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हुगली । तकरीबन 22 दिनों तक पाक रेंजर्स की हिरासत में रहने के बाद शुक्रवार शाम अपने रिषड़ा स्थित घर लौटे बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार साव ने शनिवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि दस दिन पाक रेंजर्स की हिरासत में बिताने के बाद उन्होंने घर लौटने की उम्मीद छोड़ दी थी। उन्होंने इस कठिन समय में उनके परिवार के साथ खड़े रहने के लिए देशवासियों के प्रति आभार व्यक्त किया। पूर्णम का मानना है कि अपने परिवार में लौट कर उनका पुनर्जन्म हुआ है।
पूर्णम को पाक रेंजर्स ने 22 दिनों तक बंदी बनाकर रखा था। जब उनसे पूछा गया कि उस समय वे क्या सोच रहे थे, तो उन्होंने कहा, "जब मुझे पहली बार हिरासत में लिया गया था, तो मैंने सोचा था कि मैं तीन या चार दिनों में रिहा हो जाऊंगा। लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ, दस दिन बीत जाने के बाद, मैंने सोचा कि मैं कभी घर वापस नहीं लौटूंगा। जो भी होगा, वहीं होगा।"
पूर्णम के पाक रेंजर्स की हिरासत में रहने के दौरान ही भारत ने पहलगांव आतंकवादी हमले का बदला लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस बारे में पूछे जाने पर पूर्णम ने कहा, "जब मैं वहां था तो मुझे कुछ भी पता नहीं था। जब मैं घर लौटा और समाचार देखा तो पता चला कि ऑपरेशन चल रहा था।"
क्या पाक रेंजर्स ने उन पर कोई अत्याचार किया? इस प्रश्न के जवाब में पूर्णम ने कोई टिप्पणी नहीं की।
बहरहाल, शनिवार सुबह भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल पूर्णम के घर गया। उन्होंने पूर्णम का अभिनंदन किया। पूर्णम ने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी से वीडियो कॉल पर बात की।
उल्लेखनीय है कि गत 23 अप्रैल को पूर्णम ने ड्यूटी के दौरान गलती से भारत की सीमा पार कर ली थी। इसके बाद पाकिस्तानी रेंजर्स ने उन्हें हिरासत में ले लिया था। इसके बाद 14 मई को पूर्णम को रिहा किया था। इसके नौ दिनों बाद शुक्रवार को पूर्णम रिषड़ा स्थित अपने घर लौटे।
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