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गुना से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहाँ लोकतंत्र का बुनियादी ढांचा पंचायत को ही गिरवी रख दिया...यहां 20 लाख रुपए के कर्ज के बदले करोद ग्राम पंचायत को एक दबंग के पास गिरवी रख दिया गया...महिला सरपंच, पंच और उसके पति के बीच एक एग्रीमेंट हुआ जिसमें पंचायत की चेकबुक से लेकर सरकारी योजनाओं के पैसों तक पर तीसरे व्यक्ति का हक तय कर दिया गया...जब मामला जिला प्रशासन तक पहुंचा, तो हड़कंप मच गया और सरपंच समेत पंच को तुरंत बर्खास्त कर दिया गया... ऐसा ही एक मामला चाचौड़ा के रामनगर पंचायत में भी सामने आया है...
गुना जिले की करोंद पंचायत चर्चा में है...क्योंकि इसे रखा गया है गिरवी...यहां की महिला सरपंच लक्ष्मीबाई ने पंचायत का चुनाव लड़ने के लिए गांव के दबंग हेमराज सिंह धाकड़ से 20 लाख रुपए उधार लिए थे जिसमें गारंटी बने पंचायत के पंच रणवीर सिंह कुशवाह एक एग्रीमेंट साइन हुआ...100 रुपए के स्टांप पेपर पर शर्तें लिखी गईं थीं कि पंचायत में होने वाले विकास कार्यों का 5% कमीशन सरपंच को मिलेगा, सभी कामों की निगरानी दबंग के प्रतिनिधि द्वारा होगी, और सरकारी योजनाओं के पैसों से दबंग का कर्ज चुकाया जाएगा...इसमें पंचायत की सील, चेकबुक, दस्तावेज सब कुछ गिरवी रख दिया गया...वहीं लक्ष्मीबाई का कहना है कि वो पढ़ी-लिखी नहीं है...किराए के मकान में रहती हैं, निर्विरोध चुनी गई थीं ऐसे में पैसे लेकर चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं उठता...किसी ने धोखे से साइन कराए होंगे...ऐसा ही एक मामला चाचौड़ा के रामनगर पंचायत में भी सामने आया है जहां आदिवासी महिला सरपंच मुन्नीबाई सहरिया ने रामसेवक मीना नामक व्यक्ति से पैसे लेकर पंचायत जीतने का सौदा किया शर्त थी, पंचायत की कमान दबंग के हाथ में रहेगी, और बदले में सरपंच को सालाना 1 लाख रुपये मिलेंगे...
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