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इंस्पायर अवार्ड योजना के तहत ग्वालियर विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. इस प्रदर्शनी में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए स्कूली छात्रों ने अपने अपने आविष्कार प्रदर्शित किए हैं, जो भविष्य के लिए उपयोगी साबित हो सकते हैं. आइए जानते हैं इन नन्हे बाल वैज्ञानिकों ने कैसे-कैसे आविष्कार किए हैं।
ग्वालियर के एक स्कूल के 9वीं कक्षा के छात्र कनिष्क जैन ने कोरोना के दौरान रहे स्वास्थ्य संकट को देखकर एक सेहत की डोरी तैयार की है. इसका प्रयोग आप चलती ट्रेन में भी कर सकते हैं सेहत की डोरी गर्म पानी में डालते ही काढ़े का रूप ले लेती है इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होता है और इससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। कक्षा दसवीं की छात्रा मनु प्रजापति ने एक ऐसे चूल्हे का निर्माण किया है जिसके जरिए एक तरफ जहां भोजन तैयार होगा, तो वहीं दूसरी तरफ गर्म पानी भी निकलेगा। 11वीं की छात्रा भूमि ने एक ऐसा पैनल बनाया है, जो सेंसर युक्त है. यह किसी बिल्डिंग आदि स्थान पर आग लगते ही अपने आप एक्टिवेट हो जाएगा और बिल्डिंग में लगे अग्निशमन यंत्रों को भी एक्टिवेट कर देगा. इसके अलावा यह सेंसर अपने आप से ही उस क्षेत्र की बिजली को बंद कर देगा, ताकि आसपास करंट का खतरा ना रहे. वहीं, एक तेज ध्वनि यंत्र बजाकर लोगों को सूचित भी करेगा। यह एक ऐसा आविष्कार है जिसके जरिए आप बिना हाथों के भी अपने पैरों से कंप्यूटर को ऑपरेट कर सकते हैं. यह अविष्कार उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है, जो अपने हाथों से काम करने में सक्षम नहीं है. कक्षा ग्यारहवीं की छात्रा प्रांजली त्रिपाठी ने एक ऐसी चप्पल बनाई है, जिसमें माउस फिट है जिसके जरिए दिव्यांग अपने पैरों से भी कंप्यूटर हो चला सकते हैं।
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