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खातेगांव में इंदौर-बैतूल फोरलेन बायपास के निर्माण ने स्थानीय किसानों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। अपनी जमीन तक पहुंचने के लिए सर्विस रोड की मांग को लेकर किसान अब अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। उनका कहना है कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं की जाती, तो वे चक्का जाम और आमरण अनशन की शुरुआत करेंगे।
किसानों की बढ़ती समस्याएं:
इंदौर-बैतूल फोरलेन बायपास का निर्माण स्थानीय किसानों के लिए बड़ी समस्या बन गया है। पहले जो मार्ग उनके खेतों तक पहुंचने के लिए महज 1 किलोमीटर दूर था, अब वह बढ़कर 11 किलोमीटर दूर हो गया है। करीब 250 एकड़ भूमि के मालिक 40 किसान इससे प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा, पाड़ियादेह, बरवई और भटासा के ग्रामीण भी इस रास्ते का उपयोग करते थे, जो अब काफी दूर हो गया है।
सर्विस रोड का वादा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं:
किसानों का आरोप है कि बाईपास निर्माण के दौरान उन्हें सर्विस रोड का वादा किया गया था, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। जून 2022 से किसान लगातार इस मुद्दे को लेकर अधिकारियों से आवेदन कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। किसान अब इसे प्रशासन की अनदेखी मानते हुए आंदोलन करने की चेतावनी दे रहे हैं। उनका कहना है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे बाईपास पर चक्का जाम और आमरण अनशन करेंगे।
किसानों की मांग:
किसानों का कहना है कि उन्हें खेतों तक पहुंचने के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक रास्ता चाहिए। बिना सर्विस रोड के उनकी रोजमर्रा की ज़िन्दगी प्रभावित हो रही है, और उनकी कृषि कार्यों में भी कठिनाइयां बढ़ रही हैं।
यह मामला अब राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी गर्मा गया है, और अगर जल्द ही कोई समाधान नहीं निकला, तो किसानों का आंदोलन और तेज हो सकता है।
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