उन्होने राजमाता सिंधिया से आग्रह कर इस जुलूस के नेत्रत्व करने की बात कही, तब प्रदेश मे भाजपा के तत्कालीन नेत्रत्व के सामने दो बड़ी चुनोतिया सामने आ गई कि क्या राजमाता सिंधिया, नाना जी देशमुख और कुशा भाऊ ठाकरे के कद और गरिमा केहिसाब से समर्थन जुट पाएगा ? ऐसे मे शिवराज ने ग्रामीण क्षेत्रो से 40000 किसानो के आने कि बात कहकर पूरे पार्टी नेत्रत्व को सहमा दिया , परंतु जब 7 अक्टूबर 1988 को भोपाल मे जुलूस निकला तब भोपाल आने वाली सारी सड़के ट्रैक्टर, ट्रक, जीप और बैलगाड़ियों से अटी पड़ी थी , संख्या 40000 से कही ज्यादा थी और दो दिन तक मशाल जुलुस मे आए ग्रामीणो का भोपाल से लौटना बदस्तूर जारी रहा , 7 अक्टूबर के दिन ही राजमाता सिंधिया ने शिवराज के सिर पर हाथ रख आशीर्वाद दिया और ऐलान किया कि यह लड़का राजनीति मे बेहूत आगे जाकर देश को नई दिशा प्रदान करेगा । शिवराज जब से राजनीति मे आए है उन्होने कभी अपनी ज़मीन छोड़ने की तनिक कोशिश भी नहीं की , वे हमेशा से अपने ठेठ अंदाज मे ही जनता के बीच जाते रहे और अपने भाषणो मे बुन्देली जुमलो का प्रयोग कर समाज के पिछड़े वर्गो के बीच लोकप्रियता हासिल करते रहे है, आज के आधुनिक युग मे जब सब कुछ हाइटेक हो रहा है ऐसे मे शिवराज ने अपने आप को कभी ऐसे प्रतीत नहीं होने दिया कि वो इस ह्रदय प्रदेश के मुखिया है, उनकी जनता के बीच शुरू मे बनी “पाव पाव वाले भैया” जैसी छवि आज भी बरकरार है जो कि उन्हे देश के अन्य मुख्यमंत्रियों से अलग करती है। शिवराज आज ही नहीं बल्कि अपने राजनैतिक काल के प्रारम्भ से ही एक ऐसे संवेदनशील व्यक्ति के रूप मे पहचाने जाने लगे थे जिसके मन मे गरीब, किसान, बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चो कि बेहतरी करने के लिए हमेशा पीड़ा रही है , शिवराज सिंह चौहान जब 1991 मे बुधनी से विधायक और 1992 मे विदिशा से सांसद बने तब उन्होने हजारो कि संख्या मे सामूहिक विवाह कराये और कई कन्याओं का कन्यादान लेकर यह संदेश दिया कि कन्या धरती पर भोज नहीं है, और बाद मे जब वे मुख्यमंत्री बने तब उन्होने “कन्यादान योजना” बनाकर माताओं के भाई और बेटियों के मामा बनकर स्वयं कि छवि एक “मामा मुख्यमंत्री” के रूप मे स्थापित कर ली जो आज तक बदस्तूर जारी है, बतौर मुख्यमंत्री रहते उनके काल मे भ्रूण हत्या को रोकने के लिए जो काम शिवराज कि महत्वाकांछी “लाड़ली लक्ष्मी योजना” और “बेटी बचाओ अभियान ”ने किए वो अब तक देश का कोई बड़ा कानून भी संभव नहीं कर पाया है, आज प्रदेश मे 2001 कि मे प्रति हज़ार 919 महिलाओं कि संख्या बढ़कर 2011 मे 931 महिला प्रति हज़ार हो गई है। गावों मे सामाजिक क्रांति लाने के लिए शिवराज सिंह चौहान के कुछ प्रयास और प्रसाशनिक नेत्रत्व अत्यंत सरहनीय रहे जो अनेक राज्यो एवं केंद्र के लिए अनुकरणीय बने,, गाव कि बेटी योजना, जननी सुरक्षा एव जननी प्रसव योजना, स्वागतम लक्ष्मी योजना, उषा किरण योजना, तेजस्विनी,वन स्टॉप क्राइसेस सेंटर , लाडो अभियान, महिला सशक्तिकरण योजना, कन्यादान एवं निकाह योजना, शोर्य दल का गठन, छात्राओं के लिए मुफ्त पाठ्य पुस्तके, साइकिल, विभिन्न छात्रव्रतियाँ और नगरीय निकाय मे 50 प्रतिशत महिला आरक्षण कर महिला सशक्तिकरण कि दिशा मे देश भर मे सर्वाधिक कार्य होने के अद्वितीय उदाहरण बने, महिलाओं कि बेहतरी कि दिशा मे उठाए गए इन कदमो का श्रेय शिवराज को ही जाता है और इसी का परिणाम यह रहा कि 2013 मे हुए विधानसभा चुनाव मे महिलाओं ने शिवराज सिंह चौहान को जिताने मे कोई कोर कसर बाकी नहीं रखी। आज शिवराज प्रदेश के ऐसे मुख्यमंत्री के रूप मे पहचान बना चुके है जो प्रदेश के मुखिया भले हो परंतु ज़मीन पर जाकर काम करने से कभी परहेज नहीं करते ,एक सेवक के रूप मे वे गावों मे , खेतो मे , पंचायतों मे जाकर ये परखने का काम आज भी कर रहे है और अपनी ज़मीन की परख के बल पर ऐसी योजनाए बनाने मे सक्षम हुए है जिससे गावों का विकास तो संभव हो ही साथ ही उनकी राजनीति भी गाव, जंगल, जमीन , किसान और महिला कल्याण के रूप मे जानी जाती रहे l
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15 December 2015प्रमोद जायसवाल व्यापमं घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने जमानत पर रिहा होकर बाहर आते ही कहा कि ग्रह नक्षत्र खराब थे, अब स्थितियां ठीक हो गई हैं।उन्होंने कहा उन्हें न्यायपालिका व जांच एजेंसियों पर पूरा भरोसा है, उनके साथ न्याय होगा।पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के जेल से रिहाई के इंतजार के लिए जेल परिसर में खड़े लोगों के बीच गजब का उत्साह दिखाई दिया। हार-फूल मालाएं लेकर सुबह आठ बजे से ही लोग वहां जमा होने लगे थे। लक्ष्मीकांत शर्मा के समर्थन में नारे बाजी चलती रही।जेल में उत्सव सा माहौल था । लक्ष्मीकांत शर्मा ठीक दस बजकर पैंतीस मिनिट पर जेल के बाहर निकले। उनके बड़े भाई नलिनीकांत शर्मा और छोटे भाई उमाकांत शर्मा के साथ भतीजे व भांजे ने जेल के बाहर स्वागत किया। इसके बाद लक्ष्मीकांत शर्मा जेल परिसर स्थित हनुमान और शनि महाराज के मंदिर पहुंचे व उन्होंने भगवान को प्रणाम किया।स्वागत के लिए उमड़ी लोगों की भीड़ के स्वागत का सिलसिला काफी देर तक चला। सैकड़ों की संख्या में वाहनों में पहुंचे लोगों का काफिला इतना बड़ा था कि शर्मा को जेल परिसर से बाहर आने में ही करीब आधा घंटा लग गया।पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की जेल से रिहाई पर उनकी मां भोपाल में बायपास स्थित सुमित विहार में बेटी के यहां उनका इंतजार कर रही थीं। वे करीब सवा ग्यारह बजे बहन के यहां पहुंचे जहां मां और बहन का आशीवार्द लिया। उनके भांजे नितिन भार्गव ने यहां उनका स्वागत किया।बहन के यहां से लक्ष्मीकांत शर्मा विदिशा के लिए रवाना हो सके। उनके रिश्तेदार और समर्थकों की वाहनों का काफिला इतना बड़ा था कि शर्मा के विदिशा रवाना होते समय भी दर्जन गाड़ियां उनके आगे और पीछे चल रही थीं। उनके समर्थक नारे लगाते हुए चल रहे थे।
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20 December 2015व्यापमं घोटाले में एक बार फिर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस घोटाले के सभी चार व्हिसिल ब्लोअर्स ने मंगलवार शाम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की है।चारों का इस मामले में कहना है कि मुलाकात व्हिसिल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन एक्ट को लेकर की गई है। व्यापमं मामले में सीबीआई जांच की गति को लेकर भी उनसे चर्चा की है।डॉ राय के मुताबिक यूपीए के सरकार में जो व्हिसिल ब्लोअर्स प्रोटेक्शन एक्ट का ड्राफट तैयार किया गया था। अब उसे कमजोर कर लागू किया जा रहा है। यह एक्ट लोकसभा से पास हो गया है। अब इसे राज्यसभा में ले जाया जाएगा। इसके पहले हम सभी विपक्षी दल के नेताओं से मिलकर इसमें संशोधन की मांग करेंगे।
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24 December 2015भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव का मानना है कि एक दिन ऐसा आएगा जब भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश एक हो जाएंगे जिससे अखंड भारत या अविभाजित भारत का निर्माण होगा। एक इंटरव्यू में राम माधव ने अखंड भारत का सपना बिना किसी युद्ध के आम सहमति से भी संभव हो सकता है। माधव ने कहा कि आरएसएस अब भी इस बात में भरोसा रखता है कि एक दिन ये सभी हिस्से लोकप्रियता और सहमति के आधार पर एक साथ अखंड भारत का निर्माण करेंगे। ऐतिहासिक कारणों से इन्हें अलग हुए छह दशक ही तो बीते हैं। फिर क्यों नहीं ये देश एक हो सकते हैं।राम माधव ने यह साफ किया कि उनका यह विचार पार्टी लाइन नहीं बल्कि आरएसएस के सदस्य के तौर पर है। माधव ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा, इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हम किसी देश के खिलाफ युद्ध छेड़ देंगे या हम किसी की जमीन हड़प लेंगे। हमारे विचार में यह बिना किसी युद्ध के लोगों की सहमति से ऐसा संभव होगा।साल 2015 की शुरुआत में राम माधव ने एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने भारत को एक हिन्दू राष्ट्र बताया था। उस बयान से जुड़े एक सवाल पर राम माधव ने स्पष्ट किया कि भारत एक ऐसा देश है जहां जीवन जीने के एक विशेष तरीके, एक विशेष संस्कृति अथवा सभ्यता के आधार पर जिंदगी जी जाती है। हम इसे हिन्दू कहते हैं। क्या आपको कोई आपत्ति है? भारत की संस्कृति एक है। हम एक संस्कृति हैं, एक जैसे लोग हैं और एक देश हैं।प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने राम माधव की इस टिप्पणी की आलोचना करते हुए इसे सिर्फ प्रॉपेगैंडा करार दिया। कांग्रेस प्रवक्ता अजय कुमार ने कहा, आरएसएस अथवा भाजपा अपनी विफलता से लोगों का ध्यान हटाने के लिए और उन्हें गुमराह करने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं। वे अपने प्रॉपेगैंडा में इस तरह व्यस्त हैं जैसे वे कोई इवेंट मैनेजमेंट कंपनी हो।
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26 December 2015सिंगापुर में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ली क्वॉन यू एक्सचेंज फैलोशिप का सम्मान प्राप्त किया। यह सम्मान उन्हें ली क्वान यू एक्सचेंज फेलोशिप के अध्यक्ष एडी टीओ से मिला। इसके साथ ही उन्होंने सिंगापुर के उद्योग एवं व्यापार मंत्री एस. ईश्वरन और रक्षा राज्य मंत्री डॉ. मोहम्मद मलिकी बिन ओसमान से भी मुलाकात की। मुख्यमंत्री एमेरिटस सीनियर मिनिस्टर गोह चोक टोन्ग और प्रधानमंत्री ली ह्सेन लून्ग से भी भेंट करेंगे। मुख्यमंत्री आईएसएएस पब्लिक लेक्चर में ‘विकास का प्रकाश अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक कैसे पहुंचे’ विषय पर व्याख्यान देंगे। यहां वे शासकीय तथा व्यापारिक प्रतिनिधियों से भी चर्चा करेंगे। प्रतिनिधि-मण्डल और उद्योग मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया भी सिंगापुर में हैं। मुख्यमंत्री 14 जनवरी को बिजनेस सेमीनार में शिरकत करेंगे। मुख्यमंत्री इसके बाद सेन्टोसा आइलेण्ड/गार्डन्स का भ्रमण करेंगे और शासकीय प्रतिनिधियों से भेंट करेंगे। मुख्यमंत्री 15 जनवरी को स्वदेश रवाना होंगे।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस साल गणतंत्र दिवस पर उज्जैन में ध्वजारोहण करेंगे। यह पहला मौका है जब मुख्यमंत्री उज्जैन में ध्वजारोहण करने जा रहे हैं। गणतंत्र दिवस की मुख्य परेड की सलामी लेने के बाद वहां चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया जाएगा।परिवहन मंत्री और उज्जैन जिले के प्रभारी भूपेन्द्र सिंह आज उज्जैन में हैं। मंत्री सिंह इस दौरान स्थानीय कार्यक्रम में शामिल होंगे। वहीं मुख्य सचिव अंटोनी डिसा मंगलवार से उज्जैन क्षेत्र के दौरे पर हैं। यहां उन्होंने कल उज्जैन और इंदौर के बीच चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। वे आज ओंकारेश्वर में चल रहे निर्माण कार्यों की जानकारी लेंगे। इसके बाद 14 जनवरी को सीएस मंदसौर जिले के गांधी सागर क्षेत्र में जाएंगे। यहां पर्यटन की संभावनाओं के चलते होटल व रिसार्ट की परमिशन के मामले में निरीक्षण करेंगे।
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13 January 2016भारत के तरीके से होगी देश की तरक्की-उमा भारतीमहासमुंद में देश की जल संसाधन, नदी विकास व गंगा सफाई मंत्री उमा भारती ने कहा कि गंगा को बचाने मोदी सरकार बीस हजार करोड़ रूपए खर्च करेगी। इसके बाद करीब पचास हजार करोड़ की राशि जनसहयोग से एकत्र कर गंगा को संवारने में खर्च किए जाएंगे। गंगा को बचाने का काम प्रधानमंत्री के अलावा कोई नहीं कर सकता है।सुश्री भारती सोमवार की शाम यहां के टाउन हाल में आयोजित कार्यक्रम में खचाखच भरे कार्यकर्ताओं की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के बाद पहला मौका आया जब ऐसी सरकार का गठन हुआ जो जनआंकाक्षाओं को समझ रही है। देश की तरक्की भारत की तरीके से हो सकती है। उन्होंने गंगा की सफाई अभियान के साथ ही नदियों को जोड़ने वाली पहल के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने आश्वस्त किया छत्तीसगढ़ में सिंचाई सुविधा को सुदृढ़ बनाने मिलने वाले सभी प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी जाएगी। प्रदेश के जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। गांव, गरीब व किसानों सहित सभी वर्गों का विकास हुआ है। इसका बहुत बड़ा योेगदान केंद्र सरकार का है। केंद्र सरकार आम लोगों के सपना को पूरा करने में लगी है। उन्होंने श्री गोल्डी के जिलाध्यक्ष बनने के बाद केंद्रीय मंत्री का बड़ा कार्यक्रम आयोजित होने पर बधाई भी दी। भाजपा जिलाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह गोल्डी ने स्वागत भाषण देते हुए देशवासियों के लिए जनकल्याणकारी योजनाएं लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय मंत्री उमा श्री भारती का धन्यवाद ज्ञापित किया। मोदी ने दिया गुरू मंत्रसुश्री भारती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें गुरू मंत्र दिया। पुराने दिनों की बातों को बताते हुए कहा कि जब वे मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री बनी तो वे कामों को लेकर श्री मोदी से चर्चा करती थीं। बकायदा श्री मोदी उनका मार्गदर्शन करते रहे। मोदी ने काम में आनंद लेने की नसीहत दी। यह नसीहत सुश्री भारती ने मौजूद कार्यकर्ताओं को भी दी।गांधी की हत्या से देश को हुआ नुकसानसुश्री भारती ने कहा कि राष्टÑपति महात्मा गांधी की हत्या से निश्चित रूप से देश को बड़ा नुकसान हुआ है। देश के विकास का जो सपना महात्मा गांधी ने देखा था वैसा नहीं हो रहा था। गांधी का सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही पूरा हो सकता है।महिलाओं को मिला उचित स्थानसुश्री भारती ने कहा कि भाजपा ऐसी पार्टी है जिसमें महिलाओं को उचित स्थान मिलता है। पार्टी संगठन में बड़ी दायित्व मिलने के साथ ही मंत्रीमंडल में भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह क्रांतिकारी परिवर्तन करने का श्रेय सिर्फ भाजपा को जाता है।
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1 February 2016मंत्रि-परिषद् का निर्णय सरकारी कामकाज और लोक सेवाओं के प्रदाय में तेजी के लिए मध्यप्रदेश में पहले से ही किये जा रहे सूचना प्रौद्योगिकी के श्रेष्ठ उपयोग की अगली कड़ी में आज मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में सम्पन्न मंत्रि-परिषद् की बैठक में मध्यप्रदेश शासन की ई-मेल नीति-2014 को मंजूरी दी गई। इस तरह की नीति को मंजूरी देने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।ई-मेल नीति का मुख्य उद्देश्य ई-मेल द्वारा किये गये पत्र-व्यवहार तथा आँकड़ों के सम्प्रेषण को वैधानिक स्वरूप प्रदान करना है। साथ ही मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदत्त ई-मेल सुविधा तक उपयोगकर्ताओं की पहुँच ओर उपयोग सुनिश्चित करना भी इसका उद्देश्य है।ई-मेल के माध्यम से सभी सुविधाएँ हर विभाग, कार्यालयों, संवैधानिक संस्थाओं और स्वायत्तशासी संस्थाओं को, जो अपनी निधि मध्यप्रदेश की संचित निधि से प्राप्त करती हैं, नि:शुल्क प्रदाय की जायेंगी। नीति द्वारा ई-मेल सुविधाओं को वैधानिक स्वरूप प्रदान करने तथा उनके उपयोग के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये जायेंगे। राज्य शासन के विभिन्न विभाग तथा उनके आनुषांगिक संगठन, निगम, मंडल आदि में कार्यरत उन सभी कर्मचारियों को ई-मेल नीति का पालन करना अनिवार्य होगा, जो इस सुविधा का उपयोग करते हैं।वर्तमान में ई-मेल के माध्यम से किए गये पत्र-व्यवहार एवं प्रेषित किये गए दस्तावेज का मैन्युअल/ परम्परागत पत्र-व्यवहार की भाँति स्वीकार्यता किसी नीतिगत प्रक्रिया के माध्यम से प्राधिकृत न होने से ई-मेल का उपयोग कर किये गये कार्यों एवं लिये गये निर्णयों की वैधानिकता को प्रश्नगत किया जा सकता है। अब ई-मेल नीति लागू हो जाने से यह समस्या समाप्त हो जायेगी। अब ई-मेल आधारित संवाद को स्वीकृत एवं सर्वमान्य संवाद की श्रेणी में औपचारिक रूप से सम्मिलित किया जा सकेगा।[दखल]
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21 May 2014खान एवं इस्पात मंत्रालय में आने वाले सार्वजनिक उपक्रमों के साथ जिन परियोजनाओं के एम.ओ.यू. हुए हैं उनमें तेजी से कार्रवाई करें। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की केन्द्रीय खान एवं इस्पात मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ हुई बैठक में यह निर्देश दिये गये। केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न खनिजों में खनिज क्षेत्र बढ़ाने का प्रस्ताव केंद्र को भेज सकती है।बैठक में बताया गया कि स्टील अथॉरटी ऑफ इंडिया की छतरपुर जिले में स्टील प्लान्ट लगाने की परियोजना है। इसमें करीब 5 हजार लोग को रोजगार मिलेगा। इसी तरह माइल की बालाघाट जिले में प्लान्ट स्थापित करने की परियोजना है। एन.एम.डी.सी. की टीकमगढ़ और पन्ना जिले में खनिजों के एक्सप्लोरेशन की परियोजना है। हिन्दुस्तान कॉपर लिमिटेड बालाघाट जिले में भूमिगत खनन की योजना पर काम कर रहा है। नाल्को की प्रदेश में एलुमिना रिफाइनरी स्थापना की परियोजना है।बैठक में मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस, आयुक्त खनिज अजातशत्रु, प्रभारी खनिज सचिव अनुपम राजन, केंद्रीय खान एवं इस्पात मंत्री के निज सचिव निकुंज श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
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7 February 2016आई.टी. संवर्द्धन केन्द्रों के लिए 108 अस्थाई पद मंजूर एमपी के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में आज संपन्न मंत्रि-परिषद की बैठक में ई-दक्ष कार्यक्रम के तहत मेप-आईटी में प्रशिक्षण समन्वय इकाई की स्थापना तथा जिला ई-गवर्नेंस सोसायटी के जिलों में स्थापित किए जा रहे आई.टी. क्षमता संवर्द्धन केंद्रों के संचालन के लिए 108 अस्थाई पद मंजूर किए गए। यह पद दो वर्ष की संविदा पर आधारित हैं।राज्य शासन के अधिकारी-कर्मचारियों में सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित दक्षताओं के संवर्द्धन के लिए 15 जिला मुख्यालय में 'क्षेत्रीय दक्षता संवर्द्धन'' (ई-दक्ष) केंद्रों की स्थापना की गई है। परियोजना की उपयोगिता की दृष्टि से केंद्रों के विस्तार की योजना में प्रदेश के शेष 36 जिलों में आई.टी. क्षमता संवर्द्धन केंद्रों की स्थापना की जा रही है।मंत्रि-परिषद ने अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्थाओं/बालवाड़ियों में कार्यरत शिक्षकों/कर्मचारियों को एक जनवरी, 1996 से पाँचवां वेतनमान स्वीकृत करने तथा एरियर की राशि का भुगतान 5 वार्षिक किश्त में करने को मंजूरी दी।मंत्रि-परिषद ने अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावास और आश्रमों का युक्तियुक्तकरण तथा इनमें रहने वाले विद्यार्थियों को दी जाने वाली शिष्यवृत्ति दरों का पुनर्निर्धारण किये जाने का निर्णय लिया। इस निर्णय से 165 आश्रम-शालाएँ आगामी शैक्षणिक सत्र से जूनियर छात्रावास में परिवर्तित हो जायेंगी। कक्षा 9 से 12 के लिए सीनियर छात्रावास संचालित किये जायेंगे।मंत्रि-परिषद ने निर्णय लिया कि शासकीय/स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालयों में 'सेवारत अभ्यर्थी'' कोटे में प्रवेश प्राप्त करने वाले सभी स्नातकोत्तर छात्र को स्टायपेंड मिलेगा। ऐसे छात्र जिन्हें अध्ययन अवधि के दौरान किसी अन्य स्त्रोत से वेतन/मानदेय प्राप्त नहीं हो रहा है उन्हें अन्य प्रवेशित छात्रों की भांति स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के दौरान स्टायपेंड का भुगतान किया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया कि 'सेवारत अभ्यर्थी'' के रूप में प्रवेश पाने वाले सभी चिकित्सकों को स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद आदिवासी क्षेत्रों में उपाधि के लिए 5 और पत्रोपाधि के लिए 3 वर्ष की सेवा राज्य शासन के अधीन अनिवार्य रूप से देने के लिए उपाधि के लिए 30 लाख अथवा पत्रोपाधि के लिए 20 लाख रुपये के बँध पत्र का निष्पादन अनिवार्य करवाया जाएगा।मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में लोक निर्माण विभाग, सेतु परिक्षेत्र द्वारा कुल 32 पुल पर पथ कर वसूली एक अप्रैल, 2016 से बंद करने का निर्णय लिया। यह वह पुल हैं जिन पर पथ कर वसूली की जा रही है तथा ऐसे पुलों से पथ कर के रूप में शासन को प्राप्त राजस्व 10 लाख रुपये से कम है।मंत्रि-परिषद ने एम.डी.आर. योजना में रतलाम जिले के रतलाम-बाजना मार्ग निर्माण के लिए आंकलित निर्माण लागत राशि 97 करोड़ 81 लाख की प्रशासकीय स्वीकृति दी। मार्ग की लंबाई 48.51 किलोमीटर है।मंत्रि-परिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि मेसर्स एम.बी. पॉवर (मध्यप्रदेश) लिमिटेड की ताप विद्युत परियोजना की जल आपूर्ति के लिए सोन नदी पर बैराज के डूब क्षेत्र में आने वाले तहसील जैतहरी के ग्राम क्योंटार और ग्राम पड़ौर की कुल 13 किता रकबा 28.356 हेक्टेयर शासकीय भूमि चालू वित्तीय वर्ष की कलेक्टर गाइड लाइन के आधार पर प्रीमियम और उस पर नियमानुसार भू-भाटक लेकर भूमि आवंटित की जाये। यह परियोजना 2520 मेगावाट की होगी।
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8 February 2016विधानसभा चुनाव में 53,903 मतदान केन्द्र पर डाले जायेंगे वोट मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने 709 नये मतदान केन्द्र की मंजूरी दी है। इस प्रकार प्रदेश के 4 करोड़ 60 लाख मतदाता आगामी विधानसभा चुनाव में 53 हजार 903 मतदान केन्द्र में मतदान करेंगे।प्रदेश में सितम्बर 2012 की स्थिति में आयोग द्वारा अनुमोदित मतदान केन्द्र की संख्या 53 हजार 194 थी। मध्यप्रदेश के 763 नये मतदान केन्द्र के प्रस्ताव चुनाव आयोग को भेजे गये थे। इनमें 1500 से अधिक मतदाता होने के कारण 507 तथा दो किलोमीटर से अधिक दूरी होने के कारण 256 मतदान केन्द्र के प्रस्ताव सम्मिलित थे। आयोग ने विभिन्न कारणों से 54 मतदान केन्द्र को समाप्त कर 709 नये मतदान केन्द्र की अनुमति प्रदान की है। इस प्रकार पूर्व में स्वीकृत 53 हजार 194 और नये 709 मतदान केन्द्र को मिलाकर यह संख्या 53 हजार 903 हो गई है।उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में मतदान केन्द्र 46 हजार 812 और मतदाता 3 करोड़ 62 लाख 77 हजार 826 थी। वर्ष 2009 में हुए लोकसभा निर्वाचन में मतदान केन्द्रों के साथ-साथ मतदाताओं की संख्या में भी वृद्धि हुई। इस दौरान मतदान केन्द्र की संख्या 47 हजार 820 और मतदाताओं की संख्या 3 करोड़ 80 लाख 83 हजार 778 हो गई।इस प्रकार मध्यप्रदेश में लोकसभा निर्वाचन 2009 की तुलना में सितम्बर 2012 तक मतदाताओं की संख्या में 78 लाख 56 हजार 556 की वृद्धि दर्ज की गई। वहीं वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव की तुलना में मतदाताओं की संख्या 96 लाख 62 हजार 506 अधिक है। चुनाव आयोग ने मतदान केन्द्रों के युक्तियुक्तकरण से सभी राजनैतिक दलों को अवगत करवाने के निर्देश मुख्य निर्वाचन प्ादाधिकारी कार्यालय को दिये हैं। मतदान केन्द्रों के युक्तियुक्तकरण से निर्वाचन नामावली (ई.आर.) में भी परिवर्तन करवाने को कहा गया है।[दखल]
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23 May 2013प्रधानमंत्री ने शेरपुर में कहा mp ने कृषि में इतिहास रचा सीहोर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कृषि जगत में मध्यप्रदेश सिरमौर बन गया है।चार बार कृषि कर्मण अवॉर्ड मिलना इसका सबूत है। देश के आर्थिक विकास की यात्रा में मप्र के कृषि जगत का महत्वपूर्ण योगदान है।मप्र के किसानों ने खेती के क्षेत्र में इतिहास रचा है इसीलिये फसल बीमा योजना की शुरूआत इस राज्य से की गई।किसान महासम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने यह बात कही।मोदी ने इस समारोह में किसानों को फसल बीमा योजना की सौगात दी।उन्होंने कुछ किसानों को मृदा हेल्थ कार्ड प्रदान किया। समारोह में पीएम ने कृषि कर्मण अवाॅर्ड की ट्रॉफी भी सीएम को सौंपी।किसानों की ओर से प्रधानमंत्री को किसान मित्र सम्मान दिया गया।मोदी ने कहा कि 14 अप्रैल को बाबा साहेब आंबेडकर की जन्म जयंती के दिन केंद्र सरकार नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट की शुरूआत करेगी। किसान इसके जरिये अपने गेहूं प्रदेश के बाहर भी बेच सकेगा। पीएम ने समारोह में खुले में शौच से मु्क्ति के लिए बुधनी और इंदौर का जिक्र करते जिले को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उन्हें इस बारे में बताया है।उन्होंने फसल बीमा योजना योजना का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए महासम्मेलन में उमड़ी भीड़ पर हर्ष जताते हुए किसानों का अभिनंदन किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वे मप्र के किसानों को नमन करने आए हैं।राज्य के किसानों ने अपने नवाचारों से और शिवराज सरकार ने किसान कल्याणकारी योजनाओं से देश में नई पहचान बनाई है, नया इतिहास रचा है। इस बार किसी भी राज्य से खाद की कमी के बारे में शिकायत नहीं मिली। उन्होंने कहा कि हमारे किसान संकल्प लें और राज्य सरकारें भी संकल्प लें कि वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाए। उन्होंने आह्वान किया यह भी संकल्प लें कि कृषि कर्मण अवाॅर्ड आगे भी मप्र को ही मिले।मोदी ने कहा कि मौसम की बेरूखी के बावजूद किसानों ने पैदावर में कमी नहीं आने दी। प्रतिकूल हालातों से जूझते हुए भी किसानों ने देश के अन्न के भंडार भर दिए। फसल बीमा योजना आज मप्र के किसानों की हाजिरी में देश के किसानों को अर्पित की जा रही है।किसान इस योजना पर भरोसा रखें और निश्चिंत होकर खेती करें।रबी फसल के लिए डेढ़ और खरीफ फसल के लिए दो प्रतिशत से अधिक प्रीमियम नहीं लिया जाएगा। कार्यक्रम में अतिथियों को मालवा की परंपरा के अनुसार साफा बांधकर सम्मानित किया गया।शेरपुर के किसान महासम्मेलन में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मान पगड़ी पहनाकर किया गया। उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का शुभारंभ किया। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने सबसे पहले प्रदेश के तीन किसानों को स्वाईल हेल्थ कार्ड सौपा।पीएम ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के विकास की यात्रा में मप्र के किसान का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि आज मैंने जो कृषि कर्मण अवार्ड सीएम शिवराज सिंह को दिया है वो दरअसल आप किसानों के हाथों में दिया है।उन्होंने कहा कि गन्ने से इथेनाल बनाया जाए, जिसे पेट्रोल में मिलाया जाए। पीएम ने कहा खाड़ी के तेल के मुकाबले मेरा जाड़ी का तेल काम आएगा। कृषि क्षेत्र में अनेक नए प्रयास और नए प्रयोगों की आवश्यकता है। स्टार्ट अप इंडिया और स्टेंड अप इंडिया कृषि क्षेत्र के लिए भी है। उन्होंने कहा कि मैं नौजवानों से आग्रह करता हूं कि हम कृषि क्षेत्र में नई-नई तकनीकी का इस्तेमाल करें।पीएम ने कहा हमारा इरादा प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना की है। अगर हिंदुस्तान के किसान को पानी मिल जाए तो वो जमीन में से सोना उगा दे। ये जो कृषि क्रांति मप्र में आई है यह सिंचाई व्यवस्था की वजह से है। पूरे देश में इसी तरह इस काम को आगे बढ़ाना है। गांव का पानी गांव में यह मंत्र लेकर हमें चलना चाहिए। बारिश में जितना भी पानी गिरे उसे रोकने की कोशिश करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि खाली बोरों में मिट्टी भरकर और गिट्टी भरकर पानी रोक लें। कुछ समय में पानी जमीन में उतर जाएगा।सुषमा स्वराज ने कहा सबसे बड़ा तोहफाअपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री का स्वागत कर रही हैं।प्रधानमंत्री किसान योजना सबसे बड़ा तोहफा है।उन्होंने इस योजना के फायदे गिनाते हुए कहा कि इसके बाद किसानों को जान देने की जरूरत नहीं होगी। योजना में काफी बदलाव किया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा, सौगात लेकर आए पीएमसीएम शिवराज ने कहा कि श्री मोदी ने पूरी दुनिया में भारत की साख स्थापित की है। उन्होंने किसानों से करतल ध्वनि का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री का स्वागत करवाया।उन्होंने कहा कि पीएम आज किसानों के लिए सौगात लेेकर आए हैं।अब देश के लिए अच्छे दिन आए हैं।इस साल किसानों को खाद की कमी का सामना नहीं करना पड़ा। मिट्टी परीक्षण के जरिए किसानों को उनके खेतों की असल हालत पता चल सकेगी। फसल बीमा योजना किसानों के लिए वरदान साबित होगी।उन्होंने योजना की शुरूआत के लिए मप्र को चुनने के लिए पीएम का आभार माना।मंत्री थावरचंद गेहलोत ने किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आने वाला वक्त भारत का है। मध्यप्रदेश के लिए पैसों की कमी नहीं आने देंगे। देश में सड़कों का जाल बिछाया जाएगा।केंद्रीय इस्पात और खनन मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बीमा योजना से प्रदेश विकसित होगा। सीएम ने खेती पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि पीएम ने दुनिया में देश के लोगों का मान बढ़ाया है। देश के योग को उन्होंने यूएन से सम्मान दिलवाया।
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18 February 2016भोपाल में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन स्थापित करना होगा। पर्यावरण सुरक्षित रहे और विकास के काम भी प्रभावित नहीं हो। इस तरह का व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है। मुख्यमंत्री चौहान नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री जयंती नटराजन भी उपस्थित थीं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता भारतीय संस्कृति के मूल में हैं। हमारे यहां सदियों से पशु, पक्षी, पेड़ और नदियों की पूजा की परंपरा रही है। भारतीय स्वभाव से प्रकृति प्रेमी है। आज प्रकृति और पर्यावरण से खिलवाड़ के कारण सृष्टि का चक्र बदल गया है। ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या का सामना विश्व को करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 33 प्रतिशत वन क्षेत्र है, इसे बनाये रखने के लिये हम प्रतिबद्ध है। विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन भी जरूरी है क्योंकि हमे विकास के लिये सिंचाई परियोजनाएं, अच्छी सड़कें और विद्युत उत्पादन करना है। इस दिशा में एक सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रदेश में राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणविदो की कार्यशाला आयोजित की जाये। प्रदेश सरकार नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को हर संभव सहयोग करेगी। केंद्रीय राज्य मंत्री श्रीमती नटराजन ने कहा कि हर कीमत पर विकास को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिये। बल्कि पर्यावरण हितों का ध्यान रखा जाना चाहिये। सही अर्थों में विकास पर्यावरण मित्र ही हो सकता है। भोपाल में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की बैंच स्थापित किया जाना महत्वपूर्ण कदम है। हमारी प्रतिबद्धता आम लोगों तक पर्यावरणीय न्याय पहुंचाना है। प्रदूषण रहित स्वच्छ वातावरण आम आदमी का अधिकार है। देश को विकास की जरूरत है पर प्राकृतिक संसाधनों का सावधानी से उपयोग भी आवश्यक है। हम बड़ी आर्थिक शक्ति बनेगे परन्तु हम पर्यावरण मित्र स्थायी विकास करेंगे। इस ग्रीन ट्रिब्यूनल में कोई भी आम आदमी न्याय के लिये आ सकता है। यहां पर हर प्रकरण में पर्यावरण पर होने वाले दीर्घकालीन प्रभावों को ध्यान में रखकर निर्णय लिये जायेंगे। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री के.के.लाहोटी ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की इस बैंच से मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के लोगों को लाभ होगा। उच्च न्यायालय में लंबित पर्यावरण संबंधी मामले अब इस बैंच को स्थानांतरित कर दिये जायेंगे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के चेयरमेन न्यायमूर्ति श्री स्वतंत्र कुमार ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि पर्यावरण न्याय के क्षेत्र में यह एक नई शुरूआत है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट वर्ष 2010 में बना है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की बैंच पुणे और कलकत्ता में भी शुरू की जायेगी। इस बैंच के माध्यम से आम आदमी को न्याय मिले तभी इसका उद्देश्य पूरा होगा।[दखल]
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8 April 2013जन्म दिन पर CM का आह्वान संगठन- सरकार मिलकर सेवा में जुटेमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने जन्म दिन पर कहा कि जनता के लिए अभी और काम करने की जरुरत है। इसलिए उस पर सरकार काम कर रही है। अच्छी बात यह है कि सरकार के साथ ही भाजपा का संगठन भी आज सेवा दिवस के रुप में मना रहा है। सत्ता और संगठन एक साथ काम कर जनता ही सेवा में जुटे हुए हैं। मानव सेवा हम सबका धर्म है। यह बात उन्होंने युवा सदन में हूजुर पंचायत को पानी के टेंकर सौंपने के दौरान की। इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने उनका 50 किलो की माला पहनाकर स्वागत किया। मोदी ने कहा कर्मठ शिवराज को बधाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को जन्मदिन की बधाई दी।प्रधानमंत्री ने लिखा कि मध्यप्रदेश को विकास की नई उंचाईयों तक ले जाने वाले कर्मठ व कर्मयोगी मुख्यमंत्री, मेरे मित्र शिवराज सिंह चौहान को जन्मदिन की ढेरों शुभकामनाएं। इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह आज सेवा से जुड़े हुए कार्यक्रमों में ही शामिल हुए। भोपाल के मानस भवन में वे पत्नी श्रीमती साधना सिंह के साथ पहुंचे। यहां उन्होंने कुष्ठ रोगियों को भोजन पात्र, गरीब महिलाओं को सिलाई मशीन और दिव्यांगों को बैसाखी बांटी। मुख्य कार्यक्रम जिला भाजपा द्वारा मानस भवन में हुआ। जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, महामंत्री अरविंद मेनन, सांसद आलोक संजर, महापौर आलोक शर्मा, बीडीए अध्यक्ष ओम यादव, पूर्व महापौर कृष्णा गौर सहित कई नेता शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने यहां विकलांगों को साइकिल भेंट की और जरूरतमंदों को सिलाई मशीन भी बांटी, इसके बाद मुख्यमंत्री अनाथ आश्रम पहुंचे जहां उन्होंने बच्चों को कपड़े भेंट किए। मुख्यमंत्री ने महापौर आलोक शर्मा के साथ वृद्धाश्रम पहुंच कर पलंग भेंट किए। इससे पहले आज सुबह मुख्यमंत्री विदिशा से भोपाल के युवा सदन पहुंचे। यहां पर बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें जन्मदिन की बधाई दी। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, संगठन महामंत्री अरविंद मेनन, महापौर आलोक शर्मा, बीडीए चेयरमैन ओम यादव, पूर्व महापौर कृष्णा गौर मौजूद थे।शिवराज ने जताया आभार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम के बधाई संदेश पर रिट्वीट करते हुए अपना आभार जताया। मुख्यमंत्री ने लिखा कि माननीय प्रधानमंत्री जी आपकी शुभकामनाओं के लिए आभार। आपकी शुभेच्छाओं से और बेहतर कार्य की हमें नव ऊर्जा मिली है।
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5 March 2016सर्वे के लिए आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग बना नोडल एजेंसी भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रदेश के सभी 230 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में बेस लाईन सर्वे करवाया जायेगा। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में कम से कम 50 और अधिक से अधिक 75 मतदाताओं का बेस लाईन सर्वे होगा। सर्वे करवाने के लिये आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय को नोडल एजेंसी बनाया गया है। यह निर्णय हाल में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में एक बैठक में लिया गया। बैठक में संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री एस.एस. बंसल तथा आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय के अधिकारी उपस्थित थे।बेस लाईन सर्वे के लिए प्रत्येक विधानसभा में मतदान केन्द्रों का चयन एट रेण्डम आधार पर किया जायेगा। जिला सांख्यिकी अधिकारी 10-10 मतदान केन्द्र का चयन करेंगे। इन मतदान केन्द्रों की मतदाता-सूची से 5 से 10 मतदाता का चयन एट रेण्डम किया जायेगा। ऐसे मतदाताओं के नाम प्रगणक (सर्वेयर) को दिये जायेंगे। प्रगणक उन मतदाताओं से सम्पर्क कर निर्धारित फार्म, प्रश्नावली भरवायेंगे। आर्थिक एवं सांख्यिकी संचालनालय प्रश्नावली का विश्लेषण कर अपना प्रतिवेदन 15 दिन में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय को प्रस्तुत करेगा। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री जयदीप गोविंद ने नागरिकों से सर्वेयर को जानकारी देकर बेस लाईन सर्वे में बहुमूल्य सहयोग देने की अपील की है।उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग विगत 3 वर्ष से मतदाताओं के ज्ञान, व्यवहार एवं क्रियाकलापों की जानकारी प्राप्त करने के लिये एक सर्वे करवाता आ रहा है। सर्वे का उद्देश्य पंजीकृत मतदाताओं का निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने अथवा न लेने के संबंध में उनके विश्वास, तत्परता, सोच आदि की जानकारी प्राप्त करना है।सर्वे जिन तथ्यों पर आधारित रहेगा, उसमें मतदाताओं की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के प्रति जागरूकता, समझ, भागीदारी एवं संतुष्टि के स्तर का ज्ञान, मतदाताओं के पंजीकृत होने के लिये आगे न आने के कारण, विगत निर्वाचनों में कम मतदान के पीछे निहित कारणों को समझना शामिल है। इसके साथ ही मतदाता जागरूकता में विभिन्न संस्थाओं की भूमिका एवं प्रभाव का आकलन तथा अधिक रजिस्ट्रेशन एवं अधिक मतदान के लिये आवश्यक उपाय तलाशना जैसे बिन्दु भी सर्वे में शामिल होंगे।(dakhal)
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4 February 2013पुराने सैनिकों ने दिए बेहतर परिणाम ताहिर अलीचम्बल क्षेत्र में नये बिजली कनेक्शन लेने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। अब तक 500 से अधिक लोगों ने नये कनेक्शन के आवेदन दिये हैं। इस कार्यवाही से चम्बल अंचल में ईमानदार उपभोक्ताओं में विश्वास की भावना बढ़ी है। साथ ही अवैध रूप से बिजली का उपयोग करने वाले लोगों में भी यह भावना उत्पन्न हुई है कि नियमित कनेक्शन लेकर ही बिजली का उपयोग करना चाहिये। ग्वालियर, दतिया, डबरा आदि क्षेत्र में भी नये कनेक्शन लेने वालों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है।उल्लेखनीय है कि ग्वालियर-चम्बल क्षेत्र के भिण्ड, मुरैना, श्योपुर, ग्वालियर, गुना तथा शिवपुरी जिले में बिजली बिलों की वसूली, बकायादार कनेक्शन को विच्छेदित करने तथा अवैध रूप से विद्युत उपयोग की रोकथाम के लिये भूतपूर्व सैनिकों की सेवाएँ मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी ने गत एक अक्टूबर से ली हैं।मुरैना जिले में 20 भूतपूर्व सैनिक की एक टीम ने सबलगढ़, पोरसा, बड़ोखर आदि स्थानों पर बिजली कम्पनी के अमले को सुरक्षा प्रदान की और अवैध कनेक्शनों को काटा। वहाँ कोई 200 से भी अधिक नये कनेक्शन उपभोक्ताओं ने लिये हैं। इस दौरान करीब 4 लाख की राशि बकायादारों से वसूल की गई। इसी प्रकार मुरैना शहर और उसके आसपास के क्षेत्र में भूतपूर्व सैनिकों के साथ कार्यवाही के लिये निकले बिजली कम्पनी के अधिकारियों को 45 अवैध कनेक्शन काटने में सफलता मिली और बिजली चोरी के 25 मामले बनाये गये। यह सभी लोग जुर्माने की राशि जमा कर कम्पनी के उपभोक्ता बनने के लिये आवेदन दे रहे हैं।इसी प्रकार भिण्ड, गोहद, मेहगाँव और लहार में 570 अवैध कनेक्शनधारी के तार हटाये गये। बिजली चोरी के 42 प्रकरण दर्ज किये गये। साथ ही करीब 73 मामलों में बिजली अधिनियम की धारा-138 के अंतर्गत भी प्रकरण बनाये गये। इन सभी मामलों में करीब 50 लाख की बिलिंग की गई और लगभग 11 लाख रुपये बिजली कम्पनी को प्राप्त हुए हैं।ग्वालियर शहर के चारों संभाग में भूतपूर्व सैनिकों की मदद से 205 बकायादार लोगों के कनेक्शन काटे गये और करीब 16 लाख की राशि वसूल की गई। साथ ही लगभग दो दर्जन लोगों पर बिजली अधिनियम की धारा के अधीन प्रकरण बनाकर करीब 10 लाख रुपये की बिलिंग भी की गई। यह राशि भी कम्पनी को जल्द ही प्राप्त हो जायेगी।[दखल]
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16 October 2012सरकार करेगी 1584 करोड़ से विकास कार्य प्रणव महाजन मध्यप्रदेश के उजैन सिंहस्थ-2016 में लगभग 5 करोड़ तीर्थ-यात्रियों के आने की संभावना को ध्यान में रखकर तैयारियाँ की जा रही हैं। शाही स्नान दिवसों में अधिकतम 75 लाख श्रद्धालु बाहर से आना संभावित है। सिंहस्थ के लिये बनाये गये मास्टर-प्लॉन में लगभग 1584 करोड़ के कार्य प्रस्तावित है। इसमें 851 करोड़ के कार्य सिंहस्थ मद तथा 733 करोड़ के कार्य विभागीय, पी.पी.पी., बी.ओ.टी. और एन्यूटी मोड पर किये जाना प्रस्तावित है। तीर्थ-यात्रियों की सुविधा के लिये लगभग 700 हेक्टेयर क्षेत्र में सर्व-सुविधायुक्त छह सेटेलाइट टाउन विभिन्न क्षेत्रों में बनाये जायेंगे। सिंहस्थ-2016 के लिये अब तक 402 करोड़ से अधिक लागत के कार्य मंजूर किये जा चुके हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री बाबूलाल गौर की अध्यक्षता में भोपाल में उज्जैन के सिंहस्थ-2016 के मास्टर-प्लॉन की समीक्षा में यह निर्णय लिया गया।नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने निर्देश दिए की जन-सुविधा की दृष्टि से आवश्यक सभी कार्य अनिवार्य रूप से किये जायें। सतत उपयोगी कार्यों को स्थायी रूप से तथा केवल सिंहस्थ के लिये महत्वपूर्ण कार्यों को अस्थाई स्वरूप में पूर्ण किया जाएगा। बैठक में सिंहस्थ मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष दिवाकर नातू, मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष डॉ. मोहन यादव, महापौर उज्जैन रामेश्वर अखण्ड, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एस.पी.एस. परिहार, संभागायुक्त उज्जैन अरुण पाण्डेय एवं कलेक्टर बी.एम. शर्मा तथा विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।मंत्री गौर ने कहा कि सिंहस्थ-2016 में श्रद्धालुओं के ठहराने के लिये बसाए जाने वाले सेटेलाइट टाउन में जरूरत के हिसाब से ही क्षेत्र शामिल किया जाये। उन्होंने उज्जैन के दर्शनीय-स्थलों की सूची में महर्षि संदीपनी आश्रम को शामिल कर उसके विकास की योजना बनाने को कहा।सिंहस्थ के लिये मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम 36 किलोमीटर लम्बा नया रिंग रोड बीओटी मोड में बनायेगा, कुल 21 किलोमीटर लम्बी सड़कों का उन्नयन, तीन रेलवे ओव्हर-ब्रिज एवं एक नदी पुल का निर्माण एवं 15 किलोमीटर लम्बी टू-लेन सड़क भी बनायी जायेगी। पाटीदार धर्मशाला से राणोजी की छत्री तक लगभग 250 मीटर लम्बाई का एक एलिवेटेड पाथ-वे एक करोड़ की लागत से बनाया जायगा। कार्तिक मेला ग्राउण्ड के समीप एक बहु-उद्देश्यीय सांस्कृतिक परिसर भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये बनाया जाना प्रस्तावित है। मेला में आने वाले अति-महत्वपूर्ण व्यक्तियों के ठहरने के लिये पाँच करोड़ की लागत से एक नये सर्किट हाउस के निर्माण के साथ ही उज्जैन हवाई-पट्टी का उन्नयन और क्षिप्रा होटल के विस्तार का कार्य भी किया जायेगा। पंचकोशी मार्ग में आने वाली ग्राम-पंचायतों के माध्यम से पेयजल एवं सामुदायिक शौचालय की व्यवस्था के साथ ही मार्ग में वृक्षारोपण के कार्य श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए करवाये जायेंगे। तीर्थ-यात्रियों की सुविधा के लिये देवास गेट पर एक नया बस स्टैण्ड जन-निजी भागीदारी से बनाना प्रस्तावित है।श्री गौर ने बहु-उद्देश्यीय सांस्कृतिक परिसर एवं रिवर कॉरीडोर की डी.पी.आर. तैयार करने के साथ ही चल रहे निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये।[दखल]
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6 September 2012सरकार करेगी 1584 करोड़ से विकास कार्य प्रणव महाजन मध्यप्रदेश के उजैन सिंहस्थ-2016 में लगभग 5 करोड़ तीर्थ-यात्रियों के आने की संभावना को ध्यान में रखकर तैयारियाँ की जा रही हैं। शाही स्नान दिवसों में अधिकतम 75 लाख श्रद्धालु बाहर से आना संभावित है। सिंहस्थ के लिये बनाये गये मास्टर-प्लॉन में लगभग 1584 करोड़ के कार्य प्रस्तावित है। इसमें 851 करोड़ के कार्य सिंहस्थ मद तथा 733 करोड़ के कार्य विभागीय, पी.पी.पी., बी.ओ.टी. और एन्यूटी मोड पर किये जाना प्रस्तावित है। तीर्थ-यात्रियों की सुविधा के लिये लगभग 700 हेक्टेयर क्षेत्र में सर्व-सुविधायुक्त छह सेटेलाइट टाउन विभिन्न क्षेत्रों में बनाये जायेंगे। सिंहस्थ-2016 के लिये अब तक 402 करोड़ से अधिक लागत के कार्य मंजूर किये जा चुके हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री बाबूलाल गौर की अध्यक्षता में भोपाल में उज्जैन के सिंहस्थ-2016 के मास्टर-प्लॉन की समीक्षा में यह निर्णय लिया गया।नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री बाबूलाल गौर ने निर्देश दिए की जन-सुविधा की दृष्टि से आवश्यक सभी कार्य अनिवार्य रूप से किये जायें। सतत उपयोगी कार्यों को स्थायी रूप से तथा केवल सिंहस्थ के लिये महत्वपूर्ण कार्यों को अस्थाई स्वरूप में पूर्ण किया जाएगा। बैठक में सिंहस्थ मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष दिवाकर नातू, मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष डॉ. मोहन यादव, महापौर उज्जैन रामेश्वर अखण्ड, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एस.पी.एस. परिहार, संभागायुक्त उज्जैन अरुण पाण्डेय एवं कलेक्टर बी.एम. शर्मा तथा विभिन्न विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।मंत्री गौर ने कहा कि सिंहस्थ-2016 में श्रद्धालुओं के ठहराने के लिये बसाए जाने वाले सेटेलाइट टाउन में जरूरत के हिसाब से ही क्षेत्र शामिल किया जाये। उन्होंने उज्जैन के दर्शनीय-स्थलों की सूची में महर्षि संदीपनी आश्रम को शामिल कर उसके विकास की योजना बनाने को कहा।सिंहस्थ के लिये मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम 36 किलोमीटर लम्बा नया रिंग रोड बीओटी मोड में बनायेगा, कुल 21 किलोमीटर लम्बी सड़कों का उन्नयन, तीन रेलवे ओव्हर-ब्रिज एवं एक नदी पुल का निर्माण एवं 15 किलोमीटर लम्बी टू-लेन सड़क भी बनायी जायेगी। पाटीदार धर्मशाला से राणोजी की छत्री तक लगभग 250 मीटर लम्बाई का एक एलिवेटेड पाथ-वे एक करोड़ की लागत से बनाया जायगा। कार्तिक मेला ग्राउण्ड के समीप एक बहु-उद्देश्यीय सांस्कृतिक परिसर भी श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये बनाया जाना प्रस्तावित है। मेला में आने वाले अति-महत्वपूर्ण व्यक्तियों के ठहरने के लिये पाँच करोड़ की लागत से एक नये सर्किट हाउस के निर्माण के साथ ही उज्जैन हवाई-पट्टी का उन्नयन और क्षिप्रा होटल के विस्तार का कार्य भी किया जायेगा। पंचकोशी मार्ग में आने वाली ग्राम-पंचायतों के माध्यम से पेयजल एवं सामुदायिक शौचालय की व्यवस्था के साथ ही मार्ग में वृक्षारोपण के कार्य श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए करवाये जायेंगे। तीर्थ-यात्रियों की सुविधा के लिये देवास गेट पर एक नया बस स्टैण्ड जन-निजी भागीदारी से बनाना प्रस्तावित है।श्री गौर ने बहु-उद्देश्यीय सांस्कृतिक परिसर एवं रिवर कॉरीडोर की डी.पी.आर. तैयार करने के साथ ही चल रहे निर्माण कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिये।[दखल]
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6 September 2012देश का नायाब डाटा सेंटर भवन भोपाल में मध्यप्रदेश के उद्योग एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि प्रदेश में आई.टी. केडर बनाया जा रहा है जिससे सभी विभागों में दक्ष और प्रशिक्षित आई.टी. कर्मी उपलब्ध हो सकेंगे। इससे ई-गवर्नेंस से संबंधित सभी कार्य बेहतर ढंग से हो सकेंगे और मध्यप्रदेश शीघ्र ही ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में देश में सबसे आगे होगा।श्री विजयवर्गीय ने भोपाल में अरेरा पहाड़ी पर बन रहे देश के सबसे नायाब और अत्याधुनिक डाटा सेंटर भवन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने भवन को एक माह में पूरा करने को कहा। श्री विजयवर्गीय ने कहा कि इस सेंटर में शासन के विभिन्न विभागों का डाटा सुरक्षित रखा जाकर उपयोग किया जा सकेगा। निजी संस्थानों को भी इस भवन में अपना डाटा संरक्षित करने की सुविधा दी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने अलग पहचान बनायी है। बड़े सूचना प्रौद्योगिकी समूह को प्रदेश में लाया जा रहा है जिससे ई-गवर्नेंस गतिविधियों को गति मिलेगी।श्री विजयवर्गीय ने भवन के विभिन्न खण्ड तथा अभी तक स्थापित किए गए उपकरणों का अवलोकन कर कार्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।डाटा सेंटर भवनलगभग 60 करोड़ रुपये लागत से निर्मित यह भवन भूकंपरोधी है। भवन में अग्नि-सुरक्षा सहित सभी सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं। भवन में उच्च सुरक्षा आवश्यकता के अनुरूप सीसीटीवी द्वारा सुरक्षा का प्रावधान किया गया है। अत्याधुनिक स्मोक एवं अग्नि सूचक यंत्रों द्वारा स्वचलित अग्निशमन व्यवस्था के माध्यम से डाटा सेंटर को पूरी तरह सुरक्षित किया गया है। भवन में एक्सेस कंट्रोल सिस्टम द्वारा अधिकृत व्यक्तियों को प्रवेश मिल सकेगा। वर्तमान में इस सेंटर में 23 सर्वर तथा 43 सर्वर रेक्स की व्यवस्था है। भवन में पर्यावरण का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है और पानी का श्रेष्ठतम उपयोग किया जाएगा। डाटा सेंटर के तृतीय पक्षीय अंकेक्षण का कार्य मेसर्स डियो लाइट द्वारा किया जाएगा जिसका मूल्यांकन केन्द्रीय एस.टी.क्यू.सी. करेगी|[दखल]
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2 September 2012देश का नायाब डाटा सेंटर भवन भोपाल में मध्यप्रदेश के उद्योग एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि प्रदेश में आई.टी. केडर बनाया जा रहा है जिससे सभी विभागों में दक्ष और प्रशिक्षित आई.टी. कर्मी उपलब्ध हो सकेंगे। इससे ई-गवर्नेंस से संबंधित सभी कार्य बेहतर ढंग से हो सकेंगे और मध्यप्रदेश शीघ्र ही ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में देश में सबसे आगे होगा।श्री विजयवर्गीय ने भोपाल में अरेरा पहाड़ी पर बन रहे देश के सबसे नायाब और अत्याधुनिक डाटा सेंटर भवन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने भवन को एक माह में पूरा करने को कहा। श्री विजयवर्गीय ने कहा कि इस सेंटर में शासन के विभिन्न विभागों का डाटा सुरक्षित रखा जाकर उपयोग किया जा सकेगा। निजी संस्थानों को भी इस भवन में अपना डाटा संरक्षित करने की सुविधा दी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने अलग पहचान बनायी है। बड़े सूचना प्रौद्योगिकी समूह को प्रदेश में लाया जा रहा है जिससे ई-गवर्नेंस गतिविधियों को गति मिलेगी।श्री विजयवर्गीय ने भवन के विभिन्न खण्ड तथा अभी तक स्थापित किए गए उपकरणों का अवलोकन कर कार्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।डाटा सेंटर भवनलगभग 60 करोड़ रुपये लागत से निर्मित यह भवन भूकंपरोधी है। भवन में अग्नि-सुरक्षा सहित सभी सुरक्षा के विशेष प्रबंध किए गए हैं। भवन में उच्च सुरक्षा आवश्यकता के अनुरूप सीसीटीवी द्वारा सुरक्षा का प्रावधान किया गया है। अत्याधुनिक स्मोक एवं अग्नि सूचक यंत्रों द्वारा स्वचलित अग्निशमन व्यवस्था के माध्यम से डाटा सेंटर को पूरी तरह सुरक्षित किया गया है। भवन में एक्सेस कंट्रोल सिस्टम द्वारा अधिकृत व्यक्तियों को प्रवेश मिल सकेगा। वर्तमान में इस सेंटर में 23 सर्वर तथा 43 सर्वर रेक्स की व्यवस्था है। भवन में पर्यावरण का विशेष रूप से ध्यान रखा गया है और पानी का श्रेष्ठतम उपयोग किया जाएगा। डाटा सेंटर के तृतीय पक्षीय अंकेक्षण का कार्य मेसर्स डियो लाइट द्वारा किया जाएगा जिसका मूल्यांकन केन्द्रीय एस.टी.क्यू.सी. करेगी|[दखल]
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2 September 2012बलबीर पुंज उत्तरप्रदेश, पंजाब और गोवा का जनादेश राष्ट्रीय दलों के लिए बड़ा सबक है । उत्तर प्रदेश के चुनाव में प्रायः सभी सेक्यूलर दलों ने मुस्लिम तुष्टीकरण और जातिगत राजनीति के आधार पर अपनी नैया खेने की कोशिश की । भारतीय जनता पार्टी ने भी जातीय समीकरणों को प्राथमिकता दी, जिसकी कीमत उसे चुकानी पड़ी । भाजपा के जो पारंपरिक शुभचिंतक थे वे इसी कारण पार्टी से बिदके, किन्तु इस चुनाव में कांग्रेस ने जिस तरह साम्प्रदायिक आधार पर राजनीतिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया उसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं । अल्पसंख्यकों को अपने पाले में करने के लिए चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग के लिए निर्धारित कोटे में से ४.५ प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था करने के बाद चुनाव आयोग से टकराव लेते हुए मुसलमानों को अलग से ९ प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की । इससे आगे बढ़ते हुए समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों को १८ प्रतिशत आरक्षण देने का वादा कर दिया । इस तरह की प्रतिस्पर्धात्मक राजनीति की सीमाएँ हैं । सर्वाधिक चिंता की बात यह भी है कि मुस्लिम तुष्टीकरण के सबक के रूप में हमारे सामने देश का त्रासदपूर्ण रक्तरंजित विभाजन है । यह सही है कि इस तुष्टीकरण नीति की नींव महात्मा गांधी ने रखी थी, जिन्होंने तुर्की में खलीफा की बहाली के लिए छेड़े गए खिलाफत आन्दोलन को बिना मांगे कांग्रेस का समर्थन दिया था । उसकी परिणति मोपला दंगों से चलते हुए भारत विभाजन में हुई, किन्तु महात्मा गांधी ने खिलाफत का समर्थन जहाँ देश की स्वाधीनता की ध्येय प्राप्ति के लिए किया वहीं आजादी के बाद कांग्रेस तुष्टिकरण का यह खेल अपने वजूद को बनाए रखने में करती आई है । साम्प्रदायिकता को उकसाकर राजनीतिक रोटी सेंकने का क्या दुष्परिणाम हो सकता है, वह हमने पंजाब के मामले में भी अनुभव किया है । भाजपा और अकाली दल का गठबंधन तोड़ने के लिए कांग्रेस ने भिंडरावाले के नाम पर जिस विचारधारा को पोषित किया, उसके कारण पंजाब लम्बे समय तक अलगाववाद की आग में झुलसता रहा । हजारों निरपराध देशभक्त हिन्दू-सिखों की जान गई । उस कुटिलता के कारण तत्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को असमय मौत का शिकार बनना पड़ा और अंततः उस विचारधारा के पोषण ने ही इंदिरा की हत्या की पृष्ठभूमि भी तैयार की, किन्तु कांग्रेस ने इन सबसे कोई सबक नहीं सीखा है । चुनावों के दौरान कांग्रेस कहीं सामाजिक खाई को चौड़ा कर तो कभी अलगाववादी ताकतों का समर्थन कर अपना उल्लू साधती आई है । कभी वह महाराष्ट्र में राज ठाकरे को गले लगाती है तो मणिपुर में अलगाववादी संगठनों का वित्त पोषण करती है । राजनीतिक लाभ के लिए केरल में कांग्रेस और मार्क्सवादी कोयंबटूर बम धमाकों के आरोपी अब्दुल नासेर मदनी को गले लगाते हैं । सन् २००६ में होली की छुट्टी वाले दिन केरल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सर्वसम्मति से मदनी को पैरोल पर रिहा करने का प्रस्ताव पारित करने वाले मार्क्सवादी और कांग्रेसी हर चुनाव में मदनी का साथ पाने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं । बाटला हाउस मुठभेड़ का मसला भी उसी कुत्सित नीति का विस्तार है । बाटला हाउस मुठभेड़ में एक पुलिस अधिकारी को अपनी शहादत देनी पड़ी थी, किन्तु तब कांग्रेस और सपा ने ही सबसे पहले दिल्ली में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे कट्टरपंथियों के साथ खड़े हो इसे फर्जी मुठभेड़ साबित करने की कोशिश की थी । वह प्रयास थमा नहीं है । बाटला हाउस मुठभेड़ को कांग्रेस के बड़बोले महासचिव दिग्विजय सिंह हर मौके पर फर्जी ठहराते आए हैं । प्रधानमंत्री और गृहमंत्री द्वारा बाटला मुठभेड़ को वास्तविक बताए जाने के बावजूद वह निरन्तर इस देश के जवानों का मनोबल तोड़ने में लगे रहे । चुनाव में इस बार कांग्रेस इससे भी निचले स्तर पर उतर गई । कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने बाटला मुठभेड़ की तस्वीरें देखकर कांग्रेस अध्यक्ष के जारजार रोने की बात की । सामाजिक सद्भाव के लिए यह शुभ संकेत है कि आजमगढ़ के मुस्लिम मतदाता इससे अप्रभावी रहे और इसका संदेश तो उन्होंने आजमगढ़ दौरे पर गए राहुल गांधी को नकार कर पहले ही दे दिया था । आतंकवाद से जुड़े मामलों में कई राज्यों की पुलिस आजमगढ़ और आसपास के इलाकों से लगातार गिरफ्तारी करने लगी तो स्वाभाविक तौर पर आजमगढ़ पर लोगों का संदेह बढ़ा, किन्तु इसका निराकरण करने की बजाए सेक्युलर दलों और कुछ इस्लामी संगठनों में मुसलमानों का रहनुमा बनने की प्रतिस्पर्धा बढ़ी । पीस पार्टी और उलेमा कौंसिल जैसे दलों का मुस्लिम बहुल इलाकों में हाशिए पर चले जाना अपने आप में एक सबक है । सत्ता में आने के बाद से ही कांग्रेस मुसलमानों को आकृष्ट करने के लिए भारतीय संसाधनों पर उनका पहला हक होने और रंगनाथ व सच्चर आयोग के बहाने भरमाने का अथक प्रयास करती आई है । उत्तरप्रदेश के चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग के लिए निर्धारित २७ प्रतिशत कोटे में सेंधमारी कर उसमें से ४.५ प्रतिशत आरक्षण अल्पसंख्यकों के लिए करने की घोषणा की थी । चुनाव के दौरान मजहब के आधार पर मुसलमानों को कांग्रेस ने ९ फीसदी तो सपा ने १८ प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया है । स्वाभाविक प्रश्न है कि यह आरक्षण कहाँ से आएगा ? देश में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए क्रमशः १५ फीसदी और ७.५ फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है । अनुसूचित जाति की आबादी सन् २००१ की जनगणना के अनुसार १६.२० फीसदी और अनुसूचित जनजाति की आबादी ८.१० फीसदी है । मण्डल आयोग की सिफारिशों के आधार पर पिछड़े वर्गो के लिए २७ प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था अलग से की गई । कुल मिलाकर अभी ४९.५ फीसदी आरक्षण संविधान प्रदत्त है । एमआर बालाजी बनाम मैसूर केस में सर्वोच्च न्यायालय ने लक्ष्मण रेखा खींचते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि आरक्षण किसी भी हाल में ५० फीसदी से अधिक नहीं हो । मजहब के आधार पर मुसलमानों के लिए ज्यादा से ज्यादा आरक्षण का दावा करने वाले यह व्यवस्था कहाँ से करेंगे? कांग्रेस ने तो पिछड़े वर्ग का हक मारकर अल्पसंख्यकों को पहले ही दे दिया, किन्तु इस अल्पसंख्यक श्रेणी में अन्य अल्पसंख्यक वर्ग भी शामिल हैं । संविधान में आरक्षण की व्यवस्था सामाजिक विषमता दूर करने और दलितों-वंचितों को न्याय देने के लिए की गई थी । आज आरक्षण के प्रावधान का जिस तरह अतार्किक विस्तार करने का प्रयास किया जा रहा है, क्या वह उसे महान लक्ष्य को प्राप्त करने में कभी सहायक बन सकेगा ? साथ ही राष्ट्रहित में यह विचारमंथन भी होना चाहिए कि मजहब के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था कर सेक्युलरिस्ट एक और विभाजन की पृष्ठभूमि तो नहीं तैयार कर रहे ? (दखल)(लेखक भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं)
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17 March 2012बलबीर पुंज उत्तरप्रदेश, पंजाब और गोवा का जनादेश राष्ट्रीय दलों के लिए बड़ा सबक है । उत्तर प्रदेश के चुनाव में प्रायः सभी सेक्यूलर दलों ने मुस्लिम तुष्टीकरण और जातिगत राजनीति के आधार पर अपनी नैया खेने की कोशिश की । भारतीय जनता पार्टी ने भी जातीय समीकरणों को प्राथमिकता दी, जिसकी कीमत उसे चुकानी पड़ी । भाजपा के जो पारंपरिक शुभचिंतक थे वे इसी कारण पार्टी से बिदके, किन्तु इस चुनाव में कांग्रेस ने जिस तरह साम्प्रदायिक आधार पर राजनीतिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया उसके दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं । अल्पसंख्यकों को अपने पाले में करने के लिए चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग के लिए निर्धारित कोटे में से ४.५ प्रतिशत आरक्षण देने की व्यवस्था करने के बाद चुनाव आयोग से टकराव लेते हुए मुसलमानों को अलग से ९ प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा की । इससे आगे बढ़ते हुए समाजवादी पार्टी ने मुसलमानों को १८ प्रतिशत आरक्षण देने का वादा कर दिया । इस तरह की प्रतिस्पर्धात्मक राजनीति की सीमाएँ हैं । सर्वाधिक चिंता की बात यह भी है कि मुस्लिम तुष्टीकरण के सबक के रूप में हमारे सामने देश का त्रासदपूर्ण रक्तरंजित विभाजन है । यह सही है कि इस तुष्टीकरण नीति की नींव महात्मा गांधी ने रखी थी, जिन्होंने तुर्की में खलीफा की बहाली के लिए छेड़े गए खिलाफत आन्दोलन को बिना मांगे कांग्रेस का समर्थन दिया था । उसकी परिणति मोपला दंगों से चलते हुए भारत विभाजन में हुई, किन्तु महात्मा गांधी ने खिलाफत का समर्थन जहाँ देश की स्वाधीनता की ध्येय प्राप्ति के लिए किया वहीं आजादी के बाद कांग्रेस तुष्टिकरण का यह खेल अपने वजूद को बनाए रखने में करती आई है । साम्प्रदायिकता को उकसाकर राजनीतिक रोटी सेंकने का क्या दुष्परिणाम हो सकता है, वह हमने पंजाब के मामले में भी अनुभव किया है । भाजपा और अकाली दल का गठबंधन तोड़ने के लिए कांग्रेस ने भिंडरावाले के नाम पर जिस विचारधारा को पोषित किया, उसके कारण पंजाब लम्बे समय तक अलगाववाद की आग में झुलसता रहा । हजारों निरपराध देशभक्त हिन्दू-सिखों की जान गई । उस कुटिलता के कारण तत्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को असमय मौत का शिकार बनना पड़ा और अंततः उस विचारधारा के पोषण ने ही इंदिरा की हत्या की पृष्ठभूमि भी तैयार की, किन्तु कांग्रेस ने इन सबसे कोई सबक नहीं सीखा है । चुनावों के दौरान कांग्रेस कहीं सामाजिक खाई को चौड़ा कर तो कभी अलगाववादी ताकतों का समर्थन कर अपना उल्लू साधती आई है । कभी वह महाराष्ट्र में राज ठाकरे को गले लगाती है तो मणिपुर में अलगाववादी संगठनों का वित्त पोषण करती है । राजनीतिक लाभ के लिए केरल में कांग्रेस और मार्क्सवादी कोयंबटूर बम धमाकों के आरोपी अब्दुल नासेर मदनी को गले लगाते हैं । सन् २००६ में होली की छुट्टी वाले दिन केरल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सर्वसम्मति से मदनी को पैरोल पर रिहा करने का प्रस्ताव पारित करने वाले मार्क्सवादी और कांग्रेसी हर चुनाव में मदनी का साथ पाने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं । बाटला हाउस मुठभेड़ का मसला भी उसी कुत्सित नीति का विस्तार है । बाटला हाउस मुठभेड़ में एक पुलिस अधिकारी को अपनी शहादत देनी पड़ी थी, किन्तु तब कांग्रेस और सपा ने ही सबसे पहले दिल्ली में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे कट्टरपंथियों के साथ खड़े हो इसे फर्जी मुठभेड़ साबित करने की कोशिश की थी । वह प्रयास थमा नहीं है । बाटला हाउस मुठभेड़ को कांग्रेस के बड़बोले महासचिव दिग्विजय सिंह हर मौके पर फर्जी ठहराते आए हैं । प्रधानमंत्री और गृहमंत्री द्वारा बाटला मुठभेड़ को वास्तविक बताए जाने के बावजूद वह निरन्तर इस देश के जवानों का मनोबल तोड़ने में लगे रहे । चुनाव में इस बार कांग्रेस इससे भी निचले स्तर पर उतर गई । कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने बाटला मुठभेड़ की तस्वीरें देखकर कांग्रेस अध्यक्ष के जारजार रोने की बात की । सामाजिक सद्भाव के लिए यह शुभ संकेत है कि आजमगढ़ के मुस्लिम मतदाता इससे अप्रभावी रहे और इसका संदेश तो उन्होंने आजमगढ़ दौरे पर गए राहुल गांधी को नकार कर पहले ही दे दिया था । आतंकवाद से जुड़े मामलों में कई राज्यों की पुलिस आजमगढ़ और आसपास के इलाकों से लगातार गिरफ्तारी करने लगी तो स्वाभाविक तौर पर आजमगढ़ पर लोगों का संदेह बढ़ा, किन्तु इसका निराकरण करने की बजाए सेक्युलर दलों और कुछ इस्लामी संगठनों में मुसलमानों का रहनुमा बनने की प्रतिस्पर्धा बढ़ी । पीस पार्टी और उलेमा कौंसिल जैसे दलों का मुस्लिम बहुल इलाकों में हाशिए पर चले जाना अपने आप में एक सबक है । सत्ता में आने के बाद से ही कांग्रेस मुसलमानों को आकृष्ट करने के लिए भारतीय संसाधनों पर उनका पहला हक होने और रंगनाथ व सच्चर आयोग के बहाने भरमाने का अथक प्रयास करती आई है । उत्तरप्रदेश के चुनाव से पूर्व कांग्रेस ने पिछड़े वर्ग के लिए निर्धारित २७ प्रतिशत कोटे में सेंधमारी कर उसमें से ४.५ प्रतिशत आरक्षण अल्पसंख्यकों के लिए करने की घोषणा की थी । चुनाव के दौरान मजहब के आधार पर मुसलमानों को कांग्रेस ने ९ फीसदी तो सपा ने १८ प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया है । स्वाभाविक प्रश्न है कि यह आरक्षण कहाँ से आएगा ? देश में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए क्रमशः १५ फीसदी और ७.५ फीसदी आरक्षण की व्यवस्था है । अनुसूचित जाति की आबादी सन् २००१ की जनगणना के अनुसार १६.२० फीसदी और अनुसूचित जनजाति की आबादी ८.१० फीसदी है । मण्डल आयोग की सिफारिशों के आधार पर पिछड़े वर्गो के लिए २७ प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था अलग से की गई । कुल मिलाकर अभी ४९.५ फीसदी आरक्षण संविधान प्रदत्त है । एमआर बालाजी बनाम मैसूर केस में सर्वोच्च न्यायालय ने लक्ष्मण रेखा खींचते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि आरक्षण किसी भी हाल में ५० फीसदी से अधिक नहीं हो । मजहब के आधार पर मुसलमानों के लिए ज्यादा से ज्यादा आरक्षण का दावा करने वाले यह व्यवस्था कहाँ से करेंगे? कांग्रेस ने तो पिछड़े वर्ग का हक मारकर अल्पसंख्यकों को पहले ही दे दिया, किन्तु इस अल्पसंख्यक श्रेणी में अन्य अल्पसंख्यक वर्ग भी शामिल हैं । संविधान में आरक्षण की व्यवस्था सामाजिक विषमता दूर करने और दलितों-वंचितों को न्याय देने के लिए की गई थी । आज आरक्षण के प्रावधान का जिस तरह अतार्किक विस्तार करने का प्रयास किया जा रहा है, क्या वह उसे महान लक्ष्य को प्राप्त करने में कभी सहायक बन सकेगा ? साथ ही राष्ट्रहित में यह विचारमंथन भी होना चाहिए कि मजहब के आधार पर आरक्षण की व्यवस्था कर सेक्युलरिस्ट एक और विभाजन की पृष्ठभूमि तो नहीं तैयार कर रहे ? (दखल)(लेखक भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं)
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17 March 2012एम.एन. बुचराज्य सरकार द्वारा भोपाल में बहुमंजिला भवनों के निर्माण के लिए भूमि विकास नियमों में संशोधन के प्रस्ताव का पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी एम.एन. बुच ने विरोध किया है । इस मुद्दे पर उन्होंने आवास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैस को पत्र लिखा है । उन्होंने इसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री को भेजने के साथ ही मीडिया को भी जारी की है । उन्होंने विभन्न कारण और उदाहरण देते हुए इस प्रस्ताव को खारिज करने का अनुरोध किया है । बुच द्वारा लिखा गया पत्र यहाँ प्रस्तुत है । मैंने एकाध अखबार में छपी खबर पढ़ी कि आप भूमि विकास नियमों में संशोधन करके भोपाल में दस मंजिल तक के भवन बनाने की अनुमति देने जा रहे हैं । इससे मुझे कुछ चिंता हुई, जो मैं आपके समक्ष रखना चाहता हूँ । भवन की ऊंचाई का सीधा संबंध एफएआर, स्थापित घनत्व और भूखण्ड के कितने हिस्से पर निर्माण हो सकता है, से है । जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने चाहा था कि दिल्ली में केवल ऊंची इमारतें बनें और वह भी २.५० के एफएआर पर । इसमें उन्होंने शर्त रखी कि भवन भूखण्ड के केवल १० प्रतिशत भाग में बनेगा व ९० प्रतिशत जगह खुली रहेगी । पार्किंग भी भवन के अन्दर ही होगी, जिससे खड़ी हुई गाड़ियां नजर न आएं । मैने जब उन्हें समझाया कि अगर १० हजार वर्गफीट का भूखंड है तो २.५० एफएआर के आधार पर उस पर २५ हजार वर्ग फीट निर्माण करने की अनुमति होगी, अर्थात २५ मंजिल भवन । चूँकि १० हजार वर्ग फीट के भूखंड के केवल १००० वर्गफीट क्षेत्र पर निर्माण हो सकेगा, क्योंकि ९० प्रतिशत भूखंड खाली रखना होगा । इसका अर्थ यह हुआ कि २५० फीट ऊंचाई की इमारत केवल १००० वर्गफीट की नींव पर बनेगी, अर्थात यह कुतुबमीनार नुमा खंभा होगा, रिहायशी भवन नहीं । यह बात राजीव गांधी ने समझी और उन्होंने इस मामले में कोई भी औपचारिक आदेश पारित नहीं किए । भूमि विकास नियमों में जिन संशोधनों की बात हो रही है, उनमें जो वर्तमान में आवासीय क्षेत्रों के लिए ०.७५ से लेकर १.२५ तक का एफएआर है क्या आप उसे बढ़ाऐंगे ? क्या आप घनत्व पर नियंत्रण हटा लेंगे ? भूखण्ड के कितने भाग पर निर्माण होगा ? मुंबई एवं ठाणे में महाराष्ट्र सरकार ने ११.५० तक का एफएआर निर्धारित किया है । इस कारण रिहायशी क्षेत्रों का घनत्व इतना बढ़ गया है और वाहनों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है कि वहाँ आठ लेन के मुख्य मार्ग भी वाहनों से ठसाठस भरे रहते हैं और गाड़ियों का चलना मुश्किल हो गया है । जब हम भवन निर्मित करते हैं, तब केवल इतारम का प्रश्न नहीं होता । इमारत से निकलने वाले वहनों के लिए सड़क चाहिए व इस कारण इमारत के साथ-साथ सड़क की भी योजना बननी चाहिए । जैसे-जैसे किसी क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों की संख्या बढ़ती है, वैसे-वैसे जलप्रदाय, मलवहन इत्यादि अधोसंरचना को भी नियोजित रूप से बढ़ाना पड़ता है । ऊँची इमारत में केवल सीढ़ियाँ चढ़कर नहीं जाया जा सकता, इस कारण लिफ्ट लगानी पड़ती है, जिससे बिजली की खपत बढ़ती है । भवन में पानी चढ़ाने के लिए भी विद्युत पंप का उपयोग करना पड़ता है । ऊँची इमारतों में मौसम से बचने के लिए बरामदे इत्यादि नहीं बनाए जा सकते और इस कारण उन्हें वातानुकूलित करना पड़ता है । इसके लिए भी उर्जा की आवश्यकता होती है । ऐसे भवन ज्यादातर कांक्रीट के होते हैं और यदि इसमें आग लग जाए तो लकड़ी तो फिर भी बच जाएगी मगर कांक्रीट का लोहा पिघलेगा, जिस कारण कांक्रीट के भवन आग के समय सबसे अधिक खतरनाक होते हैं । वैसे भी मध्यप्रदेश में अग्निशमन सेवाओं की स्थिति दयनीय है व इस कारण अधिकांशतः भवन सुरक्षित नहीं है । कुछ वर्ष पहले मैने इंदौर के कुछ भवनों का सर्वेक्षण किया था और पाया कि एक भी भवन अग्नि सुरक्षा के पैमानों पर खरा नहीं उतरा । मेरा कहने का अर्थ यह है कि यदि हम ऊँचे भवन बनाना चाहते हैं, तो हमें बहुत सी जमीन सार्वजनिक उपयोग के लिए खुली रखनी पड़ेगी और इस कारण जहाँ उन भूखण्डों का घनत्व बढ़ेगा जहाँ ऊँचे भवन बने हैं, वहीं जमीन की बचत नहीं होगी क्योंकि सार्वजनिक उपयोग की भूमि बढ़ेगी । भूमि की बचत तभी हो सकती है, जब हम ऊँचे भवन बनाते समय घनत्व को अपरिहार्य रूप से बढ़ाएं, यातायात की ओर कोई ध्यान न दें और इस प्रकार से एक नगरीय नर्क निर्मित करें । मध्यप्रदेश में भूमि का अभाव नहीं है और यदि हम मुंबई के टापू को आदर्श मानते हुए यहां निर्माण करते हैं तो हम वास्तव में अभागे हैं । वैसे भी भोपाल का प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा है कि यहां प्रकृति के दर्शन होने चाहिए और न कि कांक्रीट के जंगल के । (दखल)
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2 December 2011एम.एन. बुचराज्य सरकार द्वारा भोपाल में बहुमंजिला भवनों के निर्माण के लिए भूमि विकास नियमों में संशोधन के प्रस्ताव का पूर्व आई.ए.एस. अधिकारी एम.एन. बुच ने विरोध किया है । इस मुद्दे पर उन्होंने आवास एवं पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैस को पत्र लिखा है । उन्होंने इसकी प्रतिलिपि मुख्यमंत्री को भेजने के साथ ही मीडिया को भी जारी की है । उन्होंने विभन्न कारण और उदाहरण देते हुए इस प्रस्ताव को खारिज करने का अनुरोध किया है । बुच द्वारा लिखा गया पत्र यहाँ प्रस्तुत है । मैंने एकाध अखबार में छपी खबर पढ़ी कि आप भूमि विकास नियमों में संशोधन करके भोपाल में दस मंजिल तक के भवन बनाने की अनुमति देने जा रहे हैं । इससे मुझे कुछ चिंता हुई, जो मैं आपके समक्ष रखना चाहता हूँ । भवन की ऊंचाई का सीधा संबंध एफएआर, स्थापित घनत्व और भूखण्ड के कितने हिस्से पर निर्माण हो सकता है, से है । जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब उन्होंने चाहा था कि दिल्ली में केवल ऊंची इमारतें बनें और वह भी २.५० के एफएआर पर । इसमें उन्होंने शर्त रखी कि भवन भूखण्ड के केवल १० प्रतिशत भाग में बनेगा व ९० प्रतिशत जगह खुली रहेगी । पार्किंग भी भवन के अन्दर ही होगी, जिससे खड़ी हुई गाड़ियां नजर न आएं । मैने जब उन्हें समझाया कि अगर १० हजार वर्गफीट का भूखंड है तो २.५० एफएआर के आधार पर उस पर २५ हजार वर्ग फीट निर्माण करने की अनुमति होगी, अर्थात २५ मंजिल भवन । चूँकि १० हजार वर्ग फीट के भूखंड के केवल १००० वर्गफीट क्षेत्र पर निर्माण हो सकेगा, क्योंकि ९० प्रतिशत भूखंड खाली रखना होगा । इसका अर्थ यह हुआ कि २५० फीट ऊंचाई की इमारत केवल १००० वर्गफीट की नींव पर बनेगी, अर्थात यह कुतुबमीनार नुमा खंभा होगा, रिहायशी भवन नहीं । यह बात राजीव गांधी ने समझी और उन्होंने इस मामले में कोई भी औपचारिक आदेश पारित नहीं किए । भूमि विकास नियमों में जिन संशोधनों की बात हो रही है, उनमें जो वर्तमान में आवासीय क्षेत्रों के लिए ०.७५ से लेकर १.२५ तक का एफएआर है क्या आप उसे बढ़ाऐंगे ? क्या आप घनत्व पर नियंत्रण हटा लेंगे ? भूखण्ड के कितने भाग पर निर्माण होगा ? मुंबई एवं ठाणे में महाराष्ट्र सरकार ने ११.५० तक का एफएआर निर्धारित किया है । इस कारण रिहायशी क्षेत्रों का घनत्व इतना बढ़ गया है और वाहनों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई है कि वहाँ आठ लेन के मुख्य मार्ग भी वाहनों से ठसाठस भरे रहते हैं और गाड़ियों का चलना मुश्किल हो गया है । जब हम भवन निर्मित करते हैं, तब केवल इतारम का प्रश्न नहीं होता । इमारत से निकलने वाले वहनों के लिए सड़क चाहिए व इस कारण इमारत के साथ-साथ सड़क की भी योजना बननी चाहिए । जैसे-जैसे किसी क्षेत्र में निवास कर रहे लोगों की संख्या बढ़ती है, वैसे-वैसे जलप्रदाय, मलवहन इत्यादि अधोसंरचना को भी नियोजित रूप से बढ़ाना पड़ता है । ऊँची इमारत में केवल सीढ़ियाँ चढ़कर नहीं जाया जा सकता, इस कारण लिफ्ट लगानी पड़ती है, जिससे बिजली की खपत बढ़ती है । भवन में पानी चढ़ाने के लिए भी विद्युत पंप का उपयोग करना पड़ता है । ऊँची इमारतों में मौसम से बचने के लिए बरामदे इत्यादि नहीं बनाए जा सकते और इस कारण उन्हें वातानुकूलित करना पड़ता है । इसके लिए भी उर्जा की आवश्यकता होती है । ऐसे भवन ज्यादातर कांक्रीट के होते हैं और यदि इसमें आग लग जाए तो लकड़ी तो फिर भी बच जाएगी मगर कांक्रीट का लोहा पिघलेगा, जिस कारण कांक्रीट के भवन आग के समय सबसे अधिक खतरनाक होते हैं । वैसे भी मध्यप्रदेश में अग्निशमन सेवाओं की स्थिति दयनीय है व इस कारण अधिकांशतः भवन सुरक्षित नहीं है । कुछ वर्ष पहले मैने इंदौर के कुछ भवनों का सर्वेक्षण किया था और पाया कि एक भी भवन अग्नि सुरक्षा के पैमानों पर खरा नहीं उतरा । मेरा कहने का अर्थ यह है कि यदि हम ऊँचे भवन बनाना चाहते हैं, तो हमें बहुत सी जमीन सार्वजनिक उपयोग के लिए खुली रखनी पड़ेगी और इस कारण जहाँ उन भूखण्डों का घनत्व बढ़ेगा जहाँ ऊँचे भवन बने हैं, वहीं जमीन की बचत नहीं होगी क्योंकि सार्वजनिक उपयोग की भूमि बढ़ेगी । भूमि की बचत तभी हो सकती है, जब हम ऊँचे भवन बनाते समय घनत्व को अपरिहार्य रूप से बढ़ाएं, यातायात की ओर कोई ध्यान न दें और इस प्रकार से एक नगरीय नर्क निर्मित करें । मध्यप्रदेश में भूमि का अभाव नहीं है और यदि हम मुंबई के टापू को आदर्श मानते हुए यहां निर्माण करते हैं तो हम वास्तव में अभागे हैं । वैसे भी भोपाल का प्राकृतिक सौंदर्य ऐसा है कि यहां प्रकृति के दर्शन होने चाहिए और न कि कांक्रीट के जंगल के । (दखल)
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2 December 2011.राजनैतिक सवालों के वकीलों वाले समाधानरजत शर्मा अन्ना हजारे की गिरफ्तारी ने कई सवाल खड़े कर दिए। आखिर सरकार ने अन्ना को तिहाड़ जेल क्यों भेजा? अगर अन्ना से खतरा था तो उसी दिन शाम तक उन्हें रिहा करने का फैसला क्यों लिया? अगर अन्ना पहले ही अनशन पर बैठ जाते, तो कौन-सा पहाड़ टूट जाता? क्या सरकार को, कांग्रेस पार्टी को अंदाजा नहीं था कि अन्ना को जेल भेजने की देश में इतनी जबरदस्त प्रतिक्रिया होगी? क्या इसी से डरकर रातों-रात अन्ना को छोड़ने का फैसला लिया गया?1975 में जब जयप्रकाश नारायण को इसी तरह सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए गिरफ्तार किया गया था तो उन्होंने कहा था, ‘विनाशकाले विपरीत बुद्धि’। इस बार भी वही हुआ। अन्ना हजारे को इसलिए गिरफ्तार किया गया, क्योंकि इस सरकार के पास राजनैतिक सवालों के वकीलों वाले समाधान हैं। प्रधानमंत्री के सलाहकार मंत्री वे वकील हैं, जो हर समस्या के निदान के लिए कानून की किताब देखते हैं। जिस लड़ाई को कांग्रेस को सड़क पर लड़ना चाहिए था, वह सीआरपीसी और पुलिस के जरिए लड़ी जा रही है। चिदंबरम और कपिल सिब्बल ने अन्ना की गिरफ्तारी के बाद जो बातें कहीं, उनके आधार पर चलें, तो कांग्रेस को उत्तरप्रदेश में मायावती के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए भी उन्हीं से अनुमति मांगनी पड़ेगी। मायावती तय करेंगी कि कांग्रेस के कितने व्यक्ति प्रदर्शन करें, कितने घंटे करें, कहां करें। अगर येदियुरप्पा के खिलाफ कांग्रेस को आवाज उठानी होगी, तो सदानंद गौड़ा से पूछेंगे कि बता दें किस तारीख को और कहां धरना दें? लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन के लिए अनुमति लेनी पड़े, ये मजाक की बात है।मुझे लगता है सरकार में बैठे लोगों को जरा भी अंदाजा नहीं था कि अन्ना का आंदोलन इतना विशाल रूप ले लेगा। हर जगह लोग सड़कों पर उतर आए। इनमें बड़ी संख्या नौजवानों की है। प्रदर्शनकारियों में ऐसे युवा भी हैं, जिनका राजनीति से कोई वास्ता नहीं है। इसका असर राहुल गांधी की राजनीति पर पड़ सकता है, क्योंकि वे नौजवानों के नेता बनने के लिए जुटे हुए हैं। कांग्रेस के नेताओं को भी अंदाजा नहीं था कि लोग भ्रष्टाचार से इतने परेशान हैं। पिछले साल भर में जिस तरह एक के बाद घोटाले सामने आए, उससे लोग गुस्साए हुए थे। अन्ना इसी गुस्से को जाहिर करने का बहाना बन गए हैं। यही अन्ना की ताकत है। जो लोग महंगाई और भ्रष्टाचार से परेशान हैं, अन्ना उनकी नाराजगी का प्रतीक बन गए हैं, इसीलिए तिहाड़ जेल के बाहर, इंडिया गेट से लेकर जंतर-मंतर तक, छोटे-बड़े शहरों में लोग इस अभियान में अन्ना-अन्ना करते नजर आ रहे हैं।सवाल ये है कि अगर अन्ना पहले दिन ही अनशन कर लेते, तो क्या हो जाता? सरकार क्यों इतनी बौखला गई? मुझे लगता है इसकी वजह है सरकार में बैठे कुछ लोगों का अहंकार। वे लोग, जो कुछ दिन पहले अन्ना हजारे और रामदेव के सामने नतमस्तक हो गए थे, उन्हें अचानक लगा कि अन्ना और रामदेव से बात करके गलती कर दी। सरकार का इकबाल तो डंडे से कायम होता है, इसीलिए पुलिस की आड़ में डंडा चलाने का फैसला किया गया। मजे की बात ये है कि जब डंडा फेल हो गया तो अपनी दुर्गति के लिए सरकार ने मीडिया को जिम्मेवार बता दिया। कपिल सिब्बल की सुनें तो अन्ना हजारे को मीडिया ने हीरो बना दिया है। अगर टीवी चैनल न होते, तो इस आंदोलन का असर नहीं होता। लेकिन मुझे लगता है कि अगर जनता भ्रष्टाचार से परेशान न होती और सरकार इतना अहंकार न दिखाती तो टीवी कैमरों का इतना असर नहीं होता। फर्क ये है कि टीवी कैमरे आम आदमी का दर्द दिखा रहे हैं और इस सरकार के सबसे ज्यादा बोलने वाले मंत्री इस दर्द को छुपा रहे हैं। इससे ज्यादा शर्म की बात क्या हो सकती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने वाले अन्ना को उसी जेल में रखा गया, जहां राजा और कलमाडी कैद हैं। अन्ना अपराधी नहीं हैं। उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा, किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। उन्हें जेल भेजना कानूनन सही हो सकता है, लेकिन राजनीति की भाषा में इसे आत्मघाती कदम कहा जाएगा। आपातकाल में भी जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई, अटल बिहारी वाजपेयी को गिरफ्तार करके गेस्ट हाउस में रखा गया था, क्योंकि वे अपराधी नहीं थे।मजे की बात ये है कि सरकार सब कुछ करने के बाद कह रही है कि अन्ना को गिरफ्तार करना पुलिस का फैसला है। क्या चिदंबरम लोगों को मूर्ख समझते हैं? क्या ऐसा हो सकता है कि पुलिस अन्ना को बिना गृह मंत्री की अनुमति के गिरफ्तार कर ले? ये भी नहीं हो सकता कि चिदंबरम को जानकारी न हो कि अन्ना कहां हैं? एक बच्चा भी जानता है कि पुलिस कमिश्नर गृह मंत्री से पूछे बिना सांस भी नहीं ले सकते।कपिल सिब्बल और चिदंबरम की इस गैरराजनीतिक शैली का नुकसान हुआ कांग्रेस को। एक तरफ तो लगा कि कांग्रेस के पास कोई दिशा नहीं है। कभी अन्ना के साथ पांच-पांच मंत्री बैठकर बिल बनाते हैं, फिर उसी अन्ना को सिर से पांव तक भ्रष्ट बताते हैं। कभी उन्हें जेल भेजते हैं, कभी सिर पर बिठाते हैं, कभी उन्हें खतरा बताते हैं, कभी उनसे खुद डर जाते हैं। अब मुसीबत ये है कि अन्ना के सवाल पर कांग्रेस की विरोधी पार्टियां एक हो गई हैं। लेफ्ट के नेताओं ने भाजपा के साथ मिलकर प्रधानमंत्री से जवाब मांगा। चंद्रबाबू और मुलायम साथ हो गए। विरोधी दलों की एकता सरकार को भारी पड़ सकती है। दूसरी तरफ कांग्रेस के सहयोगी दल खामोश हैं। वे इसे सिर्फ कांग्रेस की लड़ाई मान रहे हैं। यह गठबंधन की सरकार के लिए अच्छा संकेत नहीं है। संसद में विपक्ष और सड़क पर जनता, सरकार किस-किस को रोकेगी? अन्ना की गिरफ्तारी के बाद सवाल अब लोकपाल बिल तक ही सीमित नहीं रह गया है। सवाल ये है कि इस मुल्क में लोकतंत्र रहेगा या नहीं? सवाल ये है कि आम आदमी को अपनी आवाज उठाने के लिए क्या सरकार से इजाजत लेनी होगी? क्या सत्ता के अहंकार में डूबे मंत्री हर आवाज उठाने वाले को भ्रष्ट करार देते रहेंगे? अगरये हुआ तो इतिहास 1970 के दशक की संपूर्ण क्रांति को दोहराएगा। देश का नौजवान फिर ‘दिनकर’ की कविता गाएगा : ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है..।’सरकार की दिशाहीनता इसी से जाहिर होती है कि कभी अन्ना के साथ पांच-पांच मंत्री बैठकर बिल बनाते हैं, फिर उसी अन्ना को सिर से पांव तक भ्रष्ट बताते हैं, कभी उन्हें जेल भेजते हैं, कभी सिर पर बिठाते हैं, कभी उन्हें खतरा बताते हैं, कभी उनसे खुद डर जाते हैं।[दखल] लेखक इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ हैं
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19 August 2011.राजनैतिक सवालों के वकीलों वाले समाधानरजत शर्मा अन्ना हजारे की गिरफ्तारी ने कई सवाल खड़े कर दिए। आखिर सरकार ने अन्ना को तिहाड़ जेल क्यों भेजा? अगर अन्ना से खतरा था तो उसी दिन शाम तक उन्हें रिहा करने का फैसला क्यों लिया? अगर अन्ना पहले ही अनशन पर बैठ जाते, तो कौन-सा पहाड़ टूट जाता? क्या सरकार को, कांग्रेस पार्टी को अंदाजा नहीं था कि अन्ना को जेल भेजने की देश में इतनी जबरदस्त प्रतिक्रिया होगी? क्या इसी से डरकर रातों-रात अन्ना को छोड़ने का फैसला लिया गया?1975 में जब जयप्रकाश नारायण को इसी तरह सरकार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए गिरफ्तार किया गया था तो उन्होंने कहा था, ‘विनाशकाले विपरीत बुद्धि’। इस बार भी वही हुआ। अन्ना हजारे को इसलिए गिरफ्तार किया गया, क्योंकि इस सरकार के पास राजनैतिक सवालों के वकीलों वाले समाधान हैं। प्रधानमंत्री के सलाहकार मंत्री वे वकील हैं, जो हर समस्या के निदान के लिए कानून की किताब देखते हैं। जिस लड़ाई को कांग्रेस को सड़क पर लड़ना चाहिए था, वह सीआरपीसी और पुलिस के जरिए लड़ी जा रही है। चिदंबरम और कपिल सिब्बल ने अन्ना की गिरफ्तारी के बाद जो बातें कहीं, उनके आधार पर चलें, तो कांग्रेस को उत्तरप्रदेश में मायावती के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए भी उन्हीं से अनुमति मांगनी पड़ेगी। मायावती तय करेंगी कि कांग्रेस के कितने व्यक्ति प्रदर्शन करें, कितने घंटे करें, कहां करें। अगर येदियुरप्पा के खिलाफ कांग्रेस को आवाज उठानी होगी, तो सदानंद गौड़ा से पूछेंगे कि बता दें किस तारीख को और कहां धरना दें? लोकतंत्र में विरोध प्रदर्शन के लिए अनुमति लेनी पड़े, ये मजाक की बात है।मुझे लगता है सरकार में बैठे लोगों को जरा भी अंदाजा नहीं था कि अन्ना का आंदोलन इतना विशाल रूप ले लेगा। हर जगह लोग सड़कों पर उतर आए। इनमें बड़ी संख्या नौजवानों की है। प्रदर्शनकारियों में ऐसे युवा भी हैं, जिनका राजनीति से कोई वास्ता नहीं है। इसका असर राहुल गांधी की राजनीति पर पड़ सकता है, क्योंकि वे नौजवानों के नेता बनने के लिए जुटे हुए हैं। कांग्रेस के नेताओं को भी अंदाजा नहीं था कि लोग भ्रष्टाचार से इतने परेशान हैं। पिछले साल भर में जिस तरह एक के बाद घोटाले सामने आए, उससे लोग गुस्साए हुए थे। अन्ना इसी गुस्से को जाहिर करने का बहाना बन गए हैं। यही अन्ना की ताकत है। जो लोग महंगाई और भ्रष्टाचार से परेशान हैं, अन्ना उनकी नाराजगी का प्रतीक बन गए हैं, इसीलिए तिहाड़ जेल के बाहर, इंडिया गेट से लेकर जंतर-मंतर तक, छोटे-बड़े शहरों में लोग इस अभियान में अन्ना-अन्ना करते नजर आ रहे हैं।सवाल ये है कि अगर अन्ना पहले दिन ही अनशन कर लेते, तो क्या हो जाता? सरकार क्यों इतनी बौखला गई? मुझे लगता है इसकी वजह है सरकार में बैठे कुछ लोगों का अहंकार। वे लोग, जो कुछ दिन पहले अन्ना हजारे और रामदेव के सामने नतमस्तक हो गए थे, उन्हें अचानक लगा कि अन्ना और रामदेव से बात करके गलती कर दी। सरकार का इकबाल तो डंडे से कायम होता है, इसीलिए पुलिस की आड़ में डंडा चलाने का फैसला किया गया। मजे की बात ये है कि जब डंडा फेल हो गया तो अपनी दुर्गति के लिए सरकार ने मीडिया को जिम्मेवार बता दिया। कपिल सिब्बल की सुनें तो अन्ना हजारे को मीडिया ने हीरो बना दिया है। अगर टीवी चैनल न होते, तो इस आंदोलन का असर नहीं होता। लेकिन मुझे लगता है कि अगर जनता भ्रष्टाचार से परेशान न होती और सरकार इतना अहंकार न दिखाती तो टीवी कैमरों का इतना असर नहीं होता। फर्क ये है कि टीवी कैमरे आम आदमी का दर्द दिखा रहे हैं और इस सरकार के सबसे ज्यादा बोलने वाले मंत्री इस दर्द को छुपा रहे हैं। इससे ज्यादा शर्म की बात क्या हो सकती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चलाने वाले अन्ना को उसी जेल में रखा गया, जहां राजा और कलमाडी कैद हैं। अन्ना अपराधी नहीं हैं। उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा, किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। उन्हें जेल भेजना कानूनन सही हो सकता है, लेकिन राजनीति की भाषा में इसे आत्मघाती कदम कहा जाएगा। आपातकाल में भी जयप्रकाश नारायण, मोरारजी देसाई, अटल बिहारी वाजपेयी को गिरफ्तार करके गेस्ट हाउस में रखा गया था, क्योंकि वे अपराधी नहीं थे।मजे की बात ये है कि सरकार सब कुछ करने के बाद कह रही है कि अन्ना को गिरफ्तार करना पुलिस का फैसला है। क्या चिदंबरम लोगों को मूर्ख समझते हैं? क्या ऐसा हो सकता है कि पुलिस अन्ना को बिना गृह मंत्री की अनुमति के गिरफ्तार कर ले? ये भी नहीं हो सकता कि चिदंबरम को जानकारी न हो कि अन्ना कहां हैं? एक बच्चा भी जानता है कि पुलिस कमिश्नर गृह मंत्री से पूछे बिना सांस भी नहीं ले सकते।कपिल सिब्बल और चिदंबरम की इस गैरराजनीतिक शैली का नुकसान हुआ कांग्रेस को। एक तरफ तो लगा कि कांग्रेस के पास कोई दिशा नहीं है। कभी अन्ना के साथ पांच-पांच मंत्री बैठकर बिल बनाते हैं, फिर उसी अन्ना को सिर से पांव तक भ्रष्ट बताते हैं। कभी उन्हें जेल भेजते हैं, कभी सिर पर बिठाते हैं, कभी उन्हें खतरा बताते हैं, कभी उनसे खुद डर जाते हैं। अब मुसीबत ये है कि अन्ना के सवाल पर कांग्रेस की विरोधी पार्टियां एक हो गई हैं। लेफ्ट के नेताओं ने भाजपा के साथ मिलकर प्रधानमंत्री से जवाब मांगा। चंद्रबाबू और मुलायम साथ हो गए। विरोधी दलों की एकता सरकार को भारी पड़ सकती है। दूसरी तरफ कांग्रेस के सहयोगी दल खामोश हैं। वे इसे सिर्फ कांग्रेस की लड़ाई मान रहे हैं। यह गठबंधन की सरकार के लिए अच्छा संकेत नहीं है। संसद में विपक्ष और सड़क पर जनता, सरकार किस-किस को रोकेगी? अन्ना की गिरफ्तारी के बाद सवाल अब लोकपाल बिल तक ही सीमित नहीं रह गया है। सवाल ये है कि इस मुल्क में लोकतंत्र रहेगा या नहीं? सवाल ये है कि आम आदमी को अपनी आवाज उठाने के लिए क्या सरकार से इजाजत लेनी होगी? क्या सत्ता के अहंकार में डूबे मंत्री हर आवाज उठाने वाले को भ्रष्ट करार देते रहेंगे? अगरये हुआ तो इतिहास 1970 के दशक की संपूर्ण क्रांति को दोहराएगा। देश का नौजवान फिर ‘दिनकर’ की कविता गाएगा : ‘सिंहासन खाली करो कि जनता आती है..।’सरकार की दिशाहीनता इसी से जाहिर होती है कि कभी अन्ना के साथ पांच-पांच मंत्री बैठकर बिल बनाते हैं, फिर उसी अन्ना को सिर से पांव तक भ्रष्ट बताते हैं, कभी उन्हें जेल भेजते हैं, कभी सिर पर बिठाते हैं, कभी उन्हें खतरा बताते हैं, कभी उनसे खुद डर जाते हैं।[दखल] लेखक इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ हैं
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19 August 2011प्रकाश झा एक अरब से अधिक आबादी वाले देश भारत में विश्व के किसी भी देश से अधिक नौजवान हैं । लगता तो ऐसा है जैसे हम देश के भविष्य के बारे में नहीं सोच रहे हैं । युवा ही देश का भविष्य हैं । अगर हम युवाओं को शिक्षित नहीं करेंगे तो हम देश का भविष्य बर्बाद कर देंगे । इसके अलावा, नौकरियों को लेकर अंधी दौड़ जारी है । उत्साहवर्धक बात यह है कि अब रोजगार पाने के लिए प्रोफेशनल कोर्सो पर ध्यान दिया जा रहा है, किन्तु इसके बावजूद स्याह पक्ष यह भी है कि हम बड़े इतिहासकार और वैज्ञानिक नहीं पैदा कर पा रहे हैं । इकादमिक शोध और वैज्ञानिक उन्नयन धीमे-धीमे पिछड़ रहा है । ऑक्सफोर्ड में किसी शोधार्थी से पूछें कि क्या वह भारत में वैसी जिंदगी जी सकता है जैसी ऑक्सफोर्ड में जी रहा है, तो उसका उत्तर होगा-नहीं । सीधी सी बात यह है कि हमारे देश में शोध और शिक्षण के लिए उचित स्थान ही नहीं है । आरक्षण के माध्यम से समाज के पिछड़े और वंचित वर्गो को शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने तथा उन्हें मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जा रही है । आरक्षण दुधारी तलवार है । पिछड़ी जातियों का उद्धार करने के साथ-साथ यह सामान्य श्रेणी के छात्रों के लिए उपलब्ध सीटों पर प्रतिस्पर्धा तीव्र भी करता है । यद्यपि आरक्षण का उद्देश्य समता का भाव पैदा करना है, किन्तु यह अक्सर छात्र समुदाय के बीच विद्वेष बढ़ाने का काम करता है । साथ ही, सीटें कम होने से प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के कारण निजी कोचिंग संस्थानों को फलने-फूलने और मुनाफाखोरी का मौका मिलता है । चूँकि वंचित वर्ग इन कोचिंग संस्थानों की फीस वहन नहीं कर सकता, इसलिए हम फिर से वहीं आ जाते हैं जहाँ से चले थे, यानी अवसरों की असमानता । आजकल कोचिंग सेंटर और निजी शिक्षण संस्थान छाए हुए हैं । छोटे बच्चों को नर्सरी स्कूल में एडमिशन दिलाने की तैयारी करने वाले कोचिंग सेंटर हैं। अभिभावक बोर्डिंग स्कूल में एडमिशन के लिए भी कोचिंग सेंटर की शरण में जाते हैं । मेडिकल, इंजीनियरिंग और प्रबंधन की प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी भी कोचिंग सेंटरों के बिना पूरी नहीं हो पाती । यूपीएससी हो या कानून की पढ़ाई, कोचिंग सेंटर के बिना सफलता को संदेह की दृष्टि से देखा जाता है । यह सूची अनंत है । प्रवेश परीक्षाओं के शैक्षणिक स्तर और छात्रों के ज्ञान में इतना अंतर क्यों है? डेढ़ दशक पहले एक केवल कमजोर विद्यार्थी ही ट्यूशन लिया करते थे । अब हर छात्र ट्यूशन ले रहा है । शिक्षक ट्यूशन पढ़ाने में अधिक मेहनत और समय लगाते हैं । अगर आप वास्तव में कुछ सीखना चाहते हैं तो ट्यूशन लेना ही होगा । और जाहिर है, इसके लिए जेब ढीली करनी पड़ेगी । इसलिए ऐसे बच्चे जिनके मां-बाप धनाढ्य नहीं हैं, ट्यूशन नहीं ले पाते । जब ट्यूशन में ही पढ़ाई होती है तो फिर स्कूलों का औचित्य ही क्या है ? यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि शिक्षा की संकल्पना सिर के बल उलटी हो गई है । बेतहाशा व्यावसायीकरण के कारण शिक्षा एक उद्योग में बदल गई है और यह स्पष्ट नजर आ रहा है कि समाज सेवा के अपने सिद्धांत से विमुख हो गई है । गुरू-शिष्य की हमारी परंपरा सेवा प्रदाता-ग्राहक संबंधों में रूपांतरित हो गई है। शिक्षण ऐसा पेशा हो गया है, जिसे कोई मजबूरी में ही अपनाता है । यह कैरियर का अंतिम विकल्प है । इसके लिए निम्न वेतनमान जिम्मेदार है । अफसोस की बात है कि तमाम चर्चा-परिचर्चा के बावजूद इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो रही है । जिस प्रकार हम प्रशासकीय और पुलिस सेवाओं आदि के लिए देश की मेधा को आकर्षित करते हैं, उसी प्रकार शिक्षण के क्षेत्र को हम इतना आकर्षक क्यों नहीं बनाते कि देश की प्रतिभाएं इस ओर खिंची चली आएं ? आखिरकार, अगली पीढ़ी का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी शिक्षकों की ही है । ऐसा लगता है कि हम देश की शिक्षण व्यवस्था पर पुनर्विचार नहीं कर रहे हैं । हमें इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि हम भारत में शिक्षा के इस भविष्य के साथ कहां जाना चाहते हैं । निश्चित तौर पर इन सब मुद्दों पर बहसकरने और हमारी नीतियों व व्यवस्था का मूल्यांकन करने का यह सही समय है । बढ़ती महत्वाकांक्षाओं की आंधी ने शिक्षा जगत को उलट दिया है । अवसरों का लाभ उठाने से नहीं चूकना चाहिए और हर कोई बस एक अवसर चाहता है । भारत के नौजवान पहचान बनाने और अवसर पाने को छटपटा रहे हैं । शैक्षणिक तंत्र बेहद दबाव में है । बेहतर भविष्य के लिए सही डिग्री पाने को छात्र कुछ भी खर्च करने को तैयार हैं । उन्हें बस एक अवसर की तलाश है । मेरी आगामी फिल्म ÷आरक्षण' में शिक्षण व्यवस्था के बदलते चेहरे और सीमित अवसरों के लिए मारामारी की एक झलक दिखाने का प्रयास किया गया है। इसमें प्रभाकर आनंद एक कॉलेज के आदर्श प्रधानाचार्य हैं, जो ईमानदारी और साहस की प्रतिमूर्ति हैं । हम देखते हैं कि आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला किस तरह कॉलेज के छात्रों व शिक्षकों में दरार और टकराव पैदा कर देता है । जब महत्वाकांक्षाओं और अवसरों को अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ता है तो पहचान पर सवाल खड़े किए जाते हैं, वफादारी छोर बदल लेती है, प्रेम खत्म हो जाता है और दोस्ती में विश्वासघात मिलता है । यह फिल्म भारत में उच्चतम शिक्षा तंत्र में उभर आए मुद्दों को सतह पर लाने का मेरा एक छोटा और विनम्र प्रयास है । मुझे उम्मीद है कि यह बहस नए सिरे से उभरेगी और विचार-विमर्श का एक ऐसा दौर आरंभ होगा जो देश में उच्च शिक्षा की तस्वीर बदलने में सहायक सिद्ध होगा। (दखल)(लेखक प्रसिद्ध फिल्मकार हैं)
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7 August 2011अवधेश बजाज मध्यप्रदेश में इन दिनों राजनेताओं के भ्रष्टाचार और अत्याचार के नित नए मामले प्रकाश में आ रहे हैं । सत्ता साकेत में बैठे लोगों के चेहरों पर इन मामलों से शिकन तक नहीं आई है । ऐसा लगता है कि सरकार ने इसे सत्ता की नियति मान कर आत्मसात कर लिया है । ऐसे में सरकार को मेरा एक सुझाव है । पहले हिन्दी और सहायक वाचन में बाल गंगाधर राव तिलक, विपिन चंद्रपाल, महात्मा गांधी जैसे महापुरूषों के प्रेरणास्पद संस्मरणों को प्रकाशित किया जाता था, जिससे नई पीढ़ी संस्कार ग्रहण करती थी । चूँकि अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं और मानवीय मूल्यों का ह्ास हुआ है । भ्रष्टाचार अब शिष्टाचार और अत्याचार अधिकार हो गया है । ऐसे में सरकार को पाठ्यक्रम में फेरबदल कर ÷ आधुनिक महापुरूषों ' के कारनामों को भी प्रकाशित करना चाहिए । इसकी बानगी के रूप में प्रस्तुत हैं कुछ अंश :-पाठ-१ दीपराज सिंह का साम्राज्य : किसी सूबे में दीपराज सिंह का साम्राज्य था । जब दीपराज सामान्य व्यक्ति था, तो बहुत ही नेकनीयत वाला ईमानदार था, किन्तु जब वह सत्ता में आया तो उसने अपना धनबल बढ़ाने की योजना पत्नी के सहयोग से बनाई । उसने एक सीमंट फैक्ट्री के मालिक से दोस्ती गांठी और उससे पत्नी के नाम पर चार डंपर उपहार में लिए । बदले में दीपराज ने फैक्ट्री मालिक को एक संस्कृति न्यास का सदस्य बनवा दिया । दीपराज ने फैक्ट्री मालिक को सस्ती जमीन मुहैया कराई, मुफ्त में पानी दिया और उसे मनमानी करने की छूट दे डाली । सत्ता की शह पाकर फैक्ट्री मालिक ने मजदूरों का शोषण करना शुरू कर दिया । मजदूरों ने जब विरोध प्रदर्शन किया तो उन्हें गोलियों से भून डाला । चूँकि फैक्ट्री मालिक को सत्ता का संरक्षण प्राप्त था, इसलिए उसका कुछ नहीं बिगड़ा और उसका दमन चक्र जारी रहा । सबक :- बच्चों, इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मौका मिलने पर उसे जमकर भुनाना चाहिए और अपना लाभ होने पर सामने वाले को हर तरह से उपकृत करना चाहिए । साथ ही उसके अपराधों के प्रति आंखें मूंद लेना चाहिए । पाठ-२ दो हंसों का जोड़ा : एक समय की बात है । एक राज्य के नगरीय प्रशासन में रैदास विजयश्री और महेश मेंदोल नामक दो दोस्त चुन लिए गए । इसी बीच सरकार की ओर से गरीबों, निराश्रितों के लिए पेंशन योजना लागू की गई, जिसके क्रियान्वयन का दायित्व रैदास और महेश के कांधों पर आया । दोनों दोस्तों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर गरीबों-निराश्रितों की पेंशन हड़प ली और अपना पेट बड़ा कर लिया । इतने से भी उन्हें सब्र नहीं हुआ तो उन्होंने सरकारी जमीन चंद धन्ना सेठों को कौड़ियों के मोल दे डाली और पर्दे के पीछे लंबा खेल खेल डाला । इस प्रकार दोनों दोस्ट करोड़ों-अरबों रूपये के मालिक हो गए । इनके कारनामों से सरकार इतनी प्रसन्न हुई कि इनमें से एक को विधायक और दूसरे को मंत्री बना दिया । इस प्रकार दो हंसों का यह जोड़ा जीवनभर मौज करता रहा । सबक :- बच्चों, इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मौका मिलने पर अपना घर भरने का कोई अवसर हाथ से मत जाने दो । सरकारी धन और सम्पत्ति को अपने बाप-दादों की पूंजी मान कर जम कर लूट-खसोट करो । इससे सरकार भी खुश रहती है । पाठ-३ निलय शाह का मायाजाल : प्राचीन काल की बात है । एक छोटी-सी रियासत में एक बच्चे ने जन्म लिया। उसका नाम निलय रखा गया । वह बचपन से ही बेहद शरारती था । किशोरावस्था से ही उसे भोग विलास का शौक लग गया । जब वह बड़ा हुआ तो अपनी रियासत से चुनाव लड़कर मंत्री बन गया । चूंकि अब उसके पास सत्ता थी, इसलिए उसने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अपनी कामपिपासा शांत करना शुरू कर दी । विभागीय काम के ठेके लेने वालों से सुंदर-सुंदर युवतियां बुलवाई और एनजीओ में लगी युवतियों को हम बिस्तर किया । जब उसे जंगल महकमा मिला तो उसने इस विभाग की कई महिला कर्मचारियों पर हाथ साफ किया । बाद में इसका विभाग बदला गया तो एक कर्मचारी की पत्नी पर उसका दिल आ गया । कर्मचारी ने पत्नी को मंत्री के साथ हमबिस्तर होने के लिए कहा तो वह थाने पहुंच गई, लेकिन फिर भी मंत्री का कुछ नहीं बिगड़ा । इस मंत्री के बेटे ने बाप के नक्शेकदम पर चलते हुए अपने दोस्तों के साथ एक युवती से गैंग रेप भी किया, मगर ऊपरी पहुंच के चलते मामला शांत कर दिया गया । सबक :- इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि अपनी कामपिपासा का कभी भी दमन मत करो । जहां भी मौका मिले, मुंह मारने से मत चूको । सत्ता आपके साथ है तो आपका कुछ नहीं बिगड़ेगा । पाठ-४ स्वरूप मिश्रा कांड : एक सूबे में स्वरूप मिश्रा नामक मंत्री था । उसका मामा देश का बड़ा नेता था। मामा के प्रभाव और अपनी पहुँच के बल पर उसने अपने गृह नगर में एक कॉलेज स्थापित कर लिया । किन्तु पड़ोस के गांव वाले यहीं से आना-जाना करते थे । स्वरूप के परिजनों को यह बात बहुत खलती थी । एक दिन वे पूरी फौज के साथ उक्त गांव में पहुंचे और ग्रामीणों को गांव छोड़ने के लिए धमकाया । ग्रामीण अड़े रहे, तो उन पर गोलियां चला दीं, जिसमें एक ग्रामीण मर गया और एक घायल हो गया । गांव वालों ने मंत्री के भाई-भतीजों के विरूद्ध नामजद रिपोर्ट की, किन्तु सत्ता ने ऐसा खेल खेला कि भाई-भतीजों को बचा कर फर्जी आरोपी खड़े कर दिए गए । हालांकि इस मामले में स्वरूप को मंत्री पद छोड़ना पड़ा, किन्तु वह अपने परिजनों को बचाने में सफल रहा । सबक :- इस कहानी से यह प्रेरणा मिलती है कि सत्ता मिलने पर उसका खूब दोहन करो । जमीन कब्जाओ, कॉलेज खुलवाओ और गरीब-गुरबे आड़े आएं तो उन्हें भून डालो । सत्ता आपको पूरा संरक्षण देगी और आपका बाल भी बांका नहीं होगा । पाठ-५ शूरवीर भतीजे : एक राजा था । उसका एक मंत्री था, जिसका नाम था ज्ञानेंद्र सिंह, जो महाभ्रष्ट था । जब उसे मंत्री बनाया गया, तो उसके भतीजों के पर निकल आए । राजा के एक सिपहसालार वंशपाल सिंह सिसौदिया के साथ भी यही था । दोनों भतीजे अय्याशियों के नए कीर्तिमान स्थापित करने लगे । हालांकि चाचा के प्रभाव और अवैध कमाई के कारण दोनों भतीजे कॉल गर्ल्स बुलाते रहते थे, मगर पैसा खर्च कर अय्याशी करने में इन्हें मजा नहीं आ रहा था । इसलिए दोनों ने अलग-अलग ही सही, मगर एक ही रास्ता अपनाया । गरीबों-दलितों की सुंदर लड़कियों को अगवा किया और फिर उनसे बलात्कार किया । जब खुद का मन भर गया था, तो ÷ जूठन ' दोस्तों के लिए छोड़ दी । दोनों मामले जनता की अदालत में पेश हो गए, मगर राजा ने बलात्कारी भतीजों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने दी और मामले रफा दफा कर दिए । सबक :- बच्चों, यदि आपके परिवार-रिश्तेदार का कोई भी सदस्य मंत्री-विधायक बन जाए तो गरीबों की लड़कियों को उठाओ और उनका भोग करो । सत्ता आपको संरक्षण देगी और कानून आपके पैरों तले होगा । पाठ-६ कमाऊपूत की पूछ : एक राजा के दो मंत्री थे श्याम कृष्ण कुसमारिया और संजना बघेल । दोनों को भ्रष्टों से बहुत लगाव था । इसकी वजह यह थी कि वे इन मंत्रियों को कमाई के नए-नए रास्ते बताते थे । श्याम कृष्ण ने एक ऐसे डीएसपी को अपना ओएसडी बनाया, जिस पर धोखाधड़ी, षडयंत्र, अमानत में खयानत और भ्रष्टाचार के मामले दर्ज थे । हालांकि मंत्री के विभागीय कारिंदों ने उसे मंत्री का ओएसडी बनाने का विरोध किया, किन्तु मंत्री के आगे किसी की नहीं चली । इसी तरह संजना ने भी एक बेहद विवादित व्यक्ति को अपना निजी सहायक बनाया । इस महिला मंत्री का पति पहले ड्रायवर था, इस कारण वाहनों के रखरखाव और डीजल चोरी का उसे अच्छा ÷ज्ञान' था। पति महोदय ने अपने इस ÷ज्ञान' का उपयोग विभागीय वाहनों से चौथवसूली में किया और बैंक बैलेंस बढ़ाया । सबक :- बच्चों, यदि भाग्य से आप विधायक और फिर मंत्री बन जाओ, तो भ्रष्ट अधिकारियों पर आंख मूंदकर विश्वास कर उन्हें अपने साथ रखो । ये तुम्हें इतना धन दिलवा देंगे कि तुम्हारी सात पीढ़ियां बैठे-बैठे खा सकेंगी । पाठ-७ जिंदगी का नाम दोस्ती : जिंदगी में दोस्ती का बड़ा महत्व है । यह एक मंत्री ने सिद्ध कर दिया था । राजा को भी इस मंत्री पर बड़ा नाज था । इस मंत्री का नाम था रविशंकर खटीक । राजा ने जब इसे मंत्री बनाया तो इसके साथ इसके दोस्तों के भी पर निकल आए । इसने दोस्त को ÷ अपने राज ' का हवाला देकर मनमानी करने की खुली छूट दे दी । बस, फिर क्या था । दोस्त के पर निकल आए । मंत्री के प्रभाव का इस्तेमाल कर उसने मंत्री के गृहनगर में एक व्यक्ति का मकान हड़प लिया । सबक :- बच्चों, इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि यदि बड़े होने के बाद तुम्हारा कोई संगी-साथी मंत्री बन जाए तो बेखौफ होकर किसी का भी मकान हड़प लो । न हींग लगेगी न फिटकरी, फिर भी रंग चोखा आएगा । पाठ-८ सरकारी माल अपना : एक राजा का सिपहसालार नरेंद्रजीत सिंह जब मंत्री बना तो उसके रिश्तेदारों ने खूब आग मूती । राजा ने उसे दूसरी बार मंत्री तो नहीं बनाया, पर वह सिपहसालार तो बन ही गया । मंत्री न बन पाने के बावजूद इसके दामाद ने रेत का अवैध कारोबार शुरू कर दिया । हालांकि रेत उत्खनन के लिए सरकारी खजाने में कुछ धन देना पड़ता है, लेकिन अब अपना रिश्तेदार राजा का सिपहसालार हो तो, इसकी जरूरत नहीं समझी गई । दामाद ने जम कर रेत उत्खनन कर भंडारण किया और सरकार को खूब चूना लगाया । कहते हैं कि किसी का भला होता देख दूसरों का पेट दुखने लगता है । जब दामाद की तिजोरी भरने लगी तो ऐसे लोग कोर्ट चले गए और अवैध खनन मामले में नोटिस जारी करवा दिया, जिसमें सिपहसालार भी लपेटे में आ गया । इसके बाद भी सरकार का घुटना पेट की तरफ झुका । सबक :- बच्चों, इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि यदि तुम्हारा ससुर विधायक बन जाए तो मौका हान से मत जाने देना । रेत का खूब उत्खनन करना और सरकार को चूना लगाना । जले-भुने लोग कोर्ट चले भी जाएं तो भी मत डरना, क्योंकि तुम्हारा ससुर सत्तारूढ़ दल का होगा और तुम्हारा कुछ नहीं बिगड़ेगा । इस तरह के पाठ नए पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने चाहिए, ताकि भावी पीढ़ी भ्रष्टाचारी, अत्याचारी और दुराचारी हो, क्योंकि आज वक्त ही ऐसा है । वक्त उन्हीं का साथ देता है, जो वक्त के साथ चलते हैं । इसलिए मौजूदा दौर को देखते हुए भावी पीढ़ी के लिए ऐसे ही ÷ प्रेरणादायी पाठ्यक्रम ' तैयार किये जाने चाहिए । एक बात और, सूबे के सरकारी स्कूलों में तो यह आसानी से लागू हो जाएगा, किन्तु निजी स्कूलों के विद्यार्थी भी इससे ' लाभान्वित ' हों, इसके लिए सरकार को कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर उसे पास करना चाहिए । जरूरत लगे तो कानून में भी संशोधन करने से नहीं चूकना चाहिए । उम्मीद है कि सरकार इस पर गंभीरतापूर्वक विचार कर ऐसी पहल करेगी । (दखल)(धुरंदर पत्रकार अवधेश बजाज बिच्छू डॉट कॉम के संपादक हैं, उन्हें पढ़ने के लिये लॉग ऑन करें बिच्छू डॉट कॉम)
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17 July 2010रवीश कुमार दिल्ली आने से पहले हाफ पैंट का इतना सामाजिक चलन नहीं देखा था । नब्बे के दशक में दिल्ली में एंट्री मारते ही लगा कि लोग सड़कों पर फ़ुल पैंट पहनते हैं मगर छतों पर हाफ पैंट का क़ब्ज़ा हो चुका है । गोविंदपुरी की छतों पर आने वाले मर्द हाफ पैंट और औरतें मैक्सी में ही नज़र आती थी । उदारवादी अर्थव्यवस्था की प्रथम संतानों ने कूलर और एसी के विकल्प के तौर पर हाफ पैंट और मैक्सी का ही इस्तमाल किया । नाइसिल पाउडर और कोक पेप्सी के बाद गर्मी से लड़ने के लिए हाफ पैंट और मैक्सी ने दिल्ली की मानव सभ्यता का बहुत साथ दिया । हाफ पैंट शब्द का इस्तमाल हम बिहारी लोग करते थे, दिल्ली वाले नेकर, निक्कर या निकर या शाट्स बोलते थे । थे क्या, आज भी बोलते हैं ।मैंने नब्बे के दशक की दिल्ली देखी है इसलिए अगर नेकर और मैक्सी का आगमन पहले हो चुका होगा तो ‘बाइनरी’ के इतिहासकार मुझे माफ करेंगे । ऐसा नहीं था कि नेकर और मैक्सी का प्रतिरोध नहीं हो रहा था । दिल्ली आकर हम किरायेदार भी सफेद पजामे की जगह हाफ पैंट की शरण में आ गए । जितनी तेज़ी से हाफ पैंट को स्वीकार किया वो संकेत था कि हम उदारवादी व्यवस्था के लिए मानसिक ही नहीं सांस्कृतिक रूप से भी तैयार हैं । हाफ पैंट को लेकर बाहरी मर्द और पारिवारिक मर्द का भेद भी जल्दी मिट गया । गोविंदपुरी के मकान मालिक शर्मा जी ने मेरे उदारवादी पहनावे को लेकर आपत्ति जताई कि आप रात को छत पर चटाई बिछा कर क्यों सोते हैं । हमने कहा कि एस्बेस्टस का कमरा काफी गरम हो जाता है । शर्मा जी ने फ़रमान के लहज़े में कह दिया कि घर में औरतें हैं । आप हाफ पैंट में बाहर मत निकलिये । शर्मा जी ख़ुद हाफ पैंट में थे ।धीरे धीरे नेकर को लेकर बचा खुचा सांस्कृतिक प्रतिरोध कमज़ोर पड़ने लगा और जनपथ पर बिकने वाला नेकर लोकप्रिय होता चला गया । दिल्ली के जनपथ मार्केट का टी शर्ट और नेकर के प्रसार में बहुत योगदान है । पच्चीस पच्चीस चीख़ चीख़कर वहाँ के विक्रेताओं ने पूरे भारत में टी शर्ट और नेकर का विस्तार किया है । उसके बाद सरोजिनी मार्केट का स्थान आता है । जनपथ के टीशर्ट की एक अजब ख़ूबी हुआ करती थी । मैंने पहली बार देखा कि आदमी के बड़ा होने से पहले ही कपड़ा सिकुड़ कर छोटा हो जाता है । नेकर की सिलाई की कमज़ोरी से लगता था कि सिलने से ज़्यादा बेचने की जल्दी है । कब कहाँ से सिलाई खुल जाये पता नहीं होता था । फिटिंग ऐसी होती था कि कमर बायें की तरफ लचकती थी तो हाफ पैंट का घेरा दायीं तरफ लचक जाता था । ये विज्ञान के किस नियम के तहत होता था आज तक पता नहीं कर सका ।इसके बाद अच्छी सिलाई और फिटिंग वाले हाफ पैंट का चलन आया । इन्हें शाट्स कहा जाने लगा । इनका रंग भी ख़ाकी का ही होता था पर किसी को देखकर नहीं लगा कि ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का नेकर है या पुलिस का है । बल्कि ऐसे ख़ाकी शाट्स हमने सबसे पहले लेफ़्ट के विद्वानों को ही पहने देखा ! बड़े बड़े ब्रांड वाले स्टोर में शाट्स को जगह मिलने लगी। लोग शाट्स पहनकर यहाँ वहाँ नजर आने लगे ।छुट्टी के दिनों में शाट्स और फ़्लोटर चप्पल पहनकर लोगों ने खुशी खुशी जता दिया कि वे भारत की अतीत वाली तमाम अर्थव्यवस्थाओं से संबंध विच्छेद करने में संकोच नहीं करते । बड़ी संख्या में लोग शाट्स पहनकर हवाई अड्डे और रेलवे स्टेशन पर नज़र आने लगे । कुछ लोगों ने गोवा को शाट्स की राजधानी समझा और गोवा जाने से पहले शाट्स की ख़रीदारी जरूर की । पटना जाने वाली ट्रेन में भी लोग टी शर्ट और शाट्स में नज़र आने लगे मगर बाकी सवारी उन्हें हाईब्रिड ( मिश्रित ) नागरिक के रूप में देखते थे । शाट्स में देखते लगता था कि बोध गया जाने वाला कोई विदेशी तो नहीं मगर शक्ल से बिहारी जानकर सदमा लग जाता था । पुरातनपंथी सोचने लगते थे कि एकदम से ख़त्म हो गया है का । वैसे वहाँ भी अब शाट्स घर घर की कहानी है ।नब्बे के दशक में हम जिस बिहार से आए थे वहाँ लोग नीचे हाफ पैंट नहीं पहनते हैं पर ऊपर से हाफ या साफ हो जाते हैं । गर्मी के दिनों में हमारे प्रदेश ( बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश भी) के लोग ऊपर कम ही पहनना पसंद करते हैं । गर्मी के दिनों में लगता है कि सारी क़मीज़ें कहाँ चली जाती होंगी। घर आते ही क़मीज़ और पतलून को उतारा नहीं जाता है बल्कि फेंका जाता है । लोग लुंगी का घेरा कसते हुए मोहल्ले के बीच में आ जाते थे । जैसे दफ्तर जाना पतलून पहनने की सज़ा काटना होता हो।जल्दी से लोग बनियान में आ जाते है ।बंगाल और बिहार के लोग बनियान को अंग्रजी में गंजी कहते हैं ! हर कोई अपनी गंजी को पहले दिन के जैसा सफेद देखना चाहता है । गंजी को सफेद रख पाने की नाकामी या सदमा नहीं झेल पाते हैं तो नील से नीला करने लगते हैं । मैं इसका भी वैज्ञानिक कारण नहीं पता लगा सका कि लोगों को नीले में सफेद कैसे नज़र आता है । अंत में जब हर बनियान को नीला ही होना है तो नीला बनियान ही क्यों नहीं बिकता । सबसे ज़्यादा सफेद क्यों बिकता है ।मुझे हाफ पैंट के माँ बाप यानी मूल का पता नहीं लेकिन लगता है कि भारत में यह बरतानिया हुकूमत के दौर में आया । ब्रिटिश पुलिस अफसर और सिपाही दोनों हाफ पैंट पहनते थे । आजादी के बाद हमारे देश में हाफ पैंट बच्चों के स्कूल यूनिफार्म से प्रचलित हुआ है । घरों में ज्यादातर हाफ पैंट फ़ुल पैंट से ही पैदा होते थे । फ़ुल पैंट छोटा होते ही घर परिवार में किसी के लिए हाफ पैंट बन जाता था । ओरजिनल हाफ पैंट की सिलाई कम होती थी इसलिए बेहतरीन हाफ पैंट सिलने वाले कम ही हुए हैं । संस्कृति के हिसाब से धोती और लुंगी भारतीय लगती है । अमीर और मध्यमवर्गीय तबके में इन्हें कोई पूछने वाला नहीं है । वहाँ लोग अब ट्रैक पैंट पहनने लगे हैं !सुन रहा हूँ कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने हाफ पैंट को लेकर विचार कर रहा है । नेकर का रंग और साइज़ बदलना चाहता है । एक ऐसे समय में जब नेकर/ शाट्स ज़्यादा प्रचलित है और कूल है ठीक उसी समय संघ अपने इस मूल वस्त्र को बदल देना चाहता है । जबतक कोई बच्चों के अलावा नेकर नहीं पहनता था तब तक संघ वाले पहनते रहे । अब जब सब पहनने लगे हैं तो उन्हें क्यों लाज आ रही है ! क्या इसलिए कि लोग मज़ाक़ उड़ाने लगे हैं ? मज़ाक़ तो पहले भी उड़ता होगा ।ट्वीटर पर मैंने देखा कि कई लोग नेकर को लेकर तरह तरह की तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं । संघ का विरोध तो समझ आता है लेकिन विरोध में सनकना मुझे कूल नहीं लगता । क्या ये लोग सारे हाफ पैंट के बारे में वही राय रखते हैं जो संघ के नेकर के बारे में रखते हैं ? संघ के सारे विरोधी सस्ते में छूट जाना चाहते हैं । कुछ प्रतिकात्मक मसलों पर विरोध जताकर मौज करने लगते हैं । संघ का विरोध करना है तो उसके बारे में जानिये, समय निकाल कर पढिये । उतनी मेहनत कीजिये जितनी मेहनत संघ अपने प्रसार के लिए करता है । संघ का संगठन या उसकी विचारधारा हाफ पैंट में नहीं हैं ।अर्ध- पतलून ( हाफ पैंट अंग्रेजी है, पतलून ?) का मज़ाक़ उड़ा रहे हैं या उसकी खराब फिटिंग का ? मुझे नहीं पता कि संघ के कार्यकर्ताओं को मुख्यालय से हाफ पैंट की सप्लाई होती है या वे जहाँ तहाँ से सिलवा लेते हैं । जैसा कि मैंने कहा कि मूल रूप से हाफ पैंट सिलने वाले दर्ज़ी कम होते हैं इसलिए फिटिंग की ऐसी तैसी हो गई है । स्कर्ट सिलने का हुनर हाफ पैंट की सिलाई में आज़माने से कई हाफ पैंट स्कर्ट जैसे हो गए । संघ इस कमी को आसानी से दूर कर सकता है। खादी भंडार से सीख सकता है । इसी देश में खादी के कपड़ों की ख़राब फिटिंग की समस्या को दूर कर फ़ैशनेबल बनाया गया है ।मेरी राय में अगर संघ ने हाफ पैंट का रंग या हाफ पैंट बदलने का फ़ैसला किया तो यह उसकी हार होगी । उसकी प्रतिबद्धता की हार होगी । भले ही नेकर उसकी विचारधारा का प्रतीक नहीं है लेकिन प्रतिबद्धता का तो है ही । आखिर संघ उन लोगों को क्या जवाब देगा जो वर्षों से उसी बदरंग और खराब फिटिंग वाले निकर में शाखा लगाते रहे । क्या संघ उनके शारीरिक बेडौलपन को भी लेकर शर्मिंदा होने लगेगा ? क्या ‘साइज़ ज़ीरो संघी’ को ही शाखा के लिए योग्य माना जाएगा ?नोट: इस लेख के प्रकाशित होने के बाद ख़बर आ गई कि संघ ने हाफ पैंट को फ़ुल करने का फ़ैसला किया है । संघ को प्रचार प्रमुख एम जी वैद्य ने कहा है कि नब्बे साल में सिर्फ संघ की टोपी नहीं बदली है । 2010 और 2015 में गणवेश बदलने पर विचार हुआ था । संघ का कहना है कि वक्त के साथ बदलते रहेंगे । कभी क़मीज़ भी ख़ाकी हुआ करती थी जिसे 1939 में सफेद कर दिया गया । पहले पतलून ही था जिसे बाद में निकर कर दिया गया ।[ रवीश कुमार के ब्लॉग से ]
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14 March 2016अवधेश बजाजहैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में रोहित वेमूला और अब जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कन्हैया कुमार में क्या समानता है? सिर्फ एक। दोनों संघ के विचारों के खिलाफ थे। दोनों ही संघ के छात्र संगठन एबीवीपी यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के निशाने पर थे। नतीजा यह हुआ कि एक ने खुदकुशी कर ली। दूसरा देशद्रोह के आरोप में जेल में है। यह देखकर सिर्फ एक सवाल उठता है क्या विरोधी विचारों से डरता है संघ?संघियों को यह समझना होगा है कि विश्वविद्यालयों में हिटलर भी पढ़ाया जाता है, मुसोलिनी भी। गांधी भी किताबों में हैं तो हेडगेवार भी। लेकिन क्या इन अलग-अलग विचारों को पढऩे या पढ़ाने या चर्चा या बहस का मुद्दा बनाने से हमें डरना चाहिए? नहीं। पठन-पाठन और अध्ययन में तो सभी विचार आएंगे ही। विचारों की भट्टी में तपकर ही तो आखिर छात्र अच्छे-बुरे को करीब से समझ पाएंगे। विश्वविद्यालय के नाम में ही निहित है, विश्व का विद्यालय यानी तमाम विश्व की समझ रखने और बनाने की जगह। वह भी विचारों पर तार्किक अध्ययन, बहस, चर्चाओं के जरिए। कोई भी विRSSचार निराधार नहीं होता। सबका अपना आधार होता है। जेएनयू में कश्मीर की आजादी के नारे लगे तो उनके पीछे भी कोई वजह रही होगी। यहां बात अच्छे-बुरे की होती ही नहीं, बल्कि हर विचार को समझने की होती है। विश्वविद्यालय से निकलकर ही तो कोई छात्र अच्छे या बुरे के लिए अपनी समझ को परिपक्व बनाता है। यदि स्वच्छंद और आजाद विचारों पर अपने कथित राष्ट्रवाद का बोझ डाल दोगे तो उसमें स्वच्छंद अभिव्यक्ति कहां रह जाएगी।जेएनयू में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की बरसी के संवाद को व्यापक नजरिए से देखने की जरूरत है। संघ जिस राष्ट्रवाद के विचार को मानता है वह भी तो कहीं न कहीं बहस और चर्चा के यज्ञ का ही फल होगा। विश्वविद्यालय में विचारों का समुद्रमंथन होता है। मंथन की कई बरस चलने वाली प्रक्रिया ही अमृत देती है। यही अमृत समाज को नई दिशा देता है। समाज की बुराइयों को दूर करता है। लेकिन यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि समुद्रमंथन में सिर्फ देवों का योगदान नहीं था। दानव भी बराबरी से शामिल थे। निष्पक्ष, स्वच्छंद विचारमंथन तभी हो सकता है, जब सभी तरह के विचार सामने आएं। तर्क-कुतर्क सब आएंगे। इसके लिए संवाद जरूरी है। ये सब विश्वविद्यालय में तभी हो सकता है जब सरकार उन्हें स्वतंत्र छोड़े। अपनी विचारधारा को थोपे नहीं। बल्कि अकाट्य तर्कों के जरिए सामने रखे जाए। तभी तो उन्हें सर्वसम्मति मिलेगी। लेकिन विरोधी आवाज को दबोना किसी भी लहजे से स्वस्थ लोकतंत्र नहीं हो सकता। जेएनयू प्रकरण को ही लो, ऐसा लगता है कि दूसरे पक्ष की सुनने ही नहीं देना चाहते। यदि अफजल गुरु के पक्ष में नारे लगे तो एक तथ्य यह भी है कि गुरु को कश्मीर के अलगाववादी अपने स्वतंत्रता संग्राम का नेता मानते हैं। ठीक वैसा, जैसा हम भगत सिंह को मानते हैं। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में तो कई नेताओं ने खुलकर गुरु की फांसी का विरोध किया था। ऐसे में क्या विरोध करने वाला हर विधायक देशद्रोही था?क्या सरकार या सत्ता पक्ष की बात से सहमत न होने वाला हर शख्स और विचार देशद्रोही है। हमारे देश ने कई वैचारिक नेता दिए। महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद… जैसे नेताओं ने अपने विचारों से न केवल अपने देश में बल्कि दुनिया के हर देश में अपने लिए खास पहचान बनाई। ऐसी छवि जो विरोधियों को भी उनके सामने झुकने को मजबूर करती है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कैमरन गांधी विरोधी तो नहीं हैं, लेकिन उनके ही पूर्वजों ने बापू को दबाने में कोई कमी छोड़ी थी क्या? पिछले साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन में थे तो गांधी प्रतिमा के आगे सिर नवाते कैमरन की तस्वीर तकरीबन सभी अखबारों के पहले पेज पर थी। क्या यह तस्वीर गांधीजी के विचारों की जीत का प्रतीक नहीं थी?विश्वविद्यालय ज्ञान के मंदिर हैं। सिर्फ वह ही ऐसी जगह है जहां हर विषय के हर पहलू पर चर्चा संभव है। तो रोका क्यों जा रहा है? बात सिर्फ 9 फरवरी को जेएनयू में लगे देशद्रोही नारों की नहीं है। वह एक सत्ताविरोधी कार्यक्रम था। वहां विरोधी पक्ष बात कर रहा था। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और देशद्रोह की संवैधानिकता पर जाएंगे तो बात लंबी चली जाएगी। हाथ कुछ नहीं आएगा। फिर भी संघियों से यह सवाल जरूर पूछना चाहूंगा कि वह भारत में कैसे नागरिक चाहते हैं? क्या उन्हें देश के भावी नागरिक ऐसे चाहिए, जो उसके कथित राष्ट्रवाद का अंधानुकरण करें। एक फांसीवादी, तानाशाही प्रवृत्ति को ही अपनाए। विमर्श छोड़ दें। वहीं सोचे, पहने और ओढ़े जो संघ चाहता है। एक अवधि तक यह जरूर काम कर जाएगा। लेकिन स्वच्छंद विचार नहीं आए तो संघ खुद तो आउटडेटेड हो ही जाएगा, भारतीयों को भी कर देगा। तब लोगों के पास क्रांति के सिवा कोई विकल्प न होगा।संघ विरोध शब्द से ही डरता है। जहां भी विरोधी स्वर उठते हैं, दबाने की कोशिशें तेज होती हैं। हम उन बयानों को नहीं भूले हैं जब मोदी का विरोध करने वालों को पाकिस्तान चले जाने की नसीहत दी जा रही थी। उस समय भाजपा नेतृत्व ने ऐसे बयान देने वालों को रोका नहीं। बढ़ावा दिया। पुरस्कार में मंत्री पद दिया। यही वजह है कि ऐसी सोच बढ़ती जा रही है। जवाब देना तक सरकार और संघ के लिए मुश्किल होता जा रहा है। विचारधारा कोई भी हो, उसमें बदलाव सहने, समझने और उसके अनुरूप खुद को ढालने का माद्दा होना जरूरी है। संघ को वैचारिक विरोध के प्रति सहिष्णुता रखनी होगी।असहिष्णुता पर छिड़ी बहस बिहार में बीजेपी के लिए नुकसानदायक साबित हुई। जंगलराज और मंडलराज जैसे डरावने नारे भी काम न आए। केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु जैसे राज्यों में चुनाव है। वहां जनाधार बढ़ाने में देशद्रोही बनाम देशभक्त की बहस काम तो आ सकती है, लेकिन सत्ता में नहीं ला पाएगी। संसद में तो नुकसान ही उठाना पड़ेगा। आर्थिक सुधारों की गाड़ी दो सत्रों से जस की तस खड़ी है। हंगामे की वजह से न तो जीएसटी पर बात बनी और न ही रियल एस्टेट बिल आगे बढ़ पाया। यदि संघ परिवार के सदस्य इसी तरह अडिय़ल रुख दिखाते रहे तो लगता नहीं कि मोदी पांच साल में भी कुछ कर पाएंगे।[बिच्छू डॉट कॉम से ]
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5 March 2016अवधेश बजाजहैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में रोहित वेमूला और अब जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कन्हैया कुमार में क्या समानता है? सिर्फ एक। दोनों संघ के विचारों के खिलाफ थे। दोनों ही संघ के छात्र संगठन एबीवीपी यानी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के निशाने पर थे। नतीजा यह हुआ कि एक ने खुदकुशी कर ली। दूसरा देशद्रोह के आरोप में जेल में है। यह देखकर सिर्फ एक सवाल उठता है क्या विरोधी विचारों से डरता है संघ?संघियों को यह समझना होगा है कि विश्वविद्यालयों में हिटलर भी पढ़ाया जाता है, मुसोलिनी भी। गांधी भी किताबों में हैं तो हेडगेवार भी। लेकिन क्या इन अलग-अलग विचारों को पढऩे या पढ़ाने या चर्चा या बहस का मुद्दा बनाने से हमें डरना चाहिए? नहीं। पठन-पाठन और अध्ययन में तो सभी विचार आएंगे ही। विचारों की भट्टी में तपकर ही तो आखिर छात्र अच्छे-बुरे को करीब से समझ पाएंगे। विश्वविद्यालय के नाम में ही निहित है, विश्व का विद्यालय यानी तमाम विश्व की समझ रखने और बनाने की जगह। वह भी विचारों पर तार्किक अध्ययन, बहस, चर्चाओं के जरिए। कोई भी विRSSचार निराधार नहीं होता। सबका अपना आधार होता है। जेएनयू में कश्मीर की आजादी के नारे लगे तो उनके पीछे भी कोई वजह रही होगी। यहां बात अच्छे-बुरे की होती ही नहीं, बल्कि हर विचार को समझने की होती है। विश्वविद्यालय से निकलकर ही तो कोई छात्र अच्छे या बुरे के लिए अपनी समझ को परिपक्व बनाता है। यदि स्वच्छंद और आजाद विचारों पर अपने कथित राष्ट्रवाद का बोझ डाल दोगे तो उसमें स्वच्छंद अभिव्यक्ति कहां रह जाएगी।जेएनयू में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की बरसी के संवाद को व्यापक नजरिए से देखने की जरूरत है। संघ जिस राष्ट्रवाद के विचार को मानता है वह भी तो कहीं न कहीं बहस और चर्चा के यज्ञ का ही फल होगा। विश्वविद्यालय में विचारों का समुद्रमंथन होता है। मंथन की कई बरस चलने वाली प्रक्रिया ही अमृत देती है। यही अमृत समाज को नई दिशा देता है। समाज की बुराइयों को दूर करता है। लेकिन यह भी ध्यान देने योग्य बात है कि समुद्रमंथन में सिर्फ देवों का योगदान नहीं था। दानव भी बराबरी से शामिल थे। निष्पक्ष, स्वच्छंद विचारमंथन तभी हो सकता है, जब सभी तरह के विचार सामने आएं। तर्क-कुतर्क सब आएंगे। इसके लिए संवाद जरूरी है। ये सब विश्वविद्यालय में तभी हो सकता है जब सरकार उन्हें स्वतंत्र छोड़े। अपनी विचारधारा को थोपे नहीं। बल्कि अकाट्य तर्कों के जरिए सामने रखे जाए। तभी तो उन्हें सर्वसम्मति मिलेगी। लेकिन विरोधी आवाज को दबोना किसी भी लहजे से स्वस्थ लोकतंत्र नहीं हो सकता। जेएनयू प्रकरण को ही लो, ऐसा लगता है कि दूसरे पक्ष की सुनने ही नहीं देना चाहते। यदि अफजल गुरु के पक्ष में नारे लगे तो एक तथ्य यह भी है कि गुरु को कश्मीर के अलगाववादी अपने स्वतंत्रता संग्राम का नेता मानते हैं। ठीक वैसा, जैसा हम भगत सिंह को मानते हैं। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में तो कई नेताओं ने खुलकर गुरु की फांसी का विरोध किया था। ऐसे में क्या विरोध करने वाला हर विधायक देशद्रोही था?क्या सरकार या सत्ता पक्ष की बात से सहमत न होने वाला हर शख्स और विचार देशद्रोही है। हमारे देश ने कई वैचारिक नेता दिए। महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद… जैसे नेताओं ने अपने विचारों से न केवल अपने देश में बल्कि दुनिया के हर देश में अपने लिए खास पहचान बनाई। ऐसी छवि जो विरोधियों को भी उनके सामने झुकने को मजबूर करती है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री कैमरन गांधी विरोधी तो नहीं हैं, लेकिन उनके ही पूर्वजों ने बापू को दबाने में कोई कमी छोड़ी थी क्या? पिछले साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन में थे तो गांधी प्रतिमा के आगे सिर नवाते कैमरन की तस्वीर तकरीबन सभी अखबारों के पहले पेज पर थी। क्या यह तस्वीर गांधीजी के विचारों की जीत का प्रतीक नहीं थी?विश्वविद्यालय ज्ञान के मंदिर हैं। सिर्फ वह ही ऐसी जगह है जहां हर विषय के हर पहलू पर चर्चा संभव है। तो रोका क्यों जा रहा है? बात सिर्फ 9 फरवरी को जेएनयू में लगे देशद्रोही नारों की नहीं है। वह एक सत्ताविरोधी कार्यक्रम था। वहां विरोधी पक्ष बात कर रहा था। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और देशद्रोह की संवैधानिकता पर जाएंगे तो बात लंबी चली जाएगी। हाथ कुछ नहीं आएगा। फिर भी संघियों से यह सवाल जरूर पूछना चाहूंगा कि वह भारत में कैसे नागरिक चाहते हैं? क्या उन्हें देश के भावी नागरिक ऐसे चाहिए, जो उसके कथित राष्ट्रवाद का अंधानुकरण करें। एक फांसीवादी, तानाशाही प्रवृत्ति को ही अपनाए। विमर्श छोड़ दें। वहीं सोचे, पहने और ओढ़े जो संघ चाहता है। एक अवधि तक यह जरूर काम कर जाएगा। लेकिन स्वच्छंद विचार नहीं आए तो संघ खुद तो आउटडेटेड हो ही जाएगा, भारतीयों को भी कर देगा। तब लोगों के पास क्रांति के सिवा कोई विकल्प न होगा।संघ विरोध शब्द से ही डरता है। जहां भी विरोधी स्वर उठते हैं, दबाने की कोशिशें तेज होती हैं। हम उन बयानों को नहीं भूले हैं जब मोदी का विरोध करने वालों को पाकिस्तान चले जाने की नसीहत दी जा रही थी। उस समय भाजपा नेतृत्व ने ऐसे बयान देने वालों को रोका नहीं। बढ़ावा दिया। पुरस्कार में मंत्री पद दिया। यही वजह है कि ऐसी सोच बढ़ती जा रही है। जवाब देना तक सरकार और संघ के लिए मुश्किल होता जा रहा है। विचारधारा कोई भी हो, उसमें बदलाव सहने, समझने और उसके अनुरूप खुद को ढालने का माद्दा होना जरूरी है। संघ को वैचारिक विरोध के प्रति सहिष्णुता रखनी होगी।असहिष्णुता पर छिड़ी बहस बिहार में बीजेपी के लिए नुकसानदायक साबित हुई। जंगलराज और मंडलराज जैसे डरावने नारे भी काम न आए। केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु जैसे राज्यों में चुनाव है। वहां जनाधार बढ़ाने में देशद्रोही बनाम देशभक्त की बहस काम तो आ सकती है, लेकिन सत्ता में नहीं ला पाएगी। संसद में तो नुकसान ही उठाना पड़ेगा। आर्थिक सुधारों की गाड़ी दो सत्रों से जस की तस खड़ी है। हंगामे की वजह से न तो जीएसटी पर बात बनी और न ही रियल एस्टेट बिल आगे बढ़ पाया। यदि संघ परिवार के सदस्य इसी तरह अडिय़ल रुख दिखाते रहे तो लगता नहीं कि मोदी पांच साल में भी कुछ कर पाएंगे।[बिच्छू डॉट कॉम से ]
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5 March 2016अनुराग उपाध्याय गोरे चहरे वाला अवधेश बजाज मन का भी उतना ही उजला है जैसा दिखता है !लेकिन सफ़ेद पन्नों पर उनकी स्याही सिर्फ काला ही देखती है और काला ही लिखती है ,सफ़ेद पन्नों का यह स्याह सच सत्ता के हुक्मरानों की नीदें उड़ा देता है !मध्यप्रदेश के सर्वाधिक मुखर और प्रखर पत्रकार अवधेश बजाज को लेकर मध्यप्रदेश के कुछ बड़े अफसर और बड़े नेता हमेशा स्यापा करते रहते हैं ,इस स्यापे की वजह है बजाज का अवधेशी अंदाज !इस अंदाज को वे ही लोग समझ सकते हैं जो उन्हें करीब से जानते हैं !अवधेश बजाज ने हमेशा ही तमाम मुख्यमंत्रियों उनके परिजन और निकट के लोगों के बारे में कई मर्तबा सनसनीखेज खुलासे किये हैं यही बात नेताओं को हांकने वाले उन अफसरों को हमेशा ही परेशान करती रहती है एक तो जो मीडिया को मैनेज करने का दावा करते हैं और दूसरा वे खुद ईमानदार नहीं हैं ,अवधेश बजाज के बारे में लिखना इसलिए भी जरुरी है की इस किस्म के पत्रकार मध्यप्रदेश में सिर्फ इतने भी नहीं बचे हैं जितनी दोनों हाथों में उँगलियाँ !अवधेश बजाज को पत्रकारिता विरासत में मिल गई लेकिन जैसे पत्थर पर घिसकर लोहे पर धार की जाती है ठीक वैसे ही समाज के सरोकारों पर बजाज ने स्वयं को घिसकर अपनी द्रष्टि को पैना किया और दिशाविहीन राजनीती और राजनेताओं पर प्रहार शरू किये लेकिन जितना उन्हें जाना ,पढ़ा और समझा जाता है ,उनका लेखन कहीं उससे अलहदा है बानगी देखिये - शंका और आस्था की रेखा सब आदमी की खीची हुई है। ऐसी कोई जड़ नहीं है जिसमें चेतन न छिपा हो और ऐसा कोई चेतन नहीं है जो जड़ में प्रविष्ठ न हो, जड़ में जिसने घर न बनाया हो। चट्टान से चट्टान में भी वही सोया है। चैतन्य से चैतन्य में भी वही जागा है। अस्तित्व परिवार है और अगर परिवार को तुम समझो, तो परिवार को जोडऩे वाले सेतु और धागे का नाम ही प्रेम है।इस किस्म के लेखन के लिए हालांकी बजाज को नहीं जाना जाता ,उनकी पहचान सुरसुरी नहीं सनसनी है लेकिन सनसनी के पीछे की संजीदगी अद्भुत किस्म की है आप भी मजा लें -''अविश्वास ज्यादा सत्य की झंकार देता है। इसलिए मनोवैज्ञानिक तुमसे यह नहीं पूछता है कि दिन में क्या सोचा? तुम्हारा सोचना इतना झूठा है कि उसकी कोई जरूरत नहीं। वह पूछता है, तुमने रात में सपने क्या देखे? सपने की डायरी बनवाता है। धीरे-धीरे सपनों में झांक-झांककर तुम्हारी बीमारी खोजता है। सपने में उतर-उतरकर, सपनों की व्याख्या कर-करके सपने के प्रतीकों को खोल-खोलकर देखता है, और तुम्हारे हृदय की खबर लाता है। तुम्हारे अचेतन में पड़े हुए विचारों की खबर लाता है जो कि तुम्हारी वास्तविकता है। ठीक वैसी ही घटना यहां भी घटती है। पहले तो तुम्हारा और मेरा संबंध रात में ही होगा। पहले तो तुम्हारा मेरा संबंध तुम्हारे सपने में ही होगा। क्योंकि तुम्हारे सपने में सचाई से ज्यादा सच है। और तुम्हारे सपनों में तुम ज्यादा भोले-भाले हो, तुम ज्यादा निर्दोष हो। तो घबड़ाओ मत। और सपना कहकर इसका तिरस्कार मत करना। संसार सपना है, परमात्मा सत्य है। लेकिन परमात्मा अभी सपना मालूम हो रहा है और संसार सत्य मालूम हो रहा है। तुम शीर्षासन कर रहे हो। तुमने सारी चीजें उलटी कर ली हैं। तो सपना सच मालूम होता है और सच सपना मालूम होता है। तुम जरा इन मधुर सपनों को मौका देना। अभी सपने ही मालूम हों, चलो सपने ही सही। मगर ये सपने तुम्हारी सचाइयों से ज्यादा मूल्यवान हैं और अंतत: बड़ी सचाई की तरफ तुम्हें ले जायेंगे। ''मध्यप्रदेश के सत्ता के गलियारों में बजाज को इस्तेमाल करने वालों की कमी नहीं है लेकिन उनके भीतर रहने वाला पत्रकार एक दार्शनिक भी है इसलिए वह असावधानी का भ्रम पैदा कर देता है लेकिन खड़ा सच के साथ ही होता है ,चाँदी की चम्मच में घूस का च्यवनप्राश लेकर घूम रहे नौकरशाहों और राजनेताओं के कारण अवधेश ने कभी भी पत्रकारिता की कॉलर नीची नहीं होने दी ,उनके भीतर का दार्शनिक अंदाज पत्रकारों की जमात में उन्हें अलग ही मुकाम पर पहुंचा देता है !यही वजह है कि बजाज के समकालीन तमाम पत्रकार उनसे चिढ़ते हैं !बजाज सतत रंग बिरंगा लेखन कर रहे हैं तो उनके तमाम पत्रकार साथी तबादले -प्रमोशन ,ठेके ,लायसेंस की दलाली में लगे हैं !बजाज कहते हैं -''तुम्हारा एक अतीत है। तुम्हारी अतीत की जानकारियां हैं। तुम्हारे पास शब्दों की एक श्रृंखला है। जब भी कोई नई चीज घटती है, तुम अपने अतीत ज्ञान में उसको कोई जगह बैठाना चाहते हो। बैठ जाए तो तुम निश्चिंत हो जाते हो, बेचैनी नहीं होती। न बैठे तो मुश्किल होती है।तो जब ध्यान का स्वाद आएगा तब तुम मुश्किल में पड़ोगे। यह आइस्क्रीम का स्वाद नहीं है, न यह शराब का स्वाद है, न यह प्रेम का स्वाद है, न यह सौंदर्य का स्वाद है, यह स्वाद ही नहीं है जो तुमने जाने हैं। यह कुछ बड़ा अनूठा स्वाद है। यह तुम्हारी जीभ पर नहीं घटता, यह तुम्हारे पूरे व्यक्तित्व में घटता है। सिर से लेकर पैर के अंगूठे तक इसका कंपन होता है। यह कुछ बात ही और है, यह तुम्हें पागल कर देने वाली बात है, तुम बड़े घबड़ाओगे।यह दर्शन, यह अनुभूति, यह भावदशा इतनी नई है कि तुम्हारा मन हजार तरह के प्रश्र उठाने लगता है। मन कहता है संदेह करो, शंका करो, प्रश्रचिन्ह लगाओ। इसमें आगे मत जाना। पागल तो नहीं हुए जा रहे? सपना तो नहीं देख रहे? कोई धोखा तो नहीं खा रहे? किसी ने सम्मोहित तो नहीं कर लिया है? लौट चलो अपनी पुरानी दुनिया में। जानी-मानी थी। दुख था, ठीक था। लेकिन कम से कम जाना पहचाना था। आदमी जाने पहचाने की सीमा के बाहर नहीं जाना चाहता।'' बजाज के इस पहलू के बारे में लिखने का मन बहुत था ,पर लगा लोग इसे चापलूसी नाम दे सकते है लेकिन मेरी धारणा है कि बुआ बूढी है तो उसे अपच होगा जो पेट में भी दर्द करेगा ,अब अवधेश बजाज की खातिर बूढी बुआओं को तो दर्द सहना पडेगा |
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9 February 2016चित्रकूट में कृषक प्रशिक्षण केन्द्र का लोकार्पण केन्द्रीय राज्य मंत्री सूक्ष्म, लघु तथा मझोले उद्योग गिरिराज सिंह ने कहा है कि किसानों की तरक्की के लिये कृषि के साथ-साथ पशुपालन और कृषि से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा दिये जाने की जरूरत है। केन्द्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह सतना के महात्मा गाँधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में कृषक प्रशिक्षण केन्द्र का लोकार्पण कर रहे थे। इस मौके पर ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद थे।केन्द्रीय राज्य मंत्री ने कहा कि किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के बाद ही सही मायनों में गाँव का विकास होगा। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री और कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन के कृषि के क्षेत्र में किये गये विकास कार्यों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक अपनाने के साथ-साथ हमें अपनी पुरानी कृषि परम्पराओं का भी ख्याल रखना होगा। ऊर्जा एवं जनसंपर्क मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में पिछले 10 वर्ष में किसानों की तरक्की के लिये अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। इसका ही परिणाम है कि मध्यप्रदेश को कृषि के क्षेत्र में विकास के लिये 3 बार कृषि कर्मण पुरस्कार मिला है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि मध्यप्रदेश को यह पुरस्कार चौथी बार भी मिलेगा। समारोह में कृषि विपणन बोर्ड के आयुक्त श्री अरुण पाण्डे ने प्रदेश में कृषि उपज मण्डियों को आधुनिक किये जाने के बारे में जानकारी दी।ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरेशचन्द्र गौतम ने बताया कि कृषक भवन एवं कृषि प्रशिक्षण केन्द्र एक करोड़ 20 लाख की लागत से बनकर तैयार हुआ है। इतनी ही लागत की मृदा परीक्षण प्रयोगशाला बनायी जायेगी। विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय-स्तर पर अपने कार्यक्रम एवं गतिविधियों के माध्यम से विशिष्ट पहचान बनायी है।
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2 January 2016shrutiJindal Global Law School’s (JGLS) Assistant Professor of competition law and policy, Prof. Avirup Bose, has been selected by the American Bar Association (ABA) and the New York University (NYU) to present his research at the prestigious ‘2016 Next Generation of Antitrust Scholars Conference’, scheduled to be held at the NYU School of Law on January 22, 2016. Prof. Eleanor Fox, one of the most celebrated antitrust scholars of the world will be critiquing Prof. Bose’s research on ‘Institutional Design of India’s Competition Law’ as a discussant.The ‘Next Generation of Antitrust Scholars Conference’, a coveted bi-annual event, is the most prestigious junior antitrust scholars’ conference in the world. The conference hosts the brightest young minds in the antitrust (competition law) scholarship marking out those who display a promise to be a part of the next generation of leading antitrust scholars. Avirup is the first Indian antitrust scholar who has been selected to represent his research at the conference and JGLS is the second Law School in Asia, after the University of Hong Kong Faculty of Law, who is being represented at the conference. Prior universities whose faculty members have presented their research at the conference include faculty from, the University of Chicago, University of Oxford, Columbia University, University College of London, Michigan Law School, University of Toronto, University of Notre Dame and University of Florida, among others. Prof. C Raj Kumar, Vice Chancellor of O.P. Jindal Global University while congratulating Prof. Bose said: “The moment seems apt for a global discussion on the future of the jurisprudence of Indian antitrust enforcement and the ABA could not have chosen a better representative of Indian antitrust scholarship than Avirup. We at Jindal Global University are doing a tremendous amount of work in this area through the Jindal Initiative on Research in Intellectual Property and Competition (JIRICO) and Avirup’s latest achievement will propel our competition research even further.” Speaking on being selected, Prof. Avirup Bose said, “I am honoured to have been selected, especially being the first Indian to be on this prestigious list. There is a paucity of serious antitrust scholarship coming out of India and I am glad to make a small contribution.” The Competition Commission of India (CCI) which enforces the six year old antitrust regime of India has already imposed financial penalties amounting to more than 120 billion rupees and has imposed behavioural restrictions on the consummation of several international cross border mergers. More than a dozen sectors of the economy – from automobiles, pharmaceuticals, health services, cement, steel, telecommunications, internet, banking has come under the scrutiny of the aggressive market regulator. Avirup has previously served as an Expert Consultant to the CCI and before joining the CCI, he spent six (6) years working in various areas of competition law in New York and Mumbai. Avirup is a regular contributor on Indian competition law issues for Business Standard, besides contributing for the Indian Express, the Financial Express, the Business Line and the Mint. He has written extensively on various aspects of Indian competition law and has spoken on Indian competition law at Harvard University, Yale School of Management, World Intellectual Property Organization, Indian Society of International Law, and Standing Conference of Public Enterprises (SCOPE), among others.
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30 December 2015इंदौर में बनेंगें 3 अस्थायी बस स्टेंड, टोल पर 2 माह के लिये यातायात टैक्स फ्री रहेगा उज्जैन में सिंहस्थ मेले के सुचारु संचालन और सुनियोजित आपदा प्रबंधन के लिये एक से अधिक प्लान तैयार किये जायेंगे। 'ए'-प्लान के अलावा 'बी' और 'सी' भी रहेंगे। किन्हीं वजह से मुख्य प्लान-ए क्रियान्वित नहीं हो पाता है तो बी और सी प्लान पर अमल किया जाकर किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटा जा सकेगा। यह प्लान सिंहस्थ के डिजास्टर मेनेजमेंट का हिस्सा होंगे। सिंहस्थ में किसी कारण बिजली फेल होती है तो जनरेटर द्वारा बिजली की सप्लाई की जायेगी। जनरेटर भी फेल होते हैं तो बैटरी से बिजली की सप्लाई की जायेगी। सिंहस्थ में मोबाइल नेटवर्क फेल होने पर सीडीएमए नेटवर्क का आप्शन तैयार रखे जाने की योजना बनाई गई है। इसके लिये बीएसएनएल कम्पनी से चर्चा की जा रही है। बीएसएनएल हेण्डसेट और सिम उपलब्ध करवायेगा। हेण्डसेट किराये से भी दिये जाने की व्यवस्था की जा रही है। विद्युत वितरण कम्पनी के कार्मिकों के लिये कम्पनी द्वारा वॉकी-टॉकी की व्यवस्था भी की जा रही है।इंदौर में बनेंगें 3 अस्थायी बस स्टेंड, टोल पर 2 माह के लिये यातायात टैक्स फ्री रहेगा उज्जैन में वर्ष 2016 में होने वाले सिंहस्थ के लिए इंदौर में 3 अस्थाई बस स्टेंड बनाये जायेंगे। इन बस स्टेंड पर पेयजल, शौचालय और श्रद्धालुओं को सुविधाजनक ढंग से रुकने की व्यवस्था रहेगी। पुलिस प्रशासन सभी अस्थाई बस और टेक्सी स्टेंडों पर पुलिस चौकी स्थापित करेगा। सिंहस्थ के दौरान प्रतिदिन 5 से 10 लाख श्रद्धालु इंदौर होकर उज्जैन पहुँचेंगे। इसको देखते हुए इंदौर में कई विकास के कार्य करवाये जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग द्वारा सिंहस्थ को देखते हुए 47 पुल-पुलिया का कार्य पूरा करा लिया गया है। इंदौर संभाग में 31 पुल-पुलिया का कार्य प्रगति पर है और 29 पुल का कार्य प्रस्तावित है। इंदौर जिले की नगर परिषद् महू द्वारा सामुदायिक भवन और यात्री गृह की मरम्मत का कार्य तेजी से किया जा रहा है। सांवेर में रैन बसेरे का निर्माण और बस स्टेंड के उन्नयन का कार्य तेजी से किया जा रहा है। यह सभी कार्य फरवरी 2016 तक पूरे कर लिये जायेंगे। सुपर कॉरिडोर पर रेलवे ओव्हर ब्रिज का कार्य 90 प्रतिशत से अधिक पूरा कर लिया गया है।इंदौर जिले में मुख्य मार्ग पर आने वाले ग्रामों में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा प्याऊ बनवाई जा रही है। इंदौर-उज्जैन मार्ग पर टोल नाकों पर 2 माह के लिये यातायात टैक्स फ्री रहेगा। उज्जैन मार्ग में अतिक्रमण को विशेष मुहिम चलाकर हटाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। सिंहस्थ को ध्यान में रखते हुए जो कार्य करवाये जा रहे है उनकी पिछले दिनों कलेक्टर श्री पी.नरहरि ने संबंधित विभागों की बैठक में समीक्षा की।
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26 December 2015देश के कुल जैविक उत्पादन में प्रदेश का 40 प्रतिशत योगदान मध्यप्रदेश में जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों के फलस्वरूप यहाँ इसका उत्पादन 5 लाख मीट्रिक टन हो गया है। यह भारत में होने वाले कुल जैविक कृषि उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत है। 60 लाख रोजगार अवसर संभावितप्रदेश में जैविक खेती के माध्यम से मुख्य रूप से कपास, गेहूँ, अनाज, फल और सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। एसोचेम द्वारा वर्ष 2012 में किये गये एक अध्ययन के अनुसार मध्यप्रदेश में जैविक खेती के माध्यम से 23 हजार करोड़ की सम्पदा निर्मित करने की क्षमता है। इससे 60 लाख रोजगार अवसर निर्मित हो सकते हैं। मध्यप्रदेश की 45 प्रतिशत कृषि भूमि जैविक खेती के लिये उपयुक्त है।कृषि एवं प्र-संस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के मुताबिक मध्यप्रदेश में प्रयुक्त होने वाले एनपीके खाद में अजैविक खाद का उपयोग सिर्फ 88 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर होता है, जो भारत के औसत 144 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से काफी कम है। प्रदेश में 29 लाख हेक्टेयर भूमि जैविक खेती के लिये उपयुक्त पाई गई है। राज्य सरकार द्वारा बायो-फार्मिंग तथा गाँव-गाँव में किसानों को जैविक खेती के लाभों से परिचित करवाने वाले कार्यक्रमों के जरिये जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश के 1565 गाँव में पूरी तरह जैविक खेती हो रही है।भावी संभावनाएँमध्यप्रदेश में जैविक उत्पादों के लिये बहुत अच्छी संभावनाएँ हैं। मध्यप्रदेश सबसे बड़ा जैविक कपास उत्पादक राज्य होने की वजह से पश्चिमी देशों में आर्गेनिक टेक्सटाइल उत्पादों की व्यापक संभावना हैं। इससे टेक्सटाइल कम्पनियों तथा रिटेल कम्पनियों को अपने जैविक उत्पादों के निर्यात में काफी मदद मिल सकती है।लोगों में पर्यावरण तथा स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण भारत में जैविक खाद्य उद्योग 20 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। इससे जैविक खाद्यान्न से जुड़ी कम्पनियों को अच्छे अवसर उपलब्ध होंगे। इन उत्पादों में जैविक तेल, अनाज, जूस और डेयरी उत्पाद शामिल हैं।पश्चिमी देशों तथा भारत के महानगरों में आर्गेनिक फार्मेसी का चलन बहुत बढ़ गया है। इससे फार्मा कम्पनियों के लिये नये अवसर खुले हैं।उल्लेखनीय है कि पूरी दुनिया में जैविक उत्पादों की माँग लगातार बढ़ती जा रही है। भारत में 47 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में जैविक खेती की जाने लगी है। इससे 12 लाख 40 हजार मीट्रिक टन उत्पादन होता है। भारत के 135 उत्पाद का निर्यात किया जाता है। इनकी कुल मात्रा एक लाख 94 हजार मीट्रिक टन से अधिक है जिसमें 16 हजार 300 मीट्रिक टन से अधिक आर्गेनिक टेक्सटाइल शामिल हैं। जैविक उत्पादों का निर्यात मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोपियन यूनियन, कनाडा, स्विटजरलेंड, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलेंड, दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों, मध्य-पूर्व और दक्षिण अफ्रीका को किया जाता है। इनमें 70 प्रतिशत सोयाबीन, 6 प्रतिशत अनाज, 5 प्रतिशत प्र-संस्कृत खाद्य उत्पाद, 4 प्रतिशत बासमती चावल एवं शेष में दलहन, सूखे मेवे, मसाले, शक्कर, चाय आदि शामिल हैं।रासायनिक खादों का उपयोग कर की जाने वाली कृषि के उत्पादों से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसानों के कारण दुनिया में जैविक उत्पादों की माँग लगातार बढ़ रही है। जैविक खाद्यान्न एवं पेय पदार्थों का सबसे ज्यादा बड़ा बाजार अमेरिका है। इसके विपरीत सबसे ज्यादा जैविक कृषि उत्पादन विकासशील देशों द्वारा किया जा रहा है। विश्व में जैविक खाद्यान्न उद्योग 63 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है
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14 October 2014पुलिस को देनी होगी भर्ती परीक्षा की जानकारीमध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और पुलिस उप महानिरीक्षक की दलीलों को नामंजूर करते हुए अपीलार्थी को पुलिस भर्ती परीक्षा की वांछित जानकारी देने का आदेश दिया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक(चयन/भर्ती) पुलिस मुख्यालय भोपाल तथा पुलिस उप महानिरीक्षक चंबल रेंज ने अपीलार्थी द्वारा चाही गई जानकारी देने से यह कह कर इंकार कर दिया था कि यह जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8(जे) के तहत गोपनीय एवं पर पक्ष से संबंधित होने लोकहित में न होने के कारण देना संभव नहीं है। राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने गत दिवस इस मामले में फैसला सुनाते हुए लोकसूचना अधिकारी डीआईजी चंबल रेंज, मुरैना को आदेशित किया कि वे 15 दिन में अपीलार्थी को आरक्षक भर्ती प्रक्रिया 2011 में चयनित उम्मीदवारों के प्राप्तांको की जानकारी तथा अपीलार्थी को उत्तरपुस्तिका की स्तयापित पंजीकृत डाक से नि:शुल्क उपलब्ध कराएं और 14 अक्टूबर की सुनवाई में पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। आदेश में अन्य चयनित प्रत्याशियों की उत्तर पुस्तिकाओं की सत्यप्रतियां दिलाने के अपीलार्थी के अनुरोध को इस आधार पर अमान्य कर दिया गया कि यह तृतीय पक्ष से संबंधित तथा धारा 8(जे) के तहत विधि से असंगत है किंतु अपीलार्थी स्वयं की उत्तर पुस्तिका की प्रतिलिपि तथा सभी चयनित प्रत्याशियों को प्राप्त अंकों की जानकारी हासिल कर सकेगा। आत्मदीप ने पारित आदेश में टिप्पणी की है कि शैक्षिक एवं चयन/भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद उसकी जानकारी स्वत: सार्वजनिक की ही जानी चाहिए। परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दृष्टि से ऐसा करना आवश्यक है। इसी उदेश्य से संघ लोक सेवा आयोग तथा मप्र राज्य लोक सेवा आयोग हर चयन परीक्षा के संपंन्न होते ही उसके प्रतिभागियों के प्राप्तांको की जानकारी अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करना शुरु कर चुके हैं। पारदशिर्ता लाने की दृष्टि से मप्र शासन ने भी चयन/भर्ती प्रक्रिया के आनलाइन करने की पहल की है। फैसले में कहा गया है कि लोकसूचना अधिकारी ने अपीलार्थी के प्रथम अपील संबंधी आवश्यक जानकारी पुलिस महानिरीक्षक चंबल को प्रथम अपील प्रस्तुत नहीं कर सका। इसलिए अतिरिक्त महानिदेशक की यह आपत्ति मान्य नही है कि अपीलार्थी ने प्रथम अपील न कर सीधे राज्य सूचना आयोग के समक्ष द्वितीय अपील पेश की है, जिसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। आत्मदीप ने निर्णय में कहा कि अपीलार्थी ने अपील संबंधी वांक्षित जानकारी न मिलने के कारण प्रथम अपील पुलिस पुलिस महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय भोपाल को की है। पुलिस महानिदेशक कार्यालय सूचना के अधिकार के प्रति सद्भावना दिखाते हुए इस अपील के संबंधित अपीलीय अधिकारी को अंतरित कर सकता था जो नहीं किया गया। यह था मामलाअपीलार्थी ओमप्रकाश शर्मा मुरैना ने जिला श्योपुर में पुलिस भर्ती प्रक्रिया 2011 में चयनित सामान्य श्रेणी के उम्मीदवारों व अनुक्रमांक 60222 के उम्मीदवार की उत्तर पुस्तिकाओं की सप्त प्रतियां तथा चयनित उम्मीदवारों व अनुक्रमांक 60222 के उम्मीदवार की मौखिक परीक्षा में दिए गए अंकों की सत्य प्रति मंागी थी। लोक सूचना अधिकारी व डीआईजी चंबल रेंज ने आदेश दिनांक 23/2/2011 में चाही गई जानकारी देने से यह लिखकर इनकार कर दिया कि पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया गोपनीय प्रक्रिया है जिसे आरटीआई के प्रति धारा 8 (जे) के अनुसार प्रकटन से छूट प्राप्त है तथा चाहे गए दस्तावेजों से लोक हित की भावना परिलक्षित नहीं होती अत: चाहे गए दस्तावेज देना संभव नहीं है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (चयन/भर्ती) केएन तिवारी ने आयोग को लिखा की सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल बनाम आदित्य बंद्योपाध्याय के प्रकरण में आदित्य को उनकी उत्तर पुस्तिका का अवलोकन करने का आदेश दिया था। इस न्याय दृष्टांत के अनुसरण में अपिलार्थी को स्वयं की उत्तरपुस्तिका का अवलोकन कराया जा सकता है अन्य की नहीं। तिवारी ने चयनित प्रत्याशियों के प्राप्तांकों की जानकारी देने के संबंध में कुछ नहीं कहा था। बांछित जानकारी प्रदाय किये जाने से इंकार किए जाने के बिरोध में अपिलार्थी ने आयोग के समक्ष अंतिम अपील की थी।
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15 September 2014हिंदी और भारतीय भाषाओं को लेकर खास तरह की चुप्पी है। देश का औसत आमदनी से अधिक कमाने वाला कोई भी व्यक्ति हिंदी के समर्थन में खड़ा नहीं होना चाहता। क्योंकि वह नैतिक रूप से कमजोर महसूस करता है। उसे लगता है कि उसकी संतान अंग्रेजी में नहीं पढ़ेगा तो वह कैरियर नहीं बना सकता। हिंदी की उपेक्षा कैरियर की बिना पर हो रही है। हिंदी को राष्ट्रीयता से नहीं जोड़ा गया है। यही कारण है कि सीसैट के विवाद के बाद हिंदी का मामला फिर चर्चा में है। हिंदी के छात्र आखिर जो मांग रहे हैं वह कहां से अनुचित है? यह बड़ा सवाल है। हिंदी को लेकर हिंदी का प्रिंट और संचार व मीडिया कोई बात नहीं करना चाहता। उसके जायज-नाजायज इस्तेमाल और भाषा में दूसरी भाषाओं खासकर अंग्रेजी की मिलावट को लेकर भी कोई प्रतिरोध नजर नहीं आ रहा है। हिंदी प्रतियोगिताओं में अंग्रेजी के आतंक के सामने सहमी है और हिंदी और भारतीय भाषाओं के समर्थक निराशा से भर उठे हैं। ऐसे में मीडिया और साइंस की दुनिया में इन दिनों भाषा का सवाल काफी गहरा हो जाता है। आज चिंता हिंदी की है और उस हिंदी की जिसका हमारा समाज उपयोग करता है। बार-बार ये बात कही जा रही है कि हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं में क्यों नहीं विश्व स्तरीय साहित्य, विज्ञान और अन्य विषय उपलब्ध नहीं हैं। आज सबसे बड़ी चिंता अंग्रेजी नहीं बल्कि यह है कि आखिर हम अंग्रेजी का मोह क्यों नहीं छोड़ पा रहे हैं। हिंदी हमारी भाषा के नाते ही नहीं,उपयोगिता के नाते भी बाजार की सबसे प्रिय भाषा है। यह हिंदी की ही ताकत है कि वह सोनिया गांधी से हिंदी बुलवा ही लेती है। मराठी के नेता हिंदी में बोलकर ही अंग्रेजी न जानने वाली जनता को संबोधित करते हैं। प्रणव मुखर्जी कहते हैं कि वे प्रधानमंत्री नहीं बन सकते क्योंकि उन्हें ठीक से हिंदी बोलनी नहीं आती। कुल मिलाकर हिंदी आज मीडिया, राजनीति, मनोरंजन और विज्ञापन की प्रमुख भाषा है। यह हिंदी का अहंकार नहीं उसकी सहजता और ताकत है। भारतीय भाषाओं के प्रकाशन आज अपनी प्रसार संख्या और लोकप्रियता के मामले में अंग्रेजी पर भारी है, बावजूद इसके उसका सम्मान बहाल नहीं हो रहा है। इंडियन रीडरशिप सर्वे की रिपोर्ट देंखें तो सन् 2011 के आंकडों में देश के दस सर्वाधिक पढ़े जाने वाले अखबारों में अंग्रेजी का एक मात्र अखबार है वह भी छठें स्थान पर। जिसमें पहले तीन स्थान हिंदी अखबारों के लिए सुरक्षित हैं। यानि कुल पहले 10 अखबारों में 9 अखबार भारतीय भाषाओं के हैं। इस संकट के बरक्स हम भाषा के अपमान का सिलसिला अपनी शिक्षा में भी देख सकते हैं। हालात यह हैं कि मातृभाषाओं में शिक्षा देने के सारे जतन आज विफल हो चुके हैं। हमारे बच्चे आज भाषा के साथ अच्छा व्यवहार करना नहीं जानते हैं। शिक्षा खासकर प्राथमिक शिक्षा में भाषाओं की उपेक्षा ने सारा कुछ गड़बड़ किया है। इसके चलते हम एक ऐसी पीढ़ी तैयार कर चुके हैं जिनमें भारतीय भाषाओं और हिंदी के लिए आदर नहीं है। यह स्थिति बदलना चाहिए।
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7 August 2014मंत्री विजयवर्गीय के निर्देश समय पर पूरे हों काम मध्यप्रदेश के नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मंत्रालय में सिंहस्थ-2016 के विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। श्री विजयवर्गीय ने सिंहस्थ के समस्त विकास कार्य को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करवाये जाने के निर्देश दिये। सिंहस्थ के विकास कार्यों की जिन विभाग पर जिम्मेदारी है, उनके वरिष्ठ अधिकारी उज्जैन जाकर विभागीय बैठक करें। विभागों की बैठक में इस बात की समीक्षा अवश्य की जाये कि सिंहस्थ को लेकर चल रहे कार्यों की क्या स्थिति है तथा वे कब तक पूर्ण होंगे।श्री विजयवर्गीय ने सिंहस्थ के आयोजन की दृष्टि से उज्जैन के आसपास के शहरों में बेहतर और सुविधायुक्त बस-स्टेण्ड निर्मित करने के निर्देश भी दिये। एक स्थान पर पहले मॉडल बस-स्टेण्ड बनाया जाये। फिर उसके अनुरूप अन्य स्थान जैसे साँवेर, बड़नगर, तराना, आगर, खाचरोद, मक्सी आदि स्थान पर वैसे ही बस-स्टेण्ड बनें। बस-स्टेण्ड में पार्किंग, 100-200 लोगों के लिये व्यवस्था आदि का प्रबंध रहे। राजस्थान के कोटा-झालावाड़ से जोड़ने वाले मार्ग को भी सुव्यवस्थित एवं चौड़ा करवाया जाये। अधिक यातायात की दृष्टि से उज्जैन के आसपास के सड़क मार्गों के निर्माण एवं चौड़ीकरण को प्राथमिकता दी जाये। सिंहस्थ के पहले उज्जैन में 20 कमरे का गेस्ट-हाउस भी तैयार हो। उन्होंने देवास बायपास को फोर-लेन करवाने को कहा।श्री विजयवर्गीय ने सिंहस्थ में आने वाले एक करोड़ श्रद्धालु को देखते हुए पानी की पर्याप्त व्यवस्था रखने को कहा। उन्होंने पिछले सिंहस्थ के लिये की गई 5000 शौचालय की व्यवस्था को इस बार दोगुनी करने के निर्देश दिये। श्री विजयवर्गीय ने अधिकारियों को पानी, बिजली के अलावा सड़क की व्यवस्था के संबंध में विशेष ध्यान देने को कहा।बैठक में प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एस.एन. मिश्रा, प्रमुख सचिव लोक निर्माण के.पी. सिंह, प्रमुख सचिव ऊर्जा मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त नगरीय प्रशासन संजय शुक्ल, उज्जैन संभागायुक्त अरुण पाण्डे, कलेक्टर बी.एम. शर्मा सहित संबंधित विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
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31 July 2014आलोक चटर्जीबीते दस सालों में युवा पीढ़ी में बड़ी संख्या में रंगमंच और कलाओं की ओर झुकाव हुआ है। यह खुशी की बात है कि रंगमंच अब मात्र शौक के लिए नहीं बल्कि, प्रोफेशन और व्यक्तित्व के सर्वागींण विकास के लिए एक कैरियर आॅप्शन के रूप में स्वीकृत हुआ है। जैसे पहले कहते थे कि- पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब। लेकिन सचिन तेंदुलकर और वाइचिंग भूटिया, सानिया मिर्जा और सानिया नेहवाल जैसे क्रिकेट, फुटबाल, टेनिस और बैडमिंटन जैसे खेलों के सितारा खिलाड़ियों के कारण माता-पिताओं ने भी इसे अपनी संतान के लिए एक कैरियर आॅप्शन माना। और आज हम देश में खिलाड़ियों के साथ फीजियो, कोच, डॉक्टर, साइकेट्रिक्स न्यूट्रीशियन जैसे एक्सपर्टस् के लिए विभिन्न कोचिंग संस्थानों की और पाठ्यक्रमों की भी आवश्यकता होगी। अब खेल मात्र मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि लंबी तैयारी, प्रशिक्षण और एक समूचे शास्त्र के साथ सोच समझकर खेलने की आवश्यकता होती है। तब करोड़ों लोगों के इस देश में कुछ लोग लाईम लाईट में आ जाते हैं, पर जैसे खिलाड़ियों की सफलता के पीछे कैरियर में उनके कोच की भूमिका निर्णायक और महत्वपूर्ण होती है। ऐसा ही पिछलेदशक में नाटक के क्षेत्र में भी घटित हुआ है। देश के कुछ नए रंग-प्रशिक्षण संस्थानों के विषय में। बात करें तो नए रंग प्रशिक्षण संस्थान पिछले पांच वर्षों से कला जगत के क्षितिज पर धूमकेतु के तरह चमके हैं। इनमें सबसे पहले नाम आता है मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय, भोपाल का। यहां से अभी तक तीन बैच प्रशिक्षित होकर बाहर निकल चुके हैं, और नए चौथे बैच के सत्र का यह प्रथम सप्ताह चल रहा है। इन बीते वर्षों में यहां से निकले हुए रंगकर्मी छात्र-छात्राओं ने बहुत अच्छा काम किया है। प्रथम बैच से दो, द्वितीय बैच से एक, तृतीय से एक, छात्र-छात्राओं का चयन दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में हुआ है। इसके अतिरिक्त चंडीगढ़, हिसार, बेगूसराय, धनवाद जैसे दूरस्थ स्थानों से लेकर मध्यप्रदेश के होशंगाबाद, गुना, भोपाल, छतरपुर, सागर, इंदौर में अपनी कार्यशालाएं और प्रस्तुतियां दी हैं, और दर्शकों द्वारा सराही भी गई है। विगत वर्षों में मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय में देश के शीर्शस्थ रंगकर्मियों ने अपनी आमद दर्ज करायी है, और विद्यालय के छात्रों ने भोपाल में अपनी प्रस्तुतियों के दौरान भवभूति, शूद्रक, शेक्सपियर, मालवी, बुन्देली, निमाड़ी लोक नाट्यों पर आधारित नाट्य प्रस्तुतियां मंच पर प्रदर्शित की हैं। इसके बाद नाम आता है राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली द्वारा खोले गए सिक्किम का गंगटोक नाट्य प्रशिक्षण केन्द्र जो एक वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित करता है। यहां प्रस्तुतियां नेपाली भाषा में होती हैं, और विद्यालय में विद्यार्थियों के चयन के समय वहां के स्थानीय रंगकर्मियों के लिए पैंसठ से सत्तर प्रतिशत तक आरक्षण का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार, राजस्थान और दिल्ली से भी वहां विद्यार्थी जाते हैं। तीसरा नाम है राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा ही खोले गए अगरतला नाट्य प्रशिक्षण संस्थान त्रिपुरा का। यहां भी एक वर्षीय पाठ्यक्रम संचालित होता है एवं स्थानीय के अतिरिक्त अन्य राज्यों के भी युवा यहां आवेदन करते हैं। मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय में आवेदन लगभग दस से बारह राज्यों से आते हैं, जाहिर है तीनों ही रंग संस्थानों में चयन हेतु प्रतियोगात्मक परीक्षा आयोजित होती है और मैरिट के आधार पर अंतिम चयन होता है। जाहिर है इन तीनों संस्थानों को चलाने के लिए मात्र तकनीकी या आॅफिस का स्टाफ ही काफी नहीं है बल्कि उसकी मूल शक्ति और प्राण है, फैकल्टी। वो लोग जो प्रशिक्षण देने के लिए जिम्मेदार होते हैं, वे अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ होते हैं और दशकों का कार्यानुभव उनके साथ जुड़ा होता है। जाहिर है ये युवा छात्र-छात्राओं को वैसे ही सींचते और बड़ा करते हैं जैसे एक माली अपने बगीचे के प्रत्येक पौधे, फल और फूल का ध्यान रखता है। ये लोग ही छात्र-छात्राओं के आंतरिक व्यक्तित्व का विकास करने में एक प्रेरक, उत्प्रेरक की भूमिका निभाते हैं। रंग सिद्धांत के जानकार विशेषज्ञ देश और विशेष रूप से हिन्दी क्षेत्र में बहुत कम हैं। ये नाट्य इतिहास सभ्यताओं के साथ, उनका मानव समाज से क्या रिश्ते और अर्न्तसंबंध हैं, इसे पूरे अर्थ के साथ विद्यार्थी के मस्तिष्क में स्थापित करते हैं। प्रशिक्षण और पूर्वाभ्यास के दौरान मंच सज्जा विशेषज्ञ, रूपसज्जा विशेषज्ञ, प्रकाश और ध्वनि विशेषज्ञ, फिजीकल ट्रेनर, योगा, ताइची, कल्लरी, थांगटा, लाठी युद्ध और अखाड़ा का प्रशिक्षण देने वाले प्रोफेसनल विशेषज्ञों की आवश्यकता पढ़ती है। इनमें से प्रत्येक विभाग की अपनी महत्ता और होती है और इनके बिना सफल नाट्य प्रस्तुति की कल्पना नहीं की जा सकती। मंच सामग्री बनाने वाले से लेकर कॉस्ट्यूम सिलने वाले दर्जी तक की यहां प्रोफेशनल आवश्यकता पढ़ती है। जाहिर है देश में अभी रंग प्रशिक्षण संस्थानों के लिये एक नई संभावना बन पढ़ी है और इन कार्यों को करने वालों के लिये एक नया द्वार खुल गया है, जहां वे अपने सीखे को सिखाकर प्रदर्शन के रूप में एप्लाइड आर्ट में बदल देते हैं। अलग-अलग विषयों को पढ़ाने वाले विशेषज्ञों की आवश्यकता अत्यन्त महत्वपूर्ण है। क्योंकि हम अक्सर यह पाते हैं, कि देश के विभिन्न नगरों में आये दिन फिल्म ट्रेनिंग संस्थान खुल रहे हैं, एक्टिंग स्कूल खुल रहे हैं, जहां विद्यार्थियों से भारी भरकम फीस बसूली जाती है और उन्हें सुनहरे कैरियर के सपने दिखाये जाते हैं। दो तीन नामों को जोड़कर इन संस्थानों को चलाने वाले लोग, इस पवित्र और महती कार्य का घोर बाजारीकरण कर रहे हैं। जहां अच्छी फैकल्टी ही न हों वहां अच्छे से अच्छा विद्यार्थी जाकर क्या सीख पायेगा? मात्र बड़े विज्ञापन, भव्य परिसर, विशाल बिल्डिंग, यूनिफार्म पहने नौकर-चाकर और गाड़ियां रखने से कोई संस्थान नहीं चलता, क्योंकि ये ज्ञान, तपस्या और साधना की भूमि है। आज का युवा बहुतेरा भ्रम जाल को समझ नहीं पाता है, और प्रशिक्षण और कैरियर की एक विकट भूल-भुलैया में जा फंसता है। हमारे देश और प्रदेश में कला और संस्कृति के विकास के लिये अनेकों शासकीय संस्थान और पाठ्यक्रम संचालित हैं। यहां आवेदन भी ग्रेजुएट होने के बाद ही किया जा सकता है। अधिकतर संस्थानों में न्यूनतम फीस राशि होती है और कुछेक संस्थान अपने छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति, होस्टल और मेस की भी सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं। जो युवा रंगकर्मी रंगकर्म को अपना जीवन कर्म बनाना चाहते हैं उन्हें उसके लिये पहले आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम से गुजरना अनिवार्य है। इसके बाद ही वे किसी बड़े राष्ट्रीय संस्थान या प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिला ले सकते हैं। अन्यथा कई कुछ लोग बिना तैयारी के इन्टरव्यू के लिये उपस्थित हो जाते हैं, और उचित प्रदर्शन नहीं कर पाते, जिससे उनका चयन हो सके। साथ ही बिना बौद्धिक तैयारी के आना एक खतरनाक लक्षण है। जहां विशेषज्ञ बैठे हों, और चयन का आधार मैरिट हो वहां ये युवा कई बार बड़ी अटपटी स्थिति पैदा कर देते हैं। प्रारंभिक चयन सत्र में ही कट जाने के कारण वे अंतिम चयन सत्र में पहुंच ही नहीं पाते, किसी तरह जÞोर लगाकर पहुंच भी गये तो चार दिवसीय लंबे कार्य सत्रों में जहां सुबह 10 से शाम 6 बजे तक चयन प्रक्रिया चलती हो, वहां एक्सपोज भी व्यक्ति जल्दी हो जाता है। आधे घंटे के इन्टरव्यू देने में या दो घंटे रिहर्शल करने मात्र से यह विशेषज्ञता हासिल नहीं होती, वो होती है निरंतर अभ्यास, समयबद्ध कार्यक्रम, अनुशासित जीवन शैली, विभिन्न विशेषज्ञों का मार्गदर्शन, समर्पण की निरंतर जलती रोशनी से। जो लोग इसे शार्टकट समझकर आते हैं वे निराश हो जाते हैं, क्योंकि यह माध्यम ही शार्टकट का नहीं है। जैसे कि आपको मेडीकल, इंजीनियरिंग की पढ़ाई, प्रशिक्षण और अभ्यास तीनों करना होता है, लिखित और प्रेक्टीकल परीक्षाएं देनी होती हैं, और हर चीजÞ का ग्रेडेशन होता है, मार्किंग होती है, वैसे ही रंगमंच का क्षेत्र हैं। जो लोग इसे सिर्फ डॉयलाग बोलकर बाहवाही लूटना चाहते हैं, अखबारों में छपना चाहते हैं और मात्र अपने अपने परिचितों के बीच में प्रशंसित होने का सपना पालते हैं, दरअसल ये माध्यम उनके लिये है ही नहीं, देश में खुलते नए रंग प्रशिक्षण संस्थानों और उसमें उमड़ती युवाओं की भीड़ इसी बात की पुष्टि करती है।[दखल ]आलोक चटर्जी देश के जाने माने रंगकर्मी एवं नाट्य निर्देशक हैं।
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21 July 2014क़मर वहीद नक़वी यह वोट बीजेपी को क़तई नहीं, केवल मोदी को है. यह वोट केवल इस उम्मीद में है कि बस मोदी में ही ऐसा करिश्मा है जो देश का भविष्य बदल देगा. यह वोट जितना एक करिश्मे की उम्मीद में है, उतना ही यह वोट पिछले तीन-चार साल की अपनी हताशाओं के ख़िलाफ़ भी है. यह वोट एक ‘लाचार’ सरकार के ख़िलाफ़ भी है….अब मोदी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि उन्होंने अपने करिश्मे की जैसी मार्केटिंग की है, उसे वह पूरा करके दिखाएँ. उधर, काँग्रेस अपने जीवन के शायद सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है. अब इस करारी हार के बाद पार्टी के लिए सबसे ज़रूरी यह है कि वह ऐसा नेतृत्व दे, जो नरेन्द्र मोदी के मुक़ाबले बड़ी लकीर खींच सके. काँग्रेस को यह काम जल्दी से जल्दी करना पड़ेगा, वरना वह जिस तेज़ी से तमाम राज्यों से ग़ायब होती जा रही है, यही हाल रहा तो कुछ सालों बाद वह केवल इतिहास की किताबों में ही दिखेगी! दूसरी तरफ़, यह चुनाव ‘आप’ के लिए भी बहुत बड़ा सबक़ है. ‘आप’ को सोचना चाहिए कि राजनीति ताश का खेल नहीं है कि ‘ब्लाइंड’ और ‘धुप्पल’ चालें चल कर देखा जाय. ‘आप’ को समझना चाहिए कि वह अब भी एक बड़ी राजनीतिक सम्भावना है, बशर्ते कि वह ‘ग़लतियाँ’ करने की अपनी लत से उबर सके!तो करिश्मे की उम्मीद में करिश्मा जीत गया! आज़ादी के बाद देश ने अपने इतिहास के सबसे बड़े करिश्मे को घटित होते हुए देखा. आँकड़े आ चुके हैं, कहानी साफ़ है. अब इससे इनकार नहीं हो सकता कि यह लहर नहीं, मोदी के करिश्मे की सुनामी थी, जिसने गठबन्धन की राजनीति के दुर्गम पहाड़ों को बहा दिया, काँग्रेस का कचूमर निकाल दिया, वाम राजनीति को अतीत बना दिया, मायावती, लालू, नीतिश, मुलायम की जातीय और बंधुआ वोट बैंक की राजनीति के सारे समीकरण तहस-नहस कर डाले. बस, जयललिता, ममता, नवीन पटनायक और तेलंगाना के चन्द्रशेखर राव की क्षेत्रीय राजनीति के क़िले ही अपने आपको टिकाये रख पाये. raagdesh_करिश्मे की उम्मीद का करिश्मा! अब कोई अगर यह समझता है कि यह बीजेपी की जीत है, तो यह उसकी सबसे बड़ी भूल होगी. यह वोट बीजेपी को क़तई नहीं, केवल मोदी को है. यह वोट केवल इस उम्मीद में है कि बस मोदी में ही ऐसा करिश्मा है जो देश का भविष्य बदल देगा, विकास सरपट दौड़ने लगेगा, महंगाई डायन भाग कर कोई और घर देखेगी, भ्रष्टाचार ख़त्म हो जायेगा, चीन-पाकिस्तान अपनी ‘औक़ात’ में आ जायेंगे, और सरकार सच में सरकार की तरह लगने लगेगी. और मोदी से करिश्मा कर दिखाने की इसी उम्मीद का यह करिश्मा है कि ख़ुद बीजेपी के नेता बता रहे हैं कि कई राज्यों में दलितों और मुसलमानों ने भी कमल पर मुहर लगाने का जोखिम उठाया. यह भी तब, जब चुनाव में मोदी हिन्दुत्व के तमाम प्रतीकों का चतुराई से इस्तेमाल करते रहे, अमित शाह साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण की इंजीनियरिंग करते रहे, गिरिराज सिंह जैसे कुछ नेता मोदी-विरोधियों को पाकिस्तान भेज देने की धमकी देते रहे, अशोक सिंहल गुजरात के भावनगर में एक मुसलमान को उसके घर में न घुसने देने के लिए तमाशा करते रहे, लेकिन फिर भी सब कुछ दरकिनार कर अगर कुछ जगहों पर मुसलमानों ने मोदी को यह कह कर वोट दिया है कि मोदी को वोट दे रहे हैं, बीजेपी को नहीं, तो इसी उम्मीद से कि मोदी ज़रूर ऐसा करिश्मा कर दिखायेंगे, जिसके सपने वह बेच रहे हैं. बहरहाल, मोदी के बहाने संघ को आख़िर वह क़िस्मत की चाबी मिल ही गयी, जिसे वह बड़ी बेताबी से तलाश रहा था! यह वोट जितना एक करिश्मे की उम्मीद में है, उतना ही यह वोट पिछले तीन-चार साल की अपनी हताशाओं के ख़िलाफ़ भी है. यह वोट एक ‘लाचार’ सरकार के ख़िलाफ़ है, जिसके राज में भ्रष्टाचार के बड़े-बड़े मामले खुलते रहे, गठबन्धन की राजनीति में फँसी सरकार फड़फड़ाती रही, कार्रवाई करे न करे, करे तो क्या और कैसे करे, महँगाई बढ़ती रही, सरकार ने उसे रोकने के लिए क्या किया, किसी को पता नहीं चला, लेकिन जले पर नमक गैस सिलिंडरों ने छिड़क दिया, चीन सीमा के अन्दर घुस आया, पाकिस्तान सीमा पर आँखे दिखाता रहा, भारतीय सेना के जवान का सिर काट लिया गया, सरकार शरीफ़ तरीक़ों से निबटती रही, जनता कुढ़-कुढ़ कर पानी पी-पी कर सरकार को कोसती रही. सरकार और काँग्रेस न सिर्फ़ हर महत्त्वपूर्ण मौक़े पर जनता से संवाद बनाने में पूरी तरह नाकाम रही, बल्कि वह जनता की भावनाओं को भी कभी पढ़ नहीं पायी. चाहे निर्भया बलात्कार कांड हो या 2011 में अन्ना का आन्दोलन, जब देश की जनता सड़कों पर उतर कर अपने आपको व्यक्त कर रही थी, सरकार अपने रवैये से, अपनी बातों से जनता को मुँह चिढ़ाती नज़र आयी. अन्ना आन्दोलन के दौरान तमाम राजनीतिक दलों के झाँसों में फँस-फँस कर सरकार जिस तरह अन्ना के साथ छल कबड्डी खेलती रही, जनता ने तभी तय कर लिया था कि आने दो चुनाव, बताते हैं! करेला और नीम चढ़ा यह कि काँग्रेसी जब बोले तो ऐसा बोले कि छाती में ख़ंजर लग जाये! वह बोले कि दिल्ली में पाँच रूपये में भरपेट खाना मिलता है, मुम्बई में बारह रुपये में और कश्मीर में तो एक रुपये में ही! आडवाणी जी ने ठीक कहा कि काँग्रेस अपने आपको हराने के लिए पिछले दो-तीन सालों से कड़ी मेहनत कर रही थी! तो काँग्रेस और मनमोहन सरकार की ‘कड़़ी मेहनत’ के मुक़ाबले जनता ने फ़िलहाल सपनों और करिश्मों की चमाचम पैकेजिंग को चुना है. अब मोदी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि उन्होंने अपने करिश्मे की जैसी मार्केटिंग की है, उसे वह पूरा करके दिखाएँ. मोदी से जितनी ज़्यादा आशाएँ हैं, उससे कहीं ज़्यादा आशंकाएँ भी हैं. उन्हें आशाएँ तो पूरी करनी ही हैं, उन आशंकाओं को भी दूर करना है, जो उन्हें लेकर अब तक व्यक्त की गयी हैं. और ये आशंकाएँ मोदी के अपने व्यक्तित्व, उनकी कार्यशैली और गुजरात के उनके अब तक के कार्यकाल में किये गये कामों को लेकर ही उठायी जाती रही हैं. संघ के एजेंडे को लेकर सवाल पहले से ही हैं. विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल और संघ परिवार के दूसरे उग्र हिन्दुत्ववादी संगठनों की क्या भूमिका होगी और ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ की अवधारणा को किस प्रकार और किस रूप में लागू किया जायेगा, यह देखना भी दिलचस्प होगा. दूसरी ओर, इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि इस चुनाव में किसी न किसी रूप में देश भर में भीतर ही भीतर गहरा ध्रुवीकरण हुआ है, उसके क्या नतीजे होंगे, अभी कहा नहीं जा सकता. ख़ासकर तब, जबकि ऐसे ध्रुवीकरण से बीजेपी को ऐसे शानदार चुनावी नतीजे मिलते हों! उधर, काँग्रेस अपने जीवन के शायद सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है. 1977 में भी लगभग ऐसा ही संकट था और काँग्रेस को टूट का सामना भी करना पड़ा था. लेकिन तब दो बातें थीं. एक तो इन्दिरा गाँधी का मज़बूत नेतृत्व और दूसरी ओर कई पार्टियों के घालमेल से बनी जनता पार्टी की सरकार, जो बाद में ख़ुद अपने ही अन्तर्विरोधों के कारण लुढ़क गयी. आज केन्द्र में एक अकेली पार्टी की बड़ी मज़बूत सरकार होगी, मोदी जैसे आक्रामक तेवर वाला नेतृत्व होगा और काँग्रेस किसी चमत्कारी नेतृत्व की तलाश में हाथ-पैर मार रही होगी. राहुल गाँधी के नेतृत्व को लेकर पहले ही गम्भीर सवाल उठ रहे हैं, अब इस करारी हार के बाद पार्टी के लिए सबसे ज़रूरी यह है कि वह ऐसा नेतृत्व दे, जो नरेन्द्र मोदी के मुक़ाबले बड़ी लकीर खींच सके. काँग्रेस को यह काम जल्दी से जल्दी करना पड़ेगा, वरना वह जिस तेज़ी से तमाम राज्यों से ग़ायब होती जा रही है, अगर यही हाल रहा तो कुछ सालों बाद वह केवल इतिहास की किताबों में ही दिखेगी! दूसरी तरफ़, यह चुनाव ‘आप’ के लिए भी बहुत बड़ा सबक़ है. ‘आप’ को सोचना चाहिए कि राजनीति ताश का खेल नहीं है कि ‘ब्लाइंड’ और ‘धुप्पल’ चालें चल कर देखा जाय, हो सकता है कि दाँव लग ही जाये. राजनीति में फ़ैसले सोच-समझ कर न किये जायें तो पार्टी को बड़ा ख़ामियाज़ा उठाना पड़ता है. आज यह वाजिब सवाल उठ रहा है कि अरविन्द केजरीवाल ने अपने आपको बनारस में ‘फँसा’ कर क्या हासिल किया? चुनावी नतीजों से साफ़ है कि अगर हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में पार्टी ने पूरी ताक़त झोंकी होती और बनारस में फँसने के बजाय केजरीवाल ने देश के तमाम हिस्सों में प्रचार में जान लगायी होती तो सीटें मिलतीं या न मिलतीं, लेकिन पार्टी का जनाधार ज़रूर बढ़ता. ‘आप’ को समझना चाहिए कि वह अब भी एक बड़ी राजनीतिक सम्भावना है, बशर्ते कि वह ‘ग़लतियाँ’ करने की अपनी लत से उबर सके! [दखल](साभार लोकमत समाचार)
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23 May 2014जुलैख़ा जबीं''हमारा संघर्ष यही होना चाहिए कि दुनिया में सामाजिक न्याय हो, भेदभाव खत्म हो, सबके साथ इंसाफ हो, सबकी जरूरतें पूरी हों. और हमें इस लड़ाई को लड़ते रहना है, सभी के साथ मिलकर, लगातार. ऐसा नहीं कि मैं सिर्फ इस्लाम के नाम पर लडूं, आप सिर्फ हिंदू धर्म के नाम पर लडें, कोई बौद्ध धर्म के नाम पर लड़े- नही हम सबको साथ आना चाहिए. क्योंकि हम, आप और बाक़ी बहुत सारे यही कह रहे हैं कि सामाजिक न्याय हो, बराबरी हो, गैर बराबरी खत्म हो, जो इस गैर बराबरी को बढ़ावा देने वाले हैं उन सभी के खिलाफ हमें एकजुट होकर लड़ना होगा. यही देश भक्ति है और सबसे बड़ी इबादत भी.’’ (डा इंजीनियर)दुनिया में कट्टरपन के खिलाफ सदभावना के लिए, मजहबी नफरत के खिलाफ अमन के लिए, सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ बहनापे और भाइचारे के लिए, सामाजिक अन्याय के खिलाफ इंसाफ के लिए आजीवन संघर्षरत डा असगर अली इंजीनियर पिछले एक बरस से हमारे बीच नहीं रहे. मगर इंसानी समाज में इंसानियत की स्थापना के लिए, मोहब्बत की जो मशाल उन्होंने जलाई है वो रहती दुनिया तक क़ायम और रौशन रहेगी. हर तरह के कटटरपन और सामंतवाद के खिलाफ डा. इंजीनियर ने अपनी आवाज बुलंद की है. अपनी कलम के जरिए, शिक्षण और प्रशिक्षण के जरिए, सभाओं, गोष्ठियों, सेमीनार, कार्यशालाओं के जरिए, आम जनता के नजदीक पहुंचने के हर संभव तरीकों और माध्यमों का इस्तेमाल वे अपने आखिरी दम तक करते रहे हैं. जातिवादी नफरत के खिलाफ उनकी कलम की धार पीड़ितों के पक्ष में हमेशा तेज रही. डा इंजीनियर हिंदोस्तानी गंगा-जमनी तहज़ीब, संप्रभुता और विविधता में एकता के जबरदस्त हामी रहे हैं. वे हमेशा कहा करते थे “बेशक आस्था जरूरी है मगर जब आस्था अंध विश्वास की शक्ल ओढ़ लेती है तब वह इंसानी समाज के लिए खतरनाक हो जाती है.” और यहीं से शुरू होती है वो जंग जिसका रास्ता और तरीक़ा डा असगर अली इंजीनियर ने हम सबको दिखाया है.सेंटर फार स्टडी आफ सोसायटी एंड सेक्युलरिज्म के अध्यक्ष और इस्लामिक विषयों के प्रख्यात विदवान डा असगर अली इंजीनियर की पहचान मजहबी कटटरवाद के खिलाफ लगातार लड़ने वाले योद्धा के तौर पे मानी जाती रहेगी. डा इंजीनियर मानना था कि दुनियां में जहां पर भी इस्लाम के मानने वालों पर जुल्म हुआ है, वहां के लोग लड़ाई के लिए उठ खडे हुए हैं. वे मानते हैं कि ’’कट्टरपंथ मजहब से नहीं सोसायटी से पैदा होता है’’ उनकी राय में ’’भारतीय मुसलमान इसीलिए अतीतजीवी हैंे क्योंकि यहां के 90 फीसदी से ज्यादा मुसलमान पिछड़े हुए हैं और उनका सारा संघर्ष दो जून की रोटी के लिए है इसलिए उनके भीतर भविष्य को लेकर कोई ललक नहीं है’’. यही नहीं, हिंदू कट्टरपंथ की वजह बताते हुए वे कहते है कि ’’जब दलितों, पिछड़ों व आदिवासियों ने अपने हक मांगने शुरू किए तो ब्राहमणों को अपना पावर खतरे में नजर आया और उन्होंने मजहब का सहारा लिया, ताकि धर्म के नाम पर सबको साथ जोड़ लें, लेकिन ये सोच कामयाब होती नजर नहीं आ रही है इसलिए उनका कटटरपंथ और तेजी से बढता जा रहा है. ताकि वह जरूरी मुददों से लोगों का ध्यान हटाएं और हिंदू धर्म के नाम पर सबको एक करने की कोशिश करें. और यही इसकी बुनियादी वजह है’’. जब दुनिया में इस्लामी आतंकवाद का प्रोपेगंडा अपने चरम पे था, हमारे मुल्क के अंदर भी मुसलमानों को लेकर शक-ओ-शुबहा बढ़ने से बेगुनाहों पर सरकारी जुल्म बढने लगे और सांप्रदायिक दंगों में जानो माल का इकतरफा नुकसान, बेकुसूर नौजवानों की गिरफतारी, झूठे मुकदमे, फर्जी एनकाउंटर बढ़ने लगे, समाज में आपसी नफरत बढ़ने लगी और मुस्लिम समाज दहशत की वजह से खुद अपने में सिमटने लगा, और कुछ स्वार्थी राजनैतिक तत्वों के जरिए, सुनियोजित तरीके से फैलाई जा रही नफरत से निपटने के लिए, शिक्षण प्रशिक्षण के ज़रिए, समाज मेें समरसता, बहनापा, भाईचारा क़ायम करने डा. इंजीनियर ने आल इंडिया सेक्युलर फोरम की शुरूआत की. जिसमें उनके अलावा देश की कई जानी पहचानी सेक्यूलर हस्तियां शामिल हुईं. इसके साथ ही देश में किए जा रहे सांप्रदायिक दंगों के पीछे की असलियत जानने के लिए उन्होंने खुद ही जांच दल गठित कर, घटनास्थलों में जाकर तफतीश की, रिपोर्ट तैयार की और संबंधित विभागों, राज्यपालों व केंद्र और राज्य सरकारों को सौंपी. मुल्क में बढ़ती जा रही मजहबी कटटरता पे उनका स्पष्ट मानना रहा है कि कटटरपंथ मजहब से पैदा नहीं होता वह मौजूदा समाज से पैदा होता है. बडी बेतकल्लुफ़ी से वे बताते हैं, आज से क़़रीब 70 बरस पहले देश में मुस्लिम लीग की मज़़बूती के पीछे भी यही वजहें थीं. क्योंकि उस वक्त जो मुस्लिम एलीट वर्ग यूपी, बिहार वगैरह का था, उसको लगा कि आजाद हिंदोस्तान में उसके हाथ से सत्ता पावर निकल जाएगा. इसलिए वे मुस्लिम लीग में गए उन्हें लगा कि लीग उन्हें और उनके प्रभुत्व को बचा लेगी. और लीग ने पाकिस्तान बनवा डाला और यहां का एलीट क्लास ये सोचकर पाकिस्तान चला गया कि वहां उनका भविष्य महफूज़़ रहेगा. मगर वहां की हकीक़़त आज हमारे सामने है कि धार्मिक कटटरपंथ के एवज़ बने किसी देश का भविष्य कितना अंधकारमय होता है. यही हिंदू कटटरपंथियों के साथ हो रहा है. वे सोचते हैं कि अगर वे हिंदू धर्म का सहारा नहीं लेंगे तो ये दलित, पिछड़े, आदिवासी सब सत्ता में आ जाएंगे और इसीलिए इन सबको सत्ता के पावर से दूर रखने के लिए हिंदू धर्म की बात करते हैं. वे कटटरपंथ की बात मजहब का नाम लेकर करते हैं ताकि बहुसंख्यक जन उनके साथ जुड़ जाए.डा इंजीनियर लोकतंत्र में अटूट विश्वास रखने वालों में रहे हैं. वे कहते हैं “चूंकि यहां लोकतंत्र है और दलित, पिछड़े भी इसे समझ रहे हैं कि वे लोकतांत्रिक तरीके से ही इसका मुकाबला कर सकते हैं. अगर आज लोकतंत्र न रहे और इस तरह की राजनीति बेखौफ बढती रहे तो वे सबको जेल में डाल देंगे, फांसी चढा देंगे, गोली मार देंगे, और फिर सब चुप हो जाएंगे तब तक के लिए, जबतक फिर से लोकतंत्र नहीं आ जाता..“डा इंजीनियर ने औरतों खासकर मुस्लिम औरतों के आर्थिक सामाजिक हालात सुधारने के लिए बहुत काम किया है. उन्होंने अपनी क़लम से मजहब के उन स्वयंभू ठेकेदारों के खिलाफ आवाज बुलंद की है जिन्होंने मुस्लिम औरतों के कुदरती, इंसानी हक़ मजहब के नाम पर दबा रखे हैं. इसके लिए उन्होंने ’’ क़ुरआन में औरतों के हक़’’ नाम से एक किताब भी लिखी साथ ही इस विषय पे बाकायदा प्रशिक्षण शिविरों का भी आयोजन पूरे मुल्क में किया. डा. साहब चाहते थे कि मुस्लिम समुदाय में से ही उच्च शिक्षित खातून आगे बढ़ें और अरबी का ज्ञान हासिल करें ताकि क़ुरआन में दिए गए अपने हक़ूक़ मर्दवादी समाज से हासिल कर सकें. बतौर भाषा अरबी सीखने और सिखाने के लिए अंग्रेजी, उर्दूू और हिंदी का प्राइमर भी तैयार कर चुके थे और इसका इंतेजाम उन्होंने बांबे स्थित अपने आफिस में कर भी रखा था. ताकि बाहर से आई हुई कुछ चुनिंदा खातून इसमें महारत हासिल कर सकें. लेखिका को भी आपने अपनी मंशा से न सिर्फ अवगत कराया था बल्कि उनके पास रहकर अरबी की पढ़ाई पूरी करने का आफर भी दिया था. उनका खाब था कि कुछ हिंदोस्तानी ख्वातीन सामाजिक न्याय, बराबरी और औरतों के हक़ुक़ से संबंधित कुरआन के रौशन पहलू को तर्जुमे के साथ आमजन तक पहुंचाने का जिम्मा उठाएं.. वे कहते हैं कि ’’जब समाज हमेशा एक सा नहीं रह सकता बदल जाता है, तो उसके क़वानीन (क़ानून) एक से कैसे रहेंगे ? उन्हें भी समाज में होने वाले बदलाव के साथ बदलना ही होगा’’. बेशक डा. इंजीनियर आज हमारे बीच नहीं रहे मगर इंसानी दुनिया से नफरत, गैर बराबरी और बेइंसाफी मिटाने के लिए, किए गए उनके तमाम काम और काविशों का बोलबाला कायम रखने के लिए, उनके छेडे़ गए जेहाद के बिगुल को सांस देेने की जरूरत है. यही डा़ असग़र अली इंजीनियर को सच्ची ख़िराजे अक़ीदत (श्रद्धांजली)होगी.[दख़ल ]
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18 May 2014शिवअनुराग पटैरयाआज हिन्दी पत्रकारिता ही नहीं भाषा के तौर पर हिन्दी को अंग्रेजी के घालमेल ने प्रदूषित कर दिया है । कभी नई दुनिया जैसे हिन्दी के अखबार परिस्कृत हिन्दी की पाठशाला हुआ करते थे । वे शब्द ज्ञान ही नहीं संस्कार भी देते हैं, पर आज के अधिकांश अखबारों में वह बात दायित्व बोध कहाँ । आज बाजार सिर चढ़कर नाच रहा है । इसलिए जो बाजार चाह रहा है, वह अखबारों में हो रहा है । ऐसे अखबारों के मालिक संपादक कह सकते हैं कि यह तो बाजार है, जो बिकेगा उसे बेचा जाएगा, पर वास्तव में ऐसा कहना सही है क्या । मेरी निगाह में तो बिल्कुल नहीं । महात्मा गांधी, गणेश शंकर विद्यार्थी माखनलाल चतुर्वेदी और राजेन्द्र माथुर की पत्रकारिता की बात भले ही आज बाजार के अनुरूप न दिखाई दे रही हो पर नजीरें तो हम उन्हीं की देते हैं । आखिर हम आजकल के चलताऊ और बिकाऊ पत्रकारों को उस श्रेणी में खड़ा क्यों नहीं करते हैं । यह ठीक उसी तरह है जिस तरह हम बाजार से घर की तुलना नहीं करते । बाजार लाभ-हानि के गणित पर आधारित होता है । उसमें भावनात्मक संवेदनाएं शून्य होती हैं । वह तो सिर्फ पैसे और प्रभाव की भाषा जानता है । प्रतिद्वंद्वी को परास्त और पराजित करने का खेल-खेल रहा है, जबकि घर परिवार आत्मीय रिश्तों के डोर में बंधा होता है । एक जमाना था कोई बहुत दूर नहीं, भाषाई अखबार व्यक्तिगत और सामाजिक मनोकामनाओं, आकांक्षाओं और अभिव्यक्ति के प्रतीक हुआ करते थे, पर क्या वास्तव में आज ऐसा है । टी.जी. और टी.आर.पी. के फेर में न धरम बचा है और न नए मीडिया के ध्वज वाहक, टी.वी. का. आज अखबारों में परोसा जा रहा है । नया केन्द्र वह आदमी है जिसकी सत्ता प्रतिष्ठान तक पहुँच और पहचान नहीं है । अथवा धन्नासेटों का वह समूह जो अखबारों को माध्यम बनाकर अपने उत्पाद को बेचना चाहते हैं । बाजार बुरा नहीं है पर बुरा बाजार के हाथ खेलना । आज दिल्ली से लेकर भोपाल इंदौर के अखबार विज्ञापनदाताओं और संभावित विज्ञापनदाताओं में अपनी पहुँच बनाने के लिए, तमाम तरह के पुरस्कार बांटते हैं । उनको महिमा मंडित करने के लिए, सर्वे छापते हैं । क्या ऐसा करके वे अपने पत्रकारीय धर्म का निर्वाह कर रहे हैं ? पक्के तौर पर नहीं । अखबार ऐसा करके विज्ञापनदाताओं को अपने पक्ष में करना चाहते हैं फिर चाहे उसके लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े । विज्ञापनदाताओं के इसी समूह को ध्यान में रखकर हिन्दी को भी भ्रष्ट किया जा रहा है । किसी भाषा के शब्द को आत्मसात कर अपनी भाषा से जोड़ना बुरा नहीं है, लेकिन जब हम अपनी भाषा या सहोदर भाषा के शब्दों को निरस्कृत कर अंग्रेजी के शब्दों को उसी लिपि और व्याकरण के साथ प्रयुक्त करते हैं, तो घातक है । दरअसल भाषाएं सिर्फ भाषाएं नहीं होती, वे हमारे स्वाभिमान और संस्कृति की प्रतीक पोषण व संवाहक होती हैं । हिन्दी को हिंगलिस बनाकर हमारे तमाम अखबार एक बड़ा अपराध कर रहे हैं । वे भाषा का संस्कार ही नहीं, आने वाली पीढ़ियों को भी भाषाई तौर पर कुसंस्कारित व विकृत कर रहे हैं । अखबारों को इस बात को मान लेना चाहिए कि वे सिर्फ छपे हुए पन्ने या व्यापार अथवा हानि लाभ का समीकरण नहीं है । उनके कंधों पर समाज को दिशा ........... दृष्टि देने की गुरूत्तर जवाबदारी । ठीक उसी तरह जिस तरह चिकित्सक के कंधों पर धन लाभ से परे हटकर, बीमार और पीड़ित व्यक्ति को भला चंगा करने का दायित्व होता है । बाजार की बाधा को पार कर, जितना जल्दी यह बात मान लें अच्छा है । (दखल)(वरिष्ठ पत्रकार शिवअनुराग पटैरिया की एक दर्जन किताबे बाजार में मौजूद हैं, पटैरिया वर्तमान में लोकमत समाचार में कार्यरत हैं |)
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6 January 201327 जनवरी को बनेगा 36 वर्ष बाद बनेगा महामुहूर्त का महासंयोग पं. धर्मेन्द्र शास्त्री ज्योतिषाचार्य पंडित धर्मेन्द्र शास्त्री के अनुसार भारतीय सनातन पंचाग में पुष्य नक्षत्र प्रत्येक 27 दिन बाद आता है लेकिन रविवार को किसी भी समय अर्थात रविवार के सूर्योदय से सोमवार के सूर्योदय के पहले किसी भी समय पुष्य नक्षत्र आने से सवार्थसिद्धी योग बनता है! इस बार लगातार पुष्य नक्षत्र व रविवार का संयोग 55 दिनो में 3 बार होगा 2 दिसम्बर2012] 30 दिसम्बर 2012 ] 27 जनवरी 2013 तक तीनो पुष्य नक्षत्र रविवार का स्पर्श करेगे ! 2दिसम्बर रविवार को रात्रि 11%43 बजे से पुष्य नक्षत्र प्रारंभ होकर 3 दिसम्बर सोमवार को सोमपुष्य बनाकर देर रात्रि 1%17 तक रहेगा व30 दिसम्बर रविवार को प्रातः 7%11 से पुष्य नक्षत्र प्रारंभ होकर 31 दिसम्बर सोमवार को सोमपुष्य बनाकर को प्रातः 8%51 तक रहेगा ! पुष्य नक्षत्र जो 27 नक्षत्रों का राजा होता है इसे नक्षत्रराज भी कहा जाता है साथ ही रविवार का स्वामी सूर्य जो नवग्रहो के राजा है इस कारण रविवार के दिन पुष्य नक्षत्र आने से सवार्थसिद्धी योग बनता है! महासंयोगो का महापुण्यफल प्राप्त होगा! 27 जनवरी 2013 रविवार को पुष्य नक्षत्र के साथ पौषी पूणिमा एवं इस वर्ष 12 वर्ष पश्चात जब गुरू वृषभ राशि में एवं सूर्य व चन्द्र मकर राशि में आते हैं तो तीर्थराज प्रयाग(इलाहबाद) में महाकुम्भ महापर्व का संयोग बनता है यह महासंयोग 14 जनवरी 2013 से 10 मार्च 2013तक होगा 36 साल पहले इलाहबाद महाकुम्भ पर्व के समय 18 जनवरी 1976 मे रविपुष्य योग एवं महाकुम्भ पर्व एक साथ आये थे ! इन रविपुष्य यागो में नए वाहन ]जमीन] मकान स्थाई सम्पत्ति के सौदे ] गृहप्रवेश]गहने मषीनरी इलेक्ट्रानिक समाना खरीदना शुभ होता है। इन योगों में खरीदी गई जमीन या मकान व सोना चाँदी लाभ प्रदान करते है ![दखल]ज्योतिषाचार्य पं. धर्मेन्द्र शास्त्री मो. 9893018124 ] 9425660814
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1 November 2012विष्णु सक्सेना एक दिन एक किसान का गधा कुएँ में गिर गया ।वह गधा घंटों ज़ोर -ज़ोर से रोता रहा और किसान सुनता रहा और विचार करता रहा कि उसे क्या करना चाहिऐ और क्या नहीं। अंततः उसने निर्णय लिया कि चूंकि गधा काफी बूढा हो चूका था,अतः उसे बचाने से कोई लाभ होने वाला नहीं था;और इसलिए उसे कुएँ में ही दफना देना चाहिऐ।किसान ने अपने सभी पड़ोसियों को मदद के लिए बुलाया। सभी ने एक-एक फावड़ा पकड़ा और कुएँ में मिट्टी डालनी शुरू कर दी। जैसे ही गधे कि समझ में आया कि यह क्या हो रहा है,वह और ज़ोर-ज़ोर से चीख़ चीख़ कर रोने लगा । और फिर ,अचानक वह आश्चर्यजनक रुप से शांत हो गया।सब लोग चुपचाप कुएँ में मिट्टी डालते रहे। तभी किसान ने कुएँ मेंझाँका तो वह आश्चर्य से सन्न रह गया। अपनी पीठ पर पड़ने वाले हर फावड़े की मिट्टी के साथ वह गधा एक आश्चर्यजनक हरकत कर रहा था। वहहिल-हिल कर उस मिट्टी को नीचे गिरा देता था और फिर एक कदम बढ़ाकर उ...स पर चढ़ जाता था।जैसे-जैसे किसान तथा उसके पड़ोसी उस पर फावड़ों से मिट्टी गिराते वैसे -वैसे वह हिल-हिल कर उस मिट्टी को गिरा देता और एस सीढी ऊपर चढ़ आता । जल्दी ही सबको आश्चर्यचकित करते हुए वह गधा कुएँ के किनारे पर पहुंच गया और फिर कूदकर बाहर भाग गया।ध्यान रखो ,तुम्हारे जीवन में भी तुम पर बहुत तरह कि मिट्टी फेंकी जायेगी ,बहुत तरह कि गंदगी तुम पर गिरेगी। जैसे कि ,तुम्हे आगे बढ़ने से रोकने के लिए कोई बेकार में ही तुम्हारी आलोचना करेगा,कोई तुम्हारी सफलता से ईर्ष्या के कारण तुम्हे बेकार में ही भला बुरा कहेगा । कोई तुमसे आगे निकलने के लिए ऐसे रास्ते अपनाता हुआ दिखेगा जो तुम्हारे आदर्शों के विरुद्ध होंगे। ऐसे में तुम्हे हतोत्साहित होकर कुएँ मेंही नहीं पड़े रहना है बल्कि साहस के साथ हिल-हिल कर हर तरह कि गंदगीको गिरा देना है और उससे सीख लेकर,उसे सीढ़ी बनाकर,बिना अपने आदर्शों का त्याग किये अपने कदमों को आगे बढ़ाते जाना है।अतः याद रखो !जीवन में सदा आगे बढ़ने के लिए१)नकारात्मक विचारों को उनके विपरीत सकारात्मक विचारों से विस्थापित करते रहो।२)आलोचनाओं से विचलित न हो बल्कि उन्हें उपयोग में लाकर अपनी उन्नति का मार्ग प्रशस्त करो।[दखल ]प्रसिद्ध कवि विष्णु सक्सेना के फेसबुक से
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19 November 2012Airline Joins Ranks of Top World Carriers While Air India Backtracks, Continues to Profit From Deadly Shipments Benazir Suraiya Mumbai – Jet Airways, India's second-largest airline, has assured People for the Ethical Treatment of Animals (PETA) India in writing that it does not and will not transport animals destined for laboratory experiments. In a reply to PETA's letter inquiring about Jet Airways' policy regarding shipments of animals to laboratories, Mohammad Ali El Ariss, Jet Airways' vice president of cargo, stated, "We would like to inform you, we refuse to carry live animals for laboratory experiments". "Jet Airways is now among the enlightened airlines that refuse to transport dogs, cats, primates and other animals to laboratories, where they would suffer and die", says PETA India Science Policy Adviser Dr Chaitanya Koduri. "Jet Airways has set an example for the dwindling number of airlines – including Air India – that still profit from animal suffering to follow." Numerous major airlines have full or partial policies against transporting animals for experimentation. Just among the International Air Transportation Association’s list of the world’s 10 largest cargo carriers, FedEx, UPS, Cathay Pacific, Korean Airlines, and EVA Air prohibit any shipments of animals for experiments; Emirates, Singapore and China Airlines won’t ship primates to laboratories; and Lufthansa has banned shipments of cats, dogs and primates destined for laboratories. One of the exceptions is Air India, which, despite repeated assurances to PETA that it would not transport animals for use in experiments, has backtracked on its pledge and continues to profit from the cruel trade of shipping animals to laboratories. Every year, experimentation facilities across India squander valuable time and resources as well as millions of rupees by conducting experiments on monkeys, dogs, rabbits, rats, mice and other animals, even though animal experiments often do not reliably predict specific consequences for human health.[dakhal]
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5 November 2012सुरेश शर्मा सुप्रचलित मुहावरा है बहती गंगा में हाथ धोना। जब अरविंद केजरीवाल ने रॉबर्ट वाड्रा की संपत्ति बढऩे तथा सस्ते दरों पर डीएलएफ द्वारा उन्हें जमीन, फ्लैट तथा अन्य संसाधन उपलब्ध कराये जाने की जानकारी देश को दी है तब से यही विचार सामने आ रहा है कि भारत तो बहती गंगा है जो चाहे वह हाथ धो ले। कांग्रेस कह रही है कि बाड्रा जी व्यवसायी हैं तो उनकी जायदाद बढ़ सकती है। वह 300 करोड़ क्या उससे भी अधिक हो सकती है। कांग्रेस यह भी कहती है कि वे सोनिया गांधी जी के दामाद हैं यह बात और है लेकिन राजनीति से उनका क्या लेना देना। सही भी है आल दट ग्लीडर्स इज नॉट गोल्ड याने हर चमकने वाली वस्तु सोना तो नहीं होती। लेकिन वाड्रा साहब का जवाब आया तो होश पाख्ता हो गए। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल राजनीतिक पार्टी जमाना चाहते हैं इस कारण ऐसा मामला उठा रहे हैं। साफ है वाड्रा साहब सीमेंट हैं जिनके साथ जोड़ लेने से राजनीतिक पार्टी की दीवारें पक्की और पुख्ता हो जाएंगी। यूपीए2 घोटालों की सरकार है और नये नये नामों से घोटाले सामने आते रहने वाले हैं। महंगाई की सरकार है तो हर रास्ते महंगाई की तरफ ही जाने वाले हैं। बंटवारे की सरकार है तो वह रसोई गैस ेनाम पर ही सही चुल्हें बंटवाने का काम तो कर ही देगी। राजनीतिक नहीं धार्मिक द्वंद्व की सरकार है तो हर कोई इसी धारा में बह रहा है कि हमें भ्रष्टाचार स्वीकार है लेकिन साम्प्रदायिक शक्तियां स्वीकार नहीं हैं। ऐसे में रॉबर्ड वाड्रा की घटना कितना महत्व पाएगी कहा नहीं जा सकता है। रॉबर्ट वाड्रा के नाम सीधा भ्रष्टाचार नहीं लिखा जा सकता है। क्योंकि उन्हें तो डीएलएफ ने कौडिय़ों के दाम जमीन, फ्लैट आदि दिए हैं। आरोपों में यह जरूर दिख रहा है कि उनकी संपत्ति बिना किसी कारण के 300 करोड़ से पार हो गई। यह भी जानकारी आ रही है कि उन्होंने उसे सरकार की जानकारी में ला दिया था। सरकार कौन तो यह अरविंद केजरीवाल ने कह दिया है कि देश की कौन सी जांच एजेंसी है जिसमें इतना दम हो कि इस परिवार और उनके रिश्तेदारों की वह जांच कर लें जब तक यह परिवार खुद उसमें रूचि न ले। कौन सी वह राजनीतिक पार्टी है जो इस परिवार के खिलाफ जांच के लिए संसद को ठप करे। न मीडिया में इतनी ताकत है कि वह इस परिवार से सीधे सवाल पूछ सके कि बताईये यह सब क्या है, वैगेरह वैगेरह? हां एक बात जो साफ हो रही है वह यह कि डीएलएफ को जिन राज्यों ने कौडिय़ों के भाव जमीन दी और वे सभी राज्य कांग्रेस शासित है इन्हीं राज्यों में वाड्रा साहब को जायदाद खरीदने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। यह संयोग है या षडयंत्र यही जांच का विषय है। हालांकि जांच की मांग भाजपा वालो ने की है इस विषय को प्रकाश में लाने वालों ने नहीं की है। भाजपा नेत्री व टीवी कलाकार स्मृति ईरानी ने कहा है कि कांग्रेस के राज में कई समान भाव वाले घोटाले हुए मसलन, 2जी, सीडब्लूजी और अब जीजाजी घोटाला। गंभीर विषय का हास्य संस्करण लेकिन लोगों के जहन में उतर जाने वाला वाक्य। यह राजनीति में सही है लेकिन व्यवहार में सही नहीं है। यह विषय इसलिए भी तूल पकड़ेगा क्योंकि इससे टीआरपी की संभावना है और युवाओं में बिकने वाले दो चेहरे भी शामिल हैं। लेकिन क्या इस घोटाले को दबाने के लिए और घोटाले की उम्मीद करना चाहिए। या सुधार के नाम पर एक और दमन की प्रतीक्षा देश को करनी चाहिए। घोटालों के इस देश में बहती गंगा में तो हर कोई हाथ धोने में लगा है लेकिन किसी में भी यह दम नहीं है कि वह देश की गरीब आबादी के बारे में विचार कर पाए। गरीब के घर की बिजली कट जाती है लेकिन कोई बोलने वाला नहीं है लेकिन लाखो बकाया होने पर भी सरकारी दफ्तरों व कल कारखानों की बिजली काटने वाले की हिम्मत यदि कोई कर भी ले तो उसके पास सिफारिश करने वालों की कतार लग जाएगी। लेकिन गरीब की लाइन जोडऩे वाले पर किस प्रकार की धाराए लगेंगी इस बारे में कानून की किताब खंखाली जा रही हैं। कामन मैन की बात को सामने रखकर सोचने की प्ररेणा मिल रही है और लगता है कि अब बदलाव आएगा भी। लेकिन क्या हम इस बात पर भी साथ में विचार करेंगे कि जब हम धर्मनिरपेक्ष सत्ता हैं तो फिर धर्म के नाम पर भेदभाव व बंटवारे की बात क्यों कर रहे हैं। देश ने ताजा रूप में कई घोटालों को देख जिससे ममता बनर्जी जैसी नेता का जमीर जागा भी और उन्होंने सरकार से समर्थन वापस भी ले लिया लेकिन बाकी दलों का क्या हुआ? उन्होंने पुराना नारा दिया कि हम साम्प्रदायिक शक्तियों को सरकार में नहीं आने देना चाहते हैं इस कारण इस घोटाले करने वाली सरकार को बर्दास्त कर सकते हैं। तो क्या देश राजनीतिक मूल्यों के आधार पर चल रहा है या फिर साम्प्रदायिक आधार पर? यदि जिस आधार पर हम केन्द्र सरकार को समर्थन दे रहे हैं उससे तो हमारी संविधान की भावना पंथ निरपेक्ष वाली आहत हो रही है? पिछले दिनों से एक घबराहट पैदा कर देने वाली घटना ने देश को बेचैन कर रखा है। इस बारे में जल्दी निर्णय लेना होगा। संयुक्त परिवारों को जब एक गैस कनेक्शन मिलेगा और यदि एक ही घर में अलग-अलग रसोईयां दिखा दी जाएंगी तो हर पुत्र को भी गैस कनेक्शन मिल जाएगा। हम सीधे-सीधे बंटवारे के लिए प्रेरित नहीं कर रहे हैं? देश गंभीर संकट से गुजर रहा है लेकिन जिनसे अपेक्षा है वे संघ प्रमुख इस भ्रम में जी रहे हैं कि उनके स्वयंसेवक कांग्रेस में भी हैं। क्या होने वाला है इससे जो कांग्रेस के ताकतवर नेताओं के धर्म परिवर्तन वालों के समर्थन में कानून बनाने पर मौन रहते हैं तो उन स्वयंसेवकों की जरूरत क्यों है? जो गैस के नाम पर रसोईयों को बांटने का विरोध नहीं कर सके ऐसे स्वयंसेवकों का उल्लेख करने का अर्थ क्या है? हमें अपने आदर्शों की बात पर डटे रहना चाहिए या फिर उनमें कोई कमी आ गई है तो उनकी समीक्षा की जाना चाहिए। बीच का कोई रास्ता होता कहां हैं जिससे बचकर निकलने का प्रयास किया जाए। यह प्रयास हमें सभी राजनीतिक दलों से दूर करने में सहायक हो रहा है। यह प्रयास देश के लिए भी इस मायने में घातक हो रहा है क्योंकि देश लगातार ऐसे लोगों या तत्वों के हाथों में आ गया जिन्हें देश की परासंपत्तियों को लूटने के अलावा कोई और सूझ ही नहीं रहा है। देश की स्मृति पटल से सब मिटाने के लिए अलग नक्शा बनाने का प्रयास किया जाता है जो पहले वाले से अधिक विकृत्त होता है। 70 हजार करोड़ का सीडब्लूसी था लेकिन 2जी 1.76 लाख करोड़ का था। कोलगेट इससे भी बड़ा हो गया। ऐसे में अकेले केजरीवाल देश की इस बुराई को समाप्त करने की स्थिति में नहीं हैं। संघ अन्ना हजारे का साथ दे रहा था तो उसे अपनी राजनीतिक पार्टी में ऐसा माद्दा पैदा करना चाहिए कि वह देश को सही विकल्प दे सके। आडवानी जी कहते हैं देश भाजपा को कांग्रेस का विकल्प मानने को तैयार नहीं है तो इसमें देश की समझदारी ही है यह, क्योंकि देश एक कांग्रेस से सरकार लेकर डमी कांग्रेस को देने को क्यों तैयार हो जाए? भाजपा पहले पार्टी विथ डिफरेंस था अब पार्टी में डिफरेंस दिखाई देते हैं तो जनता उसे विकल्प क्यों माने? इसलिए समय मांग कर रहा है कि बहती हुई गंगा में हाथ धोने से जो गंगा मैली हो गई है उसका शुद्धिकरण करने का प्रयास करना चाहिए। गंगा की शुद्धि के लिए उमा भारती निकली हैं तो देश की गंगा को शुद्ध रखने के लिए देश में हजारों हजार उमा भारती पैदा करनी होगी। आज जरूरत पहले इसकी अधिक है। वरना तय मानिए देश में राजनीतिक पार्टियों का एक ऐसा गिरोह हो गया है जो हर हाल में देश की संपदाओं को अपने नाम कर लेगा चाहे वह कोयला हो, जमीन हो, खनिज हो या फिर कारखाने हो। गंगा को मुक्तिदायनी ही रहने दें उसमें हाथ धोने की मनोवृत्ति को समाप्त करने के लिए जागने और देश को जगाने की जरूरत है।(dakhal)
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9 October 2012sultry Supermodel and Actor Asks Fans to 'Try to Relate to Who Is on Your Plate' Benazir SuraiyaMumbai – Clutching a meat hook and with her naked body wrapped in cellophane – as meat might be – supermodel and actor Anupama Varmaappears in a striking brand-new pro-vegetarian ad for People for the Ethical Treatment of Animals (PETA) India, released during World Week for the Abolition of Meat (22-29 Sept 2012), and just in time for World Vegetarian Day (1 October) and Vegetarian Awareness Month (October). The caption reads, "Try to Relate to Who Is on Your Plate – Go Vegetarian". PETA and Varma want people to know that all animals, including humans, are made of flesh, blood and bone, that we have the same senses and range of emotions, and that eating meat is, literally, eating a corpse. The stunning ad was shot by ace photographer Rafique Sayed. "I hope my PETA ad helps challenge people to really think about what 'meat' is", says Anupama Varma. "Eating flesh means eating the corpse of a tortured animal who did not want to die. We are encouraging people to try going vegetarian – for animals, the environment and their own health." Animals slaughtered for meat are crammed into vehicles in such large numbers that many are severely injured or die en route to the slaughterhouse. The animals are hit, dragged, cruelly and illegally handled and often denied even basic necessities, such as food, water and veterinary treatment. At the slaughterhouse, they are killed in view of each other and are often dismembered and skinned while they are still conscious. Chickens are crowded by the tens of thousands into filthy sheds that reek of ammonia fumes from the accumulated waste. At the slaughterhouse, their throats are cut with blunt knives and their bodies are dunked into scalding-hot water for feather removal, often while they are still conscious. Although Varma is primarily a top model, she also starred in the TV reality show Bigg Boss. She has also appeared in several Bollywood movies, including Woodstock Villa. For more information, please visit PETAIndia.com.Benazir Suraiya (0) 90045 47382; BenazirS@petaindia.org
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28 September 2012An initiative by Amulett Educational ServicesBhopal, 23rd Sept 2012 : This is for the very first time the Amulett Educational Services has invited talented and versatile actor Ashutosh Rana to Bhopal to give some tips for engineering aspirants on Journey towards engineering excellence and Importance of GATE /IES/ PSU & GPAT Entrance Exam at Gyan Vigyan Bhawan, Barkatullah University here today.Amulett Educational services in association with Maxim Business School organized a seminar in which more than 1500 engineering aspirants assembled to know the tips for cracking GATE /IES/ PSU & GPAT and what all it takes to enter India’s prominent engineering institutions.Prof. Manish Sharma, Alumni, IIT Powai taught some memory techniques in very simple methods. The entire session was fully interactive and information in which the student learned many simple techniques.D S Goyal , IES, Nagpur told the aspirants about the present trend in the field of PSUs. He said public sector units are very easy to crack provided the student follows some very easy tips which are very beneficial in cracking GATE /IES/ PSU & GPAT.Addressing the students, Film actor Ashutosh Rana said, “There are many students who wish to be engineers. We certainly need many more highly qualified technical specialists for PSUs. I am not here to tell you my success story or show you how perfect I am, because I am not. I have, however, had experience of various sectors, so I can broadly clear your doubts.” He stressed “I am from a simple middle class family and apart from hard work, passion to achieve the desired results was also very crucial in my life. One needs to understand what one wants from his or her life. Have a myopic view towards career and life, focus is important and determination is essential.”(dakhal)
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23 September 2012पंकज चतुर्वेदी देश इस समय बिजली के जैसे झटके खा रहा है ऐसा संभवता कभी नहीं हुआ| बिजली गुल होने से आधे से अधिक देश अंधरे में डूब गया | एक सप्ताह में दो –दो बार देश की पावर ग्रिड ने जैसे चकमा दिया है वह चिंता और चिंतन का विषय है | पावर ग्रिड मूलत देश के अलग -अलग भागों से में उत्पादित की गयी विधुत उर्जा का संग्रहण है| इसकी तुलना आप एक विद्युत उर्जा बैंक से कर सकते है | इस बिजली बैंक से उच्च क्षमता के तारों के माध्यम से देश के अलग -अलग भागों में बिजली की सप्लाई करने की व्यवस्था है | इस बैंक से बिजली निकलने की सीमा भी निर्धारित है, किन्तु सीमा से अधिक लेने की प्रक्रिया भी बहुत आसान है ,सीमा से अधिक बिजली लीजिये और अर्थ दंड देकर बच जाइये | यह बात और है कि कुछ राज्य तो चोरी के साथ सीना जोरी भी करते है ,अधिक बिजली लेने के बाद भी अतिरिक्त पैसा देने में आनाकानी करते है एवं व्यवस्था जनित विसंगतियों के कारण ग्रिड व्यवस्थापक उनका कुछ भी नहीं कर सकते है | ग्रिड में बिजली आने और जाने का हिसाब पूर्णत कम्प्यूटर कृत है | ग्रिड जितनी विशाल होगी उसकी फेल होने की संभावना उतनी ही कम होती है | लेकिन यदि फेल हो जाये तो असर भी उतना ही व्यापक होता है जैसा इस बार हुआ| बिजली लेने की यह प्रक्रिया विसंगतियों से परिपूर्ण है जिसके चलते अपने कोटे से अतिरिक बिजली लेने पर झटका दूसरे राज्यों को लगता है | इस बार फेलियर का कारण कथित रूप से उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा जैसे कुछ राज्यों द्वारा अपनी सीमा से अधिक बिजली लिया जाना है|देश की तीन ग्रिड नार्दन ,नार्थ इस्टर्न और इस्टर्न ग्रिड के एक साथ बैठ जाने से भारत के बीस से भी अधिक राज्यों के लगभग साठ करोड़ लोग अंधरे में रहने को मजबूर हो गए थे |देश भर में चार सौ से अधिक रेल गाडियाँ अपने गंतव्य से पूर्व ही बीच रास्ते में अटक गयी थी | सन २००२ में उत्तर भारत का एक ग्रिड फेल हुआ था ,जिसके बाद यह तय किया गया था कि कोई ऐसी व्यवस्था बने कि देश की राजधानी दिल्ली एवं आर्थिक राजधानी मुंबई में ग्रिड फेल होने की दशा में वैकल्पिक व्यब्स्थाओ से काम चलाया जा सके |परन्तु ऐसा लगता है कि इस दिशा में कुछ भी नहीं हुआ है ,अन्यथा दिल्ली में मेट्रो जैसी महत्वपूर्ण सेवा ऊर्जा अभाव के चलते बीच में ही क्यों रोकनी पड़ती | देश में इस समय दो लाख मेगवाट से अधिक बिजली उत्पादन की क्षमता है ,किन्तु कोयले के अभाव में हम क्षमता होने के बाद भी इस बिंदु तक नहीं पहुँच पाते है | देश का कुल विद्युत उत्पादन लगभग पौने दो लाख मेगवाट है और इस उत्पादन का साठ से पैंसठ फीसदी हिस्सा कोयले और लिग्नाइट जिसे भूरा कोयला कहा जाता है से उत्पन्न होता है | यह बात अवश्य है कि आज हम १९४७ की तुलना में हजार गुना अधिक विद्युत उत्पादित कर रहें है ,किन्तु अभी और बिजली की आवश्कता है क्योकि उस अनुपात में जनसंख्या और बिजली की आवश्कता दोनों भी बढ़ी है | देश के कई राज्यों में आज भी नियमित बिजली कटौती जारी है | कई ग्रामीण क्षेत्रों में तो बिजली के जाने का समय निर्धारित है, किन्तु आएगी कब यह कोई नहीं बता सकता | यह भी तब है जब कि भारतीयों की औसत बिजली खपत अमेरिका ,चीन और कनाडा सहित अन्य देशो की तुलना में काफी कम है | कम खपत के बाद भी हर साल लगभग सात से आठ फीसदी की दर से देश में बिजली की मांग बढ़ जाती है |देश में उद्योग और व्यापार जगत अब पूर्व की तुलना में बिजली की खपत कम करता है ,उत्पादित बिजली का अधिकांश भाग घरेलू उपयोग और कृषि उत्पादन में लग जाता है | इस अभाव और परेशानी के पीछे बिजली के उत्पादन और वितरण की व्यवस्था का दोष है ,इन दोनों ही विसंगतियों के चलते बिजली का बुरा हाल है | आजादी के छह दशक से भी अधिक का समय निकल जाने के बाद भी देश कुल तीस राज्यों में से सरकारी तौर पर महज नौ राज्य ही पूर्णतयाः विधुतिकृत हो पाए है | जिसमे से दक्षिण के चार बड़े राज्य है ,तो उत्त्तर में तीन और पश्चिम के दो राज्य है | पूर्वी क्षेत्र और अन्य राज्यों का हाल बुरा है |अधिकांश राज्यों के बिजली बोर्ड पूरी तरह कंगाल है | कोयले की बढती कीमतों और कमी के चलते नुकसान बढ़ता जा रहा है | बाकि बची कसर सब्सिडी नाम की बीमारी पूरी कर देती है | देश का योजना आयोग भी इंगित कर चुका है कि उत्पदन से ज्यादा तकलीफ वितरण करने में है | राज नेता कुर्सी की खातिर बिजली को दांव पर लगा देते है | मुफ्त एक बत्ती कनेक्शन ,सिंचाई के लिए निशुल्क बिजली जैसे नारों से ये सत्ता तो पा लेते है किन्तु बिजली का पत्ता कट जाता है | आज तक यह समझ नहीं आया कि हर आय वर्ग के लिए बिजली ,गैस ,डीजल और पेट्रोल का भाव एक क्यों ?जो हजार कमाए उसको तो सब्सिडी का हक है पर जो लाखो कमा रहा है वह भी ऊर्जा के इन साधनों पर राज सहयता प्राप्त कर रियायती मूल्य अदा कर रहा है | और इसमें से अधिकांश का तो हम आयत करते है चाहे वह बिजली निर्माण के लिए कोयल हो या अन्य जीवाश्म ईंधन | इस सबके बाद भी सरकार तंत्र नहीं जागा है | राज्यों की सरकारें हो या केंद्र की ,आज भी भारत के बिजली उत्पादन का अस्सी प्रतिशत से अधिक सरकार के हाथ में है और शेष में निजीक्षेत्र की भागीदारी है | जबकि भारत में बिजली का उत्पादन पहली बार कलकत्ता की निजी कम्पनी ने सन १८९९ में किया था | सरकार को चाहिए कि वह उत्पादन में निजी क्षेत्र को प्रोत्सहन दे ,साथ ही सब्सिडी का पात्र कौन है यह भी पुन निर्धारित हो और बिजली के दाम चोरी को रोक कर वसूले जाये |नहीं तो कहीं यह ऊर्जा का क्षेत्र स्वयं ही ऊर्जा विहीन ना हो जाये|(दखल) लेखक –एन.डी.सेन्टर फोर सोशल डेवलपमेंट एंड रिसर्च के अध्यक्ष है
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17 September 2012प्रमोद भार्गव ईश्वरीय कृपा को बेचने का कारोबार फैल रहा है । अब तक निर्मल बाबा कचौरी-समौसे खिलाकर कृपा बेच रहे थे, अब उन्हीं की तर्ज पर ईसाई धर्मगुरू पॉल दिनाकरण उर्फ पॉल बाबा प्रार्थना का पैकेज बेच रहे हैं । निर्मल बाबा की कृपा भक्तों पर जहां दो हजार रूपए में बरसती है, तो वहीं पॉल बाबा ऐसी कृपा बरसाने के दाम ३७५० रूपए वसूलते हैं और लोग उन्हें पैसा देते भी हैं । निर्मल का सालाना कारोबार १४० करोड़ रूपए का है, तो पॉल बाबा का करीब १५० करोड़ का । निर्मल बाबा जहाँ विभिन्न टीवी चैनलों में अवतरण के लिए बतौर विज्ञापन जगह खरीदते हैं, तो वहीं पॉल बाबा खुद ÷रेनबो' टीवी चैनल के मालिक तो हैं ही, १८ सौ कार्यक्रम भी हर महीने दक्षिण भारत की १३ भाषाओं में टीवी पर दिखाते हैं । पॉल बाबा द्वारा दी जाने वाली कृपाओं की कई किस्मे हैं और उनकी कीमतें भी अलग-अलग हैं । बच्चों को बुद्धिमान बनाने से लेकर वे भूत-प्रेत की छाया से दूर रखने और भविष्य उज्जपल बनाने तक की कृपाएं बेचते हैं । मामूली समस्याओं से छुटकारा दिलाने का दावा तो वे चुटकियों में करते हैं । जाहिर है, अंधविश्वास का कारोबार हिंदू धर्मगुरूओं द्वारा ही नहीं, ईसाई धर्मगुरूओं द्वारा भी धड़ल्ले से किया जा रहा है । हैरानी इस पर है कि मीडिया पॉल बाबा के पाखंड का भंडाफोड़ उतने दम-खम से नहीं कर रहा है, जितना निर्मल बाबा का किया । ५० साल के पॉल बाबा भगवान यीशू के नाम पर कृपा का कारोबार करते हैं । वे जब कृपा के कारोबार का प्रचार करते हैं, तो दावा करते हैं कि उन्हें प्रभु यीशू की काया में प्रवेश होने का अनुभव होने लगता है । वे जिन लोगों पर कृपा करते हैं, उनका यदि कोई व्यापार है, तो उसमें हिस्सेदारी भी मांगते हैं । पॉल बाबा का यह भी दावा है कि वे ईसा मसीह के साक्षात दर्शन कर चुके हैं । इसके बाद ही उन्हें ज्ञान की प्राप्ति और कृपा बांटने की आध्यात्मिक उपलब्धि हासिल हुई । पॉल दिनाकरण करूण्या विश्वविद्यालय और जीसस कॉल्स नामक संस्थाओं के मुखिया हैं । वे जीसस कॉल्स संस्था के नाम से ही कृपा बांटने का शुल्क लेते हैं । पॉल चेन्नई के ईसाई धर्मगुरू एवं प्रचारक डॉ० डी.जी.एस. दिनाकरन के पुत्र हैं । डी.जी.एस. ने भी २० साल पहले प्रभु यीशू से साक्षात रूबरू होने का दावा किया था । पॉल की पत्नी इवैजीलाइन (विवाह से पूर्व का नाम विजयाद्ध) और उनकी तीन संतानें भी कृपा कारोबार का प्रबंधन देखती है । धर्म कोई भी हो, पर उससे जुड़े कुछ संत उससे अंधविश्वास को बढ़ावा देने और अर्थ-दोहन का ही काम करते हैं । भारतीय मूल की दिवंगत नन सिस्टर अल्फोंजा को वेटिकन सिटी के पोप ने संत की उपाधि से विभूषित किया था । तब यह विवाद उठा था कि मदर टेरेसा को संत की उपाधि से इसलिए अलंकृत किया गया था, क्योंकि उनका जीवन छोटी-सी उम्र में ही भ्रामक चमत्कारों का दृष्टान्त बन गया था, जबकि मदर टेरेसा ने भारत में रहकर जिस तरह कुष्ठ-रोगियों की सेवा की, अपना पूरा जीवन मानव कल्याण के लिए न्यौछावर किया, जन-जन की वे ÷मां' बन गई, उन्हें संत की उपाधि से विभूषित नहीं किया गया, क्योंकि उनका जीवन चमत्कारों की जगह सच में मानव कल्याण से जुड़ा था । इससे साफ होता है कि धर्म चाहे कोई भी हो, उसके ठेकेदार धर्मो को यथार्थ से परे चमत्कारों से महामामंडित कर ऐसे कट्टर अनुयायियों की श्रृंखला खड़ी करते रहे हैं, जिनके विवेक पर अंधविश्वास की पट्टी सदा बंधी रहे । मानवीय सरोकारों के लिए जीवन अर्पित कर देने वाले व्यक्तित्व की तुलना में अलौकिक चमत्कारों को संत शिरोमणि के रूप में महिमामंडित करना किसी एक व्यक्ति को नहीं, बल्कि पूरे समाज को दुर्बल बनाने की कोशिश है । सिस्टर अल्फोंजा से जुड़े चमत्कार किंवदंती जरूर बनने लगे हैं, पर यथार्थ की कसौटी पर इन्हें कभी नहीं परखा गया । अब इस चमत्कार में कितनी सच्चाई है कि अल्फोजा की समाधि पर प्रार्थना से एक बच्चे के मुड़े हुए पैर बिना किसी उपचार के ठीक हो गए ? यह समाधि कोट्टयम जिले के भरनांगणम गांव में है । यदि इस घटना को सही मान भी लिया जाए तो भी इसकी तुलना में हकीकत में मदर टेरेसा की निर्विकार सेवा से तो हजारों कुष्ठ-रोगियों को शारीरिक कष्ट से मुक्ति मिली है । इस दृष्टि से संख्यात्मक भौतिक उपलब्धियां भी मदर टेरेसा के पक्ष में थीं । फिर अल्फोजा को ही संत की उपाधि क्यों ? इसलिए कि उनके सरोकार चमत्कारों से जुड़े थे । यही अलौकिकता-वाद व्यक्ति को अंधविश्वासी बनाता है । इसी कारण हम ईश्वर या भाग्य को अपना नियंत्रण मानने लगते हैं और आत्म-विश्वास खो देते हैॅं । ईसाई धर्मगुरू कितने कट्टरपंथी है, यह इस बात से भी पता चलता है कि जब बाबा रामदेव का ÷योग' प्रचार के चरम पर दुनिया में विस्तार पा रहा था, तब इंग्लैंड के दो चर्चो ने योग पर पाबंदी लगाने की पैरवी की थी । एक चर्च के पादरी स्मिथ ने तो यहां तक कहा था कि योग ईसाइयों को उनके धर्म से भटकाने का प्रयास है, क्योंकि योग का संबंध हिन्दू धर्म से है । इसी तरह वर्ष २००७ में अमेरिकी सीनेट के उद्घाटन के अवसर पर जब हिंदू पुरोहित ने वैदिक मंत्रों का पाठ किया था, तो ईसाई धर्मगुरू परेशान हो उठे थे । सदन में मौजूद कट्टरपंथी ईसाईयों ने भविष्य में वेद-मंत्रों के पाठ पर पाबंदी लगाने के लिए हल्ला बोल दिया था । यह शोर तभी थमा था, जब मंत्रोच्चार पर भविष्य में स्थायी रोक लगा दी गई । दरअसल, भारत या अन्य पूर्वी देशों से कोई ज्ञान जब यूरोप में पहुंचता है तो वहां की ईसाइयत पर संकट छाने लगता है । ओशो रजनीश ने जब अमेरिका में उपनिषद व गीता को बाइबिल तथा राम व कृष्ण को जीसस से श्रेष्ठ बताने के दावे शुरू किए और धर्म व अधर्म की अपनी विशिष्ट शैली में व्याख्या की, तो रजनीश के आश्रम में अमेरिकी बुद्धिजीवियों का तांता लग गया। उन्हें यह जानकर आश्चर्य हुआ कि पूरब के जिन लोगों को हम हजारों मिशनरियों के जरिये शिक्षित करने में लगे हैं, उनके ज्ञान का आकाश तो हमसे कहीं बहुत ऊंचा है । जब ओशो ने तब के अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन, जो ईसाई धर्म को ही दुनिया का एकमात्र धर्म मानते थे, को और पोप को शास्त्रार्थ करने की चुनौती दी थी, तो उन्हें अमेरिका से बेदखल कर दिया गया था । अब तो अमेरिका और यूरोप में हालात इतने बदहाल हैं कि वहां कई राज्यों में डार्विन के विकासवादी सिद्धांत को स्कूली पाठ्यक्रमों से हटाने की मांग हो रही है, क्योंकि डार्विन को नास्तिक माना जाता है । यही कारण है कि पॉल बाबा पर सवाल उठना शुरू हुए तो कई पादरी उनका बचाव करते दिखे । बहरहाल, खुद को ईसाई धर्म का प्रचारक बताते हुए पॉल दिनाकरन का ईश्वर तक भक्तों की बात पहुंचाने और फिर कृपा बरसाने का कारोबार अभी जारी है । (दखल)
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15 May 2012मनोज श्रीवास्तवयह त्रेता की नियति थी कि नर और वानर को साथ- साथ होना था। सीता की उत्सुकता इस बात को जानने में है कि यह नियति किस प्रकार फलित हुई? कैसे यह ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी’संभव हुई? नियति से मुलाकात। राक्षसी सत्ताएं सिर्फ नर के विरोध में नहीं होती, वे वानर के विरोध में भी होती हैं। वे दोनों पर अपनी प्रभुता जमाना चाहती हैं। वानरसंस्कृता उन्हें पहले ही पटकनी दे चुकी होती है। उन्हें छ: महीने तक कांख में दबाए रहती है। लेकिन असल प्रश्न तो राक्षसी सत्ता के उन्मूलन का है। वह कोई वैयक्तिक द्वंद्व नहीं है। वह शासनादर्श का सवाल है। ‘नर’ आकर ‘वानर’ को यह प्रयोजनशीलता का पर्सपेक्टिव उपलब्ध कराता है। वह नर जो तत्वत: नारायण है। उसे मालूम है कि चाहे तो वह भी बालि की तरह कोई वैयक्तिक द्वन्द्व युद्ध कर सकता है। बल्कि उसे मिली चुनौती भी काफी हद तक पर्सोनलाइज्ड है। उसकी पत्नी को उठा लिया गया है। वह तो वन में और जनस्थान में छाए हुए राक्षसी आतंक को खत्म करने के उद्देश्य से कभी विरोध तो कभी खरदूषण को मार रहा था। लेकिन रावण ने ऐसी हरकत की थी कि इस लड़ाई के प्रयोजन का वैराट्य खत्म हो जाएं और यह राम-रावण के निजी स्कोर सेटल करने में अपघटित होकर रह जाए। लेकिन राम रावण के ट्रेप में नहीं फंसते। वे लड़ाई की महनीयता को कम नहीं होने देते। वे वानरों का साथ लेते हैं। बात इस ‘संगति’ की है। राम के गौरव में कमी नहीं आएगी, यदि वे अकेले ही रावण की राक्षसी ताकत से निपट लें। लेकिन राम अकेले यह नहीं करना चाहते। वे जोड़ते हैं, कनेक्ट करते हैं, नेटवर्किंग करते हैं, एक कामनवेल्थ बनाते हैं। वे अकेला मदमाता, गर्वभरा, दिपदिपाता, दीप नहीं बनते। वे पंक्ति ढूंढ़ते हैं, वे मानते हैं कि हम साथ हैं तो सार्थ है। वे अपने साथियों को भूमिका देते हैं, उन्हें दायित्व देते हैं। इसलिए उनके इन सब साथियों में ‘रामकाज’ का इतना महत्व है, क्योंकि वह भूमिका नहीं है विश्वास है। इसीलिए राम की आत्मा यानी सीता भी ‘संग कहुं कैसे’ का प्रथमतम प्रश्न करती हैं। इसलिए राम की स्मृति हमारी चेतना में दीपावली से जुड़ी है। वे दीप नहीं, दीप की पंक्तियों के भगवान हैं। वे बुद्ध की तरह यह नहीं कहते कि ‘अप्प दीपो भव’ बल्कि वे सभी के हृदय में मौजूद आलोक का संग्रह करते हैं और फिर तमस की शक्तियों से निर्णायक युद्ध करते हैं। खर-दूषण से वे इसके पहले अकेले ही भिड़ते हैं। लेकिन अद्वितीय वीरता के बावजूद वह उनके जीवन का एक एपिसोड मात्र है। अत: वे रावण से युद्ध को इस ‘संगति’ के जरिए वृहत्तर और महत्तर सामाजिक सार्थकता देना तय करते हैं। यह उनके जीवन का एक प्रसंग न रहकर महाकाव्यात्मक चरितार्थताएं प्राप्त करेगा। इसलिए सीता की रुचि ‘संग’ का पता करने में है। इसलिए हनुमान की रुचि ‘संगति’ की कथा बताने में है, दुर्गा सप्तशती में मध्यम चरित्र में देवताओं के तेज का एकत्रीकरण दुर्गा के रूप में हुआ था और उत्तर चरित्र में अलग सभी देवताओं की शक्तियां देवी में आकर लीन भी हो जाती हैं। वह ‘यूनियन’ का आदर्श था। राम के यहां ‘फेडरलिज्म’ का आदर्श है। देवशक्तियां वन में बिखरी पड़ी हैं। उन्हें अपने साथ ले चलना है। राम उन देवताओं के तेज का संपुजन नहीं हैं, वे तो स्वयं भगवत्ता के अवतार हैं। राम में इन देवताओं की विभूतियां आकर प्रवेश नहीं करतीं जैसी देवी अंबिका में करती हैं बल्कि राम ही इन सबके हृदय में स्थित हैं। राम ‘जन’ और ‘गण’ को साथ लेते हैं। ‘जनस्थान’ राक्षसों से संत्रस्त था। पब्लिक प्लेस पर राक्षसी आतंक और धौंस कायम थी। इसलिए पब्लिक की लड़ाई राम के नेतृत्व में लड़ी गई। पब्लिक वहां निष्क्रिय उपस्थिति नहीं दर्ज कराती। दिशा दिशा में जाती है, अन्वेषी है, पुल बनाती है और लड़ती है। सीता अपहरण के बात राम के संघर्ष जानबूझकर जैसे अकेले नहीं रह गए। जब ‘व्यक्तिगत’ पर आक्रमण हुआ तो ‘सामाजिक’ की तलाश ज्यादा जरूरी हो गई। इसलिए नहीं कि अपने प्राइवेट प्रतिशोध में आमजन को उलझाना था बल्कि इसलिए कि जब सामने वाला नीच हरकतों पर उतर आया- मारीच, सुबाहु, विराध, खर-दूषण, शूर्पणखा प्रसंगों के बाद- तो राम को उससे ऊपर ही उठना था। वे शुरू से ही जब की लड़ाई लड़ रहे थे और सीता अपहरण के बाद भी वे डिबिएट नहीं हुए बल्कि और सचेत व साग्रह तरीके से-संग्रह और जन-संगठन में जुट गए। रावण की कुचाल सफल नहीं हो पाई। सीता का अपहरण करके रावण ने अपने अपकर्मों का शीर्ष छू लिया। उस अपहरण ने जैसे राम के भीतर बहुत कुछ जगा दिया। ऐसे दुष्ट से निगोशिएट नहीं किया जाएगा। इसका तो सर ही कुचलना पड़ेगा। राम ने व्यक्तिगत उत्तेजना में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाई, उन्होंने निजी हड़बड़ी में बदला भुनाना नहीं चाहा। उन्होंने प्रतिक्रिया को एक अंतराल मुहैया कराया। उस दौर में उन्होंने जन और वन के कष्टों से अपने को एकाकार किया। वानरों की लड़ाई उन्होंने लड़ी। इस अंतराल का उपयोग उन्होंने संगति करने और संगति को प्रगाढ़ व दृढ़ करने में किया। रावण पर वार अब उन्हें ही नहीं करना था। अब तो एक वानर को भी लंका- दहन करना था। इसलिए राम की जीत में सबको खुशी होती है क्योंकि राम की जीत सबकी जीत थी। रावण का प्लान फेल हो गया। राम ने एक सालिडेरिटी कायम की। यह राम की संगत थी। बाद में जैसे सिक्ख संगत बनी, वैसे ही राम के समय में यह संगत अस्तित्व में आई। हनुमान इसी ‘संगति’ की कथा सीता को कह सुनाते हैं। क्या वह राक्षसों की जानी पहचानी शैली नहीं है? जब कोई लोककर्तव्यों का संपादन कर रहा हो तो उस पर व्यक्तिगत हमले करो। उसके निजी जीवन पर आघात करो, भले ही खुद का हरम हजारों अपहृता स्त्रियों से भरा हो, लेकिन अपने शत्रु के पास एक स्वयंवरित तक भी न रहने दो। भंग करो उसकी पारिवारिक शांति। होते हैं कुछ त्रेता के धोबी की मानसिकता वाले। वे आदतन डिस्क्रेडिट करेंगे ही। रावण अपना प्लान उन्हीं को ध्यान में रखकर बनाता है। उसकी कोशिश है राम को हताशा के एकांत में डुबोने की। राम थोड़ी देर के लिए डूबते भी हैं। लेकिन फिर वे लोक कर्तव्य की अपनी धुरी पर लौट आते हैं और रावण का काल सिद्ध होते हैं। लोक कर्तव्य की यह धूरी उसी ‘संगत’ की माधुरी से संभव होती है। देखिए कि संगति का यह स्वर रैदास जैसा नहीं है कि ‘‘साधो संगति सरनि तुम्हारी/ तुम्ह चंदन मैं अरंड बाहुरौ, निकटि तुमारी बासा’’। बल्कि इसमें एक समानता का भाव है। देखिए कि यहां सत्संगति या सुसंगति की बात नहीं की जा रही, जबकि भक्ति काव्य सत्संग के गुण- वर्णन से भरा पड़ा है और स्वयं तुलसी भी सत्संग की महिमा जब तब गाते रहते हैं। यहां इतने महत्वपूर्ण क्षण वे बात ‘संगति’ भर की कर रहे हैं क्योंकि बात सिर्फ साथ की नहीं है बल्कि सानुकूलता और समंजस की है। नर वानर की पटरी कैसे बैठ गई? उनके बीच यह ‘मिल्लत’ कैसे स्थापित हो गई? [दखल] आई ए एस मनोज श्रीवास्तव भोपाल के कमिश्नर हैं
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6 December 2011तरुण विजय यह अन्ना हजारे की गिरफ्तारी आश्चर्यजनक नहीं है। पराजय की कगार पर खड़ा हर तानाशाह जनशक्ति के ज्वार को बंदूक और खाकी वर्दी की ताकत से दबाकर गर्दन अकड़ से घुमाते हुए कहता है-अब बोलो! किसी और में भी ताकत हो तो सामने आओ। नियति ने उसके लिए क्या सोचा हुआ है यह वह सोच भी नहीं पाता। सद्दाम हुसैन और हुस्नी मुबाकर भी संप्रग सरकार की तरह अकड़कर यही कहा करते थे। सोनिया गांधी की सरकार भी जनशक्ति के उभार को पहचान नहीं पा रही है। कांग्रेस ने तो इंदिरा गांधी के आपातकालीन अनुभवों से भी कोई सबक नहीं सीखा। आखिरकार इंदिरा गांधी को माफी मांगनी पड़ी थी। भारत की मिट्टी और चेतना में स्वतंत्रता का भाव अंतर्निहित है। यहां कभी भी वैचारिक अभिव्यक्ति पर आघात सहन नहीं किया जाता। और फिर अन्ना चाहते क्या हैं? एक वयोवृद्ध गांधीवादी जीवन की सांध्य बेला में भ्रष्टाचार के विरुद्ध जनज्वार का नेतृत्व करने वाला दूसरा गांधी बन गया है। यह साबरमती का वह संत है जो कभी जोर से नहीं बोलता, कठोर भाषा का इस्तेमाल नहीं करता, अपशब्द नहीं कहता और जो सरकार से बात करने के लिए हमेशा तैयार रहता है। लेकिन इस सरकार ने पहले स्वागत फिर अपमान वाली बाबा रामदेव पर अपनाई शैली अन्ना पर भी दोहराई। अन्ना सरकार से सम्मानपूर्वक बातचीत के लिए गए थे और उस वार्ता में सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह सहित सरकार के कैबिनेट मंत्री शामिल हुए थे। अन्ना ने जो बातें सरकार के सामने रखीं, उस पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया है? सरकार ने कहा-बहुत अच्छा। हम अन्ना की भावना से सहमत हैं। स्वयं प्रधानमंत्री और फिर प्रणब मुखर्जी का बयान आया कि वे कड़े से कड़े लोकपाल अधिनियम का प्रारूप बनाने के लिए तैयार हैं, लेकिन इस बैठक और इन सुरीले सरकारी स्वरों के तुरंत बाद क्या हुआ? सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने सार्वजनिक तौर पर अन्ना का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। उन्होंने जन लोकपाल की धज्जियां उड़ाते हुए कहा कि क्या ऐसा अधिनियम लाने से गांवों में पानी पहुंचेगा या बच्चों को शिक्षा मिलेगी? फिर कहा गया कि अन्ना संघ परिवार से समर्थन लेकर काम कर रहे हैं। यह अन्ना को चिढ़ाने के लिए कहा गया। और यह कहने वाले भूल गए कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक भी देश के उतने ही जिम्मेदार नागरिक हैं जितने अन्य हैं। क्या संघ के स्वयंसेवक अपने नागरिक धर्म का पालन करने के लिए कोई कदम नहीं उठा सकते? जो लोग कश्मीर के जिहाद को समर्थन देते हैं और आतंकवादियों व अलगाववादियों से हाथ मिलाकर देश विरोधी मंचों पर स्थान साझा करने से नहीं डरते वे देश भर के संगठनों की सार्वजनिक सक्रियता से भयभीत हो उठते हैं। उसके बाद कांग्रेस के नेताओं ने खुले तौर पर अन्ना के लोकपाल प्रस्ताव को अव्यवहारिक कहना शुरू कर दिया। जो सरकार कल तक अन्ना से वायदा कर रही थी कि वह कड़े से कड़ा लोकपाल विधेयक सदन में लाएगी, वही अन्ना को दिए गए वायदों से मुकर कर संसद में एक ऐसा लोकपाल विधेयक का मसौदा लेकर आई जो मूल वायदे से एकदम भिन्न था। अब इस परिदृश्य में विश्वासघात किसने किसके साथ किया? जब इतने से भी कांग्रेस की बौखलाहट नहीं थमी और अन्ना के साथ जनज्वार बढ़ता गया तो कांग्रेस ने अंतिम हथियार के रूप में अन्ना पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा दिया। अगर अन्ना भ्रष्टाचारी हैं तो सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह ने उन्हें सम्मानित करते हुए अपने साथ वार्ता की मेज पर क्यों बुलाया? जंतर-मंतर से लेकर राजघाट तक जो अन्ना जनता जनार्दन के सिरमौर बने रहे तथा स्कूली बच्चों से लेकर देहाती किसानों तक का समर्थन हासिल करते रहे, यह सरकार अब उन्हें भ्रष्टाचार में लिप्त अपराधी घोषित करने लगी। इससे बढ़कर आत्मघाती मूर्खता और क्या होगी? लेकिन यह सरकार उससे भी आगे अपने अंत को न्यौता देते हुए अन्ना हजारे को तिहाड़ जेल भेज बैठी। अच्छा होता अन्ना की भ्रष्टाचार विरोधी भावना को समझते हुए सरकार स्वयं अन्ना के साथ ईमानदारी के साथ खड़ी हुई दिखती। क्या यह सरकार राहुल गांधी को निर्देश दे सकती है कि वह केवल पचास कार्यकर्ताओं के साथ दस कारों में अपना कार्यक्रम करें और भट्टा पारसौल या अमेठी न जाएं? आज देश में हताशा और निराशा का जो भाव गहराता जा रहा है उसके पीछे सत्ता पक्ष का भ्रष्टाचारियों का कवच बनने वाला रूप जिम्मेदार है। जो भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन कर रहे हैं और जिन्हें जनता का अभूतपूर्व समर्थन मिल रहा है, उनके विरुद्ध सरकार आक्रामक कार्रवाई कर रही है। ऐसी स्थिति में जनता की आवाज को दबाने वाली कार्रवाई के विरोध में बोलने के अलावा विपक्ष के सामने और कोई रास्ता नहीं बचता। यह विपक्ष का धर्म है। विपक्षी दल सत्ता पक्ष की बी टीम नहीं बन सकते। जनता न्यायपूर्ण मांगों के लिए सड़क पर उतरे और विपक्षी नेता गन्ने की खेती और टेलीकॉम नीति जैसे विषयों पर बहस करें ताकि सत्ता पक्ष अपनी गलतियों का नतीजा भुगतने से बचता रहे, यह संभव नहीं हो सकता। आज देश में पुन: 1977 जैसा जन ज्वार दिखने लगा है जो किसी के रोके रुक नहीं सकता।[दखल] लेखक राज्यसभा के सदस्य हैं
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18 August 2011प्रदीप करम्बलेकर मौजूदा समय में घर खरीदना एक बड़ी चुनौती है । ये सौदा इसलिए चुनौती बन जाता है क्योंकि रियल एस्टेट मार्केट पूरी तरह से पेशेवर और पारदर्शी नहीं है । कीमतों से लेकर जरूरी कागजातों तक में हेराफेरी की आशंका बनी रहती है । ऐसे में कोई भी घर खरीदने से पहले थोड़ा सा होमवर्क, बड़ी मुश्किल से बचा सकता है । एरिये की जांच :- लोकेशन तय करने का पैरामीटर हमेशा अपनी राजमर्रा की जरूरत को बनाएं । मसलन आपका ऑफिस, बच्चों का स्कूल, नजदीक का हॉस्पिटल और बाजार । फिर अपने तय बजट के हिसाब से प्रोजेक्ट का चुनाव करें । कनेक्टिविटी पर गौर करें :- यह जरूर देखें कि आपके ऑफिस के साथ-साथ मुख्य शहर, बाजार, हॉस्पिटल और स्कूल जाने के लिए वहाँ से मेट्रो, बस या ऑटो जैसी सुविधाएँ मौजूद हैं या नहीं । अक्सर बिल्डर या डीलर भविष्य की कनेक्टिविटी को बढ़-चढ़ कर बताते हैं । ऐसे में आप भावी योजनाओं की जानकारी एरिया की अथॉरिटी से लें । औसत कीमत निकालें :- एक डीलर से बात करेंगे तो हो सकता है पहली बार ज्यादा कीमत सुनने को मिले । डीलर मानकर चलते हैं कि पहली बार पूछने वाला व्यक्ति गंभीर खरीदार नहीं है ं उससे संपर्क में रहें । लेकिन आसपास के कम से कम ५ डीलर से उस एरिए की प्रॉपर्टी की कीमत पता करें । सबसे दो या तीन बार बात करें फिर औसत कीमत लगाकर विवसनीय लगने वाले डीलर से सौदा करें । रिटर्न का रखें ध्यान :- हो सकता है कल आप खरीदे जाने वाले फ्लैट को किराए पर दें या फिर बेचने की सोचें । ऐसे में संभावित रिटर्न का आंकलन जरूर करें । मसलन दो से पांच साल बाद खरीदे जाने वाले घर को बेचने पर कितना दाम मिलेगा ? क्या आने वाले दिनों में उसका बेहतर किराया मिलेगा ? फ्लैट खरीदने से पहले इन दोनों बातों का जरूर ध्यान रखें । यह आसपास तैयार होने वाले कमर्शियल प्रॉपर्टी पर निर्भर करता है । आसपास कमर्शियल प्रॉपर्टी का भी जायदा जरूर लें भविष्य में अगर वहां काम करने वाले ज्यादा आएंगे तो किराए की मांग भी बढ़ेगी । आपके फ्लैट की रिसेल कीमत भी इसी आधार पर तय होगी । इसलिए आसपास के संभावित विकास पर भी नजर रखें । सावधानी :- डीलर या बिल्डर आपको हमेशा किसी खास बैंक से लोन लेने का दबाव बनाते हैं । लेकिन आप खुद जब तक बैंक की विश्वसनीयता पर भरोसा न हो बैंक से लोन मत लीजिए । जिस प्रोजेक्ट को केवल एक बैंक लोन दे रहा हो वहां घर नहीं खरीदें । क्योंकि ज्यादा बैंक प्राजेक्ट की विश्वसनीयता की गारंटी होते हैं । बिल्डर के प्रोजेक्ट में थोड़ी भी खामी होती है तो बैंक उसके प्रोजेक्ट को लोन नहीं देते । वैसे डीलर या बिल्डर आपको एक सीमा से ज्यादा भरोसा दिलाने की कोशिश करेंगे, लिहाजा भावुकता या दबाव में निर्णय न लें । कौन सा लोन लें, कंस्ट्रक्शन लिंक या टाइम लिंक में से हमेशा बेहतर होगा कि आप कंस्ट्रक्शन लिंक लोन लें । जिस तेजी से प्रोजेक्ट बनेगा उसी हिसाब से आपके लोन का पैसा बिल्डर को मिलेगा । बिल्डरों को पैसे की कमी होती है ऐसे में वे डाउन पेमेंट पर ज्यादा छूट देने की बात करते हैं। डाउन पैमेंट केवल ८० परसेंट कन्स्ट्रक्शन हो चुके प्रोजेक्ट पर ही करें । (दखल)(लेखक, री-मैक्स विजन रियलेटरर के एमडी हैं)
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21 May 2011मनोज सिंह मीक रियल एस्टेट बड़ा व्यापक शब्द है, इसमें खालिस जमीन से लेकर प्रॉपर्टी मैनेजमेंट तक के सैकड़ों तरह के नाम, विधाएं, व्यापार, व्यवसाय, शिक्षा, सूचनाएं आदि शामिल हैं, तकनीकी एवं परंपरागत शब्दों का अनूठा भंडार है । इस क्षेत्र में जमीन का विचार आते ही गांव, हल्का, एकड़, बीघा, दलाल, एजेंट, निकायों एवं अन्य निर्धारित सीमाओं के समीकरण बनने लगते हैं । खसरा खतौनी, अक्स, बही, लैंड यूज की कसौटी पर जमीन को परखा जाने लगता है। लोकेशन पर परियोजना की सफलता का आंकलन आरंभ होता है । टोडरमल के जमाने के भू-सुधारों व पद्धतियों को सराहा जाता है । चांदा, मेड़ा, तिमेड़ा, गोहा आदि स्थायी भू-चिन्हों से मापने की विरासतीय प्रणाली अपनाकर चेन, कड़ी खींची जामी है । कंघी, प्रकार, पटवारी स्केल अक्स पर चहल-कदमी करने लगते हैं । आज भी भू-मापन से लेकर भवन निर्माण तक हम उस काल की अनेक तकनीकें इस्तेमाल करते हैं, जो राज मिस्त्रियों को विरासत में मिली हैं । खैर इस प्रणाली से मापी गई भूमि के आंकड़े नक्शों का आधुनिकतम सैटेलाइट मैप टोटल सर्वे स्टेशन तथा ऑटोकैड जैसे बारीक विश्लेषण कर पाने वाली तकनीकी से मिलान किया जाता है और अंततः शासकीय रिकॉर्ड अनुसार पंचों व पड़ोसी भू-स्वामियों की सहमति से भूमि की सीमाओं का ज्ञान करवाया जाता है । प्रॉपर्टी डीलर जमीन, लोकेशन, माप सेलेब्रिलिटी, कीमत, समय आदि को वाजिब साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता और उचित लाभ के आंकलन तथा कीमत की तसल्ली होने पर दोनों पक्ष कानूनी अनुबंधों की ओर आगे बढ़ते हैं । मौके पर बयाना-बट्टा किया जाता है । यह सौदे की सहमति का मौखिक अनुबंध है, फिर विक्रय दस्तावेजों का जटिल व पेंचीदगी भरा सिलसिला प्रारंभ होता है । डील पूरी होने तक भरोसे का संकट बरकरार रहता है, जाहिर सूचनाएं निकाली जाती हैं, अनुबंधों में दोनों पक्ष सतर्कता बरतते नजर आते हैं । वास्तुविद, लैंड सर्वे टीम तथा टाउन प्लानर कल की इमारतों की लकीरें उकेरते हैं । एमिनिटीज ग्रीन कवर, लैंड स्केपिंग और लेआउट से उभरते सिटी स्केप की कल्पनाओं की उड़ान कुलाछें मारने लगती हैं । शहर की जनसंख्या तथा मांग-आपूर्ति के आधार पर रिहायसी, कामर्शियल या औद्योगिक इकाइयों का निर्धारण किया जाता है । महीनों की कवायद के बाद अनुमति प्राप्त प्रोजेक्ट के दस्तावेजों की मोटी फाइल तैयार होती है, मार्केटिंग प्लान तैयार किए जाते हैं, एक-एक इकाई की लागत लाभ व कीमत एक्सेल सीट के समीकरणों में मशक्कत करती हुई बाजार व माहौल के मिजाज से मेल करती हुई उपभोक्ता के सामने आने को तैयार होती है । ग्राफिक डिजाइनर कल के भवनों को आज के ब्रोसर में उतारते हैं, वहीं दूसरी ओर प्रोजेक्ट साइट पर विकास व निर्माण की योजना बनाता अभियंताओं का समूह परियोजना को मूर्तरूप देने की नींव रखता है और प्रोजेक्ट बाजार में उपभोक्ताओं के लिए खोल दिया जाता है । मांग की अधिकता एवं आपूर्ति की कमी के चलते सैकड़ों सपने आशियाना पाने की चाह में अपनी आमद दर्ज कराते हैं । खुले बाजार में निवेशक के पास बेहतर चुन पाने के भरपूर अवसर उपलब्ध होते हैं । (दखल)(लेखक मनोज सिंह मीक, शुभालय ग्रुप के चेयरमेन हैं)
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19 May 2011केपीएमजी की ओर से कराए गए एक सर्वे के मुताबिक, भ्रष्टाचार में पहले स्थान पर रियल एस्टेट क्षेत्र है ।० मनोज सिंह मीक दर्द हद में रहे, तो रूलाता है बहुत । दर्द हद से गुजर जाए तो दवा होता है । भ्रष्टाचार का दर्द अब तक रूलाता रहा बहुत, परन्तु लगता है अब हद से गुजर जाने को है । दवा हो जाने के प्राथमिक संकेत दिखने लगे हैं ।दर्द की सरहदें :- केपीएमजी की ओर से कराए गए एक सर्वे के मुताबिक, भ्रष्टाचार में पहले स्थान पर रियल एस्टेट क्षेत्र है । सर्वे के अनुसार, यदि देश में भ्रष्टाचार नियंत्रण में आ जाए, तो विकास दर नौ फीसदी से अधिक हो सकती है । सर्वे में यातायात संचार, एविएशन सहित अलग-अलग क्षेत्रों की करीब १०० भारतीय कंपनियों और एमएनसी को शामिल किया गया । ३२ फीसदी लोगों ने सबसे भ्रष्ट सेक्टर के रूप में रियल एस्टेट का नाम लिया, जबकि १७ फीसदी का मत था कि टेलीकॉम ज्यादा भ्रष्ट है । शिक्षा, गरीबी उन्मूलन तीसरा सबसे भ्रष्ट क्षेत्र, बैंकिंग व बीमा क्षेत्र को भ्रष्टों की सूची में चौथा स्थान, दस फीसदी लोगों ने बताया । जबकि, रक्षा नौ फीसदी, आईटी और बीपीओ को ६ फीसदी और ऊर्जा को पांच फीसदी लोगों ने भ्रष्ट माना । सर्वे में साफ था कि कार्पोरेट यह दावा नहीं कर सकते कि वे ही भ्रष्टाचार से त्रस्त हैं । बल्कि वे खुद भी इसके लिए जिम्मेदार हैं । दवा, टीके और परहेज :- जल्द ही सभी रियल एस्टेट सौदों की जानकारी देश की एंटी-मनीलाउंडरिंग एजेंसी को देनी पड़ेगी । सरकार रियल्टी सेक्टर में काले धम के प्रवाह को रोकना चाहती है । इस वजह से यह कदम उठाया जा रहा है । इस नियम के लागू होने के बाद सभी प्रॉपर्टी रजिस्ट्रार को नियमित रूप से रियल एस्टेट सौदों की जानकारी फाइनेंशियल इंटेलीजेंसी यूनिट या एफआईयू को देनी होगी । प्रोविजन ऑफ मनी लाउंडरिंग एक्ट या पीएमएलए का दायरा बढ़ाया जा सकता है, जिससे ज्यादा सौदे इसके तहत आ सकें । रियल्टी सेक्टर में ३० लाख रूपये से ज्यादा के लेनदेन की जानकारी पहले से ही आयकर विभाग को दी जाती है । इस कानून को और सख्त बनाने से रियल एस्टेट में होने वाले सभी सौदे अनिवार्य रूप से पीएमएलए के तहत आ जाएंगे । अगर कोई व्यक्ति इस सेक्टर में काले धन के लेनदेन का दोषी पाया जाता है, तो उसे आयकर कानून की तुलना में पीएमएलए के तहत ज्यादा कड़ी सजा दी जाएगी । पीएमएलए के तहत ऐसे मामलों की सुनवाई तेजी से होगी और दोषी व्यक्ति की प्रॉपर्टी जब्त की जा सकती है । जानकारी जाँच एजेंसियों को देनी होगी :- एफआईयू केन्द्रीय संसथा है, जो संदिग्ध वित्तीय लेनदेन से जुड़ी सूचनाएँ हासिल करने, उनकी प्रोसेसिंग, एनालिसिस और इनकी जानकारी जांच एजेंसियों को देने के लिए जवाबदेह है । रियल एस्टेट ऐसा सेगमेंट माना जाता है, जिसमें बड़े पैमाने पर काले धन का इस्तेमाल होता है । हालांकि, इसके सटीक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन जमीन और प्रॉपर्टी में इस तरह के सौदे काफी ज्यादा होते हैं । इससे, काले धन को बड़ी आसानी से सफेद धन में बदला जा सकता है । इस तरह के सौदों पर लगाम लगाने के लिए कई राज्यों ने गाइडलाइन, सर्कल रेट या जिस इलाके की प्रॉपर्टी पंजीकृत हो रही है, वहाँ के लिए न्यूनतम दर तय की है, लेकिन यह बहुत प्रभावी तरीका नहीं रहा है । टैक्स हेवेन माने जाने वाले इन देशों में टैक्स नहीं के बराबर लगाया है । इन देशों से आने वाली रकम से होने वाले सौदों को भी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स या एफएटीएफ ने जोखिमपूर्ण माना है । एफएटीएफ एक अंतर सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना जी-७ द्वारा की गई है । इस संगठन की स्थापना का मकसद मनी लाउंडरिंग और टेरर फाइनेंसिंग पर रोक लगाना है । फिलहाल इसमें ३३ देश और दो संस्थाएँ शामिल हैं । भारत जून २०१० में इसका ३४वाँ सदस्य बना है । (दखल)(लेखक मनोज सिंह मीक, शुभालय ग्रेप के चेयरमेन हैं)
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12 May 2011मनोज सिंह मीकजिस प्रकार ईश्वर ने स्त्री को तन व मन से सुन्दर, सुगढ़ बनाया है उसी प्रकार वह मकान की आंतरिक व बाह्य सौंदर्य सज्जा को बनाए रखने में दलचस्पी लेतीं हैं । चाहे विशाल कीमती पत्थरों को तराश कर बनाए गए नक्काशीदार महल हों या ईंट-गारे से बने सामान्य मकान या खुले में सुलगाने चूल्हे के पीछे बनी एक अदना सी झोपड़ी, यह सब जीवंत तभी होते हैं, जब वे घर कहलाने लगते हैं। उनमें जीवन बसने लगता है, परिवार का कोलाहल गूंजने लगता है, बच्चों की किलकारी और महिलाओं का सौंदर्य घर की आत्मा से प्रतीत होते हैं । हमारे समाज में माताओं, बहनों, पत्नी और बेटियों को महत्वपूर्ण एवं सम्मानजनक दर्जा प्राप्त है । मकान खरीदने से लेकर घर-बार चलाने तक महिलाओं का निर्णय अत्यंत महत्वपूर्ण एवं लगभग अंतिम होता है । बिल्डर्स भी महिलाओं की रूचि के अनुसार अपने प्रोजेक्ट डिजाइन करते हैं । खासकर किचन प्लान करते समय या मकान में किचन को उन्हें डिस्प्ले करते समय डेवलपर्स के सेल्स स्टाफ की कोशिश होती है कि किचन आदि की खासियत बखान कर सेल को कंफर्म कर लें । अमूमन आपने मकानों को मॉड्यूलर किचन के ऑफर के साथ बाजार में देखा होगा, ताकि अंतिम तौर पर क्रेता परिवार की महिला सदस्या के निर्णय को साधा जा सक । आज के दौर में जब एकल परिवार का बोलबाला है और युवा परिवारों में मकान खरीदने का रूझान चरम पर है, तो मकान के घर बनने ही घरवाली का महत्वपूर्ण दर्जा अति महत्वपूर्ण हो जाता है । घरवाली कामकाजी हो या गृहिणी हमारे समाज में वह आज भी घर का दायित्व बखूबी निभाती है । घर की आन्तरिक साज-सज्जा भी उसी के जिम्मे का काम है । चूंकि भगवान ने उसे सौंदर्य एवं सौंदर्यबोध से नवाजा है, अतः सजने-सजाने में उनकी दक्षता बेमिसाल है । सृजन की मौलिकता एवं रचनात्मक कल्पनाओं के रंग प्रत्येक घर में अनूठी छटा बिखेरते नज+र आते हैं । एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है कि महिला महंगी कारों पर नहीं, बल्कि खूबसूरत और अत्याधुनिक रसोईघर पर अधिक रीझती हैं । थर्मेडॉर के एक अध्ययन में ८३ फीसदी महिलाओं ने कहा कि वह अत्याधुनिक और उम्दा रसोई घर रखने वाले पर फिदा होंगी, जबकि १७ फीसदी महिलाओं ने महंगी कारों को प्राथमिकता दी । महंगी और खूबसूरत कार महिला को प्रभावित कर सकती हैं, लेकिन उम्दा रसोईघर उसकी धड़कनें बढ़ा सकता है । अध्ययन में ६१ फीसदी महिलाओं ने माना कि वह सुंदर रसोईघर देखकर रीझती है, जबकि ३८ फीसदी महिलाओं ने रोमांटिक शयन कक्ष में एक फीसदी महिलाओं ने उम्दा गैरेज को तरजीह दी । उम्दा रसोईघर सिर्फ महिलाओं को ही नहीं रिझाता, बल्कि आपके घर की कीमत भी बढ़ाता है । कारों पर खर्च की गई राशि अगले ही दिन घट जाती है, लेकिन यदि आपने रसोईघर को सजाया तो आपका पूरा घर निखर जाएगा और उसकी कीमत बढ़ जाएगी । (दखल)(लेखक मनोज सिंह मीक शुभालय ग्रुप के चेयरमेन हैं)
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19 February 2011मनोज सिंह मीकछोटे शहर या कस्बे की जनता, बड़े शहरों या महानगरों में रहने वाले जनमानस का कद अपने से ऊंचा माना करती है । मालवा, महाकौशल, विंध्य आदि अनेक क्षेत्रों को एक-दूजे के अलहदा दर्जा दिया जाता है । हर गली, मोहल्ले, कॉलोनी या कैम्पस का अपना चरित्र धीरे-धीरे प्रचलन में आता है और फिर पर्याय बन जाता है । आप जिस देश-प्रदेश , शहर, क्षेत्र, मोहल्ले, कॉलोनी या कैम्पस में रहते हैं, उसका नाम व छवि आपके व्यक्तित्व के साथ जुड़ती जाती है । एक जमाने में हम भारतवासी तीसरी दुनिया के गरीब अविकसित या विकासशील देश की निरीह जनता माने जाते थे । उन्नत प्रदेशों में रहने वाले लोग पिछड़े प्रदेशों के लोगों को हीन दृष्टि से देखते थे । छोटे शहर या कस्बे की जनता, बड़े शहरों या महानगरों में रहने वाले जनमानस का कद अपने से ऊंचा माना करती है । मालवा, महाकौशल, विंध्य आदि अनेक क्षेत्रों को एक-दूजे के अलहदा दर्जा दिया जाता है। हर गली, मोहल्ले, कॉलोनी या कैम्पस का अपना चरित्र धीरे-धीरे प्रचलन में आता है और फिर पर्याय बन जाता है । आप जहाँ रहते हैं वहाँ का वातावरण, चरित्र और ऊर्जा, सुविधाएं, ये सब आप पर लगातार प्रभाव डालते रहते हैं । इसके चलते अब प्रस्टीजियस एड्रेस या सिगनेचर रियल एस्टेट प्रोजेक्ट चलन में आने लगे हैं यानि बेहतरीन देश के उन्नत प्रदेश के महानगरों की उम्दा लोकेशन पर उच्चतम सुविधाओं से युक्त कॉलोनी, जिसमें अपना बसेरा बनाकर आप गर्व महसूस कर सकें । न्यूयार्क के मैनहट्टन, दिल्ली के चाणक्यपुरी और मुंबई के जुहू या भोपाल के अरेरा कॉलोनी में रहना प्रतिष्ठा को बढ़ने का सबब माना जाता है । इस शानदार भावना की अंतिम कड़ी है आपका अपना आशियाना, जो उच्च गुणवत्ता का डिजायनर हाउसिंग यूनिट है, जिसकी आंतरिक साज-सज्जा अनूठी है । समान प्रकार के भवनों का एक खूबसूरत-सा नाम है, जो आपके हाउस नंबर के साथ जुड़कर विशेष पहचान बन गया है । गली को लेन या स्ट्रीट कहा जाने लगा है और मोहल्ले को कॉलोनी, कैम्पस, एवेन्यू, पार्क सिटी, गार्डन सिटी और न जाने क्या-क्या नाम दिए जाने लगे हैं । आपको विशेष महसूस कराने के लिए इन नामों को भी नए रूप में प्रस्तुत किया जाने लगा है । ब्रांडेड आवासीय परिसर में रहने का सुख महसूस करना अब डेवलपर्स का नया शगल है । जिस प्रकार हमारा रूझान ब्रांडेड कपड़ों, बड़ी ब्रांडेड गाड़ियों की तरफ गया, उसी प्रकार हम तेजी से बड़े ब्रांड वाली कॉलोनियों की तरफ कदम बढ़ाने लगे हैं, ताकि समाज में हमारा रूतबे का स्तर बढ़ता रहे और हम मान-सम्मान के इस आत्मिक सुख का पान कर आत्मगर्वित होते रहें । एक अदना सा मकान बना लेना सपना हुआ करता था । आंतरिक साज-सज्जा के नाम पर चंद परदे या चटाई, बुनी हुई कुछ कुर्सियां, स्टूल, खटिया और लकड़ी की एकाध अलमारी और आज देखिए इंटीरियर का खर्च निर्माण के खर्च से कई गुना हुआ करता है । होम अप्लायंसेस से लेकर तकिये के लिहाफ तक बारीक विशेषज्ञता एवं ब्रांड-वेल्यू की झलक देखी जा सकती है । अरमानी क केमल-वूल का सूट, राडो की हारो जड़ित वाच, एल्डो के जूते, प्राडा की एसेसरीज, लक्जीरियस बीएम, मर्क, आडी कारें, गोल्फ कोर्स, रिवर या सी फेसिंग प्रोजेक्ट में अपना घरोंदा, ये सब भौतिक समाज में आपको मान-सम्मान दिलाकर महिमा मंडित करते हैं । इस बढ़ती अर्थव्यवस्था के दौर में भौतिकवाद का भीषण बोलबाला है । चेतना की सतह पर उथले में तैरता मानस, इन सबके पार जाकर ही सभी प्रकार के सुखों को भोगकर ही गहरे उतर सकता है, जहां पते की बात की पड़ताल खत्म होती है । (दखल)(लेखक मनोज सिंह मीक, शुभालय ग्रुप के चेयरमेन हैं)
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24 January 2011नया चांद अब के बाद ...............० मनोज सिंह मीक नई सदी का पहला दशक, मध्यप्रदेश में रीयल एस्टेट के लिए सर्वाधिक फलदाई रहा है । एक जमाना था जब प्रदेश के महानगरों में केवल सरकारी मंडल प्राधिकरण व निकाय आवास मुहैया करने का काम करते थे । जनता के पास दूसरे विकल्प के रूप में सहकारी संस्थाओं से भूखण्ड प्राप्त कर मकान बनाना एक साधन था । आर्थिक सुधारों ने चौतरफा असर दिखाया और देखते ही देखते हर क्षेत्र में नीति-नियमों को लचीला किया जाने लगा । रीयल एस्टेट के क्षेत्र में पहला मील का पत्थर साबित हुआ सन् १९९८ में बनाया गया कालोनाइजर एक्ट । निजी डेवलपर्स के लिए अब सुहाने सफर का खुशहाल रास्ता पथरीला ही सही खुल गया । सन् २००० में अर्बन-सीलिंग एक्ट का समापन तलवे में धसे कांटे के निकल जाने जैसा था । अब राह और सुगम थी । आमजन गैर सरकारी हाथों से बने आशियाने में बेहतर महसूस करने लगे । आवासों की मांग दिन दूनी रात चौगुनी की रफ्तार से बढ़ने लगी । अर्थव्यवस्था के तेज प्रवाह ने शहरों की ओर पलायन को बढ़ाया, राष्ट्र और राज्य सरकारों को शहरी विकास जैसे विभाग बनाने पड़े और नई आवास नीति लागू की गई । पूरे देश में निजी डेवलपर्स बिल्डर्स ने उच्च गुणवत्ता एवं बेहतरीन डिजाइन की इमारतों से शहरों के सिटीस्केप बदल दिए । इस दशक में जहाँ एम्बी वैली जैसी एतिहासिक अल्ट्रा लग्जीरियस हॉलीडे होम्स बने, वहीं निम्न कमजोर आय वर्ग के बड़े बाजार की नब्ज को डेवलपर्स ने समझा । सरकार ने जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय रिन्युअल मिशन के जरिए शहरी विकास को नए आयाम दिए । मेगा सिटीज, मिलियन प्लस और नॉन मिलयन पॉपुलेशन वाले ६३ शहरों के स्थानीय निकायों के लिए १,२९,५३६ करोड़ रूपए का प्रावधान किया, ताकि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सपनों के आधुनिक शहर बन सकें, जो पूरे देश के सामने शहरी विकास का आदर्श हो, शहरों में व्यवस्थित ढंग से कामकाज चले और प्रशासनिक, रिहायशी तथा व्यावसायिक इलाकों का ध्यानपूर्वक प्रावधान किया जाए । १९५२ में श्री नेहरू ने चंडीगढ़ की विकास योजना का निरीक्षण करते हुए कहा था कि नए शहर भारत की स्वतंत्रता के प्रतीत हों, बीते युग की परंपराओं से मुक्त हों और भविष्य के बारे में राष्ट्र की आस्था हो । निश्चित ही हमारे देश ने कर्णधारों ने दूरदृष्टि से परिपूर्ण योजनाएँ बनाई । हालांकि इतने तेज आर्थिक विकास की कल्पना न कर पाने के कारण परियोजनाएँ, नीति नियमों पर प्रतिकूल असर पड़ा है । गुलाब हिन्दुस्तान के समय फिरंगी वास्तुकारों ने जिन शहरों की अधोसंरचना का खाका खींचा था, वह आज भी काबिलेतारीफ है । अंग्रेजों के दौर की दिल्ली को देखकर इसका अंदाजा लगाना सहज है । यातायात एवं आगादी के दबाव ने शहरी विकास की कल्पना को और बड़े फलक पर देखने के लिए बाध्य किया है क्योंकि आज शहरीकरण अंतर्राष्ट्रीय औसत ५० प्रतिशत की जगह भारत में मात्र ३० प्रतिशत है । मांग और आपूर्ति में काफी फासला है । अब नए दशक में भारतीय अर्थव्यवस्था तीन गुनी हो जाएगी तथा शहरीकरण दोगुना हो जाएगा, आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए हम प्रत्येक देशवासी को देशहित को प्राथमिकता में रखना होगा । छोटे व निजी स्वार्थो से निकल देश व सर्वहारा वर्ग के कल्याण के लिए भावनाएं आंदोलन हो, अपनी चंद पंक्तियों में यह कामना करता हूँ । सिमटता सा समय, नई सदी का .... गुजरता दशक दसियों, सैकड़ों, अनगिनत सपने, सदमे और सबक । फूलों का कालीन और पड़ाव का परचम । पुराणों के पुण्य और संस्कारों के सत मलहम । मन मिला, तन लगा .... और छू ले मंजिल ए मुराद, नया दशक, नई इबादत, नया चांद अब के बाद । देवभूमि, सोन चिरैया और धरती का सरताज, एक अर्थ, एक शर्त सुनहरा कल सहेजना आज । सिमटता सा समय, नई सदी का गुजरता दशक, दसियों, सैकड़ों ..... अनगिनत सपने, सदमे और सबक । नए दशक की समृद्ध शुभकामनाएं । (दखल)(लेखक शुभालय ग्रेप के चेयरमेन हैं)
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31 December 2010मनोज सिंह मीक हम आज विश्व में सर्वाधिक युवक युवतियां और उनसे संचित ऊर्जा हमारे ही देश में उपलब्ध हैं, निश्चित ही इस महत्वपूर्ण मोड़ पर जब हम आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर हैं, हमें अपने युवाजनों की शक्ति और ऊर्जा को सकारात्मक दिशा प्रदान करनी होगी और इसके लिए आवश्यक है उन्हें उत्तम परिवेश में रहने का स्थान उपलब्ध हो । हालांकि मकान खरीदने का फैसला काफी कठिन होता है क्योंकि घर की कीमतें हमेशा ही बढ़ती चली जाती हैं । कई युवा और मध्य आयु के लोग खास तौर पर निश्चित वेतन पाने वाले मध्यम वर्ग के लोग मकान की लोकेशन और उसके साइज के बारे में लंबे समय तक चर्चा ही करते रह जाते हैं । कई लोगों को तो फैसला लेने में काफी वक्त लग जाता है । जब वे किसी नतीजे पर पहुँचते हैं तब उन्हें अहसास होता है कि मकान लेने का उनका सपना दिन-ब-दिन महंगा होता जा रहा है । इसलिए वक्त की कद्र कीजिये प्रसिद्ध गीतकार गुलज+ार ने ठीक ही कहा है कि : इक बार वक्त से लम्हा गिरा कहीं ..... वहाँ दास्तान मिली लम्हा कहीं नहीं । बचत, लोन और भुगतान करने की क्षमता को ध्यान में रखा जाए तो भी मकान खरीदने का फैसला कठिन होता है । अगर आज कोई मकान आपकी क्षमता से बाहर है तो आने वाले समय में भी वह आपकी क्षमता बाहर ही रहेगा । दूसरी ओर, यदि आपने घर खरीद लिया है तो कुछ सालों बाद ऐसा लग सकता है कि आपको और बड़ा मकान खरीदना चाहिए था, भले ही खरीदा गया मकान तब आपकी क्षमता से बाहर रहा हो । आम तौर पर आमदनी बढ़ने के साथ जरूरतें भी बढ़ती जाती हैं । जगह की कमी का दर्द बशीर बद्र साहब के हासिले-गजल शेर में बखूबी बयां होता है कि : जि+न्दगी तूने मुझे कब्र से कम दी है ज+मीं ..... पांव फैलाऊं तो दीवार में सर लगता है वर्ष २०१०-११ की क्यू ३ की हाल ही में जाकी एक अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक बाजार के परिदृश्य में कहा गया है कि अगले १२ महीनों में अचल संपत्ति गतिविधियों और प्रदर्शन में एक बहुत बड़ा अंतर दिखने की उम्मीद है । अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कामर्शियल रियल एस्टेट के निवेश में २५ से ३५ प्रतिशत की वृद्धि देखी जा सकती है । एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी । व्यापार और विश्वास का ग्राफ बेहतर होगा । २०११ में कामर्शियल रियल एस्टेट की मांग रिकार्ड ४५,००,००० वर्ग मीटर तक पहुंचने का अनुमान है जो कि पिछले शिखर से लगभग दोगुना है । भारत में घरेलू कार्पोरेट एवं अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों के विस्तार के कारण उच्चतम मांग बनी रहेगी, निश्चित ही ये विस्तार रिहायसी रियल एस्टेट की मांग में भी तेजी लाएगा । मांग और आपूर्ति की बढ़ती खाई तथा परियोजना के क्रियान्वयन में नित नई चुनौतियों के चलते रियल एस्टेट की कीमतों पर लगाम लगाना मुश्किल होगा । इस साल की शुरूआत से अभी तक देखा जाए तो प्रॉपर्टी बाजार में कीमतें करीबन २५ से ३० फीसदी बढ़ चुकी हैं । वैसे भी अब सेवा कर, वैट, रजिस्ट्रेशन फीस और स्टांप ड्यूटी को मिलाकर करीबन १५ फीसदी ज्यादा रकम चुकानी पड़ेगी । जबकि परिवहन खर्च बढ़ने और दूसरी चीजों की कीमतें बढ़ने की वजह से फ्लै के दाम करीबन १२-१५ फीसदी बढ़ाने होंगे । ऐसे में जो फ्लैट अभी २५ लाख रूपए का पड़ रहा था वह अब करीबन ३० लाख रूपए का पड़ेगा । सरकार मेगा इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के आस पास आवासीय और वाणिज्यिक कॉम्पलेक्सों पर बेहतरी शुल्क और सेवा कर लगाने पर विचार कर रही है । साथ ही राज्य सरकार अतिरिक्त फ्लोर स्पेस बेचने पर बिल्डरों और डेवलपरों से प्रीमियम वसूलने की योजना भी बना रही है । इस तरह से वसूली गई रकम विकास कोष में जमा की जाएगी । इस कोष का इस्तेमाल विभिन्न आधारभूत परियोजनाओं के विकास के लिए किया जाएगा । राज्य में हजारों करोड़ रूपए से अधिक की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम चल रहा है । वक्त के साथ रहन-सहन, वास्तुकला, कीमत आदि में बदलाव आया है परन्तु मकानों, ठिकानों या आशियाने की तलाश सदियों से अनवरत् जारी है, रोटी कपड़ा और मकान जैसी जीवन की प्रमुखतम आवश्यकताओं को हमारे रचनाकारों, साहित्यकारों और शायरों ने बड़ी सहजता से समय-समय पर कागज+ पर उकेरा है..... । शाम होने को हैलाल सूरज समन्दर में खोने को हैऔर उसके परे कुछ परिन्दे कतारें बनाएउन्हीं जंगलों को चले,निके पेड़ों की शाखों पे हैं घोसलेये परिन्दे वहीं लौट कर जाएँगे, और सो जाएंगेहम ही हैरान हैं, इस मकानों के जंगल मेंअपना कोई भी ठिकाना नहींशाम होने को हैहम कहाँ जाएंगे । ( दखल )(लेखक मनोज सिंह शुभालय ग्रुप के चेयरमैन हैं)
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4 December 2010मनोज सिंह मीक अरब से अधिक आबादी के इस देश में अनेक एक अदद आवास का धारक, आश्रय के पात्र अथवा आशियाने को तलाशते आदमियों के अनुमानित आंकड़े का आभास भी कर पाना बिना घर-गणना के संभव नहीं है । उत्तम योजना के लिए सटीक आंकड़ों या डाटबेस की आवश्यकता समय की मांग है देश में हुई अनेकों जनगणना के बाद भी आवासों की संख्या एवं आवश्यकताओं को प्रदर्शित करने वाले आंकड़े उपलब्ध नहीं है । पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमते चंद्रमा की दूरी मापने, मंगल ग्रह की टोह लेने या फेस बुक पर चुनिंदा तरह के यूजर्स को आंकड़ों के बिना उल्लेखित करना उतना नीरस है, जितना बिना अखबारी की सुबह । सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रयोग ने वर्तमान जनगणना में समग्र समाज के हितोपयोगी आंकड़ों के संकलन की प्रेरणा नीति निर्धारकों को प्रदान की है । जनगणना २०११ एवं यूआईडी के लिए एकत्र किए गए बहुआयामी डाटा का उपयोग निश्चित ही देश के निजी एवं सरकारी तंत्र को एक नई दिशा देगा, आईए देखें इस गणना का गणित । भारत में नगर विकास और आवास की नीतियाँ १९५० के दशक से बनती रही हैं । शहरी आबादी का दबाव और आवास तथा प्राथमिक सेवाओं का अभाव १९५० के दशक के प्रारंभ में ही बहुत अधिक सुस्पष्ट था । विशाल जनसंख्या वाले देश में, सभी को आश्रय उपलब्ध कराना नागरिक समाज और सरकार की भारी चिंता का एक विषय रहा है । शहरी क्षेत्रों में जीवन स्तर सुधारने के लिए ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (२००७-२०१२) में नई उपनगरियों के अतिरिक्त, वर्तमान नगरों में नए आवासीय यूनिट के विकास और गंदी-बस्ती सुधार, शहरी नवीनीकरण के जरिए समुचित आवासीय इकाई की जरूरत पर बल दिया है । इसके साथ ही भारत निर्माण कार्यक्रम में भी आश्रय विहीनता का अंत करने की जरूरत स्वीकार की गई है और इसे समान प्राथमिकता प्रदान की गई है । कार्यक्रम में २००५ से २००९ तक ६० लाख मकान बनाने का एक लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसे कार्यक्रम के अधीन आवासीय इंदिरा आवास योजना के समानान्तर क्रियान्वित किया जा रहा है । ग्यारहवीं योजना में मकानों की बाकी कमी का लक्ष्य रखते हुए सभी सर्वाधिक गरीबों पर लक्ष्य संकेन्द्रित किया गया है । देश में जनगणना संकलन एवं बहुउद्देशीय राष्ट्रीय पहचान पत्र (यूआईडी) का कार्य प्रगति पर है । इस कार्यक्रम के दौरान कर्मचारी घर-घर जाकर मकान गणना अनुसूची और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के संबंध में जानकारी एकत्र कर रहे हैं । मध्यप्रदेश में आगामी २०११ तक जनगणना का कार्य विभिन्न प्रशासनिक स्तरों पर किया जाएगा जिसमें राज्य के सभी १० संभागों, ५० जिलों, ३४२ तहसीलों, ४७६ नगरों एवं ५४,९४४ ग्रामों को सम्मिलित किया जाएगा अनुमानित १,४२,२१,६४२ परिवारों की गणना लगभग १,७२,२५३ मकान सूचीकरण ब्लाकों के अन्तर्गत की जाएगी । इस रजिस्टर में सभी निवासियों के सामान्य विवरण जैसे उम्र, शैक्षणिक योग्यता, व्यवसाय, वैवाहिक स्थिति, नागरिकता आदि दर्ज किए जाएंगे । बाद में ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र के १५ वर्ष और इससे अधिक आयु के सभी निवासियों के फोटोग्राफ और उंगलियों के निशान लिए जाएंगे । यह रजिस्टर देश का व्यापक पहचान डाटा बेस होगा । रियल एस्टेट के लिए महत्वपूर्ण बात ये है कि कर्मचारियों द्वारा नागरिकों से उनके भवनों/मकानों की पहचान का कार्य किया जा रहा है जहाँ पर व्यक्ति रहने की संभावना होती है । अतः सभी मकानों चाहे वह आवासीय रूप में प्रयुक्त हो रहे हैं या उनका प्रयोग अन्य किसी कार्य के लिए हो रहा है, उन्हें सूचीबद्ध किया जाना है । इस अनुसूची के माध्यम से सभी मकानों की छत, दीवार एवं फर्श में निर्माण में प्रयुक्त की गई प्रमुख सामग्रियों, मकान का स्वामित्व, परिवार के मुखिया की जानकारी रहने के लिए कमरों की संख्या, विवाहित दम्पत्तियों की संख्या, परिवारों को उपलब्ध सुविधाएँ जैसे- पेयजल का मुख्य स्त्रोत एवं उसकी उपलब्धता, प्रकाश का मुख्य स्त्रोत, परिसर के भीतर शौचालय एवं उसका प्रकार, गंदे पानी की निकासी, परिसर के भीतर स्नानगृह, रसोईघर की उपलब्धता, खाना पकाने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला ईंधन तथा परिवारों के पास उपलब्ध परिसम्पत्तियों जैसे-रेडियो/ ट्रांजिस्टर, कम्प्यूटर/लेपटाप, टेलीफोन/मोबाइल फोन, साइकिल, स्कूटर/ मोटर साइकिल/मोपेड, कार/जीप/वैन और बैंकिंग सेवा का उपयोग के बारे में आंकड़े एकत्रित किए गए हैं । (दखल) (लेखक मनोज सिंह मीक शुभालय ग्रुप के चेयरमेन हैं)
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20 November 2010पंकज चतुर्वेदी कश्मीर में अब निर्णय की उम्मीद दिखेगी इस आस में हम २७ अक्टूबर १९४७ से प्रतिक्षारत है |पाकिस्तान ने अपनी फौज को छदम रूप में भेजकर उस समय तक अधर में लटके कश्मीर को हड़पने की साजिश रची थी |तब से लेकर आज तक कश्मीर की बीमारी दूर होने के बजाय कुछ ऐसे बढ़ी जैसे के ज्यों –ज्यों इलाज किया मर्ज बढाता ही गया|आजादी के पहले के कश्मीर राज्य का लगभग पैंतालीस प्रतिशत भारत के पास है| पैंतीस प्रतिशत नापाक, पाक के कब्जे में है और बचा हुआ लगभग बीस प्रतिशत चीन ने अवैध रूप से दबा रखा हैं | भारतीय कश्मीर के भी तीन भाग है ,जम्मू में हिंदुओं का बाहुल्य है तो लद्दाख में बौद्ध धर्म के अनुयायी बहुतायात में है और कश्मीर घाटी मुस्लिम बाहुल्य है | पाक कश्मीर को छोड़े तो भारतीय हिस्से में भी तीन तरह की विचार धारा वाले लोग है|एक पक्ष भारत में ही रहना चाहता है ,दूसरा पक्ष पाकिस्तान के साथ अपना भविष्य उज्जवल देखता है वही तीसरा धड़ा कश्मीर को एक अलग राज्य के रूप में स्वतंत्र किये जाने की मांग करता है | इस त्रिकोण में कश्मीर के अच्छे लोग और पर्यटन का प्रमुख व्यवसाय घुट-घुट कर मरणासन्न स्तिथि में आ चुका है| ये अलगाववादी लोग और इनके कार्य -कर्त्ता अपने आप को आतंकवादी के स्थान पर तथाकथित स्वतंत्रता सेनानी मानते है और ऐसा प्रचार भी करते है | अफज़ल गुरु को आज भी ये अतिवादी आतंकवादी नहीं मानते और उसे कश्मीर के कथित स्वतंत्रता की मुहिम का सिपाही प्रचारित करते है | इस विचारधारा से संघर्ष एक बड़ी चुनौती बन गया है | सैंतालीस में महाराजा हरि सिंह के भारत में शामिल होने के निर्णय में २० अक्टूबर से २७ अक्टूबर तक का समय निकल गया और इतनी देर में पाक ने पैंतीस प्रतिशत भू =भाग पर कब्ज़ा कर लिया ,जो सिद्धांत रूप से गलत है| क्योंकि महाराजा ने पूरे कश्मीर का विलय भारत में चाहा था ,विभाजित कश्मीर का नहीं|इसके बाद धीरे –धीरे घाटी से मुस्लिमों के अतिरिक्त अन्य धर्मावलंबियों को छल से या बल से बाहर कर दिया गया |आज भी ऐसे कई परिवार है जो कश्मीर में अपनी जमीन –जायदाद छोड़कर देश के कई भागों में शरणार्थियों के रूप में जी रहें है | भारत पाकिस्तान का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ था ,और दुनिया में सिर्फ इस विभाजन को छोड़ दे तो सभी जगह भूमि के साथ जनता ने अपने को विभाजित किया है ,बुल्गारिया –तुर्की ,पौलैंड –जर्मनी ,बोस्निया –सर्बिया सहित पाकिस्तान और बंगलादेश ने भी विभाजन के बाद अन्य धर्मों के लोगो को बाहर का रास्ता दिखा दिया या फिर पीड़ित और प्रताडित किया | घाटी में मुस्लिम आबादी की अधिकता को देखकर पाकिस्तान इस पर अपने दांत गडाये बैठा है ,तो हमारे धर्मनिरपेक्ष स्वरुप के कारण ये हमारे लिए भी प्रतिष्ठा की बात है|सैंतालीस से कारगिल तक और आज भी इस भूमि पर स्वामित्व का संघर्ष जारी है |लेकिन ये प्रतिष्ठा की लड़ाई अब तक ना जाने कितने ही मानव और अर्थ संसाधन लील चुकी है और नतीजा सिफर है |कश्मीर में कानून –व्यवस्था राज्य सरकार का जिम्मा है फिर केंद्र सरकारों को भी अपनी पूरी दम –ख़म का इस्तेमाल करना पड़ रहा है| कश्मीर उस सोये हुए ज्वालामुखी के सामान हो गया है ,जो अचानक कभी भी फट पड़ता है और परेशानी इस बात की है कि कोई भी इसकी तीव्रता का अंदाज नहीं लग सकता|कांग्रेस और मुफ्ती सईद की पिछली सरकार के समय ये ज्वालामुखी लगभग शांत सा बना रहा और पर्यटकों ने फिर कश्मीर को अपने कार्यक्रमों में शामिल कर लिया था| ,लेकिन कांग्रेस के हिस्से की सरकार के दौरान अमरनाथ यात्रा से उपजे विवाद ने जो माहौल खराब किया,तब से लेकर अब तक दिन –ब –दिन हालात खराब होते जा रहें है और उसे उमर अब्दुल्ला की वर्तमान सरकार भी नहीं सम्हाल पा रही है |इस आग में घी का कम एक लेखिका के बयान ने कर दिया जो सदा ही नक्सलियों और अलगाववादियों के साथ है | ,इस बयान की ध्वनि और अलगाववादियों के सुर एक से लगते है,जो किसी भारतीय को ललकारते से प्रतीत हो रहें है|सर्व –दलीय संसदीय दल के दौरे के विफलता के बाद नियुक्त तीन वार्ताकारों से कुछ आस बंधी थी के ये गैर राजनीतिक लोग शायद कुछ कर सके पर अफ़सोस की ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा |इन नव नियुक्त वार्ताकारों का दल भी असफलता के पथ पर जाते दिख रहा है| भारत में कम्युनिस्ट मांग कर रहें है के कश्मीर के लिए एक विधिवत गठित संसदीय समित हो जो कश्मीर और जम्मू में लोगो से बात करे साथ ही विशेष सेना शक्ती अधिनियम को वापस लिया जाये ,क्यो कि इस अधिनियम की आड़ में सेना कथित रूप से मानव अधिकारों का हनन का करती है ,यधपि ये अधिनियम उत्तर-पूर्व के राज्यों में भी लागू है | इस तरह से सरकार में शामिल दलों और विपक्षी दलों की सोच भी एकरूप नहीं है | अमरीकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा ने इस विवाद को और भी गरमा दिए है और कश्मीर के अलगाववादियों ने ओबामा से बहुत उम्मीद बांध रखी है| हुर्रियत कांफ्रेंस ने तो ब-कायदा ५ नवम्बर तक एक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया है ,इन हस्ताक्षरों को ६ नवम्बर को दिल्ली में अमरीकी दूतावास को सौंपा जायेगा |इस अभियान के द्वारा हुर्रियत अमेरिकी प्रमुख से ये अपील करना चाहती है कि कश्मीर के मसले पर अमरीकी सोच में बदलाव आये और भारत पर ये दवाब बनाया जाये की कश्मीर में जनमत संग्रह कर वह के लोगो की राय के हिसाब से इस मामले को हल किया जाये | इस समस्या ने इस मिथक को भी तोड़ दिया की विकास की योजनाओं और बुनियादी अवशक्ताओ की पूर्ति से किसी भी समस्या का हल ढूंढा जा सकता है ,कश्मीर में वो सब प्रयास विफल रहे है|वो हाथ जो डल झील में नाव चलाते थे ,अब पत्थर-बाजी में शरीक है |इन स्थितियों में तो ऐसा लगता है काश आज सरदार पटेल के कद और राजनीतिक दृढता वाला कोई नेता देश में होता तो अब तक ये विवाद कब का हल हो गया होता |हम एक पीढ़ी से अगली पीढ़ी बिना नतीजा तक इस समस्या को स्थानान्तरित तो कर ही चुके है| अब तो कोई कड़ा और कड़वा निर्णय ही कश्मीर समस्या का हल दे पायेगा | नहीं तो यह विवाद ऐसे ही धधकता रहेगा और हमारे बहुमूल्य संसाधनों को ईधन के रूप में डकारता रहेगा |(dakhal) लेखक –एन.डी.सेंटर फॉर सोशल डेवलपमेंट एंड रिसर्च के अध्यक्ष है
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8 November 2010पंकज चतुर्वेदी नक्सल समस्या से जूझने के लिए तैयार की गयी सलवा –जुडूम नाम की सामाजिक दीवार का इस तरह धीरे धीरे धसक जाना बहुत ही निराशा-जनक है |यदपि यह भी सत्य है की ,इसकी बुनियाद बहुत ही कमजोर थी| अधिकृत रूप से सन२००५ में सरकार द्वारा शुरू किये जाने के बाद से ही ये विवादास्पद रही है और ये विवाद ही इसको सतत रूप से कमजोर करते रहें| जबकि ये प्रयास निसंदेह अच्छा था |नक्सल प्रभावित राज्यों उड़ीसा ,आंध्रप्रदेश,बिहार ,महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश ,पश्चिम बंगाल और झारखण्ड में अब यह बिलकुल स्पष्ट हो गया है कि नक्सल समस्या सिर्फ कानून व्यवस्था के विरुद्ध जन आक्रोश नहीं है, अपितु ये एक ऐसा गंभीर रोग है जो सामाजिक –आर्थिक विषमताओं से उत्पन हुआ है और जिसकी अनदेखी और इलाज में लापरवाही से आज ये इतना घातक हो गया है की इसने देश में अन्य समस्यों और संकटों को पीछे छोड़ दिया है |इसकी गिरफ्त में इन उल्लेखित राज्यों की एक बड़ी आबादी आ चुकी है | छत्तीसगढ़ नें इस समस्या से जूझने और निपटने की पहल करते हुए सन १९९१ में “जन-जागरण अभियान ‘ जैसे आंदोलन की शुरुआत की प्रारंभिक तौर पर इस मुहिम से कांग्रेस के नेता और कांग्रेस की विचारधारा को मानने वाले लोग जुड़े ,जिन्होंने अपने सामने महात्मा गाँधी के सिद्धांतों और सोच को रखा और इस सामाजिक अभियान को गति देने का प्रयास किया |इस अभियान में स्थानीय व्यापारियों एवं उद्योगपतियों ने भी भाग लिया |बीजापुर ,दंतेवाडा ,कटरैली जैसे नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इसे खासी लोकप्रियता भी मिली ,किन्तु धीरे धीरे नक्सल आतंक से घबराकर लोगों ने इससे किनारा कर लिया | इस विफलता की बाद सन२००५ में छत्तीसगढ़ की भा.जा.पा.सरकार ने इसी अवधारण पर नक्सलवाद के विरुद्ध जन-प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में सलवा –जुडूम जिसका अर्थ गोंड आदिवासी भाषा में शान्ति –मार्च होता है, को आगे बढ़ाया |इस अभियान को कांग्रेस ने भी पूर्ण सहयोग दिया|राज्य सरकार ने सलवा जुडूम की दम पर ये प्रयास किया कि इन क्षेत्रों में बलपूर्वक स्थापित नक्सलियों को हटाया जाये और कभी कभी उन्हें इस उद्देश्य में आंशिक सफलता भी मिली |इसके लिए स्थानीय आदिवासी समुदाय से लोग चुनकर उन्हे शस्त्र प्रशिक्षण के बाद विशेष पुलिस अधिकारी का ओहदा और उत्तरदायित्व दिया गया | सलवा जुडूम में शामिल इन युवाओं को प्रतिमाह पन्द्रह सौ रुपये का मानदेय प्राप्त होता था |किन्तु धीरे-धीरे यह विशेष अधिकार प्राप्त लोग ही ,अपने समुदाय का शोषण करने लगे|नक्सल –वाद से दुखी और परेशान आम आदिवासी ,जो इनसे अपनी सुरक्षा की आस लगाए था ,बहुत ही निराश और हताश हो गया | सलवा जुडूम और नक्सल वादियों के झगड़े में बस्तर संभाग के छह सौ से ज्यादा आदिवासी गांव खाली हो गए और लगभग साठ से सत्तर हजार आदिवासी पलायन कर सरकारी कैम्पों में रहने को मजबूर हो गए |इस सारी क्रिया एवं प्रतिक्रिया में दोनों पक्षों से बहुत खून भी बहा ,नक्सल वादियों को तो खून खराबे से फर्क नहीं पड़ा, पर आम आदिवासी समुदाय के लोग इस सब से अंदर से टूट गए और इस तरह से सलवा जुडूम अपने अंत की ओर अग्रसर हुआ| इस अभियान के प्रारंभ में तो सरकार को ऐसा लगा कि उसके हाथ में नक्सल समस्या का अचूक इलाज लग गया है|प्रारंभिक स्थितियों से ऐसी आस बंधी थी कि अब इस अभियान को जन अभियान सा दर्जा मिल जायेगा| दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हो सका ,कुछ ऐसे भी हालात बने की सलवा जुडूम से जुड़े कार्यकर्ताओ ने अपना ठिकाना और आस्था बदल कर सरकारी हथियारों सहित नक्सल वादियों का हाथ थाम लिया | जब एक लंबे समय के बाद भी अपेक्षित परिणाम नहीं मिलें तो इन परिणामों के अभाव में राज्य सरकार को अंततः इस अभियान को अधिकृत रूप से बंद करने की घोषणा करनी पड़ी |राज नेताओं के बयानों पर बड़े –बड़े संवाद और विवाद करने वाला इलेक्ट्रानिक मीडिया और इन्ही बयानों पर सम्पादकीय लिखने वाला प्रिंट मीडिया दोनों ही ने सलवा जुडूम के गुजर जाने की महत्वपूर्ण घटना को उतनी तवज्जों नहीं दी |शायद देश के आम आदिवासी की जिंदगी और मौत से जुडी ये नक्सल समस्या राज –नेताओं के बयानों से बहुत छोटी और कम महत्व की है| राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग और देश के सुप्रीम कोर्ट जैसी शीर्ष संस्थाओं ने भी सलवा जुडूम के विशेष पुलिस पुलिस अधिकारियों के व्यव्हार एवं कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किये थे|यह भी सत्य है कि शोषण और दुर्व्यवहार के इन आरोपों को राज्य सरकार ने नकारा था और तथ्यों एवं सबूतों से भी ये सिद्ध नहीं हो सका की सलवा जुडूम के कार्यकर्ता बलात्कार और आदिवासी हत्तायों में लिप्त है |थोड़ी बहुत शिकायतें सही पाई गयी जिनमें साधारण मारपीट और कही कहीं झोपड़े जला देने की घटनाये थी | सुप्रीम कोर्ट नें इस तरह आम नागरिकों को हथियार बद्ध कर नक्सल वादियों के सामने करने की पद्धति की निंदा करते हुए इसे गैरकानूनी भी ठहराया था |कुछ लोगो ने ये भी आरोप लगाये की सलवा जुडूम में नाबालिग आदिवासी बच्चों को हथियार देकर विशेष पुलिस अधिकारी बनाया गया है | सलवा जुडूम या इसके पूर्व -वर्ती जन आंदोलनों की विफलता से ये महत्वपूर्ण प्रशन अब फिर सामने है, कि पूरी ताकत से जोर लगा रहें इस नक्सल वाद के इस विकराल दानव से अब कैसे निपटा जाये?अब तक भारत की पुलिस और अर्धसैनिक बलों की रण-नीतियां और कुर्बानियाँ इस लाल आतंक के सामने कमजोर पड़ कर मानसिक रूप से लगभग परास्त सी हो चुकी है |छत्तीसगढ़ के कुछ लोगो ने एक बार फिर एक नया गांधी -वादी जन आंदोलन का फिर श्री गणेश किया है |लेकिन क्या अब हम इस नक्सल वाद की आंधी को गाँधी के सिद्धांतों से रोक पाएंगे ?या फिर कुछ और राह चुननी होगी ?परन्तु इस यक्ष प्रशन का उत्तर अभी किसी के पास भी नहीं है ना केंद्र सरकार और नहीं इस लाल आतंक से जूझती इन राज्यों की आम जनता और वहाँ की सरकार|(दखल)(लेखक –भोपाल स्थित एन.डी.सेंटर फॉर सोशल डेवलपमेंट एंड रिसर्च के अध्यक्ष है)
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18 October 2010राजेन्द्र आगल ''कुछ भी कहो इन पर असर नहीं होता। खानाबदोश आदमी का कोई घर नहीं होता।। ये सियासत की तवायफ का दुपट्टा हैं साहिब। जो किसी की आसुओं से तर नहीं होता।। 30 सितंबर से पहले अयोध्या मसले को लेकर हर किसी की यही सोच हुआकरती थी, लेकिन इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ ने जो ऐतिहासिक फैसला सुनाया हैउससे अब लोग कहने लगे हैं कि दिलों की दूरियां मिट जाए, अब ऐसी सुलह हो।हालांकि अदालत के बाहर फ़ैसले की आस संजोने वाले लोगों की दलील रही है किधार्मिक भावनाओं से जुड़े मसलों को कभी भी कोर्ट के गलियारे में नहींसुलझाया जा सकता। आपसी समझ और मेलजोल ही इस मसले को हल कर सकता है। हल केतौर पर यह फ़ैसला सदभाव के सबसे करीब दिखता है, लेकिन बातचीत के लिए हुईपिछली पच्चीस कोशिशें इस तरह के हल की संभावना को बस जुमला ही साबित करतीआ रही हैं। लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकीलजफरयाब जिलानी और निर्मोही अखाड़े के पीठाधीश्वर वैष्णवाचार्य गोस्वामीवल्लभराय ने इस बात के संकेत दे दिया है कि मामले को सुप्रीम कोर्ट लेजाने से पहले मध्यस्थता की गुंजाईश है। एक स्थान से जुड़ी आस्था देश की राजनीति को बुरे के लिए बदल सकती हैतो उसका एक सर्वमान्य हल उसी राजनीति को एक नई और बेहतर दिशा भी दिखासकता है। अयोध्या पर अदालती फैसले के बाद इस मुद्दे को राजनीति के दायरेसे बाहर लाना होगा। इस पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का वक्त खत्म हो चुकाहै। अब इस मुद्दे में आम आदमी को उलझा कर नहीं रखा जा सकता। इस फ़ैसले केसाथ ही न्यायपालिका (अगर मामला सुप्रीम कोर्ट नहीं जाता है तो) कीजिम्मेदारी खत्म हो गयी है लेकिन ठीक यहीं से शुरू होती है कार्यपालिकाकी चुनौती। अब यह उसकी जिम्मेदारी होगी कि अदालत के फ़ैसले को लागूकरवाये और कानून-व्यवस्था की हालत बिगडऩे न दे। अगर इस चुनौती से पार पालिया गया तो पूरी दुनिया के सामने देश के लोकतंत्र की वास्तविक ताकत उभरकर आ जायेगी।इतिहास गवाह है कि अयोध्या मसला न्याय से ज्यादा अहम की लडाई का रहा हैऔर इसे अहम की लड़ाई हमारे यहां की सांप्रदायिक राजनीति ने बनाया है।हिंदू समुदाय के कुछ लोगों के दिमाग में यह डाल दिया गया है कि हमारे देशमें आकर, हमारी इतनी संख्या होने के बावजूद कोई हमारे सबसे बड़े आराध्यके जन्म स्थान को हमसे कैसे छीन सकता है (भले इसके कोई प्रमाण हों या नहों)। वहीं मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों के दिमाग में यह घर करा दिया गयाहै कि अगर हम इस तरह से हार मान लेंगे तो पता नहीं किन-किन बातों पर हमेंबहुसंख्यक समुदाय के साथ समझौते करने पड़ेंगे। लेकिन हाईकोर्ट ने दोनोंसमुदाय के फिरकापरस्त नेताओं की मंशा पर पानी फेरते हुए यह पैगाम दे दियाहै कि अयोध्या जीत हार की लड़ाई से आगे निकल चुकी है और देश की जनता भीइस बात को भली-भांति जान गई है कि...'फूंका है कभी मस्जि़दों को तोकभी मंदिर जलायें हैं,क़ौम के ठेकेदारों ने जाने कितने घर जलायें हैं,सेंकी है रोटियां कभी हिन्दुओं की चिताओं पर,कभी मुस्लमानों की लाशों से कफऩखींचकर जलायें हैं।इबादत नहीं इन्हें तो फिऱकापरस्ती ही आती है,कभी राम को सरेआम मारा कभी अल्ला-अकबर जलायें हैं। इसीलिए अब कोर्ट के फैसले के बाद देश की फिजाओं में यह बात गूंजनेलगी है कि तुम्हारी भी जय-जय, हमारी भी जय-जय, न तुम हारे, न हम हारे। गरसचमुच फैसले को दोनों पक्ष इसी नजरिए से देखें, तो अयोध्या पर अदालतीफैसला न सिर्फ ऐतिहासिक, अलबत्ता राष्ट्रीय एकता की अनूठी मिसाल होगा।इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बैंच के तीनों जजों ने राम जन्मभूमि को कानूनीमान्यता दी। तो बाकी अन्य पक्षों को भी निराश नहीं किया। भले तीनों जजोंकी राय में फर्क हो पर फैसला यही हुआ कि विवादित जमीन तीन हिस्सों मेंबांटी जाए। रामलला विराजमान यानी मूर्ति वाली जगह का हक भगवान राम को तोसीता रसोई और राम चबूतरा का हक निर्मोही अखाड़े को। चूंकि लंबे समय सेमुस्लिम भी इबादत करते आ रहे थे सो एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को भी देदिया। यों तो एक अक्टूबर को रिटायर हो रहे बैंच के एक जज धर्मवीर शर्माने तो समूची जमीन भगवान राम की बताई पर जस्टिस एसयू खान और सुधीर अग्रवालने तीन हिस्से में बांटने का फैसला दिया। भारतीय पुरातत्व विभाग की रपटसे माना गया, मस्जिद किसी इमारत को तोड़कर बनाई गई थी सो इस्लामिकमान्यता के तहत ऐसी जमीन पर मस्जिद को मान्यता नहीं दी गई पर नौ हजारपन्नों के फैसले में कोर्ट का लब्बोलुवाब यही रहा कि रामलला की पूजाअनंतकाल से होती आ रही, सो मंदिर भी बने। यानी कानून से परे हट अदालत ने शायद पहली मर्तबा आस्था को महत्वदिया। जिस पक्ष का जैसा था, उसको करीब-करीब वैसा ही मिल गया। सचमुच इतनेउलझे हुए केस का इससे सुलझा हुआ हल नहीं हो सकता सो सभी पक्षों को अबलचीला रुख अपनाना चाहिए। अदालती फैसले को आधार बना नए सिरे से बातचीत हो।तो सिर्फ विवादित जमीन ही नहीं, समूची 70 एकड़ जमीन का फैसला हो जाए सोअब केंद्र सरकार की भूमिका भी अहम है जिसने 1993 में 67 एकड़ जमीनअधिग्रहित कर ली थी। हाईकोर्ट ने तो रामलला और निर्मोही अखाड़े की जमीनतय कर दी पर मुस्लिमों की इबादत की जगह तय नहीं की। अलबत्ता तीनों के लिएबराबर व्यवस्था करने का जिम्मा सरकार पर छोड़ दिया। अगर केंद्र चाहे, तोअब दोनों पक्षों में समझौता कराने की पहल कर सकता। भले दोनों पक्ष फैसलेसे पूरी तरह संतुष्ट नहीं, पर पूरी तरह असंतुष्ट भी नहीं हैं सो सरकारईमानदार और प्रभावी पहल करे, तो विवाद हाईकोर्ट के फैसले से ही खत्म होसकता है।यों फैसले के बाद सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने सुप्रीमकोर्ट जाने का ऐलान कर दिया तो मंदिर के पैरोकारों में भी कुछ ऐसेकट्टरपंथी, जो मस्जिद के लिए एक तिहाई जमीन के फैसले को चुनौती देने केमूड में। यों फैसले के फौरन बाद संघ-बीजेपी ने इस पर चुप्पी साध ली। सरसंघचालक मोहन भागवत ने यह फैसला संत उच्चाधिकार समिति पर छोड़ दिया परभागवत-आडवाणी दोनों अपनी खुशी का इजहार चतुराई से कर गए। कहा- हिंदुओं काहक साबित हो गया सो अब गर्भगृह पर भव्य राम मंदिर बने। हाईकोर्ट का फैसलाराष्ट्रीय एकता का नया अध्याय और सांप्रदायिक सौहार्द का नया युग। मोहनभागवत ने फैसले पर खुशी को स्वाभाविक बताया पर संयम की अपील करते हुएकहा- कोई ऐसा कुछ न करे, जो दूसरे की भावना को ठेस पहुंचाए। संघ परिवारने मुस्लिम समाज से भूली ताहि बिसारने की अपील करते हुए मंदिर निर्माणमें जुटने का न्योता भी दिया। पर संघ की ओर से जारी बयान में मंदिरआंदोलन में मारे गए लोगों की कुर्बानी का भी जिक्र कर गए।इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ के फैसले से कांग्रेस और भाजपादोनों की मुश्किलें कुछ कम हो गई हैं। हाईकोर्ट ने विवादित परिसर कोरामजन्म स्थान बताकर संघ परिवार के दावे पर मुहर लगा दी है। इससेकांग्रेस एक बड़े संकट से बच भी गई है। लंबे समय से विवादित इस मसले परआए फैसले में हर पक्ष के लिए कुछ न कुछ है। शायद यही वजह है कि संघप्रमुख मोहन भागवत ने बड़े सधे शब्दों में कहा फैसले को किसी पक्षकी हार या जीत के रूप में नहीं लेना चाहिए। विवादित स्थान के जीपीआरएस सर्वे और उसके बाद एएसआई की रिपोर्ट नेमुकदमे की दिशा पहले ही काफी कुछ तय कर दी थी। अगर अदालत ने अपने फैसलेमें जन्म स्थान के बारे में कोई शक-शुबहा की गुंजाइश छोड़ी होती तो उसेलेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए राजनीतिक समस्याएं खड़ी होती। अब यहतय है कि संघ परिवार केंद्र सरकार पर यह दबाव बनाएगा कि अधिग्रहीत जमीनभी हिंदुओं को दे दी जाए। केंद्र सरकार व कांग्रेस के सामने संघ परिवारके इस दबाव का धर्म संकट जरूर बढ़ेगा। दरअसल अदालत को जो फैसला देना थाउसने दे दिया है। अब आगे का रास्ता राजनीतिक नेतृत्व को तय करना है। इतनाही नहीं जहां अब कांग्रेस के दोनों समुदायों को साथ लेकर चलने केराजनीतिक कौशल की परीक्षा होनी है, वहीं भाजपा के सामने अपनी कट्टरहिंदुत्ववादी छवि से निकलने का अवसर भी है। यही वजह है कि आज भाजपा केशीर्ष नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा फैसले ने राष्ट्रीय एकता के लिए एकनया अध्याय खोला है और दोनों समुदायों के बीच रिश्तों के नए युग कीशुरुआत की है। दरअसल उच्च न्यायालय के तीनों माननीय न्यायाधीशों ने राम लला केजन्म स्थान पर एकमत होकर जो फैसला दे दिया है उससे भाजपा व संघ परिवार कोअनचाहे एक बढ़त मिली है। पार्टी की सोच है कि मंदिर न बनने से जो तबकानाराज था उसकी नाराजगी उच्च न्यायालय के फैसले से अपने आप दूर होगी।फैसले के बाद उभरे नए राजनीतिक परिदृश्य ने सपा के सामने एक बड़ा सवालखड़ा किया है। किसी भी तरह का ध्रुवीकरण सपा के लिए राजनीतिक फायदे का होसकता था। फैसले ने उस गुंजाइश को ही खत्म कर दिया है। जबकि दूसरी तरफबसपा का राजनीतिक मिजाज मंदिर मस्जिद का कभी रहा ही नहीं। इसलिए फैसले सेसीधे तौर पर उसका कोई नुकसान होता नहीं दिखता। हालांकि फैसले नेकांग्रेस, केंद्र सरकार व भाजपा के लिए राजनीतिक चुनौतियां भी खड़ी कीहैं। यों देश की जनता की परिपक्वता को अपना भी सलाम, जिसने फैसले कोन्याय के तौर पर कबूला। फिर भी राजनीति नहीं होगी, ऐसा कहना बेमानी है।मायावती ने तो फैसले के फौरन बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चि_ी लिखदी। केंद्र की ओर से 67 एकड़ जमीन अधिग्रहण का इतिहास याद कराते हुए मायाने फैसले के मुताबिक यथोचित कार्रवाई करने की मांग की। उनने बार-बारदोहराया, इस विवाद में जो भी करना है, वह केंद्र ही करेगा। यानी माया नेएक पक्ष की थोड़ी निराशा को देख अपना पल्ला फौरन झाड़ लिया। ताकि कहींकुछ गड़बड़ हो, तो ठीकरा केंद्र के ही सिर फूटे। पर कांग्रेस कोईभाजपा-बसपा की तरह गबरू जवान पार्टी नहीं है। अलबत्ता सवा सौ साल पुरानीतजुर्बेकार पार्टी है। सो मामले की संवेदनशीलता देख हर बार की तरह इस बारभी फैसले का स्वागत किया। कांग्रेस के जनार्दन द्विवेदी आध्यात्मिक गुरुबन गए। रामचरित मानस की चौपाई का जिक्र किया- प्रसन्नतां या नगताभिषेकतस्था, न मम्ले वनवास दुखत। मुखाम्बुजश्री रघुनंदनस्य मे,सदास्तु सा मञ्जुलमंगलप्रदा।। अर्थात भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ यावनवास हुआ। पर चेहरे पर कभी खुशी या दुख नहीं। अलबत्ता स्थिरप्रज्ञ कीतरह रहे। यानी राम को शरणागत होकर कांग्रेस ने संयम की अपील की। सचमुचदेश के लिए इम्तिहान का दौर था। 30 सितंबर को फैसले के प्रति देश कीनिगाहें इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच पर टिकी हुई थीं। हर तरफ बापू केभजन, ईश्वर-अल्लाह के बोल गूंज रहे थे। सन्मति दे भगवान की धुन बजती रही।फैसले के बाद मीटिंग्स, बयानबाजियों का दौर चला। प्रधानमंत्री ने भी देशकी जनता पर भरोसा जताया। देश की जनता ने भी परिपक्वता दिखा राजनीति कीरोटी सेकने वालों को बतला दिया, 1992 का दौर अब खत्म हो चुका। यानीअयोध्या पर फैसला भी आ गया, दोनों समुदायों के बीच फासला भी नहीं बढ़ा सोअब अपील कि जा रही है कि जो भी फासला बचा, सुलह के प्रयासों से ही मिटजाए और किसी को सुप्रीम कोर्ट जाने की जरूरत न पड़े। अयोध्या का विवादआजादी मिलने और धर्म के आधार पर पाकिस्तान बनने के बाद शुरू हुआ। आजादभारत में 22-23 दिसंबर 1949 की रात विवादित ढांचे में कथित रुप मेंरामलला प्रकट हुए। सुबह इसकी जानकारी सिपाही माता प्रसाद ने थाना इंचार्जरामदेव दुबे को दी। 29 दिसंबर 1949 को आईपीसी की धारा 145 के तहत इसेकुर्क कर लिया गया। उसके बाद से ही यह विवाद सुर्खियों में रहा और 30सितंबर 2010 की सुनवाई से पूर्व यह देश का सबसे संवेदनशील मामला था।अयोध्या में विवादित स्थल की जगह पर मस्जिद के अस्तित्व में आने से काफीपहले मंदिर होने के नतीजे तक पहुंचने में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआई) की रिपोर्ट की अहम भूमिका मानी जा रही है। एएसआई रिपोर्ट मेंसंबंधित स्थल पर ढाई हजार साल पहले से कोई न कोई ढांचा मौजूद रहने केसंकेतों की बात कही गई है। 29 मुसलमानों सहित 131 मजदूरों की टीम द्वाराखुदाई के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर एएसआई ने रिपोर्ट में विवादितस्थल पर मस्जिद से पहले 10वीं सदी का एक ढांचा होने के प्रमाण मिलने कीबात कही है, जो हिंदू मंदिर की तरह था। एएसआई को राम चबूतरा के पास एकचैंबर और 11 खंभों के आधार मिले हैं। एएसआई की रिपोर्ट में पांच स्तरीयढांचे की बात भी है, जिसमें हर स्तर पर चूना-सुर्खी के गारे के इस्तेमालके सबूत पाए गए। एएसआई ने अगस्त 2003 में 574 पेज की रिपोर्ट इलाहाबादहाई कोर्ट की लखनऊ बेंच को सौंपी थी। पुरा अवशेषों में कमल, कौस्तुभआभूषण जैसे हिंदू प्रतीक चिह्न् पाए गए हैं। यहां मिलीं ईटें बाबर के कालके पहले की पाई गई हैं। कुछ पुरावशेष जमीन से 20 फीट नीचे पाए गए हैं।एएसआई का मानना है कि 20 फीट से नीचे पाई गई सामग्री 1500 साल पुरानीहोनी चाहिए। विवादित स्थल पर मूल सतह 30 फीट तक नहीं मिली है, जिससेअनुमान लगाया गया है कि उस स्थान पर 2500 साल पूर्व तक कोई न कोई ढांचारहा है।ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि एएसआई की रिपोर्ट के अलावा कोर्ट नेऐतिहासिक दस्तावेजों का सहारा भी लिया होगा। इन दस्तावेजों में यात्रावृत्तांत से जुड़े गैजेटियर, बाबरनामा बाकी ताशखंडी, ईस्ट इंडियागैजेटियर 1828 और गैजेटियर ऑफ द टेरिटरीज 1858 शामिल हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अयोध्या की विवादित ज़मीन के मालिकाना हक केमुकदमे में फैसला सुनाते हुए संभवत: एएसआई की रिपोर्ट का सहारा लिया है।लेकिन पहली बार 28 अप्रैल, 2003 को दाखिल की गई पहली रिपोर्ट पर हीइतिहासकारों ने अपनी आपत्ति जता दी थी। हालांकि, एएसआई की रिपोर्ट मेंमंदिर के अस्तित्व पर सीधे-सीधे कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन रिपोर्ट मेंअहम जगहों पर दिलचस्प और महत्वपूर्ण जैसे शब्दों का इस्तेमाल और सबूतमंदिर होने की ओर इशारा करते हैं।ये बात हमें साफ-साफ समझ लेनी चाहिये कि बाबरी मस्जिद मुद्दा नहीं है। औरन ही राम मंदिर मुद्दा है। मुद्दा कुछ और है! हिन्दुओं की ओर से मुद्दाहै बरसों से हुए पराजय और अपमान के इतिहास के बोझ से मुक्ति पाना, औरमुसलमानों की ओर से मुद्दा है एक हिन्दूबहुल देश में असुरक्षा औरआत्मसम्मान का। रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का जमीनी झगड़ा चल रहा थाबहुत सालों से। 1855 तक के तो रिकार्ड भी मौजूद हैं। अंग्रेजों को इसमामले को सुलझाने में कितनी दिलचस्पी रही होगी, कहना मुश्किल है। लेकिनगौर करने योग्य बात ये है कि आजादी मिलने के बाद लोगों ने इस मसले कोसुलझाने का प्रयास नहीं किया, बल्कि हाथ आई नई ताकत और सत्ता के जरिये इसजमीन को कब्जियाने का काम किया। धिक्कार है इस देश के नेतृत्व पर जोआजादी के तुरंत बाद के उस आंशिक आदर्शवादिता के दौर में भी न तो किसी तरहके न्यायिक आस्थाओं का मुजाहिरा कर सका और न ही समुदायों के बीच मन-मुटावमिटा कर उनके बीच झगड़े सुलझाने का! इतिहास इसका गवाह रहा है कि महंगाई और गरीबी देश के सामने हमेशा हीमुद्दा रही है। लेकिन धार्मिक उन्माद ने उन सभी मुद्दों को पीछे छोड़ाहै। राजनीतिक निहितार्थ के मद्देनजर भी आज यह मसला उतना ही जीवित है। जिननायकों की पहचान ही इसी मुद्दे के आधार पर गढ़ी गई थी वे आज भले ही इसमुद्दे को लेकर हां और ना दोनों के साथ दिख रहे हों। लेकिन 23 और 24सितंबर को जिस तरह से ये चेहरे बयान जारी कर रहे थे उससे साफ़ जाहिर होरहा था कि इस मसले को राजनीतिक रंग देने के प्रयास आज भी कमजोर नहीं हुएहैं। दूसरी तरफ़ है आम जनता। महंगाई से जूझ रही आम जनता। कॉमनवेल्थ मेंगेम्स लेन के बगल जाम से जूझ रही जनता। दो वक्त की रोटी के लिए जूझ रहीआम जनता के मन में राम-रोटी की भूख क्या आज भी उतनी ही तेज है? देश मेंहम अभी तक गरीबी का प्रतिशत तय ही नहीं कर पाए हैं। एनएसएस का आंकड़ागरीबी को 27 फ़ीसदी दिखाता है तो अर्जुन सेन कमेटी में यह आंकड़ा 77फीसदी तक चला जाता है। दुनिया के पंद्रह करोड़ कुपोषित बच्चों में से एकतिहाई बच्चे भारत में हैं। शिक्षा का अधिकार हम अपने देश के बच्चों कोअभी तक उपलब्ध नहीं करा पाए हैं। ऐसे हालात में मंदिर या मस्जिद का सवालदेश के आम आदमी की बेहतरी की दिशा में भला क्या योगदान कर पाएगा? अयोध्याके मंदिर-मस्जिद विवाद से आगे बढ़कर देश के सामने पेश इन चुनौतियों केबारे में ठोस कदम उठाया जाए। बीते दो दशकों में देश के साथ-साथ उत्तरप्रदेश और अयोध्या भी बदले इसी में विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की भलाईहै![दखल]
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6 October 2010जान्हवी बीते लगभग १५ दिनों से भोपाल गैस हादसे के फालोअप से मीडिया पटा पड़ा रहा. भोपाल के सीजेएम कोर्ट का एक प्रत्याशित फैसला जिस पर सभी कानूनी धाराएं सालों पहले लग/ मिट चुकी थीं, प्रोसिक्युसन हो चुका था. लब्बोलुआब ये कि तय फैसले को मीडिया ने बहुत ही अप्रत्याशित मानकर मुहिम चलाई. हर चैनल और अखबार उसे ऐसे परोस रहा था मानों ये अन्याय भोपाल की कोर्ट से हुआ है जबकि सालों पहले इस केस की रीढ़ सुप्रीम कोर्ट ही तोड़ चुका था लेकिन उस वक्त तक किसी भी समाचार माध्यम को इसमें ऐसी संभावनाएं नज़र नहीं आईं. बहरहाल इस सबके बावजूद मीडिया ने लाजवाब भूमिका अदा की औरइस लाड़ाई को लड़ लड़ कर कमर झुका चुके भोपाल के गैस पीड़ितों को सहारा दिया. चूँकि मुद्दा मीडिया ने बनाया था लिहाजा सरकार और उनसे जुड़े लोगों को जागना ही था. सरकार जागी और एंडरसन का प्रत्यर्पण भले ही ना करा पाई हो लेकिन लोगों के लिए मुआवजे को लेकर खज़ाना तो खोल ही दिया. अब भोपाल के पीड़ितों के लिए १३९२ करोड़ का प्रावधान किया गया है. एक व्यक्ति के खाते में दस लाख रुपये तक अब आ सकते हैं. ये ठीक है कि मरने वाले कोदोबारा नहीं लाया जा सकता लेकिन ये पैसा बेशक मरहम का काम तो करेगा. मीडिया जब प्रभावी तौर से सक्रिय होता है तो सरकारें इसी तरह से हड़बड़ी में आती हैं. इस पूरे मसले पर मीडिया की सक्रियता ने सियासत करने वालों को भी बढ़िया मौका दिया. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मामले की आड़ में केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की क्योंकि उस वक्त अर्जुन सिंह मुख्यमंत्री थे और राजीव गांधी प्रधानमंत्री. शिवराज ने पहले बयानों के तीर छोड़े फिर ये दिखाने को कि हम उस वक्त के किसी भी दोषियों को नहीं छोड़ेंगे, उस वक्त के एसपी स्वराज पुरी से इस्तीफा मांग लिया. पुरी को इसी सरकार ने राज्य मंत्री का दर्ज़ा दे रखा था. पहले नवाज़ा, फिर लगा कि कांग्रेस की ओर से पलटवार न हो तो पुरी को पद से हटा दिया गया. सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उन्हें टीवी में चल रहे फुटेज देख कर पता चला कि पुरी ने अपनी कार में एंडरसन को एअरपोर्ट छोड़ा था. धन्य है इस सरकार का नेटवर्क कि उसे इतनी छोटी सी बात पता करने में २६ साल लग गए. दरअसल अब तक इस मसले को लेकर कोई सियासत नहीं हुई तो सभी जिम्मेदार लोग मलाई मार रहे थे लेकिन इस बार मीडिया के कारण मामला इतनागरमाया कि ठंडा होने का नाम ही नहीं ले रहा था. केंद्र की सरकार को भी लग गया कि एंडरसन को वापस लाना तो असम्भव सा काम है फिर इसमें जल्द ही यदि मुआवजे की बर्फ नहीं डाली गई तो मामला सुलग कर शोले में तब्दील हो जाएगा, जो हो सकता है सरकार को ही भस्म कर दे. लिहाजा आनन फानन में जीओएम गठित की गई. जल्दी से उनसे रिपोर्ट मांग कर इसे ठंडा किया गया. ऐसा नहीं है कि श्रेय लेने की सियासत सिर्फ राजनेता करते रहे मीडिया ने भी श्रेय बटोरा. ख़ास तौर पर प्रिंट ने. यदि देख जाए तो इसमें इलेक्ट्रोनिक मीडिया की भागीदारी सबसे महत्वपूर्ण रही. अंतर्राष्ट्रीय दबाव बनाने में इसी माध्यम का योगदान था लेकिन श्रेय बटोर रहे थे अखबार. आज देश के सबसे बड़े अखबार समूह दैनिक भास्कर ने तो अपनी वाहवाही में पूरा मुख्य पृष्ठ ही रंग दिया और भोपाल के पाठकों को इस मुहिम में साथ देने के लिए धन्यवाद भी दिया. जबकि देखा जाये तो हमेशा प्रिंट के निशानेपर रहने वाले इलेक्ट्रोनिक मीडिया का ही इसमें ज्यादा योगदान था और उन्होंने इसका श्रेय भी नहीं लूटा. किसी चैनल ने नहीं कहा कि हमारे कारण ये बड़ा कदम सरकार ने उठाया. पहली बार चैनलों ने बड़ा काम करके आश्चर्यजनक गंभीरता दिखाई. गैस पीड़ितों की लड़ाई लड़ने वाले भी मानते हैं कि यदि मीडिया मे इतना हायतौबा नहीं मचता तो ये नतीजे तुरंत तो नहीं ही आ सकते थे. चैनलों को गाली देने वाले "विद्वान टीकाकारों " का अंतर्मन भी शायद ये मानता होगा कि ये लड़ाई इलेक्ट्रोनिक के दम पर जीती गई है प्रिंट के दम पर नहीं. फिर भी फायदा भोपाल की जनता का हुआ. अब शुरू होगी बंदरबांट, गैस राहत विभाग जो फटेहाल हो गया था फिर आबाद होगा. फिर आरोप प्रत्यारोप के दौर चलेंगे. मुआवजे के हड़पे जाने या गलत व्यक्तियों को अधिकारियों कीमिली भगत से दिए जाने के चर्चे होंगे. भोपाल की अर्थव्यवस्था में अचानक से आये १३९२ करोड़ रुपये के कारण उछाल आयेगा. प्रोपर्टी के रेट बढ़ेंगे, लोगों का "बाइंग बिहेवियर" भी बदलेगा लेकिन अब शायद ही कोई इस बात की पुकार लगाए कि हज़ारों मौतों के जिम्मेदार लोगों को सजा क्या मिली? (दखल) (लेखिका जान्हवी स्वतंत्र पत्रकार हैं.)
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8 July 2010संजय द्विवेदी एक लोककल्याणकारी राज्य जब खुद को बाजार के हवाले कर दे तो कहने के लिए क्या बचता है । इसके मायने यही हैं कि राज्य ने बाजार की ताकतों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है और जनता को महंगाई की ऐसी आग में झोंक दिया है जहां उसके पास झुलसने के अलावा कोई चारा नहीं है । पेट्रोलियम की कीमतें अगर हमारा प्रशासन नहीं, बाजार ही तय करेगा तो एक लोककल्याणकारी राज्य के मायने क्या रह जाते हैं । जनता के पास हर पांच साल पर जो लोग उसे राहत दिलाने की कसमें खाते हुए वोट मांगने के लिए आते हैं क्या वे दिल्ली जाकर अपने सपने और संकल्प भूल जाते हैं । केन्द्र में सत्ताधारी दल ने चुनाव में वादा किया था ÷ कांग्रेस का हाथ, गरीब के साथ ।' जबकि उसकी सरकार का आचरण यह कहता है - ÷ कांग्रेस का हाथ, बाजार के साथ ।' पिछले एक साल में तीन बार पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतें बढ़ा चुकी सरकार आखिर आम जनता के साथ कैसा खेल, खेल रही है । महंगाई की मार से जूझ रही जनता पर ये कीमतें कैसे प्रकारांतर से मार करती हैं किसी से छिपा नहीं है । महान अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह के शासन में यह हो रहा है तो जनता किससे उम्मीद करे । वो कौन सा अर्थशास्त्र है जो अपने नागरिकों की तबाही के ही उपाय सोचता है । भारत जैसे देश में अगर कीमतें बाजार तय करेगा तो हम खासी मुश्किलों में पड़ेंगे । हमें जनता की नहीं, उपभोक्ताओं की तलाश है । सो सारा का सारा तंत्र उपभोग को बढ़ाने वाली नीतियों के क्रियान्वयन में लगा है । अर्जुनसेन गुप्ता कमेटी की रिपोर्ट जब यह कहती है कि देश के सत्तर प्रतिशत लोग २० रूपये से कम की रोजी पर अपना दैनिक जीवन चलाते हैं, तो सरकार इन लोगों की राहत के लिए नहीं सोचती । किंतु जब किरीट पारिख पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतों को बाजार के हवाले करने की बात कहते हैं तो उसे यह सरकार आसानी से मान लेती है । आर्थिक सुधारों के लिए कड़े कदम उठाने के मायने यह नहीं हैं जनता के जीवन जीने के अधिकार को ही मुश्किल में डाल दिया जाए । ऐसे में राहुल गांधी की उन कोशिशों को क्या बेमानी नहीं माना जाना चाहिए जिसके तहत वे गांव के आखिरी आदमी को राजनीति के केंद्र में लाना चाहते हैं । उनकी पार्टी की सरकार का आचरण इससे ठीक उलट है । पूरा देश यह सवाल पूछ रहा है कि क्या इस सरकार की आर्थिक नीतियाँ उस कलावती या दलितों के पक्ष में है जिनके घर जाकर, रूककर राहुल गांधी, भारत को खोज रहे हैं । आम आदमी का नाम लेते हुए खास आदमी के लिए यह सारा तंत्र समर्पित है । भ्रष्टाचारियों के सामने नतमस्तक यह पूरा का पूरा तंत्र आम आदमी की जिन्दगी में कड़वाहटें घोल रहा है । तेल की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जो कीमत है उससे अधिक उस पर ड्यूटी लगती है । इसलिए अगर सरकार को तेल पर सब्सिडी देनी पड़े तो देने में हर्ज क्या है । सरकार अगर हर जगह से अपने हाथ खींच लेगी और सारा कुछ बाजार की ताकतों को सौंप देगी तो ऐसी सरकार का हम क्या करेंगे । सरकार भले अपने इस कदम को तर्को से सही साबित करे किन्तु एक जनकल्याणकारी राज्य, हमेशा अपनी जनता के प्रति जवाबदेह होता है, बाजार की शक्तियों का नहीं । किंतु ऐसा लगता है कि आज की सरकारें कारपोरेट, अमरीका और बाजार की ताकतों की चाकरी में ही अपनी मुक्ति समझती है । आज सरकार यह बताने की स्थिति में नहीं है कि जरूरी चीजों की कीमतें आसमान क्यों छू रही हैं । ऐसे वक्त में सरकार कभी अंतर्राष्ट्रीय हालात का बहाना बनाती है, तो कभी पैदावार की कमी का रोना रोती है । सरकार के एक मंत्री जमाखोरी को इसका कारण बताते हैं । तो कोई कहता है राज्यों से अपेक्षित सहयोग न मिलने से हालात बिगड़े हैं । सही मायने में यह उलटबासियां बताती हैं कि किसी भी राजनीतिक दल के केन्द्र में जनता का एजेंडा नहीं है । लोकतंत्र के नाम पर कारपोरेट के पुरजों और दलालों की सत्ता के गलियारों में आमद-रफ्तार बढ़ी है, जो नीतियों के क्रियान्वयन में बेहद हस्तक्षेपकारी भूमिका में है । राजनीति के केन्द्र से आम आदमी और उसकी पीड़ा का गायब होना हमारे समय की सबसे बड़ी चिंता है । देश में तेजी के साथ एक ऐसे वर्ग का उदय हुआ है जो गरीबों और रोजमर्रा के संघर्ष में लगे लोगों को बहुत हिकारत के साथ देखता है और उन्हें एक बोझ की तरह रेखांकित करता है । त्रासदी यह है कि देश के सबसे बड़े नेता महात्मा गांधी ने हमें एक जंतर दिया था कि कोई भी कदम उठाने के पहले यह सोचना कि इसका असर आखिर पायदान पर खड़े आदमी पर क्या पड़ेगा । किन्तु गांधी की उसी पार्टी के आज के नायक मनमोहन सिंह, प्रवण मुखर्जी और मुरली देवड़ा हैं जिनका यह मंत्र है कि कीमतें बाजार तय करेगा भले ही आम आदमी को उसकी कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े । बाजारवाद के इस हो-हल्ले में अगर महात्मा गांधी की बात अनसुनी की जा रही है तो हम भारत के लोग, अपने नायकों को कोसने के सिवा क्या कर सकते हैं । (दखल)(लेखक माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में जन संचार विभाग के प्रमुख हैं)
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28 June 2010संजय द्विवेदी यह सिर्फ हम ही कर सकते थे । कोई और नहीं । भारत के अलावा कहीं की राजनीति इतनी बेशर्म कैसे हो सकती है । यह सुनना और सोचना कितना दुखद है कि एक शहर जहाँ १५ हजार लोगों की एक साथ मौत हो जाए और उस आरोप में एक भी आदमी पचीस साल के बाद भी जेल में न हो । इस नरसंहार को अंजाम देने वाले आदमी के लिए देश का प्रधानमंत्री फोन करे और राज्य का मुख्यमंत्री उसे राजकीय विमान उपलब्ध कराए । एसपी उसे गाड़ी चलाते हुए कलेक्टर के साथ विमान तक छोड़ने जाए । न्याय की सबसे बड़ी आसंदी पर बैठा जज आरोपों को इतना कम कर दे कि आरोपियों को सिर्फ दो-दो साल की सजा सुनाई जाए । इतना ही नहीं दिल्ली में १५ हजार मौतों का जिम्मेदार यह आदमी राष्ट्रपति से मुलाकात भी करता है । इन घिनौनी सच्चाइयों पर अब देश की सबसे जिम्मेदार पार्टी के प्रवक्ता का बयान सुनिए । वे कह रहे हैं कि अगर एंडरसन को देश से निकाला नहीं जाता तो भीड़ उन्हें मार डालती । वे कहते हैं देखिए कसाब को जेल में रखने और सुरक्षा देने में नाहक कितना खर्च आ रहा है । वाह हमारे नेता जी और आपकी राजनीति । बेहतर है जेल के फाटक खोल दिए जाएं, इतने अपराधियों और आरोपियों पर हो रहा खर्च बन जाएगा । इस बेशर्मी का कारण सिर्फ यह है कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री स्व० राजीव गांधी का नाम इस विवाद से जुड़ा है । अब कांग्रेस कैसे मान सकती है कि गांधी परिवार के उत्तराधिकारियों से भी कभी कोई पाप हो सकता है । देवकांत बरूआ के ÷ इंदिरा इज इंडिया ' के नारे सुनकर बड़े हुए आज के कांग्रेसजन कैसे चापलूसी की इस प्रतियोगिता में पीछे रह सकते हैं । कांग्रेस के एक दिग्गज नेता का कहना है सजा दिलाने के लिए कानूनों में परिवर्तन करना चाहिए । २५ साल तक आपके ये सुविचार कहां थे मान्यवर । यह तो वही हाल है कि जब गाज गिरी तो जाग पड़े । एंडरसन को पहले भगाइए और अब प्रत्यर्पण की फाइल चलाइए । यह देश ऐसा क्यों है ? बड़ी से बड़ी मानवीय त्रासदी हमें क्यों नहीं हिलाती ? हमारा स्मृतिदोष इतना विलक्षण क्यों है ? हम क्यों भूलते और क्यों माफ कर देते हैं ? राजनीति अगर ऐसी है तो इसके लिए क्या हम भारत के लोग जिम्मेदार नहीं है ? क्या कारण है कि हमारे शिखर पुरूषों की चिंता का विषय आम भारतीय नहीं गोरी चमड़ी का वह आदमी है जिसे देश से निकालने के लिए वे सारे इंतजाम करते हैं । हमारे लोगों को सही मुआवजा मिले, उनके जख्मों पर मरहम लगे इसके बजाए हम उस कम्पनी के गुर्गो के साथ खड़े दिखते हैं जिसने कभी हमें कुछ आर्थिक मदद पहुँचाई । पैसे की यह प्रकट पिपासा हमारी राजनीति, समाज जीवन, प्रशासनिक तंत्र सब जगह दिखती है । आम हिन्दुस्तानी की जान इतनी सस्ती है कि पूरी दुनिया इस फैसले के बाद हम पर हंस रही है । राजनीति के मैदान के खातिर खिलाड़ी जो पिछले पच्चीस सालों में कछ नहीं कर पाए एक बार फिर न्याय दिलाने के लिए मैदान में उतर पड़े हैं । भोपाल में निचली अदालत के फैसले ने कुछ किया हो या न किया हो, हमारे तंत्र का साफ चेहरा उजागर कर दिया है । यह फैसला बताता है कि कैसे पूरा का पूरा तंत्र जिसमें सारी पालिकाएं शामिल होकर गुनहगारों को बचाने के लिए एक हो जाती है । आज हालात यह हैं कि इन पच्चीस सालों के संघर्ष का आंकलन करें तो साफ नजर आएगा कि जनसंगठनों और मीडिया के अभियानों के दबाव की बदौलत जो मुआवजा मिल सका, मिला । बाकी सरकारों की तरफ से न्यायपूर्ण प्रयास नहीं देखे गए । आज भी भोपाल को लेकर मचा शोर इसलिए प्रखरता से दिख रहा है क्योंकि मीडिया ने इसमें रूचि ली और राजनीतिक दलों को बगलें झांकने पर मजबूर कर दिया । भोपाल गैस त्रासदी के सबक के बाद हमारी सरकारों को चेत जाना था किन्तु दिल्ली की सरकार जिस परमाणु अप्रसार के जुड़े विधेयक को पास करने पर आमादा है उसमें इसी तरह की कंपनियों को बचाने के षडयंत्र हैं । लगता है कि हमारी सरकारें भारत के लोगों के द्वारा भले बनाई जाती हों किन्तु वे चलाई कहीं और से जाती हैं । लोकतंत्र के लिए यह कितना बड़ा मजाक है कि हम अपने लोगों की लाशों पर विदेशियों को मौत के कारखाने खोलने के लिए लाल कालीन बिछा रहे हैं । विदेशी निवेश के लिए हमारी सरकारें, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सब पगलाए हैं । चाहे उसकी शर्ते कुछ भी क्यों न हों । क्या यह न्यायोचित है । जब देश और देशवासी ही सुरक्षित नहीं तो ऐसा औद्योगिक विकास लेकर हम क्या करेंगे । अपनी लोगों की लाशों कंधे पर ढोते हुए हमें ऐसा विकास कबूल नहीं है । इस घटना का सबक सही है कि हम सभी कम्पनियों का नियमन करें, पर्यावरण से लेकर हर खतरनामक मुद्दे पर कड़े बानून बनाएं ताकि कंपनियां हमारे लोगों की सेहत और उनके जान माल से न खेल सकें । निवेश सिर्फ हमारी नहीं विदेशी कंपनियों की भी गरज है । किन्तु वे यहाँ मौत के कारखाने खोलें और हमारे लोग मौत के शिकार बनते रहें यह कहां का न्याय है । भोपाल कांड के बहाने जब सत्ता और अफसरशाही के षडयंत्र और बिकाऊपन के किस्से उजागर हो चुके हैं तो हमें सोचना होगा कि इस तरह के कामों की पुनरावृत्ति कैसे रोकी जा सकती है । यहाँ तक कि गैस त्रासदी के मूल दस्तावेजों से भी छेड़छाड़ की गयी । ऐसा मुजरिमों को बचाने और कम सजा दिलाने के लिए किया गया । अब इस धतकरम के बाद किस मुँह से लोग अपने नेताओं को पाक-साफ ठहराने की कोशिशें कर रहे । (दखल)(लेखक माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के प्रमुख हैं)
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24 June 2010विनोद पुरोहित 'स्वर्णिम मध्यप्रदेश' बनाने के मकसद से आयोजित विधानसभा का विशेष सत्र शुक्रवार को पूरा हो गया | चार दिन के इस सत्र पर 'चौबे जी चले थे छब्बे जी बनने और गए दुब्बे जी' वाली कहावत फिट बैठ रही हैं | इस सत्र में कुछ नया होने की बात तो दूर, वह सब भी हुआ जो आम बैठकों में होता हैं | अड़ा-अड़ी में विपक्ष ने तो चारों दिन बैठक का बहिष्कार किया | टीका-टिप्पणियां ऐसी हुई जिनसे मध्यप्रदेश 'सुनहरा' होने के बजाय उस पर कालिख पुत गई |'रोने'का भी इस सत्र के नाम रिकॉर्ड बना | कांग्रेस विधयाकों की फब्तियों से दुखी विधानसभा अध्यक्ष ईश्वर दास रोहाणी और भाजापा विधायक ललिता यादव विधानसभा में सुबक पड़े तो विपक्ष के उपनेता अजय सिंह सदन के बहार रोए | और प्रदेश की जनता ! वह अपने इन प्रतिनिधियों के व्यवहार से शर्मसार होती रही | उसे न आज सुधार होता दिखा न भविष्य की योजना दिखी | न बिजली पानी पर न स्कूलों पर न अस्पतालों पर महिलाओं को लेकर नौजवानों तक की कोई चिंता नहीं दिखी | उलटे चार दिन के सत्र ने जनता पर करोड़ों रुपए का वजन जरुर डाल दिया | अपने प्रतिनिधियों के वेतन-भत्तों का | भांग कुँए में हैं | दिल्ली से लेकर भोपाल तक | संसद से लेकर विधानसभा तक | सब जगह हंगामा ही हंगामा | लेकिन हमें चिंता सबसे पहले अपने घर की करनी हैं | जो हो गया सो हो गया | आगे की सुध लेनी चाहिए | विधानसभा में व्यवधान करने वालों को चाहे वे किसी भी पक्ष के हों, कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए | और अंत में, विपक्ष ने जिन मुद्दों पर सदन का वहिष्कार किया, उसे उन्हें परिणाम तक पहुँचाने की लडाई लड़नी चाहिए | नहीं तो जनता यही मानेगी कि कुश्ती मिली-जुली थी | (दखल)(विनोद पुरोहित की यह टिपण्णी पत्रिका से साभार)
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15 May 2010प्रवीण दुबे मध्य प्रदेश के सबसे दबंग मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इन दिनों भोपाल/ इंदौर के अखबारों में खासे छप रहे हैं. उनके खिलाफ पूरा मीडिया टूट सा पडा है. ज़मीन घोटाले के आरोप उन पर और उनके सहयोगियों पर लगे हैं जिसकी प्याज के छिलकों की तरह परतें निकाली जा रही हैं.एक दौर था जब कैलाश आये दिन खबरे बनते थे लेकिन तब होता था, उनका सकारात्मक अंदाज़... कभी बज़र्बट्टू बने कैलाश तो कभी शिव बने कैलाश. मीडिया को एक तरह से अपने मुताबिक़ नचाने वाले कैलाश को अब मीडिया नचा रहा है. कोई अखबार उन्हें दाउद इब्राहीम की तरह " डी कम्पनी" कह रहा है तो कोई शिवराज सिंह चौहान को शिव और कैलाश को भस्मासुर कह रहा है. कैलाश विजयवर्गीय को जानने वाले जानते हैं की छोटी मोटी समस्या उन्हें विचलित नहीं करती क्योंकि वे साम, दाम, दंड, भेद के महारथी माने जाते हैं लेकिन लगता इस बार उनके हलक में उनका ही फेंका गया काँटा फंस गया है. शिवराज के खिलाफ मीडिया को छू लगाने वाले का तीर निशाने पर लगने की बजाय बड़ी तेज़ी से उनकी ही ओर आ रहा है और उन्हें छिपने की जगह तक नहीं मिल रही. दरअसल ये विवाद शायद उतना जोर नहीं पकड़ता लेकिन जब थोड़ा सा छपना शुरू हुआ और कैलाश ने उस पर तल्ख़ टिप्पणियाँ शुरू कीं तो पूरा मीडिया एक तरह से एकजुट हो गया और कैलाश बुरी तरह से घिर गए. कैलाश मीडिया के बहुत करीबी नेता थे. उन्हें मुगालता था कि वे हालात को आसानी से काबू में कर लेंगे मगर ये हो न सका. कैलाश ने मानिक वर्मा की पंक्तियों की तरह भोपाल/ इन्दोर के मीडिया को समझा....... "चूस लो चाहे जितना ये आम आदमी हैं, फिक्र मत करो इनमे गुठलियाँ नहीं होतीं." कुछ आम बेशक बिना गुठली के थे लेकिन जो गुठली वाले आम थे वो हलक में ऐसे फंसे कि निकलना मुश्किल हो गया. पहले तो कैलाश ने धमकाने वाला रवैया रखा क्योंकि बरसों के बाद किसी ने उन्हें उनकी मांद के बाहर आकर चुनौती दी थी. कैलाश ने कुछ अखबारों पर टिप्पणी कर दी कि ये अखबार " पोंछने के काम भी नहीं आते" बस फिर क्या था, अखबार न केवल पोंछने बल्कि धोने, निचोड़ने और सुखाने के लिए खूंटी पर टांगने को आमादा है. खबर ये भी है कि जनसंपर्क के एक आला अधिकारी को इसके लिए कैलाश ने जमकर फटकार भी लगाईं कि वे क्यों इस मुहीम को नहीं रुकवा रहे हैं. यूँ भी मुख्यमंत्री के साथ उनका शीतयुद्ध ज़ग ज़ाहिर है. दिल्ली पर अपनी मजबूत पकड़ के कारण वे शिवराज के न चाहते हुए भी टिकिट भी पाए और मंत्री भी बने. दिल्ली में वे सिर्फ अपनी पार्टी के नेताओं को ही साध कर नहीं रखते थे बल्कि मीडिया के बड़े पत्रकारों को भी, मालिकों को भी वे अपने आभामंडल में समेटने की कोशिश करते थे. यही कारण है कि उन्हें मुगालता हो गया कि जनाब सब खैरियत है.....अब जब उन्हें लगने लगा कि ज्यादा घिरने से हो सकता है कि सरकार नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांग कर नख दन्त विहीन कर दे तो अचानक उन्होंने पत्रकारों को पुचकारने की कोशिश शुरू की है. सूत्रों की माने तो वो खुद तो सामने नहीं आ रहे लेकिन एक पी आर एजेंसी उनके समर्थन में सक्रिय हुई है जो भोपाल के आलिशान होटल के वातानुकूलित कमरे से कैलाश जी का पी आर बिल्डअप करने और डेमेज कंट्रोल करने में लगी है. हैसियत और रसूख के आधार पर संपादकों और पत्रकारों को बुलाया जा रहा है और उन्हें इत्मीनान करवाया जा रहा है कि इस घोटालें में कैलाश जी की कोई भूमिका नहीं है. ज़ाहिर है कि इस इत्मीनान को पुष्ट करने के जितने भी " कलयुगी तरीके" हो सकते हैं वे अपनाए जा रहे हैं. कुछ कागजात और सी डी भी देकर सामने वाली पार्टी को गुनाहगार बताने की कवायद चल रही है. यानी हर देवता को प्रसन्न करने की अलग अलग तरह की पूजा की विधि अपनाई जा रही है. कुछ संतुष्ट होकर लौट भी रहे हैं तो कुछ वहां खुद को संतुष्ट दिखाते हैं लेकिन आकर फिर अपना रंग दिखाना शुरू कर देते हैं. इस पूरे मसले में गदगद हैं मुख्यमंत्री..... क्योंकि उन्हें तो एक तरह से दोहरी खुशी मिली है. एक तरफ डम्फर घोटाले से उन्हें कोर्ट ने राहत दे दी, दूसरी तरफ बिलकुल मुक़ाबिल खड़े कैलाश विजयवर्गीय बुरी तरह से उलझ गए. कैलाश विजयवर्गीय पर पहले भी पेंशन घोटाले और उमा भारती के समय कुम्भ में सड़क निर्माण में घोटाले के आरोप लगते रहे हैं लेकिन वे मंझे हुए नेता की तरह इन मीडिया की चिंगारियों को वहीं दबा देते थे. इस बार उन्होंने अपने रसूख के बूते मीडिया को दबाना चाहा और बहुत दोयम दर्जे की टिप्पणी कर दी जिसका खामियाजा वे भुगत रहे हैं. इस मामले में यदि देखा जाए तो मुख्यमंत्री तत्काल तो कोई ज़ल्दबाज़ी नहीं करेंगे क्योंकि वे राजनीति के अब कम से कम छोटे खिलाड़ी तो नहीं हैं. उन्हें पता है कि यदि वे तुरंत कैलाश को अपने मंत्रिमंडल से हटाते हैं तो ऐसा लगेगा जैसे ये सी एम् प्रायोजित हंगामा था. शिवराज इस बहाने कैलाश की पूरी नकेल अपने हाथ में ले लेंगे और अजगर की तरह अपनी गिरफ्त को धीरे धीरे मजबूत करेंगे. ज़ाहिर है कि ज़ल्दबाज़ी उन्हें भी नहीं हैं. वे इतना बेशक कर सकते हैं कि इस मामले को ठंडा न पड़ने दें. उनके कुछ करीबी अब मीडिया में इतना सार्वजानिक भी करने लगे हैं कि इससे सरकार की छवि पर विपरीत असर पड़ रहा है. कैलाश भी ये जानते हैं कि "छवि पर विपरीत असर" राजनीति का ऐसा शब्द है जो आगे जाकर किसी की भी बलि ले सकता है. ऐसे में उनकी पूरी ताकत इसी बात को लेकर लगी है कि कैसे भी ये मामला शांत हो. कुल मिलाकर सूबे की सियासत इन दिनों बेहद गर्म है और इसकी गर्मी किसी के हाथ ज़ला रही है तो कोई पूरे आराम के साथ इसमें हाथ सेंक रहा है. ये विवाद अभी कई दिनों तक थमने का नाम नहीं लेगा इस बात की गुंजाइश ज्यादा दिख रही है.......(दखल)(लेखक प्रवीण दुबे अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए जाने जाते हैं, उन्हें न्यूज़ 24 पर लाइव भी देखा जा सकता हैं |)
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27 April 2010मनोज सिंह मीकसभी वित्तीय या गैर वित्तीय प्रावधानों, नीति नियमों के प्रारूप प्रथमतः आम जनमानस की राय व आपत्तियों हेतु निश्चित अवधि के लिए सार्वजनिक किए जाते हैं । जरूरत इस बात की है कि हम अवलोकन करें तथा आवश्यक सुझाव या आपत्ति सक्षम कार्यालय में प्रस्तुत करें । अंतिम तौर पर लागू होने के बाद मीन मेख निकालने का कोई औचित्य नहीं है । स्थानीय निकायों द्वारा लागू किए गए संपत्ति कर का शुल्क एवं विभिन्न आवासीय परिसरों के रखरखाव में लागू होने वाले बाह्य विकास शुल्क पर आपत्तियाँ, विसंगतियाँ व सुझाव बजट से पूर्व देकर हम नीति निर्धारकों की मदद कर सकते हैं । प्रादेशिक स्तर पर लागू कर जैसे स्टाम्प ड्यूटी एवं वैट में कटौती या करों को तर्कसंगत करने का सुझाव बजट से पहले दिए जाने चाहिए । इसी प्रकार राष्ट्रीय बजट के पूर्व सर्विस टैक्स के दायरे में आ चुके रियल एस्टेट एवं राष्ट्रीय नियामक आयोग द्वारा लागू किए जाने वाले प्रावधानों पर समय समय पर सरकार सुझाव मांगती रही है । सुझाव पहुँचाने की जिम्मेदारी :- अमुमन देखने में आता है कि इस तरह की राय, सुझाव, आपत्तियाँ व्यापक तौर पर नीति निर्धारकों को प्राप्त नहीं हाती । इससे रियल एस्टेट मार्केट के प्रभावित होने की आशंका है । कुल मिलाकर आपकी राय से बदल सकते हैं अर्थ व्यवस्था के अर्थ बस जरूरत है आपके सामने आने की और अपनी बात नीति निर्धारकों तक मजबूती से पहुँचाने की । वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही यानि क्यू-४ करदाताओं के लिए गर्व का समय होता है क्योंकि व देश, प्रदेश व स्थानीय निकायों की जनउपयोगी योजनाओं के लिए कर के रूप में अपने धन का योगदान दे रहे होते हैं । वहीं दूसरी ओर अगले वित्तीय वर्ष का लेखा-जोखा लक्ष्य व भविष्य के सपने बुन रहे होते हैं । इसी दौरान राष्ट्रीय, राज्यों व लोकल बॉडीज के बजट संबंधित सरकारें जनता के समक्ष पेश करती हैं । कोई कीतों, शुल्क व करों में राहत की बाट जोह रहा होता है तो कोई बेहतर आमदनी के जरिए तलाश रहा होता है । तीन तरह की मानसिकता :- समाज में तीन तरह की मानसिकता काम करती है, एक वर्ग बचत, कटौती, राहत की उम्मीद लगाए रखता है, दूसरा महंगाई, करों आदि की भरपाई के लिए लक्ष्य निर्धारित कर बेहतर प्रदर्शन के साथ अधिक धनार्जन पर ध्यान केन्द्रित करता है और तीसरा वर्ग सदा की तरह निष्क्रिय, परिवर्तन और परिपक्वता से दूर भगवान भरोसे पसरा रहता है । देश की समृद्धि में इस दूसरे वर्ग का सर्वाधिक योगदान है जो सकारात्मक विचारधारा के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अपनी, समाज, देश तथा नगर की आमदनी बढ़ाता है तथा शेष दोनों वर्गो के हिस्से की नकारात्मकता को ढाकता है । इस तिमाही में जनमानस को सर्वाधिक जागरूक रहने की आवश्यकता है । वित्तीय प्रावधानों नीति नियमों में वांछित बदलाव संबंधित सुझावों से शासन-प्रशासन को अवगत कराना हमारा दायित्व है । ध्यान रहे सभी सुझाव परिवर्तन से होने वाले लाभ तथा वर्तमान प्रावधानों से होने वाली हानि का स्पष्ट चित्रण करते हो तथा जन-कल्याणकारी हो । आपके सुझाव नीति निर्धारकों को व्यवहारिक परेशानियों से अवगत कराते हैं तथा बेहतर परिवर्तन के अंतिम निर्णय पर पहुँचने में मदद करते हैं । सरकारों ने प्रत्येक स्तर पर सुझाव पेटियाँ तथा संबंधित विभागों की वेबसाइट्स पर यह सुविधा उपलब्ध कराई है । आज की प्रगतिशील सरकारें आमराय कायम करने और बेहतर प्रदर्शन के लिए तत्पर प्रतीत होती है । लगभग सभी वित्तीय या गैर वित्तीय प्रावधानों, नीति नियमों के प्रारूप प्रथमतः आम जनमानस की राय व आपत्तियों हेतु निश्चित अवधि के लिए सार्वजनिक किए जाते हैं । जरूरत इस बात की है कि हम अवलोकन करें तथा आवश्यक सुझाव या आपत्ति सक्षम कार्यालय में प्रस्तुत करें । अंतिम तौर पर लागू होने के बाद मीन मेख निकालने का कोई औचित्य नहीं है । बेहतर प्रशासन के लिए बहुदा ऐसे प्रावधान किए जाते हैं जो कभी-कभी व्यक्ति विशेष या वर्ग विशेष को किसी निजी स्वार्थवश रास नहीं आते इसका यह कतई मतलब नहीं है कि किसी राजा की मंशा अपनी प्रजा को प्रताड़ित करने की है । नीति निर्धारक भी हमारे बीच, हमारे समाज से ही निकले सामान्य जन हैं । सार्वजनिक पदों पर हम ही उन्हें चुनकर भेजते हैं । व्यवस्थाओं की कमी या विसंगतियों के चलते अथवा व्यवहारिक क्रियान्वयन की कठिनाईयों के कारण बहुदा आपने इनमें संशोधन होते देखा है। गलतियों को समय पर सुधार लेना सकारात्मक प्रक्रिया का अभिन्न अंग है । अर्थ की व्यवस्था में अनर्थ शेष व्यवस्थाओं को व्यर्थ कर देता है । (दखल)(लेखक श्री मनोज सिंह मीक शुभालय ग्रुप के चेयरमेन हैं)
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11 February 2010मतदान 16 एवं मतगणना 19 मई को भारत निर्वाचन आयोग ने आज बैतूल जिले के 132-घोड़ाडोंगरी (अनुसूचित जनजाति) विधानसभा उप चुनाव की घोषणा की। घोड़ाडोंगरी विधानसभा उप चुनाव के लिये 16 मई को मतदान और 19 मई को मतगणना होगी। उप चुनाव की घोषणा के साथ ही बैतूल जिले/निर्वाचन क्षेत्र में आदर्श आचरण संहिता लागू हो गयी है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस सीट के लिए जमावट शुरू पहले ही कर ली थी। घोड़ाडोंगरी सीट के लिये बीजेपी में टिकट के जो प्रबल दावेदार हैं उनमें एक ही परिवार के तीन सदस्य हैं।घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार 22 अप्रैल को उप चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन-पत्र जमा करवाने का सिलसिला शुरू हो जायेगा। नामांकन-पत्र जमा करवाने की अंतिम तिथि 29 अप्रैल निर्धारित है। नामांकन-पत्रों की जाँच का कार्य 30 अप्रैल को होगा तथा 2 मई तक नामांकन वापस लिये जा सकेंगे। निर्वाचन संबंधी सभी प्रक्रिया 21 मई तक पूरी कर ली जायेगी।घोड़ाडोंगरी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र तत्कालीन विधायक सज्जन सिंह उईके के गत 19 मार्च को हुए निधन के कारण रिक्त घोषित किया गया था। भाजपा ने 2013 के चुनाव में इस सीट को लगातार तीसरी बार फतह किया था। सत्तारूढ़ दल, सीट को बरकरार रखने की कोशिश में जुट गया है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सक्रिय हो गए हैं। इस सीट को लेकर मुख्यमंत्री के बेहद गंभीर होने का अंदाज केवल इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि वे अपने चाचा की अंत्येष्टि के ठीक बाद पार्टी के दिवंगत विधायक सज्जन सिंह उइके को ‘कंधा’ देने (मुख्यमंत्री के चाचाजी पोहप सिंह चौहान और सज्जन सिंह उइके की अंत्येष्टि एक ही दिन 20 मार्च को हुई) सपत्नीक सज्जन सिंह के गांव भौरा पहुंचे। उन्होंने क्षेत्र को भरपूर वक्त दिया।घोड़ाडोंगरी विधानसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है। यह सीट 1962 में अस्तित्व में आई थी। विधानसभा सीट बनने के बाद 1962 से 2013 तक कुल 12 चुनाव हुए हैं। आठ बार भाजपा (1980 के पहले बीजेपी…. जनता पार्टी और जनसंघ हुआ करती थी) जीती, जबकि चार मर्तबा कांग्रेस को मतदाताओं ने विधानसभा पहुंचाया। सज्जन सिंह उइके नहीं रहे, लेकिन दो साल के लगभग का उनका विधायक के रूप मेें दूसरा कार्यकाल बहुत सफल नहीं माना गया। उइके का उनके अपने परिवार से कोई राजनीतिक उत्तराधिकारी नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी अपने किसी पुराने विधायक अथवा नए चेहरे पर दांव खेलेगी। भाजपा से टिकट की दौड़ में आधा दर्जन के आसपास चेहरे हैं। तय है मुख्यमंत्री जिस चेहरे को पसंद करेंगे, टिकट उसे ही मिलेगा। उधर कांग्रेस में भी चेहरों की कमी नहीं है, लेकिन पार्टी में जबरदस्त बिखराव की वजह से उपचुनाव में सोनिया गांधी की पार्टी कितना दम दिखला पाएगी, यह देखने वाली बात होगी। जानकारों का कहना है, ना केवल घोड़ाडोंगरी बल्कि समूचे बैतूल जिले में ही कांग्रेस तार-तार हो चुके अस्तित्व को बचाने के संकट से जूझ रही है।भाजपा में एक घर से टिकट के तीन दावेदारघोड़ाडोंगरी सीट के लिये बीजेपी में टिकट के जो प्रबल दावेदार हैं उनमें एक ही परिवार के तीन सदस्य हैं। पूर्व विधायक गीता उइके का नाम संभावित उम्मीदवारों में सबसे ऊपर रखा जा रहा है। पटवा सरकार में संसदीय सचिव रहे रामजीलाल उइके ने भी दावेदारी के लिए ताल ठोक रखी है। रामजीलाल उइके, गीता उइके के पति हैं। रामजीलाल 1980 में पहली बार घोड़ाडोंगरी से चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। 62 वर्षीय रामजीलाल ने 1990 में भी इस सीट को जीता था। कांग्रेस के प्रताप सिंह उइके ने 1993 और 1998 में उन्हें परास्त किया था। रामजीलाल 1998 के बाद से टिकट के लिए संघर्षरत हैं। गीता रामजीलाल उइके का बेटा दीपक उइके भी टिकट के दावेदारों में शुमार बताया जा रहा है। भाजपा में टिकट के अन्य गंभीर दावेदारों में शरबती वरकले, शक्ति गणपत धुर्वे और चरण धुर्वे के नाम भी चर्चाओं में हैं।सरकार वर्सेस लीडर…!उपचुनाव सरकार लड़ती है, यह कड़वी सच्चाई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की सक्रियता बता रही है कि भाजपा कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। घोड़ाडोंगरी उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से कमान कौन संभालेगा…? पीसीसी चीफ के नाते पहला नाम अरूण यादव का है। हालांकि, टिकट किस धड़े के उम्मीदवार को मिलती है, सबकुछ उस पर निर्भर होगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी या प्रदेशाध्यक्ष श्री यादव बहुत ज्यादा उत्साह दिखाएंगे, इसकी संभावना कम है। संगठनात्मक और आर्थिक तौर पर पीसीसी की हालत खस्ता है। उम्मीदवार को जिताने के लिए पैसा कौन लगाएगा (बहाएगा)…? यह एक बड़ा सवाल होगा। कमलनाथ अपने किसी समर्थक के लिए टिकट में दिलचस्पी दिखलाते हैं तो तय है कि धन और बाहुबल के मान से मुकाबला बेहद रोचक होगा।कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं…घोड़ाडोंगरी में कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। यह सीट 2003 से भाजपा के पास है। उमा भारती की अगुवाई में 2003 के चुनाव में सीट सज्जन सिंह उइके ने भाजपा के लिए जीती थी। उनका टिकट 2008 में काट दिया गया था। गीता उइके को उम्मीदवार बनाया गया था। गीता उइके ने सीट जीत ली थी। साल 2013 के चुनाव में पार्टी ने गीता उइके की जगह टिकट फिर सज्जन को दिया था, वे कामयाब रहे थे। कुल मिलाकर साख भाजपा की दांव पर रहने वाली है।तीन अहम इश्यूजघोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में तीन मुद्दे जमकर गरमायेंगे। तीनों ही इश्यूज सत्तारूढ़ दल के लिए परेशानी पैदा करने वाले होंगे। पार्टी इनसे कैसे निपटेगी…? यह उसके कौशल पर निर्भर करेगा। विधानसभा क्षेत्र के चौपना ब्लॉक में 30 हजार के लगभग पट्टों का मसला काफी वक्त से लंबित है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने इस मामले के निराकरण के जमकर वायदे किए थे, लेकिन चुनाव जीतने के बाद सत्तारूढ़ दल और सरकार ने ‘गौर’ नहीं फरमाया। चुनाव के पहले इस मसले को सुलझाने का प्रयास सरकार करेगी, यह तय माना जा रहा है। इसके अलावा भोपाल-बैतूल फोरलेन को लेकर भाजपा और सरकार से मतदाताओं द्वारा सवाल-जवाब किया जाना तय है। कांग्रेस इस मसले को जमकर तूल देगी। तीन साल पहले 1200 करोड़ रुपए के लगभग वाली इस परियोजना के लिए टेंडर हो गए थे। दक्षिण भारत की ट्रांसटॉय कंपनी ने ठेका लिया। तीन साल में परियोजना में काम की गति शून्य वाली बनी हुई है। ठेका निरस्त करने के प्रयास स्थानीय स्तर पर हुए, लेकिन भोपाल ने साथ नहीं दिया। विलंब और लेटलाली भरे रवैये से मतदाता खासे नाराज हैं। उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल को वोटरों और कांग्रेस की ओर से चलने वाले तीरों को भोथरा करने की रणनीति अभी से बनाना होगी। तीसरा बड़ा मुद्दा पानी की जबरदस्त किल्लत होना है। गर्मी शुरू हो चुकी है। पानी का संकट काफी पहले से गहराया हुआ है। क्षेत्र के कई गांव ऐसे हैं, जहां लोगों को एक से तीन किलोमीटर तक का सफर हर दिन पानी के इंतजाम के लिए करना पड़ रहा है। ज्यादातर हैंडपंप बिगड़े हुए हैं। पेयजल के अन्य स्रोतों का हाल भी यही है। बिजली के भारी-भरकम बिल और किल्लत भी उपचुनाव में अहम मुद्दा होगा।असंतुष्टों की बड़ी फौज….!बैतूल जिले में भाजपा का एक बड़ा वर्ग अपने ही दल से नाखुश है। घोड़ाडोंगरी में भी पार्टी को ‘बत्ती’ देने को कई प्रभावी नेता तैयार बैठे हैं। इस नाराजगी को भुनाने के लिए कांग्रेस में कोई दमदार नेता नहीं होने की बात प्रेक्षक कर रहे हैं। प्रेक्षकों का दावा है कि कांग्रेस इस समीकरण को फोकस कर आगे बढ़े तो… सत्तारूढ़ दल का गणित गड़बड़ा सकता है।जून में संभावना इसलिए..!चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार रिक्त होने वाली सीट पर चुनाव छह महीने में करा लिए जाने की अनिवार्यता है। घोड़ाडोंगरी के विधायक सज्जन सिंह उइके का निधन 19 मार्च 2016 को हुआ है। इस मान से 19 सितंबर तक का समय आयोग के पास है। मध्यप्रदेश में मानसून 15 जून के आसपास आता है। बारिश 15 सितंबर तक होती है। घोड़ाडोंगरी बैतूल जिले की सबसे बड़ी विधानसभा सीट है। क्षेत्र में काफी संख्या में मतदान केन्द्र ऐसे हैं जिनसे तेज बारिश में घोड़ाडोंगरी और जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट जाता है। विधानसभा के मतदान केन्द्रों तक बारिश में पहुंचना मुमकिन नहीं होगा। इस तथ्य के मद्देनजर चुनाव जून के पहले पखवाड़े में करा लिए जाने की संभावनाएं बलवती हैं।घोड़ाडोंगरी काचुनावी सफरचुनाव वर्ष विजयी उम्मीदवार दल1962 जगनू सिंह उइके जनसंघ1967 माडू जनसंघ1972 विश्राम सिंह मवासे कांग्रेस1977 जगनू सिंह उइके जनता पार्टी1980 रामजीलाल उइके भाजपा1985 मीरा धुर्वे कांग्रेस1990 रामजीलाल उइके भाजपा1993 प्रताप सिंह उइके कांग्रेस1998 प्रताप सिंह उइके कांग्रेस2003 सज्जन सिंह उइके भाजपा2008 गीता रामजीलाल उइके भाजपा2013 सज्जन सिंह उइके भाजपाचौदहवीं विधानसभा का आठवां उपचुनावमौजूदा विधानसभा का यह आठवां उपचुनाव होगा। इसके पहले सात उपचुनाव हुए हैं। सात में छह उपचुनाव भाजपा ने जीते हैं। एकमात्र बहोरीबंद सीट पर कांग्रेस को सफलता मिली। बहोरीबंद सीट अप्रैल 2014 में भाजपा विधायक प्रभात पांडे के निधन की वजह से रिक्त हुई थी। इस सीट पर भाजपा वापसी नहीं कर पाई थी और सीट कांग्रेस के लिये सौरभ सिंह ने जीत ली थी। अन्य छह चुनावों में दो सीटें विजय राघवगढ़ और मैहर ऐसी सीटें रहीं जिन पर हुए उपचुनाव में सफलता भाजपा को मिली। दोनों सीटें 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने जीती थीं। विजय राघवगढ़ सीट संजय पाठक और मैहर सीट पर नारायण त्रिपाठी विजयी हुए थे। लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों पाला बदलकर भाजपा के खेमे में आ गए थे। उपचुनाव में भाजपा ने इन्हें टिकट दिया और दोनों ने अपनी-अपनी सीटें बीजेपी के लिए जीत लीं। विदिशा, आगर, गरोठ और देवास सीटें भाजपा ने 2013 में जीतीं थीं। बाद में इन सीटों पर उपचुनाव में भी भाजपा के उम्मीदवार विजयी रहे।कमलनाथ बनाम अरुण यादवबैतूल जिले में कांग्रेस की टिकटों के वक्त कमलनाथ खासे सक्रिय होते हैं। उपचुनाव में क्या परिदृश्य बनेगा…? फिलहाल समय के गर्भ में है। कमलनाथ परंपरा के अनुसार अपने मोहरे को आगे बढ़ाते हैं तो उनके कट्टर अनुयायी पूर्व विधायक सुखदेव पांसे सीधे तौर पर मैदान में नजर आएंगे। टिकट में कमलनाथ ने दखलंदाजी नहीं की और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव को दिल्ली ने फ्री हैंड दिया तो पूर्व विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष विनोद डागा की पसंद के प्रत्याशी को टिकट मिलना तय माना जा रहा है। वैसे, फिर जीत की संभावना भी तुलनात्मक रूप से कम ही रहेगी, यह पार्टी के वरिष्ठ नेता भी जानते हैं। वैसे भी भाजपा से यह सीट छीन पाना आसान नहीं होगा।पूर्व मंत्री प्रतापसिंह उइके दौड़ में आगेकांग्रेस से टिकट के दावेदारों में पूर्व मंत्री प्रताप सिंह उइके दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। उनका टिकट कांग्रेस के बड़े नेताओं के इक्वेशन के मान से तय हो सकेगा। दिग्विजय सिंह ने खुद को मध्यप्रदेश की राजनीति से दूर कर रखा है। प्रेक्षकों का मत है कि दिग्विजय सिंह घोड़ाडोंगरी को लेकर सीधे तौर पर सक्रिय हो जाएं तो भाजपा की राह यहां बेहद कठिन हो जाएगी। वे मोर्चा संभालेंगे, इसकी संभावनाएं कतई नहीं हैं। कांग्रेस में टिकट के दावेदारों में प्रतापसिंह उइके की पत्नी सुलोचना उइके का नाम भी चर्चाओं में शुमार किया जा रहा है। प्रताप सिंह उइके का भतीजा राहुल उइके भी टिकट के दावेदारों में शुमार है। एक ही परिवार के तीन सदस्य, कांग्रेस में भी उम्मीदवारों की कतार में हैं। इनके अलावा ओमप्रकाश उइके भी गंभीर दावेदारों में शुमार हैं। कुल मिलाकर सबकुछ कमलनाथ के रुख पर निर्भर होगा। तमाम समीकरणों के बावजूद कांग्रेस के लिए राह बेहद कठिन और कांटों भरी होगी, यह तय है।
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31 December 1969400 साल की परंपरा ढाई घंटे हुई खत्मअहमदनगर में नवरात्र के पहले ही दिन शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के हक में फैसला हुआ। मंदिर ट्रस्ट ने 400 साल से चली आ रही परंपरा खत्म कर दी। एलान हुआ कि अब महिलाएं भी चबूतरे पर चढ़कर शनि भगवान की पूजा कर सकेंगी और उन्हें तेल चढ़ा सकेंगी। शाम को महिलाओं ने यहां पूजा भी की। इस एेतिहासिक फैसले से पहले रोक के बावजूद करीब 250 पुरुषों ने चबूतरे पर चढ़कर शनि की शिला पर तेल और जल चढ़ाया था। यह सारा घटनाक्रम शुक्रवार को महज ढाई घंटे के अंदर हुआ। इसे भूमाता ब्रिगेड की लीडर तृप्ति देसाई की जीत कहा जा रहा है। महिलाओं को पूजा का हक दिलाने का विवाद बढ़ने के बाद मंदिर ट्रस्ट ने शनि चबूतरे तक पुरुषों की भी एंट्री बंद कर दी थी। जबकि गुड़ी पड़वा पर यहां शिला पूजन का रिवाज रहा है।एंट्री बैन होने के विरोध में सुबह करीब 250 पुरुषों ने बैरिकेड और सिक्युरिटी को तोड़ते हुए चबूतरे तक पहुंचे।इन पुरुषों ने यहां तेल और प्रवर संगम स्थल से गोदावरी और मूले नदी से लाया गया जल चढ़ाया।तृप्ति देसाई ने कहा- हम भी मंदिर जाएंगे।दरअसल, बॉम्बे हाईकाेर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि मंदिरों में पूजा बुनियादी हक है। इससे महिलाओं को नहीं रोका जा सकता।इसी फैसले के बाद मांग उठी थी कि जब पुरुषों को पूजा की इजाजत है तो महिलाओं को क्यों न हो?विवाद से बचने के लिए शनि शिंगणापुर और बाद में नासिक त्र्यंबकेश्वर मंदिर ट्रस्ट ने पुरुषों की भी गर्भगृह तक एंट्री रोक दी थी।जब शुक्रवार सुबह पुरुषों ने बैरिकेड तोड़कर पूजा की तो महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ रहीं भूमाता ब्रिगेड की तृप्ति देसाई ने कहा कि हम भी मंदिर में जाकर पूजन करेंगे। जब पुरुषों को इजाजत दी गई तो महिलाओं को भी हक मिलना चाहिए क्योंकि बॉम्बे हाईकोर्ट ने ही ऐसा कहा है।मंदिर ट्रस्ट ने महिलाओं को भी शनि शिंगणापुर के गर्भगृह यानी चबूतरे पर जाकर तेल चढ़ाने और पूजा करने की इजाजत देने का फैसला किया।शनि मंदिर के ट्रस्टी सयाराम बनकर ने कहा कि ट्रस्टियों की आज मीटिंग हुई। इसमें फैसला किया गया है कि महिलाओं-पुरुषों की एंट्री पर रोक नहीं रहेगी। ऐसा हमने हाईकोर्ट का आदेश मानने के लिए किया है। हम भूमाता ब्रिगेड की लीडर तृप्ति देसाई का भी स्वागत करेंगे। वहीं, मंदिर ट्रस्ट के प्रवक्ता हरिदास गायवाले ने कहा कि अब किसी के साथ मंदिर परिसर में भेदभाव नहीं होगा।मंदिर ट्रस्ट के फैसले के बाद पहली बार महिलाएं मंदिर के गर्भगृह यानी चबूतरे पर पहुंची। इन महिलाओं ने यहां पूजा की और शनि देव को तेल चढ़ाया।
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8 April 2016दिग्विजय बोले संघ मानसिकता बदले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ [आरएसएस ]की ड्रेस बदल गई है। रविवार को नागौर में हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नेशनल मीटिंग में सर सहकार्यवाह भैयाजी जोशी ने इस बदलाव का एलान किया। उन्होंने कहा, ''हम वक्त के साथ बदलते रहेंगे। खाकी हाफ पैंट के बदले स्वयंसेवक फुल भूरे रंग की पैंट पहनेंगे।'' लंबे वक्त के बाद ड्रेस में यह बदलाव हुआ है। इस बदलाव के बाद लखनऊ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर तंज कसते हुए कहा कि इस संगठन ने अपना ‘ड्रेस कोड’ बदला है, लेकिन उसे अपनी विचारधारा भी बदलनी चाहिए।संघ की बैठक के बाद भौया जी जोशी ने कहा, ''जेएनयू की घटना इस देश के लिए चिंता का विषय है।''विश्वविद्यालय के परिसर में संसद पर हमला करने वाले व्यक्ति का सपोर्ट किया जा रहा है, इसे क्या मानें? ''देश के टुकड़े करने का नारा लगाने वाले समूह के नेतृत्व करने वालों को क्या कहेंगे?'' ''कानून अपना काम करेगा, सोचना ये चाहिए इस प्रकार के वातावरण को पनपने किसने दिया, पोषण किसने दिया? ये राजनीति का विषय नहीं है।''तीन बार बदल चुकी है ड्रेससंघ के राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने कहा संघ में गणवेश (ड्रेस) के बदलाव को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी। 2010 में बैठक के दौरान ड्रेस में बदलाव को लेकर प्रस्ताव आया था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।इसी कारण इस पर पांच साल तक चर्चा करने का फैसला किया गया। मार्च, 2015 में फिर यही प्रपोजल आया।मनमोहन वैद्य ने बताया कि इससे पहले 3 बार ड्रेस में बदलाव हो चुका है। संघ के गठन के वक्त साल 1925 से लेकर 1939 तक संघ की ड्रेस पूरी तरह खाकी थी, 1940 में व्हाइट फुल स्लीव्स वाली शर्ट लागू की गई।1973 में लेदर शूज की जगह लॉन्ग बूट शामिल किए गए। हालांकि, रेक्सीन के शूज का भी ऑप्शन रखा गया था। 2010 में बदलाव हुआ। तब लेदर बेल्ट की जगह कैनवास बेल्ट लाया गया।संघ की देशभर में 50,000 शाखाएं हैं और हर शाखा में 10 स्वयंसेवक हैं। ऐसे में 5 लाख नई ड्रेस की जरूरत है। आरएसएस के ड्रेस कोड में आखिरी बार 2010 में बदलाव किए गए थे। लेदर बेल्ट की जगह कैनवास बेल्ट लाया गया था। संघ प्रचारक के मुताबिक, कैनवास बेल्ट को इम्प्लीमेंट करने में दो साल का समय लग गया था।इधर लखनऊ में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने संघ पर तंज कसते हुए कहा कि इस संगठन ने अपना ‘ड्रेस कोड’ बदला है, लेकिन उसे अपनी विचारधारा भी बदलनी चाहिए।दिग्विजय ने लखनऊ में संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि संघ ने नागौर में अपनी बैठक में अपने कार्यकर्ताओं की पोशाक में बदलाव किया है। उसने ‘ड्रेस कोड’ बदला है, तो उसे अपनी विचारधारा भी बदलनी चाहिए।गौरतलब है कि संघ की बैठक में तय किया गया है कि अब कार्यकर्ता निकर की बजाय पैंट और शर्ट पहनेंगे। उन्होंने कहा कि संघ के लोग देश के हर विश्वविद्यालय से ‘राष्ट्रद्रोही तत्वों’ को बाहर निकालने की मांग कर रहे हैं। आखिर उन्हें राष्ट्रद्रोही का प्रमाणपत्र देने का अधिकार किसने दिया है।संघ की बैठक में देश में सभी नागरिक आजीवन स्वस्थ व निरोग रहें इस हेतु स्वास्थ्यपूर्ण जीवनशैली का अनुसरण एवं सर्व साधारण के लिये चिकित्सा की सुलभता परम आवश्यक है। आज देश में जहां अस्वास्थ्यकर जीवन शैली से उत्पन्न होनेवाले रोग तेजी से बढ़ रहे हैं, वहीं चिकित्सा सेवाएं महंगी होने से ये सामान्य नागरिकों की पहुंच से बाहर होती जा रही हैं। परिणामस्वरूप, अनगिनत परिवार ऋणग्रस्त हो रहे हैं अथवा परिवार के कार्यशील सदस्यों का रोगोपचार नहीं हो पाने की दशा में बड़ी संख्या में परिवारों का जीवन यापन भी कठिन हो रहा है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करती है।उत्तम स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्यवर्द्धक आहार-विहार व जीवनचर्या, सात्विकता, आध्यात्मिक वृत्ति, योग, दैनिक व्यायाम व स्वच्छता को महत्व दिया जाना आवश्यक है। शिशुओं का समयोचित टीकाकरण होना चाहिए। समाज सभी प्रकार के नशे से मुक्त हो यह भी अत्यन्त महत्वपूर्ण है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का मानना है कि स्वयंसेवकों सहित देश के सभी जागरूक नागरिकों को इस दिशा में जनजागरण के व्यापक प्रयास करने चाहिए।चिकित्सा सेवाओं के बड़े नगरों में केन्द्रित होने से देशभर में दूरस्थ व ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं का भारी अभाव है। सभी स्तरों पर इन सुविधाओं व चिकित्साकर्मियों की भारी कमी और भर्ती, जांच व उपचार के लिए लम्बी प्रतीक्षा सूचियों के कारण बड़ी संख्या में लोग चिकित्सा सुविधा से वंचित रह जाते हैं। चिकित्सा शिक्षा की बढ़ती लागतें भी देश में चिकित्सा सेवाओं के मंहगा होने एवं उनकी गुणवत्ता व विश्वसनीयता में गिरावट का एक प्रमुख कारण है। देश में महिलाओं व शिशुओं सहित सभी नागरिकों को अच्छी गुणवत्ता वाली सब प्रकार की चिकित्सा सेवाएं उनके द्वारा वहन करने योग्य लागत पर सुलभ होनी चाहिये। इस हेतु देशभर में विशेषकर ग्रामीण व जनजातीय क्षेत्रों तक सभी प्रणालियों की सब प्रकार की चिकित्सा सेवाओं का सुचारू विस्तार आवश्यक है। चिकित्सा में निरन्तरता व विशेषज्ञ परामर्श हेतु सूचना प्रौद्योगिकी का भी प्रभावी उपयोग किया जाना चाहिए।देश में अनेक स्थानों पर विविध सामाजिक, धार्मिक व सामुदायिक संगठनों द्वारा दानशीलता व परोपकार के भाव से संचालित चिकित्सालयों में सामान्य समाज का उपचार अत्यन्त प्रभावी व न्यायसंगत रीति से किया जा रहा है। समाज के ऐसे अनुकरणीय प्रयासों में भी शासकीय सहयोग का विस्तार आवश्यक है। प्रतिनिधि सभा ऐसे सभी प्रयासों की सराहना करते हुए देश के उद्यम समूहों, स्वैच्छिक व सामाजिक संगठनों व दानशील न्यासों आदि का आवाहन करती है कि उन्हें इस दिशा में और आगे आना चाहिए। इस दृष्टि से सार्वजनिक व सामुदायिक सहभागिता एवं सहकारी संस्थानों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा स्वयंसेवकों सहित सभी देशवासियों, स्वैच्छिक संगठनों व सरकार का आवाहन करती है कि सभी नागरिकों के जीवन को निरामय बनाने हेतु स्वास्थ्यप्रद जीवनचर्या, शिशु व जननी स्वास्थ्य रक्षा और कुपोषण व नशा विमुक्ति हेतु समाज जागरण के प्रयास करें। केन्द्र व राज्य सरकारों से आग्रह है कि सभी प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं की सर्वसाधारण के लिए सुलभता हेतु पर्याप्त संसाधन आवंटन करते हुए इन सेवाओं में अपेक्षित ढांचागत, नीतिगत व प्रक्रियागत सुधार करने चाहिए। इसके लिए देश में सभी प्रकार की चिकित्सा पद्धतियों के समन्वित विस्तार, नियमन, शिक्षण व अनुसन्धान को समुचित प्रोत्साहन देवें तथा नियामक व्यवस्था व वैधानिक प्रावधानों को पारदर्शिता पूर्वक लागू करें।गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ती शिक्षा सबको सुलभ होबैठक में प्रस्ताव पास कर कहा गया कि किसी भी राष्ट्र व समाज के सर्वांगीण विकास में शिक्षा एक अनिवार्य साधन है, जिसके संपोषण, संवर्द्धन व संरक्षण का दायित्व समाज व सरकार दोनों का है। शिक्षा छात्र के अन्दर बीज रूप में स्थित गुणों व संभावनाओं को उभारते हुए उसके व्यक्तित्व के समग्र विकास का साधन है। एक लोक कल्याणकारी राज्य में शासन का यह मूलभूत दायित्व है कि वह प्रत्येक नागरिक को रोटी, कपड़ा, मकान और रोजगार के साथ-साथ शिक्षा व चिकित्सा की उपलब्धता सुनिश्चित करे।भारत सर्वाधिक युवाओं का देश है। इस युवा की अभिरूचि, योग्यता व क्षमता के अनुसार उसे उचित शिक्षा के निर्बाध अवसर उपलब्ध कराकर देश के वैज्ञानिक, तकनीकी, आर्थिक व सामाजिक विकास में सहभागी बनाना समाज एवं सरकार का दायित्व है। आज सभी अभिभावक अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाना चाहते हैं। जहां शिक्षा प्राप्त करनेवाले छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है वहां उन सबके लिए सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाना दुर्लभ हो गया है। विगत वर्षों में सरकार द्वारा शिक्षा में अपर्याप्त आवंटन और नीतियों में शिक्षा को प्राथमिकता के अभाव के कारण लाभ के उद्देश्य से काम करनेवाली संस्थाओं को खुला क्षेत्र मिल गया है। आज गरीब छात्र समुचित व गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। परिणामस्वरूप समाज में बढ़ती आर्थिक विषमता समूचे राष्ट्र के लिए चिंता का विषय है।वर्तमान शैक्षिक परिदृश्य में सरकार को पर्याप्त संसाधनों की उपलब्धता तथा उचित नीतियों के निर्धारण के अपने दायित्व के लिए आगे आना चाहिए। शिक्षा के बढ़ते व्यापारीकरण पर रोक लगनी चाहिए ताकि छात्रों को महंगी शिक्षा प्राप्त करने को बाध्य न होना पड़े।सरकार द्वारा शिक्षा संस्थानों के स्तर, ढांचागत संरचना, सेवाशर्ते, शुल्क व मानदण्ड़ आदि निर्धारण करने की स्वायत्त एवं स्व-नियमनकारी व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए ताकि नीतियों का पारदर्शितापूर्वक क्रियान्वयन हो सके।अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा का यह मानना है कि प्रत्येक बालक-बालिका को मूल्यपरक, राष्ट्र भाव से युक्त, रोजगारोन्मुख तथा कौशल आधारित शिक्षा समान अवसर के परिवेश में प्राप्त होनी चाहिए। राजकीय व निजी विद्यालयों के शिक्षकों का स्तर सुधारने हेतु शिक्षकों को यथोचित प्रशिक्षण, समुचित वेतन तथा उनकी कर्त्तव्य परायणता दृढ़ करना भी अतिआवश्यक है।परम्परा से अपने देश में सामान्य व्यक्ति को सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने में समाज ने महती भूमिका निभाई है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भी सभी धार्मिक-सामाजिक संगठनों, उद्योग समूहों, शिक्षाविदों व प्रमुख व्यक्तियों को अपना दायित्व समझकर इस दिशा में आगे आना चाहिए।
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14 March 2016भरतचन्द्र नायकभारत में कृषि एक सांस्कृतिक उपक्रम रही है। किंवदन्ती है कि जब जनकपुर में अकाल पड़ा तब महाराज जनक व्यग्र होकर ऋषि-मुनियों की शरण में पहुंचे। उन्हें परामर्ष दिया गया कि अन्नपूर्णा धरती मां का पूजन करते हुए हल चलायें। ऐसा ही हुआ और जब उन्होनें हल चलाया तो वसुंधरा ने उन्हें एक सुकन्या भेंट की। हल की नोक को सित कहा जाता है और इस कारण उस कन्या का नाम सीता रखा गया, जो अवध के राजकुमार मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के साथ व्याही गयी। महाराज जनक के हल जोतने से खूब बारिष हुई और वसुंधरा हरी-भरी हो गयी। दुर्मिक्ष से मुक्ति मिल गयी। आज भी जनपदीय अंचल में अन्नधन अनेक धन, रत्नाभूषण आधा धन और पूंछ डुलावन नाष धनकी कहावत प्रचलित है। खेती की उत्कृष्टता से भारत धन्य-धान से हमेषा संपन्न रहा है। लेकिन देष में विदेषी शासन के बाद कृषि की अवनति तो हुई फिर भी आजादी के समय कृषि का जीडीपी में योगदान कमोवेष पचास प्रतिषत बना रहा जो घट कर 13 प्रतिषत सिमट गया है। आजादी के पष्चात किसानों के सपने जगाये गये। हरित क्रांति का आगाज हुआ, देष खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनने से पीएल-480 खेती के इतिहास के पृष्ठों में दफन हो गया। लेकिन अन्नदाता किसान की दोहरी मुसीबत का अंत नहीं हुआ। किसान की मुसीबत का कारण उसका मौसम पर निर्भर रहना रहा। यदि प्रतिकूलता आयी तो किसान दाने-दाने के लिए मुंहताज हुआ और अच्छी फसल आने पर उसे सरकार द्वारा नियंत्रित समर्थन मूल्य से आगे लागत मूल्य के लाले पड़े रहे। कभी-कभी तो फसल खेतों में जलाने के लिए विवष हो जाना पड़ा। किसान के हाथ में लागत मूल्य से कम दाम आये और उपभोक्ता बिचैलियों के साथ ऊंचे दामों में खाद्यान्न खरीदनें को विवष रहा। इस परिस्थिति पर दर्जनों कमेटियों और आयोगों ने विचार किया लेकिन ऊंट के मुंह में जीरे की तरह किसान को जब-तब राहत देकर सरकारों ने कत्र्तव्य की इतिश्री मान ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2015 को लालकिले की प्राचीर से फसल बीमा का कवच देने की घोषणा की थी, जो साकार हुई है। किसान पर फसल की बोनी से लेकर किसान के घर-खलिहान में फसल पहुंचनें तक यदि कोई होनी-अनहोनी, आसमानी-सुलतानी मुसीबत आती है तो प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसान का संकटमोचन सिद्ध होगी।प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की बुनियादी विषेषता यही है कि कृषि व्यवस्था को जोखिम रहित बनानें का यह नरेन्द्र मोदी का विनम्र प्रयास है। यह भी मान सकते है कि प्रधानमंत्री ने भारत के उभरते आर्थिक परिदृष्य में किसानों को साझेदार बनने की दिषा में एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। जहां तक प्राकृतिक आपदा का सवाल है उसे वैज्ञानिक पहल के हस्तक्षेप से थोड़ी-बहुत राहत मिल रही है। लेकिन उससे अधिक आज किसान बाजार की चपेट में भी है। नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के रूप में सरकारी नीतियों में उसका बहुप्रतीक्षित हक उसे सौंपकर अपने वायदे पर खरे उतरे है। अब तक हकों के मामलें में किसान मूक प्राणी बना रहा। किसान की पीठ थपथपाते रहे कि वह जोखिम झेलता है, उसे निरंतर समर्थन की जरूरत रही है। खेती के बारें में मान लिया गया कि किसान कर्जग्रस्तता में जन्मता है, बड़ा होता है और जीवन लीला समाप्त कर देता है। किसान सरकारों के प्रलोभन का तलफगार बनाकर रखा गया। इसका राजनैतिक लाभ उठाना तत्कालीन सरकारों का शगल हो गया था। किसान को जोखिम से निपटने के लिए कौषल, हक दिये जाने के बजाय डोल, राहत का घूंट मिला। न जीने का हक मयस्सर हुआ और न मरने दिया गया। यही कारण है कि यूपीए के दस वर्षों के शासन में करीब डेढ़ लाख किसानों को जीवन लीला समाप्त करनें के लिए खुदकषी का षिकार होना पड़ा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से देष के अन्नदाता किसानों को बुद्धिमान मानने की साहसिक क्रांतिकारी पहल वास्तव में सराहनीय और सामयिक पहल है, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदृष्टि पूर्ण कदम को हमेषा स्मरण किया जायेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों द्वारा अदा की जाने वाली प्रीमियम राषि कम कर दी गयी है, जो रबी फसल पर डेढ़ प्रतिषत खरीफ पर दो, अर्थकरी (नकदी फसल) पर पांच प्रतिषत होगी। इस योजना में मोबाईल फोन, बैंक एकाउंट और संभवतः आधार कार्ड के इस्तेमाल का प्रावधान किया जा रहा है, जिससे बीमा राषि का भुगतान सीधे किसान के खाते मंे जमा होगा। केष लैस आर्थिक प्रणाली से भी किसान जुड़ जायेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का संदेष किसान तक कैसे पहुंचे और किसान खरीफ जून 2016 से योजना का घटक बने, इसके लिए देषव्यापी प्रचार अभियान भी जरूरी हो गया है। भूमि अधिग्रहण पुनर्वास विधेयक के माध्यम से नरेन्द्र मोदी ने विकास का जो संदेष देना चाहा था वह अडंगाबाजी की भेंट चढ़ गया है। लेकिन इस योजना से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंषा किसान जान सकेंगे कि अक्षरषः एनडीए सरकार देष के 14 करोड़ किसान परिवार के हित के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों की उम्मीदों पर खरी उतरेगी, इस बात का संकेत तो इसी बात से मिल चुका है कि इसमें बीमा के बारें में कोई लक्ष्मण रेखा खींचकर किसान के सामने मजबूरी नहीं छोड़ी गयी है। केष लैस योजना है, तथापि यदि विपक्ष इसे भारतीय जनता पार्टी और एनडीए सरकार के किसान संवाद की पटकथा कहकर भड़ास निकालते है तो बेमानी होगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा के बारें में यह कहने में भी संकोच नहीं है कि यह एक वास्तविक पहल है। क्योंकि फसल बीमा का भी इतिहास है। पूर्ववर्ती प्रयास ओंस के कणों से प्यास बुझाने की कोषिष साबित हुए है। 1965 में केन्द्र सरकार ने फसल बीमा अध्यादेष पारित कर माॅडल योजना लायी गयी थी। दो दषकों तक यह माॅडल समितियों के माध्यम से गुजरा, लेकिन किसान मूकदर्षक बना रहा। बाद में अटलबिहारी वाजपेयी सरकार ने इसे अपनी प्रतिबद्धता में शामिल कर देष के अन्नदाता की चिंता की। प्रयास स्तुत्य होते हुए प्रारंभिक पहल होने से सीमित रही। भारत जैसे विषाल देष में मानसिकता बदलना आसान नहीं है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भी पूर्ण प्रतिबद्धता के साथ अमल में आ रही है और दो वर्षों में देष के 50 प्रतिषत किसान इसके अंचल में लाये जाने का लक्ष्य है। पूर्ववर्ती बीमा योजनाएं भी अब तक कभी 23 प्रतिषत किसानों से आगे नहीं पहुंची और न वांछित लाभ या राहत दे पायी है। लिहाजा प्रधानमंत्री फसल बीमा पर देष के अन्नदाताओं की सारी आषाएं केन्द्रित हो गयी है। आगाज जब अच्छा होता है तो अंजाम भी सुखद होता है। प्रधानमंत्री फसल बीमा की खासियत यह है कि न्यूनतम प्रीमियम में अधिकतम लाभ सुनिष्चित करते हुए प्राकृतिक आपदा, कीट व्याधि जैसे जोखिम में अधिसूचित फसलें क्षतिग्रस्त होने पर वित्तीय सुदृढ़ता प्रदान करनें के लिए गांव को इकाई मानकर नवीनतम प्रौद्योगिकी रिमोट सेसिंग से क्षति का आंकलन कर 25 प्रतिषत राहत तत्काल दी जायेगी। इससे आय अर्जन में स्थायित्व बना रहेगा। वित्तीय सहायता का प्रवाह सत्त बना रहेगा। राज्य सरकारें बीमा कंपनियों का चयन कर मापदंड तय करनें के लिए स्वायत्त होगी। योजना के प्रावधान तय करनें के लिए राज्य स्तर पर समन्वय समिति और जिला स्तर पर निगरानी समिति गठित होगी। अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित किसान, क्रेडिट कार्ड धारी, फसल ऋण लेने वाले, राज्य सरकार अन्य श्रेणी चाहे तो और स्वैच्छिक रूप से लाभार्थी बनने वाले किसान शामिल होंगे। जोखिम का दायरा असीमित हुआओला, पानी, सूखा, लैंड-स्लाईड, जलभराव इसमें शामिल है। पोस्ट हार्वेस्ट नुकसानी, कटाई के बाद 14 दिन तक खेत में फसल रहने पर आपदा की भरपायी होगी। प्राकृतिक आपदा से बोनी नहीं कर पाने पर भी दावा की भरपाई की जायेगी। अतिरिक्त जोखिम में आग, बिजली, तूफान, चक्रवात, बाढ़, सैलाब, भू-स्खलन, सूखा, कीट व्याधि भी शामिल है। योजना के दायरे से बाहर भी कुछ जोखिम है जो राहत भुगतान में देय नहीं है। युद्ध, दंगा, चोरी, वन्य पषु से क्षति, आपसी झगड़े से हुआ नुकसान और मौसम विभाग की चेतावनी पर अमल न करते हुए बोयी गयी फसल पर क्लेम स्वीकार नहीं किया जायेगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में एनडीए सरकार विषेष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की किसान के प्रति संवेदना परिलक्षित हुई है। कुल नुकसान के आंकलन के पूर्व 25 प्रतिषत अग्रिम दावा भुगतान जीएलएस रिपोर्ट के आधार पर कर दिया जायेगा। फसल कटाई के प्रयोग के आंकड़े तत्काल स्मार्टफोन के माध्यम से अपलोड करायें जायेंगे। क्षति की अंतिम रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद शेष राषि किसान के खाते में अपने आप जमा हो जायेगी। प्रधानमंत्री फसल बीमा की परिधि असीमित आकाष जैसी है। क्योंकि पूर्व की बीमा योजनाओं में (फसल बोने की सीमा तहसील इकाई जैसी शर्तें थी) अब कोई ऐसी पाबंदी नहीं है। पूर्व में शर्त थी कि अधिसूचित फसल यूनिट में 100 हेक्टर में बोयी ही जाना चाहिए। अब इन बंधनों से किसान उन्मुक्त हो जायेगा।विकसित देष किसानों की मदद में बहुत आगे निकल चुके है। अमेरिका में यदि मौजूदा मौसम में किसान की फसल पिछले दो वर्षों की फसल से 20 प्रतिषत भी कम आती है तो वह बीमा योजना में हकदार हो जाता है। आज भारत में वित्तीय परिवेष भिन्न है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए केन्द्र को प्रस्तावित बजट में तमाम संकुचन के राह निकालना है। साहसिक पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का किसान शुक्रिया अदा करेंगे। लेकिन राज्य सरकारें यदि योजना के अमल को प्रतिबद्धता ओढ़ती है तो किसान का मनोरथ पूर्ण होने से कोई शक्ति रोक नहीं सकती। योजना का अच्छा होना ही पर्याप्त नहीं है। केन्द्र और राज्य को पूरी प्रतिबद्धता के साथ योजना के अमल में जुटकर अन्नदाता के कर्ज से उन्ऋण होने के फर्ज का निर्वाह करना होगा। सारी कसरत केन्द्र और राज्य की सरकारों की संकल्प शक्ति की परीक्षा सिद्ध होगी।
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8 February 2016प्रॉपर्टी के खरीदारों को घर के नजदीक ही ई रजिस्ट्री कराने की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए पंजीयन विभाग ने 50 नए सर्विस प्रोवाइडरों को लाइसेंस जारी किए हैं। पंजीयन विभाग के अफसरों का कहना है कि एयरपोर्ट रोड की दाता कॉलोनी, गांधी नगर, करोंद, सनसिटी, पारस सिटी, भेल में अयोध्या नगर एच-सेक्टर, अजंता कॉम्प्लेक्स इंद्रपुरी, रविन्द्र नगर भेल, राजीव नगर बी-सेक्टर, ओल्ड शिव नगर रायसेन रोड, सर्वधर्म कॉलोनी बी-सेक्टर कोलार, पंजाबी बाग अशोका गार्डन, विजय नगर लालघाटी के आसपास बनी कॉलोनियों के लोगों को रजिस्ट्री के लिए दूर नहीं जाना होगा। इसकी लिस्ट पंजीयन विभाग की वेबसाइट www.mpigr. gov.in पर अपलोड कर दी गई है।
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19 January 2016राष्ट्रीय क्षितिज पर सुशासन के पक्षधर, विकास पुरुष और स्वच्छ छवि के साथ अजातशत्रु कहे जाने वाले कवि एवं पत्रकार, सरस्वती पुत्र अटल बिहारी वाजपेयी एक व्यक्ति का नाम नहीं, वरन राष्ट्रीय विचारधारा का नाम है। अटलजी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ब्रह्ममुहूर्त में ग्वालियर में हुआ था। अटलजी की शिक्षा-दीक्षा ग्वालियर में हुई। 1939 में जब वे ग्वालियर के विक्टोरिया कालेज में अध्ययन कर रहे थे तभी से राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की शाखाओं में जाने लगे थे। 1942 में लखनऊ शिविर में अटलजी ने जिस ओजस्वी शैली में अपनी कविता- हिंदू तन मन हिंदू जीवन का पाठ किया था उसने जनमानस पर अमिट छाप छोड़ी थी और उसकी चर्चा आज तक होती है। भाषण के बीच-बीच में व्यंग्य-विनोद की फुलझड़ियां श्रोताओं के मन में न केवल गुदगुदी पैदाकर उन्हें ठहाकों के साथ हंसने पर मजबूर करती थीं, बल्कि उनके अंतर्मन को हिला देती थीं। उनका विनोदी स्वभाव विपरीत परिस्थितियों में भी उनमें हमेशा अदम्य साहस बनाए रखता था। अटलजी ने लंबे समय तक राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन जैसे राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया। वे नैतिकता का पर्याय होने के साथ-साथ कवि और साहित्यकार, तत्पश्चात राजनैतिज्ञ हैं। नैतिकता को सर्वोपरि मानने वाले अटलजी कहते हैं कि-छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।मन हार कर मैदान नहीं जीते जाते, न मैदान जीतने से मन ही जीता जाता है।।अटल जी का सक्रिय राजनीति में पदार्पण 1955 में हुआ। 1994 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद एवं 1998 में सबसे ईमानदार व्यक्ति के रूप में सम्मानित किया गया। 1992 में पद्मविभूषण से अलंकृत अटल जी को उसी साल हिंदी गौरव सम्मान से भी सम्मानित किया गया। अटल जी ही देश के ऐसे पहले विदेश मंत्री थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देकर भारत को गौरवान्वित किया और अपनी कविता के माध्यम से अटल जी कहते हैं-गूंजी हिंदी विश्व में, स्वप्न हुआ साकारराष्ट्रसंघ के मंच से, हिंदी का जयकार।हिंदी का जयकार, हिंद हिन्दी में बोला,देख स्वभाषा प्रेम, विश्व अचरज से डोला।।अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में से एक हैं। वे 1968 से 1973 तक इसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लिया और उसे पूरी निष्ठा से निभाया। 1957 में अटलजी यूपी के बलरामपुर लोकसभा क्षेत्र से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में विजयी होकर लोकसभा में पहुंचे। वे मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 तक विदेश मंत्री रहे और इस दौरान उन्होंने पूरे विश्व में भारत की छवि निखारने में अहम भूमिका निभाई। 16 मई 1996 को प्रधानमंत्री के रूप में अटलजी ने देश की बागडोर संभाली हालांकि 161 सीट प्राप्त कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बावजूद भाजपा को लोकसभा में बहुमत प्राप्त नहीं था। 28 मई 1996 को अटलजी ने विश्वासमत पर चर्चा के बाद संख्याबल न होने के कारण प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। 1998 का लोकसभा चुनाव भाजपा ने अटल जी को प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प लेकर लड़ा और पार्टी 177 सीटें लेकर सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई। अटलजी देश के प्रधानमंत्री बने। अटलजी ने महान वैज्ञानिक भारत रत्न डा. एपीजे अब्दुल कलाम के नेतृत्व में 11 मई और 13 मई 1998 को एकाएक पोखरण में परमाणु परीक्षण कराए। प्रधानमंत्री अटल जी ने साफ शब्दों में कहा कि भारत अपने देश की संप्रभुता और सुरक्षा के प्रश्न पर किसी के भी दबाब में नहीं आएगा। स्वाधीनता दिवस पर अपने भाषण में उन्होंने कहा कि विस्फोट हमने आत्मसुरक्षा में किए हैं किसी पर आक्रमण के लिए नहीं। अटल सरकार ने 2010 तक कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं।अटल जी ने 20 फरवरी 1990 को लाहौर तक बस यात्रा की। पूरी दुनिया ने इस सद्भाव यात्रा का जमकर स्वागत किया। कारगिल में भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को जो सबक सिखाया तथा विजय अभियान की सफलता का मार्ग प्रशस्त किया वह भारतीय सेना के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय बन चुका है। पाक को पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की सक्रियता के कारण कूटनीतिक पराजय का सामना करना पड़ा। अटलजी अपने आदर्शों और मूल्यों के प्रति सर्वदा अटल रहते हैं। सर्वदा संघर्ष को तैयार किंतु समझौते के द्वार खुले रखने वाले अटलजी राजनीति के शिखर पुरुष हैं। वे बहुआयामी अनूठे व्यक्तित्व के धनी हैं। उन्होंने सदैव राष्ट्रहित को सर्वोपरि धर्म माना है। श्री वाजपेयी इन दिनों अस्वस्थ हैं और वृद्धावस्था के रोगों से ग्रस्त हैं। इसके बावजूद वे देश के राजनीतिज्ञों, बुद्धिजीवियों और जनता के लिए महान प्रेरणास्रोत हैं।अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में से एक हैं। वे 1968 से 1973 तक इसके अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने स्वयं सेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लिया और उसे पूरी निष्ठा से निभाया। 1957 में अटलजी यूपी के बलरामपुर लोकसभा क्षेत्र से जनसंघ के प्रत्याशी के रूप में विजयी होकर लोकसभा में पहुंचे। वे मोरारजी देसाई की सरकार में 1977 से 1979 तक विदेश मंत्री रहे और इस दौरान उन्होंने पूरे विश्व में भारत की छवि निखारने में अहम भूमिका निभाई। 16 मई 1996 को प्रधानमंत्री के रूप में अटलजी ने देश की बागडोर संभाली हालांकि 161 सीट प्राप्त कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बावजूद भाजपा को लोकसभा में बहुमत प्राप्त नहीं था। 28 मई 1996 को अटलजी ने विश्वासमत पर चर्चा के बाद संख्याबल न होने के कारण प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया। 1998 का लोकसभा चुनाव भाजपा ने अटल जी को प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प लेकर लड़ा और पार्टी 177 सीटें लेकर सबसे बड़े दल के रूप में सामने आई। अटलजी देश के प्रधानमंत्री बने। अटलजी ने महान वैज्ञानिक भारत रत्न डा. एपीजे अब्दुल कलाम के नेतृत्व में 11 मई और 13 मई 1998 को एकाएक पोखरण में परमाणु परीक्षण कराए। प्रधानमंत्री अटल जी ने साफ शब्दों में कहा कि भारत अपने देश की संप्रभुता और सुरक्षा के प्रश्न पर किसी के भी दबाब में नहीं आएगा। स्वाधीनता दिवस पर अपने भाषण में उन्होंने कहा कि विस्फोट हमने आत्मसुरक्षा में किए हैं किसी पर आक्रमण के लिए नहीं। अटल सरकार ने 2010 तक कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं।अटल जी ने 20 फरवरी 1990 को लाहौर तक बस यात्रा की। पूरी दुनिया ने इस सद्भाव यात्रा का जमकर स्वागत किया। कारगिल में भारतीय सेना के जवानों ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को जो सबक सिखाया तथा विजय अभियान की सफलता का मार्ग प्रशस्त किया वह भारतीय सेना के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय बन चुका है। पाक को पहली बार अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की सक्रियता के कारण कूटनीतिक पराजय का सामना करना पड़ा। अटलजी अपने आदर्शों और मूल्यों के प्रति सर्वदा अटल रहते हैं। सर्वदा संघर्ष को तैयार किंतु समझौते के द्वार खुले रखने वाले अटलजी राजनीति के शिखर पुरुष हैं। वे बहुआयामी अनूठे व्यक्तित्व के धनी हैं। उन्होंने सदैव राष्ट्रहित को सर्वोपरि धर्म माना है। श्री वाजपेयी इन दिनों अस्वस्थ हैं और वृद्धावस्था के रोगों से ग्रस्त हैं। इसके बावजूद वे देश के राजनीतिज्ञों, बुद्धिजीवियों और जनता के लिए महान प्रेरणास्रोत हैं।
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25 December 2015सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री आर्य की अध्यक्षता में विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अभ्यर्थी द्वारा चाहे जाने पर उन्हें उनकी कॉपी की प्रतिलिपि 24 घंटे के अंदर उपलब्ध करवाने वाला देश का पहला राज्य मध्यप्रदेश है। यह जानकारी आज सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य की अध्यक्षता में हुई विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक में दी गयी। बताया गया कि अभ्यर्थी को सशुल्क ऑनलाइन दी गयी परीक्षा की कॉपी उपलब्ध करवायी जा रही है।बैठक में बताया गया कि प्रदेश में नवम्बर, 2015 तक एक करोड़ 24 लाख 98 हजार 762 डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र बनाये गये हैं। अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरणों में अवयस्क बच्चों के लिये 7 वर्ष की सीमा को शिथिल कर उनके वयस्क होने के एक वर्ष तक अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही कार्यभारित/आकस्मिकता निधि/दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के दिवंगत होने पर मिलने वाला अनुकम्पा नियुक्ति अनुदान एक लाख 25 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया है।बताया गया कि प्रशासन अकादमी में इस वित्त वर्ष में अभी तक 8,451 प्रशिक्षणार्थी को लाभान्वित किया गया। वर्ष के अंत तक यह संख्या लगभग 10 हजार के ऊपर होगी। समग्र कार्यक्रम के जरिये अब तृतीय श्रेणी कर्मचारी को भी प्रशिक्षण दिये जाने का लक्ष्य है। इसमें हर जिले के लिये दो-दो मास्टर-ट्रेनर तैयार किये जा रहे हैं। बैठक में मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) संगठन और राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किये जा रहे कामों का भी ब्यौरा दिया गया।बैठक में विधायक डॉ. आर.के. दोगने और श्री उमंग सिंघार सहित प्रमुख सचिव श्री एम.के. वार्ष्णेय, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव श्री मनोहर दुबे, अकादमी की संचालक श्रीमती शिखा दुबे, मुख्य तकनीकी परीक्षक श्री एन.के. कश्यप तथा उप सचिव श्री चन्द्रभान पड़वार उपस्थित थे।
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8 December 2015सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री आर्य की अध्यक्षता में विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अभ्यर्थी द्वारा चाहे जाने पर उन्हें उनकी कॉपी की प्रतिलिपि 24 घंटे के अंदर उपलब्ध करवाने वाला देश का पहला राज्य मध्यप्रदेश है। यह जानकारी आज सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य की अध्यक्षता में हुई विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक में दी गयी। बताया गया कि अभ्यर्थी को सशुल्क ऑनलाइन दी गयी परीक्षा की कॉपी उपलब्ध करवायी जा रही है।बैठक में बताया गया कि प्रदेश में नवम्बर, 2015 तक एक करोड़ 24 लाख 98 हजार 762 डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र बनाये गये हैं। अनुकम्पा नियुक्ति प्रकरणों में अवयस्क बच्चों के लिये 7 वर्ष की सीमा को शिथिल कर उनके वयस्क होने के एक वर्ष तक अनुकम्पा नियुक्ति दिये जाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही कार्यभारित/आकस्मिकता निधि/दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के दिवंगत होने पर मिलने वाला अनुकम्पा नियुक्ति अनुदान एक लाख 25 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया गया है।बताया गया कि प्रशासन अकादमी में इस वित्त वर्ष में अभी तक 8,451 प्रशिक्षणार्थी को लाभान्वित किया गया। वर्ष के अंत तक यह संख्या लगभग 10 हजार के ऊपर होगी। समग्र कार्यक्रम के जरिये अब तृतीय श्रेणी कर्मचारी को भी प्रशिक्षण दिये जाने का लक्ष्य है। इसमें हर जिले के लिये दो-दो मास्टर-ट्रेनर तैयार किये जा रहे हैं। बैठक में मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) संगठन और राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा किये जा रहे कामों का भी ब्यौरा दिया गया।बैठक में विधायक डॉ. आर.के. दोगने और श्री उमंग सिंघार सहित प्रमुख सचिव श्री एम.के. वार्ष्णेय, मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव श्री मनोहर दुबे, अकादमी की संचालक श्रीमती शिखा दुबे, मुख्य तकनीकी परीक्षक श्री एन.के. कश्यप तथा उप सचिव श्री चन्द्रभान पड़वार उपस्थित थे।
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8 December 2015मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत और मॉरिशस के संबंध बहुत प्राचीन और प्रगाढ़ हैं। भारत बड़े भाई की भाँति मॉरिशस से स्नेह रखता है। उन्होंने यह बात आज मॉरिशस की शिक्षा मंत्री लीलादेवी दूखन लद्दुमन से भेंट के दौरान कहीं।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में आई मॉरिशस की शिक्षा मंत्री से कहा कि भारत और मॉरिशस के सांस्कृतिक संबंध बहुत ही प्रगाढ़ है। दोनों देशों में परस्पर स्नेह और लगाव हैं। उन्होंने हिन्दी भाषा के प्रति प्रेम और उसके विस्तार के प्रयासों के लिए मॉरिशसवासियों को धन्यवाद दिया। साथ ही सम्मेलन में शामिल होने के लिए मॉरिशस के प्रतिनिधि-मंडल के प्रति आभार व्यक्त किया।इस मौके पर श्रीमती लीलादेवी ने सम्मेलन की व्यवस्थाओं और आतिथ्य को सराहा। उन्होंने मॉरिशस आने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आमंत्रित किया। श्रीमती लीलादेवी ने मध्यप्रदेश के पर्यटन-स्थलों और भोपाल की खूबसूरती की भी तारीफ की। उन्होंने मॉरिशस में हिन्दी के विस्तार की भी जानकारी दी।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विश्व हिन्दी सम्मेलन पुरस्कार वितरण समिति के नामांकित सदस्य डॉ. दाऊजी गुप्त से भी भेंट की। इस दौरान पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा, सांसद अनिल माधव दवे और विजेश लूनावत भी उपस्थित थे।
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17 October 2015मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि भारत और मॉरिशस के संबंध बहुत प्राचीन और प्रगाढ़ हैं। भारत बड़े भाई की भाँति मॉरिशस से स्नेह रखता है। उन्होंने यह बात आज मॉरिशस की शिक्षा मंत्री लीलादेवी दूखन लद्दुमन से भेंट के दौरान कहीं।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दसवें विश्व हिन्दी सम्मेलन में आई मॉरिशस की शिक्षा मंत्री से कहा कि भारत और मॉरिशस के सांस्कृतिक संबंध बहुत ही प्रगाढ़ है। दोनों देशों में परस्पर स्नेह और लगाव हैं। उन्होंने हिन्दी भाषा के प्रति प्रेम और उसके विस्तार के प्रयासों के लिए मॉरिशसवासियों को धन्यवाद दिया। साथ ही सम्मेलन में शामिल होने के लिए मॉरिशस के प्रतिनिधि-मंडल के प्रति आभार व्यक्त किया।इस मौके पर श्रीमती लीलादेवी ने सम्मेलन की व्यवस्थाओं और आतिथ्य को सराहा। उन्होंने मॉरिशस आने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को आमंत्रित किया। श्रीमती लीलादेवी ने मध्यप्रदेश के पर्यटन-स्थलों और भोपाल की खूबसूरती की भी तारीफ की। उन्होंने मॉरिशस में हिन्दी के विस्तार की भी जानकारी दी।मुख्यमंत्री श्री चौहान ने विश्व हिन्दी सम्मेलन पुरस्कार वितरण समिति के नामांकित सदस्य डॉ. दाऊजी गुप्त से भी भेंट की। इस दौरान पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा, सांसद अनिल माधव दवे और विजेश लूनावत भी उपस्थित थे।
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12 September 2015मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये यहाँ की खूबियों को दुनिया में प्रचारित किया जायेगा। इससे देश और दुनिया के लोग मध्यप्रदेश के पर्यटन के प्रति आकर्षित होंगे। उन्होंने इसकी पूरी कार्य-योजना बनाने के लिये पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया।मुख्यमंत्री चौहान ने पर्यटन वर्ष के कार्यों की समीक्षा के दौरान कहा कि हमारा मध्यप्रदेश खूबसूरत जंगल, नेशनल पार्क, बेजोड़ पुरा-वैभव और विरासतीय पर्यटन से समृद्ध है। इन विशेषताओं को देश और दुनिया में प्रचारित करने वाले कार्यक्रम किये जायें। इससे प्रदेश का आकर्षण अंतर्राष्ट्रीय फलक पर उभरेगा और विदेशी पर्यटकों में प्रदेश के प्रति आकर्षण बढ़ेगा।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिये देश के साथ विदेशों में भी प्रचार किया जाये। इसके साथ ही सिंहस्थ की भी प्रभावी ढंग से ब्रांडिंग की जाये। इससे प्रदेश के पर्यटन और सिंहस्थ महाकुंभ की दुनियाभर में चर्चा हो। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ से पहले एक बड़ा ईवेंट किया जाये।इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पुराने विधानसभा भवन मिंटो हाल को संरक्षित करने और संवारने के लिये पर्यटन विभाग को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक भवन को कन्वेंशन सेंटर के रूप में परिवर्तित किया जाये। मुख्यमंत्री ने विश्व हिन्दी सम्मेलन की तैयारियों की भी जानकारी ली। इस अवसर पर पर्यटन वर्ष में किये गये कार्यों एवं गतिविधियों की समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि 14 अप्रैल 2015 से पर्यटन वर्ष शुरू हुआ है। वर्ष के अंतर्गत पर्यटन को प्रोत्साहित करने वाले विभिन्न कार्यक्रम किये जा रहे हैं।बैठक में पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा, मुख्य सचिव अन्टोनी डिसा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव पर्यटन वीरा राणा, मुख्यमंत्री के सचिव हरिरंजन राव, प्रबंध संचालक पर्यटन विकास निगम अश्विनी लोहानी आदि उपस्थित थे
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6 August 2015केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि बाँस उत्पाद और उत्पादन आधारित रोजगार निर्माण करने की नीति तैयार करने के लिए नीति आयोग से चर्चा की जायेगी। उन्होंने कहा कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजन की है। प्रसाशन अकादमी में देश की पहली बाँस निवेशक मीट को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बाँस का उत्पादन बढ़ाने और उत्पाद डिजाइनिंग की जरुरत है। अच्छे उत्पादों के लिए बाजार की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभा और उद्यमिता की कमी नहीं है सिर्फ अवसर की उपलब्धता जरूरी है। श्री गडकरी ने कहा कि राष्टीय राजमार्गों के किनारों पर बाँस रोपण की शुरूआत जल्द की जायेगी। अच्छी प्रजाति के बाँस के बीज और पौधे तौयार करने के लिये रोपणियां तैयार करने पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्ञान और प्रौदयोगिकी का सही उपयोग समृद्धि में तब्दील होता है।केन्द्रीय मंत्री ने बाँस उत्पादन और उत्पाद निर्माण उद्योग में रुचि रखने वाले निवेशकों का आव्हान किया कि वे मध्यप्रदेश में निवेश करें। उन्होंने मध्यप्रदेश में निवेश के लिये उपयुक्त वातावरण के लिये राज्य सरकार की सराहना करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश के लिये सभी जरूरी अधोसंरचनाएँ मौजूद हैं। उन्होंने कहा अधिक उत्पादन से कम लोगों को लाभ मिले तो अर्थव्यवस्था के लिये ज्यादा लाभदायक नहीं होता। उत्पादन से अधिकाधिक लोगों को लाभ मिलना चाहिये। उन्होंने कहा कि विकास के लिये राजनैतिक इच्छा शक्ति सबसे बड़ी पूंजी होती है।नमामि देवी नर्मदे अभियानमुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में नमामि देवी नर्मदे अभियान चलाया जायेगा। इस अभियान में नर्मदा के किनारे वनों में बाँस लगाये जायेंगे। प्रदेश में बाँस को रोजगार और समृद्धि का माध्यम बनाया जायेगा। मध्यप्रदेश के वनों को वरदान बनायेंगे। इसमें बाँस का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। प्रदेश में किसानों को बाँस लगाने के लिये प्रेरित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 51 जिलों में पाँच करोड़ बाँस वृक्ष लगाने का लक्ष्य तय किया गया है, इसे बढ़ाया जायेगा।बाँस के उत्पादों के माध्यम से रोजगार के नये अवसर पैदा करने पर जोर देते हुए श्री चौहान ने कहा कि बाँस के क्षेत्र में निवेशकों को सभी सुविधाएँ उपलब्ध करवायी जायेंगी। वनों के सुधार और वनों के माध्यम से रोजगार के लिये निजी निवेश को प्रोत्साहित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिये निरंतर काम हो रहा है। पिछले सात वर्षों से दहाई अंक में विकास दर है। कृषि विकास दर देश में सबसे अधिक है। प्रदेश में अब रोजगार वृद्धि पर फोकस किया गया है। इसके लिये निवेश के नये क्षेत्रों को बढ़ावा दिया जायेगा।वन मंत्री डॉ गौरी शंकर शेजवार ने कहा कि बाँस के उत्पादों के लिये बेहतर विपणन व्यवस्था तथा अच्छे किस्म के बाँस के उत्पादन की आवश्यकता है। प्रदेश में वन नियम 2015 में संशोधन कर वन समितियों को विशेष अधिकार दिये गये हैं। वे निवेशकों से सीधे चर्चा कर सकती हैं। इन्हें वनों की सुरक्षा और बाँस के उत्पादन के लिये प्रेरित किया जायेगा।इस अवसर पर विभिन्न देशों से आये निवेशक, मुख्य सचिव श्री अन्टोनी डिसा, बाँस मिशन के संचालक ए.के. भटटाचार्य, विषय विशेषज्ञ और बड़ी संख्या में बाँस उद्योग के प्रतिनिधि उपस्थित थे। प्रारंभ में बाँस उत्पाद से जुडे उद्यमियों और कंपनियों ने बाँस उत्पादन एवं उत्पाद और बाजार से संबंधित अपने अनुभव सुनाये।
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23 June 2015" मूल्य आधारित जीवन" पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय परिसंवाद युग दृष्टा योगी सदगुरु जग्गी वासुदेव महाराज ने कहा है कि आध्यात्मिक चेतना से जुड़े बगैर आर्थिक समृद्धि अर्थहीन है। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ महाकुंभ 2016 आध्यात्मिक जीवन के आयामों के प्रति चेतना जाग्रत करने का मार्ग तय करेगा। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक व्यक्ति के मन में शांति न हो तो विश्व शांति संभव नहीं हो सकती। शांति कोई आयातित वस्तु नहीं है, यह मानवीय मन-मस्तिष्क में स्वाभाविक रूप से वास करती है। मनुष्य अपने प्रयासों से स्वयं को शांति के प्रति जाग्रत करता है।सिंहस्थ वैचारिक स्वरूप लेगासदगुरू वासुदेव जी ने सिंहस्थ महाकुंभ के पूर्व आज के परिसंवाद सहित पहले संपन्न और बाद में आयोजित किये जाने वाले वैचारिक अनुष्ठानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के कल्पनाशील नेतृत्व में सिंहस्थ को स्नान पर्व के अलावा वैचारिक स्वरूप देने के यह उपक्रम अपना उद्देश्य पूरा करेंगे।सदगुरू वासुदेव जी आज मध्यप्रदेश विधान सभा में सिंहस्थ महाकुम्भ 2016 तक चलने वाले वैचारिक महाकुम्भ की श्रंखला में' मूल्य आधारित जीवन' विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय परिसंवाद के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। परिसंवाद की अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने की।सदगुरु जग्गी वासुदेव जी महाराज ने मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा आर्थिक उन्नति के साथ आध्यात्मिक उन्नति लाने के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रदेश में कृषि के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति का भी उल्लेख किया। उन्होंने सिंहस्थ 2016 में सभी नागरिकों की भागीदारी का आग्रह करते हुए कहा कि सिंहस्थ एक अनुष्ठानिक घटना मात्र नहीं है यह आध्यात्मिक विज्ञान की स्थिति है।सदगुरू ने कहा कि अब से 25 साल बाद भारत सर्वाधिक मूल्यवान देश के रूप में पहचाना जायेगा। सिर्फ भारत ही दुनिया में उभरी आंतरिक समस्याओं का समाधान दे पायेगा। उन्होंने कहा कि अब लोगों ने अपने से ऊपर देखने के बजाय बाहर देखना शुरू कर दिया है। वे अपने बारे में सोचने में सक्षम हो गये हैं। भारत अब चेतना से संबंधित विकारों का समाधान करने में सक्षम है।सदगुरू ने कहा कि मनुष्य के रूप में जन्म लेना ही सबसे महत्वपूर्ण घटना है और लोक- कल्याण के लिये संपूर्ण क्षमताओं को प्राप्त करना प्राथमिक उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि भारत की भूमि अनूठी है। भाव, राग और ताल से भारत देश बनता है। राग निश्चित है जबकि ताल का चुनाव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जीवन कर्म का रूप है। शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और ऊर्जामय कार्य मनुष्य प्रतिदिन करता है लेकिन इनके प्रति चैतन्य नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि धर्म का अर्थ है ऐसे नियम जो आंतरिक मन और प्रकृति को शासित, अनुशासित करते हैं।सदगुरू ने श्रोताओं के गूढ़ सवालों के जबाव देते हुए कहा कि भारत में शोर है। हर व्यक्ति को हर कार्य करने की आजादी है लेकिन स्वभाव से हर व्यक्ति शांत प्रकृति का है। यही भारत की पहचान और क्षमता है। उन्होंने कहा कि शांति एक आधारभूत आवश्यकता है। अवधारणाएँ बहुत है लेकिन उन्हें जीवंत करने के सटीक उपकरण उपलब्ध नहीं होते। यदि उपकरण हैं तो उन्हें उपयोग करने का विवेक नहीं होता। उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन मूल्य पद्धति में उपकरणों का सही उपयोग बताया गया है। बुद्धि को उपयोग करने का विवेक भारतीय मूल्यों और योगिक विज्ञान में ही मिलता है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने परिसंवाद को राज्य सरकार का वैचारिक महाकुंभ की परंपरा को पुनर्जीवित करने का विनम्र प्रयास बताया। सिंहस्थ घोषणा के माध्यम से वैश्विक समस्याओं के समाधान पर चिंतन-मंथन होगा। सिंहस्थ घोषणा के रूप में सम-सामयिक समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का कार्य भौतिक विकास के साथ प्रसन्नता का सूचकांक बढ़ाने के कार्य भी करना है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय परिसंवाद में देश और विदेश के 2500 से अधिक शोध-पत्र प्राप्त किए गए हैं। सौ से अधिक विद्वानों के व्याख्यान होंगे। उन्होंने परिसंवाद के विषय की परिकल्पना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज जीवन के सभी क्षेत्रों में अवमूल्यन हो रहा है। बिना मूल्य का जीवन अर्थपूर्ण नहीं है। उन्होंने भारतीय संस्कृति की समृद्ध वैचारिक धरोहर का उल्लेख करते हुए सिंहस्थ के माध्यम से उसे विश्व में प्रसारित करने का अनुरोध किया।परमपूज्य सदगुरू जग्गी वासुदेव जी महाराज और मुख्यमंत्री ने विधान सभा परिसर में महात्मा गाँधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री चौहान ने शॉल, श्रीफल और स्मृति-चिन्ह भेंट कर सदगुरू जग्गी वासुदेव जी महाराज का अभिनंदन किया। मंगल ध्वनि और वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ परिसंवाद का शुभारम्भ हुआ। परिसंवाद का आयोजन संस्कृति विभाग द्वारा शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल के सहयोग से किया गया है।इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, संस्कृति राज्य मंत्री सुरेन्द्र पटवा, मंत्रीमंडल के सदस्य और बड़ी संख्या में समाज के हर क्षेत्र के हस्ताक्षर उपस्थित थे।
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18 April 2015मुख्यमंत्री चौहान की केरल के दर्शनार्थियों से चर्चा एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है। आर्थिक वृद्धि दर सभी राज्यों में आगे है। उन्होंने कहा कि यदि लोगों की भागीदारी न हो तो सरकार अकेले विकास नहीं कर सकती।श्री चौहान अपने निवास पर केरल से मध्यप्रदेश भ्रमण पर आये दर्शनार्थियों को संबोधित कर रहे थे। श्री चौहान ने कहा कि केरल और मध्यप्रदेश एक-दूसरे से सीखें और आगे बढ़ें तो देश स्वत: आगे बढ़ेगा। श्री चौहान ने शासन-प्रशासन में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने वाली योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि सबके सुखी और निरोग होने में ही शासन की सफलता है। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन हर व्यक्ति के सुख और कल्याण की कामना करता है। राज्य शासन इसी दिशा में काम कर रहा है। श्री चौहान ने दर्शनार्थियों को सिंहस्थ 2016 में भाग लेने का निमंत्रण दिया।
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12 March 2015शैफाली गुप्ता मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग ने मानवीय संवेदना से जुड़े एक प्रकरण में सख्त रवैया अख्तियार करते हुए लोक सूचना अधिकारी (पीआईओ) व प्रथम अपीलीय अधिकारी (एओ) को कड़ी फटकार लगाई है। सूचना आयुक्त आत्मदीप ने इस मामले में जानकारी न देने के पीआईओ व एओ के आदेश खारिज कर उनके विरुद्ध कड़ी टिप्पणी की है। आयुक्त ने पीआईओ को 7 दिन में अपीलार्थी को निशुल्क जानकारी देने का आदेष दिया है। पीआईओ को चेतावनी दी गई है कि आदेष का समय-सीमा में पालन न करने पर उन पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं सूचना आयुक्त ने तत्कालीन पीआईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है कि सूचना के आवेदन को अवैधानिक आधार पर नामंजूर किए जाने के कारण क्यों न उन पर जुर्माना लगाया जाए तथा अनुशासनिक/विभागीय कार्रवाई की जाए।ग्वालियर के पूर्व सैनिक योगेंद्र प्रताप सिंह ने आयोग में प्रस्तुत अपील में कहा कि हाईकोर्ट व लोक अदालत के निर्णय की अवमानना करते हुए उनके पड़ोस में 5 हार्सपॉवर से अधिक क्षमता की मोटर से आटा चक्की व स्केलर चलाई जा रही है। इससे उनके घर में कंपन होने, आटाचक्की की डस्ट उडक़र आने, गेहूं की सफाई से प्रदूषित धूल-कण उडऩे और ध्वनि प्रदूषण होने से उनके परिवार का जीना दूभर हो गया है। रहना-सोना दुश्वार हो जाने से, शांति से स्वच्छ वातावरण में रहने के उनके जीवन के मूलभूत अधिकार, मानवाधिकार, व्यक्तिगत जीवन व स्वतंत्रता का हनन हो रहा है। उनका परिवार 8 वर्षों से इस वेदना से ग्रसित है। उनकी शिकायत पर कलेक्टर के निर्देशानुसार बिजली कंपनी के सहायक यंत्री/प्रबंधक ने पड़ोसी प्रदीप राठौर की आटाचक्की की विद्युत मोटर क्षमता का निरीक्षण कर पंचनामा बनाया, जिसमें क्षमता 10 एचपी की मापी गई। अपीलार्थी ने इसी पंचनामे की सत्यप्रति चाही थी, किन्तु तत्कालीन पीआईओ आरपी सिंह जादौन ने उनका आवेदन यह कहकर नामंजूर कर दिया कि चाही गई जानकारी लोकहित में न होकर अन्य उपभोक्ताओं के साथ निजी व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा से संबंधित है। उक्त जानकारी व्यक्तिगत है, जिसे देने से व्यक्ति की निजता भंग होगी। व्यक्तिगत विद्वेष होने तथा लोकहित में नहीं होने से धारा 8 के तहत ऐसी जानकारी देना संभव नहीं है। यह आरटीआई एक्ट का दुरुपयोग है। अपीलार्थी की प्रथम अपील भी अपीलीय अधिकारी आरएच वर्मा (उप महाप्रबंधक, बिजली कंपनी) ने इसी आधार पर खारिज कर दी। आयोग में द्वितीय अपील की सुनवाई कर शुक्रवार को पारित आदेश में आयुक्त आत्मदीप ने टिप्पणी की कि अपीलार्थी सेवानिवृत्त सैनिक है। घर के बगल में निर्धारित से अधिक क्षमता की मोटर से चक्की चलने से उत्पन्न दिन-रात की परेशानी से अपीलार्थी का परिवार इतना व्यथित है कि वह पुलिस, कलेक्टर, जिला न्यायालय, लोक अदालत से लेकर हाईकोर्ट तक फरियाद कर चुका है। यह अत्यंत दुखद है कि अपने पक्ष में आदेश/निर्णय पारित होने के बाद भी अपीलार्थी के परिवार को रोजमर्रा की तकलीफ से निजात नहीं मिल सकी है। मानवीय संवेदना से जुड़े ऐसे प्रकरण में सहानुभूतिपूर्वक निराकरण की कार्यवाही की जाना चाहिए जो नहीं की गई है। आयोग की दृष्टि में यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है। इसके निराकरण के लिए आयोग ने मामले में वांछित कार्रवाई के लिए आदेश की प्रति कलेक्टर ग्वालियर को भी भेजने के निर्देश दिए हैं। प्राथमिकता से की सुनवाईआयुक्त आत्मदीप ने प्रकरण में मानवीय पक्ष की गंभीरता को देखते हुए 2014 में दायर इस अपील की प्राथमिकता से सुनवाई की, जबकि आयोग में वर्ष 2009 से 2013 तक की लंबित अपीलों की सुनवाई चल रही है। इस प्रकार इस प्रकरण के साथ 2014 की अपीलों पर भी सुनवाई शुरू हो गई।खारिज किए आदेशआयुक्त आत्मदीप ने उक्त टिप्पणी के आलोक में पीआईओ और एओ के निर्णय को निष्पक्ष, विधिसम्मत एवं न्यायोचित नहीं पाते हुए निरस्त कर दिया। साथ ही अपीलार्थी के तर्क को विधिमान्य व न्यायसंगत मानते हुए अपील मंजूर कर ली। प्रकरण में एओ, पीआईओ एवं तत्कालीन पीआईओ को 2 दिसंबर की सुनवाई में अनविार्य रूप से उपस्थित होकर जवाब पेश करने का आदेश दिया गया है। एओ को किया आगाहसूचना आयोग ने एओ को भी आगाह किया है कि वे जानकारी न देने से संबंधित धारा 8 के उपयोग में सावधानी बरतें, जनहित के प्रकरण में संवेदनशील रवैया अख्तियार करें तथा सूचना के अधिकार के प्रति सद्भावी रुख अपनाएं। साथ ही प्रथम अपील के निराकरण के लिए सुनवाई कर विधिवत आदेश पारित करने के प्रावधान का पालन सुनिश्चित करें।
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15 November 2014विकास के विस्तार के लिए धरती की आवश्यकता होती है। इसके लिए वनों और किसानों की जमीन ही सबसे पहले हस्तगत करने की योजना बनाई जाती है। लेकिन हम इससे भी इंकार नहीं कर सकते कि अधोसंरचना और विकास के काम भूमि की कमी होने पर रोक दिए जाएं। अब आवश्यकता इस बात की है कि मनुष्य को पर्यावरण, वन और कृषि के साथ एक संयुक्त विकास का मॉडल बनाना चाहिए। जहां कृषि भूमि या वन भूमि के कारण होने वाला पर्यावरणीय नुकसान की भरपाई हो सके। अक्सर होता है कि जिला प्रशासन, केंद्र या राज्य सरकार के विभागों, उपक्रमों की अधोसंरचना और विकास के लिए भूमि की आवश्यकता होने पर सबसे पहले उपयुक्त भूमि की तलाश में सड़क के किनारे किसानों की भूमि को प्राथमिकता देते हैं। कंपनियों की मानसिकता भी यही होती है। कलेक्टर उपलब्ध शासकीय भूमिमें से उपयुक्त भूमि प्रशासकीय विभाग को आवंटित करेंगे। जहां शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं है, तो निजी भूमिधारकों की भूमि आपसी सहमति से क्रय की जाएगी। यहां सहमति का अर्थ किस संदर्भ में होगा इसका पता किसी को नहीं है। हो सकता है कि यह सहमति कोई कंपनी या शासन स्वयं भूमि की चार गुना से भी अधिक कीमत चुका कर हासिल कर ले। वास्तव में विकास की इस दौड़ में हमें विकल्पों को और अधिक व्यापक करना चाहिए ताकि भूमि पर अधिक भार न पड़े। भूमि अधिग्रहण से आजीविका और निर्वासन आमजन, किसान, मजदूर और गांवों में गुजर-बसर कर रहे अन्य लोगों के लिए निराशाजनक होता है। देश में आजादी से पहले से भू-अधिग्रहण अधिनियम, 1894 लागू था। लेकिन संविधान लागू होने के बाद से ही यह अधिनियम आलोचना का विषय रहा है। किसी भी काम को सार्वजनिक हित का बता कर भूमि ले ली जाती थी और नगण्य-सा मुआवजा देकर किसी व्यक्ति और उसके परिवार को विस्थापित कर भगवान भरोसे छोड़ दिया जाता था। इस कानून को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया कितनी प्रतिकूल रही है, यह किसी से छिपा नहीं है। दरअसल, यह कानून किसान-विरोधी था। हजारों लाखों किसानों का दुर्भाग्य ये रहा वे ऐसे अंग्रेज परस्ती वाले कानूनों के तहत अपनी जमीनें आजाद भारत में भी लुटाते रहे। भूमि अधिग्रहण और संबंधित विस्थापितों के पुनर्वास और पुनर्स्थापन के लिए केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल एक अधिनियम लाया गया, जिसे ‘भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुन:स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम 2013’ नाम दिया गया। ध्यान रखने की बात है कि यह अधिनियम कई जन-संघर्षों और आंदोलनों के फलस्वरूप वजूद में आ सका। संसद में सभी राजनीतिक दलों की सहमति से यह विधेयक पारित हुआ और इसे एक अप्रैल, 2014 से पूरे देश में लागू किया गया। आज सरकारें अधिक पारदर्शी और संवेदनशील कानून के तहत भूमि अधिग्रहण कर रही हैं फिर भी भूमि अधिग्रहण मामले में आज भी पर्याप्त सजगता की आवश्यक है।
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7 November 2014प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हफ्ते कई श्रम सुधार कार्यक्रम पेश किए। श्रमेव जयते योजना पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से जारी की गई है। इस योजना से पहले मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का स्थापित किया। इससे साबित होता है कि मोदी के कार्यक्रमों और योजनाओं में एक दिशा और विजन काम करता है। प्रधानमंत्री मोदी ने श्रम की ताकत को अपने भाषण में स्थापित भी किया है। उनका कहना था कि जितनी ताकत सत्यमेव जयते की है, उतनी ही ताकत श्रमेव जयते की है। मोदी ने ‘श्रमेव जयते’ के तहत कई योजनाएं पेश कीं, जिनमें कर्मचारी भविष्य निधि के लिए यूनिवर्सल अकाउंट नंबर के जरिए पोर्टेबिलिटी, आदि शामिल हैं। ये सभी कदम सरकार की विकास संबंधी पहल को बताते हैं। मजदूरी खत्म करने के लिए एक विधेयक पेश करने के लिए संशोधन लाने की योजना को बनाने की बात की गई है। यह सही है कि गरीब लोग ईपीएफ के बाजिब हकों से लाभान्वित नहीं हो पाते थे। वैसे भी देश में करीब 27 हजार करोड़ रुपए ईपीएफ में जमा हैं जिनका कोई दावेदार नहीं है। यह सभी उन गरीब अनपढ़ और प्रवास करने वाले मजदूरों के हैं जो कंपनी कानून के तहत अपना ईपीएफ अंशदान करते हैं लेकिन इसे समय पर निकाल नहीं पाते। यह गरीब कर्मचारियों की मेहनत का पैसा है। यह सही है कि नए सुधारों से कर्मियों का पीएफ सुरक्षित रहेगा, वे कहीं भी नौकरी करने जाएंगे पर उनका अकाउंट नम्बर नहीं बदलेगा और उनके पीएफ की राशि जरूरत में मिल जाएगी, डूबेगी नहीं। बेरोगजारों को रोजगार उपलब्ध होगा और प्रशिक्षण प्राप्त कर वह दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध करा सकेंगे। श्रमेव जयते स्कीम में श्रमिकों के हितों की रक्षा होगी और शोषण बंद होगा। स्किल डवलपमेंट से युवाओं में मनोबल बढ़ेगा। आॅनलाइन इंटरनेट पर सभी जानकारी उपलब्ध होने व समस्याओं का निराकरण होने से लोगों की परेशानी कम होगी। लेकिन असल बात है कि हमें ऐसे लोगों के बारे में सजगता का प्रदर्शन करना होगा जो लोग या संस्थान श्रमिकों का शोषण करते हैं। प्रधानमंत्री औपचारिक और अनुपयोगी कानूनों को लगातार खतम कर रहे हैं। मोदी ने इन श्रम कानूनों के बारे में बात करते हुए कहा कि लेबर इंस्पेक्टर किस फैक्टरी का निरीक्षण करने के लिए जाएगा तो वह पूर्व से तय नहीं होगा और उसे 72 घंटे के में रिपोर्ट देना होगी। सतर्कता और सजगता मोदी के काम काज की पहचान बन चुकी है और इससे साबित होता है कि प्रधानमंत्री को अपने काम की दशा और दिशा दोनों का सही अनुमान है। वे श्रम कानूनों का आधुनिक प्रवृत्तियों के अनुरुप बदलाव कर रहे हैं। आज कुशल अकुशल श्रमिक आवश्यकता अनुरूप अपने श्रम को बेचता है। अब बंधन की जगह कुशलता का मामला बन रहा है।
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19 October 2014प्रमोद भार्गवविकास और सुशासन के दावों के बीच मध्यप्रदेश भूख और कुपोषण में अव्व्ल है। ऐसा तब है, जब मध्यप्रदेश ने अनाज की ज्यादा पैदावार के चलते लगातार दूसरी बार कृषि कर्मण पुरूस्कार जीता है। ‘‘भारतीय राज्य भूख सूचकांक’’ के मुताबिक भूखमरी के मामले में मध्यप्रदेश देश में पहले स्थान पर है। यहां भुखमरी का प्रतिशत 30.9 प्रतिशत है। देश में भुखमरी की दर 23.3 फीसदी है। मध्यप्रदेश के बाद झारखण्ड में 28.7, विहार 27.3, छत्तीसगढ़ 26.6, गुजरात 24.7, उत्तरप्रदेश 22.1 और पश्चिम बंगाल में 21.10 फीसदी लोग भुखमरी की चपेट में हैं। इस सर्वे के निष्कर्ष तीन बिंदुओं के आधार पर निकाले गए हैं। इनमें कुपोषित लोगों की संख्या, कम वजन वाले बालकों की संख्या और पांच वर्ष तक के बच्चों की बाल मृत्युदर के आंकड़ों को आधार बनाया गया है।प्रदेश भर के बालक-बालिकाओं के मुंहबोले मामा बने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सार्वजनिक मंचों पर बच्चों को गोद में लेकर दावा करते हैं, कि इनकी सेहत, शिक्षा, विवाह और रोजगार की गांरटी इस मामा पर है। ये दावे थोथे साबित हुए हैं। हालांकि इस सर्वे के पहले सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कुपोषण से एक साल के भीतर मरने वाले बच्चों की जो जानकारी विधानसभा में दी थी, उतने बच्चे किसी और प्रदेश में कुपोषण के कहर से अकाल मौत की गोद में नहीं सोए हैं। जनवरी 2012 से 31 दिसंबर 2012 तक मरने वाले बच्चों की यह संख्या 21,418 है। इन मौतों में 6 साल से कम के 20,086 और 6 से 12 आयु वर्ग के 1332 बच्चे शामिल हैं। यह उस प्रदेश की हालत है, जहां कुपोषित बच्चों के संरक्षण के लिए केंद्रीय योजनाओं के अलावा, मध्यप्रदेश में भी बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य की दृष्टि से 30 योजनाएं चल रही हैं। जिनका मकसद मां और बच्चे की जीवन-रक्षा के लिए उत्तम सेवाएं देना है। लेकिन ये दावे कितने कागजी हैं, इसकी तसदीक खुद स्वास्थ्य मंत्री और भारतीय राज्य भूख सूचकांक ने कर दी है। यह विरोधाभास इसलिए हैरत में डालने वाला है क्योंकि प्रदेश के किसान और मजदूरों की बदौलत ही प्रदेश सरकार कृषि कर्मण पुरूस्कार हासिल कर पाई है।गरीब के लाचार व मासूम नौनिहाल उपचार की आधुनिक सुविधाओं व बेहतर तकनीकी तरीकों के बावजूद स्वास्थ्य केंद्रों की देहरी पर दम तोड़ रहे हैं। कुपोषण और उसके प्रभाव से शरीर में अनायास पैदा हो जाने वाली बीमारियों से प्रदेश में औसतन 58 बच्चे रोजाना प्राण गंवा रहे हैं। कुपोषण की सहायक बीमारियों में निमोनिया, हैजा, बुखार, खसरा, तपेदिक, डायरिया, रक्तअल्पता और चेचक शामिल हैं। ये हालात पिछले पांच साल से बद् से बद्तर होते जा रहे हैं। प्रदेश में सबसे बद्तर स्थिति सतना जिले में है। जबकि यहां यूनिसेफ द्वारा चलाए जा रहे सीक न्यूबोर्न केयर यूनिट में ही 2010 में केवल चार माह के भीतर 117 नवजात शिशु मौत की गोद में समा गए थे। 2011 में इस जिले में कुपोषण से 2001 बच्चों के मरने का सरकारी आंकड़ा आया था। सतना के बाद दूसरे नंबर पर बैतूल जिला है, जहां इसी अवधि में 1071 बच्चे मरे। इसके बाद तीसरे नंबर पर छतरपुर जिला आता है, जहां 1012 बच्चों की मौतें हुईं।मध्यप्रदेश, कुपोषण से मरने वाले बच्चों की संख्या में ही अव्वल नहीं है, औसत से कम वजन के बच्चे भी यहां सबसे ज्यादा हैं। यहां पांच साल से कम उम्र के 60 फीसदी बच्चे सामान्य से कम वजन के हैं। जबकि ऐसे बच्चों का राष्ट्रीय औसत 42.5 फीसदी है। प्रदेश के अनुसूचित जाति के बच्चों का तो और भी बुरा हाल है। ऐसे 71 फीसदी बच्चे सामान्य से कम वजन के हैं, जबकि ऐसे बच्चों का राष्ट्रीय औसत 54.5 प्रतिशत है। प्रदेश के शहरी इलाकों में ऐसे बच्चों की संख्या 51.3 प्रतिशत है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 62.7 प्रतिशत है। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री कृष्णा तीरथ की ओर से लोकसभा में पेश किए गए ये आंकड़े प्रदेश के नौनिहालों का हाल बयान करने के लिए काफी हैं। यह जमीनी हकीकत, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-तृतीय की रिपोर्ट में दर्ज आंकड़ों से सामने आई है।ये हालात तब हैं, जब प्रदेश में ब्रिटेन के अंतरराष्ट्रीय विकास विभाग के सहयोग से, उसी की मर्जी के मुताबिक करीब ढाई सौ पोषण पुनर्वास केंद्र चल रहे हैं। इसके अलावा नवजात शिशुओं को कुपोषण मुक्ति के लिहाज से प्रदेश के छह जिला चिकित्सालयों में यूनिसेफ की मदद से एसएनसीयू चलाए जा रहे हैं। जल्दी ही यह सुविधा प्रदेश के आधे जिलों में विस्तार पाने जा रही है। गैर सरकारी संगठन भोजन का अधिकार अभियान और स्पंदन के सर्वे भी इस बात की पुष्टि करते हैं कि मध्यप्रदेश में भूख और कुपोषण के हालात दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं।कुपोषित बच्चों की ज्यादा संख्या उन जिलों में है, जो आदिवासी बहुल हैं और जो आसानी से कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। आधुनिकता व शहरीकरण का दबाव, बड़े बांध और वन्य-प्राणी अभ्यारण्यों के संरक्षण की दृष्टि से बड़ी संख्या में विस्थापन का दंष झेल रही ये जनजातियां कुपोषण व भूख की गिरफ्त में हैं। इस कारण इनकी आबादी घटने के भी आंकड़े 2011 की जनगणना में सामने आए हैं। सरकार अकसर हकीकत पर पर्दा डालने की दृष्टि से बहाना बनाती है कि ये मौतें कुपोषण से नहीं बल्कि खसरा, डायरिया अथवा तपेदिक से हुई हैं। लेकिन ये बेतुकी दलीलें हैं। कुपोषण और कुपोषणजन्य बीमारियां अल्पपोषण से ही शिशु-शरीर में उपजती हैं। यहां गौरतलब है कि राज्य में आज भी करीब 4225 आदिवासी बस्तियों में लोग समेकित बाल विकास योजना के लाभ से वंचित हैं। इस पर भी हैरानी है कि ज्यादातर आदिवासी बस्तियों में मौजूद प्राथमिक स्वास्थ्य व आंगनबाड़ी पोषण-आहार केंद्र महीनों खुलते ही नहीं हैं। यही हाल प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में बांटे जाने वाले मध्यान्ह भोजन का है। इस पर भी विसंगति है कि स्वास्थ्य के मद में सरकार एक व्यक्ति पर साल भर के लिए महज 125 रुपए खर्च करती है। तय है ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र बदहाल रहेंगे ही ?बच्चों में भूख से उपजे कुपोषण की जवाबदेही मध्यप्रदेश का प्रशासनिक नेतृत्व लेना नहीं चाहता। इसलिए भूख और कुपोषण जैसे मुद्दे किसी भी राजनैतिक दल के घोषणा पत्र में शामिल नहीं रहते हैं। लिहाजा सरकारें मौतों का कारण कुपोषण की बजाय कुपोषणजन्य बीमारियों, अंधविष्वास और परिजनों की लापरवाही पर डाल देते हैें। जबकि चिकित्सा विज्ञान अपने निष्कर्षों से यह सिद्ध कर चुका है कि यदि कुपोषित बच्चों में कुपोषणजन्य बीमारियां घर कर जाती हैं, तो उनके मरने की संख्या आठ गुना बढ़ जाती है। देश महाशक्ति और प्रदेशों में विकास की होड़ ने अमीरी और गरीबी के बीच इतना फासला बढ़ा दिया है कि गरीब चिकित्सा, साफ पानी, पौष्टिक आहार और आजीविका के जरुरी संसाधनों से लगातार वंचित होता चला जा रहा है। लिहाजा स्वास्थ्य लाभ हासिल करने जैसे मामलों में आर्थिक रुप से कमजोर लोगों की परेशानियां बढ़ रही हैं, उसी अनुपात में भूख और कुपोषण का दायरा भी सुरसामुख की तरह फैलता जा रहा है।[दखल]
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24 September 2014दर्शन-शास्त्र पर विश्व का यह पहला विश्वविद्यालय दर्शन-शास्त्र विशेषकर बौद्ध और भारतीय दर्शन पर केन्द्रित विश्व के पहले साँची बौद्ध एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय में इसी साल अक्टूबर से अध्यापन शुरू हो जायेगा। प्रारंभ में 8 सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम शुरू किये जा रहे है। इनमें प्राकृत एवं जैन अध्ययन, संस्कृत भाषा अध्ययन, बौद्ध धर्म, भारत में योग परम्परा, धर्मों का तुलनात्मक अध्ययन, भारतीय दर्शन, कश्मीरी शैववाद थ्योरी एण्ड प्रेक्टिस तथा हिन्दू एवं बौद्धिस्ट तंत्र शामिल हैं।इन पाठ्यक्रमों में पढ़ाने वाले प्रोफेसर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त शिक्षाविद हैं। इनमें से कोई भी कुलपति के स्तर से कम नहीं है। इन आवासीय पाठ्यक्रमों को पढ़ाने वाले प्रोफेसरों में अमेरिका, जर्मनी और तिब्बत सहित भारत के प्रोफेसर शामिल हैं। दो माह के इन पाठ्यक्रमों में प्रत्येक में 25 से 30 विद्यार्थी होंगे। अभी विश्वविद्यालय में 5 स्कूल हैं और 3 स्कूल शुरू कर दिये जायेंगे। सुश्री शशिप्रिया कुमार को विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया है, जो पहले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग की डीन थीं। विश्वविद्यालय के चांसलर सेन्डोंग रिन्पुचे हैं, जो तिब्बत के रहने वाले हैं। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में रह रहे हैं। वह निर्वासित तिब्बती सरकार के पहले प्रधानमंत्री थे। विश्वविद्यालय के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर का मेन्टर ग्रुप गठित किया गया है, जिनमें विश्व भर के लब्धप्रतिष्ठित विद्वान शामिल हैं।प्रारंभ में विश्वविद्यालय में 5 स्कूल शुरू किये गये हैं। इनमें बौद्ध दर्शन स्कूल, सनातन धर्म एवं भारतीय ज्ञान अध्ययन, अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध धर्म अध्ययन, तुलनात्मक धर्म और भाषा, साहित्य एवं कला स्कूल शामिल हैं। शीघ्र ही भाषा, साहित्य और कला स्कूल को दो भाग में विभाजित कर दिया जायेगा और 3 नये स्कूल खोले जायेंगे। इनमें सभ्यताओं का अध्ययन, पश्चिमी दर्शन और फ्यूचरॉलाजी स्कूल शामिल हैं।अगले सत्र से विश्वविद्यालय में 3 विदेशी भाषा के अध्यापन का कार्य शुरू किया जायेगा। इनमें चीनी, तिब्बती और सिंहली (श्रीलंका) शामिल हैं। विश्वविद्यालय में वैकल्पिक शिक्षा प्रणाली केन्द्र भी स्थापित होगा। विश्वविद्यालय की वेबसाइट को अभी तक 62 देश हिट कर चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या अमेरिका की है।उल्लेखनीय है कि इस विश्वविद्यालय को मध्यप्रदेश शासन ने 100 एकड़ जमीन उपलब्ध करवाई है और 353 पद स्वीकृत किये हैं। विश्वविद्यालय भवन की लागत लगभग 400 करोड़ रुपये है। यह भवन भोपाल के पास सलामतपुर के निकट ढकना-चिकना गाँव में स्थापित हो रहा है। भवन की आधारशिला श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे और भूटान के प्रधानमंत्री जिग्मे वाय. थिनले ने 20 सितम्बर, 2012 को रखी थी।
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2 August 2014-संजय द्विवेदीनिंदनीयः देश के ख्यातिनाम लेखक एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित श्री यू.आर. अनंतमूर्ति के चुनाव पूर्व दिए गए बयान (‘मोदी प्रधानमंत्री बने तो मैं देश छोड़ दूंगा’) नाते उन्हें डराना-धमकाना या करांची का बुक कराने की हरकतें शर्मनाक हैं। जबकि श्री अनंतमूर्ति पहले ही कह चुके हैं कि यह बात उन्होंने भावना में बहकर कही थी। अपने ताजा बयान में उन्होंने साफ कहा है कि-“ इस बार मेरा मानना है कि मोदी युवाओं के बीच काफी आकर्षक थे क्योंकि वे बढ़ते चीन, अमेरिका या किसी देश की तरह मजबूत राष्ट्र चाहते थे। मेरा मानना है कि यह राष्ट्रीय भावना है जिससे वे सत्ता में आए हैं।” (जनसत्ता,22 मई,2014) मुझे लगता है कि श्री अनंतमूर्ति यह बयान न भी देते तो भी उन्हें सम्मान मिलना चाहिए। वे हमारे समय के एक बड़े लेखक हैं। असहमति किसी भी लोकतंत्र का सौंदर्य है। हमारे परिवार के बुर्जुगों और विद्वानों का सम्मान तो हमें हमारी संस्कृति ही सिखाती है। कई बार बड़ों का गुस्सा ही आशीष बन जाता है। जो उन्हें कराची का टिकट भेज रहे हैं- वे भारत को नहीं समझते, ना ही इसकी लोकतांत्रिकता का मान करते हैं। वे राजनीतिक नहीं असामाजिक तत्व हैं और खबरों में आने के लिए ऐसी हरकतें कर रहे हैं। लेखक बिरादरी को अपने हीरो अनंतमूर्ति के साथ खड़ा होना चाहिए। स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी कह चुके हैं कि चुनाव बीत चुके हैं, अब कड़वी बातों और संवादों का वक्त खत्म हो चुका है। हमें मिलकर इस देश के सपनों और युवाओं की आकांक्षाओं के लिए काम करना है। जनता जनार्दन ने जब श्री नरेंद्र मोदी को अभूतपूर्व बहुमत दे दिया है तो उनके चाहने वालों को भी अपेक्षित संयम और गरिमा का परिचय देना चाहिए,जैसा कि श्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों और कार्यों में दे रहे हैं। संवाद, आलोचना और चर्चा से ही कोई लोकतंत्र जीवंत होता है। मैंने श्री अनंतमूर्ति के पूर्व विवादित बयान पर स्वयं एक लेख लिखकर इसकी आलोचना की थी। किंतु समय के इस मोड़ पर मैं अपनी वैचारिक असहमति के बावजूद आदरणीय अनंतमूर्ति जी के साथ खड़ा हूं। उनके स्वस्थ और दीर्ध जीवन की कामना करता हूं। ऐसे सम्मानित बुर्जुगों की मौजूदगी ही हमारे लेखक समुदाय का संबल है। मैनें नौ अप्रैल को लिखा था , देश के तमाम जाने- माने बुद्धिजीवियों ने एक दिल्ली में 7 अप्रैल को प्रेस क्लब आफ इंडिया की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में न सिर्फ भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को जी-भर कर कोसा वरन एक साझा बयान पर हस्ताक्षर भी किए (जनसत्ता, 8 अप्रैल,2014)। भारतीय बुद्धिजीवियों की यह लीला न पहली है न अंतिम बल्कि इससे पता चलता है कि समाज में चल रहे आलोड़न और अपनी जड़ों से वे कितने उखड़े हुए हैं। हमारे बुद्धिजीवियों का यही शुतुरमुर्गी चरित्र और मुद्दों पर चयनित दृष्टिकोण देश का सबसे बड़ा संकट है। सवाल यह उठता है कि पिछले दस सालों में मनमोहन-चिदंबरम-मोंटेंक सिंह अहलूवालिया की आर्थिक कलाबाजियों, निरंतर भ्रष्टाचार के बीच सिसकते हिंदुस्तान के साथ कितनी बार ये हस्ताक्षर करने वाले बुद्धिजीवी नजर आए? यहां तक की अन्ना के आंदोलन में भी देश की पीड़ा के स्वर देने के लिए ये महापुरूष अपने ही बनाए स्वर्गों में अटके रहे। यूआर अनंतमूर्ति, अशोक वाजपेयी, नामवर सिंह, के. सच्चिदानंद, प्रभात पटनायक से लेकर इस बयान पर हस्ताक्षर करने वाले लगभग दो दर्जन बुद्धिजीवियों की वीरता तब कहां थी जब मुलायम सिंह यादव के राज में हर महीने एक दंगा हो रहा था। ये महापुरूष कश्मीरी पंडितों के पलायन को लेकर कितनी बार हस्ताक्षर अभियान और गोष्ठियां करते नजर आए? क्या कश्मीर के पाप के लिए आज तक किसी नेता कश्मीरी उलेमा ने माफी मांगी ? सही मायने में यह वे कायर जमातें हैं जो समय के सवालों से मुंह चुराते हुए अपनी सड़ी हुयी वैचारिकी और न समझ में आने वाली भाषा में एकालाप की अभ्यासी हो चुकी है। तीन दशकों तक पश्चिम बंगाल को अपने ‘वैचारिक सुराज’ से आलोकित करने वाले ये लोग किस मुंह से गुजरात और उसके मुख्यमंत्री की आलोचना के अधिकारी हैं? यू आर अनंतमूर्ति कहते हैं कि “मोदी सत्ता में आए तो हम अपने लोकतांत्रिक और नागरिक अधिकार खो बैठेंगें।“ उन्हें याद करना चाहिए कि एक बार इस देश में श्रीमती इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू कर हमारे लोकतांत्रिक और नागरिक अधिकार छीने थे तो उस संघर्ष की अगुवाई वामपंथियों ने नहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ के कार्यकर्ताओं ने की थी। संघ परिवार तो लोकतंत्र की मुक्ति के लिए लड़ने वाला परिवार रहा है जबकि हमारे बुद्धिजीवी संघर्ष की वेला में शुतुरमुर्गी शैली में रेत में सिर छिपा कर लुप्त हो जाते हैं। आज मोदी को कारपोरेट समर्थक बताकर कोसने वालों की नजर में सोनिया गांधी और उनके नामित प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कैसे कारपोरेट विरोधी नजर आने लगे हैं? मनमोहन सिंह ही इस देश में मनुष्य विरोधी आर्थिक नीतियों के प्रेरणाश्रोत और प्रारंभकर्ता हैं। आखिर क्या कारण है जिन मनमोहन सिंह ने खुदरा क्षेत्र में एफडीआई लागू की, उनके खिलाफ ये बुद्धिजीवी कोई बयान देते नजर नहीं आए और जिस नरेंद्र मोदी ने खुदरा में एफडीआई न लाने का वायदा किया है, वो कारपोरेट समर्थक हो गया। अफसोस तो यह है कि हमारे बुद्धिजीवियों की अपनी कोई राय है नहीं। वे स्वतंत्र चिंतन के बजाए ‘मोदी फोबिया’ से ग्रस्त हैं। वे दंगों से भी पीड़ित नहीं हैं। वे मुलायम के दंगों, 84 में सिखों के नरसंहार, भागलपुर, मलियाना से लेकर 1947 से लेकर कितनी बार हुए दंगों से पीड़ित नहीं हैं। उनके लेखन में भी यह पीड़ा कभी उभरकर नहीं आती वे तो बस मोदी के दंगों से पीड़ित हैं। यह जाने बिना कि आखिर गुजरात का दंगा हुआ क्यों? गुजरात के दंगे गोधरा के भीषण नरमेघ की प्रतिक्रिया में हुए थे। उस घटना के बाद गुजरात जल उठा। आखिर सेकुलर राजनीति चैंपियन मुलायम सिंह के राज में दंगें क्यों हो रहे हैं? क्या कारण है कि मुलायम सिंह दंगों की सीरीज के बावजूद सेकुलर राजनीति के मसीहा बने हुए हैं और मोदी जिनके राज में 2002 के बाद कोई दंगा नहीं हुआ वे सेकुलर बुद्धिजीवियों के निशाने पर हैं? सही मायने में हमारे बुद्धिजीवी मोदी के खिलाफ ‘सुपारी किलर्स’ की तरह व्यवहार कर रहे हैं। आखिर यह सुपारी किसने दी है? वे कौन होते हैं भारत के एक राज्य के तीसरी बार निर्वाचित मुख्यमंत्री के खिलाफ इस प्रकार विष वमन करने वाले और लोगों को गुमराह करने वाले? भारत की जनता की समझ क्या इतनी भोथरी है कि वह सही और गलत का फैसला न कर सके। आखिर क्या कारण है देश के तमाम चुनावों में ये बुद्धिजीवी इतनी रुचि नहीं दिखाते किंतु नरेंद्र मोदी के खिलाफ ये तुरंत एकजुट हो गए। इसमें कहीं न कहीं संदेह उपजता है कि ये बुद्धिजीवी भारतीय लोकतंत्र और उसके नागरिकों के शुभचिंतक नहीं हैं। देश में पिछले दस सालों में क्या कुछ नहीं हुआ। महंगाई, भ्रष्टाचार और कदाचार के प्रतिदिन होते प्रसंगों पर, नक्सलियों के आतंक और आतंकियों की वहशत पर हमारे बुद्धिजीवियों की क्या भूमिका रही है? कहने की आवश्यक्ता नहीं है। आखिर नरेंद्र मोदी अगर देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो इस देश के संविधान की शपथ लेकर और जनसमर्थन के बाद ही बनेंगें। क्या हमें अपने संविधान,संसद, न्याय व्यवस्था पर भरोसा नहीं है? क्या नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ऐसा कुछ किया है, जिसके प्रमाण इन बुद्धिजीवियों के पास हैं? सिर्फ अपने राजनीतिक विरोधों और राजनीतिक दुराग्रहों के आधार पर मोदी को लांछित करना ठीक नहीं हैं। बहुत दिन नहीं हुए जब 90 के दशक की राजनीति में लालकृष्ण आडवानी को ऐसे ही सांप्रदायिक फ्रेम में कसा जाता था। आज वे भी सेकुलर नेताओं के दुलारे हैं। अटलबिहारी वाजपेयी की सरकार बनने के पहले ऐसी ही आशंकाएं उनकी सरकार को लेकर भी जतायी जाती थीं। आज भी भाजपा देश के कई राज्यों गुजरात, मप्र, छत्तीसगढ़, गोवा में सत्ता में है, पंजाब में वह सहयोगी दल है। बिहार में जेडीयू की सहयोगी रही है। उप्र, कर्नाटक,महाराष्ट्र में उसकी सरकारें रही हैं। क्या वे सरकारें अल्पसंख्यकों से भेद करती नजर आयीं। क्या वे संविधान को तोड़ती नजर आयीं। जाहिर तौर पर नहीं। भाजपा और उसकी सरकारों का कामकाज कमोबेश अन्य दलों की सरकारों जैसा ही रहा है। कई मायने में बेहतर भी। दिल्ली से लेकर राज्यों तक में भाजपा के साथ सत्ता का अनुभव देश और सहयोगी दलों सबको है। आज देश की राजनीति में भाजपा अश्पृश्य नहीं है। वह देश की एक ऐसी पार्टी है जिसने अपने भौगोलिक और राजनीतिक विस्तार किया है। विविध समाजों और पंथों और क्षेत्रों तक उसकी पहुंच बनी है। वही है जो राष्ट्रपति पद के लिए डा. एपीजे कलाम को चुन सकती है और एक ईसाई आदिवासी पीए संगमा का समर्थन कर सकती है। वही है जो कश्मीर पंडितों की पीड़ा और उनके आर्तनाद में साथ खड़ी हो सकती है। वही है जिसके जिसके लिए अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक की परिभाषाएं बेमानी है। भारतीयता उसके केंद्र में है। इसे वे नहीं समझ सकते जो विदेश विचारों,विदेशी सोच और विदेशी पैसों के बल पर सोचते और बोलते हैं। कोई भी विचारधारा देश से बड़ी नहीं होती। किंतु फिर भी कुछ लोगों के लिए चीन युद्ध के समय चीन के चेयरमैन माओ उनके भी चेयरमैन लगते रहे हैं। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण उनके लिए राजनीतिक नारा हो सकता है। किंतु जिन्हें देश की, उसके इतिहास की समझ नहीं है, उन्हें तो सरदार पटेल द्वारा सोमनाथ का उद्धार भी एक राजनीति ही लगेगा। देश के बुद्धिजीवियों से देश इसीलिए निराश है। क्योंकि वे राजनीति के आगे चलने वाली मशाल बनने के बजाए खुद राजनीति का हिस्सा बन गए हैं। ऐसी राजनीति का हिस्सा जिसे इस देश के मन की थाह नहीं है। ऐसी राजनीति जो बंटवारे और टुकड़े करने में भरोसा रखती है। उसे नरेंद्र मोदी रास कहां आएंगें? उन्हें तो मनमोहन सिंह, गुजराल, देवगौड़ा या कुछ भी दे दीजिए वे सह लेगें पर वे एक नरेंद्र मोदी को नहीं सह सकते क्योंकि उन्हें पता है कि मोदी का मतलब एक ऐसी विचारधारा है जिसके लिए राष्ट्र सर्वोपरि है जबकि इनकी परिभाषा में भारत एक राष्ट्र है ही नहीं। इनका बस चले तो ये कश्मीर पाकिस्तान को, छ्त्तीसगढ़ माओवादियों को और अरूणाचल चीन को सौंप दें। ऐसे बुद्धिजीवी इस देश को नहीं चाहिए, हम बुद्धिहीन ही सही पर देश नहीं बंटने नहीं देंगें। इसीलिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की आवाज जब प्रचार माध्यमों पर गूंजती है- ‘मैं देश नहीं झुकने दूंगा’ तो इन बुद्धिवादियों को दर्द सबसे ज्यादा होता है, किंतु हर आम हिंदुस्तानी इस पर मंत्र झूम उठता है, झूमता रहेगा।[दखल]
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12 June 2014सामाजिक परिवर्तन और बदलाव की संभावनाओं का प्रेरक है यह माध्यम-संजय द्विवेदी भारतीय समाज में किसी नए प्रयोग को लेकर इतनी स्वीकार्यता कभी नहीं थी, जितनी कम समय में सोशल मीडिया ने अर्जित की है। जब इसे सोशल मीडिया कहा गया तो कई विद्वानों ने पूछा अरे भाई क्या बाकी मीडिया अनसोशल है? अगर वे भी सामाजिक हैं,तो यह सामाजिक मीडिया कैसे? किंतु समय ने साबित किया कि यह वास्तव में सोशल मीडिया है। पारंपरिक मीडिया की बंधी-बंधाई और एकरस शैली से अलग हटकर जब भारतीय नागरिक इस पर विचरण करने लगे तो लगा कि रचनात्मकता और सृजनात्मकता का यहां विस्फोट हो रहा है। दृश्य, विचार, कमेंट् और निजी सृजनात्मकता के अनुभव जब यहां तैरने शुरू हुए तो लोकतंत्र के पहरूओं और सरकारों का भी इसका अहसास हुआ। आज वे सब भी अपनी सामाजिकता के विस्तार के लिए सोशल मीडिया पर आ चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं भी कहा कि “सोशल मीडिया नहीं होता तो हिंदुस्तान की क्रियेटिविटी का पता ही नहीं चलता।” सोशल मीडिया अपने स्वभाव में ही बेहद लोकतांत्रिक है। जाति, धर्म, भाषा, लिंग और रंग की सीमाएं तोड़कर इसने न सिर्फ पारंपरिक मीडिया को चुनौती दी है वरन् यह सही मायने में आम आदमी का माध्यम बन गया है। इसने संवाद को निंरतर, समय से पार और लगातार बना दिया है। इसने न सिर्फ आपकी निजता को स्थापित किया है वरन एकांत को भी भर दिया है। सूचनाएं आज मुक्त हैं और वे इंटरनेट के पंखों पर उड़ रही हैं। सूचना 21 वीं सदी की सबसे बड़ी ताकत बनी तो सोशल मीडिया, सभी उपलब्ध मीडिया माध्यमों में सबसे लोकप्रिय माध्यम बन गया। सूचनाएं अब ताकतवर देशों, बड़ी कंपनियों और धनपतियों द्वारा चलाए जा रहे प्रचार माध्यमों की मोहताज नहीं रहीं। वे कभी भी वायरल हो सकती हैं और कहीं से भी वैश्विक हो सकती हैं। स्नोडेन और जूलियन असांजे को याद कीजिए। सूचनाओं ने अपना अलग गणतंत्र रच लिया है। निजता अब सामूहिक संवाद में बदल रही है। वार्तालाप अब वैश्विक हो रहे हैं। इस वचुर्अल दुनिया में आपका होना ही आपको पहचान दिला रहा है। “ढाई आखर प्रेम का पढ़े सो पंडित होय” कहने वाले देश में अब एक वाक्य का विचार क्रांति बन रहा है। यही विचार की ताकत है कि वह किताबों और विद्वानों के इंतजार में नहीं है। सोशल साइट्स का समाजशास्त्र अलग है। यहां ट्वीट फैशन भी है और सामाजिक काम भी। फेसबुक और ट्विटर नए गणराज्य हैं। इस खूबसूरत दुनिया में आपकी मौजूदगी को दर्ज करते हुए गणतंत्र। एक नया भूगोल और नया प्रतिपल नया इतिहास रचते हुए गणतंत्र। निजी जिंदगी से लेकर जनांदोलन और चुनावों तक अपनी गंभीर मौजूदगी को दर्ज करवा रहा ये माध्यम, सबको आवाज और सबकी वाणी देने के संकल्प से लबरेज है। कंप्यूटर से आगे अब स्मार्ट होते मोबाइल इसे गति दे रहे हैं। इंटरनेट की प्रकृति ही ऐसी है कि वह डिजीटल गैप को समाप्त करने की संभावनाओं से भरा –पूरा है। यहां मनुष्य न तो सत्ता का मोहताज है, न ही व्यापार का। कोई भी मनुष्यता सहअस्तित्व से ही सार्थक और जीवंत बनती है। यहां यह संभव होता हुआ दिख रहा है। अपने तमाम नकारात्मक प्रभावों के बावजूद इसके उपयोग के प्रति बढ़ती ललक बताती है कि सोशल मीडिया का यह असर अभी और बढ़ने वाला है। 2014 के अंत तक मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले साढे सात करोड़ हो जाएंगें। यह विस्तार इस माध्यम को शक्ति देने वाला है। इसे टाइम किलिंग मशीन और धोखे का बाजार कहने वाले भी कम नहीं हैं। अपसंस्कृति के विस्तार का भी इसे दोषी माना जाने लगा है। व्यक्ति का हाइपरऐक्टिव होना, उसकी एकाग्रता में कमी,अवसाद और एबिलिटी में कमी जैसे दोष भी इस माध्यम को दिए जाने लगे हैं। इसके स्वास्थ्यगत प्रभावों, मनोवैज्ञानिक प्रभावों पर बातचीत तेज हो रही है। ऐसे में यह मान लेने में हिचक नहीं करनी चाहिए कि यहां मोती भी हैं और कीचड़ भी। झूठ, बेईमानी, अपराध और बेवफाई के किस्से हैं तो दूसरी तरफ निभ रही दोस्तियों की लंबी कहानियां हैं। हो चुकी और चल रही शादियों की लंबी श्रृंखला है। आज जबकि अस्सी प्रतिशत युवा सोशल नेटवर्क पर हैं, तो शोध यह भी बताते हैं कि दिन में इन माध्यमों के अभ्यासी 111 (एक सौ ग्यारह) बार मोबाइल चेक करते हैं। जाहिर तौर पर यह सच है तो एकाग्रता में कमी आना संभव है। आज देश के लगभग 22 करोड़ लोग इंटरनेट पर हैं। आप देखें तो कभी किसी भी माध्यम के प्रति इतना स्वागत भाव नहीं था। फिल्में आई तो अच्छे घरों के लोग न इसमें काम करते थे, ना ही वे फिल्में देखने जाते थे। मां-पिता से छिपकर युवा सिनेमा देखने जाते थे। टीवी आया तो उसे भी इडियट बाक्स कहा गया। टीवी को लगातार देखते हुए भी हिंदुस्तान उसके प्रति आलोचना के भाव से भरा रहा और आज भी है। किंतु सोशल मीडिया के प्रति आरंभ से ही स्वागत भाव है। इसके प्रति समाज में अस्वीकृति नहीं दिखती क्योंकि यह कहीं न कहीं संबंधों का विस्तार कर रहा है। संवाद की गुंजाइश बना रहा है। रहिए कनेक्ट के नारे को साकार कर रहा है। इसके सही और सार्थक इस्तेमाल से छवियां गढ़ी जा रही हैं, चुनाव लड़े और जीते जा रहे हैं। समाज में पारदर्शिता का विस्तार हो रहा है। लोग कहने लगे हैं। प्रतिक्रिया करने लगे हैं। इसके साथ ही हमें यह भी समझना होगा किसी भी माध्यम का गलत इस्तेमाल हमें संकट में ही डालता है। यह समय इंफारमेशन वारफेयर का भी है और साइको वारफेयर का भी। इस दौर में सूचनाएं मुक्त हैं और प्रभावित कर रही हैं। यहां संपादक अनुपस्थित है और रिर्पोटर भी प्रामाणिक नहीं हैं। इसलिए सूचनाओं की वास्तविकता भी जांची जानी चाहिए। कई बार जो संकट खड़े हो रहे हैं, वह वास्तविकता से दूर होते हैं। सोशल मीडिया की पहुंच और प्रभाव को देखते हुए यहां दी जा रही सूचनाओं के सावधान इस्तेमाल की जरूरत भी महसूस की जाती है। इसे अफवाहें, तनाव और वैमनस्य फैलाने का माध्यम बनाने वालों से सावधान रहने की जरूरत है। हमारे साईबर कानूनों में भी अपेक्षित गंभीरता का अभाव है और समझ की भी कमी है। इसके चलते तमाम स्थानों पर निर्दोष लोग प्रताड़ित भी रहे हैं। पुणे में एक इंजीनियर की हत्या सभ्य समाज पर एक तमाचा ही है। ऐसे में हमें एक ऐसा समाज रचने की जरूरत है जहां संवाद कड़वाहटों से मुक्त और निरंतर हो। जहां समाज के सवालों के हल खोजे जाएं न कि नए विवाद और वितंडावाद को जन्म दिया जाए। सोशल मीडिया में समरस और मानवीय समाज की रचना की शक्ति छिपी है। किंतु उसकी यह संभावना उसके इस्तेमाल करने वालों में छिपी हुयी है। इसका सही इस्तेमाल ही हमें इसके वास्तविक लाभ दिला सकता है। सामाजिक सवालों पर जागरूकता और जनचेतना के जागरण में भी यह माध्यम सहायक सिद्ध हो सकता है। आम चुनावों में राजनीतिक दलों ने इस माध्यम की ताकत को इस्तेमाल किया और समझा है। आज युवा शक्ति के इस माध्यम में बड़ी उपस्थित के चलते इसे सामाजिक बदलाव और परिवर्तन का वाहक भी माना जा रहा है। सकात्मकता से भरे-पूरे युवा और सामाजिक सोच से लैस लोग इस माध्यम से उपजी शक्ति को भारत के निर्माण में लगा सकते हैं। ऐसे समय में जब सोशल मीडिया की शक्ति का प्रगटीकरण साफ है, हमें इसके सावधान, सर्तक और समाज के लिए उपयोगी प्रयोगों की तरफ बढ़ने की जरूरत है। यदि ऐसा संभव हो सका तो सोशल मीडिया की शक्ति हमारे लोकतंत्र के लिए वरदान साबित हो सकती है।[दखल] लेखक माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल में जनसंचार विभाग के अध्यक्ष हैं
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10 June 2014Mumbai – Smiling beautifully into the camera next to the words "I Am Hema Malini, and I Am Vegetarian", iconic actor, politician and long-time animal defender Hema Malini stars in a brand-new ad for her friends at People for the Ethical Treatment of Animals (PETA) India. The release of the studding ad, which was shot by ace photographer Dabboo Ratnani, coincides with Vegetarian Awareness Month. "Being vegetarian is the best road to good health", says Malini, who has appeared in more than 150 films in a stellar career spanning four decades. "Knowing that my food choices are helping the planet and animals, too, makes me happy." Malini is one of the most successful female film stars in the history of Indian cinema. She is also a member of India's Bharatiya Janata political party and now devotes much of her time to charitable and social ventures. This isn't the first time that Malini has helped PETA help animals. In 2009, she wrote on PETA's behalf to the Mumbai Municipal Commissioner urging him to ban cruel and dangerous horse carriages from the city's busy streets. Also, following Malini's plea to the government to end the cruel "sport" of jallikattu, the Ministry of Environment and Forests issued a notification that bulls can no longer be used as "performing animals". Malini was also named PETA's Person of the Year in 2011 for her animal-protection work. Every vegetarian saves the lives of many animals every year. Also, vegetarians are less likely to be afflicted with leading killers, such as heart disease, diabetes and cancer – all of which are major health problems in India. And raising animals for food is a leading cause of water pollution, land degradation and the greenhouse-gas emissions responsible for climate change.(dakhal)
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16 January 2014Benazir Suraiya Bollywood Action Star Says That His High Level of Physical and Mental Energy Is a Direct Result of Kicking the Meat Habit 15 Years Ago Mumbai – We couldn't take our eyes off Vidyut Jammwal in his 2011 debut film Force. And now, we can't wait to see the Bollywood star as the lead in the upcoming film Commando, which promises to showcase action like never before. But thanks to Vidyut's respect for his body and his compassion for animals, fans have a chance to see him in a whole new way. Flexing the muscles of his bare and chiselled upper body and wearing low-slung jeans next to the caption "Powered by Veggies! Go Vegetarian", Vidyut appears in a brand-new ad for People for the Ethical Treatment of Animals (PETA) India. The stunning ad was shot by ace photographer Haider Khan. Vidyut's hair was done by Yogesh Jadhav, and Pradeep Pandey did his make-up. Vidyut also sat down for an exclusive interview about how going vegetarian 15 years ago has made a difference in his life. The video can be viewed here and a broadcast-quality version is available here. "I believe that everybody should be vegetarian because it has a lot of benefits", says Vidyut, who is living proof of just how muscular and fit a vegetarian can be. "Being a vegetarian makes you agile, keeps you on your toes and doesn't make you feel lazy. I personally believe that being a vegetarian is the way because I have felt the changes – I have seen myself evolve as a human being, mentally as well as physically." Every vegetarian saves the lives of many animals every year. Also, vegetarians are less prone to heart disease, diabetes and cancer. And a UN report concluded that a global shift towards a vegan diet is necessary to combat the worst effects of climate change. Vidyut joins a growing list of actors, athletes and other celebrities – including Lara Dutta, Shahid Kapoor, Sonu Sood, Pankaj Advani, Anil Kumble, Amrita Rao, R Madhavan, Murali Kartik, Rahul Sharma and Monica Dogra – who have starred in pro-vegetarian ads for PETA India.(dakhal)
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13 April 2013केन्द्रीय पर्यटन मंत्री चिरंजीवी ने पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी योजना निधि का अपने राज्य के विभिन्न पर्यटक-स्थलों में पर्यटन ढाँचे के विकास में पूर्ण उपयोग करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार को बधाई दी है। मध्यप्रदेश इस योजना निधि का पूरा उपयोग करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।श्री चिरंजीवी ने मध्यप्रदेश में वर्ष 2013-14 के लिए पर्यटन विकास से संबंधित परियोजनाओं के बारे में आयोजित बैठक के बाद राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा परियोजनाओं को समय पर लागू करने और 11वीं पंचवर्षीय योजना (2010-11 तक) में जारी की गई राशि के उपयोग के लिए किए गए प्रयासों की सराहना की। प्रमुख सचिव पर्यटन मध्यप्रदेश एस.पी.एस. परिहार और प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम राघवेन्द्र कुमार सिंह इस अवसर पर मौजूद थे।मध्यप्रदेश, देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसने राशि उपयोग और कार्य पूर्ण होने के सभी प्रमाण-पत्र जमा कर दिए हैं। प्रदेश के पास भारत सरकार की कोई निधि बकाया नहीं है तथा उसके धन के उपयोग के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सभी निर्देशों का अनुपालन किया है। मध्यप्रदेश सरकार ने जारी किए गए धन का उपयोग मांडू, विदिशा, शिवपुरी, बुरहानपुर, महेश्वर, दतिया, इंद्रानगर, मंदसौर, हांडिया, बैतूल और चित्रकूट जैसे पर्यटक स्थलों के विकास पर किया है।(dakhal)
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7 February 2013· Standards already approved by PMO after public consultations· Any dilution will make a mockery of the decision-making process· Standards must be notified immediately to help curtail energy costs from cars and ensure energy security khyati gupta New Delhi, Centre for Science and Environment (CSE) has criticised a reported bid by the Indian car industry to reopen and dilute the proposed fuel economy standards. The standards have already been approved by the Prime Minister’s Office. The approved Corporate Average Fuel Consumption standards have laid down atarget of 18.15 km/litre (or 129.8 gm of CO2/km) in 2015 and 20.79 km/litre (or 113 gm of CO2/km) in 2020, after adjusting for increase in the average weight of the car fleet. However, according to sources, the car industry – which is said to be unhappy with these standards -- is trying to push the timeline of their implementation to 2018 and 2023. It is also making an effort to have the standards watered down. While the approved targets are aiming at 20 per cent CO2 reduction over 2010 levels in 2020, the car industry is proposing just 16 per cent reduction as late as 2023. The industry is also against adjusting the targets to account for the increase in average weight of the car fleet. It wants to keep lax margins for bigger cars. The average weight of the Indian car fleet is expected to increase in coming years. Bigger cars burn more fuel -- standards must account for this, says CSE. Says Anumita Roychowdhury, CSE’s executive director-research and advocacy and head of its air pollution team: “If these reported efforts by the industry are true, then they violate the sanctity of the decision-making process and make a mockery of the system. The approved proposal has been finalized after due diligence, inter-departmental deliberations, public consultations and the Prime Minister’s approval. This cannot be compromised and reopened through backdoor negotiations unilaterally.” India will lose face in climate talksIndia will lose face in the ongoing climate talks if its targets slide behind other major vehicle producing countries by 2020. Says Roychowdhury: “India must not, by an act of public policy, aim to finish as the worst in the world despite starting from one of the best baselines in 2010 — 141 gm of CO2/km. The European CO2 standard for cars for 2012 is 140 gm CO2/km. But Europe will leapfrog to 95 gm/km in 2020.” Even the US, the climate renegade, will bring down its levels from 187 gm/km in 2010 to 121 gm/km in 2020. How can the Indian car industry aim for worse targets for passenger cars, asks CSE. Undermining energy securityThe approved standards will enable fuel savings of close to 103 million tonnes of oil equivalent. Any dilution will significantly reduce these savings. With the explosive increase in car numbers and gradual increase in average weight of the new car fleet, the energy penalty will be enormous. This has serious implications given India’s dependence on imported crude oil and vulnerability of India’s economy to oil price vagaries. According to the International Energy Agency, future energy demand in India’s transport sector will be largely driven by cars, after the heavy duty segment. It is not fair to incur enormous energy costs and suffer climate risk from the use of personal vehicles. Dieselisation to bring more big cars and SUVsThe Petroleum Planning and Analysis Cell of the Union ministry of petroleum and natural gas has, in its Sales Review Report September 2012, said that there has been a 48.4 per cent growth in utility vehicles nationally, along with a 16.7 per cent jump in multipurpose vehicles – these cars are largely diesel-driven. Clearly, the economic slow-down has not affected the SUV and utility segment. This trend will increase the average weight of the fleet and worsen fuel efficiency performance. CSE saysThe government must uphold and notify the proposal that has been already approved. Even those targets could have been more effective. It should uphold the sanctity of the regulatory processes. The standards cannot be reopened and renegotiated unilaterally with the car industry; this is a conflict of interest. Says Roychowdhury: “Enough time has been lost – more than five years. India cannot waste more time to get these crucial fuel saving measures.”[dakhal]
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2 December 2012डॉ. सोनाली नरगुन्देजल जीवन है और यह तथ्य सभी जानते हैं। लेकिन इसके दुरूपयोग को कम नहीं किया जा रहा है। इस संबंध में कई देशी-विदेशी संगठन व्यस्त हैं। अंतरराष्ट्रीय जल प्रबंधन के आकलन के अनुसार भारत में साल 2025 में एक तिहाई जनसंख्या पानी के लिए तरसेगी। इससे बचने के लिए आज आवश्यक कदम उठाना अनिवार्य है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन के साथ कई विदेशी संगठन कार्यरत हैं। इस संबंध में यूनीसेफ ने एक परियोजना प्रारंभ की है जिसमें पानी को बचाने से लेकर उसकी सफाई के लिए जागरूकता प्रयोग किए जा रहे हैं। इसमें व्यक्तिगत स्वच्छता और स्वास्थय शिक्षा शामिल है।घूमतो जाए म्हारो प्ले पंप घूमतो जाएविकास की बात हो या कोई भी बात स्थानीय बोली या माध्यम से अधिक प्रभावी तरीके से कही जा सकती है। यह बात इस गरबे से साबित है। बिना बिजली की सहायता से कुए से पानी निकालने के लिए पंप लगाया गया है। यह पंप कुएँ पर एक चकरी के रूप में लगाया गया है। इस पर बच्चे दिन भर खेलते हैं और बिना किसी व्यय के पानी खींच लेते हैं। इस निकलने वाले पानी को नलों में भेजा गया है जिससे बच्चों के दैनिक कार्य जैसे बर्तन धोना, कपड़े धोना आदि होते रहते हैं। किसी को भी पानी निकालने के लिए परेशान होने की आवश्यकता नहीं है। बस खेल-खेल में पानी बाहर। बच्चों को इस प्ले पंप के संचालन के लिए एक गरबा भी सिखाया गया जिसे गाते जाओ और पानी निकालते जाआ।पानी के रंग निरालेग्रे वाटर, ब्लू वाटर, ब्लैक वाटर ये सभी बातें किताबी लगती है। लेकिन यह किताबी नहीं बल्कि हकीकत है। पानी के रंगों में भेद होता है और उसका उपयोग भी भिन्न होता है यह जानकारी सभी को होनी चाहिए। परंतु सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह जानकारी लोगों को कैसे होगी? और उन लोगों को तो होना संभव ही नहीं जो पानी का दुरूपयोग करते रहते हैं। लेकिन पानी को बचाने और उसके सदुपयोग की जानकारी के लिए यूनीसेफ ने जल सुरक्षा और स्वच्छता परियोजना प्रारंभ की है। यह परियोजना मध्यप्रदेश के धार जिले में प्रारंभ की है। इस परियोजना के लिए इस क्षेत्र का चयन करने का कारण यहाँ की जनसंख्या पानी के लिए भूजल पर ही निर्भर है। पानी के बढ़ते दुरूपयोग और घटते भूजल स्तर को देखते हुए यह क्षेत्र सर्वोतम है।इसमें वर्षा जल संग्रहण के साथ उपयोग किए पानी को पुन: उपयोग करने की विधि सम्मिलित है। धार जिले के कुक्षी विकासखंड के गंगानगर आदिवासी कन्या छात्रावास में इसे क्रियान्वित किया गया है। इसी प्रकार इस परियोजना को स्थानीय संस्था वसुधा की सहायता से यूनीसेफ ने जिले के 13 विकासखंडों के विभिन्न छात्रावासों में प्रारंभ किया है। इस परियोजना के लिए छात्रावासों के चयन का कारण वसुधा की गायत्री परिहार ने बताया कि किसी भी योजना को प्रारंभ करने और चलाने के लिए ऐसे समूह की आवश्यकता होती है जो उसे सहजता से समझ लें। छात्रावासों में ऐसे समूह आसानी से मिल जाते हैं जो नई योजनाओं और समझ को ग्रहण करने के लिए तैयार होते हैं। उन्होंने बताया कि परियोजना प्रारंभ करने से पहले इनका मानस बनाना और इन्हें इतनी महत्वपूर्ण सूचना देने के लिए हमें कई पड़ाव पार करने पड़े लेकिन अंत भला तो सब भला। आज इस छात्रावास में अप्रैल माह की गर्मी में भी पानी की कमी नहीं है। यहाँ का जलस्तर अच्छा है। इस परियोजना का लक्ष्य बहुत बड़ा है। इसे प्राप्त करने के लिए विविध सीढ़ियाँ बनाई गई जिसमें जल सुरक्षा के लिए फेरोसीमेंट टेंक, जल स्वच्छता यूनिट, और प्ले पंप लगाया गया।फेरोसीमेंट टेंकसीमेंट एवं लोहे की जालियों के द्वारा ऐसा टेंक बनाया जा रहा है जिसमें बारिश का पानी बचाया जा सकता है। पानी खराब भी नहीं होगा और उसकी क्षमता 50 हजार लीटर तक है। इस टेंक के निर्माण की विधि तकनीकी रूप से परीक्षण कर बनाई गई है। इस कारण इस टेंक में पानी बचाने के साथ उससे निकलने वाले पानी का जल स्तर बढ़ाने में उपयोग संभव है। गर्मी के दिनों में साफ पेयजल उपलब्ध हो सकता है।जल पुन: उपयोग संयंत्रइसमें उपयोग में लाए हुए पानी को पुन: उपयोग में लाने के लिए एक विशिष्ट प्रकार की विधि अपनाई गई है। विद्यार्थियों को नहाने और बर्तन धोने के पानी से क्या-क्या किया जा सकता है इसका विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके लिए वसुधा द्वारा बालमंच, प्रभात फेरियों का आयोजन किया जाता है। सरकार के आई ई सी प्रारूप का सार्थक उपयोग धार जिले में दिखाई देता है। सूचना, शिक्षा और संचार का उपयोग करने में वसुधा के कार्यकर्ता सराहनीय है। यूनीसेफ की इस परियोजना में राज्य सरकार भी साथ दे रही है। इसमें उनके सहयोगियों में जन स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग भी शामिल है। योजना की सार्थकता इसी में है कि राज्य सरकार ने इसे अपनाने का और प्रदेश के अन्य स्थानों पर क्रियान्वित करने का निर्णय किया है।ग्रे वाटर, ब्लू वाटर और ब्लैक वाटर के अंतर को समझाने के साथ उनके उपयोग की सही जानकारी दी जा रही है। उपयोग किए पानी को पुन: बागवानी और सफाई के योग्य बनाया जा रहा है। इसमें छात्रावास के बच्चे संस्था के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कार्य कर रहे हैं। वहीं की वार्डन श्रीमती चौहान एवं उनके पति श्री चौहान इस कार्य में यूनीसेफ और वसुधा को सहयोग कर रहे हैं। इसी के साथ स्थानीय जनता को फ्लोराइड उन्मूलन की जानकारी भी दी जा रही है। पेयजल का स्तर तीन सौ फीट तक जाने पर उसमें पाए जाने वाले फ्लोराइड से यहाँ फ्लूरोसिस बीमारी का फेलाव है। इसे रोकने के लिए लोगों में जागरूकता और उन्हें उसका विकल्प सुझाने का जिम्मा भी संस्था ने उठाया है।[दखल]
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17 November 2012हेमंत शर्मा ‘शक्ति’ को साधने का उत्सव है दुर्गापूजा। हम सबकी उर्जा की इकलौती स्त्रोत है शक्ति। इसलिए हर किसी को शक्ति चाहिए। मनमोहन सिंह को आर्थिक सुधार लागू करने के लिए शक्ति चाहिए। नरेंद्र मोदी को गुजरात में कांग्रेस को हराने के लिए शक्ति चाहिए। विपक्ष को सरकार गिराने के लिए शक्ति चाहिए। राबर्ट वाड्रा को अरविंद केजरीवाल से निपटने के लिए शक्ति चाहिए। रोजी और रोटी की लड़ाई में आमजन को शक्ति चाहिए। यानि सबकी व्याकुलता शक्ति के लिए है। दरअसल धारणा यह है कि गऊपट्टी में रहने वालों के पास अध्यात्म तो है पर शक्ति नहीं है। इसलिए शक्ति पाने के लिए हमारे पुरखों ने साल में दो दफा नवरात्र पूजा का विधान किया, जीवन और समाज की रक्षा के लिए। इन नवरात्रों में आमजन शक्ति के उत्सव में इस कदर विलीन होता है कि स्पर्श, गंध और स्वर सब में शक्ति को महसूस करने लगता है। दुर्गापूजा का प्राण तत्व उसका यही लोकतत्व है। एक हजार साल की पराजित मानसिकता से हममें जो शक्तिहीनता दिखी। उसी ने इस समाज में शक्ति पूजा को केंद्र में ला दिया। यह आत्महीनता की अवस्था थी। जब भगवान राम का आत्मविश्वास भी रावण के सामने डिगने लगा। वे रावण के बल और शौर्य से चकित अपनी जीत के प्रति संशयग्रस्त हो रहे थे। तब उन्होने भी ‘शक्ति पूजा’ का सहारा लिया। राम की आस्था और जनपक्षधरता को देखते हुए शक्ति ने उन्हें भरोसा दिया “होगी जय होगी जय हे पुरुषोत्तम नवीन”। तब रावण का अंत हुआ। शक्ति असुर भाव को नष्ट करती है। चाहे वह भीतर हो या बाहर। नवरात्र में शक्तिपूजा का मतलब भी यही है कि अपनी समस्त उर्जा का समर्पण। और सबकी उर्जा का स्त्रोत एक शक्ति को मानना। बचपन से हमें यह घुट्टी पिलायी गयी थी। कि जब-जब आसुरी शक्तियों के अत्याचार या प्राकृतिक आपदाओं से जीवन तबाह होता है। तब-तब शक्ति का अवतरण होता है। पर आज की पीढ़ी के लिए शक्ति पूजा गरबा, डांडिया, जात्रा के अलावा और क्या है? पूजा के नाम पर जबरन चंदा वसूली का एक नया सांस्कृतिक-राष्ट्रवाद उदित हो रहा है। जिसमें साधना गायब है। दुर्गापूजा की मौजूदा परम्परा चार सौ साल पुरानी है। बंगाल के तारिकपुर से शुरु हुई यह परम्परा जब बाहर निकली तो- बनारस पहुंची। दिल्ली में तो 1911 ई. के बाद दुर्गापूजा का आगमन हुआ जब यहां नई राजधानी बनी। बाद में आजादी की लड़ाई में पूजा पंडाल राजनैतिक गतिविधियों के मंच बने। दुर्गापूजा सिर्फ मिथकीय पूजा नहीं, यह स्त्री के सम्मान, ताकत, सामर्थ और उसके स्वाभिमान की सार्वजनिक पूजा है। जिस समाज में स्त्री का स्थान सम्मान और गौरव का होता है। वही समाज सांस्कृतिक लिहाज से समृद्ध होता है। "अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी की लाचारी के बरक्स के बोले मां तुमि अवले" की हुंकार इस फर्क को साफ करती हैं तभी तो गऊपट्टी अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी की लाचारी से जूझ रही थी। और बंगाल नवजागरण का अगुवा बना। शायद तभी स्त्री की प्रखरता और ताकत का दूसरा नाम दुर्गा पड़ा। 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की प्रखरता को देखते हुए अटल बिहारी वाजपेयी को भी उन्हें दूसरी दुर्गा कहना पड़ा था। गुरु गोविन्द सिंह ने भी युद्ध से पहले शक्ति की आराधना की थी। सिखों की अरदास, शक्ति पूजा से ही शुरू होती है। "प्रिथम भगौती सिमरि कै गुरुनानक लई धिआई।"(अर्थात मैं उस मां भगवती को सिमरण करता हूं जो नानक गुरू के ध्यान में आई थी) गुरु गोविन्द सिंह चण्डी को आदिशक्ति मानते थे। दुर्गापूजा की ऐतिहासिकता बंगाल से जुडी है। वहां पूजा के दौरान माहौल देख लगता है जैसे समूचे बंगाल के शरीर में देवी आ गयी है। इसीलिए बंगाल में पूजा परंपरा से जुडी रहने के बावजूद नवजागरण का हिस्सा रही। हालांकि नवजागरण आधुनिक आन्दोलन की चेतना है और दुर्गापूजा इसके ठीक उलट परंपरा। ठीक वैसा ही महत्व जैसे महाराष्ट्र में नवजागरण में तिलक महराज की गणपति पूजा का या फिर उत्तर भारत में डॉ. लोहिया के रामायण मेले का। तीनों ने समाज में एक सी जागरूकता पैदा की। सांस्कृतिक स्तर पर तिलक और लोहिया दोनों की जडें आधुनिक थीं। और पारंपरिक भी। तीनों पूजाओं का चलन आधुनिकता में परंपरा के बेहतर प्रयोग था। दुर्गा अवतार की कथा के मुताबिक असुरों से परेशान सभी देवताओं के तेज से प्रजापति ने दुर्गा को रूप दिया। जिसने अपने पराक्रम से असुरों का समूल नष्ट किया। देवताओं के इस सामूहिक प्रयास की शक्ति असीम थी। वैदिक वांगमय में शक्ति के कई नाम हैं। वाग्देवी, पृथ्वी, अदिति, सरस्वती, इड़ा, जलदेवी, रात्रिदेवी, अरण्यानी, उषा जैसे नाम मिलते हैं। इसके अलावा जयंती, मंगला, काली, भद्रकाली, कपालिनी, दुर्गा, क्षमा, शिवा, धात्री, स्वाहा, स्वधा आदि देवियां भी मिलती हैं। नवरात्र यानी नौ पावन, दिव्य, दुर्लभ शुभ रातें। वासन्तिक और शारदीय नवरात्र जन सामान्य के लिए है। और आषाढ़ीय तथा माघीय नवरात्र गुप्त नवरात्र है। यह सिर्फ साधकों के लिए है। पार्वती, लक्ष्मी, सरस्वती के नौ स्वरुप ही नवदुर्गा है।मेरे बचपन में दुर्गापूजा और दशहरे का मतलब था। शिखा में नवांकुर (अन्न के) बांधना। हमें शिखा नहीं थी तो कान पर रखा जाता था। नीलकंठ देखना और रावण जलाना। नीलकंठ अब दिखते नहीं। शिखा सबकी लुप्त है। और रावण बार-बार जलने के बाद फिर पैदा हो जाता है। वह अनंग है। अंग रहित। इस अनंग से लड़ने की शक्ति हमें मिले। यही शक्ति साधना के मायने हैं।[दखल]
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27 October 2012मुख्यमंत्री शिवराज ने किया कन्या पूजन एम पी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी पत्नी और कन्या पूजन में आई बच्चियों के साथ जमकर गरबा किया |शिवराज सिंह ने घोषणा की है कि प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना में लाभांवित बेटियों के माता-पिता का बीमा राज्य सरकार करवायेगी। प्रदेश में 19 नवम्बर 2012 से 12 अक्टूबर 2013 तक बेटियों के बारे में भ्रांतियों को दूर करने का विशेष अभियान चलाया जायेगा। प्रदेश में केवल बेटियों वाले परिवारों को विशेष सुविधाएँ दी जायेंगी। मुख्यमंत्री चौहान मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कन्या-पूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कार्यक्रम में बेटियों को बचाने का सामूहिक संकल्प दिलाया और सपत्नीक कन्या-पूजन किया।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में लाड़ली लक्ष्मी योजना में लाभान्वित बेटियों के माता-पिता का तीस हजार रूपये का बीमा राज्य सरकार करवायेगी। प्रदेश में करीब 13 लाख से अधिक बेटियों को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ दिलाया जा चुका है। प्रदेश में रानी लक्ष्मी बाई के जन्म-दिन 19 नवम्बर से लेकर श्रीमती विजयाराजे सिंधिया के जन्म-दिन 12 अक्टूबर तक विशेष अभियान चलाया जायेगा। अभियान के अन्तर्गत कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और बेटियों के बारे में भ्रांतियों को दूर करने के लिये विशिष्ट कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। इसके तहत 19 नवम्बर को महिला हिंसा के विरूद्ध सामूहिक प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने के लिये हर शहर में एक प्रमुख मार्ग पर बेटियों की उपस्थिति में कार्यक्रम होगा।मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बेटियों को आत्म-रक्षा के लिये जूडो कराटे का प्रशिक्षण दिया जायेगा। महिला अत्याचारों के विरूद्ध सशक्त कार्रवाई के लिये विशेष अधिवक्ताओं की नियुक्ति की जायेगी। उन्होंने कहा कि बेटियों को सशक्त बनाने की हरसंभव कोशिश की जायेगी। बेटियों के बिना दुनिया चल नहीं सकती, बेटियों को बचाने के लिये समाज को जागृत करना होगा। बेटियों को कमजोर नहीं समझना चाहिये क्योंकि बेटियों ने जीवन के हर क्षेत्र में उलब्धियाँ हासिल की हैं। बेटियाँ बेटों से किसी भी तरह से कम नहीं है।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान और उनकी पत्नी श्रीमती साधनासिंह ने कन्या-पूजन किया। उन्होंने कन्याओं के चरण पखारे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भोपाल के सांई गर्ल्स होस्टल की बहादुर बालिकाओं का सम्मान भी किया। उन्होंने ग्वालियर चंबल संभाग की बेटियों द्वारा लगाई गयी छाया-चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में उन्होंने सपत्नीक जवाहर बाल भवन की बालिकाओं के साथ गरबा नृत्य किया। इस मौके पर मुरैना जिले के बामोर की आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने ‘बाँधो मुट्ठी बहना’ नाटक का प्रदर्शन किया। [दखल]
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23 October 2012sangeeta pranvendraI had often heard people working to preserve water bodies say “Water demands its rightful place.” This could be wishful thinking on their part, but in contrast their tone appear to be resigned to accepting the fate that water bodies have continuously been facing at the hands of encroachers for the last decade and a half. With rainfall being less than moderated during the last decade, I could never quite understand how and (more crucially) when this would happen. But it happened! Not once or twice… but thrice within the span of a fortnight in Jaipur! Water came. In large quantities. And it ultimately claimed its rightful place! But, at a price. The administration described it as “waterlogging in low-lying areas” but actually it was water traversing across paths that it had traveled for decades and more. August 22 saw 190 mm rainfall in Jaipur, the highest the gauge measured in the last 53 years. August 27 and September 3 witnessed 120 and 106 mm rainfall respectively. There was panic in Pink City. With 20 people dead, over two dozen injured, there was chaos everywhere. But what was surprising was the manner in which politicians and bureaucrats chose to ignore and actually avoid going to the “lowlying” areas of the city. There are almost 50 colonies, along the Amanishah Nallah, that were flooded during the rains. These were the localities where most of the casualties had taken place. The apathy of bureaucrats was understandable. Because, the crisis that the city was facing was their own doing. After all,they themselves had connived with the politicians and land sharks to grab water’s land. Big moolah had been raked in at all levels. Moolah, as big as the multi-storey luxury apartment block that was being built right in the middle of the path of the river in the Shyam Nagar area of Jaipur! That too, with government clearance that said it was not a riverbed! Most of these clearances were given during the first tenure of the Ashok Gehlot government. The history of the recent triple flooding of Jaipur goes like this: Once upon a time not so very long ago, there flowed a river in Jaipur named Dravyavati. It divided Jaipur in two parts. It was over 40 km long and had a span of over 200 feet all across its length. With the passage of time and after some scattered habitations on its banks, the river started getting throttled and its name got changed to Amanisha Nallah (nallah means drain, mind you, not river). But it still flowed, dividing the city of Jaipur into two parts.Amanisha Nallah faced its worst days during the late nineties. A long spell of drought prompted land-mafia to make large scale illegal settlements. With time - and in the words of Ashok Gehlot himself – the Congress party, “compassionate towards the poor squatters”, gave them electricity and ‘pattas (leases)’. In return the party got an obliging vote bank. Everyone got a share in the pie. The Dravyavati River aka Amamisha Nallah was systematically choked to death. And the people of Jaipur were all set to forget it. But the Rain Gods had destined it otherwise. Came 2012 and the delayed monsoon came to haunt those who had committed crimes with Mother Nature. And this was not the only case. The historical Jal Mahal too broke its boundaries and water flooded the adjoining colonies. Here too, it was the same reason… the private company that had been given the lease for “development” of Jal Mahal had reduced the size of the lake! So when it rained, water broke the embankments and water gushed into the city. Once again it was the politico-businessman-bureaucrat nexus at work that caused this ‘waterlogging’, as officials love to call it. People struggled with floodwater, but the water said, “ you encroach my space; I encroach yours”. This is not the story of Jaipur alone… almost every city in the country is faced with a similar dilemma. Jaipur is still struggling to come back to normal. But the one struggling the most is water… it had gone away for a few years only to return to find humans settled in its area… The capital and most cities of the parched state of Rajasthan have now come to dread rain. Kota, Bikaner, Ajmer, Jodhpur face a similar malaise. Udaipur, the city of lakes, has quite a few lakes that have disappeared under human settlements and from public memory. This problem of lakes, rivers and ponds being gobbled up is not limited just to Rajasthan; Delhi, Hyderabad, Mumbai, Nagpur… the list is endless. Just a few millimeters of rain and the cities are flooded! The story of encroachments is the same everywhere. Does it not make you wonder that why is it only cities that get flooded after an hour or two of rains? And why does water retreat the very next day? Whereas, in villages, floodwater takes days to clear and soaks into the earth. The Supreme Court has categorically stated that it is the duty of governments to protect all water bodies. But as the popular Amar Prem song goes “majhi jo naav duboye use kaun bachaye…” After the “flooding” or “waterlogging” comes a second chance for some money minting — governments announce compensations and aid to the affected. The kuchha houses will be converted into pucca ones. And this will be done with government aid. And water… it finds its struggle to seek its rightful place getting more difficult each year… [dakhal]
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1 October 2012प्रदीप करम्बलेकरक्या आप जानते हैं कि निवेश के लिए लक्ष्यों और रणनीतियों की पहचान कैसे होती है, और उसके अनुसार निवेश कैसे होता है ? क्या आपको पता है कि लोगों के लिए सबसे आम लक्ष्य क्या है ? यह है एक घर खरीदना और यह स्वाभाविक भी है, इसमें लाखों रूपए की लागत है और यह लाखों रूपए का सौदा भी है । एक समय था जब लोग अपने जीवन का अधिकांश समय किराए के घरों में या कम्पनी के लिए क्वार्टर में बिताते थे और घर खरीदने के बारे में रिटायरमेंट से थोड़ा पहले सोचना शुरू करते थे । लेकिन अब सोच बदल रही है और अधिक से अधिक लोग अपने घर को, अपने २० साल या ३० साल की उम्र में खरीद रहे हैं । यह एक बहुत ही स्वस्थ प्रवृत्ति है । अपने प्रारंभिक जीवन में अपना घर खरीदना बहुत ही समझदारी का काम है । आइये देखें क्यों ?एक परिसंपत्ति का निर्माण :- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब आप एक घर खरीदते हैं, आप एक परिसंपत्ति (एसेट) खरीद रहे हैं और जिसका अभिमूल्यन (एप्रिशिएसन) होता है। जब आप युवा होते हैं और आपके पास कुछ अतिरिक्त धन होता है, तो आप कुछ बड़े आइटम जैसे कार, फैंसी सेल, फोन, एलसीडी टीवी या लैपटॉप खरीदने के लिए प्रलोभित हो सकते हैं । लेकिन इन चीजों का विमूल्यन (डेप्रिशिएसन) होता है, इसका अर्थ है कि उनका मूल्य हर दिन घटता है । जिस पल आप इन चीजों को दुकान से बाहर ले जाते हैं, उसी पल इनका मूल्य २०-२५ प्रतिशत तक घट जाता है । इस तरह के बड़े आइटम कर्ज (लोन) पर खरीदना और भी बदतर है, आप एक ऐसी चीज खरीदते हैं जिसका मूल्य हर दिन नीचे जाता है और आप इसके लिए ब्याज का भुगतान करते हैं । एक घर इससे अलग है, यह एक अभिमूल्यन होने वाली परिसंपत्ति है । समय के साथ इसका मूल्य बढ़ जाता है, अल्पावधि में इसकी कीमत में उतार चढ़ाव हो सकता है, लेकिन लंबे समय में अचल संपत्ति की कीमत हमेशा ऊपर जाती है और यह तार्किक भी है, आपूर्ति और (भूमि) सीमित है, लेकिन जैसे जैसे आबादी बढ़ती जाएगी, इसकी मांग बढ़ती जाएगी और शहरों में मांग काफी तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि अधिक से अधिक लोग शहरों में बसना चाहते हैं । इस प्रकार, घर हमेशा एक लाभ वाला सौदा है । लक्ष्य की जल्दी प्राप्ति :- जैसा कि मैने उल्लेख किया है, घर खरीदना ज्यादातर लोगों की इच्छा सूची के शीर्ष पर होता है । इसको जल्दी प्राप्त करने का यह मतलब है कि आपने एक प्रमुख लक्ष्य को प्राथमिकता देकर प्राप्त कर लिया है । किराए की बचत :- आपको कहीं न कहीं तो रहना है, यदि आप घर खरीदते नहीं हैं, तो आप इसे किराए पर लेते हैं । जिसका अर्थ है कि आप हर महीने किराये का भुगतान करेंगे और किराया एक डूबती लागत (संक कॉस्ट) है । आप राशि का भुगतान करते हैं और वह चली जाती है । आपके लिए कोई संपत्ति नहीं बनती। आपको किराया भुगतान के आधार पर किराए के मकान में रहने को तो मिलता है, लेकिन आप किराया भुगतान के बदले में किसी भी संपत्ति का निर्माण नहीं करते हैं । यदि आप एक घर खरीदते हैं, तो आप पूरा किराया बचाते हैं । आप हर महीने ईएमआई के रूप में थोड़ी अधिक राशि का भुगतान जरूर करते हैं, लेकिन उसके बदले में आप अपनी खुद की, अभिमूल्यन होने वाली परिसंपत्ति का भी निर्माण भी तो करते हैं । (दखल)(प्रदीप करम्बलेकर री-मैक्स विजन रियलेटर के एम.डी. हैं)
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29 July 2011बलबीर पुंज वह कौन सी मानसिकता है जिससे प्रेरित होकर देश का सर्वोच्च सत्ता अधिष्ठान अपनी नाम के नीचे सैयद अली शाह गिलानी को भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ विषवमन करने की अनुमति देता है और भारत माता की जय बोलने वाले एक निहत्थे समूह को विश्राम करते हुए अर्द्ध रात्रि में पुलिसिया बर्बरता का शिकार बनाती है ? क्या कारण है कि सत्ता अधिष्ठान का एक भाग बाटला हाउस मुठभेड़ में शहीद हुए इंस्पेक्टर एमसी शर्मा के साथ खड़े न होकर मारे गए आतंकवादियों से सहानुभूति प्रकट करता नजर आता है ? क्या कारण है कि पाकिस्तान में अमेरिका के हाथों ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद उसके मजहबी व मानवाधिकारों की रक्षा की मांग उठती है, वही भगवा वस्त्र पहने हुए, रामधुन व वंदेमातरम् का उद्घोष करने वालों को शांतिपूर्वक अनशन करने के अधिकार से भी वंचित किया जाता है ? क्या कारण है कि आतंकवादी लादेन को ÷जी' कहकर सम्मान दिया जाता है, वहीं भगवाधारी राष्ट्रभक्त को ठग कहकर लांछित किया जाता है ? क्या कोई बता सकता है कि आयकर और प्रवर्तन निदेशालय जैसी सरकार की जितनी भी एजेंसियां हैं, क्यों बाता रामदेव के पीछे पंजे झाड़कर पड़ गई है, जबकि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने जिस विनायक सेन को देशद्रोही पाया और जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने भी केवल जमानत दी है, दोषमुक्त नहीं किया, उसे सरकार योजना आयोग में सदस्य बनाती है ? क्या यह सब इसलिए कि बाबा रामदेव देश को जोड़ने और देशद्रोहियों द्वारा जो देश की अकूत संपत्ति विदेशों में भेजी गई है, उसे वापस लौटाने की आवाज उठाते हैं ? यदि बाबा रामदेव ठग हैं तो उनकी अगवानी के लिए चार केन्द्रीय मंत्री हवाई अड्डा क्यों गए ? यदि बाबा की नीति और नीयत ठीक नहीं थी तो उनसे तीन दिनों तक सरकार क्यों मंत्रणा कर रही थी ? क्यों बाबा की सारी मांगें मान लेने का दावा किया गया ? वास्तविकता तो यह है कि ज्यों ही बाबा ने सरकारी दबाव के आगे झुकने से इंकार किया, कांग्रेस का ÷ डर्टी ट्रिक्स डिपार्टमेंट ' हरकत में आ गया । अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान भी कांग्रेस ने अन्ना हजारे के आन्दोलन के दौरान भी कांग्रेस ने अन्ना हजारे, अधिवक्ता पिता-पुत्र और अरविंद केजरीवाल के छविभंजन का घृणित प्रयास किया था । स्वाभाविक प्रश्न है कि क्या भगवा वस्त्र से वर्तमान सत्ता अधिष्ठान अपने आप को असहज महसूस करता है ? वह कौन सा व्यक्तित्व है, जिसे भारत की सनातनी और बहुलतावादी संस्कृति के प्रतीक भगवा रंग से चिढ़ है? क्या कारण है कि चारा घोटाले में घिरे लालू प्रसाद यादव और अपने चुनावी सभाओं में ओसामा बिन लादेन का हमशक्ल साथ लेकर घूमने वाले राम विलास पासवान, बाबा रामदेव के सबसे बड़े आलोचक हैं ? विगत चार जून को देर रात दिल्ली के रामलीला मैदान में जो हुआ वह लोकतंत्र के इतिहास में अब तक का सबसे शर्मनाक अध्याय है । यह इंदिरा कालीन आपातकाल की बर्बरता की ही याद दिलाता है । लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने ५ जून, १९७५ को ÷ राष्ट्र नवनिर्माण ' के लिए संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था । तत्कालीन सत्तासीन कांग्रेस ने उक्त जनांदोलन के दमन के लिए रातोंरात आन्दोलनकारियों को जेल की सलाखों के अंदर धकेल दिया । उन पर पुलिसिया जुल्म ढाए गए । लोकतंत्र का गला घोंटने के लिए प्रेस पर प्रतिबंध लगा यिा गया । सरकारी तानाशाही चलाने के लिए इंदिरा सरकार ने देश पर आपातकाल थोप दिया था । सरकार की यह निरंकुशता भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में कलंक है । कई महत्वपूर्ण घटनाक्रमों पर कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी रहस्यमय चुप्पी साधे रहती है । रामलीला मैदान में हुए पुलिसिया अत्याचार पर भी वह मौन हैं । गुजरात दंगों के खिलाफ आइएएस की नौकरी छोड़ गुजरात सरकार विरोधी मुहिम में जुटे हर्ष मांदर राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य हैं । जब सारा देश अन्ना के आन्दोलन में उनके साथ खड़ा था, तब मांदर ने एक दैनिक में लिखा था, ÷÷ मंच पर भारत माता का चित्र होने और आन्दोलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शामिल होने के कारण मैं जंतरमंतर नहीं गया ।'' आज एक बार फिर कांग्रेसी नेता बाबा रामदेव के आंदोलन में विहिप और संघ परिवार के शामिल होने का प्रश्न खड़ा कर रहे हैं । यह इस बात का द्योतक है कि इस आन्दोलन को दबाने में दस जनपथ की चौकड़ी ही मुख्य भूमिका में है । आन्दोलनकारी जिस भी विचारधारा के हों, इस देश का नागरिक होने के नाते उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन का अधिकार है । ÷ सिमी ' जैसे राष्ट्रद्रोही और प्रतिबंधित संगठन के पक्ष में खड़े रहने वाले दिग्विजय सिंह सरीखे कांग्रेसी नेता संघ परिवार को साम्प्रदायिक साबित करने के लिए ÷ भगवा आतंकवाद ' का झूठ स्थापित करने में जूटे हैं । आपातकाल की बर्बरता को न्यायोचित ठहराने के लिए इन्दिरा सरकार ने विपक्षी दलों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर तख्तापलट और राष्ट्रद्रोह का मिथ्या आरोप लगाया था । आज कांग्रेस संघ परिवार पर देश को अस्थिर करने का झूठा आरोप लगा रही है । यह भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी कांग्रेस की हताशा को ही रेखांकित करता है। काले धन की वापसी की मांग को लेकर सरकार आखिर इतनी बौखलाई हुई क्यों है ? सर्वोच्च न्यायालय की लगातार फटकार और जर्मनी सरकार द्वारा विदेशों में काला धन जमा करने वाले करचोरों व भ्रष्टाचारियों की सूची उपलब्ध कराने के बावजूद सरकार किन चेहरों को छिपाना चाहती है ? इन सवालों के जवाब में ही कांग्रेसी तानाशाही का राज छिपा है, जो बोफोर्स दलाली कांड का मामला उठते ही अधीर हो उठती है । अन्ना हजारे के बाद बाबा रामदेव के आन्दोलन को मिल रहा अपार जन समर्थन वास्तव में संप्रग-२ के पिछले दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान अलग-अलग घोटालों में हुए सार्वजनिक धन की लूट के प्रति जन आक्रोश का प्रकटीकरण है । मंत्री और नेताओं के मुखौटे लगाए ये लुटेरे देश को लूटने में इसलिए सफल हो रहे हैं, क्योंकि व्यवस्था ने जिन प्रधानमंत्री को सार्वजनिक हितों की रक्षा की जिम्मेदारी दी है, उन्होंने अपनी जवाबदेहियों का निर्वाह नहीं किया । उत्तर प्रदेश के भट्टा परसौल पर हुए पुलिसिया अत्याचार के बाद राहुल गांधी वहां के दौरे पर गए थे । राख के ढेर में उन्होंने मानव अस्थियां देखने का आरोप लगाया । हालांकि बाद में यह निराधार साबित हुआ, किन्तु तब राहुल गांधी ने इस घटना के कारण अपने आप को भारतीय कहलाने में शर्म आने की बात कही थी ? क्या रामलीला मैदान में चली पुलिसिया बर्बरता पर भी उनकी आत्मा उन्हें कचोटेगी ? गंभीर रूप से घायल होने के कारण दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में दाखिल लोगों से सहानुभूति प्रकट करने की आवश्यकता क्या कांग्रेस अध्यक्ष और प्रधानमंत्री महसूस करेंगे ? कांग्रेस के हाथों देशद्रोही गिलानी को समर्थन और बाबा रामदेव को मिली दुत्कार का वीभत्स अंतर वस्तुतः सत्ता अधिष्ठान की विचारधारा और नीतियों को ही परिभाषित करता है । ( लेखक भाजपा के राज्यसभा सदस्य हैं )
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22 June 2011जोगेंद्र सिंह हूँ अभी गर्भ मेंले रही आकरहुआ ही है शुरूस्पंदन ह्रदय काकि जान लियाकौन हूँ मैंजताने लायकहैं यंत्र नएक्या करतीतैयार हूँ कट जाने कोआएगा जोड़ा यंत्रों काहोगी कोख कलंकितकर रहे हैं पुर्जा-पुर्जाअलग मुझे माँ सेन सोच न ही समझ है मुझेकरूँ क्रंदन कैसेपर दर्द समझती हूँतडपा रहा कटना अंगों काबिन शब्दबे-आवाज़ होता करुण क्रंदनक्या सुन पायेगा कोई.....?लेते ज़न्म जिस कोख सेकाट रहे वेजन्मती इक नयी कोखमाँ..!! मैं तेरा अंतर हूँक्यूँ ना पसीजताह्रदय तेरा भीसज जाते कटे अंगधवल तस्तरी मेंबंद फिर छोटे बोरे मेंकिसी नाले की शोभा बढ़ातेशांत हूँ अबलग रहा जीवन सार्थककाम आना हैकुछ वक़्त मुझे भीबुझा क्षुधा अपनीखुश हैं जल-जंतुपड़े प्रतीक्षा मेंएक नए स्त्री बिम्ब की...!!(दखल)(साभार जोगेंद्र सिंह के ब्लॉग से)जोगेंद्र सिंह -( आप से निवेदन है , आप मेरा ब्लॉग ज्वाइन करें और वहीँ कविता की समीक्षा भी करें :::::http://jogendrasingh.blogspot.com/2010/05/blog-post_7483.html#comments )
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20 May 2010पंकज चतुर्वेदी १५ अप्रैल गुरूवार को ''अयाजाफजलाजोकुल'' ग्लेशियर के नीचे स्थित ज्वालामुखी ने यूरोप सहित सारे विश्व को चिंता और परेशानी में डाल दिया है । यूरोप में आईसलैंड जैसे छोटे से टापूनुमा देश में स्थित यह ज्वालामुखी एक महीने से कम समय के अंतराल में दूसरी बार फटा है, और इस दूसरे विस्फोट से जो लावा निकला है, उसकी तीव्रता से सभी अचंभित और आश्चर्यचकित हैं । ज्वालामुखी विस्फोट एक सामान्य प्राकृतिक प्रक्रिया है, पर इसके लावे से उत्पन्न परिस्थितियों ने यूरोप सहित दुनिया भर की ईंसानी बिरादरी के सरोकारों को प्रभावित किया तो इस पर चर्चा एवं चिंता शुरू हो गई । पिघलती बर्फ, आसमान तक मुंह उठाए काला स्याह धुंआ जिसके साथ ज्वालामुखी से निकलने वाला द्रव पदार्थ इन सबसे मिलकर आसपास के सैकड़ों लोगों को पलायन के लिए मजबूर तो किया ही, वहीं इस ज्वालामुखी की राख ने अटलांटिक महासागर के इर्द-गिर्द के एक बड़े क्षेत्र के वायु यातायात को प्रभावित किया है । यह प्रभाव इसलिए और व्यापक हो गया कि अटलांटिक महासागर यूरोप को अफ्रीका के साथ-साथ उत्तरी एवं दक्षिण अमेरिका से भी पृथक करने वाली जल राशि है । और पृथ्वी के इन चार बड़े भू-भागों के मध्य के आसमानी रास्ते का अवरूद्ध होना एक बड़ी भारी समस्या थी जिससे जुझने में सब जुटे हुए थे । सम्पूर्ण ब्रिटेन एवं उत्तरी यूरोप में स्थिति सबसे ज्यादा विषम है, फ्रांस, बेल्जियम, हालैंड, आयरलैंड, स्वीडन, फिनलैंड और स्विटजरलैंड जैसे देश इस घटनाक्रम से सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं । ज्वालामुखी की इस राख ने वायु यातायात को प्रभावित किया है जिससे आम यात्रियों की तकलीफें तो बढ़ी ही हैं साथ-साथ इस क्षेत्र से होने वाली आयात-निर्यात की व्यापारिक गतिविधियों पर भी बुरा असर पड़ा है । क्योंकि बहुत सा व्यापारिक परिवहन भी वायु मार्ग से भी होता है । विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार इस राख में उपस्थित सूक्ष्म आकार के कण मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत घातक हैं । जैसे-जैसे यह राख और धुंए का गुबार धरती की सतह के करीब आता जाएगा, यह सूक्ष्म कण सांस के जरिए फेफड़ों में प्रवेश कर सकते हैं । ऐसी स्थिति में श्वसन तंत्र पर शीघ्र असर पड़ेगा और अस्थमा एवं श्वांस के अन्य रोगों से पीड़ित लोगों के लिए यह चेतावनी है कि यथा संभव यह प्रयास रखें कि इस समय घर के बाहर न निकलना पड़े अन्यथा नुकसान होने की पूर्ण संभावना है। इस ज्वालामुखी विस्फोट ने सूक्ष्म आकार के कणों की ऐसी परत तैयार करी जो पृथ्वी की सतह से लगभग ६००० मीटर या २०,००० फीट की ऊंचाई तक व्याप्त है और कई-कई जगह तो यह अदृश्य भी है । जैसे-जैसे यह गुबार पृथ्वी की सतह के करीब आता जाएगा तो वह वायु यातायात को तो सुगम बना देगा किंतु स्वास्थ्य संबंधी तमाम परेशानियां उत्पन्न करेगा । आंखों में जलन एवं खुजली, नाक का बहना, सूखा कफ और गले में खराश जैसे लक्ष्ण प्रकट होंगे, वहीं अंडे सड़ने की दुर्गंध भी महसूस होगी जो मूलतः गुबार में शामिल ष्सल्फरष् की होती है । ज्वालामुखी की राख और लावे में मुख्य रूप से पिसे हुई चट्टान और कांच के अंश होते हैं जो इसके फटने से उत्पन्न होते हैं । सामान्यतः इनका व्यास २ मि.मि. से भी कम होता है । ज्वालामुखी की राख निर्माण सामान्यतः तीन प्रकार से होता है, एक तो गैस के रूप से निकले अवयव, ताप के रूप में निकले अवयव व भाप के रूप में निकले अवयव या पदार्थ । इस तरह से बनी राख इंसान की सांस से लेकर मशीन की जान तक को खतरे में डाल देती है । ज्वालामुखी विस्फोट के बाद सतह पर जमी राख को ''ऐशफॉल डिपाजिट'' कहते हैं । जब यह ऐशफॉल डिपाजिट भारी मात्रा में एकत्रित हो जाता है तो यह सीधे-सीधे स्थानीय परिस्थिति तंत्र या जिसे हम इको सिस्टम कहते हैं, को प्रभावित करने लगता है। ज्यादा समय बीते और इस को कोई छोडे नही ंतो यह ऐशफॉल डिपाजिट उपजाऊ भूमि के रूप से लेकर मजबूत चट्टान तक का स्वरूप ले सकता है । यही कारण है कि ज्वालामुखी के आसपास की भूमि सदा उपजाऊ रहती है। यह विस्फोट ग्लेशियर के नीचे हुआ था और इस तरह के विस्फोटों में पिघलती बर्फ का ठंडा पानी ज्वालामुखी के लावे को ठंडा कर देता है, और इस प्रक्रिया में लावा शीघ्र ही कांच के रूप में परिवर्तित हो जाता है और वातावरण में बिखरे यह बारीक कांच के कण सबसे पहले विमान संचालन में बाधा बनते हैं । इसी कारण से तुरंत ही इस क्षेत्र में वायु यातायात बंद कर दिया गया था । इस ज्वालामुखी की राख के बहुत बारीक कण कई बरसों तक वायुमंडल में बने रह सकते हैं । पर वह इतनी ऊंचाई प्राप्त कर लेते हैं कि सामान्य जीवन में बाधा नहीं आती । अपितु यह सूक्ष्म कण सूर्यास्त का सौंदर्य बढ़ाते हैं व यहीं अधिक ऊंचाई की राख वातावरण में ठंडक पैदा करने में भी सक्षम है । इस तरह की घटना का आखरी जिक्र सन् १९९१ में माउंट पिनाटूने ज्वालामुखी विस्फोट में आया था जब इस प्रकार की राख ने वातावरण में ठंडक पैदा कर दी थी । यह सब प्रकृति की इंसानी बिरादरी को खुली चुनौती है कि इंसान विज्ञान और तकनीक की दम पर प्रकृति को जीतने के इरादे छोड़कर उससे सामंजस्य और सद्भाव कायम रखे । इस चुनौती ने विश्व स्वास्थ संगठन और संयुक्त राष्ट्र महासंघ जैसी बड़ी-बड़ी संस्थाओं को विचार विमर्श करने के लिए मजबूर कर दिया कि किस तरह ऐसी प्राकृतिक विपदाओं से निपटने की रणनीति बनायी जाए ताकि आने वाले समय में ऐसे किसी ज्वालामुखी विस्फोट से भारी तादाद में जनजीवन और कामकाज पर प्रभाव ना पड़े साथ ही प्रकृृति ने इस ज्वालामुखी विस्फोट से अपने इरादे स्पष्ट कर दिये हैं कि यदि उसके तंत्र से छेड़छाड़ या ज्यादती की जायेगी तो प्रकृति किसी को नहीं बख्शेगी पर शायद स्वार्थी इंसान अपनी आदतानुसार इस घटना को जल्दी भूल फिर प्रकृति से जंग लड़ने के लिये तैयार हो जायेगा ।(दखल) (लेखक एन.डी. सेंटर फॉर सोशल डेवलपमेंट एवं रिसर्च के अध्यक्ष हैं |)
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24 April 2010मध्यप्रदेश पुलिस के मुखिया सुरेंद्र सिंह 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उनके उत्तराधिकारी की घोषणा होने में समय है लेकिन सोशल मीडिया पर अभी से नए डीजीपी के नाम को लेकर चर्चाएं तेजी से चलने लगी हैं। यही नहीं सोशल मीडिया ने तो यह तय ही कर दिया कि विशेष महानिदेशक गुप्त वार्ता सरबजीत सिंह प्रदेश के अगले डीजीपी होंगे। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या दो बैच की सीनियरटी लांघकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरबजीत सिंह को प्रदेश पुलिस की कमान सौपेंगे। श्री सिंह की दबंगई, कार्यक्षमता और ईमानदारी पर किसी को शक नहीं है। फिर भी उन्हें प्रदेश पुलिस का मुखिया बनने का अवसर मिलेगा या नहीं यह तो केवल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जानते हैं। श्री चौहान ने अभी तक इस मामले में किसी से कोई चर्चा भी नहीं की। संभावना इस बात की है कि हर बार की तरह इस बार भी डीजीपी की सेवानिवृत्ति के पंद्रह-बीस दिन पहले यानी 10 से 15 जून 2016 के आसपास नए डीजीपी का फैसला होगा। तब तक केवल अटकलें चलती रहेगी। जानकारी के अनुसार नए डीजीपी के लिए सबसे मजबूत दावा भारतीय पुलिस सेवा के 1983 बैच के अधिकारी पुलिस गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष आरके शुक्ला का है। श्री शुक्ला प्रदेश में पदस्थ पुलिस अधिकारियों में सबसे सीनियर हैं। मेहनती और ईमानदार अधिकारी श्री शुक्ला लंबे समय तक गुप्त वार्ता में पदस्थ रहे हैं, इस कारण मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी काफी नजदीकियां हैं। श्री शुक्ला का कार्यकाल काफी लंबा है, इसी कारण दो साल पूर्व कुछ समय के लिए केंद्र मे प्रतिनियुक्ति पर जाना चाहते थे। सीआईएसएफ में एडीजी के पद पर उनकी नियुक्ति भी हो गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्ला को यह कहकर प्रतिनियुक्ति पर छोडऩे से इंकार कर दिया था, प्रदेश में ही काम करना है। इससे इस बात की संभावना सबसे अधिक है कि आरके शुक्ला ही प्रदेश पुलिस के अगले मुखिया होंगे। शुक्ला के बाद वरिष्ठता में दूसरा नंबर उन्हीं के बैच की विशेष महानिदेशक प्रशिक्षण श्रीमती रीना मित्रा का है। लेकिन डीजीपी के लिए उनके नाम की चर्चा नहीं है। तीसरे नंबर पर भारतीय पुलिस सेवा के 1984 बैच के अधिकारी डीजी जेल वीके सिंह का है। इसके बाद इसी बैच के डीजी होमगार्ड एमएस गुप्ता और संजय चौधरी का नाम है। गुप्ता और चौधरी का दावा भी किसी मामले में कमजोर नहीं है। इसके बाद 1985 बैच के विशेष महानिदेशक साइबर सेल राजेंद्र कुमार और विशेष महानिदेशक गुप्त वार्ता सरबजीत सिंह का नाम आता है। दोनों अधिकारियों की कार्यक्षमता किसी से छुपी नहीं है। सुरेंद्र सिंह की सेवानिवृत्ति के बाद सरबजीत सिंह का कार्यकाल तेरह माह बचेगा। इस कारण अभी यह कहना मुश्किल है कि प्रदेश पुलिस का अगला मुखिया कौन होगा। यह है सुप्रीमकोर्ट का आदेश उत्तरप्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि डीजीपी के कुल पद में वरिष्ठता के हिसाब से पचहत्तर फीसदी तक नाम वाले अधिकारियों में चयन किया जाए। यानी वरिष्ठता के हिसाब से दस में से सात अधिकारियों में किसी को डीजीपी बनाया जा सकता है। इस दृष्टि से दावेदारों की दौड़ में आर के शुक्ला, श्रीमती रीना मित्रा, वीके सिंह, एमएस गुप्ता, संजय चौधरी, अशोक दोहरे और राजेंद्र कुमार में किसी एक को डीजीपी बनाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कई राज्यों के मुयमंत्रियों ने अपने पसंदीदा जूनियर अधिकारियों को डीजीपी बना दिया। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान क्या ऐसा कोई कदम उठाएंगे, इस पर सभी की निगाह रहेगी।
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31 December 1969मतदान 16 एवं मतगणना 19 मई को भारत निर्वाचन आयोग ने आज बैतूल जिले के 132-घोड़ाडोंगरी (अनुसूचित जनजाति) विधानसभा उप चुनाव की घोषणा की। घोड़ाडोंगरी विधानसभा उप चुनाव के लिये 16 मई को मतदान और 19 मई को मतगणना होगी। उप चुनाव की घोषणा के साथ ही बैतूल जिले/निर्वाचन क्षेत्र में आदर्श आचरण संहिता लागू हो गयी है।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने इस सीट के लिए जमावट शुरू पहले ही कर ली थी। घोड़ाडोंगरी सीट के लिये बीजेपी में टिकट के जो प्रबल दावेदार हैं उनमें एक ही परिवार के तीन सदस्य हैं। घोषित चुनाव कार्यक्रम के अनुसार 22 अप्रैल को उप चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन-पत्र जमा करवाने का सिलसिला शुरू हो जायेगा। नामांकन-पत्र जमा करवाने की अंतिम तिथि 29 अप्रैल निर्धारित है। नामांकन-पत्रों की जाँच का कार्य 30 अप्रैल को होगा तथा 2 मई तक नामांकन वापस लिये जा सकेंगे। निर्वाचन संबंधी सभी प्रक्रिया 21 मई तक पूरी कर ली जायेगी। घोड़ाडोंगरी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र तत्कालीन विधायक सज्जन सिंह उईके के गत 19 मार्च को हुए निधन के कारण रिक्त घोषित किया गया था। भाजपा ने 2013 के चुनाव में इस सीट को लगातार तीसरी बार फतह किया था। सत्तारूढ़ दल, सीट को बरकरार रखने की कोशिश में जुट गया है। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सक्रिय हो गए हैं। इस सीट को लेकर मुख्यमंत्री के बेहद गंभीर होने का अंदाज केवल इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि वे अपने चाचा की अंत्येष्टि के ठीक बाद पार्टी के दिवंगत विधायक सज्जन सिंह उइके को ‘कंधा’ देने (मुख्यमंत्री के चाचाजी पोहप सिंह चौहान और सज्जन सिंह उइके की अंत्येष्टि एक ही दिन 20 मार्च को हुई) सपत्नीक सज्जन सिंह के गांव भौरा पहुंचे। उन्होंने क्षेत्र को भरपूर वक्त दिया। घोड़ाडोंगरी विधानसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती है। सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है। यह सीट 1962 में अस्तित्व में आई थी। विधानसभा सीट बनने के बाद 1962 से 2013 तक कुल 12 चुनाव हुए हैं। आठ बार भाजपा (1980 के पहले बीजेपी…. जनता पार्टी और जनसंघ हुआ करती थी) जीती, जबकि चार मर्तबा कांग्रेस को मतदाताओं ने विधानसभा पहुंचाया। सज्जन सिंह उइके नहीं रहे, लेकिन दो साल के लगभग का उनका विधायक के रूप मेें दूसरा कार्यकाल बहुत सफल नहीं माना गया। उइके का उनके अपने परिवार से कोई राजनीतिक उत्तराधिकारी नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी अपने किसी पुराने विधायक अथवा नए चेहरे पर दांव खेलेगी। भाजपा से टिकट की दौड़ में आधा दर्जन के आसपास चेहरे हैं। तय है मुख्यमंत्री जिस चेहरे को पसंद करेंगे, टिकट उसे ही मिलेगा। उधर कांग्रेस में भी चेहरों की कमी नहीं है, लेकिन पार्टी में जबरदस्त बिखराव की वजह से उपचुनाव में सोनिया गांधी की पार्टी कितना दम दिखला पाएगी, यह देखने वाली बात होगी। जानकारों का कहना है, ना केवल घोड़ाडोंगरी बल्कि समूचे बैतूल जिले में ही कांग्रेस तार-तार हो चुके अस्तित्व को बचाने के संकट से जूझ रही है। भाजपा में एक घर से टिकट के तीन दावेदार घोड़ाडोंगरी सीट के लिये बीजेपी में टिकट के जो प्रबल दावेदार हैं उनमें एक ही परिवार के तीन सदस्य हैं। पूर्व विधायक गीता उइके का नाम संभावित उम्मीदवारों में सबसे ऊपर रखा जा रहा है। पटवा सरकार में संसदीय सचिव रहे रामजीलाल उइके ने भी दावेदारी के लिए ताल ठोक रखी है। रामजीलाल उइके, गीता उइके के पति हैं। रामजीलाल 1980 में पहली बार घोड़ाडोंगरी से चुनकर विधानसभा पहुंचे थे। 62 वर्षीय रामजीलाल ने 1990 में भी इस सीट को जीता था। कांग्रेस के प्रताप सिंह उइके ने 1993 और 1998 में उन्हें परास्त किया था। रामजीलाल 1998 के बाद से टिकट के लिए संघर्षरत हैं। गीता रामजीलाल उइके का बेटा दीपक उइके भी टिकट के दावेदारों में शुमार बताया जा रहा है। भाजपा में टिकट के अन्य गंभीर दावेदारों में शरबती वरकले, शक्ति गणपत धुर्वे और चरण धुर्वे के नाम भी चर्चाओं में हैं। सरकार वर्सेस लीडर…! उपचुनाव सरकार लड़ती है, यह कड़वी सच्चाई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की सक्रियता बता रही है कि भाजपा कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। घोड़ाडोंगरी उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से कमान कौन संभालेगा…? पीसीसी चीफ के नाते पहला नाम अरूण यादव का है। हालांकि, टिकट किस धड़े के उम्मीदवार को मिलती है, सबकुछ उस पर निर्भर होगा। प्रदेश कांग्रेस कमेटी या प्रदेशाध्यक्ष श्री यादव बहुत ज्यादा उत्साह दिखाएंगे, इसकी संभावना कम है। संगठनात्मक और आर्थिक तौर पर पीसीसी की हालत खस्ता है। उम्मीदवार को जिताने के लिए पैसा कौन लगाएगा (बहाएगा)…? यह एक बड़ा सवाल होगा। कमलनाथ अपने किसी समर्थक के लिए टिकट में दिलचस्पी दिखलाते हैं तो तय है कि धन और बाहुबल के मान से मुकाबला बेहद रोचक होगा। कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं… घोड़ाडोंगरी में कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ नहीं है। यह सीट 2003 से भाजपा के पास है। उमा भारती की अगुवाई में 2003 के चुनाव में सीट सज्जन सिंह उइके ने भाजपा के लिए जीती थी। उनका टिकट 2008 में काट दिया गया था। गीता उइके को उम्मीदवार बनाया गया था। गीता उइके ने सीट जीत ली थी। साल 2013 के चुनाव में पार्टी ने गीता उइके की जगह टिकट फिर सज्जन को दिया था, वे कामयाब रहे थे। कुल मिलाकर साख भाजपा की दांव पर रहने वाली है। तीन अहम इश्यूज घोड़ाडोंगरी विधानसभा क्षेत्र में तीन मुद्दे जमकर गरमायेंगे। तीनों ही इश्यूज सत्तारूढ़ दल के लिए परेशानी पैदा करने वाले होंगे। पार्टी इनसे कैसे निपटेगी…? यह उसके कौशल पर निर्भर करेगा। विधानसभा क्षेत्र के चौपना ब्लॉक में 30 हजार के लगभग पट्टों का मसला काफी वक्त से लंबित है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने इस मामले के निराकरण के जमकर वायदे किए थे, लेकिन चुनाव जीतने के बाद सत्तारूढ़ दल और सरकार ने ‘गौर’ नहीं फरमाया। चुनाव के पहले इस मसले को सुलझाने का प्रयास सरकार करेगी, यह तय माना जा रहा है। इसके अलावा भोपाल-बैतूल फोरलेन को लेकर भाजपा और सरकार से मतदाताओं द्वारा सवाल-जवाब किया जाना तय है। कांग्रेस इस मसले को जमकर तूल देगी। तीन साल पहले 1200 करोड़ रुपए के लगभग वाली इस परियोजना के लिए टेंडर हो गए थे। दक्षिण भारत की ट्रांसटॉय कंपनी ने ठेका लिया। तीन साल में परियोजना में काम की गति शून्य वाली बनी हुई है। ठेका निरस्त करने के प्रयास स्थानीय स्तर पर हुए, लेकिन भोपाल ने साथ नहीं दिया। विलंब और लेटलाली भरे रवैये से मतदाता खासे नाराज हैं। उपचुनाव में सत्तारूढ़ दल को वोटरों और कांग्रेस की ओर से चलने वाले तीरों को भोथरा करने की रणनीति अभी से बनाना होगी। तीसरा बड़ा मुद्दा पानी की जबरदस्त किल्लत होना है। गर्मी शुरू हो चुकी है। पानी का संकट काफी पहले से गहराया हुआ है। क्षेत्र के कई गांव ऐसे हैं, जहां लोगों को एक से तीन किलोमीटर तक का सफर हर दिन पानी के इंतजाम के लिए करना पड़ रहा है। ज्यादातर हैंडपंप बिगड़े हुए हैं। पेयजल के अन्य स्रोतों का हाल भी यही है। बिजली के भारी-भरकम बिल और किल्लत भी उपचुनाव में अहम मुद्दा होगा। असंतुष्टों की बड़ी फौज….! बैतूल जिले में भाजपा का एक बड़ा वर्ग अपने ही दल से नाखुश है। घोड़ाडोंगरी में भी पार्टी को ‘बत्ती’ देने को कई प्रभावी नेता तैयार बैठे हैं। इस नाराजगी को भुनाने के लिए कांग्रेस में कोई दमदार नेता नहीं होने की बात प्रेक्षक कर रहे हैं। प्रेक्षकों का दावा है कि कांग्रेस इस समीकरण को फोकस कर आगे बढ़े तो… सत्तारूढ़ दल का गणित गड़बड़ा सकता है। जून में संभावना इसलिए..! चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार रिक्त होने वाली सीट पर चुनाव छह महीने में करा लिए जाने की अनिवार्यता है। घोड़ाडोंगरी के विधायक सज्जन सिंह उइके का निधन 19 मार्च 2016 को हुआ है। इस मान से 19 सितंबर तक का समय आयोग के पास है। मध्यप्रदेश में मानसून 15 जून के आसपास आता है। बारिश 15 सितंबर तक होती है। घोड़ाडोंगरी बैतूल जिले की सबसे बड़ी विधानसभा सीट है। क्षेत्र में काफी संख्या में मतदान केन्द्र ऐसे हैं जिनसे तेज बारिश में घोड़ाडोंगरी और जिला मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट जाता है। विधानसभा के मतदान केन्द्रों तक बारिश में पहुंचना मुमकिन नहीं होगा। इस तथ्य के मद्देनजर चुनाव जून के पहले पखवाड़े में करा लिए जाने की संभावनाएं बलवती हैं। घोड़ाडोंगरी काचुनावी सफर चुनाव वर्ष विजयी उम्मीदवार दल 1962 जगनू सिंह उइके जनसंघ 1967 माडू जनसंघ 1972 विश्राम सिंह मवासे कांग्रेस 1977 जगनू सिंह उइके जनता पार्टी 1980 रामजीलाल उइके भाजपा 1985 मीरा धुर्वे कांग्रेस 1990 रामजीलाल उइके भाजपा 1993 प्रताप सिंह उइके कांग्रेस 1998 प्रताप सिंह उइके कांग्रेस 2003 सज्जन सिंह उइके भाजपा 2008 गीता रामजीलाल उइके भाजपा 2013 सज्जन सिंह उइके भाजपा चौदहवीं विधानसभा का आठवां उपचुनाव मौजूदा विधानसभा का यह आठवां उपचुनाव होगा। इसके पहले सात उपचुनाव हुए हैं। सात में छह उपचुनाव भाजपा ने जीते हैं। एकमात्र बहोरीबंद सीट पर कांग्रेस को सफलता मिली। बहोरीबंद सीट अप्रैल 2014 में भाजपा विधायक प्रभात पांडे के निधन की वजह से रिक्त हुई थी। इस सीट पर भाजपा वापसी नहीं कर पाई थी और सीट कांग्रेस के लिये सौरभ सिंह ने जीत ली थी। अन्य छह चुनावों में दो सीटें विजय राघवगढ़ और मैहर ऐसी सीटें रहीं जिन पर हुए उपचुनाव में सफलता भाजपा को मिली। दोनों सीटें 2013 के चुनाव में कांग्रेस ने जीती थीं। विजय राघवगढ़ सीट संजय पाठक और मैहर सीट पर नारायण त्रिपाठी विजयी हुए थे। लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों पाला बदलकर भाजपा के खेमे में आ गए थे। उपचुनाव में भाजपा ने इन्हें टिकट दिया और दोनों ने अपनी-अपनी सीटें बीजेपी के लिए जीत लीं। विदिशा, आगर, गरोठ और देवास सीटें भाजपा ने 2013 में जीतीं थीं। बाद में इन सीटों पर उपचुनाव में भी भाजपा के उम्मीदवार विजयी रहे। कमलनाथ बनाम अरुण यादव बैतूल जिले में कांग्रेस की टिकटों के वक्त कमलनाथ खासे सक्रिय होते हैं। उपचुनाव में क्या परिदृश्य बनेगा…? फिलहाल समय के गर्भ में है। कमलनाथ परंपरा के अनुसार अपने मोहरे को आगे बढ़ाते हैं तो उनके कट्टर अनुयायी पूर्व विधायक सुखदेव पांसे सीधे तौर पर मैदान में नजर आएंगे। टिकट में कमलनाथ ने दखलंदाजी नहीं की और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव को दिल्ली ने फ्री हैंड दिया तो पूर्व विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष विनोद डागा की पसंद के प्रत्याशी को टिकट मिलना तय माना जा रहा है। वैसे, फिर जीत की संभावना भी तुलनात्मक रूप से कम ही रहेगी, यह पार्टी के वरिष्ठ नेता भी जानते हैं। वैसे भी भाजपा से यह सीट छीन पाना आसान नहीं होगा। पूर्व मंत्री प्रतापसिंह उइके दौड़ में आगे कांग्रेस से टिकट के दावेदारों में पूर्व मंत्री प्रताप सिंह उइके दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। उनका टिकट कांग्रेस के बड़े नेताओं के इक्वेशन के मान से तय हो सकेगा। दिग्विजय सिंह ने खुद को मध्यप्रदेश की राजनीति से दूर कर रखा है। प्रेक्षकों का मत है कि दिग्विजय सिंह घोड़ाडोंगरी को लेकर सीधे तौर पर सक्रिय हो जाएं तो भाजपा की राह यहां बेहद कठिन हो जाएगी। वे मोर्चा संभालेंगे, इसकी संभावनाएं कतई नहीं हैं। कांग्रेस में टिकट के दावेदारों में प्रतापसिंह उइके की पत्नी सुलोचना उइके का नाम भी चर्चाओं में शुमार किया जा रहा है। प्रताप सिंह उइके का भतीजा राहुल उइके भी टिकट के दावेदारों में शुमार है। एक ही परिवार के तीन सदस्य, कांग्रेस में भी उम्मीदवारों की कतार में हैं। इनके अलावा ओमप्रकाश उइके भी गंभीर दावेदारों में शुमार हैं। कुल मिलाकर सबकुछ कमलनाथ के रुख पर निर्भर होगा। तमाम समीकरणों के बावजूद कांग्रेस के लिए राह बेहद कठिन और कांटों भरी होगी, यह तय है।
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28 May 2016नाबालिग से छेड़छाड़ के मामले में आरोपी बनाए गए भोपाल के तारासेवनिया के सरपंच हृदेश मीणा के पक्ष में भाजपा विधायक विष्णु खत्री एसपी नॉर्थ अरविंद सक्सेना से मिले। बीजेपी विधायक के लड़की छेड़ने वाले के पक्ष में आ जाने से पुलिस असमंजस में है। पहला मौका है जब एक नाबालिग के साथ छेड़छाड़ करने वाले के साथ बीजेपी विधायक सामने आये हैं। बीजेपी ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया है। पुलिस के मुताबिक तारासेवनिया के सरपंच हृदेश मीणा के खिलाफ 16 साल की छात्रा ने बैरसिया थाने में छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था। पीड़िता का आरोप था कि हृदेश ने 13 अप्रैल की दोहपर घर में घुसकर उससे छेड़छाड़ की थी। सोमवार दोहपर बैरसिया विधायक विष्णु खत्री अपने समर्थकों के साथ डीआईजी डॉ. रमन सिंह सिकरवार से मिलने पहुंचे। उनके नहीं मिलने पर वे एसपी नॉर्थ अरविंद सक्सेना के ऑफिस पहुंचे। एसपी ने विधायक से ज्ञापन लेकर मामले की जांच कराने का आश्वसन दिया। उनका कहना था कि मकान को लेकर दोनों पक्षों का विवाद चल रहा है। इसी के कारण हृदेश के खिलाफ प्रकरण दर्ज कराया गया है। लोगों ने की थी शिकायत बैरसिया विधायक विष्णु खत्री ने फोन पर बताया कि उनके लालघाटी स्थित मकान पर सोमवार को बैरसिया से उनकी पार्टी के समर्थक बड़ी संख्या में आए थे। उनका आरोप था कि हृदेश को जबरन इस मामले में फंसाया जा रहा है। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मिलकर एसपी नॉर्थ को ज्ञापन देकर मामले की निष्पक्ष जांच का आग्रह किया है। विधायक खत्री ने कहा कि मामला सही होने पर सरपंच के खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए।
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31 December 1969चंबल के बीहड़ों में जहां कभी बूंदकों की धांय-धांय सुनाई देती थी, उसी बीहड़ में अब चीकू, अंगूर, अनार, पपीता और औषधीय फूल आदि खेती के मंसूबे सजाए जा रहे है। देश विदेश के वैज्ञानिकों ने भी इस बात की संभावना जताई है कि इन बीहड़ों में औषधीय पौधे, फलदार वृक्ष और फूलों की खेती की जा सकती है। इन मंसूबे को पूरा होने की आशा तब और बलवती हो गई जब विश्व बैंक ने बीहड़ के विकास के लिए लगभग 1200 करोड़ देने की सहमति दे दी। बीहड़ के विकास को लेकर पिछले दिनों भारत सरकार और राजमाता कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के संयुक्त तत्वावधान में 7 मार्च से 9 मार्च तक तीन दिवासीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में ब्राजील, जापान, दक्षिण अफ्रीका, इजरायल, जर्मनी स्वीट्जरलैंड देशों के वैज्ञानिकों के अलावा बैंगलौर , उड़ीसा और राजस्थानों के कृषि वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया। इन वैज्ञानिकों ने बीहड़ क्षेत्र खासकर मुरैना और भिंड का दौरा किया और उनके भूगौलिक स्थिति को समझा और फिर सम्मेलन में आकर अपने विचार व्यक्त किए। तीन दिवसीय सम्पन्न अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में वैज्ञानिकों के बीच हुए मंथन के दौरान यह तथ्य उभर का प्रकाश में आया कि चंबल के बीहड़ों को विकसित किया जा सकता है। मंथन से निकले तथ्यों को लेकर राजमाता कृषि विवि ग्वालियर फल, औषधीय वृक्ष और फूल के पौधे लगाने हेतु एक एक्शन प्लान तैयार करने जा रहा है। इसी प्लान के आधार पर राज्य सरकार विश्व वैंक से 1200 करोड़ देने का आग्रह करेगा।
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15 February 2013वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी आजाद सिंह डबास ने गुड गवर्नेंस पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब मेरी ही शिकायत पर अठारह साल में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो कैसा गुड गवर्नेंस। डबास ने यह बात सिविल सर्विसेज डे पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान यह बात कही। शाहपुरा झील किनारे स्थित प्रशासन अकादमी में सिविल सर्विसेज डे के मौके पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें प्रदेश के आईएएस, आईपीएस और आईपीएस अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सुबह साढ़े दस बजे कार्यक्रम की शुरूआत हुई जो दोपहर दो बजे तक चला। अपर मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने गुड गवर्नेंस को लेकर प्रिजेंटेशन दिया। कार्यक्रम में सवाल जवाब के दौरान आईएफएस अधिकारी डबास ने कहा कि उन्होंने 18 साल पहले ग्वालियर में अवैध रूप से खनिज उत्खनन को लेकर मुख्य सचिव से लेकर कई जगह शिकायत की थी। आज तक उस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जब मुझे ही न्याय नहीं मिला तो कैसा गुड गवर्नेंस है? सिविल सर्विस डे के एक दिन पहले अफसरों ने सिस्टम को कटघरे में खड़ा किया तो किसी ने सुधार को लेकर प्रश्न किए। मुख्य सचिव अंटोनी डिसा और पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह प्रश्न पूछने में सबसे आगे रहे। अफसरों के हर प्रश्न का उत्तर अपर मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा एसआर मोहंती ने बड़े ही बेबाकी और प्रशासनिक दायरे में रहते हुए दिए। प्रशासन अकादमी में आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों के बीच जैसे ही प्रश्नोत्तर काल शुरू हुआ कि मुख्य सचिव अंटोनी डिसा ने पहला प्रश्न किया कि सीनियर अधिकारी के लिए माइक्रो मैनेजमेंट में गुड आस्पेक्ट कैसे हो सकता है। इसी दौरान पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह ने सवाल किया कि माइक्रो मैनेजमेंट में एकाउंटेबिलिटी को लेकर कैसे काम किया जा सकता है। सीएस के प्रश्न का उत्तर देते हुए एसीएस मोहंती ने बताया कि इरिगेशन पॉलिसी के लिए एसीएस जलसंसाधन आरएस जुलानिया द्वारा किए गए कार्य माइक्रो मैनेजमेंट का सबसे अच्छा उदाहरण है। डीजी सवाल पर उत्तर मिला कि रिस्पांसबिलिटी फिक्स करने की जरूरत है। सोशल मीडिया आजकल इसमें अहम् रोल अदा कर रहा है। आंख मंूदकर स्थानीय अफसर विश्वास करने की जरूरत नहीं है। APCCF डबास को CS डिसा की डपट, बोले पर्सनल बातों का नहीं है मंच अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक आजाद सिंह डबास को मुख्य सचिव अंटोनी डिसा और पीसीसीएफ नरेन्द्र कुमार की फटकार भी लगी। डबास को बोलने के बीच ही रोकते हुए उन्हें नसीहत दी गई कि यह मंच पर्सनल बातों के लिए नहीं बल्कि गुड गर्वनेंस पर बोलने के लिए है। डबास ने मंच से 18 साल पुराना एक मामला उठाते हुए कोई कार्रवाई नहीं होने की बात कही थी। वे अपने ही विभाग के अफसरों की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगा रहे थे। दरअसल अपर मुख्य सचिव स्कूल शिक्षा एसआर मोहंती अफसरों के प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे। इसी दौरान एपीससीएफ अजाद सिंह डबास खड़े हुए और प्रश्न दागा कि ग्वालियर वृत्त के वन क्षेत्र में खनिज का अवैध उत्खनन हुआ, मैने शिकायत की, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वे विभाग पर कुछ और बोलते इसके पहले मुख्यसचिव ने बीच में ही रोका और बैठ जाने को कहा। डबास फिर भी नहीं माने और बोलने को आगे बढ़े तभी पीसीसीएफ ने भी टोका और पर्सनल बातें अलग से करने की नसीहत दे डाली। ACS मोहंती का प्रजेंटेशन काबिल-ए-तारीफ सिविल सर्विस डे के मौके पर स्कूल शिक्षा विभाग के एसीएस एसआर मोहंती ने प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने कहा कि कौटिल्य, प्रजा की खुशी में अपनी खुशी मानते थे। वे अपनी खुशी को खुशी नहीं मानते थे। हम सिस्टम को डेवलप कैसे कर सकते हैं? पैसे का इस्तेमाल लोगों के लिए कैसे कर सकते हैं? इस तरह की नीति बनाकर मौजूदा समय में काम करने की जरूरत है। गुड गवर्नेंस के पांच पिलर हैं। सिटिजन सेंट्रिंग प्रशासन ही गुड गवर्नेंस में माना जाता है। जीरो टॉलरेंस, लीगल सिस्टम, कांपीटेंट पर्सनल, साउंड पर्सनल मैनेजमेंट, गुड पॉलिसी इसके लिए आवश्यक हैं। माइक्रो मैनेजमेंट में एकाउंटेबिलिटी पर कैसे होगा काम: DGP सवाल: डीजीपी सुरेन्द्रसिंह-माइक्रो मैनेजमेंट में एकाउंटेबिलिटी को लेकर कैसे काम किया जा सकता है। जवाब: एसीएस मोहंती- रिस्पांसबिलिटी फिक्स करने की जरुरत है। सोशल मीडिया आजकल इसमें रोल अदा कर रहा है। आंख मूंदकर स्थानीय अफसर पर विश्वास करने की जरुरत नहीं है। सवाल: सीएस अंटोनी डिसा- सीनियर अधिकारी के लिए माइक्रो मैनेजमेंट में गुड आस्पेक्ट कैसे हो सकता है। जवाब: एसीएस मोहंती - इरिगेशन पॉलिसी के लिए एसीएस आरएस जुलानिया द्वारा किए गए कार्य माइक्रो मैनेजमेंट का सबसे अच्छा उदाहरण है। सवाल: एडीजी प्रदीप रुनवाल-डायल 100 में फाल्स काल भी आते है इसे रोकने के लिए क्या प्रयास किए जा रहे है। जवाब: एडीजी अन्वेष मंगलम -85 फीसदी फाल्स काल एमपी में आ रहे है। इसे कम करने के लिए दवाब बनाने की जरुरत अभी नहीं है। देश-प्रदेश में इस तरह की बहुत शिकायत आती है। कई बार मिस कॉल से भी जानकारी मिलती है। कई बार लोग पचास से सौ बार फाल्स कॉल् करते हे। ऐसे लोगों को ब्लैक लिस्ट किया है पर पूरी तरह इग्नोर नहीं किया है। सवाल: डायल 100 के बाद पुलिस कर्मी बीट पर मौजूद नहीं रहते। पुलिस का संवाद घटा है। इसे सुधारने की जरुरत है। जवाब: डीजीपी-सिंहस्थ के चलते फोर्स की दिक्कत आई है। बीट में मूवमेंट कम नहीं होने देंगे।
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9 September 2013