तेल का खेल पुराना है
bhopal,the oil game, old

डॉ. विश्वास चौहान

भारत में अंतरराष्ट्रीय कारणों से खनिज तेल यानी पेट्रोल-डीजल मंहगा हो रहा है। वैसे तो यह स्थिति पूरे विश्व में है। भारत के अलावा यदि दुनिया की बात करें तो भारतीय मुद्रा के हिसाब से हांगकांग में पेट्रोल 218.85 रुपये लीटर बिक रहा है। वहीं, नीदरलैंड में 191.34 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया है। इसके अलावा मोनाको में 189 रुपये, नार्वे में 186.50 रुपये और फिनलैंड में 179.14 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर पेट्रोल मिल रहा है। भारत में पेट्रोल की वर्तमान कीमतों के लिए यूपीए सरकार की गलत खनिज तेल नीतियां और व्यापारिक समझौते जिम्मेदार हैं।

 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने 29 मार्च 2022 को राज्यसभा में कहा कि 'मैं इस सदन को याद दिला दूं कि आज के सत्यनिष्ठ करदाता उस (कच्चे तेल की) सब्सिडी का भुगतान कर रहे हैं जो उपभोक्ताओं को एक दशक से अधिक समय पहले तेल बांड (उधारी) के नाम पर दिया गया था और वे अगले पांच वर्षों तक भुगतान करना जारी रखेंगे क्योंकि बांड (उधारी) का पेमेंट 2026 तक जारी रहेगा। इसलिए, दस साल पहले उठाए गए तेल बांड (उधारी) के माध्यम से तेल की कम कीमतों का वह बोझ अब भी हम पर है। इसलिए, मैं इसे रिकॉर्ड पर रखना चाहूंगी। 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की उधारी जो यूपीए के तेल बांड के दौरान जुटाए गए थे जिसका भुगतान हम अभी भी कर रहे हैं। इसलिए अधिक कीमत पर तेल की उधारी का भुगतान करना एक ईमानदार तरीका है, न कि ऐसा तरीका जिससे आप इसे किसी और पर उधारी उठा लेते हैं और कोई अन्य सरकार इसके लिए भुगतान करती रहती है।' निर्मला सीतारमण के स्पष्टीकरण से साफ है कि देश में पेट्रोल-डीजल की बढ़ी हुई कीमतों के लिए यूपीए सरकार भी जिम्मेदार है।

वास्तव में तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में 82 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर 140 डॉलर प्रति बैरल तक जा पहुंची है। भारत में जिस गति से देश के विकास में संसाधन जुटाए जा रहे हैं, उसकी कीमत का आकलन विश्व को है लेकिन हममें से कुछ भारतीय अभी भी अज्ञानी बने हुए हैं। लोग यह समझना नहीं चाहते कि राष्ट्रीय और जान-माल की सुरक्षा की एक कीमत होती है।

दूसरी तरफ 75-80 करोड़ महिलाएं-बच्चे और पुरुष खुले में शौच को जाते थे। 43 करोड़ लोगों के पास बैंक अकाउंट नहीं थे। 11 करोड़ लोगों के पास गैस नहीं थी। 16 करोड़ घरों में नल से जल नहीं आता था। केवल 60 प्रतिशत घरों में बिजली कनेक्शन था। मालगाड़ियां एवं यात्री ट्रेन एक ही लाइन पर चलती थी। बर्फ गिरने से लद्दाख सड़क मार्ग से कट जाता था। चुंगी पर ट्रक घंटों ईंधन फूंकते रहते थे। लगभग 31 प्रकार के अप्रत्यक्ष टैक्स हुआ करते थे। भूतपूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन देने से अर्थ विशेषज्ञ डॉ. मनमोहन सिंह ने मना कर दिया था।

यूपीए की सरकार ने उधारी पर तेल खरीदकर आने वाली पीढ़ियों पर उसका भार छोड़ दिया था। इसलिए सरकार पर भरोसा बनाये, आने वाला समय हम भारतीयों का ही रहना वाला है।

(लेखक विधि प्राध्यापक हैं।)

Dakhal News 15 April 2022

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.