कौए को श्राद्ध का भोजन क्यों खिलाया जाता है ?
Why are crows fed Shraddha food

पितृ पक्ष में 2 अक्टूबर तक तर्पण, पिंडदान और दान पुण्य कर पितरों को संतुष्ट किया जाएगा. श्राद्ध पक्ष पूर्वजों के ऋण चुकाने का समय होता है. मान्यता है इस अवधि में पूर्वजों की मृत्यु तिथि पर श्राद्ध किया जाए तो सालभर सुख-समृद्धि बनी रहती है.

ग्रंथों में श्राद्ध में कौए का विशेष महत्व बताया गया है. पितरों के लिए बनाया गए भोजन में से पंचबली भोग (कौए, गाय, कुत्ते, चींटि और देवों का भोग) निकाला जरुरी है, लेकिन क्या आप श्राद्ध का भोजन कौए को ही क्यों खिलाया जाता है, क्या है इसके पीछे रहस्य आइए जानें.

कौए को ही क्यों खिलाते श्राद्ध का भोजन ?

गरुड़ पुराण के अनुसार कौए को यमराज का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि कौआ श्राद्ध को भोजन ग्रहण कर लें तो पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. इससे यमराज प्रसन्न होते हैं और पितरों की आत्मा तृप्त हो जाती है.

कौए को यम से मिला है वरदान

गरुड़ पुराण में बताया गया है कि कौवे को यमराज ने वरदान दिया था कि कौए को खिलाया गया भोजन पितरों की आत्मा को शांति देगा. उन्हें अन्न प्रदान करेगा, इससे पूर्वजों की आत्मा को सद्गति प्राप्त होगी. शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि श्राद्ध के बाद जितना जरुरी ब्राह्मण भोज होता है उतना ही जरुरी कौए को भोजन कराना भी होता हैं.

कौवा देता है संकेत

पितृ पक्ष के दौरान अगर घर के आंगन कौवा आकर बैठ जाए तो यह अच्छा संकेत माना जाता है. कौवा अगर आपका दिया हुआ भोजन कर ले तो यह बहुत शुभ होता है. यह संकेत देता है कि आपके पितृ आपसे बेहद प्रसन्न हैं.

 

 

 

Dakhal News 20 September 2024

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.