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इंदौर – बहरीन में आयोजित विश्व पैरा ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में इंदौर की पिंकी दुबे ने कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद, पिंकी दुबे और उनकी टीम के कोच, इंदौर के मिथिलेश कैमरे, वतन वापसी पर बेहद खुश और आभारी नजर आए। पिंकी और उनकी साथी खिलाड़ी सपना शर्मा ने मिलकर अपनी मेहनत और संघर्ष से यह उपलब्धि प्राप्त की।
पिंकी दुबे ने कहा, "ईश्वर की कृपा से ही यह सब संभव हो पाया है। दिव्यांग खिलाड़ी भी किसी से कम नहीं होते हैं, बस हमें अपनी अंदर की शक्ति को पहचानने की आवश्यकता है।" पिंकी का मानना है कि अगर दिव्यांग खिलाड़ी खुद पर विश्वास करें तो वे किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।
विश्व पैरा ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में कुल 256 खिलाड़ी भाग ले रहे थे, जिनमें ईरान, इराक, ब्राजील, पोलैंड, कजाकिस्तान जैसे देशों के खिलाड़ी शामिल थे। इस प्रतियोगिता में मूक बधिर, शारीरिक दिव्यांग, बोनापन और सिरब्रल पाल्सी जैसी बीमारियों से जूझ रहे खिलाड़ी भाग ले रहे थे। पिंकी दुबे और सपना शर्मा ने शारीरिक दिव्यांगता और व्हीलचेयर कैटेगरी में अपनी विशेष पहचान बनाई।
मध्यप्रदेश की इस टीम को इस प्रतियोगिता में सम्मिलित होने के लिए इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने वित्तीय सहायता प्रदान की थी। कोच मिथिलेश कैमरे ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि इन खिलाड़ियों को विक्रम अवार्ड से सम्मानित किया जाए ताकि वे अगले ओलंपिक के लिए और बेहतर तैयारी कर सकें।
यह जीत उन सभी दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो अपने हौसले और संघर्ष से कठिनाइयों को पार करते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं।
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