Patrakar Priyanshi Chaturvedi
बच्चों के पंसदीदा कार्टून कैरेक्टर और कॉमिक्स आने वाले दिनों में मप्र पुलिस के थानों में नजर आएंगी। साथ ही यहां खेलने की व्यवस्था भी रहेगी। इसके लिए हर थाने में एक कमरा भी तैयार होगा। यह पूरी कवायद बाल मैत्री थाना बनाने को लेकर है। इसका उद्देश्य अपराध का शिकार हुए बच्चों के साथ-साथ क्षेत्रों के बच्चों को अपराध के प्रति जागरूक करने व पुलिस का भय दूर भगाना है।
भोपाल में बच्चों के संरक्षण और कानूनी एक्ट को लेकर आयोजित हुई कार्यशाला में तय किया गया कि हर पुलिस स्टेशन में बाल मैत्री कक्ष बनाया जाए । इसे बाल कल्याण पुलिस के अधिकारियों, विशेष किशोर पुलिस ईकाई और महिला अपराध शाखा ने तैयार किया। इसे अब डीजीपी ऋषि शुक्ला व गृह विभाग के पास मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है।
योजना में अधिकारियों ने यह भी बताया है कि मौजूदा टीम से ही किस तरह यह सब संभव हो सकेगा, ताकि विभाग पर अतिरिक्त भार न पड़े। योजना में उन बच्चों को भी चिन्हित किया जाएगा, जो उपेक्षित या असहाय है। ऐसे बच्चों के पुनर्वास के प्रयास भी सुनिश्चित किए जाएंगे
पुलिस अपने क्षेत्रों में बच्चों से बात कर उन्हें बाल मुखबिर बनाने की प्लानिंग भी कर रही है। जिनकी मदद से ट्रैफिकिंग कर लाए बच्चों (जो इलाकों में काम कर रहे हैं) का पता पुलिस लगाएगी और उन्हें मुक्त करवाएगी। इसके अलावा मोहल्लों और स्कूली बच्चों को बाल कल्याण पुलिस अधिकारी थानों में विजिट भी करवाएंगे। इससे पुलिस को लेकर व्याप्त उनका भय दूर हो सके। मुलाकात सिर्फ उस कमरे में ही होगी, जिसे तैयार करने का प्लान किया जा रहा है, जिससे बच्चे माहौल देखकर डरे नहीं।
आरंभ संस्था के परियोजना अधिकारी अमरजीत कुमार सिंह कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों को लेकर नए एक्ट की जानकारी देने के साथ पुलिस की कार्यशैली में किस तरह बदलाव कर बच्चों के हित में और ज्यादा काम किए जा सकते हैं, को लेकर बिंदु तैयार करना भी था। जो प्लानिंग की गई है उसे जल्द ही पुलिस मुख्यालय और गृह विभाग को सौंपा जाएगा।
Dakhal News
|
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.
Created By:
Medha Innovation & Development |