घर में 'गीता' रखने का सही नियम क्या है, गलत ढंग से रखने से होता है अनिष्ट?
What is the correct rule of keeping

शास्त्र की मानें तो श्रीमद्धागवत गीता (Shrimad Bhagwat Gita) को घर में रखने से सकारात्मक ऊर्जा का एहसास होता है. रोजाना गीता का पाठ करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.

जीवन (Life) की सभी उलझनों का उत्तर गीता में प्रमाण के साथ दिया गया है. वही जिन घरों में नियम के साथ गीता की पूजा पाठ की जाती हैं उन घरों में मां लक्ष्मी और भगवान कृष्ण की कृपा बनी रहती है. किंतु गीता को घर में रखने के कुछ नियम होते हैं जिनकों नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. 

गीता को रखने के नियम (How to read Bhagavad Gita)-

घर में गीता रखने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी है, तभी इसका फल प्राप्त होता है. गीता पवित्र ग्रंथों में से एक है इस वजह से इसे साफ जगह पर रखनी चाहिए. 

अगर आप गीता को बिना नहाए या अशुद्धता के साथ पाठ करते हैं, तो आप पाप के भागीदारी होते हैं, साथ ही साथ आप पर मानसिक और आर्थिक तनाव जैसी स्थिति बनी रहती है.

श्रीमद्धागवत गीता (Bhagwat Gita)को पढ़ते वक्त सदैव पूजा की चौकी या फिर काठ का प्रयोग करना चाहिए. इसे भूमि पर रखकर पढ़ना नहीं चाहिए.

गीता को पढ़ते वक्त हमेशा अपने ही आसन का प्रयोग करना चाहिए. दूसरों का आसन ग्रहण करने से पूजा पाठ का असर कम हो जाता है. साथ ही पाठ शुरु करने से पहले भगवान श्री कृष्ण का और गणेश जी का स्मरण करना चाहिए. 

गीता को पढ़ने का कोई निश्चित समय नहीं हैं. किंतु जिस भी अध्याय को अपने शुरु किया है तो उसे बीच में छोड़ने की जगह पूरा करना चाहिए.

गीता का जीवन में महत्व

गीता जीवन का सार है. यही कारण है कि ये आज भी प्रासंगिक है. गीता जीवन को जीने की कला सीखाती है. जो लोग गीता के वचनों पर चलते हैं, उसके विचारों को जीवन में आत्मसात करके चलते हैं, उन पर भगवान श्रीकृष्ण की कृपा बनी रहती है, ऐसे लोग जीवन में अधिक तरक्की प्राप्त करते हैं और समाज को भी जागरूक बनाने में सहयोग प्रदान करते हैं. गीता व्यक्ति को श्रेष्ठ कर्म करने के लिए प्रेरित करती है.

 

Dakhal News 25 August 2024

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