Dakhal News
26 December 2024राज्य ब्यूरो, दखल भोपाल:- कुछ दिनों से बड़ी संख्या में मंत्रालयीन अधिकारियों, कर्मचारियों के मोबाइल नंबरों पर फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल आ रहे हैं। इनमें मोबाइल सेवाएं बंद कर देने अन्यथा कोई लिंक का उपयोग करने की बात कही जा रही है।मंत्रालय सेवा अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने अपर मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है और मामले में जांच कराने की मांग की है। जिन नंबरों पर उक्त कॉल आए हैं, उनकी सूची भी शासन को सौंपी गई है।
शासन के पास सुरक्षित डाटा में सेंध लगना (यदि ऐसा हुआ है तो) गंभीर विषय है। उल्लेखनीय है कि ऐसे संदिग्ध अंतरराष्ट्रीय कॉल केवल उन नंबरों पर आ रहे हैं जो नंबर सामान्य प्रशासन विभाग के पास रजिस्टर्ड हैं। जिन कर्मचारियों-अधिकारियों के पास एक से अधिक नंबर हैं, उनके केवल उस नंबर पर कॉल आए हैं जो नंबर शासन को दे रखा है। नायक ने कहा कि ऐसा संदेह होता है कि कहीं शासन के पास सुरक्षित अधिकारियों कर्मचारियों का डाटा फर्जीवाड़ा करने वालों को लीक तो नहीं हो गया है।
प्रदेश में संगठित अपराध पर नियंत्रण और कार्रवाई के लिए गठित स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) में स्वीकृत बल के 25 प्रतिशत भी अधिकारी-कर्मचारी नहीं हैं। यहां के लिए कुल 390 अधिकारी-कर्मचारियों के पद स्वीकृत किए गए थे, पर अभी मात्र 87 ही पदस्थ हैं। एसटीएफ में एक तो पहले से ही बल की कमी थी।
उसमें भी पहले से पदस्थ कुछ कर्मचारी-अधिकारी जिनमें आरक्षक से लेकर उप पुलिस अधीक्षक तक शामिल हैं, दूसरी जगह चले गए। उनकी जगह नए बहुत कम आए। इस कारण 87 ही बचे हैं। बल कम होने का एक कारण यह भी है कि जिला पुलिस बल से कर्मचारी प्रतिनियुक्ति पर एसटीएफ में आने के इच्छुक भी नहीं हैं।बल कम होने से संगठित अपराधों में अपराधियों को पकड़ने, प्रकरण की विवेचना, विश्लेषण आदि काम प्रभावित हो रहे हैं। एसटीएफ के गठन से लेकर अब तक करीब 25 हजार अपराध पंजीकृत किए गए हैं। व्यापम फर्जीवाड़े की जांच एसटीएफ ने की थी।
इसके बाद ड्रग्स तस्करी, अवैध हथियार, मापदंडों की अनदेखी कर बीएड कालेजों की मान्यता, सतना में शस्त्र लाइसेंस देने में गड़बड़ी जैसे मामले एसटीएफ के पास हैं। एसटीएफ के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यालय से लेकर सातों जोन में बल की कमी है।विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) के तीन-तीन नए जोन और बन रहे हैं, परंतु बल कम होने के कारण एसटीएफ के नए जोन का गठन नहीं हो पा रहा है। यही स्थित ईओडब्ल्यू की है। यहां स्वीकृत बल की तुलना में 40 प्रतिशत स्टाफ ही है। इस कारण शिकायतों की जांच और अभियोजन में देरी होती है।
Dakhal News
29 November 2024
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.
Created By: Medha Innovation & Development
|