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शीशमहल, गोल्डन थीम, दीवारों में चांदी और पीतल का काम। ये फाइव स्टार होटल नहीं, राजस्थान की शाही ट्रेन 'पैलेस ऑन व्हील्स' है। जो 25 सितंबर से फिर पटरियों से दौड़ेगी। इस ट्रेन में इस बार कई बदलाव किए गए हैं। सबसे बड़ा बदलाव महाराजा रेस्टोरेंट में किया गया है। इसे शीश महल के रूप में तैयार किया गया है। खास बात है कि इसे उन्हीं कारीगरों ने तैयार किया, जिनके पूर्वजों ने आमेर का शीश महल बनाया था।
वहीं, महारानी रेस्टोरेंट को गोल्डन थीम पर सजाया गया है। जिम को बदलकर प्रेसिडेंशियल सुइट तैयार किया गया है। इसका 7 दिन का किराया 39 लाख रुपए है। हर डिब्बे में स्मोक डिटेक्टर लगाए गए।
राजस्थान पर्यटन विकास निगम (RTDC) की ओर से ट्रेन की पहली ट्रिप दिल्ली के सफदरगंज स्टेशन से शुरू (फ्लैग ऑफ) की जाएगी।
इस बार शाही ट्रेन से लगभग 30 विदेशी सैलानी राजस्थान की अलग-अलग विरासत को देख सकेंगे। शुक्रवार को पांच महीने बाद ट्रैक पर उतरी ट्रेन का ट्रायल हुआ।
25 सितंबर को दिल्ली से शुरू होगी जर्नी
पर्यटन निगम की प्रबंध निदेशक आईएएस सुषमा अरोड़ा ने बताया- 'पैलेस ऑन व्हील्स' को 25 सितंबर को दिल्ली से फ्लैग ऑफ किया जाएगा। यह ट्रेन वन वीक तक राजस्थान के प्रमुख हेरिटेज सिटी को कवर करते हुए आगरा तक जाएगी।
ट्रेन का हर साल रेनोवेशन किया जाता है। ट्रेन के शाही अंदाज और लुक को और भव्यता देने के लिए इसमें कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए है।
ट्रेन में फायर सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए पूरे किचन को गैस की जगह इलेक्ट्रिफाइड किया गया है। अब गैस चूल्हे की जगह इलेक्ट्रिक चूल्हे पर खाना तैयार होगा।
इस सीजन में 32 फेरे करेगी
ट्रेन दिल्ली से रवाना होकर जयपुर आएगी। नेक्स्ट डे जयपुर से रवाना होकर सुबह सवाई माधोपुर जाएगी। यहां दिनभर रुकने के बाद इसी दिन ट्रेन चित्तौड़गढ़ के लिए रवाना हो जाएगी। यहां से उदयपुर, अजमेर, जैसलमेर, जोधपुर, भरतपुर होते हुए आगरा के ताजमहल जाकर यात्रा का समापन होगा। यह ट्रेन इस सीजन में 32 फेरे करेगी।
सुषमा अरोड़ा ने बताया- इस ट्रेन में गेस्ट के लिए 5 स्टार फैसिलिटी मिलेगी। रॉयल फैमिली जैसे रूम डिजाइन किए गए हैं। इसमें 39 रूम डीलक्स कैटेगरी के हैं। वहीं, 2 रूम सुपर डीलक्स हैं।
एक प्रेसिडेंशियल सुइट है। टूर में गेस्ट को राजस्थान के अलग-अलग शहरों में घूमने के लिए वॉल्वो कोच के साथ गाइड की सुविधा भी मिलेगी।
सबसे सस्ता पैकेज 12 लाख रुपए
ट्रेन का संचालन करने वाली निजी कंपनी के डायरेक्टर भगत सिंह ने बताया कि पहले ट्रिप में हमारे साथ 30 विदेशी मेहमान जाएंगे। ट्रेन में एक रूम (केबिन) का सबसे सस्ता पैकेज 12 लाख रूपए है। इसकी खासियत है की हम इस ट्रेन के जरिए सात दिन में आठ शहरों को कवर करेंगे। आउटसाइड विजिट का पूरा खर्चा भी पैकेज में शामिल है।
20 दिन का टूर 7 दिन में पूरा होता है
पूरे राजस्थान और आगरा के ताजमहल का सड़क के जरिए टूर किया जाए तो 20 दिन का समय लगेगा। इस ट्रेन के माध्यम से यह पूरा टूर सात दिन में पूरा होता है। ऐसे टूरिस्ट प्लेस जहां ज्यादा भीड़ रहती है। उन जगहों पर भी हम 'पैलेस ऑन व्हील्स' के गेस्ट को स्पेशल कैटेगरी में विजिट कराते हैं।
उन्होंने बताया कि इस ट्रेन से RTDC को डेढ़ से दो करोड़ का रेवेन्यू होता था। निजी कंपनी जब से ऑपरेट कर रही है तब से करीब 5 करोड़ रेवेन्यू सरकारको मिलने का दावा है। सिंह ने बताया कि इसमें रेवेन्यू और बढ़ता है तो सरकार को हम 18.5 प्रतिशत और देंगे।
दीवारों में चांदी और पीतल का वर्क किया गया
भगत सिंह ने बताया- हमारा कॉम्पिटिशन वर्ल्ड की दूसरी लग्जरी ट्रेनों से है। ट्रेन का कई बार एक्सीडेंट हो जाता है। ट्रेन में आग लगने की घटनाएं हो जाती हैं। इन्हें देखते हुए सेफ्टी के तौर पर उन एलिमेंट को यूज किया है, जो फायर फ्रेंडली नहीं है। हमने फ्लोर में इनले का मार्बल लगाया है।
हमने दीवारों में मेटल का यूज किया है, जिनमें पीतल, जर्मन सिल्वर के वर्क शामिल है। हमने कुछ रूम्स में ठीकरी ग्लास का वर्क किया है। इन सब का इस्तेमाल हमने वर्ल्ड के लग्जरी ट्रेनों को कॉम्पिटिशन में हराने के लिए किया है। ये वर्क न केवल सेफ्टी के तौर पर है बल्कि इससे रॉयल फील भी आता है।
आमेर के शीश महल के तर्ज पर तैयार हुआ महाराजा रेस्टोरेंट
भगत सिंह ने बताया- पिछली बार हमने ट्रेन का रेनोवेशन किया था। लेकिन उसमें कुछ रूम और महाराजा रेस्टोरेंट था। इनका रेनोवेशन नहीं हो पाया था।
इस बार महाराजा रेस्टोरेंट को पूरी तरीके से रेनोवेट किया है। हमने इसे राजसी लुक देने के लिए आमेर के शीशमहल के तर्ज पर तैयार किया है।
इसकी खासियत है कि इसे उन्हीं कारीगरों ने तैयार किया है, जिनके पूर्वजों ने कभी आमेर का प्रसिद्ध शीशमहल बनाया था। इस पूरे रेस्टोरेंट में ठीकरी वर्क कराया गया है। इसे तैयार करने में दो महीने से ज्यादा का समय लगा है।
राजघरानों और शहर की आर्ट पर केबिन डिजाइन किए गए
उन्होंने बताया कि ट्रेन में राजस्थान के पर्यटन से जुड़े हर शहर की थीम पर वर्क किया गया है। जयपुर के आर्किटेक्ट और इंटीरियर डिजाइनर सौरभ यादव और मैने मिलकर राजस्थान के अलग-अलग शहरों के आर्ट पर रिसर्च कर उसी तर्ज पर रॉयल लुक दिया है। ट्रेन के 14 सैलून 14 राजघरानों के नाम पर हैं।जो अलवर स्टेट्स, भरतपुर स्टेट्स, बीकानेर स्टेट्स, धौलपुर स्टेट्स, डूंगरपुर स्टेट्स, बूंदी स्टेट्स, कोटा स्टेट्स, जयपुर स्टेट्स, जोधपुर स्टेट्स, जैसलमेर स्टेट्स, झालावाड़ स्टेट्स, किशनगढ़ स्टेट्स, सिरोही स्टेट्स, उदयपुर स्टेट्स के नाम से हैं। इन्हीं की आर्ट के अनुसार सैलून को सजाया गया है।
राजघरानों और शहरों के आर्ट को ध्यान में रखते हुए इसके कोच में वर्क किया गया है। बूंदी शहर के आर्ट पर बूंदी केबिन का डिजाइन, भरतपुर के आर्ट पर भरतपुर केबिन को तैयार किया गया है।
इसी तरह से हर जिले के आर्ट को लेकर थीम बेस्ड रूम तैयार किए हैं। इसका मकसद है कि विदेशी मेहमान हमारी संस्कृति के साथ-साथ प्रसिद्ध शहरों के आर्ट से भी रुबरू हो सके।
वॉशरूम में भी प्लास्टिक मटेरियल हटाकर कारपेट शीट लगाई गई
गेस्ट के लिए ट्रेन में दो बार, दो रेस्टोरेंट और स्पा की सुविधा भी दी गई है। हर रूम के साथ में बटलर है। हमने इस ट्रेन के रूम में 10 स्टार फैसिलिटी प्रोवाइड की है। ट्रेन में पहले से ज्यादा लग्जरी फील देने के लिए विनियर लकड़ी का वर्क किया है।
साथ ही कोरिडोर, अलमारी और बेड वर्क पर मैक्सिकन और बॉम्बे डाइंग फैब्रिक का इस्तेमाल किया है। इन दोनों बदलावों से सफर करने वालों को अंदर या बाहर से किसी भी तरह का शोर सुनाई नहीं देगा।
इसमें बेड वर्क एरिया में सिरहाने का एरिया बढ़ाया है। ताकि आराम करने वाले को पूरा स्पेस मिले। वॉशरूम एरिया में पीवीसी प्लास्टिक मटेरियल को हटाकर कारपेट शीट लगाई गई है। वॉशरूम का एरिया बड़ा नजर आए इसके लिए इसमें बड़े मिरर लगाए गए हैं।
जिम को हटाकर प्रेसिडेंशियल सुइट बनाया गया
ट्रेन में जिम एरिया वाले कोच में भी बदलाव किया गया है। यहां से जिम को हटाकर एक प्रेसिडेंशियल सुइट तैयार किया गया है। इसमें दो बेड लगे हैं।
एक मास्टर बेड और एक सोफा कम बेड रहेगा। बाथरूम में बाथ टब की फैसिलिटी है। इसमें डाइनिंग स्पेस भी बनाया गया है। इसके सात दिन का किराया लगभग 39 लाख है।
इस बार ट्रेन में नो टिप पॉलिसी लागू की गई
डायरेक्टर भगत सिंह ने बताया- इस बार हमने इस ट्रेन के सफर में एक और महत्वपूर्ण बदलाव किया है। पहले 'पैलेस ऑन व्हील्स' काफी बदनाम थी की इसके गेस्ट को शोरूम पर ले जाया जाता है।
गेस्ट से टिप के तौर पर पैसे लिए जाते है। हमने इस बार नो टिप पॉलिसी का कॉन्सेप्ट रखा है। इसके साथ ही हम गेस्ट को किसी भी शोरूम पर लेकर नहीं जाएंगे।
राजस्थानी पोशाक में बाउंसर रहेंगे
इस बार हमने गेस्ट के लिए दो टीम बनाई है। एक टीम गेस्ट को साइट विजिट के लिए ले जाती है। उनकी सुरक्षा के लिए राजस्थानी पोशाक में बाउंसर रहेंगे। जो गेस्ट को रॉयल फील देंगे।
दूसरी पांच लोगों की टीम पहले से उन प्लेस पर तैनात रहेगी जहां गेस्ट जाएंगे। जैसे जयपुर के सिटी पैलेस, जोधपुर के मेहरानगढ़ फोर्ट हो या भरतपुर के कैला देवी वहां पर गेस्ट को किसी तरीके की गंदगी फैली नजर न आए इसका ध्यान रखेंगे।
86 तरीके के लजीज व्यंजन सर्व होंगे
ट्रेन के रेस्टोरेंट में शेफ कई प्रसिद्ध डिश सर्व करेंगे। साथ ही पैसेंजर्स को दाल बाटी चूरमे के साथ इंडियन, यूरोपियन और चाइनीज के लगभग 86 तरीके के लजीज व्यंजन सर्व किए जाएंगे।
रेस्त्रां में इस बार मटन कोरमा, लाल मास, गिरिल्ड मोरलो पोटेटो, शाही लीची की सब्जी, वेजिटेबल चाउचाउ, ब्रेड सरप्राइज, रोस्टेड लेमन बार्बेक्यू सॉस, पालक छुपा रूस्तम, सहित बहुत से व्यंजन एड किए हैं। इसके साथ स्पा, शाही फूड के लिए रेस्टोरेंट की सुविधा मिलेगी।
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