Dakhal News
21 December 2024पं. विजयशंकर मेहता
सामान्य मनुष्य को उम्र की चार अवस्थाओं से गुजरना पड़ता है- बचपन, युवावस्था, प्रौढ़ावस्था और वृद्धावस्था। अब इसका भी विस्तार है। वृद्धावस्था के बाद एक जरावस्था भी आती है, जिसमें आदमी बिस्तर पकड़ लेता है।
आज हम एक उम्र की बात करेंगे, ये प्रौढ़ावस्था है। समझने के लिए देखें, तो यह उम्र का वह दौर है, जिसमें हमारे माता-पिता जीवित होते हैं और हम माता-पिता बन चुके होते हैं। अब दो पीढ़ियों के बीच में ये प्रौढ़ावस्था की पीढ़ी है।
इस समय पारिवारिक जीवन में सबसे ज्यादा चुनौती इसी उम्र के लोगों के सामने है। बीते की स्मृति है और जो भविष्य आ रहा है उसकी चुनौती है। बूढ़े आदमी का पहला बचपन वर्षों पहले चला गया और दूसरा बचपन अभी चल रहा है।
इधर प्रौढ़ व्यक्ति के साथ होता यह है कि ‘आती जवानी, चलती जवानी और जाती जवानी’ तीनों एक साथ चल रही हैं। ऐसे स्थिति में स्वयं के भीतर त्याग की वृत्ति को खूब तैयार करें, बड़े-बूढ़ों के साथ समर्पण का भाव रखें और बच्चों के लिए धैर्य और समझ से काम करें तो ये उम्र भी आनंद देगी।
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16 September 2024
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