Patrakar Priyanshi Chaturvedi
नर्मदापुरम/भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की दो दिवसीय चिंतन बैठक शनिवार को पचमढ़ी में शुरू हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोनाकाल से बंद पड़ी मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन यात्रा अप्रैल से पुनः शुरू कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ स्थानों पर हवाई मार्ग से भी बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत सभी मंत्रीगण शुक्रवार को देर रात ही पचमढ़ी पहुंच गए थे। निर्धारित समय के अनुसार, शनिवार सुबह यहां मंत्रिमंडल की चिंतन बैठक शुरू हुई, जिसमें सभी मंत्री तैयार योजनाओं पर मुख्यमंत्री के सामने प्रेजेन्टेशन देंगे। हर विषय के लिए आधे घंटे का समय दिया गया है।
बैठक में पहला प्रजेंटेशन मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना को दोबारा शुरू करने पर हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल की महत्वाकांक्षी इस योजना में प्रदेश के बुजुर्गों को विभिन्न तीर्थ स्थानों का भ्रमण कराया जाता है, लेकिन कोरोना के चलते पिछले दो साल से यह योजना बंद हो गई थी। बैठक में अप्रैल से शुरू करने पर सहमति बनी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि गंगा स्नान, काशी कॉरिडोर, संत रविदास और कबीरदास के स्थलों के दर्शन के साथ योजना शुरू होगी। पहली ट्रिप में मुख्यमंत्री भी ट्रेन में यात्रियों के साथ तीर्थ दर्शन पर जाएंगे। बोगी में स्पीकर के जरिए तीर्थ स्थलों की जानकारी दी जाएगी। बैठक में तीर्थ दर्शन यात्रा के कुछ स्थलों को हवाई मार्ग से भी जोड़ने पर फैसला लिया गया।
इसके बाद कन्यादान योजना को लेकर प्रेजेन्टेशन दिया गया। मुख्यमंत्री ने संबंधित मंत्री समूह के सुझावों को सुनने के बाद कहा कि योजना को एकीकृत किया जाएगा। एक विभाग ही संचालित करेगा। दंपती को प्रमाणपत्र और दीवार घड़ी व घरेलू उपयोग के सामान दिए जाएंगे। व्यवस्थित आयोजन के लिए समिति कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री चौहान ने बैठक से पहले ट्वीट के माध्यम से कहा कि हमने तय किया कि पचमढ़ी के प्राकृतिक सौंदर्य के बीच बैठकर बिना किसी आडंबर के हम गंभीर चिंतन करेंगे, कल शाम तक यह चिंतन चलेगा। निश्चित तौर पर इस चिंतन मंथन से जो अमृत निकलेगा, उसको हम जनता के बीच बाटेंगे, जनता के कल्याण के लिए, प्रदेश के विकास के लिए इसका उपयोग करेंगे।
पचमढ़ी में चिंतन शिविर में प्रथम चरण की बैठक के पश्चात मंत्रिपरिषद के साथियों के साथ अल्पाहार व चाय का आनंद लिया। प्रकृति की अपार सुंदरता ने मन को मुग्ध कर दिया। ऐसे में साथियों के साथ सकारात्मक संवाद ने जीवंत ताजगी से भर दिया है। इस नई ऊर्जा के साथ प्रदेश की सेवा में रमना है।
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