एक जून यानी बुधवार से आम जनता पर महंगाई की गाज गिरने वाली है। क्योंकि सर्विस टैक्स 14.5 से बढ़कर 15 प्रतिशत हो गया है। जिससे होटल में खाना खाने से लेकर पार्लर जाना, बिजली-मोबाइल का बिल चुकाना सब कुछ पहले से महंगा हो जाएगा। गौरतलब है कि सर्विस टैक्स में ये बढ़ोतरी किसान कल्याण सेस के लगने से हो रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट-2016 में इसका ऐलान किया था।
टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन कहते हैं कि हर बजट में सर्विस टैक्स के साथ कुछ किया जाता है क्योंकि ये राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत है। सर्विस टैक्स 14.5 से बढ़ाकर 15 फीसदी करने का असर ये होगा कि अभी तक जिस सेवा के लिए आपका सौ रुपये का बिल आता था अब उसपर 50 पैसे अतिरिक्त देने होंगे।
एक जून से बैंकिंग सेवाएं महंगी हो जाएंगी। बैंक ड्राफ्ट, फंड ट्रांसफर के लिए आईएमपीएस, एसएमएस अलर्ट जैसी सेवाओं के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। सिनेमा देखना महंगा होगा। एयर टिकट महंगा होगा। रेस्त्रां में खाना, माल ढुलाई, पंडाल, इवेंट, कैटरिंग, आईटी, स्पा-सैलून, होटल, बैंकिंग आदि सेवाएं महंगी हो जाएंगी। कार, हेल्थ पॉलिसी लेने या उसे रिन्यू करने पर बढ़ा हुआ सर्विस टैक्स देना होगा। टूर ऑपरेटर और कंपनियों से टूर पैकेज लेकर देश या विदेश घूमने जाने पर बढ़ा हुआ सर्विस टैक्स देना होगा।
देश में होटल सर्विस लेना भी महंगा होगा। बैंक्वेट हॉल, कैटरिंग और अन्य तमाम सेवाओं के लिए 15 फीसदी टैक्स चुकाना होगा। इससे शादी का बजट बढ़ जाएगा। वेद जैन के मुताबिक इससे किसानों को तो फायदा होगा। लेकिन अलग से किसानों का नाम लेकर इसे लागू करना थोड़ा जटिल करना होगा।
वहीं आम लोगों की टैक्स बढ़ोतरी को लेकर अलग-अलग राय है। कुछ लोग जहां किसानों को फायदा पहुंचाने के नाम पर बढ़ा हुआ टैक्स खुशी से देने को तैयार हैं तो कुछ लोगों का कहना है कि महंगाई के दौर में सर्विस टैक्स में बढ़ोतरी उनके बजट को और बिगाड़ देगी।
बता दें एनडीए सरकार में सर्विस टैक्स में कुल 2.64 फीसदी की बढ़ोतरी की जा चुकी है। 2015 के बजट में अरुण जेटली ने सर्विस टैक्स को 12.36% से बढ़ाकर 14% कर दिया था, जो कि 1 जून 2015 से लागू हुआ था। इसके बाद सरकार ने फिर 15 नवंबर को सभी सेवाओं पर 0.5% स्वच्छ भारत सेस लागू कर दिया। इससे सर्विस टैक्स 14.5% हो गया था। अब सरकार कृषि कल्याण सेस के जरिए कृषि और किसानों की योजनाओं के लिए पैसे जुटाना चाहती है।