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आज राष्ट्रीय किसान दिवस है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर ये दिन मनाया जाता है। ये दिन भारतीय अर्थव्यवस्था में किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने और उनके योगदान के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए मनाया जाता है।
आज के दिन मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुभकामनाएं देते हुए लिखा है कि ‘पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न, चौधरी चरण सिंह जी की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। अन्नदाता भाई-बहनों को किसान दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। चौधरी जी ने किसानों, गरीबों एवं वंचितों के हितों के संरक्षण एवं उनके समग्र विकास हेतु अपना सर्वस्व जीवन समर्पित कर दिया। आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए आपके समर्पण और किसान कल्याण व कृषि विकास के आपके प्रयास सदैव हमें प्रेरित करते रहेंगे।’
राष्ट्रीय किसान दिवस
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की अधिकांश जनसंख्या कृषि पर निर्भर है। लगभग 70% भारतीय किसान हैं जो खाद्य फसलों, तिलहन, और वाणिज्यिक फसलों का उत्पादन करते हैं। वे उद्योगों के लिए कच्चे माल की आपूर्ति भी करते हैं, जिससे वे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाते हैं। भारत गेहूं, चावल, दालें, गन्ना और कपास जैसी फ़सलों के प्रमुख उत्पादकों में से एक है।
राष्ट्रीय किसान दिवस हर साल 23 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंह भारतीय राजनीति में किसानों की आवाज़ बनने वाले अग्रणी नेताओं में से एक थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन में किसानों की समस्याओं को समझा, उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ी और उनकी स्थिति को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण नीतियों और कार्यक्रमों की शुरुआत की।
ये दिन किसानों के योगदान को सराहने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर है। किसान दिवस पर कृषि और किसानों की समस्याओं पर चर्चा की जाती है और उनकी बेहतरी के लिए समाधान ढूंढे जाते हैं। इस दिन किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, नई पद्धतियों और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक किया जाता है। किसान दिवस लोगों को यह याद दिलाने का अवसर है कि किसान न सिर्फ अन्नदाता हैं, बल्कि हमारी अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ बनाने में भी उनका अहम योगदान है।
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