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जबलपुर । मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर में नर्सिंग घोटाले की सुनवाई अब जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिविजनल बेंच करेगी। 37 याचिकाओं पर सुनवाई जारी है, जिसमें कॉलेजों से संबंधित मामले शामिल हैं। याचिकाकर्ताओं ने घोटाले की जानकारी दी, जिसे सुनकर न्यायाधीश भी आश्चर्यचकित हो गए। लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के द्वारा दायर की गई इस जनहित याचिका के साथ अन्य याचिकाएं भी सुनवाई के लिए लिस्टेड थी।
अधिवक्ता विशाल बघेल के अनुसार नर्सिंग फर्जीवाड़े को उजागर करने वाली लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन की याचिका क्रमांक 1080/2020 को जस्टिस अतुल श्रीधरन ने आदेश देते हुए मुख्य याचिका बनाया है और नर्सिंग मामलों से जुड़े अन्य सभी मामले अब इसके साथ ही लिंक किए जाएंगे।
जनहित याचिका 1080/2020 के बारे में जानकारी देते हुए अधिवक्ता आलोक बगरेचा और अधिवक्ता विशाल बघेल ने कोर्ट को इस मामले की ब्रीफ करते हुए जानकारी दी। एक कमरे में चल रहे कॉलेज सहित फर्जी दस्तावेजों पर रजिस्टर्ड कॉलेज और सीबीआई की जांच के बाद रिश्वत लेते पकडे गए सीबीआई अधिकारियों सहित नर्सिंग काउंसिल के द्वारा सीसीटीवी तक गायब कर देने की जानकारी जब कोर्ट को मिली तो इसके तथ्य और सबूत देखकर न्यायालय भी हैरान हो गया।
इस मामले में हुई पिछली सुनवाई में जस्टिस संजय द्विवेदी की डिविजनल बेंच ने एमपी नर्सिंग काउंसिल के डायरेक्टर और रजिस्टर सहित इंडियन नर्सिंग काउंसिल के सचिव को भी व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया था। जब जस्टिस अतुल श्रीधरन ने इस बारे में नर्सिंग काउंसिल की ओर से पेश हुए वकील से पूछा तो उन्होंने उपस्थिति में छूट के आवेदन की बात की, जिस पर कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि ऐसे लोगों को सख्ती से लेकर आए। अब इस मामले की विस्तृत सुनवाई 3 जुलाई 2025 को तय की गई है। कोर्ट के आदेश के अनुसार इस मामले को टॉप ऑफ द लिस्ट रखा गया है।
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