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जेईई मैन्स परीक्षा में 99.93 पर्सेंटाइल प्राप्त किए इंदौर के दीपक प्रजापति के जीवन में एक समय ऐसा भी था जब उन्हें ‘बेहद कमजोर’ का टेग देकर स्कूल से निकाल दिया था। लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत के दम पर आज वो कर दिखाया जो आसान काम नहीं है। दीपक प्रजापति के पिता मजदूर हैं। कक्षा दो में दीपक को ऐसे शब्द सुनने पड़े जिनसे किसी का भी भरोसा डगमगा जाएं। उन्हें स्कूल में कहा कि तुम बड़े होकर कुछ नहीं कर सकते, तुम मज़दूरी ही करोगे। लेकिन दीपक ने हार नहीं मानी और अपने सपनों का पीछा कर आज यहां तक पहुंच गए। जेईई मैन्स परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता हासिल कर ली है। दीपक की सफलता की कहानी हर इंसान के लिए प्रेरणा है।दीपक ने अपनी मेहनत से 10वी में 96 फीसदी अंक हासिल किए थे। उसके बाद उन्होंने एक काउंसलर से मदद ली और कई करियर ऑप्शन्स समझने के बाद इंजीनियरिंग करने का फैसला किया। जब दीपक ने ये बात अपने परिवार से कही तो उन्होंने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने बेटे को पढ़ने भेजा। दीपक ने इंदौर रहकर जेईई की तैयारी करी। वे दिन के करीब 13 से 14 घंटे पढ़ाई करते थे। ब्रेक के लिए वे स्पोर्टस् से जुड़े हुए थे। दीपक फुटबॉल और बैडमिंटन खेलते हैं। लेकिन खास बात ये है कि उन्होंने सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बना रखी है। दीपक आईआईटी-कानपुर से कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग करना चाहते हैं। दीपक के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने गरीबी को बेहद करीब से महसूस किया है। उनके पिता वेल्डर है। हर रोज सुबह काम की तलाश में निकलते हैं और उन्हें कभी काम मिल पाता है, कभी नहीं। लेकिन अपने बेटे के सपनों के रास्ते में इसे कभी बीच में नहीं आने दिया और बेटे ने भी अपने पिता का मान रखा।
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