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साल 2007 के बाद जीका वायरस से हो रहे संक्रमण में बड़ा विस्फोट हुआ और ये अफ्रीका, अमेरिका, एशिया और प्रशांत क्षेत्र में तेजी से बढ़ने लगा. अभी कुछ साल पहले ही भारत के दक्षिण राज्यों, केरल और कर्नाटक में जीका के मामले देखने को मिले थे एक जुलाई को दो प्रग्नेंट महिलाओं के संक्रमित होने के बाद महाराष्ट्र के पुणे में जीका वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ कर 11 हो गई है. इससे पहले 21 जून को वहां तब पहला मरीज मिला था, जब एक डॉक्टर इस संक्रमण का शिकार हो गए थे, उसके बाद उनकी भी बेटी इस वायरस के गिरफ्त में आ गई जीका वायरस के बढ़ते मामले को देखते हुए पुणे का स्वास्थ्य विभाग सजग हो गया है, और पूरी स्वास्थ्य प्रणाली इस संक्रमण के रोकथाम के प्रयास में जुट गई है स्वास्थ्य विभाग संक्रमित इलाके से लोगों के सैंपल ले रहा है और साथ ही पूरे इलाके में दवाओं का छिड़काव भी कर रहा है. वायरस के बढ़ते मामलों के बीच जीका वायरस क्या है, इसकी उत्पत्ति कहां से हुई, ये सवाल भी लोगों के बीच घुमड़ रहा है विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार जीका वायरस सबसे पहले 1947 पूर्वी अफ्रीका के देश युगांडा में मिला था, इसका नाम करण भी युगांडा के जंगलों नाम पर ही किया गया है. उसी समय पहली बार जंगल के बंदरों को आइसोलेट किया गया था. इसके बाद साल 1952 में जीका वायरस ने युगांडा और तंजानिया के लोगों को अपने चपेट में ले लिया था, ये इंसान की कोशिकाओं में वायरस की पहली दस्तक थी. इसके बाद इस वायरस से जुड़े मामले और भी देशों में मिलने लगे और धीरे इस बीमारी का विस्तार हो गया
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