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तीन दिन की बैठक की अध्यक्षता रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे हैं।समिति ब्याज दरें तय करने के बारे में शुक्रवार को घोषणा करेगी। हाल ही में अमरीकी फेडरल रिजर्व बैंक सहित अन्य प्रमुख बैंकों ने भी अपनी ब्याज दरों में वृद्धि की थी। इसे देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक भी मुद्रास्फीति पर नियंत्रण पाने के लिए चौथी बार ब्याज दरों में बढोतरी करने का निर्णय ले सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ने मई के बाद से अपनी लघु अवधि के लिए बैंकों को ऋण देने की दर रेपो दर में कुल 140 आधार अंक की बढोतरी की है और वह 50 आधार अंक की और वृद्धि कर सकता है। इसके बाद रेपो दर तीन साल के उच्चतम स्तर पांच दशमलव नौ प्रतिशत हो जाएगी। रिजर्व बैंक ने मई में 40 आधार अंक, जून और अगस्त में पचास-पचास आधार अंक की बढोतरी की थी। इस समय रेपो दर पांच दशमलव चार प्रतिशत है।उपभोक्ता सूचकांक पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति की दर मई के बाद से कम होना शुरू हो गई थी, लेकिन अगस्त में ये फिर से सात प्रतिशत तक पहुंच गई। भारतीय रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति की बैठक में खुदरा मुद्रास्फीति के बारे में भी विचार कर सकता है।
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