Patrakar Priyanshi Chaturvedi
कांग्रेस की चंदा रानी गौर की याचिका पर हाईकोर्ट का आदेश
तत्कालीन रिटर्निंग अधिकारी पर भी दिए कार्रवाई के आदेश,टीकमगढ़ की खरगापुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक राहुल सिंह लोधी की मुश्किलें बढ़ गई है जबलपुर हाईकोर्ट ने विधायक लोधी के चुनाव को शून्य घोषित कर दिया है लोधी को विधायक पद की सुविधाएं भी नहीं दी जाएंगी कांग्रेस की पूर्व विधायक चंदा रानी गौर ने उन पर शपथ पत्र में जानकारी छुपाने का आरोप लगाया था जिसपर हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया हाईकोर्ट ने खरगापुर विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक राहुल सिंह लोधी के चुनाव को शून्य घोषित कर दिया है राहुल सिंह लोधी पर आरोप है कि 2018 के विधानसभा चुनाव के शपथ पत्र में उन्होंने सटीक जानकारी नहीं दी थी उन पर एक मामले में हाईकोर्ट ने जुर्माना लगाया था ये तथ्य भी छुपाया गया राहुल सिंह लोधी ने MPRRDA के साथ किए गए कॉन्ट्रैक्ट की जानकारी नामांकन फाॅर्म में छिपाई थी इस मामले में तत्कालीन रिटर्निंग ऑफिसर वंदना राजपूत का रोल संदिग्ध था इसको लेकर पूर्व विधायक चंदा रानी गौर ने मई 2019 में हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी जिसमें उन्होंने राहुल सिंह लोधी का चुनाव निरस्त करने की मांग की थी मामले में न्यायाधीश नंदिता दुबे की कोर्ट में सुनवाई हुई कोर्ट ने कहा है कि राहुल सिंह लोधी को विधायक पद की सुविधाएं नहीं दी जाएं लोधी शासन से लाभ ले रही फर्म में पार्टनर थे लोधी ने हाईकोर्ट में पूर्व में आदेशित 10 हज़ार की कॉस्ट भी नहीं चुकाई थी कोर्ट ने तत्कालीन रिटर्निंग ऑफिसर वंदना राजपूत के खिलाफ भी सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि आगे किसी भी निर्वाचन प्रक्रिया में इन्हें नहीं रखा जाए आगे की कार्रवाई विधानसभा करेगी आपको बता दें पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बड़े भाई हरबल सिंह लोधी के छोटे बेटे राहुल सिंह लोधी खरगापुर से 2018 में पहली बार विधायक बने थे इससे पहले 2013 में भी वे खरगापुर से ही बीजेपी के ही टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़े थे उस चुनाव में वे कांग्रेस प्रत्याशी चंदा रानी गौर से हार गए थे राहुल लोधी की पत्नी उमिता सिंह टीकमगढ़ जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं वहीं कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष अजय सिंह यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने खरगापुर विधायक राहुल सिंह लोधी की सदस्यता रद्द की है उन्होंने मांग की है कि इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष को तत्काल कार्यवाही करते हुए विधानसभा से सदस्यता रद्द करने की अधिसूचना जारी करनी चाहिए।
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