लोक सूचना अधिकारी के विरुद्ध सूचना आयोग का फैसला
देरी से रेकार्ड देने पर अदा करें हर्जाना, मुफ्त जानकारी देने का खर्च भी उठाएं
मप्र राज्य सूचना आयोग ने समय पर जानकारी न देने पर लोक सूचना अधिकारी पर दो हजार रू. का हर्जाना लगाया है। साथ ही अपीलार्थी को वांछित जानकारी निशुल्क देने तथा जानकारी देने पर होने वाला खर्च भी वहन करने का आदेष दिया है।
राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप ने रामस्वरूप सिंह मुरैना की ओर से दायर अपील की सुनवाई कर पारित आदेष में तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी रामनिवास कुषवाह को धारा (7) के उल्लंघन का दोषी करार दिया है । साथ ही कुषवाह को आदेषित किया है कि वे 20 दिन में अपीलार्थी को हर्जाना अदा करें एवं अपीलार्थी को चाही गई जानकारी अविलंब निःषुल्क प्रदान करें । जानकारी देने पर होने वाले खर्च का भार ग्राम पंचायत पर न डालते हुए यह व्यय राषि भी कुशवाह ग्राम पंचायत को अदा करें ।
यह है मामला:अपीलार्थी ने ग्राम पंचायत मृगपुरा के क्रियाकलाप से संबंधित जानकारी चाही थी जो नियत समय सीमा के बाद भी नहीं दी गई । इसका कारण यह रहा कि तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी कुषवाह द्वारा ग्राम पंचायत का रेकार्ड वर्तमान लोक सूचना अधिकारी को लंबे अरसे तक नहीं सौंपा गया । इसी कारण प्रथम अपीलीय अधिकारी/मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत मुरैना द्वारा पारित इस आदेष की भी पालना नहीं हो सकी कि लोक सूचना अधिकारी अपीलार्थी को चाही गई जानकारी अनिवार्य रूप से तीन दिन में प्रदाय कर पावती की प्रति पेष करें ।
आखिरकार देना पड़ा रेकार्ड: वर्तमान लोक सूचना अधिकारी अमृतलाल गुर्जर द्वारा बार-बार लिखे जाने व षिकायत करने और जनपद व जिला पंचायत द्वारा आदेषित किए जाने के बाद भी तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी/सचिव कुषवाह ने पंचायत का रेकार्ड नहीं सौंपा । आयोग की सख्ती के बाद यह रेकार्ड सौंपा गया । इस संबंध में आयोग ने कुषवाह को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया । इस पर कुषवाह द्वारा प्रस्तुत जवाब को नामंजूर करते हुए आयोग के आदेष में कहा गया कि कुषवाह द्वारा पदेन दायित्व के निर्वहन में कर्त्तव्यविमुखता प्रदर्षित कर सूचना प्रदान करने में अवरोध उत्पन्न किया गया ।