Dakhal News
20 May 2024'नमामि देवि नर्मदे''-सेवा यात्रा दुनिया का सबसे बड़ा नदी संरक्षण अभियान है। अभी तक किसी भी मुख्यमंत्री की अगुवाई में ऐसा अभियान नहीं चलाया गया है। जनसंपर्क मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने नई दिल्ली में यह जानकारी दी। डॉ. मिश्रा ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा के शुद्धिकरण एवं संरक्षण के लिए चलायी जा रही यात्रा को अपार जन-समर्थन मिल रहा है। इसमें सभी धर्म एवं समुदाय के लोग आगे बढ़कर भाग ले रहे हैं और नर्मदा मैया के संरक्षण एवं शुद्धिकरण के लिए अपना योगदान दे रहे हैं। यात्रा एक जन-आंदोलन के रूप में उभर कर आ रही है। यात्रा में साधु-संत, मौलवी, मौलाना सहित खेल जगत, फिल्म जगत और सामाजिक क्षेत्र की महान हस्तियों ने यात्रा के समर्थन में अपना योगदान देने की बात कही है।
डॉ. मिश्रा ने नर्मदा मैया की महत्ता को बताया और कहा कि जिसके दर्शन मात्र से मुक्ति मिल जाती है, उसके शुद्धिकरण और संरक्षण का बीड़ा मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उठाया है। इसमें लाखों लोग भाग ले रहे हैं। यह एक अदम्य उत्साह का कदम है। इससे प्रदेश को हरा-भरा रखने का संकल्प पूरा होगा।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नर्मदा सेवा यात्रा का शुभारम्भ नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से 11 दिसम्बर 2016 को शुरू किया था। तकरीबन 3400 किलोमीटर की यात्रा 11 मई 2017 को अमरकंटक में ही सम्पन्न होगी।
केन्द्रीय प्रदूषण निवारण मंडल के अनुसार नर्मदा नदी देश की सबसे कम प्रदूषित नदी की श्रेणी 'क' में आती है। पिछले 10 वर्ष के कार्यकाल में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं औद्योगिक नीतियों का कड़ाई से पालन करवाने के कारण नर्मदा नदी श्रेणी 'क' में आयी है। नदी को प्रदूषण से मुक्त एवं संरक्षित करने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने अपने कंधों पर ली है ताकि भावी पीढ़ियों को हम स्वच्छ जल एवं प्रदूषण मुक्त वातावरण दे सकें।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य नर्मदा के संरक्षण और उससे जुड़े संसाधनों के सतत उपयोग के संबंध में जागरूकता ब़ढ़ाना, नदी के तटों से लगे क्षेत्रों के संरक्षण और भूमि कटाव को रोकने के लिए नर्मदा तटों पर वृक्षारोपण करना, जैविक खेती को बढ़ावा देना और नदी को प्रदूषित करने वाले स्रोतों की पहचान कर जन-जागरूकता तथा जन-सहभागिता से उन्हें रोकना है। अभियान के अंतर्गत नशा मुक्ति, स्वच्छता एवं पर्यावण के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि नर्मदा प्रदेश के 16 जिलों से गुजरकर लगभग 1100 किलोमीटर की यात्रा करती है। इसके माध्यम से चार करोड़ से अधिक आबादी को पेयजल प्राप्त होता है तथा 17 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है। नर्मदा नदी से 2400 मेगावाट की बिजली भी उत्पन्न होती है।
डॉ. मिश्रा ने बताया कि नर्मदा नदी के दोनों तरफ एक किलोमीटर दूर तक फलदार पेड़ लगाये जायेंगे। नर्मदा को प्रदूषित होने से रोकने के लिए शौचालय निर्माण, हवन कुंड सामग्री के लिए अलग से निर्माण, शवदाह गृहों का निर्माण, महिलाओं के लिए स्नानघरों का निर्माण करवाया जा रहा है। डॉ. मिश्रा ने अभियान को सफल बनाने के लिए सबके सहयोग और भागीदारी की अपेक्षा की।
इस अवसर प्रमुख सचिव जनसंपर्क एवं मुख्यमंत्री एस. के. मिश्रा, आयुक्त जनसंपर्क अनुपम राजन तथा राष्ट्रीय राजधानी में प्रदेश के आवासीय आयुक्त आशीष श्रीवास्तव मौजूद थे।
Dakhal News
10 January 2017
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.
Created By: Medha Innovation & Development
|