Patrakar Priyanshi Chaturvedi
औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण मध्य प्रदेश के नागदा में उत्तर प्रदेश व बिहार के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं। इनके बीच छठ महापर्व उत्साह से मनाया जाता है। ताजा खबर यह है कि छठ पूजा को लेकर 7 नवंबर के अवकाश को लेकर विधायक के पत्र पर कलेक्टर ने छठ पर्व पर स्थानीय अवकाश घोषित किया।छठ महापर्व उत्तर प्रदेश व बिहार में एक बड़ा पर्व माना जाता है। यहां के निवासी देश में कहीं भी हो इस पर्व को मनाते हैं। शहर औद्योगिक क्षेत्र है। यहां दोनों प्रांतों के लोग बड़ी संख्या में निवास करते हैं।
छठ पर्व का एक बड़ा महत्व शहर में होता है। छठ पर्व यहां धूमधाम से मनाया जाता है। चंबल तट पर तीन घाट हनुमान डेम, नायन डेम व मेहतवास में आराध्य देव की पूजा-अर्चना कर सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।छठ पर्व की शाम को तीनों घाटों पर मेले जैसा माहौल होता है। इस पर्व में स्थानीय लोग भी शामिल होकर बधाई देते हैं। विधायक डा. तेज बहादुर सिंह चौहान से उत्तर प्रदेश व बिहार के संगठनों ने इस दिन अवकाश रखने की मांग की थी।
विधायक ने इसको लेकर कलेक्टर को पत्र लिखा था। कलेक्टर ने 7 नवंबर को स्थानीय अवकाश घोषित कर दिया। इसको लेकर सुनील साहनी, अशोक साहनी, जितेन्द्र दुबे, अजय कुशवाह, गणेश गुप्ता आदि ने विधायक का आभार माना।
नहाय खाय के साथ हुई छठ पर्व की शुरुआथ
-मंगलवार को नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत हो गई। 7 नवंबर को व्रती महिलाएं अस्त होते सूर्य को अर्घ्य प्रदान करेंगी। चार दिवसीय पर्व का समापन 8 नवंबर को उदय होते सूर्य को अर्घ्य प्रदान कर किया जाएगा।
-पहले दिन व्रती महिलाएं सुबह स्नान तथा एक समय भोजन करती हैं। 6 नवंबर को छठ पर्व का दूसरा दिन रहेगा, इसे खरना कहा जाता है। इस दिन से 36 घंटे के कठिन व्रत की शुरुआत होती है।
-मान्यता के अनुसार महिलाएं निर्जल निराहार व्रत रखती हैं तथा छठी मैया के लिए विभिन्न प्रकार के पकवान बनाती हैं। 7 नवंबर छठी पूजन का दिन है, इस दिन दोपहर बाद से परिवार पूजा अर्चना की तैयारी करते हैं।
-घाट पर गन्ने का मंडप बनाया जाता है, जिसमें पूजा के लिए विभिन्न मिष्ठान, फल, शाक आदि व्यंजन रखे जाते हैं। व्रती महिलाएं जल में खड़े होकर सूर्य की पूजा करती हैं तथा अस्त होते सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया जाता है।
-शाम को घरों में रात्रि जागरण होता है। छठ पर्व का आखिरी दिन 8 नवंबर को है, इसे परना कहा जाता है। इस दिन व्रती महिलाएं उदय होते सूर्य को अर्घ्य प्रदान करती हैं।
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