Patrakar Priyanshi Chaturvedi
रीवा: रीवा के शासकीय आयुर्वेद अस्पताल में इन दिनों लीच थेरेपी से कई बीमारियों का सफल इलाज हो रहा है। यह आयुर्वेद की एक प्राचीन पद्धति है, जो मरीजों के लिए लाभकारी साबित हो रही है।
आयुर्वेद की लीच थेरेपी पद्धति में जोंक का उपयोग शरीर के प्रभावित हिस्से से दूषित रक्त निकालने और दर्द कम करने के लिए किया जाता है। रीवा के शासकीय आयुर्वेद कॉलेज में इस पद्धति से चर्म रोग, घाव, कील-मुंहासे, नसों का फूलना और अन्य कई बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। जोंक के लार्वा में दर्द निवारक गुण होते हैं, जो मरीजों को राहत प्रदान करते हैं।
चिकित्सकों का कहना है कि यह प्राचीन आयुर्वेदिक उपचार लाइलाज बीमारियों में भी कारगर साबित हो रहा है। इस पद्धति से इलाज कर रहे मरीजों को अच्छा परिणाम मिल रहा है, जो आयुर्वेद की इस पद्धति की प्रभावशीलता को प्रमाणित करता है।
Dakhal News
|
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.
Created By:
Medha Innovation & Development |