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डॉ. आनंद सिंह राणा
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की चर्चित मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम जाली नोट छाप जाने के मामले में जांच के दायरे में है। जांच के क्रम में मदरसा को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस मदरसे में छापेमारी के दौरान पुलिस टीमों को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी कई किताबें मिली हैं। मदरसे के प्रिंसिपल मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन के कमरे में आरएसएस पर लिखी गई आपत्तिजनक किताबें और तस्वीरें मिलने पर मामला गंभीर हो गया है। मदरसे के प्रिंसिपल के कमरे से उर्दू भाषा में भड़काऊ साहित्य पाया गया।
बरामद उर्दू साहित्य के अनुसार आरएसएस मुल्क में सबसे दहशतगर्द तंजीम है और बरामद किताब में आरएसएस के खिलाफ कई भड़काऊ लेख हैं, आरएसएस को किताब मे आतंकी संगठन बताया गया है। देश में हुए कई आतंकी घटनाओं का भी किताब में जिक्र किया गया है। महाराष्ट्र पुलिस के रिटायर्ड मुस्लिम पुलिस आधिकारी ने इस भड़काऊ किताब को लिखा है। जांच एजेंसियां उर्दू साहित्य से जुड़ी किताब की भी पड़ताल कर रही हैं। इन किताबों के जरिए मदरसे के बच्चों का ब्रेनवॉश किया जाता था। यूपी में मदरसों के आतंकी कनेक्शन को लेकर अक्सर आरोप लगाते रहते हैं, लेकिन संगम नगरी प्रयागराज के एक मदरसे से ऐसा सनसनीखेज खुलासा हुआ है, जो हैरान कर देने वाला है।
यह मदरसा नकली नोट छापने का कारखाना बना हुआ था। प्रयागराज पुलिस ने मदरसे से संचालित होने वाले नकली नोट छापने के गिरोह का पर्दाफाश करते हुए चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था। नकली नोट छापने का कारखाना बना यह मदरसा प्रयागराज शहर के अतरसुइया इलाके में स्थित है, मदरसे का नाम जामिया हबीबिया है,यहां बड़ी संख्या में छात्र तालीम हासिल करते हैं, मदरसे के एक हिस्से में मस्जिद भी है। दरअसल, मदरसे में 28 अगस्त को पुलिस ने छापेमारी की। इस छापेमारी के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए, छापेमारी के दौरान पुलिस को सिर्फ जाली नोट और जाली नोट छापने की मशीन ही नहीं मिली थी, बल्कि पुलिस को कुछ आपत्तिजनक किताबें भी मिली हैं, न्यूज़ एजेंसियो को पुलिस छापेमारी के दौरान की एक्सक्लूसिव तस्वीरें मिली हैं।ऐसी ही एक किताब इस मदरसे में मिली, जिसमें आरएसएस के विरुद्ध बातें लिखी हुई हैं।
ये किताब महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक एसएम मुशर्रफ द्वारा लिखी गई है,जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र के रिटायर्ड आईजी मुशर्रफ ने मुंबई 26/11 को लेकर भी कई आपत्तिजनक किताबें लिखीं थीं, ये सभी किताबें ऑनलाइन भी बिक रही हैं। अब प्रश्न उठता है कि संघ को आतंकी संगठन बताते हुए लिखी इस किताब का मकसद क्या था? इसकी पुलिस जांच कर रही है, लेकिन सूत्रों की मानें तो इस मदरसे में पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों के नौजवान पढ़ने के लिए आते थे। ऐसे में संघ के विरुद्ध जहर घोलने वाले किताब की मदरसे से बरामदगी और मदरसे में जाली नोट की फैक्टरी का क्या कनेक्शन है, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, पुलिस ये जांच भी कर रही है कि क्या मदरसे में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के दिमाग में संघ के विरुद्ध जहर तो नहीं भरा जा रहा था। पुलिस आरोपितों पर एनएसए लगाने की तैयारी में है।
(लेखक, इतिहास के प्राध्यापक एवं इतिहास संकलन समिति के पदाधिकारी हैं।)
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