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बरेली फास्ट ट्रैक फर्स्ट कोर्ट ने 16 बीघा जमीन के विवाद में हत्या करने के आरोप में सगे भाई और भतीजे को फांसी की सजा सुनाई है। यह सजा 2014 में हुई एक हत्याकांड के मामले में सुनाई गई। सजा सुनाते वक्त जज ने रामचरित मानस का उदाहरण देते हुए फैसले को और भी प्रभावी बना दिया।
हत्याकांड की पूरी कहानी
नवंबर 2014 में जमीन के विवाद को लेकर एक भाई ने अपने बेटे के साथ मिलकर अपने ही भाई की गोली मारकर और गला काटकर हत्या कर दी थी। पहले इस हत्या के मामले में सौतेले भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। लेकिन बाद में जब परिवार के अन्य सदस्य को शक हुआ कि सौतेले भाई ने इस हत्याकांड को अंजाम नहीं दिया, तो उन्होंने पुलिस को सूचना दी और लिखित शिकायत दर्ज कराई। इस शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की पुनः जांच की, और सच सामने आया कि सगे भाई और भतीजे ने हत्या को अंजाम दिया था।
जज ने रामचरित मानस का दिया उदाहरण
इस मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज रवि कुमार दिवाकर ने दोनों आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। सजा सुनाते हुए जज ने रामचरित मानस का उल्लेख करते हुए कहा कि एक तरफ श्रीराम और उनके भाई भरत थे, जो प्रेम के कारण अपना राजपाट एक-दूसरे को देने के लिए तैयार थे, जबकि दूसरी ओर इन आरोपियों ने सिर्फ संपत्ति के लिए अपने ही भाई की हत्या कर दी। इस उदाहरण से जज ने परिवार में प्रेम और रिश्तों के महत्व को उजागर किया और अपराध की गंभीरता को रेखांकित किया।
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