स्‍वदेश में निर्मित हल्‍के लडाकु हेलीकॉप्‍टर प्रचंड आज भारतीय वायुसेना में शामिल
स्‍वदेश में निर्मित हल्‍के लडाकु हेलीकॉप्‍टर प्रचंड आज भारतीय वायुसेना में शामिल

 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज स्‍वदेश में निर्मित हल्‍के लड़ाकू हेलीकॉप्‍टर को औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल किया। राजस्‍थान में जोधपुर वायु सेना केन्‍द्र पर समारोह आयोजित हुआ। इन हेलीकॉप्‍टरों को 143 हेलीकॉप्टर यूनिट में शामिल किया जाएगा। हल्‍के लड़ाकू हेलीकॉप्‍टरों को प्रचंड नाम दिया गया है। समारोह को संबोधित करते हुए, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हल्‍के लड़ाकू हेलीकॉप्‍टरों के शामिल होने से वायु सेना की युद्धक क्षमता बढ़ेगी और आत्‍मनिर्भर भारत की दिशा में यह एक बड़ी उपलब्धि है। रक्षामंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध के दौरान इन लड़ाकू हेलीकॉप्टरों की जरूरत महसूस हुई थी और इस मांग को पूरा करने के लिए दो दशकों से प्रयास किये जा रहे थे।

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने इन हेलीकॉप्‍टरों को विकसित किया है। अत्याधुनिक आधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनाती के लिए डिज़ाइन किया गया है। दुनिया में ये ऐसे हेलीकॉप्‍टर हैं जो काफी भार के साथ पांच हजार मीटर की ऊंचाई पर हथियार और ईंधन लेकर उड़ान भर सकते हैं और उतरने में सक्षम हैं। 

इन हेलीकॉप्टरों में दो शक्तिशाली इंजन लगे हैं और इनमें राडार से बचने की विशेष क्षमता है। इनकी अन्‍य विशेषताओं में हर मौसम के अनुकूल काम करना, सुरक्षा कवच, रात में हमले की क्षमता और दुश्‍मन का पीछा करते हुए सटीक निशाना लगाना शामिल है।

हल्‍के लड़ाकू हेलीकॉप्‍टर पांच सौ पचास किलोमीटर तक उड़ान भरने में सक्षम हैं और छह हजार पांच सौ मीटर तक ऊंचाई तक जा सकते हैं। यह हेल‍ीकॉप्‍टर हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों, 70 एमएम रॉकेट और 20 एमएम की बंदूक की सुविधाओं से युक्‍त हैं।

हल्‍क‍े लड़ाकू हेलीकॉप्‍टर कई तरह की भूमिकाएँ निभा सकता है, इनमें युद्ध के दौरान तलाश और बचाव, दुश्मन की वायु रक्षा को नष्ट करना और जंगल तथा शहरी क्षेत्रों में आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए काम करना शामिल हैं। मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति ने इस साल मार्च में 15 स्वदेशी हल्‍के लड़ाकू हेलीकॉप्‍टरों की खरीद को मंजूरी दी थी।

इन हल्‍के लड़ाकू हेलीकॉप्‍टरों के भारतीय वायु सेना में शामिल होने से आत्‍मनिर्भर भारत अभियान को और गति मिलेगी। सरकार आयात को कम करने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, रक्षा उपकरणों के देश में ही निर्माण करने को बढ़ावा दे रही है।

Dakhal News 3 October 2022

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.