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नई दिल्ली । भारतीय सेना ने सोमवार को एक बार फिर पाकिस्तान को आईना दिखाया और बताया कि भारत की वायु रक्षा प्रणाली कितनी मजबूत है। साथ ही बिना सबूत के खुद को महिमामंडित कर रहे पाकिस्तान को सबूत के साथ बताया कि भारत की व्यापक मारक क्षमता ने कैसे उसके महत्वपूर्ण सैन्य ढांचों को ध्वस्त कर दिया। यह स्पष्ट कर दिया कि सभी सैन्य अड्डे और प्रणालियां पूरी तरह से सक्रिय हैं और सेना अगले मिशन के लिए तैयार है।
भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से आज दोपहर को राष्ट्रीय मीडिया केंद्र पर ऑपरेशन सिंदूर पर दूसरी विशेष पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। इसमें वायुसेना, थलसेना और नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने मीडिया को संबोधित किया और ऑपरेशन के दौरान की गई सैन्य कार्रवाइयों, तैयारियों और उपलब्धियों का विस्तृत विवरण साझा किया।
एयर मार्शल ए.के. भारती ने पत्रकार वार्ता में रामचरित मानस की पंक्तियों का उपयोग कर पूरे ऑपरेशन को कुछ शब्दों में समझा दिया। उन्होंने कहा कि गोस्वामी जी ने लिखा है, ‘बिनय न मानत जलधि जड़ गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होइ न प्रीति।’ उन्होंने कहा कि यह पंक्तियां आज भी प्रासंगिक हैं और हमारी नीति को स्पष्ट करती हैं– शांति की चाह के बावजूद यदि दुस्साहस किया गया, तो उत्तर मिलेगा।
सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि हाल के वर्षों में आतंकवादी गतिविधियों का स्वरूप बदला है। अब निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहलगाम तक पाप का यह घड़ा भर चुका था।
एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि सभी सैन्य अड्डे और प्रणालियां पूरी तरह से सक्रिय हैं और किसी भी भविष्य की चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के तहत वायुसेना द्वारा भेदे गए लक्ष्यों की समग्र तस्वीर भी प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि भारतीय हवाई रक्षा प्रणाली ने उत्कृष्ट लचीलापन दिखाया। परत-दर-परत रक्षा प्रणाली के तहत प्वाइंट सुरक्षा से लेकर क्षेत्रीय सुरक्षा तक के हथियारों का प्रभावी इस्तेमाल हुआ। कई प्रकार के ड्रोन और यूसीएवी को निष्क्रिय किया गया। पुराने सिस्टम जैसे पेचोरा, ओसा-एके और एलएलएडी गनों ने भी शानदार प्रदर्शन किया, वहीं स्वदेशी ‘आकाश’ प्रणाली की भूमिका उल्लेखनीय रही।
विदेशी प्रणालियों का उपयोग और जवाब
सेना ने तस्वीरों के साथ दिखाया कि पाकिस्तान की ओर से उपयोग की गई विदेशी हथियारों का भारत में क्या हाल हुआ है। पाकिस्तान के हमले में प्रयोग की गई चीनी पीएल-15 एयर टू एयर मिसाइल और लम्बी दूरी के रॉकेटों के मलबे को बरामद किया गया है। इसके साथ ही तुर्किये मूल के यीहा और सोनगार ड्रोन भी भारत ने मार गिराए। एयर मार्शल ने बताया कि पाकिस्तान द्वारा भेजे गए कई ड्रोन और यूसीएवी को भारत के सॉफ्ट और हार्ड किल काउंटर-यूएएस सिस्टम और प्रशिक्षित वायु रक्षा दलों ने नाकाम किया।
एयरफील्ड्स और लॉजिस्टिक नेटवर्क को निशाना बनाना कठिन
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि भारत के एयरफील्ड्स और लॉजिस्टिक नेटवर्क को निशाना बनाना बेहद कठिन है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की प्रसिद्ध कहावत का उदाहरण देते हुए कहा– ‘ऐशेज़ टू ऐशेज़, डस्ट टू डस्ट, इफ़ थॉम्मो डॉन्ट गेट या, लिल्ली मस्ट।’ (राख से राख, धूल से धूल, अगर थॉमो तुम्हें नहीं पकड़ता है, तो लिली जरूर पकड़ेगी।) और बताया कि भारत की बहु-स्तरीय सुरक्षा प्रणाली में कोई भी परत विरोधी को रोक सकती है।
नौसेना की निगरानी कर रही
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि नौसेना लगातार बहु-सेंसर और इंटेलिजेंस इनपुट्स की मदद से निगरानी कर रही है। सभी संभावित खतरों– चाहे वे ड्रोन हों, मिसाइल हों या फाइटर व सर्विलांस एयरक्राफ्ट – के खिलाफ समग्र और प्रभावशाली लेयर्ड फ्लीट एयर डिफेंस प्रणाली तैयार है। उन्होंने अंत में यह भी कहा कि भारतीय रक्षा प्रणालियों को खड़ा करने और सशक्त बनाने में पिछले एक दशक में मिले बजटीय और नीतिगत समर्थन की अहम भूमिका रही है। उन्होंने देश के राजनीतिक नेतृत्व और देश की जनता से मिले समर्थन का आभार प्रगट किया।
एयर मार्शल भारती ने यह भी बताया कि अगर भविष्य में कोई लड़ाई होती है, तो वह पिछली लड़ाइयों से बिल्कुल अलग होगी। हर युद्ध की अपनी रणनीति होती है। आज टेक्नोलॉजी तेजी से आगे बढ़ रही है और हम भी उस अडवांसमेंट का हिस्सा हैं।
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