वनवासियों को जंगल की मालिक बनाने वाला मप्र देश का पहला राज्य : शाह
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भोपाल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश वनवासियों को वन क्षेत्र का मालिक बनाने वाला देश का पहला राज्य है। मध्यप्रदेश ने यह युग परिवर्तनकारी कार्य किया है। गत सितंबर माह में जबलपुर में जनजातीय समाज के विकास के लिए की गई महत्वपूर्ण घोषणाओं को पूर्ण करने में मध्यप्रदेश सरकार सक्रिय है। मुख्यमंत्री चौहान ने इन घोषणाओं को पूरा करते हुए अमल में लाना प्रारंभ कर दिया है। अंग्रेजों के समय से सरकार के पास जंगलों का स्वामित्व था। अब मध्यप्रदेश में कीमती सागवान लकड़ी के साथ ही अन्य वन संपदा की 20% राशि के मालिक वनवासी होंगे। जनजातीय समुदाय के हक में लागू की गई ये बड़ी पहल है। मध्यप्रदेश में देश की सबसे अधिक 21% जनजाति आबादी निवास करती है। इनके कल्याण के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने सराहनीय कार्य किया है।

 

केन्द्रीय मंत्री शाह शुक्रवार को भोपाल के जंबूरी मैदान में वन समितियों के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश को बीमारू राज्य से विकसित राज्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री चौहान ने निरंतर कार्य किया है। मध्यप्रदेश अब विकसित राज्यों में शामिल है। यहाँ सिंचाई की व्यवस्था, पर्याप्त बिजली आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण कार्य शिवराजजी के नेतृत्व में हुए हैं। जनजातीय क्षेत्र कल्याण के लिए मध्यप्रदेश की पहल पूरे देश के लिए अनुकरणीय है।

 

उन्होंने कहा कि वनवासी क्षेत्र के सभी लोग अधिकार के साथ जिये, यह उनका स्वप्न है, जिसे साकार किया जा रहा है। आज बाँस और अन्य उत्पादन के लिए राशि वितरण के साथ तेंदूपत्ता संग्राहकों को करोड़ों रुपये की राशि का भुगतान किया गया है। मध्यप्रदेश के 925 में से 827 वन ग्राम को राजस्व ग्रामों की तरह सुविधाएँ देने की शुरुआत हुई है। यहाँ परिसिमन हो सकेगा, आवास के लिए ऋण मिल सकेगा और राजस्व के सभी अधिकार वनवासियों को प्राप्त होंगे। सम्मेलन में आए प्रतिनिधि वनवासी आज स्वाभिमान के भाव के साथ वापस जाएंगे। प्रदेश में 15 हजार 600 से अधिक ग्राम सभाओं में वन समितियों के माध्यम से प्राथमिकता से कार्य किए जा सकेंगे।

 

केन्द्रीय मंत्री शाह ने कहा कि सरकार को प्रधानमंत्री मोदी समाज के वंचित और दलित वर्गों की सरकार की पहचान देने में सफल रहे हैं। इस वर्ष के अंत तक सभी को अपना घर देने का भी संकल्प है। उन्होंने कहा कि देश में शौचालयों का निर्माण किया गया है। उज्ज्वला के 13 करोड़ गैस कनेक्शन दिए गए है। हर घर में नल से जल पहुँचाने की पहल जल जीवन मिशन से हो रही है। वर्ष 2024 तक यह कार्य पूरा होगा। आयुष्मान योजना में 5 लाख रुपये तक के इलाज की सुविधा दी जा रही है। कोरोना काल में नि:शुल्क अनाज देने की सुविधा दी गई। वैक्सीनेशन का लाभ नागरिकों को दिया गया।

 

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में "मुख्यमंत्री राशन आपके ग्राम'' योजना में खाद्यान्न वितरण के साथ विशेष पिछड़ी जनजाति के परिवार की महिलाओं को 1000 रुपये का आहार अनुदान भी दिया जा रहा है। वर्ष 2021-22 में मध्यप्रदेश द्वारा 19.7 प्रतिशत विकास दर हासिल करना बड़ी बात है। मध्यप्रदेश में गत 10 वर्ष में 200% सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि हुई है, जो अन्य राज्यों में नहीं हुई। प्रदेश में पूँजीगत व्यय 31 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 40 हजार करोड़ तक हो गया है। भारत सरकार ने भी मध्यप्रदेश को 11 हजार करोड़ रुपये प्रदान किये हैं। जनजातीय वर्ग के कल्याण का बजट 4 हजार करोड़ से बढ़कर 7 हजार 524 करोड़ रुपये हो गया है। भारत सरकार ने जनजातियों के विकास के लिये पूर्व सरकार की 21 हजार करोड़ की राशि को बढ़ाकर 78 हजार करोड़ रुपये तक पहुँचा दिया है। एकलव्य विद्यालयों के लिये 14 हजार 18 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिये विशेष कार्य किया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री चौहान और उनकी टीम को बढ़ते मध्यप्रदेश और जनजातीय वर्ग के कल्याण के ऐतिहासिक कार्य के लिए साधुवाद एवं बधाई दी।

 

827 वन ग्राम बनेंगे राजस्व ग्राम

केंद्रीय गृह मंत्री ने रिमोट से बटन दबाकर वन ग्राम की जस्व ग्राम बनाने के कार्य की शुरुआत की। इस कार्य के लिए प्रदेश के 26 जिलों के 827 ग्राम चयनित किए गए हैं।

 

वन ग्रामों के राजस्व ग्राम बनने से वनवासियों की सँवर जाएगी जिंदगी: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शक्तिशाली, गौरवशाली और समृद्ध भारत का निर्माण हो रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति के साथ ही आतंकवाद और नक्सलवाद के खात्मे के लिए कार्य किया है। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सभी दिशाओं में कार्य हो रहा है। प्रदेश में हरियाली को वनवासियों के सहयोग से बढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में मुफ्त राशन वितरण का कार्य हुआ है। जनजातीय बहुल विकासखंडों में घरों तक राशन पहुँचाने का कार्य किया गया है। वनवासियों के ही हित में पेसा एक्ट लागू करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। सामुदायिक वन प्रबंधन का अधिकार दिया गया है। इससे वनवासियों का हित होगा।

 

उन्होंने कहा कि यह जल, जमीन और जंगल वनवासियों के हैं। वनों से अर्जित आय का हिस्सा प्राप्त कर वनवासी, वनों के विकास में सहयोग करेंगे। वन विभाग सहयोगी की भूमिका में होगा। बेकलॉग के पदों की भर्ती की जा रही है, इसका लाभ जनजाति वर्ग को मिलेगा। इस वर्ग के लोगों को शिक्षण शुल्क सुविधा, उच्च शिक्षा के लिए अनुदान और रोजगार के साधनों से जोड़ने का कार्य हो रहा है। सिकल सेल एनीमिया पर नियंत्रण के लिए भी कार्य हो रहा है। राज्यपाल मंगुभाई पटेल भी इस कार्य में मार्गदर्शन दे रहे हैं। वन ग्रामों के राजस्व ग्राम बन जाने से बँटवारा और नामांतरण होने के साथ फसलों की गिरदावरी भी हो सकेगी। प्राकृतिक आपदा पर फसल बीमा योजना का लाभ मिलेगा, आँगनवाड़ी और विद्यालय भवन स्वीकृत होंगे और स्वास्थ्य की बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी। तालाबों का निर्माण भी हो सकेगा। ग्राम सभा के माध्यम से वनवासियों के कल्याण के लिए कार्य का अवसर मिलेगा।

 

इस मौके पर केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय इस्पात और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय जनशक्ति और खाद्य प्र-संस्करण उद्योग राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, केंद्रीय मत्स्य-पालन, पशुपालन, डेयरी और सूचना प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरूगन, सांसद वीडी शर्मा, वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय, ओम प्रकाश धुर्वे, सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कलसिंह भाबर, मध्यप्रदेश के मंत्रीगण विजय शाह, डॉ. नरोत्तम मिश्रा, अरविंद भदौरिया, विश्वास सारंग और भूपेंद्र सिंह उपस्थित थे।

 

सम्मेलन के प्रारंभ में बुंदेलखंड के प्रख्यात लोक नृत्य "बधाई'' की प्रभावशाली प्रस्तुति हुई। केंद्रीय गृहमंत्री शाह को जनजातीय संस्कृति के प्रतीक पारंपरिक तीर-कमान और जैकेट भी भेंट किए गए। शाह ने कार्यक्रम स्थल पहुँचने पर मध्यप्रदेश सरकार के मंत्री-मंडल के सभी सदस्यों के साथ भेंट की। कार्यक्रम में पूरे प्रदेश से बड़ी संख्या में जनजाति वर्ग के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

 

हितग्राहियों को दिये गये हित-लाभ

केन्द्रीय गृह मंत्री ने 5 तेंदूपत्ता संग्राहकों ललिता बाई सीहोर, संतोष रायसेन, अमर सिंह नर्मदापुरम, सजन सिंह देवास और लक्ष्मीबाई हरदा को प्रतीक स्वरूप प्रोत्साहन पारिश्रमिक प्रदान किया। छिंदवाड़ा, बैतूल और हरदा जिले की वन समिति की वन समितियों को लाभांश प्रदान किया गया। शाह ने कार्यक्रम स्थल पर वन विभाग द्वारा किये गये उत्कृष्ट कार्यों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।

Dakhal News 22 April 2022

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