टपकती छत के नीचे पढ़ते आदिवासी बच्चे

मरम्मत  के नाम पर लाखों खर्च, हकीकत कुछ और

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कई बार मंच से भ्रष्ट अफसरों को चेतावनी दे चुके है  हालाकिं इसके बाद भी डिंडोरी का जनजातीय विभाग कमाई का दफ्तर बना हुआ है स्कूलों और छात्रावास मरम्मत के नाम पर करोड़ों रूपये का घोटाले को अंजाम देने की बात सामने आ रही है। प्रदेश में भ्रष्टाचार खत्म होने के दावे में दम तोड़ते नज़र आ रहे हैं डिंडौरी के जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त सन्तोष शुक्ला पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह  चौहान की किसी भी चेतावनी का कोई असर ही नहीं पड़  रहा है अनुसूचित जाति एवं जनजाति के बालक एवं कन्या स्कूल एवं छात्रावासों के मरम्मत के नाम पर आदिवासी विकास विभाग के अफसरों ने अपने चहेते ठेकेदारों से सांठगांठ कर करोड़ों का खेल कर दिया है  मरम्मत के नाम पर करोडो का बजट जारी करवा लिया  पर बच्चे आज भी आदिवासी सीनियर बालक छात्रावास गोरखपुर में टपकती छत के नीचे पढ़ने को मजबूर है छात्रावास में तो शौंचालय तक नहीं है आदिवासी विभाग के अफसरों ने जर्जर भवनों की केवल कागजों में मरम्मत करवा ली है जबकि हकीकत में स्थति कुछ और ही है। जिला मुख्यालय से महज चंद किलोमीटर दूर शासकीय हाईस्कूल मुड़की की मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए खर्च हो गए पर हालत यह है कि  स्कूल का फर्श उखड रहा खिड़की दरवाजे टूटे पड़े है स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि मरम्मत के नाम पर सिर्फ छत की ग्रेडिंग का काम हुआ है। 

Dakhal News 6 September 2023

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