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पं. विजयशंकर मेहता
पहले शरीर की बाहरी गतिविधियों पर विज्ञान का अधिकार हुआ और देखते-देखते भीतर प्रवेश कर गया। इसलिए आत्मा के महत्व को समझा जाए। अगर आप शांति की तलाश में हैं तो ये बात अच्छी तरह समझ लें कि हम शरीर, मन और आत्मा तीन तत्वों से बने हैं।
शरीर और मन पर विज्ञान राज करेगा, लेकिन आत्मा स्वतंत्र है। अब विज्ञान की तैयारी बड़ी खतरनाक स्थिति में पहुंच गई है। एक कंपनी है न्यूरालिंक। इसने बंदरों के दिमाग में चिप लगाने का प्रयोग सफलतापूर्वक कर लिया है।
यह मनुष्य की खोपड़ी में भी चिप लगा सकती है। विज्ञान की इस गतिविधि का दावा है कि ऐसा करने से मनुष्य को कई बीमारियों से मुक्ति मिल जाएगी। अब विज्ञान की कुछ खोजों पर लिखना ही पड़ेगा कि इसका उपयोग हानिकारक है और लोग करते रहेंगे। इससे बचने का एक ही तरीका है अपनी आत्मा पर जीना सीख लें और आपको आत्मा तक की यात्रा कोई विज्ञान नहीं करा सकता। इसके लिए योग का ही माध्यम अपनाना पड़ेगा।
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