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अंबिकापुर । मानसून के अनुकूल होने के साथ झमाझम वर्षा से उत्तर छत्तीसगढ़ में मक्का की बुआई में किसान पिछड़ गए है, वहीं टमाटर की नर्सरी भी गल कर नष्ट हो गई है।
जानकारी अनुसार, मौजूदा समय में मक्का का लगभग 75 फीसदी रकबा खाली है। मक्का की बोनी के लिए उचित समय के निकल जाने के बाद किसान अब आशंकित है कि यदि इस समय मक्के की बोनी की जाए तो उपज होगी या नहीं। हालांकि अभी भी किसान इस उम्मीद में रिस्क उठा रहे हैं कि संभवतः 75 फीसदी भी उपज हो तो परिवार के लिए कुछ तो सहारा बनेगा। बताया जा रहा है कि, सरगुजा जिले में मक्का का लक्ष्य 23 हजार 315 हेक्टेयर है। जबकि अभी तक मात्र 8 हजार 112 हेक्टेयर में मक्का की बोनी हुई है। जबकि अभी भी 25 हजार 203 हेक्टेयर रकबा खाली है।
किसानों ने कहा-इस बार आय होगी प्रभावित
धौरपुर क्षेत्र के किसान मंगलुराम ने कहा कि, मक्का बुआई के सीजन में मूसलाधार वर्षा हो रही थी। बाड़ी में भी पानी भरा हुआ था। जिसके चलते मक्का की बुआई के लिए अनुकूल मौसम नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि वे एक सीजन में कम से कम डेढ़ लाख रुपये तक की मक्के से आय अर्जित कर लेते थे। यह आय सीधे तौर पर प्रभावित होगी। लोधिमा के किसान जयकुमार राजवाड़े ने कहा कि, उनका भी मक्के का रकबा खाली है। मंहगा बीज आने के चलते मौसम बीतने के बाद बुआई की हिम्मत नहीं हो रही है। हालांकि कई किसान अभी भी मक्के की बाेनी कर रहे हैं।
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