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मणिपुर में जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. बल्कि हर दिन ये हिंसा बढ़ती ही जा रही है. इस हिंसा में अब आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल भी शुरू हो गया है. साथ ही उपद्रवी ड्रोन का इस्तेमाल भी कर रहे हैं. ऐसे में मणिपुर में इन हमलों से निपटने की तैयारी कर ली गई है. इसके लिए मणिपुर में सुरक्षा बलों को एंटी ड्रोन सिस्टम उपलब्ध करवाया गया है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखिर ये एंटी ड्रोन सिस्टम होता क्या है और ये कैसे काम करता है.
क्या होता है एंटी ड्रोन सिस्टम?
बता दें एंटी ड्रोन सिस्टम को काउंटर UAV (Unmanned Aerial Vehicle) तकनीक से नाम से भी जाना जाता है. पिछले कुछ समय में आपने रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा युद्ध में एयर डिफेंस, आयरन डोम आदी जैसे नाम सुने होंगे. ये तकनीक किसी भी क्षेत्र की तरफ आने वाले मिसाइल, रॉकेट, तेज रफ्तार वाले बड़े ड्रोन आदि को डिटेक्ट कर हवा में खत्म करने की क्षमता रखती है. ये सिस्टम तेज और बड़े टारगेट को खत्म करने में कारगर है, लेकिन छोटे, नीचे उड़ने वाले और हलके चलने ड्रोनों को नहीं पकड़ पाता है.
इसी तरह के ड्रोनों से निपटने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम वजूद में आया है. इन्हें खासकर छोटे ड्रोनों को डिटेक्ट करने और उनको नष्ट करने के लिए बनाया गया है. हाल ही में CRPF ने जानकारी दी कि सुरक्षाबलों को एंटी ड्रोन सिस्टम उपलब्ध कराया गया है.
कैसे काम करता है एंटी ड्रोन सिस्टम?
एंटी ड्रोन सिस्टम जिस क्षेत्र में तैनात किया जाता है, उस जगह यदि कोई ड्रोन घुसपैठ कर लेता हो तो ये कुछ ही सैकंडों में उससे जुड़ी जानकारी इकट्ठा करता है कि ड्रोन कहां जा रहा है, कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है और उसके अदर बम या कोई खतरे वाली चीज है या नहीं.
ये सभी जानकारी मिलने के बाद एंटी ड्रोन सिस्टम या एंटी ड्रोन गन को ऑपरेट करने वाला शख्स फैसला करता है कि ड्रोन को नष्ट किया जाए या उड़ने दिया है. ऑपरेटर के एक बटन दबाते ही ये सिस्टम ड्रोन को हवा में ही मार गिरा सकता है. इसके अलावा कई आधुनिक एंटी ड्रोन सिस्टम ड्रोन को निष्क्रिय कर नीचे भी उतार सकते हैं.
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