Dakhal News
21 January 2025सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (cji ) का दफ्तर भी अब सूचना के अधिकार कानून (rti ) के दायरे में आएगा। सर्वोच्च न्यायालय की पांच जजों की संविधान पीठ ने बुधवार को यह बड़ा फैसला दिया है। आज आए इस फैसले में तीन जज सहमत थे और दो जज इसके विरोध में थे। पांच जजों की इस संविधान पीठ में जस्टिस एनवी रमना, डीवाई चंद्रचूड़, दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना शामिल हैं और इस पीठ की अध्यक्षता खुद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई कर रहे थे। संविधान पीठ ने चार अप्रैल को सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज सुनाए अपने फैसले में बेंच ने इसे मंजूरी दे दी है लेकिन शर्तों के साथ। कोर्ट ने कहा है कि आरटीआई में कोई भी जानकारी मांगे जाने पर थर्ड पार्टी को इस बात की सूचना पहले दी जाएगी कि उसके बारे में जानकारी मांगी गई है।
सुनवाई पूरी करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि कोई भी अपारदर्शी प्रणाली नहीं चाहता। लेकिन, पारदर्शिता के नाम पर न्यायपालिका को नष्ट नहीं किया जा सकता। हाई कोर्ट ने नहीं मानी थीसुप्रीम कोर्ट की दलीलसुप्रीम कोर्ट के महासचिव और केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने दिल्ली हाई कोर्ट और केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के आदेशों को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है।
दिल्ली हाई कोर्ट में तीन जजों की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट की इस दलील को मानने से इनकार कर दिया था कि सीजेआई के दफ्तर को आरटीआई के दायरे में लाने से न्यायपालिका की स्वतंत्रता को नुकसान पहुंचेगा। इससे पहले सीआईसी ने भी अपने आदेश में कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस का दफ्तर आरटीआई के दायरे में है।
Dakhal News
13 November 2019
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.
Created By: Medha Innovation & Development
|