भारतीयों के शरीर में इस पोषक तत्व की है भारी कमी
There is a huge deficiency of this nutrient

'लैंसेट ग्लोबल हेल्थ' के मुताबिक भारतीयों के शरीर में कई सारे पोषक तत्वों की कमी है. खासकर आयरन, कैल्शियम और फोलेट की सबसे ज्यादा कमी है. इस रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि यह कमी हर उम्र के लोगों में देखी गई है. यह रिसर्च दुनिया के 185 देशों में किया गया है. इसमें पाया कि 15 ऐसे पोषक तत्व हैं जो लोगों के शरीर में कम मात्रा में है.

पूरी दुनिया में 70 प्रतिशत लोग आयोनडिन नहीं खाते हैं

यह रिसर्च डाइट संबंधी चार्ट पर आधारित है. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी यूएसए के रिसर्चर की एक इंटरनेशनल टीम ने कहा है कि यह रिसर्च से ऐसे संकेत मिले हैं कि वैश्विक आबादी का लगभग 70 प्रतिशत जो कि पांच अरब से अधिक लोगों के बराबर है. यह लोग आयोडीन, विटामिन ई और कैल्शियम बिल्कुल भी नहीं खाते हैं. 

रिसर्च में यह भी पाया कि एक ही देश और आयु वर्ग में, पुरुषों की तुलना में महिलाओं का एक बड़ा हिस्सा आयोडीन, विटामिन बी12 और आयरन सही मात्रा में नहीं ले रही हैं. वहीं महिलाओं की तुलना में अधिक पुरुष मैग्नीशियम, विटामिन बी6, जिंक और विटामिन सी की अपर्याप्त मात्रा में खाते हैं. 

भारत की स्थिति

भारतीयों यह देखा गया कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की एक बड़ी संख्या में आयोडीन की कमी पाई गई है . जबकि महिलाओं की तुलना में पुरुषों की एक बड़ी संख्या में जिंक और मैग्नीशियम का अपर्याप्त लेवल था. 

10-30 साल की कमी

रिसर्च में पाया गया कि 10-30 साल की आयु के व्यक्ति खासकर साउथ एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में कम कैल्शियम सेवन के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं. लेखकों का सुझाव है कि ये निष्कर्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों को उन आबादी की पहचान करने में मदद कर सकते हैं जिन्हें आहार हस्तक्षेप की आवश्यकता है.

उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि चूंकि अध्ययन में फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों या सप्लीमेंट्स की खपत पर विचार नहीं किया गया था, इसलिए परिणाम कुछ प्रमुख पोषक तत्वों की कमी को बढ़ा-चढ़ाकर बता सकते हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहां फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ और सप्लीमेंट्स का आमतौर पर सेवन किया जाता है.

वैज्ञानिक ने देखा कि ये कमियां चावल और गेहूं जैसे मुख्य अनाजों के आहार में निहित हैं, जिनमें इन महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी है.  उन्होंने कहा कि इन पोषक तत्वों की ऑर्गेनिक या अवशोषण, अक्सर फाइटेट्स और ऑक्सालेट द्वारा कम हो जाता है, जो आमतौर पर भारत में प्रचलित शाकाहारी आहार में पाए जाते हैं.

Dakhal News 2 September 2024

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