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कोरोना संक्रमण के कारण सबसे अधिक प्रभावित पर्यटन उद्योग अब पटरी पर आ गया है। मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय महत्त्व के 14 स्मारकों को निहारने के लिए वर्ष 2021-22 में 15.65 लाख से अधिक देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचे। सैलानियों से प्रवेश शुल्क के रूप में 4.36 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व मिला है। वर्ष 2020-21 में इन पर्यटक स्थलों पर 8 लाख 3469 सैलानी पहुंचे थे। इनसे 2.05 करोड़ रुपए का राजस्व मिला था। हालांकि वर्ष 2019-20 में 21 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे और इनसे 8.78 करोड़ रुपए राजस्व की प्राप्ति हुई थी। सूबे के ऐतिहासिक स्मारकों के रखरखाव पर एक साल में 16.25 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं।धार जिले में स्थित मांडू में वर्ष 2021-22 में सबसे अधिक 7 लाख 94 हजार 438 पर्यटक आए। 3 लाख 44 हजार 913 पर्यटक स्मारक समूह देखने गए। रूपमती मंडप जाने वाले पर्यटकों की संख्या 3 लाख 36 हजार 286 रही। मांडू पहुंचने वाले पर्यटकों से प्रवेश शुल्क के रूप में 1 करोड़ 99 लाख 27 हजार 55 रुपए का राजस्व मिला। पर्यटकों के पसंदीदा स्मारकों में दूसरा स्थान खजुराहो का रहा। यहां 2 लाख 44 हजार 270 पर्यटक आए। तीसरे स्थान पर ग्वालियर का किला रहा। यहां 2 लाख 3 हजार 372 पर्यटक पहुंचे और 46.30 लाख का राजस्व मिला। प्रदेश में राष्ट्रीय महत्त्व के 291 स्मारक हैं। सबसे अधिक 66 धार में हैं। छतरपुर में 25, अशोकनगर और विदिशा में 18-18, सागर में 16, बुरहानपुर में 15, कटनी में 12, शिवपुरी में 11, खरगोन में 9, रायसेन में 8 स्मारक हैं। ग्वालियर में 7, बालाघाट-मुरैना में 6-6 स्मारक हैं।
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