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23 दिसंबर को भोपाल के जीवीएन द ग्लोबल स्कूल में सतना जिले के पड़रौत गांव के युवा कवि दिनेश गुप्ता मकरंद की दूसरी पुस्तक 'रवि और कवि का प्रताप' का लोकार्पण हुआ। इस पुस्तक में 43 कविताएं और 93 मुक्तक हैं। यह दिनेश गुप्ता मकरंद का दूसरा काव्य संग्रह है, जो उनके साहित्यिक यात्रा की एक नई दिशा को दर्शाता है।
लोकार्पण समारोह में प्रमुख साहित्यकारों की उपस्थिति, गोकुल सोनी और अशोक व्यग्र ने किया पुस्तक की समीक्षा
लोकार्पण समारोह में महापौर मालती राय मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं, जबकि वरिष्ठ साहित्यकार और व्यंग्यकार गोकुल सोनी और अशोक व्यग्र विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे। गोकुल सोनी ने अपनी समीक्षा में कहा कि दिनेश गुप्ता मकरंद की कविताओं में धार्मिक आस्था, लोक मंगल का भाव और राष्ट्र चेतना की गहरी छाप देखने को मिलती है। वहीं, अशोक व्यग्र ने मातृभाषा की महत्वता को रेखांकित करते हुए कहा कि यह केवल एक भाषा नहीं, बल्कि एक संस्कार और संस्कृति है, जिसे दिनेश अपने लेखन के माध्यम से समाज में प्रसारित कर रहे हैं।
दिनेश गुप्ता मकरंद के साहित्यिक योगदान को सराहा, आभार व्यक्त किया
कार्यक्रम के अंत में, दिनेश गुप्ता मकरंद ने अपने सभी अतिथियों और साहित्यकारों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने हाल ही में संपूर्ण श्रीरामचरितमानस का हस्तलेखन किया है और हिंदुस्तान चालीसा की तर्ज पर हनुमान चालीसा को मात्र तीन दिन में लिखा है। उनके इन साहित्यिक योगदानों को भी समारोह में विशेष रूप से सराहा गया।
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