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मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में ठंड का कहर बढ़ता जा रहा है। रविवार-सोमवार की रात नौगांव के बाद राजगढ़ का तापमान 8.0 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जिससे यह प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा जिला बन गया। कड़ाके की ठंड के कारण कलेक्टर ने कक्षा पहली से आठवीं तक के स्कूलों का समय सुबह 9 बजे से कर दिया है। जिले में पिछले तीन-चार दिनों से सर्द हवाएं चल रही हैं, जिससे न केवल दिन बल्कि रातें भी बेहद सर्द हो गई हैं।इस सीजन में दूसरी बार 8 डिग्री तक तापमान गिरा है। शनिवार-रविवार की रात सबसे कम 7 डिग्री तापमान दर्ज किया गया था। हालांकि रविवार-सोमवार की दरमियानी रात तापमान में एक डिग्री की बढ़ोतरी हुई, फिर भी सर्दी शबाब पर रही। इस बार राजगढ़ मध्य प्रदेश का दूसरा सबसे ठंडा जिला रहा है।
प्रदेश में सबसे कम तापमान नौगांव में 7.8 डिग्री दर्ज किया गया, इसके बाद राजगढ़ का 8.0 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया है। राजधानी भोपाल में दो दिन से पारा 11.5 डिग्री के करीब ठहरा हुआ है। वहीं, सागर में भी दो दिन से न्यूनतम तापमान 11 डिग्री के पास ठहरा हुआ है। दिन और रात का तापमान सामान्य से कम होने के कारण ठंड का असर बढ़ गया है। दिन का तापमान 26 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है, जो सामान्य से 2 डिग्री कम है। रात का पारा 11.5 डिग्री पर लुढ़ककर आया है, जो सामान्य से 3 डिग्री सेल्सियस कम है। पारे में गिरावट आने से दिन और रात के समय कंपकंपा देने वाली सर्दी पड़ रही है।
मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में अगले 48 घंटों में मौसम में परिवर्तन आने का अनुमान है। कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो सकता है और बर्फीली हवाओं से पूरा प्रदेश ठिठुर सकता है। उत्तरी हिस्से में इसका ज्यादा असर देखने को मिलेगा। उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव है, जिसके कारण पहाड़ों में बर्फबारी होगी और उत्तरी हवाएं मध्य प्रदेश में तेजी से आएंगी। इससे प्रदेश में दिन और रात में ठंड बढ़ने का अनुमान है।
मौसम वैज्ञानिक रितेश कुमार के मुताबिक, वर्तमान में तमिलनाडु में चक्रवात सक्रिय है, जिसके प्रभाव से आसमान पर हल्के बादल छाए हुए हैं। इससे तापमान में बढ़ोतरी होनी थी, लेकिन जम्मू-कश्मीर में बारिश और बर्फबारी होने से उत्तरी हवाएं तेज हो गई हैं। इससे अगले तीन दिन तक तापमान में एक से दो डिग्री की मामूली गिरावट आएगी।
इस ठंड के कारण लोगों को सावधान रहने की जरूरत है और ठंड से बचने के उपाय करने चाहिए। जैसे ही ठंड का प्रकोप बढ़ेगा, वैसे ही इससे बचने के लिए लोगों को अपने घरों में गर्म कपड़े पहनने और हीटर या अन्य साधनों का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा, बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि वे सर्दी के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
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