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इंदौर। शहर में फर्जी डिजिटल अरेस्ट के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे में एक ताजा मामला टीसीएस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर को तीन दिनों तक साइबर अपराधियों द्वारा डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से प्रताड़ित करने का मामला आया, जिसे पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मुक्त करवाया।
पूरा मामले में जानकारी देते हुए एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया द्वारा बताया गया कि थाने स्तर पर साइबर अपराध को रोकने के लिए टीम गठित की गई है और एक प्रभारी को नियुक्त किया गया है। इन्हीं के पास में फरियादी के परिचित वकील अक्षय तिवारी द्वारा फोन लगाया गया था कि उनके मित्र को ऑनलाइन अरेस्ट किया गया है। पीड़ित मोहित मौर्य को एक ऑनलाइन कॉल आया था, जिसमें उन्हें कहा गया था कि डिजिटल करियर में ड्रग्स और कई संदिग्ध वस्तुएं मिली हैं। इसके कारण आपको ऑनलाइन अरेस्ट किया जा रहा है। अब फरियादी का कॉल सीधे तौर पर बताया गया कि दिल्ली में साइबर क्राइम ट्रांसफर किया गया और इसी तरह पर कई घंटे तक उसे डराया-धमकाया जाता रहा।
इसके बाद मौके पर पुलिस पहुंची और फरियादी मोहित मौर्य को साइबर अपराधियों से मुक्त करवाया गया। पूरा मामले में बताया जा रहा है कि पुलिस पहुंचती जब तक साइबर अपराधी द्वारा फरियादी से एक लाख रुपए के करीब राशि वसूल चुके थे। फरियादी ने ऑनलाइन लॉन लेकर साइबर अपराधियों को यह राशि दी थी। साइबर अपराधियों ने फरियादी का ऑनलाइन दस्तावेज भी मंगवाए थे और तमाम जो बैंक अकाउंट हैं, उनको भी साइबर अपराधी खंगालते रहे। कहीं ना कहीं साइबर अपराधियों की जागरूकता ना होने के कारण 3 दिनों तक फरियादी को फर्जी तरीके से डिजिटल अरेस्ट किया गया। पूरा मामले में साइबर अपराधी पर पुलिस द्वारा 30, हजार रूपए का इनाम भी घोषित किया गया।
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