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रायपुर।छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को जल जीवन मिशन को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई। विपक्षी विधायकों ने मंत्री अरुण साव के जवाब से असंतुष्ट होकर नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट भी किया ।प्रश्नकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने योजना के क्रियान्वयन पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि सरकार केवल आंकड़ों का भ्रम फैलाकर असल तस्वीर छुपा रही है।पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने योजना के क्रियान्वयन को लेकर सरकार से तीखे सवाल पूछे और खर्च की गई राशि व लक्ष्यों की उपलब्धि पर संदेह जताया।
भूपेश बघेल ने पूछा कि वर्ष 2022-23, 2023-24 और 2024-25 के दौरान जल जीवन मिशन के तहत कितनी राशि खर्च की गई और कितने घरों तक वास्तव में नल से जल पहुंचाया गया? उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई जिलों में योजना के तहत बहुत कम खर्च हुआ और अपेक्षाकृत कम घरों में पानी पहुंच पाया है।
डिप्टी सीएम और जल संसाधन मंत्री अरुण साव ने पलटवार करते हुए कहा कि अब तक ₹15,045 करोड़ यानी कुल 57फीसदी राशि खर्च की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्य के 31,16,398 घरों में नल से जल पहुंचाया जा चुका है, और 3,836 गांवों में शत-प्रतिशत जलापूर्ति की गई है। साव ने यह भी जोड़ा कि राशि का वितरण जिलों की प्रगति के आधार पर किया जाता है।
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भूपेश बघेल ने कटाक्ष करते हुए कहा कि “डबल इंजन की सरकार” ने अब तक केवल 10 लाख घरों में ही नल से जल पहुंचाया है, जबकि केवल आंकड़े दिखाकर उपलब्धियों का भ्रम पैदा किया जा रहा है।मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भूपेश बघेल ने तंज कसते हुए कहा, “हमारी सरकार ने 21 लाख घरों में जल पहुंचाया था, जबकि डबल इंजन की सरकार दो साल में केवल 10 लाख जोड़ पाई है। क्या यही गति है?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार बिना पानी के नल लगाकर सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी कर रही है।
इस बहस के दौरान विपक्षी विधायकों ने सरकार पर “आंकड़ों की बाजीगरी” करने का आरोप लगाते हुए जोरदार हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 74 प्रतिशत कार्य पूरा किया गया था, जबकि वर्तमान सरकार ने 20 महीनों में केवल 7 प्रतिशत कार्य किया है।जल जीवन मिशन मामले को लेकर सदन में जमकर हंगामा हुआ। पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नारेबाजी हुई।
भारी हंगामे पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को हस्तक्षेप करना पड़ा. डॉ. रमन सिंह ने कहा, प्रश्नकाल को बाधित नहीं किया जाता।आसंदी की मर्यादा का ध्यान रखें। प्रश्नकाल में हंगामा करना उचित नहीं है. पूरा देश छत्तीसगढ़ विधानसभा की कार्यवाही को देखता है। सदस्यों को आपस में देखकर बात नहीं करनी चाहिए. आसंदी की ओर देख कर बात करनी चाहिए। आसंदी की मर्यादाओं का पालन हम सभी को करना होगा।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने दावा किया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में योजना का 74प्रतिशत काम पूरा हो चुका था, जबकि मौजूदा सरकार ने 20 महीनों में महज 7 प्रतिशत प्रगति दिखाई है। उन्होंने कहा कि मंत्री का जवाब भ्रामक और तथ्यों से परे है। इसके बाद विपक्षी विधायकों ने नारेबाजी करते हुए सदन का वॉकआउट कर दिया।
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