
Dakhal News

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में रहने वाले किरण महाजन ने नौकरी नहीं मिलने पर उन्होंने टिश्यू कल्चर तकनीक से केले का पौधा तैयार करना शुरू किया. अच्छी क्वालिटी के पौधों को किसानों तक पहुंचाकर वे आज इस बिजनेस से लाखों में कमाई कर रहे हैं. इस बिजनेस को चुनने के पीछे उनकी दूरगामी सोच छिपी हुई है किरण ऐसे इलाके से हैं, जहां केले की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।
इस तकनीक की सफलता को देखते हुए टिश्यू कल्चर से पौधे तैयार करने में कई कंपनियां जुट गईं, लेकिन डिमांड इतनी थी कि उनको पूरा करना असंभव था. इसी अवसर को किरण महाजन ने भुना लिया. उन्होंने इस क्षेत्र में छुपी हुई संभावनाओं को समझा और शुरू टिश्यू कल्चर से पौधा विकसित करना शुरू कर दिया।
टिशू कल्चर से तैयार पौधे खेतों में रोपाई के महज 9 से 10 महीने के बाद ही फल देने लगते हैं. इतना ही नहीं, इन केला के फल बीज रहित, आकार में बड़े और काफी मीठे होते हैं. साथ ही टिश्यू कल्चर से तैयार पौधों का उत्पादन भी अन्य किस्मों की तुलना में अधिक होता है।
किरण ने अपने एरिया में टिशू कल्चर लैब बनाने के लिए पुणे और बेंगलुरु जाकर लैब और टिश्यू कल्चर से पौधे तैयार करने की तकनीक के बारे में गहन अध्ययन किया. फिर उन्होंने एक छोटा सा टिश्यू कल्चर लैब बनाया.एक पौधे को तैयार करने में उन्हें 8 से 9 रुपए का खर्च आता है वे 12 से 13 रुपए के हिसाब से बेचती हैं इस तरह 10 से 12 लाख पौधे बेचकर उनको सालाना 25 से 30 लाख रुपए का शुद्ध मुनाफा होता है।
रिपोर्ट- सुमित गिरी
Dakhal News
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.
Created By:
![]() |