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गृह मंत्री बोले धार्मिक कट्टरता भूल जायेंगे लोग
लाॅ कालेज में धार्मिक कट्टरता का मामला गरमाने के बाद प्राचार्य डा. रहमान ने पहले छह प्रोफेसरों को निलंबित किया। जब काॅलेज की लाइब्रेरी मेें विवादित किताबें मिली तो काॅॅलेज प्राचार्य ने भी इस्तीफा दे दिया था।
इंदौर के लाॅ कालेज में धार्मिक कट्टरता फैलाने और भड़काऊ शिक्षा देने के मामले में पुलिस ने काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. रहमान को आरोपी बनाया है,लेकिन तबीयत खराब होने के कारण वे एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गए। जिला कोर्ट ने उनका अग्रिम जमानत आवेदन भी खारिज कर दिया है। अब पुलिस उनके ठीक होने का इंतजार कर रही है, ताकि उन्हें गिरफ्तार किया जा सके। उधर उच्च शिक्षा मंत्री के निर्देश पर गठित हुई जांच कमेटी ने जांच शुरू कर दी। कमेटी ने शिकायतकर्ता छात्रों से भी चर्चा की।
लाॅ कालेज में धार्मिक कट्टरता का मामला गरमाने के बाद प्राचार्य डा. रहमान ने पहले छह प्रोफेसरों को निलंबित किया। जब काॅलेज की लाइब्रेरी मेें विवादित किताबें मिली तो काॅॅलेज प्राचार्य ने भी इस्तीफा दे दिया था, हालांकि अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है। प्राचार्य डाॅ. रहमान ने अग्रिम जमानत के लिए सत्र न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया था। यह तर्क दिया गया है कि विवादित पुस्तक उनके कार्यकाल में नहीं खरीदी गई। इस वजह से उनकी कोई गलती नहीं है।
फरियादी की तरफ से एडवोकेट गोविंद बैस ने जमानत आवेदन पर आपत्ति ली और तर्क रखा था कि पुस्तक किसके समय में खरीदी गई यह मुद्दा ही नहीं है। आरोपी विवादित पुस्तक के माध्यम से छात्रों का ब्रेन वाश कर रहे थे। उन्होंने विद्यार्थियों के छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर उनमें धार्मिक कट्टरता फैलाने का प्रयास किया है। आरोपितों को जमानत दी गई तो समाज में अच्छा संदेश नहीं जाएगा। कोर्ट ने तर्क सुनने के बाद प्राचार्य व एक अन्य प्रोफेसर को जमानत देने से इंकार करते हुए आवेदन खारिज कर दिया। आपको बता देे कि इस मामले में पुलिस विवादित किताब लिखने वाली लेखिका फरहत खान भी घर से फरार है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि लेखिका की पीएचडी भी निरस्त करने के लिए संबंधित विभाग को लिखा जाए।
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