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डोकलाम मामले में जापान द्वारा भारत का समर्थन करना चीन को नागवार गुजरा है। बौखलाए चीन ने जापान से कहा है कि वो इस मुद्दे पर बिना सोचे कोई बयान ना दे। चीन ने जापान से कहा कि अगर वह भारत का साथ देना भी चाहता है तो भी चीन के खिलाफ बयान देने से बचे।
जापान ने इस मुद्दे पर भारत का साथ देने की बात कही थी। जापान के राजदूत केनजी हिरामात्सु ने भारतीय राजनयिकों को अपने देश का आधिकारिक रुख स्पष्ट कर दिया है। उसने कहा था कि चीन के साथ डोकलाम विवाद पर भारत के कूटनीतिक प्रयासों का रंग दिखना शुरू हो गया है। इस मसले पर चीन अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में घिरता दिख रहा है। अमेरिका के बाद जापान ने भी डोकलाम विवाद पर भारत का समर्थन किया है। जापान ने कहा है कि दोनों देशों के बीच विवाद का हल बातचीत के जरिए होना चाहिए।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हू चुनयांग प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि उन्होंने देखा कि भारत में जापान के अंबेसडर भारत को सपोर्ट करना चाहते हैं। इसलिए चीन उनसे कहना चाहेगा कि वह ऐसे बिना सोचे समझे बयान न दे और कुछ भी बोलने से पहले फेक्ट चेक कर लें। उन्होंने आगे गुस्से में कहा कि डोकलाम में कोई भी बॉर्डर विवाद नहीं है और दोनों देशों को निर्धारित सीमा के बारे में पता है। ऐसे में भारत की और से स्टेटस क्यू में बदलाव की पहल हुई है न कि चीन की ओर से।
जापान इस मामले को बेहद करीब से देख रहा है, उसका मानना है कि दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध पूरे क्षेत्र की स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। हाल ही में चीन के साथ जापान का भी इसी तरह का क्षेत्रीय विवाद चल रहा है। टोक्यो का यह मानना है कि विवादित क्षेत्रों में शामिल सभी दलों को बल द्वारा यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयासों का सहारा नहीं लेना चाहिए। जापान के इसी रुख के कारण वह चीन की "यथास्थिति को बदलने" की कोशिश की गंभीरता से आलोचना कर रहा है।
हीरामात्सू ने कहा कि भारत ने 30 जून को यथास्थिति बदलने के लिए बीजिंग को दोषी ठहराया था। उन्होंने कहा कि हम समझते हैं कि डोकलाम क्षेत्र में गतिरोध लगभग दो महीने से चल रहा है। विवादित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है कि सभी दलों में बल द्वारा यथास्थिति को बदलने के एकतरफा प्रयासों का सहारा नहीं लेना चाहिए और शांतिपूर्ण ढंग से विवाद को हल करना चाहिए।
हू यही नहीं रुकीं और भारत को भी धमकी दी कि भारत डोकलाम से जल्द सेना की टुकड़ी को वापस बुलाए। उन्होंने कहा कि बिना शर्त वापसी ही आगे किसी भी अर्थपूर्ण बातचीत के लिए दरवाजा खुलेगा।
जापान दुनिया का पहला देश है जिसने डोकलाम विवाद पर भारत का खुलकर समर्थन किया है। इससे पहले अमेरिका ने इस मुद्दे को दोनों देशों को सीधी बातचीत के जरिए सुलझाने को कहा था।
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