बदसलूकी ,लापरवाही और करप्शन में एमपी पुलिस अव्वल
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पुलिसकर्मियों के खिलाफ सबसे ज्यादा मप्र में दस हजार शिकायतें

ड्यूटी में लापरवाही, जनता के साथ बदसलूकी और भ्रष्टाचार की शिकायतों में मप्र पुलिस देश में एक बार फिर सबसे आगे है। वर्ष 2015 में मप्र में पुलिसकर्मियों के खिलाफ 10089 शिकायतें हुईं, लेकिन एफआईआर केवल 84 पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज की जा सकी है। 

 

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। ये आंकड़े बताते हैं कि मप्र से पहले केवल दिल्ली ही आगे है, जो केंद्रशासित है। इन शिकायतों के आधार पर 2473 पुलिसकर्मियों की विभागीय जांच साबित हुई, इनमें दो ही न्यायिक जांच तक पहुंच सकी हैं। पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई करने के मामले में देश में सबसे ऊपर केरल है। यहां महज एक साल के भीतर 3080 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एडीजी एससीआरबी राजीव टंडन के मुताबिक ये सभी आंकड़े प्रदेश के सभी जिलों से एकत्रित कर एनसीआरबी को भेजे गए हैं। 

 

राजधानी में सबसे ज्यादा अवैध हथियार 

उप्र के गाजियाबाद के बाद देश में राजधानी भोपाल अवैध हथियारों के बाजार में सबसे ऊपर है। एक साल में भोपाल में आर्म्स एक्ट के 934 केस दर्ज किए गए, जबकि गाजियाबाद में 980 मामले सामने आए हैं। आर्म्स एक्ट के तहत इंदौर में 859, जबलपुर में 393 और ग्वालियर में 337 कार्रवाई की गई हैं। 

बर्खास्तगी में प्रदेश का आठवां स्थान 

यूनियन टेरिटरी दिल्ली में पुलिसकर्मियों के खिलाफ सबसे ज्यादा ठोस कार्रवाई की गई हैं। सालभर के भीतर यहां 69 को बर्खास्त किया गया। यह कार्रवाई करने में मप्र पुलिस का आठवां स्थान है। 63 कार्रवाई के साथ पंजाब दूसरे, 49 के साथ उप्र तीसरे, 35 के साथ छत्तीसगढ़ चौथे स्थान पर है।

Dakhal News 3 September 2016

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