Patrakar Vandana Singh
पं. विजयशंकर मेहता
मशीनी युग में मशीन का भी खूब विकास हुआ। पहले ऐसा होता था कि मशीन खराब हो जाती थी, तो कहते थे कि अगर कंपनी की मशीन है, तो स्पेयर पार्ट्स भी उसी के लगेंगे। आइए, अब इसी बात को शरीर से जोड़कर देखते हैं।
हमारा शरीर लगभग मशीन है। तो चलिए, इसे कम से कम एक बहुत अच्छी कंपनी की मशीन तो मान लें। और उस कंपनी का नाम है ईश्वर। परमात्मा ने हमारा चयन किया है और हमको मनुष्य बनाया। वरना कुछ और बनने की भी संभावना थी। अब हमें अपने स्पेयर पार्ट्स पर बहुत सावधानी से काम करना होगा।
मशीन से लंबे समय तक काम लेना हो, तो उसकी सर्विसिंग करानी पड़ती है। मौसम से उसकी रक्षा करना पड़ती है। बस यह शरीर ऐसा ही है। इसकी सर्विसिंग कराने के दो स्थान हैं। एक तो प्रतिदिन मंदिर जाया जाए और अवसर मिले तो सत्संग किया जाए। और ईश्वर की कंपनी की इस मशीन के सबसे अच्छे स्पेयर पार्ट्स होते हैं- गुरुजन और माता-पिता का आशीर्वाद।
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